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नागर �वमानन े� के लए
रोडमैप पर सम�त का ��तवेदन
भाग ।।
नागर �वमानन मं�ालय
भारत सरकार
अ� टूबर"2004
नागर �वमानन नी�त पर सम�त
नागर �वमानन मं�ालय
राजीव गांधी भवन
सफदरजंग हवाईअ,डा
नई -द. ल/ – 110003 (भारत)
नरेश च7ं
अ8 य
��य मं�ी महोदय,
म� नागर �वमानन म�ंालय �वारा �दनांक 21/7/2003 के आदेश स ं या
एवी.13011/02/2003#डीट& �वारा 'नयु) त क+ गई स-म'त का �'तवेदन (भाग#।।) अ3े�षत करके
स5 मा'नत हँू।
जैसा :क मेरे 28 नवंबर, 2003 के पूव>वत? �सारण प� मA इंCगत है, हमने स-म 'त को
संद-भ>त मामलE क+ �वF तार से जांच क+ है िजI हA हमारे �'तवेदन के भाग#। मA शा-मल नह&ं
:कया गया था। इनमA हवाईअKडE के �शासन, एयरलाइनE के �व'नयमन, उड़ान संरNा, �-शNण,
हवाईअKडा सुरNा और अCध'नयमE और 'नयमE के �ावधानE के संशोधन से संबंCधत मुQे शा-मल
ह�।
भवद&य,
ह/#
(नरेश च9 7)
माननीय �फुल पटेल,
नागर �वमानन मं�ालय,
राजीव गांधी भवन,
नई -द. ल/।
�वषय सूची
अ8 याय 1. �> तावना 1
अ8 याय 2. �शण 4
2.1 इंजी'नयर 4
2.2 पायलट 5
2.3 इ3ुआ 6
अ8 याय 3. �वमानन सुरा 9
3.1 सामाI य सुरNा उपाय 9
3.2 नागर �वमानन सुरNा अCध'नयम क+ आवV यकता 11
3.3 आ�वास और सीमाशुW क से संबंCधत मुQे 12
अ8 याय 4. संरा �व�नयम 14
4.1 डीजीसीए क+ पुनसXरचना 14
4.2 वायुयान अCध'नयम 1934, वायुयान 'नयमावल& 1937
और अI य �व'नयमE के -लए अपेYNत संशोधन 17
अ8 याय 5. अवसंरचना 22
5.1 हवाईअKडा �वकास और एएआई क+ पुरसXरचना 22
5.2 हवाई Nे� Nमता का संवध>न 23
5.3 हवाईअKडा Nमता संवध>न 26
5.4 संचार, �द) चालन और स�Zलांस Nमता संवध>न 27
5.5 उड़ान 'नर&Nण 30
5.6 हेल&पोट[ और हेल&पेडE का �वकास 31
5.7 काग\ �चालन 32
5.8 F वदेशी वैमा'नक उ] पादE का आयात 32
‘‘3ाहक हमारे यहां आने वाला सबसे अहम मेहमान होता है। वह हम पर 'नभ>र नह&ं होता। हम
उस पर 'नभ>र होते ह�। वह हमारे काम मA खलल नह&ं डालता। वह इसका �योजन होता है। वो
हमारे कारोबार के -लए बाहर& नह&ं होता। उसक+ सेवा करके हम उस पर कोई अहसान नह&ं कर
रहे। वह हमA ऐसा करने का मौका देकर हम पर अहसान कर रहा है।’’
# महाB मा गांधी
शC द संेपD कE सूची
एएआई एयरपोc>स एथोdरट& ऑफ इंgडया (भारतीय �वमानप] तन �ाCधकरण)
एसीसी एdरया कंhोल सAटर (Nे� 'नयं�ण कA i)
एडीएस ऑटोमे�टक gडपAडAट स�व>लांस (F वचा-लत 'नभ>ता 'नगरानी)
एईआरए ए�वएशन इकॉनो-मक रेगुलेटर& अथोdरट& (�वमानप] तन आCथ>क
�व'नयामक �ाCधकरण)
एएलएच एडवांF ड लाइट हेल&कॉk टर (उI नत हW का हेल&कॉk टर)
एएमई एयरlाmट मAटेनAस इंजी'नयर (�वमान अनुरNण इंजी'नयर)
एएसडीई एयरपोट> सरफेस gडटे) शन इि)वपमAट (�वमान भूतल पdरचयन
उपF कर)
एट/सी एयर hै:फक कंhोल (हवाई यातायात 'नयं�ण)
एट/सीओ एयर hै:फक कंhोलर (हवाई यातायात 'नयं�क)
एट/एफ ए�वऐशन टबा>इन mयूल (�वमानन टबा>इन nधन)
एट/एम एयर hै:फक मैनेजम�ट (हवाई यातायात �बंधन)
एट/एस एयर hै:फक स�व>सेज (हवाई यातायात सेवाएं)
एवीजीएएस ए�वएशन गैसोल&न mयूल (�वमानन गैसोल&न nधन)
बीएएमईएल बे-सक एयरlाmट मAटेनAस nजी'नयस> (मूल �वमान अनुरNण इंजी'नयर)
बीसीएएस o यूरो ऑफ ए�वएशन -स) योdरट& (नागर �वमानन सुरNा o यूरो)
बीएसएनएल भारत संचार 'नगम -ल-मटेड
सीएआर नागर �वमानन अपेNाएं
सीआईएसएफ सAhल इंडिFhयल -स) योdरट& फोस> (कA i&य औ�योCगक सुरNा बल)
सीएनएस क5 यू'नकेशन, नेवीगेशन, स�व>लांस (संचार, �द) चालन 'नगरानी)
सीओएससीए क-मV नर ऑफ -स) योdरट&, -स�वल ए�वएशन (नागर �वमानन सुरNा
आयु) त)
सीपीडीएलसी कंhोलर पायलट डटेा -लकं क5 यू'नकेशन ('नयं�क पायलट डटेा संपक>
संचार)
सीपीएल कमश>ल पायलट लाइसAस (वाpणिqयक पायलट लाइसAस)
डीजीसीए डायरे) टरेट जनरल ऑफ -स�वल ए�वएशन (नागर �वमानन
महा'नदेशालय)
डीएमई gडF टAस मैजdरगं इि)वपमAट (दरू& मापक उपF कर)
ईएएसएफ एसA-शयल एयर स�व>सेज फंड (अ'नवाय> हवाई सेवा 'नCध)
ईएमएआरएसएसएच यूरोप#-मडल ईF ट#ए-शया rट F h) चर साउथ ऑफ �हमालयाज
(यूरोप#मs य पूव>#ए-शया माग> संरचना दYNणी �हमालय)
एफएए फेडरल ए�वएशन एड-म'नF hेशन (संघीय �वमानन �शासन)
एफडीपीएस mलाइट डटेा �ोसे-सगं -सF टम (उड़ान डटेा �:lया �णाल&)
एफडीट/एल mलाइट Kयूट& टाइम -ल-मटेशन (उड़ान Kयूट& समय सीमा)
एफआईसी mलाइट इनफॉरमेशन सAटर (उड़ान सूचना कA i)
एफआईआर mलाइट इनफॉरमेशन र&जन (उड़ान सूचना Nे�)
एफएल mलाइट लेवल (उड़ान F तर)
जीबीएएस 3ाउंड बेF ड ऑगमAटेशन -सF टम (भू आधाdरत संवध>न �णाल&)
जीपीएस u लोबल पोजीश'नगं -सF टम (वैिVवक िFथ'त �णाल&)
एचएफ हाई v+) वAसी (उw च आविृ]त)
एचएएल �हदंFुतान ऐरोनॉ�ट) स -ल-मटेड
आईएएआई इंटरनेशनल एयरपोट> अथोdरट& ऑफ इंgडया (भारतीय अतंरराy h&य
�वमानप] तन �ाCधकरण)
आईसीएओ इंटरनेशनल -स�वल ए�वएशन ऑरगेनाइजेशन (अतंरराy टzय नागर �वमानन
संगठन)
आईजीआरयूए इं�दरा गांधी राy h&य उड़ान अकादमी
आईएलएस इF |मAट ल�gडगं -सF टम (उपF कर अवतरण �णाल&)
आईएमडी इंgडयन मीटरोलोिजकल gडपोट>मAट (भारत मौसम�व}ान �वभाग)
जेएए q वाइंट एयरवदzनेस एथॉdरट& (संयु) त उड़नयोu यता �ाCधकरण)
एमओसीए -म'नF h& ऑफ -स�वल ए�वऐशन (नागर �वमानन मं�ालय)
एमएचए -म'नF h& ऑफ होम अफेयस> (गहृ मं�ालय)
एमएसएसआर मोनोपW स सेकंडर& स�व>लांस रडार
एमट/एनएल महानगर टेल&फोन 'नगम -ल-मटेड
एनएए नेशनल एयरपोट> एथोdरट& (राy h&य �वमापन] तन �ाCधकरण)
एनएएल नेशनल एयरोF पेस लेबोरेh& (राy h&य हवाईNे� �योगशाला)
एनओसी नो ऑo जे) शन से�ट>:फकेट (अनापि]त �माणप�)
ओएफसी ऑिk टकल फाइबर केबल
ओजेट/ ऑन#द#जॉब#hे'नगं (काम के साथ �-शNण)
पीआईसी फोटो आइडA�ट:फकेशन
पीपीएल �ाइवेट पायलट लाइसAस ('नजी पायलट लाइसAस)
पीडC . यूडी पिoलक व) स> gडपाट>मAट (लोक 'नमा>ण �वभाग)
आरडीपीएस रडार डटेा �ोसे-सगं -सF टम (रडार डटेा �:lया �णाल&)
आरएनएफसी rट नेवीगेशन फे-स-लट& चाज~स (माग> �द) चालन सु�वधा �भार)
आर/ट/ रेgडयो टेल&फोन
आरवीआर रनवे �वजुअल रAज
आरवीएसएम dरKयूF ट व�ट>कल सेपरेशन -म'नमा
एसएआरपीएस F टAडड> एंड dरकमAडडे �ेि)टसेज (मानक एवं अनुशं-सत पdरपा�टयां)
एसबीएएस सेटेलाइट बेF ड ऑगमAटेशन -सF टम (सेटलाइट आधाdरत संवध>न �णाल&)
ट/ओआर ट5 स> ऑफ रेफरAस (संदभ> शत)
ट/ओआरए टेक ऑफ रनवे एवेलेबल (उपलo ध टेकऑफ रनवे)
यूएस यूनाइटेड F टेcस ऑफ अमेdरका (संयु) त राq य अमर&का)
यूट/ यू'नयन टेdरटर& (संघ राqय Nे�)
वीडीएल वीएचएफ डटेा -लकं (वीएचएफ डटेा स5 पक> )
वीएफआर �वजुअल mलाइट rW स (V च उड़ान 'नयम)
वीएचएफ वेर& हाई v+) वAसी (अ] यंत उw च आविृ]त)
वीओआर वेर& हाई v+) वAसी ओमनी रAज (अ] यंत उw च आविृ]त ओमनी रAज)
वीएसएट/ वेर& F माल एपच>र ट-म>नल (अ] यंत अW प एपच>र ट-म>नल)
अ8 याय – 1 �> तावना
इस स-म'त क+ F थापना नागर �वमानन मं�ालय �वारा एक तेजी से बढ़ती और
आध'ुनक बन रह& महा�वीपीय आकार क+ अथ> यवF था के आवV यकताओं को पूरा करने मA
सNम एक �वV व F तर&य नागर �वमानन Nे� को �वक-सत करने के �योजनाथ> एक रोडमपै
तैयार करन ेके -लए क+ गई थी। स-म'त क+ संदभ> शत[ का o यौरा पdर-शy ट 1 मA �दया गया है।
स-म'त के कामकाज का �मुख संदभ> और इसके �वारा पdरकिWपत िyटकोण स-म'त क+ dरपोट>
के भाग#1 के पdरचायक अs याय मA द& गई थी। (] वdरत संदभ> के -लए इसे वत>मान भाग के
अनुबंध 1 पर �दया गया है)
नी'तगत मुQE के मु य �वF तार को कवर करने वाल& -सफाdरशA इस dरपोट> के भाग#। मA
द& जा चकु+ ह� (ये इस भाग के अनुबंध 2 मA शा-मल ह�)। स-म'त संतोष स�हत नोट करती है
:क सरकार पहले ह& इन -सफाdरशE के अनुrप कदम उठा चकु+ ह�। �वमानन टबा>इन nधन
(एट&एफ) पर आबकार& शुW क कम :कया गया है, अतंद~शीय या�ा कर और �वदेशी या�ा कर
समाk त :कया जा चकुा है, अवतरण और माग> �द) चालन सु�वधा �भारE (आरएनएफसी) को कम
:कया गया है, चाट>र नी'त का उदार&करण :कया गया है और �दW ल& और मुंबई अतंरराy h&य
हवाईअKडE क+ पुनसXरचना क+ �:lया आरंभ क+ जा चकु+ है।
दसूर& ओर, स-म'त Cचतंा स�हत नोट करती है :क सरकार ने अब अ�ैल, 2005 से
�वमानE के ल&ज :कराए के �व�ेषण पर कर से छूट वापस लेने का 'नण>य -लया है। स-म'त
महसूस करती है :क यह उपाय छोटे शहरE को जोड़ने के -लए Nे�ीय एयरलाइनE क+ F थापना क+
योजनाओं को हतो] सा�हत करने का काम करेगा। छोटे शहरE, �वशषेकर पय>टन मह] ता वाले
कF बE के -लए हवाई स5 पक> ता आने वाले वष[ मA जोर �दया जाने वाला �मुख Nे� होना चा�हए।
�व-शy ट तौर पर, ये Nे�ीय एयरलाइनA ल&ज पर -लए गए छोटे �वमानE का उपयोग करने वाले
छोटे �चालक हEगे। अतएव, स-म'त -सफाdरश करती है :क कर से छूट समाk त नह&ं क+ जानी
चा�हए।
स-म'त पुन: उृत करना चाहेगी :क नागर �वमानन से) टर मA सभी नई पहलE को या�ा
करने वाल& जनता और अI य �यो) ताओ ंक+ आवV यकताओं का सव\w च �ाथ-मकता देते हुए
'नr�पत :कया जाना चा�हए। इसका अथ>संरNा और सुरNा क+ आवV यकता के अनुrप लागतE
को कम करना, �'तF पधा> को �ो] सा�हत करना,हवाईअKडE पर उ] पI न होने वाल& बाधाओं को
समाk त करना होगा।अब यह सुF वीकृत है :क एक आध'ुनक अथ> यवF था मA हवाई या�ा एक
उw चवग?य �वला-सता नह&ं बिWक कुशल कारोबार और वाpणq य के संचालन के -लए अ'नवाय>
अपेNा है। एक कुशल नागर �वमानन से)टर के गुणक �भाव अतु हो सकते ह�।
माननीय �धान मं�ी ने अगF त 2004 मA जेआरडी टाटा जI म शताo द& के अवसर पर
अपने संबोधन मA 'न5 नानुसार अवलोकन :कया:
‘‘वैV वीकरण का दौर अपdरवत>नीय है। हम इससे भाग नह&ं सकते। हमA F वयं को उभरती
�वV व अथ> यवF था के साथ अCधकाCधक एक+करण के -लए तैयार करना होगा... इसके
-लए हमA �वV वF तर&य अवसंरचना सिृजत करनी होगी। पहले पहल आCथ>क सुधार आरंभ
करने के एक दशक बाद, हम आज भी नह&ं कह सकते :क हमA अपनी सड़कE, अपने
हवाईअKडE, अपनी बंदरगाहE, अपनी ऊजा> आपू'त>, अपनी शहर& अवसंरचना पर गव> है।
आध'ुनक औ�योCगक �वकास क+ मूल अवसंरचना क+ घोर अवहेलना हुई है। हम इस े
उलटने के -लए �'तब ह�। इनमA से �] येक Nे� मA हमA साव>ज'नक#'नजी भागीदाdरयE क+
आवV यकता है। अकेला साव>ज'नक Nे� वह नह&ं दे सकता िजसक+ समयब और
�'तF पध? तर&के से आवV यकता है। इस �कार �] येक भागीदार& का अपना मह] व है।’’
माननीय �धान मं�ी अनेक दसूरे अवसरE पर भी देश मA �वमानन अवसंरचना स�हत
पdरवहन अवसंरचना के �वकास को ग'त �दान करने क+ आवV यकता पर जोर देते रहे ह�।
स-म'त आशा करती है :क इसके �वारा :कए गए काय> से सरकार को नी'तगत पहलA �वक-सत
करने और इस उQेV य को �ाk त करने के -लए कार>वाई योजना तैयार करन ेमA मदद -मलेगी।
इस dरपोट> (भाग#।।) मA, स-म'त ने अपना s यान �-शNण, �वमानन सुरNा, संरNा
�व'नयम, कानूनी संरचना और हवाईअKडा अवसंरचना से संबंCधत o यौरे के मुQे पर कA �iत :कया
है। यह महसूस :कया गया है :क इन मुQE का 'नणा>यक rप से समाधान करने के नागर
�वमानन से) टर के �वF तार के -लए लाभकार& पdरणाम हEगे।
स-म'त अपनी चचा>ओं के दौरान, F टेकधारकE और �वशषे}E के साथ परामश[ पर o यापक
rप से 'नभ>र रह& है। संबंCधत सूची पdर-शy ट 2 मA द& गई है। स-म'त उनमA से �] येक का उनके
मूW यवान सुझावE के -लए धI यवाद देना चाहेगी। अI य स-म'तयE, िजI हEने इनमA स ेकुछ मुQE
क+ जांच क+ है, क+ -सफाdरशE को भी अ�यतन करके इस dरपोट> मA उपयु) त F थानE पर
शा◌ा-मल :कया गया है।
यह dरपोट> 5 अs यायE मA संयोिजत :कया गया है। अगले अs याय (अs याय#2) मA
nजी'नयरE और पायलटE के �-शNण और इं�दरा गांधी राy h&य उड़ान अकादमी (इ3ुआ) क+
भू-मका से संबंCधत मुQE पर s यान �दया गया है। अs याय 3 मA नए नागर �वमानन सुरNा
अCध'नयम और नागर �वमानन सुरNा के �ावधान मA 'न�हत �व-भI न एजA-सयसE के बीच
समI वय मA सुधार लाने और आ�वास और सीमाशुW क अनापि]त से संबंCधत �:lयाओं को
सुचा बनाने क+ आवV यकता पर बल �दया गया है। अs याय 4 मA नागर �वमानन महा'नदेशालय
(डीजीसीए) के सुढ़&करण और उपयु) त rप से पुनसXरचना �वारा संरNा �व'नयम मA संवध>न क+
आवV यकता का समथ>न :कया गया है ता:क यह सीएनएस/एट&एम और उड़ान अशंांकन क+
�भावी 'नगरानी और वायुयान अCध'नयम 1934 (हवाई यातायात 'नयं�कE क+ लाइसA-सगं के
-लए), वायुयान 'नयम 1937 और अI य �व'नयमE मA मA क'तपय संशोधन कर सके। अs याय 5
मA �दW ल& और मुंबई हवाईअKडE क+ हवाईNे� Nमता, �चाल'नक Nमताओं और संचार,
�द) चालन और 'नगरानी Nमताओं मA व�ृ क+ आावV यकता और गुंजाइश को रेखां:कत :कया
गया है। इसके अ'तdर) त, इसमA हेल&पोट[ और हेल&पेडE, काग\ �चालनE और F वदेशी वैमा'नक
उ] पादE के �वकास के उपाय सुझाए गए ह�।
स-म'त ने, 11 -सतंबर, 2001 के बाद हवाई यातायात मA अचानक आई Cगरावट के बाद,
हाल ह& मA�वV व भर मA नागर �वमानन से) टर के भाu य मA उI न'त भी नोट क+ है। इस-लए,
अनेक सरकारE और एयरलाइनE ने अपनी नागर �वमानन अवसंरचना का F तरोन ्नयन करने,
एयरलाइन के बेड़ े का संवध>न करने और बाजार मA बड़ी �हF सेदार& हा-सल करने के -लए
आlामक मु�हम चलाने के -लए उW लेखनीय 'नवेश क+ योजनाओं को अ'ंतम rप �दया है।
स-म'त आशा करती है :क भारतीय नागर �वमानन �णाल&, िजसमA हमार& एयरलाइनA भी
शा-मल ह�, का सामना हमारे तटE के 'नकटवत? F थानE क+ ओर से अCधकाCधक �'तF पधा> से
होगा, उदाहरण के -लए दबुई, -सगंापुर, ) वालालंपुर, कोलंबो इनमA से कुछ ह�। dरपोट[ मA चीन
और जापान मA भी एयरलाइनE के बेड़ ेका उW लेखनीय �वF तार भी इंCगत :कया गया है। स-म'त
के मतानुसार, इस �'तF पधा> के सामने �टके रहने के -लए भारत मA सभी संबंCधत पNE क+ ओर
से साह-सक और यावहाdरक ख अ'नवाय> है। हमA ऐसा कोई कारण नजर नह&ं आता :क
भारतीय नागर �वमानन �णाल& ए-शया क+ सव\] तम �णा-लयE मA शुमार ) यE नह&ं हो सकती।
जहां अवसंरचना वाF तव मA एक �'तबंधक कारक है, वह&ं भारत के -लए और भारत से Nमता
क+ कमी एक अI य �मुख अवरोध है। इस िFथ'त मA सुधार लाने के उQेV य स,े स-म'त सरकार
से अनुरोध करना चाहेगी :क हवाई पdरवहन सेवाओं के उदार&करण क+ �:lया तेज क+ जाए,
िजसक+ शुआत वत>मान सेवा करारE मA अ�यु) त पा�ताओं का उपयोग, �वशषेकर अCधक
यातायात वाले सभी गतं यE के संबंध मA, करने क+ अनुम'त देने से क+ जा सकती है।
अ8 याय – 2 �शण
सु�-शYNत तकनीक+ मानवशि)त, जैसे इंजी'नयरE और पायलटE क+ उपलo धताएक
ग'तशील �वमानन से) टर के -लए पूवा>पेNा होती है। स-म'त को इसके �वचार#�वमश> के दौरान
समझाया गया था :क भावी इंजी'नयरE और पायलटE को �-शNण �दान करने मA 'नयोिजत
�व-भI न संF थानE के सामने यापक क�ठनाइयां आ रह& ह�। इस अs याय मA �वमानन संब
�-शNण के काम मA लगे साव>ज'नक और 'नजी संF थानE क+ क�ठनाइयE को कम करने के -लए
उपाय सुझाए गए ह�।
2.1 इंजी�नयर
�-शNण के उw च मापदंड सु'निVचत करने के -लए, केवल डीजीसीए �वारा अनुमो�दत
संF थानE को �वमान अनुरNण इंजी'नयरE को �-शNण �दान करने क+ अनुम'त द& जाती है।
:कसी अ यथ? �वारा तीन मूल प�E मA उ] तीण> होने के बाद, डीजीसीए मूल �वमान अनुरNण
इंजी'नयर लाइसAस (बीएएमईएल) �दान करता है। इसके बाद, अ यथ? �व'न�द>y ट �वमान पर
�-शNण �ाk त करता है। आवV यक अनुभव �ाk त करने के बाद, अ यथ? �व'न�द>y ट �कार के
�वमान के -लए लाइसAस �ाk त करता है।
इस स-म'त के �वचार#�वमश> के दौरान, �-शNण संF थानE के �'त'नCधयE ने उनके समN
आने वाल& अनेक क�ठनाइयां इंCगत क+ं, िजन पर डीजीसीए और नागर �वमानन मं�ालय �वारा
s यान �दए जाने क+ आवV यकता है। �'त'नCधयE �वारा उठाए गए कुछ मुQE पर नीच ेचचा> क+
गई है।
लंबे समय से, �-शNण संF थानE क+ मु य समF या अपने �व�याCथ>यE के -लए काम
करते हुए (ऑन द जॉब) �-शNण (ओजेट&) संबंधी सु�वधाओं क+ अनुपलo धता रह& है। इस
समF या पर काबू पाने के -लए, डीजीसीए ने अगF त 1993 मA उस समय के �मुख �चालकE,
यथा इंgडयन एयरलाइंस, एअर इंgडया और पवन हंस को उनके �वारा �चा-लत
�वमानE/हेल&कॉk टरE के अनुरNण मA �] येक छह मह&ने मA �व'न�द>y ट सं या मA ओजेट& �दान
करने के -लए एक पdरप� जार& :कया था। सूचना के अनुसार सभी �चालकE ने इन अनुदेशE पर
s यान नह&ं �दया है हालां:क यह उनके द&घा>वCधक �हत मA �तीत होता है। संF थाओं के
�'त'नCधगण इस िyटकोण पर एकमत थे :क मं�ालय/डीजीसीए को अनुमो�दत अनुरNण
संगठनE और अनुसूCचत �चालकE के -लए अ'नवाय> बनाना चा�हए ता:क �व�याथ? अपने संगठनE
मA ओजेट& से गुजर सकA । यह सुझाव मायने रखता है। :कसी �चालक �वारा �-शYNत :कए जान े
वाले �-शNुओं क+ सं या को उनके �वारा �चा-लत बेड़ ेक+ Nमता के अनुपात मA 'नयत :कया
जा सकता है, जैसे �'त �वमान/हेल&कॉk टर एक �-शNु। (डीजीसीए क+ पर&Nा मA मेdरट, चयन का
मापदंड हो सकता है) इसका न केवल ओजेट& से संबंCधत समF या के समाधान मA उW लेखनीय
�भाव होगा, बिWक इससे �वमान अनुरNण इंजी'नयर (एएमई) �-शNण क+ गुणव] ता मA सुधार
लाने मA भी मदद -मलेगी।
उ�योग के �'त'नCधयE ने यह भी इंCगत :कया :क कुछ अनुसूCचत �चालकE ने
अब अपने F नातक इंजी'नयरE को लाइसAसधारक अनुरNण इंजी'नयरE मA पdरव'त>त करने के -लए
�ारं-भक (एब इनी-शयो) एएमई �-शNण देना �ारंभ कर �दया है। स ् नातक इंजी'नयरE क+ भत?
पहले गुणव]ता 'नयं�ण �भागE के -लए क+ जाती थी, और इसके -लए इनका एएमई लाइसAस
होना अपेYNत नह&ं है। तथा�प, उI हA अब लाइसAसधारक इंजी'नयरE मA पdरव'त>त :कया जा रहा है,
िजसके -लए F वयं �चालक बीएएमईएल �ाk त करने तक के -लए मूल �-शNण �दान कर रहे
ह�। यह �:lया बहुत अCधक समय लेने वाल& और अ] यंत खच?ल& �:lया है ) यE:क बीएएमईएल
धारक एयरलाइनE के -लए बना :कसी लागत के बाजार मA उपलo ध ह�।उनके �वचार मA,
एयरलाइनE का डीजीसीए अनुमो�दत एएमई �-शNण संF थान से उ] तीण> होने वाले बीएएमईएल#
धारकE को लेना चा�हए तथा और उनके �वारा संचा-लत :कए जाने वाले �वमानE / हेल&कॉkटरE
के �कारE पर उIहA पdरव'त>त करना चा�हए। हालां:क, यह एयरलाइन का अCधकार है :क वे
उपयु) त माने जाने वाले :कसी भी ोत से का-म>कE क+ भत? कर सकती ह�, जब:क �-शNण
संFथानE �वारा �दए गए तक> का मह] व है तथा �वमानन उ�योग के द&घ>का-लक �हतE मA
मं�ालय / डीजीसीए �वारा इस पर �वचार :कया जाना बनता है।
�वमान के रखरखाव के काम मA इंजी'नयरE या अनुमो�दत क-म>यE क+ सहायता के -लए
सभी गैर#�माpणत तकनीक+ क-म>यE को अनुशं-सत �-शNण पायlम के अतंग>त �-शNण �ाk त
करना चा�हए।�-शNण संFथानE मA सफलतापूव>क�-शNण काय>lम पूरा कर लेने वाले उ5 मीदवारE
के नामE पर इस उQेVय के -लए �वचार :कया जा सकता है। डीजीसीए ने भीएक पdरप�जार&
:कया है िजसमA -सफाdरश क+ गईहै :कजो :कतकनी-शयनE का चयन उन मA से :कया जाना
चा�हए जो �वमान के रखरखाव के काम पर �-शYNत और योuय ह�। �वमानन उ�योग के
इंजी'नयdरगं रखरखाव संगठन मA नौकर& के अवसरE के -लए बीएएमईएलधारकE को �ाथ-मकता
द& जा सकती है। यह अCधक बु�मान और उqqवल छा�E को �वमानन इंजी'नयdरगं मA शा-मल
होने के -लए आक�ष>त करेगा, जो द&घ> काल मA रखरखाव और उड़ान योu यता के मानक को
बढ़ाएगा और इससे �वमानन मA सुरNा का Fतर बढ़ जाएगा।
एयरलाइंस और �-शNण संFथानE के बीच बेहतर समIवय क+ भी आवVयकता है। जब:क
�-शNण संFथानE को एयरलाइंस क+ आवVयकताओं को बेहतर ढंग से समझने क+ जrरत है,
एयरलाइंस को �-शNण संFथानE को आवVयक सुधार और सलाह देने क+ जrरत है। �-शNण
क+ गुणव]ता मुQE को हल करने के -लए दोनE के बीच बातचीत शुr करने वाला मंच होना
आवVयक है। डीजीसीए इस संबंध मA एक मह]वपूण> भू-मका 'नभा सकता है।
2.2 पायलट
एक ेणी के तौर पर पायलट, �वमानन उ�योग के �मुख FतंभE मA स ेएक ह�। इसके
बावजूद संFथानE का कहना है :क ऐसे पायलटE को �-शNण �दया जा रहा है, जो अ)सर उwच
nधन लागत और उपयु)त �कार के hेनर �वमानE तक अपया>kत पहंुच स�हत �व-भIन कारकE के
कारण तनाव मA आ रहे ह�। उड़ान �-शNण संFथानE के �'त'नCधयE के साथ चचा> से पता चला
है :क 'न5न-लpखत उपायE से �-शNण संFथानE को िFथरता �ाkत करने मA मदद -मलेगी।
(1) ए�वएशन गैसोल&न nधन िजसे सामाIयतः एवीजीएएस के rप मA जाना जाता है, �-शNण
�वमान (�पFटन इंजन �वमान) �वारा उपयोग :कया जाता है, ए�वएशन टरबाइन nधन (एट&एफ)
के rप मA लगभग चार गुणा महंगा है ) यE:क इसे टरबाइन इंजन �वारा उपयोग :कया जाता
है।यह �-शNण लागत पर दबाव डालता है। यह देखते हुए :क उड़ान �-शNण संF थान �वारा
उपभोग:कया जाने वाला nधन एयर hांसपोट> के �योजनE के -लए इFतेमाल :कए जाने वाले कुल
nधन का एक छोटा सा भाग है, ए�वगैस क+मतE मA पया>kत कटौती के -लए नग य अनुदान
अपdरहाय> होगा, जब:क �-शNण लागत �'तFपध? होनी चा�हए। (उड़ान �-शNण ग'त�वCध पर
पहले अनुदान �दया जाता था। अनुदान को अ�ैल 2002 से वापस ले -लया गया है।)
(2) डीजीसीए भी mलाइंग )लबEको कई �-शNण �वमान �दान करता है, िजनमA पया>k त rप स े
कमी आई है। इस �विृ]त को उलट �दयाजाना चा�हए।नागर �वमानन मं�ालय / डीजीसीए
�वारापdरचालन संFथानE को को �-शNक �वमान के मामले मA पंूजी अनुदान देना चा�हए।
(3) ऐसे �वमानE को �ाkत करने क+ उwच लागत के कारण �-शNण संFथानE के पास दो इंजन
�-शNण �दान करने क+ सी-मत Nमता होती है, भले ह& सभी एयरलाइंस (उCचत तर&के से)
सुरNा क+ खा'तर पायलटE क+ भत? के -लए बहुलइंजन �वमान रे�टगं पर जोर देती ह�।कई
पायलट इस रे�टगं को �ाk तकरने के -लए �वदेश जातेह�। इस-लए सरकार / डीजीसीए को देश के
�व-भIन Nे�E मA िFथत कम से कम पांच चय'नत �-शNण संFथानE के -लए दो इंजन इंजन
उपलoध कराए जाने चा�हए, िजIहA �मुख Nे�ीय �-शNण संFथानE के rप मA �वक-सत :कया जा
सकता है। उड़ान �-शNण मानकE को बढ़ाने के -लए इन संFथानE को बहुलइंजन �:lया
�-शNक भी उपलo ध कराए जाने चा�हएं।
(4) भारतीय �वमानप]तन �ाCधकरण (एएआई) का समथ>न इन संFथानE के अिFत]व के -लए
मह]वपूण> है। एएआई को ह�गर के -लए मामूल& :कराया लेते रहना जार& रखना चा�हए। �-शNण
ग'त�वCधयE को आरएनएफसी और ल�gडगं और पा:कX ग शुWक से पूर& तरह से छूट द& जानी
चा�हए। 'नगरानीघंटE का �वFतार अ'तdर)त शुWक के बना �वशषेकर रा� उड़ान के -लए �दया
जाना चा�हए। ये सभी �वमान यातायात पdरचालन को लंबे समय तकआगे बढ़ने मA मदद करAगे
और एएआई इससे लाभािIवत हEगा।
(5) �-शNण संFथानE के मामले मA, डीजीसीए / मं�ालय गैर अनुसूCचत पdरचालकपर-मट के
-लएपये 25,000का शुWक माफ कर सकता है और पर-मट क+ वैधता का �वF तार मौजूदा एक
वष>के F थान पर पांच वष>तक कर सकता है। इसके अलावा, डीजीसीए को देश मA योuय �-शNकE
क+ आवVयकता को पूरा करने के -लए आईजीआरयूए मA 'नय-मत उड़ान �-शNकE के �ारं-भक
और पुनVचया> पायlम संचा-लत करना चा�हए।
(6) वाpणिqयक पायलट लाइसAस के अनुदान के -लए �-शNण क+ गुणव]ता मA सुधार करने के
-लए, केवल उwच मानक संFथानE को ह& अनुम'त द& जानी चा�हए िजनके पास 3ाउंड hे'नगं
और रात उड़ान �दान करने क+ सु�वधा है।
(7) �वमान के पुज[ के आयात क+ �:lया को सरल बनाने क+ आवVयकता है।
�वमान�व'नमा>ताओं के पुज[ क+ सूची मA सूचीब पुज~ या डीजीसीए �वारा �वमान पुज[के rप मA
�माpणत :कए जाने वाले पुज[ को ह& सीमा शुW क �वभाग �वारा �वमान पुज\के rप मA छूट द&
जानी चा�हए।
2.3 इJुआ (आईजीआरयएू)
इं�दरा गांधी राyh&य उड़ान अकादमी (इ3ुआ) फुस>तगंज, िजला रायबरेल&, उ] तर �देश मA
िFथत है िजसक+ F थापना देश मA उड़ान �-शNण के मानक मA सुधार लाने के -लए नागdरक
�वमाननमं�ालय के अतंग>तएक Fवाय]त 'नकाय के rप मA 1985 मA क+ गई थी। अकादमी का
सव\wच 'नकाय गव'नXग काउं-सल है, िजसका नेत]ृव नागर �वमानन मं�ालय के सCचव �वारा
:कया जाता है। अकादमी आध'ुनक और पdरyकृत �-शNक �वमान, उड़ान -समुलेटर और अIय
�-शNण संसाधनEसे लैस है। यहांFवयं के वायु यातायात 'नयं�ण (एट&सी) के साथ 1722 मीटर
लंबाएक Fवतं� और सम�प>त रनवे और अिuनशमन सु�वधाओं, उड़ान, nधन भरने के -लए
सम�प>त हवाई Nे�, आवास �वमान और रखरखाव के काम के -लए दो पूर& तरह से बंद हो जाने
वाले ह�गर ह�।
अकादमी एक पूर& तरह से आवासीय संFथा है िजसमA �शास'नक oलॉक, कNाएं,
-स5युलेटर बिWडगं, 72#कNE वाला छा�ावास आवास और कम>चाdरयE के -लए 88 घर शा-मल
ह�। यह 'न5न-लpखत पायlम �दान करती है:
I) 'नजी पायलट लाइसAस (पीपीएल) पायlम
II)वाpणिqयक पायलट लाइसAस (सीपीएल) पायlम
Iii) वाpणिqयक हेल&काkटर पायलट का लाइसAस पायlम
Iv) उपकरण रे�टगं पायlम
अकादमी �वारा अभी तक लगभग 40 �वदेशी नागdरकE स�हत 400 स ेअCधकपायलटE
को �-शYNत :कया गया है।अकादमी ने एक सौ से अCधक गैर#संFथागत �-शNुओं के -लए बहु#
इंजन �-शNण भी �दान:कया है।
2.3.1 �वBतीय संसाधन
इ3ुआएक गैर#लाभकार& संगठन है, िजसे कA i सरकार (50%), एअर इंgडया (25%) और
इंgडयन एयरलाइंस (25%) से अनुदान सहायता �ाk त होती है। एएआई भी इ3ुआ को समय#
समय पर अनुदान देताहै।इ3ुआक+ वा�ष>क बजट&य आवVयकता समय के साथ बढ़ रह& है और
:फलहाल यह 10 करोड़ पये है। दो राyh&य वाहक इ3ुआको समथ>न देकर इसका �व]तीय भार
सहते ह�, हालां:क 'नजी �चालकE को भीउwच गुणव]ता वाले �-शYNत पायलटE के माsयम से
इ3ुआसे लाभ -मलता है। इस-लए, यह उपयु)त होगा :क इ3ुआके �व]तीय भारको 'नजी
�चालकE�वारा भी वहन :कया जाए। इस संबंध मA योगदान के -लए कुछ 'नयम तैयार:कए जान े
चा�हए # उदाहरण के -लए,इ3ुआ के खच[ क+ पू'त > के -लए उनक+ वा�ष>क आय का 0.01% या
उनके बेड़ ेमA �'त �वमान एक पये लाख। इ3आु के खच[ के -लए योगदान देनाएयरलाइनE के
द&घ>का-लक Fव#�हत मA होगा, )यE:क उIहA उwच गुणव]ता वाले �-शYNत पायलटE क+एक
'निVचत सं या �ाk त होगी। अकादमी के काय> मA पारद-श>ता लानेके -लए, डोनरएयरलाइंस के
नामां:कत यि)तयE को इसके शासी पdरषद मA शा-मल :कया जा सकता है।
संगठन के कमजोर �व]तीय FवाFय मA योगदान करने वाला एक �मखु कारक यह है
:क �-शNुओं से -लया जाने वाला शुWक �-शNण क+ लागत स ेकाफ+कम है। उदाहरण के -लए,
पीपीएल से सीपीएल तक �-शNण क+ लागत लगभग .30 लाख हैजब:क शुWक केवल . 10
लाख -लया जाता है। �-शNण क+ उwच लागत मु य rप से भार& और अCधक शि)तशाल& ट&बी
20 �वमान (�ारि5भक�-शNण के -लए भी) के उपयोग और एवीजीएएस nधन क+ क+मतE मA
भार& व�ृ के कारण है। द&घ> काल मA, इ3ुआको �-शNण क+ लागत कम करने के -लए हWका
पdरyकृत �-शNक�वमान शा-मल करना चा�हए (इ3ुआ लागत कम करने के -लए कCथत तौर पर
Zlin 242 एल �वमान को शा-मल करने क+ योजना बना रहा है)। इसी समय, इ3ुआको
�-शNुओं से पूर& लागत वसूल& क+ ओर बढ़ना चा�हए।
2.3.2 KLयाकलापD के �व>तार के लए भ�वMय के अवसर
इ3ुआ के पास अपने मौजूदा बु'नयाद& ढांचऔेर सु�वधाओं के उपयोग मA व�ृ करके
अपनी लागत कम करने क+ Nमता है। इसके पास सुयविFथत रखरखाव वाल& कई शॉप ह�,
िजनका उपयोग ऐसे �वमान �चालकE(�वशषेकर गैर#अनुसूCचत �चालकE) �वारा :कया जा सकता
है, िजनके पास अपनी सु�वधाएं नह&ं ह�। चू:ंक इ3ुआ के पास :कंग एयर एयरlाmट के -लए
अw छ रखरखाव सु�वधाएं ह�, इस-लए उसेइन �वमानE के मह] वपूण>रखरखाव का काम पूरा करना
चा�हए, जो आजकलराqय सरकारE, 'नग-मत घरानE और �चालकE के Fवा-म]व मA है।
जब:क देश मA �-शNण संFथानE मA योuय और �-शYNत उड़ान �-शNकE क+
जबरदF तमांग है, इ3ुआ एकमा� ऐसासंFथान है जो गुणव]ता �-शNण �दान कर सकता है। देश
मA अIय �-शNण संFथानE �वारा �दान :कए जाने वाले उड़ान �-शNण क+�मुख कमजोdरयE मA
इI F |मAट उड़ान के खराब मानक एक ह�। इन संFथानE के पास छा�E को जमीनी�-शNण�दान
करने क+ बलकुल भी Nमता नह&ंहै। इ3ुआको इस �दशा मA पहल करनी चा�हए और 'नय-मत
इI F |मAट रे�टगं पायlम �दान करने चा�हएं। डीजीसीए को इ3ुआके -लए पायlम संरचना का
�वकास करना चा�हए। इससेउड़ानक+ गुणव]ता मA सुधार लानेक+ �दशा मA लंबा राFता तय करन े
मA मदद -मलेगी । इन पायlमE का खच> देश मA �वमानन के �वकास के �हत के -लए डीजीसीए
�वारा वहन:कया जाना चा�हए।
सामाIय �वमानन, राqय सरकारE, 'नगमE और गैर अनुसूCचत �चालकEसे संबंCधत
पायलटE कोआवत? dरvेशर पायlम �दानकराने के -लए देश मA कोई सु�वधाएं उपलoध नह&ं ह�।
इस ग'त�वCध के -लए काफ+ मांग है, िजसका उपयोग इ3ुआ�वारा आवCधक और संरCचत
dरvेशर पायlमE को चलाकर :कया जा सकता है।
वत>मान मA, �पFटन इंजन �वमान पर सीपीएल धारकपायलटE को एयरलाइनE �वारा अपने
जेट इंजन �वमान के -लए सह#पायलटE के rप मA भत? :कया जाता है, िजसमA �वमान क+
तकनीक मA बड़ी छलांग शा-मल है। इस संlमण के -लए पायलटE कोपया>kत समय और �यास
क+ आवVयकता होती है। ऐसा इस-लए है, )यE:क पायलटE के �-शNण के -लए देश मA कोई
छोटा जेट �वमान उपलoध नह&ं है, तथाऔर छोटे 'नजी �-शNण संFथानE को इसमA शा-मल
उwच 'नवेशE को s यान मA रखते हुए जेट �वमान �-शNण �दान करन ेमA क�ठनाई होती है।
इ3ुआको �-शNण बु'नयाद& ढांच ेकेइस अतंर को भरने के तर&के तलाशने चा�हए।
हाल तक, देश मA हेल&कॉkटर पायलटE क+ उपलoधता केवल ऐसे पायलटE तक सी-मत थी
जो रNा सेवाओं से dरटायर हो गए थे )यE:क हेल&कॉkटर पायलट �-शNण उपलoध कराने के
-लए कोई �-शNण संFथान नह&ं था। इ3आुहेल&कॉkटर �-शNण �दान करता था, ले:कन कुछ
समय पहले इसने इसकाय>को रोक �दया था। बलकुल हाल ह& मA,�हदंFुतान एयरोनॉ�ट)स
-ल-मटेड (एचएएल), ब�गलोर ने भावीहेल&कॉkटर पायलटE के -लए �-शNण शुr :कया है। चू:ंक
देश मA हेल&काkटर ग'त�वCध तेजी से बढ़ रह& है, इस-लए इस उ�योग क+ जrरतE को पूरा करन े
के -लए देश मA पया>kत �-शNण सु�वधाएं होनी चा�हएं। इ3ुआको हेल&कॉkटर पायलटE के
�-शNण को पुनः आरंभ करने पर �वचार करना चा�हए। यहपड़ोसी देशE से �-शNुओं को भी
आक�ष>त करेगा, जहां इस सु�वधा क+ उपलoधता सी-मत है। इ3आुको हेल&कॉkटर पायलटE को
dरvेशर �-शNणभी देना चा�हए, िजसके -लए वत>मान मA देश मA कोई सु�वधा उपलo धनह&ं है।
2.3.3 इJुआ का वाNणिPयककरण
इ3ुआवत>मान मA अनुदान (कA i सरकार और राyh&य वाहकE �वारा द& जाती है)पर पूर&
तरह से 'नभ>र है। ऐसाद&घ>काल तक नह&ं हो सकता है। द'ुनया भर मA ऐसे कई उwच गुणव]ता
वाले �-शNण संFथान ह� जो वाpणिqयक आधार पर काम कर रहे ह�। इस-लए इ3ुआको लंबे
समय मA संभवतः, कुछ �'तिyठत एजAसी के साथ साझदेार& मA वाpणिqयक आधार पर संचा-लत
करना अ'नवाय> और संभव, दोनो है। इ3ुआ ए-शयाई Nे� मA एक �मुख �-शNण संFथान बनने
क+ Nमता रखता है। -सतंबर 11क+ घटनाओं के बाद अमेdरका �वारा अमेdरका मA पायलटE के
�-शNण पर लगाए गए �'तबंधE ने अमेdरका के बाहर इस तरह के �-शNण के -लए पया>kत
अवसर बना �दए ह�। इ3ुआ�वारा इस िFथ'त का फायदा उठाया जा सकता है।इ3ुआ�वदेशी
नागdरकE को भी �-शNण �दान कर रहा है। �वदेशी �-शNुओं को उड़ान �-शNण �ाkत करने स े
पहले सुरNा मंजूर& क+ �:lया से गुजरना पड़ता है। कCथत तौर पर यहसुरNा मंजूर& �ाkत करन े
के -लए काफ+ समय लगता है, कई मामलE मA �-शNुओं को ऑFhे-लया जैसे अIय देशE मA
जाना पड़ता है। जब:क सुरNा मह]वपूण> मामलाहै और इसके साथ समझौता नह&ं :कया जा
सकता है, �वल5 बको कम करने के -लए �:lया कोसुयविFथत :कया जा सकता है। इस �:lया
मA भारत के दतूावासE और उwच आयोगE सेसहायता ल&जा सकती है।
अ8याय " 3 �वमानन सुरा
भारतीय हवाई अKडE मA सुरNा समFयाओं और चनुौ'तयां कई कारकE से उ]पIन होती
ह�।शुआत के -लए, अपनी ग'त�वCधयE क+ �कृ'त से नागdरक �वमानन Nे� आतंकवाद&
कार>वाईयE से अ'त संवेदनशील है। समFया इस तय से कई गुणा बढ़ जाती है :क सुरNा एक
यावसा'यक माहौल मA सु'निVचत क+ जानी चा�हए, िजसका अथ> यह है :क या�यE और काग\
के -लए सु�वधा के एक भाग के तौर पर सुरNा �दान करने क+ जrरत है। दसूरे, भारत मA, कुछ
हवाई अKडE मA सुरNा काय> अभी भी राqय / संघ Nे� (यूट&) पु-लस, कA i&य औ�योCगक सुरNा
बल (सीआईएसएफ), एएआई और एयरलाइनEके बीच �वभािजत :कए गए ह�। िजसके
पdरणामF वrप,सम3 सुरNा के -लए कोई एकल एजAसी सीधे उ]तरदायी नह&ं है। तीसरे, �वमानन
सुरNा �:lयाओं को कुछ माIय अतंरराyh&य मानदंडE के अनुrप होना चा�हए। भारतीय
पdरिFथ'तयE मA ऐसी अनुrपता हा-सल करना अ)सर एक चनुौती है। अतं मA, �व-भIन सुरNा
आवVयकताओं क+ �ाथ-मकता औरउन जrरतE को पूरा करने के -लए जवाबदेह&के संबंध मA
Fपyटता क+ कमी है।उदाहरण के -लए, हालां:क हवाईअKड ेक+ संपि]त क+ रNा हवाई अKडE के
यावसा'यक Fव#�हत मA है, हवाई अKडE क+ बाहर& द&वारको सुरYNत करन ेको राyh&य सुरNा के
एक भाग के rप मA माना जा सकता है, जैसे :क यान#रोधी हरण तथा या�यE क+Fl+'नगं।
यहां, यह उWलेखनीय है :क स-म'त ने अपनी पहले क+ dरपोट> मA -सफाdरश क+ थी :क सरकार&
िज5मेदार& होने के नाते, �वमानन और हवाई अKड ेक+ सुरNाक+ जानी चा�हए तथा सरकार �वारा
इसका �व] त पोषण :कया जाना चा�हए।
3.1 सामा9य सुरा उपाय
�वमानन Nे� क+ चनुौ'तयE का समाधान करने के -लए, 'न5न-लpखत उपाय करने क+
-सफाdरश क+ गई है।
(1) राqय / संघ शा-सत Nे� पु-लस के असंतोषजनक �दश>न के संबंध मA धारणा को देखते हुए,
यान#हरण रोधी और पdरCध सुरNा कत>यE मA उनके F थान पर सीआईएसएफ क+ तैनाती से परेू
देश मA बेहतर एवं एक समान सेवाएं �दान होने का अनुमान है। हालां:क, सीआईएसएफ क+
तैनाती Fथानीय पु-लस क+ तुलना मA अCधक महंगी है। संवेदनशील हवाई अKडE को छोड़कर
दरूदराज के इलाकE मA िFथतहवाई अKडE पर, जहांएक �दन मA शायद ह& 1 या 2 उड़ानA हो
सकती ह�, इस-लए सुरNा के -लए Fथानीय पु-लस जार& रहAगी। सीआईएसएफ क+ पyृठभू-म को
देखते हुए, सीआईएसएफ को और अCधक �भावी बनाने के -लए 'न5न-लpखत पहल क+
आवVयकता है:
क) यान#हरणरोधी उपायE स�हतसभी संवेदनशील सुरNा नौकdरयE को सीआईएसएफ के
अCधकार& Fतर के का-म>कE�वारा संभाला जाना चा�हए;
ख) कैडर क+ िFथरता को उन सीआईएसएफ का-म>कE �वारा सु'निVचत :कया जाना चा�हए
िजI हA �वमानन सुरNा �-शNण �दान :कया गया है ता:क वे अI य सीआईएसएफ काय[
को करने के -लए वापस भेजे जाने से पूव> एक 'नधा>dरत समयावCध के -लए सेवा �दान
करA।
ग) एक �भावी और �ासंCगक �-शNण यवFथा क+ Fथापना; तथा
घ) गाड> Kयूट& पर लगे का-म>कE को छोड़ कर सीआईएसएफ क+ हवाईअKडा इकाइयE के -लए
या�ी#अनुकूल यू'नफॉम> द& जाए।
(2) उwच Fतर क+ यावसा'यकता को �ाkत करने और �-शNण सु�वधाओं क+ वत>मान
अपया>kतता मA �-शNण के मह]व को sयान मA रखते हुए,नागर �वमानन o यूरो सोसायट&
(बीसीएएस) के अतंग>त एक 'नय-म त नागर �वमानन �-शNण अकादमी क+ Fथापना क+ जानी
चा�हए। सीआईएसएफ के क-म>यE और हवाईअKड ेएवंएयरलाइन पdरचालन मA शा-मल अIय लोगE
को �-शYNत और संवेदनशील बनाने के -लए इसपेया>kत Fटाफ और बु'नयाद& सु�वधाएं �दान क+
जानी चा�हएं।
(3) हवाई अKड ेमA �वेश को �व'नय-मत करने के -लए फोटो पहचान काड> (पीआईसी)जार& करने
क+ �:lयाकई समFयाओं से जूझ रह& है, िजसमA बु'नयाद& ढांच ेक+ कमी, देर& क+ -शकायतA,
बड़ी सं या मA एंटाइटेलमAट और समाk त हो गए पीआईसी क+ पनु�ा>िkत शा-मल है।स-म'त
'न5न-लpखत क+ -सफाdरश करती है।
क) F थायीपीआईसी के -लए पा�ता क+ समय#समय पर समीNा क+ जाए तथा इसक+ सं या को
यथा संभव कम :कया जाए। बु�मानीपूण> काय> के rप मA,हवाई अKड ेक+ ग'त�वCधयE को ऐसे
तर&के से यविFथत :कया जाना चा�हए िजससे मानवशि)त क+ आवVयकता यथा संभव कम हो
सके। उदाहरण के -लए, घास काटने के काय> का मशीनीकरण हो सकता है।
ख) गहृ मं�ालय (एमएचए) क+ तज> पर आगंतुकE को दै'नक पास जार& करने को सु�वाह& बनाए
जाने के �यास :कए जाएंऔर इनक+ सं या को यथा संभव Iयूनतम रखा जाए।
ग) घरेलू हवाई अKडE परदेर& क+ समFयाओं पर काबू पाने के -लए, पहले क+ भां'त हवाईअKडा
'नद~शक �वारा अFथायी पास जार& :कए जा सकते ह�। (बीसीएएस इसके-लए मानदंडE को
'नधा>dरत कर सकता है। कम>चाdरयE क+ अपया>kतता और सु�वधा के संतुलन को देखते हुए,
अFथायी पास क+ वैधता को 15 �दनE से 2 मह&ने तक बढ़ाया जा सकता है, ले:कन ऐसे पासE
क+ सं या को Iयूनतम रखा जाना चा�हए);
घ) पीएसी जार& करने के -लए अCधकृत बीसीएएस के संसाधनE क+ कमीको दरू :कया जाना
आवVयक है, )यE:क इससेदेर& हो रह& है। देश के �व-भIन �हFसE मA बीसीएएस के अCधक
काया>लय खोलने क+ भी आवVयकता है;
ड.) एयरपोट> 'नदेशकE �वारा अतंरराyh&य हवाईअKड े पर काय>रत -मकE और मजदरूEके -लए
दै'नक टोकन पास तीन �दनE से अCधक के -लए भीजार& :कए जा सकते ह�, य�द यह बWकुल
आवVयक हो;
च) समाk त हो गए पासE क+ बहाल& एक गंभीर समFया है और इस तरह के पीआईसी क+ बहाल&
के -लए �ायोजकE को िज5 मेदार बनाने के -लए बीसीएएस'नयम जार& कर सकता है।
(4) टै)सी और होटल �चालकE तथा उनके एजAटE �वारा ट-म>नल भवनके बाहर पय>टकE एवं
या�यE के उ]पीड़न के बारे मA -शकायत ने लंब ेसमय के -लए समाधान को खाdरज कर �दया
है। इसके कारणE मA स े एक'नयं�ण क+ ��व�वधताहै। हालां:क आमतौर पर ट-म>नल के बाहर
शहर&इलाके काएक �वशाल Nे� है, यह Fथानीय पु-लस है # न :क हवाई अKड ेक+ सुरNा #
िजनके पास उस Nे� मA अCधकार Nे� है। यह अनुशंसा क+ जाती है :क हवाईअKडा सुरNा पु-लस
/ सीआईएसएफ को ट-म>नल भवनE के 'नकटवत?इलाकE मA Nे�E पर Nे�ाCधकारहोना चा�हए और
उIहA इस उQेVय के -लए पु-लस अCध'नयम के तहत सी-मत पु-लस अCधकार �दए जा सकते ह�।
(5) इकाओ (आईसीएओ) के �दशा'नद~शE के अनुसार सभी हवाई अKडE पर ऑन लाइन लगेज
Fl+'नगं क+ शुrआत क+ जाए। कम से कम, सभी अतंरराyh&य और अ'त संवेदनशील हवाई
अKडE पर, इसे शीा'तशी :कया जाए, :कसी भी पdरिFथ'त मA एक वष> के भीतर। जब तक
पंजीकृत सामान क+ ऑनलाइन ए)स#रे क+ लंबत शुrआत न हो तब तक ए) स#रे के बाद भी
या�ी के कo जे वाले चकै#इन#बैगेज से उ] पI न होने वाले सुरNा अतंराल को पाटने के -लए
'न5न-लpखत सुरNा उपाय सुझाए जाते ह� :
क) ए)स#रेहोने के बाद चके#इन सामान का �भार संबंCधत एयरलाइंस को लेना चा�हए; या
ख) गड़बड़ीक+ संभावनाओं को कम करने के -लए ए)सरे मशीनE को चके#इन काउंटर के बहुत
कर&ब रखा जाना चा�हए;
(6) �वमान मA जाने वाल& खानपान वFतुएं सुरNा ृखंला मA एक कमजोर कड़ी बनाती ह�। यह
अनुशंसा क+ जाती है :क इस संबंध मA सुरNा यवFथा के 'नगरानी और 'नyपादन पहलू को
और अCधक कड़ा :कया जाए। य�द आवVयक हो, तो खानपान �'तyठानE क+ सुरNा �:lयाओं
को बीसीएएस �वारा संशोCधत, Fवीकृत और मॉ'नटर :कया जाए। केवल बीसीएएस �वारा
�माpणत एजA-सयE को यह काम करनेक+ अनुम'त द& जानी चा�हए। इस उQेVय के -लए,
बीसीएएस �वारा 'नयमE को 'नधा>dरत :कया जाना चा�हए।
(7) या�ी �वमान �वारा ले जायी जाने वाल& काग\ और कूdरयर मदEके -लए सुरNा यवFथा
या�यE और उनके सामान के मामले िजतनी स त नह&ं है। स-म'त का मानना है :क इन
वFतुओं के संबंध मA सुरNा �:lयाओं के काया>Iवयन को स ती से लाग ूकरने और बार&क+ स े
मॉ'नटर करने क+ आवVयकता है।
(8) एयरलाइंस सुरNा कम>चाdरयE क+ भत? और �-शNण के -लए आवVयक कड़ ेमानकE को
बनाए नह&ंरखा जा रहा है और पdरणामF वrप उनके �दश>न का Fतर उw च F तर का नह&ं है।
इस-लए, यह -सफाdरश क+ जातीहै :क �वमानन सुरNा �:lयाओं मA उनक+ पेशवेर योuयता के
-लए सभी एयरलाइंस सुरNा कम>चाdरयE को बीसीए �वारा �माpणत :कया जाना चा�हए।
(9) बेहतर अनुशासन सु'निVचत करने के -लए, ट-म>नल भवनऔर इसके आसपास के Nे� मA
काम कर रहे सुरNा क-म>यE स�हत सभी क-म>यE को पीआईसी और पहचान टैuस पहनना
आवVयक है।
(10) सभी अतंरराyh&य और अ'तसंवेदनशील हवाई अKडE पर सुरNा मA सुधार के -लए, उनक+
लागत के बावजूद, �वशषे rप से इले)hॉ'नक पdरCध 'नगरानी के -लए Fमाट> काड> वाले
बायोमे�hक सु�वधाओं वाले Fमाट> काड> और सामानE के ऑनलाइन ए)स#रे के -लए सुरNा मA
सुधार करने के -लए नवीनतम उपलoध तकनीकE को अपनाया जाना चा�हए।
3.2 नागर �वमानन सुरा अRध�नयम कE आवSयकता
भू-म पर हवा मA नागर �वमानन सुरNा को द'ुनया मA अतंरा>yh&य आतकंवाद के बढ़ते
खतरे के संदभ> मA गंभीर Cचतंा के �वषय के तौर पर देखा जाता है। वत>मान मA इस मामले से
'नपटने के -लए भारत मA कोई �भावी कानूनी ढांचा नह&ं है।�वमान अCध'नयम मA इसके साथ
'नपटने के -लए कोई�व-शyट �ावधान नह&ं ह�। हालां:क नागर �वमानन सुरNा oयूरो को सुरNा
'नयामक के rप मA Fथा�पत :कया गया है, :कंतु ऐसा बना :कसी वैधा'नक आधारके :कया गया
है। इसक+ समीNा करने और एक नया नागर �वमानन सुरNा अCध'नयम लागू करने क+ जrर&
आवVयकता है जो न केवल बीसीएएस को वैधा'नक िFथ'त �दान करेगा बिWक नागर �वमानन
सुरNा से संबंCधत �व-शy ट अपराधE के -लए 'नवारक दंड और इन मामलE के शी 'नपटान के
-लए अ�वलंबत काय>�वCध भी 'नधा>dरत करेगा। एएआई के अलावा अIय एजA-सयE �वारा
हवाईअKडE को F था�पत करने देने के 'नण>य क+त]काल आवVयकताएं बढ़ गई ह� )यE:क इन
'नजी Fवा-म]व वाले हवाई अKडE क+सुरNा क+ िज5 मेदार& पूर& तरह से सरकार क+ रहेगी।
3.3 आ�वासन और सीमा शु.क से संबंRधत मुUे
देश मA पय>टकE के �वेश क+ सु�वधा के �यासE के बावजूद, आ�वासन और सीमा शुWक
से संबंCधत मुQे, �वदेशE मA िFथत -मशनE मA वीजा के मुQे और भारतीय हवाई अKडE मA आZजन
�:lयाएं वां'छत होने के -लए बहुत कुछ छोड़ देती ह�। आ�वासन काउंटरEका कामकाज आम तौर
पर अNम और धीमा है। कई बार, सुरNाके नाम पर या�यE को देर&, उ]पीड़न और कठोर
यवहार के अधीन :कया जाता है। इन मुQE को हल करने के -लए 'न5न-लpखत उपाय सुझाए
गए ह�।
(1) स-म'त ने अपनी पहले क+ dरपोट> मA केवल मशीन �वारा पढ़े जा सकने वाले पासपोट> जार&
करना शुr करने तथा सभी मौजूदा पासपोट[को एक 'निVचत अवCध के भीतर मशीन पठनीय
rप मA पdरव'त>त करने क+ जrरत पर बल �दया था। स-म'त को यह बताया गया है :क मशीन
पठनीय पासपोट> जार& करने क+ यवFथा भारत मA पासपोट> काया>लयE मA लागू क+ गई है, ले:कन
�वदेशE मA िFथत सभी भारतीय -मशन,जो अIय देशE मA रहने वाले भारतीय नागdरकE और
संकटकाल मA भारत आने वाले भारतीयE कोपासपोट> भीजार& करते ह�, के मामलE मA यह संभव
नह&ं होगा। स-म'त का मानना है :क उनसभी मह]वपूण> भारतीय -मशनE मA मशीन#पठनीय
पासपोट> जार& करने क+ सु�वधा Fथा�पत करना मुिVकल नह&ं होगा जहां बड़ी सं या मA पासपोट>
जार& :कए जाते ह�। अIय -मशनE को केवलसी-मत वैधता अवCध वालेपासपोट> जार& करने के
-लए अCधकृत बना �दया जाना चा�हए और इन पासपोट> धारकE को भारत मA पासपोट> काया>लयE
से 'नय-मत पासपोट> �ाkत करना जrर& होना चा�हए। :कसी भी मामले मA, सभी आZजन
काउंटरE को अतंdरम उपाय के rप मA F कैनरE (पासपोट> संसाCधत करने के -लए) के साथ
सुसिqजत :कया जाना चा�हएता:क Vय Fकै'नगं और जानकार& भरनेके -लए समय कम :कया
जा सके। मैनुअल rप से कंुजीयन क+ वत>मान �णाल& को बदलने के -लए यह कम लागत वाला
�वकWप है।
(2) गहृ मं�ालय और इंटे-लजAस oयूरो के अCधकाdरयE ने संकेत �दया है:क आZजन काउंटरE पर
पु-लस और -स�व-लयनक-म>यE को एक साथ करने और उIहA पया>kत �-शNण �दान करने के
�यास :कए जा रहे ह�। हालां:क इंटे-लजAस oयूरो, सAhल पु-लस संगठनE, राqय पु-लस और अIय
संगठनE स ेक-म>यE को -मCतकरनावांछनीय है।एक समानपय>टन#अनुकूल िyटकोण सु'निVचत
करने के -लए ऐसे सभी क-म>यE को उCचत �-शNण देना जrर& है। यह भी सुझाव �दया जाता है
:क गहृ मं�ालय अतंरराyh&य हवाई अKडE पर आZजन का �बंधन करने के -लए �वन और
क5kयूटर क+ समझ रखने वाले क-म>यE के एक सम�प>त कैडर को जगह देने का काय>भार
संभाले।
(3) आ�वासन फाम[ (जो आने वाले या�यE �वारा भरे गए ह�) का :कस �कार से सह& उपयोग
:कया जा रहा है,इस बात को लेकर भी संदेह उठाया गया है। जब:क केवल सी-मत जानकार&
मांगने के -लए फाम> को हाल ह& मA संशोCधत :कया गया है, :फर भी अCधक सरल&करण के -लए
काफ+ संभावनाएं ह�। यह अनुशंसा क+ जाती है :क या�यE के िyटकोण को sयान मA रखते हुए
गहृ मं�ालय और अIय उपयोगकता>#एजA-सयE �वारा इसक+एक और समीNा क+जाए।
(4) वत>मान मA, आगमनऔर �Fथान करने वाले या�यE को आZजन 'नकासी के -लए लंबी
कतार मA खड़ े होना पड़ताहै। अCधकांश देशE मA, उनकेअपने नागdरकE को घर लौटने पर:कसी
�कार के अवरोहण काड> को नह&ं भरना पड़ता है तथा उI हA एक पथृक काउंटर पर केवल अपना
पासपोट>
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