Sri RudraPrashnaha

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॥ श्री�रुद्रप्रश्नः� ॥

॥ नमकम� ॥

ध्या�नम�आपा�ता�लनभः�स्थल�न्ताभः�वनब्रह्मा�ण्डम�विवस्फु� र-ज्ज्या!विता� स्फु�टि#कलिलङ्गम&लिलविवलसता� पा(र्णे*न्दुव�न्ता�म,ता-� ।अस्ता!क�प्ल�ताम2कम�शमविनश4 रुद्र�न�व�क�ञ्जपान�ध्या�या2दी7प्सिप्सता लिसद्धया2ऽद्रुतापादी4 विवप्र!ऽभिभःवि=ञ्ज2च्छि?वम� ॥

ब्रह्मा�ण्डव्या�प्तादी2हा� भःलिसताविहामरुचा� भः�सम�न� भः�जङ्ग-�कण्ठे2 क�ल�� कपादी�Eकलिलता शलिशकल�श्चण्डक!दीण्डहास्ता�� ।त्र्याक्षा� रुद्र�क्षाम�ल�� प्रर्णेताभःयाहार�� श�म्भव� म(र्तिताKभः2दी��रुद्र�� श्री�रुद्रस(क्तप्रकटि#ताविवभःव� न� प्रया?न्ता� स&ख्याम� ॥

॥ ओं नम! भःगवता2 रुद्र�या ॥

नमस्ता2 रुद्रमन्याव उता!ता इ=व2 नम� ।नमस्ता2 अस्ता� धन्वन2 बा�हुभ्या�-म�ता ता2 नम� ॥ १-१॥

या�ता इ=�� लिशवताम� लिशव4 बाभः(व ता2 धन�� ।लिशव� शरव्या� या� ताव ताया� न! रुद्र म,डया ॥ १-२॥

या� ता2 रुद्र लिशव� तान(-रघो!र�ऽपा�पाक�लिशन� ।ताया� नस्तान�व� शन्तामया� विगरिरशन्ता�भिभःचा�कश�विहा ॥ १-३॥

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या�मिम=�4 विगरिरशन्ता हास्ता2 विबाभःर्ष्ययाEस्ताव2 ।लिशव�4 विगरिरत्र ता�4 क� रु म� विहास�� पा�रु=4 जगता� ॥ १-४॥

लिशव2न वचास� त्व� विगरिरश�?� वदी�मलिस ।याथा� न� सवEमिमज्जगदीयाक्ष्मस�मन� असता� ॥ १-५॥

अध्याव!चादीमिध वक्त� प्रथाम! दी-व्या! भिभः=क� ।अहा�श्च सव�Eञ्जम्भयान्त्सव�Eश्च या�ता�ध�न्या� ॥ १-६॥

अस& यास्ता�म्रो! अरुर्णे उता बाभ्रुः�� स�मङ्गल� ।या2 चा2म�रुद्र� अभिभःता! टिदीक्षा� ।भिश्रीता�� सहास्रश!ऽव-=�हा2ड ईमहा2 ॥ १-७॥

अस& या!ऽवसपाEविता न�लग्री�व! विवल!विहाता� ।उता-न4 ग!पा� अदृशन्नदृशन्न�दीहा�याE� ।उता-न4 विवश्वा� भः(ता�विन स दृष्टो! म,डया�विता न� ॥ १-८॥

नम! अस्ता� न�लग्री�व�या सहास्र�क्षा�या म�ढु�=2 ।अथा! या2 अस्या सत्व�न!ऽहा4 ता2भ्या!ऽकरन्नम� ॥ १-९॥

प्रम�ञ्चा धन्वनस्त्व-म�भःया!-र�र्त्नित्नKया!-ज्या�Eम� ।या�श्च ता2 हास्ता इ=व� पार� ता� भःगव! वपा ॥ १-१०॥

अवतात्या धन�स्त्व सहास्र�क्षा शता2=�ध2 ।विनश�याE शल्या�न�4 म�खा� लिशव! न� स�मन� भःव ॥ १-११॥

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विवज्या4 धन�� कपार्दिदीKन! विवशल्या! बा�र्णेव� उता ।अन2शन्नस्या2=व आभः�रस्या विन=ङ्गलिथा� ॥ १-१२॥

या� ता2 हा2विता-मxढु�ष्टोम हास्ता2 बाभः(व ता2 धन�� ।ताया�ऽस्म�न्विन्वश्वातास्त्व-मयाक्ष्मया� पारिरब्भः�ज ॥ १-१३॥

नमस्ता2 अस्त्व�या�ध�या�न�ताता�या ध,र्ष्यर्णेव2 ।उभः�भ्या�म�ता ता2 नम! बा�हुभ्या�4 ताव धन्वन2 ॥ १-१४॥

पारिर ता2 धन्वन! हा2विता-रस्म�न्व्रु�र्णेक्त� विवश्वाता� ।अथा! या इ=�मिधस्ताव�र2 अस्ममिन्नध2विहा ताम� ॥ १-१५॥

नमस्ता2 अस्ता� भःगवन� विवश्वा2श्वार�या महा�दी2व�या त्र्याम्बाक�यावित्रपा�र�न्ताक�या वित्रक�ग्नि~न-क�ल�या क�ल�ग्नि~नरुद्र�या (वित्रक�ल�ग्नि~न)न�लकण्ठे�या म्रो�त्या�ञ्जया�या सव*श्वार�यासदी�लिशव�या श्री�मन्महा�दी2व�या नम� ॥ २-०॥

नम! विहारण्याबा�हाव2 स2न�न्या2 टिदीश�4 चा पाताया2 नम! नम!व,क्षा2भ्या! हारिरक2 श2भ्या� पाश(न�4 पाताया2 नम! नम�सप्सि�ञ्चार�या न्वित्व=�मता2 पाथा�न�4 पाताया2 नम! नम!बाभ्ल�श�या विवव्या�मिधन2ऽन्न�न�4 पाताया2 नम! नम!हारिरक2 श�या!पाव�वितान2 पा�ष्टो�न�4 पाताया2 नम! नम!भःवस्या हा2त्या- जगता�4 पाताया2 नम! नम!रुद्र�या�ताता�विवन2 क्षा2त्र�र्णे�4 पाताया2 नम! नम�स(ता�या�हान्त्या�या वन�न�4 पाताया2 नम! नम� ॥ २-१॥

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र!विहाता�या स्थपाताया2 व,क्षा�र्णे�4 पाताया2 नम! नम!मन्विन्त्रर्णे2 व�भिर्णेज�या कक्षा�र्णे�4 पाताया2 नम! नम!भः�वन्ताया2 व�रिरवस्क, ता�या&=ध�न�4 पाताया2 नम! नमउच्चै-घो�=�या�क्रन्दीयाता2 पात्ती�न�4 पाताया2 नम! नम�क, त्स्नव�ता�या ध�वता2 सत्वन�4 पाताया2 नम� ॥ २-२॥

नम� सहाम�न�या विनव्या�मिधन आव्या�मिधन�न�4पाताया2 नम! नम�कक� भः�या विन=विङ्गर्णे2 स्ता2न�न�4 पाताया2 नम! नम!विन=विङ्गर्णे इ=�मिधमता2 तास्कर�र्णे�4 पाताया2 नम! नम!वञ्चाता2 पारिरवञ्चाता2 स्ता�या(न�4 पाताया2 नम! नम!विनचा2रव2 पारिरचार�या�रण्या�न�4 पाताया2 नम! नम�स,क�विवभ्या! जिजघो�सदी�भ्या! म�र्ष्यर्णेता�4 पाताया2 नम! नम!ऽलिसमदी�भ्या! नक्त4 चारदी�भ्या� प्रक, न्ता�न�4 पाताया2 नम! नमउर्ष्यर्णे�वि=र्णे2 विगरिरचार�या क� ल�ञ्चा�न�4 पाताया2 नम! नम� ॥ ३-१॥

इ=�मदी�भ्या! धन्व�विवभ्याश्च व! नम! नमआतान्व�न2भ्या� प्रवितादीध�न2भ्याश्च व! नम! नमआया?दी�भ्या! विवस,जदी�भ्याश्च व! नम! नम!ऽस्यादी�भ्या! विवद्ध्यदी�भ्याश्च व! नम! नमआस�न2भ्या� शया�न2भ्याश्च व! नम! नम�स्वपादी�भ्या! ज�ग्रीदी�भ्याश्च व! नम! नम-प्सिस्ताष्ठदी�भ्या! ध�वदी�भ्याश्च व! नम! नम�सभः�भ्या� सभः�पाविताभ्याश्च व! नम! नम!अश्वा2भ्या!ऽश्वापाविताभ्याश्च व! नम� ॥ ३-२॥

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नम आव्यामिधन�भ्या! विवविवध्यान्ता�भ्याश्च व! नम! नमउगर्णे�भ्यास्ता,हाता�भ्याश्च व! नम! नम!ग,त्स2भ्या! ग्री�त्सपाविताभ्याश्च व! नम! नम!व्रु�ता2भ्या! व्रु�तापाविताभ्याश्च व! नम! नम!गर्णे2भ्या! गर्णेपाविताभ्याश्च व! नम! नम!विवरूपा2भ्या! विवश्वारूपा2भ्याश्च व! नम! नम!महादी�भ्या� क्षा�ल्लक2 भ्याश्च व! नम! नम!रलिथाभ्या!ऽरथा2भ्याश्च व! नम! नम! रथा2भ्या� ॥ ४-१॥

रथापाविताभ्याश्च व! नम! नम�स2न�भ्या� स2नविनभ्याश्च व! नम! नम�क्षात्ती,भ्या� सङ्� ग्रीहा�ता,भ्याश्च व! नम! नम-स्ताक्षाभ्या! रथाक�र2भ्याश्च व! नम! नम�क� ल�ल2भ्या� कम�Eर2भ्याश्च व! नम! नम�पा�च्छिञ्जष्टो2भ्या! विन=�दी2भ्याश्च व! नम! नमइ=�क, दी�भ्या! धन्वक, दी�भ्याश्च व! नम! नम!म्रो�गया�भ्या� श्वाविनभ्याश्च व! नम! नम�श्वाभ्या� श्वापाविताभ्याश्च व! नम� ॥ ४-२॥

नम! भःव�या चा रुद्र�या चा नम� शव�Eया चा पाश�पाताया2 चानम! न�लग्री�व�या चा लिशविताकण्ठे�या चानम� कपार्दिदीKन2 चा व्या�प्ताक2 श�या चानम� सहास्र�क्षा�या चा शताधन्वन2 चानम! विगरिरश�या चा लिशविपाविवष्टो�या चानम! म�ढु�ष्टोम�या चा2=�मता2 चा नम! ह्रस्व�या चा व�मन�या चा

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नम! बा,हाता2 चा व=xयास2 चानम! व,द्ध�या चा स4व,दी�ध्वन2 चा ॥ ५-१॥

नम! अविग्रीया�या चा प्रथाम�या चा नम आशव2 चा�जिजर�या चानम�� श�मि�या�या चा श�भ्या�या चानम� ऊम्या�Eया चा�वस्वन्या�या चानम� स्र!तास्या�या चा द्वी7प्या�या चा ॥ ५-२॥

नम! ज्या2ष्ठ�या चा कविनष्ठ�या चानम� पा(वEज�या चा�पारज�या चानम! मध्याम�या चा�पागल्भः�या चानम! जघोन्या�या चा बा�ध्निध्नया�या चानम� स!भ्या�या चा प्रवितासया�Eया चानम! या�म्या�या चा क्षा2म्या�या चानम उवEया�Eया चा खाल्या�या चानम� श्लो!क्या�या चा�वस�न्या�या चानम! वन्या�या चा कक्ष्या�या चानम� श्रीव�या चा प्रविताश्रीव�या चा ॥ ६-१॥

नम आश�=2र्णे�या चा�श�रथा�या चानम� श(र�या चा�वभिभःन्दीता2 चानम! वर्मिमKर्णे2 चा वरूलिथान2 चानम! विबाच्छिल्मन2 चा कवलिचान2 चानम� श्री�ता�या चा श्री�तास2न�या चा ॥ ६-२॥

नम! दुन्दुभ्या�या चा�हानन्या�या चा नम! ध,र्ष्यर्णेव2 चा प्रम,श�या चा

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नम! दूता�या चा प्रविहाता�या चा नम! विन=विङ्गर्णे2 चा2=�मिधमता2 चानमस्ता�क्ष्र्णे2=व2 चा�या�मिधन2 चा नम� स्व�या�ध�या चा स�धन्वन2 चानम� स्र�त्या�या चा पाथ्या�या चा नम� क�ट्या�या चा न�प्या�या चानम� स(द्या�या चा सरस्या�या चा नम! न�द्या�या चा व-शन्ता�या चा ॥ ७-१॥

नम� क( प्या�या चा�वट्या�या चा नम! वर्ष्यया�Eया चा�वर्ष्यया�Eया चानम! म2घ्या�या चा विवद्या�त्या�या चा नम ईमि�या�या चा�ताप्या�या चानम! व�त्या�या चा र2प्सिर्ष्यमया�या चानम! व�स्ताव्या�या चा व�स्ता�पा�या चा ॥ ७-२॥

नम� स!म�या चा रुद्र�या चा नमस्ता�म्रो�या चा�रुर्णे�या चानम� शङ्ग�या चा पाश�पाताया2 चा नम उग्री�या चा भः�म�या चानम! अग्री2वध�या चा दूर2वध�या चानम! हान्त्र2 चा हान�यास2 चा नम! व,क्षा2भ्या! हारिरक2 श2भ्या!नमस्ता�र�या नम� शम्भव2 चा मया!भःव2 चानम� शङ्�कर�या चा मयास्कर�या चानम� लिशव�या चा लिशवतार�या चा ॥ ८-१॥

नमस्ता�थ्या�Eया चा क( ल्या�या चानम� पा�या�Eया चा�व�या�Eया चानम� प्रतारर्णे�या चा!त्तीरर्णे�या चानम आता�या�Eया चा�ल�द्या�या चानम� शर्ष्यप्या�या चा फे2 न्या�या चा नम�लिसकत्या�या चा प्रव�ह्या�या चा ॥ ८-२॥

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नम इरिरण्या�या चा प्रपाथ्या�या चानम� विकलिशल�या चा क्षायार्णे�या चानम� कपार्दिदीKन2 चा पा�लस्ताया2 चानम! ग!ष्ठ्या�या चा ग,ह्या�या चानमस्ताल्प्या�या चा ग2ह्या�या चानम� क�ट्या�या चा गह्वर2ष्ठ�या चानम! हृदीय्या�या चा विनव2र्ष्यप्या�या चानम� पा�सव्या�या चा रजस्या�या चानम� श�र्ष्यक्या�या चा हारिरत्या�या चानम! ल!प्या�या चा!लप्या�या चा ॥ ९-१॥

नम ऊव्या�Eया चा स(म्या�Eया चानम� पाण्या�Eया चा पार्णेEशद्या�या चानम!ऽपाग�रम�र्णे�या चा�भिभःघ्नता2 चानम आच्छिख्खादीता2 चा प्रच्छिख्खादीता2 चानम! व� विकरिरक2 भ्या! दी2व�न� हृदीया2भ्या!नम! विवक्षा�र्णेक2 भ्या! नम! विवलिचान्वत्क2 भ्या!नम आविनहाEता2भ्या! नम आम�वत्क2 भ्या� ॥ ९-२॥

द्र�पा2 अन्धस�ता2 दीरिरद्रन्न�लल!विहाता ।ए=�4 पा�रु=�र्णे�म2=�4 पाश(न�4 म� भः2म�Eर! म! ए=�4विकञ्चान�ममता� ॥ १०-१॥

या� ता2 रुद्र लिशव� तान(� लिशव� विवश्वा�हा भः2=ज� ।लिशव� रुद्रस्या भः2=ज� ताया� न! म,ड ज�वस2 ॥ १०-२॥

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इम�रुद्र�या तावस2 कपार्दिदीKन2 क्षायाद्वी7र�या प्रभःर�महा2 मविताम� ।याथा� न� शमसद्द्�विवपादी2 चाता�र्ष्यपादी2 विवश्वा4 पा�ष्टो4 ग्री�म2आप्सिस्मन्नन�ता�रम� ॥ १०-३॥

म,ड� न! रुद्र!तान! मयास्क, मिध क्षायाद्वी7र�या नमस� विवध2म ता2 ।या?4 चा या!श्च मन�र�याज2 विपाता� तादीश्या�म ताव रुद्र प्रर्णे�ता& ॥ १०-४॥

म� न! महा�न्ताम�ता म� न! अभःEक4म� न उक्षान्ता-म�ता म� न उभिक्षाताम� ।म� न! वध�� विपातार4 म!ता म�तार4 विप्रया� म�नस्तान�व! रुद्र र�रिर=� ॥ १०-५॥

म�नस्ता!क2 तानया2 म� न आया�वि= म� न! ग!=�म� न! अश्वा2=� र�रिर=� ।व�र�न्म� न! रुद्र भः�मिमता!ऽवध�-हाEविवर्ष्यमन्ता!नमस� विवध2म ता2 ॥ १०-६॥

आर�त्ती2 ग!घ्न उत्ती पा(रु=घ्न2 क्षायाद्वी7र�यास�म्नमस्म2 ता2 अस्ता� ।रक्षा� चा न! अमिध चा दी2व ब्र(ह्याथा� चा न�शमE या? विद्वीबाहा�E� ॥ १०-७॥

स्ता�विहा श्री�ता4 गताEसदी4 या�व�न4 म,गन्न भः�म-म�पाहात्न�म�ग्रीम� ।म्रो�ड� जरिरत्र2 रुद्र स्ताव�न! अन्यान्ता2अस्ममिन्नवपान्ता� स2न�� ॥ १०-८॥

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पारिरर्णे! रुद्रस्या हा2विताव,Eर्णेक्त� पारिर त्व2=स्या दुमEवितारघो�या!� ।अव च्छिस्थर� मघोवदी�भ्यास्तान�र्ष्यव म�ढु�वस्ता!क�यातानया�या म्रो�डया ॥ १०-९॥

म�ढु�ष्टोम लिशवताम लिशव! न� स�मन� भःव ।पारम2 व्रु�क्षा आया�ध4 विनध�या क, त्तिंत्तीK वस�नआचार विपान�क4 विवभ्रुःदी�गविहा ॥ १०-१०॥

विवविकरिरदी विवल!विहाता नमस्ता2 अस्ता� भःगव� ।या�स्ता2 सहास्रहा2ताया!ऽन्यामस्ममिन्नवपान्ता� ता�� ॥ १०-११॥

सहास्र�भिर्णे सहास्रध� बा�हुव!स्ताव हा2ताया� ।ता�स�म�श�न! भःगव� पार�चा�न� म�खा� क, मिध ॥ १०-१२॥

सहास्र�भिर्णे सहास्रश! या2 रुद्र� अमिध भः(म्या�म� ।ता2=�सहास्रया!जन2ऽवधन्व�विन तान्मलिस ॥ ११-१॥

अप्सिस्मन� महात्यार्णेEव2ऽन्तारिरक्षा2 भःव� अमिध ॥ ११-२॥

न�लग्री�व�� लिशविताकण्ठे�� शव�E अध� क्षाम�चार�� ॥ ११-३॥

न�लग्री�व�� लिशविताकण्ठे� टिदीवरुद्र� उपाभिश्रीता�� ॥ ११-४॥

या2 व,क्षा2=� सप्सि�ञ्जर� न�लग्री�व� विवल!विहाता�� ॥ ११-५॥

या2 भः(ता�न�ममिधपाताया! विवलिशखा�स� कपार्दिदीKन� ॥ ११-६॥

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या2 अन्न2=� विवविवध्यान्विन्ता पा�त्र2=� विपाबाता! जन�न� ॥ ११-७॥

या2 पाथा�4 पालिथारक्षाया ऐलबा,दी� याव्या�ध� ॥ ११-८॥

या2 ता�था�Eविन प्रचारन्विन्ता स,क�वन्ता! विन=विङ्गर्णे� ॥ ११-९॥

या एता�वन्ताश्च भः(या�सश्च टिदीश! रुद्र� विवताच्छिस्थर2ता2=�सहास्र-या!जन2 । अवधन्व�विन तान्मलिस ॥ ११-१०॥

नम! रुद्र2भ्या! या2 पा,लिथाव्या�4 या2 । अन्तारिरक्षा2या2 टिदीविव या2=�मन्न4 व�ता! व=Eमिम=व-स्ता2भ्या! दीशप्र�चा�दीEश दीभिक्षार्णे� दीश प्रता�चा�दीEश!दी7चा�दीEश!ध्व�Eस्ता2भ्या!नमस्ता2 न! म,डयान्ता� ता2 या4 विद्वीर्ष्यम! याश्च न! द्वी2मिष्टोता4 व! जम्भ2 दीध�मिम ॥ ११-११॥

त्र्याम्बाक4 याज�महा2 स�गन्धिंन्धK पा�मिष्टोवधEनम� ।उव�Eरुकमिमव बान्धन�न्म,त्या!-म�Eक्षा�या म�ऽम,ता�ता� ॥ १॥

या! रुद्र! अ~न& या! अप्स� या ओ=ध�=� ।या! रुद्र! विवश्वा� भः�वन�ऽऽविवव2शतास्म- रुद्र�या नम! अस्ता� ॥ २॥

ताम�ष्टो� विहा या� प्सिस्व=�� स�धन्व� या! विवश्वास्या क्षायाविता भः2=जस्या ।याक्ष्व�महा2 स&मनस�या रुद्र4 नम!भिभःदी*वमस�र4 दुवस्या ॥ ३॥

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अया4 म2 हास्ता! भःगव�नया4 म2 भःगवत्तीर� ।अया4 म2 विवश्वा-भः2=ज!ऽया लिशव�भिभःमशEन� ॥ ४॥

या2 ता2 सहास्रमया�ता4 पा�श� म,त्या! मत्या�Eया हान्ताव2 ।ता�न� याज्ञस्या म�याया� सव�Eनव याज�महा2 ।म,त्याव2 स्व�हा� म,त्याव2 स्व�हा� ॥ ५॥

ओं नम! भःगवता2 रुद्र�या विवर्ष्यर्णेव2 म,त्या�म* पा�विहा ।प्र�र्णे�न�4 ग्रीध्नि¦रलिस रुद्र! म� विवश�न्ताक� ।ता2न�न्न2न�प्या�यास्व ॥ ६॥

नम! रुद्र�या विवर्ष्यर्णेव2 म,त्या�म* पा�विहा ॥ ओं श�न्विन्ता� श�न्विन्ता� श�न्विन्ता� ॥

॥ इविता श्री�क, र्ष्यर्णेयाज�व*दी7या ता-भित्तीर�या स4विहाता�या�4 चाता�थाEक�ण्ड2 पाञ्चाम� प्रपा�ठेक� ॥

॥ चामकप्रश्नः� ॥

अ~न�विवर्ष्यर्णे( सज!=स2म� वधEन्ता� व�4 विगर� ।द्या�म्न-व�Eज2भिभःर�गताम� ॥

व�जश्च म2 प्रसवश्च म2प्रयाविताश्च म2 प्रलिसविताश्च म2 ध�विताश्च म2 क्रता�श्च म2स्वरश्च म2 श्लो!कश्च म2 श्री�वश्च म2 श्री�विताश्च म2ज्या!विताश्च म2 स�वश्च म2 प्र�र्णेश्च म2ऽपा�नश्च म2

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व्या�नश्च म2ऽस�श्च म2 लिचात्ती4 चा म आध�ता4 चा म2व�क्चा म2 मनश्च म2 चाक्षा�श्च म2 श्री!त्र4 चा म2 दीक्षाश्च म2बाल4 चा म ओजश्च म2 सहाश्च म आया�श्च म2जर� चा म आत्म� चा म2 तान(श्च म2 शमE चा म2 वमE चा म2ऽङ्ग�विन चा म2ऽस्थ�विन चा म2 पारूवि= चा म2शर�र�भिर्णे चा म2 ॥ १॥

ज्या-ष्ठ्या4 चा म आमिधपाथ्या4 चा म2 मन्या�श्च म2भः�मश्च म2ऽमश्च म2ऽम्भश्च म2 ज2म� चा म2 मविहाम� चा म2वरिरम� चा म2 प्रलिथाम� चा म2 वर्ष्यम�E चा म2 द्र�घो�या� चा म2व,द्ध4 चा म2 व,जिद्धश्च म2 सत्या4 चा म2 श्रीद्ध� चा म2जगच्चै म2 धन4 चा म2 वशश्च म2 न्वित्ववि=श्च म2 क्र§ड� चा म2म!दीश्च म2 ज�ता4 चा म2 जविनर्ष्ययाम�र्णे4 चा म2 स(क्त4 चा म2स�क, ता4 चा म2 विवत्ती4 चा म2 व2द्या4 चा म2 भः(ता4 चा म2भःविवर्ष्ययाच्चै म2 स�ग4 चा म2 स�पाथा4 चा म ऋद्ध4 चा म ऋजिद्धश्च म2क© प्ता4 चा म2 क© न्विप्ताश्च म2 मविताश्च म2 स�मविताश्च म2 ॥ २॥

श4 चा म2 मयाश्च म2 विप्रया4 चा म2ऽन�क�मश्च म2क�मश्च म2 स&मनसश्च म2 भःद्र4 चा म2 श्री2याश्च म2वस्याश्च म2 याशश्च म2 भःगश्च म2 द्रविवर्णे4 चा म2यान्ता� चा म2 धता�E चा म2 क्षा2मश्च म2 ध,विताश्च म2विवश्वा4 चा म2 महाश्च म2 स4विवच्चै म2 ज्ञ�त्र4 चा म2स(श्च म2 प्रस(श्च म2 स�र4 चा म2 लयाश्च म ऋता4 चा म2ऽम,ता4 चा म2ऽयाक्ष्म4 चा म2ऽन�मयाच्चै म2 ज�व�ता�श्च म2दी7घो�Eया�त्व4 चा म2ऽनमिमत्र4 चा म2ऽभःया4 चा म2 स�ग4 चा म2

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शयान4 चा म2 स(=� चा म2 स�टिदीन4 चा म2 ॥ ३॥

ऊक्चाE म2 स(न,ता� चा म2 पायाश्च म2 रसश्च म2घो,ता4 चा म2 मध� चा म2 सध्नि~धश्च म2 सपा�विताश्च म2क, वि=श्च म2 व,मिष्टोश्च म2 ज-त्र4 चा म औजि«द्या4 चा म2रमियाश्च म2 र�याश्च म2 पा�ष्टो4 चा म2 पा�मिष्टोश्च म2विवभः� चा म2 प्रभः� चा म2 बाहु चा म2 भः(याश्च म2पा(र्णे¬ चा म2 पा(र्णेEतार4 चा म2ऽभिक्षाविताश्च म2 क( याव�श्च म2ऽन्न4 चा म2ऽक्षा�च्चै म2 व्रु�विहायाश्च म2 याव�श्च म2 म�=�श्च म2विताल�श्च म2 म�द्गा�श्च म2 खाल्व�श्च म2 ग!ध(म�श्च म2मस�र�श्च म2 विप्रयाङ्गवश्च म2ऽर्णेवश्च म2श्या�म�क�श्च म2 न�व�र�श्च म2 ॥ ४॥

अश्म� चा म2 म,भित्तीक� चा म2 विगरयाश्च म2 पावEता�श्च म2लिसकता�श्च म2 वन�तायाश्च म2 विहारण्या4 चा म2ऽयाश्च म2 स�स4 चा म2 त्रपा�श्च म2 श्या�म4 चा म2ल!हा4 चा म2ऽग्नि~नश्च म आपाश्च म2 व�रुधश्च मओ=धयाश्च म2 क, ष्टोपाच्या4 चा म2ऽक, ष्टोपाच्या4 चा म2ग्री�म्या�श्च म2 पाशव आरण्या�श्च याज्ञ2न कल्पान्ता�4विवत्ती4 चा म2 विवभित्तीश्च म2 भः(ता4 चा म2 भः(विताश्च म2वस� चा म2 वसविताश्च म2 कमE चा म2 शलिक्तश्च म2ऽथाEश्च म एमश्च म इविताश्च म2 गविताश्च म2 ॥ ५॥

अग्नि~नश्च म इन्द्रश्च म2 स!मश्च म इन्द्रश्च म2सविवता� चा म इन्द्रश्च म2 सरस्वता� चा म इन्द्रश्च म2पा(=� चा म इन्द्रश्च म2 बा,हा�विताश्च म इन्द्रश्च म2

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मिमत्रश्च म इन्द्रश्च म2 वरुर्णेश्च म इन्द्रश्च म2त्वष्टो� चा म इन्द्रश्च म2 ध�ता� चा म इन्द्रश्च म2विवर्ष्यर्णे�श्च म इन्द्रश्च म2ऽभिश्वान& चा म इन्द्रश्च म2मरुताश्च म इन्द्रश्च म2 विवश्वा2 चा म2 दी2व� इन्द्रश्च म2पा,लिथाव� चा म इन्द्रश्च म2ऽन्तार�क्षा4 चा म इन्द्रश्च म2द्या&श्च म इन्द्रश्च म2 टिदीशश्च म इन्द्रश्च म2म(ध�E चा म इन्द्रश्च म2 प्रज�पाविताश्च म इन्द्रश्च म2 ॥ ६॥

अश�श्च म2 रच्छिश्मश्च म2ऽदी�भ्याश्च म2ऽमिधपाविताश्च मउपा�श�श्च म2ऽन्ताया�Eमश्च म ऐन्द्रव�याश्च म2म-त्र�वरुर्णेश्च म आभिश्वानश्च म2 प्रवितापास्थ�नश्च म2श�क्रश्च म2 म¦� चा म आग्रीयार्णेश्च म2 व-श्वादी2वश्च म2ध्रु�वश्च म2 व-श्वा�नरश्च म ऋता�ग्री�हा�श्च म2ऽविताग्री�ह्या�श्च म ऐन्द्र�~नश्च म2 व-श्वादी2व�श्च म2मरुत्वता�या�श्च म2 म�हा2न्द्रश्च म आटिदीत्याश्च म2स�विवत्रश्च म2 स�रस्वताश्च म2 पा&र्ष्यर्णेश्च म2पा�त्न�वताश्च म2 हा�रिरया!जनश्च म2 ॥ ७॥

इध्मश्च म2 बार्तिहाKश्च म2 व2टिदीश्च म2 मिधच्छिर्ष्यर्णेया�श्च म2स्र�चाश्च म2 चामस�श्च म2 ग्री�व�र्णेश्च म2 स्वरवश्च मउपारव�श्च म2 । अमिध=वर्णे2 चा म2 द्र!र्णेकलशश्च म2व�याव्या�विन चा म2 पा(ताभः,च्चै म2 आधवन�याश्च मआ~न�ध्रु4 चा म2 हाविवध�Eन4 चा म2 ग,हा�श्च म2 सदीश्च म2पा�र!ड�श�श्च म2 पाचाता�श्च म2ऽवभः,थाश्च म2स्वग�क�रश्च म2 ॥ ८॥

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अग्नि~नश्च म2 धमEश्च म2ऽकE श्च म2 स(याEश्च म2प्र�र्णेश्च म2ऽश्वाम2धश्च म2 पा,लिथाव� चा म2ऽ टिदीविताश्च म2टिदीविताश्च म2 द्या&श्च म2 शक्क्वर�रङ्ग°लया! टिदीशश्च म2याज्ञ2न कल्पान्ता�म,क्चा म2 स�म चा म2 स्ता!मश्च म2याज�श्च म2 दी7क्षा� चा म2 तापाश्च म ऋता�श्च म2 व्रुता4 चा म2ऽहा!र�त्रया!व,Eष्ट्या� बा,हाद्रथान्तार2 चा म2 याज्ञ2न कल्पा2ता�म� ॥ ९॥

गभः�Eश्च म2 वत्स�श्च म2 त्रविवश्च म2 त्रव� चा म2टिदीत्याव�#� चा म2 टिदीत्या&हा� चा म2 पाञ्चा�विवश्च म2पाञ्चा�व� चा म2 वित्रवत्सश्च म2 वित्रवत्स� चा म2ता�याEव�#� चा म2 ता�या²हा� चा म2 पाष्ठव�#� चा म2 पाष्ठ&हा� चा मउक्षा� चा म2 वश� चा म ऋ=भःश्च म2 व2हाश्च म2ऽनड�व�ञ्चा म2 ध2न�श्च म आया�याEज्ञ2न कल्पाता�4प्र�र्णे! याज्ञ2न कल्पाता�मपा�न! याज्ञ2न कल्पाता�4व्या�न! याज्ञ2न कल्पाता�4 चाक्षा�याEज्ञ2न कल्पाता�श्री!त्र4 याज्ञ2न कल्पाता�4 मन! याज्ञ2न कल्पाता�4व�~याज्ञ2न कल्पाता�म�त्म� याज्ञ2न कल्पाता�4याज्ञ! याज्ञ2न कल्पाता�म� ॥ १०॥

एक� चा म2 वितास्रश्च म2 पाञ्चा चा म2 सप्ता चा म2नव चा म एकदीश चा म2 त्रया!दीश चा म2 पाञ्चादीश चा म2सप्तादीश चा म2 नवदीश चा म एक विवशविताश्च म2त्रया!विवशविताश्च म2 पाञ्चाविवशविताश्च म2सप्ताविवशविताश्च म2 नवविवशविताश्च मएकवित्रशच्चै म2 त्रयाध्निस्त्रशच्चै म2

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चातास्रश्च म2ऽष्टो& चा म2 द्वी�दीश चा म2 =!डश चा म2विवशविताश्च म2 चाता�र्तिवKशविताश्च म2ऽष्टो�विवशविताश्च म2द्वी�वित्रशच्चै म2 =#�वित्रशच्चै म2 चात्वरिरशच्चै म2चाता�श्चत्व�रिरशच्चै म2ऽष्टो�चात्व�रिरशच्चै म2व�जश्च प्रसवश्च�विपाजश्च क्रता�श्च स�वश्च म(ध�E चाव्याभिश्नःयाश्च�न्त्या�यानश्च�न्त्याश्च भः&वनश्चभः�वनश्च�मिधपाविताश्च ॥ ११॥

इड� दी2वहूमEन�याEज्ञन�बा,Eहा�वितारुक्था�मदी�विनशलिस=विद्वीश्वा2दी2व�� स(क्तव�चा� पा,लिथाव�म�ताम�Eम� विहास�मEध� मविनर्ष्यया2 मध� जविनर्ष्यया2 मध� वक्ष्या�मिममध� वटिदीर्ष्यया�मिम मध�मता´ दी2व2भ्या! व�चाम�द्या�सश�श्री(=2ण्या�4 मन�र्ष्यया2भ्यास्ता4 म� दी2व� अवन्ता�श!भः�या- विपातार!ऽन�मदीन्ता� ॥

॥ ॐ श�न्विन्ता� श�न्विन्ता� श�न्विन्ता� ॥

॥ इविता श्री� क, र्ष्यर्णेयाज�व*दी7या ता-भित्तीर�या स4विहाता�या�4 चाता�थाEक�ण्ड2 सप्ताम� प्रपा�ठेक� ॥

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