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narendra-trivedi
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रावण कृत शिव ताण्डव स्तोत्रम्
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रा�वण कृ� त शिव त�ण्डव स्त त्रम्�
जटा�टावी�-गलज्जल-प्रव�ह-पा�विवीत-स्थल गल ऽवी-लम्ब्य-लम्बिम्�त��-भु�जङ्ग-त�ङ्ग-मा�लिलका�मा�
डमाड्डमाड्डमाड्डमा-लि�ना�दवी-ड्डमावी!य�चका�र-चण्ड�त�ण्डवी�-तना%त�-ना& शि)वी& शि)वीमा� .. १..
जिजना शि)वी ज� का, सघना जटा�रूपा वीना स प्रवी�वि1त 1% ग�ग� ज� का, धा�र�य� उनाका का� ठ का% प्रक्षा�लिलत का 1%त� 16, जिजनाका गल मा7 �ड एवी� लम्� सपा9 का, मा�ल�ए� लटाका र1: 16, तथा� ज% शि)वी ज� डमा-डमा डमारू �ज� कार प्रचण्ड त�ण्डवी कारत 16, वी शि)वीज� 1मा�र� काल्य�ना कार7
जटा�-काटा�-1स�-भ्रमाभ्रमालि�-लिलम्प-विनार्झ!र�--विवील%लवी�-लिचवील्लर�-विवीर�जमा�ना-मा@धा!विना .
धागद्धगद्धग-ज्ज्वील-ल्लल�टा-पाट्ट-पा�वीका विका)%रचन्द्र) खर रवित& प्रवितक्षाणं� मामा .. २..
जिजना शि)वी ज� का जटा�ओं मा7 अवितवी ग स विवील�स पा�वी!का भ्रमाणं कार र1� द वी� ग�ग� का, ल1र उनाका शि)) पार ल1र� र1: 16, जिजनाका मास्तका पार अम्बिLना का, प्रचण्ड ज्वी�ल�य7 धाधाका-धाधाका कारका प्रज्वीलिलत 1% र1: 16, उना ��ल च�द्रमा� स विवीभु@विMत शि)वीज� मा7 मा र� अ�ना�र�ग प्रवितक्षाणं �ढत� र1 ।
धार�-धार न्द्र-ना�दिदना�विवील�स-�न्धु�-�न्धु�रस्फु� र-दिSगन्त-सन्तवितप्रमा%द-मा�ना-मा�नास .काT पा�-काटा�क्षा-धा%रणं�-विनारुद्ध-दुधा!र�पादिद
क्वीलिच-दिSगम्�र -माना% विवीना%दमा त� वीस्त�विना .. ३..
ज% पावी!तर�जस�त�(पा�वी!त� ज�) का अ विवील�समाय रमाशिणंय काटा�क्षाY मा7 पारमा आनाजिन्दत लिचत्त र1त 16, जिजनाका मास्तका मा7 सम्प@णं! सTवि\ एवी� प्र�णं�गणं वी�स कारत 16, तथा� जिजनाका काT पा�दृवि\ मा�त्र स भुक्तोंY का, समास्त विवीपालित्तय�� दूर 1% ज�त� 16, ऐस दिदगम्�र (आका�) का% वीस्त्र स�मा�ना धा�रणं कारना वी�ल ) शि)वीज� का, आर�धाना� स मा र� लिचत्त सवी!द� आजिन्दत र1 ।
जटा�-भु�जङ्ग-विपाङ्गल-स्फु� रत्फणं�-माशिणंप्रभु�कादम्�-का� ङ्� का� मा-द्रवीप्रलिलप्त-दिदLवी-धा@मा�ख माद�न्धु-लिसन्धु�र-स्फु� रत्त्वी-ग�त्तर�-यमा -दुर
माना% विवीना%दमाद्भुhत�-वि�भुत�!-भु@तभुत!रिर .. ४..
मा6 उना शि)वीज� का, भुलिक्तों मा7 आजिन्दत रहूँl ज% सभु� प्र�शिणंयY का, का आधा�र एवी� रक्षाका 16, जिजनाका ज�टा�ओं मा7 लिलपाटा सपा9 का फणं का, माशिणंयY का प्रका�) पा�ल वीणं! प्रभु�-समा�1रूपाका सर का का�तिंतn स दिद)�ओं का% प्रका�शि)त कारत 16 और ज% गजचमा! स विवीभु�विMत 16।
स1स्रल%चनाप्रभुTत्य-) M-ल ख-) खरप्रस@ना-धा@लिल-धा%रणं�-विवीधा@-सर�ङ्� घ्रिr-पा�ठभु@&
भु�जङ्गर�ज-मा�लय�-विना�द्ध-ज�टाज@टाका:शिsयt-लिचर�य-ज�यत�� चका%र-�न्धु�-) खर& .. ५..
जिजना शि)वी ज� का� चरणं इन्द्र-विवीष्णं� आदिद द वीत�ओं का मास्तका का पा�ष्पाY का धा@ल स र�जिजत 16 (जिजन्1 द वीत�गणं अपाना सर का पा�ष्पा अपा!ना कारत 16), जिजनाका, जटा� पार ल�ल सपा! विवीर�जमा�ना 1t, वी% चन्द्र) खर 1मा7 लिचरका�ल का लिलए सम्पद� द7।
लल�टा-चत्वीर-ज्वीलद्धनाञ्जय-स्फु� लिलङ्गभु�-विनापा�त-पाञ्च-स�यका� -नामालि�-लिलम्प-ना�यकामा�
स�धा�-माय@ख-ल खय�-विवीर�जमा�ना-) खर�मा1�कापा�लिल-सम्पद -शि)र%-जटा�ल-मास्त�ना&.. ६..
जिजना शि)वी ज� ना इन्द्र�दिद द वीत�ओं का� गवी! द1ना कारत हुए, का�माद वी का% अपाना विवी)�ल मास्तका का, अम्बिLना ज्वी�ल� स भुस्मा कार दिदय�, तथा� ज% सशिभु द वीY द्वा�र� पा�ज्य 16, तथा� चन्द्रमा� और ग�ग� द्वा�र� स�)%शिभुत 16, वी मा�र्झ लिसS} प्रद�ना कार7।
कृरा�ल-भा�ल-पट्टि�कृ�-धगद्धगद्धग-ज्ज्वलद्धनञ्ज-या�हुत कृ� त-प्रचण्डपञ्च-सा�याकृ$
धरा�-धरा$न्द्र-नन्दिन्(न -कृ) च�ग्रशिचत्र-पत्रकृ-प्रकृल्प-न,कृशिल्पिल्पनिन-नित्रल चन$-रानितम्/म् … ७..
जिजनाका मास्तका स धाका-धाका कारत� प्रचण्ड ज्वी�ल� ना का�माद वी का% भुस्मा कार दिदय� तथा� ज% शि)वी पा�वी!त� ज� का स्तना का अग्र भु�ग पार लिचत्रका�र� कारना मा7 अवित चत�र 1t ( य1�l पा�वी!त� प्रकाT वित 16, तथा� लिचत्रका�र� सTजना 1t), उना शि)वी ज� मा7 मा र� प्र�वित अटाल 1%।
नावी�ना-मा घ-माण्डल�-विनारुद्ध-दुधा!र-स्फु� रत�का� हूँ-विना)�-लिथाना�-तमा& प्र�न्धु-�द्ध-कान्धुर& विनालिलम्प-विनार्झ!र�-धारस्त-ना%त� काT लित्त-लिसन्धु�र&
काल�-विनाधा�ना-�न्धु�र& शिsय� जगद्धhर�धार& .. ८..
जिजनाका� काण्ठ नावी�ना मा7घY का, घटा�ओं स पारिरपा@णं! आमावीस्य� का, र�वित्र का स�मा�ना का�ल� 1t, ज% विका गज-चमा!, ग�ग� एवी� ��ल-चन्द्र द्वा�र� )%भु�यमा�ना 16 तथा� ज% विका जगत का� �%र्झ धा�रणं कारना वी�ल 16, वी शि)वी ज� 1मा सशिभु प्रका�र का, सम्पनात� प्रद�ना कार7।
प्रफ� ल्ल-ना�लपाङ्� काज-प्रपाञ्च-का�लिलमाप्रभु�--वीलम्बिम्�-काण्ठ-कान्दल�-रुलिचप्र�द्ध-कान्धुरमा� .
स्मारच्छि�द� पा�रच्छि�द� भुवीच्छि�द� माखच्छि�द�गजच्छि�द��धाकालि�द� तमा�तका-च्छि�द� भुज .. ९..
जिजनाका� काण्ठ और कान्धु� पा@णं! खिखल हुए ना�लकामाल का, फt ल� हुई स�न्दर श्य�मा प्रभु� स विवीभु�विMत 1t, ज% का�माद वी और वित्रपा�र�स�र का विवीना�)का, स�स�र का दु:ख%6 का का�टाना वी�ल , दक्षायज्ञ विवीना�)का, गज�स�र एवी� अन्धुका�स�र का स�1�रका 16 तथा� ज% माTत्य@ का% वी) मा7 कारना वी�ल 16, मा6 उना शि)वी ज� का% भुजत� हूँl
अखवी!सवी!-माङ्ग-ल�काल�-काद��माञ्जर�रस-प्रवी�1-मा�धा�र� विवीजT�भुणं�-माधा�व्रतमा� .स्मार�न्तका� पा�र�न्तका� भुवी�न्तका� माख�न्तका�
गज�न्त-का�न्धु-का�न्तका� तमान्तका�न्तका� भुज .. १०..
ज% काल्य�नामाय, अविवीना�शि), समास्त काल�ओं का रस का� अस्वी�दना कारना वी�ल 16, ज% का�माद वी का% भुस्मा कारना वी�ल 16, वित्रपा�र�स�र, गज�स�र, अन्धुका�स�र का स1��रका, दक्षायज्ञविवीध्वीस�का तथा� स्वीय� यमार�ज का लिलए भु� यमास्वीरूपा 16, मा6 उना शि)वी ज� का% भुजत� हूँl।
जयत्वी-दभ्र-विवीभ्र-मा-भ्रमाद्भुhजङ्ग-माश्वस-विद्वाविनाग!मात्क्रमा-स्फु� रत्कार�ल-भु�ल-1व्यवी�टा�लिधाघ्रिमाशिद्धघ्रिमाशिद्धघ्रिमाध्वीनान्माTदङ्ग-त�ङ्ग-माङ्गल
ध्वीविना-क्रमा-प्रवीर्तितnत प्रचण्डत�ण्डवी& शि)वी& .. ११..
अतय�त वी ग स भ्रमाणं कार र1 सपा9 का फ@ फका�र स क्रमा): लल�टा मा7 �ढ� हूँई प्रच�णं अम्बिLना का माध्य माTद�ग का, मा�गलका�र� उच्च लिधामा-लिधामा का, ध्वीविना का स�था त�ण्डवी नाTत्य मा7 ल�ना शि)वी ज� सवी! प्रका�र स�)%शिभुत 1% र1 16।
दृM-विद्वालिचत्र-तल्पाय%भु�!जङ्ग-मा�लिक्तों-कास्रज%र�-गरिरष्ठरत्नाल%ष्ठय%& स�हृविद्वा-पाक्षापाक्षाय%& .
तTष्णं�र-विवीन्द-चक्षा�M%& प्रज�-मा1�-मा1 न्द्रय%&समाप्रवीTवितका& काद� सद�शि)वी� भुज .. १२..
काठ%र पात्थर एवी� का%माल )य्य�, सपा! एवी� मा%वितयY का, मा�ल�ओं, �हुमा@ल्य रत्ना एवी� घ्रिमाट्ट} का टा@काडY, )त्र@ एवी� घ्रिमात्रY, र�ज�ओं तथा� प्रज�ओं, वितनाकाY तथा� कामालY पार स�मा�ना दृवि\ रखना वी�ल शि)वी का% मा6 भुजत� हूँl।
काद� विनालिलम्प-विनार्झ!र�विनाका� ञ्ज-का%टार वीसना�विवीमा�क्तों-दुमा!वित& सद� शि)र&स्थ-माञ्जलिंलn वी1ना� .
विवीमा�क्तों-ल%ल-ल%चना% लल�मा-भु�ललLनाका&शि)वी वित मा�त्र-मा�च्चरना� काद� स�ख� भुवी�म्य1मा� .. १३..
का� मा6 ग�ग� ज� का का��रग�ञ मा7 विनावी�स कारत� हुआ, विनाष्कापाटा 1%, लिसर पार अ�जल� धा�रणं कार च�चल ना त्रY तथा� लल�टा वी�ल शि)वी ज� का� मा�त्र%च्च�र कारत हुए अक्षाय स�ख का% प्र�प्त कारू� ग�।
विनालिलम्प ना�थाना�गर� कादम्� मा�लमाच्छिल्लका�-विनाग�म्फविनाभु!क्षारन्मा धा@च्छिष्णंका�माना%1र& ।तना%त� ना% माना%मा�द� विवीना%दिदना:मा1विना)�
पारिरsय पार� पाद� तद�गजखित्वीM�� चय& ॥१४ ॥
प्रचण्ड वी�डवी�नाल प्रभु�)�भुप्रच�रणं�मा1�\लिसशिद्धका�घ्रिमाना� जना�वीहूँत जल्पाना� ।विवीमा�क्तों वी�मा ल%चना% विवीवी�1का�लिलकाध्वीविना&
शि)वी वित मान्त्रभु@Mग% जगज्जय�य ज�यत�मा� ॥१५॥
इदमा� वि1 विनात्य-मा वी-मा�क्तोंमा�त्तमा%त्तमा� स्तवी�पाठन्स्मारन्ब्रु�वी�र% विवी)�शिद्ध-मा वित-स�ततमा� .1र ग�र� स�भुलिक्तोंमा� )�य�वितना� न्यथा� गतिंतn
विवीमा%1ना� वि1 द वि1ना�� स�)ङ्� कारस्य लिंचnतनामा� .. १६..
इस उत्त्मा%त्त्मा शि)वी त�ण्डवी स्त्र%त का% विनात्य पाढना य� sवीणं कारना मा�त्र स प्र�शिणं पाविवीत्र 1%, पार�ग�रू शि)वी मा7 स्थ�विपात 1% ज�त� 1t तथा� सभु� प्रका�र का भ्रमाY स मा�क्तों 1% ज�त� 1t।
पा@ज�वीस�नासमाय द)वीक्त्रग�त�य& )�भु�पा@जनापार� पाठवित प्रद%M .
तस्य च्छिस्थर�� रथा गज न्द्र त�रङ्ग य�क्तों��लक्ष्मा: सदtवीस�मा�खिंखn प्रदद�वित )�भु�& .. १७..
प्र�त: शि)वीपा�जना का अ�त मा7 इस र�वीणंकाT त शि)वीत�ण्डवीस्त%त्र का ग�ना स लक्ष्मा� च्छिस्थर र1त� 16 तथा� भुक्तों रथा, गज, घ%ड� आदिद सम्पद� स सवी!द� य�क्तों र1त� 1t।