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10 नवंबर 2019 : समाचार वलेषण सामाय अययन 2 से संबंधत राजयवथा और शासन अयोया ववाद पर नणय संदभ : ीम कोट ने अयोया ववाद मामले ऐतहासक नणय दयायायाधीश रंजन गोगोई अग वाई ीम कोट पांच-यायाधीश संवैधानक पीठ ने सवसमत से राम जमभ के फै सला नाया तथा कहा ववादत जगह पर राम मंदर बनेगा और सलमान को मिजद के लए 5 एकड़ जमीन जाएगीववाद जड़ या है ? इस मामले को लेकर ववाद जड़ यह है हंद ओं का मानना है बाबर मिजद, िजसका नाम गल साट बाबर के नाम पर रखा गया था, अयोया एक राम मंदर को नट कर बनाई गई थी िजसे भगवन राम का जमथान माना जाता है हंद पर यह कहते अधकार चाहता था भगवान राम इस थान पर पैदा थे िजस पर बाद मिजद का क य बद बनाया गया थाहालांक, िलम पकार ने कहा मिजद का नमाण 1528 बाबर सेना के एक सेनापत मीर बाक़ वारा कया गया था जो बना कसी जा थल को वत कए और का अधकार कसी अय को हतांतरत नहं कया गया था इसलए इस पर उनका अधकार है अयोया ववाद का कालम: 1528: माना जाता है पहले गल साट बाबर ने बाबर मिजद का नमाण कराया था1528 गल साट बाबर के सेनापत मीर बाक वारा नमत तीन बद वाला मिजद जौनप शैल नमत था1885: महंत रघबीर दास ने फै जाबाद अदालत से बाबर मिजद के आसपास एक मंदर बनाने अन मत मांगी थी िजसे खारज कर दया गया था 1949 : भगवान राम तयाँ रहयमय तरके से मिजद के अंदर पाई गयी थीिलम ने दावा कया यह हंद ओं के वारा कया गया है यक वे यहाँ जा करना चाहते थे हंसा भड़क गई और शासन ने इस परसर को अंदर के साथ बंद कर दया

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  • 10 नवबंर 2019 : समाचार �व�लेषण सामा�य अ�ययन ��न प� 2 से संबं�धत राज�यव�था और शासन अयो�या �ववाद पर �नण�य संदभ� : • स�ुीम कोट� ने अयो�या भ�ूम �ववाद मामले म� ऐ�तहा�सक �नण�य �दया। • म�ुय �यायाधीश रंजन गोगोई क� अगुवाई म� स�ुीम कोट� क� पांच-�यायाधीश� क� संवधैा�नक पीठ ने सव�स�म�त से राम ज�मभ�ूम के प� म� फैसला सनुाया तथा कहा �क �ववा�दत जगह पर राम मं�दर बनेगा और मसुलमान� को मि�जद के �लए 5 एकड़ जमीन द� जाएगी। �ववाद क� जड़ �या है? • इस मामले को लेकर �ववाद क� जड़ यह है �क �हदंओु ंका मानना है �क बाबर� मि�जद, िजसका नाम मगुल स�ाट बाबर के नाम पर रखा गया था, अयो�या म� एक राम मं�दर को न�ट कर बनाई गई थी िजसे भगवन राम का ज�म�थान माना जाता है। • �हदं ूप� भ�ूम पर यह कहत ेहुए अ�धकार चाहता था �क भगवान राम इस �थान पर पदैा हुए थे िजस पर बाद म� मि�जद का क� ��य गुंबद बनाया गया था। • हालां�क, मिु�लम प�कार� ने कहा �क मि�जद का �नमा�ण 1528 म� बाबर क� सेना के एक सेनाप�त मीर बाक़� �वारा �कया गया था जो �बना �कसी पजूा �थल को �व�त �कए और भ�ूम का अ�धकार �कसी अ�य प� को ह�तांत�रत नह�ं �कया गया था इस�लए इस भ�ूम पर उनका अ�धकार है। अयो�या �ववाद का काल�म: 1528: माना जाता है �क पहले मगुल स�ाट बाबर ने बाबर� मि�जद का �नमा�ण कराया था।

    ● 1528 म� मगुल स�ाट बाबर के सेनाप�त मीर बाक� �वारा �न�म�त तीन गुंबद वाला मि�जद जौनपरु� शलै� म� �न�म�त था।

    1885: महंत रघबीर दास ने फैजाबाद क� अदालत से बाबर� मि�जद के आसपास एक मं�दर बनाने क� अनमु�त मांगी थी िजसे खा�रज कर �दया गया था । 1949: भगवान राम क� म�ूत�याँ रह�यमय तर�के से मि�जद के अदंर पाई गयी थी।

    ● मिु�लम प� ने दावा �कया �क यह �हदंओु ंके �वारा �कया गया है �य��क वे यहाँ म�ूत� क� पजूा करना चाहत ेथे।

    ● �हसंा भड़क गई और �शासन ने इस प�रसर को अदंर म�ूत� के साथ बंद कर �दया।

  • 1950: गोपाल �वशारद और रामचं� दास पजूा करने क� अनमु�त के �लए फैजाबाद क� अदालत म� गए।

    ● हालां�क इस मामले म� पहला द�वानी मकुदमा 1950 के दशक म� दायर �कया गया था ले�कन काननूी लड़ाई ���टश काल म� ह� श�ु हो गई थी ।

    ● �हदंओु ंऔर मसुलमान� के बीच सां�दा�यक झड़प� को रोकने के �लए औप�नवे�शक �शासन ने यहाँ एक बाड़ का भी �नमा�ण �कया ता�क दोन� समदुाय इस �े� म� पजूा और इबादत कर सके।

    1959: �नम�ह� अखाड़ा ने �ववा�दत जमीन पर क�जा देने हेत ुया�चका दायर क�। 1961:य.ूपी.के क� ��य स�ुनी व�फ बोड�, ने मि�जद के अदंर वाल� �ववा�दत भ�ूम पर अ�धकार हा�सल करने और म�ूत�य� को हटाने के �लए अदालत का �ख �कया। 1986: फैजाबाद क� अदालत ने �हदंओु ंको वहां पजूा करने क� अनमु�त द�।

    ● 1 फरवर� 1986 तक प�रसर के अदंर �कसी भी प� को जाने क� अनमु�त नह�ं थी। फैजाबाद िजला �शासन ने �हदंओु ंको केवल दश�न करने क� अनमु�त द� पर�त ुउ�ह� �कसी अ�य �कार के धा�म�क ��या कलाप क� अनमु�त नह�ं द� गयी।

    1989: �ववा�दत भ�ूम पर मा�लकाना हक़ के �लए मामला इलाहाबाद उ�च �यायालय म� आया। 1989: राजीव गांधी सरकार ने �व�व �हदं ूप�रषद (VHP) को �ववा�दत �थल के पास पजूा करने क� अनमु�त द�। 1992: कारसेवक� ने बाबर� मि�जद को �व�त कर �दया। जांच के �लए जि�टस �ल�हान आयोग का गठन �कया गया। 1993: पी.वी. नर�स�हा राव सरकार ने �ववा�दत �थल से सटे 67 एकड़ भ�ूम का अ�ध�हण �कया। स�ुीम कोट� ने डॉ. इ�माइल फा�क� �नण�य म� इस अ�ध�हण को बरक़रार रखा। 2002: इलाहाबाद हाईकोट� ने मा�लकाना हक़ क� सनुवाई श�ु क�।

    ● इलाहाबाद उ�च �यायालय ने भारतीय परुात�व सव��ण (एएसआई) को �ववा�दत �थल पर खदुाई करने का �नद�श �दया।

    ● अग�त 2003 म� एएसआई ने �रपोट� पेश करत ेहुए कहा �क �ववा�दत �थल पर बाबर� मि�जद से पहले के एक बड़ी संरचना के अवशषे मौजदू ह�।

    2010: �हदं,ुमिु�लम और �नम�ह� अखाड़ा के बीच �ववा�दत भ�ूम के �वभाजन का उ�च �यायालय ने बहुमत से फैसला सनुाया। 2011: संबं�धत प�� �वारा दायर �ॉस-अपील� पर सव��च �यायालय ने उ�च �यायालय के फैसले पर रोक लगा द�।

  • 2019: भारत के म�ुय �यायाधीश रंजन गोगोई क� अगुवाई म� पांच �यायाधीश� क� एक सं�वधान पीठ ने अपील पर सनुवाई जार� रखी, ले�कन �यायालय ने पहले म�य�थता का सझुाव �दया। 2019: स�ुीम कोट� के पवू� �यायाधीश, �यायम�ूत� एफ.एम.आई. कल�फु�ला के नेत�ृव म� ग�ठत म�य�थता स�म�त सव�स�म�त कायम करने म� �वफल रह� और अदालत ने सनुवाई श�ु क�।

    इलाहाबाद उ�च �यायालय का �नण�य: • राम ज�मभ�ूम-बाबर� मि�जद क� �ववा�दत भ�ूम पर मा�लकाना हक़ मामले पर इलाहाबाद उ�च �यायालय के तीन �यायाधीश� वाल� पीठ ने �नण�य �दया। • 2:1 के बहुमत से �दए गए �नण�य म� 2.77 एकड़ भ�ूम को तीन भाग� म� �वभािजत करने का �नण�य �दया गया।एक �तहाई स�ुनी व�फ बोड� को, एक �तहाई �नम�ह� अखाड़ ेको तथा एक �तहाई “राम लला �वराजमान” को देने का आदेश �दया। • �नण�य के अनसुार तीन गुंबददार संरचना वाल� मि�जद का क� ��य गुंबद जहाँ म�ूत� को रखा गया था ," �हदंओु ंक� आ�था और �व�वास के अनसुार भगवान राम का ज�म �थान" है इस�लए �हदंओु ंको आवं�टत �कया गया। • �नम�ह� अखाड़ा (एक धा�म�क सं�दाय) जो राम मं�दर के �नमा�ण क� मांग कर रहा था और प�रसर के पणू� �बंधन का अ�धकार चाहता था को बाहर� �ांगण म� ि�थत राम चबतूरा, भंडार और सीता रसोई को आवं�टत �कया गया। • मिु�लम प� ने बाबर� मि�जद के पनुः�नमा�ण के �लए �नद�श क� मांग क� थी �य��क यह 1992 म� �व�त होने से पहले वहां मौजदू थी। उ�ह� आतं�रक और बाहर� दोन� �ांगण म� शषे 1/3 �ह�से को आवं�टत �कया गया।

  • • जसैा �क देखा जा सकता है �क 2.77 एकड़ �ववा�दत भ�ूम म� राम चबतूरा और सीता रसोई दोन� बाबर� मि�जद संरचना के आतं�रक �को�ठ के बाहर ह�।

    ● सीता क� रसोई एक मं�दर है िजसे देवी सीता क� शाह� रसोई कहा जाता है। ● राम लला क� म�ूत� उस �थान पर रखी गई जहाँ बाबर� मि�जद का गुंबद खड़ा था। ● मसुलमान मि�जद के अदंर इबादत करत ेथे जब�क �हदं ूमि�जद के अहात ेके भीतर बने एक चबतूरे पर राम

    क� पजूा करत ेथे। अयो�या मामले म� स�ुीम कोट� का ऐ�तहा�सक फैसला • स�ुीम कोट� ने कहा �क रामलला �वराजमान, �नम�ह� अखाड़ा और स�ुनी स��ल व�फ बोड� के बीच �ववा�दत प�रसर का �वभाजन वाला इलाहाबाद हाईकोट� का �नण�य "ता�क� क" नह�ं है। यह "शां�त और ि�थरता क� भावना को बढ़ावा नह�ं देगा"। • अदालत ने कहा �क �हदंओु ंका �व�वास है �क भगवान राम का ज�म उस �ववा�दत �थल पर हुआ था जहां बाबर� मि�जद था और यह �ववा�दत नह�ं हो सकता है। • �हदंओु ंक� आ�था क� पिु�ट करने के �लए मौ�खक और द�तावेजी सबतू दोन� थे जो �मा�णत करत ेह� �क जहा ँबाबर� मि�जद का �नमा�ण �कया गया था वह भगवान राम का ज�म�थान था।

  • • अदालत ने कहा �क �को�ठ म� जहां राम चबतूरा और सीता रसोई ि�थत ह� वहाँ 1857 म� अ�ेंज� �वारा अवध का �वलय करने से पहले पजूा का �माण था। • स�ुीम कोट� ने यह भी कहा �क बाबर� मि�जद का 1992 म� �व�वंस करना काननू का उ�लंघन था। • ले�कन अपने फैसले को पढ़त ेहुए स�ुीम कोट� ने कहा �क यपूी स�ुनी स��ल व�फ बोड� अयो�या �ववाद मामले म� अपना अ�धकार �था�पत करने म� �वफल रहा है और �हदं ूने अपना अ�धकार �था�पत करने म� सफल रहे �क �ववा�दत �थल के बाहर� �को�ठ पर उनका अ�धकार था। • अयो�या मामले म� फैसला सनुाने वाल� पांच-�यायाधीश� क� सं�वधान पीठ ने कहा �क मिु�लम� ने कभी भी �ववा�दत भ�ूम पर अ�धकार नह�ं खोया। वे �वपर�त क�जे के अ�धकार का दावा नह�ं कर सकत।े • मिु�लम प� ने दावा �कया था �क मि�जद बाबर �वारा 400 साल पहले बनाई गई थी अगर यह मान भी �लया जाए �क यह उस भ�ूम पर बनाया गया था जहां पहले एक मं�दर था, मिु�लम, अपने लंबे अन�य और �नरंतर क�जे के आधार पर उस समय से जब मि�जद का �नमा�ण �कया गया था और उस समय तक जब तक मि�जद को अप�व� नह�ं �कया गया था, तब तक उ�ह�ने �वपर�त अ�धकार हा�सल कर �लया था।

    ● इस तक� को स�ुीम कोट� ने खा�रज कर �दया है।

    ● वा�तव म�, इलाहाबाद उ�च �यायालय के दो �यायाधीश� �वारा यह� �ि�टकोण अपनाया गया था। ● �यायम�ूत� डी वी शमा� ने कहा था �क मिु�लम उ�त संप�� पर �वपर�त क�जे का दावा नह�ं कर सकत ेह�

    �य��क यह एक खलु� जगह थी और हर कोई यहाँ क� या�ा कर रहा था िजसम� मिु�लम भी थे। • इस�लए स�ुीम कोट� ने “राम लला” को मं�दर बनाने के �लए अयो�या म� परेू 2.77 एकड़ �ववा�दत भ�ूम देने क� मंजरू� दे द�। 1992 म� मि�जद के �वंस के मआुवजे के �प म�, मिु�लम प�कार� को कह�ं और पांच एकड़ का भखूंड �दया जायेगा। • सव��च �यायालय ने �ववा�दत �थल पर बाबर� मि�जद के �व�वंस का उ�लेख �कया और कहा �क यह अन�ुछेद 142 को लागू करना था "यह स�ुनि�चत करने के �लए �क एक गलत ��तब�धता का ��तकार �कया जाना चा�हए"।

    ● "पणू� �याय" स�ुनि�चत करने के �लए सव��च �यायालय म� �यापक शि�तयां �न�हत करने वाले �ावधान का इ�तमेाल आम तौर पर ऐसे मामल� म� �कया गया है िजनम� मानव अ�धकार और पया�वरण संर�ण शा�मल है।

    ● यह पहल� बार था जब अदालत ने एक अचल संप�� पर �ववाद िजसम� �नजी प� शा�मल थे ,इस शि�त को संद�भ�त �कया।

    ● इसने कहा �क अन�ुछेद 142 के तहत अदालत क� शि�त "असीम नह�ं है", यह "�याय, समानता और अ�छ� �ववेक क� धारणा के साथ-साथ पणू� �याय को �भा�वत करने के �लए अदालत क� परूक शि�त" दोन� का �तीक है।

    ● वा�तव म�, यह केवल मिु�लम प�� के �लए नह�ं था। �नम�ह� अखाड़ा के मामले म� भी यह� अन�ुछेद लाग ू�कया गया था, जो मामले का एक प�कार था।

  • • अदालत ने अखाड़ ेक� या�चका को समय के अनसुार और संप�� पर �बंधक�य अ�धकार का दावा करने वाले उसके दावे को खा�रज कर �दया। • हालां�क, अदालत ने सरकार को �नम�ह� अखाड़ ेको �ववा�दत �थल पर सं�दाय क� ऐ�तहा�सक उपि�थ�त पर �वचार करने ता�क वह संप�� के "�बंधन म� उ�चत भ�ूमका" �दान कर सके। क� � और रा�य सरकार को �नद�श: • स�ुीम कोट� ने क� � और उ�र �देश सरकार को मि�जद बनाने के �लए एक �मखु �थान पर मसुलमान� को वकैि�पक 5 एकड़ भ�ूम आवं�टत करने का �नद�श �दया। • स�ुीम कोट� ने क� � सरकार को �नद�श �दया �क वह �ववा�दत �थल पर राम मं�दर के �नमा�ण के �लए 3 मह�ने म� एक ��ट का गठन करे जहाँ 1992 म� बाबर� मि�जद को �व�त �कया गया था। • अदालत ने क� � से कहा है �क वह ��ट �था�पत करने म� �नम�ह� अखाड़ ेको ��त�न�ध�व देने पर �वचार करे।

    ● �नम�ह� अखाड़ा अयो�या �ववाद म� तीसरा प� था।

    ● स�ुीम कोट� ने �नम�ह� अखाड़ ेक� या�चका को खा�रज कर �दया जो संपणू� �ववा�दत भ�ूम पर दावा कर रहे थे।

    �न�कष�: • भारत के म�ुय �यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा �क "काननू को राजनी�तक �वचार�, धम� और मा�यताओ ंसे परे होना चा�हए" • काननू के शासन पर �व�वास क� जीत के �लए �नण�य को याद �कया जाएगा �य��क स�ुीम कोट� ने संप�� �ववाद का फैसला करने म� भी धा�म�क �व�वास� पर �वचार �कया और यह मानने के बावजदू �क �व�वास मा�लकाना अ�धकार नह�ं �दान कर सकता है �फर भी पजूा करने वाल� को संप�� देने के �लए �व�वास के आधार को आगे बढ़ाया गया। सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से स�बं�धत पया�वरण भारत का िजयोके�मकल बेसलाइन एटलस संदभ� : • सीएसआईआर-नेशनल िजयो�फिजकल �रसच� इं�ट��यटू (एनजीआरआई) �वारा �वक�सत िजयोके�मकल बेसलाइन एटलस ऑफ इं�डया को पया�वरणीय ��त के आकलन और नी�त �नमा�ताओ ंक� मदद करने के �लए जार� �कया गया। �ववरण :

  • • भारत भर म� �म�ट� के ऊपर और नीचे मौजदू धातओु,ं आ�साइड और त�व� के 45 मान�च�� वाले एटलस एक संदभ� के �प म� काम कर�गे िजससे भ�व�य क� पी�ढ़यां प�ृवी क� सतह पर रासाय�नक संरचना प�रवत�न� का आकलन करने म� स�म ह�गी। • ये मान�च� उ�योग� या अ�य �दषूणकार� �ोत� �वारा संदषूण का आकलन करने म� मदद करत ेह�। इसका �वकास �कस �कार हुआ? • मान�च�� को �वक�सत करने के �लए, �लोब को 160 �कमी तक 160 �कमी क� 5,000 सेल म� �वभािजत �कया गया था। भारत म� 122 सेल ह�। • 2007 म� सेल नंबर 1 से काम श�ु �कया गया था जो क�याकुमार� म� है। • अ�ंतम सेल अ�णाचल �देश म� है। �नज�न �थान� से �म�ट� एक� क� गई। • 2011 म� काम समा�त हो गया। • एक नज़र म� एटल�स हम� �कसी धात ुके उ�च और �न�न सां�ता वाले �े�� को जानने म� मदद करेगा।

    संपादक�य :

    सामा�य अ�ययन ��न प� 3 से स�बं�धत

    जलवाय ुप�रवत�न शमन क� �दशा म� भारत के �यास

    संदभ� :

    जलवाय ुप�रवत�न का �भाव और मानव जा�त के सामने इस सबसे बड़ी चनुौती से �नपटने के �लए भारत का �यास। �ववरण : • जलवाय ुप�रवत�न से �नपटने के �लए पे�रस समझौत ेिजसे औपचा�रक �प से पा�ट�य� के स�मेलन (CoP) के �प म� जाना जाता है जलवाय ुप�रवत�न पर संय�ुत रा�� �ेमवक� क�व�शन (UNFCCC) के तहत जलवाय ुप�रवत�न से �नपटने के �लए द�ुनया क� पहल� �यापक �यव�था है।�दसंबर 2015 म� पे�रस म� 195 देश� �वारा इसको अगंीकार �कया गया तथा 2016 म� भारत �वारा इसक� पिु�ट क� गई।

    • पे�रस समझौते का एक �मखु ल�य विै�वक तापमान म� व�ृ�ध को 2 �ड�ी सेि�सयस से ठ�क नीचे रखना और इसे 1.5 �ड�ी सेि�सयस तक सी�मत करने के �यास� को आगे बढ़ाना है।

    • सं�ध और उसक� �ग�त क� समी�ा हर पांच साल म� क� जाएगी। इसके अलावा �वक�सत देश� ने 2020 तक �वकासशील देश� के �लए जलवायु हेतु एक वष� म� $ 100 �ब�लयन का वादा �कया है ता�क भ�व�य म� इसे और बढ़ाया जा सके। उन देश� के �लए कोई जमुा�ना नह�ं है जो अपने ल�य� को �ा�त करने म� �वफल रहते ह�। समझौते म� पारदश� �नयम ह� जो देश� को अपने दा�य�व� के �लए �ो�सा�हत करने म� मदद करत ेह�।

  • • जलवायु समझौते म� भारत के समथ�न और उसक� स��य भागीदार� का मह�व इस त�य म� �न�हत है �क भारत विै�वक उ�सज�न के 4% के �लए िज�मेदार है।

    • पे�रस समझौते के तहत 2015 म� भारत �वारा ��ततु रा���य जलवायु काय� योजना का पहला दौर ल�य �नधा��रत �कया गया है िजसे 2030 तक �ा�त करना होगा।भारत ने 2020 और 2030 के बीच क� अव�ध के �लए तीन �मखु ल�य �नधा��रत �कए ह� - कुल �बजल� उ�पादन �मता म� गैर-जीवा�म �धन क� �ह�सेदार� म� 40% तक क� व�ृ�ध तथा अ�त�र�त वन और व�ृ आवरण के मा�यम से 2.5 -3 �ब�लयन टन अ�त�र�त CO2 उ�सज�न म� कमी।इसके �लए भारत को ह�रत आवरण क� गुणव�ा म� सधुार के साथ-साथ अपने वन आवरण को पांच �म�लयन हे�टेयर तक बढ़ाने क� आव�यकता होगी।

    भारत क� चनुौती:

    जलवायु प�रवत�न और इसके ��तकूल �भाव� को कम करने के �लए भारत के �यास� को चार बड़ी चनुौ�तय� का सामना करना पर रहा है।

    ऊजा� �म�ण:

    • भारत म� होने वाले काब�न उ�सज�न बड़े पमैाने पर कोयला आधा�रत �बजल� प�रयोजनाओं से होते (68%) ह�।भारत ने 2015 के �तर क� तलुना म� वष� 2030 तक अपनी उ�सज�न क� मा�ा म� 33-35% क� कटौती का वादा �कया है।उ�सज�न क� मा�ा म� कमी जो सकल घरेलू उ�पाद (जीडीपी) क� ��त य�ूनट उ�सज�न क� मा�ा है के �लए भारत को गैर-जीवा�म �धन क� ओर बढ़ने क� आव�यकता होगी।देश को अपने �बजल� उ�पादन �ोत� म� �व�वधता लाने और उ�ह� जीडीपी क� ��त य�ूनट उ�सज�न क� मा�ा को कम करने के �लए नवीकरणीय ऊजा� �ोत� क� ओर �ख करना होगा। 2025 तक भारत को गैर-जीवा�म �धन �ोत� से 175 गीगावाट-�बजल� उ�पादन �मता क� आव�यकता होगी।

    कृ�ष �े�:

    • कृ�ष �े� काब�न उ�सज�न के 10% के �लए िज�मेदार ह�। कृ�ष �े� पर �यान देने क� त�काल आव�यकता है।

    • �यनूतम समथ�न म�ूय, सि�सडी, 24 घंटे म�ुत �बजल� क� आप�ूत�, और जल-गहन फसल जलवायु प�रवत�न क� सम�या को बढ़ा रहे ह�।राजनी�तक मजब�ूरयां ह� जो वत�मान यथाि�थ�त म� बदलाव का �वरोध करती ह�। इन पर काबू पाने क� ज�रत है।

    • ��प �सचंाई, एरो�बक खेती, बेहतर और अ�धक पौि�टक अनाज जसैी नवीन तकनीक� पर काम करने क� त�काल आव�यकता है जो पानी के उपयोग को बहुत कम कर द�गे और काब�न उ�सज�न को कम कर�गे।

    • �कसान� को अ�धक पौि�टक �क�म� को उगाने के �लए �ो�साहन �दया जाना चा�हए िजससे खा�या�न� के अ�धक उ�पादन क� आव�यकता कम हो जाएगी।

  • • पराल� जलाने को रोकना होगा और इस बायोमास के �नपटान के बेहतर तर�के खोजने ह�गे।पराल� जलाने से हवा म� पीएम सां�ता म� बढ़ोतर� होती है।

    वनीकरण:

    • �ाकृ�तक साधन� के मा�यम से वायमुंडल�य CO2 के �तर को नीचे लाना �ाथ�मकता होनी चा�हए। व�ृ� क� �थानीय �क�म� का रोपण बढ़ाना चा�हए। भ�ूम क� उपल�धता, व�ैा�नक �नयोजन क� कमी और मोनोक�चर व�ृारोपण का सहारा लेना और इस �दशा म� �यास� क� कमी का इस मोच� पर बहुत अ�धक �भाव पड़ा है।

    �वा��य संबंधी चनुौती:

    • जलवायु प�रवत�न और �लोबल वा�म�ग धीरे-धीरे �वा��य के �लए हा�नकारक हो गए ह�। शोध से पता चला है �क जसेै-जसेै हम अ�धक जीवा�म �धन जलाते ह�, तापमान म� व�ृ�ध, संब�ध ऊ�मा तरंग� और भार� वषा� क�ड़� (और क�टाणओु ं/ �वषाणओु ंको हो�ट करत ेह�) को पनपने के �लए सह� ि�थ�त बनात ेह�।

    • जलवायु प�रवत�न और �लोबल वा�म�ग धीरे-धीरे �वा��य के �लए हा�नकारक हो गए ह�। शोध से पता चला है �क जसेै-जसेै हम अ�धक जीवा�म �धन जलाते ह�, तापमान म� व�ृ�ध, संब�ध ऊ�मा तरंग� और भार� वषा� क�ड़� (और क�टाणओुं / �वषाणओुं को हो�ट करते ह�) को पनपने के �लए सह� ि�थ�त बन• गम� जलवायु के कारण,हैजा,डाय�रया के साथ-साथ मले�रया, ड�गू, और �चकनगु�नया जसैी जल-ज�नत बीमा�रय� क� सं�या म� व�ृ�ध हुई है और पहाड़ी, भौगो�लक और ठंडी के साथ-साथ गम� रे�ग�तान� और सम�ु� तट� पर फैल गई है। यह उ�च जनसं�या घन�व को देखत ेहुए भारत के �लए और अ�धक चनुौतीपणू� हो जाता है।

    • जलवायु प�रवत�न और �लोबल वा�म�ग धीरे-धीरे �वा��य के �लए हा�नकारक हो गए ह�। शोध से पता चला है �क जसेै-जसेै हम अ�धक जीवा�म �धन जलाते ह�, तापमान म� व�ृ�ध, संब�ध ऊ�मा तरंग� और भार� वषा� क�ड़� (और क�टाणओुं / �वषाणओुं को हो�ट करते ह�) को पनपने के �लए सह� ि�थ�त बन• गम� जलवायु के कारण, हैजा, डाय�रया के साथ-साथ मले�रया, ड�गू, और �चकनगु�नया जसैी जल-ज�नत बीमा�रय� क� सं�या म� व�ृ�ध हुई है और पहाड़ी, भौगो�लक और ठंडी के साथ-साथ गम� रे�ग�तान� और सम�ु� तट� पर फैल गई है। यह उ�च जनसं�या घन�व को देखते हुए भारत के �लए और अ�धक चनुौतीपणू� हो जाता है।• अनसुंधान यह भी बताता है �क सम�ु क� सतह के तापमान म� व�ृ�ध कैसे उ�णक�टबंधीय च�वात� और तफूान के बढ़ने क� वजह से होती है, िजससे �द�ूषत पानी, �वषम प�रि�थ�तयां, जनसं�या �व�थापन, �वषा�त ए�सपोज़र, बंगाल क� खाड़ी और अरब सागर के तट पर भखू और कुपोषण बढ़ जाता है। कुछ जानवर� से मन�ुय� म� और �नि�चत �प से मानव-से-मानव म� �े�षत होते ह�। नवीनतम उदाहरण �न�पा वायरस है, जो मन�ुय� को चमगादड़ �वारा �े�षत �कया जाता है।

    • जलवायु प�रवत�न और �लोबल वा�म�ग धीरे-धीरे �वा��य के �लए हा�नकारक हो गए ह�। शोध से पता चला है �क जसेै-जसेै हम अ�धक जीवा�म �धन जलाते ह�, तापमान म� व�ृ�ध, संब�ध ऊ�मा तरंग� और भार� वषा� क�ड़� (और क�टाणओुं / �वषाणओुं को हो�ट करते ह�) को पनपने के �लए सह� ि�थ�त बन• गम� जलवायु के कारण, हैजा, डाय�रया के साथ-साथ मले�रया, ड�गू, और �चकनगु�नया जसैी जल-ज�नत बीमा�रय� क� सं�या म� व�ृ�ध हुई है और पहाड़ी, भौगो�लक और ठंडी के साथ-साथ गम� रे�ग�तान� और सम�ु� तट� पर फैल गई है। यह उ�च जनसं�या घन�व को देखते हुए भारत के �लए और अ�धक चनुौतीपणू� हो जाता है।• अनसुंधान यह भी बताता है �क सम�ु क� सतह के तापमान म� व�ृ�ध कैसे उ�णक�टबंधीय च�वात� और तफूान के बढ़ने क� वजह से होती है, िजससे �द�ूषत पानी,

  • �वषम प�रि�थ�तयां, जनसं�या �व�थापन, �वषा�त ए�सपोज़र, बंगाल क� खाड़ी और अरब सागर के तट पर भखू और कुपोषण बढ़ जाता है। कुछ जानवर� से मन�ुय� म� और �नि�चत �प से मानव-से-मानव म� �े�षत होते ह�। नवीनतम उदाहरण �न�पा वायरस है, जो मन�ुय� को चमगादड़ �वारा �े�षत �कया जाता है।

    भारत क� �ग�त:

    • ��ववा�ष�क अ�यतन �रपोट�, एक �रपोट� का �ह�सा है जो भारत जलवायु प�रवत�न पर संय�ुत रा�� �ेमवक� क�व�शन के �लए ��ततु करता है। भारत 2030 क� समय सीमा से पहले पे�रस समझौते के तहत अपनी तीन म� से दो ��तब�धताओ ंको �ा�त करने के �लए अ�छ� ि�थ�त म� है।

    भावी कदम :

    • भारत को इस त�य पर �वचार करना होगा �क जलवायु प�रवत�न के कारण कम योगदान देने के बावजदू, भारत जलवाय ुप�रवत�न के कारण सबसे अ�धक �भा�वत देश� म� से एक होगा।

    • पे�रस समझौते के ह�ता�रकता� के �प म�, भारत सहमत था �क जलवायु प�रवत�न से �नपटने के �लए रा���य �प से �नधा��रत योगदान के ��येक ��मक दौर को अपनी �पछल� ��तब�धता पर �ग�त का ��त�न�ध�व करना चा�हए। भारत को इस बात का पालन करना चा�हए �क यह एक वा�म�ग द�ुनया म� अपनी �वकास संबंधी अ�नवाय�ताओं को संत�ुलत करने क� को�शश करता है।

    • वत�मान विै�वक जलवायु नेत�ृव ग�तरोध को देखते हुए, द�ुनया जलवायु कार�वाई म� भारत क� भ�ूमका के बारे म� उ�सकुता से होगी। जलवायु समझौते से अमे�रका क� वापसी और चीन क� सं�द�ध जलवायु साख के बीच, भारत के �लए विै�वक जलवाय ुप�रवत�न शासन म� नेत�ृव श�ूय को भरने के �लए अपार अवसर मौजदू ह�।

    • जलवायु प�रवत�न को कम करने के �लए लोग� को बदलने क� आव�यकता है। �फल�पींस सरकार �वारा उठाए गए कदम� का अनकुरण करना चा�हएहै। वहां ��येक छा� को �कूल म� स�ट��फकेट / कॉलेज क� �ड�ी �ा�त करने से पहले 10 पेड़ लगाना होत ेह� जो पया�वरण के अनकूुल हो। �ारं�भक पर��ा त�य नागाजु�नसागर �ीशलैम टाइगर �रजव� (NSTR) • NSTR देश के सबसे बड़ ेबाघ �रज़व� म� से एक है और यह 3,800 वग� �कलोमीटर म� फैला हुआ है। यह आ�ं �देश म� गुंटूर, �काशम, और कुरनलू िजले तथा तलेंगाना म� नलग�डा और महबबूनगर तक फैला हुआ है। • नागाजु�न �ीशलैम टाइगर �रजव� को �ीशलैम व�यजीव अभयार�य के �प म� भी जाना जाता है। • टाइगर �रजव� से होकर कृ�णा नद� बहती है।

  • • इसे 1983 म� �ोजे�ट टाइगर के तहत मा�यता �मल�। ड��यएूचओ ने स�ती इंस�ुलन तक पहंुच का �व�तार करने क� पहल क� संदभ� : • �व�व �वा��य संगठन (ड��यएूचओ) 14 नवंबर को �व�व मधमेुह �दवस से पहले, स�ती इंस�ुलन तक पहंुच का �व�तार करने के �लए एक पहल श�ु कर रहा है। �या थी ज�रत? • द�ुनया भर म� 420 �म�लयन लोग �यादातर कम-और म�यम-आय वाले देश� म� डाय�बट�ज के रोगी ह� ।ले�कन िजन लोग� को इंस�ुलन क� आव�यकता होती है उनम� से कई क� पहंुच उ�च लागत के कारण इस तक नह�ं होती है। • मधमेुह पर विै�वक �रपोट� से पता चलता है �क इंस�ुलन स�हत आव�यक दवाएं और �ौ�यो�ग�कयां आमतौर पर सबसे गर�ब देश� म� 3 म� से केवल 1 के पास उपल�ध ह�। इसने �सफा�रश क� है �क इंस�ुलन तक पहंुच को जीवन या म�ृय ुका मामला माना जाना चा�हए और सामा�य �प से दवाओ ंतक पहंुच म� सधुार करना �ाथ�मकता होनी चा�हए। • इंटरनेशनल डाय�बट�ज फेडरेशन के डाय�बट�ज एटलस (7 व� सं�करण) के अनसुार, 2017 म� चीन म� सबसे अ�धक मर�ज (11.43 करोड़) थे िजसके बाद भारत (7.29 करोड़) का �थान है। �ारं�भक पर��ा ��न : 1. भी�मल� उ�सव �कस रा�य म� आयोिजत �कया जाने वाला एक सां�कृ�तक उ�सव है? a) आ�ं �देश b) कना�टक c) केरल d) त�मलनाडु

    उ�र : a

    �प�ट�करण: यह दो �दवसीय उ�सव है िजसका उ�दे�य आ�ं �देश रा�य म� 17 वीं शता�द� के डच ब�ती के पय�टन �थल� को लोक��य बनाना है।

    2. आइन-ए-अकबर� के संबंध म� �न�न�ल�खत कथन� पर �वचार कर�:

    1) यह एक �व�ततृ द�तावेज है िजसम� स�ाट अकबर के अधीन मगुल सा�ा�य के �शासन का �ववरण दज� है।

  • 2) इसे अकबर के दरबार� इ�तहासकार अ�दलु हमीद लाहौर� ने �लखा था।

    इन कथन� म� से कौन सा/से गलत है / ह�?

    a) केवल 1

    b) केवल 2

    c) दोन�

    d) कोई नह� ं

    उ�र : b

    �प�ट�करण: आइन-ए-अकबर� अबलु फजल �वारा फारसी भाषा म� �लखी गयी थी मगुल स�ाट शाहजहाँ क� अव�ध के दौरान अ�दलु हमीद लाहौर� एक या�ी और इ�तहासकार थे जो बाद म� शाहजहाँ के दरबार� इ�तहासकार बने उ�ह�ने शाहजहाँ के शासनकाल के बारे म� पादशाहनामा नामक प�ुतक �लखी िजसे बादशाहनामा भी कहा जाता था।

    3. बाबर� मि�जद के संदभ� म�, �न�न�ल�खत म� से कौन सा/से कथन सह� है / ह�?

    1) बाबर� मि�जद को वा�तकुला क� शक� शलै� म� बनाया गया था

    2) इसके गुंबद, बड़,े चपटे और भार� थे।

    �वक�प :

    a) केवल 1

    b) केवल 2

    c) दोन�

    d) कोई नह� ं

    उ�र : c

    �प�ट�करण: बाबर� मि�जद को वा�तकुला क� शक� शलै� (जौनपरु शलै�) म� बनाया गया था । इसके गुंबद, बड़,े चपटे और भार� थे। शक� मि�जद� क� म�ुय �वशषेता मेहराब के साथ �वशाल आयताकार तोरण (�वेश �वार) है।

    4. रामच�रतमानस क� रचना �कसने क� थी:

  • a) कबीर

    b) मीराबाई

    c) चतै�य महा�भ ु

    d) तलुसीदास

    उ�र : d

    �प�ट�करण: तलुसीदास को गो�वामी के �प म� भी जाना जाता है तलुसीदास एक �हदंू व�ैणव संत और क�व थे जो भगवन राम क� भि�त के �लए ��स�ध थे। तलुसीदास ने सं�कृत और अवधी म� कई लोक��य रचनाएँ �लखीं; उ�ह� अव�ध भाषा म� राम के जीवन पर आधा�रत “रामच�रतमानस” के लेखक के �प म� जाना जाता है। वह अकबर के समकाल�न थे।

    UPSC म�ुय पर��ा के �लए अ�यास ��न : 1.जलवाय ुप�रवत�न से �नपटने के �लए भारत के �यास क� चचा� क�िजये। यह भी बताय� क� भारत के सम� कौन-कौन सी चनुौ�तयाँ ह� ? (250 श�द� म� उ�र दे )