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कुñम - videha123.files.wordpress.com€¦ · iv ûुित काशन िदलली् I st edi t i on 2009 of Gaj endr a Thakur ’s Kur uKshet r am-Ant ar m anak Vol

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  • कु म ्अ म र्नक

  • ii

  • iii

    कु म ्अ म र्नक

    गजे ठाकुर

  • iv

    िुत काशन िदल ् ली

    I st edi t i on 2009 of Gaj endr a Thakur ’s Kur uKshet r am-Ant ar manak Vol ( . I t o VI I )- essay-paper -cr i t i ci sm, novel poems st or y, , , pl ay , epi cs and Chi l dr en -gr own-ups l i t er at ur e i n si ngl e bi ndi ng-publ i shed by Shr ut i Publ i cat i on 8 21 , / , Gr ound Fl oor New Raj endr a Nagar New Del hi , , -110008 Tel 25889656 25889658 Fax 011 .: , : -25889657

    No par t of t hi s publ i cat i on may be r epr oduced , st or ed i n a r et r i eval syst em or t r ans mi t t ed i n any f or m or by any means - phot ogr aphi c , el ect r oni c or mechani cal i ncl udi ng phot ocopyi ng , r ecor di ng t api ng or i nf or mat i on st or age, -wi t hout t he pr i or per mi ssi on i n wr i t i ng of t he copyr i ght owner or as expr essl y per mi t t ed by l aw You must . not ci r cul at e t hi s book i n any ot her bi ndi ng or cover and you must i mpose t hi s same condi t i on on any acqui r er .

    Pr i t y Thakur©

    I SBN978: -81-907729-7-6 Har dbound Combi ned( ) ( ) Pr i ce: Rs 100. /- I NR( )-f or i ndi vi dual buyer s US 40 f or l i br ar i es i nst i t ut i ons I ndi a $ / ( & abr oad). िुत काशन

  • v

    रिज डर् ऑिफस: ८/२१, भूतल, ू राजे नगर, नई िद ी-११०००८. दरूभाष-(०११) २५८८९६५६-५८ फै - (०११)२५८८९६५७ Websi t e:ht t p wwwshr ut i:// . -publ i cat i on com. e-mai l shr ut i publ i cat i on shr ut i publ i cat i on com: . @ . Desi gned by Pr i t y Thakur : Pr i nt ed Typeset at Aj ay Ar t s Del hi & : , -110002 Sol e Di st r i but or : Ms Aj ay Ar t s/ , 4393 4A I st Fl oor Ansar i Road/ , , , Dar ya Ganj New Del , hi -110002 Tel ephone 011. : -23288341

  • vi

    समप र्ण

    िपताक स कँे िलबैत देख रही ि त ज्ञतामे तिहये बझु रही जे ाग निह कएल होएत

    र ा ई अिछ जे िजिदयाहवला।

    -िपताक ि य-अि य सभटा ृितकँे समिप र्त

  • vii

  • viii

    आमुख

    गजे ठाकुरक सात ख मे िवभािजत कु म ्अ म र्नक मे एकिह सगं किठनस ँकिठन िवषयपर सुिचि त िव ेषण भेटत आ उप ासक जिटल कथा केर गु ी सेहो भेटत सुलझाएल आ सगंिह मक किवता आ कृितक गीत सेहो। सात ख एिह कार छि - ख -१ ब -िनब -समालोचना ख -२ उप ास-(सह बाढ ़िन) ख -३ प -स ं ह-(सहस् ा ीक चौपड़पर) ख -४ कथा-ग स ं ह (ग गु ) ख -५ नाटक-(सकंष र्ण) ख -६ महाका - (१. ाह आ २. अस ाित मन ) ख -७ बालमडंली िकशोर-जगत सभस ँ मह पणू र् बात ई जे सभ िवषयक पाठकक आ

    पािठकाक लेल एतए िकछु िकछु भेटबे करत । पुछिलयि जे एहन सरंचना िकएक तँ जे िकछु कहलि तािहस ँलागल जे ई िह ी केर तार-स क आ तिमलक कु म ्केर बीच मे कतह ुअपन जगह ब बाक यास कऽ रहल छिथ । फराक एतबे जे िह ी आ तिमल मे कएक गोटे िमिल कए सकंिलत भेल छिथ एकटा िज मे, आ एतए कएक लेखकक ारा िविभ िवधा केर रचना निह रिह िहनके अपन रचना पोथीमे उपल कराओल गेल अिछ ।

    कतेको पिं भिरसक पाठकक मोनमे िंथत-मुि त भऽ

    जएति , जेना िक

    “ढहैत भावनाक देबाल खा अदढृताक ठाढ

  • ix

    आकाकं्षाक बखारी अिछ भरल तीक बिन ठाढ घरमे राखल िहमाल-लकडीक मि र आिक ओसारापर राखल तुलसीक गाछ तीक स दयताक मा ” अथवा , िन ो पिं -येकँे लऽ िलअ : “सु त श ू क द ृ कृितक कैनवासक हहाइत समु क िच अ ार खोहक िच कलाक पा क श ो देखत निह हमर ई िच अ ार मे

    तँ सुनबो तँ करत पा क आकाकं्षाक र” िमिथलेक निह अिपतु भारतक कतेको स ं ृितक भाव

    देखल जा सकैछ िहनक कथा-किवतामे। एिहस ँ मैिथली ि याशील रचनाक पिरद ृ आर बिढ जाइछ, आ नव-नव िच , िन आ कथानक साम आिब जाइत अिछ । किव कोन म ािकनी केर खोजमे छिथ जे कहैत छिथ-

    “म ािकनी जे आकाश म देखल आइ प ृ ीक ऊपर...”

    अपन िवशाल मणक छाप लगैछ रचनामे नीक जका ँ तीत

    होइत अिछ । आ आर एकटा बात अिछ कोषकार गजे ठाकुर आ रचनाकार गजे ठाकुर िभ ि छिथ, ि मे सेहो फराक... जतए कोशकािरतामे स ादक तथा टे ोलोजी –स ँस ि त ि क छाया भेिटते अिछ, मुदा सजृनक मुहतुर्मे से सभटा हेरा जाइत छिथ ।

    एिहमे स ँ कतेको टेक् ओ रख छिथ इ टर टमे

    मैिथलीक बढ़◌ैत पाठककँे ानमे रािख, जेना िक िवदेह-सदेह अिछ

  • x

    ht t p vi deha123 wor dpr ess com:// . . / मे, आ देवनागरी आ ितरहतुा द ु ु िलिपमे । जे ो िमिथलाक्षरक मी छिथ तिनका सब लेखे ँतँ ई िवरल उपहारे रहत । अ को रचनामे मा गोल-मटोल कथे निह, राजनीितक

    भा सेहो लखा दैत अिछ। तािहमे िहनका को िहचिकचाहिट निह छि । ओना देखल जाए तँ कु क कतेको महारथी छलाह = ेक वीर-यो ा अपन-अपन आ िवधाक िस पारगंद ि छलाह,– ो कतेको अ िहणी सेनाक सचंालनमे, तँ ो तीर ाजीमे, आिद आिद । सभ ज त छलाह जे धम र् आ अधम र्क भेद की होइछ मुदा तैयो सभ ो जेना आस िवपया र्यक साम िन पाय भऽ गेल छलाह। आजकु स भर्मे सेहो कथा मे तथा ा ामे एहन पिरि ितक झलक देखल जाइत अिछ । सहै एिह महा-पाठ –क (मेटाटे ट) खबूी कहब। निह तँ ओ िकयेक िलखताह- –

    “देखैत देशवासीकँे पछाड़◌ैत म ं -तं यु दपुहिरयामे जागल गुनधनुी बला ब त अिछ सभस ँती धावक अखरहाक सभस ँफिुतर्गर पहलमान दमसाइत मािलकक र तोड़◌ैत छैक ओकर एका कािरख िचि त राितक िन टटुैत-अबैत-टटुैत िन आ क तारत ...”

    एिह महापाठकँे एकटा ए पेरीमे ट केर पमे देखी तँ

    सेहो ठीक , आ स िष र्-मडंलक िनचोडअथवा स -का मे िवभािजत आध ुिनक महा का पमे देखी तँ सेहो ठीक हएत। जेना पढ़◌ी , साम ी एिहमे भरपरू अिछ, भिरसक िकछु अ ु मानक लागत , आ िकछु िकनको त ेक निह पिस पड़ति । मुदा एिह िनचयकँे पाठक अव ागत करताह , आ नवीन लेखक व कँे एकटा नव िदशा सेहो भेटति ।

  • xi

    मैसरू, ९ जनू २००९ उदय नारायण िसहं “निचकेता” िनदेशक, भारतीय भाषा स ं ान, मैसरू

  • अ म ख -१ ब -िनब -समालोचना १. फील्ड-वकर्पर आधािरत िख ा सीत-बसतं २. मायान िम क इितहास बोध- थम ंशलै पु ी च/ म ं पु / पुरोिहत आ स् ी-धन केर सदंभर्मे

    ३. केदारनाथ चौधरीक उप ास “चमेली रानी” आ "माहरु" ४. निचकेताक नाटक ए ी: मा िवश ५. रचना िलखबास ँपिह ............... ६. कृिष-मत् श ावली (फील्ड-वकर्पर आधािरत) ७. मैिथली हाइकू/ हैकू/ क्षिणका ८. िमिथलाक बािढ ९. िव ृत किव- प.ं रामजी चौधरी (१८७८-१९५२) १०. िव ापितक िबदेिसया- िपआ देसातँर ११. ब त-िबगड़◌ैत-सुभाषच यादवक कथा स ं हक समीक्षा १२. भाषा आ ौ ोिगकी (सगंणक, छायाकंन, कँुजी

    पटल/टकंणक तकनीक), अ जा र्लपर मैिथली आ िव ापी अ जा र्लपर लेखन आ ई- काशन १३. लोिरक गाथामे समाज ओ स ं ृित १४. िमिथलाक खोज

    ख -२ उप ास-सह बाढिन ख -३ प -स ं ह-सहस् ा ीक चौपडपर १. शािमल बाजाक द ु भी वादक २. मोनक रगंक अद ृ देबाल ३. म ािकनी जे आकाश म देखल आइ प ृ ीक ऊपर ४. प ाक जािठ ५. िन क जीवन िविच

  • xii अनु म

    ६. बशंी पािथ पकडबाक यास ७. अिगलही ८. अिभनव भातख े ९. िश ी १०. मोनक तटपर ११. सयू र्-च गबाह १२. व ावस १३. ि त ज्ञतामे िलबैत स क ित १४. पुरान भेल गप १५. यौ शतान पुरिहत १६. िनगदित कुसुमपुरेऽ िच र्तं ज्ञानम ्१७. हमर बारह टा हैकू १८. पुरिहत १९. इ ा-म ृ ु २०. वाडर् न ं२९ बेड न.ं ३२ स ँ२१. न छल लेट २२. सयू र्-नम ारक बह े २३. सन स ासीक बािढक बह े २४. महाबलीपुरम समु तटपर २५. ृित-भय २६. गाय २७. ा मरा जाय २८. जाित २९. पु ाि ३०. गुड-वेरी गुड ३१. हर आ बडद ३२. गगंा ि ज ३३. मँुह चोकटल नाम हँसमुख भाइ ३४. सपना

  • अनु म xiii

    ३५. िच पत ३६. िबसरलह ुँ फेर कण र्क म ृ ुक छोट- छीन प ३७. शलातुर गाम ३८. काि ३९. मोन पाड़◌ैत ४०. पथक पथ ४१. िमिथलाक ज गीत ४२. बडका सडक छह लेन बला ४३. पता निह घ ुिर कए जाएब आिक

    ख -४ कथा-ग स ं ह- ग गु १. सर-समाज २. हम निह जायब िवदेश ३. राग वैदेही भैरवी ४. काल- ान िव ापन ५. बैसाखीपर िजनगी ६. सव र्िशक्षा अिभयान ७. जाितवादी मराठी ८. थेथर म ९. बहपु ी िववाह आ िहजड़◌ा १०. स् ी-बेटी ११. िबआह आ गोरलगाइ १२. ितभा १३. जाित-पाित १४. अ क ाक करी १५. नतून मीिडआ १६. िमिथलाक उ ोग १७. िमिथलाक उ ोग-२ १८. बािढ, भूख आ वास १९. नव-साम

  • xiv अनु म

    २०. रकटल छलह ुँ कोहबर लय २१. म ृ ुद २२. बाणवीर २३. वास

    ख -५ नाटक- सकंष र्ण ख -६ महाका - ाह आ अस ाित मन ख -७ बालमडंली / िकशोर-जगत बाल-नाटक १. अपाला आ यी २. दानवीर दधीची

    बालकथा १. ा ण आ ठाकुरक कथा २. राजा अनसारी ३. राजा ढोलन ४. बिगयाक गाछ ५. ोित पिँजयार ६. राजा सलहेस ७. बहरुा गोिढन नटआुदयाल ८. महआु घटवािरन ९. डाकूरौिह य १०. मखूा र्िधराज ११. कौवा आ फु ी १२. का बिनजारा १३. डोकी डोका १४. रघनुी मरर १५. जट-जिटन १६. ब ू १७. भाट-भािटन

  • अनु म xv

    १८. गागंोदेवीक भगता १९. बड सख सार पाओल तुअ तीरे २०. छेछन २१. गरीबन बाबा २२. लालमैन बाबा २३. गोन ूझा आ दस ठोप बाबा

    वण र्माला िशक्षा: अिंकता बाल-किवता १. नक गाडी २. के छिथ ३. राजा ी अ र ज िसहं ४. सतूल ५. अख भारत ६. मोनक जिडमे ७. पुनः ृित ८. कलम गाछी ९. हाथीक मँुहमे लागल पाइप १०. बानर राजा ११. िचिडयाखाना १२. जमबोनी १३. बौआ ठेहिुनया मािर १४. ि गं-ि गं-ि गं १५. भोरक बसात १६. छाहक करतब १७. सपना १८. कोइरीक कूकू १९. िशतलपाटी २०. मकडीक जाल २१. वायुगोलक

  • xvi अनु म

    ३०. हाथीक सपू सन कान ३१. छु ी ३२. बौआ गेल सुिन ३३. िमिथला ३४. बादरु सोसं ३५. की? िकए? कोना? के? ३६. फेर आएल जाड ३७. आगा ँ३८. अधं िव ास ३९. अ ास ४०. आिँखक च ा ४१. ती टा अिछ ऋतु ४२. दिर ४३. रौह निह न ४४. जतूाक आिव ार ४५. बढू वर ४६. िरपेयर ४७. कर ८४. ासमे अबाज ४९. एस.एम.एस. ५०. टी.टी. ५१. खगता ५२. क-ख स ँदश र्न ५३. चोरकँे िसखाबह ५४. नरक िनवारण चतुद र्शी ५५. करी ५६. मरकरी िडलाइट ५७. दीयाबाती ५८. ै र

  • अनु म xvii

    ५९. बापकँे िश निह भेटलि ६०. दहेज ६१. बेचैन निह िनचैन रहू ६२. होइ अिछ जे हमु लु ी निह छी ६३. थल-थल ६४. ि केट-फीिल्डंग ६५. मैि क क ६६. काकँड़◌ु ६७. कैप्टन ६८. दधू ६९. अटेडंंेस ७०. शो-फट ा ७१. भारमे मािट ७२. कंजसू ७३. पाइ ७४. अस ७५. समु ी ७६. गाम ७७. लोली ७८. तकलाहा िदन ७९. िबकौआ ८०. ग िरक भात ८१. एकटा आर कोपर ८२. महीस पर वी.आइ.पी. ८३. ग -सर ा ८४. फलनाक बेटा ८५. ासंफर ८६. मजरूी निह मागँह ८७. दोषी

  • xviii

    ८८. लदंनक िख ा ८९. थम जनवरी ९०. ऑिफसमे भिर राित ब ९१. नानीक प ९२. केवाड ब ९३. जेठाशं ९४. सादा आिक रगंीन ९५. जोकंही पोखिरमे भिर राित ९६. गैस िसिल रक चोिर ९७. फै ९८. दीया-बाती ९९. इटािलयन सलैनू १००. शव निह उठत १०१. अितचार १०२. रबड खाऊ १०३. बाजा अहा ँबजाऊ १०४. िप ाम १०५. पाचँ पाइक लालछडी १०६. चो ा िववाह १०७. ा ि तीया १०८. नव-घरारी १०९. िर ११०. वासी १११. वेद ११२. चोिर ११३. होली ११४. ब ु ११५. कोिठया पछबाइ टोल ११६. ब ु ी-बाउ

  • अनु म xix

    ११७. आकक दधू ११८. केसर ेत हिरत ि वािण र्क

  • ख -१

    ब -िनब -समालोचना

  • 1.2 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    ख -१: ब -िनब -समालोचना

    १. फील्ड-वकर्पर आधािरत िख ा सीत-बसतं २. मायान िम क इितहास बोध- थम ंशलै पु ी च/ म ं पु / पुरोिहत आ स् ी-धन केर सदंभर्मे

    ३. केदारनाथ चौधरीक उप ास “चमेली रानी” आ "माहरु" ४. निचकेताक नाटक ए ी: मा िवश ५. रचना िलखबास ँपिह ............... ६. कृिष-मत् श ावली (फील्ड-वकर्पर आधािरत) ७. मैिथली हाइकू/ हैकू/ क्षिणका ८. िमिथलाक बािढ ९. िव ृत किव- प.ं रामजी चौधरी (१८७८-१९५२) १०. िव ापितक िबदेिसया- िपआ देसातँर ११. ब त-िबगड़◌ैत-सुभाषच यादवक कथा स ं हक समीक्षा १२. भाषा आ ौ ोिगकी (सगंणक, छायाकंन, कँुजी

    पटल/टकंणक तकनीक), अ जा र्लपर मैिथली आ िव ापी अ जा र्लपर लेखन आ ई- काशन १३. लोिरक गाथामे समाज ओ स ं ृित १४. िमिथलाक खोज

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.3

    फील्ड-वकर्पर आधािरत िख ा सीत-बसतं

    गजे ठाकुर (गाम, मेहंथ, भाया-झझंारपुर, िजला-मधबुनी) िवशेष सहयोग ी केशव महतो (बहादरुगजं, िजला िकशनगजं,

    िबहार)

    एिह काय र्क सचूक ी केशव महतो सीत बसतंक फील्डवकर्मे िवशेष सहयोगक कारण एिह ब क सह-लेखक छिथ।सीत बसतंक कथाक कैक टा िविभ प पाओल गेल आ ओिह सभक िववरण यथा ान देल गेल अिछ। समाज आ स ं ृितकँे बझुबामे लोक कथाक ब मह अिछ, मुदा िबना फील्ड-वकर् कए िलखल लोककथा अपन उ े ाि मे असमथ र् रहैत अिछ। ी सुभाषच यादवजीक हम सेहो आभारी छी िजनकर एिह िवषयक आलेख (फील्डवकर् आ लोककथापर) एकटा सेमीनारमे सुनलाक बाद हम आर त यतास ँएिह काय र्मे लािग गेलह ुँ। एिह काय र्मे आध ुिनक फील्डवकर् तकनीक केर उपयोग

    कएल गेल आ सहभािगता, क्षण, साक्षा ार, ावली इ ािदक आधारपर ई लोककथा िनिम र्त भेल अिछ। लोककथा-किवताक को पमे को पिरव र्न अवैज्ञािनक अिछ आ तकर ान एतए राखल गेल अिछ । मणीपुर नगरक राजा महे र िसहं छलाह। ओ ब तापी राजा छलाह। ओ ब िनकेनास ँ रा चला

    रहल छलाह। िकछु िद का बाद ओिह राजाकँे द ूटा बेटा ज लेलक। ओकर रानी सेहो ब सुशील आ ािभमानी छलीह। एक बे का गप अिछ। रानी अपन महलमे रहैत छलीह आ बहतु िदनस ँओिह महलमे

    द ूटा पौरकी िचड़◌ै खोता बना कए रहैत छल। एक िदन ओ अपन खोतामे द ूटा अडंा देलक। अडंास ँद ूटा ब ा बहार भेल। एक िदन अनचो ेमे ओिह ब ा सभक माए मिर गेल। तकर बाद पौरकी सभकँे ब क होमए लगलैक। ओकर बाप िकछु िद का बाद एकटा बोनस ँएकटा पौरकीकँे िबयाह कए आिन

  • 1.4 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    लेलक। तकर बाद द-ूचािर िदन को तरहँे बीतल। तकर बाद एक िदन पौरकीक किनया ँओिह दनु ूब ाकँे खेनाइ खअुएला काल मँुहमे काटँ धऽ देलक। ओ दनु ू ब ा ओही काल मिर गेल। मरलाक बाद ओ खोतास ँदनु ूब ाकँे लोलस ँ धकेल कऽ नीचा ँ खसा देलक। ओिह समय रानी महलमे छलीह आ ब ा सभकँे खसबैत ओ देखलि । ओही िदनस ँ रानीकँे शकंा भऽ गेलि आ सभ िदन हनुका िच ा घेिर लेलकि । राजाकँे रानी कहलि -– हे राजा। देख।ू अपना महलमे

    द ूटा पौरकी रहैत रहए। ओ द ूटा ब ा देलक। ब ाक माए मिर गेल। तकर बाद ओ दोसर िबयािह कए अनलक। द ूचािर िद का बाद ओ दनु ूब ाकँे मािर देलक। से हे राजा, कतह ुहमहँू मिर जाइ तँ अहा ँदोसर िबयाह कए लेब तखन हमरो दनु ूब ाक ईएह हाल भऽ जाए। राजा बाजल- यै रानी। एखन अहा ँजीिवत छी, तखन एिह

    गपक अहा ँिकएक िच ा कए रहल छी। रानी बजलीह - निह राजा। यिद हम मिर गेलह ुँ तँ अहा ँ

    िबयाह तँ निह कए लेब? राजा उ र देलक- निह । हम दोसर िबयाह निह करब। ई किह राजा अपन दरब ामे आपस चिल गेल। ओही िदनस ँरानी दिुखत रहए लगलीह आ अनचो े एक िदन

    मिर गेलीह। आब एिह गपकँे लए राजा ब िच ामे पिड गेल। आब

    दनु ूभाए सीत आ बस सेहो िद तमे पिड गेलाह। राजाकँे राजाक खबािसनी, म ी, मंुशी आ मारते रास लोक

    सभ बझुाबए लागल। ओ सभ राजास ँकहए लगलाह- राजा यिद अहा ँ िबयाह निह

    करैत छी , तखन एिह दनु ूब ाक की दशा होएत। एकरा सभक खेनाइक को ठेकान रहत आ निहये पढ़◌ाइक। तािह ारे अहा ँएकटा िबयाह क । एिह तरहँे बझुओलापर राजा बाजल - ठीक अिछ। जखन

    अहा ँसभक यैह िवचार अिछ तखन जाऊ, को गरीबक लडकी भेटत तँ हम ओकरा सगं िबयाह कए लेब। एिह तरहँे राजाक सभटा गप बिुझ-गुिण मु शी दीवान सभ ो लडकी ताकए लगलाह। एकटा लडकी राजाक नगरमे

    भेटल। ओ लडकी महागरीबक बेटी छलीह। राजा शुभल बना कए ओिह लडकीकँे िबयाह कए आिन लेलक। िकछु िदन धिर ओ

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.5

    लडकी घरमे रहलीह। िकछु िद का बाद ओकर ममता ओिह दनु ूभाएपर कम होमए लागल। दनु ू भाए ूलस ँ पिढ कए घर आबिथ आ अपन दरब ापर गे लए खेलाइमे लािग जािथ। एक िदन अनचो ेमे गे आगँनमे जा कए खिस पडल। ओिह समयमे ओकर सभक सतमाए आगँनमे छलीह। गे

    खसलाक सगं ओ गे कँे उठा कए अपन कोरामे रािख लेलि ।ओ दनु ूभाए गे तकैत आगँनमे अएलाह आ कहलि जे माए गे हमरा सभकँे दए िदअ। हम दनु ूभाए खेला रहल छी। मा ँकहलिख जे हमरा लग गे निह अिछ, अहा ँसभ चिल जाऊ। गे कँे दनु ूभाए मायक कोरामे देखलि । फेर कहलि - मा ँ हमरा सभकँे गे िदअ। हम सभ खेलाएब। एिह तरहँे दनु ूभाए मगँैत-मगँैत माकँ कोरास ँगे लए लेलि । गे लऽ लेलाक बाद रानीक दयमे ब तामस अएलि । रानी तामसे भेर भेल कोचपर आिब पिड रहलीह आ खेनाइ-िपनाइ ािग देलि । खबािसनी सभ बझुा कए थािक गेलीह जे रानी चल,ू हमरा सभ खा ली। मुदा रानी को उ र निह देलि । ओ कहलि जे आब हम मिर जाएब। एतेक गप सुिन खबािसनी राजा लग जा कए कहलक जे रानी ब दिुखत छिथ। आब बचबा यो निह छिथ। अहा ँजा कए देख।ू राजा एतेक गप सुिन कए अपन महलमे गेलाह आ रानीस ँपुछलि । राजा पुछलि जे तोहर एहन हालत कोना भेलह ज ी बताबह। रानी कहलि -अहा ँहमरास ँपुछैत छी तँ पिह अहा ँहमरास ँ

    सत क तँ हम कहब। निह तँ हम मिर जाएब। राजा िकछु निह सोचलि । ओ रानीक सगं सत कए लेलि । सत केलाक बाद रानी कहलि - हमर ई दशा अहाकँ दनु ूबेटा कए अिछ। हमर िबमारीक यैह एकटा उपाय अिछ निह तँ हम निह बिच सकैत छी - अहा ँओिह दनुकँूे मािर ओकर करेज िनकािल हमरा िदअ। तखन हम बिच सकैत छी। राजा एतेक गप सुिन कए ब तमसा गेल। ओ दनु ूबेटाकँे बजा कए ब मािर मारलक आ तकर बाद ज ादक हाथस ँ मरबएबा लेल पठा देलक। ज ाद दनु ूभाएकँे मारैत-िपटैत बोनमे लए गेल। दनु ूभाए ब कािन रहल छलाह। जखन ज ाद सभ ओकरा दनु ूगोटेकँे मारए लागल तँ ओ सभ कहलि जे हमरा सभकँे निह मा । हमरा सभकँे छोिड देब तँ हम सभ घ ुिर कए नगर निह जाएब। अहा ँसभ को माल-जानवरकँे मािर ओकर करेज जा

  • 1.6 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    कए दए िदयौक। आ ई किह दनु ूभाए , सगंमे जतेक पाइ छलि सेहो ज ाद सभकँे दए देलि । एक ज ाद कहलक जे एकरा सभकँे मािर िदयौक। दोसर कहलक जे निह मा । ई सभ घ ुिर कए जएबो करत तँ हम सभ कहबैक जे हम सभ की क । हम सभ तँ करेज आिन कए दे छलह ुँ। मरलाक बाद जीिब गेल होएत। ज ाद ओिहना कएलक आ दनु ूभाएकँे छोिड देलक।

    कथा प १: ज ाद ओिहना कएलक आ दनु ू भाएकँे छोिड देलक। दनु ूभाए ओिह बोनमे भटकए लगलाह। रातुक मौसममे दनु ू

    भाए एकटा गाछक नीचा ँ सिूत गेलाह। िकछु कालक बाद दनु ूभाए उिठ गेलाह आ गाछक ऊपर एकटा सापँकँे चढ़◌ैत देखलि । ओिह गाछपर द ू टा हंसक ब ा रहैत छल। हंस चरबाक लेल गेल रहए। ओिह सापँकँे देिख कए हंसक ब ा बाजए लागल। दनु ूभाए सोचलक- देख।ू ई सापँ ब ाकँे खा जाएत।

    एतेक सोचलाक बाद तलवारस ँ मािर कए सापँकँे ओ सभ नीचा ँखसा देलक। ब ा बजनाइ ब कए देलक। जखन भोर भेल तँ हंस-हंिसनी चिर कए आएल आ ब ा लेल खेनाइ अनलक। ब ाकँे आहार खआुबए लागल तँ ब ा आहार निह खएलक आ कहलक जे मा ँहमरा ई बताऊ जे एिह गाछपर हम पिहल देल ब ा छी , आिक अहा ँपिहनिहयो एिह एिह गाछपर ब ा दे छी । माए कहलकै जे हम पिहनिहयो ब ा दे छी मुदा आइ धिरमे मा अहा ँद ु गोटेक म ूहँ देिख रहल छी।

    कथा प २: बेशी लोकि य आ पसरल मे: ज ाद ओिहना कएलक आ दनु ूभाएकँे छोिड देलक। दनु ूभाए ओिह बोनमे भटकए लागल, खबू बौआएल। रातुक

    समय दनु ूभाए एकटा गाछक तरमे सिूत गेल। भोरे , बोनस ँबहराइत दोसर देश जाए लागल। दनु ू भाए भूख-िपआसक मारे ाकुल भऽ गेल। जा कए एकटा गाछक नीचा ँबैिस कए सु ाए लागल। ओ सभ सोचए लागल जे आब कोन उपाय क । ओही समय ओिह गाछपर द ू टा मएनाक ब ा रहए। ओिहमेस ँएकटा कहैत अिछ जे हमर जे काचँिह मौस खा जाएत तकरा ब शी रा भेिट जएतैक। आ दोसर कहलक जे

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.7

    हमरा जे आिगमे पका कए खाओत तँ िकछु िद का बाद ओ राज पािब जाएत। एतेक गप दनु ूभाए सुनलक आ हाथमे एकटा लाठी लए ओकरा सभकँे मािर कए नीचा ँखसा देलक आ लऽ कए िबदा भेल। िकछु दरू आगा ँगेल तँ देखलक जे गाए-महीस चराबए बला चरबाहा सभ एकटा बएरक काटँक बोन - झाखँरुकँे जरा रहल छलाह। ओ दनु ूभाए सोचलक जे अही अिगनवानमे पका कए एकरा खाएब। ओिह आिगमे दनु ूगोटे मेनाक ब ाकँे पका कए खएलक। काटँमे जे ओ सभ पका कए खएलक तँ ओकर सभक भा मे सेहो काटँ लािग गेलैक। ओतएस ँदनु ूभाए िबदा भेल। िकछु दरू गेलाक बाद ओकरा

    सभकँे आमक एकटा गाछी भेटलैक। बस चलैत-चलैत थािक गेल रहए आ ओकरा आर चलल

    निह भऽ पािब रहल छलए। सीत कहलक-भाइ, तँू एतए बैस, हम ओिह गामस ँिकछु मािँग

    कए अ त छी आ तखन खा कए हमरा सभ आगा ँचलब। सीत मगँबा लेल गाममे चिल गेल। सीत जािह गाममे (कथा प ३ गामक नाम हि नापुर सेहो कतह-ुकतह ु कहल जाइत अिछ) मगँबाक लेल गेल ओिह गाममे राजाक बेटीक य र रचाओल गेल छल। ओिह ान पर जन स द र् छल। ओतए भीड देिख सीत अटिक गेल आ देखए लागल। सीत अपन भाएक सुरता िबसिर गेल । य रमे लडकी जयमाल लए सभामे घरुए लागिल आ माला सीतक गरदिनमे पिहरा देलक। ओहीठाम सीतक िबयाह ओिह लडकीक सगं भए गेल।

    ( प ४) िबयाहक पिह ओतु ा लोक सभ बाजए लागल जे ई राजाक बेटी होइतो एकटा िभखमगंाक गरदिनमे माला पिहरा देलक। आ ईहो जे ओ लडकी बतािह भऽ गेल अिछ। ओकर गरदिनस ँ माला िनकािल कए ककरो दोसराक गरदिनमे माला पिहराऊ निह तँ िबयाह निह होमए देब। ई गप सुिन लडकी बाजिल जे हमर भा मे ईएह िभखमगंा िलखल अिछ तँ हमरा राजा कतएस ँभेटत? हम एकरे सगं िबयाह करब। ई गप सुिन सभ राजा अपन-अपन घर चिल गेलाह आ कहलि जे एिह लडकीकँे एिह गामस ँिनकािल िदअ आ को दोसर ठाम पठा िदअ। राजा ओनाही कएलक। ओिह दनु ूगोटेकँे अपन गामस ँबाहर पठा देलक। ओ ओही नगरमे रहए लागल। िकछु िद का बाद लोक सभ राजाकँे कहए लागल जे अहा ँओिह लडकाक सगं

  • 1.8 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    लडकीस ँछोड़◌ा िदयौक आ को दोसर लडकाक सगं ओकर िबयाह कराए िदयौक। सभक कहलापर राजा एकटा कुटनी बिुढयाकँे जहर-माहरु

    सगंमे दए पठेलक, जतए सीत आ राजाक बेटी रहैत छल। ओ बिुढया ओकरा सभक सगंे रहए लागल। िकछु िदन धिर ओ ओतिह रहल। दनु ूगोटेकँे को गपक िच ा निह भेलैक। एक िदन सीतकँे अनचो ेमे ब िपयास लगलैक। ओ अपन रानीस ँबाजल-हमरा पािन िपया िदअ। बिुढया फटाकस ँउिठ कए गेल आ एक िगलास पािनमे जहर घोिर सीतकँे देलक। सीतकँे बड जोरस ँ िपयास लागल रहैक से ओ खटस ँ पािन लऽ कए पीिब गेल। पािन पीिबते सीतकँे िकछुए कालक उपरा ब िनशा अएलैक। ि रे-ि रे िनसा ँबढ़◌ैत गेल। िनसामँे सीत ओ रा गेल। बिुढया बाजल जे को गप निह। िच ा निह क । सभ ठीक भऽ जाएत। क क कालक बाद सीत मिर गेल। रानी खबू हा ोस कए कानए लागिल। ओिह ठाम को गाम निह छल। सीतकँे धारक कात लऽ जा कए गािर देल गेल। बिुढया कहलक- देख ू िच ा निह क । आब हम सभ असनान कए ली। असनान करए गेल तँ एकटा नाह िकनारमे लागल छल। बिुढया बाजल जे चल,ू ओिह नाहपर बैिस कए ान कए लेब। तखन दनु ूगोटे ओही नाहपर बैिसकए नहाए लागल। तखन आ -ेआ े नाह आगा ँ जाए लागल। जखन नाह बीच धारमे गेल तँ ( प ५: एतए रानीक नाम फलुव ी सेहो अबैत अिछ) रानी बझुलक जे नाह बीच धारमे आिब गेल अिछ। तखन ओकरा बझुबामे अएलैक जे ई बिुढया ओकरा ठिक कए लए जा रहल छै। ओ रानी अपन पितक िबयोगमे छलीह। ओ दयमे सोचलक जे ओकर पित मिर गेल छै तँ ओ जीिवत रिह कए की करत। ई सोिच कए नाहस ँकूिद कऽ ओ धारमे फािँग गेल। भँसतै-भँसतै ओ ब दरू चिल गेल आ ओतए ओ कात लािग गेल। आब बस क िख ा: बस ओिह गाछीमे भाएक आस तकैत रहए। िदन साझँमे

    बदलए लागल। ओिह गाछीमे कु कार लोकिन गाछीक पात खडिर रहल रहिथ। तख बस क त-क त ओिह कु कार लग गेल। कु कार पुछलक-अहा ँिकएक कािन रहल छी। बस सभ गप बतेलक। कु कार कहलक-अहा ँ िच ा निह क ।

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.9

    अहा ँ हमरा घरपर चल।ू अहा ँ हमरा घरपर रहब। बस कु कार लग चिल गेल आ रहए लागल। ओतए रहैत-रहैत एक बेर एकटा बिनजारा अपन जहाज लए वािण करए लेल जा रहल छल आिक बीच धारमे ओकर जहाज ठाढ भए गेलैक। जहाजक इ जीिनअरस ँ ( प ६ एतए बिनजाराक नाम का

    बिनजारा सेहो कहैत सुनल गेल) बिनजारा पुछलक जे की जहाज एतएस ँआगा ँनिह जा रहल अिछ। इ जीिनअर कहलक-जहाज बिल मािँग रहल अिछ। को म क ब ाक बिल देलाक बाद जहाज आगा ँजाएत। एतेक गप ओ बिनजाराकँे कहलक तँ बिनजारा तीन लाख पैया लए एकटा ब ाक तलाशमे गेल। ताकैत-ताकैत ओ ओही गाममे गेल, जािह गाममे बस रहैत छल। बिनजारा अबाज लगबैत जा रहल छल जे, जे ो एकटा ब ा देत ओकरा हम तीन लाख पैया देब। एिह कारस ँ ओ अबाज लगबैत जा रहल छल। ो गोटे निह बाजल। जखन ओ कु कारक दरब ाक सोझा ँ गेल तँ कु कार कहलक-हँ हम एकटा लडका देब। हमरा पाइ चाही। बिनजारा ओिह कु कारकँे तीन लाख टाका देलक आ ओतएस ँओ बस कँे लए अपन जहाज लग गेल। बस ओकरास ँपुछलक-बिनजारा। अहा ँहमरा कतए लए जा

    रहल छी। बिनजारा बाजल-हम अहाकँँे बिल चढएबा लेल लए जा रहल

    छी। िकएक तँ हमर जहाज धारक बीचमे ठाढ भऽ गेल अिछ। तािह ारे अहाकँ बिल हम चढ़◌ाएब। एतेक गप सुिन कए बस बाजल जे हे बिनजारा। हमरा ओतए गेलाक बाद, जहाज छूलाक बाद जे जहाज खिुज जाएत तँ अहा ँ हमरा छोिड देब ? बिनजारा कहलक-हमर जहाज जे खिुज जाएत तँ हम

    अहाकँँे छोिड देब। बस बीच धारमे जा कए हाथस ँ जहाजकँे छूिब कए

    बाजल। जहाज अहा ँजाऊ तँ हमर जान बािँच जाएत। एतेक कहबाक देरी रहए आिक जहाज ओतएस ँ िबदा भऽ

    गेल। इ जीिनअर बिनजाराकँे कहलक-एकरा बैसा िलअ जहाजमे।

    कतह ुआन ठाम ठाढ भऽ जाएत तखन? बस बाजल-हमरा मािर दे रिहतह ुँ तँ फेर जहाज ठाढ

    भेलाक बाद हमरा कतएस ँअिनतह ुँ?

  • 1.10 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    बिनजारा बाजल-छोिड िदअ एकरा। बस ओतएस ँधारक काते-काते िबदा भेल आ ओतए पह ुँ िच

    गेल, जतए सीतक स् ी कािन रहल छलीह। बस पुछलक-अहा ँिकएक कािन रहल छी ? एतबा सुिनतिह ओ कानब ब कए चपु भए गेलीह। बस कहलक-हमहँू दखुक मारल छी। हम िबछुिड कए द ूस ँ

    एक भए गेल छी। स् ी पुछलक-अहाकँ की नाम छी आ अहाकँ भाएक की नाम

    छी? बस बाजल-हमर नाम बस छी आ हमर भाएक नाम सीत

    छल। ई बात सु त स् ी फेरस ँ कानए लागल आ कहलक जे

    अहाकँ भाए वासी भए गेलाह। हनुके िवयोगमे हम कािन रहल छी। ई गप सुिन कए ( प:७ एतए नाम िदल बस सेहो अबैत अिछ) बस कहलक जे आब हमरो जीिवत निह रहबाक अिछ। ई गप सुिनतिह सीतक स् ी मिर गेिल आ बस ओही समय

    बोनमे जा कए एकटा पैघ गाछपर चिढ कए अपन जान देबाक लेल तैयार भऽ गेल। ओही समय एकटा आकाशवाणी ओकरा अबाज देलक-बस तँू अपन जान निह गमा। तोहर भाए जीिवत छौक। जो जतए तोहर भाएक सारा छौक ओिहपर अपन दिहन हाथक कंगुिरया आगँुर कािट कए ओिहपर छीिट दे। तोहर भाए जीिवत भए जएतौक। एतेक गप सुिन कए बस गाछस ँनीचा ँउतिर गेल आ जतए ओकर भाएक सारा छल ओिहपर ओ ओिहना कएलक। सीत राम-राम बजैत उिठ गेल। दनु ूभाइ गरा िमलल। ओिह ठामस ँ दनु ूभाए िबदा भेल। िदनस ँसाझँ पिड गेल आ दनु ूभाए एक ठाम गाछक नीचा ँअटिक जाइ गेलाह। सीत कहलक-भाए बस , एतिह कैत छी। भोर भऽ

    जाएत तखन फेर हम सभ िबदा होएब। दनु ूभाए ओिह गाछक नीचा ँराि तीत करए लगलाह। िख ा प ८: राि क बारह बाजल तँ बोनस ँ एकटा सापँ

    बहार भेल आ गाछपर चढए लागल। ओही गाछपर हंसक खोता रहए। ओिह हंसक खोतामे द ू टा हंसक ब ा रहए। सापँकँे देिख कए दनु ूब ा अबाज देमए लागल। ई अबाज दनु ूभाए

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.11

    सुनलक आ सापँकँे गाछपर चढ़◌ैत देखलक आ सोचलक जे ई सापँ ब ा सभकँे खा जाएत से एकरा जे मािर दी तँ ब ा सभक जान बिच जाएत। ओ सभ सापँकँे मािर देलक। तावत हंस दहमे चरए लेल गेल रहए। हंस ओिह खोतामे

    कतेक बेर ब ा दे रहए मुदा एकोटा ब ा उठा निह सकल रहए। भोरे सकाले हंस दहस ँचिर कए आएल। ब ा सभकँे जीिवत देिख ब स भेल। ब ाकँे अहार देमए लागल। ब ा मँुह घमुा लेलक आ पुछलक-मा ँअहा ँ एिह गाछपर कतेक ब ा पाडलह ुँ आिक हमही पिहल ब ा छी। मा ँबाजिल-निह एिह गाछपर कएक बेर हम ब ा देलह ुँ मुदा

    मँुह अहीं दनुकू हम आइ देखलह ुँ। ब ा बाजल जे हमरो मँुह अहा ँनिह देिख सिकतह ुँ , जे ई

    मुसािफर निह रिहतए। नीचा ँदेख ूकी पडल अिछ। हंस देखलक जे नीचा ँमे एकटा सापँ पडल छै आ द ूटा

    मुसािफर िफिर रहल अिछ। ब ा बाजल-ओिह सापँकँे यैह दनु ूमुसािफर मारलक अिछ।

    पिह जा कए ओही मुसािफरकँे खएबा लेल िदयौक। ओ खाओत तँ हम खाएब। हंस नीचा ँ उतिर कए आएल आ कहलक- मुसािफर, जखन

    अहा ँनिह खाएब तँ ई दनु ूब ा सेहो निह खाएत। ई दनु ू भाए कहलक-मा,ँ खेनाइस ँ म पैघ अिछ। मा ँ

    हमहँू सभ, पिरि ितक मारल छी। हमर सभक के सहायता करत ? हंस बाजल-हमर सहायता अहा ँ कएलह ुँ से अहाकँ सहायता

    हम करब। िलअ एकटा ब ा हम अहा ँ सभकँे दैत छी। ई अहाकँ सहायता करत। िसयान भेलापर ई अहा ँ दनु ूभाएकँे अपन पािँखपर बैसा कए उिड सकैत अिछ। जतए मोन होएत, ओतए जा सकैत छी। ई वरदान हम दैत छी जे अहा ँदनु ू भाए सफल रहब। दनु ू भाए णाम कए ओतएस ँ िबदा भेलाह। ओ सभ जतए कतह ु िबलमैत रहिथ, ओतए हंस अपन दनु ूपािँख पसािर छाह कए दैत छल। एिह कारे ँ िकछु िदन बीतल। हंसक ब ा पैघ भऽ गेल। ओ आब दनु ूभाएकँे चढ़◌ा कए लऽ जाए यो भऽ गेल। हंस बाजल-भाए। आब तो ँ दनु ू भाए हमर ऊपर बैिस

    जाह। अहा ँजतए कतह ुकहब हम अहा ँसभकँे लए चलब।

  • 1.12 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    दनु ूभाए ओतएस ँहंसपर सवार भए आग ूिबदा भेलाह आ जा कए कंचनपुर शहर पह ुँचलाह। नगरक बाहर एकटा बरक गाछ छल। ओही गाछक लग ओ सभ डेरा खसेलक आ रहए लागल, आ शहरमे जा कए काज करए लागल। साझँ भेला उ र, ओही गाछक लग खेनाइ खा कए ओ सभ सिूत जािथ। हंस भिर राित दनु ू भाएक देख-रेख करैत छल। िकछु िद का बाद ओिह कंचनपुर शहरक राजाक कंचना ना ा बेटीस ँ सीत म करए लागल। ओिह लडकीक ेक िदन फूलस ँओजन कएल जाइत छल। म कएलाक बाद लडकीक ओजन बहतु बढए लागल। राजाकँे

    खबर भेल जे लडकीक ओजन िकएक बढए लागल अिछ ? राजा अपन महलक चा कात िसपाहीक पहरा िदआ देलक। ताहूपर सीत हंसपर सवार भए महलमे चिल जाइत छलाह। स ूण र् शहरमे िहलकोर उिठ गेल जे के ई लोक अिछ, जे हमर राजाक महलमे चोिरस ँ चिल जाइत अिछ। एक िदन सजंोगस ँ सीत गेल आ कोचपर बैिस दनु ूगोटे हँसी मजाक करए लागल आ अहीमे दनु ूगोटेकँे िन लािग गेलैक। हंस बेचारा घ ुिर कए आपस अपन डेरापर आिब गेल आ भोरमे दनु ूगोटेकँे ए े सगं महलमे पकिड लेल गेलैक। राजा सभटा गप पुछलक। सीत सभटा गप बतेलक। लडकी कहलक जे हमर भा मे यैह अिछ आ यैह रहत। राजा सोिच कए कहलक-अहा ँ अपन भाएकँे लए आऊ आ

    हंसकँे सेहो। बस आ हंसकँे सीत लए अनलक। हंसकँे देिख कए राजा

    ब स भेल। राजा कहलक-हमर म ीकँे एकटा बेटी छै। दनु ूभाएक

    एकिह बेर िबयाह कए देल जाएत। ब धमू-धामस ँदनु ूभाएक िबयाह भेल। सीतकँे कंचनपुरक राज भेटल, कारण राजाक तँ एकेटा बेटी

    रहए। तािह ारे सीत िकछु िदन िबतलाक बाद कहलक जे आब हम अपन शहर जाएब। राजा खशुीक सगं ओिह चा गोटे बेटी-जमाएकँे िबदा

    कएलक। सीत-बस दनु ूभाए अपन देश िबदा भेल। िकछु िद का बाद ओ सभ अपन नगर पह ुँचल तँ ओतु ा हालत ब ग ीर देखलक। अपन राजक एक कोनमे ओ सभ अपन घर ब लक आ रहए लागल। सीतक माए आ िपता दनु ूगोटे

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.13

    आ र भए गेल रहिथ। सभ िदसनस ँ िवपि आएल छलि । एक िदन हनुका पता लगलि जे हनुकर रा क एक कोनमे को दोसर राजा घर बना कए रिह रहल अिछ। चल ूओकरास ँभँेट कए आबी। ओ सभ जखन अएलाह तँ दरब ापर सीत-बस दनु ूगोटे

    चीि गेलिथ जे यैह हमर माए-बाप छिथ। दनु ूभाए अपन-अपन स् ीकँे इशारा कएलि । एिह दनु ूगोटेकँे भीतर लए जइय ु आ नीक जेका ँअसनान करबाऊ, नीक कपड़◌ा पिहराऊ आ खबू आ नीक खेनाइ खआुऊ आ तकर बाद एतए आन ूआ मचंपर बैसाऊ। तकर बाद सीत आ बस दनु ूभाए मा-ँिपताक आगा ँठाढ

    भए कहलि -ई तँ बताऊ जे अहाकँँे कैकटा बेटा अिछ। राजा महे र िसहं कहलि -हमरा द ूटा बेटा रहए मुदा आब

    एकोटा निह अिछ। हमर भा क दोख अिछ। निह जािन ओ सभ जीिवत अिछ आिक मिर गेल? हम तँ मरबा दे रिहयैक। सीत-बस बाजल-निह। अहाकँ दनु ूबेटा जीिवत अिछ।

    एतेक कहैत ओकरा सभक आिँख रा गेलैक। -–िपताजी वैह सीत-बस हम सभ छी। ओही समय राजाक आिँख खिुज गेलैक आ दनुकँूे अकँवारमे

    भिर पकिडकँे ओ कानए लागल आ अपन गल्ती ीकार कएलक। ध लाला, अहाकँ अउरदा बढए। अमर रहू।

  • 1.14 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    मायान िम क इितहास बोध- थम ंशलै पु ी च/ म ं पु / पुरोिहत आ

    स् ी-धन केर सदंभर्मे एिह ब मे मायान जीक स् ीधन, पुरोिहत, म ं -पु आ थम ंशलैपु ी च- एिह चािर पोथीक जे कथा-िवधान आ सािहि क िववेचन छल तकरा यथा सभंव निञ छुअल गेल आ मा इितहास-बोधक स भर्मे िववेचना अिछ।

    बधंमे मायाना जीक १. थम ं शलै पु ी च २.म ं पु ३.पुरोिहत आ ४. स् ी-धन एिह चािर ऐितहािसक उप ास सभक आधार पर लेखक ारा लगभग द ू दशकमे पणू र् कएल गेल इितहास या ाक समीक्षा कएल गेल अिछ। एिहमे यु पु कमे, म ं पु मैिथलीमे अिछ आ शेष तीन ूउप ास िह ीमे, तथािप या ा पणू र्ताक दषृ् ा आ ृखंलाक तारत आ समीक्षाक पणू र्ताक हेतु चा िकताबक योग अिनवाय र् छल।

    काल मक दिृ स ँ थम ं शलै पु ी च थम अिछ । एिहमे १५०० ई.प.ूस ँ पिहलुका इितहासक आधार लेल गेल अिछ। म ं पु मे १५०० ई.प.ू स ँ १२०० ई.प.ू धिरक इितहास उप ासक आधार अिछ। ई सभ आधार भारत यु क पिहलुका अिछ। पुरोिहतमे १२०० ई.प.ूस ँ१००० ई.प.ू धिरक इितहास अिछ- एकरा ा ण सािह क युगक इितहास किह सकैत छी। स् ीधनक आधार अिछ स ू - ृितकालीन िमिथला। मुदा रचना भेल मैिथली म ं पु क पिह -नवबंर १९८६

    मे। थम ंशलै पु ी च एकर द ूसालक बाद रिचत भेल आ तािहमे मायान जी चा िकताबक रचनाक परेखा देलि मुदा ई िह ीक सदंभर्मे छल। एकर बाद सभटा िकताब िह ी मे आएल। िह ी म ं पु आएल जािह कारणस ँतेसर पु क पुरोिहत िकछु देरीस ँ १९९९ मे कािशत भेल। स् ीधन जे एिह ृखंलाक अिंतम पु क अिछ, २००७ ई. मे कािशत भेल।

    “ थम ं शलै पु ी च” केर ावनाक नाम कवच छल।म ं पु क ावनाक नाम ऋचालोक छल आ ई पु कक अतंमे राखल गेल, िकएक तँ ई लेखकक थम ऐितहािसक रचना

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.15

    छल, ावनाकँे अतंमे रािख कय रह आ रोमाचंकँे बनाओल राखल गेल । पुरोिहतक ावनाक नाम िविनयोग छल आ एकरास ँपिह दवूा र्क्षत म ं राखल गेल जे भारतक आ िव क थम देशभि गीत अिछ। िमिथलामे एकरा आशीवा र्दक म ं क पमे योग कएल जाइत अिछ जकर पक्ष-िवपक्षमे िव ृत चरचा बादमे होएत। स् ीधनक ावनाक नाम लेखक प ृ भूिम रख छिथ जे

    उप ासक ऐितहािसक प ृ भूिम दान करबाक कारण सव र्था समीचीन अिछ। मायान क इितहास-बोधक समीक्षा हम ुित, पर रा, तकर्

    आ भाषा-िवज्ञानक आधार पर कए छी। पा ा िव ान सभक उि भोज स ँ िनिम र्त भारतीय इितहास-लेखन स ँ बिच कए इितहासक समीक्षा भेल अिछ आ म एिशया आ यरूोपक किनयो भाव समीक्षा पर निह पडए से यास कएल गेल अिछ। १. थम ं शलै पु ी च- कवच पी ावनाक बाद ई

    पु क १. अ ा, २.अ -शलैा, ३. शलैा- कराली, ४. कराली- महेष, ५. महेष- पारवती, ६. ग ष, ७. हरिकसन, ८. िकसन, ९. हर ा : मोअन गावँ, १०. ग ष का ीग श, ११. िक , १२. महाजन, १३. मडंल, १४. िक मडंल, १५. मडंल : मडंली, १६. पतन: पुरदंर आ १७. उपसहंार : पलायन खडंमे िवभ अिछ। १. अ ा- २००० ई. प.ू स ँआर होइत अिछ ई उप ास।

    खोहमे रहएबला म क िववरण शु होइत अिछ। बा एकटा दलक सवा र्िधक बिल म अिछ। पवू र्ज बा सेहो बिल छल। एतेक रास ब ा सभक बा। एकटा छोट आ एकटा पैघ पाथरक आिव ार कए छलाह पवू र्ज बा। अम ्दला ाकँे कहल जाइत छल। बा भयकंर गधंवला पशुक नाम सेहो छल। हाथक मह बढल आ बढल वकृ्षस ँदरूी। सप र्कँे मािर कए खाएल निह जाइत अिछ, से गप पवू र्जस ँज्ञात छल। ाचीन देव वकृ्ष, दोसर नाग देव आ तेसर नदी देव छलाह। अ ास ँबा सतंान उ करैत आएल छलाह। नव कुठार आ नव काताक आिव ार भेल। अः आः अग अ केर देिख कए व पशुकँे भागैत देिख एकर जानकारी भेल। मा षी हनुकर स ं ा विृ करैत छिल। थम मा षीक नाम पडल अ ा। ओकर मा ष-िम छलाह अ । अ ा दला ा बिन गेलीह आ हनुकर मे दल उ र िदिश बढल। फेर लेखक िलखैत छिथ जे प ृ ीक

  • 1.16 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    उ ि लगभग २०० करोड वष र् पवू र् भेल जे सव र्था समीचीन अिछ। कम र्का मे एक ान पर वण र्न अिछ- “ ा ि तीये पराधे र् ी ेतवाराह क े वैव त म ंतरे अ ािवशंिततमे किलयुगे थम चर ” आ एिह आधार पर गणना कएला उ र १,९७,२९,४९,०३२ वष र् प ृ ीक आयु अबैत अिछ। रेिडयोएि व िविध ारा सेहो ईएह उ र अबैत अिछ। यरूोपमे स हम शता ी धिर प ृ ीक आयु ४००० वष र् मानल जाइत रहल। ईरानक िव ान १२०० वष र् पिह प ृ ीक उ ि मानलि । ई दनु ूदिृ कोण वैज्ञािनक दिृ कोणस ँ देखलापर हा ा द लगैत अिछ। अ ा-शलैास ँशु होइत अिछ दोसर भाग। १०००० ई.प.ू।

    भाषाक आरभंक ारभं मायान िम एिहमे कट कए छिथ। एिहमे ब नीक जेका,ँ सकंेत भाषास ँ िनक सबंधं पिरलिक्षत कएल गेल अिछ। चलतं स ँ ि र जीवनक शु आत सेहो देखायल गेल अिछ। तकर बाद शलैा कराली अ ायक ारभं होइत अिछ, ७५०० वष र् पवू र्स।ँ गौ पालनक चचा र् होइत अिछ, गायक स ं ामे पया र् विृ भेल छल। सभ रहिथ चरबाह, चम र्स् धारी। आ किटमे पाथरक हिथयार। भेड, बकरी आ सु र छल, िकछु आन पोिसया जंतु जात सेहो रहए। घासक र ी, ि शलू आ नागदेवक चचा र् होइत अिछ। बाक नाम आब भऽ जाइत अिछ, ओजा। दला ाक नाम पड़◌ैत अिछ शलैा कराली। पशुक स ं ा बढल तँ पशुक चोिर सेहो शु भऽ गेल।पीपरक गाछक नीचा ँबैठकीक ार भेल। करालीक नाम अबंा पडल। कराली-महेष अ ायमे ५००० ई.प.ू मे कृिषक ार

    देखाओल गेल अिछ। महेष बीया बागु कए रहल छिथ। जवकँे पका कऽ खयबाक चचा र् होइत अिछ। आब धारक नाम सेहो राखल जाए लागल। महेष कुल ारा पोस केर मासँ खेनाइ तँ एकदम िनिष भऽ गेल।ओजा िलगं ानमे बैसल रहैत छलाह। तकर बाद महेष-पारवती अ ाय शु होइत अिछ ४ स ँ५

    हजार वष र् पवू र्। धानक फिसलक ारभं भेल। पारवती जिहया अएलीह तिहया ओतु ा थाक अ सार लाल मािट माथमे लगा देल गेल। पु क नाम ग ष पडल। एिहस ँपिह सतंानक पिरचय निह देल जाइत छल।

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.17

    ग ष- ई अ ाय ४००० वष र् पवू र्स ँशु होइत अिछ। स् ी-पु ष सबंधं आ िप कुलक आरभंक चचा र् शु भेल। ननू अनबाक आ खेबाक ारभं भेल। ननू अनबास ँकुलक नाम नी पडल। जव आ गहूमक खेतीक ारभं आ दधू दहुबाक आरभं देखाओल गेल अिछ। हाथीक पालनक ारभं आ अदला-बदलीस ँिविनमयक ारभं सेहो शु भेल। िश देव पर जल आ पात चढ़◌ेबाक ारभं सेहो भेल। यवकँे कूटब आ बकुनी करबाक ारभं भेल। गहूमकँे चूरब आ पािनमे िभजा कए आिगमे पकाएब ारभं भेल। पिक्षपालन करएबला एकटा िभ दल छल। मतृक-स ं ार आ म ृ ु पर कनबाक ारभं सेहो भेल। िलिपक ारभं सेहो भेल। हर- एिह अ ायक ारभं ३५०० ई.प.ू देखायल गेल अिछ।

    ननूक ापार आ सुगढ नावक िनमा र्ण ारभं भेल। पइलीक क ना नपबाक हेतु भेल। हर आ बडदक सि लन ारभं भेल। इनार खनुबाक ारभं आ जनक लबंवत केर अितिर चौड़◌ाइमे बसबाक ारभं सेहो भेल। घर बनएबाक ारभं सेहो भेल।कारी, गोर आ ता वणीर् कायाक बेरा-बेरी आगमन होइत रहल। हरिकसन अ ायक ार ३४०० वष र् पवू र् होइत अिछ। कृिष

    िवकासक सगं ायी िनवासक विृ बढय लागल। तकरा बाद पिरवारक प होमय लागल। कृिष-िवकासस ँ वािण िव ारक आव कता बढल। ऊनक वस् , च ी, भीतक घर आ इनारक घेराबा बनए लागल। िकसन अ ायक ार ३३०० ई.पवू र् भेल। म-बेचबाक

    ार भेल। पटौनीक ार क सगं कृिष-िवकास गित पकडलक। भूगोलक जानकारी भेलास ँ वािण बढल। अलकंारक विृ बढल। हड ा: मोहनगावँ अ ाय ३२०० वष र् पवू र् देखाओल गेल

    अिछ। म-बेचबाक हेतु काठक टोलक उदाहरण अबैत अिछ। अलकंार विृ बढल। गोलीक मालाक सगं कु ारक चाक सेहो स ुख आयल। समाजमे व िवभाजनक ार भेल। ग षक ीग ष अ ाय ३१०० ई. पवू र् ार भेल।

    दिक्षणाचंल लोकक आगमनक बाद हड ा हनुका लोकिन ारा ब बाक चच र् लेखक करैत छिथ। मोहनजोदड़◌ो, लोथल आ चा ूदोड़◌ोक िवकास ापािरक के क पमे भेल। िलिप, कटही गाडी आ मिू र्कलाक आिव ार भेल आ व ु िविनमयक

  • 1.18 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    हेतु हाट लागए लागल। मेसोपोटािमयाक जल ावन आ सुमेरी आ असुरक आगमनक चचा र् लेखक करैत छिथ। िक अ ायक ार ३००० ई.प.ू स ँभेल। िवदेश ापारक

    आर भेल। तामक आिव ार भेल। कृिष दास क सेहो ार भेल। बािढस ँ सुरक्षाक हेतु ऊँच डीह बनाओल जाए लागल। महाजन अ ाय २८०० ई. प.ू ार होइत अिछ। नगरक

    ार वािण क हेतु भेल। नहिर पटौनीक हेतु बनाओल जाए लागल। डंडी तराजकू आिव ार आव कता प भेल। काश- व ाक ोँत लागल। मडंल अ ायमे चच र् २६०० ई.प.ूक छै। स ं ा िनमा र्ण, िववाह व ा आ दरूगर या ाक हेतु पाल बला नावक िनमा र्ण ार भेल। िक मडंल अ ाय २४०० ई.प.ू केर कालख स ँआर कएल

    गेल अिछ। एिहमे वषा र्क अभावक चरचा अिछ। आय र्क पवू र् िदशामे बढबाक चचा र्स ँलोकमे भयक सेहो चचा र् अिछ। मडंल:मडंली अ ाय २२०० ई.प.ूस ँ ार भेल। आय र्क

    आगमनक आ वषा र्क अभाव दनुकँूे देखैत लोथल वैकि क पस ँिवकिसत होमए लागल। पतन:पुरदंर: एिह अ ायक कालख २००० ई.प.ूस ँ ार भेल

    अिछ। आय र्क राजा ारा पुरकँे तोिड महान कंे हड ाकँे करबाक चचा र्स ँमायान जी अपन पिहल िकताब ‘ थम ंशलै

    पु ी च’ केर समापन करैत छिथ। आय र् हड ाकँे हिरयिूपयास ँसबंोिधत कएल, आय र् बाहरस ँअएलाह ि िकछु िस ातंक आधार पर रिचत ई उप ास ऐितहािसक उप ास होएबाक दावा करैत अिछ। आ एिहमे २०,००० ई.प.ूस ँ १८०० ई.प.ू धिरक इितहासोपा ानक चचा र् अिछ। मुदा मौिलक ऐितहािसक िवचारधारा आ नवीन शोधक आधार पर एकर बहतुो बात समीचीन बझुना निह जाइत अिछ। अ ास ँ शु भेल ई कथानक ब आशा िदअओ छल।

    लेखक पिहल अ ायमे िलखैत छिथ जे प ृ ीक उ ि लगभग २०० करोड वष र् पवू र् भेल जे सव र्था समीचीन अिछ। कम र्का मे एक ान पर वण र्न अिछ- “ ा ि तीये पराधे र् ी ेतवाराह क े वैव त म तंरे अ ािवशंिततमे किलयुगे थम चर ” आ एिह आधार पर गणना कएला उ र १,९७,२९,४९,०३२ वष र् प ृ ीक आयु अबैत अिछ। रेिडयोएि व िविध ारा सेहो ईएह उ र

  • ब ध-िनब ध-समालोचना 1.19

    अबैत अिछ। ई अ मािनत अिछ जे यरूेिनयमक १.६७ भाग १०,००,००,००० वष र्मे सीसामे बदिल जाइत अिछ। िविभ कारक पाथर आ च ानमे सीसाक मा ा िभ रहैत अिछ। एिह कारस ँगणना कएला पर ई ज्ञात होइछ जे रेिडयोएि व पदाथ र् १,५०,००,००,००० वष र् पिह िव मान छल। एिह कारे ँको शलैक आयु २,००,००,००,००० वष र्स ँ अिधक निह भऽ सकैछ। यरूोपमे स हम शता ी धिर प ृ ीक आयु ४००० वष र् मानल जाइत रहल। ईरानक िव ान १२०० वष र् पिह प ृ ीक उ ि मानलि । एिह तरहक पा ा शोधकँे लेखक पिहल अ ायमे तँ नकािर देलि मुदा अतं धिर जाइत-जाइत ओ - आय र् लोकिन हड ाकँे हिरयिूपया कहैत छिथ - एिह कारक पा ा दरुा हक भावमे आिब गेलाह। पि मी िव ानक उि भोजस ँबिच ुित पर राक परीक्षा तकर्स ँनिह कए सकलाह। एिह कारे ‘ थम ं शलै पु ी च’ िन आधार पर अपन इितहासोपा ान सािहि क पस ँनिह बना पओलक :- पुराताि क, भाषावैज्ञािनक आ सािहि क सा एिह पक्षमे

    अिछ जे आय र् भारतक मलू िनवासी छलाह। आय र् भाषा पिरवारक नामकरण मै मलूर ारा कएल गेल छल। िवड पिरवारक नामकरण पादरी रॉबट र् काल्डवेल ारा कएल गेल छल।आय र्क आ मणक िस ातं आएल ि िफथक ऋ ेदक अ वादमे देल गेल फूट टस।ँ पिह तँ ई नामकरण िवदेशी िव ान ारा कएल गेल छल तािह ारे ओकर अपन उ े होएतैक। सर ती नदी, जल- लय, म आ महामत् क कथा, िग मेश

    कथा का , ाणवतंक देश िग मेशक खोज, सिृ कथा आ देवतं क िवकास एिह सभटा समाजशास् ीय िवकासक िव ेषण आय र् लोकिनक भारतक मलू िनवासी होएबाक सा ुत करैत अिछ। ऋ ेदमे मा स ा क व ाक ृितक पमे बहवुचन

    स् ीिलगंक योगक बहलुता अिछ। सघोष आ महा ाण ऋ ेिदक आ भारतीय भाषाक िनक

    ित प, निह तँ ईरानी आ निहये यरूोपीय भाषा सभमे भेटैत अिछ। सर ती आ िस ु धारक बीचक स ता छल आय र्क स ता। सर ती धारक तटवतीर् भरत, पु आ अ गण सभ िमिल कए ऋगवेदक रचना कएलि । सर तीमे जल- लयक बाद ई स ता सार त देश स ँ हिट कए कु -पाचंाल आ िष र् देश-म देश- पह ुँ िच गेल। इितहासमे भरत लोकिनक मह

  • 1.20 कुरुक्षे म् अ तमर्नक

    समा भऽ गेल। एिह जल लयक बाद आय र्जन लोकिनक वशंज मोहनजोदड़◌ो आ हड ा नगरक िनमा र्ण कए होएताह सेहो स व। हड ा स ताक ८०० मे स ँ५३० स ँऊपर ान एिह लु सर ती धारक तट पर अवि त छल। िस ुक धार पर एिह ल सभक ब कम िनभर्रता छल आ जखन सर तीमे पािनक वाह घटल तँ एिह सभ के क ास ार भऽ गेल। पिह सर तीमे जल- लयस ँआय र्क पलायन भेल (ऋगवेद

    आ यजवुे र्दक रचनाक बाद) आ फेर सर तीमे पािनक कमी भेलास ँदोसर बेर आय र्क पैघ पलायन भेल (अथव र्वेदक रचनाक पिह )। अरा-यु रथक वण र्न वेदमे भेटैत अिछ। निह तँ ई पि म एिशयामे छल आ निहये यरूोपमे। भारतीय देवनाम, िश , कथा, अ िव ा, सगंीत, भािषक त आ िचतंनक सगं ई उ ािटत होमए लागल पि म एिशया, िम आ यनूानमे। दोसर सह ा ी ई.पवू र् अरायुक् रथ, भारतीय देवनाम, भारतक धार, ऋगवेिदक त िचतंन, अ िव ा, िश -तकनीकी आ पुरातन ्कथा भारतस ँ पि म एिशया, ीट-यनूान िदिश जाए लागल। काल मस ँ िम , सुमेर-बेबीलोन, आिद स ता आ िम नी आ िह ी स तास ँ बहतु पिहनिह ऋगवेदक अिधकाशं मडंलक रचना भऽ गेल छल।

    मायान जीक एिह सीरीजक दोसर रचना म ं पु अिछ।

    एिहमे ऋगवैिदक आधार पर जीवन-दश र्नकँे राखल गेल अिछ। ऋगवेद १० मडंलमे (आ आठ अ कमे सेहो) िवभक्

    अिछ। मायान िम जी मडंलक आधार पर म ं पु क िवभाजन सेहो १० म लमे कए छिथ। एिह पु कक भूिमकाक नाम अिछ ऋचालोक आ ई पु कक अतंमे १०म म लक बाद देल गेल अिछ।

    थम म लमे काक्षसेनी पु ी ऋिज ाक चच र् अिछ सगंिह ऋतुिव र्त पु ी शा तीक सेहो। जन सभा आ जन-�