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राय परयोजना कायाालय, राजीव गाधी शिा शििन, रायपुर छ.ग. ितीय वष अंक – 8 शितीय अकादशिक शनरीण शविेष

राज्य पररयोजना कायाालय , राजव गााँध शिक्षा शििन, रायप ¡र छ.ग. patra January 2017.pdf ·

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  • राज्य पररयोजना कायाालय, राजीव गााँधी शिक्षा शििन,

    रायपरु छ.ग.

    द्वितीय वर्ष अंक – 8

    शितीय अकादशिक शनरीक्षण शविषे

  • आमुख

    देखते ही देखते वर्ष 2016 जा रहा ह ैऔर हम नए वर्ष 2017 का स्वागत करने को तयैार बठेै हैं | वर्ष 2016 स्कूली शिक्षा के

    शलए यादगार वर्ष रहा | आपके सहयोग से हम सबने शमलकर शवशिन्न के्षत्रों में कुछ नया और प्रिावी करने की सफल

    कोशिि की | राज्य के सुदूर अंचलों के तीन बच्चों ने कुल अट्ठाईस सफल बच्चों के बीच राष्ट्रपशत महोदय से इग्नाईट अवार्ष

    हाशसल शकया | राज्य में अब संकुल व्यवस्था को धीरे-धीरे सुदृढ़ करने की शदिा में सोच-समझकर कायष शकया जा रहा ह ै|

    आंगनबार्ी से लेकर तकनीकी एवं उच्च शिक्षा तक के शलए हमने सस्टेनेबल रे्व्हलपमेंट गोल के शलए दस्तावेज एवं शवजन

    2030 िी तयैार कर शलया ह ै | आिा ह ै शक इन सब कोशििों से बच्चों की उपलशधध में सुधार आएगा और सीखने का

    वातावरण बन सकेगा |

    र्ॉ. एपीजे अधदुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अशियान के अंतगषत हमने सिी प्राथशमक िालाओ ंमें संपकष फाउंरे्िन की मदद से

    गशणत शकट प्रदान अक्र्ते हुए शिक्षकों के प्रशिक्षण का आयोजन शकया | इस प्रशिक्षण के बाद हमने शजलों में शकट के उपयोग

    के आधार पर रैं शकंग करते हुए शनयशमत उपयोग हेतु पे्रररत शकया | इस वर्ष अंगे्रजी शकट का उपयोग तीन हजार प्राथशमक

    िालाओ ंमें शकया जा रहा ह ै| अगले वर्ष इस शकट को िी परेू राज्य की प्राथशमक िालाओ ंमें शवतररत कर उपयोग सुशनशित

    शकया जा सकेगा | पर इस बात का ध्यान रखा जाएगा शक अंगे्रजी का प्रशिक्षण प्राथशमक िाला के वो शिक्षक न लें शजन्होंने

    गशणत शकट का प्रशिक्षण शलया ह ै| ऐसा करके हम यह कोशिि करना चाहते हैं शक कक्षा पहली दूसरी में िी अलग-अलग

    शिक्षक अलग-अलग शवर्य शसखाने की शजम्मेदारी लें | इसमें आपके शवचार एवं सुझाव से हमें अवगत करावें ताशक इसके

    सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओ ंसे अवगत हुआ जा सके |

    इस वर्ष अमेररका की िालाओ ं की तजष पर यहा िी स्थानीय पररशस्थशतयों के अनुूपप शिक्षकों को प्रोफेिनल लशनिंग

    कम्युशनटी बनाकर एक दूसरे से सीखने के अवसर तयैार करने की शदिा में कायष शकया गया | शिक्षकों ने बढ-चढ़ कर

    अपने अपने पसंदीदा शवर्यों में प्रोफेिनल लशनिंग कम्युशनटी बनाई | राज्य स्तर से िी सीधे इन कम्युशनटी के साथ जुड़कर

    इनके कायों का अवलोकन, प्रोत्साहन एवं समथषन करने की व्यवस्था की गयी | राज्य में पहली बार र्ॉ. एपीजे अधदुल

    कलाम शिक्षा गुणवत्ता अशियान के अंतगषत शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु पीएलसी की सेवाएं ली गयी और शवशिन्न शवकासखंर्ों

    से उनके द्वारा बेहतर गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण के आयोजन की सचूनाएं प्राप्त हो रही ह ै| पररर्द व्दारा आयोशजत शफनलैंर् की

    शिक्षा प्रणाली से पररचय एवं मनेैजमेंट गुरु रघुरामन के व्याख्यान का लाि लेने इस बार शविेर् ूपप से प्रोफेिनल लशनिंग

    कम्युशनटी को आमंशत्रत शकया गया था और उनकी उपशस्थशत िी बेहतर थी |

    इस अशियान के तहत माताओ ंने िी इस वर्ष िालाओ ंमें आने की िुूपआत की | उन्हें घर पर बच्चों की पढाई की जानकारी

    लेने, बच्चों को पढने के शलए बेहतर माहौल बनाने, उनके पढाई के शलए आवश्यक व्यवस्था करने एवं समय समय पर

    स्कूल जाकर अपने शिक्षकों ने बच्चों के पढाई की जानकारी लेने की शदिा में कायष शकया जा रहा ह ै| शिक्षकों से चचाष पत्र के

    बारे में िी बेहतर प्रशतशियाएं शमल रही ह ै| संकुल की बठैकों में अकादशमक चचाषए होने लगी ह ै| छत्तीसगढ़ के शिक्षक देि-

    शवदेि में शिक्षा के बारे में जानकाररयों के साथ साथ शवशिन्न सम-सामशयक मुद्दों पर अपने शवचार रखने लगें हैं | चचाष पत्रों

    के माध्यम से शिक्षकों तक सीधे अकादशमक मुद्दों पर चचाषए संिव हो पा रही ह ै|

    इन सब बातों में सबसे बड़ी बात यह ह ैशक उपरोक्त सारे कायष शबना शकसी लागत के हो रहे हैं | चचाष पत्र से लेकर माताओ ंके

    उन्मुखीकरण तक के सिी कायष शबना शकसी राशि के शिक्षकों के अन्दर के जोि और गुणवत्ता सुधार के शलए कुछ कर

    गुजरने की इच्छा, जोि की वजह से ही संिव हो पा रहे हैं | इस जोि के बरकरार रहने एवं कक्षाओ ंमें नवाचार के शलए

    स्वतंत्रता या ऑटोनोमी की वजह से शनशित ूपप से हमारी कक्षाओ ंकी कहाशनयां बदलेंगी | इसमें कोई िंका नहीं हैं |

    आप सिी को पररवार सशहत नव-वर्ष की हाशदषक िुिकामनाएं !

  • एजेंडा # 1: नए वर्ष में अपने संकुल में शिक्षा के भागीदारों व्दारा संकल्प-

    नए वर्ष की िुरुआत में शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु शिक्षा से जुड़े द्ववशभन्न भागीदारों व्दारा कुछ न कुछ संकल्प लेने का यह

    एक सुनहरा अवसर ह ै| शिक्षक, पालक, संकुल समन्वयक, िाला प्रबन्धन सद्वमतत के सदस्य सभी अपने अपने स्तर पर

    कुछ न कुछ संकल्प ले सकते हैं | आपसे अनुरोध ह ैद्वक अपने संकुल की बठैक में शिक्षकों से चचाष कर अपने संकुल के

    सभी शिक्षकों के ललए एक संकल्प पत्र तैयार कर सभी की सहमतत से कुछ ऐसे संकल्प लेना तय करें जजसमे कोई समझौता

    नहीं हो सके | आपके सहयोग के ललए शिक्षकों के ललए संकल्प लेने के कुछ के्षत्रों से पररतचत द्वकया जा रहा ह ै–

    1. मैं प्रततद्वदन अपनी कक्षा में बच्चों को सीखने के स्पष्ट उद्देश्य द्वनधाषररत कर उसे द्वनधाषररत समय पर पूरा करंगा |

    2. मैं अप्पने द्ववद्यार्थियों के साि काम करते समय उनके प्रतत सदैव सकारात्मक सोच रखंूगा |

    3. मैं अपनी प्रत्येक कक्षा को रोचक बनाने का प्रयास करंगा एवं बेहतर कायों की तारीफ करना नहीं भूलूगंी |

    4. मैं अपने आपको बेहतर प्रदिषन करने योग्य बनाने सदैव एक दसूर ेसे सीखने हेतु पीएलसी के साि-साि एक

    अच्छा मेंटर बनाऊंगा, स्व-अध्ययन करते रहने के साि-साि चचतनिील बनूंगी |

    5. मैं अपने काम में पूरी रतच लूगंा, बच्चों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखंूगा, out of box सोचूंगा और पालकों

    से भी द्वनयद्वमत रप से द्वमलूगंा |

    6. मुझे अपने द्ववर्य में मास्टरी के साि साि द्वकसी द्ववर्य को बच्चों को जसखाने की द्ववशभन्न द्ववतधयों का ज्ञान होगा |

    िाला प्रबधंन सद्वमतत के सदस्यों क ललए कुछ संकल्प इस प्रकार हो सकते हैं-

    1. स्कूल में आयोजजत बठैकों में द्वनयद्वमत रप से उपस्स्ित होऊंगा |

    2. बच्चों एवं शिक्षकों की द्वनयद्वमत उपस्स्ितत सुद्वनतित करने में आवश्यक सहयोग करंगा |

    3. स्कूल में बच्चों की उपलस्धध में सुधार पर फोकस करंगा |

    4. शिक्षकों को उनके कायों को संपन्न करने में आवश्यक सहयोग करंगा |

    5. बठैक में अकादद्वमक मुद्दों पर द्वविेर् ध्यान दूंगा |

    6. आंगनबाडी कायषकताष, द्वमताद्वनन एवं स्व-सहायता समूहों को िाला से जोड़कर सहयोग लूगंा |

    इसी प्रकार पालकों, िाला प्रबन्धन सद्वमतत के सदस्यों के ललए भी कुछ संकल्प तय करते हुए

    उनसे साझा करते हुए उनकी राय के आधार पर उनसे भी कुछ संकल्प अवश्य इस अवसर

    पर द्वदलवाएं | यद्वद संभव हो तो सभी को अपने अपने संकल्प अपने मोबाइल में वीतडयो

    ररकाडष कर रखने एवं वर्ष में समय समय पर देखकर याद करने का अवसर देवें | कुछ बेहतर

    संकल्प हमार ेसाि भी व्हाटसएप्प समूह के माध्यम से िेयर करें | हमें भी सुनाएं |

  • एजेंडा # 2: द्वितीय अकादद्वमक माद्वनटररग की तयैारी-

    माह जनवरी में डॉ. एपीजे अधदलु कलाम शिक्षा गुणवत्ता अशभयान के अंतगषत चयद्वनत फोकस िालाओं की

    द्वितीय माद्वनटररग द्वकया जाना ह ै| राज्य स्तर से शिक्षकों के सतत क्षमता द्ववकास पर ध्यान द्वदया गया ह ै| चचाष

    पत्रों एवं फोकस िालाओं के शिक्षकों का पीएलसी सदस्यों के माध्यम से सीधे प्रशिक्षण का आयोजन की व्यवस्िा

    के ललए जजलों को आवश्यक सहयोग भी एस.सी.ई.आर.टी. के सहयोग से कर ललया गया ह ै| संवेदनिील जजलों

    में अपने स्तर भी अनेक प्रयास द्वकए जा रहे हैं | आप द्वितीय अकादद्वमक द्वनरीक्षण के दौरान द्वनम्नलललखत बातों

    को ध्यान में रखेंगे-

    बचे्च िाला में द्वनयद्वमत रप से आएं, इसका ध्यान रखेंगे |

    प्रिम द्वनरीक्षण में अपनी िाला में आए जन-प्रततद्वनतध/ अतधकाररयों से संपकष कर उन्हें अपनी िाला में आने एवं आने

    की ततशि आद्वद की जानकारी लेंगे |

    बच्चों के साि चयद्वनत दस दक्षताओं पर पयाषप्त अभ्यास करवाएंगे ताद्वक उन्हें द्वकसी प्रकार का सकंोच न हो |

    इस अशभयान के तहत िालाओं ने उपलधध होने वाले द्वनयद्वमत ससंाधनों जसेै प्रप्रट ररच वातावरण, वाल मैगजीन,

    लर्ननग कानषसष जसेै चीजें िाला में उपयोग करते द्वदखाई देनी चाद्वहए |

    चचाष पत्र के द्ववशभन्न मुद्दों पर शिक्षकों को पूरी-पूरी जानकारी होनी चाद्वहए |

    एजेंडा # 3: सामदुातयक सहभाद्वगता के दो उदाहरण-

    हमने शिक्षक प्रशिक्षण में आयोजन के आगे की बात उठाई िी | द्वपछले कुछ माहों पर ध्यान दें तो हम बहुत सार े

    आयोजन कर रहे हैं, द्वदवस मना रहे हैं | पर आप इस बात से सहमत होंगे द्वक केवल आयोजन मना लेने से कुछ

    नहीं होगा | हमें आयोजनों से आगे बढ़ना होगा | चीजों को धरातल में होते हुए एवं उसका लाभ बच्चों को द्वमलना

    सुद्वनतित करना होगा | इसके दो छोटे-छोटे उदाहरण इस अंक में द्वदए जा रहे हैं |

    केस स्टडी एक- हमने सभी िालाओं में माताओं को िाला से जोड़ने के ललए माताओं के उन्मखुीकरण का

    सुझाव द्वदया िा | प्रायः सभी िालाओं में माताओं का उन्मुखीकरण कायषक्रम का आयोजन द्वकया गया ह ै| इन

    आयोजनों में बड़ी संख्या में माताओं ने अपनी सहभाद्वगता दी ह ैजजसके प्रमाण आपके िारा भेजे गए फोटोग्राफ्स

    भी हैं | पर इन आयोजनों का उदे्दश्य केवल माताओं को एक बार िाला में बुलाकर उनका उन्मुखीकरण मात्र नहीं

    ह ै| हमें इस प्रकार के आयोजन से आगे भी जाना होगा | इस बार कांकेर जजले के नरहरपुर द्ववकासखंड के ग्राम

    पंडरीपानी में मद्वहलाओं के सम्मेलन में उपस्स्ित होने का अवसर द्वमला | इस सम्मेलन के आयोजन का उदे्दश्य

    िा – “अनाज दान, शिक्षा दान”| माताओं को यह अहसास हुआ द्वक बारहवीं तक पढ़ने के ललए उन्हें अभी से

    तयैारी एवं संसाधन एकत्र करने होंगे | बच्चों को द्ववशभन्न द्ववर्यों पर ट्यूिन के ललए शिक्षक की व्यवस्िा भी करनी

    होगी | इन सबके ललए मद्वहलाओं ने गााँव में माहौल बनाते हुए कलि यात्रा के साि-साि एक वाहन में हर घर से

  • अनाज दान प्राप्त द्वकया | इस यात्रा से प्राप्त राशि से बच्चों को आगे की शिक्षा के ललए समिषन देने हेतु ट्यूिन आद्वद

    की व्यवस्िा कर हर बचे्च को बारहवीं तक पास कराने का लक्ष्य द्वनधाषररत द्वकया गया |

    केस स्टडी दो- हम िालाओं में स्वच्छता के संदेि देने समय समय पर द्ववद्यालय स्वच्छता कायषक्रम एव ं

    स्वच्छता का संदेि देने बच्चों की रलैी आद्वद का आयोजन करते हैं | स्वच्छता का संदेि इन रलैलयों के साि ही

    समाप्त हो जाता ह ैऔर रलैी में उपयोग द्वकए प्लास्स्टक एवं अन्य सामग्री इधर-उधर द्वबखरी पड़ी द्वमलती ह ै |

    कवधाष जजले के चीमागोंदी संकुल के ग्राम भागुतोला, मैनपुरी और खलका की िालाओं में ग्रामवाजसयों ने इन

    आयोजनों से आगे बढ़कर कुछ नया करने का प्रयास द्वकया |

    िाला प्रबन्धन सद्वमतत ने िाला में हाि धुलाई में महत्त्व को ध्यान में रखकर िाला में पयाषप्त मात्रा में साबुन उपलधध कराने

    के उद्देश्य से गााँव में रलैी द्वनकालने का द्वनणषय ललया गया | रलैी द्वनकालनें के पूवष गााँव ने इस बाबत मुनादी भी कराई गयी |

    इसके तहत एक जागरकता रलैी द्वनकालकर घरों से साबनु एकद्वत्रत द्वकया गया और समदुाय को द्वनयद्वमत रप से साबुन से

    हाि धोने के ललए आग्रह करते हुए उसकी आवश्यकता की जानकारी भी दी गयी | इस प्रयास से प्रत्येक िाला में लगभग

    सौ से अतधक साबनु एकत्र द्वकया गया जजसका उपयोग बाल ससंद के माध्यम से द्वनयद्वमत द्वकया जाना सुद्वनतित द्वकया गया |

    इन दोनों उदाहरणों पर संकुल में शिक्षकों के साि चचाष करें | आपके संकुल में भी समय समय पर द्वकए जा रहे द्ववशभन्न

    आयोजनों के आगे कुछ ठोस गततद्ववतधयों को करने की द्वदिा में चचाष करें ताद्वक बच्चों को कुछ फायदा द्वमल सके | आप भी

    इस प्रकार आयोजनों के आगे कर रहे कायों को हमार ेसाि िेयर करें ताद्वक उन्हें चचाष पत्र में स्िान द्वमल सके और अन्य

    शिक्षक भी अपने यहााँ ऐसा कुछ कर सके |

  • एजेंडा # 4: दो कद्ववताओ ंसे पररचय-

    इन दोनों कशवताओं को शिक्षकों के साथ पढ़कर आत्िचिंतन िनन करें -

    क्या कराँ

    तुम्हें क्या पता पढ़ना सीखन ेके शलए,

    िुझ ेकहााँ-कहााँ भटकना पड़ रहा ह।ै

    एक-एक िब्द को पढ़ने के शलए,

    ककतनी बार अटकना पड़ रहा है।

    िुझ ेतो पढ़नी है बहुत सी कहानी,

    पर वणा और िात्रा के ये िेल,

    याद कदला रहे हैं िेरी नानी।

    अब शबना सिझ के इन दोनों का,

    कड़वा घ ाँट िुझ ेगटकना पड़ रहा ह।ै

    तुम्हें क्या पता.............

    क्या कराँ कोई रास्ता कदखाता भी नहीं,

    पढ़ते कैसे हैं व्यवशस्थत शसखाता भी नहीं।

    ककसी के कहने पर अब बारहखड़ी िें ही,

    अपना शसर िुझ ेपटकना पड़ रहा ह।ै

    तुम्हें क्या पता............

    पढ़ने के शलए क्या -क्या जररी है,

    कोई यह नहीं बताता,यही तो िजब री ह।ै

    इसीशलए पढ़ने के इस िकड़जाल िें,

    अब तक िुझ ेलटकना पड़ रहा ह।ै

    तुम्हें क्या पता.............

    द्रोण साहू, 9993902395

    "You Start Dying Slowly"

    आप धीरे-धीरे िरने लगते हैं, अगर आप :

    - करते नहीं कोई यात्रा,

    - पढ़ते नहीं कोई ककताब,

    - सुनते नहीं जीवन की ध्वशनयााँ,

    - करते नहीं ककसी की तारीफ़।

    आप धीरे-धीरे िरने लगते हैं, जब आप :

    - िार डालते हैं अपना स्वाशभिान,

    - नहीं करने दतेे िदद अपनी और न ही करते हैं िदद द सरों की।

    आप धीरे-धीरे िरने लगते हैं, अगर आप :

    - बन जाते हैं गुलाि अपनी आदतों के,

    - िंलते हैं रोज़ उन्हीं रोज़ वाले रास्तों पे,

    - नहीं बदलते हैं अपना दशैनक शनयि व्यवहार,

    - नहीं पहनते हैं अलग-अलग रंग, या

    - आप नहीं बात करते उनसे जो हैं अजनबी अनजान।

    आप धीरे-धीरे िरने लगते हैं, अगर आप :

    - नहीं िहस स करना िंाहते आवेगों को और उनसे जुड़ी अिांत

    भावनाओं को, वे शजनसे नि होती हों आपकी आाँखें और करती हों

    तेज़ आपकी धड़कनों को।

    आप धीरे-धीरे िरने लगते हैं, अगर आप :

    - नहीं बदल सकते हों अपनी शज़न्दगी को, जब हों आप असंतुष्ट

    अपने काि और पररणाि से,

    - अग़र आप अशनशित के शलए नहीं छोड़ सकते हों शनशित को,

    - अगर आप नहीं करते हों पीछा ककसी स्वप्न का,

    - अगर आप नहीं दतेे हों इजाज़त खुद को, अपने जीवन िें कि से

    कि एक बार,

    ककसी सिझदार सलाह से द र भाग जाने की,

    तब आप धीरे-धीरे िरने लगते हैं...!!!

    (कशव पाब्लो नरेुदा की एक सनु्दर कशवता)

  • एजेंडा # 5: School Education Quality Index (SEQI)-

    नीतत आयोग व्दारा िाला में गुणवत्ता लाने हेतु राज्यों की रपै्रकग हेतु एक इडेंक्स बनाया गया ह ैजजसके आधार पर

    राज्यों को अपनी िालाओं में गुणवत्ता हेतु प्रयास करने होंगे | िालाओं में गुणवत्ता लाने हेतु आपके स्तर पर जो

    कायष गभंीरता से करने होंगे, उनमे से कुछ इस प्रकार हैं-

    1. कक्षा तीसरी, पांचवीं एवं आठवी के बच्चों की गशणत एवं भार्ा (द्वहन्दी/ अगं्रेजी) में उपलस्धध में सुधार हेतु लगातार प्रयास

    करते रहना चाद्वहए | इडेंक्स में एक हजार में से छः सौ अकं इस क्षेत्र के ललए द्वनधाषररत हैं |

    2. प्रत्येक कक्षा में उस कक्षा के आयवुगष से सबंंतधत आय ुके बच्चों को ही दजष द्वकया जाना चाद्वहए | अिाषत कक्षा एक में केवल छः

    आय ुवगष के बच्चे, कक्षा छः में केवल ग्यारह आय ुवगष के बच्चे ही होना चाद्वहए |

    3. िाला से बाह्य बच्चों को तत्काल आय-ुअनुरप कक्षा में प्रवेि

    द्वदलाए जाने बाबत आवश्यक प्रयास द्वकए जाने चाद्वहए एवं उन्हें

    उस कक्षा के मूलभूत दक्षताओं को हाजसल करवाए जाने हेतु

    अततररक्त मेहनत की जानी चाद्वहए |

    4. द्ववशभन्न वगों (SC, ST, OBC, Girls) के बीच की उपलस्धध एवं

    नामांकन में असमानता को दरू करने हेतु सभी प्रयास करने

    होंगे |

    5. ऐसी प्रािद्वमक िालाएं जजसमे 150 या उससे अतधक बच्चे हों,

    उच्च प्रािद्वमक स्तर पर 100 या उससे अतधक बच्चे हों तो ऐसी

    िालाओं में अद्वनवायषतः प्रधान पाठक होने चाद्वहए | शिक्षा के

    अतधकार के अतंगषत इससे कम दजष सखं्या वाली िालाओं में

    प्रधान पाठकों की आवश्यकता प्रािद्वमकता में नहीं ह ै|

    6. प्रािद्वमक िालाओं में कम से कम दो शिक्षक होना अद्वनवायष होगा | िाला में दजष सखं्या 150 या उससे कम होने पर PTR

    30:1 और दजष संख्या 150 से अतधक होने पर PTR 40:1 के अनुसार शिक्षक उपलधध होने चाद्वहए | उच्च प्रािद्वमक स्तर पर

    द्ववज्ञान, गशणत, सामाजजक अध्ययन एवं भार्ा में प्रत्येक में एक-एक शिक्षक होने चाद्वहए | इस स्तर पर PTR 35:1 या उससे

    कम होना चाद्वहए |

    7. सेकंडरी एवं हायर सेकंडरी स्तर पर द्ववज्ञान, गशणत, सामाजजक अध्ययन, अगं्रेजी एवं भार्ा में प्रत्येक में एक-एक शिक्षक होने

    चाद्वहए | इस स्तर पर PTR 30:1 या उससे कम होना चाद्वहए |

    8. सभी शिक्षकों को राज्य में मानव ससंाधन प्रबन्धन जसस्टम (Human Resource Management System-HRMS) से जुड़ना

    होगा | सभी शिक्षकों के पास आधार नबंर होना चाद्वहए |

    9. सभी शिक्षकों का द्वनयद्वमत अतंराल से कायष द्वनष्पादन/ मूल्यांकन होना चाद्वहए |

    10. सीसीई अिवा बच्चों की उपलस्धध परीक्षण के पररणामों के आधार पर िालाओं व्दारा िाला द्ववकास अिवा सुधार योजना

    बनाकर उनके अनुरप सुधार कायष द्वकया जाना चाद्वहए |

  • एजेंडा # 6: एक नवाचार-

    सरगुजा जजले के लुंडर ा द्ववकासखंड में डाकाई संकुल कें द्र में संकुल समन्वयक श्री हुसामुद्दीन अहमद

    (7089751864) व्दारा वहां के सभी प्रािद्वमक िालाओं में एक नवाचार द्वकया गया ह ै| इस हेतु प्रतत िाला लगभग

    23 रपए मात्र का खचष आता ह ै(4 र0 का धागा, 3 र0 की सुई, और 15 र0 का 2 दजषन बटन) | इसके

    अंतगषत िाला में द्वकसी बचे्च का यदू्वनफामष का बटन टूट गए हों या जसलाई उधड गयी हो तो बच्चों को छोटी-मोटी

    जसलाई से संबतधत काम जसखाया जाता ह ै | बच्चों को इससे जसलाई सीखने के साि-साि अपने कपड़ों को

    करीने से पहन कर आने की प्रेरणा भी द्वमलती ह ै| इस नवाचार से स्कूल को द्वनम्नलललखत लाभ द्वमल रहे हैं –

    बच्चे जसलाई एवं तुरपाई का काम सीख जा रहे हैं।

    अशभभावक भी खिु हो रहे हैं, साि ही बच्चों के कपडे को व्यवस्स्ित तरीके से पहना कर स्कूल भेज रहे हैं।

    लड़द्वकयों के साि साि लड़के भी जसलाई का कायष सीख रहे हैं।

    बच्चों की उत्सुकता के कारण उपस्स्ितत प्रततित बढ़ा ह।ै

    यदू्वनफामष बेकार होकर फें कने से बच रहा ह।ै

    अत्यतं गरीब बच्चों को पुराने कपडे पहनने को द्वमल जा रहा है, जबद्वक वो u s e l e s s होनेवाले िे।

    आपस में चचाष करें द्वक ऐसे और कौन कौन से कायष हैं जो बहुत ही कम लागत में बहुत व्यापक पररवतषन लाने की

    क्षमता रखते हैं | आपके आसपास शिक्षक इनमे से अपनी िाला में क्या-क्या करना चाहेंगे ?

    एजेंडा # 6: द्वपछले कुछ कायों का फीडबकै-

    माह द्वदसंबर में हमने आपको गशणत सप्ताह के आयोजन हेतु सुझाव द्वदया िा | बहुत से के्षत्रों से इस कायषक्रम को

    सद्वक्रयता के साि आयोजजत द्वकया गया है और उसके ररपोटष एवं फोटोग्राफ्स भी भेजे हैं | आपके यहााँ भी इस

    द्वदिा में जो कायष हुआ ह,ै हमार ेसाि िेयर करें |

    द्वपछले अंक में हमने आपको राष्टर ीय आद्ववष्कार अशभयान के अंतगषत द्ववज्ञान से संबतंधत सामग्री पठन कार्डसष या

    Do it yourself cards के रप में जजलों में मुद्रण के ललए तयैार करने हेतु कायष के कुछ के्षत्र उपलधध कराए िे |

    आपको प्रशिक्षण या बठैक के दौरान इन मुद्दों पर चचाष कर स्िानीय रप से कुछ सामग्री द्ववकजसत कर अपने

    जजला एवं राज्य पररयोजना कायाषलय के साि िेयर करनी िी | कुछ के्षत्र इस प्रकार हैं -

    हमार ेआसपास सामाजिक परपंराओ ंएवं रीजि-ररवािों में जिजहि जवज्ञाि को खोिकर सामिे लािा (सीधे बैठकर पढ़िे क्यों कहा िािा है ? घरों में आगँि में गोबर क्यों लीपा िािा है ? आगँि में िलुसी का क्या महत्व है ? उपवास क्यों रखिे हैं ?... )

  • हमार ेघर या आसपास आसािी स ेउपलब्ध होिे वाले वस्िओु ंसे कुछ आसाि प्रयोग करिे का जववरण दर्ाािे कार्ड ास

    कबाड़ से िगुाड़ के माध्यम से जवज्ञाि को रोचक बिािे के कुछ िरीके

    प्राचीि यगु से अपिाए िा रहे कुछ िसु्खे (िैसे आजदवासी षेेतरों ों में ममसम कभ िजवयवयवाणी िाििे के िरीके..... )

    स्वास््य कभ दखेिाल के जलए कुछ घरलूे िसु्खे एवं ध्याि दिेे योग्य कुछ बािें

    अब िक इग्िाईट अवार्ा में सझुाए गए कुछ िवाचारी उपायों का जववरण

    पाठडय-पसु्िकों में उपलब्ध जवजिन्ि प्रकरणों को आसािी से समझाए िािे हेि ुकुछ गजिजवजधया ँ

    गजणि एवं जवज्ञाि जर्षेतण हेि ुजवजिन्ि सहायक सामग्री बिािे के िरीके

    मोबाइल के माध्यम से खरीददारी हेि ुउपलब्ध जवजिन्ि िरीके एवं प्रजिया

    इसके अलावा और भी अन्य मुद्दों पर सभी जजलों को प्रप्रट करने हेतु कार्डसष तैयार कर आपस में िेयर द्वकया

    जाना ह ै| जजलों में इस हेतु कायषिालाओं का आयोजन द्वकया जाना ह ै| इच्छुक प्रततभागी अपने जजले में संपकष

    करें एवं तयैार सामग्री राज्य पररयोजना कायाषलय से या ग्रुप में व्हात्सेप्प (9425507257) के माध्यम से िेयर

    करें | इस माह के अंत तक जजलों में इन पर आवश्यक सामग्री बन जानी चाद्वहए |

    एजेंडा # 7: इस माह के ललए कायष-

    आपके संकुल या आसपास द्ववशभन्न के्षत्रों में द्वविेर्ज्ञ उपलधध होंगे | कई बार हमें कुछ कायों के ललए द्वविेर्ज्ञ की

    आवश्यकता होती ह ैऔर वो हमार ेआसपास होने के बावजूद हम उसे ढंूढ नहीं पाते | बेहतर होगा द्वक हम शिक्षा

    से जुड़े द्ववशभन्न कायों के ललए हमार ेसंकुल या आसपास उपलधध द्वविेर्ज्ञों की सूची तयैार कर एक ररसोसष मैप्रपग

    कर लेवें और समय समय पर इनकी द्वविेर्ज्ञता का उपयोग कर सकें | शिक्षा से जुड़े द्ववशभन्न के्षत्र कुछ इस प्रकार

    हो सकते हैं- अध्यापन, द्ववर्य द्वविेर्ज्ञता, शिक्षक प्रशिक्षण, मोद्वटवेिन व्याख्यान दनेे वाले, गीत-संगीत का

    उपयोग कर पढ़ाने वाले, अशभनय एवं अन्य लोक कलाओं के उपयोग में पारगंत व्यद्वक्त, तचत्रकला, सहायक

    सामग्री द्वनमाषण, वादन, द्वफल्म बनाने वाले, पुस्तक ललखने वाले, तडजाइन बनाने वाले, कैररयर काउंजसललग में

    सहयोग करने वाले, बच्चों को ज्ञानप्रद एवं नैततक शिक्षा देने वाले आद्वद आद्वद |

    आपस में चचाष कर अपने संकुल के ललए ऐसे लोगों हो द्ववभाग से हों या बाहर से हों, की सूची बनाकर उनका

    द्वववरण एवं संपकष नंबर आद्वद ललखते हुए समय समय पर इनका उपयोग करें | सभी संकुलों में ऐसे स्त्रोत व्यद्वक्तयों

    की सूची अद्वनवायषतः उपलधध होनी च्चाद्वहए | इसे Resource Mapping booklet कहा जाए और इसे द्वनयद्वमत

    रप से अद्यतन द्वकया जाए | सभी संकुल समन्वयक अपने अपने स्त्रोत कें द्र में यह पुस्स्तका रखें |

  • एजेंडा # 8: द्वफनलैंड में शिक्षा से पररचय एवं हमारी िालाओ ंमें लाग ूद्वकए जाने योग्य के्षत्र -

    द्वदनांक 23.12.2016 को राज्य में SCERT िारा द्विनलैंड की शिक्षा पद्धतत का हमार ेकक्षाओं में उपयोद्वगता पर

    आधाररत कायषिाला में पहली बार जजलों में गद्वठत PLCs को िाद्वमल होने का मौका द्वमला ताद्वक वे अपने–

    अपने क्षते्रों में बेहतर कक्षागत प्रद्वक्रयाओं को पूरे जोि एवं रचनात्मकता के साि लागू कर सकें | रायपुर में आयोजजत इस कायषिाला में कुल पांच सौ से अतधक प्रततभागी उपस्स्ित रहे जजसमे से लगभग दो सौ लोग

    द्ववशभन्न जजलों के पीएलसी के सद्वक्रय सदस्य िे जजन्हें व्हात्सेप्प में उनकी अकादद्वमक क्षते्रों में सद्वक्रयता के आधार

    पर आमंद्वत्रत द्वकया गया िा | इस कायषिाला से कुछ ऐसी चीजें जजन्हें हम अपनी कक्षाओं में लागू कर सकते हैं,

    द्वकये जाने योग्य हैं, वे हैं –

    पूवष प्रािद्वमक शिक्षा में द्वविेर् ध्यान द्वदया जाता हैं | हमें भी अपने िाला में आने वाले बच्चों को उनके आगनबाडीयों

    आंगनबाद्वड़यो में पढाई के स्तर में सुधर हेतु आवश्यक सहयोग /समन्वय करना चाद्वहए ताद्वक कक्षा एक में प्रवेि

    लेने वाले बच्चों का स्तर बेहतर हो |

    बच्चों को बहुत आदर द्वदया जाता हैं और उन्हें सीखने में हर-संभव सहायता दी जाती हैं | हमें भी अपने बच्चों के

    अंदर यह द्ववश्वास पैदा करना होगा की वे सीख सकते हैं और बेहतर प्रदिषन कर सकते हैं | हमें बच्चों पर द्ववश्वास

    करना होगा | उनमे आत्मद्ववश्वास पैदा कर सीखने के ललए तैयार करना होगा |

    प्रत्येक कालखडं में सीखने का लक्ष्य द्वनधाषररत द्वकया जाता ह ैऔर उस द्वनधाषररत लक्ष्य को समय पर सभी बच्चों के

    साि पूरा करने का प्रयास द्वकया जाता ह ै | हमें भी प्रततद्वदन प्रत्येक कालखडं में बच्चों को क्या-क्या आ जाना

    चाद्वहए, इसका द्वनधाषरण करते हुए सोच-समझकर कायष करना होगा |

    परीक्षाओं में स्मृतत या रटने पर आधाररत प्रश्न न पूछते हुए ऐसे प्रश्न पूछने की व्यवस्िा की जानी चाद्वहए जो बच्चों के

    रचनात्मक कौिलों के द्ववकास के ललए सहायक हों | इससे हमार ेबच्चों के भीतर शछपे द्वक्रएद्वटव आइतडयाज का पता

    चल सकेगा | संकुल में बठैक कर शिक्षकों को ऐसे प्रश्न तयैार करने हेतु प्रेररत करें |

    शिक्षकों को अध्यापन कायष के ललए बहुत अतधक मेहनत एवं तैयारी करनी पड़ती ह ै| शिक्षक प्रशिक्षण भी बहुत

    कद्वठन होता ह ै | हमार ेयहााँ भी शिक्षकों को अपने अध्यापन कौिल में द्वनखार लाने मेहनत एवं अध्ययन करते

    रहना चाद्वहए |

    प्रत्येक पाठ के ललए शिक्षण योजना बनाई जाती ह ै| द्वकसी पाठ को अगले वर्ष दबुारा पढ़ाते समय इस बात का

    ध्यान रखा जाता ह ैद्वक उसमे नवीनता लाई जाए | नए द्ववद्यार्थियों को पढ़ाते समय भी शिक्षक द्वपछली कक्षा के

    अनुभव के आधार पर अपनी शिक्षण योजना में आवश्यक सिंोधन करते रहते हैं |

    प्रत्येक शिक्षक को अपने कायषके्षत्र के अनुभवों के आधार पर कुछ लघुिोध करने होते हैं | इसके ललए अलग से

    उनका कोई प्रशिक्षण नहीं होता | क्या हमार ेशिक्षक अपने शिक्षण अनुभवों की छोटी-छोटी केस स्टडी नहीं ललख

    सकते ? ऐसे अध्ययन के ललए द्ववशभन्न मुद्दें सोचकर हमार ेसाि िेयर करें |

  • एजेंडा # 9: मैनेजमेंट की कुछ बातें-

    S C E R T िारा आयोजजत इस कायषिाला में मैनेजमेंट पर हुए व्याख्यान से भी हमार ेपीएलसी के शिक्षक बहुत प्रभाद्ववत हुए | कुछ

    ने तो उनके व्याख्यान के कुछ अिंों के आतडयो भी व्हात्सेप्प के माध्यम से िेयर द्वकए | इनमे से कुछ हैं -

    शिक्षकों को अपने कायष के महत्व से पररतचत होना होगा | वो जो कायष कर रहे हैं, वो द्वकतना महत्वपूणष ह ैऔर उनका सकारात्मक

    दृद्वष्टकोण इस कायष में द्वकतना प्रभाव डाल सकता ह,ै इसका जीता-जागता उदाहरण इस वास्तद्ववक घटना के माध्यम से समझा जा

    सकता ह ै–

    तद्वमलनाडु के मैलापुर इलाके में एक मां अपने बेटे के साि भीख मांग कर गुजारा करती िी | एक शितक्षका उमा की नजर उस

    बच्चे पर पड़ी और उसने उसे पढ़ने के ललए प्रेररत द्वकया | जेद्ववयर नामक यह बालक उस मद्वहला के बातों से प्रभाद्ववत होकर

    अपने दम पर पढ़ना िुर द्वकया | स्कोलरशिप लेकर जमषनी में उसने इस्न्जद्वनयररग की पढाई की और आज वह यांद्वत्रक ऊजाष

    से कार चलाने का माडल बना चकुा ह ै| नौकरी द्वमलने पर उसने भारत वापस आकर अपनी मां के ललए एक घर बनाने का

    सकंल्प ललया ह ै|

    इसी प्रकार मेरी नामक एक शितक्षका ने अपने एक द्ववद्यािी जजसकी माता के देहांत के बाद वह पढाई से द्ववमुख हो चुका िा

    को िोड़ा सा सम्मान और प्यार द्वदया तो वह पुनः पढाई में रतच लेते हुए आज अमेररका में एक बड़ी कंपनी में इजंजद्वनयर के

    पद पर कायष कर रहा ह ै | उसने अपनी उस शितक्षका को जजसकी वजह से उसका जीवन बदल गया, अपनी िादी में

    कैललफोर्ननया बुलाकर अपनी मां की जगह में उसे द्वबठाया और पूरा आदर द्वदया |

    श्री रघुरामनजी ने अभी तक बहुत सी पुस्तकें ललखी और रोज वे मैनेजमेंट का फंडा द्वनयद्वमत रप से ललखते हैं | अपने द्वपता

    के देहावसान के द्वदन भी उन्होंने उस द्वदन के अनुभव को साझा द्वकया | द्वपछले पदंह वर्ों से वे ललख रहे हैं | उनकी सबसे

    द्वप्रय पुस्तक “जजन्दगी की पाठिाला” ह ैजो उन्होंने अपने एक शिक्षक के बार ेमें ललखी ह ै| क्या आपका कोई द्ववद्यािी भी

    आपसे प्रभाद्ववत होकर आपके ऊपर कोई पुस्तक ललख सकता ह ै? ऐसा हो सकता ह ै! इन बच्चों का कोई भरोसा नहीं !

    बच्चे हमेिा शिक्षक के व्यवहार को अपनाते हैं उसके द्वनदेि को नहीं | इसललए आपको अपना व्यवहार सयंद्वमत रखना चाद्वहए

    और बच्चों से बेहतर सबंंध बनाए रखना चाद्वहए | आपके उपदेि से नहीं वरन आपके आचरण से आप समाज को बदलने की

    क्षमता रख सकते हैं |

    हमार ेपास तीन प्रकार में द्वदमाग वाले लोग मौजूद होते हैं | एक कमजोर द्वदमाग वाले लोग- जो गपिप में अपना समय द्वबता

    देते हैं, दसूरा औसत द्वदमाग वाले लोग- जो द्वकसी घटनाक्रम के बार ेमें बात करते रहते हैं, तीसर ेलोग वो होते हैं जो ब्राईट

    माइडं अिाषत आइतडया पर बात आकर उन्हें लागू करने की द्वदिा में कायष करते हैं | आप द्वकस शे्रणी में आना पसदं करेंगे ?

  • एजेंडा # 10: तचत्र पर चचाष-

    चचाष के प्रबद-ु

    खेल-खेल में इस आद्वदमानव के बचे्च ने चके्क का द्वनमाषण कर ललया पर उसके इस खोज को मात्र खेल मानते हुए उसे अपने भाई के मेहनत वाले काम में

    सहयोग के ललए कहा जा रहा है | चके्क का इस्तेमाल कर वह अपने भाई व्दारा द्वकए जा रहे काम को बहुत आसान कर सकता है |

    हमार ेआसपास, कक्षाओं में भी बच्चों के पास बहुत से आइतडयाज होते हैं | जररत है द्वक हम उनके कल्पनािील द्ववचारों एवं आइतडयाज को सुनें |

    क्या आप अपने द्ववद्यार्थियों को ऐसे अवसर कक्षाओं में देते हैं ? क्या हम इस तचत्र के अनुसार ऐसे कायों को हतोस्ताद्वहत करते हैं ?

    क्या ऐसे आइतडयाज को प्रोत्साद्वहत कर डॉ. एपीजे अधदलु कलाम इग्नाईट अवाडष के ललए आप भेजने को तैयार हैं ?

    जाते जाते....

    वर्ष 2016 हमसे द्ववदा ले चुका है और हम 2017 में पहुाँच चुके हैं | चचाष पत्रों के माध्यम से हम इस कोशिि में लगे हैं द्वक हमारे शिक्षकों का सतत क्षमता

    द्ववकास हो और साि ही वे अपनी एक प्रोफेिनल लर्ननग कम्युद्वनटी बनाकर एक दसूर े से सीखने की प्रद्वक्रया द्वमलकर जारी रखें | हम सभी को नवीन

    जानकाररयों से अपडेट रहना चाद्वहए वरना हम सब अपने अपने स्कूल में कड़ी मेहनत तो कर रहे होते हैं पर ददु्वनया में क्या हो रहा है, क्या कुछ नया हो रहा हो,

    इसकी जानकारी नहीं हो पाती | लोग आपके व्दारा द्वकए जा रहे बेहतर कायों को भी नहीं जान पाते | इन सब कद्वमयों को दरू करने का बेहतर द्ववकल्प चचाष पत्र

    के रप में सामने आ रहा है | Inter-state Council की बठैक में शिक्षकों को टेक्नोलोजी के उपयोग करने हेतु प्रोत्साद्वहत करने के सुझाव द्वदए गए हैं | इस

    द्वदिा में प्रयास करते हुए अब आपको चचाष पत्र द्वनयद्वमत रप से हमार ेवेबसाईट http://www.ssachhattisgarh.gov.in/pedagogy.php में एव ंalokshukla.com में भी उपलधध कराया जा रहा है | आपसे अनुरोध है द्वक आप alokshukla.com में अपने आपको पजंीकृत कर लेवें | इसमें शिक्षा से संबतंधत बहुत सी बातें आप भी िेयर कर सकते हैं | चचाष पत्र तो हम सब शिक्षकों के ललए है | अब हम बच्चों के ललए भी एक ई-मगैजीन – “द्वकलोल” आपके

    ललए लेकर आ चुके हैं | इसे आप http://alokshukla.com/ChildrenMagazine/DownloadKilol.aspx में जाकर डाउनलोड कर सकते हैं | अभी तक लगभग सौ लोगों ने इसे डाउनलोड कर ललया है | आप इसके ललए अपने लेख भी इसमें द्वदए पते पर या हमार ेग्रुप के व्हात्सेप्प पर भेज सकते हैं |

    चचाष पत्र के ललए भी रोचक जानकाररयााँ भेजते रहें | पूरा द्ववश्वास है द्वक इस वर्ष हम अपनी कक्षाओं में बच्चों के द्ववकास के ललए बहुत कुछ कर सकें गे | आप सभी से इन कायों के ललए द्वनयद्वमत सहयोग द्वमलता रहेगा ! इन्ही आिाओं के साि पुनः सभी को नव वर्ष की बधाइयां !!

    http://www.ssachhattisgarh.gov.in/pedagogy.php%20में%20एवं%20alokshukla.comhttp://www.ssachhattisgarh.gov.in/pedagogy.php%20में%20एवं%20alokshukla.comhttp://alokshukla.com/ChildrenMagazine/DownloadKilol.aspx