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Airo International Research Journal July, 2014 Volume IV, ISSN: 2320-3714 Impact Factor 0.75 to 3.19 1

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ऩत जी क कावम भ परकतत चितरण

डॉO टी . गोव नद मभा

पराधमावऩका हहनदी व बाग

सयकायी भहाव दमारम नयसननाऩटा शरीकाकरभ Declaration of Author: I hereby declare that the content of this research paper has been truly made by me including the title of the research paper/ research article, and no serial sequence of any sentence has been copied through internet or any other source except references or some unavoidable essential or technical terms. In case of finding any patent or copy right content of any source or other author in my paper/article, I sha ll always be responsible for further clarification or any legal issues. For sole right content of different author or different source, which was unintentionally or intentionally used in this resear ch paper shall immediately be removed from this journal and I shall be accountable for any further legal issues, and there will be no responsibility of Journal in any matter. If anyone has some issue related to the content of this research paper’s copied or plagiarism content he/she may cont act on my above mentioned email ID.

हहदी साहहतम जगत भ छामा ाद परगतत ाद औय अधमातभ ाद क ारयश ए परकतत क सकभाय कव समभतरानदन ऩत जी का अऩना एक भहत ऩणण सथान ह । उनका जनभ उततयाखड कभाम की ऩहाडिमो ऩय फस अलभोिा जजर क कौसानी क फागश य नाभक गा भ 20 भई 1920 को हआ इनक जनभ क कर घटो फाद ही इनकी भा िर फसी इनका ऩारन ऩोषण इनकी दादी न ककमा ऩत जी का असरी नाभ गोसाई दतत था औय मह नाभ ऩसद ना होन क कायण इनहोन अऩना नाभ समभतरानदन ऩत यख मरमा ।

समभतरानदन ऩत जी का फिऩन कभाम ऩ णतो की सदय ाहदमो भ फीता इसी कायण परकतत स उनका फहत ही घतनषठ सफध यहा ह ऩत जी का भहाकावम रोकामतन भ उनहोन अऩन

कावम भ परयणा की शजतत ए सरोत परकतत को ही भानत हए कयत ह की कव ता कयन की परयणा भझ सफस ऩहर परकतत तनयीण स मभरी ह जजसका शरम भयी जनभ बमभ कभाािर परदश को ह कव जी न स ऩहर बी भझ माद ह भ घटो एकात भ फठा परकतत दशम को एकटक दखा कयता था औय कोई अऻात आकषणण भय बीतय एक अवमतत सौदमण का जार फनकय भयी ितना को तनभम कय दता था ।

परकतत की यभणीम हरयमो स बया हआ कौसानी गा बायत का जस जयरड कहराता ह जगभग कयती जगनओ की योशनी यग-बफयग परो का फहाय एकात घाटी का आ ाक सौदमण आनद व बोय कयन ारा भनोयभ हदम का चितरण ऩत जी की यिनाओ भ हभ ऩात ह ।

उन परी हरयमारी भ

कौन अकरी खर यही भा

ह आऩकी म ारी भ ।

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मशलऩा औय सौदमण ऩत ऩषठ सखमा 36

समभतरानदन ऩत जी की बा नाए अतत सख ती सयज का डफना नीर नीर अफय ऩय हदम को छ जान को रामरभा घय जाती ह। गोधमर फरा फहती ऩतछमो का कर कर भद-भद फहती हई ह ा क झोको क हा भ हा मभराती खशी स हहरन ारी यग बफखयन परो की डामरमा झय झय झय न कर -कर

फहती नहदमा सदय नहदमा ऩत जी क एकाकी ककशोय भन को सद अऩनी ओय आकवषणत कयती फराती ह परकतत क सौदमण भ डफा उनकी भनो बा नाओ का सदय सभाहाय सभम-सभम ऩय उनकी कव ताओ भ परततषठा होता यहा ह अऩन गा कौसानी की भनोयभ झाकी का णणन ऩत जी न इस परकाय ककमा

यहा गराभ ह भयकत गराभीणगण

शरदधानत आयोहण क परतत

भगधा परकतत का आतभा -सभऩणण

साझ - परात स ायाणणभ मशखयो स

दमबाम फयसाती ब

धमानभगन तन: स य तनसगणतन ज

हदवम रऩ का कयता अनब ।

परकतत क यभणीम रऩ स परयणा ऩाकय ऩत जी अऩनी कावम कलऩना क भहत को फतात हए कहत ह कक भ कलऩना क सतम को सफस फिा सतम भानता ह भयी कलऩना को जजन जजन व िायधायाओ स परयणा मभरी ह उन सफका सभीकयण कयन की भन िषटा की ह । भया व िाय ह कक ीणा स रकय गराभ भ तक अऩनी सबी यिनाओ भ भन अऩनी कलऩना को ही ाणी दी ह इनकी ीणा की कव ताओ

भ गीताजमर का परबा ह जजसभ णखरणखराती परो ए परकतत का सदय नजाया ह इस भाहौर का आनद रत हए ऩडडत जी कहत ह कक भन परकतत की हय फिी छोटी सतओ को अऩनी कलऩना की तमरका स यग कय कावम की अदभत साभगरी इकटठा की ह उनकी कव ता ीणा की सदय झाकी का णणन कव समभतरानदन ऩत जी न इस परकाय ककमा।

“ऩा स ऋत थी ऩ णत परदश

ऩर ऩर ऩरय ती परकामशत परदश

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भखराकाय ऩ णत आऩ औय

अऩन सहऋ दग सभान पाड”

उनकी कव ता ‘गरचथ ’ कव का परभ परधान खड कावम ह गजन कव ता भ भान जी न का सफधी कई परकाय क भनोयभ चितरण ह।

“भ नही िाहता चिय सख

भ नही िाहता चिय दख सख-दख की आख मभिोरी खर जी न अऩना भख मह साझ उषा का आगन आमरगन व यह मभरन का चिय हास- अशरभम आनद य इस भान जी न का ”

ऩत जी परकतत क भनोयभ दशम को आरम न क रऩ भ स ीकाय कय भान जी न क तथमो का चितरण ककमा ह ऩत जी की गराममा उसकी बाषा गा क ाता यण की उऩज ह।

“गजी को भाय गमा ऩारा अयहय क परो का झरासा हाका कयती हदन बय फदय अफ भामरनी की रिकी तरसा ।“

गराभीण जी न क योिक सयस शबद चितर खीिन भ ऩत जी भाहहय ह परकतत को सितन रऩ भ दखन ारो भ ऩत जी परभख ह इनभ सपरदातमक कोभर बा नाओ का ही परकाय हआ ह इन ऩय अगरजी कव मो रडणस थण शरी कीटस ामय आहद का व शष परबा ऩिा ह ऩडडत जी का कावम ए परकतत परभ स बया हआ ह परकतत को सजी रऩ भ स ीकाय कय उसका भान ीकयण नायी रऩ भ ककमा ह ऩत जी क कावम भ

व शष करातभकता होती ह परकतत को व याट सजी सौदमण सतता क रऩ भ स ीकाय ककमा गमा ह इन सभह परकतत चित ऩरयचित नायी सहसम खिी होकय अऩनी आऩ बी सनाती हई रगती ह ऩत जी बा क होकय शरदधा भन परकतत कहत ह कक कहो कौन हो दभमती सी तभ तायो क नीि सोई हाम तमह बी तमाग का अरी नर सा तनठय कोई ?

ऩत जी अऩन हदम की अनबततमो भ सभसत यागातभक सफध सथावऩत कयक परकतत क परतमक अश भ अऩन आऩ को तथा स म भ परकतत की आबा को दखकय ऩरककत हो जात ह ऩत जी क परकतत णणन इतना अनठा ए णणन यजीत ह कक हय एक क भन भ परकतत क परतत जजऻासा ए अटट शरदधा की बा नाओ को जगाता ह ऩत जी कहत ह कक ह जफ बी अगिाई रत हए आरसम आख भद रत ह तो परकतत उनकी कलऩना भ फहायो की यभणीम झरो भ फादरो को िीय कय झरा कयती ह

फादरो भ छामा भर घभत ह आखो भ शय अ तन औय अफय क बरक खर शर भ जरद जरद भ शौर।

सचि अथो भ शरी समभतरानदन ऩत जी न परकतत क कण कण भ अऩणण शोबा गरयभा सषभा दखी ह इनहोन अऩनी अदभत कलऩना क द ाया ऐस भनोहय

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शबद चितर खीि ह जजनक अ रोकन स हदम भ गदगदी सी होन रगती ह इसका शबद िमन भनोहय ह शबदो भ पराण इशक था कयन क कायण इनक शबद सभाहाय हभाय आखो क साभन ऐस रगत ह जस अबी अबी खर यह पर हभ दख कय भसकया यह ह बीनी बीनी खशफ ह ा क झोको क साथ हभाय भन को छ कय िरी जाती ह गोय गनगना यह ह रहय झभ यह ह जस फचि ततरात हए फोर यह ह इनही सफ कायणो स ऩडडत जी को हहदी साहहतम का रडणस थण कहा जाता ह ऩत जी अऩन जी न भ परकतत को ही पराथमभकता दत ह परकतत उनक मरए स गण ह इसी सदबण भ डॉतटय परबाकय भाि जी क शबद सटीक रगत ह उनका परथभ व षम ह परकतत कौन व षम ह भान ऩत जी परकतत क खर आगन भ व ियण कयत नजय आत ह

“छोि दरभो की भद छामा तोि परकतत स बी भामा ार तय फार जार भ कस उरझा द रोिन ”

ऩत जी की परततबा फमभसार ह अतरनीम ह इनकी परततबा क सफध भ शरीभती िदरकाता परबाकय जी की परततबा फमभसार ह अतरनीम ह इनकी परततबा क सफध भ शरीभती िदरकाता परबाकय जी न मरखा ह कक ऩत जी हहदी क सदयतभ कराकाय ह करा क तर भ जहा उनहोन ऩयातन कावम कतत का यगभहर खिा ककमा ह ही बा ना तर भ परकतत औय भान जी न क

अतर बा सौदमण हहदी ससकाय को सऩनन ककमा ह उनकी यिनाए शात औय उदधाय व िायो की गबीयता औय ऩव तरता स भडडत ह इनकी कव ताओ ऩय यव दर यव दर नाथ जी का परबा ह परकतत सौदमणता स बयी हई उनकी कव ताए हभ आरौककक ससाय की सय कयाती ह भन की थकान को ऩर बय भ दय कय एक अदभत आनद की अनबतत स अमबबत कय दती ह