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अन तावना कभम का सिाॊत अकाम है। जो जैिा कयता है वैिा ही पर ऩाता है चाहे याजा हो मा यॊक, िहो मा नौकय। अये ! वमॊ बगवान बी अवताय रेकय आम ? कभम का अकाम सिाॊत उनको बी वीकाय कयना ऩड़ता है। फाऩ जी कहते - "आऩ कभम कयने िवधान यहो। ऐिे कभम कयो जो आऩको

Karma kaakatyasiddhant

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Page 1: Karma kaakatyasiddhant

अनकरभ

परसतावना कभम का सिदाॊत अकाटम ह जो जिा कयता ह विा ही पर ऩाता ह चाह याजा हो मा

यॊक िठ हो मा नौकय अय सवमॊ बगवान बी अवताय रकय कमो न आम कभम का अकाटम सिदाॊत उनको बी सवीकाय कयना ऩड़ता ह

ऩजम फाऩजी कहत ह- आऩ कभम कयन भ िावधान यहो ऐि कभम न कयो जो आऩको

फाॉधकय नयको भ र जाम ककॊ त अबी जो ऩवमकभो का पर सभर यहा ह उिभ आऩ परिनन यहो चाह भीठ पर सभर चाह खटट मा कड़व सभर परिननता ि उनह फीतन दो मदद भीठ परो ि िॊघरम ककमा तो खटाि मा कड़वाऩन फढ़ जामगा अत िफको फीतन दो

जो फीत गमी िो फीत गमी तकदीय का सिकवा कौन कय

जो तीय कभान ि ननकर गमा उि तीय का ऩीछा कौन कय

ऩहर जो कभम ककम ह उनका पर सभर यहा ह तो उि फीतन दो उिभ ितमफदधद न कयो जि गॊगा का ऩानी ननयॊतय फह यहा ह वि ही िायी ऩरयससथनतमाॉ फहती चरी जा यही ह जो िदा-िवमदा यहता ह उि ऩयभातभा भ परीनत कयो औय जो फह यहा ह उिका उऩमोग कयो

परसतत ऩसतक कभम क अकाटम सिदाॊत को िभझाकय आऩको भानव ि भहदवय तक की मातरा कयान भ िहामक होगी इिी आिा क िाथ

दधवनीत

शरी मोग वदानत िवा िसभनत अभदावाद आशरभ

अनकरभ गहना कभमणो गनत 3

कभम कि कय 5

कभमपर 8

भ िॊत कि फना 10

िनह बयत बावी परफर 12

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब 15

ऩजायी फना परत 18

भझ ऋण चकाना ह 19

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम 21

कयन भ िावधान 27

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ 28

यावण की कनमा का दधववाह 30

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह 33

िब कभम वमथम नहीॊ जात 33

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा 36

गारी दकय कभम काट यही ह 38

कभम का दधवधान 41

गहना कभमणो गनत कभम की गनत फड़ी गहन ह

कभमणो हयदधऩ फोदवमॊ फोदवमॊ च दधवकभमण अकभमणदळ फोदवमॊ गहना कभमणो गनत

कभम का सवरऩ बी जानना चादहए औय अकभम का सवरऩ बी जानना चादहए तथा दधवकभम का सवरऩ बी जानना चादहए कमोकक कभम की गनत गहन ह

(गीता 417) कभम ऐि कय कक कभम दधवकभम न फन ददधरत मा फॊधनकायक न फन वयन अकभम भ फदर जाम कताम अकताम हो जाम औय अऩन ऩयभातभ-ऩद को ऩा र

अभदावाद भ वािणा नाभक एक इराका ह वहाॉ एक इॊजीननमय यहता था जो नहय का काममबाय बी िॉबारता था वही आदि दता था कक ककि कषतर भ ऩानी दना ह एक फाय एक ककिान न एक सरपाप भ िौ-िौ रऩम की दि नोट दत हए कहा िाहफ कछ बी हो ऩय परान वमकति को ऩानी न सभर भया इतना काभ आऩ कय दीसजए

िाहफ न िोचा कक हजाय रऩम भय बागम भ आनवार ह इिीसरए मह द यहा ह ककॊ त गरत ढॊग ि रऩम रकय भ कमो कभमफॊधन भ ऩड़ॉ हजाय रऩम आन वार होग तो कि बी कयक आ जामग भ गरत कभम कयक हजाय रऩम कमो रॉ भय अचछ कभो ि अऩन-आऩ रऩम आ जामग अत उिन हजाय रऩम उि ककिान को रौटा ददम

कछ भहीनो क फाद मह इॊजीननमय एक फाय भॊफई ि रौट यहा था भॊफई ि एक वमाऩायी का रड़का बी िाथ फठा वह रड़का ियत आकय जलदफाजी भ उतय गमा औय अऩनी अटची गाड़ी भ ही बर गमा वह इॊजीननमय िभझ गमा कक अटची उिी रड़क की ह अभदावाद यरव सटिन ऩय गाड़ी रकी अटची रावारयि ऩड़ी थी उि इॊजीननमय न अटची उठा री औय घय र जाकय खोरी उिभ ि ऩता औय टसरपोन नॊफय सरमा

इधय ियत भ वमाऩायी का रड़का फड़ा ऩयिान हो यहा था कक हीय क वमाऩायी क इतन रऩम थ इतन राख का कचचा भार बी था ककिको फताम फतामग तफ बी भिीफत होगी दिय ददन िफह-िफह पोन आमा कक आऩकी अटची यरगाड़ी भ यह गमी थी सजि भ र आमा हॉ औय भया मह ऩता ह आऩ इि र जाइम

फाऩ-फटा गाड़ी रकय वािणा ऩहॉच औय िाहफ क फॉगर ऩय ऩहॉचकय उनहोन ऩछा िाहफ आऩ ही न पोन ककमा था

िाहफ आऩ तिलरी यख आऩका िफ िाभान ियकषकषत ह

िाहफ न अटची दी वमाऩायी न दखा कक अॊदय िबी भार-िाभान एवॊ रऩम जमो क तमो ह म िाहफ नहीॊ बगवान ह ऐिा िोचकय उिकी आॉखो भ आॉि आ गम उिका ददर बय आमा

उिन कोय सरपाप भ कछ रऩम यख औय िाहफ क ऩयो ऩय यखकय हाथ जोड़त हए फोरा िाहफ पर नहीॊ तो पर की ऩॊखड़ी ही िही हभायी इतनी िवा जरय सवीकाय कयना

िाहफ एक हजाय रऩम यख ह न

वमाऩायी िाहफ आऩको कि ऩता चरा कक एक हजाय रऩम ह

िाहफ एक हजाय रऩम भझ सभर यह थ फया कभम कयन क सरए ककॊ त भन वह फया कामम मह िोचकय नहीॊ ककमा कक मदद हजाय रऩम भय बागम भ होग तो कि बी कयक आमग

वमाऩायी िाहफ आऩ ठीक कहत ह इिभ हजाय रऩम ही ह

जो रोग टढ़-भढ़ यासत ि कछ र रत ह व तो दषकभम कय ऩाऩ कभा रत ह रककन जो धीयज यखत ह व ईभानदायी ि उतना ऩा ही रत ह सजतना उनक बागम भ होता ह बगवान शरीकषण कहत ह- गहना कभमणो गनत

एक जान-भान िाध न भझ मह घटना िनामी थी फाऩजी महाॉ गमाजी भ एक फड़ अचछ जान-भान ऩॊकतडत यहत थ एक फाय नऩार नयि

िाधायण गयीफ भायवाड़ी जि कऩड़ ऩहन कय ऩॊकतडतो क ऩीछ बटका कक भय दादा का दधऩणडदान कयवा दो भय ऩाि ऩि बफलकर नहीॊ ह हाॉ थोड़ ि रडड रामा हॉ वही दकषकषणा भ द िकॉ गा जो रोबी ऩॊकतडत थ उनहोन तो इनकाय कय ददमा रककन वहाॉ का जो जाना-भाना ऩॊकतडत था उिन कहा बाई ऩि की तो कोई फात ही नहीॊ ह भ दधऩणडदान कयवा दता हॉ

पट-चचथड़ कऩड़ ऩहनकय गयीफ भायवाड़ी क वि भ छऩ हए नऩार नयि क दादा का दधऩणडदान कयवा ददमा उि ऩॊकतडत न दधऩणडदान िमऩनन होन क फाद नयि न कहा ऩॊकतडत जी दधऩणडदान कयवान क फाद कछ-न-कछ दकषकषणा तो दनी चादहए भ कछ रडड रामा हॉ भ चरा जाऊॉ उिक फाद मह गठयी आऩ ही खोरग इतना वचन द दीसजए

अचछा बाई त गयीफ ह तय रडड भ खा रॉगा वचन दता हॉ कक गठयी बी भ ही खोरॉगा

नऩार नयि चरा गमा ऩॊकतडत न गठयी खोरी तो उिभ ि एक-एक ककरो क िोन क उननीि रडड ननकर व ऩॊकतडत अऩन जीवनकार भ फड़-फड़ धभमकामम कयत यह रककन िोन क व रडड खचम भ आम ही नहीॊ

जो अचछा कामम कयता ह उिक ऩाि अचछ काभ क सरए कहीॊ न कहीॊ ि धन वसतएॉ अनामाि आ ही जाती ह अत उननीि ककरो क िोन रडड ऐि ही ऩड़ यह जफ-जफ हभ कभम कय तो कभम को अकभम भ फदर द अथामत कभम का पर ईदवय को अदधऩमत कय द अथवा कभम भ ि कतामऩन हटा द तो कभम कयत हए बी हो गमा अकभम कभम तो ककम रककन उनका फॊधन नहीॊ यहा

िॊिायी आदभी कभम को फॊधनकायक फना दता ह िाधक कभम को अकभम फनान का मतन कयता ह

रककन सिद ऩरर का परतमक कभम सवाबादधवक रऩ ि अकभम ही होता ह याभजी मद जिा घोय कभम कयत ह रककन अऩनी ओय ि मद नहीॊ कयत यावण आभॊबतरत कयता ह तफ कयत ह अत उनका मद जिा घोय कभम बी अकभम ही ह आऩ बी कभम कय तो अकताम होकय कय न कक कताम होकय कताम बाव ि ककमा गमा कभम फॊधन भ डार दता ह एवॊ उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह याजसथान क ढोगया गाॉव (तह िजानगढ़ सज चर) की घटना ह एक फकय को दखकय ठकयाइन क भॉह भ ऩानी आ गमा वह अऩन ऩनत ि फोरी दखो जी मह फकया ककतना रदश-ऩदश ह

फकया ऩहॉच गमा ठाकय ककिनसिॊह क घय औय हरार होकय उनक ऩट भ बी ऩहॉच गमा फायह भहीन क फाद ठाकय ककिनसिॊह क घय फट का जनभ हआ फट का नाभ फारसिॊह यखा गमा वह तयह िार का हआ तो उिकी भॉगनी हो गमी एवॊ चौदहवाॉ ऩया होत-होत िादी की तमायी बी हो गमी िादी क वि बराहमण न गणि-ऩजन क सरए उिको बफठामा ककॊ त मह कमा बराहमण दधवचध िर कय उिक ऩहर ही रड़क न ऩय ऩिाय औय रट गमा बराहमण न ऩछा कमा हआ कमा हआ

कोई जवाफ नहीॊ भाॉ योमी फाऩ योमा िाय फायाती इकटठ हो गम ऩछन रग कक कमा हआ

रड़का कछ नहीॊ हआ ह अफ तमहाया-भया रखा-जोखा ऩया हो गमा ह

दधऩता वह कि फटा

रड़का फकरयमो को गबामधान कयान क सरए उदयािय क चायण कॉ अयदान न जो फकया छोड़ यखा था उि तभ ठकयाइन क कहन ऩय उठा राम थ वही फकया तमहाय ऩट भ ऩहॉचा औय िभम ऩाकय तमहाया फटा होकय ऩदा हआ वह फटा रना-दना ऩया कयक अफ जा यहा ह याभ याभ

फकय की कामा ि आमा हआ फारसिॊह तो यवाना हो गमा ककॊ त ककिनसिॊह सिय कटत यह गम

तरिीदाि जी कहत ह- कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

(शरीयाभचरयत अमोका 2182) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

कभम कि कय

शरीभद बगवद गीता क तीिय अधमाम कभममोग भ बगवान शरीकषण अजमन ि कहत ह- तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आिकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) गीता भ ऩयभातभ-परानदऱ क तीन भागम फताम गम ह- जञानभागम बकतिभागम औय ननषकाभ

कभमभागम िासतरो भ भखमत दो परकाय क कभो का वणमन ककमा गमा ह दधवदहत कभम औय ननदधरद कभम सजन कभो को कयन क सरए िासतरो भ उऩदि ककमा गमा ह उनह दधवदहत कभम कहत ह औय सजन कभम को कयन क सरए िासतरो भ भनाई की गमी ह उनह ननदधरद कभम कहत ह हनभानजी न बगवान शरीयाभ क कामम क सरए रॊका जरा दी उनका मह कामम दधवदहत कामम ह कमोकक उनहोन अऩन सवाभी क िवाकामम क रऩ भ ही रॊका जरामी ऩयॊत उनका अनियण कयक रोग एक-दिय क घय जरान रग जाम तो मह धभम नहीॊ अधभम होगा भनभानी होगी हभ जि-जि कभम कयत ह वि-वि रोको की हभ परानदऱ होती ह इिसरए हभिा अिब कभो का तमाग कयक िब कभम कयन चादहए

जो कभम सवमॊ को औय दियो को बी िख-िाॊनत द तथा दय-िवय बगवान तक ऩहॉचा द व िब कभम ह औय जो कषणबय क सरए ही (असथामी) िख द औय बदधवषम भ अऩन को तथा दियो को बगवान ि दय कय द कदश द नयको भ ऩहॉचा द उनह अिब कभम कहत ह

ककम हए िब मा अिब कभम कई जनभो तक भनषम का ऩीछा नहीॊ छोड़त ऩवमजनभो क कभो क जि िॊसकाय होत ह विा पर बोगना ऩड़ता ह

गहना कभमणो गनत कभो की गनत फड़ी गहन होती ह कभो की सवतॊतर ितता नहीॊ ह व तो जड़ ह उनह ऩता नहीॊ ह कक व कभम ह व वदधतत ि परतीत होत ह मदद दधवदहत (िासतरोि) िॊसकाय होत ह तो ऩणम परतीत होता ह औय ननदधरद िॊसकाय होत ह तो ऩाऩ परतीत होता ह अत दधवदहत कभम कय दधवदहत कभम बी ननमॊबतरत होन चादहए ननमॊबतरत दधवदहत कभम ही धभम फन जाता ह

िफह जलदी उठकय थोड़ी दय क सरए ऩयभातभा क धमान भ िाॊत हो जाना औय िमोदम ि ऩहर सनान कयना िॊधमा-वॊदन इतमादद कयना - म कभम सवासम की ददधदश ि बी अचछ ह औय िासववक होन क कायण ऩणमभम बी ह ऩयॊत ककिी क भन भ दधवऩयीत िॊसकाय ऩड़ ह तो वह िोचगा कक इतनी िफह उठकय सनान कयक कमा करॉ गा ऐि रोग िमोदम क ऩदळात उठत ह उठत ही िफि ऩहर बफसतय ऩय चाम की भाॉग कयत ह औय बफना सनान ककम ही नाशता कय रत ह िासतरानिाय म ननदधरद कभम ह ऐि रोग वतमभान भ बर ही अऩन को िखी भान र ऩयॊत आग चरकय ियीय अचधक योग-िोकागरसत होगा मदद िावधान नहीॊ यह तो तभि क कायण नायकीम मोननमो भ जाना ऩड़गा

बगवान शरीकषण न गीता भ कहा बी कहा ह कक भझ इन तीन रोको भ न तो कोई कतमवम ह औय न ही परादऱ कयन मोगम कोई वसत अपरादऱ ह कपय बी भ कभम भ ही फयतता हॉ

इिसरए दधवदहत औय ननमॊबतरत कभम कय ऐिा नहीॊ कक िासतरो क अनिाय कभम तो कयत यह ककॊ त उनका कोई अॊत ही न हो कभो का इतना अचधक दधवसताय न कय कक ऩयभातभा क सरए घड़ीबय बी िभम न सभर सकटय चार कयन क सरए वमकति ककक रगाता ह ऩयॊत चार होन क फाद बी वह ककक ही रगाता यह तो उिक जिा भखम इि दननमा भ कोई नहीॊ होगा

अत कभम तो कयो ऩयॊत रकषम यखो कवर आतभजञान ऩान का ऩयभातभ-िख ऩान का अनािि होकय कभम कयो िाधना िभझकय कभम कयो ईदवय ऩयामण कभम कभम होत हए बी ईदवय को ऩान भ िहमोगी फन जाता ह

आज आऩ ककिी कामामरम भ काभ कयत ह औय वतन रत ह तो वह ह नौकयी ककॊ त ककिी धासभमक िॊसथा भ आऩ वही काभ कयत ह औय वतन नहीॊ रत तो आऩका वही कभम धभम फन जाता ह

धभम भ बफयनत मोग त गमाना धभम ि वयागम उतऩनन होता ह वयागम ि भनषम की दधवरम-बोगो भ पॉ ि भयन की वदधतत कभ हो जाती ह अगय आऩको िॊिाय ि वयागम उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ धभम क यासत ऩय ह औय अगय याग उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ अधभम क भागम ऩय ह

दधवदहत कभम ि धभम उतऩनन होगा धभम ि वयागम उतऩनन होगा ऩहर जो यागाकाय वदधतत आऩको इधय-उधय बटका यही थी वह िाॊतसवरऩ भ आमगी तो मोग हो जामगा मोग भ वदधतत एकदभ िकषभ हो जामगी तो फन जामगी ऋतमबया परजञा

दधवदहत िॊसकाय हो वदधतत िकषभतभ हो औय बरहमवतता िदगरओॊ क वचनो भ शरदा हो तो बरहम का िाकषातकाय कयन भ दय नहीॊ रगगी

िॊिायी दधवरम-बोगो को परादऱ कयन क सरए ककतन बी ननदधरद कभम कयक बोग बोग ककॊ त बोगन क फाद खखननता फदहभमखता अथवा फीभायी क सिवाम कमा हाथ रगा दधवदहत कभम कयन ि जो बगवतिख सभरता ह वह अॊतयातभा को अिीभ िख दन वारा होता ह

जो कभम होन चादहए व बरहमवतता भहाऩरर की उऩससथनत भातर ि सवमॊ ही होन रगत ह औय जो नहीॊ होन चादहए व कभम अऩन-आऩ छट जात ह ऩयभातभा की दी हई कभम कयन की िकति का िदऩमोग कयक ऩयभातभा को ऩान वार दधववकी ऩरर िभसत कभमफनधनो ि भि हो जात ह

गीता भ बगवान न कहा बी ह कक बरहमजञानी भहाऩरर का इि दधवदव भ न तो कभम कयन ि कोई परमोजन यहता ह औय न ही कभम न कयन ि कोई परमोजन यहता ह व कभम तो कयत ह ऩयॊत कभमफॊधन ि यदहत होत ह

एक बरहमजञानी भहाऩरर ऩॊचदिी ऩढ़ यह थ ककिी न ऩछा फाफाजी आऩ तो बरहमजञानी ह जीवनभि ह कपय आऩको िासतर ऩढ़न की कमा आवशमकता ह आऩ तो अऩनी आतभ-भसती भ भसत ह कपय ऩॊचदिी ऩढ़न का कमा परमोजन ह

फाफाजी भ दख यहा हॉ कक िासतरो भ भयी भदहभा का किा वणमन ककमा गमा ह

अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक जो बरहमानॊद को ऩा रत ह व बरहमवतता भहाऩरर बरहम ि असबनन हो जात ह बरहमा दधवषण औय भहि उनह अऩना ही सवरऩ ददखत ह व बरहमा होकय जगत की िदधदश कयत ह दधवषण होकय ऩारन कयत ह औय रदर होकय िॊहाय बी कयत ह आऩ बी अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक उि अभय ऩद को ऩा रो जो कयो ईदवय को ऩान क सरए ही कयो अऩनी अहॊता-भभता को आतभा-ऩयभातभा भ सभराकय ऩयभ परिाद भ ऩावन होत जाओ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कभमपर

बगवान शरीकषण कहत ह- जयाभयणभोकषाम भाभाचशरतम मतसनत म

त बरहम तददरद कतसनभधमातभॊ कभम चाखखरभ

जो भय ियण होकय जया औय भयण ि छटन क सरए मतन कयत ह व ऩरर उि बरहम को िमऩणम अधमातभ को िमऩणम कभम को जानत ह

(गीता 721) कभम सवमॊ जड़ होत ह कताम को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह िभझना कभो को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह ऐिा िभझना कभो को अखखर रऩ ि िमऩणम रऩ ि जानना हो गमा कभम को ऩता नहीॊ कक वह कभम ह ियीय को ऩता नहीॊ कक वह ियीय ह भकान को ऩता नहीॊ कक वह भकान ह मजञ को ऩता नहीॊ कक वह मजञ ह कमो कमोकक िफ जड़ ह रककन कताम सजि बावना सजि दधवचध ि जो-जो कामम कयता ह उि विा-विा पर सभरता ह

ककिी ददश न आऩको चाक ददखा ददमा तो आऩ थान भ उिक खखराप सिकामत कयत ह कोई आऩको कवर भायन की धभकी दता ह तफ बी आऩ उिक दधवरद सिकामत कयत ह रककन डॉकटय न आऩको धभकी दता ह न चाक ददखाता ह फसलक चाक ि आऩक ियीय की काट-छाॉट कयता ह कपय बी आऩ उि पीि दत ह कमो कमोकक उिका उददशम अचछा था उददशम था भयीज को ठीक कयना न कक फदरा रना ऐि ही आऩ बी अऩन कभो का उददशम फदर दो आऩ बोजन फनाओ रककन भजा रन क सरए नहीॊ फसलक ठाकयजी को परिनन कयन क सरए फनाओ ऩरयवाय क सरए ऩनत क सरए फचचो क सरए बोजन फनाओगी तो वह आऩका वमवहारयक कतमवम हो जामगा रककन ऩरयवायवारो की ऩनत की औय फचचो की गहयाई भ भया

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 2: Karma kaakatyasiddhant

फाॉधकय नयको भ र जाम ककॊ त अबी जो ऩवमकभो का पर सभर यहा ह उिभ आऩ परिनन यहो चाह भीठ पर सभर चाह खटट मा कड़व सभर परिननता ि उनह फीतन दो मदद भीठ परो ि िॊघरम ककमा तो खटाि मा कड़वाऩन फढ़ जामगा अत िफको फीतन दो

जो फीत गमी िो फीत गमी तकदीय का सिकवा कौन कय

जो तीय कभान ि ननकर गमा उि तीय का ऩीछा कौन कय

ऩहर जो कभम ककम ह उनका पर सभर यहा ह तो उि फीतन दो उिभ ितमफदधद न कयो जि गॊगा का ऩानी ननयॊतय फह यहा ह वि ही िायी ऩरयससथनतमाॉ फहती चरी जा यही ह जो िदा-िवमदा यहता ह उि ऩयभातभा भ परीनत कयो औय जो फह यहा ह उिका उऩमोग कयो

परसतत ऩसतक कभम क अकाटम सिदाॊत को िभझाकय आऩको भानव ि भहदवय तक की मातरा कयान भ िहामक होगी इिी आिा क िाथ

दधवनीत

शरी मोग वदानत िवा िसभनत अभदावाद आशरभ

अनकरभ गहना कभमणो गनत 3

कभम कि कय 5

कभमपर 8

भ िॊत कि फना 10

िनह बयत बावी परफर 12

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब 15

ऩजायी फना परत 18

भझ ऋण चकाना ह 19

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम 21

कयन भ िावधान 27

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ 28

यावण की कनमा का दधववाह 30

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह 33

िब कभम वमथम नहीॊ जात 33

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा 36

गारी दकय कभम काट यही ह 38

कभम का दधवधान 41

गहना कभमणो गनत कभम की गनत फड़ी गहन ह

कभमणो हयदधऩ फोदवमॊ फोदवमॊ च दधवकभमण अकभमणदळ फोदवमॊ गहना कभमणो गनत

कभम का सवरऩ बी जानना चादहए औय अकभम का सवरऩ बी जानना चादहए तथा दधवकभम का सवरऩ बी जानना चादहए कमोकक कभम की गनत गहन ह

(गीता 417) कभम ऐि कय कक कभम दधवकभम न फन ददधरत मा फॊधनकायक न फन वयन अकभम भ फदर जाम कताम अकताम हो जाम औय अऩन ऩयभातभ-ऩद को ऩा र

अभदावाद भ वािणा नाभक एक इराका ह वहाॉ एक इॊजीननमय यहता था जो नहय का काममबाय बी िॉबारता था वही आदि दता था कक ककि कषतर भ ऩानी दना ह एक फाय एक ककिान न एक सरपाप भ िौ-िौ रऩम की दि नोट दत हए कहा िाहफ कछ बी हो ऩय परान वमकति को ऩानी न सभर भया इतना काभ आऩ कय दीसजए

िाहफ न िोचा कक हजाय रऩम भय बागम भ आनवार ह इिीसरए मह द यहा ह ककॊ त गरत ढॊग ि रऩम रकय भ कमो कभमफॊधन भ ऩड़ॉ हजाय रऩम आन वार होग तो कि बी कयक आ जामग भ गरत कभम कयक हजाय रऩम कमो रॉ भय अचछ कभो ि अऩन-आऩ रऩम आ जामग अत उिन हजाय रऩम उि ककिान को रौटा ददम

कछ भहीनो क फाद मह इॊजीननमय एक फाय भॊफई ि रौट यहा था भॊफई ि एक वमाऩायी का रड़का बी िाथ फठा वह रड़का ियत आकय जलदफाजी भ उतय गमा औय अऩनी अटची गाड़ी भ ही बर गमा वह इॊजीननमय िभझ गमा कक अटची उिी रड़क की ह अभदावाद यरव सटिन ऩय गाड़ी रकी अटची रावारयि ऩड़ी थी उि इॊजीननमय न अटची उठा री औय घय र जाकय खोरी उिभ ि ऩता औय टसरपोन नॊफय सरमा

इधय ियत भ वमाऩायी का रड़का फड़ा ऩयिान हो यहा था कक हीय क वमाऩायी क इतन रऩम थ इतन राख का कचचा भार बी था ककिको फताम फतामग तफ बी भिीफत होगी दिय ददन िफह-िफह पोन आमा कक आऩकी अटची यरगाड़ी भ यह गमी थी सजि भ र आमा हॉ औय भया मह ऩता ह आऩ इि र जाइम

फाऩ-फटा गाड़ी रकय वािणा ऩहॉच औय िाहफ क फॉगर ऩय ऩहॉचकय उनहोन ऩछा िाहफ आऩ ही न पोन ककमा था

िाहफ आऩ तिलरी यख आऩका िफ िाभान ियकषकषत ह

िाहफ न अटची दी वमाऩायी न दखा कक अॊदय िबी भार-िाभान एवॊ रऩम जमो क तमो ह म िाहफ नहीॊ बगवान ह ऐिा िोचकय उिकी आॉखो भ आॉि आ गम उिका ददर बय आमा

उिन कोय सरपाप भ कछ रऩम यख औय िाहफ क ऩयो ऩय यखकय हाथ जोड़त हए फोरा िाहफ पर नहीॊ तो पर की ऩॊखड़ी ही िही हभायी इतनी िवा जरय सवीकाय कयना

िाहफ एक हजाय रऩम यख ह न

वमाऩायी िाहफ आऩको कि ऩता चरा कक एक हजाय रऩम ह

िाहफ एक हजाय रऩम भझ सभर यह थ फया कभम कयन क सरए ककॊ त भन वह फया कामम मह िोचकय नहीॊ ककमा कक मदद हजाय रऩम भय बागम भ होग तो कि बी कयक आमग

वमाऩायी िाहफ आऩ ठीक कहत ह इिभ हजाय रऩम ही ह

जो रोग टढ़-भढ़ यासत ि कछ र रत ह व तो दषकभम कय ऩाऩ कभा रत ह रककन जो धीयज यखत ह व ईभानदायी ि उतना ऩा ही रत ह सजतना उनक बागम भ होता ह बगवान शरीकषण कहत ह- गहना कभमणो गनत

एक जान-भान िाध न भझ मह घटना िनामी थी फाऩजी महाॉ गमाजी भ एक फड़ अचछ जान-भान ऩॊकतडत यहत थ एक फाय नऩार नयि

िाधायण गयीफ भायवाड़ी जि कऩड़ ऩहन कय ऩॊकतडतो क ऩीछ बटका कक भय दादा का दधऩणडदान कयवा दो भय ऩाि ऩि बफलकर नहीॊ ह हाॉ थोड़ ि रडड रामा हॉ वही दकषकषणा भ द िकॉ गा जो रोबी ऩॊकतडत थ उनहोन तो इनकाय कय ददमा रककन वहाॉ का जो जाना-भाना ऩॊकतडत था उिन कहा बाई ऩि की तो कोई फात ही नहीॊ ह भ दधऩणडदान कयवा दता हॉ

पट-चचथड़ कऩड़ ऩहनकय गयीफ भायवाड़ी क वि भ छऩ हए नऩार नयि क दादा का दधऩणडदान कयवा ददमा उि ऩॊकतडत न दधऩणडदान िमऩनन होन क फाद नयि न कहा ऩॊकतडत जी दधऩणडदान कयवान क फाद कछ-न-कछ दकषकषणा तो दनी चादहए भ कछ रडड रामा हॉ भ चरा जाऊॉ उिक फाद मह गठयी आऩ ही खोरग इतना वचन द दीसजए

अचछा बाई त गयीफ ह तय रडड भ खा रॉगा वचन दता हॉ कक गठयी बी भ ही खोरॉगा

नऩार नयि चरा गमा ऩॊकतडत न गठयी खोरी तो उिभ ि एक-एक ककरो क िोन क उननीि रडड ननकर व ऩॊकतडत अऩन जीवनकार भ फड़-फड़ धभमकामम कयत यह रककन िोन क व रडड खचम भ आम ही नहीॊ

जो अचछा कामम कयता ह उिक ऩाि अचछ काभ क सरए कहीॊ न कहीॊ ि धन वसतएॉ अनामाि आ ही जाती ह अत उननीि ककरो क िोन रडड ऐि ही ऩड़ यह जफ-जफ हभ कभम कय तो कभम को अकभम भ फदर द अथामत कभम का पर ईदवय को अदधऩमत कय द अथवा कभम भ ि कतामऩन हटा द तो कभम कयत हए बी हो गमा अकभम कभम तो ककम रककन उनका फॊधन नहीॊ यहा

िॊिायी आदभी कभम को फॊधनकायक फना दता ह िाधक कभम को अकभम फनान का मतन कयता ह

रककन सिद ऩरर का परतमक कभम सवाबादधवक रऩ ि अकभम ही होता ह याभजी मद जिा घोय कभम कयत ह रककन अऩनी ओय ि मद नहीॊ कयत यावण आभॊबतरत कयता ह तफ कयत ह अत उनका मद जिा घोय कभम बी अकभम ही ह आऩ बी कभम कय तो अकताम होकय कय न कक कताम होकय कताम बाव ि ककमा गमा कभम फॊधन भ डार दता ह एवॊ उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह याजसथान क ढोगया गाॉव (तह िजानगढ़ सज चर) की घटना ह एक फकय को दखकय ठकयाइन क भॉह भ ऩानी आ गमा वह अऩन ऩनत ि फोरी दखो जी मह फकया ककतना रदश-ऩदश ह

फकया ऩहॉच गमा ठाकय ककिनसिॊह क घय औय हरार होकय उनक ऩट भ बी ऩहॉच गमा फायह भहीन क फाद ठाकय ककिनसिॊह क घय फट का जनभ हआ फट का नाभ फारसिॊह यखा गमा वह तयह िार का हआ तो उिकी भॉगनी हो गमी एवॊ चौदहवाॉ ऩया होत-होत िादी की तमायी बी हो गमी िादी क वि बराहमण न गणि-ऩजन क सरए उिको बफठामा ककॊ त मह कमा बराहमण दधवचध िर कय उिक ऩहर ही रड़क न ऩय ऩिाय औय रट गमा बराहमण न ऩछा कमा हआ कमा हआ

कोई जवाफ नहीॊ भाॉ योमी फाऩ योमा िाय फायाती इकटठ हो गम ऩछन रग कक कमा हआ

रड़का कछ नहीॊ हआ ह अफ तमहाया-भया रखा-जोखा ऩया हो गमा ह

दधऩता वह कि फटा

रड़का फकरयमो को गबामधान कयान क सरए उदयािय क चायण कॉ अयदान न जो फकया छोड़ यखा था उि तभ ठकयाइन क कहन ऩय उठा राम थ वही फकया तमहाय ऩट भ ऩहॉचा औय िभम ऩाकय तमहाया फटा होकय ऩदा हआ वह फटा रना-दना ऩया कयक अफ जा यहा ह याभ याभ

फकय की कामा ि आमा हआ फारसिॊह तो यवाना हो गमा ककॊ त ककिनसिॊह सिय कटत यह गम

तरिीदाि जी कहत ह- कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

(शरीयाभचरयत अमोका 2182) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

कभम कि कय

शरीभद बगवद गीता क तीिय अधमाम कभममोग भ बगवान शरीकषण अजमन ि कहत ह- तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आिकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) गीता भ ऩयभातभ-परानदऱ क तीन भागम फताम गम ह- जञानभागम बकतिभागम औय ननषकाभ

कभमभागम िासतरो भ भखमत दो परकाय क कभो का वणमन ककमा गमा ह दधवदहत कभम औय ननदधरद कभम सजन कभो को कयन क सरए िासतरो भ उऩदि ककमा गमा ह उनह दधवदहत कभम कहत ह औय सजन कभम को कयन क सरए िासतरो भ भनाई की गमी ह उनह ननदधरद कभम कहत ह हनभानजी न बगवान शरीयाभ क कामम क सरए रॊका जरा दी उनका मह कामम दधवदहत कामम ह कमोकक उनहोन अऩन सवाभी क िवाकामम क रऩ भ ही रॊका जरामी ऩयॊत उनका अनियण कयक रोग एक-दिय क घय जरान रग जाम तो मह धभम नहीॊ अधभम होगा भनभानी होगी हभ जि-जि कभम कयत ह वि-वि रोको की हभ परानदऱ होती ह इिसरए हभिा अिब कभो का तमाग कयक िब कभम कयन चादहए

जो कभम सवमॊ को औय दियो को बी िख-िाॊनत द तथा दय-िवय बगवान तक ऩहॉचा द व िब कभम ह औय जो कषणबय क सरए ही (असथामी) िख द औय बदधवषम भ अऩन को तथा दियो को बगवान ि दय कय द कदश द नयको भ ऩहॉचा द उनह अिब कभम कहत ह

ककम हए िब मा अिब कभम कई जनभो तक भनषम का ऩीछा नहीॊ छोड़त ऩवमजनभो क कभो क जि िॊसकाय होत ह विा पर बोगना ऩड़ता ह

गहना कभमणो गनत कभो की गनत फड़ी गहन होती ह कभो की सवतॊतर ितता नहीॊ ह व तो जड़ ह उनह ऩता नहीॊ ह कक व कभम ह व वदधतत ि परतीत होत ह मदद दधवदहत (िासतरोि) िॊसकाय होत ह तो ऩणम परतीत होता ह औय ननदधरद िॊसकाय होत ह तो ऩाऩ परतीत होता ह अत दधवदहत कभम कय दधवदहत कभम बी ननमॊबतरत होन चादहए ननमॊबतरत दधवदहत कभम ही धभम फन जाता ह

िफह जलदी उठकय थोड़ी दय क सरए ऩयभातभा क धमान भ िाॊत हो जाना औय िमोदम ि ऩहर सनान कयना िॊधमा-वॊदन इतमादद कयना - म कभम सवासम की ददधदश ि बी अचछ ह औय िासववक होन क कायण ऩणमभम बी ह ऩयॊत ककिी क भन भ दधवऩयीत िॊसकाय ऩड़ ह तो वह िोचगा कक इतनी िफह उठकय सनान कयक कमा करॉ गा ऐि रोग िमोदम क ऩदळात उठत ह उठत ही िफि ऩहर बफसतय ऩय चाम की भाॉग कयत ह औय बफना सनान ककम ही नाशता कय रत ह िासतरानिाय म ननदधरद कभम ह ऐि रोग वतमभान भ बर ही अऩन को िखी भान र ऩयॊत आग चरकय ियीय अचधक योग-िोकागरसत होगा मदद िावधान नहीॊ यह तो तभि क कायण नायकीम मोननमो भ जाना ऩड़गा

बगवान शरीकषण न गीता भ कहा बी कहा ह कक भझ इन तीन रोको भ न तो कोई कतमवम ह औय न ही परादऱ कयन मोगम कोई वसत अपरादऱ ह कपय बी भ कभम भ ही फयतता हॉ

इिसरए दधवदहत औय ननमॊबतरत कभम कय ऐिा नहीॊ कक िासतरो क अनिाय कभम तो कयत यह ककॊ त उनका कोई अॊत ही न हो कभो का इतना अचधक दधवसताय न कय कक ऩयभातभा क सरए घड़ीबय बी िभम न सभर सकटय चार कयन क सरए वमकति ककक रगाता ह ऩयॊत चार होन क फाद बी वह ककक ही रगाता यह तो उिक जिा भखम इि दननमा भ कोई नहीॊ होगा

अत कभम तो कयो ऩयॊत रकषम यखो कवर आतभजञान ऩान का ऩयभातभ-िख ऩान का अनािि होकय कभम कयो िाधना िभझकय कभम कयो ईदवय ऩयामण कभम कभम होत हए बी ईदवय को ऩान भ िहमोगी फन जाता ह

आज आऩ ककिी कामामरम भ काभ कयत ह औय वतन रत ह तो वह ह नौकयी ककॊ त ककिी धासभमक िॊसथा भ आऩ वही काभ कयत ह औय वतन नहीॊ रत तो आऩका वही कभम धभम फन जाता ह

धभम भ बफयनत मोग त गमाना धभम ि वयागम उतऩनन होता ह वयागम ि भनषम की दधवरम-बोगो भ पॉ ि भयन की वदधतत कभ हो जाती ह अगय आऩको िॊिाय ि वयागम उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ धभम क यासत ऩय ह औय अगय याग उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ अधभम क भागम ऩय ह

दधवदहत कभम ि धभम उतऩनन होगा धभम ि वयागम उतऩनन होगा ऩहर जो यागाकाय वदधतत आऩको इधय-उधय बटका यही थी वह िाॊतसवरऩ भ आमगी तो मोग हो जामगा मोग भ वदधतत एकदभ िकषभ हो जामगी तो फन जामगी ऋतमबया परजञा

दधवदहत िॊसकाय हो वदधतत िकषभतभ हो औय बरहमवतता िदगरओॊ क वचनो भ शरदा हो तो बरहम का िाकषातकाय कयन भ दय नहीॊ रगगी

िॊिायी दधवरम-बोगो को परादऱ कयन क सरए ककतन बी ननदधरद कभम कयक बोग बोग ककॊ त बोगन क फाद खखननता फदहभमखता अथवा फीभायी क सिवाम कमा हाथ रगा दधवदहत कभम कयन ि जो बगवतिख सभरता ह वह अॊतयातभा को अिीभ िख दन वारा होता ह

जो कभम होन चादहए व बरहमवतता भहाऩरर की उऩससथनत भातर ि सवमॊ ही होन रगत ह औय जो नहीॊ होन चादहए व कभम अऩन-आऩ छट जात ह ऩयभातभा की दी हई कभम कयन की िकति का िदऩमोग कयक ऩयभातभा को ऩान वार दधववकी ऩरर िभसत कभमफनधनो ि भि हो जात ह

गीता भ बगवान न कहा बी ह कक बरहमजञानी भहाऩरर का इि दधवदव भ न तो कभम कयन ि कोई परमोजन यहता ह औय न ही कभम न कयन ि कोई परमोजन यहता ह व कभम तो कयत ह ऩयॊत कभमफॊधन ि यदहत होत ह

एक बरहमजञानी भहाऩरर ऩॊचदिी ऩढ़ यह थ ककिी न ऩछा फाफाजी आऩ तो बरहमजञानी ह जीवनभि ह कपय आऩको िासतर ऩढ़न की कमा आवशमकता ह आऩ तो अऩनी आतभ-भसती भ भसत ह कपय ऩॊचदिी ऩढ़न का कमा परमोजन ह

फाफाजी भ दख यहा हॉ कक िासतरो भ भयी भदहभा का किा वणमन ककमा गमा ह

अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक जो बरहमानॊद को ऩा रत ह व बरहमवतता भहाऩरर बरहम ि असबनन हो जात ह बरहमा दधवषण औय भहि उनह अऩना ही सवरऩ ददखत ह व बरहमा होकय जगत की िदधदश कयत ह दधवषण होकय ऩारन कयत ह औय रदर होकय िॊहाय बी कयत ह आऩ बी अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक उि अभय ऩद को ऩा रो जो कयो ईदवय को ऩान क सरए ही कयो अऩनी अहॊता-भभता को आतभा-ऩयभातभा भ सभराकय ऩयभ परिाद भ ऩावन होत जाओ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कभमपर

बगवान शरीकषण कहत ह- जयाभयणभोकषाम भाभाचशरतम मतसनत म

त बरहम तददरद कतसनभधमातभॊ कभम चाखखरभ

जो भय ियण होकय जया औय भयण ि छटन क सरए मतन कयत ह व ऩरर उि बरहम को िमऩणम अधमातभ को िमऩणम कभम को जानत ह

(गीता 721) कभम सवमॊ जड़ होत ह कताम को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह िभझना कभो को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह ऐिा िभझना कभो को अखखर रऩ ि िमऩणम रऩ ि जानना हो गमा कभम को ऩता नहीॊ कक वह कभम ह ियीय को ऩता नहीॊ कक वह ियीय ह भकान को ऩता नहीॊ कक वह भकान ह मजञ को ऩता नहीॊ कक वह मजञ ह कमो कमोकक िफ जड़ ह रककन कताम सजि बावना सजि दधवचध ि जो-जो कामम कयता ह उि विा-विा पर सभरता ह

ककिी ददश न आऩको चाक ददखा ददमा तो आऩ थान भ उिक खखराप सिकामत कयत ह कोई आऩको कवर भायन की धभकी दता ह तफ बी आऩ उिक दधवरद सिकामत कयत ह रककन डॉकटय न आऩको धभकी दता ह न चाक ददखाता ह फसलक चाक ि आऩक ियीय की काट-छाॉट कयता ह कपय बी आऩ उि पीि दत ह कमो कमोकक उिका उददशम अचछा था उददशम था भयीज को ठीक कयना न कक फदरा रना ऐि ही आऩ बी अऩन कभो का उददशम फदर दो आऩ बोजन फनाओ रककन भजा रन क सरए नहीॊ फसलक ठाकयजी को परिनन कयन क सरए फनाओ ऩरयवाय क सरए ऩनत क सरए फचचो क सरए बोजन फनाओगी तो वह आऩका वमवहारयक कतमवम हो जामगा रककन ऩरयवायवारो की ऩनत की औय फचचो की गहयाई भ भया

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 3: Karma kaakatyasiddhant

गहना कभमणो गनत कभम की गनत फड़ी गहन ह

कभमणो हयदधऩ फोदवमॊ फोदवमॊ च दधवकभमण अकभमणदळ फोदवमॊ गहना कभमणो गनत

कभम का सवरऩ बी जानना चादहए औय अकभम का सवरऩ बी जानना चादहए तथा दधवकभम का सवरऩ बी जानना चादहए कमोकक कभम की गनत गहन ह

(गीता 417) कभम ऐि कय कक कभम दधवकभम न फन ददधरत मा फॊधनकायक न फन वयन अकभम भ फदर जाम कताम अकताम हो जाम औय अऩन ऩयभातभ-ऩद को ऩा र

अभदावाद भ वािणा नाभक एक इराका ह वहाॉ एक इॊजीननमय यहता था जो नहय का काममबाय बी िॉबारता था वही आदि दता था कक ककि कषतर भ ऩानी दना ह एक फाय एक ककिान न एक सरपाप भ िौ-िौ रऩम की दि नोट दत हए कहा िाहफ कछ बी हो ऩय परान वमकति को ऩानी न सभर भया इतना काभ आऩ कय दीसजए

िाहफ न िोचा कक हजाय रऩम भय बागम भ आनवार ह इिीसरए मह द यहा ह ककॊ त गरत ढॊग ि रऩम रकय भ कमो कभमफॊधन भ ऩड़ॉ हजाय रऩम आन वार होग तो कि बी कयक आ जामग भ गरत कभम कयक हजाय रऩम कमो रॉ भय अचछ कभो ि अऩन-आऩ रऩम आ जामग अत उिन हजाय रऩम उि ककिान को रौटा ददम

कछ भहीनो क फाद मह इॊजीननमय एक फाय भॊफई ि रौट यहा था भॊफई ि एक वमाऩायी का रड़का बी िाथ फठा वह रड़का ियत आकय जलदफाजी भ उतय गमा औय अऩनी अटची गाड़ी भ ही बर गमा वह इॊजीननमय िभझ गमा कक अटची उिी रड़क की ह अभदावाद यरव सटिन ऩय गाड़ी रकी अटची रावारयि ऩड़ी थी उि इॊजीननमय न अटची उठा री औय घय र जाकय खोरी उिभ ि ऩता औय टसरपोन नॊफय सरमा

इधय ियत भ वमाऩायी का रड़का फड़ा ऩयिान हो यहा था कक हीय क वमाऩायी क इतन रऩम थ इतन राख का कचचा भार बी था ककिको फताम फतामग तफ बी भिीफत होगी दिय ददन िफह-िफह पोन आमा कक आऩकी अटची यरगाड़ी भ यह गमी थी सजि भ र आमा हॉ औय भया मह ऩता ह आऩ इि र जाइम

फाऩ-फटा गाड़ी रकय वािणा ऩहॉच औय िाहफ क फॉगर ऩय ऩहॉचकय उनहोन ऩछा िाहफ आऩ ही न पोन ककमा था

िाहफ आऩ तिलरी यख आऩका िफ िाभान ियकषकषत ह

िाहफ न अटची दी वमाऩायी न दखा कक अॊदय िबी भार-िाभान एवॊ रऩम जमो क तमो ह म िाहफ नहीॊ बगवान ह ऐिा िोचकय उिकी आॉखो भ आॉि आ गम उिका ददर बय आमा

उिन कोय सरपाप भ कछ रऩम यख औय िाहफ क ऩयो ऩय यखकय हाथ जोड़त हए फोरा िाहफ पर नहीॊ तो पर की ऩॊखड़ी ही िही हभायी इतनी िवा जरय सवीकाय कयना

िाहफ एक हजाय रऩम यख ह न

वमाऩायी िाहफ आऩको कि ऩता चरा कक एक हजाय रऩम ह

िाहफ एक हजाय रऩम भझ सभर यह थ फया कभम कयन क सरए ककॊ त भन वह फया कामम मह िोचकय नहीॊ ककमा कक मदद हजाय रऩम भय बागम भ होग तो कि बी कयक आमग

वमाऩायी िाहफ आऩ ठीक कहत ह इिभ हजाय रऩम ही ह

जो रोग टढ़-भढ़ यासत ि कछ र रत ह व तो दषकभम कय ऩाऩ कभा रत ह रककन जो धीयज यखत ह व ईभानदायी ि उतना ऩा ही रत ह सजतना उनक बागम भ होता ह बगवान शरीकषण कहत ह- गहना कभमणो गनत

एक जान-भान िाध न भझ मह घटना िनामी थी फाऩजी महाॉ गमाजी भ एक फड़ अचछ जान-भान ऩॊकतडत यहत थ एक फाय नऩार नयि

िाधायण गयीफ भायवाड़ी जि कऩड़ ऩहन कय ऩॊकतडतो क ऩीछ बटका कक भय दादा का दधऩणडदान कयवा दो भय ऩाि ऩि बफलकर नहीॊ ह हाॉ थोड़ ि रडड रामा हॉ वही दकषकषणा भ द िकॉ गा जो रोबी ऩॊकतडत थ उनहोन तो इनकाय कय ददमा रककन वहाॉ का जो जाना-भाना ऩॊकतडत था उिन कहा बाई ऩि की तो कोई फात ही नहीॊ ह भ दधऩणडदान कयवा दता हॉ

पट-चचथड़ कऩड़ ऩहनकय गयीफ भायवाड़ी क वि भ छऩ हए नऩार नयि क दादा का दधऩणडदान कयवा ददमा उि ऩॊकतडत न दधऩणडदान िमऩनन होन क फाद नयि न कहा ऩॊकतडत जी दधऩणडदान कयवान क फाद कछ-न-कछ दकषकषणा तो दनी चादहए भ कछ रडड रामा हॉ भ चरा जाऊॉ उिक फाद मह गठयी आऩ ही खोरग इतना वचन द दीसजए

अचछा बाई त गयीफ ह तय रडड भ खा रॉगा वचन दता हॉ कक गठयी बी भ ही खोरॉगा

नऩार नयि चरा गमा ऩॊकतडत न गठयी खोरी तो उिभ ि एक-एक ककरो क िोन क उननीि रडड ननकर व ऩॊकतडत अऩन जीवनकार भ फड़-फड़ धभमकामम कयत यह रककन िोन क व रडड खचम भ आम ही नहीॊ

जो अचछा कामम कयता ह उिक ऩाि अचछ काभ क सरए कहीॊ न कहीॊ ि धन वसतएॉ अनामाि आ ही जाती ह अत उननीि ककरो क िोन रडड ऐि ही ऩड़ यह जफ-जफ हभ कभम कय तो कभम को अकभम भ फदर द अथामत कभम का पर ईदवय को अदधऩमत कय द अथवा कभम भ ि कतामऩन हटा द तो कभम कयत हए बी हो गमा अकभम कभम तो ककम रककन उनका फॊधन नहीॊ यहा

िॊिायी आदभी कभम को फॊधनकायक फना दता ह िाधक कभम को अकभम फनान का मतन कयता ह

रककन सिद ऩरर का परतमक कभम सवाबादधवक रऩ ि अकभम ही होता ह याभजी मद जिा घोय कभम कयत ह रककन अऩनी ओय ि मद नहीॊ कयत यावण आभॊबतरत कयता ह तफ कयत ह अत उनका मद जिा घोय कभम बी अकभम ही ह आऩ बी कभम कय तो अकताम होकय कय न कक कताम होकय कताम बाव ि ककमा गमा कभम फॊधन भ डार दता ह एवॊ उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह याजसथान क ढोगया गाॉव (तह िजानगढ़ सज चर) की घटना ह एक फकय को दखकय ठकयाइन क भॉह भ ऩानी आ गमा वह अऩन ऩनत ि फोरी दखो जी मह फकया ककतना रदश-ऩदश ह

फकया ऩहॉच गमा ठाकय ककिनसिॊह क घय औय हरार होकय उनक ऩट भ बी ऩहॉच गमा फायह भहीन क फाद ठाकय ककिनसिॊह क घय फट का जनभ हआ फट का नाभ फारसिॊह यखा गमा वह तयह िार का हआ तो उिकी भॉगनी हो गमी एवॊ चौदहवाॉ ऩया होत-होत िादी की तमायी बी हो गमी िादी क वि बराहमण न गणि-ऩजन क सरए उिको बफठामा ककॊ त मह कमा बराहमण दधवचध िर कय उिक ऩहर ही रड़क न ऩय ऩिाय औय रट गमा बराहमण न ऩछा कमा हआ कमा हआ

कोई जवाफ नहीॊ भाॉ योमी फाऩ योमा िाय फायाती इकटठ हो गम ऩछन रग कक कमा हआ

रड़का कछ नहीॊ हआ ह अफ तमहाया-भया रखा-जोखा ऩया हो गमा ह

दधऩता वह कि फटा

रड़का फकरयमो को गबामधान कयान क सरए उदयािय क चायण कॉ अयदान न जो फकया छोड़ यखा था उि तभ ठकयाइन क कहन ऩय उठा राम थ वही फकया तमहाय ऩट भ ऩहॉचा औय िभम ऩाकय तमहाया फटा होकय ऩदा हआ वह फटा रना-दना ऩया कयक अफ जा यहा ह याभ याभ

फकय की कामा ि आमा हआ फारसिॊह तो यवाना हो गमा ककॊ त ककिनसिॊह सिय कटत यह गम

तरिीदाि जी कहत ह- कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

(शरीयाभचरयत अमोका 2182) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

कभम कि कय

शरीभद बगवद गीता क तीिय अधमाम कभममोग भ बगवान शरीकषण अजमन ि कहत ह- तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आिकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) गीता भ ऩयभातभ-परानदऱ क तीन भागम फताम गम ह- जञानभागम बकतिभागम औय ननषकाभ

कभमभागम िासतरो भ भखमत दो परकाय क कभो का वणमन ककमा गमा ह दधवदहत कभम औय ननदधरद कभम सजन कभो को कयन क सरए िासतरो भ उऩदि ककमा गमा ह उनह दधवदहत कभम कहत ह औय सजन कभम को कयन क सरए िासतरो भ भनाई की गमी ह उनह ननदधरद कभम कहत ह हनभानजी न बगवान शरीयाभ क कामम क सरए रॊका जरा दी उनका मह कामम दधवदहत कामम ह कमोकक उनहोन अऩन सवाभी क िवाकामम क रऩ भ ही रॊका जरामी ऩयॊत उनका अनियण कयक रोग एक-दिय क घय जरान रग जाम तो मह धभम नहीॊ अधभम होगा भनभानी होगी हभ जि-जि कभम कयत ह वि-वि रोको की हभ परानदऱ होती ह इिसरए हभिा अिब कभो का तमाग कयक िब कभम कयन चादहए

जो कभम सवमॊ को औय दियो को बी िख-िाॊनत द तथा दय-िवय बगवान तक ऩहॉचा द व िब कभम ह औय जो कषणबय क सरए ही (असथामी) िख द औय बदधवषम भ अऩन को तथा दियो को बगवान ि दय कय द कदश द नयको भ ऩहॉचा द उनह अिब कभम कहत ह

ककम हए िब मा अिब कभम कई जनभो तक भनषम का ऩीछा नहीॊ छोड़त ऩवमजनभो क कभो क जि िॊसकाय होत ह विा पर बोगना ऩड़ता ह

गहना कभमणो गनत कभो की गनत फड़ी गहन होती ह कभो की सवतॊतर ितता नहीॊ ह व तो जड़ ह उनह ऩता नहीॊ ह कक व कभम ह व वदधतत ि परतीत होत ह मदद दधवदहत (िासतरोि) िॊसकाय होत ह तो ऩणम परतीत होता ह औय ननदधरद िॊसकाय होत ह तो ऩाऩ परतीत होता ह अत दधवदहत कभम कय दधवदहत कभम बी ननमॊबतरत होन चादहए ननमॊबतरत दधवदहत कभम ही धभम फन जाता ह

िफह जलदी उठकय थोड़ी दय क सरए ऩयभातभा क धमान भ िाॊत हो जाना औय िमोदम ि ऩहर सनान कयना िॊधमा-वॊदन इतमादद कयना - म कभम सवासम की ददधदश ि बी अचछ ह औय िासववक होन क कायण ऩणमभम बी ह ऩयॊत ककिी क भन भ दधवऩयीत िॊसकाय ऩड़ ह तो वह िोचगा कक इतनी िफह उठकय सनान कयक कमा करॉ गा ऐि रोग िमोदम क ऩदळात उठत ह उठत ही िफि ऩहर बफसतय ऩय चाम की भाॉग कयत ह औय बफना सनान ककम ही नाशता कय रत ह िासतरानिाय म ननदधरद कभम ह ऐि रोग वतमभान भ बर ही अऩन को िखी भान र ऩयॊत आग चरकय ियीय अचधक योग-िोकागरसत होगा मदद िावधान नहीॊ यह तो तभि क कायण नायकीम मोननमो भ जाना ऩड़गा

बगवान शरीकषण न गीता भ कहा बी कहा ह कक भझ इन तीन रोको भ न तो कोई कतमवम ह औय न ही परादऱ कयन मोगम कोई वसत अपरादऱ ह कपय बी भ कभम भ ही फयतता हॉ

इिसरए दधवदहत औय ननमॊबतरत कभम कय ऐिा नहीॊ कक िासतरो क अनिाय कभम तो कयत यह ककॊ त उनका कोई अॊत ही न हो कभो का इतना अचधक दधवसताय न कय कक ऩयभातभा क सरए घड़ीबय बी िभम न सभर सकटय चार कयन क सरए वमकति ककक रगाता ह ऩयॊत चार होन क फाद बी वह ककक ही रगाता यह तो उिक जिा भखम इि दननमा भ कोई नहीॊ होगा

अत कभम तो कयो ऩयॊत रकषम यखो कवर आतभजञान ऩान का ऩयभातभ-िख ऩान का अनािि होकय कभम कयो िाधना िभझकय कभम कयो ईदवय ऩयामण कभम कभम होत हए बी ईदवय को ऩान भ िहमोगी फन जाता ह

आज आऩ ककिी कामामरम भ काभ कयत ह औय वतन रत ह तो वह ह नौकयी ककॊ त ककिी धासभमक िॊसथा भ आऩ वही काभ कयत ह औय वतन नहीॊ रत तो आऩका वही कभम धभम फन जाता ह

धभम भ बफयनत मोग त गमाना धभम ि वयागम उतऩनन होता ह वयागम ि भनषम की दधवरम-बोगो भ पॉ ि भयन की वदधतत कभ हो जाती ह अगय आऩको िॊिाय ि वयागम उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ धभम क यासत ऩय ह औय अगय याग उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ अधभम क भागम ऩय ह

दधवदहत कभम ि धभम उतऩनन होगा धभम ि वयागम उतऩनन होगा ऩहर जो यागाकाय वदधतत आऩको इधय-उधय बटका यही थी वह िाॊतसवरऩ भ आमगी तो मोग हो जामगा मोग भ वदधतत एकदभ िकषभ हो जामगी तो फन जामगी ऋतमबया परजञा

दधवदहत िॊसकाय हो वदधतत िकषभतभ हो औय बरहमवतता िदगरओॊ क वचनो भ शरदा हो तो बरहम का िाकषातकाय कयन भ दय नहीॊ रगगी

िॊिायी दधवरम-बोगो को परादऱ कयन क सरए ककतन बी ननदधरद कभम कयक बोग बोग ककॊ त बोगन क फाद खखननता फदहभमखता अथवा फीभायी क सिवाम कमा हाथ रगा दधवदहत कभम कयन ि जो बगवतिख सभरता ह वह अॊतयातभा को अिीभ िख दन वारा होता ह

जो कभम होन चादहए व बरहमवतता भहाऩरर की उऩससथनत भातर ि सवमॊ ही होन रगत ह औय जो नहीॊ होन चादहए व कभम अऩन-आऩ छट जात ह ऩयभातभा की दी हई कभम कयन की िकति का िदऩमोग कयक ऩयभातभा को ऩान वार दधववकी ऩरर िभसत कभमफनधनो ि भि हो जात ह

गीता भ बगवान न कहा बी ह कक बरहमजञानी भहाऩरर का इि दधवदव भ न तो कभम कयन ि कोई परमोजन यहता ह औय न ही कभम न कयन ि कोई परमोजन यहता ह व कभम तो कयत ह ऩयॊत कभमफॊधन ि यदहत होत ह

एक बरहमजञानी भहाऩरर ऩॊचदिी ऩढ़ यह थ ककिी न ऩछा फाफाजी आऩ तो बरहमजञानी ह जीवनभि ह कपय आऩको िासतर ऩढ़न की कमा आवशमकता ह आऩ तो अऩनी आतभ-भसती भ भसत ह कपय ऩॊचदिी ऩढ़न का कमा परमोजन ह

फाफाजी भ दख यहा हॉ कक िासतरो भ भयी भदहभा का किा वणमन ककमा गमा ह

अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक जो बरहमानॊद को ऩा रत ह व बरहमवतता भहाऩरर बरहम ि असबनन हो जात ह बरहमा दधवषण औय भहि उनह अऩना ही सवरऩ ददखत ह व बरहमा होकय जगत की िदधदश कयत ह दधवषण होकय ऩारन कयत ह औय रदर होकय िॊहाय बी कयत ह आऩ बी अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक उि अभय ऩद को ऩा रो जो कयो ईदवय को ऩान क सरए ही कयो अऩनी अहॊता-भभता को आतभा-ऩयभातभा भ सभराकय ऩयभ परिाद भ ऩावन होत जाओ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कभमपर

बगवान शरीकषण कहत ह- जयाभयणभोकषाम भाभाचशरतम मतसनत म

त बरहम तददरद कतसनभधमातभॊ कभम चाखखरभ

जो भय ियण होकय जया औय भयण ि छटन क सरए मतन कयत ह व ऩरर उि बरहम को िमऩणम अधमातभ को िमऩणम कभम को जानत ह

(गीता 721) कभम सवमॊ जड़ होत ह कताम को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह िभझना कभो को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह ऐिा िभझना कभो को अखखर रऩ ि िमऩणम रऩ ि जानना हो गमा कभम को ऩता नहीॊ कक वह कभम ह ियीय को ऩता नहीॊ कक वह ियीय ह भकान को ऩता नहीॊ कक वह भकान ह मजञ को ऩता नहीॊ कक वह मजञ ह कमो कमोकक िफ जड़ ह रककन कताम सजि बावना सजि दधवचध ि जो-जो कामम कयता ह उि विा-विा पर सभरता ह

ककिी ददश न आऩको चाक ददखा ददमा तो आऩ थान भ उिक खखराप सिकामत कयत ह कोई आऩको कवर भायन की धभकी दता ह तफ बी आऩ उिक दधवरद सिकामत कयत ह रककन डॉकटय न आऩको धभकी दता ह न चाक ददखाता ह फसलक चाक ि आऩक ियीय की काट-छाॉट कयता ह कपय बी आऩ उि पीि दत ह कमो कमोकक उिका उददशम अचछा था उददशम था भयीज को ठीक कयना न कक फदरा रना ऐि ही आऩ बी अऩन कभो का उददशम फदर दो आऩ बोजन फनाओ रककन भजा रन क सरए नहीॊ फसलक ठाकयजी को परिनन कयन क सरए फनाओ ऩरयवाय क सरए ऩनत क सरए फचचो क सरए बोजन फनाओगी तो वह आऩका वमवहारयक कतमवम हो जामगा रककन ऩरयवायवारो की ऩनत की औय फचचो की गहयाई भ भया

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 4: Karma kaakatyasiddhant

उिन कोय सरपाप भ कछ रऩम यख औय िाहफ क ऩयो ऩय यखकय हाथ जोड़त हए फोरा िाहफ पर नहीॊ तो पर की ऩॊखड़ी ही िही हभायी इतनी िवा जरय सवीकाय कयना

िाहफ एक हजाय रऩम यख ह न

वमाऩायी िाहफ आऩको कि ऩता चरा कक एक हजाय रऩम ह

िाहफ एक हजाय रऩम भझ सभर यह थ फया कभम कयन क सरए ककॊ त भन वह फया कामम मह िोचकय नहीॊ ककमा कक मदद हजाय रऩम भय बागम भ होग तो कि बी कयक आमग

वमाऩायी िाहफ आऩ ठीक कहत ह इिभ हजाय रऩम ही ह

जो रोग टढ़-भढ़ यासत ि कछ र रत ह व तो दषकभम कय ऩाऩ कभा रत ह रककन जो धीयज यखत ह व ईभानदायी ि उतना ऩा ही रत ह सजतना उनक बागम भ होता ह बगवान शरीकषण कहत ह- गहना कभमणो गनत

एक जान-भान िाध न भझ मह घटना िनामी थी फाऩजी महाॉ गमाजी भ एक फड़ अचछ जान-भान ऩॊकतडत यहत थ एक फाय नऩार नयि

िाधायण गयीफ भायवाड़ी जि कऩड़ ऩहन कय ऩॊकतडतो क ऩीछ बटका कक भय दादा का दधऩणडदान कयवा दो भय ऩाि ऩि बफलकर नहीॊ ह हाॉ थोड़ ि रडड रामा हॉ वही दकषकषणा भ द िकॉ गा जो रोबी ऩॊकतडत थ उनहोन तो इनकाय कय ददमा रककन वहाॉ का जो जाना-भाना ऩॊकतडत था उिन कहा बाई ऩि की तो कोई फात ही नहीॊ ह भ दधऩणडदान कयवा दता हॉ

पट-चचथड़ कऩड़ ऩहनकय गयीफ भायवाड़ी क वि भ छऩ हए नऩार नयि क दादा का दधऩणडदान कयवा ददमा उि ऩॊकतडत न दधऩणडदान िमऩनन होन क फाद नयि न कहा ऩॊकतडत जी दधऩणडदान कयवान क फाद कछ-न-कछ दकषकषणा तो दनी चादहए भ कछ रडड रामा हॉ भ चरा जाऊॉ उिक फाद मह गठयी आऩ ही खोरग इतना वचन द दीसजए

अचछा बाई त गयीफ ह तय रडड भ खा रॉगा वचन दता हॉ कक गठयी बी भ ही खोरॉगा

नऩार नयि चरा गमा ऩॊकतडत न गठयी खोरी तो उिभ ि एक-एक ककरो क िोन क उननीि रडड ननकर व ऩॊकतडत अऩन जीवनकार भ फड़-फड़ धभमकामम कयत यह रककन िोन क व रडड खचम भ आम ही नहीॊ

जो अचछा कामम कयता ह उिक ऩाि अचछ काभ क सरए कहीॊ न कहीॊ ि धन वसतएॉ अनामाि आ ही जाती ह अत उननीि ककरो क िोन रडड ऐि ही ऩड़ यह जफ-जफ हभ कभम कय तो कभम को अकभम भ फदर द अथामत कभम का पर ईदवय को अदधऩमत कय द अथवा कभम भ ि कतामऩन हटा द तो कभम कयत हए बी हो गमा अकभम कभम तो ककम रककन उनका फॊधन नहीॊ यहा

िॊिायी आदभी कभम को फॊधनकायक फना दता ह िाधक कभम को अकभम फनान का मतन कयता ह

रककन सिद ऩरर का परतमक कभम सवाबादधवक रऩ ि अकभम ही होता ह याभजी मद जिा घोय कभम कयत ह रककन अऩनी ओय ि मद नहीॊ कयत यावण आभॊबतरत कयता ह तफ कयत ह अत उनका मद जिा घोय कभम बी अकभम ही ह आऩ बी कभम कय तो अकताम होकय कय न कक कताम होकय कताम बाव ि ककमा गमा कभम फॊधन भ डार दता ह एवॊ उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह याजसथान क ढोगया गाॉव (तह िजानगढ़ सज चर) की घटना ह एक फकय को दखकय ठकयाइन क भॉह भ ऩानी आ गमा वह अऩन ऩनत ि फोरी दखो जी मह फकया ककतना रदश-ऩदश ह

फकया ऩहॉच गमा ठाकय ककिनसिॊह क घय औय हरार होकय उनक ऩट भ बी ऩहॉच गमा फायह भहीन क फाद ठाकय ककिनसिॊह क घय फट का जनभ हआ फट का नाभ फारसिॊह यखा गमा वह तयह िार का हआ तो उिकी भॉगनी हो गमी एवॊ चौदहवाॉ ऩया होत-होत िादी की तमायी बी हो गमी िादी क वि बराहमण न गणि-ऩजन क सरए उिको बफठामा ककॊ त मह कमा बराहमण दधवचध िर कय उिक ऩहर ही रड़क न ऩय ऩिाय औय रट गमा बराहमण न ऩछा कमा हआ कमा हआ

कोई जवाफ नहीॊ भाॉ योमी फाऩ योमा िाय फायाती इकटठ हो गम ऩछन रग कक कमा हआ

रड़का कछ नहीॊ हआ ह अफ तमहाया-भया रखा-जोखा ऩया हो गमा ह

दधऩता वह कि फटा

रड़का फकरयमो को गबामधान कयान क सरए उदयािय क चायण कॉ अयदान न जो फकया छोड़ यखा था उि तभ ठकयाइन क कहन ऩय उठा राम थ वही फकया तमहाय ऩट भ ऩहॉचा औय िभम ऩाकय तमहाया फटा होकय ऩदा हआ वह फटा रना-दना ऩया कयक अफ जा यहा ह याभ याभ

फकय की कामा ि आमा हआ फारसिॊह तो यवाना हो गमा ककॊ त ककिनसिॊह सिय कटत यह गम

तरिीदाि जी कहत ह- कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

(शरीयाभचरयत अमोका 2182) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

कभम कि कय

शरीभद बगवद गीता क तीिय अधमाम कभममोग भ बगवान शरीकषण अजमन ि कहत ह- तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आिकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) गीता भ ऩयभातभ-परानदऱ क तीन भागम फताम गम ह- जञानभागम बकतिभागम औय ननषकाभ

कभमभागम िासतरो भ भखमत दो परकाय क कभो का वणमन ककमा गमा ह दधवदहत कभम औय ननदधरद कभम सजन कभो को कयन क सरए िासतरो भ उऩदि ककमा गमा ह उनह दधवदहत कभम कहत ह औय सजन कभम को कयन क सरए िासतरो भ भनाई की गमी ह उनह ननदधरद कभम कहत ह हनभानजी न बगवान शरीयाभ क कामम क सरए रॊका जरा दी उनका मह कामम दधवदहत कामम ह कमोकक उनहोन अऩन सवाभी क िवाकामम क रऩ भ ही रॊका जरामी ऩयॊत उनका अनियण कयक रोग एक-दिय क घय जरान रग जाम तो मह धभम नहीॊ अधभम होगा भनभानी होगी हभ जि-जि कभम कयत ह वि-वि रोको की हभ परानदऱ होती ह इिसरए हभिा अिब कभो का तमाग कयक िब कभम कयन चादहए

जो कभम सवमॊ को औय दियो को बी िख-िाॊनत द तथा दय-िवय बगवान तक ऩहॉचा द व िब कभम ह औय जो कषणबय क सरए ही (असथामी) िख द औय बदधवषम भ अऩन को तथा दियो को बगवान ि दय कय द कदश द नयको भ ऩहॉचा द उनह अिब कभम कहत ह

ककम हए िब मा अिब कभम कई जनभो तक भनषम का ऩीछा नहीॊ छोड़त ऩवमजनभो क कभो क जि िॊसकाय होत ह विा पर बोगना ऩड़ता ह

गहना कभमणो गनत कभो की गनत फड़ी गहन होती ह कभो की सवतॊतर ितता नहीॊ ह व तो जड़ ह उनह ऩता नहीॊ ह कक व कभम ह व वदधतत ि परतीत होत ह मदद दधवदहत (िासतरोि) िॊसकाय होत ह तो ऩणम परतीत होता ह औय ननदधरद िॊसकाय होत ह तो ऩाऩ परतीत होता ह अत दधवदहत कभम कय दधवदहत कभम बी ननमॊबतरत होन चादहए ननमॊबतरत दधवदहत कभम ही धभम फन जाता ह

िफह जलदी उठकय थोड़ी दय क सरए ऩयभातभा क धमान भ िाॊत हो जाना औय िमोदम ि ऩहर सनान कयना िॊधमा-वॊदन इतमादद कयना - म कभम सवासम की ददधदश ि बी अचछ ह औय िासववक होन क कायण ऩणमभम बी ह ऩयॊत ककिी क भन भ दधवऩयीत िॊसकाय ऩड़ ह तो वह िोचगा कक इतनी िफह उठकय सनान कयक कमा करॉ गा ऐि रोग िमोदम क ऩदळात उठत ह उठत ही िफि ऩहर बफसतय ऩय चाम की भाॉग कयत ह औय बफना सनान ककम ही नाशता कय रत ह िासतरानिाय म ननदधरद कभम ह ऐि रोग वतमभान भ बर ही अऩन को िखी भान र ऩयॊत आग चरकय ियीय अचधक योग-िोकागरसत होगा मदद िावधान नहीॊ यह तो तभि क कायण नायकीम मोननमो भ जाना ऩड़गा

बगवान शरीकषण न गीता भ कहा बी कहा ह कक भझ इन तीन रोको भ न तो कोई कतमवम ह औय न ही परादऱ कयन मोगम कोई वसत अपरादऱ ह कपय बी भ कभम भ ही फयतता हॉ

इिसरए दधवदहत औय ननमॊबतरत कभम कय ऐिा नहीॊ कक िासतरो क अनिाय कभम तो कयत यह ककॊ त उनका कोई अॊत ही न हो कभो का इतना अचधक दधवसताय न कय कक ऩयभातभा क सरए घड़ीबय बी िभम न सभर सकटय चार कयन क सरए वमकति ककक रगाता ह ऩयॊत चार होन क फाद बी वह ककक ही रगाता यह तो उिक जिा भखम इि दननमा भ कोई नहीॊ होगा

अत कभम तो कयो ऩयॊत रकषम यखो कवर आतभजञान ऩान का ऩयभातभ-िख ऩान का अनािि होकय कभम कयो िाधना िभझकय कभम कयो ईदवय ऩयामण कभम कभम होत हए बी ईदवय को ऩान भ िहमोगी फन जाता ह

आज आऩ ककिी कामामरम भ काभ कयत ह औय वतन रत ह तो वह ह नौकयी ककॊ त ककिी धासभमक िॊसथा भ आऩ वही काभ कयत ह औय वतन नहीॊ रत तो आऩका वही कभम धभम फन जाता ह

धभम भ बफयनत मोग त गमाना धभम ि वयागम उतऩनन होता ह वयागम ि भनषम की दधवरम-बोगो भ पॉ ि भयन की वदधतत कभ हो जाती ह अगय आऩको िॊिाय ि वयागम उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ धभम क यासत ऩय ह औय अगय याग उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ अधभम क भागम ऩय ह

दधवदहत कभम ि धभम उतऩनन होगा धभम ि वयागम उतऩनन होगा ऩहर जो यागाकाय वदधतत आऩको इधय-उधय बटका यही थी वह िाॊतसवरऩ भ आमगी तो मोग हो जामगा मोग भ वदधतत एकदभ िकषभ हो जामगी तो फन जामगी ऋतमबया परजञा

दधवदहत िॊसकाय हो वदधतत िकषभतभ हो औय बरहमवतता िदगरओॊ क वचनो भ शरदा हो तो बरहम का िाकषातकाय कयन भ दय नहीॊ रगगी

िॊिायी दधवरम-बोगो को परादऱ कयन क सरए ककतन बी ननदधरद कभम कयक बोग बोग ककॊ त बोगन क फाद खखननता फदहभमखता अथवा फीभायी क सिवाम कमा हाथ रगा दधवदहत कभम कयन ि जो बगवतिख सभरता ह वह अॊतयातभा को अिीभ िख दन वारा होता ह

जो कभम होन चादहए व बरहमवतता भहाऩरर की उऩससथनत भातर ि सवमॊ ही होन रगत ह औय जो नहीॊ होन चादहए व कभम अऩन-आऩ छट जात ह ऩयभातभा की दी हई कभम कयन की िकति का िदऩमोग कयक ऩयभातभा को ऩान वार दधववकी ऩरर िभसत कभमफनधनो ि भि हो जात ह

गीता भ बगवान न कहा बी ह कक बरहमजञानी भहाऩरर का इि दधवदव भ न तो कभम कयन ि कोई परमोजन यहता ह औय न ही कभम न कयन ि कोई परमोजन यहता ह व कभम तो कयत ह ऩयॊत कभमफॊधन ि यदहत होत ह

एक बरहमजञानी भहाऩरर ऩॊचदिी ऩढ़ यह थ ककिी न ऩछा फाफाजी आऩ तो बरहमजञानी ह जीवनभि ह कपय आऩको िासतर ऩढ़न की कमा आवशमकता ह आऩ तो अऩनी आतभ-भसती भ भसत ह कपय ऩॊचदिी ऩढ़न का कमा परमोजन ह

फाफाजी भ दख यहा हॉ कक िासतरो भ भयी भदहभा का किा वणमन ककमा गमा ह

अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक जो बरहमानॊद को ऩा रत ह व बरहमवतता भहाऩरर बरहम ि असबनन हो जात ह बरहमा दधवषण औय भहि उनह अऩना ही सवरऩ ददखत ह व बरहमा होकय जगत की िदधदश कयत ह दधवषण होकय ऩारन कयत ह औय रदर होकय िॊहाय बी कयत ह आऩ बी अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक उि अभय ऩद को ऩा रो जो कयो ईदवय को ऩान क सरए ही कयो अऩनी अहॊता-भभता को आतभा-ऩयभातभा भ सभराकय ऩयभ परिाद भ ऩावन होत जाओ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कभमपर

बगवान शरीकषण कहत ह- जयाभयणभोकषाम भाभाचशरतम मतसनत म

त बरहम तददरद कतसनभधमातभॊ कभम चाखखरभ

जो भय ियण होकय जया औय भयण ि छटन क सरए मतन कयत ह व ऩरर उि बरहम को िमऩणम अधमातभ को िमऩणम कभम को जानत ह

(गीता 721) कभम सवमॊ जड़ होत ह कताम को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह िभझना कभो को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह ऐिा िभझना कभो को अखखर रऩ ि िमऩणम रऩ ि जानना हो गमा कभम को ऩता नहीॊ कक वह कभम ह ियीय को ऩता नहीॊ कक वह ियीय ह भकान को ऩता नहीॊ कक वह भकान ह मजञ को ऩता नहीॊ कक वह मजञ ह कमो कमोकक िफ जड़ ह रककन कताम सजि बावना सजि दधवचध ि जो-जो कामम कयता ह उि विा-विा पर सभरता ह

ककिी ददश न आऩको चाक ददखा ददमा तो आऩ थान भ उिक खखराप सिकामत कयत ह कोई आऩको कवर भायन की धभकी दता ह तफ बी आऩ उिक दधवरद सिकामत कयत ह रककन डॉकटय न आऩको धभकी दता ह न चाक ददखाता ह फसलक चाक ि आऩक ियीय की काट-छाॉट कयता ह कपय बी आऩ उि पीि दत ह कमो कमोकक उिका उददशम अचछा था उददशम था भयीज को ठीक कयना न कक फदरा रना ऐि ही आऩ बी अऩन कभो का उददशम फदर दो आऩ बोजन फनाओ रककन भजा रन क सरए नहीॊ फसलक ठाकयजी को परिनन कयन क सरए फनाओ ऩरयवाय क सरए ऩनत क सरए फचचो क सरए बोजन फनाओगी तो वह आऩका वमवहारयक कतमवम हो जामगा रककन ऩरयवायवारो की ऩनत की औय फचचो की गहयाई भ भया

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

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यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 5: Karma kaakatyasiddhant

रककन सिद ऩरर का परतमक कभम सवाबादधवक रऩ ि अकभम ही होता ह याभजी मद जिा घोय कभम कयत ह रककन अऩनी ओय ि मद नहीॊ कयत यावण आभॊबतरत कयता ह तफ कयत ह अत उनका मद जिा घोय कभम बी अकभम ही ह आऩ बी कभम कय तो अकताम होकय कय न कक कताम होकय कताम बाव ि ककमा गमा कभम फॊधन भ डार दता ह एवॊ उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह याजसथान क ढोगया गाॉव (तह िजानगढ़ सज चर) की घटना ह एक फकय को दखकय ठकयाइन क भॉह भ ऩानी आ गमा वह अऩन ऩनत ि फोरी दखो जी मह फकया ककतना रदश-ऩदश ह

फकया ऩहॉच गमा ठाकय ककिनसिॊह क घय औय हरार होकय उनक ऩट भ बी ऩहॉच गमा फायह भहीन क फाद ठाकय ककिनसिॊह क घय फट का जनभ हआ फट का नाभ फारसिॊह यखा गमा वह तयह िार का हआ तो उिकी भॉगनी हो गमी एवॊ चौदहवाॉ ऩया होत-होत िादी की तमायी बी हो गमी िादी क वि बराहमण न गणि-ऩजन क सरए उिको बफठामा ककॊ त मह कमा बराहमण दधवचध िर कय उिक ऩहर ही रड़क न ऩय ऩिाय औय रट गमा बराहमण न ऩछा कमा हआ कमा हआ

कोई जवाफ नहीॊ भाॉ योमी फाऩ योमा िाय फायाती इकटठ हो गम ऩछन रग कक कमा हआ

रड़का कछ नहीॊ हआ ह अफ तमहाया-भया रखा-जोखा ऩया हो गमा ह

दधऩता वह कि फटा

रड़का फकरयमो को गबामधान कयान क सरए उदयािय क चायण कॉ अयदान न जो फकया छोड़ यखा था उि तभ ठकयाइन क कहन ऩय उठा राम थ वही फकया तमहाय ऩट भ ऩहॉचा औय िभम ऩाकय तमहाया फटा होकय ऩदा हआ वह फटा रना-दना ऩया कयक अफ जा यहा ह याभ याभ

फकय की कामा ि आमा हआ फारसिॊह तो यवाना हो गमा ककॊ त ककिनसिॊह सिय कटत यह गम

तरिीदाि जी कहत ह- कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

(शरीयाभचरयत अमोका 2182) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

कभम कि कय

शरीभद बगवद गीता क तीिय अधमाम कभममोग भ बगवान शरीकषण अजमन ि कहत ह- तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आिकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) गीता भ ऩयभातभ-परानदऱ क तीन भागम फताम गम ह- जञानभागम बकतिभागम औय ननषकाभ

कभमभागम िासतरो भ भखमत दो परकाय क कभो का वणमन ककमा गमा ह दधवदहत कभम औय ननदधरद कभम सजन कभो को कयन क सरए िासतरो भ उऩदि ककमा गमा ह उनह दधवदहत कभम कहत ह औय सजन कभम को कयन क सरए िासतरो भ भनाई की गमी ह उनह ननदधरद कभम कहत ह हनभानजी न बगवान शरीयाभ क कामम क सरए रॊका जरा दी उनका मह कामम दधवदहत कामम ह कमोकक उनहोन अऩन सवाभी क िवाकामम क रऩ भ ही रॊका जरामी ऩयॊत उनका अनियण कयक रोग एक-दिय क घय जरान रग जाम तो मह धभम नहीॊ अधभम होगा भनभानी होगी हभ जि-जि कभम कयत ह वि-वि रोको की हभ परानदऱ होती ह इिसरए हभिा अिब कभो का तमाग कयक िब कभम कयन चादहए

जो कभम सवमॊ को औय दियो को बी िख-िाॊनत द तथा दय-िवय बगवान तक ऩहॉचा द व िब कभम ह औय जो कषणबय क सरए ही (असथामी) िख द औय बदधवषम भ अऩन को तथा दियो को बगवान ि दय कय द कदश द नयको भ ऩहॉचा द उनह अिब कभम कहत ह

ककम हए िब मा अिब कभम कई जनभो तक भनषम का ऩीछा नहीॊ छोड़त ऩवमजनभो क कभो क जि िॊसकाय होत ह विा पर बोगना ऩड़ता ह

गहना कभमणो गनत कभो की गनत फड़ी गहन होती ह कभो की सवतॊतर ितता नहीॊ ह व तो जड़ ह उनह ऩता नहीॊ ह कक व कभम ह व वदधतत ि परतीत होत ह मदद दधवदहत (िासतरोि) िॊसकाय होत ह तो ऩणम परतीत होता ह औय ननदधरद िॊसकाय होत ह तो ऩाऩ परतीत होता ह अत दधवदहत कभम कय दधवदहत कभम बी ननमॊबतरत होन चादहए ननमॊबतरत दधवदहत कभम ही धभम फन जाता ह

िफह जलदी उठकय थोड़ी दय क सरए ऩयभातभा क धमान भ िाॊत हो जाना औय िमोदम ि ऩहर सनान कयना िॊधमा-वॊदन इतमादद कयना - म कभम सवासम की ददधदश ि बी अचछ ह औय िासववक होन क कायण ऩणमभम बी ह ऩयॊत ककिी क भन भ दधवऩयीत िॊसकाय ऩड़ ह तो वह िोचगा कक इतनी िफह उठकय सनान कयक कमा करॉ गा ऐि रोग िमोदम क ऩदळात उठत ह उठत ही िफि ऩहर बफसतय ऩय चाम की भाॉग कयत ह औय बफना सनान ककम ही नाशता कय रत ह िासतरानिाय म ननदधरद कभम ह ऐि रोग वतमभान भ बर ही अऩन को िखी भान र ऩयॊत आग चरकय ियीय अचधक योग-िोकागरसत होगा मदद िावधान नहीॊ यह तो तभि क कायण नायकीम मोननमो भ जाना ऩड़गा

बगवान शरीकषण न गीता भ कहा बी कहा ह कक भझ इन तीन रोको भ न तो कोई कतमवम ह औय न ही परादऱ कयन मोगम कोई वसत अपरादऱ ह कपय बी भ कभम भ ही फयतता हॉ

इिसरए दधवदहत औय ननमॊबतरत कभम कय ऐिा नहीॊ कक िासतरो क अनिाय कभम तो कयत यह ककॊ त उनका कोई अॊत ही न हो कभो का इतना अचधक दधवसताय न कय कक ऩयभातभा क सरए घड़ीबय बी िभम न सभर सकटय चार कयन क सरए वमकति ककक रगाता ह ऩयॊत चार होन क फाद बी वह ककक ही रगाता यह तो उिक जिा भखम इि दननमा भ कोई नहीॊ होगा

अत कभम तो कयो ऩयॊत रकषम यखो कवर आतभजञान ऩान का ऩयभातभ-िख ऩान का अनािि होकय कभम कयो िाधना िभझकय कभम कयो ईदवय ऩयामण कभम कभम होत हए बी ईदवय को ऩान भ िहमोगी फन जाता ह

आज आऩ ककिी कामामरम भ काभ कयत ह औय वतन रत ह तो वह ह नौकयी ककॊ त ककिी धासभमक िॊसथा भ आऩ वही काभ कयत ह औय वतन नहीॊ रत तो आऩका वही कभम धभम फन जाता ह

धभम भ बफयनत मोग त गमाना धभम ि वयागम उतऩनन होता ह वयागम ि भनषम की दधवरम-बोगो भ पॉ ि भयन की वदधतत कभ हो जाती ह अगय आऩको िॊिाय ि वयागम उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ धभम क यासत ऩय ह औय अगय याग उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ अधभम क भागम ऩय ह

दधवदहत कभम ि धभम उतऩनन होगा धभम ि वयागम उतऩनन होगा ऩहर जो यागाकाय वदधतत आऩको इधय-उधय बटका यही थी वह िाॊतसवरऩ भ आमगी तो मोग हो जामगा मोग भ वदधतत एकदभ िकषभ हो जामगी तो फन जामगी ऋतमबया परजञा

दधवदहत िॊसकाय हो वदधतत िकषभतभ हो औय बरहमवतता िदगरओॊ क वचनो भ शरदा हो तो बरहम का िाकषातकाय कयन भ दय नहीॊ रगगी

िॊिायी दधवरम-बोगो को परादऱ कयन क सरए ककतन बी ननदधरद कभम कयक बोग बोग ककॊ त बोगन क फाद खखननता फदहभमखता अथवा फीभायी क सिवाम कमा हाथ रगा दधवदहत कभम कयन ि जो बगवतिख सभरता ह वह अॊतयातभा को अिीभ िख दन वारा होता ह

जो कभम होन चादहए व बरहमवतता भहाऩरर की उऩससथनत भातर ि सवमॊ ही होन रगत ह औय जो नहीॊ होन चादहए व कभम अऩन-आऩ छट जात ह ऩयभातभा की दी हई कभम कयन की िकति का िदऩमोग कयक ऩयभातभा को ऩान वार दधववकी ऩरर िभसत कभमफनधनो ि भि हो जात ह

गीता भ बगवान न कहा बी ह कक बरहमजञानी भहाऩरर का इि दधवदव भ न तो कभम कयन ि कोई परमोजन यहता ह औय न ही कभम न कयन ि कोई परमोजन यहता ह व कभम तो कयत ह ऩयॊत कभमफॊधन ि यदहत होत ह

एक बरहमजञानी भहाऩरर ऩॊचदिी ऩढ़ यह थ ककिी न ऩछा फाफाजी आऩ तो बरहमजञानी ह जीवनभि ह कपय आऩको िासतर ऩढ़न की कमा आवशमकता ह आऩ तो अऩनी आतभ-भसती भ भसत ह कपय ऩॊचदिी ऩढ़न का कमा परमोजन ह

फाफाजी भ दख यहा हॉ कक िासतरो भ भयी भदहभा का किा वणमन ककमा गमा ह

अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक जो बरहमानॊद को ऩा रत ह व बरहमवतता भहाऩरर बरहम ि असबनन हो जात ह बरहमा दधवषण औय भहि उनह अऩना ही सवरऩ ददखत ह व बरहमा होकय जगत की िदधदश कयत ह दधवषण होकय ऩारन कयत ह औय रदर होकय िॊहाय बी कयत ह आऩ बी अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक उि अभय ऩद को ऩा रो जो कयो ईदवय को ऩान क सरए ही कयो अऩनी अहॊता-भभता को आतभा-ऩयभातभा भ सभराकय ऩयभ परिाद भ ऩावन होत जाओ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कभमपर

बगवान शरीकषण कहत ह- जयाभयणभोकषाम भाभाचशरतम मतसनत म

त बरहम तददरद कतसनभधमातभॊ कभम चाखखरभ

जो भय ियण होकय जया औय भयण ि छटन क सरए मतन कयत ह व ऩरर उि बरहम को िमऩणम अधमातभ को िमऩणम कभम को जानत ह

(गीता 721) कभम सवमॊ जड़ होत ह कताम को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह िभझना कभो को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह ऐिा िभझना कभो को अखखर रऩ ि िमऩणम रऩ ि जानना हो गमा कभम को ऩता नहीॊ कक वह कभम ह ियीय को ऩता नहीॊ कक वह ियीय ह भकान को ऩता नहीॊ कक वह भकान ह मजञ को ऩता नहीॊ कक वह मजञ ह कमो कमोकक िफ जड़ ह रककन कताम सजि बावना सजि दधवचध ि जो-जो कामम कयता ह उि विा-विा पर सभरता ह

ककिी ददश न आऩको चाक ददखा ददमा तो आऩ थान भ उिक खखराप सिकामत कयत ह कोई आऩको कवर भायन की धभकी दता ह तफ बी आऩ उिक दधवरद सिकामत कयत ह रककन डॉकटय न आऩको धभकी दता ह न चाक ददखाता ह फसलक चाक ि आऩक ियीय की काट-छाॉट कयता ह कपय बी आऩ उि पीि दत ह कमो कमोकक उिका उददशम अचछा था उददशम था भयीज को ठीक कयना न कक फदरा रना ऐि ही आऩ बी अऩन कभो का उददशम फदर दो आऩ बोजन फनाओ रककन भजा रन क सरए नहीॊ फसलक ठाकयजी को परिनन कयन क सरए फनाओ ऩरयवाय क सरए ऩनत क सरए फचचो क सरए बोजन फनाओगी तो वह आऩका वमवहारयक कतमवम हो जामगा रककन ऩरयवायवारो की ऩनत की औय फचचो की गहयाई भ भया

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 6: Karma kaakatyasiddhant

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आिकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) गीता भ ऩयभातभ-परानदऱ क तीन भागम फताम गम ह- जञानभागम बकतिभागम औय ननषकाभ

कभमभागम िासतरो भ भखमत दो परकाय क कभो का वणमन ककमा गमा ह दधवदहत कभम औय ननदधरद कभम सजन कभो को कयन क सरए िासतरो भ उऩदि ककमा गमा ह उनह दधवदहत कभम कहत ह औय सजन कभम को कयन क सरए िासतरो भ भनाई की गमी ह उनह ननदधरद कभम कहत ह हनभानजी न बगवान शरीयाभ क कामम क सरए रॊका जरा दी उनका मह कामम दधवदहत कामम ह कमोकक उनहोन अऩन सवाभी क िवाकामम क रऩ भ ही रॊका जरामी ऩयॊत उनका अनियण कयक रोग एक-दिय क घय जरान रग जाम तो मह धभम नहीॊ अधभम होगा भनभानी होगी हभ जि-जि कभम कयत ह वि-वि रोको की हभ परानदऱ होती ह इिसरए हभिा अिब कभो का तमाग कयक िब कभम कयन चादहए

जो कभम सवमॊ को औय दियो को बी िख-िाॊनत द तथा दय-िवय बगवान तक ऩहॉचा द व िब कभम ह औय जो कषणबय क सरए ही (असथामी) िख द औय बदधवषम भ अऩन को तथा दियो को बगवान ि दय कय द कदश द नयको भ ऩहॉचा द उनह अिब कभम कहत ह

ककम हए िब मा अिब कभम कई जनभो तक भनषम का ऩीछा नहीॊ छोड़त ऩवमजनभो क कभो क जि िॊसकाय होत ह विा पर बोगना ऩड़ता ह

गहना कभमणो गनत कभो की गनत फड़ी गहन होती ह कभो की सवतॊतर ितता नहीॊ ह व तो जड़ ह उनह ऩता नहीॊ ह कक व कभम ह व वदधतत ि परतीत होत ह मदद दधवदहत (िासतरोि) िॊसकाय होत ह तो ऩणम परतीत होता ह औय ननदधरद िॊसकाय होत ह तो ऩाऩ परतीत होता ह अत दधवदहत कभम कय दधवदहत कभम बी ननमॊबतरत होन चादहए ननमॊबतरत दधवदहत कभम ही धभम फन जाता ह

िफह जलदी उठकय थोड़ी दय क सरए ऩयभातभा क धमान भ िाॊत हो जाना औय िमोदम ि ऩहर सनान कयना िॊधमा-वॊदन इतमादद कयना - म कभम सवासम की ददधदश ि बी अचछ ह औय िासववक होन क कायण ऩणमभम बी ह ऩयॊत ककिी क भन भ दधवऩयीत िॊसकाय ऩड़ ह तो वह िोचगा कक इतनी िफह उठकय सनान कयक कमा करॉ गा ऐि रोग िमोदम क ऩदळात उठत ह उठत ही िफि ऩहर बफसतय ऩय चाम की भाॉग कयत ह औय बफना सनान ककम ही नाशता कय रत ह िासतरानिाय म ननदधरद कभम ह ऐि रोग वतमभान भ बर ही अऩन को िखी भान र ऩयॊत आग चरकय ियीय अचधक योग-िोकागरसत होगा मदद िावधान नहीॊ यह तो तभि क कायण नायकीम मोननमो भ जाना ऩड़गा

बगवान शरीकषण न गीता भ कहा बी कहा ह कक भझ इन तीन रोको भ न तो कोई कतमवम ह औय न ही परादऱ कयन मोगम कोई वसत अपरादऱ ह कपय बी भ कभम भ ही फयतता हॉ

इिसरए दधवदहत औय ननमॊबतरत कभम कय ऐिा नहीॊ कक िासतरो क अनिाय कभम तो कयत यह ककॊ त उनका कोई अॊत ही न हो कभो का इतना अचधक दधवसताय न कय कक ऩयभातभा क सरए घड़ीबय बी िभम न सभर सकटय चार कयन क सरए वमकति ककक रगाता ह ऩयॊत चार होन क फाद बी वह ककक ही रगाता यह तो उिक जिा भखम इि दननमा भ कोई नहीॊ होगा

अत कभम तो कयो ऩयॊत रकषम यखो कवर आतभजञान ऩान का ऩयभातभ-िख ऩान का अनािि होकय कभम कयो िाधना िभझकय कभम कयो ईदवय ऩयामण कभम कभम होत हए बी ईदवय को ऩान भ िहमोगी फन जाता ह

आज आऩ ककिी कामामरम भ काभ कयत ह औय वतन रत ह तो वह ह नौकयी ककॊ त ककिी धासभमक िॊसथा भ आऩ वही काभ कयत ह औय वतन नहीॊ रत तो आऩका वही कभम धभम फन जाता ह

धभम भ बफयनत मोग त गमाना धभम ि वयागम उतऩनन होता ह वयागम ि भनषम की दधवरम-बोगो भ पॉ ि भयन की वदधतत कभ हो जाती ह अगय आऩको िॊिाय ि वयागम उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ धभम क यासत ऩय ह औय अगय याग उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ अधभम क भागम ऩय ह

दधवदहत कभम ि धभम उतऩनन होगा धभम ि वयागम उतऩनन होगा ऩहर जो यागाकाय वदधतत आऩको इधय-उधय बटका यही थी वह िाॊतसवरऩ भ आमगी तो मोग हो जामगा मोग भ वदधतत एकदभ िकषभ हो जामगी तो फन जामगी ऋतमबया परजञा

दधवदहत िॊसकाय हो वदधतत िकषभतभ हो औय बरहमवतता िदगरओॊ क वचनो भ शरदा हो तो बरहम का िाकषातकाय कयन भ दय नहीॊ रगगी

िॊिायी दधवरम-बोगो को परादऱ कयन क सरए ककतन बी ननदधरद कभम कयक बोग बोग ककॊ त बोगन क फाद खखननता फदहभमखता अथवा फीभायी क सिवाम कमा हाथ रगा दधवदहत कभम कयन ि जो बगवतिख सभरता ह वह अॊतयातभा को अिीभ िख दन वारा होता ह

जो कभम होन चादहए व बरहमवतता भहाऩरर की उऩससथनत भातर ि सवमॊ ही होन रगत ह औय जो नहीॊ होन चादहए व कभम अऩन-आऩ छट जात ह ऩयभातभा की दी हई कभम कयन की िकति का िदऩमोग कयक ऩयभातभा को ऩान वार दधववकी ऩरर िभसत कभमफनधनो ि भि हो जात ह

गीता भ बगवान न कहा बी ह कक बरहमजञानी भहाऩरर का इि दधवदव भ न तो कभम कयन ि कोई परमोजन यहता ह औय न ही कभम न कयन ि कोई परमोजन यहता ह व कभम तो कयत ह ऩयॊत कभमफॊधन ि यदहत होत ह

एक बरहमजञानी भहाऩरर ऩॊचदिी ऩढ़ यह थ ककिी न ऩछा फाफाजी आऩ तो बरहमजञानी ह जीवनभि ह कपय आऩको िासतर ऩढ़न की कमा आवशमकता ह आऩ तो अऩनी आतभ-भसती भ भसत ह कपय ऩॊचदिी ऩढ़न का कमा परमोजन ह

फाफाजी भ दख यहा हॉ कक िासतरो भ भयी भदहभा का किा वणमन ककमा गमा ह

अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक जो बरहमानॊद को ऩा रत ह व बरहमवतता भहाऩरर बरहम ि असबनन हो जात ह बरहमा दधवषण औय भहि उनह अऩना ही सवरऩ ददखत ह व बरहमा होकय जगत की िदधदश कयत ह दधवषण होकय ऩारन कयत ह औय रदर होकय िॊहाय बी कयत ह आऩ बी अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक उि अभय ऩद को ऩा रो जो कयो ईदवय को ऩान क सरए ही कयो अऩनी अहॊता-भभता को आतभा-ऩयभातभा भ सभराकय ऩयभ परिाद भ ऩावन होत जाओ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कभमपर

बगवान शरीकषण कहत ह- जयाभयणभोकषाम भाभाचशरतम मतसनत म

त बरहम तददरद कतसनभधमातभॊ कभम चाखखरभ

जो भय ियण होकय जया औय भयण ि छटन क सरए मतन कयत ह व ऩरर उि बरहम को िमऩणम अधमातभ को िमऩणम कभम को जानत ह

(गीता 721) कभम सवमॊ जड़ होत ह कताम को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह िभझना कभो को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह ऐिा िभझना कभो को अखखर रऩ ि िमऩणम रऩ ि जानना हो गमा कभम को ऩता नहीॊ कक वह कभम ह ियीय को ऩता नहीॊ कक वह ियीय ह भकान को ऩता नहीॊ कक वह भकान ह मजञ को ऩता नहीॊ कक वह मजञ ह कमो कमोकक िफ जड़ ह रककन कताम सजि बावना सजि दधवचध ि जो-जो कामम कयता ह उि विा-विा पर सभरता ह

ककिी ददश न आऩको चाक ददखा ददमा तो आऩ थान भ उिक खखराप सिकामत कयत ह कोई आऩको कवर भायन की धभकी दता ह तफ बी आऩ उिक दधवरद सिकामत कयत ह रककन डॉकटय न आऩको धभकी दता ह न चाक ददखाता ह फसलक चाक ि आऩक ियीय की काट-छाॉट कयता ह कपय बी आऩ उि पीि दत ह कमो कमोकक उिका उददशम अचछा था उददशम था भयीज को ठीक कयना न कक फदरा रना ऐि ही आऩ बी अऩन कभो का उददशम फदर दो आऩ बोजन फनाओ रककन भजा रन क सरए नहीॊ फसलक ठाकयजी को परिनन कयन क सरए फनाओ ऩरयवाय क सरए ऩनत क सरए फचचो क सरए बोजन फनाओगी तो वह आऩका वमवहारयक कतमवम हो जामगा रककन ऩरयवायवारो की ऩनत की औय फचचो की गहयाई भ भया

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 7: Karma kaakatyasiddhant

इिसरए दधवदहत औय ननमॊबतरत कभम कय ऐिा नहीॊ कक िासतरो क अनिाय कभम तो कयत यह ककॊ त उनका कोई अॊत ही न हो कभो का इतना अचधक दधवसताय न कय कक ऩयभातभा क सरए घड़ीबय बी िभम न सभर सकटय चार कयन क सरए वमकति ककक रगाता ह ऩयॊत चार होन क फाद बी वह ककक ही रगाता यह तो उिक जिा भखम इि दननमा भ कोई नहीॊ होगा

अत कभम तो कयो ऩयॊत रकषम यखो कवर आतभजञान ऩान का ऩयभातभ-िख ऩान का अनािि होकय कभम कयो िाधना िभझकय कभम कयो ईदवय ऩयामण कभम कभम होत हए बी ईदवय को ऩान भ िहमोगी फन जाता ह

आज आऩ ककिी कामामरम भ काभ कयत ह औय वतन रत ह तो वह ह नौकयी ककॊ त ककिी धासभमक िॊसथा भ आऩ वही काभ कयत ह औय वतन नहीॊ रत तो आऩका वही कभम धभम फन जाता ह

धभम भ बफयनत मोग त गमाना धभम ि वयागम उतऩनन होता ह वयागम ि भनषम की दधवरम-बोगो भ पॉ ि भयन की वदधतत कभ हो जाती ह अगय आऩको िॊिाय ि वयागम उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ धभम क यासत ऩय ह औय अगय याग उतऩनन हो यहा ह तो िभझना कक आऩ अधभम क भागम ऩय ह

दधवदहत कभम ि धभम उतऩनन होगा धभम ि वयागम उतऩनन होगा ऩहर जो यागाकाय वदधतत आऩको इधय-उधय बटका यही थी वह िाॊतसवरऩ भ आमगी तो मोग हो जामगा मोग भ वदधतत एकदभ िकषभ हो जामगी तो फन जामगी ऋतमबया परजञा

दधवदहत िॊसकाय हो वदधतत िकषभतभ हो औय बरहमवतता िदगरओॊ क वचनो भ शरदा हो तो बरहम का िाकषातकाय कयन भ दय नहीॊ रगगी

िॊिायी दधवरम-बोगो को परादऱ कयन क सरए ककतन बी ननदधरद कभम कयक बोग बोग ककॊ त बोगन क फाद खखननता फदहभमखता अथवा फीभायी क सिवाम कमा हाथ रगा दधवदहत कभम कयन ि जो बगवतिख सभरता ह वह अॊतयातभा को अिीभ िख दन वारा होता ह

जो कभम होन चादहए व बरहमवतता भहाऩरर की उऩससथनत भातर ि सवमॊ ही होन रगत ह औय जो नहीॊ होन चादहए व कभम अऩन-आऩ छट जात ह ऩयभातभा की दी हई कभम कयन की िकति का िदऩमोग कयक ऩयभातभा को ऩान वार दधववकी ऩरर िभसत कभमफनधनो ि भि हो जात ह

गीता भ बगवान न कहा बी ह कक बरहमजञानी भहाऩरर का इि दधवदव भ न तो कभम कयन ि कोई परमोजन यहता ह औय न ही कभम न कयन ि कोई परमोजन यहता ह व कभम तो कयत ह ऩयॊत कभमफॊधन ि यदहत होत ह

एक बरहमजञानी भहाऩरर ऩॊचदिी ऩढ़ यह थ ककिी न ऩछा फाफाजी आऩ तो बरहमजञानी ह जीवनभि ह कपय आऩको िासतर ऩढ़न की कमा आवशमकता ह आऩ तो अऩनी आतभ-भसती भ भसत ह कपय ऩॊचदिी ऩढ़न का कमा परमोजन ह

फाफाजी भ दख यहा हॉ कक िासतरो भ भयी भदहभा का किा वणमन ककमा गमा ह

अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक जो बरहमानॊद को ऩा रत ह व बरहमवतता भहाऩरर बरहम ि असबनन हो जात ह बरहमा दधवषण औय भहि उनह अऩना ही सवरऩ ददखत ह व बरहमा होकय जगत की िदधदश कयत ह दधवषण होकय ऩारन कयत ह औय रदर होकय िॊहाय बी कयत ह आऩ बी अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक उि अभय ऩद को ऩा रो जो कयो ईदवय को ऩान क सरए ही कयो अऩनी अहॊता-भभता को आतभा-ऩयभातभा भ सभराकय ऩयभ परिाद भ ऩावन होत जाओ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कभमपर

बगवान शरीकषण कहत ह- जयाभयणभोकषाम भाभाचशरतम मतसनत म

त बरहम तददरद कतसनभधमातभॊ कभम चाखखरभ

जो भय ियण होकय जया औय भयण ि छटन क सरए मतन कयत ह व ऩरर उि बरहम को िमऩणम अधमातभ को िमऩणम कभम को जानत ह

(गीता 721) कभम सवमॊ जड़ होत ह कताम को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह िभझना कभो को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह ऐिा िभझना कभो को अखखर रऩ ि िमऩणम रऩ ि जानना हो गमा कभम को ऩता नहीॊ कक वह कभम ह ियीय को ऩता नहीॊ कक वह ियीय ह भकान को ऩता नहीॊ कक वह भकान ह मजञ को ऩता नहीॊ कक वह मजञ ह कमो कमोकक िफ जड़ ह रककन कताम सजि बावना सजि दधवचध ि जो-जो कामम कयता ह उि विा-विा पर सभरता ह

ककिी ददश न आऩको चाक ददखा ददमा तो आऩ थान भ उिक खखराप सिकामत कयत ह कोई आऩको कवर भायन की धभकी दता ह तफ बी आऩ उिक दधवरद सिकामत कयत ह रककन डॉकटय न आऩको धभकी दता ह न चाक ददखाता ह फसलक चाक ि आऩक ियीय की काट-छाॉट कयता ह कपय बी आऩ उि पीि दत ह कमो कमोकक उिका उददशम अचछा था उददशम था भयीज को ठीक कयना न कक फदरा रना ऐि ही आऩ बी अऩन कभो का उददशम फदर दो आऩ बोजन फनाओ रककन भजा रन क सरए नहीॊ फसलक ठाकयजी को परिनन कयन क सरए फनाओ ऩरयवाय क सरए ऩनत क सरए फचचो क सरए बोजन फनाओगी तो वह आऩका वमवहारयक कतमवम हो जामगा रककन ऩरयवायवारो की ऩनत की औय फचचो की गहयाई भ भया

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 8: Karma kaakatyasiddhant

फाफाजी भ दख यहा हॉ कक िासतरो भ भयी भदहभा का किा वणमन ककमा गमा ह

अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक जो बरहमानॊद को ऩा रत ह व बरहमवतता भहाऩरर बरहम ि असबनन हो जात ह बरहमा दधवषण औय भहि उनह अऩना ही सवरऩ ददखत ह व बरहमा होकय जगत की िदधदश कयत ह दधवषण होकय ऩारन कयत ह औय रदर होकय िॊहाय बी कयत ह आऩ बी अऩनी कयन की िकति का िदऩमोग कयक उि अभय ऩद को ऩा रो जो कयो ईदवय को ऩान क सरए ही कयो अऩनी अहॊता-भभता को आतभा-ऩयभातभा भ सभराकय ऩयभ परिाद भ ऩावन होत जाओ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कभमपर

बगवान शरीकषण कहत ह- जयाभयणभोकषाम भाभाचशरतम मतसनत म

त बरहम तददरद कतसनभधमातभॊ कभम चाखखरभ

जो भय ियण होकय जया औय भयण ि छटन क सरए मतन कयत ह व ऩरर उि बरहम को िमऩणम अधमातभ को िमऩणम कभम को जानत ह

(गीता 721) कभम सवमॊ जड़ होत ह कताम को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह िभझना कभो को उिकी बावना क अनिाय पर सभरता ह ऐिा िभझना कभो को अखखर रऩ ि िमऩणम रऩ ि जानना हो गमा कभम को ऩता नहीॊ कक वह कभम ह ियीय को ऩता नहीॊ कक वह ियीय ह भकान को ऩता नहीॊ कक वह भकान ह मजञ को ऩता नहीॊ कक वह मजञ ह कमो कमोकक िफ जड़ ह रककन कताम सजि बावना सजि दधवचध ि जो-जो कामम कयता ह उि विा-विा पर सभरता ह

ककिी ददश न आऩको चाक ददखा ददमा तो आऩ थान भ उिक खखराप सिकामत कयत ह कोई आऩको कवर भायन की धभकी दता ह तफ बी आऩ उिक दधवरद सिकामत कयत ह रककन डॉकटय न आऩको धभकी दता ह न चाक ददखाता ह फसलक चाक ि आऩक ियीय की काट-छाॉट कयता ह कपय बी आऩ उि पीि दत ह कमो कमोकक उिका उददशम अचछा था उददशम था भयीज को ठीक कयना न कक फदरा रना ऐि ही आऩ बी अऩन कभो का उददशम फदर दो आऩ बोजन फनाओ रककन भजा रन क सरए नहीॊ फसलक ठाकयजी को परिनन कयन क सरए फनाओ ऩरयवाय क सरए ऩनत क सरए फचचो क सरए बोजन फनाओगी तो वह आऩका वमवहारयक कतमवम हो जामगा रककन ऩरयवायवारो की ऩनत की औय फचचो की गहयाई भ भया

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 9: Karma kaakatyasiddhant

ऩयभदवय ह ऐिा िभझकय ऩयभदवय की परिननता क सरए बोजन फनाओगी तो वह फॊदगी हो जामगा ऩजा हो जामगा भकति ददरानवारा हो जामगा वसतर ऩहनो तो ियीय की यकषा क सरए भमामदा की यकषा क सरए ऩहनो मदद भजा रन क सरए पिन क सरए वसतर ऩहनोग आवाया होकय घभत कपयोग तो वसतर ऩहनन का कभम बी फॊधनकायक हो जामगा इिी परकाय फट को खखरामा-दधऩरामा ऩढ़ामा-सरखामा मह तो ठीक ह रककन फड़ा होकय फटा भझ िख दगा ऐिा बाव यखोग तो मह आऩक सरए फॊधन हो जामगा िख का आशरम न रो कभम तो कयो कतमवम िभझकय कयोग तो ठीक ह रककन ईदवय की परीनत क सरए कभम कयोग तो कभम कभम न यहगा िाधना हो जामगा ऩजा हो जामगा कलऩना कयो दो वमकति करकम की नौकयी कयत ह औय दोनो को तीन-चाय हजाय रऩम भासिक वतन सभरता ह एक कभम कयन की करा जानता ह औय दिया कभम को फॊधन फना दता ह उिक घय फहन आमी दो फचचो को रकय ऩनत क िाथ उिकी अनफन हो गमी ह वह फोरता ह एक तो भहॉगाई ह 500 रऩम भकान का ककयामा ह फाकी दध का बफर राइट का बफर फचचो को ऩढ़ाना औय मह आ गमी दो फचचो को रकय भ तो भय गमा इि तयह वह ददन-यात द खी होता यहता ह कबी अऩन फचचो को भायता ह कबी ऩतनी को आॉख ददखाता ह कबी फहन को िना दता ह वह खखनन होकय कभम कय यहा ह भजदयी कय यहा ह औय फॊधन भ ऩड़ यहा ह दिय वमकति क ऩाि उिकी फहन दो फचचो को रकय आमी वह कहता ह फहन तभ िॊकोच भत कयना अबी जीजाजी का भन ऐिा-विा ह तो कोई फात नहीॊ जीजाजी का घय बी तमहाया ह औय मह घय बी तमहाया ही ह बाई बी तमहाया ही ह

फहन बमा भ आऩ ऩय फोझ फनकय आ गमी हॉ

बाई नहीॊ-नहीॊ फोझ ककि फात का त तो दो योटी ही खाती ह औय काभ भ ककतनी भदद कयती ह तय फचचो को बी दख भझ भाभा-भाभा फोरत ह ककतनी खिी दत ह भहॉगाई ह तो कमा हआ सभर-जरकय खात ह म ददन बी फीत जामग फहन त िॊकोच भत कयना औय ऐिा भत िभझना कक बाई ऩय फोझ ऩड़ता ह फोझ-वोझ कमा ह मह बी बगवान न अविय ददमा ह िवा कयन का

मह वमकति फहन की दआ र यहा ह ऩतनी का धनमवाद र यहा ह भाॉ का आिीवामद र यहा ह औय अऩनी अॊतयातभा का िॊतोर ऩा यहा ह ऩहरा वमकति जर बन यहा ह भाता की रानत र यहा ह ऩतनी की दतकाय र यहा ह औय फहन की फददआ र यहा ह कभम तो दोनो एक िा ही कय यह ह रककन एक परिनन होकय ईदवय की िवा िभझकय कय यहा ह औय दिया खखनन होकय फोझ िभझकय कय यहा ह कभम तो वही ह रककन बावना की सबननता न एक को िखी तो दिय को द खी कय ददमा अत जो जि कभम कयता ह विा ही

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 10: Karma kaakatyasiddhant

पर ऩाता ह जसरमावारा फाग भ जनयर डामय न फहत जलभ ककमा ककतन ही ननदोर रोगो की हतमा कयवामी कमो उिन िोचा था कक इि परकाय आजादी क नाय रगान वारो को जसरमाॉवारा फाग भ नदश कय दॉगा तो भया नाभ होगा भयी ऩदोनननत होगी रककन नाभ औय ऩदोनननत तो कमा रानतो की फौछाय ऩड़ी उि ऩय उिि तमागऩतर भाॉगा गमा नौकयी ि ननकारा गमा औय िाही भहर ि फाहय कय ददमा गमा अॊत भ बायतवासिमो क उि हतमाय को बायत क फहादय वीय ऊधभसिॊह न गोरी भायकय नयक की ओय धकर ददमा भयन क फाद बी ककतन हजाय वरो तक वह परत की मोनन भ बटकगा मह तो बगवान ही जानत ह जाऩान क दहयोसिभा एवॊ नागािाकी िहय ऩय फभ चगयान वारा भजय टॉभ पयफी का बी फड़ा फया हार हआ फभ चगयाकय जफ वह घय ऩहॉचा तो उिकी दादी भाॉ न कहा त अभानवीम कभम कयक आमा ह उिकी अॊतयातभा गरानन ि पटी जा यही थी उिन तो इतन द ख दख कक इनतहाि उिकी द खद आतभकथा ि बया ऩड़ा ह जफ फया मा अचछा कभम कयत ह तो उिका पर तयॊत चाह न बी सभर रककन रदम भ गरानन मा िख-िाॊनत का एहिाि तयॊत होता ह एवॊ फय मा अचछ िॊसकाय ऩड़त ह अत भनषम को चादहए कक वह फय कभो ि तो फच रककन अचछ कभम बी ईदवय की परीनत क सरए कय कभम कयक िख रन की वाहवाही रन की वािना को छोड़कय िख दन की ईदवय को ऩान की बावना धायण कीसजम ऐिा कयन ि आऩक कभम ईदवय-परीतमथम हो जामग ईदवय की परीनत क सरए ककम गम कभम कपय जनभ-भयण क फॊधन भ नहीॊ डारग वयन भकति ददरान भ िपर हो जामग

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भ िॊत कि फना

िखय (ऩाककसतान) भ िाधफरा नाभक एक आशरभ था यभिचॊदर नाभ क आदभी को उि िभम क एक िॊत न अऩन जीवन-कथा िनामी थी औय कहा था कक भयी मह कथा िफ रोगो को िनाना भ िॊत कि फना मह िभाज भ जादहय कयना वह यभिचॊदर फाद भ ऩाककसतान छोड़कय भॊफई भ आ गमा उि िॊत न अऩनी कहानी उि फतात हए कहा था जफ भ गहसथ था तफ भय ददन कदठनाई ि फीत यह थ भय ऩाि ऩि नहीॊ थ एक सभतर न अऩनी ऩॉजी रगाकय रई का धॊधा िर ककमा औय भझ अऩना दहसिदाय फनामा हभ रई खयीदकय उिका िॊगरह कयत औय भॊफई भ फच दत धॊध भ अचछा भनापा होन रगा एक फाय हभ दोनो सभतरो को वहाॉ क एक वमाऩायी न भनाप क एक राख रऩम रन क सरए फरामा रऩम रकय हभ वाऩि आ यह थ यासत भ एक ियाम भ याबतर गजायन क सरए हभ

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 11: Karma kaakatyasiddhant

रक आज ि िाठ-िततय वरम ऩहर की फात ह उि िभम का एक राख सजि िभम िोना िाठ-िततय रऩम तोरा था भन िोचा एक राख भ ि ऩचाि हजाय तो सभतर र जामगा हाराॉकक धॊध भ िायी ऩॉजी उिी न रगामी थी कपय बी भझ सभतर क नात आधा दहसिा द यहा था तो बी भयी ननमत बफगड़ी भन उि दध भ जहय सभराकय दधऩरा ददमा राि को दठकान रगाकय अऩन गाॉव चरा गमा सभतर क कटमफी भय ऩाि आम तफ भन नाटक ककमा आॉि फहाम औय उनको दि हजाय रऩम दत हए कहा कक भया पमाया सभतर यासत भ फीभाय हो गमा एकाएक ऩट दखन रगा कापी इराज ककम रककन वह हभ िफको छोड़कय दधवदा हो गमा दि हजाय रऩम दखकय उनह रगा कक मह फड़ा ईभानदाय ह फीि हजाय भनापा हआ होगा उिभ ि दि हजाय द यहा ह उनह भयी फात ऩय मकीन आ गमा फाद भ तो भय घय भ धन-वबव हो गमा नबफ हजाय भय दहसि भ आ गम थ भ जरिा कयन रगा भय घय ऩतर का जनभ हआ भय आनॊद का दठकाना न यहा फटा कछ फड़ा हआ कक वह ककिी अिाधम योग ि गरसत हो गमा योग ऐिा था कक उि सवसथ कयन भ बायत क ककिी डॉकटय का फि न चरा भ अऩन राडर को ससवटजयरड र गमा कापी इराज कयवाम ऩानी की तयह ऩिा खचम ककमा फड़-फड़ डॉकटयो को ददखामा रककन कोई राब नहीॊ हआ भया कयीफ-कयीफ िाया धन नदश हो गमा औय धन कभामा वह बी खचम हो गमा आखखय ननयाि होकय फचच को बायत भ वाऩि र आमा भया इकरौता फटा अफ कोई उऩाम नहीॊ फचा था डॉकटय वदय हकीभो क इराज चार यख याबतर को भझ नीॊद नहीॊ आती औय फटा ददम ि चचलराता यहता एक ददन फटा भनछमत-िा ऩड़ा था उि दखत-दखत भ फहत वमाकर हो गमा औय दधवहवर होकय उिि ऩछा फटा त कमो ददनोददन कषीण होता चरा जा यहा ह अफ तय सरए भ कमा करॉ भय राडर रार तया मह फाऩ आॉि फहाता ह अफ तो अचछा हो जा ऩतर

भन नासब ि आवाज दकय फट को ऩकाया तो वह हॉिन रगा भझ आदळमम हआ कक अबी तो फहोि था कपय कि हॉिी आमी भन उिि ऩछा फटा एकाएक कि हॉि यहा ह

जान दो

नहीॊ नहीॊ फता कमो हॉि यहा ह

आगरह कयन ऩय आखखय वह कहन रगा अबी रना फाकी ह इिसरए भ हॉि यहा हॉ भ तमहाया वही सभतर हॉ सजि तभन जहय दकय भॊफई की धभमिारा भ खतभ कय ददमा था औय उिका िाया धन हड़ऩ सरमा था भया वह धन औय उिका िद भ विर कयन आमा हॉ कापी कछ दहिाफ ऩया हो गमा ह कवर ऩाॉच िौ रऩम फाकी ह अफ भ आऩको छटटी दता हॉ आऩ बी भझ इजाजत दो म फाकी क ऩाॉच िौ रऩम भयी उततय-ककरमा भ खचम डारना दहिाफ ऩया हो जामगा भ जाता हॉ याभ-याभ औय फट न आॉख भॉद रीॊ उिी कषण वह चर फिा भय दोनो गारो ऩय थपऩड़ ऩड़ चका था िाया धन नदश हो गमा औय फटा बी चरा गमा भझ

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 12: Karma kaakatyasiddhant

अऩन ककम हए ऩाऩ की माद आमी तो करजा छटऩटान रगा जफ कोई हभाय कभम नहीॊ दखता ह तफ बी दखन वारा भौजद ह महाॉ की ियकाय अऩयाधी को िामद नहीॊ ऩकड़गी तो बी ऊऩयवारी ियकाय तो ह ही उिकी नजयो ि कोई फच नहीॊ िकता भन फट की उततय-ककरमा कयवामी अऩनी फची-खची िॊऩदधतत अचछी-अचछी जगहो भ रगा दी औय भ िाध फन गमा आऩ कऩा कयक भयी मह फात रोगो को कहना भन जो बर की ऐिी बर व न कय कमोकक मह ऩ वी कभमबसभ ह

कयभ परधान बफसव करय याखा जो जि कयइ िो ति पर चाखा

कभम का सिदाॊत अकाटम ह जि काॉट-ि-काॉटा ननकरता ह ऐि ही अचछ कभो ि फय कभो का परामसदळत होता ह िफि अचछा कभम ह जीवनदाता ऩयबरहम ऩयभातभा को िवमथा िभदधऩमत हो जाना ऩवम कार भ कि बी फय कभम हो गम हो उन कभो का परामसदळत कयक कपय ि ऐिी गरती न हो जाम ऐिा दढ़ िॊकलऩ कयना चादहए सजिक परनत फय कभम हो गम हो उिि कषभामाचना कयक अऩना अॊतकयण उजजवर कयक भौत ि ऩहर जीवनदाता ि भराकात कय रनी चादहए बगवान शरी कषण कहत ह-

अदधऩ चतिदयाचायो बजत भाभननमबाक िाधयव ि भनतवम िममगवमवसितो दह ि

मदद कोई अनतिम दयाचायी बी अननमबाव ि भया बि होकय भझको बजता ह तो वह िाध ही भानन मोगम ह कमोकक वह मथाथम ननदळमवारा ह अथामत उिन बरीबाॉनत ननदळम कय सरमा ह कक ऩयभदवय क बजन क िभान अनम कछ बी नहीॊ ह

(गीता 930) तथा

अदधऩ चदिी ऩाऩभम िवभम ऩाऩकततभ िव जञानपरवनव वसजनॊ िॊतरयषमसि

मदद त अनम िफ ऩादधऩमो ि बी अचधक ऩाऩ कयन वारा ह तो बी त जञानरऩ नौका दराया ननिॊदह िमऩणम ऩाऩ-िभदर ि बरीबाॉनत तय जामगा

(गीता 436) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

िनह बयत बावी परफर

तीन परकाय क परायबध होत ह- 1 भनद परायबध 2 तीवर परायबध 3 तयतीवर परायबध भॊद परायबध को तो आऩ वददक ऩरराथम ि फदर िकत ह तीवर परायबध आऩक ऩरराथम एवॊ िॊतो-

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 13: Karma kaakatyasiddhant

भहाऩररो की कऩा ि टर िकता ह रककन तयतीवर परायबध भ जो होता ह वह होकय ही यहता ह एक फाय यावण कहीॊ जा यहा था यासत भ उि दधवधाता सभर यावण न उनह ठीक ि ऩहचान सरमा उिन ऩछा ह दधवधाता आऩ कहाॉ ि ऩधाय यह ह

भ कौिर दि गमा था

कमो कौिर दि भ ऐिी कमा फात ह

कौिरनयि क महाॉ फटी का जनभ हआ ह

अचछा उिक बागम भ कमा ह

कौिरनयि की फटी का बागम फहत अचछा ह उिकी िादी याजा दियथ क िाथ होगी उिक घय सवमॊ बगवान दधवषण शरीयाभ क रऩ भ अवतरयत होग औय उनहीॊ शरीयाभ क िाथ तमहाया मद होगा व तमह मभऩयी ऩहॉचामग

हॉऽऽऽ दधवधाता तमहाया फढ़ाऩा आ यहा ह रगता ह तभ िदठमा गम हो अय जो कौिलमा अबी-अबी ऩदा हई ह औय दियथ ननहा-भनना रड़का व फड़ होग उनकी िादी होगी उनको फचचा होगा कपय वह फचचा जफ फड़ा होगा तफ मद कयन आमगा भनषम का मह फारक भझ जि भहापरताऩी यावण ि मद कयगा हॉऽऽऽ

यावण फाहय ि तो डीॊग हाॉकता हआ चरा गमा ऩयॊत बीतय चोट रग गमी िभम फीतता गमा यावण इन फातो को खमार भ यखकय कौिलमा औय दियथ क फाय भ िफ जाॉच-ऩड़तार कयवाता यहता था कौिलमा िगाई क मोगम हो गमी ह तो िगाई हई कक नहीॊ कपय दखा कक िभम आन ऩय कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हई उिको एक झटका िा रगा ऩयॊत वह अऩन-आऩको िभझान रगा कक िगाई हई ह तो इिभ कमा अबी तो िादी हो उनका फटा हो फटा फड़ा हो तफ की फात ह औय वह भझ कमो मभऩयी ऩहॉचामगा

योग औय ितर को नज़यअॊदाज नहीॊ कयना चादहए उन ऩय नज़य यखनी चादहए यावण कौिलमा औय दियथ की ऩयी खफय यखता था यावण न दखा कक कौिलमा की िगाई दियथ क िाथ हो गमी ह अफ भिीफत िर हो गमी ह अत भझ िावधान यहना चादहए जफ िादी की नतचथ तम हो जामगी उि वि दखग िभम ऩाकय िादी की नतचथ तम हो गमी औय िादी का ददन नजदीक आ गमा

यावण न िोचा कक अफ कछ कयना ऩड़गा अत उिन अऩनी अदशम दधवदया का परमोग कयन का दधवचाय ककमा सजि ददन िादी थी उि ददन कौिलमा सनान आदद कयक फठी थी औय िहसरमाॉ उि हाय-शरॊगाय ि िजा यही थीॊ उि वि अविय ऩाकय यावण न कौिलमा का हयण कय सरमा औय उि रकड़ क फकि भ फनद कयक वह फकिा ऩानी भ फहा ददमा इधय कौिलमा क िाथ िादी कयान क सरए दलहा दियथ को रकय याजा अज गर वसिदष तथा फायानतमो क िाथ कौिर दि की ओय ननकर ऩड़ थ एकाएक दियथ औय वसिदषजी क हाथी

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 14: Karma kaakatyasiddhant

चचॊघाड़कय बागन रग भहावतो की राख कोसििो क फावजद बी व रकन का नाभ नहीॊ र यह थ तफ वसिदषजी न कहा छोड़ो हाथी जहाॉ जाना चाहत हो जान दो उनक परयक बी तो ऩयभातभा ह

हाथी दौड़त-बागत वहीॊ ऩहॉच गम जहाॉ ऩानी भ फहकय आता हआ रकड़ का फकिा ककनाय आ गमा था फकिा दखकय िफ चककत हो गम उि खोरकय दखा तो अॊदय ि हाय-शरॊगाय ि िजी एक कनमा ननकरी जो फड़ी रसजजत हई सिय नीचा कयक खड़ी-खड़ी ऩय क अॊगठ ि धयती कयदन रगी वसिदषजी न कहा भ वसिदष बराहमण हॉ ऩतरी दधऩता क आग औय गर क आग िॊकोच छोड़कय अऩना अबीदश औय अऩनी वमथा फता दनी चादहए त कौन ह औय तयी ऐिी ससथनत कि हई

उिन जवाफ ददमा भ कौिर दि क याजा की ऩतरी कौिलमा हॉ

वसिदषजी िभझ गम आज तो िादी की नतचथ ह औय िादी का िभम बी नजदीक आ यहा ह कौिलमा न फतामा कोई अिय भझ उठाकय र गमा कपय रकड़ क फकि भ डारकय भझ फहा ददमा अफ भझ कछ ऩता नहीॊ चर यहा कक भ कहाॉ हॉ

वसिदषजी कहा फटी कपकर भत कय तयतीवर परायबध भ जिा सरखा होता ह विा ही होकय यहता ह दख भ वसिदष बराहमण हॉ म दियथ ह औय त कौिलमा ह अबी िादी का भहतम बी ह भ अबी महीॊ ऩय तमहाया गाॊधवम-दधववाह कया दता हॉ

ऐिा कहकय भहदधरम वसिदषजी न वहीॊ दियथ-कौिलमा की िादी कया दी उधय कौिरनयि कौिलमा को न दखकय चचॊनतत हो गम कक फायात आन का िभम हो गमा ह कमा करॉ िफको कमा जवाफ दॉगा अगय मह फात पर गमी कक कनमा का अऩहयण हो गमा ह तो हभाय कर को करॊक रग जामगा कक िजी-धजी दलहन अचानक कहाॉ औय कि गामफ हो गमी

अऩनी इजजत फचान कक सरए याजा न कौिलमा की चाकयी भ यहनवारी एक दािी को फरामा वह कयीफ कौिलमा की उमर की थी औय रऩ-रावणम बी ठीक था उि फराकय िभझामा कक कौिलमा की जगह ऩय त तमाय होकय कौिलमा फन जा हभायी बी इजजत फच जामगी औय तयी बी सजॊदगी िधय जामगी कछ दासिमो न सभरकय उि िजा ददमा फारो भ तर-परर डारकय फार फना ददम वह तो भन ही भन खि हो यही थी कक अफ भ भहायानी फनॉगी इधय दियथा-कौिलमा की िादी िॊऩनन हो जान क फाद िफ कौिर दि की ओय चर ऩड़ फायात क कौिर दि ऩहॉचन ऩय िफको इि फात का ऩता चर गमा कक कौिलमा की िादी दियथ क िाथ हो चकी ह िफ परिनन हो उठ सजि दािी को िजा-धजाकय बफठामा गमा था वह ठनठनऩार ही यह गमी तफि कहावत चर ऩड़ी

दधवचध का घालमा न टर टर यावण का खर यही बफचायी दभड़ी घार ऩटा भ तर

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 15: Karma kaakatyasiddhant

बफचध भाना परायबध परायबध भ उिको यानी फनना नहीॊ था इिसरए िज-धजकय फारो भ तर डारकय बी वह कॉ आयी ही यह गमी अत भनषम को चादहए कक चचॊता नहीॊ कय कमोकक तयतीवर परायबध जिा होता ह वह तो होकय ही यहता ह ककॊ त इिका मह अथम बी नहीॊ ह कक हाथ-ऩय-हाथ यखकय फठ जाम ऩरराथम तो कयना ही चादहए बफना ऩरराथम क कोई बी कामम सिद होना िॊबव ही नहीॊ ह मदद आऩन ततऩयता ि भनोमोग ि दधवचायऩवमक कामम ककमा हो कपय बी िपर न हए हो तो उि दधवचध का दधवधान भानकय िहजता ि सवीकाय कयो द खी होकय नहीॊ

शरीयाभचरयतभानि (अमोधमा काणड 171) भ तरिीदाि जी न दधवचध की फात फतात हए कहा ह िनह बयत बावी परफर बफरखख कहउ भनननाथ हानन राब जीवन भयन जि अऩजि बफचध हाथ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

िन 1947 ि ऩहर की फात ह दधऩरखआ गाॉव सज गासजमाफाद (उपर) भ दरवीय खाॉ नाभक एक भिरभान फढ़ई न 100 रऩम भ ककिी याजऩत ि एक हया ऩीऩर का वकष खयीदा इि िौद भ इिाक खाॉ नाभक दिया फढ़ई दहसिदाय था दोनो न िोचा कक इि काट-फचकय जो धन आमगा उि फयाफय बागो भ दोनो फाॉट रग वकष भ जान होती ह कबी ककिी कायण ि ऊॉ ची आतभाओॊ को वकष की मोनन भ आना ऩड़ता ह व आतभाएॉ िभझदाय औय काममिीर होती ह बगवान शरीकषण न कहा ह अदवतथ िवमवकषाणाॊ अथामत भ िफ वकषो भ ऩीऩर का वकष हॉ

(गीता 1026) ऩीऩर की जीवातभा दरफीय खाॉ क सवपन भ आमी ऩीऩर कह यहा था तभ भझ काटन वारा हो भयी भतम हो जामगी तभन भझ 100 रऩम भ खयीदा ह औय जो बी भनापा होगा वह िफ भ तमह रौटा दता हॉ भयी जड़ भ एक जगह तभ खोदोग तो तभको िोन की िराका सभरगी उि फचकय तमह जो भनापा होगा उिि तमहाया िाया खचम ननकर जामगा इिसरए कऩा कयक भझ कर काटना भत भझ पराणो का दान दना

दरवीय खाॉ को इि सवपन ऩय मकीन नहीॊ हआ कपय बी उिन उि फात को आजभान क सरए सवपन भ जहाॉ खोदन क सरए िॊकत सभरा था वहाॉ खोदा तो िचभच िोन की िराका ननकर आमी वह अऩनी अऩाय खिी को गदऱ न यख िका औय फीफी को जाकय फता ददमा फीफी बी आदळममचककत हो उठी दरवीय खाॉ न िोचा कक मह फात मदद अऩन सभतर को फता दॉगा तो िोन

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

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यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

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अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 16: Karma kaakatyasiddhant

की िराका क आध बाग की वह भाॉग कयन रगगा वह भानवता ि चमत हो गमा औय आधा दहसिा फचान क रोब भ िराका-परानदऱ की घटना को छऩाम ही यहा जफ इिाक खाॉ उिक ऩाि आमा तफ उिक िाथ वह ऩीऩर काटन क सरए चर ऩड़ा दरवीय खाॉ न भानवता को दय यख ददमा ननसवाथमता रोब-यदहतता व ननषकाभता भनषमता ि हटकय दानव जिी द खदामी मोननमो भ बटकात ह जहाॉ सवाथम ह वहाॉ आदभी अिय हो जाता ह औय जहाॉ ननषकाभता ह वहाॉ उिभ ियतव जाग उठता ह भनषम ऐिा पराणी ह जो चाह तो िय हो जाम चाह तो अिय हो जाम औय चाह तो िय-अिय दोनो सजिि सिद होत ह उि सिदसवरऩ को ऩाकय जीवनभि हो जाम मह भनषम क हाथ की फात ह वह अऩन ही कभो ि बगवान की ऩजा कय िकता ह औय अऩन ही कभो ि कदयत का कोऩबाजन बी फन िकता ह अऩन ही कभो ि गरओॊ क अनबव को अऩना अनबव फना िकता ह औय अऩन ही ककभो ि दतम िकय-ककय की मोननमो भ बटकन का भागम ऩकड़ िकता ह भनषम ऩणम सवतॊतर ह ऩहर ननमभ था कक जो हया वकष काटना चाह वह ऩहर गड़ फाॉट उनक िाथ भ दो-चाय औय बी िाथी हो गम िफको गड़ फाॉटा जमो ही ऩीऩर ऩय कलहाड़ा चरा तो रोगो न दखा कक ऩीऩर भ ि खन की धाया पट ननकरी िफ हयान हए कक वकष भ ि खन की धाया कपय बी दरवीय खाॉ रोब क अॊधऩन भ मह नहीॊ िभझ ऩा यहा था कक यात को इिन भझि पराणदान भाॉगा था मह कोई िाधायण वकष नहीॊ ह औय इिन भझ िवणम क रऩ भ अऩना भलम बी चका ददमा ह

ननसवाथमता ि आदभी की अॊदय की आॉख खरती ह जफकक सवाथम ि आदभी की दधववक की आॉख भॉद जाती ह वह अॊधा हो जाता ह यजोगणी मा तभोगणी आदभी का दधववक कषीण हो जाता ह औय िववगणी का दधववक वयागम व भोकष का परिाद अऩन-आऩ फढ़न रगता ह आदभी सजतना ननसवाथम कामम कयता ह उतना ही उिक िॊऩकम भ आनवारो का दहत होता ह औय सजतना सवाथी होता उतना ही अऩनी ओय अऩन कटॊबफमो की फयफादी कयता ह कोई दधऩता ननसवाथम बाव ि िॊतो की िवा कयता ह औय मदद िॊत उचच कोदट क होत ह औय सिषम की िवा सवीकाय कय रत ह तो कपय उिक ऩतर-ऩौतर िबी को बगवान की बकति का िपर िरब हो जाता ह बकति का पर परादऱ कय रना हॉिी का खर नहीॊ ह बगवान क ऩाि एक मोगी ऩहॉचा उिन कहा बगवान भझ बकति दो

बगवान भ तमह ऋदधद-सिदधद द दॉ तभ चाहो तो तमह ऩ वी क कछ दहसि का याजम ही िौऩ दॉ भगय भझि बकति भत भाॉगो

आऩ िफ दन को तमाय हो गम औय अऩनी बकति नहीॊ दत हो आखखय ऐिा कमो

बकति दन क फाद भझ बि क ऩीछ-ऩीछ घभना ऩड़ता ह

ननषकाभ कभम कयनवार वमकतिमो क कभम बगवान मा िॊत सवीकाय कय रत ह तो उिक फदर भ उिक कर को बकति सभरती ह सजिक कर को बकति सभरती ह उिकी फयाफयी धनवान बी नहीॊ

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 17: Karma kaakatyasiddhant

कय िकता िततावारा बरा उिकी कमा फयाफयी कयगा

जो ननषकाभ िवा कयता ह उि ही बकति ही सभरती ह जि हनभान जी याभजी ि कह िकत थ भहायाज हभ तो बरहमचायी ह हभको मोग धमान मा अनम कोई बी भॊतर द दीसजए हभ जऩा कय ऩतनी आऩकी खो गमी अिय र गम कपय हभ कमो पराणो की फाजी रगाम

ककॊ त हनभानजी भ ऐिी दफमदधद मा सवाथमफदधद नहीॊ थी हनभानजी न तो बगवान याभ क काभ को अऩना काभ फना सरमा इिसरए पराम गामा जाता ह याभ रकषभण जानकी जम फोरो हनभान की शरीयाभचरयतभानि का ही एक परिॊग ह सजिभ भनाक ऩवमत न िभदर क फीचोफीच परकट होकय हनभानजी ि कहा महाॉ दधवशराभ कय

ककॊ त हनभानजी न कहा याभ काज कीनह बफन भोदह कहाॉ दधवशराभ

(शरीयाभचरयत िॊका 1) ननषकाभ कभम कयन वारा अऩन सजमभ जो बी काभ रता ह उि ऩया कयन भ चाह ककतन ही दधवघन आ जाम ककतनी ही फाधाएॉ आ जाम ननॊदा हो मा िॊघरम उि ऩया कयक ही चन की िाॉि रता ह ननषकाभ कभम कयन वार की अऩनी अनठी यीनत होती ह िरी होती ह दरवीय खाॉ सवाथम ि इतना अॊधा हो गमा था कक यि की धाय दखकय बी उि बान नहीॊ आमा कक भ कमा कय यहा हॉ उिन तो कलहाड़ ऩय कलहाड़ चराना जायी यखा जो सवाथाध फन ककिी ऩय जलभोसितभ ढाता ह उि परकनत ततकषण ऩरयणाभ बी दती ह

जमो ही उिन उि ननदोर वकष ऩय कलहाड़ भायना िर ककमा तमो ही उिका सवसथ िॊदय मवान फटा सजिक नाखन भ बी योग मा फीभायी का नाभोननिान नहीॊ था वह एकाएक ऩीड़ा ि कयाहत हए चगय ऩड़ा उधय ऩीऩर भ ि यि की धाय ननकरी औय इधय फट क ियीय ि यि परवादहत हो चरा उधय वकष की िाखा का कटना था इतन भ दरवीय खाॉ की आॉखो क ताय उिक फट का अॊत हो गमा िाभ को जफ दरवीय खाॉ घय आमा तफ घय ऩय गाॉव क िभसत रोगो को इकटठ िोकभगन दखा दरवीय खाॉ को दख उिकी ऩतनी चचलरा उठी फटा तया हतमाया तो सवमॊ तया मह फाऩ ह

उिन िाया बॊडा पोड़त हए कह ददमा यात को ऩीऩर का िॊकत सभरा था िोन की िराका बी सभरी थी औय सवाथम भ ऩड़कय िराका तो र री जौ िौ रऩम खयीदन भ रगाम थ औय जो भनापा होन वारा था सवणम-िराका ि इि उिि बी अचधक दरवम सभर गमा था कपय बी इिन उि ऩीऩर क अनमाम ककमा कदयत न उिी अनमाम का फदरा चकामा ह जमो ही ऩीऩर को काटा तमो ही भय फट क फदन ि खन की धाय ननकर चरी ह सवाथम भ अॊध हए भय ऩनत तभन ही अऩन फट का खन ककमा ह औय वह पट-पट कय रदन कयन रगी पराम सवाथम भ अॊधा होकय आदभी ककभम कय फठता ह औय जफ उि उिका पर सभरता ह तफ

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 18: Karma kaakatyasiddhant

ऩछताता ह भगय फाद भ ऩदळाताऩ ि कमा राब

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

ऩजायी फना परत उकतड़मा फाफा फड़ी ऊॉ ची कभाई क धनी थ अखॊडानॊदजी ियसवती उनक परनत फहत शरदा यखत थ व आऩि भ चचाम बी ककमा कयत थ उकतड़मा फाफा न एक ददन िफह एक भत ऩजायी को िाभन खड़ दखकय ऩछा अय फाॉक बफहायी क ऩजायी त तो भय गमा था त िफह-िफह इधय मभना ककनाय कि आमा

उिन कहा फाफा भ आऩि पराथमना कयन आमा हॉ भ भय गमा हॉ औय िॊकलऩ ि आऩको ददख यहा हॉ भ परत ियीय भ हॉ भय घयवारो को फराना औय जया फताना कक उनह िखी कयन क सरए भोहवि भन ठाकयजी क ऩि चयाकय घय भ यख थ धभामदा क ऩि चयाम इिसरए भॊददय का ऩजायी होत हए बी भयी िदगनत नहीॊ हई भ आऩि हाथ जोड़कय पराथमना कयता हॉ कक भय फट ि कदहए कक परानी जगह ऩय थोड़-ि ऩि गड़ ह उनह अचछ काभ भ रगा द औय फाॉकबफहायी क भॊददय क ऩि वाऩि कय द ताकक भयी िदगनत हो िक

कभम ककिी का ऩीछा नहीॊ छोड़त था तो भॊददय का ऩजायी ककॊ त अऩन दषकभम क कायण उि परत होना ऩड़ा

ियत (गजयात) भ िन 1995 क जनभादशभी क धमान मोग िाधना सिदधवय भ कछ रोपयो न आशरभ क फाहय चाम की रायी ि ककिी भहायाज का पोटो उताया कपय बिो ि कहा तभ रोग हरय ॐ हरय ॐ कयत हो तमहाय फाऩजी हभाया कमा कय रग औय पोटो क ऊऩय कीचड़वार ऩय यखकय नाच िाभ को उनह रकवा भाय गमा यात को भय गम औय दिय ददन शभिान भ ऩहॉच गम फया कभम कयत िभम तो आदभी कय डारता ह रककन फाद भ उिका ऩरयणाभ ककतना बमॊकय आता ह इिका ऩता ही नहीॊ चरता उि फचाय को जि दषकतम उिक कताम को पर द दता ह ऐि ही िकत बी बगवतपरीतमथम कभम कयन वार कताम क अॊतकयण को बगवदजञान बगवद आनॊद एवॊ बगवद सजजञािा ि बयकय बगवान का िाकषातकाय कया दता ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 19: Karma kaakatyasiddhant

िॊत की अवहरना का दषऩरयणाभ

आतभानॊद की भसती भ यभण कयन वार ककनहीॊ भहातभा को दखकय एक िठ न िोचा कक बरहमजञानी क िवा फड़ बागम ि सभरती ह चरो अऩन दराया बी कछ िवा हो जाम मह िोचकय उनहोन अऩन नौकय को आदि द ददमा कक योज िाभ को भहातभाजी को दध दधऩराकय आमा कयो

नौकय कमा कयता कक दध क ऩि तो जफ भ यख रता औय छाछ सभर जाती थी भफत भ तो नभक-सभचम सभराकय छाछ का पमारा फाफाजी को दधऩरा आता एक फाय िठ घभत-घाभत भहातभाजी क ऩाि गम औय उनि ऩछा फाफाजी हभाया नौकय आऩको योज िाभ को दध दधऩरा जाता ह न

फाफाजी हाॉ दधऩरा जाता ह

फाफाजी न दधवदऴरण नहीॊ ककमा कक कमा दधऩरा जाता ह नौकय क वमवहाय ि भहातभाजी को तो कोई कदश नहीॊ हआ ककॊ त परकनत ि िॊत की अवहरना िहन नहीॊ हई िभम ऩाकय उि नौकय को कोढ़ हो गमा िभाज ि इजजत-आफर बी चरी गमी तफ ककिी िभझदाय वमकति न उिि ऩछा बाई फात कमा ह चायो ओय ि त ऩयिानी ि नघय गमा ह

उि नौकय न कहा भन औय कोई ऩाऩ तो नहीॊ ककमा ककॊ त िठ न भझ हय योज एक भहातभा को दध दधऩरान क सरए कहा था ककॊ त भ दध क ऩि जफ भ यखकय उनह छाछ दधऩरा दता था इिसरए मह दषऩरयणाभ बोगना ऩड़ यहा ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

भझ ऋण चकाना ह

आज ि कयीफ 40-45 िार ऩहर की एक घदटत घटना ह भकयाणा की एक धभमिारा भ ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि ननह-भनन फचच क िाथ रक धभमिारा कचची थी दीवारो भ दयाय ऩड़ गमी थीॊ ऊऩय ऩतय थ आिऩाि भ खरा जॊगर जिा भाहौर था ऩनत-ऩतनी अऩन छोट-ि फचच को पराॊगण भ बफठाकय कछ काभ ि फाहय गम वाऩि आकय दखत ह तो फचच क िाभन एक फड़ा नाग कणडरी भायकय पन पराम फठा ह मह बमॊकय दशम दखकय दोनो हकक-फकक यह गम फटा सभटटी की भटठी बय-बयकय नाग क पन ऩय प क यहा ह औय नाग हय फाय झक-झककय िह जा यहा ह भाॉ चीख उठी फाऩ चचलरामा फचाओ फचाओ हभाय राड़र को फचाओ

रोगो की बीड़ इकटठी हो गमी उिभ एक ननिानफाज था ऊॉ टगाड़ी ऩय फोझा ढोन का धॊधा

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

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अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 20: Karma kaakatyasiddhant

कयता था वह फोरा भ ननिाना तो भारॉ िऩम को ही खतभ करॉ गा रककन ननिाना चक जाम औय फचच को चोट रग जाम तो भ सजमभदाय नहीॊ आऩ रोग फोरो तो भ कोसिि करॉ

ऩतर क आग दधवरधय फठा ह ऐि परिॊग ऩय कौन-िी भाॉ इनकाय कयगी वह िहभत हो गमी औय फोरी बाई िाॉऩ को भायन की कोसिि कयो अगय गरती ि फचच को चोट रग जामगी तो हभ कछ नहीॊ कहग

ऊॉ टवार न ननिाना भाया िाॉऩ जखभी होकय चगय ऩड़ा भसचछमत हो गमा रोगो न िोचा कक िाॉऩ भय गमा ह उनहोन उिको उठाकय फाड़ भ प क ददमा यात हई वह ऊॉ टवारा उिी धभमिारा भ अऩनी ऊॉ टगाड़ी ऩय िो गमा यात भ ठॊडी हवा चरी भसचछमत िाॉऩ िचतन हो गमा औय आकय ऊॉ टवार क ऩय भ डिकय चरा गमा िफह भ रोग दखत ह तो ऊॉ टवारा भया हआ था दवमोग ि िऩमदधवदया जानन वारा एक आदभी वहाॉ ठहया हआ था वह फोरा िाॉऩ को महाॉ फरवाकय जहय को वाऩि खखॊचवान की दधवदया भ जानता हॉ महाॉ कोई आठ-दि िार का ननदोर फचचा हो तो उिक चचतत भ िाॉऩ क िकषभ ियीय को फरा दॉ औय वातामराऩ कया दॉ

भकयाणा गाॉव भ ि आठ-दि िार का फचचा रामा गमा उिन उि फचच भ िाॉऩ क जीव को फरामा उिि ऩछा गमा इि ऊॉ टवार को तन काटा ह

हाॉ

इि फचाय को कमो काटा

फचच क दराया वह िाॉऩ फोरन रगा भ ननदोर था भन इिका कछ बफगाड़ा नहीॊ था इिन भझ ननिाना फनामा तो भ कमो इिि फदरा न रॉ

वह फचचा तभ ऩय सभटटी डार यहा था उिको तो तभन कछ नहीॊ ककमा

फचचा तो भया तीन जनभ ऩहर का रनदाय ह तीन जनभ ऩहर भ बी भनषम था वह बी भनषम था भन उिि तीन िौ रऩम सरए थ रककन वाऩि नहीॊ द ऩामा अबी तो दन की कषभता बी नहीॊ ह ऐिी बददी मोननमो भ बटकना ऩड़ यहा ह िॊमोगवि वह िाभन आ गमा तो भ अऩना पन झका-झकाकय उिि भापी र यहा था उिकी आतभा जागत हई तो धर की भदटठमाॉ प क-प ककय वह भझ पटकाय द यहा था कक रानत ह तझ कजाम नहीॊ चका िका उिकी वह पटकाय िहत-िहत भ अऩना ऋण अदा कय यहा था हभाय रन-दन क फीच टऩकन वारा वह कौन होता ह भन इिका कछ बी नहीॊ बफगाड़ा था कपय बी इिन भझ ऩय ननिाना भाया भन इिका फदर सरमा

िऩमदधवदया जाननवार न िाॉऩ को िभझामा दखो तभ हभाया इतना कहना भानो इिका जहय खीॊच रो

भ तमहाया कहना भानॉ तो तभ बी भया कहना भानो भयी तो वय रन की मोनन ह औय कछ

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 21: Karma kaakatyasiddhant

नहीॊ तो न िही भझ मह ऊॉ टवारा ऩाॉच िौ रऩम दव तो अबी इिका जहय खीॊच रॉ उि फचच ि तीन जनभ ऩवम भन तीन िौ रऩम सरम थ दो जनभ औय फीत गम उिक िद क दौ िौ सभराकय कर ऩाॉच िौ रौटान ह

ककिी िजजन न ऩाॉच िौ रऩम उि फचच क भाॉ-फाऩ को द ददम िाॉऩ का जीव वाऩि अऩनी दह भ गमा वहाॉ ि ियकता हआ भय हए ऊॉ टवार क ऩाि आमा औय जहय वाऩि खीॊच सरमा ऊॉ टवारा सजॊदा हो गमा मह बफलकर घदटत घटना ह इिभ कछ बी िॊदह नहीॊ ह भासिक ऩबतरका कलमाण भ मह घटना छऩी थी इि कथा ि सऩदश होता ह कक इतना वमथम खचम नहीॊ कयना चादहए कक सिय ऩय कजाम चढ़ाकय भयना ऩड़ औय उि चकान क सरए पन झकाना ऩड़ सभटटी ि पटकाय िहनी ऩड़ जफ तक आतभजञान नहीॊ होता तफ तक कभो का ऋणानफॊध चकाना ही ऩड़ता ह अत ननषकाभ कभम कयक ईदवय को िॊतदश कय औय अऩन आतभा-ऩयभातभा का अनबव कयक महीॊ ऩय इिी जनभ भ िीघर ही भकति को परादऱ कय

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम

िनी ह एक ितम घटना अभदावाद िाहीफाग भ डपनारा क ऩाि हाईकोटम क एक जज िफह भ दातन कयत हए घभन ननकर नदी की तयप दो यॊगरट (भनचर) जवान आऩि भ हॉिी भजाक कय यह थ एक न सिगयट िरगान क सरए जज ि भाचचि भाॉगी जज न इिाय ि इनकाय कय ददमा थोड़ी दय इधय-उधय टहरकय जज हवा खान क सरए कहीॊ फठ गम रककन उन दोनो को दख ही यह थ इतन भ व यॊगरट हॉिी-भजाक त-त भ-भ कयत हए रड़ ऩड़ एक न याभऩयी चाक ननकारकय दिय ियीय भ घिड़ ददमा खन कय डारा औय ऩरामन हो गमा जज न ऩसरि को पोन आदद िफ ककमा होगा खन का कि फना ििन कोटम ि वह कि घभता घाभता कछ िभम क फाद आखखय हाईकोटम भ उनहीॊ जज क ऩाि आमा उनहोन कि जाॉचा तो ऩता चरा कक कि वही ह उि ददन वारी घटना का उनह ठीक सभयण था उनहोन अऩयाधी को दखा तो ऩामा कक मह उि ददन वारा यॊगरट मवक तो नहीॊ ह व जज कभमपर क अकाटम सिदानत को भानन वार थ व िभझत थ कक रोब-रयदवत मा औय कोई बी अिब कभम ऩाऩकभम कयत िभम तो अचछा रगता ह रककन िभम ऩाकय उिका पर बोगना ही ऩड़ता ह कछ िभम क सरए आदभी ककनही कायणो ि चाह छट जाम रककन दय-िवय कभम का पर उि सभरता ह सभरता ह औय सभरता ही ह

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

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अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 22: Karma kaakatyasiddhant

जज न दखा कक मह आदभी को फढ़ा ह जफकक खन कयन वारा यॊगरट तो जवान था उनहोन फढ़ को अऩन चमफय भ फरामा फढ़ा योत-योत कहन रगा िाहफ डपनारा क ऩाि िाफयभती का ककनाया मह िफ घटना भ बफलकर जानता ही नहीॊ हॉ बगवान की किभ भ ननदोर भाया जा यहा हॉ

जज िववगणी थ िजजन थ ननभमर दधवचायो वार एवॊ खर भन क थ ननबमम थ ननसवाथी औय िासववक आदभी ननबमम यहता ह उनहोन फढ़ ि कहा दखो तभ इि भाभर भ कछ नहीॊ जानत मह ठीक ह रककन ििन कोटम भ तभ ऩय मह अऩयाध बफलकर कपट हो गमा ह हभ तो कवर कानन का ऩारन कयत ह अफ इिभ हभ औय कछ नहीॊ कय िकत इि कि भ तभ नहीॊ थ ऐिा तो भ बी कहता हॉ कपय बी मह फात उतनी ही ननसदळत ह कक अगय तभन जीवनबय कहीॊ बी ककिी इनिान की हतमा नहीॊ की होती तो आज ििन कोटम क दराया ऐिा िटीक कि तभ ऩय फठ नहीॊ िकता था काका अफ िच फताओ तभन कहीॊ-न-कहीॊ कबी-न-कबी अऩनी जवानी भ ककिी वमकति को भाया था

उि फढ़ न कफर कयत हए कहा िाहफ अफ भय आखखयी ददन ह आऩ ऩछत ह तो फता दता हॉ कक आऩकी फात िही ह भन दो खन ककम थ औय रयदवत दकय छट गमा था

जज फोर तभ तो दकय छट गम रककन सजनहोन सरमा उनि कपय उनक फट रग उनकी फदटमाॉ रगी कदयत ककिी-न-ककिी दहिाफ ि फदरा रगी तभ वहाॉ दकय छट तो महाॉ कपट हो गम उि िभम रगता ह कक छट गम रककन कभम का पर तो दय-िवय बोगना ही ऩड़ता ह

कभम का पर जफ बोगना ही ऩड़ता ह तो कमो न फदढ़मा कभम कय ताकक फदढ़मा पर सभर फदढ़मा कभम कयक पर बगवान को ही कमो न द द ताकक बगवान ही सभर जाम

नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण नायामण ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

अददरतीम ऩयभ तवव क िाथ ननसवाथम िॊमोग परादऱ कयना ही एकभातर

िचचा कभम ह फाकी िफ गठरयमाॉ उठाना ह

िरभान परत की ितम घटना अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

अनक परकाय ि भरसभत चचततवार भोहरऩ जार ि िभावत औय दधवरमबोगो भ अतमॊत आिि आिय रोग भहान अऩदधवतर नयक भ चगयत ह

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 23: Karma kaakatyasiddhant

(गीता 1616) भनषम अगय िावधान होकय िववगण नहीॊ फढ़ाता ह अदधऩत जो आमा िो खा सरमा जो भन भ आमा िो कय सरमा औय इिी तयह दधवरम दधवकायो ऩाऩो तथा फयाइमो भ सजॊदगी बफता दी तो उि बमॊकय नयको भ जाना ऩड़ता ह खफ द खद ददश मोननमो भ चगयना ऩड़ता ह इिसरए भनषम को अऩना बदधवषम अॊधकायभम नहीॊ होन दना चादहए नहीॊ तो जिी हारत िरभान परत की हई विी हारत एक परत की नहीॊ कइमो की होती ह मह घदटत घटना ह िरभान परत को फॊधन कि हआ औय उिकी भकति कि हई इि फात को जानकय हभ फहत कछ िीखन को सभरगा सिख ऩॊथ क याड़ावार िॊत ईदवयसिॊह भहायाज क महाॉ भनभोहन नाभ क फारक को रकय उिक भाता-दधऩता आम भनभोहन को एक परत न ितामा था उि परत ि जो फात ऩछी गमीॊ व योभाॊचकायी बी ह औय आदळममकायक बी इिक िाथ ही म फात हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की ितमता की बी ऩदधदश कयन वारी ह ईदवयसिॊह भहायाज न उि फारक को एकाॊत ककष भ र जाकय उिक ियीय भ परवि ककम हए परत ि ऩछा त इिभ घिा ह तो आखखय त ह कौन

उिन कहा भ परत हॉ

तया नाभ कमा ह

भया नाभ िरभान ह

िच फता त कहाॉ का ह

भ ईयान का हॉ

त ईयान का ह तो इधय कि आमा

जफ नाददयिाह अबदारी बायत को रटन क सरए महाॉ आमा था तफ उिक िाथ भ बी दहनदसतान चरा आमा वह तो दहनदसतान को रट कय चरा गमा रककन भ यह गमा भन एक औयत को ऩटाकय उिक िाथ िादी कय री

कपय कमा हआ

भ उिक िाथ यहन रगा हभाय दो फदटमाॉ औय दो फट हए उनभ ि भयी एक खफियत मवती रड़की का िमफनध ककिी दहनद ताॊबतरक क िाथ हो गमा था वह टण-टोटक का काभ बी कयता था औय ऩाखॊड बी यचता था भन रड़की को फहत िभझामा कक उिक िाथ िमफॊध न यख रककन वह नहीॊ भानी उधय ताॊबतरक को बी धभकामा रककन भ उिभ िपर नहीॊ यहा उि जभान क िािको ि सभरा औय िािन की ओय ि परमतन कयवामा रककन उिभ बी भझ िपरता नहीॊ सभरी इिी चचॊता भ भ फीभाय हो गमा फढ़ाऩा बी नजदीक आ यहा था ऐिी हारत भ भया भतमकार ननकट आ गमा अचछा िरभान तो तमहायी भतम कि हई मह फताओग

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

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अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 24: Karma kaakatyasiddhant

हाॉ भयी आॉखो ि झय-झय ऩानी फहन रगा भयी जफान फॊद हो गमी ददर भ परनतिोध की आग भझ तऩा यही थी ह खदातारा तयी यहभत चाहता हॉ कक सजि ताॊबतरक न भयी रड़की क िाथ गरत िमफॊध जोड़ा ह उिको कि बी कयक ठीक कयन का कोई भौका सभर जाम इि परकाय परनतिोध की आग भ तऩत-तऩत पराथमना कयत-कयत भय पराण ननकर गम

पराण ननकरत वि तभन कमा दखा िरभान

भन चाय मभदत दख व छामा ऩरर थ उनका िाकाय रऩ नहीॊ था

कई रोगो को मभदत ददखत ह तफ व िभझ रत ह कक अऩना भतमकार आ गमा ह भय एक सभतर िॊत ह रार जी भहायाज उनहोन कई अनदषान ककम चौफीि िार तक भौन यह उनका एक बि अचानक दघमटना क कायण गॊबीय रऩ ि घामर हो गमा औय भौत की घकतड़माॉ चगन यहा था रार जी भहायाज वहाॉ ऩहॉच थोड़ी फातचीत क फाद वह बि चीखा भहायाज भहायाज भ भया व भझ रन को आम ह

भहायाज न ऩछा कहाॉ ह

बि भयी खाट क ऩाम क आग

भहायाज उधय गम बि भहायाज व दामीॊ तयप आ गम

भहायाज वहाॉ गम बि भहायाज अफ व सियहान क ऩाि आ गम

भहायाज जमो-जमो घभत गम तमो-तमो मभदत बी अऩनी जगह फदरत गम भहायाज न बगवननाभ कीतमन ककमा आिऩाि भ अऩनी ऩदधवतर ददधदश परामी औय िब िॊकलऩ ककमा कपय वह बि फोरा भहायाज व चर गम उिकी अकार भतम टर गमी फाद भ वह आदभी कई वरो तक जीदधवत यहा मह तो अबी की इि जभान की फात ह व भहायाज अबी दधवदयभान ह उनका वह बि फहयाभऩय अभदावाद भ था वह सिटी फि भ डराइवय था औय ककिी िड़क दघमटना भ उिकी ऐिी दिा हई थी अफ वह जीदधवत ह कक नहीॊ जाॉच कय तो ऩता चर हभाय ऩदधवतर ऩयाणो की फात को इन घटनाओॊ ि ऩदधदश सभरती ह

िरभान न कहा भन चाय फड़ डयावन मभदत दख भ तो इि दह ि अऩनी रह ननकारना नहीॊ चाहता था रककन उनहोन भयी दधऩटाई की औय भझ फरात ननकारकय र चर भायत-ऩीटत मातना दत-दत मभदत भझ मभयाज क ऩाि र जान रग वहाॉ ऩहॉचान भ एक िार का अॊतय यखा िार बय क फाद भ वहाॉ ऩहॉचा

कपय कमा दखा

मभयाज न चचतरगदऱ को फरामा औय उिन भय कभो की कहानी उनह िनामी उि िनकय मभयाज न कॊ बीऩाक नयक भ बजन की आजञा दी औय भझ वहाॉ र जामा गमा

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

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यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

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अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 25: Karma kaakatyasiddhant

वहाॉ कमा होता ह कमा तभ ठीक ि िचचाई ि फता िकत हो

हाॉ हाॉ वह धयती ि 86 हजाय मोजन रॊफा-चौड़ा नयक ह इि ियीय भ जो भिारा बया ऩड़ा ह वही वहाॉ नयक भ खरा ऩड़ा था दधवदषा भर-भतर थक रीद-चभड़ा िफ तऩा हआ एवॊ अतमॊत दगमनधमि था उिभ परवि कयन का दराय भातर 9 इॊच का ही ह उनह बोग-ियीय सभरता ह उि असगन भ डारो तो जरकय याख नहीॊ होता वयन असगन क ताऩ की ऩीड़ा िहता ह उि भायो औय टकड़ कय दो तो फरकचय नहीॊ होता रककन उन िफकी ऩीड़ा िहत हए वह जमो-का-तमो यहता ह वहाॉ उि बोग-ियीय भ भन फहत द ख बोग उिक फाद मभयाज न कहा तभ कारा इलभ कयत थ परतो को ितात थ परतो को ननकारत थ ऩयसतरीगभन कयत थ औय दिय कार कभम कयत थ इिि तमह रमफ िभम तक परतमोनन भ बटकना ऩड़गा फाद भ तभ खदातारा ि पराथमना कयत-कयत सजि ताॊबतरक ि फदरा रन की बावना यखकय भय थ उिका फदरा र िकोग

तो तमहाया परतमोनन का िभम अबी तक ऩया नहीॊ हआ

नहीॊ अफ ऩया होन वारा ह भ परतमोनन ऩाकय िहायनऩय सजर क भगरखड़ा गाॉव क कबबरसतान भ जहाॉ भयी कबर फनी थी वहाॉ यहन रगा वहाॉ भय िाथ ऩाॉच औय परत बी यहत थएक की उमर ऩौन तीन हजाय वरम की ह दिय की तीन हजाय वरम की तीिय की िाढ़ तीन हजाय वरम चौथ की ऩाॉच हजाय वरम औय ऩाॉचव की उमर चाय मग की ह

गीता का दऴोक ककतनी िचचाई का दिमन कयाता ह

अनकचचततदधवभरानता भोहजारिभावता परििा काभबोगर ऩतसनत नयकऽिचौ

िरभान परत न आग कहा हभ कबर भ यहत थ वहाॉ रोग आत थ हाराॉकक वहाॉ तो हभाया िड़ा हआ भाॊि होता ह फदफ आती ह रककन काभना औय भोह क कायण अॊध हए रोग वहाॉ भतथा टकत ह हभ परत तो उनह दख िकत ह रककन व हभ नहीॊ दख ऩात उिभ कोई ऐया-गया आम औय कबर क आग गड़फड़ कय तो हभ उि भाय दत ऐि कई रोगो को हभन भाया मह रड़का भनभोहन बी महाॉ आमा औय इिन कबर ऩय ऩिाफ कय ददमा रककन भन इि भाया नहीॊ भन गौय ि दखा तो इिका िकषभ ियीय इिकी रह वही ताॊबतरकवारी थी सथर ियीय तो भय जाता ह रककन िकषभ ियीय हजायो-राखो जनभ रन क फाद बी नहीॊ भयता

मही भया वह ितर ह सजिक सरए परनतिोध की आग भ भ जर यहा था अत इि भ जलदी कमो भायता अफ हाथ भ आमा तो भ कि छोड़ता भ इिक अॊदय घि गमा दधऩछर िात िारो भ भन इि खफ ितामा ह अफ भया फदरा ऩया हो गमा ह औय भया िभम बी ऩया हो गमा ह इिीसरए आऩ जि िॊत क दराय ऩय ऩहॉचा हॉ अफ आऩकी यहभत ि परतमोनन ि भया छटकाया होगा

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 26: Karma kaakatyasiddhant

िरभान तभ भनभोहन क अॊतकयण भ आ गम औय िॊत क चयणो तक ऩहॉच गम अफ शरदा-बकति यखकय ितिॊग िनोग तो भानो तमहाया उदाय हो गमा ककॊ त िरभान मह तो फताओ कक परत रोग कमा खात ह कहाॉ यहत ह औय कमा कयत ह मह तभ फता िकत हो कमोकक तमह कई वरो ि इि मोनन भ हो अत अनक अनबवो ि गजय होग

हाॉ बख रगती ह तफ रकड़ी क कोमर चफा रत ह दधवदषा खा रत ह ऩिाफ ऩी रत ह हभ कवर गॊदी चीजो भ जान की अनभनत होती ह

अगय हय जगह जान की िफ कछ खान की कछ बी कयन की अनभनत होती तो सभठाईवार की सभठाइमाॉ दकान भ कि यह िकती थीॊ परत उठाकय सवाहा कय रत उनक ऊऩय परकनत का ईदवय का परनतफॊध नहीॊ होता तो व ितिॊग बी नहीॊ कयन दत अचछा िरभान तभ भसनदय भ कथा-कीतमन भ जा िकत हो

नहीॊ वहाॉ जान का हकभ नहीॊ ह जहाॉ ितिॊग मा ऩदधवतर कभम कयन वार आ जात ह वहाॉ भानो हभाय सरए आग खड़ी हो जाती ह हभ फहत तऩत ह अत हभ उि जगह को छोड़कय बाग जात ह

कपय तमहाया उदाय कि हो िकता ह अथवा अनम परतो का एवॊ परत जो भगरखड़ा गाॉव की कबर भ चाय मगो ि िड़ यहा ह उिका बरा कि हो िकता ह

अगय हभ ककिी भनषम क ियीय भ घि गम औय वह फॊदा िॊत की ियण भ जाम औय िॊत सवीकाय कय र कक तभ फठो ितिॊग िनो तमहाया कलमाण होगा तफ उिक ियीय भ यहकय हभ अऩना कलमाण कय िकत ह

वह जो चाय मगो ि ऩड़ा ह उिका कलमाण कि होगा

जि भझ भनभोहन सभर गमा वि उि कोई भनषम सभर जाम सजिक दराया वह िॊत क दराय तक ऩहॉच जाम तो उिका कलमाण हो िकता ह नहीॊ तो बगवान अवताय रन वार ह - कसलक अवताय उनकी यहभत ि फाकी क िफ परतो का बरा होना ननधामरयत ह

जीवो का कलमाण कि हो

अऩन-अऩन िदगर क दराया जो भॊतर सभरा ह उि भॊतर का जऩ कयन ि जीवो का कलमाण होता ह

अचछा िरभान तभन मभयाज को दखा ह मभयाज तभको कि रग

दवत दगध ि बी उजजवर एवॊ रॊफी दाढ़ी औय दधविार कामावार मभयाज का वमकतितव फड़ा परबाविारी था व फड़ यौफदाय थ ऊॉ ची िभझ क धनी थ औय अऩना रऩ फदरन क िाभमम बी यखत थ

खय मह िाभमम तो उन रोगो भ होता ही ह दवताओॊ भ बी होता ह व इचछानिाय रऩ फदरन भ िभथम होत ह अय इि धयती ऩय यहन वार बी मदद मोगाभमाि कयत ह तो उनभ फड़ा िाभमम आ जाता ह

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

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अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 27: Karma kaakatyasiddhant

चगयनाय क मोगी िय का बी रऩ धायण कय रत ह िाधायण भनषम बी सवपन भ िय फना रत ह न जान औय कमा-कमा फना रत ह आऩकी आतभा भ औय िकषभ ियीय भ अथाह िकति ह कलऩना क जगत भ आऩ फहत कछ कय िकत ह ऐि ही व दवता आदद ठोि िॊकलऩ ि फहत कछ कय िकत ह िरभान न कहा भन अऩन कार इलभ औय फयी इचछाओॊ का मह फहत फरा पर ऩामा ह

िरभान परत ि मह बी ऩछा गमा कॊ बीऩाक नयक भ औय कमा दखा

अऩनी ऩतनी होत हए बी जो ऩयसतरीगाभी थ उनको तदऱ रोह की ससतरमो ि फरात आसरॊगन कयामा जाता था जो अऩन ऩनत को छोड़कय ऩयऩरर क िाथ यभण कयती थीॊ ऐिी ससतरमो को तदऱ रोह क ऩररो क िाथ आसरॊगन कयामा जाता था

कभम का पर तो बोगना ही ऩड़ता ह चाह कोई इिी जनभ भ बोग चाह जो जनभो क फाद बोग चाह हजाय जनभो क फाद बोग हजाय वरो तक नयको भ ऩड़न क फजाम दो ऩाॉच वरम ऩदधवतर जीवन बफताना ककतना दहतकायी ह

मह भनषम-जनभ एक चौयाह क िभान ह महाॉ ि िाय यासत ननकरत ह आऩ ितकभम कयक दवतव राओ औय सवगम क अचधकायी फनो अथवा तो ऐि कभम कयो कक मकष ककननय गॊधवम फन जाओ मा ऐि घखणत कभम कयो कक बरहमयाकषि फन जाओ आऩक हाथ की फात ह जऩ-धमान-बजन िॊतो का िॊग आदद कयक बरहम का जञान ऩाकय भि हो जाओ मह बी आऩक ही हाथ की फात ह कपय कोई कभमफॊधन आऩको फाॉध नहीॊ िकगा

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

कयन भ िावधान

जो कभम अबानावसथा (फहोिी) भ होत ह उन कभो का िॊचम नहीॊ होता फालमावसथा अथवा भढ़ावसथा भ ककम गम कभो का बी िॊचम नहीॊ होता अहॊकाय यदहत अवसथा भ जो कभम होत ह उनका बी िॊचम नहीॊ होता तथा जञानवानो क कभो का बी िॊचम नहीॊ होता ऐि ही पर की इचछा क बफना ककम गम ननषकाभ कभो का बी िॊचम नहीॊ होता कोई छोटा फचचा नाचत-कदत खर यहा हो औय नािभझी भ ककिी फचच का गरा दफा द तो उिक ऊऩय दपा 302 का कि नहीॊ चरगा जमादा-ि-जमादा उि दो-चाय चाॉट रगा दग ककिी न ियाफ ऩी हो फहोि-अवसथा भ हो गासरमाॉ फकन रग जाम तो उिक ऊऩय भानहानन का कि रगाना उचचत नहीॊ होगा कमोकक उि कभम कयन का बान ही नहीॊ ह नि भ कतामऩन का बाव ही नहीॊ ह जञानी भहाऩरर बी अकताम बाव ि कभम कयत ह इिसरए उनह कभमफॊधन नहीॊ रगता इिी परकाय तभ जहाॉ बी यहो जो कयो वह अकताम होकय कयो तो तमह बी कभमफॊधन नहीॊ रगगा

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 28: Karma kaakatyasiddhant

कतामबाव होता ह तो चरत-कपयत कीड़-भकोड़ भय जाम तो बी कभम का िॊचम होता ह ककिी को ऩानी दधऩराओ तफ बी औय ककिी का कछ र रो तफ बी कभम का िॊचम होता ह ककॊ त अकताम बाव ि कयन ऩय व ही कभम फॊधनकायक नहीॊ होत एक फाय फद औय उनक सिषम घभत-घाभत कहीॊ जा यह थ भागम भ उनहोन दखा कक एक िाॉऩ को फहत-िी चीॊदटमाॉ चचऩककय काट यही थीॊ औय िाॉऩ छटऩटा यहा था सिषमो न ऩछा बॊत इतनी िायी चीॊदटमाॉ इि एक िाॉऩ को चचऩकय काट यही ह औय इतना फड़ा िाॉऩ इन चीदटमो ि ऩयिान होकय छटऩटा यहा ह ऐिा कमो कमा मह अऩन ककनहीॊ कभो का पर बोग यहा ह

फद हाॉ कछ िार ऩहर जफ हभ इि ताराफ क ऩाि ि गजय यह थ तफ एक भछआ भछसरमाॉ ऩकड़ यहा था हभन उि कहा बी था कक ऩाऩकभम भत कय कवर ऩट बयन क सरए जीवो की दहॊिा भत कय रककन उिन हभायी फात नहीॊ भानी वही अबागा भछआ िाॉऩ की मोनन भ जनभा ह औय उिक दराया भायी हई भछसरमाॉ ही चीॊदटमा ही फनी ह औय व अऩना फदरा र यही ह भछआ ननदोर जीवो की दहॊिा का पर बगत यहा ह

भहाबायत क मद क ऩदळात एक फाय अतमॊत वमचथत रदम ि धतयादस न वदवमाि जी ऩछा बगवान मह किी दधवडॊफना ह कक भय िौ ऩतर भय गम औय भ अॊधा फढ़ा फाऩ सजॊदा यह गमा भन इि जनभ भ इतन ऩाऩ तो नहीॊ ककम ह औय ऩवम क कछ ऩणम होग तबी तो भ याजा फना हॉ कपय ककि कायण ि मह घोय द ख बोगना ऩड़ यहा ह

वदवमािजी आिन रगाकय फठ औय िभाचध भ रीन हए उनहोन धतयादस क ऩवमजनभो को जाना तफ उनह ऩता चरा कक ऩहर वह दहयन था कपय हाथी हआ कपय याजा फना

िभाचध ि उठकय उनहोन धतयादस ि कहा ऩवमजनभ भ त याजा था औय सिकाय कयन क सरए जॊगर भ गमा था वहाॉ दहयन को दखकय उिक ऩीछ दौड़ा रककन त दहयन का सिकाय नहीॊ कय ऩामा वह जॊगर भ अदशम हो गमा तय अहॊ को ठि ऩहॉची गसि भ आकय तन वहाॉ आग रगा दी सजिि थोड़ा हया-िखा घाि औय िख ऩतत जर गम वहीॊ ऩाि भ िाॉऩ का बफर था उिभ िाॉऩ क फचच थ जो असगन भ जरकय भय गम औय िदधऩमणी अॊधी हो गमी तय उि कभम का फदरा इि जनभ भ सभरा ह इिि त अॊधा फना ह औय तय िौ फट भय गम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

जहाॉ आिकति वहाॉ जनभ

एक बराहमण योज बगवान ि पराथमना कयता था एक ददन जफ वह पराथमना कय यहा था उि दखकय उिकी ऩतनी जोय-ि हॉि ऩड़ी बराहमण िभझ गमा कक मह भया भजाक उड़ा यही ह उिन ऩछा त हॉिी कमो

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 29: Karma kaakatyasiddhant

आऩ योज ऩजा-ऩाठ कयत हो कपय भाॉगत हो कक मह द दो वह द दो सभरन क फाद बी आऩ तो वहीॊ क वहीॊ यह जात हो

कि

वह भ नहीॊ फता िकती ऩनघट ि ऩानी बयकय एक सतरी आ यही ह उिि जाकय ऩछो

बराहमण उि सतरी ि ऩछन गमा उिन बराहमण को दखत ही कहा आऩकी ऩतनी कमो हॉिी मह ऩछन आम हो न अबी भझ परिनत की ऩीड़ा हो यही ह अफ भ घय जाऊॉ गी औय फचच को जनभ दत-दत भय जाऊॉ गी कपय ऩाि क जॊगर भ दहयनी फनॉगी भय गर भ एक सतन होगा मह भयी ऩहचान होगी तीन िार तक भ दहयनी क ियीय भ यहॉगी कपय इिी गाॉव भ परान बराहमण क महाॉ भ कनमा क रऩ भ जनभ रॉगी तफ आऩ भय ऩाि आओग तो मह यहसम परकट हो जामगा आऩ मह यहसम अबी नहीॊ िभझ िकत अचछा भझ परिनत होन वारी ह भ जाती हॉ जाॉच कयन ऩय बराहमण को ऩता चरा कक फट को जनभ दकय वह सतरी भय गमी उिको उि सतरी की फात िचची रगी कछ िभम फाद उिन ऩाि क जॊगर भ ढॉढा तो उि गर सतनवारी दहयनी बी सभरी कपय उिन याह दखी तीन िार क फाद उिी बराहमण क महाॉ एक कनमा न जनभ सरमा सजि बराहमण का नाभ उि सतरी न फतामा था जफ कनमा फोरन रगी तो ऩहर वार बराहमण न जाकय उिि ऩछा ऩहचानती हो

कनमा अचछ ि ऩहचानती हॉ ककॊ त आऩ उचचत िभम का इॊतजाय कय

िभम फीतता गमा कनमा 14-15 िार की हो गमी उिकी िादी हई दिय ददन बराहमण उिकी िियार भ ऩहॉचा औय उऩाम ढॉढन रगा कक फह ि कि सभर आखखय उिन िोचा कक वह ऩनघट ऩय तो आमगी ही 15-20 ददन तक याह दखी एक ददन भौका दखकय उिन फह ि ऩछा ऩहचानती हो

उिन कहा हाॉ आऩ वही बराहमण ह जो ऩजा कयत िभम बगवान ि भाॉगत थ कक भझ धॊध भ फयकत सभर भय दशभन की फदधद का नाि हो ऩतनी ठीक चर ऩतर भय ऩाि हो आऩ म िफ नदवय चीज भाॉगत थ इिीसरए आऩकी ऩतनी हॉि ऩड़ी थी औय उिन कहा थी कक हॉिी का कायण ऩननहायी फताएगी ऩननहायी न फचच को जनभ ददमा औय वह भय गमी कपय वह दहयनी हई कपय वह बराहमण-कनमा हई औय अफ दलहन होकय जीवन-माऩन कय यही ह आऩ ऩहचनात हो उिको

हाॉ वह तमही हो

अफ जाॉच कयो कक सजिक िाथ भय िादी हई ह वह बराहमण कौन ह

अय दधऩछर ि दधऩछर जनभ भ तमहाय गबम ि जनभा फारक ही अबी तमहाय ऩनत क रऩ भ ह

ठीक जान गम बराहमण दवता ऐि ही ककिी जनभ भ आऩ भय बाई थ औय ककिी जनभ भ

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

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यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

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अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 30: Karma kaakatyasiddhant

आऩकी ऩतनी भयी फहन थी जीव की जहाॉ-जहाॉ आिकति होती ह भभता होती ह भयन क फाद वह उिी क अनरऩ ियीय धायण कयक कभम का फोझ वहन कयता यहता ह इिसरए जाइम ककिी िदगर को खोसजम औय उनकी िीख भानकय कभम क फॊधन ि छटन का मतन कीसजए कभो की गनत फड़ी गहन ह- गहनो कभमणा गनत

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यावण की कनमा का दधववाह

मदद कोई दिय को दोर रगाता ह कक अभक न भय को द ख ददमा तो मह उिकी दफमदधद ह कमोकक असबभानऩवमक ककम हए कभमरऩी ितर भ जीव फॉधा हआ ह औय अऩन कभो का पर िख-द ख क रऩ भ बोगता ह िख तथा द ख दन वारा दिया कोई नहीॊ ह परायबध कभम ककिी बी परकाय सभट नहीॊ िकता यावण क जीवन की एक घटना ह भहायाज जनक याबतर क तीिय परहय भ सिऩादहमो क वि भ घभ यह थ कक खोज- भय याजम भ कौन िखी औय कौन द खी ह घभत-घभत एक जगह दखा कक एक भाई का छ भाि का फचचा अऩनी भाता क सतन को ऩन-ऩन भख भ डार यहा ह छोड़ता नहीॊ ह भाता जफ छड़ान रगी तफ योन रगा फारक की इि चदशा को दखकय यासत ि जा यही एक ऩनतवरता सतरी हॉिन रगी सिऩाही का वि फनाकय घभ यह याजा जनक न उिि हॉिन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी भय ऩाि इतना अवकाि नहीॊ ह जो भ तमह इि फारक औय भाता की कथा िनाऊॉ

याजा न िभम न होन का कायण ऩछा तफ वह कहन रगी आज भय जीवन का अॊनतभ ददन ह भ नदी ऩय जाकय सनान करॉ गी औय ऩनत क सरए जर की गागय बयकय घय ऩहॉचाऊॉ गी कपय भय भकान की छत भझ ऩय चगय जामगी औय भ भय जाऊॉ गी अॊनतभ िभम भ कछ ईदवय-सभयण कय रॉ इिसरए भझ जलदी जाना ह ककॊ त इतना फता दती हॉ कक वह रड़का औय भाता दोनो यावण की याजधानी बॊगय औय उिक फट क रऩ भ जनभ रग तथा फट की िादी यावण की कनमा क िाथ होगी ऐिा कहकय वह चर ऩड़ी याजा जनक उिक ऩीछ-ऩीछ गम औय फोर भ याजा जनक हॉ भ तय ि ऩछना चाहता हॉ कक तझ कि ऩता चरा कक तय ऩय छत चगयगी

उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ उि सतरी न कहा भ ऩानतवरतम धभम क परबाव ि बदधवषम का िफ हार जानती हॉ

जफ जानती हो तो उिि फच कमो नहीॊ जाती घय जाती ही कमो हो

बावी असभट ह बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता

ककिी याजा-भहायाजा दव-दानव मा ईदवय कोदट भ आम हए बरहमा दधवषण सिवाददको का वि तो

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 31: Karma kaakatyasiddhant

चरगा व तो बावी को सभटा िकत ह

बावी क आग ककिी का वि नहीॊ चरता अनक उऩाम कयन ऩय बी बावी नहीॊ सभटती अगय आऩको िॊदह हो तो जाकय दख रीसजमगा याजन अफ भझको न फराना

याजा को फड़ा आदळमम हआ व उिक ऩीछ-ऩीछ चरत यह उि सतरी न नदी भ सनान ककमा औय एक गागय जर बयकय घय की ओय जान रगी घय जाकय ऩनत को सनान क सरए वह गागय दकय सवमॊ ककिी कामम दधविर क सरए घय क अॊदय गमी तो अचानक ही घय की छत चगय ऩड़ी वह उिक नीच दफकय भय गमी याजा जनक को उि सतरी क भयन का फड़ा द ख हआ ऩयॊत बावी क आग उनका कछ वि न चरा िभम ऩाकय उिकी फातो को माद कय व यावण की याजधानी भ ऩहॉच यावण न याजा जनक का फड़ा ितकाय ककमा औय आन का कायण ऩछा तो याजा जनक न ऩनतवरता सतरी की िफ फात िनामीॊ तफ यावण न िफ जमोनतरगण दवगण ऋदधरगण बरहमाजी तथा सिव-ऩावमती को बी फरामा औय िफि पराथमना की कक इि बावी को सभटान का कोई उऩाम फताम तफ िफन जवाफ ददमा कक कभमयखा फदरन भ हभ िभथम नहीॊ ह हो िकता ह कबी िमम बगवान ऩवम को छोड़कय ऩसदळभ भ उदम हो जाम असगन िीतर हो जाम भर ऩवमत बी चगय जाम ऩतथय ऩय पर ऩदा हो जाम ककॊ त बावी नहीॊ सभट िकती बाव मह ह कक कभमयखा कबी नहीॊ फदर िकती तफ यावण को अनत करोध आमा औय उिन ननदळम ककमा कक जफ रड़की जनभगी तो भ कभमयखा सरखनवारी दधवधातरी क िाथ रड़ाई करॉ गा जफ िभम आमा तो रड़की का जनभ हआ छठी याबतर भ यावण तरवाय रकय खड़ा यहा इतन भ दधवधातरी कभमपर सरखन आमी यावण न उिको ऩछा कमा सरखगी

उिन कहा ऩहर भ कछ नहीॊ िकती जफ भ भसतक ऩय करभ यखती हॉ तफ अॊतमामभी जिी परयणा कयत ह विा ही रख सरखा जाता ह सरखकय ऩीछ भ फता िकती हॉ

यावण अचछा भय िाभन भसतक ऩय करभ यखो

उिन करभ यखी अऩन आऩ ही रख सरखा गमा यावण न कहा ऩढ़कय िनाओ

दधवधातरी न ऩढ़कय िनामा मह कनमा अनत िॊदय ऩनतवरता िदगणिमऩनन व िीरवती होगी ककॊ त इिकी िादी बॊगी क रड़क क िाथ होगी जो तमहाय भहरो भ िपाई कयता ह

यावण को फड़ा करोध आमा ऩयॊत कभमपर असभट ह ऐिा दधवधातरी न उि िभझामा औय िाॊत ककमा दधवधातरी क चर जान क फाद यावण को कपय करोध आमा उिन बॊगी क रड़क को भॉगवामा जो कक छ भाि का था यावण न फचच को भाय डारन का ननदळम ककमा ऩयॊत बफगड़ उठी औय परजाजन कहन रग बफना अऩयाध फचच को न भाय चाह दि ननकारा द द यावण न उि फारक को जहाज ऩय चढ़ाकय िभदरऩाय ककिी जॊगर भ छड़वा ददमा ननिान क

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 32: Karma kaakatyasiddhant

सरए रड़क क ऩय की अॊगरी कटवा दी उि जॊगर भ ककिी बी परकाय की फसती न थी अत मह दधवचाय ककमा कक मह फारक वहीॊ भय जामगा ऩयॊत दव उिका यकषक ह

अयकषकषतॊ नतदषनत दवयकषकषतॊ ियकषकषतॊ दवहतॊ दधवनशमनत जीदधवतॊ नाथोऽदधऩ वन दधविसजमत कतपरमतनोऽदधऩ गह न जीवनत

अथामत भनषम ि यकषा न ककमा हआ बी दव ि यकषा ककमा हआ यह िकता ह औय भनषम ि ियकषकषत बी दव ि भाया हआ भाया जाता ह जि - ईदवय ि यकषा ककमा हआ फारक वन भ बी जीता यहा औय दव का भाया हआ घय भ बी भय जाता ह जफ यावण न उि फारक को वन भ छड़वा ददमा तफ तीन ददन तक फारक बखा यहा औय अऩन हाथ का अॉगठा चिता यहा बरहमरोक भ ऩकाय ऩहॉची कक फारक बखा कमो यह गमा ह

बरहमाजी न दधवधातरी को आजञा दी तभ इि फारक को दध दधऩरामा कयो औय इिका ऩारन कयो

उि फारक क सरए दधवधातरी वहाॉ आमा कयती थी तथा उिका अचछी तयह ऩारन-ऩोरण कयती औय हय परकाय की उततभ सिकषा बी ददमा कयती थी उिन फारक को जर ऩय तयन की दधवदया तथा जहाज फनाना सिखा ददमा िासतर-दधवदया बी ऩढ़ा दी जफ फारक चतय हो गमा तथा धभम भ ननऩण हो गमा औय उिकी आम अठायह वरम हो गमी तफ दधवधातरी न अऩन दराया फनाम हए जहाज ऩय बफठाकय उि दिय टाऩ भ बज ददमा वहाॉ का याजा बफना िॊतान क भय गमा था याजभॊबतरमो न िराह की औय ननणमम ककमा कक जो ऩरर अभक ददन परातकार िाही दयवाजा खरत ही िफि ऩहर सभरगा उिी को याजगददी ऩय बफठामग दवमोग ि उि ददन िाही दयवाजा खरन ऩय मही मवक ऩहर सभर गमा याजभॊबतरमो न इिको याजगददी ऩय बफठाकय इिका नाभ दवगनत यख ददमा वह दधवधातरी ि सिकषा ऩा चका था इिसरए परजाऩारन भ फड़ा ननऩण था उिका मि चायो ददिाओॊ भ पर गमा

यावण औय उिकी कनमा को दवगनत क फाय भ भारभ हआ तथा उिका चचतर बी उनक ऩाि ऩहॉच गमा जफ उनहोन चचतर भ दवगनत की िॊदयता दखी औय दतो ि उिका मिोगान िना तफ यावण को रगा कक अऩनी कनमा का दधववाह इिी क िाथ कय द औय कनमा का बी भन दवगनत क ऩाि अऩन िॊदि क िाथ बजा ऩयॊत दवगनत न िादी क सरए भना कय ददमा कपय यावण सवमॊ कनमा को रकय वहाॉ गमा औय तयॊत उन दोनो की िादी कया दी परिनन होकय वह रॊका भ वाऩि आमा औय िफ दवताओॊ को फराकय उनि कहा आऩ कहत थ याजकनमा बॊगी क रड़क क िाथ बमाही जा िकती ह

मह िनकय दवताओॊ न कहा आऩन बॊगी क रड़क क ऩय भ एक ननिान ककमा था दवगनत क ऩय ऩय उिकी जाॉच कय

ननिान दखन ऩय दवगनत बॊगी का ही रड़का ऩामा गमा

तफ दवताओॊ न यावण को िभझामा कक कभमयखा कबी नहीॊ सभटती

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 33: Karma kaakatyasiddhant

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रयशत भतम क िाथ सभट जात ह एक फाय दवदधरम नायद अऩन सिषम तमफर क िाथ कहीॊ जा यह थ गसभममो क ददन थ एक पमाऊ ि उनहोन ऩानी दधऩमा औय ऩीऩर क ऩड़ की छामा भ जा फठ इतन भ एक किाई वहाॉ ि 25-30 फकयो को रकय गजया उिभ ि एक फकया एक दकान ऩय चढ़कय भोठ खान रऩक ऩड़ा उि दकान ऩय नाभ सरखा था - िगारचॊद िठ दकानदाय का फकय ऩय धमान जात ही उिन फकय क कान ऩकड़कय दो-चाय घॉि भाय ददम फकया फऽऽऽ फऽऽऽ कयन रगा औय उिक भॉह भ ि िाय भोठ चगय ऩड़ कपय किाई को फकया ऩकड़ात हए कहा जफ इि फकय को त हरार कयगा तो इिकी भॊडी भय को दना कमोकक मह भय भोठ खा गमा ह

दवदधरम नायद न जया-िा धमान रगाकय दखा औय जोय-ि हॉि ऩड़ तमफर ऩछन रगा गरजी आऩ कमो हॉि उि फकय को जफ घॉि ऩड़ यह थ तफ तो आऩ द खी हो गम थ ककॊ त धमान कयन क फाद आऩ हॉि ऩड़ इिभ कमा यहसम ह

नायद जी न कहा छोड़ो बी मह तो िफ कभो का पर ह छोड़ो

नहीॊ गरजी कऩा कयक फताइम

इि दकान ऩय जो नाभ सरखा ह िगारचॊद िठ - वह िगारचॊद िठ सवमॊ मह फकया होकय आमा ह मह दकानदाय िगारचॊद िठ का ही ऩतर ह िठ भयकय फकया हआ ह औय इि दकान ि अना ऩयाना िमफनध िभझकय इि ऩय भोठ खान गमा उिक फट न ही उिको भायकय बगा ददमा भन दखा कक 30 फकयो भ ि कोई दकान ऩय नहीॊ गमा कपय मह कमो गमा कभफखत इिसरए धमान कयक दखा तो ऩता चरा कक इिका ऩयाना िमफॊध था

सजि फट क सरए िगारचॊद िठ न इतना कभामा था वही फटा भोठ क चाय दान बी नहीॊ खान दता औय गरती ि खा सरम ह तो भॊडी भाॉग यहा ह फाऩ की इिसरए कभम की गनत औय भनषम क भोह ऩय भझ हॉिी आ यही ह कक अऩन - अऩन कभो का पर को परतमक पराणी को बोगना ही ऩड़ता ह औय इि जनभ क रयशत - नात भतम क िाथ ही सभट जात ह कोई काभ नहीॊ आता

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

िब कभम वमथम नहीॊ जात

मह कभमबसभ ह महाॉ ककिी का बी कभम वमथम नहीॊ जाता

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 34: Karma kaakatyasiddhant

धभमदतत नाभक एक ऩदधवतर औय िदाचायी बराहमण था वह वरत-उऩवािादद कयता था दवािोचछावाि भ याभनाभरऩी मजञ कयन वारा वह बराहमण एक फाय ननजमरा एकादिी कयक दिय ददन अथामत दरादिी क ददन परबातकार भ दवऩजन हत ऩजा की थारी सरम भॊददय की ओय जा यहा था भागम भ एक परतातभा दधवकयार याकषिी का रऩ धायण कयक उिक िाभन आमी उि दखकय वह घफया गमा औय हड़फड़ी भ उिन ऩजा की थारी जोय ि याकषिी ऩय द भायी कथा कहती ह कक ऩजा की थारी भ यख हए तरिी-ऩतर ता सऩिम होत ही उि परतातभा की ऩवम-सभनत जाग उठी औय वह काॉऩती हई दय जा खड़ी हई कपय फोरी ह बराहमण आऩकी इि ऩजा की थारी का सऩिम होत ही भया कछ उदाय हआ ह औय भझ अऩन ऩवमजनभ का सभयण हो यहा ह अफ आऩ जि बगवतपरभी बि भझ ऩय कऩा कय तो भया उदाय हो ह बदव भ ऩवमजनभ भ करहा नाभक बराहमणी थी औय जिा भया नाभ था वि ही भय कभम थ भ अऩन ऩनत क िाथ खफ करह कयती थी मह दखकय भय ऩनत फहत ऩयिान हो गम औय अऩन ककिी सभतर क िाथ उनहोन दधवचाय-दधवभिम ककमा कक भ अऩनी ऩतनी ि जो बी कहता हॉ वह उिका उरटा ही कयती ह तफ सभतर न ननरधमकति ि काभ रन की ऩदनत भय ऩनत को फतरामी भय ऩनत घय आम औय फोर करहा भया जो सभतर ह न वह फहत खयाफ ह अत उिको बोजन क सरए नहीॊ फराना ह

तफ भन कहा नहीॊ वह तो फहत िजजन ह इिसरए उि आज ही बोजन क सरए फराना ह

कपय भन उि बोजन कयवामा कछ ददन फीतन ऩय भय ऩनत न ऩन ननरधमकति अऩनात हए कहा कर भय दधऩता का शराद ह ककॊ त हभ शराद नहीॊ कयना ह

भन कहा चधककाय ह तमहाय बराहमणतऩ ऩय शराद ह औय हभ शराद न कय तो कपय मह जीवन ककि काभ का

तफ ऩनत फोर अचछा ठीक ह एक बराहमण को फराना ककॊ त वह अनऩढ़ हो

भन कहा चधककाय ह तभ ऐि बराहमण को ऩिॊद कयत हो जो िॊमभी हो दधवदरान हो ऐि अठायह बराहमणो को फराना

ऩनत अचछा ठीक ह ककॊ त ऩकवान भत फनाना कवर दार योटी फनाना

भन तो खफ ऩकवान फनाम व जो-जो ननरधमि ि कहत उिका उरटा ही भ कयती भय ऩनत बीतय ि परिनन थ ककॊ त फाहय ि ननरधमकति ि काभ र यह थ ककॊ त फाद भ व बर गम औय फोर मह जो दधऩणड ह इि ककिी अचछ तीथम भ डार आना भन वह दधऩणड नारी भ डार ददमा मह दखकय उनह द ख हआ ककॊ त व िावधान हए औय फोर ह दधपरम अफ उि दधऩणड को नारी ि

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 35: Karma kaakatyasiddhant

ननकारकय नदी भ भत डारना बर ही वह वहीॊ ऩड़ा यह

भ तो उि दधऩणड को तयॊत नारी ि ननकारकय नदी भ डार आमी इि परकाय व जो बी कहत भ उिका उरटा ही कयती व िावधानी ऩवमक काभ रत यहत तो बी भया सवबाव करहदधपरम होन क कायण एवॊ भया करह का सवबाव होन क कायण भय ऩनत खफ द खी हए एवॊ िॊतानपरानदऱ हत उनहोन दिया दधववाह कय सरमा तफ भन पाॉिी रगाकय आतभहतमा कय री औय वह बी इिसरए कक भय ऩनत की फहत फदनाभी हो औय रोग उनह ऩयिान कय आतभहतमा क कायण ही भझ मह परतमोनन सभरी ह भ ककिी क ियीय भ परदधवदश हई थी ककॊ त जफ वह कषणा औय वणी नददमो क िॊगभ-तट ऩय ऩहॉचा तफ बगवान सिव औय दधवषण क दतो न भझ उिक ियीय ि दय बगा ददमा अफ भ ककिी दिय क ियीय भ परदधवदश होन क सरए ही आ यही थी कक िाभन आऩ सभर गम भ आऩको डयाकय आऩका भनोफर चगयाना चाहती थी ताकक आऩक दवाि दराया आऩक ियीय भ परदधवदश हो िकॉ ककॊ त आऩक ऩदधवतर ऩयभाणओॊ ि मि ऩजा की थारी एवॊ तरिी का सऩिम होन ि भया कछ उदाय हआ ह भय कछ ऩाऩ नदश हए ह ककॊ त अबी भयी िदगनत नहीॊ हई ह अत आऩ कछ कऩा कय

तफ धभमदतत बराहमण न िकलऩ कयक जनभ ि रकय उि ददन तक ककम कानतमक वरत का आधा ऩणम उि परतमोनन को ऩामी हई करहा को अदधऩमत ककमा इतन भ ही वहाॉ बगवान क ििीर एवॊ ऩणमिीर नाभ क दो दत दधवभान रकय आम औय परतमोनन ि भि उि करहा को उिभ फठामा कपय व धभमदतत ि फोर ह बराहमण जो ऩयदहत भ यत यहत ह उनक ऩणम दगन हो जात ह अऩनी दोनो ऩसतनमो क िाथ तभ रमफ िभम तक िखऩवमक यहत हए फाद भ दधवषणरोक को परादऱ कयोग मह करहा बी तमह वहीॊ सभरगी वहाॉ बी वरो तक यहकय कपय तभ रोग भन-ितरऩा क रऩ भ अवतरयत होकय तऩ कयोग औय बगवान को ऩतररऩ भ अऩन घय आभॊबतरत कयोग

वयदान क परसवरऩ तभ याजा दियथ क रऩ भ जनभ रोग औय मह आध ऩणमो की परबाचगनी करहा तमहायी ककमी नाभक यानी होगी िाथ ही सवमॊ बगवान दधवषण िाकाय रऩ रकय शरीयाभ क रऩ भ तमहाय घय अवतरयत होग

मह कहत हए दोनो ऩारमद करहा को रकय चर ददम काराॊतय भ वही फात अकषयि चरयताथम हई जफ दियथ - कौिलमा क घय ननगमण - ननयाकाय न िगण - िाकाय रऩ धयकय ऩ वी को ऩावन ककमा ककतनी भहतता ह हरयनाभ एवॊ हरयधमान की दवाि - दवाि भ परब नाभ क यटन न धभमदतत बराहमण को दियथ क रऩ भ बगवान क दधऩता होन का गौयव परदान कय ददमा िच ही ह कक िब कभम वमथम नहीॊ जात

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 36: Karma kaakatyasiddhant

अनकरभ

जऩ धमान सभयण िब कभम कयन ि फदधद सवचछ होती ह सवचछ

फदधद ऩयभातभा भ िाॊत होती ह औय भसरन फदधद जगत भ उरझती ह

िीता जी को बी कभमपर बोगना ऩड़ा पर ददम बफना कभम िाॊत नहीॊ होता कताम क ऩीछ घभता यहता ह भनषम तो कमा ईदवय बी मदद भनषम क रऩ भ अवताय रत ह तो उनह बी कभम क सिदानत का ऩारन कयना ऩड़ता ह मह तो िबी जानत ह कक बगवती िीता िाकषात भहारकषभी का अवताय थीॊ कपय बी उनह अऩन कभम का पर बोगना ऩड़ा रोकाऩवाद क कायण जफ शरीयाभजी न उनका तमाग ककमा उि िभम व गबमवती थीॊ उनह उि अवसथा भ ऩनत-दधवमोग तथा वनवाि का द ख सभरा जो फचऩन भ उनि अनजान भ हो गम अऩयाध का ऩरयणाभ था इि िॊदबम भ ऩदम ऩयाण भ एक कथा आती ह अऩन फालमकार भ एक ददन िीताजी सभचथरानगयी भ िखखमो क िाथ दधवनोद कय यही थीॊ वहाॉ उनह िक ऩकषी का एक जोड़ा ददखामी ददमा जो आऩि भ ककरोर कयत हए बगवान शरी याभ की गाथा गा यहा था कक ऩ वी ऩय शरी याभ नाभ ि परसिद एक फड़ िॊदय याजा होग उनकी भहायानी िीता क नाभ ि दधवखमात होगी शरी याभचॊदरजी फड़ फरवान औय फदधदभान होग तथा िभसत याजाओॊ को वि भ यखत हए िीता क िाथ गमायह हजाय वरो तक याजम कयग धनम ह शरी याभ ऩयभ भनोहय रऩ धायण कयन वारी व जानकी दवी बी धनम ह जो शरी यघनाथजी क िाथ परिननता ऩवमक दधवहाय कयगी

अऩना व शरीयाभजी का चरयतर िनकय िीताजी न िखखमो ि कहा कछ बी कयक इन ऩकषकषमो को ऩकड़ राओ

उन ददनो भनषम िॊकलऩ कयक कबी-कबी ऩि-ऩकषकषमो की बारा िभझ रत थ औय उनको िभझा दत थ इिसरए िॊदह नहीॊ कयना चादहए कक िक-िकी की फात को िीता जी कि िभझ गमी

िखखमो न िक-िकी को ऩकड़ सरमा औय िीता जी को अदधऩमत कय ददमा िीता जी न उन ऩकषकषमो ि कहा तभ दोनो फड़ िनदय हो दखो डयना नहीॊ भझ फताओ कक तभ कौन हो औय कहाॉ ि आम हो याभ कौन ह औय िीता कौन ह तमह उनकी जानकायी कि हई तभ भयी तयप ि ननबीक यहो भ तमह पॉ िाकय तॊग नहीॊ कयना चाहती ककॊ त तभन गाथा ही ऐिी गामी ह सजिन भया भन हय सरमा ह

िीता जी क इि परकाय परभऩवमक ऩछन ऩय उनहोन कहा ददधव हभ भहदधरम वालभीकक क आशरभ भ यहत ह व बतरकारजञानी ह उनहोन याभामण नाभक एक गरॊथ फनामा ह उिकी कथा भन को फड़ी दधपरम रगती ह

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 37: Karma kaakatyasiddhant

अऩन ऩय अनमाम होन ऩय बी दियो ऩय अनमाम न कयन वार शरी याभजी की रीरा एवॊ िभता क दधवरम भ िनत-िनत हभाया चचतत फड़ा परिनन होता ह इिसरए हभ आऩि भ उिी की चचाम कय यह थ तभ बी उि धमानऩवमक िनो बगवान दधवषण अऩन तज ि चाय अॊि भ परकट होग याभ रकषभण बयत औय ितरघन क रऩ भ व अवधऩयी भ अवतरय होग बगवान शरी याभ भहदधरम दधवदवासभतर क िाथ सभचथरा ऩधायग उि िभम एक ऐि धनर को सजिको धायण कयना बी दियो क सरए कदठन ह दखकय व उि तोड़ डारग औय जनकककिोयी िीता को अऩनी धभमऩतनी क रऩ भ गरहण कयग

िीता जी न ऩन ऩछा शरीयाभजी कि होग उनक गणो का वणमन कयो भनषमावताय भ उनका शरी दधवगरह किा होगा तमहायी फात भझ फड़ी दधपरम रग यही ह

िीता जी क परदल िनकय िकी भन ही भन जान गमी की म ही िीता ह उनह ऩहचान कय वह िाभन आ उनक चयणो ऩय चगय ऩड़ी औय फोरी शरीयाभ जी का भख कभर की करी क िभान िॊदय होगा नतर फड़-फड़ था खखर हए ऩॊकज की िोबा को धायण कयन वार होग व अऩनी िाॊत िौमम ददधदश ि सजि ऩय बी ननगाह डारग उिका चचतत परिनन औय उनकी तयप आकदधरमत हो जामगा शरीयाभजी िफ परकाय क ऐदवममभम गणो ि मि होग ऩयॊत िॊदयी तभ कौन हो भारभ होता ह तभ ही जानकी जी हो इिसरए अऩन ऩनत क िौनदमम ियवीयता औय मिोगान का फाय-फाय शरवण कयना तमह अचछा रग यहा ह

िीता जी का सिय रजजा ि थोड़ा नीच हो गमा रजजा परदसिमत कयत हए िीता जी न भीठी भसकान क िाथ कहा तभ ठीक कहती हो भय भन को रबानवार शरीयाभ जफ महाॉ आकय भझ सवीकाय कयग तबी भ तभ दोनो को छोड़ॉगी अनमथा नहीॊ तभन अऩन वचनो ि भय भन भ रोब उतऩनन कय ददमा ह अफ तभ इचछानिाय करीड़ा कयत हए भय भहर भ िख ि यहो औय भीठ-भीठ ऩदाथो का िवन कयो

िीताजी की मह फात िनकय िकी न कहा िाधवी हभ वन क ऩकषी ह ऩड़ो ऩय यहत ह औय िवमतर दधवचयण कयत ह हभ तमहाय भहर भ िख नहीॊ सभरगा भ गसबमनी हॉ अबी वालभीकक जी क आशरभ भ अऩन सथान ऩय जाकय फचचो को जनभ दॉगी उिक फाद तमहाय ऩाि आ जाऊॉ गी

िीता जी न कहा कछ बी हो भ तमह नहीॊ जान दॉगी

तफ िक न कहा जानकी जी तभ हठ न कयो हभ जान दो

िीताजी िक तभ जा िकत हो ककॊ त िकी को नहीॊ छोड़ॉगी

दोनो फहत योम-चगड़चगड़ाम ककॊ त िीता जी उनह छोड़न क सरए तमाय नहीॊ हई मह िनकय िक द खी हो गमा उिन करणामि वाणी भ कहा मोगी रोग जो कहत ह वह ठीक ही ह कक ककिी ि कछ न कह भौन होकय यह नहीॊ तो उनभतत पराणी अऩन वचनरऩी दोर क कायण ही फॊधन भ ऩड़ता ह मदद हभ इि ऩवमत ऩय फठकय वातामराऩ न कयत तो हभ

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 38: Karma kaakatyasiddhant

मह फॊधन कि परादऱ होता इिसरए भौन ही यहना चादहए

इतना कहकय िक न ऩन िीता जी ि पराथमना की िनदयी भ अऩनी बामाम क बफना जीदधवत नहीॊ यह िकता इिसरए इि छोड़ दो भयी इतनी पराथमना सवीकाय कय रो

ककॊ त िीता जी न भानीॊ तफ िकी न करोध औय द ख ि वमाकर होकय िीता जी को िाऩ द ददमा अयी सजि परकाय त भझ इि िभम अऩन ऩनत ि अरग कय यही ह वि ही तझ बी गसबमणी की अवसथा भ शरीयाभजी ि अरग होना ऩड़गा

मह कहकय ऩनत-दधवमोग क िोक ि उिन पराण तमाग ददम ऩतनी की भतम हो जान ऩय िक िोकाकर होकय फोरा भ भनषमो ि बयी शरी याभजी की नगयी अमोधमा भ जनभ रॉगा तथा ऐिी अपवाह ऩदा करॉ गा कक परजा गभयाह हो जामगी औय परजाऩारक शरीयाभजी परजा का भान यखन क सरए तमहाया तमाग कय दग

करोध औय िीता जी का अऩभान कयन क कायण िक का धोफी क घय जनभ हआ उि धोफी क कथन ि ही िीता जी ननॊददत हई औय गसबमणी अवसथा भ उनह ऩनत ि अरग होकय वन भ जाना ऩड़ा कभम का पर तो अवतायो को बी बोगना ऩड़ता ह इिी ि दधवददत होता ह कक कभम कयन भ ककतनी िावधानी फयतनी चादहए

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ अनकरभ

गारी दकय कभम काट यही ह एक याजा फड़ा धभामतभा नमामकायी औय ऩयभदवय का बि था उिन ठाकयजी का भॊददय फनवामा औय एक बराहमण को उिका ऩजायी ननमि ककमा वह बराहमण फड़ा िदाचायी धभामतभा औय िॊतोरी था वह याजा ि कबी कोई माचना नहीॊ कयता था याजा बी उिक सवबाव ऩय फहत परिनन था उि याजा क भॊददय भ ऩजा कयत हए फीि वरम गजय गम उिन कबी बी याजा ि ककिी परकाय का कोई परदल नहीॊ ककमा याजा क महाॉ एक रड़का ऩदा हआ याजा न उि ऩढ़ा सरखाकय दधवदरान फनामा औय फड़ा होन ऩय उिकी िादी एक िॊदय याजकनमा क िाथ कया दी िादी कयक सजि ददन याजकनमा को अऩन याजभहर भ राम उि याबतर भ याजकभायी को नीॊद न आमी वह इधय-उधय घभन रगी जफ अऩन ऩनत क ऩरॊग क ऩाि आमी तो कमा दखती ह कक हीय जवाहयात जकतड़त भठवारी एक तरवाय ऩड़ी ह जफ उि याजकनमा न दखन क सरए वह तरवाय ममान भ ि फाहय ननकारी तफ तीकषण धायवारी औय बफजरी क िभान परकािवारी तरवाय दखकय वह डय गमी व डय क भाय उिक

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 39: Karma kaakatyasiddhant

हाथ ि तरवाय चगय ऩड़ी औय याजकभाय की गदमन ऩय जा रगी याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा याजकनमा ऩनत क भयन का फहत िोक कयन रगी उिन ऩयभदवय ि पराथमना की कक ह परब भझि अचानक मह ऩाऩ कि हो गमा ऩनत की भतम भय ही हाथो हो गमी आऩ तो जानत ही ह ऩयॊत िबा भ भ ितम न कहॉगी कमोकक इिि भय भाता-दधऩता औय िाि-ििय को करॊक रगगा तथा इि फात ऩय कोई दधवदवाि बी न कयगा परातकार भ जफ ऩजायी कएॉ ऩय सनान कयन आमा तो याजकनमा न उिको दखकय दधवराऩ कयना िर ककमा औय इि परकाय कहन रगी भय ऩनत को कोई भाय गमा रोग इकटठ हो गम औय याजा िाहफ आकय ऩछन रग ककिन भाया ह

वह कहन रगी भ जानती तो नहीॊ कक कौन था ऩयॊत उि ठाकयजी क भॊददय भ जात दखा था याजा िभत िफ रोग ठाकयजी क भॊददय भ आम तो बराहमण को ऩजा कयत हए दखा उनहोन उिको ऩकड़ सरमा औय ऩछा तन याजकभाय को कमो भाया

बराहमण न कहा भन याजकभाय को नहीॊ भाया भन तो उनका याजभहर बी नहीॊ दखा ह इिभ ईदवय िाकषी ह बफना दख ककिी ऩय अऩयाध का दोर रगाना ठीक नहीॊ

बराहमण की तो कोई फात ही नहीॊ िनता था कोई कछ कहता था तो कोई कछ याजा क ददर भ फाय-फाय दधवचाय आता था कक मह बराहमण ननदोर ह ऩयॊत फहतो क कहन ऩय याजा न बराहमण ि कहा भ तमह पराणदणड तो नहीॊ दता रककन सजि हाथ ि तभन भय ऩतर को तरवाय ि भाया ह तया वह हाथ काटन का आदि दता हॉ

ऐिा कहकय याजा न उिका हाथ कटवा ददमा इि ऩय बराहमण फड़ा द खी हआ औय याजा को अधभी जान उि दि को छोड़कय दधवदि भ चरा गमा वहाॉ वह खोज कयन रगा कक कोई दधवदरान जमोनतरी सभर तो बफना ककिी अऩयाध हाथ कटन का कायण उिि ऩछॉ

ककिी न उि फतामा कक कािी भ एक दधवदरान जमोनतरी यहत ह तफ वह उनक घय ऩय ऩहॉचा जमोनतरी कहीॊ फाहय गम थ उिन उनकी धभमऩतनी ि ऩछा भाताजी आऩक ऩनत जमोनतरी जी भहायाज कहाॉ गम ह

तफ उि सतरी न अऩन भख ि अमोगम अिहय दवमचन कह सजनको िनकय वह बराहमण हयान हआ औय भन ही भन कहन रगा कक भ तो अऩना हाथ कटन का कायण ऩछन आमा था ऩयॊत अफ इनका ही हार ऩहर ऩछॉगा इतन भ जमोनतरी आ गम घय भ परवि कयत ही बराहमणी न अनक दवमचन कहकय उनका नतयसकाय ककमा ऩयॊत जमोनतरी जी चऩ यह औय अऩनी सतरी को कछ बी नहीॊ कहा तदनॊतय व अऩनी गददी ऩय आ फठ बराहमण को दखकय जमोनतरी न उनि कहा कदहम बराहमण दवता कि आना हआ

आमा तो था अऩन फाय भ ऩछन क सरए ऩयॊत ऩहर आऩ अऩना हार फताइम कक आऩकी ऩतनी अऩनी जफान ि आऩका इतना नतयसकाय कमो कयती ह जो ककिी ि बी नहीॊ िहा जाता औय

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 40: Karma kaakatyasiddhant

आऩ िहन कय रत ह इिका कायण ह

मह भयी सतरी नहीॊ भया कभम ह दननमा भ सजिको बी दखत हो अथामत बाई ऩतर सिषम दधऩता गर िमफॊधी - जो कछ बी ह िफ अऩना कभम ही ह मह सतरी नहीॊ भया ककमा हआ कभम ही ह औय मह बोग बफना कटगा नहीॊ

अवशमभव बोिवमॊ कतॊ कभम िबािबभ नाबिॊ कषीमत कभम कलऩकोदटितयदधऩ

अऩना ककमा हआ जो बी कछ िब-अिब कभम ह वह अवशम ही बोगना ऩड़ता ह बफना बोग तो िकड़ो-कयोड़ो कलऩो क गजयन ऩय बी कभम नहीॊ टर िकता इिसरए भ अऩन कभम खिी ि बोग यहा हॉ औय अऩनी सतरी की ताड़ना बी नहीॊ कयता ताकक आग इि कभम का पर न बोगना ऩड़

भहायाज आऩन कमा कभम ककमा था

िननम ऩवमजनभ भ भ कौआ था औय भयी सतरी गधी थी इिकी ऩीठ ऩय पोड़ा था पोड़ की ऩीड़ा ि मह फड़ी द खी थी औय कभजोय बी हो गमी थी भया सवबाव फड़ा ददश था इिसरए भ इिक पोड़ भ चोच भायकय इि जमादा द खी कयता था जफ ददम क कायण मह कदती थी तो इिकी पजीहत दखकय भ खि होता था भय डय क कायण मह िहिा फाहय नहीॊ ननकरती थी ककॊ त भ इिको ढॉढता कपयता था मह जहाॉ सभर वहीॊ इि द खी कयता था आखखय भय दराया फहत िताम जान ऩय तरसत होकय मह गाॉव ि दि-फायह भीर दय जॊगर भ चरी गमी वहाॉ गॊगा जी क ककनाय िघन वन भ हया-हया घाि खाकय औय भयी चोटो ि फचकय िखऩवमक यहन रगी रककन भ इिक बफना नहीॊ यह िकता था इिको ढॉढत-ढॉढत भ उिी वन भ जा ऩहॉचा औय वहाॉ इि दखत ही भ इिकी ऩीठ ऩय जोय-ि चोच भायी तो भयी चोच इिकी हडडी भ चब गमी इि ऩय इिन अनक परमाि ककम कपय बी चोच न छटी भन बी चोच ननकारन का फड़ा परमतन ककमा भगय न ननकरी ऩानी क बम ि ही मह ददश भझ छोड़गा ऐिा िोचकय मह गॊगाजी भ परवि कय गमी ऩयॊत वहाॉ बी भ अऩनी चोच ननकार न ऩामा आखखय भ मह फड़ परवाह भ परवि कय गमी गॊगा का परवाह तज होन क कायण हभ दोनो फह गम औय फीच भ ही भय गम तफ गॊगा जी क परबाव ि मह तो बराहमणी फनी औय भ फड़ा बायी जमोनतरी फना अफ वही भयी सतरी हई जो भय भयणऩममनत अऩन भख ि गारी ननकारकय भझ द ख दगी औय भ बी अऩन ऩवमकभो का पर िभझकय िहन कयता यहॉगा इिका दोर नहीॊ भानॉगा कमोकक मह ककम हए कभो का ही पर ह इिसरए भ िाॊत यहता हॉ अफ अऩना परदल ऩछो

बराहमण न अऩना िफ िभाचाय िनामा औय ऩछा अधभी ऩाऩी याजा न भझ ननयऩयाध का हाथ कमो कटवामा

जमोनतरी याजा न आऩका हाथ नहीॊ कटवामा आऩक कभम न ही आऩका हाथ कटवामा ह

ककि परकाय

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

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चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 41: Karma kaakatyasiddhant

ऩवमजनभ भ आऩ एक तऩसवी थ औय याजकनमा गौ थी तथा याजकभाय किाई था वह किाई जफ गौ को भायन रगा तफ गौ फचायी जान फचाकय आऩक िाभन ि जॊगर भ बाग गमी ऩीछ ि किाई आमा औय आऩ ि ऩछा कक इधय कोई गाम तो नहीॊ गमा ह

आऩन परण कय यखा था कक झठ नहीॊ फोरॉगा अत सजि तयप गौ गमी थी उि तयप आऩन हाथ ि इिाया ककमा तो उि किाई न जाकय गौ को भाय डारा गॊगा क ककनाय वह उिकी चभड़ी ननकार यहा था इतन भ ही उि जॊगर ि िय आमा औय गौ एवॊ किाई दोनो को खाकय गॊगाजी क ककनाय ही उनकी हडकतडमाॉ उिभ फह गमीॊ गॊगाजी क परताऩ ि किाई को याजकभाय औय गौ को याजकनमा का जनभ सभरा एवॊ ऩवमजनभ क ककम हए उि कभम न एक याबतर क सरए उन दोनो को इकटठा ककमा कमोकक किाई न गौ को हॊसिम ि भाया था इिी कायण याजकनमा क हाथो अनामाि ही तरवाय चगयन ि याजकभाय का सिय कट गमा औय वह भय गमा इि तयह अऩना पर दकय कभम ननवतत हो गमा तभन जो हाथ का इिाया रऩ कभम ककमा था उि ऩाऩकभम न तमहाया हाथ कटवा ददमा ह इिभ तमहाया ही दोर ह ककिी अनम का नहीॊ ऐिा ननदळम कय िखऩवमक यहो

ककतना िहज ह जञानिॊमि जीवन मदद हभ इि कभमसिदानत को भान र औय जान र तो ऩवमकत घोय ि घोय कभम का पर बोगत हए बी हभ द खी नहीॊ होग फसलक अऩन चचतत की

िभता फनाम यखन भ िपर होग बगवान शरीकषण इि िभतव क अभमाि को ही िभतव मोग िॊफोचधत कयत ह सजिभ दढ़ ससथनत परादऱ होन ऩय भनषम कभमफॊधन ि भि हो जाता ह

अनकरभ

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कभम का दधवधान

िब कभम कय चाह अिब कभम कय कभम का पर िफको अवशम बोगना ऩड़ता ह भहाबायत क मद क फाद की एक घटना ह बीषभ दधऩताभह ियियमा क रट हए थ भहायाज मचधदधदषय को चचॊनतत औय िोकाकर दखकय बगवान शरीकषण उनह रकय दधऩताभह बीषभ क ऩाि गम औय फोर दधऩताभह मद क ऩदळात धभमयाज मचधदधदषय फड़ िोकगरसत हो गम ह अत आऩ इनह धभम का उऩदि दकय इनक िोक का ननवायण कय

तफ बीषभ दधऩताभह न कहा आऩ कहत ह तो उऩदि दॉगा ककॊ त ह किव ऩहर भयी िॊका का िभाधान कय भ जानता हॉ की िबािब कभो क पर बोगन ऩड़त ह ककॊ त इि जनभ भ तो भन कोई ऐिा कभम नहीॊ ककमा औय धमान कयक दखा तो दधऩछर 72 जनभो भ बी कोई ऐिा करय कभम नहीॊ ककमा सजिक परसवरऩ भझ फाणो की ियमा ऩय िमन कयना ऩड़

तफ शरीकषण न कहा दधऩताभह आऩन दधऩछर 72 जनभो तक तो दखा ककॊ त मदद एक जनभ

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 42: Karma kaakatyasiddhant

औय दख रत तो आऩ जान रत दधऩछर 73 व जनभ भ आऩन आक क ऩतत ऩय फठ हए हय यॊग क दटडड को ऩकड़कय उिको फफर क काॉट बोक थ कभम क दधवधान क अनिाय व ही काॉट आज आऩको फाण क रऩ भ सभर ह

दय िवय कभम का पर कताम को बोगना ही ऩड़ता ह अत कभम कयन भ िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि िावधान औय पर बोगन भ परिनन यहना चादहए ईदवयादधऩमत फदधद ि ककमा गमा कभम अॊतकयण को िद कयता ह आतभानबव ि कताम का कतामऩन बरहम भ रम हो जाता ह औय अऩन आऩको अकताम-अबोिा भानन वारा कभमफॊधन ि छट जाता ह उि ही भिातभा कहत ह अत कताम को ईदवयादधऩमत फदधद ि कभम कयत हए कतामऩन सभटात जाना चादहए कभो ि कभो को काटत जाना चादहए शरीभद बगवद गीता भ बगवान शरीकषण कहत ह-

कभमणव दह िॊसिदधदभाससथता जनकादम रोकिॊगरहभवादधऩ िमऩशमनकतमभहमसि

जनकादद जञाननजन बी आिकतियदहत कभम दराया ही ऩयभ सिदधद को परादऱ हए थ इिसरए तथा रोकिॊगरह को दखत हए बी त कभम कयन को ही मोगम ह अथामत तझ कभम कयना ही उचचत ह

(गीता 320) कभम कयन क ऩहर उतिाह होता ह कभम कयत वि ऩरराथम होता ह औय कभम क अॊत भ उिका पर सभरता ह सथर ददधदश ि तो कबी काराॊतय भ पर सभर िकता ह ककॊ त िकषभ ददधदश ि दख तो कभम कयन क ऩदळात तयॊत ही उिका पर रदम भ पसरत होता ह

धन ऩाकय ऩद परनतदषा ऩाकय मदद आऩ अऩन सवाथम की फात िोचत हो व िोरण छर-कऩट तथा धोखाधड़ी कयक िखी होना चाहत हो तो कबी िखी नहीॊ हो िकोग कमोकक गरत कभम कयन ि आऩकी अॊतयातभा ही आऩको पटकायगी औय रदम भ अिाॊनत फनी यहगी ककॊ त आऩ धन-ऩद-परनतदषा का उऩमोग दियो की बराई क सरए कयत हो औय जो अचधकाय सभरा ह उिि बगवजजनो की िवा कयत हो तो रदम भ िाॊनत पसरत होगी इिसरए बगवान शरीकषण न कहा ह

तसभादिि िततॊ काम कभम िभाचय अििो हयाचयनकभम ऩयभापनोनत ऩरर

त ननयॊतय आिकति ि यदहत होकय िदा कतमवमकभम को बरीबाॉनत कयता यह कमोकक आकति ि यदहत होकय कभम कयता हआ भनषम ऩयभातभा को परादऱ हो जाता ह

(गीता 319) कभम क सिदानत को िभझकय जो उचचत ढॊग ि कभम कयता ह वह जनभ-भयण क चकर ि भि हो जाता ह ऩयॊत जो ठीक ि कभम कयना नहीॊ जानता वह जनभ भयण क चककय भ ऩीिा जाता ह

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
Page 43: Karma kaakatyasiddhant

जो आदभी ठीक ि गाड़ी चराना नहीॊ जानता उिक बयोि कोई मातरा कयना चाह तो उिकी मातरा कि िपर होगी जो चारक न ससटमरयॊग ऩय यख ऩाता ह न बरक औय करच का ठीक उऩमोग कय िकता ह न एसकिरयटय (गनतवधमक) ऩय ननमॊतरण यख ऩाता ह वह तमह भॊसजर तक कि ऩहॉचा ऩामगा उिक दराया गाड़ी कहीॊ-न-कहीॊ टकया जामगी मा गडढ भ जा चगयगी ऐि ही तमहाय भनरऩी चारक को कभमरऩी िाधन का ठीक ि उऩमोग कयना आ जाम तो तमहाय जीवन की िाभ होन ि ऩहर वह तमह जीवनदाता तक ऩहॉचा दगा नहीॊ तो कहीॊ-न-कहीॊ टकयाकय जनभ-भयण क गडढ भ चगया दगा कपय चाह दो ऩयवारी चाय ऩयवारी दि ऩय वारी मा फऩय िऩम क चआ आदद मोननमो भ र जाम चाह ककिी दाि-दािी क घय र जाम मा िठ-िठानी क कोई ऩता नहीॊ िठ क घय जनभ रो चाह नौकय क घय ऩि क गबम भ आओ चाह ऩकषी क जनभ तो जनभ ही होता ह

जनभद खॊ जयाद खॊ जामद खॊ ऩन ऩन अॊतकार भहाद खॊ तसभाद जागरदह जागरदह

फाय-फाय जनभ रना औय भयना भहा द खरऩ ह भनषम-जनभ ही एक ऐिा अविय ह सजिभ इि भहाद ख ि छटन का िौबागम सभरता ह तभ अऩनी िभझ का िदऩमोग कयो अऩन ित-अनबवो का आदय कयो औय ितऩररो एवॊ ितिासतरो ि भागमदिमन ऩाकय अऩना जीवन िपर फना रो

जो बी कभम कयो उतिाह एवॊ ततऩयता ि कयो किरताऩवमक कयो - मोग कभमि कौिरभ कोई काभ छोटा नहीॊ ह औय कोई काभ फड़ा नहीॊ ह ऩरयणाभ की चचॊता ककम बफना उतिाह धमम औय किरताऩवमक कभम कयन वारा िपरता परादऱ कय रता ह अगय वह ननषपर बी हो जाम तो हताि-ननयाि नहीॊ होता फसलक दधवपरता को खोजकय प क दता ह औय कपय ततऩयता ि अऩनी उददशमऩनत म भ रग जाता ह जऩ धमान औय ईदवय परीतमथम कभम िवोततभ कभम ह शरीभद बगवदगीता बगवान शरीकषण न अजमन ि बी मही फात कही ह

मोगसथ कर कभामखण िॊगॊ तमकतवा धनॊजम सिदमसिदमो िभो बतवा िभतवॊ मोग उचमत

ह धनॊजम त आिकति को तमागकय तथा सिदधद औय असिदधद भ िभान फदधदवारा होकय मोग भ ससथत हआ कतमवमकभो को कय िभतवबाव ही मोग कहराता ह

(गीता 248) एक फाय शरी याभकषण ऩयभहॊि का एक सिषम फाजाय ि जो िबजी खयीदकय रामा उिभ दो ऩि जमादा द आमा याभकषण ऩयभहॊि जफ िभाचध ि उठ तफ उनहोन सिषम ि ऩछा फगन कमा बाव रामा

ठाकय दो आन िय रामा

भखम डढ़ आन िय की चीज क इतन जमादा ऩि द आमा जफ त इतनी िी िबजी खयीदना

नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
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नहीॊ जानता तो ऩयभातभा को कि जान िकगा

भहवव ऩिो का नहीॊ ह ककॊ त कपय कबी ककिी काभ भ गरती न कय इिीसरए करणा कयक शरी याभकषण ऩयभहॊि न सिषम को डाॉटा फहायी कयत-कयत ककिी ि कहीॊ कोई कचया यह जाता तो उि बी ऐि ही डाॉटत कक ठीक ि फहायी कयक आॉगन िाप नहीॊ कय िकता तो अऩना रदम कि िद कयगा कि ऩदधवतर कयगा

किरताऩवमक कभम कयना बी मोग ह सजि िभम जो कभम कयो वह ऩयी िभझदायी व ततऩयता ि कयो सिऩाही हो तो सिऩाही की डमटी ऩयी ततऩयता ि ननबाओ औय िाहफ हो तो उि ऩद का िदऩमोग कयक िफका दहत हो ऐि कभम कयो शरोता फनो तो ऐि फनो कक िनी हई िफ फात तमहायी फन जाम औय विा फनो तो ऐि फनो कक ऩयभातभा ि जड़कय ननकरनवारी वाणी ि अऩना औय दियो का कलमाण हो जाम ऩजायी फनो तो ऐिी ऩजा कयो कक ऩजा कयत-कयत अऩन-आऩको बर जाओ औय ऩजा ही फाकी यह जाम

आजकर रोग ऩजायी िाध मा बि का सरफाि तो ऩहन रत ह औय भानत ह कक हभ ऩजा कयत ह बकति कयत ह ऐिा कयक व अऩन सवाबादधवक कतमवमकभम ि बागना चाहत ह व ऩरामनवादी हो जात ह जफकक िचचा बि आरिी-परभादी नहीॊ होता फद मा ऩरामनवादी नहीॊ होता वह तो कभम को बी ऩजा भानकय ऐि बाव ि कभम कयता ह कक उिका कभम कयना बकति हो जाता ह जो बकति क फहान काभ ि जी चयाता ह वह तो भढ़ ह ऐि रोगो क सरए ही बगवान शरी कषण न कहा ह

कभसनदरमाखण िॊममम म आसत भनिा सभयन इसनदरमाथामसनवभढातभा सभमाचाय ि उचमत

जो भढ़फदधद भनषम िभसत इसनदरमो को हठऩवमक ऊऩय ि योककय भन ि उन इसनदरमो क दधवरमो का चचॊतन कयता यहता ह वह सभमाचायी अथामत दमबी कहा जाता ह

(गीता 36) ऐि सभमाचायी का जीवन खद क सरए औय िभाज क सरए फोझ फन जाता ह हभाय दि क रोगो न जफि गीता का मह ददवम जञान बरा ददमा ह तबी ि कभम भ राऩयवाही ऩरामनवाददता आरसम परभाद आदद खासभमाॉ आ गमीॊ जो इि दि क ऩतन का कायण फनीॊ ऩयदि क रोगो क ऩाि बर ही बगवद गीता का जञान नहीॊ ह ककॊ त उन रोगो भ एक िदगण तो मह ह कक सजि िभम जो काभ कयग उिभ ऩयी ततऩयता व ददरचसऩी ि रग जामग ऩादळातम िॊसकनत ि हभायी िॊसकनत भहान ह ददवम ह ककॊ त उिकी भहानता औय ददवमता का गणगान कयत हए फठ यहन ि काभ नहीॊ चरगा टारभटोरी कयक काभ बफगाड़न की आदत को िीघर ही िधायना होगा शरीभद बगवद गीता क जञान को कपय ि आचयण भ राना होगा बगवान शरीकषण कहत ह-

मससतवसनदरमाखण भनिा ननमममायबतऽजमन

कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान
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कभसनदरम कभममोगभिि ि दधवसिषमत

ह अजमन जो ऩरर भन ि इसनदरमो को वि भ कयक अनािि हआ िभसत इसनदरमो दराया कभममोग का आचयण कयता ह वही शरदष ह

(गीता 37) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

अनकरभ

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

चाह कोई दख मा न दख कपय बी कोई ह जो हय िभम दख यहा ह सजिक ऩाि हभाय ऩाऩ-ऩणम िबी कभो का रखा-जोखा ह इि दननमा की ियकाय ि िामद कोई फच बी जाम ऩय उि ियकाय ि आज तक न कोई फचा ह औय न फच ऩामगा ककिी परकाय की सिपारयि अथवा रयदवत वहाॉ काभ नहीॊ आमगी उिि फचन का कोई भागम नहीॊ ह कभम कयन भ तो भानव सवतॊतर ह ककतॊ पर बोगन भ कदादधऩ नहीॊ ककिी न कहा ह

हॉि-हॉि क ककमा गमा ऩाऩ यो-योकय बोगना ऩड़ता ह कदश िहन कयक ककमा गमा तऩ िख-िाॊनत का कायण फनता ह

अत ह भानव कभम कयन भ िदव िावधान यहो कभम तो कयो रककन कभम की आिकति का कभम क पर का तमाग कयोग तो फदधद सवचछ औय िासववक होगी सवचछ फदधद भ ऩयभातभ-दधवरमक सजजञािा उतऩनन होगी कपय तो िॊनमािी औय मोगी को जो आतभा-ऩयभातभा का अनबव होता ह वही तभको होगा औय तभ भिातभा हो जाओग

ऩयभ ऩजम िॊत शरी आिायाभजी फाऩ

  • गहना करमणो गतिः
  • करम कस कर
  • करमफल
  • म सत कस बना
  • सनह भरत भावी परबल
  • बाद म पशचाताप स कया लाभ
  • पजारी बना परत
  • मझ ऋण चकाना ह
  • वहा दकर छट तो यहा फिट हो गय
  • करन म सावधान
  • जहा आसकति वहा जनम
  • रावण की कनया का विवाह
  • रिशत मतय क साथ मिट जात ह
  • शभ करम वयरथ नही जात
  • सीता जी को भी करमफल भोगना पड़ा
  • गाली दकर करम काट रही ह
  • करम का विधान