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Page 1: Yuvadhan Suraksha

दो शबदोआज तक पजयशरी क समपक म आकर असखय लोगो न अपन पतननमख जवन क यवन सरकषा क

परयगो दवा र ऊरधववगो म बन य ह वयन श और सवपनदोष जस बम रिरय क0 चपट म आकर हतबलो हए कई यवक-यवतितय क लिलोए अपन तिनर श परण जवन म पजयशरी क0 सतज अनभवयकत व रण एव उनक पतिवतर म गोदोशन डबत क तितनक क ह नहgt बलकिक न व क सह र बन ज त ह

सम ज क0 तजलकिसवत क हररण करन व लो आज क तिवलो लिसत परण क तसिBसत और व सन मय व त वररण म यवन सरकषा क लिलोए पजयशरी जस मह परष क ओजसव म गोदोशन क0 अBयत आवशयकत ह उस आवशयकत क0 परतितG हत ह पजयशरी न जह H अपन परवचन म lsquoअमय यवन-धन क0 सरकषा rsquo तिवषय क छ आ ह उस सकलिलोत करक प ठक क सममख रखन क यह अप परय स ह

इस पसतक म सतर-परष गोPहसथी-व नपरसथी तिवदया रथीT एव वPदध सभ क लिलोए अनपम स मगरी ह स म नय दोतिनक जवन क तिकस परक र जन स यवन क ओज बन रहत ह और जवन दिदोवय बनत ह उसक0 भ रपरख इसम सननि[तिहत ह और सबस परमख ब त तिक यगो क0 गोढ परति]य ओ स सवय परिरलिचत हन क क ररण पजयशरी क0 व रण म तज अनभव एव परम रण क स मजसय ह ज अननिधक परभ वBप दोक लिसदध हत ह

यवन सरकषा क म गो आलोतिकत करन व लो यह छट_ स पसतक दिदोवय जवन क0 च ब ह इसस सवय लो भ उठ य एव और तक पहHच कर उनह भ लो भ नविनवत करन क पणयमय क य कर

शरी योग वदोनत सव समितित अदोवदो आशरी

वयव न बनप लो बरहमचय तिवषय-व सन एH Bय गो ईशवर क भकत बन जवन ज पय र ह

उदिठए परभ त क लो रतिहय परस[लिचतत तज शक लिचनत एH ज दःhख क तिपट र ह

क0जिजए वय य म तिनBय भरा त शलिकत अनस र नहgt इन तिनयम प तिकस क इज र 1 हदोखिखय स शरदो औrsquoक0जिजए सकम तिपरय सदो सवसथी रहन ह कततवय तमह र ह

लो Hघ गोय पवनसत बरहमचय स ह सिसGध मघन दो म र क0रतितG लोखन कम य हलोक बच अगोदो न ज Hघ जब रप दोई हट नहgt सक जिजस कई बलोदो य हप लो वरत बरहमचय र ममरतितG गो म न भ दोश और तिवदोश म न मवर2 प य ह

भ रत क वर तम ऐस वयव न बन बरहमचय मतिहम त वदोन म गो य ह1- एक ननिधक र 2- परलिसजिदध

अनकरवयव न बन41 तिवदया रथिरथीGय म त -तिपत -अभिभभ वक व र षटर क करणध र क न म बरहमतिनषठ सत शरी आस र मज ब प क सदोश 82 यवन-सरकषा 9

बरहमचय कय ह 10बरहमचय उBकP षट तप ह11वयरकषारण ह जवन ह12आधतिनक लिचतिकBसक क मत12वय क स बनत ह14आकषक वयलिकतBव क क ररण14म लो क0 कह न14सPननिषट ]म क लिलोए मरथीन एक पर कP तितक वयवसथी 15सहजत क0 आड़ म भराननिमत न हव16अपन क तलो17मनतिनगरीह क0 मतिहम 17आBमघ त तक 22सतर परसगो तिकतन ब र 23र ज यय तित क अनभव24र ज मचकनदो क परसगो25गोलोत अभय स क दःषपरिररण म26वयरकषारण सदोव सतBय26अजन और अगो रपरण गोधव27बरहमचय क त लकिyवक अरथी29

3 वयरकषा क उप य30स दो रहन-सहन बन य30उपयकत आह र30लिशशनजिनय सन न33उलिचत आसन एव वय य म कर33बरहममहत म उठ34दःवयसन स दर रह34सBसगो कर34शभ सकप कर35तितरबनधयकत पर रण य म और यगो भय स कर35नम क पड चलो 37सतर-ज तित क परतित म तPभ व परबलो कर40लिशव ज क परसगो40अजन और उवश41

वयसचय क चमBक र43भषम तिपत मह और वर अभिभमनय44

पPथवर ज चह न कय ह र 45सव म र मतरथी क अनभव45यव वगो स दो ब त46हसतमरथीन क दःषपरिररण म46अमरिरक म तिकय गोय परयगो46क मशलिकत क दोमन य ऊरधववगोमन 47एक स धक क अनभव47दसर स धक क अनभव48यगो क सकपबलो48कय यह चमBक र ह 49हसतमरथीन व सवपनदोष स क स बच49सदोव परस[ रह49वय क ऊरधववगोमन कय ह 50वयरकषा क महyवपरण परयगो50दसर परयगो51वयरकषाक चरण51गोदो क परयगो52तलोस एक अदोभत औषननिध52

बरहमचय रकषा हत मतर52प दोपभिमतत न सन53हम र अनभव54

मह परष क दोशन क चमBक र54lsquoयवन सरकषा rsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह55lsquoयवन सरकषा rsquo पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह56बरहमचय ह जवन ह56श सतरवचन57भसम सर ]ध स बच58

1 तिवदयारथियो त-तित-अभिवको व राषटर को कोरणampधारा को न बरहमतिनषठ सत शरी आसराजी बा- को सदोश

हम र दोश क भतिवषय हम र यव पढ_ पर तिनभर ह तिकनत उलिचत म गोदोशन क अभ व म वह आज गोमर ह

ह रह ह | प Bय भगोव दो_ सभयत क दःषपरभ व स उसक यवन क हरा स हत ज रह ह | तिवदोश चनलो चलोलिचतर अशलोलो स तिहBय आदिदो परच र म रधवयम क दवा र यवक-यवतितय क गोमर ह तिकय ज रह ह | तिवभिभ[ स मननियक और सम च र-पतर म भ तरथी कलिरथीत प Bय मनतिवजञा न स परभ तिवत मनलिचतिकBसक और lsquoसकसलोजिजसटrsquo यव छ तर-छ तर ओ क चरिरतर सयम और नतितकत स भराषट करन पर तलो हए ह | तिबरत न औपतिनवलिशक ससकP तित क0 दोन इस वततम न लिशकषा -पररण लो म जवन क नतितक मय क परतित उदो सनत बरत गोई ह | फलोतh आज क तिवदया रथीT क जवन कम यवसथी स ह तिवलो स और असयम ह ज त ह | प Bय आच र-वयवह र क अध नकररण स यव न म ज फ शनपरसत अशदध आह र-तिवह र क सवन क0 परवPभितत क सगो अभत चलोलिचतर-परम आदिदो बढ रह ह उसस दिदोनदिदोन उनक पतन हत ज रह ह | व तिनबलो और क म बनत ज रह ह | उनक0 इस अवदोश क दोखकर ऐस लोगोत ह तिक व बरहमचय क0 मतिहम स सवरथी अनभिभजञा ह | लो ख नहgt करड़-करड़ छ तर-छ तर एH अजञा नत वश अपन तन-मन क मलो ऊज -सरोत क वयरथी म अपकषाय कर पर जवन दो_नत -हनत -दःबलोत म तब ह कर दोत ह और स म जिजक अपयश क भय स मन-ह-मन कषट झलोत रहत ह | इसस उनक श ररिरक-म नलिसक सव सथय चपट ह ज त ह स म नय श ररिरक-म नलिसक तिवक स भ नहgt ह प त | ऐस यव न रकत पत तिवसमररण तरथी दःबलोत स पतिड़त हत ह | यह वजह ह तिक हम र दोश म औषध लोय लिचतिकBस लोय हज र परक र क0 एलोपलिरथीक दोव इय इनजकशन आदिदो क0 लोगो त र वPजिदध हत ज रह ह | असखय डकटर न अपन-अपन दःक न खलो रख ह तिफर भ रगो एव रतिगोय क0 सखय बढत ह ज रह ह | इसक मलो क ररण कय ह दःवयसन तरथी अनतितक अपर कP तितक एव अमय दिदोत मरथीन दवा र वय क0 कषातित ह इसक मलो क ररण ह | इसक0 कम स रगोपरतितक रक शलिकत घटत ह जवनशलिकत क हरा स हत ह | इस दोश क यदिदो जगोदोगोर क पदो पर आसन हन ह तिवशव-सभयत एव तिवशव-ससकP तित क लिसरमर बनन ह उ[त सथी न तिफर स पर पत करन ह त यह H क0 सनत न क च तिहए तिक व बरहमचय क महBव क समझ और सतत स वध न रहकर सखत स इसक प लोन कर | बरहमचय क दवा र ह हम र यव पढ_ अपन वयलिकतBव क सतलिलोत एव शरीषठतर तिवक स कर सकत ह | बरहमचय क प लोन स बजिदध क श गरी बनत ह रगोपरतितक रक शलिकत बढत ह तरथी मह न-स-मह न लोकषय तिनध रिरत करन एव उस समप दिदोत करन क उBस ह उभरत ह सकप म दढत आत ह मनबलो पषट हत ह | आरधवय तमिBमक तिवक स क मलो भ बरहमचय ह ह | हम र दोश औदयातिगोक तकनक0 और आरथिरथीGक कषातर म च ह तिकतन भ तिवक स कर लो समPजिदध पर पत कर लो तिफर भ यदिदो यव धन क0 सरकषा न ह प ई त यह भतितक तिवक स अत म मह तिवन श क0 ओर ह लो ज यगो कयतिक सयम सदो च र आदिदो क परिरप लोन स ह कई भ स म जिजक

वयवसथी सच र रप स चलो सकत ह | भ रत क सव गोरण तिवक स सचचरिरतर एव सयम यव धन पर ह आध रिरत ह | अतh हम र यव धन छ तर-छ तर ओ क बरहमचय म परलिशभिकषात करन क लिलोए उनह यन-सव सथय आरगयश सतर दो_घ य-पर नविपत क उप य तरथी क मव सन तिनयतितरत करन क0 तिवननिध क सपषट जञा न परदो न करन हम सबक अतिनव य कततवय ह | इसक0 अवहलोन करन हम र दोश व सम ज क तिहत म नहgt ह | यवन सरकषा स ह सदढ र षटर क तिनम रण ह सकत ह |

2 योवन-सराकषाशरारादया खल धाampसधान2 |

धम क स धन शरर ह | शरर स ह स र स धन एH समप[ हत ह | यदिदो शरर कमजर ह त उसक परभ व मन पर पड़त ह मन कमजर पड़ ज त ह | कई भ क य यदिदो सफलोत पवक करन ह त तन और मन दोन सवसथी हन च तिहए | इसलिलोय कई बढ लोगो स धन क0 तिहममत नहgt जट प त कयतिक वषननियक भगो स उनक शरर क स र ओज-तज नषट ह चक हत ह | यदिदो मन मजबत ह त भ उनक जजर शरर पर स रथी नहgt दो प त | दसर ओर यवक वगो स धन करन क0 कषामत हत हए भ सस र क0 चक चध स परभ तिवत हकर वषननियक सख म बह ज त ह | अपन वयशलिकत क महBव न समझन क क ररण बर आदोत म पड़कर उस खच कर दोत ह तिफर जिजनदोगो भर पछत त रहत ह | मर प स कई ऐस यवक आत ह ज भतर-ह भतर परश न रहत ह | तिकसक व अपन दःhख-दोदो सन नहgt प त कयतिक बर आदोत म पड़कर उनहन अपन वयशलिकत क ख दिदोय ह | अब मन और शरर कमजर ह गोय गोय सस र उनक लिलोय दःhख लोय ह गोय ईशवरपर नविपत उनक लिलोए असभव ह गोई | अब सस र म रत-रत जवन घसटन ह रह | इसलिलोए हर यगो म मह परष लोगो बरहमचय पर जर दोत ह | जिजस वयलिकत क जवन म सयम नहgt ह वह न त सवय क0 ठक स उ[तित कर प त ह और न ह सम ज म कई मह न क य कर प त ह | ऐस वयलिकतय स बन हआ सम ज और दोश भ भतितक उ[तित व आरधवय तमिBमक उ[तित म तिपछड़ ज त ह | उस दोश क शघर पतन ह ज त ह |

बरहमचयोamp कयो ह6 पहलो बरहमचय कय ह- यह समझन च तिहए | lsquoय जञावकय सतिहत rsquo म आय ह

कोampरण नस वच सवampसथास सवampदो |सवampतर 6नतआग बरहमचयो9 परचकषात ||

lsquoसव अवसथी ओ म मन वचन और कम तन स मरथीन क सदोव Bय गो ह उस बरहमचय कहत ह |rsquo भगोव न वदोवय सज न कह ह बरहमचयो9 गपतनदरिन=सयोसथासयो सयो | lsquoतिवषय-इजिनय दवा र पर पत हन व लो सख क सयमपवक Bय गो करन बरहमचय ह |rsquo

भगोव न शकर कहत ह सिसदध तिबानदो हदोतिव किको न सिसदधयोतित -तल | lsquoह प वती तिबनदः अरथी त वयरकषारण लिसदध हन क ब दो कन-स लिसजिदध ह ज स धक क पर पत नहgt ह सकत rsquo स धन दवा र ज स धक अपन वय क ऊरधववगो म बन कर यगोम गो म आगो बढत ह व कई परक र क0 लिसजिदधय क म लिलोक बन ज त ह | ऊरधववरत यगो परष क चररण म समसत लिसजिदधय H दो स बनकर रहत ह | ऐस ऊरधववरत परष परम ननदो क जदो_ प सकत ह अरथी त आBम-स कषा Bक र जदो_ कर सकत ह | दोवत ओ क दोवBव भ इस बरहमचय क दवा र पर पत हआ ह बरहमचयोCरण तस दोव Dतयोघनत | इन= ह बरहमचयोCरण दोवभयो सवरारात || lsquoबरहमचयरप तप स दोव न मPBय क जत लिलोय ह | दोवर ज इन न भ बरहमचय क परत प स ह दोवत ओ स अननिधक सख व उचच पदो क पर पत तिकय ह |rsquo

(अरथीववदो 1519)बरहमचय बड़ गोरण ह | वह ऐस गोरण ह जिजसस मनषय क तिनBय मदोदो ननिमलोत ह और जवन क सब परक र क खतर म सह यत ननिमलोत ह |

बरहमचयोamp उतकोD षट त ह6 ऐस त तपसव लोगो कई परक र क तप करत ह परनत बरहमचय क ब र म भगोव न शकर कहत ह

न तसत इतयोहबरampहमचयो9 ततत2 |ऊरधववampरात वदयासत स दोव न त नषः ||

lsquoबरहमचय ह उBकP षट तप ह | इसस बढकर तपय तन लोक म दसर नहgt ह सकत | ऊरधववरत परष इस लोक म मनषयरप म परBयकषा दोवत ह ह |rsquo जन श सतर म भ इस उBकP षट तप बत य गोय ह | तवस व उतत बाचरा2 | lsquoबरहमचय सब तप म उततम तप ह |rsquo

वयोampराकषारण ह जीवन ह6 वय इस शरररप नगोर क एक तरह स र ज ह ह | यह वयरप र ज यदिदो पषट ह बलोव न ह त रगोरप शतर कभ शरररप नगोर पर आ]मरण नह करत | जिजसक वयरप र ज तिनबलो ह उस शरररप नगोर क कई रगोरप शतर आकर घर लोत ह | इसलिलोए कह गोय ह रारण तिबानदोतन जीवन तिबानदधारारणत2 | lsquoतिबनदःन श (वयन श) ह मPBय ह और तिबनदःरकषारण ह जवन ह |rsquo

जन गरीरथी म अबरहमचय क प प बत य गोय ह अबाचरिरायो घोरा यो दरातिहठठिUयो2 | lsquoअबरहमचय घर परम दोरप प प ह |rsquo (दोश वक लिलोक सतर 617) lsquoअरथीवदोrsquo म इस उBकP षट वरत क0 सजञा दो_ गोई ह वरतषः व6 व6 बरहमचयोamp2 | वदयाकश सतर म इसक परम बलो कह गोय ह बरहमचयो9 रा बाल2 | lsquoबरहमचय परम बलो ह |rsquo वयरकषारण क0 मतिहम सभ न गो य ह | यगोर ज गोरखन रथी न कह ह को त गयो को-W कोमिन झ-रा6 | तिबानद गयो को-W जीग || lsquoपतित क तिवयगो म क ननिमन तड़पत ह और वयपतन स यगो प त प करत ह |rsquo भगोव न शकर न त यह H तक कह दिदोय तिक इस बरहमचय क परत प स ह मर ऐस मह न मतिहम हई ह योसयो परसदोनतिह पयोतदश वत2 |

आधातिनको सिचतिकोतसको को त यरप क परतितननिषठत लिचतिकBसक भ भ रतय यतिगोय क करथीन क समरथीन करत ह | ड तिनकलो कहत ह ldquoयह एक भषजिजक और दोतिहक तथय ह तिक शरर क सवततम रकत स सतर तरथी परष दोन ह ज तितय म परजनन तyव बनत ह | शदध तरथी वयवतसिसथीत जवन म यह तyव पनh अवशतिषत ह ज त ह | यह सकषमतम मलकिसतषक सन य तरथी म सपलिशय ऊततक (Tissue) क तिनम रण करन क लिलोय तय र हकर पनh परिरसच ररण म ज त ह | मनषय क यह वय व पस ऊपर ज कर शरर म तिवकलिसत हन पर उस तिनभTक बलोव न स हस तरथी वर बन त ह | यदिदो इसक अपवयय तिकय गोय त यह उसक सतररण दःबलो कP शकलोवर एव क मततजनशलो बन त ह तरथी उसक शरर क अगो क क यवय प र क तिवकP त एव सन यततर क लिशलिरथीलो (दःबलो) करत ह और उस ननिमगोT (मPगो) एव अनय अनक रगो और मPBय क लिशक र बन दोत ह | जननजिनय क वयवह र क0 तिनवPतित स श ररिरक म नलिसक तरथी अरधवय तमिBमक बलो म अस ध ररण वPजिदध हत ह |rdquo परम धर तरथी अरधवयवस य वजञा तिनक अनसध न स पत चलो ह तिक जब कभ भ रतhसरो व क सरभिकषात रख ज त तरथी इस परक र शरर म उसक पनवशषरण तिकय ज त ह त वह रकत क समPदध तरथी मलकिसतषक क बलोव न बन त ह | ड तिडओ लोई कहत ह ldquoश ररिरक बलो म नलिसक ओज तरथी बजिदधक क श गरीत क लिलोय इस तyव क सरकषारण परम आवशयक ह |rdquo एक अनय लोखक ड ई प ननिमलोर लिलोखत ह ldquoश]सरो व क सवतसिक अरथीव अनतसिक अपवयय जवनशलिकत क परBयकषा अपवयय ह | यह पर यh सभ सवक र करत ह तिक रकत क सवततम तyव श]सरो व क0 सरचन म परवश कर ज त ह | यदिदो यह तिनषकष ठक ह त इसक अरथी यह हआ तिक वयलिकत क कय रण क लिलोय जवन म बरहमचय परम आवशयक ह |rdquo

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 2: Yuvadhan Suraksha

क0जिजए वय य म तिनBय भरा त शलिकत अनस र नहgt इन तिनयम प तिकस क इज र 1 हदोखिखय स शरदो औrsquoक0जिजए सकम तिपरय सदो सवसथी रहन ह कततवय तमह र ह

लो Hघ गोय पवनसत बरहमचय स ह सिसGध मघन दो म र क0रतितG लोखन कम य हलोक बच अगोदो न ज Hघ जब रप दोई हट नहgt सक जिजस कई बलोदो य हप लो वरत बरहमचय र ममरतितG गो म न भ दोश और तिवदोश म न मवर2 प य ह

भ रत क वर तम ऐस वयव न बन बरहमचय मतिहम त वदोन म गो य ह1- एक ननिधक र 2- परलिसजिदध

अनकरवयव न बन41 तिवदया रथिरथीGय म त -तिपत -अभिभभ वक व र षटर क करणध र क न म बरहमतिनषठ सत शरी आस र मज ब प क सदोश 82 यवन-सरकषा 9

बरहमचय कय ह 10बरहमचय उBकP षट तप ह11वयरकषारण ह जवन ह12आधतिनक लिचतिकBसक क मत12वय क स बनत ह14आकषक वयलिकतBव क क ररण14म लो क0 कह न14सPननिषट ]म क लिलोए मरथीन एक पर कP तितक वयवसथी 15सहजत क0 आड़ म भराननिमत न हव16अपन क तलो17मनतिनगरीह क0 मतिहम 17आBमघ त तक 22सतर परसगो तिकतन ब र 23र ज यय तित क अनभव24र ज मचकनदो क परसगो25गोलोत अभय स क दःषपरिररण म26वयरकषारण सदोव सतBय26अजन और अगो रपरण गोधव27बरहमचय क त लकिyवक अरथी29

3 वयरकषा क उप य30स दो रहन-सहन बन य30उपयकत आह र30लिशशनजिनय सन न33उलिचत आसन एव वय य म कर33बरहममहत म उठ34दःवयसन स दर रह34सBसगो कर34शभ सकप कर35तितरबनधयकत पर रण य म और यगो भय स कर35नम क पड चलो 37सतर-ज तित क परतित म तPभ व परबलो कर40लिशव ज क परसगो40अजन और उवश41

वयसचय क चमBक र43भषम तिपत मह और वर अभिभमनय44

पPथवर ज चह न कय ह र 45सव म र मतरथी क अनभव45यव वगो स दो ब त46हसतमरथीन क दःषपरिररण म46अमरिरक म तिकय गोय परयगो46क मशलिकत क दोमन य ऊरधववगोमन 47एक स धक क अनभव47दसर स धक क अनभव48यगो क सकपबलो48कय यह चमBक र ह 49हसतमरथीन व सवपनदोष स क स बच49सदोव परस[ रह49वय क ऊरधववगोमन कय ह 50वयरकषा क महyवपरण परयगो50दसर परयगो51वयरकषाक चरण51गोदो क परयगो52तलोस एक अदोभत औषननिध52

बरहमचय रकषा हत मतर52प दोपभिमतत न सन53हम र अनभव54

मह परष क दोशन क चमBक र54lsquoयवन सरकषा rsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह55lsquoयवन सरकषा rsquo पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह56बरहमचय ह जवन ह56श सतरवचन57भसम सर ]ध स बच58

1 तिवदयारथियो त-तित-अभिवको व राषटर को कोरणampधारा को न बरहमतिनषठ सत शरी आसराजी बा- को सदोश

हम र दोश क भतिवषय हम र यव पढ_ पर तिनभर ह तिकनत उलिचत म गोदोशन क अभ व म वह आज गोमर ह

ह रह ह | प Bय भगोव दो_ सभयत क दःषपरभ व स उसक यवन क हरा स हत ज रह ह | तिवदोश चनलो चलोलिचतर अशलोलो स तिहBय आदिदो परच र म रधवयम क दवा र यवक-यवतितय क गोमर ह तिकय ज रह ह | तिवभिभ[ स मननियक और सम च र-पतर म भ तरथी कलिरथीत प Bय मनतिवजञा न स परभ तिवत मनलिचतिकBसक और lsquoसकसलोजिजसटrsquo यव छ तर-छ तर ओ क चरिरतर सयम और नतितकत स भराषट करन पर तलो हए ह | तिबरत न औपतिनवलिशक ससकP तित क0 दोन इस वततम न लिशकषा -पररण लो म जवन क नतितक मय क परतित उदो सनत बरत गोई ह | फलोतh आज क तिवदया रथीT क जवन कम यवसथी स ह तिवलो स और असयम ह ज त ह | प Bय आच र-वयवह र क अध नकररण स यव न म ज फ शनपरसत अशदध आह र-तिवह र क सवन क0 परवPभितत क सगो अभत चलोलिचतर-परम आदिदो बढ रह ह उसस दिदोनदिदोन उनक पतन हत ज रह ह | व तिनबलो और क म बनत ज रह ह | उनक0 इस अवदोश क दोखकर ऐस लोगोत ह तिक व बरहमचय क0 मतिहम स सवरथी अनभिभजञा ह | लो ख नहgt करड़-करड़ छ तर-छ तर एH अजञा नत वश अपन तन-मन क मलो ऊज -सरोत क वयरथी म अपकषाय कर पर जवन दो_नत -हनत -दःबलोत म तब ह कर दोत ह और स म जिजक अपयश क भय स मन-ह-मन कषट झलोत रहत ह | इसस उनक श ररिरक-म नलिसक सव सथय चपट ह ज त ह स म नय श ररिरक-म नलिसक तिवक स भ नहgt ह प त | ऐस यव न रकत पत तिवसमररण तरथी दःबलोत स पतिड़त हत ह | यह वजह ह तिक हम र दोश म औषध लोय लिचतिकBस लोय हज र परक र क0 एलोपलिरथीक दोव इय इनजकशन आदिदो क0 लोगो त र वPजिदध हत ज रह ह | असखय डकटर न अपन-अपन दःक न खलो रख ह तिफर भ रगो एव रतिगोय क0 सखय बढत ह ज रह ह | इसक मलो क ररण कय ह दःवयसन तरथी अनतितक अपर कP तितक एव अमय दिदोत मरथीन दवा र वय क0 कषातित ह इसक मलो क ररण ह | इसक0 कम स रगोपरतितक रक शलिकत घटत ह जवनशलिकत क हरा स हत ह | इस दोश क यदिदो जगोदोगोर क पदो पर आसन हन ह तिवशव-सभयत एव तिवशव-ससकP तित क लिसरमर बनन ह उ[त सथी न तिफर स पर पत करन ह त यह H क0 सनत न क च तिहए तिक व बरहमचय क महBव क समझ और सतत स वध न रहकर सखत स इसक प लोन कर | बरहमचय क दवा र ह हम र यव पढ_ अपन वयलिकतBव क सतलिलोत एव शरीषठतर तिवक स कर सकत ह | बरहमचय क प लोन स बजिदध क श गरी बनत ह रगोपरतितक रक शलिकत बढत ह तरथी मह न-स-मह न लोकषय तिनध रिरत करन एव उस समप दिदोत करन क उBस ह उभरत ह सकप म दढत आत ह मनबलो पषट हत ह | आरधवय तमिBमक तिवक स क मलो भ बरहमचय ह ह | हम र दोश औदयातिगोक तकनक0 और आरथिरथीGक कषातर म च ह तिकतन भ तिवक स कर लो समPजिदध पर पत कर लो तिफर भ यदिदो यव धन क0 सरकषा न ह प ई त यह भतितक तिवक स अत म मह तिवन श क0 ओर ह लो ज यगो कयतिक सयम सदो च र आदिदो क परिरप लोन स ह कई भ स म जिजक

वयवसथी सच र रप स चलो सकत ह | भ रत क सव गोरण तिवक स सचचरिरतर एव सयम यव धन पर ह आध रिरत ह | अतh हम र यव धन छ तर-छ तर ओ क बरहमचय म परलिशभिकषात करन क लिलोए उनह यन-सव सथय आरगयश सतर दो_घ य-पर नविपत क उप य तरथी क मव सन तिनयतितरत करन क0 तिवननिध क सपषट जञा न परदो न करन हम सबक अतिनव य कततवय ह | इसक0 अवहलोन करन हम र दोश व सम ज क तिहत म नहgt ह | यवन सरकषा स ह सदढ र षटर क तिनम रण ह सकत ह |

2 योवन-सराकषाशरारादया खल धाampसधान2 |

धम क स धन शरर ह | शरर स ह स र स धन एH समप[ हत ह | यदिदो शरर कमजर ह त उसक परभ व मन पर पड़त ह मन कमजर पड़ ज त ह | कई भ क य यदिदो सफलोत पवक करन ह त तन और मन दोन सवसथी हन च तिहए | इसलिलोय कई बढ लोगो स धन क0 तिहममत नहgt जट प त कयतिक वषननियक भगो स उनक शरर क स र ओज-तज नषट ह चक हत ह | यदिदो मन मजबत ह त भ उनक जजर शरर पर स रथी नहgt दो प त | दसर ओर यवक वगो स धन करन क0 कषामत हत हए भ सस र क0 चक चध स परभ तिवत हकर वषननियक सख म बह ज त ह | अपन वयशलिकत क महBव न समझन क क ररण बर आदोत म पड़कर उस खच कर दोत ह तिफर जिजनदोगो भर पछत त रहत ह | मर प स कई ऐस यवक आत ह ज भतर-ह भतर परश न रहत ह | तिकसक व अपन दःhख-दोदो सन नहgt प त कयतिक बर आदोत म पड़कर उनहन अपन वयशलिकत क ख दिदोय ह | अब मन और शरर कमजर ह गोय गोय सस र उनक लिलोय दःhख लोय ह गोय ईशवरपर नविपत उनक लिलोए असभव ह गोई | अब सस र म रत-रत जवन घसटन ह रह | इसलिलोए हर यगो म मह परष लोगो बरहमचय पर जर दोत ह | जिजस वयलिकत क जवन म सयम नहgt ह वह न त सवय क0 ठक स उ[तित कर प त ह और न ह सम ज म कई मह न क य कर प त ह | ऐस वयलिकतय स बन हआ सम ज और दोश भ भतितक उ[तित व आरधवय तमिBमक उ[तित म तिपछड़ ज त ह | उस दोश क शघर पतन ह ज त ह |

बरहमचयोamp कयो ह6 पहलो बरहमचय कय ह- यह समझन च तिहए | lsquoय जञावकय सतिहत rsquo म आय ह

कोampरण नस वच सवampसथास सवampदो |सवampतर 6नतआग बरहमचयो9 परचकषात ||

lsquoसव अवसथी ओ म मन वचन और कम तन स मरथीन क सदोव Bय गो ह उस बरहमचय कहत ह |rsquo भगोव न वदोवय सज न कह ह बरहमचयो9 गपतनदरिन=सयोसथासयो सयो | lsquoतिवषय-इजिनय दवा र पर पत हन व लो सख क सयमपवक Bय गो करन बरहमचय ह |rsquo

भगोव न शकर कहत ह सिसदध तिबानदो हदोतिव किको न सिसदधयोतित -तल | lsquoह प वती तिबनदः अरथी त वयरकषारण लिसदध हन क ब दो कन-स लिसजिदध ह ज स धक क पर पत नहgt ह सकत rsquo स धन दवा र ज स धक अपन वय क ऊरधववगो म बन कर यगोम गो म आगो बढत ह व कई परक र क0 लिसजिदधय क म लिलोक बन ज त ह | ऊरधववरत यगो परष क चररण म समसत लिसजिदधय H दो स बनकर रहत ह | ऐस ऊरधववरत परष परम ननदो क जदो_ प सकत ह अरथी त आBम-स कषा Bक र जदो_ कर सकत ह | दोवत ओ क दोवBव भ इस बरहमचय क दवा र पर पत हआ ह बरहमचयोCरण तस दोव Dतयोघनत | इन= ह बरहमचयोCरण दोवभयो सवरारात || lsquoबरहमचयरप तप स दोव न मPBय क जत लिलोय ह | दोवर ज इन न भ बरहमचय क परत प स ह दोवत ओ स अननिधक सख व उचच पदो क पर पत तिकय ह |rsquo

(अरथीववदो 1519)बरहमचय बड़ गोरण ह | वह ऐस गोरण ह जिजसस मनषय क तिनBय मदोदो ननिमलोत ह और जवन क सब परक र क खतर म सह यत ननिमलोत ह |

बरहमचयोamp उतकोD षट त ह6 ऐस त तपसव लोगो कई परक र क तप करत ह परनत बरहमचय क ब र म भगोव न शकर कहत ह

न तसत इतयोहबरampहमचयो9 ततत2 |ऊरधववampरात वदयासत स दोव न त नषः ||

lsquoबरहमचय ह उBकP षट तप ह | इसस बढकर तपय तन लोक म दसर नहgt ह सकत | ऊरधववरत परष इस लोक म मनषयरप म परBयकषा दोवत ह ह |rsquo जन श सतर म भ इस उBकP षट तप बत य गोय ह | तवस व उतत बाचरा2 | lsquoबरहमचय सब तप म उततम तप ह |rsquo

वयोampराकषारण ह जीवन ह6 वय इस शरररप नगोर क एक तरह स र ज ह ह | यह वयरप र ज यदिदो पषट ह बलोव न ह त रगोरप शतर कभ शरररप नगोर पर आ]मरण नह करत | जिजसक वयरप र ज तिनबलो ह उस शरररप नगोर क कई रगोरप शतर आकर घर लोत ह | इसलिलोए कह गोय ह रारण तिबानदोतन जीवन तिबानदधारारणत2 | lsquoतिबनदःन श (वयन श) ह मPBय ह और तिबनदःरकषारण ह जवन ह |rsquo

जन गरीरथी म अबरहमचय क प प बत य गोय ह अबाचरिरायो घोरा यो दरातिहठठिUयो2 | lsquoअबरहमचय घर परम दोरप प प ह |rsquo (दोश वक लिलोक सतर 617) lsquoअरथीवदोrsquo म इस उBकP षट वरत क0 सजञा दो_ गोई ह वरतषः व6 व6 बरहमचयोamp2 | वदयाकश सतर म इसक परम बलो कह गोय ह बरहमचयो9 रा बाल2 | lsquoबरहमचय परम बलो ह |rsquo वयरकषारण क0 मतिहम सभ न गो य ह | यगोर ज गोरखन रथी न कह ह को त गयो को-W कोमिन झ-रा6 | तिबानद गयो को-W जीग || lsquoपतित क तिवयगो म क ननिमन तड़पत ह और वयपतन स यगो प त प करत ह |rsquo भगोव न शकर न त यह H तक कह दिदोय तिक इस बरहमचय क परत प स ह मर ऐस मह न मतिहम हई ह योसयो परसदोनतिह पयोतदश वत2 |

आधातिनको सिचतिकोतसको को त यरप क परतितननिषठत लिचतिकBसक भ भ रतय यतिगोय क करथीन क समरथीन करत ह | ड तिनकलो कहत ह ldquoयह एक भषजिजक और दोतिहक तथय ह तिक शरर क सवततम रकत स सतर तरथी परष दोन ह ज तितय म परजनन तyव बनत ह | शदध तरथी वयवतसिसथीत जवन म यह तyव पनh अवशतिषत ह ज त ह | यह सकषमतम मलकिसतषक सन य तरथी म सपलिशय ऊततक (Tissue) क तिनम रण करन क लिलोय तय र हकर पनh परिरसच ररण म ज त ह | मनषय क यह वय व पस ऊपर ज कर शरर म तिवकलिसत हन पर उस तिनभTक बलोव न स हस तरथी वर बन त ह | यदिदो इसक अपवयय तिकय गोय त यह उसक सतररण दःबलो कP शकलोवर एव क मततजनशलो बन त ह तरथी उसक शरर क अगो क क यवय प र क तिवकP त एव सन यततर क लिशलिरथीलो (दःबलो) करत ह और उस ननिमगोT (मPगो) एव अनय अनक रगो और मPBय क लिशक र बन दोत ह | जननजिनय क वयवह र क0 तिनवPतित स श ररिरक म नलिसक तरथी अरधवय तमिBमक बलो म अस ध ररण वPजिदध हत ह |rdquo परम धर तरथी अरधवयवस य वजञा तिनक अनसध न स पत चलो ह तिक जब कभ भ रतhसरो व क सरभिकषात रख ज त तरथी इस परक र शरर म उसक पनवशषरण तिकय ज त ह त वह रकत क समPदध तरथी मलकिसतषक क बलोव न बन त ह | ड तिडओ लोई कहत ह ldquoश ररिरक बलो म नलिसक ओज तरथी बजिदधक क श गरीत क लिलोय इस तyव क सरकषारण परम आवशयक ह |rdquo एक अनय लोखक ड ई प ननिमलोर लिलोखत ह ldquoश]सरो व क सवतसिक अरथीव अनतसिक अपवयय जवनशलिकत क परBयकषा अपवयय ह | यह पर यh सभ सवक र करत ह तिक रकत क सवततम तyव श]सरो व क0 सरचन म परवश कर ज त ह | यदिदो यह तिनषकष ठक ह त इसक अरथी यह हआ तिक वयलिकत क कय रण क लिलोय जवन म बरहमचय परम आवशयक ह |rdquo

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 3: Yuvadhan Suraksha

अनकरवयव न बन41 तिवदया रथिरथीGय म त -तिपत -अभिभभ वक व र षटर क करणध र क न म बरहमतिनषठ सत शरी आस र मज ब प क सदोश 82 यवन-सरकषा 9

बरहमचय कय ह 10बरहमचय उBकP षट तप ह11वयरकषारण ह जवन ह12आधतिनक लिचतिकBसक क मत12वय क स बनत ह14आकषक वयलिकतBव क क ररण14म लो क0 कह न14सPननिषट ]म क लिलोए मरथीन एक पर कP तितक वयवसथी 15सहजत क0 आड़ म भराननिमत न हव16अपन क तलो17मनतिनगरीह क0 मतिहम 17आBमघ त तक 22सतर परसगो तिकतन ब र 23र ज यय तित क अनभव24र ज मचकनदो क परसगो25गोलोत अभय स क दःषपरिररण म26वयरकषारण सदोव सतBय26अजन और अगो रपरण गोधव27बरहमचय क त लकिyवक अरथी29

3 वयरकषा क उप य30स दो रहन-सहन बन य30उपयकत आह र30लिशशनजिनय सन न33उलिचत आसन एव वय य म कर33बरहममहत म उठ34दःवयसन स दर रह34सBसगो कर34शभ सकप कर35तितरबनधयकत पर रण य म और यगो भय स कर35नम क पड चलो 37सतर-ज तित क परतित म तPभ व परबलो कर40लिशव ज क परसगो40अजन और उवश41

वयसचय क चमBक र43भषम तिपत मह और वर अभिभमनय44

पPथवर ज चह न कय ह र 45सव म र मतरथी क अनभव45यव वगो स दो ब त46हसतमरथीन क दःषपरिररण म46अमरिरक म तिकय गोय परयगो46क मशलिकत क दोमन य ऊरधववगोमन 47एक स धक क अनभव47दसर स धक क अनभव48यगो क सकपबलो48कय यह चमBक र ह 49हसतमरथीन व सवपनदोष स क स बच49सदोव परस[ रह49वय क ऊरधववगोमन कय ह 50वयरकषा क महyवपरण परयगो50दसर परयगो51वयरकषाक चरण51गोदो क परयगो52तलोस एक अदोभत औषननिध52

बरहमचय रकषा हत मतर52प दोपभिमतत न सन53हम र अनभव54

मह परष क दोशन क चमBक र54lsquoयवन सरकषा rsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह55lsquoयवन सरकषा rsquo पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह56बरहमचय ह जवन ह56श सतरवचन57भसम सर ]ध स बच58

1 तिवदयारथियो त-तित-अभिवको व राषटर को कोरणampधारा को न बरहमतिनषठ सत शरी आसराजी बा- को सदोश

हम र दोश क भतिवषय हम र यव पढ_ पर तिनभर ह तिकनत उलिचत म गोदोशन क अभ व म वह आज गोमर ह

ह रह ह | प Bय भगोव दो_ सभयत क दःषपरभ व स उसक यवन क हरा स हत ज रह ह | तिवदोश चनलो चलोलिचतर अशलोलो स तिहBय आदिदो परच र म रधवयम क दवा र यवक-यवतितय क गोमर ह तिकय ज रह ह | तिवभिभ[ स मननियक और सम च र-पतर म भ तरथी कलिरथीत प Bय मनतिवजञा न स परभ तिवत मनलिचतिकBसक और lsquoसकसलोजिजसटrsquo यव छ तर-छ तर ओ क चरिरतर सयम और नतितकत स भराषट करन पर तलो हए ह | तिबरत न औपतिनवलिशक ससकP तित क0 दोन इस वततम न लिशकषा -पररण लो म जवन क नतितक मय क परतित उदो सनत बरत गोई ह | फलोतh आज क तिवदया रथीT क जवन कम यवसथी स ह तिवलो स और असयम ह ज त ह | प Bय आच र-वयवह र क अध नकररण स यव न म ज फ शनपरसत अशदध आह र-तिवह र क सवन क0 परवPभितत क सगो अभत चलोलिचतर-परम आदिदो बढ रह ह उसस दिदोनदिदोन उनक पतन हत ज रह ह | व तिनबलो और क म बनत ज रह ह | उनक0 इस अवदोश क दोखकर ऐस लोगोत ह तिक व बरहमचय क0 मतिहम स सवरथी अनभिभजञा ह | लो ख नहgt करड़-करड़ छ तर-छ तर एH अजञा नत वश अपन तन-मन क मलो ऊज -सरोत क वयरथी म अपकषाय कर पर जवन दो_नत -हनत -दःबलोत म तब ह कर दोत ह और स म जिजक अपयश क भय स मन-ह-मन कषट झलोत रहत ह | इसस उनक श ररिरक-म नलिसक सव सथय चपट ह ज त ह स म नय श ररिरक-म नलिसक तिवक स भ नहgt ह प त | ऐस यव न रकत पत तिवसमररण तरथी दःबलोत स पतिड़त हत ह | यह वजह ह तिक हम र दोश म औषध लोय लिचतिकBस लोय हज र परक र क0 एलोपलिरथीक दोव इय इनजकशन आदिदो क0 लोगो त र वPजिदध हत ज रह ह | असखय डकटर न अपन-अपन दःक न खलो रख ह तिफर भ रगो एव रतिगोय क0 सखय बढत ह ज रह ह | इसक मलो क ररण कय ह दःवयसन तरथी अनतितक अपर कP तितक एव अमय दिदोत मरथीन दवा र वय क0 कषातित ह इसक मलो क ररण ह | इसक0 कम स रगोपरतितक रक शलिकत घटत ह जवनशलिकत क हरा स हत ह | इस दोश क यदिदो जगोदोगोर क पदो पर आसन हन ह तिवशव-सभयत एव तिवशव-ससकP तित क लिसरमर बनन ह उ[त सथी न तिफर स पर पत करन ह त यह H क0 सनत न क च तिहए तिक व बरहमचय क महBव क समझ और सतत स वध न रहकर सखत स इसक प लोन कर | बरहमचय क दवा र ह हम र यव पढ_ अपन वयलिकतBव क सतलिलोत एव शरीषठतर तिवक स कर सकत ह | बरहमचय क प लोन स बजिदध क श गरी बनत ह रगोपरतितक रक शलिकत बढत ह तरथी मह न-स-मह न लोकषय तिनध रिरत करन एव उस समप दिदोत करन क उBस ह उभरत ह सकप म दढत आत ह मनबलो पषट हत ह | आरधवय तमिBमक तिवक स क मलो भ बरहमचय ह ह | हम र दोश औदयातिगोक तकनक0 और आरथिरथीGक कषातर म च ह तिकतन भ तिवक स कर लो समPजिदध पर पत कर लो तिफर भ यदिदो यव धन क0 सरकषा न ह प ई त यह भतितक तिवक स अत म मह तिवन श क0 ओर ह लो ज यगो कयतिक सयम सदो च र आदिदो क परिरप लोन स ह कई भ स म जिजक

वयवसथी सच र रप स चलो सकत ह | भ रत क सव गोरण तिवक स सचचरिरतर एव सयम यव धन पर ह आध रिरत ह | अतh हम र यव धन छ तर-छ तर ओ क बरहमचय म परलिशभिकषात करन क लिलोए उनह यन-सव सथय आरगयश सतर दो_घ य-पर नविपत क उप य तरथी क मव सन तिनयतितरत करन क0 तिवननिध क सपषट जञा न परदो न करन हम सबक अतिनव य कततवय ह | इसक0 अवहलोन करन हम र दोश व सम ज क तिहत म नहgt ह | यवन सरकषा स ह सदढ र षटर क तिनम रण ह सकत ह |

2 योवन-सराकषाशरारादया खल धाampसधान2 |

धम क स धन शरर ह | शरर स ह स र स धन एH समप[ हत ह | यदिदो शरर कमजर ह त उसक परभ व मन पर पड़त ह मन कमजर पड़ ज त ह | कई भ क य यदिदो सफलोत पवक करन ह त तन और मन दोन सवसथी हन च तिहए | इसलिलोय कई बढ लोगो स धन क0 तिहममत नहgt जट प त कयतिक वषननियक भगो स उनक शरर क स र ओज-तज नषट ह चक हत ह | यदिदो मन मजबत ह त भ उनक जजर शरर पर स रथी नहgt दो प त | दसर ओर यवक वगो स धन करन क0 कषामत हत हए भ सस र क0 चक चध स परभ तिवत हकर वषननियक सख म बह ज त ह | अपन वयशलिकत क महBव न समझन क क ररण बर आदोत म पड़कर उस खच कर दोत ह तिफर जिजनदोगो भर पछत त रहत ह | मर प स कई ऐस यवक आत ह ज भतर-ह भतर परश न रहत ह | तिकसक व अपन दःhख-दोदो सन नहgt प त कयतिक बर आदोत म पड़कर उनहन अपन वयशलिकत क ख दिदोय ह | अब मन और शरर कमजर ह गोय गोय सस र उनक लिलोय दःhख लोय ह गोय ईशवरपर नविपत उनक लिलोए असभव ह गोई | अब सस र म रत-रत जवन घसटन ह रह | इसलिलोए हर यगो म मह परष लोगो बरहमचय पर जर दोत ह | जिजस वयलिकत क जवन म सयम नहgt ह वह न त सवय क0 ठक स उ[तित कर प त ह और न ह सम ज म कई मह न क य कर प त ह | ऐस वयलिकतय स बन हआ सम ज और दोश भ भतितक उ[तित व आरधवय तमिBमक उ[तित म तिपछड़ ज त ह | उस दोश क शघर पतन ह ज त ह |

बरहमचयोamp कयो ह6 पहलो बरहमचय कय ह- यह समझन च तिहए | lsquoय जञावकय सतिहत rsquo म आय ह

कोampरण नस वच सवampसथास सवampदो |सवampतर 6नतआग बरहमचयो9 परचकषात ||

lsquoसव अवसथी ओ म मन वचन और कम तन स मरथीन क सदोव Bय गो ह उस बरहमचय कहत ह |rsquo भगोव न वदोवय सज न कह ह बरहमचयो9 गपतनदरिन=सयोसथासयो सयो | lsquoतिवषय-इजिनय दवा र पर पत हन व लो सख क सयमपवक Bय गो करन बरहमचय ह |rsquo

भगोव न शकर कहत ह सिसदध तिबानदो हदोतिव किको न सिसदधयोतित -तल | lsquoह प वती तिबनदः अरथी त वयरकषारण लिसदध हन क ब दो कन-स लिसजिदध ह ज स धक क पर पत नहgt ह सकत rsquo स धन दवा र ज स धक अपन वय क ऊरधववगो म बन कर यगोम गो म आगो बढत ह व कई परक र क0 लिसजिदधय क म लिलोक बन ज त ह | ऊरधववरत यगो परष क चररण म समसत लिसजिदधय H दो स बनकर रहत ह | ऐस ऊरधववरत परष परम ननदो क जदो_ प सकत ह अरथी त आBम-स कषा Bक र जदो_ कर सकत ह | दोवत ओ क दोवBव भ इस बरहमचय क दवा र पर पत हआ ह बरहमचयोCरण तस दोव Dतयोघनत | इन= ह बरहमचयोCरण दोवभयो सवरारात || lsquoबरहमचयरप तप स दोव न मPBय क जत लिलोय ह | दोवर ज इन न भ बरहमचय क परत प स ह दोवत ओ स अननिधक सख व उचच पदो क पर पत तिकय ह |rsquo

(अरथीववदो 1519)बरहमचय बड़ गोरण ह | वह ऐस गोरण ह जिजसस मनषय क तिनBय मदोदो ननिमलोत ह और जवन क सब परक र क खतर म सह यत ननिमलोत ह |

बरहमचयोamp उतकोD षट त ह6 ऐस त तपसव लोगो कई परक र क तप करत ह परनत बरहमचय क ब र म भगोव न शकर कहत ह

न तसत इतयोहबरampहमचयो9 ततत2 |ऊरधववampरात वदयासत स दोव न त नषः ||

lsquoबरहमचय ह उBकP षट तप ह | इसस बढकर तपय तन लोक म दसर नहgt ह सकत | ऊरधववरत परष इस लोक म मनषयरप म परBयकषा दोवत ह ह |rsquo जन श सतर म भ इस उBकP षट तप बत य गोय ह | तवस व उतत बाचरा2 | lsquoबरहमचय सब तप म उततम तप ह |rsquo

वयोampराकषारण ह जीवन ह6 वय इस शरररप नगोर क एक तरह स र ज ह ह | यह वयरप र ज यदिदो पषट ह बलोव न ह त रगोरप शतर कभ शरररप नगोर पर आ]मरण नह करत | जिजसक वयरप र ज तिनबलो ह उस शरररप नगोर क कई रगोरप शतर आकर घर लोत ह | इसलिलोए कह गोय ह रारण तिबानदोतन जीवन तिबानदधारारणत2 | lsquoतिबनदःन श (वयन श) ह मPBय ह और तिबनदःरकषारण ह जवन ह |rsquo

जन गरीरथी म अबरहमचय क प प बत य गोय ह अबाचरिरायो घोरा यो दरातिहठठिUयो2 | lsquoअबरहमचय घर परम दोरप प प ह |rsquo (दोश वक लिलोक सतर 617) lsquoअरथीवदोrsquo म इस उBकP षट वरत क0 सजञा दो_ गोई ह वरतषः व6 व6 बरहमचयोamp2 | वदयाकश सतर म इसक परम बलो कह गोय ह बरहमचयो9 रा बाल2 | lsquoबरहमचय परम बलो ह |rsquo वयरकषारण क0 मतिहम सभ न गो य ह | यगोर ज गोरखन रथी न कह ह को त गयो को-W कोमिन झ-रा6 | तिबानद गयो को-W जीग || lsquoपतित क तिवयगो म क ननिमन तड़पत ह और वयपतन स यगो प त प करत ह |rsquo भगोव न शकर न त यह H तक कह दिदोय तिक इस बरहमचय क परत प स ह मर ऐस मह न मतिहम हई ह योसयो परसदोनतिह पयोतदश वत2 |

आधातिनको सिचतिकोतसको को त यरप क परतितननिषठत लिचतिकBसक भ भ रतय यतिगोय क करथीन क समरथीन करत ह | ड तिनकलो कहत ह ldquoयह एक भषजिजक और दोतिहक तथय ह तिक शरर क सवततम रकत स सतर तरथी परष दोन ह ज तितय म परजनन तyव बनत ह | शदध तरथी वयवतसिसथीत जवन म यह तyव पनh अवशतिषत ह ज त ह | यह सकषमतम मलकिसतषक सन य तरथी म सपलिशय ऊततक (Tissue) क तिनम रण करन क लिलोय तय र हकर पनh परिरसच ररण म ज त ह | मनषय क यह वय व पस ऊपर ज कर शरर म तिवकलिसत हन पर उस तिनभTक बलोव न स हस तरथी वर बन त ह | यदिदो इसक अपवयय तिकय गोय त यह उसक सतररण दःबलो कP शकलोवर एव क मततजनशलो बन त ह तरथी उसक शरर क अगो क क यवय प र क तिवकP त एव सन यततर क लिशलिरथीलो (दःबलो) करत ह और उस ननिमगोT (मPगो) एव अनय अनक रगो और मPBय क लिशक र बन दोत ह | जननजिनय क वयवह र क0 तिनवPतित स श ररिरक म नलिसक तरथी अरधवय तमिBमक बलो म अस ध ररण वPजिदध हत ह |rdquo परम धर तरथी अरधवयवस य वजञा तिनक अनसध न स पत चलो ह तिक जब कभ भ रतhसरो व क सरभिकषात रख ज त तरथी इस परक र शरर म उसक पनवशषरण तिकय ज त ह त वह रकत क समPदध तरथी मलकिसतषक क बलोव न बन त ह | ड तिडओ लोई कहत ह ldquoश ररिरक बलो म नलिसक ओज तरथी बजिदधक क श गरीत क लिलोय इस तyव क सरकषारण परम आवशयक ह |rdquo एक अनय लोखक ड ई प ननिमलोर लिलोखत ह ldquoश]सरो व क सवतसिक अरथीव अनतसिक अपवयय जवनशलिकत क परBयकषा अपवयय ह | यह पर यh सभ सवक र करत ह तिक रकत क सवततम तyव श]सरो व क0 सरचन म परवश कर ज त ह | यदिदो यह तिनषकष ठक ह त इसक अरथी यह हआ तिक वयलिकत क कय रण क लिलोय जवन म बरहमचय परम आवशयक ह |rdquo

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 4: Yuvadhan Suraksha

पPथवर ज चह न कय ह र 45सव म र मतरथी क अनभव45यव वगो स दो ब त46हसतमरथीन क दःषपरिररण म46अमरिरक म तिकय गोय परयगो46क मशलिकत क दोमन य ऊरधववगोमन 47एक स धक क अनभव47दसर स धक क अनभव48यगो क सकपबलो48कय यह चमBक र ह 49हसतमरथीन व सवपनदोष स क स बच49सदोव परस[ रह49वय क ऊरधववगोमन कय ह 50वयरकषा क महyवपरण परयगो50दसर परयगो51वयरकषाक चरण51गोदो क परयगो52तलोस एक अदोभत औषननिध52

बरहमचय रकषा हत मतर52प दोपभिमतत न सन53हम र अनभव54

मह परष क दोशन क चमBक र54lsquoयवन सरकषा rsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह55lsquoयवन सरकषा rsquo पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह56बरहमचय ह जवन ह56श सतरवचन57भसम सर ]ध स बच58

1 तिवदयारथियो त-तित-अभिवको व राषटर को कोरणampधारा को न बरहमतिनषठ सत शरी आसराजी बा- को सदोश

हम र दोश क भतिवषय हम र यव पढ_ पर तिनभर ह तिकनत उलिचत म गोदोशन क अभ व म वह आज गोमर ह

ह रह ह | प Bय भगोव दो_ सभयत क दःषपरभ व स उसक यवन क हरा स हत ज रह ह | तिवदोश चनलो चलोलिचतर अशलोलो स तिहBय आदिदो परच र म रधवयम क दवा र यवक-यवतितय क गोमर ह तिकय ज रह ह | तिवभिभ[ स मननियक और सम च र-पतर म भ तरथी कलिरथीत प Bय मनतिवजञा न स परभ तिवत मनलिचतिकBसक और lsquoसकसलोजिजसटrsquo यव छ तर-छ तर ओ क चरिरतर सयम और नतितकत स भराषट करन पर तलो हए ह | तिबरत न औपतिनवलिशक ससकP तित क0 दोन इस वततम न लिशकषा -पररण लो म जवन क नतितक मय क परतित उदो सनत बरत गोई ह | फलोतh आज क तिवदया रथीT क जवन कम यवसथी स ह तिवलो स और असयम ह ज त ह | प Bय आच र-वयवह र क अध नकररण स यव न म ज फ शनपरसत अशदध आह र-तिवह र क सवन क0 परवPभितत क सगो अभत चलोलिचतर-परम आदिदो बढ रह ह उसस दिदोनदिदोन उनक पतन हत ज रह ह | व तिनबलो और क म बनत ज रह ह | उनक0 इस अवदोश क दोखकर ऐस लोगोत ह तिक व बरहमचय क0 मतिहम स सवरथी अनभिभजञा ह | लो ख नहgt करड़-करड़ छ तर-छ तर एH अजञा नत वश अपन तन-मन क मलो ऊज -सरोत क वयरथी म अपकषाय कर पर जवन दो_नत -हनत -दःबलोत म तब ह कर दोत ह और स म जिजक अपयश क भय स मन-ह-मन कषट झलोत रहत ह | इसस उनक श ररिरक-म नलिसक सव सथय चपट ह ज त ह स म नय श ररिरक-म नलिसक तिवक स भ नहgt ह प त | ऐस यव न रकत पत तिवसमररण तरथी दःबलोत स पतिड़त हत ह | यह वजह ह तिक हम र दोश म औषध लोय लिचतिकBस लोय हज र परक र क0 एलोपलिरथीक दोव इय इनजकशन आदिदो क0 लोगो त र वPजिदध हत ज रह ह | असखय डकटर न अपन-अपन दःक न खलो रख ह तिफर भ रगो एव रतिगोय क0 सखय बढत ह ज रह ह | इसक मलो क ररण कय ह दःवयसन तरथी अनतितक अपर कP तितक एव अमय दिदोत मरथीन दवा र वय क0 कषातित ह इसक मलो क ररण ह | इसक0 कम स रगोपरतितक रक शलिकत घटत ह जवनशलिकत क हरा स हत ह | इस दोश क यदिदो जगोदोगोर क पदो पर आसन हन ह तिवशव-सभयत एव तिवशव-ससकP तित क लिसरमर बनन ह उ[त सथी न तिफर स पर पत करन ह त यह H क0 सनत न क च तिहए तिक व बरहमचय क महBव क समझ और सतत स वध न रहकर सखत स इसक प लोन कर | बरहमचय क दवा र ह हम र यव पढ_ अपन वयलिकतBव क सतलिलोत एव शरीषठतर तिवक स कर सकत ह | बरहमचय क प लोन स बजिदध क श गरी बनत ह रगोपरतितक रक शलिकत बढत ह तरथी मह न-स-मह न लोकषय तिनध रिरत करन एव उस समप दिदोत करन क उBस ह उभरत ह सकप म दढत आत ह मनबलो पषट हत ह | आरधवय तमिBमक तिवक स क मलो भ बरहमचय ह ह | हम र दोश औदयातिगोक तकनक0 और आरथिरथीGक कषातर म च ह तिकतन भ तिवक स कर लो समPजिदध पर पत कर लो तिफर भ यदिदो यव धन क0 सरकषा न ह प ई त यह भतितक तिवक स अत म मह तिवन श क0 ओर ह लो ज यगो कयतिक सयम सदो च र आदिदो क परिरप लोन स ह कई भ स म जिजक

वयवसथी सच र रप स चलो सकत ह | भ रत क सव गोरण तिवक स सचचरिरतर एव सयम यव धन पर ह आध रिरत ह | अतh हम र यव धन छ तर-छ तर ओ क बरहमचय म परलिशभिकषात करन क लिलोए उनह यन-सव सथय आरगयश सतर दो_घ य-पर नविपत क उप य तरथी क मव सन तिनयतितरत करन क0 तिवननिध क सपषट जञा न परदो न करन हम सबक अतिनव य कततवय ह | इसक0 अवहलोन करन हम र दोश व सम ज क तिहत म नहgt ह | यवन सरकषा स ह सदढ र षटर क तिनम रण ह सकत ह |

2 योवन-सराकषाशरारादया खल धाampसधान2 |

धम क स धन शरर ह | शरर स ह स र स धन एH समप[ हत ह | यदिदो शरर कमजर ह त उसक परभ व मन पर पड़त ह मन कमजर पड़ ज त ह | कई भ क य यदिदो सफलोत पवक करन ह त तन और मन दोन सवसथी हन च तिहए | इसलिलोय कई बढ लोगो स धन क0 तिहममत नहgt जट प त कयतिक वषननियक भगो स उनक शरर क स र ओज-तज नषट ह चक हत ह | यदिदो मन मजबत ह त भ उनक जजर शरर पर स रथी नहgt दो प त | दसर ओर यवक वगो स धन करन क0 कषामत हत हए भ सस र क0 चक चध स परभ तिवत हकर वषननियक सख म बह ज त ह | अपन वयशलिकत क महBव न समझन क क ररण बर आदोत म पड़कर उस खच कर दोत ह तिफर जिजनदोगो भर पछत त रहत ह | मर प स कई ऐस यवक आत ह ज भतर-ह भतर परश न रहत ह | तिकसक व अपन दःhख-दोदो सन नहgt प त कयतिक बर आदोत म पड़कर उनहन अपन वयशलिकत क ख दिदोय ह | अब मन और शरर कमजर ह गोय गोय सस र उनक लिलोय दःhख लोय ह गोय ईशवरपर नविपत उनक लिलोए असभव ह गोई | अब सस र म रत-रत जवन घसटन ह रह | इसलिलोए हर यगो म मह परष लोगो बरहमचय पर जर दोत ह | जिजस वयलिकत क जवन म सयम नहgt ह वह न त सवय क0 ठक स उ[तित कर प त ह और न ह सम ज म कई मह न क य कर प त ह | ऐस वयलिकतय स बन हआ सम ज और दोश भ भतितक उ[तित व आरधवय तमिBमक उ[तित म तिपछड़ ज त ह | उस दोश क शघर पतन ह ज त ह |

बरहमचयोamp कयो ह6 पहलो बरहमचय कय ह- यह समझन च तिहए | lsquoय जञावकय सतिहत rsquo म आय ह

कोampरण नस वच सवampसथास सवampदो |सवampतर 6नतआग बरहमचयो9 परचकषात ||

lsquoसव अवसथी ओ म मन वचन और कम तन स मरथीन क सदोव Bय गो ह उस बरहमचय कहत ह |rsquo भगोव न वदोवय सज न कह ह बरहमचयो9 गपतनदरिन=सयोसथासयो सयो | lsquoतिवषय-इजिनय दवा र पर पत हन व लो सख क सयमपवक Bय गो करन बरहमचय ह |rsquo

भगोव न शकर कहत ह सिसदध तिबानदो हदोतिव किको न सिसदधयोतित -तल | lsquoह प वती तिबनदः अरथी त वयरकषारण लिसदध हन क ब दो कन-स लिसजिदध ह ज स धक क पर पत नहgt ह सकत rsquo स धन दवा र ज स धक अपन वय क ऊरधववगो म बन कर यगोम गो म आगो बढत ह व कई परक र क0 लिसजिदधय क म लिलोक बन ज त ह | ऊरधववरत यगो परष क चररण म समसत लिसजिदधय H दो स बनकर रहत ह | ऐस ऊरधववरत परष परम ननदो क जदो_ प सकत ह अरथी त आBम-स कषा Bक र जदो_ कर सकत ह | दोवत ओ क दोवBव भ इस बरहमचय क दवा र पर पत हआ ह बरहमचयोCरण तस दोव Dतयोघनत | इन= ह बरहमचयोCरण दोवभयो सवरारात || lsquoबरहमचयरप तप स दोव न मPBय क जत लिलोय ह | दोवर ज इन न भ बरहमचय क परत प स ह दोवत ओ स अननिधक सख व उचच पदो क पर पत तिकय ह |rsquo

(अरथीववदो 1519)बरहमचय बड़ गोरण ह | वह ऐस गोरण ह जिजसस मनषय क तिनBय मदोदो ननिमलोत ह और जवन क सब परक र क खतर म सह यत ननिमलोत ह |

बरहमचयोamp उतकोD षट त ह6 ऐस त तपसव लोगो कई परक र क तप करत ह परनत बरहमचय क ब र म भगोव न शकर कहत ह

न तसत इतयोहबरampहमचयो9 ततत2 |ऊरधववampरात वदयासत स दोव न त नषः ||

lsquoबरहमचय ह उBकP षट तप ह | इसस बढकर तपय तन लोक म दसर नहgt ह सकत | ऊरधववरत परष इस लोक म मनषयरप म परBयकषा दोवत ह ह |rsquo जन श सतर म भ इस उBकP षट तप बत य गोय ह | तवस व उतत बाचरा2 | lsquoबरहमचय सब तप म उततम तप ह |rsquo

वयोampराकषारण ह जीवन ह6 वय इस शरररप नगोर क एक तरह स र ज ह ह | यह वयरप र ज यदिदो पषट ह बलोव न ह त रगोरप शतर कभ शरररप नगोर पर आ]मरण नह करत | जिजसक वयरप र ज तिनबलो ह उस शरररप नगोर क कई रगोरप शतर आकर घर लोत ह | इसलिलोए कह गोय ह रारण तिबानदोतन जीवन तिबानदधारारणत2 | lsquoतिबनदःन श (वयन श) ह मPBय ह और तिबनदःरकषारण ह जवन ह |rsquo

जन गरीरथी म अबरहमचय क प प बत य गोय ह अबाचरिरायो घोरा यो दरातिहठठिUयो2 | lsquoअबरहमचय घर परम दोरप प प ह |rsquo (दोश वक लिलोक सतर 617) lsquoअरथीवदोrsquo म इस उBकP षट वरत क0 सजञा दो_ गोई ह वरतषः व6 व6 बरहमचयोamp2 | वदयाकश सतर म इसक परम बलो कह गोय ह बरहमचयो9 रा बाल2 | lsquoबरहमचय परम बलो ह |rsquo वयरकषारण क0 मतिहम सभ न गो य ह | यगोर ज गोरखन रथी न कह ह को त गयो को-W कोमिन झ-रा6 | तिबानद गयो को-W जीग || lsquoपतित क तिवयगो म क ननिमन तड़पत ह और वयपतन स यगो प त प करत ह |rsquo भगोव न शकर न त यह H तक कह दिदोय तिक इस बरहमचय क परत प स ह मर ऐस मह न मतिहम हई ह योसयो परसदोनतिह पयोतदश वत2 |

आधातिनको सिचतिकोतसको को त यरप क परतितननिषठत लिचतिकBसक भ भ रतय यतिगोय क करथीन क समरथीन करत ह | ड तिनकलो कहत ह ldquoयह एक भषजिजक और दोतिहक तथय ह तिक शरर क सवततम रकत स सतर तरथी परष दोन ह ज तितय म परजनन तyव बनत ह | शदध तरथी वयवतसिसथीत जवन म यह तyव पनh अवशतिषत ह ज त ह | यह सकषमतम मलकिसतषक सन य तरथी म सपलिशय ऊततक (Tissue) क तिनम रण करन क लिलोय तय र हकर पनh परिरसच ररण म ज त ह | मनषय क यह वय व पस ऊपर ज कर शरर म तिवकलिसत हन पर उस तिनभTक बलोव न स हस तरथी वर बन त ह | यदिदो इसक अपवयय तिकय गोय त यह उसक सतररण दःबलो कP शकलोवर एव क मततजनशलो बन त ह तरथी उसक शरर क अगो क क यवय प र क तिवकP त एव सन यततर क लिशलिरथीलो (दःबलो) करत ह और उस ननिमगोT (मPगो) एव अनय अनक रगो और मPBय क लिशक र बन दोत ह | जननजिनय क वयवह र क0 तिनवPतित स श ररिरक म नलिसक तरथी अरधवय तमिBमक बलो म अस ध ररण वPजिदध हत ह |rdquo परम धर तरथी अरधवयवस य वजञा तिनक अनसध न स पत चलो ह तिक जब कभ भ रतhसरो व क सरभिकषात रख ज त तरथी इस परक र शरर म उसक पनवशषरण तिकय ज त ह त वह रकत क समPदध तरथी मलकिसतषक क बलोव न बन त ह | ड तिडओ लोई कहत ह ldquoश ररिरक बलो म नलिसक ओज तरथी बजिदधक क श गरीत क लिलोय इस तyव क सरकषारण परम आवशयक ह |rdquo एक अनय लोखक ड ई प ननिमलोर लिलोखत ह ldquoश]सरो व क सवतसिक अरथीव अनतसिक अपवयय जवनशलिकत क परBयकषा अपवयय ह | यह पर यh सभ सवक र करत ह तिक रकत क सवततम तyव श]सरो व क0 सरचन म परवश कर ज त ह | यदिदो यह तिनषकष ठक ह त इसक अरथी यह हआ तिक वयलिकत क कय रण क लिलोय जवन म बरहमचय परम आवशयक ह |rdquo

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 5: Yuvadhan Suraksha

1 तिवदयारथियो त-तित-अभिवको व राषटर को कोरणampधारा को न बरहमतिनषठ सत शरी आसराजी बा- को सदोश

हम र दोश क भतिवषय हम र यव पढ_ पर तिनभर ह तिकनत उलिचत म गोदोशन क अभ व म वह आज गोमर ह

ह रह ह | प Bय भगोव दो_ सभयत क दःषपरभ व स उसक यवन क हरा स हत ज रह ह | तिवदोश चनलो चलोलिचतर अशलोलो स तिहBय आदिदो परच र म रधवयम क दवा र यवक-यवतितय क गोमर ह तिकय ज रह ह | तिवभिभ[ स मननियक और सम च र-पतर म भ तरथी कलिरथीत प Bय मनतिवजञा न स परभ तिवत मनलिचतिकBसक और lsquoसकसलोजिजसटrsquo यव छ तर-छ तर ओ क चरिरतर सयम और नतितकत स भराषट करन पर तलो हए ह | तिबरत न औपतिनवलिशक ससकP तित क0 दोन इस वततम न लिशकषा -पररण लो म जवन क नतितक मय क परतित उदो सनत बरत गोई ह | फलोतh आज क तिवदया रथीT क जवन कम यवसथी स ह तिवलो स और असयम ह ज त ह | प Bय आच र-वयवह र क अध नकररण स यव न म ज फ शनपरसत अशदध आह र-तिवह र क सवन क0 परवPभितत क सगो अभत चलोलिचतर-परम आदिदो बढ रह ह उसस दिदोनदिदोन उनक पतन हत ज रह ह | व तिनबलो और क म बनत ज रह ह | उनक0 इस अवदोश क दोखकर ऐस लोगोत ह तिक व बरहमचय क0 मतिहम स सवरथी अनभिभजञा ह | लो ख नहgt करड़-करड़ छ तर-छ तर एH अजञा नत वश अपन तन-मन क मलो ऊज -सरोत क वयरथी म अपकषाय कर पर जवन दो_नत -हनत -दःबलोत म तब ह कर दोत ह और स म जिजक अपयश क भय स मन-ह-मन कषट झलोत रहत ह | इसस उनक श ररिरक-म नलिसक सव सथय चपट ह ज त ह स म नय श ररिरक-म नलिसक तिवक स भ नहgt ह प त | ऐस यव न रकत पत तिवसमररण तरथी दःबलोत स पतिड़त हत ह | यह वजह ह तिक हम र दोश म औषध लोय लिचतिकBस लोय हज र परक र क0 एलोपलिरथीक दोव इय इनजकशन आदिदो क0 लोगो त र वPजिदध हत ज रह ह | असखय डकटर न अपन-अपन दःक न खलो रख ह तिफर भ रगो एव रतिगोय क0 सखय बढत ह ज रह ह | इसक मलो क ररण कय ह दःवयसन तरथी अनतितक अपर कP तितक एव अमय दिदोत मरथीन दवा र वय क0 कषातित ह इसक मलो क ररण ह | इसक0 कम स रगोपरतितक रक शलिकत घटत ह जवनशलिकत क हरा स हत ह | इस दोश क यदिदो जगोदोगोर क पदो पर आसन हन ह तिवशव-सभयत एव तिवशव-ससकP तित क लिसरमर बनन ह उ[त सथी न तिफर स पर पत करन ह त यह H क0 सनत न क च तिहए तिक व बरहमचय क महBव क समझ और सतत स वध न रहकर सखत स इसक प लोन कर | बरहमचय क दवा र ह हम र यव पढ_ अपन वयलिकतBव क सतलिलोत एव शरीषठतर तिवक स कर सकत ह | बरहमचय क प लोन स बजिदध क श गरी बनत ह रगोपरतितक रक शलिकत बढत ह तरथी मह न-स-मह न लोकषय तिनध रिरत करन एव उस समप दिदोत करन क उBस ह उभरत ह सकप म दढत आत ह मनबलो पषट हत ह | आरधवय तमिBमक तिवक स क मलो भ बरहमचय ह ह | हम र दोश औदयातिगोक तकनक0 और आरथिरथीGक कषातर म च ह तिकतन भ तिवक स कर लो समPजिदध पर पत कर लो तिफर भ यदिदो यव धन क0 सरकषा न ह प ई त यह भतितक तिवक स अत म मह तिवन श क0 ओर ह लो ज यगो कयतिक सयम सदो च र आदिदो क परिरप लोन स ह कई भ स म जिजक

वयवसथी सच र रप स चलो सकत ह | भ रत क सव गोरण तिवक स सचचरिरतर एव सयम यव धन पर ह आध रिरत ह | अतh हम र यव धन छ तर-छ तर ओ क बरहमचय म परलिशभिकषात करन क लिलोए उनह यन-सव सथय आरगयश सतर दो_घ य-पर नविपत क उप य तरथी क मव सन तिनयतितरत करन क0 तिवननिध क सपषट जञा न परदो न करन हम सबक अतिनव य कततवय ह | इसक0 अवहलोन करन हम र दोश व सम ज क तिहत म नहgt ह | यवन सरकषा स ह सदढ र षटर क तिनम रण ह सकत ह |

2 योवन-सराकषाशरारादया खल धाampसधान2 |

धम क स धन शरर ह | शरर स ह स र स धन एH समप[ हत ह | यदिदो शरर कमजर ह त उसक परभ व मन पर पड़त ह मन कमजर पड़ ज त ह | कई भ क य यदिदो सफलोत पवक करन ह त तन और मन दोन सवसथी हन च तिहए | इसलिलोय कई बढ लोगो स धन क0 तिहममत नहgt जट प त कयतिक वषननियक भगो स उनक शरर क स र ओज-तज नषट ह चक हत ह | यदिदो मन मजबत ह त भ उनक जजर शरर पर स रथी नहgt दो प त | दसर ओर यवक वगो स धन करन क0 कषामत हत हए भ सस र क0 चक चध स परभ तिवत हकर वषननियक सख म बह ज त ह | अपन वयशलिकत क महBव न समझन क क ररण बर आदोत म पड़कर उस खच कर दोत ह तिफर जिजनदोगो भर पछत त रहत ह | मर प स कई ऐस यवक आत ह ज भतर-ह भतर परश न रहत ह | तिकसक व अपन दःhख-दोदो सन नहgt प त कयतिक बर आदोत म पड़कर उनहन अपन वयशलिकत क ख दिदोय ह | अब मन और शरर कमजर ह गोय गोय सस र उनक लिलोय दःhख लोय ह गोय ईशवरपर नविपत उनक लिलोए असभव ह गोई | अब सस र म रत-रत जवन घसटन ह रह | इसलिलोए हर यगो म मह परष लोगो बरहमचय पर जर दोत ह | जिजस वयलिकत क जवन म सयम नहgt ह वह न त सवय क0 ठक स उ[तित कर प त ह और न ह सम ज म कई मह न क य कर प त ह | ऐस वयलिकतय स बन हआ सम ज और दोश भ भतितक उ[तित व आरधवय तमिBमक उ[तित म तिपछड़ ज त ह | उस दोश क शघर पतन ह ज त ह |

बरहमचयोamp कयो ह6 पहलो बरहमचय कय ह- यह समझन च तिहए | lsquoय जञावकय सतिहत rsquo म आय ह

कोampरण नस वच सवampसथास सवampदो |सवampतर 6नतआग बरहमचयो9 परचकषात ||

lsquoसव अवसथी ओ म मन वचन और कम तन स मरथीन क सदोव Bय गो ह उस बरहमचय कहत ह |rsquo भगोव न वदोवय सज न कह ह बरहमचयो9 गपतनदरिन=सयोसथासयो सयो | lsquoतिवषय-इजिनय दवा र पर पत हन व लो सख क सयमपवक Bय गो करन बरहमचय ह |rsquo

भगोव न शकर कहत ह सिसदध तिबानदो हदोतिव किको न सिसदधयोतित -तल | lsquoह प वती तिबनदः अरथी त वयरकषारण लिसदध हन क ब दो कन-स लिसजिदध ह ज स धक क पर पत नहgt ह सकत rsquo स धन दवा र ज स धक अपन वय क ऊरधववगो म बन कर यगोम गो म आगो बढत ह व कई परक र क0 लिसजिदधय क म लिलोक बन ज त ह | ऊरधववरत यगो परष क चररण म समसत लिसजिदधय H दो स बनकर रहत ह | ऐस ऊरधववरत परष परम ननदो क जदो_ प सकत ह अरथी त आBम-स कषा Bक र जदो_ कर सकत ह | दोवत ओ क दोवBव भ इस बरहमचय क दवा र पर पत हआ ह बरहमचयोCरण तस दोव Dतयोघनत | इन= ह बरहमचयोCरण दोवभयो सवरारात || lsquoबरहमचयरप तप स दोव न मPBय क जत लिलोय ह | दोवर ज इन न भ बरहमचय क परत प स ह दोवत ओ स अननिधक सख व उचच पदो क पर पत तिकय ह |rsquo

(अरथीववदो 1519)बरहमचय बड़ गोरण ह | वह ऐस गोरण ह जिजसस मनषय क तिनBय मदोदो ननिमलोत ह और जवन क सब परक र क खतर म सह यत ननिमलोत ह |

बरहमचयोamp उतकोD षट त ह6 ऐस त तपसव लोगो कई परक र क तप करत ह परनत बरहमचय क ब र म भगोव न शकर कहत ह

न तसत इतयोहबरampहमचयो9 ततत2 |ऊरधववampरात वदयासत स दोव न त नषः ||

lsquoबरहमचय ह उBकP षट तप ह | इसस बढकर तपय तन लोक म दसर नहgt ह सकत | ऊरधववरत परष इस लोक म मनषयरप म परBयकषा दोवत ह ह |rsquo जन श सतर म भ इस उBकP षट तप बत य गोय ह | तवस व उतत बाचरा2 | lsquoबरहमचय सब तप म उततम तप ह |rsquo

वयोampराकषारण ह जीवन ह6 वय इस शरररप नगोर क एक तरह स र ज ह ह | यह वयरप र ज यदिदो पषट ह बलोव न ह त रगोरप शतर कभ शरररप नगोर पर आ]मरण नह करत | जिजसक वयरप र ज तिनबलो ह उस शरररप नगोर क कई रगोरप शतर आकर घर लोत ह | इसलिलोए कह गोय ह रारण तिबानदोतन जीवन तिबानदधारारणत2 | lsquoतिबनदःन श (वयन श) ह मPBय ह और तिबनदःरकषारण ह जवन ह |rsquo

जन गरीरथी म अबरहमचय क प प बत य गोय ह अबाचरिरायो घोरा यो दरातिहठठिUयो2 | lsquoअबरहमचय घर परम दोरप प प ह |rsquo (दोश वक लिलोक सतर 617) lsquoअरथीवदोrsquo म इस उBकP षट वरत क0 सजञा दो_ गोई ह वरतषः व6 व6 बरहमचयोamp2 | वदयाकश सतर म इसक परम बलो कह गोय ह बरहमचयो9 रा बाल2 | lsquoबरहमचय परम बलो ह |rsquo वयरकषारण क0 मतिहम सभ न गो य ह | यगोर ज गोरखन रथी न कह ह को त गयो को-W कोमिन झ-रा6 | तिबानद गयो को-W जीग || lsquoपतित क तिवयगो म क ननिमन तड़पत ह और वयपतन स यगो प त प करत ह |rsquo भगोव न शकर न त यह H तक कह दिदोय तिक इस बरहमचय क परत प स ह मर ऐस मह न मतिहम हई ह योसयो परसदोनतिह पयोतदश वत2 |

आधातिनको सिचतिकोतसको को त यरप क परतितननिषठत लिचतिकBसक भ भ रतय यतिगोय क करथीन क समरथीन करत ह | ड तिनकलो कहत ह ldquoयह एक भषजिजक और दोतिहक तथय ह तिक शरर क सवततम रकत स सतर तरथी परष दोन ह ज तितय म परजनन तyव बनत ह | शदध तरथी वयवतसिसथीत जवन म यह तyव पनh अवशतिषत ह ज त ह | यह सकषमतम मलकिसतषक सन य तरथी म सपलिशय ऊततक (Tissue) क तिनम रण करन क लिलोय तय र हकर पनh परिरसच ररण म ज त ह | मनषय क यह वय व पस ऊपर ज कर शरर म तिवकलिसत हन पर उस तिनभTक बलोव न स हस तरथी वर बन त ह | यदिदो इसक अपवयय तिकय गोय त यह उसक सतररण दःबलो कP शकलोवर एव क मततजनशलो बन त ह तरथी उसक शरर क अगो क क यवय प र क तिवकP त एव सन यततर क लिशलिरथीलो (दःबलो) करत ह और उस ननिमगोT (मPगो) एव अनय अनक रगो और मPBय क लिशक र बन दोत ह | जननजिनय क वयवह र क0 तिनवPतित स श ररिरक म नलिसक तरथी अरधवय तमिBमक बलो म अस ध ररण वPजिदध हत ह |rdquo परम धर तरथी अरधवयवस य वजञा तिनक अनसध न स पत चलो ह तिक जब कभ भ रतhसरो व क सरभिकषात रख ज त तरथी इस परक र शरर म उसक पनवशषरण तिकय ज त ह त वह रकत क समPदध तरथी मलकिसतषक क बलोव न बन त ह | ड तिडओ लोई कहत ह ldquoश ररिरक बलो म नलिसक ओज तरथी बजिदधक क श गरीत क लिलोय इस तyव क सरकषारण परम आवशयक ह |rdquo एक अनय लोखक ड ई प ननिमलोर लिलोखत ह ldquoश]सरो व क सवतसिक अरथीव अनतसिक अपवयय जवनशलिकत क परBयकषा अपवयय ह | यह पर यh सभ सवक र करत ह तिक रकत क सवततम तyव श]सरो व क0 सरचन म परवश कर ज त ह | यदिदो यह तिनषकष ठक ह त इसक अरथी यह हआ तिक वयलिकत क कय रण क लिलोय जवन म बरहमचय परम आवशयक ह |rdquo

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 6: Yuvadhan Suraksha

वयवसथी सच र रप स चलो सकत ह | भ रत क सव गोरण तिवक स सचचरिरतर एव सयम यव धन पर ह आध रिरत ह | अतh हम र यव धन छ तर-छ तर ओ क बरहमचय म परलिशभिकषात करन क लिलोए उनह यन-सव सथय आरगयश सतर दो_घ य-पर नविपत क उप य तरथी क मव सन तिनयतितरत करन क0 तिवननिध क सपषट जञा न परदो न करन हम सबक अतिनव य कततवय ह | इसक0 अवहलोन करन हम र दोश व सम ज क तिहत म नहgt ह | यवन सरकषा स ह सदढ र षटर क तिनम रण ह सकत ह |

2 योवन-सराकषाशरारादया खल धाampसधान2 |

धम क स धन शरर ह | शरर स ह स र स धन एH समप[ हत ह | यदिदो शरर कमजर ह त उसक परभ व मन पर पड़त ह मन कमजर पड़ ज त ह | कई भ क य यदिदो सफलोत पवक करन ह त तन और मन दोन सवसथी हन च तिहए | इसलिलोय कई बढ लोगो स धन क0 तिहममत नहgt जट प त कयतिक वषननियक भगो स उनक शरर क स र ओज-तज नषट ह चक हत ह | यदिदो मन मजबत ह त भ उनक जजर शरर पर स रथी नहgt दो प त | दसर ओर यवक वगो स धन करन क0 कषामत हत हए भ सस र क0 चक चध स परभ तिवत हकर वषननियक सख म बह ज त ह | अपन वयशलिकत क महBव न समझन क क ररण बर आदोत म पड़कर उस खच कर दोत ह तिफर जिजनदोगो भर पछत त रहत ह | मर प स कई ऐस यवक आत ह ज भतर-ह भतर परश न रहत ह | तिकसक व अपन दःhख-दोदो सन नहgt प त कयतिक बर आदोत म पड़कर उनहन अपन वयशलिकत क ख दिदोय ह | अब मन और शरर कमजर ह गोय गोय सस र उनक लिलोय दःhख लोय ह गोय ईशवरपर नविपत उनक लिलोए असभव ह गोई | अब सस र म रत-रत जवन घसटन ह रह | इसलिलोए हर यगो म मह परष लोगो बरहमचय पर जर दोत ह | जिजस वयलिकत क जवन म सयम नहgt ह वह न त सवय क0 ठक स उ[तित कर प त ह और न ह सम ज म कई मह न क य कर प त ह | ऐस वयलिकतय स बन हआ सम ज और दोश भ भतितक उ[तित व आरधवय तमिBमक उ[तित म तिपछड़ ज त ह | उस दोश क शघर पतन ह ज त ह |

बरहमचयोamp कयो ह6 पहलो बरहमचय कय ह- यह समझन च तिहए | lsquoय जञावकय सतिहत rsquo म आय ह

कोampरण नस वच सवampसथास सवampदो |सवampतर 6नतआग बरहमचयो9 परचकषात ||

lsquoसव अवसथी ओ म मन वचन और कम तन स मरथीन क सदोव Bय गो ह उस बरहमचय कहत ह |rsquo भगोव न वदोवय सज न कह ह बरहमचयो9 गपतनदरिन=सयोसथासयो सयो | lsquoतिवषय-इजिनय दवा र पर पत हन व लो सख क सयमपवक Bय गो करन बरहमचय ह |rsquo

भगोव न शकर कहत ह सिसदध तिबानदो हदोतिव किको न सिसदधयोतित -तल | lsquoह प वती तिबनदः अरथी त वयरकषारण लिसदध हन क ब दो कन-स लिसजिदध ह ज स धक क पर पत नहgt ह सकत rsquo स धन दवा र ज स धक अपन वय क ऊरधववगो म बन कर यगोम गो म आगो बढत ह व कई परक र क0 लिसजिदधय क म लिलोक बन ज त ह | ऊरधववरत यगो परष क चररण म समसत लिसजिदधय H दो स बनकर रहत ह | ऐस ऊरधववरत परष परम ननदो क जदो_ प सकत ह अरथी त आBम-स कषा Bक र जदो_ कर सकत ह | दोवत ओ क दोवBव भ इस बरहमचय क दवा र पर पत हआ ह बरहमचयोCरण तस दोव Dतयोघनत | इन= ह बरहमचयोCरण दोवभयो सवरारात || lsquoबरहमचयरप तप स दोव न मPBय क जत लिलोय ह | दोवर ज इन न भ बरहमचय क परत प स ह दोवत ओ स अननिधक सख व उचच पदो क पर पत तिकय ह |rsquo

(अरथीववदो 1519)बरहमचय बड़ गोरण ह | वह ऐस गोरण ह जिजसस मनषय क तिनBय मदोदो ननिमलोत ह और जवन क सब परक र क खतर म सह यत ननिमलोत ह |

बरहमचयोamp उतकोD षट त ह6 ऐस त तपसव लोगो कई परक र क तप करत ह परनत बरहमचय क ब र म भगोव न शकर कहत ह

न तसत इतयोहबरampहमचयो9 ततत2 |ऊरधववampरात वदयासत स दोव न त नषः ||

lsquoबरहमचय ह उBकP षट तप ह | इसस बढकर तपय तन लोक म दसर नहgt ह सकत | ऊरधववरत परष इस लोक म मनषयरप म परBयकषा दोवत ह ह |rsquo जन श सतर म भ इस उBकP षट तप बत य गोय ह | तवस व उतत बाचरा2 | lsquoबरहमचय सब तप म उततम तप ह |rsquo

वयोampराकषारण ह जीवन ह6 वय इस शरररप नगोर क एक तरह स र ज ह ह | यह वयरप र ज यदिदो पषट ह बलोव न ह त रगोरप शतर कभ शरररप नगोर पर आ]मरण नह करत | जिजसक वयरप र ज तिनबलो ह उस शरररप नगोर क कई रगोरप शतर आकर घर लोत ह | इसलिलोए कह गोय ह रारण तिबानदोतन जीवन तिबानदधारारणत2 | lsquoतिबनदःन श (वयन श) ह मPBय ह और तिबनदःरकषारण ह जवन ह |rsquo

जन गरीरथी म अबरहमचय क प प बत य गोय ह अबाचरिरायो घोरा यो दरातिहठठिUयो2 | lsquoअबरहमचय घर परम दोरप प प ह |rsquo (दोश वक लिलोक सतर 617) lsquoअरथीवदोrsquo म इस उBकP षट वरत क0 सजञा दो_ गोई ह वरतषः व6 व6 बरहमचयोamp2 | वदयाकश सतर म इसक परम बलो कह गोय ह बरहमचयो9 रा बाल2 | lsquoबरहमचय परम बलो ह |rsquo वयरकषारण क0 मतिहम सभ न गो य ह | यगोर ज गोरखन रथी न कह ह को त गयो को-W कोमिन झ-रा6 | तिबानद गयो को-W जीग || lsquoपतित क तिवयगो म क ननिमन तड़पत ह और वयपतन स यगो प त प करत ह |rsquo भगोव न शकर न त यह H तक कह दिदोय तिक इस बरहमचय क परत प स ह मर ऐस मह न मतिहम हई ह योसयो परसदोनतिह पयोतदश वत2 |

आधातिनको सिचतिकोतसको को त यरप क परतितननिषठत लिचतिकBसक भ भ रतय यतिगोय क करथीन क समरथीन करत ह | ड तिनकलो कहत ह ldquoयह एक भषजिजक और दोतिहक तथय ह तिक शरर क सवततम रकत स सतर तरथी परष दोन ह ज तितय म परजनन तyव बनत ह | शदध तरथी वयवतसिसथीत जवन म यह तyव पनh अवशतिषत ह ज त ह | यह सकषमतम मलकिसतषक सन य तरथी म सपलिशय ऊततक (Tissue) क तिनम रण करन क लिलोय तय र हकर पनh परिरसच ररण म ज त ह | मनषय क यह वय व पस ऊपर ज कर शरर म तिवकलिसत हन पर उस तिनभTक बलोव न स हस तरथी वर बन त ह | यदिदो इसक अपवयय तिकय गोय त यह उसक सतररण दःबलो कP शकलोवर एव क मततजनशलो बन त ह तरथी उसक शरर क अगो क क यवय प र क तिवकP त एव सन यततर क लिशलिरथीलो (दःबलो) करत ह और उस ननिमगोT (मPगो) एव अनय अनक रगो और मPBय क लिशक र बन दोत ह | जननजिनय क वयवह र क0 तिनवPतित स श ररिरक म नलिसक तरथी अरधवय तमिBमक बलो म अस ध ररण वPजिदध हत ह |rdquo परम धर तरथी अरधवयवस य वजञा तिनक अनसध न स पत चलो ह तिक जब कभ भ रतhसरो व क सरभिकषात रख ज त तरथी इस परक र शरर म उसक पनवशषरण तिकय ज त ह त वह रकत क समPदध तरथी मलकिसतषक क बलोव न बन त ह | ड तिडओ लोई कहत ह ldquoश ररिरक बलो म नलिसक ओज तरथी बजिदधक क श गरीत क लिलोय इस तyव क सरकषारण परम आवशयक ह |rdquo एक अनय लोखक ड ई प ननिमलोर लिलोखत ह ldquoश]सरो व क सवतसिक अरथीव अनतसिक अपवयय जवनशलिकत क परBयकषा अपवयय ह | यह पर यh सभ सवक र करत ह तिक रकत क सवततम तyव श]सरो व क0 सरचन म परवश कर ज त ह | यदिदो यह तिनषकष ठक ह त इसक अरथी यह हआ तिक वयलिकत क कय रण क लिलोय जवन म बरहमचय परम आवशयक ह |rdquo

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 7: Yuvadhan Suraksha

भगोव न शकर कहत ह सिसदध तिबानदो हदोतिव किको न सिसदधयोतित -तल | lsquoह प वती तिबनदः अरथी त वयरकषारण लिसदध हन क ब दो कन-स लिसजिदध ह ज स धक क पर पत नहgt ह सकत rsquo स धन दवा र ज स धक अपन वय क ऊरधववगो म बन कर यगोम गो म आगो बढत ह व कई परक र क0 लिसजिदधय क म लिलोक बन ज त ह | ऊरधववरत यगो परष क चररण म समसत लिसजिदधय H दो स बनकर रहत ह | ऐस ऊरधववरत परष परम ननदो क जदो_ प सकत ह अरथी त आBम-स कषा Bक र जदो_ कर सकत ह | दोवत ओ क दोवBव भ इस बरहमचय क दवा र पर पत हआ ह बरहमचयोCरण तस दोव Dतयोघनत | इन= ह बरहमचयोCरण दोवभयो सवरारात || lsquoबरहमचयरप तप स दोव न मPBय क जत लिलोय ह | दोवर ज इन न भ बरहमचय क परत प स ह दोवत ओ स अननिधक सख व उचच पदो क पर पत तिकय ह |rsquo

(अरथीववदो 1519)बरहमचय बड़ गोरण ह | वह ऐस गोरण ह जिजसस मनषय क तिनBय मदोदो ननिमलोत ह और जवन क सब परक र क खतर म सह यत ननिमलोत ह |

बरहमचयोamp उतकोD षट त ह6 ऐस त तपसव लोगो कई परक र क तप करत ह परनत बरहमचय क ब र म भगोव न शकर कहत ह

न तसत इतयोहबरampहमचयो9 ततत2 |ऊरधववampरात वदयासत स दोव न त नषः ||

lsquoबरहमचय ह उBकP षट तप ह | इसस बढकर तपय तन लोक म दसर नहgt ह सकत | ऊरधववरत परष इस लोक म मनषयरप म परBयकषा दोवत ह ह |rsquo जन श सतर म भ इस उBकP षट तप बत य गोय ह | तवस व उतत बाचरा2 | lsquoबरहमचय सब तप म उततम तप ह |rsquo

वयोampराकषारण ह जीवन ह6 वय इस शरररप नगोर क एक तरह स र ज ह ह | यह वयरप र ज यदिदो पषट ह बलोव न ह त रगोरप शतर कभ शरररप नगोर पर आ]मरण नह करत | जिजसक वयरप र ज तिनबलो ह उस शरररप नगोर क कई रगोरप शतर आकर घर लोत ह | इसलिलोए कह गोय ह रारण तिबानदोतन जीवन तिबानदधारारणत2 | lsquoतिबनदःन श (वयन श) ह मPBय ह और तिबनदःरकषारण ह जवन ह |rsquo

जन गरीरथी म अबरहमचय क प प बत य गोय ह अबाचरिरायो घोरा यो दरातिहठठिUयो2 | lsquoअबरहमचय घर परम दोरप प प ह |rsquo (दोश वक लिलोक सतर 617) lsquoअरथीवदोrsquo म इस उBकP षट वरत क0 सजञा दो_ गोई ह वरतषः व6 व6 बरहमचयोamp2 | वदयाकश सतर म इसक परम बलो कह गोय ह बरहमचयो9 रा बाल2 | lsquoबरहमचय परम बलो ह |rsquo वयरकषारण क0 मतिहम सभ न गो य ह | यगोर ज गोरखन रथी न कह ह को त गयो को-W कोमिन झ-रा6 | तिबानद गयो को-W जीग || lsquoपतित क तिवयगो म क ननिमन तड़पत ह और वयपतन स यगो प त प करत ह |rsquo भगोव न शकर न त यह H तक कह दिदोय तिक इस बरहमचय क परत प स ह मर ऐस मह न मतिहम हई ह योसयो परसदोनतिह पयोतदश वत2 |

आधातिनको सिचतिकोतसको को त यरप क परतितननिषठत लिचतिकBसक भ भ रतय यतिगोय क करथीन क समरथीन करत ह | ड तिनकलो कहत ह ldquoयह एक भषजिजक और दोतिहक तथय ह तिक शरर क सवततम रकत स सतर तरथी परष दोन ह ज तितय म परजनन तyव बनत ह | शदध तरथी वयवतसिसथीत जवन म यह तyव पनh अवशतिषत ह ज त ह | यह सकषमतम मलकिसतषक सन य तरथी म सपलिशय ऊततक (Tissue) क तिनम रण करन क लिलोय तय र हकर पनh परिरसच ररण म ज त ह | मनषय क यह वय व पस ऊपर ज कर शरर म तिवकलिसत हन पर उस तिनभTक बलोव न स हस तरथी वर बन त ह | यदिदो इसक अपवयय तिकय गोय त यह उसक सतररण दःबलो कP शकलोवर एव क मततजनशलो बन त ह तरथी उसक शरर क अगो क क यवय प र क तिवकP त एव सन यततर क लिशलिरथीलो (दःबलो) करत ह और उस ननिमगोT (मPगो) एव अनय अनक रगो और मPBय क लिशक र बन दोत ह | जननजिनय क वयवह र क0 तिनवPतित स श ररिरक म नलिसक तरथी अरधवय तमिBमक बलो म अस ध ररण वPजिदध हत ह |rdquo परम धर तरथी अरधवयवस य वजञा तिनक अनसध न स पत चलो ह तिक जब कभ भ रतhसरो व क सरभिकषात रख ज त तरथी इस परक र शरर म उसक पनवशषरण तिकय ज त ह त वह रकत क समPदध तरथी मलकिसतषक क बलोव न बन त ह | ड तिडओ लोई कहत ह ldquoश ररिरक बलो म नलिसक ओज तरथी बजिदधक क श गरीत क लिलोय इस तyव क सरकषारण परम आवशयक ह |rdquo एक अनय लोखक ड ई प ननिमलोर लिलोखत ह ldquoश]सरो व क सवतसिक अरथीव अनतसिक अपवयय जवनशलिकत क परBयकषा अपवयय ह | यह पर यh सभ सवक र करत ह तिक रकत क सवततम तyव श]सरो व क0 सरचन म परवश कर ज त ह | यदिदो यह तिनषकष ठक ह त इसक अरथी यह हआ तिक वयलिकत क कय रण क लिलोय जवन म बरहमचय परम आवशयक ह |rdquo

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 8: Yuvadhan Suraksha

जन गरीरथी म अबरहमचय क प प बत य गोय ह अबाचरिरायो घोरा यो दरातिहठठिUयो2 | lsquoअबरहमचय घर परम दोरप प प ह |rsquo (दोश वक लिलोक सतर 617) lsquoअरथीवदोrsquo म इस उBकP षट वरत क0 सजञा दो_ गोई ह वरतषः व6 व6 बरहमचयोamp2 | वदयाकश सतर म इसक परम बलो कह गोय ह बरहमचयो9 रा बाल2 | lsquoबरहमचय परम बलो ह |rsquo वयरकषारण क0 मतिहम सभ न गो य ह | यगोर ज गोरखन रथी न कह ह को त गयो को-W कोमिन झ-रा6 | तिबानद गयो को-W जीग || lsquoपतित क तिवयगो म क ननिमन तड़पत ह और वयपतन स यगो प त प करत ह |rsquo भगोव न शकर न त यह H तक कह दिदोय तिक इस बरहमचय क परत प स ह मर ऐस मह न मतिहम हई ह योसयो परसदोनतिह पयोतदश वत2 |

आधातिनको सिचतिकोतसको को त यरप क परतितननिषठत लिचतिकBसक भ भ रतय यतिगोय क करथीन क समरथीन करत ह | ड तिनकलो कहत ह ldquoयह एक भषजिजक और दोतिहक तथय ह तिक शरर क सवततम रकत स सतर तरथी परष दोन ह ज तितय म परजनन तyव बनत ह | शदध तरथी वयवतसिसथीत जवन म यह तyव पनh अवशतिषत ह ज त ह | यह सकषमतम मलकिसतषक सन य तरथी म सपलिशय ऊततक (Tissue) क तिनम रण करन क लिलोय तय र हकर पनh परिरसच ररण म ज त ह | मनषय क यह वय व पस ऊपर ज कर शरर म तिवकलिसत हन पर उस तिनभTक बलोव न स हस तरथी वर बन त ह | यदिदो इसक अपवयय तिकय गोय त यह उसक सतररण दःबलो कP शकलोवर एव क मततजनशलो बन त ह तरथी उसक शरर क अगो क क यवय प र क तिवकP त एव सन यततर क लिशलिरथीलो (दःबलो) करत ह और उस ननिमगोT (मPगो) एव अनय अनक रगो और मPBय क लिशक र बन दोत ह | जननजिनय क वयवह र क0 तिनवPतित स श ररिरक म नलिसक तरथी अरधवय तमिBमक बलो म अस ध ररण वPजिदध हत ह |rdquo परम धर तरथी अरधवयवस य वजञा तिनक अनसध न स पत चलो ह तिक जब कभ भ रतhसरो व क सरभिकषात रख ज त तरथी इस परक र शरर म उसक पनवशषरण तिकय ज त ह त वह रकत क समPदध तरथी मलकिसतषक क बलोव न बन त ह | ड तिडओ लोई कहत ह ldquoश ररिरक बलो म नलिसक ओज तरथी बजिदधक क श गरीत क लिलोय इस तyव क सरकषारण परम आवशयक ह |rdquo एक अनय लोखक ड ई प ननिमलोर लिलोखत ह ldquoश]सरो व क सवतसिक अरथीव अनतसिक अपवयय जवनशलिकत क परBयकषा अपवयय ह | यह पर यh सभ सवक र करत ह तिक रकत क सवततम तyव श]सरो व क0 सरचन म परवश कर ज त ह | यदिदो यह तिनषकष ठक ह त इसक अरथी यह हआ तिक वयलिकत क कय रण क लिलोय जवन म बरहमचय परम आवशयक ह |rdquo

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 9: Yuvadhan Suraksha

पभिम क परखय त लिचतिकBसक कहत ह तिक वयकषाय स तिवशषकर तररण वसथी म वयकषाय स तिवतिवध परक र क रगो उBप[ हत ह | व ह शरर म वररण चहर पर मHह स अरथीव तिवसफोट नतर क चतरदिदोGक नलो रख य दो ढ_ क अभ व धHस हए नतर रकतकषारणत स पलो चहर समPतितन श दननिषट क0 कषारणत मतर क स रथी वयसखलोन अणडकश क0 वPजिदध अणडकश म पड़ दःबलोत तिन लोत आलोसय उदो स हदोय-कमप शव स वरध य कषटशव स यकषम पPषठशलो कदिटव त शरवदोन सननिध-पड़ दःबलो वPकक तिन म मतर तिनकलो ज न म नलिसक अतसिसथीरत तिवच रशलिकत क अभ व दःhसवपन सवपन दोष तरथी म नलिसक अश तित | उपरकत रगो क ननिमट न क एकम तर ईलो ज बरहमचय ह | दोव इय स य अनय उपच र स य रगो सथी य रप स ठक नहgt हत |

वयोamp को6 स बानत ह6 वय शरर क0 बहत मयव न ध त ह | भजन स वय बनन क0 परति]य बड़ लोमब ह | शरी सशरीत च य न लिलोख ह रास=कत तत स सनदो परजीयोत | दोसयोसथिःसथा तत जजा जजायो शकरसव ||

ज भजन पचत ह उसक पहलो रस बनत ह | प Hच दिदोन तक उसक प चन हकर रकत बनत ह | प Hच दिदोन ब दो रकत म स म स उसम स 5-5 दिदोन क अतर स मदो मदो स हडडी हडडी स मजजा और मजजा स अत म वय बनत ह | सतर म ज यह ध त बनत ह उस lsquoरजrsquo कहत ह | वय तिकस परक र छh-स त मजिजलो स गोजरकर अपन यह अतितम रप ध ररण करत ह यह सशरीत क इस करथीन स जञा त ह ज त ह | कहत ह तिक इस परक र वय बनन म करब 30 दिदोन व 4 घणट लोगो ज त ह | वजञातिनक लोगो कहत ह तिक 32 तिकलोगरी म भजन स 700 गरी म रकत बनत ह और 700 गरी म रकत स लोगोभगो 20 गरी म वय बनत ह |

आकोषःampको वयसिकततव को कोरारण इस वय क सयम स शरर म एक अदोभत आकषक शलिकत उBप[ हत ह जिजस पर चन वदया धनवतरिर न lsquoओजrsquo न म दिदोय ह | यह ओज मनषय क अपन परम-लो भ lsquoआBमदोशनrsquo कर न म सह यक बनत ह | आप जह H-जह H भ तिकस वयलिकत क जवन म क छ तिवशषत चहर पर तज व रण म बलो क य म उBस ह प यगो वह H समझ इस वय रकषारण क ह चमBक र ह | यदिदो एक स ध ररण सवसथी मनषय एक दिदोन म 700 गरी म भजन क तिहस ब स च लोस दिदोन म 32 तिकलो भजन कर त समझ उसक0 40 दिदोन क0 कम ई लोगोभगो 20 गरी म वय हगो | 30 दिदोन अरथी त महन क0 करब 15 गरी म हई और 15 गरी म य इसस क छ अननिधक वय एक ब र क मरथीन म परष दवा र खच हत ह |

ल को^ कोहन एक रथी म लो | उसन अपन तन मन धन लोगो कर कई दिदोन तक परिरशरीम करक एक सनदोर बगोच तय र तिकय | उस बगोच म भ Hतित-भ Hतित क मधर सगोध यकत पषप खिखलो | उन पषप क चनकर उसन इकठठा तिकय और उनक बदिढय इतर तय र तिकय | तिफर उसन कय तिकय समझ आप hellip उस इतर क एक गोदो_ न लो ( मर ) म बह दिदोय |

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 10: Yuvadhan Suraksha

अर इतन दिदोन क परिरशरीम स तय र तिकय गोय इतर क जिजसक0 सगोनध स स र घर महकन व लो रथी उस न लो म बह दिदोय आप कहगो तिक lsquoवह म लो बड़ मख रथी प गोलो रथी helliprsquo मगोर अपन आपम ह झ Hककर दोख | वह म लो कहgt और ढHढन क0 जररत नहgt ह | हमम स कई लोगो ऐस ह म लो ह | वय बचपन स लोकर आज तक य न 15-20 वषiexcl म तय र हकर ओजरप म शरर म तिवदयाम न रहकर तज बलो और सफो रतितG दोत रह | अभ भ ज करब 30 दिदोन क परिरशरीम क0 कम ई रथी उस यH ह स म नय आवगो म आकर अतिववकपवक खच कर दोन कह H क0 बजिदधम न ह कय यह उस म लो जस ह कम नहgt ह वह म लो त दो-च र ब र यह भलो करन क ब दो तिकस क समझ न पर सHभलो भ गोय हगो तिफर वह-क0-वह भलो नह दोहर ई हगो परनत आज त कई लोगो वह भलो दोहर त रहत ह | अत म प त प ह ह रथी लोगोत ह | कषाभिरणक सख क लिलोय वयलिकत क म नध हकर बड़ उBस ह स इस मरथीनरप कP Bय म पड़त ह परनत कP Bय पर हत ह वह मदो जस ह ज त ह | हगो ह | उस पत ह नहgt तिक सख त नहgt ननिमलो क वलो सख भ स हआ परनत उसम उसन 30-40 दिदोन क0 अपन कम ई ख दो_ | यव वसथी आन तक वयसचय हत ह वह शरर म ओज क रप म तसिसथीत रहत ह | वह त वयकषाय स नषट हत ह ह अतित मरथीन स त हतिडडीय म स भ क छ सफ दो अश तिनकलोन लोगोत ह जिजसस अBयननिधक कमजर हकर लोगो नपसक भ बन ज त ह | तिफर व तिकस क सममख आHख उठ कर भ नहgt दोख प त | उनक जवन न रक0य बन ज त ह | वयरकषारण क इतन महBव हन क क ररण ह कब मरथीन करन तिकसस मरथीन करन जवन म तिकतन ब र करन आदिदो तिनदोशन हम र ॠतिष-मतिनय न श सतर म दो रख ह |

सDतिषट कर को सिलए 6न एको परकोD तितको वयवसथा शरर स वय-वयय यह कई कषाभिरणक सख क लिलोय परकP तित क0 वयवसथी नहgt ह | सनत नBपभितत क लिलोय इसक व सततिवक उपयगो ह | यह परकP तित क0 वयवसथी ह | यह सPननिषट चलोत रह इसक लिलोए सनत नBपभितत हन जरर ह | परकP तित म हर परक र क0 वनसपतित व पर रणवगो म यह क म-परवPभितत सवभ वतh प ई ज त ह | इस क म- परवPभितत क वशभत हकर हर पर रण मरथीन करत ह और उसक रतितसख भ उस ननिमलोत ह | तिकनत इस पर कP तितक वयवसथी क ह ब र-ब र कषाभिरणक सख क आध र बन लोन कह H क0 बजिदधम न ह पश भ अपन ॠत क अनस र ह इस क मवPतित म परवPत हत ह और सवसथी रहत ह त कय मनषय पश वगो स भ गोय बत ह पशओ म त बजिदधतBव तिवकलिसत नहgt हत परनत मनषय म त उसक परण तिवक स हत ह |

आहरातिन=यो6न च सनयोततशभिनampरारण2 |

भजन करन भयभत हन मरथीन करन और स ज न यह त पश भ करत ह | पश शरर म रहकर हम यह सब करत आए ह | अब यह मनषय शरर ननिमलो ह | अब भ यदिदो बजिदध और तिववकपरण अपन जवन क नहgt चलो य और कषाभिरणक सख क पछ ह दोड़त रह त क स अपन मलो लोकषय पर पहHच प यगो

सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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सहजीत को^ आड़ a भरमित न हवa कई लोगो तक दोन लोगो ज त ह ldquoश सतर म पढन क ननिमलोत ह और जञा न मह परष क मख रतिवनदो स भ सनन म आत ह तिक सहज जवन जन च तिहए | क म करन क0 इ हई त क म तिकय भख लोगो त भजन तिकय नgtदो आई त स गोय | जवन म कई lsquoटनशनrsquo कई तन व नहgt हन च तिहए | आजकलो क तम म रगो इस तन व क ह फलो ह hellip ऐस मनवजञा तिनक कहत ह | अतh जवन सहज और सरलो हन च तिहए | कबरदो स ज न भ कह ह सधा सहजी ससिधा ल |rdquo ऐस तक दोकर भ कई लोगो अपन क म-तिवक र क0 तPनविपत क सहमतित दो दोत ह | परनत यह अपन आपक धख दोन जस ह | ऐस लोगो क खबर ह नहgt ह तिक ऐस सहज जवन त मह परष क हत ह जिजनक मन और बजिदध अपन अननिधक र म हत ह जिजनक अब सस र म अपन लिलोय प न क क छ भ शष नहgt बच ह जिजनह म न-अपम न क0 लिचनत नहgt हत ह | व उस आBमतyव म तसिसथीत ह ज त ह जह H न पतन ह न उतथा न | उनक सदोव ननिमलोत रहन व लो आननदो म अब सस र क तिवषय न त वPजिदध कर सकत ह न अभ व | तिवषय-भगो उन मह न परष क आकरतिषGत करक अब बहक य भटक नहgt सकत | इसलिलोए अब उनक सममख भलो ह तिवषय-स मतिगरीय क ढर लोगो ज य तिकनत उनक0 चतन इतन ज गोPत हत ह तिक व च ह त उनक उपयगो कर और च ह त ठकर दो | ब हर तिवषय क0 ब त छड़ अपन शरर स भ उनक ममBव टट चक हत ह | शरर रह अरथीव न रह- इसम भ उनक आगरीह नहgt रहत | ऐस आननदोसवरप म व अपन-आपक हर समय अनभव करत रहत ह | ऐस अवसथी व लो क लिलोय कबर ज न कह ह सधा सहजी ससिधा ल |

अन को तलa हम यदिदो ऐस अवसथी म ह तब त ठक ह | अनयरथी रधवय न रह ऐस तक क0 आड़ म हम अपन क धख दोकर अपन ह पतन कर ड लोगो | जर अपन अवसथी क0 तलोन उनक0 अवसथी स कर | हम त कई हम र अपम न कर दो त ]ननिधत ह उठत ह बदोलो तक लोन क तय र ह ज त ह | हम लो भ-ह तिन म सम नहgt रहत ह | र गो-दवाष हम र जवन ह | lsquoमर -तर rsquo भ वस ह बन हआ ह | lsquoमर धन hellip मर मक न hellip मर पBन hellip मर पस hellip मर ननिमतर hellip मर बट hellip मर इजजात hellip मर पदो helliprsquo य सब सBय भ सत ह तिक नहgt यह त दोहभ व ह जवभ व ह | हम इसस ऊपर उठ कर वयवह र कर सकत ह कय यह जर सच | कई स ध लोगो भ इस दोहभ व स छ टक र नहgt प सक स म नय जन क0 त ब त ह कय कई स ध भ lsquoम तमिसतरय क0 तरफ दोखत ह नहgt हH hellip म पस क छ त ह नहgt हH helliprsquo इस परक र क0 अपन-अपन मन और बजिदध क0 पकड़ म उलोझ हए ह | व भ अपन जवन अभ सहज नहgt कर प ए ह और हम hellip हम अपन स ध ररण जवन क ह सहज जवन क न म दोकर तिवषय म पड़ रहन च हत ह | कहgt ननिमठ ई दोख त मHह म प न भर आय | अपन सबध और रिरशतदो र क कई दःhख हआ त भतर स हम भ दःhख हन लोगो गोय | वय प र म घ ट हआ त मHह छट ह गोय | कहgt अपन घर स जय दो दिदोन दर रह त ब र-ब र अपन घरव लो क0 पBन और पतर क0 य दो सत न लोगो | य कई सहज जवन क लोकषारण ह जिजसक0 ओर जञा न मह परष क सक त ह नहgt |

नतिनगरह को^ तिह आज कलो क नजव न क स रथी बड़ अनय य ह रह ह | उन पर च र ओर स तिवक र क भड़क न व लो आ]मरण हत रहत ह |

एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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एक त वस ह अपन प शव वPभिततय H यन उPखलोत क0 ओर परBस तिहत करत ह और दसर स म जिजक परिरतसिसथीतितय H भ उस ओर आकषरण बढ त ह hellip इस पर उन परवPभिततय क वजञा तिनक समरथीन ननिमलोन लोगो और सयम क ह तिनक रक बत य ज न लोगो hellip क छ तरथी कलिरथीत आच य भ फरा यड जस न लकिसतक एव अधर मनवजञा तिनक क वयभिभच रश सतर क आध र बन कर lsquoसग स ससिधाrsquo क उपदोश दोन लोगो तब त ईशवर ह बरहमचय और दो मपBय जवन क0 पतिवतरत क रकषाक ह | 16 लिसतमबर 1977 क lsquoनययक ट इमस म छप रथी ldquoअमरिरकन पनलो कहत ह तिक अमरिरक म दो करड़ स अननिधक लोगो क म नलिसक लिचतिकBस क0 आवशयकत ह |rdquo उपरकत परिररण म क दोखत हए अमरिरक क एक मह न लोखक समप दोक और लिशकषा तिवश रदो शरी म रदिटGन गरीस अपन पसतक lsquoThe Psychological Societyrsquo म लिलोखत ह ldquoहम जिजतन समझत ह उसस कहgt जय दो फरा यड क म नलिसक रगो न हम र म नस और सम ज म गोहर परवश प लिलोय ह | यदिदो हम इतन ज न लो तिक उसक0 ब त पर यh उसक तिवकP त म नस क ह परतिततिबमब ह और उसक0 म नलिसक तिवकP तितय व लो वयलिकतBव क पहच न लो त उसक तिवकP त परभ व स बचन म सह यत ननिमलो सकत ह | अब हम ड फरा यड क0 छ य म तिबक लो नहgt रहन च तिहए |rdquo आधतिनक मनतिवजञा न क म नलिसक तिवशलषरण मनरगो श सतर और म नलिसक रगो क0 लिचतिकBस hellip य फरा यड क रगरण मन क परतिततिबमब ह | फरा यड सवय सफोदिटक कलोन पर यh सदो रहन व लो म नलिसक अवस दो सन यतिवक रगो सज तय समबनध तिवकP त सवभ व म ईगरीन कबज परव स मPBय और धनन श भय स ईनस इदिटस घPरण और खन तिवच र क दोर आदिदो रगो स पतिडत रथी |

परफ सर एडलोर और परफ सर स ज जगो जस मधनय मनवजञा तिनक न फरा यड क लिसदध त क खडन कर दिदोय ह तिफर भ यह खदो क0 ब त ह तिक भ रत म अभ भ कई म नलिसक रगो तिवशषजञा और सकसलोजिजसट फरा यड जस प गोलो वयलिकत क लिसदध त क आध र लोकर इस दोश क जव न क अनतितक और अपर कP तितक मरथीन (Sex) क सभगो क उपदोश वततम न पतर और स मयक क दवा र दोत रहत ह | फरा यड न त मPBय क पहलो अपन प गोलोपन क सवक र तिकय रथी लोतिकन उसक लोतिकन उसक सवय सवक र न भ कर त भ अनय य त प गोलो क ह म न ज यगो | अब व इस दोश क लोगो क चरिरतरभराषट करन क और गोमर ह करन क प गोलोपन छड़ दो ऐस हम र नमर पर रथीन ह | यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक प Hच ब र पढ और पढ एH- इस म सभ क कय रण तिनतिहत ह | आHकड़ बत त ह तिक आज प Bय दोश म यन सदो च र क0 तिकतन दःगोतित हई ह इस दःगोतित क परिररण मसवरप वह H क तिनव लिसय क वयलिकतगोत जवन म रगो इतन बढ गोय ह तिक भ रत स 10 गोन जय दो दोव इय H अमरिरक म खच हत ह जबतिक भ रत क0 आब दो_ अमरिरक स तन गोन जय दो ह | म नलिसक रगो इतन बढ ह तिक हर दोस अमरिरकन म स एक क म नलिसक रगो हत ह | दःव सन एH इतन बढ_ ह तिक हर छh सकणड म एक बलो Bक र हत ह और हर वष लोगोभगो 20 लो ख कनय एH तिवव ह क पव ह गोभवत ह ज त ह | मकत स हचय (free sex) क तिहम यत हन क क ररण श दो_ क पहलो वह H क पर यh हर वयलिकत ज तय सबध बन न लोगोत ह | इस वजह स लोगोभगो 65 श दिदोय H तलो क म बदोलो ज त ह | मनषय क लिलोय परकP तित दवा र तिनध रिरत तिकय गोय सयम क उपह स करन क क ररण परकP तित न उन लोगो क ज तय रगो क लिशक र बन रख ह | उनम मखयतh एडस (AIDS) क0 बम र दिदोन दन र त चगोन फ लोत ज रह ह | वह H क प रिरव रिरक व स म जिजक जवन म ]ध कलोह असतष सत प उPखलोत उदयाडत और शतरत क मह भय नक व त वररण छ गोय ह | तिवशव क0 लोगोभगो 4 जनसखय अमरिरक म ह | उसक उपभगो क लिलोय तिवशव क0 लोगोभगो 40 स धन-स मगरी (जस तिक क र ट_ व व त नक लिलोत मक न आदिदो) मजदो ह तिफर भ वह H अपर धवPतित इतन बढ_ ह क0 हर 10 सकणड म एक सधम र हत ह हर लो ख वयलिकतय म स 425 वयलिकत क र गो र म सज भगो रह ह जबतिक भ रत म हर लो ख वयलिकत म स क वलो 23 वयलिकत ह जलो क0 सज क ट रह ह |

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 13: Yuvadhan Suraksha

क मकत क समरथीक फरा यड जस दो शतिनक क0 ह यह दोन ह तिक जिजनहन प Bय दोश क मनतिवजञा न क न म पर बहत परभ तिवत तिकय ह और वहgt स यह आHध अब इस दोश म भ फ लोत ज रह ह | अतh इस दोश क0 भ अमरिरक जस अवदोश ह उसक पहलो हम स वध न रहन पड़गो | यह H क क छ अतिवच र दो शतिनक भ फरा यड क मनतिवजञा न क आध र पर यव न क बलोगो म सभगो क0 तरफ उBस तिहत कर रह ह जिजसस हम र यव पढ_ गोमर ह ह रह ह | फरा यड न त क वलो मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर वयभिभच र श सतर बन य लोतिकन तरथी कलिरथीत दो शतिनक न त lsquoसग स ससिधाrsquo क0 परिरकपन दवा र वयभिभच र क आरधवय तमिBमक ज म पहन कर ध रमिमGक लोगो क भ भराषट तिकय ह | सग स ससिधा नहe हत सतयोनश हत ह6 | lsquoसयम स ह सम ननिध हत ह helliprsquo इस भ रतय मनतिवजञा न क अब प Bय मनतिवजञा न भ सBय म नन लोगो ह | जब पभिम क दोश म जञा न-तिवजञा न क तिवक स पर रमभ भ नहgt हआ रथी और म नव न ससकP तित क कषातर म परवश भ नहgt तिकय रथी उस समय भ रतवष क दो शतिनक और यगो म नव मनतिवजञा न क तिवभिभ[ पहलोओ और समसय ओ पर गोमभरत पवक तिवच र कर रह रथी | तिफर भ प Bय तिवजञा न क0 छतरछ य म पलो हए और उसक परक श स चक चध वततम न भ रत क मनवजञा तिनक भ रतय मनतिवजञा न क अलकिसतyव तक म नन क तय र नहgt ह | यह खदो क0 ब त ह | भ रतय मनवजञा तिनक न चतन क च र सतर म न ह ज गरीत सवपन सषनविपत और तरय | प Bय मनवजञा तिनक पररथीम तन सतर क ह ज नत ह | प Bय मनतिवजञा न न लकिसतक ह | भ रतय मनतिवजञा न ह आBमतिवक स और चरिरतर तिनम रण म सबस अननिधक उपयगो लिसदध हआ ह कयतिक यह धम स अBयननिधक परभ तिवत ह | भ रतय मनतिवजञा न आBमजञा न और आBम सध र म सबस अननिधक सह यक लिसदध हत ह | इसम बर आदोत क छड़न और अ_ आदोत क अपन न तरथी मन क0 परति]य ओ क समझन तरथी उसक तिनयतररण करन क महBवपरण उप य बत य गोय ह | इसक0 सह यत स मनषय सख सवसथी और समम तिनत जवन ज सकत ह | पभिम क0 मनवजञा तिनक म नयत ओ क आध र पर तिवशवश तित क भवन खड़ करन ब लो क0 नgtव पर भवन-तिनम रण करन क सम न ह | प Bय मनतिवजञा न क परिररण म तिपछलो दो तिवशवयदध क रप म दिदोखलो य पड़त ह | यह दोष आज पभिम क मनवजञा तिनक क0 समझ म आ रह ह | जबतिक भ रतय मनतिवजञा न मनषय क दोव रप नतररण करक उसक तिवक स क आगो बढ न च हत ह | उसक lsquoअनकत म एकत rsquo क लिसदध त पर ह सस र क तिवभिभ[ र षटर स म जिजक वगोiexcl धमiexcl और परज तितय म सतिहषरणत ह नहgt सति]य सहयगो उBप[ तिकय ज सकत ह | भ रतय मनतिवजञा न म शरर और मन पर भजन क कय परभ व पड़त ह इस तिवषय स लोकर शरर म तिवभिभ[ च] क0 तसिसथीतित क णडलिलोन क0 तसिसथीतित वय क ऊरधववगो म बन न क0 परति]य आदिदो तिवषय पर तिवसत रपवक चच क0 गोई ह | प Bय मनतिवजञा न म नव-वयवह र क तिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न म नस तिवजञा न क स रथी-स रथी आBमतिवजञा न ह | भ रतय मनतिवजञा न इजिनयतिनयतररण पर तिवशष बलो दोत ह जबतिक प Bय मनतिवजञा न क वलो म नलिसक ति]य ओ य मलकिसतषक-सगोठन पर बलो दोत ह | उसम मन दवा र म नलिसक जगोत क ह अरधवययन तिकय ज त ह | उसम भ पर यड क मनतिवजञा न त एक रगरण मन क दवा र अनय रगरण मन क ह अरधवययन ह जबतिक भ रतय मनतिवजञा न म इजिनय-तिनरध स मनतिनरध और मनतिनरध स आBमलिसजिदध क ह लोकषय म नकर अरधवययन तिकय ज त ह | प Bय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क कई समलिचत स धन परिरलोभिकषात नहgt हत ज उसक वयलिकतBव म तिनतिहत तिनषध Bमक परिरवश क लिलोए सथी य तिनदो न परसतत कर सक | इसलिलोए पर यड क लो ख बजिदधम न अनय य भ प गोलो ह गोय | सभगो क म गो पर चलोकर कई भ वयलिकत यगोलिसदध मह परष नहgt हआ | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह | ऐस कई नमन हमन दोख ह | इसक तिवपरत भ रतय मनतिवजञा न म म नलिसक तन व स मलिकत क तिवभिभ[ उप य बत य गोय ह यरथी यगोम गो स धन-चतषटय शभ-ससक र सBसगोतित अभय स वर गय जञा न भलिकत तिनषक म कम आदिदो | इन स धन क तिनयननिमत अभय स स सगोदिठत एव सम यजिजत वयलिकतBव क तिनम रण सभव ह | इसलिलोय भ रतय मनतिवजञा न क अनय य प भिरणतिन और मह कतिव क लिलोदो स जस पर रमभ म अपबजिदध हन पर भ मह न तिवदवा न ह गोय | भ रतय मनतिवजञा न न इस तिवशव क हज र मह न भकत समरथी यगो तरथी बरहमजञा न मह परष दिदोय ह |

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 14: Yuvadhan Suraksha

अतh प शच Bय मनतिवजञा न क छड़कर भ रतय मनतिवजञा न क आशरीय लोन म ह वयलिकत क टमब सम ज र षटर और तिवशव क कय रण तिनतिहत ह |

भ रतय मनतिवजञा न पतजलिलो क लिसदध त पर चलोनव लो हज र यगो लिसदध मह परष इस दोश म हए ह

अभ भ ह और आगो भ हत रहगो जबतिक सभगो क म गो पर चलोकर कई यगोलिसदध मह परष हआ ह ऐस हमन त नहgt सन बलकिक दःबलो हए रगो हए एड़स क लिशक र हए अक लो मPBय क लिशक र हए खिख[ म नस हए अश ीत हए | उस म गो पर चलोनव लो प गोलो हए ह ऐस कई नमन हमन दोख ह |

फरा यड न अपन मनhतसिसथीतित क0 तर ज पर स र दःतिनय क लोगो क तलोन क0 गोलोत क0 ह | उसक अपन

जवन-]म क छ बतक ढगो स तिवकलिसत हआ ह | उसक0 म त अमलिलोय बड़ खबसरत रथी | उसन यकव न मक एक अनय परष क स रथी अपन दसर तिवव ह तिकय रथी | जब फरा यड जनम तब वह २१ वष क0 रथी | बचच क वह बहत पय र करत रथी |

य घटन एH फरा यड न सवय लिलोख ह | इन घटन ओ क अध र पर फरा यड कहत ह ldquoपरष बचपन स ह

ईतिडपस कमपलोकस (Oedipus Complex) अरथी त अवचतन मन म अपन म H क परतित यन-आक कषा स आकरतिषGत हत ह तरथी अपन तिपत क परतित यन-ईषय स गरीलिसत रहत ह | ऐस ह लोड़क0 अपन ब प क परतित आकरतिषGत हत ह तरथी अपन म H स ईषय करत ह | इस इलोकटरा कऊमपलोकस (Electra Complex) कहत ह | तन वष क0 आय स ह बचच अपन म H क स रथी यन-समबनध सथी तिपत करन क लिलोय लो लो ननियत रहत ह | एक ध स लो क ब दो जब उस पत चलोत ह तिक उसक0 म H क स रथी त ब प क वस सबध पहलो स ह ह त उसक मन म ब प क परतित ईषय और घPरण ज गो पड़त ह | यह तिवदवाष उसक अवचतन मन म आजवन बन रहत ह | इस परक र लोड़क0 अपन ब प क परतित सचत ह और म H स ईषय करत ह |

फरा यड आगो कहत ह इस म नलिसक अवरध क क ररण मनषय क0 गोतित रक ज त ह | ईतिडपस

कऊमपलोकस उसक स मन तरह-तरह क अवरध खड़ करत ह | यह तसिसथीतित कई अपव दो नहgt ह वरन स ध ररणतय यह हत ह |

यह तिकतन घPभिरणत और ह सय सपदो परतितप दोन ह छट बचच यन क कषा स पतिडत हगो स भ अपन म H

क परतित पश-पभिकषाय क बचच क शरर म भ व सन तब उठत ह जब उनक शरर परजनन क यगय सदढ ह ज त ह | त मनषय क ब लोक म यह वPभितत इतन छट_ आय म क स पदो ह सकत ह और म H क स रथी वस तPनविपत करन तिक उसक0 श रिररिरक-म नलिसक तसिसथीतित भ नहgt हत | तिफर तन वष क ब लोक क क म-ति]य और म H-ब प क रत रहन क0 ज नक र उस कह H स ह ज त ह तिफर वह यह क स समझ लोत ह तिक उस ब प स ईषय करन च तिहए

बचच दवा र म H क दध पन क0 ति]य क ऐस मनतिवजञा तिनय न रतितसख क समककषा बतलो य ह | यदिदो इस

सतनप न क रतितसख म न ज य तब त आय बढन क स रथी-स रथी यह उBक ठ भ परबलोतर हत ज न च तिहए और वयसक हन तक ब लोक क म त क दध ह पत रहन च तिहए | तिकनत यह तिकस परक र सभव ह

त य ऐस बतक परतितप दोन ह तिक जिजनक0 भBसन ह क0 ज न च तिहए | फरा यड न अपन म नलिसक

तिवकP तितय क जनस ध ररण पर रथीपकर मनतिवजञा न क तिवकP त बन दिदोय |

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 15: Yuvadhan Suraksha

ज लोगो म नव सम ज क पशत म तिगोर न स बच न च हत ह भ व पढ_ क जवन तिपश च हन स बच न च हत ह यव न क श ररिरक सव सथय म नलिसक परस[त और बजिदधक स मथय बन य रखन च हत ह इस दोश क न गोरिरक क एडस (AIDS) जस घ तक बम रिरय स गरीसत हन स रकन च हत ह सवसथी सम ज क तिनम रण करन च हत ह उन सबक यह नतितक कyवय ह तिक व हम र गोमर ह यव पढ_ क योवन सराकषा जस पसतक पढ य |

यदिदो क म-तिवक र उठ और हमन यह ठक नहgt ह इसस मर बलो-बजिदध और तज क न श हगो ऐस

समझकर उसक ट लो नहgt और उसक0 परतितG म लोमपट हकर लोगो गोय त हमम और पशओ म अतर ह कय रह पश त जब उनक0 कई तिवशष ऋत हत ह तभ मरथीन करत ह ब क0 ऋतओ म नहgt | इस दननिषट स उनक जवन सहज व पर कP तितक ढगो क हत ह | परत मनषय

मनषय त ब रह महन क म-ति]य क0 छ ट लोकर बठ ह और ऊपर स यह भ कहत ह तिक यदिदो क म-

व सन क0 परतितG करक सख नहgt लिलोय त तिफर ईशवर न मनषय म ज इसक0 रचन क0 ह उसक कय मतलोब आप अपन क तिववकपरण रक नहgt प त ह छट-छट सख म उलोझ ज त ह- इसक त कभ खय लो ह नहgt करत और ऊपर स भगोव न तक क अपन प पकमiexcl म भ गोदो र बन न च हत ह

आतघोत तकोamp अभ क छ समय पव मर प स एक पतर आय | उसम एक वयलिकत न पछ रथी ldquoआपन सBसगो म कह और एक पलकिसतक म भ परक लिशत हआ तिक lsquoबड़ लिसगोरट तमब क आदिदो मत तिपय | ऐस वयसन स बच कयतिक य तमह र बलो और तज क हररण करत ह helliprsquo यदिदो ऐस ह ह त भगोव न न तमब क आदिदो पदो ह कय तिकय rdquo अब उन सजजान स य वयसन त छड़ नहgt ज त और लोगो ह भगोव न क पछ | भगोव न न गोलो ब क स रथी क Hट भ पदो तिकय ह | आप फ लो छड़कर क Hट त नहgt तड़त भगोव न न आगो भ पदो क0 ह | आप उसम भजन पक त ह अपन घर त नहgt जलो त भगोव न न आक (मदो र) धतर बबलो आदिदो भ बन य ह मगोर उनक0 त आप सबज नहgt बन त इन सब म त आप अपन बजिदध क उपयगो करक वयवह र करत ह और जह H आप ह र ज त ह जब आपक मन आपक कहन म नहgt हत त आप लोगोत ह भगोव न क दोष दोन अर भगोव न न त ब दो म-तिपसत भ पदो तिकय ह दध भ पदो तिकय ह | उपयगो करन ह त इनक कर ज आपक बलो और बजिदध क0 वPजिदध कर | पस ह खचन ह त इनम खच | यह त हत नहgt और लोगो ह तमब क क पछ | यह बजिदध क सदःपयगो नहgt ह दःरपयगो ह | तमब क पन स त बजिदध और भ कमजर ह ज यगो | शरर क बलो बजिदध क0 सरकषा क लिलोय वयरकषारण बहत आवशयक ह | यगोदोशन क lsquoस धप दोrsquo म बरहमचय क0 महतत इन शबदो म बत य गोय ह बरहमचयोampपरतितषठयो वयोampल ||37|| बरहमचय क0 दढ तसिसथीतित ह ज न पर स मथय क लो भ हत ह |

सतर परसग तिकोतन बारा तिफर भ यदिदो कई ज न-बझकर अपन स मथय क खकर शरीहन बनन च हत ह त यह यन न क परलिसदध दो शतिनक सकर त क इन परलिसदध वचन क सदोव य दो रख | सकर त स एक वयलिकत न पछ

ldquoपरष क लिलोए तिकतन ब र सतर-परसगो करन उलिचत ह rdquoldquoजवन भर म क वलो एक ब र |rdquo

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 16: Yuvadhan Suraksha

ldquoयदिदो इसस तPनविपत न ह सक त rdquoldquoत वष म एक ब र |rdquoldquoयदिदो इसस भ सतष न ह त rdquoldquoतिफर महन म एक ब र |rdquoइसस भ मन न भर त rdquoldquoत महन म दो ब र कर परनत मPBय शघर आ ज यगो |rdquoldquoइतन पर भ इ बन रह त कय कर rdquo

इस पर सकर त न कह

ldquoत ऐस कर तिक पहलो कबर खदोव लो तिफर कफन और लोकड़ घर म लो कर तय र रख | उसक प त ज इ ह स कर |rdquo

सकर त क य वचन सचमच बड़ परररण परदो ह | वयकषाय क दवा र जिजस-जिजसन भ सख लोन क परय स तिकय

ह उनह घर तिनर श ह रथी लोगो ह और अनत म शरीहन हकर मPBय क गरी स बनन पड़ ह | क मभगो दवा र कभ तPनविपत नहgt हत और अपन अमय जवन वयरथी चलो ज त ह | र ज यय तित क0 करथी त आपन सन हगो |

राजी योयोतित को अनव श] च य क श प स र ज यय तित यव वसथी म ह वPदध ह गोय रथी | परनत ब दो म यय तित क पर रथीन करन पर श] च य न दोय वश उनक यह शलिकत दो दो_ तिक व च ह त अपन पतर स यव वसथी लोकर अपन व धकय उनह दो सकत रथी | तब यय तित न अपन पतर यदः तवस दरहय और अन स उनक0 जव न म Hगो मगोर व र ज न हए | अत म छट पतर पर न अपन तिपत क अपन यवन दोकर उनक बढ प लो लिलोय | पनh यव हकर यय तित न तिफर स भगो भगोन शर तिकय | व ननदोनवन म तिवशव च न मक अपसर क स रथी रमरण करन लोगो | इस परक र एक हज र वष तक भगो भगोन क ब दो भ भगो स जब व सतषट नहgt हए त उनहन अपन बच हआ यवन अपन पतर पर क लोट त हए कह न जीत को कोनगन शमयोतित | हतिवषः कोD षरणवतCव -यो एवभिवधाampत || ldquoपतर मन तमह र जव न लोकर अपन रलिच उBस ह और समय क अनस र तिवषय क सवन तिकय लोतिकन तिवषय क0 क मन उनक उपभगो स कभ श त नहgt हत अतिपत घ क0 आहतित पड़न पर अखिगन क0 भ Hतित वह अननिधक ननिधक बढत ह ज त ह | रBन स जड़ हई स र पPथव सस र क स र सवरण पश और सनदोर तमिसतरय H व सब एक परष क ननिमलो ज य त भ व सबक सब उसक लिलोय पय पत नहgt हगो | अतh तPषरण क Bय गो कर दोन च तिहए | छट_ बजिदधव लो लोगो क लिलोए जिजसक Bय गो करन अBयत कदिठन ह ज मनषय क बढ हन पर भ सवय बढ_ नहgt हत तरथी ज एक पर रण नतक रगो ह उस तPषरण क Bय गो दोनव लो परष क ह सख ननिमलोत ह |rdquo (मह भ रत आदिदोपव भिरण सभवपव 12) यय तित क अनभव वसततh बड़ म रमिमGक और मनषय ज तित लो लिलोय तिहतक र ह | यय तित आगो कहत ह ldquoपतर दोख मर एक हज र वष तिवषय क भगोन म बत गोय त भ तPषरण श त नहgt हत और आज भ परतितदिदोन उन तिवषय क लिलोय ह तPषरण पदो हत ह |

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 17: Yuvadhan Suraksha

-रण9 वषःampसहसर तिवषःयोसकतचतस | तपयोनठठिदोन तDषरण 6तषवभिजीयोत || इसलिलोए पतर अब म तिवषय क छड़कर बरहम भय स म मन लोगो ऊH गो | तिनदवानदवा तरथी ममत रतिहत हकर वन म मPगो क स रथी तिवचरH गो | ह पतर तमह र भलो ह | तम पर म परस[ हH | अब तम अपन जव न पनh पर पत कर और म यह र जय भ तमह ह अपरण करत हH | इस परक र अपन पतर पर क र जय दोकर यय तित न तपसय हत वनगोमन तिकय | उस र ज पर स परव वश चलो | उस वश म परभिकषात क पतर र ज जनमजय पदो हआ रथी |

राजी चकोनदो को परसग र ज मचकनदो गोगो च य क दोशन-सBसगो क फलोसवरप भगोव न क दोशन प त ह | भगोव न स सततित करत हए व कहत ह ldquoपरभ मझ आपक0 दढ भलिकत दो |rdquo तब भगोव न कहत ह ldquoतन जव न म खब भगो भगो ह तिवक र म खब डब ह | तिवक र जवन जनव लो क दढ भलिकत नहgt ननिमलोत | मचकनदो दढ भलिकत क लिलोए जवन म सयम बहत जरर ह | तर यह कषातितरय शरर सम पत हगो तब दसर जनम म तझ दढ भलिकत पर पत हगो |rdquo वह र ज मचकनदो कलिलोयगो म नरसिसGह महत हए | ज लोगो अपन जवन म वयरकषा क महBव नहgt दोत व जर सच तिक कहgt व भ र ज यय तित क त अनसररण नहgt कर रह ह यदिदो कर रह ह त जस यय तित स वध न ह गोय वस आप भ स वध न ह ज ओ भय तिहममत कर | सय न ह ज ओ | दोय कर | हम पर दोय न कर त अपन-आप पर त दोय कर भय तिहममत कर भय सय न ह ज ओ मर पय र ज ह गोय उसक0 लिचनत न कर | आज स नवजवन क पर रभ कर | बरहमचयरकषा क आसन पर कP तितक औषननिधय H इBय दिदो ज नकर वर बन | ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

गलत अभयोस को दषरिरारण

आज सस र म तिकतन ह ऐस अभ गो लोगो ह ज शPगो र रस क0 पसतक पढकर लिसनम ओ क क परभ व क लिशक र हकर सवपन वसथी य ज गरीत वसथी म अरथीव त हसतमरथीन दवा र सपत ह म तिकतन ब र वयन श कर लोत ह | शरर और मन क ऐस आदोत ड लोन स वय शय ब र-ब र ख लो हत रहत ह | उस वय शय क भरन म ह श ररिरक शलिकत क अननिधकतर भ गो वयय हन लोगोत ह जिजसस शरर क क तितम न बन न व लो ओज सलिचत ह नहgt ह प त और वयलिकत शलिकतहन ओजहन और उBस हशनय बन ज त ह | ऐस वयलिकत क वय पतलो पड़त ज त ह | यदिदो वह समय पर अपन क सHभ लो नहgt सक त शघर ह वह तसिसथीतित आ ज त ह तिक उसक अणडकश वय बन न म असमरथी ह ज त ह | तिफर भ यदिदो रथीड़ बहत वय बनत ह त वह भ प न जस ह बनत ह जिजसम सनत नBपभितत क0 त कत नहgt हत | उसक जवन जवन नहgt रहत | ऐस वयलिकत क0 ह लोत मPतक परष जस ह ज त ह | सब परक र क रगो उस घर लोत ह | कई दोव उस पर असर नहgt कर प त | वह वयलिकत जत ज नक क दःhख भगोत रहत ह | श सतरक र न लिलोख ह आयोसतजीबाल वयो9 परजञा शरीशच हदोयोश | णयो च परतिततव च हनयोतऽबरहमचयोamp ||

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 18: Yuvadhan Suraksha

lsquoआय तज बलो वय बजिदध लोकषम क0रतितG यश तरथी पणय और परतित य सब बरहमचय क प लोन न करन स नषट ह ज त ह |rsquo

वयोampराकषारण सदो6व सततयो इसलिलोए वयरकषा सतBय ह | lsquoअरथीववदो म कह गोय ह अतित सDषट अ वDषःऽतितसDषट अगनयो ठठिदोवय ||1|| इदो ततित सDजीमि त ऽभयोवतिनभिकषा ||2|| अरथी त lsquoशरर म वय पत वय रप जलो क ब हर लो ज न व लो शरर स अलोगो कर दोन व लो क म क मन पर हट दिदोय ह | अब म इस क म क अपन स सवरथी दर फ कत हH | म इस आरगयत बलो-बजिदधन शक क म क कभ लिशक र नहgt हऊH गो |rsquo hellip और इस परक र क सकप स अपन जवन क तिनम रण न करक ज वयलिकत वयन श करत रहत ह उसक0 कय गोतित हगो इसक भ lsquoअरथीववदोrsquo म उलोख आत ह रजीन2 रिरारजीन2 Dरणन2 रिराDरणन2 | मरोको नह खन तिनदोampह आतदतिषःसतन-दतिषः ||

यह क म रगो बन न व लो ह बहत बर तरह रगो करन व लो ह | मPरणन य न म र दोन व लो ह | परिरमPरणन य न बहत बर तरह म रन व लो ह |यह टढ_ च लो चलोत ह म नलिसक शलिकतय क नषट कर दोत ह | शरर म स सव सथय बलो आरगयत आदिदो क खदो-खदोकर ब हर फ क दोत ह | शरर क0 सब ध तओ क जलो दोत ह | आBम क मलिलोन कर दोत ह | शरर क व त तिपतत कफ क दतिषत करक उस तजहन बन दोत ह | बरहमचय क बलो स ह अगो रपरण जस बलोश लो गोधवर ज क अजन न पर जिजत कर दिदोय रथी |

अजीampन औरा अगरारणamp गधावamp अजन अपन भ ईय सतिहत पदो_ क सवयवर-सथीलो प च लो दोश क0 ओर ज रह रथी तब बच म गोगो तट पर बस सम शरीय रण तरथी म गोधवर ज अगो रपरण (लिचतरररथी) न उसक र सत रक दिदोय | वह गोगो म अपन तमिसतरय क स रथी जलोति]ड़ कर रह रथी | उसन प Hच प डव क कह ldquoमर यह H रहत हए र कषास यकषा दोवत अरथीव मनषय कई भ इस म गो स नहgt ज सकत | तम लोगो ज न क0 खर च हत ह त लोट ज ओ |rdquo तब अजन कहत ह ldquoम ज नत हH तिक समपरण गोधव मनषय स अननिधक शलिकतश लो हत ह तिफर भ मर आगो तमह र दो लो नहgt गोलोगो | तमह ज करन ह स कर हम त इधर स ह ज यगो |rdquo अजन क इस परतितव दो स गोधव बहत ]ननिधत हआ और उसन प डव पर तकषरण ब रण छड़ | अजन न अपन ह रथी म ज जलोत हई मश लो पकड़ रथी उसस उसक सभ ब रण क तिनषफलो कर दिदोय | तिफर गोधव पर आगनय असतर चलो दिदोय | असतर क तज स गोधव क ररथी जलोकर भसम ह गोय और वह सवय घ यलो एव अचत हकर मHह क बलो तिगोर पड़ | यह दोखकर उस गोधव क0 पBन क ममनस बहत घबर ई और अपन पतित क0 रकषा रथी यननिधननिषठर स पर रथीन करन लोगो | तब यननिधननिषठर न अजन स उस गोधव क अभयदो न दिदोलोव य |

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 19: Yuvadhan Suraksha

जब वह अगो रपरण हश म आय तब बलो ldquoअजन म पर सत ह गोय इसलिलोए अपन पव न म अगो रपरण क छड़ दोत हH | म अपन तिवलिचतर ररथी क क ररण लिचतरररथी कहलो त रथी | वह ररथी भ आपन अपन पर ]म स दोगध कर दिदोय ह | अतh अब म दोगधररथी कहलो ऊH गो | मर प स च कषाष न मक तिवदया ह जिजस मन न सम क सम न तिवशव वस क और तिवशव वस न मझ परदो न क0 ह | यह गोर क0 तिवदया यदिदो तिकस क यर क ननिमलो ज य त नषट ह ज त ह | ज छh महन तक एक पर पर खड़ रहकर तपसय कर वह इस तिवदया क प सकत ह | परनत अजन म आपक ऐस तपसय क तिबन ह यह तिवदया परदो न करत हH | इस तिवदया क0 तिवशषत यह ह तिक तन लोक म कहgt भ तसिसथीत तिकस वसत क आHख स दोखन क0 इ ह त उस उस रप म इस तिवदया क परभ व स कई भ वयलिकत दोख सकत ह | अजन इस तिवदया क बलो पर हम लोगो मनषय स शरीषठ म न ज त ह और दोवत ओ क तय परभ व दिदोख सकत ह |rdquo इस परक र अगो रपरण न अजन क च कषाष तिवदया दिदोवय घड़ एव अनय वसतएH भट कpara | अजन न गोधव स पछ गोधव तमन हम पर एक एक आ]मरण कय तिकय और तिफर ह र कय गोय rdquo तब गोधव न बड़ ममभर उततर दिदोय | उसन कह ldquoशतरओ क सत प दोनव लो वर यदिदो कई क म सकत कषातितरय र त म मझस यदध करन आत त तिकस भ परक र जतिवत नहgt बच सकत रथी कयतिक र त म हम लोगो क बलो और भ बढ ज त ह | अपन ब हबलो क भरस रखन व लो कई भ परष जब अपन सतर क सममख तिकसक दवा र अपन तितरसक र हत दोखत ह त सहन नहgt कर प त | म जब अपन सतर क स रथी जलो]0ड़ कर रह रथी तभ आपन मझ लोलोक र इसलिलोय म ]ध तिवषट हआ और आप पर ब रणवष क0 | लोतिकन यदिदो आप यह पछ तिक म आपस पर जिजत कय हआ त उसक उततर ह बरहमचयो9 रा धाamp स चति तिनयोतसवतमियो | योसत2 तसदोह amp रारणऽसमिस तिवनदरिजीतसतवयो || ldquoबरहमचय सबस बड़ धम ह और वह आपम तिनभित रप स तिवदयाम न ह | ह क नतनदोन इसलिलोय यदध म म आपस ह र गोय हH |rdquo (मह भ रत आदिदोपवभिरण चतरररथी पव 71) हम समझ गोय तिक वयरकषारण अतित आवशयक ह | अब वह क स ह इसक0 चच करन स पव एक ब र बरहमचय क त लकिyवक अरथी ठक स समझ लो |

बरहमचयोamp को तततविततवको अamp lsquoबरहमचयrsquo शबदो बड़ लिचतत कषक और पतिवतर शबदो ह | इसक सथीलो अरथी त यह परलिसदध ह तिक जिजसन श दो_ नहgt क0 ह ज क म-भगो नहgt करत ह ज तमिसतरय स दर रहत ह आदिदो-आदिदो | परनत यह बहत सतह और सननिमत अरथी ह | इस अरथी म क वलो वयरकषारण ह बरहमचय ह | परनत रधवय न रह क वलो वयरकषारण म तर स धन ह मजिजलो नहgt | मनषय जवन क लोकषय ह अपन-आपक ज नन अरथी त आBम-स कषा Bक र करन | जिजसन आBम-स कषा Bक र कर लिलोय वह जवनमकत ह गोय | वह आBम क आननदो म बरहम ननदो म तिवचररण करत ह | उस अब सस र स क छ प न शष नहgt रह | उसन आननदो क सरोत अपन भतर ह प लिलोय | अब वह आननदो क लिलोय तिकस भ ब हर तिवषय पर तिनभर नहgt ह | वह परण सवततर ह | उसक0 ति]य एH सहज हत ह | सस र क तिवषय उसक0 आननदोमय आतमिBमक तसिसथीतित क डलो यम न नहgt कर सकत | वह सस र क त तिवषय क0 पलो क समझकर अपन आननदो म मसत ह

इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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इस भतलो पर तिवचररण करत ह | वह च ह लोHगोट_ म ह च ह बहत स कपड़ म घर म रहत ह च ह झपड़ म गोPहसथी चलो त ह च ह एक नत जगोलो म तिवचरत ह ऐस मह परष ऊपर स भलो क गो लो नजर आत ह परनत भतर स शहश ह हत ह कयतिक उसक0 सब व सन एH सब कततवय पर ह चक ह | ऐस वयलिकत क ऐस मह परष क वयरकषारण करन नहgt पड़त सहज ह हत ह | सब वयवह र करत हए भ उनक0 हर समय सम ननिध रहत ह | उनक0 सम ननिध सहज हत ह अखणड हत ह | ऐस मह परष ह सचच बरहमच र हत ह कयतिक वह सदोव अपन बरहम ननदो म अवतसिसथीत रहत ह | सथीलो अरथी म बरहमचय क अरथी ज वयरकषारण समझ ज त ह उस अरथी म बरहमचय शरीषठ वरत ह शरीषठ तप ह शरीषठ स धन ह और इस स धन क फलो ह आBमजञा न आBम-स कषा Bक र | इस फलोपर नविपत क स रथी ह बरहमचय क परण अरथी परकट ह ज त ह | जब तक तिकस भ परक र क0 व सन शष ह तब तक कई परण बरहमचय क उपलोबध नहgt ह सकत | जब तक आBमजञा न नहgt हत तब तक परण रप स व सन तिनवPतत नहgt हत | इस व सन क0 तिनवPभितत क लिलोय अतhकररण क0 शजिदध क लिलोय ईशवर क0 पर नविपत क लिलोय सख जवन जन क लिलोय अपन मनषय जवन क सवचच लोकषय क पर पत करन क लिलोय य कह परम ननदो क0 पर नविपत क hellipलिलोय क छ भ ह वयरकषारणरप स धन सदोव अब अवसथी ओ म उततम ह शरीषठ ह और आवशयक ह | वयरकषारण क स ह इसक लिलोय यह H हम क छ सथीलो और सकषम उप य क0 चच करगो |

3 वयोampराकषा को उयो

सदो राहन-सहन बानयोa क फ0 लोगो क यह भराम ह तिक जवन तड़क-भड़कव लो बन न स व सम ज म तिवशष म न ज त ह | वसततh ऐस ब त नहgt ह | इसस त क वलो अपन अहक र क ह परदोशन हत ह | लो लो रगो क भड़क0लो एव रशम कपड़ नहgt पहन | तलो-फ लोलो और भ Hतित-भ Hतित क इतर क परयगो करन स बच | जवन म जिजतन तड़क-भड़क बढगो इजिनय H उतन चचलो ह उठगो तिफर वयरकषा त दर क0 ब त ह | इतितह स पर भ हम दननिषट ड लो त मह परष हम ऐस ह ननिमलोगो जिजनक जवन पर रभ स ह स दोगोपरण रथी | स दो रहन-सहन त बडपपन क दयातक ह | दसर क दोख कर उनक0 अपर कP तितक व अननिधक आवशयकत ओव लो जवन-शलो क अनसररण नहgt कर |

उयोकत आहरा ईर न क ब दोश ह वहमन न एक शरीषठ वदया स पछ ldquoदिदोन म मनषय क तिकतन ख न च तिहएrdquo ldquoस दिदोर म (अरथी त 31 तलो ) | ldquoवदया बलो | ldquoइतन स कय हगो rdquo ब दोश ह न तिफर पछ | वदया न कह ldquoशरर क पषरण क लिलोय इसस अननिधक नहgt च तिहए | इसस अननिधक ज क छ ख य ज त ह वह क वलो बझ ढन ह और आयषय खन ह |rdquo लोगो सव दो क लिलोय अपन पट क स रथी बहत अनय य करत ह ठHस-ठHसकर ख त ह | यरप क एक ब दोश ह सव दिदोषट पदो रथी खब ख त रथी | ब दो म औषननिधय दवा र उलोट_ करक तिफर स सव दो लोन क लिलोय भजन करत रहत रथी | वह जदो_ मर गोय |

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 21: Yuvadhan Suraksha

आप सव दोलोलोप नहgt बन | जिजहवा क तिनयतररण म रख | कय ख य कब ख य क स ख य और तिकतन ख य इसक तिववक नहgt रख त पट खर ब हगो शरर क रगो घर लोगो वयन श क परBस हन ननिमलोगो और अपन क पतन क र सत ज न स नहgt रक सकगो | परमपवक श त मन स पतिवतर सथी न पर बठ कर भजन कर | जिजस समय न लिसक क दो तिहन सवर (सय न ड़) च लो ह उस समय तिकय भजन शघर पच ज त ह कयतिक उस समय जठर खिगन बड़ परबलो हत ह | भजन क समय यदिदो दो तिहन सवर च लो नहgt ह त उसक च लो कर दो | उसक0 तिवननिध यह ह व म क भिकषा म अपन दो तिहन ह रथी क0 मठठा रखकर क भिकषा क जर स दोब ओ य ब Hय (व म) करवट लोट ज ओ | रथीड़ ह दोर म दो तिहन य न सय सवर च लो ह ज यगो | र तितर क ब Hय करवट लोटकर ह सन च तिहए | दिदोन म सन उलिचत नहgt तिकनत यदिदो सन आवशयक ह त दो तिहन करवट ह लोटन च तिहए | एक ब त क खब खय लो रख | यदिदो पय पदो रथी लोन ह त जब चन (ब Hय ) सवर च लो ह तभ लो | यदिदो सय (दो तिहन ) सवर च लो ह और आपन दध क फ0 च य प न य कई भ पय पदो रथी लिलोय त वयन श हकर रहगो | खबरदो र सय सवर चलो रह ह तब कई भ पय पदो रथी न तिपय | उस समय यदिदो पय पदो रथी पन पड़ त दो तिहन नरथीन बनदो करक ब Hय नरथीन स शव स लोत हए ह तिपय | र तितर क भजन कम कर | भजन हक -सप चय ह | बहत गोम-गोम और दोर स पचन व लो गोरिरषठ भजन रगो पदो करत ह | अननिधक पक य हआ तलो म तलो हआ ननिमच-मस लोयकत तख खटटा चटपटदो र भजन वयन तिड़य क कषाबध करत ह | अननिधक गोम भजन और गोम च य स दो Hत कमजर हत ह | वय भ पतलो पड़त ह | भजन खब चब -चब कर कर | रथीक हए ह त तBक लो भजन न कर | भजन क तरत ब दो परिरशरीम न कर | भजन क पहलो प न न तिपय | भजन क बच म तरथी भजन क एक ध घट क ब दो प न पन तिहतकर हत ह | र तितर क सभव ह त फलो ह र लो | अगोर भजन लोन पड़ त अप ह र ह कर | बहत र त गोय भजन य फलो ह र करन तिहत वह नहgt ह | कबज क0 लिशक यत ह त 50 गरी म लो लो तिफटकर तव पर फ लो कर क टकर कपड़ स छ नकर बतलो म भर लो | र तितर म 15 गरी म सफ एक तिगोलो स प न म भिभगो दो | सबह उस उब लो कर छ न लो और ड़ढ गरी म तिफटकर क प उडर ननिमलो कर प लो | इसस कबज व बख र भ दर हत ह | कबज तम म तिबम रिरय क0 जड़ ह | इस दर करन आवशयक ह | भजन म प लोक परवलो मरथी बरथीआ आदिदो हर तरक रिरय H दध घ छ छ मकखन पक हए फलो आदिदो तिवशष रप स लो | इसस जवन म स लकिyवकत बढगो | क म ]ध मह आदिदो तिवक र घटगो | हर क य म परस[त और उBस ह बन रहगो | र तितर म सन स पव गोम-गोम दध नहgt पन च तिहए | इसस र त क सवपनदोष ह ज त ह | कभ भ मलो-मतर क0 लिशक यत ह त उस रक नहgt | रक हए मलो स भतर क0 न तिड़य H कषाबध हकर वयन श कर त ह | पट म कबज हन स ह अननिधक शतh र तितर क वयप त हआ करत ह | पट म रक हआ मलो वयन तिड़य पर दोब व ड लोत ह तरथी कबज क0 गोमT स ह न तिड़य H कषाभिभत हकर वय क ब हर धक लोत ह | इसलिलोय पट क स फ रख | इसक लिलोय कभ-कभ तितरफलो चरण य lsquoसतकP प चरणrsquo य lsquoइसबगोलोrsquo प न क स रथी लिलोय कर | अननिधक

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 22: Yuvadhan Suraksha

तितकत खटटा_ चरपर और ब ज र औषननिधय H उततजक हत ह उनस बच | कभ-कभ उपव स कर | पट क आर म दोन क लिलोय कभ-कभ तिनर ह र भ रह सकत ह त अ ह | आहरा चतित भिशख दोषःन2 आहरावरजिजीत |

अरथी त पट क0 अखिगन आह र क पच त ह और उपव स दोष क पच त ह | उपव स स प चनशलिकत बढत ह | उपव स अपन शलिकत क अनस र ह कर | ऐस न ह तिक एक दिदोन त उपव स तिकय और दसर दिदोन ननिमषठ [-लोडड आदिदो पट म ठHस-ठHस कर उपव स क0 स र कसर तिनक लो दो_ | बहत अननिधक भख रहन भ ठक नहgt | वस उपव स क सह अरथी त हत ह बरहम क परम Bम क तिनकट रहन | उ य न समप और वस य न रहन | तिनर ह र रहन स भगोवदभजन और आBमसिचGतन म मदोदो ननिमलोत ह | वPभितत अनतमख हन स क म-तिवक र क पनपन क मक ह नहgt ननिमलो प त | मदयाप न पय ज लोहसन और म स ह र ndash य वयकषाय म मदोदो करत ह अतh इनस अवशय बच |

भिशशननदरिन=यो सनन शच क समय एव लोघशक क समय स रथी म तिगोलो स अरथीव लोट म ठड़ जलो लोकर ज ओ और उसस लिशशनजिनय क धय कर | कभ-कभ उस पर ठड़ प न क0 ध र तिकय कर | इसस क मवPभितत क शमन हत ह और सवपनदोष नहgt हत |

उसिचत आसन एव वययो कोरा सवसथी शरर म सवसथी मन क तिनव स हत ह | अगरीज म कहत ह A healthy mind resides in a healthy body जिजसक शरर सवसथी नहgt रहत उसक मन अननिधक तिवक रगरीसत हत ह | इसलिलोय रज पर तh वय य म एव आसन करन क तिनयम बन लो | रज पर तh क लो 3-4 ननिमनट दोड़न और तज स टहलोन स भ शरर क अ वय य म ननिमलो ज त ह | सयनमसक र 13 अरथीव उसस अननिधक तिकय कर त उततम ह | इसम आसन व वय य म दोन क सम वश हत ह | lsquoवय य मrsquo क अरथी पहलोव न क0 तरह म सपलिशय H बढ न नहgt ह | शरर क यगय कसरत ननिमलो ज य त तिक उसम रगो परवश न कर और शरर तरथी मन सवसथी रह ndash इतन ह उसम हत ह | वय य म स भ अननिधक उपयगो आसन ह | आसन शरर क समलिचत तिवक स एव बरहमचय-स धन क लिलोय अBयत उपयगो लिसदध हत ह | इनस न तिड़य H शदध हकर सyवगोरण क0 वPजिदध हत ह | वस त शरर क अलोगो-अलोगो अगो क0 पननिषट क लिलोय अलोगो-अलोगो आसन हत ह परनत वयरकषा क0 दननिषट स मयर सन प दोपभिमतत न सन सव गो सन रथीड़ बहत स वध न रखकर हर कई कर सकत ह | इनम स प दोपभिमतत न सन त बहत ह उपयगो ह | आशरीम म आनव लो कई स धक क यह तिनज अनभव ह |

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 23: Yuvadhan Suraksha

तिकस क शलो यगो-परलिशकषाक स य आसन सख लो और पर तhक लो ख लो पट शदध हव म तिकय कर | शच सन न वय य म आदिदो क प त ह आसन करन च तिहए | सन न स पव सख तलिलोय अरथीव ह रथी स स र शरर क खब रगोड़ | इस परक र क घषरण स शरर म एक परक र क0 तिवदयात शलिकत पदो हत ह ज शरर क रगो क नषट करत ह | शव स तवर गोतित स चलोन पर शरर म रकत ठक सचररण करत ह और अगो-परBयगो क मलो क तिनक लोकर फ फड़ म लो त ह | फ फड़ म परतिवषट शदध व य रकत क स फ कर मलो क अपन स रथी ब हर तिनक लो लो ज त ह | बच -खच मलो पसन क रप म Bवच क लिछ दवा र ब हर तिनकलो आत ह | इस परक र शरर पर घषरण करन क ब दो सन न करन अननिधक उपयगो ह कयतिक पसन दवा र ब हर तिनकलो हआ मलो उसस धलो ज त ह Bवच क लिछ खलो ज त ह और बदोन म सफो रतितG क सच र हत ह |

बरहमहतamp a उठो सवपनदोष अननिधक शतh र तितर क अतितम परहर म हआ करत ह | इसलिलोय पर तh च र-स ढ च र बज य न बरहममहत म ह शय क Bय गो कर दो | ज लोगो पर तh क लो दोर तक सत रहत ह उनक जवन तिनसतज ह ज त ह |

दवयampसन स दरा राह शर ब एव बड़-लिसगोरट-तमब क क सवन मनषय क0 क मव सन क उदयापत करत ह | क र न शरफ क अलो हप क तितरकलो रशलो क लिसप र म लिलोख ह तिक शत न क भड़क य हआ मनषय ऐस नश यकत चज क उपयगो करत ह | ऐस वयलिकत स अलो ह दर रहत ह कयतिक यह क म शत न क ह और शत न उस आदोम क जह[म म लो ज त ह | नशलो वसतओ क सवन स फ फड़ और हदोय कमजर ह ज त ह सहनशलिकत घट ज त ह और आयषय भ कम ह ज त ह | अमरक0 डकटर न खज करक बतलो य ह तिक नशलो वसतओ क सवन स क मभ व उततजिजत हन पर वय पतलो और कमजर पड़ ज त ह |

सतसग कोरा आप सBसगो नहgt करगो त क सगो अवशय हगो | इसलिलोय मन वचन कम स सदोव सBसगो क ह सवन कर | जब-जब लिचतत म पतितत तिवच र डर जम न लोगो तब-तब तरत सचत ह ज ओ और वह सथी न छड़कर पहHच ज ओ तिकस सBसगो क व त वररण म तिकस सतमिनमतर य सBपरष क स ननि[रधवय म | वह H व क म तिवच र तिबखर ज यगो और आपक तन-मन पतिवतर ह ज यगो | यदिदो ऐस नहgt तिकय त व पतितत तिवच र आपक पतन तिकय तिबन नहgt छड़गो कयतिक ज मन म हत ह दोर-सबर उसक अनस र ब हर क0 ति]य हत ह | तिफर तम पछत ओगो तिक ह य यह मझस कय ह गोय प न क सवभ व ह नच क0 ओर बहन | वस ह मन क सवभ व ह पतन क0 ओर सगोमत स बढन | मन हमश धख दोत ह | वह तिवषय क0 ओर खgtचत ह क सगोतित म स र दिदोखत ह लोतिकन वह पतन क र सत ह | क सगोतित म तिकतन ह आकषरण ह hellipमगोर

नदरिजीसको छ ह ग को^ कोतराa -लकोरा उस खश स न खल |

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 24: Yuvadhan Suraksha

अभ तक गोत जवन म आपक तिकतन भ पतन ह चक ह तिफर भ सBसगोतित कर | आपक उतथा न क0 अभ भ गोज इश ह | बड़-बड़ दःजन भ सBसगो स सजजान बन गोय ह |

शठो सधाराकिह सतसगतित ई |

सBसगो स वलिचत रहन अपन पतन क आमतितरत करन ह | इसलिलोय अपन नतर करण Bवच आदिदो सभ क सBसगोरप गोगो म सन न कर त रह जिजसस क मतिवक र आप पर ह व न ह सक |

श सकोल कोरा lsquoहम बरहमचय क प लोन क स कर सकत ह बड़-बड़ ॠतिष-मतिन भ इस र सत पर तिफसलो पड़त hellipह rsquo ndash इस परक र क हन तिवच र क तितलो जलिलो दो दो और अपन सकपबलो क बढ ओ | शभ सकप कर | जस आप सचत ह वस ह आप ह ज त ह | यह स र सPननिषट ह सकपमय ह | दढ सकप करन स वयरकषारण म मदोदो हत ह और वयरकषारण स सकपबलो बढत ह | तिवशवास फलदोयोको | जस तिवशव स और जस शरीदध हगो वस ह फलो पर पत हगो | बरहमजञा न मह परष म यह सकपबलो असम हत ह | वसततh बरहमचय क0 त व जत-ज गोत मरतितG ह हत ह |

तितरबानधयोकत पररणयो औरा योगभयोस कोरा तितरबनध करक पर रण य म करन स तिवक र जवन सहज भ व स तिनरतिवGक रिरत म परवश करन लोगोत ह | मलोबनध स तिवक र पर तिवजय प न क स मथय आत ह | उतिडडीय नबनध स आदोम उ[तित म तिवलोकषारण उड़ न लो सकत ह | ज लोनधरबनध स बजिदध तिवकलिसत हत ह | अगोर कई वयलिकत अनभव मह परष क स ननि[रधवय म तितरबनध क स रथी परतितदिदोन 12 पर रण य म कर त परBय ह र लिसदध हन लोगोगो | 12 परBय ह र स ध ररण लिसदध हन लोगोगो | ध ररण -शलिकत बढत ह परकP तित क रहसय खलोन लोगोगो | सवभ व क0 ननिमठ स बजिदध क0 तिवलोकषारणत सव सथय क0 सरभ आन लोगोगो | 12 ध ररण लिसदध हन पर रधवय न लोगोगो सतिवकप सम ननिध हन लोगोगो | सतिवकप सम ननिध क 12 गोन समय पकन पर तिनरतिवGकप सम ननिध लोगोगो | इस परक र छh महन अभय स करनव लो स धक लिसदध यगो बन सकत ह | रिरजिदध-लिसजिदधय H उसक आगो ह रथी जड़कर खड़ रहत ह | यकषा गोधव तिक[र उसक0 सव क लिलोए उBसक हत ह | उस पतिवतर परष क तिनकट सस र लोगो मनत म नकर अपन मनक मन परण कर सकत ह | स धन करत समय रगो-रगो म इस मह न लोकषय क0 पर नविपत क लिलोए धन लोगो ज य| बरहमचय-वरत प लोन व लो स धक पतिवतर जवन जनव लो वयलिकत मह न लोकषय क0 पर नविपत म सफलो ह सकत ह | ह ननिमतर ब र-ब र असफलो हन पर भ तम तिनर श मत ह | अपन असफलोत ओ क य दो करक ह र हए जआर क0 तरह ब र-ब र तिगोर मत | बरहमचय क0 इस पसतक क तिफर-तिफर स पढ | पर तh तिन स उठत समय तिबसतर पर ह बठ रह और दढ भ वन कर ldquoमर जवन परकP तित क0 रथीपपड़ ख कर पशओ क0 तरह नषट करन क लिलोए नहgt ह | म अवशय परष रथी करH गो आगो बढHगो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip मर भतर परबरहम परम Bम क अनपम बलो ह | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip

त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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त एव तिवक र जवन जनव लो वयलिकतय क परभ व स म अपनक तिवतिनमकत करत ज ऊH गो | हरिर ॐ hellip ॐ hellip ॐ hellip सबह म इस परक र क परयगो करन स चमBक रिरक लो भ पर पत कर सकत ह | सवतिनयनत सवशवर क कभ पय र कर hellip कभ पर रथीन कर hellip कभ भ व स तिवहवालोत स आतन दो कर | व अनतय म परम Bम हम अवशय म गोदोशन दोत ह | बलो-बजिदध बढ त ह | स धक त तिवक र जवन पर तिवजय हत ज त ह | ईशवर क असम बलो तमह र स रथी ह | तिनर श मत ह भय हत श मत ह | ब र-ब र तिफसलोन पर भ सफलो हन क0 आश और उBस ह मत छड़ | श ब श वर hellip श ब श hellip तिहममत कर तिहममत कर | बरहमचय-सरकषा क उप य क ब र-ब र पढ सकषमत स तिवच र कर | उ[तित क हर कषातर म तम आस न स तिवजत ह सकत ह | करगो न तिहममत अतित ख न अतित सन अतित बलोन अतित य तर करन अतित मरथीन करन अपन सषपत यगयत ओ क धर श य कर दोत ह जबतिक सयम और परष रथी सषपत यगयत ओ क जगो कर जगोदो_शवर स मलो क त कर दोत ह |

न को ड चल हम र सदोगोरदोव परम पजय लोलो श हज मह र ज क जवन क0 एक घटन बत त हHसिसGध म उन दिदोन तिकस जमन क0 ब त म तिहनद और मसलोम न क झगोड़ चलो रह रथी | उस जमन पर

नम क एक पड़ खड़ रथी जिजसस उस जमन क0 सम -तिनध ररण क ब र म क छ तिवव दो रथी | तिहनद और मसलोम न कट-कचहर क धकक ख -ख कर रथीक | आखिखर दोन पकषा न यह तय तिकय तिक यह ध रमिमGक सथी न ह | दोन पकषा म स जिजस पकषा क कई पर-फक0र उस सथी न पर अपन कई तिवशष तज बलो य चमBक र दिदोख दो वह जमन उस पकषा क0 ह ज यगो |

पजय लोलो श हज ब प क न म पहलो lsquoलोलो र मrsquo रथी | लोगो पजय लोलो र मज क प स पहHच और बलो

ldquoहम र त आप ह एकम तर सत ह | हमस ज ह सकत रथी वह हमन तिकय परनत असफलो रह | अब समगरी तिहनद सम ज क0 परतितषठ आपशरी क चररण म ह |

इसW को^ अज स जीबा दरा तिकोनरा हत ह6 |त-फW a ट-ट तिकोशत को एको गवन तिकोनरा हत ह6 ||

अब सत कह य भगोव न कह आप ह हम र सह र ह | आप ह क छ करगो त यह धमसथी न तिहनदःओ क ह सक गो |rdquo सत त मज हत ह | ज अहक र लोकर तिकस सत क प स ज त ह वह ख लो ह रथी लोटत ह और ज तिवनमर हकर शररण गोतित क भ व स उनक सममख ज त ह वह सब क छ प लोत ह | तिवनमर और शरीदध यकत लोगो पर सत क0 कररण क छ दोन क जदो_ उमड़ पड़त ह | पजय लोलो र मज उनक0 ब त म नकर उस सथी न पर ज कर भननिम पर दोन घटन क बच लिसर नच तिकय हए श त भ व स बठ गोय | तिवपकषा क लोगो न उनह ऐस सरलो और सहज अवसथी म बठ हए दोख त समझ लिलोय तिक य लोगो इस स ध क वयरथी म ह लो य ह | यह स ध कय करगो hellip जत हम र हगो |

पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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पहलो मतसिसलोम लोगो दवा र आमतितरत पर-फक0र न ज द-मतर टन-टटक आदिदो तिकय | lsquoअलो ब HधH बलो hellipब HधH पPथव hellipब HधH तज hellipब HधH व य hellipब HधH आक श hellipब HधH फ ऽऽऽlsquo आदिदो-आदिदो तिकय | तिफर पजय लोलो र म ज क0 ब र आई | पजय लोलो र मज भलो ह स ध ररण स लोगो रह रथी परनत उनक भतर आBम ननदो तिहलोर लो रह रथी | lsquoपPथव आक श कय समगरी बरहम णड म मर ह पस र hellipह मर सतत क तिबन एक पतत भ नहgt तिहलो hellipसकत य च Hदो-लिसत र मर आजञा म ह चलो रह hellipह सवतर म ह इन सब तिवभिभ[ रप म तिवलो स कर रह hellipहH rsquo ऐस बरहम ननदो म डब हए व बठ रथी | ऐस आBममसत म बठ हआ तिकनत ब हर स क गो लो जस दिदोखन व लो सत ज बलो दो उस घदिटत हन स कन रक सकत ह वलिशषठ ज कहत ह ldquoह र मज तितरलोक0 म ऐस कन ह ज सत क0 आजञा क उलोघन कर सक rdquo जब लोगो न पजय लोलो र मज स आगरीह तिकय त उनहन धर स अपन लिसर ऊपर क0 ओर उठ य | स मन ह नम क पड़ खड़ रथी | उस पर दननिषट ड लोकर गोजन करत हए आदोश Bमक भ व स बलो उठ ldquoऐ नम इधर कय खड़ ह ज उधर हटकर खड़ रह |rdquo बस उनक कहन ह रथी तिक नम क पड lsquo hellipसरर hellipसरर rsquo करत हआ दर ज कर पववत खड़ ह गोय | लोगो त यह दोखकर आव क रह गोय आज तक तिकस न ऐस चमBक र नहgt दोख रथी | अब तिवपकषा लोगो भ उनक पर पड़न लोगो | व भ समझ गोय तिक य कई लिसदध मह परष ह | व तिहनदःओ स बलो ldquoय आपक ह पर नहgt ह बलकिक आपक और हम र सबक पर ह | अब स य lsquoलोलो र मrsquo नहgt किकGत lsquoलोलो श हrsquo ह | तब स लोगो उनक lsquoलोलो र मrsquo न म भलो ह गोय और उनह lsquoलोलो श हrsquo न म स ह पक रन लोगो | लोगो न उनक जवन म ऐस-ऐस और भ कई चमBक र दोख | व 13 वष क0 उमर प र करक बरहमलोन हए | इतन वPदध हन पर भ उनक स र दो Hत सरभिकषात रथी व रण म तज और बलो रथी | व तिनयननिमत रप स आसन एव पर रण य म करत रथी | मलो पदोलो य तर करत रथी | व आजनम बरहमच र रह | उनक कP प -परस दो दवा र कई पतरहन क पतर ननिमलो गोरब क धन ननिमलो तिनरBस तिहय क उBस ह ननिमलो और जिजजञा सओ क स धन -म गो परशसत हआ | और भ कय -कय हआ यह बत न ज ऊH गो त तिवषय नतर हगो और समय भ अननिधक नहgt ह | म यह बत न च हत हH तिक उनक दवा र इतन चमBक र हत हए भ उनक0 मह नत चमBक र म तिनतिहत नहgt ह | उनक0 मह नत त उनक0 बरहमतिनषठत म तिनतिहत रथी | छट-मट चमBक र त रथीड़ बहत अभय स क दवा र हर कई कर लोत ह मगोर बरहमतिनषठ त चज ह क छ और ह | वह त सभ स धन ओ क0 अतितम तिनषपतित ह | ऐस बरहमतिनषठ हन ह त व सततिवक बरहमच र हन ह | मन पहलो भ कह ह तिक क वलो वयरकषा बरहमचय नहgt ह | यह त बरहमचय क0 स धन ह | यदिदो शरर दवा र वयरकषा ह और मन-बजिदध म तिवषय क सिचGतन चलोत रह त बरहमतिनषठ कह H हई तिफर भ वयरकषा दवा र ह उस बरहम ननदो क दवा र खलोन शघर सभव हत ह | वयरकषारण ह और कई समरथी बरहमतिनषठ गोर ननिमलो ज य त बस तिफर और क छ करन शष नहgt रहत | तिफर वयरकषारण करन म परिरशरीम नहgt करन पड़त वह सहज हत ह | स धक लिसदध बन ज त ह | तिफर त उसक0 दननिषट म तर स क मक भ सयम बन ज त ह |

सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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सत जञा नशवर मह र ज जिजस चबतर पर बठ रथी उसक कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो | ऐस ह पजयप दो लोलो श हज ब प न नम क पड़ क कह lsquo hellipचलो rsquo त वह चलोन लोगो और ज कर दसर जगोह खड़ ह गोय | यह सब सकप बलो क चमBक र ह | ऐस सकप बलो आप भ बढ सकत ह | तिववक ननदो कह करत रथी तिक भ रतय लोगो अपन सकप बलो क भलो गोय ह इसलिलोय गोलो म क दःhख भगो रह ह | lsquoहम कय कर सकत hellipह rsquo ऐस नक र Bमक सिचGतन दवा र व सकपहन ह गोय ह जबतिक अगरीज क बचच भ अपन क बड़ उBस ह समझत ह और क य म सफलो ह ज त ह कयतिक व ऐस तिवच र करत ह lsquoम अगरीज हH | दःतिनय क बड़ भ गो पर हम र ज तित क श सन रह ह | ऐस गोरवपरण ज तित क अगो हत हए मझ कन रक सकत ह सफलो हन स म कय नहgt कर सकत rsquo lsquoबस ऐस तिवच र ह उस सफलोत दो दोत ह | जब अगरीज क बचच भ अपन ज तित क गोरव क समररण कर दढ सकपव न बन सकत ह त आप कय नहgt बन सकत ldquoम ॠतिष-मतिनय क0 सत न हH | भषम जस दढपरतितजञा परष क0 परमपर म मर जनम हआ ह | गोगो क पPथव पर उत रनव लो र ज भगोररथी जस दढतिनय मह परष क रकत मझम बह रह ह | सम क भ प ज नव लो अगोसBय ॠतिष क म वशज हH | शरी र म और शरीकP षरण क0 अवत र-भननिम भ रत म जह H दोवत भ जनम लोन क तरसत ह वह H मर जनम हआ ह तिफर म ऐस दो_न-हन कय म ज च हH स कर सकत हH | आBम क0 अमरत क दिदोवय जञा न क परम तिनभयत क सदोश स र सस र क जिजन ॠतिषय न दिदोय उनक वशज हकर म दो_न-हन नहgt रह सकत | म अपन रकत क तिनभयत क ससक र क जगो कर रहHगो | म वयव न बनकर रहHगो |rdquo ऐस दढ सकप हरक भ रतय ब लोक क करन च तिहए |

सतर-जीतित को परतित तDव परबाल कोरा शरी र मकP षरण परमहस कह करत रथी ldquo तिकस सदोर सतर पर नजर पड़ ज ए त उसम म H जगोदोमब क दोशन कर | ऐस तिवच र कर तिक यह अवशय दोव क अवत र ह तभ त इसम इतन सदोय ह | म H परस[ हकर इस रप म दोशन दो रह ह ऐस समझकर स मन खड़ सतर क मन-ह-मन पररण म कर | इसस तमह र भतर क म तिवक र नहgt उठ सक गो | तDवत2 रादोराषः रा=वयषः लषटवत2 | पर ई सतर क म त क सम न और पर ए धन क ननिमटटा_ क ढलो क सम न समझ |

भिशवजी को परसग लिशव ज क प स कय रण क सबदो र क0 तमिसतरय क लो य गोय रथी त उस समय उनहन यह आदोश उपतसिसथीत तिकय रथी | उनहन उन तमिसतरय क lsquoम Hrsquo कहकर पक र तरथी उनह कई उपह र दोकर समम न सतिहत उनक घर व पस भज दिदोय | लिशव ज परम गोर समरथी र मदो स क लिशषय रथी | भ रतय सभयत और ससकP तित म म त क इतन पतिवतर सथी न दिदोय गोय ह तिक यह म तPभ व मनषय क पतितत हत-हत बच लोत ह | शरी र मकP षरण एव अनय पतिवतर सत क समकषा जब कई सतर क चषट करन च हत तब व सजजान स धक सत यह पतिवतर म तPभ व मन म लो कर तिवक र क फ दो स बच ज त | यह म तPभ व मन क तिवक र हन स बहत हदो तक रक रखत ह | जब भ तिकस सतर क दोखन पर मन म तिवक र उठन लोगो उस समय सचत रहकर इस म तPभ व क परयगो कर ह लोन च तिहए |

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 28: Yuvadhan Suraksha

अजीampन औरा उवampश

अजन सशरर इन सभ म गोय त उसक सव गोत म उवश रमभ आदिदो अपसर ओ न नPBय तिकय | अजन क रप सनदोय पर मतिहत ह उवश र तितर क समय उसक तिनव स सथी न पर गोई और पररणय-तिनवदोन तिकय तरथी स रथी ह इसम कई दोष नहgt लोगोत इसक पकषा म अनक दोलोलो भ कpara | तिकनत अजन न अपन दढ इजिनयसयम क परिरचय दोत हए कह

गो मरधवन परप[ऽलकिसम प दो त वरवरणिरणGन | Bव तिह म म तPवत पजय रकषयऽह पतरवत Bवय || ( मह भ रत वनपवभिरण इनलोक भिभगोमनपव ४६४७) मर दननिषट म क नत म _ और शच क ज सथी न ह वह तमह र भ ह | तम मर लिलोए म त क सम न

पजय ह | म तमह र चररण म पररण म करत हH | तम अपन दःर गरीह छड़कर लोट ज ओ | इस पर उवश न ]ननिधत हकर उस नपसक हन क श प दो दिदोय | अजन न उवश स श तिपत हन सवक र तिकय परनत सयम नहgt तड़ | ज अपन आदोश स नहgt हटत धय और सहनशलोत क अपन चरिरतर क भषरण बन त ह उसक लिलोय श प भ वरदो न बन ज त ह | अजन क लिलोय भ ऐस ह हआ | जब इन तक यह ब त पहHच त उनहन अजन क कह तमन इजिनय सयम क दवा र ऋतिषय क भ पर जिजत कर दिदोय | तम जस पतर क प कर क नत व सतव म शरीषठ पतरव लो ह | उवश क श प तमह वरदो न लिसदध हगो | भतलो पर वनव स क १३व वष म अजञा तव स करन पड़गो उस समय यह सह यक हगो | उसक ब दो तम अपन परषBव तिफर स पर पत कर लोगो | इन क करथीन नस र अजञा तव स क समय अजन न तिवर ट क महलो म नतक वश म रहकर तिवर ट क0 र जक म र क सगोत और नPBय तिवदया लिसख ई रथी और इस परक र वह श प स मकत हआ रथी | परसतर क परतित म तPभ व रखन क यह एक सदोर उदो हररण ह | ऐस ह एक उदो हररण व मतिककP त र म यरण म भ आत ह | भगोव न शरीर म क छट भ ई लोकषमरण क जब सत ज क गोहन पहच नन क कह गोय त लोकषमरण ज बलो ह त त म त सत म त क पर क गोहन और नपर ह पहच नत हH ज मझ उनक0 चररणवनदोन क समय दननिषटगोचर हत रहत रथी | क यर-क णडलो आदिदो दसर गोहन क म नहgt ज नत | यह म तPभ वव लो दननिषट ह इस ब त क एक बहत बड़ क ररण रथी तिक लोकषमरणज इतन क लो तक बरहमचय क प लोन तिकय रह सक | तभ र वरणपतर मघन दो क जिजस इन भ नहgt हर सक रथी लोकषमरणज हर प य | पतिवतर म तPभ व दवा र वयरकषारण क यह अनपम उदो हररण ह ज बरहमचय क0 महतत भ परकट करत ह | सतसतिहतयो ढ़ो

जस स तिहBय हम पढत ह वस ह तिवच र मन क भतर चलोत रहत ह और उनहgtस हम र स र वयवह र परभ तिवत हत ह | ज लोगो क तसिBसत तिवक र और क मततजक स तिहBय पढत ह व कभ ऊपर नह उठ सकत | उनक मन सदोव क म-तिवषय क सिचGतन म ह उलोझ रहत ह और इसस व अपन वयरकषा करन म असमरथी रहत ह | गोनदो स तिहBय क मकत क भ व पदो करत ह | सन गोय ह तिक प Bय जगोत स परभ तिवत क छ नर धम चर-लिछप गोनदो_ तिफम क परदोशन करत ह ज अपन और अपन सपक म आनव लो क तिवन श करत ह | ऐस लोगो मतिहलो ओ कमलो वय क0 कनय ओ तरथी तिकशर एव यव वसथी म पहHच हए बचच क स रथी बड़ अनय य करत ह | बय तिफम दोखन-दिदोख नव लो मह अधम क म नध लोगो मरन क ब दो शकर क कर आदिदो यतिनय म जनम लोकर अरथीव गोनदो_ न लिलोय क क0ड़ बनकर छटपट त हए दःख भगोगो ह | तिनदोष कमलोवय क नवयवक उन दःषट क लिशक र न बन इसक लिलोए सरक र और सम ज क स वध न रहन च तिहए |

ब लोक दोश क0 सपभितत ह | बरहमचय क न श स उनक तिवन श ह ज त ह | अतh नवयवक क म दोक वय गोनदो स तिहBय व गोनदो_ तिफम क दवा र बब दो हन स बच य ज य | व ह त र षटर क भ व करणध र ह | यवक-यवतितय H तजसव ह बरहमचय क0 मतिहम समझ इसक लिलोए हम सब लोगो क कततवय ह तिक सक लो-क लोज म तिवदया रथिरथीGय तक बरहमचय पर लिलोख गोय स तिहBय पहHच य | सरक र क यह नतितक कततवय ह तिक वह लिशकषा परदो न कर बरहमचय तिवशय पर तिवदया रथिरथीGय क स वध न कर त तिक व तजसव बन | जिजतन भ मह परष हए ह उनक जवन पर दननिषटप त कर त उन पर तिकस-न-तिकस सBस तिहBय क0 छ प ननिमलोगो | अमरिरक क परलिसदध लोखक इमसन क गोर

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 29: Yuvadhan Suraksha

रथीर बरहमचय क प लोन करत रथी | उनह न लिलोख ह म परतितदिदोन गोत क पतिवतर जलो स सन न करत हH | यदयातिप इस पसतक क लिलोखनव लो दोवत ओ क अनक वष वयतत ह गोय लोतिकन इसक बर बर क0 कई पसतक अभ तक नहgt तिनकलो ह |

यगोशवर म त गोत क लिलोए दसर एक तिवदोश तिवदवा न इगलोणड क एफ एच मलोम कहत ह ब इतिबलो क मन यरथी रथी अभय स तिकय ह | ज जञा न गोत म ह वह ईस ई य यदह ब इतिबलो म नहgt ह | मझ यह आय हत ह तिक भ रतय नवयवक यह H इगलोणड तक पदो रथी तिवजञा न सखन कय आत ह तिनसदोह प Bय क परतित उनक मह ह इसक क ररण ह | उनक भलोभ लो हदोय न तिनदोय और अतिवनमर पभिमव लिसय क दिदोलो अभ पहच न नहgt ह | इसलिलोए उनक0 लिशकषा स ननिमलोनव लो पदो क0 लो लोच स व उन सव रथिरथीGय क इनज लो म फ सत ह | अनयरथी त जिजस दोश य सम ज क गोलो म स छ टन ह उसक लिलोए त यह अधगोतित क ह म गो ह |

म ईस ई हत हए भ गोत क परतित इतन आदोर-म न इसलिलोए रखत हH तिक जिजन गोढ परशन क हलो प Bय

वजञा तिनक अभ तक नहgt कर प य उनक हलो इस गोत गरीरथी न शदध और सरलो रतित स दो दिदोय ह | गोत म तिकतन ह सतर आलोतिकक उपदोश स भरपर दोख इस क ररण गोत ज मर लिलोए स कषा त यगोशवर म त बन गोई ह | तिवशव भर म स र धन स भ न ननिमलो सक भ रतवष क यह ऐस अमय खज न ह |

सपरलिसदध पतरक र पलो तिबरजिनटन सन तन धम क0 ऐस ध रमिमGक पसतक पढकर जब परभ तिवत हआ तभ वह

तिहनदःसत न आय रथी और यह H क रमरण महरतिषG जस मह Bम ओ क दोशन करक धनय हआ रथी | दोशभलिकतपरण स तिहBय पढकर ह चनशखर आज दो भगोतसिसGह वर स वरकर जस रBन अपन जवन क दोश तिहत म लोगो प य |

इसलिलोय सBस तिहBय क0 त जिजतन मतिहम गो ई ज य उतन कम ह | शरीयगोवलिशषठ मह र म यरण उपतिनषदो

दो सबध सखमतिन तिववकचड़ मभिरण शरी र मकP षरण स तिहBय सव म र मतरथी क परवचन आदिदो भ रतय ससकP तित क0 ऐस कई पसतक ह जिजनह पढ और उनह अपन दोतिनक जवन क अगो बन लो | ऐस-वस तिवक र और क तसिBसत पसतक-पलकिसतक एH ह त उनह उठ कर कचर लो ढर पर फ क दो य चह म ड लोकर आगो त प मगोर न त सवय पढ और न दसर क ह रथी लोगोन दो |

इस परक र क आरधवय तमिBमक सतिहBय-सवन म बरहमचय मजबत करन क0 अरथी ह शलिकत हत ह | पर तhक लो

सन न दिदो क प त दिदोन क वयवस य म लोगोन स पव एव र तितर क सन स पव कई-न-कई आरधवय तमिBमक पसतक पढन च तिहए | इसस व ह सतगोरण तिवच र मन म घमत रहगो ज पसतक म हगो और हम र मन तिवक रगरीसत हन स बच रहगो |

कपन (लोगोट_) पहनन क भ आगरीह रख | इसस अणडकष सवसथी रहगो और वयरकषारण म मदोदो ननिमलोगो | व सन क भड़क न व लो नगन व अशललो पसटर एव लिचतर क दोखन क आकषरण छड़ | अशललो श यर

और गो न भ जह H गो य ज त ह वह H न रक |

वयोampसचयो को चतकोरा वय क एक-एक अरण म बहत मह न शलिकतय H लिछप ह | इसक दवा र शकर च य मह वर कबर न नक जस मह परष धरत पर अवतरण हए ह | बड़-बड़ वर यदध वजञा तिनक स तिहBयक र- य सब वय क0 एक बHदो म लिछप रथी hellip और अभ आगो भ पदो हत रहगो | इतन बहमय वय क सदःपयगो ज वयलिकत नहgt कर प त वह अपन पतन आप आमतितरत करत ह |

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 30: Yuvadhan Suraksha

वयो व6 गamp | (शत बरहमरण ) वय ह तज ह आभ ह परक श ह | जवन क ऊरधववगो म बन न व लो ऐस बहमय वयशलिकत क जिजसन भ खय उसक तिकतन ह तिन उठ न पड़ यह क छ उदो हररण क दवा र हम समझ सकत ह |

ष तितह औरा वरा अभिनयो मह भ रत म बरहमचय स सबननिधत दो परसगो आत ह एक भषम तिपत मह क और दसर वर अभिभमनय क | भषम तिपत मह ब लो बरहमच र रथी इसलिलोय उनम अरथी ह स मथय रथी | भगोव न शरी कP षरण क यह वरत रथी तिक lsquoम यदध म शसतर नहgt उठ ऊH गो |rsquo तिकनत यह भषम क0 बरहमचय शलिकत क ह चमBक र रथी तिक उनहन शरी कP षरण क अपन वरत भगो करन क लिलोए मजबर कर दिदोय | उनहन अजन पर ऐस ब रण वष क0 तिक दिदोवय सतर स ससतसिजजात अजन जस धरनधर धनध र भ उसक परतितक र करन म असमरथी ह गोय जिजसस उसक0 रकषा रथी भगोव न शरी कP षरण क ररथी क पतिहय लोकर भषम क0 ओर दोड़न पड़ | यह बरहमचय क ह परत प रथी तिक भषम मत पर भ तिवजय पर पत कर सक | उनहन ह यह सवय तय तिकय तिक उनह कब शरर छड़न ह | अनयरथी शरर म पर रण क दिटक रहन असभव रथी परनत भषम क0 तिबन आजञा क मत भ उनस पर रण क स छ_न सकत रथी भषम न सव स शभ महत म अपन शरर छड़ | दसर ओर अभिभमनय क परसगो आत ह | मह भ रत क यदध म अजन क वर पतर अभिभमनय च]वयह क भदोन करन क लिलोए अक लो ह तिनकलो पड़ रथी | भम भ पछ रह गोय रथी | उसन ज शय दिदोख य वह परशसनय रथी | बड़-बड़ मह रलिरथीय स ननिघर हन पर भ वह ररथी क पतिहय लोकर अक लो यदध करत रह परनत आखिखर म म र गोय | उसक क ररण यह रथी तिक यदध म ज न स पव वह अपन बरहमचय खतसिणडत कर चक रथी | वह उततर क गोभ म प णडव वश क बज ड लोकर आय रथी | म तर इतन छट_ स कमजर क क ररण वह तिपत मह भषम क0 तरह अपन मPBय क आप म लिलोक नहgt बन सक |

Dथवराजी चहन कयो हरा

भ र त म पPथवर ज चह न न महममदो गोर क सलोह ब र हर य तिकनत सतरहव यदध म वह खदो ह र गोय और उस पकड़ लिलोय गोय | गोर न ब दो म उसक0 आHख लोह क0 गोम सलो ख स फ ड़व दोAuml | अब यह एक बड़ आय ह तिक सलोह ब र जतन व लो वर यदध ह र क स गोय इतितह स बत त ह तिक जिजस दिदोन वह ह र रथी उस दिदोन वह अपन पBन स अपन कमर कसव कर अरथी त अपन वय क सBय न श करक यदधभननिम म आय रथी | यह ह वयशलिकत क वयय क दःषपरिररण म |

र म यरण मह क वय क प तर र मभकत हनम न क कई अदोभत पर ]म त हम सबन सन ह ह जस- आक श

म उड़न सम लो Hघन र वरण क0 भर सभ म स छ टकर लोटन लोक जलो न यदध म र वरण क मकक म र कर मरथिछGत कर दोन सजवन बट_ क लिलोय पर पह ड़ उठ लो न आदिदो | य सब बरहमचय क0 शलिकत क ह परत प रथी |

फरा स क समर ट नपलिलोयन कह करत रथी असव शबदो ह मर शबदोकष म नहgt ह | परनत वह भ

ह र गोय | ह रन क मलो क ररण म एक क ररण यह भ रथी तिक यदध स पव ह उसन सतर क आकषरण म अपन वय क कषाय कर दिदोय रथी |

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 31: Yuvadhan Suraksha

समसन भ शरवरत क कषातर म बहत परलिसदध रथी | ब इतिबलो म उसक उलोख आत ह | वह भ सतर क महक आकषरण स नहgt बच सक और उसक भ पतन ह गोय |

सव रातamp को अनव

सव म र मतरथी जब परफ सर रथी तब उनहन एक परयगो तिकय और ब दो म तिनषकषरप म बत य तिक ज

तिवदया रथीT परकषा क दिदोन म य परकषा क क छ दिदोन पहलो तिवषय म फ स ज त ह व परकषा म पर यh असफलो ह ज त ह च ह वष भर अपन ककषा म अ तिवदया रथीT कय न रह ह | जिजन तिवदया रथिरथीGय क लिचतत परकषा क दिदोन म एक गरी और शदध रह करत ह व ह सफलो हत ह | क म तिवक र क रकन वसततh बड़ दःhस रधवय ह | यह क ररण ह तिक मन मह र ज न यह तक कह दिदोय ह

म H बहन और पतर क स रथी भ वयलिकत क एक नत म नहgt बठन च तिहय कयतिक मनषय क0 इजिनय H बहत बलोव न हत ह | व तिवदवा न क मन क भ सम न रप स अपन वगो म खgtच लो ज त ह |

योव वगamp स दो बातa म यवक वगो स तिवशषरप स दो ब त कहन च हत ह कयतिक यह वह वगो ह ज अपन दोश क सदढ

भतिवषय क आध र ह | भ रत क यह यवक वगो ज पहलो दोशतथा न एव आरधवय तमिBमक रहसय क0 खज म लोगो रहत रथी वह अब क ननिमतिनय क रगो-रप क पछ प गोलो हकर अपन अमय जवन वयरथी म खत ज रह ह | यह क मशलिकत मनषय क लिलोए अभिभश प नहgt बलकिक वरदो न सवरप ह | यह जब यवक म खिखलोन लोगोत ह त उस उस समय इतन उBस ह स भर दोत ह तिक वह सस र म सब क छ कर सकन क0 तसिसथीतित म अपन क समरथी अनभव करन लोगोत ह लोतिकन आज क अननिधक श यवक दःवयसन म फH सकर हसतमरथीन एव सवपनदोष क लिशक र बन ज त ह |

हसत6न को दषरिरारण

इन दःवयसन स यवक अपन वयध ररण क0 शलिकत ख बठत ह और वह तवरत स नपसकत क0 ओर अगरीसर हन लोगोत ह | उसक0 आHख और चहर तिनसतज और कमजर ह ज त ह | रथीड़ परिरशरीम स ह वह ह Hफन लोगोत ह उसक0 आख क आगो अधर छ न लोगोत ह | अननिधक कमजर स म भ आ ज त ह | उसक0 सकपशलिकत कमजर ह ज त ह |

अरिराको a तिकोयो गयो परयोग

अमरिरक म एक तिवजञा नश लो म ३० तिवदया रथिरथीGय क भख रख गोय | इसस उतन समय क लिलोय त उनक क म तिवक र दोब रह परनत भजन करन क ब दो उनम तिफर स क म-व सन जर पकड़न लोगो | लोह क0 लोगोट पहन कर भ क छ लोगो क मदोमन क0 चषट करत प ए ज त ह | उनक लिसकतिडय ब ब कहत ह | व लोह य पतलो क0 लोगोट पहन कर उसम त लो लोगो दोत ह | क छ ऐस भ लोगो हए ह जिजनहन इस क म-तिवक र स छ टटा_ प न क लिलोय अपन जननजिनय ह क ट दो_ और ब दो म बहत पछत य | उनह म लोम नहgt रथी तिक जननजिनय त क म तिवक र परकट हन क एक स धन ह | फ लो-पBतत तड़न स पड़ नषट नहgt हत | म गोदोशन क अभ व म लोगो क स-क स भलो करत ह ऐस ह यह एक उदो हररण ह |

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 32: Yuvadhan Suraksha

ज यवक १७ स २४ वष क0 आय तक सयम रख लोत ह उसक म नलिसक बलो एव बजिदध बहत तजसव ह ज त ह | जवनभर उसक उBस ह एव सफो रतितG बन रहत ह | ज यवक बस वष क0 आय पर हन स पव ह अपन वय क न श करन शर कर दोत ह उसक0 सफो रतितG और हसलो पसत ह ज त ह तरथी स र जवनभर क लिलोय उसक0 बजिदध क तमिणठत ह ज त ह | म च हत हH तिक यव वगो वय क सरकषारण क क छ ठस परयगो सख लो | छट-मट परयगो उपव स भजन म सध र आदिदो त ठक ह परनत व असथी ई लो भ ह दो प त ह | कई परयगो स यह ब त लिसदध हई ह |

कोशसिकत को दोन यो ऊरधववampगन

क मशलिकत क दोमन सह हलो नहgt ह | सह हलो ह इस शलिकत क ऊरधववमख बन कर शरर म ह इसक

उपयगो करक परम सख क पर पत करन | यह यलिकत जिजसक आ गोई उस सब आ गोय और जिजस यह नहgt आई वह सम ज म तिकतन भ सतत व न धनव न परतितशठ व न बन ज य अनत म मरन पर अन रथी ह रह ज यगो अपन-आप क नहgt ननिमलो प यगो | गोतम बदध यह यलिकत ज नत रथी तभ अगोलोम लो जस तिनदोय हBय र भ स र दःषकP Bय छड़कर उनक आगो भिभकषाक बन गोय | ऐस मह परष म वह शलिकत हत ह जिजसक परयगो स स धक क लिलोए बरहमचय क0 स धन एकदोम सरलो ह ज त ह | तिफर क म-तिवक र स लोड़न नह पड़त ह बलकिक जवन म बरहमचय सहज ह फलिलोत हन लोगोत ह |

मन ऐस लोगो क दोख ह ज रथीड़ स जप करत ह और बहत पज ज त ह | और ऐस लोगो क भ दोख

ह ज बहत जप-तप करत ह तिफर भ सम ज पर उनक कई परभ व नहgt उनम आकषरण नहgt | ज न-अनज न ह-न-ह ज गोPत अरथीव तिन वसथी म य अनय तिकस परक र स उनक0 वय शलिकत अवशय नषट हत रहत ह |

एको सधाको को अनव

एक स धक न यह H उसक न म नहgt लोHगो मझ सवय ह बत य सव मज यह H आन स पव म महन म

एक दिदोन भ पBन क तिबन नहgt रह सकत रथी इतन अननिधक क म-तिवक र म फH स हआ रथी परनत अब ६-६ महन बत ज त ह पBन क तिबन और क म-तिवक र भ पहलो क0 भ Hतित नहgt सत त |

दसरा सधाको को अनव

दसर एक और सजजान यह H आत ह उनक0 पBन क0 लिशक यत मझ सनन क ननिमलो ह | वह सवय त यह H

आत नहgt मगोर लोगो स कह ह तिक तिकस परक र मर पतित क समझ य तिक व आशरीम म नहgt ज य कर |

वस त आशरीम म ज न क लिलोए कई कय मन करगो मगोर उसक इस परक र मन करन क क ररण ज उसन लोगो क बत य और लोगो न मझ बत य वह इस परक र ह वह कहत ह इन ब ब न मर पतित पर न ज न कय ज द तिकय ह तिक पहलो त व र त म मझ प स म सलो त रथी परनत अब मझस दर सत ह | इसस त व लिसनम म ज त रथी जस-तस दोसत क स रथी घमत रहत रथी वह ठक रथी | उस समय कम स कम मर कहन म त चलोत रथी परनत अब त

क स दःभ गय ह मनषय क वयलिकत भलो ह पतन क र सत चलो उसक जवन क भलो ह सBय न श हत

रह परनत वह मर कहन म चलो यह सस र परम क ढ Hच ह | इसम परम दो-प च परतितशत ह सकत ह ब क0

९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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९५ परतितशत त मह ह हत ह व सन ह हत ह | मगोर मह भ परम क चलो ओढकर तिफरत रहत ह और हम पत नहgt चलोत तिक हम पतन क0 ओर ज रह ह य उतथा न क0 ओर |

योग को सकोलबाल

बरहमचय उतथा न क म गो ह | ब ब ज न क छ ज द-व द नहgt तिकय | क वलो उनक दवा र उनक0 यतिगोक शलिकत

क सह र उस वयलिकत क ननिमलो जिजसस उसक0 क मशलिकत ऊरधववगो म ह गोई | इस क ररण उसक मन सस र क म सख स ऊपर उठ गोय | जब असलो रस ननिमलो गोय त गोदो_ न लो दवा र ननिमलोन व लो रस क0 ओर कई कय त क गो ऐस कन मख हगो ज बरहमचय क पतिवतर और असलो रस छड़कर घPभिरणत और पतननमख करन व लो सस र क मसख क0 ओर दोड़गो

कयो योह चतकोरा ह6

स म नय लोगो क लिलोय त यह म न एक बहत बड़ चमBक र ह परनत इसम चमBक र जस कई ब त नहgt

ह | ज मह परष यगोम गो स परिरलिचत ह और अपन आBममसत म मसत रहत ह उनक लिलोय त यह एक खलो म तर ह | यगो क भ अपन एक तिवजञा न ह ज सथीलो तिवजञा न स भ सकषम और अननिधक परभ व हत ह | ज लोगो ऐस तिकस यगो मह परष क स ननि[रधवय क लो भ लोत ह उनक लिलोय त बरहमचय क प लोन सहज ह ज त ह | उनह अलोगो स कई महनत नहgt करन पड़त |

हसत6न व सवपनदोषः स को6 स बाचa

यदिदो कई हसत मरथीन य सवपनदोष क0 समसय स गरीसत ह और वह इस रगो स छ टक र प न क वसततh इक ह त सबस पहलो त म यह कहHगो तिक अब वह यह सिचGत छड़ दो तिक मझ यह रगो ह और अब मर कय हगो कय म तिफर स सव सथय लो भ कर सकH गो इस परक र क तिनर श व दो_ तिवच र क वह जड़मलो स उख ड़ फ क |

सदो6व परसनन राह ज ह चक वह बत गोय | बात स बात बात तह तिबासरा दो आग को^ ससिधा लयो | एक त रगो

तिफर उसक सिचGतन और भ रगरण बन दोत ह | इसलिलोय पहलो क म त यह कर तिक दो_नत क तिवच र क तितलो जलिलो दोकर परस[ और परफ तसिलोत रहन पर रभ कर दो |

पछ तिकतन वयन श ह चक ह उसक0 सिचGत छड़कर अब क स वयरकषारण ह सक उसक लिलोय उप य

करन हत कमर कस लो | रधवयोन राह वयशलिकत क दोमन नहgt करन ह उस ऊरधववगो म बन न ह | वयशलिकत क उपयगो हम ठक ढगो

स नहgt कर प त | इसलिलोय इस शलिकत क ऊरधववगोमन क क छ परयगो हम समझ लो |

वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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वयोamp को ऊरधववampगन कयो ह6

वय क ऊरधववगोमन क अरथी यह नहgt ह तिक वय सथीलो रप स ऊपर सहसरो र क0 ओर ज त ह | इस तिवषय म

कई लोगो भराननिमत ह | वय त वहgt रहत ह मगोर उस सच लिलोत करनव लो ज क मशलिकत ह उसक ऊरधववगोमन हत ह | वय क ऊपर चढ न क0 न ड़ शरर क भतर नहgt ह | इसलिलोय श] रण ऊपर नहgt ज त बलकिक हम र भतर एक वदयातितक चमबक0य शलिकत हत ह ज नच क0 ओर बहत ह तब श] रण सति]य हत ह | इसलिलोय जब परष क0 दनविशट भड़क0लो वसतर पर पड़त ह य उसक मन सतर क सिचGतन करत ह तब यह शलिकत उसक सिचGतनम तर स नच मलो ध र क न क नच ज क मक न ह उसक सति]य कर वय क ब हर धक लोत ह | वय सखलिलोत हत ह उसक जवन क0 उतन क मशलिकत वयरथी म खच ह ज त ह | यगो और त तितरक लोगो इस सकषम ब त स परिरलिचत रथी | सथीलो तिवजञा नव लो जवश सतर और डकटर लोगो इस ब त क ठक स समझ नहgt प य इसलिलोय आधतिनकतम औज र हत हए भ कई गोभर रगो क व ठक नहgt कर प त जबतिक यगो क दननिषटप त म तर य आशव दो स ह रगो ठक हन क चमBक र हम पर यh दोख -सन करत ह | आप बहत यगोस धन करक ऊरधववरत यगो न भ बन तिफर भ वयरकषारण क लिलोय इतन छट -स परयगो त कर ह सकत ह

वयोampराकषा को हततव-रणamp परयोग अपन ज lsquoक म-ससथी नrsquo ह वह जब सति]य हत ह तभ वय क ब हर धक लोत ह | तिकनत तिनमन परयगो दवा र उसक सति]य हन स बच न ह | जय ह तिकस सतर क दोशन स य क मक तिवच र स आपक रधवय न अपन जननजिनय क0 तरफ खिखGचन लोगो तभ आप सतक ह ज ओ | आप तरनत जननजिनय क भतर पट क0 तरफ़ खgtच | जस पप क तिपसटन खgtचत ह उस परक र क0 ति]य मन क जननजिनय म क जिनत करक करन ह | यगो क0 भ ष म इस यतिनम कहत ह | अब आHख बनदो कर | तिफर ऐस भ वन कर तिक म अपन जननजिनय-ससथी न स ऊपर लिसर म तसिसथीत सहसरो र च] क0 तरफ दोख रह हH | जिजधर हम र मन लोगोत ह उधर ह यह शलिकत बहन लोगोत ह | सहसरो र क0 ओर वPभितत लोगो न स ज शलिकत मलो ध र म सति]य हकर वय क सखलिलोत करनव लो रथी वह शलिकत ऊरधववगो म बनकर आपक वयपतन स बच लोगो | लोतिकन रधवय न रह यदिदो आपक मन क म-तिवक र क मज लोन म अटक गोय त आप सफलो नहgt ह प यगो | रथीड़ सकप और तिववक क सह र लिलोय त क छ ह दिदोन क परयगो स महyवपरण फ यदो हन लोगोगो | आप सपषट महसस करगो तिक एक आHध क0 तरह क म क आवगो आय और इस परयगो स वह क छ ह कषारण म श त ह गोय |

दसरा परयोग जब भ क म क वगो उठ फ फड़ म भर व य क जर स ब हर फ क | जिजतन अननिधक ब हर फ क सक उतन उततम | तिफर न भिभ और पट क भतर क0 ओर खgtच | दो-तन ब र क परयगो स ह क म-तिवक र श त ह ज यगो और आप वयपतन स बच ज ओगो | यह परयगो दिदोखत छट -स ह मगोर बड़ महyवपरण यतिगोक परयगो ह | भतर क शव स क मशलिकत क नच क0 ओर धक लोत ह | उस जर स और अननिधक म तर म ब हर फ कन स वह मलो ध र च] म क मक न क सति]य नहgt

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 35: Yuvadhan Suraksha

कर प यगो | तिफर पट व न भिभ क भतर सकचन स वह H ख लो जगोह बन ज त ह | उस ख लो जगोह क भरन क लिलोय क मक न क आसप स क0 स र शलिकत ज वयपतन म सहयगो बनत ह खिखGचकर न भिभ क0 तरफ चलो ज त ह और इस परक र आप वयपतन स बच ज यगो | इस परयगो क करन म न कई खच ह न कई तिवशष सथी न ढ़Hढन क0 जररत ह | कहgt भ बठकर कर सकत ह | क म-तिवक र न भ उठ तब भ यह परयगो करक आप अनपम लो भ उठ सकत ह | इसस जठर खिगन परदो_पत हत ह पट क0 बम रिरय H ननिमटत ह जवन तजसव बनत ह और वयरकषारण सहज म हन लोगोत ह |

वयोampराकषाको च-रणamp

बहत कम खच म आप यह चरण बन सकत ह | क छ सख आHवलो स बज अलोगो करक उनक लिछलोक क क टकर उसक चरण बन लो | आजकलो ब ज र म आHवलो क तय र चरण भ ननिमलोत ह | जिजतन चरण ह उसस दःगोन म तर म ननिमशरी क चरण उसम ननिमलो दो | यह चरण उनक लिलोए भ तिहतकर ह जिजनह सवपनदोष नहgt हत ह |

रज र तितर क सन स आध घट पव प न क स रथी एक चममच यह चरण लो लिलोय कर | यह चरण वय क

गो ढ करत ह कबज दर करत ह व त-तिपतत-कफ क दोष ननिमट त ह और सयम क मजबत करत ह |

गदो को परयोग 6 गरी म खर गोदो र तितर क प न म भिभगो दो | इस सबह ख लो पट लो लो | इस परयगो क दोर न अगोर भख कम लोगोत ह त दोपहर क भजन क पहलो अदोरक व नgtब क रस ननिमलो कर लोन च तिहए |

तलस एको अदोत औषःसिधा परनच डकटर तिवकटर रसन न कह ह ldquoतलोस एक अदोभत औषननिध ह | तलोस पर तिकय गोय परयगो न यह लिसदध कर दिदोय ह तिक रकतच प और प चनततर क तिनयमन म तरथी म नलिसक रगो म तलोस अBयत लो भक र ह | इसस रकतकरण क0 वPजिदध हत ह | मलोरिरय तरथी अनय परक र क बख र म तलोस अBयत उपयगो लिसदध हई ह | तलोस रगो क त दर करत ह ह इसक अतितरिरकत बरहमचय क0 रकषा करन एव य दोशलिकत बढ न म भ अनपम सह यत करत ह | तलोसदोलो एक उBकP षट रस यन ह | यह तितरदोषन शक ह | रकततिवक र व य ख Hस कP ननिम आदिदो क0 तिनव रक ह तरथी हदोय क लिलोय बहत तिहतक र ह |

बरहमचयोamp राकषा हत तर एक कटर दध म तिनह रत हए इस मतर क इकक0स ब र जप कर | तदोप त उस दध क प लो बरहमचय रकषा म सह यत ननिमलोत ह | यह मतर सदोव मन म ध ररण करन यगय ह

ॐ न गवत हबाल राकरयोनभिलतिषःत न सत को र को र सवह |

दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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दोभिशचततनसन

तिवसिधा जमन पर आसन तिबछ कर दोन पर सध करक बठ ज ओ | तिफर दोन ह रथी स पर क अगोHठ पकड़कर झकत हए लिसर क दोन घटन स ननिमलो न क परय स कर | घटन जमन पर सध रह | पर रभ म घटन जमन पर न दिटक त कई हज नहgt | सतत अभय स स यह आसन लिसदध ह ज यगो | यह आसन करन क 15 ननिमनट ब दो एक-दो कचच भिभणड ख न च तिहए | सवफलो क सवन भ फ यदो करत ह |

ल इस आसन स न तिड़य क0 तिवशष शजिदध हकर हम र क यकषामत बढत ह और शरर क0 बम रिरय H दर हत ह | बदोहजम कबज जस पट क सभ रगो सदोEuml-जक म कफ तिगोरन कमर क दोदो तिहचक0 सफ दो कढ पश ब क0 बम रिरय H सवपनदोष वय-तिवक र अपखिIgraveकस स ईदिटक नलो क0 सजन प णडरगो (पलिलोय ) अतिन दोम खटटा_ डक र जञा नततओ क0 कमजर गोभ शय क रगो म लिसकधम क0 अतिनयननिमतत व अनय तकलोफ नपसकत रकत-तिवक र ठिठGगोन पन व अनय कई परक र क0 बम रिरय H यह आसन करन स दर हत ह | पर रभ म यह आसन आध ननिमनट स शर करक परतितदिदोन रथीड़ बढ त हए 15 ननिमनट तक कर सकत ह | पहलो 2-3 दिदोन तकलोफ हत ह तिफर सरलो ह ज त ह | इस आसन स शरर क कदो लोमब हत ह | यदिदो शरर म मट पन ह त वह दर हत ह और यदिदो दःबलो पन ह त वह दर हकर शरर सडलो तनदःरसत अवसथी म आ ज त ह | बरहमचय प लोनव लो क लिलोए यह आसन भगोव न लिशव क परस दो ह | इसक परच र पहलो लिशवज न और ब दो म जगो गोरखन रथी न तिकय रथी |

हरा अनव

हरषः को दोशampन को चतकोरा ldquoपहलो म क मतPनविपत म ह जवन क आननदो म नत रथी | मर दो श दिदोय H हई परनत दोन पतमिBनय क दोह नत क क ररण अब तसर श दो_ 17 वष क0 लोड़क0 स करन क तय र ह गोय | श दो_ स पव म परम पजय सव म शरी लोलो श हज मह रज क आशव दो लोन डस आशरीम म ज पहHच | आशरीम म व त नहgt ननिमलो मगोर ज मह परष ननिमलो उनक दोशनम तर स न ज न कय हआ तिक मर स र भतिवषय ह बदोलो गोय | उनक यगोयकत तिवश लो नतर म न ज न क स तज चमक रह रथी तिक म अननिधक दोर तक उनक0 ओर दोख नहgt सक और मर नजर उनक चररण क0 ओर झक गोई | मर क मव सन तितरतिहत ह गोई | घर पहHचत ह श दो_ स इनक र कर दिदोय | भ ईय न एक कमर म उस 17 वष क0 लोड़क0 क स रथी मझ बनदो कर दिदोय | मन क मतिवक र क जगो न क कई उप य तिकय परनत सब तिनररथीक लिसदध हआ hellip जस क मसख क0 च ब उन मह परष क प स ह रह गोई ह एक नत कमर म आगो और पटरालो जस सयगो रथी तिफर भ

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 37: Yuvadhan Suraksha

मन तिनय तिकय तिक अब म उनक0 छतरछ य क नहgt छड़Hगो भलो तिकतन ह तिवरध सहन करन पड़ | उन मह परष क मन अपन म गोदोशक बन य | उनक स ननि[रधवय म रहकर क छ यतिगोक ति]य एH सखgt | उनहन मझस ऐस स धन करव ई तिक जिजसस शरर क0 स र पर न वय ननिधय H जस मट पन दोम ट_ब कबज और छट-मट कई रगो आदिदो तिनवPत ह गोय | उन मह परष क न म ह परम पजय सत शरी आस र मज ब प | उनहgtक स ननि[रधवय म म अपन जवन धनय कर रह हH | उनक ज अनपम उपक र मर ऊपर हआ ह उसक बदोलो त म अपन समपरण लोतिकक वभव समपरण करक भ चक न म असमरथी हH |rdquo -महनत चदो_र म ( भतपव चदो_र म कP प लोदो स )

सत शरी आस र मज आशरीम स बरमतित अमदो व दो | मर व सन उप सन म बदोलोldquoआशरीम दवा र परक लिशत ldquoयोवन सराकषाrdquo पसतक पढन स मर दननिषट अमदननिषट ह गोई | पहलो परसतर क एव हम उमर क0 लोड़तिकय क दोखकर मर मन म व सन और क दननिषट क भ व पदो हत रथी लोतिकन यह पसतक पढकर मझ ज नन क ननिमलो तिक lsquoसतर एक व सन परतितG क0 वसत नहgt ह परनत शदध परम और शदध भ वपवक जवनभर स रथी रहनव लो एक शलिकत ह |rsquo सचमच इस lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक क पढकर मर अनदोर क0 व सन उप सन म बदोलो गोय ह |rdquo -मकव रण रवन रतितभ ई एम क जमड ह ईसक लो भ वनगोर (गोज)

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको आजी को योव वगamp को सिलयो एको अ-लयो aट ह6 ldquoसवपररथीम म पजय ब प क एव शरी यगो वदो नत सव सननिमतित क आभ र परकट करत हH | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क लिलोय अमय भट ह | यह पसतक यव न क लिलोय सह दिदोश दिदोख नव लो ह | आज क यगो म यव न क लिलोय वयरकषारण अतित कदिठन ह | परनत इस पसतक क पढन क ब दो ऐस लोगोत ह तिक वयरकषारण करन सरलो ह | lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक आज क यव वगो क सह यव न बनन क0 परररण दोत ह | इस पसतक म मन lsquoअनभव-अमPतrsquo न मक प ठ पढ | उसक ब दो ऐस लोगो तिक सत दोशन करन स वयरकषारण क0 परररण ननिमलोत ह | यह ब त तिनत त सBय ह | म हरिरजन ज तित क हH | पहलो म स मछलो लोहसन पय ज आदिदो सब ख त रथी लोतिकन lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक पढन क ब दो मझ म स ह र स सखत नफरत ह गोई ह | उसक ब दो मन इस पसतक क दो-तन ब र पढ ह | अब म म स नहgt ख सकत हH | मझ म स स नफरत स ह गोई ह | इस पसतक क पढन स मर मन पर क फ0 परभ व पड़ ह | यह पसतक मनषय क जवन क समPदध बन नव लो ह और वयरकषारण क0 शलिकत परदो न करन व लो ह | यह पसतक आज क यव वगो क लिलोय एक अमय भट ह | आज क यव न ज तिक 16 वष स 17 वष क0 उमर तक ह वयशलिकत क वयय कर दोत ह और दो_न-हन कषारणसकप कषारणजवन हकर अपन लिलोए व और क लिलोए भ खब दःhखदो ह ज त ह उनक लिलोए यह पसतक सचमच परररण दो यक ह | वय ह शरर क तज ह शलिकत ह जिजस आज क यव वगो नषट कर दोत ह | उसक लिलोए जवन म तिवक स करन क उततम म गो तरथी दिदोगदोशक यह lsquoयोवन सराकषाrsquo पसतक ह | तम म यवक-यवतितय क यह पसतक पजय ब प क0 आजञा नस र प Hच ब र अवशय पढन च तिहए | इसस बहत लो भ हत ह |rdquo

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 38: Yuvadhan Suraksha

-र ठड तिनलोश दिदोनशभ ई

lsquoयोवन सराकषाrsquo सतको नहe अतित एको भिशकषा गरनथ ह6 ldquoयह lsquoयोवन सराकषाrsquo एक पसतक नहgt अतिपत एक लिशकषा गरीनथ ह जिजसस हम तिवदया रथिरथीGय क सयम जवन जन क0 परररण ननिमलोत ह | सचमच इस अनमलो गरीनथ क पढकर एक अदोभत परररण तरथी उBस ह ननिमलोत ह | मन इस पसतक म कई ऐस ब त पढAuml ज श यदो ह कई हम ब लोक क बत व समझ सक | ऐस लिशकषा मझ आज तक तिकस दसर पसतक स नहgt ननिमलो | म इस पसतक क जनस ध ररण तक पहHच न व लो क पररण म करत हH तरथी उन मह परष मह म नव क शत-शत पररण म करत हH जिजनक0 परररण तरथी आशव दो स इस पसतक क0 रचन हई |rdquo हरपरत सिसGह अवत र सिसGह ककषा -7 र जक0य ह ईसक लो सकटर-24 चणडगोढ

बरहमचयोamp ह जीवन ह6

बरहमचय क तिबन जगोत म नहgt तिकसन यश प य |बरहमचय स परशर म न इकक0स ब र धररण जत |

बरहमचय स व मक0 न रच दो_ र म यरण नक0 |बरहमचय क तिबन जगोत म तिकसन जवन रस प य

बरहमचय स र मचन न स गोर-पलो बनव य रथी |बरहमचय स लोकषमरणज न मघन दो मरव य रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सब ह क परवश प य |बरहमचय स मह वर न स र लोक जलो ई रथी |बरहमचय स अगोदोज न अपन पज जम ई रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म सबन ह अपयश प य |बरहमचय स आह -उदोलो न ब वन तिकलो तिगोर ए रथी |पPथवर ज दिदोलोशवर क भ ररण म म र भगो ए रथी |

बरहमचय क तिबन जगोत म क वलो तिवष ह तिवष प य |बरहमचय स भषम तिपत मह शरशय पर सय रथी |बरहमच र वर लिशव वर स यवन क दोलो रय रथी |बरहमचय क रस क भतर हमन त षटरस प य |बरहमचय स र ममरतितG न छ त पर पतथार तड़ |

लोह क0 जजर तड़ दो_ रक मटर क जड़ |बरहमचय ह सरस जगोत म ब क0 क करकश प य |

शसतरवचन र ज जनक शकदोवज स बलो ldquoब य वसथी म तिवदया रथीT क तपसय गोर क0 सव बरहमचय क प लोन एव वदो रधवययन करन च तिहए |rdquo

तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
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तस गरवDततयो च बरहमचयोCरण व तिव |- हरात a कषाधाamp वamp

सकोलजजायोत को सवयन तिववधाampत |योदो परजञा तिवरात तदो सदया पररणशयोतित ||

ldquoक म सकप स उBप[ हत ह | उसक सवन तिकय ज य त बढत ह और जब बजिदधम न परष उसस तिवरकत ह ज त ह तब वह क म तBक लो नषट ह ज त ह |rdquo

-हरात a आदधamp वamp ldquoर जन (यननिधननिषठर) ज मनषय आजनम परण बरहमच र रहत ह उसक लिलोय इस सस र म कई भ ऐस पदो रथी नहgt ह ज वह पर पत न कर सक | एक मनषय च र वदो क ज ननव लो ह और दसर परण बरहमच र ह त इन दोन म बरहमच र ह शरीषठ ह |rdquo

-ष तितह ldquoमरथीन सबध य परवPतितय H सवपररथीम त तरगो क0 भ Hतित ह परतत हत ह परनत आगो चलोकर य क सगोतित क क ररण एक तिवश लो सम क रप ध ररण कर लोत ह | क मसबध व त लो प कभ शरीवरण न कर |rdquo

-नरादोजी ldquoजब कभ भ आपक मन म अशदध तिवच र क स रथी तिकस सतर क सवरप क0 कपन उठ त आप lsquoॐ दगamp दोवय6 नrsquo मतर क ब र-ब र उचच ररण कर और म नलिसक पररण म कर |rdquo

-भिशवनदोजीldquoज तिवदया रथीT बरहमचय क दवा र भगोव न क लोक क पर पत कर लोत ह तिफर उनक लिलोय ह वह सवगो ह | व तिकस भ लोक म कय न ह मकत ह |rdquo

-छनदोगयो उतिनषःदो ldquoबजिदधम न मनषय क च तिहए तिक वह तिवव ह न कर | तिवव तिहत जवन क एक परक र क दोहकत हए अगो र स भर हआ खडडी समझ | सयगो य ससगो स इजिनयजतिनत जञा न क0 उBपभितत हत ह इजिनजतिनत जञा न स तBसबध सख क पर पत करन क0 अभिभलो ष दढ हत ह ससगो स दर रहन पर जव Bम सब परक र क प पमय जवन स मकत रहत ह |rdquo

-हत बादध भPगोवश ॠतिष जनकवश क र जक म र स कहत ह

नऽपरतितको- लतिन परतयो चह च वछसिस |-तन परतितको- लभयो तिनवतampसव योतनदरिन=यो ||

ldquoयदिदो तम इस लोक और परलोक म अपन मन क अनक लो वसतएH प न च हत ह त अपन इजिनय क सयम म रखकर समसत पर भिरणय क परतितक लो आचररण स दर हट ज ओ |rdquo ndashहरात a कषाधाamp वamp 3094

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो
Page 40: Yuvadhan Suraksha

ससरा करधा स बाचक म ]ध लोभ मह अहक र- य सब तिवक र आBम नदोरप धन क हर लोनव लो शतर ह | उनम भ ]ध

सबस अननिधक ह तिनकतत ह | घर म चर ह ज ए त क छ-न-क छ स म न बच ज त ह लोतिकन घर म यदिदो आगो लोगो ज य त सब भसमभत ह ज त ह | भसम क लिसव क छ नह बचत |

इस परक र हम र अतhकररण म लोभ महरप चर आय त क छ पणय कषारण हत ह लोतिकन ]धरप आगो

लोगो त हम र तम म जप तप पणयरप धन भसम ह ज त ह | अतh स वध न हकर ]धरप भसम सर स बच | ]ध क अभिभनय करक फ फक रन ठक ह लोतिकन ]ध खिगन तमह र अतhकररण क जलो न न लोगो इसक रधवय न रख |

25 ननिमनट तक चब -चब कर भजन कर | स लकिyवक आहर लो | लोहसन लो लो ननिमच और तलो हई चज स

दर रह | ]ध आव तब ह रथी क0 अHगोलिलोय क न खन ह रथी क0 गोददी_ पर दोब इस परक र मठठा बदो कर | एक महन तक तिकय हए जप-तप स लिचतत क0 ज यगयत बनत ह वह एक ब र ]ध करन स नषट ह

ज त ह | अतh मर पय र भय स वध न रह | अमय म नव दोह ऐस ह वयरथी न ख दोन | दोस गरी म शहदो एक तिगोलो स प न तलोस क पतत और सतकP प चरण ननिमलो कर बन य हआ शबत यदिदो

हररज सबह म लिलोय ज ए त लिचतत क0 परस[त बढत ह | चरण और तलोस नहgt ननिमलो त क वलो शहदो ह लो भदो यक ह | ड यतिबदिटज क रतिगोय क शहदो नहgt लोन च तिहए |

हरिरा ॐ

बरहमचयोamp-राकषा को तरॐ न गवत हबाल राकरयो नभिलषःत न सत को र को र सवह

रज दध म तिनह र कर 21 ब र इस मतर क जप कर और दध प लो इसस बरहमचय क0 रकषा हत ह सवभ व म आBमस त कर लोन जस यह तिनयम ह

ॐॐॐॐॐॐॐॐ

  • वीरयवान बनो
  • 1 विदयारथियो माता-पिता-अभिभावको व राषटर क करणधारो क नाम बरहमनिषठ सत शरी आसारामजी बाप का सदश
  • 2 यौवन-सरकषा
    • बरहमचरय कया ह
    • बरहमचरय उतकषट तप ह
    • वीरयरकषण ही जीवन ह
    • आधनिक चिकितसको का मत
    • वीरय कस बनता ह
    • आकरषक वयकतितव का कारण
    • माली की कहानी
    • सषटि करम क लिए मथन एक पराकतिक वयवसथा
    • सहजता की आड़ म भरमित न होव
    • अपन को तोल
    • मनोनिगरह की महिमा
    • आतमघाती तरक
    • सतरी परसग कितनी बार
    • राजा ययाति का अनभव
    • राजा मचकनद का परसग
    • गलत अभयास का दषपरिणाम
    • वीरयरकषण सदव सततय
    • अरजन और अगारपरण गधरव
    • बरहमचरय का ताततविक अरथ
      • 3 वीरयरकषा क उपाय
        • सादा रहन-सहन बनाय
        • उपयकत आहार
        • शिशननदरिय सनान
        • उचित आसन एव वयायाम करो
        • बरहममहरत म उठो
        • दरवयसनो स दर रहो
        • सतसग करो
        • शभ सकलप करो
        • तरिबनधयकत पराणायाम और योगाभयास करो
        • नीम का पड चला
        • सतरी-जाति क परति मातभाव परबल करो
        • शिवाजी का परसग
        • अरजन और उरवशी
          • वीरयसचय क चमतकार
            • भीषम पितामह और वीर अभिमनय
            • पथवीराज चौहान कयो हारा
            • सवामी रामतीरथ का अनभव
            • यवा वरग स दो बात
            • हसतमथन का दषपरिणाम
            • अमरिका म किया गया परयोग
            • कामशकति का दमन या ऊरधवगमन
            • एक साधक का अनभव
            • दसर साधक का अनभव
            • योगी का सकलपबल
            • कया यह चमतकार ह
            • हसतमथन व सवपनदोष स कस बच
            • सदव परसनन रहो
            • वीरय का ऊरधवगमन कया ह
            • वीरयरकषा का महततवपरण परयोग
            • दसरा परयोग
            • वीरयरकषक चरण
            • गोद का परयोग
            • तलसी एक अदभत औषधि
              • बरहमचरय रकषा हत मतर
              • पादपशचिमोततानासन
              • हमार अनभव
                • महापरष क दरशन का चमतकार
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक आज क यवा वरग क लिय एक अमलय भट ह
                  • lsquoयौवन सरकषाrsquo पसतक नही अपित एक शिकषा गरनथ ह
                  • बरहमचरय ही जीवन ह
                  • शासतरवचन
                  • भसमासर करोध स बचो

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