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Impact of globalization on Hindi language n literature

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-दे.भारती गोयल

लेड़ी ड़ोक कॉलेज

द्वारा प्रस्तुत

हि�न्दी कहि�ताओं पर �ैश्वि�करण का प्रभा�

वैश्वि�करण-यह एक ऐसी प्रक्रि�या जहाँ क्रिव� भर के लोग, एक साथ मि�ल कर एक स�ाज बनाते हैं और काय" करते हैं।

आ� तौर पर इस शब्द का उपयोग आर्थिथ-क वैश्वि�करण के संदभ" �ें क्रिकया जाता है।

�ैश्वि�करण क्या �ै ?

इसके अलावा स�ाज,भाषा,संस्कृक्रित और साक्रिहत्य आदिद �ें भी वैश्वि�करण हुआ है।

हि�न्दी कहि�ताओं पर प्रभा�

कहि�ता की भाषा शैली में बदला�

राम-सुग्री� मैत्री और पंच�टी प्रसंग दोनों श्री रा� को संबोमि9त करते हैं।

रा�-सुग्रीव �ैत्री के कक्रिव- गोस्�ामी तुलसीदास

पंचवटी प्रसंग के कक्रिव-श्री मथैि.लीशरण गुप्त

तुलसीदास जी की रचना दोहे और चौपाई के रुप �ें है।

अलंकारों,छंद और रस का क� से क� उपयोग होना

कक्रिवताओं �ें अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग होना

व्याकरण का गलत उपयोग

गेय कक्रिवताओं का लुप्त होना

नए शब्दों की वृद्धिH

भाषा की नींव का डग-�गाना

परिरणाम

कहि�ता के हि�षय में बदला�

पश्विK�ी संस्कृक्रित को अपनाने के कारण स�ाज और परिरवार क्रिबखर रहे हैं।

लोगों के बीच एक दूसरे के लिलए पे्र� और सम्�ान क� हो रहा है।

लोगों �ें लालसा,ईर्ष्याया" और स्वाथ" की भावना उत्पन्न हो रही है।

ह� दुक्रिनया को जीतना चाहते हैं।

कक्रिवओं का लोगों के �न को पढ़ना

स�ाज का पूण" ज्ञान प्राप्त होना

भलिW की रचनाओं का लुप्त होना

स�ाज �ें हो रहे हर क्रिवषय का लोगों से परिरचय कराना

लोगों के बीच जागरुकता पैदा करना

परिरणा�

(video)

बदला� �ी जी�न का सार �ै,ज�ाँ बदला�

न�ीं ��ाँ जी�न न�ीं।

हिनष्कष6