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प्राक्कथन - NABARD · 2018-09-22 · 3 13. वाटरश /ड मं रहन वाल पररवारों क / बीच समानता को बढावा

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    प्राक्कथन

    1990 के दशक में जममन वाटरशडे ववकास कार्मक्रम (आईजीडबल्र्डूीपी) के आरंभ होने के समर् स ेही नाबाडम वाटरशडे पररर्ोजनाओं का कार्ामन्वर्न करता रहा है. आईजीडबल्र्डूीपी के अतंर्मत सहभागर्तामलूक वाटरशडे ववकास की अवधारणा और कार्मपद्धतत की सफलता को भारत सरकार और नाबाडम, दोनों में स ेप्रत्रे्क के रु.100 करोड रुपए के अशंदान स ेस्थावपत एक अलर् वाटरशडे ववकास तनगध के अतंर्मत कई राज्र्ों में दोहरार्ा र्र्ा. शषु्क भमूम और वर्ाम-आधाररत क्षते्रों में वाटरशडे ववकास के मलए जो दृष्ष्टकोण और पद्धततर्ां अपनाई र्ईं, उनके फलस्वरूप भमूमर्त जल भरण में वदृ्गध हुई, मदृा सरंक्षण हुआ, मदृा की उवमरता और उत्पादकता में वदृ्गध हुई ष्जससे फसल की उपज, ककसानों की आर् और आजीववका में भी सधुार हुआ. उनमें से कुछ का वववरण नीचे ददर्ा र्र्ा है. 1. ‘चट्टान से घाटी तक’ की अवधारणा में सहभागर्तामलूक नेट आर्ोजना की प्रकक्रर्ा के माध्र्म से

    जमीन के हर टुकड ेके मलए मदृा और जल सरंक्षण उपार्ों पर ध्र्ान देना 2. वाटरशडे ववकास की र्ततववगधर्ों की आर्ोजना, उनके कार्ामन्वर्न, अनपु्रवतमन और पर्मवेक्षण में

    ग्राम वाटरशडे सममततर्ों को सहभार्ी बनाकर सामदुातर्क सहभागर्ता सतुनष्चचत करना 3. चर्तनत वाटरशडे पररर्ोजना के सपंणूम क्षते्र के ववकास के पहले क्षमता तनमामण चरण के माध्र्म

    से वाटर शडे ववकास के मसद्धांत और कार्म के बारे में लोर्ों का क्षमता तनमामण और उनका प्रदशमन करना

    4. श्रमदान के रूप में अकुशल श्रम के 16 प्रततशत अशंदान को सतुनष्चचत कर वाटरशडे से लाभाष्न्वत होने वाले समदुार्ों में पररर्ोजना को अपना मानने की भावना ववकमसत करना

    5. पररर्ोजनाओ ंके अतंर्मत तनमममत वाटरशडे सरंचनाओ ंके रख-रखाव के मलए भ-ूजोत रखने वाले पररवारों से वावर्मक अशंदान लेकर वाटरशडे पररर्ोजना क्षेत्र में अनरुक्षण तनगध स्थावपत करना

    6. ग्राम वाटरशडे सममततर्ों और पररर्ोजना सवुवधाप्रदाता अमभकरणों को सहजता से और लर्ातार तनगध उपलब्ध रहे इसके मलए आरंभ के 6 महीनों की जरूरतों की पतूत म के मलए अनदुान सहार्ता से पर्ामप्त रामश की पहली ककस्त जारी करना और पहली ककस्त के 60% का उपर्ोर् हो जाने के बाद आरे् की बची हुई रामश जारी करना

    7. क्षमता तनमामण चरण के बाद ग्राम वाटरशडे सममतत, पररर्ोजना सवुवधाप्रदाता अमभकरणों और जोतधारक पररवारों द्वारा सहभागर्तामलूक नेट आर्ोजना के माध्र्म से सपंणूम वाटर शडे क्षते्र के मलए ववस्ततृ पररर्ोजना ररपोटम र्ा साध्र्ता अध्र्र्न ररपोटम तरै्ार करना

    8. तनधामररत उपचार उपार् और मजंूरी के मलए अनमुातनत लार्त की उपर्कु्तता के मलए क्षते्रीर् कार्ामलर् के तकनीकी स्टाफ द्वारा नेट र्ोजनाओं का सत्र्ापन

    9. तनगधर्ों के उगचत उपर्ोर् के मलए पररर्ोजनाओं का समर् पर और तनर्ममत अनपु्रवतमन 10. नाबाडम द्वारा जारी की र्ई तनगधर्ों के बकुकीवपरं् और लेखांकन के मलए पररर्ोजना सवुवधाप्रदाता

    अमभकरणों और ग्राम वाटर शडे सममततर्ों को मार्मदशमन 11. वाटरशडे क्षते्र में रहने वाले पररवारों और पररर्ोजना सवुवधा प्रदाता अमभकरणों के मलए क्षमता

    तनमामण प्रमशक्षण और उन्हें पणूम वाटर शडे पररर्ोजनाओं के पररचर्ात्मक दौरों पर ले जाना 12. वर्ाम-आधाररत/ शषु्क क्षते्रों के ववकास के मलए उपलब्ध दलुमभ ववत्तीर् ससंाधनों के दक्षतापणूम उपर्ोर्

    की दृष्ष्ट से कें द्र और राज्र् सरकारों की र्ोजनाओं और कारपोरेट सामाष्जक दातर्त्व के साथ सहमेल स्थावपत करना

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    13. वाटरशडे में रहने वाले पररवारों के बीच समानता को बढावा देने के मलए मदहलाओ ंऔर आजीववका के ववकास स ेसबंगंधत प्रर्ासों का परस्पर समन्वर्

    14. प्रौद्र्ोगर्की के अतंरण एव ंववस्तार, अगधक सघन ऋणीकरण, ववत्तीर् समावेशन, सामाष्जक सरुक्षा र्ोजनाओं और ग्राम वाटरशडे सममततर्ों को कृर्क उत्पादक सरं्ठन के रूप में ववकमसत करने आदद के माध्र्म से दीघमकामलक आजीववका के ववकास के मलए दीघमकामलक ववकास र्ोजना उपार्ों का कार्ामन्वर्न.

    15. जलवार् ुपररवतमन की वास्तववकताओ और कृर्क समदुार् की आजीववका पर पडने वाले इसके प्रततकूल प्रभाव के सदंभम मैं समदुार् स्तरपर बीज बकंों, चारा बकंों, अनाज बकंों का सवंधमन कृवर् सकंट के दौरान इससे तनपटने की व्र्वस्ता के रूप मैं दरूर्ामी पररणाम देर्ा

    सहभागर्तामूलक वाटरशेड पररर्ोजनाओं की सफलता और नाबाडम को कार्ामन्वर्न की अवगध में हुए अनुभव और प्रर्ासों को डडष्जटाइज़ करने के मलए और सभी दहतधारकों के उपर्ोर् के मलए पररर्ोजनाओं के कार्ामन्वर्न में शाममल सभी प्रकक्रर्ाओं को शाममल करत ेहुए वाटरशेड ववकास आर्ोजना, कार्ामन्वर्न और अनुप्रवतमन पर एक ववस्ततृ पररचालन मैनुअल मार्मदशमक दस्तावेज के रूप में प्रकामशत ककर्ा जा रहा है.

    कृषि क्षेत्र षिकास षिभाग प्रधान कार्ाालर् म ुंबई

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    राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण षिकास बैंक

    िाटरशेड षिकास षिषि (डब्ल्यूडीएफ) के व्यापक षिशाषििेश, 2016

    नाबार्ड

    कृषि के्षत्र षिकास षिभाग, नाबार्ड, प्रधान कार्ाडलर्

    प्लॉट – सी-24, जी ब्लॉक, बाांद्रा-कुलाड कॉम्पप्लेक्स, बाांद्रा (पिूड), मुांबई, महाराष्ट्र, - 400 051

    िेबसाइट : www.nabard.org ई-मेल : [email protected]

    टेलीफोन : 022-2653007

    फैक्स : 022-2653009

    http://www.nabard.org/mailto:[email protected]

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    षििय सूची

    वाटरशडे ववकास तनगध (डब्ल्र्डूीएफ) के व्र्ापक ददशातनदेश, 2016 ............................................................... 7

    अध्र्ार् 1: वाटरशडे ववकास की अवधारणा और उसके तत्व............................................................... 19

    अध्र्ार् 2: वाटरशडे पररर्ोजनाओं के कार्ामन्वर्न के मलए पररर्ोजना सवुवधाप्रदाता एजेंसी (पीएफ़ए )का चर्न ................................................................................................................................................ 23

    अध्र्ार् 3: वाटरशडे क्षेत्र का चर्न ....................................................................................................... 25

    अध्र्ार् :4 क्षमता-तनमामण चरण के पहल ेकी तरै्ारी (प्री-सीबीपी) ......................................................... 27

    अध् र्ार् 5: वर्न वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंका कार्ामन् .............................................................................. 29

    अध्र्ार् 6 :ग्राम वाटरशडे सममतत .............................................................................................................. 49

    अध्र्ार् 7 : रखरखाव तनगध ................................................................................................................ 51

    अध्र्ार् 8 : सतत ववकास र्ोजना .......................................................................................................... 56

    अध् र्ार् 9 : वाटरशडे ववकास में कापोरेट तनकार्ों से सीएसआर तनगधर्ों का सहर्ोर् ........................ 77

    अध्र्ार् 10 : राज्र् सरकारों को ऋण ..................................................................................................... 79

    अध्र्ार् 11 :वाटरशडे अनपु्रवतमन प्रणाली ............................................................................................. 82

    अध्र्ार् 12 : वाटरशडे पररर्ोजना को बदं करना .................................................................................. 85

    अध्र्ार् 13: प्रमशक्षण और प्रसारात्मक र्ततववगधर्ा ं.............................................................................. 88

    अध्र्ार् 14 : पररर्ोजना स्वीकृतत सममतत ............................................................................................. 90

    अनबुधं Annexure 1: र्रै सरकारी सरं्ठन चर्न मानदंड NGO selection criteria ................................. 91

    अनबुधं Annexure 2: पीआईए डाटा शीट PIA Data sheet ..................................................................... 95

    अनबुधं Annexure 3: वाटरशडे डाटा शीट Watershed Data Sheet ....................................................... 100

    अनबुधं Annexure 4: क्षेत्र मलू्र्ांकन ररपोटम Field Appraisal format ................................................... 104

    अनबुधं Annexure - 5 : क्षमता तनमामण चरण (सीबीपी )से पवूम प्रस्ताव-पत्र Offer letter Pre-CBP .......... 108

    अनबुधं Annexure 6 : पररवार का करार-पत्र Letter of Agreement of the family ................................. 112

    अनबुधं Annexure 7: सीबीपी मलू्र्ांकन ररपोटम CBP appraisal Report .................................................. 114

    अनबुधं Annexure 8 जांच-सचूी Check List .......................................................................................... 118

    अनबुधं Annexure 9: सीबीपी स्वीकृतत पत्र CBP Sanction Letter ........................................................... 120

    अनबुधं Annexure 10 : सीबीपी प्रोफ़ामाम CBP Proforma ......................................................................... 126

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    अनबुधं Annexure 11 : एफ़एसआर मजंूरी पत्र का फॉमेट FSR Sanction letter Format ...................... 137

    अनबुधं Annexure 12 - साध् र्ता अध् र्र्न के मलए मद-वार लार्त : Item wise cost for conduct of Feasibility study .................................................................................................................................. 143

    अनबुधं Annexure 13 : बबदं,ु ष्जन् हें ररपोदटिंर् फामेट (प्रोफामाम 1-14 ) में जानकारी देत ेसमर् ध् र्ान में रखा जाए .............................................................................................................................................. 145

    अनबुधं Annexure 14 : डीपीआर प्रोफॉमाम DPR Proforma ..................................................................... 149

    अनबुधं Annexure 15 : एफआईपी लार्त सारांश FIP Cost Summary ................................................... 175

    अनबुधं Annexure 16 : एफ़आईपी – मजंूरी पत्र FIP- Sanction letter ................................................... 177

    अनबुधं Annexure 17 : सीएसआर करार फॉमेट .................................................................................... 195

    अनबुधं Annexure 18 : राज्र् सरकार द्वारा ददर्ा जाने वाला वचन-पत्र ..................................................... 216

    अनबुधं Annexure 19 : क्षेत्रीर् कार्ामलर् /ष्जला ववकास प्रबन्धक /परामशमदाता के मलए अनपु्रवतमन प्रारूप ............................................................................................................................................................ 218

    अनबुधं Annexure 20: पररर्ोजना पणूमता ररपोटम का फामेट Project Completion Report Format ....... 226

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    वाटरशडे ववकास तनगध (डब्ल्र्डूीएफ) के व्र्ापक ददशातनदेश, 2016

    नाबाडम ने 1990 से इंडो जममन वाटरशडे ववकास कार्मक्रम के अतंर्मत सहभागर्तामलूक वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंका कार्ामन्वर्न आरंभ ककर्ा. इस कार्मक्रम के अतंर्मत सहभागर्तामलूक दृष्ष्टकोण के माध्र्म से “जहा ंबरसा जल वहीं उसका सचंर्” दृष्ष्टकोण अपनार्ा र्र्ा. उपर्ुमक्त कार्मक्रम की सफलता के आधार पर नाबाडम द्वारा `100 करोड और भारत सरकार के `100 करोड के अशंदान के साथ वाटरशडे ववकास तनगध की स्थापना की र्इम. वाटरशडे ववकास तनगध के अतंर्मत “चोटी से घाटी तक” दृष्ष्टकोण अपनार्ा र्र्ा ष्जसमें क्षेत्र के उपचार को पहले प्राथममकता दी र्इम और उसके बाद जल तनकास को. वाटरशडे ववकास तनगध के अतंर्मत सहर्ोर् का प्रमखु उद्देचर् उत्पादन, उत्पादकता और आजीववका में वदृ्गध के मलए जलग्रहण क्षेत्र में मदृा की नमी ंमें सधुार करना, वाटरशडे समदुार् का र्रीबी उन्मलून करना है. प्रधान कार्ामलर् द्वारा अलर् से प्रकामशत ककए जाने वाले पररचालनात्मक मनै्र्अुल के अतंर्मत वाटरशडे ववकास, वाटरशडे ववकास का महत्व, वाटरशडे ववकास के अतंर्मत शाममल की र्इम मखु्र् र्ततववगधर्ा,ं लोर्ों की सहभागर्ता, कार्मक्रम का पररदृचर् और दृष्ष्टकोण, वाटरशडेों और र्रै सरकारी सरं्ठनों के चर्न के मलए मानदंड, पररर्ोजनाओ ंका अनपु्रवतमन आदद जैस ेकुछ पहलओु ंको सष्मममलत ककर्ा र्र्ा है.

    हालांकक, वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंके कार्ामन्वर्न का समग्र उद्देचर् कृवर् की उत्पादकता और उत्पादन में वदृ्गध करना है, वतममान में दीघमकामलक ववकास की तलुना में मदृा और जल सरंक्षण, जल ससंाधन ववकास, वनरोपण, शषु्कभमूम बार्बानी, आदद पर अगधक बल ददर्ा जा रहा है. इसके अलावा, वपछल ेकुछ समर् से जलवार् ुमें हो रहे पररवतमन के कारण ककसान समदुार् बरसात में होने वाली अतनष्चचतताओ ं(अस्थार्ी और स्थातनक ववतरण) का कृवर् उत्पादन और ककसानों की आजीववका पर र्हरा प्रभाव पड रहा है, इसके अततररक्त, ग्रामीण जनता की बढती हुइम अमभलार्ाओ ंके कारण दीघमकामलक आजीववका ववकास के सवंधमन के मलए वाटरशडे ववकास की नीततर्ों पनु:स्थापना, प्रौद्र्ोगर्की अतंरण, ववस्तार, ववत्तीर् समावेशन, ऋण सघनीकरण, मलू्र् वधमन, कृवर् उत्पाद के एकत्रीकरण, कौशल ववकास, क्लाइमेट प्रकूफंर्, जलवार् ु पररवतमन शमन और अनकूुलन, राज्र्/कें द्र सरकार द्वारा प्रार्ोष्जत र्ोजनाओ ंका रूपांतरण, कारपोरेट सीएसआर तनगधर्ों से सामाष्जक आधारभतू सवुवधाओ ंके ववकास का सामजंस्र् (स्वास््र्, मशक्षा, सफाइम, पेर्जल आदद) पीएमजेजेबीवाइम, पीएमजेएसबीवाइम और एपीवाइम आदद जैसी सामाष्जक सरुक्षा र्ोजनाओ ंका कार्ामन्वर्न करने की आवचर्कता है. इन त्र्ों को ध्र्ान में रखत ेहुए वाटरशडे ववकास ददशातनदेश 2016 तरै्ार ककए र्ए हैं.

    2. िाटरशडे चक्र

    5-7 वर्ों के पररर्ोजना चक्र में वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंको कार्ामष्न्वत ककर्ा जाता है. जैसा कक पहल ेउल्लेख ककर्ा र्र्ा है, प्राकृततक ससंाधनों के सरंक्षण पर अगधक बल ददर्ा र्र्ा है. र्ह अपेक्षा की जाती है कक सरंक्षण के मलए उपार् करने के बाद बढे हुए उत्पादन और उत्पादकता से लोर् ससंाधनों का उपर्ोर् अपनी आजीववका में सधुार के मलए करत ेहैं. तथावप, पररर्ोजनाओ ं के कार्ामन्वर्न के वतममान दृष्ष्टकोण के अतंर्मत सरंक्षण र्ततववगधर्ों के पचचात ्फसलों के उत्पादन और उत्पादकता बढाने के मामल ेके मकुाबले मदृा और जल सरंक्षण पर अगधक बल ददर्ा जाता है. इस ेसतुनष्चचत करने के मलए वाटरशडे चक्र की पहचान करने की आवचर्कता है और इन्हीं मदु्दों पर नीचे चचाम की र्इम है.

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    क. सहभागगतामलूक चरण: इस चरण के दौरान र्रै सरकारी सरं्ठन द्वारा नाबाडम के ववचाराथम प्रस्ताव प्रस्ततु ककए जाने के बाद 1-3 महीनों के भीतर पररर्ोजना फैमसमलटेदटरं् एजेंसी (पीएफए) जो सामान्र्तर्ा र्रै सरकारी सरं्ठन (एनजीओ)/स्वषै्छछक एजेंमसर्ा ंहोत ेहैं, द्वारा वाटरशडेों की पहचान की जाती है और टोपो शीट पर कैडस्रल नक्श ेके सपूरइंपोष्जशन के साथ उसकी रूपरेखा तरै्ार की जाती है. क्षेत्रीर् कार्ामलर् वाटरशडे की रूपरेखा का मलू्र्ांकन करेंर् ेऔर र्ह सतुनष्चचत करेंर् े कक ददशातनदेशों में तनदहत चर्न सबंधंी मानदंडों के अनसुार पररर्ोजनाओ ंका चर्न ककर्ा र्र्ा है. पीएफए द्वारा चर्तनत वाटरशडे को क्षेत्रीर् कार्ामलर् द्वारा अनमुोदन प्रदान ककए जाने के बाद, पीएफए वाटरशडे समदुार् को 4 ददवसीर् ववशरे् श्रमदान आर्ोष्जत और 50 से 100 हेक्टे. के छोटे जलग्रहण क्षेत्र के मलए क्षमता तनमामण चरण (सीबीपी) पररर्ोजना क्षेत्रीर् कार्ामलर् को मजंूरी हेत ुववचाराथम प्रस्ततु करने के मलए सहार्ता करेंर्.े

    ख. क्षमता ननमााण चरण (सीबीपी )– क्षेत्रीर् कार्ामलर्ों द्वारा मजंूर ककए र्ए क्षमता तनमामण चरण को एक वर्म की अवगध में कार्ामष्न्वत ककर्ा जा सकता है. इस चरण के दौरान वाटरशडे समदुार् और वीडब्ल्र्सूी पररर्ोजनाओ ंकी पहचान, आर्ोजना, कार्ामन्वर्न और अनपु्रवतमन की प्रकक्रर्ा समझेंर्.े क्षमता तनमामण चरण के कार्ामन्वर्न के 6 महीने के बाद क्षमता तनमामण चरण की सफलता और पणूम कार्ामन्वर्न चरण (एफआइमपी) की तरै्ारी का आकलन करेंर्े. क्षमता तनमामण चरण के मलू्र्ांकन से क्षेत्रीर् कार्ामलर्ों के सतंषु्ट होने के बाद वाटरशडे के शरे् दहस्स ेमें तनवल आर्ोजना की प्रकक्रर्ा आरंभ करने और पणूम कार्ामन्वर्न चरण के मलए व्र्वहार्मता अध्र्र्न ररपोटम (एफएसआर) तरै्ार करने के मलए ग्राम वाटरशडे सममतत (वीडब्ल्र्सूी)/ पीएफए को हरी झंडी ददखाइम जाएर्ी ताकक क्षमता तनमामण चरण के साथ पणूम कार्ामन्वर्न चरण का तालमेल बबठार्ा जा सके.

    ग. प्रम ख कार्ा चरण (एमडब्ल्र्पूी) र्ा पणूा कार्ाान्िर्न चरण (एफआर्ापी): अगधकतम 3 वर्ों की अवगध के मलए पणूम कार्ामन्वर्न चरण र्ा प्रमखु कार्म चरण (एमडब्ल्र्पूी) कार्ामष्न्वत ककर्ा जाएर्ा. पीएफए/एनजीओ द्वारा इस चरण का कार्ामन्वर्न तभी सभंव होर्ा जब सपंणूम वाटरशडे समदुार् ववमभन्न समहूों में सरं्दठत और सवु्र्वष्स्थत हो जैस,े उपर्ोर्कताम समहू (र्जूी), ककसान दहत समहू (एफआइमजी), स्वर् ं सहार्ता समहू (एसएचजी), सरं्कु्त देर्ता समहू (जेएलजी), ककसान क्लब (एफसी) आदद. और इन समहूों को पहचान ककए र्ए कार्ों को तनधामररत समर्-सीमा में परूा करने के मलए ष्जममदेाररर्ां और भमूमकाएं सौंपी जाए.ं समदुार् उन्मखु दृष्ष्टकोण से पररर्ोजना कार्ामन्वर्न में लार्त और तनधामररत समर्-सीमा से अगधक समर् की बाधा को दरू ककर्ा जा सकता है. वाटरशडे के कार्ों में समदुार् की उगचत सहभागर्ता के अभाव में पीएएफ को वाटरशडे र्ांवों के भीतर और बाहर से मजदरूों के द्वारा ठेका आधार पर कार्म तनष्पाददत ककर्ा जाता है. इसके अलावा, इस चरण के अतंर्मत कार्ों को तनष्पाददत करत ेसमर् वाटरशडे र्ांवों में उपलब्ध मजदरूों द्वारा कार्म करारे् जात ेहैं ताकक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजर्ार सजृन ककर्ा जा सके. तथावप, र्दद, मजदरूों की बहुत कमी है और जहा ंभी मजदरूों को कार्म परूा करने की दृष्ष्ट से मदृा की ष्स्थतत बहुत कदठन है, ऐसी ष्स्थतत में समर् की बरबादी से बचने और पररर्ोजनाओ ंको समर् परूा करने की दृष्ष्ट से, अपररहार्म पररष्स्थततर्ों में ग्राम वाटरशडे सममतत ग्राम सभा में उगचत सहमतत से और क्षेत्रीर् कार्ामलर्ों से पवूामनमुोदन प्राप्त कर मशीनों का उपर्ोर् कर इस कार्म को परूा कर सकती हैं. पीएफए/ वीडब्ल्र्सूी ष्जलों/

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    राज्र्ों में मशीनों के उपर्ोर् के मलए ववद्र्मान दरों का उपर्ोर् करें. इस तरह लार्त में की र्इम बचत का उपर्ोर् वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंमें बनाइम र्इम रखरखाव तनगध की वदृ्गध के मलए ककर्ा जा सकता है.

    घ. समेकन और मू् र्ाुंकन चरण: वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंमें दीघमकामलक ववकास को सतुनष्चचत करने के मलए समेकन का चरण अत्र्तं महत्वपणूम है. इस चरण को 1 वर्म की अवगध में कार्ामष्न्वत ककर्ा जाएर्ा. प्रधान कार्ामलर् द्वारा जारी ककए र्ए दीघमकामलक ववकास से सबंगंधत ददशातनदेशों को इस चरण में एकबत्रत ककर्ा जाए. समेकन चरण के अतंर्मत पीएफए द्वारा तनमनमलखखत र्ततववगधर्ा ंकी जा सकती हैं: क. ग्राम वाटरशडे सममतत के नेततृ्व र्णुों को तजे करना ताकक वे ककसान उत्पादक सरं्ठनों

    (एफपीओ) को प्रौद्र्ोगर्की अतंरण, ववस्तार, कृवर् उत्पादों के सगं्रहण, कृवर्-तनववष्ष्टर्ों की बडी मात्रा में खरीद, सीधे ववपणन आदद के बारे में जार्रुक बना सकें .

    ख. समष्न्वत कृवर् व्र्वस्था, पद्धततर्ों का सशंोगधत पकेैज, वप्रमसजन फाममिंर्, समष्न्वत पोर्क प्रबधंन (आइमएनएम), समष्न्वत कीट प्रबधंन (आइमपीएम), डिप और ष्स्प्रकं्लर मसचंाइम व्र्वस्थाओ ंजैसी जल सक्षम मसचंाइम प्रौद्र्ोगर्की, जैव कृवर् आदद जैस ेप्रौद्र्ोगर्की अतंरण के मलए ग्राम वाटरशडे सममतत / वाटरशडे समदुार् को कृवर् ववज्ञान कें द्र (केवीएस), राज्र् कृवर् ववचवववद्र्ालर्ों (एसएर्)ू के साथ जोडना.

    ग. ककसानों द्वारा ली जाने वाली फसलों के मलए मदृा परीक्षण आधाररत पोर्ण तत्वों के उपर्ोर् के मलए प्रत्रे्क ककसान को मदृा स्वास््र् काडम जारी करना.

    घ. सवमप्रथम प्रत्रे्क पररवार का एक बैंक खाता खोलना और उसके बाद प्रत्रे्क व्र्ष्क्त का बैंक खाता खोलना.

    ङ. ष्जल ेमें सभंाव्र् र्ततववगधर्ों के मलए क्षेत्र आधाररत र्ोजनाओ ंके सवंधमन के माध्र्म से पूजंी तनमामण को बढावा देने के मलए अगधक से अगधक ऋण प्रदान करना.

    च. स्वर् ंसहार्ता समहूों, सरं्कु्त देर्ता समहूों, ककसान क्लबों का सवंधमन और उन्हें कृवर् और सहार्क र्ततववगधर्ों के अतंर्मत ससं्थार्त ऋण को बढावा देने के मलए बैंकों के साथ जोडना.

    छ. ग्राम वाटरशडे सममततर्ों और वाटरशडे समदुार् के मलए ववत्तीर् समावेशन, नइम प्रौद्र्ोगर्की को अपनाने, वप्रमसजन फाममिंर्, जैव कृवर्, डअेरी फाममिंर्, फसल जल बजदटरं्, राज्र्/ कें द्र द्वारा प्रार्ोष्जत कार्मक्रमों का समंमलन, सामाष्जक सरुक्षा र्ोजनाए,ं केचआु उत्पादन, फसल ववववधीकरण, मदृा परीक्षण के आधार पर पोर्क तत्वों का उपर्ोर्, कृवर् उत्पादों के सगं्रहण और सीधे ववपणन आदद के मलए एफपीओ की भमूमका और ष्जममेदाररर्ों पर प्रमशक्षण कार्मक्रम का आर्ोजन करना.

    इसके अलावा, इस चरण में र्रै सरकारी सरं्ठनों द्वारा पीसीआर की प्रस्ततुत, वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंके मलू्र्ांकन आदद को भी शाममल ककर्ा जाता है.

    3. र्कार्ा लागत:

    वतममान में भारत सरकार के ग्रामीण ववकास मतं्रालर् के भ ूससंाधन ववभार् (डीओएलआर) के समष्न्वत वाटरशडे प्रबधंन कार्मक्रम (आइमडब्ल्र्एूमपी) के सामान्र् ददशातनदेशों के अनसुार समतल क्षेत्र में वाटरशडे पररर्ोजनाओ ं के कार्ामन्वर्न की इकाइम लार्त `12,000/- प्रतत हेक्टे है और जमम ूऔर कचमीर,

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    दहमाचल प्रदेश आदद जैस ेदरु्मम क्षेत्रों में `15,000/- प्रतत हेक्टे. है. वाटरशडे ववकास तनगध के सभी राज्र्ों में समानता लाने की दृष्ष्ट से पीएफए द्वारा तनमनमलखखत लार्त मानदंडों के आधार पर पररर्ोजना को कार्ामष्न्वत ककर्ा जाएर्ा:

    क. पररर्ोजना साधन – कुल पररर्ोजना लार्त के 70% ख. समदुार् सरं्ठन सदहत प्रशासतनक ऊपरी खचम – कुल लार्त के 17.50% र्ा पररर्ोजना साधनों

    के 20% जो भी कम हो. ग. भमूमहीन पररवारों के मलए मदहला ववकास और आजीववका ववकास – कुल पररर्ोजना लार्त के

    7.50% घ. दीघमकामलक ववकास र्ोजना का समेकन और कार्ामन्वर्न – कुल पररर्ोजना लार्त के 5%

    4. पररर्ोजनाओुं का कार्ाान्िर्न

    पररर्ोजनाओ ंके कार्ामन्वर्न और तनष्पादन में एकरूपता लाने की दृष्ष्ट से, प्रधान कार्ामलर् ने वाटरशडे ववकास पररचालनात्मक मनैअुल प्रकामशत ककर्ा है ष्जसे इसके साथ सलंग्न ककर्ा र्र्ा है. क्षेत्रीर् कार्ामलर् पररर्ोजनाओ ंकी पहचान, चर्न, आर्ोजना, सतू्रीकरण, मजंूरी, अनपु्रवतमन और मलू्र्ांकन, पणूम कार्ामन्वर्न चरण के एक दहस्स ेके रूप में अतंररम चरण (आइमपी) के कार्ामन्वर्न, भमूमहीनों और मदहला ववकास के मलए पणूम कार्ामन्वर्न चरण पररर्ोजनाओ ंमें मजंूर अस्थार्ी बजट के उपर्ोर् के मलए अपनाइम जाने वाली प्रकक्रर्ाओ/ं ददशातनदेशों के मलए, एसडीपी प्रमशक्षण के मलए इन ददशातनदेशों का पालन करे.

    5. पणूा हो च की िाटरशडे पररर्ोजनाओुं में क्लार्मेट प्रफूफुं ग:

    नाबाडम के साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा ववमभन्न कें द्र सरकार द्वारा प्रार्ोष्जत र्ोजनाओ ंके अतंर्मत तथा बाहरी सहार्ता प्राप्त कार्मक्रमों के अतंर्मत वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंका कार्ामन्वर्न ककर्ा जाता है. चूंकक भारत सरकार के वाटरशडे एटलस में चष्ननत वाटरशडेों में से कइम वाटरशडे ककसी न ककसी कार्मक्रम के तहत शाममल ककए जात ेहैं, कइम राज्र्ों में क्षेत्रीर् कार्ामलर्ों को राज्र् सरकारों से अनापवत्त प्रमाणपत्र प्राप्त करने में कठीनाइम होती है. ववमभन्न राज्र्ों/ कें द्र के कार्मक्रमों में शाममल की जानेवाली इन पररर्ोजनाओ ंमें मलूभतू मदृा और जल सरंक्षण सबंधंी मामलों पर काम ककर्ा जाता है. इसके अलावा, जलवार् ुपररवतमन के कृवर्, उत्पादकता और ककसानों की आजीववका पर होने वाले ववपररत पररणामों का तनवारण करने के मलए तनमनमलखखत र्ततववगधर्ों के कार्ामन्वर्न के साथ इस प्रकार की पररर्ोजनाओ ंकी क्लाइमेट प्रकूफंर् की आवचर्कता है:

    क. मदृा परीक्षण आधाररत पोर्क तत्वों का उपर्ोर् ख. ग्रीष्मकालीन जोताइम/ कृवर् सरंक्षण ग. आवचर्कता आधाररत मदृा और जल सरंक्षण के अततररक्त उपार्, जल सगं्रहण सरंचनाए ंघ. मौसम आधाररत परामशम सेवाए ंङ. डिप और ष्स्प्रकं्लर मसचंाइम व्र्वस्थाओ ंके प्रदशमन और उन्हें अपनाने से जल ससंाधनों के प्रभावी

    उपर्ोर् का सवंधमन च. फसल जल बजदटरं्

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    छ. पॉली हाउस कष्ल्टवेशन का प्रदशमन ज. डरे्री, बार्बानी, कृवर्-वातनकी आदद शाममल करत ेहुए समष्न्वत कृवर् व्र्वस्थाओ ंका प्रदशमन

    महाराष्र, तममलनाडु और राजस्थान में क्लाइमेट प्रकूफंर् की प्रार्ोगर्क पररर्ोजनाओ ंके कार्ामन्वर्न में नाबाडम के अनभुव के आधार पर इस प्रकार के ववकास के मलए प्रतत हेक्टे इकाइम लार्त `6000/- हो सकती है. इस लार्त में वतममान ददशातनदेशों के अनसुार र्रै सरकारी सरं्ठन की प्रबधंन लार्त शाममल है. ष्जन राज्र्ों में वाटरशडे पररर्ोजना का कार्ामन्वर्न अतंतम चरण में है उनमें र्ह सहर्ोर् ददर्ा जा सकता है. केएफडब्ल्र् ूसे सहार्ता प्राप्त 'परूी हो चुकी वाटेरशडे ववकास तनगध पररर्ोजनाओ ंमें मदृा की र्णुवत्ता की कमी में सधुार' के कार्ामन्वर्न के मलए अलर् से जारी ककए डीपीआर ददशातनदेश का पालन करे।

    6. कारपोरेट सामाजजक दानर्त्ि )सीएसआर( ननगधर्ों से सामुंजस्र् कई कारपोरेट तनकार्ों ने सह-ववत्तीर्न के आधार पर वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंके कार्ामन्वर्न के मलए नाबाडम से हाथ ममलार्ा है. वतममान व्र्वस्था में समान्र् प्रकक्रर्ा के अनसुार लार्त को साझा ककर्ा जाता है. ककसी वाटरशडे पररर्ोजना की र्ततववगधर्ों में साझा लार्त के आधार पर सीएसआर तनगधर्ों के अशंदान से पररर्ोजना का सतत और समग्र ववकास सभंव नहीं हो पाता है. ऐसे में वप्रमसज़न फ़ाममिंर्, स्प्रींकलर और डिप मसचंाई, पोली-हाउस / शडे-नेट कृवर्, समष्न्वत कृवर् प्रणाली, कम पानी के उपर्ोर् से फसल उत्पादन के क्षेत्र में प्रौद्र्ोगर्की के प्रदशमन और प्रचार-प्रसार और जल सगं्रहण के मलए अततररक्त सरंचनाओं / तालाबों के तनमामण, फसल ववववधीकरण, कृर्क उत्पादक सरं्ठनों के सवंधमन आदद के साथ-साथ स्वास््र्, मशक्षा, साफ-सफाई, आवासन आदद जैसे सामाष्जक कार्मकलापों में तनवेश के माध्र्म से सतत आजीववका उपार्ों को प्रोत्सादहत करने के मलए सीएसआर तनगधर्ों का समेकन जरूरी हो जाता है. र्ह सचूनीर् है कक भारत सरकार द्वारा तनधामररत मानदंडों के अनसुार सामान्र् वाटरशडे कार्मकलापों की लार्त को मदैानी भार्ों में `12,000 प्रतत हेक्टेर्र और जमम ूऔर कचमीर, दहमाचल प्रदेश आदद जैसे दरु्मम क्षेत्रों में `15,000 प्रतत हेक्टेर्र तक सीममत रखा जा सकता है, लेककन उपर्ुमक्त कार्मकलापों के मलए अपेक्षक्षत अततररक्त तनवेश को सीएसआर तनगधर्ों से परूा ककर्ा जा सकता है. इस प्रकार, सीएसआर तनगधर्ों से वाटरशडे क्षते्रों में अततररक्त उपार्ों के मलए प्रतत हेक्टेर्र इकाई लार्त की कोई सीमा नहीं होर्ी. इसके अततररक्त, एफआईपी के मलए तरै्ार ववस्ततृ पररर्ोजना ररपोटम में गचष्न्हत अततररक्त कार्मकलापों और इनकी अनमुातनत लार्त को सही तरह से प्रोजेक्ट ककर्ा जाना चादहए, ताकक पररर्ोजना कार्ामन्वर्न में जवाबदेही और पारदमशमता सतुनष्चचत हो सके. 7. पिूोत्तर क्षते्र में जस्प्रुंगशडे का षिकास

    वाटरशडे ववकास तनगध के अतंर्मत देश के 29 राज्र्ों में वाटरशडे ववकास कार्मक्रम चलार्ा जा रहा है. लेककन पवूोत्तर क्षेत्र की ववमशष्ट भौर्ोमलक ष्स्थततर्ों के मद्देनजर इस क्षेत्र को वाटरशडे ववकास तनगध के तहत शाममल नहीं ककर्ा र्र्ा है. लेककन इस क्षेत्र में कृवर् जलवार् ुकी ष्स्थतत अथामत बाररश की सघनता में बढोतरी और साथ ही टेमपोरल स्प्रेड में कमी के कारण ग्रीष्म /शरद ऋत ुमें पानी के

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    अभाव की समस्र्ा से तनपटने के मलए नार्ालैंड, मसष्क्कम में प्रचमलत ष्स्प्ररं्शडे अथवा 'धारा ववकास' को प्रर्ोगर्क आधार पर शरुू करने पर ववचार ककर्ा जा सकता है ताकक इसे इस क्षेत्र के अन्र् स्थानों में दोहरार्ा जा सके. ष्स्प्ररं्शडे के ववकास के मलए राज्र्ों का चुनाव, इसके तहत ककए जाने वाल ेकार्मकलापों और वाटरशडे ववकास तनगध के तहत वाटरशडे ववकास के मलए वतममान में लार् ूइकाई लार्त के सबंधं में प्रबधंन सममततने अनमुोदन ददर्ा है और इस सबंधं मे नवीनतम ददशा-तनदेश जारी कर रहे है. 8. ररसोसा सपोटा सुंगठनों )आरएसओ(/एजेंससर्ों )आरएसए ( /परामशादाताओुं की सेिाएँ लेना पररर्ोजनाओ ंके आर्ोजन, कार्ामन्वर्न और पर्मवेक्षण की दृष्ष्ट से वाटरशडे समदुार् के ज्ञान वधमन और कौशल ववकास के मलए क्षमता तनमामण और प्रमशक्षण का बडा महत्व है. अतः इस प्रर्ोजन हेत ु उपर्कु्त प्रमशक्षण कार्मक्रमों के तनमामण और इन्हें आर्ोष्जत करने के मलए आरएससो और आरएसए की तनर्षु्क्त जरूरी है. क्षेत्रीर् कार्ामलर् राज्र् में कार्मरत सक्षम आरएससो / आरएसए की पहचान करें और वाटरशडे पररर्ोजना के कार्ामन्वर्न के ववमभन्न चरणों में उनस ेसहार्ता लें. इस प्रकार की सेवाएं लेने से पहले इन एजेंमसर्ों के साथ एक करार तनष्पाददत ककर्ा जाना चादहए ष्जसमें पररर्ोजना क्षते्र में चलाए जाने वाले कार्मक्रमों और उनके तनष्कर्ों के बारे में उनकी भमूमका और उनके दातर्त्वों का स्पष्ट उल्लेख होना चादहए. इसके अततररक्त, क्षेत्रीर् कार्ामलर् वाटरशडे पररर्ोजनाओं की पहचान करने, सीबीपी और एफआईपी पररर्ोजनाओं के फील्ड मलू्र्ांकन, सतत ववकास (तकनीक अतंरण,ववस्तार, सरकारी र्ोजनाओं के समेकन, ववत्तीर् समावेशन, सामाष्जक सरुक्षा र्ोजनाओं में समन्वर्, ऋण सघनीकरण, एफपीओ के सवंधमन आदद ), वाटरशडे समदुार् और पीएफए को क्लाइमेट प्रकूफंर् कार्ों में सहार्ता करने, आरएससो / आरएसए / पीएफए आदद द्वारा सचंामलत प्रमशक्षण कार्मक्रमों के अनपु्रवतमन के मलए परामशमदाता की तनर्षु्क्त कर सकत ेहैं. क्षते्रीर् कार्ामलर् इन परामशमदाताओं के तनर्षु्क्त अल्प अवगध र्ा कार्म ददवस के आधार पर कर सकत ेहैं और इनकी ष्जममेदाररर्ों, भमूमका, तनष्कर्ों का स्पष्ट उल्लेख इनके साथ तनष्पाददत सेवा करार में होना चादहए. इन परामशमदाताओ ंकी तनर्षु्क्त प्रधान कार्ामलर्, मानव ससंाधन ववभार् द्वारा तनधामररत प्रतत ददन के मानदेर् भरु्तान के आधार पर अल्प अवगध के मलए होनी चादहए. लेककन, र्दद प्रधान कार्ामलर् परेू देश में वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंके अनपु्रवतमन के मलए नबैकॉन्स की सेवाएँ लेने के मलए राजी होता है तो परामशमदाताओं के तनर्षु्क्त की जरूरत नहीं होर्ी. आईजीडब्ल्र्डूीपी के तहत र्जुरात और राजस्थान में कार्ामष्न्वत वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंके परूा होने तक इनके मलए नबैकॉन्स के माध्र्म से परामशमदाताओं की तनर्षु्क्त ककर्ा जाना जारी रहेर्ा. 9. िाटरशडे पररर्ोजनाओुं के सलए िेब आधाररत अन प्रितान व्र्िस्था

    नाबाडम र्जुरात, राजस्थान, तलेरं्ाना और मध्र्प्रदेश में प्रर्ोगर्क आधार पर वाटरशडे पररर्ोजनाओं के वेब आधाररत अनपु्रवतमन के मलए राष्रीर् सदुरू सवेंदन कें द्र, हैदराबाद की सेवाएँ ले रहा है. राष्रीर् सदुरू सवंेदन कें द्र ने वाटरशडे और फील्ड बाउंडररज के डडष्जटाईटेजेशन, वाटरशडे डाटा (पवूम और बाद के ववकास) के डडष्जटाईटेजेशन, भौततक और ववत्तीर् प्रर्तत की ऑनलाईन रैककंर्, उपग्रह इमेज के माध्र्म से प्रभाव मलू्र्ांकन आदद के मलए नाबाडम-भवुन नामक एक ववशरे् वेब पेज बनार्ा है. नाबाडम क्षेत्रीर् कार्ामलर्ों में स्टाफ की कमी को देखत ेहुए और प्राकृततक ससंाधनों के प्रबधंन में नाबाडम के कार्म के

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    डडष्जटाइजेशन और अन्र् राज्र्ों में चल रहे पररर्ोजनाओं के अनपु्रवतमन और वाटरशडे के डाटा के डडष्जटाइजेशन में इस प्रार्ोगर्क पररर्ोजना के तहत तनमममत प्लेटफॉमम का उपर्ोर् ककर्ा जा सकेर्ा.

    10.िाटरशडे पररर्ोजनाओुं के अन प्रितान और मू् र्ाुंकन की बेंचमाफकिं ग

    वाटरशडे ववकास प्रकृतत से ही एक समष्न्वत ववकास कार्मक्रम है ष्जसमें कई सेक्टर शाममल होत ेहैं. मखु्र्तः इसे प्राकृततक ससंाधनों के प्रबधंन, उत्पादन प्रणाली, तनधमनों के मलए आजीववका, क्षमता तनमामण और प्रमशक्षण, अनपु्रवतमन, मलू्र्ांकन और दस्तावेजीकरण के वर्म में ववभक्त ककर्ा जा सकता है. र्दद हम पररर्ोजना कार्ामन्वर्न के आरंभ में ही बेंचमाकम मानक बनाकर इनका तनर्ममत अनपु्रवतमन नही ंकरत,े तो वाटरशडे समदुार् के मलए सतत आजीववका ववकास के मलए समष्न्वत वाटरशडे ववकास के लक्ष्र् को प्राप्त करना कदठन होर्ा. पररर्ोजनाओं के कार्ामन्वर्न, अनपु्रवतमन और मलू्र्ांकन के प्रर्ोजन से क्षेत्रीर् कार्ामलर्ों के मलए गचष्न्हत न्र्नूतम बेंचमाकम मानक तनमनानसुार हैं:

    क. मदृा स्िास््र् i. जारी ककए र्ए मदृा स्वास््र् काडों की सखं्र्ा ii. पररर्ोजना कार्ामष्न्वत होने के पवूम और बाद में मदृा उवमरता की ष्स्थतत iii. उन ककसानों के सखं्र्ा ष्जन्होंने मदृा परीक्षण के आधार पर पोर्क तत्वों का उपर्ोर्

    ककर्ा ख. भ ूजल सुंसाधन का षिकास

    i. पररर्ोजना कार्ामष्न्वत होने के पवूम और बाद में बोर ककए र्ए कुओं /खुले कुओं में जल तामलका की र्हराई

    ii. तनमममत वाटर बॉडी की सखं्र्ा (चेक डमै, तालाब आदद)

    iii .ऐसे जल सरंचनाओं की सखं्र्ा ष्जनमें रबी / र्मी के मौसम में पानी उपलब्ध हो

    iv. इन जल सरंचनाओं का आर् सजृन कार्मकलापों के मलए उपर्ोर् आदद

    ग. कृषि और बागबानी i. परती /बजंर भमूम को कृवर् क्षेत्र के अतंर्मत लार्ा र्र्ा ii. बार्बानी के अतंर्मत लार्ा र्र्ा क्षेत्र iii. पररर्ोजना कार्ामष्न्वत होने के पवूम और बाद में उर्ाई जाने वाली मखु्र् फसलों की उपज

    में वदृ्गध

    iv. फसल सघनता

    iv. फसल ववववधता v. अगधक उपजवाली किस्मों के क्षेत्र में वदृ्दद vi. माइक्रो मसचंाई के अतंर्मत क्षेत्र में वदृ्गध vii. ककतने ककसानों )सखं्र्ा (ने समष्न्वत पोर्ण तत्व और कीट तनर्तं्रण प्रबधंन प्रणाली को

    अपनार्ा

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    viii. राष्रीर् खाद्र् सरुक्षा ममशन, राष्रीर् धारणक्षम कृवर् ममशन, बार्बानी ववकास के मलए समष्न्वत ममशन आदद के अतंर्मत कार्मकलापों का समेकन

    घ. पश पालन, डरे्री और मत्स्र् पालन वाटरशडे पररर्ोजना क्षेत्र में जैवीक उत्पादन और जल स्रोतों में बढोतरी होने से इन क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पडता है .इन क्षेत्रों के प्रभाव को तनमनमलखखत के माध्र्म से आकमलत ककर्ा जा सकता है :

    i. सामान्र् सपंवत्त स्रोतों पर घास आवरण में बढोतरी ii. चारा उर्ाने के क्षेत्र में वदृ्गध iii. खुले चरार्ाह से स्टॉल आहार के रूप में बदलाव iv. पशओुं के मलए लर्ाए र्ए स्वास््र् परीक्षण मशववरों की सखं्र्ा v. अगधक दधू देने वाली दधुारू पशओुं की सखं्र्ा में वदृ्गध vi. मत्स्र् उत्पादकता और आर् में वदृ्गध

    ङ क्षमता ननमााण और प्रसशक्षण i. ककस प्रकार के और ककतने प्रमशक्षण कार्मक्रम आर्ोष्जत ककए र्ए )वप्रमस ज़न फ़ाममिंर्,

    जैव कृवर्, कम पानी के उपर्ोर् से फसल उर्ाना, ववत्तीर् समावेशन,ऋण सघनीकरण, राज्र् /कें द्र सरकार की र्ोजनाओं का समेकन , समष्न्वत कृवर् प्रणाली, समष्न्वत कीट तनर्तं्रण और पोर्ण तत्व प्रबधंन आदद (

    च .ऋण सघनता i. पररर्ोजना कार्ामष्न्वत होने के पवूम और बाद में ऋण प्रवाह की ष्स्थतत ii. ककतने क्षते्र ववकास कार्मक्रम शरुू ककए र्ए और इनमें कौन से कार्मकलाप शाममल

    ककर् ेर्रे् iii. शाममल ककए र्ए लाभागथमर्ों की सखं्र्ा, बैंक ऋण ददए र्ए, स्वर् ंसहार्ता समहूों,

    सरं्कु्त देर्ता समहूों, एफपीओ आदद की ऋण सहबद्धता iv. नाबाडम से पनुववमत्त प्रवाह की मात्रा, र्पूीएनआरएम, पीओडीएफ,नबैकफंस, नबैककसान

    आदद पररर्ोजनाओ ंके अतंर्मत प्रत्र्क्ष ववत्त का समेकन

    छ .सामाजजक पूुंजी ननमााण i. क्षमता तनमामण /कौशल ववकास के ककतने कार्मक्रम आर्ोष्जत हुए ii. इनमें से आर्ोष्जत प्रत्रे्क कार्मक्रम का तकनीक अतंरण, ववत्तीर् समावेशन, ऋण

    सवंवतरण आदद की दृष्ष्ट से क्र्ा प्रभाव हुआ . iii. सवंगधमत ककसान क्लबों की सखं्र्ा iv. सवंगधमत स्वर् ंसहार्ता समहूों और सरं्कु्त देर्ता समहूों की सखं्र्ा v. सवंगधमत एफपीओ की सखं्र्ा vi. नेततृ्व ववकास,कारोबार आर्ोजना और ववकास, तकनीक अतंरण के मलए केवीके, एसएर् ू

    जैसे सामदुातर्क आधाररत सरं्ठनों के साथ मलकेंज पर ककतने ववशरे् कार्मक्रम /कौशल ववकास कार्मक्रम आर्ोष्जत ककए र्ए .

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    राज्र् / कें द्र प्रार्ोजजत र्ोजनाओुं और कार्ाक्रमों का समेकन

    वाटरशडे ववकास कार्मक्रम के तहत प्रमखु उद्देचर् शषु्क भमूम / वर्ाम आधाररत क्षते्रों में र्रीबी उन्मलून के मलए कृवर् उत्पादन, उत्पादकता और आजीववका बढाने की है। वाटरशडे पररर्ोजनाओं में समग्र वाटरशडे ववकास लक्ष्र् को हामसल करना मषु्चकल है, जब तक कक अन्र् र्ोजनाओं तथा कें द्र और राज्र् सरकारों के कार्मक्रमों की ववववध र्ततववगधर्ों एव ंतनगधर्ों के साथ सामजंस् र् नहीं ककर्ा जाता है। समेकन के मलए व्र्ापक र्ुजंाइश और अवसर उपलब्ध हैं। कुछ चाल ू र्ोजनाओं को चल रही / परूी हो चुकी वाटरशडे पररर्ोजनाओं के साथ एकीकृत ककर्ा जा सकता है, जो इस प्रकार हैं :

    क्र.सुं. केन्द्र प्रार्ोजजत र्ोजनाओुं के नाम

    समेकन के सलए गनतषिगधर्ाुं

    1 महात्मा र्ांधी राष्रीर् ग्रामीण रोजर्ार सजृन र्ोजना (मनरेर्ा)

    फील्ड मेंडबदंी, जल सचंर्न / कृवर् तालाब, वकृ्षारोपण, र्ाद तनकालने, मरममत और मौजदूा ढांचे का नवीकरण

    2 राष्रीर् ग्रामीण आजीववका ममशन (एनआरएलएम)

    स्वर् ं सहार्ता समहू, जेएलजी, प्रभावी ववत्तीर् सेवाओ,ं कौशल ववकास, प्रमशक्षण, क्षमता तनमामण, बाजार मलकेंज, आर् सजृन और आजीववका र्ततववगधर्ों के माध्र्म से सतत आजीववका बढाने के मलए स् वर् ं सहार्ता समहू, जेएलजी, स्वर् ंसहार्ता समहू महासघं जसैे ससं् थार्त मचंों की स् थापना.

    3 त्वररत मसचंाई लाभ कार्मक्रम (एआईबीपी)

    मरममत, नवीनीकरण और जल तनकार्ों की बहाली। र्ोजना के तहत 2000 हेक्टेर्र तक कृवर् र्ोग्र् कमांड क्षेत्र वाले टैंक ववत्तीर् सहार्ता के मलए पात्र हैं.

    4 राष्रीर् कृवर् ववकास र्ोजना (आरकेवीवाई)

    कृवर्, बार्वानी, रेशम उत्पादन, डरे्री, मरु्ी पालन, मत्स्र् पालन, कृवर् वातनकी को शाममल कर एकीकृत कृवर् प्रणाली को बढावा देने के अवसर उपलब्ध हैं। इस तरह समेकन तनवेश हस्तक्षेप तथा क्षमता तनमामण एव ं प्रमशक्षण पहल - दोनों रूप में हो सकता है

    5 राष्रीर् खाद्र् सरुक्षा ममशन (एनएफएसएम)

    इस र्ोजना के तहत चावल, रे्हंू, दलहन, मोटे अनाज और वाखणष्ज्र्क फसलों (जटू, कपास, र्न्ना), दालों के मलए उत्पादन सहार्ता उपलब्ध है। फील्ड प्रदशमनों, एचवाईवी का उपर्ोर्, बीज ववतरण, ककसान उत्पादक सरं्ठनों को सहार्ता

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    आदद के मलए भी वाटरशडे पररर्ोजनाओं में समेकन हेत ु उपलब्ध है।

    एनएफएसएम के एक भाग के रूप में समेफकत पोिण प्रबुंधन )आईएनएम) – आईएनएम वववेकपणूम सतंमुलत और ककसानों द्वारा समर् पर मदृा परीक्षण आधाररत उवमरक के उपर्ोर् को बढावा देने पर ववशरे् ज़ोर देता है, ममट्टी के उपजाऊपन एव ं उसकी उत्पादकता को बनाए रखने के मलए बार्ोफटीलाइजर का उपर्ोर्, फामम र्ाडम खाद (एफवाईएम), वमीकमपोस्ट, हरी खाद इत्र्ादद आईएनएम में शाममल ककर्ा र्र्ा है. रे् सेवार्ेँ कृवर् ववज्ञान कें द्रों (केवीके) के माध्र्म से प्रदान की जाती हैं.

    6 कृवर् ववस्तार एव ंप्रौद्र्ोगर्की राष्रीर् ममशन (एनएमएईटी)

    इस र्ोजना के तहत एक पर्ामवरण अनकूुल प्रौद्र्ोगर्की - एकीकृत कीट प्रबधंन (आईपीएम) - को बढावा ददर्ा जाता है ष्जसका उद्देचर् कल् चर आधाररत व जैववक (जैव कीटनाशक और नीम) सरं्ोजन के माध्र्म से उस सीमा तक कीटों को तनर्बंत्रत करना है, जो आगथमक नकुसान से बचाने के मलए आवच र्क है. वाटरशडे में फाममसम फील्ड स्कूलों के सवंधमन के माध्र्म से ऐसी तकनीकों को लोकवप्रर् बनाने हेत ुकेवीके को जोडा जा सकता है

    7 बार्वानी का समष्न्वत ववकास ममशन (एमआईडीएच)

    र्ोजना के तहत - फल, सष्ब्जर्ा,ं जड और कंद फसलें, मशरूम, मसाल,े फूल, सरं्ध पौधे, नाररर्ल, काज,ू कोको और बांस की फसलें शाममल हैं। ममशन के तहत प्रमखु कक्रर्ाकलाप ष्जनके मलए ववत्तीर् सहार्ता उपलब्ध है, इस प्रकार हैं :-

    रोपण सामग्री का उत्पादन और ववतरण

    परुाने वकृ्षारोपण का कार्ाकल्प जल ससंाधनों का सजृन सरंक्षक्षत खेती और वप्रमसज़न खेती कटाई पचचात फसल प्रबधंन प्रससं्करण और मलू्र् वधमन

    8 सतत कृवर् राष्रीर् ममशन (एनएमएसए) इसे जलवार् ु पररवतमन हेत ु राष्रीर् कार्म र्ोजना (एनएपीसीसी) के तहत ववकमसत ककर्ा र्र्ा है।

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    इसके प्रमखु घटकों में खेती प्रणाली ववगध, मदृा स्वास््र् प्रबधंन, कृवर् जल प्रबधंन, जलवार् ुपररवतमन प्रर्ोर्ों इत्र्ादद का समन्वर् कर वर्ाम मसगंचत क्षते्रों में जोखखम कम करने हेत ुवर्ाम मसगंचत क्षेत्र ववकास कार्मक्रम शाममल है. इसके अलावा ममशन के तहत जल सरंक्षण, डिप और ष्स्प्रकंलर मसचंाई सदहत कुशल सपुदुमर्ी और ववतरण प्रणाली के मलए भी ववत्तीर् सहार्ता उपलब्ध है

    9 जलवार् ुअनरुूप कृवर् हेत ुराष्रीर् पहल (एनआईसीआरए)

    एनआईसीआरए जो आईसीएआर की एक पहल है ष्जसमें फसल पद्धतत, जल प्रबधंन, मौसम आधाररत कृवर् सेवार्ेँ, जोखखम प्रबधंन और ककसानों को ववस्ताररत सहार्ता शाममल ककर्ा र्र्ा है। ग्राम जलवार् ुप्रबधंन सममततर्ों को कृवर् ववज्ञान केन्द्रों के माध्र्म से जलवार् ुस्माटम कृवर् कार्ामन्वर्न हेत ु प्रोत्सादहत ककर्ा जाता है. इसके मलए कृवर् ववज्ञान केन्द्रों से हमारी वाटरशडेड पररर्ोजना के अतंर्मत शाममल कुछ र्ांवों को र्ोद लेने हेत ुअनरुोध ककर्ा जा सकता है।

    10 राष्रीर् डरे्री र्ोजना (एनडीपी)

    र्ोजना के तहत डरे्री उत्पादक सरं्ठन / डरे्री ककसान उत्पादक कंपतनर्ों के मलए उपलब्ध सवुवधाओं का उपर्ोर् सरं्दठत दधू उत्पादन, प्रससं्करण और ववपणन के मलए ककर्ा जा सकता है।

    11 पशधुन स्वास््र् एव ं रोर् तनर्तं्रण कार्मक्रम (एलएचडीसीपी)

    इस कार्मक्रम के तहत, बेर्रफुट वेट/ परैा वेट को पशधुन स्वास््र् और रोर् प्रबधंन के मदु्दों का समाधान करने के मलए प्रोत्सादहत ककर्ा जाता है. र्ह सवुवधा जानवरों के तनवारक और प्राथममक स्वास््र् देखभाल के क्षेत्र में एक महत्वपणूम भमूमका तनभा सकती है।

    12 राष्रीर् मत्स्र् ववकास बोडम (एनएफडीबी)

    कार्मक्रम की प्रमखु र्ततववगधर्ों में र्णुवत्ता मछली बीज उत्पादन,कफंर्रमलगं्स की आपतूत म, मछली पालन पर ककसानों का क्षमता तनमामण,प्रमशक्षण इत्र्ादद शाममल हैं. इन प्रर्ासों को वाटरशडे पररर्ोजनाओ ंके वतममान जल तनकार्ों जैसे तालाबों और टैंकों के साथ समेककत ककर्ा जा सकता है।

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    13 ततलहन और ताड के तले के मलए राष्रीर् ममशन (एनएमओओपी)

    र्ह र्ोजना तटीर् वर्ाम मसगंचत ऑर्ल पाम, वर्ाम आधाररत क्षेत्रों में करंज और नीम जैसे वकृ्ष आगश्रत ततलहनों की खेती में सहार्ता करती है। ऐसी फसलों को वाटरशडे क्षेत्रों में बढावा देने के मलए अवसर उपलब्ध है। ताड के तले के मलए तले पाम स्प्राउट्स के ववतरण, डिप मसचंाई, कृवर् तालाबों और बोर वेल सदहत जल सचंर्न सरंचनाओं के तनमामण के मलए ववत्तीर् सहार्ता प्रदान की जाती है.

    14 ग्रीन इंडडर्ा ममशन (जी आई एम)

    र्ह ममशन अवक्रममत भमूम पर वनीकरण के माध्र्म से पर्ामवरण पद्धतत बढाने पर फोकस है। वाटरशडे में, ववशरे् रूप से बजंर भमूम में बड ेपमैाने पर वकृ्षारोपण करने की सभंावना पर ववचार ककर्ा जा सकता है, । मान्र्ता प्राप्त नसमरी से अछछी र्णुवत्ता की पौध की आपतूत म के मलए वाटरशडे कार्मक्रमों के साथ कृवर् और कृवर्-वातनकी मलकेंज को सशक्त बनार्ा जा सकता है।

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    ऋण सहबद्ध सष्ब्सडी र�