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2954 GI/2020 (1) रजजरी सं. डी.एल.- 33004/99 REGD. NO. D. L.-33004/99 xxxGIDHxxx xxxGIDExxx ऄसाधारण EXTRAORDINARY भाग IIखड 3—ईप-खड (ii) PART IISection 3Sub-section (ii) ाजधकार से काजित PUBLISHED BY AUTHORITY पयाावरण, वन और जलवायु पᳯरवतान मंालय ऄजधसूचना नइ ᳰदली, 2 जुलाइ, 2020 ारप ऄजधसूचना भारत के राजप, ऄसाधारण म भारत सरकार के पयाावरण, वन और जलवायु पᳯरवतान, मंालय कᳱ ऄजधसूचना सं. का.अ. 3859(ऄ), तारीख 25 , 2019, ारा काजित कᳱ गइ थी जजसम ऐसे सभी जिय से, जजनके ईससे भाजवत होने कᳱ संभावना थी, ईस तारीख से, जजसको ईि ऄजधसूचना से युत राजप कᳱ जतयां जनता को ईपलध करा दी गइ थ, साठ ᳰदन कᳱ ऄवजध के भीतर अेप और सुझाव अमंजत ᳰकए गए थे ; और, ईि ाऱप ऄजधसूचना से युत राजप कᳱ जतयां जनता को तारीख 25 तूब, 2019, को ईपलध करा दी गइ थ; और, पूवोि ाऱप ऄजधसूचना के युतर म जिय और पणधाᳯरय से ा अेप और सुझाव पर म जवचार ᳰकया गया था; और, कुेमुख राीय ईान 13 0 01’ 13 0 29’ औ 75 0 01’ 75 0 25’ औ 600.57 ; औ जचकमंगलुऱ ईडुपी - ( औ ) , 34 – - ए औ ; औ, औ - - ; सं . 1934] नइ ᳰदली, बृहपजतवार, जुलाइ 02, 2020/अषा 11, 1942 No. 1934] NEW DELHI, THURSDAY, JULY 02, 2020/ASADHA 11, 1942 सी.जी.-डी.एल.-अ.-03072020-220342 CG-DL-E-03072020-220342

Œ‘ž˙E—’… —Š v’~ ”—ž‘¡Œ ˝ï’—†˙EŠ ’e˙¢ž”‘egazette.nic.in/WriteReadData/2020/220342.pdf[भ गII—खण ड 3(ii)] भ रत क र जपत

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  • 2954 GI/2020 (1)

    रजजस्ट्री स.ं डी.एल.- 33004/99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    xxxGIDHxxx xxxGIDExxx

    ऄसाधारण

    EXTRAORDINARY

    भाग II—खण् ड 3—ईप-खण् ड (ii)

    PART II—Section 3—Sub-section (ii)

    प्राजधकार स ेप्रकाजित

    PUBLISHED BY AUTHORITY

    पयाावरण, वन और जलवाय ुपररवतान मतं्रालय

    ऄजधसचूना

    नइ ददल्ली, 2 जुलाइ, 2020

    —प्रारुप ऄजधसूचना भारत के राजपत्र, ऄसाधारण में भारत सरकार के पयाावरण, वन और

    जलवायु पररवतान, मंत्रालय की ऄजधसूचना सं. का.अ. 3859(ऄ), तारीख 25 , 2019, द्वारा प्रकाजित की गइ

    थी जजसमें ऐसे सभी व्यजियों से, जजनके ईससे प्रभाजवत होने की संभावना थी, ईस तारीख से, जजसको ईि ऄजधसूचना

    से युक् त राजपत्र की प्रजतयां जनता को ईपलब्ध करा दी गइ थीं, साठ ददन की ऄवजध के भीतर अक्षपे और सुझाव

    अमंजत्रत दकए गए थ;े

    और, ईि प्रारूप ऄजधसूचना से युक् त राजपत्र की प्रजतयां जनता को तारीख 25 क् तूब , 2019, को ईपलब्ध करा

    दी गइ थीं;

    और, पूवोि प्रारूप ऄजधसूचना के प्रत्युतर में व्यजियों और पणधाररयों से प्राप्त अक्षेपों और सुझावों पर

    में जवचार दकया गया था;

    और, कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान 130 01’ 130 29’ औ 750 01’ 750 25’

    औ 600.57 ; औ जचकमंगलुरू

    औ ईडुप्पी - ( औ )

    , 34 – - ए औ ;

    औ , औ -

    - ;

    स.ं 1934] नइ ददल्ली, बहृस्ट् पजतवार, जुलाइ 02, 2020/अषाढ़ 11, 1942

    No. 1934] NEW DELHI, THURSDAY, JULY 02, 2020/ASADHA 11, 1942

    सी.जी.-डी.एल.-अ.-03072020-220342CG-DL-E-03072020-220342

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    औ , कुद्रेमुख - 135 1900

    औ औ ए और कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान के

    प्रमुख वन प्रकार ( जपयन और सेठ 1968) दजक्षणी पहाडी के िीषा ईष्णकरिबंधीय सदाबहार वनों (1ए/सी3)

    (िोला), ईष्णकरिबंधीय अद्रा सदाबहार वन (1ए/सी4), पज चम तिीय ऄधा- सदाबहार वन (2ए/सी2), दजक्षण भारतीय

    अद्रा पणापाती वन (3बी/सी2) और दजक्षण भारतीय ईपोष्णकरिबंधीय पहाडी सवाना (8ए(सी1/डी एस) में वगीकृत

    दकया गया ह;ै

    और, कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान के वनस्ट्पजत मलू्य के ऄजतररि कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान के जीवजन्तु मूल्य

    , कुद्रेमुख भारत और जवश्व में लघ ु वानर (कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान ) का एक बडी

    जीवसंख्या के जलए बडा कें द्र/अवास बना हुअ ह;ै राष्ट्रीय ईद्यान, जवश्व के सबसे लंबे जवषलैे सांप ककग कोबरा का भी

    वास ह ैऔर मालाबार तवांग ुकुद्रेमुख का स्ट्थाजनक दलुाभ नर-वानर ह;ै यह राष्ट्रीय ईद्यान अद्रा ईष्णकरिबंधीय सदाबहार

    वन का प्रजतजनजधत्व ह ैआसमें मुख्य तीन साहारी जैसे- बाघ,तेंदअु और जंगली कुते्त पाए जाते हैं; कुद्रेमुख राष्ट्रीय

    ईद्यान जीवजंतु जैसे- सरीसृप, ईभयचर और मछजलयों के जलए ईच्च स्ट्तरीय स्ट्थाजनकता रखता ह।ै आस राष्ट्रीय

    ईद्यान में पाये जान ेवा ऄन्य प्रजाजतयों में एजियाइ हाथी, भारतीय गौर, सांभर जहरण, मुंजक/मुनतजक, जचत्तीदार

    जहरण, जपसूरी, रीछ, धारीदार लकडबग्घा, कस्ट्तूरी-मृग, जंगली सुऄर, हनंुमान लगंूर, बोनि मकाक, मालाबार जविाल

    जगलहरी, मोर, पायथन और माला , अदद सजममजलत ह;ै कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान क्षते्र कें द्रीय पज चमी घाि में

    के जलए गमा स्ट्थान में सबसे गमा स्ट्थान के रुप में जाना जाता है;

    और, सभी मूल्यों में से, कुद्रेमुख का पाररजस्ट्थजतक तंत्र सेवा मूल्य बहुत महत्व का ह;ै कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान

    तुंगा, भाद्रा और नथेरावाथी जैसी मुख्य नददयों के जलए मुख्य स्त्रोत और जलग्रहण ह ैऔर स्ट्व , गुरुपरुा, येन्नेहोल े

    और सीथानाधी जैसी ऄन्य छोिी नददयों के जलए जल ग्रहण जो स्ट्थानीय लोगों के जलए एकमात्र साधन और

    क्षेत्रीय ऄथाव्यवस्ट्था में एक भूजमका जनभाती ह;ै कुद्रेमुख दजक्षण भारत में एक ईच्चतम वषाा वृजि (प्रजत वषा

    7000 जम. मी. औसत) स्ट्थान ह;ै आसके ऄजतररि, कुद्रमेुख के अद्रा सदाबहार िोला वन एक स्ट्पंज की तरह काया

    करत े , आस प्रकार पानी की भारी मात्रा भूजमगत ररजवा के रुप में रहती ह ैजो दक साल भर में धीरे-धीरे नददयों में जाती

    ह ैऔर भौगोजलक दजृि से, राष्ट्रीय ईद्यान क्षेत्र (दजक्षण पज चम मानसून सहायता से) क्षेत्रीय जलवायु पर एक जविाल और

    स्ट्थायी प्रभाव रखती ह;ै आसके ऄलावा, कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान ईच्चतम स्ट्थायी बायोमास में से एक ह ैजजसे प्रजत हके्िेयर

    250-300 िन औसत ऄनुमान लगाया जाता ह ैऔर आसजलए यह एक बृहत ्काबान भूमंडलीय तापन का

    प्रजतकारक और जलवायु पररवतान के तथ्य के रुप में काया करता ह;ै

    और, कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान कैलोफ म एपेिालम

    (होली ), सल्फोरािम ( ), डायोस्ट्पायरोस कैं डो ( ), कैनेरेजनजसस

    ( ), परजवफ्लोरा ( ), होजपया ( ), स्ट्पथलुता (अर्ककड),

    गार्ससजनया आंजडका (को म), हायडेनोकापास पेंिेंड्रा ( , , ), ऄटे्ठनअुत े

    (रिामा ), ;

    और, औ ए ( ए ) ,

    , , , कुद्रेमुख

    पैंथेरा िाआगररस ( ), पेन्थेरा प्रड्यूस ( तेंदअु), परर रुजबजगनोसुस (

    ), ( ), मेलसास ऄरजसनस ( ), एलेफ़स मैजक्समस (एजियाइ हाथी),

    बोस गोरस (गौर), सरवस यूनीक्लोर (सांभर), पेरिनॉयस ईसककाजपल्लुस ( तरवनकोर सूरज-भगत),

    (भारतीय जविाल जगलहरी), माजनस कै्रजसकाईडािा ( ), प्लािसान्थोजम लजसयरस (

    जस्ट्पनी डॉमााईस), ( ), एनोक्सी (क्लॉ लसे्ट्स उदजबलाव), ;

    और, राष्ट्रीय ईद्यान , , औ एन्राकोसेरोस

    (मालाबार जचतकबरी धनेि), (ग्रेि हॉनाजबल), आजचजथयोफागा आजचथायेिस (ग्रे हडेेड दफि

    इगल), (डािार), ( – ), ( औ

    ऑरेंज फ्लाइकैचर), (नीलजगरर फ्लाइ कैचर), ( ),

    ( फ्लपै ििाल), क्रॉकोडैलुस पालुस्ट्रीस (क्रॉकोजडल्स), (स्ट्पेक्िैलेड ),

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 3

    ( ), ( ), ( ),

    ( - ), ( औ ),

    ( ), सेजक्सकोलुस ( ),

    नीकिीबतराचुस डेक्सानेजसस (डेक्कन नाआि फ्रॉग, डेक्कन ), नीकिीबतराचुस (

    ), नीकिीबतराचुस पालुस्ट्रीस (कूगा नाइि फ्रॉग और सेके्रड स्ट्वामप व्रिंकलेड रा औरांरिअका ( ,

    ), (ब्रोंज़ेड फ्रॉग और गुथंर गोल्डन-बैके फ्रॉग) िोमोप्िेमा फे (

    बुरोआंग फ्रॉग), अइजडया (मालाबार री जनमफ), ;

    और, कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान के चारों ओर के क्षेत्र को, जजसका जवस्ट्तार और सीमाए

    पैरा 1 में जवजनर्कदि हैं, की दजृि सुरजक्षत और संरजक्षत करना और

    ईि पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में ईद्योगों या ईद्योगों के के प्रचालन और प्रसंस्ट्करण करन े को प्रजतजषद्ध करना

    अवयक ह;ै

    ऄतः, , केन्द्रीय सरकार, पयाावरण (संरक्षण) जनयम, 1986 के जनयम 5 के ईपजनयम (3) के साथ परठत

    पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1986 (1986 का 29) (

    ) की धारा 3 की ईपधारा (1) और ईपधारा (2) के खंड (v) और खंड (xiv) (3) द्वारा प्रदत्त िजियों

    का प्रयोग करत ेहुए, राज्य जचकमंगलुरू औ ईडुप्पी कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान की सीमा

    के चारों ओर 0 ( ) 9.60 तक जवस्ट्ताररत क्षेत्र को कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन

    (जजसे आस ऄजधसूचना में आसके प चात् पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन कहा गया ह)ै के रूप में ऄजधसूजचत करती ह,ै जजसका

    जववरण जनम्नानुसार ह,ै ऄथाात ्:-

    1. पाररजस्ट्थजतकी सवंदेी जोन का जवस्ट्तार और सीमाए .-(1) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन

    कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान 0 ( ) ( ने

    कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान ) 9.60 औ

    316.63 ।

    (2) कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान और पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन की सीमा का ईपाबधं-I के रूप में ईपाबद्ध

    ह।ै

    (3) सीमा जववरण और ऄक्षािं और दिेांतर के साथ पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान

    मानजचत्र ईपाबधं-II , ईपाबधं-II , ईपाबधं-II , ईपाबधं-II औ ईपाबधं-IIङ के रूप में ईपाबद्ध ह।ै

    (4) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन और कुद्रेमुख राष्ट्रीय ईद्यान की सीमा के भू-जनदेिांकों की सूची ईपाबधं-III

    सारणी क और ख में दी गइ ह।ै

    (5) - पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के ऄंतगात अन ेवाल ेग्रामों, औ

    सूची ईपाबधं IV , औ ह।ै

    2. पाररजस्ट्थजतकी सवंदेी जोन के जलए अचंजलक महायोजना.– (1) राज्य सरकार, पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के

    प्रयोजनों के जलए, राजपत्र में आस ऄजधसूचना के प्रकािन की तारीख से दो वषा की ऄवजध के भीतर, स्ट्थानीय व्यजियों के

    परामिा से और आस ऄजधसूचना में ददए गए ऄनुबंधों का पालन करत े हुए, राज्य सरकार के सक्षम प्राजधकारी के

    ऄनुमोदनाथा एक अंचजलक महायोजना बनायेगी।

    (2) राज् य सरकार द्वारा पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के जलए अचंजलक महायोजना ऐसी रीजत से जो आस ऄजधसूचना

    में जवजनर्कदष् ि दकए गए हों के ऄनुसार तथा सुसंगत कें द्रीय और राज् य जवजधयों के ऄनरुूप तथा कें द्रीय सरकार द्वारा जारी

    मागादिान, यदद कोइ हों, द्वारा तैयार की जाएगी ।

    (3) अंचजलक महायोजना, ईि योजना में पाररजस्ट्थजतकी और पयाावरण संबंधी सरोकारों को समाकजलत करने के

    जलए राज् य सरकार के जनम्नजलजखत जवभागों के परामिा स ेतैयार की जाएगी, ऄथाात:्-

    (i) पयाावरण;

    (ii) वन और वन्यजीव;

  • 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (iii) िहरी जवकास;

    (iv) पयािन;

    (v) पाजलका;

    (vi) राजस्ट् व;

    (vii) कृजष;

    (viii) ग्रामीण जवकास

    (ix) व्रसचाइ और बाढ़ जनयंत्रण;

    (x) पंचायती राज;

    (xi) कनाािक राज्य प्रदषूण जनयंत्रण बोडा; औ

    (xii) लोक जन मााण जव भाग।

    (4) अंचजलक महायोजना ऄनुमोददत जवद्यमान भू-ईपयोग, ऄवसंरचना और दक्रयाकलापों पर कोइ जनबंधन

    ऄजधरोजपत नहीं करेगी जब तक आस ऄजधसूचना में जवजनर्कदि न हो, तथा अचंजलक महायोजना में सभी ऄवसंरचनाओं

    और दक्रयाकलापों में जो ऄजधक दक्षता और पाररजस्ट्थजतकी-ऄनकूुल हों का संवधान करेगी ।

    (5) अंचजलक महायोजना में ऄनाच्छाददत क्षेत्रों की पुनः बहाली, जवद्यमान जल जनकायों के संरक्षण, अवाह क्षेत्रों

    के प्रबंधन, जल-संभरों के प्रबंधन, भू-जल के प्रबंधन, मृदा और नमी के संरक्षण, स्ट्थानीय समुदायों की अवयकताओं तथा

    पाररजस्ट्थजतकी और पयाावरण के ऐसे ऄन्य पहलओुं की व्यवस्ट्था की जाएगी जजन पर ध्यान ददया जाना अवयक ह।ै

    (6) अंचजलक महायोजना में सभी जवद्यमान पूजा स्ट् थलों, ग्रामों और िहरी बजस्ट्तयों, वनों के प्रकार और दकस्ट् मों,

    कृजष क्षेत्रों, उपजाउ भूजम, ईद्यानों और ईद्यानों की तरह के हररत क्षेत्रों, ईद्यान कृजष क्षेत्रों, बगीचों, झीलों और ऄन्य जल

    जनकायों का ऄभ्यंकन करेगी और आस में जवद्यमान और प्रस्ट्ताजवत भू- ईपयोग की जविेषताओं का ब्यौरा देन े वाले

    ऄनुसमर्सथत मानजचत्र भी ददए जाएंगे।

    (7) अंचजलक महायोजना पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में जवकास को जवजनयजमत करेगी और सारणी में सूचीबद्ध

    पैरा-4 में प्रजतजषद्ध और जवजनयजमत दक्रयाकलापों का ऄनुपालन करेगी और स्ट्थानीय समुदायों की जीजवका को सुरजक्षत

    करने के जलए पाररजस्ट्थजतकी ऄनुकूल जवकास को सुजनजित और ईसकी ऄजभवृजद्ध भी करेगी।

    (8) अंचजलक महायोजना, प्रादेजिक जवकास योजना की सह-जवस्ट्तारी होगी ।

    (9) आस प्रकार ऄनुमोददत अंचजलक महायोजना आस ऄजधसूचना के ईपबंधों के ऄनुसार मानीिरी के ऄपने कायों

    को करने के जलए एक संदभा दस्ट्तावेज तैयार करेगी ।

    3. राज्य सरकार द्वारा दकए जान ेवाल ेईपाय.- राज्य सरकार आस ऄजधसूचना के ईपबंधों को प्रभावी करन ेके जलए

    जनम्नजलजखत ईपाय करेगी, ऄथाात्:-

    (1) भ-ूईपयोग.– ( ) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में वनों, ईद्यान कृजष क्षेत्रों, कृजष क्षेत्रों, के प्रयोज के

    जलए जचजन्हत दकए गए पाकों और खुल ेस्ट्थानों का वाजणजज्यक औद्योजगक संबद्ध जवकास दक्रयाकलापों के

    जलए ईपयोग या संपररवतान नहीं होगा:

    परंत ु पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के भीतर भाग (क) में जवजनर्कदि प्रयोज से जभन्न प्रयोजन के जलए कृजष

    और ऄन्य भूजम का संपररवतान मानीिरी सजमजत की जसफाररि पर और यथा लाग ूऔर क्षेत्रीय नगर योजना ऄजधजनयम

    औ केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के ऄन्य जनयमों तथा जवजनयमों के ऄधीन सक्षम प्राजधकारी के पूवा ऄनुमोदन से,

    औ आस ऄजधसूचना के ईपबंधों द्वारा स्ट्थानीय जनवाजसयों की जनम्नजलजखत अवासीय अवयकताओं को पूरा करन े के

    जलए ऄनुज्ञात दकया जाएगा, जैसे:-

    (i) जवद्यमान सडकों को चौडा करना और ईन्हें सुद ृ करना तथा नइ सडकों का संजनमााण;

    (ii) बुजनयादी ढांचों और नागररक सुजवधाओं का संजनमााण और नवीकरण;

    (iii) प्रदषूण ईत्पन्न न करने वाल ेलघ ुईद्योग;

    (iv) कुिीर ईद्योगों जजनके ऄंतगात ग्रामीण ईद्योग भी हैं; सुजवधाजनक भण्डार और स्ट्थानीय सुजवधाए सहायक

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 5

    पाररजस्ट्थजतकी पयािन ह वास सजममजलत ह;ै और

    (v) पैरा 4 के ए ए संवर्सधत दक्रयाकलाप:

    परंत ुयह और दक नगर योजना ऄजधजनयम और ऄन्य जनयमों और जवजनयमों के

    औ संजवधान के ऄनचु्छेद 244 तत्समय प्रवृत्त जवजध के ईपबंधों

    के ऄनुपालन के जबना, जजसके ऄनुसूजचत जनजाजत और ऄन्य परंपरागत वन जनवासी (वन ऄजधकारों की

    मान्यता) ऄजधजनयम, 2006 (2007 का 2) भी ह,ै वाजणजज्यक या औ जवकास दक्रयाकलापों के जलए जनजातीय

    भूजम का ईपयोग ऄनुज्ञात नहीं होगा:

    परंत ुयह और भी दक पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के भीतर भू-ऄजभलेखों में ईपसंजात कोइ , मानीिरी

    सजमजत के जवचार प्राप्त करन ेके प चात राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक मामल ेमें एक बार की जाएगी और ईि

    के की सूचना कें द्रीय सरकार के पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय को दी जाएगी:

    परंत ुयह और भी दक संिोधन में आस ईप पैरा के ऄधीन यथा-ईपबंजधत के जसवाय दकसी भी दिा में

    भू-ईपयोग का पररवतान सजममजलत नहीं होगा;

    ( ) वनीकरण तथा वास जीणोद्धार दक्रयाकलापों सजहत ऄनप्रयुक् त या ऄनुत् पादक कृजष क्षते्रों में पुन: वनीकरण

    करने के प्रयास दकए जाएंग।े

    (2) प्राकृजतक जल स्रोतों.- अचंजलक महायोजना में सभी प्राकृजतक जल स्रोतों के अवाह क्षेत्रों की पहचान की

    जाएगी और ईनके संरक्षण और नवीकरण के जलए महायोजना सजम मजलत होगी और राज् य सरकार द्वारा आन क्षेत्रों पर या

    ईनके जनकि जवकास दक्रयाकलाप प्रजतजषद्ध करन ेके ए ऐसी रीजत से

    जसद्धांत तैयार दकए जाएगंे ।

    (3) पयािन या .- (क) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के भीतर सभी नए पाररजस्ट्थजतकी पयािन

    दक्रयाकलाप या जवद्यमान पयािन दक्रयाकलापों का जवस्ट्तार पयािन महायोजना के ऄनुसार के

    जलए होगा।

    (ख) पयािन महायोजना राज्य पयािन जवभाग द्वारा राज्य पयाावरण और वन जवभाग के परामिा से

    तैयार होगी।

    (ग) पयािन महायोजना अंचजलक महायोजना के एक घिक के रूप में होगी।

    (घ) ए ।

    (ङ) पाररजस्ट्थजतकी पयािन संबंधी दक्रयाकलाप जनम्नानुसार जवजनयजमत होंगे:-

    (i) की सीमा से एक दकलोमीिर के भीतर या पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के जवस्ट्तार तक, आनमें जो

    भी जनकि ह,ै नये वाजणजज्यक होिल और ऄनुज्ञात नहीं होंग:े

    परंत,ु की सीमा से एक दकलोमीिर की दरूी से परे पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के जवस्ट्तार

    तक होिलों और का स्ट्थाप केवल पूवा पररभाजषत और नामजनर्कदि क्षेत्रों में पयािन महायोजना के ऄनुसार

    पाररजस्ट्थजतकी पयािन सुजवधाओं के जलए ही ऄनजु्ञात होगा;

    (ii) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के भीतर नए पयािन दक्रयाकलापों या जवद्यमान पयािन दक्रयाकलापों का जवस्ट्तार

    कें द्रीय सरकार के पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय के मागादिाक जसद्धांतों के द्वारा तथा राष् रीय ा याघ्र

    संरक्षण प्राजधकरण, द्वारा जारी – , - औ -

    ए (समय-समय पर यथा-संिोजधत) मागादिाक जसद्धांतों के ऄनुसार होगा;

    (iii) अंचजलक महायोजना का ऄनुमोदन दकए जाने तक, पयािन के जलए जवकास और जवद्यमान पयािन

    दक्रयाकलापों के जवस्ट्तार को वास्ट्तजवक स्ट्थल जवजनर्कदि संवीक्षा और सजमजत की जसफाररि पर अधाररत

    संबंजधत जवजनयामक प्राजधकरणों द्वारा ऄनुज्ञात दकया जाएगा और पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के दकसी नय ेहोिल

    या या वाजणजज्यक स्ट्थाप का संजनमााण ऄनुज्ञात नहीं दकया जायेगा ।

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (4) नसैर्सगक जवरासत.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में महत्वपूणा नैसर्सगक जवरासत के सभी स्ट्थलों जैसे जीन कोि

    अरजक्षत के्षत्र, िैल जवरचनाएं, जल प्रपातों, झरनों, घािी मागों, ईपवनों, गुफाए,ं स्ट्थलों, भ्रमण, ऄश्वरोहण, प्रपातों अदद

    की पहचान की जाएगी और जवरासत संरक्षण योजना अंचजलक महायोजना के भाग के रुप में परररक्षण और संरक्षण के

    जलए तैयार की जाएगी ।

    (5) मानव जनर्समत जवरासत स्ट् थल.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में भवनों, संरचनाओं, जिल्प-तथ्य, ऐजतहाजसक,

    , और सांस्ट्कृजतक महत्व के क्षेत्रों की औ पहचान और ईनके संरक्षण के जलए जवरासत

    योजना अंचजलक महायोजना के भाग के रुप में तैयार की जाएगी।

    (6) ध् वजन प्रदषूण.- पयाावरण ऄजधजनयम के ऄधीन ध्वजन प्रदषूण (जवजनयमन और जनयंत्रण) जनयम, 2000 में

    जनयत ईपबंधों के ऄनुसार में पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में ध्वजन प्रदषूण के जनयंत्रण औ

    ए ।

    (7) वाय ुप्रदषूण.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में, वाय ुप्रदषूण के जनवारण और जनयंत्रण का वायु (प्रदषूण जनवारण

    और जनयंत्रण) ऄजधजनयम, 1981 (1981 का 14) और ईसके ऄधीन बनाए गए जनयमों के ईपबंधों के ऄनुसार ऄनुपालन

    दकया जाएगा।

    (8) बजहस्राव का जनस्ट्सारण.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में ईपचाररत बजहस्राव का जनस्ट्सारण, साधा मानकों के

    पयाावरणीय ऄजधजनयम और ईसके ऄधीन बनाए गए जनयमों के ऄधीन अने वाल े पयाावरणीय

    प्रदषूण के जनस्ट्सारण के जलए साधारण मानकों या राज्य सरकार द्वारा जनयत मानकों, जो भी ऄजधक कठोर हो, के

    ईपबंधों के ऄनुसार होगा।

    (9) ठोस ऄपजिि.- ठोस ऄपजिि का जनपिान एवं प्रबंधन जनम्नानुसार दकया जाएगा:-

    ( ) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में ठोस ऄपजिि का जनपिान और प्रबंधन भारत सरकार के पयाावरण, वन और

    जलवायु पररवतान मंत्रालय की ऄजधसूचना सं. का.अ. 1357(ऄ), 8 ऄप्रैल, 2016 प्रकाजित ठोस ऄपजिि

    प्रबंधन जनयम, 2016 के ईपबंधों के ऄनुसार दकया जाएगा; ऄकाबाजनक पदाथों का जनपिान पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन से

    बाहर जचजन्हत दकए गए स्ट्थानों पर पयाावरण-ऄनुकूल रीजत से दकया जाएगा;

    ( ) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में मान्य प्रौद्योजगदकयों ( ए ए ) का ईपयोग करत ेहुए जवद्यमान जनयमों और

    जवजनयमों के ऄनुरूप ठोस ऄपजिि का सुरजक्षत और पयाावरण-ऄनुकूल प्रबंधन ऄनुज्ञात दकया ।

    (10) जवै जचदकत्सा ऄपजिष् ि.- जैव जचदकत्सा ऄपजिष् ि का प्रबंधन जनम्नानुसार दकया जाएगा.-

    ( ) पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में जैव जचदकत्सा ऄपजिि का जनपिान भारत सरकार के पयाावरण, वन और

    जलवायु पररवतान मंत्रालय की ऄजधसूचना सं.सा.का.जन 343 (ऄ), 28 माचा, 2016 प्रकाजित जैव

    जचदकत्सा ऄपजिि प्रबंधन जनयम, 2016 के ईपबंधों के ऄनुसार दकया जाएगा;

    ( ) पाररजस्ट्थजतकी सं दी जोन में पहचान ेगए प्रौद्योजगदकयों का प्रयोग करत ेहुए जवद्यमान जनयमों और जवजनयमों

    के ऄनरुूप जैव-जचदकत्सा ऄपजिि का सुरजक्षत और पयाावरण-ऄनुकूल प्रबंधन ऄनुज्ञात दकया ।

    (11) प्लाजस्ट्िक ऄपजिि प्रबधंन.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में प्लाजस्ट्िक ऄपजिि प्रबंध का जनपिान भारत

    सरकार के पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय की समय-समय पर यथासंिोजधत ऄजधसूचना सं. .का.जन

    340(ऄ), तारीख 18 माचा, 2016 द्वारा प्रकाजित प्लाजस्ट्िक ऄपजिि प्रबंध जनयम, 2016 के ईपबंधों के ऄनुसार दकया

    जाएगा।

    (12) जनमााण और जवध्वसं ऄपजिि प्रबधंन.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में संजनमााण और जवध्वंस ऄपजिि प्रबंध का

    जनपिान भारत सरकार के पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय की समय-समय पर यथासंिोजधत ऄजधसूचना

    सं. .का.जन 317(ऄ), तारीख 29 माचा, 2016 द्वारा प्रकाजित संजनमााण और जवध्वंस प्रबंध जनयम, 2016 के ईपबंधों के

    ऄनुसार दकया जाएगा ।

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 7

    (13) इ–ऄपजिि.- पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में इ–ऄपजिि प्रबंध का जनपिान भारत सरकार के पयाावरण, वन

    और जलवायु पररवतान मंत्रालय की समय-समय पर यथासंिोजधत द्वारा प्रकाजित इ–ऄपजिि प्रबंध जनयम, 2016 के

    ईपबंधों के ऄनुसार दकया जाएगा।

    (14) यानीय .- की यानीय गजतजवजधयां अवास के ऄनुकूल जवजनयजमत होंगी और आस संबंध में

    अंचजलक महायोजना में जविेष ईपबंध दकए जाएंग े और अंचजलक महायोजना के तैयार होने और राज्य

    सरकार के सक्षम प्राजधकारी द्वारा ऄनुमोददत होने तक, सजमजत औ ए

    ए जनयमों और जवजनयमों के ऄनुसार यानीय के ऄनुपालन को मानीिर करेगी ।

    (15) यानीय प्रदषूण.- लाग ू जवजधयों के वाहन प्रदषूण और जनयंत्रण दकया जाएगा।

    स्ट्वच्छक ईंधन के ईपयोग के जलए प्रयास दकए जाएंगे।

    (16) औद्योजगक इकाआया.ं- (i) चात पाररजस्ट्थजतकी संवेदी

    जोन के भीतर कोइ नए प्रदजूषत ईद्योगों की स्ट्थापना की ऄनुमजत नहीं दी जाएगी।

    (ii) , 2016

    , ; -

    ए औ ,

    ए ।

    (17) पहाडी ढलानों को सरंक्षण.- पहाडी ढलानों का संरक्षण जनम्नानुसार होगा:-

    (क) अंचजलक महायोजना पहाडी ढलानों पर क्षेत्रों का संकेत होगा जहां दकसी भी संजनमााण की ऄनुमजत नहीं दी

    जाएगी।

    (ख) किाव के एक ईच्च जडग्री के साथ जवद्यमान खडी पहाडी ढलानों या ढलानों पर दकसी भी संजनमााण की

    ऄनुमजत नहीं दी जाएगी ।

    4. पाररजस्ट्थजतकी सवंदेी जोन में प्रजतजषद्ध और जवजनयजमत दकए जान ेवाल ेदक्रयाकलापों की सचूी.- पाररजस्ट्थजतकी

    संवेदी जोन में सभी दक्रयाकलाप पयाावरण ऄजधजनयम के ईपबंधों और ए ए

    तिीय जवजनयमन जोन, 2011 और पयाावरणीय समाधान जनधाारण ऄजधसूचना, 2006 और ऄन्य लागू जवजधयां

    जजसमें वन (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1980 (1980 69), भारतीय वन ऄजधजनयम, 1927 (1927 16), वन्यजीव

    (संरक्षण) ऄजधजनयम, 1972 (1972 53) सजममजलत हैं और ईस पर दकये गये संिोधनों द्वारा िाजसत होंग ेऔर नीचे

    दी गइ सारणी में जवजनर्कदि रीजत में जवजनयजमत होंग,े ऄथाात ्:-

    सारणी

    क्रम स.ं

    (1)

    दक्रयाकलाप

    (2)

    (3)

    . प्रजतजषद्ध दक्रयाकलाप

    1. वाजणजज्यक खनन, पत्थर ईत्खनन और

    ऄपघषाण आकाइयां ।

    (क) वास्ट्तजवक स्ट्थानीय जनवाजसयों की घरेल ूअवयकताओं

    जजसमें जनजी ईपयोग के जलए मकानों के संजनमााण या

    मरममत के जलए धरती को खोदना और मकान बनान ेके

    जलए देिी िाआल्स या ईंिों का जनमााण करना भी

    सजममजलत ह,ै के जसवाय सभी प्रकार के नए और

    जवद्यमान खनन (लघ ु और वृहत खजनज), पत्थर की

    खानें और ईनकों तोडन ेकी आकाआयां तत्काल प्रभाव से

    प्रजतजषद्ध होगी।

    (ख) खनन प्रचालन, माननीय ईच्चतम न्यायालय की ररि

    याजचका (जसजवल) सं. 1995 का 202 िी.एन.

    गौडाबमान जथरुमूलपाद बनाम भारत संघ के मामल ेमें

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    अदेि तारीख 4 ऄगस्ट्त, 2006 और ररि याजचका (सी)

    सं. 2012 का 435 गोवा फाईंडेिन बनाम भारत संघ

    के मामले में तारीख 21 ऄप्रलै, 2014 के अदेि के

    ऄनुसरण में प्रचालन होगा ।

    2. नइ अरा जमलों की स्ट्थापना। पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के भीतर नइ और जवद्यमान अरा

    जमलों का जवस्ट् तार ऄनजु्ञात नहीं होगा ।

    3. प्रदषूण (जल, वायु, मृदा, ध्वजन, अदद)

    ईत्पन करन ेवाल ेईद्योगों की स्ट्थापना ।

    पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में कोइ नया ईद्योग लगान े और

    वतामान प्रदषूणकारी ईद्योगों का जवस्ट्तार करने की ऄनजु्ञा

    नहीं होगी:

    , 2016

    , -

    ए औ

    -

    ए ।

    4. जलावन लकडी का वाजणजज्यक ईपयोग । लाग ू जवजधयों के ऄनुसार प्रजतजषद्ध (ऄन् यथा ईपबंजधत के

    जसवाय) होंगे ।

    5. बृहत जल जवद्युत पररयोजना की

    स्ट्थापना।

    लाग ू जवजधयों के ऄनुसार प्रजतजषद्ध (ऄन् यथा ईपबंजधत के

    जसवाय) होंगे ।

    6. दकसी पररसंकिमय पदा का ईपयोग या

    ईत्पादन या प्रसंस्ट्करण।

    लाग ू जवजधयों के ऄनुसार प्रजतजषद्ध (ऄन् यथा ईपबंजधत के

    जसवाय) होंगे ।

    7. प्राकृजतक जल जनकायों या क्षते्र भूजम में

    ऄनुपचाररत बजहस्रााव का जनस्ट्सारण ।

    लाग ू जवजधयों के ऄनुसार प्रजतजषद्ध (ऄन् यथा ईपबंजधत के

    जसवाय) होंगे ।

    8. नए काष् ठ अधाररत ईद्योग। पाररजस्ट्थजतक संवेदी जोन की सीमाओं के भीतर नए काष् ठ

    अधारर त ईद्योगों की स्ट् थापना को ऄनुज्ञात नहीं दक या

    जाएगा:

    परंतु जव द्यमान काष् ठ अधारर त ईद्योग तब तक जारी रह

    सकें गे।

    9. पवन चदक्कयां लगाना । लाग ू जवजधयों के ऄनुसार प्रजतजषद्ध (ऄन् यथा ईपबंजधत के

    जसवाय) होंगे ।

    10. ईंि भट्टों की स्ट्थापना । लाग ू जवजधयों के ऄनुसार प्रजतजषद्ध (ऄन् यथा ईपबंजधत के

    जसवाय) होंगे ।

    . जवजनयजमत दक्रयाकलाप

    11. पोजलथीन बैगों का ईपयोग । लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    12. वाजणजज्यक होिलों और ररसोिों की

    स्ट्थापना ।

    पाररजस्ट्थजतकी पयािन दक्रयाकलापों लघु ऄस्ट्थायी संरचनाओं

    के जसवाय संरजक्षत क्षेत्र की सीमा से एक दकलोमीिर के भीतर

    या पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन के जवस्ट्तार तक, आनमें जो भी

    जनकि ह,ै नए वाजणजज्यक होिल और को ऄनुज्ञात

    नहीं दकया जाएगा:

    सभी नए पयािन दक्रयाकलाप या जवद्यमान

    दक्रयाकलाप का जवस्ट्तार पयािन महायोजना और यथा-लाग ू

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 9

    मागादिी जसद्धांतों के ऄनुरुप होगा।

    13. संजनमााण दक्रयाकलाप । (क) संरजक्षत क्षेत्र की सीमा से एक दकलोमीिर के भीतर या

    पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन तक, आनमें जो भी

    जनकि हो, दकसी भी प्रकार के नये वाजणजज्यक संजनमााण की

    ऄनुज्ञा नहीं होगी:

    परंत ु स्ट्थानीय लोगों को ऄपनी अवास समबन्धी

    जनम्नजलजखत अवयकताओं को परूा करन ेके जलए, पैरा 3 के

    ईप पैरा (1) में सूचीबद्ध दक्रयाकलापों सजहत ऄपने योग के

    जलए, ऄपनी भूजम में भवन ईप-जवजधयों के ऄनुसार, संजनमााण

    करने की ऄनुज्ञा होगी, :

    गैर–प्रदषूणकारी लघु ईद्योगों से संबंजधत

    संजनमााण दक्रयाकलाप लाग ूजनयमों और जवजनयमों, यदद कोइ

    हों, के ऄनुसार सक्षम प्राजधकारी की पूवा ऄनुमजत से

    जवजनयजमत दकए जाएंगे और वे न्यूनतम होंग े।

    (ख) एक दकलोमीिर क्षेत्र से ये अंचजलक महायोजना के

    ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    14. वृक्षों की किाइ । (क) राज्य सरकार में सक्षम प्राजधकारी की पूवा ऄनुमजत के

    जबना वन, सरकारी या राजस्ट्व या जनजी भूजम पर वृक्षों की

    किाइ नहीं होगी ।

    (ख) वृक्षों की किाइ संबंजधत कें द्रीय या राज्य ऄजधजनयम या

    ईसके ऄधीन बनाए गए जनयमों के ईपबंध के ऄनुसार

    जवजनयजमत होंगे ।

    15. सतही और भूजल का वाजणजज्यक ईपयोग

    एवं जनष्कषाण ।

    लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    16. जवद्युत और संचार िावरों का पररजनमााण

    और केबलों के जबछाए जान े और ऄन्य

    बुजनयादी ढांचे ।

    लाग ू जवजधयों के ऄधीन जवजनयजमत होंग े (भूजमगत केबल के

    जबछाए जाने को बढ़ावा ददया )।

    17. होिलों और लॉज के जवद्यमान पररसरों में

    बाड लगाना ।

    लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    18. जवद्यमान सडकों को चौडा करना और

    ईन्हें सुद ृ करना तथा नवीन सडकों का

    संजनमााण ।

    न्यूनीकरण ईपायों , जनय और जवजनयम

    ईपलब्ध ए ।

    19. राजत्र में याजनक यातायात का संचलन । लाग ू जवजधयों के ऄधीन वाजणजज्यक प्रयोजन के जलए

    जवजनयजमत ।

    20. जवदेिी प्रजाजतयों को लाना । लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    21. पहाडी ढालों और नदी तिों का संरक्षण । लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    22. प्राकृजतक जल जनकायों या सतही के्षत्र में

    ईपचाररत बजहस्रााव का रण ।

    बजहस्रााव

    बचा जाएगा और ईपचाररत ऄपजिि जल के

    पुन:चक्रण और पुन:ईपयोग के जलए प्रयास दकए जाएंगे।

    ऄन्यथा लागू जवजधयों के ऄनुसार ईपचाररत बजहस्रााव के

    पुनचाक्रण/प्रवाह के जनवाहन को जवजनयजमत दकया जाएगा।

    23. वाजणजज् यक साआनबोडा और होर्डडग। लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    24. प्रदषूण ईत्पन्न न करन ेवाले लघु ईद्योग । फरवरी, 2016 में केन्द्रीय प्रदषूण जनयंत्रण बोडा द्वारा जारी

    ईद्योगों के वगीकरण के ऄनुसार गैर-प्रदषूणकारी ईद्योग और

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    ऄपररसंकि में, लघ ु और सेवा ईद्योग, कृजष, पुष्प कृजष,

    ईद्यान कृजष या पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन से देिी सामग्री से

    ईत्पादों को ईत्पन्न करने वाले कृजष अधाररत ईद्योग सक्षम

    प्राजधकारी द्वारा ऄनुज्ञात होंगे।

    25. वन ईत्पादों गरै काष् ठ वन ईत्पादों का

    संग्रहण।

    लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    26. वायु और याजनक प्रदषूण । लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    27. कृजष प्रणाजलयों में अमूल पररवतान । लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    28. नागररक सुख सुजवधाओं सजहत

    ए ।

    न्यूनीकरण ईपायों को लागू जवजधयों, जनयमों और जवजनयमनों

    और ईपलब्ध मागादिाक जसद्धांतों के ऄनुसार दकया जाना ।

    29. पयािन से संबंजधत ऄन्य दक्रयाकलाप जैसे

    गमा वायु गबु्बारें, हलेीकाप्िर, ड्रोन,

    माआक्रोलाआिस, अदद द्वारा पाररजस्ट्थजतकी

    संवेदी जोन क्षेत्र के उपर से ईडना जैसे

    दक्रयाकलाप करना।

    लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    30. स्ट्थानीय समुदायों द्वारा चल रही कृजष

    और बागवानी प्रथाओं के साथ िाला,

    दगु्घ ईद्योग, कृजष और मछली पालन ।

    स्ट्थानीय लोगों के ईपयोग के जलए लागू जवजधयों के ऄधीन

    ऄनुज्ञात ।

    31. फ , कारपोरेि और कंपजनयों द्वारा बडे

    पैमाने पर वाजणजज्यक पिओुं और पोल्री

    फामों की स्ट्थापना ।

    लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    32. ठोस ऄपजिि का प्रबन्धन। लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    33. पाररजस्ट्थजतकी पयािन। लाग ूजवजधयों के ऄनुसार जवजनयजमत होंगे ।

    . सवंर्सधत दक्रयाकलाप

    34. वषाा जल संचयन । सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    35. जैजवक खेती। सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    36. सभी गजतजवजधयों के जलए हररत

    प्रौद्योजगकी को ग्रहण करना ।

    सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    37. कुिीर ईद्योगों जजसके ऄंतगात ग्रामीण

    कारीगर भी हैं।

    सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    38. नवीकरणीय उजाा और ईंधन का ईपयोग। बायोगैस, सौर प्रकाि, आत् यादद को बढ़ावा ददया जाना ह ै।

    39. कृजष वाजनकी । सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    40. बागान लगाना और जडी बूरियों का

    रोपण ।

    सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    41. पाररजस्ट्थजतकी ऄनुकूल पररवहन का

    ईपयोग ।

    सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    42. कौिल जवकास । सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    43. जनम्नीकृत भूजम/ वन / वास की बहाली । सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

    44. पयाावरणीय जागरुकता । सदक्र य रूप से बढ़ावा ददया जाएगा ।

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 11

    5. ए मानीिरी सजमजत- कें द्रीय सरकार, पयाावरण (संरक्षण)

    ऄजधजनयम, 1986 की धारा 3 की ईपधारा (3) ए

    मानीिरी सजमजत करती ह,ै जो जनम्नजलजखत से जमलकर बनगेी :-

    . . नाम

    (i) क्षेत्रीय अयुि, मैसूर ऄध्यक्ष, ;

    (ii) पयाावरण जवभाग, कनाािक सरकार के प्रजतजनजध सदस्ट्य;

    (iii) कनाािक सरकार के िहरी जवकास जवभाग के प्रजतजनजध सदस्ट्य;

    (iv) कनाािक राज्य प्रदषूण जनयंत्रण बोडा के प्रजतजनजध सदस्ट्य;

    (v) प्रत्येक मामले में एक वषा की ऄवजध के जलए कनाािक सरकार द्वारा पयाावरण के के्षत्र

    में काम करन ेवाले गरै-सरकारी संगठन का एक प्रजतजनजध

    सदस्ट्य;

    (vi) प्रत्येक मामले में एक वषा की ऄवजध के जलए कनाािक सरकार द्वारा पाररजस्ट्थजतकी

    और पयाावरण के के्षत्र में एक नामजनर्कदष् ि जविेषज्ञ

    सदस्ट्य;

    (vii) ईपायुि या ईनके प्रजतजनजध, जचकमंगलरूु सदस्ट्य;

    (viii) ईपायुि या ईनके प्रजतजनजध, ईडुपी सदस्ट्य;

    (ix) ईपायुि या ईनके प्रजतजनजध, दजक्षण कन्नड सदस्ट्य;

    (x) मु गेरे जनवााचन के्षत्र से जवधान सभा के सदस्ट्य सदस्ट्य; *

    (xi) करकला जनवााचन के्षत्र से जवधान सभा के सदस्ट्य सदस्ट्य; *

    (xii) जनवााचन के्षत्र से जवधान सभा के सदस्ट्य; सदस्ट्य; *

    (xiii) जनवााचन के्षत्र से जवधान सभा के सदस्ट्य सदस्ट्य; *

    (xiv)

    ईप वन संरक्षक, कुद्रेमुख वन्यजीव प्रभाग, करकला सदस्ट्य- सजचव।

    * (आस िता के ऄधीन रहत ेहुए दक कनाािक राज् य सरकार ऄन् य बातों के साथ सुसंगत ऄनुमोदन, जजसके ऄंतगात कनाािक

    जवधान सभा के सभापजत की ऄनुज्ञा भी ह,ै यदद ऄपेजक्षत हो, ऄजभप्राप् त करेगी) ।

    6. जनदिे जनबधंन:- (1) मानीिरी सजमजत आस ऄजधसूचना के ईपबंधों के ऄनुपालन की मानीिरी करेगी।

    (2) मानीिरी सजमजत का कायाकाल तीन वषा तक या राज्य सरकार द्वारा नइ सजमजत का पुनगाठन दकए जाने तक होगा

    और तत्पिात् मानीिरी सजमजत राज्य सरकार द्वारा गरठत की जाएगी।

    (3) ईन दक्रयाकलापों की, जो भारत सरकार के तत्कालीन पयाावरण और वन मंत्रालय की ऄजधसूचना संख्यांक का. अ.

    1533(ऄ), तारीख 14 जसतंबर, 2006 की ऄनुसूची में सजममजलत हैं, और जो पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में अते हैं,

    जसवाय आसके पैरा 4 के ऄधीन सारणी में यथाजवजनर्कदि प्रजतजषद्ध दक्रयाकलापों के मानीिरी सजमजत द्वारा वास्ट्तजवक

    जवजनर्कदि स्ट्थलीय दिाओं के अधार पर संवीक्षा की जाएगी और ईि ऄजधसूचना के ईपबंधों के ऄधीन पूवा पयाावरण

    ऄनापजत्त के जलए केन्द्रीय सरकार के पयाावरण, वन और जलवायु पररवतान मंत्रालय को जनर्कदि दकया जाएगा।

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (4) ईन दक्रयाकलापों की, जो भारत के तत्कालीन पयाावरण और वन मंत्रालय की ऄजधसूचना संख्यांक का.अ.1533(ऄ),

    तारीख 14 जसतंबर, 2006 की ऄनुसूची में सजममजलत नहीं ह,ै और जो पाररजस्ट्थजतकी संवेदी जोन में अत ेहैं, जसवाय

    आसके पैरा 4 के ऄधीन सारणी में यथाजवजनर्कदि प्रजतजषद्ध दक्रयाकलापों के, मानीिरी सजमजत द्वारा वास्ट्तजवक जवजनर्कदि

    स्ट्थलीय दिाओं के अधार पर संवीक्षा की जाएगी और ईसे संबंद्ध जवजनयामक प्राजधकरणों को जनर्कदि दकया जाएगा।

    (5) मानीिरी सजमजत का सदस्ट्य-सजचव या संबद्ध ईपायुक् त या संबंजधत ईपायुि ऐसे व्यजि के जवरूद्ध, जो आस

    ऄजधसूचना के दकसी ईपबंध का ईल्लघंन करता ह,ै पयाावरण (संरक्षण) ऄजधजनयम, की धारा 19 के ऄधीन पररवाद

    दायर करन ेके जलए सक्षम होगा।

    (6) मानीिरी सजमजत मुद्दा दर मुद्दा के अधार पर ऄपके्षाओं पर जनभार रहत े हुए संबद्ध जवभागों के प्रजतजनजधयों या

    जविेषज्ञों, औद्योजगक संगमों या संबद्ध पणधाररयों के प्रजतजनजधयों को, ऄपन ेजवचार-जवमिा में सहायता के जलए अमंजत्रत

    कर सकेगी ।

    (7) मानीिरी सजमजत प्रत्येक वषा की 31 माचा तक के ऄपन े दक्रयाकलापों की वार्सषक कारावाइ ररपोिा राज्य के मखु्य

    वन्यजीव वाडान को, ईपाबधं-V में संलग्न प्रपत्र के ऄनुसार, ईस वषा की 30 जून तक प्रस्ट्तुत करेगी ।

    (8) केन्द्रीय सरकार का पयाावरण, वन और जलवाय ुपररवतान मंत्रालय मानीिरी सजमजत को ईसके कृत्यों के प्रभावी

    जनवाहन के जलए ऐसे जनदेि दे सकेगा जो वह ईजचत समझे ।

    7. - आस ऄजधसूचना के ईपबंधों को प्रभावी बनान ेके जलए कें द्रीय सरकार और राज् य सरकार,

    ऄजतररक् त ईपाय, यदद कोइ हों, जवजनर्कदष् ि कर सकें गी।

    8. य - आस ऄजधसूचना के ईपबंध भारत के माननीय ईच्चतम न्यायालय या ईच्च न्यायालय या राष् रीय हररत

    ऄजधकरण द्वारा पाररत दकए गए या पाररत दकए जाने वाले अदेि, यदद कोइ हो, के ऄध्यधीन होंगे ।

    [फा. सं. 25/147/2015-इएसजेड- ]

    डॉ. सतीि चन्द्र गढ़कोिी, वैज्ञाजनक ‘जी’

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  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 13

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  • 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

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  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 15

    - II

    औ कुद्रमेखु राष्ट्रीय

  • 16 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    ईपाबधं-II

    ऄवस्ट्थानों के ऄक्षािं और दिेातंर के साथ कुद्रमेखु राष्ट्रीय के पाररजस्ट्थजतकी सवंदेी जोन का गगूल मानजचत्र

  • [भाग II—खण् ड 3(ii)] भारत का राजपत्र : ऄसाधारण 17

    ईपाबधं- II

    भारतीय सवके्षण (एस ओ अइ) िोपोिीि पर मखु्य ऄवस्ट्थानों के ऄक्षािं और दिेातंर के साथ कुद्रमेखु राष्ट्रीय

    का मानजचत्र

  • 18 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    ईपाबधं-II

    ऄवस्ट्थानों के ऄक्षािं और दिेातंर के साथ कुद