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यय ययययय यययय यययययययय ययय ययययय यययययय यययय यय ययययय ययय यययय यय ययय यययय यय ययययय यय यययययययय ययययययय यययय यययययय यययय- ययययय ययययय ययययय यय ययय ययय यय ययय ययययययय ययय यययय यययय(Tulsi Mala ) ययय यय ययययययययय (यययययययययय यय) ययययय यय यययय यययययययय यययय-यययययय यय ययय यययययययययय यय ययययय यययय ययययय यय यय यययय यययययययययय यययय ययययय ययययय यय यय ययययययययय

Santan Gopal Mantra

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Page 1: Santan Gopal Mantra

यह मु�ख्य वि�षय प्रारब्ध ए�� भाग्य सं�बं�धी� ह�ता ह�। किं��ता� ठी�� उपाए �र लि!ए जाए� ता� सं�तान �$ प्राप्ता� विनश्चि'ता ह�ता� ह�।

पाह! उपाए- सं�तान गो�पा! मु�त्र �* सं� !ख जापा शु�भा मु�हूता. मु/ शु�रू �र/। (Tulsi Mala ) संथ ह� बं!मु���� द (!ड्डूगो�पा! जा�) भागो�न �$ पा4जान �र/। उन��

मुखन-मिमुश्री� � भा�गो !गोए�। गोणपाविता � स्मुरण �र�* शु�द्ध घी� � द;पा� प्राज्ज�लि!ता �र�* विनम्न मु�त्र � जापा �र/।

मु�त्र

ऊं� क्!@ द*��$ सं4ता गो�किं��द� �सं�द*� जागोतापाता* द*विह मु*, तानय� �A ष्ण त्�मुहमुD शुरण�गोता: क्!@ ऊं� ।।

दूसंर उपाए- संपात्न�� �द!� (�* !*) �Aक्ष �* न�चे* बं!मु���� द भागो�न �$ पा4जान �र/। �द!� �Aक्ष �$ पा4जान �र/, गो�ड़, चेन* � भा�गो !गोए�। 21 गो�रु�र �रन*

सं* सं�तान �$ प्राप्ता� ह�ता� ह�।

ता�संर उपाए- 1 प्राद�ष � व्रता �र/, प्रात्य*� प्राद�ष �� भागो�न शु��र � रुद्राश्चिभाष*� �रन* सं* सं�तान �$ प्राप्ता ह�ता� ह�।

चेLथ उपाए- गोर�बं बं!�, बंलि!�ओं �� गो�द !/, उन्ह/ पाढ़ाए�, लि!खए�, �स्त्र, �पा�, पा�स्ता�, खन* पा�न* � खचे. द� �ष. ता� उठीन* सं* सं�तान �$ प्राप्ता ह�ता�

ह�।

पा�चे�� उपाए- आमु, बं�!, आ��!*, न�मु, पा�पा! �* पा�चे पाLधी* !गोन* सं* सं�तान �$ प्राप्तिप्ता ह�ता� ह�।

Page 2: Santan Gopal Mantra

* पा�त्र प्राप्तिप्ता ह*ता� मुलिसं� धीमु. �* चेLथ* दिदन संह�सं �$ रवित्र आन* पार ए� प्य! भार�र चे�! � धी��न यन� मु�ड मु/ ए� न�बं4 � रसं विनचे�ड़�र पा� जा�/। अगोर इच्छु� � मुविह! रजा�धीमु. सं* मु�लिW पा�र !गोतार ता�न दिदन चे�! � धी��न यन� मु�ड मु/ ए� न�बं4 विनचे�ड़�र पा�न* �* बंद उत्संह सं* पाविता �* संथ संह�सं �र* ता� उसं�$ पा�त्र �$ �मुन �* लि!ए भागो�न �� भा� �रदन द*न पाड़*गो। गोभा. न ठीहरन* ता� प्रावितामुह यह प्राय�गो ता�न दिदन ता� �र/, गोभा. ठीहरन* �* बंद नह@ �र/।

 पा�त्र जान्मु �$पा�त्र प्राप्तिप्ता � संधीन ह� शु�ता! षष्ठी� व्रता

मुघी शु�क्! षष्ठी� �� सं�तानप्राप्तिप्ता �$ �मुन सं* शु�ता! षष्ठी� � व्रता रख जाता ह�। �ह@-�ह@ इसं* 'बंलिसंयLर' नमु सं* भा� जान जाता हY। इसं दिदन प्राता:�! स्ननदिद सं* विन�Aत्त ह��र मु� शु�ता! द*�� � ष�डशु�पाचेर-पा4�.� पा4जान �रन चेविहय*। इसं दिदन बंसं� भा�जान � भा�गो !गो�र

बंसं� भा�जान ग्रहण वि�य जाता ह�।

Putrada Ekadashi Vrat Katha Vidhi (पु�त्र प्रा�प्ति�� हे�� पु�त्रदा� एका�दाशी� व्र�)श्रा�वण शी�क्ल एका�दाशी� व पु�ष शी�क्ल एका�दाशी� दा�नों� हे� पु�त्रदा� एका�दाशी� का नों�म से जा�नों� जा��� हे�. इसे एका�दाशी� का� व्र� रखनों से पु�त्र का" प्रा�प्ति�� हे��� हे� इसे का�रण से इसे पु�त्रदा� एका�दाशी� काहे�

गया� हे�. पु�त्रदा� एका�दाशी� का" काथा� (Putrada Ekadashi Vrat Katha)पाद्म पा�रण (Padma Purana) मु/ �र्णिण�ता ह� वि� धीमु.रजा य�मिधीमिष्ठीर श्री� �A ष्ण सं* ए�दशु� �$ �थ ए�� मुहत्मुय � रसं पान �र रह* थ*। उसं संमुय उन्ह^न* भागो�न सं* पा4छा वि� मुधी�सं4दन पाLष शु�क्! ए�दशु� �* वि�षय मु/ मु�झे* ज्ञान प्रादन �$जिजाए। ताबं श्री� �A ष्ण य�मिधीमिष्ठीर सं* �हता* हY। पाLष शु�क्! ए�दशु� (Paush shukla paksha Ekadashi) �� पा�त्रद ए�दशु� �हता* हY (Putrda Ekadshi).