Vedsara Shiva Stotram

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  • 8/20/2019 Vedsara Shiva Stotram

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    वदेसार  शवतव  तोम ्

    (छंकराचाय वरचतो )

    Vedasara Shivastava Stotram

    (Shankaracharya Virachito)

    वदेसार   शवतव   तोम ् । 

    ( छंकराचाय  वरचतो )

    पशूना ं पत ं पापनाश ं परेश ं गजेय   कृित ं वसान ं वरेयम ् । 

    जटाजूटमय े फ ुरगागवार ं महादवेमकें  मराम   मरारम ् ॥१॥ 

    महेश ं सुरेश ं सुरारातनाश ं वभु ं ववनाथ ं वभूयगभषूम ् । 

    वपामवक िवन ं ने ं सदानदमीड े भु ं पचवम ् ॥२॥ 

    गरश ं गणेश ं गल े नीलवण  गवेाधढं  गणुातीतपम ् । 

    भव ं भावरं  भमना   भूषताग ं भवानीकळ ं भज े पचवम ् ॥३॥ 

    शवाकात   शभंो   शशाकाधमौल े महेशान   शूलन् जटाजटूधारन ् । 

    वमेको  

    जगयापको  

    ववप  

    सीद  

    सीद  

    भो  

    पणूप  

    ॥४॥ 

    परामानमकंे  जगबीजमाय ं नरहं  नराकारमोकारवेयम ् । 

    यतो   जायत े पायत े यने   वव ं तमीश ं भज े लयत े य   ववम ् ॥५॥ 

    न   भूमन  चापो   न   िवनन  वायनु  चाकाशमात े न   ता   न   ना   । 

    न   ीमो   न   शीत ं न   देशो   न   वषेो   न   यियात   मूतिमूत  तमीड े ॥६॥ 

    अज ं शावत ं कारण ं कारणाना ं शव ं क ेवल ं भासकं  भासकानाम ् । 

    तुरय ं तमः  पारमायतहन ं पय े पर ं पावन ं वतैहनम ् ॥७॥ 

    नमत े नमत े वभो   ववमूत  नमत े नमत े चदानदमतू  !

    नमत े नमत े तपोयोगगय   नमत े नमत े ुतानगय   ॥८॥ 

    भो   शूलपाण े वभो   ववनाथ   महादेव   शभंो   महेश   ने   । 

    शवाकात   शात   मरार े परुारे  वदयो   वरेयो   न   मायो   न   गयः  ॥९॥ 

    शंभो   महशे   कणामय   शूलपाण े गौरपत े पशुपत े पशुपाशनाशन ् । 

    काशीपत े कणया   जगदेतदेकव ं हंस   पास   वदधास   महेवरोऽस   ॥१०॥ 

    वतो   जगवत   देव   भव   मरार े वयवे   तठत   जगमडृ   ववनाथ   । वयवे   गछत   लय ं जगदेतदश   लगामकं   हर   चराचरववपन ् ॥११॥ 

  • 8/20/2019 Vedsara Shiva Stotram

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    इत   ीमछंकराचायवरचतो   वदेसारशवतवः  संपणूः  ॥ 

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