5

आर्यभट

Embed Size (px)

DESCRIPTION

आर्यभट ppt in hindi aryabhatt ppt in hindi ppt aryabhatt in hindi

Citation preview

Page 1: आर्यभट
Page 2: आर्यभट

जी�वनआर्य�भट:

आर्य�भट: भ�रती�र्य गणि�ती और भ�रती�र्य खग�ल विवज्ञा�न की� शा�स्त्री�र्य र्य�ग की� महा�न गणि�तीज्ञा खग�लविवदों# की� पं%क्ति' म( अग्र�� हा+। आर्य�भट्ट हिंहा/दू-अरबी� अ%की प्र��ल� की� जीनकी हा4 जी� आजी

सा�व�ल6विकीकी बीन गर्य� हा+। उनकी� साव��धि9की प्रक्तिसाद्ध की�र्य� हा4 ((499 ई. 23 वर्ष� की� आर्य�) म( आर्य�भटDर्य और आर्य� -क्तिसाद्ध�%ती .

Page 3: आर्यभट

जी�वन� हा�ल�%विकी आर्य�भट्ट की� की� जीन्म की� वर्ष� की� आर्य�भटDर्य म( स्पष्ट उल्ल�ख हा+, पंर उनकी� जीन्म की� व�स्तीविवकी स्था�न

विवद्वा�न# की� मध्र्य विवव�दों की� विवर्षर्य बीन� हुआ हा+। की� छ विवद्वा�न# की� तीकी� हा+ विकी आर्य�भट्टकी� सा�मपं�र म( पं+दों� हुए थे�, जीबीविकी अन्र्य र्यहा तीकी� दों�ती� हा4 विकी आर्य�भट्ट की� रल[1] सा� थे�। की� छ म�नती� हा4 विकी व� नम�दों� और ग�दों�वर� की� मध्र्य स्थिस्थाती क्षे�त्री म( पं+दों� हुए थे�, जिजीसा� अश्म�की� (Ashmaka) की� रूपं म( जी�न� जी�ती� थे� और व� अश्म�की� की� पंहाचा�न मध्र्य भ�रती की� रूपं म( दों�ती� हा4 जिजीसाम� महा�र�ष्ट्र और मध्र्य प्रदों�शा शा�धिमल हा+, हा�ल�[विकी आर%णिभकी बी6द्ध ग्रन्थ अश्म�की� की� दोंणिक्षे� म(, दोंणिक्षे��पंथे र्य� डे�क्कीन(Deccan) की� रूपं म( वर्णि�/ती कीरती� हा4, जीबीविकी अन्र्य ग्रन्थ वर्णि�/ती कीरती� हा4 विकी अश्म�की� (Alexander) की� ल�ग अल�क्जी(डेर सा� लड़े� हा#ग� जिजीसासा� व� उत्तर दिदोंशा� म( और आग� बीढ़ गए हा#ग�.[2]

 हा�ल हा� म( उनकी� की�र्यd की� खग�ल�र्य आ%कीडे# पंर आ9�रिरती विवद्वा�न# की� एकी अध्र्यर्यन म( आर्य�भट्ट की� स्था�न की� की� न्ना�मकी� लम (Kunnamkulam), की� रल.[3] की� रूपं म( उल्ल�खिखती विकीर्य� गर्य� हा+।

तीथे�विपं, र्यहा स्पष्ट ती6र पंर विनणिhती हा+ विकी विकीसा� सामर्य उच्च अध्र्यर्यन की� क्तिलए व� की� सा�मपं�र गए थे� और की� छ सामर्य की� क्तिलए र्यहा�[ रहा� थे�।[4]भ�स्कीर प्रथेम (Bhāskara I) (629ई.) द्वा�र� की� सा�मपं�र की� पं�टक्तिलपं�त्री (आ9�विनकी पंटन�) की� रूपं म( पंहाचा�न� गर्य� हा+। ग�प्ती सा�म्रा�ज्र्य की� अन्तिन्तीम दिदोंन# म( व� वहा�% रहा� कीरती� थे�, र्यहा वहा सामर्य थे� जिजीसा� भ�रती की� स्व�� र्य�ग की� रूपं म( जी�न� जी�ती� हा+, जीबी विवष्��ग�प्ती(Vishnugupta) की� पंpव� बी�द्धग�प्ती (Buddhagupta) और की� छ छ�ट� र�जी�ओं की� सा�म्रा�ज्र्य की� दों6र�न उत्तर पंpव� म( हु� (Hun) की� आक्रम� हुआ थे�।

Page 4: आर्यभट

की�र्य�

आर्य�भट्ट गणि�ती और खग�ल विवज्ञा�न पंर अन�की ग्र%थे# की� ल�खकी हा+, जिजीनम� सा� की� छ ख� गए हा4। उनकी� प्रम�ख कीs विती, गणि�ती और खग�ल विवज्ञा�न की� एकी सा%ग्रहा, आर्य�भटDर्य थे�, जिजीसा� भ�रती�र्य गणि�ती�र्य सा�विहात्र्य म( बीड़े� पं+म�न� पंर उद्धती विकीर्य� गर्य� हा+ और जी� आ9�विनकी सामर्य म( अस्तिस्तीत्व म( हा+। आर्य�भटDर्य की� गणि�ती�र्य भ�ग म( अ%कीगणि�ती, बी�जीगणि�ती, सारल वित्रीकी��धिमविती और ग�ल�र्य वित्रीकी��धिमविती शा�धिमल हा+। इसाम� विनर%तीर णिभन्ना, विद्वाघा�ती साम�कीर�, घा�ती श्रृंs%खल� की� र्य�ग और जी�व�ओं की� एकी ती�क्तिलकी� शा�धिमल हा4।

खग�ल�र्य ग�न�ओं पंर ख�र्य� हुई एकी कीs विती, आर्य� क्तिसाद्ध�%ती, आर्य�भट्ट की� सामकी�ल�न वर�हाधिमविहार की� ल�खन सा� और इसाकी� सा�थे-सा�थे बी�दों की� गणि�तीज्ञा# और दिटप्पं��की�र# की� म�ध्र्यम सा� जी�न� जी�ती� हा+ जिजीनम� ब्रह्मग�प्ती और भ�स्कीर प्रथेम (Bhaskara I) शा�धिमल हा+। र्यहा कीs विती प्र�चा�न साpर्य� क्तिसाद्ध�%ती की� आ9�र पंर प्रती�ती हा�ती� हा+ और आर्य�भटDर्य की� साpर्य{दोंर्य की� विवपंर�ती आ9� र�ती दिदोंन-ग�न� की� उपंर्य�ग कीरती� हा+। इसाम� अन�की खग�ल�र्य उपंकीर�#, शा%की�  (gnomon) (शा%की� -र्यन्त्री), एकी पंरछ�ई र्यन्त्री (छ�र्य�-र्यन्त्री), सा%भवती| की�� म�पं� उपंकीर�, अ9� वsत्त और वsत्त आकी�र (9न�र-र्यन्त्री / चाक्र-र्यन्त्री), एकी बी�लन�की�र छड़े� र्यस्ती�-र्यन्त्री, एकी छत्री-आकीर की� उपंकीर� जिजीसा� चातीर�- र्यन्त्री और कीम सा� कीम दों� प्रकी�र, 9न�र्ष और बी�लन�की�र आकी�र की� जील घाड़े� (water clock) की� व��न हा+।[2]

एकी ती�सार� ग्रन्थ जी� अरबी� अन�व�दों की� रूपं म( अस्तिस्तीत्व म( हा+, अल न्त्फ़ र्य� अल नन्फ़ हा+, आर्य�भट्ट की� एकी अन�व�दों की� रूपं म( दों�व� प्रस्ती�ती कीरती� हा+, पंरन्ती� इसाकी� सा%स्कीs ती न�म अज्ञा�ती हा+। सा%भवती| ९ व� सादोंD की� अणिभल�खन म(, र्यहा फा�रसा� विवद्वा�न और भ�रती�र्य इवितीहा�साकी�र अबीp र�हा�न अल-विबीरून� (Abū Rayhān al-Bīrūnī).[2] द्वा�र� उल्ल�खिखती विकीर्य� गर्य� हा+।

Page 5: आर्यभट

गणि�ती

स्था�न मा�न प्रणा�ली और शू न्य पंहाल� ३ र� सादोंD की� बीख्शा�ल� पं�ण्डे� क्तिलविपं (म( उनकी� की�र्यd म( स्था�न-मpल्र्य अ%की प्र��ल�, स्पष्ट विवद्यम�न थे�। उन्हा#न� विनणिhती रूपं सा�

इसा प्रती�की की� उपंर्य�ग नहा� विकीर्य� पंरन्ती� फ्रां�%सा�सा� गणि�तीज्ञा जी�जी� इफ्रांहा की� दोंल�ल हा+ विकी रिर' ग���%की की� सा�थे, दोंसा की� घा�ती की� क्तिलए एकी स्था�न 9�रकी की� रूपं म( शाpन्र्य की� ज्ञा�न आर्य�भट्ट की� स्था�न-मpल्र्य अ%की प्र��ल� म( विनविहाती थे�।[6]

हा�ल�%विकी, आर्य�भट्ट न� ब्र�ह्म� अ%की# की� प्रर्य�ग नहा� विकीर्य� थे�; व+दिदोंकी की�ल सा� चाल� आ रहा� सा%स्कीs ती पंर%पंर� जी�र� रखती� हुए उन्हा#न� सा%ख्र्य� की� विनरूविपंती कीरन� की� क्तिलए व��म�ल� की� अक्षेर# की� उपंर्य�ग विकीर्य�, म�त्री�ओं की� व्य' कीरन� (जी+सा� जी�व�ओं (sines) की� ती�क्तिलकी�) एकी स्म�रकी प्र�रूपं.

तर्क� हीन र्क� रूप मा� प�इ (वृ�त्त र्क� परिरधि और व्या�स र्क� अन$प�त) आर्य�भट्ट न� पं�इ (Pi) की� क्तिलए साधिन्नाकीटन की� आ9�र पंर की�र्य� विकीर्य� और र्यहा नहा� सामझ पं�ए विकी र्यहा तीकी� हा�न हा+। आर्य�भवितीर्यम की�

दूसार� भ�ग (ग�ती�पंदों 10) म(, व� क्तिलखती� हा4: चाती�र�धि9कीम सातीम�साअग� अमद्वा�सा�सा इस्त्तथे� साहास्रं%

अर्य�ती�दोंव�र्य�विवसाकीमभ�ष्र्यसान्ना�वsत्त�पंर� अहा�."१०० म( चा�र जी�ड़े(, आठ सा� ग��� कीर( और विफार ६२००० जी�ड़े(. इसा विनर्यम सा� २०००० पंरिरधि9 की� एकी वsत्त की� व्य�सा ज्ञा�ती विकीर्य� जी� साकीती� हा+। "

आर्य�भट्ट न� आसान्ना� (विनकीट पंहु%चान�), शाब्दों की� व्य�ख्र्य� की�, विबील्की� ल विपंछल� शाब्दों की� पंpव� आन� व�ल�, जी+सा� र्यहा कीहान� विकी र्यहा न की� वल एकी साधिन्नाकीटन हा+, पंरन्ती� र्यहा विकी मpल्र्य अती�लन�र्य हा+ (र्य� तीकी� हा�न(irrational)).र्यदिदों र्यहा साहा� हा+, ती� र्यहा एकी अत्र्यन्ती पंरिरष्कीs ती दृधिष्टकी�� हा+, क्र्य#विकी ल�म्बीट� (Lambert)) द्वा�र� पं�इ की� तीकी� हा�नती� 1761 म( हा� र्यpर�पं म( क्तिसाद्ध कीर दोंD गर्य� थे�। .

आर्य�भटDर्य की�  अरबी� म( अन�व�दों की� बी�दों (पंpव�. ८२० इसाव� पंh�ती) बी�जीगणि�ती पंर अल ख्व�रिरज्म� की� पं�स्तीकी म( इसा साधिन्नाकीटन की� उल्ल�ख विकीर्य� गर्य� थे�।