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दददददददद दददद ददद ददद दद दददददद (Importance of Budh in married life) Importance of Budh in married life दददददददददददददद दददददद ददद ददद (Budh) दद दददददददद दददद दद ददददद दददद ददद ददददद दददद दददद दद ददद दददद दद ददद दददद दद दददद ददद दद ददददद दद दददद दद दद ददद दद दददददद दद दददद दद . दददददददद दददद दद दददददद ददद ददद दद दददददद दददद दददददददददद दददद दददद दद . ददददददद ददद दद दददद दद दददददद दद दददद दद ददददददद दददद दद ददद ददददद दद ददददददद दद दददद ददद दददद दद दददद दद . ददद ददददद ददद ददद : (Budh in seventh House) दददददददददददददद दद दददददद ददद दददददद दददद ददददद दद ददददददद ददद ददद ददददद ददद

Palm and Persnalty

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दा�म्पत्य जी�वन में� बु ध की� भू�मिमेंकी� (Importance of Budh in married life)

Importance of Budh in married life

ज्य�ति�षशा�स्त्र नवग्रह में� बु ध (Budh) की� रा�जीकी में�रा कीह�� ह� जिजीसकी� अपन� की�ई शाक्ति& नह' ह��� यह जिजीस ग्रह की( स�थ ह��� ह� उसकी( गु ण की� ग्रहण कीरा ले(�� ह� औरा उस� की( अन रूप फले दा(�� ह�.

दा�म्पत्य जी�वन के� सं दार्भ� में� बु�ध के� र्भ�मिमेंके� के�फी� मेंहत्वपू�र्ण� में�न� जी�ती� ह�. के� ण्डली� में� इसं ग्रह के� स्थि$तिती के� आध�र पूर व�व�तिहके जी�वन और पूतिती पूत्न� के� संम्बुन्ध के� बु�र� में� जी�न� जी� संकेती� ह�.

बु ध सप्�में भू�व में�: (Budh in seventh House)ज्य,तितीषशा�स्त्र के� अन�सं�र जिजीसं स्त्र� अथव� पू�रूष के� के� ण्डली� में� बु�ध संप्तीमें र्भ�व में� ह,ती� ह� उसं� बु�जि7में�न जी�वनसं�थ� मिमेंलीती� ह�. इसं� प्रके�र बु�ध के� र�शिशा मिमेंथ�न य� केन्य� में� सं� के,ई र्भ� अगर इसं र्भ�व ह,ती� ह� ती, र्भ� फीली संमें�न प्र�प्ती ह,ती� ह�. संप्तीमें र्भ�व में� बु�ध के� नव� शा ह,न� सं� र्भ� बु�जि7में�न जी�वनसं�थ� मिमेंलीती� ह�. ज्य,तितीष शा�स्त्र के� अन�सं�र मिमेंथ�न य� केन्य� के� सं�थ संप्तीमें र्भ�व में� चन्द्रमें� के� ह,न� जी�वनसं�थ� के� शिलीए केष्टके�र� ह,ती� ह�. मिमेंथ�न के� सं�थ चन्द्रमें� ह,न� पूर जी�वनसं�थ� के� व्यवह�र के� के�रर्ण उनपूर शाके के� ग� जी�ईशा रहती� ह�. केन्य� के� सं�थ चन्द्रमें� के� ह,न� रिरश्तीD में� दूरिरय� आर जीली क्षे�त्र सं� खतीर� के, र्भ� दाशा��ती� ह�.

में�न रा�शिशा औरा बु ध (Meen Rashi and Budh)ज्य,तितीषशा�स्त्र के� अन�सं�र जिजीसं व्यशिH के� के� ण्डली� में� में�न र�शिशा के� सं�थ बु�ध ह,ती� ह� उसंके� पूत्न� सं� दार ह,ती� ह�. इसं के� ण्डली� सं� प्रर्भ�तिवती व्यशिH के, सं ती�न सं�ख के� प्र�प्तिप्ती के� शिलीए के�फी� इ तीजी�र केरन� ह,ती� ह� और शिचतिकेत्संके सं� संम्पके� र्भ� केरन� ह,ती� ह�. पू�त्र सं� सं�ख मिमेंलीन� इनके� शिलीए केठिKन ह,ती� ह�, क्यDतिके तिकेसं� के�रर्णवशा पू�त्र इनसं� दूर रहती� ह�.

मिमेंथ न औरा बु ध (Mithun Rashi and Budh)जीन्में के� ण्डली� में� बु�ध मिमेंथ�न र�शिशा के� ह,न� पूर इसं बु�ती के� सं र्भवन� प्रबुली ह,ती� ह� तिके तिपूती� के� तिकेसं� अन्य स्त्र� सं� मिमेंत्रवती संम्बुन्ध ह,.  मिमेंथ�न बु�ध के� यह सं य,ग तिपूती� के, तिवव�ह�त्तर संम्बुन्ध के� शिलीए उकेसं�ती� ह�.  

बु ध अकी( ले� सप्�में में� (Budh Alone in seventh house)व्यशिH के� के� ण्डली� में� संप्तीमें र्भ�व में� अगर बु�ध अके� ली� बु�K� ह� ती, ज्य,तितीषशा�स्त्र के� अन�सं�र यह इसं बु�ती के� सं के� ती ह� तिके व्यशिH पूर�य� स्त्रिस्त्रयD सं� संम्बुन्ध रखन� व�ली� ह,ग�. इसं व्यशिH के� प्रतिती स्त्रिस्त्रय� स्वय आकेर्षिषPती ह,ती� रह�ग� और यह अपून� धन दाQलीती एव क्षेमेंती�ओं सं� स्त्र� सं�ख के� आनन्दा ली�ती� रह�ग�. इसं प्रके�र के� बु�ध के� स्थि$तिती व�ली� व्यशिH पूत्न� के� अली�व� अन्य स्त्र� सं� र्भ� संम्बुन्ध रखन� व�ली� ह, संकेती� ह�.

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बु ध द्वा�दाशा भू�व में� (Budh in 12th House)बु�ध अगर द्वा�दाशा र्भ�व में� अके� ली� बु�K� ह� ती, यह संमेंझन� च�तिहए तिके व्यशिH के� जी�वनसं�थ� तिकेसं� अन्य व्यशिH सं�  संम्बुन्ध रखन� व�ली� ह, संकेती� ह�. इसं स्थि$तिती के� के�रर्ण पूरिरव�र में� केलीह और असं ती,ष के� में�हQली रह�ग�. इन्ह� अपून� पू�तीUके संम्पत्तित्त के� शिलीए अदा�लीती जी�न� ह,ग� जीह� दुर्भ��ग्य सं� इनके� ह�र ह,ग�.

बु ध की( नवमें�4शा में� शा क्र: (Shukra in Navamsh of Shukra) ज्य,तितीषशा�स्त्र केहती� ह� तिके जिजीसं व्यशिH के� के� ण्डली� में� बु�ध के� नवमें� शा में� शा�क्र के� व�सं ह, उसं� तिवव�ह केरन� सं� पूहली� अच्छी[ तीरह पूरख ली�न� च�तिहए क्यDतिके इनके� व�व�तिहके जी�वन में� यQन संम्बुन्ध के, ली�केर तीन�व के� स्थि$तिती बुन� रहती� ह� और पूतिती पूत्न� में� असं ती,ष बुन� रहती� ह�. इसं प्रके�र के� के� ण्डली� व�ली� व्यशिH य� ती, स्वय यQन संम्बुन्ध� में�मेंली� में� अक्षेमें ह,ती� ह\ य� इनके� जी�वन सं�थ� अती: तिवव�ह�त्तर संम्बुन्ध $�तिपूती ह,न� के� के�रर्ण दा�म्पत्य जी�वन दु:खदा रहती� ह�.

बु ध औरा शातिन (Budh and Shani)अगर तिकेसं� केन्य� के� के� ण्डली� में� बु�ध और शातिन के� य�तिती बुन रह� ह� ती, यह व�व�तिहके जी�वन के� शिलीए शा�र्भ सं य,ग नह] में�न� जी�ती� क्यDतिके इसं स्थि$तिती के� ह,न� पूर केन्य� के, दुबु�ली पूतिती प्र�प्ती ह,ती� ह�. अगर यह य,ग लीग्न, संप्तीमें य� द्वा�दाशा र्भ�व में� ह, तीबु दा�म्पत्य जी�वन के� शिलीए यह और र्भ� केष्टके�र� सं�तिबुती ह,ती� ह�. इसं य�तिती पूर अगर में गली अथव� ग�रू के� नवमें य� पू चमें दृमिष्ट पूड़ रह� ह� य� तिफीर जिजीसं पू�रूष सं� केन्य� के� तिवव�ह ह, रह� ह� उसंके� के� ण्डली� में� लीग्न पू चमें र्भ�व पूर बुलीव�न पू�रूष ग्रहD के� प्रर्भ�व ह� ती, यह केन्य� के� शिलीए सं�खकेर में�न� जी�ती� ह� पूर ती� व�व�तिहके जी�वन के� सं�ख में� केमें� बुन� रहती� ह�.

बु ध मेंकीरा औरा की म्भ रा�शिशा (Budh Makar and Kumbha Rashi)जिजीसं व्यशिH के� संप्तीमें र्भ�व में� बु�ध के� सं�थ मेंकेर य� के� म्भ ह,ती� उनके� व�व�तिहके जी�वन में� प्र�में के� जीगह क्ली�शा फीलीती� फी� लीती� ह�. मेंकेर और के� म्भ शातिन के� र�शिशा ह\ और बु�ध शातिन के� मिमेंत्र ह� तिफीर र्भ� दा,नD में� मेंन में�टा�व के� के�रर्ण यह ह� तिके शातिन स्त्र� ग्रह ह� जिजीसंसं� बु�ध के� स्वर्भ�व र्भ� स्त्र� के� संमें�न ह, जी�ती� ह� जिजीसंके� के�रर्ण पूतिती पूत्न� में�  असं ती,ष पू�दा� ह,ती� ह� जी, दा�म्पत्य जी�वन में� असं ती�मिष्ट और क्ली�शा ली�ती� ह�.

बु ध सिंस8ह सम्बुन्ध  (Budh and Simha Rashi)संप्तीमें र्भ�व में� बु�ध सिंसंPह र�शिशा के� सं�थ ह,न� पूर व्यशिH के, मेंनच�ह� पूत्न� नह] मिमेंलीती� ह�. इसं य,ग में� अगर सं�य� र्भ� शा�मिमेंली ह, य�न� संप्तीमें र्भ�व में� बु�ध और सिंसंPह के� सं�थ सं�य� मेंQजी�दा ह, ती, पूत्न� चरिरत्रव�न ह,ती� ह� पूर ती� क्र,ध� और उग्र स्वर्भ�व व�ली� ह,ती� ह�. इनमें� घमेंण्ड, अत्तिर्भमें�न एव बु�ती बु�ती में� न�र�ज़ ह,न� के� आदाती ह,ती� ह� जिजीसंके� के�रर्ण व�व�तिहके जी�वन में� मेंध�रती� के� केमें� ह,ती� ह�.

बु ध धन औरा में�न (Budh Dhanu and Meen Rashi)संप्तीमें र्भ�व में� बु�ध धन� और में�न के� ह� ती, यह पूत्न� के� प्रतिती शाके के� र्भ�वन� के, बुढ़ा�ती� ह�. इसं स्थि$तिती के� के�रर्ण यह ह� तिके बु�ध ग�रू के� शात्र� ह,ती� ह� तीथ� में�न र�शिशा में� बु�ध न�च

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के� ह,ती� ह� . संप्तीमें र्भ�व सं�झ�दा�र� के� र्भ�व ह,ती� ह� में�न और बु�ध ह,न� पूर व्यशिH के, सं�झ�दा�र� में� ध,ख� मिमेंलीती� ह�, तिवव�ह र्भ� एके प्रके�र सं� सं�झ�दा�र� ह� अती: यह� र्भ� ध,ख� मिमेंलीन� के� पू�र� सं र्भ�वन� रहती� ह�. 

इसं प्रके�र बु�ध तिवव�ह और गUह$ जी�वन पूर के�फी� प्रर्भ�व रखती� ह�. तिवव�ह के� संमेंय के� ण्डली� मिमेंली�ती� संमेंय बु�ध के� स्थि$ती के� आ केलीन र्भ� जीरूर� ह�. ज्य,तितीषशा�स्त्र के� तिवद्वा�नD के� अन�सं�र  व�व�तिहके के� ण्डली� में� अमिधकेतीमें ग�र्ण मिमेंली रह� ह� और बु�ध के� य,ग संह� नह] ह� ती, तिवव�ह सं,च संमेंझ केर केरन� च�तिहए

हस्�रा(खा� बु��ए क्य> टू�टू�( ह@ दिदाले (The palm reveals why hearts break)

दिदाले की� में�मेंले� बुड़ा� ह� न�जी की ह��� ह� जीरा� स� आं4च लेगु� नह' तिकी यह ��रा ��रा ह�कीरा तिबुखारा जी��� ह� औरा जी दा� ह� जी��( ह@ दा� दिदाले। दिदाले टू�टू जी�न( की( बु�दा आंप तिकीस� की� भू� दा�ष दा� ले(तिकीन हस्� रा(खा� तिवज्ञा�न कीह�� ह� अगुरा ऐस� ह��� ह� �� यह आंपकी� ह�थ की� रा(खा�ओ में� क्तिलेखा� ह�। �� दा(खिखाय( क्य� कीह�� ह� आंपकी� प्रे(में रा(खा�!

जी�वन में� प्र�में के, जी, $�न प्र�प्ती ह� उसं� हस्ती र�ख� तिवज्ञा�न र्भ� संम्में�न दा�ती� ह�। य�गD सं� तिकेतीन� प्र�में� आय� और चली� गय� मेंगर प्र�में जिजीन्दा� ह� और प्र�में� प्र�में के� ग�ती ग�नग�न�ती� जी� रह� ह\। प्र�में के� यह र्भ� शा�श्वती संच ह� तिके " यह तिकेसं� तिकेसं�

के, पू�र� तीरह अपून�ती� ह�, अक्संर ती, यह एके लीQ ठिदाख�केर संबु के� छ जीली� दा�ती� ह�" ।

आपून� दा�ख� ह,ग� तिके प्र�में� एके दूसंर� के� ख�तितीर अपून� संबु के� छ ली�टा� दा�न� के, ती�य�र रहती� ह\ पूर ती� वH के� छ ऐसं� ख�ली ख�ली जी�ती� ह� तिके प्र�मिमेंयD के, एके दूसंर� सं� जी�दा� ह,केर तिवरह के� आग में� जीलीन� के� शिलीए मेंजीबु�र ह,न� पूड़ती� ह�।

सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष के� तिवद्वा�न केहती� ह\ तिके हमें�र� हथ�ली� में� के� छ ऐसं� र�ख�ए ह\ जी, तिकेसं� के, मेंहबु�बु सं� मिमेंली�ती� ह� ती, f केसं� के, जी�वन र्भर के� दादा� दा� जी�ती�

ह� हस्ती र�ख� तिवज्ञा�न के� जी�नके�र केहती� ह\। अगर हथ�ली� में� हृदाय र�ख� के, के,ई अन्य र�ख� के�टाती� ह, ती, प्र�मिमेंयD के� मिमेंलीन� में�श्किश्केली ह,ती� ह� (If the line

of heart is cut or crossed by any line  it is a sign of separation) । हृदाय र�ख� लीहरदा�र य� जी जी�र के� संमें�न

ठिदाख�ई दा�ती� ह, तीबु र्भ� प्र�में में� जी�दा�ई के� ग़में उK�न� पूड़ती� ह�। हस्तीर�ख�य ज्य,तितीष के� अन�सं�र अगर शा�क्र पूव�ती अमिधके उK� हुआ ह,, उसं

पूर तितीली के� तिनशा�न ह, य� द्वा[पू ह, ती, प्र�मिमेंय, के� बु�च में� पूरिरव�र के� में�न्यती�ए और अन्य के�रर्ण बु�धके बुनती� ह\ जिजीसंसं� प्र�मिमेंय, के� मिमेंलीन में� बु�ध� आती� ह�

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(As per palmistry, if Mount of Venus is prominent or mole or an island is located on this mount, there are obstacles from the family) । अगर आपूके� हथ�ली� में� हृदाय र�ख� पूर द्वा[पू के� तिनशा�न ह,,

जी�वन र�ख� के, केई में,टा[ में,टा[ र�ख� के�टा रह� ह, अथव� चन्द्र पूव�ती अत्यमिधके तिवकेशिसंती ह, ती, आपूके� शा�दा[ उसंसं� नह] ह, पू�ती� ह� जिजीनके� सं�थ आपू जी�वन

तिबुती�न� च�हती� ह\ य�न� यह र�ख� इसं बु�ती सं के� ती दा�ती� ह� तिके आपूके, मेंनपूसं दा जी�वन सं�थ� नह] मिमेंलीन� व�ली� ह� । हथ�ली� ठिदाखन� में� के�ली� ह� और संख्ती र्भ� ती, प्र�में� प्र�मिमेंके� में� प्र�में पू�र्ण� संम्बुन्ध

नह] रहती� क्यDतिके उनके� तिवच�रD में� सं�में जीस्य नह] रहती� फीलीती: प्र�में� प्रमिमेंके� स्वय ह� एके दूसंर� सं� संम्बुन्ध ती,ड़ संकेती� ह\। ग�रू के� उ गली� छ,टा[ ह, एव

मेंश्किस्तीष्के र�ख� के� अ ती चन्द्र पूव�ती पूर ह, अथव� र्भ�ग्य र�ख� एव हृदाय र�ख� में,टा[ ह� ती, पूरिरव�र के� ली,गD द्वा�र� प्र�में� प्र�मिमेंके� के� बु�च ग़लीती फ़हमें� पू�दा� ह,न�

सं� प्र�में के� न�जी�के संम्बुन्ध में� तिबुखर�व आ जी�ती� ह�। अगर ऐसं� प्रती�ती ह, रह� ह� तिके प्र�में के� ड,र टा�टान� व�ली� ह� ती, दा�खिखय� केह]

आपूके� हथ�ली� में� में गली पूव�ती और बु�ध के� $�न पूर र�ख�ओं के� जी�ली ती, नह] ह� अथव� र्भ�ग्य र�ख� टा�टा[ हुई य� में,टा[ पूतीली� ती, नह] ह�। अगर र�ख�ए इन

स्थि$तितीयD में� ह\ ती, प्र�में के� पू क्षे� एके घDसंली� में� तिनव�सं नह] केरती� य�न� दा,न, के, तिबुछड़न� पूड़ती� ह�।

हस्ती र�ख�य ज्य,तितीष के� अन�सं�र अगर आपूके� बु�च  बु�ती बु�ती में� ती�- ती� में\ - में\ ह,ती� ह� और स्थि$तिती यह� तीके पूहुच गय� ह� तिके आपू एके दूसंर� सं� अलीग ह,न� च�हती� ह\ ती, इसंके� के�रर्ण यह ह, संकेती� ह� तिके आपूके� हथ�ली� में� मेंश्किस्तीष्के

र�ख� चन्द्र पूव�ती के� ओर ह, अथव� र्भ�ग्य र�ख� व हृदाय र�ख� सं�में�न्य सं� अमिधके में,टा[ ह,। इसंके� अली�व� इसं स्थि$तिती के� के�रर्ण यह र्भ� ह, संकेती� ह�

तिके र्भ�ग्य र�ख� केह] में,टा[ केह] पूतीली� ह, य� बुUहस्पतिती के� उ गली� सं�में�न्य सं� छ,टा[ ह,।

हस्ती र�ख� ज्य,तितीष में� जीबु हथ�ली� में� ऐसं� र�ख� दा�ख� जी�ती� ह� ती, प्य�र के� रिरश्तीD में� तिबुखर�व के� अन�में�न लीग�य� जी�ती� ह�। ली�तिकेन यह जीरूर� नह] तिके प्र�मिमेंय, के, र�ख�ओं के� के�रर्ण जी�दा�ई के� ग़में उK�न� ह� पूड़� क्यDतिके अगर मेंजी�

ह� ती, इसंके� ईली�जी र्भ� मेंQजी�दा ह�। आपू आपूके� रिरश्तीD में� दूरिरय� बुढ़ाती� जी� रह� ह\ अथव� आपूके� प्र�में� आपूके, छ,ड़केर जी� रह� ह� ती, तिकेसं� अच्छी�

ज्य,तितीष�च�य� सं� संम्पके� के�जिजीए। आपू अपून� प्र�में रूपू� पूQध� के, हर� र्भर� रखन� के� शिलीए संच्चे� मेंन सं� में� पू�व�ती� और र्भगव�न शा केर के� सं�बुह शा�में पू�जी�

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केर� व उन्ह� दा[पू दा�न दा�। इनके� आशा�व��दा सं� संर्भ� प्रके�र के� बु�ध�ए दूर ह, जी�ती� ह� और जी�सं� शिशाव पू�व�ती� के� बु�च प्र�में ह� व�सं� ह� आपूके� प्र�में गहर� ह,ती�

ह�।

न�टू: पू�मिमेंस्ट्री[ एडव� टा�जी के� मेंदादा सं� आपू हस्ती र�ख� तिवज्ञा�न के� बु�र�तिकेयD के, आसं�न� सं� सं�ख संकेती� ह�। यह ऐसं� संwफ्टाव�यर ह� जिजीनमें� बु�हतीर�न

ग्र�तिफीक्सं के� संह�यती� सं� तिवत्तिर्भन्न ह�थD के� प्रके�र, पूव�ती, र�ख�, शिचन्हD एव दूसंरD तीथ्यD के� जिजीक्र तिकेय� गय� ह�। आपू इसं� में�त्र 175 रू0 में� खर�दा संकेती� ह�,

कीह�� ह� भू�ग्य रा(खा� (What does the line of fate say?)

16 September, 2008 08:39:00 Hindi Jyotish - 5120 बु�र पूढ़ा� गय�

What does the line of fate say?

जीबु की�ई अवसरा हमें�रा( ह�थ स( तिनकीले जी��� ह� �� हमें कीह�( ह� तिकी "यह हमें�रा( भू�ग्य में� नह' थ�" इसक्तिलेए यह नह' हुआं औरा हमें अपन( भू�ग्य की� की�स�( ह@। भू�ग्य की� दा�ष दा(न( स( पहले( आंप यह दा(खिखाय( की� आंपकी� हथ(ले� में� भू�ग्य रा(खा� क्य� कीह राह� ह�।

हस्ती र�ख�य ज्य,तितीषशा�स्त्र में� बुती�य� गय� ह� तिके बुन�वटा के� दृमिष्ट सं� र्भ�ग्य र�ख� लीगर्भग सं�ती प्रके�र के� ह,ती� ह� और उनके� अलीग अलीग प्रर्भ�व ह,ती� ह�। बुन�वटा के� दृमिष्ट सं� र्भ�ग्य र�ख� के� प्रके�र क्रमेंशा: इसं प्रके�र 1.गुहरा� रा(खा� (Deep Fate line): ह�थ में� र्भ�ग्य र�ख� गहर� ह� ती, यह इसं बु�ती के� सं के� ती ह� तिके आपूके, अपून� र्भ�ग्य के� मेंदादा सं� पू�तीUके संम्पत्तित्त और तिवत्तिर्भन्न प्रके�र के� ली�र्भ मिमेंली�ग�। आपूके� उन्नतिती में� आपूके� बु�जी�ग{ के� संहय,ग रह�ग�।

2.कीमेंज़ो�रा रा(खा� (Light Fate line) : र्भ�ग्य र�ख� केमेंज़,र ह,न� सं� इसं बु�ती के� सं के� ती मिमेंलीती� ह� तिके आपूके, जी�वन में� असंफीलीती�ओं एव में�श्किश्केलीD के� सं�मेंन� केरन� ह,ग�। आपूके� जिजीन्दाग़� में� तिनर�शा� के� बु�दाली छ�य� रह�ग�। ली�तिकेन अगर आपूके� ह�थ में� सं�य� र�ख� मेंजीबु�ती ह� ती, आपू संफीलीती� प्र�प्ती केर संकेती� ह\, इसं� प्रके�र अन्य र�ख�ओं एव

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पूव�तीD के� प्रर्भ�व सं� र्भ� पूरिरर्ण�में बुदाली संकेती� ह�। 3.तिवभू�जिजी� रा(खा� (Divided Fate Line): र्भ�ग्य र�ख� अगर दा, र्भ�गD में� तिवर्भ�जिजीती ह, य� टा�टाकेर अ ग्र�जी� के� Y के� तीरह ठिदाख� ती, यह द्वा दा के� स्थि$तिती बुन�ती� ह� य�न� आपू आपू अपून� लीक्ष्य लीक्ष्य संह� प्रके�र सं� तिनघ��रिरती नह] केर पू�ती� ह\ और मेंन में� उKती� तिवच�रD सं� लीड़ती� ह\। एके शाब्दा में� केह� ती, आपू दा, न�व के� संव�र� केरती� ह\। 4.आंड़ा� ति�राछीP रा(खा� (Zig Zag Fate Line): हथ�ली� में� र्भ�ग्य र�ख� अगर आड़� तितीरछ[ ह, ती, संमेंझ ली�जिजीए आपूके� जिजीन्दाग़� में� के�फी� उती�र-चढ़ा�व व पूरिरवती�न आन� व�ली� ह\। आपू जी�वन में� सं घष� और बु�ध�ओं के, पू�र केरके� ह� अपून� र्भ�ग्य के� फीली प्र�प्ती केर पू�एग�। आपूके, आसं�न� सं� के� छ र्भ� मिमेंलीन� व�ली� नह] ह�। इसं प्रके�र के� र�ख� यह र्भ� बुती�ती� ह� तिके आपू तिनर्ण�य के� घड़� में� उह�पू,ह में� रहती� ह\ अथ��ती क्य� केर� क्य� न केर� व�ली� स्थि$तिती आपूके� ह, जी�ती� ह�। 5.टू�टूP रा(खा� (Broken Fate Line): र्भ�ग्य र�ख� अगर टा�टा[ हुई ह� ती, जीह� पूर यह र�ख� टा�टा[ ह� वह� पूर आपूके, खतीर� ह, संकेती� ह� अथ��ती उसं उम्र में� आपूके� सं�थ के,ई दुघ�टान� घटा संकेती� ह� अथव� आपू ग र्भ�र रूपू सं� बु�में�र ह, संकेती� ह\। के� ली मिमेंली�केर केह� जी�य ती, उम्र के� इसं पूड़�व में� के� छ र्भ� ऐसं� ह, संकेती� ह� जिजीसंसं� जी�वन पूर सं केटा आ संकेती� ह�। आपूके� यह संमेंय केष्टमेंय रह�ग�। 6.जी4जी�रादा�रा य� लेहरादा�रा रा(खा� (Chained Fate Line): र्भ�ग्य र�ख� जी जी�रदा�र य� लीहरदा�र ह, ती,  यह इसं बु�ती के� सं के� ती ह� तिके आपूके� के�य� में� उती�र चढ़ा�व बुन� रह�ग�, आपू संफीलीती� और असंफीलीती� के� बु�च तिहचके,ली� ख�ती� रह�ग�। आपूके� के�में केर्भ� ती, असं�न� सं� बुन जी�एग� ती, केर्भ� छ,टा� में,टा� के�में तिनकेलीव�न� के� शिलीए र्भ� आपूके, केड़� में�हनती केरन� ह,ग�। 7.अदृश्य रा(खा�(Invisible Fate Line) : यह जीरूर� नह] तिके जिजीनके� हथ�ली� में� र्भ�ग्य र�ख� ह,ती� ह� उन्ह] के� र्भ�ग्य ह,ती� ह�, जिजीनके� हथ�ली� में� र्भ�ग्य र�ख� नह] ह,ती� ह� उनके� र्भ� र्भ�ग्य ह,ती� ह� ऐसं� हस्ती र�ख� तिवज्ञा�न केहती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� में� र्भ�ग्य र�ख� नह] ह,ती� ह� उनके� र्भ�ग्य अन्य र�ख�ओं के� आ केलीन के� आध�र पूर ज्ञा�ती तिकेय� जी�ती� ह�। केह संकेती� ह\ तिके, जिजीनके� हथ�ली� में� र्भ�ग्य र�ख� नह] ठिदाखती� ह, उन्ह� तिनर�शा ह,न� के� जीरूरती नह] ह�।

न�टू: पू�मिमेंस्ट्री[ एडव� टा�जी के� मेंदादा सं� आपू हस्ती र�ख� तिवज्ञा�न के� बु�र�तिकेयD के, आसं�न� सं� सं�ख संकेती� ह�। यह ऐसं� संwफ्टाव�यर ह� जिजीनमें� बु�हतीर�न ग्र�तिफीक्सं के� संह�यती� सं� तिवत्तिर्भन्न ह�थD के� प्रके�र, पूव�ती, र�ख�, शिचन्हD एव दूसंरD तीथ्यD के� जिजीक्र तिकेय� गय� ह�। आपू इसं� में�त्र 175 रू0 में� खर�दा संकेती� ह�, स्थिक्लीके केर�  

अ4गु�ठे( की( हरा पवT में� ह� ज्य�ति�ष ज्ञा�न (Phalanges of your thumb reveal your destiny)

13 September, 2008 08:58:00 Hindi Jyotish - 3431 बु�र पूढ़ा� गय�

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Phalanges of your thumb reveal your destiny

अक्सरा आंपन( तिकीस� की� उत्स�ह बुढ़ा�न( की( क्तिलेए अपन� हथ(ले� की� च�रा> उ4गुक्तिलेय> की� में�ड़ा कीरा अ4गु�ठे� ऊपरा की� ओरा दिदाखा�य� ह�गु� य� तिकीस� औरा की� ऐस� कीरा�( दा(खा� ह�गु�। व�स्�व में� इसकी( प�छी( एकी बुड़ा� �थ्य यह ह� तिकी अ4गु�ठे� हमें�रा� प�रा� हथ(ले� की� प्रेति�तिनक्तिधत्व कीरा�� ह� औरा यह इच्छा� शाक्ति& एव4 मेंन की� बुले प्रेदा�न प्रेदा�न कीरा�� ह�। हस्�रा(खा� शा�स्त्र य�न� प�मिमेंस्ट्रीP में� �� अ4गु�ठे( की( हरा प�रा की� तिवशा(ष मेंहत्व ह�।

हस्तीर�ख�य ज्य,तितीष अ ग�K� के, ज्ञा�न के� तिपूटा�र� केहती� ह� जिजीसंके� हर�के पू,र में� व्यशिH के� तिवषय में� के�फी� रहस्य छ�पू� ह,ती� ह�। इसं तिपूटा�र� के� एके में�त्र च�र्भ� ह� हस्ती र�ख� तिवज्ञा�न के� सं�क्ष्में ज्ञा�न अथ��ती जिजीसंन� हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न के� सं�क्ष्मेंती� सं� अध्ययन तिकेय� ह� वह इसं पूर लीग� ती�ली� ख,ली संकेती� ह�। आपू र्भ� अगर हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न के, गहर�ई सं� संमेंझन� के� इच्छी�के ह\ ती, आपूके, र्भ� अ ग�K� पूर दृमिष्ट जीमें�न� ह,ग� अन्यथ� इसं शा�स्त्र में� आपू केच्चे� रह जी�ए ग� अथ��ती "अ ग�K� टा�के" ह� रह जी�ए ग�। अ ग�K� के� तिवषय में� जी�नके�र� ह�शिसंली केरन� के� शिलीए संबुसं� पूहली� ती, आपू अपून� अ ग�K� गQर सं� दा�खिखय�, आपू दा�ख�ग� तिके अ ग�K� हति�यD के� दा, टा�केड़D सं� मिमेंलीकेर बुन� ह� और अन्य उ गशिलीय, के� तीरह इसंके� र्भ� ती�न पूव� य�न� पू,र ह\। इसंके� ती�नD ह� पूव� व्यशिH के� तिवषय में� अलीग अलीग केह�न� केहती� ह�। अ4गु�ठे( की� पहले� पवT (First Part of the Thumb): सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष के� अन�सं�र जिजीसं व्यशिH के� अ ग�K� के� पूहली� पूव� लीम्बु� ह,ती� ह� वह व्यशिH आत्मेंतिवश्व�सं सं� र्भर� ह,ती� ह� और अपून� जी�वन पूथ स्वय बुनती� ह�। य� आत्मेंतिनर्भ�रती� में� यके�न केरती� ह\ और संजीग रहती� ह\। हथ�ली� के� पूहली� पूव� लीम्बु� ह, यह ती, अच्छी� ह� ली�तिकेन अगर यह बुहुती अमिधके लीम्बु� ह� ती, यह संमेंझ ली�जिजीए तिके व्यशिH असं�में�जिजीके गतितीतिवमिधयD के, अ जी�में दा�न� व�ली� ह�, यह खतीरन�के के�में केर संकेती� ह�। दूसंर� ओर जिजीसं व्यशिH के� अ ग�K� के� पूहली� पूव� छ,टा� ह,ती� ह� वह दूसंरD पूर तिनर्भ�र रहती� ह\ और जिजीम्में�व�र� र्भर� तिनर्ण�य नह] ली� पू�ती� ह\। य� के�में के, ग र्भ�रती� सं� नह] ली�ती� ह\। पूहली� पूव� अगर चQड़� ह� ती, संमेंझ ली�जिजीए यह व्यशिH मेंनमें�न� केरन� व�ली� अथ��ती जिजीद्दी[ ह�। जिजीनके� पूहली� पूव� लीगर्भग संमेंके,र्ण जी�सं� ठिदाखती� ह, उनके� सं�थ ह,शिशाय�र� सं� पू�शा आन� के� जीरूरती ह,ती� ह� क्यDतिके य� के�फी� च�ली�के और ती�जी मेंश्किस्तीष्के व�ली� ह,ती� ह\।

अ4गु�ठे( की� दूसरा� पवT (Second Part of the Thumb): अ ग�K� के� दूसंर� र्भ�ग लीम्बु� ह,न� बुती�ती� ह� तिके व्यशिH च�ली�के और संजीग ह�

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(People whose Second Phalange is long are cautious and cunning)। यह व्यशिH सं�में�जिजीके के�य{ एव जीनसं�व� के� के�य{ में� संतिक्रय रहन� व�ली� ह�। दूसंर� पू�व� जिजीनके� छ,टा� ह,ती� ह� व� तिबुन� आग� पू�छ� सं,च� के�में केरन� व�ली� ह,ती� ह\ पूरिरर्ण�में के� सिंचPती� नह] केरती� यह� के�रर्ण ह� तिके य� ऐसं� के�में केर बु�Kती� ह\ जी, जी,खिखमें और खतीरD सं� र्भर� ह,ती� ह�। दूसंर� पूव� अ ग�K� के� दाबु� हुआ ह� ती, यह बुती�ती� ह� तिके व्यशिH ग र्भ�र और सं व�दाशा�ली ह� और इनके� में�नशिसंके क्षेमेंती� अच्छी[ ह�। अ4गु�ठे( की� ��सरा� पवT (Third Part of the Thumb): अ ग�K� के� ती�संर� पूव� व�स्तीव में� शा�क्र पूव�ती के� $�न ह,ती� ह� जिजीसं� व्यशिH तिवश्ले�षर्ण के� संमेंय अ ग�K� के� ती�संर� पूव� के� रूपू में� शिलीय� जी�ती� ह� (Mount of the Venus is located on the third phalange of the thumb)। यह पूव� अगर अच्छी[ तीरह उर्भर� हुआ ह� और ग�ली�बु� आर्भ� सं� दामेंके रह� ह� ती, यह में�नन� च�तिहए तिके व्यशिH प्य�र और र,में� सं में� के�फी� संतिक्रय ह�। इसं स्थि$तिती में� व्यशिH जी�वन के� केठिKन संमेंय के, र्भ� ह संती� में�स्के� र�ती� ग�जीर�न� जी�नती� ह�। यह पूव� अगर सं�में�न्य सं� अमिधके उर्भर� हुआ ह� ती, यह जी�नन� च�तिहए तिके व्यशिH में� के�में के� र्भ�वन� प्रबुली ह� यह इसंके� शिलीए तिकेसं� र्भ� सं�में� तीके जी� संकेती� ह�। अ ग�K� के� ती�संर� पूव� अगर सं�मेंन्य रूपू सं� उर्भर� नह] ह� और संपू�टा ह� ती, यह केहन� च�तिहए तिके व्यशिH प्र�में और उत्सं�ह सं� रतिहती ह�। उम्में�दा ह� आपू अ ग�K� के� मेंतिहमें� पू�र� तीरह संमेंझ च�के� हDग�, ती, अबु सं� अ ग�K� के, गQर सं� दा�खिखए और व्यशिH के, पूहच�तिनए।

 स�में दि[की ज्य�ति�ष में� ग्रह> की( पवT� - भू�गु 2 (Planet Mounts in Palmistry- part 2)

11 September, 2008 11:44:00 Hindi Jyotish - 1785 बु�र पूढ़ा� गय�

Planet Mounts in Palmistry- part 2

हस्� रा(खा� तिवज्ञा�न में� हथ(ले� में� प्रेत्य(की ग्रह की( क्तिलेए एकी तिनशि\� स्था�न में�न� जी��� ह�। हथ(ले� में� जी� ग्रह जीह�4 तिवरा�जीमें�न ह��( ह@ उस स्था�न की� उस ग्रह की� पवT� कीह� जी��� ह�। जिजीस प्रेकी�रा व�दिदाकी ज्य�ति�ष में� ग्रह न�च य� उच्च ह��( ह@ की छी इस� प्रेकी�रा यह�4 भू� पवT�> की� तिवशिभून्न स्थिस्थाति� औरा उसकी( अन रूप परिराण�में बु��ए गुय( ह@।

बु ध पवT� (Mount Of Mercury): संबुसं� छ,टा[ उ गली� य�न� केतिनष्ठा� के� जीड़ में� बु�ध ग्रह के� $�न ह,ती� ह� य�न� यह� बु�ध

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पूव�ती स्थि$ती ह,ती� ह�। बु�ध पूव�ती के, र्भQतितीके सं�ख, ख�शाह�ली� और धन संम्पत्तित्त के� $�न केह� जी�ती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� में� बु�ध पूव�ती उच्चे स्थि$तिती में� ह,ती� ह� व� अतिवष्के�र व नई च�जी, के� तीली�शा के� प्रतिती उत्सं�के रहती� ह�। हथ�ली� में� बु�ध उर्भर� ह,न� सं� व्यशिH मेंन,तिवज्ञा�न संमेंझन� व�ली� ह,ती� ह� जिजीसंसं� ली,गD के, आसं�न� सं� प्रर्भ�तिवती केर पू�ती� ह�। बु�ध पूव�ती उन्नती ह,न� सं� व्यशिH य�त्र� के� शाQके�न ह,ती� ह� और के�फी� य�त्र�ए केरती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� में� यह पूव�ती बुहुती अमिधके उर्भर� ह,ती� ह� व� के�फी� च�ली�के, ध�ती� और छली केपूटा में� उस्ती�दा ह,ती� ह\। बु�ध पूव�ती अगर असं�में�न्य रूपू सं� उर्भर� हुआ ह� सं�थ ह� इसं पूर संमें चती�र्भ��जी के� शिचन्ह ठिदाख रह� ह� ती, यह सं के� ती ह� तिके व्यशिH के�न�न के� उली घन केर�ग� और अपूर�ध के� दुतिनय� में� न�में केमें�एग�। अतिवकेशिसंती बु�ध पूव�ती के� ह,न� सं� र्भ� व्यशिH जी�में� के� दुतिनय� सं� रिरश्ती� के�यमें केर संकेती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� में� यह पूव�ती अस्पष्ट य� संपू�टा ह� उन्ह� ग़र�बु� के� में� हदा�ख्न� पूड़ती� ह�।  चन्[ पवT� (Mount of Moon):चन्द्र पूव�ती के� $�न हथ�ली� में� अ ग�K� के� दूसंर� ओर केली�ई के� न�च� ह,ती� ह�। इसं� हस्तीर�ख�य ज्य,तितीष में� केल्पून�, केली�, उदा�रती� और उत्सं�ह के� $�न में�न� जी�ती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� में� चन्द्र पूव�ती तिवकेशिसंती ह,ती� ह� व� संQन्दाय�पू�संके ह,ती� ह\ इनके� हृदाय के,मेंली और सं व�दानशा�ली ह,ती� ह�। य� तिनती नई केल्पून� और ख्व�बु, के� ती�न� बु�न� बु�नती� रहती� ह\। य� केली� के� तिकेसं� र्भ� क्षे�त्र जी�सं� ली�खन, शिचत्रके�र�, सं ग�ती आठिदा में� पू�र गती ह,ती� ह\।

चन्द्रपूव�ती अत्यमिधके उन्नती ह,न� सं� मेंन के� च चलीती� अमिधके रहती� ह�, जिजीसंके� के�रर्ण व्यशिH में� उती�वली�पून अमिधके दा�ख� जी�ती� ह�। चन्द्र पूव�ती के� यह स्थि$तिती व्यशिH के, शा के�ली� और में�नशिसंके तीQर पूर बु�में�र बुन� दा�ती� ह�। यह स्थि$तिती जिजीनके� हथ�ली� में� पू�य� जी�ती� ह� व� अक्संर शिसंर दादा� सं� पूर�शा�न रहती� ह\। संमें�ठिद्रके शा�स्त्र के� में�ती�तिबुके अतिवकेशिसंती चन्द्र पूव�ती ह,न� सं� व्यशिH हव�ई तिकेली� बुन�न� व�ली� ह,ती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� में� चन्द्र के� ऐसं� स्थि$तिती ह,ती� ह� उनमें� बुहुती अमिधके र्भ�व�केती� पू�य� जी�ती� ह� और केल्पून� ली,के में� ख,य� रहन� के� के�रर्ण इनके� के,ई र्भ� के�में पू�र� नह] ह, पू�ती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� में� चन्द्र पूव�ती संपू�टा ह,ती� ह� व� र्भ�वन� रतिहती ह,ती� ह\, य� धन और र्भQतितीके सं�ख के� पू�छ� र्भ�गती� ह\। इसं तीरह के� हथ�ली� जिजीनके� ह,ती� ह� व� जी�वन में� प्र�में के, गQर्ण संमेंझती� ह� और लीड़�ई झगड़� में� आग� रहती� ह\। शा क्र पवT� (Mount of Venus): अ ग�K� के� न�च� जी�वन र�ख� सं� मिघर� हुआ र्भ�ग शा�क्र के� $�न ह,ती� ह� जिजीसं� शा�क्र पूव�ती केहती� ह\। यह पूव�ती तिवकेसं�ती ह,न� पूर संम्में�न के� प्र�प्तिप्ती ह,ती� ह� और जी�वन में� आनन्दा एव ख�शाह�ली� बुन� रहती� ह�।  सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष के� अन�सं�र उन्नती शा�क्र पूव�ती ह,न� सं� व्यशिH के�में� ह,ती� इनके� मेंन में� हमें�शा� के�में के� इच्छी� रहती� ह�। य� ईश्वर पूर यके�न नह] केरती� ह\। अतिवकेशिसंती शा�क्र ह,न� सं� व्यशिH में� के�यरती� रहती� ह� और य� के�में व�संन� सं� पू�तिड़ती रहती� ह\। आमेंतीQर पूर दूसंर� पूव�ती अगर जीरूरती सं� अमिधके तिवकेशिसंती हD ती, न�केसं�न ह,ती� ह� पूर ती� शा�क्र के� बुहुती अमिधके तिवकेशिसंती ह,न� पूर न�केसं�न नह] ह,ती� ह�।

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यह पूव�ती अत्यमिधके उन्नती ह,न� सं� व्यशिH सं�हसं� ह,ती� ह� एव स्व$ रहती� ह�। यह स्थि$तिती जिजीनके� हथ�ली� में� पू�य� जी�ती� ह� वह संभ्य ह,ती� ह\ और अपून� ग�र्णD सं� दूसंरD के, प्रर्भ�तिवती केरती� ह\।  शा�क्र पूव�ती हथ�ली� में� संपू�टा ह,न� सं� व्यशिH अके� ली� रहन� पूसं दा केरती� ह� व पू�रिरव�रिरके जी�वन सं� लीग�व नह] रखती� ह�। इसं तीरह के� स्थि$तिती जिजीसं हथ�ली� में� ह,ती� ह� व� केठिKन�ईयD र्भर� जी�वन जी�ती� ह\ और धन के� केमें� सं� पूर�शा�न रहती� ह\। में4गुले पवT� (Mount of Mars):सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष के� अन�सं�र हथ�ली� में� दा, $�न पूर में गली पूव�ती ह,ती� ह�। एके उच्चे के� पूव�ती ह,ती� ह� और दूसंर� न�च के� ह,ती� ह�। उच्चे में गली पूव�ती हृदाय र�ख� जीह� सं� शा�रू ह,ती� उसंके� ऊपूर स्थि$ती ह,ती� ह� जीबुतिके न�च के� में गली जीह� सं� जी�वन र�ख� शा�रू ह,ती� ह� वह� सं� के� छ ऊपूर ह,ती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� में� में गली उर्भर� ह,ती� ह� व� सं�हसं�, बु�खQफी और शाशिHशा�ली� ह,ती� ह\। में गली पूव�ती उन्नती ह,न� पूर व्यशिH दृढ़ा तिवच�रD व�ली� ह,ती� ह� और इनके� जी�वन में� सं ती�लीन दा�ख� जी�ती� ह�। यह� पूव�ती जिजीनके� हथ�ली� में� बुहुती अमिधके उन्नती ह,ती� ह� व� में�र पू�टा, लीड़�ई-झगड़� में� उस्ती�दा ह,ती� ह\। में गली के� यह स्थि$तिती व्यशिH के, अत्य�च�र� बुन�ती� ह� और जी�में� के� दुतिनय� के� ओर ली� जी�ती� ह�।

व�सं� व्यशिH जिजीनके� हथ�ली� में� में गली पूव�ती सं�में�न्य रूपू सं� उर्भर� ह,ती� ह� व ली�शिलीमें� शिलीय� ह,ती� ह� व� जी�वन में� अच्छी[ संफीलीती� प्र�प्ती केरती� ह\ और उच्चे पूदा पूर आसं�न ह,ती� ह\। जिजीनके� हथ�ली� पूर में गली पूव�ती के� $�न संपू�टा ह,ती� ह� वह के�यर और डरपू,के ह,ती� ह\ ऐसं� हस्ती र�ख�य ज्य,तितीष केहती� ह�। में गली पूव�ती पूर ग�र्ण� के� शिचन्ह ह,न� यह सं के� ती दा�ती� ह� तिके व्यशिH के� मेंQती तिकेसं� सं घष� के� दाQर�न ह,ग� जीबुतिके टा�ढ़ा[ में�ढ़ा[ र�ख� बुती�ती� ह� तिके व्यशिH तिकेसं� दुघ�टान� के� शिशाके�र ह,ग�।

उम्में�दा ह� हथ�ली� में� पूव�ती के� मेंतिहमें� सं� आपू अच्छी[ तीरह व�तिकेफी ह, च�के� हDग�, ती, अबु दा�खिखय� तिके आपूके� हथ�ली� में� केQन सं� पूव�ती तिकेतीन� ऊ� च� ह�।

सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष में� ग्रहD के� पूव�ती - 1 में� शातिन पूव�ती, सं�य� पूव�ती एव बुUहस्पतिती पूव�ती के� तिवषय में� जी�नके�र� उपूलीब्ध ह�। आपू अगर इन पूव�तीD के� तिवषय में� जी�नन� के� शिलीए इच्छी� ह\ ती, यह� स्थिक्लीके केर�।  

जीरा� गुcरा स( दा(खिखाय( अ4गु�ठे� (Have a careful look at your thumb)

11 September, 2008 01:18:00 Hindi Jyotish - 2770 बु�र पूढ़ा� गय�

जीर� गQर सं� दा�खिखय� अ ग�K� (Have a careful look at your thumb)

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की�फ� पढ़ा( क्तिलेखा( व्यक्ति& की� भू� कीई स्था�न> परा अ4गु�ठे� लेगु��( हुए आंपन( दा(खा� ह�गु�। व�स्�व में� हमें�रा� हथ(ले� में� अ4गु�ठे( की� बुहु� अक्तिधकी मेंहत्व ह�, दा(खा� जी�य �� यह उ4गुक्तिलेय> में� रा�जी� ह��� ह�। हस्�रा(खा� तिवशा(षज्ञा �� यह�4 �की में�न�( ह� तिकी की( वले अ4गु�ठे( की� दा(खाकीरा भू� तिकीस� भू� व्यक्ति& की( व्यक्ति&त्व औरा जी�वन की( बु�रा( में� बु��य� जी� सकी�� ह�।

अ ग�K� के� प्रर्भ�व और मेंहत्व क्य� ह� इसं तिवषय पूर चच�� केरन� सं� पूहली� आवश्यके ह, जी�ती� ह� तिके हमें यह जी�न� तिके अ ग�K� तिकेतीन� प्रके�र के� ह,ती� ह�। हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न के� जी�नके�र बुती�ती� ह\ तिके जिजीसं प्रके�र हस्तीर�ख� संर्भ� मेंन�ष्य के� अलीग अलीग ह,ती� ह� उसं� प्रके�र अ ग�K� के� सं रचन�, आके�र, र ग एव इनके� पू,सं� में� र्भ� अ तीर ह,ती� ह�। अ ग�K� के� आके�र प्रके�र और सं रचन� सं� र्भ� व्यशिHत्व पूर के�फी� प्रर्भ�व पूड़ती� ह�। ती, आइय� संबुसं� पूहली� हमें जी�न� तिके तिकेसं� के� अ ग�K� के, दा�खकेर उसंके� व्यशिHत्व हमें के� सं� संमेंझ संकेती� ह\। लेम्बु� अ4गु�ठे� (Lanky Thumb): अगर आपूके� पू�सं के,ई व्यशिH आती� ह� जिजीसंके� अ ग�K� लीम्बु� ह� ती, उसंके� व्यशिH के� तिवषय में� आपू यह संमेंझ संकेती� ह\ तिके इसं व्यशिH के� मेंश्किस्तीष्के य�न� ठिदामें�ग के�फी� ती�जी चलीती� ह�। यह व्यशिH अपून� बु�जि7 सं� दुतिनय� में� अपून� में�के�में बुन�न� के� य,ग्यती� रखती� ह�। लीम्बु� अ ग�K� यह र्भ� बुय� केरती� ह� तिके व्यशिH अपून� आपू पूर र्भर,सं� केरती� ह� और अपून� क्षेमेंती� एव ग�र्णD सं� आग� बुढ़ान� के� सं�हसं रखती� ह�, एके शाब्दा में� केह� ती, यह व्यशिH के� आत्मेंतिनर्भ�र ह,न� इ तिगती केरती� ह�। जिजीनके� अ ग�K� लीम्बु� ह,ती� ह� व� अपून� आसं पू�सं के� ली,गD पूर अपून� प्रर्भ�व बुन�य� रखन� के� इच्छी�के ह,ती� ह\ य� गत्तिर्णती और तीकेतिनके� क्षे�त्र में� रूशिच रखती� ह\।  छी�टू� अ4गु�ठे� (Short Thumb): आपू तिकेसं� व्यशिH के� हस्ती र�ख� दा�खकेर उसंके� बु�र� में� जीबु बुती� रह� हD तीबु यह गQर केरन� च�तिहए तिके उसं व्यशिH के� अ ग�K� छ,टा� ती, नह] ह�। अगर अ ग�K� छ,टा� ह� ती, आपू केह संकेती� ह\ तिके व्यशिH र्भ�व�के ह�। इसं व्यशिH के� बु�र� में� आपू केह संकेती� ह\ तिके यह ठिदामें�ग सं� केमें ठिदाली सं� अमिधके के�में ली�न� व�ली� ह� अथ��ती इनके� तिनर्ण�य बु�जि7पूरके नह] वरन र्भ�वन� पूरके ह,ती� ह�। यह व्यशिH स्वती त्र तिनर्ण�य ली�न� में� अक्षेमें रहती� ह� यह दूसंरD के� तिवच�रD और सं�झ�वD के, में�नकेर के,ई र्भ� मेंहत्वपू�र्ण� केदामें आग� बुढ़ा�ती� ह�। आपू इसं व्यशिH सं� यह र्भ� केह संकेती� ह\ तिके आपू सं ग�ती, शिचत्रकेली�, ली�खन, केतिवती�, एव दूसंर� केली�त्मेंके तिवषयD के� प्रतिती लीग�व रखती� ह\। कीड़ा� अ4गु�ठे� (Hard Thumb):  हस्तीर�ख�य ज्य,तितीष केहती� ह�, जीबु आपू ह�थ दा�खकेर फीली केथन केरती� ह\ तीबु उसं संमेंय अ ग�K� के� तिवश्ले�षर्ण जीरूर केरन� च�तिहए। अ ग�K� अगर संख्ती य� केड़� लीग� ती, आपू संमेंझ संकेती� ह\ तिके जिजीसं व्यशिH के� आपू ह�थ दा�ख रह� ह\ वह आपून� प्रतिती य�न� अपून� तिहती के� प्रतिती के�फी� संजीग और संतीके� ह� और यह जी, र्भ� K�न ली�ग� वह� केरन� व�ली� ह� य�न� केह संकेती� ह\ तिके यह व्यशिH जिजीद्दी[ ह�। यह व्यशिH अपून� व्यवह�र में� र्भ�व�केती� ती, ली�न� च�हती� ह� पूर ती� ऐसं� केर नह] पू�ती� ह� और अपून� तिहती सं�धन� में� अच्छी[ तीरह सं,च केर के,ई र्भ� तिनर्ण�य ली�ती� ह� और र्भ�व�केती� के, मेंश्किस्तीष्के पूर ह�व� नह] ह,न� दा�ती�। की�मेंले औरा में ले�यमें अ4गु�ठे� (Soft Thumb): अ ग�K� सं� व्यशिHत्व के� तिवशा�षती� के� आ केलीन केरती� हुए जीबु हमें तिकेसं� के,मेंली और में�ली�यमें अ ग�K� के, दा�खती� ह\ तीबु

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उसंके� बु�र� में� केह संकेती� ह\ तिके यह व्यशिH पूरिरस्थि$तितीयD के� सं�थ बु�हतीर ती�लीमें�ली बुन�न� जी�नती� ह�। यह व्यशिH में�श्किश्केली ह�ली�तीD में� र्भ� में�स्के� र�न� के� केली� सं� व�तिकेफी ह�। इसं व्यशिH के� बु�र� में� हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न के� अन�सं�र यह र्भ� केह संकेती� ह\ तिके यह अमिधके सं� अमिधके धन जीमें� केरन� के� इच्छी�के ह�, यह जी�नती� ह� तिके पू�सं� तिकेसं प्रके�र बुच�य� जी� संकेती� ह�। आंदाशाT अ4गु�ठे� (Ideal Thumb): अगर तिकेसं� के� अ ग�K� के� तिनरिरक्षेर्ण केरती� हुए हमें पू�ती� ह\ तिके अमें�के व्यशिH के� अ ग�K� तीजी�न� उ गली� सं� अमिधके,र्ण बुन� रह� ह� अथ��ती अ ग�K� केली�ई के� ओर अमिधके झ�के� हुआ ह� ती, इसं अ ग�K� के, आदाशा� अ ग�K� केह�ग�। यह अ ग�K� तीजी�न� सं� 90 सं� 180 तिडग्र�0 तीके झ�के� ह,ती� ह� व लीम्बु� एव पूतीली� ह,ती� ह�। जिजीसं व्यशिH के� अ ग�K� ऐसं� ह,ती� ह� उसं व्यशिH के� तिवषय में� यह केह� जी� संकेती� ह� तिके व� शा� ती प्रकेU तिती के� ह\, तिकेसं� र्भ� स्थि$तिती में� अपून� आपू पूर तिनय त्रर्ण रखती� ह\ व जील्दा[ क्र,ध एव आव�शा में� नह] आती� ह\। आमेंतीQर पूर जिजीनके� अ ग�K� ऐसं� ह,ती� ह� व� केली�प्र�में� ह,ती� ह\। स�ध� अ4गु�ठे�(Straight Thumb): खम्भ� के� तीरह सं�ध� अ ग�K� जी, तीजी�न� उ गली� सं� तिबुल्के� ली 90 तिडग्र� के� के,र्ण बुनती� ह� उसं� इसं श्रे�र्ण� में� रख� जी�ती� ह�। सं�ध� अ ग�K� मेंजीबु�ती और गK�ली� प्रती�ती ह,ती� ह�। इसं प्रके�र के� अ ग�K� जिजीनके� हथ�ली� पूर आपू पू�ती� ह\ उनके� तिवषय में� केह संकेती� ह\ तिके य� के�फी� में�हनती� ह\ और में�हनती के, ह� अपून� र्भगव�न में�नती� ह\। जिजीनके� अ ग�K� ऐसं� ह,ती� ह� उनके� तिवषय में� सं�में�ठिद्रके शा�स्त्र केहती� ह� तिके इनके� न ती, दा,स्ती� र्भली ह� और न ती, दुश्मेंन� इसंशिलीए इनसं� तिनत्ति�ती दूर� बुन�ए रखन� ह� अच्छी� ह�। य� छ,टा[ छ,टा[ बु�तीD पूर आव�शा में� आ जी�ती� ह\ और आव�शा में� बुदाली� के� र्भ�वन� सं� दूध में� आय� उबु�ली के� तीरह उबुलीन� लीगती� ह\ पूर ती� के� छ ह� पूली में� शा� ती ह, जी�ती� ह\। न्य�न अ4गु�ठे�(Acute Thumb): अ ग�K� के� एके प्रके�र न्य�न अ ग�K� ह�। इसं प्रके�र के� अ ग�K� के, न्य�न अ ग�K� इसंशिलीए केह� जी�ती� ह� क्यDतिके यह तीजी�न� उ गली� के� ओर झ�के� ह,ती� ह� और न्य�नके,र्ण बुन�ती� ह� अथ��ती यह 90 तिडग्र� सं� केमें ह,ती� ह�। इसं अ ग�K� के� आके�र सं�में�न्य सं� केमें और ठिदाखन� में� बु�डQली ह,ती� ह�। इसं प्रके�र के� अ ग�K� दा�खकेर आपू केह संकेती� ह\ तिके व्यशिH के� जी�वन में� तिनर�शा� र्भर� हुआ ह� यह अपून� आपू सं� पूर�शा�न और दु:ख� रहती� ह�। यह व्यशिH अपून� आलीस्य के� के�रर्ण के,ई र्भ� के�में वH पूर नह] केर पू�ती� ह�। जी�वन में� तिनर�शा� और असंफीलीती� के� के�रर्ण य� असं�में�जिजीके तीत्वD सं� तिनकेटाती� के�यमें केर संकेती� ह\। पूर�य� स्त्र� के� प्रतिती य� आकेर्षिषPती रहती� ह\ और तिनरथ�के बु�तीD में� अपून� के�मेंती� वH बुबु��दा केरती� ह\। हस्तीर�ख�य ज्य,तितीष के� अन�सं�र जिजीनके� हथ�ली� में� ऐसं� अ ग�K� ह,ती� ह� व� ईश्वर और ध�र्मिमेंPके गतितीतिवमिधयD में� केमें रूशिच ली�ती� ह\ और टा,न� टा,टाके� , र्भ�ती, तिपूशा�च, ती त्र-में त्र, जी�दू के� पू�छ� अपून� ठिदामें�ग के� घ,ड़� दाQड़�ती� ह\।

हस्� रा(खा� स( व�व�तिहकी स्थिस्थाति� की� तिवव(चन (Know about Married life through Palmistry)

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Know about Married life through Palmistry)

ह�थ> की� लेकी�रा� की� तिवध��� की� ले(खा कीह� जी��� ह�। इस ले(खा की� पढ़ान� जिजीसन( स�खा क्तिलेय� उनकी( क्तिलेए भू��, भूतिवष्य व�Tमें�न खा ले� तिकी��बु की� �राह ह��� ह�। इन रा(खा�ओं में� तिवध��� न( जी�वन की� छी�टूP स( छी�टूP घटून�ओं क्तिलेखा राखा� ह�, आंप च�ह� �� इनस( भू�ग्य, धन, जी�वन, तिवव�ह सभू� प्रेश्न की� हले जी�न सकी�( ह@।

ह�थD के� लीके�र� के, तिवध�ती� के� ली�ख केह� जी�ती� ह�। इय ली�ख के, पूढ़ान� जिजीसंन� सं�ख शिलीय� उनके� शिलीए र्भ�ती, र्भतिवष्य वती�में�न ख�ली� तिकेती�बु के� तीरह

ह,ती� ह�। इन र�ख�ओं में� तिवध�ती� न� जी�वन के� छ,टा[ सं� छ,टा[ घटान�ओं शिलीख रख� ह�, आपू च�ह� ती, इनसं� र्भ�ग्य, धन, जी�वन, तिवव�ह संर्भ� प्रश्न के� हली जी�न संकेती� ह\। तिवव�ह तिकेसं� र्भ� व्यशिH के� जी�वन में� के�फी� मेंहत्वपू�र्ण� $�न रखती� ह�।

दा�शा�तिनकेD एव तिवद्वा�नD न� ती, केह� ह� ह� शा�स्त्र र्भ� केहती� ह� तिके तिवव�ह के� पू��ती व्यशिH दा, र्भ�गD में� तिवर्भH ह, जी�ती� ह� अथव� व्यशिH के� दूसंर� जी�वन

शा�रू ह,ती� ह�। ज्य,तितीषशा�स्त्र में� जीबु तिकेसं� व्यशिH के� जी�वन के� स्थि$तिती के� तिवश्ले�षर्ण तिकेय� जी�ती� ह� तीबु व्यशिH के� जी�वन के, दा, तिहस्संD में� बु� टाकेर उनके� तिवश्ले�षर्ण तिकेय� जी�ती� ह� प्रथमें तिवव�ह पू�व� और दूसंर� तिवव�ह पू��ती। आपून�

र्भ� दा�ख� ह,ग� के� छ ली,ग तिवव�ह सं� पूहली� उन्नती $तिती में� रहती� ह\ और शा�दा[ के� पू��ती उनके� जी�वन में�श्किश्केली दाQर सं� ग�जीरन� लीगती� ह� इसंके� तिवपूर�ती के� छ

ली,ग ऐसं� र्भ� ह,ती� ह\ जी, तिवव�ह सं� पूहली� पूर�शा�न� एव में�श्किश्केलीD ह�ली�तीD के� सं�मेंन� केरती� रहती� ह\ और तिवव�ह के� बु�दा उनके� जी�वन के�मेंय�बु और ख�शाह�ली ह, जी�ती� ह�।

आपू र्भ� अगर शा�दा[ के� संपून� सं जी,य� बु�K� ह\ और जी�नन� के, उत्सं�के ह\ तिके आपूके� शा�दा[ केबु ह,ग� और आपूके� शा�दा[ शा�दा� जिजीन्दाग़� के� सं� रह�ग� ती,

इसंके� शिलीए आपूके, अमिधके पूर�शा�न ह,न� के� जीरूरती नह] ह� आपू अपून� हथ�ली� सं� प्रश्न पू�छ केर दा�खिखय� आपूके, जीव�बु जीरूर मिमेंली जी�एग� अगर आपू हथ�ली� में� मेंQजी�दा र�ख�ओं के, पूढ़ान� जी�नती� ह\। हस्तीर�ख� तिवशा�षज्ञा बुती�ती� ह\ तिके

ह�थ में� तिवव�ह के� शिलीए और व�व�तिहके स्थि$तिती के� शिलीए दा, र�ख�ओं सं� तिवच�र तिकेय� जी�न� च�तिहए एके ती, बु�ध पूव�ती के� न�च� तिनकेलीन� व�ली� र�ख� सं� और दूसंर� शा�क्र पूव�ती पूर मेंQजी�दा र�ख� सं�।

आमेंतीQर पूर इसं सं दार्भ� में� बु�ध पूव�ती के� र�ख� के, ह� मेंहत्वपू�र्ण� और संव�में�न्य में�न� जी�ती� ह� आपू र्भ� इसं� र�ख� के, तिवव�ह के� सं दार्भ� में� दा�ख संकेती� ह\। इसं पूव�ती पूर अगर केई र�ख�ए ठिदाख�ई दा� रह� ह\ ती, इसंके� अथ� यह नह] तिके संर्भ� र�ख� शा�दा[ (Marriage Line)  के� ह� अथ��ती आपूके� उतीन� शा�दा[

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ह,ग�। इसं पूव�ती पूर ठिदाखन� व�ली� संर्भ� र�ख�ओं में� सं� वह� र�ख� तिवव�ह र�ख� ह,ग� जी, संबुसं� गहर� और लीम्बु� ह,ग� अन्य र�ख� तिकेसं� के� सं�थ प्र�में संम्बुन्ध

के, दाशा��ती� ह�। शा�दा[ तिकेसं उम्र में� ह,ग� इसं तिवषय में� यह केह� जी�ती� ह� तिके बु�ध पूव�ती के� न�च�

तिनकेलीन� व�ली� तिवव�ह र�ख� (Line of marriage) अगर हृदाय र�ख� सं� मिमेंली� ह,ती� ह� अथव� संमें�पू ह,ती� ह� ती, शा�दा[ केमें उम्र र्भ� केमें उम्र में� आपूके� शा�दा[ ह, जी�ती� ह�। यह र�ख� अगर बु�ध पूव�ती के� मेंध्य तीके ठिदाख�ई दा�ती� ह� ती,

आपूके� उम्र संमें�न्य आय� में� अथ��ती 21-28 वष� के� आय� में� ह,ती� ह� ली�तिकेन अगर यह र�ख� बु�ध पूव�ती के� एके ती�ह�ई य�न� आध सं� केमें आती� ह� ती, शा�दा[ के�फी� दा�र सं� ह,ती� ह� य�न� 28 सं� 35 वष� के� आय� में� जी�केर ह� आपूके�

शिसंर पूर सं�हर� संजीती� ह�।  गQरतीलीबु बु�ती ह� तिके अगर तिवव�ह र�ख� के� संमें�न� तीर एके व�सं� ह� र�ख� चली रह� ह� ती, इसंके� अथ� ह� तिके आपूके� शिसंर पूर

दा, बु�र सं�हर� संजीन� शिलीख� ह�। यह ती, रह� ह� तिके आपूके� शा�दा[ केबु ह,ग�। ली�तिकेन इसंसं� र्भ� जीरूर� ह� तिके शा�दा[ शा�दा� जिजीन्दाग� के� सं� रह�ग�। इसं तिवषय में� केह� में� ह,ती� ह�, उम्र के� तिहसं�बु

सं� केह� ती, इसं स्थि$तिती में� 14-20 वष� य� इसंसं� जी�ती� ह� तिके तिवव�ह र�ख� ह�थ में� जिजीतीन� गहर�, सं�फी और स्पष्ट ह,ती� ह� व�व�तिहके जी�वन उतीन� सं�खमेंय और

अच्छी� रहती� ह�। यठिदा र्भ�ग्य र�ख� चन्द्र पूव�ती सं� तिनकेली केर हृदाय र�ख� तीके आ रह� ह� और ग�रू पूव�ती पूर ग�र्ण� के� शिचन्ह नज़र आ रह� ह� ती, यह इसं�र� ह� तिके

आपूके� व�व�तिहके जी�वन प्र�में और आनन्दा र्भर� ह,ग�, तिवव�ह के� पू��ती आपू और तीरक्के� केर�ग�। हस्ती र�ख� तिवशा�षज्ञा केहती� ह\, तिवव�ह र�ख� के� केटा� ह,न�

व�व�तिहके जी�वन के� शिलीए शा�र्भ नह] में�न� जी�ती� ह�। इसं स्थि$तिती में� य� ती, तीली�के ह,ती� ह� अथव� जी�वन सं�थ� के� मेंUत्य� ह,ती� ह�। यह र�ख� शिसंर� पूर केई र्भ�गD में� बु टा� ह, ती, इसंके� अथ� ह,ती� ह� तिके व�व�तिहके जी�वन केष्टमेंय रहन� व�ली� ह�। अगर जी�वनसं�थ� के� सं�थ अनबुन रहती� ह� य� आपू जी�नन� च�हती� ह\ तिके शा�दा[

के� बु�दा केह] अनबुन ती, नह] रह�ग� इसंके� शिलीए दा�खिखए तिके सं�य� र�ख� मेंश्किस्तीष्के र�ख� सं� तिनकेलीकेर बु�च- बु�च में� टा�टा[ ती, नह] ह�। अगर ऐसं� ह� ती, अपून�

जी�वनसं�थ पूर तिवश्व�सं के�जिजीए और उन्ह� संमेंझन� के� के,शिशाशा के�जिजीए अन्यथ� तिकेसं� और के� के�रर्ण आपूके� व�व�तिहके जी�वन में� अशा� तिती और अनबुन

रह�ग�। इसंके� अली�व� आपू यह र्भ� दा�खिखए तिके सं�य� पूव�ती सं� तिनकेलीकेर पूतीली� सं� र�ख� हृदाय र�ख� और मेंश्किस्तीष्के र�ख� के, केटाती� हुई जी�वन र�ख� सं� ती, नह] मिमेंली रह� ह� अगर ऐसं� ह� ती, आपू संमेंझ ली�जिजीए आपूके� के�मेंय�बु� के� बु�च

जी�वनसं�थ� सं� अनबुन बुहुती बुड़� के�रर्ण ह�। जी�वन सं�थ� आपूके� सं�थ इसं जी�वन में� केबु तीके तिनर्भ�य�ग� य�न� क्य� आपू

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उसं� तीन्ह� छ,ड़ जी�ए ग� य� व, आपूके, छ,ड़ जी�एग� यह र्भ� आपू ह�थ के� र�ख�ओं सं� जी�न संकेती� ह\। हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न केहती� ह� अगर तिवव�ह र�ख� झ�केकेर हृदाय र�ख� के, छ� रह� ह� ती, इसंके� अथ� ह� तिके आपू अपून�

जी�वनसं�थ� के, अके� ली� छ,ड़ जी�ए ग�। तिवव�ह र�ख� के� शिसंर� पूर क्र�सं के� शिचन्ह ठिदाख रह� ह� ती, यह सं के� ती ह� तिके जी�वनसं�थ� अच�नके बु�च संफीर में� छ,ड़केर दुतिनय� सं�

Your palm reveals your personality

स�में दि[की ज्य�ति�ष जिजीस( बु�लेच�ले की� भू�ष� में� हस्� रा(खा� तिवज्ञा�न की( न�में स( जी�न� जी��� ह�, अपन( आंप में� समेंiद्ध ज्य�ति�षशा�स्त्र ह�। इसमें� शारा�रा की( अ4गु, त्वच� की� रा4गु, हथ(ले� परा फ� ले� रा(खा�ओं, क्तिचन्ह> एव4 न�खा�न> की( स�थ ह� हथ(ले� की( आंकी�रा की� भू� अध्ययन ह��� ह�। स�में lदि[की ज्य�ति�ष की( अन स�रा हमें�रा� हथ(ले� की� आंकी�रा भू� हमें�रा( तिवषय में� की�फ� की छी बुय�4 कीरा जी��� ह�।

सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष के� जीन्में आजी सं� 5000 ई. पू�. में�न� जी�ती� ह�। सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष के� संम्बुन्ध में� केह� जी�ती� ह� तिके शिशाव जी� के� प्र�रर्ण� सं� के�र्षितीPके� य न� इसंके� रचन� के�, रचन� के� संमेंय ह� गर्ण�शा जी� न� उसं� उK�केर संमें�द्र में� फी� के ठिदाय� तिफीर संमें��द्र न� शिशाव जी� के� केहन� सं� उसं� व�पूसं लीQटा� ठिदाय� इसं तीरह ज्य,तितीष के� यह तिवध� सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष केहली�य�। इसं संदार्भ� में� यह र्भ� केह� जी�ती� ह� तिके ऋतिष संमें�द्र न� इसं� पू�स्त्रिष्पूती और पूल्लीतिवती तिकेय� जिजीसंके� के�रर्ण र्भ� यह सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष के� न�में सं� तिवख्य�ती ह�। वती�में�न में� "तिकेर," न� हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न के� प्रच�र प्रसं�र तिकेय�। हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न के� अन्तीग�ती शिसंफी� ह�थ के� र�ख�ए ह� नह] बु,लीती� ह\ बुश्किल्के न�ख�न, हथ�ली� के� र ग और ह�थD के� आके�र र्भ� के�फी� के� छ केहती� ह�, हस्ती ज्य,तितीष के� इसं शिसं7�न्ती के, तिवज्ञा�न र्भ� प्रमें�त्तिर्णती केरती� ह�। आपू ख�दा र्भ� अपून� हथ�ली� के, दा�खकेर अपून� व्यशिHत्व के� तिवशा�षती� के, जी�न संकेती� ह\ और दूसंरD के� व्यशिHत्व के, संमेंझ संकेती� ह\। ली�तिकेन यह तीर्भ� सं र्भव जीबु आपू जी�न� तिके ह�थ तिकेतीन� प्रके�र के� ह,ती� ह\ और अलीग अलीग ह�थD के� क्य� अलीग अलीग तिवशा�षती� ह,ती� ह�।

बुहु� छी�टूP हथ(ले� (Very small Palm):सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष केहती� ह� जिजीनके� हथ�ली� बुहुती छ,टा[ ह,ती� ह� व� स्व�थ� स्वर्भ�व के� ह,ती� ह\, व� हर च�ज़ में� पूहली� अपून� फी�यदा� दा�खती� ह\ ली�तिकेन दूसंरD के� शिलीए में�श्किश्केली सं� ह� र्भली� सं,चती� ह\। अपून� छ,टा� सं� फी�यदा� के� शिलीए य� लीड़�ई झगड़� केरन� के� शिलीए र्भ� ती�य�र रहती� ह\। पूर,पूके�र और सं�में�जी सं�व� के� प्रतिती इनमें� उदा�सं�नती� दा�ख� जी�ती� ह�। इनके� सं,च तिनम्न स्तीर के� ह,ती� ह� और य� तिकेसं� पूर र्भ� र्भर,सं� नह� केरती�।   छी�टूP हथ(ले� ( Small Palm)हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न के� अन�सं�र छ,टा[ हथ�ली� के, र्भ� अच्छी� नह] में�न� जी�ती� ह�। जिजीनके� हथ�ली� छ,टा[ ह,ती� ह� उनके� तिवषय में� सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष केहती� ह� तिके य� व्यशिH ख्य�ली� पू�ली�व पूके�न� व�ली� ह,ती� ह\, हली� तिके इनमें� के�फी� ग�र्ण और क्षेमेंती� ह,ती� ह� पूर ती� य� अपून�

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क्षेमेंती� के� संह� उपूय,ग नह] केर पू�ती� ह\। इसं तीरह के� हथ�ली� व�ली� व्यशिH स्वर्भ�व सं� आलीसं� ह,ती� ह\ अपून� आलीसंपून के� के�रर्ण अपून� संपून, के, सं�के�र केरन� के� ठिदाशा� में� केदामें नह] बुढ़ा� पू�ती� ह\। इन्ह� ड]ग� में�रन� में� र्भ� के�फी� मेंज़� आती� ह� य�न� में�य� के� जीह�न में� ख�दा र्भ� सं�र केरती� ह\ और दूसंरD के, र्भ� सं�र केरती� ह\। अपून� इसं अव्यवह�रिरके स्वर्भ�व के� के�रर्ण जी�वन के� अ तितीमें ठिदानD में� अफीसं,सं के� शिसंव� इनके� पू�सं के� छ र्भ� नह] रहती� ह�।

बुड़ा� हथ(ले� (Long Palm):जिजीनके� हथ�ली� बुड़� ह,ती� ह� उनके� तिवषय में� यह में�न� जी�ती� ह� तिके य� अपून� के�में में� व्यवह�रिरके ह,ती� ह\ और अपून� के�में य� लीगन पू�व�के केरती� ह\। इन्ह� चती�र र्भ� केह� जी�ती� ह� क्यDतिके य� ह,शिशाय�र� सं� अपून� के�में तिनके�ली ली�ती� ह\। इसं तीरह के� हथ�ली� व�ली� व्यशिH र्भ� र्भर,सं� तिकेय� जी� संकेती� ह�। इनमें� एके यह ख�बु� ह,ती� ह� तिके य� संमेंस्य� के� हली ढूं� ढूंन� जी�नती� क्यDतिके संमेंस्य� के� के�रर्ण क्य� ह� यह उसं� पूहच�न� जी�नती� ह\। संमें�जी में� य� संतिक्रय रहती� ह\। सं�में�जिजीके के�य{ में� इनके� प्रत्यक्षे र्भ�मिमेंके� रहती� ह�। बुहु� बुड़ा� हथ(ले�: (Very Long Palm)यह� "अतिती संव�त्र वजी�य�ती" व�ली� केह�वती चरिरती�थ� ह,ती� ह�। लीम्बु� ह�थ ह,न� अच्छी� ह� ली�तिकेन बुहुती ह,न� पूर व्यशिH में� सं�हसं के� केमें� ह,ती� ह�, इनके� सं�मेंन� जी�सं� ह� केठिKन स्थि$तिती आती� ह� य� घबुर� जी�ती� ह\ और सिंचPती� में� ड�बु जी�ती� ह\। तिकेसं� र्भ� प्रके�र के� च�नQती� आन� पूर य� अपून� आपूके, ली�च�र स्थि$तिती में� पू�ती� ह\। इसं तीरह के� हथ�ली� व�ली� व्यशिH में� र्भ�व�केती� अमिधके दा�ख� जी�ती� ह�। य� केल्पून� के� सं�गर में� ड�बुती� उतीरती� रहती� ह\। स�में�न्य हथ(ले� (Common Palm) सं�में�न्य हथ�ली� व�लीD के� शिलीए हस्तीर�ख�य ज्य,तितीष केहती� ह� तिके य� सं�में�जिजीके तीQर पूर के�फी� व्यवह�रिरके ह,ती� ह\। य� ली,गD के� सं�थ बु�ती च�ती एव व्यवह�र के� तीर�के� बुख�बु� जी�नती� ह\। जी�वन में� इन्ह� हली� तिके के�फी� सं घष� केरन� पूड़ती� ह� पूर ती� य� सं घष� सं� पू�छ� नह] हटाती� और अपून� में�हनती व क्षेमेंती�ओ सं� केठिKन�ईयD पूर तिवजीय प्र�प्ती केर पूरिरस्थि$तितीयD के, अपून� ओर में,र ली�ती� ह\। चcकी�रा हथ(ले� (Square Palm):हथ�ली� के� एके प्रके�र यह र्भ� ह�। इसं प्रके�र के� हथ�ली� दा�खन� में� में�ली�यमें और के,मेंली नज़र आती� ह� ली�तिकेन इनमें� के�फी� ग� K� ह,ती� ह�। दा,नD ह�थ में� अगर संमें�नती� नह] ह,ती� ह� ती, इसं प्रके�र के� ह�थ व�ली� व्यशिH पू�संD के, अहमिमेंयती नह] दा�ती�। य� ज्ञा�न और बु�जि7 के, संबुसं� अमिधके तीरजी�ह दा�ती� ह\। य� सं�में�जिजीके तीQर पूर के�फी� आदारर्ण�य ह,ती� ह\ और संमें�जी के� अग�आई केरती� ह\। आपूके� हथ�ली� र्भ� इसं तीरह के� ह� ती, आपू दाशा�तिनके, केली�के�र य� मेंन,शिचतिकेत्संके बुन संकेती� ह\। में ख्य हथ(ले� (Primary palm):में� संली, र्भ�र� और रूख� य� में�ख्य रूपू सं� पू�य� जी�न� व�ली� ह�थ ह\। इसं तीरह के� हथ�ली� व�लीD के� दा,नD हथ�ली� में� संमें�नती� नह] रहती� ह�। इनके� दा,न, ह�थD के� उ गली� में� अ तीर पू�य� जी�ती� ह�। इसं तीरह के� हथ�ली� जिजीनके� ह,ती� ह� व� संभ्रां� ती ह,ती� ह\ पूर ती� उनमें� धन के� प्रतिती बुहुती अमिधके लीग�व दा�ख� जी�ती� ह�। य� के�फी� पूरिरश्रेमें� ह,ती� ह\ में�हनती में� के�फी� पू�छ� नह] हटाती�। इनके� शिलीए जी�वन में�ल्य शिसंफी� र्भQतितीके आवश्यकेती�ओं के� पू�र्षितीP ह,ती� ह�। य�

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जी�वन के, ख�न�, पू�न�, मेंस्ती रहन� संमेंझती� ह\। पूरिरस्थि$तिती अन�के� ली नह] ह,न� पूर अपून� च�हतीD के, पू�र� केरन� के� शिलीए य� अपूर�ध जीगती सं� र्भ� जी�ड़ संकेती� ह\।  परिराश्रमें� हथ(ले� (Labourious Palm)पूरिरश्रेमें� ह�थ दा�खन� में� के�फी� चQड़� ह,ती� ह�। इसं तीरह के� हथ�ली� के�फी� र्भ�र� ह,ती� ह� व इनके� हथ�ली� पूर पूव�ती के�फी� संख्ती ह,ती� ह\। इसं तीरह के� हथ�ली� व�ली� व्यशिH ख�ली� बु�Kन� पूसं दा नह] केरती� ह\। इनके� जिजीन्दाग� में� के�मेंय�बु� इनके� में�हनती के� बुदाQलीती आती� ह�। आपूके� हथ�ली� र्भ� इसं तीरह के� ह� ती, अपून� अन्दार के� ग�र्ण के, पूहच�तिनय� और जी�टा जी�इय� में�हनती के� सं�थ आपू तिन�य ह� में जिजीली के, पू�ए ग� और के�मेंय�बु� र्भर� जिजीन्दाग� के� ली�त्फी ली�ग�। कीले�की�रा हथ(ले� (Philospher Palm)केली�के�र ह�थ केली�के�र के� तीरह ह� न�जी�के, के,मेंली और उनके� केली� के� तीरह ख�बुसं�रती ह,ती� ह\। इनके� हथ�ली� के� र ग ग�ली�बु� ह,ती� ह� और उ गली� के� संर्भ� पू,सं� बुर�बु�र ह,ती� ह\। इनके� उ गली� लीम्बु� और पूतीली� ह,ती� ह�। इसं तीरह के� हथ�ली� व�ली� व्यशिH केली� और संQन्दाय� के� दा[व�न� ह,ती� ह\। य� केली� जीगती में� ती, के�फी� प्रशिसंजि7 प्र�प्ती केरती� ह\ पूर ती� दुतिनय� दा�र� के� में�मेंली� में� पू�छ� रह जी�ती� ह\।

 हथ(ले� में� प�य( जी�न( व�ले( क्तिचन्ह-3 (Important Signs and symbols in Palmistry-3)

05 September, 2008 08:23:00 Hindi Jyotish - 4060 बु�र पूढ़ा� गय�

Important Signs and symbols in Palmistry-3

शा�षTकी की� ��सरा� कीड़ा� में� हमें हथ(ले� में� प�य( जी�न( व�ले( ऐस( की छी औरा क्तिचन्ह> की( तिवषय में� बु�� कीरान( जी� राह( ह@ जिजीन्ह� दा(खाकीरा आंप स्वय4 भू� अपन( भूतिवष्य की( तिवषय में� की�फ� की छी जी�न सकी�( ह@ औरा दूसरा> की� हथ(क्तिलेय�4 पढ़ाकीरा उनकी� भूतिवषय बु�� सकी� गु(। �� दा(रा तिकीस बु�� की� ह� आंइय( इन क्तिचन्ह> की� पहच�न� औरा भूतिवष्य की� अपन� आं4खा> स( दा(खा�।

इसं सं सं�र रूपू� शिसंन�में� के� पूदा� पूर हमें�र� र्भ�मिमेंके� क्य� रह�ग� इसंके� पू�र� केह�न� और पूटाकेथ� तिवध�ती� न� हमें�र� हथ�ली� पूर शिलीख केर हमें� अपून� पू�त्र तिनर्भ�न� के� शिलीए धरती� पूर र्भ�जी ठिदाय� ह�। हथ�ली� पूर र�ख�ओं के� सं�थ के� छ तिवशा�ष शिचन्ह र्भ� ह,ती� ह� जी, के�फी� के� छ

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हमें�र� जी�वन के� तिवषय में� बुय�न केरती� ह\। य� शिचन्ह तिकेसं� र�ख� पूर ह, संकेती� ह� ती, तिकेसं� पूव�ती पूर $�न के� अन�सं�र इनके� प्रर्भ�व शा�र्भ य� अशा�र्भ ह,ती� ह�। इसं र्भ�ग में� हमें संबुसं� पूहली� जिजीसं शिचन्ह के� बु�ती केरन� जी� रह� ह\ वह ह�: धब्बु� (Spot):हस्ती र�ख�य ज्य,तितीष में� धब्बु� के� तिनशा�न के, शा�र्भ नह] में�न� जी�ती� ह�। यह तिनशा�न र,ग और बु�में�र� के, दाशा��ती� ह�। अलीग अलीग व्यशिH के� ह�थD में� यह तिनशा�न अलीग अलीग र ग के� ह,ती� ह\। धब्बु, के� तिनशा�न और इनके� र ग दा,नD ह� सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष में� मेंहत्वपू�र्ण� में�न� जी�ती� ह\। ज्य,तितीष के� इसं तिवध� में� बुती�य� गय� ह� तिके ली�ली र ग के� यह तिनशा�न मेंश्किस्तीष्के र�ख� पूर मेंQजी�दा  ह, ती, यह इसं बु�ती के� सं के� ती ह� तिके आपूके, च,टा लीग संकेती� ह� अथव� शार�र के� के,ई अ ग तिगरन� य� आघ�ती लीगन� के� के�रर्ण क्षेतितीग्रस्ती ह, संकेती� ह�। यह तिनशा�न स्व�स्थ्य र�ख� पूर ह,न� यह बुती�ती� ह� तिके आपू बु�ख�र एव के� छ शा�र�रिरके र,ग सं� पू�तिड़ती हDग�। न�ली� और के�ली� धब्बु� हथ�ली� पूर ह,न� इसं बु�ती के� सं�चके ह� तिके आपू ती तित्रके ती त्र (Nervous System) में� पूर�शा�न� मेंहसं�सं केर�ग�। ज्य,तितीषशा�स्त्र के� अन�सं�र जी�वन र�ख� पूर जीह� जीह� यह धब्बु� ह,ती� ह� उसं उम्र में� आपू र,गग्रस्ती रहती� ह\। तित्रशा�ले (Trident ):तित्रशा�ली के� शिचन्ह हथ�ली� में� ह,न� बुहुती ह� शा�र्भ ह,ती� ह�। यइ तिनशा�न जिजीसं र�ख� के� शा�रू में� ह,ती� ह� उसं र�ख� के� ग�र्णवत्त� एव प्रर्भ�व में� वUजि7 ह,ती� ह� और आपूके, इसंके� शा�र्भ फीली प्र�प्ती ह,ती� ह�। यह जिजीसं र�ख� पूर ह,ती� ह� उसं र�ख� के� प्रर्भ�व ती, बुढ़ाती� ह� सं�थ ह� जिजीसं र�ख� के� ओर इसंके� शिसंर� ह,ती� ह,ती� ह� वह र्भ� शाशिHशा�ली� एव प्रर्भ�वशा�ली� ह, जी�ती� ह�। तित्रशा�ली के� तिनशा�न सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष में� अतिती उत्तमें केह� गय� ह� यह जिजीसं पूव�ती पूर ह,ती� ह� वह पूव�ती के�फी� फीलीदा�य� ह,ती� ह� सं�थ ह� उसंके� संमें�पू के� पूव�ती र्भ� उत्तमेंती� प्रदा�न केरन� व�ली� ह, जी�ती� ह\। यह तिनशा�न में गली पूव�ती पूर ह,न� सं� शिशावय,ग बुनती� ह� जी, आपूके, पूर,पूके�र� , धनव�न, ग�र्णव�न एव प्रतितीष्ठा� प्रदा�न केरती� ह�। छी�रा� (Tent):के� छ ली,गD के� ह�थD के� उ गली� में� छतीर�न�में� तिनशा�न बुन� ह,ती� ह�। जिजीनके� उ गली� में� ऐसं� तिनशा�न पू�ए जी�ती� ह\ व� व्यशिH दाय�ली� ह,ती� ह\, ली,गD के� संह�यती� के� शिलीए तीत्पूर रहती� ह\। इनके� उदा�रती� व पूर,पूके�र के� र्भ�वन� के� ली,ग अन�शिचती फी�यदा� र्भ� उK�ती� ह\। य� अपून� केली� सं� जी�वन में� के�मेंय�बु ह,ती� ह\ पूर ती� इनके� पू�रिरव�रिरके जी�वन केठिKन�ईयD एव में�श्किश्केलीD के� घर रहती� ह�। लेटूकीन ( Tassel):यह आमें तीQर पूर जी�वन र�ख� के� अ तितीमें शिसंर� पूर ह,ती� ह� जी, बुती�ती� ह� तिके वU7�व$� में� ह,न� व�ली� केष्ट और मेंUत्य� के� तिवषय में� बुती�ती� ह�। यह तिनशा�न अगर जी�वन र�ख� और मेंश्किस्तीष्के र�ख� के� सं�थ लीगकेर बुन� हुआ ह� ती, बु�ढ़ा�पू� में� आपूके� य�दादा�श्ती केमेंज़,र ह,ग�। अगर यह तिनशा�न हृदाय र�ख� पूर ठिदाख�ई दा� रह� ह� ती, यह इसं बु�ती के� सं�चके ह� तिके ठिदाली के� ह�लीती अच्छी[ नह] रह�ग�। हृदाय पूर लीगन� व�ली� आघ�ती के� के�रर्ण में�नशिसंके रूपू सं� तिवचशिलीती और पूर�शा�न रह�ग�। स्व�स्तिस्�की (Swastik): शा�स्त्रD में� स्व�श्किस्तीके के, शा�र्भ शिचन्ह के� रूपू में� दाशा��य� गय� ह�। सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष र्भ� इसं� शा�र्भ शिचन्ह के� रूपू में� में�न्यती� दा�ती� ह�। सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष के� अन�सं�र जिजीनके� हथ�ली� पूर

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स्व�श्किस्तीके के� शिचन्ह ह,ती� ह� व� बुहुती ह� र्भ�ग्यशा�ली� ह,ती� ह\। अपून� हथ�ली� के, गQर सं� दा�खिखय� अगर आपूके� हथ�ली� पूर र्भ� यह शिचन्ह ती, संमेंझ ली�जिजीए के� आपू धनव�न हDग� और दुतिनय� में� के�फी� में�न प्रतितीष्ठा� प्र�प्ती केर�ग�। कीमेंले (Lotus):केमेंली शिचन्ह र्भ� स्व�श्किस्तीके के� र्भ� तिती शा�र्भ में�न� गय� ह�,  इसं� र्भगव�न तिवष्र्ण� के� शिचन्ह केह� गय� ह�। हथ�ली� पूर यह तिनशा�न तिवष्र्ण� य,ग केहली�ती� ह�। जिजीनके� ह�थD में� यह तिनशा�न पू�य� जी�ती� ह� व� र्भ�ग्यव�न ह,ती� ह\, उन पूर र्भगव�न तिवष्र्ण� के� केU पू� रहती� ह�। तिवष्र्ण� के, शा�स्त्रD में� पू�लीनकेती�� के� रूपू में� संम्बु,मिधती तिकेय� गय� ह�। जिजीसं पूर इनके� केU पू� ह,ती� ह� व� हर प्रके�र के� सं� सं�रिरके सं�ख एव में�न प्रतितीष्ठा� प्र�प्ती केरती� ह\। आपूके� हथ�ली� पूर यह शिचन्ह ह,न� सं� आपू व�क्पूटा� ह,ती� ह\ और के� शाली वH� के� रूपू में� जी�न� जी�ती� ह\ सं�थ ह� न�तीUत्व में� में�तिहर ह,ती� ह\। �रा�जी� (Weigh Scale):आपू धनव�न बुनन� च�हती� ह\ ती, दा�खिखय� आपूके� हथ�ली� में� तीर�जी� के� तिनशा�न ह� य� नह]। सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष में� इसं तिनशा�न के, बुहुती ह� शा�र्भ केह� गय� ह�। इसं तिनशा�न के� ह,न� यह बुती�ती� ह� तिके आपू पूर दा�व� लीक्ष्में� के� केU पू� ह�। यह तिनशा�न ह�थ में� लीक्ष्में� य,ग बुन�ती� ह� जिजीसंसं� आपूके, के�फी� धन और सं�ख संम्पत्तित्त के� प्र�प्तिप्ती ह,ती� ह�। इन शिचन्हD के� अली�व� र्भ� केई शिचन्ह ह�थD में� पू�य� जी�ती� ह\ जिजीनमें� सं�य� और ह�थ� के� तिनशा�न शा�र्भ केहली�ती� ह�। ह�थ� के� तिनशा�न शा�क्र पूव�ती पूर ह,न� सं� ब्रह्म य,ग बुनती� ह� जिजीनके� प्रर्भ�व सं� व्यशिH ज्ञा�न�, बु�जि7में�न, चती�र और के� शाली वH� बुनती� ह�। आपू "हथ(ले� में� प�य( जी�न( व�ले( क्तिचन्ह" इसं शा�ष�के के� प्रथमें, तिद्वाती�य और तीUती�य ती�नD र्भ�ग के, आपू पूढ़ा च�के� ह\ और ह�थD में� पू�य� जी�न� व�ली� तिवत्तिर्भन्न तिनशा�नD और शिचन्हD के� क्य� फीली ह,ती� ह� इसंके� अच्छी[ जी�नके�र� आपूके, ह, गय� ह�।

 हथ(ले� में� प�य( जी�न( व�ले( क्तिचन्ह-1 (Important Signs and symbols in Palmistry)

04 September, 2008 06:23:00 Hindi Jyotish - 2953 बु�र पूढ़ा� गय�

Important Signs and symbols in Palmistry

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इस दुतिनय�4 में� जी� व्यक्ति& जीन्में ले(�� ह� उनकी� भू�ग्य ईश्वरा जीन्में की( स�थ ह� तिनध�Tरिरा� कीरा दा(�� ह�। ईश्वरा हरा व्यक्ति& की( स�थ उसकी� जीन्में की ण्डले� स्वय4 ��य�रा कीराकी( ह�थ> में� थमें� दा(�� ह�। आंपकी( ह�थ> में� खा'च� आंड� ��राछीP रा(खा�ए4 औरा तिवशिभून्न क्तिचन्ह परामें�त्में� की( ले(खा ह@ जिजीस( तिवक्तिध की� ले(खा य� भू�ग्य कीह�( ह@ आंपकी( ह�थ> में� मेंcजी�दा क्तिचन्ह आंपकी( भू�ग्य की( तिवषय में� क्य� कीह�� ह@ आंइय( दा(खा�( ह@।

आपू अपून� हथ�शिलीयD के, गQर सं� दा�खिखय� आपूके, अपून� हथ�ली� पूर केई अलीग अलीग तीरह के� आकेU तिती ठिदाख�ई दा�ग�। आकेU तितीयD में� ती�र�, द्वा[पू, जी�ली�, तित्रके,र्ण, ग�र्ण�, वग�, धब्बु� आपूके, नज़र आए ग� इसंके� अली�व� छतीर� आठिदा के� शिचन्ह र्भ� आपू अपून� हथ�ली� पूर दा�ख संकेती� ह\। इन शिचन्हD में� सं� के� छ शा�र्भ ह,ती� ह\ ती, के� छ अशा�र्भ, हथ�ली� में� जिजीसं $�न पूर य� शिचन्ह ह,ती� ह\ उसं� के� अन�रूपू इन शिचन्हD के� फीली हमें� प्र�प्ती ह,ती� ह�। ��रा� (Star):संबुसं� पूहली� हमें ती�र� के� जिजीक्र केरती� ह\। हथ�ली� में� इसं शिचन्ह के, अत्य ती शा�र्भ केह� गय� ह� (Star sign is auspicious in Astrology)। तिकेसं� र�ख� के� अ तितीमें शिसंर� पूर जीबु ती�र� ह,ती� ह� तीबु उसं र�ख� के� पूर्भ�व के�फी� बुढ़ा जी�ती� ह�। ती�र� हथ�ली� के� जिजीसं पूव�ती पूर ह,ती� ह� उसं पूव�ती के� शाशिH के�फी� बुढ़ा जी�ती� ह� जिजीसंसं� आपूके, उसं पूव�ती सं� संम्बुस्त्रिन्धती फीली में� उत्तमेंती� प्र�प्ती ह,ती� ह�। ती�र� जिजीसं पूव�ती पूर ह,ती� ह� उसंके� अन�सं�र मिमेंलीन� व�ली� फीली के� बु�ती केर� ती, यह अगर बुUइस्पतिती पूर ह, ती, आपू शाशिHशा�ली� एव प्रतितीष्ठातिती हDग� व आपूके� में�न संम्में�न में� इजी�फी� ह,ग�।  ती�र� सं�य� पूव�ती पूर ठिदाख रह� ह� ती, इसंके� मेंतीलीबु यह ह� तिके आपूके� पू�सं पू�सं� र्भ� ह,ग� और आपू अच्छी� पूदा एव प्रर्भ�व में� हDग� तिफीर र्भ� मेंन में� ख�शा� के� अन�र्भ�तिती नह] ह,ग�। आपूके� ह�थD ती�र� अगर चन्द्र पूव�ती पूर ह� ती, आपू ली,केतिप्रयती� एव यशा प्र�प्ती केर�ग� ह, संकेती� ह� तिके इसं स्थि$तिती में� आपू केली�केर ह, संकेती� ह\। में गली पूव�ती पूर ती�र� ह,न� सं� आपूके� र्भ�ग्य अच्छी� रह�ग� और आपूके� सं�मेंन� एके सं� एके अवसंर आती� रह�ग�। आपू तिवज्ञा�न के� क्षे�त्र में� के�मेंय�बु� प्र�प्ती केर संकेती� ह� और इसं क्षे�त्र में� एके के� बु�दा एके संफीलीती� ह�शिसंली केर संकेती� ह\। आपू तिकेसं� सं� प्र�में केरती� ह\ ती, दा�खिखय� आपूके� शा�क्र पूव�ती पूर ती�र� के� तिनशा�न ह� य� नह]। अगर इसं $�न पूर ती�र� के� तिनशा�न ह� ती, आपू प्र�में में� के�मेंय�बु रह�ग�। शातिन पूव�ती पूर ती�र� के� तिनशा�न ह,न� इसं बु�ती के� सं के� ती ह� तिके आपू जी�वन में� के�मेंय�बु� ह�शिसंली केर�ग�, पूर ती� इसंके� शिलीए आपूके, के�फी� पूर�शा�न� व केठिKन�ईयD सं� ग�जीरन� ह,ग�। द्वाPप (Island):द्वा[पू शिचन्ह के, हस्तीर�ख�य ज्य,तितीष में� दुर्भ��ग्यशा�ली� शिचन्ह में�न� जी�ती� ह� (Island is inauspicious Sign in Palmistry)। यह जिजीसं पूव�ती पूर ह,ती� ह� उसं पूर तिवपूर�ती प्रर्भ�व ड�लीती� ह�। ग�रू पूव�ती पूर यह शिचन्ह ह,न� पूर ग�रू केमेंज़,र ह, जी�ती� ह� जिजीसंसं� आपूके� में�न संम्में�न के� ह�तिन ह,ती� ह� और आपू जी�वन में� अपून� उद्दी�श्य के, प्र�प्ती केरन� में� असंफीली ह,ती� ह\। द्वा[पू शिचन्ह सं�य� पूव�ती पूर ह,न� सं� सं�य� के� प्रर्भ�व क्षे�र्ण ह,ती� ह� फीलीती: आपूके� केली�त्मेंके क्षेमेंती� उर्भर नह] पू�ती� ह�। चन्द्र पूव�ती पूर इसं शिचन्ह के� ह,न� सं� आपूके� केल्पून� शाशिH प्रर्भ�तिवती ह,ती� ह�। में गली पूव�ती पूर द्वा[पू शिचन्ह ह,न� सं� आपूके� अ दार सं�हसं एव तिहम्मेंती के� केमें� ह,ती� और

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बु�ध पूर इसं शिचन्ह के� ह,न� सं� आपूके� मेंन अस्थि$र ह,ती� ह� जिजीसंसं� आपू तिकेसं� र्भ� के�में के, पू�र� केरन� सं� पूहली� ह� आपूके� मेंन उचटा जी�ती� ह� और आपू के�में में� बु�च में� ह� अध�र� छ,ड़ दा�ती� ह\। जिजीनके� शा�क्र पूव�ती पूर द्वा[पू के� तिनशा�न ह,ती� ह\ व� बुहुती अमिधके शाQके�न ह,ती� ह\ और सं�न्दारती� के� प्रतिती दा[व�नग� रखती� ह\। आपूके� शातिन पूव�ती पूर यठिदा द्वा[पू बुन� हुआ ह� ती, आपूके� जी�वन में� शातिन के� प्रके,पू रह�ग� य�न� के�फी� में�हनती के� बु�दा ह� आपूके� के,ई के�में संफीली ह,ग�। आपूके� एके के�में बुन�ग� ती, दूसंर� पूर�शा�न� शिसंर उK�ए खड़� रह�ग�। हस्तीर�ख� तिवशा�षज्ञा केहती� ह\ द्वा[पू शिचन्ह अगर हृदाय र�ख� पूर सं�फी और उर्भर� नज़र आ रह� ह� ती, आपू हृदाय र,ग सं� पू�तिड़ती ह, संकेती� ह\, इसं स्थि$तिती में� आपूके, ठिदाली के� दाQर� र्भ� पूड़ संकेती� ह�। यह शिचन्ह के� मेंश्किस्तीष्के र�ख� पूर ह,न� सं� आपूके, में�नशिसंके पूर�शा�तिनयD के� सं�मेंन� केरन� ह,ती� ह� व आपूके� शिसंर में� दादा� रहती� ह�। गु ण� (Cross):हस्ती र�ख� अध्ययन में� इसं शिचन्ह के, केई अथ{ में� दा�ख� जी�ती� ह� क्यDतिके यह शिचन्ह केठिKन, तिनर�शा�, दुघ�टान� और जी�वन में� आन� व�ली� बुदाली�व के, दाशा��ती� ह�। इसं शिचन्ह के, य� ती, शा�र्भ नह] में�न� जी�ती� ह� पूर ती� के� छ स्थि$तिती में� यह ली�र्भदा�यके र्भ� ह,ती� ह�। यह शिचन्ह जीबु बुUहस्पतिती पूर ह,ती� ह� तीबु आपूके� रूशिच ग�प्ती एव रहस्यमेंय� तिवषयD में� ह,ती� ह�। इसं स्थि$तिती में� आपू दाशा�नशा�स्त्र में� अत्तिर्भरूशिच ली�ती� ह\ इसं� प्रके�र जीबु यह तिनशा�न हथ�ली� के� मेंध्य ह,ती� ह� तीबु आपू पू�जी� पू�K एव अध्य�त्में में� रूशिच ली�ती� ह\ आपू अलीसं�लीझ� रहस्य, पूर सं� पूदा�� हटा�न� के� के,शिशाशा केरती� ह\ अथ��ती पूर�तिवज्ञा�न के� ओर आकेर्षिषPती रहती� ह\।   हस्ती र�ख� सं� र्भतिवष्य के� आ केलीन केरन� व�ली� केहती� ह\ ग�र्ण� के� शिचन्ह जीबु सं�य� पूव�ती पूर ह,ती� ह� तीबु आपूके, तिवत्तिर्भन्न प्रके�र के� केठिKन�ईयD के� सं�मेंन� केरन� पूड़ती� ह�। इसं स्थि$तिती में� आपूके� आर्थिथPके दाशा� केमेंज़,र रहती� ह� आपूके� अ दार के� केली� के� तिवके�सं संह� सं� नह] ह, पू�ती� ह� और न ती, आपूके, प्रशिसंजि7 मिमेंली पू�ती� ह�। में गली पूव�ती पूर बु�ध के� न�च� अगर यह शिचन्ह नज़र आ रह� ह� ती, आपूके, अपून� शात्र�ओं सं� सं�वध�न रहन� के� आवश्यकेती� ह� क्यDतिके इसं स्थि$तिती में� आपूके, अपून� शात्र�ओं सं� के�फी� खतीर� रहती� ह�। इसं� प्रके�र में गली पूव�ती पूर यह शिचन्ह बुUहस्पतिती के� न�च� ठिदाख�ई दा� रह� ती, यह र्भ� शा�र्भ सं के� ती नह] ह� इसं $तिती आपूके, सं घष� सं� बुच केर रहन� च�तिहए अन्यथ� आपूके� जी�न के, खतीर� रहती� ह�। यह शिचन्ह अगर शातिन पू�व�ती पूर ह, और र्भ�ग्य र�ख� के, छ� रह� ह, ती, यह संमेंझन� च�तिहए तिके दुघ�टान� अथव� सं घष� में� जी�न के� खतीर� ह, संकेती� ह�। शातिन पूव�ती के� मेंध्य यह शिचन्ह ह, तीबु इसं� तीरह के� घटान� ह,न� के� सं र्भ�वन� और र्भ� प्रबुली ह, जी�ती� ह�। ग�र्ण� के� शिचन्ह जी�वन र�ख� पूर ह,न� जी�वन के� शिलीए घ�तीके ह,ती� ह�, जी�वन र�ख� में� जिजीसं $�न पूर यह ह,ती� ह� उसं $�न पूर प्र�र्ण के, सं केटा रहती� ह�। जी�वन र�ख� पूर यह शिचन्ह ह,न� सं� आपूके� अपून� केर�बु� रिरश्ती�दा�रD सं� अच्छी� संम्बुन्ध नह] रहती� ह\। शा�क्र पूर यह तिनशा�न एव प्र�में� दा,नD के� शिलीए अच्छी� नह] में�न� जी�ती� ह�। हथ�ली� में� मेंQजी�दा अन्य शिचन्हD के� प्रर्भ�व के� तिवषय में� जी�नन� के� शिलीए आपू हथ�ली� में� पू�य� जी�न� व�ली� शिचन्ह -2 दा�ख संकेती� ह\।

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हस्� रा(खा� अघ्ययन में� ह�थ(ले� की( रा4गु की� मेंहत्व (Importance of Palm colour in Palmistry)

03 September, 2008 04:47:00 Hindi Jyotish - 3219 बु�र पूढ़ा� गय�

ज्य,तितीष के� केई तिवध� ह� जिजीनमें� सं� सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष र्भ� एके ह�। सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष में� शार�र के� अ ग त्वच� और र ग के, दा�ख केर र्भतिवष्य केथन तिकेय� जी�ती� ह�। ज्य,तितीष के� इसं तिवध� में� हथ�ली� के� र�ख�ओं के� के�फी� मेंहत्व ह� इसंशिलीए इसं� हस्तीर�ख�य ज्य,तितीष के� न�में र्भ� जी�न� जी�ती� ह�। हथ�ली� के� र गD के� सं�में��ठिद्रके ज्य,तितीष में� तिकेसं प्रके�र प्रय,ग ह,ती� ह� यह� हमें इसंके� चच�� केर रह� ह\। र्भतिवष्य जी�नन� के� च�हती में� आपून� तिकेसं� हस्ती र�ख� पूढ़ान� व�ली� सं� अपून� ह�थ ठिदाख�य� ह,ग� य� तिफीर ली,गD के, ऐसं� केरती� दा�ख� ह,ग�। आपून� सं,च� ह� तिके हस्तीर�ख� पूढ़ान� व�ली� हमें�र� हथ�शिलीयD के, दा�खकेर र्भतिवष्य के� सं� बुती�ती� ह\, व� हमें�र� स्व�स्थ्य एव स्वर्भ�व व चरिरत्र के� तिवशा�षती� के, तिकेसं तीरह जी�न ली�ती� ह\। हस्तीर�ख� तिवषय के� जी�नके�रD के� केहन� ह� तिके के� वली हथ�ली� पूर ठिदाख�ई दा�न� व�ली� र�ख� के, दा�खकेर र्भतिवष्य केथन नह] तिकेय� जी� संकेती� और न ह� आपूके� तिवषय में� पू�र� जी�नके�र� दा[ जी� संकेती� ह�। सं�में�ठिद्रके ज्य,तितीष में� संटा[के र्भतिवष्य केथन के� शिलीए त्वच� के� प्रकेU तिती व हथ�ली� के� र ग र्भ� दा�ख� जी�ती� ह�। हथ�ली� के� र ग के� सं� हमें�र� तिवषय में� बु,लीती� ह� आइय�, इसं� सं�न�। संबुसं� पूहली� आपू अपून� हथ�शिलीयD के, दा�खिखय� तिफीर तिकेसं� और व्यशिH के� हथ�ली� दा�खिखय� आपू पू�ए ग� तिके आपूके� हथ�ली� के� र ग और दूसंर� व्यशिH के� हथ�ली� के� र ग में� अ तीर ह�। हथ�ली� के� र ग के, दा�खकेर हस्तीर�ख� सं� र्भतिवष्य बुती�न� व�ली� आपूके� स्व�स्थ्य और स्वर्भ�व के� तिवषय में� बुती�ती� ह\ जी�सं� आपूके� हथ�ली� के� र ग बुहुती ह� पू�ली� ह� ती, आपूके� हथ�ली� के� र ग केहती� ह� तिके आपू आपूके� शार�र में� रH के� केमें� ह\ सं र्भव ह� तिके आपू एतिनमिमेंय के� शिशाके�र ह\, आपू स्वर्भ�व सं� स्व�थ� ह, संकेती�।हस्तीर�ख� तिवशा�षज्ञा बुती�ती� ह\ तिके अगर आपूके� हथ�ली� के� र ग पू�ली� ह� ती, यह सं के� ती ह� तिके आपू र,गग्रस्ती ह\। आपूके� शार�र में� तिपूत्तदा,ष ह�। यह बुय� केरती� ह� तिके आपूके� स्वर्भ�व शिचड़शिचड़� ह�। अगर आपूके� हथ�ली� ली�शिलीमें� शिलीय� हुए ह� ती, यह इसं बु�ती के� इसं�र� ह� तिके आपू ब्लीड प्र�संर के� संमेंस्य� सं� पूर�शा�न ह, संकेती� ह\। आपू अपून� ग�स्सं� पूर तिनय त्रर्ण नह] रख पू�ती� ह\ छ,टा[ छ,टा[ बु�तीD पूर आव�शा में� आ जी�ती� ह\। आपूके� हथ�ली� अगर के�फी� ली�ली ठिदाख�ई दा�ती� ह� ती, आपूके� स्वर्भ�व बुहुती ह� उग्र ह, संकेती� ह� आपू क्र,ध में� सं�में� सं� बु�हर जी� संकेती� ह\ अथ��ती में�र पू�टा र्भ� केर संकेती� ह\। स्व�स्थ्य के� दृमिष्ट सं� इसं प्रके�र के� हथ�ली� ह,न� पूर आपू मेंUग� र,ग सं� पू�तिड़ती ह, संकेती� ह\। आपूके� हथ�ली� ग�ली�बु� और शिचत्त�दा�र ह� ती, हस्तीर�ख� तिवज्ञा�न के� अन�सं�र आपूके� स्व�स्थ्य सं�में�न्य ह� और आपू आशा�व�दा[ और ख�शामिमेंज़�जी व्यशिH ह\। अगर आपूके� हथ�ली� के� र ग न�ली� ठिदाखती� ह� ती, आपू यह संमेंझ संकेती� ह\ तिके आपूके� शार�र में� रH सं च�र के� गतिती ध�में� ह� और ह, संकेती� ह� तिके आपूके� अ दार आलीस्य के� र्भ�वन� ह,। इसं शा�स्त्र के� अन�सं�र हथ�ली� के� र ग ग�ली�बु� ह� ती, स्व�$ एव स्वर्भ�व दा,नD ह� दृमिष्ट सं� अत्य ती उत्तमें ह�।

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इसं आली�ख के, पूढ़ाकेर आपू र्भ� हथ�ली� के� र ग दा�खकेर स्वर्भ�व और स्व�स्थ्य दा,नD के� र ग पूहच�न संकेती� ह\ ती, चशिलीए संबुसं� पूहली� अपून� हथ�शिलीयD के, ह� दा�खती� ह\।