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rajeshthakral
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
आज हि�मालय की चोटी से, ध्वज
भगवा ल�राएगा ।जाग उठा �ै हि�न्दू
हि�र से, भारत स्वग! बनाएगा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
पाहिपयों के नाश को, धम) के प्रकाश कोरामजी की सेना चली, रामजी की सेना चली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
बढ़ र�े �ैं �म हिनरन्तर चिचर हिवजय की कामना ले।बढ़ र�े �ैं॥
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
चंदन �ै इस देश की माटी तपोभूमिम �र
ग्राम �ै�र बाला देवी की
प्रहितमा बच्चा बच्चा राम �ै
होंगे कामयाब होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दि�न
हो हो हो मन मे है विवश्वास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
ले चले �म राष्ट्र नौका को भंवर से
पार करकेसरी बाना
सजायें वीर का शंृ्रगार कर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
मांग र�ी �ै माँ बचिलदान जागो-जागो सोने वालों
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
आय=का केसरिरया हिनशान
चढ र�ा गगन मे रहिवसमान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
आज मनायें रक्षाबन्धन
अतीत से नव-सू्फर्तितE लेकर
वत!मान में दृढ़ उद्यम कर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
आज श्रध्दा सुमन अर्तिपEत कर र�ा �र्तिIEत गगन�े परम आराध्य केशव युग पुरूI शत शत नमन
चलो जलाये दीप व�ाँ
ज�ाँ अभी भी अंधेरा �ै
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
शाखा मे �म ऐसे खेले जिजससे प्रेम उमडता �ोकुछ बौद्धिQक �ो गीत गान �ो धम! ग्यान की चचा! �ो
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
संघटन गढे चलो सुपंथ पर बढे
चलो ।भला �ो जिजसमें देश का वो काम सब कीये चलो
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
घोI आज, घोI आज, जय जिजजा करें, जय जिजजा करें नभोहिवतान व्याप्त कर हिननाद हि�र भरें, हिननाद हि�र भरें
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
बाल �ै गोपाल �ै �म धम! के भाल �ै
�म धम! के भाल �ै
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
एक-एक पग बढ़ते जायेंबल वैभव का युग विफर लायें
अब जाग उठो कमर कसो
मन्झिन्Xल की रा� बुलाती �ै
ललकार र�ी �म को दुहिनया भेरी
आवाज लगाती �ै राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब
ज़ि�ला:फाज़िजल्का
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
अपने अतीत को पढकर
अपना ईवितहास उलटकर
अपना भविवतव्य समझकर
�म करें राष्ट का चिचEतन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
व्यक्ती व्यक्ती मे जगाये राष्ट्र चेतनाजनमन संस्कार करे यही साधना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
हिनत्य शाखा जान्�वी पुनीत जलधरा
साधना की पुण्यभूमी शक्ती पीठीका
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-पंजाब ज़ि�ला:फाज़िजल्का
हिनवेदक:-
राजेश ठकराल संघ प्रवेश 30 वI! प्रथम वI! द्धिशद्धिक्षत �ाजिजल्का सायम नगर काय!वा�