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Achchha Bolne Ki Kala Aur Kamyabi (Hindi)

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Page 1: Achchha Bolne Ki Kala Aur Kamyabi (Hindi)

भिमका

पतक क दता उस क समान होती ह जो कसी वषय वशष पर अपनकोण क ारा ऊजा क थम ोत तक पचता ह पतक म सझाव क अभबहद भावशाली हो सकती ह लकन यद वषय क त लखक का कोण गलत हो तोअ-स-अा सझाव भी अभावशाली तीत हो सकता ह

सावजिनक प स बोलन क कला स सबिधत िशण क िवषय-वत का बाहरी वप महवपण नह

होता मय प स इसका सबध िकसी िवशष शली को -ब- सीखना भी नह ह इसका सबध थािपत

मानक का अनपालन करना भी नह ह िकसी य क िलए सवजन क सामन बोलन क कला का मतलब

उसक अपनी शली क मतािबक सामाय अिभय एव सावजिनक चालन ह इसिलए आवयक ह िक

य को सवथम इस कला स जड़ योय एव महवपण पहल को बारीक स समझना चािहए यिद

सीखनवाल क यव म कछ िवशष गण न िछप ह तो ऐसी कोई य नह ह िजसक जरए सावजिनक प

स बोलनवाल य को एक मशीन स यादा कछ और बनाया जा सक या किहए िक एक अयिधक िनपण

मशीन िलहाजा हमारी िशण णाली का मय आधार व-िवकास ह

णाली का दसरा िसात पहल िसात क बहद करीब ह य क िलए अपन िवचार भावना और

शारीरक शय पर काब रखना बहद जरी ह तािक बाहरी यव क मायम स आतरक यव को

अबािधत अिभय का बोध कराया जा सक भाषा वर-शली और सकत जस उपयोगी गण को तब तक

सीखना यथ ह जब तक इस णाली क दो मय िसात सामायmdashअिभय वत िवचार एव व-

िवकास को जीवन म न उतारा जाए

बोलन स पहल अनमान लगाना इस िया का तीसरा िसात ह यान दना चािहए िक भाषा-शली स िकसी

िववाद को पनपन का मौका तो नह िमल रहा ह उम भाषा-शली को पहचानन क योयता न रखनवाल य

क िलए इस कला को सीखना बहद मकल सािबत हो सकता ह यायान म यह अतहीन च क समान तीत

हो सकता ह लिकन वातव म यह अनभव का िवषय ह

अनक िशक न िशण क शआत क िलए कस को महवपण माना ह लिकन यह एक िनरथक यास

ह यह एक ाचीन धारणा ह िक िकसी काय को करक ही उस सीखा जा सकता ह िशण क शआती दौर म

सावजिनक प स बोलन क कला सीखनवाल यय क िलए सबस जरी ह बोलना इस दौर म वर-शली

और सकत जस अय िवषय का अययन खास उपयोगी सािबत नह होता बोलन क बाद व-अवलोकन और

दशक क आलोचना क आधार पर बोलन क कला को तराशा जा सकता ह

बड़ा सवाल ह िक या खद क कमी का आकलन िकया जा सकता ह इसक िलए तीन तय क जानकारी

जरी ह आम राय क मतािबक भावी वा क या िवशषताए होती ह इन िवशषता को अिजत करन का

मायम या ह और सीखनवाल क शली म वह कौन सी कमी ह जो इन िवशष गण को अिजत करन क रात

म अड़चन का काम कर रही ह

इसका अथ ह िक अनभव को उतम िशक नह माना जा सकता लिकन पहला और आिखरी अवय ही

माना जा सकता ह यह भी आवयक ह िक अनभव का दोहरा इतमाल िकया जाए यानी खद क अनभव को

यायसगत एव सशोिधत करन क िलए अय लोग क अनभव क कसौटी पर भी खरा उतारना आवयक होता ह

खद को आम-ान क िलए िशित करनवाला य उतम आलोचक बनन क योयता रखता हmdashऐसा

ान जो अय मतक सोचता हो और खद क आकलन का ऐसा सामय जो योय मानक पर खरा उतरता हो

कट न कहा ह lsquoयिद म चा तो म कर भी सकता

इस अक क िवषय-सची स इन लख क िनरतर घोषणा यायान और िमसाल िमलती रहगी छा को

उनक जानकारी क आधार पर बोलन क िलए िनरतर रत िकया जाएगा तपा आमसयम क सामाय

सझाव क साथ आतरक यव क ारा बाहरी यव को भािवत करन क िविध पर जोर िदया जाएगा

अत म छा को खद अिजत िकए िसात अवलोकन दसर स अिजत िकए अनभव और अपनी िनजी भाषा-

शली क आधार पर बोलन और कवल बोलन क िलए रत िकया जाता रहगा

mdashज बरग एसनवीन

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दशक क सम भरोसा हािसल करना

दशक क समख अकसर एक असाधारण उजना का अनभव होता ह दशक क उसकता स भरी आख इस

उजना को जम दती ह दशक क आख स आख िमलान पर यह उजना और खर हो जाती ह अिधकतर

वा इस अनजान लिकन वातिवक माहौल म फली महसस क जानवाली िणक एव बयान न क जा

सकनवाली िसहरन स उिजत होत रह ह अिधकतर लखक यह भी मानत ह िक वा क आख दशक को

आकिषत करन का भी काम करती ह यह एक ऐसा भाव ह जो मौजदा चचा म शािमल िचण क िवपरीत ह

वा पर दशक क गड़ी आख का भाव कवल शआती दौर म पड़ता हmdashजस ही वापटता का सदय

कािशत होता ह दशक क आख म छपा भय छटन लगता ह

िविलयम िपटजर ताकािलक भाषणmdashसावजिनक तौर पर बोलन का िशण ल रह छा अकसर पछत ह िक lsquoदशक क सम याकलता और भय

क भावना पर कस काब पाया जाएrsquo

रलगाड़ी म सफर करत समय या आपन कभी पास क मदान म घास चर रह उन घोड़ क तरफ यान िदया

ह जो रलगाड़ी क घड़घड़ाहट क बावजद एक बार भी िसर उठाकर नह दखत जबिक थोड़ी दरी पर थत

टशन क पास स जब रलगाड़ी गजरती ह तो िकसान क पनी डर ए घोड़ को सभालन म जटी नजर आती ह

गािडय क आवाज स डरनवाल घोड़ का भय दर करन का या उपाय ह या उस ऐस दर-दराज इलाक म

चराया जाए जहा मोटरगािडया न आती ह या उसको ऐसी जगह पर अकसर ल जाना चािहए जहा आम तौर

पर मशीन क घड़घड़ाहट सनन को िमलती हो

इस उदाहरण क जरए अपन भीतर छप याकलता और भय को दर करो दशक का बार-बार सामना करन स

िहचिकचाहट दर हो जाती ह िकसी लख को पढ़कर मच क भय स म होना सभव नह ह पतक क जरए

पानी म बरताव करन क उम सझाव तो िमल सकत ह लिकन तराक सीखन क िलए पानी म छलाग लगानी ही

पड़ती ह हालािक आजकल कई ऐसी तराक क पोशाक मौजद ह िजनको पहनकर सम क िकनार भी गीला

ए िबना मौज-मती क जा सकती ह लिकन इन पोशाक को पहनकर तरना नह सीखा जा सकता तराक

सीखन क िलए पानी म कदना ही एकमा राता होता ह

भाषण स पहल अयास अयास और कवल अयास क जरए ही दशक क सम पदा होनवाल भय स म

आ जा सकता ह जस तराक म िवास जमान क िलए अयास अित महवपण ह उसी कार बोलन क

जरए ही बोलन का पाठ सीखा जाता ह

यिद शआती दौर म मच स भय लगता ह तो इसस िनराश नह होना चािहए िनपण-स-िनपण वा कछ

अनजान कारण क वजह स आज तक मच क भय स नह उबर पाए ह

िवषय म पणतया तीन हो जाओघोड़ क खर म नाल ठकत व कई बार लोहार घोड़ क नथन म कसी नकल को कस दत ह इस तरह घोड़

का यान नाल ठकन क िया स हट जाता ह िगलास म मौजद हवा िनकालन क िलए उसम पानी भरना

पड़ता ह भाषण दत व लोहार क घरल नख का पालन करना चािहए यिद आप भाषण स सबिधत िवषय

को गहराई स समझत ह तो अितर सोचन का राता खद-ब-खद खल जाता ह एकाता भटकाव स म

पान का एक सरल उपाय ह मच पर पचन क बाद अपन कोट म मौजद छद क बार म सोचना यथ ह मच पर

कवल अपन भाषण पर यान एका करना चािहए िदमाग म कवल भाषण स सबिधत सामी का िवचार होना

चािहए जस पानी भरकर िगलास स हवा को बाहर िनकाला जा सकता ह उसी कार िवचार क मायम स

उजना और भय स भी छटकारा पाया जा सकता ह याकलता अनावयक याकलता को जम दती ह यह

कवल िवश अिभमान क समान होगा यिद सामन मौजद एक दसर बड़ महव को समझत ए भी आप अपन

िदमाग को वय क िवचार स भर ल साई कठोरतापवक इस महव का बोध कराती ह और िहचिकचाहट

याकलता को िनयता म बदलन का काम करती ह यिद रगमच म आग लग जाए तो आप तजी स मच क

ऊपर पचकर दशक को बाहर िनकलन क राह िदखा सकत ह दरअसल ऐस मौक पर काय का महव जहन

म मौजद भयभीत िवचार को बाहर िनकाल फकता ह

मच पर बर दशन क भय स यादा हािनकारक होती ह बहद अछ ततीकरण क कपना वय को महा

िदखान क चा महानता क पहचान नह होती य को अपना सही आचरण दरशान क िलए lsquoन तो यादा

िनपण िदखन का यन करना चािहए और न ही यादा बड़ा जानकार िदखन क कोिशश करनी चािहएrsquo

जानकारी क िलए बता द िक अहकार सबस यादा दिशत होनवाला यवहार होता ह

बोलन क िलए कछ होना चािहएवा क साथ सबस बड़ी परशानी यह ह िक वह दशक क सम खाली िदमाग क साथ पच जात ह

इसम कोई आय नह िक कित खालीपन स घणा करती ह िलहाजा खालीपन को आस-पास मौजद सामी स

भर दती ह िदमाग म अकसर ऐस िवचार आत ह िक lsquoया म सही कर रहा मर बाल कस िदख रह ह ऐस

वा क भिवयसचक िवचार अकसर सही िस हो जात ह और जान-अनजान गलितया हो जाती ह अथा

भाषण स पहल नकारामक िवचार स बचना चािहए

िवषय क सपण जानकारी होना पया तयारी नह मानी जा सकती आमिवास हािसल करन क िलए

िवषय िवशष पर पकड़ मजबत होनी चािहए िबना तयारी या िवषय क बार म कम जानकारी क साथ दशक क

समख पचन पर वा याकल तीत होता ह दशक का समय खराब करन क िलए शम का भी आभास होता

ह इसिलए बहतर ह िक उिचत तयारी क साथ मच पर पचा जाए भाषण स पहल िवचार और िवचार तत

करन का अदाज िनत कर लना चािहए शआती वाय क तयारी बहद अछी होनी चािहए ऐसा करन स

भाषण क शआत म सही और सटीक शद खोजन म व खराब नह होता इसक अलावा भाषण क िवषय

पर मजबत पकड़ स भय हावी नह होता

बहतर तयारी क साथ कामयाबी क उमीद रखअपन यवहार म सकोच क साथ िवास भी जािहर कर अित िवास हािनकारक होता ह लिकन नाकामी

क पवाभास को झलना और यादा हािनकारक होता ह िनभक यवहार दशक का यान खचन म सहायक

सािबत होता ह जबिक एक खरगोश-िदल डरपोक वा मसीबत को योता दता ह

दशक क उपथित म नता को यगत छट क तौर पर तत नह करना चािहए इस परानी सोच क

मकाबल आधिनक सोच न अपना थान बना िलया ह वा क यवहार म नता होना गलत नह ह लिकन

यवहार म दरशाई गई नता म दबपन का अहसास नह होना चािहए

चास िडकस क शान म आयोिजत िकए गए एक रािभोज म वॉिशगटन इरिवन न िडसन का परचय

करवाया भाषण क मय म इरिवन िहचिकचाहट क वजह स शिमदा हो गए और अटपट ढग स बठ गए अपन

एक िम क तरफ घमत ए उहन कहा lsquoमन तमस कहा था मझ नाकामी िमलगी और म नाकाम रहाrsquo

यिद आप सोचत ह िक आप नाकाम रहग तो आपक िलए आशा क कोई जगह नह ह आप नाकाम ही हग

इस धारणा स छटकारा पाइए िक म एक लाचार िमी म सना कड़ा आप ईर क समान ह िजसम कई

िवशषताए ह lsquoयिद आप पहल स तयार ह तो सब ठीक ही होगाrsquo बाज तज रोशनी फकत सय क आख म

आख डालकर दखन क मता रखता ह वा म भी ऐसी कई िवशषताए होती ह आवयकता होती ह तो बस

उह पहचानन क

दशक पर भव क कपना करिव क तरह सावजिनक भाषण म सकारामक और नकारामक ऊजा नह होती वय आप या आपक

दशक सकारामक ऊजा का जरया बनत ह यिद आप इस सकारामक ऊजा को महसस करत ह तो इस अपनान

क कपना भी कर सकत ह यिद आपका झान नकारामक ऊजा क ओर ह तो परणाम भी नकारामक हग

वय को िदशा िदखानवाली सभी शय का आान कर सदा याद रख िक आपक दशक आपस यादा

महवपण ह लिकन आप दोन स यादा महवपण ह सय यिक सय अिवनाशी होता ह यिद आपका

हौसला मजबत नह ह तो जािहर ह िक हाथ स तलवार िगर जाएगी िनभक बन यह आपक इराद पर आधारत

ह िक आप खद को िकस िदशा म ढालत ह अथा वय को शात एव िनयी बनाए

दशक क सम भाषण स पहल ण भर क दशक को गौर स दख अहसास कर िक दशक आपक जीत

क कामना करत ह यिक ऐसा कोई य नह ह जो अपना कमती समय एक नीरस वा क िलए खच

करन क इछा रखता हो

सकत स िनकष िनकालनाभाषण श करन म जदबाजी न िदखाए जदबाजी स िनयण कमजोर हो जाता ह मा-याचना न कर

यह जरी नह हmdashऔर अगर ह भी तो इसस काम नह बनगा सरलतापवक आग बढ़त रह

एक लबी सास भर मन को शात कर और आम बातचीत क लहज म िफर स ऐस शआत कर जस िकसी

घिन िम स बात कर रह ह यह यवहार कपना क मतािबक खराब महसस नह होगा वातव म यह

यवहार एक सखद डबक लगान क समान ह डबक लगान क बाद आप महसस करग िक पानी शीतल ह सच

तो यह ह िक इस यवहार को कई बार अपनान क बाद ऐस मौक पर आप वय उस आनिदत शीतल डबक क

कपना करन क आदी हो जाएग

भय स छटकारा पाइए बकाब भय बजिदली का कारण बन जाता ह बहादर लोग भय को पहचानत जर ह

लिकन उस दिशत नह करत घटन म होनवाली थरथराहट पर काब रख और मजबती स दशक का सामना

कर दशक क बीच िकसी कोन म आपक जीत छपी होता ह उस जीत को हािसल कर िहमत िदखानवाल

य को ही कामयाबी िमलती ह शद क माला बनकर हौसल का दशन किजए याद रख कािबिलयत क

बावजद िहमत न रखनवाल कािहल य को न तो परकत िकया जाता ह और न ही उनक यादगार म मारक

थािपत िकए जात ह

या यह एक सकण सोच हइनसान को सहानभित क नह मामली स ोसाहन क जरत होती ह इसम कोई दो राय नह िक अकली या

िफर सय प स मनोदशा तिकाए रोग और शसनीय नता वा क भाषण म गताखी का भाव पदा कर

सकती ह लिकन इसम भी कोई शक नह िक जरत स यादा समान क भावना इस कमजोरी को यादा खर

बना दती ह िनभक मनोदशा म जीत हािसल करना सरल होता ह ोफसर वॉटर िडल कॉट न कहा ह

lsquoमता क मकाबल कारोबार म कामयाबी और नाकामी क यादा बड़ी वजह मानिसक िकोण होता हrsquo और

इस िकोण को हािसल करन का एकमा राता ह िक इसको हािसल िकया जाए

इस बिनयादी अयाय म हमन जानन क कोिशश क ह िक अछा वा बनन क िलए िकन जरी पहल

पर यान दना चािहए इनम स अिधकतर िसात पर आग िवतार स चचा क जाएगी माननीय लडटोन क

मतािबक चचा क योय सभी अयाय िकसी सावजिनक स स यादा कारगर िस हग और यायसगत

आमिवास स सबिधत चचा का िज बार-बार िकया जाएगा

2

एक जस ढग क नीरसताएक िदन उदासी का जम एकपता क वजह स आ

mdashमॉ

िहदी भाषा म साल-दर-साल बदलाव होता रहा ह और अब कई शद का अथ वातिवक अथ स कह यादा

हो गया ह lsquoएकपताrsquo शद क साथ भी कछ ऐसा ही आ ह lsquoकवल एक जसा भावrsquo होन क जगह अब इस

शद का इतमाल lsquoिभता क कमीrsquo क तौर पर भी िकया जान लगा ह

एक ही ढग स बोलनवाल वा का वर एव लहजा ही नह बक शद पर जोर दन का तरीका गित

और िवचार भी समान प स नीरस होत ह

भीड़ क सम बोलनवाल वा क िलए एकपता मख एव आम दोष ह यह कवल अपराध नह ह

बक एक मामली सी चक क वजह स होनवाला गनाह ह

भाषण-शली म एकपता का अहसास होना आपक िलए मामली बात हो सकती ह अथा इसक कभाव को

जानन क िलए इसक वि और जीवन क िभ पहल पर एकपता स पदा होनवाली िवपदा का आकलन

करत ह इस आकलन क बाद ही यह पता लगाया जा सकता ह िक कस एकपता अछ भाषण को नीरस बनान

का काम करती ह

आपक बगलवाल मकान म यिद कवल तीन गान को बार-बार जोर स बजाया जाए तो यकनन आप मान लग

िक आपक पड़ोसी क पास कवल तीन गान का ही सह ह इसी कार यिद वा एक जसी ऊजा क साथ

भाषण दता रह तो मान िलया जाता ह िक वा क वर क उतार-चढ़ाव क मता िवकिसत ही नह ई ह

दरअसल एकपता हमारी सीमा को दरशाती ह

एकपता दशक पर ाणनाशक भाव डालन का काम करती ह यह चहर क रौनक छीन लती ह आख क

चमक ीण कर दती ह अयत एकपता काल कोठरी क सजा क समान ह एक मज पर एक कचा रख और

लगातार अठारह घट तक उस कच को एक जगह स दसरी जगह पर धकलत रह म दाव क साथ कह सकता

िक आपक हालत पागल जसी हो जाएगी

एकपता एक ककारी सजा क समान होती ह एक ऐसी सजा जो जीवन भर क िलए बोलन क मता को

ीण कर दती ह िलहाजा ऐसी ाणनाशक व नीरस थित स बचन क यास करन चािहए एक आदश रईस

क पास दजन मकान दिनया भर क यजन क सभी कार और अका स अलाका तक घमन क साधन हो

सकत ह लिकन गरीबी स िघरा य सफर क िलए िकराए क गाड़ी का इतमाल करता ह ऐस य क

पास िनजी नौका कार और िवशष रलगाड़ी म सफर करन क सिवधा नह होती ऐस य का जीवन महनत

करन म गजर जाता ह ऐसा य मडी स खरीदी गई फल-सजय स सत रहता ह भाषा और िजदगी म

एकपता िनधनता क समान होती ह िजस कार एक यापारी अपन कारोबार को बढ़ान क िलए महनत करता

ह उसी कार भाषा म िविवधता लान क िलए भी महनत करनी चािहए

िचिडया क गीत पहाड़ी दर और वय पहाड़ म एकपता नह होती एकपता भर पथर क लबी कतार

और पहाड़ क बीच स दर तक जाती सड़क म होती ह कित न सपदा क तौर पर कई िविवधताए दान क ह

इसिलए इनसान कवल अपनी सीमा क दायर म ही एकप होता ह भाषण क दौरान कित स जड़ तय तक

पचन स भाषा म िविवधता वय आ जाती ह

सता बाटन क िवशषता म ही िविवधता दान करन क श िनिहत ह दिनया क कई बड़ सय को

कहािनय क प म दरशाया गया ह उदाहरण क तौर पर lsquoलस िमजबलrsquo यिद आप िशा दान करना चाहत

ह या िकसी को भािवत करना चाहत ह तो उस य म िच का भाव पदा करना जरी होता ह यानो पर

एक ही सर को बार-बार बजान स स अिच ककश वर और एकपता का अहसास होता ह शदकोश क

मतािबक lsquoएकपताrsquo का अथ हmdashlsquoउबाऊ और थकाऊrsquo हालािक यह अथ काफ नतापवक िलखा महसस

होता ह लिकन असल म एकपता का अथ हmdashपागल करनवाली उबाऊ थित

एकपता पर िवजय पान क उपायजस अपन व क नीरसता स उबरन क िलए व क सह को नया-ताजा करना आवयक होता ह वस ही

भाषा म एकपता खम करन क िलए शली म िविवधता लाना आवयक ह जानकारी बढ़ाकर भी भाषा-शली

बहतर क जा सकती ह

इमारत क िविभ िहस को तयार करन क िलए बढ़ई क पास अलग-अलग औजार होत ह सरीली धन

बजान क िलए सगीतकार वाय को िविभ तरीक स बजाता ह इसी कार वा क पास भी साधन क

कमी नह होती वाद-िववाद क ढाच को कई तरीक स तयार िकया जा सकता ह भावनामक यवहार और

दशक क मायता का मागदशन िकया जाता ह इन साधन का खाका तयार करन और इनक इतमाल का

तरीका समझाना ही अगल अयाय का मय उय ह

कई वा आज भी बलगाड़ीवाल िघस-िपट तरीक का इतमाल करत ह और आज क आधिनक मशीनी

तरीक को नजरअदाज करत ह व वा भाषा म कशलता लानवाली िविध को िनरतर अनदखा करत ह इस

णाली को समझान इस लाग करन और इसक समीा करन म यिद हम आपक मदद कर तो या आपक

भाषा-शली म सधार होगा लिकन यिद आप इस णाली को अनदखा करत ह तो या आपक भाषा नकारामक

तौर पर भािवत होगी हम खद इस णाली क जरए भाषा म सधार क महव को समझान म पण प स सम

नह ह लिकन इतना जर ह िक यह णाली एक वा को भाषा क िनपणता तक पचान क िलए बिनयाद का

काम करती ह नपोिलयन बोनापाट न कहा था िक lsquoअपन िसात को ठीक रिखए बाक सब िवतत वणन हrsquo

जस िकसी मर ए घोड़ क खर म नाल ठकन का कोई फायदा नह होता उसी कार एक नीरस वा क

िलए भाषा सधारन क परान िसात िकसी काम क नह होत इस उदाहरण स यह पता लगता ह िक कछ फक

िसात को अपनाकर भाषा पर पकड़ नह बनाई जा सकती सावजिनक तौर पर बोलन क कला म िनपण होन

क िलए सय जोर भावना और जीवन स जड़ अहम िसात को अपनाना जरी होता ह बाक सभी िनयम

को नजरअदाज िकया जा सकता ह लिकन इस िसात को याद रखना बहद जरी ह

अगल कछ अयाय क गहन अययन क बाद भाषा-शली स एकपता का भाव पण प स खम हो

जाएगा इन िसात क पण ान और इतमाल क कला म िनपणता क बाद भाषा-शली म िविवधता का वय

अहसास होन लगगा खास बात यह ह िक इन िसात को कवल पढ़कर नह सीखा जा सकता इसक िलए

िनरतर अयास बहद जरी होता ह यिद अयास क दौरान कोई और आपको सनन क िलए तयार नह ह तो

आप अपन आपको वय सन साथ ही इस िया म खद क स आलोचक क भिमका भी िनभाए

आगामी अयाय म भाषा-शली क िनपणता क िलए िनधारत िकए गए तकनीक िसात मनगढ़त नह ह इन

िसात को दिनया भर क बहतरीन वा और कलाकार क अनभव क आधार पर थािपत िकया गया ह

िवािथय को वाभािवक रहन क िलए ितब करना कारगर सािबत नह होता भाषण क दौरान वाभािवक

रहना एकपता का कारण भी बन सकता ह उरी व म ाकितक तौर पर पाया जानवाला ॉबरी फल छोट

बीज एव हलक तीख वाद का होता ह लिकन इस ाकितक फल क तलना उत िविध स उगाए जानवाल

वािद ॉबरी फल स नह क जा सकती पहाड़ क पथरीली ढलान पर िबना िमी-पानी क ाकितक तौर

पर बौन पौध उगत ह लिकन इन पौध का दभाय यह ह िक इनक तलना नम और उपजाऊ इलाक म

पनपनवाल हर-भर पड़ स क जाती ह बशक ाकितक वभाव को बरकरार रख लिकन इस वभाव को

आदश तर तक िवकिसत करन क कोिशश जर कर

3

भाव एव वशीभतता ारा कशलताभाव क िसात का पालन िविश िनयम को याद कर नह िकया जा सकता इसक भावशाली पालन क िलए इन िनयम क िवशषता को

महसस करना जरी होता ह

mdashसीएस बाडिवन लखन एव भाषण

िजस बदक क मारक मता म यादा फलाव होता ह उसस िचिडय का िशकार नह होता यही िसात

भाषा पर भी लाग होता ह जो वा बतरतीब तरीक स वाय का इतमाल करता ह उस अपित परणाम नह

िमलत वाय का यक शद महवपण नह होता िलहाजा यान रख िक कवल अहम शद पर ही जोर डालन

क कला का इतमाल कर

यिद आप lsquoमयादा पषोम रामrsquo या lsquoपावन नगरी वदावनrsquo जस शद का उारण कर तो जरी नह ह िक

सभी अर पर बराबर जोर द इनम स कछ ही अर को िवशष महव िदया जाएगा बाक अर का उारण

सामाय तौर पर होगा य न इस िसात का उपयोग परा वाय बोलन म भी िकया जाए काफ हद तक

सामाय भाषा म हम इस िसात का उपयोग करत ह लिकन या सावजिनक भाषण म इस िसात का

इतमाल िकया जाता ह दरअसल इसी ितभा क कमी क वजह स भाषण म एकपता का दश कट होता

जहा तक शद िवशष पर जोर दन का सबध ह आप एक सामाय वाय को एक बड़ शद क प म दख तो

समया का हल िनकल आएगा िननिलिखत पर यान दmdash

lsquoभाय सयोग स नह िमलता इस चना जाता हrsquo

आप मकर का िसकदर बोलत समय हर अर पर बराबर जोर डाल सकत ह

इस ऊच वर म बोिलए और महसस किजए िनसदह आप lsquoभायrsquo शद पर िवशष जोर डालग यिक इस

वाय म lsquoभायrsquo मय घोषणा ह lsquoनहrsquo शद पर भी समान बल िदया जाएगा जािहर ह lsquoनहrsquo शद को

िवशष महव नह िदया तो दशक समझग िक भाय सयोग स ही िमलता ह इसी क साथ lsquoसयोगrsquo शद पर भी

जोर डालन क आवयकता ह यिक इस वाय म lsquoसयोगrsquo शद का भी समान महव ह

lsquoसयोगrsquo शद को महव दन का एक और कारण यह भी ह िक अगल वाय म सयोग क तलना चनाव स क

गई ह साफ तौर पर लखक न इन दोन शद क तलना दोन शद पर िवशष बल डालन क यय स क ह

अथा वाय म तलनामक शद पर बराबर जोर िदया जाना चािहए

एक वा को वर क तालमल क जरए तलनामक शद पर समान बल दना चािहए यिद आप कह lsquoमर

घोड़ का रग काला नह हrsquo तो आपक जहन म सबस पहला रग कौन सा आएगा वाभािवक प स सफद

यिक काल रग का िवपरीत रग सफद होता ह यिद आप इस िवचार को कट करना चाहत ह िक भाय को

चना जाता ह तो इसको यादा भावशाली ढग स कहन क िलए पहल कह िक lsquoभाय सयोग स नह िमलताrsquo

इसक बाद कह िक lsquoइस चना जाता हrsquo यिद हम कहत ह िक lsquoमर घोड़ का रग काला नह हrsquo तो वाभािवक

प स घोड़ स यादा महव रग का हो जाता ह यिद आप कह िक lsquoमरा घोड़ा सफद हrsquo तो सामाय तौर पर

जवाब मा हामी होगा

उपय बयान क दसर वाय म कवल एक शद महवपण हmdashचनाव लखक वा वाय म lsquoचनावrsquo शद

को िवशष महव दान करना चाहता ह यिक इस शद क तलना पहल वाय क सयोग शद स क गई ह

इस िसात क मतािबक इन वाय को इस कार पढ़ना चािहएmdash

lsquoभाय सयोग स नह िमलता इस चना जाता हrsquo अब इन वाय को बार-बार पढ़ और गाढ़ िकए गए शद

पर िवशष बल द

लगभग सभी वाय म कछ शद ऐस होत ह जो महवपण िवचार को कट करत ह अथा ऐस शद को

िवशष महव दन क आवयकता होती ह अखबार पढ़त व हडलाइस पर सरसरी नजर डालकर मय

समाचार का अदाजा लगा िलया जाता ह अखबार क सपादक को धयवाद दना चािहए यिक अखबार म

हागकाग म ई लट को इतना महव नह िदया जाता िजतना आपक अपन शहर म 5 मछआर क मौत क खबर

को िदया जाता ह खबर क िवतार क ारा सपादक अलग-अलग खबर क महव को दरशान क चा करता

ह चकानवाली खबर क ओर पाठक का यान आकिषत करन क िलए शीषक को कभी-कभी लाल रग म

िलखा जाता ह

इसी कार यिद वा अपन भाषण क जरए दशक का यान आकिषत करन म कामयाब होता ह तो इस

वरदान स कम नह माना जा सकता एक सामाय वा उ पया बोलत व वाभािवक तौर पर lsquoभायrsquo

lsquoसयोगrsquo lsquoनहrsquo और lsquoचनावrsquo पर िवशष बल दगा

एक बार lsquoद ययॉक सनrsquo क सपादक चास डाना न अपन एक सवाददाता स कहा िक सड़क पर जात समय

जब वह िकसी क को आदमी को काटत दख तो उस ओर यान न द हमारा अखबार ऐसी बमतलब क खबर

क िलए न तो पाठक का यान खचना चाहता ह और न ही अपना कमती समय न करना चाहता ह एक

चपी क बाद माननीय डाना न lsquoलिकनrsquo शद का इतमाल करत ए कहा lsquoयिद तम िकसी य को क को

काटत दखो तो फटाफट दतर लौट आना और लख को छपन क िलए द दनाrsquo िनसदह यह एक बड़ी अनोखी

खबर होगी

यिद वा बोलत समय lsquoभाय सयोग स नह िमलताrsquo वाय क सभी शद पर समान बल दता ह तो यह क

न आदमी को काटा जसी आम खबर क समान नीरस होगा लिकन यिद वा सही शद पर बल डालता ह तो

वाय क खबसरती बढ़ जाती ह एक आदश वा बोल जानवाल वाय क अहम शद को पवत िशखर क तौर

पर पश करता ह एक आदश वा क भाषण म महवहीन शद नदी क सतह क तरह जलमन रहत ह वा

क महा िवचार शाहबलत क ऊच व क समान होत ह और कम महववाल िवचार मदानी घास क समान

इन महवपण िसात क आधार पर िनकष िनकाला जा सकता ह िक वाय म तलनामक शद पर िवशष

बल दना चािहए

िननिलिखत सपादकय पर यान दीिजए जानकारी क िलए बता द िक यह लख -ब कािशत िकया गया

था

हम नह जानत िक सदश िमलन क व रापित न या सोचा और एक चह को दखकर हाथी या सोचता ह

लिकन हम जानत ह िक रापित न या सोचा होगा

उ वाय म lsquoसोचाrsquo शद पाठक का यान आकिषत करता ह यिक इसको गाढ़ी याही स िलखा गया

ह इसक िवपरीत यिद बाक शद को lsquoसोचाrsquo क मकाबल दस गना गाढ़ा कर िदया जाए तो भी lsquoसोचाrsquo शद

इतना ही आकिषत करगा यिक इस शली म भी यह शद िभ प स तत िकया जाएगा

रॉबट चबस क उपयास lsquoद िबजनस ऑफ लाइफrsquo स तत िकए गए िननिलिखत उदाहरण भी महवपण ह

इस उपयास म lsquoआपrsquo lsquoचकाrsquo और lsquoहोताrsquo को हलका टढ़ा िलखकर िभ दिशत िकया गया ह जािहर ह

लखक अपन उपयास म इन शद क ओर िवशष यान आकिषत करना चाहता ह

उसन उस लड़क क ओर िवमय स िल ोध स दखा

lsquoआप इसको कायरता नह तो और या कहग आप चपक स आए और िनसहाय लड़क स जबरदती शादी

कर लrsquo

lsquoया आप मझस यह उमीद रख चक थ िक म आपक सलाह पर जकलीन क िदमाग म जहर घोलता और

खद को बरबाद कर लता यिद म ऐसा करता तो िनत तौर पर यह एक कायरतापण काय होताrsquo

कछ िवशष शद पर बल डालन क िलए और इन शद को अलग दरशान क िलए लखक न इन शद को

िभता दान क ह यिद आप जोर स बोलन क आदी ह तो महवपण शद पर बल दन क िलए उनका

उारण सहजता क साथ कर इस कार आप इन शद पर दशक का यान आकिषत करन म कामयाब िस

हग यिद आप तजी स बोलन क आदी ह तो महवपण शद क उारण क रतार धीमी कर यिद आप धीम

वर म बोलत ह तो महवपण शद क उारण क दौरान वर को भारी कर द lsquoिवभrsquo lsquoअहसासrsquo

lsquoिवरामrsquo lsquoवर बदलन क कलाrsquo lsquoगित बदल क ितभाrsquo जस अयाय का अययन कर इन अयाय क

गहन अययन क जरए िवतत प स यह जानकारी हािसल क जा सकती ह िक सही जगह पर बल डालन क

खास िसात िकतन महवपण होत ह

हालािक इस अयाय म हम बल डालन क कवल एक िसात पर चचा कर रह हmdashयानी महवपण शद पर

बल डालन और महवहीन शद को अनदखा करन क कला कभी न भलmdashभाषण को आकिषत बनान म यह

िसात बहद कारगर िस होता ह

ऊची आवाज म बोलन क आदत और शद पर बल दन क कला को एक समान मानन क गलती नह करनी

चािहए िचाना ईमानदारी समझदारी और अहसास का सचक नह ह शद पर बल दन क िजस कला पर

हम चचा कर रह ह उसका सबध वातिवक शारीरक श स नह ह हालािक यह सही ह िक शद पर बल

दन क िलए उारण या तो ऊच या िफर धीम वर म करना चािहए लिकन िजस वातिवक कशलता क

आकाा क जा रही ह उसका सबध ईमानदारी एव बलता स ह यह एक आतरक श ह िजस दशक क

समख तत िकया जाता ह

एक वा न कहा lsquoइस दश क दभाय का कारण िशा क कमी नह राजनीित हrsquo वा न lsquoदभायrsquo

lsquoकमीrsquo lsquoिशाrsquo और lsquoराजनीितrsquo शद पर िवशष बल िदया बाक शद का उारण सामाय तौर पर िकया

गया lsquoराजनीितrsquo शद क साथ एक िवशष अहसास को जोड़ा गया और इस शद क उारण क व ोध क

मा म हाथ-पर-हाथ मारा गया इस शद पर वा का जोर दन का तरीका एकदम उिचत एव जबरदत था इस

प क बाक शद क ओर लापरवाही और राजनीित पर िवशष रवए स बल दकर वा न आसानी स दशक

का यान इस शद क ओर खच िलया

आप उस गाइड क बार म कसा सोचग जो आपको ययॉक घमान क नाम पर सड़क क िकनार थत चीनी

धोबीघाट और जत चमकानवाली दकान का दशन करवान लग दशक का यान भाषण क ओर आकिषत

करन क कवल एक ही िविध हmdashया तो उजागर करन क िलए कोई साई हो या मनोरजन का मसाला हो यिद

वा का भाषण िनरथक एव उबाऊ ह तो दशक म महवपण सीख क यायान को सनन का न तो जोश

बचगा न ही िजदािदली

कभी-कभी यादा बल दरशान क िलए शद क हर एक अर पर समान जोर दना गलत नह होता जस िक

िननिलिखत वाय म lsquoपण प सrsquo पर बल िदया गया ह

lsquoम आपक ाथना पणप स खारज करता rsquo

इसी कार िकसी अित महवपण वाय को िवशष महव दन क िलए यक शद पर बल डाला जा सकता

ह इस िसात क जरए दशक को आकिषत करना आसान होता ह इस मौक पर पिक हनरी क िस

कहानी क अितम भाग को उदाहरण क तौर पर पश करना कारगर िस होगाmdash

वाय म मौजद िकसी एक शद पर जोर दन स उसका सही और गलत भाव महसस िकया जा सकता ह

यान दन योय ह िक िननिलिखत वाय म कस िविभ शद पर जोर दन स वाय का भाव पणप स बदल

जाता ह (गाढ़ िकए गए शद म हल िनिहत ह)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (लिकन मकान नह खरीदा जा सका)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (लिकन कोई कावट आ गई)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (इधर स उधर िकराए पर रहन क जगह)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (कोई मोटरकार नह कवल मकान)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (अगली वसत तक टालन क इछा नह थी)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (वसत म ठड क मौसम म नह)

जब समाचार-प म महा य क बार म िलखा जाना श िकया गया तो एक ही तय पर बार-बार जोर

नह िदया गया हर नए लख म नई सचना या नया िकोण कािशत करन क कोिशश क गई सबह क

सकरण म िजस खबर को यादा महव िदया गया दोपहर क सकरण म वही खबर कम महव क खबर क

तौर पर पश क गई भाषण क दौरान कहा यादा जोर दना ह यह िसात सटीक प स इस महव को दिशत

करता ह एक ही िवचार पर बार-बार जोर नह दना चािहए लिकन यिद आप िकसी महवपण घटना पर दशक

का यान आकिषत करना चाहत ह तो ऐसा िकया जा सकता ह

यान रखना चािहए िक भाषण क दौरान जोर दन क िनयम िकसी खट स बध नह होत भाषण म िकस शद

वाय और भाव पर यादा जोर िदया जाए यह वा क शली पर आधारत होता ह एक वा भाषण क जरए

जो यायान करता ह जरी नह ह िक अय वा उसी भाषण क जरए समान भाव पदा कर इस बात का भी

आकलन नह िकया जा सकता िक कौन सा यायान सही ह और कौन सा गलत य िसात वा क जहन क

उपज होत ह

4

वर बदलन क कशलताभाषण दना गायन क सशोिधत कला ह महवपण अतर यह ह िक गायन म वर क विन को लबा खचना होता ह और शद क बीच का अतराल

छोटा होता ह जबिक भाषण म शद का उारण lsquoअसबिधतrsquo वर स िकया जाता ह मय प स वर को यादा लबा नह खचा जाता और

शद क बीच का अतराल िभ होता ह गायन म वर क िविभता का मतलब यह नह ह िक आम भाषा-शली और गायन पण प स अलग

नर ह बोलन क कला म भी इसी कार वर क िविभता होती ह यहा तक िक आम बातचीत म भी तीन स छह अध वर होत ह मन जाच स

िनकष िनकाला ह िक कई य आठ अधवर तक क धनी होत ह

mdashिविलयम िशपिल िस िवान पिका

जसा िक सब जानत ह कठ क थित बदलन स ऊच नीच या मयम वर क विन उप होती ह भाषण

क दौरान न कवल इसका उपयोग एक जस उारण क िलए बक िचाहट एकार (ओह उफ) जस

भाव शद और एक ही वर म बोल जानवाल वाय क िलए भी िकया जाता ह महवपण ह िक इस अतर को

समझा जाए एक द वा न कवल लगातार उपयोग म आनवाल शदाश (अयाय 7 दख lsquoिवभ ारा

कशलताrsquo) बक भाषण क अलग शद और शद क समह को िविभ वर स अलकत करता ह हम इस

अयाय म इसी िवषय क िवशष चरण पर यान द रह ह

िवचार म बदलाव क साथ वर म भी बदलाव क आवयकता होती ह चाह वा इस िसात का होशो-

हवास म अनजान म या अवचतना क थित म योग कर लिकन यह वह श आधार ह िजसक मायम स

वर म बदलाव पदा होता ह इसक बावजद आम तौर पर वा इस िनयम का उघन करत रह ह एक

अपराधी रा क कानन क अवहलना करत ए भी दड स बच सकता ह लिकन भाषण क िनयम क अवहलना

करनवाल वा को कम भावशाली होन क नात यह दड भगतना ही पड़ता ह ऐस वा क बगनाह दशक को

भाषण म एकपता क दश को झलना पड़ता ह एकपता यिद वा क िलए पाप क समान ह तो दशक क

िलए महामारी स कम नह ह

वर म बदलाव करन क कला लगभग सभी नौिसिखय क िलए अड़चन का काम करती ह यहा तक िक

बत स िनपण वा क िलए भी यह तब यादा खर हो जाती ह जब भाषण को कठथ याद िकया जाए

यिद आप वर क एकपता क भाव को समझना चाहत ह तो यानो क एक ही वर को बार-बार बजात रह

िनसदह आपको बोरयत का आभास होन लगगा वाभािवक प स बोलन क िया म वर क िनचल तर स

लकर ऊपरी तर तक कई आयाम होत ह इन वर का वाभािवक ान होन क बावजद िकसी को कोई हक नह

ह िक दशक म एकप वर और शली स उबाऊ भावना पदा करन का मौका दान कर इसम कोई दो राय नह

िक धन क रचना म एक िवशष लय सगीत क खबसरती का आधार बन सकती ह धन म एक आधारभत लय

क मतािबक ही बाक वर का ताना-बाना बना जाता ह इस कार धन म सामजय तयार िकया जाता ह यही

वजह ह िक धािमक सकार क उय स बनाई गई धन म पिवता का आभास होता ह लिकन सावजिनक तौर

पर भाषण दनवाल वा को एकपता स बचना चािहए यिक भाषण का एक जसा ढग ऊब पदा करता ह

िनरतर वर बदलन क कला ाकितक उपहार हभाषण दन क कला म दता हािसल करन क िलए ाकितक िनयम को समझना बहद आवयक ह यान स

सिनए िक िचिडया कस चहचहाती ह िकस िचिडया क कठ स सबस कणिय वर िनकलता ह कछ िचिडया

बहद सरीली होती ह लिकन वर म उतार-चढ़ाव न क बराबर होता ह जबिक कनरी लाक और बलबल जसी

िचिडय क वर म न कवल उतार-चढ़ाव क असीम ितभा होती ह बक वर क बिदश बनान का भी गण

होता ह यहा तक िक िचिडय क बरोक-टोक मधर चहचहाहट पागलपन क हद तक मधर तीत होती ह

छोटा बा अचानक एक ही वर म बोलना श करता ह लिकन धीर-धीर वर बदलन लगता ह अपन घर

क आस-पास रहनवाल छोट ब क वर म होन वाल इस िनरतर बदलाव पर गौर स यान दीिजए खास बात

ह िक यवा क लापरवाह बातचीत को यान स सनत व वर क कई बदलाव महसस िकए जा सकत ह

कपना किजए िक कोई य िननिलिखत प को बोल रहा ह लिकन उमीद क मतािबक भाव पदा

नह हो पा रहा ह याद रख यहा हम एक शद स सबिधत िवभ क चचा नह कर रह ह हम उस सामाय

वर क चचा कर रह ह िजसम महावर पढ़ जात ह

(ऊच वर म) lsquoम अपनी छय म मौज-मती क िलए कल िनकलना पसद कगा (धीमा वर) लिकन

अभी मझ बत सारी तयारी करनी ह (ऊचा वर) म अभी भी यही सोचता र िक मर पास काफ समय बचा ह

तो मरी जान क तयारी कभी परी नह हो सकतीrsquo

इस वाय को पहल अिकत िकए गए वर क मतािबक दोहराए िफर साधारण वा क तरह वर क उतार-

चढ़ाव क िबना बोल िफर दोन ढग स बोल गए वाय क परणाम का आकलन कर

बनाम

वर म बदलाव क आवयकता वय महसस क जा सकती ह िलहाजा इस िसात को जद-स-जद

सीखन क कोिशश कर हालािक वय को एकपता स उबारन क िलए सयम क आवयकता होती ह

वाभािवक बातचीत म य पहल िवचार करता ह िफर िवचार य करन क िलए शद का ताना-बाना

बनता ह जबिक पहल स तयार िकए गए भाषण म वा शद का सही म तयार करता ह लिकन यिद इस

िया को उलट िदया जाए तो या परणाम भी बदल जाएग बहतर यही ह िक भाव य करन क िलए

ाकितक िनयम का इतमाल कर

िननिलिखत सकलन को उदासीन तरीक स पढ़ इसक अथ को समझन क िलए एक बार भी न क इस

िया को बार-बार दोहराए यान स समझन क कोिशश कर िक इस सकलन का या अथ ह िवचार पर

िवास कर इसका भावशाली यायान करन क कोिशश कर और कपना कर िक आप दशक को सबोिधत

कर रह ह यिद आपन िनदश का सही ढग स पालन िकया ह तो बार-बार पढ़न क अयास स वर म बदलाव

महसस िकया जा सकता ह

lsquoम य को नह मारता िचता मारती ह म वाय क िलए लाभदायक होता ह िकसी य क कध

पर मता स यादा बोझ नह रखा जा सकता िचता धार को न करनवाल जग क समान होती ह य ाित स

नह घषण स न होत हrsquo

mdashहनरी वाड बीचर

वर म बदलाव स बल पदा होता हयह एक बहद महवपण बयान ह वर म िविभता दशक म िच पदा करती ह लिकन दशक का यान

आकिषत करन का सबस आसान तरीका हmdashसही जगह पर बल का योग महव दन योय शद या वाय पर

सही एव सटीक बल दना बहद जरी होता ह एक महा िवरोधाभास सदा यान आकिषत करता ह िशकागो क

शोर-शराबवाल इलाक क मकाबल सहारा क शात इलाक म तोप क गज यादा भीषण तीत होती ह इस

िवरोधाभास का सटीक उदाहरण माना जा सकता ह

lsquoकास आग या करन वाली ह

भाषण क दौरान अचानक वर म बदलाव और वाय िवशष पर िदए गए जोर क जरए वा सवाल क

गभीरता को दरशाता ह

इस गभीरता को दरशान क िलए ऊपर इतमाल क गई िविध को उलट िदया जाए तो भी समान भाव पदा

होगा बस गभीरता म थोड़ा बदलाव दरशाना होगा दोन िविधय का कशलता स उपयोग िकया जाए तो बशक

समान परणाम हािसल िकया जा सकता ह

अिधकतर वा बहद तज वर म बोलत ह शसिपयर क मतािबक lsquoशीतल न और मद आवाज मिहला

का उम गण हrsquo इसका महव पष क िलए भी कम नह ह सश आवाज क िलए न तो उसका भारी होना

जरी होता ह और न ही बहद न होना

अततः वर म िविभता लान क िलए कई और महवपण पहल पर यान दना जरी ह ऊच वर म गाए

िफर वर को धीमा कर ल इसी तज पर गात समय वर को घटात-बढ़ात रह वर बदलन क इस कला का

बोलत समय भी अयास कर

भाषण क दौरान हलक मयम एव ऊच वर का इतमाल वय क िच और पसद क मतािबक होना

चािहए

5

गित म बदलाव क कशलतासनो िक वह कस िवास स लबालब तज और धमाकदार तरीक स पहल को प करता ह अभी नता स भरी शाित अभी जगिलय क तरह

ोध वह पर पटकता ह और छलाग लगाता ह

mdashरॉबट बस होली फयस

लिटन भाषा न एक ऐसा शद िवरासत म िदया ह िजसका प प स समतय उारण नह िकया जा

सकता इसिलए हमन इस अपना िलया ह इसक वप को नह बदला गया यह शद हmdashटपो िजसका अथ

होता हmdashगित म बदलाव इस गित बदलन म लगनवाल समय क आधार पर मापा जाता ह

यही कारण ह िक गीत और सगीत क कला म इसका योगदान बहद सीिमत ह लिकन इसम कोई आय नह

िक ठोस चीज म टपो को महसस िकया जा सकता ह इसक अथ का सटीक उदाहरण दन क िलए हम कह

सकत ह िक बलगाड़ी धीम टपो क साथ आग बढ़ती ह एक एसस रलगाड़ी तज टपो क साथ दौड़ती ह

आधिनक बदक बहद तज टपो क साथ िमनट क 600व िहस म गोिलया दाग सकती ह जबिक परानी मजल

बदक को दोबारा भरन म तीन िमनट लगत थ यानी धीम टपो क साथ गोली दागी जाती थी सभी सगीतकार इस

िसात को बखबी पहचानत हmdashआध वर को उठान म आठ वर को उठान स यादा समय लगता ह

मच पर भावी पशकश क िलए टपो क भिमका बहद महवपण होती ह यिद वा पर भाषण को एक ही

वर और लहज म तत करता ह तो यकनन वा न भाषण को जोर और बल क सदर भाव स विचत रखा ह

बसबॉल को फकनवाला िखलाड़ी िकट म गदबाज टिनस म सिवस करनवाला िखलाड़ीmdashसभी गित म

बदलाव क महव को बखबी समझत ह गद फकत समय टपो म बदलाव िकया जाता ह इसी कार वा को

भी टपो म बदलाव क महव को समझना चािहए

तित क दौरान गित म बदलाव स वाभािवकता झलकती हlsquoएकपताrsquo क अयाय म वाभािवकता क महव को समझाया गया था वाभािवकता क साथ टपो म

बदलाव भाषण को और यादा आकषक बना दता ह कलाकार क िलए वर क गित म बदलाव करना बहद

महवपण नर होता ह यिद कलाकार इस नर पर कमजोर पकड़ रखता ह तो अिभनय म नीरसता महसस होती

ह िलहाजा कलाकार क तरह वा को भी इस नर पर मजबत पकड़ बनानी चािहए

हालािक वाभािवक बरताव को समझन क िलए कई आधारभत और भावी साधन ह आपको जानकारी क

िलए बता द िक यह एक ऐसी ितभा ह िजस खोन क बाद दोबारा हािसल करना मकल होता ह मच पर

तित का यह वह आदश तर ह िजस हािसल करन क भरपर कोिशश क जाती ह हालािक यक वा क

िलए इसका अथ िभ होता ह इस तय क जानकारी हम आगामी अयाय म िमलगी यिद सभी वा और

कलाकार अपनी शली म बदलाव क िसात को परी ईमानदारी स िनभाए यक फसफसाहट कराह िवराम

चपी और तज वर को कशलता स तत कर तो िनसदह परणाम काफ आकषक हग भाषण क दौरान यिद

ाकितक अदाज का तड़का लगा िदया जाए तो भाषा-शली कित क सबस खबसरत तोहफ क समान आकषक

हो जाएगी

वातिवक कहािनय स रत लखक असल भाषा क जानकारी का ाकितक रस सवाद म घोल दत ह और

दशक तक इसका वाद टपो म उतार-चढ़ाव क कला क जरए पचता ह

कपना किजए िक आप िननिलिखत प क पहल वाय को धीमी गित यानी धीम टपो म पढ़त ह और

दसर वाय को तजी स महसस किजए िक इसका भाव िकतना ाकितक या अाकितक तीत होता ह इसक

पा परी प को एक रतार स पिढए अतर खद-ब-खद महसस हो जाएगा

lsquoम याद नह कर पा रहा िक मन अपन चाक क साथ या िकया ओह मझ अब याद आया मन चाक मरी

को िदया थाrsquo

इस उदाहरण क जरए यह पता लगता ह िक एक ही वाय म टपो क बदलाव क जरत हो सकती ह जरी

नह ह िक शद और वाय क िलए ही टपो म बदलाव लाना पड़ लबी प बोलन म भी टपो क बदलाव क

जरत पड़ सकती ह

गित म बदलाव स एकपता खम होती हटपो म लगातार बदलाव क जरए कनरी िचिडया अपन सगीत को अयत कणिय बना दती ह यिद राजा

सोलोमन एक वा होता तो वह जगली िचिडय क ही नह बक मधमखय क यवहार स भी रणा लता

िकसी ऐस गीत क कपना किजए िजसम कवल एक-चौथाई वर हो एक ऐस वाहन क कपना किजए

जो कवल एक ही रतार स चलता हो

गित म बदलाव स बल िमलता हगित म िकया गया बदलाव भावशाली होता ह और दशक को आकिषत करता ह यिद कोई रलगाड़ी 110

िकमी ित घट क रतार स दौड़ रही ह तो ममिकन ह िक आप उस रतार पर यान न द लिकन यिद

अचानक रलगाड़ी 20 िकमी ित घटा क रतार पर चलन लग तो आपका यान जर आकिषत होगा सभव

ह िक रतरा म खाना खात व आपका यान धीम बज रह सगीत पर न जाए लिकन यिद सगीत क आवाज

अचानक तज कर दी जाए तो आपका यान वाभािवक प स उस ओर जाएगा

यह िसात भाषा क कला म भी समान प स लाग होता ह यिद आप कोई महवपण तय दशक क

सम तत करना चाहत ह तो तय को टपो म बदलाव क साथ कशलता स पश किजए िनसदह ऐसा करन

पर दशक का यान आपक ओर आकिषत होगा िननिलिखत सवाद का इतमाल एक नाटक म िकया गया था

mdash

lsquoजो मन कहा था म उस भलना नह चाहता म चाहता िक आप इस बात को यादा-स-यादा िदन क

िलए याद रख मझ परवाह नह यिद आप छह-छह बदक अपन साथ लाए हrsquo सवाद का पहला वाय बड़

आराम स बोला गया याद रखनवाला दसरा वाय िव क गित स तत िकया गया इसी बीच कलाकार न

सवाद का आिखरी वाय बोलत व रवॉवर बाहर िनकाल िलया इस सवाद का इतना गहरा भाव पड़ा िक

दशक क जहन म परा नाटक तो धधला पड़न लगा लिकन इस सवाद को अगल छह महीन तक याद रखा गया

एक भावी वा बनन क तयारी म जट छा आसानी स समझ सकत ह िक कलाकार अपन सवाद को यादगार

बनान क िलए इसी कला का इतमाल करत ह

गित क िसात का अयास करत व िनयम स यादा िवचार का खयाल रखना चािहए इस बात स कोई

फक नह पड़ता िक िकस वाय को तज गित स बोला गया और िकस धीमी गित स महव इस बात का ह िक

भाषण क दौरान इस कला का इतमाल िकया गया या नह

भाषण क दौरान टपो म बदलाव क नर का योग बत सावधानी क साथ करना चािहए ऐसा न हो िक आप

उजना म वाय को जरत स यादा गित द द

नए वा म यह दोष यादा दखन को िमलता ह ीमती िसडोन का िनयम था िक lsquoसमय लrsquo करीब एक

सदी पहल िचिकसा-िवान म lsquoबदक स उपचारrsquo नामक औषिध िमण क जरए इलाज क था का चलन था

इसक अतगत करीब पचास अलग-अलग औषिधय का िमण मरीज को दवा क तौर पर इस उमीद क साथ

िदया जाता था िक कोई एक दवा काम कर जाए हालािक िचिकसा-णाली म यह योजना कारगर सािबत नह

होती लिकन भाषा को िविवधता दान करन क िलए इस िविध का इतमाल जर िकया जा सकता ह

गसबग समािध-थल पर समपणसिदय पहल हमार पवज न वतता एकािधकार एव िवकासशील रा क गठन क कपना क थी लिकन

आज हम गहय म यत ह बड़ा सवाल ह िक या उदारवादी सोच क साथ िकसी रा क थापना क जा

सकती ह या यह सोच लब समय तक िटक सकती ह

एक-दसर स हमारा सामना यभिम म हो रहा ह हम अपन पवज क सोच को िजदा रखन क िलए

यभिम म उतर ह यह िबलकल उिचत ह िक हम रा क िहत क रा क िलए यन कर

लिकन एक मायन म हम समिपत नह हो सकत हम सकप भी नह ल सकत हम इस धरती को पिव नह

कर सकत इस धरती क िलए समिपत जीिवत या मत बहादर योा िजसन इस सोच क िलए सघष िकया वह

योा हमार अदर मौजद नह ह दिनया हमार बिलदान को याद नह रखगी लिकन हमार पवज क बिलदान

सदा याद रख जाएग

पवज क अधर काय को परा करना हमारी िजमदारी ह हम इस मिहम को सहजता क साथ आग बढ़ाएग

अधरा पड़ा महा काय परा करन क िलए पण प स समिपत हो जान क आवयकता ह पवज क बिलदान स

रणा लकर अधर काय को परा करन क िलए समपण क योित जलानी होगीmdashण लना होगा िक हमार पवज

का बिलदान यथ न जाए भ क कपा स हमार रा म िफर स वतता का परचम लहराएगा जनता क िलए

और जनता ारा चनी गई सरकार का िफर स गठन होगा

mdashअाहम िलकन

6

िवराम एव ऊजाएक सािहयक कलाकार का मय काय भाषा क माला म लखन क उय को गथना होता ह तािक यक वाय एक क बाद एक आनवाल

महावर क माला म इस तरह जड़ता रह िक हर उलझी गथी खद-ब-खद सलझती रह

mdashजॉज ससबरी िविभ अजी िनबध का ग लखन

िवरामका िविश महव होता ह इस चपी क मायम स तत िकया जाता ह अय शद म यह एक भाव स दसर भाव तक पचन का

अतराल ह हाव-भाव क लय सभालन एव नजाकत और ितपित क िलए सनन क श श क जरत होती ह ऐसी श दोष-रिहत लय को

सनन म सम होती ह ितपित न होन क थित और बपरवाह िवराम क इतमाल स आघात और कमी का भाव पदा होता ह ऐसा लगता ह जस

िकसी कड़ी का बधन टट गया हो

mdashजॉन किलन िजनग वापटता क चिलत िसात

भाषण क दौरान िवराम का उपयोग वापटता क िलए िकया जाता ह

जब कोई य कहmdashlsquoयह आह मर िलए अथाहmdashआह समान क बात ह िक ऊहmdashमझ आप लोग क

सामन कछ कहन का मौका िमला म आहmdashिवास क साथ कह सकता rsquo दरअसल यह िवराम नह ह यह

हकलाना ह हालािक एक वा हकलान क बावजद भावी वा हो सकता ह लिकन बार-बार अटकन स

भाव नह जमाया जा सकता

इसक अलावा एक भावशाली वा क िलए महवपण वाय या महावर क शआत या अत म िवराम लना

आवयक होता ह कोई वा इस िसात को नजरअदाज करन क भल नह करता यह वह महवपण िसात

ह िजसका इतमाल लगभग सभी महा वा करत ह इस िसात को आमसा करन तक अयास करना

चािहए

वापटता क इस िसात को सरलता स समझा जा सकता ह लिकन िशण क लबी अविध क पा यह

खलासा आ ह िक इस िसात को िहदी भाषा म समझाया जाए तो एक सामाय य लबा समय लगा दता

ह अथा इस अनभव को हम यादा उसकता क साथ तत नह करना चाहत हम अपन िलए पड़ स फल

तोड़न क इछा रखत ह यिद फल कड़वा िनकलता ह तो हम उस पड़ को कभी नह भलत

एक य दसर य क वकालत करता हmdash

lsquoमर दोतो इस य न आपक और मर िलए अनोखा बिलदान िदया हrsquo

आपको नह लगता िक िवराम क वजह स इस कथन म आयजनक श उप होती ह गौर करन योय

बात ह िक वा न अपनी सयोिजत श को योग म लात ए कस बड़ भावशाली ढग स lsquoआपक और मर

िलएrsquo का भाव य िकया ह इस प को अब िबना िवराम िदए बोल या िबना िवराम क इसका भाव न

होता तीत हो रहा ह

वाभािवक ह िक पहल स सोच गए इस िवचार क साथ वा न पर यान स िवराम का सटीक जगह पर

योग िकया वा न अपन िवचार को एक पल क िलए भी नह भटकन िदया खास ह वा क तित म

lsquoबिलदानrsquo जस भारी शद क बावजद भटकाव का असर नह महसस आ

इस कार यहा एकाता क महव का बोध होता ह एकाता क िबना िवराम क सही उय को दिशत

नह िकया जा सकता

भावी िवराम क कला क ारा एक या सभी चार परणाम को हािसल िकया जा सकता हmdash

1 िनणायक भाव उजागर करन स पहल िवराम वा को अपनी सपण शय को एका करन का

मौका दान करता ह

य म िबना तयारी और सिनक क सया का आकलन िकए िबना उतरना हािनकारक सािबत होता ह

आप सय क रोशनी म मािचस क तीली को काच क टकड़ क नीच रखकर जला सकत ह लिकन काच क

टकड़ को बार-बार हटान स तीली नह जलगी ऊजा जटान क िलए कना पड़ता ह इसी तरह गलत समय पर

िलया गया िवराम दशक क मन म उसकता और सता का भाव पदा करन म कामयाब नह होता तल क

कए का ढन अकसर खला रहता ह लिकन यादा वाह क िलए तल क कए का ढन कछ समय क िलए

बद करना पड़ता ह दरअसल इस कार वाह को श सयोिजत करन का समय िमल जाता ह

अथा यावहारक ान को उपयोग म लाना चािहए िकसी िवचार को भावशाली ढग स तत करन क

िलए हलका सा िवराम ल िदमाग क शय को सयोिजत कर िफर नए जोश क साथ अपन िवचार को तत

कर कायालय न सही कहा ह lsquoम मन स िवनती करता जब तक िवचार पणतया िवकिसत न ह तब तक न

बोल शात रहन स श का सजन होता ह बोलना चादी क समान ह लिकन चप रहना सोन क भाित ह

बोलना मानवीय ह चपी ईरीय हrsquo

चपी को भाषण का सजनकता माना गया ह जािहर तौर पर माना भी जाना चािहए बत स भाषण का िसर-

पर समझ म नह आता इन भाषण म िवराम और बल क कमी क कारण भटकाव नजर आता ह िलहाजा

ब क बात पर यान दीिजए पिलस अिधकारय क बात सिनए खान क समय पारवारक बातचीत को गौर

स सिनए आपको अहसास होगा िक वाभािवक प स िवराम का उपयोग बातचीत को भािवत बनाता ह

दशक क सम पचन पर एक अवाभािवक दबाव हावी हो जाता ह नतीजतन वा इस ाकितक िसात

को भल जाता ह वा को इस दबाव स उबरकर वातिवक ितभा को तत करना चािहए

2 िवराम का अतराल सदश का महव प करन म सहायता करता ह

हरबट पसर न कहा ह िक परा ाड गितशील ह इस कार गित का सबस िनपण उदाहरण लय ह ठहराव

भी लय का अहम िहसा ह सटीक ठहराव क िलए कित क िनयम का अनकरण करना चािहए उदाहरणmdash

िदन-रात वसत ीम पतझड़ और शीत ऋतmdashइन सभी मौसम क बीच म एक ठहराव होता ह इसक अलावा

िदल क धड़कन क बीच भी ठहराव क भिमका अहम होती ह िवराम का उपयोग किजए और दशक को

गभीरता स िवचार क महव को समझन का मौका दीिजए दशक चपी क बाद कही गई बात बहद गभीरता स

समझन क कोिशश करत ह

ामीण इलाक म रहनवाल ब छया िबतान क िलए जब िकसी शहर म रहनवाल रतदार क यहा जात

ह तो मोटरगािडय क आवाज उह चकान का काम करती ह जबिक शहरी लोग पर उन आवाज का कोई

भाव नह पड़ता ह शहरी लोग चार ओर मोटरगािडय क लगातार शोर-शराब क आदी हो जात ह जो लोग

कभी-कभी शहर आत ह उह यह आवाज यादा आकिषत करती ह दरअसल लब अतराल क बाद शोर-शराब

का माहौल यादा यान भटकाता ह लब समय तक रलगाड़ी म सफर करन क बाद रलगाड़ी क गड़गड़ाहट पर

यान नह जाता यिद आप दर टगी दीवार घड़ी क िटक-िटक यान स सनन क कोिशश कर तो थोड़ी दर म

आवाज साफ सनाई दन लगगी दरअसल ऐसा करत व आप वातावरण म मौजद बाक आवाज स अपना

यान हटान क कोिशश करत ह और िटक-िटक पर यान कित करत ह

दशक क यान का िसात भी इसी िनयम क आधार पर काम करता ह इस िनयम को समिझए और इसक

िलए खद को तयार किजए इस िनयम को बार-बार दोहराइएmdashएक ठहराव क बाद सोचा गया िवचार यादा

भावशाली होता ह रात क मकाबल सबह कही गई बात यादा भावशाली होती ह यिक रात म नद क

ारा िमल िवराम क वजह स सबह एकाता यादा होती ह lsquoबाइबलrsquo क पहल प पर साफ तौर स

उिखत ह िक ईर क सजन-श को एक ठहराव क बाद lsquoसातव िदनrsquo बल िमला था आप आत हो

गए हग िक दशक का दबल एव अनत िदमाग भी इसी तरह ठहराव क अपा रखता ह कित का अनसरण

कर उसक िनयम पर यान द और भाषण क दौरान इन िनयम का पालन कर

3 ठहराव स असमजस क भावशाली थित पदा होती ह

जीवन म सदह स एक िवशष कार क िच पदा होती ह यह िच भाषा-शली स भी जम ल सकती ह

नाटक या उपयास म कथा-वत का उख श म ही कर िदया जाए तो पाठक क िच खम हो जाती ह

य क वि म सदह पष म िजासा पदा करता ह सकस म कलाबाजी करनवाला कलाकार कलाबाजी

करन स पहल कई बार नाकाम कोिशश करता ह तािक दशक म िजासा पदा हो सक इस िजासा को भापन

क बाद ही कलाकार कामयाब कलाबाजी का दशन करता ह करतब िदखान स पहल क जानवाली तयारय क

ारा कलाकार दशक क उमीद को बढ़ावा दता ह और इस दौरान दशक पश िकए जानवाल अत करतब

का इतजार करत ह हम कवल इतजार नह करत बक इस इतजार क सराहना भी करत ह यिद िकसी करतब

म मछली झट स छलाग लगाकर िकसी चीज को पकड़ ल तो थोड़ी दर म ऐसा खल नीरस महसस होन लगता ह

शरलॉक होस क कहािनय म मौजद असमजस ही पाठक को बाधकर रखता ह पाठक रहय खलन तक

बहद िच क साथ इतजार करता ह रहय का खलासा यिद कहानी क बीच म कर िदया जाए तो यकनन बाक

िहस क िलए पाठक क िच खम हो जाएगी िवक कॉिलस का कापिनक कहानी िलखन का नखा भाषण

क कला पर भी बराबर लाग होता हmdashlsquoपाठक को हसाए लाए और इतजार करन क िलए िववश करrsquo सबस

महवपण ह िक इतजार कराए दशक को इतजार क िलए रत न करनवाला कलाकार हसान या लान का

काम नह कर सकता

िशित लखक असमजस बनाए रखन क िलए ठहराव क िसात का बखबी इतमाल करता ह एक भाषण

म िविलयम ायन न कहा lsquoउह सनना मर िलए समान क बात थीrsquo और िफर वह कछ ण क िलए चप हो

गए इस अतराल म दशक क बीच िजासा पदा ई िक िकस सनकर िविलयम को समािनत महसस आ

lsquoईसाई धम क महा चारकrsquo और वह िफर क गए िजस य क वह चचा कर रह थ दशक को उनक

बार म बहद कम जानकारी थी लिकन दशक न इसक बावजद उस य को पहचानन क कोिशश जारी रखी

चपी तोड़त ए उहन कहा lsquoवट एल मडीrsquo ायन िफर थोड़ी दर तक चप रहन क बाद बोल lsquoम उनका

समान करन लगाrsquo इसक बाद वह िफर चप हो गए और एक बार िफर दशक क बीच असमजस क थित

पदा हो गई दशक सोचन लग िक मडी का िकस कार समान करन लग तब उहन कहा lsquoएक महा

उपदशक क तौर परrsquo यिद भाषण क इस िहस स ठहराव को हटा िदया जाए तो परणाम कछ इस तरह होगा

mdashlsquoउह सनना मर िलए समान क बात थी ईसाई धम क महा चारक वट एल मडी म उनका समान

करन लगा एक महा उपदशक क तौर परrsquo

एक अकशल वा इस तित को ठहराव और सदह क कमी क जरए नीरस बना सकता ह इन छोटी-छोटी

बारीिकय का सम अतर एक कामयाब और नाकाम वा क बीच क दरी होता ह

4 सटीक ठहराव स महा िवचार और भावशाली हो जाता ह

कोई भी िकसान आपको समझा सकता ह िक मसलधार बारश का पानी तज गित स बहकर दर चला जाता ह

और फसल क िलए उमीद स कम लाभदायक होता ह इसी कार यिद भाषण क गित तज ह तो दशक वा

क भाव और िवचार को नह समझ पात िकसान क पनी भी कपड़ धोन क िलए इसी िनयम का पालन करती ह

गदगी दर करन िलए कपड़ को घट पानी म िभगोया जाता ह जब जीवन क हर मोड़ पर हम इस िनयम का

पालन करत ह तो भाषा-शली म इस िनयम को य नकारा जाए दशक क सम िकसी महा िवचार को तत

करन स पहल कछ ण क तािक दशक को िवचार क गहराई तक जान का मौका िमल सक अपन भाषण

को एक िदन म ययॉक घमान का दावा करनवाल गाइड क तरह जदबाज न बनन द यह गाइड मोपॉिलटन

कला सहालय म रखी कितय क झलक कवल पह िमनट लन दत ह ाकितक इितहास सहालय का

दशन दस िमनट म करा दत ह जलजीवालय क बस एक झलक ही िमल पाती ह किलन िज को अफरा-

तफरी म पार करवात ह िचिडयाघर म भी जदबाजी हावी होती ह इसक बाद ाट टब पर वापस ल आत ह

और इसी अफरा-तफरी को lsquoययॉक दशनrsquo का नाम द िदया जाता ह यिद आप भाषण क महवपण िबद पर

सही ठहराव का योग नह करग तो िनसदह दशक आपक िवचार को नह समझ सकग

यान रख िक आपक पास भी उतना ही समय ह िजतना आपक आस-पास बसनवाल अरबपितय क पास

दशक वा का इतजार करत ह किलफोिनया क मशर लाल सागौन पड़ सकरात क मय स पाच सौ साल

पहल उपजन क बावजद आज भी यवा अवथा म ह कित क धय को दखकर वय क उतावलपन पर शिमदगी

महसस करनी चािहए चपी दिनया क सभी भाव क मकाबल यादा मन-हरण होती ह इस कला पर दता

हािसल किजए और ठहराव क जरए इसका उपयोग किजए

िवराम और ठहराव क सटीक िशण क िलए िननिलिखत सकलन म अप िवराम क सकत का इतमाल

िकया गया ह वाभािवक प स आप इन सकत का िविभ तरीक स इतमाल कर भाषण क महव और अथ

को बदल सकत ह यह मयतः िनजी ाथिमकता का िवषय ह एक दजन स यादा कलाकार न अपन अदाज

म हमलट क िकरदार को िनभाया ह िकस कलाकार न िकरदार परी िनपणता स िनभाया इसका आकलन नह

िकया जा सकता िनजी अदाज को उजागर करन स ही मनचाही कामयाबी िमलती ह

lsquoएक ण का िवराम यव को शष भीड़ स पथक कर दता ह यह आय क बात ह त का कािफला

पच चका ह और अब तक कछ भी यवथत नह ह अर जदी करोrsquo

िजन सासारक उमीद क चाह म य का िदल धड़कता ह वह राख हो जाती ह या उस गमनाम बफ क

तरह होती ह जो रिगतान क धल भर चहर को कछ समय क िलए ढक दती ह

समय क िचिडया क पास उड़न क कई साधन होत ह जबिक एक वातिवक िचिडया अपन पख क सहार ही

फड़फड़ाती ह

आपन गौर िकया होगा िक िवराम िच का ठहराव क िसात स खास वाता नह होता आप भाषण क

िकसी भी िहस को तजी स पढ़ सकत ह और कह भी िवराम ल सकत ह अथा िवचार का महव िवराम

िच स यादा होता ह

lsquoएक किवता क पतक मिदरा का याला पाव रोटी का बड़ा सा टकड़ा और बीहड़ म गीत गात हजार

कठ ओह बीहड़ का सदय वग समान होता हrsquo

बायरन ारा िलिखत सकलन म िवराम सकत पर यान दीिजएmdash

lsquoलिकन शशश (चप करन का सकत) हररर (यान स सनन का सकत) व गहरी आवाज एक बार िफर

सनाई द रही ह पहल स यादा िनकट साफ और घातक धड़ाम lsquoधड़ाम तोप क गरजन क आवाजrsquo

इन वाभािवक िविभता क महव पर लब िवचार-िवमश क आवयकता नह ह आप महसस कर सकत

ह िक आम बातचीत करत व जहन म शद और महावर का ताना-बाना बनन लगता ह और हम सही शद या

महावरा चनन क िलए हलका सा क जात ह इसी कार भाषण क दौरान सास लन क िलए क और परी सास

भरन क बाद ही दोबारा बोलना श कर जदबाजी स भाषण का सदय कम हो सकता ह

सावधानी क तौर पर एक िहदायत बहद जरी हmdashिवराम और ठहराव क िसात का बत यादा अयास न

कर िवराम क यादा अयास स भाषा-शली बोिझल और अवाभािवक हो सकती ह इस बात का भी खास

खयाल रखना जरी ह िक िवराम िकसी आम िवचार को महवपण सािबत करन का काम नह कर सकता

आपको ाचीन हायपद रचना lsquoिमडनाइट मडरrsquo का यायान याद ह िजसक शआत बत आडबरपण तरीक

स ई और अत बहद रोमाचकारी रहा अत कछ इस कार था lsquoऔर उसन िनर ढग स मछर क हया कर

दीrsquo

अितम प म िवराम को कछ इस नाटकय ढग स पश िकया गया िक दशक हसी पर काब नह रख सक

हायपद भाषण म भाषा क यह शली कारगर िस होती ह लिकन गहन और गभीर भाषण तत करत व

हायपद ढग का उपयोग भाषण का भाव ीण कर दता ह अथा भाषण क दौरान िवराम क गभीरता और

लहज क सहजता को समझना बत आवयक ह

7

सर बदलन क दतागाव क उन घिटय क धन िकतनी मधर ह

एक अतराल क बाद सनाई पड़ती ह

आवाज का उतार-चढ़ाव बहद मधर ह अभी धीमा वर

िफर तजी स बजनाmdashऔर तजी स बजना

गजायमान बहद साफ जस झका आ रहा हो

एक साधारण सी श स जर-जर म समा रही ह

वहा जहा याददात गहरी नद सो रही हो

mdashिविलयम कॉपर द टाक

हबट पसर न इस lsquoलयrsquo पर िटपणी करत ए कहा ह िक लखक न बातचीत क दौरान सर बदलन क िसात

को महव िदया ह और lsquoबड़ भावनामक तरीक स ान का दशन तत िकया हrsquo यह िकतना सच तीत होता ह

िक शद क मकाबल सर म उतार-चढ़ाव स कथन क भाव को यादा प िकया जा सकता ह सर म उतार-

चढ़ाव क मामली ितभा स भाषा का ततीकरण कई गना भावी हो जाता ह और सर क उतार-चढ़ाव क इसी

कला को िवभ कहत ह

शद क अतगत सर म बदलाव क कला और यादा अहम ह महावर क मकाबल इस कला का उपयोग

शद क बीच करना बहद महीन काम ह शद िबखरी ईट क समान होत ह लिकन सर बदलन क कला क

ारा इन ईट समान शद स राता गोदाम या िगरजाघर तयार िकया जा सकता ह सर बदलन क कला शद

को नया अथ दान कर सकती ह इसी आधार पर एक परानी कहावत क रचना क गई हmdashlsquoया कहा गया ह

यह महवपण नह ह कस कहा गया ह यह महवपण हrsquo

शसपीयर क रचना पर िटपणी करनवाली शसयत ीमती जसन न सर बदलन स सबिधत एक तीण

उदाहरण िदया ह lsquoलडी मबथ क जसा िदखन क िलए ीमती िसडस न lsquoहम नाकाम रह भाव को तीन अलग-

अलग भाव स पश िकया सवथम ितरकारपण न क तौर पर lsquoहम नाकाम रहrsquo इसक बाद अचरज जतात

ए lsquoहम नाकाम रहrsquo आय को दरशान क लहज क साथ lsquoहमrsquo पर िवशष जोर दत ए lsquoहम नाकाम रहrsquo

अत म परणाम को पता करन क मशा स वह सहमत ए जो मर खयाल स सबस सटीक भाव था lsquoहम

नाकाम रहrsquo एक सामाय अतराल म वर को धीमा गहरा और गभीर करत ए जस उसन मामल का िनपटारा

करत ए कछ इस तरह कहा होmdashlsquoयिद हम नाकाम रह तो य रह अब सब खम हो गया हrsquo

िवदशी भाषा सीखन क िया म वाभािवकता का अहसास िशण क आिखरी दौर म होता ह

वाभािवकता दरशान क िलए सर म बदलाव क कला का उपयोग आवयक होता ह सर बदलन क कला क

अभाव म एकपता झलकन लगती ह

सर बदलन क कला म सर चढ़ान और िगरान का अयास िकया जाता ह सर स सबिधत ितभा असाधारण

होती ह सर क बीच पदा िकया गया महीन अतर का भाव बहद यापक होता ह सर बदलन क कला क ारा

िविभ सर को जम िदया जा सकता ह उदाहरण क िलएmdash

तजी स सर को चढ़ाना

लब अतराल तक सर को खचना

सपाट सर

लब अतराल तक िगरनवाला सर

तजी स िगरनवाला सर

तजी स चढ़न-िगरनवाला सर

तजी स िगरन-चढ़नवाला सर

िहचिकचाहट

दरअसल सर म िविभता क कोई सीमा नह ह इन उदाहरण क ारा सर म बदलाव क सामाय िसात

यानी सर म उतार-चढ़ाव क मायम स होनवाल भाव को दरशाया गया ह

अलग-अलग िवचार और भावना को य करनवाल िविभ सर को सचीब करना नाममिकन ह इस

कला क िशण क िलए कछ महवपण सझाव क साथ अयास क िलए पया सामी का उख िकया

गया ह अयास सर म बदलाव क कला पर पकड़ बनान का सबस आसान तरीका ह

उदाहरण क िलए इस साधारण वाय को ही ल लीिजए lsquoओह यह एकदम ठीक हrsquo यान दीिजए िक कस

सर बदलन क जरए फक सराहना िवन सदह और िवचार क अिनतता को य िकया जा सकता ह

इसक बाद यान दीिजए िक कस समान भाव को दरशान म िगरता आ सर िनय अछ आचरण क साथ

सहमित उसाहपण सराहना आिद को दिशत करता ह

साधारण तौर पर ऊच सर स शका और अिनतता का भाव पदा करता ह जबिक िगरत ए वर स

िनतता का बोध होता ह

छा यह सािबत करन क िलए िक उनका भाषण lsquoकछ खास बरा नह थाrsquo ऊच सर का इतमाल करत ह

इसक िवपरीत नीच वर म भाव य करनवाल छा को कथन क सयता मािणत करन क आवयकता

नह होती

उस य को अलिवदा कहन क कपना कर िजसस आप कल दोबारा िमलन वाल ह िफर उस िम को

िजसस िमलन क सभावना बहद कम ह इन दोन भाव म सर क बदलाव का अहसास खद-ब-खद हो जाएगा

चाय पर िकसी कम पहचान क मिहला स अलिवदा कहत समय lsquoआपक साथ िबताया गया समय बहद सखद

थाrsquo का भाव और िमका क साथ िबताए गए समय क बाद इस भाव का ततीकरण समान नह होता दोन

थितय म सर म बदलाव क अतर को महसस िकया जा सकता ह

इस बात को अछी तरह समझ लना चािहए िक सर म बदलाव क िया बहद अयािशत होती ह एक-

एक शद क बीच बहद महीन बदलाव भाषण क दौरान सर म तज और बहद धीम बदलाव स इस कला को

दिशत नह िकया जा सकता हालािक यह भी नह नकारा जा सकता िक कभी-कभी सर म तज और धीम

बदलाव क भी आवयकता होती ह पर जािहर तौर पर यह िसात िवशष परथित म ही कारगर िस होता

ह िननिलिखत वाय का उारण िदए गए सकत क आधार पर किजएmdash

अब इस वाय क िविभ मतलब िनकालन क नजरए स महवपण शद क सर बदलन क कोिशश

किजए ऊपर िदए गए उदाहरण म सर को कवल दो शद क िलए बदलन क सलाह दी गई ह लिकन

हककत म अलग-अलग शद क वर को बदलकर वाय क कई मतलब िनकाल जा सकत ह

यान रह िक शद क उारण म सर का बदलाव आवयकता स यादा या कम नह होना चािहए सर म

जरत स यादा बदलाव भाषा को बनावटी बना दता ह ऐसा लगता ह जस एक परप गिहणी चलबली

अदाए िदखान क कोिशश कर रही हो यह एक वाभािवक भाव और िबना इराद िकए गए मजाक क बीच एक

महीन परद क समान ह अपन सर का वय िवषण किजए उदाहरण क तौर पर lsquoओह नहrsquo या िफर

lsquoओह म समझाrsquo और lsquoवातव मrsquo जस भाव को सर क बदलाव क जरए अलग-अलग मतलब दन क कोिशश

किजए और धयपवक इसक समीा किजए िनयम क पतक क मकाबल यह अयास िवषय को यादा

गहराई स समझन म मदद करगा इसक अलावा अतमन क आवाज पहचानना भी महवपण िवशषता ह

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भाषण-शली म एकातासावधानी बौक ि क िलए समदश य का काम करती ह इसक मता कम और यादा हो सकती ह इसक दखन का दायरा कम और

यादा हो सकता ह जब इसक मता को बढ़ाया जाता ह तो इसका दायरा कम हो जाता ह लिकन इसका परणाम बहद कशल एव गहन होता ह

हालािक इसक ारा बहद कम दायर म दखा जा सकता ह लिकन कम दायर म िदखनवाली चीज का बारीक स अययन िकया जा सकता ह एक

सीमा तक कित बौक ऊजा एव सियता चाह अनभव स हो या िवचार स सय क उन िकरण क समान होती ह िजह काच क टकड़ क

मायम स इका िकया जाता ह वत सय क िकरण स गरम हो जाती ह और आग पकड़ लती ह

mdashडिनयल पतनम मनोिवानी

िसर क ऊपर आग-पीछ क ओर हाथ फर और साथ ही अपन सीन को थपथपाए तालमल का सही अयास

होन तक यह िया नाममिकन नह तो बहद उलझन भरी जर महसस होगी एक ही समय पर दो या तीन काम

करन क िवा सीखन क िलए िदमाग को िवशष अयास क जरत होगी ह अिधकतर मनोवािनक क

मतािबक िदमाग एक समय म दो िवचार क िवषय म नह सोच सकता अकसर हम महसस होता ह िक हमन दो

िवचार क िवषय म एक ही समय म सोचा ह लिकन दरअसल ऐस दो िवचार क बीच बहद समानता होती ह

िलहाजा हम लगता ह िक यह एक ही समय म होनवाली िया रही होगी

इस दाव क सयता क मनोवािनक वजह जो भी हो लिकन इस तय स इनकार नह िकया जा सकता िक

िदमाग दसर िवचार तक पचत व पहल िवचार को छोड़ दता ह और यह िया िनरतर जारी रहती ह

अिधकतर वा एक िवचार य करत समय अगल िवचार को सोचन क बत आम लिकन हािनकारक

गलती करत ह और इस तरह वा क एकाता भग हो जाती ह परणामवप वाय क शआत तो बहद

भावशाली होती ह लिकन अत बहद फका हो जाता ह पहल स तयार िकए गए िलिखत भाषण म यान रखा

जाता ह िक वाय क अत म ही बल दन योय शद का योग िकया जाए लिकन बल दन योय शद क िलए

भावशाली तित क भी आवयकता होती ह एकाता क अभाव म यह भाव फका पड़ जाता ह िलहाजा

मौजदा वाय पर यान कित करना बत आवयक होता ह याद रह िक दशक का िदमाग वा क िदमाग का

बत यानपवक अनकरण करता ह यिद भाषण क दौरान एकाता को मौजदा वाय क जगह अगल वाय पर

कित कर िदया जाए तो दशक का िदमाग भी भटक जाता ह हालािक दशक म यह भटकाव सोचा-समझा नह

होता लिकन िनसदह ऐस मौक पर मौजदा वाय का महव दशक क िलए कम हो जाता ह वा और

कलाकार क िलए िवचार का भटकाव बत हािनकारक िस होता ह

िनसदह भाषण क बीच वाभािवक िवराम क दौरान अगल वाय क बार म सोचा जा सकता ह लिकन एक

वाय बोलत समय दसर वाय क बार म सोचना हािनकारक होता ह िकसी गहन िवचार को एकाता क िबना

तत नह िकया जा सकता िनसदह एका य िवचार क भाव को बहद भावशाली ढग स तत करन

क योयता रखता ह भाषण क तयारी क समय वा िवचार और भावना को कित करता ह वाभािवक

िवराम क दौरान अयत वा आगामी िवचार पर यान दत ए भावशाली तित क तयारी करता ह लिकन

भाषण क दौरान कवल बोल पवानमान न कर एकाता क साथ शय को भी बाट उदाहरण क िलए

िननिलिखत पर यान दmdash

lsquoआपन या पढ़ा मर वामीrsquo हमलट न जवाब िदया lsquoशद शद शदrsquo यह एक ाचीन समया ह

शद का सपाट उारण भाव पदा नह करता लिकन शद को खचन स भाव य हो सकता ह या आपन

कभी यान िदया ह िक रटा आ भाषण िकतना खोखला महसस होता ह या आपन कभी एक लय और तज

वर म दोषारोपण करनवाल अभावी कलाकार वकल या उपदशक को सना ह ऐस लोग मानिसक समया स

िसत होत ह पशवर लोग इस बात का अदाजा नह लगा पात िक महवपण भाव को सपाट तरीक स य

करन स उसका भाव न हो जाता ह िलहाजा महवपण भाव को ढ़ता स तत करना आवयक होता ह

ऐसी तित वा और दशक दोन क िलए कदायक होती ह इस िलहाज स तो तोत को भी वापट माना जा

सकता ह शसपीयर न बड़ सटीक उदाहरण क साथ समझाया ह िकmdash

lsquoमर शद ऊपर उड़त ह िवचार सतह पर रहत ह

िबना सोच बोल गए शद वग तक नह पचतrsquo

िनपण वा होन क नात शद को बार-बार नया जम दना चािहए इस कार भाषण स एकपता क बादल

छट जात ह शद क पीछ िछप वाभािवक हािदक ताजा और सहज िवचार भाषण क तित को जीवत बना

दत ह शद अिभय का परणाम होत ह कारण को ोसािहत िकए िबना परणाम तक नह पचना चािहए

या आप जानत ह िक यान कस कित िकया जाता ह या आपन िविभ शद क दाशिनक अथ पर

यान िदया ह गौर कर िक िकस कार एक काच का टकड़ा सय क िकरण स िमलनवाली ऊजा को कित

करता ह कठोर सय ह िक एका न हो सकनवाल य म या तो इछा-श क कमी होती ह या वह

घबराहट क बीमारी स िसत होता ह या िफर उस इछा-श क महव क जानकारी ही नह होती ह

हर य म वातावरण क बाक घटना स यान हटाकर खद को एका करन क श होती ह शरीर क

िकसी िहस म होनवाली पीड़ा पर यादा यान कित करन स पीड़ा और बढ़ जाती ह टिनस क खल म हार

पर यान दीिजए दशन म खद-ब-खद िनखार आ जाएगा एकाता का अथ हmdashिकसी एक चीज पर यान

कित करना और बाक चीज स यान हटाना यिद आप ऐसा नह कर पा रह ह तो कछ गड़बड़ ह इस कमी

पर सबस पहल यान द कमी को सधारन क भरपर कोिशश कर िनत प स समाधान िनकल आएगा

lsquoआम-शrsquo स सबिधत अयाय को यान स पढ़ इछा और अयास क ारा इछा-श को िवकिसत

कर हर कमत पर यान लगाए िनत प स सफलता हािसल होगी

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बलहालािक यह साधन चौका करता हmdash

उदासीनता स यथा न पदा होन द

उसाह हािसल करन क िलए भ समाज का िहसा बन

ऐसा करन स नितकता क भख बढ़गी

mdashबायरन डॉन ान

कई नाटक अछ होन क बावजद दशक को भािवत करन म नाकाम िस होत ह रगमच क जबान म कहा

जाए तो ऐस नाटक एक िनत भाव स ऊपर उठन म नाकाम रह ह दरअसल ऐस नाटक म रोचकता

मनोरजन और चडता क कमी महसस होती ह

िनसदह ऐस नाटक ासदी स कम महसस नह होत सटीक शद म कह तो ऐस नाटक क ततीकरण क

िलए बत कम तयारी क जाती ह और मच पर भी अिभनय म जान डालन क खास यास नह िकए जात इन

नाटक का ततीकरण बहतर कर िदया जाए तब भी दशक पर खास भाव नह पड़ता अतः इन नाटक को

जद भला िदया जाता ह

बल या हपणतः प तीत होनवाल शद क बारीक स छानबीन क जाए तो कई ग अथ िनकाल जा सकत ह

बल को इस णी म समिलत िकया जा सकता ह

शआत करन स पहल आतरक और बाहरी श क बीच क अतर को बारीक स समझन क कोिशश करत

ह इनम स एक श कारण ह तो दसरी नतीजा एक श वातिवक ह और दसरी ईरीय इसी कार

िनजव और सजीव बल अलग-अलग होत ह य म आतरक श को जटाकर उस भावशाली ढग स

तत करन क असीम ितभा होती ह यह कला गधक-पोटाश क समान नह होती िजसम िवफोट क िलए

बाहरी ताकत का इतमाल करना ही पड़ता ह य क बाहरी ताकत स भािवत होनवाली वातिवक श

अतमन स जम लती ह यह सनन म महज मनोवािनक तीत हो सकता ह लिकन भाषण क कला म िनपणता

हािसल करन म इसका भाव बहद महवपण िस होता ह

वा क िलए मानवीय श और शारीरक बल क बीच अतर को समझना बत जरी ह साथ ही इसक

वातिवक गण को भी गभीरता स समझना चािहए उदाहरण क तौर पर तज आवाज म बोलना श का तीक

नह होता ऊचा बोलन को अकसर िचाना माना जाता ह महज गरजन स भाषण को भावशाली नह बनाया

जा सकता हालािक ऐस कछ पल जर होत ह जब भाषण क िकसी िहस को तज आवाज क जरए बत

भावशाली बनाया जा सकता ह

बल यिद कारण ह तो भाव भी ह आतरक श का जम चार महवपण गितशील तव स होता ह सबस

पहल बल क उपि ढ़ िनय स होती ह भाषण क दौरान िकसी महवपण भाव को बल दन स पहल कथन

क सयता महव और सही मतलब का बोध होना बत जरी होता ह ढ़ िनय िवास को जम दता ह

lsquoद सटरड ईविनग पोटrsquo क एक लख lsquoइलड क टीआरrsquo म िवटन पसर चिचल न प उख िकया ह

िक चिचल और जवट क कामयाबी क पीछ भावशाली भाषण क कला सबस बड़ी वजह रही ह

आतरक श क महा को गहराई स समझन क िलए इसक मल िसात को करीब स जानन क कोिशश

करत ह य ढ़ िनय क भावना को कस महसस करता ह इसका जवाब खद सवाल म िछपा ह य

इसको महसस करता हmdashिनय का अहसास भावनामक तनाव पदा करता ह योडोर जवट और िबली

सड क भाषण दत व खची गई तसवीर का यान स अययन किजए भाषण क अत म पचन पर उन

वा क जबड़ म िखचाव और तनाव क वजह स शरीर म िखची नस पर यान दीिजए नितक और

शारीरक बल लगभग एक ही तरह स काम करता ह दोन बल को दरशान म तनाव और तत श क भिमका

एक समान होती ह

धनष क यचा क िखचाव और यचा खचन म मासपिशय का बल दशक को आकिषत करता ह इसी

कार जब वा अपनी सयोिजत श का दशन करता ह तो दशक म उसकता क लहर वािहत हो जाती ह

इस सयोिजत श को उजागर करन क िलए इस ढीला छोड़ना आवयक होता ह यही वह श ह जो दशक

को सतक बनाती ह दशक वा क जबान स बरसनवाली शद क बौछार का उसकता स इतजार करन लगत

ह आिखरकार यह इनसानी िफतरत ह एक ग म िनय और भावनामक तनाव जस जबात को नह डाला

जा सकता यिद आप अपन भाषण पी चबतर पर लकड़ी क बराद क गी लगान क सोच तो वाभािवक ह

िक आपक भाषण क फक खद-ब-खद िनकल जाएगी

िनय और तनाव क िवकिसत ितभा स दशक क बीच उसाह पदा करन का भरोसा पदा होता ह उय

को बल क आधारभत श माना जाता ह इसक अभाव म भाषण कमजोर पड़ जाता ह इसस चमक तो पदा

हो सकती ह लिकन यह चमक िबना रीढ़ क हीवाली जली मछली क समान महवहीन होती ह िजस रतार

स आप दशक पर पकड़ बनात ह उसी रतार स आपका िवास मजबत होता जाता ह

अततः यिद िवास तनाव और उय क िमण स लय को गित नह िमल रही ह तो इसका योग िनरथक

सािबत होता ह अपनी श को lsquoनीरसता म तदील न होन दrsquo उस सकारामक प दन का यन िनरतर जारी

रख

या बल को अिजत िकया जा सकता हहा इस बल को अिजत करन क इछा रखनवाला वा उ ितभा को हािसल कर सकता ह िननिलिखत

िवषण क ारा इस कला पर पकड़ बनान क सझाव िदए गए हmdashिवषय पर िवास कायम करन तक भरोस

को अिडग रख

यिद िवचार जहन म तनाव पदा नह कर पा रहा ह तो अहसास को जा करन क कोिशश जारी रख यिद

िहम-दरार को लाघना जीवन-रा क िलए जरी हो जाए तो िकसी रणा क आवयकता नह होती ऐस मौक

पर य अपनी मासपिशय म खद-ब-खद लचक महसस करन लगता ह इसी कार भाषा म िनपणता हािसल

करन क िलए वा रणा खोजन क तर स ऊपर उठ जाता ह अथा भाषा म िनपणता हािसल करन म भी

इछा-श अहम भिमका अदा करती ह

यह तय दोहरान योय हmdashदता हािसल करन म इछा-श सवपर ह इछा-श क लौ जलाए रखन

क िलए दशक या िफर आप खद रणा का ोत बन सकत ह इजन िकतना भी उम हो ईधन क अभाव म

उसस काम नह िलया जा सकता इसी कार िवराम वर क उतार-चढ़ाव और सर क बदलाव म अयत वा

म ऊजा का अभाव तित को अभावशाली बना दता ह

भाषण म बल पदा करन क चार महवपण गण पर भरपर िनयण होना चािहए व गण इस कार हmdash

िवचार िवषय पर मजबत पकड़ शद का सटीक चयन एव ततीकरण इस अक म इन सभी िवशषता क

बार म िवतत जानकारी दी गई ह िवशषकर सटीक शद का चयन इसक जरए यायान क कला बहद

भावशाली हो जाती ह भाषण म बल थािपत करन क िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दmdash

सटीक शद का चयनअसाधारण शद क मकाबल सामाय शद यादा भावशाली िस होत ह बाजीगीरी क मकाबल lsquoहाथ क

सफाईrsquo यादा चिलत शद ह

लब शद क मकाबल छोट शद यादा खर होत ह lsquoसमापनrsquo क मकाबल lsquoखमrsquo यादा चिलत शद

सकत क मकाबल दवनागरी िहदी क शद का योग कर lsquoअनrsquo क जगह lsquoआगrsquo का इतमाल यादा

भावशाली महसस होता ह

यापक शद क मकाबल िनत शद का महव यादा होता ह lsquoमकrsquo क जगह lsquoछापनवालाrsquo यादा

प भाव पदा करता ह

लय सािबत करनवाल शद िनसदह आमतौर पर बोल जानवाल शद क मकाबल यादा गहरा भाव

डालत ह lsquoउसक शादी हो गईrsquo क मकाबल lsquoआिखरकार उसन शादी कर ही लीrsquo स भाव क पता बढ़ जाती

शसयत स सबिधत अपशद क मकाबल लण दरशानवाल शद का भाव यादा होता ह lsquoउस मार

इनसान स कह दनाrsquo क मकाबल lsquoउस चालाक लोमड़ी स कह दनाrsquo जस शद स भाव यादा भ एव

भावशाली हो जाता ह

शद को मब करनावाय क शआत यान आकिषत करनवाल शद क साथ कर

ोफसर बरट वडल क मतािबक lsquoितावा शद क साथ वाय का अत करrsquo

कमजोर िवचार क समख गहन एव गभीर िवचार तत कर इस वचारक तलना स आमिवास बढ़ता ह

भाव को यादा िवतार स तत नह करना चािहए छोट वाय यादा भावशाली होत ह

िनरथक शद को भाषण स छाटन क कोिशश कर तािक अहम शद पर िवशष बल िदया जा सक

आम घरल कहावत का इतमाल औपचारक और दाशिनक िवचार क मकाबल यादा भावशाली होता ह

वाय म गहन िवचार को सही थान द इस कार िवचार क महवपण िहस को यादा बल दान िकया जा

सकता ह

lsquoलिकनrsquo िकसी न कहा ह lsquoिवषय क िदलचप िहस पर िनभर होन स भाव नह जमता उसक मल भाव

प तौर पर क गई याया और तित का सदय दशक को आकिषत करन म यादा कारगर सािबत होता

हrsquo िकसी य को बलपवक आकिषत करन क मकाबल उस मोिहत करना यादा उम तरीका ह

बल का योग य िकया जाए

यह नजरया वातिवकता क बहद करीब ह लिकन पण प स वातिवक नह ह पता धारणा सदय एव

सय क साधारण याया करना आवयक होता ह िनत ही इन गण क िमण स ततीकरण म चार चाद

लग जात ह

छोट-मोट हार क परवाह करनवाल वा आामक सदश दन म िवफल सािबत होत ह िजस तरह सत-

चमकल पथर को रगड़कर िचनगारी पदा नह क जा सकती उसी कार मा सहजता स दशक म िजासा

पदा नह क जा सकती

दशक स भर मच क समख अिभनय करत समय यिद आप भावकता क साथ कह lsquoमझ लगता ह िक

नायशाला म आग लग गई हrsquo तो जािहर तौर पर दशक हसी स फट पड़ग यिद इस भाव को िचता और

बौखलाहट क साथ य िकया जाए तो दशक एक-दसर को रदत ए बाहर क दरवाज क ओर भागना श

कर दग

वा क िमजाज और भाषा क भाव स सदश ढ़ हो जाता ह िकसी यादगार भाषण म lsquoमझ लगता हrsquo lsquoमझ

पता लगाना होगाrsquo lsquoमरी राय मrsquo और lsquoशायद यह सच हrsquo जस भाव का उपयोग नह िकया गया ह वा क

आमिवास और िनभक भाषण-शली न ही महा व यादगार भाषण क नव रखी ह दरअसल इन वा

न शद क जरए अिवनाशी सय को जािहर करन क िहमत िदखाई ह ईसा मसीह क बार म कहा गया ह िक

lsquoसाधारण य ईसा मसीह का वचन बत आनद स सनत थrsquo य दरअसल lsquoईसा मसीह पण िवास क

साथ िशा दान करत थrsquo दशक पर इस बात का भाव नह पड़ता िक आपक मतािबक या सही ह और

आपक मायता या ह भाषण म दशक को आकिषत करन क ऊजा होनी चािहए बोलन स पहल िवचार क

सयता को परखा जाना चािहए िफर उस िवचार को सय क तौर पर तत करना चािहए ढ़तापवक

िवचार क सयता को मािणत करना चािहए िवचार क घोषणा चनौतीपण लहज म करनी चािहए यिद आप

िवास क साथ नह बोल सकत तो बहतर ह िक चप रह

एक कर िवचारवाल यवा मी म वह कौन सी श होती ह जो हठधम होन क बावजद दशक को

ोसािहत करन म कामयाब हो जाता हmdashlsquoमर दोतो जो म आपको मानता भी कतय क नात आपको बताना

चाहता िक पााप ही पाप को धोन का सही माग ह पााप स पाप परी तरह धल जात ह साथ ही सय

क माग क जानकारी िमलती ह लिकन इसस बड़ी साई यह ह िक यिद म भी आपको यही िशा दन लगगा तो

सभी लोग पााप का माग अपना लग िफर यहा कोई नह बचगाrsquo भावशाली भाषण म एक यग स सबिधत

दशन तत करना चािहए आज क दौर म उसाहहीन और बमन स तत िकए गए भाषण को कोई नह सनना

चाहता आज क यग म समाज दिनया भर क जानकारी रखता ह िलहाजा भाषण और िवचार को चिलत करन

क िलए वा को दशक क िमजाज को समझना चािहए पहली कतार म बठकर िकसी िस नाय रचना को

गौर स दिखए यान रह रोमाचक नाय रचना हाय रचना नह नाटक दखत समय कहानी स अपना यान परी

तरह स हटा लीिजए और ततीकरण क तकनीक एव कलाकार क अिभनय पर यान कित किजए नाटक

क अत म अिभनय म िवशष आकषण एव बलता का अनभव होगा इस अयाय म यही तत करन क

कोिशश क गई हmdashदरअसल पण प स सिनयोिजत िनयित और कोमलता स िकया गया बल-योग दशक

क मन पर अिमट छाप छोड़न का काम करता ह

बल का योग कब िकया जाए

दशक और वग क राय िनवासी समान होत ह दशक को जबरदती मोिहत नह िकया जा सकता भाषण

क एक बहद नाजक पहल पर सदय और शाित को एक ही भाव म घोलना पड़ता ह बल क उपि िवरोधाभास

क दो अनत िकनार म स िकसी एक िकनार पर होती ह इनम स िकसी एक िकनार यानी बल या शाित को

भाषण का आधार नह बनाया जा सकताmdashइन दोन भाव का सटीक इतमाल करना चािहए भाव क िनरतर

उतार-चढ़ाव स दशक को आकिषत करनवाली ऊजा पदा होती ह सयदय क सदय क याया करत समय

िजतना जोर िचिडय क चहचहान फल क िखलन और ाकितक सदरता पर दना चािहए वह लोग क चहल-

पहल शोर-शराब और दर स आती रलगाड़ी क गड़गड़ाहट का िज भी उसी उसकता स िकया जाना चािहए

ऐस यायान म दशक क सोच को खलन का भरपर मौका द याद रख कई िदमागी ितजोरय क चाबी खो

चक होती ह इन ितजोरय को खोलन का यास कर जब म इस भाव को समझान क कोिशश करत ए िलख

रहा था िनत प स उसी व कह कोई ठकदार िकसी इमारत क िलए जमीन एक-सार करन क मशा स

पहािडय को बाद स उड़ा रहा होगा अथा काय म िवास रखनवाल य को बाद स नह घबराना

चािहए

भाषण क दौरान भावशाली तित क िलए आिखरी तक यह ह िक िवचार का आधार तयार करन क िलए

यापक एव वत सोच होनी चािहए यही वजह ह िक कछ भाषण को सबह क सारण म िवशष थान िदया

जाता ह अभावशाली ततीकरण क वजह स बत स बयान अपरप एव बढ़ा-चढ़ाकर पश िकए गए

महसस होत ह लिकन िदलचप ह िक दशक का यान खचन म यह िविध कारगर िस होती ह अतः यान

रख िक भाषण तयार करत व हलक िवचार को कमजोर कड़ी न बनन द ऐसी थित म दशक भाषण क

लचीलपन को भाप लत ह एक ितयोिगता क दौरान ीस क महा मितकार िफयास न मित क बाहरी िकनार

पर लापरवाही स गाढ़ी रखा खची उस लापरवाही क िलए आलोचना का दौर श हो गया लिकन िफयास न

मसकरात ए कहा िक उसक ारा बनाई गई मित और दसर मितकार क मित को उस ढाच म रखा जाए जो

मितया थािपत करन क िलए बनाया गया ह तो आयचिकत प स िफयास क ारा मित क चार ओर

खची गई गाढ़ी रखाए यादा आकिषत िस ई इस तरह िफयास क मित स सबिधत सभी शकाए और

आलोचनाए वाभािवक प स शसा म परवितत हो गई इसी तरह भाषण क ढाच को तयार करत समय भी

कवल बल दन योय पहल पर ही िवशष यान दना चािहए

ततीकरण क अदाज म यिद आप आामक रवए को पसद नह करत ह तो जसा िक वडल िफिलस न कहा

ह इस थित म बल क ारा भाषण म सहज भाव डालन क कोिशश कर िवचार को सास लन और शद

को जीवन दन का यास कर िबरल क अनसार lsquoयक वाय को व िबी क िखलौन क तरह झटका और

िचनगारी पदा करन योय बनाएrsquo भाषण म मौजद महवपण भाव को िवशष बल दन का यन िनरतर जारी

रख

10

भावना एव जोशजोश वह गोपनीय एव सदय स भरपर श ह

जो ितभाशाली य क आस-पास मडराती ह

mdashइसाक िडजराइली सािहयक िकरदार

यिद आप वािनक क टोली को िततली क खबसरत पख पर मौजद नस क जाल और सड़क क सरचना

जस िवषय पर सबोिधत कर रह ह तो वाभािवक प स ऐसा िवषय वा और दशक म उसाह क उमग पदा

नह कर सकता य सभी िवचार करन योय िवषय होत ह लिकन बाल-म जसी करीित को खम करन क

मिहम या वतता क िलए हिथयार उठान जस िवषय पर िदए गए भाषण जािहर तौर पर दशक म जागित और

उजना क लहर पदा करत ह हम आरामदायक ग पर सोत ह ठड िदन म हीटर पर हाथ तापत ह वािद

यजन खात ह और िवपरीत िलग क ओर आकिषत होत ह इस आकषण क पीछ सख-सिवधा को सही

ठहराना उिचत तक नह हो सकता इस वभाव क मय वजह आराम क ित झकाव होती ह हमारी भावनाए

खान क ित हमारी इछा और सामािजक यवहार का तरीका िनधारत करती ह इनसान भावनामक ाणी ह

िलहाजा कशल वा बनन क िलए दशक क भावना को करीब स छना जरी होता ह

अक मल क गरीब माता न नीलामी म अपन ब को गलाम क तौर पर िबकत दखा ह इस ासदी स

त माता न शष अमरक वा क मकाबल दशक क िदल को यादा करीब स छआ ह िनसदह उन

माता को भाषण क िनयम क कोई जानकारी नह थी लिकन उनक पास िनयम स बढ़कर कछ थाmdashमातव

क भावना एव कणा कर म बदलाव और डाक-यवथा म सधार स सबिधत िवषय पर खास भाषण नह

िदए जा सक ह यादगार भाषण सदव भावना स िल रह ह वापटता क िलए कामयाबी और बिफ

िजदगी खास उपयोगी सािबत नह होती िकसी बड़ी भल को सधारन और त जनता को जा करन क िलए

क गई कोिशश न यादगार भाषण को जम िदया ह गलामी को यग क सबस िवकट िवपि घोिषत करत ए

पिक हनरी न कभी न भलाए जानवाला भाषण िदया था भाषण क दौरान ईमानदारी और भावकता स सराबोर

होकर पिक न कहा था िक lsquoया तो मझ आजादी दो या िफर मौतrsquo भाषण क इस प को कभी नह भलाया

जा सकता

जोश का भावराजनीितक पािटया िकराए पर गान-बजानवाल क टोिलया बलाती ह तािलया पीटन क िलए नकद इनाम दती

ह अफसोस िक इस काय को तकसगत भी ठहराया जाता ह राजनीितक पािटय क मान तो ऐसा करन स जनता

क उसाह को आसानी स वोट म तदील िकया जा सकता ह इस तक क सयता का आकलन नह िकया जा

सकता लिकन इस बात म भी दो राय नह ह िक समण क समान उसाह क वि तजी स फलन क होती ह

घड़ी बनानवाली एक कपनी न घड़ी क दो िकम को दो अलग-अलग िवापन क जरए बचन का राता

आजमायाmdashपहल िवापन म घड़ी बनान क बजोड़ िविध कारीगरी और घड़ी क लब समय तक िटकाऊ रहन

का भरोसा दिशत िकया गया दसर िवापन म lsquoगव करन लायक घड़ीrsquo जसी पचलाइन क जरए घड़ी खरीदन

स सबिधत गौरव का यायान िकया गया िवापन का दसरा तरीका बहद पसद िकया गया और पहल क

मकाबल दसर मॉडल क घिडय क िब दोगनी रही

अतहीन उदाहरण क जरए यह सािबत िकया जा सकता ह िक इनसान एक भावनामक ाणी ह एक

भावशाली वा बनन क िलए दशक म िवषय क अनसार भावना पदा करना बत जरी होता ह

वाद-िववाद क कला म िनपण वा अछी तरह स जानत थ िक भाषण का भावनामक पहल सबस अहम

होता ह उहन बड़ी चतराई स वापटता क बार म कहा हmdash

lsquoिदखावटी उसाह गभीर भाव यायान म िनपण रोचकता क कवल कपना क जा सकती ह इस पण

प स हािसल नह िकया जा सकता यह कवल तभी हािसल होती ह जब हािसल हो जाए यह जमीन स

िनकलनवाल फवार क समान ह पहाड़ क मख स िनकलनवाल लावा क समान ह जो कवल ाकितक श

स ही बाहर िनकलत हrsquo

lsquoिवालय म िसखाए जानवाल नजाकत स भर भाषण क तौर-तरीक उस व काम नह आत जब बीवी-

ब क भाय और दश क नाजक थित को सधारन क िलए भाषण िदया जाए ऐस मौक पर शद शहीन

हो जात ह और वापटता घास चरन चली जाती ह ऐस मौक पर योय-स-योय वा क मता ीण हो जाती

ह अतः कहा जा सकता ह िक वापटता दशभ और आमिना का एक प ह िवचार क पता िवशष

उय ढ़ िनय िनभक वभाव दीमान आख जबान पर लहरात शद और िवषय पर यान कित

करन क श स वापटता का जम होता ह ऐसी वापटता बोलन क बाक िनपणता क मकाबल यादा

भावशाली होती ह यह एक िया ह एक भावशाली और उम ियाrsquo

एक बार खाना खान क बाद एक लखक गाव क सड़क पर टहलन क िलए िनकला रात म उसन एक ढगी

को बोलत ए सना एमरसन क हर य स कछ सीख लन क सलाह को मानत ए लखक क गया और

उस ढगी क बात को यान स सनन लगा वह य बाल मजबत करन क दवा बच रहा था और दावा कर

रहा था िक उसन इस दवा क खोज एरजोना म क ह उसन अपन िसर स टोप हटात ए दवा क सकारामक

असर का यायान िकया दवा स मह धोकर सािबत िकया िक दवा हािनकारक नह ह इसक बाद दवा क

फायद का भरपर यायान कछ इस तरह स िकया िक खरीदार क लाइन लग गई दवा बचन क बाद उस

जालसाज न बड़ िवास क साथ यह समझान क कोिशश क िक मिहला क मकाबल पष यादा तादाद म

गज य पाए जात ह इस िवषय म िकसी को कोई जानकारी नह थी उसन समझाया िक मिहलाए पतल तलव

क जत पहनती ह इसिलए शरीर का मा धरती स सपक यादा होता ह पष मोट तलव क जत पहनत ह और

बाल को पोषक तव स विचत रखत ह उस जालसाज क पास इस समया का भी िनवारण थाmdashएक ताब का

टकड़ा िजस जत क तलव म रखन स समया हल हो सकती थी िदलचप बात ह िक सहज और वाभािवक

तौर पर पश िकए गए उस िनवारण का जनता न उसाह क साथ वागत िकया और एक बार िफर खरीदार क

लबी कतार लग गई

lsquoएमरसन न कहा हmdashसनो उसाह क िबना बड़ी कामयाबी हािसल नह क सकती हrsquo कालयल न कहा ह

lsquoइितहास क प म शािमल महा लमह कवल और कवल जोश व उसाह का परणाम हrsquo उसाह क भावना

चचक क समण क तरह फलती ह ऑिलवर ॉमवल न कहा ह lsquoइतन ऊच कभी न पचो िक पता ही न

चल जाना कहा हrsquo

उसाह को कस हािसल और िवकिसत िकया जाएउसाह कोई कमीज नह ह िजस जब चाह पहन लो और जब चाह उतार दो उसाह को पतक म मौजद

नसीहत स भी हािसल नह िकया जा सकता उसाह समय क साथ िवकिसत होनवाला भाव होता ह लिकन

सवाल ह िक िकस चीज का भाव जानन क कोिशश करत ह

एमरसन न िलखा हmdashlsquoएक िचकार न मझ बताया िक पड़ का बहतरीन िच बनान क िलए िचकार को खद

को पड़ क समान महसस करना पड़ता ह इसी कार एक ब का िच बनान स पहल ब क शरारत

हरकत और वभाव को समझना जरी होता ह खद को ब जसा महसस करनवाला िचकार ही ब क

िविभ भाव को िच क ारा कट कर सकता ह म रिगतान म रहनवाल एक ऐस िचकार को जानता

िजसन चान का िच बनान स पहल उसक भौगोिलक िवशषता क बार म जानकारी हािसल क और उसक

ारा बनाया गया िच िव-िस आrsquo

िकसी किठन िकरदार का अिभनय करन क िलए साराह बनाड उस िदन शाम 4 बज क बाद न तो िकसी स

िमलती थ और न ही बातचीत करती थ इस अतराल म वह अपन िकरदार म खोई रहती थ शसपीयर क

नाटक म अिभनय करनवाल महा कलाकार बथ भी िकरदार िनभान स पहल अकल रहना पसद करत थ और

खद को िकरदार म डबोए रखत थ एक महा कित lsquoद िडवाइन कॉमडीrsquo िलखन स पहल दात अपनी िमका

लोरस स लब समय तक दर रह जगल म िठकाना बनाया गफा म जीवन िबताया और कई बार भखमरी क

कगार तक पच इस क भर जीवन क बाद दात न महा हाय कित को िलखा सयदय क सदय का वणन

करन क िलए टरनर न िदन िनकलन स पहल 12 िकलोमीटर का पहाड़ी सफर तय िकया और िफर सम-तट स

उगत सय क सदय और मिहमा का वणन िकया वडल िफिलस क वाय िदलोिदमाग पर बत गहरा असर

डालत ह यिक िफिलस न 50 लाख गलाम क दःख-दद को करीब स महसस िकया था

भाषा म अहसास पदा करन का बस यही एकमा राता ह बोलत समय िवषय को िदल स महसस कर और

बाक सब भल जाए आप िजस अहसास का वणन करना चाहत ह उसक िकरदार म पण प स उतर जाए

आप िजस उय क वकालत कर रह ह िजस मामल पर बहस कर रह ह उस व क तरह धारण कर ल

उसम समा जाए और इस दौरान बाक सब भल जाए इस तरह भाव क सही मतलब तक पचा जा सकता ह

िवषय म सहानभित का भाव पदा िकया जा सकता ह कट क जानवाली भावना िनजी भावना जसी तीत क

जा सकती ह ऐसा करन स िवषय का अहसास समािहत हो जाता ह और उसाह वातिवक एव सामक प

धारण कर लता ह

इस िया को महज सलाह क तौर पर नह लना चािहए इस महसस करना चािहए यायान का अदाज

वा क भावना क उबाल को दशक क सामन परोस दता ह भाषण म वातिवक अहसास ढाच म मौजद

खन और ही क समान होता ह िजस न तो बढ़ाया जा सकता ह और न ही घटाया जा सकता ह एक आदश

भाषण म वा और दशक क भावना एक समान हो जाती ह अहसास एक-दसर क साथ िमल जात ह और

तित यादगार बन जाती ह

मानवता म सहानभित क आवयकतावा म मानव वभाव स सबिधत कणा का भाव जोर-जबरदती स पदा नह िकया जा सकता उसका

िवकास वय होता ह िवटर गो क आमकथा िलखनवाल लखक न गो क अथाह धािमक भावना को

लखन कला क महानता का आधार बताया ह हाल ही म lsquoकॉिलयसrsquo वीकली क सपादक को लघकथा िलखन

क कला पर बोलत ए सना गया भाषण क दौरान उहन बार-बार मानवता क ित ह क भावना पर जोर

िदया लिकन िनजी वाथ हािसल करन क िलए िदए गए कछ यादगार भाषण समय क साथ खद-ब-खद

महवहीनता क अधर म ल हो जात ह महानता का सबस मजबत आधार हmdashसमपण क भावना वय का

सरण जीवन का पहला िनयम ह तो आमयाग महानता का पहला लण ह पाप क बिनयाद िनजी वाथ क

जमीन पर खोदी जाती ह महा धम और दाशिनक िनरतर इस सय का सयापन करत आए ह वातिवक

सहानभित और ह स भरा यव ही मानवता क भावना म जागित पदा करन योय भाषण तत कर

सकता ह

जसा िक वटर न कहा ह सहानभित और ह दरशान का ढग िकसी काम नह आता इस अिभनय को

सफलतापवक नह िकया जा सकता lsquoकित न वातिवकता को िवशष ऊजा दान क हrsquo भाषण दत समय

शद और भावना म तालमल होना चािहए िबना भावना क तत िकए गए वाय म अहसास क कमी

झलक ही जाती ह अधर मन स पश िकए गए उदासीन यायान क िलए समाज म कोई जगह नह होती

वापटता का सबस अहम ोत हmdashईमानदारी कालयल न सही कहा ह lsquoिमरायो नपोिलयन बस और

ॉमवल म स कोई िवशष योयता का धनी नह था लिकन इन सभी यव म ढ़ िनय सवपर थाmdashऔर

मरी नजर म ऐसा ही य सा एव गभीर होता ह महा एव वातिवक गभीरता स नायक का उदय होता ह

महा य लय क िलए इतमाल क जानवाली गभीरता और लगन का यायान नह कर सकता असल म

इसक बार म िवचार तक नह िकया जा सकता हrsquo

11

तयारी क जरए बहावतित स पहल तयारी पर िवशष यान दना चािहए ठोस तयारी स तित दोषरिहत हो जाती ह

mdashसीिसरो द ऑिफस

शदकोश म उन लिटन शद पर यान दीिजए िजनम ल का योग होता ह ऐस शद साकितक भाव

दिशत करत ह

पहल-पहल आसान और आम इतमाल म िलय जानवाल शद म वाह महसस होता ह भाषण क दौरान

शद का वाह तज करना आसान नह होता इसक िलए िनरतर अयास और भाषण क दौरान होनवाली

गलितय को सधारना जरी होता ह

भाषण म बहाव का ोतमोट तौर पर कह तो मजबत तयारी भाषण म बहाव पदा करन का एकमा तरीका ह िनत तौर पर कलाकार

म मौजद पदाइशी गण िवशष महव रखत ह लिकन जम स ा गण को िनखारन क िलए अयास क

आवयकता होती ह अयास क ारा उन गण को भी हािसल िकया जा सकता ह जो यव म ाकितक

प स मौजद नह होत यह उदाहरण रणादायक हो सकता ह शायद हजरत मसा क तरह आपको भी

गलतफहमी हो िक आप म तपरता क योयता नह ह

या यह सोचना बद िकया जा सकता ह िक lsquoहम तपर वा नह हrsquo िकसी काय क िलए तपरता का

मतलब हmdashबहतर तयारी स ससत होना और व लोग सदा तयार रहत ह जो काय को अजाम दन क िलए

बहतर तयारी करत ह उगिलय क फरती स चलान का अयास ताबड़तोड़ गोिलया चलान म सम बदक स

यादा महवपण होता ह भाषा म बहाव क कला दो महवपण अवथा क सीध अनपात म होती हmdashभाषण

क िवषय और बोलन क अदाज का पण ान होना चािहए इस कार भाषण म बहाव पदा करन क अय

महवपण िसात का बोध होता ह बहतर तयारी और िनरतर अयास स भाषण म वतः ही बहाव पदा हो

जाता ह

िवषय क ान का महवआकषक ततीकरण म अयास क भिमका क साथ कछ और महवपण पहल भी होत हmdashिवचार को

मब तरीक स पश करना शद का सटीक चयन सहज यायान सही समय पर िवराम आम-चतना और

कछ अय िवशषता का वणन इस अयाय म नह तो पतक म कह-न-कह जर िकया जाएगा

आम िवषय या िवषय िवशष क अनसार तयारी क जा सकती ह दरअसल तयारी क िया म इन दोन का

सटीक िमण होना चािहए अययन क ओर िनरतर झकाव भावोजक िवचार का गहन आकलन और जीवन

क सघष स जझन का साहस िनपणता हािसल करन क महवपण मायम ह ससिहत िदमाग यापक अनभव

और सवदनशीलता रखनवाला य िकताब क मकाबल इन गण स यादा सीखता ह िवषय स सबिधत उिचत

जानकारी वातावरण स हािसल िकए गए गहन अनभव और अछी सगित स िमल महवपण सझाव जस गण क

िमण को उम तयारी माना जाता ह अछी सगित एव उम िवचार स आदश सोच िवकिसत होती ह िम

क बीच िनपण भाषण-शली तत करनवाला य ही आदश वा बन सकता ह अतः िवचार को सटीक

शद क मायम स य कर वा भी अपन भाषण स उतना ही सीखता ह िजतना दशक कभी-कभी बोलन

स पहल वा िवषय क कम जानकारी होन क धारणा बना लता ह ऐस म याद रख िक एक िवचार दसर

िवचार को जम दता ह यह जानकर हरानी होगी िक वा िजतना तत करता ह दशक उसस यादा क

उमीद रखत ह दोताना वाालाप क जरए मानिसकता और यायान म बहाव िवकिसत होता ह लॉगफलो

न कहा ह lsquoिकसी ानी य क साथ क गई एक चचा दस साल तक हािसल िकए गए िकताबी ान स यादा

कारगर िस होती हrsquo और होस न बड़ मनमौजी ढग स घोषणा क ह िक आध समय तो वह कवल

िवचाराधीन म पर ही बोलता रहा ह लिकन भाषण क मच पर यह तरीका नह अपनाया जा सकता

दरअसल सह क मायम स ा सपता का उपयोग एक महा भाषण क तयारी क िलए करना चािहए

िनसदह यह एक महा िवचार ह और इस िवचार को िवतार स तत करन क िलए एक अलग अयाय क

जरत पड़गी

अयासजानकारी को सगिठत कर उस िनत प दन को सपण तयारी नह मानना चािहए अयास क िबना तयारी

सपण नह हो सकती अथा जानकारी क अनसार भाषण का अयास करना बहद आवयक होता ह इस

िसात क आधार पर क गई तयारी और अयास का असर िनत समय क बाद ही महसस होता ह िलहाजा

शआती िवफलता स न तो घबराए और न ही िनराशा को हावी होन द शआत म इस पित को अपनान स

होनवाल भाव को नजरअदाज कर और भिवय म सकारामक परणाम क कपना कर मच पर पचन क बाद

कवल िवषय क बार म सोच दशक और वा क बीच एक-दसर क भाव समझन क असीम श होती ह

वा ारा सकत क मायम स तत िकए गए िवचार को दशक आसानी स समझ लत ह

आपस बार-बार अनरोध िकया जा रहा ह िक lsquoभाषण दत समय कवल िवषय पर यान कित रखrsquo यह सलाह

थोड़ म बत समझी जानी चािहए भाषण स सबिधत अय महवपण पहल को भलन क सलाह कतई नह दी

जा रही ह बस यह कहा जा रहा ह िक उनक बार म बवजह न सोच एकाता कवल सदश क महव पर होनी

चािहए हालािक अवचतन म तकनीक पहल पर िवचार का भटकाव होता रहता ह लिकन इसस भाषण पर

भाव नह पड़ता दरअसल एक िनपण वा समय क साथ इस कला म अयत हो जाता ह

चतना और अवचतना क बीच सहज तालमल थािपत करना बत आवयक होता ह

िजस तरह सास िलय िबना नह िजया जा सकता ह उसी कार इस िसात को भी नजरअदाज नह िकया जा

सकता मच पर हाव-भाव वर सर बदलन क कला उतनी ही िनपण होनी चािहए िजतना वातिवक हाव-

भाव वर और सर बदलन का अदाज होता ह भाषण क दौरान वाय का बहाव कसा ह बस इतना िवचार ही

बहाव को िबगाड़ दता ह

आमिवास स सबिधत शआती अयाय का यान कर उसक िनदश को याद किजए सलाह ह िक

िसात को याद िकए िबना बोलन क कला को समिझए यह जरी नह ह और हो भी नह सकता िक शद

क सही उारण क िलए आप भाषण क बीच म सोचना श कर द हककत यह ह िक ग ख क क म को

क ख ग क म क मकाबल याद करना मकल होता ह दरअसल बचपन स ही य क ख ग क म

क िलए अयत होता ह भाषण कला म िनपण होन क िलए शद का सही उारण िदनचया क कामकाज

जसा आसान होना चािहए एक नौिसिखए क िलए िपयानो बजान क िविध शआती मकल खड़ी करती ह

लिकन समय क साथ उगिलया अयत हो जाती ह एक समय ऐसा आता ह जब िपयानो बजान क िलए

उगिलया खद-ब-खद सटीक सर पर पानी क तरह तरन लगती ह इसी कार शआती दौर म बोलत व

िहचिकचाहट जर होती ह एक नए तराक क तरह भय का भी आभास होगा लिकन िनरतर डट रहन स

सफलता जर िमलती ह

इस कार िनरतर अिजत िकया गया शद का ान अयास क ारा भाषा-शली म हािसल क गई सहजता

और िवराम एव ठहराव का सटीक उपयोग धीर-धीर वाभािवक होता चला जाता ह समय क साथ भाषा का

बहाव अयास क अनप ढलता चला जाता ह

लिकन इसक िलए कड़ी महनत क जरत होती ह महनत स कौन सी चीज हािसल नह क सकती कड़ी

महनत लय हािसल करन का एकमा राता ह कड़ी महनत स हािसल क गई सफलता सबस यादा

सतोषजनक होती ह यादगार भाषण क िलए सोच गए िवचार और कड़ अयास का फल अित वािद होता ह

12

वरओह उस आवाज म कछ ऐसा ह

जो मर अतमन क गहराइय तक पचता ह

mdashलॉगफलो ाइस

lsquoद लदन टाइसrsquo क एक भावशाली आलोचक न कहा था िक अिभनय म बोलन क कला का 90 फसदी

योगदान होता ह भाषण क सदश को अलग कर िदया जाए तो सवजन क समख बोलन क कला पर भी यह

िसात पण प स लाग होता ह शानदार आवाज और सर का सटीक बदलाव दशक को उसािहत करन का

काय करती ह इस ितभा क साथ महा िवचार का िमण यादगार भाषण क बिनयाद रखता ह

लिकन यह भी मानना गलत होगा िक कवल शानदार आवाज िकसी य को महा वा बना सकती ह

इसक िलए वा का वभाव और अय ितभा का भी समान महव होता ह गहन एव सरीली आवाज का

अयास करानवाल ो लडटोन न कहा ह lsquoसौ पशवर गायक क भीड़ म स नब गायक सामाय तर स

ऊपर नह उठ पात दरअसल आम तौर पर गायक अयास स कतरात ह या इसक महव को नह समझ पातrsquo

इस कथन पर िवचार करना बत जरी ह

शानदार आवाज क िलए तीन आधारभत गण का होना बत जरी हmdash

1 सरलतासरीली आवाज का रहय िशिथलता म छपा होता ह िशिथलता स सरलता का जम होता ह आवाज पदा

करनवाली तरग तनावपण मासपिशय क मकाबल तनाव-म मासपिशय स टकराकर यादा मधर वर पदा

करती ह इस िविध को खद पर आजमाकर दिखए घणा का भाव दरशात व चहर एव कठ क मासपिशय

को िसकोड़त ए बोिलए lsquoम तमस नफरत करता rsquo इसक बाद शात हो जाइए और दय म म क भावना

जगात ए बोिलए lsquoम तमस यार करता rsquo दोन अदाज म िभता आसानी स महसस क जा सकती ह

आवाज स जड़ी कसरत का अयास करत व और बोलत व वर पर दबाव न डाल आवाज बहद नाजक

होती ह इसक साथ सती स पश नह आना चािहए जबरदती आवाज उप करन क कोिशश न कर इस

वय उप होन द आवाज को सहजता स उप होन द इस पर रख सभी बोझ को हलका करन का यास

कर

भाषण दत व कठ पर तनाव नह होना चािहए यही कारण ह िक मासपिशय को िसकोड़न स परहज रखन

क सलाह दी जाती ह कठ को आवाज क िलए िचमनी क तरह यवहार करना चािहए जािहर ह िक

अाकितक िसकड़न िचमनी को उसी कार खराब कर दती ह जस तनाव स त कठ स िनकली आवाज

हताशा और मानिसक तनाव क वजह स चहर और कठ म िशकन पदा होती ह सतलन और आमिवास क

िलए सघष कर

बड़ा सवाल ह िक िशिथलता कस हािसल क जाए इसका सबस आसान राता हmdashशात होन क इछा

अपन हाथ को कध क सीध म खड़ा कर और अचानक हाथ को खड़ा रखन क श छोड़ द तथा हाथ को

नीच िगरन द इसी तरह कठ क मासपिशय को िसर और गरदन ढील छोड़कर आराम दन का अयास कर

अपनी कमर क सहार शरीर क ऊपरी िहस को घमाए िसर को ढीला छोड़ द और शरीर क िनचल िहस को

वाभािवक तौर पर घमन द याद रख इस िया म बल का योग न कर और िसर को िबलकल ढीला छोड़

रख गरदन को िशिथल रहन द और शरीर क िनचल िहस क साथ खद-ब-खद घमन द

िसर को छाती पर िगरन द िफर िसर को उठाए और जबड़ को झलन द जबड़ को उस समय तक ढीला

छोड़ जब तक जबड़ म भारीपन का अहसास न हो कछ समय बाद ऐसा अहसास होगा जस चहर पर वजन

लटका िदया गया हो इस कसरत क ारा वर म मधर बदलाव क िलए मासपिशया तयार हो जाएगी और वर

िबना िकसी बाधा क िनकलन लगगा

इसी कार हठ को भी लचीला बनान का अयास करना चािहए हठ क जरए भी प और मधर वर

उप करन म सहायता िमलती ह हठ म लचीलपन क िलए lsquoमोrsquo एव lsquoमrsquo का बार-बार उारण कर lsquoमोrsquo

बोलत व हठ को lsquoओrsquo का वर पदा करन जसा गोल बनाए lsquoमrsquo बोलत व हठ को इस तरह फलाए

जसा िक हसत व िकया जाता ह इस अयास को बार-बार कर और हठ को कसरत करन का यादा-स-

यादा व द

इसी कार िननिलिखत अयास करन का यास करmdash

मो ई ओ ई ओस आह

इस अयास पर िनपणता हािसल करन क बाद िननिलिखत अयास हठ म लचक पदा करन क िलए बत

कारगर सािबत हगmdash

नीच अिकत िकए गए वर को याद किजए (भाव को नह) इन वर का िनरतर अयास किजएmdash

ऐ जस ऐनक म इ जस इनाम म य जस यन म

आ जस आह म आइ जस आइस म ऑ जस ऑयल म

ए जस एतराज म ई जस ईख म आ जस आम म

ओ जस ओखली म ओ जस ओस म ऊ जस ऊचा म

ऑ जस ऑसीजन म उ जस उ म ए जस एक म

इ जस इमली म ऊ जस ऊट म इ जस इस म

इस अयास को करत व यान रख िक सास भरन क बाद आवाज को गल क जगह पट स िनकाला जाए

िजस तरह कमर क बल लटकर आसानी स सास ली जाती ह उसी तरह सास लन का अयास कर अयास क

दौरान आपको महसस होगा िक सास लन और आवाज पदा करन क िया म पट क िवशष भिमका होती ह

यह सास लन क ाकितक एव सटीक िया ह सास लन क इस िया को धीर-धीर आदत म शािमल कर

यकन मािनए एक समय बाद कठ क मासपिशय को आराम दन का अयास हो जाएगा

2 पतायिद कठ क मासपिशया कमजोर एव सकण ह वर िनकलन का राता आिशक प स बद ह और मह

आधा ही खल पाता ह तो प और भावशाली वर क कपना कस क जा सकती ह आवाज तरग क

खला स उप होती ह और यिद आप अपन मह को कद म तदील कर दग जबड़ और हठ को कसकर

दबाए रखग तो कठ स वर का िनकलना बहद मकल हो जाएगा ऐस म यिद आवाज िनकलगी भी तो उसम

मधरता एव भाव का अभाव होगा बोलत समय मह को बड़ा खोल कठ को तनाव-म रख और वर को

वाभािवक प स आसानी क साथ िनकलन द

अपन मह को उबासी लन क जगह बोलन क िलए खोिलए बोलत समय वाभािवक रहन क कोिशश

किजए यिद आपक वर स सबिधत अग वथ ह तो लगातार अयास क जरए वर को मधर बनान क

कोिशश करत रिहए सफलता जर िमलगी वर म कमी क कई और कारण भी हो सकत ह गल म सजन या

िफर नाक क ही बढ़ी होन क वजह स भी आवाज साफ तौर पर नह िनकल पाती ह यिद ऐसा ह तो डॉटर

स सलाह जर लनी चािहए

वर पदा करन म गल और पट क साथ नाक क भी अहम भिमका होती ह अतः नाक का खला होना बहद

महवपण ह जसा िक हम कहत ह lsquoनाक क जरए बोलनाrsquo दरअसल इसका मतलब हककत म नाक स

बोलना नह होता लिकन नाक क महव को नजरअदाज भी नह िकया जा सकता ह उदाहरण क िलए नाक

पकड़कर बोलन क कोिशश किजए वर म होनवाला बदलाव खद-ब-खद महसस हो जाएगा यिद आप नाक

क ही बढ़न या िफर सजन क िशकायत स परशान ह तो िनत हो जाइए एक छोट स ऑपरशन स इस

समया स छटकारा पाया जा सकता ह इसी कार भाषण दन क िलए फफड़ का वथ होना भी बत जरी

होता ह जािहर ह िक जदी थकनवाला य अछा वा नह बन सकता

3 तपरतागल म घटती ई आवाज बहद उदास एव अभावशाली महसस होती ह वर िबना िकसी दबाव क पदा होना

चािहए आपको याद होगा िक सबस पहला िसात सरलता ह वर को बाहर क ओर िनकलता महसस

किजए ऐसा मािनए िक वर बाहर क ओर िनकल रहा ह इस सरलता स बहन दीिजए वर को बाहर

िनकलता महसस करन क िलए एक लबी सास लीिजए और हठ को फलाकर आह का वर पदा किजए इस

वर को पदा करन क िलए उप तरग क वाह को अगल दात क साथ टकराता महसस किजए इसका

सवदन इतना हलका होता ह िक शायद पहली बार म तो आप इस महसस ही न कर सक लिकन अयास क साथ

यह सवदना महसस होन लगगी सदा वर को बाहर क ओर िफसलता महसस कर धीर-धीर वर पदा करन म

इतमाल तरग मह क ऊपरी िहस स टकराती महसस होन लगगी वर क बाहर िनकलन क कला उदास भारी

और अभावशाली वर को अयास क साथ मधर बना दगी

हठ को बद किजए और ओऽऽऽऽऽ मऽऽऽऽऽ अरररऽऽऽऽऽ जसी गनगनाहट किजए या यह वर पदा

करत व हठ म तरग स उप कपन महसस होता ह

चहर क सामन अपनी हथली रिखए और जोर स बजजजजऽऽऽऽ क आवाज िनकािलए या आप बाहर

िनकलनवाली तरग को हथली स टकराता महसस कर रह ह यिद नह तो अयास किजए याद रिखए वर

को बाहर धकलना ही एकमा िविध ह इस बाहर धकलन का िनरतर अयास िकया जाना चािहए

वर को थामन क कला का िवकासदरी तक आवाज पचान क िलए कवल िचाना काफ नह होता ह इसक िलए शद क पता बहद

आवयक होती ह मच क सामन दशक क पहली-दसरी प तक मच पर लहरात कागज क खड़-खड़ क

आवाज तक पच जाती ह यिद वर म पता ह तो यकनन सना और समझा भी जाएगा हालािक इस बात स

भी इनकार नह िकया जा सकता िक भाषण आिखरी कतार म बठ दशक को भी सनाई दना चािहए यिद िपछली

कतार म बठ दशक को भाषण सनन म असिवधा हो रही ह तो वर क िननिलिखत िसात को समझन क

कोिशश किजएmdash

ऐस मौक पर सरलता क िनयम क साथ पता और तपरता क िनयम का भी पालन कर यह दर बठ दशक

तक आवाज पचान का मय िसात ह

भाषण दत समय दशक पर अपनी नजर न िटकाए यह अदाज न कवल वा क भाषण को अभावशाली

बनाता ह बक ऐसा करन स वा क आवाज कवल एक िदशा म बहती तीत होती ह

तरग क एक िनत म स वर पदा होता ह इस आकषक बनान क िलए दो महवपण पहल पर यान

दना आवयक हmdashलबी सास भर और आवाज म यादा कपन पदा कर

सास आवाज पदा करन का आधार होती ह िजस तरह कारतस म बाद क कम माा गित क मता को

कमजोर कर दती ह उसी कार सास का अभाव वर को कमजोर बना दता ह गहरी सास न कवल आवाज को

उिचत सहारा दती ह बक इसस वर म गज भी पदा होती ह अतः वा क आवाज म िवशष आकषण पदा

हो जाता ह

आम तौर पर कमजोर वाय कमजोर आवाज का कारण होता ह जबिक पण प स वथ वा क

आवाज म बलता क साथ गज भी महसस होती ह

वाय िवान स सबिधत िसात क बार म िवान म कई मतभद ह लिकन एक िबद पर सभी क राय

समान हmdashगहरी सास भरन क कला स आवाज क ाण-श और आय म बढ़ोतरी होती ह इस िसात क

िनरतर अयास क ारा इस वभाव म ढालन क भरपर कोिशश कर बोलन स पहल लबी सास ल लिकन

यान रख सास भरन क बाद बोलत व साफ क घर-घर न सनाई द

एक सास म इतना लबा न बोल िक दसरी सास भरन का मौका ही न िमल ाकितक िनयम क िव

अनपात स यादा सास भरन या सास क अनपात स यादा बोलन पर खासी या धचक जसी िशकायत हो सकती

कई सफल वा िविभ दश क थानीय भाषा क मतािबक अपन कठ स वर िनकालन का अयास बहद

कम समय म कर लत ह इन किठन यास क वजह स ऐस वा का लबी सास भरन का अयास और

फफड़ क श काफ हद तक बढ़ जाती ह कड़ मकाबलवाल बाकट बॉल और टिनस जस खल क ारा

गहरी सास लन क श को अकापिनक तौर पर बढ़ाया जा सकता ह यिद यह िविध आपक िलए सहज नह

ह तो िननिलिखत सझाव पर यान द

अपनी कमर क दोन िहस को हथली स पकड़

अपनी उगिलय और अगठ क मायम स कमर को जकड़ और फफड़ स हवा तजी स बाहर क ओर छोड़

गहरी सास ल याद रख इस िया का किबद शरीर का मय िहसा यानी पट होना चािहए ऐसा करत व

कध को न उचकाए इस कसरत को बार-बार दोहरान का अयास कर

िवशष न लबी सास भरन क कला क िविभ तरीक को अपनान क सलाह दी ह खास बात ह िक सभी

तरीक म लबी सास खचन और छोड़न को िवशष महव िदया गया ह

वर म कपन पदा करन क िलए भी अयास सबस अहम भिमका अदा करता ह अपनी उगली को हठ पर

रख और तजी स ऊपरी व िनचल हठ स टकराए ऐसा करत व अपन गल स आवाज बाहर क ओर फक

या आपको हठ म कपन महसस आ यिद नह तो अयास कर परणाम बहद जद सामन आ जाएगा

इस अयास को दोबारा कर और नाक स आवाज को बाहर फक नाक क ऊपरी िहस को अगठ और पहली

उगली स दबाए या नाक म कपन महसस हो रहा ह

अपनी हथली को अपन िसर पर रख और नाक स िनकलनवाली आवाज दोबारा िनकाल आवाज को िसर स

उप होता महसस कर या िसर म कपन महसस हो रहा ह

अब हथली को िसर क पीछ रख और पहली िया को दोबारा अपनाए इसक बाद हाथ को सीन पर रखकर

समान अनभव कर शरीर क िजस िहस म आवाज क वजह स कपन हो रहा ह उसी िहस स आवाज को

िनकलता आ महसस कर

सास को परी तरीक स बाहर छोड़न क बाद इस िया को िफर दोहराए और पर शरीर म उप सरसराहट

को महसस करन क कोिशश कर शरीर म महसस होनवाली सरसराहट यकनन मजदार महसस होगी

वर क शतािफजल म सास खच करन स वर क गणवा घट जाती ह सास पर यान स िनयण थािपत कर वर

उप करन क िलए सास क सही माा का उपयोग कर बाहर िनकलनवाली सास क एक-एक कतर को

उपयोग म लाए ऐसा करन म नाक म सास क घर-घर सनाई पड़ती ह सास को खचल वभाव क साथ खच

लिकन बाहर बहद कजसी क साथ िनकाल

वर क िलए सलाहआवाज फटन क समय श का बहद कम योग कर

भाषण दत व ठड पानी स परहज रख बोलन म इतमाल होनवाली ऊजा स कठ क मासपिशया गरम हो

जाती ह अतः ठडा पानी कठ को आघात पचा सकता ह

वर को बहद ऊपर तक ल जान स बच ऐसा करन स आवाज ककश हो सकती ह वा आम तौर पर यह

गलती करत ह यिद सहसा महसस हो िक आवाज बहद ऊच वर पर पच गई ह तो वर को सहजता क साथ

नीच लाए इस अयास को िदनचया का िहसा बनान क कोिशश कर वर म िवतार पदा करन क िलए lsquoअrsquo

अर को धीम सर म िनकाल और हर अगल अर क साथ सर को ऊचा करन का अयास कर सर म िवतार

पदा करन स भाषण म िविवधता लाना आसान हो जाएगा

बोलत समय अपनी आवाज को सनन क आदत न डाल ऐसा करन क िलए बोलत समय भाव को समझन क

कोिशश क वजह स भटकाव क थित पदा होगी और भाषण का भाव फका पड़न लगगा

13

वर का जादसादगी हसमख यवहार को आकषक बना दती ह

ान हािजर-जवाबी को िश बना दता ह

mdashजोसफ एिडसन द टटलर

पॉइ न कहा ह िक lsquoवर का सदय शोक म िनिहत होता हrsquo दरअसल पॉइ न कारण को भाव क वजह माना

ह इसक िवपरीत इस बात पर यान नह िदया िक शोक सदय न करन का कारण होता ह वह सता स

सदय बढ़ता ह डबत सरज का सदय आनिदत नह करता बक गहरी उदासी क भावना को जम दता ह

िसरहन पदा करनवाला गहरा और गभीर सगीत दःख क भावना उप करता ह सयात क समय िचिडय का

धीम-धीम चहचहाना िनराशापण अहसास पदा करता ह

गभीर सदय स िनराशा का भाव पदा होता ह गित स उजना और आनद का अहसास होता ह थरता स

गभीर िचतन क मनःथित और गभीर हो जाती ह गभीर िचतन क अवथा म अतीत म घटी दःखद घटना

क ओर यान आकिषत होता ह थर सदय स भिवय म कामयाबी क धधली उमीद जा होती ह ऐसी

अवथा म य उपलध क िलए जरी उसाह जटान म कामयाब नह हो पाता

इसी कारण सदय स पदा होनवाली िनराशा और आनद क बीच क महीन अतर को समझन क योयता होनी

चािहए स आनद का अहसास अतरामा स जड़ा होता ह इस भाव स जम लनवाल उसाह और आशावाद

क कोई तय सीमा नह होती ऐसी थित म य सति क भावना स सराबोर हो जाता ह हालािक इस

अयाय म वर क जाद का तापय उसाह एव सता स ह लिकन िफलहाल चचल वभाव तजवी आख

और उास क बात क जा रही ह

वर क आनददायक लय म माहौल को मदहोश करन का जाद होता ह पाठक को इस बात का बोध हो गया

होगा िक मधर वर पदा करनवाल कठ क िलए लापरवाह होना िततली क पख को चीरन क समान ह जो पख

क मनमोहक सदरता को न कर दता ह लिकन या भाव को जान िबना कारण को थािपत करना यायसगत

होगा

नथन म घषण स घिटय क गजन समान वर उप होता हवर म पता क िलए नथन का वथ एव खला होना जरी होता ह अगल अयाय म िदए गए सझाव

और चताविनय क बाद नाक स िनकलनवाल वर और नथन स उप होनवाल प वर क बीच का अतर

आसानी स समझा जा सकता ह ासीसी गायक म नाक क वर क पता यादा होती ह

नाक म गज पदा करन क िलए िननिलिखत पय का गाकर अयास कर और नाक स िनकलनवाल पन

वर पर िवशष जोर द नथन क सहार वर को ऊपर-नीच कर इसका अयास ऊचा और िनन वर पता स

उप करन तक कर

lsquoिसग सॉग िडग-डॉग हॉग-कॉग लॉग-थॉगrsquo

अवाभािवक उ वर िनकालन क अयास स सामाय तौर पर बातचीत क दौरान पदा होनवाला वर खद-

ब-खद मधर हो जाएगा य जब अवाभािवक तौर स ऊचा वर पदा करता ह तो उतम आलाप म आवाज

जनाना महसस होन लगती ह अतः आलाप लन म कठ को थका दन क थित तक अयास न कर

अिभनी मरी एडरसन न किव लॉगफलो स पछा िक आवाज म आकषण पदा करन क िलए या करना

चािहए लॉगफलो न कहा lsquoतज एव आनदमय आवाज म पढ़न का िनरतर अयास करrsquo

आनद स भरा वर सबस मधर होता ह इस अयास क जरए िवकिसत कर सिच मन स अयास कर

सता क भाव स शरीर िवकिसत होता ह वर िनकालन का राता खलता ह दय और फफड़ वथ होत

ह अतः मधर वर उप होन क सभी जरत तयार हो जाती ह

सता मय प स मानिसक वि ह िजदगी क िलए सकारामक नजरया सता को जम दता ह हाल

ही म एक दरसचार कपनी न िमसाल क जरए िवापन जारी िकया था lsquoमसकराहट भरी आवाज िदल जीतन का

काम करती हrsquo इस िमसाल को आजमाकर जर दख

आनद स भर ग या गीतामक किवता को सता एव मसकराहट क साथ पढ़त व वर म वाभािवक

मधरता पदा हो जाती ह िननिलिखत सकलन अयास क िलए बत मददगार सािबत हो सकत ह

इन उक उदाहरण का अयास करत व दो बात पर िवशष यान दmdashशरीर और दय का सता भरा

वभाव और वर क उम विन इन दोन पहल पर पकड़ बनान क बाद यान स सावजिनक प स बोलन

क कला क िसात को याद करत ए इन वाय को पढ़ इह याद करना बहद फायदमद सािबत होगा

िमटन क lsquoएलrsquo एलोrsquo सकिलत िकए गए अयासउतावली सदर यवती अपन गीत म ह रचती

िदगी और जवानी स भरी मती

हािजर-जवाबी और िचड़िचड़ाहट और छल-कपट

हामी और इशार और मनमोहक मसकराहट

जस हब क गाल स हो लटकती

और गाल क ग म धीर स िफसलती

खशी स चहकत सलवट स भर चहर

मसकराहट स भर जात ह हठ क घर

जस ही जान लग इस लपक लो

िबजली-सी फरती स पकड़ लो

अपन सीध हाथ स राह िदखाती

पहाड़ क सदर यवती वतता दरशातीmdash

और यिद म उिचत समान का दशन क

तो सता स उसक कािफल का िहसा बन

उसक साथ और सदा पास रहन क िलए

िबना आघात पच हष क साथ जीन क िलए

उसक चहचहात-स मती भर गीत क िलए

धधली रात म चौका-सा गनगनान क िलए

आसमान को छत बज स िनहा

िचतकबरी शाम का गार होत ए

िफर ष क कारण उदासी स भरकर रोऊ

अगल िदन क िलए िखड़क स तह शभकामना क

मीठी बरी और अगर क बल स

और मड़ी-तड़ी लता क रश स

जब मरगा धधल उजाल म हगामा मचाता ह

धीर-धीर उजाला धधलक को िमटाता ह

हौसल क साथ बाड़ क आग अकड़कर चलता ह

बाड़ क दरवाज स टाल तक का चर लगाता ह

जगली क और िहरण क आवाज अकसर आती ह

सबह क उजाल क साथ बढ़ती चली जाती ह

िकसी बढ़ पवत क िकनार स

जगल क गहराई म तीखी गज बढ़ती जाती ह

कभी चपक स छप-छपकर चलत ए

हम क व और पहाड़ी घास पर टहलत ए

सीध पव ार क ओर बढ़त ए

जहा स सय अपना सफर ह श करता

लपट म िलपटा तज चमकता

बादल क हजार झड म स झाकता

पास ही म िकसान खत को िनहारता

हल स खत म जताई क िनशान बनाता

दध दहती ए गाती यवती का साज

हिसए स घास काटन क आवाज

चरवाह अपन िकस ह सनात

घाटी म बल क नीच सतात

समदरसमदर समदर दर तक फला समदर

नीला ताजा ताप स म समदर

न कोई िनशान न कोई सरहद

धरती क छोर तक फला इसका कद

बादल स खलता आकाश को ठगा िदखाता

जस कोई ाणी लहर म झलता लहर को झलाता

म समदर म म समदर म

म वहा जहा सदा होना था चाहता

नजर उठाऊ या झकाऊ नीला-ही-नीला नजर ह आता

चार ओर शाित ह और िफजा म फला आ साटा

एक तफान आए और शात समदर को नद स जगाए

या फक पड़ता ह चाह म ही गहरी नद य न सो जाऊ

मझ यार ह ओह म इस सफर क िलए ाण योछावर कर जाऊ

सफर क गस स भड़कती झाग उगलती लहर पर

जहा चाद को आगोश म ल लती ह हर मदमत लहर

तफान म तज बहती हवा क सीटी-सी लय

पानी क भीतर का जीवन और उसका भय

अब पता चला समदर स दिण-पव हवा को कौन बहाता ह

ऐस फक सत और िनजन समी तट पर मन सहम जाता ह

लिकन िवशाल सम क िलए मरा म बढ़ता ही जाता ह

इसक सीन स िनकली लहर पर मरा शरीर उलटा बह जाए

जस डरा आ चजा घोसल क िकसी कोन म छप जाए

जसी उसक मा ह वसी ही मा हो मरी

काश सम स पदा ई होती शसयत मरी

काश लहर सफद सबह सख लाल होती

जब समी शोरगल म मरी पदाइश होती

हल बजाती सीटी सगमाही पलिटया खाती

और डॉलिफन पलटकर सनहरी पीठ िदखाती

ऐसा जबरदत शोरगल जो कभी िकसी न न सना होता

समदर क ब क वागत म कछ ऐसा आ होता

इसक बाद शात और बपरवाह जीवन जस कोई सत

घमड़ क तरह िजए होत जीवन क पचास वसत

बाटन को सपि और कयाण क िलए असीम श होती

न तो कोई बदलाव होता न ही बदलाव क कोई चाह होती

और मौत जब चाहती मर पास आ जाती

लिकन बस इसी खल आजाद समदर म आती

mdashबरी कॉनवल

सय मा कछ पड़ और फल क िलए नह उगता उसक रोशनी दिनया भर म सता फलाती ह पहाड़ क

चोटी पर अधर म उदास दवदार का अकला पड़ सोचता होगा िक lsquoसय बस उसी क िलए उगता हrsquo छोट घास

क मदान म उगत बगनी फल को दखकर घास क ितनक एक-दसर स काना-फसी करत हग lsquoसय कवल

हमार िलए कट होता हrsquo खत म ग क बािलया एक-दसर स टकराकर कहती हगी lsquoसय कवल हमार िलए

उगता हrsquo लिकन वग म िलत दीमान सय चिनदा चीज क िलए उगता ह उसक रोशनी पर ाड को

सखद गरमाहट पचाती ह और धरती पर मौजद सम-स-सम ाणी भी पर िवास क साथ कह सकता ह िक

lsquoह मर िपता म आपक ही सतान rsquo

mdashहनरी बाड बीचर

द लाकजगल क भारी-भरकम िचिडया

कभी फ कभी बोिझल िचिडया

वीरान म हरयाली म गाती खशी क गीत

जस िजदािदली का हो तीक

मर घरद को धय बना दतीmdash

ओह रिगतान म भी सख उपजा दती

जगल म चहचहाती अड पर बठ जाती

कह दर थम रोिमल बादल क रहाइश

म स िमली श म स िमली पदाइश

जहा ओस स भीग िचिडया क पर

जहा नर करता ह लबा सफर

वग म सदय धरती पर यार

पहाड़ स लढ़कत चमकत झरन क बौछार

बजर जमीन और जगली पहाड़ क हरयाली

िशकार स िनकलती लाल भाप-सी सबह मतवाली

धधल बादल क सग हाथ म डाल हाथ

इधनष क उजल गहर रग क साथ

कह दर ऊची उड़ान मधर ताल और दवदत का गान

िफर धीर स छटता अधरा और पौध म पड़ती जान

सखी पड़ी झािडय म उपजत फल क शान

म का मौसम गाता हरयाली क िलए वागत गान

जस िजदािदली का हो तीक

मर घरद को धय बना दतीmdash

ओह रिगतान म भी सख उपजा दती

mdashजस हॉग

िजदािदल बातचीत म सता का अहसास होता ह अतः िकसी महा िवचार क किबद पर चचा क बाद

एक िवराम दना चािहए ऐसा करन स िवचार का महव यादा गहरा हो जाता ह भाषण म सता क भाव स

वर म िविवधता पदा होती ह िनरतर अयास करन स एक समय क बाद ऐस भाव कट करत व दात स

जीभ का टकराना महसस होन लगता ह नश क भाव स लड़खड़ाती जीभ स िनकला वर सता एव

िविवधता नह दरशाता जीभ को मह म थर रखकर बोलन क कोिशश किजए वर म कछ ऐसा ही भाव

नजर आएगा इसक अलावा यायान म िविवधता एव िजदािदली शािमल करन क िलए महवपण िवचार पर

सटीक बल दन का अयास किजए

िननिलिखत पय म शािमल अहम िवचार का उारण सटीक बल क साथ कर जोश क साथ पढ़ जीभ

क महीन पश को महसस कर भावशाली वर क िलए जबान म लचक बत महवपण होती ह

द कम जलपिय क िशकार क िलए आया

िशकार क िलए घात लगाई िनशाना लगाया

म झािडय म िबजली क फरती स झपटा

पहाड़ क िफसलन भर ढलान पर रपटा

तीिसय पहािडय पर भागा सरपट

पहाड़ी दर म अकसर गया रपट

बीिसय गाव और कब म भागा

पचािसय पल को मन लाघा

िफिलप क फाम तक हवा क तरह बपरवाह बहता

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

म पथरील रात स बड़बड़ करता

िचाता ऊची आवाज म चीखता

म नदी क गहराइय म बदबदाता

म छोट पथर क सग बड़बड़ाता

नदी क तीख िकनार स रगड़ जाता

कभी उजाड़ जमीन कभी हरयाली स सहम जाता

रात म कई परय क िमल घरद

कह घास क मदान कह सख पड़ पड़ ध

बस एक ही काम बकबक करना और बहत जाना

पानी क तज धारा म ऊपर-नीच लहरात जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

कभी डब जाता कभी उबर जाता

बहद खबसरत ह य बहत जाना

अगल-बगल म तरत कामख मछिलया

इधर-उधर फड़फड़ाती रग-िबरगी िततिलया

यहा-वहा स गजरती झाग स भरी टकिडया

मर सफर म सब मर ऊपर स गजरत रह

हर पश क साथ मझ दबल करत रह

सनहरी बजरय क ढर को समटत जाना

बाह म भरकर बिफ म बहत जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

अछा लगगा घास क मदान स चराना

एक िफसलन भरा हलका भरा टकड़ा दीवाना

म िमठास म बहता रगा मझ न भलाना

याद रखग दीवान िक था कोई आिशक पराना

म रपटा म िफसला कभी अधरा तो कभी उजाला

भख म तरत सफद झाग को बना िलया िनवाला

चाद-िसतार क साए म बड़बड़ाना

काटदार जगल म अटक जाना

तरत ल पर लटक जाना

चसर क साथ बहत जाना

िफर बहाव क साथ मड़ जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

mdashएफड टिनसन

सड़क पर मौज-मती करत ब क आवाज का आकषण मन को स कर दता ह लिकन अपताल म

सहमी ई आवाज हताशा पदा करती ह एक िनपण िचिकसक मरीज क आवाज स बीमारी क गभीरता को

भाप लता ह वाय का िगरना और वाय स सबिधत िचता वर म उदासी भर दती ह िजस कार बीमार

शरीर को वथ करन क िलए आराम क जरत होती ह उसी कार भाषण स पहल िनराशा को दर करन क

िलए एकात क जरत होती ह रोमन सा िटबरयस क काल म एक सभासद न दसर सभासद को िलखा

mdashlsquoसमझदार क िलए इशारा काफ होता हrsquo

lsquoपहनाव स अकसर इनसान क यव का पता लग जाता हrsquo आवाज भी य िवशष स सबिधत कई राज

खोलती ह िछछली मिहला िनदयी पष पथ इनसान यावहारक यmdashसभी वर और लहज क जरए

असल यव को दरशा दत ह चालाक-स-चालाक य अपन भाव छपान क िलए िकतना भी छल य न

कर ल असल इराद को परी तरह नह छपा पाता ोध और अिय थित म आवाज तज हो जाती ह म क

भाव क साथ मधर और धीमी आवाज क बदलाव क िविभ प को शद म बया करना आसान नह ह िकसी

िस रगमच क चिलत नाटक को दखन जाइए और कलाकार क वर भाव बदलन क अदाज का यान स

अययन किजए िनसदह वर और भाव म िविभ भाव पदा करनवाला कलाकार सबस यादा पसद आएगा

एमरसन न कहा ह lsquoयिद इनसान को भगवा क साथ रहन का मौका िमल जाए तो िनत तौर पर इनसान का

वर बहद शालीन एव मधर हो जाएगाrsquo वाथ य क वभाव म आकषण सहजता और मधर आवाज बत

दलभ होती ह वर म सौयता िवकिसत करन क िलए समाज क ित सवदना होनी बत जरी होती ह वर स

सौयता और यव म सहजता म स िवकिसत होती ह कनरी िचिडया क चहचहाहट म िमठास का सबस

बड़ा कारण वत िवचार हो सकत ह वत और िनवाथ िवचार स यव म िनखार आता ह य क

वछ िवचार वाणी को सहज एव आकषक बनात ह

14

िभता एव उारण क शताइनसान क अतमन स ईर बोलता ह

mdashहिसयोड वस एड डजिजस तरह भाषण पश करन क कई अदाज होत ह

उसी तरह शद चनन क भी कई तरीक होत ह

mdashहोमर इिलयड

आम तौर पर lsquoउारणrsquo lsquoवराघातrsquo और lsquoसिध-योजनrsquo को एक-दसर का पयायवाची माना जाता ह लिकन

सही उारण म तीन िभ ियाए शािमल होती ह अतः कछ इस तरह इस परभािषत िकया जा सकता हmdash

िकसी शद या शद क समह को उारण वराघात और सिध-योजन क आधार पर तत करना चािहए

िभ और सटीक उारण भाषण क कला का सबस महवपण अग होता ह िबना सोच-समझ शद को

लापरवाही स इतमाल करनवाल वा का भाषण िवचार क उय को समझान म नाकाम सािबत होता ह

बतान का या मतलब होता ह बतान का मतलब होता हmdashभाव क पता और भाव शद क सही चयन या

शद क कमी क साथ प प स कस य िकया जा सकता ह अप उारण क वजह या तो

शारीरक िवकलागता होती ह या िफर गलत उारण क आदत ऑपरशन क जरए शारीरक िवकलागता का

इलाज िकया जा सकता ह लिकन सही उारण क आदत िवकिसत करन क िलए ढ़ िनय और किठन

यास क जरत होती ह य क इछा-श स बड़ा कछ नह होता

उारण म खोट क आदत का चलन आम ह लिकन इसम सधार बत दलभ आम तौर पर िहदी क शद

का गलत इतमाल बहद कदायक महसस होता ह करन क अनसार lsquoउारण म खोट यिद भाषा का कल

नह करता ह तो उस ढर तो कर ही डालता हrsquo

यिद कोई वा भाषण दत व शद क अर को खान लग तो क वाभािवक हो जाता ह lsquoिहदतानrsquo

बोलत समय lsquoहrsquo का वर छोड़कर सीध lsquoइrsquo स बोलना बहद अखरता ह इन खािमय को न सधार सकनवाला

वा सही और सटीक उारण का अयास नह कर सकता ऐस वा को भाषण दन का हक नह िमलना

चािहए यिद वा भाषा म सधार लान म असमथ ह तो बहतर ह िक चप रह

उारण स सबिधत लाइलाज दोष को छोड़कर वस आजकल उारण स सबिधत बत कम लाइलाज दोष

ह कवल इछा-श और अयास स उारण को िनपण बनाया जा सकता ह आमिवास और जी-तोड़

महनत स कई यय न असभव काय को अजाम दकर महा उदाहरण पश िकए ह नॉथन शफड न कहा ह

lsquoआपक िलए धरती पर कछ नह बना जरत ह िक आप कड़ी महनत स उपलधया हािसल करrsquo

उारणउारण का अथ हmdashवर क ाथिमक आधार को भावशाली अदाज क साथ जोड़ना िहदी शदकोश क

लाख शद क सही उारण का अयास करन क कपना बहद भयावह लगती ह लिकन इसक शआत

करना बत आसान ह सही उारण करन क शआत कर धीर-धीर एक शद स दसर शद क ओर बढ़

भाषा क सभी आधारभत वर का अयास कर

कई महा वा क भाषण-शली और उारण म खोट क चार मख कारण रह हmdashआधारभत वर को

नजरअदाज करना लगभग एक समान वर क बीच महीन अतर को अनदखा करना कठ का फहड़पन एव

लापरवाही स इतमाल और इछा-श क कमी अपनी इिय पर काब रखनवाला य इन किमय को दर

करन और उमीद क मतािबक सधार लान का सामय रखता ह

यजन का गलत वर भाषा म खोट क मय वजह होती ह िवशष तौर पर सय वर म खोट बहद

अखरता ह

आम तौर पर अलग-अलग वर को कशलता स तत न कर पान क दोष स उारण म खोट पदा हो जाता

ह उदाहरण क तौर पर अिधकतर य lsquoचहाrsquo बोलत व अक क वर का इतमाल करत ह lsquoफलrsquo का

उारण अजी क शश क समान िकया जाता ह आम तौर पर lsquoबवालrsquo क जगह lsquoबबालrsquo बोला जाता ह

इसी तरह िहदी भाषा म कई शद क वर िवकिसत हो गए ह

इस तरह क चक असावधानी क वजह स होती ह लापरवाही इसक मय वजह नह ह दरअसल यादातर

य शद क सही या गलत उारण पर यान ही नह दत ह इसक अलावा अपन ारा बोल गए शद को

सनन क आदत भी िवकिसत नह क जाती ह

वराघातवराघात का मतलब हmdashशद का उारण करत व सही अर पर बल दना दरअसल इसी कला को

वातिवक प म उारण कहा जाता ह इसी क अभाव म उारण म खोट पदा होता ह यिद lsquoईरrsquo बोलत

समय lsquoईrsquo क जगह lsquoइrsquo का वर िनकाला जाए तो वाभािवक तौर पर शद का भाव फका हो जाएगा

शदकोश म मौजद शद क सही उारण क िलए जीवन भर सीखना पड़ता ह और चलन क मतािबक

उारण क शली म बदलाव का भी अयास करना पड़ता ह सतक कान शद क उपि क जानकारी और

शदकोश को समझन क आदत इस ितभा पर मजबत पकड़ बनान म कारगर िस होती ह

सिध-योजनसिध-योजन का मतलब हmdashअर का प उारण वर और यजन क गलत उारण स अपता

महसस होती ह जसmdashlsquoफलrsquo और शश दो अलग वर को एक साथ या िवराम क साथ बोलन स भी

शद का अथ बदल जाता ह सिध-योजन म गलती करन का मतलब हmdashअर का अधरा उारण या िफर

अनावयक वर का इतमाल lsquoजरतमदrsquo क जगह lsquoजरतीमदrsquo बोलना पण प स गलत सिध-योजन ह

lsquoवपrsquo क जगह lsquoसपrsquo बोलना वाभािवक प स खलता ह जस िक पहल भी बताया गया ह दो शद को

एक साथ िमलानवाल वर को नजरअदाज नह करना चािहए lsquoहषासrsquo शद का उारण करत व िवशष

यान दना चािहए िक lsquoहषrsquo और lsquoउासrsquo शद को जोड़नवाली माा का ही उारण हो न िक सपण lsquoउrsquo

अर का शद क िकसी एक अर का वर बदलन स पर शद का उारण भािवत हो जाता ह

िकसी एक वर या यजन म पता का अहसास न होना वा क िलए अपराध समान ह इस कार शद क

अथ को हािन पचती ह सप बादा चहा इर इमान ईनाम इतजार जम जलम कछ ऐसी ही आम

गलितय क सामाय उदाहरण ह

दोष-य सिध-योजन क मय वजह असावधानी और हठ क जिटलता होती ह अर क सही उारण क

अयास स इस कमी को दर िकया जा सकता ह हठ म लचक का अयास करन स एक साथ बोल जानवाल

शद का सही उारण और वर सीखा जा सकता ह लिकन हठ म इस लचीलपन क िलए जहा एक तरफ

कड़ अयास क जरत होती ह वह इछा-श भी िनपणता हािसल करन म अहम भिमका िनभाती ह

अपनी परभाषा पर लौटत ए हम यान दत ह िक अर क सही सिध-योजन स सही वर उप होता ह और

इस अयास स उारण को भावशाली बनाया जा सकता ह इस अयास क दौरान िवशष तौर पर खयाल रख

िक वर को जरत स यादा न खचा जाए शद क जड़ाव को सहज रखना बत आवयक ह

भाषण तयार करन क बाद िवशष प स यान द िक िकन वर यजन शद और वाय पर बल दन क

आवयकता ह और िकन पर नह शद क सही और सटीक उारण क िलए मािणत शदकोश स सही

जानकारी हािसल कर

15

सकत स जड़ सयएक बढ़ नहीन य का िकरदार िनभात ए जब वाइटिफड धीम स ढलान क पास पचा तो लॉड चटरफड न िचात ए कहा lsquoह भ

यह तो मराrsquo

mdashनॉथन शफड दशक क समख

अिभनय सीखन क िलए िकताबी िनयम क नह सामाय ान और भाव को यान स समझन क जरत होती

ह य क भाव अतमन को उजागर करत ह यह कवल एक भाव ह मानिसक और भावनामक थित को

शारीरक तौर पर य करन का एक तरीका

इसको समझन क िया गलत िसर स श नह करनी चािहए यिद आप इशार करन क तरीक या भाषा म

सकत क अभाव स परशान ह तो भाव क जगह कारण को समझन क कोिशश किजए यायान क दौरान

इतमाल िकए गए बनावटी इशार भाषण म भाव डालन का काम नह कर सकत यिद आगन म खड़ा पड़

उमीद क मतािबक नह बढ़ रहा ह तो उसम समय पर खाद-पानी डाल और रोशनी क कावट को दर कर पड़

क सहत सधारन क िलए कछ शाख को काटन स कोई फक नह पड़ता यिद पानी का कड खाली ह तो बारश

का इतजार किजए या िफर जरत परी करन क िलए कआ खोिदए जािहर ह सख कड म पप लगान स तो

कछ नह होन वाला

िजस वा क भावना और िवचार पहाड़ी झरन क तरह वत होत ह उह भाव य करन म महनत नह

करनी पड़ती ऐस लोग क भावना खद-ब-खद जािहर हो जाती ह िवषय म डबकर नाटकय भावना य

करनवाल कलाकार को अिभनय क िनयम याद करन क जरत नह पड़ती भाव अतमन स पदा होन चािहए

जबरदती पदा िकए गए भाव बनावटी लगत ह लकड़ी का घोड़ा ब का िदल बहला सकता ह लिकन राता

तय करन क िलए असली घोड़ क ही जरत पड़ती ह

िकसी िवषय स सबिधत िनत िनयम तयार नह िकए जा सकत बक ऐसी कोिशश भी नह करनी चािहए

भाषण माहौल वा क वभाव और दशक क िमजाज क मतािबक होना चािहए छह का गणा सात स करना

हो तो परणाम अदाज क मतािबक हो सकता ह लिकन भाषण क दौरान वा िकस िवचार पर कसा भाव तत

करगा इसका ठीक-ठीक अदाजा नह लगाया जा सकता भाषण क बीच म वा कई बार दोन हथिलय क

पहली उगिलय को छोड़कर बाक उगिलय क मी बना लता ह और पहली उगिलय को िमलाकर दशक क

तरफ ऐस सकत करता ह जस िवचार क बौछार कर रहा हो बत स वा हथली पर मी क ताल दत ए

िवचार पर यान आकिषत करन क कोिशश करत ह वह ायन अहम िवचार को तत करन क दौरान ताली

मारन क बाद सीध हाथ को ऊपर उठान का आदी ह लडटोन िवचार को बल दन क िलए सामन रखी मज पर

जोर स मा मारता ह

इस कार वा क अदाज क बार म कछ अटकल जर लगाई जा सकती ह लिकन यह तय नह िकया जा

सकता िक भिवय म वा िकस अदाज को िवकिसत कर ल इस िवषय को यादा पता क साथ समझन क

िलए कछ सझाव पर यान दना आवयक ह

दशक का यान आकिषत न कर पानवाला अदाज यथ होता ह

िवचार को मजबती दन और दशक का यान आकिषत करन म सकत और अदाज क अहम भिमका होती

ह िवचार क मायम स िदए जानवाल सदश को बलपवक यायान सकत क जरए ततीकरण वर म

बदलाव चहर क हाव भाव और िसर हाथ या पर को झटका दकर इस उय को हािसल िकया जाता ह

भाषण क दौरान शरीर क मा बदलना भी भावशाली अदाज माना जाता ह

यिद सड़क पर टहलत समय लोग का यान आपक चाल क ओर आकिषत होता ह तो जािहर ह िक आपक

यव क मकाबल चलन का ढग लोग पर यादा असर डाल रहा ह अतः चाल म बदलाव क आवयकता

ह या आपन कभी ऐस वा को सना ह िजसक िवचार चाह समझ म आए या न आए लिकन बोलन क

अदाज वशीभत करन योय ह ऐसा सभव नह ह दरअसल बनावटी अदाज स कमजोर िवचार को आकिषत

नह बनाया जा सकता

अतमन स उप िवचार का भाव सदश म छपी साई और गहराई को दिशत करता ह इन दोन क िमण

स सयता मािणत होती ह भाषण क बनावटी अदाज क अयास और अिभनय करन क यास स दशक को

खोखलपन का अहसास होन लगता ह अलग अदाज या नजाकत स चलन क िलए सरस या फशन शो का

आयोजन िकया जाता ह सामाय तौर पर नजाकत स चलना खलता ह हाथ-पर को िथरकान क िलए नाचन क

मच तयार िकए जात ह िबना वजह हाथ-पर िथरकाना अछा नह लगता िबना िकसी मौक क नजाकत और

दता का दशन नह करना चािहए

याद रख यिद आपक जत उारण का तरीका और अदाज लोग का बवजह यान खच रह ह तो कोई-न-

कोई गड़बड़ जर ह यिद भाषण क दौरान वा न भावशाली भाव कट िकए ह तो दशक जर कहग

lsquoया शानदार तरीक स बयान िकया हrsquo lsquoबात एकदम ठीक हrsquo lsquoय िबलकल ठीक कह रह ह म इनक िवचार

का समथन करता rsquo

भाव महव क मतािबक होना चािहएमज ए कलाकार और वा को पहल स मालम नह होता िक वह िकस िवचार पर कसा भाव और अदाज

अपनाएगा भाषण क दौरान आज तत िकए गए भाव अगल भाषण म िबलकल अलग हो सकत ह दरअसल

मज ए कलाकार और वा क भाव िदन क िमजाज पर आधारत होत ह इसम आवग और बमानी क

भी अहम भिमका होती ह lsquoबमानीrsquo शद पर िवशष यान द कित भी हर बार एक जसा सयदय और बफ

क चादर नह िबछाती इसी कार एक िनपण वा भी हर बार एक जसा अदाज और भाव पश नह करता ह

इसका मतलब यह िबलकल नह ह िक अदाज और भाव क बार म सोचा ही नह जाए यिद ऐसा होता तो इस

अयाय क आवयकता ही या होती जब कमाडर टकड़ी क िकसी जवान क ओर इशारा कर उस एक कदम

आग आन को कहता ह तो कमाडर क मशा कवल उसी जवान को नसीहत दन क होती ह इसी कार सवजन

क सम बोलन क कला सीखनवाल य को सभी आवयक ितभा का आकलन करत रहना चािहए

यिद िकसी एक ितभा को िवकिसत करन म यादा किठनाई हो रही ह तो उस नजरअदाज नह करना चािहए

बक उसक अयास पर िवशष यान दना चािहए भाषण दन क कला स सबिधत सभी िसात को याद

किजए पहचािनए िक िकस मौक पर भाषण म नीरसता यथता भापन जस खोट महसस हो रह ह इन

किमय को दर करन का िनरतर यास किजए एक कमी दोबारा न दोहरान का यास किजए आमचतन और

वय क चतना को समझना अलग-अलग म ह

यह वा क िववक पर आधारत होता ह िक भाषण क दौरान वाभािवक अदाज और भाव कस िवकिसत

िकए जाए और िकस कार अयास क िलए समय िनकाला जाए हर असाधारण कलाकार और वा यान स

अनसरण करता ह सीखता ह और अयास करता ह साथ ही भाव म वाभािवकता लान क िलए िनरतर जी-तोड़

महनत करता ह यह अयास तभी सफल माना जाता ह जब अिभनय करत व भाव वाभािवक हो जाए और

बोलत व सही उारण क िलए सोचना न पड़ मच पर अिभनय करनवाल कलाकार और भाषण दनवाल

वा म एक ही भाव को कई तरह स य करन का गण होना चािहए दरअसल भाव को य करन क िभ

तरीक क कोई सीमा नह ह इसिलए भाव य करन क सची तयार करन स अछा ह वाभािवक प स

भाव पदा करन क कला का िनरतर अयास िकया जाए इस कला म िनपण होन क िलए िनरतर अयास क

भिमका बहद महवपण ह

भाव म एकपता नह होनी चािहएभना मास बत वािद यजन हो सकता ह लिकन इस सबह-शाम क खान का जरी िहसा बना लना

सभव नह ह एक ही तरह क भोजन स य बत जदी उकता जाता ह इसी कार एक जस भाव दशक म

ऊब पदा करत ह भाव म िविवधता लान क कोिशश किजए एकपता स सदरता और आकषण फका पड़न

लगता ह

भाषण क बीच क महवहीन कड़ी कमजोरी को जम दती हबचनी भी एक भाव ह बचनी जस कई िनरथक भाव दशक का म स यान भटकान का काम करत ह

िकसी राीय नता क भाषण क दौरान यिद दरबान िखड़िकया बद करन लग तो जािहर तौर पर उस ओर यान

आकिषत होगा मच क कोन म खड़ा गायक समह यिद गात व कछ िवशष अदा का इतमाल करता ह तो

दशक का यान उस तरफ आकिषत होता ह गफा म रहनवाल हमार पवज िकसी चलती-रगती चीज को

खतर क समान मानत थ इस आदत को हम आज तक नह भला सक ह िवापन करनवाली कपिनया आज भी

शहर म तज रोशनी क िकरण घमाकर इस िविध का इतमाल करती ह इसी कार एक बमान वा

भावशाली इशार क हलचल स एक ओर दशक का यान आकिषत करता ह वह यथ इशार को छपाकर

नकारामक भाव पर काब पाता ह

इशार का इतमाल या तो भाव क साथ होना चािहए या भाव स पहल

भाव क बाद नहलडी मबथ न कहा था lsquoआपक आख बाह और शद म वागत का भाव झलकना चािहएrsquo इसक

उलट भाव पदा करन स हाय क उपि होती ह किहए lsquoउधर वो गयाrsquo अपन शद को खम करन क बाद

जानवाल क ओर इशारा किजए जािहर तौर पर हाय का भाव पदा होगा

छोट और झटकदार इशार स बिचएकछ वा उन बर क तरह यवहार करत नजर आत ह जो बशीश लन म कामयाब न रह ह इशार करत

व कध स जोर लगाए न िक कहनी स ऐसा करन स गित म सरलता और सहजता महसस होगी लिकन

इशार को बत धीमी गित स भी तत नह करना चािहए ऐसा करन स वा यानमन तीत होगा जस ईर

म लीन हो

एक मामली lsquoसटीक बलrsquo भाव म जान डाल सकता ह इस भाव को हािसल करन म बनावटी भाव कारगर

िस नह होत हालािक दशक को भाव म खोट क वजह का पता नह लग पाएगा लिकन िफर भी कमी

जर महसस होगी

चहर क भाव का महवकभी िफम क पोटर पर कलाकार क भाव को यान स दखा ह समह-गान गानवाली लड़िकय क उस

समह पर गौर स यान िदया ह िजह डर का भाव तत करन क िनदश िदए जात ह इनका भाव इतना बनावटी

होता ह िक हसी आन लगती ह इसी कार िकसी िस कलाकार क डर दरशानवाल भाव पर यान दीिजए

कलाकार का चहरा उतरा आ होगा भह तनी ई हगी शरीर िसमटा आ होगा और आख म खौफ साफ

िदखाई द रहा होगा ऐसा अिभनय करत व कलाकार वातव म भयभीत होन क कपना करता ह

चहर क मासपिशय स उप भाव हाथ क इशार स यादा भावशाली होत ह घोड़ागाड़ी दौड़ान म हाथ

का जबरदत इतमाल और चीख-िचाहट दरशान क मकाबल उदासी स भरा भाव दरशाना यादा मकल

होता ह आख को िदल का रोशनदान माना जाता ह आख क चमक क साथ िवचार को भी चमक िमलती ह

जरत स यादा इशार का इतमाल न करहककत ह िक जीवन क उदास लमह म इशार का खास इतमाल नह िकया जाता ह मय क बाद

शोकसभा म िमलनवाल करीिबय सबिधय और दोत स िबना िकसी भाव क िमला जाता ह ऐस मौक पर हाथ

िमलाना गल लगना और उसाह िदखाना अछा नह लगता ऐस मौक पर य शात एव िवचार म खोया

तीत होता ह जोर स हाथ झटकन और िचानवाल य स डरन क जरत नह ह लिकन याद रख गस

स लाल आख और दमकत चहरवाला गभीर य एक ही वार म ढर कर सकता ह बात का बतगड़ बनान म

कोई आकषण नह होता इन ाकितक िसात पर यान द और अयास कर

शारीरक मादशक क सम वा का शारीरक अदाज हाव-भाव स तत िकया जाता ह हाव-भाव क कला का वाता

िकताबी िनयम स नह बक भाषण क वभाव और मौक क नजाकत स होता ह सभासद ला फॉलट पर क

अगल िहस क बल तीन घट तक खड़ रह िफर थोड़ा सा झककर बाल म हाथ िफरात ए सगठन क जोर-

जोर स भसना करन लग यह बहद भावशाली अदाज था लिकन यिद इस अदाज का इतमाल सड़क

बनानवाली नई मशीन क तारीफ म िकया जाए तो यकनन बहद भा लगगा भड़काऊ और आामक बात

कहत व भाव जिटल हो जात ह मी िभच जाती ह और शरीर का भार िकसी एक पर पर पच जाता ह

िकसी लत राजनीितक वाद-िववाद म या सड़क पर झड़प क दौरान य इस ओर यान नह दता िक शरीर

का भार कौन स पर पर ह शात व सहज सदश दत समय आम तौर पर शरीर का भार िपछल पर पर होता ह

लिकन इसक परवाह नह करनी चािहए न ही यान दना चािहए यह वाभािवक हरकत ह भाषण दत व

सिनक क तरह एिडय को आस-पास रखकर सावधान क मा म खड़ा नह होना चािहए वह िफक हवलदार

क तरह पर फलाकर भी खड़ा होना अछा नह लगता खड होन का अदाज वाभािवक और सामाय होना

चािहए

यहा एक सावधानी बरतन क जरत ह हमन आपको सलाह दी ह िक भाषण दत व मा और अदाज

वाभािवक होना चािहए लिकन इसका मतलब यह नह ह िक खद का अदाज िवकिसत करन पर यान ही न

िदया जाए और अयास क महा को नजरअदाज िकया जाए मजबत मासपिशयवाल हाथ को हलक कसरत

स लचीला बनाया जा सकता ह शरीर म लचीलपन स सहज अदाज िवकिसत होता ह जबिक जिटल शरीर कड़

यव का अहसास कराता ह धस ए सीनवाला य कमजोर नजर आता ह इसक िवपरीत सडौल कध

बाहर क ओर उभरा सीना और तनी गरदन वाला य आकषक महसस होता ह

इस कार वथ शरीर आमिवास और लचीलापन भावशाली अदाज क आधार होत ह इन गण स

भाषण म िविवधता आती ह और िविवधता क िबना भाषण को भावशाली नह बनाया जा सकता अाहम

िलकन जसा बड़ा और भा शरीर होन क बावजद भाषण क कला क िशखर पर पचनवाला वा मामली

इनसान नह हो सकता कवल श आमा और साफ िवचारवाला य ही इस मकाम पर पच सकता ह

ऐस कई अपवाद हर म दखन को िमल जात ह यव क तज गभीरता ईमानदारी और िवचार क

शता स दशक भािवत होत ह भ डील-डौल क बावजद महा वा बनन क िलए अाहम िलकन जस

गण को िवकिसत करना पड़ता ह

दशक क सम भावशाली तरीक स पश आन का अदाज सीखन क िलए शीश क सामन खड़ होकर

अयास कर लिकन इस अयास को एक सीमा तक ही करना चािहए चाल म भपन को दर करन क िलए

शीश क सामन चलकर दख और कमी को दर करन क कोिशश कर मच पर उसी सामाय अदाज स पश आए

जस घर आए महमान क साथ आया जाता ह यिद आपक शारीरक रचना भावशाली नह ह तो नय का

अयास किजए यायाम किजए और बहतर अदाज क कपना किजए

एक ही मा म यादा दर तक खड़ा नह रहना चािहए महा िवचार क साथ शरीर क मा म भी बदलाव

करना चािहए भाषण दत व तनाव-म रहना चािहए अदाज िवकिसत करन का कोई िनयम नह ह इस

िनजी पसद और वाद क मतािबक िवकिसत करना चािहए मच पर भल जाए िक आपक हाथ भी ह इनका

इतमाल कवल जरत क व कर लिकन भावशाली ढग स िनसदह भाषण दत व कछ समय क िलए

हाथ को पीछ क ओर मोड़कर जोड़ लन या सीन पर रखकर जोड़ लन स खास फक नह पड़ता भाषण म

सबस यादा महव िवचार का होता ह हाथ और पर क थित स कछ खास फक नह पड़ता

िपछल अयास को एक बार िफर दोहरात ह अयास क महव को नजरअदाज न कर आपका अदाज और

भाव वाभािवक होना चािहए चाह अदाज खद को गलत ही य न लग अदाज िकतना भी अाकितक य न

हो अयास क जरए सधारा जा सकता ह

अदाज िवकिसत िकए िबना आकलन नह िकया जा सकता िझझक दर किजए अदाज िवकिसत किजए

और अयास क जरए किमय को सधारए महा कलाकार और वा क अदाज का अययन किजए

कित क यवहार और ाकितक घटना पर यान दीिजए पड़ क पिया हवा क हलक स झक स भी िहलन

लगती ह इसी कार चहर क मासपिशया और आख क चमक म भाव क साथ बदलाव लान का अयास

किजए एमरसन न कहा ह lsquoम िजस य स िमलता वह मझ खद स यादा महा नजर आता ह इसीिलए

म उनस कछ सीख पाता rsquo अतः अपनी आख सदा खली रखनी चािहए एमरसन क अनसार lsquoहमारी आख

सदय म डबी रहती ह लिकन इनम दरदिशता क कमी होती हrsquo इस पतक को एक तरफ रख दीिजए बाहर

िनकिलए और िकसी ब को मा स खाना मागत ए दिखए लोग को सड़क पर झगड़त दिखए गितमान जीवन

को करीब स समिझए या आप जानत ह िक जीत का भाव कसा होता ह चनाव म जीत क बाद हाथ उठात

नता क िवजयी मा को गौर स दिखए या आपन लोग को भीख मागत दखा ह भीख मागत लोग का

सय िच लीिजए और उसका गौर स अययन किजए लोग भीख मागत उधार लत और झठ बोलत व

कस भाव तत करत ह इन भाव का यान स अययन किजए और अयास क ारा वभाव म शािमल

करन क कोिशश किजए

16

भाषा-शली क पितभाषण म सपणता यायान क अदाज स आती ह यिद दशक िकसी वा को सनन का इतजार करत ह तो मान लीिजए िक वा क शली बहद

भावशाली ह भाषण दत समय वा क सारी श वापटता क िलए एक हो जाती ह भाषण क दौरान िवचार क इद-िगद घमनवाल तय पर

पकड़ भाषा को अलकारत करन क िलए वाय का म और शद का चयन भाव एव अदाज को भावशाली बनान क िलए शारीरक शय

पर िनयणmdashइन सभी पहल पर िवतत चचा हो चक ह दरअसल इस नर म िनपण वा दशक पर अिमट छाप छोड़ता ह वा क िलए

भाषण का महव सवपर होना चािहए तभी भाषण को यादगार बनाया जा सकता ह भाषण स पहल उिचत तयारी न करनवाल लापरवाह वा क

हाथ कवल िनराशा लगती ह जबिक भाषण क िवषय पर मजबत पकड़ शद का उिचत चयन और िवचार क प समझ रखनवाल वा सदा

भावशाली भाषण दन म कामयाब होत ह

जबीई दशक का यान आकिषत करन क िविध

भाषण तत करन क चार आधारभत तरीक होत ह इसक अलावा बाक तरीक इन चार आधारभत तरीक को

तोड़-मरोड़कर िवकिसत िकए गए हmdashपहल स तयार िकए गए लख को पढ़ना लख को याद कर भाव को य

करना छोटी-छोटी िटपिणय (नोस) क मदद स पढ़ना और िबना तयारी क भाषण दना इनम स िकसी एक

तरीक को िस नह िकया जा सकता दरअसल इन तरीक को मौक क आधार पर ाथिमकता दी जाती

ह िकस मौक पर भाषण दन का कौन सा तरीका अपनाया जाए यह िनणय वा पर छोड़ दना चािहए दशक

क वभाव क आधार पर भी इसका िनणय िलया जा सकता ह इसक अलावा िवषय समय एव तयारी क अभाव

क आधार पर भी भाषण क िकसी एक तरीक को चना जा सकता ह भाषण क तरीक स सबिधत िनणय लत व

खद स एक बार साहसपवक जर पछmdashजो बाक लोग कर सकत ह म उस करन का यन जर कर सकता

साहसी और सकारामक यव को जीत िमलती ह जबिक डरपोक को हार का मह दखना पड़ता ह

साहस एव यन स रात क बाधा पर िवजय हािसल क जा सकती ह

लख को पढ़नासावजिनक तौर पर बोलन क कला िसखानवाली िकताब क मतािबक लख पढ़कर भाषण दनवाल वा को

भगवा स पाप क मा जर मागनी चािहए िजतना चाह खद को उतना धोखा द सकत ह पर याद रख

दशक क सम पढ़न को भाषण नह माना जा सकता

िनसदह कछ िवशष मौक पर लख पढ़ जात ह जस सस क काररवाई का उाटन िकसी िवचारामक

सथा क सम कट न उठाना िकसी ऐितहािसक घटना क कित का वणनmdashऐस मौक पर वा क ितभा

क अलावा घटना िवशष का महव और ततीकरण का अदाज भी अहम भिमका अदा करता ह ऐस यायान

क भाषा इतनी सटीक एव प होनी चािहए िक एक भी शद क अथ पर उलझन न पदा हो ऐस मौक पर

वापटता को सर पर िनकल जाना चािहए िनसदह इस कार क िलिखत भाषण बहद लब व नीरस होत ह और

दशक िनराशापण ढग स स क इतहान क िलए बठ जात ह बस इस उमीद क साथ िक भाषण उनक स क

सीमा स लबा न हो इन भाषण म मौजद सनहर शद और महवपण िवचार स भी दशक का उसाह नह

बढ़ता ह

ऐस lsquoमहा मौकrsquo क सबस बड़ी िवडबना यह ह िक लख तयार करनवाल लखक का चयन योयता क

आधार पर नह िकया जाता लखक या तो िकसी महा ाितकारी का पोता होता ह या सस म िकसी दल का

ितिनिधव करनवाला नता या िफर कोई ऐसा य िजस हाल ही म जनता न नायक बना िदया हो

दशक को िकसी महा छिव क य को दखना अछा लगता ह ऐस य क छिव स भािवत दशक

बड़ यान और अदब स भाषण सनत ह शायद िच स भी चाह भाषण िलिखत िवचार क आसपास ही य न

मडराता रहा हो लिकन सवाल यह ह िक या कागज को अलग रखकर ऐस भाषण को भावशाली बनाया जा

सकता ह

भाषण दत व लख पढ़न क पीछ कवल चार कारण हो सकत हmdash

1 आलय सबस आम कारण ह िकसी न सही कहा ह ईरीय श भी आलस स भर य को कािबल

नह बना सकती

2 बहद कमजोर याददात इस हद तक कमजोर क उिचत अयास और भरसक यन स भी काम न चल

लिकन िकसी य को ऐसा सोचन का आिधकार नह ह िक याददात इस हद तक कमजोर हो सकती ह

दरअसल ऐसी सोच इछा-श क कमी का परणाम होती ह याददात का कमजोर होना कारण नह हो

सकता बहाना जर हो सकता ह

3 भाषण तयार करन और अयास करन क िलए समय क असल कमी वा क सामन ऐस कई चनौतीपण

ण आत ह जब हककत म समय क कमी क चलत अयास नह िकया जा सकता लिकन याद रह िक ऐस

मौक कवल िवशष परथित म ही आत ह भाषण स पहल अयास का उिचत समय िमलन स वा क तित

म चार चाद लग जात ह अतः िवशष परथितय म ही अचानक आए समय क दबाव को मानकर भाषण क

िलए राजी होना चािहए

4 भाषण क महव और मौक क नजाकत को समझत ए िवचार को दशक क सम रखन का ढ़

िनय लिकन यिद भाषण क दौरान बोल जानवाल हर शद का सटीक मज ए अदाज और िवचार का

तकसगत होना सदश स यादा महव रखता ह तो या ऐस मौक पर िबना तयारी और अयास क भाषण दना

उिचत होगा सदश म छप िवचार क जगह यायान क अदाज को महव दना न कवल सभा का अपमान ह

बक वय ईर क ित अिशता भी ह दशक क िदल तक पचन क िलए भाषण का यायान धमपदश

क तरह होना चािहए वातिवक श और उसाह क िबना भाषण का भाव अधरा रह जाता ह भाषण क

अहसास को मारकर शद को सामाय तौर पर पढ़ना झाग िनकल ए सोड क समान होता ह धमपदश दत व

उपदशक क िनगाह कवल लख पर िटक होती ह ऐस मौक पर दशक को वा क हाव-भाव का आनद नह

िमल पाता या िनरतर सवाद-पतका को दखकर सवाद बोलनवाल कलाकार का अिभनय लब समय तक दखा

जा सकता ह कपना किजए िक सिनक को सबोिधत करत व नपोिलयन लगातार लख क ओर दखकर

पढ़ता रहmdashऔर ईसा मसीह िबना िकसी भाव क धमपदश द दरअसल इन वा क िवषय पर पकड़ बहद

मजबत थी िनरतर अयास स भाव गहर और भावशाली हो गए थ और भाषण दत व िकसी लख क जरत

नह पड़ती थी अतः यह वा दशक पर गहरी छाप छोड़न म कामयाब सािबत होत थ

लख पढ़कर भाषण दन क कला क कई िसात हो सकत ह लिकन ऐसा कोई भी िसात भाषण को

भावशाली बनान म कारगर सािबत नह हो सकता अतः लख पढ़कर भाषण दन स बचना चािहए

भाषण का लख तयार कर याददात क मतािबक यायानयह िविध काफ हद तक भावशाली भाषण तत करन म कारगर िस होती ह यिद वा क पास समय

क कमी नह ह तो भाषण क िवचार को माजन सटीक शद चनन और भाषा-शली को सधारन म कोई हज नह

ह हालािक इस समय का इतमाल भाषण को बार-बार िलखन क जगह िबना वजह इतमाल िकए गए शद

और वाय को हटान वाय को मजबत व भावशाली ढग स बाधन और सटीक महावर एव उदाहरण चनन क

िलए करना चािहए यादगार भाषण और बिमसाल नाटक िलख नह जात बक बार-बार िलखकर तयार िकए

जात ह

जिलयस सीजर रॉबट इगरसोल और कई मौक पर बडल िफिलस जस जान-मान लखक व वा न

नाटक और लख को यादगार बनान क िलए बार-बार िलखन क कला का इतमाल िकया ह अत भाव

और भाव क साथ यादगार सवाद तत करनवाल कलाकार न पय को याद कर बार-बार अयास क जरए

असाधारण मकाम को हािसल िकया ह

लिकन अनभवहीन वा को इस िविध का बहद सावधानी स इतमाल करना चािहए यिक कभी-कभी

मामली सी चक बड़ी गलती का कारण बन जाती ह इस िविध क जरए भाषण को भावशाली बनान क िलए

कड़ अयास और कशलता क जरत होती ह अनभवहीन वा ारा याद क गई पय का उारण

भा महसस हो सकता ह

उदाहरण क िलए िडपाटमटल टोर पर नए फनचर या िकसी और सामान क िवषय म जानकारी दनवाल

कमचारी ारा याद क गई पय को सिनए उारण म अकशलता और भपन का अहसास खद-ब-खद

हो जाएगा याद िकए गए भाषण को भावशाली ढग स तत करन क िलए कड़ अयास क आवयकता होती

ह बहतरीन याददातवाल वा भी िबना अयास क भाषण म कशलता का भाव तत नह कर पात या

भाषण क वाय या वाय म शािमल शद को भलना चािहए यिद ऐसा होता ह तो भाषण क दौरान वा

उलझ जाता ह और वा को परा वाय श स पढ़ना पड़ता ह जािहर ह िक आम तौर पर दशक एक ही वाय

और िवचार को दो बार नह सनना चाहत

शआत म ऐसी िदत सभी वा क सामन आती ह अतः अयास क जरए इन बाधा को पार करना

चािहए यिद लख िलखन स आपक भाषण का भाव बढ़ता ह तो लख तयार कर और उस याद कर याद िकए

गए लख का बार-बार अयास कर िनसदह मनचाहा परणाम हािसल होगा

इस कला म िनपण होन क िलए कई िवषय पर िबना तयारी क बोलन का अयास किजए भाषण दन क

िलए िवषय क तयारी कवल मानिसक आधार पर किजए कोई लख मत िलिखए इस कार आपक याददात

बढ़गी और भाषण दन क अदाज म भी सधार आएगा

िटपणी और अहम िबद क सहायता स पढ़नातीसरी और आिखरी िविध शआती वा क िलए न कवल बत िस ह बक कारगर भी ह हालािक

भाषण पर तयार क गई िटपणी क ारा पढ़न का सझाव कवल शआती वा क िलए ह तजरबकार वा

को कवल िवशष परथितय म ही इस िविध का इतमाल करना चािहए

भाषण क िलए एक िवतत योजना बनाइए तत िकए जानवाल िवचार का म तयार किजए म को

कागज पर िलिखए यान रख भाषण क म क जानकारी बत सटीक और सि होनी चािहए भाषण पर

िटपणी तयार करन क कछ उदाहरण इस कार हmdash

1 तावना

िकसी भी महा काय को अजाम दन क िलए सावधानी बत महवपण होती ह

2 परभाषा और उदाहरण

1 आम नजरए क आधार पर उप िवचार

2 महा हतय क जीवन स िमली रणा

3 अय मानिसक शय स सबध

1 कारण

2 कपना

3 याददात

4 इछा

4 यान आकिषत करना

1 अवाभािवक तौर पर यान आकषण

2 वाभािवक तौर पर यान आकषण

5 िनकष

अवाभािवक और वाभािवक यान आकषण क परणामइसी कार कछ और सि वणन क जरए एक अयत वा यान आकिषत करनवाल िवचार को

महवपण थान िवचार क गहराई को भावशाली मय िवचार को लाल याही स अिकत और िटपणी क

मय पय क नीच रखा खचकर महव दन योय बनान जस कई तरीक का इतमाल कर सकता ह अिकत

िकए गए महवपण िवचार स सबिधत अयास और तयारी भाषण क दौरान वाभािवक प स दिशत हो जाती

लिकन एक अनभवहीन और शआती वा क िलए सलाह ह िक पण लख तयार कर साथ ही यह भी

सझाव ह िक पण लख तयार करन क आदत को धीर-धीर लख स सबिधत सि िबद िलखन म बदलना

चािहए

कछ समय क िलए लख क ारा पढ़न क िविध आवयक होती ह लिकन यादा समय तक इतमाल करन

स यही िविध बराई का प ल लती ह अयत वा भी इस िविध का इतमाल कवल िवशष परथित म ही

कर सझाव ह िक जहा तक हो सक लख क ारा भाषण दन क परथित को टालना चािहए

ताकािलक भाषणिनत प स िबना तयारी भाषण दन क कला सवपर ह इस तरह क भाषण को जनता बत पसद करती ह

और यह महा वा का पसदीदा अदाज होता ह

ताकािलक भाषण को कई बार िबना तयार िकए गए भाषण क तौर पर समझा जाता ह वातव म आम तौर

पर यह िबना तयार िकया गया भाषण होता भी ह लिकन यहा तयारी का मतलब िवषय का ान न होन स नह ह

इसक िवपरीत ताकािलक भाषण दन क िलए उन सभी तयारय का होना जरी ह जो हमन lsquoतयारी क जरए

बहावrsquo अयाय म पढ़ी थी ऐस मौक पर भाषण क मौक स िमली रणा िवचार और भाषा पर पकड़ क अयास

का इतमाल करना चािहए

यिद आप ताकािलक भाषण तत करन म समथ ह तो दशक क िदल को छन म जर कामयाब हग एक

कार स दशक ऐस वा क साथ जड़ा महसस करत ह और िवचार क भाव को करीब स समझत ह ताकािलक

भाषण तत करत समय वा िदल स िवचार को य करता ह ऐसा करत व न तो वा म िहचक होती ह

और न ही शद का अभाव वा का यान भटकान क िलए लख िटपणी और मय िबद जसी िविध कागज

पर िलखी नह होती वा सीध दशक स सपक थािपत करता ह और िवचार म छप सदश क याया

भावशाली ढग स तत करन म कामयाब होता ह

लख म शािमल िकए गए वाय कई बार ठड और फक महसस होत ह अतः दशक पर अपा क अनसार

भाव नह पड़ता ह लिकन जब वा िदल स बोलता ह तो वापटता स सबिधत सभी शया एक हो जाती ह

और भाषण जीवत हो जाता ह ताकािलक भाषण तत करत समय वा दशक क िच को भापत ए िकसी

िवचार क यायान को िवतार द सकता ह तो कई िवचार का यायान याग भी सकता ह हालािक सभी

वा क िलए इस िविध को अपनाना सभव नह ह यह भाषण क सबस किठन िविध ह इस िविध को कड़

अयास क िबना नह सीखा जा सकता लिकन बाक िविधय क मकाबल इसका भाव सबस यादा गहरा होता

इस िविध क इतमाल क एक बड़ी कमी यह ह िक कई बार वा मय िवचार स भटक जाता ह इस खतर

को टालन क िलए मानिसक तौर पर क गई तयारी पर ही ढ़ रह यिद भाषण क बीच भटकाव क थित का

अहसास हो तो याददात म शािमल िकसी उदाहरण या महावर का योग कर और िफर सहजता स मय िवचार

को तत करना श कर अयास क िलए वाद-िववाद करनवाली सथा क साथ जड़ बात कर और बस

बात ही करत रहmdashऔर खयाल रह िक तयारी िकए िबना ताकािलक वाद-िववाद कर कई बार आपका उपहास

जर होगा लिकन कामयाबी क िलए यह बिलदान यादा बड़ा नह माना जा सकता

िटपणी और लख स सबिधत मय िबद बसाखी क तरह कमजोरी का तीक ह याद रख िक वा क

सफलता दशक क उमीद पर खरा उतरन स िमलती ह कोिशश कर िक कागज पर तयारी क जगह मानिसक

तौर पर तयारी क जाए

यायान क सय िविधभाषण क दसरी िविध को कई महा वा और हर िदन िकसी नए िवषय पर बोलनवाल वर अयापक

न अपनाया ह हालािक हर वा न इस िविध म अपनी सिवधा क अनसार मामली बदलाव जर िकए ह ऐस

वा तयार िकए गए भाषण को अछी तरह याद करत ह लिकन सावधानी क िलए मय िबद और भाषण क

म का सि लख पतक क प क बीच म रख लत ह और पतक क प को पलटत व तयार िकए

गए लख पर सावधानी क िलए यान दत रहत ह इस कार वा को भाषण म वाह बनाए रखन म सिलयत

होती ह

कछ वा भाषण क म को कम महव दत ह और कवल भाषण स सबिधत मय िवचार पर लख तयार

करत ह

इसी कार कछ वा भाषण क अहम िवचार व सदश पर िवतत लख तयार करत ह और उस लख का

शद-दर-शद उारण करत ह लख म शािमल उदाहरण और महावर को भी कागज पर उतारा जा सकता ह

कछ वा भाषण क अहम िहस को लख पढ़कर तत करत ह और बाक िहस को ताकािलक तौर पर

पश करत ह

इसी िविध को lsquoभाषण क सय िविधrsquo कहा जाता ह आप भी मौक क नजाकत िवषय क महव और

दशक क उमीद क आधार पर इन िविधय का िमला-जला खाका उपयोग म ला सकत ह इस खाक का

वप वा क अदाज और जरत पर िनभर करता ह

17

िवचार एव सरित ऊजासरित साधन को अितम रािश समझकर यय करन म ही समझदारी होती ह

mdashनपोिलयन बोनापाट

यिद आप बक खात म जमा रािश स यादा रकम िनकालना चाह तो या यह ममिकन ह िनयम क अनसार

रकम स यादा रािश क चक को खारज कर िदया जाएगा लिकन यिद बक क साथ आपक सबध घिन ह तो

शायद आपका चक खारज नह िकया जाए और चक क रकम का भगतान करन क बाद बाक रािश अदा करन

क िलए सिचत िकया जाए

आपसी सबध म पसद-नापसद का इतमाल िकया जा सकता ह लिकन याद रख कित क कोई पसद-

नापसद नह होती ह अतः कित स कछ उधार नह िमलता कित ईधन स भरी टक क तरह कणा-रिहत

होती ह टक का ईधन खम तो मशीन बद इसी कार िबना तयारी क भाषण का यायान उतना ही मकल

होता ह िजतना िबना ईधन क िकसी दर-दराज क सनसान इलाक का सफर करना

लिकन सवाल यह ह िक वा क आरित श का सह कहा होता ह यह सह िवषय क सामाय और

िवतत जानकारी म शािमल होता ह िवचार क बलता म सचत रहन का गण शािमल होता ह िवशष तौर पर

कित क िनयम और कारण को समझन म होता ह इस तरह क ितभावना स वा वय मानिसक व शारीरक

श का सचालक बन जाता ह

इस िविध का पहला अहम तव हmdashउिचत तयारी और आिखरी हmdashआमश इन दोन िसात क महा

का lsquoआमिवासrsquo और lsquoतयारी क जरए बहावrsquo अयाय म िवतत वणन िकया जा चका ह इसक अलावा

जनता क सम बोलन क िलए उिचत तयारी क िविध का वणन अगल अयाय म िकया जाएगा इसीिलए इस

अयाय का यान िवचार क आरित श पर कित ह

मानिसक श का भडारखाली खा भडार क तरह खाली िदमाग एक गभीर िवषय ह या नह यह मौजदा ससाधन क उपलधता पर

आधारत होता ह रसोईघर म खा सामी खम होन क थित म गिहणी बरतन को उलटन-पलटन क जगह

राशन क दकान पर खा सामी खरीदन पचती ह इसी कार िवचार क कमी क थित म िदमाग को

इधर-उधर भटकान क जगह िवषय स सबिधत जानकारी हािसल करनी चािहए याद रख िबना तयारी मच पर

पचन क गलती नह करनी चािहए

िवचार स खाली िदमाग को नई एव उपयोगी जानकारी स भरना चािहए जमीन स ाकितक तौर पर उप

कप स पानी का फवारा तजी स ऊपर क ओर उठकर कई फट ऊचाई तक पच जाता ह िनसदह ऊचाई तक

उठत इस फवार का रहय जमीन क अदर बहनवाल पानी क माा और गित म छपा होता ह

यिद आपक िदमाग म भी िवचार का सलाब उफान मारता ह तो उस रोकन क या जरत ह अिधक हािसल

करन का मतलब अिधक नह होता अतः अिधक नह सवािधक क कामना करनी चािहए इस कार िवचार

का दबाव भाषा क बहाव को सहज बनान का काम करता ह आमिवास म बढ़ोतरी करता ह और मानिसक

श म व करता ह जब म कवल घर लौटन तक क रकम डालकर चलन क आदत मसीबत क समय म

बत महगी पड़ती ह

मानिसक श क भडार म चबकय आकषण होता ह मतक म सरित िवचार को तत करन स दशक

तक िवचार क साथ वा क अययन अनभव िवचार और भावना का मल आशय एव िनचोड़ भी पचता ह

िजस कार यादा मलाई क िलए यादा दध क जरत होती ह उसी कार ान क बड़ भडार क िलए यादा

जानकारी अययन और अनभव क जरत होती ह

लिकन सवाल ह िक ान पी इस दध को कस हािसल िकया जाए इसक दो तरीक हmdashपहला यह िक दध

सीध गाय स हािसल िकया जाए दसरा तरीका ह िक दध िवता स िलया जाए तापय यह ह िक ान या तो

सीध ानी य स हािसल िकया जा सकता ह या िफर िवचार क अययन ारा

दखन और समझन क शिकसी सत न कहा ह lsquoहजार वा म स कवल एक ही य िवचारक होता ह और हजार िवचारक म स

कवल एक य क पास दरि होती हrsquo दखन और समझन का मतलब हmdashसीध गाय का दध दहना अथा

ानी य स सीध ान ा करना

इस तय को इस कार कहन क जगह िक हजार म स कवल एक य क पास दखकर समझन क श

होती ह यह कहना यादा उिचत होगा िक हजार य अपन सामन घटनवाली घटना और ाकितक बदलाव

को समझ-बझ क ि स नह दखत हम जीवन स जड़ सय को नजरअदाज करत ह जबिक घटना स जड़

दशन को समझना हर य क िलए बत महवपण होना चािहए अगली बार सफर करत व अपन बगल म

बठ याी पर गौर कर और जानन क कोिशश कर िक सफर क दौरान उसका यान िकन बारीिकय पर जाता ह

उसक आदत यवसाय आदश और िवचारधारा िकस कार क ह उसका वातावरण िशा वाय और

अय अहम पहल क िलए या नजरया ह सभी जरी जानकारी हािसल करन क बाद उस य क

यव को शद म बया करन क कोिशश किजए सभी अहम जानकारय को िनपणता स शद म बाधन क

बाद गौर किजए िक या अब आप उस य को यादा करीब स समझ पा रह ह यिद ऐसा ह तो आप हजार

म स एक बनन क िया का िहसा बन रह ह

lsquoडी माओपसटrsquo क लखक क िलए िकया गया यायान वा पर भी लाग होना चािहए lsquoउसक आख पानी

खचनवाल पप क तरह होनी चािहए जो सबकछ सोख ल हाथ म जबकतर जसी िनपणता होनी चािहए ऐस

हाथ जो सदा काम पर लग रहत ह इनक हाथ स कछ नह छटता ऐस हाथ लगातार कछ-न-कछ बटोरत रहत

ह आख लगातार नजर इशार इराद और सामन आनवाली हर बारीक गितिविध को पढ़ रही होती हrsquo

जानकारी क िलए बता द िक lsquoडी माओपसटrsquo वय हजार म स एक ितभावा य थ

रकन न एक साफ क हीर का टकड़ा उठाया और उसस एक भावहीन िशा हािसल क वह िशा आज

तक जनमानस क िलए अहम मानी जाती ह बीचर घट तक एक जवर क दकान क सामन खड़ होकर जवर को

िनहारत रह और गहन और इनसान क आमा क बीच समानता क तलना करत रह गोह न पानी क एक बद म

हजार आमा को त पचानवाली श का अहसास िकया थौरोह एक घनी झाड़ी म घट शात बठा रहा

जहा उस िचिडय और कट-पतग क कई जीवन-रहय का ान िमला एमरसन न इनसान क अतरामा का

गहन अययन कर िनकष िनकाला िक lsquoय को जानन क िलए उस सनना आवयक होता हrsquo यर न अपन

ब क हरकत का तीन साल तक अययन िकया इस कार वह ब क मानिसकता समझन का िवशष हो

गया दख-समझकर ान ा करन म असफल य नहीन क समान होता ह लाख खोज और योग क

बावजद आज भी कई अदिशत सय ऐस ह िजनक न तो जानकारी ह और न ही कपना क जा सकती ह

जािहर ह दखन-समझन क इछा-श और उसकता को खम कर अदिशत सय क जानकारी हािसल नह

क जा सकती lsquoपथर म धमपदशrsquo और lsquoनिदय म थrsquo ढढ़नवाल महापष क सया बत कम ह

दरअसल आम तौर पर लोग निदय म पथर और थ म धमपदश दखन क आदी ह सर िफिलप िसडन क

कहावत ह lsquoिलखना ह तो िदल म झािकएrsquo मसीलन क कहावत म इनसान क दय क समझ शािमल ह lsquoमन

खद क अययन क ारा दसर क बार म सीखा हrsquo बायरन न कहा िक lsquoखद क िदमाग को पढ़कर और

समझकर ही म इनसानी िफतरत को बारीक स समझ पायाrsquo

िवचारक मतकसोचना तय को समझन का अकगिणत ह एक तय को दसर तय क साथ जोड़न स परणाम हािसल होता

ह एक सय को दसर सय क साथ जोड़न या घटान स उमीद क मतािबक परणाम हािसल हो सकता ह एक

तय का दसर तय क साथ गणा किजए िनत तौर पर सटीक परणाम हािसल होगा सोिचए िक एक ही

समय म ऐस िकतन िवचार एक साथ काम कर रह होत ह दरअसल हम हर व कछ ऐस ही िवचार क गणा-

भाग म लग रहत ह इसीिलए गिणत को िदमाग का सबस बहतर यायाम माना गया ह िवचार लगातार कायशील

रहत ह सोचन म ऊजा खच होती ह सोचन क िलए समय धय िवतत जानकारी और प िकोण क

आवयकता होती ह आम तौर पर लोग सतही जानकारी को सपण मान लत ह लिकन उम िवचारक तय क

गहराई तक पचन क कोिशश करता ह ऐस य हजार म एक होत ह जब तक िशा क मौजदा णाली

चलती रहगी और छा को आख स ा होनवाल अनभव क जगह कवल भाषण क जरए पढ़ाया जाएगा

तब तक छा पर खद क िवचार िवकिसत करन क जगह दसर क िवचार को याद रखन का दबाव रहगा तब

तक ानी और अानी का मौजदा अनपात बरकरार रहगा हजार म स कवल एक ही य आख स िमल

अनभव स ान ा करगा और हजार म स एक ही य खद क सोच िवकिसत करन म कामयाब हो

सकगा

मतक चाह िकतन भी लब समय क िलए िवचारहीन य न रहा हो आवयकता पड़न पर िवचार िवकिसत

हो ही जात ह सवथम इस मायता को खम करना चािहए िक lsquoईर क आशीवाद स िवचारक जम लत हrsquo

ायन क मतािबक lsquoिवचार क महव को समझना और उस सही म म तत करना कोई चमकार नह ह इस

तय पर िवचार किजए और इस िसात को समझन क कोिशश किजए यकनन िवचार िकसी चमकार और

आशीवाद क मोहताज नह होत हrsquo

तय को समझना उन पर िवचार करना बस एक आदत ह इस आदत को कोई भी िवकिसत कर सकता ह

िकसी चीज को बार-बार दोहरान स आदत िवकिसत हो जाती ह फक बस इतना ह िक साधारण आदत आसानी

स िवकिसत हो जाती ह जबिक िवशष आदत क िलए लबा अयास करना पड़ता ह अथा िवशष आदत

िवकिसत करन क िलए ढ़-िनय का होना बत आवयक ह कड़ी महनत का फल मीठा होता ह डट रह

महनत करत रह और िजस िदन आप िवषय क गहराई तक इच भर पचन म कामयाब हग बस उसी िदन स

िवचार क गहराई बढ़नी श हो जाएगी

शायद इस छोट स उदाहरण स िवषय क गहराई तक िवचार करन क रणा जर िमली होगी िवचार क

कड़ी को एक साथ जोड़न का अयास करत रिहए िवचार क जजीर खद-ब-खद बननी श हो जाएगी एक

तय को दसर तय स जोिडए इसी कार तय को आपस म िमलात रिहए िवचार का वाह िवकिसत हो

जाएगा

सोचना और तय को बारीक स समझना सभी मानिसक अयास म तम अयास ह खास तौर पर यान

रख िक िकसी अहम िवचार पर राय तय को जाच िबना हावी नह होना चािहए िवचार जहा एक तरफ श

दान करत ह वह श का सरित प स सचय भी करत ह

िकसी लखक न िवचार और ान क बीच सबध को कछ इस तरह सामाय पय म समझाया हmdash

lsquoमझ ऐस य स मत िमलाना जो सोचता ह िक वह सोचता ह िकसी ऐस भी य स मत िमलाना जो

सोचता ह िक वह जानता ह मझ ऐस य स िमलाना जो जानता ह िक वह सोचता ह और म ऐस य को

जानता जो जानता ह िक वह जानता हrsquo

अययन स िवचार को ोसाहन िमलता हगाय क थन िकतन भी सख य न ह हम दध दहन म नाकािबल य न ह लिकन िफर भी दध िवता ह

हम दसर क िवचार को पढ़ सकत ह िवचार को समझ भी सकत ह तो खद िवचार य नह कर सकत

दरअसल उम िवचारक बनन क िलए उम िवचार क नह ढ़ इछा-श क जरत होती ह

आज क दौर म अययन क महव को िनन सािबत करन का चलन बन गया ह समझाया जाता ह िक यादा

अययन स िवचार हो जात ह िकताब मानिसक तौर पर सत लोग क िलए होती ह

लिकन यह कवल आधी साई ह इस तय स जड़ी वातिवक साई कछ दर क िलए सोचन को िववश कर

सकती ह अययन क िबना या आप वय कछ बड़ा सोचन म कामयाब ए ह या िकसी भावशाली िवचार

को पढ़न म कभी नीरसता और आलय का आभास आ ह िवचार किजए यिद ऐसा आ ह तो पााप

किजए छोटी और तछ सलाह स भािवत मतक क भसना किजए ाय क िलए अपनी गलती को

सधारए और अययन किजए िनत प स परणाम सकारामक हग

अययन म िच पदा होगी तो जानकारी बढ़गी जानकारी बढ़गी तो उम िवचार िवकिसत हग इस अयाय

म मय प स जानकारी क ारा िवचार िवकिसत करन पर जोर िदया गया ह

जानकारी बढ़ान क िलए या पढ़ना चािहए

जसा िक न कहा ह िक जानकारी बढ़ान क िलए िकसी मामली पतक म समय न करन स अछा ह िक

रगमच पर नाटक का आनद िलया जाए जानकारी बढ़ानी ह तो सकरात क िवचार को पिढए िलकन गिटबग

एथस क गाथा गो दात आिद का अययन किजए टनल क जरए अका क बार म जानकारी जटाइए

मानव दय को करीब स समझन क िलए शसपीयर और दिनया भर क महा नायक क बार म जानन क िलए

कायालय पिढए इसक अलावा धम स जड़ म और धारणा को समझन क िलए एपोटल पॉल क लख का

अययन किजए हजार यग का ान और अनभव अययन क जरए ा िकया जा सकता ह चसया क

सत न सही कहा ह lsquoिकताब क सह स बड़ा कोई िविवालय नह हrsquo

एक उम पतक को पढ़न और समझन स बहतर कछ और नह हो सकता लिकन हमम स कछ ही लोग

िकताब क महव को समझ पात ह आम तौर पर हम पतक मागकर पढ़न क शआत करत ह लिकन िकसी

पतक को खद खरीदन और िकताब क अलमारी म सजान म जो आनद ह वह मागकर पढ़न म नह ह िकताब

कम ह या यादा इसस फक नह पड़ता पतक पढ़ना श किजए सह खद-ब-खद बढ़न लगगा िकताब

म िदलचपी पदा होन क बाद पतक क मख प का फटना दःखदायी महसस होगा पतक क प पलटत

व आप सलवट पर यान दन लगग पतक को मोड़कर पढ़ना बद कर दग पतक को िनशान सीलन

दीमक आिद स बचान का यन करग िकताब क ित म जा होन क बाद िकताब का चयन करन म

मकल नह होगी और जानकारी का दायरा लगातार बढ़न लगगा

यिद आपक पास िकताब क महा और उम लखक क जानकारी नह ह तो पतक खरीदन स पहल

पतक क बार म पण जानकारी हािसल कर पतक पढ़न का मतलब यह नह ह िक कछ भी पढ़ा जाए सयता

और जानकारी क माण क िलए इतना कहना काफ नह ह िक lsquoमन पतक म पढ़ा हrsquo इसक िलए िवचारक

और लखक का िवसनीय होना बत जरी ह कौन सी पतक इसस बड़ा सवाल ह कौन सा लखक या

लखक तत िकए गए िवषय का उम जानकार ह लखक क िवसनीयता का माण या ह लखक िकन

अय िवसनीय लखक क िवचार को मानता ह या नकारता ह इन अहम पहल क सयता क जाच क

जरए ही जालसाज लखक स बचा जा सकता ह कपना किजए िक आपक पास जाली पए ह आपको

इसक जानकारी तक नह ह और आप पकड़ जात ह तो या आपको सदमा नह लगगा िलहाजा जालसाज

और जाली पतक स बचन क कोिशश किजए

सवजन क सम बोलन क िवषय पर कोई भी पतक आपको सीमा-शक पर भाषण दना नह िसखा सकती

इसक िलए सीमा-शक क बार म जानकारी हािसल करनी ही होगी इस िवषय पर िजतनी जानकारी हािसल क

जाएगी भाषण उतना ही भावशाली िस होगा

उदाहरण क तौर पर सरकारी नीितय पर चचा कर रह उस समह क बार म सोिचए जो सरकार क सामािजक

नीितय पर वाद-िववाद कर रह ह िनसदह इस िववाद म समाजवादी िवचारक माननीय lsquoअrsquo क िवचार क

आलोचना क जाएगी साथ ही इस नीित स जड़ िनप नता lsquoबrsquo क भी आलोचना होगी ऐसा भी हो सकता ह

िक वाद-िववाद म कवल नता क चर पर ही चचा हो और नीित स जड़ सामािजक पहल को छड़ा ही न

जाए चचा का िनकष यह भी हो सकता ह िक माननीय lsquoअrsquo और lsquoबrsquo को समाजवाद का ान ही नह ह रॉबट

लइस टीवसन न कहा ह िक lsquoइनसान कवल रोटी पर िजदा नह ह सचक शद भी बराबर महव रखत हrsquo यिद

आप भी इसी समह क िवचारधारा स भािवत य ह सरकार या सरकारी नीितय क आलोचना या वकालत

तय को जान िबना करत ह तो इस आदत को तकाल सधारन का यन किजए िकसी म क िवषय म

िनकष तक पचन स पहल सभी तय और पहल क बारीक स जाच किजए और िवषय क गहराई को

समिझए

18

िवषय एव तयारीमता क िहसाब स िवषय का चनाव किजए िवषय पर बारीक स िवचार किजए यान दीिजए िक िकस िवचार को िकतना िवतार दना चािहए

वजन उठान स पहल अवय जाच लना चािहए िक कध िकतना बोझ उठा सकत ह

mdashबायरन िहस ॉम हॉरस

जीवन स भर इस िदन को दिखए जीवन स िखलता आ िदन इस छोट स िदन म अतव क सभी िविवधताए एव हककत िवकास क खशी

महनत का यश और सदय का वभव शािमल ह गजरा आ कल अब एक सपना ह और आनवाला कल एक उमीद ह लिकन आज एक हककत

ह इस िजदािदली स िजयो कल क अधर सपन को परा करो आनवाल कल क उमीद को साकार करन क तयारी करो आज का वागत करो

हर सबह का अिभनदन कछ ऐसा ही हो

mdashसकत क एक किवता का अश

िपछल अयाय म lsquoिवचार एव सरित शrsquo क भाव का महव समझा गया था याद रख िवचार को जम

दन क िलए तयारी क महव को नजरअदाज नह िकया जा सकता तयारी चाह िकसी महा पतक और लख क

आधार पर क जाए या िफर वय क िवचार क आधार पर तयारी अवय ही क जानी चािहए याद रह िक

भाषण क िलए क गई तयारी म जीवन स जड़ सय और अनभव का योग जर िकया जाना चािहए लिकन

जीवन क सय और अनभव का योग िवषय क मतािबक होना चािहए नह तो म क थित पदा हो सकती ह

भाषण म दी जानवाली जानकारी या तो िकसी तय स रत होती ह या तय क समह स सयवथत जानकारी

को ही ान कहा जाता ह तय क म और सयवथा स ान का आभास होता ह

अित महवपण ह िक भाषण तयार करन स पहल अपनी योयता और मता को सदश का प दत समय

तय क सयता क बारीक स जाच कर तय क म को सयोिजत कर और महवहीन िहस को भाषण म

जगह न द अपन भाषण को एक वा क तौर पर सन भाषण क महव को वा क प म दख और वा क

तौर पर ही पतक सािथय य और वर का चयन कर वा को जीवन म रोजमरा क गितिविधय स

सीखन सबक लन और ान बढ़ान क अवसर िमलत रहत ह वा क जीवन का यह सबस आकषक पहल होता

ह वा क सतक िनगाह िनरतर नए तय उदाहरण और िवचार क खोज म यत रहती ह वा क जीवन

का यही अनभव मच पर रग जमा दता ह

तयारी क दौरान समय का सही उपयोगअकसर कहा जाता ह िक तयारी क िलए बत कम समय िमला मरा िदमाग कई उलझन स िघरा आ था

डिनयल वबटर न महा वा क भाषण स रणा और जानकारी लन म कभी चक नह क यवा अवथा म

एक िसलाई कारखान म काम करत व डिनयल अकसर एक हाथ म पतक रखत थ और मौका िमलत ही कछ

प पढ़ लत थ मदान और वीरान जगल म घमत व पटरक हनरी कित म होनवाली घटना को गौर स

दखत और समझत थ कित स िमली जानकारी न पटरक को एक महा वा बना िदया दिनया भर म दशक

क सबस बड़ी सया को सबोिधत करनवाल महा वा डॉ रसल एच कॉवल िमटन क िस पय

और वाय को कॉफ बनात व भी याद िकया करत थ लिकन आज क दौर म यिद वबटर एक हाथ म

पतक रखकर कारखान पच जाए तो नौकरी स हाथ धोना पड़गा और जगल म घमत पटरक को अकल घर स

िनकलन क सजा दी जाएगी लिकन साई को झठलाया नह जा सकता ाकितक घटना स अनभव और

मानिसक श हािसल कर इस ितभा को भावशाली ढग स तत करनवाला य समय आन पर आरित

ऊजा स दशक को वशीभत करन म कामयाब होता ह

नपोिलयन न कहा ह िक रा का भिवय तय करन म कवल पह िमनट लगत ह सोिचए िक ऐस िकतन पह

िमनट हम अपन जीवन म न कर चक ह रॉबट लइस टीवसन न समय का सही उपयोग िकया और ऊजा को

सरित रखा जीवन क हर अनभव को पजी क तरह सरित िकया पजी का अथ हmdashlsquoआज क कमाई को

भिवय क िलए बचाकर रखनाrsquo रॉबट न अपन सभी लख और भाषण म अपन जीवन स जड़ अनभव और

जानकारय का उख बत ही शानदार शली म िकया एमरसन न कहा ह lsquoआनवाला कल भी आज क तरह

होगा जीवन खम हो रहा होगा और हम जीन क तयारी कर रह हगrsquo

अनभव और जानकारी जटान क िलए सही मौक का इतजार करना यथ ह इसक िलए या िकसी मत क

जरत होती ह कार म पह िमनट क सफर स भी शायद कछ नया अनभव ा हो सकता ह

िकसी ताजा भाषण का सता सकरण खरीिदए और काम पर जान स पहल हर रोज कछ प क किटग

अपनी जब म रिखए मौका िमलत ही इन प को पिढए यान दीिजए िक िकतन समय म आप हाल ही म िदए

गए महा भाषण स परिचत हो गए ह यिद आपको पतक क प फाड़ना अछा नह लगता ह तो पतक को

अपन साथ रिखए आजकल लगभग सभी महा िकताब छोट अक म कािशत होती ह ओाहोमा म हर रोज

होनवाल गस रसाव क ऊजा लगभग 10 हजार टन कोयल स िमलनवाली ऊजा क बराबर होती ह लिकन समय

क बरबादी क मकाबल ऊजा क यह बरबादी कछ भी नह ह यिद समय का सही उपयोग िकया जाए तो वा

सफलता क िशखर तक पच सकता ह वािनक न मा क पौध स एक साथ तीन भ पदा करन क िविध

खोज ली ह इजीिनयस मशीन क मता का एक भी अश बरबाद नह होन दत ह मशीन क सौ फसदी ताकत

उपादन म खच होती ह आज क दौर क तजी क साथ कदम िमलान क कोिशश किजए और समय का एक

भी ण बरबाद होन स बचाइए दाढ़ी बनात व या कपड़ पहनत व या आप अपनी मानिसक श का

इतमाल करत ह िकसी िवषय का चनाव किजए और िदन क िनयिमत काय-कलाप क दौरान बरबाद होनवाल

समय का उपयोग किजए परणाम बत उसाहजनक हग रोजाना िकसी महा पतक का एक वाय िकसी

महा िवचारक का एक िवचार और वय िकसी िवषय पर ितिया ान क खजान को िदन-ब-िदन बढ़ान का

काम करगी बकार क काम म समय न करन का कोई फायदा नह lsquoएक मामली िमनटrsquo को lsquoसाठ महवपण

णrsquo समिझए याद रिखए दौड़ म कवल कछ ण का फासला धावक को िवजता बनाता ह एक मामली

िमनट क दरी स रल छट जाती ह

ऊपर दी गई सलाह का मतलब यह नह ह िक आप आराम और मनोरजन क महव को ही भला द महनती

य क िलए आराम स यादा महवपण कछ नह होता जबिक आलसी य आराम कवल समय न करन

क िलए करता ह यान रख िक आराम क बाद कछ खास करन क श िमलती ह इसका सही उपयोग करना

जरी होता ह

िवषय को चननािवषय और सामी एक-दसर को भािवत करत ह

lsquoिवषय को चनन क दो िसात होत हmdashमनचाहा चनाव तथा िवचार व अययन स िवकिसत चनावrsquo

मनचाहा चनावmdashऐस िवषय का चनाव करनवाला वा िवषय स सबिधत जानकारी गहराई और िवषय पर

वय क पकड़ का खयाल नह रखता िवषय को िच क आधार पर चन िलया जाता ह और वा गव स

घोषणा करता ह िक lsquoमन िवषय चन िलया हrsquo

lsquoमझ िवषय दीिजएrsquo या आम तौर पर छा अयापक स यह अपील करत ह जािहर तौर पर अयापक

िवषय स सबिधत सझाव दता ह िवषय को समझा जाता ह कई बार अययन क बाद िवषय को खारज भी कर

िदया जाता ह िफर िकसी नए िवषय पर चचा होती ह दरअसल अयापक छा क िवशषता और

कमजोरय को बखबी पहचानता ह इसिलए िवषय का चनाव सभी पहल को यान म रखकर िकया जाता ह

इस कार चना गया िवषय ितभा क मतािबक होता ह और वा भावशाली भाषण तयार करन म कामयाब

होता ह

िवकास और उित क आधार पर िकया गया िवषय का चनाव पणतः अलग होता ह यहा यह नह पछा जाता

िक या कहना ह मतक वय िवषय पर कित हो जाता ह और पछता हmdashमझ या सोचना चािहए अथा

वा िवषय का चनाव कर चका होता ह और यान िवषय स सबिधत जानकारी तय क म एव शद क

सटीक उपयोग पर कित होता ह भाव को कट करन म असफल य अछा िवचारक हो ही नह सकता

इसका मतलब य क िवचार उपयोगी नह ह अययन और गहन िचतन क आदत वा को कई अहम

िवषय पर सोचन क रणा दान करती ह इसम कोई िवरोधाभास नह ह यह एक सहज सय ह

यह प हो चका ह िक िवचार और अययन स िवकिसत िवषय सतकता स चन गए िवषय क मकाबल

यादा भावशाली होता ह िवषय lsquoअचानक िदमाग म आ जाता हrsquoिनपण िवचारक क मतक म िवषय क

िलए अहम थान होता ह अययन और िवचार क मायम स नई सोच का जम होता ह और इस कार एक नए

िवषय का आधार तयार होता ह आम तौर पर यह एक िनयिमत िया ह िबखर ए िवचार पहल-पहल धधल

होत ह लिकन धीर-धीर िवचार का वप प होन लगता ह तय क एक कड़ी दसरी कड़ी स जड़न लगती

ह और अततः एक महा िवचार का जम होता ह एक ऐसा िवचार िजसक श बत बल होती ह िवचार

वा क मतक म जोर-जोर स िचाता ह lsquoजागो म तहारा िवषय rsquo अब मझ अपन शद क जाद स

महा वप दन म जट जाओ इसक अलावा िफलहाल कोई और लय नह होना चािहए

िनसदह िनपण वा िवषय को चनन क िलए दोन िसात का इतमाल करता ह ज बग एसनवीन क

मतािबक दोन िसात का इतमाल करन क िविध म भी िवचार और अययन स िवकिसत चनाव का उपयोग

होता ह यिक कोई भी वा ऐस िवषय का चनाव नह करता िजसम गभीरता का अभाव हो

िवषय-वत का िनधारणयिद भाषण का िवषय िकसी दसर य ारा तय िकया गया ह तो बौखलान स बहतर ह िक िवषय स

सबिधत उिचत जानकारी जटाई जाए और जमकर तयारी क जाए िजस िसात क आधार पर वा िवषय का

चयन करता ह िवषय-वत का चयन भी उसी आधार पर िकया जाता ह वय स या अय लोग स पिछएmdash

िकसी िवशष उसव या समारोह को िकस अदाज म आयोिजत िकया गया ह िकतन दशक क आन क

उमीद क जा सकती ह समाज क िकस वग क दशक उपथत हग िवषय िवशष पर दशक का नजरया

या ह मर अलावा और कौन भाषण दगा समारोह क दौरान या मरा नबर पहला होगा या मझ अत म मौका

िदया जाएगा बाक वा िकन म पर भाषण दग मच िकस तरह तयार िकया गया ह भाषण को

भावशाली बनान क िलए या कछ बदलाव करन चािहए भाषण क िलए िकतना समय िमलगा

कई बार भाषण िवषय वा दशक समारोह और जगह क मतािबक नह होत ह िलहाजा भाषण स पहल

इन सभी पहल क जानकारी आवयक होती ह या कहना चािहए कस कहना चािहए और िकस परथित

क मतािबक कसा अदाज अपनाना चािहए भाषण का 90 फसदी भाव इन पहल पर आधारत होता ह

इसक अलावा वही फरमाइश परी करनी चािहए जो परी करनी सभव हो िनत तौर पर एक गोल छद म उसी

आकार का चौकोर टकड़ा नह डाला जा सकता

अनपात का सवालभाषण म िवचार और सदश क महव को समय क आधार पर िनधारत किजए यिद भाषण क िलए दस

िमनट का समय िनधारत िकया गया ह तो इस यारह या बारह िमनट तक न खच यादा बहतर ह िक भाषण को

नौ िमनट म खम िकया जाए वा क पास अगल वा और दशक का समय जाया करन का हक नह होता

सही समय पर भाषण खम करन क िलए उिचत तयारी किजए खाका तयार किजए िक िवचार एव सदश को

िकतना समय दना ह भाषण क सभी िहस को जरत क मतािबक सही अनपात म बाटन क कोिशश किजए

भाषण कम समय म समटनवाल वा को दशक बार-बार सनना पसद करत ह िलहाजा भाषण को बवजह लबा

कर अगल मौक को हाथ स न जान द

अगला महवपण पहल यह ह िक भाषण क िकस िहस को िकतना महव दना ह एक बार िनणय हो जान क

बाद वा को मालम होता ह िक भाषण क िकस िहस को यादा भावशाली बनाना ह और उस िवचार को

तत करन क िलए िकतन अयास क जरत ह कई वा दस िमनट क भाषण म आठ िमनट गवा दन क

बाद जा होत ह यह िबलकल इस कार ह िक मकान तयार करन क िलए जमा रािश म स 80 फसदी

गिलयारा बनान म ही खच कर दी जाए

यही अनभव भाषण क दौरान समय क सही उपयोग का सकत दता ह इसक आधार पर िनपण वा भाषण क

भाव और सदश को दशक क उमीद स पहल खम कर दता ह

वातिवक ोत का दोहनभाषण क िवषय-वत को जीवन दान करन क िलए सबस पहल तय को जटाना चािहए शद क

उारण म भव थािपत करना चािहए तािक आप कह सक lsquoमन िजल क सभी िमल क कमचारय स

सबिधत कागजात क जाच क ह और िनकष िनकाला ह िक 32 फसदी ब क आय िनयम क अनसार

सही हrsquo भव का इसस बहतर उदाहरण नह हो सकता भाषण म पश क गई दलील और अपील को

भावशाली बनान क िलए तय क जाच पकार क तरह करनी चािहए हालािक ऐसा करन म महनत लगती

ह लिकन यह िया कद नह होती सही तय क जाच क िलए िच का होना जरी ह याद रख िक

वातिवक जाच क ारा जटाए गए तय स आमिवास बढ़ता ह और यह आमिवास वाभािवक प स

मच पर दिशत होता ह

रचनामक काय करनवाल लोग क साथ समय यतीत किजए साई को हण करन क िलए आख कान

िदल व िदमाग को चौका रिखए और सही िनणय पर पचन क बाद ही सय को उजागर किजए इस कार

हण िकए गए सय को दशक िदलचपी स सनत ह याद रख जीवन स जड़ वातिवक सय को सनना पसद

िकया जाता ह

पतकालय का योग

सदह-रिहत खजाना छोट स पतकालय म िमलता ह िकसी पतक को चाह िकतन भी मन और यान स य

न पढ़ा जाए पतक म अयाय का म याद नह रहगा पतक म शािमल िविभ िवचार और महवपण

िवषय क जानकारी तो जर रहगी लिकन अयाय क शीषक स िवषय-वत को याद करना मकल महसस

होगा

अतः शीषक क जरए अयाय क िवषय-वत याद रखन क िलए पतक क अयाय पर मौका िमलत ही

नजर डालन क आदत िवकिसत किजए पतक क िविभ सकलन क सची पर मौका िमलत ही यान

दीिजए और अयाय को शीषक क अनसार याद रखन क कोिशश किजए इसक बाद प पर सरसरी नजर

डािलए और मानिसक और वातिवक िटपणी तयार किजए इसक बाद पतक क रोचक और अहम सदश को

यान स पिढए हर पतकालय म ऐसी पतक जर होती ह िजह आज नह तो कल जर पढ़ा जाएगा यिद

आप पतक स घिनता बनाए रखग तो भाषण क दौरान उदाहरण क िलए कई िकस याद आ जाएग लब

समय पहल पढ़ा गया िवचार एकदम ताजा हो जाएगा महा पतक क हर अयाय म एक महा सदश छपा

होता ह

यिद पतक म शािमल िकसी महा िवचार क चचा िवषय-सची म नह क गई ह तो हतोसािहत नह होना

चािहए सदश क महानता िवषय सची पर िनभर नह होती ह

इस िविध क अनसार िवचारधारा स सबिधत जानकारी जटान क कपना किजए जािहर ह सबस पहल

पतक क शीषक पर यान िदया जाएगा इस यन म आपक हाथ कफर क lsquoिवचारधारा और िवचार करन

का अयासrsquo नामक पतक लग सकती ह इसक अलावा ामर क lsquoिचतन क कला पर छा स वाालापrsquo

नामक पतक स कई महवपण जानकारया हािसल क जा सकती ह वाभािवक तौर पर इसक बाद मनोिवान

स सबिधत पतक क आवयकता महसस होगी इसक िलए भी राता ह यिद आप मानव ान स सबिधत

पतक का अययन कर रह ह तो इस ओर आपन एक कदम पहल ही बढ़ा िदया ह अचानक अहसास होगा िक

महावर स सबिधत िवकोश और शदकोश का अययन भी करना चािहए जािहर तौर पर इसस सबिधत ढर

सामिया उपलध ह सवाल यह ह िक मौजदा सामी म स िकसका अययन िकया जाए िवकोश म िचतन

स सबिधत सभी उख पर यान दीिजए महावर स सबिधत शदकोश म भी समान िकोण अपनान क

कोिशश किजए यही नह कापिनक कथाए पढ़न स भी भाषा-शली सधारन म मदद िमलगी मयतः

जीविनय और िनबध पर िवशष यान दन क जरत ह

शआत करन क िलए अपन साथ नोटबक रख या िफर छोटी डायरी या कागज का योग कर और िदन भर

क अययन को कागज पर उतारन क कोिशश कर अपन अनभव िवचार व ान को नोटबक पर उतारत रह

और अययन क ारा िमली जानकारी क साथ उसका सबध थािपत करत रह कछ समय म सकारामक भाव

महसस होन लगगा

िनसदह नोटबक िलखन क आदत म कड़ी महनत क आवयकता होती ह लिकन याद रख भाषण क

िबगड़न क मय वजह ितभा नह बक तयारी क कमी होती ह अिधक आमिवास आलय का घिन

िम होता ह और दोन वा क परान श होत ह

सभी उम िवचार क सची तयार किजए और नोटबक म सरित रिखए यिद आप पिका का सह करत ह

तो महवपण लख का वष महीना और तारीख क मतािबक सची तयार कर इन लख क साथ अपन िवचार को

भी कागज पर उतारए और सरित किजए

भाषण क परखाभाषण क परखा तयार करन क िविध कोई नह समझा सकता कई वा सर क समय भाषण क परखा

तयार करत ह कछ वा मानिसक तौर पर पर भाषण का ढाचा तयार करन क बाद ही परखा को कागज पर

उतारत ह हालािक अिधकतर वा नोस तयार करत ह नोस क ारा िवचार का म बनात ह भाषण का

ाप तयार करत ह तपा अयास करत ह इन सभी िविधय को एक-एक कर आजमाइए और अपन

िमजाज व सिलयत क मतािबक िकसी एक का चयन किजए िकसी भी य को िकसी और क अदाज म

काम करन क िलए िववश नह करना चािहए साथ ही उस य क अदाज को भी नजरअदाज नह करना

चािहए सभव ह िक दसर य क काम करन क शली आपक अदाज स यादा कारगर हो

नोस क आधार पर भाषण तयार करनवाल वा क िलए िननिलिखत सझाव महवपण िस हो सकत ह

mdash

पया अययन और िवचार क बाद एक अलग प पर िवषय क मय िवचार का म तयार किजए िजस

तरह िवषय को तत करन क िलए पतक क िवषय-सची तयार क जाती ह उसी तरह भाषण क िवचार का

म होना चािहए इस कार वा क िलए िवचार को प प स तत करना आसान हो जाता ह एक

िवचार क माण म दसर िवचार का ततीकरण पता वाद-िववाद िच और भाव को जम दता ह

मब तरीक स िवचार को तत करत समय इतमाल िकए जानवाल अनभव उदाहरण तय और

अनमान भाषण का महवपण िहसा बन जात ह सभी िवचार को एक-दसर स अलग मानन क कपना

किजए तपा मानिसक तौर पर इन िवचार का म िनधारत करन क कोिशश किजए अततः सभी

िवचार क साथ उपयोग म लानवाल उदाहरण अनभव तय और अनमान का खाका तयार किजए यान

दीिजए िक िकस िवचार और सदश पर यादा बल दना ह इस िया क पा भाषण का सपण वप तयार

हो जाता ह मच पर इतमाल िकए जानवाल भाषण का साधारण वप कछ इसी कार होना चािहएmdash

सम क मय वजह (भाषण का िवषय)सम का अथ या होता ह सम का वरदान धरती म छपा ह अमरका म अतय किष िवकास किष म

िवकास क नए िसात किष उपाद क बशमार कमत यापार पर किष िवकास का सकारामक भाव अय

दश म िवकास का भाव दश क िनजी अथयवथा म मजबती बड़ कारोबार और बिकग का िनयण

िवदशी बाजार क िलए नजरए म बदलाव और समी जलपोत का आधिनककरण सम क महा उदाहरण

ह इस कार मय िबद िनधारत कर भाषण क परखा तयार क जा सकती ह

प तौर पर इन सभी मय िबद का िवतार िकया जा सकता ह साथ म उदाहरण अनभव महावर और

अनमान को जोड़ा जा सकता ह इस म सम स जड़ आकड़ को शािमल िकया जा सकता ह अथा

परखा क आधार पर भाषण को भावशाली बनान का उय हािसल िकया जा सकता ह

लखन एव अयासउम परखा तयार करन क बाद भाषण तयार करन पर यान दना चािहए यिद भाषण िलखन क जरत ह

तो अवय िलख भाषण क परखा को यान म रखत ए अतमन स लख तयार कर भाषण का पनिनरीण

कर और जरत क मतािबक सधार कर

अत म भाषण पर आलोचक क नजरए स यान द शद क चयन को भावशाली बनाए वाय को जीवन

दान कर िवचार क पता का खयाल रख सदश क सयता मािणत कर और िवशष तौर पर यान रख िक

भाषण का अत तकसगत हो सबस महवपण ह िक खद को दशक क सम महसस कर अयास क दौरान

यान द िक भाषण िनबध जसा तो नह लग रहा ह भाषण-शली का सहज और वातिवक होना बत जरी

होता ह

शीषकअत म यह खयाल जर आएगा िक भाषण क िवषय-वत या ह इस एक शद या छोट स वाय म िकस

कार तत िकया जाए दरअसल कम-स-कम शद म भाषण क िवषय का सार तयार करन को शीषक कहत

ह हनरी वासन क अदाज क तरह भाषण का शीषक बत साधारण हो सकता ह उदाहरण क तौर पर lsquoनया

अमरकावादrsquo भाषण का शीषक सकतामक भी हो सकता ह उदाहरण क िलए रसल एच कॉवल का

lsquoएकड़ म फल हीरrsquo एबट ज बवरज क तरह कहावत को भी भाषण का शीषक बनाया जा सकता ह

lsquoआस-पास फली समrsquo अततः भाषण का उय जो भी हो शीषक सि होना चािहए िवषय क

मतािबक होना चािहए और दशक म उजना वािहत करन योय होना चािहए

19

िववरण क ारा भािवत करनािवचार गभीर नह ह तो उस य न कर िवचार क यायान क बाद ितफल क उमीद नह रखनी चािहए गभीर िवचार म छपी सयता को

पहचान अवय िमलती ह

mdashथॉमस कालाइल जीवनी पर िनबध

इस अयाय म भाषण को आलकारक करनवाली कला को िनपण बनान क िलए lsquoवणनrsquo lsquoयायानrsquo lsquoवाद-

िववादrsquo और lsquoवकालतrsquo जसी ितभा पर िवतार स चचा क जाएगी वापटता क कला म िनपणता हािसल

करन क इछक पाठक क िलए उपयोगी पतक का िववरण भी िदया जाएगा

िववरण का वभाविववरण का अथ होता हmdashिकसी घटना िवचार इयािद को िवतार स समझाना िववरण क दौरान यायान

क तरह िचण नह िकया जाता मोटरगाड़ी क िववरण का अथ हmdashगाड़ी क मय िहस और कल-परज क

कायशली को समझाना लिकन मोटरगाड़ी क मानिसक िचण क िलए गाड़ी क चमकत ढाच भावशाली रग

तज रतार आिद का यौरा दना होता ह िववरण और यायान म यही मय अतर होता ह रात म ब क चहर

पर डर का भाव दरशान क िलए िववरण नह यायान क जरत होती ह इन दोन क बीच क अतर को आग

lsquoयायानrsquo अयाय म और गहराई स समझाया जाएगा

इसक अलावा िववरण म घटना का म महवपण नह होता म का यान यायान म रखा जाता ह

अपनी खोज क जानकारी दत व परी न अाश और दशातर रखा क खोज क िलए इतमाल िकए

जानवाल य क बार म बताया यह एक िववरण था अपन औजार और य क वप को समझान क िलए

यायान का इतमाल िकया तािक मानिसक िचण थािपत िकया जा सक रोजाना घटनवाली जोिखम स भरी

घटना को कहानी क तौर पर तत िकया तािक दशक क िच बनी रह अपन दाव क वकालत क िलए

वाद-िववाद का सहारा िलया इस कार परी न एक ही भाषण म सभी कला का बजोड़ िमण पश िकया

िववरण का कारण और परणाम स वाता नह होता इनका इतमाल वाद-िववाद क िलए िकया जाता ह

िकसी सभािवत ाहक को यायान क म क जरए एक ड क मकाबल अपन ड क गाड़ी खरीदन क

िलए सहमत िकया जाता ह ाहक को राजी करन क िलए दसर ड स सबिधत खतर और रक को तत

िकया जाता ह जािहर तौर पर इस िया म िववरण क कला का उपयोग होता ह और माकिटग क इस पतर क

भाव को कोई नकार नह सकता सय ह साधारण तय क मकाबल िकसी एक महवपण तय का िववरण

यादा भावशाली होता ह लिकन ाहक तय स जड़ कई और अहम कारण को नजरअदाज नह करता और

इह कारण पर परणाम आधारत होता ह महज एक तय क िववरण स िकसी को नह लभाया जा सकता

अथा ाहक को लभान का िववरण क दायर स बाहर होता ह िववरण पण प स ब सबधी

िया ह इसम भावना क िलए कोई थान नह होता ह

िववरण का महवसामाय भाषा म तत तय का अथ प समझ म आता ह साधारण भाषा म उलझन क सभावना कम

होती ह और यही िववरण का महव ह

िववरण क कला म िनपण होन क िलए िवचार प होन चािहए लखक स एक बत पचीदा सवाल पर

पीकरण क माग रखी गई तो लखक न जवाब म कहा lsquoवस आप िकस सवाल पर मझस पीकरण नह

मागतrsquo अब कछ धारणाए प परभाषा को नकारन लगी ह लिकन ऐस अपवाद क शरण म नह जाना

चािहए याद रख एक परभाषा नाकाम होन पर दसरी परभाषा तयार क जाती ह कभी-कभी लगता ह िक

िवचार क कला पर दता हािसल हो गई ह लिकन जब िवचार को तत करन का समय आता ह तो प

िवचार धधला जात ह इस कार उम िववरण का अथ हmdashिवषय क प समझ भावशाली ढग स

ततीकरण क िलए िवषय क प और सपण जानकारी जरी होती हrsquo (ज बग ऐसनवीन)

lsquoइस रात क दोन ओर ग हrsquo ऐस कम यायानवाल िवचार स दशक म वा क ित शका का भाव

पदा होता ह प तौर पर समझ न आनवाल न पर वाद-िववाद करन स लाभ नह होता या कभी ऐसा आ

ह िक आप कछ और बोल रह ह और आपक िम कछ और ही समझ रह ह यिद दो लोग सगीतकार क एक

परभाषा पर सहमत न ह तो जािहर ह िक इस िवषय का सहमित स शीषक तय नह िकया जा सकता

रात क दसरी तरफ का गा खाई समान होता ह यानी िकसी िवचार का बत यादा यायान करना

िवचार क बत यादा यायान स भी दशक को ठस पचती ह दशक को ऐसा अहसास नह कराना चािहए

िक उह िवषय स सबिधत कोई जानकारी ही नह ह यादा यायान स दशक म कछ ऐसा ही भाव पदा होता

ह अथा भाषण दत व सामाय और िवशष म पर दशक क सभािवत ान का अनमान होना चािहए

यायान को बत यादा सरलता दान करन म मखता का दशन होता ह और यायान क बवजह िवतार स

ऊजा क बरबादी होती ह

वणन क उययह साफ हो गया ह िक िवचार क वणन स वा और दशक क बीच वचारक सबध थािपत होता ह वणन

क जरए भाषण म आग तत िकए जानवाल तय िवचार अपील और वाद-िववाद क िलए आधार तयार होता

ह वणन क भाव को पता शता सयता एकता और आवयकता जस थर मानक क आधार पर

मािणत िकया जाता ह वणन क भाव क यह याया कभी नह भलनी चािहए इसका उपयोग कवल वणन

क उय क िलए नह बक िननिलिखत क िलए भी िकया जाना चािहएmdash

वणन क णािलयावा ारा इतमाल क गई वणन क िविभ णािलया िकसी-न-िकसी मोड़ पर एक-दसर स भािवत होती

ह यिद एक णाली दसरी स िमलती नह हो तो उस भािवत जर करती ह कई मौक पर एक णाली दसरी

क साथ चलती ह

परभाषा वणन क चिलत िविध ह िनसदह इस बात का िवशष खयाल रखना चािहए िक वणन क िलए

तयार क गई परभाषा को समझान क िलए कई और परभाषा क जरत न पड़ परभाषा क भाषा बत

प और सि होनी चािहए परभाषा म यादा शािमल करना या यादा छोड़ दना भी ठीक नह होता

परभाषा का सामाय उदाहरण िननिलिखत हmdash

वणन क िलए परभाषा म िवषय क वभाव महव और चर क साथ िवचार और िवचार क समह क

अिभाय को दिशत करना चािहए

mdashआल बस अजी लखन पर चचा

परभाषा क िवतार क िलए िवरोधाभास और ितपता का भी भावशाली ढग स इतमाल करना चािहए

उदाहरण क तौर पर िननिलिखत वाय म उ परभाषा अनकरण तत िकया गया हmdash

यायान क मकाबल वणन क जरए सीध तौर पर िवषय क अथ और अिभाय को दिशत िकया जाता ह

िवषय क वप स इसका वाता नह होता

ितपता स परभाषा का िवतार िकया जाता ह दरअसल जनता क सम यायान क यह िनयिमत िया

ह इस िया क जरए दशक िवषय क भाव को िवतार और पता स समझन क िलए आमचतन का

इतमाल करत ह और वा क िवचार क साथ िवषय क गहराई को समझन क कोिशश करत ह यह वणन क

अिभ अग क समान होता ह िवषय स सबिधत तय क िवतारपवक वणन स पता बढ़ती ह

उदाहरण क जरए परभाषा और यादा प हो जाती ह इस कार वणन बत भावशाली हो जाता ह

आम तौर पर उम वणन को यायान समझन क गलती क जाती ह मानकर चिलए िक आपका छोटा बटा

इजन क काय-णाली जानन क िलए न करता ह िक lsquoभाप का इजन िकस कार काय करता हrsquo यिद आप

इस न क ित अिशित बरताव करत ह या जान-बझकर न को न समझन का िदखावा करत ह तो ब क

नाराजगी झलनी पड़ सकती ह अथा ब क िजासा का ान क मतािबक सटीक-स-सटीक जवाब दना

चािहए इजन क वातिवक काय-णाली को समझात व यायान नह वणन क कला का योग कर

इस उदाहरण क मय उपयोिगता यह ह िक वणन क दौरान आप अनजानी वत को समझान क िलए

पहचानवाली वत क उदाहरण का इतमाल करत ह मच पर दशक को िवचार क पता दान करन क

िलए सही और सटीक उदाहरण बत आवयक होता ह यह िशण क कला का सबस बहतरीन तोहफा ह यह

ऐसा तोहफा ह िजसस वा क भाषा-शली म िदन-ब-िदन िनखार आता ह आल बस क तीन सकलन पर

यान दीिजए लखक न इस कछ इस कार तत िकया ह िक तीन सकलन एक वाय समान तीत होत ह

ऐसा लगता ह जस एक-दसर म घल रह ह हर िहसा दसर िहस क पित करता महसस होता ह

अनपता व असमान वत क बीच समानता थािपत करनवाली कला वणन क सबस महवपण िविध मानी

जाती ह िननिलिखत अनोखा उदाहरण बीचर क िलवरपल भाषण स पश िकया गया हmdash

वन म जीवन जीनवाल जगली मनय क बस एक कहानी ह और बस एक ही कहानी गढ़ी जा सकती ह

मनय क सय होन क साथ कहािनय न जम लना श कर िदया लिकन िवकिसत सयता का ईसाई धम म

परवतन असय कहािनय का ोत बना कहािनय क ऊपर कहािनया गढ़ी गई और हर िनपण लखक न कहानी

को अपन िवशष अदाज म पश िकया

याया िकसी िवषय को समझान क आम एव साधारण िविध होती ह यायान क दौरान मय िवषय क

इद-िगद घमनवाल सबिधत िवषय को भी िवतार स समझाया जाता ह हालािक यह एक महवपण िविध ह

लिकन वणन क दौरान यह िसात नकारामक भाव क छाप छोड़ता ह वणन म मय िवषय स भटकाव क

गजाइश नह होती िननिलिखत उदाहरण क जरए इस िविध को समझाया गया हmdash

म अदालत क िनणायक सिमित क सम पश िकए गए म स नह भटक सकता इस बात का िलहाज रखन

स कोई फायदा नह होगा िक कदी एक दिखयारी का पित ह और उसक ब को जीवन क किठनाइय का

सामना करना पड़गा हम कदी क माता-िपता क माथ पर औलाद क मजरम होन क कलक का भी खयाल नह

रख सकत भावना स जड़ म क िलए अदालत म कोई जगह नह ह दःख स आख मद िम का क

अदालत क िलए यथ ह कदी क लबी और समानजनक नौकरी भी अदालत क िनणय को भािवत नह कर

सकती कदी क िखलाफ पता सबत इन सब मायता स यादा महव रखत ह कदी क सजा मकमल

करन म कवल एक सवाल अहम ह िक कदी न बदला लन क मशा स हया क या िफर परथितवश अपराध

अनजान म िकया गया इस बात का िनणय मौजदा गवाह क गवाही क आधार पर िकया जाएगा

िवषय को मब करन स िवचार का वगकरण आसान हो जाता ह यह कहना गलत नह होगा िक

परभाषा म म वग और कार को िनत थान दान करना चािहए भाषण क िवषय को मब करन स

िवषय क गहराई तक पचना आसान हो जाता ह इसक अलावा एक तय को दसर तय स जोड़ना भी बत

बमय होता ह म को परभाषा और णी का िनकट सबधी माना जाता ह

lsquoशराब क तकरी लब समय स वाद-िववाद का नितक िवषय रही ह इसस जड़ा आिथक महव जो भी हो

इसक िवरोध म जो भी सवाल उठत ह राजनीितक यवथा पर इसका जो भी भाव पड़ता हो या कोई य

तकरी क नकारामक पहल को सही सािबत कर सकता ह दिनया भर म जनता क िहत को सरित करन क

िलए सवधािनक सरकार का गठन िकया गया ह सिवधान क जरए शराब क कारोबार को िनयिमत करन क िलए

िनयम तयार िकए गए ह कई दश म अफम क यापार दास था इयािद को आिथक िवकास क जगह सही

और गलत का मा माना गया ह इन करीितय क आिथक महव स यादा सामािजक भाव को महव िदया

गया हrsquo

िवषण क जरए िवषय क महवपण िहस को अलग िकया जाता ह इस िया क कई िसात ह

उदाहरण क तौर परmdashिवषण क िया म समय थान तक िच म व और समापन क भाव जस

म का उपयोग िकया जा सकता ह िवषणामक वणन का उम उदाहरण इस कार हmdash

lsquoदशनशा म मानव का अवलोकन या तो ईर म िनिहत होता ह या इस कित स जोड़ा जाता ह ईर और

कित स जड़ी शय को मानव म समािहत माना जाता ह दशन-शाय क गहन अययन स तीन अहम

जानकारया सामन आई हmdashईरीय दशनशा ाकितक दशनशा और मानवीय दशनशा यानी मानवता

यही तीन शा दशन क िवचार का आधार मान गए ह इह को ईरीय श माना गया ह िजसका इतमाल

मानव-कयाण क िलए िकया जाता हrsquo

mdashलॉड बकन ान क गित

िवभाजन और िवषण क बीच मामली फक यह ह िक िवषण क दौरान िवषय को िवभािजत िकया जाता

ह ततीकरण क सिलयत क िलए िवषय को मनमान ढग स िवभािजत िकया जाता ह यादा जानकारी क

िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

सयता क इितहास म इसका उपयोग तीन कार स िकया गया ह तीन अलग तसवीर और थित क तलना

करना अनिचत नह होता कई तसवीर अधरी होती ह कई दोषहीन होती ह और कछ िबगड़ी ई होती ह इसी

कार इितहास क भी तीन कार होत हmdashयादगार उम और ाचीन इितहास यादगार इितहास असमा होता

ह या िफर इस इितहास का पहला और असपण ाप माना जा सकता ह ाचीन इितहास िवकत होता ह यानी

इितहास क कई अहम घटना क जानकारी बत धधली और अप होती ह िजह मािणत नह िकया जा

सकता

mdashलॉड बकन ान क गित

सामायीकरण स िवतत िसात का यायान होता ह साधारण सय का बोध होता ह इसक िलए तय

को मािणत करन क आवयकता होती ह तकसगत सामायीकरण क तलना बनावटी वणन स नह क जा

सकती तकसगत यायान म िवषय-वत क सयता माण क आधार पर क जाती ह यान दीिजए िक िकस

कार जॉज म न एक तय क आधार पर शआत क थी और िकस कार एक तय को दसर तय स

जोड़कर सपण जानकारी तयार क गई यह वा क खजान क सबस मयवा ितभा होती ह

lsquoऊपर स खला और नीच स बद एक बलनाकार पा लीिजए और उसम कछ इच क ऊचाई तक पानी भर

दीिजए इसक बाद पा क मह को िकसी चपटी धात क चादर स ढक दीिजए इसक बाद पानी को गरम

किजए कछ समय बाद पानी उबलना श हो जाएगा पानी क उबलन स भाप बनगी और भाप का दबाव ऊपर

ढक चादर को धकलन लगगा उबाल तज होन स भाप क माा बढ़न लगगी और चादर और ऊपर उठन

लगगी पर पानी क भाप म बदलन तक यह िया चलती रहगी बलनाकार पा यानी िसिलडर पानी आग और

भाप स गित दान करनवाल भाप क इजन का मय अग होत हrsquo (जीसीवी होस)

यायान क सभी कार क समान अनभव का उख भी वणन का मय िसात होता ह

वणन क उख का अथ हmdashतय स जड़ी सयता का यायान जानकारी वह होती ह िजसका दशक न

अनभव िकया हो सना हो पढ़ा हो महसस िकया हो माना हो यानी वह तय िजस पर दशक अपनी जानकारी

क मतािबक िवास करता हो इसम दशक क जानकारी क मतािबक सभी िवचार भावना और अछ-बर

अनभव का िमण होता ह इस कार अनभव क उख स मतलब हmdashदशक क िजदगी स जड़ अनभव तक

पचना

रहयमय वभाव स िवान क महा आिवकार नह िकए जा सकत वािनक उपलधय क िलए तय को

समझन और एक कड़ी को दसरी कड़ी स जोड़न क मता होनी चािहए पिलस का खोजी दल चोर क जत या

उगली क िनशान स अपराध करनवाल का पदाफाश कर दता ह इसी कार जीव वािनक किवयर न ही क

नमन क जरए ल ािणय क िवषय म सटीक जानकारी जटाई िजदगी क िजन आम अनभव पर सामायतः

यान नह जाता ह वािनक उही तय को बारीक स समझत ह और नई खोज या आिवकार को जम दत ह

mdashथॉमस हनरी हसल धमपदश

या ब क नाम वा अवथा दरशानवाली सोच स रत होत ह हरिगज नह ब का नाम रखत व

खास यान रखा जाता ह िक नाम का मतलब सकारामक हो लिकन या हम बढ़ नह होत या हमारी नजर

कमजोर नह होत या हथिलया शक नह होत या गाल पील नह पड़त या दाढ़ी सफद नह हो जाती

या आवाज भरान नह लगती या सास नह उखड़न लगत या तद नह िनकलती या शरीर क सार अग

ाचीन नह िदखन लगत और या ऐस हालात म आप कवल नाम क आधार पर खद को यवा कह सकत ह

नह नह नह सर जॉन

mdashशसपीयर द मरी फाइव ऑफ िवडसर

अततः वणन क सामी तयार करन क िलए िवषय स सबिधत इन न पर यान दना चािहएmdash

यह या ह और या नह ह

यह िकसक तरह ह और िकसक तरह नह ह

इसक कारण और भाव या हो सकत ह

इसका िवभाजन िकस कार करना चािहए

यह िकस िवषय स जड़ा ह

इसस िकस अनभव क याद ताजा होती ह

िकन उदाहरण स इसका यायान होता ह

20

िचण क ारा भािवत करनाईडन क चहर पर झरया लब समय पहल खम हो गई ह जीवन का िचण करो गीत म जवा रहो

mdashएलजडर पॉप िवडसर फॉरटजस ही िववाद परिचत तय क तर स ऊपर उठ जाता ह और जनन एव असाधारण िवचार स उिजत हो जाता ह उस पर कपना का आवरण

चढ़न लगता ह गभीरता स बात करत व यिद बौक िया पर यान िदया जाए तो िदमाग म ान योित कािशत होन का आभास होता ह

यह ान योित िवचार क परधान क समान होती ह यह वाभािवक एव अकमा होनवाली कपना ह यह िदमाग म उपज रह तकाल िवचार

और अनभव का िमण होता ह यह वातिवक रचना होती ह

mdashरॉफ वाडो एमरसन कित

भाषण क अय बमय ससाधन क तरह िचण क िवतार स भी भाव हलका हो जाता ह यादा साज-

गार स िवषय हायद हो जाता ह धल साफ करन का कपड़ा उपयोगी होता ह तो या उस पर कढ़ाई कर दनी

चािहए िचण को उिचत दायर म रखा जाए या िवतार क जरए भय दशन िकया जाए यह वा क पसद

पर आधारत होता ह िचण क अदाज स वा क बौक वभाव का पता लगता ह

िचण का अदाजवा का िकसी िवषय को िचित करन का अदाज ऐसा होना चािहए िक दशक क जहन म कथा-वत क

छिव तयार होती रह lsquoिचण का अथ ह िच तयार करना उसक परखा तय करना उसम रग भरना और

िचकारी क अय ितभा का इतमाल करना िचण का ोत कपना होती ह अथा िचण क जरए

कपना को सिच िकया जाता हrsquo [ज बग एसनवीन]

यिद आपस गोिलय क तज बौछार करनवाली बदक का यायान करन क िलए कहा जाए तो सामाय तौर

पर दो म स िकसी एक िननिलिखत तरीक को अपनाया जा सकता हmdashया तो हिथयार को बनान क तकनीक का

यायान िकया जाए या िफर इस नर-सहार क चड हिथयार क तौर पर तत िकया जाए यानी इसक बनावट

क जगह भाव पर जोर िदया जाए

इस हिथयार क यायान क पहली िया को वणन कहत ह जबिक दसरी िया िचण ह वणन म

साधारण तय पर जोर िदया जाता ह जबिक िचण म बारीक-स-बारीक पहल को भी यान म रखत ह वणन

क जरए िवचार को प िकया जाता ह जबिक िचण स िवषय-वत क बरताव को दरशाया जाता ह वणन

का वाता आतरक तय स होता ह जबिक िचण भाव को दिशत करता ह वणन का उपयोग गणना क

िलए िकया जाता ह वह िचण सािहयक िया ह वणन बौक िया ह जबिक िचण सवदनशील

िया ह वणन म औपचारकता ह तो िचण यगत होता ह

िवषय-वत क प ततीकरण क िलए वा कपना क मायम स िचण करता ह वह दशक वा क

यायान क आधार पर मानिसक िच तयार करत ह जािहर ह वा िचण क मायम स कवल उसी िवषय-

वत का यायान कर सकता ह िजसका उसन वय अनभव िकया हो वा अपनी कपना और शद क

मायाजाल स अपन अनभव का यायान इतन भावशाली ढग स कर सकत ह िक दशक ममध हो जाए

िपछल अयाय (lsquoिवषय एव तयारीrsquo) म आख म झाकन क भाव का वणन िकया जा चका ह वह िपछल

अयाय म कपना क श का यायान भी िकया गया ह लिकन िफलहाल िचण क बौक श पर

चचा क जा रही हmdashिकसी घटना क सभी पहल को दखन और समझनवाली बौक श दरअसल आख

स यादा िदमाग म होती ह बारीिकय पर यान दनवाला िदमाग घटना क िवषय का जरत क व दोबारा

प िचण करन क श रखता ह यही िचण दशक म िच पदा करता ह िकसी िवषय य परथित

घटनाम और य को कपना क उड़ान दन क आदत बत उपयोगी िस होती ह िचण क पता स

दशक क जहन म िवषय स सबिधत म दर िकया जा सकता ह

िवषय को पता दान करन क इस िया म वाातय क भिमका अहम होती ह िननिलिखत समह को

सपण नह माना जा सकता लिकन िफर भी इनक यायान क िलए एक भी शद जोड़न क आवयकता नह

वा क िलए िचण

इनम स कछ ियाए एक ही समय पर घटनवाली होती ह जबिक बाक ियाए या तो सय होती ह या

िफर एकल

यिद िचण क िया का इतमाल िकसी वत क प जानकारी क जगह वत क वप को समझान

उदाहरण क तौर पर जपिलन एयरिशप क िलए िकया जा रहा ह तो इस वािनक िचण कहत ह यह िया

काफ हद तक वणन क समान होती ह यिद इस िया म अबािधत कपना क मायम स िकसी परथित एव

य क बल छाप छोड़न क मशा हो तो इस lsquoकलामक िचणrsquo कहत ह इस कला को भावशाली बनान क

िलए वाातय का इतमाल िकया जाता ह

िचण क कार

भाषण क दौरान िचण मय प स सझाव क मायम स होना चािहए सझाव क मायम स िकया गया

िचण सि होन क साथ गहरी छाप छोड़न म कामयाब होता ह साकितक यायान क मायम स िवषय का

िवतारपण िचण िकया जा सकता ह इसक ारा दशक क िदमाग म िवषय स सबिधत कपना और िच का

जम होता ह िडकस lsquoिसमस करोसrsquo म कहत ह lsquoजब ीमती फिजिवग एक लबी एव सतोषजनक

मसकराहट क साथ आईrsquo तो जािहर तौर पर दशक क जहन म फिजिवग का खशनमा चर तयार हो गया इस

तरह का साधारण यायान बत भावशाली होता ह और इसी कला पर िनपणता क जरत होती ह यहा कछ

और उदाहरण पश िकए गए हmdashlsquoजनरल िकल कठोर ताकतवर एव तदत य थ वह कहा िमलग लोग

को सदा मालम रहता थाrsquo िडकस न ीमती ीचर का यायान कछ इस तरह िकया हmdashlsquoएक छोटी सी गी

एक छोटी सी गिहणी एक छोटी सी पतक एक छोटी स िडबी छोटी सी मज और तौलन-नापन क सामी

का समह और सब चीज क बीच म समाई एक छोटी सी मिहलाrsquo

आप िचण क िकसी भी कार को नजरअदाज कर सकत ह लिकन सझाव क कला म दता क महव को

नह नकार सकत

िचण साधारण सकत क मायम स होना चािहए िचण का भाव िवषय-वत क महव को दरशाता ह

मोजल न कहा ह lsquoयिद दखनवाला चकाचध क वजह स पलक झपकान लग तो हम मान लत ह िक उसन

िकसी चमकली या कािशत वत को दखा ह यिद चहरा पीला पड़ जाए तो डर क आभास का बोध होता ह

खशी स िखला चहरा सदय क दशन क अनभित कराता ह वह शात िच म यान का अहसास होता हrsquo

सि िचण उपािध िवशषक होता ह lsquoनीली आखrsquo lsquoमोहक मसकानrsquo lsquoसख गालrsquo आज पारपरक

उपमाए तीत होती ह लिकन हॉमर क यह उपमा उस दौर म एकदम ताजा थ शतादय स lsquoआठ ितय

पर पिहया बशम क तरह घमता हrsquo lsquoहथौड़ क लगातार चोट स तलवार क धार बनती हrsquo जस महावर म कोई

बदलाव नह िकया गया ह िवल िलिवगटन क lsquoद फाइिटग डथrsquo क उस उपमा को याद किजए िजसम लखक

न िफलीपस म मकाबला करत सिनक को lsquoदीवार पर जक क तरह िचपकाrsquo आ दरशाया

िचण भाषण क आकड़ को दरशाता ह उत वाातय क कार क चचा क साथ मागदशन क सझाव

पर भी यान दना चािहए यह बदह महवपण ह इस पर जर यान द आकड़ को दिशत करन का सहज

बौक सि तीण खशनमा और हायद अदाज मच पर ततीकरण का सबस बहतर तरीका होता ह

िचण साधारण और सीध प म भी िकया जा सकता ह बयान एकदम सीधा साधारण और वणन-म भी

हो सकता ह िचण क अदाज का िनधारण वय क ब-िववक स करना चािहए िनधारत िकए गए अदाज

क बाद फसला करना चािहए िक यापक िवषय क बाद िवतत यायान करना चािहए या िफर िवतत

यायान क बाद िवषय क यापकता का ततीकरण यान रह िक अदाज हर थित म सि होना चािहए

वॉिशगटन इरिवस क lsquoिनकरबोकसrsquo म मौजद सि यायान पर यान दीिजएmdash

lsquoउस छोट चौकोर और गठील चहरवाल बढ़ भ य क दोहरी ठी चौड़ा मह और फली ई नाक थी

और वह लगातार िसगार पी रहा थाrsquo

lsquoउसक लबाई ठीक पाच फट छह इच थी जबिक उसका दायरा छह फट पाच इच तक था उसक खोपड़ी

वाकार थी और आयजनक प स चौड़ी थी उसक हर अग स चतराई झलक रही थी कित न उसक

गरदन क रचना कछ इस उलझन म क थी िक गरदन पर िसर का सभलना अिवसनीय तीत हो रहा था ऐसा

लग रहा था जस कित गरदन क रचना करना ही नह चाहती थी ऐसा लगता था जस उसक खोपड़ी को दोन

कध क बीच सीध रीढ़ क ही पर रख िदया हो उसका शरीर अडाकार था मयतः िनचला िहसा बत

भारी था ऐसा लगता था िक इस िहस को बनान क िलए िवशष तौर पर िवधाता स िनवदन िकया गया था वह

बत आरामपसद य था और सामाय सर-सपाट स भी मन चराता थाrsquo यह यायान हालािक हायापद ह

लिकन बत लबा ह तय को बवजह िवतार िदया गया ह िकसी हायापद यव क यायान क िलए

यह तरीका उम हो सकता ह यिक य क शारीरक रचना क जरए वभाव को दरशाया गया ह

ऐितहािसक आदत क यायान क जरए िचण को चपल बनाया जा सकता ह डॉ टीडी िवट टालमज क

भाषण lsquoिबग लडसrsquo (बड़ी गलितया) क िननिलिखत सजीव हाव-भाव स परपण नाटकय याया िपछल

तीस साल स लोग क िदमाग म अिमट छाप क तरह मौजद ह ब क आवाज आज भी प सनाई दती ह

lsquoब को हाथ म लो और उिचत मा म खड़ हो जाओ अब गद पर यान जमाओ बत नीची जमीन स

रगड़ती ई गद पर ऊचा शॉट मत मारो जब गद तज रतार स आए तो जोर स शॉट मारो लबा शॉट आसमान

छता आ ऊचा बत ऊचा भागो तज तज भागोrsquo

यायान क दौरान वा दशक और मौजद िखलािडय क भीतर ऊजा क सचार पर यान दीिजए आपको

महसस होगा जस खद खल रह ह होमर क अदाज म तालमल का य यायान भी कछ इसी कार था ऐसा

तीत हो रहा था जस घटना न कवल घट रही हो बक साा आख क सामन घिटत हो रही हो

यिद आपन सफर क दौरान चचा म बढ़-चढ़कर िहसा िलया हो तो यान िदया होगा िक वा या तो भाषा

को यादा अलकारत करता ह या िफर भडी भाषा का इतमाल करन लगता ह यिद आप भाषा क जादई

श सीखना चाहत ह और य घटना िवचार कपना आिद क यायान को मनमोहक बनाना चाहत ह तो

लफकिडयो हरन रॉबट लइस टीवसन पयरी लोटी और एडमॉडो डी एमीिसस का अययन जर किजए

lsquoउनक पीछ कारवन टोन क ल िडटट पवतमाला का य साफ िदखाई द रहा था ऐसा तीत हो रहा था

मानो मिदर क चोटी को खासतौर पर वग क िलए तराशा गया हो मिदर का सनहरा गार आसमान को छ रहा

थाrsquo

mdashलफकिडयो हरन चीन क तामा

आसमान म तार साफ रग-िबरग आभषण क समान चमकत ए नजर आ रह थ िसतार क िझलिमलाहट म

खापन नह था आकाशगगा म चादी क रग का धधलका था मर चार ओर अधरा-ही-अधरा था दर तक

फला आ अधरा काठी स झलकती सफद रोशनी म म गध को खट स बधी रसी क सहार चार ओर घमता

दख सकता था म घास क मदान म उसक चरन क आवाज सन सकता था इसक अलावा कोई और आवाज

थी नदी क बहत पानी क पथर स टकरान क लयब आवाज

mdashरॉबट लइस टीवसन गध क साथ याा

वसत अपन चरम पर ह वसत का सबस पहला अतराल सनी रात का गहराता अधरा अधर म ल होत

परानी झपड़ी म रखी चीज और दर तक धरती पर फली उदासी क छाया धधलक म बीतत ए िदन बादल का

गहरा गबार धीर-धीर फासला तय करता आ िदन अचानक स दोपहर को रात म बदल दगा लगातार बहती ई

हवा क दर िकसी िगरजाघर म बजती घिटय जसी आवाज एक-दसर का अनादर करत हवा क तज झक

हतोसािहत करत हवा क शोक-गीत एक क बाद एक दरवाज क करीब स गजरती ई हवा का झका जगली

भिडय क िवलाप क चीख जसा तीत होता ह

mdashपयरी लोटी आइसलड का मछआरा

एक खल बड़ मदान को रदता सिनक का िवशाल दता मज क एक लबी कतार झककर खात ए पाच

सौ िसर एक साथ खड़कती पाच सौ चमच तजी स चलत ए हजार हाथ और सोलह हजार दात क चबान क

आवाज इधर-उधर भागत नौकर क झड बरतन क टकरान क खड़खड़ाहट कान को भदती िचाहट खान

स भर मह स lsquoरोटी रोटीrsquo पकारती घटी आवाज मझ एक बार िफर भयानक भख जबड़ क असीम ताकत और

सता स भरी परानी िजदगी का अहसास करा रही थ

mdashएडमॉडो डी एमीिसस कल क िम

िचण क िलए उपयोगी सझावदशक क सम तत िकए जानवाल िवषय क िकोण को िचण क यायान स पहल िनधारत कर

एक ि स सामन क पहाड़ और चार ओर खड़ य को नह दखा जा सकता िलहाजा िकोण िनधारत

किजए और िवषय स मत भटिकए

िवषय क मतािबक रवए का चनाव किजएmdashिनधारत किजए िक आदश ततीकरण का तरीका या होगा

हायापद उपहास स भरा बढ़ा-चढ़ाकर िकया गया यायान रामक या िफर िनपता स रत

अपन िमजाज क िलए िवत रह यिक िमजाज क मायम स ही िचण म रग भर जा सकत ह िनराश

मन को गलाब स महकता उान भी वीरान महसस होता ह

यायान क िनधारत म क साथ आग बिढए म तय करन क बाद भटकाव क गजाइश नह होनी

चािहए िवषय स ऊपर-नीच दाए-बाए सामाय स िवशष िबद छोट स बड़ म महवपण स महवहीन

िहस िवतत स सि वणन और शारीरक स मानिसक कपना क सीमा तक नह भटकना चािहए

िनधारत म क अनकरण स भाव बढ़ता ह अत-यत म स िवषय का मल धधला जाता ह

गर-जरी बारीिकय पर समय न नह करना चािहए कछ महवपण बारीिकया णी स िवषय का सबध

थािपत करती ह जबिक कछ बारीिकया िवषय को णी स अलग कर दती ह

िचण क भयता क िलए कवल महवपण और साकितक बारीिकय का चयन किजए सदय क महव को

इतहार िचित करनवाल कलाकार स सीखा जा सकता ह

दशक क िदलचपी क मतािबक तय किजए िक भाषण क िकस िहस का िचण करना ह िकसका

यायान और िकस िहस को कवल छकर सफाई स िनकल जाना ह दशक क जानी और अनजानी चीज स

सबिधत िजासा का समान किजए जािहर तौर पर दशक कम जानकारीवाली चीज पर यादा यान दत ह

िचण क दौरान िवषय स भटकना नह चािहए यह एक िनरतर िया क समान ह इसक बीच म िवषय स

भटकाव या कावट दशक क िदलचपी खम कर दती ह कावट स भरा िचण अत-यत महावर क

समान होता ह मब यायान स िचण का ततीकरण वाभािवक तौर पर भावशाली हो जाता ह

िचण करत व वातिवक य क दौरान उप भाव का अनभव किजए और उसी भाव को दशक क

सम तत करन क कोिशश किजए िचण का वातिवक अथ हmdashभावना क असल भाव को दिशत

करना भावहीन िचण हय म जमनवाली ठड क तरह िनराशाजनक होता ह भावशाली िचण क िलए

भावना क गरमाहट आवयक होती ह

िकसी तसवीर क यायान क शआत को सहज एव भावशाली रख और अितम भाग को तजी स खम

कर शआती छाप अिमट होती ह जबिक अत को भला िदया जाता ह िकसी िवषय क मय िबद क महव

को समझन क िलए िदमाग को अयत िकया जा सकता ह इसी कार िकसी एक य क पता

कायकलाप अनभव िकरदार और आपसी सबध को भी याद रखा जा सकता ह िकसी िवषय क िचण को

पणता दान करन क िलए िवषय क पण जानकारी होनी जरी होती ह इस कला पर िनपणता हािसल

करनवाला वा िचण क कला म भी द हो जाता ह

अयास क िलए िविभ अनभव का िचण किजएम एक बार वॉिशगटन क किपटल िहल पर खड़ा था अपन दश क राजधानी म ऊची खड़ी सगमरमर क

इमारत दखकर मरा िदल तजी स धड़कन लगा जब मन उस इमारत क अहिमयत िवशाल राीय कोष भय

सना यायाधीश एव रापित अदालत एव कास और बाक मौजद महानभाव क बार म जाना तो मरी आख

क सामन अधरा सा छान लगा मझ महसस आ िक िितज पर मौजद सय क िलए धरती पर दिनया भर को

वतता का पाठ पढ़ानवाली इस इमारत स खबसरत व समािनत कछ और नह हो सकता

दो िदन बाद म एक िम स मलाकात क िलए उसक घर पचा मर भ िम का घर उसी क तरह असाधारण

एव शसनीय था घर क चार ओर बड़-बड़ पड़ थ बीच म एक छोटा सा घास का मदान था और यारय म

खबसरत फल उग ए थ फल क मनमोहक महक बगीच म पक रसील फल क खशब क साथ िमलकर

मदहोश कर रही थी बाड़ म मरिगय क गटर-ग बगीच म िचिडय क चहचहाहट और फल-फल क आस-

पास मडराती मधमखय क िभनिभनाहट न एक िविच सगीत को जम द रखा था

अदर पण शाित आराम सम और शता थी एक परानी दीवार घड़ी घर म आनवाल सभी आगतक का

वागत कर रही थी िटक-िटक क आवाज म मतामा क िलए महा शोक-गीत जसा िखचाव था ऐसा तीत

हो रहा था जस आराम िबतर क पास घड़ी रात क चौकदार का काम कर रही हो वहा परान लिकन बत

आरामदायक िबतर िबछ थ गरमाहट क िलए खल अलाव थ एक पराना पारवारक धािमक थ था परवार

क लोग क आख म आस डबडबा रह थ इस तरह गहथी क भावशाली इितहास का प आभास हो रहा

था

बाहर मरा कािबल दोत खड़ा था एक साधारण य उसक िसर पर िकसी ऋण का बोझ नह था उसक

खत म लहराती फसल भी कज-म थी वह खद का और अपनी जमीन का अकला मािलक था वह वत

था अधड़ उ क वजह स उसक िपता क हाथ-पर कापत थ लिकन वह िदल स खश और सत थ घर क

ओर जात व उसक िपता क हाथ जवान बट क कध पर िटक जात थ मर दोत क िपता का आशीवाद सदा

उसक साथ रहता था

दरवाज क दहलीज पर उसक सनहर बालवाली मा सदा वागत क िलए तयार रहती थी उनको दखत ही

उसक मा क आख म खशी क चमक आ जाती थी मा क िदल म धड़कन का सगीत बजन लगता था हठ

पर मसकराहट िलय व मिहला हाथ को फलाकर अपन पित और बट का वागत करती थी घर क भीतर बट

क पनी गहथी का काम करती नजर आती थी मन और िदल स बत साफ मिहला अपन पित क सख-दःख

क सिगनी घर म चहलकदमी करत छोट-छोट ब गाय क पीछ भागत-िचात अपन छोट स घसल म

चहचहाती िचिडय क तरह शोर मचाकर खलत शतान ब

मन घर पर रात क अधर क चादर को फलत दखा िकसी अय पी क िवशाल पख क साए जसा अधरा

जगल क घप अधर म गजती झगर क आवाज क बीच स िनकलता िवशाल पी का साया पर परवार को

आकाश स िनहारत िझलिमलात तारmdashघटन क बल बठकर परान धािमक थ पर नजर िटकाए मा क आचल म

मह छपाता छोटा बा ईर इस परवार पर सदा अपनी कपा बनाए रख उसी व मन सगमरमर स बन

अमरक कास भवन को शाम क अधर म धधलात दखा उसक गरमा और अपार खजान को नजरअदाज

करत ए मन कहा lsquoओह िनत प स इस भवन म रहनवाल महानभाव सरकार को मजबती और थरता ही

नह लोकतािक उमीद और वाद भी महया करात हrsquo

mdashहनरी डय डी

िजदगी म एक जरत दसरी का आवाहन करती ह यादातर मौक पर घटना और थान म अनपता होती

ह हरयाली स भरा सदर य लब समय क िलए याददात का िहसा बन जाता ह एक थान कायशीलता क

िलए रत करता ह तो दसरा आदश जीवन क ओर इशारा करता ह वह तीसरा थान भटकाव स भर जीवन का

यायान करता महसस होता ह अधरी घप रात का भाव पानी का बहता झरना जगमगात शहर सयदय का

िनमल उजाला भड़ का झड और दर तक फला सम गमनाम हसरत और लफ को जम दता ह ऐस म हम

िकसी िय घटना क कपना करत ह हम मालम नह होता िक या लिकन बावजद इसक हम कछ पान क

िलए आग बढ़त रहत ह सदय स भर ऐस महा य घटना और थान स आकिषत होकर हम जीवन क

कई हसीन लमह को जीत ह और िजदगी भर उन लमह को याद रखत ह इस तरह हमारी कपना का िवतार

होता ह नीच िगरत पथर क भारी आवाज कभी कणिय लगती ह तो कभी अित कदायक इन थान पर

अवय ही कछ िभ घटा होगा सिदय पहल हमारी जाित क साथ कछ िविच घटा होगा मन उनक मनोरजन

क िलए एक िवशष खल रचन क कोिशश क थी म अभी भी इसी कोिशश म पहल क तरह यथ कोिशश

म तीन दरअसल म सभी घटना क तार जोड़न क कोिशश म लगा और इसी कोिशश म लगा रगा

लिकन कछ थान िबलकल अलग कहानी बया करत ह िनत तौर पर नम बगीच म स मानव हया क

चीख सनाई दती ह कछ परान वीरान घर भितया तीत होत ह सम क कछ िकनार टट जहाज क मलब स

म पाना चाहत ह कछ थान न अपनी थित को खद क िकमत मान िलया ह फल स िखली लता

हर-भर बगीच और शाित स भरपर बफोड िज क पास थत पयटक थल म कस न महा पतक

lsquoएिडयोनrsquo का लखन काय िकया था यह नसन न एमा स रता समा िकया थाmdashऐसी ऐितहािसक

घटना का गवाह रहा यह पयटक थल आज भी नई घटना क िलए उसक नजर आता ह चारदीवारी क

बीच मौजद परान दरवाज क पीछ आज भी नई घटना क िलए उसकता का धआ सलग रहा ह महारानी क

नौका क पास मौजद यह पयटक थल एक बार िफर मरी कपना को जा कर रहा ह शहर स दर थत समी

टाप क िकनार एक नौका लहर स जझ रही ह और एक तटरक समी जहाज लगर डालन म मदद कर रहा ह

यह सारा नजारा परान बगीच क घन पड़ क बीच स साफ नजर आ रहा ह अमरक लखक न इस य पर

बत कछ िलखा ह लिकन मझ यह बतान क आवयकता नह ह िक इस य म अभी भी कई अधरी कहािनया

िछपी ह इन कहािनय क जरए इस पयटक थल क मायन और यादा साफ हो जाएगमरी शात घबराहट

न इस पयटक थल क हर जोिखम स टर ली ह लिकन पणता हािसल करन क िलए अभी भी कई साहिसक

काय बाक बच ह रात क गहरी नद स म हर सबह एक अधरी चाहत को पण करन और शका को दर करन

क िलए उठता लिकन हाथ लगती ह तो िसफ नाकामी अभी वह समय नह आया ह लिकन मझ िवास ह

िक एक िदन वह लमहा जर आएगा महारानी क नौका काग जहाज क याकलता को समा करगी रात क

अधर म दःखदायी समाचार क साथ एक घड़सवार आएगा और बफोड क दरवाज को अपन कोड़ क बौछार स

ढर कर दगा

mdashआरएल टीवसन मकथा पर गपशप

lsquoिमडनाइट इन लदनrsquo का एक समरण

टन टन टन अन चतावनी क घटी िन िन िन अलाम घड़ी एक ही ण म शाित भग और शोर-

शराबा शmdashआवाज का एक धमाका उजना िचाहटmdashपागलखान जसा माहौल िन िन िन

खड़खड़ाहट सघष और खलबली चौपट खला दरवाजा सामान को लादत बिल लोग िन िन िन व

नजर स ओझल हो गए घोड़ क टाप स सड़क को रदत ए िन िन िन और इसी क साथ घिडयाल

शात हो गया

lsquoरात स हट जाओ भारी मशीन आ रही ह भगवा क िलए झट स रात पर खलत ब को उठा लोrsquo

जगी घोड़ का झड ोिधत पश क तरह दौड़ता आ रहा ह िन िन घिडयाल िफर बजन लगा ोिधत

जगी घोड़ का झड हवा क झक क समान तजी स गायब हो गया मशीन क गड़गड़ाहट चार ओर गजन लगी

और शाम ढलन तक लगातार जारी रही धल क भवर म क स सास लन क िया और रात म आकाश को

घरन क तयारी करता िचमिनय स िनकलता दमघट काल धए का गबार घर क उर िदशा म आग उगलता

ालामखी आख को चकाचध करता लाव का उफान आकाश को अपनी लपट स िलत करता लावा

आग क लपट स िघरा छोट घर का समह खतर म फस पाच स यादा लोग दयाल ईर इन मासम पर

रहम करो या मशीन आ रही ह हा आ रही ह सड़क पर तजी स लढ़कती ई दखो घोड़ हवा क रतार स

दौड़त ए इधर क ही तरफ आ रह ह आख आग क गोल क समान लग रही ह नथन फल ए ह आग क

दहकती बझती लढ़कती उभरती फलती डबती और पागल क तरह एक-दसर स अलग होती लपट अपनी

बाह को फलात घरा बनाती िसकड़ती और भड़कती आस-पास क सभी चीज को िपघलाती एक भख दानव

क तरह मह खोलकर आग बढ़ती लपट क आधी

दखो कस घोड़ घबराहट स एक कोन म िछप रह ह जानवर क वि इशारा कर रही ह कछ अिय घट

सकता ह कठोर परणाम क ओर जानवर का इशारा

lsquoसभी लोग सीिढय स ऊपर चढ़ जाओrsquo ऊची खड़ी इमारत भीषण जलधारा म समा रही ह काटदार जीभा

डब रही ह तो कभी उबर रही ह लहर इधर-उधर झासा द रही ह और तज हवा हर वत क िकनार को काटन म

लगी ह दर िकसी धमाक क बाद आसमान पर गहराता धआ इमारत क छत पर पागल क तरह हवा म हाथ

िहलाता एक भयभीत काला साया हाथ को फलाए जोर-जोर स िचाता काला साया िफर अचानक एक

डरावन थान पर लढ़कता शरीर दीवार क िकनार को पकड़न क कोिशश म फड़फड़ात हाथ डबत व

अचानक पास खड़ य क हाथ का सहारा डर स थरथरात हाथ कपकपात वर म मदद क िलए गहार

लगाती आवाज भाव-रिहत लोग का मदद स मह फरना और पास खड़ी एक औरत का डर स मछत हो जाना

य क तरती लाश दखकर िचात मजदर lsquoबचार क मौत हो गईrsquo

lsquoम और जोय उस अछी तरह पहचानत थ वह मरा पड़ोसी था मर घर स पाचवा घर उसका था उसक एक

िवधवा मा ह और दो ब ह जो अब अनाथ हो गए ह करीब दो हत पहल मन उसक बीवी क लाश को

दफनान म मदद क थी अब उसक अनाथ ब क िजदगी क स भर जाएगीrsquo

lsquoया सभी को बचा िलया गया ह अनशामक यrsquo

lsquoनह अभी भी कछ लोग फस ह इमारत क आिखरी मिजल पर गोद म बा िलय एक मिहला ह उधर सीध

हाथ क तरफ सीढ़ी लगाई गई ह दमकल कमचारी उस बचान क कोिशश म जट हrsquo

दजन दमकल कमचारी यास कर रह ह उनम स सबस लचीला कमचारी सीढ़ी क आिखरी छोर तक पच

गया ह उस कोई डर नह ह वह बहादरी क िमसाल ह

lsquoबस थोड़ा सा औरrsquo नीच स एक कमचारी न आवाज लगाई

कमचारी और ऊपर चढ़ गया वह िखड़क पर खड़ा हो गया उसन रसी बाधी साथ म मा और ब को भी

बाधा और एक खाली थान क ओर धकल िदया और अपन साथी कमचारय को उह धीर-धीर नीच उतारन का

इशारा िकया

lsquoशाबाश दमकल कमचारीrsquo नीच खड़ी भीड़ न नार लगान श कर िदए

तभी कड़कड़ाहट क आवाज क साथ छत नीच िगरन लगी

lsquoह भगवा य या हो रहा ह दखो छत नीच िगर रही हrsquo

इमारत क दीवार भी िहल रही ह जोर-जोर स पथर क िगरन क आवाज नीच आ रही ह यह य दखकर

नीच खड़ लोग क सास क गई मा-ब को बचानवाला दमकल कमचारी आग क भी म िगर गया उ

क बोझ स झक व मिहला तजी स आग क पास पचकर छाती पीट-पीटकर लाप करन लगी

lsquoबचारा जॉन मरा उसक अलावा कोई नह था वह एक बहादर लड़का था लिकन वह अब िजदा नह ह दो

मासम जान को बचान क िलए उसन अपनी जान गवा दी अब वह दर बत दर चला गया हrsquo र भी क

ओर इशारा कर वह मिहला दर तक लाप करती रही

मशीन अपना काम करती रह लपट धीर-धीर कमजोर होती गई चार ओर उदासी छा गई

इस तरह शाम का उजाला रात म तदील हो गया

mdashअडनस जॉस-फॉटर

21

वणन क ारा भािवत करनावणन क कला मय प स लखन क कला क समान होती ह उम िवचार का म इस कला का मय िसात होता ह इसक अतगत एक तय

को दसर तय स मािणत िकया जाता ह पहल मतक म िवचार क कड़ी जम लती ह और िफर इन िवचार को सही शद क चयन क ारा

मब प स तत िकया जाता ह

mdashवॉटर बगहॉट सािहयक अययनहमारी भाषा िदलचप प स ऐितहािसक ह यिद आपन गौर िकया हो तो अिधकतर य वणन क शली म वाालाप करत ह वणन क दौरान

आम तौर पर िवचार को तत नह िकया जाता हालािक िवचार को तत करना बत आसान होता ह लिकन इस नजरअदाज िकया जाता ह

आम तौर पर घटना स सबिधत तय क आधार पर वणन िकया जाता ह इस तरह वणन का िवतार िकया जाता ह वणन स घटना क व

उपथत यय को हटा दीिजए सोिचए अब वणन का वाह कसा होगा वातर वा क पास भी शद क कमी हो जाएगी ानी-स-ानी

य मौन हो जाएगा भाषा क िनपण जानकार क कठ सख जाएग और मख तो मानो सभा स गायब ही हो जाएग इस कार हम कवल इितहास

क िनयम का पालन करत ह हम कहत कम ह और िज यादा करत ह

mdashथॉमस कालल इितहास पर चचा

वणन का एक छोटा सा िहसा वा को साधन दान करता ह इस िहस म या तो कोई िकसा िछपा होता ह

या िफर जीवनी स सबिधत तय साथ ही वणन स सबिधत घटना क साधारण पहल भी समिलत होत ह

वणन का अथ ह िकसी घटना को कथा क समान तत करना या िफर तय क समह और घटना को

िकसी िकस क समान पश करना

वणन क मी भर िसात होत ह लिकन इसक सफल अयास क िलए भाषा क कला क आवयकता

होती ह इसम कला का उपयोग इतना गहन होता ह िक वणन क दौरान िनयम और िसात पर यान ही नह

िदया जा सकता

ाथिमक तौर पर यान दीिजए िक िकस कार वा और लखक क वणन का अदाज िभ होता ह सवाद क

िवतार और िकरदार क िचण का इतमाल कहा नह िकया जाता कहा तय क िवतार क वतता नह

होती और मच पर वणन क कला का अथ या होता ह िनत प स वणन क सभी िविधय म कछ

समानताए अवय होती ह िववरण यायान वाद-िववाद और अपील क ारा वणन क किडय को जोड़ा

जाता ह किडय को इस कार जोड़ा जाता ह िक वणन का अत बत भावशाली हो जाए भावशाली ण

तक वणन क अहम िवचार को ग रखा जाता ह और गर-जरी पहल को दबान क कोिशश क जाती ह

इसी कार हािनकारक तय को उजागर नह िकया जाता ह

हम कह सकत ह िक चाह मच हो या पिका वणन क कला म ऐितहािसक तय क अलावा भी बत कछ

होता ह घटना को मब तरीक स जोड़ना भी बत अहम िया होती ह इस कार वणन भावशाली हो

जाता ह

यान दन योय ह िक मच पर तत िकए जानवाला वणन या तो कम ससकत होता ह या िफर बत

नाटकय इसक िवपरीत लख क ारा िकया गया वणन यादा िनपण होता ह या कह सकत ह िक उसम

नाटकय भाव कम होता ह लिकन आज क दौर म मच पर वणन क कला तत करनवाल वा परान जमान

क वा क मकाबल अलग अदाज पश करन म िवास रखत ह आज क वा या तो बत गौरवशाली ढग

स ततीकरण करत ह या िफर आडबरपण तरीक स जनता क सम वणन क कला पश करत ह भाषण क

कला म िनपण वा क एक ही अदाज को बार-बार सना जाता ह तो वा म बोरयत का अहसास पदा होन

लगता ह िलहाजा वणन क अदाज को एकपता क दश स बचाना चािहए कथा और िकस क अनसार वणन

क अदाज म िभता आवयक होती ह

कथा का भाविकसी घटना को लघकथा क प म तत करना महवपण कला ह इस कला क मायम स मय िवचार को

भावशाली ढग स तत िकया जा सकता ह मय िवचार िजतना गहरा होता ह उसका वप उतना ही सघन

हो जाता ह वा क अचानक िवषय-वत पर पचन स दशक म िकस क िलए िदलचपी बढ़ जाती ह

िकसी िकस को उदाहरण या िचण क तौर पर तत करन स िवचार का मय िवषय थर रहता ह इस

कार वा भाषण क मकसद को पण करता ह यिद िकसी बत हायद चटकल को नीरस अदाज म सनाया

जाए तो जािहर तौर पर उसका हाय न हो जाता ह इसक िवपरीत िकसी नीरस िकस को वणन क ारा

िदलचप बनाया जा सकता ह

lsquoिकसी हायद और हािजर जवाब िकस को बातचीत म शािमल करन का मौका आसानी स िमल जाता ह

हािजर जवाबी बत िदलचप होती ह गहरी छाप छोड़ती ह और कभी-कभी सीध िदल को छ जाती ह हाय का

वभाव शालीन होता ह इसस कभी चोट नह पचती दो िवचार क बीच सबध क रहय को जानन स हाय

का जम होता ह हाय वत क बीच सामाय सबध स ऊपर होता ह हाय का िकसी स मल नह िकया जा

सकता यह असगत होता ह हािजर जवाबी क मायम स डगलस जरॉड न ोध स भर उस अजनबी को कड़ा

जवाब िदया था िजसक कध पर डगलस न जान-पहचान का य होन का बहाना कर थाप मारी थी कपया

मझ माफ किजए मझ लगा िक म आपको जानता लिकन अफसोस िक मन गलत अदाजा लगायाrsquo [ज

बग एसनवीन]

इस उदाहरण क जरए कथा क महव का पहला और सामाय प तत िकया गया ह वाय म मौजद

तीखपन को दरशान क कोिशश क गई ह

इसक अलावा साधारण तौर पर पारपरक तरीक स भी हािजर जवाबी का दशन िकया जा सकता ह जॉज

ऐड क पसदीदा हायद घटना कछ इस कार हmdash

lsquoरल क एक िडब म गभीर िदखनवाल दो भ पष एक साथ बठ थ एक भ पष न दसर स कहा lsquoया

इन गरिमय क मौसम म आपक पनी मनोरजन क मड म हrsquo तब दसर भ पष न जवाब िदया lsquoकछ खास

मड म नह हrsquorsquo

कछ िकस क जरए वा दशक तक एक िनत सय पचान क कोिशश करता ह इन िकस क जरए

दशक िकस क हर पहल क िकसी-न-िकसी चीज स तलना करत ह अपन एक महा सबोधन lsquoद य साउथrsquo

म हनरी डय डी न कछ इसी कार कथा का वणन िकया था

उ श और िवशषता क आधार पर कशलता दान नह करती और न ही हर नई कशलता का ितरकार

करती ह जत बनानवाल कारीगर क दकान पर lsquoजॉन मथ थापना 1970rsquo क बोड क मकाबल एक नवयवक

न सामनवाली दकान पर lsquoिबल जॉस थापना 1986 यहा कवल ताजा सामान िमलता हrsquo बोड लगाकर चनौती

खड़ी कर दी नई दकान क ओर लोग का आकषण यादा दखन को िमला

lsquoद य साउथrsquo क दोन िकस म डी न वणन क योग क दो भावशाली तरीक का इतमाल िकया दोन

िकस म िवचार को िभ प स दरशाया गया पहल िवचार को िकस क शआत म तत िकया गया

जबिक दसर िवचार को िकसा दोहरान क बाद वा न शद क उपि क भाव को अलग-अलग तरीक स

पश िकया खास ह िक भाव म बदलाव क बावजद िकस म मौजद हाय लगातार बना रहा

आज क रात आपक ारा िदए गए समान क म सराहना करता म इस भ यवहार क चचा कलीन

परवार क बीच जर कगा म इस बात को लकर िचितत नह िक म िकन लोग क बीच स आया

आपको उस य क बार म जानकारी ह िजस उसक पनी न दध क बरतन क साथ पड़ोसी क घर जान को

कहा वह पड़ोसी क दरवाज क पास पचकर अचानक िफसल गया वह कछ इस तरह स िगरा िक सीधा नीच

पच गया उसन सभलत ए अपनी पनी क आवाज सनीmdash

lsquoजॉन या बरतन िगरा िदया हrsquo

जॉन न कहा lsquoनह बरतन नह िगरा ह लिकन बरतन नह िगरा होता तो टनटन क आवाज भी नह होतीrsquo

जािहर ह पीछ स पकार लगात व तमन साहस क िलए नह तो शायद ोसाहन दन क कोिशश क थी मन

तहारी आवाज म नता महसस क थी म गजारश करता िक मरी बात समझन क िलए अमरक िनपता

और पवािदता का उपयोग जर करोग सबह क व कछ छा को lsquoबाइबलrsquo का पाठ पढ़ात समय एक

धमपदशक न एक अहम सझाव िदया था उपदश सनन स पहल छा आपस म िचपक प को उलट-पलट रह

थ अगल िदन धमपदशक न एक प क िनचल िहस स कछ पढ़ाmdashlsquoजब नोहा 120 वष का था तो वह अपनी

धमपनी को अपन साथ ल गयाrsquo यह पढ़त समय उसन प को पलटा lsquoनोहा क पास पतक रखन क िलए

लकड़ी का एक बॉस थाrsquo यह पढ़न क बाद धमपदशक आय स िघर गया उसन इस िकस को दोबारा

पढ़ा और कहा lsquoिमो म इस िकस को पहली बार पढ़ रहा lsquoबाइबलrsquo क इस िकस पर मरा यान पहल

कभी नह गया यिद मन इसक भाव का सही ततीकरण िकया ह यिद म इस िकस म मौजद िनभक एव

आयजनक भाव को समझान म सफल रहा और यिद आप लोग इस िनभकता को अपन भीतर ढालन म

सफल ए ह तो ही म धमपदश क पिव काय को जारी रखगा अयथा मझ यह काय िकसी और को समिपत

करना होगाrsquo

इस कार जान-अनजान कई बार वा िकस क भिमका को अनदखा कर दता ह परणामवप वणन क

योग का िसलिसला टट जाता ह िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

lsquoएक तरफ टकिसस म थत िडब क कारखान म दोपहर का भप बजत ही कमचारय म काम पर वापस

लौटन क हड़बड़ी मची थी वह पास क रलव टशन क एक कोन म मजबत परवाला सावला य िसर

झकाए थर बठा था उसन कारखान क भप क आवाज खम होन तक थरता बरकरार रखी भप क

आवाज खम होन क बाद एक लबी और भारी सास लत ए खद पर िटपणी कmdash

lsquoआवाज पव क ओर गई ह वहा लोग क िलए इस व रात क भोजन का समय हो गया होगा लिकन मर

िलए तो िफलहाल दोपहर क बारह बज हrsquo

lsquoअमरका क सभी छोट व बड़ कारखान म िफलहाल लगभग ऐसा ही माहौल होगा लिकन यrsquo

िनसदह िकस-कहानी सनान क कला का यादातर इतमाल मच पर ही होता ह धमपदश दत व आम

तौर पर िवतार स यायान नह िकया जाता लिकन उपदश क भाव को उदाहरण क ारा समझान का यास

जर िकया जाता ह डॉ अलजडर मारन क िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजए

lsquoभारतीय फकर क तरह कछ लोग हाथ को िसर स ऊपर उठाकर तब तक खड़ रहत ह जब तक हाथ

अकड़ न जाए हम इन लोग को धािमक थल क पास साल डरा डाल दखत ह व लगातार तपया करत रहत

ह लब समय तक थर रहत ह इनक लब बाल म िचिडया घोसला बना लती ह यह धल गरमी शीत और

बरसात जसी िवपदा क बावजद एक थान स दसर पिव थान तक लबा सफर तय करत ह इनक लब बाल

व का काय करत ह ऐसा तीत होता ह जस िकसी न इह अिभशािपत कर िदया हो य लोग मिदर और मठ

क थापना करत ह य वह काय करन म सम होत ह िजस कई लोग िमलकर भी नह कर सकत इह किठन

काय करन का दौरा सा पड़ता ह य लोग अपन शरीर को मानव-कयाण क िलए क दत ह तािक आम

इनसान को वग क माग का ान ा हो सक य लोग उ आचरण अनशासन और धम क माग को

अपनाकर जन-कयाण क काय को पण करत ह य लोग इन सभी काय को खशी-खशी करत ह य जीवन क

आम उपदश पर यान नह दत lsquoशरीर क शता क िलए ान आवयक हrsquo ान और जल क ारा शरीर

क श होती ह जल हर मली चीज को श कर सकता ह ान कर और श रह लिकन योगी पष क

िलए जल शता का कारण नह होता उनक िलए ईर क शरण ही शता का मय ोत ह जॉडन क

जलाशय म ान करन स क रोग का िनवारण नह होता शता का ोत भ क र म बसा होता ह ईर

सभी िवकार को दर करन क श रखता ह ईर क साधना स बड़-स-बड़ िवकार दर हो जात ह और परम

शता ा होती हrsquo

िकसी िकस-कहानी क तावना क िवषय म आिखरी सझाव यह ह िक फहड़ शआत आमघाती िस

होती ह इसक िवपरीत सटीक व प वाय स तावना को बल िमलता ह और दशक म िच पदा होती ह

अजी क हायरस लखक कटन हनरी ाहम न लड़खड़ाकर बोलन क िवषय पर परम आलोचनामक उदाहरण

पश िकया हmdash

lsquoमर िलए सविय िकस म स तम थान पर स 1905 का एक िकसा ह बॉटन क याा करत व

मझ महसस होन लगा िक म बॉटन पचन वाला लिकन वातव म मरी ब जस बद थी म असल म

वॉिशगटन पच गया थाrsquo

एक बार एक बड़ मजदार य क साथ समय गजारन का मौका िमला अफसोस िक मझ उसका नाम याद

नह ह शायद उसका नाम िविलयम था या िवसन या िफर िवकसmdashकछ ऐसा ही नाम था उसका ॉली कार

म घमत व उसन मझ एक िकसा सनाया

मझ आज भी अछी तरह याद ह िक उस िकस को सनन क बाद म िदल खोलकर हसा था रात म सोन स

पहल मझ वह िकसा िफर याद आ गया और म एक बार िफर जोर-जोर स हसन लगा उस िकस म जबरदत

हाय था कमाल का हाय म िवास क साथ कह सकता िक िकसी न इतना हायद िकसा कभी नह

सना होगा लिकन अफसोस मझ वह िकसा याद नह ह

जीवन सबधी तययव और जनता क सम भाषण दन क कला म गहरा सबध होता ह वाभािवक तौर पर जीवन स

सबिधत तय क यायान म िकस को शािमल िकया जाता ह शसा करन क िलए भी िकस का सहारा

िलया जाता ह इसक अलावा यादगार सबोधन राजनीितक भाषण धमपदश उपदश और मच पर पश िकए

जानवाल अय ततीकरण क िलए भी िकस का सहारा िलया जाता ह इसी कार lsquoमोससrsquo और lsquoलीrsquo पर

िकस क सहार पण धमपदश तयार िकया जा सकता ह

अिधक पता क िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

लसगटन क मित

इस महीन क 19 तारीख क सबह पर असी साल बीत जाएगmdashहनकॉक एव एडम मोिसस एव ऐरॉन सभी

इसी शहर म मौजद लसगटन म मौजद थ अपन िनडर वाय स उहन एक बड़ अिधकारी क िव सवाल

खड़ िकए थ िटन क करीब हजार सिनक इन महा हतय को िगरतार कर सम क िकनार मकदम क िलए

ल गए इस तरह वसत क उस सबह को अमरका म वतता साम को कचलन क तयारी क गई लिकन

इसक िव अमरक वतता सनानी एकजट हो गए वतता सनािनय का सनानायक एक लब कद और

चौड़ी भहवाला गभीर य था वह सना म काम कर चका था उसन अपनी सना को तयार िकया सना म

कल सर जवान थ सभी वतता सनािनय न राइफल और गोिलय का भडार इका िकया उसन सभी

सिनक को सबोिधत करत ए कहा िक यिद जग क दौरान एक भी सिनक घबराकर भागन क कोिशश करगा तो

म उस खद गोली मार दगा और भगवा न कर यिद मरा हौसला डगमगा जाए तो आप मझ बिझझक गोली मार

दना याद रह िक हम पहली गोली नह चलाएग लिकन यिद उस ओर स गोली चलती ह तो उह कड़ा जवाब

िदया जाएगा

महानभावो आप जानत ह िक िफर या आ िकसान और मजदर को जटाकर तयार क गई उस सना न

जमकर लड़ाई क शायद दिनया म ऐसी गोलीबारी िकसी फौज न पहल कभी नह क होगी ििटश सिनक क

कई गना फौज स वतता सिनक न जमकर लोहा िलया कई बार ििटश फौज क पर उखाड़ अमरक

वतता सनािनय क यही बहादरी आग चलकर अमरका क वतता का मय कारण बनी उन सनािनय क

बहादरी को यादगार बनान क िलए उस थान पर एक भय मारक क थापना क गई मझ गव ह िक मन भी

उसी छोट स शहर म जम िलया ह इसी शहर क आबोहवा म मन अपना बचपन िबताया ह एक रिववार क

सबह मरी मा मझ उस मारक तक लकर गई मन पहली बार उस पर अिकत पय को पढ़ा उस पर िलखा था

mdashlsquoईर क पिव काय और दश क िलए बिलदान करनवाल वीर सपतrsquo

महानभावो वतता का जबा और याय क अहिमयत उसी िदन स मर िदल म समा गई उस मारक क

नीच मर पवज क अथया िवराजमान ह उनक खन स सची गई लसगटन क मदान क घास आज भी हरी

ह उस मारक पर मर नाम का एक िहसा सबस ऊपर अिकत ह ििटश सिनक को धल चटानवाल अमरक

िकसान व मजदर को ोसािहत करनवाल अपन शद और भाषण क ारा अमरक वतता साम को एक

कोन स दसर कोन तक िस करनवाल लड़ाई क मदान म आिखरी दम तक िटकनवाल वह महा शशाली

सनानायक और कोई नह मर दादा थ उनक बहादरी भर िकस और दमन स छीनी गई मसकट राइफल स

मझ एक और िशा िमली िक lsquoअयाय क िखलाफ श उठाना ईर क आराधना क समान होता हrsquo म

िकस क उस पतक और राइफल को हर व अपन साथ रखता इस जीवन म मरा बस एक ही लय ह

mdashlsquoईर और दश क िलए पण समपणrsquo

mdashिथयोडोर पारकर

सामाय तौर पर घटना का यायानइस िवतत एव बधनम यायान म बातचीत क कई तरीक का िमण उपथत ह इसस भाषण को

भावशाली बनान म सहायता िमलती ह िनपण वा बदलाव क ारा भाषण को और आकषक बना दता ह

भाषण क अदाज म बदलाव ही इस िवषण का मय उय ह लिकन इस उदाहरण को कध पर न ढोए

जरी नह ह िक एक ही उदाहरण सभी परथितय म कारगर सािबत हो

जॉज िविलयम किटस क lsquoपॉल रवस राइडrsquo म घटना क श यायान को भाषण क दौरान कई नए

अदाज म पश िकया गया

lsquolsquoउस शाम दस बज लटनट कनल मथ क अगवाई म 800 ििटश सिनक नौका क सहार किज तट

तक पच गज सोच रहा था िक आम लोग तक खबर नह पच सक ह दरअसल लॉड पस न लोग को

कहत सना था िक फौज अपना लय ा करन म चक जाएगी पस न यह खबर गज तक पचाई गज न तरत

आदश िदया िक कोई भी शहर छोड़कर नह जाएगा वह जस ही सिनक दत न नदी पार क ऐबनजर डौर

सदश क साथ दौड़ता आ आया और पॉल रवर नदी क रात चासटाउन क ओर रवाना हो गया अपन साथी

स सहमत होकर रॉबट यमन न उरी िगरजाघर क और लालटन क रोशनी धीमी-तज कर ििटश सना क नदी

तट तक पचन का सकत भजा

इस घटना को यायान क जरए इस कार रोचक बनाया गयाmdash

lsquolsquoवह एक शानदार रात थी ठडी हवा चल रही थी लिकन रात यादा ठडी नह थी वसत क दतक साफ

महसस हो रही थी पहाड़ हरी घास स ढक ए थ खत म ग लहरा रह थ और हवा म बागीच क ताजा

खशब महक रही थी रॉिबन न सीटी बजाई िचिडय न चहचहाना श कर िदया लिकन थोड़ी ही दर म माहौल

िफर पहल क तरह शात हो गया चाद क साफ रोशनी म फौजी दता दब पाव आग बढ़ता रहा पॉल रवर तज

कदम क साथ मडफोट और पमी किज क रात होता आ लोग को लसगटन हनकॉक और एडम क

िखलाफ उकसान का काम करता रहा इस खबर को फलन स रोकन क िलए भजी गई ििटश फौज को पॉल

क हरकत क कान-कान खबर तक नह लगी

ीमान किटस न भी भाषण क दौरान एक घटना का बड़ी खबसरती क साथ वणन िकयाmdash

िशित य ारा नतवएक आधिनक अजी िच न हॉॉन क मानिसक योयता को नई रणा दान क िचकार न उस िच को

lsquoव कस िमल थrsquo का नाम िदया घबराए ए दो दबल-पतल ी-पष जगल म भटक रह थ रात म उह एक

मिहला और बालक िदखाई िदया एक अलौिकक आकषण स वशीभत होकर व दोन उस मिहला और बालक

को एकटक नजर स दखन लग उनका आकषण इतना गहरा होता गया िक कछ दर बाद व दोन खद को उस

मिहला और बालक क प म महसस करन लग उनक गाल पर यौवन क चमक उप होन लगी उनक

आख म उमीद क िकरण िलत हो गई उनक कदम िवास स भर गए और उनक चहर पर सता का

भाव प िदखाई दन लगा उह ऐसा तीत होन लगा िक आज उनक मलाकात खद स ई ह इस िस

िचण क अलावा कई और थान पर ऐस कई सकार योय परपरा का िचण िकया गया ह रोजर

िविलयस क शात सीकॉक घाटी म िनतता क साथ अड सती िचिडय स सबिधत िचण भी कछ इसी

कार ह एक ऐितहािसक नदी म अाहम विहपल का दबी ई आवाज म पतवार चलाना यहा जीिवत लोग क

शहर म चहल-पहल वहा शहर क शाित म छपा मौत का साटा आम तौर पर य वय ऐस थान पर नह

जाता लिकन ऐस थान क परथितय को महसस जर करता ह महािवालय क िखड़क स झाकत

मछआर क सिच चहर म िनत प स पाठक को वय क चहर क झलक महसस होती ह पहाड़ पर

घन पड़ क नीच आप खद को टहलता आ महसस करत ह उमीद और सपन स लबालब आमचतना स

लबरज और lsquoअपन भीतर यौवन महसस करत एrsquo इस िस मिदर म िजसम वापटता क आवश का

अहसास कभी भी इतना खर नह था यह वह यौवन नह ह जब इन गिलयार म हसीन कया स धीमी

आवाज म फसफसाया करत थ यह आपक यौवन का वो समय ह जो अब नह बचा ह यह वह समय नह ह

जब इन हसीना क बार म मा और दादी स बात िकया करत थ

mdashजॉज िविलयम किटस

22

सझाव क ारा भािवत करनािकसी िवषय पर एक िकोण कभी-कभी मानिसक तौर पर सोचन क श को खम कर दता ह ऐसी परथित म एक तर तक सोचन क

िया बािधत हो जाती ह अथा यह िनकष िनकाला जा सकता ह िक िवचारक को आतरक जीवन क िवषम परथितय को दबाकर रखना

चािहए इस कार िकसी बड़ी भल स बचा जा सकता ह ईर न मानव को सोचन समझन और इछा कट करन क श दी ह साथ ही इन

शय पर िनयण रखन का गण भी िदया हmdashअथा य को इन शय क बीच सघष क थित स बचना चािहए य सभी शया एक-

दसर गण को सकारामक ऊजा दान करती ह वह िकसी एक गण क दिषत होन स बाक गण पर दभाव पड़न लगता ह

mdashनथन सी शफर िवचार क िलए िवचार करना और िशा हण करना

िकसी िवचार क महा स सबिधत आकलन तलना और िनणय िकसी िवशष कारण स रत होता ह िकसी

काय या मत क िलए उप िवचारधारा सवथम सझाव स रत होती ह

इनसान को ाथिमक तौर पर तक-िवतक क योय ाणी माना गया ह ाकितक तक क आधार पर इनसान

जीवन स जड़ तय क जानकारी हािसल करता ह वाभािवक तौर पर िकसी िनणय तक पचन क िलए वह

िवषय स सबिधत सकारामक और नकारामक पहल का आकलन करता ह साथ ही तक-िवतक क साधारण

िनयम का पालन भी करता ह लिकन आधिनक शोध पणतः िवपरीत िया का समथन करत ह आधिनक शोध

क मतािबक य का मत और काय-कलाप तक-िवतक क िसात पर आधारत न होकर सझाव पर आधारत

होता ह कई मािणत शोध स सािबत आ ह िक औसतन िदमागवाल य श तक-िवतक क योयता ही

नह रखत आम तौर पर महवपण और दरदश िनणय सझाव क आधार पर िलय जात ह

इस शद पर यान दीिजए lsquoमय प सrsquo साधारण एव परप िवचार क िलए यह एक ऐसा िसात ह

िजसका अकसर अनसरण िकया जाता ह जबिक िवचारक क मायता होती ह िक िकसी भी घटना का िनकष

आसान तक क आधार पर तय िकया गया ह

सझाव का आधारसझाव वय कारण भी हो सकता ह और भाव भी भाव क महा क वजह स सझाव हण िकया जाता ह

कारण स रत सझाव िकसी िवशष परथित म पदा होता ह अथा कारण का महव भाव पर हावी होता ह

ईमानदारी और िनपता क साथ काय पण करना आसान नह होता वह ितकड़म और बईमानी क साथ काय

पण करना भी एक समया ह मानव-कयाण क िलए िदए जानवाल सझाव क िया का ईसा मसीह न भी

समथन िकया ह लिकन अफसोस आम तौर पर लोग क वि लालची होती ह अथा सझाव को तोड़-

मरोड़कर पश करना आदत म शािमल हो जाता ह इसीिलए ईमानदार य सय क कारण भाव एव लय क

महव का बारीक स अययन करता ह सय क पथ पर चलनवाला य इस कसौटी पर खर उतरनवाल

सझाव का ही योग करता ह

तीन आधारभत वजह स सझाव क ित शका का भाव उप होता हmdash

भव क ित वाभािवक आदर सभी यय म भव क ित आदर का भाव होता ह हालािक इस आदर

क माा कम या यादा हो सकती ह कई य पण प स अपना जीवन सझाव क हवाल कर दत ह वह

कई यय पर सझाव का असर ही नह होता ह

सझाव को हण करन क माा कभी भी समान नह होती िकसी भावशाली य क सझाव को हण

करनवाला य साधारण यय ारा िदए गए महवपण सझाव को अनदखा कर दता ह लोग को अपन

यव क तज स आकिषत करनवाली हती का भाव सभी पर एक जसा नह होता

वशीभत करनवाल य क यव म आकषण क कला का चरम िबद दखन को िमलता ह वशीभत हो

चक य स कहा जाता ह िक वह पानी म ह य इस कथन को सय मान लता ह और तराक क तरह

हाथ-पर चलान लगता ह उस कहा जाता ह िक सड़क पर गान-बजानवाल क टोली lsquoवद मातरrsquo का सगीत

बजा रही ह और वशीभत य को यह सगीत सनाई दन लगता ह नतीजतन य सावधान क मा म खड़ा

हो जाता ह

इसी कार कछ वा दशक पर सशोिधत वशीकरण िविध स भाव डालत ह ऐस मौक पर दशक वा क

इशार पर तािलया बजान या जोर स ठहाका लगान क िलए िववश हो जात ह

दसरा महवपण िसात यह ह िक भावना िवचार और इछा पर थोड़ा िनयण रखा जाए िकसी एक भाव

को मतक पर हावी होन स पहल उस भाव िवचार इछा या िफर तीन को अछी तरह स समझन क कोिशश

करनी चािहए भावना का िनणय-श पर सीधा भाव पड़ता ह इसस यह िस होता ह िक दशक को

अपन िवचार स वशीभत करना बत किठन काय ह इस िनपणता को हािसल करन क िलए िवचार क सयता

का महव सवपर होता ह यिद वा क िवचार श एव िनिवरोध ह तो वाभािवक तौर पर दशक आकिषत

हग इसी आधार पर िलवरपल क भाषण म हनरी वाड बीचर न अतय सफलता हािसल क थी

भावना क शता क झलक िवचार म िदखाई दती ह श और भावशाली िवचार का जम इछा क

शता स होता ह मतक तक पचनवाल सभी िवचार तब तक सही तीत होत ह जब तक उनक सयता

और शता का आकलन नह िकया जाए तक-िवतक क जरए िवचार क महव को पता स समझा जा

सकता ह

दशक को अपन िवचार स आकिषत करनवाला वा िवचार क ित उप िवरोधाभास क दमन क कला

म िनपण होता ह िवचार क बलता य करनवाल वा क सम दशक मक हो जात ह ऐसी थित म

िवचार क भाव स बाहर िनकलना मकल हो जाता ह िनत तौर पर तक-िवतक क बाद िलय गए िनणय

कछ इस कार होत हmdashिकसी िवचार को हण करत व यिद परपर िवरोधी िवचार को दर कर िदया जाए तो

वाभािवक तौर पर िवचार स सबिधत उिचत िशा हण क जा सकती ह 90 ितशत काशन सथान का

मानना ह िक वािषक शक क जरए पतक खरीदनवाल पाठक उन पतक को कभी नह पढ़त उन पतक क

िलए वािषक शक दन का मय कारण िवता क वापटता होती ह िवता उन पतक क महव को कछ

इस तरह कट करता ह िक पाठक उसस वशीभत हो जात ह मतक म वश करनवाला हर िवचार काय को

जम दता ह कवल उह िवचार क िलए कायशीलता र होती ह िजनक िलए िवरोधाभास का भाव उप

होता ह मतक म तयार लय क ित झान उसक महा ीण होन क बाद ही खम होती ह घोड़ क पर म

मरहम-पी क आवयकता तभी महसस होती ह जब वह लड़खड़ान लग शरीर म सजन का आभास तभी

होता ह जब शरीर का वह िहसा सचा प स काम करना बद कर दता ह हठ और जीभ क मासपिशय को

िहलाए िबना अिभवादन नह िकया जा सकता ब को नाक म मोती न डालन क सलाह दी जाए तो ब का

िदमाग नाक और मोती म ही उलझा रहता ह ऐस म ब को ओर स चक क सभावना बढ़ जाती ह दशक क

सम कट िकए गए िवचार या तो वा क प म होत ह या िफर िवप म िवचार िनजव नह होत िवचार

म सिय ऊजा होती ह िवचार कायशीलता का ोत होत ह lsquoिवचार का दसरा नाम भाय होता हrsquo दशक क

िवचार पर भव जमान और अतिवरोधी िवचार पर काब पानवाल वा क िवचार का वाह भावशाली होता

खर उघन और ढ़ िवचार क ित िवरोध क गजाइश बत कम होती ह इस िसात को आदत बना

लना चािहए सलाह क बावजद िवचार को न बदलनवाल य म बदलाव क गजाइश बत कम होती ह याद

रिखए यव म बदलाव क िया धीमी हो सकती ह लिकन नाकाम नह होती यन करन स उमीद क

मतािबक परणाम अवय ही िमलत ह

भव िवचार म बदलाव का एकमा कारण नह होता य पर माहौल का भी खासा असर पड़ता ह जन-

समह क भाव स बाहर िनकलना आसान नह होताmdashसमाज क ारा ा उसाह और भय सामक होता ह

दरअसल समाज म इसस सबिधत राय लगभग एक समान होती ह समाज क आम मायता को हम आम तौर पर

अपना लत ह उसका कभी िवरोध नह करत हम मान लत ह िक समाज क मायता म कोई-न-कोई सय जर

िछपा होगा दरअसल दस का गणा दस स करन पर सौ स यादा का परणाम हािसल िकया जा सकता ह दस

वा म स यक वा को दस दशक क सम बोलन का अवसर दान किजए इसक बाद उन दस

वा क कल मता का आकलन किजए िनत तौर पर ऐसी सभा म दस वा क ारा सौ स

यादा िवचार जम लग िकसी सभा क सबोधन क िलए दस वा का समह िनत करना यादा तकसगत

लगता ह लिकन वातव म दस म स एक ही वा जनता को भािवत करन म कामयाब होता ह

आम तौर पर य खद को माहौल क मतािबक ढाल लता ह लिकन माहौल म मौजद खािमय को

समझनवाला य बदलाव क लहर को जम दता ह यिद भाषण क िलए उदासी स भर नीरस क का चयन

िकया जाए तो िनत प स दशक म नीरसता का भाव पदा हो जाएगा माहौल म नीरसता का अहसास सभी

को होगा लिकन यिद वा सीध म क बात कर और अपनी भावना को शता स पश कर शद और

वाय का सही चयन कर तो ऐस क म भी उसाह का वाह उप िकया जा सकता ह यिद वा चाह तो

अपन सझाव स दशक तक सही सदश पचान म सफल हो सकता ह िफर चाह भाषण का मच िकतना ही

कदायक य न हो

इस कार तीन िसातmdashभव क िलए आदर िवचार क ित समपण क इछा और माहौल क ित सदह

का िकोण दशक म सझाव क ित झकाव पदा करता ह इसका भाव कवल दशक पर ही नह बक

वा पर भी समान प स महसस िकया जा सकता ह अथा हम वा क इस योयता को यान स समझना

चािहए

सझाव को भावशाली बनान क योयताहमन जाना िक िकस कार वा क खर भाषण और भव स दशक आकिषत होत ह और कम-स-कम

िवरोध क थित पदा होती ह लिकन दशक कवल तभी समपण क थित म पचत ह जब उह वा क

योयता पर पण िवास हो यिद वा क ित दशक का भरोसा कम ह तो वा क िवचार और सदश क

िवरोध म न क झड़ी लग जाती ह कई बार दशक िकसी िवषय िवशष पर वा क िनकष का पण िवरोध

तक कर दत ह िलहाजा इस िया म वा क ित दशक का भरोसा अिडग होना आवयक होता ह वा

को या तो दशक स िमलनवाल समथन और आदर का पवाभास होना चािहए या िफर दशक क ारा उप

िवरोध और असमथन को सलझान क योयता होनी चािहए ऐसा सामय रखनवाल वा क सझाव को दशक

िनत प स हण करत ह आमिवास ही िनय को ढ़ता दान करता ह

यान दीिजए िक िकस कार राि-भोज क बाद हनरी डय डी न भाषण क जरए दशक का िवास

हािसल िकया उसन एक हायद िकस क साथ वय क िलए आदर अिजत िकया ईमानदारी और गभीरता क

साथ बोलन क इछा कट क दशक क िच को वीकार िकया दशक क िच क िव उप िवचार

का दमन िकया और नता क साथ लोग स बातचीत क जािहर तौर पर इस तरह क शआत और इसक

परणाम स वा म आमिवास पदा होता ह

माननीय रापितजी म जातीय म पर वाद-िववाद क िलए िदए गए िनमण का वागत करता म

आभारी िक िजस वाद-िववाद को जनता क सम मच पर नह िकया जा सकता उसक िलए इस सभा म

आपन अवसर दान िकया ह म जाितवाद स सबिधत आदश को जद-स-जद वापस लन क योजना का भी

वागत करता मझ मालम आ ह िक तराक सीखन क बल इछा रखनवाली एक नौकरानी को शपथ

िदलाई गई ह और कहा गया ह िक lsquoअब तम इछा क पित कर सकती हो अपन कपड़ उस व क डाल पर

टाग दो लिकन िकसी भी थित म पानी क पास मत जानाrsquo

lsquoिगरजाघर क कर धमदत को पादरी कहा जाता ह जहा भी व अपना झडा गाड़ द वह थान पादरय क

िलए िनत मान िलया जाता ह वह थान पिव हो जात ह और जन-समह का कयाण होता ह मझ आज

बॉटन हाउस म दिणी लोकतािक राय क मानक तय करन क िलए आमित िकया गया ह इसक अलावा

िफिलस और समनर म िनवास करनवाली जाितय क िवषय म चचा का भी िनमण िदया गया ह लिकन

माननीय रापितजी यिद भाषण का उय पण प स ईमानदारी और पवािदता ह यिद वातव म जनता

क भलाई क िलए चचा होन वाली ह यिद इस सकप का परणाम नकारामक हो जाए और इस चचा स जनता

म गलतफहमी और मन-मटाव पदा हो जाए और यिद यह भाषण सयता क दायर को लाघ जाए तो ीमान या

मर पास इस भाषण को तत करन का हौसला बचगाrsquo

यान दीिजए िकस कार ायन न िशकागो म आयोिजत स 1896 क राीय जनतािक समलन म भाषण

क शआत म ही लोग का भरोसा जीतन क कोिशश क थी उसन समलन म मौजद ितित हतय क

िवचार का िवरोध न कर सकन क मता जािहर क लिकन उसन अपन िवचार क गरमा और पिवता को

ठस नह लगन दी उसन घोषणा करत ए कहा िक वह कवल जन-कयाण स सबिधत िवषय पर ही भाषण

तत करगा जािहर ह िक जन-कयाण स सबिधत िवचार का कोई िवरोध नह करता भाषण क इस शआत

न जन-समह क िदलो-िदमाग पर भव थािपत करन का काम िकया और इस भाषण न ायन को िस वा

बना िदया

lsquoसमलन म उपथत माननीय अय महोदय एव अय ितित सभाजनोrsquo मन पहल स मान िलया ह िक

यहा मौजद महा हतय और वा क बीच िवचार य करन का मौका बत चनौतीपण ह मरी आपस स

गजारश ह िक इन महा हतय स मरी तलना न क जाए यिक इस समलन का आयोजन य िवशष क

कािबिलयत आकन क िलए नह िकया गया ह यहा िकसी क बीच कोई मकाबला नह ह समलन म मौजद

िवन एव उदार जनसमह अछी तरह जानत ह िक जब मा जनता क भलाई स जड़ा होता ह तो वा क

मकाबल िवचार को यादा समािनत माना जाना चािहए म यहा एक बत अहम म क वकालत करन आया

यह मा जात स जड़ा ह जन-कयाण स जड़ा हrsquo

अथा कई वा कवल शालीनता और वाय क सदय स जन-समह पर अिमट छाप छोड़ दत ह वह इस

कला को नजरअदाज करनवाल वा को कवल िनराशा स सति करनी पड़ती ह

आमिवास हािसल करन क िलए आमिवासी होना आवयक होता ह िजस िवचार म वय वा का

िवास पण न हो उस िवचार को िकसी और पर कस थोपा जा सकता ह खद म िवास ाथिमक सवाल

होता ह आमिवास महामारी क समान सामक होता ह नपोिलयन न एक सिनक को कवल lsquoनाममिकनrsquo

शद का इतमाल करन क वजह स सना स बाहर िनकाल िदया था पराजय क िवचार का समथन न करनवाला

वा ही जीत क उसाह को कट कर सकता ह लडी मबथ सफलता क िलए पण प स आशावादी थ

इसीिलए उहन हया क िवरोध का आदश पारत िकया कोलबस क योजना क ढ़ िवास स भािवत

होकर रानी इसाबला न अपन आभषण िगरवी रखकर रकम का इतजाम िकया सदश को िवास क साथ तत

करो याद रखो िक खद क मायता काय को सफल अजाम तक ल जान क असीम श दान करती ह

िवापन क म इस िसात का जमकर इतमाल िकया जाता ह lsquoइस उपकरण को आप आिखरकार

जर खरीदगrsquo lsquoउस य स पिछए िजसक पास यह उपकरण हrsquo lsquoइस उपकरण म अतय श हrsquo इन

सभी िवापन म िवास का भरपर इतमाल होता ह और यही िवास समय क साथ ाहक क िवास म

तदील हो जाता ह

हर बार ऐसा ही होना चािहए लिकन होता नह ह यह कहन क आवयकता ही नह ह िक िवास का

आधार होता ह िवषय क पण जानकारी और िनपणता झासा दनवाल लोग क िलए आमिवास और सझाव

दन क आदत कभी-न-कभी मसीबत जर खड़ी करती ह

कछ समय पहल सावजिनक वाद-िववाद क थान पर एक वा न जमीन पर राख डालत ए कहा िक इस

थान पर कछ समय बाद िबना बीज डाल घास उग जाएगी वा क इस िवचार का मजाक उड़ाया गया लिकन

वा अपन कथन पर अिडग रहा और बार-बार उसी बात को और यादा आमिवास स दोहराता रहा वा न

कहा िक वह इस कार पहल भी घास उगा चका ह दशक क बीच मौजद एक ानी य न कछ समय बाद

वा क बात को सय समझना श कर िदया उस य क मायता म बदलाव को दखत ए उसस पछा

गया िक आप इस बात पर अचानक िवास य कर रह ह तो उसन जवाब िदया lsquoवा इस बात को बत

िवास क साथ कह रहा हrsquo

यिद वा क ऐसी बतक धारणा स ानी य तक भािवत हो सकता ह तो जािहर ह िक वा का

िवास क साथ ततीकरण सामाय दशक को भािवत करन म सफल होता ह

िननिलिखत सकलन म मौजद आासन पर यान दीिजएmdash

मझ नह मालम िक बाक लोग कौन सा राता अपनाएग मझ इसस कोई वाता नह ह या तो मझ मर तरीक

स काम करन क वतता दान क जाए या िफर मझ मयदड िदया जाए

mdashपिक हनरी

म जहाज क अफसर स कभी सवाल नह कगा म कभी तहारा दास नह बनगा म नर-सहार क इस सम

को अकल पार कगा म र स भरी लहर म डब जान तक य करता रगा

mdashपटन

एक आओ या सभी आ जाओ इस चान को इसक आधार स हटाना ही होगा

mdashसर वॉटर कॉट

सझाव दन म भव क भिमका अहम होती ह भव रखनवाल वा क सझाव को अकसर सही माना जाता

ह और उन सझाव क आलोचना क भी गजाइश नह होती जब ऐसा य बोलता ह तो मतक म

िवरोधाभास क थित पदा ही नह होती सभी सझाव को सय मान िलया जाता ह महायायाधीश क वचन को

उसक िता का बल िमला होता ह इसिलए उन वचन को गभीरता स सना जाता ह

िवापन क म भी इस िसात का उपयोग िकया जाता ह हम बताया जाता ह िक दो महा राजा क

राजव न एक िनत बीमारी क िलए एक जस उपचार क सलाह दी थी हम जानकारी दी जाती ह िक

अमरका का सबस बड़ा बक सबस बड़ी कपनी राय सरकार य िवशष और तटरक िवभाग सभी

एनसाइोपीिडया िटिनका का इतमाल करत ह

यिद आप सझाव क मायम स दशक को भािवत करना चाहत ह यिद आप चाहत ह िक आपक सझाव को

िबना िवरोध और आलोचना क मान िलया जाए तो सवथम भव थािपत करना होगा और इस भव को

कायम रखना होगा यिद सझाव म तय क सयता मािणत ह तो जािहर तौर पर भव अिडग रहगा लिकन

इस भव का ऐलान कवल तभी करना चािहए जब आप पण प स तयार ह और आपको िवास हो िक

सभी तय सयता क कसौटी पर खर उतर चक ह

िवान क जरए याित बढ़ती ह लिकन उस याित को कायम रखना आसान नह होता एक छोटी सी भल

याित को न कर सकती ह एक पिका म महा लख िलखनवाल एक लखक म वा बनन क महवाकाा

उप हो गई उस लगा िक अछा िलखनवाला य अवय ही अछा वा भी बन सकता ह इस योग क

आजमाइश क िलए उसन अखबार म िवापन िदया साथ ही कई और मायम स भी चार िकया लिकन

दशक क सम पचन पर उसक मह स शद िनकलन मकल हो गए सीधी सी बात ह यिद रवॉवर का

चार दनाली बदक क उपयोिगता क मकाबल पर िकया जाए तो जगहसाई जर होगी

यान दीिजए िक वा क अपील को मायता दन क िलए िकस कार भव का इतमाल िकया गयाmdash

lsquoोफसर अड रसल वलस न हाल ही म अपना नबवा जमिदन मनाया मानव िवकास स सबिधत

िसात क खोज पर ोफसर अड को चास डारिवन क साथ समािनत िकया गया इसक अलावा ो

अड को कई वािनक खोज और शोध क िलए समािनत िकया जा चका ह लदन म आयोिजत एक

रािभोज क मौक पर ो अड क भाषण को आज भी याद िकया जाता ह इहन िपछली एक शतादी म

सयता क िवकास पर गहन अययन िकया ह ो अड न स 1813 क मकाबल 1913 म इलड क

सयता क तलनामक तसवीर तत क ह इस अययन म ोफसर न साफ िकया ह िक िपछल एक दशक म

िवकास कवल कागज तक सीिमत ह वातव म िवकास आ ही नह ह ो अड न जोर दत ए कहा ह िक

िपछली शतादी क िचकार मितकार एथस और रोम क वातकार वतमान कारीगर स यादा िनपण थ

हालािक आधिनक मानव न यादा बहतर टलीकोप एव नजर क चम बना िलय ह लिकन पहल क मकाबल

वातिवक िकोण ीण हो रहा ह आधिनक मानव न बहतर कपड़ बनाना सीख िलया ह लिकन शरीर

कमजोर कर िलया ह वाहन को िवकिसत कर िलया ह लिकन पर कमजोर कर िलय ह नए िकम क यजन

को बनाना सीख िलया ह लिकन पाचन-श कमजोर कर ली ह सबस अफसोस क बात यह ह िक गोरी

चमड़ी क लोग न इनसान क खरीद-फरोत श कर दी ह लोग को गलाम बनाना श कर िदया ह

आधिनक काल म पनप कारखान म काम करनवाल मजदर छोट-छोट घर म रहन क िलए मजबर ह बीसव

शतादी क इितहास म इस दौर को काल अयाय क तौर पर याद िकया जाएगाrsquo

ो अड क इस अययन पर सस क एक आयोग न गहन िचता य करत ए कारखान म काम

करनवाल मजदर क दयनीय थित पर अफसोस जािहर िकया इसी कार ो जॉडन न अपन शोधप lsquoखन

क खतीrsquo क ारा ििटश सरकार को भिवय म य नशाखोरी अित म गरीब ब क िलए भोजन क

कमी और आम लोग म असति जस गभीर म पर सचत िकया ो जस न तो और यादा िनराशावादी

सकत िदए इनका मानना ह िक िजदगी क तज रतार और शहरी जीवन क तनाव न लोग क नौितक मय को

खम करना श कर िदया ह आनवाली शतादी म सगिठत परवार का अतव ही न हो जाएगा इसक

अलावा शरणािथय क बाढ़ ििटश सकित को इस कार मला कर दगी जस िनआा फॉल का मटमला पानी

साफ पानी क धारा म िमला िदया गया हो य हवन म एक सबोधन क दौरान ो िकलॉग न कहा िक जाित

क लगातार पतन स आनवाल समय म वातिवक जाितय का अतव ही न हो जाएगा

mdashनवल डइट िहस

भव शका क िखलाफ सबस बड़ा हिथयार होता ह लिकन जाितभद क भावना और किवचार क सामन

इसक श ीण हो जाती ह अथा भव और सझाव क बीच क मय माग को समझना बत आवयक ह

अपनी कमजोरय को जानना मय माग होता ह इस माग को समझन क बाद वा भाषण क कई और कला

को जम दता ह िकसी सभा म दशक क बीच टोपी फककर लड़ाई का आान करन क सलाह कोई समझदार

य नह दगा भाषण क शली को चनना वा क समझ-बझ पर आधारत होता ह खास खयाल रखना

चािहए िक भाषण क शआत िकस कार क जाए भाषण क शआत मौक क मतािबक शालीन हो सकती ह

और तख भी

सझाव दन क िया म उदाहरण क अहम भिमका होती ह इसस पहल हमन पढ़ा ह िक वातावरण का

दशक पर खासा भाव पड़ता ह लिकन नकारामक वातावरण स घबराना नह चािहए न ही सकोच और

आलोचना करनी चािहए बक वातावरण क मतािबक खद को ढालकर कवल भाषण क भाव पर यान कित

करना चािहए परस म खास िकम क टोपी और कपड़ पहन जात ह और बाक दिनया इन परधान क नकल

करती ह बा दसर लोग क आचरण क नकल करता ह माता-िपता क तरह बोलन और चलन क कोिशश

करता ह यिद बा िकसी को बोलता ही नह सनगा तो जािहर तौर पर खद बोलना नह सीख पाएगा अमरका

क सबस बड़ िडपाटमटल टोर न एक िवापन क िलए जबरदत खचा िकयाmdashlsquoसभी सबस बड़ िडपाटमटल

टोर को पसद करत हrsquo इस चार न लगभग सभी लोग म वहा जान क िजासा पदा कर दी

सदश क महा को बार-बार श दान क जा सकती ह इसक िलए कवल यह सािबत करना होता ह िक

यादा-स-यादा लोग आपक सदश क ित भरोसा जता रह ह राजनीितक सगठन ारा आयोिजत जनसभा

म बार-बार तािलय क गज स जािहर होता ह िक सगठन क राजनीितक िवचार को वीकार िकया जा रहा ह

िवापन सझाव क महा और श का सबस बड़ा उदाहरण ह

यान दीिजए िक िकस कार इस सकरण म इन िसात का इतमाल िकया गया ह और िकस कार हर

सभािवत मौक पर सझाव क ारा भािवत करन क कला का इतमाल िकया जाता हmdash

lsquoवातव म य श हो गया ह उर क ओर स आनवाला अगला तफान जद एक नए सघष को जम

दगा हमार भाई-बध पहल स यभिम म सघष कर रह ह तो यहा िनय प स खड़ रहन क या जरत

हrsquo

mdashपिक हनरी

तीकामक और अय भाषा म भी सझाव क श होती ह इस कार िदए गए बयान म िकसी य

िवशष को सबोिधत नह िकया जाता अथा दशक क मतक म िवचार स सबिधत िवरोधाभास जम नह

लता फलवप सझाव तत करन क आधारभत िसात क पित हो जाती ह तीकामक और अय तौर

पर िनकष तत करन स सझाव का महव बढ़ जाता ह

यान दीिजए िक िकस कार िविलयम ायन न कहा ही नह िक माननीय मकनल हार जाएग इस वाय को

बत भावशाली ढग स तत िकया गयाmdash

सट लइस क एक मच पर माननीय मकनल को सोन क शता क मानक को तब तक कायम रखन क िलए

चना गया जब तक अतरराीय समझौत क मतािबक नए मानक को अपनान क िया पण हो रपलकस

क बीच माननीय मकनल बत िस य थ और चनाव स तीन महीन पहल ही रपलकस न माननीय

मकनल क आगामी चनाव क नतीज पर भिवयवाणी करनी श कर दी लिकन आज क हालात या ह य

आज वह य जो खद को नपोिलयन जसा िदखन क उपमा स खश होता था आज यह सोचकर काप जाता

ह िक उसक िनय वाटरल क य क वषगाठ पर क गई थी

थॉमस कालयल न कहा ह lsquoझठा य धम ान ा नह कर सकताrsquo न तो कालयल क वाय म सझाव

का भाव नजर आता ह और न ही भव लिकन जब इस वाय क अथ को गहराई स समझा गया तो परणाम

कछ और ही िनकलmdash

झठ य न धम का ान ा िकया या एक झठा य घर का िनमाण नह कर सकता यिद िकसी

य को िचनाई क िमण का सही औसत मालम नह ह और न ही उस िमण क गण क बार म जानकारी ह

तो वह िकस कार इमारत का िनमाण कर सकता ह जािहर तौर पर इस कार बनाई गई इमारत कमजोर होगी

यह बारह शतादय तक खड़ी नह रह पाएगी इस इमारत म लोग नह रह सकग यिद रहग तो यह इमारत िगर

जाएगी य को ाकितक िनयम का समान करना चािहए कित स सवाल करन चािहए वत क गण

स सबिधत जानकारी एक करनी चािहए

यान दीिजए िक बवटर ारा िकया गया िननिलिखत िचण िकतना सिनत एव भावशाली हmdash

ीमान मझ नह मालम िक लोग क ितिया कसी होगी लिकन जब म अपन आस-पास िशा ा

करनवाल लोग को महसस करता तो ऐसा महसस होता ह जस सीजर सदन म खड़ा हो इस सभा म बार-बार

ित पचानवाल लोग भी शािमल होत ह मन कभी मड़कर नह कहा ह िक lsquoइन लोग म मरी औलाद भी

शािमल हrsquo

mdashबवटर

भाषण को मजबत तािकक आधार पर तयार करना चािहए इस कार तयार िकए गए भाषण क कमजोर

किडय पर भी कोई सवाल नह उठा सकता यिद िकसी िवषय पर वाद-िववाद हो जाए तो दशक क जहन म

िवरोधी िवचार जम ल सकत ह इसिलए थित पर काब पान क िलए उठाए जानवाल तकालीन कदम म

वाद-िववाद क थान पर मजबत उदाहरण का सहारा लना चािहए थित वय िनयण म आ जाएगी

23

वाद-िववाद क ारा भािवत करनाइनसान का सामाय ान दरअसल बत सामाय होता ह इस ान क ा साधारण अययन और अनभव स होती ह यह िवन साधारण एव

सरल होता ह इसका अनभव सभी क आख करती ह और सभी क कान स इसको सना व समझा जा सकता ह इसम कोई अथर िभता नह

होती कोई जिटलता नह होती साथ ही इसका कोई रहय नह होता सामाय ान उलझन भरा नह होता यह उम ान होता ह इसम कोई

तछता नह होती इसक यायान को सरलता स समझा जा सकता ह इसको भाषा क पता क प म भी जाना जाता ह इसका बस एक ही

उय होता हmdashसाधारण ान का बोध

mdashजॉज जकब हॉलयॉक सावजिनक तौर पर बोलना एव वाद-िववाद

यादातर यवा वा तकशा को अत मानत ह लिकन धीर-धीर उह अहसास होन लगता ह िक तक श

जिटल थित म भी कायशील रहती ह सामाय ान स अिजत िकए गए तय को कवल सही शद क चयन

क आवयकता होती ह इन तय को तत करन क अयास स तक श स जड़ा भय खम हो जाता ह

दरअसल तकशा बत िदलचप िवषय ह वा क िलए इसका महव सवपर होना चािहए वाद-िववाद

चचा एव माण तत करन म तक क िसात का इतमाल िकया जाता ह

वाद-िववाद का अथ हmdashतक एव उदाहरण क ारा अपन िवचार क सयता को मािणत करना इसक

अलावा सझाव क जरए भी िवचार क सयता को मािणत करन म सहायता िमलती ह

िकसी िवषय पर िनप भाव स िवचार करन क िलए सभी पहल क सयता को जानन क कोिशश क

जाती ह अथा वाद-िववाद को दो मय िणय म बाटा जा सकता हmdashवाद-िववाद क दौरान चचा को बढ़ाना

या िफर वाद-िववाद क दौरान महवहीन िवचार को अलग करना यानी वाद-िववाद स सबिधत िवचार क ढाच

क थरता का आकलन करना इस कार न कवल मय िवचार को सभाला जाता ह बक आलोचक ारा

सभािवत िवरोध क िखलाफ मजबत तयारी भी क जा सकती ह ऐस म खास खयाल रह िक िवचार म कोई

कमजोर कड़ी न हो सभी िवचार स सबिधत तय क बारीक स जाच करना आवयक होता ह अयथा

िवचार क िवरोध म तत िकए गए तक हावी हो सकत ह

िननिलिखत न सभवतः तीन उय क पित करत हmdashिकस कार तय क जाच क बाद िवचार को

तत िकया जाए िकस कार वा िवचार क भव का आकलन कर और िकस कार िवरोध म उप तक

का पता स सामना िकया जाए

तक क जाच1 चचा स सबिधत आम न

1 या न प तौर पर पछा गया ह

(अ) या हर िववादी क िलए न का अथ समान ह (उदाहरण क तौर पर जरी नह ह िक lsquoसय पषrsquo का

अथ सभी िववािदय क िलए एक समान हो)

(आ) या चचा क मय उय पर उलझन क थित ह

2 या बयान िनप तौर पर जारी िकया गया ह

(अ) या बयान म सभी पहल को शािमल िकया गया ह

( आ) बयान म जरत स यादा तय को तो शािमल नह िकया गया

(इ) बयान का इतमाल फसान क िलए तो नह िकया गया ह

3 या न वाद-िववाद क योय ह

4 न का किबद या ह

5 न स सबिधत बाक तय या ह

2 माण एव गवाह

1 तय स जड़ माण एव गवाह

(अ) या हर गवाह माण िनप ह िववाद स सबिधत िवषय का इनस या सबध ह

(आ) या गवाह मानिसक तौर पर वथ ह

(इ) या गवाह क नितक मय पर िवास िकया जा सकता ह

(ई) या वह तय को समझन क थित म ह या वह चमदीद गवाह ह

(उ) या वह वछा स गवाही द रहा ह

(ऊ) या उसक गवाही पर सवाल उठ थ

(ए) या उसक गवाही क पि क जा चक ह

(ऐ) या उसक गवाही तय और सामाय िसात क िव म ह

(ओ) या ऐसा सभव ह

2 सरकारी व गर-सरकारी सथा क ओर स गवाही

(अ) या सथाए मायता ा ह

(आ) सथा को िकस कानन क अतगत मायता ा ह

(इ) या सथा का ख िनप ह

(ई) या सथाए प प स सलाह द रही ह

(उ) या माण क िलए पश क गई पतक व कागजात इयािद िवसनीय और िनप ह

3 माण क तौर पर पश िकए गए तय

(अ) या तय उपय ह और माण क तौर पर पश करन योय ह

(आ) या तय क सयता पर भरोसा िकया जा सकता ह

(इ) या तय का मसल क िवषय स सीधा सबध ह

(ई) या तय का एक-दसर स सबध थािपत िकया जा सकता ह या उनम िवरोधाभास ह

(उ) या तय दािखल िकए जा चक ह तय को लकर कोई शका या िववाद तो नह ह

4 माण क तौर पर पश िकए गए िसात

(अ) या िसात वतः िस करन योय ह

(आ) या िसात म सामाय अनभव क सयता ह

(इ) या िसात म िवशष अनभव क सयता ह

(ई) या िसात क सयता को योग ारा मािणत िकया गया ह

योग साधारण या िवशष िया स िकए गए ह

योग भव थािपत करत ह या िनकष पश करत ह

3 तक-िवतक

1 अनमान

(अ) या सामाय तौर पर तय क सयता को िनकष क प म माना जा सकता ह

(आ) या यायान क नजरए स दखन पर ही तय िनकष स मल खात ह

(इ) या िकसी िववािदत तय को नजरअदाज िकया गया ह

(ई) या िववािदत तय का पण प स यायान िकया गया ह

(उ) या सभी िववािदत तय क बीच सबध म पता क कमी ह

(ऊ) या अनमान को तय मान िलया गया ह

2 परणाम

(अ) या कानन और िसात पहल स थािपत ह

(आ) या कानन और िसात म तय क ारा िनकाला गया िनकष शािमल ह या िफर िनकष को

जबरदती शािमल िकया गया ह

(इ) या कानन और िसात क महा क साथ िनकष क महा को जोड़ा जा सकता ह

(ई) या परणाम पया मान जान योय ह

3 तलनामक मसल

(अ) या िवचाराधीन मसला िकसी और मसल स मल खाता ह या दोन मसल म एक जस माण गवाह

और तय का इतमाल आ ह

(आ) या िववाद क मय िबद िकसी और मसल क समान ह

(इ) या िवचाराधीन मसल को िकसी और मसल स जबरदती जोड़ा जा रहा ह

(ई) या िवचाराधीन मसल स सबिधत कोई और मसला ह िजस यादा उपयोगी एव उपय िस िकया जा

सकता ह

4 सबिधत तय

(अ) या मसल स सबिधत य क पव पद को यान म रखत ए आरोप पर आशका क गजाइश ह

(आ) या तय स सबिधत सकत प ह या इनक आधार पर तय क सयता मािणत क जा सकती ह

(इ) या सकत एक-दसर स मल खात ह या सभी सकत एक-दसर क अनकल ह

(ई) या सकत क आधार पर िववादापद थित पदा हो सकती ह

5 याय

(अ) या याय क घोषणा स पहल िकसी अहम म को नजरअदाज िकया गया ह यिद ऐसा ह तो फसल स

पहल छट ए म को शािमल करना चािहए

(आ) या याय क घोषणा करन म अफसोस क थित का सामना करना पड़ रहा ह या िनकष स सबिधत

कोई उलझन ह

(इ) या याय बतका महसस हो रहा ह

24

उसाह ारा भािवत करनावह महा योयता क धनी ह बस उस कारण और चचा क कला पर यान दना ह यिद वह ऐसा कर सक तो वह लोग को भािवत कर सकती

mdashशसिपयरउस य को सबस महा कलाकार क उपािध दी जानी चािहए जो दशक क भारी भीड़ स घबराए िबना िपयानो पर उगिलय का जाद दरशान म

सम हो जो दशक क उता को सहजता म बदलन का नर रखता हो जो सर म मौजद मती स दशक को हसा सक और शोक क सर स

दशक क आख को पनीला कर द उस दशक क सम लकर आओ चाह दशक कस भी हmdashउज या सय खश या नाखश िश या

जगली महा कलाकार को अपनी कला स दशक को खश या मत करन क कला आनी चािहए ऐस कलाकार अमर होत ह

mdashरॉफ वाडो एमरसन वाातय पर िनबध

दशक म उसाह पदा करन का नर कम या यादा सफलता का अहम कारण होता ह दशक क िलए महव

रखनवाल म क ित उसाह पदा कर अपा अनसार परणाम हािसल िकए जा सकत ह इसका उय कम

या यादा सही या गलत उिचत या अनिचत और शात या भड़कला हो सकता ह लिकन बावजद इसक इस

कला का भाव अतय होता ह

मय अरनॉड क यायान क अनसार ढ़ िवास रखन क िशा दना वाभािवक प स जिटल िया

ह इस िया म वाद-िववाद और अकसर सझाव क सहायता ली जाती ह इसस सबिधत उपय जानकारी

क अगल अयाय म िवतार स चचा क जाएगी दरअसल जनता क सम बोलन क कला म कह-न-कह

दशक को ोसािहत करन क कला का इतमाल िकया ही जाता ह

दशक को ोसािहत करन क कला पणतः बौक होन क मकाबल भावनामक होती ह इसम जनता क

सम भाषण दन क कला क लगभग सभी िसात का इतमाल िकया जाता ह इसम चचा क सभी कार

शािमल होत ह िननिलिखत वाय क ारा इस िविध का इतमाल समझा जा सकता हmdash

जाितवाद क िव अपील सदव भावशाली सािबत होती ह आम तौर पर इस यायसगत माना जाता ह

िकसी िवशष िवचार या अपील क साथ जाितवाद क म को खड़ा िकया जा सकता ह याड िकपिलग न इस

िविध का इतमाल िकया था इस म क आधार पर यरोपीय य पर चचा क गई िकपिलग न य क दौरान

जाितवाद क म का इतमाल िनजी वाथ क िलए िकया यह ऐसा मा ह िजसक िलए आम जनता का

समथन िमल ही जाता ह इस गितशील अपील का महवपण उदाहरण माना जा सकता ह कई लोग छोट

उय क साथ शआत करत ह और िफर िनजी वाथ क िलए म को बड़ तर पर भनान क कोिशश करत

lsquoिबना गलती िबना इछा क जमनवािसय को य क िलए मजबर िकया गया ह जमनी एक ऐसी राीय

श ह जो िपछल बीस साल स इस य क तयारी म जटी ह एक ऐसी श जो सय समाज को बदक

क नोक पर जीतन का दम रखती ह

lsquoिपछली दो पीिढय स जमन सरकार पतक िशा सथान भाषण और चचा क जरए बड़ी

सावधानीपवक अपन दश क जनता को समझाती आई ह िक िव-िवजय ही सभी तयारय और कबािनय का

मय लय ह हमन बड़ी सावधानीपवक तयारी क ह और महा बिलदान िदए ह

lsquoहम सिनक सिनक और बस सिनक क जरत ह यिद हम हमार िम रा का साथ िमलता ह तो हम

सगिठत बबर िवरोिधय को कचल डालग

lsquoकोई गलतफहमी क गजाइश नह ह हम आधिनक हिथयार स ससत दमन का मकाबला करन जा रह

ह दमन ताकतवर ह लिकन हमारा बस एक ही लय हmdashदमन को जड़ स खम कर दना बजयम पर

हमला ास पर आमण और स स मकाबला हमार पास बस यही एक राता बचा ह जमनवािसय का

मय उय जो बार-बार दोहराया जा चका ह िजसक कसम बार-बार खाई जाती ह वह ह ििटश सााय

को नतनाबद करना ििटश सरकार क सपदा एव यापार को न करना और िव स ििटश सरकार क

भव को खम कर दना

lsquoयिद आप कछ दर क िलए आमण क सफल होन क कपना कर तो यकनन सफलता खद-ब-खद कदम

चमगी कछ लोग का कहना ह िक ििटश सरकार नह झकगी लिकन हम िव क नश स इलड का

अतव खम कर दग

lsquoहमार भाय म जीत िलखी ह हम एक नए यग म कदम रखन जा रह ह य क िजस गरमा और साई

को हम िपछल सौ साल स भल चक ह उस याद करन का समय आ गया ह हम अपन पराम का उसी तरह

इतमाल करना ह जस हमार पवज न िकया था मकल स भर इस लब सफर म उतार-चढ़ाव जर आएग

हम किठनाइय और िनराशा का भी सामना करना पड़ सकता ह लिकन हमार कदम कभी नह डगमगाएग हम

इस य को अजाम तक लकर जाएग हम सभी साथ िमलकर इस य का सफल परणाम तय करग

सामािजक भदभाव जसी बराइया हमार दश स खम हो चक ह इस सघष न सभी जाित क लोग को कवल

और कवल जमन बना िदया ह जीवन को लकर हमारी सभी इछाए एव जरत भी महज छह हत पहल खम

हो चक ह अब हमार सामन बस एक ही लय ह जो हर य क िदल का िहसा बन चका हmdashजीत जीत

और बस जीत

lsquoयिद हम अपन अिधकार को हािसल करना ह और वतता को धरती का मल िसात बनाना ह तो जमनी क

हर य को य करना होगा बिलदान दना होगाrsquo

इस उदाहरण स साफ होता ह िक दशक को भािवत करन क िलए उनक िहत स जड़ म को ाथिमकता

दनी चािहए और उनक भावना क मतािबक लय तय करन चािहए इन दो महवपण िसात को कभी

नजरअदाज नह करना चािहए जनता म उसाह भरन क िलए य िसात मल म का काय करत ह

पहल िसात क समझ क िलए माननीय उय और महवाकाा क गहन जानकारी होना बत

आवयक ह व कौन स उय ह जो य को कायशील बनात ह इन उय को गभीरता क साथ समझन

क कोिशश किजए अययन किजए िक िकस कार उन उय को हािसल िकया जा सकता ह यान

दीिजए िक कौन स उय और महवाकाा स दशक भािवत हो सकत ह दशक क आदश और जीवन

क ित िच का ोत या ह आपक आकलन म कमी का भगतान वय आपको ही करना होगा अथा िवषय

को बारीक स समझना चािहए पलटाइन म यिदय क िलए समथन मागन स कछ हािसल नह होगा ऐसा

यास कवल िनराशा ही द सकता ह दशक क बार म अययन किजए उनक िवचारधारा िच आिद क बार

म जानकारी हािसल किजए इसक पा जबरदत तयारी क साथ दशक क सम पिचए िनत प स

सफलता कदम चमगी

दशक क तादाद िजतनी यादा हो िवषय और भाषण का अदाज उतना ही यापक होना चािहए अिववािहत

लोग को फनचर क बीम स सबिधत िवषय क ित आकिषत नह िकया जा सकता लिकन िवचार कट करन

क वतता क म पर जनता का समथन बटोरा जा सकता ह

मािणत दवा क िवापन म सबस पहल बीमारी का िज िकया जाता ह इस कार ाहक का यान

आकिषत करना आसान होता ह यिद सबस पहल दवा क माा और खच या िफर दवा क िवशषता और

िनवारण का िज िकया जाए तो जािहर तौर पर लोग का यान आकिषत करना मकल होगा सोचन क िलए

मजबर करनवाल िवापन स समाधान क िलए उसाह पदा होता ह कपनी क दवा बचन क उसकता क

मकाबल ाहक म दवा खरीदन क उसकता यादा अहिमयत रखती ह

हाल ही म एक पतक िवता ययॉक क नामी एटॉन क दतर पच गया उसन कहा िक lsquoया आप पतक

खरीदना पसद करगrsquo लिकन यिद एटॉन को पतक खरीदन क जरत होती तो वह पहल ही खरीद चका

होता इसी कार एक िसलाई मशीन िवता न एक सॉिलिसटर स िसलाई मशीन खरीदन क िलए पछा दोन

मामल म िवता न एक ही गलती को दोहराया उहन कवल अपन फायद क िलए अपील क

कामयाब वा क अपील म खद क फायद स यादा सननवाल क फायद का सदश होना चािहए इनसान

िफतरतन वाथ होता ह वह उह चीज क ओर आकिषत होता ह िजसस उस फायदा हो यान दीिजए

िकस कार सीनटर थटन न यबा क राजनीितक मामल म हतप क अपील क थी और िकस कार ायन

न अपन भाषण म जन-कयाण क म को उठाया था

ोसाहन स भरा भाषण दशक म जोश क लहर पदा करता ह ऐस भाषण स लोग म कतय का भाव पदा

होता ह

ोसािहत करनवाल भाषण क चार िविभ तरीक पर यान दीिजए और इनम िछप उय का आकलन

किजएmdash

lsquoबदला लो चार ओर फल जाओ ढढ़ो जला दो मार दो काट दो कोई भी गार बचना नह चािहएrsquo

mdashशसिपयर जिलयस सीजर

lsquoआिखरी श क हया तक हमला करत रहो

मय-शया और ाला क िलए हमला करो

बहादर सािथय क मौत क िलए हमला करो

भगवाmdashऔर सरजमीन क िलए हमला करोrsquo

mdashिफज-ीन हलक माक बोजारस

lsquoिवास कर ीमान यिद उन नह ब का सवाल नह होता तो आज वह अपना महनताना लन नह आता

आपक फसल क फलवप ही ऐस हालात पदा ए माननीय यायाधीश आप इन अभाग ब को िभखारी

बनन क मजबरी स बचा सकत थ आप इनको अनाथ होन स बचा सकत थ ओह म जानता िक आपक

फसल क बाद मझ दया क कामना नह करनी चािहए मझ आपक सहानभित क िलए यास नह करन चािहए

मझ दया नह याय चािहए म शपथ लता िपता क प म नह एक पित क प म पित क प म नह

एक नागरक क तौर पर नागरक क तौर पर नह एक इनसान क तौर परmdashबक एक इनसान क तौर पर भी

नह एक ईसाई क तौर परmdashम कसम लता आपक सामािजक िनजी नितक और धािमक कतय क अपन

परवार क अनादर घर क उजड़न ईर क अयाय क ईर बचाए इस दश को सामक महामारय स और

जम स भ भिवय म पदा होनवाल हजार ब को ऐस दःख अपमान और िनदा क उदाहरण स बचाकर

रखrsquo

mdashचास िफिलस गथरी क ओर स अदालत क सम अपील

lsquoम मखमली मोज पहनकर गलाम क सगीत पर नय करनवाल और इस काय को वतता कहनवाल य

क ओर स आह करता उस य क ओर स जो घिटया लगा मकट पहनता ह िजसन हटर ायन को

शमनाक तर तक िगरान क काय को धम का नाम िदया वह अमरक िवचारधारा क िवतार क िलए गनहगार

को दड दता ह और इस काय को साई और धम कहता ह म इलड क कलपित क ओर स नए किवय स

आह करता mdashएटीकॉट स लकर लॉवल तक िवॉप स लकर लॉगफलो तक नॉरटन स होस तक और म

साधारण जनता क अिधकार क ओर स आह करता mdashम जनमानस क उपि करनवाल पवज क ओर स

भी आह करता बीत ए समय को जगिलय क रता स नह शहीद क ल स िता िमलनी चािहए

बीता आ समय बीत गया ह इस यादा करदन क आवयकता नह ह वतमान और भिवय महवपण ह इह

सगीत और उास स भर दो पवज क ारा िमली िशा न हम धय कर िदया ह हम उनक ारा थािपत

िकए गए कानन और िनयम का पालन करन का सौभाय ा आ ह हमारी आख म मौजद चमक स सम

का मागदशन होगा हम सहन-श का वरदान िमला ह अपनी महा िशा क साथ भ सदा हमार साथ रह ह

अब भ धम लोकत और दश-म क थापना क िलए हमारा मागदशन करग भ क शरण म सभी बराइय

का नाश होगा जॉन ीनलीफ न बार-बार िननिलिखत सीख को दोहराया हmdash

हम सबक िपता एव िय ईर

रता क ित िवास क िलए हम मा कर

धम को नकारनवाल अधपन क िलए मा कर

अपन आदश को छोड़नmdashउनका उघन करन क िलए मा कर

ल क विदका स उठती ाला न हम राता िदखाया ह

अब हम मानवता क माग को कभी नह छोड़गrsquo

mdashहनरी वॉटरसन यरीटन एड कविलयर

ास क िखलाफ य गीत न िलखन क म पर लगातार िनदा क िवरोध म गोएथ न जवाब िदया lsquolsquoअपनी

किवता स म कभी लत नह आ नफरत क भावना क अभाव म म नफरत भर गीत कस िलख सकता

rsquorsquo कवल उसी म का भावशाली चार िकया जा सकता ह िजसस आप िदल स जड़ ह मायता क

तरह भावनाए भी सामक होती ह म क वातिवकता म िवास रखनवाला वा ही जनता को अपन भाव

स रत कर सकता ह ईमानदारी भाव और उसाह स यादा महवपण ह भावना भावना क आधार पर क

गई अपील बहद भावशाली होती ह भाषण क तकनीक पहल क मकाबल भावना का भाव यादा असरदार

होता ह इसी कार इशार क शोभा और िनपण उारण क भाव को भी नजरअदाज नह िकया जा सकता ह

जनता क सम पश क जानवाली अपील को उिचत दलील का आधार दना जरी होता ह लिकन इसका यह

अथ नह ह िक आप िवचार क नव तयार कर और इमारत खड़ी करन म लापरवाही बरत अथा िवचार का

आदान-दान उिचत परणाम िमलन तक जारी रहना चािहए

25

जन-समह को भािवत करनाकामयाबी एक यवसाय ह अत म दशक क कपना को छनवाल वाय को याद किजए यही वजह ह िक आज क दौर क उपदशक जनता को

उस कार भािवत करन क कला म मािहर नह होत िजस कार कार टोिपया और अय वत बचनवाल यापारी ाहक को भािवत करन क

कला म िनपण होत ह जनता क कपना क अनसार भाव डालन क कला यापारय स सीखन क आवयकता ह

mdashगरॉड टनली ली जन-समह

स 1914 क शआती दौर म परस क ासीसी और बिलन क जमन का समह मनोवािनक तौर पर गट नह

माना जाता था यक य क िवशष आवयकताए एव उय थ और इन लोग को सगिठत करन क िलए

कोई एक िवचारधारा भी नह थी इस दौरान समह को कवल अलग-अलग िवचारधारावाल लोग का जमावड़ा

माना जाता था लिकन एक ही महीन क भीतर लोग क भीड़ न गट का प ल िलयाmdashदशभ सामिहक

भय और यापक सताप न लोग को सगिठत करन का काम िकया

िकसी समह झड और गट क मनोवािनक थित य िवशष क मनःथित स िभ होती ह भीड़ का

अपना अलग अतव होता ह कारण स भािवत होकर य कई यगत भावना और उय को दबा

लत ह लिकन भीड़ क भावना और उय को दबान म िकसी कारण का जोर नह चलता यगत तौर

पर िकए गए काय क िलए वय य िजमदार होता ह लिकन लोग क भारी सया क वजह स भीड़ िकसी

काय क िलए जवाबदह नह होती लोग का उिजत समह िकसी भी भयानक िवचार को अजाम तक पचान

क मता रखता ह भीड़ क िवचारधारा आिदम होती ह भीड़ म िवचार क ित ोसाहन होता ह िलहाजा

िवचार क पित क िलए भीड़ िकसी भी हद तक पच सकती ह

भीड़ लोग ारा तयार िकए गए िगरोह क समान होती ह रकन न भीड़ का कछ इस तरह यायान िकया

हmdashlsquoभीड़ स िकसी भी िवषय स सबिधत बात क जा सकती ह उनक भावना क िवषय म जो अकसर मय

िवषय होता ह भलाई और धम क बार म जबिक भीड़ क िलए इन िवषय पर चचा का कोई आधार नह होता

ह इसक बावजद भीड़ म उपथत लोग स इन िवषय पर चचा क जा सकती ह भीड़ को मन मतािबक ढाला

जा सकता ह उिजत िकया जा सकता ह और बड़-स-बड़ काय क पित क िलए ोसािहत िकया जा सकता ह

भीड़ म िवचार स सबिधत सदश िकसी सामक बीमारी क तरह फलता ह जकाम क तरह िवचार का

समण होता ह और ऐसा कोई िवषय काय या उय नह ह िजसक िलए भीड़ को रत न िकया जा सक

भीड़ म लय क पित का जबा दौर क तरह पड़ता ह और लय-पित क पा दौर क ही तरह गायब हो

जाता हrsquo

इितहास म जन-समह क कायशली क महवपण उदाहरण शािमल ह मयकालीन दौर म जनता को ोसािहत

करन क िलए कारण क आवयकता नह थी मयकाल म लोग न वाभािवक तौर पर भव क प म

समथन िदया जनता क धम न लोग क भावना को िझझोड़ा इस भावना न साधारण तौर पर लोग को

सगिठत कर गट बनान क िलए रत िकया यारहव शतादी म साध-सत न जनता को मजबत बनान क िलए

क क ित भय-म होन क िशा दी एक िविच मापदड तयार करत ए कहा गया िक एक हजार कोड़

क मार को दस भजन-सह क प म हण िकया जाए और पह हजार कोड़ क मार को पण भजन-सह

माना जाए इस कार कोड़ क मार को खशी-खशी झलनवाल लोग क समह बनन तयार हो गए जनता म

जनन क जबरदत लहर वािहत होन लगी इस जनन को खम करन क िलए सड़क पर जलस िनकालनवाली

मडिलय क अय को िजदा जलाया गया तािडत िकया गया लिकन जनता न िनरकश कमत क सामन

घटन नह टक

धमयोा क उपदश स परा पमी और मय यरोप भीड़ गट समह और िगरोह म तदील हो गया

लाख क सया म इक ए समथक न धम-िवरोिधय को पिव भिम स बाहर ढकलन का काम श कर

िदया यहा तक िक ब न भी इस सघष म िहसा िलया लोग म कछ ऐसा जनन था िक य गहथ-म क

मोह स ऊपर उठ गया िजसक परणामवप हजार ब को जान गवानी पड़ी

अठारहव शतादी क शआती दौर म इलड म साउथ सी कपनी क थापना क गई इस कपनी क थापना

क बाद िटन क जनता शयर बाजार क ओर आकिषत ई साउथ सी कपनी का शयर जनवरी स मई तक

1285 अक स बढ़कर 550 अक क आकड़ तक पच गया जलाई म एक लबी छलाग लगात ए शयर न

1000 अक क मनोवािनक आकड़ तक को पार कर िलया कपनी क करीब 50 लाख शयर वातिवक कमत

स यादा कमत पर बच गए इस दौरान बत मोटा मनाफा कमाया गया शयर म रकम िनवश करन क होड़ न

दग का प ल िलया सकड़ िगरोह तयार हो गए शयरधारक न मनाफा बटोरन क िलए जमकर शयर बच

मनाफा बटोरन क भड़-चाल म परा िटन शािमल हो गया इस हड़बड़ी म िनवश का माहौल िबगड़ गया और

कछ ही समय म कपनी का शयर 880 अक लढ़क गया साउथ सी कपनी क शयर म अचानक िगरावट स

िनवशक क करोड़ पए डब गए

अमरका म सोन म िनवश क होड़ म भी कछ ऐसा ही आ था मनाफा बटोरन का जबा लोग पर इस कदर

हावी हो गया िक अमरका म स 1913 म दग-फसाद हो गए िजसम 48 लोग को अपनी जान गवानी पड़ी

भीड़ क मागदशन क िलए नता का होना आवयक हभीड़ िगरोह या जन-समह क मागदशन क िलए नता का अतव िनणायक थित को जम दता ह नता क

नतव म लोग सगिठत होत ह भीड़ नता क सलाह क मतािबक काय करती ह नता क िबना भीड़ िकसी िनणय

तक नह पच सकती भीड़ म िववाद पदा होन क सभावना बत अिधक होती ह लिकन िकसी मजबत नतव

क ारा भीड़ को िवकास कयाण और उथान क काय क िलए रत िकया जा सकता ह जन-समह अपन

नता क हर सलाह क ित समिपत होता ह कई मामल म तो जन-समह न नता क सलाह क सामन सरकारी

नीितय और िनयम तक का बिहकार िकया ह य क दौरान नता स भािवत गट न उमीद स यादा

साहस का दशन करत ए 1 सकड म 14 गोिलया दागन तक का कितमान हािसल िकया ह इितहास ऐस कई

उदाहरण स भरा पड़ा ह

भीड़ क रचना िकस कार होती हआज क सामािजक ढाच म भीड़ का महव सवपर ह यह एक ऐसी समया ह िजसक या तो िनदा होती ह

या शसा इसक भाव को समझना बत आवयक ह भीड़ क भावना को एकजट करना आसान नह

होता हर वा इस समया का िनवारण ब-िववक स िनकालता ह भीड़ जटान म सम नता क याित

बत तज रतार स बढ़ती ह वा का कथन जन-समह क िलए सवमाय हो जाता ह

इस उय क पित क िलए जनता क िवचारधारा और जरत को एकजट करना पड़ता ह जनता क

भावना को रत करना पड़ता ह जनता क इछा स यादा महव इछा क कारण का होता ह कारण को

जानन क बाद उय क पित करना आसान हो जाता ह

जनता क भावना को ोसािहत िकए िबना जनता को भािवत नह िकया जा सकता या आप कपना

कर सकत ह िक िम क कला पर िदए गए भाषण न भारी भीड़ जमा करन का काम िकया था स 1914 म

गह िनयम कानन स सबिधत चचा वाद-िववाद और भाषण क लबी खला न भारी जन-समह को अपनी ओर

आकिषत िकया था समान िवचारधारा क लोग को एकजट करन क िलए जनता क आम जरत

महवाकाा भय क कारण और भावना स सबिधत ऐसा सदश तयार करना चािहए िजसम यादा-स-

यादा लोग का भला शािमल हो िकसी एक य क िवचारधारा आम जनता क िवचारधारा को बदलन का

सामय रखती ह एटोनी न सीजर क पतन को कवल रोम क जनता का पतन नह बताया बक परी सि का

पतन घोिषत िकया

lsquoयह मरा या आपका नह बक िव का पतन ह

यह खनी राजोह हम सबक िसर पर मडरा रहा हrsquo

तािलय क गड़गड़ाहट आम तौर पर भावना को दिशत करती ह इस कार दशक सगिठत होत ह दशक

क समथन का अनमान तािलय क गज स होता ह रगमच पर इकी भीड़ न कई गान पर ताली बजाई और

िफर एक कट क िवापन पर कछ लोग न जोर स हसना श कर िदया िदलचप ह िक बाक लोग न भी

िवापन म मौजद हाय को समझ िबना ही हसना श कर िदया लिकन जब लोग को हाय क कारण क

जानकारी ई तो व अपनी मखता पर हसन लग इस कार परा रगमच कई बार तािलय क गड़गड़ाहट स गज

उठा

कई बार कलाकार बोल गए सवाद पर उगिलय को चटकात ए हसता ह पहली प म बठ कछ दशक इस

अदाज पर िखलिखला उठत ह और इसक बाद िथएटर म उपथत बाक दशक खद-ब-खद हसन लगत ह

वा क िलए इन सभी िसात को समझना बत आवयक होता ह और वही वा अपनी अलग पहचान

कायम करन म सफल होता ह जो इन िसात का महव समझ सक मच पर कपट नह िकया जा सकता

दशक दर-सवर वा क वातिवक ितभा को जान ही जात ह स नता और ढगी क बीच काय-णाली एव

अदाज नह बक िसात का अतर होता ह महा-स-महा वा म जनता क वातिवक भावना को

समझन क िजासा होनी चािहए मच पर छल-कपट स दशक को आकिषत नह िकया जा सकता इसक िलए

वातिवक ितभा आवयक होती ह

आपस म बट दशक म उसाह क लहर उप करन क िलए दशक क पसद क मतािबक अलग-अलग

िवचार तत नह िकए जा सकत दशक को एकमत जन-समह म परवितत करन क िलए एक मजबत

िवचारधारा क आवयकता होती ह िवशष यान रखना चािहए िक सभी दशक एक-दसर क आस-पास बठ ह

िबखर ए दशक क गट को सगिठत करना मकल होता ह रोम क सट पीटर म जमा ई लाख समथक क

इधर-उधर िबखरी भीड़ को वय ईसा मसीह स सबिधत भाषण क ारा भी एकजट नह िकया जा सका था

भावना स रत सावभौिमक िवचार भीड़ को इका करन का काम करत ह उदाहरणतः वतता चर

पिवता शौय भाईचारा परोपकार दश और जननायक जॉज कोहान न हायनाटक म झड क गणगान स

सबिधत गान जोड़कर नाटक म चार चाद लगा िदए इस योग स कोहान को काफ मनाफा भी आ ॉमवल

क सना य स पहल ाथना करती थी एव नार क साथ दसरी सना पर हमला करती थी स 1914 म ास

क सना न अलग-अलग मोच पर एक िनत गीत क साथ जमन सना पर आमण िकया ऐसा महसस होता

था िक हर मोच पर अलग टकिडया नह बक एक ही य हमला कर रहा हो इस कार क योग स

भावना को जम िदया जाता ह सिनक म उसाह िलत िकया जाता ह यकनन उसाह स भरपर सना क

ताकत दोगनी हो जाती ह

26

पख वाल घोड़ क सवारीिवचार करना और महसस करना मानव क बौक श क दो महवपण तव ह इन तव स तक और कपना क योयता का उदय होता ह

mdashइसाक िडजराइली बजीवी य का सािहयक चरकपना मागदशन का ोत होती ह समझ स पर क चीज का यायान लखक क कलम करती ह लखक क कलम िवचार को आकार दती ह

उसम जान फकती ह िवचार को थान िवशष स जोड़ती ह उस नाम दती ह

mdashशसपीयर मय ीमmdashराि वन

जीवन क उपयोिगता का अययन करनवाल बजीवी अकसर साधारण और मािणत िवचार स आग सोचत

ह इन लोग क िवचार कपना स रत होत ह इनक सहन-श अतय होती ह एमरसन न कहा ह lsquoिवान

को नह मालम िक वह कपना का िकस तर तक ऋणी हrsquo इस महा िवचार को िकसी सािहयकार या किव

क िवचार मानकर अनदखा िकया गया लिकन नपोिलयन का जनता को सगिठत करन क उय स कहा गया

वाय lsquoमानव जाित का िवकास कपना क आधार पर आ हrsquo सटीक माना गया

याद रह मानिसक छिव तयार करन म मतक क एक िहस का महव पर मतक स यादा हो सकता ह

यह भी सही ह िक मतक क इस िहस को अय महवपण िहस क साथ सबध थािपत करना चािहए

लिकन सवाल यह ह िक मतक क इन िहस और परज क पहचान कस क जाए कस पहचाना जाए िक

इनसान को खश रखन और मानवता क भलाई म िकस िहस को योग म लाया जाता ह इसक जानकारी क

िलए अयाय म आग क जानवाली चचा बत महवपण ह

1 कपना या ह

परभाषा पर यान न दकर हम यह समझत ह िक हर य म कपना-श िभ होती ह लिकन कपना

वातव म ह यामानिसक श क ारा िकसी िवचार को आकार दन क ितभा को कपना माना जाता

कपना स सबिधत िवचार वातिवक प स कित का िहसा होत ह या िफर मा कपना होती ह अथा

ऐसी कपना िजसक अतव का कोई माण ही उपलध नह ह इसक अलावा कपना इन दोन थितय का

िमण भी हो सकती ह यह वातिवक या आयामक भी हो सकती ह िवचार क मायम स उप कपना

यायसगत भी हो सकती ह और याय-िवरोधी भी

सबस पहल हम यह समझना होगा िक कपना िवचार क एक िया ह यह पण प स बौक योयता पर

आधारत नह होती इसिलए सवथम इस कछ इस कार समझना होगाmdash

1 कपना क पनपिसनन समझन चखन सघन जसी िया म एक सवदना का अनभव होता ह िजसक मायम स हम

परणाम तक पचत ह लिकन इस सवदना क पनपि िबना मायम क नह क जा सकती ह इसक िवपरीत

कापिनक थित क पनपि समान पता क साथ क जा सकती ह

इस न का अययन करनवाल वा क िलए सबस बड़ी उलझन यह ह िक या सभी लोग म कपना क

श समान होती ह यिद नह तो इसक या वजह ह किवता क सदश और भावना को समझन म अयोय

य किव नह बन सकता इसक िवपरीत कपना क अतय मता रखनवाल कई ऐस भी लोग ह जो इस

ितभा का महव ही नह समझत और इस यथ मानत ह इन लोग क िलए सलाह हmdashकपना क ाकितक

ितभा को जा करन क कोिशश कर इस कार ितभा स सबिधत कई गढ़ सवाल का हल िनकल सकता ह

कवल यह जानन क आवयकता ह िक कपना का परणाम िकतना िहतकारी और िवसनीय ह

िसस गटन न कहा ह lsquoासीसी लोग म कपना क असीम श ह बड़-बड़ समारोह क भयता और

िनपणता ासीसी लोग क कपना क सबस बड़ उदाहरण ह इसक अलावा कपना-श क िवशष भाव

का आकलन ास क असाधारण नीित और कटनीितय स िकया जा सकता ह इसी कड़ी म ास का तकनीक

िवकास भी एक महा उदाहरण हrsquo

िशण क िलए कपना क अित महवपण छह िसात का अययन करत ह और समझन क कोिशश

करत ह िक मतक म इनक उपि िकस कार होती ह

कपना-श का सबस आम िसात हmdash(अ) कपना क ारा छिव तयार करना परानी बात को आसानी स याद करनवाल ब क िवषय म

मनोवािनक का मानना ह िक ऐस ब घटना क मानिसक छिव बनान क योयता रखत ह अपन आस-

पास घटनवाली घटना क मानिसक छिव बनान का अयास किजए जािहर तौर पर आपक याददात बढ़

जाएगी इस अयास स चमकारी तौर पर घटना क कई वष बाद भी घटना स सबिधत सभी अहम पहल को

आसानी स याद िकया जा सकता ह

(आ) घटना स सबिधत वर आवाज आिद क कापिनक छिव तयार करना इस िविध स भी घटना को प

प स याद रखन म सहायता िमलती ह आख बद किजए और सबकछ भलकर पहािडय स टकराती हवा क

आवाज पर यान कित किजए रसी क मता स यादा वजन लटकान स धीर-धीर रसी टटन लगती ह

रसी टटन क आवाज को यान स सिनए घटना स सबिधत आवाज िनत तौर पर घटना क म को थािपत

करन म सहायता करती ह

(इ) गित स सबिधत याददात को आवाज क मायम स बनी छिव क िसात का िनकटतम ितयोगी माना

गया ह या कभी आप िकसी भयानक घटना आवाज या तज रतार क भय स रात म अचानक सोत ए उठ

ह या नदी म तज गित स बहती नाव म फस होन का अनभव बार-बार भयभीत करता ह या तज रतार स

चलती रलगाड़ी क अचानक क जान क घटना अकसर याद आ जाती ह यिद हा तो यह भी िनत ह िक

िकसी घटना स सबिधत असाधारण रतार भी यादगार क अहम वजह हो सकती ह

(ई) वाद भी यादगार क अहम वजह होती ह िबना चख नब क वाद क खटास का अनभव िकया जा

सकता ह िकसी दावत क मौक पर खाए गए वािद यजन का वाद कभी भी मह म पानी ला सकता ह इसी

कार िकसी बवाद और कड़वी दवा स जड़ी याददात जायका खराब करन का काम कर सकती ह

(उ) महक स सबिधत यादगार भी बत महवपण होती ह िकसी िवशष महक का अनभव य को बचन

कर सकता ह िकसी वािद यजन क जानी-पहचानी खशब जहा मह म पानी भर दती ह वह िकसी दगध

का अनभव य को उलटी करन तक को िववश कर सकता ह

(ऊ) पश क ारा भी यादात को ताजा िकया जा सकता ह पश का अनभव िजतना करीब स होता ह

उतनी ही तजी स याददात ताजा हो जाती ह या िकसी ब क कोमल हाथ क पश न आपक सतान क

बालपन क याद िदलात ए शरीर म झरझरी पदा करन का काम िकया ह या लोह क दरवाज को छन स कभी

करट लगा ह यिद हा तो वाभािवक तौर स लोह का दरवाजा दखत ही घटना ताजा हो जाएगी और आप सचत

हो जाएग

याद रखन योय ह िक इस कार क तमाम अनभव याददात का िहसा होत ह कई बार तो घटना का परा

म ब याद रह जाता ह या कभी जगल म घमत समय िकसी िशकारी क गोली कान क पास स सरर करती

ई िनकली ह यिद हा तो वह सरसराहट आप कभी नह भल सकत दरअसल असाधारण अनभव साधारण

अनभव क मकाबल यादा याद रहत ह

2 उपयोगी एव लाभकारी कपनाअब तक पश िकए गए सभी उदाहरण और योग क जरए कपना क पनपि को दरशाया गया ह

कपना क पनपि का अनभव आनददायक या िफर डरावना हो सकता ह जीवन म इन अनभव का बत

महव होता ह लिकन कपना क पनपि का महव वय तयार क गई उपयोगी कपना क मकाबल बत

कम होता ह

वय तयार क गई कपना अनठी होती ह ऐसी कपना म नयापन होता ह जो आम आदमी का मन मोह

लता ह अपन सपन क कपना को आकार दन क कोिशश किजए िनत प स परणाम बत आकषक

हग याद रह िक आयजनक खोज का आधार सपन ही होत ह राइट बधय का आसमान म उड़न का सपना

ही हवाई जहाज क िनमाण का आधार बना था

अतः सािहयकार लखक किव वा इयािद सपन क महव को भलीभाित समझत ह इनक िलए हर सपना

रणा का नया ोत होता ह एक महवपण तय पर यान दन क आवयकता हmdashकपना मानव मतक क

सबस बड़ी सपि होती ह सही उय स रत कपना जन-कयाण क नीितय को जम दती ह बायकाल

म ब का ताजा िदमाग कपना क मायम स ही िवचार करता ह अतः ब क िवचार क श को महव

दना आवयक होता ह ब म वातिवक और अवातिवक चीज का भद नह होता ब परी उड़नवाला

घोड़ा टॉिफय का शहर जस कई िवचार को सय मानत ह लिकन िशित एव अनभवी य आसानी स

वातिवकता और अवातिवकता क भद को समझ जात ह

ब क बाधा-रिहत िवचार का बहाव िबना ईधन स चलनवाल पानी क जहाज क कपना कर सकता ह

लिकन िशित य जहाज बनान क वचारक िया म सभी पहल पर यान दता ह और इस िया म

मौजद किठनाइय स हतोसािहत होकर कपना को ठड बत म डाल दता ह

शतरज का खल योा क रणनीित यािमतीय िसात यापारक योजनाए कारखान म िफजलखच

घटान का िवचार िकसी महा नाटक क िनदा आिथक बाधा स िनपटन क य उम किवता क रचना और

दशक को भािवत करन क योजना उिचत कपना क ारा ही परी क जा सकती ह फसल म कवल बीज

दखनवाला िकसान अ का उपादन नह कर सकता कवल कपना क पनपि क योयता स सत नह

होना चािहए वय क िवचार और कपना यादा महवपण होत ह lsquoया हrsquo क सोच क मकाबल lsquoया हो

सकता हrsquo क िवचारधारा यादा कारगर होती ह

2 भाषण क दौरान कपना का उपयोग

इस अयाय म कपना स सबिधत चचा स प हो गया ह िक िकस कार वा कपना-श क इतमाल

स दशक को भािवत कर सकता ह लिकन कछ िवशष परथितय म इस ितभा क उपयोग क जानकारी

कराना आवयक ह

1 भाषण क दौरान कपना का उपयोग(अ) भाषण तयार करत व दशक क उपथित क कपना किजए हालािक ऐसा करन म िनराशा हावी

हो सकती ह लिकन आमिवास क मायम स िनराशा पर काब पाया जा सकता ह भाषण तयार करत व

दशक क सया मच क भयता दशक क शिक तर वभाव भाषण क उपलय और बाक वा क

उपथित क जानकारी हो तो जािहर तौर पर भाषण को परथित क मतािबक ढाला जा सकता ह

(आ) भाषण क सभी िहस को तयार करत व भाषण क सपणता को सदा याद रख भाषण क िकसी भी

िहस म मामली सा भटकाव भाषण क भाव को न कर सकता ह इसक अलावा भाषण म तत िकए

जानवाल िवचार का म सही एव सटीक होना चािहए

(इ) भाषण क दौरान इतमाल क जानवाली भाषा-शली का चयन भी बत महवपण होता ह भाषा का

चयन दशक क मतािबक होना चािहए उदाहरण क तौर पर अित िशित दशक क सम इतमाल क

जानवाली भाषा का इतमाल छा क बीच नह िकया जा सकता

याद रह िक कपना-श स भाषण म िविवधता आती ह यिद भाषण म ताजा उदाहरण और सझाव क

कमी ह तो भाषण िबना फल क बगीच जसा नीरस हो जाएगा

ओ हनरी क कथा lsquoद हारिबजरrsquo म इतमाल िकए गए ताजपन और वाातय पर यान दीिजए

उदासहीन मौसम क बीच जब दहाती इलाक म वसत ऋत क आहट को महसस िकया जाता ह उस व

शहरी जीवन म हरयाली क कपना तक नह क जाती शहरी य उस व नात क मज पर अड और

डबल रोटी का वाद ल रहा होता ह चारदीवारी क बीच उस मौसम म बदलाव का अहसास तक नह होता

अखबार क प पलटत व कह िलखा िदखता ह िक वसत आन वाला ह लिकन अफसोस इसका अहसास

उस तब भी नह होता

बत तीण ानिया ही वसत ऋत क आहट महसस कर सकती ह साधारण य को इसका अहसास नह

होता इस समया क िनवारण क िलए एसोिसएट स न एक य तयार क ह

हसक म लाल गलवाल एक पी का कजन बिनगटन म िचनार क व का लहराना सायरस क मय

सड़क पर घास क उपज नीलकठ का चहचहाना बख और हस क बीच उजना सट लइस का सालाना

तफान जगली हस का सालाना आवागमन दवा िवता का मलरया क दवा क कमत को बढ़ान क

कोिशश करना िकसी ऊच व पर िबजली का िगरना मौज-मती क िलए बाहर स आए लोग का जमावड़ा

निदय म जमी बफ का चटकना और घास क मदान म बगनी फल क िखलन को वसत ऋत आन क आहट क

तौर पर जाना जान लगा ह शहरी लोग क िलए यह सकत वसत ऋत क आगमन क पहचान करवात ह जबिक

िकसान को इन सकत क जरत नह होती वह तो हवा म बदलाव स ही वसत क आगमन को भाप लत ह

मौसम म बदलाव क यह सभी बाहरी सकत ह असल सकत तो मन स महसस िकए जात ह टीफन क िलए

कोला और माइक क िलए मगी खान क इछा ही वसत का आगमन होती ह िकसी लखक न कहा ह िक आज

क दौर म शहरी लोग क िलए अखबार वसत ामीण लोग क जानकारी स पहल ही ल आत ह परान समय म

म क लालसा का भाव वसत क आगमन का सकत आ करता था

2 भाषण क दौरान कपना

भाषण क दौरान बोलन क धन सवार होन लग बोलन म वाभािवकता और सरलता महसस होन लग तो मान

लीिजए िक अब लोहा गरम ह ऐस मौक पर भावी िवचार बत आकषक हो जाता ह िदलचप ह िक ऐस

मौक पर कपना-श बढ़ जाती ह

ऐसी थित म यान रहmdash

(अ) परान भाव को याद कर तथा इसक अलावा कछ और न सोच कलाकार सवाद को दोहरात व परान

भाव को तत करन म सम होता ह इसी कार वा को भी इस कला म िनपण होना चािहए

(आ) िवचार स सबिधत य को वातिवक प म याद करना चािहए

(इ) य क बारीिकय को याद किजए और ततीकरण क दौरान वर क उतार-चढ़ाव का खयाल

किजए इस कार यायान क भाव म समानता बनी रहगी lsquoशराब स घर बरबाद होता हrsquo जस उदाहरण को

सामाय तौर पर पश मत किजए इस उदाहरण को भावशाली बनान क िलए शराब क कभाव पर रोशनी

डािलए जसmdashशराब स पस और सहत क बरबादी होती ह शराब क नश म य घर पर लड़ाई करता ह

गाली-गलौज करता ह और ब को िबना वजह मारता ह इसी कार य क रता क यायान क िलए

सिनक क कट हाथ-पर घायल सिनक का पानी क िलए कराहना सिनक क लाश पर िवधवा का िवलाप

और ब क असहाय हालत का िचण करना चािहए ऐस मौक पर सामाय बोलचाल क िविध भावशाली

नह होती घटना का भावामक िचण करन क आवयकता होती ह िचण कछ ऐसा होना चािहए िक दशक

आसानी स यायान क जरए खद िचण कर सक इस कार दशक सीध वा क भाव स जड़ जात ह

3 कपना क अयास क कला अिजत करना

उस अमरकन राजनता क बात जर याद होगी िजसन कहा था lsquoिकसी काय को पनः आरभ करन क िलए

उस पनः आरभ करन क ही आवयकता होती हrsquo इस िसात का योग प होता ह

इस अयाय क साधारण समीा स शआत किजए वय क कपना-श का आकलन किजए एक-

एक कर कई कार क कपना का अयास किजए इसक बाद घटना क वजह को कपना म शािमल

किजए कई कपनाए बत उलझी होती ह जसmdashकई आवाज का िमण लोग क यादा तादाद एक क

बाद एक तजी स घटनवाली घटनाए व हादस इयािद ऐसी थित म पता क ओर जान क कोिशश किजए

कपना क पनपि क अयास क बाद वय कपना का अयास किजए कपना क सभी पहल का

ताना-बाना बनन का अयास किजए सभी उलझन को दर करन क ितभा का िवकास किजए

इसी क साथ खद को आकड़ क भाषा बोलन म िनपण बनाइए िकसी घटना को अलग नजरए स समझन

और उसका सही आकलन करन का अयास किजए िनकष यह ह िक इसस पहल कपना य पर हावी हो

अयास क ारा य को कपना-श पर हावी हो जाना चािहए

27

शदकोश का िवकासपतग उड़ात व लड़क सफद पख क िचिडय को चनौती दत ह

लिकन शद क बौछार क दौरान ऐसा नह िकया जा सकता

lsquoआग स चौका रहना चािहएrsquomdashहम जानत ह यह अछी सलाह ह

lsquoशद को यान स चिनएrsquo यह दस गना यादा अछी सलाह ह

िवचार को कट न करन स सभवतः धीर-धीर उनका अत हो सकता ह

लिकन मह स िनकल शद का अत वय ईर भी नह कर सकता

mdashिवल कालटन द फट सटलस टोरी

lsquoशदकोशrsquo एक सामाय शद ह लिकन इसका िवशष महव होता ह रोजमरा क भाषा म शदकोश क

अिधकतर शद का उपयोग िकया जाता ह और इह शद क उपयोग स नए शदकोश का िवकास होता ह

उपयोग क आधार पर िवकिसत शद का िवशष महव होता ह य ऐस शद होत ह िजनका उपयोग अय

भाषा म भी िकया जाता ह और वहा भी इनका उपयोग िवशष महव को दरशान क िलए ही होता ह

इस कार दशक क सम भाषण तत करन क योयता रखनवाला य िकसी किव सािहयकार

लखक वािनक या दाशिनक स कम नह होता य लोग सामाय तौर पर शद क कोश को बढ़ात रहत ह य

लोग शद क ऐस समह का िवकास करत ह िजसस िकसी िवशष थित को समझन और समझान म सरलता

होती ह lsquoभावशाली वा पर िकए गए अययन स पता चला ह िक वा को श यापकता िवतार

रतार हरकत रग ऊजा इयािद का भाव दरशानवाल शद स यादा लगाव होता ह वा िविभ भावना

को दरशानवाल शद का भी योग पसद करत ह वा यायान करनवाल शद सा क साथ उपयोग म

आनवाल गणवाचक शद और उपय उपािध दरशानवाल शद का वतता स इतमाल करत हrsquo

नोस बनान क आदतशद क पणता समझन क िलए तीन बात का खयाल रखना चािहएmdashशद क िवशष और िवतत अथ को

समझना अय शद क साथ सबध को समझना और शद क उिचत उपयोग को समझना जब िकसी शद क

जान-पहचान उपयोग को िकसी अनजान भाव क साथ सना जाता ह तो उस कह िलख लना चािहए और उसक

िवशष उपयोग को गहराई स समझना चािहए उन वा स रणा लनी चािहए जो िनरतर शदकोश का

िवकास करत रहत ह और हर नए शद क ित िजासा रखत ह नए शद को जानन और समझन क िजासा

स शदकोश म िनरतर व होती ह िकसी भी नए शद का पाच बार योग किजए िनत तौर पर शद

आपका हो जाएगा ो ई हकॉक न कहा ह lsquoलखक का शदकोश दो कार का होता हmdashसिय और ग

ग शद व होत ह िजनका अथ लखक भलीभाित समझता ह जबिक सिय शद को लखक सरलता स

य करता ह हर कशल य को इतमाल म लाए जानवाल सभी आवयक शद क जानकारी होती ह

लिकन मौक पर इन शद को याद करना आसान नह होता ग शद को सिय तौर पर इतमाल करन क

कला अयास स आती हrsquo अथा सिय शदकोश को िवशष तौर पर तयार करन क आवयकता होती ह

lsquoकॉलज मगजीनrsquo क िलए िलख गए िनबध क एक अयाय lsquoयाददात और िचणrsquo म टीवसन न बखबी

दरशाया ह िक िकस कार शद क नकल का अयास खद क अदाज म तदील हो जाता ह उहन खद क

सािहयक अदाज िवकिसत होन का उदाहरण िदया ह टीवसन क अनसार शद अदाज िवकिसत करन क

िलए क माल का काम करत ह यह उदाहरण वा क िलए काफ उपयोगी िस हो सकता ह शद का

तलनामक भाव शद क अथ स यादा महव रखता ह

lsquoजब भी म िकसी पसदीदा िकताब या िकताब क ऐस अश को पढ़ता िजसक सदश का औिचय प होता

ह या पता का अभाव होता ह अथवा िफर िवशष अदाज होता ह तो म कछ दर क िलए बठ जाता और

उस अदाज को खद म उतारन का अयास करता म कई बार नाकाम रहा लिकन मन कोिशश कभी नह

छोड़ी म कोिशश क बावजद नाकाम रहा कई बार तो मझ नाकामी क अलावा कछ हािसल ही नह आ

लिकन नाकामी भी कछ-न-कछ जर िसखाती ह कछ ऐसा जो कामयाबी नह िसखा सकती

lsquoअतः मन हलट लब वसवथ सर थॉमस ाउन हॉोन और मॉटगनी क नकल उतारना सीखनवाल

वानर क तरह परम िकया ह

lsquoपसद आए या न आए लिकन सीखन का मल म तो यही ह चाह फायदा िमल या न िमल सीखन का

एकमा राता तो यही ह यही वह तरीका ह िजसस कस न सीखा और इसम कोई दो राय नह िक सािहय क

िलए कस स बहतर नजरया हो ही नह सकताrsquo

शदकोश सह का उपयोगिकसी शद क अथ क जानकारी क िलए कवल सामाय ान स सत नह होना चािहएmdashगहन अययन क

ारा शद क महव और इतमाल पर िनपणता हािसल करनी चािहए शआती दौर म भाषा का बहाव तछ

तीत हो सकता ह लिकन भाषा क शता को हमशा सराहा जाता ह शदकोश पतका म शद िवशष का

ान िछपा होता ह महा लखक शदकोश पतका क महव क उपा नह करत और न ही शद क

सवमाय परभाषा पर सवाल उठात ह

इसक अलावा पयायवाची और िवलोम शद स सबिधत पतक का सावधानी स अययन किजए भाषा म

शद क सटीक पयायवाची कई बार यादा भावशाली होत ह चोर चक गबनकता धोखबाज लटरा डाक

समी डाक जस शद म िछप भाव क बारीिकय पर यान दीिजए या िफर यदी िजऊ और इाइलवासी

शद क अतर को समझन क कोिशश किजए याद रह शदकोश पतका क िबना पयायवाची पतक का

कोई महव नह होता डॉ ािसस ए माच ारा िलिखत lsquoअजी भाषा का िथसोरसrsquo िवतत जर ह लिकन

इसम पणता और भव शािमल ह बाजार म पयायवाची और िवलोम शद स सबिधत पतक क भरमार ह

अतः यान रख िक सटीक एव मािणत लखक क पतक ही चनी जाए

भाषा को जोड़नवाल शद क जानकारी भी बत महवपण होती ह भाषण दत व और अथवा कब

जब तब अथा इयािद शद क गलत इतमाल स बहाव टट जाता ह

शद क उिचत इतमाल स भाव बढ़ता ह दिनया क सभी भाषा क शदकोश का िनरतर िवकास हो

रहा ह सभी भाषा म िवदशी शद समिलत िकए जात रह ह और यह िया आज भी जारी ह दरअसल

इसी कार भाषा का िवतार होता ह

महावर और कहावत स सबिधत पतक क अययन स ात होगा िक आज क भाषा-शली म िकस कार

सदश क अथ को अनथ म तदील कर िदया गया ह अथा भाषा स सबिधत सभी शिलय का गहन अययन

आवयक होता ह

शद क अथ क जानकारी रखनवाल स चचाभाषण-शली म आम तौर पर रोजमरा म इतमाल क जानवाली भाषा का इतमाल होता ह इस कार दशक

स सबध थािपत करना आसान हो जाता ह अतः वा को भाषा और शद क जानकारी रखनवाल

बजीिवय क सपक म रहना चािहए िकसी शद क महव पर िकया गया वाद-िववाद िनसदह सकारामक

परणाम पर खम होता ह ऐस वाद-िववाद स शद क बारीिकय क जानकारी िमलती ह शद क अथ को

गहराई स समझनवाल वा क यव म वजन वाभािवक तौर पर महसस होत लगता ह

सटीक शद खोजन म ईमानदारी बरतनी चािहएपतक क गहन अययन स पतक का महव तीन गना बढ़ जाता ह शदकोश को रोजाना िदए गए दस

िमनट चमकार कर सकत ह लॉबट न कहा ह lsquoम अपनी लखन-शली स िचड़िचड़ा होन लगा rsquo lsquoम ऐसा

य जो सगीत का आनद तो उठा सकता ह लिकन वॉयिलन पर सगीत पदा नह कर सकता म मतक म

धन सोच तो सकता लिकन वातव म बजा नह सकता दरअसल धन तयार करन का सामय मझम ह ही

नह इस कार बचार क आख स आस टपकन लग और हाथ स वॉयिलन नीच िगर गयाrsquo

ास क इसी िवा पष न यह भी कहा था lsquoय जो भी कहना चाहता ह या जो भी भाव य करना

चाहता ह उस य करन क िलए कोई-न-कोई शद जर होता ह िकसी एक िया स उसका िचण िकया

जा सकता ह कवल एक गणामक शद उस परभािषत कर सकता ह आवयक ह िक उस शद क खोज क

जाए ऐस शद क खोज तक शाित स नह बठना चािहएrsquo

वॉटर सवज लडोर न िलखा ह lsquoमझ गलत शद स नफरत ह शद का इतमाल बत सावधानी क साथ

करना चािहए गलत शद बोलन क मकाबल चप रहना यादा अछा होता हrsquo जस एस बरी न अपन

उपयास का शीषक उपयास क नायक lsquoटॉमीrsquo क नाम पर रखन का फसला िलया उहन िलखा िक उपयास

का नायक टॉमी लखक क जगह शर बन जाए तो कोई आय नह होगा

टॉमी न अपन एक िम क साथ lsquoिगरजाघर म एक िदनrsquo नामक शीषक पर िनबध िलखन क िलए कल

ितयोिगता म िहसा िलया वह िनबध क िवषय म लगातार बोलता रहा और िफर शद क अभाव क कारण

अचानक चप हो गया लगभग एक घट तक वह सटीक शद क खोज करता रहा तभी उस पता चला िक

िनबध िलखन का िनधारत समय खम हो गया ह और वह ितयोिगता हार चका ह बाक यायान बरी क

जबानी सिनएmdash

िनबध वह कोई िनबध ही नह था ऐसा लग रहा था िकसी पड़ क नाम पर कवल टहनी पश क गई हो

िनबध क दसर प पर सबकछ अचानक ठहर गया था हा ठहराव एकदम सही भाव ह टॉमी क पास िनबध को

आग बढ़ान का कोई राता नह था वह अचानक ठहर गया जस कह बरी तरह फस गया हो

शद क कमी क वजह स टॉमी को जनता का ितरकार सहना पड़ा कौन स शद अयापक न

िचड़िचड़ाहट क साथ टॉमी स सवाल पछ तम िकन शद क खोज म अटक गए थ लिकन वह िफर भी नह

बता सका वह िकसी ऐस शद क तलाश म था िजसस यह प हो जाए िक िगरजाघर म िकतन लोग मौजद

थ वह शद बार-बार उसक जबान पर आ रहा था लिकन सभी यास िवफल सािबत ए जन-समह उसक

जहन म चल रह शद क काफ करीब था लिकन िफर भी इस शद स उस अपन भाव कट करन म असिवधा

महसस हो रही थी वह घट तक आख झपकाता रहा सही शद क तलाश म घट सोचता रहा लिकन कवल

िनराशा हाथ लगी

सभी अयापक बत नाराज थ एक अयापक न िचात ए कहा lsquoअर बवकफ एक शद क िलए तमन

िनबध िलखना छोड़ िदया जन-समह क भाव को कट करन क िलए दजन शद ह तह इसक अलावा कोई

भी शद याद नह आया या तम जन-सलाब याrsquo

टॉमी न तरत जवाब िदया lsquoम जन सलाब शद क ही खोज कर रहा था कसम खाता यही वह शद हrsquo

अयापक न कहा lsquoलिकन जन सलाब का इतमाल िगरजाघर क िलए कस िकया जा सकता ह जन सलाब

का मतलब ह िक लोग शाित स नह बठ थ बक मखय क तरह इधर-उधर िभनिभना रह थrsquo

तभी अधीरता क साथ एक अयापक न कहा lsquoइस शद का अथ सटीक हो या न हो यिद कोई और शद

याद नह आ रहा था तो इसी का इतमाल िकया जा सकता था िनत तौर पर िनबध िलखत समय उसी शद

का इतमाल करना चािहए जो सबस पहल िदमाग म आएrsquo

टॉमी क ितयोगी मक न फट स कहा lsquoमन िबलकल ऐसा ही िकया थाrsquo

अयापक िम लॉग न कहा मक न lsquoभारी भीड़rsquo शद का इतमाल िलया जो अछा एव साथक शद हrsquo

टॉमी न िफर जवाब िदया lsquoमन भी lsquoभारी भीड़rsquo शद क बार म सोचा था लिकन इसस महसस होता ह िक

िगरजाघर म पर रखन तक क जगह नह थी म िकसी बीच क शद क तलाश कर रहा थाrsquo

एक और अयापक न कहा lsquoतो िफर कवल lsquoभीड़rsquo शद का इतमाल िकया जा सकता थाrsquo

टॉमी न जवाब िदया िक lsquoभीड़ स कछ कम लोग का आभास हो रहा हrsquo

lsquoमख तो िफर lsquoजन-समहrsquo शद म या खराबी थीrsquo

lsquoनह जन-समह भी पया शद नह हrsquo

lsquoम जन-समह और जन-सलाब क बीच क शद क खोज म थाrsquo

िम लॉग न िनराशा क साथ हाथ झटकन श कर िदए

वहा मौजद धानायापक जो काफ दर स टॉमी क ओर शसा क भाव स दख रह थ बीच म बात काटत

ए बोल lsquoतो इसम तो म का थान ही नह ह तम lsquoजन-सलाब जसी थितrsquo या िफर lsquoआम भीड़ स कछ

यादाrsquo शद समह का इतमाल कर सकत थrsquo

वहा पर मौजद बाक अयापक न समथन क साथ कहा lsquoहा य नह यह एकदम ठीक हrsquo

टॉमी न जवाब िदया lsquoलिकन मझ कवल एक शद क आवयकता थीrsquo

अयापक लॉग न कहा lsquoिकसी सही और सटीक शद का चयन करना आसान होता ह मझ इसम खास

मकल नजर नह आ रही हrsquo

टॉमी न कहा lsquoऐसा नह ह यह उतना ही मकल ह िजतना पथर स िगलहरी को मार िगरानाrsquo

धानायापक न टॉमी क इस तक का समथन िकया

इसक पा एक िविच घटना घटी घर जान स पहल (अयापक एक बार टॉमी को कान पकड़कर का

स बाहर िनकाल चका ह) टॉमी न धीर स दरवाजा खोलत ए का क भीतर झाका झाकत समय टॉमी क चहर

पर आय का भाव था और आख म आस झलक रह थ उसन उसाह क साथ िचात ए कहा lsquoमझ वह

शद िमल गया ह वह शद अचानक मर िदमाग म आया वह शद ह रला हा िगरजाघर म लोग का रला

लगा थाrsquo

टॉमी क बात सनकर धानायापक सता स िखल उठ उहन मन-ही-मन कहा lsquoयह छा लगातार

सोचता रहा और अत म सही शद तक पच ही गया यह छा िकसी िवा स कम नह हrsquo

28

मरण-श का िशणमतक क िविभ िहस म साटा रहता ह

हमार िवचार कई किडय स जड़ होत ह

एक िहस क जागित स हजार िवचार जम लत ह

िवचार आएग और उड़ जाएग यही िया चलती रहगी

जय हो याददात क जय हो यह कभी न खम होनवाला खजाना ह

वष बाद भी याददात बरकरार रहती ह परानी याद ताजा होती रहती ह

िवचार और िवचार क साथ जड़ा िचतन कभी भलाया नह जा सकता

याददात पर घटना स सबिधत थान और समय का सदा अिधकार रहता ह

mdashसयअल रोजस याददात का सख

ठाकर जस कई महा वा न भाषण क सबस महवपण िहस क रचना मच स घर लौटत व क ह

माक न न अकसर घटना क नजाकत का सही अथ घटना-थल स िनकल जान क बाद समझा ह मौक पर

सही आकलन न कर पान क योयता स कई वा परशान रह ह

लीवरपल म महा भाषण तत करनवाल वा हनरी वाड बीचर क सबस बड़ी योयता ही यह थी िक वह

कभी कछ नह भलत थ उनक याददात सदा ताजा रहती थी बीचर न कहा ह िक भाषण दत व िवषय स

जड़ी सभी घटनाए वाद-िववाद एव अपील याद रहती ह अतः भाषण दत व बीचर उदाहरण क झड़ी लगा

दत ह उनक मतक म उदाहरण ऐस पच जाता ह जस दव म क ारा िदय अ का आवाहन िकया

जाता ह बन जॉस अपन ारा िलख गए िकसी भी िवचार वाय िनबध इयािद को दोबारा ब िलखन क

योयता रखत थ किलजर न तीन हत म सपण lsquoइिलयडrsquo कठथ कर ली थी लॉस न कहा ह lsquoिबना

याददात क मनय एक ब क समान होता हrsquo अरत न याददात को बौक श का पमाना बताया ह

इसम कोई दो राय नह ह िक अछी याददात वा क िलए वरदान क समान होती ह लिकन या िवचार

अनभव पढ़ाई इयािद ारा हािसल क गई जानकारी को याद करन का अयास भी िकया जा सकता ह यिद

हा तो िकस कार जानन क कोिशश करत ह

बीस साल पहल एक अनाथ ब न ययॉक क एक होटल म बरतन माजन का काम श िकया इसी दौरान

पढ़न म उसक िच जा हो गई और उसन हनरी जॉज क लख lsquoतर और िनधनताrsquo का अययन िकया

इस कार ान क िलए उसक िजासा बढ़ गई वह पढ़न का आदी हो गया लिकन उस अहसास आ िक वह

पढ़ा आ भल जाता ह तो उसन वय ही अपनी याददात बरकरार रखन का अयास श कर िदया इस कार

वह बा दिनया का सबस महा याददात िवशष बना इस महा य का नाम व फिलस बरोल ह

बरोल दिनया क िकसी भी शहर म रहनवाल लोग को उनक पाच हजार मल िनवास-थान क बार म बतान क

योयता रखत थ उनको िकसी सभा म िमल चालीस लोग का नाम याद रहता था हरत क बात ह िक वह

िमलन का म भी याद रखत थ यानी कौन पहल िमला कौन सातव दसव पहव या िफर चालीसव म म

िमला उह इितहास क सभी महवपण तारीख याद थ खास ह िक वह िविभ तारीख का एक-दसर स सबध

भी थािपत कर सकत थ

याददात म म क िलए जगह नह होती याददात का सटीक होना अयत आवयक होता ह वा क िलए

याददात क भिमका अहम होती ह खास ह िक याददात को मजबत करन का अयास िकया जा सकता ह

या नह करना चािहएशद को र ारा याद करन का कोई लाभ नह होता इस कार शद का पहाड़ तयार होता रहता ह नए

शद याद रहत ह लिकन परान गायब हो जात ह अफसोस िक िवालय म भी इस िया का इतमाल िकया

जाता ह अतः िकसी चीज को याद रखन का यह िसात वाभािवक महसस होन लगता ह लिकन हककत म

इस िया स मतक को हािन पचती ह इसम कोई दो राय नह िक कछ य िवलण ब क साथ

जम लत ह ऐस लोग क याददात बत तज होती ह लिकन सभी इस िवशषता क साथ जम नह लत

िनराश होन क जरत नह ह यिक इस ितभा को अयास क ारा हािसल िकया जा सकता ह

शारीरक क और मानिसक उलझन क व भी याददात पर जोर डालना हािनकारक होता ह वथ शरीर

ही उम मानिसक िया को जम दता ह

अततः परपरागत परपाटी और िसात का गलाम नह बनना चािहए सामाय तय क जानकारी और

याददात काय को सही िदशा दन म उपयोगी िस होत ह याद रख िक िकसी तय को याद रखन क िलए दस

शद को याद रखना गलत िसात नह ह इस कार घटना क म को बखबी याद रखा जा सकता ह

याददात का ाकितक िसातिकसी जानकारी या तय को याद करत व मतक को परी तरह उसी िवषय पर कित करना चािहए

भटकाव स मरण-श कमजोर हो जाती ह खरीदारी पर िनकल लोग अकसर भल जात ह िक उनस या-या

लान को कहा गया था आम तौर पर पनय को अपन पितय स यह िशकायत होती ह इस लापरवाही क वजह

कमजोर याददात नह होती यिद सामान क सची को यान स सना जाए तो चक हो ही नह सकती यिद आप

भी इस समया क िशकार ह तो एक बार इस सझाव को अपनाकर जर दिखए एकाता और यान स सनन

का मतलब यह नह ह िक मतक क सभी शय को कित िकया जाए िवचार म भटकाव स याददात पर

नकारामक असर पड़ता ह िकसी चीज को याद रखन क िलए कवल उस पर यान दन क जरत होती ह याद

रख िक जरत स यादा यान दना भी याददात क िलए हािनकारक होता ह

आम तौर पर य उह िवषय पर यान दता ह िजनम उसक िच होती ह बाक बात को नजरअदाज

कर िदया जाता ह आम तौर पर लोग सब क बीज क वप और आकार पर यान दत ह गाधीजी क

पयितिथ भी यादातर लोग को याद ह लिकन िफर भी ऐस लोग क कमी नह ह िजह दोन म स कछ भी

याद नह ह पड़ क टहनी पर लगी खरच समय क साथ भर जाती ह और उसी थान पर नई शाखा भी िनकल

आती ह लिकन गिटसबग क पड़ पर आज भी पचास साल पहल क िनशान साफ िदखाई दत ह लापरवाही क

साथ सनी गई बात कभी याद नह रहती ऐसी जानकारी जद िमट जाती ह िदमाग म इसका कोई स जीिवत

नह रहता कवल गहराई स सनी गई जानकारी को ही इछानसार याद िकया जा सकता ह हनरी वाड बीचर न

कहा ह lsquoसपन म िबताए गए वष क मकाबल जीवन का एक भावक ण यादा प तौर पर याद रहता हrsquo

यान स सिनए जानकारी जर याद रहगी

लिकन सवाल ह िक यान को िकस कार कित िकया जाए िकसी योा क यकला को िकस कार

िनखारा जाता ह एक कारगर तरीका यह ह िक सिनक क बदक और गोली-बारी क तादाद को बढ़ा िदया

जाए इसी कार िकसी जानकारी को याद रखन क िलए यान यादा कित करना चािहए जानकारी पर बार-

बार िवचार करना चािहए लापरवाही स पढ़न क आदत याददात को नकसान पचाती ह िवषय म िच न होन

क बावजद यान स पढ़न क कोिशश करनी चािहए इस अयास स याददात मजबत होती ह

माहौल स भी यान कित करन म सहायता या असहायता िमलती ह यादा शोर-शराब म यान कित करना

मकल होता ह अतः भीड़ म खद को अकला समझन का अयास किजए यकन मािनए यह ममिकन ह

िकसी िवषय को सनत या पढ़त व िदमाग म चल रही बाक सभी उलझन को दर करन का अयास किजए

अगला महवपण सझाव यह ह िक िवषय स सबिधत महवपण तय पर यान दीिजए और उह याद रखन

क कोिशश किजए सभी तय को सही म स यवथत किजए सभी महवपण तय पर पता क साथ

िवचार किजए एक क बाद एक तय पर यान दीिजए िवषय स सबिधत महवपण तय को मानसार याद

रखन का अथ ह िक आप इस कला म िनपण होन लग ह

याददात क िया म तय का एक-दसर क साथ सबध थािपत करना बत महवपण होता ह याददात

बढ़ान क अयास म यह िसात सवपर ह

कछ वा कवल भाषण क मय िबद को याद करत ह और भाषण क दौरान मय िबद को शद स

भर दत ह कछ वा मय िबद स सबिधत िवचार क म को याद करत ह इसक अलावा कछ वा

िवचार क म को याद रखन क िलए मच क आस-पास मौजद चीज क साथ म का सबध थािपत कर लत

ह सभव ह िक भाषण क दौरान िवचार का म िबगड़ जाए मानकर चिलए िक म म तीसरा िवचार नाकामी

स सबिधत था ऐस म मच क िकसी दीवार पर बद घड़ी स नाकामी का पहल ही सबध थािपत कर चका वा

इस मय िबद को याद कर सकता ह इस कार सबध थािपत करन क कला बत महवपण होती ह हाल ही

म छह कार क कपना-श िच आवाज गित वाद खशब और पश क महव पर भाषण दनवाल वा

न इस म को याद रखन क िलए एक िविच शद तयार िकया lsquoचआगखशपशrsquo कागज क एक परज पर

िलख इस शद क मायम स वा को म याद करन म बत सहायता िमली

इसी कार ब को पिलग याद करान का अयास कराया जाता ह भाषा का ान न रखनवाला कार ाइवर

श क कछ शद को याद कर लता ह और अदाजा लगान म मािहर हो जाता ह उदाहरण क तौर पर रानी स

रानी लमीबाई रोड गाधी स गाधी मारक रोड महामा स महामा गाधी रोड िकसी महवपण गोल चर स

कटनवाल पाच एक जस रात को याद रखन क िलए कछ इस तरह का सबध थािपत िकया जाता हmdashअ स

अशोक रोड अक स अकबर रोड ज स जनपथ क स कतरबा गाधी और इ स इिडया गट इसी कार

िनशािनय को याद रखकर भी रात का पता लगाया जा सकता ह दरअसल मनोवािनक िया बत सरल

होती हmdashय सकत िनशािनय अर आिद स सबध थािपत कर लत ह अथा सबध थािपत करन क

इस ितभा का लाभ उठाना चािहए

जानकारी को बार-बार दोहरान स भी याददात मजबत होती ह वर पकार एव राजनीित थरलो वीस

रोजमरा क मलाकात म िमलनवाल लोग क नाम भल जाया करत थ इस कमजोरी स उबरन क िलए उहन

मलाकात क दौरान लोग क नाम यान स सनना श िकया यही नह उहन अपनी पनी क साथ िमलनवाल

लोग क नाम पर चचा करन क आदत डाल ली इसम शक नह िक माननीय वीस क साथ नाम भलन क

समया बत गभीर हद तक पच गई थी लिकन इस अयास क ारा उहन इस मकल पर काब पा िलया

िकसी अयाय िवचार आिद को पढ़न क बाद पतक बद कर दनी चािहए और गौर स पाठ को जोर-जोर स

दोहराना चािहए ऐसा करन स याददात मजबत होती ह

याददात मजबत करन क िलए एकाता और जोर-जोर स पढ़न क तरीक को कई महा लोग न बत कारगर

बताया ह

जो आप याद करना चाहत ह उस िलखन क कोिशश कर इस कार पढ़ा आ याद करना आसान हो जाता

ह यिद आप िलखन क बाद भाषण को जोर-जोर स पढ़ग तो उस यान स सनग और उस पर गौर फरमाएग तो

भाषण कठथ हो जाएगा इस िया क दौरान आवाज िलखावट और िचण क जरए याददात बनाए रखन

म सहायता िमलती ह

कछ लोग आवाज को सटीक तौर पर पहचानन म िनपण होत ह य लोग दखी गई चीज क मकाबल सनी गई

आवाज क मायम स घटना को याद करन म द होत ह यिद आप सबह टहलन क िकसी िवशष िदन को याद

करत ह तो आपको आस-पास क य याद आत ह या आवाज जानन क कोिशश किजए िक आपक

याददात म आवाज का यादा महव ह या य का इन दोन म स जो यादा महवपण तीत हो उसको

िनखारन का अयास किजए िकसी िवचार को िदमाग म बठान क िलए सभी सभव िविधय का इतमाल

किजए

रोजमरा क आदत भी याददात को मजबत करन म सहायक होती ह मराथन म िहसा लनवाल धावक स

सीिखए िनरतर यायाम चाह थोड़ ही समय क िलए य न िकया जाए धावक क श को बरकरार रखता

ह इसी कार िनरतर अयास स याददात म भी बढ़ोतरी क जा सकती ह राह म गजरनवाल लोग क

वशभषा अदाज और श का िवतार स यायान करन का अयास किजए अपन कमर क बारीिकय पर

यान दीिजए िफर आख मदकर कमर क हर बारीक का यायान किजए िकसी ाकितक य को यान स

दिखए और िफर िवतार स लख िलिखए यान दीिजए िक यायान या लख म आप या भल और या याद

रहा िखड़क स सड़क क ओर झािकए िफर उस य को याद किजए यान दीिजए िक आप या भल

गए िनरतर यास स याददात यायान और लख का तर बढ़ता ह ऐसा अयास य को िनपणता क

ओर ल जाता ह

सािहयक रचना क सदर यायान को बार-बार याद किजए इस कार न कवल याददात बढ़गी बक

सािहय म िछप सदर शद और महावर का भी ान बढ़गा यह अयास िनयिमत प स करना चािहए अयास

क माा कम या यादा होन स कोई फक नह पड़ता महव कवल िनरतर अयास का होता ह

अततः अपन अदर िछप भय को बाहर िनकालकर फक दीिजए वय स किहए िक आप याद कर सकत ह

और आप म याद रखन क सभी गण मौजद ह वय क िवास को मजबत किजए और िनपणता क कपना

किजए यिद आप म भलन का भय हावी ह तो कछ भी याद रखना सभव नह ह भय को जड़ स उखाड़ना

आवयक होता ह शआत म िनराशा िमल सकती ह लिकन यकन मािनए िक िनरतर यास स हर समया स

उबरा जा सकता ह

भाषण याद करनाअब तक िदए गए सभी सझाव को आजमाकर दखत ह पहल इस अयाय का दोबारा अययन किजए

यान दीिजए िक याददात मजबत करन म िकन नौ िविधय का इतमाल िकया जाता ह

उन मय िबद का अययन किजए और जानन क कोिशश किजए िक याददात बढ़ान म यह सझाव

िकतन कारगर ह इन सझाव को अपन िदमाग म पता क साथ थान दीिजए अब िकसी िवचार को याद

किजए इसक बाद उस िवचार क मय िबद को याद किजए िवचार म छप सदश क म को याद

किजए िफर सबकछ एक साथ याद करन क कोिशश किजए

ईमानदारी क साथ इस िया को परा करन क बाद याद िकए गए िवचार को दोहरान क कोिशश किजए

यान दीिजए िक पहल क मकाबल याद करना आसान आ या नह इस अयास को िनरतर दोहरात रिहए कछ

समय बाद िवास खद-ब-खद बढ़ जाएगा कवल एक छोटी सी शआत मनचाही मिजल तक पचा सकती

समया स कस उबरईमानदारी क साथ क गई महनत क बावजद यिद परणाम न िमल तो या िकया जाए यह थित बत

दःखद होती ह लिकन इसका सामना करना चािहए िनसदह ऐसी थित म य िनराश होकर हार मान लता

ह लिकन ऐसी िनराशा को नकार दना चािहए नए िसर स शआत करनी चािहए सी महनत ही सफलता क

कजी होती ह

मच क आस-पास टहलन स वय को भाषण क िलए तयार करना आसान हो जाता ह िवचार का म

थािपत होता ह और िकसी बड़ी चक क सभावना कम हो जाती ह सबस सटीक और भावशाली तरीका यह ह

िक वाय क अितम शद क साथ अगल वाय क शआत क जाए इस कार भाषण क दौरान भाषा का

बहाव और िवचार का म बरकरार रहता ह यिद इस तरीक का सहजता स इतमाल िकया जाए तो भाषण म

कछ नएपन क सभावना भी बढ़ जाती ह इस कार मच पर होनवाला भटकाव िवचार क कड़ी को तोड़न का

काम नह करता आिखरी शद क सहार वा िवचार क भाव को याद कर लता ह

दखत ह िक इस िविध स या फायदा होता ह मच पर सोच गए शद हालािक बत प नह होत लिकन

अटकन स बहतर ह िक भाषण को जारी रखा जाए भाषण क पणता बोलन क दौरान होनवाल उतार-चढ़ाव स

यादा महवपण होती ह

यिद आप कह िक lsquoजॉन ऑफ आक न वतता क िलए सघष िकयाrsquo तो वाभािवक तौर पर इस कथन का

यायान कछ इस कार िकया जा सकता हmdash

lsquoवतता एक ऐसा सौभाय ह िजसक िलए मानव जाित सदा सघष करती आई ह सघष क उदाहरण स

इितहास क प भर ए ह इितहास मजदर गलाम और कमजोर क सघष का गवाह ह मयकालीन यग म

वही शशाली माना जाता था िजसक पास सना होती थी हिथयार होत थ और िकला होता था लिकन बदक

क खोज क बाद मजबत िकल क दीवार तीर तलवार भाल आिद का कोई महव नह रहा वतता क

सघष म बाद का महव सवपर रहा ह बाद क खोज न नए यग का िनमाण िकयाrsquo

इस कार वाभािवक तौर पर एक िवचार को दसर िवचार स जोड़कर िवचार म सबध थािपत िकया जा

सकता ह िवचार को कछ इस तरह और आग बढ़ाया जा सकता हmdash

lsquoबाद और बदक क खोज स जहा एक ओर कमजोर और बगनाह मजदर गलाम और ाितकारय क

हया क गई वह कई िनरकश राजा क िकल भी वत िकए गए वतता क सघष म गोली-बाद क दम

पर कई र शासक का तता पलटा गया तथा मानव जाित क िलए नए यग का िनमाण िकया गयाrsquo

इस कार क अयास स भाषण क दौरान म िवचार इयािद भलन क थित म बौखलाहट स बचा जा

सकता ह साधारण एव भावशाली यायान क जरए भाषण को खचा जा सकता ह इस बीच छटी ई कड़ी

को दोबारा पकड़ा जा सकता ह इसिलए सलाह ह िक भाषण स सबिधत पभिम क जानकारी को आवयक

महव दना चािहए

29

सही सोच एव यवलोग क अतव को रदन का काय तानाशाही कहलाता ह इस रता को कई और नाम स भी जाना जाता ह

mdashजॉन टअट िमल वतता सामसही सोच स ाकितक सदय एव कलामक वत को सरहान क योयता िवकिसत होती ह इस कार सही सोचन क मता और सही करन का

िवास िवकिसत होता ह िवचार स रत जीवन जीन क रणा िमलती ह यही नह िवास उमीद और म भी िवकिसत होता ह

mdashएन सी शफर िवचार करना एव िवचार करन का अयास करना

वा क सबस महवपण सपि उसका यव होता ह यव ही वा क सफलता क पजी होती ह

यव ही वा को आम लोग स अलग बनाता ह सफलता क िशखर तक पचन म यव क भिमका

सबस महवपण होती ह यगत जीवन और अदाज फायद और नकसान दःख और सख क िबना मानव

जीवन पश समान हो जाता ह जॉन टअट िमल न कहा ह lsquoकोई बमान य नह चाहता िक उस मख

कहा जाए कोई भी िशित य खद को अानी नह मानता भावना को समझनवाला य वाथ नह

हो सकता चाह उह बार-बार मख सािबत करन क कोिशश य न क जाए धत य भी खद क

कािबिलयत स सत होता हपश समान सति स बहतर ह िक य असत रह िकसी मख क सति स

बहतर ह िक सकरात असत रह सवाल और समया को एक नजरए स समझन क कारण पश और मख क

मायताए समान होती ह लिकन ानी और िशित लोग न और समया क सभी पहल पर िवचार करत ह

इसिलए उनका िनणय अिधक महवपण होता हrsquo

यह कहना सटीक होगा िक सकरात जस लोग सही सोच क साथ योजना तयार करत ह ऐस लोग क

योजना म जन-कयाण का सदश छपा होता ह य क हर खशी हर दःख हर उपलध हर असफलता

य का आकषण कमजोरीmdashसबकछ यगत सोच का ही परणाम ह िवचार और ान क समण स

सही सोच क उपि होती हmdashlsquoयिद य दय स सोच रहा ह तो िनसदह सही सोच रहा हrsquo दय स न

सोचनवाला य दरअसल इनसान ही नह होता

हर य अपन यव म िछपी अय शय को िनखारन क योयता रखता ह परानी मायता ह िक

सफलता और असफलता भाय स ा होती ह लिकन इनसान न ाकितक िसात और शय क

जानकारी हािसल कर ली ह इनक आधार पर भिवय म होनवाली घटना का आकलन िकया जा सकता ह

साल पहल पता लगाया जा सकता ह िक भिवय म या होगा छोटी-छोटी जानकारय क आधार पर सयहण

क ितिथ तय क जा सकती ह हम भौितक जीवन म कारण और उसक भाव को भलीभाित समझत ह हम

टमाटर का पौधा लगाकर ॉबरी क फसल क कामना नह करत यह सावभौिमक िसात ह इसका योग

मानिसक श नितकता यव जस गण ारा िकया जाता ह साधारण िनयम ह िक lsquoय जो बोता ह

वही काटता हrsquo

वा का चर भाषण श का महवपण अग होता ह कटो न कहा ह िक lsquoअछ चर का य ही

अछा वा हो सकता हrsquo िफिलस क न कहा ह lsquoसही सोच और गभीर िवचारवाल य क िवचार का

िवरोध करन का साहस कोई नह करताrsquo एमरसन न कहा ह lsquoचर ाकितक श होती ह काश और ऊमा

क समान और कित का हर कण ऐस लोग क सहायता म जटा रहता ह कई लोग क उपथित पर सदा यान

िदया जाता ह जबिक कई लोग क उपथित पर यान ही नह जाता ऐसा य होता ह दरअसल यही

यव क महानता का भद ह सय यव क महानता का िशखर होता हmdashयाय क ारा इसको योग

म लाया जाता ह हर यव म सय क शता का पमाना िभ होता ह श चरवाल य म सयता

का भाव अय लोग क चर म उसी तरह थान ा करता ह जस िकसी बड़ पा म भर पानी स छोट पा

को भरा जाता ह चर ाकितक शय क म म सवपर होता हrsquo

अश पाशिवक और वाथ िवचार स ह व परोपकार स परपण आदत का िवकास नह हो सकता

काटदार पौध क बीज स काटदार व ही उगता ह कमजोर चर क य का परोपकारी भावनामक और

सवा-भाव स रत िवचार स वाता नह होता भावना स रत िवचार ही कयाणकारी हो सकत ह िकसी

काय को िनरतर करन स आदत बनती ह आदत स चर का िनमाण होता ह और चर स भाय तय होता ह

अथा भाय क उिचत िनमाण क िलए श िवचार और चर क भिमका अहम होती ह याय िकतना भी

पराना य न हो उसक महा ीण नह होती

lsquoचर कित क सबस अहम उपलध होती हrsquo इसीिलए चर क िवकास क िलए ाकितक िनयम का

पालन करना चािहए बगीच म खर-पतवार और काटदार पौध वय ही उग आत ह लिकन सयोिजत तौर पर

उगाए गए फल क पौध बगीच को मनमोहक एव खशबदार बना दत ह

िविवालय म दािखला लनवाल अिधकतर छा को पता होता ह िक उह िकस िवषय म िशा ा करनी

ह और भिवय म िकस मकाम तक पचना ह य खद चन गए रात पर लगातार आग बढ़ता रहता ह वह

अिचकर िवषय स य का यान धीर-धीर हटता रहता ह आम तौर पर लोग अिचकर रात पर कदम ही

नह रखत ह मन क काय को करन म य को िवशष सख और सति ा होती ह हमार िवचार क

रलगाड़ी लगातार मिजल क ओर बढ़ती रहती ह उर िदशा क ओर लहरानवाल झड को दखकर साफ हो

जाता ह िक हवा दिण क ओर स आ रही ह घास क मदान म दिण िदशा म बहत सख ितनक को दखकर

पता लग जाता ह िक हवा उर क ओर स बह रही ह अथा िकसी य क वि को समझकर उसक चर

क िवषय म जानकारी हािसल क जा सकती ह

इन सझाव क मायम स नितकता का पाठ पढ़ान क कोिशश िबलकल नह क जा रही ह यह इसस कह

यादा गहरी कोिशश ह इस य क कापिनक श को बढ़ावा दन का रणा ोत कहा जा सकता ह

भावना को सभालन क कला कहा जा सकता ह मानिसक श का उम सचालन कहा जा सकता ह या

िफर मयतः इस इछा-श क मायम स मिजल तक पचन का सकप कहा जा सकता ह

आम धारणा क मतािबक िदल िदमाग और अतरामा को सही लगनवाल िवचार ही उम होत ह लिकन यह

सय नह ह इछा-श क िव िवचार को सही नह कहा जा सकता उदाहरण क तौर पर िदल िदमाग

और अतरामा क मतािबक सही लिकन इछा-श क िव िवचार क िखलाफ सत कदम उठाकर दिखए

शआत म गलती का अहसास जर होगा लिकन धीर-धीर मालम होन लगगा िक िनणय उिचत था इस कार

आप खद क यव को िदशा दन म कामयाब हो सकग

वा क कामयाबी और नाकामी मयतः िवचार और वि पर आधारत होती ह इस पतक क लखक न

भाषण क कला सीखन क िलए एक िशण सथान म दािखला िलया था बाक छा क मकाबल लखक

बत ही खराब वा सािबत आmdashलखक क सीखन क मता भी बत कमजोर थी िशक लखक क

अयोयता स परशान थ और अकसर कमी िनकालत थ यही नह लखक को बार-बार डाट भी पड़ती थी

लिकन लखक न हताश न होन का ण िलया और सीखन क तमाम कोिशश जारी रख एक बार दःख भरी

आवाज और ईमानदारी क साथ लखक न कहा lsquoम हताशा हावी नह होन दगा म िकसी भी थित म बोलन क

कला सीखना चाहता rsquo लखक क इस बयान म सवदना मानवता और इछा का श भाव था अततः लखक

न िहमत नह हारी और आज डल कारनगी िव-िस वा म स एक ह

ऐसी वि और ढ़ िनयवाल यव को दिनया क कोई ताकत कामयाब होन स नह रोक सकती

lsquoइछा स लय क ा होती ह सी लगन हो तो वय ईर भी िमल जात ह खटखटान स ही दरवाजा

खलता हrsquo भाषण क कला सीखनवाल य पर भी यही िनयम लाग होत ह उसाहहीन तरीक स िकए गए

काय का परणाम उमीद क मतािबक नह होता लिकन सी लगन और महनत स िकसी भी लय क ा क

जा सकती ह लय-ा म दरी जर हो सकती ह लिकन सफलता को कोई नह रोक सकता

अपनी कािबिलयत पर िवास और अपनी सोच क िलए बिलदान का भाव कामयाबी क सभावना को दो गना

कर दता ह िलकन न खद म एक महा वा बनन क सभावना पहचानी थी िलकन न इस सपन को साकार

करन क िलए कड़ी महनत क मील को सफर तय कर पतक खरीद रात म अलाव जलाकर अययन िकया

सपन साकार करन क िलए कई बिलदान िदए िलिवगटन म अक जनता क थित म सधार लान का मजबत

जबा था इस िवास को पण करन क िलए उसन अपना सारा जीवन दाव पर लगा िदया इलड म आराम क

िजदगी का याग िकया और अिवकिसत अक इलाक म रहना श िकया अक गलाम क यापार क

िखलाफ आवाज बलद क और कामयाबी हािसल क जॉन ऑफ आक म िवास का असीम भडार था

इसीिलए उहन मता स अिधक बिलदान िदए और महानता क िमसाल बन

इन सभी लोग न वय क ढ़ इछा स रत सपन को साकार िकया यह िसात दिनया क सभी लोग पर

लाग होता ह यिद इछा ढ़ ह तो सफलता अवय िमलगी बिलदान स ही लय क ा होती ह

टन डिवस िकरखम न अपन िवचार को बत खबसरती स तत करत ए कहा ह lsquoआप िवचार को

सगहीत करत रह हग लिकन अब लब समय स िवचार क रात क कावट को लाघन क बाद आप खद को

दशक क सामन पात ह आपक जब म कलम ह और उगिलया याही स रगी ह और आप रणा ोत स उप

िवचार क बौछार करत ह चाह आप भड़ चरात ह या शहर क सड़क पर आवारा घमत ह या िफर तज

आवाज म दहाती गीत गात ह एक-न-एक िदन आपका उताद आपको िशा स वत कर ही दता ह उताद

को िवास हो जाता ह िक छा न िशा पण कर ली ह यानी अब आप खद िनपण हो चक होत हो हाल ही म

िकसन भड़ को चरात व महा िवचार को जम िदया इमीनान स बिठए खाली मदान और भस पर यान

दीिजए दिनया क नई तसवीर नजर आएगी

30

भोज क उपरात एव अय मौक पर बोलनाबतका नजरया िववकपण एव महा काय क कजी होता ह

mdashरॉफ वाड एमरसन िनबधउस िवत रहन दो िक अय लोग बोलन का मौका छोड़ दग

mdashािसस बकन नागरक एव नितक म पर चचा

सभवतः सबस शानदार एव सबस यादा मनोरजक भाषण रािभोज या कछ ऐस ही अवसर पर तत िकए गए

ह िकसी अवसर स सबिधत भाषण तयार करन क िलए सवथम उपलय को समझना चािहए सभा क मय

उय का पता लगाना चािहए दशक क िलए अवसर क महा को समझना चािहए दशक क सया का

बोध होना चािहए सभा म उपथत होनवाल लोग क जानकारी होनी चािहए मच क भयता का पता होना

चािहए वा क िलए भाषण का िवषय तय करनवाल लोग क जानकारी होनी चािहए भाषण म िहसा

लनवाल अय वा क िवषय क जानकारी होनी चािहए अय वा िकस म पर बोलग इसका पता

लगाना चािहए वा क भाषण क अतराल का बोध होना चािहए पता होना चािहए िक िकसक बाद िकस वा

को बोलन का मौका िदया जाएगा

भावशाली परणाम हािसल करन क िलए िकन न का महव समझन क आवयकता होती ह अवसर क

मतािबक बोल जानवाला भाषण बत भावशाली बनाया जा सकता ह कई ितित यय क िता

कवल इसिलए न ई यिक उहन अवसर क महव को नजरअदाज िकया या अपनी कािबिलयत पर जरत

स यादा आमिवास रखा अवसर और उपलय स भटका आ भाषण दशक को भािवत नह कर सकता

िकसी अवसर पर बोलन क िया म अनकलता का िवशष महव होता ह माक न न स 1877 म टनसी

क सना क िलए आयोिजत पनिमलन समारोह क दौरान जाम हाथ म लकर lsquoब क सफलताrsquo क िलए िगलास

बाक लोग क जाम क साथ टकराए रािभोज क बाद िदए गए इस भाषण म दो चीज बत महवपण थmdash

शानदार तावना िजसन आसानी स दशक का यान आकिषत िकया और भाषण क दौरान सना स सबिधत

शदावली का हायपण उपयोगmdash

lsquoमाननीय अय भ सभाजनो एव बो lsquoबोrsquo शद न िवशष तौर पर यान आकिषत िकया हम नारी क

प म जम लन का सौभाय ा नह आ ह हम किव लखक राजनता और यापारी भी नह ह लिकन जब

ब क नाम पर जाम टकराए जात ह तो हमार भद खम हो जात ह यिक हम सब एक समय म ब ही थ

शम क बात ह िक हजार साल स ब को नजरअदाज िकया जा रहा ह जस इनका कोई महव ही न हो यिद

आप सभी महानभाव इस म पर िवचार कर पचास या असी साल पीछ झाककर अपन बचपन को याद कर

शादी क शआती साल को याद कर अपनी पहली सतान क जम को याद कर तो आपको अहसास होगा िक

बचपन िकस कहत ह और ब का या महव होना चािहए

lsquoजस जहाज को उसक आवाज स पहचाना जाता ह ऐसा डमॉथस न कहा ह उसी कार य क

पहचान उसक भाषा स होती ह चाह वह ान स भरी हो या िफर मखतापण होrsquo िनत तौर पर अवसर क

मतािबक भाषण तत करन क कला वा क ितभा क परीा होती ह कछ बपरवाह लोग रािभोज क बाद

भी मौज-मती म लग रहत ह और अनजान म िववादापद म को छोड़ दत ह था क अनसार भोज क दौरान

कर िती भी आपस म बहस नह करत भोज क बाद िकसी कड़वाहट भर न स खान का वाद भी

कड़वा हो जाता ह रािभोज क बाद बोलन का अवसर हायापद िवचार को तत करन का मौका दान

करता ह िवशष प स कोई रोचक कहानी सनान का मौका याद रह ऐसा अवसर भी िवषय को आग बढ़ान

का मौका दान करता ह

िकसी घटना या य क समान म आयोिजत कायम उाटन दीात समारोह लोकापण शसा

समारोह और महिफल क अय िवशष अवसर िनपणता दरशान क मौक दान करत ह ितित और साधारण

तौर पर बोलन ऊची उड़ान उड़न या दशक क साथ कध-स-कधा िमलाकर बोलन भड़कन या िफर शाित क

साथ पश आन उपदश दन या िफर मधरता स बोलन जस यवहार का चयन वा वय करता ह चयन क इस

िया म भाषण का अवसर महवपण होता ह सि भाषण िलखनवाल वा का भगवा भला कर ऐस

वा को बार-बार भाषण क िलए बलाया जाए

31

बातचीत को भािवत बनानाबातचीत क दौरान अिधक आमिवासपण यवहार एव जरत स यादा सकोच स बचना चािहए

mdashकाटोछा क िलए बातचीत योगशाला एव कायशाला क समान होती ह

mdashएमरसन िनबधmdashसकस

डय ई लडटोन क िपता बातचीत को कला एव उपलध क समान मानत थ रािभोज क दौरान उनक

घर म घरल राीय-अतरराीय या िफर वाद-िववाद क न पर चचा करन क था थी इस तरह घर क

सदय म अछा और भावशाली बोलन क सकारामक होड़ श हो गई सड़क पर होनवाली आम घटना

को गौर स समझा जान लगा िकताब म मौजद िवचार क पता को समझन क कोिशश क जान लगी िनजी

अनभव पर चचा होन लगी इस कार साल चचा क माहौल म पल-बढ़ लडटोन महा वा क तौर पर

िस ए

मच पर पश िकए गए भाषण और समाचार-प क मकाबल बातचीत स सीखना यादा लाभदायक सािबत

होता ह सकरात न जीवन क महा सय को सभा क सबोधन क जरए नह बक िनजी बातचीत क जरए

समझाया लोग गोएथ क पतकशाला और कॉलरज क घर उनक ारा तत िकए गए िवचार को समझन

जात ह ऐस िवचार क चार-सार स कई दश क सकित िनरतर आग बढ़ती रही ह

दिनया क सबस शानदार भाषण बातचीत क अदाज म पश िकए गए ह कटनीित क समलन यापारय क

वाद-िववाद सामिहक नीितय पर िवचार क अलावा राजनीित कारोबार और समाज को भािवत करनवाल

िवचार का जम साधारण बातचीत क जरए ही आ ह ऐस मौक पर जो य अपन िवचार क ारा नीित

क दोन प lsquoलाभ हािनrsquo को तत करन म कामयाब होता ह उसका नाम सदा याद रखा जाता ह

सामािजक बातचीत क दौरान आमिनयण रखा जा सकता ह घरल बातचीत म भी आमिनयण रखना

मकल होता ह लिकन मच पर हजार दशक क सम आमिनयण रखना आसान नह होता दशक क भारी

भीड़ क बीच िनपण-स-िनपण वा भी घबराहट महसस करन लगता ह इसी समय शातिच सतकता शद

क शता प िवचार और वाातय जसी ितभा क आवयकता होती ह

मच पर घबराहट वाभािवक ह लिकन श शद और प िवचार स आमिवास वापस लौटन लगता

ह दशक क सम भाषण तत करना िकसी मकाबल स कम नह होता ह यिद दशक क सम बोलन म

िहचिकचाहट होती ह तो होस क इन शद को याद किजएmdash

जब आप बातचीत क दौरान अचानक स अटक जाए

तो घबराहट म और खराब बोलन क जगह सयम स काम ल

ऐस मौक पर आमिवास का सहारा ल िवचार म भटकाव को सगिठत करन क कोिशश कर मतक को

बातचीत क म पर कित करन का यास कर और भटकाव स उबरन क कोिशश कर यकन मािनए

आमबल क ारा ऐसी थित स बाहर िनकला जा सकता ह भावशाली ढग स भाषण न तत करन का

मतलब ही नाकामी होता ह

बातचीत आकषक एव भावशाली बनान क िलए मतक को िवषय पर कित करन क आवयकता होती

ह िवचार को लापरवाही स पश करन स भाव खम हो जाता ह कटनीित का भी यही िसात ह िक सही

शद का इतमाल सही व पर िकया जाए

परान िवषय और िसात का िनरतर िवकास होता रहता ह नई जानकारया जड़ती रहती ह इसी कार भाषा

भी िनरतर िवकिसत होती रहती ह िवचार का आदान-दान ही बातचीत का आधार होता ह लिकन यादातर

लोग बातचीत क महव को नजरअदाज करत ह ॉनसन एकॉट अकसर कहा करत थ िक अिधकतर लोग

वाद-िववाद कर लत ह लिकन बात करना कछ ही लोग को आता ह बातचीत क दौरान दसर लोग क िवचार

को सनना अितआवयक होता ह बातचीत कवल दसर लोग को समान दन क िलए नह बक म को

समझन क िलए सननी चािहए कई वा दसर क िवचार पर यान क जगह कवल अपन िवचार पर ही मथन

करत रहत ह ऐस वा क ितिया बत फक और अभावशाली होती ह कई बार वा को

लापरवाही क वजह स उपहास भी सहना पड़ता ह

वय क भावना उजागर करन स आनद क ा होती ह आतरक सति कपना-श को मजबती दान

करती ह ऐसी थित म य किवताए रचता ह कहािनया िलखता ह बातचीत का सबस बड़ा आनद ही यह ह

िक य को खद क िवचार उजागर करन क वतता िमलती ह बातचीत को एक ढग स तत करनवाला

वा जद ही उबाऊ तीत होन लगता ह यिक ऐसा वा दसर लोग क िवचार उजागर करन क समय को

न करता ह वह दसर लोग को बोलन का मौका दनवाल वा को यादा पसद िकया जाता ह जािहर ह िक

खद क िवचार य करना सभी को अछा लगता ह और उस पर वा क ओर स उसािहत ितिया िमल

जाए तो सता और बढ़ जाती ह िवचार का समथन करनवाल वा को पसद िकया जाता हmdashऔर वही

लोग दसर लोग को स कर सकत ह जो यान स सनत ह

यव म टहराव याकलता दर करन का पहला कदम होता ह इसक ारा फहड़ आचरण अप

िवचार भाषा क अश और वय क गलती का पता लगाना आसान हो जाता ह यिद आपका यान इन

समया क ओर नह जाता ह तो आपक मदद कोई नह कर सकता इन समया स उबरन क िलए य

को वय महनत करनी पड़ती ह खद क कमी को पहचाननवाला य जद इन समया स उबर जाता हmdash

1 समया स उबरन क िलए इछा-श का ढ़ होना आवयक होता ह याद रह िक इछा-श हर

थित म बरकरार रहनी चािहए

2 खद पर िवास रख मानकर चल िक भाषण म तत िकए जानवाल िवचार एकदम सही ह यिद आपको

खद क िवचार पर सदह ह तो िवचार क पता तक चप रह

3 आमिवास हािसल करन क बाद ढ़ता स अपन िवचार को तत किजए िवचार का समान किजए

और साधारण एव प भाषा म यायान किजए

4 भाषा का उिचत ान अिजत किजए िवास होना चािहए िक साधारण भाषा बोलन म आप िनपणता

हािसल कर चक ह

बातचीत स सबिधत सकतआम लोग क िच स सबिधत िकसी िवषय का चनाव कर शाम क चाय क व गस इजन क काय-

णाली पर चचा करना या िफर पष क मनोरजन सभा म फल क िकम का यायान करना बत उबाऊ हो

जाता ह

िकसी सभा म अपन हाथ-पर क िवकित दरशाना पष को शोभा नह दता इसी कार अपन दःख का

िवलाप करना और िकसी अय यय क कमी पर चचा करना भी पष का काम नह होता ह आम जनता

सखद अतवाल नाटक एव िकस को सनना पसद करती ह सारी दिनया खशी क तलाश म ह आम तौर पर

समया और दःख को सनना पसद नह िकया जाता ह जॉज कोहान न 30 साल क उ तक कई हसमख

नाटक िलखकर करोड़ पए कमाए इनका यह िसात आम बोलचाल क िया पर भी लाग होता ह

mdashlsquoहसी-खशी क माहौल म महिफल को अलिवदा कहना चािहएrsquo

बातचीत क दौरान lsquoमrsquo शद का योग नह करना चािहए हजार लोग क महिफल म सबको स एव

सत करनवाला कोई अकला य नह हो सकता अपनी िच क मतािबक बातचीत का िवषय चनना दशक

क िलए उबाऊ हो सकता ह पखवाल घोड़ एव मछिलय परय आिद क िकस-कहानी सनन क इछा

रखनवाल दशक को खीर क िवशषता सनन म कोई िदलचपी नह होती आकषक वा सदा दशक क िच

स सबिधत िवषय पर ही चचा करत ह मयम बौक तर का य भी िबजली क गड़गड़ाहट का िदलचप

यायान कर सकता ह लिकन इसी य को यिद िच क िव िकसी िवषय पर बोलन क िलए मजबत

िकया जाए तो िनसदह चचा उबाऊ हो जाएगी

िघस-िपट और अनथक महावर एव उदाहरण स बचना चािहए दिनया क िकसी और कोन म रहनवाल दोत

स अचानक मलाकात हो जाए तो यह नह सोचना चािहएmdashlsquoदिनया िकतनी छोटी हrsquo बक यह सोचना चािहए

lsquoदिनया िकतनी तजी स तर कर रही हrsquo lsquoउ तर का जीवन जीन क िलए मोटी कमाई नह उ सकार

क आवयकता होती हrsquo िकसी नए या रोचक िवचार क अभाव म चप रहना यादा बहतर होता ह

  • (Untitled)
  • भमिका
  • 1 दरशको क समकष भरोसा हासिल करना
    • विलियम पिटजर तातकालिक भाषणmdash
    • विषय म परणतया तललीन हो जाओ
    • बोलन क लिए कछ होना चाहिए
    • बहतर तयारी क साथ कामयाबी की उममीद रख
    • दरशको पर परभतव की कलपना कर
    • सकतो स निषकरष निकालना
    • कया यह एक सकीरण सोच ह
      • 2 एक जस ढग की नीरसता
        • एकरपता पर विजय पान क उपाय
          • 3 परभाव एव वशीभतता दवारा कशलता
          • 4 सवर बदलन की कशलता
            • निरतर सवर बदलन की कला पराकतिक उपहार ह
            • सवर म बदलाव स बल पदा होता ह
              • 5 गति म बदलाव की कशलता
                • परसतति क दौरान गति म बदलाव स सवाभाविकता झलकती ह
                • गति म बदलाव स एकरपता खतम होती ह
                • गति म बदलाव स बल मिलता ह
                • गटसबरग समाधि-सथल पर समरपण
                  • 6 विराम एव ऊरजा
                  • 7 सर बदलन की दकषता
                  • 8 भाषण-शली म एकागरता
                  • 9 बल
                    • बल कया ह
                    • कया बल को अरजित किया जा सकता ह
                    • सटीक शबदो का चयन
                    • शबदो को करमबदध करना
                    • बल का परयोग कयो किया जाए
                    • बल का परयोग कब किया जाए
                      • 10 भावना एव जोश
                        • जोश का परभाव
                        • उतसाह को कस हासिल और विकसित किया जाए
                        • मानवता म सहानभति की आवशयकता
                          • 11 तयारी क जरिए बहाव
                            • भाषण म बहाव का सरोत
                            • विषय क जञान का महततव
                            • अभयास
                              • 12 सवर
                                • 1 सरलता
                                • 2 सपषटता
                                • 3 ततपरता
                                • सवर को थामन की कला का विकास
                                • सवर की शदधता
                                • सवर क लिए सलाह
                                  • 13 सवर का जाद
                                    • नथनो म घरषण स घटियो क गरजन समान सवर उतपनन होता ह
                                    • मिलटन क lsquoएलrsquo एलगरोrsquo सकलित किए गए अभयास
                                    • समदर
                                    • द लारक
                                    • द बरक
                                      • 14 भिननता एव उचचारण की शदधता
                                        • उचचारण
                                        • सवराघात
                                        • सधि-योजन
                                          • 15 सकतो स जड सतय
                                            • दरशको का धयान आकरषित न कर पानवाला अदाज वयरथ होता ह
                                            • भाव महततव क मताबिक होना चाहिए
                                            • भाव म एकरपता नही होनी चाहिए
                                            • भाषण क बीच की महततवहीन कडी कमजोरी को जनम दती ह
                                            • इशारो का इसतमाल या तो भाव क साथ होना चाहिए या भाव स पहल भाव क बाद नही
                                            • छोट और झटकदार इशारो स बचिए
                                            • चहर क भावो का महततव
                                            • जररत स जयादा इशारो का इसतमाल न कर
                                            • शारीरिक मदरा
                                              • 16 भाषा-शली की पदधति
                                                • लख को पढना
                                                • भाषण का लख तयार कर याददाशत क मताबिक वयाखयान
                                                • टिपपणी और अहम बिदओ की सहायता स पढना
                                                  • 1 परसतावना
                                                  • 2 परिभाषा और उदाहरण
                                                  • 3 अनय मानसिक शकतियो स सबध
                                                  • 4 धयान आकरषित करना
                                                  • 5 निषकरष
                                                    • असवाभाविक और सवाभाविक धयान आकरषण क परिणाम
                                                    • तातकालिक भाषण
                                                    • वयाखयान की सयकत विधि
                                                      • 17 विचार एव सरकषित ऊरजा
                                                        • मानसिक शकति का भडार
                                                        • दखन और समझन की शकति
                                                        • विचारक मसतिषक
                                                        • अधययन स विचारो को परोतसाहन मिलता ह
                                                          • 18 विषय एव तयारी
                                                            • तयारी क दौरान समय का सही उपयोग
                                                            • विषय को चनना
                                                            • विषय-वसत का निरधारण
                                                            • अनपात का सवाल
                                                            • वासतविक सरोत का दोहन
                                                            • पसतकालय का परयोग
                                                            • भाषण की रपरखा
                                                            • समदधि की मखय वजह (भाषण का विषय)
                                                            • लखन एव अभयास
                                                            • शीरषक
                                                              • 19 विवरण क दवारा परभावित करना
                                                                • विवरण का सवभाव
                                                                • विवरण का महततव
                                                                • वरणन क उददशय
                                                                • वरणन की परणालिया
                                                                  • 20 चितरण क दवारा परभावित करना
                                                                    • चितरण का अदाज
                                                                    • वकता क लिए चितरण
                                                                    • चितरण क परकार
                                                                    • चितरण क लिए उपयोगी सझाव
                                                                    • अभयास क लिए विभिनन अनभवो का चितरण कीजिए
                                                                    • lsquoमिडनाइट इन लदनrsquo का एक ससमरण
                                                                      • 21 वरणन क दवारा परभावित करना
                                                                        • कथा का परभाव
                                                                        • जीवन सबधी तथय
                                                                        • लकसिगटन की समति
                                                                        • सामानय तौर पर घटनाओ का वयाखयान
                                                                        • शिकषित वयकति दवारा नततव
                                                                          • 22 सझाव क दवारा परभावित करना
                                                                            • सझाव का आधार
                                                                            • सझावो को परभावशाली बनान की योगयता
                                                                              • 23 वाद-विवाद क दवारा परभावित करना
                                                                                • तरक की जाच
                                                                                  • 24 उतसाह दवारा परभावित करना
                                                                                  • 25 जन-समह को परभावित करना
                                                                                    • भीड क मारगदरशन क लिए नता का होना आवशयक ह
                                                                                    • भीड की रचना किस परकार होती ह
                                                                                      • 26 पख वाल घोड की सवारी
                                                                                        • 1 कलपना की पनरतपतति
                                                                                        • कलपना-शकति का सबस आम सिदधात हmdash
                                                                                        • 2 उपयोगी एव लाभकारी कलपना
                                                                                        • 1 भाषण क दौरान कलपना का उपयोग
                                                                                        • 2 भाषण क दौरान कलपना
                                                                                          • 27 शबदकोश का विकास
                                                                                            • नोटस बनान की आदत
                                                                                            • शबदकोश सगरह का उपयोग
                                                                                            • शबदो क अरथ की जानकारी रखनवालो स चरचा
                                                                                            • सटीक शबद खोजन म ईमानदारी बरतनी चाहिए
                                                                                              • 28 समरण-शकति का परशिकषण
                                                                                                • कया नही करना चाहिए
                                                                                                • याददाशत का पराकतिक सिदधात
                                                                                                • भाषण याद करना
                                                                                                • समसया स कस उबर
                                                                                                  • 29 सही सोच एव वयकतितव
                                                                                                  • 30 भोज क उपरात एव अनय मौको पर बोलना
                                                                                                  • 31 बातचीत को परभावित बनाना
                                                                                                    • बातचीत स सबधित सकत
Page 2: Achchha Bolne Ki Kala Aur Kamyabi (Hindi)

ान जो अय मतक सोचता हो और खद क आकलन का ऐसा सामय जो योय मानक पर खरा उतरता हो

कट न कहा ह lsquoयिद म चा तो म कर भी सकता

इस अक क िवषय-सची स इन लख क िनरतर घोषणा यायान और िमसाल िमलती रहगी छा को

उनक जानकारी क आधार पर बोलन क िलए िनरतर रत िकया जाएगा तपा आमसयम क सामाय

सझाव क साथ आतरक यव क ारा बाहरी यव को भािवत करन क िविध पर जोर िदया जाएगा

अत म छा को खद अिजत िकए िसात अवलोकन दसर स अिजत िकए अनभव और अपनी िनजी भाषा-

शली क आधार पर बोलन और कवल बोलन क िलए रत िकया जाता रहगा

mdashज बरग एसनवीन

1

दशक क सम भरोसा हािसल करना

दशक क समख अकसर एक असाधारण उजना का अनभव होता ह दशक क उसकता स भरी आख इस

उजना को जम दती ह दशक क आख स आख िमलान पर यह उजना और खर हो जाती ह अिधकतर

वा इस अनजान लिकन वातिवक माहौल म फली महसस क जानवाली िणक एव बयान न क जा

सकनवाली िसहरन स उिजत होत रह ह अिधकतर लखक यह भी मानत ह िक वा क आख दशक को

आकिषत करन का भी काम करती ह यह एक ऐसा भाव ह जो मौजदा चचा म शािमल िचण क िवपरीत ह

वा पर दशक क गड़ी आख का भाव कवल शआती दौर म पड़ता हmdashजस ही वापटता का सदय

कािशत होता ह दशक क आख म छपा भय छटन लगता ह

िविलयम िपटजर ताकािलक भाषणmdashसावजिनक तौर पर बोलन का िशण ल रह छा अकसर पछत ह िक lsquoदशक क सम याकलता और भय

क भावना पर कस काब पाया जाएrsquo

रलगाड़ी म सफर करत समय या आपन कभी पास क मदान म घास चर रह उन घोड़ क तरफ यान िदया

ह जो रलगाड़ी क घड़घड़ाहट क बावजद एक बार भी िसर उठाकर नह दखत जबिक थोड़ी दरी पर थत

टशन क पास स जब रलगाड़ी गजरती ह तो िकसान क पनी डर ए घोड़ को सभालन म जटी नजर आती ह

गािडय क आवाज स डरनवाल घोड़ का भय दर करन का या उपाय ह या उस ऐस दर-दराज इलाक म

चराया जाए जहा मोटरगािडया न आती ह या उसको ऐसी जगह पर अकसर ल जाना चािहए जहा आम तौर

पर मशीन क घड़घड़ाहट सनन को िमलती हो

इस उदाहरण क जरए अपन भीतर छप याकलता और भय को दर करो दशक का बार-बार सामना करन स

िहचिकचाहट दर हो जाती ह िकसी लख को पढ़कर मच क भय स म होना सभव नह ह पतक क जरए

पानी म बरताव करन क उम सझाव तो िमल सकत ह लिकन तराक सीखन क िलए पानी म छलाग लगानी ही

पड़ती ह हालािक आजकल कई ऐसी तराक क पोशाक मौजद ह िजनको पहनकर सम क िकनार भी गीला

ए िबना मौज-मती क जा सकती ह लिकन इन पोशाक को पहनकर तरना नह सीखा जा सकता तराक

सीखन क िलए पानी म कदना ही एकमा राता होता ह

भाषण स पहल अयास अयास और कवल अयास क जरए ही दशक क सम पदा होनवाल भय स म

आ जा सकता ह जस तराक म िवास जमान क िलए अयास अित महवपण ह उसी कार बोलन क

जरए ही बोलन का पाठ सीखा जाता ह

यिद शआती दौर म मच स भय लगता ह तो इसस िनराश नह होना चािहए िनपण-स-िनपण वा कछ

अनजान कारण क वजह स आज तक मच क भय स नह उबर पाए ह

िवषय म पणतया तीन हो जाओघोड़ क खर म नाल ठकत व कई बार लोहार घोड़ क नथन म कसी नकल को कस दत ह इस तरह घोड़

का यान नाल ठकन क िया स हट जाता ह िगलास म मौजद हवा िनकालन क िलए उसम पानी भरना

पड़ता ह भाषण दत व लोहार क घरल नख का पालन करना चािहए यिद आप भाषण स सबिधत िवषय

को गहराई स समझत ह तो अितर सोचन का राता खद-ब-खद खल जाता ह एकाता भटकाव स म

पान का एक सरल उपाय ह मच पर पचन क बाद अपन कोट म मौजद छद क बार म सोचना यथ ह मच पर

कवल अपन भाषण पर यान एका करना चािहए िदमाग म कवल भाषण स सबिधत सामी का िवचार होना

चािहए जस पानी भरकर िगलास स हवा को बाहर िनकाला जा सकता ह उसी कार िवचार क मायम स

उजना और भय स भी छटकारा पाया जा सकता ह याकलता अनावयक याकलता को जम दती ह यह

कवल िवश अिभमान क समान होगा यिद सामन मौजद एक दसर बड़ महव को समझत ए भी आप अपन

िदमाग को वय क िवचार स भर ल साई कठोरतापवक इस महव का बोध कराती ह और िहचिकचाहट

याकलता को िनयता म बदलन का काम करती ह यिद रगमच म आग लग जाए तो आप तजी स मच क

ऊपर पचकर दशक को बाहर िनकलन क राह िदखा सकत ह दरअसल ऐस मौक पर काय का महव जहन

म मौजद भयभीत िवचार को बाहर िनकाल फकता ह

मच पर बर दशन क भय स यादा हािनकारक होती ह बहद अछ ततीकरण क कपना वय को महा

िदखान क चा महानता क पहचान नह होती य को अपना सही आचरण दरशान क िलए lsquoन तो यादा

िनपण िदखन का यन करना चािहए और न ही यादा बड़ा जानकार िदखन क कोिशश करनी चािहएrsquo

जानकारी क िलए बता द िक अहकार सबस यादा दिशत होनवाला यवहार होता ह

बोलन क िलए कछ होना चािहएवा क साथ सबस बड़ी परशानी यह ह िक वह दशक क सम खाली िदमाग क साथ पच जात ह

इसम कोई आय नह िक कित खालीपन स घणा करती ह िलहाजा खालीपन को आस-पास मौजद सामी स

भर दती ह िदमाग म अकसर ऐस िवचार आत ह िक lsquoया म सही कर रहा मर बाल कस िदख रह ह ऐस

वा क भिवयसचक िवचार अकसर सही िस हो जात ह और जान-अनजान गलितया हो जाती ह अथा

भाषण स पहल नकारामक िवचार स बचना चािहए

िवषय क सपण जानकारी होना पया तयारी नह मानी जा सकती आमिवास हािसल करन क िलए

िवषय िवशष पर पकड़ मजबत होनी चािहए िबना तयारी या िवषय क बार म कम जानकारी क साथ दशक क

समख पचन पर वा याकल तीत होता ह दशक का समय खराब करन क िलए शम का भी आभास होता

ह इसिलए बहतर ह िक उिचत तयारी क साथ मच पर पचा जाए भाषण स पहल िवचार और िवचार तत

करन का अदाज िनत कर लना चािहए शआती वाय क तयारी बहद अछी होनी चािहए ऐसा करन स

भाषण क शआत म सही और सटीक शद खोजन म व खराब नह होता इसक अलावा भाषण क िवषय

पर मजबत पकड़ स भय हावी नह होता

बहतर तयारी क साथ कामयाबी क उमीद रखअपन यवहार म सकोच क साथ िवास भी जािहर कर अित िवास हािनकारक होता ह लिकन नाकामी

क पवाभास को झलना और यादा हािनकारक होता ह िनभक यवहार दशक का यान खचन म सहायक

सािबत होता ह जबिक एक खरगोश-िदल डरपोक वा मसीबत को योता दता ह

दशक क उपथित म नता को यगत छट क तौर पर तत नह करना चािहए इस परानी सोच क

मकाबल आधिनक सोच न अपना थान बना िलया ह वा क यवहार म नता होना गलत नह ह लिकन

यवहार म दरशाई गई नता म दबपन का अहसास नह होना चािहए

चास िडकस क शान म आयोिजत िकए गए एक रािभोज म वॉिशगटन इरिवन न िडसन का परचय

करवाया भाषण क मय म इरिवन िहचिकचाहट क वजह स शिमदा हो गए और अटपट ढग स बठ गए अपन

एक िम क तरफ घमत ए उहन कहा lsquoमन तमस कहा था मझ नाकामी िमलगी और म नाकाम रहाrsquo

यिद आप सोचत ह िक आप नाकाम रहग तो आपक िलए आशा क कोई जगह नह ह आप नाकाम ही हग

इस धारणा स छटकारा पाइए िक म एक लाचार िमी म सना कड़ा आप ईर क समान ह िजसम कई

िवशषताए ह lsquoयिद आप पहल स तयार ह तो सब ठीक ही होगाrsquo बाज तज रोशनी फकत सय क आख म

आख डालकर दखन क मता रखता ह वा म भी ऐसी कई िवशषताए होती ह आवयकता होती ह तो बस

उह पहचानन क

दशक पर भव क कपना करिव क तरह सावजिनक भाषण म सकारामक और नकारामक ऊजा नह होती वय आप या आपक

दशक सकारामक ऊजा का जरया बनत ह यिद आप इस सकारामक ऊजा को महसस करत ह तो इस अपनान

क कपना भी कर सकत ह यिद आपका झान नकारामक ऊजा क ओर ह तो परणाम भी नकारामक हग

वय को िदशा िदखानवाली सभी शय का आान कर सदा याद रख िक आपक दशक आपस यादा

महवपण ह लिकन आप दोन स यादा महवपण ह सय यिक सय अिवनाशी होता ह यिद आपका

हौसला मजबत नह ह तो जािहर ह िक हाथ स तलवार िगर जाएगी िनभक बन यह आपक इराद पर आधारत

ह िक आप खद को िकस िदशा म ढालत ह अथा वय को शात एव िनयी बनाए

दशक क सम भाषण स पहल ण भर क दशक को गौर स दख अहसास कर िक दशक आपक जीत

क कामना करत ह यिक ऐसा कोई य नह ह जो अपना कमती समय एक नीरस वा क िलए खच

करन क इछा रखता हो

सकत स िनकष िनकालनाभाषण श करन म जदबाजी न िदखाए जदबाजी स िनयण कमजोर हो जाता ह मा-याचना न कर

यह जरी नह हmdashऔर अगर ह भी तो इसस काम नह बनगा सरलतापवक आग बढ़त रह

एक लबी सास भर मन को शात कर और आम बातचीत क लहज म िफर स ऐस शआत कर जस िकसी

घिन िम स बात कर रह ह यह यवहार कपना क मतािबक खराब महसस नह होगा वातव म यह

यवहार एक सखद डबक लगान क समान ह डबक लगान क बाद आप महसस करग िक पानी शीतल ह सच

तो यह ह िक इस यवहार को कई बार अपनान क बाद ऐस मौक पर आप वय उस आनिदत शीतल डबक क

कपना करन क आदी हो जाएग

भय स छटकारा पाइए बकाब भय बजिदली का कारण बन जाता ह बहादर लोग भय को पहचानत जर ह

लिकन उस दिशत नह करत घटन म होनवाली थरथराहट पर काब रख और मजबती स दशक का सामना

कर दशक क बीच िकसी कोन म आपक जीत छपी होता ह उस जीत को हािसल कर िहमत िदखानवाल

य को ही कामयाबी िमलती ह शद क माला बनकर हौसल का दशन किजए याद रख कािबिलयत क

बावजद िहमत न रखनवाल कािहल य को न तो परकत िकया जाता ह और न ही उनक यादगार म मारक

थािपत िकए जात ह

या यह एक सकण सोच हइनसान को सहानभित क नह मामली स ोसाहन क जरत होती ह इसम कोई दो राय नह िक अकली या

िफर सय प स मनोदशा तिकाए रोग और शसनीय नता वा क भाषण म गताखी का भाव पदा कर

सकती ह लिकन इसम भी कोई शक नह िक जरत स यादा समान क भावना इस कमजोरी को यादा खर

बना दती ह िनभक मनोदशा म जीत हािसल करना सरल होता ह ोफसर वॉटर िडल कॉट न कहा ह

lsquoमता क मकाबल कारोबार म कामयाबी और नाकामी क यादा बड़ी वजह मानिसक िकोण होता हrsquo और

इस िकोण को हािसल करन का एकमा राता ह िक इसको हािसल िकया जाए

इस बिनयादी अयाय म हमन जानन क कोिशश क ह िक अछा वा बनन क िलए िकन जरी पहल

पर यान दना चािहए इनम स अिधकतर िसात पर आग िवतार स चचा क जाएगी माननीय लडटोन क

मतािबक चचा क योय सभी अयाय िकसी सावजिनक स स यादा कारगर िस हग और यायसगत

आमिवास स सबिधत चचा का िज बार-बार िकया जाएगा

2

एक जस ढग क नीरसताएक िदन उदासी का जम एकपता क वजह स आ

mdashमॉ

िहदी भाषा म साल-दर-साल बदलाव होता रहा ह और अब कई शद का अथ वातिवक अथ स कह यादा

हो गया ह lsquoएकपताrsquo शद क साथ भी कछ ऐसा ही आ ह lsquoकवल एक जसा भावrsquo होन क जगह अब इस

शद का इतमाल lsquoिभता क कमीrsquo क तौर पर भी िकया जान लगा ह

एक ही ढग स बोलनवाल वा का वर एव लहजा ही नह बक शद पर जोर दन का तरीका गित

और िवचार भी समान प स नीरस होत ह

भीड़ क सम बोलनवाल वा क िलए एकपता मख एव आम दोष ह यह कवल अपराध नह ह

बक एक मामली सी चक क वजह स होनवाला गनाह ह

भाषण-शली म एकपता का अहसास होना आपक िलए मामली बात हो सकती ह अथा इसक कभाव को

जानन क िलए इसक वि और जीवन क िभ पहल पर एकपता स पदा होनवाली िवपदा का आकलन

करत ह इस आकलन क बाद ही यह पता लगाया जा सकता ह िक कस एकपता अछ भाषण को नीरस बनान

का काम करती ह

आपक बगलवाल मकान म यिद कवल तीन गान को बार-बार जोर स बजाया जाए तो यकनन आप मान लग

िक आपक पड़ोसी क पास कवल तीन गान का ही सह ह इसी कार यिद वा एक जसी ऊजा क साथ

भाषण दता रह तो मान िलया जाता ह िक वा क वर क उतार-चढ़ाव क मता िवकिसत ही नह ई ह

दरअसल एकपता हमारी सीमा को दरशाती ह

एकपता दशक पर ाणनाशक भाव डालन का काम करती ह यह चहर क रौनक छीन लती ह आख क

चमक ीण कर दती ह अयत एकपता काल कोठरी क सजा क समान ह एक मज पर एक कचा रख और

लगातार अठारह घट तक उस कच को एक जगह स दसरी जगह पर धकलत रह म दाव क साथ कह सकता

िक आपक हालत पागल जसी हो जाएगी

एकपता एक ककारी सजा क समान होती ह एक ऐसी सजा जो जीवन भर क िलए बोलन क मता को

ीण कर दती ह िलहाजा ऐसी ाणनाशक व नीरस थित स बचन क यास करन चािहए एक आदश रईस

क पास दजन मकान दिनया भर क यजन क सभी कार और अका स अलाका तक घमन क साधन हो

सकत ह लिकन गरीबी स िघरा य सफर क िलए िकराए क गाड़ी का इतमाल करता ह ऐस य क

पास िनजी नौका कार और िवशष रलगाड़ी म सफर करन क सिवधा नह होती ऐस य का जीवन महनत

करन म गजर जाता ह ऐसा य मडी स खरीदी गई फल-सजय स सत रहता ह भाषा और िजदगी म

एकपता िनधनता क समान होती ह िजस कार एक यापारी अपन कारोबार को बढ़ान क िलए महनत करता

ह उसी कार भाषा म िविवधता लान क िलए भी महनत करनी चािहए

िचिडया क गीत पहाड़ी दर और वय पहाड़ म एकपता नह होती एकपता भर पथर क लबी कतार

और पहाड़ क बीच स दर तक जाती सड़क म होती ह कित न सपदा क तौर पर कई िविवधताए दान क ह

इसिलए इनसान कवल अपनी सीमा क दायर म ही एकप होता ह भाषण क दौरान कित स जड़ तय तक

पचन स भाषा म िविवधता वय आ जाती ह

सता बाटन क िवशषता म ही िविवधता दान करन क श िनिहत ह दिनया क कई बड़ सय को

कहािनय क प म दरशाया गया ह उदाहरण क तौर पर lsquoलस िमजबलrsquo यिद आप िशा दान करना चाहत

ह या िकसी को भािवत करना चाहत ह तो उस य म िच का भाव पदा करना जरी होता ह यानो पर

एक ही सर को बार-बार बजान स स अिच ककश वर और एकपता का अहसास होता ह शदकोश क

मतािबक lsquoएकपताrsquo का अथ हmdashlsquoउबाऊ और थकाऊrsquo हालािक यह अथ काफ नतापवक िलखा महसस

होता ह लिकन असल म एकपता का अथ हmdashपागल करनवाली उबाऊ थित

एकपता पर िवजय पान क उपायजस अपन व क नीरसता स उबरन क िलए व क सह को नया-ताजा करना आवयक होता ह वस ही

भाषा म एकपता खम करन क िलए शली म िविवधता लाना आवयक ह जानकारी बढ़ाकर भी भाषा-शली

बहतर क जा सकती ह

इमारत क िविभ िहस को तयार करन क िलए बढ़ई क पास अलग-अलग औजार होत ह सरीली धन

बजान क िलए सगीतकार वाय को िविभ तरीक स बजाता ह इसी कार वा क पास भी साधन क

कमी नह होती वाद-िववाद क ढाच को कई तरीक स तयार िकया जा सकता ह भावनामक यवहार और

दशक क मायता का मागदशन िकया जाता ह इन साधन का खाका तयार करन और इनक इतमाल का

तरीका समझाना ही अगल अयाय का मय उय ह

कई वा आज भी बलगाड़ीवाल िघस-िपट तरीक का इतमाल करत ह और आज क आधिनक मशीनी

तरीक को नजरअदाज करत ह व वा भाषा म कशलता लानवाली िविध को िनरतर अनदखा करत ह इस

णाली को समझान इस लाग करन और इसक समीा करन म यिद हम आपक मदद कर तो या आपक

भाषा-शली म सधार होगा लिकन यिद आप इस णाली को अनदखा करत ह तो या आपक भाषा नकारामक

तौर पर भािवत होगी हम खद इस णाली क जरए भाषा म सधार क महव को समझान म पण प स सम

नह ह लिकन इतना जर ह िक यह णाली एक वा को भाषा क िनपणता तक पचान क िलए बिनयाद का

काम करती ह नपोिलयन बोनापाट न कहा था िक lsquoअपन िसात को ठीक रिखए बाक सब िवतत वणन हrsquo

जस िकसी मर ए घोड़ क खर म नाल ठकन का कोई फायदा नह होता उसी कार एक नीरस वा क

िलए भाषा सधारन क परान िसात िकसी काम क नह होत इस उदाहरण स यह पता लगता ह िक कछ फक

िसात को अपनाकर भाषा पर पकड़ नह बनाई जा सकती सावजिनक तौर पर बोलन क कला म िनपण होन

क िलए सय जोर भावना और जीवन स जड़ अहम िसात को अपनाना जरी होता ह बाक सभी िनयम

को नजरअदाज िकया जा सकता ह लिकन इस िसात को याद रखना बहद जरी ह

अगल कछ अयाय क गहन अययन क बाद भाषा-शली स एकपता का भाव पण प स खम हो

जाएगा इन िसात क पण ान और इतमाल क कला म िनपणता क बाद भाषा-शली म िविवधता का वय

अहसास होन लगगा खास बात यह ह िक इन िसात को कवल पढ़कर नह सीखा जा सकता इसक िलए

िनरतर अयास बहद जरी होता ह यिद अयास क दौरान कोई और आपको सनन क िलए तयार नह ह तो

आप अपन आपको वय सन साथ ही इस िया म खद क स आलोचक क भिमका भी िनभाए

आगामी अयाय म भाषा-शली क िनपणता क िलए िनधारत िकए गए तकनीक िसात मनगढ़त नह ह इन

िसात को दिनया भर क बहतरीन वा और कलाकार क अनभव क आधार पर थािपत िकया गया ह

िवािथय को वाभािवक रहन क िलए ितब करना कारगर सािबत नह होता भाषण क दौरान वाभािवक

रहना एकपता का कारण भी बन सकता ह उरी व म ाकितक तौर पर पाया जानवाला ॉबरी फल छोट

बीज एव हलक तीख वाद का होता ह लिकन इस ाकितक फल क तलना उत िविध स उगाए जानवाल

वािद ॉबरी फल स नह क जा सकती पहाड़ क पथरीली ढलान पर िबना िमी-पानी क ाकितक तौर

पर बौन पौध उगत ह लिकन इन पौध का दभाय यह ह िक इनक तलना नम और उपजाऊ इलाक म

पनपनवाल हर-भर पड़ स क जाती ह बशक ाकितक वभाव को बरकरार रख लिकन इस वभाव को

आदश तर तक िवकिसत करन क कोिशश जर कर

3

भाव एव वशीभतता ारा कशलताभाव क िसात का पालन िविश िनयम को याद कर नह िकया जा सकता इसक भावशाली पालन क िलए इन िनयम क िवशषता को

महसस करना जरी होता ह

mdashसीएस बाडिवन लखन एव भाषण

िजस बदक क मारक मता म यादा फलाव होता ह उसस िचिडय का िशकार नह होता यही िसात

भाषा पर भी लाग होता ह जो वा बतरतीब तरीक स वाय का इतमाल करता ह उस अपित परणाम नह

िमलत वाय का यक शद महवपण नह होता िलहाजा यान रख िक कवल अहम शद पर ही जोर डालन

क कला का इतमाल कर

यिद आप lsquoमयादा पषोम रामrsquo या lsquoपावन नगरी वदावनrsquo जस शद का उारण कर तो जरी नह ह िक

सभी अर पर बराबर जोर द इनम स कछ ही अर को िवशष महव िदया जाएगा बाक अर का उारण

सामाय तौर पर होगा य न इस िसात का उपयोग परा वाय बोलन म भी िकया जाए काफ हद तक

सामाय भाषा म हम इस िसात का उपयोग करत ह लिकन या सावजिनक भाषण म इस िसात का

इतमाल िकया जाता ह दरअसल इसी ितभा क कमी क वजह स भाषण म एकपता का दश कट होता

जहा तक शद िवशष पर जोर दन का सबध ह आप एक सामाय वाय को एक बड़ शद क प म दख तो

समया का हल िनकल आएगा िननिलिखत पर यान दmdash

lsquoभाय सयोग स नह िमलता इस चना जाता हrsquo

आप मकर का िसकदर बोलत समय हर अर पर बराबर जोर डाल सकत ह

इस ऊच वर म बोिलए और महसस किजए िनसदह आप lsquoभायrsquo शद पर िवशष जोर डालग यिक इस

वाय म lsquoभायrsquo मय घोषणा ह lsquoनहrsquo शद पर भी समान बल िदया जाएगा जािहर ह lsquoनहrsquo शद को

िवशष महव नह िदया तो दशक समझग िक भाय सयोग स ही िमलता ह इसी क साथ lsquoसयोगrsquo शद पर भी

जोर डालन क आवयकता ह यिक इस वाय म lsquoसयोगrsquo शद का भी समान महव ह

lsquoसयोगrsquo शद को महव दन का एक और कारण यह भी ह िक अगल वाय म सयोग क तलना चनाव स क

गई ह साफ तौर पर लखक न इन दोन शद क तलना दोन शद पर िवशष बल डालन क यय स क ह

अथा वाय म तलनामक शद पर बराबर जोर िदया जाना चािहए

एक वा को वर क तालमल क जरए तलनामक शद पर समान बल दना चािहए यिद आप कह lsquoमर

घोड़ का रग काला नह हrsquo तो आपक जहन म सबस पहला रग कौन सा आएगा वाभािवक प स सफद

यिक काल रग का िवपरीत रग सफद होता ह यिद आप इस िवचार को कट करना चाहत ह िक भाय को

चना जाता ह तो इसको यादा भावशाली ढग स कहन क िलए पहल कह िक lsquoभाय सयोग स नह िमलताrsquo

इसक बाद कह िक lsquoइस चना जाता हrsquo यिद हम कहत ह िक lsquoमर घोड़ का रग काला नह हrsquo तो वाभािवक

प स घोड़ स यादा महव रग का हो जाता ह यिद आप कह िक lsquoमरा घोड़ा सफद हrsquo तो सामाय तौर पर

जवाब मा हामी होगा

उपय बयान क दसर वाय म कवल एक शद महवपण हmdashचनाव लखक वा वाय म lsquoचनावrsquo शद

को िवशष महव दान करना चाहता ह यिक इस शद क तलना पहल वाय क सयोग शद स क गई ह

इस िसात क मतािबक इन वाय को इस कार पढ़ना चािहएmdash

lsquoभाय सयोग स नह िमलता इस चना जाता हrsquo अब इन वाय को बार-बार पढ़ और गाढ़ िकए गए शद

पर िवशष बल द

लगभग सभी वाय म कछ शद ऐस होत ह जो महवपण िवचार को कट करत ह अथा ऐस शद को

िवशष महव दन क आवयकता होती ह अखबार पढ़त व हडलाइस पर सरसरी नजर डालकर मय

समाचार का अदाजा लगा िलया जाता ह अखबार क सपादक को धयवाद दना चािहए यिक अखबार म

हागकाग म ई लट को इतना महव नह िदया जाता िजतना आपक अपन शहर म 5 मछआर क मौत क खबर

को िदया जाता ह खबर क िवतार क ारा सपादक अलग-अलग खबर क महव को दरशान क चा करता

ह चकानवाली खबर क ओर पाठक का यान आकिषत करन क िलए शीषक को कभी-कभी लाल रग म

िलखा जाता ह

इसी कार यिद वा अपन भाषण क जरए दशक का यान आकिषत करन म कामयाब होता ह तो इस

वरदान स कम नह माना जा सकता एक सामाय वा उ पया बोलत व वाभािवक तौर पर lsquoभायrsquo

lsquoसयोगrsquo lsquoनहrsquo और lsquoचनावrsquo पर िवशष बल दगा

एक बार lsquoद ययॉक सनrsquo क सपादक चास डाना न अपन एक सवाददाता स कहा िक सड़क पर जात समय

जब वह िकसी क को आदमी को काटत दख तो उस ओर यान न द हमारा अखबार ऐसी बमतलब क खबर

क िलए न तो पाठक का यान खचना चाहता ह और न ही अपना कमती समय न करना चाहता ह एक

चपी क बाद माननीय डाना न lsquoलिकनrsquo शद का इतमाल करत ए कहा lsquoयिद तम िकसी य को क को

काटत दखो तो फटाफट दतर लौट आना और लख को छपन क िलए द दनाrsquo िनसदह यह एक बड़ी अनोखी

खबर होगी

यिद वा बोलत समय lsquoभाय सयोग स नह िमलताrsquo वाय क सभी शद पर समान बल दता ह तो यह क

न आदमी को काटा जसी आम खबर क समान नीरस होगा लिकन यिद वा सही शद पर बल डालता ह तो

वाय क खबसरती बढ़ जाती ह एक आदश वा बोल जानवाल वाय क अहम शद को पवत िशखर क तौर

पर पश करता ह एक आदश वा क भाषण म महवहीन शद नदी क सतह क तरह जलमन रहत ह वा

क महा िवचार शाहबलत क ऊच व क समान होत ह और कम महववाल िवचार मदानी घास क समान

इन महवपण िसात क आधार पर िनकष िनकाला जा सकता ह िक वाय म तलनामक शद पर िवशष

बल दना चािहए

िननिलिखत सपादकय पर यान दीिजए जानकारी क िलए बता द िक यह लख -ब कािशत िकया गया

था

हम नह जानत िक सदश िमलन क व रापित न या सोचा और एक चह को दखकर हाथी या सोचता ह

लिकन हम जानत ह िक रापित न या सोचा होगा

उ वाय म lsquoसोचाrsquo शद पाठक का यान आकिषत करता ह यिक इसको गाढ़ी याही स िलखा गया

ह इसक िवपरीत यिद बाक शद को lsquoसोचाrsquo क मकाबल दस गना गाढ़ा कर िदया जाए तो भी lsquoसोचाrsquo शद

इतना ही आकिषत करगा यिक इस शली म भी यह शद िभ प स तत िकया जाएगा

रॉबट चबस क उपयास lsquoद िबजनस ऑफ लाइफrsquo स तत िकए गए िननिलिखत उदाहरण भी महवपण ह

इस उपयास म lsquoआपrsquo lsquoचकाrsquo और lsquoहोताrsquo को हलका टढ़ा िलखकर िभ दिशत िकया गया ह जािहर ह

लखक अपन उपयास म इन शद क ओर िवशष यान आकिषत करना चाहता ह

उसन उस लड़क क ओर िवमय स िल ोध स दखा

lsquoआप इसको कायरता नह तो और या कहग आप चपक स आए और िनसहाय लड़क स जबरदती शादी

कर लrsquo

lsquoया आप मझस यह उमीद रख चक थ िक म आपक सलाह पर जकलीन क िदमाग म जहर घोलता और

खद को बरबाद कर लता यिद म ऐसा करता तो िनत तौर पर यह एक कायरतापण काय होताrsquo

कछ िवशष शद पर बल डालन क िलए और इन शद को अलग दरशान क िलए लखक न इन शद को

िभता दान क ह यिद आप जोर स बोलन क आदी ह तो महवपण शद पर बल दन क िलए उनका

उारण सहजता क साथ कर इस कार आप इन शद पर दशक का यान आकिषत करन म कामयाब िस

हग यिद आप तजी स बोलन क आदी ह तो महवपण शद क उारण क रतार धीमी कर यिद आप धीम

वर म बोलत ह तो महवपण शद क उारण क दौरान वर को भारी कर द lsquoिवभrsquo lsquoअहसासrsquo

lsquoिवरामrsquo lsquoवर बदलन क कलाrsquo lsquoगित बदल क ितभाrsquo जस अयाय का अययन कर इन अयाय क

गहन अययन क जरए िवतत प स यह जानकारी हािसल क जा सकती ह िक सही जगह पर बल डालन क

खास िसात िकतन महवपण होत ह

हालािक इस अयाय म हम बल डालन क कवल एक िसात पर चचा कर रह हmdashयानी महवपण शद पर

बल डालन और महवहीन शद को अनदखा करन क कला कभी न भलmdashभाषण को आकिषत बनान म यह

िसात बहद कारगर िस होता ह

ऊची आवाज म बोलन क आदत और शद पर बल दन क कला को एक समान मानन क गलती नह करनी

चािहए िचाना ईमानदारी समझदारी और अहसास का सचक नह ह शद पर बल दन क िजस कला पर

हम चचा कर रह ह उसका सबध वातिवक शारीरक श स नह ह हालािक यह सही ह िक शद पर बल

दन क िलए उारण या तो ऊच या िफर धीम वर म करना चािहए लिकन िजस वातिवक कशलता क

आकाा क जा रही ह उसका सबध ईमानदारी एव बलता स ह यह एक आतरक श ह िजस दशक क

समख तत िकया जाता ह

एक वा न कहा lsquoइस दश क दभाय का कारण िशा क कमी नह राजनीित हrsquo वा न lsquoदभायrsquo

lsquoकमीrsquo lsquoिशाrsquo और lsquoराजनीितrsquo शद पर िवशष बल िदया बाक शद का उारण सामाय तौर पर िकया

गया lsquoराजनीितrsquo शद क साथ एक िवशष अहसास को जोड़ा गया और इस शद क उारण क व ोध क

मा म हाथ-पर-हाथ मारा गया इस शद पर वा का जोर दन का तरीका एकदम उिचत एव जबरदत था इस

प क बाक शद क ओर लापरवाही और राजनीित पर िवशष रवए स बल दकर वा न आसानी स दशक

का यान इस शद क ओर खच िलया

आप उस गाइड क बार म कसा सोचग जो आपको ययॉक घमान क नाम पर सड़क क िकनार थत चीनी

धोबीघाट और जत चमकानवाली दकान का दशन करवान लग दशक का यान भाषण क ओर आकिषत

करन क कवल एक ही िविध हmdashया तो उजागर करन क िलए कोई साई हो या मनोरजन का मसाला हो यिद

वा का भाषण िनरथक एव उबाऊ ह तो दशक म महवपण सीख क यायान को सनन का न तो जोश

बचगा न ही िजदािदली

कभी-कभी यादा बल दरशान क िलए शद क हर एक अर पर समान जोर दना गलत नह होता जस िक

िननिलिखत वाय म lsquoपण प सrsquo पर बल िदया गया ह

lsquoम आपक ाथना पणप स खारज करता rsquo

इसी कार िकसी अित महवपण वाय को िवशष महव दन क िलए यक शद पर बल डाला जा सकता

ह इस िसात क जरए दशक को आकिषत करना आसान होता ह इस मौक पर पिक हनरी क िस

कहानी क अितम भाग को उदाहरण क तौर पर पश करना कारगर िस होगाmdash

वाय म मौजद िकसी एक शद पर जोर दन स उसका सही और गलत भाव महसस िकया जा सकता ह

यान दन योय ह िक िननिलिखत वाय म कस िविभ शद पर जोर दन स वाय का भाव पणप स बदल

जाता ह (गाढ़ िकए गए शद म हल िनिहत ह)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (लिकन मकान नह खरीदा जा सका)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (लिकन कोई कावट आ गई)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (इधर स उधर िकराए पर रहन क जगह)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (कोई मोटरकार नह कवल मकान)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (अगली वसत तक टालन क इछा नह थी)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (वसत म ठड क मौसम म नह)

जब समाचार-प म महा य क बार म िलखा जाना श िकया गया तो एक ही तय पर बार-बार जोर

नह िदया गया हर नए लख म नई सचना या नया िकोण कािशत करन क कोिशश क गई सबह क

सकरण म िजस खबर को यादा महव िदया गया दोपहर क सकरण म वही खबर कम महव क खबर क

तौर पर पश क गई भाषण क दौरान कहा यादा जोर दना ह यह िसात सटीक प स इस महव को दिशत

करता ह एक ही िवचार पर बार-बार जोर नह दना चािहए लिकन यिद आप िकसी महवपण घटना पर दशक

का यान आकिषत करना चाहत ह तो ऐसा िकया जा सकता ह

यान रखना चािहए िक भाषण क दौरान जोर दन क िनयम िकसी खट स बध नह होत भाषण म िकस शद

वाय और भाव पर यादा जोर िदया जाए यह वा क शली पर आधारत होता ह एक वा भाषण क जरए

जो यायान करता ह जरी नह ह िक अय वा उसी भाषण क जरए समान भाव पदा कर इस बात का भी

आकलन नह िकया जा सकता िक कौन सा यायान सही ह और कौन सा गलत य िसात वा क जहन क

उपज होत ह

4

वर बदलन क कशलताभाषण दना गायन क सशोिधत कला ह महवपण अतर यह ह िक गायन म वर क विन को लबा खचना होता ह और शद क बीच का अतराल

छोटा होता ह जबिक भाषण म शद का उारण lsquoअसबिधतrsquo वर स िकया जाता ह मय प स वर को यादा लबा नह खचा जाता और

शद क बीच का अतराल िभ होता ह गायन म वर क िविभता का मतलब यह नह ह िक आम भाषा-शली और गायन पण प स अलग

नर ह बोलन क कला म भी इसी कार वर क िविभता होती ह यहा तक िक आम बातचीत म भी तीन स छह अध वर होत ह मन जाच स

िनकष िनकाला ह िक कई य आठ अधवर तक क धनी होत ह

mdashिविलयम िशपिल िस िवान पिका

जसा िक सब जानत ह कठ क थित बदलन स ऊच नीच या मयम वर क विन उप होती ह भाषण

क दौरान न कवल इसका उपयोग एक जस उारण क िलए बक िचाहट एकार (ओह उफ) जस

भाव शद और एक ही वर म बोल जानवाल वाय क िलए भी िकया जाता ह महवपण ह िक इस अतर को

समझा जाए एक द वा न कवल लगातार उपयोग म आनवाल शदाश (अयाय 7 दख lsquoिवभ ारा

कशलताrsquo) बक भाषण क अलग शद और शद क समह को िविभ वर स अलकत करता ह हम इस

अयाय म इसी िवषय क िवशष चरण पर यान द रह ह

िवचार म बदलाव क साथ वर म भी बदलाव क आवयकता होती ह चाह वा इस िसात का होशो-

हवास म अनजान म या अवचतना क थित म योग कर लिकन यह वह श आधार ह िजसक मायम स

वर म बदलाव पदा होता ह इसक बावजद आम तौर पर वा इस िनयम का उघन करत रह ह एक

अपराधी रा क कानन क अवहलना करत ए भी दड स बच सकता ह लिकन भाषण क िनयम क अवहलना

करनवाल वा को कम भावशाली होन क नात यह दड भगतना ही पड़ता ह ऐस वा क बगनाह दशक को

भाषण म एकपता क दश को झलना पड़ता ह एकपता यिद वा क िलए पाप क समान ह तो दशक क

िलए महामारी स कम नह ह

वर म बदलाव करन क कला लगभग सभी नौिसिखय क िलए अड़चन का काम करती ह यहा तक िक

बत स िनपण वा क िलए भी यह तब यादा खर हो जाती ह जब भाषण को कठथ याद िकया जाए

यिद आप वर क एकपता क भाव को समझना चाहत ह तो यानो क एक ही वर को बार-बार बजात रह

िनसदह आपको बोरयत का आभास होन लगगा वाभािवक प स बोलन क िया म वर क िनचल तर स

लकर ऊपरी तर तक कई आयाम होत ह इन वर का वाभािवक ान होन क बावजद िकसी को कोई हक नह

ह िक दशक म एकप वर और शली स उबाऊ भावना पदा करन का मौका दान कर इसम कोई दो राय नह

िक धन क रचना म एक िवशष लय सगीत क खबसरती का आधार बन सकती ह धन म एक आधारभत लय

क मतािबक ही बाक वर का ताना-बाना बना जाता ह इस कार धन म सामजय तयार िकया जाता ह यही

वजह ह िक धािमक सकार क उय स बनाई गई धन म पिवता का आभास होता ह लिकन सावजिनक तौर

पर भाषण दनवाल वा को एकपता स बचना चािहए यिक भाषण का एक जसा ढग ऊब पदा करता ह

िनरतर वर बदलन क कला ाकितक उपहार हभाषण दन क कला म दता हािसल करन क िलए ाकितक िनयम को समझना बहद आवयक ह यान स

सिनए िक िचिडया कस चहचहाती ह िकस िचिडया क कठ स सबस कणिय वर िनकलता ह कछ िचिडया

बहद सरीली होती ह लिकन वर म उतार-चढ़ाव न क बराबर होता ह जबिक कनरी लाक और बलबल जसी

िचिडय क वर म न कवल उतार-चढ़ाव क असीम ितभा होती ह बक वर क बिदश बनान का भी गण

होता ह यहा तक िक िचिडय क बरोक-टोक मधर चहचहाहट पागलपन क हद तक मधर तीत होती ह

छोटा बा अचानक एक ही वर म बोलना श करता ह लिकन धीर-धीर वर बदलन लगता ह अपन घर

क आस-पास रहनवाल छोट ब क वर म होन वाल इस िनरतर बदलाव पर गौर स यान दीिजए खास बात

ह िक यवा क लापरवाह बातचीत को यान स सनत व वर क कई बदलाव महसस िकए जा सकत ह

कपना किजए िक कोई य िननिलिखत प को बोल रहा ह लिकन उमीद क मतािबक भाव पदा

नह हो पा रहा ह याद रख यहा हम एक शद स सबिधत िवभ क चचा नह कर रह ह हम उस सामाय

वर क चचा कर रह ह िजसम महावर पढ़ जात ह

(ऊच वर म) lsquoम अपनी छय म मौज-मती क िलए कल िनकलना पसद कगा (धीमा वर) लिकन

अभी मझ बत सारी तयारी करनी ह (ऊचा वर) म अभी भी यही सोचता र िक मर पास काफ समय बचा ह

तो मरी जान क तयारी कभी परी नह हो सकतीrsquo

इस वाय को पहल अिकत िकए गए वर क मतािबक दोहराए िफर साधारण वा क तरह वर क उतार-

चढ़ाव क िबना बोल िफर दोन ढग स बोल गए वाय क परणाम का आकलन कर

बनाम

वर म बदलाव क आवयकता वय महसस क जा सकती ह िलहाजा इस िसात को जद-स-जद

सीखन क कोिशश कर हालािक वय को एकपता स उबारन क िलए सयम क आवयकता होती ह

वाभािवक बातचीत म य पहल िवचार करता ह िफर िवचार य करन क िलए शद का ताना-बाना

बनता ह जबिक पहल स तयार िकए गए भाषण म वा शद का सही म तयार करता ह लिकन यिद इस

िया को उलट िदया जाए तो या परणाम भी बदल जाएग बहतर यही ह िक भाव य करन क िलए

ाकितक िनयम का इतमाल कर

िननिलिखत सकलन को उदासीन तरीक स पढ़ इसक अथ को समझन क िलए एक बार भी न क इस

िया को बार-बार दोहराए यान स समझन क कोिशश कर िक इस सकलन का या अथ ह िवचार पर

िवास कर इसका भावशाली यायान करन क कोिशश कर और कपना कर िक आप दशक को सबोिधत

कर रह ह यिद आपन िनदश का सही ढग स पालन िकया ह तो बार-बार पढ़न क अयास स वर म बदलाव

महसस िकया जा सकता ह

lsquoम य को नह मारता िचता मारती ह म वाय क िलए लाभदायक होता ह िकसी य क कध

पर मता स यादा बोझ नह रखा जा सकता िचता धार को न करनवाल जग क समान होती ह य ाित स

नह घषण स न होत हrsquo

mdashहनरी वाड बीचर

वर म बदलाव स बल पदा होता हयह एक बहद महवपण बयान ह वर म िविभता दशक म िच पदा करती ह लिकन दशक का यान

आकिषत करन का सबस आसान तरीका हmdashसही जगह पर बल का योग महव दन योय शद या वाय पर

सही एव सटीक बल दना बहद जरी होता ह एक महा िवरोधाभास सदा यान आकिषत करता ह िशकागो क

शोर-शराबवाल इलाक क मकाबल सहारा क शात इलाक म तोप क गज यादा भीषण तीत होती ह इस

िवरोधाभास का सटीक उदाहरण माना जा सकता ह

lsquoकास आग या करन वाली ह

भाषण क दौरान अचानक वर म बदलाव और वाय िवशष पर िदए गए जोर क जरए वा सवाल क

गभीरता को दरशाता ह

इस गभीरता को दरशान क िलए ऊपर इतमाल क गई िविध को उलट िदया जाए तो भी समान भाव पदा

होगा बस गभीरता म थोड़ा बदलाव दरशाना होगा दोन िविधय का कशलता स उपयोग िकया जाए तो बशक

समान परणाम हािसल िकया जा सकता ह

अिधकतर वा बहद तज वर म बोलत ह शसिपयर क मतािबक lsquoशीतल न और मद आवाज मिहला

का उम गण हrsquo इसका महव पष क िलए भी कम नह ह सश आवाज क िलए न तो उसका भारी होना

जरी होता ह और न ही बहद न होना

अततः वर म िविभता लान क िलए कई और महवपण पहल पर यान दना जरी ह ऊच वर म गाए

िफर वर को धीमा कर ल इसी तज पर गात समय वर को घटात-बढ़ात रह वर बदलन क इस कला का

बोलत समय भी अयास कर

भाषण क दौरान हलक मयम एव ऊच वर का इतमाल वय क िच और पसद क मतािबक होना

चािहए

5

गित म बदलाव क कशलतासनो िक वह कस िवास स लबालब तज और धमाकदार तरीक स पहल को प करता ह अभी नता स भरी शाित अभी जगिलय क तरह

ोध वह पर पटकता ह और छलाग लगाता ह

mdashरॉबट बस होली फयस

लिटन भाषा न एक ऐसा शद िवरासत म िदया ह िजसका प प स समतय उारण नह िकया जा

सकता इसिलए हमन इस अपना िलया ह इसक वप को नह बदला गया यह शद हmdashटपो िजसका अथ

होता हmdashगित म बदलाव इस गित बदलन म लगनवाल समय क आधार पर मापा जाता ह

यही कारण ह िक गीत और सगीत क कला म इसका योगदान बहद सीिमत ह लिकन इसम कोई आय नह

िक ठोस चीज म टपो को महसस िकया जा सकता ह इसक अथ का सटीक उदाहरण दन क िलए हम कह

सकत ह िक बलगाड़ी धीम टपो क साथ आग बढ़ती ह एक एसस रलगाड़ी तज टपो क साथ दौड़ती ह

आधिनक बदक बहद तज टपो क साथ िमनट क 600व िहस म गोिलया दाग सकती ह जबिक परानी मजल

बदक को दोबारा भरन म तीन िमनट लगत थ यानी धीम टपो क साथ गोली दागी जाती थी सभी सगीतकार इस

िसात को बखबी पहचानत हmdashआध वर को उठान म आठ वर को उठान स यादा समय लगता ह

मच पर भावी पशकश क िलए टपो क भिमका बहद महवपण होती ह यिद वा पर भाषण को एक ही

वर और लहज म तत करता ह तो यकनन वा न भाषण को जोर और बल क सदर भाव स विचत रखा ह

बसबॉल को फकनवाला िखलाड़ी िकट म गदबाज टिनस म सिवस करनवाला िखलाड़ीmdashसभी गित म

बदलाव क महव को बखबी समझत ह गद फकत समय टपो म बदलाव िकया जाता ह इसी कार वा को

भी टपो म बदलाव क महव को समझना चािहए

तित क दौरान गित म बदलाव स वाभािवकता झलकती हlsquoएकपताrsquo क अयाय म वाभािवकता क महव को समझाया गया था वाभािवकता क साथ टपो म

बदलाव भाषण को और यादा आकषक बना दता ह कलाकार क िलए वर क गित म बदलाव करना बहद

महवपण नर होता ह यिद कलाकार इस नर पर कमजोर पकड़ रखता ह तो अिभनय म नीरसता महसस होती

ह िलहाजा कलाकार क तरह वा को भी इस नर पर मजबत पकड़ बनानी चािहए

हालािक वाभािवक बरताव को समझन क िलए कई आधारभत और भावी साधन ह आपको जानकारी क

िलए बता द िक यह एक ऐसी ितभा ह िजस खोन क बाद दोबारा हािसल करना मकल होता ह मच पर

तित का यह वह आदश तर ह िजस हािसल करन क भरपर कोिशश क जाती ह हालािक यक वा क

िलए इसका अथ िभ होता ह इस तय क जानकारी हम आगामी अयाय म िमलगी यिद सभी वा और

कलाकार अपनी शली म बदलाव क िसात को परी ईमानदारी स िनभाए यक फसफसाहट कराह िवराम

चपी और तज वर को कशलता स तत कर तो िनसदह परणाम काफ आकषक हग भाषण क दौरान यिद

ाकितक अदाज का तड़का लगा िदया जाए तो भाषा-शली कित क सबस खबसरत तोहफ क समान आकषक

हो जाएगी

वातिवक कहािनय स रत लखक असल भाषा क जानकारी का ाकितक रस सवाद म घोल दत ह और

दशक तक इसका वाद टपो म उतार-चढ़ाव क कला क जरए पचता ह

कपना किजए िक आप िननिलिखत प क पहल वाय को धीमी गित यानी धीम टपो म पढ़त ह और

दसर वाय को तजी स महसस किजए िक इसका भाव िकतना ाकितक या अाकितक तीत होता ह इसक

पा परी प को एक रतार स पिढए अतर खद-ब-खद महसस हो जाएगा

lsquoम याद नह कर पा रहा िक मन अपन चाक क साथ या िकया ओह मझ अब याद आया मन चाक मरी

को िदया थाrsquo

इस उदाहरण क जरए यह पता लगता ह िक एक ही वाय म टपो क बदलाव क जरत हो सकती ह जरी

नह ह िक शद और वाय क िलए ही टपो म बदलाव लाना पड़ लबी प बोलन म भी टपो क बदलाव क

जरत पड़ सकती ह

गित म बदलाव स एकपता खम होती हटपो म लगातार बदलाव क जरए कनरी िचिडया अपन सगीत को अयत कणिय बना दती ह यिद राजा

सोलोमन एक वा होता तो वह जगली िचिडय क ही नह बक मधमखय क यवहार स भी रणा लता

िकसी ऐस गीत क कपना किजए िजसम कवल एक-चौथाई वर हो एक ऐस वाहन क कपना किजए

जो कवल एक ही रतार स चलता हो

गित म बदलाव स बल िमलता हगित म िकया गया बदलाव भावशाली होता ह और दशक को आकिषत करता ह यिद कोई रलगाड़ी 110

िकमी ित घट क रतार स दौड़ रही ह तो ममिकन ह िक आप उस रतार पर यान न द लिकन यिद

अचानक रलगाड़ी 20 िकमी ित घटा क रतार पर चलन लग तो आपका यान जर आकिषत होगा सभव

ह िक रतरा म खाना खात व आपका यान धीम बज रह सगीत पर न जाए लिकन यिद सगीत क आवाज

अचानक तज कर दी जाए तो आपका यान वाभािवक प स उस ओर जाएगा

यह िसात भाषा क कला म भी समान प स लाग होता ह यिद आप कोई महवपण तय दशक क

सम तत करना चाहत ह तो तय को टपो म बदलाव क साथ कशलता स पश किजए िनसदह ऐसा करन

पर दशक का यान आपक ओर आकिषत होगा िननिलिखत सवाद का इतमाल एक नाटक म िकया गया था

mdash

lsquoजो मन कहा था म उस भलना नह चाहता म चाहता िक आप इस बात को यादा-स-यादा िदन क

िलए याद रख मझ परवाह नह यिद आप छह-छह बदक अपन साथ लाए हrsquo सवाद का पहला वाय बड़

आराम स बोला गया याद रखनवाला दसरा वाय िव क गित स तत िकया गया इसी बीच कलाकार न

सवाद का आिखरी वाय बोलत व रवॉवर बाहर िनकाल िलया इस सवाद का इतना गहरा भाव पड़ा िक

दशक क जहन म परा नाटक तो धधला पड़न लगा लिकन इस सवाद को अगल छह महीन तक याद रखा गया

एक भावी वा बनन क तयारी म जट छा आसानी स समझ सकत ह िक कलाकार अपन सवाद को यादगार

बनान क िलए इसी कला का इतमाल करत ह

गित क िसात का अयास करत व िनयम स यादा िवचार का खयाल रखना चािहए इस बात स कोई

फक नह पड़ता िक िकस वाय को तज गित स बोला गया और िकस धीमी गित स महव इस बात का ह िक

भाषण क दौरान इस कला का इतमाल िकया गया या नह

भाषण क दौरान टपो म बदलाव क नर का योग बत सावधानी क साथ करना चािहए ऐसा न हो िक आप

उजना म वाय को जरत स यादा गित द द

नए वा म यह दोष यादा दखन को िमलता ह ीमती िसडोन का िनयम था िक lsquoसमय लrsquo करीब एक

सदी पहल िचिकसा-िवान म lsquoबदक स उपचारrsquo नामक औषिध िमण क जरए इलाज क था का चलन था

इसक अतगत करीब पचास अलग-अलग औषिधय का िमण मरीज को दवा क तौर पर इस उमीद क साथ

िदया जाता था िक कोई एक दवा काम कर जाए हालािक िचिकसा-णाली म यह योजना कारगर सािबत नह

होती लिकन भाषा को िविवधता दान करन क िलए इस िविध का इतमाल जर िकया जा सकता ह

गसबग समािध-थल पर समपणसिदय पहल हमार पवज न वतता एकािधकार एव िवकासशील रा क गठन क कपना क थी लिकन

आज हम गहय म यत ह बड़ा सवाल ह िक या उदारवादी सोच क साथ िकसी रा क थापना क जा

सकती ह या यह सोच लब समय तक िटक सकती ह

एक-दसर स हमारा सामना यभिम म हो रहा ह हम अपन पवज क सोच को िजदा रखन क िलए

यभिम म उतर ह यह िबलकल उिचत ह िक हम रा क िहत क रा क िलए यन कर

लिकन एक मायन म हम समिपत नह हो सकत हम सकप भी नह ल सकत हम इस धरती को पिव नह

कर सकत इस धरती क िलए समिपत जीिवत या मत बहादर योा िजसन इस सोच क िलए सघष िकया वह

योा हमार अदर मौजद नह ह दिनया हमार बिलदान को याद नह रखगी लिकन हमार पवज क बिलदान

सदा याद रख जाएग

पवज क अधर काय को परा करना हमारी िजमदारी ह हम इस मिहम को सहजता क साथ आग बढ़ाएग

अधरा पड़ा महा काय परा करन क िलए पण प स समिपत हो जान क आवयकता ह पवज क बिलदान स

रणा लकर अधर काय को परा करन क िलए समपण क योित जलानी होगीmdashण लना होगा िक हमार पवज

का बिलदान यथ न जाए भ क कपा स हमार रा म िफर स वतता का परचम लहराएगा जनता क िलए

और जनता ारा चनी गई सरकार का िफर स गठन होगा

mdashअाहम िलकन

6

िवराम एव ऊजाएक सािहयक कलाकार का मय काय भाषा क माला म लखन क उय को गथना होता ह तािक यक वाय एक क बाद एक आनवाल

महावर क माला म इस तरह जड़ता रह िक हर उलझी गथी खद-ब-खद सलझती रह

mdashजॉज ससबरी िविभ अजी िनबध का ग लखन

िवरामका िविश महव होता ह इस चपी क मायम स तत िकया जाता ह अय शद म यह एक भाव स दसर भाव तक पचन का

अतराल ह हाव-भाव क लय सभालन एव नजाकत और ितपित क िलए सनन क श श क जरत होती ह ऐसी श दोष-रिहत लय को

सनन म सम होती ह ितपित न होन क थित और बपरवाह िवराम क इतमाल स आघात और कमी का भाव पदा होता ह ऐसा लगता ह जस

िकसी कड़ी का बधन टट गया हो

mdashजॉन किलन िजनग वापटता क चिलत िसात

भाषण क दौरान िवराम का उपयोग वापटता क िलए िकया जाता ह

जब कोई य कहmdashlsquoयह आह मर िलए अथाहmdashआह समान क बात ह िक ऊहmdashमझ आप लोग क

सामन कछ कहन का मौका िमला म आहmdashिवास क साथ कह सकता rsquo दरअसल यह िवराम नह ह यह

हकलाना ह हालािक एक वा हकलान क बावजद भावी वा हो सकता ह लिकन बार-बार अटकन स

भाव नह जमाया जा सकता

इसक अलावा एक भावशाली वा क िलए महवपण वाय या महावर क शआत या अत म िवराम लना

आवयक होता ह कोई वा इस िसात को नजरअदाज करन क भल नह करता यह वह महवपण िसात

ह िजसका इतमाल लगभग सभी महा वा करत ह इस िसात को आमसा करन तक अयास करना

चािहए

वापटता क इस िसात को सरलता स समझा जा सकता ह लिकन िशण क लबी अविध क पा यह

खलासा आ ह िक इस िसात को िहदी भाषा म समझाया जाए तो एक सामाय य लबा समय लगा दता

ह अथा इस अनभव को हम यादा उसकता क साथ तत नह करना चाहत हम अपन िलए पड़ स फल

तोड़न क इछा रखत ह यिद फल कड़वा िनकलता ह तो हम उस पड़ को कभी नह भलत

एक य दसर य क वकालत करता हmdash

lsquoमर दोतो इस य न आपक और मर िलए अनोखा बिलदान िदया हrsquo

आपको नह लगता िक िवराम क वजह स इस कथन म आयजनक श उप होती ह गौर करन योय

बात ह िक वा न अपनी सयोिजत श को योग म लात ए कस बड़ भावशाली ढग स lsquoआपक और मर

िलएrsquo का भाव य िकया ह इस प को अब िबना िवराम िदए बोल या िबना िवराम क इसका भाव न

होता तीत हो रहा ह

वाभािवक ह िक पहल स सोच गए इस िवचार क साथ वा न पर यान स िवराम का सटीक जगह पर

योग िकया वा न अपन िवचार को एक पल क िलए भी नह भटकन िदया खास ह वा क तित म

lsquoबिलदानrsquo जस भारी शद क बावजद भटकाव का असर नह महसस आ

इस कार यहा एकाता क महव का बोध होता ह एकाता क िबना िवराम क सही उय को दिशत

नह िकया जा सकता

भावी िवराम क कला क ारा एक या सभी चार परणाम को हािसल िकया जा सकता हmdash

1 िनणायक भाव उजागर करन स पहल िवराम वा को अपनी सपण शय को एका करन का

मौका दान करता ह

य म िबना तयारी और सिनक क सया का आकलन िकए िबना उतरना हािनकारक सािबत होता ह

आप सय क रोशनी म मािचस क तीली को काच क टकड़ क नीच रखकर जला सकत ह लिकन काच क

टकड़ को बार-बार हटान स तीली नह जलगी ऊजा जटान क िलए कना पड़ता ह इसी तरह गलत समय पर

िलया गया िवराम दशक क मन म उसकता और सता का भाव पदा करन म कामयाब नह होता तल क

कए का ढन अकसर खला रहता ह लिकन यादा वाह क िलए तल क कए का ढन कछ समय क िलए

बद करना पड़ता ह दरअसल इस कार वाह को श सयोिजत करन का समय िमल जाता ह

अथा यावहारक ान को उपयोग म लाना चािहए िकसी िवचार को भावशाली ढग स तत करन क

िलए हलका सा िवराम ल िदमाग क शय को सयोिजत कर िफर नए जोश क साथ अपन िवचार को तत

कर कायालय न सही कहा ह lsquoम मन स िवनती करता जब तक िवचार पणतया िवकिसत न ह तब तक न

बोल शात रहन स श का सजन होता ह बोलना चादी क समान ह लिकन चप रहना सोन क भाित ह

बोलना मानवीय ह चपी ईरीय हrsquo

चपी को भाषण का सजनकता माना गया ह जािहर तौर पर माना भी जाना चािहए बत स भाषण का िसर-

पर समझ म नह आता इन भाषण म िवराम और बल क कमी क कारण भटकाव नजर आता ह िलहाजा

ब क बात पर यान दीिजए पिलस अिधकारय क बात सिनए खान क समय पारवारक बातचीत को गौर

स सिनए आपको अहसास होगा िक वाभािवक प स िवराम का उपयोग बातचीत को भािवत बनाता ह

दशक क सम पचन पर एक अवाभािवक दबाव हावी हो जाता ह नतीजतन वा इस ाकितक िसात

को भल जाता ह वा को इस दबाव स उबरकर वातिवक ितभा को तत करना चािहए

2 िवराम का अतराल सदश का महव प करन म सहायता करता ह

हरबट पसर न कहा ह िक परा ाड गितशील ह इस कार गित का सबस िनपण उदाहरण लय ह ठहराव

भी लय का अहम िहसा ह सटीक ठहराव क िलए कित क िनयम का अनकरण करना चािहए उदाहरणmdash

िदन-रात वसत ीम पतझड़ और शीत ऋतmdashइन सभी मौसम क बीच म एक ठहराव होता ह इसक अलावा

िदल क धड़कन क बीच भी ठहराव क भिमका अहम होती ह िवराम का उपयोग किजए और दशक को

गभीरता स िवचार क महव को समझन का मौका दीिजए दशक चपी क बाद कही गई बात बहद गभीरता स

समझन क कोिशश करत ह

ामीण इलाक म रहनवाल ब छया िबतान क िलए जब िकसी शहर म रहनवाल रतदार क यहा जात

ह तो मोटरगािडय क आवाज उह चकान का काम करती ह जबिक शहरी लोग पर उन आवाज का कोई

भाव नह पड़ता ह शहरी लोग चार ओर मोटरगािडय क लगातार शोर-शराब क आदी हो जात ह जो लोग

कभी-कभी शहर आत ह उह यह आवाज यादा आकिषत करती ह दरअसल लब अतराल क बाद शोर-शराब

का माहौल यादा यान भटकाता ह लब समय तक रलगाड़ी म सफर करन क बाद रलगाड़ी क गड़गड़ाहट पर

यान नह जाता यिद आप दर टगी दीवार घड़ी क िटक-िटक यान स सनन क कोिशश कर तो थोड़ी दर म

आवाज साफ सनाई दन लगगी दरअसल ऐसा करत व आप वातावरण म मौजद बाक आवाज स अपना

यान हटान क कोिशश करत ह और िटक-िटक पर यान कित करत ह

दशक क यान का िसात भी इसी िनयम क आधार पर काम करता ह इस िनयम को समिझए और इसक

िलए खद को तयार किजए इस िनयम को बार-बार दोहराइएmdashएक ठहराव क बाद सोचा गया िवचार यादा

भावशाली होता ह रात क मकाबल सबह कही गई बात यादा भावशाली होती ह यिक रात म नद क

ारा िमल िवराम क वजह स सबह एकाता यादा होती ह lsquoबाइबलrsquo क पहल प पर साफ तौर स

उिखत ह िक ईर क सजन-श को एक ठहराव क बाद lsquoसातव िदनrsquo बल िमला था आप आत हो

गए हग िक दशक का दबल एव अनत िदमाग भी इसी तरह ठहराव क अपा रखता ह कित का अनसरण

कर उसक िनयम पर यान द और भाषण क दौरान इन िनयम का पालन कर

3 ठहराव स असमजस क भावशाली थित पदा होती ह

जीवन म सदह स एक िवशष कार क िच पदा होती ह यह िच भाषा-शली स भी जम ल सकती ह

नाटक या उपयास म कथा-वत का उख श म ही कर िदया जाए तो पाठक क िच खम हो जाती ह

य क वि म सदह पष म िजासा पदा करता ह सकस म कलाबाजी करनवाला कलाकार कलाबाजी

करन स पहल कई बार नाकाम कोिशश करता ह तािक दशक म िजासा पदा हो सक इस िजासा को भापन

क बाद ही कलाकार कामयाब कलाबाजी का दशन करता ह करतब िदखान स पहल क जानवाली तयारय क

ारा कलाकार दशक क उमीद को बढ़ावा दता ह और इस दौरान दशक पश िकए जानवाल अत करतब

का इतजार करत ह हम कवल इतजार नह करत बक इस इतजार क सराहना भी करत ह यिद िकसी करतब

म मछली झट स छलाग लगाकर िकसी चीज को पकड़ ल तो थोड़ी दर म ऐसा खल नीरस महसस होन लगता ह

शरलॉक होस क कहािनय म मौजद असमजस ही पाठक को बाधकर रखता ह पाठक रहय खलन तक

बहद िच क साथ इतजार करता ह रहय का खलासा यिद कहानी क बीच म कर िदया जाए तो यकनन बाक

िहस क िलए पाठक क िच खम हो जाएगी िवक कॉिलस का कापिनक कहानी िलखन का नखा भाषण

क कला पर भी बराबर लाग होता हmdashlsquoपाठक को हसाए लाए और इतजार करन क िलए िववश करrsquo सबस

महवपण ह िक इतजार कराए दशक को इतजार क िलए रत न करनवाला कलाकार हसान या लान का

काम नह कर सकता

िशित लखक असमजस बनाए रखन क िलए ठहराव क िसात का बखबी इतमाल करता ह एक भाषण

म िविलयम ायन न कहा lsquoउह सनना मर िलए समान क बात थीrsquo और िफर वह कछ ण क िलए चप हो

गए इस अतराल म दशक क बीच िजासा पदा ई िक िकस सनकर िविलयम को समािनत महसस आ

lsquoईसाई धम क महा चारकrsquo और वह िफर क गए िजस य क वह चचा कर रह थ दशक को उनक

बार म बहद कम जानकारी थी लिकन दशक न इसक बावजद उस य को पहचानन क कोिशश जारी रखी

चपी तोड़त ए उहन कहा lsquoवट एल मडीrsquo ायन िफर थोड़ी दर तक चप रहन क बाद बोल lsquoम उनका

समान करन लगाrsquo इसक बाद वह िफर चप हो गए और एक बार िफर दशक क बीच असमजस क थित

पदा हो गई दशक सोचन लग िक मडी का िकस कार समान करन लग तब उहन कहा lsquoएक महा

उपदशक क तौर परrsquo यिद भाषण क इस िहस स ठहराव को हटा िदया जाए तो परणाम कछ इस तरह होगा

mdashlsquoउह सनना मर िलए समान क बात थी ईसाई धम क महा चारक वट एल मडी म उनका समान

करन लगा एक महा उपदशक क तौर परrsquo

एक अकशल वा इस तित को ठहराव और सदह क कमी क जरए नीरस बना सकता ह इन छोटी-छोटी

बारीिकय का सम अतर एक कामयाब और नाकाम वा क बीच क दरी होता ह

4 सटीक ठहराव स महा िवचार और भावशाली हो जाता ह

कोई भी िकसान आपको समझा सकता ह िक मसलधार बारश का पानी तज गित स बहकर दर चला जाता ह

और फसल क िलए उमीद स कम लाभदायक होता ह इसी कार यिद भाषण क गित तज ह तो दशक वा

क भाव और िवचार को नह समझ पात िकसान क पनी भी कपड़ धोन क िलए इसी िनयम का पालन करती ह

गदगी दर करन िलए कपड़ को घट पानी म िभगोया जाता ह जब जीवन क हर मोड़ पर हम इस िनयम का

पालन करत ह तो भाषा-शली म इस िनयम को य नकारा जाए दशक क सम िकसी महा िवचार को तत

करन स पहल कछ ण क तािक दशक को िवचार क गहराई तक जान का मौका िमल सक अपन भाषण

को एक िदन म ययॉक घमान का दावा करनवाल गाइड क तरह जदबाज न बनन द यह गाइड मोपॉिलटन

कला सहालय म रखी कितय क झलक कवल पह िमनट लन दत ह ाकितक इितहास सहालय का

दशन दस िमनट म करा दत ह जलजीवालय क बस एक झलक ही िमल पाती ह किलन िज को अफरा-

तफरी म पार करवात ह िचिडयाघर म भी जदबाजी हावी होती ह इसक बाद ाट टब पर वापस ल आत ह

और इसी अफरा-तफरी को lsquoययॉक दशनrsquo का नाम द िदया जाता ह यिद आप भाषण क महवपण िबद पर

सही ठहराव का योग नह करग तो िनसदह दशक आपक िवचार को नह समझ सकग

यान रख िक आपक पास भी उतना ही समय ह िजतना आपक आस-पास बसनवाल अरबपितय क पास

दशक वा का इतजार करत ह किलफोिनया क मशर लाल सागौन पड़ सकरात क मय स पाच सौ साल

पहल उपजन क बावजद आज भी यवा अवथा म ह कित क धय को दखकर वय क उतावलपन पर शिमदगी

महसस करनी चािहए चपी दिनया क सभी भाव क मकाबल यादा मन-हरण होती ह इस कला पर दता

हािसल किजए और ठहराव क जरए इसका उपयोग किजए

िवराम और ठहराव क सटीक िशण क िलए िननिलिखत सकलन म अप िवराम क सकत का इतमाल

िकया गया ह वाभािवक प स आप इन सकत का िविभ तरीक स इतमाल कर भाषण क महव और अथ

को बदल सकत ह यह मयतः िनजी ाथिमकता का िवषय ह एक दजन स यादा कलाकार न अपन अदाज

म हमलट क िकरदार को िनभाया ह िकस कलाकार न िकरदार परी िनपणता स िनभाया इसका आकलन नह

िकया जा सकता िनजी अदाज को उजागर करन स ही मनचाही कामयाबी िमलती ह

lsquoएक ण का िवराम यव को शष भीड़ स पथक कर दता ह यह आय क बात ह त का कािफला

पच चका ह और अब तक कछ भी यवथत नह ह अर जदी करोrsquo

िजन सासारक उमीद क चाह म य का िदल धड़कता ह वह राख हो जाती ह या उस गमनाम बफ क

तरह होती ह जो रिगतान क धल भर चहर को कछ समय क िलए ढक दती ह

समय क िचिडया क पास उड़न क कई साधन होत ह जबिक एक वातिवक िचिडया अपन पख क सहार ही

फड़फड़ाती ह

आपन गौर िकया होगा िक िवराम िच का ठहराव क िसात स खास वाता नह होता आप भाषण क

िकसी भी िहस को तजी स पढ़ सकत ह और कह भी िवराम ल सकत ह अथा िवचार का महव िवराम

िच स यादा होता ह

lsquoएक किवता क पतक मिदरा का याला पाव रोटी का बड़ा सा टकड़ा और बीहड़ म गीत गात हजार

कठ ओह बीहड़ का सदय वग समान होता हrsquo

बायरन ारा िलिखत सकलन म िवराम सकत पर यान दीिजएmdash

lsquoलिकन शशश (चप करन का सकत) हररर (यान स सनन का सकत) व गहरी आवाज एक बार िफर

सनाई द रही ह पहल स यादा िनकट साफ और घातक धड़ाम lsquoधड़ाम तोप क गरजन क आवाजrsquo

इन वाभािवक िविभता क महव पर लब िवचार-िवमश क आवयकता नह ह आप महसस कर सकत

ह िक आम बातचीत करत व जहन म शद और महावर का ताना-बाना बनन लगता ह और हम सही शद या

महावरा चनन क िलए हलका सा क जात ह इसी कार भाषण क दौरान सास लन क िलए क और परी सास

भरन क बाद ही दोबारा बोलना श कर जदबाजी स भाषण का सदय कम हो सकता ह

सावधानी क तौर पर एक िहदायत बहद जरी हmdashिवराम और ठहराव क िसात का बत यादा अयास न

कर िवराम क यादा अयास स भाषा-शली बोिझल और अवाभािवक हो सकती ह इस बात का भी खास

खयाल रखना जरी ह िक िवराम िकसी आम िवचार को महवपण सािबत करन का काम नह कर सकता

आपको ाचीन हायपद रचना lsquoिमडनाइट मडरrsquo का यायान याद ह िजसक शआत बत आडबरपण तरीक

स ई और अत बहद रोमाचकारी रहा अत कछ इस कार था lsquoऔर उसन िनर ढग स मछर क हया कर

दीrsquo

अितम प म िवराम को कछ इस नाटकय ढग स पश िकया गया िक दशक हसी पर काब नह रख सक

हायपद भाषण म भाषा क यह शली कारगर िस होती ह लिकन गहन और गभीर भाषण तत करत व

हायपद ढग का उपयोग भाषण का भाव ीण कर दता ह अथा भाषण क दौरान िवराम क गभीरता और

लहज क सहजता को समझना बत आवयक ह

7

सर बदलन क दतागाव क उन घिटय क धन िकतनी मधर ह

एक अतराल क बाद सनाई पड़ती ह

आवाज का उतार-चढ़ाव बहद मधर ह अभी धीमा वर

िफर तजी स बजनाmdashऔर तजी स बजना

गजायमान बहद साफ जस झका आ रहा हो

एक साधारण सी श स जर-जर म समा रही ह

वहा जहा याददात गहरी नद सो रही हो

mdashिविलयम कॉपर द टाक

हबट पसर न इस lsquoलयrsquo पर िटपणी करत ए कहा ह िक लखक न बातचीत क दौरान सर बदलन क िसात

को महव िदया ह और lsquoबड़ भावनामक तरीक स ान का दशन तत िकया हrsquo यह िकतना सच तीत होता ह

िक शद क मकाबल सर म उतार-चढ़ाव स कथन क भाव को यादा प िकया जा सकता ह सर म उतार-

चढ़ाव क मामली ितभा स भाषा का ततीकरण कई गना भावी हो जाता ह और सर क उतार-चढ़ाव क इसी

कला को िवभ कहत ह

शद क अतगत सर म बदलाव क कला और यादा अहम ह महावर क मकाबल इस कला का उपयोग

शद क बीच करना बहद महीन काम ह शद िबखरी ईट क समान होत ह लिकन सर बदलन क कला क

ारा इन ईट समान शद स राता गोदाम या िगरजाघर तयार िकया जा सकता ह सर बदलन क कला शद

को नया अथ दान कर सकती ह इसी आधार पर एक परानी कहावत क रचना क गई हmdashlsquoया कहा गया ह

यह महवपण नह ह कस कहा गया ह यह महवपण हrsquo

शसपीयर क रचना पर िटपणी करनवाली शसयत ीमती जसन न सर बदलन स सबिधत एक तीण

उदाहरण िदया ह lsquoलडी मबथ क जसा िदखन क िलए ीमती िसडस न lsquoहम नाकाम रह भाव को तीन अलग-

अलग भाव स पश िकया सवथम ितरकारपण न क तौर पर lsquoहम नाकाम रहrsquo इसक बाद अचरज जतात

ए lsquoहम नाकाम रहrsquo आय को दरशान क लहज क साथ lsquoहमrsquo पर िवशष जोर दत ए lsquoहम नाकाम रहrsquo

अत म परणाम को पता करन क मशा स वह सहमत ए जो मर खयाल स सबस सटीक भाव था lsquoहम

नाकाम रहrsquo एक सामाय अतराल म वर को धीमा गहरा और गभीर करत ए जस उसन मामल का िनपटारा

करत ए कछ इस तरह कहा होmdashlsquoयिद हम नाकाम रह तो य रह अब सब खम हो गया हrsquo

िवदशी भाषा सीखन क िया म वाभािवकता का अहसास िशण क आिखरी दौर म होता ह

वाभािवकता दरशान क िलए सर म बदलाव क कला का उपयोग आवयक होता ह सर बदलन क कला क

अभाव म एकपता झलकन लगती ह

सर बदलन क कला म सर चढ़ान और िगरान का अयास िकया जाता ह सर स सबिधत ितभा असाधारण

होती ह सर क बीच पदा िकया गया महीन अतर का भाव बहद यापक होता ह सर बदलन क कला क ारा

िविभ सर को जम िदया जा सकता ह उदाहरण क िलएmdash

तजी स सर को चढ़ाना

लब अतराल तक सर को खचना

सपाट सर

लब अतराल तक िगरनवाला सर

तजी स िगरनवाला सर

तजी स चढ़न-िगरनवाला सर

तजी स िगरन-चढ़नवाला सर

िहचिकचाहट

दरअसल सर म िविभता क कोई सीमा नह ह इन उदाहरण क ारा सर म बदलाव क सामाय िसात

यानी सर म उतार-चढ़ाव क मायम स होनवाल भाव को दरशाया गया ह

अलग-अलग िवचार और भावना को य करनवाल िविभ सर को सचीब करना नाममिकन ह इस

कला क िशण क िलए कछ महवपण सझाव क साथ अयास क िलए पया सामी का उख िकया

गया ह अयास सर म बदलाव क कला पर पकड़ बनान का सबस आसान तरीका ह

उदाहरण क िलए इस साधारण वाय को ही ल लीिजए lsquoओह यह एकदम ठीक हrsquo यान दीिजए िक कस

सर बदलन क जरए फक सराहना िवन सदह और िवचार क अिनतता को य िकया जा सकता ह

इसक बाद यान दीिजए िक कस समान भाव को दरशान म िगरता आ सर िनय अछ आचरण क साथ

सहमित उसाहपण सराहना आिद को दिशत करता ह

साधारण तौर पर ऊच सर स शका और अिनतता का भाव पदा करता ह जबिक िगरत ए वर स

िनतता का बोध होता ह

छा यह सािबत करन क िलए िक उनका भाषण lsquoकछ खास बरा नह थाrsquo ऊच सर का इतमाल करत ह

इसक िवपरीत नीच वर म भाव य करनवाल छा को कथन क सयता मािणत करन क आवयकता

नह होती

उस य को अलिवदा कहन क कपना कर िजसस आप कल दोबारा िमलन वाल ह िफर उस िम को

िजसस िमलन क सभावना बहद कम ह इन दोन भाव म सर क बदलाव का अहसास खद-ब-खद हो जाएगा

चाय पर िकसी कम पहचान क मिहला स अलिवदा कहत समय lsquoआपक साथ िबताया गया समय बहद सखद

थाrsquo का भाव और िमका क साथ िबताए गए समय क बाद इस भाव का ततीकरण समान नह होता दोन

थितय म सर म बदलाव क अतर को महसस िकया जा सकता ह

इस बात को अछी तरह समझ लना चािहए िक सर म बदलाव क िया बहद अयािशत होती ह एक-

एक शद क बीच बहद महीन बदलाव भाषण क दौरान सर म तज और बहद धीम बदलाव स इस कला को

दिशत नह िकया जा सकता हालािक यह भी नह नकारा जा सकता िक कभी-कभी सर म तज और धीम

बदलाव क भी आवयकता होती ह पर जािहर तौर पर यह िसात िवशष परथित म ही कारगर िस होता

ह िननिलिखत वाय का उारण िदए गए सकत क आधार पर किजएmdash

अब इस वाय क िविभ मतलब िनकालन क नजरए स महवपण शद क सर बदलन क कोिशश

किजए ऊपर िदए गए उदाहरण म सर को कवल दो शद क िलए बदलन क सलाह दी गई ह लिकन

हककत म अलग-अलग शद क वर को बदलकर वाय क कई मतलब िनकाल जा सकत ह

यान रह िक शद क उारण म सर का बदलाव आवयकता स यादा या कम नह होना चािहए सर म

जरत स यादा बदलाव भाषा को बनावटी बना दता ह ऐसा लगता ह जस एक परप गिहणी चलबली

अदाए िदखान क कोिशश कर रही हो यह एक वाभािवक भाव और िबना इराद िकए गए मजाक क बीच एक

महीन परद क समान ह अपन सर का वय िवषण किजए उदाहरण क तौर पर lsquoओह नहrsquo या िफर

lsquoओह म समझाrsquo और lsquoवातव मrsquo जस भाव को सर क बदलाव क जरए अलग-अलग मतलब दन क कोिशश

किजए और धयपवक इसक समीा किजए िनयम क पतक क मकाबल यह अयास िवषय को यादा

गहराई स समझन म मदद करगा इसक अलावा अतमन क आवाज पहचानना भी महवपण िवशषता ह

8

भाषण-शली म एकातासावधानी बौक ि क िलए समदश य का काम करती ह इसक मता कम और यादा हो सकती ह इसक दखन का दायरा कम और

यादा हो सकता ह जब इसक मता को बढ़ाया जाता ह तो इसका दायरा कम हो जाता ह लिकन इसका परणाम बहद कशल एव गहन होता ह

हालािक इसक ारा बहद कम दायर म दखा जा सकता ह लिकन कम दायर म िदखनवाली चीज का बारीक स अययन िकया जा सकता ह एक

सीमा तक कित बौक ऊजा एव सियता चाह अनभव स हो या िवचार स सय क उन िकरण क समान होती ह िजह काच क टकड़ क

मायम स इका िकया जाता ह वत सय क िकरण स गरम हो जाती ह और आग पकड़ लती ह

mdashडिनयल पतनम मनोिवानी

िसर क ऊपर आग-पीछ क ओर हाथ फर और साथ ही अपन सीन को थपथपाए तालमल का सही अयास

होन तक यह िया नाममिकन नह तो बहद उलझन भरी जर महसस होगी एक ही समय पर दो या तीन काम

करन क िवा सीखन क िलए िदमाग को िवशष अयास क जरत होगी ह अिधकतर मनोवािनक क

मतािबक िदमाग एक समय म दो िवचार क िवषय म नह सोच सकता अकसर हम महसस होता ह िक हमन दो

िवचार क िवषय म एक ही समय म सोचा ह लिकन दरअसल ऐस दो िवचार क बीच बहद समानता होती ह

िलहाजा हम लगता ह िक यह एक ही समय म होनवाली िया रही होगी

इस दाव क सयता क मनोवािनक वजह जो भी हो लिकन इस तय स इनकार नह िकया जा सकता िक

िदमाग दसर िवचार तक पचत व पहल िवचार को छोड़ दता ह और यह िया िनरतर जारी रहती ह

अिधकतर वा एक िवचार य करत समय अगल िवचार को सोचन क बत आम लिकन हािनकारक

गलती करत ह और इस तरह वा क एकाता भग हो जाती ह परणामवप वाय क शआत तो बहद

भावशाली होती ह लिकन अत बहद फका हो जाता ह पहल स तयार िकए गए िलिखत भाषण म यान रखा

जाता ह िक वाय क अत म ही बल दन योय शद का योग िकया जाए लिकन बल दन योय शद क िलए

भावशाली तित क भी आवयकता होती ह एकाता क अभाव म यह भाव फका पड़ जाता ह िलहाजा

मौजदा वाय पर यान कित करना बत आवयक होता ह याद रह िक दशक का िदमाग वा क िदमाग का

बत यानपवक अनकरण करता ह यिद भाषण क दौरान एकाता को मौजदा वाय क जगह अगल वाय पर

कित कर िदया जाए तो दशक का िदमाग भी भटक जाता ह हालािक दशक म यह भटकाव सोचा-समझा नह

होता लिकन िनसदह ऐस मौक पर मौजदा वाय का महव दशक क िलए कम हो जाता ह वा और

कलाकार क िलए िवचार का भटकाव बत हािनकारक िस होता ह

िनसदह भाषण क बीच वाभािवक िवराम क दौरान अगल वाय क बार म सोचा जा सकता ह लिकन एक

वाय बोलत समय दसर वाय क बार म सोचना हािनकारक होता ह िकसी गहन िवचार को एकाता क िबना

तत नह िकया जा सकता िनसदह एका य िवचार क भाव को बहद भावशाली ढग स तत करन

क योयता रखता ह भाषण क तयारी क समय वा िवचार और भावना को कित करता ह वाभािवक

िवराम क दौरान अयत वा आगामी िवचार पर यान दत ए भावशाली तित क तयारी करता ह लिकन

भाषण क दौरान कवल बोल पवानमान न कर एकाता क साथ शय को भी बाट उदाहरण क िलए

िननिलिखत पर यान दmdash

lsquoआपन या पढ़ा मर वामीrsquo हमलट न जवाब िदया lsquoशद शद शदrsquo यह एक ाचीन समया ह

शद का सपाट उारण भाव पदा नह करता लिकन शद को खचन स भाव य हो सकता ह या आपन

कभी यान िदया ह िक रटा आ भाषण िकतना खोखला महसस होता ह या आपन कभी एक लय और तज

वर म दोषारोपण करनवाल अभावी कलाकार वकल या उपदशक को सना ह ऐस लोग मानिसक समया स

िसत होत ह पशवर लोग इस बात का अदाजा नह लगा पात िक महवपण भाव को सपाट तरीक स य

करन स उसका भाव न हो जाता ह िलहाजा महवपण भाव को ढ़ता स तत करना आवयक होता ह

ऐसी तित वा और दशक दोन क िलए कदायक होती ह इस िलहाज स तो तोत को भी वापट माना जा

सकता ह शसपीयर न बड़ सटीक उदाहरण क साथ समझाया ह िकmdash

lsquoमर शद ऊपर उड़त ह िवचार सतह पर रहत ह

िबना सोच बोल गए शद वग तक नह पचतrsquo

िनपण वा होन क नात शद को बार-बार नया जम दना चािहए इस कार भाषण स एकपता क बादल

छट जात ह शद क पीछ िछप वाभािवक हािदक ताजा और सहज िवचार भाषण क तित को जीवत बना

दत ह शद अिभय का परणाम होत ह कारण को ोसािहत िकए िबना परणाम तक नह पचना चािहए

या आप जानत ह िक यान कस कित िकया जाता ह या आपन िविभ शद क दाशिनक अथ पर

यान िदया ह गौर कर िक िकस कार एक काच का टकड़ा सय क िकरण स िमलनवाली ऊजा को कित

करता ह कठोर सय ह िक एका न हो सकनवाल य म या तो इछा-श क कमी होती ह या वह

घबराहट क बीमारी स िसत होता ह या िफर उस इछा-श क महव क जानकारी ही नह होती ह

हर य म वातावरण क बाक घटना स यान हटाकर खद को एका करन क श होती ह शरीर क

िकसी िहस म होनवाली पीड़ा पर यादा यान कित करन स पीड़ा और बढ़ जाती ह टिनस क खल म हार

पर यान दीिजए दशन म खद-ब-खद िनखार आ जाएगा एकाता का अथ हmdashिकसी एक चीज पर यान

कित करना और बाक चीज स यान हटाना यिद आप ऐसा नह कर पा रह ह तो कछ गड़बड़ ह इस कमी

पर सबस पहल यान द कमी को सधारन क भरपर कोिशश कर िनत प स समाधान िनकल आएगा

lsquoआम-शrsquo स सबिधत अयाय को यान स पढ़ इछा और अयास क ारा इछा-श को िवकिसत

कर हर कमत पर यान लगाए िनत प स सफलता हािसल होगी

9

बलहालािक यह साधन चौका करता हmdash

उदासीनता स यथा न पदा होन द

उसाह हािसल करन क िलए भ समाज का िहसा बन

ऐसा करन स नितकता क भख बढ़गी

mdashबायरन डॉन ान

कई नाटक अछ होन क बावजद दशक को भािवत करन म नाकाम िस होत ह रगमच क जबान म कहा

जाए तो ऐस नाटक एक िनत भाव स ऊपर उठन म नाकाम रह ह दरअसल ऐस नाटक म रोचकता

मनोरजन और चडता क कमी महसस होती ह

िनसदह ऐस नाटक ासदी स कम महसस नह होत सटीक शद म कह तो ऐस नाटक क ततीकरण क

िलए बत कम तयारी क जाती ह और मच पर भी अिभनय म जान डालन क खास यास नह िकए जात इन

नाटक का ततीकरण बहतर कर िदया जाए तब भी दशक पर खास भाव नह पड़ता अतः इन नाटक को

जद भला िदया जाता ह

बल या हपणतः प तीत होनवाल शद क बारीक स छानबीन क जाए तो कई ग अथ िनकाल जा सकत ह

बल को इस णी म समिलत िकया जा सकता ह

शआत करन स पहल आतरक और बाहरी श क बीच क अतर को बारीक स समझन क कोिशश करत

ह इनम स एक श कारण ह तो दसरी नतीजा एक श वातिवक ह और दसरी ईरीय इसी कार

िनजव और सजीव बल अलग-अलग होत ह य म आतरक श को जटाकर उस भावशाली ढग स

तत करन क असीम ितभा होती ह यह कला गधक-पोटाश क समान नह होती िजसम िवफोट क िलए

बाहरी ताकत का इतमाल करना ही पड़ता ह य क बाहरी ताकत स भािवत होनवाली वातिवक श

अतमन स जम लती ह यह सनन म महज मनोवािनक तीत हो सकता ह लिकन भाषण क कला म िनपणता

हािसल करन म इसका भाव बहद महवपण िस होता ह

वा क िलए मानवीय श और शारीरक बल क बीच अतर को समझना बत जरी ह साथ ही इसक

वातिवक गण को भी गभीरता स समझना चािहए उदाहरण क तौर पर तज आवाज म बोलना श का तीक

नह होता ऊचा बोलन को अकसर िचाना माना जाता ह महज गरजन स भाषण को भावशाली नह बनाया

जा सकता हालािक ऐस कछ पल जर होत ह जब भाषण क िकसी िहस को तज आवाज क जरए बत

भावशाली बनाया जा सकता ह

बल यिद कारण ह तो भाव भी ह आतरक श का जम चार महवपण गितशील तव स होता ह सबस

पहल बल क उपि ढ़ िनय स होती ह भाषण क दौरान िकसी महवपण भाव को बल दन स पहल कथन

क सयता महव और सही मतलब का बोध होना बत जरी होता ह ढ़ िनय िवास को जम दता ह

lsquoद सटरड ईविनग पोटrsquo क एक लख lsquoइलड क टीआरrsquo म िवटन पसर चिचल न प उख िकया ह

िक चिचल और जवट क कामयाबी क पीछ भावशाली भाषण क कला सबस बड़ी वजह रही ह

आतरक श क महा को गहराई स समझन क िलए इसक मल िसात को करीब स जानन क कोिशश

करत ह य ढ़ िनय क भावना को कस महसस करता ह इसका जवाब खद सवाल म िछपा ह य

इसको महसस करता हmdashिनय का अहसास भावनामक तनाव पदा करता ह योडोर जवट और िबली

सड क भाषण दत व खची गई तसवीर का यान स अययन किजए भाषण क अत म पचन पर उन

वा क जबड़ म िखचाव और तनाव क वजह स शरीर म िखची नस पर यान दीिजए नितक और

शारीरक बल लगभग एक ही तरह स काम करता ह दोन बल को दरशान म तनाव और तत श क भिमका

एक समान होती ह

धनष क यचा क िखचाव और यचा खचन म मासपिशय का बल दशक को आकिषत करता ह इसी

कार जब वा अपनी सयोिजत श का दशन करता ह तो दशक म उसकता क लहर वािहत हो जाती ह

इस सयोिजत श को उजागर करन क िलए इस ढीला छोड़ना आवयक होता ह यही वह श ह जो दशक

को सतक बनाती ह दशक वा क जबान स बरसनवाली शद क बौछार का उसकता स इतजार करन लगत

ह आिखरकार यह इनसानी िफतरत ह एक ग म िनय और भावनामक तनाव जस जबात को नह डाला

जा सकता यिद आप अपन भाषण पी चबतर पर लकड़ी क बराद क गी लगान क सोच तो वाभािवक ह

िक आपक भाषण क फक खद-ब-खद िनकल जाएगी

िनय और तनाव क िवकिसत ितभा स दशक क बीच उसाह पदा करन का भरोसा पदा होता ह उय

को बल क आधारभत श माना जाता ह इसक अभाव म भाषण कमजोर पड़ जाता ह इसस चमक तो पदा

हो सकती ह लिकन यह चमक िबना रीढ़ क हीवाली जली मछली क समान महवहीन होती ह िजस रतार

स आप दशक पर पकड़ बनात ह उसी रतार स आपका िवास मजबत होता जाता ह

अततः यिद िवास तनाव और उय क िमण स लय को गित नह िमल रही ह तो इसका योग िनरथक

सािबत होता ह अपनी श को lsquoनीरसता म तदील न होन दrsquo उस सकारामक प दन का यन िनरतर जारी

रख

या बल को अिजत िकया जा सकता हहा इस बल को अिजत करन क इछा रखनवाला वा उ ितभा को हािसल कर सकता ह िननिलिखत

िवषण क ारा इस कला पर पकड़ बनान क सझाव िदए गए हmdashिवषय पर िवास कायम करन तक भरोस

को अिडग रख

यिद िवचार जहन म तनाव पदा नह कर पा रहा ह तो अहसास को जा करन क कोिशश जारी रख यिद

िहम-दरार को लाघना जीवन-रा क िलए जरी हो जाए तो िकसी रणा क आवयकता नह होती ऐस मौक

पर य अपनी मासपिशय म खद-ब-खद लचक महसस करन लगता ह इसी कार भाषा म िनपणता हािसल

करन क िलए वा रणा खोजन क तर स ऊपर उठ जाता ह अथा भाषा म िनपणता हािसल करन म भी

इछा-श अहम भिमका अदा करती ह

यह तय दोहरान योय हmdashदता हािसल करन म इछा-श सवपर ह इछा-श क लौ जलाए रखन

क िलए दशक या िफर आप खद रणा का ोत बन सकत ह इजन िकतना भी उम हो ईधन क अभाव म

उसस काम नह िलया जा सकता इसी कार िवराम वर क उतार-चढ़ाव और सर क बदलाव म अयत वा

म ऊजा का अभाव तित को अभावशाली बना दता ह

भाषण म बल पदा करन क चार महवपण गण पर भरपर िनयण होना चािहए व गण इस कार हmdash

िवचार िवषय पर मजबत पकड़ शद का सटीक चयन एव ततीकरण इस अक म इन सभी िवशषता क

बार म िवतत जानकारी दी गई ह िवशषकर सटीक शद का चयन इसक जरए यायान क कला बहद

भावशाली हो जाती ह भाषण म बल थािपत करन क िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दmdash

सटीक शद का चयनअसाधारण शद क मकाबल सामाय शद यादा भावशाली िस होत ह बाजीगीरी क मकाबल lsquoहाथ क

सफाईrsquo यादा चिलत शद ह

लब शद क मकाबल छोट शद यादा खर होत ह lsquoसमापनrsquo क मकाबल lsquoखमrsquo यादा चिलत शद

सकत क मकाबल दवनागरी िहदी क शद का योग कर lsquoअनrsquo क जगह lsquoआगrsquo का इतमाल यादा

भावशाली महसस होता ह

यापक शद क मकाबल िनत शद का महव यादा होता ह lsquoमकrsquo क जगह lsquoछापनवालाrsquo यादा

प भाव पदा करता ह

लय सािबत करनवाल शद िनसदह आमतौर पर बोल जानवाल शद क मकाबल यादा गहरा भाव

डालत ह lsquoउसक शादी हो गईrsquo क मकाबल lsquoआिखरकार उसन शादी कर ही लीrsquo स भाव क पता बढ़ जाती

शसयत स सबिधत अपशद क मकाबल लण दरशानवाल शद का भाव यादा होता ह lsquoउस मार

इनसान स कह दनाrsquo क मकाबल lsquoउस चालाक लोमड़ी स कह दनाrsquo जस शद स भाव यादा भ एव

भावशाली हो जाता ह

शद को मब करनावाय क शआत यान आकिषत करनवाल शद क साथ कर

ोफसर बरट वडल क मतािबक lsquoितावा शद क साथ वाय का अत करrsquo

कमजोर िवचार क समख गहन एव गभीर िवचार तत कर इस वचारक तलना स आमिवास बढ़ता ह

भाव को यादा िवतार स तत नह करना चािहए छोट वाय यादा भावशाली होत ह

िनरथक शद को भाषण स छाटन क कोिशश कर तािक अहम शद पर िवशष बल िदया जा सक

आम घरल कहावत का इतमाल औपचारक और दाशिनक िवचार क मकाबल यादा भावशाली होता ह

वाय म गहन िवचार को सही थान द इस कार िवचार क महवपण िहस को यादा बल दान िकया जा

सकता ह

lsquoलिकनrsquo िकसी न कहा ह lsquoिवषय क िदलचप िहस पर िनभर होन स भाव नह जमता उसक मल भाव

प तौर पर क गई याया और तित का सदय दशक को आकिषत करन म यादा कारगर सािबत होता

हrsquo िकसी य को बलपवक आकिषत करन क मकाबल उस मोिहत करना यादा उम तरीका ह

बल का योग य िकया जाए

यह नजरया वातिवकता क बहद करीब ह लिकन पण प स वातिवक नह ह पता धारणा सदय एव

सय क साधारण याया करना आवयक होता ह िनत ही इन गण क िमण स ततीकरण म चार चाद

लग जात ह

छोट-मोट हार क परवाह करनवाल वा आामक सदश दन म िवफल सािबत होत ह िजस तरह सत-

चमकल पथर को रगड़कर िचनगारी पदा नह क जा सकती उसी कार मा सहजता स दशक म िजासा

पदा नह क जा सकती

दशक स भर मच क समख अिभनय करत समय यिद आप भावकता क साथ कह lsquoमझ लगता ह िक

नायशाला म आग लग गई हrsquo तो जािहर तौर पर दशक हसी स फट पड़ग यिद इस भाव को िचता और

बौखलाहट क साथ य िकया जाए तो दशक एक-दसर को रदत ए बाहर क दरवाज क ओर भागना श

कर दग

वा क िमजाज और भाषा क भाव स सदश ढ़ हो जाता ह िकसी यादगार भाषण म lsquoमझ लगता हrsquo lsquoमझ

पता लगाना होगाrsquo lsquoमरी राय मrsquo और lsquoशायद यह सच हrsquo जस भाव का उपयोग नह िकया गया ह वा क

आमिवास और िनभक भाषण-शली न ही महा व यादगार भाषण क नव रखी ह दरअसल इन वा

न शद क जरए अिवनाशी सय को जािहर करन क िहमत िदखाई ह ईसा मसीह क बार म कहा गया ह िक

lsquoसाधारण य ईसा मसीह का वचन बत आनद स सनत थrsquo य दरअसल lsquoईसा मसीह पण िवास क

साथ िशा दान करत थrsquo दशक पर इस बात का भाव नह पड़ता िक आपक मतािबक या सही ह और

आपक मायता या ह भाषण म दशक को आकिषत करन क ऊजा होनी चािहए बोलन स पहल िवचार क

सयता को परखा जाना चािहए िफर उस िवचार को सय क तौर पर तत करना चािहए ढ़तापवक

िवचार क सयता को मािणत करना चािहए िवचार क घोषणा चनौतीपण लहज म करनी चािहए यिद आप

िवास क साथ नह बोल सकत तो बहतर ह िक चप रह

एक कर िवचारवाल यवा मी म वह कौन सी श होती ह जो हठधम होन क बावजद दशक को

ोसािहत करन म कामयाब हो जाता हmdashlsquoमर दोतो जो म आपको मानता भी कतय क नात आपको बताना

चाहता िक पााप ही पाप को धोन का सही माग ह पााप स पाप परी तरह धल जात ह साथ ही सय

क माग क जानकारी िमलती ह लिकन इसस बड़ी साई यह ह िक यिद म भी आपको यही िशा दन लगगा तो

सभी लोग पााप का माग अपना लग िफर यहा कोई नह बचगाrsquo भावशाली भाषण म एक यग स सबिधत

दशन तत करना चािहए आज क दौर म उसाहहीन और बमन स तत िकए गए भाषण को कोई नह सनना

चाहता आज क यग म समाज दिनया भर क जानकारी रखता ह िलहाजा भाषण और िवचार को चिलत करन

क िलए वा को दशक क िमजाज को समझना चािहए पहली कतार म बठकर िकसी िस नाय रचना को

गौर स दिखए यान रह रोमाचक नाय रचना हाय रचना नह नाटक दखत समय कहानी स अपना यान परी

तरह स हटा लीिजए और ततीकरण क तकनीक एव कलाकार क अिभनय पर यान कित किजए नाटक

क अत म अिभनय म िवशष आकषण एव बलता का अनभव होगा इस अयाय म यही तत करन क

कोिशश क गई हmdashदरअसल पण प स सिनयोिजत िनयित और कोमलता स िकया गया बल-योग दशक

क मन पर अिमट छाप छोड़न का काम करता ह

बल का योग कब िकया जाए

दशक और वग क राय िनवासी समान होत ह दशक को जबरदती मोिहत नह िकया जा सकता भाषण

क एक बहद नाजक पहल पर सदय और शाित को एक ही भाव म घोलना पड़ता ह बल क उपि िवरोधाभास

क दो अनत िकनार म स िकसी एक िकनार पर होती ह इनम स िकसी एक िकनार यानी बल या शाित को

भाषण का आधार नह बनाया जा सकताmdashइन दोन भाव का सटीक इतमाल करना चािहए भाव क िनरतर

उतार-चढ़ाव स दशक को आकिषत करनवाली ऊजा पदा होती ह सयदय क सदय क याया करत समय

िजतना जोर िचिडय क चहचहान फल क िखलन और ाकितक सदरता पर दना चािहए वह लोग क चहल-

पहल शोर-शराब और दर स आती रलगाड़ी क गड़गड़ाहट का िज भी उसी उसकता स िकया जाना चािहए

ऐस यायान म दशक क सोच को खलन का भरपर मौका द याद रख कई िदमागी ितजोरय क चाबी खो

चक होती ह इन ितजोरय को खोलन का यास कर जब म इस भाव को समझान क कोिशश करत ए िलख

रहा था िनत प स उसी व कह कोई ठकदार िकसी इमारत क िलए जमीन एक-सार करन क मशा स

पहािडय को बाद स उड़ा रहा होगा अथा काय म िवास रखनवाल य को बाद स नह घबराना

चािहए

भाषण क दौरान भावशाली तित क िलए आिखरी तक यह ह िक िवचार का आधार तयार करन क िलए

यापक एव वत सोच होनी चािहए यही वजह ह िक कछ भाषण को सबह क सारण म िवशष थान िदया

जाता ह अभावशाली ततीकरण क वजह स बत स बयान अपरप एव बढ़ा-चढ़ाकर पश िकए गए

महसस होत ह लिकन िदलचप ह िक दशक का यान खचन म यह िविध कारगर िस होती ह अतः यान

रख िक भाषण तयार करत व हलक िवचार को कमजोर कड़ी न बनन द ऐसी थित म दशक भाषण क

लचीलपन को भाप लत ह एक ितयोिगता क दौरान ीस क महा मितकार िफयास न मित क बाहरी िकनार

पर लापरवाही स गाढ़ी रखा खची उस लापरवाही क िलए आलोचना का दौर श हो गया लिकन िफयास न

मसकरात ए कहा िक उसक ारा बनाई गई मित और दसर मितकार क मित को उस ढाच म रखा जाए जो

मितया थािपत करन क िलए बनाया गया ह तो आयचिकत प स िफयास क ारा मित क चार ओर

खची गई गाढ़ी रखाए यादा आकिषत िस ई इस तरह िफयास क मित स सबिधत सभी शकाए और

आलोचनाए वाभािवक प स शसा म परवितत हो गई इसी तरह भाषण क ढाच को तयार करत समय भी

कवल बल दन योय पहल पर ही िवशष यान दना चािहए

ततीकरण क अदाज म यिद आप आामक रवए को पसद नह करत ह तो जसा िक वडल िफिलस न कहा

ह इस थित म बल क ारा भाषण म सहज भाव डालन क कोिशश कर िवचार को सास लन और शद

को जीवन दन का यास कर िबरल क अनसार lsquoयक वाय को व िबी क िखलौन क तरह झटका और

िचनगारी पदा करन योय बनाएrsquo भाषण म मौजद महवपण भाव को िवशष बल दन का यन िनरतर जारी

रख

10

भावना एव जोशजोश वह गोपनीय एव सदय स भरपर श ह

जो ितभाशाली य क आस-पास मडराती ह

mdashइसाक िडजराइली सािहयक िकरदार

यिद आप वािनक क टोली को िततली क खबसरत पख पर मौजद नस क जाल और सड़क क सरचना

जस िवषय पर सबोिधत कर रह ह तो वाभािवक प स ऐसा िवषय वा और दशक म उसाह क उमग पदा

नह कर सकता य सभी िवचार करन योय िवषय होत ह लिकन बाल-म जसी करीित को खम करन क

मिहम या वतता क िलए हिथयार उठान जस िवषय पर िदए गए भाषण जािहर तौर पर दशक म जागित और

उजना क लहर पदा करत ह हम आरामदायक ग पर सोत ह ठड िदन म हीटर पर हाथ तापत ह वािद

यजन खात ह और िवपरीत िलग क ओर आकिषत होत ह इस आकषण क पीछ सख-सिवधा को सही

ठहराना उिचत तक नह हो सकता इस वभाव क मय वजह आराम क ित झकाव होती ह हमारी भावनाए

खान क ित हमारी इछा और सामािजक यवहार का तरीका िनधारत करती ह इनसान भावनामक ाणी ह

िलहाजा कशल वा बनन क िलए दशक क भावना को करीब स छना जरी होता ह

अक मल क गरीब माता न नीलामी म अपन ब को गलाम क तौर पर िबकत दखा ह इस ासदी स

त माता न शष अमरक वा क मकाबल दशक क िदल को यादा करीब स छआ ह िनसदह उन

माता को भाषण क िनयम क कोई जानकारी नह थी लिकन उनक पास िनयम स बढ़कर कछ थाmdashमातव

क भावना एव कणा कर म बदलाव और डाक-यवथा म सधार स सबिधत िवषय पर खास भाषण नह

िदए जा सक ह यादगार भाषण सदव भावना स िल रह ह वापटता क िलए कामयाबी और बिफ

िजदगी खास उपयोगी सािबत नह होती िकसी बड़ी भल को सधारन और त जनता को जा करन क िलए

क गई कोिशश न यादगार भाषण को जम िदया ह गलामी को यग क सबस िवकट िवपि घोिषत करत ए

पिक हनरी न कभी न भलाए जानवाला भाषण िदया था भाषण क दौरान ईमानदारी और भावकता स सराबोर

होकर पिक न कहा था िक lsquoया तो मझ आजादी दो या िफर मौतrsquo भाषण क इस प को कभी नह भलाया

जा सकता

जोश का भावराजनीितक पािटया िकराए पर गान-बजानवाल क टोिलया बलाती ह तािलया पीटन क िलए नकद इनाम दती

ह अफसोस िक इस काय को तकसगत भी ठहराया जाता ह राजनीितक पािटय क मान तो ऐसा करन स जनता

क उसाह को आसानी स वोट म तदील िकया जा सकता ह इस तक क सयता का आकलन नह िकया जा

सकता लिकन इस बात म भी दो राय नह ह िक समण क समान उसाह क वि तजी स फलन क होती ह

घड़ी बनानवाली एक कपनी न घड़ी क दो िकम को दो अलग-अलग िवापन क जरए बचन का राता

आजमायाmdashपहल िवापन म घड़ी बनान क बजोड़ िविध कारीगरी और घड़ी क लब समय तक िटकाऊ रहन

का भरोसा दिशत िकया गया दसर िवापन म lsquoगव करन लायक घड़ीrsquo जसी पचलाइन क जरए घड़ी खरीदन

स सबिधत गौरव का यायान िकया गया िवापन का दसरा तरीका बहद पसद िकया गया और पहल क

मकाबल दसर मॉडल क घिडय क िब दोगनी रही

अतहीन उदाहरण क जरए यह सािबत िकया जा सकता ह िक इनसान एक भावनामक ाणी ह एक

भावशाली वा बनन क िलए दशक म िवषय क अनसार भावना पदा करना बत जरी होता ह

वाद-िववाद क कला म िनपण वा अछी तरह स जानत थ िक भाषण का भावनामक पहल सबस अहम

होता ह उहन बड़ी चतराई स वापटता क बार म कहा हmdash

lsquoिदखावटी उसाह गभीर भाव यायान म िनपण रोचकता क कवल कपना क जा सकती ह इस पण

प स हािसल नह िकया जा सकता यह कवल तभी हािसल होती ह जब हािसल हो जाए यह जमीन स

िनकलनवाल फवार क समान ह पहाड़ क मख स िनकलनवाल लावा क समान ह जो कवल ाकितक श

स ही बाहर िनकलत हrsquo

lsquoिवालय म िसखाए जानवाल नजाकत स भर भाषण क तौर-तरीक उस व काम नह आत जब बीवी-

ब क भाय और दश क नाजक थित को सधारन क िलए भाषण िदया जाए ऐस मौक पर शद शहीन

हो जात ह और वापटता घास चरन चली जाती ह ऐस मौक पर योय-स-योय वा क मता ीण हो जाती

ह अतः कहा जा सकता ह िक वापटता दशभ और आमिना का एक प ह िवचार क पता िवशष

उय ढ़ िनय िनभक वभाव दीमान आख जबान पर लहरात शद और िवषय पर यान कित

करन क श स वापटता का जम होता ह ऐसी वापटता बोलन क बाक िनपणता क मकाबल यादा

भावशाली होती ह यह एक िया ह एक भावशाली और उम ियाrsquo

एक बार खाना खान क बाद एक लखक गाव क सड़क पर टहलन क िलए िनकला रात म उसन एक ढगी

को बोलत ए सना एमरसन क हर य स कछ सीख लन क सलाह को मानत ए लखक क गया और

उस ढगी क बात को यान स सनन लगा वह य बाल मजबत करन क दवा बच रहा था और दावा कर

रहा था िक उसन इस दवा क खोज एरजोना म क ह उसन अपन िसर स टोप हटात ए दवा क सकारामक

असर का यायान िकया दवा स मह धोकर सािबत िकया िक दवा हािनकारक नह ह इसक बाद दवा क

फायद का भरपर यायान कछ इस तरह स िकया िक खरीदार क लाइन लग गई दवा बचन क बाद उस

जालसाज न बड़ िवास क साथ यह समझान क कोिशश क िक मिहला क मकाबल पष यादा तादाद म

गज य पाए जात ह इस िवषय म िकसी को कोई जानकारी नह थी उसन समझाया िक मिहलाए पतल तलव

क जत पहनती ह इसिलए शरीर का मा धरती स सपक यादा होता ह पष मोट तलव क जत पहनत ह और

बाल को पोषक तव स विचत रखत ह उस जालसाज क पास इस समया का भी िनवारण थाmdashएक ताब का

टकड़ा िजस जत क तलव म रखन स समया हल हो सकती थी िदलचप बात ह िक सहज और वाभािवक

तौर पर पश िकए गए उस िनवारण का जनता न उसाह क साथ वागत िकया और एक बार िफर खरीदार क

लबी कतार लग गई

lsquoएमरसन न कहा हmdashसनो उसाह क िबना बड़ी कामयाबी हािसल नह क सकती हrsquo कालयल न कहा ह

lsquoइितहास क प म शािमल महा लमह कवल और कवल जोश व उसाह का परणाम हrsquo उसाह क भावना

चचक क समण क तरह फलती ह ऑिलवर ॉमवल न कहा ह lsquoइतन ऊच कभी न पचो िक पता ही न

चल जाना कहा हrsquo

उसाह को कस हािसल और िवकिसत िकया जाएउसाह कोई कमीज नह ह िजस जब चाह पहन लो और जब चाह उतार दो उसाह को पतक म मौजद

नसीहत स भी हािसल नह िकया जा सकता उसाह समय क साथ िवकिसत होनवाला भाव होता ह लिकन

सवाल ह िक िकस चीज का भाव जानन क कोिशश करत ह

एमरसन न िलखा हmdashlsquoएक िचकार न मझ बताया िक पड़ का बहतरीन िच बनान क िलए िचकार को खद

को पड़ क समान महसस करना पड़ता ह इसी कार एक ब का िच बनान स पहल ब क शरारत

हरकत और वभाव को समझना जरी होता ह खद को ब जसा महसस करनवाला िचकार ही ब क

िविभ भाव को िच क ारा कट कर सकता ह म रिगतान म रहनवाल एक ऐस िचकार को जानता

िजसन चान का िच बनान स पहल उसक भौगोिलक िवशषता क बार म जानकारी हािसल क और उसक

ारा बनाया गया िच िव-िस आrsquo

िकसी किठन िकरदार का अिभनय करन क िलए साराह बनाड उस िदन शाम 4 बज क बाद न तो िकसी स

िमलती थ और न ही बातचीत करती थ इस अतराल म वह अपन िकरदार म खोई रहती थ शसपीयर क

नाटक म अिभनय करनवाल महा कलाकार बथ भी िकरदार िनभान स पहल अकल रहना पसद करत थ और

खद को िकरदार म डबोए रखत थ एक महा कित lsquoद िडवाइन कॉमडीrsquo िलखन स पहल दात अपनी िमका

लोरस स लब समय तक दर रह जगल म िठकाना बनाया गफा म जीवन िबताया और कई बार भखमरी क

कगार तक पच इस क भर जीवन क बाद दात न महा हाय कित को िलखा सयदय क सदय का वणन

करन क िलए टरनर न िदन िनकलन स पहल 12 िकलोमीटर का पहाड़ी सफर तय िकया और िफर सम-तट स

उगत सय क सदय और मिहमा का वणन िकया वडल िफिलस क वाय िदलोिदमाग पर बत गहरा असर

डालत ह यिक िफिलस न 50 लाख गलाम क दःख-दद को करीब स महसस िकया था

भाषा म अहसास पदा करन का बस यही एकमा राता ह बोलत समय िवषय को िदल स महसस कर और

बाक सब भल जाए आप िजस अहसास का वणन करना चाहत ह उसक िकरदार म पण प स उतर जाए

आप िजस उय क वकालत कर रह ह िजस मामल पर बहस कर रह ह उस व क तरह धारण कर ल

उसम समा जाए और इस दौरान बाक सब भल जाए इस तरह भाव क सही मतलब तक पचा जा सकता ह

िवषय म सहानभित का भाव पदा िकया जा सकता ह कट क जानवाली भावना िनजी भावना जसी तीत क

जा सकती ह ऐसा करन स िवषय का अहसास समािहत हो जाता ह और उसाह वातिवक एव सामक प

धारण कर लता ह

इस िया को महज सलाह क तौर पर नह लना चािहए इस महसस करना चािहए यायान का अदाज

वा क भावना क उबाल को दशक क सामन परोस दता ह भाषण म वातिवक अहसास ढाच म मौजद

खन और ही क समान होता ह िजस न तो बढ़ाया जा सकता ह और न ही घटाया जा सकता ह एक आदश

भाषण म वा और दशक क भावना एक समान हो जाती ह अहसास एक-दसर क साथ िमल जात ह और

तित यादगार बन जाती ह

मानवता म सहानभित क आवयकतावा म मानव वभाव स सबिधत कणा का भाव जोर-जबरदती स पदा नह िकया जा सकता उसका

िवकास वय होता ह िवटर गो क आमकथा िलखनवाल लखक न गो क अथाह धािमक भावना को

लखन कला क महानता का आधार बताया ह हाल ही म lsquoकॉिलयसrsquo वीकली क सपादक को लघकथा िलखन

क कला पर बोलत ए सना गया भाषण क दौरान उहन बार-बार मानवता क ित ह क भावना पर जोर

िदया लिकन िनजी वाथ हािसल करन क िलए िदए गए कछ यादगार भाषण समय क साथ खद-ब-खद

महवहीनता क अधर म ल हो जात ह महानता का सबस मजबत आधार हmdashसमपण क भावना वय का

सरण जीवन का पहला िनयम ह तो आमयाग महानता का पहला लण ह पाप क बिनयाद िनजी वाथ क

जमीन पर खोदी जाती ह महा धम और दाशिनक िनरतर इस सय का सयापन करत आए ह वातिवक

सहानभित और ह स भरा यव ही मानवता क भावना म जागित पदा करन योय भाषण तत कर

सकता ह

जसा िक वटर न कहा ह सहानभित और ह दरशान का ढग िकसी काम नह आता इस अिभनय को

सफलतापवक नह िकया जा सकता lsquoकित न वातिवकता को िवशष ऊजा दान क हrsquo भाषण दत समय

शद और भावना म तालमल होना चािहए िबना भावना क तत िकए गए वाय म अहसास क कमी

झलक ही जाती ह अधर मन स पश िकए गए उदासीन यायान क िलए समाज म कोई जगह नह होती

वापटता का सबस अहम ोत हmdashईमानदारी कालयल न सही कहा ह lsquoिमरायो नपोिलयन बस और

ॉमवल म स कोई िवशष योयता का धनी नह था लिकन इन सभी यव म ढ़ िनय सवपर थाmdashऔर

मरी नजर म ऐसा ही य सा एव गभीर होता ह महा एव वातिवक गभीरता स नायक का उदय होता ह

महा य लय क िलए इतमाल क जानवाली गभीरता और लगन का यायान नह कर सकता असल म

इसक बार म िवचार तक नह िकया जा सकता हrsquo

11

तयारी क जरए बहावतित स पहल तयारी पर िवशष यान दना चािहए ठोस तयारी स तित दोषरिहत हो जाती ह

mdashसीिसरो द ऑिफस

शदकोश म उन लिटन शद पर यान दीिजए िजनम ल का योग होता ह ऐस शद साकितक भाव

दिशत करत ह

पहल-पहल आसान और आम इतमाल म िलय जानवाल शद म वाह महसस होता ह भाषण क दौरान

शद का वाह तज करना आसान नह होता इसक िलए िनरतर अयास और भाषण क दौरान होनवाली

गलितय को सधारना जरी होता ह

भाषण म बहाव का ोतमोट तौर पर कह तो मजबत तयारी भाषण म बहाव पदा करन का एकमा तरीका ह िनत तौर पर कलाकार

म मौजद पदाइशी गण िवशष महव रखत ह लिकन जम स ा गण को िनखारन क िलए अयास क

आवयकता होती ह अयास क ारा उन गण को भी हािसल िकया जा सकता ह जो यव म ाकितक

प स मौजद नह होत यह उदाहरण रणादायक हो सकता ह शायद हजरत मसा क तरह आपको भी

गलतफहमी हो िक आप म तपरता क योयता नह ह

या यह सोचना बद िकया जा सकता ह िक lsquoहम तपर वा नह हrsquo िकसी काय क िलए तपरता का

मतलब हmdashबहतर तयारी स ससत होना और व लोग सदा तयार रहत ह जो काय को अजाम दन क िलए

बहतर तयारी करत ह उगिलय क फरती स चलान का अयास ताबड़तोड़ गोिलया चलान म सम बदक स

यादा महवपण होता ह भाषा म बहाव क कला दो महवपण अवथा क सीध अनपात म होती हmdashभाषण

क िवषय और बोलन क अदाज का पण ान होना चािहए इस कार भाषण म बहाव पदा करन क अय

महवपण िसात का बोध होता ह बहतर तयारी और िनरतर अयास स भाषण म वतः ही बहाव पदा हो

जाता ह

िवषय क ान का महवआकषक ततीकरण म अयास क भिमका क साथ कछ और महवपण पहल भी होत हmdashिवचार को

मब तरीक स पश करना शद का सटीक चयन सहज यायान सही समय पर िवराम आम-चतना और

कछ अय िवशषता का वणन इस अयाय म नह तो पतक म कह-न-कह जर िकया जाएगा

आम िवषय या िवषय िवशष क अनसार तयारी क जा सकती ह दरअसल तयारी क िया म इन दोन का

सटीक िमण होना चािहए अययन क ओर िनरतर झकाव भावोजक िवचार का गहन आकलन और जीवन

क सघष स जझन का साहस िनपणता हािसल करन क महवपण मायम ह ससिहत िदमाग यापक अनभव

और सवदनशीलता रखनवाला य िकताब क मकाबल इन गण स यादा सीखता ह िवषय स सबिधत उिचत

जानकारी वातावरण स हािसल िकए गए गहन अनभव और अछी सगित स िमल महवपण सझाव जस गण क

िमण को उम तयारी माना जाता ह अछी सगित एव उम िवचार स आदश सोच िवकिसत होती ह िम

क बीच िनपण भाषण-शली तत करनवाला य ही आदश वा बन सकता ह अतः िवचार को सटीक

शद क मायम स य कर वा भी अपन भाषण स उतना ही सीखता ह िजतना दशक कभी-कभी बोलन

स पहल वा िवषय क कम जानकारी होन क धारणा बना लता ह ऐस म याद रख िक एक िवचार दसर

िवचार को जम दता ह यह जानकर हरानी होगी िक वा िजतना तत करता ह दशक उसस यादा क

उमीद रखत ह दोताना वाालाप क जरए मानिसकता और यायान म बहाव िवकिसत होता ह लॉगफलो

न कहा ह lsquoिकसी ानी य क साथ क गई एक चचा दस साल तक हािसल िकए गए िकताबी ान स यादा

कारगर िस होती हrsquo और होस न बड़ मनमौजी ढग स घोषणा क ह िक आध समय तो वह कवल

िवचाराधीन म पर ही बोलता रहा ह लिकन भाषण क मच पर यह तरीका नह अपनाया जा सकता

दरअसल सह क मायम स ा सपता का उपयोग एक महा भाषण क तयारी क िलए करना चािहए

िनसदह यह एक महा िवचार ह और इस िवचार को िवतार स तत करन क िलए एक अलग अयाय क

जरत पड़गी

अयासजानकारी को सगिठत कर उस िनत प दन को सपण तयारी नह मानना चािहए अयास क िबना तयारी

सपण नह हो सकती अथा जानकारी क अनसार भाषण का अयास करना बहद आवयक होता ह इस

िसात क आधार पर क गई तयारी और अयास का असर िनत समय क बाद ही महसस होता ह िलहाजा

शआती िवफलता स न तो घबराए और न ही िनराशा को हावी होन द शआत म इस पित को अपनान स

होनवाल भाव को नजरअदाज कर और भिवय म सकारामक परणाम क कपना कर मच पर पचन क बाद

कवल िवषय क बार म सोच दशक और वा क बीच एक-दसर क भाव समझन क असीम श होती ह

वा ारा सकत क मायम स तत िकए गए िवचार को दशक आसानी स समझ लत ह

आपस बार-बार अनरोध िकया जा रहा ह िक lsquoभाषण दत समय कवल िवषय पर यान कित रखrsquo यह सलाह

थोड़ म बत समझी जानी चािहए भाषण स सबिधत अय महवपण पहल को भलन क सलाह कतई नह दी

जा रही ह बस यह कहा जा रहा ह िक उनक बार म बवजह न सोच एकाता कवल सदश क महव पर होनी

चािहए हालािक अवचतन म तकनीक पहल पर िवचार का भटकाव होता रहता ह लिकन इसस भाषण पर

भाव नह पड़ता दरअसल एक िनपण वा समय क साथ इस कला म अयत हो जाता ह

चतना और अवचतना क बीच सहज तालमल थािपत करना बत आवयक होता ह

िजस तरह सास िलय िबना नह िजया जा सकता ह उसी कार इस िसात को भी नजरअदाज नह िकया जा

सकता मच पर हाव-भाव वर सर बदलन क कला उतनी ही िनपण होनी चािहए िजतना वातिवक हाव-

भाव वर और सर बदलन का अदाज होता ह भाषण क दौरान वाय का बहाव कसा ह बस इतना िवचार ही

बहाव को िबगाड़ दता ह

आमिवास स सबिधत शआती अयाय का यान कर उसक िनदश को याद किजए सलाह ह िक

िसात को याद िकए िबना बोलन क कला को समिझए यह जरी नह ह और हो भी नह सकता िक शद

क सही उारण क िलए आप भाषण क बीच म सोचना श कर द हककत यह ह िक ग ख क क म को

क ख ग क म क मकाबल याद करना मकल होता ह दरअसल बचपन स ही य क ख ग क म

क िलए अयत होता ह भाषण कला म िनपण होन क िलए शद का सही उारण िदनचया क कामकाज

जसा आसान होना चािहए एक नौिसिखए क िलए िपयानो बजान क िविध शआती मकल खड़ी करती ह

लिकन समय क साथ उगिलया अयत हो जाती ह एक समय ऐसा आता ह जब िपयानो बजान क िलए

उगिलया खद-ब-खद सटीक सर पर पानी क तरह तरन लगती ह इसी कार शआती दौर म बोलत व

िहचिकचाहट जर होती ह एक नए तराक क तरह भय का भी आभास होगा लिकन िनरतर डट रहन स

सफलता जर िमलती ह

इस कार िनरतर अिजत िकया गया शद का ान अयास क ारा भाषा-शली म हािसल क गई सहजता

और िवराम एव ठहराव का सटीक उपयोग धीर-धीर वाभािवक होता चला जाता ह समय क साथ भाषा का

बहाव अयास क अनप ढलता चला जाता ह

लिकन इसक िलए कड़ी महनत क जरत होती ह महनत स कौन सी चीज हािसल नह क सकती कड़ी

महनत लय हािसल करन का एकमा राता ह कड़ी महनत स हािसल क गई सफलता सबस यादा

सतोषजनक होती ह यादगार भाषण क िलए सोच गए िवचार और कड़ अयास का फल अित वािद होता ह

12

वरओह उस आवाज म कछ ऐसा ह

जो मर अतमन क गहराइय तक पचता ह

mdashलॉगफलो ाइस

lsquoद लदन टाइसrsquo क एक भावशाली आलोचक न कहा था िक अिभनय म बोलन क कला का 90 फसदी

योगदान होता ह भाषण क सदश को अलग कर िदया जाए तो सवजन क समख बोलन क कला पर भी यह

िसात पण प स लाग होता ह शानदार आवाज और सर का सटीक बदलाव दशक को उसािहत करन का

काय करती ह इस ितभा क साथ महा िवचार का िमण यादगार भाषण क बिनयाद रखता ह

लिकन यह भी मानना गलत होगा िक कवल शानदार आवाज िकसी य को महा वा बना सकती ह

इसक िलए वा का वभाव और अय ितभा का भी समान महव होता ह गहन एव सरीली आवाज का

अयास करानवाल ो लडटोन न कहा ह lsquoसौ पशवर गायक क भीड़ म स नब गायक सामाय तर स

ऊपर नह उठ पात दरअसल आम तौर पर गायक अयास स कतरात ह या इसक महव को नह समझ पातrsquo

इस कथन पर िवचार करना बत जरी ह

शानदार आवाज क िलए तीन आधारभत गण का होना बत जरी हmdash

1 सरलतासरीली आवाज का रहय िशिथलता म छपा होता ह िशिथलता स सरलता का जम होता ह आवाज पदा

करनवाली तरग तनावपण मासपिशय क मकाबल तनाव-म मासपिशय स टकराकर यादा मधर वर पदा

करती ह इस िविध को खद पर आजमाकर दिखए घणा का भाव दरशात व चहर एव कठ क मासपिशय

को िसकोड़त ए बोिलए lsquoम तमस नफरत करता rsquo इसक बाद शात हो जाइए और दय म म क भावना

जगात ए बोिलए lsquoम तमस यार करता rsquo दोन अदाज म िभता आसानी स महसस क जा सकती ह

आवाज स जड़ी कसरत का अयास करत व और बोलत व वर पर दबाव न डाल आवाज बहद नाजक

होती ह इसक साथ सती स पश नह आना चािहए जबरदती आवाज उप करन क कोिशश न कर इस

वय उप होन द आवाज को सहजता स उप होन द इस पर रख सभी बोझ को हलका करन का यास

कर

भाषण दत व कठ पर तनाव नह होना चािहए यही कारण ह िक मासपिशय को िसकोड़न स परहज रखन

क सलाह दी जाती ह कठ को आवाज क िलए िचमनी क तरह यवहार करना चािहए जािहर ह िक

अाकितक िसकड़न िचमनी को उसी कार खराब कर दती ह जस तनाव स त कठ स िनकली आवाज

हताशा और मानिसक तनाव क वजह स चहर और कठ म िशकन पदा होती ह सतलन और आमिवास क

िलए सघष कर

बड़ा सवाल ह िक िशिथलता कस हािसल क जाए इसका सबस आसान राता हmdashशात होन क इछा

अपन हाथ को कध क सीध म खड़ा कर और अचानक हाथ को खड़ा रखन क श छोड़ द तथा हाथ को

नीच िगरन द इसी तरह कठ क मासपिशय को िसर और गरदन ढील छोड़कर आराम दन का अयास कर

अपनी कमर क सहार शरीर क ऊपरी िहस को घमाए िसर को ढीला छोड़ द और शरीर क िनचल िहस को

वाभािवक तौर पर घमन द याद रख इस िया म बल का योग न कर और िसर को िबलकल ढीला छोड़

रख गरदन को िशिथल रहन द और शरीर क िनचल िहस क साथ खद-ब-खद घमन द

िसर को छाती पर िगरन द िफर िसर को उठाए और जबड़ को झलन द जबड़ को उस समय तक ढीला

छोड़ जब तक जबड़ म भारीपन का अहसास न हो कछ समय बाद ऐसा अहसास होगा जस चहर पर वजन

लटका िदया गया हो इस कसरत क ारा वर म मधर बदलाव क िलए मासपिशया तयार हो जाएगी और वर

िबना िकसी बाधा क िनकलन लगगा

इसी कार हठ को भी लचीला बनान का अयास करना चािहए हठ क जरए भी प और मधर वर

उप करन म सहायता िमलती ह हठ म लचीलपन क िलए lsquoमोrsquo एव lsquoमrsquo का बार-बार उारण कर lsquoमोrsquo

बोलत व हठ को lsquoओrsquo का वर पदा करन जसा गोल बनाए lsquoमrsquo बोलत व हठ को इस तरह फलाए

जसा िक हसत व िकया जाता ह इस अयास को बार-बार कर और हठ को कसरत करन का यादा-स-

यादा व द

इसी कार िननिलिखत अयास करन का यास करmdash

मो ई ओ ई ओस आह

इस अयास पर िनपणता हािसल करन क बाद िननिलिखत अयास हठ म लचक पदा करन क िलए बत

कारगर सािबत हगmdash

नीच अिकत िकए गए वर को याद किजए (भाव को नह) इन वर का िनरतर अयास किजएmdash

ऐ जस ऐनक म इ जस इनाम म य जस यन म

आ जस आह म आइ जस आइस म ऑ जस ऑयल म

ए जस एतराज म ई जस ईख म आ जस आम म

ओ जस ओखली म ओ जस ओस म ऊ जस ऊचा म

ऑ जस ऑसीजन म उ जस उ म ए जस एक म

इ जस इमली म ऊ जस ऊट म इ जस इस म

इस अयास को करत व यान रख िक सास भरन क बाद आवाज को गल क जगह पट स िनकाला जाए

िजस तरह कमर क बल लटकर आसानी स सास ली जाती ह उसी तरह सास लन का अयास कर अयास क

दौरान आपको महसस होगा िक सास लन और आवाज पदा करन क िया म पट क िवशष भिमका होती ह

यह सास लन क ाकितक एव सटीक िया ह सास लन क इस िया को धीर-धीर आदत म शािमल कर

यकन मािनए एक समय बाद कठ क मासपिशय को आराम दन का अयास हो जाएगा

2 पतायिद कठ क मासपिशया कमजोर एव सकण ह वर िनकलन का राता आिशक प स बद ह और मह

आधा ही खल पाता ह तो प और भावशाली वर क कपना कस क जा सकती ह आवाज तरग क

खला स उप होती ह और यिद आप अपन मह को कद म तदील कर दग जबड़ और हठ को कसकर

दबाए रखग तो कठ स वर का िनकलना बहद मकल हो जाएगा ऐस म यिद आवाज िनकलगी भी तो उसम

मधरता एव भाव का अभाव होगा बोलत समय मह को बड़ा खोल कठ को तनाव-म रख और वर को

वाभािवक प स आसानी क साथ िनकलन द

अपन मह को उबासी लन क जगह बोलन क िलए खोिलए बोलत समय वाभािवक रहन क कोिशश

किजए यिद आपक वर स सबिधत अग वथ ह तो लगातार अयास क जरए वर को मधर बनान क

कोिशश करत रिहए सफलता जर िमलगी वर म कमी क कई और कारण भी हो सकत ह गल म सजन या

िफर नाक क ही बढ़ी होन क वजह स भी आवाज साफ तौर पर नह िनकल पाती ह यिद ऐसा ह तो डॉटर

स सलाह जर लनी चािहए

वर पदा करन म गल और पट क साथ नाक क भी अहम भिमका होती ह अतः नाक का खला होना बहद

महवपण ह जसा िक हम कहत ह lsquoनाक क जरए बोलनाrsquo दरअसल इसका मतलब हककत म नाक स

बोलना नह होता लिकन नाक क महव को नजरअदाज भी नह िकया जा सकता ह उदाहरण क िलए नाक

पकड़कर बोलन क कोिशश किजए वर म होनवाला बदलाव खद-ब-खद महसस हो जाएगा यिद आप नाक

क ही बढ़न या िफर सजन क िशकायत स परशान ह तो िनत हो जाइए एक छोट स ऑपरशन स इस

समया स छटकारा पाया जा सकता ह इसी कार भाषण दन क िलए फफड़ का वथ होना भी बत जरी

होता ह जािहर ह िक जदी थकनवाला य अछा वा नह बन सकता

3 तपरतागल म घटती ई आवाज बहद उदास एव अभावशाली महसस होती ह वर िबना िकसी दबाव क पदा होना

चािहए आपको याद होगा िक सबस पहला िसात सरलता ह वर को बाहर क ओर िनकलता महसस

किजए ऐसा मािनए िक वर बाहर क ओर िनकल रहा ह इस सरलता स बहन दीिजए वर को बाहर

िनकलता महसस करन क िलए एक लबी सास लीिजए और हठ को फलाकर आह का वर पदा किजए इस

वर को पदा करन क िलए उप तरग क वाह को अगल दात क साथ टकराता महसस किजए इसका

सवदन इतना हलका होता ह िक शायद पहली बार म तो आप इस महसस ही न कर सक लिकन अयास क साथ

यह सवदना महसस होन लगगी सदा वर को बाहर क ओर िफसलता महसस कर धीर-धीर वर पदा करन म

इतमाल तरग मह क ऊपरी िहस स टकराती महसस होन लगगी वर क बाहर िनकलन क कला उदास भारी

और अभावशाली वर को अयास क साथ मधर बना दगी

हठ को बद किजए और ओऽऽऽऽऽ मऽऽऽऽऽ अरररऽऽऽऽऽ जसी गनगनाहट किजए या यह वर पदा

करत व हठ म तरग स उप कपन महसस होता ह

चहर क सामन अपनी हथली रिखए और जोर स बजजजजऽऽऽऽ क आवाज िनकािलए या आप बाहर

िनकलनवाली तरग को हथली स टकराता महसस कर रह ह यिद नह तो अयास किजए याद रिखए वर

को बाहर धकलना ही एकमा िविध ह इस बाहर धकलन का िनरतर अयास िकया जाना चािहए

वर को थामन क कला का िवकासदरी तक आवाज पचान क िलए कवल िचाना काफ नह होता ह इसक िलए शद क पता बहद

आवयक होती ह मच क सामन दशक क पहली-दसरी प तक मच पर लहरात कागज क खड़-खड़ क

आवाज तक पच जाती ह यिद वर म पता ह तो यकनन सना और समझा भी जाएगा हालािक इस बात स

भी इनकार नह िकया जा सकता िक भाषण आिखरी कतार म बठ दशक को भी सनाई दना चािहए यिद िपछली

कतार म बठ दशक को भाषण सनन म असिवधा हो रही ह तो वर क िननिलिखत िसात को समझन क

कोिशश किजएmdash

ऐस मौक पर सरलता क िनयम क साथ पता और तपरता क िनयम का भी पालन कर यह दर बठ दशक

तक आवाज पचान का मय िसात ह

भाषण दत समय दशक पर अपनी नजर न िटकाए यह अदाज न कवल वा क भाषण को अभावशाली

बनाता ह बक ऐसा करन स वा क आवाज कवल एक िदशा म बहती तीत होती ह

तरग क एक िनत म स वर पदा होता ह इस आकषक बनान क िलए दो महवपण पहल पर यान

दना आवयक हmdashलबी सास भर और आवाज म यादा कपन पदा कर

सास आवाज पदा करन का आधार होती ह िजस तरह कारतस म बाद क कम माा गित क मता को

कमजोर कर दती ह उसी कार सास का अभाव वर को कमजोर बना दता ह गहरी सास न कवल आवाज को

उिचत सहारा दती ह बक इसस वर म गज भी पदा होती ह अतः वा क आवाज म िवशष आकषण पदा

हो जाता ह

आम तौर पर कमजोर वाय कमजोर आवाज का कारण होता ह जबिक पण प स वथ वा क

आवाज म बलता क साथ गज भी महसस होती ह

वाय िवान स सबिधत िसात क बार म िवान म कई मतभद ह लिकन एक िबद पर सभी क राय

समान हmdashगहरी सास भरन क कला स आवाज क ाण-श और आय म बढ़ोतरी होती ह इस िसात क

िनरतर अयास क ारा इस वभाव म ढालन क भरपर कोिशश कर बोलन स पहल लबी सास ल लिकन

यान रख सास भरन क बाद बोलत व साफ क घर-घर न सनाई द

एक सास म इतना लबा न बोल िक दसरी सास भरन का मौका ही न िमल ाकितक िनयम क िव

अनपात स यादा सास भरन या सास क अनपात स यादा बोलन पर खासी या धचक जसी िशकायत हो सकती

कई सफल वा िविभ दश क थानीय भाषा क मतािबक अपन कठ स वर िनकालन का अयास बहद

कम समय म कर लत ह इन किठन यास क वजह स ऐस वा का लबी सास भरन का अयास और

फफड़ क श काफ हद तक बढ़ जाती ह कड़ मकाबलवाल बाकट बॉल और टिनस जस खल क ारा

गहरी सास लन क श को अकापिनक तौर पर बढ़ाया जा सकता ह यिद यह िविध आपक िलए सहज नह

ह तो िननिलिखत सझाव पर यान द

अपनी कमर क दोन िहस को हथली स पकड़

अपनी उगिलय और अगठ क मायम स कमर को जकड़ और फफड़ स हवा तजी स बाहर क ओर छोड़

गहरी सास ल याद रख इस िया का किबद शरीर का मय िहसा यानी पट होना चािहए ऐसा करत व

कध को न उचकाए इस कसरत को बार-बार दोहरान का अयास कर

िवशष न लबी सास भरन क कला क िविभ तरीक को अपनान क सलाह दी ह खास बात ह िक सभी

तरीक म लबी सास खचन और छोड़न को िवशष महव िदया गया ह

वर म कपन पदा करन क िलए भी अयास सबस अहम भिमका अदा करता ह अपनी उगली को हठ पर

रख और तजी स ऊपरी व िनचल हठ स टकराए ऐसा करत व अपन गल स आवाज बाहर क ओर फक

या आपको हठ म कपन महसस आ यिद नह तो अयास कर परणाम बहद जद सामन आ जाएगा

इस अयास को दोबारा कर और नाक स आवाज को बाहर फक नाक क ऊपरी िहस को अगठ और पहली

उगली स दबाए या नाक म कपन महसस हो रहा ह

अपनी हथली को अपन िसर पर रख और नाक स िनकलनवाली आवाज दोबारा िनकाल आवाज को िसर स

उप होता महसस कर या िसर म कपन महसस हो रहा ह

अब हथली को िसर क पीछ रख और पहली िया को दोबारा अपनाए इसक बाद हाथ को सीन पर रखकर

समान अनभव कर शरीर क िजस िहस म आवाज क वजह स कपन हो रहा ह उसी िहस स आवाज को

िनकलता आ महसस कर

सास को परी तरीक स बाहर छोड़न क बाद इस िया को िफर दोहराए और पर शरीर म उप सरसराहट

को महसस करन क कोिशश कर शरीर म महसस होनवाली सरसराहट यकनन मजदार महसस होगी

वर क शतािफजल म सास खच करन स वर क गणवा घट जाती ह सास पर यान स िनयण थािपत कर वर

उप करन क िलए सास क सही माा का उपयोग कर बाहर िनकलनवाली सास क एक-एक कतर को

उपयोग म लाए ऐसा करन म नाक म सास क घर-घर सनाई पड़ती ह सास को खचल वभाव क साथ खच

लिकन बाहर बहद कजसी क साथ िनकाल

वर क िलए सलाहआवाज फटन क समय श का बहद कम योग कर

भाषण दत व ठड पानी स परहज रख बोलन म इतमाल होनवाली ऊजा स कठ क मासपिशया गरम हो

जाती ह अतः ठडा पानी कठ को आघात पचा सकता ह

वर को बहद ऊपर तक ल जान स बच ऐसा करन स आवाज ककश हो सकती ह वा आम तौर पर यह

गलती करत ह यिद सहसा महसस हो िक आवाज बहद ऊच वर पर पच गई ह तो वर को सहजता क साथ

नीच लाए इस अयास को िदनचया का िहसा बनान क कोिशश कर वर म िवतार पदा करन क िलए lsquoअrsquo

अर को धीम सर म िनकाल और हर अगल अर क साथ सर को ऊचा करन का अयास कर सर म िवतार

पदा करन स भाषण म िविवधता लाना आसान हो जाएगा

बोलत समय अपनी आवाज को सनन क आदत न डाल ऐसा करन क िलए बोलत समय भाव को समझन क

कोिशश क वजह स भटकाव क थित पदा होगी और भाषण का भाव फका पड़न लगगा

13

वर का जादसादगी हसमख यवहार को आकषक बना दती ह

ान हािजर-जवाबी को िश बना दता ह

mdashजोसफ एिडसन द टटलर

पॉइ न कहा ह िक lsquoवर का सदय शोक म िनिहत होता हrsquo दरअसल पॉइ न कारण को भाव क वजह माना

ह इसक िवपरीत इस बात पर यान नह िदया िक शोक सदय न करन का कारण होता ह वह सता स

सदय बढ़ता ह डबत सरज का सदय आनिदत नह करता बक गहरी उदासी क भावना को जम दता ह

िसरहन पदा करनवाला गहरा और गभीर सगीत दःख क भावना उप करता ह सयात क समय िचिडय का

धीम-धीम चहचहाना िनराशापण अहसास पदा करता ह

गभीर सदय स िनराशा का भाव पदा होता ह गित स उजना और आनद का अहसास होता ह थरता स

गभीर िचतन क मनःथित और गभीर हो जाती ह गभीर िचतन क अवथा म अतीत म घटी दःखद घटना

क ओर यान आकिषत होता ह थर सदय स भिवय म कामयाबी क धधली उमीद जा होती ह ऐसी

अवथा म य उपलध क िलए जरी उसाह जटान म कामयाब नह हो पाता

इसी कारण सदय स पदा होनवाली िनराशा और आनद क बीच क महीन अतर को समझन क योयता होनी

चािहए स आनद का अहसास अतरामा स जड़ा होता ह इस भाव स जम लनवाल उसाह और आशावाद

क कोई तय सीमा नह होती ऐसी थित म य सति क भावना स सराबोर हो जाता ह हालािक इस

अयाय म वर क जाद का तापय उसाह एव सता स ह लिकन िफलहाल चचल वभाव तजवी आख

और उास क बात क जा रही ह

वर क आनददायक लय म माहौल को मदहोश करन का जाद होता ह पाठक को इस बात का बोध हो गया

होगा िक मधर वर पदा करनवाल कठ क िलए लापरवाह होना िततली क पख को चीरन क समान ह जो पख

क मनमोहक सदरता को न कर दता ह लिकन या भाव को जान िबना कारण को थािपत करना यायसगत

होगा

नथन म घषण स घिटय क गजन समान वर उप होता हवर म पता क िलए नथन का वथ एव खला होना जरी होता ह अगल अयाय म िदए गए सझाव

और चताविनय क बाद नाक स िनकलनवाल वर और नथन स उप होनवाल प वर क बीच का अतर

आसानी स समझा जा सकता ह ासीसी गायक म नाक क वर क पता यादा होती ह

नाक म गज पदा करन क िलए िननिलिखत पय का गाकर अयास कर और नाक स िनकलनवाल पन

वर पर िवशष जोर द नथन क सहार वर को ऊपर-नीच कर इसका अयास ऊचा और िनन वर पता स

उप करन तक कर

lsquoिसग सॉग िडग-डॉग हॉग-कॉग लॉग-थॉगrsquo

अवाभािवक उ वर िनकालन क अयास स सामाय तौर पर बातचीत क दौरान पदा होनवाला वर खद-

ब-खद मधर हो जाएगा य जब अवाभािवक तौर स ऊचा वर पदा करता ह तो उतम आलाप म आवाज

जनाना महसस होन लगती ह अतः आलाप लन म कठ को थका दन क थित तक अयास न कर

अिभनी मरी एडरसन न किव लॉगफलो स पछा िक आवाज म आकषण पदा करन क िलए या करना

चािहए लॉगफलो न कहा lsquoतज एव आनदमय आवाज म पढ़न का िनरतर अयास करrsquo

आनद स भरा वर सबस मधर होता ह इस अयास क जरए िवकिसत कर सिच मन स अयास कर

सता क भाव स शरीर िवकिसत होता ह वर िनकालन का राता खलता ह दय और फफड़ वथ होत

ह अतः मधर वर उप होन क सभी जरत तयार हो जाती ह

सता मय प स मानिसक वि ह िजदगी क िलए सकारामक नजरया सता को जम दता ह हाल

ही म एक दरसचार कपनी न िमसाल क जरए िवापन जारी िकया था lsquoमसकराहट भरी आवाज िदल जीतन का

काम करती हrsquo इस िमसाल को आजमाकर जर दख

आनद स भर ग या गीतामक किवता को सता एव मसकराहट क साथ पढ़त व वर म वाभािवक

मधरता पदा हो जाती ह िननिलिखत सकलन अयास क िलए बत मददगार सािबत हो सकत ह

इन उक उदाहरण का अयास करत व दो बात पर िवशष यान दmdashशरीर और दय का सता भरा

वभाव और वर क उम विन इन दोन पहल पर पकड़ बनान क बाद यान स सावजिनक प स बोलन

क कला क िसात को याद करत ए इन वाय को पढ़ इह याद करना बहद फायदमद सािबत होगा

िमटन क lsquoएलrsquo एलोrsquo सकिलत िकए गए अयासउतावली सदर यवती अपन गीत म ह रचती

िदगी और जवानी स भरी मती

हािजर-जवाबी और िचड़िचड़ाहट और छल-कपट

हामी और इशार और मनमोहक मसकराहट

जस हब क गाल स हो लटकती

और गाल क ग म धीर स िफसलती

खशी स चहकत सलवट स भर चहर

मसकराहट स भर जात ह हठ क घर

जस ही जान लग इस लपक लो

िबजली-सी फरती स पकड़ लो

अपन सीध हाथ स राह िदखाती

पहाड़ क सदर यवती वतता दरशातीmdash

और यिद म उिचत समान का दशन क

तो सता स उसक कािफल का िहसा बन

उसक साथ और सदा पास रहन क िलए

िबना आघात पच हष क साथ जीन क िलए

उसक चहचहात-स मती भर गीत क िलए

धधली रात म चौका-सा गनगनान क िलए

आसमान को छत बज स िनहा

िचतकबरी शाम का गार होत ए

िफर ष क कारण उदासी स भरकर रोऊ

अगल िदन क िलए िखड़क स तह शभकामना क

मीठी बरी और अगर क बल स

और मड़ी-तड़ी लता क रश स

जब मरगा धधल उजाल म हगामा मचाता ह

धीर-धीर उजाला धधलक को िमटाता ह

हौसल क साथ बाड़ क आग अकड़कर चलता ह

बाड़ क दरवाज स टाल तक का चर लगाता ह

जगली क और िहरण क आवाज अकसर आती ह

सबह क उजाल क साथ बढ़ती चली जाती ह

िकसी बढ़ पवत क िकनार स

जगल क गहराई म तीखी गज बढ़ती जाती ह

कभी चपक स छप-छपकर चलत ए

हम क व और पहाड़ी घास पर टहलत ए

सीध पव ार क ओर बढ़त ए

जहा स सय अपना सफर ह श करता

लपट म िलपटा तज चमकता

बादल क हजार झड म स झाकता

पास ही म िकसान खत को िनहारता

हल स खत म जताई क िनशान बनाता

दध दहती ए गाती यवती का साज

हिसए स घास काटन क आवाज

चरवाह अपन िकस ह सनात

घाटी म बल क नीच सतात

समदरसमदर समदर दर तक फला समदर

नीला ताजा ताप स म समदर

न कोई िनशान न कोई सरहद

धरती क छोर तक फला इसका कद

बादल स खलता आकाश को ठगा िदखाता

जस कोई ाणी लहर म झलता लहर को झलाता

म समदर म म समदर म

म वहा जहा सदा होना था चाहता

नजर उठाऊ या झकाऊ नीला-ही-नीला नजर ह आता

चार ओर शाित ह और िफजा म फला आ साटा

एक तफान आए और शात समदर को नद स जगाए

या फक पड़ता ह चाह म ही गहरी नद य न सो जाऊ

मझ यार ह ओह म इस सफर क िलए ाण योछावर कर जाऊ

सफर क गस स भड़कती झाग उगलती लहर पर

जहा चाद को आगोश म ल लती ह हर मदमत लहर

तफान म तज बहती हवा क सीटी-सी लय

पानी क भीतर का जीवन और उसका भय

अब पता चला समदर स दिण-पव हवा को कौन बहाता ह

ऐस फक सत और िनजन समी तट पर मन सहम जाता ह

लिकन िवशाल सम क िलए मरा म बढ़ता ही जाता ह

इसक सीन स िनकली लहर पर मरा शरीर उलटा बह जाए

जस डरा आ चजा घोसल क िकसी कोन म छप जाए

जसी उसक मा ह वसी ही मा हो मरी

काश सम स पदा ई होती शसयत मरी

काश लहर सफद सबह सख लाल होती

जब समी शोरगल म मरी पदाइश होती

हल बजाती सीटी सगमाही पलिटया खाती

और डॉलिफन पलटकर सनहरी पीठ िदखाती

ऐसा जबरदत शोरगल जो कभी िकसी न न सना होता

समदर क ब क वागत म कछ ऐसा आ होता

इसक बाद शात और बपरवाह जीवन जस कोई सत

घमड़ क तरह िजए होत जीवन क पचास वसत

बाटन को सपि और कयाण क िलए असीम श होती

न तो कोई बदलाव होता न ही बदलाव क कोई चाह होती

और मौत जब चाहती मर पास आ जाती

लिकन बस इसी खल आजाद समदर म आती

mdashबरी कॉनवल

सय मा कछ पड़ और फल क िलए नह उगता उसक रोशनी दिनया भर म सता फलाती ह पहाड़ क

चोटी पर अधर म उदास दवदार का अकला पड़ सोचता होगा िक lsquoसय बस उसी क िलए उगता हrsquo छोट घास

क मदान म उगत बगनी फल को दखकर घास क ितनक एक-दसर स काना-फसी करत हग lsquoसय कवल

हमार िलए कट होता हrsquo खत म ग क बािलया एक-दसर स टकराकर कहती हगी lsquoसय कवल हमार िलए

उगता हrsquo लिकन वग म िलत दीमान सय चिनदा चीज क िलए उगता ह उसक रोशनी पर ाड को

सखद गरमाहट पचाती ह और धरती पर मौजद सम-स-सम ाणी भी पर िवास क साथ कह सकता ह िक

lsquoह मर िपता म आपक ही सतान rsquo

mdashहनरी बाड बीचर

द लाकजगल क भारी-भरकम िचिडया

कभी फ कभी बोिझल िचिडया

वीरान म हरयाली म गाती खशी क गीत

जस िजदािदली का हो तीक

मर घरद को धय बना दतीmdash

ओह रिगतान म भी सख उपजा दती

जगल म चहचहाती अड पर बठ जाती

कह दर थम रोिमल बादल क रहाइश

म स िमली श म स िमली पदाइश

जहा ओस स भीग िचिडया क पर

जहा नर करता ह लबा सफर

वग म सदय धरती पर यार

पहाड़ स लढ़कत चमकत झरन क बौछार

बजर जमीन और जगली पहाड़ क हरयाली

िशकार स िनकलती लाल भाप-सी सबह मतवाली

धधल बादल क सग हाथ म डाल हाथ

इधनष क उजल गहर रग क साथ

कह दर ऊची उड़ान मधर ताल और दवदत का गान

िफर धीर स छटता अधरा और पौध म पड़ती जान

सखी पड़ी झािडय म उपजत फल क शान

म का मौसम गाता हरयाली क िलए वागत गान

जस िजदािदली का हो तीक

मर घरद को धय बना दतीmdash

ओह रिगतान म भी सख उपजा दती

mdashजस हॉग

िजदािदल बातचीत म सता का अहसास होता ह अतः िकसी महा िवचार क किबद पर चचा क बाद

एक िवराम दना चािहए ऐसा करन स िवचार का महव यादा गहरा हो जाता ह भाषण म सता क भाव स

वर म िविवधता पदा होती ह िनरतर अयास करन स एक समय क बाद ऐस भाव कट करत व दात स

जीभ का टकराना महसस होन लगता ह नश क भाव स लड़खड़ाती जीभ स िनकला वर सता एव

िविवधता नह दरशाता जीभ को मह म थर रखकर बोलन क कोिशश किजए वर म कछ ऐसा ही भाव

नजर आएगा इसक अलावा यायान म िविवधता एव िजदािदली शािमल करन क िलए महवपण िवचार पर

सटीक बल दन का अयास किजए

िननिलिखत पय म शािमल अहम िवचार का उारण सटीक बल क साथ कर जोश क साथ पढ़ जीभ

क महीन पश को महसस कर भावशाली वर क िलए जबान म लचक बत महवपण होती ह

द कम जलपिय क िशकार क िलए आया

िशकार क िलए घात लगाई िनशाना लगाया

म झािडय म िबजली क फरती स झपटा

पहाड़ क िफसलन भर ढलान पर रपटा

तीिसय पहािडय पर भागा सरपट

पहाड़ी दर म अकसर गया रपट

बीिसय गाव और कब म भागा

पचािसय पल को मन लाघा

िफिलप क फाम तक हवा क तरह बपरवाह बहता

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

म पथरील रात स बड़बड़ करता

िचाता ऊची आवाज म चीखता

म नदी क गहराइय म बदबदाता

म छोट पथर क सग बड़बड़ाता

नदी क तीख िकनार स रगड़ जाता

कभी उजाड़ जमीन कभी हरयाली स सहम जाता

रात म कई परय क िमल घरद

कह घास क मदान कह सख पड़ पड़ ध

बस एक ही काम बकबक करना और बहत जाना

पानी क तज धारा म ऊपर-नीच लहरात जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

कभी डब जाता कभी उबर जाता

बहद खबसरत ह य बहत जाना

अगल-बगल म तरत कामख मछिलया

इधर-उधर फड़फड़ाती रग-िबरगी िततिलया

यहा-वहा स गजरती झाग स भरी टकिडया

मर सफर म सब मर ऊपर स गजरत रह

हर पश क साथ मझ दबल करत रह

सनहरी बजरय क ढर को समटत जाना

बाह म भरकर बिफ म बहत जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

अछा लगगा घास क मदान स चराना

एक िफसलन भरा हलका भरा टकड़ा दीवाना

म िमठास म बहता रगा मझ न भलाना

याद रखग दीवान िक था कोई आिशक पराना

म रपटा म िफसला कभी अधरा तो कभी उजाला

भख म तरत सफद झाग को बना िलया िनवाला

चाद-िसतार क साए म बड़बड़ाना

काटदार जगल म अटक जाना

तरत ल पर लटक जाना

चसर क साथ बहत जाना

िफर बहाव क साथ मड़ जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

mdashएफड टिनसन

सड़क पर मौज-मती करत ब क आवाज का आकषण मन को स कर दता ह लिकन अपताल म

सहमी ई आवाज हताशा पदा करती ह एक िनपण िचिकसक मरीज क आवाज स बीमारी क गभीरता को

भाप लता ह वाय का िगरना और वाय स सबिधत िचता वर म उदासी भर दती ह िजस कार बीमार

शरीर को वथ करन क िलए आराम क जरत होती ह उसी कार भाषण स पहल िनराशा को दर करन क

िलए एकात क जरत होती ह रोमन सा िटबरयस क काल म एक सभासद न दसर सभासद को िलखा

mdashlsquoसमझदार क िलए इशारा काफ होता हrsquo

lsquoपहनाव स अकसर इनसान क यव का पता लग जाता हrsquo आवाज भी य िवशष स सबिधत कई राज

खोलती ह िछछली मिहला िनदयी पष पथ इनसान यावहारक यmdashसभी वर और लहज क जरए

असल यव को दरशा दत ह चालाक-स-चालाक य अपन भाव छपान क िलए िकतना भी छल य न

कर ल असल इराद को परी तरह नह छपा पाता ोध और अिय थित म आवाज तज हो जाती ह म क

भाव क साथ मधर और धीमी आवाज क बदलाव क िविभ प को शद म बया करना आसान नह ह िकसी

िस रगमच क चिलत नाटक को दखन जाइए और कलाकार क वर भाव बदलन क अदाज का यान स

अययन किजए िनसदह वर और भाव म िविभ भाव पदा करनवाला कलाकार सबस यादा पसद आएगा

एमरसन न कहा ह lsquoयिद इनसान को भगवा क साथ रहन का मौका िमल जाए तो िनत तौर पर इनसान का

वर बहद शालीन एव मधर हो जाएगाrsquo वाथ य क वभाव म आकषण सहजता और मधर आवाज बत

दलभ होती ह वर म सौयता िवकिसत करन क िलए समाज क ित सवदना होनी बत जरी होती ह वर स

सौयता और यव म सहजता म स िवकिसत होती ह कनरी िचिडया क चहचहाहट म िमठास का सबस

बड़ा कारण वत िवचार हो सकत ह वत और िनवाथ िवचार स यव म िनखार आता ह य क

वछ िवचार वाणी को सहज एव आकषक बनात ह

14

िभता एव उारण क शताइनसान क अतमन स ईर बोलता ह

mdashहिसयोड वस एड डजिजस तरह भाषण पश करन क कई अदाज होत ह

उसी तरह शद चनन क भी कई तरीक होत ह

mdashहोमर इिलयड

आम तौर पर lsquoउारणrsquo lsquoवराघातrsquo और lsquoसिध-योजनrsquo को एक-दसर का पयायवाची माना जाता ह लिकन

सही उारण म तीन िभ ियाए शािमल होती ह अतः कछ इस तरह इस परभािषत िकया जा सकता हmdash

िकसी शद या शद क समह को उारण वराघात और सिध-योजन क आधार पर तत करना चािहए

िभ और सटीक उारण भाषण क कला का सबस महवपण अग होता ह िबना सोच-समझ शद को

लापरवाही स इतमाल करनवाल वा का भाषण िवचार क उय को समझान म नाकाम सािबत होता ह

बतान का या मतलब होता ह बतान का मतलब होता हmdashभाव क पता और भाव शद क सही चयन या

शद क कमी क साथ प प स कस य िकया जा सकता ह अप उारण क वजह या तो

शारीरक िवकलागता होती ह या िफर गलत उारण क आदत ऑपरशन क जरए शारीरक िवकलागता का

इलाज िकया जा सकता ह लिकन सही उारण क आदत िवकिसत करन क िलए ढ़ िनय और किठन

यास क जरत होती ह य क इछा-श स बड़ा कछ नह होता

उारण म खोट क आदत का चलन आम ह लिकन इसम सधार बत दलभ आम तौर पर िहदी क शद

का गलत इतमाल बहद कदायक महसस होता ह करन क अनसार lsquoउारण म खोट यिद भाषा का कल

नह करता ह तो उस ढर तो कर ही डालता हrsquo

यिद कोई वा भाषण दत व शद क अर को खान लग तो क वाभािवक हो जाता ह lsquoिहदतानrsquo

बोलत समय lsquoहrsquo का वर छोड़कर सीध lsquoइrsquo स बोलना बहद अखरता ह इन खािमय को न सधार सकनवाला

वा सही और सटीक उारण का अयास नह कर सकता ऐस वा को भाषण दन का हक नह िमलना

चािहए यिद वा भाषा म सधार लान म असमथ ह तो बहतर ह िक चप रह

उारण स सबिधत लाइलाज दोष को छोड़कर वस आजकल उारण स सबिधत बत कम लाइलाज दोष

ह कवल इछा-श और अयास स उारण को िनपण बनाया जा सकता ह आमिवास और जी-तोड़

महनत स कई यय न असभव काय को अजाम दकर महा उदाहरण पश िकए ह नॉथन शफड न कहा ह

lsquoआपक िलए धरती पर कछ नह बना जरत ह िक आप कड़ी महनत स उपलधया हािसल करrsquo

उारणउारण का अथ हmdashवर क ाथिमक आधार को भावशाली अदाज क साथ जोड़ना िहदी शदकोश क

लाख शद क सही उारण का अयास करन क कपना बहद भयावह लगती ह लिकन इसक शआत

करना बत आसान ह सही उारण करन क शआत कर धीर-धीर एक शद स दसर शद क ओर बढ़

भाषा क सभी आधारभत वर का अयास कर

कई महा वा क भाषण-शली और उारण म खोट क चार मख कारण रह हmdashआधारभत वर को

नजरअदाज करना लगभग एक समान वर क बीच महीन अतर को अनदखा करना कठ का फहड़पन एव

लापरवाही स इतमाल और इछा-श क कमी अपनी इिय पर काब रखनवाला य इन किमय को दर

करन और उमीद क मतािबक सधार लान का सामय रखता ह

यजन का गलत वर भाषा म खोट क मय वजह होती ह िवशष तौर पर सय वर म खोट बहद

अखरता ह

आम तौर पर अलग-अलग वर को कशलता स तत न कर पान क दोष स उारण म खोट पदा हो जाता

ह उदाहरण क तौर पर अिधकतर य lsquoचहाrsquo बोलत व अक क वर का इतमाल करत ह lsquoफलrsquo का

उारण अजी क शश क समान िकया जाता ह आम तौर पर lsquoबवालrsquo क जगह lsquoबबालrsquo बोला जाता ह

इसी तरह िहदी भाषा म कई शद क वर िवकिसत हो गए ह

इस तरह क चक असावधानी क वजह स होती ह लापरवाही इसक मय वजह नह ह दरअसल यादातर

य शद क सही या गलत उारण पर यान ही नह दत ह इसक अलावा अपन ारा बोल गए शद को

सनन क आदत भी िवकिसत नह क जाती ह

वराघातवराघात का मतलब हmdashशद का उारण करत व सही अर पर बल दना दरअसल इसी कला को

वातिवक प म उारण कहा जाता ह इसी क अभाव म उारण म खोट पदा होता ह यिद lsquoईरrsquo बोलत

समय lsquoईrsquo क जगह lsquoइrsquo का वर िनकाला जाए तो वाभािवक तौर पर शद का भाव फका हो जाएगा

शदकोश म मौजद शद क सही उारण क िलए जीवन भर सीखना पड़ता ह और चलन क मतािबक

उारण क शली म बदलाव का भी अयास करना पड़ता ह सतक कान शद क उपि क जानकारी और

शदकोश को समझन क आदत इस ितभा पर मजबत पकड़ बनान म कारगर िस होती ह

सिध-योजनसिध-योजन का मतलब हmdashअर का प उारण वर और यजन क गलत उारण स अपता

महसस होती ह जसmdashlsquoफलrsquo और शश दो अलग वर को एक साथ या िवराम क साथ बोलन स भी

शद का अथ बदल जाता ह सिध-योजन म गलती करन का मतलब हmdashअर का अधरा उारण या िफर

अनावयक वर का इतमाल lsquoजरतमदrsquo क जगह lsquoजरतीमदrsquo बोलना पण प स गलत सिध-योजन ह

lsquoवपrsquo क जगह lsquoसपrsquo बोलना वाभािवक प स खलता ह जस िक पहल भी बताया गया ह दो शद को

एक साथ िमलानवाल वर को नजरअदाज नह करना चािहए lsquoहषासrsquo शद का उारण करत व िवशष

यान दना चािहए िक lsquoहषrsquo और lsquoउासrsquo शद को जोड़नवाली माा का ही उारण हो न िक सपण lsquoउrsquo

अर का शद क िकसी एक अर का वर बदलन स पर शद का उारण भािवत हो जाता ह

िकसी एक वर या यजन म पता का अहसास न होना वा क िलए अपराध समान ह इस कार शद क

अथ को हािन पचती ह सप बादा चहा इर इमान ईनाम इतजार जम जलम कछ ऐसी ही आम

गलितय क सामाय उदाहरण ह

दोष-य सिध-योजन क मय वजह असावधानी और हठ क जिटलता होती ह अर क सही उारण क

अयास स इस कमी को दर िकया जा सकता ह हठ म लचक का अयास करन स एक साथ बोल जानवाल

शद का सही उारण और वर सीखा जा सकता ह लिकन हठ म इस लचीलपन क िलए जहा एक तरफ

कड़ अयास क जरत होती ह वह इछा-श भी िनपणता हािसल करन म अहम भिमका िनभाती ह

अपनी परभाषा पर लौटत ए हम यान दत ह िक अर क सही सिध-योजन स सही वर उप होता ह और

इस अयास स उारण को भावशाली बनाया जा सकता ह इस अयास क दौरान िवशष तौर पर खयाल रख

िक वर को जरत स यादा न खचा जाए शद क जड़ाव को सहज रखना बत आवयक ह

भाषण तयार करन क बाद िवशष प स यान द िक िकन वर यजन शद और वाय पर बल दन क

आवयकता ह और िकन पर नह शद क सही और सटीक उारण क िलए मािणत शदकोश स सही

जानकारी हािसल कर

15

सकत स जड़ सयएक बढ़ नहीन य का िकरदार िनभात ए जब वाइटिफड धीम स ढलान क पास पचा तो लॉड चटरफड न िचात ए कहा lsquoह भ

यह तो मराrsquo

mdashनॉथन शफड दशक क समख

अिभनय सीखन क िलए िकताबी िनयम क नह सामाय ान और भाव को यान स समझन क जरत होती

ह य क भाव अतमन को उजागर करत ह यह कवल एक भाव ह मानिसक और भावनामक थित को

शारीरक तौर पर य करन का एक तरीका

इसको समझन क िया गलत िसर स श नह करनी चािहए यिद आप इशार करन क तरीक या भाषा म

सकत क अभाव स परशान ह तो भाव क जगह कारण को समझन क कोिशश किजए यायान क दौरान

इतमाल िकए गए बनावटी इशार भाषण म भाव डालन का काम नह कर सकत यिद आगन म खड़ा पड़

उमीद क मतािबक नह बढ़ रहा ह तो उसम समय पर खाद-पानी डाल और रोशनी क कावट को दर कर पड़

क सहत सधारन क िलए कछ शाख को काटन स कोई फक नह पड़ता यिद पानी का कड खाली ह तो बारश

का इतजार किजए या िफर जरत परी करन क िलए कआ खोिदए जािहर ह सख कड म पप लगान स तो

कछ नह होन वाला

िजस वा क भावना और िवचार पहाड़ी झरन क तरह वत होत ह उह भाव य करन म महनत नह

करनी पड़ती ऐस लोग क भावना खद-ब-खद जािहर हो जाती ह िवषय म डबकर नाटकय भावना य

करनवाल कलाकार को अिभनय क िनयम याद करन क जरत नह पड़ती भाव अतमन स पदा होन चािहए

जबरदती पदा िकए गए भाव बनावटी लगत ह लकड़ी का घोड़ा ब का िदल बहला सकता ह लिकन राता

तय करन क िलए असली घोड़ क ही जरत पड़ती ह

िकसी िवषय स सबिधत िनत िनयम तयार नह िकए जा सकत बक ऐसी कोिशश भी नह करनी चािहए

भाषण माहौल वा क वभाव और दशक क िमजाज क मतािबक होना चािहए छह का गणा सात स करना

हो तो परणाम अदाज क मतािबक हो सकता ह लिकन भाषण क दौरान वा िकस िवचार पर कसा भाव तत

करगा इसका ठीक-ठीक अदाजा नह लगाया जा सकता भाषण क बीच म वा कई बार दोन हथिलय क

पहली उगिलय को छोड़कर बाक उगिलय क मी बना लता ह और पहली उगिलय को िमलाकर दशक क

तरफ ऐस सकत करता ह जस िवचार क बौछार कर रहा हो बत स वा हथली पर मी क ताल दत ए

िवचार पर यान आकिषत करन क कोिशश करत ह वह ायन अहम िवचार को तत करन क दौरान ताली

मारन क बाद सीध हाथ को ऊपर उठान का आदी ह लडटोन िवचार को बल दन क िलए सामन रखी मज पर

जोर स मा मारता ह

इस कार वा क अदाज क बार म कछ अटकल जर लगाई जा सकती ह लिकन यह तय नह िकया जा

सकता िक भिवय म वा िकस अदाज को िवकिसत कर ल इस िवषय को यादा पता क साथ समझन क

िलए कछ सझाव पर यान दना आवयक ह

दशक का यान आकिषत न कर पानवाला अदाज यथ होता ह

िवचार को मजबती दन और दशक का यान आकिषत करन म सकत और अदाज क अहम भिमका होती

ह िवचार क मायम स िदए जानवाल सदश को बलपवक यायान सकत क जरए ततीकरण वर म

बदलाव चहर क हाव भाव और िसर हाथ या पर को झटका दकर इस उय को हािसल िकया जाता ह

भाषण क दौरान शरीर क मा बदलना भी भावशाली अदाज माना जाता ह

यिद सड़क पर टहलत समय लोग का यान आपक चाल क ओर आकिषत होता ह तो जािहर ह िक आपक

यव क मकाबल चलन का ढग लोग पर यादा असर डाल रहा ह अतः चाल म बदलाव क आवयकता

ह या आपन कभी ऐस वा को सना ह िजसक िवचार चाह समझ म आए या न आए लिकन बोलन क

अदाज वशीभत करन योय ह ऐसा सभव नह ह दरअसल बनावटी अदाज स कमजोर िवचार को आकिषत

नह बनाया जा सकता

अतमन स उप िवचार का भाव सदश म छपी साई और गहराई को दिशत करता ह इन दोन क िमण

स सयता मािणत होती ह भाषण क बनावटी अदाज क अयास और अिभनय करन क यास स दशक को

खोखलपन का अहसास होन लगता ह अलग अदाज या नजाकत स चलन क िलए सरस या फशन शो का

आयोजन िकया जाता ह सामाय तौर पर नजाकत स चलना खलता ह हाथ-पर को िथरकान क िलए नाचन क

मच तयार िकए जात ह िबना वजह हाथ-पर िथरकाना अछा नह लगता िबना िकसी मौक क नजाकत और

दता का दशन नह करना चािहए

याद रख यिद आपक जत उारण का तरीका और अदाज लोग का बवजह यान खच रह ह तो कोई-न-

कोई गड़बड़ जर ह यिद भाषण क दौरान वा न भावशाली भाव कट िकए ह तो दशक जर कहग

lsquoया शानदार तरीक स बयान िकया हrsquo lsquoबात एकदम ठीक हrsquo lsquoय िबलकल ठीक कह रह ह म इनक िवचार

का समथन करता rsquo

भाव महव क मतािबक होना चािहएमज ए कलाकार और वा को पहल स मालम नह होता िक वह िकस िवचार पर कसा भाव और अदाज

अपनाएगा भाषण क दौरान आज तत िकए गए भाव अगल भाषण म िबलकल अलग हो सकत ह दरअसल

मज ए कलाकार और वा क भाव िदन क िमजाज पर आधारत होत ह इसम आवग और बमानी क

भी अहम भिमका होती ह lsquoबमानीrsquo शद पर िवशष यान द कित भी हर बार एक जसा सयदय और बफ

क चादर नह िबछाती इसी कार एक िनपण वा भी हर बार एक जसा अदाज और भाव पश नह करता ह

इसका मतलब यह िबलकल नह ह िक अदाज और भाव क बार म सोचा ही नह जाए यिद ऐसा होता तो इस

अयाय क आवयकता ही या होती जब कमाडर टकड़ी क िकसी जवान क ओर इशारा कर उस एक कदम

आग आन को कहता ह तो कमाडर क मशा कवल उसी जवान को नसीहत दन क होती ह इसी कार सवजन

क सम बोलन क कला सीखनवाल य को सभी आवयक ितभा का आकलन करत रहना चािहए

यिद िकसी एक ितभा को िवकिसत करन म यादा किठनाई हो रही ह तो उस नजरअदाज नह करना चािहए

बक उसक अयास पर िवशष यान दना चािहए भाषण दन क कला स सबिधत सभी िसात को याद

किजए पहचािनए िक िकस मौक पर भाषण म नीरसता यथता भापन जस खोट महसस हो रह ह इन

किमय को दर करन का िनरतर यास किजए एक कमी दोबारा न दोहरान का यास किजए आमचतन और

वय क चतना को समझना अलग-अलग म ह

यह वा क िववक पर आधारत होता ह िक भाषण क दौरान वाभािवक अदाज और भाव कस िवकिसत

िकए जाए और िकस कार अयास क िलए समय िनकाला जाए हर असाधारण कलाकार और वा यान स

अनसरण करता ह सीखता ह और अयास करता ह साथ ही भाव म वाभािवकता लान क िलए िनरतर जी-तोड़

महनत करता ह यह अयास तभी सफल माना जाता ह जब अिभनय करत व भाव वाभािवक हो जाए और

बोलत व सही उारण क िलए सोचना न पड़ मच पर अिभनय करनवाल कलाकार और भाषण दनवाल

वा म एक ही भाव को कई तरह स य करन का गण होना चािहए दरअसल भाव को य करन क िभ

तरीक क कोई सीमा नह ह इसिलए भाव य करन क सची तयार करन स अछा ह वाभािवक प स

भाव पदा करन क कला का िनरतर अयास िकया जाए इस कला म िनपण होन क िलए िनरतर अयास क

भिमका बहद महवपण ह

भाव म एकपता नह होनी चािहएभना मास बत वािद यजन हो सकता ह लिकन इस सबह-शाम क खान का जरी िहसा बना लना

सभव नह ह एक ही तरह क भोजन स य बत जदी उकता जाता ह इसी कार एक जस भाव दशक म

ऊब पदा करत ह भाव म िविवधता लान क कोिशश किजए एकपता स सदरता और आकषण फका पड़न

लगता ह

भाषण क बीच क महवहीन कड़ी कमजोरी को जम दती हबचनी भी एक भाव ह बचनी जस कई िनरथक भाव दशक का म स यान भटकान का काम करत ह

िकसी राीय नता क भाषण क दौरान यिद दरबान िखड़िकया बद करन लग तो जािहर तौर पर उस ओर यान

आकिषत होगा मच क कोन म खड़ा गायक समह यिद गात व कछ िवशष अदा का इतमाल करता ह तो

दशक का यान उस तरफ आकिषत होता ह गफा म रहनवाल हमार पवज िकसी चलती-रगती चीज को

खतर क समान मानत थ इस आदत को हम आज तक नह भला सक ह िवापन करनवाली कपिनया आज भी

शहर म तज रोशनी क िकरण घमाकर इस िविध का इतमाल करती ह इसी कार एक बमान वा

भावशाली इशार क हलचल स एक ओर दशक का यान आकिषत करता ह वह यथ इशार को छपाकर

नकारामक भाव पर काब पाता ह

इशार का इतमाल या तो भाव क साथ होना चािहए या भाव स पहल

भाव क बाद नहलडी मबथ न कहा था lsquoआपक आख बाह और शद म वागत का भाव झलकना चािहएrsquo इसक

उलट भाव पदा करन स हाय क उपि होती ह किहए lsquoउधर वो गयाrsquo अपन शद को खम करन क बाद

जानवाल क ओर इशारा किजए जािहर तौर पर हाय का भाव पदा होगा

छोट और झटकदार इशार स बिचएकछ वा उन बर क तरह यवहार करत नजर आत ह जो बशीश लन म कामयाब न रह ह इशार करत

व कध स जोर लगाए न िक कहनी स ऐसा करन स गित म सरलता और सहजता महसस होगी लिकन

इशार को बत धीमी गित स भी तत नह करना चािहए ऐसा करन स वा यानमन तीत होगा जस ईर

म लीन हो

एक मामली lsquoसटीक बलrsquo भाव म जान डाल सकता ह इस भाव को हािसल करन म बनावटी भाव कारगर

िस नह होत हालािक दशक को भाव म खोट क वजह का पता नह लग पाएगा लिकन िफर भी कमी

जर महसस होगी

चहर क भाव का महवकभी िफम क पोटर पर कलाकार क भाव को यान स दखा ह समह-गान गानवाली लड़िकय क उस

समह पर गौर स यान िदया ह िजह डर का भाव तत करन क िनदश िदए जात ह इनका भाव इतना बनावटी

होता ह िक हसी आन लगती ह इसी कार िकसी िस कलाकार क डर दरशानवाल भाव पर यान दीिजए

कलाकार का चहरा उतरा आ होगा भह तनी ई हगी शरीर िसमटा आ होगा और आख म खौफ साफ

िदखाई द रहा होगा ऐसा अिभनय करत व कलाकार वातव म भयभीत होन क कपना करता ह

चहर क मासपिशय स उप भाव हाथ क इशार स यादा भावशाली होत ह घोड़ागाड़ी दौड़ान म हाथ

का जबरदत इतमाल और चीख-िचाहट दरशान क मकाबल उदासी स भरा भाव दरशाना यादा मकल

होता ह आख को िदल का रोशनदान माना जाता ह आख क चमक क साथ िवचार को भी चमक िमलती ह

जरत स यादा इशार का इतमाल न करहककत ह िक जीवन क उदास लमह म इशार का खास इतमाल नह िकया जाता ह मय क बाद

शोकसभा म िमलनवाल करीिबय सबिधय और दोत स िबना िकसी भाव क िमला जाता ह ऐस मौक पर हाथ

िमलाना गल लगना और उसाह िदखाना अछा नह लगता ऐस मौक पर य शात एव िवचार म खोया

तीत होता ह जोर स हाथ झटकन और िचानवाल य स डरन क जरत नह ह लिकन याद रख गस

स लाल आख और दमकत चहरवाला गभीर य एक ही वार म ढर कर सकता ह बात का बतगड़ बनान म

कोई आकषण नह होता इन ाकितक िसात पर यान द और अयास कर

शारीरक मादशक क सम वा का शारीरक अदाज हाव-भाव स तत िकया जाता ह हाव-भाव क कला का वाता

िकताबी िनयम स नह बक भाषण क वभाव और मौक क नजाकत स होता ह सभासद ला फॉलट पर क

अगल िहस क बल तीन घट तक खड़ रह िफर थोड़ा सा झककर बाल म हाथ िफरात ए सगठन क जोर-

जोर स भसना करन लग यह बहद भावशाली अदाज था लिकन यिद इस अदाज का इतमाल सड़क

बनानवाली नई मशीन क तारीफ म िकया जाए तो यकनन बहद भा लगगा भड़काऊ और आामक बात

कहत व भाव जिटल हो जात ह मी िभच जाती ह और शरीर का भार िकसी एक पर पर पच जाता ह

िकसी लत राजनीितक वाद-िववाद म या सड़क पर झड़प क दौरान य इस ओर यान नह दता िक शरीर

का भार कौन स पर पर ह शात व सहज सदश दत समय आम तौर पर शरीर का भार िपछल पर पर होता ह

लिकन इसक परवाह नह करनी चािहए न ही यान दना चािहए यह वाभािवक हरकत ह भाषण दत व

सिनक क तरह एिडय को आस-पास रखकर सावधान क मा म खड़ा नह होना चािहए वह िफक हवलदार

क तरह पर फलाकर भी खड़ा होना अछा नह लगता खड होन का अदाज वाभािवक और सामाय होना

चािहए

यहा एक सावधानी बरतन क जरत ह हमन आपको सलाह दी ह िक भाषण दत व मा और अदाज

वाभािवक होना चािहए लिकन इसका मतलब यह नह ह िक खद का अदाज िवकिसत करन पर यान ही न

िदया जाए और अयास क महा को नजरअदाज िकया जाए मजबत मासपिशयवाल हाथ को हलक कसरत

स लचीला बनाया जा सकता ह शरीर म लचीलपन स सहज अदाज िवकिसत होता ह जबिक जिटल शरीर कड़

यव का अहसास कराता ह धस ए सीनवाला य कमजोर नजर आता ह इसक िवपरीत सडौल कध

बाहर क ओर उभरा सीना और तनी गरदन वाला य आकषक महसस होता ह

इस कार वथ शरीर आमिवास और लचीलापन भावशाली अदाज क आधार होत ह इन गण स

भाषण म िविवधता आती ह और िविवधता क िबना भाषण को भावशाली नह बनाया जा सकता अाहम

िलकन जसा बड़ा और भा शरीर होन क बावजद भाषण क कला क िशखर पर पचनवाला वा मामली

इनसान नह हो सकता कवल श आमा और साफ िवचारवाला य ही इस मकाम पर पच सकता ह

ऐस कई अपवाद हर म दखन को िमल जात ह यव क तज गभीरता ईमानदारी और िवचार क

शता स दशक भािवत होत ह भ डील-डौल क बावजद महा वा बनन क िलए अाहम िलकन जस

गण को िवकिसत करना पड़ता ह

दशक क सम भावशाली तरीक स पश आन का अदाज सीखन क िलए शीश क सामन खड़ होकर

अयास कर लिकन इस अयास को एक सीमा तक ही करना चािहए चाल म भपन को दर करन क िलए

शीश क सामन चलकर दख और कमी को दर करन क कोिशश कर मच पर उसी सामाय अदाज स पश आए

जस घर आए महमान क साथ आया जाता ह यिद आपक शारीरक रचना भावशाली नह ह तो नय का

अयास किजए यायाम किजए और बहतर अदाज क कपना किजए

एक ही मा म यादा दर तक खड़ा नह रहना चािहए महा िवचार क साथ शरीर क मा म भी बदलाव

करना चािहए भाषण दत व तनाव-म रहना चािहए अदाज िवकिसत करन का कोई िनयम नह ह इस

िनजी पसद और वाद क मतािबक िवकिसत करना चािहए मच पर भल जाए िक आपक हाथ भी ह इनका

इतमाल कवल जरत क व कर लिकन भावशाली ढग स िनसदह भाषण दत व कछ समय क िलए

हाथ को पीछ क ओर मोड़कर जोड़ लन या सीन पर रखकर जोड़ लन स खास फक नह पड़ता भाषण म

सबस यादा महव िवचार का होता ह हाथ और पर क थित स कछ खास फक नह पड़ता

िपछल अयास को एक बार िफर दोहरात ह अयास क महव को नजरअदाज न कर आपका अदाज और

भाव वाभािवक होना चािहए चाह अदाज खद को गलत ही य न लग अदाज िकतना भी अाकितक य न

हो अयास क जरए सधारा जा सकता ह

अदाज िवकिसत िकए िबना आकलन नह िकया जा सकता िझझक दर किजए अदाज िवकिसत किजए

और अयास क जरए किमय को सधारए महा कलाकार और वा क अदाज का अययन किजए

कित क यवहार और ाकितक घटना पर यान दीिजए पड़ क पिया हवा क हलक स झक स भी िहलन

लगती ह इसी कार चहर क मासपिशया और आख क चमक म भाव क साथ बदलाव लान का अयास

किजए एमरसन न कहा ह lsquoम िजस य स िमलता वह मझ खद स यादा महा नजर आता ह इसीिलए

म उनस कछ सीख पाता rsquo अतः अपनी आख सदा खली रखनी चािहए एमरसन क अनसार lsquoहमारी आख

सदय म डबी रहती ह लिकन इनम दरदिशता क कमी होती हrsquo इस पतक को एक तरफ रख दीिजए बाहर

िनकिलए और िकसी ब को मा स खाना मागत ए दिखए लोग को सड़क पर झगड़त दिखए गितमान जीवन

को करीब स समिझए या आप जानत ह िक जीत का भाव कसा होता ह चनाव म जीत क बाद हाथ उठात

नता क िवजयी मा को गौर स दिखए या आपन लोग को भीख मागत दखा ह भीख मागत लोग का

सय िच लीिजए और उसका गौर स अययन किजए लोग भीख मागत उधार लत और झठ बोलत व

कस भाव तत करत ह इन भाव का यान स अययन किजए और अयास क ारा वभाव म शािमल

करन क कोिशश किजए

16

भाषा-शली क पितभाषण म सपणता यायान क अदाज स आती ह यिद दशक िकसी वा को सनन का इतजार करत ह तो मान लीिजए िक वा क शली बहद

भावशाली ह भाषण दत समय वा क सारी श वापटता क िलए एक हो जाती ह भाषण क दौरान िवचार क इद-िगद घमनवाल तय पर

पकड़ भाषा को अलकारत करन क िलए वाय का म और शद का चयन भाव एव अदाज को भावशाली बनान क िलए शारीरक शय

पर िनयणmdashइन सभी पहल पर िवतत चचा हो चक ह दरअसल इस नर म िनपण वा दशक पर अिमट छाप छोड़ता ह वा क िलए

भाषण का महव सवपर होना चािहए तभी भाषण को यादगार बनाया जा सकता ह भाषण स पहल उिचत तयारी न करनवाल लापरवाह वा क

हाथ कवल िनराशा लगती ह जबिक भाषण क िवषय पर मजबत पकड़ शद का उिचत चयन और िवचार क प समझ रखनवाल वा सदा

भावशाली भाषण दन म कामयाब होत ह

जबीई दशक का यान आकिषत करन क िविध

भाषण तत करन क चार आधारभत तरीक होत ह इसक अलावा बाक तरीक इन चार आधारभत तरीक को

तोड़-मरोड़कर िवकिसत िकए गए हmdashपहल स तयार िकए गए लख को पढ़ना लख को याद कर भाव को य

करना छोटी-छोटी िटपिणय (नोस) क मदद स पढ़ना और िबना तयारी क भाषण दना इनम स िकसी एक

तरीक को िस नह िकया जा सकता दरअसल इन तरीक को मौक क आधार पर ाथिमकता दी जाती

ह िकस मौक पर भाषण दन का कौन सा तरीका अपनाया जाए यह िनणय वा पर छोड़ दना चािहए दशक

क वभाव क आधार पर भी इसका िनणय िलया जा सकता ह इसक अलावा िवषय समय एव तयारी क अभाव

क आधार पर भी भाषण क िकसी एक तरीक को चना जा सकता ह भाषण क तरीक स सबिधत िनणय लत व

खद स एक बार साहसपवक जर पछmdashजो बाक लोग कर सकत ह म उस करन का यन जर कर सकता

साहसी और सकारामक यव को जीत िमलती ह जबिक डरपोक को हार का मह दखना पड़ता ह

साहस एव यन स रात क बाधा पर िवजय हािसल क जा सकती ह

लख को पढ़नासावजिनक तौर पर बोलन क कला िसखानवाली िकताब क मतािबक लख पढ़कर भाषण दनवाल वा को

भगवा स पाप क मा जर मागनी चािहए िजतना चाह खद को उतना धोखा द सकत ह पर याद रख

दशक क सम पढ़न को भाषण नह माना जा सकता

िनसदह कछ िवशष मौक पर लख पढ़ जात ह जस सस क काररवाई का उाटन िकसी िवचारामक

सथा क सम कट न उठाना िकसी ऐितहािसक घटना क कित का वणनmdashऐस मौक पर वा क ितभा

क अलावा घटना िवशष का महव और ततीकरण का अदाज भी अहम भिमका अदा करता ह ऐस यायान

क भाषा इतनी सटीक एव प होनी चािहए िक एक भी शद क अथ पर उलझन न पदा हो ऐस मौक पर

वापटता को सर पर िनकल जाना चािहए िनसदह इस कार क िलिखत भाषण बहद लब व नीरस होत ह और

दशक िनराशापण ढग स स क इतहान क िलए बठ जात ह बस इस उमीद क साथ िक भाषण उनक स क

सीमा स लबा न हो इन भाषण म मौजद सनहर शद और महवपण िवचार स भी दशक का उसाह नह

बढ़ता ह

ऐस lsquoमहा मौकrsquo क सबस बड़ी िवडबना यह ह िक लख तयार करनवाल लखक का चयन योयता क

आधार पर नह िकया जाता लखक या तो िकसी महा ाितकारी का पोता होता ह या सस म िकसी दल का

ितिनिधव करनवाला नता या िफर कोई ऐसा य िजस हाल ही म जनता न नायक बना िदया हो

दशक को िकसी महा छिव क य को दखना अछा लगता ह ऐस य क छिव स भािवत दशक

बड़ यान और अदब स भाषण सनत ह शायद िच स भी चाह भाषण िलिखत िवचार क आसपास ही य न

मडराता रहा हो लिकन सवाल यह ह िक या कागज को अलग रखकर ऐस भाषण को भावशाली बनाया जा

सकता ह

भाषण दत व लख पढ़न क पीछ कवल चार कारण हो सकत हmdash

1 आलय सबस आम कारण ह िकसी न सही कहा ह ईरीय श भी आलस स भर य को कािबल

नह बना सकती

2 बहद कमजोर याददात इस हद तक कमजोर क उिचत अयास और भरसक यन स भी काम न चल

लिकन िकसी य को ऐसा सोचन का आिधकार नह ह िक याददात इस हद तक कमजोर हो सकती ह

दरअसल ऐसी सोच इछा-श क कमी का परणाम होती ह याददात का कमजोर होना कारण नह हो

सकता बहाना जर हो सकता ह

3 भाषण तयार करन और अयास करन क िलए समय क असल कमी वा क सामन ऐस कई चनौतीपण

ण आत ह जब हककत म समय क कमी क चलत अयास नह िकया जा सकता लिकन याद रह िक ऐस

मौक कवल िवशष परथित म ही आत ह भाषण स पहल अयास का उिचत समय िमलन स वा क तित

म चार चाद लग जात ह अतः िवशष परथितय म ही अचानक आए समय क दबाव को मानकर भाषण क

िलए राजी होना चािहए

4 भाषण क महव और मौक क नजाकत को समझत ए िवचार को दशक क सम रखन का ढ़

िनय लिकन यिद भाषण क दौरान बोल जानवाल हर शद का सटीक मज ए अदाज और िवचार का

तकसगत होना सदश स यादा महव रखता ह तो या ऐस मौक पर िबना तयारी और अयास क भाषण दना

उिचत होगा सदश म छप िवचार क जगह यायान क अदाज को महव दना न कवल सभा का अपमान ह

बक वय ईर क ित अिशता भी ह दशक क िदल तक पचन क िलए भाषण का यायान धमपदश

क तरह होना चािहए वातिवक श और उसाह क िबना भाषण का भाव अधरा रह जाता ह भाषण क

अहसास को मारकर शद को सामाय तौर पर पढ़ना झाग िनकल ए सोड क समान होता ह धमपदश दत व

उपदशक क िनगाह कवल लख पर िटक होती ह ऐस मौक पर दशक को वा क हाव-भाव का आनद नह

िमल पाता या िनरतर सवाद-पतका को दखकर सवाद बोलनवाल कलाकार का अिभनय लब समय तक दखा

जा सकता ह कपना किजए िक सिनक को सबोिधत करत व नपोिलयन लगातार लख क ओर दखकर

पढ़ता रहmdashऔर ईसा मसीह िबना िकसी भाव क धमपदश द दरअसल इन वा क िवषय पर पकड़ बहद

मजबत थी िनरतर अयास स भाव गहर और भावशाली हो गए थ और भाषण दत व िकसी लख क जरत

नह पड़ती थी अतः यह वा दशक पर गहरी छाप छोड़न म कामयाब सािबत होत थ

लख पढ़कर भाषण दन क कला क कई िसात हो सकत ह लिकन ऐसा कोई भी िसात भाषण को

भावशाली बनान म कारगर सािबत नह हो सकता अतः लख पढ़कर भाषण दन स बचना चािहए

भाषण का लख तयार कर याददात क मतािबक यायानयह िविध काफ हद तक भावशाली भाषण तत करन म कारगर िस होती ह यिद वा क पास समय

क कमी नह ह तो भाषण क िवचार को माजन सटीक शद चनन और भाषा-शली को सधारन म कोई हज नह

ह हालािक इस समय का इतमाल भाषण को बार-बार िलखन क जगह िबना वजह इतमाल िकए गए शद

और वाय को हटान वाय को मजबत व भावशाली ढग स बाधन और सटीक महावर एव उदाहरण चनन क

िलए करना चािहए यादगार भाषण और बिमसाल नाटक िलख नह जात बक बार-बार िलखकर तयार िकए

जात ह

जिलयस सीजर रॉबट इगरसोल और कई मौक पर बडल िफिलस जस जान-मान लखक व वा न

नाटक और लख को यादगार बनान क िलए बार-बार िलखन क कला का इतमाल िकया ह अत भाव

और भाव क साथ यादगार सवाद तत करनवाल कलाकार न पय को याद कर बार-बार अयास क जरए

असाधारण मकाम को हािसल िकया ह

लिकन अनभवहीन वा को इस िविध का बहद सावधानी स इतमाल करना चािहए यिक कभी-कभी

मामली सी चक बड़ी गलती का कारण बन जाती ह इस िविध क जरए भाषण को भावशाली बनान क िलए

कड़ अयास और कशलता क जरत होती ह अनभवहीन वा ारा याद क गई पय का उारण

भा महसस हो सकता ह

उदाहरण क िलए िडपाटमटल टोर पर नए फनचर या िकसी और सामान क िवषय म जानकारी दनवाल

कमचारी ारा याद क गई पय को सिनए उारण म अकशलता और भपन का अहसास खद-ब-खद

हो जाएगा याद िकए गए भाषण को भावशाली ढग स तत करन क िलए कड़ अयास क आवयकता होती

ह बहतरीन याददातवाल वा भी िबना अयास क भाषण म कशलता का भाव तत नह कर पात या

भाषण क वाय या वाय म शािमल शद को भलना चािहए यिद ऐसा होता ह तो भाषण क दौरान वा

उलझ जाता ह और वा को परा वाय श स पढ़ना पड़ता ह जािहर ह िक आम तौर पर दशक एक ही वाय

और िवचार को दो बार नह सनना चाहत

शआत म ऐसी िदत सभी वा क सामन आती ह अतः अयास क जरए इन बाधा को पार करना

चािहए यिद लख िलखन स आपक भाषण का भाव बढ़ता ह तो लख तयार कर और उस याद कर याद िकए

गए लख का बार-बार अयास कर िनसदह मनचाहा परणाम हािसल होगा

इस कला म िनपण होन क िलए कई िवषय पर िबना तयारी क बोलन का अयास किजए भाषण दन क

िलए िवषय क तयारी कवल मानिसक आधार पर किजए कोई लख मत िलिखए इस कार आपक याददात

बढ़गी और भाषण दन क अदाज म भी सधार आएगा

िटपणी और अहम िबद क सहायता स पढ़नातीसरी और आिखरी िविध शआती वा क िलए न कवल बत िस ह बक कारगर भी ह हालािक

भाषण पर तयार क गई िटपणी क ारा पढ़न का सझाव कवल शआती वा क िलए ह तजरबकार वा

को कवल िवशष परथितय म ही इस िविध का इतमाल करना चािहए

भाषण क िलए एक िवतत योजना बनाइए तत िकए जानवाल िवचार का म तयार किजए म को

कागज पर िलिखए यान रख भाषण क म क जानकारी बत सटीक और सि होनी चािहए भाषण पर

िटपणी तयार करन क कछ उदाहरण इस कार हmdash

1 तावना

िकसी भी महा काय को अजाम दन क िलए सावधानी बत महवपण होती ह

2 परभाषा और उदाहरण

1 आम नजरए क आधार पर उप िवचार

2 महा हतय क जीवन स िमली रणा

3 अय मानिसक शय स सबध

1 कारण

2 कपना

3 याददात

4 इछा

4 यान आकिषत करना

1 अवाभािवक तौर पर यान आकषण

2 वाभािवक तौर पर यान आकषण

5 िनकष

अवाभािवक और वाभािवक यान आकषण क परणामइसी कार कछ और सि वणन क जरए एक अयत वा यान आकिषत करनवाल िवचार को

महवपण थान िवचार क गहराई को भावशाली मय िवचार को लाल याही स अिकत और िटपणी क

मय पय क नीच रखा खचकर महव दन योय बनान जस कई तरीक का इतमाल कर सकता ह अिकत

िकए गए महवपण िवचार स सबिधत अयास और तयारी भाषण क दौरान वाभािवक प स दिशत हो जाती

लिकन एक अनभवहीन और शआती वा क िलए सलाह ह िक पण लख तयार कर साथ ही यह भी

सझाव ह िक पण लख तयार करन क आदत को धीर-धीर लख स सबिधत सि िबद िलखन म बदलना

चािहए

कछ समय क िलए लख क ारा पढ़न क िविध आवयक होती ह लिकन यादा समय तक इतमाल करन

स यही िविध बराई का प ल लती ह अयत वा भी इस िविध का इतमाल कवल िवशष परथित म ही

कर सझाव ह िक जहा तक हो सक लख क ारा भाषण दन क परथित को टालना चािहए

ताकािलक भाषणिनत प स िबना तयारी भाषण दन क कला सवपर ह इस तरह क भाषण को जनता बत पसद करती ह

और यह महा वा का पसदीदा अदाज होता ह

ताकािलक भाषण को कई बार िबना तयार िकए गए भाषण क तौर पर समझा जाता ह वातव म आम तौर

पर यह िबना तयार िकया गया भाषण होता भी ह लिकन यहा तयारी का मतलब िवषय का ान न होन स नह ह

इसक िवपरीत ताकािलक भाषण दन क िलए उन सभी तयारय का होना जरी ह जो हमन lsquoतयारी क जरए

बहावrsquo अयाय म पढ़ी थी ऐस मौक पर भाषण क मौक स िमली रणा िवचार और भाषा पर पकड़ क अयास

का इतमाल करना चािहए

यिद आप ताकािलक भाषण तत करन म समथ ह तो दशक क िदल को छन म जर कामयाब हग एक

कार स दशक ऐस वा क साथ जड़ा महसस करत ह और िवचार क भाव को करीब स समझत ह ताकािलक

भाषण तत करत समय वा िदल स िवचार को य करता ह ऐसा करत व न तो वा म िहचक होती ह

और न ही शद का अभाव वा का यान भटकान क िलए लख िटपणी और मय िबद जसी िविध कागज

पर िलखी नह होती वा सीध दशक स सपक थािपत करता ह और िवचार म छप सदश क याया

भावशाली ढग स तत करन म कामयाब होता ह

लख म शािमल िकए गए वाय कई बार ठड और फक महसस होत ह अतः दशक पर अपा क अनसार

भाव नह पड़ता ह लिकन जब वा िदल स बोलता ह तो वापटता स सबिधत सभी शया एक हो जाती ह

और भाषण जीवत हो जाता ह ताकािलक भाषण तत करत समय वा दशक क िच को भापत ए िकसी

िवचार क यायान को िवतार द सकता ह तो कई िवचार का यायान याग भी सकता ह हालािक सभी

वा क िलए इस िविध को अपनाना सभव नह ह यह भाषण क सबस किठन िविध ह इस िविध को कड़

अयास क िबना नह सीखा जा सकता लिकन बाक िविधय क मकाबल इसका भाव सबस यादा गहरा होता

इस िविध क इतमाल क एक बड़ी कमी यह ह िक कई बार वा मय िवचार स भटक जाता ह इस खतर

को टालन क िलए मानिसक तौर पर क गई तयारी पर ही ढ़ रह यिद भाषण क बीच भटकाव क थित का

अहसास हो तो याददात म शािमल िकसी उदाहरण या महावर का योग कर और िफर सहजता स मय िवचार

को तत करना श कर अयास क िलए वाद-िववाद करनवाली सथा क साथ जड़ बात कर और बस

बात ही करत रहmdashऔर खयाल रह िक तयारी िकए िबना ताकािलक वाद-िववाद कर कई बार आपका उपहास

जर होगा लिकन कामयाबी क िलए यह बिलदान यादा बड़ा नह माना जा सकता

िटपणी और लख स सबिधत मय िबद बसाखी क तरह कमजोरी का तीक ह याद रख िक वा क

सफलता दशक क उमीद पर खरा उतरन स िमलती ह कोिशश कर िक कागज पर तयारी क जगह मानिसक

तौर पर तयारी क जाए

यायान क सय िविधभाषण क दसरी िविध को कई महा वा और हर िदन िकसी नए िवषय पर बोलनवाल वर अयापक

न अपनाया ह हालािक हर वा न इस िविध म अपनी सिवधा क अनसार मामली बदलाव जर िकए ह ऐस

वा तयार िकए गए भाषण को अछी तरह याद करत ह लिकन सावधानी क िलए मय िबद और भाषण क

म का सि लख पतक क प क बीच म रख लत ह और पतक क प को पलटत व तयार िकए

गए लख पर सावधानी क िलए यान दत रहत ह इस कार वा को भाषण म वाह बनाए रखन म सिलयत

होती ह

कछ वा भाषण क म को कम महव दत ह और कवल भाषण स सबिधत मय िवचार पर लख तयार

करत ह

इसी कार कछ वा भाषण क अहम िवचार व सदश पर िवतत लख तयार करत ह और उस लख का

शद-दर-शद उारण करत ह लख म शािमल उदाहरण और महावर को भी कागज पर उतारा जा सकता ह

कछ वा भाषण क अहम िहस को लख पढ़कर तत करत ह और बाक िहस को ताकािलक तौर पर

पश करत ह

इसी िविध को lsquoभाषण क सय िविधrsquo कहा जाता ह आप भी मौक क नजाकत िवषय क महव और

दशक क उमीद क आधार पर इन िविधय का िमला-जला खाका उपयोग म ला सकत ह इस खाक का

वप वा क अदाज और जरत पर िनभर करता ह

17

िवचार एव सरित ऊजासरित साधन को अितम रािश समझकर यय करन म ही समझदारी होती ह

mdashनपोिलयन बोनापाट

यिद आप बक खात म जमा रािश स यादा रकम िनकालना चाह तो या यह ममिकन ह िनयम क अनसार

रकम स यादा रािश क चक को खारज कर िदया जाएगा लिकन यिद बक क साथ आपक सबध घिन ह तो

शायद आपका चक खारज नह िकया जाए और चक क रकम का भगतान करन क बाद बाक रािश अदा करन

क िलए सिचत िकया जाए

आपसी सबध म पसद-नापसद का इतमाल िकया जा सकता ह लिकन याद रख कित क कोई पसद-

नापसद नह होती ह अतः कित स कछ उधार नह िमलता कित ईधन स भरी टक क तरह कणा-रिहत

होती ह टक का ईधन खम तो मशीन बद इसी कार िबना तयारी क भाषण का यायान उतना ही मकल

होता ह िजतना िबना ईधन क िकसी दर-दराज क सनसान इलाक का सफर करना

लिकन सवाल यह ह िक वा क आरित श का सह कहा होता ह यह सह िवषय क सामाय और

िवतत जानकारी म शािमल होता ह िवचार क बलता म सचत रहन का गण शािमल होता ह िवशष तौर पर

कित क िनयम और कारण को समझन म होता ह इस तरह क ितभावना स वा वय मानिसक व शारीरक

श का सचालक बन जाता ह

इस िविध का पहला अहम तव हmdashउिचत तयारी और आिखरी हmdashआमश इन दोन िसात क महा

का lsquoआमिवासrsquo और lsquoतयारी क जरए बहावrsquo अयाय म िवतत वणन िकया जा चका ह इसक अलावा

जनता क सम बोलन क िलए उिचत तयारी क िविध का वणन अगल अयाय म िकया जाएगा इसीिलए इस

अयाय का यान िवचार क आरित श पर कित ह

मानिसक श का भडारखाली खा भडार क तरह खाली िदमाग एक गभीर िवषय ह या नह यह मौजदा ससाधन क उपलधता पर

आधारत होता ह रसोईघर म खा सामी खम होन क थित म गिहणी बरतन को उलटन-पलटन क जगह

राशन क दकान पर खा सामी खरीदन पचती ह इसी कार िवचार क कमी क थित म िदमाग को

इधर-उधर भटकान क जगह िवषय स सबिधत जानकारी हािसल करनी चािहए याद रख िबना तयारी मच पर

पचन क गलती नह करनी चािहए

िवचार स खाली िदमाग को नई एव उपयोगी जानकारी स भरना चािहए जमीन स ाकितक तौर पर उप

कप स पानी का फवारा तजी स ऊपर क ओर उठकर कई फट ऊचाई तक पच जाता ह िनसदह ऊचाई तक

उठत इस फवार का रहय जमीन क अदर बहनवाल पानी क माा और गित म छपा होता ह

यिद आपक िदमाग म भी िवचार का सलाब उफान मारता ह तो उस रोकन क या जरत ह अिधक हािसल

करन का मतलब अिधक नह होता अतः अिधक नह सवािधक क कामना करनी चािहए इस कार िवचार

का दबाव भाषा क बहाव को सहज बनान का काम करता ह आमिवास म बढ़ोतरी करता ह और मानिसक

श म व करता ह जब म कवल घर लौटन तक क रकम डालकर चलन क आदत मसीबत क समय म

बत महगी पड़ती ह

मानिसक श क भडार म चबकय आकषण होता ह मतक म सरित िवचार को तत करन स दशक

तक िवचार क साथ वा क अययन अनभव िवचार और भावना का मल आशय एव िनचोड़ भी पचता ह

िजस कार यादा मलाई क िलए यादा दध क जरत होती ह उसी कार ान क बड़ भडार क िलए यादा

जानकारी अययन और अनभव क जरत होती ह

लिकन सवाल ह िक ान पी इस दध को कस हािसल िकया जाए इसक दो तरीक हmdashपहला यह िक दध

सीध गाय स हािसल िकया जाए दसरा तरीका ह िक दध िवता स िलया जाए तापय यह ह िक ान या तो

सीध ानी य स हािसल िकया जा सकता ह या िफर िवचार क अययन ारा

दखन और समझन क शिकसी सत न कहा ह lsquoहजार वा म स कवल एक ही य िवचारक होता ह और हजार िवचारक म स

कवल एक य क पास दरि होती हrsquo दखन और समझन का मतलब हmdashसीध गाय का दध दहना अथा

ानी य स सीध ान ा करना

इस तय को इस कार कहन क जगह िक हजार म स कवल एक य क पास दखकर समझन क श

होती ह यह कहना यादा उिचत होगा िक हजार य अपन सामन घटनवाली घटना और ाकितक बदलाव

को समझ-बझ क ि स नह दखत हम जीवन स जड़ सय को नजरअदाज करत ह जबिक घटना स जड़

दशन को समझना हर य क िलए बत महवपण होना चािहए अगली बार सफर करत व अपन बगल म

बठ याी पर गौर कर और जानन क कोिशश कर िक सफर क दौरान उसका यान िकन बारीिकय पर जाता ह

उसक आदत यवसाय आदश और िवचारधारा िकस कार क ह उसका वातावरण िशा वाय और

अय अहम पहल क िलए या नजरया ह सभी जरी जानकारी हािसल करन क बाद उस य क

यव को शद म बया करन क कोिशश किजए सभी अहम जानकारय को िनपणता स शद म बाधन क

बाद गौर किजए िक या अब आप उस य को यादा करीब स समझ पा रह ह यिद ऐसा ह तो आप हजार

म स एक बनन क िया का िहसा बन रह ह

lsquoडी माओपसटrsquo क लखक क िलए िकया गया यायान वा पर भी लाग होना चािहए lsquoउसक आख पानी

खचनवाल पप क तरह होनी चािहए जो सबकछ सोख ल हाथ म जबकतर जसी िनपणता होनी चािहए ऐस

हाथ जो सदा काम पर लग रहत ह इनक हाथ स कछ नह छटता ऐस हाथ लगातार कछ-न-कछ बटोरत रहत

ह आख लगातार नजर इशार इराद और सामन आनवाली हर बारीक गितिविध को पढ़ रही होती हrsquo

जानकारी क िलए बता द िक lsquoडी माओपसटrsquo वय हजार म स एक ितभावा य थ

रकन न एक साफ क हीर का टकड़ा उठाया और उसस एक भावहीन िशा हािसल क वह िशा आज

तक जनमानस क िलए अहम मानी जाती ह बीचर घट तक एक जवर क दकान क सामन खड़ होकर जवर को

िनहारत रह और गहन और इनसान क आमा क बीच समानता क तलना करत रह गोह न पानी क एक बद म

हजार आमा को त पचानवाली श का अहसास िकया थौरोह एक घनी झाड़ी म घट शात बठा रहा

जहा उस िचिडय और कट-पतग क कई जीवन-रहय का ान िमला एमरसन न इनसान क अतरामा का

गहन अययन कर िनकष िनकाला िक lsquoय को जानन क िलए उस सनना आवयक होता हrsquo यर न अपन

ब क हरकत का तीन साल तक अययन िकया इस कार वह ब क मानिसकता समझन का िवशष हो

गया दख-समझकर ान ा करन म असफल य नहीन क समान होता ह लाख खोज और योग क

बावजद आज भी कई अदिशत सय ऐस ह िजनक न तो जानकारी ह और न ही कपना क जा सकती ह

जािहर ह दखन-समझन क इछा-श और उसकता को खम कर अदिशत सय क जानकारी हािसल नह

क जा सकती lsquoपथर म धमपदशrsquo और lsquoनिदय म थrsquo ढढ़नवाल महापष क सया बत कम ह

दरअसल आम तौर पर लोग निदय म पथर और थ म धमपदश दखन क आदी ह सर िफिलप िसडन क

कहावत ह lsquoिलखना ह तो िदल म झािकएrsquo मसीलन क कहावत म इनसान क दय क समझ शािमल ह lsquoमन

खद क अययन क ारा दसर क बार म सीखा हrsquo बायरन न कहा िक lsquoखद क िदमाग को पढ़कर और

समझकर ही म इनसानी िफतरत को बारीक स समझ पायाrsquo

िवचारक मतकसोचना तय को समझन का अकगिणत ह एक तय को दसर तय क साथ जोड़न स परणाम हािसल होता

ह एक सय को दसर सय क साथ जोड़न या घटान स उमीद क मतािबक परणाम हािसल हो सकता ह एक

तय का दसर तय क साथ गणा किजए िनत तौर पर सटीक परणाम हािसल होगा सोिचए िक एक ही

समय म ऐस िकतन िवचार एक साथ काम कर रह होत ह दरअसल हम हर व कछ ऐस ही िवचार क गणा-

भाग म लग रहत ह इसीिलए गिणत को िदमाग का सबस बहतर यायाम माना गया ह िवचार लगातार कायशील

रहत ह सोचन म ऊजा खच होती ह सोचन क िलए समय धय िवतत जानकारी और प िकोण क

आवयकता होती ह आम तौर पर लोग सतही जानकारी को सपण मान लत ह लिकन उम िवचारक तय क

गहराई तक पचन क कोिशश करता ह ऐस य हजार म एक होत ह जब तक िशा क मौजदा णाली

चलती रहगी और छा को आख स ा होनवाल अनभव क जगह कवल भाषण क जरए पढ़ाया जाएगा

तब तक छा पर खद क िवचार िवकिसत करन क जगह दसर क िवचार को याद रखन का दबाव रहगा तब

तक ानी और अानी का मौजदा अनपात बरकरार रहगा हजार म स कवल एक ही य आख स िमल

अनभव स ान ा करगा और हजार म स एक ही य खद क सोच िवकिसत करन म कामयाब हो

सकगा

मतक चाह िकतन भी लब समय क िलए िवचारहीन य न रहा हो आवयकता पड़न पर िवचार िवकिसत

हो ही जात ह सवथम इस मायता को खम करना चािहए िक lsquoईर क आशीवाद स िवचारक जम लत हrsquo

ायन क मतािबक lsquoिवचार क महव को समझना और उस सही म म तत करना कोई चमकार नह ह इस

तय पर िवचार किजए और इस िसात को समझन क कोिशश किजए यकनन िवचार िकसी चमकार और

आशीवाद क मोहताज नह होत हrsquo

तय को समझना उन पर िवचार करना बस एक आदत ह इस आदत को कोई भी िवकिसत कर सकता ह

िकसी चीज को बार-बार दोहरान स आदत िवकिसत हो जाती ह फक बस इतना ह िक साधारण आदत आसानी

स िवकिसत हो जाती ह जबिक िवशष आदत क िलए लबा अयास करना पड़ता ह अथा िवशष आदत

िवकिसत करन क िलए ढ़-िनय का होना बत आवयक ह कड़ी महनत का फल मीठा होता ह डट रह

महनत करत रह और िजस िदन आप िवषय क गहराई तक इच भर पचन म कामयाब हग बस उसी िदन स

िवचार क गहराई बढ़नी श हो जाएगी

शायद इस छोट स उदाहरण स िवषय क गहराई तक िवचार करन क रणा जर िमली होगी िवचार क

कड़ी को एक साथ जोड़न का अयास करत रिहए िवचार क जजीर खद-ब-खद बननी श हो जाएगी एक

तय को दसर तय स जोिडए इसी कार तय को आपस म िमलात रिहए िवचार का वाह िवकिसत हो

जाएगा

सोचना और तय को बारीक स समझना सभी मानिसक अयास म तम अयास ह खास तौर पर यान

रख िक िकसी अहम िवचार पर राय तय को जाच िबना हावी नह होना चािहए िवचार जहा एक तरफ श

दान करत ह वह श का सरित प स सचय भी करत ह

िकसी लखक न िवचार और ान क बीच सबध को कछ इस तरह सामाय पय म समझाया हmdash

lsquoमझ ऐस य स मत िमलाना जो सोचता ह िक वह सोचता ह िकसी ऐस भी य स मत िमलाना जो

सोचता ह िक वह जानता ह मझ ऐस य स िमलाना जो जानता ह िक वह सोचता ह और म ऐस य को

जानता जो जानता ह िक वह जानता हrsquo

अययन स िवचार को ोसाहन िमलता हगाय क थन िकतन भी सख य न ह हम दध दहन म नाकािबल य न ह लिकन िफर भी दध िवता ह

हम दसर क िवचार को पढ़ सकत ह िवचार को समझ भी सकत ह तो खद िवचार य नह कर सकत

दरअसल उम िवचारक बनन क िलए उम िवचार क नह ढ़ इछा-श क जरत होती ह

आज क दौर म अययन क महव को िनन सािबत करन का चलन बन गया ह समझाया जाता ह िक यादा

अययन स िवचार हो जात ह िकताब मानिसक तौर पर सत लोग क िलए होती ह

लिकन यह कवल आधी साई ह इस तय स जड़ी वातिवक साई कछ दर क िलए सोचन को िववश कर

सकती ह अययन क िबना या आप वय कछ बड़ा सोचन म कामयाब ए ह या िकसी भावशाली िवचार

को पढ़न म कभी नीरसता और आलय का आभास आ ह िवचार किजए यिद ऐसा आ ह तो पााप

किजए छोटी और तछ सलाह स भािवत मतक क भसना किजए ाय क िलए अपनी गलती को

सधारए और अययन किजए िनत प स परणाम सकारामक हग

अययन म िच पदा होगी तो जानकारी बढ़गी जानकारी बढ़गी तो उम िवचार िवकिसत हग इस अयाय

म मय प स जानकारी क ारा िवचार िवकिसत करन पर जोर िदया गया ह

जानकारी बढ़ान क िलए या पढ़ना चािहए

जसा िक न कहा ह िक जानकारी बढ़ान क िलए िकसी मामली पतक म समय न करन स अछा ह िक

रगमच पर नाटक का आनद िलया जाए जानकारी बढ़ानी ह तो सकरात क िवचार को पिढए िलकन गिटबग

एथस क गाथा गो दात आिद का अययन किजए टनल क जरए अका क बार म जानकारी जटाइए

मानव दय को करीब स समझन क िलए शसपीयर और दिनया भर क महा नायक क बार म जानन क िलए

कायालय पिढए इसक अलावा धम स जड़ म और धारणा को समझन क िलए एपोटल पॉल क लख का

अययन किजए हजार यग का ान और अनभव अययन क जरए ा िकया जा सकता ह चसया क

सत न सही कहा ह lsquoिकताब क सह स बड़ा कोई िविवालय नह हrsquo

एक उम पतक को पढ़न और समझन स बहतर कछ और नह हो सकता लिकन हमम स कछ ही लोग

िकताब क महव को समझ पात ह आम तौर पर हम पतक मागकर पढ़न क शआत करत ह लिकन िकसी

पतक को खद खरीदन और िकताब क अलमारी म सजान म जो आनद ह वह मागकर पढ़न म नह ह िकताब

कम ह या यादा इसस फक नह पड़ता पतक पढ़ना श किजए सह खद-ब-खद बढ़न लगगा िकताब

म िदलचपी पदा होन क बाद पतक क मख प का फटना दःखदायी महसस होगा पतक क प पलटत

व आप सलवट पर यान दन लगग पतक को मोड़कर पढ़ना बद कर दग पतक को िनशान सीलन

दीमक आिद स बचान का यन करग िकताब क ित म जा होन क बाद िकताब का चयन करन म

मकल नह होगी और जानकारी का दायरा लगातार बढ़न लगगा

यिद आपक पास िकताब क महा और उम लखक क जानकारी नह ह तो पतक खरीदन स पहल

पतक क बार म पण जानकारी हािसल कर पतक पढ़न का मतलब यह नह ह िक कछ भी पढ़ा जाए सयता

और जानकारी क माण क िलए इतना कहना काफ नह ह िक lsquoमन पतक म पढ़ा हrsquo इसक िलए िवचारक

और लखक का िवसनीय होना बत जरी ह कौन सी पतक इसस बड़ा सवाल ह कौन सा लखक या

लखक तत िकए गए िवषय का उम जानकार ह लखक क िवसनीयता का माण या ह लखक िकन

अय िवसनीय लखक क िवचार को मानता ह या नकारता ह इन अहम पहल क सयता क जाच क

जरए ही जालसाज लखक स बचा जा सकता ह कपना किजए िक आपक पास जाली पए ह आपको

इसक जानकारी तक नह ह और आप पकड़ जात ह तो या आपको सदमा नह लगगा िलहाजा जालसाज

और जाली पतक स बचन क कोिशश किजए

सवजन क सम बोलन क िवषय पर कोई भी पतक आपको सीमा-शक पर भाषण दना नह िसखा सकती

इसक िलए सीमा-शक क बार म जानकारी हािसल करनी ही होगी इस िवषय पर िजतनी जानकारी हािसल क

जाएगी भाषण उतना ही भावशाली िस होगा

उदाहरण क तौर पर सरकारी नीितय पर चचा कर रह उस समह क बार म सोिचए जो सरकार क सामािजक

नीितय पर वाद-िववाद कर रह ह िनसदह इस िववाद म समाजवादी िवचारक माननीय lsquoअrsquo क िवचार क

आलोचना क जाएगी साथ ही इस नीित स जड़ िनप नता lsquoबrsquo क भी आलोचना होगी ऐसा भी हो सकता ह

िक वाद-िववाद म कवल नता क चर पर ही चचा हो और नीित स जड़ सामािजक पहल को छड़ा ही न

जाए चचा का िनकष यह भी हो सकता ह िक माननीय lsquoअrsquo और lsquoबrsquo को समाजवाद का ान ही नह ह रॉबट

लइस टीवसन न कहा ह िक lsquoइनसान कवल रोटी पर िजदा नह ह सचक शद भी बराबर महव रखत हrsquo यिद

आप भी इसी समह क िवचारधारा स भािवत य ह सरकार या सरकारी नीितय क आलोचना या वकालत

तय को जान िबना करत ह तो इस आदत को तकाल सधारन का यन किजए िकसी म क िवषय म

िनकष तक पचन स पहल सभी तय और पहल क बारीक स जाच किजए और िवषय क गहराई को

समिझए

18

िवषय एव तयारीमता क िहसाब स िवषय का चनाव किजए िवषय पर बारीक स िवचार किजए यान दीिजए िक िकस िवचार को िकतना िवतार दना चािहए

वजन उठान स पहल अवय जाच लना चािहए िक कध िकतना बोझ उठा सकत ह

mdashबायरन िहस ॉम हॉरस

जीवन स भर इस िदन को दिखए जीवन स िखलता आ िदन इस छोट स िदन म अतव क सभी िविवधताए एव हककत िवकास क खशी

महनत का यश और सदय का वभव शािमल ह गजरा आ कल अब एक सपना ह और आनवाला कल एक उमीद ह लिकन आज एक हककत

ह इस िजदािदली स िजयो कल क अधर सपन को परा करो आनवाल कल क उमीद को साकार करन क तयारी करो आज का वागत करो

हर सबह का अिभनदन कछ ऐसा ही हो

mdashसकत क एक किवता का अश

िपछल अयाय म lsquoिवचार एव सरित शrsquo क भाव का महव समझा गया था याद रख िवचार को जम

दन क िलए तयारी क महव को नजरअदाज नह िकया जा सकता तयारी चाह िकसी महा पतक और लख क

आधार पर क जाए या िफर वय क िवचार क आधार पर तयारी अवय ही क जानी चािहए याद रह िक

भाषण क िलए क गई तयारी म जीवन स जड़ सय और अनभव का योग जर िकया जाना चािहए लिकन

जीवन क सय और अनभव का योग िवषय क मतािबक होना चािहए नह तो म क थित पदा हो सकती ह

भाषण म दी जानवाली जानकारी या तो िकसी तय स रत होती ह या तय क समह स सयवथत जानकारी

को ही ान कहा जाता ह तय क म और सयवथा स ान का आभास होता ह

अित महवपण ह िक भाषण तयार करन स पहल अपनी योयता और मता को सदश का प दत समय

तय क सयता क बारीक स जाच कर तय क म को सयोिजत कर और महवहीन िहस को भाषण म

जगह न द अपन भाषण को एक वा क तौर पर सन भाषण क महव को वा क प म दख और वा क

तौर पर ही पतक सािथय य और वर का चयन कर वा को जीवन म रोजमरा क गितिविधय स

सीखन सबक लन और ान बढ़ान क अवसर िमलत रहत ह वा क जीवन का यह सबस आकषक पहल होता

ह वा क सतक िनगाह िनरतर नए तय उदाहरण और िवचार क खोज म यत रहती ह वा क जीवन

का यही अनभव मच पर रग जमा दता ह

तयारी क दौरान समय का सही उपयोगअकसर कहा जाता ह िक तयारी क िलए बत कम समय िमला मरा िदमाग कई उलझन स िघरा आ था

डिनयल वबटर न महा वा क भाषण स रणा और जानकारी लन म कभी चक नह क यवा अवथा म

एक िसलाई कारखान म काम करत व डिनयल अकसर एक हाथ म पतक रखत थ और मौका िमलत ही कछ

प पढ़ लत थ मदान और वीरान जगल म घमत व पटरक हनरी कित म होनवाली घटना को गौर स

दखत और समझत थ कित स िमली जानकारी न पटरक को एक महा वा बना िदया दिनया भर म दशक

क सबस बड़ी सया को सबोिधत करनवाल महा वा डॉ रसल एच कॉवल िमटन क िस पय

और वाय को कॉफ बनात व भी याद िकया करत थ लिकन आज क दौर म यिद वबटर एक हाथ म

पतक रखकर कारखान पच जाए तो नौकरी स हाथ धोना पड़गा और जगल म घमत पटरक को अकल घर स

िनकलन क सजा दी जाएगी लिकन साई को झठलाया नह जा सकता ाकितक घटना स अनभव और

मानिसक श हािसल कर इस ितभा को भावशाली ढग स तत करनवाला य समय आन पर आरित

ऊजा स दशक को वशीभत करन म कामयाब होता ह

नपोिलयन न कहा ह िक रा का भिवय तय करन म कवल पह िमनट लगत ह सोिचए िक ऐस िकतन पह

िमनट हम अपन जीवन म न कर चक ह रॉबट लइस टीवसन न समय का सही उपयोग िकया और ऊजा को

सरित रखा जीवन क हर अनभव को पजी क तरह सरित िकया पजी का अथ हmdashlsquoआज क कमाई को

भिवय क िलए बचाकर रखनाrsquo रॉबट न अपन सभी लख और भाषण म अपन जीवन स जड़ अनभव और

जानकारय का उख बत ही शानदार शली म िकया एमरसन न कहा ह lsquoआनवाला कल भी आज क तरह

होगा जीवन खम हो रहा होगा और हम जीन क तयारी कर रह हगrsquo

अनभव और जानकारी जटान क िलए सही मौक का इतजार करना यथ ह इसक िलए या िकसी मत क

जरत होती ह कार म पह िमनट क सफर स भी शायद कछ नया अनभव ा हो सकता ह

िकसी ताजा भाषण का सता सकरण खरीिदए और काम पर जान स पहल हर रोज कछ प क किटग

अपनी जब म रिखए मौका िमलत ही इन प को पिढए यान दीिजए िक िकतन समय म आप हाल ही म िदए

गए महा भाषण स परिचत हो गए ह यिद आपको पतक क प फाड़ना अछा नह लगता ह तो पतक को

अपन साथ रिखए आजकल लगभग सभी महा िकताब छोट अक म कािशत होती ह ओाहोमा म हर रोज

होनवाल गस रसाव क ऊजा लगभग 10 हजार टन कोयल स िमलनवाली ऊजा क बराबर होती ह लिकन समय

क बरबादी क मकाबल ऊजा क यह बरबादी कछ भी नह ह यिद समय का सही उपयोग िकया जाए तो वा

सफलता क िशखर तक पच सकता ह वािनक न मा क पौध स एक साथ तीन भ पदा करन क िविध

खोज ली ह इजीिनयस मशीन क मता का एक भी अश बरबाद नह होन दत ह मशीन क सौ फसदी ताकत

उपादन म खच होती ह आज क दौर क तजी क साथ कदम िमलान क कोिशश किजए और समय का एक

भी ण बरबाद होन स बचाइए दाढ़ी बनात व या कपड़ पहनत व या आप अपनी मानिसक श का

इतमाल करत ह िकसी िवषय का चनाव किजए और िदन क िनयिमत काय-कलाप क दौरान बरबाद होनवाल

समय का उपयोग किजए परणाम बत उसाहजनक हग रोजाना िकसी महा पतक का एक वाय िकसी

महा िवचारक का एक िवचार और वय िकसी िवषय पर ितिया ान क खजान को िदन-ब-िदन बढ़ान का

काम करगी बकार क काम म समय न करन का कोई फायदा नह lsquoएक मामली िमनटrsquo को lsquoसाठ महवपण

णrsquo समिझए याद रिखए दौड़ म कवल कछ ण का फासला धावक को िवजता बनाता ह एक मामली

िमनट क दरी स रल छट जाती ह

ऊपर दी गई सलाह का मतलब यह नह ह िक आप आराम और मनोरजन क महव को ही भला द महनती

य क िलए आराम स यादा महवपण कछ नह होता जबिक आलसी य आराम कवल समय न करन

क िलए करता ह यान रख िक आराम क बाद कछ खास करन क श िमलती ह इसका सही उपयोग करना

जरी होता ह

िवषय को चननािवषय और सामी एक-दसर को भािवत करत ह

lsquoिवषय को चनन क दो िसात होत हmdashमनचाहा चनाव तथा िवचार व अययन स िवकिसत चनावrsquo

मनचाहा चनावmdashऐस िवषय का चनाव करनवाला वा िवषय स सबिधत जानकारी गहराई और िवषय पर

वय क पकड़ का खयाल नह रखता िवषय को िच क आधार पर चन िलया जाता ह और वा गव स

घोषणा करता ह िक lsquoमन िवषय चन िलया हrsquo

lsquoमझ िवषय दीिजएrsquo या आम तौर पर छा अयापक स यह अपील करत ह जािहर तौर पर अयापक

िवषय स सबिधत सझाव दता ह िवषय को समझा जाता ह कई बार अययन क बाद िवषय को खारज भी कर

िदया जाता ह िफर िकसी नए िवषय पर चचा होती ह दरअसल अयापक छा क िवशषता और

कमजोरय को बखबी पहचानता ह इसिलए िवषय का चनाव सभी पहल को यान म रखकर िकया जाता ह

इस कार चना गया िवषय ितभा क मतािबक होता ह और वा भावशाली भाषण तयार करन म कामयाब

होता ह

िवकास और उित क आधार पर िकया गया िवषय का चनाव पणतः अलग होता ह यहा यह नह पछा जाता

िक या कहना ह मतक वय िवषय पर कित हो जाता ह और पछता हmdashमझ या सोचना चािहए अथा

वा िवषय का चनाव कर चका होता ह और यान िवषय स सबिधत जानकारी तय क म एव शद क

सटीक उपयोग पर कित होता ह भाव को कट करन म असफल य अछा िवचारक हो ही नह सकता

इसका मतलब य क िवचार उपयोगी नह ह अययन और गहन िचतन क आदत वा को कई अहम

िवषय पर सोचन क रणा दान करती ह इसम कोई िवरोधाभास नह ह यह एक सहज सय ह

यह प हो चका ह िक िवचार और अययन स िवकिसत िवषय सतकता स चन गए िवषय क मकाबल

यादा भावशाली होता ह िवषय lsquoअचानक िदमाग म आ जाता हrsquoिनपण िवचारक क मतक म िवषय क

िलए अहम थान होता ह अययन और िवचार क मायम स नई सोच का जम होता ह और इस कार एक नए

िवषय का आधार तयार होता ह आम तौर पर यह एक िनयिमत िया ह िबखर ए िवचार पहल-पहल धधल

होत ह लिकन धीर-धीर िवचार का वप प होन लगता ह तय क एक कड़ी दसरी कड़ी स जड़न लगती

ह और अततः एक महा िवचार का जम होता ह एक ऐसा िवचार िजसक श बत बल होती ह िवचार

वा क मतक म जोर-जोर स िचाता ह lsquoजागो म तहारा िवषय rsquo अब मझ अपन शद क जाद स

महा वप दन म जट जाओ इसक अलावा िफलहाल कोई और लय नह होना चािहए

िनसदह िनपण वा िवषय को चनन क िलए दोन िसात का इतमाल करता ह ज बग एसनवीन क

मतािबक दोन िसात का इतमाल करन क िविध म भी िवचार और अययन स िवकिसत चनाव का उपयोग

होता ह यिक कोई भी वा ऐस िवषय का चनाव नह करता िजसम गभीरता का अभाव हो

िवषय-वत का िनधारणयिद भाषण का िवषय िकसी दसर य ारा तय िकया गया ह तो बौखलान स बहतर ह िक िवषय स

सबिधत उिचत जानकारी जटाई जाए और जमकर तयारी क जाए िजस िसात क आधार पर वा िवषय का

चयन करता ह िवषय-वत का चयन भी उसी आधार पर िकया जाता ह वय स या अय लोग स पिछएmdash

िकसी िवशष उसव या समारोह को िकस अदाज म आयोिजत िकया गया ह िकतन दशक क आन क

उमीद क जा सकती ह समाज क िकस वग क दशक उपथत हग िवषय िवशष पर दशक का नजरया

या ह मर अलावा और कौन भाषण दगा समारोह क दौरान या मरा नबर पहला होगा या मझ अत म मौका

िदया जाएगा बाक वा िकन म पर भाषण दग मच िकस तरह तयार िकया गया ह भाषण को

भावशाली बनान क िलए या कछ बदलाव करन चािहए भाषण क िलए िकतना समय िमलगा

कई बार भाषण िवषय वा दशक समारोह और जगह क मतािबक नह होत ह िलहाजा भाषण स पहल

इन सभी पहल क जानकारी आवयक होती ह या कहना चािहए कस कहना चािहए और िकस परथित

क मतािबक कसा अदाज अपनाना चािहए भाषण का 90 फसदी भाव इन पहल पर आधारत होता ह

इसक अलावा वही फरमाइश परी करनी चािहए जो परी करनी सभव हो िनत तौर पर एक गोल छद म उसी

आकार का चौकोर टकड़ा नह डाला जा सकता

अनपात का सवालभाषण म िवचार और सदश क महव को समय क आधार पर िनधारत किजए यिद भाषण क िलए दस

िमनट का समय िनधारत िकया गया ह तो इस यारह या बारह िमनट तक न खच यादा बहतर ह िक भाषण को

नौ िमनट म खम िकया जाए वा क पास अगल वा और दशक का समय जाया करन का हक नह होता

सही समय पर भाषण खम करन क िलए उिचत तयारी किजए खाका तयार किजए िक िवचार एव सदश को

िकतना समय दना ह भाषण क सभी िहस को जरत क मतािबक सही अनपात म बाटन क कोिशश किजए

भाषण कम समय म समटनवाल वा को दशक बार-बार सनना पसद करत ह िलहाजा भाषण को बवजह लबा

कर अगल मौक को हाथ स न जान द

अगला महवपण पहल यह ह िक भाषण क िकस िहस को िकतना महव दना ह एक बार िनणय हो जान क

बाद वा को मालम होता ह िक भाषण क िकस िहस को यादा भावशाली बनाना ह और उस िवचार को

तत करन क िलए िकतन अयास क जरत ह कई वा दस िमनट क भाषण म आठ िमनट गवा दन क

बाद जा होत ह यह िबलकल इस कार ह िक मकान तयार करन क िलए जमा रािश म स 80 फसदी

गिलयारा बनान म ही खच कर दी जाए

यही अनभव भाषण क दौरान समय क सही उपयोग का सकत दता ह इसक आधार पर िनपण वा भाषण क

भाव और सदश को दशक क उमीद स पहल खम कर दता ह

वातिवक ोत का दोहनभाषण क िवषय-वत को जीवन दान करन क िलए सबस पहल तय को जटाना चािहए शद क

उारण म भव थािपत करना चािहए तािक आप कह सक lsquoमन िजल क सभी िमल क कमचारय स

सबिधत कागजात क जाच क ह और िनकष िनकाला ह िक 32 फसदी ब क आय िनयम क अनसार

सही हrsquo भव का इसस बहतर उदाहरण नह हो सकता भाषण म पश क गई दलील और अपील को

भावशाली बनान क िलए तय क जाच पकार क तरह करनी चािहए हालािक ऐसा करन म महनत लगती

ह लिकन यह िया कद नह होती सही तय क जाच क िलए िच का होना जरी ह याद रख िक

वातिवक जाच क ारा जटाए गए तय स आमिवास बढ़ता ह और यह आमिवास वाभािवक प स

मच पर दिशत होता ह

रचनामक काय करनवाल लोग क साथ समय यतीत किजए साई को हण करन क िलए आख कान

िदल व िदमाग को चौका रिखए और सही िनणय पर पचन क बाद ही सय को उजागर किजए इस कार

हण िकए गए सय को दशक िदलचपी स सनत ह याद रख जीवन स जड़ वातिवक सय को सनना पसद

िकया जाता ह

पतकालय का योग

सदह-रिहत खजाना छोट स पतकालय म िमलता ह िकसी पतक को चाह िकतन भी मन और यान स य

न पढ़ा जाए पतक म अयाय का म याद नह रहगा पतक म शािमल िविभ िवचार और महवपण

िवषय क जानकारी तो जर रहगी लिकन अयाय क शीषक स िवषय-वत को याद करना मकल महसस

होगा

अतः शीषक क जरए अयाय क िवषय-वत याद रखन क िलए पतक क अयाय पर मौका िमलत ही

नजर डालन क आदत िवकिसत किजए पतक क िविभ सकलन क सची पर मौका िमलत ही यान

दीिजए और अयाय को शीषक क अनसार याद रखन क कोिशश किजए इसक बाद प पर सरसरी नजर

डािलए और मानिसक और वातिवक िटपणी तयार किजए इसक बाद पतक क रोचक और अहम सदश को

यान स पिढए हर पतकालय म ऐसी पतक जर होती ह िजह आज नह तो कल जर पढ़ा जाएगा यिद

आप पतक स घिनता बनाए रखग तो भाषण क दौरान उदाहरण क िलए कई िकस याद आ जाएग लब

समय पहल पढ़ा गया िवचार एकदम ताजा हो जाएगा महा पतक क हर अयाय म एक महा सदश छपा

होता ह

यिद पतक म शािमल िकसी महा िवचार क चचा िवषय-सची म नह क गई ह तो हतोसािहत नह होना

चािहए सदश क महानता िवषय सची पर िनभर नह होती ह

इस िविध क अनसार िवचारधारा स सबिधत जानकारी जटान क कपना किजए जािहर ह सबस पहल

पतक क शीषक पर यान िदया जाएगा इस यन म आपक हाथ कफर क lsquoिवचारधारा और िवचार करन

का अयासrsquo नामक पतक लग सकती ह इसक अलावा ामर क lsquoिचतन क कला पर छा स वाालापrsquo

नामक पतक स कई महवपण जानकारया हािसल क जा सकती ह वाभािवक तौर पर इसक बाद मनोिवान

स सबिधत पतक क आवयकता महसस होगी इसक िलए भी राता ह यिद आप मानव ान स सबिधत

पतक का अययन कर रह ह तो इस ओर आपन एक कदम पहल ही बढ़ा िदया ह अचानक अहसास होगा िक

महावर स सबिधत िवकोश और शदकोश का अययन भी करना चािहए जािहर तौर पर इसस सबिधत ढर

सामिया उपलध ह सवाल यह ह िक मौजदा सामी म स िकसका अययन िकया जाए िवकोश म िचतन

स सबिधत सभी उख पर यान दीिजए महावर स सबिधत शदकोश म भी समान िकोण अपनान क

कोिशश किजए यही नह कापिनक कथाए पढ़न स भी भाषा-शली सधारन म मदद िमलगी मयतः

जीविनय और िनबध पर िवशष यान दन क जरत ह

शआत करन क िलए अपन साथ नोटबक रख या िफर छोटी डायरी या कागज का योग कर और िदन भर

क अययन को कागज पर उतारन क कोिशश कर अपन अनभव िवचार व ान को नोटबक पर उतारत रह

और अययन क ारा िमली जानकारी क साथ उसका सबध थािपत करत रह कछ समय म सकारामक भाव

महसस होन लगगा

िनसदह नोटबक िलखन क आदत म कड़ी महनत क आवयकता होती ह लिकन याद रख भाषण क

िबगड़न क मय वजह ितभा नह बक तयारी क कमी होती ह अिधक आमिवास आलय का घिन

िम होता ह और दोन वा क परान श होत ह

सभी उम िवचार क सची तयार किजए और नोटबक म सरित रिखए यिद आप पिका का सह करत ह

तो महवपण लख का वष महीना और तारीख क मतािबक सची तयार कर इन लख क साथ अपन िवचार को

भी कागज पर उतारए और सरित किजए

भाषण क परखाभाषण क परखा तयार करन क िविध कोई नह समझा सकता कई वा सर क समय भाषण क परखा

तयार करत ह कछ वा मानिसक तौर पर पर भाषण का ढाचा तयार करन क बाद ही परखा को कागज पर

उतारत ह हालािक अिधकतर वा नोस तयार करत ह नोस क ारा िवचार का म बनात ह भाषण का

ाप तयार करत ह तपा अयास करत ह इन सभी िविधय को एक-एक कर आजमाइए और अपन

िमजाज व सिलयत क मतािबक िकसी एक का चयन किजए िकसी भी य को िकसी और क अदाज म

काम करन क िलए िववश नह करना चािहए साथ ही उस य क अदाज को भी नजरअदाज नह करना

चािहए सभव ह िक दसर य क काम करन क शली आपक अदाज स यादा कारगर हो

नोस क आधार पर भाषण तयार करनवाल वा क िलए िननिलिखत सझाव महवपण िस हो सकत ह

mdash

पया अययन और िवचार क बाद एक अलग प पर िवषय क मय िवचार का म तयार किजए िजस

तरह िवषय को तत करन क िलए पतक क िवषय-सची तयार क जाती ह उसी तरह भाषण क िवचार का

म होना चािहए इस कार वा क िलए िवचार को प प स तत करना आसान हो जाता ह एक

िवचार क माण म दसर िवचार का ततीकरण पता वाद-िववाद िच और भाव को जम दता ह

मब तरीक स िवचार को तत करत समय इतमाल िकए जानवाल अनभव उदाहरण तय और

अनमान भाषण का महवपण िहसा बन जात ह सभी िवचार को एक-दसर स अलग मानन क कपना

किजए तपा मानिसक तौर पर इन िवचार का म िनधारत करन क कोिशश किजए अततः सभी

िवचार क साथ उपयोग म लानवाल उदाहरण अनभव तय और अनमान का खाका तयार किजए यान

दीिजए िक िकस िवचार और सदश पर यादा बल दना ह इस िया क पा भाषण का सपण वप तयार

हो जाता ह मच पर इतमाल िकए जानवाल भाषण का साधारण वप कछ इसी कार होना चािहएmdash

सम क मय वजह (भाषण का िवषय)सम का अथ या होता ह सम का वरदान धरती म छपा ह अमरका म अतय किष िवकास किष म

िवकास क नए िसात किष उपाद क बशमार कमत यापार पर किष िवकास का सकारामक भाव अय

दश म िवकास का भाव दश क िनजी अथयवथा म मजबती बड़ कारोबार और बिकग का िनयण

िवदशी बाजार क िलए नजरए म बदलाव और समी जलपोत का आधिनककरण सम क महा उदाहरण

ह इस कार मय िबद िनधारत कर भाषण क परखा तयार क जा सकती ह

प तौर पर इन सभी मय िबद का िवतार िकया जा सकता ह साथ म उदाहरण अनभव महावर और

अनमान को जोड़ा जा सकता ह इस म सम स जड़ आकड़ को शािमल िकया जा सकता ह अथा

परखा क आधार पर भाषण को भावशाली बनान का उय हािसल िकया जा सकता ह

लखन एव अयासउम परखा तयार करन क बाद भाषण तयार करन पर यान दना चािहए यिद भाषण िलखन क जरत ह

तो अवय िलख भाषण क परखा को यान म रखत ए अतमन स लख तयार कर भाषण का पनिनरीण

कर और जरत क मतािबक सधार कर

अत म भाषण पर आलोचक क नजरए स यान द शद क चयन को भावशाली बनाए वाय को जीवन

दान कर िवचार क पता का खयाल रख सदश क सयता मािणत कर और िवशष तौर पर यान रख िक

भाषण का अत तकसगत हो सबस महवपण ह िक खद को दशक क सम महसस कर अयास क दौरान

यान द िक भाषण िनबध जसा तो नह लग रहा ह भाषण-शली का सहज और वातिवक होना बत जरी

होता ह

शीषकअत म यह खयाल जर आएगा िक भाषण क िवषय-वत या ह इस एक शद या छोट स वाय म िकस

कार तत िकया जाए दरअसल कम-स-कम शद म भाषण क िवषय का सार तयार करन को शीषक कहत

ह हनरी वासन क अदाज क तरह भाषण का शीषक बत साधारण हो सकता ह उदाहरण क तौर पर lsquoनया

अमरकावादrsquo भाषण का शीषक सकतामक भी हो सकता ह उदाहरण क िलए रसल एच कॉवल का

lsquoएकड़ म फल हीरrsquo एबट ज बवरज क तरह कहावत को भी भाषण का शीषक बनाया जा सकता ह

lsquoआस-पास फली समrsquo अततः भाषण का उय जो भी हो शीषक सि होना चािहए िवषय क

मतािबक होना चािहए और दशक म उजना वािहत करन योय होना चािहए

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िववरण क ारा भािवत करनािवचार गभीर नह ह तो उस य न कर िवचार क यायान क बाद ितफल क उमीद नह रखनी चािहए गभीर िवचार म छपी सयता को

पहचान अवय िमलती ह

mdashथॉमस कालाइल जीवनी पर िनबध

इस अयाय म भाषण को आलकारक करनवाली कला को िनपण बनान क िलए lsquoवणनrsquo lsquoयायानrsquo lsquoवाद-

िववादrsquo और lsquoवकालतrsquo जसी ितभा पर िवतार स चचा क जाएगी वापटता क कला म िनपणता हािसल

करन क इछक पाठक क िलए उपयोगी पतक का िववरण भी िदया जाएगा

िववरण का वभाविववरण का अथ होता हmdashिकसी घटना िवचार इयािद को िवतार स समझाना िववरण क दौरान यायान

क तरह िचण नह िकया जाता मोटरगाड़ी क िववरण का अथ हmdashगाड़ी क मय िहस और कल-परज क

कायशली को समझाना लिकन मोटरगाड़ी क मानिसक िचण क िलए गाड़ी क चमकत ढाच भावशाली रग

तज रतार आिद का यौरा दना होता ह िववरण और यायान म यही मय अतर होता ह रात म ब क चहर

पर डर का भाव दरशान क िलए िववरण नह यायान क जरत होती ह इन दोन क बीच क अतर को आग

lsquoयायानrsquo अयाय म और गहराई स समझाया जाएगा

इसक अलावा िववरण म घटना का म महवपण नह होता म का यान यायान म रखा जाता ह

अपनी खोज क जानकारी दत व परी न अाश और दशातर रखा क खोज क िलए इतमाल िकए

जानवाल य क बार म बताया यह एक िववरण था अपन औजार और य क वप को समझान क िलए

यायान का इतमाल िकया तािक मानिसक िचण थािपत िकया जा सक रोजाना घटनवाली जोिखम स भरी

घटना को कहानी क तौर पर तत िकया तािक दशक क िच बनी रह अपन दाव क वकालत क िलए

वाद-िववाद का सहारा िलया इस कार परी न एक ही भाषण म सभी कला का बजोड़ िमण पश िकया

िववरण का कारण और परणाम स वाता नह होता इनका इतमाल वाद-िववाद क िलए िकया जाता ह

िकसी सभािवत ाहक को यायान क म क जरए एक ड क मकाबल अपन ड क गाड़ी खरीदन क

िलए सहमत िकया जाता ह ाहक को राजी करन क िलए दसर ड स सबिधत खतर और रक को तत

िकया जाता ह जािहर तौर पर इस िया म िववरण क कला का उपयोग होता ह और माकिटग क इस पतर क

भाव को कोई नकार नह सकता सय ह साधारण तय क मकाबल िकसी एक महवपण तय का िववरण

यादा भावशाली होता ह लिकन ाहक तय स जड़ कई और अहम कारण को नजरअदाज नह करता और

इह कारण पर परणाम आधारत होता ह महज एक तय क िववरण स िकसी को नह लभाया जा सकता

अथा ाहक को लभान का िववरण क दायर स बाहर होता ह िववरण पण प स ब सबधी

िया ह इसम भावना क िलए कोई थान नह होता ह

िववरण का महवसामाय भाषा म तत तय का अथ प समझ म आता ह साधारण भाषा म उलझन क सभावना कम

होती ह और यही िववरण का महव ह

िववरण क कला म िनपण होन क िलए िवचार प होन चािहए लखक स एक बत पचीदा सवाल पर

पीकरण क माग रखी गई तो लखक न जवाब म कहा lsquoवस आप िकस सवाल पर मझस पीकरण नह

मागतrsquo अब कछ धारणाए प परभाषा को नकारन लगी ह लिकन ऐस अपवाद क शरण म नह जाना

चािहए याद रख एक परभाषा नाकाम होन पर दसरी परभाषा तयार क जाती ह कभी-कभी लगता ह िक

िवचार क कला पर दता हािसल हो गई ह लिकन जब िवचार को तत करन का समय आता ह तो प

िवचार धधला जात ह इस कार उम िववरण का अथ हmdashिवषय क प समझ भावशाली ढग स

ततीकरण क िलए िवषय क प और सपण जानकारी जरी होती हrsquo (ज बग ऐसनवीन)

lsquoइस रात क दोन ओर ग हrsquo ऐस कम यायानवाल िवचार स दशक म वा क ित शका का भाव

पदा होता ह प तौर पर समझ न आनवाल न पर वाद-िववाद करन स लाभ नह होता या कभी ऐसा आ

ह िक आप कछ और बोल रह ह और आपक िम कछ और ही समझ रह ह यिद दो लोग सगीतकार क एक

परभाषा पर सहमत न ह तो जािहर ह िक इस िवषय का सहमित स शीषक तय नह िकया जा सकता

रात क दसरी तरफ का गा खाई समान होता ह यानी िकसी िवचार का बत यादा यायान करना

िवचार क बत यादा यायान स भी दशक को ठस पचती ह दशक को ऐसा अहसास नह कराना चािहए

िक उह िवषय स सबिधत कोई जानकारी ही नह ह यादा यायान स दशक म कछ ऐसा ही भाव पदा होता

ह अथा भाषण दत व सामाय और िवशष म पर दशक क सभािवत ान का अनमान होना चािहए

यायान को बत यादा सरलता दान करन म मखता का दशन होता ह और यायान क बवजह िवतार स

ऊजा क बरबादी होती ह

वणन क उययह साफ हो गया ह िक िवचार क वणन स वा और दशक क बीच वचारक सबध थािपत होता ह वणन

क जरए भाषण म आग तत िकए जानवाल तय िवचार अपील और वाद-िववाद क िलए आधार तयार होता

ह वणन क भाव को पता शता सयता एकता और आवयकता जस थर मानक क आधार पर

मािणत िकया जाता ह वणन क भाव क यह याया कभी नह भलनी चािहए इसका उपयोग कवल वणन

क उय क िलए नह बक िननिलिखत क िलए भी िकया जाना चािहएmdash

वणन क णािलयावा ारा इतमाल क गई वणन क िविभ णािलया िकसी-न-िकसी मोड़ पर एक-दसर स भािवत होती

ह यिद एक णाली दसरी स िमलती नह हो तो उस भािवत जर करती ह कई मौक पर एक णाली दसरी

क साथ चलती ह

परभाषा वणन क चिलत िविध ह िनसदह इस बात का िवशष खयाल रखना चािहए िक वणन क िलए

तयार क गई परभाषा को समझान क िलए कई और परभाषा क जरत न पड़ परभाषा क भाषा बत

प और सि होनी चािहए परभाषा म यादा शािमल करना या यादा छोड़ दना भी ठीक नह होता

परभाषा का सामाय उदाहरण िननिलिखत हmdash

वणन क िलए परभाषा म िवषय क वभाव महव और चर क साथ िवचार और िवचार क समह क

अिभाय को दिशत करना चािहए

mdashआल बस अजी लखन पर चचा

परभाषा क िवतार क िलए िवरोधाभास और ितपता का भी भावशाली ढग स इतमाल करना चािहए

उदाहरण क तौर पर िननिलिखत वाय म उ परभाषा अनकरण तत िकया गया हmdash

यायान क मकाबल वणन क जरए सीध तौर पर िवषय क अथ और अिभाय को दिशत िकया जाता ह

िवषय क वप स इसका वाता नह होता

ितपता स परभाषा का िवतार िकया जाता ह दरअसल जनता क सम यायान क यह िनयिमत िया

ह इस िया क जरए दशक िवषय क भाव को िवतार और पता स समझन क िलए आमचतन का

इतमाल करत ह और वा क िवचार क साथ िवषय क गहराई को समझन क कोिशश करत ह यह वणन क

अिभ अग क समान होता ह िवषय स सबिधत तय क िवतारपवक वणन स पता बढ़ती ह

उदाहरण क जरए परभाषा और यादा प हो जाती ह इस कार वणन बत भावशाली हो जाता ह

आम तौर पर उम वणन को यायान समझन क गलती क जाती ह मानकर चिलए िक आपका छोटा बटा

इजन क काय-णाली जानन क िलए न करता ह िक lsquoभाप का इजन िकस कार काय करता हrsquo यिद आप

इस न क ित अिशित बरताव करत ह या जान-बझकर न को न समझन का िदखावा करत ह तो ब क

नाराजगी झलनी पड़ सकती ह अथा ब क िजासा का ान क मतािबक सटीक-स-सटीक जवाब दना

चािहए इजन क वातिवक काय-णाली को समझात व यायान नह वणन क कला का योग कर

इस उदाहरण क मय उपयोिगता यह ह िक वणन क दौरान आप अनजानी वत को समझान क िलए

पहचानवाली वत क उदाहरण का इतमाल करत ह मच पर दशक को िवचार क पता दान करन क

िलए सही और सटीक उदाहरण बत आवयक होता ह यह िशण क कला का सबस बहतरीन तोहफा ह यह

ऐसा तोहफा ह िजसस वा क भाषा-शली म िदन-ब-िदन िनखार आता ह आल बस क तीन सकलन पर

यान दीिजए लखक न इस कछ इस कार तत िकया ह िक तीन सकलन एक वाय समान तीत होत ह

ऐसा लगता ह जस एक-दसर म घल रह ह हर िहसा दसर िहस क पित करता महसस होता ह

अनपता व असमान वत क बीच समानता थािपत करनवाली कला वणन क सबस महवपण िविध मानी

जाती ह िननिलिखत अनोखा उदाहरण बीचर क िलवरपल भाषण स पश िकया गया हmdash

वन म जीवन जीनवाल जगली मनय क बस एक कहानी ह और बस एक ही कहानी गढ़ी जा सकती ह

मनय क सय होन क साथ कहािनय न जम लना श कर िदया लिकन िवकिसत सयता का ईसाई धम म

परवतन असय कहािनय का ोत बना कहािनय क ऊपर कहािनया गढ़ी गई और हर िनपण लखक न कहानी

को अपन िवशष अदाज म पश िकया

याया िकसी िवषय को समझान क आम एव साधारण िविध होती ह यायान क दौरान मय िवषय क

इद-िगद घमनवाल सबिधत िवषय को भी िवतार स समझाया जाता ह हालािक यह एक महवपण िविध ह

लिकन वणन क दौरान यह िसात नकारामक भाव क छाप छोड़ता ह वणन म मय िवषय स भटकाव क

गजाइश नह होती िननिलिखत उदाहरण क जरए इस िविध को समझाया गया हmdash

म अदालत क िनणायक सिमित क सम पश िकए गए म स नह भटक सकता इस बात का िलहाज रखन

स कोई फायदा नह होगा िक कदी एक दिखयारी का पित ह और उसक ब को जीवन क किठनाइय का

सामना करना पड़गा हम कदी क माता-िपता क माथ पर औलाद क मजरम होन क कलक का भी खयाल नह

रख सकत भावना स जड़ म क िलए अदालत म कोई जगह नह ह दःख स आख मद िम का क

अदालत क िलए यथ ह कदी क लबी और समानजनक नौकरी भी अदालत क िनणय को भािवत नह कर

सकती कदी क िखलाफ पता सबत इन सब मायता स यादा महव रखत ह कदी क सजा मकमल

करन म कवल एक सवाल अहम ह िक कदी न बदला लन क मशा स हया क या िफर परथितवश अपराध

अनजान म िकया गया इस बात का िनणय मौजदा गवाह क गवाही क आधार पर िकया जाएगा

िवषय को मब करन स िवचार का वगकरण आसान हो जाता ह यह कहना गलत नह होगा िक

परभाषा म म वग और कार को िनत थान दान करना चािहए भाषण क िवषय को मब करन स

िवषय क गहराई तक पचना आसान हो जाता ह इसक अलावा एक तय को दसर तय स जोड़ना भी बत

बमय होता ह म को परभाषा और णी का िनकट सबधी माना जाता ह

lsquoशराब क तकरी लब समय स वाद-िववाद का नितक िवषय रही ह इसस जड़ा आिथक महव जो भी हो

इसक िवरोध म जो भी सवाल उठत ह राजनीितक यवथा पर इसका जो भी भाव पड़ता हो या कोई य

तकरी क नकारामक पहल को सही सािबत कर सकता ह दिनया भर म जनता क िहत को सरित करन क

िलए सवधािनक सरकार का गठन िकया गया ह सिवधान क जरए शराब क कारोबार को िनयिमत करन क िलए

िनयम तयार िकए गए ह कई दश म अफम क यापार दास था इयािद को आिथक िवकास क जगह सही

और गलत का मा माना गया ह इन करीितय क आिथक महव स यादा सामािजक भाव को महव िदया

गया हrsquo

िवषण क जरए िवषय क महवपण िहस को अलग िकया जाता ह इस िया क कई िसात ह

उदाहरण क तौर परmdashिवषण क िया म समय थान तक िच म व और समापन क भाव जस

म का उपयोग िकया जा सकता ह िवषणामक वणन का उम उदाहरण इस कार हmdash

lsquoदशनशा म मानव का अवलोकन या तो ईर म िनिहत होता ह या इस कित स जोड़ा जाता ह ईर और

कित स जड़ी शय को मानव म समािहत माना जाता ह दशन-शाय क गहन अययन स तीन अहम

जानकारया सामन आई हmdashईरीय दशनशा ाकितक दशनशा और मानवीय दशनशा यानी मानवता

यही तीन शा दशन क िवचार का आधार मान गए ह इह को ईरीय श माना गया ह िजसका इतमाल

मानव-कयाण क िलए िकया जाता हrsquo

mdashलॉड बकन ान क गित

िवभाजन और िवषण क बीच मामली फक यह ह िक िवषण क दौरान िवषय को िवभािजत िकया जाता

ह ततीकरण क सिलयत क िलए िवषय को मनमान ढग स िवभािजत िकया जाता ह यादा जानकारी क

िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

सयता क इितहास म इसका उपयोग तीन कार स िकया गया ह तीन अलग तसवीर और थित क तलना

करना अनिचत नह होता कई तसवीर अधरी होती ह कई दोषहीन होती ह और कछ िबगड़ी ई होती ह इसी

कार इितहास क भी तीन कार होत हmdashयादगार उम और ाचीन इितहास यादगार इितहास असमा होता

ह या िफर इस इितहास का पहला और असपण ाप माना जा सकता ह ाचीन इितहास िवकत होता ह यानी

इितहास क कई अहम घटना क जानकारी बत धधली और अप होती ह िजह मािणत नह िकया जा

सकता

mdashलॉड बकन ान क गित

सामायीकरण स िवतत िसात का यायान होता ह साधारण सय का बोध होता ह इसक िलए तय

को मािणत करन क आवयकता होती ह तकसगत सामायीकरण क तलना बनावटी वणन स नह क जा

सकती तकसगत यायान म िवषय-वत क सयता माण क आधार पर क जाती ह यान दीिजए िक िकस

कार जॉज म न एक तय क आधार पर शआत क थी और िकस कार एक तय को दसर तय स

जोड़कर सपण जानकारी तयार क गई यह वा क खजान क सबस मयवा ितभा होती ह

lsquoऊपर स खला और नीच स बद एक बलनाकार पा लीिजए और उसम कछ इच क ऊचाई तक पानी भर

दीिजए इसक बाद पा क मह को िकसी चपटी धात क चादर स ढक दीिजए इसक बाद पानी को गरम

किजए कछ समय बाद पानी उबलना श हो जाएगा पानी क उबलन स भाप बनगी और भाप का दबाव ऊपर

ढक चादर को धकलन लगगा उबाल तज होन स भाप क माा बढ़न लगगी और चादर और ऊपर उठन

लगगी पर पानी क भाप म बदलन तक यह िया चलती रहगी बलनाकार पा यानी िसिलडर पानी आग और

भाप स गित दान करनवाल भाप क इजन का मय अग होत हrsquo (जीसीवी होस)

यायान क सभी कार क समान अनभव का उख भी वणन का मय िसात होता ह

वणन क उख का अथ हmdashतय स जड़ी सयता का यायान जानकारी वह होती ह िजसका दशक न

अनभव िकया हो सना हो पढ़ा हो महसस िकया हो माना हो यानी वह तय िजस पर दशक अपनी जानकारी

क मतािबक िवास करता हो इसम दशक क जानकारी क मतािबक सभी िवचार भावना और अछ-बर

अनभव का िमण होता ह इस कार अनभव क उख स मतलब हmdashदशक क िजदगी स जड़ अनभव तक

पचना

रहयमय वभाव स िवान क महा आिवकार नह िकए जा सकत वािनक उपलधय क िलए तय को

समझन और एक कड़ी को दसरी कड़ी स जोड़न क मता होनी चािहए पिलस का खोजी दल चोर क जत या

उगली क िनशान स अपराध करनवाल का पदाफाश कर दता ह इसी कार जीव वािनक किवयर न ही क

नमन क जरए ल ािणय क िवषय म सटीक जानकारी जटाई िजदगी क िजन आम अनभव पर सामायतः

यान नह जाता ह वािनक उही तय को बारीक स समझत ह और नई खोज या आिवकार को जम दत ह

mdashथॉमस हनरी हसल धमपदश

या ब क नाम वा अवथा दरशानवाली सोच स रत होत ह हरिगज नह ब का नाम रखत व

खास यान रखा जाता ह िक नाम का मतलब सकारामक हो लिकन या हम बढ़ नह होत या हमारी नजर

कमजोर नह होत या हथिलया शक नह होत या गाल पील नह पड़त या दाढ़ी सफद नह हो जाती

या आवाज भरान नह लगती या सास नह उखड़न लगत या तद नह िनकलती या शरीर क सार अग

ाचीन नह िदखन लगत और या ऐस हालात म आप कवल नाम क आधार पर खद को यवा कह सकत ह

नह नह नह सर जॉन

mdashशसपीयर द मरी फाइव ऑफ िवडसर

अततः वणन क सामी तयार करन क िलए िवषय स सबिधत इन न पर यान दना चािहएmdash

यह या ह और या नह ह

यह िकसक तरह ह और िकसक तरह नह ह

इसक कारण और भाव या हो सकत ह

इसका िवभाजन िकस कार करना चािहए

यह िकस िवषय स जड़ा ह

इसस िकस अनभव क याद ताजा होती ह

िकन उदाहरण स इसका यायान होता ह

20

िचण क ारा भािवत करनाईडन क चहर पर झरया लब समय पहल खम हो गई ह जीवन का िचण करो गीत म जवा रहो

mdashएलजडर पॉप िवडसर फॉरटजस ही िववाद परिचत तय क तर स ऊपर उठ जाता ह और जनन एव असाधारण िवचार स उिजत हो जाता ह उस पर कपना का आवरण

चढ़न लगता ह गभीरता स बात करत व यिद बौक िया पर यान िदया जाए तो िदमाग म ान योित कािशत होन का आभास होता ह

यह ान योित िवचार क परधान क समान होती ह यह वाभािवक एव अकमा होनवाली कपना ह यह िदमाग म उपज रह तकाल िवचार

और अनभव का िमण होता ह यह वातिवक रचना होती ह

mdashरॉफ वाडो एमरसन कित

भाषण क अय बमय ससाधन क तरह िचण क िवतार स भी भाव हलका हो जाता ह यादा साज-

गार स िवषय हायद हो जाता ह धल साफ करन का कपड़ा उपयोगी होता ह तो या उस पर कढ़ाई कर दनी

चािहए िचण को उिचत दायर म रखा जाए या िवतार क जरए भय दशन िकया जाए यह वा क पसद

पर आधारत होता ह िचण क अदाज स वा क बौक वभाव का पता लगता ह

िचण का अदाजवा का िकसी िवषय को िचित करन का अदाज ऐसा होना चािहए िक दशक क जहन म कथा-वत क

छिव तयार होती रह lsquoिचण का अथ ह िच तयार करना उसक परखा तय करना उसम रग भरना और

िचकारी क अय ितभा का इतमाल करना िचण का ोत कपना होती ह अथा िचण क जरए

कपना को सिच िकया जाता हrsquo [ज बग एसनवीन]

यिद आपस गोिलय क तज बौछार करनवाली बदक का यायान करन क िलए कहा जाए तो सामाय तौर

पर दो म स िकसी एक िननिलिखत तरीक को अपनाया जा सकता हmdashया तो हिथयार को बनान क तकनीक का

यायान िकया जाए या िफर इस नर-सहार क चड हिथयार क तौर पर तत िकया जाए यानी इसक बनावट

क जगह भाव पर जोर िदया जाए

इस हिथयार क यायान क पहली िया को वणन कहत ह जबिक दसरी िया िचण ह वणन म

साधारण तय पर जोर िदया जाता ह जबिक िचण म बारीक-स-बारीक पहल को भी यान म रखत ह वणन

क जरए िवचार को प िकया जाता ह जबिक िचण स िवषय-वत क बरताव को दरशाया जाता ह वणन

का वाता आतरक तय स होता ह जबिक िचण भाव को दिशत करता ह वणन का उपयोग गणना क

िलए िकया जाता ह वह िचण सािहयक िया ह वणन बौक िया ह जबिक िचण सवदनशील

िया ह वणन म औपचारकता ह तो िचण यगत होता ह

िवषय-वत क प ततीकरण क िलए वा कपना क मायम स िचण करता ह वह दशक वा क

यायान क आधार पर मानिसक िच तयार करत ह जािहर ह वा िचण क मायम स कवल उसी िवषय-

वत का यायान कर सकता ह िजसका उसन वय अनभव िकया हो वा अपनी कपना और शद क

मायाजाल स अपन अनभव का यायान इतन भावशाली ढग स कर सकत ह िक दशक ममध हो जाए

िपछल अयाय (lsquoिवषय एव तयारीrsquo) म आख म झाकन क भाव का वणन िकया जा चका ह वह िपछल

अयाय म कपना क श का यायान भी िकया गया ह लिकन िफलहाल िचण क बौक श पर

चचा क जा रही हmdashिकसी घटना क सभी पहल को दखन और समझनवाली बौक श दरअसल आख

स यादा िदमाग म होती ह बारीिकय पर यान दनवाला िदमाग घटना क िवषय का जरत क व दोबारा

प िचण करन क श रखता ह यही िचण दशक म िच पदा करता ह िकसी िवषय य परथित

घटनाम और य को कपना क उड़ान दन क आदत बत उपयोगी िस होती ह िचण क पता स

दशक क जहन म िवषय स सबिधत म दर िकया जा सकता ह

िवषय को पता दान करन क इस िया म वाातय क भिमका अहम होती ह िननिलिखत समह को

सपण नह माना जा सकता लिकन िफर भी इनक यायान क िलए एक भी शद जोड़न क आवयकता नह

वा क िलए िचण

इनम स कछ ियाए एक ही समय पर घटनवाली होती ह जबिक बाक ियाए या तो सय होती ह या

िफर एकल

यिद िचण क िया का इतमाल िकसी वत क प जानकारी क जगह वत क वप को समझान

उदाहरण क तौर पर जपिलन एयरिशप क िलए िकया जा रहा ह तो इस वािनक िचण कहत ह यह िया

काफ हद तक वणन क समान होती ह यिद इस िया म अबािधत कपना क मायम स िकसी परथित एव

य क बल छाप छोड़न क मशा हो तो इस lsquoकलामक िचणrsquo कहत ह इस कला को भावशाली बनान क

िलए वाातय का इतमाल िकया जाता ह

िचण क कार

भाषण क दौरान िचण मय प स सझाव क मायम स होना चािहए सझाव क मायम स िकया गया

िचण सि होन क साथ गहरी छाप छोड़न म कामयाब होता ह साकितक यायान क मायम स िवषय का

िवतारपण िचण िकया जा सकता ह इसक ारा दशक क िदमाग म िवषय स सबिधत कपना और िच का

जम होता ह िडकस lsquoिसमस करोसrsquo म कहत ह lsquoजब ीमती फिजिवग एक लबी एव सतोषजनक

मसकराहट क साथ आईrsquo तो जािहर तौर पर दशक क जहन म फिजिवग का खशनमा चर तयार हो गया इस

तरह का साधारण यायान बत भावशाली होता ह और इसी कला पर िनपणता क जरत होती ह यहा कछ

और उदाहरण पश िकए गए हmdashlsquoजनरल िकल कठोर ताकतवर एव तदत य थ वह कहा िमलग लोग

को सदा मालम रहता थाrsquo िडकस न ीमती ीचर का यायान कछ इस तरह िकया हmdashlsquoएक छोटी सी गी

एक छोटी सी गिहणी एक छोटी सी पतक एक छोटी स िडबी छोटी सी मज और तौलन-नापन क सामी

का समह और सब चीज क बीच म समाई एक छोटी सी मिहलाrsquo

आप िचण क िकसी भी कार को नजरअदाज कर सकत ह लिकन सझाव क कला म दता क महव को

नह नकार सकत

िचण साधारण सकत क मायम स होना चािहए िचण का भाव िवषय-वत क महव को दरशाता ह

मोजल न कहा ह lsquoयिद दखनवाला चकाचध क वजह स पलक झपकान लग तो हम मान लत ह िक उसन

िकसी चमकली या कािशत वत को दखा ह यिद चहरा पीला पड़ जाए तो डर क आभास का बोध होता ह

खशी स िखला चहरा सदय क दशन क अनभित कराता ह वह शात िच म यान का अहसास होता हrsquo

सि िचण उपािध िवशषक होता ह lsquoनीली आखrsquo lsquoमोहक मसकानrsquo lsquoसख गालrsquo आज पारपरक

उपमाए तीत होती ह लिकन हॉमर क यह उपमा उस दौर म एकदम ताजा थ शतादय स lsquoआठ ितय

पर पिहया बशम क तरह घमता हrsquo lsquoहथौड़ क लगातार चोट स तलवार क धार बनती हrsquo जस महावर म कोई

बदलाव नह िकया गया ह िवल िलिवगटन क lsquoद फाइिटग डथrsquo क उस उपमा को याद किजए िजसम लखक

न िफलीपस म मकाबला करत सिनक को lsquoदीवार पर जक क तरह िचपकाrsquo आ दरशाया

िचण भाषण क आकड़ को दरशाता ह उत वाातय क कार क चचा क साथ मागदशन क सझाव

पर भी यान दना चािहए यह बदह महवपण ह इस पर जर यान द आकड़ को दिशत करन का सहज

बौक सि तीण खशनमा और हायद अदाज मच पर ततीकरण का सबस बहतर तरीका होता ह

िचण साधारण और सीध प म भी िकया जा सकता ह बयान एकदम सीधा साधारण और वणन-म भी

हो सकता ह िचण क अदाज का िनधारण वय क ब-िववक स करना चािहए िनधारत िकए गए अदाज

क बाद फसला करना चािहए िक यापक िवषय क बाद िवतत यायान करना चािहए या िफर िवतत

यायान क बाद िवषय क यापकता का ततीकरण यान रह िक अदाज हर थित म सि होना चािहए

वॉिशगटन इरिवस क lsquoिनकरबोकसrsquo म मौजद सि यायान पर यान दीिजएmdash

lsquoउस छोट चौकोर और गठील चहरवाल बढ़ भ य क दोहरी ठी चौड़ा मह और फली ई नाक थी

और वह लगातार िसगार पी रहा थाrsquo

lsquoउसक लबाई ठीक पाच फट छह इच थी जबिक उसका दायरा छह फट पाच इच तक था उसक खोपड़ी

वाकार थी और आयजनक प स चौड़ी थी उसक हर अग स चतराई झलक रही थी कित न उसक

गरदन क रचना कछ इस उलझन म क थी िक गरदन पर िसर का सभलना अिवसनीय तीत हो रहा था ऐसा

लग रहा था जस कित गरदन क रचना करना ही नह चाहती थी ऐसा लगता था जस उसक खोपड़ी को दोन

कध क बीच सीध रीढ़ क ही पर रख िदया हो उसका शरीर अडाकार था मयतः िनचला िहसा बत

भारी था ऐसा लगता था िक इस िहस को बनान क िलए िवशष तौर पर िवधाता स िनवदन िकया गया था वह

बत आरामपसद य था और सामाय सर-सपाट स भी मन चराता थाrsquo यह यायान हालािक हायापद ह

लिकन बत लबा ह तय को बवजह िवतार िदया गया ह िकसी हायापद यव क यायान क िलए

यह तरीका उम हो सकता ह यिक य क शारीरक रचना क जरए वभाव को दरशाया गया ह

ऐितहािसक आदत क यायान क जरए िचण को चपल बनाया जा सकता ह डॉ टीडी िवट टालमज क

भाषण lsquoिबग लडसrsquo (बड़ी गलितया) क िननिलिखत सजीव हाव-भाव स परपण नाटकय याया िपछल

तीस साल स लोग क िदमाग म अिमट छाप क तरह मौजद ह ब क आवाज आज भी प सनाई दती ह

lsquoब को हाथ म लो और उिचत मा म खड़ हो जाओ अब गद पर यान जमाओ बत नीची जमीन स

रगड़ती ई गद पर ऊचा शॉट मत मारो जब गद तज रतार स आए तो जोर स शॉट मारो लबा शॉट आसमान

छता आ ऊचा बत ऊचा भागो तज तज भागोrsquo

यायान क दौरान वा दशक और मौजद िखलािडय क भीतर ऊजा क सचार पर यान दीिजए आपको

महसस होगा जस खद खल रह ह होमर क अदाज म तालमल का य यायान भी कछ इसी कार था ऐसा

तीत हो रहा था जस घटना न कवल घट रही हो बक साा आख क सामन घिटत हो रही हो

यिद आपन सफर क दौरान चचा म बढ़-चढ़कर िहसा िलया हो तो यान िदया होगा िक वा या तो भाषा

को यादा अलकारत करता ह या िफर भडी भाषा का इतमाल करन लगता ह यिद आप भाषा क जादई

श सीखना चाहत ह और य घटना िवचार कपना आिद क यायान को मनमोहक बनाना चाहत ह तो

लफकिडयो हरन रॉबट लइस टीवसन पयरी लोटी और एडमॉडो डी एमीिसस का अययन जर किजए

lsquoउनक पीछ कारवन टोन क ल िडटट पवतमाला का य साफ िदखाई द रहा था ऐसा तीत हो रहा था

मानो मिदर क चोटी को खासतौर पर वग क िलए तराशा गया हो मिदर का सनहरा गार आसमान को छ रहा

थाrsquo

mdashलफकिडयो हरन चीन क तामा

आसमान म तार साफ रग-िबरग आभषण क समान चमकत ए नजर आ रह थ िसतार क िझलिमलाहट म

खापन नह था आकाशगगा म चादी क रग का धधलका था मर चार ओर अधरा-ही-अधरा था दर तक

फला आ अधरा काठी स झलकती सफद रोशनी म म गध को खट स बधी रसी क सहार चार ओर घमता

दख सकता था म घास क मदान म उसक चरन क आवाज सन सकता था इसक अलावा कोई और आवाज

थी नदी क बहत पानी क पथर स टकरान क लयब आवाज

mdashरॉबट लइस टीवसन गध क साथ याा

वसत अपन चरम पर ह वसत का सबस पहला अतराल सनी रात का गहराता अधरा अधर म ल होत

परानी झपड़ी म रखी चीज और दर तक धरती पर फली उदासी क छाया धधलक म बीतत ए िदन बादल का

गहरा गबार धीर-धीर फासला तय करता आ िदन अचानक स दोपहर को रात म बदल दगा लगातार बहती ई

हवा क दर िकसी िगरजाघर म बजती घिटय जसी आवाज एक-दसर का अनादर करत हवा क तज झक

हतोसािहत करत हवा क शोक-गीत एक क बाद एक दरवाज क करीब स गजरती ई हवा का झका जगली

भिडय क िवलाप क चीख जसा तीत होता ह

mdashपयरी लोटी आइसलड का मछआरा

एक खल बड़ मदान को रदता सिनक का िवशाल दता मज क एक लबी कतार झककर खात ए पाच

सौ िसर एक साथ खड़कती पाच सौ चमच तजी स चलत ए हजार हाथ और सोलह हजार दात क चबान क

आवाज इधर-उधर भागत नौकर क झड बरतन क टकरान क खड़खड़ाहट कान को भदती िचाहट खान

स भर मह स lsquoरोटी रोटीrsquo पकारती घटी आवाज मझ एक बार िफर भयानक भख जबड़ क असीम ताकत और

सता स भरी परानी िजदगी का अहसास करा रही थ

mdashएडमॉडो डी एमीिसस कल क िम

िचण क िलए उपयोगी सझावदशक क सम तत िकए जानवाल िवषय क िकोण को िचण क यायान स पहल िनधारत कर

एक ि स सामन क पहाड़ और चार ओर खड़ य को नह दखा जा सकता िलहाजा िकोण िनधारत

किजए और िवषय स मत भटिकए

िवषय क मतािबक रवए का चनाव किजएmdashिनधारत किजए िक आदश ततीकरण का तरीका या होगा

हायापद उपहास स भरा बढ़ा-चढ़ाकर िकया गया यायान रामक या िफर िनपता स रत

अपन िमजाज क िलए िवत रह यिक िमजाज क मायम स ही िचण म रग भर जा सकत ह िनराश

मन को गलाब स महकता उान भी वीरान महसस होता ह

यायान क िनधारत म क साथ आग बिढए म तय करन क बाद भटकाव क गजाइश नह होनी

चािहए िवषय स ऊपर-नीच दाए-बाए सामाय स िवशष िबद छोट स बड़ म महवपण स महवहीन

िहस िवतत स सि वणन और शारीरक स मानिसक कपना क सीमा तक नह भटकना चािहए

िनधारत म क अनकरण स भाव बढ़ता ह अत-यत म स िवषय का मल धधला जाता ह

गर-जरी बारीिकय पर समय न नह करना चािहए कछ महवपण बारीिकया णी स िवषय का सबध

थािपत करती ह जबिक कछ बारीिकया िवषय को णी स अलग कर दती ह

िचण क भयता क िलए कवल महवपण और साकितक बारीिकय का चयन किजए सदय क महव को

इतहार िचित करनवाल कलाकार स सीखा जा सकता ह

दशक क िदलचपी क मतािबक तय किजए िक भाषण क िकस िहस का िचण करना ह िकसका

यायान और िकस िहस को कवल छकर सफाई स िनकल जाना ह दशक क जानी और अनजानी चीज स

सबिधत िजासा का समान किजए जािहर तौर पर दशक कम जानकारीवाली चीज पर यादा यान दत ह

िचण क दौरान िवषय स भटकना नह चािहए यह एक िनरतर िया क समान ह इसक बीच म िवषय स

भटकाव या कावट दशक क िदलचपी खम कर दती ह कावट स भरा िचण अत-यत महावर क

समान होता ह मब यायान स िचण का ततीकरण वाभािवक तौर पर भावशाली हो जाता ह

िचण करत व वातिवक य क दौरान उप भाव का अनभव किजए और उसी भाव को दशक क

सम तत करन क कोिशश किजए िचण का वातिवक अथ हmdashभावना क असल भाव को दिशत

करना भावहीन िचण हय म जमनवाली ठड क तरह िनराशाजनक होता ह भावशाली िचण क िलए

भावना क गरमाहट आवयक होती ह

िकसी तसवीर क यायान क शआत को सहज एव भावशाली रख और अितम भाग को तजी स खम

कर शआती छाप अिमट होती ह जबिक अत को भला िदया जाता ह िकसी िवषय क मय िबद क महव

को समझन क िलए िदमाग को अयत िकया जा सकता ह इसी कार िकसी एक य क पता

कायकलाप अनभव िकरदार और आपसी सबध को भी याद रखा जा सकता ह िकसी िवषय क िचण को

पणता दान करन क िलए िवषय क पण जानकारी होनी जरी होती ह इस कला पर िनपणता हािसल

करनवाला वा िचण क कला म भी द हो जाता ह

अयास क िलए िविभ अनभव का िचण किजएम एक बार वॉिशगटन क किपटल िहल पर खड़ा था अपन दश क राजधानी म ऊची खड़ी सगमरमर क

इमारत दखकर मरा िदल तजी स धड़कन लगा जब मन उस इमारत क अहिमयत िवशाल राीय कोष भय

सना यायाधीश एव रापित अदालत एव कास और बाक मौजद महानभाव क बार म जाना तो मरी आख

क सामन अधरा सा छान लगा मझ महसस आ िक िितज पर मौजद सय क िलए धरती पर दिनया भर को

वतता का पाठ पढ़ानवाली इस इमारत स खबसरत व समािनत कछ और नह हो सकता

दो िदन बाद म एक िम स मलाकात क िलए उसक घर पचा मर भ िम का घर उसी क तरह असाधारण

एव शसनीय था घर क चार ओर बड़-बड़ पड़ थ बीच म एक छोटा सा घास का मदान था और यारय म

खबसरत फल उग ए थ फल क मनमोहक महक बगीच म पक रसील फल क खशब क साथ िमलकर

मदहोश कर रही थी बाड़ म मरिगय क गटर-ग बगीच म िचिडय क चहचहाहट और फल-फल क आस-

पास मडराती मधमखय क िभनिभनाहट न एक िविच सगीत को जम द रखा था

अदर पण शाित आराम सम और शता थी एक परानी दीवार घड़ी घर म आनवाल सभी आगतक का

वागत कर रही थी िटक-िटक क आवाज म मतामा क िलए महा शोक-गीत जसा िखचाव था ऐसा तीत

हो रहा था जस आराम िबतर क पास घड़ी रात क चौकदार का काम कर रही हो वहा परान लिकन बत

आरामदायक िबतर िबछ थ गरमाहट क िलए खल अलाव थ एक पराना पारवारक धािमक थ था परवार

क लोग क आख म आस डबडबा रह थ इस तरह गहथी क भावशाली इितहास का प आभास हो रहा

था

बाहर मरा कािबल दोत खड़ा था एक साधारण य उसक िसर पर िकसी ऋण का बोझ नह था उसक

खत म लहराती फसल भी कज-म थी वह खद का और अपनी जमीन का अकला मािलक था वह वत

था अधड़ उ क वजह स उसक िपता क हाथ-पर कापत थ लिकन वह िदल स खश और सत थ घर क

ओर जात व उसक िपता क हाथ जवान बट क कध पर िटक जात थ मर दोत क िपता का आशीवाद सदा

उसक साथ रहता था

दरवाज क दहलीज पर उसक सनहर बालवाली मा सदा वागत क िलए तयार रहती थी उनको दखत ही

उसक मा क आख म खशी क चमक आ जाती थी मा क िदल म धड़कन का सगीत बजन लगता था हठ

पर मसकराहट िलय व मिहला हाथ को फलाकर अपन पित और बट का वागत करती थी घर क भीतर बट

क पनी गहथी का काम करती नजर आती थी मन और िदल स बत साफ मिहला अपन पित क सख-दःख

क सिगनी घर म चहलकदमी करत छोट-छोट ब गाय क पीछ भागत-िचात अपन छोट स घसल म

चहचहाती िचिडय क तरह शोर मचाकर खलत शतान ब

मन घर पर रात क अधर क चादर को फलत दखा िकसी अय पी क िवशाल पख क साए जसा अधरा

जगल क घप अधर म गजती झगर क आवाज क बीच स िनकलता िवशाल पी का साया पर परवार को

आकाश स िनहारत िझलिमलात तारmdashघटन क बल बठकर परान धािमक थ पर नजर िटकाए मा क आचल म

मह छपाता छोटा बा ईर इस परवार पर सदा अपनी कपा बनाए रख उसी व मन सगमरमर स बन

अमरक कास भवन को शाम क अधर म धधलात दखा उसक गरमा और अपार खजान को नजरअदाज

करत ए मन कहा lsquoओह िनत प स इस भवन म रहनवाल महानभाव सरकार को मजबती और थरता ही

नह लोकतािक उमीद और वाद भी महया करात हrsquo

mdashहनरी डय डी

िजदगी म एक जरत दसरी का आवाहन करती ह यादातर मौक पर घटना और थान म अनपता होती

ह हरयाली स भरा सदर य लब समय क िलए याददात का िहसा बन जाता ह एक थान कायशीलता क

िलए रत करता ह तो दसरा आदश जीवन क ओर इशारा करता ह वह तीसरा थान भटकाव स भर जीवन का

यायान करता महसस होता ह अधरी घप रात का भाव पानी का बहता झरना जगमगात शहर सयदय का

िनमल उजाला भड़ का झड और दर तक फला सम गमनाम हसरत और लफ को जम दता ह ऐस म हम

िकसी िय घटना क कपना करत ह हम मालम नह होता िक या लिकन बावजद इसक हम कछ पान क

िलए आग बढ़त रहत ह सदय स भर ऐस महा य घटना और थान स आकिषत होकर हम जीवन क

कई हसीन लमह को जीत ह और िजदगी भर उन लमह को याद रखत ह इस तरह हमारी कपना का िवतार

होता ह नीच िगरत पथर क भारी आवाज कभी कणिय लगती ह तो कभी अित कदायक इन थान पर

अवय ही कछ िभ घटा होगा सिदय पहल हमारी जाित क साथ कछ िविच घटा होगा मन उनक मनोरजन

क िलए एक िवशष खल रचन क कोिशश क थी म अभी भी इसी कोिशश म पहल क तरह यथ कोिशश

म तीन दरअसल म सभी घटना क तार जोड़न क कोिशश म लगा और इसी कोिशश म लगा रगा

लिकन कछ थान िबलकल अलग कहानी बया करत ह िनत तौर पर नम बगीच म स मानव हया क

चीख सनाई दती ह कछ परान वीरान घर भितया तीत होत ह सम क कछ िकनार टट जहाज क मलब स

म पाना चाहत ह कछ थान न अपनी थित को खद क िकमत मान िलया ह फल स िखली लता

हर-भर बगीच और शाित स भरपर बफोड िज क पास थत पयटक थल म कस न महा पतक

lsquoएिडयोनrsquo का लखन काय िकया था यह नसन न एमा स रता समा िकया थाmdashऐसी ऐितहािसक

घटना का गवाह रहा यह पयटक थल आज भी नई घटना क िलए उसक नजर आता ह चारदीवारी क

बीच मौजद परान दरवाज क पीछ आज भी नई घटना क िलए उसकता का धआ सलग रहा ह महारानी क

नौका क पास मौजद यह पयटक थल एक बार िफर मरी कपना को जा कर रहा ह शहर स दर थत समी

टाप क िकनार एक नौका लहर स जझ रही ह और एक तटरक समी जहाज लगर डालन म मदद कर रहा ह

यह सारा नजारा परान बगीच क घन पड़ क बीच स साफ नजर आ रहा ह अमरक लखक न इस य पर

बत कछ िलखा ह लिकन मझ यह बतान क आवयकता नह ह िक इस य म अभी भी कई अधरी कहािनया

िछपी ह इन कहािनय क जरए इस पयटक थल क मायन और यादा साफ हो जाएगमरी शात घबराहट

न इस पयटक थल क हर जोिखम स टर ली ह लिकन पणता हािसल करन क िलए अभी भी कई साहिसक

काय बाक बच ह रात क गहरी नद स म हर सबह एक अधरी चाहत को पण करन और शका को दर करन

क िलए उठता लिकन हाथ लगती ह तो िसफ नाकामी अभी वह समय नह आया ह लिकन मझ िवास ह

िक एक िदन वह लमहा जर आएगा महारानी क नौका काग जहाज क याकलता को समा करगी रात क

अधर म दःखदायी समाचार क साथ एक घड़सवार आएगा और बफोड क दरवाज को अपन कोड़ क बौछार स

ढर कर दगा

mdashआरएल टीवसन मकथा पर गपशप

lsquoिमडनाइट इन लदनrsquo का एक समरण

टन टन टन अन चतावनी क घटी िन िन िन अलाम घड़ी एक ही ण म शाित भग और शोर-

शराबा शmdashआवाज का एक धमाका उजना िचाहटmdashपागलखान जसा माहौल िन िन िन

खड़खड़ाहट सघष और खलबली चौपट खला दरवाजा सामान को लादत बिल लोग िन िन िन व

नजर स ओझल हो गए घोड़ क टाप स सड़क को रदत ए िन िन िन और इसी क साथ घिडयाल

शात हो गया

lsquoरात स हट जाओ भारी मशीन आ रही ह भगवा क िलए झट स रात पर खलत ब को उठा लोrsquo

जगी घोड़ का झड ोिधत पश क तरह दौड़ता आ रहा ह िन िन घिडयाल िफर बजन लगा ोिधत

जगी घोड़ का झड हवा क झक क समान तजी स गायब हो गया मशीन क गड़गड़ाहट चार ओर गजन लगी

और शाम ढलन तक लगातार जारी रही धल क भवर म क स सास लन क िया और रात म आकाश को

घरन क तयारी करता िचमिनय स िनकलता दमघट काल धए का गबार घर क उर िदशा म आग उगलता

ालामखी आख को चकाचध करता लाव का उफान आकाश को अपनी लपट स िलत करता लावा

आग क लपट स िघरा छोट घर का समह खतर म फस पाच स यादा लोग दयाल ईर इन मासम पर

रहम करो या मशीन आ रही ह हा आ रही ह सड़क पर तजी स लढ़कती ई दखो घोड़ हवा क रतार स

दौड़त ए इधर क ही तरफ आ रह ह आख आग क गोल क समान लग रही ह नथन फल ए ह आग क

दहकती बझती लढ़कती उभरती फलती डबती और पागल क तरह एक-दसर स अलग होती लपट अपनी

बाह को फलात घरा बनाती िसकड़ती और भड़कती आस-पास क सभी चीज को िपघलाती एक भख दानव

क तरह मह खोलकर आग बढ़ती लपट क आधी

दखो कस घोड़ घबराहट स एक कोन म िछप रह ह जानवर क वि इशारा कर रही ह कछ अिय घट

सकता ह कठोर परणाम क ओर जानवर का इशारा

lsquoसभी लोग सीिढय स ऊपर चढ़ जाओrsquo ऊची खड़ी इमारत भीषण जलधारा म समा रही ह काटदार जीभा

डब रही ह तो कभी उबर रही ह लहर इधर-उधर झासा द रही ह और तज हवा हर वत क िकनार को काटन म

लगी ह दर िकसी धमाक क बाद आसमान पर गहराता धआ इमारत क छत पर पागल क तरह हवा म हाथ

िहलाता एक भयभीत काला साया हाथ को फलाए जोर-जोर स िचाता काला साया िफर अचानक एक

डरावन थान पर लढ़कता शरीर दीवार क िकनार को पकड़न क कोिशश म फड़फड़ात हाथ डबत व

अचानक पास खड़ य क हाथ का सहारा डर स थरथरात हाथ कपकपात वर म मदद क िलए गहार

लगाती आवाज भाव-रिहत लोग का मदद स मह फरना और पास खड़ी एक औरत का डर स मछत हो जाना

य क तरती लाश दखकर िचात मजदर lsquoबचार क मौत हो गईrsquo

lsquoम और जोय उस अछी तरह पहचानत थ वह मरा पड़ोसी था मर घर स पाचवा घर उसका था उसक एक

िवधवा मा ह और दो ब ह जो अब अनाथ हो गए ह करीब दो हत पहल मन उसक बीवी क लाश को

दफनान म मदद क थी अब उसक अनाथ ब क िजदगी क स भर जाएगीrsquo

lsquoया सभी को बचा िलया गया ह अनशामक यrsquo

lsquoनह अभी भी कछ लोग फस ह इमारत क आिखरी मिजल पर गोद म बा िलय एक मिहला ह उधर सीध

हाथ क तरफ सीढ़ी लगाई गई ह दमकल कमचारी उस बचान क कोिशश म जट हrsquo

दजन दमकल कमचारी यास कर रह ह उनम स सबस लचीला कमचारी सीढ़ी क आिखरी छोर तक पच

गया ह उस कोई डर नह ह वह बहादरी क िमसाल ह

lsquoबस थोड़ा सा औरrsquo नीच स एक कमचारी न आवाज लगाई

कमचारी और ऊपर चढ़ गया वह िखड़क पर खड़ा हो गया उसन रसी बाधी साथ म मा और ब को भी

बाधा और एक खाली थान क ओर धकल िदया और अपन साथी कमचारय को उह धीर-धीर नीच उतारन का

इशारा िकया

lsquoशाबाश दमकल कमचारीrsquo नीच खड़ी भीड़ न नार लगान श कर िदए

तभी कड़कड़ाहट क आवाज क साथ छत नीच िगरन लगी

lsquoह भगवा य या हो रहा ह दखो छत नीच िगर रही हrsquo

इमारत क दीवार भी िहल रही ह जोर-जोर स पथर क िगरन क आवाज नीच आ रही ह यह य दखकर

नीच खड़ लोग क सास क गई मा-ब को बचानवाला दमकल कमचारी आग क भी म िगर गया उ

क बोझ स झक व मिहला तजी स आग क पास पचकर छाती पीट-पीटकर लाप करन लगी

lsquoबचारा जॉन मरा उसक अलावा कोई नह था वह एक बहादर लड़का था लिकन वह अब िजदा नह ह दो

मासम जान को बचान क िलए उसन अपनी जान गवा दी अब वह दर बत दर चला गया हrsquo र भी क

ओर इशारा कर वह मिहला दर तक लाप करती रही

मशीन अपना काम करती रह लपट धीर-धीर कमजोर होती गई चार ओर उदासी छा गई

इस तरह शाम का उजाला रात म तदील हो गया

mdashअडनस जॉस-फॉटर

21

वणन क ारा भािवत करनावणन क कला मय प स लखन क कला क समान होती ह उम िवचार का म इस कला का मय िसात होता ह इसक अतगत एक तय

को दसर तय स मािणत िकया जाता ह पहल मतक म िवचार क कड़ी जम लती ह और िफर इन िवचार को सही शद क चयन क ारा

मब प स तत िकया जाता ह

mdashवॉटर बगहॉट सािहयक अययनहमारी भाषा िदलचप प स ऐितहािसक ह यिद आपन गौर िकया हो तो अिधकतर य वणन क शली म वाालाप करत ह वणन क दौरान

आम तौर पर िवचार को तत नह िकया जाता हालािक िवचार को तत करना बत आसान होता ह लिकन इस नजरअदाज िकया जाता ह

आम तौर पर घटना स सबिधत तय क आधार पर वणन िकया जाता ह इस तरह वणन का िवतार िकया जाता ह वणन स घटना क व

उपथत यय को हटा दीिजए सोिचए अब वणन का वाह कसा होगा वातर वा क पास भी शद क कमी हो जाएगी ानी-स-ानी

य मौन हो जाएगा भाषा क िनपण जानकार क कठ सख जाएग और मख तो मानो सभा स गायब ही हो जाएग इस कार हम कवल इितहास

क िनयम का पालन करत ह हम कहत कम ह और िज यादा करत ह

mdashथॉमस कालल इितहास पर चचा

वणन का एक छोटा सा िहसा वा को साधन दान करता ह इस िहस म या तो कोई िकसा िछपा होता ह

या िफर जीवनी स सबिधत तय साथ ही वणन स सबिधत घटना क साधारण पहल भी समिलत होत ह

वणन का अथ ह िकसी घटना को कथा क समान तत करना या िफर तय क समह और घटना को

िकसी िकस क समान पश करना

वणन क मी भर िसात होत ह लिकन इसक सफल अयास क िलए भाषा क कला क आवयकता

होती ह इसम कला का उपयोग इतना गहन होता ह िक वणन क दौरान िनयम और िसात पर यान ही नह

िदया जा सकता

ाथिमक तौर पर यान दीिजए िक िकस कार वा और लखक क वणन का अदाज िभ होता ह सवाद क

िवतार और िकरदार क िचण का इतमाल कहा नह िकया जाता कहा तय क िवतार क वतता नह

होती और मच पर वणन क कला का अथ या होता ह िनत प स वणन क सभी िविधय म कछ

समानताए अवय होती ह िववरण यायान वाद-िववाद और अपील क ारा वणन क किडय को जोड़ा

जाता ह किडय को इस कार जोड़ा जाता ह िक वणन का अत बत भावशाली हो जाए भावशाली ण

तक वणन क अहम िवचार को ग रखा जाता ह और गर-जरी पहल को दबान क कोिशश क जाती ह

इसी कार हािनकारक तय को उजागर नह िकया जाता ह

हम कह सकत ह िक चाह मच हो या पिका वणन क कला म ऐितहािसक तय क अलावा भी बत कछ

होता ह घटना को मब तरीक स जोड़ना भी बत अहम िया होती ह इस कार वणन भावशाली हो

जाता ह

यान दन योय ह िक मच पर तत िकए जानवाला वणन या तो कम ससकत होता ह या िफर बत

नाटकय इसक िवपरीत लख क ारा िकया गया वणन यादा िनपण होता ह या कह सकत ह िक उसम

नाटकय भाव कम होता ह लिकन आज क दौर म मच पर वणन क कला तत करनवाल वा परान जमान

क वा क मकाबल अलग अदाज पश करन म िवास रखत ह आज क वा या तो बत गौरवशाली ढग

स ततीकरण करत ह या िफर आडबरपण तरीक स जनता क सम वणन क कला पश करत ह भाषण क

कला म िनपण वा क एक ही अदाज को बार-बार सना जाता ह तो वा म बोरयत का अहसास पदा होन

लगता ह िलहाजा वणन क अदाज को एकपता क दश स बचाना चािहए कथा और िकस क अनसार वणन

क अदाज म िभता आवयक होती ह

कथा का भाविकसी घटना को लघकथा क प म तत करना महवपण कला ह इस कला क मायम स मय िवचार को

भावशाली ढग स तत िकया जा सकता ह मय िवचार िजतना गहरा होता ह उसका वप उतना ही सघन

हो जाता ह वा क अचानक िवषय-वत पर पचन स दशक म िकस क िलए िदलचपी बढ़ जाती ह

िकसी िकस को उदाहरण या िचण क तौर पर तत करन स िवचार का मय िवषय थर रहता ह इस

कार वा भाषण क मकसद को पण करता ह यिद िकसी बत हायद चटकल को नीरस अदाज म सनाया

जाए तो जािहर तौर पर उसका हाय न हो जाता ह इसक िवपरीत िकसी नीरस िकस को वणन क ारा

िदलचप बनाया जा सकता ह

lsquoिकसी हायद और हािजर जवाब िकस को बातचीत म शािमल करन का मौका आसानी स िमल जाता ह

हािजर जवाबी बत िदलचप होती ह गहरी छाप छोड़ती ह और कभी-कभी सीध िदल को छ जाती ह हाय का

वभाव शालीन होता ह इसस कभी चोट नह पचती दो िवचार क बीच सबध क रहय को जानन स हाय

का जम होता ह हाय वत क बीच सामाय सबध स ऊपर होता ह हाय का िकसी स मल नह िकया जा

सकता यह असगत होता ह हािजर जवाबी क मायम स डगलस जरॉड न ोध स भर उस अजनबी को कड़ा

जवाब िदया था िजसक कध पर डगलस न जान-पहचान का य होन का बहाना कर थाप मारी थी कपया

मझ माफ किजए मझ लगा िक म आपको जानता लिकन अफसोस िक मन गलत अदाजा लगायाrsquo [ज

बग एसनवीन]

इस उदाहरण क जरए कथा क महव का पहला और सामाय प तत िकया गया ह वाय म मौजद

तीखपन को दरशान क कोिशश क गई ह

इसक अलावा साधारण तौर पर पारपरक तरीक स भी हािजर जवाबी का दशन िकया जा सकता ह जॉज

ऐड क पसदीदा हायद घटना कछ इस कार हmdash

lsquoरल क एक िडब म गभीर िदखनवाल दो भ पष एक साथ बठ थ एक भ पष न दसर स कहा lsquoया

इन गरिमय क मौसम म आपक पनी मनोरजन क मड म हrsquo तब दसर भ पष न जवाब िदया lsquoकछ खास

मड म नह हrsquorsquo

कछ िकस क जरए वा दशक तक एक िनत सय पचान क कोिशश करता ह इन िकस क जरए

दशक िकस क हर पहल क िकसी-न-िकसी चीज स तलना करत ह अपन एक महा सबोधन lsquoद य साउथrsquo

म हनरी डय डी न कछ इसी कार कथा का वणन िकया था

उ श और िवशषता क आधार पर कशलता दान नह करती और न ही हर नई कशलता का ितरकार

करती ह जत बनानवाल कारीगर क दकान पर lsquoजॉन मथ थापना 1970rsquo क बोड क मकाबल एक नवयवक

न सामनवाली दकान पर lsquoिबल जॉस थापना 1986 यहा कवल ताजा सामान िमलता हrsquo बोड लगाकर चनौती

खड़ी कर दी नई दकान क ओर लोग का आकषण यादा दखन को िमला

lsquoद य साउथrsquo क दोन िकस म डी न वणन क योग क दो भावशाली तरीक का इतमाल िकया दोन

िकस म िवचार को िभ प स दरशाया गया पहल िवचार को िकस क शआत म तत िकया गया

जबिक दसर िवचार को िकसा दोहरान क बाद वा न शद क उपि क भाव को अलग-अलग तरीक स

पश िकया खास ह िक भाव म बदलाव क बावजद िकस म मौजद हाय लगातार बना रहा

आज क रात आपक ारा िदए गए समान क म सराहना करता म इस भ यवहार क चचा कलीन

परवार क बीच जर कगा म इस बात को लकर िचितत नह िक म िकन लोग क बीच स आया

आपको उस य क बार म जानकारी ह िजस उसक पनी न दध क बरतन क साथ पड़ोसी क घर जान को

कहा वह पड़ोसी क दरवाज क पास पचकर अचानक िफसल गया वह कछ इस तरह स िगरा िक सीधा नीच

पच गया उसन सभलत ए अपनी पनी क आवाज सनीmdash

lsquoजॉन या बरतन िगरा िदया हrsquo

जॉन न कहा lsquoनह बरतन नह िगरा ह लिकन बरतन नह िगरा होता तो टनटन क आवाज भी नह होतीrsquo

जािहर ह पीछ स पकार लगात व तमन साहस क िलए नह तो शायद ोसाहन दन क कोिशश क थी मन

तहारी आवाज म नता महसस क थी म गजारश करता िक मरी बात समझन क िलए अमरक िनपता

और पवािदता का उपयोग जर करोग सबह क व कछ छा को lsquoबाइबलrsquo का पाठ पढ़ात समय एक

धमपदशक न एक अहम सझाव िदया था उपदश सनन स पहल छा आपस म िचपक प को उलट-पलट रह

थ अगल िदन धमपदशक न एक प क िनचल िहस स कछ पढ़ाmdashlsquoजब नोहा 120 वष का था तो वह अपनी

धमपनी को अपन साथ ल गयाrsquo यह पढ़त समय उसन प को पलटा lsquoनोहा क पास पतक रखन क िलए

लकड़ी का एक बॉस थाrsquo यह पढ़न क बाद धमपदशक आय स िघर गया उसन इस िकस को दोबारा

पढ़ा और कहा lsquoिमो म इस िकस को पहली बार पढ़ रहा lsquoबाइबलrsquo क इस िकस पर मरा यान पहल

कभी नह गया यिद मन इसक भाव का सही ततीकरण िकया ह यिद म इस िकस म मौजद िनभक एव

आयजनक भाव को समझान म सफल रहा और यिद आप लोग इस िनभकता को अपन भीतर ढालन म

सफल ए ह तो ही म धमपदश क पिव काय को जारी रखगा अयथा मझ यह काय िकसी और को समिपत

करना होगाrsquo

इस कार जान-अनजान कई बार वा िकस क भिमका को अनदखा कर दता ह परणामवप वणन क

योग का िसलिसला टट जाता ह िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

lsquoएक तरफ टकिसस म थत िडब क कारखान म दोपहर का भप बजत ही कमचारय म काम पर वापस

लौटन क हड़बड़ी मची थी वह पास क रलव टशन क एक कोन म मजबत परवाला सावला य िसर

झकाए थर बठा था उसन कारखान क भप क आवाज खम होन तक थरता बरकरार रखी भप क

आवाज खम होन क बाद एक लबी और भारी सास लत ए खद पर िटपणी कmdash

lsquoआवाज पव क ओर गई ह वहा लोग क िलए इस व रात क भोजन का समय हो गया होगा लिकन मर

िलए तो िफलहाल दोपहर क बारह बज हrsquo

lsquoअमरका क सभी छोट व बड़ कारखान म िफलहाल लगभग ऐसा ही माहौल होगा लिकन यrsquo

िनसदह िकस-कहानी सनान क कला का यादातर इतमाल मच पर ही होता ह धमपदश दत व आम

तौर पर िवतार स यायान नह िकया जाता लिकन उपदश क भाव को उदाहरण क ारा समझान का यास

जर िकया जाता ह डॉ अलजडर मारन क िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजए

lsquoभारतीय फकर क तरह कछ लोग हाथ को िसर स ऊपर उठाकर तब तक खड़ रहत ह जब तक हाथ

अकड़ न जाए हम इन लोग को धािमक थल क पास साल डरा डाल दखत ह व लगातार तपया करत रहत

ह लब समय तक थर रहत ह इनक लब बाल म िचिडया घोसला बना लती ह यह धल गरमी शीत और

बरसात जसी िवपदा क बावजद एक थान स दसर पिव थान तक लबा सफर तय करत ह इनक लब बाल

व का काय करत ह ऐसा तीत होता ह जस िकसी न इह अिभशािपत कर िदया हो य लोग मिदर और मठ

क थापना करत ह य वह काय करन म सम होत ह िजस कई लोग िमलकर भी नह कर सकत इह किठन

काय करन का दौरा सा पड़ता ह य लोग अपन शरीर को मानव-कयाण क िलए क दत ह तािक आम

इनसान को वग क माग का ान ा हो सक य लोग उ आचरण अनशासन और धम क माग को

अपनाकर जन-कयाण क काय को पण करत ह य लोग इन सभी काय को खशी-खशी करत ह य जीवन क

आम उपदश पर यान नह दत lsquoशरीर क शता क िलए ान आवयक हrsquo ान और जल क ारा शरीर

क श होती ह जल हर मली चीज को श कर सकता ह ान कर और श रह लिकन योगी पष क

िलए जल शता का कारण नह होता उनक िलए ईर क शरण ही शता का मय ोत ह जॉडन क

जलाशय म ान करन स क रोग का िनवारण नह होता शता का ोत भ क र म बसा होता ह ईर

सभी िवकार को दर करन क श रखता ह ईर क साधना स बड़-स-बड़ िवकार दर हो जात ह और परम

शता ा होती हrsquo

िकसी िकस-कहानी क तावना क िवषय म आिखरी सझाव यह ह िक फहड़ शआत आमघाती िस

होती ह इसक िवपरीत सटीक व प वाय स तावना को बल िमलता ह और दशक म िच पदा होती ह

अजी क हायरस लखक कटन हनरी ाहम न लड़खड़ाकर बोलन क िवषय पर परम आलोचनामक उदाहरण

पश िकया हmdash

lsquoमर िलए सविय िकस म स तम थान पर स 1905 का एक िकसा ह बॉटन क याा करत व

मझ महसस होन लगा िक म बॉटन पचन वाला लिकन वातव म मरी ब जस बद थी म असल म

वॉिशगटन पच गया थाrsquo

एक बार एक बड़ मजदार य क साथ समय गजारन का मौका िमला अफसोस िक मझ उसका नाम याद

नह ह शायद उसका नाम िविलयम था या िवसन या िफर िवकसmdashकछ ऐसा ही नाम था उसका ॉली कार

म घमत व उसन मझ एक िकसा सनाया

मझ आज भी अछी तरह याद ह िक उस िकस को सनन क बाद म िदल खोलकर हसा था रात म सोन स

पहल मझ वह िकसा िफर याद आ गया और म एक बार िफर जोर-जोर स हसन लगा उस िकस म जबरदत

हाय था कमाल का हाय म िवास क साथ कह सकता िक िकसी न इतना हायद िकसा कभी नह

सना होगा लिकन अफसोस मझ वह िकसा याद नह ह

जीवन सबधी तययव और जनता क सम भाषण दन क कला म गहरा सबध होता ह वाभािवक तौर पर जीवन स

सबिधत तय क यायान म िकस को शािमल िकया जाता ह शसा करन क िलए भी िकस का सहारा

िलया जाता ह इसक अलावा यादगार सबोधन राजनीितक भाषण धमपदश उपदश और मच पर पश िकए

जानवाल अय ततीकरण क िलए भी िकस का सहारा िलया जाता ह इसी कार lsquoमोससrsquo और lsquoलीrsquo पर

िकस क सहार पण धमपदश तयार िकया जा सकता ह

अिधक पता क िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

लसगटन क मित

इस महीन क 19 तारीख क सबह पर असी साल बीत जाएगmdashहनकॉक एव एडम मोिसस एव ऐरॉन सभी

इसी शहर म मौजद लसगटन म मौजद थ अपन िनडर वाय स उहन एक बड़ अिधकारी क िव सवाल

खड़ िकए थ िटन क करीब हजार सिनक इन महा हतय को िगरतार कर सम क िकनार मकदम क िलए

ल गए इस तरह वसत क उस सबह को अमरका म वतता साम को कचलन क तयारी क गई लिकन

इसक िव अमरक वतता सनानी एकजट हो गए वतता सनािनय का सनानायक एक लब कद और

चौड़ी भहवाला गभीर य था वह सना म काम कर चका था उसन अपनी सना को तयार िकया सना म

कल सर जवान थ सभी वतता सनािनय न राइफल और गोिलय का भडार इका िकया उसन सभी

सिनक को सबोिधत करत ए कहा िक यिद जग क दौरान एक भी सिनक घबराकर भागन क कोिशश करगा तो

म उस खद गोली मार दगा और भगवा न कर यिद मरा हौसला डगमगा जाए तो आप मझ बिझझक गोली मार

दना याद रह िक हम पहली गोली नह चलाएग लिकन यिद उस ओर स गोली चलती ह तो उह कड़ा जवाब

िदया जाएगा

महानभावो आप जानत ह िक िफर या आ िकसान और मजदर को जटाकर तयार क गई उस सना न

जमकर लड़ाई क शायद दिनया म ऐसी गोलीबारी िकसी फौज न पहल कभी नह क होगी ििटश सिनक क

कई गना फौज स वतता सिनक न जमकर लोहा िलया कई बार ििटश फौज क पर उखाड़ अमरक

वतता सनािनय क यही बहादरी आग चलकर अमरका क वतता का मय कारण बनी उन सनािनय क

बहादरी को यादगार बनान क िलए उस थान पर एक भय मारक क थापना क गई मझ गव ह िक मन भी

उसी छोट स शहर म जम िलया ह इसी शहर क आबोहवा म मन अपना बचपन िबताया ह एक रिववार क

सबह मरी मा मझ उस मारक तक लकर गई मन पहली बार उस पर अिकत पय को पढ़ा उस पर िलखा था

mdashlsquoईर क पिव काय और दश क िलए बिलदान करनवाल वीर सपतrsquo

महानभावो वतता का जबा और याय क अहिमयत उसी िदन स मर िदल म समा गई उस मारक क

नीच मर पवज क अथया िवराजमान ह उनक खन स सची गई लसगटन क मदान क घास आज भी हरी

ह उस मारक पर मर नाम का एक िहसा सबस ऊपर अिकत ह ििटश सिनक को धल चटानवाल अमरक

िकसान व मजदर को ोसािहत करनवाल अपन शद और भाषण क ारा अमरक वतता साम को एक

कोन स दसर कोन तक िस करनवाल लड़ाई क मदान म आिखरी दम तक िटकनवाल वह महा शशाली

सनानायक और कोई नह मर दादा थ उनक बहादरी भर िकस और दमन स छीनी गई मसकट राइफल स

मझ एक और िशा िमली िक lsquoअयाय क िखलाफ श उठाना ईर क आराधना क समान होता हrsquo म

िकस क उस पतक और राइफल को हर व अपन साथ रखता इस जीवन म मरा बस एक ही लय ह

mdashlsquoईर और दश क िलए पण समपणrsquo

mdashिथयोडोर पारकर

सामाय तौर पर घटना का यायानइस िवतत एव बधनम यायान म बातचीत क कई तरीक का िमण उपथत ह इसस भाषण को

भावशाली बनान म सहायता िमलती ह िनपण वा बदलाव क ारा भाषण को और आकषक बना दता ह

भाषण क अदाज म बदलाव ही इस िवषण का मय उय ह लिकन इस उदाहरण को कध पर न ढोए

जरी नह ह िक एक ही उदाहरण सभी परथितय म कारगर सािबत हो

जॉज िविलयम किटस क lsquoपॉल रवस राइडrsquo म घटना क श यायान को भाषण क दौरान कई नए

अदाज म पश िकया गया

lsquolsquoउस शाम दस बज लटनट कनल मथ क अगवाई म 800 ििटश सिनक नौका क सहार किज तट

तक पच गज सोच रहा था िक आम लोग तक खबर नह पच सक ह दरअसल लॉड पस न लोग को

कहत सना था िक फौज अपना लय ा करन म चक जाएगी पस न यह खबर गज तक पचाई गज न तरत

आदश िदया िक कोई भी शहर छोड़कर नह जाएगा वह जस ही सिनक दत न नदी पार क ऐबनजर डौर

सदश क साथ दौड़ता आ आया और पॉल रवर नदी क रात चासटाउन क ओर रवाना हो गया अपन साथी

स सहमत होकर रॉबट यमन न उरी िगरजाघर क और लालटन क रोशनी धीमी-तज कर ििटश सना क नदी

तट तक पचन का सकत भजा

इस घटना को यायान क जरए इस कार रोचक बनाया गयाmdash

lsquolsquoवह एक शानदार रात थी ठडी हवा चल रही थी लिकन रात यादा ठडी नह थी वसत क दतक साफ

महसस हो रही थी पहाड़ हरी घास स ढक ए थ खत म ग लहरा रह थ और हवा म बागीच क ताजा

खशब महक रही थी रॉिबन न सीटी बजाई िचिडय न चहचहाना श कर िदया लिकन थोड़ी ही दर म माहौल

िफर पहल क तरह शात हो गया चाद क साफ रोशनी म फौजी दता दब पाव आग बढ़ता रहा पॉल रवर तज

कदम क साथ मडफोट और पमी किज क रात होता आ लोग को लसगटन हनकॉक और एडम क

िखलाफ उकसान का काम करता रहा इस खबर को फलन स रोकन क िलए भजी गई ििटश फौज को पॉल

क हरकत क कान-कान खबर तक नह लगी

ीमान किटस न भी भाषण क दौरान एक घटना का बड़ी खबसरती क साथ वणन िकयाmdash

िशित य ारा नतवएक आधिनक अजी िच न हॉॉन क मानिसक योयता को नई रणा दान क िचकार न उस िच को

lsquoव कस िमल थrsquo का नाम िदया घबराए ए दो दबल-पतल ी-पष जगल म भटक रह थ रात म उह एक

मिहला और बालक िदखाई िदया एक अलौिकक आकषण स वशीभत होकर व दोन उस मिहला और बालक

को एकटक नजर स दखन लग उनका आकषण इतना गहरा होता गया िक कछ दर बाद व दोन खद को उस

मिहला और बालक क प म महसस करन लग उनक गाल पर यौवन क चमक उप होन लगी उनक

आख म उमीद क िकरण िलत हो गई उनक कदम िवास स भर गए और उनक चहर पर सता का

भाव प िदखाई दन लगा उह ऐसा तीत होन लगा िक आज उनक मलाकात खद स ई ह इस िस

िचण क अलावा कई और थान पर ऐस कई सकार योय परपरा का िचण िकया गया ह रोजर

िविलयस क शात सीकॉक घाटी म िनतता क साथ अड सती िचिडय स सबिधत िचण भी कछ इसी

कार ह एक ऐितहािसक नदी म अाहम विहपल का दबी ई आवाज म पतवार चलाना यहा जीिवत लोग क

शहर म चहल-पहल वहा शहर क शाित म छपा मौत का साटा आम तौर पर य वय ऐस थान पर नह

जाता लिकन ऐस थान क परथितय को महसस जर करता ह महािवालय क िखड़क स झाकत

मछआर क सिच चहर म िनत प स पाठक को वय क चहर क झलक महसस होती ह पहाड़ पर

घन पड़ क नीच आप खद को टहलता आ महसस करत ह उमीद और सपन स लबालब आमचतना स

लबरज और lsquoअपन भीतर यौवन महसस करत एrsquo इस िस मिदर म िजसम वापटता क आवश का

अहसास कभी भी इतना खर नह था यह वह यौवन नह ह जब इन गिलयार म हसीन कया स धीमी

आवाज म फसफसाया करत थ यह आपक यौवन का वो समय ह जो अब नह बचा ह यह वह समय नह ह

जब इन हसीना क बार म मा और दादी स बात िकया करत थ

mdashजॉज िविलयम किटस

22

सझाव क ारा भािवत करनािकसी िवषय पर एक िकोण कभी-कभी मानिसक तौर पर सोचन क श को खम कर दता ह ऐसी परथित म एक तर तक सोचन क

िया बािधत हो जाती ह अथा यह िनकष िनकाला जा सकता ह िक िवचारक को आतरक जीवन क िवषम परथितय को दबाकर रखना

चािहए इस कार िकसी बड़ी भल स बचा जा सकता ह ईर न मानव को सोचन समझन और इछा कट करन क श दी ह साथ ही इन

शय पर िनयण रखन का गण भी िदया हmdashअथा य को इन शय क बीच सघष क थित स बचना चािहए य सभी शया एक-

दसर गण को सकारामक ऊजा दान करती ह वह िकसी एक गण क दिषत होन स बाक गण पर दभाव पड़न लगता ह

mdashनथन सी शफर िवचार क िलए िवचार करना और िशा हण करना

िकसी िवचार क महा स सबिधत आकलन तलना और िनणय िकसी िवशष कारण स रत होता ह िकसी

काय या मत क िलए उप िवचारधारा सवथम सझाव स रत होती ह

इनसान को ाथिमक तौर पर तक-िवतक क योय ाणी माना गया ह ाकितक तक क आधार पर इनसान

जीवन स जड़ तय क जानकारी हािसल करता ह वाभािवक तौर पर िकसी िनणय तक पचन क िलए वह

िवषय स सबिधत सकारामक और नकारामक पहल का आकलन करता ह साथ ही तक-िवतक क साधारण

िनयम का पालन भी करता ह लिकन आधिनक शोध पणतः िवपरीत िया का समथन करत ह आधिनक शोध

क मतािबक य का मत और काय-कलाप तक-िवतक क िसात पर आधारत न होकर सझाव पर आधारत

होता ह कई मािणत शोध स सािबत आ ह िक औसतन िदमागवाल य श तक-िवतक क योयता ही

नह रखत आम तौर पर महवपण और दरदश िनणय सझाव क आधार पर िलय जात ह

इस शद पर यान दीिजए lsquoमय प सrsquo साधारण एव परप िवचार क िलए यह एक ऐसा िसात ह

िजसका अकसर अनसरण िकया जाता ह जबिक िवचारक क मायता होती ह िक िकसी भी घटना का िनकष

आसान तक क आधार पर तय िकया गया ह

सझाव का आधारसझाव वय कारण भी हो सकता ह और भाव भी भाव क महा क वजह स सझाव हण िकया जाता ह

कारण स रत सझाव िकसी िवशष परथित म पदा होता ह अथा कारण का महव भाव पर हावी होता ह

ईमानदारी और िनपता क साथ काय पण करना आसान नह होता वह ितकड़म और बईमानी क साथ काय

पण करना भी एक समया ह मानव-कयाण क िलए िदए जानवाल सझाव क िया का ईसा मसीह न भी

समथन िकया ह लिकन अफसोस आम तौर पर लोग क वि लालची होती ह अथा सझाव को तोड़-

मरोड़कर पश करना आदत म शािमल हो जाता ह इसीिलए ईमानदार य सय क कारण भाव एव लय क

महव का बारीक स अययन करता ह सय क पथ पर चलनवाला य इस कसौटी पर खर उतरनवाल

सझाव का ही योग करता ह

तीन आधारभत वजह स सझाव क ित शका का भाव उप होता हmdash

भव क ित वाभािवक आदर सभी यय म भव क ित आदर का भाव होता ह हालािक इस आदर

क माा कम या यादा हो सकती ह कई य पण प स अपना जीवन सझाव क हवाल कर दत ह वह

कई यय पर सझाव का असर ही नह होता ह

सझाव को हण करन क माा कभी भी समान नह होती िकसी भावशाली य क सझाव को हण

करनवाला य साधारण यय ारा िदए गए महवपण सझाव को अनदखा कर दता ह लोग को अपन

यव क तज स आकिषत करनवाली हती का भाव सभी पर एक जसा नह होता

वशीभत करनवाल य क यव म आकषण क कला का चरम िबद दखन को िमलता ह वशीभत हो

चक य स कहा जाता ह िक वह पानी म ह य इस कथन को सय मान लता ह और तराक क तरह

हाथ-पर चलान लगता ह उस कहा जाता ह िक सड़क पर गान-बजानवाल क टोली lsquoवद मातरrsquo का सगीत

बजा रही ह और वशीभत य को यह सगीत सनाई दन लगता ह नतीजतन य सावधान क मा म खड़ा

हो जाता ह

इसी कार कछ वा दशक पर सशोिधत वशीकरण िविध स भाव डालत ह ऐस मौक पर दशक वा क

इशार पर तािलया बजान या जोर स ठहाका लगान क िलए िववश हो जात ह

दसरा महवपण िसात यह ह िक भावना िवचार और इछा पर थोड़ा िनयण रखा जाए िकसी एक भाव

को मतक पर हावी होन स पहल उस भाव िवचार इछा या िफर तीन को अछी तरह स समझन क कोिशश

करनी चािहए भावना का िनणय-श पर सीधा भाव पड़ता ह इसस यह िस होता ह िक दशक को

अपन िवचार स वशीभत करना बत किठन काय ह इस िनपणता को हािसल करन क िलए िवचार क सयता

का महव सवपर होता ह यिद वा क िवचार श एव िनिवरोध ह तो वाभािवक तौर पर दशक आकिषत

हग इसी आधार पर िलवरपल क भाषण म हनरी वाड बीचर न अतय सफलता हािसल क थी

भावना क शता क झलक िवचार म िदखाई दती ह श और भावशाली िवचार का जम इछा क

शता स होता ह मतक तक पचनवाल सभी िवचार तब तक सही तीत होत ह जब तक उनक सयता

और शता का आकलन नह िकया जाए तक-िवतक क जरए िवचार क महव को पता स समझा जा

सकता ह

दशक को अपन िवचार स आकिषत करनवाला वा िवचार क ित उप िवरोधाभास क दमन क कला

म िनपण होता ह िवचार क बलता य करनवाल वा क सम दशक मक हो जात ह ऐसी थित म

िवचार क भाव स बाहर िनकलना मकल हो जाता ह िनत तौर पर तक-िवतक क बाद िलय गए िनणय

कछ इस कार होत हmdashिकसी िवचार को हण करत व यिद परपर िवरोधी िवचार को दर कर िदया जाए तो

वाभािवक तौर पर िवचार स सबिधत उिचत िशा हण क जा सकती ह 90 ितशत काशन सथान का

मानना ह िक वािषक शक क जरए पतक खरीदनवाल पाठक उन पतक को कभी नह पढ़त उन पतक क

िलए वािषक शक दन का मय कारण िवता क वापटता होती ह िवता उन पतक क महव को कछ

इस तरह कट करता ह िक पाठक उसस वशीभत हो जात ह मतक म वश करनवाला हर िवचार काय को

जम दता ह कवल उह िवचार क िलए कायशीलता र होती ह िजनक िलए िवरोधाभास का भाव उप

होता ह मतक म तयार लय क ित झान उसक महा ीण होन क बाद ही खम होती ह घोड़ क पर म

मरहम-पी क आवयकता तभी महसस होती ह जब वह लड़खड़ान लग शरीर म सजन का आभास तभी

होता ह जब शरीर का वह िहसा सचा प स काम करना बद कर दता ह हठ और जीभ क मासपिशय को

िहलाए िबना अिभवादन नह िकया जा सकता ब को नाक म मोती न डालन क सलाह दी जाए तो ब का

िदमाग नाक और मोती म ही उलझा रहता ह ऐस म ब को ओर स चक क सभावना बढ़ जाती ह दशक क

सम कट िकए गए िवचार या तो वा क प म होत ह या िफर िवप म िवचार िनजव नह होत िवचार

म सिय ऊजा होती ह िवचार कायशीलता का ोत होत ह lsquoिवचार का दसरा नाम भाय होता हrsquo दशक क

िवचार पर भव जमान और अतिवरोधी िवचार पर काब पानवाल वा क िवचार का वाह भावशाली होता

खर उघन और ढ़ िवचार क ित िवरोध क गजाइश बत कम होती ह इस िसात को आदत बना

लना चािहए सलाह क बावजद िवचार को न बदलनवाल य म बदलाव क गजाइश बत कम होती ह याद

रिखए यव म बदलाव क िया धीमी हो सकती ह लिकन नाकाम नह होती यन करन स उमीद क

मतािबक परणाम अवय ही िमलत ह

भव िवचार म बदलाव का एकमा कारण नह होता य पर माहौल का भी खासा असर पड़ता ह जन-

समह क भाव स बाहर िनकलना आसान नह होताmdashसमाज क ारा ा उसाह और भय सामक होता ह

दरअसल समाज म इसस सबिधत राय लगभग एक समान होती ह समाज क आम मायता को हम आम तौर पर

अपना लत ह उसका कभी िवरोध नह करत हम मान लत ह िक समाज क मायता म कोई-न-कोई सय जर

िछपा होगा दरअसल दस का गणा दस स करन पर सौ स यादा का परणाम हािसल िकया जा सकता ह दस

वा म स यक वा को दस दशक क सम बोलन का अवसर दान किजए इसक बाद उन दस

वा क कल मता का आकलन किजए िनत तौर पर ऐसी सभा म दस वा क ारा सौ स

यादा िवचार जम लग िकसी सभा क सबोधन क िलए दस वा का समह िनत करना यादा तकसगत

लगता ह लिकन वातव म दस म स एक ही वा जनता को भािवत करन म कामयाब होता ह

आम तौर पर य खद को माहौल क मतािबक ढाल लता ह लिकन माहौल म मौजद खािमय को

समझनवाला य बदलाव क लहर को जम दता ह यिद भाषण क िलए उदासी स भर नीरस क का चयन

िकया जाए तो िनत प स दशक म नीरसता का भाव पदा हो जाएगा माहौल म नीरसता का अहसास सभी

को होगा लिकन यिद वा सीध म क बात कर और अपनी भावना को शता स पश कर शद और

वाय का सही चयन कर तो ऐस क म भी उसाह का वाह उप िकया जा सकता ह यिद वा चाह तो

अपन सझाव स दशक तक सही सदश पचान म सफल हो सकता ह िफर चाह भाषण का मच िकतना ही

कदायक य न हो

इस कार तीन िसातmdashभव क िलए आदर िवचार क ित समपण क इछा और माहौल क ित सदह

का िकोण दशक म सझाव क ित झकाव पदा करता ह इसका भाव कवल दशक पर ही नह बक

वा पर भी समान प स महसस िकया जा सकता ह अथा हम वा क इस योयता को यान स समझना

चािहए

सझाव को भावशाली बनान क योयताहमन जाना िक िकस कार वा क खर भाषण और भव स दशक आकिषत होत ह और कम-स-कम

िवरोध क थित पदा होती ह लिकन दशक कवल तभी समपण क थित म पचत ह जब उह वा क

योयता पर पण िवास हो यिद वा क ित दशक का भरोसा कम ह तो वा क िवचार और सदश क

िवरोध म न क झड़ी लग जाती ह कई बार दशक िकसी िवषय िवशष पर वा क िनकष का पण िवरोध

तक कर दत ह िलहाजा इस िया म वा क ित दशक का भरोसा अिडग होना आवयक होता ह वा

को या तो दशक स िमलनवाल समथन और आदर का पवाभास होना चािहए या िफर दशक क ारा उप

िवरोध और असमथन को सलझान क योयता होनी चािहए ऐसा सामय रखनवाल वा क सझाव को दशक

िनत प स हण करत ह आमिवास ही िनय को ढ़ता दान करता ह

यान दीिजए िक िकस कार राि-भोज क बाद हनरी डय डी न भाषण क जरए दशक का िवास

हािसल िकया उसन एक हायद िकस क साथ वय क िलए आदर अिजत िकया ईमानदारी और गभीरता क

साथ बोलन क इछा कट क दशक क िच को वीकार िकया दशक क िच क िव उप िवचार

का दमन िकया और नता क साथ लोग स बातचीत क जािहर तौर पर इस तरह क शआत और इसक

परणाम स वा म आमिवास पदा होता ह

माननीय रापितजी म जातीय म पर वाद-िववाद क िलए िदए गए िनमण का वागत करता म

आभारी िक िजस वाद-िववाद को जनता क सम मच पर नह िकया जा सकता उसक िलए इस सभा म

आपन अवसर दान िकया ह म जाितवाद स सबिधत आदश को जद-स-जद वापस लन क योजना का भी

वागत करता मझ मालम आ ह िक तराक सीखन क बल इछा रखनवाली एक नौकरानी को शपथ

िदलाई गई ह और कहा गया ह िक lsquoअब तम इछा क पित कर सकती हो अपन कपड़ उस व क डाल पर

टाग दो लिकन िकसी भी थित म पानी क पास मत जानाrsquo

lsquoिगरजाघर क कर धमदत को पादरी कहा जाता ह जहा भी व अपना झडा गाड़ द वह थान पादरय क

िलए िनत मान िलया जाता ह वह थान पिव हो जात ह और जन-समह का कयाण होता ह मझ आज

बॉटन हाउस म दिणी लोकतािक राय क मानक तय करन क िलए आमित िकया गया ह इसक अलावा

िफिलस और समनर म िनवास करनवाली जाितय क िवषय म चचा का भी िनमण िदया गया ह लिकन

माननीय रापितजी यिद भाषण का उय पण प स ईमानदारी और पवािदता ह यिद वातव म जनता

क भलाई क िलए चचा होन वाली ह यिद इस सकप का परणाम नकारामक हो जाए और इस चचा स जनता

म गलतफहमी और मन-मटाव पदा हो जाए और यिद यह भाषण सयता क दायर को लाघ जाए तो ीमान या

मर पास इस भाषण को तत करन का हौसला बचगाrsquo

यान दीिजए िकस कार ायन न िशकागो म आयोिजत स 1896 क राीय जनतािक समलन म भाषण

क शआत म ही लोग का भरोसा जीतन क कोिशश क थी उसन समलन म मौजद ितित हतय क

िवचार का िवरोध न कर सकन क मता जािहर क लिकन उसन अपन िवचार क गरमा और पिवता को

ठस नह लगन दी उसन घोषणा करत ए कहा िक वह कवल जन-कयाण स सबिधत िवषय पर ही भाषण

तत करगा जािहर ह िक जन-कयाण स सबिधत िवचार का कोई िवरोध नह करता भाषण क इस शआत

न जन-समह क िदलो-िदमाग पर भव थािपत करन का काम िकया और इस भाषण न ायन को िस वा

बना िदया

lsquoसमलन म उपथत माननीय अय महोदय एव अय ितित सभाजनोrsquo मन पहल स मान िलया ह िक

यहा मौजद महा हतय और वा क बीच िवचार य करन का मौका बत चनौतीपण ह मरी आपस स

गजारश ह िक इन महा हतय स मरी तलना न क जाए यिक इस समलन का आयोजन य िवशष क

कािबिलयत आकन क िलए नह िकया गया ह यहा िकसी क बीच कोई मकाबला नह ह समलन म मौजद

िवन एव उदार जनसमह अछी तरह जानत ह िक जब मा जनता क भलाई स जड़ा होता ह तो वा क

मकाबल िवचार को यादा समािनत माना जाना चािहए म यहा एक बत अहम म क वकालत करन आया

यह मा जात स जड़ा ह जन-कयाण स जड़ा हrsquo

अथा कई वा कवल शालीनता और वाय क सदय स जन-समह पर अिमट छाप छोड़ दत ह वह इस

कला को नजरअदाज करनवाल वा को कवल िनराशा स सति करनी पड़ती ह

आमिवास हािसल करन क िलए आमिवासी होना आवयक होता ह िजस िवचार म वय वा का

िवास पण न हो उस िवचार को िकसी और पर कस थोपा जा सकता ह खद म िवास ाथिमक सवाल

होता ह आमिवास महामारी क समान सामक होता ह नपोिलयन न एक सिनक को कवल lsquoनाममिकनrsquo

शद का इतमाल करन क वजह स सना स बाहर िनकाल िदया था पराजय क िवचार का समथन न करनवाला

वा ही जीत क उसाह को कट कर सकता ह लडी मबथ सफलता क िलए पण प स आशावादी थ

इसीिलए उहन हया क िवरोध का आदश पारत िकया कोलबस क योजना क ढ़ िवास स भािवत

होकर रानी इसाबला न अपन आभषण िगरवी रखकर रकम का इतजाम िकया सदश को िवास क साथ तत

करो याद रखो िक खद क मायता काय को सफल अजाम तक ल जान क असीम श दान करती ह

िवापन क म इस िसात का जमकर इतमाल िकया जाता ह lsquoइस उपकरण को आप आिखरकार

जर खरीदगrsquo lsquoउस य स पिछए िजसक पास यह उपकरण हrsquo lsquoइस उपकरण म अतय श हrsquo इन

सभी िवापन म िवास का भरपर इतमाल होता ह और यही िवास समय क साथ ाहक क िवास म

तदील हो जाता ह

हर बार ऐसा ही होना चािहए लिकन होता नह ह यह कहन क आवयकता ही नह ह िक िवास का

आधार होता ह िवषय क पण जानकारी और िनपणता झासा दनवाल लोग क िलए आमिवास और सझाव

दन क आदत कभी-न-कभी मसीबत जर खड़ी करती ह

कछ समय पहल सावजिनक वाद-िववाद क थान पर एक वा न जमीन पर राख डालत ए कहा िक इस

थान पर कछ समय बाद िबना बीज डाल घास उग जाएगी वा क इस िवचार का मजाक उड़ाया गया लिकन

वा अपन कथन पर अिडग रहा और बार-बार उसी बात को और यादा आमिवास स दोहराता रहा वा न

कहा िक वह इस कार पहल भी घास उगा चका ह दशक क बीच मौजद एक ानी य न कछ समय बाद

वा क बात को सय समझना श कर िदया उस य क मायता म बदलाव को दखत ए उसस पछा

गया िक आप इस बात पर अचानक िवास य कर रह ह तो उसन जवाब िदया lsquoवा इस बात को बत

िवास क साथ कह रहा हrsquo

यिद वा क ऐसी बतक धारणा स ानी य तक भािवत हो सकता ह तो जािहर ह िक वा का

िवास क साथ ततीकरण सामाय दशक को भािवत करन म सफल होता ह

िननिलिखत सकलन म मौजद आासन पर यान दीिजएmdash

मझ नह मालम िक बाक लोग कौन सा राता अपनाएग मझ इसस कोई वाता नह ह या तो मझ मर तरीक

स काम करन क वतता दान क जाए या िफर मझ मयदड िदया जाए

mdashपिक हनरी

म जहाज क अफसर स कभी सवाल नह कगा म कभी तहारा दास नह बनगा म नर-सहार क इस सम

को अकल पार कगा म र स भरी लहर म डब जान तक य करता रगा

mdashपटन

एक आओ या सभी आ जाओ इस चान को इसक आधार स हटाना ही होगा

mdashसर वॉटर कॉट

सझाव दन म भव क भिमका अहम होती ह भव रखनवाल वा क सझाव को अकसर सही माना जाता

ह और उन सझाव क आलोचना क भी गजाइश नह होती जब ऐसा य बोलता ह तो मतक म

िवरोधाभास क थित पदा ही नह होती सभी सझाव को सय मान िलया जाता ह महायायाधीश क वचन को

उसक िता का बल िमला होता ह इसिलए उन वचन को गभीरता स सना जाता ह

िवापन क म भी इस िसात का उपयोग िकया जाता ह हम बताया जाता ह िक दो महा राजा क

राजव न एक िनत बीमारी क िलए एक जस उपचार क सलाह दी थी हम जानकारी दी जाती ह िक

अमरका का सबस बड़ा बक सबस बड़ी कपनी राय सरकार य िवशष और तटरक िवभाग सभी

एनसाइोपीिडया िटिनका का इतमाल करत ह

यिद आप सझाव क मायम स दशक को भािवत करना चाहत ह यिद आप चाहत ह िक आपक सझाव को

िबना िवरोध और आलोचना क मान िलया जाए तो सवथम भव थािपत करना होगा और इस भव को

कायम रखना होगा यिद सझाव म तय क सयता मािणत ह तो जािहर तौर पर भव अिडग रहगा लिकन

इस भव का ऐलान कवल तभी करना चािहए जब आप पण प स तयार ह और आपको िवास हो िक

सभी तय सयता क कसौटी पर खर उतर चक ह

िवान क जरए याित बढ़ती ह लिकन उस याित को कायम रखना आसान नह होता एक छोटी सी भल

याित को न कर सकती ह एक पिका म महा लख िलखनवाल एक लखक म वा बनन क महवाकाा

उप हो गई उस लगा िक अछा िलखनवाला य अवय ही अछा वा भी बन सकता ह इस योग क

आजमाइश क िलए उसन अखबार म िवापन िदया साथ ही कई और मायम स भी चार िकया लिकन

दशक क सम पचन पर उसक मह स शद िनकलन मकल हो गए सीधी सी बात ह यिद रवॉवर का

चार दनाली बदक क उपयोिगता क मकाबल पर िकया जाए तो जगहसाई जर होगी

यान दीिजए िक वा क अपील को मायता दन क िलए िकस कार भव का इतमाल िकया गयाmdash

lsquoोफसर अड रसल वलस न हाल ही म अपना नबवा जमिदन मनाया मानव िवकास स सबिधत

िसात क खोज पर ोफसर अड को चास डारिवन क साथ समािनत िकया गया इसक अलावा ो

अड को कई वािनक खोज और शोध क िलए समािनत िकया जा चका ह लदन म आयोिजत एक

रािभोज क मौक पर ो अड क भाषण को आज भी याद िकया जाता ह इहन िपछली एक शतादी म

सयता क िवकास पर गहन अययन िकया ह ो अड न स 1813 क मकाबल 1913 म इलड क

सयता क तलनामक तसवीर तत क ह इस अययन म ोफसर न साफ िकया ह िक िपछल एक दशक म

िवकास कवल कागज तक सीिमत ह वातव म िवकास आ ही नह ह ो अड न जोर दत ए कहा ह िक

िपछली शतादी क िचकार मितकार एथस और रोम क वातकार वतमान कारीगर स यादा िनपण थ

हालािक आधिनक मानव न यादा बहतर टलीकोप एव नजर क चम बना िलय ह लिकन पहल क मकाबल

वातिवक िकोण ीण हो रहा ह आधिनक मानव न बहतर कपड़ बनाना सीख िलया ह लिकन शरीर

कमजोर कर िलया ह वाहन को िवकिसत कर िलया ह लिकन पर कमजोर कर िलय ह नए िकम क यजन

को बनाना सीख िलया ह लिकन पाचन-श कमजोर कर ली ह सबस अफसोस क बात यह ह िक गोरी

चमड़ी क लोग न इनसान क खरीद-फरोत श कर दी ह लोग को गलाम बनाना श कर िदया ह

आधिनक काल म पनप कारखान म काम करनवाल मजदर छोट-छोट घर म रहन क िलए मजबर ह बीसव

शतादी क इितहास म इस दौर को काल अयाय क तौर पर याद िकया जाएगाrsquo

ो अड क इस अययन पर सस क एक आयोग न गहन िचता य करत ए कारखान म काम

करनवाल मजदर क दयनीय थित पर अफसोस जािहर िकया इसी कार ो जॉडन न अपन शोधप lsquoखन

क खतीrsquo क ारा ििटश सरकार को भिवय म य नशाखोरी अित म गरीब ब क िलए भोजन क

कमी और आम लोग म असति जस गभीर म पर सचत िकया ो जस न तो और यादा िनराशावादी

सकत िदए इनका मानना ह िक िजदगी क तज रतार और शहरी जीवन क तनाव न लोग क नौितक मय को

खम करना श कर िदया ह आनवाली शतादी म सगिठत परवार का अतव ही न हो जाएगा इसक

अलावा शरणािथय क बाढ़ ििटश सकित को इस कार मला कर दगी जस िनआा फॉल का मटमला पानी

साफ पानी क धारा म िमला िदया गया हो य हवन म एक सबोधन क दौरान ो िकलॉग न कहा िक जाित

क लगातार पतन स आनवाल समय म वातिवक जाितय का अतव ही न हो जाएगा

mdashनवल डइट िहस

भव शका क िखलाफ सबस बड़ा हिथयार होता ह लिकन जाितभद क भावना और किवचार क सामन

इसक श ीण हो जाती ह अथा भव और सझाव क बीच क मय माग को समझना बत आवयक ह

अपनी कमजोरय को जानना मय माग होता ह इस माग को समझन क बाद वा भाषण क कई और कला

को जम दता ह िकसी सभा म दशक क बीच टोपी फककर लड़ाई का आान करन क सलाह कोई समझदार

य नह दगा भाषण क शली को चनना वा क समझ-बझ पर आधारत होता ह खास खयाल रखना

चािहए िक भाषण क शआत िकस कार क जाए भाषण क शआत मौक क मतािबक शालीन हो सकती ह

और तख भी

सझाव दन क िया म उदाहरण क अहम भिमका होती ह इसस पहल हमन पढ़ा ह िक वातावरण का

दशक पर खासा भाव पड़ता ह लिकन नकारामक वातावरण स घबराना नह चािहए न ही सकोच और

आलोचना करनी चािहए बक वातावरण क मतािबक खद को ढालकर कवल भाषण क भाव पर यान कित

करना चािहए परस म खास िकम क टोपी और कपड़ पहन जात ह और बाक दिनया इन परधान क नकल

करती ह बा दसर लोग क आचरण क नकल करता ह माता-िपता क तरह बोलन और चलन क कोिशश

करता ह यिद बा िकसी को बोलता ही नह सनगा तो जािहर तौर पर खद बोलना नह सीख पाएगा अमरका

क सबस बड़ िडपाटमटल टोर न एक िवापन क िलए जबरदत खचा िकयाmdashlsquoसभी सबस बड़ िडपाटमटल

टोर को पसद करत हrsquo इस चार न लगभग सभी लोग म वहा जान क िजासा पदा कर दी

सदश क महा को बार-बार श दान क जा सकती ह इसक िलए कवल यह सािबत करना होता ह िक

यादा-स-यादा लोग आपक सदश क ित भरोसा जता रह ह राजनीितक सगठन ारा आयोिजत जनसभा

म बार-बार तािलय क गज स जािहर होता ह िक सगठन क राजनीितक िवचार को वीकार िकया जा रहा ह

िवापन सझाव क महा और श का सबस बड़ा उदाहरण ह

यान दीिजए िक िकस कार इस सकरण म इन िसात का इतमाल िकया गया ह और िकस कार हर

सभािवत मौक पर सझाव क ारा भािवत करन क कला का इतमाल िकया जाता हmdash

lsquoवातव म य श हो गया ह उर क ओर स आनवाला अगला तफान जद एक नए सघष को जम

दगा हमार भाई-बध पहल स यभिम म सघष कर रह ह तो यहा िनय प स खड़ रहन क या जरत

हrsquo

mdashपिक हनरी

तीकामक और अय भाषा म भी सझाव क श होती ह इस कार िदए गए बयान म िकसी य

िवशष को सबोिधत नह िकया जाता अथा दशक क मतक म िवचार स सबिधत िवरोधाभास जम नह

लता फलवप सझाव तत करन क आधारभत िसात क पित हो जाती ह तीकामक और अय तौर

पर िनकष तत करन स सझाव का महव बढ़ जाता ह

यान दीिजए िक िकस कार िविलयम ायन न कहा ही नह िक माननीय मकनल हार जाएग इस वाय को

बत भावशाली ढग स तत िकया गयाmdash

सट लइस क एक मच पर माननीय मकनल को सोन क शता क मानक को तब तक कायम रखन क िलए

चना गया जब तक अतरराीय समझौत क मतािबक नए मानक को अपनान क िया पण हो रपलकस

क बीच माननीय मकनल बत िस य थ और चनाव स तीन महीन पहल ही रपलकस न माननीय

मकनल क आगामी चनाव क नतीज पर भिवयवाणी करनी श कर दी लिकन आज क हालात या ह य

आज वह य जो खद को नपोिलयन जसा िदखन क उपमा स खश होता था आज यह सोचकर काप जाता

ह िक उसक िनय वाटरल क य क वषगाठ पर क गई थी

थॉमस कालयल न कहा ह lsquoझठा य धम ान ा नह कर सकताrsquo न तो कालयल क वाय म सझाव

का भाव नजर आता ह और न ही भव लिकन जब इस वाय क अथ को गहराई स समझा गया तो परणाम

कछ और ही िनकलmdash

झठ य न धम का ान ा िकया या एक झठा य घर का िनमाण नह कर सकता यिद िकसी

य को िचनाई क िमण का सही औसत मालम नह ह और न ही उस िमण क गण क बार म जानकारी ह

तो वह िकस कार इमारत का िनमाण कर सकता ह जािहर तौर पर इस कार बनाई गई इमारत कमजोर होगी

यह बारह शतादय तक खड़ी नह रह पाएगी इस इमारत म लोग नह रह सकग यिद रहग तो यह इमारत िगर

जाएगी य को ाकितक िनयम का समान करना चािहए कित स सवाल करन चािहए वत क गण

स सबिधत जानकारी एक करनी चािहए

यान दीिजए िक बवटर ारा िकया गया िननिलिखत िचण िकतना सिनत एव भावशाली हmdash

ीमान मझ नह मालम िक लोग क ितिया कसी होगी लिकन जब म अपन आस-पास िशा ा

करनवाल लोग को महसस करता तो ऐसा महसस होता ह जस सीजर सदन म खड़ा हो इस सभा म बार-बार

ित पचानवाल लोग भी शािमल होत ह मन कभी मड़कर नह कहा ह िक lsquoइन लोग म मरी औलाद भी

शािमल हrsquo

mdashबवटर

भाषण को मजबत तािकक आधार पर तयार करना चािहए इस कार तयार िकए गए भाषण क कमजोर

किडय पर भी कोई सवाल नह उठा सकता यिद िकसी िवषय पर वाद-िववाद हो जाए तो दशक क जहन म

िवरोधी िवचार जम ल सकत ह इसिलए थित पर काब पान क िलए उठाए जानवाल तकालीन कदम म

वाद-िववाद क थान पर मजबत उदाहरण का सहारा लना चािहए थित वय िनयण म आ जाएगी

23

वाद-िववाद क ारा भािवत करनाइनसान का सामाय ान दरअसल बत सामाय होता ह इस ान क ा साधारण अययन और अनभव स होती ह यह िवन साधारण एव

सरल होता ह इसका अनभव सभी क आख करती ह और सभी क कान स इसको सना व समझा जा सकता ह इसम कोई अथर िभता नह

होती कोई जिटलता नह होती साथ ही इसका कोई रहय नह होता सामाय ान उलझन भरा नह होता यह उम ान होता ह इसम कोई

तछता नह होती इसक यायान को सरलता स समझा जा सकता ह इसको भाषा क पता क प म भी जाना जाता ह इसका बस एक ही

उय होता हmdashसाधारण ान का बोध

mdashजॉज जकब हॉलयॉक सावजिनक तौर पर बोलना एव वाद-िववाद

यादातर यवा वा तकशा को अत मानत ह लिकन धीर-धीर उह अहसास होन लगता ह िक तक श

जिटल थित म भी कायशील रहती ह सामाय ान स अिजत िकए गए तय को कवल सही शद क चयन

क आवयकता होती ह इन तय को तत करन क अयास स तक श स जड़ा भय खम हो जाता ह

दरअसल तकशा बत िदलचप िवषय ह वा क िलए इसका महव सवपर होना चािहए वाद-िववाद

चचा एव माण तत करन म तक क िसात का इतमाल िकया जाता ह

वाद-िववाद का अथ हmdashतक एव उदाहरण क ारा अपन िवचार क सयता को मािणत करना इसक

अलावा सझाव क जरए भी िवचार क सयता को मािणत करन म सहायता िमलती ह

िकसी िवषय पर िनप भाव स िवचार करन क िलए सभी पहल क सयता को जानन क कोिशश क

जाती ह अथा वाद-िववाद को दो मय िणय म बाटा जा सकता हmdashवाद-िववाद क दौरान चचा को बढ़ाना

या िफर वाद-िववाद क दौरान महवहीन िवचार को अलग करना यानी वाद-िववाद स सबिधत िवचार क ढाच

क थरता का आकलन करना इस कार न कवल मय िवचार को सभाला जाता ह बक आलोचक ारा

सभािवत िवरोध क िखलाफ मजबत तयारी भी क जा सकती ह ऐस म खास खयाल रह िक िवचार म कोई

कमजोर कड़ी न हो सभी िवचार स सबिधत तय क बारीक स जाच करना आवयक होता ह अयथा

िवचार क िवरोध म तत िकए गए तक हावी हो सकत ह

िननिलिखत न सभवतः तीन उय क पित करत हmdashिकस कार तय क जाच क बाद िवचार को

तत िकया जाए िकस कार वा िवचार क भव का आकलन कर और िकस कार िवरोध म उप तक

का पता स सामना िकया जाए

तक क जाच1 चचा स सबिधत आम न

1 या न प तौर पर पछा गया ह

(अ) या हर िववादी क िलए न का अथ समान ह (उदाहरण क तौर पर जरी नह ह िक lsquoसय पषrsquo का

अथ सभी िववािदय क िलए एक समान हो)

(आ) या चचा क मय उय पर उलझन क थित ह

2 या बयान िनप तौर पर जारी िकया गया ह

(अ) या बयान म सभी पहल को शािमल िकया गया ह

( आ) बयान म जरत स यादा तय को तो शािमल नह िकया गया

(इ) बयान का इतमाल फसान क िलए तो नह िकया गया ह

3 या न वाद-िववाद क योय ह

4 न का किबद या ह

5 न स सबिधत बाक तय या ह

2 माण एव गवाह

1 तय स जड़ माण एव गवाह

(अ) या हर गवाह माण िनप ह िववाद स सबिधत िवषय का इनस या सबध ह

(आ) या गवाह मानिसक तौर पर वथ ह

(इ) या गवाह क नितक मय पर िवास िकया जा सकता ह

(ई) या वह तय को समझन क थित म ह या वह चमदीद गवाह ह

(उ) या वह वछा स गवाही द रहा ह

(ऊ) या उसक गवाही पर सवाल उठ थ

(ए) या उसक गवाही क पि क जा चक ह

(ऐ) या उसक गवाही तय और सामाय िसात क िव म ह

(ओ) या ऐसा सभव ह

2 सरकारी व गर-सरकारी सथा क ओर स गवाही

(अ) या सथाए मायता ा ह

(आ) सथा को िकस कानन क अतगत मायता ा ह

(इ) या सथा का ख िनप ह

(ई) या सथाए प प स सलाह द रही ह

(उ) या माण क िलए पश क गई पतक व कागजात इयािद िवसनीय और िनप ह

3 माण क तौर पर पश िकए गए तय

(अ) या तय उपय ह और माण क तौर पर पश करन योय ह

(आ) या तय क सयता पर भरोसा िकया जा सकता ह

(इ) या तय का मसल क िवषय स सीधा सबध ह

(ई) या तय का एक-दसर स सबध थािपत िकया जा सकता ह या उनम िवरोधाभास ह

(उ) या तय दािखल िकए जा चक ह तय को लकर कोई शका या िववाद तो नह ह

4 माण क तौर पर पश िकए गए िसात

(अ) या िसात वतः िस करन योय ह

(आ) या िसात म सामाय अनभव क सयता ह

(इ) या िसात म िवशष अनभव क सयता ह

(ई) या िसात क सयता को योग ारा मािणत िकया गया ह

योग साधारण या िवशष िया स िकए गए ह

योग भव थािपत करत ह या िनकष पश करत ह

3 तक-िवतक

1 अनमान

(अ) या सामाय तौर पर तय क सयता को िनकष क प म माना जा सकता ह

(आ) या यायान क नजरए स दखन पर ही तय िनकष स मल खात ह

(इ) या िकसी िववािदत तय को नजरअदाज िकया गया ह

(ई) या िववािदत तय का पण प स यायान िकया गया ह

(उ) या सभी िववािदत तय क बीच सबध म पता क कमी ह

(ऊ) या अनमान को तय मान िलया गया ह

2 परणाम

(अ) या कानन और िसात पहल स थािपत ह

(आ) या कानन और िसात म तय क ारा िनकाला गया िनकष शािमल ह या िफर िनकष को

जबरदती शािमल िकया गया ह

(इ) या कानन और िसात क महा क साथ िनकष क महा को जोड़ा जा सकता ह

(ई) या परणाम पया मान जान योय ह

3 तलनामक मसल

(अ) या िवचाराधीन मसला िकसी और मसल स मल खाता ह या दोन मसल म एक जस माण गवाह

और तय का इतमाल आ ह

(आ) या िववाद क मय िबद िकसी और मसल क समान ह

(इ) या िवचाराधीन मसल को िकसी और मसल स जबरदती जोड़ा जा रहा ह

(ई) या िवचाराधीन मसल स सबिधत कोई और मसला ह िजस यादा उपयोगी एव उपय िस िकया जा

सकता ह

4 सबिधत तय

(अ) या मसल स सबिधत य क पव पद को यान म रखत ए आरोप पर आशका क गजाइश ह

(आ) या तय स सबिधत सकत प ह या इनक आधार पर तय क सयता मािणत क जा सकती ह

(इ) या सकत एक-दसर स मल खात ह या सभी सकत एक-दसर क अनकल ह

(ई) या सकत क आधार पर िववादापद थित पदा हो सकती ह

5 याय

(अ) या याय क घोषणा स पहल िकसी अहम म को नजरअदाज िकया गया ह यिद ऐसा ह तो फसल स

पहल छट ए म को शािमल करना चािहए

(आ) या याय क घोषणा करन म अफसोस क थित का सामना करना पड़ रहा ह या िनकष स सबिधत

कोई उलझन ह

(इ) या याय बतका महसस हो रहा ह

24

उसाह ारा भािवत करनावह महा योयता क धनी ह बस उस कारण और चचा क कला पर यान दना ह यिद वह ऐसा कर सक तो वह लोग को भािवत कर सकती

mdashशसिपयरउस य को सबस महा कलाकार क उपािध दी जानी चािहए जो दशक क भारी भीड़ स घबराए िबना िपयानो पर उगिलय का जाद दरशान म

सम हो जो दशक क उता को सहजता म बदलन का नर रखता हो जो सर म मौजद मती स दशक को हसा सक और शोक क सर स

दशक क आख को पनीला कर द उस दशक क सम लकर आओ चाह दशक कस भी हmdashउज या सय खश या नाखश िश या

जगली महा कलाकार को अपनी कला स दशक को खश या मत करन क कला आनी चािहए ऐस कलाकार अमर होत ह

mdashरॉफ वाडो एमरसन वाातय पर िनबध

दशक म उसाह पदा करन का नर कम या यादा सफलता का अहम कारण होता ह दशक क िलए महव

रखनवाल म क ित उसाह पदा कर अपा अनसार परणाम हािसल िकए जा सकत ह इसका उय कम

या यादा सही या गलत उिचत या अनिचत और शात या भड़कला हो सकता ह लिकन बावजद इसक इस

कला का भाव अतय होता ह

मय अरनॉड क यायान क अनसार ढ़ िवास रखन क िशा दना वाभािवक प स जिटल िया

ह इस िया म वाद-िववाद और अकसर सझाव क सहायता ली जाती ह इसस सबिधत उपय जानकारी

क अगल अयाय म िवतार स चचा क जाएगी दरअसल जनता क सम बोलन क कला म कह-न-कह

दशक को ोसािहत करन क कला का इतमाल िकया ही जाता ह

दशक को ोसािहत करन क कला पणतः बौक होन क मकाबल भावनामक होती ह इसम जनता क

सम भाषण दन क कला क लगभग सभी िसात का इतमाल िकया जाता ह इसम चचा क सभी कार

शािमल होत ह िननिलिखत वाय क ारा इस िविध का इतमाल समझा जा सकता हmdash

जाितवाद क िव अपील सदव भावशाली सािबत होती ह आम तौर पर इस यायसगत माना जाता ह

िकसी िवशष िवचार या अपील क साथ जाितवाद क म को खड़ा िकया जा सकता ह याड िकपिलग न इस

िविध का इतमाल िकया था इस म क आधार पर यरोपीय य पर चचा क गई िकपिलग न य क दौरान

जाितवाद क म का इतमाल िनजी वाथ क िलए िकया यह ऐसा मा ह िजसक िलए आम जनता का

समथन िमल ही जाता ह इस गितशील अपील का महवपण उदाहरण माना जा सकता ह कई लोग छोट

उय क साथ शआत करत ह और िफर िनजी वाथ क िलए म को बड़ तर पर भनान क कोिशश करत

lsquoिबना गलती िबना इछा क जमनवािसय को य क िलए मजबर िकया गया ह जमनी एक ऐसी राीय

श ह जो िपछल बीस साल स इस य क तयारी म जटी ह एक ऐसी श जो सय समाज को बदक

क नोक पर जीतन का दम रखती ह

lsquoिपछली दो पीिढय स जमन सरकार पतक िशा सथान भाषण और चचा क जरए बड़ी

सावधानीपवक अपन दश क जनता को समझाती आई ह िक िव-िवजय ही सभी तयारय और कबािनय का

मय लय ह हमन बड़ी सावधानीपवक तयारी क ह और महा बिलदान िदए ह

lsquoहम सिनक सिनक और बस सिनक क जरत ह यिद हम हमार िम रा का साथ िमलता ह तो हम

सगिठत बबर िवरोिधय को कचल डालग

lsquoकोई गलतफहमी क गजाइश नह ह हम आधिनक हिथयार स ससत दमन का मकाबला करन जा रह

ह दमन ताकतवर ह लिकन हमारा बस एक ही लय हmdashदमन को जड़ स खम कर दना बजयम पर

हमला ास पर आमण और स स मकाबला हमार पास बस यही एक राता बचा ह जमनवािसय का

मय उय जो बार-बार दोहराया जा चका ह िजसक कसम बार-बार खाई जाती ह वह ह ििटश सााय

को नतनाबद करना ििटश सरकार क सपदा एव यापार को न करना और िव स ििटश सरकार क

भव को खम कर दना

lsquoयिद आप कछ दर क िलए आमण क सफल होन क कपना कर तो यकनन सफलता खद-ब-खद कदम

चमगी कछ लोग का कहना ह िक ििटश सरकार नह झकगी लिकन हम िव क नश स इलड का

अतव खम कर दग

lsquoहमार भाय म जीत िलखी ह हम एक नए यग म कदम रखन जा रह ह य क िजस गरमा और साई

को हम िपछल सौ साल स भल चक ह उस याद करन का समय आ गया ह हम अपन पराम का उसी तरह

इतमाल करना ह जस हमार पवज न िकया था मकल स भर इस लब सफर म उतार-चढ़ाव जर आएग

हम किठनाइय और िनराशा का भी सामना करना पड़ सकता ह लिकन हमार कदम कभी नह डगमगाएग हम

इस य को अजाम तक लकर जाएग हम सभी साथ िमलकर इस य का सफल परणाम तय करग

सामािजक भदभाव जसी बराइया हमार दश स खम हो चक ह इस सघष न सभी जाित क लोग को कवल

और कवल जमन बना िदया ह जीवन को लकर हमारी सभी इछाए एव जरत भी महज छह हत पहल खम

हो चक ह अब हमार सामन बस एक ही लय ह जो हर य क िदल का िहसा बन चका हmdashजीत जीत

और बस जीत

lsquoयिद हम अपन अिधकार को हािसल करना ह और वतता को धरती का मल िसात बनाना ह तो जमनी क

हर य को य करना होगा बिलदान दना होगाrsquo

इस उदाहरण स साफ होता ह िक दशक को भािवत करन क िलए उनक िहत स जड़ म को ाथिमकता

दनी चािहए और उनक भावना क मतािबक लय तय करन चािहए इन दो महवपण िसात को कभी

नजरअदाज नह करना चािहए जनता म उसाह भरन क िलए य िसात मल म का काय करत ह

पहल िसात क समझ क िलए माननीय उय और महवाकाा क गहन जानकारी होना बत

आवयक ह व कौन स उय ह जो य को कायशील बनात ह इन उय को गभीरता क साथ समझन

क कोिशश किजए अययन किजए िक िकस कार उन उय को हािसल िकया जा सकता ह यान

दीिजए िक कौन स उय और महवाकाा स दशक भािवत हो सकत ह दशक क आदश और जीवन

क ित िच का ोत या ह आपक आकलन म कमी का भगतान वय आपको ही करना होगा अथा िवषय

को बारीक स समझना चािहए पलटाइन म यिदय क िलए समथन मागन स कछ हािसल नह होगा ऐसा

यास कवल िनराशा ही द सकता ह दशक क बार म अययन किजए उनक िवचारधारा िच आिद क बार

म जानकारी हािसल किजए इसक पा जबरदत तयारी क साथ दशक क सम पिचए िनत प स

सफलता कदम चमगी

दशक क तादाद िजतनी यादा हो िवषय और भाषण का अदाज उतना ही यापक होना चािहए अिववािहत

लोग को फनचर क बीम स सबिधत िवषय क ित आकिषत नह िकया जा सकता लिकन िवचार कट करन

क वतता क म पर जनता का समथन बटोरा जा सकता ह

मािणत दवा क िवापन म सबस पहल बीमारी का िज िकया जाता ह इस कार ाहक का यान

आकिषत करना आसान होता ह यिद सबस पहल दवा क माा और खच या िफर दवा क िवशषता और

िनवारण का िज िकया जाए तो जािहर तौर पर लोग का यान आकिषत करना मकल होगा सोचन क िलए

मजबर करनवाल िवापन स समाधान क िलए उसाह पदा होता ह कपनी क दवा बचन क उसकता क

मकाबल ाहक म दवा खरीदन क उसकता यादा अहिमयत रखती ह

हाल ही म एक पतक िवता ययॉक क नामी एटॉन क दतर पच गया उसन कहा िक lsquoया आप पतक

खरीदना पसद करगrsquo लिकन यिद एटॉन को पतक खरीदन क जरत होती तो वह पहल ही खरीद चका

होता इसी कार एक िसलाई मशीन िवता न एक सॉिलिसटर स िसलाई मशीन खरीदन क िलए पछा दोन

मामल म िवता न एक ही गलती को दोहराया उहन कवल अपन फायद क िलए अपील क

कामयाब वा क अपील म खद क फायद स यादा सननवाल क फायद का सदश होना चािहए इनसान

िफतरतन वाथ होता ह वह उह चीज क ओर आकिषत होता ह िजसस उस फायदा हो यान दीिजए

िकस कार सीनटर थटन न यबा क राजनीितक मामल म हतप क अपील क थी और िकस कार ायन

न अपन भाषण म जन-कयाण क म को उठाया था

ोसाहन स भरा भाषण दशक म जोश क लहर पदा करता ह ऐस भाषण स लोग म कतय का भाव पदा

होता ह

ोसािहत करनवाल भाषण क चार िविभ तरीक पर यान दीिजए और इनम िछप उय का आकलन

किजएmdash

lsquoबदला लो चार ओर फल जाओ ढढ़ो जला दो मार दो काट दो कोई भी गार बचना नह चािहएrsquo

mdashशसिपयर जिलयस सीजर

lsquoआिखरी श क हया तक हमला करत रहो

मय-शया और ाला क िलए हमला करो

बहादर सािथय क मौत क िलए हमला करो

भगवाmdashऔर सरजमीन क िलए हमला करोrsquo

mdashिफज-ीन हलक माक बोजारस

lsquoिवास कर ीमान यिद उन नह ब का सवाल नह होता तो आज वह अपना महनताना लन नह आता

आपक फसल क फलवप ही ऐस हालात पदा ए माननीय यायाधीश आप इन अभाग ब को िभखारी

बनन क मजबरी स बचा सकत थ आप इनको अनाथ होन स बचा सकत थ ओह म जानता िक आपक

फसल क बाद मझ दया क कामना नह करनी चािहए मझ आपक सहानभित क िलए यास नह करन चािहए

मझ दया नह याय चािहए म शपथ लता िपता क प म नह एक पित क प म पित क प म नह

एक नागरक क तौर पर नागरक क तौर पर नह एक इनसान क तौर परmdashबक एक इनसान क तौर पर भी

नह एक ईसाई क तौर परmdashम कसम लता आपक सामािजक िनजी नितक और धािमक कतय क अपन

परवार क अनादर घर क उजड़न ईर क अयाय क ईर बचाए इस दश को सामक महामारय स और

जम स भ भिवय म पदा होनवाल हजार ब को ऐस दःख अपमान और िनदा क उदाहरण स बचाकर

रखrsquo

mdashचास िफिलस गथरी क ओर स अदालत क सम अपील

lsquoम मखमली मोज पहनकर गलाम क सगीत पर नय करनवाल और इस काय को वतता कहनवाल य

क ओर स आह करता उस य क ओर स जो घिटया लगा मकट पहनता ह िजसन हटर ायन को

शमनाक तर तक िगरान क काय को धम का नाम िदया वह अमरक िवचारधारा क िवतार क िलए गनहगार

को दड दता ह और इस काय को साई और धम कहता ह म इलड क कलपित क ओर स नए किवय स

आह करता mdashएटीकॉट स लकर लॉवल तक िवॉप स लकर लॉगफलो तक नॉरटन स होस तक और म

साधारण जनता क अिधकार क ओर स आह करता mdashम जनमानस क उपि करनवाल पवज क ओर स

भी आह करता बीत ए समय को जगिलय क रता स नह शहीद क ल स िता िमलनी चािहए

बीता आ समय बीत गया ह इस यादा करदन क आवयकता नह ह वतमान और भिवय महवपण ह इह

सगीत और उास स भर दो पवज क ारा िमली िशा न हम धय कर िदया ह हम उनक ारा थािपत

िकए गए कानन और िनयम का पालन करन का सौभाय ा आ ह हमारी आख म मौजद चमक स सम

का मागदशन होगा हम सहन-श का वरदान िमला ह अपनी महा िशा क साथ भ सदा हमार साथ रह ह

अब भ धम लोकत और दश-म क थापना क िलए हमारा मागदशन करग भ क शरण म सभी बराइय

का नाश होगा जॉन ीनलीफ न बार-बार िननिलिखत सीख को दोहराया हmdash

हम सबक िपता एव िय ईर

रता क ित िवास क िलए हम मा कर

धम को नकारनवाल अधपन क िलए मा कर

अपन आदश को छोड़नmdashउनका उघन करन क िलए मा कर

ल क विदका स उठती ाला न हम राता िदखाया ह

अब हम मानवता क माग को कभी नह छोड़गrsquo

mdashहनरी वॉटरसन यरीटन एड कविलयर

ास क िखलाफ य गीत न िलखन क म पर लगातार िनदा क िवरोध म गोएथ न जवाब िदया lsquolsquoअपनी

किवता स म कभी लत नह आ नफरत क भावना क अभाव म म नफरत भर गीत कस िलख सकता

rsquorsquo कवल उसी म का भावशाली चार िकया जा सकता ह िजसस आप िदल स जड़ ह मायता क

तरह भावनाए भी सामक होती ह म क वातिवकता म िवास रखनवाला वा ही जनता को अपन भाव

स रत कर सकता ह ईमानदारी भाव और उसाह स यादा महवपण ह भावना भावना क आधार पर क

गई अपील बहद भावशाली होती ह भाषण क तकनीक पहल क मकाबल भावना का भाव यादा असरदार

होता ह इसी कार इशार क शोभा और िनपण उारण क भाव को भी नजरअदाज नह िकया जा सकता ह

जनता क सम पश क जानवाली अपील को उिचत दलील का आधार दना जरी होता ह लिकन इसका यह

अथ नह ह िक आप िवचार क नव तयार कर और इमारत खड़ी करन म लापरवाही बरत अथा िवचार का

आदान-दान उिचत परणाम िमलन तक जारी रहना चािहए

25

जन-समह को भािवत करनाकामयाबी एक यवसाय ह अत म दशक क कपना को छनवाल वाय को याद किजए यही वजह ह िक आज क दौर क उपदशक जनता को

उस कार भािवत करन क कला म मािहर नह होत िजस कार कार टोिपया और अय वत बचनवाल यापारी ाहक को भािवत करन क

कला म िनपण होत ह जनता क कपना क अनसार भाव डालन क कला यापारय स सीखन क आवयकता ह

mdashगरॉड टनली ली जन-समह

स 1914 क शआती दौर म परस क ासीसी और बिलन क जमन का समह मनोवािनक तौर पर गट नह

माना जाता था यक य क िवशष आवयकताए एव उय थ और इन लोग को सगिठत करन क िलए

कोई एक िवचारधारा भी नह थी इस दौरान समह को कवल अलग-अलग िवचारधारावाल लोग का जमावड़ा

माना जाता था लिकन एक ही महीन क भीतर लोग क भीड़ न गट का प ल िलयाmdashदशभ सामिहक

भय और यापक सताप न लोग को सगिठत करन का काम िकया

िकसी समह झड और गट क मनोवािनक थित य िवशष क मनःथित स िभ होती ह भीड़ का

अपना अलग अतव होता ह कारण स भािवत होकर य कई यगत भावना और उय को दबा

लत ह लिकन भीड़ क भावना और उय को दबान म िकसी कारण का जोर नह चलता यगत तौर

पर िकए गए काय क िलए वय य िजमदार होता ह लिकन लोग क भारी सया क वजह स भीड़ िकसी

काय क िलए जवाबदह नह होती लोग का उिजत समह िकसी भी भयानक िवचार को अजाम तक पचान

क मता रखता ह भीड़ क िवचारधारा आिदम होती ह भीड़ म िवचार क ित ोसाहन होता ह िलहाजा

िवचार क पित क िलए भीड़ िकसी भी हद तक पच सकती ह

भीड़ लोग ारा तयार िकए गए िगरोह क समान होती ह रकन न भीड़ का कछ इस तरह यायान िकया

हmdashlsquoभीड़ स िकसी भी िवषय स सबिधत बात क जा सकती ह उनक भावना क िवषय म जो अकसर मय

िवषय होता ह भलाई और धम क बार म जबिक भीड़ क िलए इन िवषय पर चचा का कोई आधार नह होता

ह इसक बावजद भीड़ म उपथत लोग स इन िवषय पर चचा क जा सकती ह भीड़ को मन मतािबक ढाला

जा सकता ह उिजत िकया जा सकता ह और बड़-स-बड़ काय क पित क िलए ोसािहत िकया जा सकता ह

भीड़ म िवचार स सबिधत सदश िकसी सामक बीमारी क तरह फलता ह जकाम क तरह िवचार का

समण होता ह और ऐसा कोई िवषय काय या उय नह ह िजसक िलए भीड़ को रत न िकया जा सक

भीड़ म लय क पित का जबा दौर क तरह पड़ता ह और लय-पित क पा दौर क ही तरह गायब हो

जाता हrsquo

इितहास म जन-समह क कायशली क महवपण उदाहरण शािमल ह मयकालीन दौर म जनता को ोसािहत

करन क िलए कारण क आवयकता नह थी मयकाल म लोग न वाभािवक तौर पर भव क प म

समथन िदया जनता क धम न लोग क भावना को िझझोड़ा इस भावना न साधारण तौर पर लोग को

सगिठत कर गट बनान क िलए रत िकया यारहव शतादी म साध-सत न जनता को मजबत बनान क िलए

क क ित भय-म होन क िशा दी एक िविच मापदड तयार करत ए कहा गया िक एक हजार कोड़

क मार को दस भजन-सह क प म हण िकया जाए और पह हजार कोड़ क मार को पण भजन-सह

माना जाए इस कार कोड़ क मार को खशी-खशी झलनवाल लोग क समह बनन तयार हो गए जनता म

जनन क जबरदत लहर वािहत होन लगी इस जनन को खम करन क िलए सड़क पर जलस िनकालनवाली

मडिलय क अय को िजदा जलाया गया तािडत िकया गया लिकन जनता न िनरकश कमत क सामन

घटन नह टक

धमयोा क उपदश स परा पमी और मय यरोप भीड़ गट समह और िगरोह म तदील हो गया

लाख क सया म इक ए समथक न धम-िवरोिधय को पिव भिम स बाहर ढकलन का काम श कर

िदया यहा तक िक ब न भी इस सघष म िहसा िलया लोग म कछ ऐसा जनन था िक य गहथ-म क

मोह स ऊपर उठ गया िजसक परणामवप हजार ब को जान गवानी पड़ी

अठारहव शतादी क शआती दौर म इलड म साउथ सी कपनी क थापना क गई इस कपनी क थापना

क बाद िटन क जनता शयर बाजार क ओर आकिषत ई साउथ सी कपनी का शयर जनवरी स मई तक

1285 अक स बढ़कर 550 अक क आकड़ तक पच गया जलाई म एक लबी छलाग लगात ए शयर न

1000 अक क मनोवािनक आकड़ तक को पार कर िलया कपनी क करीब 50 लाख शयर वातिवक कमत

स यादा कमत पर बच गए इस दौरान बत मोटा मनाफा कमाया गया शयर म रकम िनवश करन क होड़ न

दग का प ल िलया सकड़ िगरोह तयार हो गए शयरधारक न मनाफा बटोरन क िलए जमकर शयर बच

मनाफा बटोरन क भड़-चाल म परा िटन शािमल हो गया इस हड़बड़ी म िनवश का माहौल िबगड़ गया और

कछ ही समय म कपनी का शयर 880 अक लढ़क गया साउथ सी कपनी क शयर म अचानक िगरावट स

िनवशक क करोड़ पए डब गए

अमरका म सोन म िनवश क होड़ म भी कछ ऐसा ही आ था मनाफा बटोरन का जबा लोग पर इस कदर

हावी हो गया िक अमरका म स 1913 म दग-फसाद हो गए िजसम 48 लोग को अपनी जान गवानी पड़ी

भीड़ क मागदशन क िलए नता का होना आवयक हभीड़ िगरोह या जन-समह क मागदशन क िलए नता का अतव िनणायक थित को जम दता ह नता क

नतव म लोग सगिठत होत ह भीड़ नता क सलाह क मतािबक काय करती ह नता क िबना भीड़ िकसी िनणय

तक नह पच सकती भीड़ म िववाद पदा होन क सभावना बत अिधक होती ह लिकन िकसी मजबत नतव

क ारा भीड़ को िवकास कयाण और उथान क काय क िलए रत िकया जा सकता ह जन-समह अपन

नता क हर सलाह क ित समिपत होता ह कई मामल म तो जन-समह न नता क सलाह क सामन सरकारी

नीितय और िनयम तक का बिहकार िकया ह य क दौरान नता स भािवत गट न उमीद स यादा

साहस का दशन करत ए 1 सकड म 14 गोिलया दागन तक का कितमान हािसल िकया ह इितहास ऐस कई

उदाहरण स भरा पड़ा ह

भीड़ क रचना िकस कार होती हआज क सामािजक ढाच म भीड़ का महव सवपर ह यह एक ऐसी समया ह िजसक या तो िनदा होती ह

या शसा इसक भाव को समझना बत आवयक ह भीड़ क भावना को एकजट करना आसान नह

होता हर वा इस समया का िनवारण ब-िववक स िनकालता ह भीड़ जटान म सम नता क याित

बत तज रतार स बढ़ती ह वा का कथन जन-समह क िलए सवमाय हो जाता ह

इस उय क पित क िलए जनता क िवचारधारा और जरत को एकजट करना पड़ता ह जनता क

भावना को रत करना पड़ता ह जनता क इछा स यादा महव इछा क कारण का होता ह कारण को

जानन क बाद उय क पित करना आसान हो जाता ह

जनता क भावना को ोसािहत िकए िबना जनता को भािवत नह िकया जा सकता या आप कपना

कर सकत ह िक िम क कला पर िदए गए भाषण न भारी भीड़ जमा करन का काम िकया था स 1914 म

गह िनयम कानन स सबिधत चचा वाद-िववाद और भाषण क लबी खला न भारी जन-समह को अपनी ओर

आकिषत िकया था समान िवचारधारा क लोग को एकजट करन क िलए जनता क आम जरत

महवाकाा भय क कारण और भावना स सबिधत ऐसा सदश तयार करना चािहए िजसम यादा-स-

यादा लोग का भला शािमल हो िकसी एक य क िवचारधारा आम जनता क िवचारधारा को बदलन का

सामय रखती ह एटोनी न सीजर क पतन को कवल रोम क जनता का पतन नह बताया बक परी सि का

पतन घोिषत िकया

lsquoयह मरा या आपका नह बक िव का पतन ह

यह खनी राजोह हम सबक िसर पर मडरा रहा हrsquo

तािलय क गड़गड़ाहट आम तौर पर भावना को दिशत करती ह इस कार दशक सगिठत होत ह दशक

क समथन का अनमान तािलय क गज स होता ह रगमच पर इकी भीड़ न कई गान पर ताली बजाई और

िफर एक कट क िवापन पर कछ लोग न जोर स हसना श कर िदया िदलचप ह िक बाक लोग न भी

िवापन म मौजद हाय को समझ िबना ही हसना श कर िदया लिकन जब लोग को हाय क कारण क

जानकारी ई तो व अपनी मखता पर हसन लग इस कार परा रगमच कई बार तािलय क गड़गड़ाहट स गज

उठा

कई बार कलाकार बोल गए सवाद पर उगिलय को चटकात ए हसता ह पहली प म बठ कछ दशक इस

अदाज पर िखलिखला उठत ह और इसक बाद िथएटर म उपथत बाक दशक खद-ब-खद हसन लगत ह

वा क िलए इन सभी िसात को समझना बत आवयक होता ह और वही वा अपनी अलग पहचान

कायम करन म सफल होता ह जो इन िसात का महव समझ सक मच पर कपट नह िकया जा सकता

दशक दर-सवर वा क वातिवक ितभा को जान ही जात ह स नता और ढगी क बीच काय-णाली एव

अदाज नह बक िसात का अतर होता ह महा-स-महा वा म जनता क वातिवक भावना को

समझन क िजासा होनी चािहए मच पर छल-कपट स दशक को आकिषत नह िकया जा सकता इसक िलए

वातिवक ितभा आवयक होती ह

आपस म बट दशक म उसाह क लहर उप करन क िलए दशक क पसद क मतािबक अलग-अलग

िवचार तत नह िकए जा सकत दशक को एकमत जन-समह म परवितत करन क िलए एक मजबत

िवचारधारा क आवयकता होती ह िवशष यान रखना चािहए िक सभी दशक एक-दसर क आस-पास बठ ह

िबखर ए दशक क गट को सगिठत करना मकल होता ह रोम क सट पीटर म जमा ई लाख समथक क

इधर-उधर िबखरी भीड़ को वय ईसा मसीह स सबिधत भाषण क ारा भी एकजट नह िकया जा सका था

भावना स रत सावभौिमक िवचार भीड़ को इका करन का काम करत ह उदाहरणतः वतता चर

पिवता शौय भाईचारा परोपकार दश और जननायक जॉज कोहान न हायनाटक म झड क गणगान स

सबिधत गान जोड़कर नाटक म चार चाद लगा िदए इस योग स कोहान को काफ मनाफा भी आ ॉमवल

क सना य स पहल ाथना करती थी एव नार क साथ दसरी सना पर हमला करती थी स 1914 म ास

क सना न अलग-अलग मोच पर एक िनत गीत क साथ जमन सना पर आमण िकया ऐसा महसस होता

था िक हर मोच पर अलग टकिडया नह बक एक ही य हमला कर रहा हो इस कार क योग स

भावना को जम िदया जाता ह सिनक म उसाह िलत िकया जाता ह यकनन उसाह स भरपर सना क

ताकत दोगनी हो जाती ह

26

पख वाल घोड़ क सवारीिवचार करना और महसस करना मानव क बौक श क दो महवपण तव ह इन तव स तक और कपना क योयता का उदय होता ह

mdashइसाक िडजराइली बजीवी य का सािहयक चरकपना मागदशन का ोत होती ह समझ स पर क चीज का यायान लखक क कलम करती ह लखक क कलम िवचार को आकार दती ह

उसम जान फकती ह िवचार को थान िवशष स जोड़ती ह उस नाम दती ह

mdashशसपीयर मय ीमmdashराि वन

जीवन क उपयोिगता का अययन करनवाल बजीवी अकसर साधारण और मािणत िवचार स आग सोचत

ह इन लोग क िवचार कपना स रत होत ह इनक सहन-श अतय होती ह एमरसन न कहा ह lsquoिवान

को नह मालम िक वह कपना का िकस तर तक ऋणी हrsquo इस महा िवचार को िकसी सािहयकार या किव

क िवचार मानकर अनदखा िकया गया लिकन नपोिलयन का जनता को सगिठत करन क उय स कहा गया

वाय lsquoमानव जाित का िवकास कपना क आधार पर आ हrsquo सटीक माना गया

याद रह मानिसक छिव तयार करन म मतक क एक िहस का महव पर मतक स यादा हो सकता ह

यह भी सही ह िक मतक क इस िहस को अय महवपण िहस क साथ सबध थािपत करना चािहए

लिकन सवाल यह ह िक मतक क इन िहस और परज क पहचान कस क जाए कस पहचाना जाए िक

इनसान को खश रखन और मानवता क भलाई म िकस िहस को योग म लाया जाता ह इसक जानकारी क

िलए अयाय म आग क जानवाली चचा बत महवपण ह

1 कपना या ह

परभाषा पर यान न दकर हम यह समझत ह िक हर य म कपना-श िभ होती ह लिकन कपना

वातव म ह यामानिसक श क ारा िकसी िवचार को आकार दन क ितभा को कपना माना जाता

कपना स सबिधत िवचार वातिवक प स कित का िहसा होत ह या िफर मा कपना होती ह अथा

ऐसी कपना िजसक अतव का कोई माण ही उपलध नह ह इसक अलावा कपना इन दोन थितय का

िमण भी हो सकती ह यह वातिवक या आयामक भी हो सकती ह िवचार क मायम स उप कपना

यायसगत भी हो सकती ह और याय-िवरोधी भी

सबस पहल हम यह समझना होगा िक कपना िवचार क एक िया ह यह पण प स बौक योयता पर

आधारत नह होती इसिलए सवथम इस कछ इस कार समझना होगाmdash

1 कपना क पनपिसनन समझन चखन सघन जसी िया म एक सवदना का अनभव होता ह िजसक मायम स हम

परणाम तक पचत ह लिकन इस सवदना क पनपि िबना मायम क नह क जा सकती ह इसक िवपरीत

कापिनक थित क पनपि समान पता क साथ क जा सकती ह

इस न का अययन करनवाल वा क िलए सबस बड़ी उलझन यह ह िक या सभी लोग म कपना क

श समान होती ह यिद नह तो इसक या वजह ह किवता क सदश और भावना को समझन म अयोय

य किव नह बन सकता इसक िवपरीत कपना क अतय मता रखनवाल कई ऐस भी लोग ह जो इस

ितभा का महव ही नह समझत और इस यथ मानत ह इन लोग क िलए सलाह हmdashकपना क ाकितक

ितभा को जा करन क कोिशश कर इस कार ितभा स सबिधत कई गढ़ सवाल का हल िनकल सकता ह

कवल यह जानन क आवयकता ह िक कपना का परणाम िकतना िहतकारी और िवसनीय ह

िसस गटन न कहा ह lsquoासीसी लोग म कपना क असीम श ह बड़-बड़ समारोह क भयता और

िनपणता ासीसी लोग क कपना क सबस बड़ उदाहरण ह इसक अलावा कपना-श क िवशष भाव

का आकलन ास क असाधारण नीित और कटनीितय स िकया जा सकता ह इसी कड़ी म ास का तकनीक

िवकास भी एक महा उदाहरण हrsquo

िशण क िलए कपना क अित महवपण छह िसात का अययन करत ह और समझन क कोिशश

करत ह िक मतक म इनक उपि िकस कार होती ह

कपना-श का सबस आम िसात हmdash(अ) कपना क ारा छिव तयार करना परानी बात को आसानी स याद करनवाल ब क िवषय म

मनोवािनक का मानना ह िक ऐस ब घटना क मानिसक छिव बनान क योयता रखत ह अपन आस-

पास घटनवाली घटना क मानिसक छिव बनान का अयास किजए जािहर तौर पर आपक याददात बढ़

जाएगी इस अयास स चमकारी तौर पर घटना क कई वष बाद भी घटना स सबिधत सभी अहम पहल को

आसानी स याद िकया जा सकता ह

(आ) घटना स सबिधत वर आवाज आिद क कापिनक छिव तयार करना इस िविध स भी घटना को प

प स याद रखन म सहायता िमलती ह आख बद किजए और सबकछ भलकर पहािडय स टकराती हवा क

आवाज पर यान कित किजए रसी क मता स यादा वजन लटकान स धीर-धीर रसी टटन लगती ह

रसी टटन क आवाज को यान स सिनए घटना स सबिधत आवाज िनत तौर पर घटना क म को थािपत

करन म सहायता करती ह

(इ) गित स सबिधत याददात को आवाज क मायम स बनी छिव क िसात का िनकटतम ितयोगी माना

गया ह या कभी आप िकसी भयानक घटना आवाज या तज रतार क भय स रात म अचानक सोत ए उठ

ह या नदी म तज गित स बहती नाव म फस होन का अनभव बार-बार भयभीत करता ह या तज रतार स

चलती रलगाड़ी क अचानक क जान क घटना अकसर याद आ जाती ह यिद हा तो यह भी िनत ह िक

िकसी घटना स सबिधत असाधारण रतार भी यादगार क अहम वजह हो सकती ह

(ई) वाद भी यादगार क अहम वजह होती ह िबना चख नब क वाद क खटास का अनभव िकया जा

सकता ह िकसी दावत क मौक पर खाए गए वािद यजन का वाद कभी भी मह म पानी ला सकता ह इसी

कार िकसी बवाद और कड़वी दवा स जड़ी याददात जायका खराब करन का काम कर सकती ह

(उ) महक स सबिधत यादगार भी बत महवपण होती ह िकसी िवशष महक का अनभव य को बचन

कर सकता ह िकसी वािद यजन क जानी-पहचानी खशब जहा मह म पानी भर दती ह वह िकसी दगध

का अनभव य को उलटी करन तक को िववश कर सकता ह

(ऊ) पश क ारा भी यादात को ताजा िकया जा सकता ह पश का अनभव िजतना करीब स होता ह

उतनी ही तजी स याददात ताजा हो जाती ह या िकसी ब क कोमल हाथ क पश न आपक सतान क

बालपन क याद िदलात ए शरीर म झरझरी पदा करन का काम िकया ह या लोह क दरवाज को छन स कभी

करट लगा ह यिद हा तो वाभािवक तौर स लोह का दरवाजा दखत ही घटना ताजा हो जाएगी और आप सचत

हो जाएग

याद रखन योय ह िक इस कार क तमाम अनभव याददात का िहसा होत ह कई बार तो घटना का परा

म ब याद रह जाता ह या कभी जगल म घमत समय िकसी िशकारी क गोली कान क पास स सरर करती

ई िनकली ह यिद हा तो वह सरसराहट आप कभी नह भल सकत दरअसल असाधारण अनभव साधारण

अनभव क मकाबल यादा याद रहत ह

2 उपयोगी एव लाभकारी कपनाअब तक पश िकए गए सभी उदाहरण और योग क जरए कपना क पनपि को दरशाया गया ह

कपना क पनपि का अनभव आनददायक या िफर डरावना हो सकता ह जीवन म इन अनभव का बत

महव होता ह लिकन कपना क पनपि का महव वय तयार क गई उपयोगी कपना क मकाबल बत

कम होता ह

वय तयार क गई कपना अनठी होती ह ऐसी कपना म नयापन होता ह जो आम आदमी का मन मोह

लता ह अपन सपन क कपना को आकार दन क कोिशश किजए िनत प स परणाम बत आकषक

हग याद रह िक आयजनक खोज का आधार सपन ही होत ह राइट बधय का आसमान म उड़न का सपना

ही हवाई जहाज क िनमाण का आधार बना था

अतः सािहयकार लखक किव वा इयािद सपन क महव को भलीभाित समझत ह इनक िलए हर सपना

रणा का नया ोत होता ह एक महवपण तय पर यान दन क आवयकता हmdashकपना मानव मतक क

सबस बड़ी सपि होती ह सही उय स रत कपना जन-कयाण क नीितय को जम दती ह बायकाल

म ब का ताजा िदमाग कपना क मायम स ही िवचार करता ह अतः ब क िवचार क श को महव

दना आवयक होता ह ब म वातिवक और अवातिवक चीज का भद नह होता ब परी उड़नवाला

घोड़ा टॉिफय का शहर जस कई िवचार को सय मानत ह लिकन िशित एव अनभवी य आसानी स

वातिवकता और अवातिवकता क भद को समझ जात ह

ब क बाधा-रिहत िवचार का बहाव िबना ईधन स चलनवाल पानी क जहाज क कपना कर सकता ह

लिकन िशित य जहाज बनान क वचारक िया म सभी पहल पर यान दता ह और इस िया म

मौजद किठनाइय स हतोसािहत होकर कपना को ठड बत म डाल दता ह

शतरज का खल योा क रणनीित यािमतीय िसात यापारक योजनाए कारखान म िफजलखच

घटान का िवचार िकसी महा नाटक क िनदा आिथक बाधा स िनपटन क य उम किवता क रचना और

दशक को भािवत करन क योजना उिचत कपना क ारा ही परी क जा सकती ह फसल म कवल बीज

दखनवाला िकसान अ का उपादन नह कर सकता कवल कपना क पनपि क योयता स सत नह

होना चािहए वय क िवचार और कपना यादा महवपण होत ह lsquoया हrsquo क सोच क मकाबल lsquoया हो

सकता हrsquo क िवचारधारा यादा कारगर होती ह

2 भाषण क दौरान कपना का उपयोग

इस अयाय म कपना स सबिधत चचा स प हो गया ह िक िकस कार वा कपना-श क इतमाल

स दशक को भािवत कर सकता ह लिकन कछ िवशष परथितय म इस ितभा क उपयोग क जानकारी

कराना आवयक ह

1 भाषण क दौरान कपना का उपयोग(अ) भाषण तयार करत व दशक क उपथित क कपना किजए हालािक ऐसा करन म िनराशा हावी

हो सकती ह लिकन आमिवास क मायम स िनराशा पर काब पाया जा सकता ह भाषण तयार करत व

दशक क सया मच क भयता दशक क शिक तर वभाव भाषण क उपलय और बाक वा क

उपथित क जानकारी हो तो जािहर तौर पर भाषण को परथित क मतािबक ढाला जा सकता ह

(आ) भाषण क सभी िहस को तयार करत व भाषण क सपणता को सदा याद रख भाषण क िकसी भी

िहस म मामली सा भटकाव भाषण क भाव को न कर सकता ह इसक अलावा भाषण म तत िकए

जानवाल िवचार का म सही एव सटीक होना चािहए

(इ) भाषण क दौरान इतमाल क जानवाली भाषा-शली का चयन भी बत महवपण होता ह भाषा का

चयन दशक क मतािबक होना चािहए उदाहरण क तौर पर अित िशित दशक क सम इतमाल क

जानवाली भाषा का इतमाल छा क बीच नह िकया जा सकता

याद रह िक कपना-श स भाषण म िविवधता आती ह यिद भाषण म ताजा उदाहरण और सझाव क

कमी ह तो भाषण िबना फल क बगीच जसा नीरस हो जाएगा

ओ हनरी क कथा lsquoद हारिबजरrsquo म इतमाल िकए गए ताजपन और वाातय पर यान दीिजए

उदासहीन मौसम क बीच जब दहाती इलाक म वसत ऋत क आहट को महसस िकया जाता ह उस व

शहरी जीवन म हरयाली क कपना तक नह क जाती शहरी य उस व नात क मज पर अड और

डबल रोटी का वाद ल रहा होता ह चारदीवारी क बीच उस मौसम म बदलाव का अहसास तक नह होता

अखबार क प पलटत व कह िलखा िदखता ह िक वसत आन वाला ह लिकन अफसोस इसका अहसास

उस तब भी नह होता

बत तीण ानिया ही वसत ऋत क आहट महसस कर सकती ह साधारण य को इसका अहसास नह

होता इस समया क िनवारण क िलए एसोिसएट स न एक य तयार क ह

हसक म लाल गलवाल एक पी का कजन बिनगटन म िचनार क व का लहराना सायरस क मय

सड़क पर घास क उपज नीलकठ का चहचहाना बख और हस क बीच उजना सट लइस का सालाना

तफान जगली हस का सालाना आवागमन दवा िवता का मलरया क दवा क कमत को बढ़ान क

कोिशश करना िकसी ऊच व पर िबजली का िगरना मौज-मती क िलए बाहर स आए लोग का जमावड़ा

निदय म जमी बफ का चटकना और घास क मदान म बगनी फल क िखलन को वसत ऋत आन क आहट क

तौर पर जाना जान लगा ह शहरी लोग क िलए यह सकत वसत ऋत क आगमन क पहचान करवात ह जबिक

िकसान को इन सकत क जरत नह होती वह तो हवा म बदलाव स ही वसत क आगमन को भाप लत ह

मौसम म बदलाव क यह सभी बाहरी सकत ह असल सकत तो मन स महसस िकए जात ह टीफन क िलए

कोला और माइक क िलए मगी खान क इछा ही वसत का आगमन होती ह िकसी लखक न कहा ह िक आज

क दौर म शहरी लोग क िलए अखबार वसत ामीण लोग क जानकारी स पहल ही ल आत ह परान समय म

म क लालसा का भाव वसत क आगमन का सकत आ करता था

2 भाषण क दौरान कपना

भाषण क दौरान बोलन क धन सवार होन लग बोलन म वाभािवकता और सरलता महसस होन लग तो मान

लीिजए िक अब लोहा गरम ह ऐस मौक पर भावी िवचार बत आकषक हो जाता ह िदलचप ह िक ऐस

मौक पर कपना-श बढ़ जाती ह

ऐसी थित म यान रहmdash

(अ) परान भाव को याद कर तथा इसक अलावा कछ और न सोच कलाकार सवाद को दोहरात व परान

भाव को तत करन म सम होता ह इसी कार वा को भी इस कला म िनपण होना चािहए

(आ) िवचार स सबिधत य को वातिवक प म याद करना चािहए

(इ) य क बारीिकय को याद किजए और ततीकरण क दौरान वर क उतार-चढ़ाव का खयाल

किजए इस कार यायान क भाव म समानता बनी रहगी lsquoशराब स घर बरबाद होता हrsquo जस उदाहरण को

सामाय तौर पर पश मत किजए इस उदाहरण को भावशाली बनान क िलए शराब क कभाव पर रोशनी

डािलए जसmdashशराब स पस और सहत क बरबादी होती ह शराब क नश म य घर पर लड़ाई करता ह

गाली-गलौज करता ह और ब को िबना वजह मारता ह इसी कार य क रता क यायान क िलए

सिनक क कट हाथ-पर घायल सिनक का पानी क िलए कराहना सिनक क लाश पर िवधवा का िवलाप

और ब क असहाय हालत का िचण करना चािहए ऐस मौक पर सामाय बोलचाल क िविध भावशाली

नह होती घटना का भावामक िचण करन क आवयकता होती ह िचण कछ ऐसा होना चािहए िक दशक

आसानी स यायान क जरए खद िचण कर सक इस कार दशक सीध वा क भाव स जड़ जात ह

3 कपना क अयास क कला अिजत करना

उस अमरकन राजनता क बात जर याद होगी िजसन कहा था lsquoिकसी काय को पनः आरभ करन क िलए

उस पनः आरभ करन क ही आवयकता होती हrsquo इस िसात का योग प होता ह

इस अयाय क साधारण समीा स शआत किजए वय क कपना-श का आकलन किजए एक-

एक कर कई कार क कपना का अयास किजए इसक बाद घटना क वजह को कपना म शािमल

किजए कई कपनाए बत उलझी होती ह जसmdashकई आवाज का िमण लोग क यादा तादाद एक क

बाद एक तजी स घटनवाली घटनाए व हादस इयािद ऐसी थित म पता क ओर जान क कोिशश किजए

कपना क पनपि क अयास क बाद वय कपना का अयास किजए कपना क सभी पहल का

ताना-बाना बनन का अयास किजए सभी उलझन को दर करन क ितभा का िवकास किजए

इसी क साथ खद को आकड़ क भाषा बोलन म िनपण बनाइए िकसी घटना को अलग नजरए स समझन

और उसका सही आकलन करन का अयास किजए िनकष यह ह िक इसस पहल कपना य पर हावी हो

अयास क ारा य को कपना-श पर हावी हो जाना चािहए

27

शदकोश का िवकासपतग उड़ात व लड़क सफद पख क िचिडय को चनौती दत ह

लिकन शद क बौछार क दौरान ऐसा नह िकया जा सकता

lsquoआग स चौका रहना चािहएrsquomdashहम जानत ह यह अछी सलाह ह

lsquoशद को यान स चिनएrsquo यह दस गना यादा अछी सलाह ह

िवचार को कट न करन स सभवतः धीर-धीर उनका अत हो सकता ह

लिकन मह स िनकल शद का अत वय ईर भी नह कर सकता

mdashिवल कालटन द फट सटलस टोरी

lsquoशदकोशrsquo एक सामाय शद ह लिकन इसका िवशष महव होता ह रोजमरा क भाषा म शदकोश क

अिधकतर शद का उपयोग िकया जाता ह और इह शद क उपयोग स नए शदकोश का िवकास होता ह

उपयोग क आधार पर िवकिसत शद का िवशष महव होता ह य ऐस शद होत ह िजनका उपयोग अय

भाषा म भी िकया जाता ह और वहा भी इनका उपयोग िवशष महव को दरशान क िलए ही होता ह

इस कार दशक क सम भाषण तत करन क योयता रखनवाला य िकसी किव सािहयकार

लखक वािनक या दाशिनक स कम नह होता य लोग सामाय तौर पर शद क कोश को बढ़ात रहत ह य

लोग शद क ऐस समह का िवकास करत ह िजसस िकसी िवशष थित को समझन और समझान म सरलता

होती ह lsquoभावशाली वा पर िकए गए अययन स पता चला ह िक वा को श यापकता िवतार

रतार हरकत रग ऊजा इयािद का भाव दरशानवाल शद स यादा लगाव होता ह वा िविभ भावना

को दरशानवाल शद का भी योग पसद करत ह वा यायान करनवाल शद सा क साथ उपयोग म

आनवाल गणवाचक शद और उपय उपािध दरशानवाल शद का वतता स इतमाल करत हrsquo

नोस बनान क आदतशद क पणता समझन क िलए तीन बात का खयाल रखना चािहएmdashशद क िवशष और िवतत अथ को

समझना अय शद क साथ सबध को समझना और शद क उिचत उपयोग को समझना जब िकसी शद क

जान-पहचान उपयोग को िकसी अनजान भाव क साथ सना जाता ह तो उस कह िलख लना चािहए और उसक

िवशष उपयोग को गहराई स समझना चािहए उन वा स रणा लनी चािहए जो िनरतर शदकोश का

िवकास करत रहत ह और हर नए शद क ित िजासा रखत ह नए शद को जानन और समझन क िजासा

स शदकोश म िनरतर व होती ह िकसी भी नए शद का पाच बार योग किजए िनत तौर पर शद

आपका हो जाएगा ो ई हकॉक न कहा ह lsquoलखक का शदकोश दो कार का होता हmdashसिय और ग

ग शद व होत ह िजनका अथ लखक भलीभाित समझता ह जबिक सिय शद को लखक सरलता स

य करता ह हर कशल य को इतमाल म लाए जानवाल सभी आवयक शद क जानकारी होती ह

लिकन मौक पर इन शद को याद करना आसान नह होता ग शद को सिय तौर पर इतमाल करन क

कला अयास स आती हrsquo अथा सिय शदकोश को िवशष तौर पर तयार करन क आवयकता होती ह

lsquoकॉलज मगजीनrsquo क िलए िलख गए िनबध क एक अयाय lsquoयाददात और िचणrsquo म टीवसन न बखबी

दरशाया ह िक िकस कार शद क नकल का अयास खद क अदाज म तदील हो जाता ह उहन खद क

सािहयक अदाज िवकिसत होन का उदाहरण िदया ह टीवसन क अनसार शद अदाज िवकिसत करन क

िलए क माल का काम करत ह यह उदाहरण वा क िलए काफ उपयोगी िस हो सकता ह शद का

तलनामक भाव शद क अथ स यादा महव रखता ह

lsquoजब भी म िकसी पसदीदा िकताब या िकताब क ऐस अश को पढ़ता िजसक सदश का औिचय प होता

ह या पता का अभाव होता ह अथवा िफर िवशष अदाज होता ह तो म कछ दर क िलए बठ जाता और

उस अदाज को खद म उतारन का अयास करता म कई बार नाकाम रहा लिकन मन कोिशश कभी नह

छोड़ी म कोिशश क बावजद नाकाम रहा कई बार तो मझ नाकामी क अलावा कछ हािसल ही नह आ

लिकन नाकामी भी कछ-न-कछ जर िसखाती ह कछ ऐसा जो कामयाबी नह िसखा सकती

lsquoअतः मन हलट लब वसवथ सर थॉमस ाउन हॉोन और मॉटगनी क नकल उतारना सीखनवाल

वानर क तरह परम िकया ह

lsquoपसद आए या न आए लिकन सीखन का मल म तो यही ह चाह फायदा िमल या न िमल सीखन का

एकमा राता तो यही ह यही वह तरीका ह िजसस कस न सीखा और इसम कोई दो राय नह िक सािहय क

िलए कस स बहतर नजरया हो ही नह सकताrsquo

शदकोश सह का उपयोगिकसी शद क अथ क जानकारी क िलए कवल सामाय ान स सत नह होना चािहएmdashगहन अययन क

ारा शद क महव और इतमाल पर िनपणता हािसल करनी चािहए शआती दौर म भाषा का बहाव तछ

तीत हो सकता ह लिकन भाषा क शता को हमशा सराहा जाता ह शदकोश पतका म शद िवशष का

ान िछपा होता ह महा लखक शदकोश पतका क महव क उपा नह करत और न ही शद क

सवमाय परभाषा पर सवाल उठात ह

इसक अलावा पयायवाची और िवलोम शद स सबिधत पतक का सावधानी स अययन किजए भाषा म

शद क सटीक पयायवाची कई बार यादा भावशाली होत ह चोर चक गबनकता धोखबाज लटरा डाक

समी डाक जस शद म िछप भाव क बारीिकय पर यान दीिजए या िफर यदी िजऊ और इाइलवासी

शद क अतर को समझन क कोिशश किजए याद रह शदकोश पतका क िबना पयायवाची पतक का

कोई महव नह होता डॉ ािसस ए माच ारा िलिखत lsquoअजी भाषा का िथसोरसrsquo िवतत जर ह लिकन

इसम पणता और भव शािमल ह बाजार म पयायवाची और िवलोम शद स सबिधत पतक क भरमार ह

अतः यान रख िक सटीक एव मािणत लखक क पतक ही चनी जाए

भाषा को जोड़नवाल शद क जानकारी भी बत महवपण होती ह भाषण दत व और अथवा कब

जब तब अथा इयािद शद क गलत इतमाल स बहाव टट जाता ह

शद क उिचत इतमाल स भाव बढ़ता ह दिनया क सभी भाषा क शदकोश का िनरतर िवकास हो

रहा ह सभी भाषा म िवदशी शद समिलत िकए जात रह ह और यह िया आज भी जारी ह दरअसल

इसी कार भाषा का िवतार होता ह

महावर और कहावत स सबिधत पतक क अययन स ात होगा िक आज क भाषा-शली म िकस कार

सदश क अथ को अनथ म तदील कर िदया गया ह अथा भाषा स सबिधत सभी शिलय का गहन अययन

आवयक होता ह

शद क अथ क जानकारी रखनवाल स चचाभाषण-शली म आम तौर पर रोजमरा म इतमाल क जानवाली भाषा का इतमाल होता ह इस कार दशक

स सबध थािपत करना आसान हो जाता ह अतः वा को भाषा और शद क जानकारी रखनवाल

बजीिवय क सपक म रहना चािहए िकसी शद क महव पर िकया गया वाद-िववाद िनसदह सकारामक

परणाम पर खम होता ह ऐस वाद-िववाद स शद क बारीिकय क जानकारी िमलती ह शद क अथ को

गहराई स समझनवाल वा क यव म वजन वाभािवक तौर पर महसस होत लगता ह

सटीक शद खोजन म ईमानदारी बरतनी चािहएपतक क गहन अययन स पतक का महव तीन गना बढ़ जाता ह शदकोश को रोजाना िदए गए दस

िमनट चमकार कर सकत ह लॉबट न कहा ह lsquoम अपनी लखन-शली स िचड़िचड़ा होन लगा rsquo lsquoम ऐसा

य जो सगीत का आनद तो उठा सकता ह लिकन वॉयिलन पर सगीत पदा नह कर सकता म मतक म

धन सोच तो सकता लिकन वातव म बजा नह सकता दरअसल धन तयार करन का सामय मझम ह ही

नह इस कार बचार क आख स आस टपकन लग और हाथ स वॉयिलन नीच िगर गयाrsquo

ास क इसी िवा पष न यह भी कहा था lsquoय जो भी कहना चाहता ह या जो भी भाव य करना

चाहता ह उस य करन क िलए कोई-न-कोई शद जर होता ह िकसी एक िया स उसका िचण िकया

जा सकता ह कवल एक गणामक शद उस परभािषत कर सकता ह आवयक ह िक उस शद क खोज क

जाए ऐस शद क खोज तक शाित स नह बठना चािहएrsquo

वॉटर सवज लडोर न िलखा ह lsquoमझ गलत शद स नफरत ह शद का इतमाल बत सावधानी क साथ

करना चािहए गलत शद बोलन क मकाबल चप रहना यादा अछा होता हrsquo जस एस बरी न अपन

उपयास का शीषक उपयास क नायक lsquoटॉमीrsquo क नाम पर रखन का फसला िलया उहन िलखा िक उपयास

का नायक टॉमी लखक क जगह शर बन जाए तो कोई आय नह होगा

टॉमी न अपन एक िम क साथ lsquoिगरजाघर म एक िदनrsquo नामक शीषक पर िनबध िलखन क िलए कल

ितयोिगता म िहसा िलया वह िनबध क िवषय म लगातार बोलता रहा और िफर शद क अभाव क कारण

अचानक चप हो गया लगभग एक घट तक वह सटीक शद क खोज करता रहा तभी उस पता चला िक

िनबध िलखन का िनधारत समय खम हो गया ह और वह ितयोिगता हार चका ह बाक यायान बरी क

जबानी सिनएmdash

िनबध वह कोई िनबध ही नह था ऐसा लग रहा था िकसी पड़ क नाम पर कवल टहनी पश क गई हो

िनबध क दसर प पर सबकछ अचानक ठहर गया था हा ठहराव एकदम सही भाव ह टॉमी क पास िनबध को

आग बढ़ान का कोई राता नह था वह अचानक ठहर गया जस कह बरी तरह फस गया हो

शद क कमी क वजह स टॉमी को जनता का ितरकार सहना पड़ा कौन स शद अयापक न

िचड़िचड़ाहट क साथ टॉमी स सवाल पछ तम िकन शद क खोज म अटक गए थ लिकन वह िफर भी नह

बता सका वह िकसी ऐस शद क तलाश म था िजसस यह प हो जाए िक िगरजाघर म िकतन लोग मौजद

थ वह शद बार-बार उसक जबान पर आ रहा था लिकन सभी यास िवफल सािबत ए जन-समह उसक

जहन म चल रह शद क काफ करीब था लिकन िफर भी इस शद स उस अपन भाव कट करन म असिवधा

महसस हो रही थी वह घट तक आख झपकाता रहा सही शद क तलाश म घट सोचता रहा लिकन कवल

िनराशा हाथ लगी

सभी अयापक बत नाराज थ एक अयापक न िचात ए कहा lsquoअर बवकफ एक शद क िलए तमन

िनबध िलखना छोड़ िदया जन-समह क भाव को कट करन क िलए दजन शद ह तह इसक अलावा कोई

भी शद याद नह आया या तम जन-सलाब याrsquo

टॉमी न तरत जवाब िदया lsquoम जन सलाब शद क ही खोज कर रहा था कसम खाता यही वह शद हrsquo

अयापक न कहा lsquoलिकन जन सलाब का इतमाल िगरजाघर क िलए कस िकया जा सकता ह जन सलाब

का मतलब ह िक लोग शाित स नह बठ थ बक मखय क तरह इधर-उधर िभनिभना रह थrsquo

तभी अधीरता क साथ एक अयापक न कहा lsquoइस शद का अथ सटीक हो या न हो यिद कोई और शद

याद नह आ रहा था तो इसी का इतमाल िकया जा सकता था िनत तौर पर िनबध िलखत समय उसी शद

का इतमाल करना चािहए जो सबस पहल िदमाग म आएrsquo

टॉमी क ितयोगी मक न फट स कहा lsquoमन िबलकल ऐसा ही िकया थाrsquo

अयापक िम लॉग न कहा मक न lsquoभारी भीड़rsquo शद का इतमाल िलया जो अछा एव साथक शद हrsquo

टॉमी न िफर जवाब िदया lsquoमन भी lsquoभारी भीड़rsquo शद क बार म सोचा था लिकन इसस महसस होता ह िक

िगरजाघर म पर रखन तक क जगह नह थी म िकसी बीच क शद क तलाश कर रहा थाrsquo

एक और अयापक न कहा lsquoतो िफर कवल lsquoभीड़rsquo शद का इतमाल िकया जा सकता थाrsquo

टॉमी न जवाब िदया िक lsquoभीड़ स कछ कम लोग का आभास हो रहा हrsquo

lsquoमख तो िफर lsquoजन-समहrsquo शद म या खराबी थीrsquo

lsquoनह जन-समह भी पया शद नह हrsquo

lsquoम जन-समह और जन-सलाब क बीच क शद क खोज म थाrsquo

िम लॉग न िनराशा क साथ हाथ झटकन श कर िदए

वहा मौजद धानायापक जो काफ दर स टॉमी क ओर शसा क भाव स दख रह थ बीच म बात काटत

ए बोल lsquoतो इसम तो म का थान ही नह ह तम lsquoजन-सलाब जसी थितrsquo या िफर lsquoआम भीड़ स कछ

यादाrsquo शद समह का इतमाल कर सकत थrsquo

वहा पर मौजद बाक अयापक न समथन क साथ कहा lsquoहा य नह यह एकदम ठीक हrsquo

टॉमी न जवाब िदया lsquoलिकन मझ कवल एक शद क आवयकता थीrsquo

अयापक लॉग न कहा lsquoिकसी सही और सटीक शद का चयन करना आसान होता ह मझ इसम खास

मकल नजर नह आ रही हrsquo

टॉमी न कहा lsquoऐसा नह ह यह उतना ही मकल ह िजतना पथर स िगलहरी को मार िगरानाrsquo

धानायापक न टॉमी क इस तक का समथन िकया

इसक पा एक िविच घटना घटी घर जान स पहल (अयापक एक बार टॉमी को कान पकड़कर का

स बाहर िनकाल चका ह) टॉमी न धीर स दरवाजा खोलत ए का क भीतर झाका झाकत समय टॉमी क चहर

पर आय का भाव था और आख म आस झलक रह थ उसन उसाह क साथ िचात ए कहा lsquoमझ वह

शद िमल गया ह वह शद अचानक मर िदमाग म आया वह शद ह रला हा िगरजाघर म लोग का रला

लगा थाrsquo

टॉमी क बात सनकर धानायापक सता स िखल उठ उहन मन-ही-मन कहा lsquoयह छा लगातार

सोचता रहा और अत म सही शद तक पच ही गया यह छा िकसी िवा स कम नह हrsquo

28

मरण-श का िशणमतक क िविभ िहस म साटा रहता ह

हमार िवचार कई किडय स जड़ होत ह

एक िहस क जागित स हजार िवचार जम लत ह

िवचार आएग और उड़ जाएग यही िया चलती रहगी

जय हो याददात क जय हो यह कभी न खम होनवाला खजाना ह

वष बाद भी याददात बरकरार रहती ह परानी याद ताजा होती रहती ह

िवचार और िवचार क साथ जड़ा िचतन कभी भलाया नह जा सकता

याददात पर घटना स सबिधत थान और समय का सदा अिधकार रहता ह

mdashसयअल रोजस याददात का सख

ठाकर जस कई महा वा न भाषण क सबस महवपण िहस क रचना मच स घर लौटत व क ह

माक न न अकसर घटना क नजाकत का सही अथ घटना-थल स िनकल जान क बाद समझा ह मौक पर

सही आकलन न कर पान क योयता स कई वा परशान रह ह

लीवरपल म महा भाषण तत करनवाल वा हनरी वाड बीचर क सबस बड़ी योयता ही यह थी िक वह

कभी कछ नह भलत थ उनक याददात सदा ताजा रहती थी बीचर न कहा ह िक भाषण दत व िवषय स

जड़ी सभी घटनाए वाद-िववाद एव अपील याद रहती ह अतः भाषण दत व बीचर उदाहरण क झड़ी लगा

दत ह उनक मतक म उदाहरण ऐस पच जाता ह जस दव म क ारा िदय अ का आवाहन िकया

जाता ह बन जॉस अपन ारा िलख गए िकसी भी िवचार वाय िनबध इयािद को दोबारा ब िलखन क

योयता रखत थ किलजर न तीन हत म सपण lsquoइिलयडrsquo कठथ कर ली थी लॉस न कहा ह lsquoिबना

याददात क मनय एक ब क समान होता हrsquo अरत न याददात को बौक श का पमाना बताया ह

इसम कोई दो राय नह ह िक अछी याददात वा क िलए वरदान क समान होती ह लिकन या िवचार

अनभव पढ़ाई इयािद ारा हािसल क गई जानकारी को याद करन का अयास भी िकया जा सकता ह यिद

हा तो िकस कार जानन क कोिशश करत ह

बीस साल पहल एक अनाथ ब न ययॉक क एक होटल म बरतन माजन का काम श िकया इसी दौरान

पढ़न म उसक िच जा हो गई और उसन हनरी जॉज क लख lsquoतर और िनधनताrsquo का अययन िकया

इस कार ान क िलए उसक िजासा बढ़ गई वह पढ़न का आदी हो गया लिकन उस अहसास आ िक वह

पढ़ा आ भल जाता ह तो उसन वय ही अपनी याददात बरकरार रखन का अयास श कर िदया इस कार

वह बा दिनया का सबस महा याददात िवशष बना इस महा य का नाम व फिलस बरोल ह

बरोल दिनया क िकसी भी शहर म रहनवाल लोग को उनक पाच हजार मल िनवास-थान क बार म बतान क

योयता रखत थ उनको िकसी सभा म िमल चालीस लोग का नाम याद रहता था हरत क बात ह िक वह

िमलन का म भी याद रखत थ यानी कौन पहल िमला कौन सातव दसव पहव या िफर चालीसव म म

िमला उह इितहास क सभी महवपण तारीख याद थ खास ह िक वह िविभ तारीख का एक-दसर स सबध

भी थािपत कर सकत थ

याददात म म क िलए जगह नह होती याददात का सटीक होना अयत आवयक होता ह वा क िलए

याददात क भिमका अहम होती ह खास ह िक याददात को मजबत करन का अयास िकया जा सकता ह

या नह करना चािहएशद को र ारा याद करन का कोई लाभ नह होता इस कार शद का पहाड़ तयार होता रहता ह नए

शद याद रहत ह लिकन परान गायब हो जात ह अफसोस िक िवालय म भी इस िया का इतमाल िकया

जाता ह अतः िकसी चीज को याद रखन का यह िसात वाभािवक महसस होन लगता ह लिकन हककत म

इस िया स मतक को हािन पचती ह इसम कोई दो राय नह िक कछ य िवलण ब क साथ

जम लत ह ऐस लोग क याददात बत तज होती ह लिकन सभी इस िवशषता क साथ जम नह लत

िनराश होन क जरत नह ह यिक इस ितभा को अयास क ारा हािसल िकया जा सकता ह

शारीरक क और मानिसक उलझन क व भी याददात पर जोर डालना हािनकारक होता ह वथ शरीर

ही उम मानिसक िया को जम दता ह

अततः परपरागत परपाटी और िसात का गलाम नह बनना चािहए सामाय तय क जानकारी और

याददात काय को सही िदशा दन म उपयोगी िस होत ह याद रख िक िकसी तय को याद रखन क िलए दस

शद को याद रखना गलत िसात नह ह इस कार घटना क म को बखबी याद रखा जा सकता ह

याददात का ाकितक िसातिकसी जानकारी या तय को याद करत व मतक को परी तरह उसी िवषय पर कित करना चािहए

भटकाव स मरण-श कमजोर हो जाती ह खरीदारी पर िनकल लोग अकसर भल जात ह िक उनस या-या

लान को कहा गया था आम तौर पर पनय को अपन पितय स यह िशकायत होती ह इस लापरवाही क वजह

कमजोर याददात नह होती यिद सामान क सची को यान स सना जाए तो चक हो ही नह सकती यिद आप

भी इस समया क िशकार ह तो एक बार इस सझाव को अपनाकर जर दिखए एकाता और यान स सनन

का मतलब यह नह ह िक मतक क सभी शय को कित िकया जाए िवचार म भटकाव स याददात पर

नकारामक असर पड़ता ह िकसी चीज को याद रखन क िलए कवल उस पर यान दन क जरत होती ह याद

रख िक जरत स यादा यान दना भी याददात क िलए हािनकारक होता ह

आम तौर पर य उह िवषय पर यान दता ह िजनम उसक िच होती ह बाक बात को नजरअदाज

कर िदया जाता ह आम तौर पर लोग सब क बीज क वप और आकार पर यान दत ह गाधीजी क

पयितिथ भी यादातर लोग को याद ह लिकन िफर भी ऐस लोग क कमी नह ह िजह दोन म स कछ भी

याद नह ह पड़ क टहनी पर लगी खरच समय क साथ भर जाती ह और उसी थान पर नई शाखा भी िनकल

आती ह लिकन गिटसबग क पड़ पर आज भी पचास साल पहल क िनशान साफ िदखाई दत ह लापरवाही क

साथ सनी गई बात कभी याद नह रहती ऐसी जानकारी जद िमट जाती ह िदमाग म इसका कोई स जीिवत

नह रहता कवल गहराई स सनी गई जानकारी को ही इछानसार याद िकया जा सकता ह हनरी वाड बीचर न

कहा ह lsquoसपन म िबताए गए वष क मकाबल जीवन का एक भावक ण यादा प तौर पर याद रहता हrsquo

यान स सिनए जानकारी जर याद रहगी

लिकन सवाल ह िक यान को िकस कार कित िकया जाए िकसी योा क यकला को िकस कार

िनखारा जाता ह एक कारगर तरीका यह ह िक सिनक क बदक और गोली-बारी क तादाद को बढ़ा िदया

जाए इसी कार िकसी जानकारी को याद रखन क िलए यान यादा कित करना चािहए जानकारी पर बार-

बार िवचार करना चािहए लापरवाही स पढ़न क आदत याददात को नकसान पचाती ह िवषय म िच न होन

क बावजद यान स पढ़न क कोिशश करनी चािहए इस अयास स याददात मजबत होती ह

माहौल स भी यान कित करन म सहायता या असहायता िमलती ह यादा शोर-शराब म यान कित करना

मकल होता ह अतः भीड़ म खद को अकला समझन का अयास किजए यकन मािनए यह ममिकन ह

िकसी िवषय को सनत या पढ़त व िदमाग म चल रही बाक सभी उलझन को दर करन का अयास किजए

अगला महवपण सझाव यह ह िक िवषय स सबिधत महवपण तय पर यान दीिजए और उह याद रखन

क कोिशश किजए सभी तय को सही म स यवथत किजए सभी महवपण तय पर पता क साथ

िवचार किजए एक क बाद एक तय पर यान दीिजए िवषय स सबिधत महवपण तय को मानसार याद

रखन का अथ ह िक आप इस कला म िनपण होन लग ह

याददात क िया म तय का एक-दसर क साथ सबध थािपत करना बत महवपण होता ह याददात

बढ़ान क अयास म यह िसात सवपर ह

कछ वा कवल भाषण क मय िबद को याद करत ह और भाषण क दौरान मय िबद को शद स

भर दत ह कछ वा मय िबद स सबिधत िवचार क म को याद करत ह इसक अलावा कछ वा

िवचार क म को याद रखन क िलए मच क आस-पास मौजद चीज क साथ म का सबध थािपत कर लत

ह सभव ह िक भाषण क दौरान िवचार का म िबगड़ जाए मानकर चिलए िक म म तीसरा िवचार नाकामी

स सबिधत था ऐस म मच क िकसी दीवार पर बद घड़ी स नाकामी का पहल ही सबध थािपत कर चका वा

इस मय िबद को याद कर सकता ह इस कार सबध थािपत करन क कला बत महवपण होती ह हाल ही

म छह कार क कपना-श िच आवाज गित वाद खशब और पश क महव पर भाषण दनवाल वा

न इस म को याद रखन क िलए एक िविच शद तयार िकया lsquoचआगखशपशrsquo कागज क एक परज पर

िलख इस शद क मायम स वा को म याद करन म बत सहायता िमली

इसी कार ब को पिलग याद करान का अयास कराया जाता ह भाषा का ान न रखनवाला कार ाइवर

श क कछ शद को याद कर लता ह और अदाजा लगान म मािहर हो जाता ह उदाहरण क तौर पर रानी स

रानी लमीबाई रोड गाधी स गाधी मारक रोड महामा स महामा गाधी रोड िकसी महवपण गोल चर स

कटनवाल पाच एक जस रात को याद रखन क िलए कछ इस तरह का सबध थािपत िकया जाता हmdashअ स

अशोक रोड अक स अकबर रोड ज स जनपथ क स कतरबा गाधी और इ स इिडया गट इसी कार

िनशािनय को याद रखकर भी रात का पता लगाया जा सकता ह दरअसल मनोवािनक िया बत सरल

होती हmdashय सकत िनशािनय अर आिद स सबध थािपत कर लत ह अथा सबध थािपत करन क

इस ितभा का लाभ उठाना चािहए

जानकारी को बार-बार दोहरान स भी याददात मजबत होती ह वर पकार एव राजनीित थरलो वीस

रोजमरा क मलाकात म िमलनवाल लोग क नाम भल जाया करत थ इस कमजोरी स उबरन क िलए उहन

मलाकात क दौरान लोग क नाम यान स सनना श िकया यही नह उहन अपनी पनी क साथ िमलनवाल

लोग क नाम पर चचा करन क आदत डाल ली इसम शक नह िक माननीय वीस क साथ नाम भलन क

समया बत गभीर हद तक पच गई थी लिकन इस अयास क ारा उहन इस मकल पर काब पा िलया

िकसी अयाय िवचार आिद को पढ़न क बाद पतक बद कर दनी चािहए और गौर स पाठ को जोर-जोर स

दोहराना चािहए ऐसा करन स याददात मजबत होती ह

याददात मजबत करन क िलए एकाता और जोर-जोर स पढ़न क तरीक को कई महा लोग न बत कारगर

बताया ह

जो आप याद करना चाहत ह उस िलखन क कोिशश कर इस कार पढ़ा आ याद करना आसान हो जाता

ह यिद आप िलखन क बाद भाषण को जोर-जोर स पढ़ग तो उस यान स सनग और उस पर गौर फरमाएग तो

भाषण कठथ हो जाएगा इस िया क दौरान आवाज िलखावट और िचण क जरए याददात बनाए रखन

म सहायता िमलती ह

कछ लोग आवाज को सटीक तौर पर पहचानन म िनपण होत ह य लोग दखी गई चीज क मकाबल सनी गई

आवाज क मायम स घटना को याद करन म द होत ह यिद आप सबह टहलन क िकसी िवशष िदन को याद

करत ह तो आपको आस-पास क य याद आत ह या आवाज जानन क कोिशश किजए िक आपक

याददात म आवाज का यादा महव ह या य का इन दोन म स जो यादा महवपण तीत हो उसको

िनखारन का अयास किजए िकसी िवचार को िदमाग म बठान क िलए सभी सभव िविधय का इतमाल

किजए

रोजमरा क आदत भी याददात को मजबत करन म सहायक होती ह मराथन म िहसा लनवाल धावक स

सीिखए िनरतर यायाम चाह थोड़ ही समय क िलए य न िकया जाए धावक क श को बरकरार रखता

ह इसी कार िनरतर अयास स याददात म भी बढ़ोतरी क जा सकती ह राह म गजरनवाल लोग क

वशभषा अदाज और श का िवतार स यायान करन का अयास किजए अपन कमर क बारीिकय पर

यान दीिजए िफर आख मदकर कमर क हर बारीक का यायान किजए िकसी ाकितक य को यान स

दिखए और िफर िवतार स लख िलिखए यान दीिजए िक यायान या लख म आप या भल और या याद

रहा िखड़क स सड़क क ओर झािकए िफर उस य को याद किजए यान दीिजए िक आप या भल

गए िनरतर यास स याददात यायान और लख का तर बढ़ता ह ऐसा अयास य को िनपणता क

ओर ल जाता ह

सािहयक रचना क सदर यायान को बार-बार याद किजए इस कार न कवल याददात बढ़गी बक

सािहय म िछप सदर शद और महावर का भी ान बढ़गा यह अयास िनयिमत प स करना चािहए अयास

क माा कम या यादा होन स कोई फक नह पड़ता महव कवल िनरतर अयास का होता ह

अततः अपन अदर िछप भय को बाहर िनकालकर फक दीिजए वय स किहए िक आप याद कर सकत ह

और आप म याद रखन क सभी गण मौजद ह वय क िवास को मजबत किजए और िनपणता क कपना

किजए यिद आप म भलन का भय हावी ह तो कछ भी याद रखना सभव नह ह भय को जड़ स उखाड़ना

आवयक होता ह शआत म िनराशा िमल सकती ह लिकन यकन मािनए िक िनरतर यास स हर समया स

उबरा जा सकता ह

भाषण याद करनाअब तक िदए गए सभी सझाव को आजमाकर दखत ह पहल इस अयाय का दोबारा अययन किजए

यान दीिजए िक याददात मजबत करन म िकन नौ िविधय का इतमाल िकया जाता ह

उन मय िबद का अययन किजए और जानन क कोिशश किजए िक याददात बढ़ान म यह सझाव

िकतन कारगर ह इन सझाव को अपन िदमाग म पता क साथ थान दीिजए अब िकसी िवचार को याद

किजए इसक बाद उस िवचार क मय िबद को याद किजए िवचार म छप सदश क म को याद

किजए िफर सबकछ एक साथ याद करन क कोिशश किजए

ईमानदारी क साथ इस िया को परा करन क बाद याद िकए गए िवचार को दोहरान क कोिशश किजए

यान दीिजए िक पहल क मकाबल याद करना आसान आ या नह इस अयास को िनरतर दोहरात रिहए कछ

समय बाद िवास खद-ब-खद बढ़ जाएगा कवल एक छोटी सी शआत मनचाही मिजल तक पचा सकती

समया स कस उबरईमानदारी क साथ क गई महनत क बावजद यिद परणाम न िमल तो या िकया जाए यह थित बत

दःखद होती ह लिकन इसका सामना करना चािहए िनसदह ऐसी थित म य िनराश होकर हार मान लता

ह लिकन ऐसी िनराशा को नकार दना चािहए नए िसर स शआत करनी चािहए सी महनत ही सफलता क

कजी होती ह

मच क आस-पास टहलन स वय को भाषण क िलए तयार करना आसान हो जाता ह िवचार का म

थािपत होता ह और िकसी बड़ी चक क सभावना कम हो जाती ह सबस सटीक और भावशाली तरीका यह ह

िक वाय क अितम शद क साथ अगल वाय क शआत क जाए इस कार भाषण क दौरान भाषा का

बहाव और िवचार का म बरकरार रहता ह यिद इस तरीक का सहजता स इतमाल िकया जाए तो भाषण म

कछ नएपन क सभावना भी बढ़ जाती ह इस कार मच पर होनवाला भटकाव िवचार क कड़ी को तोड़न का

काम नह करता आिखरी शद क सहार वा िवचार क भाव को याद कर लता ह

दखत ह िक इस िविध स या फायदा होता ह मच पर सोच गए शद हालािक बत प नह होत लिकन

अटकन स बहतर ह िक भाषण को जारी रखा जाए भाषण क पणता बोलन क दौरान होनवाल उतार-चढ़ाव स

यादा महवपण होती ह

यिद आप कह िक lsquoजॉन ऑफ आक न वतता क िलए सघष िकयाrsquo तो वाभािवक तौर पर इस कथन का

यायान कछ इस कार िकया जा सकता हmdash

lsquoवतता एक ऐसा सौभाय ह िजसक िलए मानव जाित सदा सघष करती आई ह सघष क उदाहरण स

इितहास क प भर ए ह इितहास मजदर गलाम और कमजोर क सघष का गवाह ह मयकालीन यग म

वही शशाली माना जाता था िजसक पास सना होती थी हिथयार होत थ और िकला होता था लिकन बदक

क खोज क बाद मजबत िकल क दीवार तीर तलवार भाल आिद का कोई महव नह रहा वतता क

सघष म बाद का महव सवपर रहा ह बाद क खोज न नए यग का िनमाण िकयाrsquo

इस कार वाभािवक तौर पर एक िवचार को दसर िवचार स जोड़कर िवचार म सबध थािपत िकया जा

सकता ह िवचार को कछ इस तरह और आग बढ़ाया जा सकता हmdash

lsquoबाद और बदक क खोज स जहा एक ओर कमजोर और बगनाह मजदर गलाम और ाितकारय क

हया क गई वह कई िनरकश राजा क िकल भी वत िकए गए वतता क सघष म गोली-बाद क दम

पर कई र शासक का तता पलटा गया तथा मानव जाित क िलए नए यग का िनमाण िकया गयाrsquo

इस कार क अयास स भाषण क दौरान म िवचार इयािद भलन क थित म बौखलाहट स बचा जा

सकता ह साधारण एव भावशाली यायान क जरए भाषण को खचा जा सकता ह इस बीच छटी ई कड़ी

को दोबारा पकड़ा जा सकता ह इसिलए सलाह ह िक भाषण स सबिधत पभिम क जानकारी को आवयक

महव दना चािहए

29

सही सोच एव यवलोग क अतव को रदन का काय तानाशाही कहलाता ह इस रता को कई और नाम स भी जाना जाता ह

mdashजॉन टअट िमल वतता सामसही सोच स ाकितक सदय एव कलामक वत को सरहान क योयता िवकिसत होती ह इस कार सही सोचन क मता और सही करन का

िवास िवकिसत होता ह िवचार स रत जीवन जीन क रणा िमलती ह यही नह िवास उमीद और म भी िवकिसत होता ह

mdashएन सी शफर िवचार करना एव िवचार करन का अयास करना

वा क सबस महवपण सपि उसका यव होता ह यव ही वा क सफलता क पजी होती ह

यव ही वा को आम लोग स अलग बनाता ह सफलता क िशखर तक पचन म यव क भिमका

सबस महवपण होती ह यगत जीवन और अदाज फायद और नकसान दःख और सख क िबना मानव

जीवन पश समान हो जाता ह जॉन टअट िमल न कहा ह lsquoकोई बमान य नह चाहता िक उस मख

कहा जाए कोई भी िशित य खद को अानी नह मानता भावना को समझनवाला य वाथ नह

हो सकता चाह उह बार-बार मख सािबत करन क कोिशश य न क जाए धत य भी खद क

कािबिलयत स सत होता हपश समान सति स बहतर ह िक य असत रह िकसी मख क सति स

बहतर ह िक सकरात असत रह सवाल और समया को एक नजरए स समझन क कारण पश और मख क

मायताए समान होती ह लिकन ानी और िशित लोग न और समया क सभी पहल पर िवचार करत ह

इसिलए उनका िनणय अिधक महवपण होता हrsquo

यह कहना सटीक होगा िक सकरात जस लोग सही सोच क साथ योजना तयार करत ह ऐस लोग क

योजना म जन-कयाण का सदश छपा होता ह य क हर खशी हर दःख हर उपलध हर असफलता

य का आकषण कमजोरीmdashसबकछ यगत सोच का ही परणाम ह िवचार और ान क समण स

सही सोच क उपि होती हmdashlsquoयिद य दय स सोच रहा ह तो िनसदह सही सोच रहा हrsquo दय स न

सोचनवाला य दरअसल इनसान ही नह होता

हर य अपन यव म िछपी अय शय को िनखारन क योयता रखता ह परानी मायता ह िक

सफलता और असफलता भाय स ा होती ह लिकन इनसान न ाकितक िसात और शय क

जानकारी हािसल कर ली ह इनक आधार पर भिवय म होनवाली घटना का आकलन िकया जा सकता ह

साल पहल पता लगाया जा सकता ह िक भिवय म या होगा छोटी-छोटी जानकारय क आधार पर सयहण

क ितिथ तय क जा सकती ह हम भौितक जीवन म कारण और उसक भाव को भलीभाित समझत ह हम

टमाटर का पौधा लगाकर ॉबरी क फसल क कामना नह करत यह सावभौिमक िसात ह इसका योग

मानिसक श नितकता यव जस गण ारा िकया जाता ह साधारण िनयम ह िक lsquoय जो बोता ह

वही काटता हrsquo

वा का चर भाषण श का महवपण अग होता ह कटो न कहा ह िक lsquoअछ चर का य ही

अछा वा हो सकता हrsquo िफिलस क न कहा ह lsquoसही सोच और गभीर िवचारवाल य क िवचार का

िवरोध करन का साहस कोई नह करताrsquo एमरसन न कहा ह lsquoचर ाकितक श होती ह काश और ऊमा

क समान और कित का हर कण ऐस लोग क सहायता म जटा रहता ह कई लोग क उपथित पर सदा यान

िदया जाता ह जबिक कई लोग क उपथित पर यान ही नह जाता ऐसा य होता ह दरअसल यही

यव क महानता का भद ह सय यव क महानता का िशखर होता हmdashयाय क ारा इसको योग

म लाया जाता ह हर यव म सय क शता का पमाना िभ होता ह श चरवाल य म सयता

का भाव अय लोग क चर म उसी तरह थान ा करता ह जस िकसी बड़ पा म भर पानी स छोट पा

को भरा जाता ह चर ाकितक शय क म म सवपर होता हrsquo

अश पाशिवक और वाथ िवचार स ह व परोपकार स परपण आदत का िवकास नह हो सकता

काटदार पौध क बीज स काटदार व ही उगता ह कमजोर चर क य का परोपकारी भावनामक और

सवा-भाव स रत िवचार स वाता नह होता भावना स रत िवचार ही कयाणकारी हो सकत ह िकसी

काय को िनरतर करन स आदत बनती ह आदत स चर का िनमाण होता ह और चर स भाय तय होता ह

अथा भाय क उिचत िनमाण क िलए श िवचार और चर क भिमका अहम होती ह याय िकतना भी

पराना य न हो उसक महा ीण नह होती

lsquoचर कित क सबस अहम उपलध होती हrsquo इसीिलए चर क िवकास क िलए ाकितक िनयम का

पालन करना चािहए बगीच म खर-पतवार और काटदार पौध वय ही उग आत ह लिकन सयोिजत तौर पर

उगाए गए फल क पौध बगीच को मनमोहक एव खशबदार बना दत ह

िविवालय म दािखला लनवाल अिधकतर छा को पता होता ह िक उह िकस िवषय म िशा ा करनी

ह और भिवय म िकस मकाम तक पचना ह य खद चन गए रात पर लगातार आग बढ़ता रहता ह वह

अिचकर िवषय स य का यान धीर-धीर हटता रहता ह आम तौर पर लोग अिचकर रात पर कदम ही

नह रखत ह मन क काय को करन म य को िवशष सख और सति ा होती ह हमार िवचार क

रलगाड़ी लगातार मिजल क ओर बढ़ती रहती ह उर िदशा क ओर लहरानवाल झड को दखकर साफ हो

जाता ह िक हवा दिण क ओर स आ रही ह घास क मदान म दिण िदशा म बहत सख ितनक को दखकर

पता लग जाता ह िक हवा उर क ओर स बह रही ह अथा िकसी य क वि को समझकर उसक चर

क िवषय म जानकारी हािसल क जा सकती ह

इन सझाव क मायम स नितकता का पाठ पढ़ान क कोिशश िबलकल नह क जा रही ह यह इसस कह

यादा गहरी कोिशश ह इस य क कापिनक श को बढ़ावा दन का रणा ोत कहा जा सकता ह

भावना को सभालन क कला कहा जा सकता ह मानिसक श का उम सचालन कहा जा सकता ह या

िफर मयतः इस इछा-श क मायम स मिजल तक पचन का सकप कहा जा सकता ह

आम धारणा क मतािबक िदल िदमाग और अतरामा को सही लगनवाल िवचार ही उम होत ह लिकन यह

सय नह ह इछा-श क िव िवचार को सही नह कहा जा सकता उदाहरण क तौर पर िदल िदमाग

और अतरामा क मतािबक सही लिकन इछा-श क िव िवचार क िखलाफ सत कदम उठाकर दिखए

शआत म गलती का अहसास जर होगा लिकन धीर-धीर मालम होन लगगा िक िनणय उिचत था इस कार

आप खद क यव को िदशा दन म कामयाब हो सकग

वा क कामयाबी और नाकामी मयतः िवचार और वि पर आधारत होती ह इस पतक क लखक न

भाषण क कला सीखन क िलए एक िशण सथान म दािखला िलया था बाक छा क मकाबल लखक

बत ही खराब वा सािबत आmdashलखक क सीखन क मता भी बत कमजोर थी िशक लखक क

अयोयता स परशान थ और अकसर कमी िनकालत थ यही नह लखक को बार-बार डाट भी पड़ती थी

लिकन लखक न हताश न होन का ण िलया और सीखन क तमाम कोिशश जारी रख एक बार दःख भरी

आवाज और ईमानदारी क साथ लखक न कहा lsquoम हताशा हावी नह होन दगा म िकसी भी थित म बोलन क

कला सीखना चाहता rsquo लखक क इस बयान म सवदना मानवता और इछा का श भाव था अततः लखक

न िहमत नह हारी और आज डल कारनगी िव-िस वा म स एक ह

ऐसी वि और ढ़ िनयवाल यव को दिनया क कोई ताकत कामयाब होन स नह रोक सकती

lsquoइछा स लय क ा होती ह सी लगन हो तो वय ईर भी िमल जात ह खटखटान स ही दरवाजा

खलता हrsquo भाषण क कला सीखनवाल य पर भी यही िनयम लाग होत ह उसाहहीन तरीक स िकए गए

काय का परणाम उमीद क मतािबक नह होता लिकन सी लगन और महनत स िकसी भी लय क ा क

जा सकती ह लय-ा म दरी जर हो सकती ह लिकन सफलता को कोई नह रोक सकता

अपनी कािबिलयत पर िवास और अपनी सोच क िलए बिलदान का भाव कामयाबी क सभावना को दो गना

कर दता ह िलकन न खद म एक महा वा बनन क सभावना पहचानी थी िलकन न इस सपन को साकार

करन क िलए कड़ी महनत क मील को सफर तय कर पतक खरीद रात म अलाव जलाकर अययन िकया

सपन साकार करन क िलए कई बिलदान िदए िलिवगटन म अक जनता क थित म सधार लान का मजबत

जबा था इस िवास को पण करन क िलए उसन अपना सारा जीवन दाव पर लगा िदया इलड म आराम क

िजदगी का याग िकया और अिवकिसत अक इलाक म रहना श िकया अक गलाम क यापार क

िखलाफ आवाज बलद क और कामयाबी हािसल क जॉन ऑफ आक म िवास का असीम भडार था

इसीिलए उहन मता स अिधक बिलदान िदए और महानता क िमसाल बन

इन सभी लोग न वय क ढ़ इछा स रत सपन को साकार िकया यह िसात दिनया क सभी लोग पर

लाग होता ह यिद इछा ढ़ ह तो सफलता अवय िमलगी बिलदान स ही लय क ा होती ह

टन डिवस िकरखम न अपन िवचार को बत खबसरती स तत करत ए कहा ह lsquoआप िवचार को

सगहीत करत रह हग लिकन अब लब समय स िवचार क रात क कावट को लाघन क बाद आप खद को

दशक क सामन पात ह आपक जब म कलम ह और उगिलया याही स रगी ह और आप रणा ोत स उप

िवचार क बौछार करत ह चाह आप भड़ चरात ह या शहर क सड़क पर आवारा घमत ह या िफर तज

आवाज म दहाती गीत गात ह एक-न-एक िदन आपका उताद आपको िशा स वत कर ही दता ह उताद

को िवास हो जाता ह िक छा न िशा पण कर ली ह यानी अब आप खद िनपण हो चक होत हो हाल ही म

िकसन भड़ को चरात व महा िवचार को जम िदया इमीनान स बिठए खाली मदान और भस पर यान

दीिजए दिनया क नई तसवीर नजर आएगी

30

भोज क उपरात एव अय मौक पर बोलनाबतका नजरया िववकपण एव महा काय क कजी होता ह

mdashरॉफ वाड एमरसन िनबधउस िवत रहन दो िक अय लोग बोलन का मौका छोड़ दग

mdashािसस बकन नागरक एव नितक म पर चचा

सभवतः सबस शानदार एव सबस यादा मनोरजक भाषण रािभोज या कछ ऐस ही अवसर पर तत िकए गए

ह िकसी अवसर स सबिधत भाषण तयार करन क िलए सवथम उपलय को समझना चािहए सभा क मय

उय का पता लगाना चािहए दशक क िलए अवसर क महा को समझना चािहए दशक क सया का

बोध होना चािहए सभा म उपथत होनवाल लोग क जानकारी होनी चािहए मच क भयता का पता होना

चािहए वा क िलए भाषण का िवषय तय करनवाल लोग क जानकारी होनी चािहए भाषण म िहसा

लनवाल अय वा क िवषय क जानकारी होनी चािहए अय वा िकस म पर बोलग इसका पता

लगाना चािहए वा क भाषण क अतराल का बोध होना चािहए पता होना चािहए िक िकसक बाद िकस वा

को बोलन का मौका िदया जाएगा

भावशाली परणाम हािसल करन क िलए िकन न का महव समझन क आवयकता होती ह अवसर क

मतािबक बोल जानवाला भाषण बत भावशाली बनाया जा सकता ह कई ितित यय क िता

कवल इसिलए न ई यिक उहन अवसर क महव को नजरअदाज िकया या अपनी कािबिलयत पर जरत

स यादा आमिवास रखा अवसर और उपलय स भटका आ भाषण दशक को भािवत नह कर सकता

िकसी अवसर पर बोलन क िया म अनकलता का िवशष महव होता ह माक न न स 1877 म टनसी

क सना क िलए आयोिजत पनिमलन समारोह क दौरान जाम हाथ म लकर lsquoब क सफलताrsquo क िलए िगलास

बाक लोग क जाम क साथ टकराए रािभोज क बाद िदए गए इस भाषण म दो चीज बत महवपण थmdash

शानदार तावना िजसन आसानी स दशक का यान आकिषत िकया और भाषण क दौरान सना स सबिधत

शदावली का हायपण उपयोगmdash

lsquoमाननीय अय भ सभाजनो एव बो lsquoबोrsquo शद न िवशष तौर पर यान आकिषत िकया हम नारी क

प म जम लन का सौभाय ा नह आ ह हम किव लखक राजनता और यापारी भी नह ह लिकन जब

ब क नाम पर जाम टकराए जात ह तो हमार भद खम हो जात ह यिक हम सब एक समय म ब ही थ

शम क बात ह िक हजार साल स ब को नजरअदाज िकया जा रहा ह जस इनका कोई महव ही न हो यिद

आप सभी महानभाव इस म पर िवचार कर पचास या असी साल पीछ झाककर अपन बचपन को याद कर

शादी क शआती साल को याद कर अपनी पहली सतान क जम को याद कर तो आपको अहसास होगा िक

बचपन िकस कहत ह और ब का या महव होना चािहए

lsquoजस जहाज को उसक आवाज स पहचाना जाता ह ऐसा डमॉथस न कहा ह उसी कार य क

पहचान उसक भाषा स होती ह चाह वह ान स भरी हो या िफर मखतापण होrsquo िनत तौर पर अवसर क

मतािबक भाषण तत करन क कला वा क ितभा क परीा होती ह कछ बपरवाह लोग रािभोज क बाद

भी मौज-मती म लग रहत ह और अनजान म िववादापद म को छोड़ दत ह था क अनसार भोज क दौरान

कर िती भी आपस म बहस नह करत भोज क बाद िकसी कड़वाहट भर न स खान का वाद भी

कड़वा हो जाता ह रािभोज क बाद बोलन का अवसर हायापद िवचार को तत करन का मौका दान

करता ह िवशष प स कोई रोचक कहानी सनान का मौका याद रह ऐसा अवसर भी िवषय को आग बढ़ान

का मौका दान करता ह

िकसी घटना या य क समान म आयोिजत कायम उाटन दीात समारोह लोकापण शसा

समारोह और महिफल क अय िवशष अवसर िनपणता दरशान क मौक दान करत ह ितित और साधारण

तौर पर बोलन ऊची उड़ान उड़न या दशक क साथ कध-स-कधा िमलाकर बोलन भड़कन या िफर शाित क

साथ पश आन उपदश दन या िफर मधरता स बोलन जस यवहार का चयन वा वय करता ह चयन क इस

िया म भाषण का अवसर महवपण होता ह सि भाषण िलखनवाल वा का भगवा भला कर ऐस

वा को बार-बार भाषण क िलए बलाया जाए

31

बातचीत को भािवत बनानाबातचीत क दौरान अिधक आमिवासपण यवहार एव जरत स यादा सकोच स बचना चािहए

mdashकाटोछा क िलए बातचीत योगशाला एव कायशाला क समान होती ह

mdashएमरसन िनबधmdashसकस

डय ई लडटोन क िपता बातचीत को कला एव उपलध क समान मानत थ रािभोज क दौरान उनक

घर म घरल राीय-अतरराीय या िफर वाद-िववाद क न पर चचा करन क था थी इस तरह घर क

सदय म अछा और भावशाली बोलन क सकारामक होड़ श हो गई सड़क पर होनवाली आम घटना

को गौर स समझा जान लगा िकताब म मौजद िवचार क पता को समझन क कोिशश क जान लगी िनजी

अनभव पर चचा होन लगी इस कार साल चचा क माहौल म पल-बढ़ लडटोन महा वा क तौर पर

िस ए

मच पर पश िकए गए भाषण और समाचार-प क मकाबल बातचीत स सीखना यादा लाभदायक सािबत

होता ह सकरात न जीवन क महा सय को सभा क सबोधन क जरए नह बक िनजी बातचीत क जरए

समझाया लोग गोएथ क पतकशाला और कॉलरज क घर उनक ारा तत िकए गए िवचार को समझन

जात ह ऐस िवचार क चार-सार स कई दश क सकित िनरतर आग बढ़ती रही ह

दिनया क सबस शानदार भाषण बातचीत क अदाज म पश िकए गए ह कटनीित क समलन यापारय क

वाद-िववाद सामिहक नीितय पर िवचार क अलावा राजनीित कारोबार और समाज को भािवत करनवाल

िवचार का जम साधारण बातचीत क जरए ही आ ह ऐस मौक पर जो य अपन िवचार क ारा नीित

क दोन प lsquoलाभ हािनrsquo को तत करन म कामयाब होता ह उसका नाम सदा याद रखा जाता ह

सामािजक बातचीत क दौरान आमिनयण रखा जा सकता ह घरल बातचीत म भी आमिनयण रखना

मकल होता ह लिकन मच पर हजार दशक क सम आमिनयण रखना आसान नह होता दशक क भारी

भीड़ क बीच िनपण-स-िनपण वा भी घबराहट महसस करन लगता ह इसी समय शातिच सतकता शद

क शता प िवचार और वाातय जसी ितभा क आवयकता होती ह

मच पर घबराहट वाभािवक ह लिकन श शद और प िवचार स आमिवास वापस लौटन लगता

ह दशक क सम भाषण तत करना िकसी मकाबल स कम नह होता ह यिद दशक क सम बोलन म

िहचिकचाहट होती ह तो होस क इन शद को याद किजएmdash

जब आप बातचीत क दौरान अचानक स अटक जाए

तो घबराहट म और खराब बोलन क जगह सयम स काम ल

ऐस मौक पर आमिवास का सहारा ल िवचार म भटकाव को सगिठत करन क कोिशश कर मतक को

बातचीत क म पर कित करन का यास कर और भटकाव स उबरन क कोिशश कर यकन मािनए

आमबल क ारा ऐसी थित स बाहर िनकला जा सकता ह भावशाली ढग स भाषण न तत करन का

मतलब ही नाकामी होता ह

बातचीत आकषक एव भावशाली बनान क िलए मतक को िवषय पर कित करन क आवयकता होती

ह िवचार को लापरवाही स पश करन स भाव खम हो जाता ह कटनीित का भी यही िसात ह िक सही

शद का इतमाल सही व पर िकया जाए

परान िवषय और िसात का िनरतर िवकास होता रहता ह नई जानकारया जड़ती रहती ह इसी कार भाषा

भी िनरतर िवकिसत होती रहती ह िवचार का आदान-दान ही बातचीत का आधार होता ह लिकन यादातर

लोग बातचीत क महव को नजरअदाज करत ह ॉनसन एकॉट अकसर कहा करत थ िक अिधकतर लोग

वाद-िववाद कर लत ह लिकन बात करना कछ ही लोग को आता ह बातचीत क दौरान दसर लोग क िवचार

को सनना अितआवयक होता ह बातचीत कवल दसर लोग को समान दन क िलए नह बक म को

समझन क िलए सननी चािहए कई वा दसर क िवचार पर यान क जगह कवल अपन िवचार पर ही मथन

करत रहत ह ऐस वा क ितिया बत फक और अभावशाली होती ह कई बार वा को

लापरवाही क वजह स उपहास भी सहना पड़ता ह

वय क भावना उजागर करन स आनद क ा होती ह आतरक सति कपना-श को मजबती दान

करती ह ऐसी थित म य किवताए रचता ह कहािनया िलखता ह बातचीत का सबस बड़ा आनद ही यह ह

िक य को खद क िवचार उजागर करन क वतता िमलती ह बातचीत को एक ढग स तत करनवाला

वा जद ही उबाऊ तीत होन लगता ह यिक ऐसा वा दसर लोग क िवचार उजागर करन क समय को

न करता ह वह दसर लोग को बोलन का मौका दनवाल वा को यादा पसद िकया जाता ह जािहर ह िक

खद क िवचार य करना सभी को अछा लगता ह और उस पर वा क ओर स उसािहत ितिया िमल

जाए तो सता और बढ़ जाती ह िवचार का समथन करनवाल वा को पसद िकया जाता हmdashऔर वही

लोग दसर लोग को स कर सकत ह जो यान स सनत ह

यव म टहराव याकलता दर करन का पहला कदम होता ह इसक ारा फहड़ आचरण अप

िवचार भाषा क अश और वय क गलती का पता लगाना आसान हो जाता ह यिद आपका यान इन

समया क ओर नह जाता ह तो आपक मदद कोई नह कर सकता इन समया स उबरन क िलए य

को वय महनत करनी पड़ती ह खद क कमी को पहचाननवाला य जद इन समया स उबर जाता हmdash

1 समया स उबरन क िलए इछा-श का ढ़ होना आवयक होता ह याद रह िक इछा-श हर

थित म बरकरार रहनी चािहए

2 खद पर िवास रख मानकर चल िक भाषण म तत िकए जानवाल िवचार एकदम सही ह यिद आपको

खद क िवचार पर सदह ह तो िवचार क पता तक चप रह

3 आमिवास हािसल करन क बाद ढ़ता स अपन िवचार को तत किजए िवचार का समान किजए

और साधारण एव प भाषा म यायान किजए

4 भाषा का उिचत ान अिजत किजए िवास होना चािहए िक साधारण भाषा बोलन म आप िनपणता

हािसल कर चक ह

बातचीत स सबिधत सकतआम लोग क िच स सबिधत िकसी िवषय का चनाव कर शाम क चाय क व गस इजन क काय-

णाली पर चचा करना या िफर पष क मनोरजन सभा म फल क िकम का यायान करना बत उबाऊ हो

जाता ह

िकसी सभा म अपन हाथ-पर क िवकित दरशाना पष को शोभा नह दता इसी कार अपन दःख का

िवलाप करना और िकसी अय यय क कमी पर चचा करना भी पष का काम नह होता ह आम जनता

सखद अतवाल नाटक एव िकस को सनना पसद करती ह सारी दिनया खशी क तलाश म ह आम तौर पर

समया और दःख को सनना पसद नह िकया जाता ह जॉज कोहान न 30 साल क उ तक कई हसमख

नाटक िलखकर करोड़ पए कमाए इनका यह िसात आम बोलचाल क िया पर भी लाग होता ह

mdashlsquoहसी-खशी क माहौल म महिफल को अलिवदा कहना चािहएrsquo

बातचीत क दौरान lsquoमrsquo शद का योग नह करना चािहए हजार लोग क महिफल म सबको स एव

सत करनवाला कोई अकला य नह हो सकता अपनी िच क मतािबक बातचीत का िवषय चनना दशक

क िलए उबाऊ हो सकता ह पखवाल घोड़ एव मछिलय परय आिद क िकस-कहानी सनन क इछा

रखनवाल दशक को खीर क िवशषता सनन म कोई िदलचपी नह होती आकषक वा सदा दशक क िच

स सबिधत िवषय पर ही चचा करत ह मयम बौक तर का य भी िबजली क गड़गड़ाहट का िदलचप

यायान कर सकता ह लिकन इसी य को यिद िच क िव िकसी िवषय पर बोलन क िलए मजबत

िकया जाए तो िनसदह चचा उबाऊ हो जाएगी

िघस-िपट और अनथक महावर एव उदाहरण स बचना चािहए दिनया क िकसी और कोन म रहनवाल दोत

स अचानक मलाकात हो जाए तो यह नह सोचना चािहएmdashlsquoदिनया िकतनी छोटी हrsquo बक यह सोचना चािहए

lsquoदिनया िकतनी तजी स तर कर रही हrsquo lsquoउ तर का जीवन जीन क िलए मोटी कमाई नह उ सकार

क आवयकता होती हrsquo िकसी नए या रोचक िवचार क अभाव म चप रहना यादा बहतर होता ह

  • (Untitled)
  • भमिका
  • 1 दरशको क समकष भरोसा हासिल करना
    • विलियम पिटजर तातकालिक भाषणmdash
    • विषय म परणतया तललीन हो जाओ
    • बोलन क लिए कछ होना चाहिए
    • बहतर तयारी क साथ कामयाबी की उममीद रख
    • दरशको पर परभतव की कलपना कर
    • सकतो स निषकरष निकालना
    • कया यह एक सकीरण सोच ह
      • 2 एक जस ढग की नीरसता
        • एकरपता पर विजय पान क उपाय
          • 3 परभाव एव वशीभतता दवारा कशलता
          • 4 सवर बदलन की कशलता
            • निरतर सवर बदलन की कला पराकतिक उपहार ह
            • सवर म बदलाव स बल पदा होता ह
              • 5 गति म बदलाव की कशलता
                • परसतति क दौरान गति म बदलाव स सवाभाविकता झलकती ह
                • गति म बदलाव स एकरपता खतम होती ह
                • गति म बदलाव स बल मिलता ह
                • गटसबरग समाधि-सथल पर समरपण
                  • 6 विराम एव ऊरजा
                  • 7 सर बदलन की दकषता
                  • 8 भाषण-शली म एकागरता
                  • 9 बल
                    • बल कया ह
                    • कया बल को अरजित किया जा सकता ह
                    • सटीक शबदो का चयन
                    • शबदो को करमबदध करना
                    • बल का परयोग कयो किया जाए
                    • बल का परयोग कब किया जाए
                      • 10 भावना एव जोश
                        • जोश का परभाव
                        • उतसाह को कस हासिल और विकसित किया जाए
                        • मानवता म सहानभति की आवशयकता
                          • 11 तयारी क जरिए बहाव
                            • भाषण म बहाव का सरोत
                            • विषय क जञान का महततव
                            • अभयास
                              • 12 सवर
                                • 1 सरलता
                                • 2 सपषटता
                                • 3 ततपरता
                                • सवर को थामन की कला का विकास
                                • सवर की शदधता
                                • सवर क लिए सलाह
                                  • 13 सवर का जाद
                                    • नथनो म घरषण स घटियो क गरजन समान सवर उतपनन होता ह
                                    • मिलटन क lsquoएलrsquo एलगरोrsquo सकलित किए गए अभयास
                                    • समदर
                                    • द लारक
                                    • द बरक
                                      • 14 भिननता एव उचचारण की शदधता
                                        • उचचारण
                                        • सवराघात
                                        • सधि-योजन
                                          • 15 सकतो स जड सतय
                                            • दरशको का धयान आकरषित न कर पानवाला अदाज वयरथ होता ह
                                            • भाव महततव क मताबिक होना चाहिए
                                            • भाव म एकरपता नही होनी चाहिए
                                            • भाषण क बीच की महततवहीन कडी कमजोरी को जनम दती ह
                                            • इशारो का इसतमाल या तो भाव क साथ होना चाहिए या भाव स पहल भाव क बाद नही
                                            • छोट और झटकदार इशारो स बचिए
                                            • चहर क भावो का महततव
                                            • जररत स जयादा इशारो का इसतमाल न कर
                                            • शारीरिक मदरा
                                              • 16 भाषा-शली की पदधति
                                                • लख को पढना
                                                • भाषण का लख तयार कर याददाशत क मताबिक वयाखयान
                                                • टिपपणी और अहम बिदओ की सहायता स पढना
                                                  • 1 परसतावना
                                                  • 2 परिभाषा और उदाहरण
                                                  • 3 अनय मानसिक शकतियो स सबध
                                                  • 4 धयान आकरषित करना
                                                  • 5 निषकरष
                                                    • असवाभाविक और सवाभाविक धयान आकरषण क परिणाम
                                                    • तातकालिक भाषण
                                                    • वयाखयान की सयकत विधि
                                                      • 17 विचार एव सरकषित ऊरजा
                                                        • मानसिक शकति का भडार
                                                        • दखन और समझन की शकति
                                                        • विचारक मसतिषक
                                                        • अधययन स विचारो को परोतसाहन मिलता ह
                                                          • 18 विषय एव तयारी
                                                            • तयारी क दौरान समय का सही उपयोग
                                                            • विषय को चनना
                                                            • विषय-वसत का निरधारण
                                                            • अनपात का सवाल
                                                            • वासतविक सरोत का दोहन
                                                            • पसतकालय का परयोग
                                                            • भाषण की रपरखा
                                                            • समदधि की मखय वजह (भाषण का विषय)
                                                            • लखन एव अभयास
                                                            • शीरषक
                                                              • 19 विवरण क दवारा परभावित करना
                                                                • विवरण का सवभाव
                                                                • विवरण का महततव
                                                                • वरणन क उददशय
                                                                • वरणन की परणालिया
                                                                  • 20 चितरण क दवारा परभावित करना
                                                                    • चितरण का अदाज
                                                                    • वकता क लिए चितरण
                                                                    • चितरण क परकार
                                                                    • चितरण क लिए उपयोगी सझाव
                                                                    • अभयास क लिए विभिनन अनभवो का चितरण कीजिए
                                                                    • lsquoमिडनाइट इन लदनrsquo का एक ससमरण
                                                                      • 21 वरणन क दवारा परभावित करना
                                                                        • कथा का परभाव
                                                                        • जीवन सबधी तथय
                                                                        • लकसिगटन की समति
                                                                        • सामानय तौर पर घटनाओ का वयाखयान
                                                                        • शिकषित वयकति दवारा नततव
                                                                          • 22 सझाव क दवारा परभावित करना
                                                                            • सझाव का आधार
                                                                            • सझावो को परभावशाली बनान की योगयता
                                                                              • 23 वाद-विवाद क दवारा परभावित करना
                                                                                • तरक की जाच
                                                                                  • 24 उतसाह दवारा परभावित करना
                                                                                  • 25 जन-समह को परभावित करना
                                                                                    • भीड क मारगदरशन क लिए नता का होना आवशयक ह
                                                                                    • भीड की रचना किस परकार होती ह
                                                                                      • 26 पख वाल घोड की सवारी
                                                                                        • 1 कलपना की पनरतपतति
                                                                                        • कलपना-शकति का सबस आम सिदधात हmdash
                                                                                        • 2 उपयोगी एव लाभकारी कलपना
                                                                                        • 1 भाषण क दौरान कलपना का उपयोग
                                                                                        • 2 भाषण क दौरान कलपना
                                                                                          • 27 शबदकोश का विकास
                                                                                            • नोटस बनान की आदत
                                                                                            • शबदकोश सगरह का उपयोग
                                                                                            • शबदो क अरथ की जानकारी रखनवालो स चरचा
                                                                                            • सटीक शबद खोजन म ईमानदारी बरतनी चाहिए
                                                                                              • 28 समरण-शकति का परशिकषण
                                                                                                • कया नही करना चाहिए
                                                                                                • याददाशत का पराकतिक सिदधात
                                                                                                • भाषण याद करना
                                                                                                • समसया स कस उबर
                                                                                                  • 29 सही सोच एव वयकतितव
                                                                                                  • 30 भोज क उपरात एव अनय मौको पर बोलना
                                                                                                  • 31 बातचीत को परभावित बनाना
                                                                                                    • बातचीत स सबधित सकत
Page 3: Achchha Bolne Ki Kala Aur Kamyabi (Hindi)

1

दशक क सम भरोसा हािसल करना

दशक क समख अकसर एक असाधारण उजना का अनभव होता ह दशक क उसकता स भरी आख इस

उजना को जम दती ह दशक क आख स आख िमलान पर यह उजना और खर हो जाती ह अिधकतर

वा इस अनजान लिकन वातिवक माहौल म फली महसस क जानवाली िणक एव बयान न क जा

सकनवाली िसहरन स उिजत होत रह ह अिधकतर लखक यह भी मानत ह िक वा क आख दशक को

आकिषत करन का भी काम करती ह यह एक ऐसा भाव ह जो मौजदा चचा म शािमल िचण क िवपरीत ह

वा पर दशक क गड़ी आख का भाव कवल शआती दौर म पड़ता हmdashजस ही वापटता का सदय

कािशत होता ह दशक क आख म छपा भय छटन लगता ह

िविलयम िपटजर ताकािलक भाषणmdashसावजिनक तौर पर बोलन का िशण ल रह छा अकसर पछत ह िक lsquoदशक क सम याकलता और भय

क भावना पर कस काब पाया जाएrsquo

रलगाड़ी म सफर करत समय या आपन कभी पास क मदान म घास चर रह उन घोड़ क तरफ यान िदया

ह जो रलगाड़ी क घड़घड़ाहट क बावजद एक बार भी िसर उठाकर नह दखत जबिक थोड़ी दरी पर थत

टशन क पास स जब रलगाड़ी गजरती ह तो िकसान क पनी डर ए घोड़ को सभालन म जटी नजर आती ह

गािडय क आवाज स डरनवाल घोड़ का भय दर करन का या उपाय ह या उस ऐस दर-दराज इलाक म

चराया जाए जहा मोटरगािडया न आती ह या उसको ऐसी जगह पर अकसर ल जाना चािहए जहा आम तौर

पर मशीन क घड़घड़ाहट सनन को िमलती हो

इस उदाहरण क जरए अपन भीतर छप याकलता और भय को दर करो दशक का बार-बार सामना करन स

िहचिकचाहट दर हो जाती ह िकसी लख को पढ़कर मच क भय स म होना सभव नह ह पतक क जरए

पानी म बरताव करन क उम सझाव तो िमल सकत ह लिकन तराक सीखन क िलए पानी म छलाग लगानी ही

पड़ती ह हालािक आजकल कई ऐसी तराक क पोशाक मौजद ह िजनको पहनकर सम क िकनार भी गीला

ए िबना मौज-मती क जा सकती ह लिकन इन पोशाक को पहनकर तरना नह सीखा जा सकता तराक

सीखन क िलए पानी म कदना ही एकमा राता होता ह

भाषण स पहल अयास अयास और कवल अयास क जरए ही दशक क सम पदा होनवाल भय स म

आ जा सकता ह जस तराक म िवास जमान क िलए अयास अित महवपण ह उसी कार बोलन क

जरए ही बोलन का पाठ सीखा जाता ह

यिद शआती दौर म मच स भय लगता ह तो इसस िनराश नह होना चािहए िनपण-स-िनपण वा कछ

अनजान कारण क वजह स आज तक मच क भय स नह उबर पाए ह

िवषय म पणतया तीन हो जाओघोड़ क खर म नाल ठकत व कई बार लोहार घोड़ क नथन म कसी नकल को कस दत ह इस तरह घोड़

का यान नाल ठकन क िया स हट जाता ह िगलास म मौजद हवा िनकालन क िलए उसम पानी भरना

पड़ता ह भाषण दत व लोहार क घरल नख का पालन करना चािहए यिद आप भाषण स सबिधत िवषय

को गहराई स समझत ह तो अितर सोचन का राता खद-ब-खद खल जाता ह एकाता भटकाव स म

पान का एक सरल उपाय ह मच पर पचन क बाद अपन कोट म मौजद छद क बार म सोचना यथ ह मच पर

कवल अपन भाषण पर यान एका करना चािहए िदमाग म कवल भाषण स सबिधत सामी का िवचार होना

चािहए जस पानी भरकर िगलास स हवा को बाहर िनकाला जा सकता ह उसी कार िवचार क मायम स

उजना और भय स भी छटकारा पाया जा सकता ह याकलता अनावयक याकलता को जम दती ह यह

कवल िवश अिभमान क समान होगा यिद सामन मौजद एक दसर बड़ महव को समझत ए भी आप अपन

िदमाग को वय क िवचार स भर ल साई कठोरतापवक इस महव का बोध कराती ह और िहचिकचाहट

याकलता को िनयता म बदलन का काम करती ह यिद रगमच म आग लग जाए तो आप तजी स मच क

ऊपर पचकर दशक को बाहर िनकलन क राह िदखा सकत ह दरअसल ऐस मौक पर काय का महव जहन

म मौजद भयभीत िवचार को बाहर िनकाल फकता ह

मच पर बर दशन क भय स यादा हािनकारक होती ह बहद अछ ततीकरण क कपना वय को महा

िदखान क चा महानता क पहचान नह होती य को अपना सही आचरण दरशान क िलए lsquoन तो यादा

िनपण िदखन का यन करना चािहए और न ही यादा बड़ा जानकार िदखन क कोिशश करनी चािहएrsquo

जानकारी क िलए बता द िक अहकार सबस यादा दिशत होनवाला यवहार होता ह

बोलन क िलए कछ होना चािहएवा क साथ सबस बड़ी परशानी यह ह िक वह दशक क सम खाली िदमाग क साथ पच जात ह

इसम कोई आय नह िक कित खालीपन स घणा करती ह िलहाजा खालीपन को आस-पास मौजद सामी स

भर दती ह िदमाग म अकसर ऐस िवचार आत ह िक lsquoया म सही कर रहा मर बाल कस िदख रह ह ऐस

वा क भिवयसचक िवचार अकसर सही िस हो जात ह और जान-अनजान गलितया हो जाती ह अथा

भाषण स पहल नकारामक िवचार स बचना चािहए

िवषय क सपण जानकारी होना पया तयारी नह मानी जा सकती आमिवास हािसल करन क िलए

िवषय िवशष पर पकड़ मजबत होनी चािहए िबना तयारी या िवषय क बार म कम जानकारी क साथ दशक क

समख पचन पर वा याकल तीत होता ह दशक का समय खराब करन क िलए शम का भी आभास होता

ह इसिलए बहतर ह िक उिचत तयारी क साथ मच पर पचा जाए भाषण स पहल िवचार और िवचार तत

करन का अदाज िनत कर लना चािहए शआती वाय क तयारी बहद अछी होनी चािहए ऐसा करन स

भाषण क शआत म सही और सटीक शद खोजन म व खराब नह होता इसक अलावा भाषण क िवषय

पर मजबत पकड़ स भय हावी नह होता

बहतर तयारी क साथ कामयाबी क उमीद रखअपन यवहार म सकोच क साथ िवास भी जािहर कर अित िवास हािनकारक होता ह लिकन नाकामी

क पवाभास को झलना और यादा हािनकारक होता ह िनभक यवहार दशक का यान खचन म सहायक

सािबत होता ह जबिक एक खरगोश-िदल डरपोक वा मसीबत को योता दता ह

दशक क उपथित म नता को यगत छट क तौर पर तत नह करना चािहए इस परानी सोच क

मकाबल आधिनक सोच न अपना थान बना िलया ह वा क यवहार म नता होना गलत नह ह लिकन

यवहार म दरशाई गई नता म दबपन का अहसास नह होना चािहए

चास िडकस क शान म आयोिजत िकए गए एक रािभोज म वॉिशगटन इरिवन न िडसन का परचय

करवाया भाषण क मय म इरिवन िहचिकचाहट क वजह स शिमदा हो गए और अटपट ढग स बठ गए अपन

एक िम क तरफ घमत ए उहन कहा lsquoमन तमस कहा था मझ नाकामी िमलगी और म नाकाम रहाrsquo

यिद आप सोचत ह िक आप नाकाम रहग तो आपक िलए आशा क कोई जगह नह ह आप नाकाम ही हग

इस धारणा स छटकारा पाइए िक म एक लाचार िमी म सना कड़ा आप ईर क समान ह िजसम कई

िवशषताए ह lsquoयिद आप पहल स तयार ह तो सब ठीक ही होगाrsquo बाज तज रोशनी फकत सय क आख म

आख डालकर दखन क मता रखता ह वा म भी ऐसी कई िवशषताए होती ह आवयकता होती ह तो बस

उह पहचानन क

दशक पर भव क कपना करिव क तरह सावजिनक भाषण म सकारामक और नकारामक ऊजा नह होती वय आप या आपक

दशक सकारामक ऊजा का जरया बनत ह यिद आप इस सकारामक ऊजा को महसस करत ह तो इस अपनान

क कपना भी कर सकत ह यिद आपका झान नकारामक ऊजा क ओर ह तो परणाम भी नकारामक हग

वय को िदशा िदखानवाली सभी शय का आान कर सदा याद रख िक आपक दशक आपस यादा

महवपण ह लिकन आप दोन स यादा महवपण ह सय यिक सय अिवनाशी होता ह यिद आपका

हौसला मजबत नह ह तो जािहर ह िक हाथ स तलवार िगर जाएगी िनभक बन यह आपक इराद पर आधारत

ह िक आप खद को िकस िदशा म ढालत ह अथा वय को शात एव िनयी बनाए

दशक क सम भाषण स पहल ण भर क दशक को गौर स दख अहसास कर िक दशक आपक जीत

क कामना करत ह यिक ऐसा कोई य नह ह जो अपना कमती समय एक नीरस वा क िलए खच

करन क इछा रखता हो

सकत स िनकष िनकालनाभाषण श करन म जदबाजी न िदखाए जदबाजी स िनयण कमजोर हो जाता ह मा-याचना न कर

यह जरी नह हmdashऔर अगर ह भी तो इसस काम नह बनगा सरलतापवक आग बढ़त रह

एक लबी सास भर मन को शात कर और आम बातचीत क लहज म िफर स ऐस शआत कर जस िकसी

घिन िम स बात कर रह ह यह यवहार कपना क मतािबक खराब महसस नह होगा वातव म यह

यवहार एक सखद डबक लगान क समान ह डबक लगान क बाद आप महसस करग िक पानी शीतल ह सच

तो यह ह िक इस यवहार को कई बार अपनान क बाद ऐस मौक पर आप वय उस आनिदत शीतल डबक क

कपना करन क आदी हो जाएग

भय स छटकारा पाइए बकाब भय बजिदली का कारण बन जाता ह बहादर लोग भय को पहचानत जर ह

लिकन उस दिशत नह करत घटन म होनवाली थरथराहट पर काब रख और मजबती स दशक का सामना

कर दशक क बीच िकसी कोन म आपक जीत छपी होता ह उस जीत को हािसल कर िहमत िदखानवाल

य को ही कामयाबी िमलती ह शद क माला बनकर हौसल का दशन किजए याद रख कािबिलयत क

बावजद िहमत न रखनवाल कािहल य को न तो परकत िकया जाता ह और न ही उनक यादगार म मारक

थािपत िकए जात ह

या यह एक सकण सोच हइनसान को सहानभित क नह मामली स ोसाहन क जरत होती ह इसम कोई दो राय नह िक अकली या

िफर सय प स मनोदशा तिकाए रोग और शसनीय नता वा क भाषण म गताखी का भाव पदा कर

सकती ह लिकन इसम भी कोई शक नह िक जरत स यादा समान क भावना इस कमजोरी को यादा खर

बना दती ह िनभक मनोदशा म जीत हािसल करना सरल होता ह ोफसर वॉटर िडल कॉट न कहा ह

lsquoमता क मकाबल कारोबार म कामयाबी और नाकामी क यादा बड़ी वजह मानिसक िकोण होता हrsquo और

इस िकोण को हािसल करन का एकमा राता ह िक इसको हािसल िकया जाए

इस बिनयादी अयाय म हमन जानन क कोिशश क ह िक अछा वा बनन क िलए िकन जरी पहल

पर यान दना चािहए इनम स अिधकतर िसात पर आग िवतार स चचा क जाएगी माननीय लडटोन क

मतािबक चचा क योय सभी अयाय िकसी सावजिनक स स यादा कारगर िस हग और यायसगत

आमिवास स सबिधत चचा का िज बार-बार िकया जाएगा

2

एक जस ढग क नीरसताएक िदन उदासी का जम एकपता क वजह स आ

mdashमॉ

िहदी भाषा म साल-दर-साल बदलाव होता रहा ह और अब कई शद का अथ वातिवक अथ स कह यादा

हो गया ह lsquoएकपताrsquo शद क साथ भी कछ ऐसा ही आ ह lsquoकवल एक जसा भावrsquo होन क जगह अब इस

शद का इतमाल lsquoिभता क कमीrsquo क तौर पर भी िकया जान लगा ह

एक ही ढग स बोलनवाल वा का वर एव लहजा ही नह बक शद पर जोर दन का तरीका गित

और िवचार भी समान प स नीरस होत ह

भीड़ क सम बोलनवाल वा क िलए एकपता मख एव आम दोष ह यह कवल अपराध नह ह

बक एक मामली सी चक क वजह स होनवाला गनाह ह

भाषण-शली म एकपता का अहसास होना आपक िलए मामली बात हो सकती ह अथा इसक कभाव को

जानन क िलए इसक वि और जीवन क िभ पहल पर एकपता स पदा होनवाली िवपदा का आकलन

करत ह इस आकलन क बाद ही यह पता लगाया जा सकता ह िक कस एकपता अछ भाषण को नीरस बनान

का काम करती ह

आपक बगलवाल मकान म यिद कवल तीन गान को बार-बार जोर स बजाया जाए तो यकनन आप मान लग

िक आपक पड़ोसी क पास कवल तीन गान का ही सह ह इसी कार यिद वा एक जसी ऊजा क साथ

भाषण दता रह तो मान िलया जाता ह िक वा क वर क उतार-चढ़ाव क मता िवकिसत ही नह ई ह

दरअसल एकपता हमारी सीमा को दरशाती ह

एकपता दशक पर ाणनाशक भाव डालन का काम करती ह यह चहर क रौनक छीन लती ह आख क

चमक ीण कर दती ह अयत एकपता काल कोठरी क सजा क समान ह एक मज पर एक कचा रख और

लगातार अठारह घट तक उस कच को एक जगह स दसरी जगह पर धकलत रह म दाव क साथ कह सकता

िक आपक हालत पागल जसी हो जाएगी

एकपता एक ककारी सजा क समान होती ह एक ऐसी सजा जो जीवन भर क िलए बोलन क मता को

ीण कर दती ह िलहाजा ऐसी ाणनाशक व नीरस थित स बचन क यास करन चािहए एक आदश रईस

क पास दजन मकान दिनया भर क यजन क सभी कार और अका स अलाका तक घमन क साधन हो

सकत ह लिकन गरीबी स िघरा य सफर क िलए िकराए क गाड़ी का इतमाल करता ह ऐस य क

पास िनजी नौका कार और िवशष रलगाड़ी म सफर करन क सिवधा नह होती ऐस य का जीवन महनत

करन म गजर जाता ह ऐसा य मडी स खरीदी गई फल-सजय स सत रहता ह भाषा और िजदगी म

एकपता िनधनता क समान होती ह िजस कार एक यापारी अपन कारोबार को बढ़ान क िलए महनत करता

ह उसी कार भाषा म िविवधता लान क िलए भी महनत करनी चािहए

िचिडया क गीत पहाड़ी दर और वय पहाड़ म एकपता नह होती एकपता भर पथर क लबी कतार

और पहाड़ क बीच स दर तक जाती सड़क म होती ह कित न सपदा क तौर पर कई िविवधताए दान क ह

इसिलए इनसान कवल अपनी सीमा क दायर म ही एकप होता ह भाषण क दौरान कित स जड़ तय तक

पचन स भाषा म िविवधता वय आ जाती ह

सता बाटन क िवशषता म ही िविवधता दान करन क श िनिहत ह दिनया क कई बड़ सय को

कहािनय क प म दरशाया गया ह उदाहरण क तौर पर lsquoलस िमजबलrsquo यिद आप िशा दान करना चाहत

ह या िकसी को भािवत करना चाहत ह तो उस य म िच का भाव पदा करना जरी होता ह यानो पर

एक ही सर को बार-बार बजान स स अिच ककश वर और एकपता का अहसास होता ह शदकोश क

मतािबक lsquoएकपताrsquo का अथ हmdashlsquoउबाऊ और थकाऊrsquo हालािक यह अथ काफ नतापवक िलखा महसस

होता ह लिकन असल म एकपता का अथ हmdashपागल करनवाली उबाऊ थित

एकपता पर िवजय पान क उपायजस अपन व क नीरसता स उबरन क िलए व क सह को नया-ताजा करना आवयक होता ह वस ही

भाषा म एकपता खम करन क िलए शली म िविवधता लाना आवयक ह जानकारी बढ़ाकर भी भाषा-शली

बहतर क जा सकती ह

इमारत क िविभ िहस को तयार करन क िलए बढ़ई क पास अलग-अलग औजार होत ह सरीली धन

बजान क िलए सगीतकार वाय को िविभ तरीक स बजाता ह इसी कार वा क पास भी साधन क

कमी नह होती वाद-िववाद क ढाच को कई तरीक स तयार िकया जा सकता ह भावनामक यवहार और

दशक क मायता का मागदशन िकया जाता ह इन साधन का खाका तयार करन और इनक इतमाल का

तरीका समझाना ही अगल अयाय का मय उय ह

कई वा आज भी बलगाड़ीवाल िघस-िपट तरीक का इतमाल करत ह और आज क आधिनक मशीनी

तरीक को नजरअदाज करत ह व वा भाषा म कशलता लानवाली िविध को िनरतर अनदखा करत ह इस

णाली को समझान इस लाग करन और इसक समीा करन म यिद हम आपक मदद कर तो या आपक

भाषा-शली म सधार होगा लिकन यिद आप इस णाली को अनदखा करत ह तो या आपक भाषा नकारामक

तौर पर भािवत होगी हम खद इस णाली क जरए भाषा म सधार क महव को समझान म पण प स सम

नह ह लिकन इतना जर ह िक यह णाली एक वा को भाषा क िनपणता तक पचान क िलए बिनयाद का

काम करती ह नपोिलयन बोनापाट न कहा था िक lsquoअपन िसात को ठीक रिखए बाक सब िवतत वणन हrsquo

जस िकसी मर ए घोड़ क खर म नाल ठकन का कोई फायदा नह होता उसी कार एक नीरस वा क

िलए भाषा सधारन क परान िसात िकसी काम क नह होत इस उदाहरण स यह पता लगता ह िक कछ फक

िसात को अपनाकर भाषा पर पकड़ नह बनाई जा सकती सावजिनक तौर पर बोलन क कला म िनपण होन

क िलए सय जोर भावना और जीवन स जड़ अहम िसात को अपनाना जरी होता ह बाक सभी िनयम

को नजरअदाज िकया जा सकता ह लिकन इस िसात को याद रखना बहद जरी ह

अगल कछ अयाय क गहन अययन क बाद भाषा-शली स एकपता का भाव पण प स खम हो

जाएगा इन िसात क पण ान और इतमाल क कला म िनपणता क बाद भाषा-शली म िविवधता का वय

अहसास होन लगगा खास बात यह ह िक इन िसात को कवल पढ़कर नह सीखा जा सकता इसक िलए

िनरतर अयास बहद जरी होता ह यिद अयास क दौरान कोई और आपको सनन क िलए तयार नह ह तो

आप अपन आपको वय सन साथ ही इस िया म खद क स आलोचक क भिमका भी िनभाए

आगामी अयाय म भाषा-शली क िनपणता क िलए िनधारत िकए गए तकनीक िसात मनगढ़त नह ह इन

िसात को दिनया भर क बहतरीन वा और कलाकार क अनभव क आधार पर थािपत िकया गया ह

िवािथय को वाभािवक रहन क िलए ितब करना कारगर सािबत नह होता भाषण क दौरान वाभािवक

रहना एकपता का कारण भी बन सकता ह उरी व म ाकितक तौर पर पाया जानवाला ॉबरी फल छोट

बीज एव हलक तीख वाद का होता ह लिकन इस ाकितक फल क तलना उत िविध स उगाए जानवाल

वािद ॉबरी फल स नह क जा सकती पहाड़ क पथरीली ढलान पर िबना िमी-पानी क ाकितक तौर

पर बौन पौध उगत ह लिकन इन पौध का दभाय यह ह िक इनक तलना नम और उपजाऊ इलाक म

पनपनवाल हर-भर पड़ स क जाती ह बशक ाकितक वभाव को बरकरार रख लिकन इस वभाव को

आदश तर तक िवकिसत करन क कोिशश जर कर

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भाव एव वशीभतता ारा कशलताभाव क िसात का पालन िविश िनयम को याद कर नह िकया जा सकता इसक भावशाली पालन क िलए इन िनयम क िवशषता को

महसस करना जरी होता ह

mdashसीएस बाडिवन लखन एव भाषण

िजस बदक क मारक मता म यादा फलाव होता ह उसस िचिडय का िशकार नह होता यही िसात

भाषा पर भी लाग होता ह जो वा बतरतीब तरीक स वाय का इतमाल करता ह उस अपित परणाम नह

िमलत वाय का यक शद महवपण नह होता िलहाजा यान रख िक कवल अहम शद पर ही जोर डालन

क कला का इतमाल कर

यिद आप lsquoमयादा पषोम रामrsquo या lsquoपावन नगरी वदावनrsquo जस शद का उारण कर तो जरी नह ह िक

सभी अर पर बराबर जोर द इनम स कछ ही अर को िवशष महव िदया जाएगा बाक अर का उारण

सामाय तौर पर होगा य न इस िसात का उपयोग परा वाय बोलन म भी िकया जाए काफ हद तक

सामाय भाषा म हम इस िसात का उपयोग करत ह लिकन या सावजिनक भाषण म इस िसात का

इतमाल िकया जाता ह दरअसल इसी ितभा क कमी क वजह स भाषण म एकपता का दश कट होता

जहा तक शद िवशष पर जोर दन का सबध ह आप एक सामाय वाय को एक बड़ शद क प म दख तो

समया का हल िनकल आएगा िननिलिखत पर यान दmdash

lsquoभाय सयोग स नह िमलता इस चना जाता हrsquo

आप मकर का िसकदर बोलत समय हर अर पर बराबर जोर डाल सकत ह

इस ऊच वर म बोिलए और महसस किजए िनसदह आप lsquoभायrsquo शद पर िवशष जोर डालग यिक इस

वाय म lsquoभायrsquo मय घोषणा ह lsquoनहrsquo शद पर भी समान बल िदया जाएगा जािहर ह lsquoनहrsquo शद को

िवशष महव नह िदया तो दशक समझग िक भाय सयोग स ही िमलता ह इसी क साथ lsquoसयोगrsquo शद पर भी

जोर डालन क आवयकता ह यिक इस वाय म lsquoसयोगrsquo शद का भी समान महव ह

lsquoसयोगrsquo शद को महव दन का एक और कारण यह भी ह िक अगल वाय म सयोग क तलना चनाव स क

गई ह साफ तौर पर लखक न इन दोन शद क तलना दोन शद पर िवशष बल डालन क यय स क ह

अथा वाय म तलनामक शद पर बराबर जोर िदया जाना चािहए

एक वा को वर क तालमल क जरए तलनामक शद पर समान बल दना चािहए यिद आप कह lsquoमर

घोड़ का रग काला नह हrsquo तो आपक जहन म सबस पहला रग कौन सा आएगा वाभािवक प स सफद

यिक काल रग का िवपरीत रग सफद होता ह यिद आप इस िवचार को कट करना चाहत ह िक भाय को

चना जाता ह तो इसको यादा भावशाली ढग स कहन क िलए पहल कह िक lsquoभाय सयोग स नह िमलताrsquo

इसक बाद कह िक lsquoइस चना जाता हrsquo यिद हम कहत ह िक lsquoमर घोड़ का रग काला नह हrsquo तो वाभािवक

प स घोड़ स यादा महव रग का हो जाता ह यिद आप कह िक lsquoमरा घोड़ा सफद हrsquo तो सामाय तौर पर

जवाब मा हामी होगा

उपय बयान क दसर वाय म कवल एक शद महवपण हmdashचनाव लखक वा वाय म lsquoचनावrsquo शद

को िवशष महव दान करना चाहता ह यिक इस शद क तलना पहल वाय क सयोग शद स क गई ह

इस िसात क मतािबक इन वाय को इस कार पढ़ना चािहएmdash

lsquoभाय सयोग स नह िमलता इस चना जाता हrsquo अब इन वाय को बार-बार पढ़ और गाढ़ िकए गए शद

पर िवशष बल द

लगभग सभी वाय म कछ शद ऐस होत ह जो महवपण िवचार को कट करत ह अथा ऐस शद को

िवशष महव दन क आवयकता होती ह अखबार पढ़त व हडलाइस पर सरसरी नजर डालकर मय

समाचार का अदाजा लगा िलया जाता ह अखबार क सपादक को धयवाद दना चािहए यिक अखबार म

हागकाग म ई लट को इतना महव नह िदया जाता िजतना आपक अपन शहर म 5 मछआर क मौत क खबर

को िदया जाता ह खबर क िवतार क ारा सपादक अलग-अलग खबर क महव को दरशान क चा करता

ह चकानवाली खबर क ओर पाठक का यान आकिषत करन क िलए शीषक को कभी-कभी लाल रग म

िलखा जाता ह

इसी कार यिद वा अपन भाषण क जरए दशक का यान आकिषत करन म कामयाब होता ह तो इस

वरदान स कम नह माना जा सकता एक सामाय वा उ पया बोलत व वाभािवक तौर पर lsquoभायrsquo

lsquoसयोगrsquo lsquoनहrsquo और lsquoचनावrsquo पर िवशष बल दगा

एक बार lsquoद ययॉक सनrsquo क सपादक चास डाना न अपन एक सवाददाता स कहा िक सड़क पर जात समय

जब वह िकसी क को आदमी को काटत दख तो उस ओर यान न द हमारा अखबार ऐसी बमतलब क खबर

क िलए न तो पाठक का यान खचना चाहता ह और न ही अपना कमती समय न करना चाहता ह एक

चपी क बाद माननीय डाना न lsquoलिकनrsquo शद का इतमाल करत ए कहा lsquoयिद तम िकसी य को क को

काटत दखो तो फटाफट दतर लौट आना और लख को छपन क िलए द दनाrsquo िनसदह यह एक बड़ी अनोखी

खबर होगी

यिद वा बोलत समय lsquoभाय सयोग स नह िमलताrsquo वाय क सभी शद पर समान बल दता ह तो यह क

न आदमी को काटा जसी आम खबर क समान नीरस होगा लिकन यिद वा सही शद पर बल डालता ह तो

वाय क खबसरती बढ़ जाती ह एक आदश वा बोल जानवाल वाय क अहम शद को पवत िशखर क तौर

पर पश करता ह एक आदश वा क भाषण म महवहीन शद नदी क सतह क तरह जलमन रहत ह वा

क महा िवचार शाहबलत क ऊच व क समान होत ह और कम महववाल िवचार मदानी घास क समान

इन महवपण िसात क आधार पर िनकष िनकाला जा सकता ह िक वाय म तलनामक शद पर िवशष

बल दना चािहए

िननिलिखत सपादकय पर यान दीिजए जानकारी क िलए बता द िक यह लख -ब कािशत िकया गया

था

हम नह जानत िक सदश िमलन क व रापित न या सोचा और एक चह को दखकर हाथी या सोचता ह

लिकन हम जानत ह िक रापित न या सोचा होगा

उ वाय म lsquoसोचाrsquo शद पाठक का यान आकिषत करता ह यिक इसको गाढ़ी याही स िलखा गया

ह इसक िवपरीत यिद बाक शद को lsquoसोचाrsquo क मकाबल दस गना गाढ़ा कर िदया जाए तो भी lsquoसोचाrsquo शद

इतना ही आकिषत करगा यिक इस शली म भी यह शद िभ प स तत िकया जाएगा

रॉबट चबस क उपयास lsquoद िबजनस ऑफ लाइफrsquo स तत िकए गए िननिलिखत उदाहरण भी महवपण ह

इस उपयास म lsquoआपrsquo lsquoचकाrsquo और lsquoहोताrsquo को हलका टढ़ा िलखकर िभ दिशत िकया गया ह जािहर ह

लखक अपन उपयास म इन शद क ओर िवशष यान आकिषत करना चाहता ह

उसन उस लड़क क ओर िवमय स िल ोध स दखा

lsquoआप इसको कायरता नह तो और या कहग आप चपक स आए और िनसहाय लड़क स जबरदती शादी

कर लrsquo

lsquoया आप मझस यह उमीद रख चक थ िक म आपक सलाह पर जकलीन क िदमाग म जहर घोलता और

खद को बरबाद कर लता यिद म ऐसा करता तो िनत तौर पर यह एक कायरतापण काय होताrsquo

कछ िवशष शद पर बल डालन क िलए और इन शद को अलग दरशान क िलए लखक न इन शद को

िभता दान क ह यिद आप जोर स बोलन क आदी ह तो महवपण शद पर बल दन क िलए उनका

उारण सहजता क साथ कर इस कार आप इन शद पर दशक का यान आकिषत करन म कामयाब िस

हग यिद आप तजी स बोलन क आदी ह तो महवपण शद क उारण क रतार धीमी कर यिद आप धीम

वर म बोलत ह तो महवपण शद क उारण क दौरान वर को भारी कर द lsquoिवभrsquo lsquoअहसासrsquo

lsquoिवरामrsquo lsquoवर बदलन क कलाrsquo lsquoगित बदल क ितभाrsquo जस अयाय का अययन कर इन अयाय क

गहन अययन क जरए िवतत प स यह जानकारी हािसल क जा सकती ह िक सही जगह पर बल डालन क

खास िसात िकतन महवपण होत ह

हालािक इस अयाय म हम बल डालन क कवल एक िसात पर चचा कर रह हmdashयानी महवपण शद पर

बल डालन और महवहीन शद को अनदखा करन क कला कभी न भलmdashभाषण को आकिषत बनान म यह

िसात बहद कारगर िस होता ह

ऊची आवाज म बोलन क आदत और शद पर बल दन क कला को एक समान मानन क गलती नह करनी

चािहए िचाना ईमानदारी समझदारी और अहसास का सचक नह ह शद पर बल दन क िजस कला पर

हम चचा कर रह ह उसका सबध वातिवक शारीरक श स नह ह हालािक यह सही ह िक शद पर बल

दन क िलए उारण या तो ऊच या िफर धीम वर म करना चािहए लिकन िजस वातिवक कशलता क

आकाा क जा रही ह उसका सबध ईमानदारी एव बलता स ह यह एक आतरक श ह िजस दशक क

समख तत िकया जाता ह

एक वा न कहा lsquoइस दश क दभाय का कारण िशा क कमी नह राजनीित हrsquo वा न lsquoदभायrsquo

lsquoकमीrsquo lsquoिशाrsquo और lsquoराजनीितrsquo शद पर िवशष बल िदया बाक शद का उारण सामाय तौर पर िकया

गया lsquoराजनीितrsquo शद क साथ एक िवशष अहसास को जोड़ा गया और इस शद क उारण क व ोध क

मा म हाथ-पर-हाथ मारा गया इस शद पर वा का जोर दन का तरीका एकदम उिचत एव जबरदत था इस

प क बाक शद क ओर लापरवाही और राजनीित पर िवशष रवए स बल दकर वा न आसानी स दशक

का यान इस शद क ओर खच िलया

आप उस गाइड क बार म कसा सोचग जो आपको ययॉक घमान क नाम पर सड़क क िकनार थत चीनी

धोबीघाट और जत चमकानवाली दकान का दशन करवान लग दशक का यान भाषण क ओर आकिषत

करन क कवल एक ही िविध हmdashया तो उजागर करन क िलए कोई साई हो या मनोरजन का मसाला हो यिद

वा का भाषण िनरथक एव उबाऊ ह तो दशक म महवपण सीख क यायान को सनन का न तो जोश

बचगा न ही िजदािदली

कभी-कभी यादा बल दरशान क िलए शद क हर एक अर पर समान जोर दना गलत नह होता जस िक

िननिलिखत वाय म lsquoपण प सrsquo पर बल िदया गया ह

lsquoम आपक ाथना पणप स खारज करता rsquo

इसी कार िकसी अित महवपण वाय को िवशष महव दन क िलए यक शद पर बल डाला जा सकता

ह इस िसात क जरए दशक को आकिषत करना आसान होता ह इस मौक पर पिक हनरी क िस

कहानी क अितम भाग को उदाहरण क तौर पर पश करना कारगर िस होगाmdash

वाय म मौजद िकसी एक शद पर जोर दन स उसका सही और गलत भाव महसस िकया जा सकता ह

यान दन योय ह िक िननिलिखत वाय म कस िविभ शद पर जोर दन स वाय का भाव पणप स बदल

जाता ह (गाढ़ िकए गए शद म हल िनिहत ह)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (लिकन मकान नह खरीदा जा सका)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (लिकन कोई कावट आ गई)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (इधर स उधर िकराए पर रहन क जगह)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (कोई मोटरकार नह कवल मकान)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (अगली वसत तक टालन क इछा नह थी)

इस वसत मरा मकान खरीदन का इरादा था (वसत म ठड क मौसम म नह)

जब समाचार-प म महा य क बार म िलखा जाना श िकया गया तो एक ही तय पर बार-बार जोर

नह िदया गया हर नए लख म नई सचना या नया िकोण कािशत करन क कोिशश क गई सबह क

सकरण म िजस खबर को यादा महव िदया गया दोपहर क सकरण म वही खबर कम महव क खबर क

तौर पर पश क गई भाषण क दौरान कहा यादा जोर दना ह यह िसात सटीक प स इस महव को दिशत

करता ह एक ही िवचार पर बार-बार जोर नह दना चािहए लिकन यिद आप िकसी महवपण घटना पर दशक

का यान आकिषत करना चाहत ह तो ऐसा िकया जा सकता ह

यान रखना चािहए िक भाषण क दौरान जोर दन क िनयम िकसी खट स बध नह होत भाषण म िकस शद

वाय और भाव पर यादा जोर िदया जाए यह वा क शली पर आधारत होता ह एक वा भाषण क जरए

जो यायान करता ह जरी नह ह िक अय वा उसी भाषण क जरए समान भाव पदा कर इस बात का भी

आकलन नह िकया जा सकता िक कौन सा यायान सही ह और कौन सा गलत य िसात वा क जहन क

उपज होत ह

4

वर बदलन क कशलताभाषण दना गायन क सशोिधत कला ह महवपण अतर यह ह िक गायन म वर क विन को लबा खचना होता ह और शद क बीच का अतराल

छोटा होता ह जबिक भाषण म शद का उारण lsquoअसबिधतrsquo वर स िकया जाता ह मय प स वर को यादा लबा नह खचा जाता और

शद क बीच का अतराल िभ होता ह गायन म वर क िविभता का मतलब यह नह ह िक आम भाषा-शली और गायन पण प स अलग

नर ह बोलन क कला म भी इसी कार वर क िविभता होती ह यहा तक िक आम बातचीत म भी तीन स छह अध वर होत ह मन जाच स

िनकष िनकाला ह िक कई य आठ अधवर तक क धनी होत ह

mdashिविलयम िशपिल िस िवान पिका

जसा िक सब जानत ह कठ क थित बदलन स ऊच नीच या मयम वर क विन उप होती ह भाषण

क दौरान न कवल इसका उपयोग एक जस उारण क िलए बक िचाहट एकार (ओह उफ) जस

भाव शद और एक ही वर म बोल जानवाल वाय क िलए भी िकया जाता ह महवपण ह िक इस अतर को

समझा जाए एक द वा न कवल लगातार उपयोग म आनवाल शदाश (अयाय 7 दख lsquoिवभ ारा

कशलताrsquo) बक भाषण क अलग शद और शद क समह को िविभ वर स अलकत करता ह हम इस

अयाय म इसी िवषय क िवशष चरण पर यान द रह ह

िवचार म बदलाव क साथ वर म भी बदलाव क आवयकता होती ह चाह वा इस िसात का होशो-

हवास म अनजान म या अवचतना क थित म योग कर लिकन यह वह श आधार ह िजसक मायम स

वर म बदलाव पदा होता ह इसक बावजद आम तौर पर वा इस िनयम का उघन करत रह ह एक

अपराधी रा क कानन क अवहलना करत ए भी दड स बच सकता ह लिकन भाषण क िनयम क अवहलना

करनवाल वा को कम भावशाली होन क नात यह दड भगतना ही पड़ता ह ऐस वा क बगनाह दशक को

भाषण म एकपता क दश को झलना पड़ता ह एकपता यिद वा क िलए पाप क समान ह तो दशक क

िलए महामारी स कम नह ह

वर म बदलाव करन क कला लगभग सभी नौिसिखय क िलए अड़चन का काम करती ह यहा तक िक

बत स िनपण वा क िलए भी यह तब यादा खर हो जाती ह जब भाषण को कठथ याद िकया जाए

यिद आप वर क एकपता क भाव को समझना चाहत ह तो यानो क एक ही वर को बार-बार बजात रह

िनसदह आपको बोरयत का आभास होन लगगा वाभािवक प स बोलन क िया म वर क िनचल तर स

लकर ऊपरी तर तक कई आयाम होत ह इन वर का वाभािवक ान होन क बावजद िकसी को कोई हक नह

ह िक दशक म एकप वर और शली स उबाऊ भावना पदा करन का मौका दान कर इसम कोई दो राय नह

िक धन क रचना म एक िवशष लय सगीत क खबसरती का आधार बन सकती ह धन म एक आधारभत लय

क मतािबक ही बाक वर का ताना-बाना बना जाता ह इस कार धन म सामजय तयार िकया जाता ह यही

वजह ह िक धािमक सकार क उय स बनाई गई धन म पिवता का आभास होता ह लिकन सावजिनक तौर

पर भाषण दनवाल वा को एकपता स बचना चािहए यिक भाषण का एक जसा ढग ऊब पदा करता ह

िनरतर वर बदलन क कला ाकितक उपहार हभाषण दन क कला म दता हािसल करन क िलए ाकितक िनयम को समझना बहद आवयक ह यान स

सिनए िक िचिडया कस चहचहाती ह िकस िचिडया क कठ स सबस कणिय वर िनकलता ह कछ िचिडया

बहद सरीली होती ह लिकन वर म उतार-चढ़ाव न क बराबर होता ह जबिक कनरी लाक और बलबल जसी

िचिडय क वर म न कवल उतार-चढ़ाव क असीम ितभा होती ह बक वर क बिदश बनान का भी गण

होता ह यहा तक िक िचिडय क बरोक-टोक मधर चहचहाहट पागलपन क हद तक मधर तीत होती ह

छोटा बा अचानक एक ही वर म बोलना श करता ह लिकन धीर-धीर वर बदलन लगता ह अपन घर

क आस-पास रहनवाल छोट ब क वर म होन वाल इस िनरतर बदलाव पर गौर स यान दीिजए खास बात

ह िक यवा क लापरवाह बातचीत को यान स सनत व वर क कई बदलाव महसस िकए जा सकत ह

कपना किजए िक कोई य िननिलिखत प को बोल रहा ह लिकन उमीद क मतािबक भाव पदा

नह हो पा रहा ह याद रख यहा हम एक शद स सबिधत िवभ क चचा नह कर रह ह हम उस सामाय

वर क चचा कर रह ह िजसम महावर पढ़ जात ह

(ऊच वर म) lsquoम अपनी छय म मौज-मती क िलए कल िनकलना पसद कगा (धीमा वर) लिकन

अभी मझ बत सारी तयारी करनी ह (ऊचा वर) म अभी भी यही सोचता र िक मर पास काफ समय बचा ह

तो मरी जान क तयारी कभी परी नह हो सकतीrsquo

इस वाय को पहल अिकत िकए गए वर क मतािबक दोहराए िफर साधारण वा क तरह वर क उतार-

चढ़ाव क िबना बोल िफर दोन ढग स बोल गए वाय क परणाम का आकलन कर

बनाम

वर म बदलाव क आवयकता वय महसस क जा सकती ह िलहाजा इस िसात को जद-स-जद

सीखन क कोिशश कर हालािक वय को एकपता स उबारन क िलए सयम क आवयकता होती ह

वाभािवक बातचीत म य पहल िवचार करता ह िफर िवचार य करन क िलए शद का ताना-बाना

बनता ह जबिक पहल स तयार िकए गए भाषण म वा शद का सही म तयार करता ह लिकन यिद इस

िया को उलट िदया जाए तो या परणाम भी बदल जाएग बहतर यही ह िक भाव य करन क िलए

ाकितक िनयम का इतमाल कर

िननिलिखत सकलन को उदासीन तरीक स पढ़ इसक अथ को समझन क िलए एक बार भी न क इस

िया को बार-बार दोहराए यान स समझन क कोिशश कर िक इस सकलन का या अथ ह िवचार पर

िवास कर इसका भावशाली यायान करन क कोिशश कर और कपना कर िक आप दशक को सबोिधत

कर रह ह यिद आपन िनदश का सही ढग स पालन िकया ह तो बार-बार पढ़न क अयास स वर म बदलाव

महसस िकया जा सकता ह

lsquoम य को नह मारता िचता मारती ह म वाय क िलए लाभदायक होता ह िकसी य क कध

पर मता स यादा बोझ नह रखा जा सकता िचता धार को न करनवाल जग क समान होती ह य ाित स

नह घषण स न होत हrsquo

mdashहनरी वाड बीचर

वर म बदलाव स बल पदा होता हयह एक बहद महवपण बयान ह वर म िविभता दशक म िच पदा करती ह लिकन दशक का यान

आकिषत करन का सबस आसान तरीका हmdashसही जगह पर बल का योग महव दन योय शद या वाय पर

सही एव सटीक बल दना बहद जरी होता ह एक महा िवरोधाभास सदा यान आकिषत करता ह िशकागो क

शोर-शराबवाल इलाक क मकाबल सहारा क शात इलाक म तोप क गज यादा भीषण तीत होती ह इस

िवरोधाभास का सटीक उदाहरण माना जा सकता ह

lsquoकास आग या करन वाली ह

भाषण क दौरान अचानक वर म बदलाव और वाय िवशष पर िदए गए जोर क जरए वा सवाल क

गभीरता को दरशाता ह

इस गभीरता को दरशान क िलए ऊपर इतमाल क गई िविध को उलट िदया जाए तो भी समान भाव पदा

होगा बस गभीरता म थोड़ा बदलाव दरशाना होगा दोन िविधय का कशलता स उपयोग िकया जाए तो बशक

समान परणाम हािसल िकया जा सकता ह

अिधकतर वा बहद तज वर म बोलत ह शसिपयर क मतािबक lsquoशीतल न और मद आवाज मिहला

का उम गण हrsquo इसका महव पष क िलए भी कम नह ह सश आवाज क िलए न तो उसका भारी होना

जरी होता ह और न ही बहद न होना

अततः वर म िविभता लान क िलए कई और महवपण पहल पर यान दना जरी ह ऊच वर म गाए

िफर वर को धीमा कर ल इसी तज पर गात समय वर को घटात-बढ़ात रह वर बदलन क इस कला का

बोलत समय भी अयास कर

भाषण क दौरान हलक मयम एव ऊच वर का इतमाल वय क िच और पसद क मतािबक होना

चािहए

5

गित म बदलाव क कशलतासनो िक वह कस िवास स लबालब तज और धमाकदार तरीक स पहल को प करता ह अभी नता स भरी शाित अभी जगिलय क तरह

ोध वह पर पटकता ह और छलाग लगाता ह

mdashरॉबट बस होली फयस

लिटन भाषा न एक ऐसा शद िवरासत म िदया ह िजसका प प स समतय उारण नह िकया जा

सकता इसिलए हमन इस अपना िलया ह इसक वप को नह बदला गया यह शद हmdashटपो िजसका अथ

होता हmdashगित म बदलाव इस गित बदलन म लगनवाल समय क आधार पर मापा जाता ह

यही कारण ह िक गीत और सगीत क कला म इसका योगदान बहद सीिमत ह लिकन इसम कोई आय नह

िक ठोस चीज म टपो को महसस िकया जा सकता ह इसक अथ का सटीक उदाहरण दन क िलए हम कह

सकत ह िक बलगाड़ी धीम टपो क साथ आग बढ़ती ह एक एसस रलगाड़ी तज टपो क साथ दौड़ती ह

आधिनक बदक बहद तज टपो क साथ िमनट क 600व िहस म गोिलया दाग सकती ह जबिक परानी मजल

बदक को दोबारा भरन म तीन िमनट लगत थ यानी धीम टपो क साथ गोली दागी जाती थी सभी सगीतकार इस

िसात को बखबी पहचानत हmdashआध वर को उठान म आठ वर को उठान स यादा समय लगता ह

मच पर भावी पशकश क िलए टपो क भिमका बहद महवपण होती ह यिद वा पर भाषण को एक ही

वर और लहज म तत करता ह तो यकनन वा न भाषण को जोर और बल क सदर भाव स विचत रखा ह

बसबॉल को फकनवाला िखलाड़ी िकट म गदबाज टिनस म सिवस करनवाला िखलाड़ीmdashसभी गित म

बदलाव क महव को बखबी समझत ह गद फकत समय टपो म बदलाव िकया जाता ह इसी कार वा को

भी टपो म बदलाव क महव को समझना चािहए

तित क दौरान गित म बदलाव स वाभािवकता झलकती हlsquoएकपताrsquo क अयाय म वाभािवकता क महव को समझाया गया था वाभािवकता क साथ टपो म

बदलाव भाषण को और यादा आकषक बना दता ह कलाकार क िलए वर क गित म बदलाव करना बहद

महवपण नर होता ह यिद कलाकार इस नर पर कमजोर पकड़ रखता ह तो अिभनय म नीरसता महसस होती

ह िलहाजा कलाकार क तरह वा को भी इस नर पर मजबत पकड़ बनानी चािहए

हालािक वाभािवक बरताव को समझन क िलए कई आधारभत और भावी साधन ह आपको जानकारी क

िलए बता द िक यह एक ऐसी ितभा ह िजस खोन क बाद दोबारा हािसल करना मकल होता ह मच पर

तित का यह वह आदश तर ह िजस हािसल करन क भरपर कोिशश क जाती ह हालािक यक वा क

िलए इसका अथ िभ होता ह इस तय क जानकारी हम आगामी अयाय म िमलगी यिद सभी वा और

कलाकार अपनी शली म बदलाव क िसात को परी ईमानदारी स िनभाए यक फसफसाहट कराह िवराम

चपी और तज वर को कशलता स तत कर तो िनसदह परणाम काफ आकषक हग भाषण क दौरान यिद

ाकितक अदाज का तड़का लगा िदया जाए तो भाषा-शली कित क सबस खबसरत तोहफ क समान आकषक

हो जाएगी

वातिवक कहािनय स रत लखक असल भाषा क जानकारी का ाकितक रस सवाद म घोल दत ह और

दशक तक इसका वाद टपो म उतार-चढ़ाव क कला क जरए पचता ह

कपना किजए िक आप िननिलिखत प क पहल वाय को धीमी गित यानी धीम टपो म पढ़त ह और

दसर वाय को तजी स महसस किजए िक इसका भाव िकतना ाकितक या अाकितक तीत होता ह इसक

पा परी प को एक रतार स पिढए अतर खद-ब-खद महसस हो जाएगा

lsquoम याद नह कर पा रहा िक मन अपन चाक क साथ या िकया ओह मझ अब याद आया मन चाक मरी

को िदया थाrsquo

इस उदाहरण क जरए यह पता लगता ह िक एक ही वाय म टपो क बदलाव क जरत हो सकती ह जरी

नह ह िक शद और वाय क िलए ही टपो म बदलाव लाना पड़ लबी प बोलन म भी टपो क बदलाव क

जरत पड़ सकती ह

गित म बदलाव स एकपता खम होती हटपो म लगातार बदलाव क जरए कनरी िचिडया अपन सगीत को अयत कणिय बना दती ह यिद राजा

सोलोमन एक वा होता तो वह जगली िचिडय क ही नह बक मधमखय क यवहार स भी रणा लता

िकसी ऐस गीत क कपना किजए िजसम कवल एक-चौथाई वर हो एक ऐस वाहन क कपना किजए

जो कवल एक ही रतार स चलता हो

गित म बदलाव स बल िमलता हगित म िकया गया बदलाव भावशाली होता ह और दशक को आकिषत करता ह यिद कोई रलगाड़ी 110

िकमी ित घट क रतार स दौड़ रही ह तो ममिकन ह िक आप उस रतार पर यान न द लिकन यिद

अचानक रलगाड़ी 20 िकमी ित घटा क रतार पर चलन लग तो आपका यान जर आकिषत होगा सभव

ह िक रतरा म खाना खात व आपका यान धीम बज रह सगीत पर न जाए लिकन यिद सगीत क आवाज

अचानक तज कर दी जाए तो आपका यान वाभािवक प स उस ओर जाएगा

यह िसात भाषा क कला म भी समान प स लाग होता ह यिद आप कोई महवपण तय दशक क

सम तत करना चाहत ह तो तय को टपो म बदलाव क साथ कशलता स पश किजए िनसदह ऐसा करन

पर दशक का यान आपक ओर आकिषत होगा िननिलिखत सवाद का इतमाल एक नाटक म िकया गया था

mdash

lsquoजो मन कहा था म उस भलना नह चाहता म चाहता िक आप इस बात को यादा-स-यादा िदन क

िलए याद रख मझ परवाह नह यिद आप छह-छह बदक अपन साथ लाए हrsquo सवाद का पहला वाय बड़

आराम स बोला गया याद रखनवाला दसरा वाय िव क गित स तत िकया गया इसी बीच कलाकार न

सवाद का आिखरी वाय बोलत व रवॉवर बाहर िनकाल िलया इस सवाद का इतना गहरा भाव पड़ा िक

दशक क जहन म परा नाटक तो धधला पड़न लगा लिकन इस सवाद को अगल छह महीन तक याद रखा गया

एक भावी वा बनन क तयारी म जट छा आसानी स समझ सकत ह िक कलाकार अपन सवाद को यादगार

बनान क िलए इसी कला का इतमाल करत ह

गित क िसात का अयास करत व िनयम स यादा िवचार का खयाल रखना चािहए इस बात स कोई

फक नह पड़ता िक िकस वाय को तज गित स बोला गया और िकस धीमी गित स महव इस बात का ह िक

भाषण क दौरान इस कला का इतमाल िकया गया या नह

भाषण क दौरान टपो म बदलाव क नर का योग बत सावधानी क साथ करना चािहए ऐसा न हो िक आप

उजना म वाय को जरत स यादा गित द द

नए वा म यह दोष यादा दखन को िमलता ह ीमती िसडोन का िनयम था िक lsquoसमय लrsquo करीब एक

सदी पहल िचिकसा-िवान म lsquoबदक स उपचारrsquo नामक औषिध िमण क जरए इलाज क था का चलन था

इसक अतगत करीब पचास अलग-अलग औषिधय का िमण मरीज को दवा क तौर पर इस उमीद क साथ

िदया जाता था िक कोई एक दवा काम कर जाए हालािक िचिकसा-णाली म यह योजना कारगर सािबत नह

होती लिकन भाषा को िविवधता दान करन क िलए इस िविध का इतमाल जर िकया जा सकता ह

गसबग समािध-थल पर समपणसिदय पहल हमार पवज न वतता एकािधकार एव िवकासशील रा क गठन क कपना क थी लिकन

आज हम गहय म यत ह बड़ा सवाल ह िक या उदारवादी सोच क साथ िकसी रा क थापना क जा

सकती ह या यह सोच लब समय तक िटक सकती ह

एक-दसर स हमारा सामना यभिम म हो रहा ह हम अपन पवज क सोच को िजदा रखन क िलए

यभिम म उतर ह यह िबलकल उिचत ह िक हम रा क िहत क रा क िलए यन कर

लिकन एक मायन म हम समिपत नह हो सकत हम सकप भी नह ल सकत हम इस धरती को पिव नह

कर सकत इस धरती क िलए समिपत जीिवत या मत बहादर योा िजसन इस सोच क िलए सघष िकया वह

योा हमार अदर मौजद नह ह दिनया हमार बिलदान को याद नह रखगी लिकन हमार पवज क बिलदान

सदा याद रख जाएग

पवज क अधर काय को परा करना हमारी िजमदारी ह हम इस मिहम को सहजता क साथ आग बढ़ाएग

अधरा पड़ा महा काय परा करन क िलए पण प स समिपत हो जान क आवयकता ह पवज क बिलदान स

रणा लकर अधर काय को परा करन क िलए समपण क योित जलानी होगीmdashण लना होगा िक हमार पवज

का बिलदान यथ न जाए भ क कपा स हमार रा म िफर स वतता का परचम लहराएगा जनता क िलए

और जनता ारा चनी गई सरकार का िफर स गठन होगा

mdashअाहम िलकन

6

िवराम एव ऊजाएक सािहयक कलाकार का मय काय भाषा क माला म लखन क उय को गथना होता ह तािक यक वाय एक क बाद एक आनवाल

महावर क माला म इस तरह जड़ता रह िक हर उलझी गथी खद-ब-खद सलझती रह

mdashजॉज ससबरी िविभ अजी िनबध का ग लखन

िवरामका िविश महव होता ह इस चपी क मायम स तत िकया जाता ह अय शद म यह एक भाव स दसर भाव तक पचन का

अतराल ह हाव-भाव क लय सभालन एव नजाकत और ितपित क िलए सनन क श श क जरत होती ह ऐसी श दोष-रिहत लय को

सनन म सम होती ह ितपित न होन क थित और बपरवाह िवराम क इतमाल स आघात और कमी का भाव पदा होता ह ऐसा लगता ह जस

िकसी कड़ी का बधन टट गया हो

mdashजॉन किलन िजनग वापटता क चिलत िसात

भाषण क दौरान िवराम का उपयोग वापटता क िलए िकया जाता ह

जब कोई य कहmdashlsquoयह आह मर िलए अथाहmdashआह समान क बात ह िक ऊहmdashमझ आप लोग क

सामन कछ कहन का मौका िमला म आहmdashिवास क साथ कह सकता rsquo दरअसल यह िवराम नह ह यह

हकलाना ह हालािक एक वा हकलान क बावजद भावी वा हो सकता ह लिकन बार-बार अटकन स

भाव नह जमाया जा सकता

इसक अलावा एक भावशाली वा क िलए महवपण वाय या महावर क शआत या अत म िवराम लना

आवयक होता ह कोई वा इस िसात को नजरअदाज करन क भल नह करता यह वह महवपण िसात

ह िजसका इतमाल लगभग सभी महा वा करत ह इस िसात को आमसा करन तक अयास करना

चािहए

वापटता क इस िसात को सरलता स समझा जा सकता ह लिकन िशण क लबी अविध क पा यह

खलासा आ ह िक इस िसात को िहदी भाषा म समझाया जाए तो एक सामाय य लबा समय लगा दता

ह अथा इस अनभव को हम यादा उसकता क साथ तत नह करना चाहत हम अपन िलए पड़ स फल

तोड़न क इछा रखत ह यिद फल कड़वा िनकलता ह तो हम उस पड़ को कभी नह भलत

एक य दसर य क वकालत करता हmdash

lsquoमर दोतो इस य न आपक और मर िलए अनोखा बिलदान िदया हrsquo

आपको नह लगता िक िवराम क वजह स इस कथन म आयजनक श उप होती ह गौर करन योय

बात ह िक वा न अपनी सयोिजत श को योग म लात ए कस बड़ भावशाली ढग स lsquoआपक और मर

िलएrsquo का भाव य िकया ह इस प को अब िबना िवराम िदए बोल या िबना िवराम क इसका भाव न

होता तीत हो रहा ह

वाभािवक ह िक पहल स सोच गए इस िवचार क साथ वा न पर यान स िवराम का सटीक जगह पर

योग िकया वा न अपन िवचार को एक पल क िलए भी नह भटकन िदया खास ह वा क तित म

lsquoबिलदानrsquo जस भारी शद क बावजद भटकाव का असर नह महसस आ

इस कार यहा एकाता क महव का बोध होता ह एकाता क िबना िवराम क सही उय को दिशत

नह िकया जा सकता

भावी िवराम क कला क ारा एक या सभी चार परणाम को हािसल िकया जा सकता हmdash

1 िनणायक भाव उजागर करन स पहल िवराम वा को अपनी सपण शय को एका करन का

मौका दान करता ह

य म िबना तयारी और सिनक क सया का आकलन िकए िबना उतरना हािनकारक सािबत होता ह

आप सय क रोशनी म मािचस क तीली को काच क टकड़ क नीच रखकर जला सकत ह लिकन काच क

टकड़ को बार-बार हटान स तीली नह जलगी ऊजा जटान क िलए कना पड़ता ह इसी तरह गलत समय पर

िलया गया िवराम दशक क मन म उसकता और सता का भाव पदा करन म कामयाब नह होता तल क

कए का ढन अकसर खला रहता ह लिकन यादा वाह क िलए तल क कए का ढन कछ समय क िलए

बद करना पड़ता ह दरअसल इस कार वाह को श सयोिजत करन का समय िमल जाता ह

अथा यावहारक ान को उपयोग म लाना चािहए िकसी िवचार को भावशाली ढग स तत करन क

िलए हलका सा िवराम ल िदमाग क शय को सयोिजत कर िफर नए जोश क साथ अपन िवचार को तत

कर कायालय न सही कहा ह lsquoम मन स िवनती करता जब तक िवचार पणतया िवकिसत न ह तब तक न

बोल शात रहन स श का सजन होता ह बोलना चादी क समान ह लिकन चप रहना सोन क भाित ह

बोलना मानवीय ह चपी ईरीय हrsquo

चपी को भाषण का सजनकता माना गया ह जािहर तौर पर माना भी जाना चािहए बत स भाषण का िसर-

पर समझ म नह आता इन भाषण म िवराम और बल क कमी क कारण भटकाव नजर आता ह िलहाजा

ब क बात पर यान दीिजए पिलस अिधकारय क बात सिनए खान क समय पारवारक बातचीत को गौर

स सिनए आपको अहसास होगा िक वाभािवक प स िवराम का उपयोग बातचीत को भािवत बनाता ह

दशक क सम पचन पर एक अवाभािवक दबाव हावी हो जाता ह नतीजतन वा इस ाकितक िसात

को भल जाता ह वा को इस दबाव स उबरकर वातिवक ितभा को तत करना चािहए

2 िवराम का अतराल सदश का महव प करन म सहायता करता ह

हरबट पसर न कहा ह िक परा ाड गितशील ह इस कार गित का सबस िनपण उदाहरण लय ह ठहराव

भी लय का अहम िहसा ह सटीक ठहराव क िलए कित क िनयम का अनकरण करना चािहए उदाहरणmdash

िदन-रात वसत ीम पतझड़ और शीत ऋतmdashइन सभी मौसम क बीच म एक ठहराव होता ह इसक अलावा

िदल क धड़कन क बीच भी ठहराव क भिमका अहम होती ह िवराम का उपयोग किजए और दशक को

गभीरता स िवचार क महव को समझन का मौका दीिजए दशक चपी क बाद कही गई बात बहद गभीरता स

समझन क कोिशश करत ह

ामीण इलाक म रहनवाल ब छया िबतान क िलए जब िकसी शहर म रहनवाल रतदार क यहा जात

ह तो मोटरगािडय क आवाज उह चकान का काम करती ह जबिक शहरी लोग पर उन आवाज का कोई

भाव नह पड़ता ह शहरी लोग चार ओर मोटरगािडय क लगातार शोर-शराब क आदी हो जात ह जो लोग

कभी-कभी शहर आत ह उह यह आवाज यादा आकिषत करती ह दरअसल लब अतराल क बाद शोर-शराब

का माहौल यादा यान भटकाता ह लब समय तक रलगाड़ी म सफर करन क बाद रलगाड़ी क गड़गड़ाहट पर

यान नह जाता यिद आप दर टगी दीवार घड़ी क िटक-िटक यान स सनन क कोिशश कर तो थोड़ी दर म

आवाज साफ सनाई दन लगगी दरअसल ऐसा करत व आप वातावरण म मौजद बाक आवाज स अपना

यान हटान क कोिशश करत ह और िटक-िटक पर यान कित करत ह

दशक क यान का िसात भी इसी िनयम क आधार पर काम करता ह इस िनयम को समिझए और इसक

िलए खद को तयार किजए इस िनयम को बार-बार दोहराइएmdashएक ठहराव क बाद सोचा गया िवचार यादा

भावशाली होता ह रात क मकाबल सबह कही गई बात यादा भावशाली होती ह यिक रात म नद क

ारा िमल िवराम क वजह स सबह एकाता यादा होती ह lsquoबाइबलrsquo क पहल प पर साफ तौर स

उिखत ह िक ईर क सजन-श को एक ठहराव क बाद lsquoसातव िदनrsquo बल िमला था आप आत हो

गए हग िक दशक का दबल एव अनत िदमाग भी इसी तरह ठहराव क अपा रखता ह कित का अनसरण

कर उसक िनयम पर यान द और भाषण क दौरान इन िनयम का पालन कर

3 ठहराव स असमजस क भावशाली थित पदा होती ह

जीवन म सदह स एक िवशष कार क िच पदा होती ह यह िच भाषा-शली स भी जम ल सकती ह

नाटक या उपयास म कथा-वत का उख श म ही कर िदया जाए तो पाठक क िच खम हो जाती ह

य क वि म सदह पष म िजासा पदा करता ह सकस म कलाबाजी करनवाला कलाकार कलाबाजी

करन स पहल कई बार नाकाम कोिशश करता ह तािक दशक म िजासा पदा हो सक इस िजासा को भापन

क बाद ही कलाकार कामयाब कलाबाजी का दशन करता ह करतब िदखान स पहल क जानवाली तयारय क

ारा कलाकार दशक क उमीद को बढ़ावा दता ह और इस दौरान दशक पश िकए जानवाल अत करतब

का इतजार करत ह हम कवल इतजार नह करत बक इस इतजार क सराहना भी करत ह यिद िकसी करतब

म मछली झट स छलाग लगाकर िकसी चीज को पकड़ ल तो थोड़ी दर म ऐसा खल नीरस महसस होन लगता ह

शरलॉक होस क कहािनय म मौजद असमजस ही पाठक को बाधकर रखता ह पाठक रहय खलन तक

बहद िच क साथ इतजार करता ह रहय का खलासा यिद कहानी क बीच म कर िदया जाए तो यकनन बाक

िहस क िलए पाठक क िच खम हो जाएगी िवक कॉिलस का कापिनक कहानी िलखन का नखा भाषण

क कला पर भी बराबर लाग होता हmdashlsquoपाठक को हसाए लाए और इतजार करन क िलए िववश करrsquo सबस

महवपण ह िक इतजार कराए दशक को इतजार क िलए रत न करनवाला कलाकार हसान या लान का

काम नह कर सकता

िशित लखक असमजस बनाए रखन क िलए ठहराव क िसात का बखबी इतमाल करता ह एक भाषण

म िविलयम ायन न कहा lsquoउह सनना मर िलए समान क बात थीrsquo और िफर वह कछ ण क िलए चप हो

गए इस अतराल म दशक क बीच िजासा पदा ई िक िकस सनकर िविलयम को समािनत महसस आ

lsquoईसाई धम क महा चारकrsquo और वह िफर क गए िजस य क वह चचा कर रह थ दशक को उनक

बार म बहद कम जानकारी थी लिकन दशक न इसक बावजद उस य को पहचानन क कोिशश जारी रखी

चपी तोड़त ए उहन कहा lsquoवट एल मडीrsquo ायन िफर थोड़ी दर तक चप रहन क बाद बोल lsquoम उनका

समान करन लगाrsquo इसक बाद वह िफर चप हो गए और एक बार िफर दशक क बीच असमजस क थित

पदा हो गई दशक सोचन लग िक मडी का िकस कार समान करन लग तब उहन कहा lsquoएक महा

उपदशक क तौर परrsquo यिद भाषण क इस िहस स ठहराव को हटा िदया जाए तो परणाम कछ इस तरह होगा

mdashlsquoउह सनना मर िलए समान क बात थी ईसाई धम क महा चारक वट एल मडी म उनका समान

करन लगा एक महा उपदशक क तौर परrsquo

एक अकशल वा इस तित को ठहराव और सदह क कमी क जरए नीरस बना सकता ह इन छोटी-छोटी

बारीिकय का सम अतर एक कामयाब और नाकाम वा क बीच क दरी होता ह

4 सटीक ठहराव स महा िवचार और भावशाली हो जाता ह

कोई भी िकसान आपको समझा सकता ह िक मसलधार बारश का पानी तज गित स बहकर दर चला जाता ह

और फसल क िलए उमीद स कम लाभदायक होता ह इसी कार यिद भाषण क गित तज ह तो दशक वा

क भाव और िवचार को नह समझ पात िकसान क पनी भी कपड़ धोन क िलए इसी िनयम का पालन करती ह

गदगी दर करन िलए कपड़ को घट पानी म िभगोया जाता ह जब जीवन क हर मोड़ पर हम इस िनयम का

पालन करत ह तो भाषा-शली म इस िनयम को य नकारा जाए दशक क सम िकसी महा िवचार को तत

करन स पहल कछ ण क तािक दशक को िवचार क गहराई तक जान का मौका िमल सक अपन भाषण

को एक िदन म ययॉक घमान का दावा करनवाल गाइड क तरह जदबाज न बनन द यह गाइड मोपॉिलटन

कला सहालय म रखी कितय क झलक कवल पह िमनट लन दत ह ाकितक इितहास सहालय का

दशन दस िमनट म करा दत ह जलजीवालय क बस एक झलक ही िमल पाती ह किलन िज को अफरा-

तफरी म पार करवात ह िचिडयाघर म भी जदबाजी हावी होती ह इसक बाद ाट टब पर वापस ल आत ह

और इसी अफरा-तफरी को lsquoययॉक दशनrsquo का नाम द िदया जाता ह यिद आप भाषण क महवपण िबद पर

सही ठहराव का योग नह करग तो िनसदह दशक आपक िवचार को नह समझ सकग

यान रख िक आपक पास भी उतना ही समय ह िजतना आपक आस-पास बसनवाल अरबपितय क पास

दशक वा का इतजार करत ह किलफोिनया क मशर लाल सागौन पड़ सकरात क मय स पाच सौ साल

पहल उपजन क बावजद आज भी यवा अवथा म ह कित क धय को दखकर वय क उतावलपन पर शिमदगी

महसस करनी चािहए चपी दिनया क सभी भाव क मकाबल यादा मन-हरण होती ह इस कला पर दता

हािसल किजए और ठहराव क जरए इसका उपयोग किजए

िवराम और ठहराव क सटीक िशण क िलए िननिलिखत सकलन म अप िवराम क सकत का इतमाल

िकया गया ह वाभािवक प स आप इन सकत का िविभ तरीक स इतमाल कर भाषण क महव और अथ

को बदल सकत ह यह मयतः िनजी ाथिमकता का िवषय ह एक दजन स यादा कलाकार न अपन अदाज

म हमलट क िकरदार को िनभाया ह िकस कलाकार न िकरदार परी िनपणता स िनभाया इसका आकलन नह

िकया जा सकता िनजी अदाज को उजागर करन स ही मनचाही कामयाबी िमलती ह

lsquoएक ण का िवराम यव को शष भीड़ स पथक कर दता ह यह आय क बात ह त का कािफला

पच चका ह और अब तक कछ भी यवथत नह ह अर जदी करोrsquo

िजन सासारक उमीद क चाह म य का िदल धड़कता ह वह राख हो जाती ह या उस गमनाम बफ क

तरह होती ह जो रिगतान क धल भर चहर को कछ समय क िलए ढक दती ह

समय क िचिडया क पास उड़न क कई साधन होत ह जबिक एक वातिवक िचिडया अपन पख क सहार ही

फड़फड़ाती ह

आपन गौर िकया होगा िक िवराम िच का ठहराव क िसात स खास वाता नह होता आप भाषण क

िकसी भी िहस को तजी स पढ़ सकत ह और कह भी िवराम ल सकत ह अथा िवचार का महव िवराम

िच स यादा होता ह

lsquoएक किवता क पतक मिदरा का याला पाव रोटी का बड़ा सा टकड़ा और बीहड़ म गीत गात हजार

कठ ओह बीहड़ का सदय वग समान होता हrsquo

बायरन ारा िलिखत सकलन म िवराम सकत पर यान दीिजएmdash

lsquoलिकन शशश (चप करन का सकत) हररर (यान स सनन का सकत) व गहरी आवाज एक बार िफर

सनाई द रही ह पहल स यादा िनकट साफ और घातक धड़ाम lsquoधड़ाम तोप क गरजन क आवाजrsquo

इन वाभािवक िविभता क महव पर लब िवचार-िवमश क आवयकता नह ह आप महसस कर सकत

ह िक आम बातचीत करत व जहन म शद और महावर का ताना-बाना बनन लगता ह और हम सही शद या

महावरा चनन क िलए हलका सा क जात ह इसी कार भाषण क दौरान सास लन क िलए क और परी सास

भरन क बाद ही दोबारा बोलना श कर जदबाजी स भाषण का सदय कम हो सकता ह

सावधानी क तौर पर एक िहदायत बहद जरी हmdashिवराम और ठहराव क िसात का बत यादा अयास न

कर िवराम क यादा अयास स भाषा-शली बोिझल और अवाभािवक हो सकती ह इस बात का भी खास

खयाल रखना जरी ह िक िवराम िकसी आम िवचार को महवपण सािबत करन का काम नह कर सकता

आपको ाचीन हायपद रचना lsquoिमडनाइट मडरrsquo का यायान याद ह िजसक शआत बत आडबरपण तरीक

स ई और अत बहद रोमाचकारी रहा अत कछ इस कार था lsquoऔर उसन िनर ढग स मछर क हया कर

दीrsquo

अितम प म िवराम को कछ इस नाटकय ढग स पश िकया गया िक दशक हसी पर काब नह रख सक

हायपद भाषण म भाषा क यह शली कारगर िस होती ह लिकन गहन और गभीर भाषण तत करत व

हायपद ढग का उपयोग भाषण का भाव ीण कर दता ह अथा भाषण क दौरान िवराम क गभीरता और

लहज क सहजता को समझना बत आवयक ह

7

सर बदलन क दतागाव क उन घिटय क धन िकतनी मधर ह

एक अतराल क बाद सनाई पड़ती ह

आवाज का उतार-चढ़ाव बहद मधर ह अभी धीमा वर

िफर तजी स बजनाmdashऔर तजी स बजना

गजायमान बहद साफ जस झका आ रहा हो

एक साधारण सी श स जर-जर म समा रही ह

वहा जहा याददात गहरी नद सो रही हो

mdashिविलयम कॉपर द टाक

हबट पसर न इस lsquoलयrsquo पर िटपणी करत ए कहा ह िक लखक न बातचीत क दौरान सर बदलन क िसात

को महव िदया ह और lsquoबड़ भावनामक तरीक स ान का दशन तत िकया हrsquo यह िकतना सच तीत होता ह

िक शद क मकाबल सर म उतार-चढ़ाव स कथन क भाव को यादा प िकया जा सकता ह सर म उतार-

चढ़ाव क मामली ितभा स भाषा का ततीकरण कई गना भावी हो जाता ह और सर क उतार-चढ़ाव क इसी

कला को िवभ कहत ह

शद क अतगत सर म बदलाव क कला और यादा अहम ह महावर क मकाबल इस कला का उपयोग

शद क बीच करना बहद महीन काम ह शद िबखरी ईट क समान होत ह लिकन सर बदलन क कला क

ारा इन ईट समान शद स राता गोदाम या िगरजाघर तयार िकया जा सकता ह सर बदलन क कला शद

को नया अथ दान कर सकती ह इसी आधार पर एक परानी कहावत क रचना क गई हmdashlsquoया कहा गया ह

यह महवपण नह ह कस कहा गया ह यह महवपण हrsquo

शसपीयर क रचना पर िटपणी करनवाली शसयत ीमती जसन न सर बदलन स सबिधत एक तीण

उदाहरण िदया ह lsquoलडी मबथ क जसा िदखन क िलए ीमती िसडस न lsquoहम नाकाम रह भाव को तीन अलग-

अलग भाव स पश िकया सवथम ितरकारपण न क तौर पर lsquoहम नाकाम रहrsquo इसक बाद अचरज जतात

ए lsquoहम नाकाम रहrsquo आय को दरशान क लहज क साथ lsquoहमrsquo पर िवशष जोर दत ए lsquoहम नाकाम रहrsquo

अत म परणाम को पता करन क मशा स वह सहमत ए जो मर खयाल स सबस सटीक भाव था lsquoहम

नाकाम रहrsquo एक सामाय अतराल म वर को धीमा गहरा और गभीर करत ए जस उसन मामल का िनपटारा

करत ए कछ इस तरह कहा होmdashlsquoयिद हम नाकाम रह तो य रह अब सब खम हो गया हrsquo

िवदशी भाषा सीखन क िया म वाभािवकता का अहसास िशण क आिखरी दौर म होता ह

वाभािवकता दरशान क िलए सर म बदलाव क कला का उपयोग आवयक होता ह सर बदलन क कला क

अभाव म एकपता झलकन लगती ह

सर बदलन क कला म सर चढ़ान और िगरान का अयास िकया जाता ह सर स सबिधत ितभा असाधारण

होती ह सर क बीच पदा िकया गया महीन अतर का भाव बहद यापक होता ह सर बदलन क कला क ारा

िविभ सर को जम िदया जा सकता ह उदाहरण क िलएmdash

तजी स सर को चढ़ाना

लब अतराल तक सर को खचना

सपाट सर

लब अतराल तक िगरनवाला सर

तजी स िगरनवाला सर

तजी स चढ़न-िगरनवाला सर

तजी स िगरन-चढ़नवाला सर

िहचिकचाहट

दरअसल सर म िविभता क कोई सीमा नह ह इन उदाहरण क ारा सर म बदलाव क सामाय िसात

यानी सर म उतार-चढ़ाव क मायम स होनवाल भाव को दरशाया गया ह

अलग-अलग िवचार और भावना को य करनवाल िविभ सर को सचीब करना नाममिकन ह इस

कला क िशण क िलए कछ महवपण सझाव क साथ अयास क िलए पया सामी का उख िकया

गया ह अयास सर म बदलाव क कला पर पकड़ बनान का सबस आसान तरीका ह

उदाहरण क िलए इस साधारण वाय को ही ल लीिजए lsquoओह यह एकदम ठीक हrsquo यान दीिजए िक कस

सर बदलन क जरए फक सराहना िवन सदह और िवचार क अिनतता को य िकया जा सकता ह

इसक बाद यान दीिजए िक कस समान भाव को दरशान म िगरता आ सर िनय अछ आचरण क साथ

सहमित उसाहपण सराहना आिद को दिशत करता ह

साधारण तौर पर ऊच सर स शका और अिनतता का भाव पदा करता ह जबिक िगरत ए वर स

िनतता का बोध होता ह

छा यह सािबत करन क िलए िक उनका भाषण lsquoकछ खास बरा नह थाrsquo ऊच सर का इतमाल करत ह

इसक िवपरीत नीच वर म भाव य करनवाल छा को कथन क सयता मािणत करन क आवयकता

नह होती

उस य को अलिवदा कहन क कपना कर िजसस आप कल दोबारा िमलन वाल ह िफर उस िम को

िजसस िमलन क सभावना बहद कम ह इन दोन भाव म सर क बदलाव का अहसास खद-ब-खद हो जाएगा

चाय पर िकसी कम पहचान क मिहला स अलिवदा कहत समय lsquoआपक साथ िबताया गया समय बहद सखद

थाrsquo का भाव और िमका क साथ िबताए गए समय क बाद इस भाव का ततीकरण समान नह होता दोन

थितय म सर म बदलाव क अतर को महसस िकया जा सकता ह

इस बात को अछी तरह समझ लना चािहए िक सर म बदलाव क िया बहद अयािशत होती ह एक-

एक शद क बीच बहद महीन बदलाव भाषण क दौरान सर म तज और बहद धीम बदलाव स इस कला को

दिशत नह िकया जा सकता हालािक यह भी नह नकारा जा सकता िक कभी-कभी सर म तज और धीम

बदलाव क भी आवयकता होती ह पर जािहर तौर पर यह िसात िवशष परथित म ही कारगर िस होता

ह िननिलिखत वाय का उारण िदए गए सकत क आधार पर किजएmdash

अब इस वाय क िविभ मतलब िनकालन क नजरए स महवपण शद क सर बदलन क कोिशश

किजए ऊपर िदए गए उदाहरण म सर को कवल दो शद क िलए बदलन क सलाह दी गई ह लिकन

हककत म अलग-अलग शद क वर को बदलकर वाय क कई मतलब िनकाल जा सकत ह

यान रह िक शद क उारण म सर का बदलाव आवयकता स यादा या कम नह होना चािहए सर म

जरत स यादा बदलाव भाषा को बनावटी बना दता ह ऐसा लगता ह जस एक परप गिहणी चलबली

अदाए िदखान क कोिशश कर रही हो यह एक वाभािवक भाव और िबना इराद िकए गए मजाक क बीच एक

महीन परद क समान ह अपन सर का वय िवषण किजए उदाहरण क तौर पर lsquoओह नहrsquo या िफर

lsquoओह म समझाrsquo और lsquoवातव मrsquo जस भाव को सर क बदलाव क जरए अलग-अलग मतलब दन क कोिशश

किजए और धयपवक इसक समीा किजए िनयम क पतक क मकाबल यह अयास िवषय को यादा

गहराई स समझन म मदद करगा इसक अलावा अतमन क आवाज पहचानना भी महवपण िवशषता ह

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भाषण-शली म एकातासावधानी बौक ि क िलए समदश य का काम करती ह इसक मता कम और यादा हो सकती ह इसक दखन का दायरा कम और

यादा हो सकता ह जब इसक मता को बढ़ाया जाता ह तो इसका दायरा कम हो जाता ह लिकन इसका परणाम बहद कशल एव गहन होता ह

हालािक इसक ारा बहद कम दायर म दखा जा सकता ह लिकन कम दायर म िदखनवाली चीज का बारीक स अययन िकया जा सकता ह एक

सीमा तक कित बौक ऊजा एव सियता चाह अनभव स हो या िवचार स सय क उन िकरण क समान होती ह िजह काच क टकड़ क

मायम स इका िकया जाता ह वत सय क िकरण स गरम हो जाती ह और आग पकड़ लती ह

mdashडिनयल पतनम मनोिवानी

िसर क ऊपर आग-पीछ क ओर हाथ फर और साथ ही अपन सीन को थपथपाए तालमल का सही अयास

होन तक यह िया नाममिकन नह तो बहद उलझन भरी जर महसस होगी एक ही समय पर दो या तीन काम

करन क िवा सीखन क िलए िदमाग को िवशष अयास क जरत होगी ह अिधकतर मनोवािनक क

मतािबक िदमाग एक समय म दो िवचार क िवषय म नह सोच सकता अकसर हम महसस होता ह िक हमन दो

िवचार क िवषय म एक ही समय म सोचा ह लिकन दरअसल ऐस दो िवचार क बीच बहद समानता होती ह

िलहाजा हम लगता ह िक यह एक ही समय म होनवाली िया रही होगी

इस दाव क सयता क मनोवािनक वजह जो भी हो लिकन इस तय स इनकार नह िकया जा सकता िक

िदमाग दसर िवचार तक पचत व पहल िवचार को छोड़ दता ह और यह िया िनरतर जारी रहती ह

अिधकतर वा एक िवचार य करत समय अगल िवचार को सोचन क बत आम लिकन हािनकारक

गलती करत ह और इस तरह वा क एकाता भग हो जाती ह परणामवप वाय क शआत तो बहद

भावशाली होती ह लिकन अत बहद फका हो जाता ह पहल स तयार िकए गए िलिखत भाषण म यान रखा

जाता ह िक वाय क अत म ही बल दन योय शद का योग िकया जाए लिकन बल दन योय शद क िलए

भावशाली तित क भी आवयकता होती ह एकाता क अभाव म यह भाव फका पड़ जाता ह िलहाजा

मौजदा वाय पर यान कित करना बत आवयक होता ह याद रह िक दशक का िदमाग वा क िदमाग का

बत यानपवक अनकरण करता ह यिद भाषण क दौरान एकाता को मौजदा वाय क जगह अगल वाय पर

कित कर िदया जाए तो दशक का िदमाग भी भटक जाता ह हालािक दशक म यह भटकाव सोचा-समझा नह

होता लिकन िनसदह ऐस मौक पर मौजदा वाय का महव दशक क िलए कम हो जाता ह वा और

कलाकार क िलए िवचार का भटकाव बत हािनकारक िस होता ह

िनसदह भाषण क बीच वाभािवक िवराम क दौरान अगल वाय क बार म सोचा जा सकता ह लिकन एक

वाय बोलत समय दसर वाय क बार म सोचना हािनकारक होता ह िकसी गहन िवचार को एकाता क िबना

तत नह िकया जा सकता िनसदह एका य िवचार क भाव को बहद भावशाली ढग स तत करन

क योयता रखता ह भाषण क तयारी क समय वा िवचार और भावना को कित करता ह वाभािवक

िवराम क दौरान अयत वा आगामी िवचार पर यान दत ए भावशाली तित क तयारी करता ह लिकन

भाषण क दौरान कवल बोल पवानमान न कर एकाता क साथ शय को भी बाट उदाहरण क िलए

िननिलिखत पर यान दmdash

lsquoआपन या पढ़ा मर वामीrsquo हमलट न जवाब िदया lsquoशद शद शदrsquo यह एक ाचीन समया ह

शद का सपाट उारण भाव पदा नह करता लिकन शद को खचन स भाव य हो सकता ह या आपन

कभी यान िदया ह िक रटा आ भाषण िकतना खोखला महसस होता ह या आपन कभी एक लय और तज

वर म दोषारोपण करनवाल अभावी कलाकार वकल या उपदशक को सना ह ऐस लोग मानिसक समया स

िसत होत ह पशवर लोग इस बात का अदाजा नह लगा पात िक महवपण भाव को सपाट तरीक स य

करन स उसका भाव न हो जाता ह िलहाजा महवपण भाव को ढ़ता स तत करना आवयक होता ह

ऐसी तित वा और दशक दोन क िलए कदायक होती ह इस िलहाज स तो तोत को भी वापट माना जा

सकता ह शसपीयर न बड़ सटीक उदाहरण क साथ समझाया ह िकmdash

lsquoमर शद ऊपर उड़त ह िवचार सतह पर रहत ह

िबना सोच बोल गए शद वग तक नह पचतrsquo

िनपण वा होन क नात शद को बार-बार नया जम दना चािहए इस कार भाषण स एकपता क बादल

छट जात ह शद क पीछ िछप वाभािवक हािदक ताजा और सहज िवचार भाषण क तित को जीवत बना

दत ह शद अिभय का परणाम होत ह कारण को ोसािहत िकए िबना परणाम तक नह पचना चािहए

या आप जानत ह िक यान कस कित िकया जाता ह या आपन िविभ शद क दाशिनक अथ पर

यान िदया ह गौर कर िक िकस कार एक काच का टकड़ा सय क िकरण स िमलनवाली ऊजा को कित

करता ह कठोर सय ह िक एका न हो सकनवाल य म या तो इछा-श क कमी होती ह या वह

घबराहट क बीमारी स िसत होता ह या िफर उस इछा-श क महव क जानकारी ही नह होती ह

हर य म वातावरण क बाक घटना स यान हटाकर खद को एका करन क श होती ह शरीर क

िकसी िहस म होनवाली पीड़ा पर यादा यान कित करन स पीड़ा और बढ़ जाती ह टिनस क खल म हार

पर यान दीिजए दशन म खद-ब-खद िनखार आ जाएगा एकाता का अथ हmdashिकसी एक चीज पर यान

कित करना और बाक चीज स यान हटाना यिद आप ऐसा नह कर पा रह ह तो कछ गड़बड़ ह इस कमी

पर सबस पहल यान द कमी को सधारन क भरपर कोिशश कर िनत प स समाधान िनकल आएगा

lsquoआम-शrsquo स सबिधत अयाय को यान स पढ़ इछा और अयास क ारा इछा-श को िवकिसत

कर हर कमत पर यान लगाए िनत प स सफलता हािसल होगी

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बलहालािक यह साधन चौका करता हmdash

उदासीनता स यथा न पदा होन द

उसाह हािसल करन क िलए भ समाज का िहसा बन

ऐसा करन स नितकता क भख बढ़गी

mdashबायरन डॉन ान

कई नाटक अछ होन क बावजद दशक को भािवत करन म नाकाम िस होत ह रगमच क जबान म कहा

जाए तो ऐस नाटक एक िनत भाव स ऊपर उठन म नाकाम रह ह दरअसल ऐस नाटक म रोचकता

मनोरजन और चडता क कमी महसस होती ह

िनसदह ऐस नाटक ासदी स कम महसस नह होत सटीक शद म कह तो ऐस नाटक क ततीकरण क

िलए बत कम तयारी क जाती ह और मच पर भी अिभनय म जान डालन क खास यास नह िकए जात इन

नाटक का ततीकरण बहतर कर िदया जाए तब भी दशक पर खास भाव नह पड़ता अतः इन नाटक को

जद भला िदया जाता ह

बल या हपणतः प तीत होनवाल शद क बारीक स छानबीन क जाए तो कई ग अथ िनकाल जा सकत ह

बल को इस णी म समिलत िकया जा सकता ह

शआत करन स पहल आतरक और बाहरी श क बीच क अतर को बारीक स समझन क कोिशश करत

ह इनम स एक श कारण ह तो दसरी नतीजा एक श वातिवक ह और दसरी ईरीय इसी कार

िनजव और सजीव बल अलग-अलग होत ह य म आतरक श को जटाकर उस भावशाली ढग स

तत करन क असीम ितभा होती ह यह कला गधक-पोटाश क समान नह होती िजसम िवफोट क िलए

बाहरी ताकत का इतमाल करना ही पड़ता ह य क बाहरी ताकत स भािवत होनवाली वातिवक श

अतमन स जम लती ह यह सनन म महज मनोवािनक तीत हो सकता ह लिकन भाषण क कला म िनपणता

हािसल करन म इसका भाव बहद महवपण िस होता ह

वा क िलए मानवीय श और शारीरक बल क बीच अतर को समझना बत जरी ह साथ ही इसक

वातिवक गण को भी गभीरता स समझना चािहए उदाहरण क तौर पर तज आवाज म बोलना श का तीक

नह होता ऊचा बोलन को अकसर िचाना माना जाता ह महज गरजन स भाषण को भावशाली नह बनाया

जा सकता हालािक ऐस कछ पल जर होत ह जब भाषण क िकसी िहस को तज आवाज क जरए बत

भावशाली बनाया जा सकता ह

बल यिद कारण ह तो भाव भी ह आतरक श का जम चार महवपण गितशील तव स होता ह सबस

पहल बल क उपि ढ़ िनय स होती ह भाषण क दौरान िकसी महवपण भाव को बल दन स पहल कथन

क सयता महव और सही मतलब का बोध होना बत जरी होता ह ढ़ िनय िवास को जम दता ह

lsquoद सटरड ईविनग पोटrsquo क एक लख lsquoइलड क टीआरrsquo म िवटन पसर चिचल न प उख िकया ह

िक चिचल और जवट क कामयाबी क पीछ भावशाली भाषण क कला सबस बड़ी वजह रही ह

आतरक श क महा को गहराई स समझन क िलए इसक मल िसात को करीब स जानन क कोिशश

करत ह य ढ़ िनय क भावना को कस महसस करता ह इसका जवाब खद सवाल म िछपा ह य

इसको महसस करता हmdashिनय का अहसास भावनामक तनाव पदा करता ह योडोर जवट और िबली

सड क भाषण दत व खची गई तसवीर का यान स अययन किजए भाषण क अत म पचन पर उन

वा क जबड़ म िखचाव और तनाव क वजह स शरीर म िखची नस पर यान दीिजए नितक और

शारीरक बल लगभग एक ही तरह स काम करता ह दोन बल को दरशान म तनाव और तत श क भिमका

एक समान होती ह

धनष क यचा क िखचाव और यचा खचन म मासपिशय का बल दशक को आकिषत करता ह इसी

कार जब वा अपनी सयोिजत श का दशन करता ह तो दशक म उसकता क लहर वािहत हो जाती ह

इस सयोिजत श को उजागर करन क िलए इस ढीला छोड़ना आवयक होता ह यही वह श ह जो दशक

को सतक बनाती ह दशक वा क जबान स बरसनवाली शद क बौछार का उसकता स इतजार करन लगत

ह आिखरकार यह इनसानी िफतरत ह एक ग म िनय और भावनामक तनाव जस जबात को नह डाला

जा सकता यिद आप अपन भाषण पी चबतर पर लकड़ी क बराद क गी लगान क सोच तो वाभािवक ह

िक आपक भाषण क फक खद-ब-खद िनकल जाएगी

िनय और तनाव क िवकिसत ितभा स दशक क बीच उसाह पदा करन का भरोसा पदा होता ह उय

को बल क आधारभत श माना जाता ह इसक अभाव म भाषण कमजोर पड़ जाता ह इसस चमक तो पदा

हो सकती ह लिकन यह चमक िबना रीढ़ क हीवाली जली मछली क समान महवहीन होती ह िजस रतार

स आप दशक पर पकड़ बनात ह उसी रतार स आपका िवास मजबत होता जाता ह

अततः यिद िवास तनाव और उय क िमण स लय को गित नह िमल रही ह तो इसका योग िनरथक

सािबत होता ह अपनी श को lsquoनीरसता म तदील न होन दrsquo उस सकारामक प दन का यन िनरतर जारी

रख

या बल को अिजत िकया जा सकता हहा इस बल को अिजत करन क इछा रखनवाला वा उ ितभा को हािसल कर सकता ह िननिलिखत

िवषण क ारा इस कला पर पकड़ बनान क सझाव िदए गए हmdashिवषय पर िवास कायम करन तक भरोस

को अिडग रख

यिद िवचार जहन म तनाव पदा नह कर पा रहा ह तो अहसास को जा करन क कोिशश जारी रख यिद

िहम-दरार को लाघना जीवन-रा क िलए जरी हो जाए तो िकसी रणा क आवयकता नह होती ऐस मौक

पर य अपनी मासपिशय म खद-ब-खद लचक महसस करन लगता ह इसी कार भाषा म िनपणता हािसल

करन क िलए वा रणा खोजन क तर स ऊपर उठ जाता ह अथा भाषा म िनपणता हािसल करन म भी

इछा-श अहम भिमका अदा करती ह

यह तय दोहरान योय हmdashदता हािसल करन म इछा-श सवपर ह इछा-श क लौ जलाए रखन

क िलए दशक या िफर आप खद रणा का ोत बन सकत ह इजन िकतना भी उम हो ईधन क अभाव म

उसस काम नह िलया जा सकता इसी कार िवराम वर क उतार-चढ़ाव और सर क बदलाव म अयत वा

म ऊजा का अभाव तित को अभावशाली बना दता ह

भाषण म बल पदा करन क चार महवपण गण पर भरपर िनयण होना चािहए व गण इस कार हmdash

िवचार िवषय पर मजबत पकड़ शद का सटीक चयन एव ततीकरण इस अक म इन सभी िवशषता क

बार म िवतत जानकारी दी गई ह िवशषकर सटीक शद का चयन इसक जरए यायान क कला बहद

भावशाली हो जाती ह भाषण म बल थािपत करन क िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दmdash

सटीक शद का चयनअसाधारण शद क मकाबल सामाय शद यादा भावशाली िस होत ह बाजीगीरी क मकाबल lsquoहाथ क

सफाईrsquo यादा चिलत शद ह

लब शद क मकाबल छोट शद यादा खर होत ह lsquoसमापनrsquo क मकाबल lsquoखमrsquo यादा चिलत शद

सकत क मकाबल दवनागरी िहदी क शद का योग कर lsquoअनrsquo क जगह lsquoआगrsquo का इतमाल यादा

भावशाली महसस होता ह

यापक शद क मकाबल िनत शद का महव यादा होता ह lsquoमकrsquo क जगह lsquoछापनवालाrsquo यादा

प भाव पदा करता ह

लय सािबत करनवाल शद िनसदह आमतौर पर बोल जानवाल शद क मकाबल यादा गहरा भाव

डालत ह lsquoउसक शादी हो गईrsquo क मकाबल lsquoआिखरकार उसन शादी कर ही लीrsquo स भाव क पता बढ़ जाती

शसयत स सबिधत अपशद क मकाबल लण दरशानवाल शद का भाव यादा होता ह lsquoउस मार

इनसान स कह दनाrsquo क मकाबल lsquoउस चालाक लोमड़ी स कह दनाrsquo जस शद स भाव यादा भ एव

भावशाली हो जाता ह

शद को मब करनावाय क शआत यान आकिषत करनवाल शद क साथ कर

ोफसर बरट वडल क मतािबक lsquoितावा शद क साथ वाय का अत करrsquo

कमजोर िवचार क समख गहन एव गभीर िवचार तत कर इस वचारक तलना स आमिवास बढ़ता ह

भाव को यादा िवतार स तत नह करना चािहए छोट वाय यादा भावशाली होत ह

िनरथक शद को भाषण स छाटन क कोिशश कर तािक अहम शद पर िवशष बल िदया जा सक

आम घरल कहावत का इतमाल औपचारक और दाशिनक िवचार क मकाबल यादा भावशाली होता ह

वाय म गहन िवचार को सही थान द इस कार िवचार क महवपण िहस को यादा बल दान िकया जा

सकता ह

lsquoलिकनrsquo िकसी न कहा ह lsquoिवषय क िदलचप िहस पर िनभर होन स भाव नह जमता उसक मल भाव

प तौर पर क गई याया और तित का सदय दशक को आकिषत करन म यादा कारगर सािबत होता

हrsquo िकसी य को बलपवक आकिषत करन क मकाबल उस मोिहत करना यादा उम तरीका ह

बल का योग य िकया जाए

यह नजरया वातिवकता क बहद करीब ह लिकन पण प स वातिवक नह ह पता धारणा सदय एव

सय क साधारण याया करना आवयक होता ह िनत ही इन गण क िमण स ततीकरण म चार चाद

लग जात ह

छोट-मोट हार क परवाह करनवाल वा आामक सदश दन म िवफल सािबत होत ह िजस तरह सत-

चमकल पथर को रगड़कर िचनगारी पदा नह क जा सकती उसी कार मा सहजता स दशक म िजासा

पदा नह क जा सकती

दशक स भर मच क समख अिभनय करत समय यिद आप भावकता क साथ कह lsquoमझ लगता ह िक

नायशाला म आग लग गई हrsquo तो जािहर तौर पर दशक हसी स फट पड़ग यिद इस भाव को िचता और

बौखलाहट क साथ य िकया जाए तो दशक एक-दसर को रदत ए बाहर क दरवाज क ओर भागना श

कर दग

वा क िमजाज और भाषा क भाव स सदश ढ़ हो जाता ह िकसी यादगार भाषण म lsquoमझ लगता हrsquo lsquoमझ

पता लगाना होगाrsquo lsquoमरी राय मrsquo और lsquoशायद यह सच हrsquo जस भाव का उपयोग नह िकया गया ह वा क

आमिवास और िनभक भाषण-शली न ही महा व यादगार भाषण क नव रखी ह दरअसल इन वा

न शद क जरए अिवनाशी सय को जािहर करन क िहमत िदखाई ह ईसा मसीह क बार म कहा गया ह िक

lsquoसाधारण य ईसा मसीह का वचन बत आनद स सनत थrsquo य दरअसल lsquoईसा मसीह पण िवास क

साथ िशा दान करत थrsquo दशक पर इस बात का भाव नह पड़ता िक आपक मतािबक या सही ह और

आपक मायता या ह भाषण म दशक को आकिषत करन क ऊजा होनी चािहए बोलन स पहल िवचार क

सयता को परखा जाना चािहए िफर उस िवचार को सय क तौर पर तत करना चािहए ढ़तापवक

िवचार क सयता को मािणत करना चािहए िवचार क घोषणा चनौतीपण लहज म करनी चािहए यिद आप

िवास क साथ नह बोल सकत तो बहतर ह िक चप रह

एक कर िवचारवाल यवा मी म वह कौन सी श होती ह जो हठधम होन क बावजद दशक को

ोसािहत करन म कामयाब हो जाता हmdashlsquoमर दोतो जो म आपको मानता भी कतय क नात आपको बताना

चाहता िक पााप ही पाप को धोन का सही माग ह पााप स पाप परी तरह धल जात ह साथ ही सय

क माग क जानकारी िमलती ह लिकन इसस बड़ी साई यह ह िक यिद म भी आपको यही िशा दन लगगा तो

सभी लोग पााप का माग अपना लग िफर यहा कोई नह बचगाrsquo भावशाली भाषण म एक यग स सबिधत

दशन तत करना चािहए आज क दौर म उसाहहीन और बमन स तत िकए गए भाषण को कोई नह सनना

चाहता आज क यग म समाज दिनया भर क जानकारी रखता ह िलहाजा भाषण और िवचार को चिलत करन

क िलए वा को दशक क िमजाज को समझना चािहए पहली कतार म बठकर िकसी िस नाय रचना को

गौर स दिखए यान रह रोमाचक नाय रचना हाय रचना नह नाटक दखत समय कहानी स अपना यान परी

तरह स हटा लीिजए और ततीकरण क तकनीक एव कलाकार क अिभनय पर यान कित किजए नाटक

क अत म अिभनय म िवशष आकषण एव बलता का अनभव होगा इस अयाय म यही तत करन क

कोिशश क गई हmdashदरअसल पण प स सिनयोिजत िनयित और कोमलता स िकया गया बल-योग दशक

क मन पर अिमट छाप छोड़न का काम करता ह

बल का योग कब िकया जाए

दशक और वग क राय िनवासी समान होत ह दशक को जबरदती मोिहत नह िकया जा सकता भाषण

क एक बहद नाजक पहल पर सदय और शाित को एक ही भाव म घोलना पड़ता ह बल क उपि िवरोधाभास

क दो अनत िकनार म स िकसी एक िकनार पर होती ह इनम स िकसी एक िकनार यानी बल या शाित को

भाषण का आधार नह बनाया जा सकताmdashइन दोन भाव का सटीक इतमाल करना चािहए भाव क िनरतर

उतार-चढ़ाव स दशक को आकिषत करनवाली ऊजा पदा होती ह सयदय क सदय क याया करत समय

िजतना जोर िचिडय क चहचहान फल क िखलन और ाकितक सदरता पर दना चािहए वह लोग क चहल-

पहल शोर-शराब और दर स आती रलगाड़ी क गड़गड़ाहट का िज भी उसी उसकता स िकया जाना चािहए

ऐस यायान म दशक क सोच को खलन का भरपर मौका द याद रख कई िदमागी ितजोरय क चाबी खो

चक होती ह इन ितजोरय को खोलन का यास कर जब म इस भाव को समझान क कोिशश करत ए िलख

रहा था िनत प स उसी व कह कोई ठकदार िकसी इमारत क िलए जमीन एक-सार करन क मशा स

पहािडय को बाद स उड़ा रहा होगा अथा काय म िवास रखनवाल य को बाद स नह घबराना

चािहए

भाषण क दौरान भावशाली तित क िलए आिखरी तक यह ह िक िवचार का आधार तयार करन क िलए

यापक एव वत सोच होनी चािहए यही वजह ह िक कछ भाषण को सबह क सारण म िवशष थान िदया

जाता ह अभावशाली ततीकरण क वजह स बत स बयान अपरप एव बढ़ा-चढ़ाकर पश िकए गए

महसस होत ह लिकन िदलचप ह िक दशक का यान खचन म यह िविध कारगर िस होती ह अतः यान

रख िक भाषण तयार करत व हलक िवचार को कमजोर कड़ी न बनन द ऐसी थित म दशक भाषण क

लचीलपन को भाप लत ह एक ितयोिगता क दौरान ीस क महा मितकार िफयास न मित क बाहरी िकनार

पर लापरवाही स गाढ़ी रखा खची उस लापरवाही क िलए आलोचना का दौर श हो गया लिकन िफयास न

मसकरात ए कहा िक उसक ारा बनाई गई मित और दसर मितकार क मित को उस ढाच म रखा जाए जो

मितया थािपत करन क िलए बनाया गया ह तो आयचिकत प स िफयास क ारा मित क चार ओर

खची गई गाढ़ी रखाए यादा आकिषत िस ई इस तरह िफयास क मित स सबिधत सभी शकाए और

आलोचनाए वाभािवक प स शसा म परवितत हो गई इसी तरह भाषण क ढाच को तयार करत समय भी

कवल बल दन योय पहल पर ही िवशष यान दना चािहए

ततीकरण क अदाज म यिद आप आामक रवए को पसद नह करत ह तो जसा िक वडल िफिलस न कहा

ह इस थित म बल क ारा भाषण म सहज भाव डालन क कोिशश कर िवचार को सास लन और शद

को जीवन दन का यास कर िबरल क अनसार lsquoयक वाय को व िबी क िखलौन क तरह झटका और

िचनगारी पदा करन योय बनाएrsquo भाषण म मौजद महवपण भाव को िवशष बल दन का यन िनरतर जारी

रख

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भावना एव जोशजोश वह गोपनीय एव सदय स भरपर श ह

जो ितभाशाली य क आस-पास मडराती ह

mdashइसाक िडजराइली सािहयक िकरदार

यिद आप वािनक क टोली को िततली क खबसरत पख पर मौजद नस क जाल और सड़क क सरचना

जस िवषय पर सबोिधत कर रह ह तो वाभािवक प स ऐसा िवषय वा और दशक म उसाह क उमग पदा

नह कर सकता य सभी िवचार करन योय िवषय होत ह लिकन बाल-म जसी करीित को खम करन क

मिहम या वतता क िलए हिथयार उठान जस िवषय पर िदए गए भाषण जािहर तौर पर दशक म जागित और

उजना क लहर पदा करत ह हम आरामदायक ग पर सोत ह ठड िदन म हीटर पर हाथ तापत ह वािद

यजन खात ह और िवपरीत िलग क ओर आकिषत होत ह इस आकषण क पीछ सख-सिवधा को सही

ठहराना उिचत तक नह हो सकता इस वभाव क मय वजह आराम क ित झकाव होती ह हमारी भावनाए

खान क ित हमारी इछा और सामािजक यवहार का तरीका िनधारत करती ह इनसान भावनामक ाणी ह

िलहाजा कशल वा बनन क िलए दशक क भावना को करीब स छना जरी होता ह

अक मल क गरीब माता न नीलामी म अपन ब को गलाम क तौर पर िबकत दखा ह इस ासदी स

त माता न शष अमरक वा क मकाबल दशक क िदल को यादा करीब स छआ ह िनसदह उन

माता को भाषण क िनयम क कोई जानकारी नह थी लिकन उनक पास िनयम स बढ़कर कछ थाmdashमातव

क भावना एव कणा कर म बदलाव और डाक-यवथा म सधार स सबिधत िवषय पर खास भाषण नह

िदए जा सक ह यादगार भाषण सदव भावना स िल रह ह वापटता क िलए कामयाबी और बिफ

िजदगी खास उपयोगी सािबत नह होती िकसी बड़ी भल को सधारन और त जनता को जा करन क िलए

क गई कोिशश न यादगार भाषण को जम िदया ह गलामी को यग क सबस िवकट िवपि घोिषत करत ए

पिक हनरी न कभी न भलाए जानवाला भाषण िदया था भाषण क दौरान ईमानदारी और भावकता स सराबोर

होकर पिक न कहा था िक lsquoया तो मझ आजादी दो या िफर मौतrsquo भाषण क इस प को कभी नह भलाया

जा सकता

जोश का भावराजनीितक पािटया िकराए पर गान-बजानवाल क टोिलया बलाती ह तािलया पीटन क िलए नकद इनाम दती

ह अफसोस िक इस काय को तकसगत भी ठहराया जाता ह राजनीितक पािटय क मान तो ऐसा करन स जनता

क उसाह को आसानी स वोट म तदील िकया जा सकता ह इस तक क सयता का आकलन नह िकया जा

सकता लिकन इस बात म भी दो राय नह ह िक समण क समान उसाह क वि तजी स फलन क होती ह

घड़ी बनानवाली एक कपनी न घड़ी क दो िकम को दो अलग-अलग िवापन क जरए बचन का राता

आजमायाmdashपहल िवापन म घड़ी बनान क बजोड़ िविध कारीगरी और घड़ी क लब समय तक िटकाऊ रहन

का भरोसा दिशत िकया गया दसर िवापन म lsquoगव करन लायक घड़ीrsquo जसी पचलाइन क जरए घड़ी खरीदन

स सबिधत गौरव का यायान िकया गया िवापन का दसरा तरीका बहद पसद िकया गया और पहल क

मकाबल दसर मॉडल क घिडय क िब दोगनी रही

अतहीन उदाहरण क जरए यह सािबत िकया जा सकता ह िक इनसान एक भावनामक ाणी ह एक

भावशाली वा बनन क िलए दशक म िवषय क अनसार भावना पदा करना बत जरी होता ह

वाद-िववाद क कला म िनपण वा अछी तरह स जानत थ िक भाषण का भावनामक पहल सबस अहम

होता ह उहन बड़ी चतराई स वापटता क बार म कहा हmdash

lsquoिदखावटी उसाह गभीर भाव यायान म िनपण रोचकता क कवल कपना क जा सकती ह इस पण

प स हािसल नह िकया जा सकता यह कवल तभी हािसल होती ह जब हािसल हो जाए यह जमीन स

िनकलनवाल फवार क समान ह पहाड़ क मख स िनकलनवाल लावा क समान ह जो कवल ाकितक श

स ही बाहर िनकलत हrsquo

lsquoिवालय म िसखाए जानवाल नजाकत स भर भाषण क तौर-तरीक उस व काम नह आत जब बीवी-

ब क भाय और दश क नाजक थित को सधारन क िलए भाषण िदया जाए ऐस मौक पर शद शहीन

हो जात ह और वापटता घास चरन चली जाती ह ऐस मौक पर योय-स-योय वा क मता ीण हो जाती

ह अतः कहा जा सकता ह िक वापटता दशभ और आमिना का एक प ह िवचार क पता िवशष

उय ढ़ िनय िनभक वभाव दीमान आख जबान पर लहरात शद और िवषय पर यान कित

करन क श स वापटता का जम होता ह ऐसी वापटता बोलन क बाक िनपणता क मकाबल यादा

भावशाली होती ह यह एक िया ह एक भावशाली और उम ियाrsquo

एक बार खाना खान क बाद एक लखक गाव क सड़क पर टहलन क िलए िनकला रात म उसन एक ढगी

को बोलत ए सना एमरसन क हर य स कछ सीख लन क सलाह को मानत ए लखक क गया और

उस ढगी क बात को यान स सनन लगा वह य बाल मजबत करन क दवा बच रहा था और दावा कर

रहा था िक उसन इस दवा क खोज एरजोना म क ह उसन अपन िसर स टोप हटात ए दवा क सकारामक

असर का यायान िकया दवा स मह धोकर सािबत िकया िक दवा हािनकारक नह ह इसक बाद दवा क

फायद का भरपर यायान कछ इस तरह स िकया िक खरीदार क लाइन लग गई दवा बचन क बाद उस

जालसाज न बड़ िवास क साथ यह समझान क कोिशश क िक मिहला क मकाबल पष यादा तादाद म

गज य पाए जात ह इस िवषय म िकसी को कोई जानकारी नह थी उसन समझाया िक मिहलाए पतल तलव

क जत पहनती ह इसिलए शरीर का मा धरती स सपक यादा होता ह पष मोट तलव क जत पहनत ह और

बाल को पोषक तव स विचत रखत ह उस जालसाज क पास इस समया का भी िनवारण थाmdashएक ताब का

टकड़ा िजस जत क तलव म रखन स समया हल हो सकती थी िदलचप बात ह िक सहज और वाभािवक

तौर पर पश िकए गए उस िनवारण का जनता न उसाह क साथ वागत िकया और एक बार िफर खरीदार क

लबी कतार लग गई

lsquoएमरसन न कहा हmdashसनो उसाह क िबना बड़ी कामयाबी हािसल नह क सकती हrsquo कालयल न कहा ह

lsquoइितहास क प म शािमल महा लमह कवल और कवल जोश व उसाह का परणाम हrsquo उसाह क भावना

चचक क समण क तरह फलती ह ऑिलवर ॉमवल न कहा ह lsquoइतन ऊच कभी न पचो िक पता ही न

चल जाना कहा हrsquo

उसाह को कस हािसल और िवकिसत िकया जाएउसाह कोई कमीज नह ह िजस जब चाह पहन लो और जब चाह उतार दो उसाह को पतक म मौजद

नसीहत स भी हािसल नह िकया जा सकता उसाह समय क साथ िवकिसत होनवाला भाव होता ह लिकन

सवाल ह िक िकस चीज का भाव जानन क कोिशश करत ह

एमरसन न िलखा हmdashlsquoएक िचकार न मझ बताया िक पड़ का बहतरीन िच बनान क िलए िचकार को खद

को पड़ क समान महसस करना पड़ता ह इसी कार एक ब का िच बनान स पहल ब क शरारत

हरकत और वभाव को समझना जरी होता ह खद को ब जसा महसस करनवाला िचकार ही ब क

िविभ भाव को िच क ारा कट कर सकता ह म रिगतान म रहनवाल एक ऐस िचकार को जानता

िजसन चान का िच बनान स पहल उसक भौगोिलक िवशषता क बार म जानकारी हािसल क और उसक

ारा बनाया गया िच िव-िस आrsquo

िकसी किठन िकरदार का अिभनय करन क िलए साराह बनाड उस िदन शाम 4 बज क बाद न तो िकसी स

िमलती थ और न ही बातचीत करती थ इस अतराल म वह अपन िकरदार म खोई रहती थ शसपीयर क

नाटक म अिभनय करनवाल महा कलाकार बथ भी िकरदार िनभान स पहल अकल रहना पसद करत थ और

खद को िकरदार म डबोए रखत थ एक महा कित lsquoद िडवाइन कॉमडीrsquo िलखन स पहल दात अपनी िमका

लोरस स लब समय तक दर रह जगल म िठकाना बनाया गफा म जीवन िबताया और कई बार भखमरी क

कगार तक पच इस क भर जीवन क बाद दात न महा हाय कित को िलखा सयदय क सदय का वणन

करन क िलए टरनर न िदन िनकलन स पहल 12 िकलोमीटर का पहाड़ी सफर तय िकया और िफर सम-तट स

उगत सय क सदय और मिहमा का वणन िकया वडल िफिलस क वाय िदलोिदमाग पर बत गहरा असर

डालत ह यिक िफिलस न 50 लाख गलाम क दःख-दद को करीब स महसस िकया था

भाषा म अहसास पदा करन का बस यही एकमा राता ह बोलत समय िवषय को िदल स महसस कर और

बाक सब भल जाए आप िजस अहसास का वणन करना चाहत ह उसक िकरदार म पण प स उतर जाए

आप िजस उय क वकालत कर रह ह िजस मामल पर बहस कर रह ह उस व क तरह धारण कर ल

उसम समा जाए और इस दौरान बाक सब भल जाए इस तरह भाव क सही मतलब तक पचा जा सकता ह

िवषय म सहानभित का भाव पदा िकया जा सकता ह कट क जानवाली भावना िनजी भावना जसी तीत क

जा सकती ह ऐसा करन स िवषय का अहसास समािहत हो जाता ह और उसाह वातिवक एव सामक प

धारण कर लता ह

इस िया को महज सलाह क तौर पर नह लना चािहए इस महसस करना चािहए यायान का अदाज

वा क भावना क उबाल को दशक क सामन परोस दता ह भाषण म वातिवक अहसास ढाच म मौजद

खन और ही क समान होता ह िजस न तो बढ़ाया जा सकता ह और न ही घटाया जा सकता ह एक आदश

भाषण म वा और दशक क भावना एक समान हो जाती ह अहसास एक-दसर क साथ िमल जात ह और

तित यादगार बन जाती ह

मानवता म सहानभित क आवयकतावा म मानव वभाव स सबिधत कणा का भाव जोर-जबरदती स पदा नह िकया जा सकता उसका

िवकास वय होता ह िवटर गो क आमकथा िलखनवाल लखक न गो क अथाह धािमक भावना को

लखन कला क महानता का आधार बताया ह हाल ही म lsquoकॉिलयसrsquo वीकली क सपादक को लघकथा िलखन

क कला पर बोलत ए सना गया भाषण क दौरान उहन बार-बार मानवता क ित ह क भावना पर जोर

िदया लिकन िनजी वाथ हािसल करन क िलए िदए गए कछ यादगार भाषण समय क साथ खद-ब-खद

महवहीनता क अधर म ल हो जात ह महानता का सबस मजबत आधार हmdashसमपण क भावना वय का

सरण जीवन का पहला िनयम ह तो आमयाग महानता का पहला लण ह पाप क बिनयाद िनजी वाथ क

जमीन पर खोदी जाती ह महा धम और दाशिनक िनरतर इस सय का सयापन करत आए ह वातिवक

सहानभित और ह स भरा यव ही मानवता क भावना म जागित पदा करन योय भाषण तत कर

सकता ह

जसा िक वटर न कहा ह सहानभित और ह दरशान का ढग िकसी काम नह आता इस अिभनय को

सफलतापवक नह िकया जा सकता lsquoकित न वातिवकता को िवशष ऊजा दान क हrsquo भाषण दत समय

शद और भावना म तालमल होना चािहए िबना भावना क तत िकए गए वाय म अहसास क कमी

झलक ही जाती ह अधर मन स पश िकए गए उदासीन यायान क िलए समाज म कोई जगह नह होती

वापटता का सबस अहम ोत हmdashईमानदारी कालयल न सही कहा ह lsquoिमरायो नपोिलयन बस और

ॉमवल म स कोई िवशष योयता का धनी नह था लिकन इन सभी यव म ढ़ िनय सवपर थाmdashऔर

मरी नजर म ऐसा ही य सा एव गभीर होता ह महा एव वातिवक गभीरता स नायक का उदय होता ह

महा य लय क िलए इतमाल क जानवाली गभीरता और लगन का यायान नह कर सकता असल म

इसक बार म िवचार तक नह िकया जा सकता हrsquo

11

तयारी क जरए बहावतित स पहल तयारी पर िवशष यान दना चािहए ठोस तयारी स तित दोषरिहत हो जाती ह

mdashसीिसरो द ऑिफस

शदकोश म उन लिटन शद पर यान दीिजए िजनम ल का योग होता ह ऐस शद साकितक भाव

दिशत करत ह

पहल-पहल आसान और आम इतमाल म िलय जानवाल शद म वाह महसस होता ह भाषण क दौरान

शद का वाह तज करना आसान नह होता इसक िलए िनरतर अयास और भाषण क दौरान होनवाली

गलितय को सधारना जरी होता ह

भाषण म बहाव का ोतमोट तौर पर कह तो मजबत तयारी भाषण म बहाव पदा करन का एकमा तरीका ह िनत तौर पर कलाकार

म मौजद पदाइशी गण िवशष महव रखत ह लिकन जम स ा गण को िनखारन क िलए अयास क

आवयकता होती ह अयास क ारा उन गण को भी हािसल िकया जा सकता ह जो यव म ाकितक

प स मौजद नह होत यह उदाहरण रणादायक हो सकता ह शायद हजरत मसा क तरह आपको भी

गलतफहमी हो िक आप म तपरता क योयता नह ह

या यह सोचना बद िकया जा सकता ह िक lsquoहम तपर वा नह हrsquo िकसी काय क िलए तपरता का

मतलब हmdashबहतर तयारी स ससत होना और व लोग सदा तयार रहत ह जो काय को अजाम दन क िलए

बहतर तयारी करत ह उगिलय क फरती स चलान का अयास ताबड़तोड़ गोिलया चलान म सम बदक स

यादा महवपण होता ह भाषा म बहाव क कला दो महवपण अवथा क सीध अनपात म होती हmdashभाषण

क िवषय और बोलन क अदाज का पण ान होना चािहए इस कार भाषण म बहाव पदा करन क अय

महवपण िसात का बोध होता ह बहतर तयारी और िनरतर अयास स भाषण म वतः ही बहाव पदा हो

जाता ह

िवषय क ान का महवआकषक ततीकरण म अयास क भिमका क साथ कछ और महवपण पहल भी होत हmdashिवचार को

मब तरीक स पश करना शद का सटीक चयन सहज यायान सही समय पर िवराम आम-चतना और

कछ अय िवशषता का वणन इस अयाय म नह तो पतक म कह-न-कह जर िकया जाएगा

आम िवषय या िवषय िवशष क अनसार तयारी क जा सकती ह दरअसल तयारी क िया म इन दोन का

सटीक िमण होना चािहए अययन क ओर िनरतर झकाव भावोजक िवचार का गहन आकलन और जीवन

क सघष स जझन का साहस िनपणता हािसल करन क महवपण मायम ह ससिहत िदमाग यापक अनभव

और सवदनशीलता रखनवाला य िकताब क मकाबल इन गण स यादा सीखता ह िवषय स सबिधत उिचत

जानकारी वातावरण स हािसल िकए गए गहन अनभव और अछी सगित स िमल महवपण सझाव जस गण क

िमण को उम तयारी माना जाता ह अछी सगित एव उम िवचार स आदश सोच िवकिसत होती ह िम

क बीच िनपण भाषण-शली तत करनवाला य ही आदश वा बन सकता ह अतः िवचार को सटीक

शद क मायम स य कर वा भी अपन भाषण स उतना ही सीखता ह िजतना दशक कभी-कभी बोलन

स पहल वा िवषय क कम जानकारी होन क धारणा बना लता ह ऐस म याद रख िक एक िवचार दसर

िवचार को जम दता ह यह जानकर हरानी होगी िक वा िजतना तत करता ह दशक उसस यादा क

उमीद रखत ह दोताना वाालाप क जरए मानिसकता और यायान म बहाव िवकिसत होता ह लॉगफलो

न कहा ह lsquoिकसी ानी य क साथ क गई एक चचा दस साल तक हािसल िकए गए िकताबी ान स यादा

कारगर िस होती हrsquo और होस न बड़ मनमौजी ढग स घोषणा क ह िक आध समय तो वह कवल

िवचाराधीन म पर ही बोलता रहा ह लिकन भाषण क मच पर यह तरीका नह अपनाया जा सकता

दरअसल सह क मायम स ा सपता का उपयोग एक महा भाषण क तयारी क िलए करना चािहए

िनसदह यह एक महा िवचार ह और इस िवचार को िवतार स तत करन क िलए एक अलग अयाय क

जरत पड़गी

अयासजानकारी को सगिठत कर उस िनत प दन को सपण तयारी नह मानना चािहए अयास क िबना तयारी

सपण नह हो सकती अथा जानकारी क अनसार भाषण का अयास करना बहद आवयक होता ह इस

िसात क आधार पर क गई तयारी और अयास का असर िनत समय क बाद ही महसस होता ह िलहाजा

शआती िवफलता स न तो घबराए और न ही िनराशा को हावी होन द शआत म इस पित को अपनान स

होनवाल भाव को नजरअदाज कर और भिवय म सकारामक परणाम क कपना कर मच पर पचन क बाद

कवल िवषय क बार म सोच दशक और वा क बीच एक-दसर क भाव समझन क असीम श होती ह

वा ारा सकत क मायम स तत िकए गए िवचार को दशक आसानी स समझ लत ह

आपस बार-बार अनरोध िकया जा रहा ह िक lsquoभाषण दत समय कवल िवषय पर यान कित रखrsquo यह सलाह

थोड़ म बत समझी जानी चािहए भाषण स सबिधत अय महवपण पहल को भलन क सलाह कतई नह दी

जा रही ह बस यह कहा जा रहा ह िक उनक बार म बवजह न सोच एकाता कवल सदश क महव पर होनी

चािहए हालािक अवचतन म तकनीक पहल पर िवचार का भटकाव होता रहता ह लिकन इसस भाषण पर

भाव नह पड़ता दरअसल एक िनपण वा समय क साथ इस कला म अयत हो जाता ह

चतना और अवचतना क बीच सहज तालमल थािपत करना बत आवयक होता ह

िजस तरह सास िलय िबना नह िजया जा सकता ह उसी कार इस िसात को भी नजरअदाज नह िकया जा

सकता मच पर हाव-भाव वर सर बदलन क कला उतनी ही िनपण होनी चािहए िजतना वातिवक हाव-

भाव वर और सर बदलन का अदाज होता ह भाषण क दौरान वाय का बहाव कसा ह बस इतना िवचार ही

बहाव को िबगाड़ दता ह

आमिवास स सबिधत शआती अयाय का यान कर उसक िनदश को याद किजए सलाह ह िक

िसात को याद िकए िबना बोलन क कला को समिझए यह जरी नह ह और हो भी नह सकता िक शद

क सही उारण क िलए आप भाषण क बीच म सोचना श कर द हककत यह ह िक ग ख क क म को

क ख ग क म क मकाबल याद करना मकल होता ह दरअसल बचपन स ही य क ख ग क म

क िलए अयत होता ह भाषण कला म िनपण होन क िलए शद का सही उारण िदनचया क कामकाज

जसा आसान होना चािहए एक नौिसिखए क िलए िपयानो बजान क िविध शआती मकल खड़ी करती ह

लिकन समय क साथ उगिलया अयत हो जाती ह एक समय ऐसा आता ह जब िपयानो बजान क िलए

उगिलया खद-ब-खद सटीक सर पर पानी क तरह तरन लगती ह इसी कार शआती दौर म बोलत व

िहचिकचाहट जर होती ह एक नए तराक क तरह भय का भी आभास होगा लिकन िनरतर डट रहन स

सफलता जर िमलती ह

इस कार िनरतर अिजत िकया गया शद का ान अयास क ारा भाषा-शली म हािसल क गई सहजता

और िवराम एव ठहराव का सटीक उपयोग धीर-धीर वाभािवक होता चला जाता ह समय क साथ भाषा का

बहाव अयास क अनप ढलता चला जाता ह

लिकन इसक िलए कड़ी महनत क जरत होती ह महनत स कौन सी चीज हािसल नह क सकती कड़ी

महनत लय हािसल करन का एकमा राता ह कड़ी महनत स हािसल क गई सफलता सबस यादा

सतोषजनक होती ह यादगार भाषण क िलए सोच गए िवचार और कड़ अयास का फल अित वािद होता ह

12

वरओह उस आवाज म कछ ऐसा ह

जो मर अतमन क गहराइय तक पचता ह

mdashलॉगफलो ाइस

lsquoद लदन टाइसrsquo क एक भावशाली आलोचक न कहा था िक अिभनय म बोलन क कला का 90 फसदी

योगदान होता ह भाषण क सदश को अलग कर िदया जाए तो सवजन क समख बोलन क कला पर भी यह

िसात पण प स लाग होता ह शानदार आवाज और सर का सटीक बदलाव दशक को उसािहत करन का

काय करती ह इस ितभा क साथ महा िवचार का िमण यादगार भाषण क बिनयाद रखता ह

लिकन यह भी मानना गलत होगा िक कवल शानदार आवाज िकसी य को महा वा बना सकती ह

इसक िलए वा का वभाव और अय ितभा का भी समान महव होता ह गहन एव सरीली आवाज का

अयास करानवाल ो लडटोन न कहा ह lsquoसौ पशवर गायक क भीड़ म स नब गायक सामाय तर स

ऊपर नह उठ पात दरअसल आम तौर पर गायक अयास स कतरात ह या इसक महव को नह समझ पातrsquo

इस कथन पर िवचार करना बत जरी ह

शानदार आवाज क िलए तीन आधारभत गण का होना बत जरी हmdash

1 सरलतासरीली आवाज का रहय िशिथलता म छपा होता ह िशिथलता स सरलता का जम होता ह आवाज पदा

करनवाली तरग तनावपण मासपिशय क मकाबल तनाव-म मासपिशय स टकराकर यादा मधर वर पदा

करती ह इस िविध को खद पर आजमाकर दिखए घणा का भाव दरशात व चहर एव कठ क मासपिशय

को िसकोड़त ए बोिलए lsquoम तमस नफरत करता rsquo इसक बाद शात हो जाइए और दय म म क भावना

जगात ए बोिलए lsquoम तमस यार करता rsquo दोन अदाज म िभता आसानी स महसस क जा सकती ह

आवाज स जड़ी कसरत का अयास करत व और बोलत व वर पर दबाव न डाल आवाज बहद नाजक

होती ह इसक साथ सती स पश नह आना चािहए जबरदती आवाज उप करन क कोिशश न कर इस

वय उप होन द आवाज को सहजता स उप होन द इस पर रख सभी बोझ को हलका करन का यास

कर

भाषण दत व कठ पर तनाव नह होना चािहए यही कारण ह िक मासपिशय को िसकोड़न स परहज रखन

क सलाह दी जाती ह कठ को आवाज क िलए िचमनी क तरह यवहार करना चािहए जािहर ह िक

अाकितक िसकड़न िचमनी को उसी कार खराब कर दती ह जस तनाव स त कठ स िनकली आवाज

हताशा और मानिसक तनाव क वजह स चहर और कठ म िशकन पदा होती ह सतलन और आमिवास क

िलए सघष कर

बड़ा सवाल ह िक िशिथलता कस हािसल क जाए इसका सबस आसान राता हmdashशात होन क इछा

अपन हाथ को कध क सीध म खड़ा कर और अचानक हाथ को खड़ा रखन क श छोड़ द तथा हाथ को

नीच िगरन द इसी तरह कठ क मासपिशय को िसर और गरदन ढील छोड़कर आराम दन का अयास कर

अपनी कमर क सहार शरीर क ऊपरी िहस को घमाए िसर को ढीला छोड़ द और शरीर क िनचल िहस को

वाभािवक तौर पर घमन द याद रख इस िया म बल का योग न कर और िसर को िबलकल ढीला छोड़

रख गरदन को िशिथल रहन द और शरीर क िनचल िहस क साथ खद-ब-खद घमन द

िसर को छाती पर िगरन द िफर िसर को उठाए और जबड़ को झलन द जबड़ को उस समय तक ढीला

छोड़ जब तक जबड़ म भारीपन का अहसास न हो कछ समय बाद ऐसा अहसास होगा जस चहर पर वजन

लटका िदया गया हो इस कसरत क ारा वर म मधर बदलाव क िलए मासपिशया तयार हो जाएगी और वर

िबना िकसी बाधा क िनकलन लगगा

इसी कार हठ को भी लचीला बनान का अयास करना चािहए हठ क जरए भी प और मधर वर

उप करन म सहायता िमलती ह हठ म लचीलपन क िलए lsquoमोrsquo एव lsquoमrsquo का बार-बार उारण कर lsquoमोrsquo

बोलत व हठ को lsquoओrsquo का वर पदा करन जसा गोल बनाए lsquoमrsquo बोलत व हठ को इस तरह फलाए

जसा िक हसत व िकया जाता ह इस अयास को बार-बार कर और हठ को कसरत करन का यादा-स-

यादा व द

इसी कार िननिलिखत अयास करन का यास करmdash

मो ई ओ ई ओस आह

इस अयास पर िनपणता हािसल करन क बाद िननिलिखत अयास हठ म लचक पदा करन क िलए बत

कारगर सािबत हगmdash

नीच अिकत िकए गए वर को याद किजए (भाव को नह) इन वर का िनरतर अयास किजएmdash

ऐ जस ऐनक म इ जस इनाम म य जस यन म

आ जस आह म आइ जस आइस म ऑ जस ऑयल म

ए जस एतराज म ई जस ईख म आ जस आम म

ओ जस ओखली म ओ जस ओस म ऊ जस ऊचा म

ऑ जस ऑसीजन म उ जस उ म ए जस एक म

इ जस इमली म ऊ जस ऊट म इ जस इस म

इस अयास को करत व यान रख िक सास भरन क बाद आवाज को गल क जगह पट स िनकाला जाए

िजस तरह कमर क बल लटकर आसानी स सास ली जाती ह उसी तरह सास लन का अयास कर अयास क

दौरान आपको महसस होगा िक सास लन और आवाज पदा करन क िया म पट क िवशष भिमका होती ह

यह सास लन क ाकितक एव सटीक िया ह सास लन क इस िया को धीर-धीर आदत म शािमल कर

यकन मािनए एक समय बाद कठ क मासपिशय को आराम दन का अयास हो जाएगा

2 पतायिद कठ क मासपिशया कमजोर एव सकण ह वर िनकलन का राता आिशक प स बद ह और मह

आधा ही खल पाता ह तो प और भावशाली वर क कपना कस क जा सकती ह आवाज तरग क

खला स उप होती ह और यिद आप अपन मह को कद म तदील कर दग जबड़ और हठ को कसकर

दबाए रखग तो कठ स वर का िनकलना बहद मकल हो जाएगा ऐस म यिद आवाज िनकलगी भी तो उसम

मधरता एव भाव का अभाव होगा बोलत समय मह को बड़ा खोल कठ को तनाव-म रख और वर को

वाभािवक प स आसानी क साथ िनकलन द

अपन मह को उबासी लन क जगह बोलन क िलए खोिलए बोलत समय वाभािवक रहन क कोिशश

किजए यिद आपक वर स सबिधत अग वथ ह तो लगातार अयास क जरए वर को मधर बनान क

कोिशश करत रिहए सफलता जर िमलगी वर म कमी क कई और कारण भी हो सकत ह गल म सजन या

िफर नाक क ही बढ़ी होन क वजह स भी आवाज साफ तौर पर नह िनकल पाती ह यिद ऐसा ह तो डॉटर

स सलाह जर लनी चािहए

वर पदा करन म गल और पट क साथ नाक क भी अहम भिमका होती ह अतः नाक का खला होना बहद

महवपण ह जसा िक हम कहत ह lsquoनाक क जरए बोलनाrsquo दरअसल इसका मतलब हककत म नाक स

बोलना नह होता लिकन नाक क महव को नजरअदाज भी नह िकया जा सकता ह उदाहरण क िलए नाक

पकड़कर बोलन क कोिशश किजए वर म होनवाला बदलाव खद-ब-खद महसस हो जाएगा यिद आप नाक

क ही बढ़न या िफर सजन क िशकायत स परशान ह तो िनत हो जाइए एक छोट स ऑपरशन स इस

समया स छटकारा पाया जा सकता ह इसी कार भाषण दन क िलए फफड़ का वथ होना भी बत जरी

होता ह जािहर ह िक जदी थकनवाला य अछा वा नह बन सकता

3 तपरतागल म घटती ई आवाज बहद उदास एव अभावशाली महसस होती ह वर िबना िकसी दबाव क पदा होना

चािहए आपको याद होगा िक सबस पहला िसात सरलता ह वर को बाहर क ओर िनकलता महसस

किजए ऐसा मािनए िक वर बाहर क ओर िनकल रहा ह इस सरलता स बहन दीिजए वर को बाहर

िनकलता महसस करन क िलए एक लबी सास लीिजए और हठ को फलाकर आह का वर पदा किजए इस

वर को पदा करन क िलए उप तरग क वाह को अगल दात क साथ टकराता महसस किजए इसका

सवदन इतना हलका होता ह िक शायद पहली बार म तो आप इस महसस ही न कर सक लिकन अयास क साथ

यह सवदना महसस होन लगगी सदा वर को बाहर क ओर िफसलता महसस कर धीर-धीर वर पदा करन म

इतमाल तरग मह क ऊपरी िहस स टकराती महसस होन लगगी वर क बाहर िनकलन क कला उदास भारी

और अभावशाली वर को अयास क साथ मधर बना दगी

हठ को बद किजए और ओऽऽऽऽऽ मऽऽऽऽऽ अरररऽऽऽऽऽ जसी गनगनाहट किजए या यह वर पदा

करत व हठ म तरग स उप कपन महसस होता ह

चहर क सामन अपनी हथली रिखए और जोर स बजजजजऽऽऽऽ क आवाज िनकािलए या आप बाहर

िनकलनवाली तरग को हथली स टकराता महसस कर रह ह यिद नह तो अयास किजए याद रिखए वर

को बाहर धकलना ही एकमा िविध ह इस बाहर धकलन का िनरतर अयास िकया जाना चािहए

वर को थामन क कला का िवकासदरी तक आवाज पचान क िलए कवल िचाना काफ नह होता ह इसक िलए शद क पता बहद

आवयक होती ह मच क सामन दशक क पहली-दसरी प तक मच पर लहरात कागज क खड़-खड़ क

आवाज तक पच जाती ह यिद वर म पता ह तो यकनन सना और समझा भी जाएगा हालािक इस बात स

भी इनकार नह िकया जा सकता िक भाषण आिखरी कतार म बठ दशक को भी सनाई दना चािहए यिद िपछली

कतार म बठ दशक को भाषण सनन म असिवधा हो रही ह तो वर क िननिलिखत िसात को समझन क

कोिशश किजएmdash

ऐस मौक पर सरलता क िनयम क साथ पता और तपरता क िनयम का भी पालन कर यह दर बठ दशक

तक आवाज पचान का मय िसात ह

भाषण दत समय दशक पर अपनी नजर न िटकाए यह अदाज न कवल वा क भाषण को अभावशाली

बनाता ह बक ऐसा करन स वा क आवाज कवल एक िदशा म बहती तीत होती ह

तरग क एक िनत म स वर पदा होता ह इस आकषक बनान क िलए दो महवपण पहल पर यान

दना आवयक हmdashलबी सास भर और आवाज म यादा कपन पदा कर

सास आवाज पदा करन का आधार होती ह िजस तरह कारतस म बाद क कम माा गित क मता को

कमजोर कर दती ह उसी कार सास का अभाव वर को कमजोर बना दता ह गहरी सास न कवल आवाज को

उिचत सहारा दती ह बक इसस वर म गज भी पदा होती ह अतः वा क आवाज म िवशष आकषण पदा

हो जाता ह

आम तौर पर कमजोर वाय कमजोर आवाज का कारण होता ह जबिक पण प स वथ वा क

आवाज म बलता क साथ गज भी महसस होती ह

वाय िवान स सबिधत िसात क बार म िवान म कई मतभद ह लिकन एक िबद पर सभी क राय

समान हmdashगहरी सास भरन क कला स आवाज क ाण-श और आय म बढ़ोतरी होती ह इस िसात क

िनरतर अयास क ारा इस वभाव म ढालन क भरपर कोिशश कर बोलन स पहल लबी सास ल लिकन

यान रख सास भरन क बाद बोलत व साफ क घर-घर न सनाई द

एक सास म इतना लबा न बोल िक दसरी सास भरन का मौका ही न िमल ाकितक िनयम क िव

अनपात स यादा सास भरन या सास क अनपात स यादा बोलन पर खासी या धचक जसी िशकायत हो सकती

कई सफल वा िविभ दश क थानीय भाषा क मतािबक अपन कठ स वर िनकालन का अयास बहद

कम समय म कर लत ह इन किठन यास क वजह स ऐस वा का लबी सास भरन का अयास और

फफड़ क श काफ हद तक बढ़ जाती ह कड़ मकाबलवाल बाकट बॉल और टिनस जस खल क ारा

गहरी सास लन क श को अकापिनक तौर पर बढ़ाया जा सकता ह यिद यह िविध आपक िलए सहज नह

ह तो िननिलिखत सझाव पर यान द

अपनी कमर क दोन िहस को हथली स पकड़

अपनी उगिलय और अगठ क मायम स कमर को जकड़ और फफड़ स हवा तजी स बाहर क ओर छोड़

गहरी सास ल याद रख इस िया का किबद शरीर का मय िहसा यानी पट होना चािहए ऐसा करत व

कध को न उचकाए इस कसरत को बार-बार दोहरान का अयास कर

िवशष न लबी सास भरन क कला क िविभ तरीक को अपनान क सलाह दी ह खास बात ह िक सभी

तरीक म लबी सास खचन और छोड़न को िवशष महव िदया गया ह

वर म कपन पदा करन क िलए भी अयास सबस अहम भिमका अदा करता ह अपनी उगली को हठ पर

रख और तजी स ऊपरी व िनचल हठ स टकराए ऐसा करत व अपन गल स आवाज बाहर क ओर फक

या आपको हठ म कपन महसस आ यिद नह तो अयास कर परणाम बहद जद सामन आ जाएगा

इस अयास को दोबारा कर और नाक स आवाज को बाहर फक नाक क ऊपरी िहस को अगठ और पहली

उगली स दबाए या नाक म कपन महसस हो रहा ह

अपनी हथली को अपन िसर पर रख और नाक स िनकलनवाली आवाज दोबारा िनकाल आवाज को िसर स

उप होता महसस कर या िसर म कपन महसस हो रहा ह

अब हथली को िसर क पीछ रख और पहली िया को दोबारा अपनाए इसक बाद हाथ को सीन पर रखकर

समान अनभव कर शरीर क िजस िहस म आवाज क वजह स कपन हो रहा ह उसी िहस स आवाज को

िनकलता आ महसस कर

सास को परी तरीक स बाहर छोड़न क बाद इस िया को िफर दोहराए और पर शरीर म उप सरसराहट

को महसस करन क कोिशश कर शरीर म महसस होनवाली सरसराहट यकनन मजदार महसस होगी

वर क शतािफजल म सास खच करन स वर क गणवा घट जाती ह सास पर यान स िनयण थािपत कर वर

उप करन क िलए सास क सही माा का उपयोग कर बाहर िनकलनवाली सास क एक-एक कतर को

उपयोग म लाए ऐसा करन म नाक म सास क घर-घर सनाई पड़ती ह सास को खचल वभाव क साथ खच

लिकन बाहर बहद कजसी क साथ िनकाल

वर क िलए सलाहआवाज फटन क समय श का बहद कम योग कर

भाषण दत व ठड पानी स परहज रख बोलन म इतमाल होनवाली ऊजा स कठ क मासपिशया गरम हो

जाती ह अतः ठडा पानी कठ को आघात पचा सकता ह

वर को बहद ऊपर तक ल जान स बच ऐसा करन स आवाज ककश हो सकती ह वा आम तौर पर यह

गलती करत ह यिद सहसा महसस हो िक आवाज बहद ऊच वर पर पच गई ह तो वर को सहजता क साथ

नीच लाए इस अयास को िदनचया का िहसा बनान क कोिशश कर वर म िवतार पदा करन क िलए lsquoअrsquo

अर को धीम सर म िनकाल और हर अगल अर क साथ सर को ऊचा करन का अयास कर सर म िवतार

पदा करन स भाषण म िविवधता लाना आसान हो जाएगा

बोलत समय अपनी आवाज को सनन क आदत न डाल ऐसा करन क िलए बोलत समय भाव को समझन क

कोिशश क वजह स भटकाव क थित पदा होगी और भाषण का भाव फका पड़न लगगा

13

वर का जादसादगी हसमख यवहार को आकषक बना दती ह

ान हािजर-जवाबी को िश बना दता ह

mdashजोसफ एिडसन द टटलर

पॉइ न कहा ह िक lsquoवर का सदय शोक म िनिहत होता हrsquo दरअसल पॉइ न कारण को भाव क वजह माना

ह इसक िवपरीत इस बात पर यान नह िदया िक शोक सदय न करन का कारण होता ह वह सता स

सदय बढ़ता ह डबत सरज का सदय आनिदत नह करता बक गहरी उदासी क भावना को जम दता ह

िसरहन पदा करनवाला गहरा और गभीर सगीत दःख क भावना उप करता ह सयात क समय िचिडय का

धीम-धीम चहचहाना िनराशापण अहसास पदा करता ह

गभीर सदय स िनराशा का भाव पदा होता ह गित स उजना और आनद का अहसास होता ह थरता स

गभीर िचतन क मनःथित और गभीर हो जाती ह गभीर िचतन क अवथा म अतीत म घटी दःखद घटना

क ओर यान आकिषत होता ह थर सदय स भिवय म कामयाबी क धधली उमीद जा होती ह ऐसी

अवथा म य उपलध क िलए जरी उसाह जटान म कामयाब नह हो पाता

इसी कारण सदय स पदा होनवाली िनराशा और आनद क बीच क महीन अतर को समझन क योयता होनी

चािहए स आनद का अहसास अतरामा स जड़ा होता ह इस भाव स जम लनवाल उसाह और आशावाद

क कोई तय सीमा नह होती ऐसी थित म य सति क भावना स सराबोर हो जाता ह हालािक इस

अयाय म वर क जाद का तापय उसाह एव सता स ह लिकन िफलहाल चचल वभाव तजवी आख

और उास क बात क जा रही ह

वर क आनददायक लय म माहौल को मदहोश करन का जाद होता ह पाठक को इस बात का बोध हो गया

होगा िक मधर वर पदा करनवाल कठ क िलए लापरवाह होना िततली क पख को चीरन क समान ह जो पख

क मनमोहक सदरता को न कर दता ह लिकन या भाव को जान िबना कारण को थािपत करना यायसगत

होगा

नथन म घषण स घिटय क गजन समान वर उप होता हवर म पता क िलए नथन का वथ एव खला होना जरी होता ह अगल अयाय म िदए गए सझाव

और चताविनय क बाद नाक स िनकलनवाल वर और नथन स उप होनवाल प वर क बीच का अतर

आसानी स समझा जा सकता ह ासीसी गायक म नाक क वर क पता यादा होती ह

नाक म गज पदा करन क िलए िननिलिखत पय का गाकर अयास कर और नाक स िनकलनवाल पन

वर पर िवशष जोर द नथन क सहार वर को ऊपर-नीच कर इसका अयास ऊचा और िनन वर पता स

उप करन तक कर

lsquoिसग सॉग िडग-डॉग हॉग-कॉग लॉग-थॉगrsquo

अवाभािवक उ वर िनकालन क अयास स सामाय तौर पर बातचीत क दौरान पदा होनवाला वर खद-

ब-खद मधर हो जाएगा य जब अवाभािवक तौर स ऊचा वर पदा करता ह तो उतम आलाप म आवाज

जनाना महसस होन लगती ह अतः आलाप लन म कठ को थका दन क थित तक अयास न कर

अिभनी मरी एडरसन न किव लॉगफलो स पछा िक आवाज म आकषण पदा करन क िलए या करना

चािहए लॉगफलो न कहा lsquoतज एव आनदमय आवाज म पढ़न का िनरतर अयास करrsquo

आनद स भरा वर सबस मधर होता ह इस अयास क जरए िवकिसत कर सिच मन स अयास कर

सता क भाव स शरीर िवकिसत होता ह वर िनकालन का राता खलता ह दय और फफड़ वथ होत

ह अतः मधर वर उप होन क सभी जरत तयार हो जाती ह

सता मय प स मानिसक वि ह िजदगी क िलए सकारामक नजरया सता को जम दता ह हाल

ही म एक दरसचार कपनी न िमसाल क जरए िवापन जारी िकया था lsquoमसकराहट भरी आवाज िदल जीतन का

काम करती हrsquo इस िमसाल को आजमाकर जर दख

आनद स भर ग या गीतामक किवता को सता एव मसकराहट क साथ पढ़त व वर म वाभािवक

मधरता पदा हो जाती ह िननिलिखत सकलन अयास क िलए बत मददगार सािबत हो सकत ह

इन उक उदाहरण का अयास करत व दो बात पर िवशष यान दmdashशरीर और दय का सता भरा

वभाव और वर क उम विन इन दोन पहल पर पकड़ बनान क बाद यान स सावजिनक प स बोलन

क कला क िसात को याद करत ए इन वाय को पढ़ इह याद करना बहद फायदमद सािबत होगा

िमटन क lsquoएलrsquo एलोrsquo सकिलत िकए गए अयासउतावली सदर यवती अपन गीत म ह रचती

िदगी और जवानी स भरी मती

हािजर-जवाबी और िचड़िचड़ाहट और छल-कपट

हामी और इशार और मनमोहक मसकराहट

जस हब क गाल स हो लटकती

और गाल क ग म धीर स िफसलती

खशी स चहकत सलवट स भर चहर

मसकराहट स भर जात ह हठ क घर

जस ही जान लग इस लपक लो

िबजली-सी फरती स पकड़ लो

अपन सीध हाथ स राह िदखाती

पहाड़ क सदर यवती वतता दरशातीmdash

और यिद म उिचत समान का दशन क

तो सता स उसक कािफल का िहसा बन

उसक साथ और सदा पास रहन क िलए

िबना आघात पच हष क साथ जीन क िलए

उसक चहचहात-स मती भर गीत क िलए

धधली रात म चौका-सा गनगनान क िलए

आसमान को छत बज स िनहा

िचतकबरी शाम का गार होत ए

िफर ष क कारण उदासी स भरकर रोऊ

अगल िदन क िलए िखड़क स तह शभकामना क

मीठी बरी और अगर क बल स

और मड़ी-तड़ी लता क रश स

जब मरगा धधल उजाल म हगामा मचाता ह

धीर-धीर उजाला धधलक को िमटाता ह

हौसल क साथ बाड़ क आग अकड़कर चलता ह

बाड़ क दरवाज स टाल तक का चर लगाता ह

जगली क और िहरण क आवाज अकसर आती ह

सबह क उजाल क साथ बढ़ती चली जाती ह

िकसी बढ़ पवत क िकनार स

जगल क गहराई म तीखी गज बढ़ती जाती ह

कभी चपक स छप-छपकर चलत ए

हम क व और पहाड़ी घास पर टहलत ए

सीध पव ार क ओर बढ़त ए

जहा स सय अपना सफर ह श करता

लपट म िलपटा तज चमकता

बादल क हजार झड म स झाकता

पास ही म िकसान खत को िनहारता

हल स खत म जताई क िनशान बनाता

दध दहती ए गाती यवती का साज

हिसए स घास काटन क आवाज

चरवाह अपन िकस ह सनात

घाटी म बल क नीच सतात

समदरसमदर समदर दर तक फला समदर

नीला ताजा ताप स म समदर

न कोई िनशान न कोई सरहद

धरती क छोर तक फला इसका कद

बादल स खलता आकाश को ठगा िदखाता

जस कोई ाणी लहर म झलता लहर को झलाता

म समदर म म समदर म

म वहा जहा सदा होना था चाहता

नजर उठाऊ या झकाऊ नीला-ही-नीला नजर ह आता

चार ओर शाित ह और िफजा म फला आ साटा

एक तफान आए और शात समदर को नद स जगाए

या फक पड़ता ह चाह म ही गहरी नद य न सो जाऊ

मझ यार ह ओह म इस सफर क िलए ाण योछावर कर जाऊ

सफर क गस स भड़कती झाग उगलती लहर पर

जहा चाद को आगोश म ल लती ह हर मदमत लहर

तफान म तज बहती हवा क सीटी-सी लय

पानी क भीतर का जीवन और उसका भय

अब पता चला समदर स दिण-पव हवा को कौन बहाता ह

ऐस फक सत और िनजन समी तट पर मन सहम जाता ह

लिकन िवशाल सम क िलए मरा म बढ़ता ही जाता ह

इसक सीन स िनकली लहर पर मरा शरीर उलटा बह जाए

जस डरा आ चजा घोसल क िकसी कोन म छप जाए

जसी उसक मा ह वसी ही मा हो मरी

काश सम स पदा ई होती शसयत मरी

काश लहर सफद सबह सख लाल होती

जब समी शोरगल म मरी पदाइश होती

हल बजाती सीटी सगमाही पलिटया खाती

और डॉलिफन पलटकर सनहरी पीठ िदखाती

ऐसा जबरदत शोरगल जो कभी िकसी न न सना होता

समदर क ब क वागत म कछ ऐसा आ होता

इसक बाद शात और बपरवाह जीवन जस कोई सत

घमड़ क तरह िजए होत जीवन क पचास वसत

बाटन को सपि और कयाण क िलए असीम श होती

न तो कोई बदलाव होता न ही बदलाव क कोई चाह होती

और मौत जब चाहती मर पास आ जाती

लिकन बस इसी खल आजाद समदर म आती

mdashबरी कॉनवल

सय मा कछ पड़ और फल क िलए नह उगता उसक रोशनी दिनया भर म सता फलाती ह पहाड़ क

चोटी पर अधर म उदास दवदार का अकला पड़ सोचता होगा िक lsquoसय बस उसी क िलए उगता हrsquo छोट घास

क मदान म उगत बगनी फल को दखकर घास क ितनक एक-दसर स काना-फसी करत हग lsquoसय कवल

हमार िलए कट होता हrsquo खत म ग क बािलया एक-दसर स टकराकर कहती हगी lsquoसय कवल हमार िलए

उगता हrsquo लिकन वग म िलत दीमान सय चिनदा चीज क िलए उगता ह उसक रोशनी पर ाड को

सखद गरमाहट पचाती ह और धरती पर मौजद सम-स-सम ाणी भी पर िवास क साथ कह सकता ह िक

lsquoह मर िपता म आपक ही सतान rsquo

mdashहनरी बाड बीचर

द लाकजगल क भारी-भरकम िचिडया

कभी फ कभी बोिझल िचिडया

वीरान म हरयाली म गाती खशी क गीत

जस िजदािदली का हो तीक

मर घरद को धय बना दतीmdash

ओह रिगतान म भी सख उपजा दती

जगल म चहचहाती अड पर बठ जाती

कह दर थम रोिमल बादल क रहाइश

म स िमली श म स िमली पदाइश

जहा ओस स भीग िचिडया क पर

जहा नर करता ह लबा सफर

वग म सदय धरती पर यार

पहाड़ स लढ़कत चमकत झरन क बौछार

बजर जमीन और जगली पहाड़ क हरयाली

िशकार स िनकलती लाल भाप-सी सबह मतवाली

धधल बादल क सग हाथ म डाल हाथ

इधनष क उजल गहर रग क साथ

कह दर ऊची उड़ान मधर ताल और दवदत का गान

िफर धीर स छटता अधरा और पौध म पड़ती जान

सखी पड़ी झािडय म उपजत फल क शान

म का मौसम गाता हरयाली क िलए वागत गान

जस िजदािदली का हो तीक

मर घरद को धय बना दतीmdash

ओह रिगतान म भी सख उपजा दती

mdashजस हॉग

िजदािदल बातचीत म सता का अहसास होता ह अतः िकसी महा िवचार क किबद पर चचा क बाद

एक िवराम दना चािहए ऐसा करन स िवचार का महव यादा गहरा हो जाता ह भाषण म सता क भाव स

वर म िविवधता पदा होती ह िनरतर अयास करन स एक समय क बाद ऐस भाव कट करत व दात स

जीभ का टकराना महसस होन लगता ह नश क भाव स लड़खड़ाती जीभ स िनकला वर सता एव

िविवधता नह दरशाता जीभ को मह म थर रखकर बोलन क कोिशश किजए वर म कछ ऐसा ही भाव

नजर आएगा इसक अलावा यायान म िविवधता एव िजदािदली शािमल करन क िलए महवपण िवचार पर

सटीक बल दन का अयास किजए

िननिलिखत पय म शािमल अहम िवचार का उारण सटीक बल क साथ कर जोश क साथ पढ़ जीभ

क महीन पश को महसस कर भावशाली वर क िलए जबान म लचक बत महवपण होती ह

द कम जलपिय क िशकार क िलए आया

िशकार क िलए घात लगाई िनशाना लगाया

म झािडय म िबजली क फरती स झपटा

पहाड़ क िफसलन भर ढलान पर रपटा

तीिसय पहािडय पर भागा सरपट

पहाड़ी दर म अकसर गया रपट

बीिसय गाव और कब म भागा

पचािसय पल को मन लाघा

िफिलप क फाम तक हवा क तरह बपरवाह बहता

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

म पथरील रात स बड़बड़ करता

िचाता ऊची आवाज म चीखता

म नदी क गहराइय म बदबदाता

म छोट पथर क सग बड़बड़ाता

नदी क तीख िकनार स रगड़ जाता

कभी उजाड़ जमीन कभी हरयाली स सहम जाता

रात म कई परय क िमल घरद

कह घास क मदान कह सख पड़ पड़ ध

बस एक ही काम बकबक करना और बहत जाना

पानी क तज धारा म ऊपर-नीच लहरात जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

कभी डब जाता कभी उबर जाता

बहद खबसरत ह य बहत जाना

अगल-बगल म तरत कामख मछिलया

इधर-उधर फड़फड़ाती रग-िबरगी िततिलया

यहा-वहा स गजरती झाग स भरी टकिडया

मर सफर म सब मर ऊपर स गजरत रह

हर पश क साथ मझ दबल करत रह

सनहरी बजरय क ढर को समटत जाना

बाह म भरकर बिफ म बहत जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

अछा लगगा घास क मदान स चराना

एक िफसलन भरा हलका भरा टकड़ा दीवाना

म िमठास म बहता रगा मझ न भलाना

याद रखग दीवान िक था कोई आिशक पराना

म रपटा म िफसला कभी अधरा तो कभी उजाला

भख म तरत सफद झाग को बना िलया िनवाला

चाद-िसतार क साए म बड़बड़ाना

काटदार जगल म अटक जाना

तरत ल पर लटक जाना

चसर क साथ बहत जाना

िफर बहाव क साथ मड़ जाना

उफान पर आई अहड़ नदी म लगाया गोता

लोग का काम ह आना और जाना

लिकन मझ सदा क िलए ह िमट जाना

mdashएफड टिनसन

सड़क पर मौज-मती करत ब क आवाज का आकषण मन को स कर दता ह लिकन अपताल म

सहमी ई आवाज हताशा पदा करती ह एक िनपण िचिकसक मरीज क आवाज स बीमारी क गभीरता को

भाप लता ह वाय का िगरना और वाय स सबिधत िचता वर म उदासी भर दती ह िजस कार बीमार

शरीर को वथ करन क िलए आराम क जरत होती ह उसी कार भाषण स पहल िनराशा को दर करन क

िलए एकात क जरत होती ह रोमन सा िटबरयस क काल म एक सभासद न दसर सभासद को िलखा

mdashlsquoसमझदार क िलए इशारा काफ होता हrsquo

lsquoपहनाव स अकसर इनसान क यव का पता लग जाता हrsquo आवाज भी य िवशष स सबिधत कई राज

खोलती ह िछछली मिहला िनदयी पष पथ इनसान यावहारक यmdashसभी वर और लहज क जरए

असल यव को दरशा दत ह चालाक-स-चालाक य अपन भाव छपान क िलए िकतना भी छल य न

कर ल असल इराद को परी तरह नह छपा पाता ोध और अिय थित म आवाज तज हो जाती ह म क

भाव क साथ मधर और धीमी आवाज क बदलाव क िविभ प को शद म बया करना आसान नह ह िकसी

िस रगमच क चिलत नाटक को दखन जाइए और कलाकार क वर भाव बदलन क अदाज का यान स

अययन किजए िनसदह वर और भाव म िविभ भाव पदा करनवाला कलाकार सबस यादा पसद आएगा

एमरसन न कहा ह lsquoयिद इनसान को भगवा क साथ रहन का मौका िमल जाए तो िनत तौर पर इनसान का

वर बहद शालीन एव मधर हो जाएगाrsquo वाथ य क वभाव म आकषण सहजता और मधर आवाज बत

दलभ होती ह वर म सौयता िवकिसत करन क िलए समाज क ित सवदना होनी बत जरी होती ह वर स

सौयता और यव म सहजता म स िवकिसत होती ह कनरी िचिडया क चहचहाहट म िमठास का सबस

बड़ा कारण वत िवचार हो सकत ह वत और िनवाथ िवचार स यव म िनखार आता ह य क

वछ िवचार वाणी को सहज एव आकषक बनात ह

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िभता एव उारण क शताइनसान क अतमन स ईर बोलता ह

mdashहिसयोड वस एड डजिजस तरह भाषण पश करन क कई अदाज होत ह

उसी तरह शद चनन क भी कई तरीक होत ह

mdashहोमर इिलयड

आम तौर पर lsquoउारणrsquo lsquoवराघातrsquo और lsquoसिध-योजनrsquo को एक-दसर का पयायवाची माना जाता ह लिकन

सही उारण म तीन िभ ियाए शािमल होती ह अतः कछ इस तरह इस परभािषत िकया जा सकता हmdash

िकसी शद या शद क समह को उारण वराघात और सिध-योजन क आधार पर तत करना चािहए

िभ और सटीक उारण भाषण क कला का सबस महवपण अग होता ह िबना सोच-समझ शद को

लापरवाही स इतमाल करनवाल वा का भाषण िवचार क उय को समझान म नाकाम सािबत होता ह

बतान का या मतलब होता ह बतान का मतलब होता हmdashभाव क पता और भाव शद क सही चयन या

शद क कमी क साथ प प स कस य िकया जा सकता ह अप उारण क वजह या तो

शारीरक िवकलागता होती ह या िफर गलत उारण क आदत ऑपरशन क जरए शारीरक िवकलागता का

इलाज िकया जा सकता ह लिकन सही उारण क आदत िवकिसत करन क िलए ढ़ िनय और किठन

यास क जरत होती ह य क इछा-श स बड़ा कछ नह होता

उारण म खोट क आदत का चलन आम ह लिकन इसम सधार बत दलभ आम तौर पर िहदी क शद

का गलत इतमाल बहद कदायक महसस होता ह करन क अनसार lsquoउारण म खोट यिद भाषा का कल

नह करता ह तो उस ढर तो कर ही डालता हrsquo

यिद कोई वा भाषण दत व शद क अर को खान लग तो क वाभािवक हो जाता ह lsquoिहदतानrsquo

बोलत समय lsquoहrsquo का वर छोड़कर सीध lsquoइrsquo स बोलना बहद अखरता ह इन खािमय को न सधार सकनवाला

वा सही और सटीक उारण का अयास नह कर सकता ऐस वा को भाषण दन का हक नह िमलना

चािहए यिद वा भाषा म सधार लान म असमथ ह तो बहतर ह िक चप रह

उारण स सबिधत लाइलाज दोष को छोड़कर वस आजकल उारण स सबिधत बत कम लाइलाज दोष

ह कवल इछा-श और अयास स उारण को िनपण बनाया जा सकता ह आमिवास और जी-तोड़

महनत स कई यय न असभव काय को अजाम दकर महा उदाहरण पश िकए ह नॉथन शफड न कहा ह

lsquoआपक िलए धरती पर कछ नह बना जरत ह िक आप कड़ी महनत स उपलधया हािसल करrsquo

उारणउारण का अथ हmdashवर क ाथिमक आधार को भावशाली अदाज क साथ जोड़ना िहदी शदकोश क

लाख शद क सही उारण का अयास करन क कपना बहद भयावह लगती ह लिकन इसक शआत

करना बत आसान ह सही उारण करन क शआत कर धीर-धीर एक शद स दसर शद क ओर बढ़

भाषा क सभी आधारभत वर का अयास कर

कई महा वा क भाषण-शली और उारण म खोट क चार मख कारण रह हmdashआधारभत वर को

नजरअदाज करना लगभग एक समान वर क बीच महीन अतर को अनदखा करना कठ का फहड़पन एव

लापरवाही स इतमाल और इछा-श क कमी अपनी इिय पर काब रखनवाला य इन किमय को दर

करन और उमीद क मतािबक सधार लान का सामय रखता ह

यजन का गलत वर भाषा म खोट क मय वजह होती ह िवशष तौर पर सय वर म खोट बहद

अखरता ह

आम तौर पर अलग-अलग वर को कशलता स तत न कर पान क दोष स उारण म खोट पदा हो जाता

ह उदाहरण क तौर पर अिधकतर य lsquoचहाrsquo बोलत व अक क वर का इतमाल करत ह lsquoफलrsquo का

उारण अजी क शश क समान िकया जाता ह आम तौर पर lsquoबवालrsquo क जगह lsquoबबालrsquo बोला जाता ह

इसी तरह िहदी भाषा म कई शद क वर िवकिसत हो गए ह

इस तरह क चक असावधानी क वजह स होती ह लापरवाही इसक मय वजह नह ह दरअसल यादातर

य शद क सही या गलत उारण पर यान ही नह दत ह इसक अलावा अपन ारा बोल गए शद को

सनन क आदत भी िवकिसत नह क जाती ह

वराघातवराघात का मतलब हmdashशद का उारण करत व सही अर पर बल दना दरअसल इसी कला को

वातिवक प म उारण कहा जाता ह इसी क अभाव म उारण म खोट पदा होता ह यिद lsquoईरrsquo बोलत

समय lsquoईrsquo क जगह lsquoइrsquo का वर िनकाला जाए तो वाभािवक तौर पर शद का भाव फका हो जाएगा

शदकोश म मौजद शद क सही उारण क िलए जीवन भर सीखना पड़ता ह और चलन क मतािबक

उारण क शली म बदलाव का भी अयास करना पड़ता ह सतक कान शद क उपि क जानकारी और

शदकोश को समझन क आदत इस ितभा पर मजबत पकड़ बनान म कारगर िस होती ह

सिध-योजनसिध-योजन का मतलब हmdashअर का प उारण वर और यजन क गलत उारण स अपता

महसस होती ह जसmdashlsquoफलrsquo और शश दो अलग वर को एक साथ या िवराम क साथ बोलन स भी

शद का अथ बदल जाता ह सिध-योजन म गलती करन का मतलब हmdashअर का अधरा उारण या िफर

अनावयक वर का इतमाल lsquoजरतमदrsquo क जगह lsquoजरतीमदrsquo बोलना पण प स गलत सिध-योजन ह

lsquoवपrsquo क जगह lsquoसपrsquo बोलना वाभािवक प स खलता ह जस िक पहल भी बताया गया ह दो शद को

एक साथ िमलानवाल वर को नजरअदाज नह करना चािहए lsquoहषासrsquo शद का उारण करत व िवशष

यान दना चािहए िक lsquoहषrsquo और lsquoउासrsquo शद को जोड़नवाली माा का ही उारण हो न िक सपण lsquoउrsquo

अर का शद क िकसी एक अर का वर बदलन स पर शद का उारण भािवत हो जाता ह

िकसी एक वर या यजन म पता का अहसास न होना वा क िलए अपराध समान ह इस कार शद क

अथ को हािन पचती ह सप बादा चहा इर इमान ईनाम इतजार जम जलम कछ ऐसी ही आम

गलितय क सामाय उदाहरण ह

दोष-य सिध-योजन क मय वजह असावधानी और हठ क जिटलता होती ह अर क सही उारण क

अयास स इस कमी को दर िकया जा सकता ह हठ म लचक का अयास करन स एक साथ बोल जानवाल

शद का सही उारण और वर सीखा जा सकता ह लिकन हठ म इस लचीलपन क िलए जहा एक तरफ

कड़ अयास क जरत होती ह वह इछा-श भी िनपणता हािसल करन म अहम भिमका िनभाती ह

अपनी परभाषा पर लौटत ए हम यान दत ह िक अर क सही सिध-योजन स सही वर उप होता ह और

इस अयास स उारण को भावशाली बनाया जा सकता ह इस अयास क दौरान िवशष तौर पर खयाल रख

िक वर को जरत स यादा न खचा जाए शद क जड़ाव को सहज रखना बत आवयक ह

भाषण तयार करन क बाद िवशष प स यान द िक िकन वर यजन शद और वाय पर बल दन क

आवयकता ह और िकन पर नह शद क सही और सटीक उारण क िलए मािणत शदकोश स सही

जानकारी हािसल कर

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सकत स जड़ सयएक बढ़ नहीन य का िकरदार िनभात ए जब वाइटिफड धीम स ढलान क पास पचा तो लॉड चटरफड न िचात ए कहा lsquoह भ

यह तो मराrsquo

mdashनॉथन शफड दशक क समख

अिभनय सीखन क िलए िकताबी िनयम क नह सामाय ान और भाव को यान स समझन क जरत होती

ह य क भाव अतमन को उजागर करत ह यह कवल एक भाव ह मानिसक और भावनामक थित को

शारीरक तौर पर य करन का एक तरीका

इसको समझन क िया गलत िसर स श नह करनी चािहए यिद आप इशार करन क तरीक या भाषा म

सकत क अभाव स परशान ह तो भाव क जगह कारण को समझन क कोिशश किजए यायान क दौरान

इतमाल िकए गए बनावटी इशार भाषण म भाव डालन का काम नह कर सकत यिद आगन म खड़ा पड़

उमीद क मतािबक नह बढ़ रहा ह तो उसम समय पर खाद-पानी डाल और रोशनी क कावट को दर कर पड़

क सहत सधारन क िलए कछ शाख को काटन स कोई फक नह पड़ता यिद पानी का कड खाली ह तो बारश

का इतजार किजए या िफर जरत परी करन क िलए कआ खोिदए जािहर ह सख कड म पप लगान स तो

कछ नह होन वाला

िजस वा क भावना और िवचार पहाड़ी झरन क तरह वत होत ह उह भाव य करन म महनत नह

करनी पड़ती ऐस लोग क भावना खद-ब-खद जािहर हो जाती ह िवषय म डबकर नाटकय भावना य

करनवाल कलाकार को अिभनय क िनयम याद करन क जरत नह पड़ती भाव अतमन स पदा होन चािहए

जबरदती पदा िकए गए भाव बनावटी लगत ह लकड़ी का घोड़ा ब का िदल बहला सकता ह लिकन राता

तय करन क िलए असली घोड़ क ही जरत पड़ती ह

िकसी िवषय स सबिधत िनत िनयम तयार नह िकए जा सकत बक ऐसी कोिशश भी नह करनी चािहए

भाषण माहौल वा क वभाव और दशक क िमजाज क मतािबक होना चािहए छह का गणा सात स करना

हो तो परणाम अदाज क मतािबक हो सकता ह लिकन भाषण क दौरान वा िकस िवचार पर कसा भाव तत

करगा इसका ठीक-ठीक अदाजा नह लगाया जा सकता भाषण क बीच म वा कई बार दोन हथिलय क

पहली उगिलय को छोड़कर बाक उगिलय क मी बना लता ह और पहली उगिलय को िमलाकर दशक क

तरफ ऐस सकत करता ह जस िवचार क बौछार कर रहा हो बत स वा हथली पर मी क ताल दत ए

िवचार पर यान आकिषत करन क कोिशश करत ह वह ायन अहम िवचार को तत करन क दौरान ताली

मारन क बाद सीध हाथ को ऊपर उठान का आदी ह लडटोन िवचार को बल दन क िलए सामन रखी मज पर

जोर स मा मारता ह

इस कार वा क अदाज क बार म कछ अटकल जर लगाई जा सकती ह लिकन यह तय नह िकया जा

सकता िक भिवय म वा िकस अदाज को िवकिसत कर ल इस िवषय को यादा पता क साथ समझन क

िलए कछ सझाव पर यान दना आवयक ह

दशक का यान आकिषत न कर पानवाला अदाज यथ होता ह

िवचार को मजबती दन और दशक का यान आकिषत करन म सकत और अदाज क अहम भिमका होती

ह िवचार क मायम स िदए जानवाल सदश को बलपवक यायान सकत क जरए ततीकरण वर म

बदलाव चहर क हाव भाव और िसर हाथ या पर को झटका दकर इस उय को हािसल िकया जाता ह

भाषण क दौरान शरीर क मा बदलना भी भावशाली अदाज माना जाता ह

यिद सड़क पर टहलत समय लोग का यान आपक चाल क ओर आकिषत होता ह तो जािहर ह िक आपक

यव क मकाबल चलन का ढग लोग पर यादा असर डाल रहा ह अतः चाल म बदलाव क आवयकता

ह या आपन कभी ऐस वा को सना ह िजसक िवचार चाह समझ म आए या न आए लिकन बोलन क

अदाज वशीभत करन योय ह ऐसा सभव नह ह दरअसल बनावटी अदाज स कमजोर िवचार को आकिषत

नह बनाया जा सकता

अतमन स उप िवचार का भाव सदश म छपी साई और गहराई को दिशत करता ह इन दोन क िमण

स सयता मािणत होती ह भाषण क बनावटी अदाज क अयास और अिभनय करन क यास स दशक को

खोखलपन का अहसास होन लगता ह अलग अदाज या नजाकत स चलन क िलए सरस या फशन शो का

आयोजन िकया जाता ह सामाय तौर पर नजाकत स चलना खलता ह हाथ-पर को िथरकान क िलए नाचन क

मच तयार िकए जात ह िबना वजह हाथ-पर िथरकाना अछा नह लगता िबना िकसी मौक क नजाकत और

दता का दशन नह करना चािहए

याद रख यिद आपक जत उारण का तरीका और अदाज लोग का बवजह यान खच रह ह तो कोई-न-

कोई गड़बड़ जर ह यिद भाषण क दौरान वा न भावशाली भाव कट िकए ह तो दशक जर कहग

lsquoया शानदार तरीक स बयान िकया हrsquo lsquoबात एकदम ठीक हrsquo lsquoय िबलकल ठीक कह रह ह म इनक िवचार

का समथन करता rsquo

भाव महव क मतािबक होना चािहएमज ए कलाकार और वा को पहल स मालम नह होता िक वह िकस िवचार पर कसा भाव और अदाज

अपनाएगा भाषण क दौरान आज तत िकए गए भाव अगल भाषण म िबलकल अलग हो सकत ह दरअसल

मज ए कलाकार और वा क भाव िदन क िमजाज पर आधारत होत ह इसम आवग और बमानी क

भी अहम भिमका होती ह lsquoबमानीrsquo शद पर िवशष यान द कित भी हर बार एक जसा सयदय और बफ

क चादर नह िबछाती इसी कार एक िनपण वा भी हर बार एक जसा अदाज और भाव पश नह करता ह

इसका मतलब यह िबलकल नह ह िक अदाज और भाव क बार म सोचा ही नह जाए यिद ऐसा होता तो इस

अयाय क आवयकता ही या होती जब कमाडर टकड़ी क िकसी जवान क ओर इशारा कर उस एक कदम

आग आन को कहता ह तो कमाडर क मशा कवल उसी जवान को नसीहत दन क होती ह इसी कार सवजन

क सम बोलन क कला सीखनवाल य को सभी आवयक ितभा का आकलन करत रहना चािहए

यिद िकसी एक ितभा को िवकिसत करन म यादा किठनाई हो रही ह तो उस नजरअदाज नह करना चािहए

बक उसक अयास पर िवशष यान दना चािहए भाषण दन क कला स सबिधत सभी िसात को याद

किजए पहचािनए िक िकस मौक पर भाषण म नीरसता यथता भापन जस खोट महसस हो रह ह इन

किमय को दर करन का िनरतर यास किजए एक कमी दोबारा न दोहरान का यास किजए आमचतन और

वय क चतना को समझना अलग-अलग म ह

यह वा क िववक पर आधारत होता ह िक भाषण क दौरान वाभािवक अदाज और भाव कस िवकिसत

िकए जाए और िकस कार अयास क िलए समय िनकाला जाए हर असाधारण कलाकार और वा यान स

अनसरण करता ह सीखता ह और अयास करता ह साथ ही भाव म वाभािवकता लान क िलए िनरतर जी-तोड़

महनत करता ह यह अयास तभी सफल माना जाता ह जब अिभनय करत व भाव वाभािवक हो जाए और

बोलत व सही उारण क िलए सोचना न पड़ मच पर अिभनय करनवाल कलाकार और भाषण दनवाल

वा म एक ही भाव को कई तरह स य करन का गण होना चािहए दरअसल भाव को य करन क िभ

तरीक क कोई सीमा नह ह इसिलए भाव य करन क सची तयार करन स अछा ह वाभािवक प स

भाव पदा करन क कला का िनरतर अयास िकया जाए इस कला म िनपण होन क िलए िनरतर अयास क

भिमका बहद महवपण ह

भाव म एकपता नह होनी चािहएभना मास बत वािद यजन हो सकता ह लिकन इस सबह-शाम क खान का जरी िहसा बना लना

सभव नह ह एक ही तरह क भोजन स य बत जदी उकता जाता ह इसी कार एक जस भाव दशक म

ऊब पदा करत ह भाव म िविवधता लान क कोिशश किजए एकपता स सदरता और आकषण फका पड़न

लगता ह

भाषण क बीच क महवहीन कड़ी कमजोरी को जम दती हबचनी भी एक भाव ह बचनी जस कई िनरथक भाव दशक का म स यान भटकान का काम करत ह

िकसी राीय नता क भाषण क दौरान यिद दरबान िखड़िकया बद करन लग तो जािहर तौर पर उस ओर यान

आकिषत होगा मच क कोन म खड़ा गायक समह यिद गात व कछ िवशष अदा का इतमाल करता ह तो

दशक का यान उस तरफ आकिषत होता ह गफा म रहनवाल हमार पवज िकसी चलती-रगती चीज को

खतर क समान मानत थ इस आदत को हम आज तक नह भला सक ह िवापन करनवाली कपिनया आज भी

शहर म तज रोशनी क िकरण घमाकर इस िविध का इतमाल करती ह इसी कार एक बमान वा

भावशाली इशार क हलचल स एक ओर दशक का यान आकिषत करता ह वह यथ इशार को छपाकर

नकारामक भाव पर काब पाता ह

इशार का इतमाल या तो भाव क साथ होना चािहए या भाव स पहल

भाव क बाद नहलडी मबथ न कहा था lsquoआपक आख बाह और शद म वागत का भाव झलकना चािहएrsquo इसक

उलट भाव पदा करन स हाय क उपि होती ह किहए lsquoउधर वो गयाrsquo अपन शद को खम करन क बाद

जानवाल क ओर इशारा किजए जािहर तौर पर हाय का भाव पदा होगा

छोट और झटकदार इशार स बिचएकछ वा उन बर क तरह यवहार करत नजर आत ह जो बशीश लन म कामयाब न रह ह इशार करत

व कध स जोर लगाए न िक कहनी स ऐसा करन स गित म सरलता और सहजता महसस होगी लिकन

इशार को बत धीमी गित स भी तत नह करना चािहए ऐसा करन स वा यानमन तीत होगा जस ईर

म लीन हो

एक मामली lsquoसटीक बलrsquo भाव म जान डाल सकता ह इस भाव को हािसल करन म बनावटी भाव कारगर

िस नह होत हालािक दशक को भाव म खोट क वजह का पता नह लग पाएगा लिकन िफर भी कमी

जर महसस होगी

चहर क भाव का महवकभी िफम क पोटर पर कलाकार क भाव को यान स दखा ह समह-गान गानवाली लड़िकय क उस

समह पर गौर स यान िदया ह िजह डर का भाव तत करन क िनदश िदए जात ह इनका भाव इतना बनावटी

होता ह िक हसी आन लगती ह इसी कार िकसी िस कलाकार क डर दरशानवाल भाव पर यान दीिजए

कलाकार का चहरा उतरा आ होगा भह तनी ई हगी शरीर िसमटा आ होगा और आख म खौफ साफ

िदखाई द रहा होगा ऐसा अिभनय करत व कलाकार वातव म भयभीत होन क कपना करता ह

चहर क मासपिशय स उप भाव हाथ क इशार स यादा भावशाली होत ह घोड़ागाड़ी दौड़ान म हाथ

का जबरदत इतमाल और चीख-िचाहट दरशान क मकाबल उदासी स भरा भाव दरशाना यादा मकल

होता ह आख को िदल का रोशनदान माना जाता ह आख क चमक क साथ िवचार को भी चमक िमलती ह

जरत स यादा इशार का इतमाल न करहककत ह िक जीवन क उदास लमह म इशार का खास इतमाल नह िकया जाता ह मय क बाद

शोकसभा म िमलनवाल करीिबय सबिधय और दोत स िबना िकसी भाव क िमला जाता ह ऐस मौक पर हाथ

िमलाना गल लगना और उसाह िदखाना अछा नह लगता ऐस मौक पर य शात एव िवचार म खोया

तीत होता ह जोर स हाथ झटकन और िचानवाल य स डरन क जरत नह ह लिकन याद रख गस

स लाल आख और दमकत चहरवाला गभीर य एक ही वार म ढर कर सकता ह बात का बतगड़ बनान म

कोई आकषण नह होता इन ाकितक िसात पर यान द और अयास कर

शारीरक मादशक क सम वा का शारीरक अदाज हाव-भाव स तत िकया जाता ह हाव-भाव क कला का वाता

िकताबी िनयम स नह बक भाषण क वभाव और मौक क नजाकत स होता ह सभासद ला फॉलट पर क

अगल िहस क बल तीन घट तक खड़ रह िफर थोड़ा सा झककर बाल म हाथ िफरात ए सगठन क जोर-

जोर स भसना करन लग यह बहद भावशाली अदाज था लिकन यिद इस अदाज का इतमाल सड़क

बनानवाली नई मशीन क तारीफ म िकया जाए तो यकनन बहद भा लगगा भड़काऊ और आामक बात

कहत व भाव जिटल हो जात ह मी िभच जाती ह और शरीर का भार िकसी एक पर पर पच जाता ह

िकसी लत राजनीितक वाद-िववाद म या सड़क पर झड़प क दौरान य इस ओर यान नह दता िक शरीर

का भार कौन स पर पर ह शात व सहज सदश दत समय आम तौर पर शरीर का भार िपछल पर पर होता ह

लिकन इसक परवाह नह करनी चािहए न ही यान दना चािहए यह वाभािवक हरकत ह भाषण दत व

सिनक क तरह एिडय को आस-पास रखकर सावधान क मा म खड़ा नह होना चािहए वह िफक हवलदार

क तरह पर फलाकर भी खड़ा होना अछा नह लगता खड होन का अदाज वाभािवक और सामाय होना

चािहए

यहा एक सावधानी बरतन क जरत ह हमन आपको सलाह दी ह िक भाषण दत व मा और अदाज

वाभािवक होना चािहए लिकन इसका मतलब यह नह ह िक खद का अदाज िवकिसत करन पर यान ही न

िदया जाए और अयास क महा को नजरअदाज िकया जाए मजबत मासपिशयवाल हाथ को हलक कसरत

स लचीला बनाया जा सकता ह शरीर म लचीलपन स सहज अदाज िवकिसत होता ह जबिक जिटल शरीर कड़

यव का अहसास कराता ह धस ए सीनवाला य कमजोर नजर आता ह इसक िवपरीत सडौल कध

बाहर क ओर उभरा सीना और तनी गरदन वाला य आकषक महसस होता ह

इस कार वथ शरीर आमिवास और लचीलापन भावशाली अदाज क आधार होत ह इन गण स

भाषण म िविवधता आती ह और िविवधता क िबना भाषण को भावशाली नह बनाया जा सकता अाहम

िलकन जसा बड़ा और भा शरीर होन क बावजद भाषण क कला क िशखर पर पचनवाला वा मामली

इनसान नह हो सकता कवल श आमा और साफ िवचारवाला य ही इस मकाम पर पच सकता ह

ऐस कई अपवाद हर म दखन को िमल जात ह यव क तज गभीरता ईमानदारी और िवचार क

शता स दशक भािवत होत ह भ डील-डौल क बावजद महा वा बनन क िलए अाहम िलकन जस

गण को िवकिसत करना पड़ता ह

दशक क सम भावशाली तरीक स पश आन का अदाज सीखन क िलए शीश क सामन खड़ होकर

अयास कर लिकन इस अयास को एक सीमा तक ही करना चािहए चाल म भपन को दर करन क िलए

शीश क सामन चलकर दख और कमी को दर करन क कोिशश कर मच पर उसी सामाय अदाज स पश आए

जस घर आए महमान क साथ आया जाता ह यिद आपक शारीरक रचना भावशाली नह ह तो नय का

अयास किजए यायाम किजए और बहतर अदाज क कपना किजए

एक ही मा म यादा दर तक खड़ा नह रहना चािहए महा िवचार क साथ शरीर क मा म भी बदलाव

करना चािहए भाषण दत व तनाव-म रहना चािहए अदाज िवकिसत करन का कोई िनयम नह ह इस

िनजी पसद और वाद क मतािबक िवकिसत करना चािहए मच पर भल जाए िक आपक हाथ भी ह इनका

इतमाल कवल जरत क व कर लिकन भावशाली ढग स िनसदह भाषण दत व कछ समय क िलए

हाथ को पीछ क ओर मोड़कर जोड़ लन या सीन पर रखकर जोड़ लन स खास फक नह पड़ता भाषण म

सबस यादा महव िवचार का होता ह हाथ और पर क थित स कछ खास फक नह पड़ता

िपछल अयास को एक बार िफर दोहरात ह अयास क महव को नजरअदाज न कर आपका अदाज और

भाव वाभािवक होना चािहए चाह अदाज खद को गलत ही य न लग अदाज िकतना भी अाकितक य न

हो अयास क जरए सधारा जा सकता ह

अदाज िवकिसत िकए िबना आकलन नह िकया जा सकता िझझक दर किजए अदाज िवकिसत किजए

और अयास क जरए किमय को सधारए महा कलाकार और वा क अदाज का अययन किजए

कित क यवहार और ाकितक घटना पर यान दीिजए पड़ क पिया हवा क हलक स झक स भी िहलन

लगती ह इसी कार चहर क मासपिशया और आख क चमक म भाव क साथ बदलाव लान का अयास

किजए एमरसन न कहा ह lsquoम िजस य स िमलता वह मझ खद स यादा महा नजर आता ह इसीिलए

म उनस कछ सीख पाता rsquo अतः अपनी आख सदा खली रखनी चािहए एमरसन क अनसार lsquoहमारी आख

सदय म डबी रहती ह लिकन इनम दरदिशता क कमी होती हrsquo इस पतक को एक तरफ रख दीिजए बाहर

िनकिलए और िकसी ब को मा स खाना मागत ए दिखए लोग को सड़क पर झगड़त दिखए गितमान जीवन

को करीब स समिझए या आप जानत ह िक जीत का भाव कसा होता ह चनाव म जीत क बाद हाथ उठात

नता क िवजयी मा को गौर स दिखए या आपन लोग को भीख मागत दखा ह भीख मागत लोग का

सय िच लीिजए और उसका गौर स अययन किजए लोग भीख मागत उधार लत और झठ बोलत व

कस भाव तत करत ह इन भाव का यान स अययन किजए और अयास क ारा वभाव म शािमल

करन क कोिशश किजए

16

भाषा-शली क पितभाषण म सपणता यायान क अदाज स आती ह यिद दशक िकसी वा को सनन का इतजार करत ह तो मान लीिजए िक वा क शली बहद

भावशाली ह भाषण दत समय वा क सारी श वापटता क िलए एक हो जाती ह भाषण क दौरान िवचार क इद-िगद घमनवाल तय पर

पकड़ भाषा को अलकारत करन क िलए वाय का म और शद का चयन भाव एव अदाज को भावशाली बनान क िलए शारीरक शय

पर िनयणmdashइन सभी पहल पर िवतत चचा हो चक ह दरअसल इस नर म िनपण वा दशक पर अिमट छाप छोड़ता ह वा क िलए

भाषण का महव सवपर होना चािहए तभी भाषण को यादगार बनाया जा सकता ह भाषण स पहल उिचत तयारी न करनवाल लापरवाह वा क

हाथ कवल िनराशा लगती ह जबिक भाषण क िवषय पर मजबत पकड़ शद का उिचत चयन और िवचार क प समझ रखनवाल वा सदा

भावशाली भाषण दन म कामयाब होत ह

जबीई दशक का यान आकिषत करन क िविध

भाषण तत करन क चार आधारभत तरीक होत ह इसक अलावा बाक तरीक इन चार आधारभत तरीक को

तोड़-मरोड़कर िवकिसत िकए गए हmdashपहल स तयार िकए गए लख को पढ़ना लख को याद कर भाव को य

करना छोटी-छोटी िटपिणय (नोस) क मदद स पढ़ना और िबना तयारी क भाषण दना इनम स िकसी एक

तरीक को िस नह िकया जा सकता दरअसल इन तरीक को मौक क आधार पर ाथिमकता दी जाती

ह िकस मौक पर भाषण दन का कौन सा तरीका अपनाया जाए यह िनणय वा पर छोड़ दना चािहए दशक

क वभाव क आधार पर भी इसका िनणय िलया जा सकता ह इसक अलावा िवषय समय एव तयारी क अभाव

क आधार पर भी भाषण क िकसी एक तरीक को चना जा सकता ह भाषण क तरीक स सबिधत िनणय लत व

खद स एक बार साहसपवक जर पछmdashजो बाक लोग कर सकत ह म उस करन का यन जर कर सकता

साहसी और सकारामक यव को जीत िमलती ह जबिक डरपोक को हार का मह दखना पड़ता ह

साहस एव यन स रात क बाधा पर िवजय हािसल क जा सकती ह

लख को पढ़नासावजिनक तौर पर बोलन क कला िसखानवाली िकताब क मतािबक लख पढ़कर भाषण दनवाल वा को

भगवा स पाप क मा जर मागनी चािहए िजतना चाह खद को उतना धोखा द सकत ह पर याद रख

दशक क सम पढ़न को भाषण नह माना जा सकता

िनसदह कछ िवशष मौक पर लख पढ़ जात ह जस सस क काररवाई का उाटन िकसी िवचारामक

सथा क सम कट न उठाना िकसी ऐितहािसक घटना क कित का वणनmdashऐस मौक पर वा क ितभा

क अलावा घटना िवशष का महव और ततीकरण का अदाज भी अहम भिमका अदा करता ह ऐस यायान

क भाषा इतनी सटीक एव प होनी चािहए िक एक भी शद क अथ पर उलझन न पदा हो ऐस मौक पर

वापटता को सर पर िनकल जाना चािहए िनसदह इस कार क िलिखत भाषण बहद लब व नीरस होत ह और

दशक िनराशापण ढग स स क इतहान क िलए बठ जात ह बस इस उमीद क साथ िक भाषण उनक स क

सीमा स लबा न हो इन भाषण म मौजद सनहर शद और महवपण िवचार स भी दशक का उसाह नह

बढ़ता ह

ऐस lsquoमहा मौकrsquo क सबस बड़ी िवडबना यह ह िक लख तयार करनवाल लखक का चयन योयता क

आधार पर नह िकया जाता लखक या तो िकसी महा ाितकारी का पोता होता ह या सस म िकसी दल का

ितिनिधव करनवाला नता या िफर कोई ऐसा य िजस हाल ही म जनता न नायक बना िदया हो

दशक को िकसी महा छिव क य को दखना अछा लगता ह ऐस य क छिव स भािवत दशक

बड़ यान और अदब स भाषण सनत ह शायद िच स भी चाह भाषण िलिखत िवचार क आसपास ही य न

मडराता रहा हो लिकन सवाल यह ह िक या कागज को अलग रखकर ऐस भाषण को भावशाली बनाया जा

सकता ह

भाषण दत व लख पढ़न क पीछ कवल चार कारण हो सकत हmdash

1 आलय सबस आम कारण ह िकसी न सही कहा ह ईरीय श भी आलस स भर य को कािबल

नह बना सकती

2 बहद कमजोर याददात इस हद तक कमजोर क उिचत अयास और भरसक यन स भी काम न चल

लिकन िकसी य को ऐसा सोचन का आिधकार नह ह िक याददात इस हद तक कमजोर हो सकती ह

दरअसल ऐसी सोच इछा-श क कमी का परणाम होती ह याददात का कमजोर होना कारण नह हो

सकता बहाना जर हो सकता ह

3 भाषण तयार करन और अयास करन क िलए समय क असल कमी वा क सामन ऐस कई चनौतीपण

ण आत ह जब हककत म समय क कमी क चलत अयास नह िकया जा सकता लिकन याद रह िक ऐस

मौक कवल िवशष परथित म ही आत ह भाषण स पहल अयास का उिचत समय िमलन स वा क तित

म चार चाद लग जात ह अतः िवशष परथितय म ही अचानक आए समय क दबाव को मानकर भाषण क

िलए राजी होना चािहए

4 भाषण क महव और मौक क नजाकत को समझत ए िवचार को दशक क सम रखन का ढ़

िनय लिकन यिद भाषण क दौरान बोल जानवाल हर शद का सटीक मज ए अदाज और िवचार का

तकसगत होना सदश स यादा महव रखता ह तो या ऐस मौक पर िबना तयारी और अयास क भाषण दना

उिचत होगा सदश म छप िवचार क जगह यायान क अदाज को महव दना न कवल सभा का अपमान ह

बक वय ईर क ित अिशता भी ह दशक क िदल तक पचन क िलए भाषण का यायान धमपदश

क तरह होना चािहए वातिवक श और उसाह क िबना भाषण का भाव अधरा रह जाता ह भाषण क

अहसास को मारकर शद को सामाय तौर पर पढ़ना झाग िनकल ए सोड क समान होता ह धमपदश दत व

उपदशक क िनगाह कवल लख पर िटक होती ह ऐस मौक पर दशक को वा क हाव-भाव का आनद नह

िमल पाता या िनरतर सवाद-पतका को दखकर सवाद बोलनवाल कलाकार का अिभनय लब समय तक दखा

जा सकता ह कपना किजए िक सिनक को सबोिधत करत व नपोिलयन लगातार लख क ओर दखकर

पढ़ता रहmdashऔर ईसा मसीह िबना िकसी भाव क धमपदश द दरअसल इन वा क िवषय पर पकड़ बहद

मजबत थी िनरतर अयास स भाव गहर और भावशाली हो गए थ और भाषण दत व िकसी लख क जरत

नह पड़ती थी अतः यह वा दशक पर गहरी छाप छोड़न म कामयाब सािबत होत थ

लख पढ़कर भाषण दन क कला क कई िसात हो सकत ह लिकन ऐसा कोई भी िसात भाषण को

भावशाली बनान म कारगर सािबत नह हो सकता अतः लख पढ़कर भाषण दन स बचना चािहए

भाषण का लख तयार कर याददात क मतािबक यायानयह िविध काफ हद तक भावशाली भाषण तत करन म कारगर िस होती ह यिद वा क पास समय

क कमी नह ह तो भाषण क िवचार को माजन सटीक शद चनन और भाषा-शली को सधारन म कोई हज नह

ह हालािक इस समय का इतमाल भाषण को बार-बार िलखन क जगह िबना वजह इतमाल िकए गए शद

और वाय को हटान वाय को मजबत व भावशाली ढग स बाधन और सटीक महावर एव उदाहरण चनन क

िलए करना चािहए यादगार भाषण और बिमसाल नाटक िलख नह जात बक बार-बार िलखकर तयार िकए

जात ह

जिलयस सीजर रॉबट इगरसोल और कई मौक पर बडल िफिलस जस जान-मान लखक व वा न

नाटक और लख को यादगार बनान क िलए बार-बार िलखन क कला का इतमाल िकया ह अत भाव

और भाव क साथ यादगार सवाद तत करनवाल कलाकार न पय को याद कर बार-बार अयास क जरए

असाधारण मकाम को हािसल िकया ह

लिकन अनभवहीन वा को इस िविध का बहद सावधानी स इतमाल करना चािहए यिक कभी-कभी

मामली सी चक बड़ी गलती का कारण बन जाती ह इस िविध क जरए भाषण को भावशाली बनान क िलए

कड़ अयास और कशलता क जरत होती ह अनभवहीन वा ारा याद क गई पय का उारण

भा महसस हो सकता ह

उदाहरण क िलए िडपाटमटल टोर पर नए फनचर या िकसी और सामान क िवषय म जानकारी दनवाल

कमचारी ारा याद क गई पय को सिनए उारण म अकशलता और भपन का अहसास खद-ब-खद

हो जाएगा याद िकए गए भाषण को भावशाली ढग स तत करन क िलए कड़ अयास क आवयकता होती

ह बहतरीन याददातवाल वा भी िबना अयास क भाषण म कशलता का भाव तत नह कर पात या

भाषण क वाय या वाय म शािमल शद को भलना चािहए यिद ऐसा होता ह तो भाषण क दौरान वा

उलझ जाता ह और वा को परा वाय श स पढ़ना पड़ता ह जािहर ह िक आम तौर पर दशक एक ही वाय

और िवचार को दो बार नह सनना चाहत

शआत म ऐसी िदत सभी वा क सामन आती ह अतः अयास क जरए इन बाधा को पार करना

चािहए यिद लख िलखन स आपक भाषण का भाव बढ़ता ह तो लख तयार कर और उस याद कर याद िकए

गए लख का बार-बार अयास कर िनसदह मनचाहा परणाम हािसल होगा

इस कला म िनपण होन क िलए कई िवषय पर िबना तयारी क बोलन का अयास किजए भाषण दन क

िलए िवषय क तयारी कवल मानिसक आधार पर किजए कोई लख मत िलिखए इस कार आपक याददात

बढ़गी और भाषण दन क अदाज म भी सधार आएगा

िटपणी और अहम िबद क सहायता स पढ़नातीसरी और आिखरी िविध शआती वा क िलए न कवल बत िस ह बक कारगर भी ह हालािक

भाषण पर तयार क गई िटपणी क ारा पढ़न का सझाव कवल शआती वा क िलए ह तजरबकार वा

को कवल िवशष परथितय म ही इस िविध का इतमाल करना चािहए

भाषण क िलए एक िवतत योजना बनाइए तत िकए जानवाल िवचार का म तयार किजए म को

कागज पर िलिखए यान रख भाषण क म क जानकारी बत सटीक और सि होनी चािहए भाषण पर

िटपणी तयार करन क कछ उदाहरण इस कार हmdash

1 तावना

िकसी भी महा काय को अजाम दन क िलए सावधानी बत महवपण होती ह

2 परभाषा और उदाहरण

1 आम नजरए क आधार पर उप िवचार

2 महा हतय क जीवन स िमली रणा

3 अय मानिसक शय स सबध

1 कारण

2 कपना

3 याददात

4 इछा

4 यान आकिषत करना

1 अवाभािवक तौर पर यान आकषण

2 वाभािवक तौर पर यान आकषण

5 िनकष

अवाभािवक और वाभािवक यान आकषण क परणामइसी कार कछ और सि वणन क जरए एक अयत वा यान आकिषत करनवाल िवचार को

महवपण थान िवचार क गहराई को भावशाली मय िवचार को लाल याही स अिकत और िटपणी क

मय पय क नीच रखा खचकर महव दन योय बनान जस कई तरीक का इतमाल कर सकता ह अिकत

िकए गए महवपण िवचार स सबिधत अयास और तयारी भाषण क दौरान वाभािवक प स दिशत हो जाती

लिकन एक अनभवहीन और शआती वा क िलए सलाह ह िक पण लख तयार कर साथ ही यह भी

सझाव ह िक पण लख तयार करन क आदत को धीर-धीर लख स सबिधत सि िबद िलखन म बदलना

चािहए

कछ समय क िलए लख क ारा पढ़न क िविध आवयक होती ह लिकन यादा समय तक इतमाल करन

स यही िविध बराई का प ल लती ह अयत वा भी इस िविध का इतमाल कवल िवशष परथित म ही

कर सझाव ह िक जहा तक हो सक लख क ारा भाषण दन क परथित को टालना चािहए

ताकािलक भाषणिनत प स िबना तयारी भाषण दन क कला सवपर ह इस तरह क भाषण को जनता बत पसद करती ह

और यह महा वा का पसदीदा अदाज होता ह

ताकािलक भाषण को कई बार िबना तयार िकए गए भाषण क तौर पर समझा जाता ह वातव म आम तौर

पर यह िबना तयार िकया गया भाषण होता भी ह लिकन यहा तयारी का मतलब िवषय का ान न होन स नह ह

इसक िवपरीत ताकािलक भाषण दन क िलए उन सभी तयारय का होना जरी ह जो हमन lsquoतयारी क जरए

बहावrsquo अयाय म पढ़ी थी ऐस मौक पर भाषण क मौक स िमली रणा िवचार और भाषा पर पकड़ क अयास

का इतमाल करना चािहए

यिद आप ताकािलक भाषण तत करन म समथ ह तो दशक क िदल को छन म जर कामयाब हग एक

कार स दशक ऐस वा क साथ जड़ा महसस करत ह और िवचार क भाव को करीब स समझत ह ताकािलक

भाषण तत करत समय वा िदल स िवचार को य करता ह ऐसा करत व न तो वा म िहचक होती ह

और न ही शद का अभाव वा का यान भटकान क िलए लख िटपणी और मय िबद जसी िविध कागज

पर िलखी नह होती वा सीध दशक स सपक थािपत करता ह और िवचार म छप सदश क याया

भावशाली ढग स तत करन म कामयाब होता ह

लख म शािमल िकए गए वाय कई बार ठड और फक महसस होत ह अतः दशक पर अपा क अनसार

भाव नह पड़ता ह लिकन जब वा िदल स बोलता ह तो वापटता स सबिधत सभी शया एक हो जाती ह

और भाषण जीवत हो जाता ह ताकािलक भाषण तत करत समय वा दशक क िच को भापत ए िकसी

िवचार क यायान को िवतार द सकता ह तो कई िवचार का यायान याग भी सकता ह हालािक सभी

वा क िलए इस िविध को अपनाना सभव नह ह यह भाषण क सबस किठन िविध ह इस िविध को कड़

अयास क िबना नह सीखा जा सकता लिकन बाक िविधय क मकाबल इसका भाव सबस यादा गहरा होता

इस िविध क इतमाल क एक बड़ी कमी यह ह िक कई बार वा मय िवचार स भटक जाता ह इस खतर

को टालन क िलए मानिसक तौर पर क गई तयारी पर ही ढ़ रह यिद भाषण क बीच भटकाव क थित का

अहसास हो तो याददात म शािमल िकसी उदाहरण या महावर का योग कर और िफर सहजता स मय िवचार

को तत करना श कर अयास क िलए वाद-िववाद करनवाली सथा क साथ जड़ बात कर और बस

बात ही करत रहmdashऔर खयाल रह िक तयारी िकए िबना ताकािलक वाद-िववाद कर कई बार आपका उपहास

जर होगा लिकन कामयाबी क िलए यह बिलदान यादा बड़ा नह माना जा सकता

िटपणी और लख स सबिधत मय िबद बसाखी क तरह कमजोरी का तीक ह याद रख िक वा क

सफलता दशक क उमीद पर खरा उतरन स िमलती ह कोिशश कर िक कागज पर तयारी क जगह मानिसक

तौर पर तयारी क जाए

यायान क सय िविधभाषण क दसरी िविध को कई महा वा और हर िदन िकसी नए िवषय पर बोलनवाल वर अयापक

न अपनाया ह हालािक हर वा न इस िविध म अपनी सिवधा क अनसार मामली बदलाव जर िकए ह ऐस

वा तयार िकए गए भाषण को अछी तरह याद करत ह लिकन सावधानी क िलए मय िबद और भाषण क

म का सि लख पतक क प क बीच म रख लत ह और पतक क प को पलटत व तयार िकए

गए लख पर सावधानी क िलए यान दत रहत ह इस कार वा को भाषण म वाह बनाए रखन म सिलयत

होती ह

कछ वा भाषण क म को कम महव दत ह और कवल भाषण स सबिधत मय िवचार पर लख तयार

करत ह

इसी कार कछ वा भाषण क अहम िवचार व सदश पर िवतत लख तयार करत ह और उस लख का

शद-दर-शद उारण करत ह लख म शािमल उदाहरण और महावर को भी कागज पर उतारा जा सकता ह

कछ वा भाषण क अहम िहस को लख पढ़कर तत करत ह और बाक िहस को ताकािलक तौर पर

पश करत ह

इसी िविध को lsquoभाषण क सय िविधrsquo कहा जाता ह आप भी मौक क नजाकत िवषय क महव और

दशक क उमीद क आधार पर इन िविधय का िमला-जला खाका उपयोग म ला सकत ह इस खाक का

वप वा क अदाज और जरत पर िनभर करता ह

17

िवचार एव सरित ऊजासरित साधन को अितम रािश समझकर यय करन म ही समझदारी होती ह

mdashनपोिलयन बोनापाट

यिद आप बक खात म जमा रािश स यादा रकम िनकालना चाह तो या यह ममिकन ह िनयम क अनसार

रकम स यादा रािश क चक को खारज कर िदया जाएगा लिकन यिद बक क साथ आपक सबध घिन ह तो

शायद आपका चक खारज नह िकया जाए और चक क रकम का भगतान करन क बाद बाक रािश अदा करन

क िलए सिचत िकया जाए

आपसी सबध म पसद-नापसद का इतमाल िकया जा सकता ह लिकन याद रख कित क कोई पसद-

नापसद नह होती ह अतः कित स कछ उधार नह िमलता कित ईधन स भरी टक क तरह कणा-रिहत

होती ह टक का ईधन खम तो मशीन बद इसी कार िबना तयारी क भाषण का यायान उतना ही मकल

होता ह िजतना िबना ईधन क िकसी दर-दराज क सनसान इलाक का सफर करना

लिकन सवाल यह ह िक वा क आरित श का सह कहा होता ह यह सह िवषय क सामाय और

िवतत जानकारी म शािमल होता ह िवचार क बलता म सचत रहन का गण शािमल होता ह िवशष तौर पर

कित क िनयम और कारण को समझन म होता ह इस तरह क ितभावना स वा वय मानिसक व शारीरक

श का सचालक बन जाता ह

इस िविध का पहला अहम तव हmdashउिचत तयारी और आिखरी हmdashआमश इन दोन िसात क महा

का lsquoआमिवासrsquo और lsquoतयारी क जरए बहावrsquo अयाय म िवतत वणन िकया जा चका ह इसक अलावा

जनता क सम बोलन क िलए उिचत तयारी क िविध का वणन अगल अयाय म िकया जाएगा इसीिलए इस

अयाय का यान िवचार क आरित श पर कित ह

मानिसक श का भडारखाली खा भडार क तरह खाली िदमाग एक गभीर िवषय ह या नह यह मौजदा ससाधन क उपलधता पर

आधारत होता ह रसोईघर म खा सामी खम होन क थित म गिहणी बरतन को उलटन-पलटन क जगह

राशन क दकान पर खा सामी खरीदन पचती ह इसी कार िवचार क कमी क थित म िदमाग को

इधर-उधर भटकान क जगह िवषय स सबिधत जानकारी हािसल करनी चािहए याद रख िबना तयारी मच पर

पचन क गलती नह करनी चािहए

िवचार स खाली िदमाग को नई एव उपयोगी जानकारी स भरना चािहए जमीन स ाकितक तौर पर उप

कप स पानी का फवारा तजी स ऊपर क ओर उठकर कई फट ऊचाई तक पच जाता ह िनसदह ऊचाई तक

उठत इस फवार का रहय जमीन क अदर बहनवाल पानी क माा और गित म छपा होता ह

यिद आपक िदमाग म भी िवचार का सलाब उफान मारता ह तो उस रोकन क या जरत ह अिधक हािसल

करन का मतलब अिधक नह होता अतः अिधक नह सवािधक क कामना करनी चािहए इस कार िवचार

का दबाव भाषा क बहाव को सहज बनान का काम करता ह आमिवास म बढ़ोतरी करता ह और मानिसक

श म व करता ह जब म कवल घर लौटन तक क रकम डालकर चलन क आदत मसीबत क समय म

बत महगी पड़ती ह

मानिसक श क भडार म चबकय आकषण होता ह मतक म सरित िवचार को तत करन स दशक

तक िवचार क साथ वा क अययन अनभव िवचार और भावना का मल आशय एव िनचोड़ भी पचता ह

िजस कार यादा मलाई क िलए यादा दध क जरत होती ह उसी कार ान क बड़ भडार क िलए यादा

जानकारी अययन और अनभव क जरत होती ह

लिकन सवाल ह िक ान पी इस दध को कस हािसल िकया जाए इसक दो तरीक हmdashपहला यह िक दध

सीध गाय स हािसल िकया जाए दसरा तरीका ह िक दध िवता स िलया जाए तापय यह ह िक ान या तो

सीध ानी य स हािसल िकया जा सकता ह या िफर िवचार क अययन ारा

दखन और समझन क शिकसी सत न कहा ह lsquoहजार वा म स कवल एक ही य िवचारक होता ह और हजार िवचारक म स

कवल एक य क पास दरि होती हrsquo दखन और समझन का मतलब हmdashसीध गाय का दध दहना अथा

ानी य स सीध ान ा करना

इस तय को इस कार कहन क जगह िक हजार म स कवल एक य क पास दखकर समझन क श

होती ह यह कहना यादा उिचत होगा िक हजार य अपन सामन घटनवाली घटना और ाकितक बदलाव

को समझ-बझ क ि स नह दखत हम जीवन स जड़ सय को नजरअदाज करत ह जबिक घटना स जड़

दशन को समझना हर य क िलए बत महवपण होना चािहए अगली बार सफर करत व अपन बगल म

बठ याी पर गौर कर और जानन क कोिशश कर िक सफर क दौरान उसका यान िकन बारीिकय पर जाता ह

उसक आदत यवसाय आदश और िवचारधारा िकस कार क ह उसका वातावरण िशा वाय और

अय अहम पहल क िलए या नजरया ह सभी जरी जानकारी हािसल करन क बाद उस य क

यव को शद म बया करन क कोिशश किजए सभी अहम जानकारय को िनपणता स शद म बाधन क

बाद गौर किजए िक या अब आप उस य को यादा करीब स समझ पा रह ह यिद ऐसा ह तो आप हजार

म स एक बनन क िया का िहसा बन रह ह

lsquoडी माओपसटrsquo क लखक क िलए िकया गया यायान वा पर भी लाग होना चािहए lsquoउसक आख पानी

खचनवाल पप क तरह होनी चािहए जो सबकछ सोख ल हाथ म जबकतर जसी िनपणता होनी चािहए ऐस

हाथ जो सदा काम पर लग रहत ह इनक हाथ स कछ नह छटता ऐस हाथ लगातार कछ-न-कछ बटोरत रहत

ह आख लगातार नजर इशार इराद और सामन आनवाली हर बारीक गितिविध को पढ़ रही होती हrsquo

जानकारी क िलए बता द िक lsquoडी माओपसटrsquo वय हजार म स एक ितभावा य थ

रकन न एक साफ क हीर का टकड़ा उठाया और उसस एक भावहीन िशा हािसल क वह िशा आज

तक जनमानस क िलए अहम मानी जाती ह बीचर घट तक एक जवर क दकान क सामन खड़ होकर जवर को

िनहारत रह और गहन और इनसान क आमा क बीच समानता क तलना करत रह गोह न पानी क एक बद म

हजार आमा को त पचानवाली श का अहसास िकया थौरोह एक घनी झाड़ी म घट शात बठा रहा

जहा उस िचिडय और कट-पतग क कई जीवन-रहय का ान िमला एमरसन न इनसान क अतरामा का

गहन अययन कर िनकष िनकाला िक lsquoय को जानन क िलए उस सनना आवयक होता हrsquo यर न अपन

ब क हरकत का तीन साल तक अययन िकया इस कार वह ब क मानिसकता समझन का िवशष हो

गया दख-समझकर ान ा करन म असफल य नहीन क समान होता ह लाख खोज और योग क

बावजद आज भी कई अदिशत सय ऐस ह िजनक न तो जानकारी ह और न ही कपना क जा सकती ह

जािहर ह दखन-समझन क इछा-श और उसकता को खम कर अदिशत सय क जानकारी हािसल नह

क जा सकती lsquoपथर म धमपदशrsquo और lsquoनिदय म थrsquo ढढ़नवाल महापष क सया बत कम ह

दरअसल आम तौर पर लोग निदय म पथर और थ म धमपदश दखन क आदी ह सर िफिलप िसडन क

कहावत ह lsquoिलखना ह तो िदल म झािकएrsquo मसीलन क कहावत म इनसान क दय क समझ शािमल ह lsquoमन

खद क अययन क ारा दसर क बार म सीखा हrsquo बायरन न कहा िक lsquoखद क िदमाग को पढ़कर और

समझकर ही म इनसानी िफतरत को बारीक स समझ पायाrsquo

िवचारक मतकसोचना तय को समझन का अकगिणत ह एक तय को दसर तय क साथ जोड़न स परणाम हािसल होता

ह एक सय को दसर सय क साथ जोड़न या घटान स उमीद क मतािबक परणाम हािसल हो सकता ह एक

तय का दसर तय क साथ गणा किजए िनत तौर पर सटीक परणाम हािसल होगा सोिचए िक एक ही

समय म ऐस िकतन िवचार एक साथ काम कर रह होत ह दरअसल हम हर व कछ ऐस ही िवचार क गणा-

भाग म लग रहत ह इसीिलए गिणत को िदमाग का सबस बहतर यायाम माना गया ह िवचार लगातार कायशील

रहत ह सोचन म ऊजा खच होती ह सोचन क िलए समय धय िवतत जानकारी और प िकोण क

आवयकता होती ह आम तौर पर लोग सतही जानकारी को सपण मान लत ह लिकन उम िवचारक तय क

गहराई तक पचन क कोिशश करता ह ऐस य हजार म एक होत ह जब तक िशा क मौजदा णाली

चलती रहगी और छा को आख स ा होनवाल अनभव क जगह कवल भाषण क जरए पढ़ाया जाएगा

तब तक छा पर खद क िवचार िवकिसत करन क जगह दसर क िवचार को याद रखन का दबाव रहगा तब

तक ानी और अानी का मौजदा अनपात बरकरार रहगा हजार म स कवल एक ही य आख स िमल

अनभव स ान ा करगा और हजार म स एक ही य खद क सोच िवकिसत करन म कामयाब हो

सकगा

मतक चाह िकतन भी लब समय क िलए िवचारहीन य न रहा हो आवयकता पड़न पर िवचार िवकिसत

हो ही जात ह सवथम इस मायता को खम करना चािहए िक lsquoईर क आशीवाद स िवचारक जम लत हrsquo

ायन क मतािबक lsquoिवचार क महव को समझना और उस सही म म तत करना कोई चमकार नह ह इस

तय पर िवचार किजए और इस िसात को समझन क कोिशश किजए यकनन िवचार िकसी चमकार और

आशीवाद क मोहताज नह होत हrsquo

तय को समझना उन पर िवचार करना बस एक आदत ह इस आदत को कोई भी िवकिसत कर सकता ह

िकसी चीज को बार-बार दोहरान स आदत िवकिसत हो जाती ह फक बस इतना ह िक साधारण आदत आसानी

स िवकिसत हो जाती ह जबिक िवशष आदत क िलए लबा अयास करना पड़ता ह अथा िवशष आदत

िवकिसत करन क िलए ढ़-िनय का होना बत आवयक ह कड़ी महनत का फल मीठा होता ह डट रह

महनत करत रह और िजस िदन आप िवषय क गहराई तक इच भर पचन म कामयाब हग बस उसी िदन स

िवचार क गहराई बढ़नी श हो जाएगी

शायद इस छोट स उदाहरण स िवषय क गहराई तक िवचार करन क रणा जर िमली होगी िवचार क

कड़ी को एक साथ जोड़न का अयास करत रिहए िवचार क जजीर खद-ब-खद बननी श हो जाएगी एक

तय को दसर तय स जोिडए इसी कार तय को आपस म िमलात रिहए िवचार का वाह िवकिसत हो

जाएगा

सोचना और तय को बारीक स समझना सभी मानिसक अयास म तम अयास ह खास तौर पर यान

रख िक िकसी अहम िवचार पर राय तय को जाच िबना हावी नह होना चािहए िवचार जहा एक तरफ श

दान करत ह वह श का सरित प स सचय भी करत ह

िकसी लखक न िवचार और ान क बीच सबध को कछ इस तरह सामाय पय म समझाया हmdash

lsquoमझ ऐस य स मत िमलाना जो सोचता ह िक वह सोचता ह िकसी ऐस भी य स मत िमलाना जो

सोचता ह िक वह जानता ह मझ ऐस य स िमलाना जो जानता ह िक वह सोचता ह और म ऐस य को

जानता जो जानता ह िक वह जानता हrsquo

अययन स िवचार को ोसाहन िमलता हगाय क थन िकतन भी सख य न ह हम दध दहन म नाकािबल य न ह लिकन िफर भी दध िवता ह

हम दसर क िवचार को पढ़ सकत ह िवचार को समझ भी सकत ह तो खद िवचार य नह कर सकत

दरअसल उम िवचारक बनन क िलए उम िवचार क नह ढ़ इछा-श क जरत होती ह

आज क दौर म अययन क महव को िनन सािबत करन का चलन बन गया ह समझाया जाता ह िक यादा

अययन स िवचार हो जात ह िकताब मानिसक तौर पर सत लोग क िलए होती ह

लिकन यह कवल आधी साई ह इस तय स जड़ी वातिवक साई कछ दर क िलए सोचन को िववश कर

सकती ह अययन क िबना या आप वय कछ बड़ा सोचन म कामयाब ए ह या िकसी भावशाली िवचार

को पढ़न म कभी नीरसता और आलय का आभास आ ह िवचार किजए यिद ऐसा आ ह तो पााप

किजए छोटी और तछ सलाह स भािवत मतक क भसना किजए ाय क िलए अपनी गलती को

सधारए और अययन किजए िनत प स परणाम सकारामक हग

अययन म िच पदा होगी तो जानकारी बढ़गी जानकारी बढ़गी तो उम िवचार िवकिसत हग इस अयाय

म मय प स जानकारी क ारा िवचार िवकिसत करन पर जोर िदया गया ह

जानकारी बढ़ान क िलए या पढ़ना चािहए

जसा िक न कहा ह िक जानकारी बढ़ान क िलए िकसी मामली पतक म समय न करन स अछा ह िक

रगमच पर नाटक का आनद िलया जाए जानकारी बढ़ानी ह तो सकरात क िवचार को पिढए िलकन गिटबग

एथस क गाथा गो दात आिद का अययन किजए टनल क जरए अका क बार म जानकारी जटाइए

मानव दय को करीब स समझन क िलए शसपीयर और दिनया भर क महा नायक क बार म जानन क िलए

कायालय पिढए इसक अलावा धम स जड़ म और धारणा को समझन क िलए एपोटल पॉल क लख का

अययन किजए हजार यग का ान और अनभव अययन क जरए ा िकया जा सकता ह चसया क

सत न सही कहा ह lsquoिकताब क सह स बड़ा कोई िविवालय नह हrsquo

एक उम पतक को पढ़न और समझन स बहतर कछ और नह हो सकता लिकन हमम स कछ ही लोग

िकताब क महव को समझ पात ह आम तौर पर हम पतक मागकर पढ़न क शआत करत ह लिकन िकसी

पतक को खद खरीदन और िकताब क अलमारी म सजान म जो आनद ह वह मागकर पढ़न म नह ह िकताब

कम ह या यादा इसस फक नह पड़ता पतक पढ़ना श किजए सह खद-ब-खद बढ़न लगगा िकताब

म िदलचपी पदा होन क बाद पतक क मख प का फटना दःखदायी महसस होगा पतक क प पलटत

व आप सलवट पर यान दन लगग पतक को मोड़कर पढ़ना बद कर दग पतक को िनशान सीलन

दीमक आिद स बचान का यन करग िकताब क ित म जा होन क बाद िकताब का चयन करन म

मकल नह होगी और जानकारी का दायरा लगातार बढ़न लगगा

यिद आपक पास िकताब क महा और उम लखक क जानकारी नह ह तो पतक खरीदन स पहल

पतक क बार म पण जानकारी हािसल कर पतक पढ़न का मतलब यह नह ह िक कछ भी पढ़ा जाए सयता

और जानकारी क माण क िलए इतना कहना काफ नह ह िक lsquoमन पतक म पढ़ा हrsquo इसक िलए िवचारक

और लखक का िवसनीय होना बत जरी ह कौन सी पतक इसस बड़ा सवाल ह कौन सा लखक या

लखक तत िकए गए िवषय का उम जानकार ह लखक क िवसनीयता का माण या ह लखक िकन

अय िवसनीय लखक क िवचार को मानता ह या नकारता ह इन अहम पहल क सयता क जाच क

जरए ही जालसाज लखक स बचा जा सकता ह कपना किजए िक आपक पास जाली पए ह आपको

इसक जानकारी तक नह ह और आप पकड़ जात ह तो या आपको सदमा नह लगगा िलहाजा जालसाज

और जाली पतक स बचन क कोिशश किजए

सवजन क सम बोलन क िवषय पर कोई भी पतक आपको सीमा-शक पर भाषण दना नह िसखा सकती

इसक िलए सीमा-शक क बार म जानकारी हािसल करनी ही होगी इस िवषय पर िजतनी जानकारी हािसल क

जाएगी भाषण उतना ही भावशाली िस होगा

उदाहरण क तौर पर सरकारी नीितय पर चचा कर रह उस समह क बार म सोिचए जो सरकार क सामािजक

नीितय पर वाद-िववाद कर रह ह िनसदह इस िववाद म समाजवादी िवचारक माननीय lsquoअrsquo क िवचार क

आलोचना क जाएगी साथ ही इस नीित स जड़ िनप नता lsquoबrsquo क भी आलोचना होगी ऐसा भी हो सकता ह

िक वाद-िववाद म कवल नता क चर पर ही चचा हो और नीित स जड़ सामािजक पहल को छड़ा ही न

जाए चचा का िनकष यह भी हो सकता ह िक माननीय lsquoअrsquo और lsquoबrsquo को समाजवाद का ान ही नह ह रॉबट

लइस टीवसन न कहा ह िक lsquoइनसान कवल रोटी पर िजदा नह ह सचक शद भी बराबर महव रखत हrsquo यिद

आप भी इसी समह क िवचारधारा स भािवत य ह सरकार या सरकारी नीितय क आलोचना या वकालत

तय को जान िबना करत ह तो इस आदत को तकाल सधारन का यन किजए िकसी म क िवषय म

िनकष तक पचन स पहल सभी तय और पहल क बारीक स जाच किजए और िवषय क गहराई को

समिझए

18

िवषय एव तयारीमता क िहसाब स िवषय का चनाव किजए िवषय पर बारीक स िवचार किजए यान दीिजए िक िकस िवचार को िकतना िवतार दना चािहए

वजन उठान स पहल अवय जाच लना चािहए िक कध िकतना बोझ उठा सकत ह

mdashबायरन िहस ॉम हॉरस

जीवन स भर इस िदन को दिखए जीवन स िखलता आ िदन इस छोट स िदन म अतव क सभी िविवधताए एव हककत िवकास क खशी

महनत का यश और सदय का वभव शािमल ह गजरा आ कल अब एक सपना ह और आनवाला कल एक उमीद ह लिकन आज एक हककत

ह इस िजदािदली स िजयो कल क अधर सपन को परा करो आनवाल कल क उमीद को साकार करन क तयारी करो आज का वागत करो

हर सबह का अिभनदन कछ ऐसा ही हो

mdashसकत क एक किवता का अश

िपछल अयाय म lsquoिवचार एव सरित शrsquo क भाव का महव समझा गया था याद रख िवचार को जम

दन क िलए तयारी क महव को नजरअदाज नह िकया जा सकता तयारी चाह िकसी महा पतक और लख क

आधार पर क जाए या िफर वय क िवचार क आधार पर तयारी अवय ही क जानी चािहए याद रह िक

भाषण क िलए क गई तयारी म जीवन स जड़ सय और अनभव का योग जर िकया जाना चािहए लिकन

जीवन क सय और अनभव का योग िवषय क मतािबक होना चािहए नह तो म क थित पदा हो सकती ह

भाषण म दी जानवाली जानकारी या तो िकसी तय स रत होती ह या तय क समह स सयवथत जानकारी

को ही ान कहा जाता ह तय क म और सयवथा स ान का आभास होता ह

अित महवपण ह िक भाषण तयार करन स पहल अपनी योयता और मता को सदश का प दत समय

तय क सयता क बारीक स जाच कर तय क म को सयोिजत कर और महवहीन िहस को भाषण म

जगह न द अपन भाषण को एक वा क तौर पर सन भाषण क महव को वा क प म दख और वा क

तौर पर ही पतक सािथय य और वर का चयन कर वा को जीवन म रोजमरा क गितिविधय स

सीखन सबक लन और ान बढ़ान क अवसर िमलत रहत ह वा क जीवन का यह सबस आकषक पहल होता

ह वा क सतक िनगाह िनरतर नए तय उदाहरण और िवचार क खोज म यत रहती ह वा क जीवन

का यही अनभव मच पर रग जमा दता ह

तयारी क दौरान समय का सही उपयोगअकसर कहा जाता ह िक तयारी क िलए बत कम समय िमला मरा िदमाग कई उलझन स िघरा आ था

डिनयल वबटर न महा वा क भाषण स रणा और जानकारी लन म कभी चक नह क यवा अवथा म

एक िसलाई कारखान म काम करत व डिनयल अकसर एक हाथ म पतक रखत थ और मौका िमलत ही कछ

प पढ़ लत थ मदान और वीरान जगल म घमत व पटरक हनरी कित म होनवाली घटना को गौर स

दखत और समझत थ कित स िमली जानकारी न पटरक को एक महा वा बना िदया दिनया भर म दशक

क सबस बड़ी सया को सबोिधत करनवाल महा वा डॉ रसल एच कॉवल िमटन क िस पय

और वाय को कॉफ बनात व भी याद िकया करत थ लिकन आज क दौर म यिद वबटर एक हाथ म

पतक रखकर कारखान पच जाए तो नौकरी स हाथ धोना पड़गा और जगल म घमत पटरक को अकल घर स

िनकलन क सजा दी जाएगी लिकन साई को झठलाया नह जा सकता ाकितक घटना स अनभव और

मानिसक श हािसल कर इस ितभा को भावशाली ढग स तत करनवाला य समय आन पर आरित

ऊजा स दशक को वशीभत करन म कामयाब होता ह

नपोिलयन न कहा ह िक रा का भिवय तय करन म कवल पह िमनट लगत ह सोिचए िक ऐस िकतन पह

िमनट हम अपन जीवन म न कर चक ह रॉबट लइस टीवसन न समय का सही उपयोग िकया और ऊजा को

सरित रखा जीवन क हर अनभव को पजी क तरह सरित िकया पजी का अथ हmdashlsquoआज क कमाई को

भिवय क िलए बचाकर रखनाrsquo रॉबट न अपन सभी लख और भाषण म अपन जीवन स जड़ अनभव और

जानकारय का उख बत ही शानदार शली म िकया एमरसन न कहा ह lsquoआनवाला कल भी आज क तरह

होगा जीवन खम हो रहा होगा और हम जीन क तयारी कर रह हगrsquo

अनभव और जानकारी जटान क िलए सही मौक का इतजार करना यथ ह इसक िलए या िकसी मत क

जरत होती ह कार म पह िमनट क सफर स भी शायद कछ नया अनभव ा हो सकता ह

िकसी ताजा भाषण का सता सकरण खरीिदए और काम पर जान स पहल हर रोज कछ प क किटग

अपनी जब म रिखए मौका िमलत ही इन प को पिढए यान दीिजए िक िकतन समय म आप हाल ही म िदए

गए महा भाषण स परिचत हो गए ह यिद आपको पतक क प फाड़ना अछा नह लगता ह तो पतक को

अपन साथ रिखए आजकल लगभग सभी महा िकताब छोट अक म कािशत होती ह ओाहोमा म हर रोज

होनवाल गस रसाव क ऊजा लगभग 10 हजार टन कोयल स िमलनवाली ऊजा क बराबर होती ह लिकन समय

क बरबादी क मकाबल ऊजा क यह बरबादी कछ भी नह ह यिद समय का सही उपयोग िकया जाए तो वा

सफलता क िशखर तक पच सकता ह वािनक न मा क पौध स एक साथ तीन भ पदा करन क िविध

खोज ली ह इजीिनयस मशीन क मता का एक भी अश बरबाद नह होन दत ह मशीन क सौ फसदी ताकत

उपादन म खच होती ह आज क दौर क तजी क साथ कदम िमलान क कोिशश किजए और समय का एक

भी ण बरबाद होन स बचाइए दाढ़ी बनात व या कपड़ पहनत व या आप अपनी मानिसक श का

इतमाल करत ह िकसी िवषय का चनाव किजए और िदन क िनयिमत काय-कलाप क दौरान बरबाद होनवाल

समय का उपयोग किजए परणाम बत उसाहजनक हग रोजाना िकसी महा पतक का एक वाय िकसी

महा िवचारक का एक िवचार और वय िकसी िवषय पर ितिया ान क खजान को िदन-ब-िदन बढ़ान का

काम करगी बकार क काम म समय न करन का कोई फायदा नह lsquoएक मामली िमनटrsquo को lsquoसाठ महवपण

णrsquo समिझए याद रिखए दौड़ म कवल कछ ण का फासला धावक को िवजता बनाता ह एक मामली

िमनट क दरी स रल छट जाती ह

ऊपर दी गई सलाह का मतलब यह नह ह िक आप आराम और मनोरजन क महव को ही भला द महनती

य क िलए आराम स यादा महवपण कछ नह होता जबिक आलसी य आराम कवल समय न करन

क िलए करता ह यान रख िक आराम क बाद कछ खास करन क श िमलती ह इसका सही उपयोग करना

जरी होता ह

िवषय को चननािवषय और सामी एक-दसर को भािवत करत ह

lsquoिवषय को चनन क दो िसात होत हmdashमनचाहा चनाव तथा िवचार व अययन स िवकिसत चनावrsquo

मनचाहा चनावmdashऐस िवषय का चनाव करनवाला वा िवषय स सबिधत जानकारी गहराई और िवषय पर

वय क पकड़ का खयाल नह रखता िवषय को िच क आधार पर चन िलया जाता ह और वा गव स

घोषणा करता ह िक lsquoमन िवषय चन िलया हrsquo

lsquoमझ िवषय दीिजएrsquo या आम तौर पर छा अयापक स यह अपील करत ह जािहर तौर पर अयापक

िवषय स सबिधत सझाव दता ह िवषय को समझा जाता ह कई बार अययन क बाद िवषय को खारज भी कर

िदया जाता ह िफर िकसी नए िवषय पर चचा होती ह दरअसल अयापक छा क िवशषता और

कमजोरय को बखबी पहचानता ह इसिलए िवषय का चनाव सभी पहल को यान म रखकर िकया जाता ह

इस कार चना गया िवषय ितभा क मतािबक होता ह और वा भावशाली भाषण तयार करन म कामयाब

होता ह

िवकास और उित क आधार पर िकया गया िवषय का चनाव पणतः अलग होता ह यहा यह नह पछा जाता

िक या कहना ह मतक वय िवषय पर कित हो जाता ह और पछता हmdashमझ या सोचना चािहए अथा

वा िवषय का चनाव कर चका होता ह और यान िवषय स सबिधत जानकारी तय क म एव शद क

सटीक उपयोग पर कित होता ह भाव को कट करन म असफल य अछा िवचारक हो ही नह सकता

इसका मतलब य क िवचार उपयोगी नह ह अययन और गहन िचतन क आदत वा को कई अहम

िवषय पर सोचन क रणा दान करती ह इसम कोई िवरोधाभास नह ह यह एक सहज सय ह

यह प हो चका ह िक िवचार और अययन स िवकिसत िवषय सतकता स चन गए िवषय क मकाबल

यादा भावशाली होता ह िवषय lsquoअचानक िदमाग म आ जाता हrsquoिनपण िवचारक क मतक म िवषय क

िलए अहम थान होता ह अययन और िवचार क मायम स नई सोच का जम होता ह और इस कार एक नए

िवषय का आधार तयार होता ह आम तौर पर यह एक िनयिमत िया ह िबखर ए िवचार पहल-पहल धधल

होत ह लिकन धीर-धीर िवचार का वप प होन लगता ह तय क एक कड़ी दसरी कड़ी स जड़न लगती

ह और अततः एक महा िवचार का जम होता ह एक ऐसा िवचार िजसक श बत बल होती ह िवचार

वा क मतक म जोर-जोर स िचाता ह lsquoजागो म तहारा िवषय rsquo अब मझ अपन शद क जाद स

महा वप दन म जट जाओ इसक अलावा िफलहाल कोई और लय नह होना चािहए

िनसदह िनपण वा िवषय को चनन क िलए दोन िसात का इतमाल करता ह ज बग एसनवीन क

मतािबक दोन िसात का इतमाल करन क िविध म भी िवचार और अययन स िवकिसत चनाव का उपयोग

होता ह यिक कोई भी वा ऐस िवषय का चनाव नह करता िजसम गभीरता का अभाव हो

िवषय-वत का िनधारणयिद भाषण का िवषय िकसी दसर य ारा तय िकया गया ह तो बौखलान स बहतर ह िक िवषय स

सबिधत उिचत जानकारी जटाई जाए और जमकर तयारी क जाए िजस िसात क आधार पर वा िवषय का

चयन करता ह िवषय-वत का चयन भी उसी आधार पर िकया जाता ह वय स या अय लोग स पिछएmdash

िकसी िवशष उसव या समारोह को िकस अदाज म आयोिजत िकया गया ह िकतन दशक क आन क

उमीद क जा सकती ह समाज क िकस वग क दशक उपथत हग िवषय िवशष पर दशक का नजरया

या ह मर अलावा और कौन भाषण दगा समारोह क दौरान या मरा नबर पहला होगा या मझ अत म मौका

िदया जाएगा बाक वा िकन म पर भाषण दग मच िकस तरह तयार िकया गया ह भाषण को

भावशाली बनान क िलए या कछ बदलाव करन चािहए भाषण क िलए िकतना समय िमलगा

कई बार भाषण िवषय वा दशक समारोह और जगह क मतािबक नह होत ह िलहाजा भाषण स पहल

इन सभी पहल क जानकारी आवयक होती ह या कहना चािहए कस कहना चािहए और िकस परथित

क मतािबक कसा अदाज अपनाना चािहए भाषण का 90 फसदी भाव इन पहल पर आधारत होता ह

इसक अलावा वही फरमाइश परी करनी चािहए जो परी करनी सभव हो िनत तौर पर एक गोल छद म उसी

आकार का चौकोर टकड़ा नह डाला जा सकता

अनपात का सवालभाषण म िवचार और सदश क महव को समय क आधार पर िनधारत किजए यिद भाषण क िलए दस

िमनट का समय िनधारत िकया गया ह तो इस यारह या बारह िमनट तक न खच यादा बहतर ह िक भाषण को

नौ िमनट म खम िकया जाए वा क पास अगल वा और दशक का समय जाया करन का हक नह होता

सही समय पर भाषण खम करन क िलए उिचत तयारी किजए खाका तयार किजए िक िवचार एव सदश को

िकतना समय दना ह भाषण क सभी िहस को जरत क मतािबक सही अनपात म बाटन क कोिशश किजए

भाषण कम समय म समटनवाल वा को दशक बार-बार सनना पसद करत ह िलहाजा भाषण को बवजह लबा

कर अगल मौक को हाथ स न जान द

अगला महवपण पहल यह ह िक भाषण क िकस िहस को िकतना महव दना ह एक बार िनणय हो जान क

बाद वा को मालम होता ह िक भाषण क िकस िहस को यादा भावशाली बनाना ह और उस िवचार को

तत करन क िलए िकतन अयास क जरत ह कई वा दस िमनट क भाषण म आठ िमनट गवा दन क

बाद जा होत ह यह िबलकल इस कार ह िक मकान तयार करन क िलए जमा रािश म स 80 फसदी

गिलयारा बनान म ही खच कर दी जाए

यही अनभव भाषण क दौरान समय क सही उपयोग का सकत दता ह इसक आधार पर िनपण वा भाषण क

भाव और सदश को दशक क उमीद स पहल खम कर दता ह

वातिवक ोत का दोहनभाषण क िवषय-वत को जीवन दान करन क िलए सबस पहल तय को जटाना चािहए शद क

उारण म भव थािपत करना चािहए तािक आप कह सक lsquoमन िजल क सभी िमल क कमचारय स

सबिधत कागजात क जाच क ह और िनकष िनकाला ह िक 32 फसदी ब क आय िनयम क अनसार

सही हrsquo भव का इसस बहतर उदाहरण नह हो सकता भाषण म पश क गई दलील और अपील को

भावशाली बनान क िलए तय क जाच पकार क तरह करनी चािहए हालािक ऐसा करन म महनत लगती

ह लिकन यह िया कद नह होती सही तय क जाच क िलए िच का होना जरी ह याद रख िक

वातिवक जाच क ारा जटाए गए तय स आमिवास बढ़ता ह और यह आमिवास वाभािवक प स

मच पर दिशत होता ह

रचनामक काय करनवाल लोग क साथ समय यतीत किजए साई को हण करन क िलए आख कान

िदल व िदमाग को चौका रिखए और सही िनणय पर पचन क बाद ही सय को उजागर किजए इस कार

हण िकए गए सय को दशक िदलचपी स सनत ह याद रख जीवन स जड़ वातिवक सय को सनना पसद

िकया जाता ह

पतकालय का योग

सदह-रिहत खजाना छोट स पतकालय म िमलता ह िकसी पतक को चाह िकतन भी मन और यान स य

न पढ़ा जाए पतक म अयाय का म याद नह रहगा पतक म शािमल िविभ िवचार और महवपण

िवषय क जानकारी तो जर रहगी लिकन अयाय क शीषक स िवषय-वत को याद करना मकल महसस

होगा

अतः शीषक क जरए अयाय क िवषय-वत याद रखन क िलए पतक क अयाय पर मौका िमलत ही

नजर डालन क आदत िवकिसत किजए पतक क िविभ सकलन क सची पर मौका िमलत ही यान

दीिजए और अयाय को शीषक क अनसार याद रखन क कोिशश किजए इसक बाद प पर सरसरी नजर

डािलए और मानिसक और वातिवक िटपणी तयार किजए इसक बाद पतक क रोचक और अहम सदश को

यान स पिढए हर पतकालय म ऐसी पतक जर होती ह िजह आज नह तो कल जर पढ़ा जाएगा यिद

आप पतक स घिनता बनाए रखग तो भाषण क दौरान उदाहरण क िलए कई िकस याद आ जाएग लब

समय पहल पढ़ा गया िवचार एकदम ताजा हो जाएगा महा पतक क हर अयाय म एक महा सदश छपा

होता ह

यिद पतक म शािमल िकसी महा िवचार क चचा िवषय-सची म नह क गई ह तो हतोसािहत नह होना

चािहए सदश क महानता िवषय सची पर िनभर नह होती ह

इस िविध क अनसार िवचारधारा स सबिधत जानकारी जटान क कपना किजए जािहर ह सबस पहल

पतक क शीषक पर यान िदया जाएगा इस यन म आपक हाथ कफर क lsquoिवचारधारा और िवचार करन

का अयासrsquo नामक पतक लग सकती ह इसक अलावा ामर क lsquoिचतन क कला पर छा स वाालापrsquo

नामक पतक स कई महवपण जानकारया हािसल क जा सकती ह वाभािवक तौर पर इसक बाद मनोिवान

स सबिधत पतक क आवयकता महसस होगी इसक िलए भी राता ह यिद आप मानव ान स सबिधत

पतक का अययन कर रह ह तो इस ओर आपन एक कदम पहल ही बढ़ा िदया ह अचानक अहसास होगा िक

महावर स सबिधत िवकोश और शदकोश का अययन भी करना चािहए जािहर तौर पर इसस सबिधत ढर

सामिया उपलध ह सवाल यह ह िक मौजदा सामी म स िकसका अययन िकया जाए िवकोश म िचतन

स सबिधत सभी उख पर यान दीिजए महावर स सबिधत शदकोश म भी समान िकोण अपनान क

कोिशश किजए यही नह कापिनक कथाए पढ़न स भी भाषा-शली सधारन म मदद िमलगी मयतः

जीविनय और िनबध पर िवशष यान दन क जरत ह

शआत करन क िलए अपन साथ नोटबक रख या िफर छोटी डायरी या कागज का योग कर और िदन भर

क अययन को कागज पर उतारन क कोिशश कर अपन अनभव िवचार व ान को नोटबक पर उतारत रह

और अययन क ारा िमली जानकारी क साथ उसका सबध थािपत करत रह कछ समय म सकारामक भाव

महसस होन लगगा

िनसदह नोटबक िलखन क आदत म कड़ी महनत क आवयकता होती ह लिकन याद रख भाषण क

िबगड़न क मय वजह ितभा नह बक तयारी क कमी होती ह अिधक आमिवास आलय का घिन

िम होता ह और दोन वा क परान श होत ह

सभी उम िवचार क सची तयार किजए और नोटबक म सरित रिखए यिद आप पिका का सह करत ह

तो महवपण लख का वष महीना और तारीख क मतािबक सची तयार कर इन लख क साथ अपन िवचार को

भी कागज पर उतारए और सरित किजए

भाषण क परखाभाषण क परखा तयार करन क िविध कोई नह समझा सकता कई वा सर क समय भाषण क परखा

तयार करत ह कछ वा मानिसक तौर पर पर भाषण का ढाचा तयार करन क बाद ही परखा को कागज पर

उतारत ह हालािक अिधकतर वा नोस तयार करत ह नोस क ारा िवचार का म बनात ह भाषण का

ाप तयार करत ह तपा अयास करत ह इन सभी िविधय को एक-एक कर आजमाइए और अपन

िमजाज व सिलयत क मतािबक िकसी एक का चयन किजए िकसी भी य को िकसी और क अदाज म

काम करन क िलए िववश नह करना चािहए साथ ही उस य क अदाज को भी नजरअदाज नह करना

चािहए सभव ह िक दसर य क काम करन क शली आपक अदाज स यादा कारगर हो

नोस क आधार पर भाषण तयार करनवाल वा क िलए िननिलिखत सझाव महवपण िस हो सकत ह

mdash

पया अययन और िवचार क बाद एक अलग प पर िवषय क मय िवचार का म तयार किजए िजस

तरह िवषय को तत करन क िलए पतक क िवषय-सची तयार क जाती ह उसी तरह भाषण क िवचार का

म होना चािहए इस कार वा क िलए िवचार को प प स तत करना आसान हो जाता ह एक

िवचार क माण म दसर िवचार का ततीकरण पता वाद-िववाद िच और भाव को जम दता ह

मब तरीक स िवचार को तत करत समय इतमाल िकए जानवाल अनभव उदाहरण तय और

अनमान भाषण का महवपण िहसा बन जात ह सभी िवचार को एक-दसर स अलग मानन क कपना

किजए तपा मानिसक तौर पर इन िवचार का म िनधारत करन क कोिशश किजए अततः सभी

िवचार क साथ उपयोग म लानवाल उदाहरण अनभव तय और अनमान का खाका तयार किजए यान

दीिजए िक िकस िवचार और सदश पर यादा बल दना ह इस िया क पा भाषण का सपण वप तयार

हो जाता ह मच पर इतमाल िकए जानवाल भाषण का साधारण वप कछ इसी कार होना चािहएmdash

सम क मय वजह (भाषण का िवषय)सम का अथ या होता ह सम का वरदान धरती म छपा ह अमरका म अतय किष िवकास किष म

िवकास क नए िसात किष उपाद क बशमार कमत यापार पर किष िवकास का सकारामक भाव अय

दश म िवकास का भाव दश क िनजी अथयवथा म मजबती बड़ कारोबार और बिकग का िनयण

िवदशी बाजार क िलए नजरए म बदलाव और समी जलपोत का आधिनककरण सम क महा उदाहरण

ह इस कार मय िबद िनधारत कर भाषण क परखा तयार क जा सकती ह

प तौर पर इन सभी मय िबद का िवतार िकया जा सकता ह साथ म उदाहरण अनभव महावर और

अनमान को जोड़ा जा सकता ह इस म सम स जड़ आकड़ को शािमल िकया जा सकता ह अथा

परखा क आधार पर भाषण को भावशाली बनान का उय हािसल िकया जा सकता ह

लखन एव अयासउम परखा तयार करन क बाद भाषण तयार करन पर यान दना चािहए यिद भाषण िलखन क जरत ह

तो अवय िलख भाषण क परखा को यान म रखत ए अतमन स लख तयार कर भाषण का पनिनरीण

कर और जरत क मतािबक सधार कर

अत म भाषण पर आलोचक क नजरए स यान द शद क चयन को भावशाली बनाए वाय को जीवन

दान कर िवचार क पता का खयाल रख सदश क सयता मािणत कर और िवशष तौर पर यान रख िक

भाषण का अत तकसगत हो सबस महवपण ह िक खद को दशक क सम महसस कर अयास क दौरान

यान द िक भाषण िनबध जसा तो नह लग रहा ह भाषण-शली का सहज और वातिवक होना बत जरी

होता ह

शीषकअत म यह खयाल जर आएगा िक भाषण क िवषय-वत या ह इस एक शद या छोट स वाय म िकस

कार तत िकया जाए दरअसल कम-स-कम शद म भाषण क िवषय का सार तयार करन को शीषक कहत

ह हनरी वासन क अदाज क तरह भाषण का शीषक बत साधारण हो सकता ह उदाहरण क तौर पर lsquoनया

अमरकावादrsquo भाषण का शीषक सकतामक भी हो सकता ह उदाहरण क िलए रसल एच कॉवल का

lsquoएकड़ म फल हीरrsquo एबट ज बवरज क तरह कहावत को भी भाषण का शीषक बनाया जा सकता ह

lsquoआस-पास फली समrsquo अततः भाषण का उय जो भी हो शीषक सि होना चािहए िवषय क

मतािबक होना चािहए और दशक म उजना वािहत करन योय होना चािहए

19

िववरण क ारा भािवत करनािवचार गभीर नह ह तो उस य न कर िवचार क यायान क बाद ितफल क उमीद नह रखनी चािहए गभीर िवचार म छपी सयता को

पहचान अवय िमलती ह

mdashथॉमस कालाइल जीवनी पर िनबध

इस अयाय म भाषण को आलकारक करनवाली कला को िनपण बनान क िलए lsquoवणनrsquo lsquoयायानrsquo lsquoवाद-

िववादrsquo और lsquoवकालतrsquo जसी ितभा पर िवतार स चचा क जाएगी वापटता क कला म िनपणता हािसल

करन क इछक पाठक क िलए उपयोगी पतक का िववरण भी िदया जाएगा

िववरण का वभाविववरण का अथ होता हmdashिकसी घटना िवचार इयािद को िवतार स समझाना िववरण क दौरान यायान

क तरह िचण नह िकया जाता मोटरगाड़ी क िववरण का अथ हmdashगाड़ी क मय िहस और कल-परज क

कायशली को समझाना लिकन मोटरगाड़ी क मानिसक िचण क िलए गाड़ी क चमकत ढाच भावशाली रग

तज रतार आिद का यौरा दना होता ह िववरण और यायान म यही मय अतर होता ह रात म ब क चहर

पर डर का भाव दरशान क िलए िववरण नह यायान क जरत होती ह इन दोन क बीच क अतर को आग

lsquoयायानrsquo अयाय म और गहराई स समझाया जाएगा

इसक अलावा िववरण म घटना का म महवपण नह होता म का यान यायान म रखा जाता ह

अपनी खोज क जानकारी दत व परी न अाश और दशातर रखा क खोज क िलए इतमाल िकए

जानवाल य क बार म बताया यह एक िववरण था अपन औजार और य क वप को समझान क िलए

यायान का इतमाल िकया तािक मानिसक िचण थािपत िकया जा सक रोजाना घटनवाली जोिखम स भरी

घटना को कहानी क तौर पर तत िकया तािक दशक क िच बनी रह अपन दाव क वकालत क िलए

वाद-िववाद का सहारा िलया इस कार परी न एक ही भाषण म सभी कला का बजोड़ िमण पश िकया

िववरण का कारण और परणाम स वाता नह होता इनका इतमाल वाद-िववाद क िलए िकया जाता ह

िकसी सभािवत ाहक को यायान क म क जरए एक ड क मकाबल अपन ड क गाड़ी खरीदन क

िलए सहमत िकया जाता ह ाहक को राजी करन क िलए दसर ड स सबिधत खतर और रक को तत

िकया जाता ह जािहर तौर पर इस िया म िववरण क कला का उपयोग होता ह और माकिटग क इस पतर क

भाव को कोई नकार नह सकता सय ह साधारण तय क मकाबल िकसी एक महवपण तय का िववरण

यादा भावशाली होता ह लिकन ाहक तय स जड़ कई और अहम कारण को नजरअदाज नह करता और

इह कारण पर परणाम आधारत होता ह महज एक तय क िववरण स िकसी को नह लभाया जा सकता

अथा ाहक को लभान का िववरण क दायर स बाहर होता ह िववरण पण प स ब सबधी

िया ह इसम भावना क िलए कोई थान नह होता ह

िववरण का महवसामाय भाषा म तत तय का अथ प समझ म आता ह साधारण भाषा म उलझन क सभावना कम

होती ह और यही िववरण का महव ह

िववरण क कला म िनपण होन क िलए िवचार प होन चािहए लखक स एक बत पचीदा सवाल पर

पीकरण क माग रखी गई तो लखक न जवाब म कहा lsquoवस आप िकस सवाल पर मझस पीकरण नह

मागतrsquo अब कछ धारणाए प परभाषा को नकारन लगी ह लिकन ऐस अपवाद क शरण म नह जाना

चािहए याद रख एक परभाषा नाकाम होन पर दसरी परभाषा तयार क जाती ह कभी-कभी लगता ह िक

िवचार क कला पर दता हािसल हो गई ह लिकन जब िवचार को तत करन का समय आता ह तो प

िवचार धधला जात ह इस कार उम िववरण का अथ हmdashिवषय क प समझ भावशाली ढग स

ततीकरण क िलए िवषय क प और सपण जानकारी जरी होती हrsquo (ज बग ऐसनवीन)

lsquoइस रात क दोन ओर ग हrsquo ऐस कम यायानवाल िवचार स दशक म वा क ित शका का भाव

पदा होता ह प तौर पर समझ न आनवाल न पर वाद-िववाद करन स लाभ नह होता या कभी ऐसा आ

ह िक आप कछ और बोल रह ह और आपक िम कछ और ही समझ रह ह यिद दो लोग सगीतकार क एक

परभाषा पर सहमत न ह तो जािहर ह िक इस िवषय का सहमित स शीषक तय नह िकया जा सकता

रात क दसरी तरफ का गा खाई समान होता ह यानी िकसी िवचार का बत यादा यायान करना

िवचार क बत यादा यायान स भी दशक को ठस पचती ह दशक को ऐसा अहसास नह कराना चािहए

िक उह िवषय स सबिधत कोई जानकारी ही नह ह यादा यायान स दशक म कछ ऐसा ही भाव पदा होता

ह अथा भाषण दत व सामाय और िवशष म पर दशक क सभािवत ान का अनमान होना चािहए

यायान को बत यादा सरलता दान करन म मखता का दशन होता ह और यायान क बवजह िवतार स

ऊजा क बरबादी होती ह

वणन क उययह साफ हो गया ह िक िवचार क वणन स वा और दशक क बीच वचारक सबध थािपत होता ह वणन

क जरए भाषण म आग तत िकए जानवाल तय िवचार अपील और वाद-िववाद क िलए आधार तयार होता

ह वणन क भाव को पता शता सयता एकता और आवयकता जस थर मानक क आधार पर

मािणत िकया जाता ह वणन क भाव क यह याया कभी नह भलनी चािहए इसका उपयोग कवल वणन

क उय क िलए नह बक िननिलिखत क िलए भी िकया जाना चािहएmdash

वणन क णािलयावा ारा इतमाल क गई वणन क िविभ णािलया िकसी-न-िकसी मोड़ पर एक-दसर स भािवत होती

ह यिद एक णाली दसरी स िमलती नह हो तो उस भािवत जर करती ह कई मौक पर एक णाली दसरी

क साथ चलती ह

परभाषा वणन क चिलत िविध ह िनसदह इस बात का िवशष खयाल रखना चािहए िक वणन क िलए

तयार क गई परभाषा को समझान क िलए कई और परभाषा क जरत न पड़ परभाषा क भाषा बत

प और सि होनी चािहए परभाषा म यादा शािमल करना या यादा छोड़ दना भी ठीक नह होता

परभाषा का सामाय उदाहरण िननिलिखत हmdash

वणन क िलए परभाषा म िवषय क वभाव महव और चर क साथ िवचार और िवचार क समह क

अिभाय को दिशत करना चािहए

mdashआल बस अजी लखन पर चचा

परभाषा क िवतार क िलए िवरोधाभास और ितपता का भी भावशाली ढग स इतमाल करना चािहए

उदाहरण क तौर पर िननिलिखत वाय म उ परभाषा अनकरण तत िकया गया हmdash

यायान क मकाबल वणन क जरए सीध तौर पर िवषय क अथ और अिभाय को दिशत िकया जाता ह

िवषय क वप स इसका वाता नह होता

ितपता स परभाषा का िवतार िकया जाता ह दरअसल जनता क सम यायान क यह िनयिमत िया

ह इस िया क जरए दशक िवषय क भाव को िवतार और पता स समझन क िलए आमचतन का

इतमाल करत ह और वा क िवचार क साथ िवषय क गहराई को समझन क कोिशश करत ह यह वणन क

अिभ अग क समान होता ह िवषय स सबिधत तय क िवतारपवक वणन स पता बढ़ती ह

उदाहरण क जरए परभाषा और यादा प हो जाती ह इस कार वणन बत भावशाली हो जाता ह

आम तौर पर उम वणन को यायान समझन क गलती क जाती ह मानकर चिलए िक आपका छोटा बटा

इजन क काय-णाली जानन क िलए न करता ह िक lsquoभाप का इजन िकस कार काय करता हrsquo यिद आप

इस न क ित अिशित बरताव करत ह या जान-बझकर न को न समझन का िदखावा करत ह तो ब क

नाराजगी झलनी पड़ सकती ह अथा ब क िजासा का ान क मतािबक सटीक-स-सटीक जवाब दना

चािहए इजन क वातिवक काय-णाली को समझात व यायान नह वणन क कला का योग कर

इस उदाहरण क मय उपयोिगता यह ह िक वणन क दौरान आप अनजानी वत को समझान क िलए

पहचानवाली वत क उदाहरण का इतमाल करत ह मच पर दशक को िवचार क पता दान करन क

िलए सही और सटीक उदाहरण बत आवयक होता ह यह िशण क कला का सबस बहतरीन तोहफा ह यह

ऐसा तोहफा ह िजसस वा क भाषा-शली म िदन-ब-िदन िनखार आता ह आल बस क तीन सकलन पर

यान दीिजए लखक न इस कछ इस कार तत िकया ह िक तीन सकलन एक वाय समान तीत होत ह

ऐसा लगता ह जस एक-दसर म घल रह ह हर िहसा दसर िहस क पित करता महसस होता ह

अनपता व असमान वत क बीच समानता थािपत करनवाली कला वणन क सबस महवपण िविध मानी

जाती ह िननिलिखत अनोखा उदाहरण बीचर क िलवरपल भाषण स पश िकया गया हmdash

वन म जीवन जीनवाल जगली मनय क बस एक कहानी ह और बस एक ही कहानी गढ़ी जा सकती ह

मनय क सय होन क साथ कहािनय न जम लना श कर िदया लिकन िवकिसत सयता का ईसाई धम म

परवतन असय कहािनय का ोत बना कहािनय क ऊपर कहािनया गढ़ी गई और हर िनपण लखक न कहानी

को अपन िवशष अदाज म पश िकया

याया िकसी िवषय को समझान क आम एव साधारण िविध होती ह यायान क दौरान मय िवषय क

इद-िगद घमनवाल सबिधत िवषय को भी िवतार स समझाया जाता ह हालािक यह एक महवपण िविध ह

लिकन वणन क दौरान यह िसात नकारामक भाव क छाप छोड़ता ह वणन म मय िवषय स भटकाव क

गजाइश नह होती िननिलिखत उदाहरण क जरए इस िविध को समझाया गया हmdash

म अदालत क िनणायक सिमित क सम पश िकए गए म स नह भटक सकता इस बात का िलहाज रखन

स कोई फायदा नह होगा िक कदी एक दिखयारी का पित ह और उसक ब को जीवन क किठनाइय का

सामना करना पड़गा हम कदी क माता-िपता क माथ पर औलाद क मजरम होन क कलक का भी खयाल नह

रख सकत भावना स जड़ म क िलए अदालत म कोई जगह नह ह दःख स आख मद िम का क

अदालत क िलए यथ ह कदी क लबी और समानजनक नौकरी भी अदालत क िनणय को भािवत नह कर

सकती कदी क िखलाफ पता सबत इन सब मायता स यादा महव रखत ह कदी क सजा मकमल

करन म कवल एक सवाल अहम ह िक कदी न बदला लन क मशा स हया क या िफर परथितवश अपराध

अनजान म िकया गया इस बात का िनणय मौजदा गवाह क गवाही क आधार पर िकया जाएगा

िवषय को मब करन स िवचार का वगकरण आसान हो जाता ह यह कहना गलत नह होगा िक

परभाषा म म वग और कार को िनत थान दान करना चािहए भाषण क िवषय को मब करन स

िवषय क गहराई तक पचना आसान हो जाता ह इसक अलावा एक तय को दसर तय स जोड़ना भी बत

बमय होता ह म को परभाषा और णी का िनकट सबधी माना जाता ह

lsquoशराब क तकरी लब समय स वाद-िववाद का नितक िवषय रही ह इसस जड़ा आिथक महव जो भी हो

इसक िवरोध म जो भी सवाल उठत ह राजनीितक यवथा पर इसका जो भी भाव पड़ता हो या कोई य

तकरी क नकारामक पहल को सही सािबत कर सकता ह दिनया भर म जनता क िहत को सरित करन क

िलए सवधािनक सरकार का गठन िकया गया ह सिवधान क जरए शराब क कारोबार को िनयिमत करन क िलए

िनयम तयार िकए गए ह कई दश म अफम क यापार दास था इयािद को आिथक िवकास क जगह सही

और गलत का मा माना गया ह इन करीितय क आिथक महव स यादा सामािजक भाव को महव िदया

गया हrsquo

िवषण क जरए िवषय क महवपण िहस को अलग िकया जाता ह इस िया क कई िसात ह

उदाहरण क तौर परmdashिवषण क िया म समय थान तक िच म व और समापन क भाव जस

म का उपयोग िकया जा सकता ह िवषणामक वणन का उम उदाहरण इस कार हmdash

lsquoदशनशा म मानव का अवलोकन या तो ईर म िनिहत होता ह या इस कित स जोड़ा जाता ह ईर और

कित स जड़ी शय को मानव म समािहत माना जाता ह दशन-शाय क गहन अययन स तीन अहम

जानकारया सामन आई हmdashईरीय दशनशा ाकितक दशनशा और मानवीय दशनशा यानी मानवता

यही तीन शा दशन क िवचार का आधार मान गए ह इह को ईरीय श माना गया ह िजसका इतमाल

मानव-कयाण क िलए िकया जाता हrsquo

mdashलॉड बकन ान क गित

िवभाजन और िवषण क बीच मामली फक यह ह िक िवषण क दौरान िवषय को िवभािजत िकया जाता

ह ततीकरण क सिलयत क िलए िवषय को मनमान ढग स िवभािजत िकया जाता ह यादा जानकारी क

िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

सयता क इितहास म इसका उपयोग तीन कार स िकया गया ह तीन अलग तसवीर और थित क तलना

करना अनिचत नह होता कई तसवीर अधरी होती ह कई दोषहीन होती ह और कछ िबगड़ी ई होती ह इसी

कार इितहास क भी तीन कार होत हmdashयादगार उम और ाचीन इितहास यादगार इितहास असमा होता

ह या िफर इस इितहास का पहला और असपण ाप माना जा सकता ह ाचीन इितहास िवकत होता ह यानी

इितहास क कई अहम घटना क जानकारी बत धधली और अप होती ह िजह मािणत नह िकया जा

सकता

mdashलॉड बकन ान क गित

सामायीकरण स िवतत िसात का यायान होता ह साधारण सय का बोध होता ह इसक िलए तय

को मािणत करन क आवयकता होती ह तकसगत सामायीकरण क तलना बनावटी वणन स नह क जा

सकती तकसगत यायान म िवषय-वत क सयता माण क आधार पर क जाती ह यान दीिजए िक िकस

कार जॉज म न एक तय क आधार पर शआत क थी और िकस कार एक तय को दसर तय स

जोड़कर सपण जानकारी तयार क गई यह वा क खजान क सबस मयवा ितभा होती ह

lsquoऊपर स खला और नीच स बद एक बलनाकार पा लीिजए और उसम कछ इच क ऊचाई तक पानी भर

दीिजए इसक बाद पा क मह को िकसी चपटी धात क चादर स ढक दीिजए इसक बाद पानी को गरम

किजए कछ समय बाद पानी उबलना श हो जाएगा पानी क उबलन स भाप बनगी और भाप का दबाव ऊपर

ढक चादर को धकलन लगगा उबाल तज होन स भाप क माा बढ़न लगगी और चादर और ऊपर उठन

लगगी पर पानी क भाप म बदलन तक यह िया चलती रहगी बलनाकार पा यानी िसिलडर पानी आग और

भाप स गित दान करनवाल भाप क इजन का मय अग होत हrsquo (जीसीवी होस)

यायान क सभी कार क समान अनभव का उख भी वणन का मय िसात होता ह

वणन क उख का अथ हmdashतय स जड़ी सयता का यायान जानकारी वह होती ह िजसका दशक न

अनभव िकया हो सना हो पढ़ा हो महसस िकया हो माना हो यानी वह तय िजस पर दशक अपनी जानकारी

क मतािबक िवास करता हो इसम दशक क जानकारी क मतािबक सभी िवचार भावना और अछ-बर

अनभव का िमण होता ह इस कार अनभव क उख स मतलब हmdashदशक क िजदगी स जड़ अनभव तक

पचना

रहयमय वभाव स िवान क महा आिवकार नह िकए जा सकत वािनक उपलधय क िलए तय को

समझन और एक कड़ी को दसरी कड़ी स जोड़न क मता होनी चािहए पिलस का खोजी दल चोर क जत या

उगली क िनशान स अपराध करनवाल का पदाफाश कर दता ह इसी कार जीव वािनक किवयर न ही क

नमन क जरए ल ािणय क िवषय म सटीक जानकारी जटाई िजदगी क िजन आम अनभव पर सामायतः

यान नह जाता ह वािनक उही तय को बारीक स समझत ह और नई खोज या आिवकार को जम दत ह

mdashथॉमस हनरी हसल धमपदश

या ब क नाम वा अवथा दरशानवाली सोच स रत होत ह हरिगज नह ब का नाम रखत व

खास यान रखा जाता ह िक नाम का मतलब सकारामक हो लिकन या हम बढ़ नह होत या हमारी नजर

कमजोर नह होत या हथिलया शक नह होत या गाल पील नह पड़त या दाढ़ी सफद नह हो जाती

या आवाज भरान नह लगती या सास नह उखड़न लगत या तद नह िनकलती या शरीर क सार अग

ाचीन नह िदखन लगत और या ऐस हालात म आप कवल नाम क आधार पर खद को यवा कह सकत ह

नह नह नह सर जॉन

mdashशसपीयर द मरी फाइव ऑफ िवडसर

अततः वणन क सामी तयार करन क िलए िवषय स सबिधत इन न पर यान दना चािहएmdash

यह या ह और या नह ह

यह िकसक तरह ह और िकसक तरह नह ह

इसक कारण और भाव या हो सकत ह

इसका िवभाजन िकस कार करना चािहए

यह िकस िवषय स जड़ा ह

इसस िकस अनभव क याद ताजा होती ह

िकन उदाहरण स इसका यायान होता ह

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िचण क ारा भािवत करनाईडन क चहर पर झरया लब समय पहल खम हो गई ह जीवन का िचण करो गीत म जवा रहो

mdashएलजडर पॉप िवडसर फॉरटजस ही िववाद परिचत तय क तर स ऊपर उठ जाता ह और जनन एव असाधारण िवचार स उिजत हो जाता ह उस पर कपना का आवरण

चढ़न लगता ह गभीरता स बात करत व यिद बौक िया पर यान िदया जाए तो िदमाग म ान योित कािशत होन का आभास होता ह

यह ान योित िवचार क परधान क समान होती ह यह वाभािवक एव अकमा होनवाली कपना ह यह िदमाग म उपज रह तकाल िवचार

और अनभव का िमण होता ह यह वातिवक रचना होती ह

mdashरॉफ वाडो एमरसन कित

भाषण क अय बमय ससाधन क तरह िचण क िवतार स भी भाव हलका हो जाता ह यादा साज-

गार स िवषय हायद हो जाता ह धल साफ करन का कपड़ा उपयोगी होता ह तो या उस पर कढ़ाई कर दनी

चािहए िचण को उिचत दायर म रखा जाए या िवतार क जरए भय दशन िकया जाए यह वा क पसद

पर आधारत होता ह िचण क अदाज स वा क बौक वभाव का पता लगता ह

िचण का अदाजवा का िकसी िवषय को िचित करन का अदाज ऐसा होना चािहए िक दशक क जहन म कथा-वत क

छिव तयार होती रह lsquoिचण का अथ ह िच तयार करना उसक परखा तय करना उसम रग भरना और

िचकारी क अय ितभा का इतमाल करना िचण का ोत कपना होती ह अथा िचण क जरए

कपना को सिच िकया जाता हrsquo [ज बग एसनवीन]

यिद आपस गोिलय क तज बौछार करनवाली बदक का यायान करन क िलए कहा जाए तो सामाय तौर

पर दो म स िकसी एक िननिलिखत तरीक को अपनाया जा सकता हmdashया तो हिथयार को बनान क तकनीक का

यायान िकया जाए या िफर इस नर-सहार क चड हिथयार क तौर पर तत िकया जाए यानी इसक बनावट

क जगह भाव पर जोर िदया जाए

इस हिथयार क यायान क पहली िया को वणन कहत ह जबिक दसरी िया िचण ह वणन म

साधारण तय पर जोर िदया जाता ह जबिक िचण म बारीक-स-बारीक पहल को भी यान म रखत ह वणन

क जरए िवचार को प िकया जाता ह जबिक िचण स िवषय-वत क बरताव को दरशाया जाता ह वणन

का वाता आतरक तय स होता ह जबिक िचण भाव को दिशत करता ह वणन का उपयोग गणना क

िलए िकया जाता ह वह िचण सािहयक िया ह वणन बौक िया ह जबिक िचण सवदनशील

िया ह वणन म औपचारकता ह तो िचण यगत होता ह

िवषय-वत क प ततीकरण क िलए वा कपना क मायम स िचण करता ह वह दशक वा क

यायान क आधार पर मानिसक िच तयार करत ह जािहर ह वा िचण क मायम स कवल उसी िवषय-

वत का यायान कर सकता ह िजसका उसन वय अनभव िकया हो वा अपनी कपना और शद क

मायाजाल स अपन अनभव का यायान इतन भावशाली ढग स कर सकत ह िक दशक ममध हो जाए

िपछल अयाय (lsquoिवषय एव तयारीrsquo) म आख म झाकन क भाव का वणन िकया जा चका ह वह िपछल

अयाय म कपना क श का यायान भी िकया गया ह लिकन िफलहाल िचण क बौक श पर

चचा क जा रही हmdashिकसी घटना क सभी पहल को दखन और समझनवाली बौक श दरअसल आख

स यादा िदमाग म होती ह बारीिकय पर यान दनवाला िदमाग घटना क िवषय का जरत क व दोबारा

प िचण करन क श रखता ह यही िचण दशक म िच पदा करता ह िकसी िवषय य परथित

घटनाम और य को कपना क उड़ान दन क आदत बत उपयोगी िस होती ह िचण क पता स

दशक क जहन म िवषय स सबिधत म दर िकया जा सकता ह

िवषय को पता दान करन क इस िया म वाातय क भिमका अहम होती ह िननिलिखत समह को

सपण नह माना जा सकता लिकन िफर भी इनक यायान क िलए एक भी शद जोड़न क आवयकता नह

वा क िलए िचण

इनम स कछ ियाए एक ही समय पर घटनवाली होती ह जबिक बाक ियाए या तो सय होती ह या

िफर एकल

यिद िचण क िया का इतमाल िकसी वत क प जानकारी क जगह वत क वप को समझान

उदाहरण क तौर पर जपिलन एयरिशप क िलए िकया जा रहा ह तो इस वािनक िचण कहत ह यह िया

काफ हद तक वणन क समान होती ह यिद इस िया म अबािधत कपना क मायम स िकसी परथित एव

य क बल छाप छोड़न क मशा हो तो इस lsquoकलामक िचणrsquo कहत ह इस कला को भावशाली बनान क

िलए वाातय का इतमाल िकया जाता ह

िचण क कार

भाषण क दौरान िचण मय प स सझाव क मायम स होना चािहए सझाव क मायम स िकया गया

िचण सि होन क साथ गहरी छाप छोड़न म कामयाब होता ह साकितक यायान क मायम स िवषय का

िवतारपण िचण िकया जा सकता ह इसक ारा दशक क िदमाग म िवषय स सबिधत कपना और िच का

जम होता ह िडकस lsquoिसमस करोसrsquo म कहत ह lsquoजब ीमती फिजिवग एक लबी एव सतोषजनक

मसकराहट क साथ आईrsquo तो जािहर तौर पर दशक क जहन म फिजिवग का खशनमा चर तयार हो गया इस

तरह का साधारण यायान बत भावशाली होता ह और इसी कला पर िनपणता क जरत होती ह यहा कछ

और उदाहरण पश िकए गए हmdashlsquoजनरल िकल कठोर ताकतवर एव तदत य थ वह कहा िमलग लोग

को सदा मालम रहता थाrsquo िडकस न ीमती ीचर का यायान कछ इस तरह िकया हmdashlsquoएक छोटी सी गी

एक छोटी सी गिहणी एक छोटी सी पतक एक छोटी स िडबी छोटी सी मज और तौलन-नापन क सामी

का समह और सब चीज क बीच म समाई एक छोटी सी मिहलाrsquo

आप िचण क िकसी भी कार को नजरअदाज कर सकत ह लिकन सझाव क कला म दता क महव को

नह नकार सकत

िचण साधारण सकत क मायम स होना चािहए िचण का भाव िवषय-वत क महव को दरशाता ह

मोजल न कहा ह lsquoयिद दखनवाला चकाचध क वजह स पलक झपकान लग तो हम मान लत ह िक उसन

िकसी चमकली या कािशत वत को दखा ह यिद चहरा पीला पड़ जाए तो डर क आभास का बोध होता ह

खशी स िखला चहरा सदय क दशन क अनभित कराता ह वह शात िच म यान का अहसास होता हrsquo

सि िचण उपािध िवशषक होता ह lsquoनीली आखrsquo lsquoमोहक मसकानrsquo lsquoसख गालrsquo आज पारपरक

उपमाए तीत होती ह लिकन हॉमर क यह उपमा उस दौर म एकदम ताजा थ शतादय स lsquoआठ ितय

पर पिहया बशम क तरह घमता हrsquo lsquoहथौड़ क लगातार चोट स तलवार क धार बनती हrsquo जस महावर म कोई

बदलाव नह िकया गया ह िवल िलिवगटन क lsquoद फाइिटग डथrsquo क उस उपमा को याद किजए िजसम लखक

न िफलीपस म मकाबला करत सिनक को lsquoदीवार पर जक क तरह िचपकाrsquo आ दरशाया

िचण भाषण क आकड़ को दरशाता ह उत वाातय क कार क चचा क साथ मागदशन क सझाव

पर भी यान दना चािहए यह बदह महवपण ह इस पर जर यान द आकड़ को दिशत करन का सहज

बौक सि तीण खशनमा और हायद अदाज मच पर ततीकरण का सबस बहतर तरीका होता ह

िचण साधारण और सीध प म भी िकया जा सकता ह बयान एकदम सीधा साधारण और वणन-म भी

हो सकता ह िचण क अदाज का िनधारण वय क ब-िववक स करना चािहए िनधारत िकए गए अदाज

क बाद फसला करना चािहए िक यापक िवषय क बाद िवतत यायान करना चािहए या िफर िवतत

यायान क बाद िवषय क यापकता का ततीकरण यान रह िक अदाज हर थित म सि होना चािहए

वॉिशगटन इरिवस क lsquoिनकरबोकसrsquo म मौजद सि यायान पर यान दीिजएmdash

lsquoउस छोट चौकोर और गठील चहरवाल बढ़ भ य क दोहरी ठी चौड़ा मह और फली ई नाक थी

और वह लगातार िसगार पी रहा थाrsquo

lsquoउसक लबाई ठीक पाच फट छह इच थी जबिक उसका दायरा छह फट पाच इच तक था उसक खोपड़ी

वाकार थी और आयजनक प स चौड़ी थी उसक हर अग स चतराई झलक रही थी कित न उसक

गरदन क रचना कछ इस उलझन म क थी िक गरदन पर िसर का सभलना अिवसनीय तीत हो रहा था ऐसा

लग रहा था जस कित गरदन क रचना करना ही नह चाहती थी ऐसा लगता था जस उसक खोपड़ी को दोन

कध क बीच सीध रीढ़ क ही पर रख िदया हो उसका शरीर अडाकार था मयतः िनचला िहसा बत

भारी था ऐसा लगता था िक इस िहस को बनान क िलए िवशष तौर पर िवधाता स िनवदन िकया गया था वह

बत आरामपसद य था और सामाय सर-सपाट स भी मन चराता थाrsquo यह यायान हालािक हायापद ह

लिकन बत लबा ह तय को बवजह िवतार िदया गया ह िकसी हायापद यव क यायान क िलए

यह तरीका उम हो सकता ह यिक य क शारीरक रचना क जरए वभाव को दरशाया गया ह

ऐितहािसक आदत क यायान क जरए िचण को चपल बनाया जा सकता ह डॉ टीडी िवट टालमज क

भाषण lsquoिबग लडसrsquo (बड़ी गलितया) क िननिलिखत सजीव हाव-भाव स परपण नाटकय याया िपछल

तीस साल स लोग क िदमाग म अिमट छाप क तरह मौजद ह ब क आवाज आज भी प सनाई दती ह

lsquoब को हाथ म लो और उिचत मा म खड़ हो जाओ अब गद पर यान जमाओ बत नीची जमीन स

रगड़ती ई गद पर ऊचा शॉट मत मारो जब गद तज रतार स आए तो जोर स शॉट मारो लबा शॉट आसमान

छता आ ऊचा बत ऊचा भागो तज तज भागोrsquo

यायान क दौरान वा दशक और मौजद िखलािडय क भीतर ऊजा क सचार पर यान दीिजए आपको

महसस होगा जस खद खल रह ह होमर क अदाज म तालमल का य यायान भी कछ इसी कार था ऐसा

तीत हो रहा था जस घटना न कवल घट रही हो बक साा आख क सामन घिटत हो रही हो

यिद आपन सफर क दौरान चचा म बढ़-चढ़कर िहसा िलया हो तो यान िदया होगा िक वा या तो भाषा

को यादा अलकारत करता ह या िफर भडी भाषा का इतमाल करन लगता ह यिद आप भाषा क जादई

श सीखना चाहत ह और य घटना िवचार कपना आिद क यायान को मनमोहक बनाना चाहत ह तो

लफकिडयो हरन रॉबट लइस टीवसन पयरी लोटी और एडमॉडो डी एमीिसस का अययन जर किजए

lsquoउनक पीछ कारवन टोन क ल िडटट पवतमाला का य साफ िदखाई द रहा था ऐसा तीत हो रहा था

मानो मिदर क चोटी को खासतौर पर वग क िलए तराशा गया हो मिदर का सनहरा गार आसमान को छ रहा

थाrsquo

mdashलफकिडयो हरन चीन क तामा

आसमान म तार साफ रग-िबरग आभषण क समान चमकत ए नजर आ रह थ िसतार क िझलिमलाहट म

खापन नह था आकाशगगा म चादी क रग का धधलका था मर चार ओर अधरा-ही-अधरा था दर तक

फला आ अधरा काठी स झलकती सफद रोशनी म म गध को खट स बधी रसी क सहार चार ओर घमता

दख सकता था म घास क मदान म उसक चरन क आवाज सन सकता था इसक अलावा कोई और आवाज

थी नदी क बहत पानी क पथर स टकरान क लयब आवाज

mdashरॉबट लइस टीवसन गध क साथ याा

वसत अपन चरम पर ह वसत का सबस पहला अतराल सनी रात का गहराता अधरा अधर म ल होत

परानी झपड़ी म रखी चीज और दर तक धरती पर फली उदासी क छाया धधलक म बीतत ए िदन बादल का

गहरा गबार धीर-धीर फासला तय करता आ िदन अचानक स दोपहर को रात म बदल दगा लगातार बहती ई

हवा क दर िकसी िगरजाघर म बजती घिटय जसी आवाज एक-दसर का अनादर करत हवा क तज झक

हतोसािहत करत हवा क शोक-गीत एक क बाद एक दरवाज क करीब स गजरती ई हवा का झका जगली

भिडय क िवलाप क चीख जसा तीत होता ह

mdashपयरी लोटी आइसलड का मछआरा

एक खल बड़ मदान को रदता सिनक का िवशाल दता मज क एक लबी कतार झककर खात ए पाच

सौ िसर एक साथ खड़कती पाच सौ चमच तजी स चलत ए हजार हाथ और सोलह हजार दात क चबान क

आवाज इधर-उधर भागत नौकर क झड बरतन क टकरान क खड़खड़ाहट कान को भदती िचाहट खान

स भर मह स lsquoरोटी रोटीrsquo पकारती घटी आवाज मझ एक बार िफर भयानक भख जबड़ क असीम ताकत और

सता स भरी परानी िजदगी का अहसास करा रही थ

mdashएडमॉडो डी एमीिसस कल क िम

िचण क िलए उपयोगी सझावदशक क सम तत िकए जानवाल िवषय क िकोण को िचण क यायान स पहल िनधारत कर

एक ि स सामन क पहाड़ और चार ओर खड़ य को नह दखा जा सकता िलहाजा िकोण िनधारत

किजए और िवषय स मत भटिकए

िवषय क मतािबक रवए का चनाव किजएmdashिनधारत किजए िक आदश ततीकरण का तरीका या होगा

हायापद उपहास स भरा बढ़ा-चढ़ाकर िकया गया यायान रामक या िफर िनपता स रत

अपन िमजाज क िलए िवत रह यिक िमजाज क मायम स ही िचण म रग भर जा सकत ह िनराश

मन को गलाब स महकता उान भी वीरान महसस होता ह

यायान क िनधारत म क साथ आग बिढए म तय करन क बाद भटकाव क गजाइश नह होनी

चािहए िवषय स ऊपर-नीच दाए-बाए सामाय स िवशष िबद छोट स बड़ म महवपण स महवहीन

िहस िवतत स सि वणन और शारीरक स मानिसक कपना क सीमा तक नह भटकना चािहए

िनधारत म क अनकरण स भाव बढ़ता ह अत-यत म स िवषय का मल धधला जाता ह

गर-जरी बारीिकय पर समय न नह करना चािहए कछ महवपण बारीिकया णी स िवषय का सबध

थािपत करती ह जबिक कछ बारीिकया िवषय को णी स अलग कर दती ह

िचण क भयता क िलए कवल महवपण और साकितक बारीिकय का चयन किजए सदय क महव को

इतहार िचित करनवाल कलाकार स सीखा जा सकता ह

दशक क िदलचपी क मतािबक तय किजए िक भाषण क िकस िहस का िचण करना ह िकसका

यायान और िकस िहस को कवल छकर सफाई स िनकल जाना ह दशक क जानी और अनजानी चीज स

सबिधत िजासा का समान किजए जािहर तौर पर दशक कम जानकारीवाली चीज पर यादा यान दत ह

िचण क दौरान िवषय स भटकना नह चािहए यह एक िनरतर िया क समान ह इसक बीच म िवषय स

भटकाव या कावट दशक क िदलचपी खम कर दती ह कावट स भरा िचण अत-यत महावर क

समान होता ह मब यायान स िचण का ततीकरण वाभािवक तौर पर भावशाली हो जाता ह

िचण करत व वातिवक य क दौरान उप भाव का अनभव किजए और उसी भाव को दशक क

सम तत करन क कोिशश किजए िचण का वातिवक अथ हmdashभावना क असल भाव को दिशत

करना भावहीन िचण हय म जमनवाली ठड क तरह िनराशाजनक होता ह भावशाली िचण क िलए

भावना क गरमाहट आवयक होती ह

िकसी तसवीर क यायान क शआत को सहज एव भावशाली रख और अितम भाग को तजी स खम

कर शआती छाप अिमट होती ह जबिक अत को भला िदया जाता ह िकसी िवषय क मय िबद क महव

को समझन क िलए िदमाग को अयत िकया जा सकता ह इसी कार िकसी एक य क पता

कायकलाप अनभव िकरदार और आपसी सबध को भी याद रखा जा सकता ह िकसी िवषय क िचण को

पणता दान करन क िलए िवषय क पण जानकारी होनी जरी होती ह इस कला पर िनपणता हािसल

करनवाला वा िचण क कला म भी द हो जाता ह

अयास क िलए िविभ अनभव का िचण किजएम एक बार वॉिशगटन क किपटल िहल पर खड़ा था अपन दश क राजधानी म ऊची खड़ी सगमरमर क

इमारत दखकर मरा िदल तजी स धड़कन लगा जब मन उस इमारत क अहिमयत िवशाल राीय कोष भय

सना यायाधीश एव रापित अदालत एव कास और बाक मौजद महानभाव क बार म जाना तो मरी आख

क सामन अधरा सा छान लगा मझ महसस आ िक िितज पर मौजद सय क िलए धरती पर दिनया भर को

वतता का पाठ पढ़ानवाली इस इमारत स खबसरत व समािनत कछ और नह हो सकता

दो िदन बाद म एक िम स मलाकात क िलए उसक घर पचा मर भ िम का घर उसी क तरह असाधारण

एव शसनीय था घर क चार ओर बड़-बड़ पड़ थ बीच म एक छोटा सा घास का मदान था और यारय म

खबसरत फल उग ए थ फल क मनमोहक महक बगीच म पक रसील फल क खशब क साथ िमलकर

मदहोश कर रही थी बाड़ म मरिगय क गटर-ग बगीच म िचिडय क चहचहाहट और फल-फल क आस-

पास मडराती मधमखय क िभनिभनाहट न एक िविच सगीत को जम द रखा था

अदर पण शाित आराम सम और शता थी एक परानी दीवार घड़ी घर म आनवाल सभी आगतक का

वागत कर रही थी िटक-िटक क आवाज म मतामा क िलए महा शोक-गीत जसा िखचाव था ऐसा तीत

हो रहा था जस आराम िबतर क पास घड़ी रात क चौकदार का काम कर रही हो वहा परान लिकन बत

आरामदायक िबतर िबछ थ गरमाहट क िलए खल अलाव थ एक पराना पारवारक धािमक थ था परवार

क लोग क आख म आस डबडबा रह थ इस तरह गहथी क भावशाली इितहास का प आभास हो रहा

था

बाहर मरा कािबल दोत खड़ा था एक साधारण य उसक िसर पर िकसी ऋण का बोझ नह था उसक

खत म लहराती फसल भी कज-म थी वह खद का और अपनी जमीन का अकला मािलक था वह वत

था अधड़ उ क वजह स उसक िपता क हाथ-पर कापत थ लिकन वह िदल स खश और सत थ घर क

ओर जात व उसक िपता क हाथ जवान बट क कध पर िटक जात थ मर दोत क िपता का आशीवाद सदा

उसक साथ रहता था

दरवाज क दहलीज पर उसक सनहर बालवाली मा सदा वागत क िलए तयार रहती थी उनको दखत ही

उसक मा क आख म खशी क चमक आ जाती थी मा क िदल म धड़कन का सगीत बजन लगता था हठ

पर मसकराहट िलय व मिहला हाथ को फलाकर अपन पित और बट का वागत करती थी घर क भीतर बट

क पनी गहथी का काम करती नजर आती थी मन और िदल स बत साफ मिहला अपन पित क सख-दःख

क सिगनी घर म चहलकदमी करत छोट-छोट ब गाय क पीछ भागत-िचात अपन छोट स घसल म

चहचहाती िचिडय क तरह शोर मचाकर खलत शतान ब

मन घर पर रात क अधर क चादर को फलत दखा िकसी अय पी क िवशाल पख क साए जसा अधरा

जगल क घप अधर म गजती झगर क आवाज क बीच स िनकलता िवशाल पी का साया पर परवार को

आकाश स िनहारत िझलिमलात तारmdashघटन क बल बठकर परान धािमक थ पर नजर िटकाए मा क आचल म

मह छपाता छोटा बा ईर इस परवार पर सदा अपनी कपा बनाए रख उसी व मन सगमरमर स बन

अमरक कास भवन को शाम क अधर म धधलात दखा उसक गरमा और अपार खजान को नजरअदाज

करत ए मन कहा lsquoओह िनत प स इस भवन म रहनवाल महानभाव सरकार को मजबती और थरता ही

नह लोकतािक उमीद और वाद भी महया करात हrsquo

mdashहनरी डय डी

िजदगी म एक जरत दसरी का आवाहन करती ह यादातर मौक पर घटना और थान म अनपता होती

ह हरयाली स भरा सदर य लब समय क िलए याददात का िहसा बन जाता ह एक थान कायशीलता क

िलए रत करता ह तो दसरा आदश जीवन क ओर इशारा करता ह वह तीसरा थान भटकाव स भर जीवन का

यायान करता महसस होता ह अधरी घप रात का भाव पानी का बहता झरना जगमगात शहर सयदय का

िनमल उजाला भड़ का झड और दर तक फला सम गमनाम हसरत और लफ को जम दता ह ऐस म हम

िकसी िय घटना क कपना करत ह हम मालम नह होता िक या लिकन बावजद इसक हम कछ पान क

िलए आग बढ़त रहत ह सदय स भर ऐस महा य घटना और थान स आकिषत होकर हम जीवन क

कई हसीन लमह को जीत ह और िजदगी भर उन लमह को याद रखत ह इस तरह हमारी कपना का िवतार

होता ह नीच िगरत पथर क भारी आवाज कभी कणिय लगती ह तो कभी अित कदायक इन थान पर

अवय ही कछ िभ घटा होगा सिदय पहल हमारी जाित क साथ कछ िविच घटा होगा मन उनक मनोरजन

क िलए एक िवशष खल रचन क कोिशश क थी म अभी भी इसी कोिशश म पहल क तरह यथ कोिशश

म तीन दरअसल म सभी घटना क तार जोड़न क कोिशश म लगा और इसी कोिशश म लगा रगा

लिकन कछ थान िबलकल अलग कहानी बया करत ह िनत तौर पर नम बगीच म स मानव हया क

चीख सनाई दती ह कछ परान वीरान घर भितया तीत होत ह सम क कछ िकनार टट जहाज क मलब स

म पाना चाहत ह कछ थान न अपनी थित को खद क िकमत मान िलया ह फल स िखली लता

हर-भर बगीच और शाित स भरपर बफोड िज क पास थत पयटक थल म कस न महा पतक

lsquoएिडयोनrsquo का लखन काय िकया था यह नसन न एमा स रता समा िकया थाmdashऐसी ऐितहािसक

घटना का गवाह रहा यह पयटक थल आज भी नई घटना क िलए उसक नजर आता ह चारदीवारी क

बीच मौजद परान दरवाज क पीछ आज भी नई घटना क िलए उसकता का धआ सलग रहा ह महारानी क

नौका क पास मौजद यह पयटक थल एक बार िफर मरी कपना को जा कर रहा ह शहर स दर थत समी

टाप क िकनार एक नौका लहर स जझ रही ह और एक तटरक समी जहाज लगर डालन म मदद कर रहा ह

यह सारा नजारा परान बगीच क घन पड़ क बीच स साफ नजर आ रहा ह अमरक लखक न इस य पर

बत कछ िलखा ह लिकन मझ यह बतान क आवयकता नह ह िक इस य म अभी भी कई अधरी कहािनया

िछपी ह इन कहािनय क जरए इस पयटक थल क मायन और यादा साफ हो जाएगमरी शात घबराहट

न इस पयटक थल क हर जोिखम स टर ली ह लिकन पणता हािसल करन क िलए अभी भी कई साहिसक

काय बाक बच ह रात क गहरी नद स म हर सबह एक अधरी चाहत को पण करन और शका को दर करन

क िलए उठता लिकन हाथ लगती ह तो िसफ नाकामी अभी वह समय नह आया ह लिकन मझ िवास ह

िक एक िदन वह लमहा जर आएगा महारानी क नौका काग जहाज क याकलता को समा करगी रात क

अधर म दःखदायी समाचार क साथ एक घड़सवार आएगा और बफोड क दरवाज को अपन कोड़ क बौछार स

ढर कर दगा

mdashआरएल टीवसन मकथा पर गपशप

lsquoिमडनाइट इन लदनrsquo का एक समरण

टन टन टन अन चतावनी क घटी िन िन िन अलाम घड़ी एक ही ण म शाित भग और शोर-

शराबा शmdashआवाज का एक धमाका उजना िचाहटmdashपागलखान जसा माहौल िन िन िन

खड़खड़ाहट सघष और खलबली चौपट खला दरवाजा सामान को लादत बिल लोग िन िन िन व

नजर स ओझल हो गए घोड़ क टाप स सड़क को रदत ए िन िन िन और इसी क साथ घिडयाल

शात हो गया

lsquoरात स हट जाओ भारी मशीन आ रही ह भगवा क िलए झट स रात पर खलत ब को उठा लोrsquo

जगी घोड़ का झड ोिधत पश क तरह दौड़ता आ रहा ह िन िन घिडयाल िफर बजन लगा ोिधत

जगी घोड़ का झड हवा क झक क समान तजी स गायब हो गया मशीन क गड़गड़ाहट चार ओर गजन लगी

और शाम ढलन तक लगातार जारी रही धल क भवर म क स सास लन क िया और रात म आकाश को

घरन क तयारी करता िचमिनय स िनकलता दमघट काल धए का गबार घर क उर िदशा म आग उगलता

ालामखी आख को चकाचध करता लाव का उफान आकाश को अपनी लपट स िलत करता लावा

आग क लपट स िघरा छोट घर का समह खतर म फस पाच स यादा लोग दयाल ईर इन मासम पर

रहम करो या मशीन आ रही ह हा आ रही ह सड़क पर तजी स लढ़कती ई दखो घोड़ हवा क रतार स

दौड़त ए इधर क ही तरफ आ रह ह आख आग क गोल क समान लग रही ह नथन फल ए ह आग क

दहकती बझती लढ़कती उभरती फलती डबती और पागल क तरह एक-दसर स अलग होती लपट अपनी

बाह को फलात घरा बनाती िसकड़ती और भड़कती आस-पास क सभी चीज को िपघलाती एक भख दानव

क तरह मह खोलकर आग बढ़ती लपट क आधी

दखो कस घोड़ घबराहट स एक कोन म िछप रह ह जानवर क वि इशारा कर रही ह कछ अिय घट

सकता ह कठोर परणाम क ओर जानवर का इशारा

lsquoसभी लोग सीिढय स ऊपर चढ़ जाओrsquo ऊची खड़ी इमारत भीषण जलधारा म समा रही ह काटदार जीभा

डब रही ह तो कभी उबर रही ह लहर इधर-उधर झासा द रही ह और तज हवा हर वत क िकनार को काटन म

लगी ह दर िकसी धमाक क बाद आसमान पर गहराता धआ इमारत क छत पर पागल क तरह हवा म हाथ

िहलाता एक भयभीत काला साया हाथ को फलाए जोर-जोर स िचाता काला साया िफर अचानक एक

डरावन थान पर लढ़कता शरीर दीवार क िकनार को पकड़न क कोिशश म फड़फड़ात हाथ डबत व

अचानक पास खड़ य क हाथ का सहारा डर स थरथरात हाथ कपकपात वर म मदद क िलए गहार

लगाती आवाज भाव-रिहत लोग का मदद स मह फरना और पास खड़ी एक औरत का डर स मछत हो जाना

य क तरती लाश दखकर िचात मजदर lsquoबचार क मौत हो गईrsquo

lsquoम और जोय उस अछी तरह पहचानत थ वह मरा पड़ोसी था मर घर स पाचवा घर उसका था उसक एक

िवधवा मा ह और दो ब ह जो अब अनाथ हो गए ह करीब दो हत पहल मन उसक बीवी क लाश को

दफनान म मदद क थी अब उसक अनाथ ब क िजदगी क स भर जाएगीrsquo

lsquoया सभी को बचा िलया गया ह अनशामक यrsquo

lsquoनह अभी भी कछ लोग फस ह इमारत क आिखरी मिजल पर गोद म बा िलय एक मिहला ह उधर सीध

हाथ क तरफ सीढ़ी लगाई गई ह दमकल कमचारी उस बचान क कोिशश म जट हrsquo

दजन दमकल कमचारी यास कर रह ह उनम स सबस लचीला कमचारी सीढ़ी क आिखरी छोर तक पच

गया ह उस कोई डर नह ह वह बहादरी क िमसाल ह

lsquoबस थोड़ा सा औरrsquo नीच स एक कमचारी न आवाज लगाई

कमचारी और ऊपर चढ़ गया वह िखड़क पर खड़ा हो गया उसन रसी बाधी साथ म मा और ब को भी

बाधा और एक खाली थान क ओर धकल िदया और अपन साथी कमचारय को उह धीर-धीर नीच उतारन का

इशारा िकया

lsquoशाबाश दमकल कमचारीrsquo नीच खड़ी भीड़ न नार लगान श कर िदए

तभी कड़कड़ाहट क आवाज क साथ छत नीच िगरन लगी

lsquoह भगवा य या हो रहा ह दखो छत नीच िगर रही हrsquo

इमारत क दीवार भी िहल रही ह जोर-जोर स पथर क िगरन क आवाज नीच आ रही ह यह य दखकर

नीच खड़ लोग क सास क गई मा-ब को बचानवाला दमकल कमचारी आग क भी म िगर गया उ

क बोझ स झक व मिहला तजी स आग क पास पचकर छाती पीट-पीटकर लाप करन लगी

lsquoबचारा जॉन मरा उसक अलावा कोई नह था वह एक बहादर लड़का था लिकन वह अब िजदा नह ह दो

मासम जान को बचान क िलए उसन अपनी जान गवा दी अब वह दर बत दर चला गया हrsquo र भी क

ओर इशारा कर वह मिहला दर तक लाप करती रही

मशीन अपना काम करती रह लपट धीर-धीर कमजोर होती गई चार ओर उदासी छा गई

इस तरह शाम का उजाला रात म तदील हो गया

mdashअडनस जॉस-फॉटर

21

वणन क ारा भािवत करनावणन क कला मय प स लखन क कला क समान होती ह उम िवचार का म इस कला का मय िसात होता ह इसक अतगत एक तय

को दसर तय स मािणत िकया जाता ह पहल मतक म िवचार क कड़ी जम लती ह और िफर इन िवचार को सही शद क चयन क ारा

मब प स तत िकया जाता ह

mdashवॉटर बगहॉट सािहयक अययनहमारी भाषा िदलचप प स ऐितहािसक ह यिद आपन गौर िकया हो तो अिधकतर य वणन क शली म वाालाप करत ह वणन क दौरान

आम तौर पर िवचार को तत नह िकया जाता हालािक िवचार को तत करना बत आसान होता ह लिकन इस नजरअदाज िकया जाता ह

आम तौर पर घटना स सबिधत तय क आधार पर वणन िकया जाता ह इस तरह वणन का िवतार िकया जाता ह वणन स घटना क व

उपथत यय को हटा दीिजए सोिचए अब वणन का वाह कसा होगा वातर वा क पास भी शद क कमी हो जाएगी ानी-स-ानी

य मौन हो जाएगा भाषा क िनपण जानकार क कठ सख जाएग और मख तो मानो सभा स गायब ही हो जाएग इस कार हम कवल इितहास

क िनयम का पालन करत ह हम कहत कम ह और िज यादा करत ह

mdashथॉमस कालल इितहास पर चचा

वणन का एक छोटा सा िहसा वा को साधन दान करता ह इस िहस म या तो कोई िकसा िछपा होता ह

या िफर जीवनी स सबिधत तय साथ ही वणन स सबिधत घटना क साधारण पहल भी समिलत होत ह

वणन का अथ ह िकसी घटना को कथा क समान तत करना या िफर तय क समह और घटना को

िकसी िकस क समान पश करना

वणन क मी भर िसात होत ह लिकन इसक सफल अयास क िलए भाषा क कला क आवयकता

होती ह इसम कला का उपयोग इतना गहन होता ह िक वणन क दौरान िनयम और िसात पर यान ही नह

िदया जा सकता

ाथिमक तौर पर यान दीिजए िक िकस कार वा और लखक क वणन का अदाज िभ होता ह सवाद क

िवतार और िकरदार क िचण का इतमाल कहा नह िकया जाता कहा तय क िवतार क वतता नह

होती और मच पर वणन क कला का अथ या होता ह िनत प स वणन क सभी िविधय म कछ

समानताए अवय होती ह िववरण यायान वाद-िववाद और अपील क ारा वणन क किडय को जोड़ा

जाता ह किडय को इस कार जोड़ा जाता ह िक वणन का अत बत भावशाली हो जाए भावशाली ण

तक वणन क अहम िवचार को ग रखा जाता ह और गर-जरी पहल को दबान क कोिशश क जाती ह

इसी कार हािनकारक तय को उजागर नह िकया जाता ह

हम कह सकत ह िक चाह मच हो या पिका वणन क कला म ऐितहािसक तय क अलावा भी बत कछ

होता ह घटना को मब तरीक स जोड़ना भी बत अहम िया होती ह इस कार वणन भावशाली हो

जाता ह

यान दन योय ह िक मच पर तत िकए जानवाला वणन या तो कम ससकत होता ह या िफर बत

नाटकय इसक िवपरीत लख क ारा िकया गया वणन यादा िनपण होता ह या कह सकत ह िक उसम

नाटकय भाव कम होता ह लिकन आज क दौर म मच पर वणन क कला तत करनवाल वा परान जमान

क वा क मकाबल अलग अदाज पश करन म िवास रखत ह आज क वा या तो बत गौरवशाली ढग

स ततीकरण करत ह या िफर आडबरपण तरीक स जनता क सम वणन क कला पश करत ह भाषण क

कला म िनपण वा क एक ही अदाज को बार-बार सना जाता ह तो वा म बोरयत का अहसास पदा होन

लगता ह िलहाजा वणन क अदाज को एकपता क दश स बचाना चािहए कथा और िकस क अनसार वणन

क अदाज म िभता आवयक होती ह

कथा का भाविकसी घटना को लघकथा क प म तत करना महवपण कला ह इस कला क मायम स मय िवचार को

भावशाली ढग स तत िकया जा सकता ह मय िवचार िजतना गहरा होता ह उसका वप उतना ही सघन

हो जाता ह वा क अचानक िवषय-वत पर पचन स दशक म िकस क िलए िदलचपी बढ़ जाती ह

िकसी िकस को उदाहरण या िचण क तौर पर तत करन स िवचार का मय िवषय थर रहता ह इस

कार वा भाषण क मकसद को पण करता ह यिद िकसी बत हायद चटकल को नीरस अदाज म सनाया

जाए तो जािहर तौर पर उसका हाय न हो जाता ह इसक िवपरीत िकसी नीरस िकस को वणन क ारा

िदलचप बनाया जा सकता ह

lsquoिकसी हायद और हािजर जवाब िकस को बातचीत म शािमल करन का मौका आसानी स िमल जाता ह

हािजर जवाबी बत िदलचप होती ह गहरी छाप छोड़ती ह और कभी-कभी सीध िदल को छ जाती ह हाय का

वभाव शालीन होता ह इसस कभी चोट नह पचती दो िवचार क बीच सबध क रहय को जानन स हाय

का जम होता ह हाय वत क बीच सामाय सबध स ऊपर होता ह हाय का िकसी स मल नह िकया जा

सकता यह असगत होता ह हािजर जवाबी क मायम स डगलस जरॉड न ोध स भर उस अजनबी को कड़ा

जवाब िदया था िजसक कध पर डगलस न जान-पहचान का य होन का बहाना कर थाप मारी थी कपया

मझ माफ किजए मझ लगा िक म आपको जानता लिकन अफसोस िक मन गलत अदाजा लगायाrsquo [ज

बग एसनवीन]

इस उदाहरण क जरए कथा क महव का पहला और सामाय प तत िकया गया ह वाय म मौजद

तीखपन को दरशान क कोिशश क गई ह

इसक अलावा साधारण तौर पर पारपरक तरीक स भी हािजर जवाबी का दशन िकया जा सकता ह जॉज

ऐड क पसदीदा हायद घटना कछ इस कार हmdash

lsquoरल क एक िडब म गभीर िदखनवाल दो भ पष एक साथ बठ थ एक भ पष न दसर स कहा lsquoया

इन गरिमय क मौसम म आपक पनी मनोरजन क मड म हrsquo तब दसर भ पष न जवाब िदया lsquoकछ खास

मड म नह हrsquorsquo

कछ िकस क जरए वा दशक तक एक िनत सय पचान क कोिशश करता ह इन िकस क जरए

दशक िकस क हर पहल क िकसी-न-िकसी चीज स तलना करत ह अपन एक महा सबोधन lsquoद य साउथrsquo

म हनरी डय डी न कछ इसी कार कथा का वणन िकया था

उ श और िवशषता क आधार पर कशलता दान नह करती और न ही हर नई कशलता का ितरकार

करती ह जत बनानवाल कारीगर क दकान पर lsquoजॉन मथ थापना 1970rsquo क बोड क मकाबल एक नवयवक

न सामनवाली दकान पर lsquoिबल जॉस थापना 1986 यहा कवल ताजा सामान िमलता हrsquo बोड लगाकर चनौती

खड़ी कर दी नई दकान क ओर लोग का आकषण यादा दखन को िमला

lsquoद य साउथrsquo क दोन िकस म डी न वणन क योग क दो भावशाली तरीक का इतमाल िकया दोन

िकस म िवचार को िभ प स दरशाया गया पहल िवचार को िकस क शआत म तत िकया गया

जबिक दसर िवचार को िकसा दोहरान क बाद वा न शद क उपि क भाव को अलग-अलग तरीक स

पश िकया खास ह िक भाव म बदलाव क बावजद िकस म मौजद हाय लगातार बना रहा

आज क रात आपक ारा िदए गए समान क म सराहना करता म इस भ यवहार क चचा कलीन

परवार क बीच जर कगा म इस बात को लकर िचितत नह िक म िकन लोग क बीच स आया

आपको उस य क बार म जानकारी ह िजस उसक पनी न दध क बरतन क साथ पड़ोसी क घर जान को

कहा वह पड़ोसी क दरवाज क पास पचकर अचानक िफसल गया वह कछ इस तरह स िगरा िक सीधा नीच

पच गया उसन सभलत ए अपनी पनी क आवाज सनीmdash

lsquoजॉन या बरतन िगरा िदया हrsquo

जॉन न कहा lsquoनह बरतन नह िगरा ह लिकन बरतन नह िगरा होता तो टनटन क आवाज भी नह होतीrsquo

जािहर ह पीछ स पकार लगात व तमन साहस क िलए नह तो शायद ोसाहन दन क कोिशश क थी मन

तहारी आवाज म नता महसस क थी म गजारश करता िक मरी बात समझन क िलए अमरक िनपता

और पवािदता का उपयोग जर करोग सबह क व कछ छा को lsquoबाइबलrsquo का पाठ पढ़ात समय एक

धमपदशक न एक अहम सझाव िदया था उपदश सनन स पहल छा आपस म िचपक प को उलट-पलट रह

थ अगल िदन धमपदशक न एक प क िनचल िहस स कछ पढ़ाmdashlsquoजब नोहा 120 वष का था तो वह अपनी

धमपनी को अपन साथ ल गयाrsquo यह पढ़त समय उसन प को पलटा lsquoनोहा क पास पतक रखन क िलए

लकड़ी का एक बॉस थाrsquo यह पढ़न क बाद धमपदशक आय स िघर गया उसन इस िकस को दोबारा

पढ़ा और कहा lsquoिमो म इस िकस को पहली बार पढ़ रहा lsquoबाइबलrsquo क इस िकस पर मरा यान पहल

कभी नह गया यिद मन इसक भाव का सही ततीकरण िकया ह यिद म इस िकस म मौजद िनभक एव

आयजनक भाव को समझान म सफल रहा और यिद आप लोग इस िनभकता को अपन भीतर ढालन म

सफल ए ह तो ही म धमपदश क पिव काय को जारी रखगा अयथा मझ यह काय िकसी और को समिपत

करना होगाrsquo

इस कार जान-अनजान कई बार वा िकस क भिमका को अनदखा कर दता ह परणामवप वणन क

योग का िसलिसला टट जाता ह िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

lsquoएक तरफ टकिसस म थत िडब क कारखान म दोपहर का भप बजत ही कमचारय म काम पर वापस

लौटन क हड़बड़ी मची थी वह पास क रलव टशन क एक कोन म मजबत परवाला सावला य िसर

झकाए थर बठा था उसन कारखान क भप क आवाज खम होन तक थरता बरकरार रखी भप क

आवाज खम होन क बाद एक लबी और भारी सास लत ए खद पर िटपणी कmdash

lsquoआवाज पव क ओर गई ह वहा लोग क िलए इस व रात क भोजन का समय हो गया होगा लिकन मर

िलए तो िफलहाल दोपहर क बारह बज हrsquo

lsquoअमरका क सभी छोट व बड़ कारखान म िफलहाल लगभग ऐसा ही माहौल होगा लिकन यrsquo

िनसदह िकस-कहानी सनान क कला का यादातर इतमाल मच पर ही होता ह धमपदश दत व आम

तौर पर िवतार स यायान नह िकया जाता लिकन उपदश क भाव को उदाहरण क ारा समझान का यास

जर िकया जाता ह डॉ अलजडर मारन क िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजए

lsquoभारतीय फकर क तरह कछ लोग हाथ को िसर स ऊपर उठाकर तब तक खड़ रहत ह जब तक हाथ

अकड़ न जाए हम इन लोग को धािमक थल क पास साल डरा डाल दखत ह व लगातार तपया करत रहत

ह लब समय तक थर रहत ह इनक लब बाल म िचिडया घोसला बना लती ह यह धल गरमी शीत और

बरसात जसी िवपदा क बावजद एक थान स दसर पिव थान तक लबा सफर तय करत ह इनक लब बाल

व का काय करत ह ऐसा तीत होता ह जस िकसी न इह अिभशािपत कर िदया हो य लोग मिदर और मठ

क थापना करत ह य वह काय करन म सम होत ह िजस कई लोग िमलकर भी नह कर सकत इह किठन

काय करन का दौरा सा पड़ता ह य लोग अपन शरीर को मानव-कयाण क िलए क दत ह तािक आम

इनसान को वग क माग का ान ा हो सक य लोग उ आचरण अनशासन और धम क माग को

अपनाकर जन-कयाण क काय को पण करत ह य लोग इन सभी काय को खशी-खशी करत ह य जीवन क

आम उपदश पर यान नह दत lsquoशरीर क शता क िलए ान आवयक हrsquo ान और जल क ारा शरीर

क श होती ह जल हर मली चीज को श कर सकता ह ान कर और श रह लिकन योगी पष क

िलए जल शता का कारण नह होता उनक िलए ईर क शरण ही शता का मय ोत ह जॉडन क

जलाशय म ान करन स क रोग का िनवारण नह होता शता का ोत भ क र म बसा होता ह ईर

सभी िवकार को दर करन क श रखता ह ईर क साधना स बड़-स-बड़ िवकार दर हो जात ह और परम

शता ा होती हrsquo

िकसी िकस-कहानी क तावना क िवषय म आिखरी सझाव यह ह िक फहड़ शआत आमघाती िस

होती ह इसक िवपरीत सटीक व प वाय स तावना को बल िमलता ह और दशक म िच पदा होती ह

अजी क हायरस लखक कटन हनरी ाहम न लड़खड़ाकर बोलन क िवषय पर परम आलोचनामक उदाहरण

पश िकया हmdash

lsquoमर िलए सविय िकस म स तम थान पर स 1905 का एक िकसा ह बॉटन क याा करत व

मझ महसस होन लगा िक म बॉटन पचन वाला लिकन वातव म मरी ब जस बद थी म असल म

वॉिशगटन पच गया थाrsquo

एक बार एक बड़ मजदार य क साथ समय गजारन का मौका िमला अफसोस िक मझ उसका नाम याद

नह ह शायद उसका नाम िविलयम था या िवसन या िफर िवकसmdashकछ ऐसा ही नाम था उसका ॉली कार

म घमत व उसन मझ एक िकसा सनाया

मझ आज भी अछी तरह याद ह िक उस िकस को सनन क बाद म िदल खोलकर हसा था रात म सोन स

पहल मझ वह िकसा िफर याद आ गया और म एक बार िफर जोर-जोर स हसन लगा उस िकस म जबरदत

हाय था कमाल का हाय म िवास क साथ कह सकता िक िकसी न इतना हायद िकसा कभी नह

सना होगा लिकन अफसोस मझ वह िकसा याद नह ह

जीवन सबधी तययव और जनता क सम भाषण दन क कला म गहरा सबध होता ह वाभािवक तौर पर जीवन स

सबिधत तय क यायान म िकस को शािमल िकया जाता ह शसा करन क िलए भी िकस का सहारा

िलया जाता ह इसक अलावा यादगार सबोधन राजनीितक भाषण धमपदश उपदश और मच पर पश िकए

जानवाल अय ततीकरण क िलए भी िकस का सहारा िलया जाता ह इसी कार lsquoमोससrsquo और lsquoलीrsquo पर

िकस क सहार पण धमपदश तयार िकया जा सकता ह

अिधक पता क िलए िननिलिखत उदाहरण पर यान दीिजएmdash

लसगटन क मित

इस महीन क 19 तारीख क सबह पर असी साल बीत जाएगmdashहनकॉक एव एडम मोिसस एव ऐरॉन सभी

इसी शहर म मौजद लसगटन म मौजद थ अपन िनडर वाय स उहन एक बड़ अिधकारी क िव सवाल

खड़ िकए थ िटन क करीब हजार सिनक इन महा हतय को िगरतार कर सम क िकनार मकदम क िलए

ल गए इस तरह वसत क उस सबह को अमरका म वतता साम को कचलन क तयारी क गई लिकन

इसक िव अमरक वतता सनानी एकजट हो गए वतता सनािनय का सनानायक एक लब कद और

चौड़ी भहवाला गभीर य था वह सना म काम कर चका था उसन अपनी सना को तयार िकया सना म

कल सर जवान थ सभी वतता सनािनय न राइफल और गोिलय का भडार इका िकया उसन सभी

सिनक को सबोिधत करत ए कहा िक यिद जग क दौरान एक भी सिनक घबराकर भागन क कोिशश करगा तो

म उस खद गोली मार दगा और भगवा न कर यिद मरा हौसला डगमगा जाए तो आप मझ बिझझक गोली मार

दना याद रह िक हम पहली गोली नह चलाएग लिकन यिद उस ओर स गोली चलती ह तो उह कड़ा जवाब

िदया जाएगा

महानभावो आप जानत ह िक िफर या आ िकसान और मजदर को जटाकर तयार क गई उस सना न

जमकर लड़ाई क शायद दिनया म ऐसी गोलीबारी िकसी फौज न पहल कभी नह क होगी ििटश सिनक क

कई गना फौज स वतता सिनक न जमकर लोहा िलया कई बार ििटश फौज क पर उखाड़ अमरक

वतता सनािनय क यही बहादरी आग चलकर अमरका क वतता का मय कारण बनी उन सनािनय क

बहादरी को यादगार बनान क िलए उस थान पर एक भय मारक क थापना क गई मझ गव ह िक मन भी

उसी छोट स शहर म जम िलया ह इसी शहर क आबोहवा म मन अपना बचपन िबताया ह एक रिववार क

सबह मरी मा मझ उस मारक तक लकर गई मन पहली बार उस पर अिकत पय को पढ़ा उस पर िलखा था

mdashlsquoईर क पिव काय और दश क िलए बिलदान करनवाल वीर सपतrsquo

महानभावो वतता का जबा और याय क अहिमयत उसी िदन स मर िदल म समा गई उस मारक क

नीच मर पवज क अथया िवराजमान ह उनक खन स सची गई लसगटन क मदान क घास आज भी हरी

ह उस मारक पर मर नाम का एक िहसा सबस ऊपर अिकत ह ििटश सिनक को धल चटानवाल अमरक

िकसान व मजदर को ोसािहत करनवाल अपन शद और भाषण क ारा अमरक वतता साम को एक

कोन स दसर कोन तक िस करनवाल लड़ाई क मदान म आिखरी दम तक िटकनवाल वह महा शशाली

सनानायक और कोई नह मर दादा थ उनक बहादरी भर िकस और दमन स छीनी गई मसकट राइफल स

मझ एक और िशा िमली िक lsquoअयाय क िखलाफ श उठाना ईर क आराधना क समान होता हrsquo म

िकस क उस पतक और राइफल को हर व अपन साथ रखता इस जीवन म मरा बस एक ही लय ह

mdashlsquoईर और दश क िलए पण समपणrsquo

mdashिथयोडोर पारकर

सामाय तौर पर घटना का यायानइस िवतत एव बधनम यायान म बातचीत क कई तरीक का िमण उपथत ह इसस भाषण को

भावशाली बनान म सहायता िमलती ह िनपण वा बदलाव क ारा भाषण को और आकषक बना दता ह

भाषण क अदाज म बदलाव ही इस िवषण का मय उय ह लिकन इस उदाहरण को कध पर न ढोए

जरी नह ह िक एक ही उदाहरण सभी परथितय म कारगर सािबत हो

जॉज िविलयम किटस क lsquoपॉल रवस राइडrsquo म घटना क श यायान को भाषण क दौरान कई नए

अदाज म पश िकया गया

lsquolsquoउस शाम दस बज लटनट कनल मथ क अगवाई म 800 ििटश सिनक नौका क सहार किज तट

तक पच गज सोच रहा था िक आम लोग तक खबर नह पच सक ह दरअसल लॉड पस न लोग को

कहत सना था िक फौज अपना लय ा करन म चक जाएगी पस न यह खबर गज तक पचाई गज न तरत

आदश िदया िक कोई भी शहर छोड़कर नह जाएगा वह जस ही सिनक दत न नदी पार क ऐबनजर डौर

सदश क साथ दौड़ता आ आया और पॉल रवर नदी क रात चासटाउन क ओर रवाना हो गया अपन साथी

स सहमत होकर रॉबट यमन न उरी िगरजाघर क और लालटन क रोशनी धीमी-तज कर ििटश सना क नदी

तट तक पचन का सकत भजा

इस घटना को यायान क जरए इस कार रोचक बनाया गयाmdash

lsquolsquoवह एक शानदार रात थी ठडी हवा चल रही थी लिकन रात यादा ठडी नह थी वसत क दतक साफ

महसस हो रही थी पहाड़ हरी घास स ढक ए थ खत म ग लहरा रह थ और हवा म बागीच क ताजा

खशब महक रही थी रॉिबन न सीटी बजाई िचिडय न चहचहाना श कर िदया लिकन थोड़ी ही दर म माहौल

िफर पहल क तरह शात हो गया चाद क साफ रोशनी म फौजी दता दब पाव आग बढ़ता रहा पॉल रवर तज

कदम क साथ मडफोट और पमी किज क रात होता आ लोग को लसगटन हनकॉक और एडम क

िखलाफ उकसान का काम करता रहा इस खबर को फलन स रोकन क िलए भजी गई ििटश फौज को पॉल

क हरकत क कान-कान खबर तक नह लगी

ीमान किटस न भी भाषण क दौरान एक घटना का बड़ी खबसरती क साथ वणन िकयाmdash

िशित य ारा नतवएक आधिनक अजी िच न हॉॉन क मानिसक योयता को नई रणा दान क िचकार न उस िच को

lsquoव कस िमल थrsquo का नाम िदया घबराए ए दो दबल-पतल ी-पष जगल म भटक रह थ रात म उह एक

मिहला और बालक िदखाई िदया एक अलौिकक आकषण स वशीभत होकर व दोन उस मिहला और बालक

को एकटक नजर स दखन लग उनका आकषण इतना गहरा होता गया िक कछ दर बाद व दोन खद को उस

मिहला और बालक क प म महसस करन लग उनक गाल पर यौवन क चमक उप होन लगी उनक

आख म उमीद क िकरण िलत हो गई उनक कदम िवास स भर गए और उनक चहर पर सता का

भाव प िदखाई दन लगा उह ऐसा तीत होन लगा िक आज उनक मलाकात खद स ई ह इस िस

िचण क अलावा कई और थान पर ऐस कई सकार योय परपरा का िचण िकया गया ह रोजर

िविलयस क शात सीकॉक घाटी म िनतता क साथ अड सती िचिडय स सबिधत िचण भी कछ इसी

कार ह एक ऐितहािसक नदी म अाहम विहपल का दबी ई आवाज म पतवार चलाना यहा जीिवत लोग क

शहर म चहल-पहल वहा शहर क शाित म छपा मौत का साटा आम तौर पर य वय ऐस थान पर नह

जाता लिकन ऐस थान क परथितय को महसस जर करता ह महािवालय क िखड़क स झाकत

मछआर क सिच चहर म िनत प स पाठक को वय क चहर क झलक महसस होती ह पहाड़ पर

घन पड़ क नीच आप खद को टहलता आ महसस करत ह उमीद और सपन स लबालब आमचतना स

लबरज और lsquoअपन भीतर यौवन महसस करत एrsquo इस िस मिदर म िजसम वापटता क आवश का

अहसास कभी भी इतना खर नह था यह वह यौवन नह ह जब इन गिलयार म हसीन कया स धीमी

आवाज म फसफसाया करत थ यह आपक यौवन का वो समय ह जो अब नह बचा ह यह वह समय नह ह

जब इन हसीना क बार म मा और दादी स बात िकया करत थ

mdashजॉज िविलयम किटस

22

सझाव क ारा भािवत करनािकसी िवषय पर एक िकोण कभी-कभी मानिसक तौर पर सोचन क श को खम कर दता ह ऐसी परथित म एक तर तक सोचन क

िया बािधत हो जाती ह अथा यह िनकष िनकाला जा सकता ह िक िवचारक को आतरक जीवन क िवषम परथितय को दबाकर रखना

चािहए इस कार िकसी बड़ी भल स बचा जा सकता ह ईर न मानव को सोचन समझन और इछा कट करन क श दी ह साथ ही इन

शय पर िनयण रखन का गण भी िदया हmdashअथा य को इन शय क बीच सघष क थित स बचना चािहए य सभी शया एक-

दसर गण को सकारामक ऊजा दान करती ह वह िकसी एक गण क दिषत होन स बाक गण पर दभाव पड़न लगता ह

mdashनथन सी शफर िवचार क िलए िवचार करना और िशा हण करना

िकसी िवचार क महा स सबिधत आकलन तलना और िनणय िकसी िवशष कारण स रत होता ह िकसी

काय या मत क िलए उप िवचारधारा सवथम सझाव स रत होती ह

इनसान को ाथिमक तौर पर तक-िवतक क योय ाणी माना गया ह ाकितक तक क आधार पर इनसान

जीवन स जड़ तय क जानकारी हािसल करता ह वाभािवक तौर पर िकसी िनणय तक पचन क िलए वह

िवषय स सबिधत सकारामक और नकारामक पहल का आकलन करता ह साथ ही तक-िवतक क साधारण

िनयम का पालन भी करता ह लिकन आधिनक शोध पणतः िवपरीत िया का समथन करत ह आधिनक शोध

क मतािबक य का मत और काय-कलाप तक-िवतक क िसात पर आधारत न होकर सझाव पर आधारत

होता ह कई मािणत शोध स सािबत आ ह िक औसतन िदमागवाल य श तक-िवतक क योयता ही

नह रखत आम तौर पर महवपण और दरदश िनणय सझाव क आधार पर िलय जात ह

इस शद पर यान दीिजए lsquoमय प सrsquo साधारण एव परप िवचार क िलए यह एक ऐसा िसात ह

िजसका अकसर अनसरण िकया जाता ह जबिक िवचारक क मायता होती ह िक िकसी भी घटना का िनकष

आसान तक क आधार पर तय िकया गया ह

सझाव का आधारसझाव वय कारण भी हो सकता ह और भाव भी भाव क महा क वजह स सझाव हण िकया जाता ह

कारण स रत सझाव िकसी िवशष परथित म पदा होता ह अथा कारण का महव भाव पर हावी होता ह

ईमानदारी और िनपता क साथ काय पण करना आसान नह होता वह ितकड़म और बईमानी क साथ काय

पण करना भी एक समया ह मानव-कयाण क िलए िदए जानवाल सझाव क िया का ईसा मसीह न भी

समथन िकया ह लिकन अफसोस आम तौर पर लोग क वि लालची होती ह अथा सझाव को तोड़-

मरोड़कर पश करना आदत म शािमल हो जाता ह इसीिलए ईमानदार य सय क कारण भाव एव लय क

महव का बारीक स अययन करता ह सय क पथ पर चलनवाला य इस कसौटी पर खर उतरनवाल

सझाव का ही योग करता ह

तीन आधारभत वजह स सझाव क ित शका का भाव उप होता हmdash

भव क ित वाभािवक आदर सभी यय म भव क ित आदर का भाव होता ह हालािक इस आदर

क माा कम या यादा हो सकती ह कई य पण प स अपना जीवन सझाव क हवाल कर दत ह वह

कई यय पर सझाव का असर ही नह होता ह

सझाव को हण करन क माा कभी भी समान नह होती िकसी भावशाली य क सझाव को हण

करनवाला य साधारण यय ारा िदए गए महवपण सझाव को अनदखा कर दता ह लोग को अपन

यव क तज स आकिषत करनवाली हती का भाव सभी पर एक जसा नह होता

वशीभत करनवाल य क यव म आकषण क कला का चरम िबद दखन को िमलता ह वशीभत हो

चक य स कहा जाता ह िक वह पानी म ह य इस कथन को सय मान लता ह और तराक क तरह

हाथ-पर चलान लगता ह उस कहा जाता ह िक सड़क पर गान-बजानवाल क टोली lsquoवद मातरrsquo का सगीत

बजा रही ह और वशीभत य को यह सगीत सनाई दन लगता ह नतीजतन य सावधान क मा म खड़ा

हो जाता ह

इसी कार कछ वा दशक पर सशोिधत वशीकरण िविध स भाव डालत ह ऐस मौक पर दशक वा क

इशार पर तािलया बजान या जोर स ठहाका लगान क िलए िववश हो जात ह

दसरा महवपण िसात यह ह िक भावना िवचार और इछा पर थोड़ा िनयण रखा जाए िकसी एक भाव

को मतक पर हावी होन स पहल उस भाव िवचार इछा या िफर तीन को अछी तरह स समझन क कोिशश

करनी चािहए भावना का िनणय-श पर सीधा भाव पड़ता ह इसस यह िस होता ह िक दशक को

अपन िवचार स वशीभत करना बत किठन काय ह इस िनपणता को हािसल करन क िलए िवचार क सयता

का महव सवपर होता ह यिद वा क िवचार श एव िनिवरोध ह तो वाभािवक तौर पर दशक आकिषत

हग इसी आधार पर िलवरपल क भाषण म हनरी वाड बीचर न अतय सफलता हािसल क थी

भावना क शता क झलक िवचार म िदखाई दती ह श और भावशाली िवचार का जम इछा क

शता स होता ह मतक तक पचनवाल सभी िवचार तब तक सही तीत होत ह जब तक उनक सयता

और शता का आकलन नह िकया जाए तक-िवतक क जरए िवचार क महव को पता स समझा जा

सकता ह

दशक को अपन िवचार स आकिषत करनवाला वा िवचार क ित उप िवरोधाभास क दमन क कला

म िनपण होता ह िवचार क बलता य करनवाल वा क सम दशक मक हो जात ह ऐसी थित म

िवचार क भाव स बाहर िनकलना मकल हो जाता ह िनत तौर पर तक-िवतक क बाद िलय गए िनणय

कछ इस कार होत हmdashिकसी िवचार को हण करत व यिद परपर िवरोधी िवचार को दर कर िदया जाए तो

वाभािवक तौर पर िवचार स सबिधत उिचत िशा हण क जा सकती ह 90 ितशत काशन सथान का

मानना ह िक वािषक शक क जरए पतक खरीदनवाल पाठक उन पतक को कभी नह पढ़त उन पतक क

िलए वािषक शक दन का मय कारण िवता क वापटता होती ह िवता उन पतक क महव को कछ

इस तरह कट करता ह िक पाठक उसस वशीभत हो जात ह मतक म वश करनवाला हर िवचार काय को

जम दता ह कवल उह िवचार क िलए कायशीलता र होती ह िजनक िलए िवरोधाभास का भाव उप

होता ह मतक म तयार लय क ित झान उसक महा ीण होन क बाद ही खम होती ह घोड़ क पर म

मरहम-पी क आवयकता तभी महसस होती ह जब वह लड़खड़ान लग शरीर म सजन का आभास तभी

होता ह जब शरीर का वह िहसा सचा प स काम करना बद कर दता ह हठ और जीभ क मासपिशय को

िहलाए िबना अिभवादन नह िकया जा सकता ब को नाक म मोती न डालन क सलाह दी जाए तो ब का

िदमाग नाक और मोती म ही उलझा रहता ह ऐस म ब को ओर स चक क सभावना बढ़ जाती ह दशक क

सम कट िकए गए िवचार या तो वा क प म होत ह या िफर िवप म िवचार िनजव नह होत िवचार

म सिय ऊजा होती ह िवचार कायशीलता का ोत होत ह lsquoिवचार का दसरा नाम भाय होता हrsquo दशक क

िवचार पर भव जमान और अतिवरोधी िवचार पर काब पानवाल वा क िवचार का वाह भावशाली होता

खर उघन और ढ़ िवचार क ित िवरोध क गजाइश बत कम होती ह इस िसात को आदत बना

लना चािहए सलाह क बावजद िवचार को न बदलनवाल य म बदलाव क गजाइश बत कम होती ह याद

रिखए यव म बदलाव क िया धीमी हो सकती ह लिकन नाकाम नह होती यन करन स उमीद क

मतािबक परणाम अवय ही िमलत ह

भव िवचार म बदलाव का एकमा कारण नह होता य पर माहौल का भी खासा असर पड़ता ह जन-

समह क भाव स बाहर िनकलना आसान नह होताmdashसमाज क ारा ा उसाह और भय सामक होता ह

दरअसल समाज म इसस सबिधत राय लगभग एक समान होती ह समाज क आम मायता को हम आम तौर पर

अपना लत ह उसका कभी िवरोध नह करत हम मान लत ह िक समाज क मायता म कोई-न-कोई सय जर

िछपा होगा दरअसल दस का गणा दस स करन पर सौ स यादा का परणाम हािसल िकया जा सकता ह दस

वा म स यक वा को दस दशक क सम बोलन का अवसर दान किजए इसक बाद उन दस

वा क कल मता का आकलन किजए िनत तौर पर ऐसी सभा म दस वा क ारा सौ स

यादा िवचार जम लग िकसी सभा क सबोधन क िलए दस वा का समह िनत करना यादा तकसगत

लगता ह लिकन वातव म दस म स एक ही वा जनता को भािवत करन म कामयाब होता ह

आम तौर पर य खद को माहौल क मतािबक ढाल लता ह लिकन माहौल म मौजद खािमय को

समझनवाला य बदलाव क लहर को जम दता ह यिद भाषण क िलए उदासी स भर नीरस क का चयन

िकया जाए तो िनत प स दशक म नीरसता का भाव पदा हो जाएगा माहौल म नीरसता का अहसास सभी

को होगा लिकन यिद वा सीध म क बात कर और अपनी भावना को शता स पश कर शद और

वाय का सही चयन कर तो ऐस क म भी उसाह का वाह उप िकया जा सकता ह यिद वा चाह तो

अपन सझाव स दशक तक सही सदश पचान म सफल हो सकता ह िफर चाह भाषण का मच िकतना ही

कदायक य न हो

इस कार तीन िसातmdashभव क िलए आदर िवचार क ित समपण क इछा और माहौल क ित सदह

का िकोण दशक म सझाव क ित झकाव पदा करता ह इसका भाव कवल दशक पर ही नह बक

वा पर भी समान प स महसस िकया जा सकता ह अथा हम वा क इस योयता को यान स समझना

चािहए

सझाव को भावशाली बनान क योयताहमन जाना िक िकस कार वा क खर भाषण और भव स दशक आकिषत होत ह और कम-स-कम

िवरोध क थित पदा होती ह लिकन दशक कवल तभी समपण क थित म पचत ह जब उह वा क

योयता पर पण िवास हो यिद वा क ित दशक का भरोसा कम ह तो वा क िवचार और सदश क

िवरोध म न क झड़ी लग जाती ह कई बार दशक िकसी िवषय िवशष पर वा क िनकष का पण िवरोध

तक कर दत ह िलहाजा इस िया म वा क ित दशक का भरोसा अिडग होना आवयक होता ह वा

को या तो दशक स िमलनवाल समथन और आदर का पवाभास होना चािहए या िफर दशक क ारा उप

िवरोध और असमथन को सलझान क योयता होनी चािहए ऐसा सामय रखनवाल वा क सझाव को दशक

िनत प स हण करत ह आमिवास ही िनय को ढ़ता दान करता ह

यान दीिजए िक िकस कार राि-भोज क बाद हनरी डय डी न भाषण क जरए दशक का िवास

हािसल िकया उसन एक हायद िकस क साथ वय क िलए आदर अिजत िकया ईमानदारी और गभीरता क

साथ बोलन क इछा कट क दशक क िच को वीकार िकया दशक क िच क िव उप िवचार

का दमन िकया और नता क साथ लोग स बातचीत क जािहर तौर पर इस तरह क शआत और इसक

परणाम स वा म आमिवास पदा होता ह

माननीय रापितजी म जातीय म पर वाद-िववाद क िलए िदए गए िनमण का वागत करता म

आभारी िक िजस वाद-िववाद को जनता क सम मच पर नह िकया जा सकता उसक िलए इस सभा म

आपन अवसर दान िकया ह म जाितवाद स सबिधत आदश को जद-स-जद वापस लन क योजना का भी

वागत करता मझ मालम आ ह िक तराक सीखन क बल इछा रखनवाली एक नौकरानी को शपथ

िदलाई गई ह और कहा गया ह िक lsquoअब तम इछा क पित कर सकती हो अपन कपड़ उस व क डाल पर

टाग दो लिकन िकसी भी थित म पानी क पास मत जानाrsquo

lsquoिगरजाघर क कर धमदत को पादरी कहा जाता ह जहा भी व अपना झडा गाड़ द वह थान पादरय क

िलए िनत मान िलया जाता ह वह थान पिव हो जात ह और जन-समह का कयाण होता ह मझ आज

बॉटन हाउस म दिणी लोकतािक राय क मानक तय करन क िलए आमित िकया गया ह इसक अलावा

िफिलस और समनर म िनवास करनवाली जाितय क िवषय म चचा का भी िनमण िदया गया ह लिकन

माननीय रापितजी यिद भाषण का उय पण प स ईमानदारी और पवािदता ह यिद वातव म जनता

क भलाई क िलए चचा होन वाली ह यिद इस सकप का परणाम नकारामक हो जाए और इस चचा स जनता

म गलतफहमी और मन-मटाव पदा हो जाए और यिद यह भाषण सयता क दायर को लाघ जाए तो ीमान या

मर पास इस भाषण को तत करन का हौसला बचगाrsquo

यान दीिजए िकस कार ायन न िशकागो म आयोिजत स 1896 क राीय जनतािक समलन म भाषण

क शआत म ही लोग का भरोसा जीतन क कोिशश क थी उसन समलन म मौजद ितित हतय क

िवचार का िवरोध न कर सकन क मता जािहर क लिकन उसन अपन िवचार क गरमा और पिवता को

ठस नह लगन दी उसन घोषणा करत ए कहा िक वह कवल जन-कयाण स सबिधत िवषय पर ही भाषण

तत करगा जािहर ह िक जन-कयाण स सबिधत िवचार का कोई िवरोध नह करता भाषण क इस शआत

न जन-समह क िदलो-िदमाग पर भव थािपत करन का काम िकया और इस भाषण न ायन को िस वा

बना िदया

lsquoसमलन म उपथत माननीय अय महोदय एव अय ितित सभाजनोrsquo मन पहल स मान िलया ह िक

यहा मौजद महा हतय और वा क बीच िवचार य करन का मौका बत चनौतीपण ह मरी आपस स

गजारश ह िक इन महा हतय स मरी तलना न क जाए यिक इस समलन का आयोजन य िवशष क

कािबिलयत आकन क िलए नह िकया गया ह यहा िकसी क बीच कोई मकाबला नह ह समलन म मौजद

िवन एव उदार जनसमह अछी तरह जानत ह िक जब मा जनता क भलाई स जड़ा होता ह तो वा क

मकाबल िवचार को यादा समािनत माना जाना चािहए म यहा एक बत अहम म क वकालत करन आया

यह मा जात स जड़ा ह जन-कयाण स जड़ा हrsquo

अथा कई वा कवल शालीनता और वाय क सदय स जन-समह पर अिमट छाप छोड़ दत ह वह इस

कला को नजरअदाज करनवाल वा को कवल िनराशा स सति करनी पड़ती ह

आमिवास हािसल करन क िलए आमिवासी होना आवयक होता ह िजस िवचार म वय वा का

िवास पण न हो उस िवचार को िकसी और पर कस थोपा जा सकता ह खद म िवास ाथिमक सवाल

होता ह आमिवास महामारी क समान सामक होता ह नपोिलयन न एक सिनक को कवल lsquoनाममिकनrsquo

शद का इतमाल करन क वजह स सना स बाहर िनकाल िदया था पराजय क िवचार का समथन न करनवाला

वा ही जीत क उसाह को कट कर सकता ह लडी मबथ सफलता क िलए पण प स आशावादी थ

इसीिलए उहन हया क िवरोध का आदश पारत िकया कोलबस क योजना क ढ़ िवास स भािवत

होकर रानी इसाबला न अपन आभषण िगरवी रखकर रकम का इतजाम िकया सदश को िवास क साथ तत

करो याद रखो िक खद क मायता काय को सफल अजाम तक ल जान क असीम श दान करती ह

िवापन क म इस िसात का जमकर इतमाल िकया जाता ह lsquoइस उपकरण को आप आिखरकार

जर खरीदगrsquo lsquoउस य स पिछए िजसक पास यह उपकरण हrsquo lsquoइस उपकरण म अतय श हrsquo इन

सभी िवापन म िवास का भरपर इतमाल होता ह और यही िवास समय क साथ ाहक क िवास म

तदील हो जाता ह

हर बार ऐसा ही होना चािहए लिकन होता नह ह यह कहन क आवयकता ही नह ह िक िवास का

आधार होता ह िवषय क पण जानकारी और िनपणता झासा दनवाल लोग क िलए आमिवास और सझाव

दन क आदत कभी-न-कभी मसीबत जर खड़ी करती ह

कछ समय पहल सावजिनक वाद-िववाद क थान पर एक वा न जमीन पर राख डालत ए कहा िक इस

थान पर कछ समय बाद िबना बीज डाल घास उग जाएगी वा क इस िवचार का मजाक उड़ाया गया लिकन

वा अपन कथन पर अिडग रहा और बार-बार उसी बात को और यादा आमिवास स दोहराता रहा वा न

कहा िक वह इस कार पहल भी घास उगा चका ह दशक क बीच मौजद एक ानी य न कछ समय बाद

वा क बात को सय समझना श कर िदया उस य क मायता म बदलाव को दखत ए उसस पछा

गया िक आप इस बात पर अचानक िवास य कर रह ह तो उसन जवाब िदया lsquoवा इस बात को बत

िवास क साथ कह रहा हrsquo

यिद वा क ऐसी बतक धारणा स ानी य तक भािवत हो सकता ह तो जािहर ह िक वा का

िवास क साथ ततीकरण सामाय दशक को भािवत करन म सफल होता ह

िननिलिखत सकलन म मौजद आासन पर यान दीिजएmdash

मझ नह मालम िक बाक लोग कौन सा राता अपनाएग मझ इसस कोई वाता नह ह या तो मझ मर तरीक

स काम करन क वतता दान क जाए या िफर मझ मयदड िदया जाए

mdashपिक हनरी

म जहाज क अफसर स कभी सवाल नह कगा म कभी तहारा दास नह बनगा म नर-सहार क इस सम

को अकल पार कगा म र स भरी लहर म डब जान तक य करता रगा

mdashपटन

एक आओ या सभी आ जाओ इस चान को इसक आधार स हटाना ही होगा

mdashसर वॉटर कॉट

सझाव दन म भव क भिमका अहम होती ह भव रखनवाल वा क सझाव को अकसर सही माना जाता

ह और उन सझाव क आलोचना क भी गजाइश नह होती जब ऐसा य बोलता ह तो मतक म

िवरोधाभास क थित पदा ही नह होती सभी सझाव को सय मान िलया जाता ह महायायाधीश क वचन को

उसक िता का बल िमला होता ह इसिलए उन वचन को गभीरता स सना जाता ह

िवापन क म भी इस िसात का उपयोग िकया जाता ह हम बताया जाता ह िक दो महा राजा क

राजव न एक िनत बीमारी क िलए एक जस उपचार क सलाह दी थी हम जानकारी दी जाती ह िक

अमरका का सबस बड़ा बक सबस बड़ी कपनी राय सरकार य िवशष और तटरक िवभाग सभी

एनसाइोपीिडया िटिनका का इतमाल करत ह

यिद आप सझाव क मायम स दशक को भािवत करना चाहत ह यिद आप चाहत ह िक आपक सझाव को

िबना िवरोध और आलोचना क मान िलया जाए तो सवथम भव थािपत करना होगा और इस भव को

कायम रखना होगा यिद सझाव म तय क सयता मािणत ह तो जािहर तौर पर भव अिडग रहगा लिकन

इस भव का ऐलान कवल तभी करना चािहए जब आप पण प स तयार ह और आपको िवास हो िक

सभी तय सयता क कसौटी पर खर उतर चक ह

िवान क जरए याित बढ़ती ह लिकन उस याित को कायम रखना आसान नह होता एक छोटी सी भल

याित को न कर सकती ह एक पिका म महा लख िलखनवाल एक लखक म वा बनन क महवाकाा

उप हो गई उस लगा िक अछा िलखनवाला य अवय ही अछा वा भी बन सकता ह इस योग क

आजमाइश क िलए उसन अखबार म िवापन िदया साथ ही कई और मायम स भी चार िकया लिकन

दशक क सम पचन पर उसक मह स शद िनकलन मकल हो गए सीधी सी बात ह यिद रवॉवर का

चार दनाली बदक क उपयोिगता क मकाबल पर िकया जाए तो जगहसाई जर होगी

यान दीिजए िक वा क अपील को मायता दन क िलए िकस कार भव का इतमाल िकया गयाmdash

lsquoोफसर अड रसल वलस न हाल ही म अपना नबवा जमिदन मनाया मानव िवकास स सबिधत

िसात क खोज पर ोफसर अड को चास डारिवन क साथ समािनत िकया गया इसक अलावा ो

अड को कई वािनक खोज और शोध क िलए समािनत िकया जा चका ह लदन म आयोिजत एक

रािभोज क मौक पर ो अड क भाषण को आज भी याद िकया जाता ह इहन िपछली एक शतादी म

सयता क िवकास पर गहन अययन िकया ह ो अड न स 1813 क मकाबल 1913 म इलड क

सयता क तलनामक तसवीर तत क ह इस अययन म ोफसर न साफ िकया ह िक िपछल एक दशक म

िवकास कवल कागज तक सीिमत ह वातव म िवकास आ ही नह ह ो अड न जोर दत ए कहा ह िक

िपछली शतादी क िचकार मितकार एथस और रोम क वातकार वतमान कारीगर स यादा िनपण थ

हालािक आधिनक मानव न यादा बहतर टलीकोप एव नजर क चम बना िलय ह लिकन पहल क मकाबल

वातिवक िकोण ीण हो रहा ह आधिनक मानव न बहतर कपड़ बनाना सीख िलया ह लिकन शरीर

कमजोर कर िलया ह वाहन को िवकिसत कर िलया ह लिकन पर कमजोर कर िलय ह नए िकम क यजन

को बनाना सीख िलया ह लिकन पाचन-श कमजोर कर ली ह सबस अफसोस क बात यह ह िक गोरी

चमड़ी क लोग न इनसान क खरीद-फरोत श कर दी ह लोग को गलाम बनाना श कर िदया ह

आधिनक काल म पनप कारखान म काम करनवाल मजदर छोट-छोट घर म रहन क िलए मजबर ह बीसव

शतादी क इितहास म इस दौर को काल अयाय क तौर पर याद िकया जाएगाrsquo

ो अड क इस अययन पर सस क एक आयोग न गहन िचता य करत ए कारखान म काम

करनवाल मजदर क दयनीय थित पर अफसोस जािहर िकया इसी कार ो जॉडन न अपन शोधप lsquoखन

क खतीrsquo क ारा ििटश सरकार को भिवय म य नशाखोरी अित म गरीब ब क िलए भोजन क

कमी और आम लोग म असति जस गभीर म पर सचत िकया ो जस न तो और यादा िनराशावादी

सकत िदए इनका मानना ह िक िजदगी क तज रतार और शहरी जीवन क तनाव न लोग क नौितक मय को

खम करना श कर िदया ह आनवाली शतादी म सगिठत परवार का अतव ही न हो जाएगा इसक

अलावा शरणािथय क बाढ़ ििटश सकित को इस कार मला कर दगी जस िनआा फॉल का मटमला पानी

साफ पानी क धारा म िमला िदया गया हो य हवन म एक सबोधन क दौरान ो िकलॉग न कहा िक जाित

क लगातार पतन स आनवाल समय म वातिवक जाितय का अतव ही न हो जाएगा

mdashनवल डइट िहस

भव शका क िखलाफ सबस बड़ा हिथयार होता ह लिकन जाितभद क भावना और किवचार क सामन

इसक श ीण हो जाती ह अथा भव और सझाव क बीच क मय माग को समझना बत आवयक ह

अपनी कमजोरय को जानना मय माग होता ह इस माग को समझन क बाद वा भाषण क कई और कला

को जम दता ह िकसी सभा म दशक क बीच टोपी फककर लड़ाई का आान करन क सलाह कोई समझदार

य नह दगा भाषण क शली को चनना वा क समझ-बझ पर आधारत होता ह खास खयाल रखना

चािहए िक भाषण क शआत िकस कार क जाए भाषण क शआत मौक क मतािबक शालीन हो सकती ह

और तख भी

सझाव दन क िया म उदाहरण क अहम भिमका होती ह इसस पहल हमन पढ़ा ह िक वातावरण का

दशक पर खासा भाव पड़ता ह लिकन नकारामक वातावरण स घबराना नह चािहए न ही सकोच और

आलोचना करनी चािहए बक वातावरण क मतािबक खद को ढालकर कवल भाषण क भाव पर यान कित

करना चािहए परस म खास िकम क टोपी और कपड़ पहन जात ह और बाक दिनया इन परधान क नकल

करती ह बा दसर लोग क आचरण क नकल करता ह माता-िपता क तरह बोलन और चलन क कोिशश

करता ह यिद बा िकसी को बोलता ही नह सनगा तो जािहर तौर पर खद बोलना नह सीख पाएगा अमरका

क सबस बड़ िडपाटमटल टोर न एक िवापन क िलए जबरदत खचा िकयाmdashlsquoसभी सबस बड़ िडपाटमटल

टोर को पसद करत हrsquo इस चार न लगभग सभी लोग म वहा जान क िजासा पदा कर दी

सदश क महा को बार-बार श दान क जा सकती ह इसक िलए कवल यह सािबत करना होता ह िक

यादा-स-यादा लोग आपक सदश क ित भरोसा जता रह ह राजनीितक सगठन ारा आयोिजत जनसभा

म बार-बार तािलय क गज स जािहर होता ह िक सगठन क राजनीितक िवचार को वीकार िकया जा रहा ह

िवापन सझाव क महा और श का सबस बड़ा उदाहरण ह

यान दीिजए िक िकस कार इस सकरण म इन िसात का इतमाल िकया गया ह और िकस कार हर

सभािवत मौक पर सझाव क ारा भािवत करन क कला का इतमाल िकया जाता हmdash

lsquoवातव म य श हो गया ह उर क ओर स आनवाला अगला तफान जद एक नए सघष को जम

दगा हमार भाई-बध पहल स यभिम म सघष कर रह ह तो यहा िनय प स खड़ रहन क या जरत

हrsquo

mdashपिक हनरी

तीकामक और अय भाषा म भी सझाव क श होती ह इस कार िदए गए बयान म िकसी य

िवशष को सबोिधत नह िकया जाता अथा दशक क मतक म िवचार स सबिधत िवरोधाभास जम नह

लता फलवप सझाव तत करन क आधारभत िसात क पित हो जाती ह तीकामक और अय तौर

पर िनकष तत करन स सझाव का महव बढ़ जाता ह

यान दीिजए िक िकस कार िविलयम ायन न कहा ही नह िक माननीय मकनल हार जाएग इस वाय को

बत भावशाली ढग स तत िकया गयाmdash

सट लइस क एक मच पर माननीय मकनल को सोन क शता क मानक को तब तक कायम रखन क िलए

चना गया जब तक अतरराीय समझौत क मतािबक नए मानक को अपनान क िया पण हो रपलकस

क बीच माननीय मकनल बत िस य थ और चनाव स तीन महीन पहल ही रपलकस न माननीय

मकनल क आगामी चनाव क नतीज पर भिवयवाणी करनी श कर दी लिकन आज क हालात या ह य

आज वह य जो खद को नपोिलयन जसा िदखन क उपमा स खश होता था आज यह सोचकर काप जाता

ह िक उसक िनय वाटरल क य क वषगाठ पर क गई थी

थॉमस कालयल न कहा ह lsquoझठा य धम ान ा नह कर सकताrsquo न तो कालयल क वाय म सझाव

का भाव नजर आता ह और न ही भव लिकन जब इस वाय क अथ को गहराई स समझा गया तो परणाम

कछ और ही िनकलmdash

झठ य न धम का ान ा िकया या एक झठा य घर का िनमाण नह कर सकता यिद िकसी

य को िचनाई क िमण का सही औसत मालम नह ह और न ही उस िमण क गण क बार म जानकारी ह

तो वह िकस कार इमारत का िनमाण कर सकता ह जािहर तौर पर इस कार बनाई गई इमारत कमजोर होगी

यह बारह शतादय तक खड़ी नह रह पाएगी इस इमारत म लोग नह रह सकग यिद रहग तो यह इमारत िगर

जाएगी य को ाकितक िनयम का समान करना चािहए कित स सवाल करन चािहए वत क गण

स सबिधत जानकारी एक करनी चािहए

यान दीिजए िक बवटर ारा िकया गया िननिलिखत िचण िकतना सिनत एव भावशाली हmdash

ीमान मझ नह मालम िक लोग क ितिया कसी होगी लिकन जब म अपन आस-पास िशा ा

करनवाल लोग को महसस करता तो ऐसा महसस होता ह जस सीजर सदन म खड़ा हो इस सभा म बार-बार

ित पचानवाल लोग भी शािमल होत ह मन कभी मड़कर नह कहा ह िक lsquoइन लोग म मरी औलाद भी

शािमल हrsquo

mdashबवटर

भाषण को मजबत तािकक आधार पर तयार करना चािहए इस कार तयार िकए गए भाषण क कमजोर

किडय पर भी कोई सवाल नह उठा सकता यिद िकसी िवषय पर वाद-िववाद हो जाए तो दशक क जहन म

िवरोधी िवचार जम ल सकत ह इसिलए थित पर काब पान क िलए उठाए जानवाल तकालीन कदम म

वाद-िववाद क थान पर मजबत उदाहरण का सहारा लना चािहए थित वय िनयण म आ जाएगी

23

वाद-िववाद क ारा भािवत करनाइनसान का सामाय ान दरअसल बत सामाय होता ह इस ान क ा साधारण अययन और अनभव स होती ह यह िवन साधारण एव

सरल होता ह इसका अनभव सभी क आख करती ह और सभी क कान स इसको सना व समझा जा सकता ह इसम कोई अथर िभता नह

होती कोई जिटलता नह होती साथ ही इसका कोई रहय नह होता सामाय ान उलझन भरा नह होता यह उम ान होता ह इसम कोई

तछता नह होती इसक यायान को सरलता स समझा जा सकता ह इसको भाषा क पता क प म भी जाना जाता ह इसका बस एक ही

उय होता हmdashसाधारण ान का बोध

mdashजॉज जकब हॉलयॉक सावजिनक तौर पर बोलना एव वाद-िववाद

यादातर यवा वा तकशा को अत मानत ह लिकन धीर-धीर उह अहसास होन लगता ह िक तक श

जिटल थित म भी कायशील रहती ह सामाय ान स अिजत िकए गए तय को कवल सही शद क चयन

क आवयकता होती ह इन तय को तत करन क अयास स तक श स जड़ा भय खम हो जाता ह

दरअसल तकशा बत िदलचप िवषय ह वा क िलए इसका महव सवपर होना चािहए वाद-िववाद

चचा एव माण तत करन म तक क िसात का इतमाल िकया जाता ह

वाद-िववाद का अथ हmdashतक एव उदाहरण क ारा अपन िवचार क सयता को मािणत करना इसक

अलावा सझाव क जरए भी िवचार क सयता को मािणत करन म सहायता िमलती ह

िकसी िवषय पर िनप भाव स िवचार करन क िलए सभी पहल क सयता को जानन क कोिशश क

जाती ह अथा वाद-िववाद को दो मय िणय म बाटा जा सकता हmdashवाद-िववाद क दौरान चचा को बढ़ाना

या िफर वाद-िववाद क दौरान महवहीन िवचार को अलग करना यानी वाद-िववाद स सबिधत िवचार क ढाच

क थरता का आकलन करना इस कार न कवल मय िवचार को सभाला जाता ह बक आलोचक ारा

सभािवत िवरोध क िखलाफ मजबत तयारी भी क जा सकती ह ऐस म खास खयाल रह िक िवचार म कोई

कमजोर कड़ी न हो सभी िवचार स सबिधत तय क बारीक स जाच करना आवयक होता ह अयथा

िवचार क िवरोध म तत िकए गए तक हावी हो सकत ह

िननिलिखत न सभवतः तीन उय क पित करत हmdashिकस कार तय क जाच क बाद िवचार को

तत िकया जाए िकस कार वा िवचार क भव का आकलन कर और िकस कार िवरोध म उप तक

का पता स सामना िकया जाए

तक क जाच1 चचा स सबिधत आम न

1 या न प तौर पर पछा गया ह

(अ) या हर िववादी क िलए न का अथ समान ह (उदाहरण क तौर पर जरी नह ह िक lsquoसय पषrsquo का

अथ सभी िववािदय क िलए एक समान हो)

(आ) या चचा क मय उय पर उलझन क थित ह

2 या बयान िनप तौर पर जारी िकया गया ह

(अ) या बयान म सभी पहल को शािमल िकया गया ह

( आ) बयान म जरत स यादा तय को तो शािमल नह िकया गया

(इ) बयान का इतमाल फसान क िलए तो नह िकया गया ह

3 या न वाद-िववाद क योय ह

4 न का किबद या ह

5 न स सबिधत बाक तय या ह

2 माण एव गवाह

1 तय स जड़ माण एव गवाह

(अ) या हर गवाह माण िनप ह िववाद स सबिधत िवषय का इनस या सबध ह

(आ) या गवाह मानिसक तौर पर वथ ह

(इ) या गवाह क नितक मय पर िवास िकया जा सकता ह

(ई) या वह तय को समझन क थित म ह या वह चमदीद गवाह ह

(उ) या वह वछा स गवाही द रहा ह

(ऊ) या उसक गवाही पर सवाल उठ थ

(ए) या उसक गवाही क पि क जा चक ह

(ऐ) या उसक गवाही तय और सामाय िसात क िव म ह

(ओ) या ऐसा सभव ह

2 सरकारी व गर-सरकारी सथा क ओर स गवाही

(अ) या सथाए मायता ा ह

(आ) सथा को िकस कानन क अतगत मायता ा ह

(इ) या सथा का ख िनप ह

(ई) या सथाए प प स सलाह द रही ह

(उ) या माण क िलए पश क गई पतक व कागजात इयािद िवसनीय और िनप ह

3 माण क तौर पर पश िकए गए तय

(अ) या तय उपय ह और माण क तौर पर पश करन योय ह

(आ) या तय क सयता पर भरोसा िकया जा सकता ह

(इ) या तय का मसल क िवषय स सीधा सबध ह

(ई) या तय का एक-दसर स सबध थािपत िकया जा सकता ह या उनम िवरोधाभास ह

(उ) या तय दािखल िकए जा चक ह तय को लकर कोई शका या िववाद तो नह ह

4 माण क तौर पर पश िकए गए िसात

(अ) या िसात वतः िस करन योय ह

(आ) या िसात म सामाय अनभव क सयता ह

(इ) या िसात म िवशष अनभव क सयता ह

(ई) या िसात क सयता को योग ारा मािणत िकया गया ह

योग साधारण या िवशष िया स िकए गए ह

योग भव थािपत करत ह या िनकष पश करत ह

3 तक-िवतक

1 अनमान

(अ) या सामाय तौर पर तय क सयता को िनकष क प म माना जा सकता ह

(आ) या यायान क नजरए स दखन पर ही तय िनकष स मल खात ह

(इ) या िकसी िववािदत तय को नजरअदाज िकया गया ह

(ई) या िववािदत तय का पण प स यायान िकया गया ह

(उ) या सभी िववािदत तय क बीच सबध म पता क कमी ह

(ऊ) या अनमान को तय मान िलया गया ह

2 परणाम

(अ) या कानन और िसात पहल स थािपत ह

(आ) या कानन और िसात म तय क ारा िनकाला गया िनकष शािमल ह या िफर िनकष को

जबरदती शािमल िकया गया ह

(इ) या कानन और िसात क महा क साथ िनकष क महा को जोड़ा जा सकता ह

(ई) या परणाम पया मान जान योय ह

3 तलनामक मसल

(अ) या िवचाराधीन मसला िकसी और मसल स मल खाता ह या दोन मसल म एक जस माण गवाह

और तय का इतमाल आ ह

(आ) या िववाद क मय िबद िकसी और मसल क समान ह

(इ) या िवचाराधीन मसल को िकसी और मसल स जबरदती जोड़ा जा रहा ह

(ई) या िवचाराधीन मसल स सबिधत कोई और मसला ह िजस यादा उपयोगी एव उपय िस िकया जा

सकता ह

4 सबिधत तय

(अ) या मसल स सबिधत य क पव पद को यान म रखत ए आरोप पर आशका क गजाइश ह

(आ) या तय स सबिधत सकत प ह या इनक आधार पर तय क सयता मािणत क जा सकती ह

(इ) या सकत एक-दसर स मल खात ह या सभी सकत एक-दसर क अनकल ह

(ई) या सकत क आधार पर िववादापद थित पदा हो सकती ह

5 याय

(अ) या याय क घोषणा स पहल िकसी अहम म को नजरअदाज िकया गया ह यिद ऐसा ह तो फसल स

पहल छट ए म को शािमल करना चािहए

(आ) या याय क घोषणा करन म अफसोस क थित का सामना करना पड़ रहा ह या िनकष स सबिधत

कोई उलझन ह

(इ) या याय बतका महसस हो रहा ह

24

उसाह ारा भािवत करनावह महा योयता क धनी ह बस उस कारण और चचा क कला पर यान दना ह यिद वह ऐसा कर सक तो वह लोग को भािवत कर सकती

mdashशसिपयरउस य को सबस महा कलाकार क उपािध दी जानी चािहए जो दशक क भारी भीड़ स घबराए िबना िपयानो पर उगिलय का जाद दरशान म

सम हो जो दशक क उता को सहजता म बदलन का नर रखता हो जो सर म मौजद मती स दशक को हसा सक और शोक क सर स

दशक क आख को पनीला कर द उस दशक क सम लकर आओ चाह दशक कस भी हmdashउज या सय खश या नाखश िश या

जगली महा कलाकार को अपनी कला स दशक को खश या मत करन क कला आनी चािहए ऐस कलाकार अमर होत ह

mdashरॉफ वाडो एमरसन वाातय पर िनबध

दशक म उसाह पदा करन का नर कम या यादा सफलता का अहम कारण होता ह दशक क िलए महव

रखनवाल म क ित उसाह पदा कर अपा अनसार परणाम हािसल िकए जा सकत ह इसका उय कम

या यादा सही या गलत उिचत या अनिचत और शात या भड़कला हो सकता ह लिकन बावजद इसक इस

कला का भाव अतय होता ह

मय अरनॉड क यायान क अनसार ढ़ िवास रखन क िशा दना वाभािवक प स जिटल िया

ह इस िया म वाद-िववाद और अकसर सझाव क सहायता ली जाती ह इसस सबिधत उपय जानकारी

क अगल अयाय म िवतार स चचा क जाएगी दरअसल जनता क सम बोलन क कला म कह-न-कह

दशक को ोसािहत करन क कला का इतमाल िकया ही जाता ह

दशक को ोसािहत करन क कला पणतः बौक होन क मकाबल भावनामक होती ह इसम जनता क

सम भाषण दन क कला क लगभग सभी िसात का इतमाल िकया जाता ह इसम चचा क सभी कार

शािमल होत ह िननिलिखत वाय क ारा इस िविध का इतमाल समझा जा सकता हmdash

जाितवाद क िव अपील सदव भावशाली सािबत होती ह आम तौर पर इस यायसगत माना जाता ह

िकसी िवशष िवचार या अपील क साथ जाितवाद क म को खड़ा िकया जा सकता ह याड िकपिलग न इस

िविध का इतमाल िकया था इस म क आधार पर यरोपीय य पर चचा क गई िकपिलग न य क दौरान

जाितवाद क म का इतमाल िनजी वाथ क िलए िकया यह ऐसा मा ह िजसक िलए आम जनता का

समथन िमल ही जाता ह इस गितशील अपील का महवपण उदाहरण माना जा सकता ह कई लोग छोट

उय क साथ शआत करत ह और िफर िनजी वाथ क िलए म को बड़ तर पर भनान क कोिशश करत

lsquoिबना गलती िबना इछा क जमनवािसय को य क िलए मजबर िकया गया ह जमनी एक ऐसी राीय

श ह जो िपछल बीस साल स इस य क तयारी म जटी ह एक ऐसी श जो सय समाज को बदक

क नोक पर जीतन का दम रखती ह

lsquoिपछली दो पीिढय स जमन सरकार पतक िशा सथान भाषण और चचा क जरए बड़ी

सावधानीपवक अपन दश क जनता को समझाती आई ह िक िव-िवजय ही सभी तयारय और कबािनय का

मय लय ह हमन बड़ी सावधानीपवक तयारी क ह और महा बिलदान िदए ह

lsquoहम सिनक सिनक और बस सिनक क जरत ह यिद हम हमार िम रा का साथ िमलता ह तो हम

सगिठत बबर िवरोिधय को कचल डालग

lsquoकोई गलतफहमी क गजाइश नह ह हम आधिनक हिथयार स ससत दमन का मकाबला करन जा रह

ह दमन ताकतवर ह लिकन हमारा बस एक ही लय हmdashदमन को जड़ स खम कर दना बजयम पर

हमला ास पर आमण और स स मकाबला हमार पास बस यही एक राता बचा ह जमनवािसय का

मय उय जो बार-बार दोहराया जा चका ह िजसक कसम बार-बार खाई जाती ह वह ह ििटश सााय

को नतनाबद करना ििटश सरकार क सपदा एव यापार को न करना और िव स ििटश सरकार क

भव को खम कर दना

lsquoयिद आप कछ दर क िलए आमण क सफल होन क कपना कर तो यकनन सफलता खद-ब-खद कदम

चमगी कछ लोग का कहना ह िक ििटश सरकार नह झकगी लिकन हम िव क नश स इलड का

अतव खम कर दग

lsquoहमार भाय म जीत िलखी ह हम एक नए यग म कदम रखन जा रह ह य क िजस गरमा और साई

को हम िपछल सौ साल स भल चक ह उस याद करन का समय आ गया ह हम अपन पराम का उसी तरह

इतमाल करना ह जस हमार पवज न िकया था मकल स भर इस लब सफर म उतार-चढ़ाव जर आएग

हम किठनाइय और िनराशा का भी सामना करना पड़ सकता ह लिकन हमार कदम कभी नह डगमगाएग हम

इस य को अजाम तक लकर जाएग हम सभी साथ िमलकर इस य का सफल परणाम तय करग

सामािजक भदभाव जसी बराइया हमार दश स खम हो चक ह इस सघष न सभी जाित क लोग को कवल

और कवल जमन बना िदया ह जीवन को लकर हमारी सभी इछाए एव जरत भी महज छह हत पहल खम

हो चक ह अब हमार सामन बस एक ही लय ह जो हर य क िदल का िहसा बन चका हmdashजीत जीत

और बस जीत

lsquoयिद हम अपन अिधकार को हािसल करना ह और वतता को धरती का मल िसात बनाना ह तो जमनी क

हर य को य करना होगा बिलदान दना होगाrsquo

इस उदाहरण स साफ होता ह िक दशक को भािवत करन क िलए उनक िहत स जड़ म को ाथिमकता

दनी चािहए और उनक भावना क मतािबक लय तय करन चािहए इन दो महवपण िसात को कभी

नजरअदाज नह करना चािहए जनता म उसाह भरन क िलए य िसात मल म का काय करत ह

पहल िसात क समझ क िलए माननीय उय और महवाकाा क गहन जानकारी होना बत

आवयक ह व कौन स उय ह जो य को कायशील बनात ह इन उय को गभीरता क साथ समझन

क कोिशश किजए अययन किजए िक िकस कार उन उय को हािसल िकया जा सकता ह यान

दीिजए िक कौन स उय और महवाकाा स दशक भािवत हो सकत ह दशक क आदश और जीवन

क ित िच का ोत या ह आपक आकलन म कमी का भगतान वय आपको ही करना होगा अथा िवषय

को बारीक स समझना चािहए पलटाइन म यिदय क िलए समथन मागन स कछ हािसल नह होगा ऐसा

यास कवल िनराशा ही द सकता ह दशक क बार म अययन किजए उनक िवचारधारा िच आिद क बार

म जानकारी हािसल किजए इसक पा जबरदत तयारी क साथ दशक क सम पिचए िनत प स

सफलता कदम चमगी

दशक क तादाद िजतनी यादा हो िवषय और भाषण का अदाज उतना ही यापक होना चािहए अिववािहत

लोग को फनचर क बीम स सबिधत िवषय क ित आकिषत नह िकया जा सकता लिकन िवचार कट करन

क वतता क म पर जनता का समथन बटोरा जा सकता ह

मािणत दवा क िवापन म सबस पहल बीमारी का िज िकया जाता ह इस कार ाहक का यान

आकिषत करना आसान होता ह यिद सबस पहल दवा क माा और खच या िफर दवा क िवशषता और

िनवारण का िज िकया जाए तो जािहर तौर पर लोग का यान आकिषत करना मकल होगा सोचन क िलए

मजबर करनवाल िवापन स समाधान क िलए उसाह पदा होता ह कपनी क दवा बचन क उसकता क

मकाबल ाहक म दवा खरीदन क उसकता यादा अहिमयत रखती ह

हाल ही म एक पतक िवता ययॉक क नामी एटॉन क दतर पच गया उसन कहा िक lsquoया आप पतक

खरीदना पसद करगrsquo लिकन यिद एटॉन को पतक खरीदन क जरत होती तो वह पहल ही खरीद चका

होता इसी कार एक िसलाई मशीन िवता न एक सॉिलिसटर स िसलाई मशीन खरीदन क िलए पछा दोन

मामल म िवता न एक ही गलती को दोहराया उहन कवल अपन फायद क िलए अपील क

कामयाब वा क अपील म खद क फायद स यादा सननवाल क फायद का सदश होना चािहए इनसान

िफतरतन वाथ होता ह वह उह चीज क ओर आकिषत होता ह िजसस उस फायदा हो यान दीिजए

िकस कार सीनटर थटन न यबा क राजनीितक मामल म हतप क अपील क थी और िकस कार ायन

न अपन भाषण म जन-कयाण क म को उठाया था

ोसाहन स भरा भाषण दशक म जोश क लहर पदा करता ह ऐस भाषण स लोग म कतय का भाव पदा

होता ह

ोसािहत करनवाल भाषण क चार िविभ तरीक पर यान दीिजए और इनम िछप उय का आकलन

किजएmdash

lsquoबदला लो चार ओर फल जाओ ढढ़ो जला दो मार दो काट दो कोई भी गार बचना नह चािहएrsquo

mdashशसिपयर जिलयस सीजर

lsquoआिखरी श क हया तक हमला करत रहो

मय-शया और ाला क िलए हमला करो

बहादर सािथय क मौत क िलए हमला करो

भगवाmdashऔर सरजमीन क िलए हमला करोrsquo

mdashिफज-ीन हलक माक बोजारस

lsquoिवास कर ीमान यिद उन नह ब का सवाल नह होता तो आज वह अपना महनताना लन नह आता

आपक फसल क फलवप ही ऐस हालात पदा ए माननीय यायाधीश आप इन अभाग ब को िभखारी

बनन क मजबरी स बचा सकत थ आप इनको अनाथ होन स बचा सकत थ ओह म जानता िक आपक

फसल क बाद मझ दया क कामना नह करनी चािहए मझ आपक सहानभित क िलए यास नह करन चािहए

मझ दया नह याय चािहए म शपथ लता िपता क प म नह एक पित क प म पित क प म नह

एक नागरक क तौर पर नागरक क तौर पर नह एक इनसान क तौर परmdashबक एक इनसान क तौर पर भी

नह एक ईसाई क तौर परmdashम कसम लता आपक सामािजक िनजी नितक और धािमक कतय क अपन

परवार क अनादर घर क उजड़न ईर क अयाय क ईर बचाए इस दश को सामक महामारय स और

जम स भ भिवय म पदा होनवाल हजार ब को ऐस दःख अपमान और िनदा क उदाहरण स बचाकर

रखrsquo

mdashचास िफिलस गथरी क ओर स अदालत क सम अपील

lsquoम मखमली मोज पहनकर गलाम क सगीत पर नय करनवाल और इस काय को वतता कहनवाल य

क ओर स आह करता उस य क ओर स जो घिटया लगा मकट पहनता ह िजसन हटर ायन को

शमनाक तर तक िगरान क काय को धम का नाम िदया वह अमरक िवचारधारा क िवतार क िलए गनहगार

को दड दता ह और इस काय को साई और धम कहता ह म इलड क कलपित क ओर स नए किवय स

आह करता mdashएटीकॉट स लकर लॉवल तक िवॉप स लकर लॉगफलो तक नॉरटन स होस तक और म

साधारण जनता क अिधकार क ओर स आह करता mdashम जनमानस क उपि करनवाल पवज क ओर स

भी आह करता बीत ए समय को जगिलय क रता स नह शहीद क ल स िता िमलनी चािहए

बीता आ समय बीत गया ह इस यादा करदन क आवयकता नह ह वतमान और भिवय महवपण ह इह

सगीत और उास स भर दो पवज क ारा िमली िशा न हम धय कर िदया ह हम उनक ारा थािपत

िकए गए कानन और िनयम का पालन करन का सौभाय ा आ ह हमारी आख म मौजद चमक स सम

का मागदशन होगा हम सहन-श का वरदान िमला ह अपनी महा िशा क साथ भ सदा हमार साथ रह ह

अब भ धम लोकत और दश-म क थापना क िलए हमारा मागदशन करग भ क शरण म सभी बराइय

का नाश होगा जॉन ीनलीफ न बार-बार िननिलिखत सीख को दोहराया हmdash

हम सबक िपता एव िय ईर

रता क ित िवास क िलए हम मा कर

धम को नकारनवाल अधपन क िलए मा कर

अपन आदश को छोड़नmdashउनका उघन करन क िलए मा कर

ल क विदका स उठती ाला न हम राता िदखाया ह

अब हम मानवता क माग को कभी नह छोड़गrsquo

mdashहनरी वॉटरसन यरीटन एड कविलयर

ास क िखलाफ य गीत न िलखन क म पर लगातार िनदा क िवरोध म गोएथ न जवाब िदया lsquolsquoअपनी

किवता स म कभी लत नह आ नफरत क भावना क अभाव म म नफरत भर गीत कस िलख सकता

rsquorsquo कवल उसी म का भावशाली चार िकया जा सकता ह िजसस आप िदल स जड़ ह मायता क

तरह भावनाए भी सामक होती ह म क वातिवकता म िवास रखनवाला वा ही जनता को अपन भाव

स रत कर सकता ह ईमानदारी भाव और उसाह स यादा महवपण ह भावना भावना क आधार पर क

गई अपील बहद भावशाली होती ह भाषण क तकनीक पहल क मकाबल भावना का भाव यादा असरदार

होता ह इसी कार इशार क शोभा और िनपण उारण क भाव को भी नजरअदाज नह िकया जा सकता ह

जनता क सम पश क जानवाली अपील को उिचत दलील का आधार दना जरी होता ह लिकन इसका यह

अथ नह ह िक आप िवचार क नव तयार कर और इमारत खड़ी करन म लापरवाही बरत अथा िवचार का

आदान-दान उिचत परणाम िमलन तक जारी रहना चािहए

25

जन-समह को भािवत करनाकामयाबी एक यवसाय ह अत म दशक क कपना को छनवाल वाय को याद किजए यही वजह ह िक आज क दौर क उपदशक जनता को

उस कार भािवत करन क कला म मािहर नह होत िजस कार कार टोिपया और अय वत बचनवाल यापारी ाहक को भािवत करन क

कला म िनपण होत ह जनता क कपना क अनसार भाव डालन क कला यापारय स सीखन क आवयकता ह

mdashगरॉड टनली ली जन-समह

स 1914 क शआती दौर म परस क ासीसी और बिलन क जमन का समह मनोवािनक तौर पर गट नह

माना जाता था यक य क िवशष आवयकताए एव उय थ और इन लोग को सगिठत करन क िलए

कोई एक िवचारधारा भी नह थी इस दौरान समह को कवल अलग-अलग िवचारधारावाल लोग का जमावड़ा

माना जाता था लिकन एक ही महीन क भीतर लोग क भीड़ न गट का प ल िलयाmdashदशभ सामिहक

भय और यापक सताप न लोग को सगिठत करन का काम िकया

िकसी समह झड और गट क मनोवािनक थित य िवशष क मनःथित स िभ होती ह भीड़ का

अपना अलग अतव होता ह कारण स भािवत होकर य कई यगत भावना और उय को दबा

लत ह लिकन भीड़ क भावना और उय को दबान म िकसी कारण का जोर नह चलता यगत तौर

पर िकए गए काय क िलए वय य िजमदार होता ह लिकन लोग क भारी सया क वजह स भीड़ िकसी

काय क िलए जवाबदह नह होती लोग का उिजत समह िकसी भी भयानक िवचार को अजाम तक पचान

क मता रखता ह भीड़ क िवचारधारा आिदम होती ह भीड़ म िवचार क ित ोसाहन होता ह िलहाजा

िवचार क पित क िलए भीड़ िकसी भी हद तक पच सकती ह

भीड़ लोग ारा तयार िकए गए िगरोह क समान होती ह रकन न भीड़ का कछ इस तरह यायान िकया

हmdashlsquoभीड़ स िकसी भी िवषय स सबिधत बात क जा सकती ह उनक भावना क िवषय म जो अकसर मय

िवषय होता ह भलाई और धम क बार म जबिक भीड़ क िलए इन िवषय पर चचा का कोई आधार नह होता

ह इसक बावजद भीड़ म उपथत लोग स इन िवषय पर चचा क जा सकती ह भीड़ को मन मतािबक ढाला

जा सकता ह उिजत िकया जा सकता ह और बड़-स-बड़ काय क पित क िलए ोसािहत िकया जा सकता ह

भीड़ म िवचार स सबिधत सदश िकसी सामक बीमारी क तरह फलता ह जकाम क तरह िवचार का

समण होता ह और ऐसा कोई िवषय काय या उय नह ह िजसक िलए भीड़ को रत न िकया जा सक

भीड़ म लय क पित का जबा दौर क तरह पड़ता ह और लय-पित क पा दौर क ही तरह गायब हो

जाता हrsquo

इितहास म जन-समह क कायशली क महवपण उदाहरण शािमल ह मयकालीन दौर म जनता को ोसािहत

करन क िलए कारण क आवयकता नह थी मयकाल म लोग न वाभािवक तौर पर भव क प म

समथन िदया जनता क धम न लोग क भावना को िझझोड़ा इस भावना न साधारण तौर पर लोग को

सगिठत कर गट बनान क िलए रत िकया यारहव शतादी म साध-सत न जनता को मजबत बनान क िलए

क क ित भय-म होन क िशा दी एक िविच मापदड तयार करत ए कहा गया िक एक हजार कोड़

क मार को दस भजन-सह क प म हण िकया जाए और पह हजार कोड़ क मार को पण भजन-सह

माना जाए इस कार कोड़ क मार को खशी-खशी झलनवाल लोग क समह बनन तयार हो गए जनता म

जनन क जबरदत लहर वािहत होन लगी इस जनन को खम करन क िलए सड़क पर जलस िनकालनवाली

मडिलय क अय को िजदा जलाया गया तािडत िकया गया लिकन जनता न िनरकश कमत क सामन

घटन नह टक

धमयोा क उपदश स परा पमी और मय यरोप भीड़ गट समह और िगरोह म तदील हो गया

लाख क सया म इक ए समथक न धम-िवरोिधय को पिव भिम स बाहर ढकलन का काम श कर

िदया यहा तक िक ब न भी इस सघष म िहसा िलया लोग म कछ ऐसा जनन था िक य गहथ-म क

मोह स ऊपर उठ गया िजसक परणामवप हजार ब को जान गवानी पड़ी

अठारहव शतादी क शआती दौर म इलड म साउथ सी कपनी क थापना क गई इस कपनी क थापना

क बाद िटन क जनता शयर बाजार क ओर आकिषत ई साउथ सी कपनी का शयर जनवरी स मई तक

1285 अक स बढ़कर 550 अक क आकड़ तक पच गया जलाई म एक लबी छलाग लगात ए शयर न

1000 अक क मनोवािनक आकड़ तक को पार कर िलया कपनी क करीब 50 लाख शयर वातिवक कमत

स यादा कमत पर बच गए इस दौरान बत मोटा मनाफा कमाया गया शयर म रकम िनवश करन क होड़ न

दग का प ल िलया सकड़ िगरोह तयार हो गए शयरधारक न मनाफा बटोरन क िलए जमकर शयर बच

मनाफा बटोरन क भड़-चाल म परा िटन शािमल हो गया इस हड़बड़ी म िनवश का माहौल िबगड़ गया और

कछ ही समय म कपनी का शयर 880 अक लढ़क गया साउथ सी कपनी क शयर म अचानक िगरावट स

िनवशक क करोड़ पए डब गए

अमरका म सोन म िनवश क होड़ म भी कछ ऐसा ही आ था मनाफा बटोरन का जबा लोग पर इस कदर

हावी हो गया िक अमरका म स 1913 म दग-फसाद हो गए िजसम 48 लोग को अपनी जान गवानी पड़ी

भीड़ क मागदशन क िलए नता का होना आवयक हभीड़ िगरोह या जन-समह क मागदशन क िलए नता का अतव िनणायक थित को जम दता ह नता क

नतव म लोग सगिठत होत ह भीड़ नता क सलाह क मतािबक काय करती ह नता क िबना भीड़ िकसी िनणय

तक नह पच सकती भीड़ म िववाद पदा होन क सभावना बत अिधक होती ह लिकन िकसी मजबत नतव

क ारा भीड़ को िवकास कयाण और उथान क काय क िलए रत िकया जा सकता ह जन-समह अपन

नता क हर सलाह क ित समिपत होता ह कई मामल म तो जन-समह न नता क सलाह क सामन सरकारी

नीितय और िनयम तक का बिहकार िकया ह य क दौरान नता स भािवत गट न उमीद स यादा

साहस का दशन करत ए 1 सकड म 14 गोिलया दागन तक का कितमान हािसल िकया ह इितहास ऐस कई

उदाहरण स भरा पड़ा ह

भीड़ क रचना िकस कार होती हआज क सामािजक ढाच म भीड़ का महव सवपर ह यह एक ऐसी समया ह िजसक या तो िनदा होती ह

या शसा इसक भाव को समझना बत आवयक ह भीड़ क भावना को एकजट करना आसान नह

होता हर वा इस समया का िनवारण ब-िववक स िनकालता ह भीड़ जटान म सम नता क याित

बत तज रतार स बढ़ती ह वा का कथन जन-समह क िलए सवमाय हो जाता ह

इस उय क पित क िलए जनता क िवचारधारा और जरत को एकजट करना पड़ता ह जनता क

भावना को रत करना पड़ता ह जनता क इछा स यादा महव इछा क कारण का होता ह कारण को

जानन क बाद उय क पित करना आसान हो जाता ह

जनता क भावना को ोसािहत िकए िबना जनता को भािवत नह िकया जा सकता या आप कपना

कर सकत ह िक िम क कला पर िदए गए भाषण न भारी भीड़ जमा करन का काम िकया था स 1914 म

गह िनयम कानन स सबिधत चचा वाद-िववाद और भाषण क लबी खला न भारी जन-समह को अपनी ओर

आकिषत िकया था समान िवचारधारा क लोग को एकजट करन क िलए जनता क आम जरत

महवाकाा भय क कारण और भावना स सबिधत ऐसा सदश तयार करना चािहए िजसम यादा-स-

यादा लोग का भला शािमल हो िकसी एक य क िवचारधारा आम जनता क िवचारधारा को बदलन का

सामय रखती ह एटोनी न सीजर क पतन को कवल रोम क जनता का पतन नह बताया बक परी सि का

पतन घोिषत िकया

lsquoयह मरा या आपका नह बक िव का पतन ह

यह खनी राजोह हम सबक िसर पर मडरा रहा हrsquo

तािलय क गड़गड़ाहट आम तौर पर भावना को दिशत करती ह इस कार दशक सगिठत होत ह दशक

क समथन का अनमान तािलय क गज स होता ह रगमच पर इकी भीड़ न कई गान पर ताली बजाई और

िफर एक कट क िवापन पर कछ लोग न जोर स हसना श कर िदया िदलचप ह िक बाक लोग न भी

िवापन म मौजद हाय को समझ िबना ही हसना श कर िदया लिकन जब लोग को हाय क कारण क

जानकारी ई तो व अपनी मखता पर हसन लग इस कार परा रगमच कई बार तािलय क गड़गड़ाहट स गज

उठा

कई बार कलाकार बोल गए सवाद पर उगिलय को चटकात ए हसता ह पहली प म बठ कछ दशक इस

अदाज पर िखलिखला उठत ह और इसक बाद िथएटर म उपथत बाक दशक खद-ब-खद हसन लगत ह

वा क िलए इन सभी िसात को समझना बत आवयक होता ह और वही वा अपनी अलग पहचान

कायम करन म सफल होता ह जो इन िसात का महव समझ सक मच पर कपट नह िकया जा सकता

दशक दर-सवर वा क वातिवक ितभा को जान ही जात ह स नता और ढगी क बीच काय-णाली एव

अदाज नह बक िसात का अतर होता ह महा-स-महा वा म जनता क वातिवक भावना को

समझन क िजासा होनी चािहए मच पर छल-कपट स दशक को आकिषत नह िकया जा सकता इसक िलए

वातिवक ितभा आवयक होती ह

आपस म बट दशक म उसाह क लहर उप करन क िलए दशक क पसद क मतािबक अलग-अलग

िवचार तत नह िकए जा सकत दशक को एकमत जन-समह म परवितत करन क िलए एक मजबत

िवचारधारा क आवयकता होती ह िवशष यान रखना चािहए िक सभी दशक एक-दसर क आस-पास बठ ह

िबखर ए दशक क गट को सगिठत करना मकल होता ह रोम क सट पीटर म जमा ई लाख समथक क

इधर-उधर िबखरी भीड़ को वय ईसा मसीह स सबिधत भाषण क ारा भी एकजट नह िकया जा सका था

भावना स रत सावभौिमक िवचार भीड़ को इका करन का काम करत ह उदाहरणतः वतता चर

पिवता शौय भाईचारा परोपकार दश और जननायक जॉज कोहान न हायनाटक म झड क गणगान स

सबिधत गान जोड़कर नाटक म चार चाद लगा िदए इस योग स कोहान को काफ मनाफा भी आ ॉमवल

क सना य स पहल ाथना करती थी एव नार क साथ दसरी सना पर हमला करती थी स 1914 म ास

क सना न अलग-अलग मोच पर एक िनत गीत क साथ जमन सना पर आमण िकया ऐसा महसस होता

था िक हर मोच पर अलग टकिडया नह बक एक ही य हमला कर रहा हो इस कार क योग स

भावना को जम िदया जाता ह सिनक म उसाह िलत िकया जाता ह यकनन उसाह स भरपर सना क

ताकत दोगनी हो जाती ह

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पख वाल घोड़ क सवारीिवचार करना और महसस करना मानव क बौक श क दो महवपण तव ह इन तव स तक और कपना क योयता का उदय होता ह

mdashइसाक िडजराइली बजीवी य का सािहयक चरकपना मागदशन का ोत होती ह समझ स पर क चीज का यायान लखक क कलम करती ह लखक क कलम िवचार को आकार दती ह

उसम जान फकती ह िवचार को थान िवशष स जोड़ती ह उस नाम दती ह

mdashशसपीयर मय ीमmdashराि वन

जीवन क उपयोिगता का अययन करनवाल बजीवी अकसर साधारण और मािणत िवचार स आग सोचत

ह इन लोग क िवचार कपना स रत होत ह इनक सहन-श अतय होती ह एमरसन न कहा ह lsquoिवान

को नह मालम िक वह कपना का िकस तर तक ऋणी हrsquo इस महा िवचार को िकसी सािहयकार या किव

क िवचार मानकर अनदखा िकया गया लिकन नपोिलयन का जनता को सगिठत करन क उय स कहा गया

वाय lsquoमानव जाित का िवकास कपना क आधार पर आ हrsquo सटीक माना गया

याद रह मानिसक छिव तयार करन म मतक क एक िहस का महव पर मतक स यादा हो सकता ह

यह भी सही ह िक मतक क इस िहस को अय महवपण िहस क साथ सबध थािपत करना चािहए

लिकन सवाल यह ह िक मतक क इन िहस और परज क पहचान कस क जाए कस पहचाना जाए िक

इनसान को खश रखन और मानवता क भलाई म िकस िहस को योग म लाया जाता ह इसक जानकारी क

िलए अयाय म आग क जानवाली चचा बत महवपण ह

1 कपना या ह

परभाषा पर यान न दकर हम यह समझत ह िक हर य म कपना-श िभ होती ह लिकन कपना

वातव म ह यामानिसक श क ारा िकसी िवचार को आकार दन क ितभा को कपना माना जाता

कपना स सबिधत िवचार वातिवक प स कित का िहसा होत ह या िफर मा कपना होती ह अथा

ऐसी कपना िजसक अतव का कोई माण ही उपलध नह ह इसक अलावा कपना इन दोन थितय का

िमण भी हो सकती ह यह वातिवक या आयामक भी हो सकती ह िवचार क मायम स उप कपना

यायसगत भी हो सकती ह और याय-िवरोधी भी

सबस पहल हम यह समझना होगा िक कपना िवचार क एक िया ह यह पण प स बौक योयता पर

आधारत नह होती इसिलए सवथम इस कछ इस कार समझना होगाmdash

1 कपना क पनपिसनन समझन चखन सघन जसी िया म एक सवदना का अनभव होता ह िजसक मायम स हम

परणाम तक पचत ह लिकन इस सवदना क पनपि िबना मायम क नह क जा सकती ह इसक िवपरीत

कापिनक थित क पनपि समान पता क साथ क जा सकती ह

इस न का अययन करनवाल वा क िलए सबस बड़ी उलझन यह ह िक या सभी लोग म कपना क

श समान होती ह यिद नह तो इसक या वजह ह किवता क सदश और भावना को समझन म अयोय

य किव नह बन सकता इसक िवपरीत कपना क अतय मता रखनवाल कई ऐस भी लोग ह जो इस

ितभा का महव ही नह समझत और इस यथ मानत ह इन लोग क िलए सलाह हmdashकपना क ाकितक

ितभा को जा करन क कोिशश कर इस कार ितभा स सबिधत कई गढ़ सवाल का हल िनकल सकता ह

कवल यह जानन क आवयकता ह िक कपना का परणाम िकतना िहतकारी और िवसनीय ह

िसस गटन न कहा ह lsquoासीसी लोग म कपना क असीम श ह बड़-बड़ समारोह क भयता और

िनपणता ासीसी लोग क कपना क सबस बड़ उदाहरण ह इसक अलावा कपना-श क िवशष भाव

का आकलन ास क असाधारण नीित और कटनीितय स िकया जा सकता ह इसी कड़ी म ास का तकनीक

िवकास भी एक महा उदाहरण हrsquo

िशण क िलए कपना क अित महवपण छह िसात का अययन करत ह और समझन क कोिशश

करत ह िक मतक म इनक उपि िकस कार होती ह

कपना-श का सबस आम िसात हmdash(अ) कपना क ारा छिव तयार करना परानी बात को आसानी स याद करनवाल ब क िवषय म

मनोवािनक का मानना ह िक ऐस ब घटना क मानिसक छिव बनान क योयता रखत ह अपन आस-

पास घटनवाली घटना क मानिसक छिव बनान का अयास किजए जािहर तौर पर आपक याददात बढ़

जाएगी इस अयास स चमकारी तौर पर घटना क कई वष बाद भी घटना स सबिधत सभी अहम पहल को

आसानी स याद िकया जा सकता ह

(आ) घटना स सबिधत वर आवाज आिद क कापिनक छिव तयार करना इस िविध स भी घटना को प

प स याद रखन म सहायता िमलती ह आख बद किजए और सबकछ भलकर पहािडय स टकराती हवा क

आवाज पर यान कित किजए रसी क मता स यादा वजन लटकान स धीर-धीर रसी टटन लगती ह

रसी टटन क आवाज को यान स सिनए घटना स सबिधत आवाज िनत तौर पर घटना क म को थािपत

करन म सहायता करती ह

(इ) गित स सबिधत याददात को आवाज क मायम स बनी छिव क िसात का िनकटतम ितयोगी माना

गया ह या कभी आप िकसी भयानक घटना आवाज या तज रतार क भय स रात म अचानक सोत ए उठ

ह या नदी म तज गित स बहती नाव म फस होन का अनभव बार-बार भयभीत करता ह या तज रतार स

चलती रलगाड़ी क अचानक क जान क घटना अकसर याद आ जाती ह यिद हा तो यह भी िनत ह िक

िकसी घटना स सबिधत असाधारण रतार भी यादगार क अहम वजह हो सकती ह

(ई) वाद भी यादगार क अहम वजह होती ह िबना चख नब क वाद क खटास का अनभव िकया जा

सकता ह िकसी दावत क मौक पर खाए गए वािद यजन का वाद कभी भी मह म पानी ला सकता ह इसी

कार िकसी बवाद और कड़वी दवा स जड़ी याददात जायका खराब करन का काम कर सकती ह

(उ) महक स सबिधत यादगार भी बत महवपण होती ह िकसी िवशष महक का अनभव य को बचन

कर सकता ह िकसी वािद यजन क जानी-पहचानी खशब जहा मह म पानी भर दती ह वह िकसी दगध

का अनभव य को उलटी करन तक को िववश कर सकता ह

(ऊ) पश क ारा भी यादात को ताजा िकया जा सकता ह पश का अनभव िजतना करीब स होता ह

उतनी ही तजी स याददात ताजा हो जाती ह या िकसी ब क कोमल हाथ क पश न आपक सतान क

बालपन क याद िदलात ए शरीर म झरझरी पदा करन का काम िकया ह या लोह क दरवाज को छन स कभी

करट लगा ह यिद हा तो वाभािवक तौर स लोह का दरवाजा दखत ही घटना ताजा हो जाएगी और आप सचत

हो जाएग

याद रखन योय ह िक इस कार क तमाम अनभव याददात का िहसा होत ह कई बार तो घटना का परा

म ब याद रह जाता ह या कभी जगल म घमत समय िकसी िशकारी क गोली कान क पास स सरर करती

ई िनकली ह यिद हा तो वह सरसराहट आप कभी नह भल सकत दरअसल असाधारण अनभव साधारण

अनभव क मकाबल यादा याद रहत ह

2 उपयोगी एव लाभकारी कपनाअब तक पश िकए गए सभी उदाहरण और योग क जरए कपना क पनपि को दरशाया गया ह

कपना क पनपि का अनभव आनददायक या िफर डरावना हो सकता ह जीवन म इन अनभव का बत

महव होता ह लिकन कपना क पनपि का महव वय तयार क गई उपयोगी कपना क मकाबल बत

कम होता ह

वय तयार क गई कपना अनठी होती ह ऐसी कपना म नयापन होता ह जो आम आदमी का मन मोह

लता ह अपन सपन क कपना को आकार दन क कोिशश किजए िनत प स परणाम बत आकषक

हग याद रह िक आयजनक खोज का आधार सपन ही होत ह राइट बधय का आसमान म उड़न का सपना

ही हवाई जहाज क िनमाण का आधार बना था

अतः सािहयकार लखक किव वा इयािद सपन क महव को भलीभाित समझत ह इनक िलए हर सपना

रणा का नया ोत होता ह एक महवपण तय पर यान दन क आवयकता हmdashकपना मानव मतक क

सबस बड़ी सपि होती ह सही उय स रत कपना जन-कयाण क नीितय को जम दती ह बायकाल

म ब का ताजा िदमाग कपना क मायम स ही िवचार करता ह अतः ब क िवचार क श को महव

दना आवयक होता ह ब म वातिवक और अवातिवक चीज का भद नह होता ब परी उड़नवाला

घोड़ा टॉिफय का शहर जस कई िवचार को सय मानत ह लिकन िशित एव अनभवी य आसानी स

वातिवकता और अवातिवकता क भद को समझ जात ह

ब क बाधा-रिहत िवचार का बहाव िबना ईधन स चलनवाल पानी क जहाज क कपना कर सकता ह

लिकन िशित य जहाज बनान क वचारक िया म सभी पहल पर यान दता ह और इस िया म

मौजद किठनाइय स हतोसािहत होकर कपना को ठड बत म डाल दता ह

शतरज का खल योा क रणनीित यािमतीय िसात यापारक योजनाए कारखान म िफजलखच

घटान का िवचार िकसी महा नाटक क िनदा आिथक बाधा स िनपटन क य उम किवता क रचना और

दशक को भािवत करन क योजना उिचत कपना क ारा ही परी क जा सकती ह फसल म कवल बीज

दखनवाला िकसान अ का उपादन नह कर सकता कवल कपना क पनपि क योयता स सत नह

होना चािहए वय क िवचार और कपना यादा महवपण होत ह lsquoया हrsquo क सोच क मकाबल lsquoया हो

सकता हrsquo क िवचारधारा यादा कारगर होती ह

2 भाषण क दौरान कपना का उपयोग

इस अयाय म कपना स सबिधत चचा स प हो गया ह िक िकस कार वा कपना-श क इतमाल

स दशक को भािवत कर सकता ह लिकन कछ िवशष परथितय म इस ितभा क उपयोग क जानकारी

कराना आवयक ह

1 भाषण क दौरान कपना का उपयोग(अ) भाषण तयार करत व दशक क उपथित क कपना किजए हालािक ऐसा करन म िनराशा हावी

हो सकती ह लिकन आमिवास क मायम स िनराशा पर काब पाया जा सकता ह भाषण तयार करत व

दशक क सया मच क भयता दशक क शिक तर वभाव भाषण क उपलय और बाक वा क

उपथित क जानकारी हो तो जािहर तौर पर भाषण को परथित क मतािबक ढाला जा सकता ह

(आ) भाषण क सभी िहस को तयार करत व भाषण क सपणता को सदा याद रख भाषण क िकसी भी

िहस म मामली सा भटकाव भाषण क भाव को न कर सकता ह इसक अलावा भाषण म तत िकए

जानवाल िवचार का म सही एव सटीक होना चािहए

(इ) भाषण क दौरान इतमाल क जानवाली भाषा-शली का चयन भी बत महवपण होता ह भाषा का

चयन दशक क मतािबक होना चािहए उदाहरण क तौर पर अित िशित दशक क सम इतमाल क

जानवाली भाषा का इतमाल छा क बीच नह िकया जा सकता

याद रह िक कपना-श स भाषण म िविवधता आती ह यिद भाषण म ताजा उदाहरण और सझाव क

कमी ह तो भाषण िबना फल क बगीच जसा नीरस हो जाएगा

ओ हनरी क कथा lsquoद हारिबजरrsquo म इतमाल िकए गए ताजपन और वाातय पर यान दीिजए

उदासहीन मौसम क बीच जब दहाती इलाक म वसत ऋत क आहट को महसस िकया जाता ह उस व

शहरी जीवन म हरयाली क कपना तक नह क जाती शहरी य उस व नात क मज पर अड और

डबल रोटी का वाद ल रहा होता ह चारदीवारी क बीच उस मौसम म बदलाव का अहसास तक नह होता

अखबार क प पलटत व कह िलखा िदखता ह िक वसत आन वाला ह लिकन अफसोस इसका अहसास

उस तब भी नह होता

बत तीण ानिया ही वसत ऋत क आहट महसस कर सकती ह साधारण य को इसका अहसास नह

होता इस समया क िनवारण क िलए एसोिसएट स न एक य तयार क ह

हसक म लाल गलवाल एक पी का कजन बिनगटन म िचनार क व का लहराना सायरस क मय

सड़क पर घास क उपज नीलकठ का चहचहाना बख और हस क बीच उजना सट लइस का सालाना

तफान जगली हस का सालाना आवागमन दवा िवता का मलरया क दवा क कमत को बढ़ान क

कोिशश करना िकसी ऊच व पर िबजली का िगरना मौज-मती क िलए बाहर स आए लोग का जमावड़ा

निदय म जमी बफ का चटकना और घास क मदान म बगनी फल क िखलन को वसत ऋत आन क आहट क

तौर पर जाना जान लगा ह शहरी लोग क िलए यह सकत वसत ऋत क आगमन क पहचान करवात ह जबिक

िकसान को इन सकत क जरत नह होती वह तो हवा म बदलाव स ही वसत क आगमन को भाप लत ह

मौसम म बदलाव क यह सभी बाहरी सकत ह असल सकत तो मन स महसस िकए जात ह टीफन क िलए

कोला और माइक क िलए मगी खान क इछा ही वसत का आगमन होती ह िकसी लखक न कहा ह िक आज

क दौर म शहरी लोग क िलए अखबार वसत ामीण लोग क जानकारी स पहल ही ल आत ह परान समय म

म क लालसा का भाव वसत क आगमन का सकत आ करता था

2 भाषण क दौरान कपना

भाषण क दौरान बोलन क धन सवार होन लग बोलन म वाभािवकता और सरलता महसस होन लग तो मान

लीिजए िक अब लोहा गरम ह ऐस मौक पर भावी िवचार बत आकषक हो जाता ह िदलचप ह िक ऐस

मौक पर कपना-श बढ़ जाती ह

ऐसी थित म यान रहmdash

(अ) परान भाव को याद कर तथा इसक अलावा कछ और न सोच कलाकार सवाद को दोहरात व परान

भाव को तत करन म सम होता ह इसी कार वा को भी इस कला म िनपण होना चािहए

(आ) िवचार स सबिधत य को वातिवक प म याद करना चािहए

(इ) य क बारीिकय को याद किजए और ततीकरण क दौरान वर क उतार-चढ़ाव का खयाल

किजए इस कार यायान क भाव म समानता बनी रहगी lsquoशराब स घर बरबाद होता हrsquo जस उदाहरण को

सामाय तौर पर पश मत किजए इस उदाहरण को भावशाली बनान क िलए शराब क कभाव पर रोशनी

डािलए जसmdashशराब स पस और सहत क बरबादी होती ह शराब क नश म य घर पर लड़ाई करता ह

गाली-गलौज करता ह और ब को िबना वजह मारता ह इसी कार य क रता क यायान क िलए

सिनक क कट हाथ-पर घायल सिनक का पानी क िलए कराहना सिनक क लाश पर िवधवा का िवलाप

और ब क असहाय हालत का िचण करना चािहए ऐस मौक पर सामाय बोलचाल क िविध भावशाली

नह होती घटना का भावामक िचण करन क आवयकता होती ह िचण कछ ऐसा होना चािहए िक दशक

आसानी स यायान क जरए खद िचण कर सक इस कार दशक सीध वा क भाव स जड़ जात ह

3 कपना क अयास क कला अिजत करना

उस अमरकन राजनता क बात जर याद होगी िजसन कहा था lsquoिकसी काय को पनः आरभ करन क िलए

उस पनः आरभ करन क ही आवयकता होती हrsquo इस िसात का योग प होता ह

इस अयाय क साधारण समीा स शआत किजए वय क कपना-श का आकलन किजए एक-

एक कर कई कार क कपना का अयास किजए इसक बाद घटना क वजह को कपना म शािमल

किजए कई कपनाए बत उलझी होती ह जसmdashकई आवाज का िमण लोग क यादा तादाद एक क

बाद एक तजी स घटनवाली घटनाए व हादस इयािद ऐसी थित म पता क ओर जान क कोिशश किजए

कपना क पनपि क अयास क बाद वय कपना का अयास किजए कपना क सभी पहल का

ताना-बाना बनन का अयास किजए सभी उलझन को दर करन क ितभा का िवकास किजए

इसी क साथ खद को आकड़ क भाषा बोलन म िनपण बनाइए िकसी घटना को अलग नजरए स समझन

और उसका सही आकलन करन का अयास किजए िनकष यह ह िक इसस पहल कपना य पर हावी हो

अयास क ारा य को कपना-श पर हावी हो जाना चािहए

27

शदकोश का िवकासपतग उड़ात व लड़क सफद पख क िचिडय को चनौती दत ह

लिकन शद क बौछार क दौरान ऐसा नह िकया जा सकता

lsquoआग स चौका रहना चािहएrsquomdashहम जानत ह यह अछी सलाह ह

lsquoशद को यान स चिनएrsquo यह दस गना यादा अछी सलाह ह

िवचार को कट न करन स सभवतः धीर-धीर उनका अत हो सकता ह

लिकन मह स िनकल शद का अत वय ईर भी नह कर सकता

mdashिवल कालटन द फट सटलस टोरी

lsquoशदकोशrsquo एक सामाय शद ह लिकन इसका िवशष महव होता ह रोजमरा क भाषा म शदकोश क

अिधकतर शद का उपयोग िकया जाता ह और इह शद क उपयोग स नए शदकोश का िवकास होता ह

उपयोग क आधार पर िवकिसत शद का िवशष महव होता ह य ऐस शद होत ह िजनका उपयोग अय

भाषा म भी िकया जाता ह और वहा भी इनका उपयोग िवशष महव को दरशान क िलए ही होता ह

इस कार दशक क सम भाषण तत करन क योयता रखनवाला य िकसी किव सािहयकार

लखक वािनक या दाशिनक स कम नह होता य लोग सामाय तौर पर शद क कोश को बढ़ात रहत ह य

लोग शद क ऐस समह का िवकास करत ह िजसस िकसी िवशष थित को समझन और समझान म सरलता

होती ह lsquoभावशाली वा पर िकए गए अययन स पता चला ह िक वा को श यापकता िवतार

रतार हरकत रग ऊजा इयािद का भाव दरशानवाल शद स यादा लगाव होता ह वा िविभ भावना

को दरशानवाल शद का भी योग पसद करत ह वा यायान करनवाल शद सा क साथ उपयोग म

आनवाल गणवाचक शद और उपय उपािध दरशानवाल शद का वतता स इतमाल करत हrsquo

नोस बनान क आदतशद क पणता समझन क िलए तीन बात का खयाल रखना चािहएmdashशद क िवशष और िवतत अथ को

समझना अय शद क साथ सबध को समझना और शद क उिचत उपयोग को समझना जब िकसी शद क

जान-पहचान उपयोग को िकसी अनजान भाव क साथ सना जाता ह तो उस कह िलख लना चािहए और उसक

िवशष उपयोग को गहराई स समझना चािहए उन वा स रणा लनी चािहए जो िनरतर शदकोश का

िवकास करत रहत ह और हर नए शद क ित िजासा रखत ह नए शद को जानन और समझन क िजासा

स शदकोश म िनरतर व होती ह िकसी भी नए शद का पाच बार योग किजए िनत तौर पर शद

आपका हो जाएगा ो ई हकॉक न कहा ह lsquoलखक का शदकोश दो कार का होता हmdashसिय और ग

ग शद व होत ह िजनका अथ लखक भलीभाित समझता ह जबिक सिय शद को लखक सरलता स

य करता ह हर कशल य को इतमाल म लाए जानवाल सभी आवयक शद क जानकारी होती ह

लिकन मौक पर इन शद को याद करना आसान नह होता ग शद को सिय तौर पर इतमाल करन क

कला अयास स आती हrsquo अथा सिय शदकोश को िवशष तौर पर तयार करन क आवयकता होती ह

lsquoकॉलज मगजीनrsquo क िलए िलख गए िनबध क एक अयाय lsquoयाददात और िचणrsquo म टीवसन न बखबी

दरशाया ह िक िकस कार शद क नकल का अयास खद क अदाज म तदील हो जाता ह उहन खद क

सािहयक अदाज िवकिसत होन का उदाहरण िदया ह टीवसन क अनसार शद अदाज िवकिसत करन क

िलए क माल का काम करत ह यह उदाहरण वा क िलए काफ उपयोगी िस हो सकता ह शद का

तलनामक भाव शद क अथ स यादा महव रखता ह

lsquoजब भी म िकसी पसदीदा िकताब या िकताब क ऐस अश को पढ़ता िजसक सदश का औिचय प होता

ह या पता का अभाव होता ह अथवा िफर िवशष अदाज होता ह तो म कछ दर क िलए बठ जाता और

उस अदाज को खद म उतारन का अयास करता म कई बार नाकाम रहा लिकन मन कोिशश कभी नह

छोड़ी म कोिशश क बावजद नाकाम रहा कई बार तो मझ नाकामी क अलावा कछ हािसल ही नह आ

लिकन नाकामी भी कछ-न-कछ जर िसखाती ह कछ ऐसा जो कामयाबी नह िसखा सकती

lsquoअतः मन हलट लब वसवथ सर थॉमस ाउन हॉोन और मॉटगनी क नकल उतारना सीखनवाल

वानर क तरह परम िकया ह

lsquoपसद आए या न आए लिकन सीखन का मल म तो यही ह चाह फायदा िमल या न िमल सीखन का

एकमा राता तो यही ह यही वह तरीका ह िजसस कस न सीखा और इसम कोई दो राय नह िक सािहय क

िलए कस स बहतर नजरया हो ही नह सकताrsquo

शदकोश सह का उपयोगिकसी शद क अथ क जानकारी क िलए कवल सामाय ान स सत नह होना चािहएmdashगहन अययन क

ारा शद क महव और इतमाल पर िनपणता हािसल करनी चािहए शआती दौर म भाषा का बहाव तछ

तीत हो सकता ह लिकन भाषा क शता को हमशा सराहा जाता ह शदकोश पतका म शद िवशष का

ान िछपा होता ह महा लखक शदकोश पतका क महव क उपा नह करत और न ही शद क

सवमाय परभाषा पर सवाल उठात ह

इसक अलावा पयायवाची और िवलोम शद स सबिधत पतक का सावधानी स अययन किजए भाषा म

शद क सटीक पयायवाची कई बार यादा भावशाली होत ह चोर चक गबनकता धोखबाज लटरा डाक

समी डाक जस शद म िछप भाव क बारीिकय पर यान दीिजए या िफर यदी िजऊ और इाइलवासी

शद क अतर को समझन क कोिशश किजए याद रह शदकोश पतका क िबना पयायवाची पतक का

कोई महव नह होता डॉ ािसस ए माच ारा िलिखत lsquoअजी भाषा का िथसोरसrsquo िवतत जर ह लिकन

इसम पणता और भव शािमल ह बाजार म पयायवाची और िवलोम शद स सबिधत पतक क भरमार ह

अतः यान रख िक सटीक एव मािणत लखक क पतक ही चनी जाए

भाषा को जोड़नवाल शद क जानकारी भी बत महवपण होती ह भाषण दत व और अथवा कब

जब तब अथा इयािद शद क गलत इतमाल स बहाव टट जाता ह

शद क उिचत इतमाल स भाव बढ़ता ह दिनया क सभी भाषा क शदकोश का िनरतर िवकास हो

रहा ह सभी भाषा म िवदशी शद समिलत िकए जात रह ह और यह िया आज भी जारी ह दरअसल

इसी कार भाषा का िवतार होता ह

महावर और कहावत स सबिधत पतक क अययन स ात होगा िक आज क भाषा-शली म िकस कार

सदश क अथ को अनथ म तदील कर िदया गया ह अथा भाषा स सबिधत सभी शिलय का गहन अययन

आवयक होता ह

शद क अथ क जानकारी रखनवाल स चचाभाषण-शली म आम तौर पर रोजमरा म इतमाल क जानवाली भाषा का इतमाल होता ह इस कार दशक

स सबध थािपत करना आसान हो जाता ह अतः वा को भाषा और शद क जानकारी रखनवाल

बजीिवय क सपक म रहना चािहए िकसी शद क महव पर िकया गया वाद-िववाद िनसदह सकारामक

परणाम पर खम होता ह ऐस वाद-िववाद स शद क बारीिकय क जानकारी िमलती ह शद क अथ को

गहराई स समझनवाल वा क यव म वजन वाभािवक तौर पर महसस होत लगता ह

सटीक शद खोजन म ईमानदारी बरतनी चािहएपतक क गहन अययन स पतक का महव तीन गना बढ़ जाता ह शदकोश को रोजाना िदए गए दस

िमनट चमकार कर सकत ह लॉबट न कहा ह lsquoम अपनी लखन-शली स िचड़िचड़ा होन लगा rsquo lsquoम ऐसा

य जो सगीत का आनद तो उठा सकता ह लिकन वॉयिलन पर सगीत पदा नह कर सकता म मतक म

धन सोच तो सकता लिकन वातव म बजा नह सकता दरअसल धन तयार करन का सामय मझम ह ही

नह इस कार बचार क आख स आस टपकन लग और हाथ स वॉयिलन नीच िगर गयाrsquo

ास क इसी िवा पष न यह भी कहा था lsquoय जो भी कहना चाहता ह या जो भी भाव य करना

चाहता ह उस य करन क िलए कोई-न-कोई शद जर होता ह िकसी एक िया स उसका िचण िकया

जा सकता ह कवल एक गणामक शद उस परभािषत कर सकता ह आवयक ह िक उस शद क खोज क

जाए ऐस शद क खोज तक शाित स नह बठना चािहएrsquo

वॉटर सवज लडोर न िलखा ह lsquoमझ गलत शद स नफरत ह शद का इतमाल बत सावधानी क साथ

करना चािहए गलत शद बोलन क मकाबल चप रहना यादा अछा होता हrsquo जस एस बरी न अपन

उपयास का शीषक उपयास क नायक lsquoटॉमीrsquo क नाम पर रखन का फसला िलया उहन िलखा िक उपयास

का नायक टॉमी लखक क जगह शर बन जाए तो कोई आय नह होगा

टॉमी न अपन एक िम क साथ lsquoिगरजाघर म एक िदनrsquo नामक शीषक पर िनबध िलखन क िलए कल

ितयोिगता म िहसा िलया वह िनबध क िवषय म लगातार बोलता रहा और िफर शद क अभाव क कारण

अचानक चप हो गया लगभग एक घट तक वह सटीक शद क खोज करता रहा तभी उस पता चला िक

िनबध िलखन का िनधारत समय खम हो गया ह और वह ितयोिगता हार चका ह बाक यायान बरी क

जबानी सिनएmdash

िनबध वह कोई िनबध ही नह था ऐसा लग रहा था िकसी पड़ क नाम पर कवल टहनी पश क गई हो

िनबध क दसर प पर सबकछ अचानक ठहर गया था हा ठहराव एकदम सही भाव ह टॉमी क पास िनबध को

आग बढ़ान का कोई राता नह था वह अचानक ठहर गया जस कह बरी तरह फस गया हो

शद क कमी क वजह स टॉमी को जनता का ितरकार सहना पड़ा कौन स शद अयापक न

िचड़िचड़ाहट क साथ टॉमी स सवाल पछ तम िकन शद क खोज म अटक गए थ लिकन वह िफर भी नह

बता सका वह िकसी ऐस शद क तलाश म था िजसस यह प हो जाए िक िगरजाघर म िकतन लोग मौजद

थ वह शद बार-बार उसक जबान पर आ रहा था लिकन सभी यास िवफल सािबत ए जन-समह उसक

जहन म चल रह शद क काफ करीब था लिकन िफर भी इस शद स उस अपन भाव कट करन म असिवधा

महसस हो रही थी वह घट तक आख झपकाता रहा सही शद क तलाश म घट सोचता रहा लिकन कवल

िनराशा हाथ लगी

सभी अयापक बत नाराज थ एक अयापक न िचात ए कहा lsquoअर बवकफ एक शद क िलए तमन

िनबध िलखना छोड़ िदया जन-समह क भाव को कट करन क िलए दजन शद ह तह इसक अलावा कोई

भी शद याद नह आया या तम जन-सलाब याrsquo

टॉमी न तरत जवाब िदया lsquoम जन सलाब शद क ही खोज कर रहा था कसम खाता यही वह शद हrsquo

अयापक न कहा lsquoलिकन जन सलाब का इतमाल िगरजाघर क िलए कस िकया जा सकता ह जन सलाब

का मतलब ह िक लोग शाित स नह बठ थ बक मखय क तरह इधर-उधर िभनिभना रह थrsquo

तभी अधीरता क साथ एक अयापक न कहा lsquoइस शद का अथ सटीक हो या न हो यिद कोई और शद

याद नह आ रहा था तो इसी का इतमाल िकया जा सकता था िनत तौर पर िनबध िलखत समय उसी शद

का इतमाल करना चािहए जो सबस पहल िदमाग म आएrsquo

टॉमी क ितयोगी मक न फट स कहा lsquoमन िबलकल ऐसा ही िकया थाrsquo

अयापक िम लॉग न कहा मक न lsquoभारी भीड़rsquo शद का इतमाल िलया जो अछा एव साथक शद हrsquo

टॉमी न िफर जवाब िदया lsquoमन भी lsquoभारी भीड़rsquo शद क बार म सोचा था लिकन इसस महसस होता ह िक

िगरजाघर म पर रखन तक क जगह नह थी म िकसी बीच क शद क तलाश कर रहा थाrsquo

एक और अयापक न कहा lsquoतो िफर कवल lsquoभीड़rsquo शद का इतमाल िकया जा सकता थाrsquo

टॉमी न जवाब िदया िक lsquoभीड़ स कछ कम लोग का आभास हो रहा हrsquo

lsquoमख तो िफर lsquoजन-समहrsquo शद म या खराबी थीrsquo

lsquoनह जन-समह भी पया शद नह हrsquo

lsquoम जन-समह और जन-सलाब क बीच क शद क खोज म थाrsquo

िम लॉग न िनराशा क साथ हाथ झटकन श कर िदए

वहा मौजद धानायापक जो काफ दर स टॉमी क ओर शसा क भाव स दख रह थ बीच म बात काटत

ए बोल lsquoतो इसम तो म का थान ही नह ह तम lsquoजन-सलाब जसी थितrsquo या िफर lsquoआम भीड़ स कछ

यादाrsquo शद समह का इतमाल कर सकत थrsquo

वहा पर मौजद बाक अयापक न समथन क साथ कहा lsquoहा य नह यह एकदम ठीक हrsquo

टॉमी न जवाब िदया lsquoलिकन मझ कवल एक शद क आवयकता थीrsquo

अयापक लॉग न कहा lsquoिकसी सही और सटीक शद का चयन करना आसान होता ह मझ इसम खास

मकल नजर नह आ रही हrsquo

टॉमी न कहा lsquoऐसा नह ह यह उतना ही मकल ह िजतना पथर स िगलहरी को मार िगरानाrsquo

धानायापक न टॉमी क इस तक का समथन िकया

इसक पा एक िविच घटना घटी घर जान स पहल (अयापक एक बार टॉमी को कान पकड़कर का

स बाहर िनकाल चका ह) टॉमी न धीर स दरवाजा खोलत ए का क भीतर झाका झाकत समय टॉमी क चहर

पर आय का भाव था और आख म आस झलक रह थ उसन उसाह क साथ िचात ए कहा lsquoमझ वह

शद िमल गया ह वह शद अचानक मर िदमाग म आया वह शद ह रला हा िगरजाघर म लोग का रला

लगा थाrsquo

टॉमी क बात सनकर धानायापक सता स िखल उठ उहन मन-ही-मन कहा lsquoयह छा लगातार

सोचता रहा और अत म सही शद तक पच ही गया यह छा िकसी िवा स कम नह हrsquo

28

मरण-श का िशणमतक क िविभ िहस म साटा रहता ह

हमार िवचार कई किडय स जड़ होत ह

एक िहस क जागित स हजार िवचार जम लत ह

िवचार आएग और उड़ जाएग यही िया चलती रहगी

जय हो याददात क जय हो यह कभी न खम होनवाला खजाना ह

वष बाद भी याददात बरकरार रहती ह परानी याद ताजा होती रहती ह

िवचार और िवचार क साथ जड़ा िचतन कभी भलाया नह जा सकता

याददात पर घटना स सबिधत थान और समय का सदा अिधकार रहता ह

mdashसयअल रोजस याददात का सख

ठाकर जस कई महा वा न भाषण क सबस महवपण िहस क रचना मच स घर लौटत व क ह

माक न न अकसर घटना क नजाकत का सही अथ घटना-थल स िनकल जान क बाद समझा ह मौक पर

सही आकलन न कर पान क योयता स कई वा परशान रह ह

लीवरपल म महा भाषण तत करनवाल वा हनरी वाड बीचर क सबस बड़ी योयता ही यह थी िक वह

कभी कछ नह भलत थ उनक याददात सदा ताजा रहती थी बीचर न कहा ह िक भाषण दत व िवषय स

जड़ी सभी घटनाए वाद-िववाद एव अपील याद रहती ह अतः भाषण दत व बीचर उदाहरण क झड़ी लगा

दत ह उनक मतक म उदाहरण ऐस पच जाता ह जस दव म क ारा िदय अ का आवाहन िकया

जाता ह बन जॉस अपन ारा िलख गए िकसी भी िवचार वाय िनबध इयािद को दोबारा ब िलखन क

योयता रखत थ किलजर न तीन हत म सपण lsquoइिलयडrsquo कठथ कर ली थी लॉस न कहा ह lsquoिबना

याददात क मनय एक ब क समान होता हrsquo अरत न याददात को बौक श का पमाना बताया ह

इसम कोई दो राय नह ह िक अछी याददात वा क िलए वरदान क समान होती ह लिकन या िवचार

अनभव पढ़ाई इयािद ारा हािसल क गई जानकारी को याद करन का अयास भी िकया जा सकता ह यिद

हा तो िकस कार जानन क कोिशश करत ह

बीस साल पहल एक अनाथ ब न ययॉक क एक होटल म बरतन माजन का काम श िकया इसी दौरान

पढ़न म उसक िच जा हो गई और उसन हनरी जॉज क लख lsquoतर और िनधनताrsquo का अययन िकया

इस कार ान क िलए उसक िजासा बढ़ गई वह पढ़न का आदी हो गया लिकन उस अहसास आ िक वह

पढ़ा आ भल जाता ह तो उसन वय ही अपनी याददात बरकरार रखन का अयास श कर िदया इस कार

वह बा दिनया का सबस महा याददात िवशष बना इस महा य का नाम व फिलस बरोल ह

बरोल दिनया क िकसी भी शहर म रहनवाल लोग को उनक पाच हजार मल िनवास-थान क बार म बतान क

योयता रखत थ उनको िकसी सभा म िमल चालीस लोग का नाम याद रहता था हरत क बात ह िक वह

िमलन का म भी याद रखत थ यानी कौन पहल िमला कौन सातव दसव पहव या िफर चालीसव म म

िमला उह इितहास क सभी महवपण तारीख याद थ खास ह िक वह िविभ तारीख का एक-दसर स सबध

भी थािपत कर सकत थ

याददात म म क िलए जगह नह होती याददात का सटीक होना अयत आवयक होता ह वा क िलए

याददात क भिमका अहम होती ह खास ह िक याददात को मजबत करन का अयास िकया जा सकता ह

या नह करना चािहएशद को र ारा याद करन का कोई लाभ नह होता इस कार शद का पहाड़ तयार होता रहता ह नए

शद याद रहत ह लिकन परान गायब हो जात ह अफसोस िक िवालय म भी इस िया का इतमाल िकया

जाता ह अतः िकसी चीज को याद रखन का यह िसात वाभािवक महसस होन लगता ह लिकन हककत म

इस िया स मतक को हािन पचती ह इसम कोई दो राय नह िक कछ य िवलण ब क साथ

जम लत ह ऐस लोग क याददात बत तज होती ह लिकन सभी इस िवशषता क साथ जम नह लत

िनराश होन क जरत नह ह यिक इस ितभा को अयास क ारा हािसल िकया जा सकता ह

शारीरक क और मानिसक उलझन क व भी याददात पर जोर डालना हािनकारक होता ह वथ शरीर

ही उम मानिसक िया को जम दता ह

अततः परपरागत परपाटी और िसात का गलाम नह बनना चािहए सामाय तय क जानकारी और

याददात काय को सही िदशा दन म उपयोगी िस होत ह याद रख िक िकसी तय को याद रखन क िलए दस

शद को याद रखना गलत िसात नह ह इस कार घटना क म को बखबी याद रखा जा सकता ह

याददात का ाकितक िसातिकसी जानकारी या तय को याद करत व मतक को परी तरह उसी िवषय पर कित करना चािहए

भटकाव स मरण-श कमजोर हो जाती ह खरीदारी पर िनकल लोग अकसर भल जात ह िक उनस या-या

लान को कहा गया था आम तौर पर पनय को अपन पितय स यह िशकायत होती ह इस लापरवाही क वजह

कमजोर याददात नह होती यिद सामान क सची को यान स सना जाए तो चक हो ही नह सकती यिद आप

भी इस समया क िशकार ह तो एक बार इस सझाव को अपनाकर जर दिखए एकाता और यान स सनन

का मतलब यह नह ह िक मतक क सभी शय को कित िकया जाए िवचार म भटकाव स याददात पर

नकारामक असर पड़ता ह िकसी चीज को याद रखन क िलए कवल उस पर यान दन क जरत होती ह याद

रख िक जरत स यादा यान दना भी याददात क िलए हािनकारक होता ह

आम तौर पर य उह िवषय पर यान दता ह िजनम उसक िच होती ह बाक बात को नजरअदाज

कर िदया जाता ह आम तौर पर लोग सब क बीज क वप और आकार पर यान दत ह गाधीजी क

पयितिथ भी यादातर लोग को याद ह लिकन िफर भी ऐस लोग क कमी नह ह िजह दोन म स कछ भी

याद नह ह पड़ क टहनी पर लगी खरच समय क साथ भर जाती ह और उसी थान पर नई शाखा भी िनकल

आती ह लिकन गिटसबग क पड़ पर आज भी पचास साल पहल क िनशान साफ िदखाई दत ह लापरवाही क

साथ सनी गई बात कभी याद नह रहती ऐसी जानकारी जद िमट जाती ह िदमाग म इसका कोई स जीिवत

नह रहता कवल गहराई स सनी गई जानकारी को ही इछानसार याद िकया जा सकता ह हनरी वाड बीचर न

कहा ह lsquoसपन म िबताए गए वष क मकाबल जीवन का एक भावक ण यादा प तौर पर याद रहता हrsquo

यान स सिनए जानकारी जर याद रहगी

लिकन सवाल ह िक यान को िकस कार कित िकया जाए िकसी योा क यकला को िकस कार

िनखारा जाता ह एक कारगर तरीका यह ह िक सिनक क बदक और गोली-बारी क तादाद को बढ़ा िदया

जाए इसी कार िकसी जानकारी को याद रखन क िलए यान यादा कित करना चािहए जानकारी पर बार-

बार िवचार करना चािहए लापरवाही स पढ़न क आदत याददात को नकसान पचाती ह िवषय म िच न होन

क बावजद यान स पढ़न क कोिशश करनी चािहए इस अयास स याददात मजबत होती ह

माहौल स भी यान कित करन म सहायता या असहायता िमलती ह यादा शोर-शराब म यान कित करना

मकल होता ह अतः भीड़ म खद को अकला समझन का अयास किजए यकन मािनए यह ममिकन ह

िकसी िवषय को सनत या पढ़त व िदमाग म चल रही बाक सभी उलझन को दर करन का अयास किजए

अगला महवपण सझाव यह ह िक िवषय स सबिधत महवपण तय पर यान दीिजए और उह याद रखन

क कोिशश किजए सभी तय को सही म स यवथत किजए सभी महवपण तय पर पता क साथ

िवचार किजए एक क बाद एक तय पर यान दीिजए िवषय स सबिधत महवपण तय को मानसार याद

रखन का अथ ह िक आप इस कला म िनपण होन लग ह

याददात क िया म तय का एक-दसर क साथ सबध थािपत करना बत महवपण होता ह याददात

बढ़ान क अयास म यह िसात सवपर ह

कछ वा कवल भाषण क मय िबद को याद करत ह और भाषण क दौरान मय िबद को शद स

भर दत ह कछ वा मय िबद स सबिधत िवचार क म को याद करत ह इसक अलावा कछ वा

िवचार क म को याद रखन क िलए मच क आस-पास मौजद चीज क साथ म का सबध थािपत कर लत

ह सभव ह िक भाषण क दौरान िवचार का म िबगड़ जाए मानकर चिलए िक म म तीसरा िवचार नाकामी

स सबिधत था ऐस म मच क िकसी दीवार पर बद घड़ी स नाकामी का पहल ही सबध थािपत कर चका वा

इस मय िबद को याद कर सकता ह इस कार सबध थािपत करन क कला बत महवपण होती ह हाल ही

म छह कार क कपना-श िच आवाज गित वाद खशब और पश क महव पर भाषण दनवाल वा

न इस म को याद रखन क िलए एक िविच शद तयार िकया lsquoचआगखशपशrsquo कागज क एक परज पर

िलख इस शद क मायम स वा को म याद करन म बत सहायता िमली

इसी कार ब को पिलग याद करान का अयास कराया जाता ह भाषा का ान न रखनवाला कार ाइवर

श क कछ शद को याद कर लता ह और अदाजा लगान म मािहर हो जाता ह उदाहरण क तौर पर रानी स

रानी लमीबाई रोड गाधी स गाधी मारक रोड महामा स महामा गाधी रोड िकसी महवपण गोल चर स

कटनवाल पाच एक जस रात को याद रखन क िलए कछ इस तरह का सबध थािपत िकया जाता हmdashअ स

अशोक रोड अक स अकबर रोड ज स जनपथ क स कतरबा गाधी और इ स इिडया गट इसी कार

िनशािनय को याद रखकर भी रात का पता लगाया जा सकता ह दरअसल मनोवािनक िया बत सरल

होती हmdashय सकत िनशािनय अर आिद स सबध थािपत कर लत ह अथा सबध थािपत करन क

इस ितभा का लाभ उठाना चािहए

जानकारी को बार-बार दोहरान स भी याददात मजबत होती ह वर पकार एव राजनीित थरलो वीस

रोजमरा क मलाकात म िमलनवाल लोग क नाम भल जाया करत थ इस कमजोरी स उबरन क िलए उहन

मलाकात क दौरान लोग क नाम यान स सनना श िकया यही नह उहन अपनी पनी क साथ िमलनवाल

लोग क नाम पर चचा करन क आदत डाल ली इसम शक नह िक माननीय वीस क साथ नाम भलन क

समया बत गभीर हद तक पच गई थी लिकन इस अयास क ारा उहन इस मकल पर काब पा िलया

िकसी अयाय िवचार आिद को पढ़न क बाद पतक बद कर दनी चािहए और गौर स पाठ को जोर-जोर स

दोहराना चािहए ऐसा करन स याददात मजबत होती ह

याददात मजबत करन क िलए एकाता और जोर-जोर स पढ़न क तरीक को कई महा लोग न बत कारगर

बताया ह

जो आप याद करना चाहत ह उस िलखन क कोिशश कर इस कार पढ़ा आ याद करना आसान हो जाता

ह यिद आप िलखन क बाद भाषण को जोर-जोर स पढ़ग तो उस यान स सनग और उस पर गौर फरमाएग तो

भाषण कठथ हो जाएगा इस िया क दौरान आवाज िलखावट और िचण क जरए याददात बनाए रखन

म सहायता िमलती ह

कछ लोग आवाज को सटीक तौर पर पहचानन म िनपण होत ह य लोग दखी गई चीज क मकाबल सनी गई

आवाज क मायम स घटना को याद करन म द होत ह यिद आप सबह टहलन क िकसी िवशष िदन को याद

करत ह तो आपको आस-पास क य याद आत ह या आवाज जानन क कोिशश किजए िक आपक

याददात म आवाज का यादा महव ह या य का इन दोन म स जो यादा महवपण तीत हो उसको

िनखारन का अयास किजए िकसी िवचार को िदमाग म बठान क िलए सभी सभव िविधय का इतमाल

किजए

रोजमरा क आदत भी याददात को मजबत करन म सहायक होती ह मराथन म िहसा लनवाल धावक स

सीिखए िनरतर यायाम चाह थोड़ ही समय क िलए य न िकया जाए धावक क श को बरकरार रखता

ह इसी कार िनरतर अयास स याददात म भी बढ़ोतरी क जा सकती ह राह म गजरनवाल लोग क

वशभषा अदाज और श का िवतार स यायान करन का अयास किजए अपन कमर क बारीिकय पर

यान दीिजए िफर आख मदकर कमर क हर बारीक का यायान किजए िकसी ाकितक य को यान स

दिखए और िफर िवतार स लख िलिखए यान दीिजए िक यायान या लख म आप या भल और या याद

रहा िखड़क स सड़क क ओर झािकए िफर उस य को याद किजए यान दीिजए िक आप या भल

गए िनरतर यास स याददात यायान और लख का तर बढ़ता ह ऐसा अयास य को िनपणता क

ओर ल जाता ह

सािहयक रचना क सदर यायान को बार-बार याद किजए इस कार न कवल याददात बढ़गी बक

सािहय म िछप सदर शद और महावर का भी ान बढ़गा यह अयास िनयिमत प स करना चािहए अयास

क माा कम या यादा होन स कोई फक नह पड़ता महव कवल िनरतर अयास का होता ह

अततः अपन अदर िछप भय को बाहर िनकालकर फक दीिजए वय स किहए िक आप याद कर सकत ह

और आप म याद रखन क सभी गण मौजद ह वय क िवास को मजबत किजए और िनपणता क कपना

किजए यिद आप म भलन का भय हावी ह तो कछ भी याद रखना सभव नह ह भय को जड़ स उखाड़ना

आवयक होता ह शआत म िनराशा िमल सकती ह लिकन यकन मािनए िक िनरतर यास स हर समया स

उबरा जा सकता ह

भाषण याद करनाअब तक िदए गए सभी सझाव को आजमाकर दखत ह पहल इस अयाय का दोबारा अययन किजए

यान दीिजए िक याददात मजबत करन म िकन नौ िविधय का इतमाल िकया जाता ह

उन मय िबद का अययन किजए और जानन क कोिशश किजए िक याददात बढ़ान म यह सझाव

िकतन कारगर ह इन सझाव को अपन िदमाग म पता क साथ थान दीिजए अब िकसी िवचार को याद

किजए इसक बाद उस िवचार क मय िबद को याद किजए िवचार म छप सदश क म को याद

किजए िफर सबकछ एक साथ याद करन क कोिशश किजए

ईमानदारी क साथ इस िया को परा करन क बाद याद िकए गए िवचार को दोहरान क कोिशश किजए

यान दीिजए िक पहल क मकाबल याद करना आसान आ या नह इस अयास को िनरतर दोहरात रिहए कछ

समय बाद िवास खद-ब-खद बढ़ जाएगा कवल एक छोटी सी शआत मनचाही मिजल तक पचा सकती

समया स कस उबरईमानदारी क साथ क गई महनत क बावजद यिद परणाम न िमल तो या िकया जाए यह थित बत

दःखद होती ह लिकन इसका सामना करना चािहए िनसदह ऐसी थित म य िनराश होकर हार मान लता

ह लिकन ऐसी िनराशा को नकार दना चािहए नए िसर स शआत करनी चािहए सी महनत ही सफलता क

कजी होती ह

मच क आस-पास टहलन स वय को भाषण क िलए तयार करना आसान हो जाता ह िवचार का म

थािपत होता ह और िकसी बड़ी चक क सभावना कम हो जाती ह सबस सटीक और भावशाली तरीका यह ह

िक वाय क अितम शद क साथ अगल वाय क शआत क जाए इस कार भाषण क दौरान भाषा का

बहाव और िवचार का म बरकरार रहता ह यिद इस तरीक का सहजता स इतमाल िकया जाए तो भाषण म

कछ नएपन क सभावना भी बढ़ जाती ह इस कार मच पर होनवाला भटकाव िवचार क कड़ी को तोड़न का

काम नह करता आिखरी शद क सहार वा िवचार क भाव को याद कर लता ह

दखत ह िक इस िविध स या फायदा होता ह मच पर सोच गए शद हालािक बत प नह होत लिकन

अटकन स बहतर ह िक भाषण को जारी रखा जाए भाषण क पणता बोलन क दौरान होनवाल उतार-चढ़ाव स

यादा महवपण होती ह

यिद आप कह िक lsquoजॉन ऑफ आक न वतता क िलए सघष िकयाrsquo तो वाभािवक तौर पर इस कथन का

यायान कछ इस कार िकया जा सकता हmdash

lsquoवतता एक ऐसा सौभाय ह िजसक िलए मानव जाित सदा सघष करती आई ह सघष क उदाहरण स

इितहास क प भर ए ह इितहास मजदर गलाम और कमजोर क सघष का गवाह ह मयकालीन यग म

वही शशाली माना जाता था िजसक पास सना होती थी हिथयार होत थ और िकला होता था लिकन बदक

क खोज क बाद मजबत िकल क दीवार तीर तलवार भाल आिद का कोई महव नह रहा वतता क

सघष म बाद का महव सवपर रहा ह बाद क खोज न नए यग का िनमाण िकयाrsquo

इस कार वाभािवक तौर पर एक िवचार को दसर िवचार स जोड़कर िवचार म सबध थािपत िकया जा

सकता ह िवचार को कछ इस तरह और आग बढ़ाया जा सकता हmdash

lsquoबाद और बदक क खोज स जहा एक ओर कमजोर और बगनाह मजदर गलाम और ाितकारय क

हया क गई वह कई िनरकश राजा क िकल भी वत िकए गए वतता क सघष म गोली-बाद क दम

पर कई र शासक का तता पलटा गया तथा मानव जाित क िलए नए यग का िनमाण िकया गयाrsquo

इस कार क अयास स भाषण क दौरान म िवचार इयािद भलन क थित म बौखलाहट स बचा जा

सकता ह साधारण एव भावशाली यायान क जरए भाषण को खचा जा सकता ह इस बीच छटी ई कड़ी

को दोबारा पकड़ा जा सकता ह इसिलए सलाह ह िक भाषण स सबिधत पभिम क जानकारी को आवयक

महव दना चािहए

29

सही सोच एव यवलोग क अतव को रदन का काय तानाशाही कहलाता ह इस रता को कई और नाम स भी जाना जाता ह

mdashजॉन टअट िमल वतता सामसही सोच स ाकितक सदय एव कलामक वत को सरहान क योयता िवकिसत होती ह इस कार सही सोचन क मता और सही करन का

िवास िवकिसत होता ह िवचार स रत जीवन जीन क रणा िमलती ह यही नह िवास उमीद और म भी िवकिसत होता ह

mdashएन सी शफर िवचार करना एव िवचार करन का अयास करना

वा क सबस महवपण सपि उसका यव होता ह यव ही वा क सफलता क पजी होती ह

यव ही वा को आम लोग स अलग बनाता ह सफलता क िशखर तक पचन म यव क भिमका

सबस महवपण होती ह यगत जीवन और अदाज फायद और नकसान दःख और सख क िबना मानव

जीवन पश समान हो जाता ह जॉन टअट िमल न कहा ह lsquoकोई बमान य नह चाहता िक उस मख

कहा जाए कोई भी िशित य खद को अानी नह मानता भावना को समझनवाला य वाथ नह

हो सकता चाह उह बार-बार मख सािबत करन क कोिशश य न क जाए धत य भी खद क

कािबिलयत स सत होता हपश समान सति स बहतर ह िक य असत रह िकसी मख क सति स

बहतर ह िक सकरात असत रह सवाल और समया को एक नजरए स समझन क कारण पश और मख क

मायताए समान होती ह लिकन ानी और िशित लोग न और समया क सभी पहल पर िवचार करत ह

इसिलए उनका िनणय अिधक महवपण होता हrsquo

यह कहना सटीक होगा िक सकरात जस लोग सही सोच क साथ योजना तयार करत ह ऐस लोग क

योजना म जन-कयाण का सदश छपा होता ह य क हर खशी हर दःख हर उपलध हर असफलता

य का आकषण कमजोरीmdashसबकछ यगत सोच का ही परणाम ह िवचार और ान क समण स

सही सोच क उपि होती हmdashlsquoयिद य दय स सोच रहा ह तो िनसदह सही सोच रहा हrsquo दय स न

सोचनवाला य दरअसल इनसान ही नह होता

हर य अपन यव म िछपी अय शय को िनखारन क योयता रखता ह परानी मायता ह िक

सफलता और असफलता भाय स ा होती ह लिकन इनसान न ाकितक िसात और शय क

जानकारी हािसल कर ली ह इनक आधार पर भिवय म होनवाली घटना का आकलन िकया जा सकता ह

साल पहल पता लगाया जा सकता ह िक भिवय म या होगा छोटी-छोटी जानकारय क आधार पर सयहण

क ितिथ तय क जा सकती ह हम भौितक जीवन म कारण और उसक भाव को भलीभाित समझत ह हम

टमाटर का पौधा लगाकर ॉबरी क फसल क कामना नह करत यह सावभौिमक िसात ह इसका योग

मानिसक श नितकता यव जस गण ारा िकया जाता ह साधारण िनयम ह िक lsquoय जो बोता ह

वही काटता हrsquo

वा का चर भाषण श का महवपण अग होता ह कटो न कहा ह िक lsquoअछ चर का य ही

अछा वा हो सकता हrsquo िफिलस क न कहा ह lsquoसही सोच और गभीर िवचारवाल य क िवचार का

िवरोध करन का साहस कोई नह करताrsquo एमरसन न कहा ह lsquoचर ाकितक श होती ह काश और ऊमा

क समान और कित का हर कण ऐस लोग क सहायता म जटा रहता ह कई लोग क उपथित पर सदा यान

िदया जाता ह जबिक कई लोग क उपथित पर यान ही नह जाता ऐसा य होता ह दरअसल यही

यव क महानता का भद ह सय यव क महानता का िशखर होता हmdashयाय क ारा इसको योग

म लाया जाता ह हर यव म सय क शता का पमाना िभ होता ह श चरवाल य म सयता

का भाव अय लोग क चर म उसी तरह थान ा करता ह जस िकसी बड़ पा म भर पानी स छोट पा

को भरा जाता ह चर ाकितक शय क म म सवपर होता हrsquo

अश पाशिवक और वाथ िवचार स ह व परोपकार स परपण आदत का िवकास नह हो सकता

काटदार पौध क बीज स काटदार व ही उगता ह कमजोर चर क य का परोपकारी भावनामक और

सवा-भाव स रत िवचार स वाता नह होता भावना स रत िवचार ही कयाणकारी हो सकत ह िकसी

काय को िनरतर करन स आदत बनती ह आदत स चर का िनमाण होता ह और चर स भाय तय होता ह

अथा भाय क उिचत िनमाण क िलए श िवचार और चर क भिमका अहम होती ह याय िकतना भी

पराना य न हो उसक महा ीण नह होती

lsquoचर कित क सबस अहम उपलध होती हrsquo इसीिलए चर क िवकास क िलए ाकितक िनयम का

पालन करना चािहए बगीच म खर-पतवार और काटदार पौध वय ही उग आत ह लिकन सयोिजत तौर पर

उगाए गए फल क पौध बगीच को मनमोहक एव खशबदार बना दत ह

िविवालय म दािखला लनवाल अिधकतर छा को पता होता ह िक उह िकस िवषय म िशा ा करनी

ह और भिवय म िकस मकाम तक पचना ह य खद चन गए रात पर लगातार आग बढ़ता रहता ह वह

अिचकर िवषय स य का यान धीर-धीर हटता रहता ह आम तौर पर लोग अिचकर रात पर कदम ही

नह रखत ह मन क काय को करन म य को िवशष सख और सति ा होती ह हमार िवचार क

रलगाड़ी लगातार मिजल क ओर बढ़ती रहती ह उर िदशा क ओर लहरानवाल झड को दखकर साफ हो

जाता ह िक हवा दिण क ओर स आ रही ह घास क मदान म दिण िदशा म बहत सख ितनक को दखकर

पता लग जाता ह िक हवा उर क ओर स बह रही ह अथा िकसी य क वि को समझकर उसक चर

क िवषय म जानकारी हािसल क जा सकती ह

इन सझाव क मायम स नितकता का पाठ पढ़ान क कोिशश िबलकल नह क जा रही ह यह इसस कह

यादा गहरी कोिशश ह इस य क कापिनक श को बढ़ावा दन का रणा ोत कहा जा सकता ह

भावना को सभालन क कला कहा जा सकता ह मानिसक श का उम सचालन कहा जा सकता ह या

िफर मयतः इस इछा-श क मायम स मिजल तक पचन का सकप कहा जा सकता ह

आम धारणा क मतािबक िदल िदमाग और अतरामा को सही लगनवाल िवचार ही उम होत ह लिकन यह

सय नह ह इछा-श क िव िवचार को सही नह कहा जा सकता उदाहरण क तौर पर िदल िदमाग

और अतरामा क मतािबक सही लिकन इछा-श क िव िवचार क िखलाफ सत कदम उठाकर दिखए

शआत म गलती का अहसास जर होगा लिकन धीर-धीर मालम होन लगगा िक िनणय उिचत था इस कार

आप खद क यव को िदशा दन म कामयाब हो सकग

वा क कामयाबी और नाकामी मयतः िवचार और वि पर आधारत होती ह इस पतक क लखक न

भाषण क कला सीखन क िलए एक िशण सथान म दािखला िलया था बाक छा क मकाबल लखक

बत ही खराब वा सािबत आmdashलखक क सीखन क मता भी बत कमजोर थी िशक लखक क

अयोयता स परशान थ और अकसर कमी िनकालत थ यही नह लखक को बार-बार डाट भी पड़ती थी

लिकन लखक न हताश न होन का ण िलया और सीखन क तमाम कोिशश जारी रख एक बार दःख भरी

आवाज और ईमानदारी क साथ लखक न कहा lsquoम हताशा हावी नह होन दगा म िकसी भी थित म बोलन क

कला सीखना चाहता rsquo लखक क इस बयान म सवदना मानवता और इछा का श भाव था अततः लखक

न िहमत नह हारी और आज डल कारनगी िव-िस वा म स एक ह

ऐसी वि और ढ़ िनयवाल यव को दिनया क कोई ताकत कामयाब होन स नह रोक सकती

lsquoइछा स लय क ा होती ह सी लगन हो तो वय ईर भी िमल जात ह खटखटान स ही दरवाजा

खलता हrsquo भाषण क कला सीखनवाल य पर भी यही िनयम लाग होत ह उसाहहीन तरीक स िकए गए

काय का परणाम उमीद क मतािबक नह होता लिकन सी लगन और महनत स िकसी भी लय क ा क

जा सकती ह लय-ा म दरी जर हो सकती ह लिकन सफलता को कोई नह रोक सकता

अपनी कािबिलयत पर िवास और अपनी सोच क िलए बिलदान का भाव कामयाबी क सभावना को दो गना

कर दता ह िलकन न खद म एक महा वा बनन क सभावना पहचानी थी िलकन न इस सपन को साकार

करन क िलए कड़ी महनत क मील को सफर तय कर पतक खरीद रात म अलाव जलाकर अययन िकया

सपन साकार करन क िलए कई बिलदान िदए िलिवगटन म अक जनता क थित म सधार लान का मजबत

जबा था इस िवास को पण करन क िलए उसन अपना सारा जीवन दाव पर लगा िदया इलड म आराम क

िजदगी का याग िकया और अिवकिसत अक इलाक म रहना श िकया अक गलाम क यापार क

िखलाफ आवाज बलद क और कामयाबी हािसल क जॉन ऑफ आक म िवास का असीम भडार था

इसीिलए उहन मता स अिधक बिलदान िदए और महानता क िमसाल बन

इन सभी लोग न वय क ढ़ इछा स रत सपन को साकार िकया यह िसात दिनया क सभी लोग पर

लाग होता ह यिद इछा ढ़ ह तो सफलता अवय िमलगी बिलदान स ही लय क ा होती ह

टन डिवस िकरखम न अपन िवचार को बत खबसरती स तत करत ए कहा ह lsquoआप िवचार को

सगहीत करत रह हग लिकन अब लब समय स िवचार क रात क कावट को लाघन क बाद आप खद को

दशक क सामन पात ह आपक जब म कलम ह और उगिलया याही स रगी ह और आप रणा ोत स उप

िवचार क बौछार करत ह चाह आप भड़ चरात ह या शहर क सड़क पर आवारा घमत ह या िफर तज

आवाज म दहाती गीत गात ह एक-न-एक िदन आपका उताद आपको िशा स वत कर ही दता ह उताद

को िवास हो जाता ह िक छा न िशा पण कर ली ह यानी अब आप खद िनपण हो चक होत हो हाल ही म

िकसन भड़ को चरात व महा िवचार को जम िदया इमीनान स बिठए खाली मदान और भस पर यान

दीिजए दिनया क नई तसवीर नजर आएगी

30

भोज क उपरात एव अय मौक पर बोलनाबतका नजरया िववकपण एव महा काय क कजी होता ह

mdashरॉफ वाड एमरसन िनबधउस िवत रहन दो िक अय लोग बोलन का मौका छोड़ दग

mdashािसस बकन नागरक एव नितक म पर चचा

सभवतः सबस शानदार एव सबस यादा मनोरजक भाषण रािभोज या कछ ऐस ही अवसर पर तत िकए गए

ह िकसी अवसर स सबिधत भाषण तयार करन क िलए सवथम उपलय को समझना चािहए सभा क मय

उय का पता लगाना चािहए दशक क िलए अवसर क महा को समझना चािहए दशक क सया का

बोध होना चािहए सभा म उपथत होनवाल लोग क जानकारी होनी चािहए मच क भयता का पता होना

चािहए वा क िलए भाषण का िवषय तय करनवाल लोग क जानकारी होनी चािहए भाषण म िहसा

लनवाल अय वा क िवषय क जानकारी होनी चािहए अय वा िकस म पर बोलग इसका पता

लगाना चािहए वा क भाषण क अतराल का बोध होना चािहए पता होना चािहए िक िकसक बाद िकस वा

को बोलन का मौका िदया जाएगा

भावशाली परणाम हािसल करन क िलए िकन न का महव समझन क आवयकता होती ह अवसर क

मतािबक बोल जानवाला भाषण बत भावशाली बनाया जा सकता ह कई ितित यय क िता

कवल इसिलए न ई यिक उहन अवसर क महव को नजरअदाज िकया या अपनी कािबिलयत पर जरत

स यादा आमिवास रखा अवसर और उपलय स भटका आ भाषण दशक को भािवत नह कर सकता

िकसी अवसर पर बोलन क िया म अनकलता का िवशष महव होता ह माक न न स 1877 म टनसी

क सना क िलए आयोिजत पनिमलन समारोह क दौरान जाम हाथ म लकर lsquoब क सफलताrsquo क िलए िगलास

बाक लोग क जाम क साथ टकराए रािभोज क बाद िदए गए इस भाषण म दो चीज बत महवपण थmdash

शानदार तावना िजसन आसानी स दशक का यान आकिषत िकया और भाषण क दौरान सना स सबिधत

शदावली का हायपण उपयोगmdash

lsquoमाननीय अय भ सभाजनो एव बो lsquoबोrsquo शद न िवशष तौर पर यान आकिषत िकया हम नारी क

प म जम लन का सौभाय ा नह आ ह हम किव लखक राजनता और यापारी भी नह ह लिकन जब

ब क नाम पर जाम टकराए जात ह तो हमार भद खम हो जात ह यिक हम सब एक समय म ब ही थ

शम क बात ह िक हजार साल स ब को नजरअदाज िकया जा रहा ह जस इनका कोई महव ही न हो यिद

आप सभी महानभाव इस म पर िवचार कर पचास या असी साल पीछ झाककर अपन बचपन को याद कर

शादी क शआती साल को याद कर अपनी पहली सतान क जम को याद कर तो आपको अहसास होगा िक

बचपन िकस कहत ह और ब का या महव होना चािहए

lsquoजस जहाज को उसक आवाज स पहचाना जाता ह ऐसा डमॉथस न कहा ह उसी कार य क

पहचान उसक भाषा स होती ह चाह वह ान स भरी हो या िफर मखतापण होrsquo िनत तौर पर अवसर क

मतािबक भाषण तत करन क कला वा क ितभा क परीा होती ह कछ बपरवाह लोग रािभोज क बाद

भी मौज-मती म लग रहत ह और अनजान म िववादापद म को छोड़ दत ह था क अनसार भोज क दौरान

कर िती भी आपस म बहस नह करत भोज क बाद िकसी कड़वाहट भर न स खान का वाद भी

कड़वा हो जाता ह रािभोज क बाद बोलन का अवसर हायापद िवचार को तत करन का मौका दान

करता ह िवशष प स कोई रोचक कहानी सनान का मौका याद रह ऐसा अवसर भी िवषय को आग बढ़ान

का मौका दान करता ह

िकसी घटना या य क समान म आयोिजत कायम उाटन दीात समारोह लोकापण शसा

समारोह और महिफल क अय िवशष अवसर िनपणता दरशान क मौक दान करत ह ितित और साधारण

तौर पर बोलन ऊची उड़ान उड़न या दशक क साथ कध-स-कधा िमलाकर बोलन भड़कन या िफर शाित क

साथ पश आन उपदश दन या िफर मधरता स बोलन जस यवहार का चयन वा वय करता ह चयन क इस

िया म भाषण का अवसर महवपण होता ह सि भाषण िलखनवाल वा का भगवा भला कर ऐस

वा को बार-बार भाषण क िलए बलाया जाए

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बातचीत को भािवत बनानाबातचीत क दौरान अिधक आमिवासपण यवहार एव जरत स यादा सकोच स बचना चािहए

mdashकाटोछा क िलए बातचीत योगशाला एव कायशाला क समान होती ह

mdashएमरसन िनबधmdashसकस

डय ई लडटोन क िपता बातचीत को कला एव उपलध क समान मानत थ रािभोज क दौरान उनक

घर म घरल राीय-अतरराीय या िफर वाद-िववाद क न पर चचा करन क था थी इस तरह घर क

सदय म अछा और भावशाली बोलन क सकारामक होड़ श हो गई सड़क पर होनवाली आम घटना

को गौर स समझा जान लगा िकताब म मौजद िवचार क पता को समझन क कोिशश क जान लगी िनजी

अनभव पर चचा होन लगी इस कार साल चचा क माहौल म पल-बढ़ लडटोन महा वा क तौर पर

िस ए

मच पर पश िकए गए भाषण और समाचार-प क मकाबल बातचीत स सीखना यादा लाभदायक सािबत

होता ह सकरात न जीवन क महा सय को सभा क सबोधन क जरए नह बक िनजी बातचीत क जरए

समझाया लोग गोएथ क पतकशाला और कॉलरज क घर उनक ारा तत िकए गए िवचार को समझन

जात ह ऐस िवचार क चार-सार स कई दश क सकित िनरतर आग बढ़ती रही ह

दिनया क सबस शानदार भाषण बातचीत क अदाज म पश िकए गए ह कटनीित क समलन यापारय क

वाद-िववाद सामिहक नीितय पर िवचार क अलावा राजनीित कारोबार और समाज को भािवत करनवाल

िवचार का जम साधारण बातचीत क जरए ही आ ह ऐस मौक पर जो य अपन िवचार क ारा नीित

क दोन प lsquoलाभ हािनrsquo को तत करन म कामयाब होता ह उसका नाम सदा याद रखा जाता ह

सामािजक बातचीत क दौरान आमिनयण रखा जा सकता ह घरल बातचीत म भी आमिनयण रखना

मकल होता ह लिकन मच पर हजार दशक क सम आमिनयण रखना आसान नह होता दशक क भारी

भीड़ क बीच िनपण-स-िनपण वा भी घबराहट महसस करन लगता ह इसी समय शातिच सतकता शद

क शता प िवचार और वाातय जसी ितभा क आवयकता होती ह

मच पर घबराहट वाभािवक ह लिकन श शद और प िवचार स आमिवास वापस लौटन लगता

ह दशक क सम भाषण तत करना िकसी मकाबल स कम नह होता ह यिद दशक क सम बोलन म

िहचिकचाहट होती ह तो होस क इन शद को याद किजएmdash

जब आप बातचीत क दौरान अचानक स अटक जाए

तो घबराहट म और खराब बोलन क जगह सयम स काम ल

ऐस मौक पर आमिवास का सहारा ल िवचार म भटकाव को सगिठत करन क कोिशश कर मतक को

बातचीत क म पर कित करन का यास कर और भटकाव स उबरन क कोिशश कर यकन मािनए

आमबल क ारा ऐसी थित स बाहर िनकला जा सकता ह भावशाली ढग स भाषण न तत करन का

मतलब ही नाकामी होता ह

बातचीत आकषक एव भावशाली बनान क िलए मतक को िवषय पर कित करन क आवयकता होती

ह िवचार को लापरवाही स पश करन स भाव खम हो जाता ह कटनीित का भी यही िसात ह िक सही

शद का इतमाल सही व पर िकया जाए

परान िवषय और िसात का िनरतर िवकास होता रहता ह नई जानकारया जड़ती रहती ह इसी कार भाषा

भी िनरतर िवकिसत होती रहती ह िवचार का आदान-दान ही बातचीत का आधार होता ह लिकन यादातर

लोग बातचीत क महव को नजरअदाज करत ह ॉनसन एकॉट अकसर कहा करत थ िक अिधकतर लोग

वाद-िववाद कर लत ह लिकन बात करना कछ ही लोग को आता ह बातचीत क दौरान दसर लोग क िवचार

को सनना अितआवयक होता ह बातचीत कवल दसर लोग को समान दन क िलए नह बक म को

समझन क िलए सननी चािहए कई वा दसर क िवचार पर यान क जगह कवल अपन िवचार पर ही मथन

करत रहत ह ऐस वा क ितिया बत फक और अभावशाली होती ह कई बार वा को

लापरवाही क वजह स उपहास भी सहना पड़ता ह

वय क भावना उजागर करन स आनद क ा होती ह आतरक सति कपना-श को मजबती दान

करती ह ऐसी थित म य किवताए रचता ह कहािनया िलखता ह बातचीत का सबस बड़ा आनद ही यह ह

िक य को खद क िवचार उजागर करन क वतता िमलती ह बातचीत को एक ढग स तत करनवाला

वा जद ही उबाऊ तीत होन लगता ह यिक ऐसा वा दसर लोग क िवचार उजागर करन क समय को

न करता ह वह दसर लोग को बोलन का मौका दनवाल वा को यादा पसद िकया जाता ह जािहर ह िक

खद क िवचार य करना सभी को अछा लगता ह और उस पर वा क ओर स उसािहत ितिया िमल

जाए तो सता और बढ़ जाती ह िवचार का समथन करनवाल वा को पसद िकया जाता हmdashऔर वही

लोग दसर लोग को स कर सकत ह जो यान स सनत ह

यव म टहराव याकलता दर करन का पहला कदम होता ह इसक ारा फहड़ आचरण अप

िवचार भाषा क अश और वय क गलती का पता लगाना आसान हो जाता ह यिद आपका यान इन

समया क ओर नह जाता ह तो आपक मदद कोई नह कर सकता इन समया स उबरन क िलए य

को वय महनत करनी पड़ती ह खद क कमी को पहचाननवाला य जद इन समया स उबर जाता हmdash

1 समया स उबरन क िलए इछा-श का ढ़ होना आवयक होता ह याद रह िक इछा-श हर

थित म बरकरार रहनी चािहए

2 खद पर िवास रख मानकर चल िक भाषण म तत िकए जानवाल िवचार एकदम सही ह यिद आपको

खद क िवचार पर सदह ह तो िवचार क पता तक चप रह

3 आमिवास हािसल करन क बाद ढ़ता स अपन िवचार को तत किजए िवचार का समान किजए

और साधारण एव प भाषा म यायान किजए

4 भाषा का उिचत ान अिजत किजए िवास होना चािहए िक साधारण भाषा बोलन म आप िनपणता

हािसल कर चक ह

बातचीत स सबिधत सकतआम लोग क िच स सबिधत िकसी िवषय का चनाव कर शाम क चाय क व गस इजन क काय-

णाली पर चचा करना या िफर पष क मनोरजन सभा म फल क िकम का यायान करना बत उबाऊ हो

जाता ह

िकसी सभा म अपन हाथ-पर क िवकित दरशाना पष को शोभा नह दता इसी कार अपन दःख का

िवलाप करना और िकसी अय यय क कमी पर चचा करना भी पष का काम नह होता ह आम जनता

सखद अतवाल नाटक एव िकस को सनना पसद करती ह सारी दिनया खशी क तलाश म ह आम तौर पर

समया और दःख को सनना पसद नह िकया जाता ह जॉज कोहान न 30 साल क उ तक कई हसमख

नाटक िलखकर करोड़ पए कमाए इनका यह िसात आम बोलचाल क िया पर भी लाग होता ह

mdashlsquoहसी-खशी क माहौल म महिफल को अलिवदा कहना चािहएrsquo

बातचीत क दौरान lsquoमrsquo शद का योग नह करना चािहए हजार लोग क महिफल म सबको स एव

सत करनवाला कोई अकला य नह हो सकता अपनी िच क मतािबक बातचीत का िवषय चनना दशक

क िलए उबाऊ हो सकता ह पखवाल घोड़ एव मछिलय परय आिद क िकस-कहानी सनन क इछा

रखनवाल दशक को खीर क िवशषता सनन म कोई िदलचपी नह होती आकषक वा सदा दशक क िच

स सबिधत िवषय पर ही चचा करत ह मयम बौक तर का य भी िबजली क गड़गड़ाहट का िदलचप

यायान कर सकता ह लिकन इसी य को यिद िच क िव िकसी िवषय पर बोलन क िलए मजबत

िकया जाए तो िनसदह चचा उबाऊ हो जाएगी

िघस-िपट और अनथक महावर एव उदाहरण स बचना चािहए दिनया क िकसी और कोन म रहनवाल दोत

स अचानक मलाकात हो जाए तो यह नह सोचना चािहएmdashlsquoदिनया िकतनी छोटी हrsquo बक यह सोचना चािहए

lsquoदिनया िकतनी तजी स तर कर रही हrsquo lsquoउ तर का जीवन जीन क िलए मोटी कमाई नह उ सकार

क आवयकता होती हrsquo िकसी नए या रोचक िवचार क अभाव म चप रहना यादा बहतर होता ह

  • (Untitled)
  • भमिका
  • 1 दरशको क समकष भरोसा हासिल करना
    • विलियम पिटजर तातकालिक भाषणmdash
    • विषय म परणतया तललीन हो जाओ
    • बोलन क लिए कछ होना चाहिए
    • बहतर तयारी क साथ कामयाबी की उममीद रख
    • दरशको पर परभतव की कलपना कर
    • सकतो स निषकरष निकालना
    • कया यह एक सकीरण सोच ह
      • 2 एक जस ढग की नीरसता
        • एकरपता पर विजय पान क उपाय
          • 3 परभाव एव वशीभतता दवारा कशलता
          • 4 सवर बदलन की कशलता
            • निरतर सवर बदलन की कला पराकतिक उपहार ह
            • सवर म बदलाव स बल पदा होता ह
              • 5 गति म बदलाव की कशलता
                • परसतति क दौरान गति म बदलाव स सवाभाविकता झलकती ह
                • गति म बदलाव स एकरपता खतम होती ह
                • गति म बदलाव स बल मिलता ह
                • गटसबरग समाधि-सथल पर समरपण
                  • 6 विराम एव ऊरजा
                  • 7 सर बदलन की दकषता
                  • 8 भाषण-शली म एकागरता
                  • 9 बल
                    • बल कया ह
                    • कया बल को अरजित किया जा सकता ह
                    • सटीक शबदो का चयन
                    • शबदो को करमबदध करना
                    • बल का परयोग कयो किया जाए
                    • बल का परयोग कब किया जाए
                      • 10 भावना एव जोश
                        • जोश का परभाव
                        • उतसाह को कस हासिल और विकसित किया जाए
                        • मानवता म सहानभति की आवशयकता
                          • 11 तयारी क जरिए बहाव
                            • भाषण म बहाव का सरोत
                            • विषय क जञान का महततव
                            • अभयास
                              • 12 सवर
                                • 1 सरलता
                                • 2 सपषटता
                                • 3 ततपरता
                                • सवर को थामन की कला का विकास
                                • सवर की शदधता
                                • सवर क लिए सलाह
                                  • 13 सवर का जाद
                                    • नथनो म घरषण स घटियो क गरजन समान सवर उतपनन होता ह
                                    • मिलटन क lsquoएलrsquo एलगरोrsquo सकलित किए गए अभयास
                                    • समदर
                                    • द लारक
                                    • द बरक
                                      • 14 भिननता एव उचचारण की शदधता
                                        • उचचारण
                                        • सवराघात
                                        • सधि-योजन
                                          • 15 सकतो स जड सतय
                                            • दरशको का धयान आकरषित न कर पानवाला अदाज वयरथ होता ह
                                            • भाव महततव क मताबिक होना चाहिए
                                            • भाव म एकरपता नही होनी चाहिए
                                            • भाषण क बीच की महततवहीन कडी कमजोरी को जनम दती ह
                                            • इशारो का इसतमाल या तो भाव क साथ होना चाहिए या भाव स पहल भाव क बाद नही
                                            • छोट और झटकदार इशारो स बचिए
                                            • चहर क भावो का महततव
                                            • जररत स जयादा इशारो का इसतमाल न कर
                                            • शारीरिक मदरा
                                              • 16 भाषा-शली की पदधति
                                                • लख को पढना
                                                • भाषण का लख तयार कर याददाशत क मताबिक वयाखयान
                                                • टिपपणी और अहम बिदओ की सहायता स पढना
                                                  • 1 परसतावना
                                                  • 2 परिभाषा और उदाहरण
                                                  • 3 अनय मानसिक शकतियो स सबध
                                                  • 4 धयान आकरषित करना
                                                  • 5 निषकरष
                                                    • असवाभाविक और सवाभाविक धयान आकरषण क परिणाम
                                                    • तातकालिक भाषण
                                                    • वयाखयान की सयकत विधि
                                                      • 17 विचार एव सरकषित ऊरजा
                                                        • मानसिक शकति का भडार
                                                        • दखन और समझन की शकति
                                                        • विचारक मसतिषक
                                                        • अधययन स विचारो को परोतसाहन मिलता ह
                                                          • 18 विषय एव तयारी
                                                            • तयारी क दौरान समय का सही उपयोग
                                                            • विषय को चनना
                                                            • विषय-वसत का निरधारण
                                                            • अनपात का सवाल
                                                            • वासतविक सरोत का दोहन
                                                            • पसतकालय का परयोग
                                                            • भाषण की रपरखा
                                                            • समदधि की मखय वजह (भाषण का विषय)
                                                            • लखन एव अभयास
                                                            • शीरषक
                                                              • 19 विवरण क दवारा परभावित करना
                                                                • विवरण का सवभाव
                                                                • विवरण का महततव
                                                                • वरणन क उददशय
                                                                • वरणन की परणालिया
                                                                  • 20 चितरण क दवारा परभावित करना
                                                                    • चितरण का अदाज
                                                                    • वकता क लिए चितरण
                                                                    • चितरण क परकार
                                                                    • चितरण क लिए उपयोगी सझाव
                                                                    • अभयास क लिए विभिनन अनभवो का चितरण कीजिए
                                                                    • lsquoमिडनाइट इन लदनrsquo का एक ससमरण
                                                                      • 21 वरणन क दवारा परभावित करना
                                                                        • कथा का परभाव
                                                                        • जीवन सबधी तथय
                                                                        • लकसिगटन की समति
                                                                        • सामानय तौर पर घटनाओ का वयाखयान
                                                                        • शिकषित वयकति दवारा नततव
                                                                          • 22 सझाव क दवारा परभावित करना
                                                                            • सझाव का आधार
                                                                            • सझावो को परभावशाली बनान की योगयता
                                                                              • 23 वाद-विवाद क दवारा परभावित करना
                                                                                • तरक की जाच
                                                                                  • 24 उतसाह दवारा परभावित करना
                                                                                  • 25 जन-समह को परभावित करना
                                                                                    • भीड क मारगदरशन क लिए नता का होना आवशयक ह
                                                                                    • भीड की रचना किस परकार होती ह
                                                                                      • 26 पख वाल घोड की सवारी
                                                                                        • 1 कलपना की पनरतपतति
                                                                                        • कलपना-शकति का सबस आम सिदधात हmdash
                                                                                        • 2 उपयोगी एव लाभकारी कलपना
                                                                                        • 1 भाषण क दौरान कलपना का उपयोग
                                                                                        • 2 भाषण क दौरान कलपना
                                                                                          • 27 शबदकोश का विकास
                                                                                            • नोटस बनान की आदत
                                                                                            • शबदकोश सगरह का उपयोग
                                                                                            • शबदो क अरथ की जानकारी रखनवालो स चरचा
                                                                                            • सटीक शबद खोजन म ईमानदारी बरतनी चाहिए
                                                                                              • 28 समरण-शकति का परशिकषण
                                                                                                • कया नही करना चाहिए
                                                                                                • याददाशत का पराकतिक सिदधात
                                                                                                • भाषण याद करना
                                                                                                • समसया स कस उबर
                                                                                                  • 29 सही सोच एव वयकतितव
                                                                                                  • 30 भोज क उपरात एव अनय मौको पर बोलना
                                                                                                  • 31 बातचीत को परभावित बनाना
                                                                                                    • बातचीत स सबधित सकत
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