177
OSHO - JEEVAN RAHASYA WWW.OSHOWORLD.COM 1 जीवन रहèय जीवन दश[न पर Ĥवचन तेरह Ĥवचन जीवन रहèय पहला Ĥवचन परमा×मा को पाने का लोभ करȣब जाएं ! ǔजतने करȣब हɉगे , मुझे थोड़ा, धीमे बोलता हूं , इसिलए ǑदÈकत होगी। आपने एक बǑढ़या सवाल पूछा है। पूछा है Ǒक ओशो, ऐसे कोई लालच बताएं Ǒक ǔजससे हम भगवान कȧ तरफ चल पड़Ʌ , ऐसे कोई Ĥलोभन ǔजससे हमारा मन भगवत ् -ĤािƯ मɅ लग जाए। यह सवाल कȧमती है और बहुत मह×वपूण[ है। मह×वपूण[ इसिलए है Ǒक जब तक Ǒकसी भी तरह का लालच हो, तब तक कोई भगवत ् -ĤािƯ मɅ नहȣं लग सकता--चाहे वह लालच भगवत ् -ĤािƯ का हȣ Èयɉ हो। लालच से भरा हुआ िचƣ हȣ अशांत होता है। जहां लालच है , वहां िचƣ अशांत है। और जब तक िचƣ अशांत है तब तक भगवान से Èया संबंध हो सकता है ? लालच का मतलब Èया है ? लालच का मतलब यह है Ǒक जो मɇ हूं , उससे तृिƯ नहȣं; कु छ और होना चाǑहए। Ǒफर चाहे यह कु छ और होना धन का हो, èवाèØय का हो, यश का हो, आनंद का हो, भगवान का हो, इससे कोई फक[ नहȣं पड़ता। लालच का मतलब है : एक टɅशन, एक तनाव। जो मɇ हूं वह नहȣं, जो होना चाǑहए वह हो। और जो मɇ हूं वह अभी हूं और जो होना चाǑहए वह कल होगा। तो कल के िलए मɇ ǔखंचा हुआ हूं , तना हुआ हूं। यह तना हुआ िचƣ हȣ लालच से भरा हुआ िचƣ है। इसिलए सब तरह कȧ Ēीड, सब तरह का लोभ अशांित पैदा करेगा। और जहां अशांित है वहां भगवत ् -ĤािƯ कै से ? अशांत िचƣ का भगवान से संबंिधत होने का कोई उपाय हȣ नहȣं है। अशांित हȣ तो बाधा है। Ǒफर हम पूछते हɇ Ǒक कोई लालच? ÈयɉǑक हमारा मन तो लालच को हȣ समझता है , एक हȣ भाषा समझता है , वह है लालच कȧ भाषा। धन के िलए इसिलए दौड़ते हɇ , यश के िलए इसिलए दौड़ते हɇ। Ǒफर इस सब से ऊब जाते हɇ तो हम कहते हɇ : भगवान के िलए कै से दौड़Ʌ ? यह थोड़ा समझ लेना चाǑहए Ǒक उसके िलए दौड़ना तो संभव है जो हमसे दूर हो, लेǑकन जो हमारे भीतर हȣ हो

K^,K r : s E Z , ^z

  • Upload
    others

  • View
    3

  • Download
    0

Embed Size (px)

Citation preview

Page 1: K^,K r : s E Z , ^z

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 1

जीवन रह य जीवन दशन पर वचन तरह वचन जीवन रह य पहला वचन परमा मा को पान का लोभ कर ब आ जाए जतन कर ब ह ग मझ थोड़ा धीम बोलता ह इसिलए द कत न होगी आपन एक ब ढ़या सवाल पछा ह पछा ह क ओशो ऐस कोई लालच बताए क जसस हम भगवान क तरफ चल पड़ ऐस कोई लोभन जसस हमारा मन

भगवत - ाि म लग जाए यह सवाल क मती ह और बहत मह वपण ह मह वपण इसिलए ह क जब तक कसी भी तरह का लालच हो तब तक कोई भगवत - ाि म नह लग सकता--चाह वह लालच भगवत - ाि का ह य न हो लालच स भरा

हआ िच ह अशात होता ह जहा लालच ह वहा िच अशात ह और जब तक िच अशात ह तब तक भगवान

स या सबध हो सकता ह लालच का मतलब या ह लालच का मतलब यह ह क जो म ह उसस ति नह कछ और होना चा हए फर चाह यह कछ और होना

धन का हो वा य का हो यश का हो आनद का हो भगवान का हो इसस कोई फक नह पड़ता लालच

का मतलब ह एक टशन एक तनाव जो म ह वह नह जो होना चा हए वह हो और जो म ह वह अभी ह और

जो होना चा हए वह कल होगा तो कल क िलए म खचा हआ ह तना हआ ह यह तना हआ िच ह लालच स

भरा हआ िच ह इसिलए सब तरह क ीड सब तरह का लोभ अशाित पदा करगा और जहा अशाित ह वहा

भगवत - ाि कस अशात िच का भगवान स सबिधत होन का कोई उपाय ह नह ह अशाित ह तो बाधा ह फर हम पछत ह क

कोई लालच य क हमारा मन तो लालच को ह समझता ह एक ह भाषा समझता ह वह ह लालच क

भाषा धन क िलए इसिलए दौड़त ह यश क िलए इसिलए दौड़त ह फर इस सब स ऊब जात ह तो हम कहत

ह भगवान क िलए कस दौड़ यह थोड़ा समझ लना चा हए क उसक िलए दौड़ना तो सभव ह जो हमस दर हो ल कन जो हमार भीतर ह हो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 2

उसक िलए दौड़ना असभव ह और अगर दौड़ तो चक जाएग तो कछ चीज ऐसी ह जो दौड़ कर पाई जा सकती ह य क असल म व हमारा वभाव नह ह हमस अलग ह अगर धन पाना ह तो बना दौड़ नह िमल जाएगा अगर यश पाना ह तो दौड़ना पड़गा अब यह बड़ मज क बात ह क धन क सबध म लालच वाभा वक ह य क बना लालच क धन पाया ह नह

जा सकता य क बना दौड़ धन कस आ जाएगा धन कह और ह आप कह और ह दौड़ना पड़गा दौड़ना पड़गा तो शायद आप पहच जाए फर भी ज र नह क पहच जाए ल कन परमा मा कह दर नह ह एक इच का भी फासला होता तो थोड़ा दौड़ लत एक इच का भी फासला नह

ह हम वह खड़ ह जहा परमा मा ह हम वह ह वह ह जो वह ह तो दौड़ग कहा खोजन कहा जाएग जस खोया हो उस खोज सकत ह और जस खोया ह न हो उस खोजा तो भटक जाएग िसफ परशानी म पड़

जाएग मन सना ह एक आदमी न शराब पी ली थी और वह रात बहोश हो गया आदत क वश अपन घर चला आया पर चल आए घर ल कन बहोश था घर पहचान नह सका सी ढ़य पर खड़ होकर पास-पड़ोस क लोग स

पछन लगा क म अपना घर भल गया ह मरा घर कहा ह मझ बता दो लोग न कहा यह त हारा घर ह

उसन कहा मझ भरमाओ मत मझ मर घर जाना ह मर बढ़ मा मरा रा ता दखती होगी और कोई कपा

करो मझ मर घर पहचा दो शोरगल सन कर उसक बढ़ मा भी उठ आई दरवाजा खोल कर उसन दखा क उसका बटा िच ला रहा ह रो रहा ह क मझ मर घर पहचा दो उसन उसक िसर पर हाथ रखा और कहा बटा यह तरा घर ह और म तर मा ह उसन कहा ह ब ढ़या तर ह जसी मर बढ़ मा ह वह मरा रा ता दखती होगी मझ मर घर का रा ता बता

दो पर य सब लोग हस रह ह कोई मझ घर का रा ता नह बताता म कहा जाऊ म कस अपन घर को

पाऊ तब एक आदमी न जो उसक साथ ह शराब पीकर लौटा था उसन कहा ठहर म बलगाड़ ल आता ह तझ तर घर पहचा दता ह तो उस भीड़ म स लोग न कहा क पागल इसक बलगाड़ म मत बठ जाना नह तो घर स और दर िनकल

जाएगा य क त घर पर ह खड़ा हआ ह तझ कह भी नह जाना ह िसफ तझ जागना ह तझ कह जाना

नह ह िसफ जागना ह िसफ होश म आना ह और तझ पता चल जाएगा क त अपन घर पर खड़ा ह और

कसी क बलगाड़ म मत बठ जाना नह तो जतना जतना खोज पर जाएगा उतना ह दर िनकल जाएगा हम सब वह खड़ हए ह जहा स हम कह भी जाना नह ह ल कन हमारा िच एक ह तरह क भाषा समझता ह--जान क दौड़न क लालच क पान क खोज क उपल ध क तो वह जो हमारा िच एक तरह क भाषा समझता हअब आप पछत ह क गह थअसल म

अगर ठ क स समझ तो जो पान क खोजन क पहचन क दौड़न क लोभ क भाषा समझता ह ऐस

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 3

िच का नाम ह गह थ ह और गह थ का कोई मतलब नह होता जसको इस तरह क ल वज भर समझ म

आती ह वह गह थ ह और जो पान क दौड़न क खोजन क पहचन क भाषा छोड़ दता ह पहचा ह हआ

ह पाया ह हआ ह हआ ह हआ ह ऐसी भाषा समझन लगता ह उसका नाम स य त ह और अगर

स यासी भी पहचन और दौड़न क बात कर रहा हो तो गह थ ह वह अभी स यासी नह ह कपड़ बदल िलए

ह ग यह हो सकता ह ल कन अगर वह यह कह रहा ह क पाना ह परमा मा को तो अभी वह गह थ ह अभी

वह स यासी हआ ह नह अभी उसन भाषा ह नह जानी क स यासी होन का मतलब या ह स यासी होन का मतलब यह ह क पान को कछ ह ह नह जो भी पान को ह वह पाया ह हआ ह लोभ करन

का कोई उपाय नह ह य क जसका हम लोभ कर वह हमार भीतर ह बठा हआ ह और य द हमन लोभ

कया तो हम भटक जाएग भीतर स कह और चल जाएग और वह लोभ और लालच हम भटका रहा ह अ सर तो यह होता ह क एक आदमी गह थ ह और स यासी हो जाता ह तो लोभ क कारण ह वह कहता ह गह थी म नह िमलता आनद स य त होन स आनद िमल जाएगा वह कहता ह गह थी म नह िमलता

परमा मा और म परमा मा को पाए बना कस रह सकता ह तो म स यासी होता ह ल कन अभी उसक जो भाषा ह वह गह थ क ह अभी उस पता भी नह चला क वह गह थ का जो मवक ह

गह थ क दमाग का उसक बाहर नह हो रहा ह वह उसी क भीतर चल रहा ह अब वह नय उपाय म लग

जाएगा--पजा करगा ाथना करगा जप करगा तप करगा य सब य ह ग पान क ल कन जो पाया ह

हआ ह उस पान का कोई भी य उिचत नह ह अनिचत ह उस जानना ह पाना नह ह इस फक को

समझ लना चा हए क उस िसफ जानना ह पाना नह ह वह पाया हआ ह ऐस ह जस हमार जब म कछ चीज

पड़ ह और हम भल गए ह और अब उस खोजत फर रह ह खोजत फर रह ह और वह नह िमलती य क वह जब म पड़ ह

स य क भ क आनद क सब खोज यथ ह असल म मत खो जए एक ण को भी कछ मत खो जए

एक ण को भी अगर सार खोज क जाए सारा लोभ क जाए तो िच का आवागमन क जाएगा अब आप कहत थ क कभी िच यहा जाता कभी वहा जाता कभी वहा जाता वह जाएगा ह वह जाता ह रहगा जब तक लालच ह तो जहा लालच दखगा वह चला जाएगा एक जगह भर

नह आएगा--जहा हमारा होना ह वहा भर नह आएगा य क वहा कोई लालच नह दखाई पड़ता वहा पान

को या ह भीतर पान को या ह भीतर पान को कछ भी नह दखाई पड़ता सब बाहर दखाई पड़ता ह

पान को बड़ मकान ह व बाहर ह धन क ढर ह व बाहर ह और परमा मा ह तो वह भी कह दर आकाश म

बाहर ह भीतर कछ दखाई नह पड़ता क वहा जाए कसिलए या पान को िमलगा वहा इसिलए िच

सब जगह जाता ह एक जगह छोड़ दता ह मन सनी ह एक कहानी क भगवान न सार दिनया बनाई ह और जब आदमी को बनाया तो वह बहत परशान हो

गया य क आदमी को जस ह बनाया आदमी हजार िशकायत हजार सवाल हजार सम याए लकर पहचन

लगा तो उसन दवताओ स कहा क यह तो मझ सोन भी नह दगा जीन भी नह दगा ऐसी कछ बताओ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 4

तरक ब क म आदमी स बच सक तो कसी दवता न कहा हमालय पर बठ जाइए उसन कहा कतनी दर हम बचग हमालय पर आज नह कल कोई हलर कोई तनिसह चढ़ जाएगा तो कसी न कहा चाद पर बठ जाइए उसन कहा वह भी बहत दन दर नह जब आदमी वहा पहच जाएगा दर क तार सझाए ल कन उ ह न कहा क नह वह कह काम नह करगा कछ ऐसी जगह बताओ जहा आदमी पहच ह नह तब एक बढ़ दवता न कहा फर एक ह जगह ह आप आदमी क भीतर बठ जाइए और वहा वह कभी नह

जाएगा चाद पर पहच जाएगा ल कन वहा कभी नह आएगा और भगवान इसक िलए राजी हो गए यह बात उनक समझ म आ गई यह तो कहानी ह ल कन स चाई भी यह ह लोभ ल जाता ह बाहर लोभ ल जाता ह दर लोभ ल जाता ह

भ व य म और जसक आप बात कर रह ह भगवत - ाि क वह ह अभी यह इसी व हयर एड नाउ न कल न परस भ व य म नह अभी इसी ण यह आपक पास ह आप म ह आप ह मौजद ह वह जो कह रहा ह क कहा खोज वह ह जसको खोजना ह जो कह रहा ह क कहा जाऊ कस लालच स

जाऊ वह जो यह कह रहा ह जो यह पछ रहा ह उसका ह पता लगा लना ह और उसका पता लगा लन क

िलए कसी लोभ क कसी लालच क कसी दौड़ क कसी खोज क कसी उपाय क कसी एफट क

कोई भी ज रत नह ह उसक िलए चा हए एफटलसनस उसक िलए चा हए सब य का छोड़ दना उसक

िलए चा हए सब दौड़ का बद हो जाना उसक िलए चा हए लालच का िनर त हो जाना श य हो जाना तब

आप कहा जाएग तब आप या करग तब आप वह ह ग जहा आप ह वहा करन क कोई ज रत नह वहा बना कए ह आप ह कया क चक गए इसिलए न कोई उपाय ह उस पान का न कोई विध न कोई मथड ह उस पान का न कोई माग ह उस पान

का न कोई ग उस पहचा सकता ह आपको न कोई सहारा द सकता ह जस दन आपक य सार म टट

जाएग उस दन आप पाएग क उस आपन पा िलया ह और इसिलए यह तो पिछए ह मत म तो कोई लालच उसक िलए नह बता सकता म तो यह भी नह कहगा

क वहा आनद िमलगा म हो जाएग अमत हो जाएगा अमर हो जाएग य सब लालच हमार मन को

पकड़त ह य क मरन का हम डर ह म य स हम भयभीत ह इसिलए हम चाहत ह क कोई व ास दला द

क उस पा लन स अमर हो जाएग फर मरग नह दख हम खा रहा ह तो हम चाहत ह क कोई आ ासन द

द क आनद वहा िमल जाएगा जदगी हाथ स िनकली चली जा रह ह कोई व ास दला द क वहा परम

जीवन िमल जाएगा तो हम कछ दौड़न लग हम दौड़न लग और मजा यह ह क दौड़ रह ह इसीिलए उस पा नह सकत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 5

तो यह जो क ा ड शन ह यह अगर खयाल म आ जाए दौड़न क भाषा छट जाएगी तब कन क भाषा तब

भागन का खयाल नह ठहरन का खयाल तब इसिलए नह क वहा या िमल जाएगा ब क इसिलए उस

जानना ह क हम वहा ह ह चाह कछ िमल और चाह कछ न िमल हम वहा ह ह और उस थल को तो

जानना ह चा हए जहा हम ह नह तो हमारा जीवन हो सकता ह क जो हम कर रह ह वह बलकल वपर त

हो जो हम ह उसक बलकल वपर त हो उस जान लन क बात ह पया ह और दो ह तरह क दो ह तरह

क सभावनाए ह एक तो व चीज ह ज ह हम कोिशश करक पा सकत ह और कछ चीज ऐसी ह ज ह कोिशश

करक हम खो सकत ह जस आपको रात नीद न आती हो और आप कोिशश कर नीद लान क य क आप कहग क बना कोिशश क

नीद कस आएगी बना यास क कस नीद आएगी तो आप यास कर--िगनती िगन भगवान का नाम

ल म पढ़ उठ-बठ पर धोए िसर धोए हजार उपाय कर करवट बदल--आप कह क बना उपाय क नीद

कस आएगी तो मझ कोई उपाय चा हए तो म आपको कहता ह क फर नीद रात भर नह आएगी य क सब उपाय नीद म बाधा बनग नीद ह

व ाम कसी भी तरह का म वरोध ह उसका नीद ह अ यास अ य और आपन य कया तो उलटा

हो जाएगा तो अगर नीद न आती हो तो अब कोई यास न कर बस चपचाप पड़ रह यास ह न कर नीद का नीद क बात ह छोड़ द नीद लान क कोिशश ह न कर तो नीद आ सकती ह और आपन यास कया क

आप गए आप खो गए फर नीद नह आ सकगी कछ चीज ह जो आती ह और हम लानी नह पड़ती ह और परमा मा इन चीज म अितम चीज ह--जो आता ह जस हम ला नह सकत ल कन आप कहग फर फर या हम कछ भी न कर यह म नह कह रहा ह सरज िनकला ह आपका ार बद ह भीतर नह जाएगा ार पर ठहरा रहगा ल कन आप गठर बाध कर सरज क रोशनी को घर क भीतर नह ल जा सकत आप यादा स यादा इतना कर सकत ह क ार खोल कर

बठ जाए ती ा कर आपक तरफ स बाधा न रह बस इतना ह यास ह अगर ठ क स समझ तो पा ज टवली आप कछ भी नह कर सकत सरज को भीतर लान क िलए वधायक प स आप नह उसको गठर

म बाध कर ला सकत ह िनग टवली नकारा मक प स इतना कर सकत ह क आपक तरफ स बाधा न रह सरज आए तो आपक तरफ स कावट न रह आप दरवाजा खोल सकत ह खड़क खोल सकत ह फर बठ

कर ती ा कर सकत ह सरज आएगा आप ला नह सकत ल कन आप रोक सकत ह इस बात को ठ क स समझ लना चा हए आप

ला नह सकत सरज को भीतर ल कन आप आन स रोक ज र सकत ह और अगर आन स रोक रह ह तो नह आएगा सरज हाला क ला नह सकत िसफ आपक कावट न हो बाधा न हो हडरस न हो दरवाजा

बद न हो वह आ जाएगा ल कन तब भी आप यह नह कह सकत क म ल आया यह आप कहग तो गलती

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 6

हो जाएगी इसिलए जो परमा मा को उपल ध होता ह वह यह भी नह कह सकता क मन पा िलया वह इतना ह कहता

ह--उसक कपा वह यह भी नह कह सकता क मन पा िलया य क म या पा सकता ह उसका साद

उसक स उसक अनकपा वह िमला ह जसको भी िमला ह वह यह नह कह सकता क मन पा िलया ह वह अहकार भी वहा काम नह कर सकता य क अहकार वह काम कर सकता ह जहा हमारा य सफल

होता हो ल कन जहा हमारा कोई य सफल नह होता वहा अहकार क खड़ होन का कोई उपाय नह हम

इतना ह कह सकत ह क मन बाधा नह द हम इतना ह कह सकत ह क म तयार था क वह आए हम इतना

ह कह सकत ह क मरा ार खला था आया वह ह हम उस लाए नह ह िसफ हमन रोका नह ह इस ठ क स समझ ल जस म म ठ बाधा हआ ह और म जोर स म ठ बाध हए ह और म कसी स पछ क

म म ठ को कस खोल या उपाय क या य क तो वह आदमी मझ बताएगा उपाय म ठ

खोलन का वह मझ यह बताएगा क तम बाधो भर मत तम बाधन क िलए जो यास कर रह हो वह भर कपा

करक मत करो म ठ खल जाएगी म ठ खोली नह जाती म ठ िसफ खलती ह हा बाधी जा सकती ह

खला होना म ठ का वभाव ह हमार बना कछ कए म ठ खल जाती ह हमार बना कछ कए म ठ बधती नह वभाव का मतलब ह जो हमार बना कए होता ह वभाव का मतलब ह जो हमार करन स होता ह परमा मा

हमारा वभाव ह इसिलए करन स नह होगा ल कन हम कोिशश करक उस खो सकत ह हम उपाय करक

उस रोक सकत ह म ठ मझ बाधनी पड़ती ह खोलनी नह पड़ती हाला क भाषा म दोन बात हम कहत ह क म ठ खोल रह ह

खोलना बलकल झठा श द ह खोलना या नह ह बाधना या ह बाधन म ए ट ह आपका खोलन म

कौन सा ए ट ह खोलन म इनए ट ह इनए शन ह कहना चा हए क खोलन म बाधना भर नह कर रह ह

आप आप नह बाध रह ह और म ठ खल गई ह इस बात को अगर खयाल म ल ल तो परमा मा को खोजना नह ह हमन कस खोया ह यह भर समझ लना

ह यानी हमन कन तरक ब स कन उपाय स द वाल और दरवाज खड़ कर दए ह-- क जो हम स िमला ह

हआ ह उसस भी िमलना म कल हो गया ह तो पछना यह नह ह क हम कस उस पाए पछना यह ह क हमन कस उस खोया ह यह फक आप समझ रह ह न य क फर पर बात िभ न हो जाएगी आग जाकर इतना फक खयाल म आ

गया तो सार साधना का प बदल जाता ह पछना यह ह क कस उपाय स म उसस दर हो गया ह जसस दर होन का उपाय न था कसी तरक ब स मन

सरज को बाहर ठहरा दया ह कस तरक ब स म अधर म जी रहा ह कौन स दरवाज ह जो मन बद कर दए

ह और कौन स ताल ह जन पर मन चाबी जड़ द ह यह पछना ज र ह ल कन हम आमतौर स पछत ह परमा मा को कस पाए वह ह गलत ह पछना चा हए क हमन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 7

परमा मा को कस खोया हाउ वी हव लॉ ट हम कस खो दए ह हम य क परमा मा को खोन का

मतलब ह अपन को खोना हमन अपन को कस खो दया ह हम अपन को कस भल गए ह यह कस सभव

हो गया ह यह इपािसबल यह असभव कस सभव हआ ह क हम अपन को ह नह जान पा रह ह क कौन ह इसस यादा असभव कोई बात हो सकती ह म ह म जानता भी ह क ह और फर भी नह जानता क कौन ह बड़ अदभत घटना घट गई ह अगर दिनया

म कोई िमरकल कोई चम कार घ टत हआ ह तो वह चम कार यह नह ह क कसी न ताबीज बना दया हवा

स और कसी न राख िगरा द ह हवा स क कसी न कसी अध क आख ठ क कर द ह इस जगत म जो

सबस बड़ा चम कार हो गया ह वह यह क हम ह जानत ह क ह और पता नह क कौन ह और पता नह

कहा थ और पता नह कहा क िलए जा रह ह यह एकमा िमरकल ह और यह कस सभव हआ ह यह समझना

चा हए और अगर यह हमार समझ म आ जाए क यह कस सभव हआ ह तो क ठन नह ह यह बात क हम

म ठ बाधना बद कर द और म ठ खल जाए कछ तरक ब ह मन क जनस यह सभव हआ ह पहली तो मन क तरक ब यह ह क वह आपको कभी वतमान

म नह जीन दता जीन ह नह दता आप कभी वतमान म होत ह नह यहा और अभी आप कभी नह होत या

तो पीछ अतीत म होत ह जो जा चका जो अब नह ह या भ व य म होत ह जो अभी आया नह और नह

ह जो ह जो अभी ह इसी व उसम आप कभी होत ह नह तो मन क एक क ह क वह आपको वतमान

स चकाता रहता ह और वतमान स अगर आप चक गए तो दरवाजा बद हो गया य क वतमान दरवाजा ह--

स य का अ त व का ए झ टस का अगर इस ठ क स समझ ल क अ त व म न तो अतीत ह कछ और न भ व य ह कछ अ त व तो सदा वतमान ह इसिलए आप परमा मा क िलए पा ट टस का या यचर टस का उपयोग नह कर सकत आप यह

नह कह सकत गॉड वाज़ नह कह सकत ई र था आप यह भी नह कह सकत गॉड वल बी क ई र

होगा आप तो जब भी कहग तब गॉड इज़ ई र क िलए अतीत और भ व य का उपयोग नह हो सकता वह

ह सच बात यह ह क lsquoहrsquo कहना भी परमा मा को गलत ह य क हम lsquoहrsquo उस चीज को कहत ह जो

lsquoनह हrsquo भी हो सकती ह हम कहत ह त त ह टबल ह य क कल टबल नह हो सकती ह कल नह

थी जो कल नह थी कल नह हो सकती ह उसको ह कहन का कोई मतलब ह परमा मा को ह कहना भी

म कल ह य क वह ह-पन ह गॉड इज़ ऐसा कहना गलत ह इज़नस वह जो होना ह वह परमा मा

ह और वह सदा वतमान ह वह न कभी अतीत ह न कभी भ व य और हम हम कभी वतमान म नह ह ार बद हो गया

मन सनी ह एक कहानी क एक आदमी अधा आदमी एक बहत बड़ भवन म कद कर दया गया ह हजार

दरवाज ह उस भवन म सब बद ह िसफ एक दरवाजा खला ह और वह अधा आदमी एक-एक दरवाज को

टटोलत हआ घमता ह--दरवाजा बद दरवाजा बद दरवाजा बद घमत घमत घमत उस दरवाज क पास

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 8

आता ह जो दरवाजा खला ह ल कन उस खजान चली और उसन िसर खजाया और वह दरवाजा चक गया वह

फर आग क दरवाज पर टटोल रहा ह वह फर बद ह फर वहा स घमता ह घमता ह घमता ह फर वहा

आता ह और फर थक जाता ह सब दरवाज बद ह ऊब जाता ह और फर दो-चार दरवाज नह टटोलता फर वह दरवाजा चक जाता ह ल कन या करगा अधा आदमी फर टटोलना श करता ह ऐसी कहानी

चलती ह क वह बार-बार उस दरवाज को चक जाता ह जो खला ह जहा स वह िनकल सकता ह वह चक जाता ह कहानी क सच होन क कोई ज रत नह ह ल कन हम वतमान क दरवाज को िनरतर चक जात ह पर वह

खला ह िसफ और बड़ा सकरा दरवाजा ह य क हमार हाथ म ण का हजारवा ह सा ह होता ह एक बार म दो ह स भी नह होत बस वह ण का एक ह सा हमार हाथ म ह वह अ त व ह बार क लक र

ए झ टस क वह ह और उस हम चक जात ह य क मन या तो पीछ क सोचता रहता ह या आग क

सोचता रहता ह तो म आपको यह कह रहा ह क कस आप चक गए आपस यह नह कह रहा ह क कस आप पा लग म कह रहा

ह क इस भाित आप चक गए उस अध आदमी स म यह कहगा क तन खजाया उसम त चक गया अब

कसी दरवाज पर खजाना मत त ऊब गया घबड़ा गया और दो-चार दरवाज तन बना टटोल छोड़ दए अब त

मत घबड़ाना अब मत ऊबना नह तो फर चकन का डर सभावना ह वतमान म होना दरवाज पर खड़ हो जाना ह और ऐसा कभी नह हआ क जो आदमी वतमान म खड़ा हो गया ह उस आदमी को परमा मा स ण भर क

िलए भी विचत रहना पड़ा हो ऐसा कभी हआ ह नह िच को वतमान म ल आना ह यान ह वह म डटशन ह वह समािध ह और िच को वतमान स यहा-वहा

भटकाए रहना वह चचलता ह वह उप व ह और यान म रह क हम आ खर वतमान स चक य जात

ह लोभ चका दता ह लालच चका दता ह य क लोभ हमशा भ व य क बात करता ह लोभ वतमान क

बात करता ह नह करगा कस जो भी पाना ह वह अभी तो पाया नह जा सकता जो भी पाना ह वह कल ह

पाया जा सकता ह आग ह पाया जा सकता ह इसी व पान का तो कोई उपाय नह ह इसिलए लोभ हमशा भ व य क भाषा बोलता ह लोभ चका दता ह और अहकार चका दता ह अहकार सदा अतीत क भाषा बोलता ह पा ट क --जो पाया जो

िमला जो कया जो बनाया वह सब पा ट म ह अहकार सदा ह अतीत क भाषा बोलता ह क म फला

आदमी का बटा ह य जो होगा उस का तो पता नह ह जो हो चका ह उसी का म दावा कर सकता ह मर पास इतन करोड़ पय ह ह ग उनका तो

दावा नह कर सकत आप जो हो चका ह मर ितजोड़ इतनी बड़ और म इतनी बड़ कस पर रहा ह म कोई

साधारण आदमी नह ह वह जो समबड ह म कछ ह वह हमशा पा ट स आता ह वह हमार अतीत का स ह

ह जसको हमन जोड़ कर खड़ा कर िलया ह वह हमारा अहकार ह अहकार हम पीछ ल जाता ह लोभ हम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 9

आग ल जाता ह और गौर स दख तो लोभ और अहकार एक ह चीज क दो ह स ह जो लोभ परा हो चका ह वह

अहकार बन गया जो लोभ परा होगा वह अहकार बनगा जो लोभ परा हो चका वह अहकार बन गया जो परा

होगा वह अहकार बनगा जो अहकार बन गया ह वह लोभ ह जसस आप गजर और वह लोभ जो अभी आग

पकड़ रहा ह वह भ व य म बनन वाला अहकार ह जसस आप गजरग सम त लोभ का स ह अहकार ह वह अतीत म भटकाता ह इसिलए बढ़ा आदमी होगा तो वह अतीत म भटकता रहगा य क आग तो मौत ह तो अब वहा लोभ क

गजाइश कम ह तो वहा या लोभ क रएगा तो बढ़ आदमी का मन हमशा अतीत म भटकता रहता ह वह

बठा ह और सोच रहा ह--जवानी जो थी दन जो गए याद जो ह भीतर िछपी वह उनका सोचता रहगा बढ़ा

आदमी अतीत म सोचता रहगा य क भ व य म दखाई पड़ती ह मौत वहा वह दखना भी नह चाहता वह

लौट कर पीछ दखता रहता ह ब च जवान सदा भ व य म दखत रहग अभी उनका अहकार बना नह बनन

क ती ा कर रहा ह तो ब च और जवान सदा भ व य-उ मख ह ग यचर सटड ह ग लोभ अभी बनगा

बढ़ आदमी हमशा पा ट सटड ह ग बीत गया जो व उसी म खोए रहग उ ह मितय म य क बढ़ न

या ा कर ली अहकार क ब चा अभी या ा करगा तो ब च और जवान लोभ म जीत ह बढ़ा आदमी अहकार म जीता ह जतनी उ बीतती जाती ह अहकार

उतना मजबत होता चला जाता ह स त होता चला जाता ह इसिलए व आदमी ोधी हो जाता ह िचड़िचड़ा हो जाता ह य क आग तो कछ भी नह ह अब जो ह पीछ ह और अहकार क गाठ मजबत हो गई ह

अहकार क गाठ िचड़िचड़ापन ोध सब पदा करती ह अगर इस समझ लग तो खयाल म आ जाएगा क अहकार पीछ ल जाता ह लोभ आग ल जाता ह व एक ह

चीज क दो ह स ह मर हए लोभ का नाम अहकार ह मर हए लोभ का नाम अहकार ह और अज म अहकार का

नाम लोभ ह वह जो अभी ज म लगा और इस वजह स हम चक रह ह वतमान स जहा क स य ह जहा क

अ त व ह ल कन लोभ बड़ा कशल ह जब सब तरह क लोभ स चक जाएगा तो वह कहता ह अब परमा मा

को भी पाना चा हए यह भी अहकार ह ह लोभ बड़ा कशल ह अहकार क बड़ अनत आका ाए ह जब सब

पा लता ह वह--धन पा लता यश पा लता म पा लता आदर पा लता--तब वह कहता ह क ठ क ह यह

सब पा िलया अब परमा मा को भी पाना ह अमत को भी पाना ह आनद को भी पाना ह मो को भी पाना

ह अब मो कस िमल फर वह लोभ क भाषा म मो क बात सोचन लगता ह चक गया उस पता नह ह क यह भाषा तो इतन दन चकाती रह ह यह भाषा फर आग भी पकड़ रहगा वह

हो सकता ह वह ढग बदल ल अपना मधशाला न जाकर म दर जान लग फ म न दख कर भजन-क तन

करन लग यह सब कर लगा वह ल कन उसक िच का जो तनाव था--लोभ का और अहकार का--वह जार ह

और उसी स वह चक रहा ह तो म कस कह आपस क आप या लोभ कर म तो आपस कहगा आप लोभ को समझ ल क लोभ चकान

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 10

वाला ह और आप अहकार को समझ ल क अहकार चकान वाला ह और आप यह समझ ल क अतीत और

भ व य चकान वाल ह वतमान िमलान वाला ह वह अ त व ह तो एक ण को भी अगर आप उस जगह पहच जाए जहा आप कह सक अब कोई अतीत नह मर पास और कोई

भ व य नह मर पास बस म ह आप उसी ण परमा मा म व हो जाएग उसी ण एक ण म भी यह

घटना घट जाएगी कोई ऐसा सवाल नह ह क इसक िलए ज म-ज म लग हा चकन म ज म-ज म लग

सकत ह दरवाजा बद ह तो वष तक यह हो सकता ह क दरवाजा बद हो और रोशनी भीतर न आए ल कन यह

नह हो सकता क दरवाजा खल और रोशनी एक ण भी बाहर ठहर रह जाए रोशनी तो कभी ठहरना ह नह

चाहती य क वह तो िनरतर आन क िलए पकार ह कर रह थी ार को ठ क ह चली जा रह थी आप थ

क ार बद कए थ तो यह तो हो सकता ह क एक आदमी जीवन भर दरवाजा बद रख और अधर म जीए ल कन यह नह हो सकता क एक ण को दरवाजा खोल और अधर म जीए यह असभव ह और ऐसा भी नह हो सकता क कोई

आदमी कह क च क मरा दरवाजा इतन दन तक बद था इसिलए एक ण म कस रोशनी भीतर आएगी ऐसा भी नह होता इसिलए जो लोग कहत ह क इतन ज म का कम ह इतन ज म का पाप ह िनपट नासमझी क बात कहत

ह हजार ज म का पाप भी एक ण को वतमान म खड़ हए य को परमा मा स नह रोक सकता पाप ह

या था पाप िसफ इतना ह था क आप वतमान म खड़ नह हए थ और पाप या था आप भ व य म या अतीत म भागत रह थ एक कमर म हजार साल स अधरा िघरा हो तो ऐसा नह हो सकता क आप द या जलाए तो अधरा कह म

हजार साल का ह इतनी ज द कस िमट सकता ह हजार साल तक द य जलाओ तब म िमटगा अधरा

ऐसा नह कह सकता अधरा एक रात का हो क हजार साल का हो इसस कोई फक नह पड़ता द या जलता ह

और अधरा िमटता ह असल म अधर क कोई पत नह होती क एक दन का अधरा और दो दन का अधरा तो

दोहर पत हो जाए क तीन दन का अधरा तो ितहर पत हो जाए अधर क कोई पत नह होती क वह डस हो

जाए घना हो जाए अधरा घना नह होता अधरा बस अधरा ह और एक द य क लौ सब तोड़ दती ह पाप क भी कोई पत नह होती य क पाप भी अधरा ह अ ान ह अ व ा ह उसक भी कोई पत नह

होती ल कन सवाल िसफ इतना ह सवाल िसफ इतना ह क हम वहा खड़ हो जाए जहा ार खलता ह हा पाप क आदत होती ह पत नह होती अधर क भी आदत होती ह यह हो सकता ह क एक आदमी वष

स अधर म रहा हो ार खोल द रोशनी आ जाए ल कन उसक आख बद हो जाए यह हो सकता ह यह हो

सकता ह क साल स अधर म रहा आदमी ार खोल द रोशनी भीतर आ जाएगी फौरन उसक ार खोलन म

और रोशनी क आन म ण का भी फासला नह होगा--यगपत ऐसा ार खला इधर रोशनी आई इधर ार

खलता गया रोशनी आती गई ार का खलना और रोशनी का आना एक ह या क दो ह स ह ग ल कन

यह हो सकता ह क सकड़ वष स अधर म रह आदमी क आख रोशनी दखन म असमथ हो जाए वह आख बद

कर ल और फर अधर म हो जाए यह हो सकता ह अधर क आदत हो सकती ह पाप क भी आदत हो सकती

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 11

ह पत नह होती ल कन आदत तोड़ जा सकती ह आदत समझपवक अपन आप ह टट जाती ह आदत तोड़ना बहत क ठन नह

ह अगर अधर क पत होती तो तोड़ना बहत क ठन था रोशनी आ गई ह आख बद हो गई ह अब वह आदमी

धीर-धीर आख--एक बार दो बार धीर-धीर धीर-धीर रोशनी का अ य त हो सकता ह आख थोड़ दर म

खोल लगा रोशनी दख लगा बद भी कर सकता ह बीच-बीच म खोल भी सकता ह धीर-धीर रोशनी का भय

िमट जाएगा वह रोशनी म जीन लगगा परमा मा का अनभव एक ण म हो जाता ह ल कन परमा मा को सहन म थोड़ा व लग जाता ह सहन म

य क इतनी बड़ श और इतना बड़ा काश हम पर उतरता ह थोड़ा व लग जाता ह कई बार तो हम

घबड़ा कर वापस तक लौट सकत ह डर भी सकत ह य क आनद भी अगर एकदम स उतर आए तो ाण

को कपा जाता ह परमा मा क उपल ध तो एक ण म हो जाती ह हा उपल ध क िलए राजी होन म थोड़ा

व लग सकता ह वह दसर बात ह उपल ध का ार ह वतमान म खड़ होना और इसिलए इस दशा म थोड़ा सा काम श कर इस दशा म थोड़ा

सा काम श कर चौबीस घट म आध घट प ह िमनट क िलए ार बद करक अधर म चपचाप बठ जाए कछ भी न कर कछ भी न कर चपचाप बठ जाए बोलन म ऐसा लगता ह क बठना भी करना ह हआ बोलन म वसा ह लगता ह क म ठ खोलना भी करना ह

हआ बोलन म भर ऐसा लगता ह असल म बठ जान का मतलब ह क जो-जो आप करत थ वह न कर जो-जो कर रह थ चौबीस घट वह न कर चपचाप अधर म बठ जाए आधा घट को और ऐसा छोड़ द अपन को क हम

कछ कर ह नह रह ह जस एक सखा प ा व स िगर बस हवाए उसको परब ल जाए तो परब चला जाए प म ल जाए तो प म चला जाए न ल जाए तो िगर जाए जमीन पर ल कन अपनी तरफ स कह न जाए इस बात को थोड़ा समझना एक िगरता हआ प ा ह व स सखा प ा िगर रहा ह नीच उसक अब अपनी कोई

इ छा नह अब उस कह पहचना नह अब उस कछ होना नह अब तो हवाओ क इ छा पर उसन छोड़ दया

अपन को--सरडड--सम पत ह हवाए परब ल जाती ह परब चला प म ल जाती ह प म चला नह ल

जाती ह िगर गया उठा लती ह आकाश म उठ गया नह उठाती ह जमीन पर व ाम करता ह बस सख

प का भाव समझ ल और एक आधा घट क िलए ार बद करक सख प हो जाए अपनी तरफ स कछ न कर इसका मतलब यह नह क सब होना बद हो जाएगा वचार चलग पर उनको हवाओ का ध का समझ इसस

यादा नह हवाए वचार इधर ल जाए जान द हवाए वचार इधर ल जाए जान द आप न रोक न ल

जाए आप कोई भी काम न कर ल जान का भी काम मत कर रोकन का भी काम मत कर आप बस सा ी हो

जाए और दखत रह क सख प क तरह ह हवाए जो कर रह ह कर रह ह परमा मा जो करवा रहा ह हो रहा ह परमा मा कह रहा ह बर वचार करो तो बर वचार हो रह ह परमा मा कह रहा ह अ छ वचार करो तो अ छ वचार हो रह ह न हम अ छ स मतलब ह न हम बर स मतलब ह हम िनणायक ह नह ह हम

कोई डसीजन नह लत हम कछ भी नह करत हम िसफ ना-कछ होकर बठ गए ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 12

बड़ा म कल ह य क धािमक आदमी को िनरतर यह िसखाया जाता ह बरा वचार छोड़ो अ छा वचार

करो बर वचार को मत आन दो अ छ को लाओ फर आपन करना श कर दया फर आप उलझ गए च कर म फर आप वतमान म न हो सकग य क

वतमान म बरा वचार आया ह और भ व य म अ छा वचार ह जसको लाना ह और वतमान को हटाना ह और

भ व य को लाना ह आप उप व म पड़ गए फर वतमान म होना असभव ह यान क योग म आदमी बर-भल का भी वचार नह करता वह वचार ह नह करता जो आता ह चपचाप

दखता रहता ह जस सड़क पर खड़ा हआ एक आदमी दख रहा ह--लोग गजर रह ह अ छ भी बर भी रा ता

चल रहा ह--वह चपचाप खड़ा दख रहा ह आधा घट क िलए चपचाप खड़ हो जाए और दखत रह जो भी हो रहा

ह होन द रोक जरा भी नह य क रोकना आपका क य बन जाता ह और आप काम म लग गए और कर भी

न राम-राम भी न कर य क वह भी आपका क य बन जाता ह आप फर काम म लग गए आप कछ कर ह मत अपनी तरफ स आप अपनी तरफ स बलकल श य हो जाए और जो हो रहा ह आख क

पद पर होन द जो भी गजर रहा ह गजरन द आ रहा ह आन द जा रहा ह जान द न आप रोक न

आप छड़ न आप बीच म उतर आप कसी तरह का इनवॉ वमट न ल दर खड़ दखत रह क ठन होगा य क हमार आदत िनरतर हर चीज क साथ उलझ जान क ह चपचाप बठ जाना क ठन होगा

चपचाप का यह मतलब नह क वचार नह ह ग वचार तो ह ग ल कन आप चपचाप ह वचार को चलन

द जस एक फ म चल रह ह पद पर म त क का भी एक पदा ह एक ोज टर ह उसका जो फ म

चलाता रहता ह एक फ म चल रह ह पद पर बस इतना समझ क वचार चल रह ह मितया आ रह ह भ व य क खयाल आ रह ह आन दो चपचाप बठ रहो दखत रहो आज क ठन होगा कल क ठन होगा परस क ठन नह होगा बस ह मत इतनी रखनी ह क कद मत जाना क अर यह बरा वचार आ गया इस अलग करो बर-भल स कछ लना-दना नह ह सा ी को न कछ बरा ह न कछ भला ह काट भी उतना ह अथ रखत ह फल जतना अथ रखत ह न काटा बरा ह न फल अ छा ह

हम हमार अपनी समझ क हसाब स अ छा-बरा कर लत ह सब चीज ह और आप चपचाप बठ रह कछ ह दन म अगर चपचाप बठ ह तो एक अदभत अनभव श होगा और वह अनभव यह होगा क कभी-

कभी ऐसा होगा क गप आ जाएगा इटरवल आ जाएगा अतराल आ जाएगा कभी-कभी ऐसा होगा क वचार

थोड़ दर क िलए नह ह ग एकदम ल हो जाएग एक वचार आया और फर दसरा नह आया और बीच म

खाली जगह छट जाएगी उसी खाली जगह स आपको पहली झलक िमलनी श ह गी और उस खाली जगह म आप भी नह ह ग इतनी खाली जगह होगी क बस खालीपन होगा ज ट ए ट नस वह ार ह वह स पहली झलक आपको िमलनी

श ह गी और िनरतर इस या म लग रह तो धीर-धीर धीर-धीर वचार कम होन लगग खाली जगह

यादा होन लगगी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 13

ऐसा जस रा त पर एक आदमी िनकला और फर घट भर तक दसरा आदमी नह िनकला और रा ता खाली रह

गया एक वचार आया पद पर फर दसरा नह आया और बहत दर क िलए पदा खाली सफद रह गया उस

सफद म स उस खालीपन म स उस ए ट नस म स आपक पहल सपक परमा मा स श ह ग य क उस

ण म आप वतमान म ह ग उस ण म न आप अतीत म हो सकत न आप भ व य म हो सकत य क

वचार अतीत म ल जा सकता ह वचार भ व य म ल जा सकता ह जहा वचार नह ह वहा आप कह भी नह

जा सकत आप वह ह ग जहा ह वचारर हत हए क आप वतमान म हए वतमान म होन का अथ ह

वचारर हत हो जाना ल कन वचारर हत होन क कोिशश मत करना नह तो कभी वचारर हत नह हो सकत बस चपचाप दखना

वचार को वह अपन स जाता ह जतना- जतना हमारा दखना बढ़ता ह उतना-उतना वचार कम होता ह पोसनटली जतना हम जागत ह भीतर उतना वचार खतम होता ह जस दन हम पर जाग जात ह उस दन

वचार नह रह जाता और जहा वचार नह रहा और हम पर जाग हए रह टोटली अवयर-- वचार गए हम

जाग ह अब हम कहा ह ग अब हम वह ह ग जहा हम ह एक इच इधर-उधर नह हो सकत तब हम खड़

हो गए उस ार पर जहा स िमलन हो जाता ह और इसिलए इस लोभ क भाषा म मत समझना आनद िमलगा ल कन आनद पान क भाषा म मत

समझना आनद आएगा ल कन आनद को ल य मत बनाना अमत व िमलगा ल कन अमत व क च ा

मत करना भगवत - ाि होगी ल कन भगवत - ाि क नह जा सकती इस छोट स बार क भद को समझ

लना भगवत - ाि होगी ल कन भगवत - ाि क नह जा सकती करन वाला अहकार भी वहा नह चल

सकता ह और इसिलए मन कहा क लोभ और लोभन लालच इस दशा म इनक इच भर गित नह ह य तो महाराज करना पड़ता ह न नह वह म समझा रहा ह य करना ह नह नह जरा भी नह ऐस ह सरडर हो जाना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 14

बलकल सरडर य क य कया तो सरडर नह हो सकता उसका मतलब ह क हम कछ करग सरडर का

मतलब ह क हम या कर सकत ह ( का विन-म ण प नह ) कछ भी सम झए क म आपक सपद करता ह आपक कसक आपका तो आपको पता ह नह ह अभी और सपद करता ह तब फर ए ट श हो गया इस

थोड़ा समझन क बात ह न इतन बार क फासल ह जब हम कहत ह क सपद करता ह तो हो सकता ह कल

हम कह क वापस लता ह वह या कर लगा तो जीरो बन जाए हा वह म कह रहा ह सपद करता ह इसम भी हमारा ए ट जार ह हम कछ कर रह ह करन क मािलक हम

ह ह तो मरा कहना ह य कन नॉट सरडर य कन ओनली बी सरडड ( का विन-म ण प नह ) हा समझ न ल कन वह जो जो बार क फासला अगर न दखाई पड़ तो िनरतर भल होती चली जाती ह हम समपण कर नह सकत य क हम करग तो समपण हमारा क य हआ और जो हमारा क य ह उस हम

वापस ल सकत ह कल हम कह सकत ह क बस ठ क ह अब हम वापस लत ह ( का विन-म ण प नह )

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 15

इसक क ठनाई जो ह न क ठनाई जो ह क ण या कह रह ह वह हम समझ रह ह यह बहत म कल ह हम करन क भाषा म ह समझग असल म समपण का अथ ह ह समपण का अथ ह ह क त कछ भी न कर और जब आप कछ भी नह करत समपण हो जाता ह य क फर होगा या समपण कया नह जा सकता आप कछ भी न कर समपण हो जाता ह कछ भी न करन का अितम फल समपण ह और समपण भी कया तो चक गए आप इसको अगर हम

ठ क स समझ तो समपण म कर रहा ह म क गा यह तो अहकार हो गया तो गड़बड़ हो गई सब फर समपण कस होगा नह समझना यह ह क म सम पत ह म सम पत ह रहा

ह उपाय या ह ास आपन ली ह आज तक ल कन हम रोज यह कहत ह क म ास ल रहा ह ास

िसफ आती-जाती ह आपन कभी भी ली नह आज तक जदगी म कसी आदमी न ास ली ह नह कभी िसफ आती-जाती ह य क अगर हम लत होत मौत दरवाज पर आ जाती हम कहत थोड़ा ठहरो हम

अभी ास जार रखत ह ल कन हम पता ह क मौत ार पर आई तो जो ास बाहर गई तो बाहर फर हम

उस भीतर भी न ला सकग ल कन जदगी भर कहत हम यह ह क म ास ल रहा ह बड़ भल क बात कहत ह सवाल यह ह समझन का

क ास मन कभी ली ह िसफ आई-गई ह म कहा ह न म ज मा ह न म म गा ज म भी हआ ह म य भी होगी ास भी चली ह वचार भी आए ह जीवन भी घटा ह ज ट हपड हमन कछ कया या

ह यह बोध हमार खयाल म आ जाए क मर कए बना सब हआ ह यह समझ म आ जाए तो अब म या

क म कछ भी नह करता जो हो रहा ह हो रहा ह ऐसी थित म समपण हो जाता ह वह आपको करना नह पड़ता वह घट जाता ह और जब वह घटता ह तब

आप वापस नह लौटा सकत य क आपन कया होता तो आप वापस लौटा सकत थ आपन कया ह नह घट गया ह आप उस वापस नह लौटा सकत वहा अम रका म एक नया िच कार का एक मवमट ह उसको व कहत ह हपिनग िच क दशनी करत ह अगर सौ िच दशनी म लगाए गए ह तो दशक दखन आएग तो हर िच क बगल म एक खाली कनवस भी

लगात ह और खाली कनवस क नीच रग और श भी रख रहत ह फर दशक दख रह ह दख रह ह दख रह

हऔर कसी दशक को एकदम लगा और उसन श उठाया और उस खाली कनवस पर कछ पट कया तो पट

कया फक यह ह क अपनी तरफ स पट मत करना य क अपनी तरफ स करोग तो वह बकार हो गया

होन दना उस िसचएशन म अगर ऐसा पकड़ जाए और होन लग पट तो होन दना रोकना भी मत तो उसको

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 16

व हपिनग प टग कहत ह वह कसी न बनाई नह ह उस पर कसी का नाम नह होता फर वह घट वह

घट गई ईसाइय म एक साधक का स दाय ह वकर वकर क जो बठक होती ह उस बठक म कोई बोलन क िलए

िनम त नह होता कोई बोलन वाला नह होता बठक भर होती ह इक ठ होत ह बठ जात ह िनयम यह

ह क अगर कसी को कभी बोलन जसा हो जाए तो वह खड़ा हो जाए और बोलन लग बाक लोग सनग बना

कोई ध यवाद दए फर वदा हो जाएग कई बार ऐसा होता ह क मह न बीत जात ह कोई नह बोलता

य क िनयम का खयाल यह ह अपनी तरफ स बोलना ह मत अगर ऐसा जरा भी लग क म बोल रहा ह फर बोलना ह मत य क वह पाप हो गया हा ऐसा लग क परमा मा बोल रहा ह म ह नह ऐसा कसी

दन लग तो खड़ हो जाना बोल दना हम सन लग और वदा हो जाएग तो कई दफा मह न बीत जात ह उनक बठक म बोलना नह होता लोग आकर बठत ह--चपचाप बठ रहत ह बठ रहत ह बठ रहत ह-- फर

वदा हो जात ह ल कन कभी-कभी ऐसा होता ह क कोई खड़ा हो जाता ह और बोलता ह व जो रका स ह उनक

बोलन क व बड़ अदभत ह य क तब वह आदमी क भाषा ह नह होती वह आदमी क बात ह नह ह वह

हपिनग हो रह ह उसक ती ा करनी पड़ती ह तो बठ और श य हो जाए और जो होता ह होन द बाहर सड़क पर क क आवाज होगी हॉन बजगा ब च

िच लाएग सड़क चलगी आवाज आएगी आन द वचार चलग आन द मन म भाव उठग उठन द जो

भी हो रहा ह होन द आप कता न रह जाए आप बस सा ी रह जाए दखत रह यह हो रहा ह यह हो रहा

ह यह हो रहा ह जो हो रहा ह दखत रह दखत रह दखत रह इसी दखन म वह ण आ जाता ह जब अचानक आप पात ह क कछ भी नह हो रहा सब ठहरा हआ ह और

तब वह आपका लाया हआ ण नह ह और तब आप एकदम सम पत हो गए ह और आप उस म दर पर पहच

गए जसको खोज कर आप कभी भी नह पहच सकत थ और वह म दर आ गया सामन और ार खल गया ह

और जस परमा मा क िलए लाख बार सोचा था क िमलना ह िमलना ह िमलना ह और नह िमला था उस बना सोच वह सामन खड़ा ह वह िमल गया ह और जस आनद क िलए लाख उपाय कए थ और कभी

उसक एक बद न िगर थी आज उसक वषा हो रह ह और बद नह होती और जस सगीत क िलए ाण यास थ वह अब चार तरफ बज रहा ह और बद नह होता यह घटना घटती ह यह आपक घटाए नह घट सकती ह इसिलए आप अपन को हटा लना और घटना को घटन

दना अपन को हटा लना अपन को बीच म खड़ा मत करना आप हट ह जाना और घटना को घटन दना बस

इसको ह म भ का भाव कहता ह या साधक क च ा कहता ह कहना नह चा हए य क च ा नह ह यह ल कन भाषा म कोई और उपाय नह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 17

जीवन रह य दसरा वचन मौन का ार परमा मा क सबध म जतन अस य कह गए और गढ़ गए ह उतन और कसी चीज क सबध म नह

परमा मा क सबध म जतना झठ चिलत ह उतना कसी और चीज क सबध म नह परमा मा क सबध म

जतन अस य जतन झठ जतनी क पनाए चिलत ह उतनी कसी और चीज क सबध म नह और कछ

बात ऐसी ह क शायद परमा मा क सबध म स य कहा ह नह जा सकता ह जो भी कहा जाता ह वह कहन क

कारण ह अस य हो जाता ह कछ ह जस कहना सभव नह ह कछ ह जस जाना जा सकता ह ल कन कहा नह जा सकता और

आ य क बात ह क जस परमा मा क सबध म कछ भी नह कहा जा सकता उसक सबध म इतन शा

िलख गए ह जनका हसाब लगाना म कल ह श द असमथ ह हम जो कह सकत ह वह ससार क आग नह जाता ह श द म भाषा म ससार स आग क

बात नह कह जा सकती ह और इसिलए ई र क सबध म भी जो हम कहत ह--चाह उस पता कह चाह िम

कह चाह मी कह--कोई भी बात सच नह ह य क मी स हम जो समझत ह िम स हम जो समझत ह पता स हम जो समझत ह परमा मा उसस बहत िभ न और बहत यादा ह ल कन हमार पास और श द भी नह ह जीवन क कामचलाऊ श द हमार पास ह उ ह को हम उसक सबध म

भी योग कर लत ह और इसिलए जो भी सोचा- वचारा कहा िलखा-पढ़ा जाता ह वह हम उसक जरा सी भी झलक नह दखा पाता मन सना ह एक फक र एक रा त स गजरता था सद रात थी और उसक हाथ-पर ठड हो गए उसक पास व

न थ वह एक व क नीच का सबह जब उसक नीद खली तब हाथ-पर हलाना भी म कल था उसन

कसी कताब म पढ़ा था क जब हाथ-पर ठड हो जात ह तो आदमी मर जाता ह कताब पढ़ कर जो लोग चलत

ह व ऐसी ह भल म पड़ जात ह उसन सोचा क शायद म मर गया ह उस पता था क मर हए लोग कस हो जात

ह तो वह आख बद करक लट रहा कछ लोग रा त स गजरत थ उ ह न उस आदमी को मरा हआ समझ कर

उसक अरथी बनाई और उस व मरघट क तरफ ल चल व एक चौर त पर पहच जहा चार रा त फटत थ और व

िचता म पड़ गए क मरघट को कौन सा रा ता जाता ह व अजनबी लोग थ उस गाव क रा त स प रिचत न

थ व चार वचार करन लग क कोई िमल जाए गाव का रहन वाला तो हम पछ ल क मरघट को रा ता कौन सा

जाता ह फक र तो जदा था उसन सोचा क बचार बड़ म कल म पड़ गए ह अब पता नह गाव वाला कोई

आएगा क नह आएगा तो वह अरथी स बोला क जब म जदा हआ करता था तब लोग बाए रा त स मरघट

जात थ हाला क म मर गया ह और अब बतान म असमथ ह ल कन इतनी बात तो कह ह सकता ह उन चार न घबड़ा कर अरथी छोड़ द वह फक र नीच िगर पड़ा उ ह न कहा तम कस पागल हो तम बोलत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 18

हो कह मर हए आदमी बोलत ह उस फक र न कहा मन ऐस जदा आदमी दख ह जो नह बोलत ह तो इसस उलटा भी हो सकता ह क कछ

मद ऐस ह जो बोलत ह अगर कोई जदा आदमी चाह तो नह बोल तो कोई मदा आदमी चाह तो बोल नह

सकता ह इसम इतनी आ य क या बात ह वह फक र कहन लगा मन जब यह कहानी सनी तो मर मन म एक खयाल आया और वह यह क असिलयत और भी उलट ह यह तो

हो भी सकता ह क मदा आदमी बोलता हआ िमल जाए यह जरा म कल ह ह क जदा आदमी और चप हो

जाए जदा आदमी न बोल यह जरा म कल ह ह यह यादा आसान मालम पड़ता ह क मरा हआ आदमी बोल जाए हम सब जदा ह ल कन हमन जदगी म एक भी ण न जाना होगा जब कसी न कसी प म हम नह बोल

रह ह--या बाहर या भीतर हमन न बोलन का साइलस का मौन का एक भी ण नह जाना ह हमन बहत

ज म दख ह ग ल कन व सब ज म श द क ज म ह और हमन इस जदगी म भी बहत दन यतीत कए ह ल कन व सब श द क या ा क दन ह जब हम बोलत ह नह बोलत तो सोचत ह नह सोचत तो सपना

दखत ह--ल कन श द बोलना कसी न कसी तल पर जार रहता ह और जस आदमी क श द अभी जार ह वह परमा मा को नह पहचान पाएगा य क उसक पहचान िनःश द म मौन म साइलस म ह सभव ह इसिलए परमा मा क सबध म सब कहा गया झठ हो जाता ह य क उस जब जाना जाता ह तब श द नह

होत वचार नह होत थॉट नह होता िथ कग नह होती सब समा हो जाता ह तब उसका अनभव होता

ह और जब हम उस कहन जात ह बतान जात ह तब श द वापस उपयोग करन पड़त ह जस िनःश द म

जाना ह उस श द म नह कहा जा सकता जस मौन म जाना ह उस वाणी कस कट करगी और जस

च पी म गहन च पी म अनभव कया ह उस बोल कर कस बताया जा सकता ह इसीिलए ना तक जीत जात ह अगर आ तक स ववाद कर आ तक क हार िन त ह आ तक ना तक

स कभी भी जीत नह सकता न जीतन का कारण ह ना तक इनकार करता ह इनकार श द म हो सकता ह

आ तक वीकार करता ह वीकित को श द म बताना क ठन ह इसिलए आ तक िनरतर म कल म रहा ह ल कन आप अपन को आ तक मत समझ लना य क आ तक प वी पर म कल स कभी कोई पदा होता ह प वी पर दो तरह क ना तक ह एक व जो जानत ह क ना तक ह और एक व जो जानत नह क ना तक

ह और अपन को आ तक समझत ह प वी पर आ तक बहत म कल स पदा होता ह य क आ तक तभी

पदा होता ह जब वह परमा मा को जान ल उसक पहल कोई आ तक नह हो सकता य क जस हमन

जाना नह उस पर आ था कस आ सकती ह जस हम जान उसी पर आ था आ सकती ह ल कन सार दिनया म बड़ अजीब बात िसखाई जाती ह आदमी को पता ह नह परमा मा का और हम उस

आ था िसखा दत ह बलीफ िसखा दत ह उस कहत ह--मानो एक ब चा पदा हआ उस हम कहत ह क

मानो परमा मा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 19

यान रह जस चीज को भी कोई मान लगा वह फर उस जान नह सकता मानना बहत खतरनाक ह बलीफ बहत खतरनाक ह म एक छोट स अनाथालय म गया था कोई सौ ब च थ और अनाथालय क सयोजक न मझ कहा हमार ब च को हम धम क भी िश ा दत ह म थोड़ा च कत हआ मन कहा धम क िश ा धम क साधना तो हो सकती ह िश ा नह होती धम क

िश ा हो ह नह सकती िसफ साधना ह हो सकती ह िश ा उन चीज क हो सकती ह जो हमस बाहर ह कोई

दसरा उ ह हम बता सकता ह ल कन जो हमार भीतर ह हमार िसवाय और कोई उस नह बता सकता उसक

तरफ कोई इशारा ह नह हो सकता और जो भी इशारा होगा वह झठ हो जाएगा फर भी मन कहा आप

कहत ह तो म चलगा म गया उ ह न कहा आपको पता नह हम सच म ह िश ा दत ह सौ ब च थ अनाथ ब च थ अब अनाथ ब च को तो जो भी िसखाया जाए सीखना ह पड़गा उन सयोजक न

उन ब च स पछा ई र ह उन सब ब च न हाथ ऊपर उठा दए जस कोई ग णत का सवाल हो या जस कोई भगोल या इितहास क बात

हो उन ब च न हाथ ऊपर उठा दए क हा ई र ह सौ ब च न म बहत च कत हआ मन कहा आदमी मरत तक पता नह लगा पाता ई र क होन का इन ब च को अभी स

पता लग गया यह बलकल चम कार ह उन सयोजक न पछा क आ मा ह उन ब च न फर हाथ उठा दए उन सयोजक न पछा आ मा कहा ह उन ब च न दय पर हाथ रख दए क यहा मन एक छोट स ब च स पछा क तम बताओग दय कहा ह उसन कहा यह तो हम िसखाया नह गया जो िसखाया गया ह वह हम बता रह ह यह हमार कताब म ह

नह िलखा हआ ह आप पछत ह दय कहा ह उसम िलखा ह आ मा यहा ह वह हम बता रह ह य ब च कल बड़ हो जाएग बढ़ हो जाएग सभी ब च एक दन बढ़ होत ह जो बढ़ हो गए ह व भी एक दन

ब च ह थ य ब च कल बड़ ह ग बढ़ ह ग और भल जाएग क वह हाथ जो इ ह न ई र क िलए उठाया था िसखाया हआ हाथ था िसखाए हए हाथ झठ हाथ होत ह बढ़ाप म भी इनस कोई पछगा ई र ह वह बचपन

स सीखी गई बात उठ कर खड़ हो जाएगी य कहग हा ई र ह ल कन वह बात सरासर झठ होगी य क

िसखाई गई ह जानी नह गई ह स म ब च को व दसर बात िसखात ह क ई र नह ह ब च वह सीख लत ह ब च को िसखात ह क ई र

नह ह तो बीस करोड़ का म क कहता ह क ई र नह ह मर एक िम स गए थ एक कल म दखन गए थ एक कल क छोट-छोट ब च स उ ह न पछा ई र ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 20

तो एक छोट स ब च न कहाऔर सार ब च हसन लग क आप भी कसी बात पछत ह ए सड बमानी एक

छोट स ब च न कहा गॉड वाज़ ई र हआ करता था उ नीस सौ स ह क पहल अब कहा जब दिनया म

अ ान था तब ई र था अब कहा स म अब कोई ई र नह ह हमको हसी आएगी ल कन हम भी उन ब च स िभ न नह ह िभ नता इस बात म ह िसफ क उ ह िसखाया

गया ह क ई र नह ह हम िसखाया गया ह क ई र ह ल कन दोन थोथी बात ह य क दोन िसखाई गई

ह न व जानत ह क ई र नह ह न हम जानत ह क ई र ह हमार हालत बलकल एक जसी ह उ ह लोग

ना तक कहग हम लोग आ तक कहग फर आ तक म भी हजार तरह क भद ह हद कछ और सीख लता ह मसलमान कछ और सीख लता ह जन कछ और सीख लता ह बौ कछ और सीख लता ह जो भी हम िसखा दया जाता ह हम वह सीख लत ह तो फर और कोई ान ह या क जो िसखा दया गया वह ान ह अगर िसखाया हआ ान ह तब हो

सकता ह एक दन दिनया म ई र न रह जाए य क सार दिनया को िसखाया जा सकता ह क ई र नह ह िसखाया हआ ान नह ह िसखाया हआ तोत क तरह रटन ह और इस तोत क तरह रटन करन वाल लोग को

हम आ तक समझ लत ह इसस बड़ ाित हो जाती ह आ तक म कल स ह पदा होता ह असल म

आ तक तब पदा होता ह जब हम जान पात ह क वह या ह स य या ह जो ह वह या ह दट हच

इज़ वह या ह जो ह--जब हम उस जानत ह ल कन यान रह जो पहल स व ास कर लता ह वह कभी जान नह सकगा अगर आप जान बना ह

ना तक बन गए ह आ तक बन गए ह हद बन गए ह मसलमान बन गए ह तो आप भटक गए फर

आप कभी भी नह जान सकग य क आपन पहल ह उस बात को वीकार कर िलया ह जस आप नह

जानत ह और जो य इतनी भी ह मत नह जटा पाता क कह सक जस बात को नह जानता ह कह सक

क नह जानता ह वह य कस स य क खोज कर सकता ह स य क खोज क परमा मा क खोज क

पहली शत यह ह क हम क ह व ास म न पड़ हम कसी प को वीकार न कर हम खोजन िनकल मन सना ह एक गाव म एक फक र महमान हआ और उस गाव क लोग आए और उस गाव क लोग न कहा क हमार म जद म चल और हम समझाए ई र क सबध म उस फक र न कहा मझ मा कर दो य क कतन लोग समझा चक कोई समझता ह नह ह अब मझ

परशान मत करो ल कन जतना उसन मना कया जसी क लोग क आदत होती ह जस चीज क िलए मना करो व और

आ हशील हो जात ह जस चीज क िलए मना करो उनका मन और जोर स पकड़न लगता ह क चल दख खोज इस दरवाज पर िलख दया जाए यहा झाकना मना ह और फर इस गाव म शायद ह ऐसा आदमी िमल

जो बना झाक िनकल जाए लोग क िलए िनषध िनम ण बन जाता ह इनकार करो और उ ह आम ण हो जाता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 21

व फक र क पीछ पड़ गए फक र टालन लगा ह व और पीछ पड़ गए ह नह मान ह तो फक र न कहा चलो म चलता ह वह उनक गाव क म जद म गया ह व सब गाव क लोग इक ठ हो गए ह वह फक र मच पर

बठा ह और उसन कहा इसक पहल क म कछ बोल म तमस एक बात पछ ल ई र ह तम मानत हो जानत हो ई र ह उन सार लोग न हाथ हला दए उ ह न कहा क हा ई र ह इसम शक क बात ह नह सदह का सवाल ह

नह हम सब मानत ह ई र ह उस फक र न कहा फर मर बोलन क कोई ज रत न रह य क ई र आ खर ान ह जसन उस भी जान

िलया अब उसस बात करनी नासमझी ह म जाता ह वह नीच उतर गया उसन कहा क जब त ह ई र तक

का पता चल चका ह तो अब और म त ह या बता सकगा बात ह खतम हो गई या ा का ह अत आ गया यह तो अितम अनभव भी त ह हो गया और अब त हार सामन बात क तो म अ ानी ह मझ मा कर दो म जद क लोग बड़ मसीबत म पड़ गए य क जानता तो कोई भी नह था क ई र ह झठ ह हाथ उठा दए

थ उठात व खयाल भी न था क हम झठ हाथ उठा रह ह अगर बहत दन तक झठ हाथ उठात रह तो आदमी खद ह भल जाता ह क य उठाए गए हाथ झठ ह आप भी जब म दर क मित क सामन िसर झकात ह तो कभी खयाल कया ह क यह िसर सच म झक रहा ह या झठा

झकाया जा रहा ह यह िसफ आदत ह िसखाई गई बात ह या आपन भी कभी जाना ह क इस मित म

कछ ह और बड़ आ य क बात ह क जस मित म कछ दख जाएगा उस सार दिनया म कछ नह दखगा फर वह एक म दर को खोजता हआ िसर झकान आएगा फर तो जहा भी दखाई पड़ जाएगा--सब वह ह--वह िसर झका लगा अधािमक क िसवाय म दर म शायद ह कोई कभी जाता ह धािमक तो कभी जाता नह दखा

गया यह म नह कह रहा ह क जो नह जात ह व धािमक ह न जान स कोई धािमक नह होता ल कन

धािमक शायद ह म दर जाता दखा गया ह म जद क लोग परशानी म पड़ गए ल कन उ ह न सोच- वचार कया क इस फक र स सनना तो ज र था बड़ गलती हो गई हमारा उ र ह ऐसा था क आग बोलन क ज रत न रह अब हम दसरा उ र दग फर एक

बार फक र को कसी तरह बला कर ल आओ दसर श वार को फर उ ह न ाथना क उस फक र न कहा क म तो गया था पछली बार ल कन तम तो सब

जानत ह हो अब आग और या बताना ह जो जानता ह ह उस जानन को शष या रह जाता ह अब

तम जानत ह हो तो बात ह या करनी ह पर उन लोग न कहा क हम व लोग नह हम दसर लोग ह फक र उ ह भलीभाित जान रहा था क व वह ह उसन कहा ठ क ह धािमक आदमी का कभी कोई भरोसा

नह जरा म बदल जाए तथाकिथत धािमक व जो सो कॉ ड रलीजस ह उनक बदलन का कोई भरोसा भी नह अभी करान पढ़ रह

ह अभी छाती म छरा भ क द अभी गीता पढ़ रह थ अभी कसी क ी को लकर भाग जाए इसम कोई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 22

क ठनाई नह ह धािमक आदमी स यादा गर-भरोस का आदमी ह प वी पर अब तक नह पाया गया य क

जसको हम धािमक कहत ह सच म वह धािमक ह नह ह थोथा सडो रलीजस झठा िसफ माना हआ

धािमक ह धम का उसक जीवन म कोई सबध नह अगर धम का सबध हो जाए तो आदमी न हद रहगा न

मसलमान न ईसाई धम भी दस हो सकत ह हजार हो सकत ह स य भी हजार तरह का हो सकता ह ग णत एक तरह का होता ह--चाह ित बत म और चाह चीन म और चाह हद तान म हो और चाह स म--

सब जगह ग णत एक ह और किम भी एक ह और फ ज स भी एक ह--साइस एक ह ल कन धम हजार ह िसफ झठ हजार तरह क हो सकत ह स य हजार तरह का नह हो सकता अगर कोई कहन लग क हदओ क

किम अलग ह और मसलमान क किम अलग ह तो समझ लो क इन दोन को पागलखान म भत

करना पड़ इसक िसवाय कोई उपाय न रह य क किम कस अलग हो सकती ह पानी चाह हद गरम

कर चाह मसलमान सौ ड ी पर भाप बनता ह और कोई उपाय नह ह क करान पढ़न वाला कम ड ी पर

भाप बना द और गीता पढ़न वाला यादा ड ी पर भाप बना द पानी सौ ड ी पर भाप बनता ह यह स य ह

यह स य सावलौ कक ह यिनवसल ह धािमक आदमी िसफ धािमक होता ह--ज ट रलीजस--न हद न मसलमान न ईसाई य सब अधािमक क

िसर पर लग हए लबल ह धम कस हो सकत ह पचास तरह क जब पदाथ का िनयम एक ह तो परमा मा

का िनयम कस अनक हो सकता ह उस फक र क फर व पीछ पड़ गए उसन कहा ठ क ह तम कहत हो तो हम चलग वह गया वह मच पर खड़ा हआ उस गाव क लोग न सोच- वचार करक तय कर िलया था क उ र अब दसरा दना ह फक र न पछा

क म पछ ल वह बात क ई र ह तम मानत हो जानत हो त ह उसका अनभव हो गया ह सार म जद क लोग िच लाए कसा ई र हम कछ पता नह न हम मानत ह न हम जानत ह अब आप

बोिलए उस फक र न कहा जस तम मानत ह नह जानत ह नह उसक सबध म बात करन स फायदा या ह जसक त ह कोई खबर ह नह उसका तम ह कस उठात हो कस ई र क बात कर रह हो कस

ई र क म बात क गाव क लोग फर मसीबत म पड़ गए क यह तो बड़ा धोखबाज आदमी मालम पड़ता ह पछली बार हमन हा

भर तो उसन कहा त ह पता ह हो गया बात ख म अब हम इनकार करत ह तो वह कहता ह जसको तम

जानत नह मानत नह जसका त ह कोई पता नह उसक बात भी य करनी बात करन क िलए भी

कछ श आत तो चा हए कसक म बात क कसस म बात क म जाता ह गाव क लोग न कहा यह तो बड़ म कल हो गई यह आदमी कसा ह फर उ ह न कहा अब हम या कर ल कन इसस सनना ज र ह इस आदमी क आख स लगता ह क कछ जानता ह इस आदमी क य व स

लगता ह क इस कछ खबर ह शायद हम ठ क उ र नह द पा रह अब हम या कर उ ह न तीसरा उ र

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 23

तयार कया फर फक र को समझा-बझा कर ल आए उसन कहा क तम य परशान हो रह हो उ ह न कहा क अब हम दसरा ह उ र ह हमार पास फक र न कहा सोच- वचार उ र का कोई मतलब नह होता पागलो तम सोच- वचार कर तय करत हो वह

सब झठ होता ह जो सच होता ह उस सोच- वचार कर तय नह करना पड़ता वह तय होता ह और जस हम

सोच- वचार कर तय करत ह वह कभी सच नह होता िसफ अस य क िलए सोचना पड़ता ह स य क िलए

सोचना नह पड़ता ह और अगर स य क िलए भी सोचना पड़ तो वह अस य ह होगा स य को जानना पड़ता

ह सोचना नह पड़ता अस य को सोचना पड़ता ह इसिलए अस य बोलन वाला सोच- वचार म िचता म परशानी म पड़ जाता ह स य बोलन वाल को परशानी नह होती य क िचता का कोई कारण नह ह जो ह

वह ह जो नह ह वह नह ह फर भी व गाव क लोग नह मान उ ह न कहा एक बार और चल चल बड़ कपा होगी वह गया वह फक र फर मच पर खड़ा हो गया ह उसन फर पछा ह क िम ो म फर वह बात पछ ल--ई र

ह तम मानत हो जानत हो पहचानत हो कछ खबर ह उसक तो म जद क लोग न तय कया थाअगर हम भी होत हम भी उस गाव म होत या हो सकता ह हमम स

कछ लोग उस गाव म रह भी ह तो हमन भी यह तय कया होताआधी म जद क लोग न कहा क हा हम

ई र को मानत ह आध लोग न कहा हम नह मानत अब आप बोिलए उस फक र न कहा तम बड़ नासमझ हो जनको मालम ह व उनको बता द जनको मालम नह मर या

ज रत ह तम मर पीछ य पड़ हो तम मझ य परशान करत हो अब तो कोई ज रत ह नह ह मर म बलकल बकार ह यहा कछ जानत ह कछ नह जानत आपस म एक-दसर को समझा-बझा ल म यह

चला और फक र न चलत व उनस कहा क ह मत हो तो फर चौथी बार आना गाव क लोग बड़ म कल म पड़ गए बहत सोचा ल कन चौथा उ र न िमला करत भी या करत भी

या एक उ र हा का एक न का फर दोन उ र िमला कर द दए हा और न क अब या करत य तीन

तो वक प ह दखाई पड़त ह कोई चौथा अ टरन टव भी तो नह ह बहत परशान हए फक र कई दन का

रहा और गाव म घम-घम कर लोग स कहता रहा य अब नह आत ल कन गाव क लोग कछ भी न

सोच पाए क अब या कर आ खर उस फक र को वह गाव छोड़ दना पड़ा कसी दसर आदमी न दसर गाव म उसस पछा क हमन सना ह उस गाव क लोग फर न आए अगर व आत तो

तम समझात फर ई र को उसन कहा फर मझ समझाना ह पड़ता उस आदमी न कहा तो तमन तीन बार म य नह समझाया उसन कहा म ठ क उ र क ती ा करता रहा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 24

या ठ क उ र हो सकता ह तो उस फक र न कहा अगर व गाव क लोग चप रह जात और कोई उ र न दत तो ह म कछ बोल सकता था

य क तब व ईमानदार होत ऑन ट होत य क ई र क सबध म न तो हम पता ह क वह ह न हम पता

ह क वह नह ह हम बईमान ह अगर हम कोई भी उ र द रह ह ल कन यह बईमानी धािमक क म क ह और जब बईमानी धािमक क म क होती ह तो पहचानना बहत

म कल हो जाता ह अधािमक बईमान आदमी तो पकड़ जाता ह धािमक और बईमान आदमी को पकड़ना बहत

म कल ह य क उसक बईमानी क चार तरफ धािमकता क पत चढ़ाई हई ह हमारा उ र या ह अगर हम सच म ईमानदार ह ऑन ट ह तो हम कहग कोई भी उ र तो हमार पास

नह हम कछ भी तो पता नह हम इतना भी तो नह कह सकत क वह ह हम इतना भी नह कह सकत क

वह नह ह और जो य इतनी स चाई पर खड़ा हो जाए क मझ कछ भी पता नह उस य क स ची

आ तकता क या ा श हो जाती ह य क अगर हम यह अनभव हो जाए क मझ कछ भी पता नह ह तो हम इतनी पीड़ा म इतनी सफ रग म इतन क म पड़ जाएग क वह पीड़ा वह क वह अ ान हम ध क

दगा क हम खोज पर िनकल हम जाए और पता लगाए ल कन हम बड़ अदभत लोग ह हम पता कछ भी नह ह और हम मान कर बठ गए ह क पता ह इसिलए या ा

भी नह करत अब कोई बीमार आदमी समझ ल क म व थ ह तो फर वह इलाज क या फकर कर

इलाज क फकर तो इस बात स श होती ह क ात हो क म बीमार ह तो हम वा य क तरफ भी जा सकत ह प वी पर झठ आ तकता ह और इसिलए धािमक जीवन िनिमत नह हो पा रहा ह और झठ आ तकता का

आधार ह व ास बलीफ और सार दिनया म यह समझाया जाता ह क व ास करो यक न लाओ ा

रखो मानो पछो मत सदह मत करो शक मत करो अ व ास मत करो बड़ उलट बात िसखाई जा रह

ह जो आदमी व ास म जीएगा वह कभी भी अनभव तक नह पहचता ह अनभव तक कवल व ह लोग

पहचत ह जो झठ व ास म नह जीत झठ अ व ास म भी नह जीत अ व ास डस बलीफ भी एक

तरह का व ास ह-- वरोधी व ास ह िनग टव बलीफ ह ईमानदार आदमी चप खड़ा हो जाता ह क मझ पता नह ड एचलारस एक बगीच म घम रहा था एक अदभत आदमी था एक छोटा ब चा उसक साथ घम रहा ह और

वह लारस स पछता ह जसा क छोट ब च अ सर सवाल उठा दत ह जनका क बढ़ भी उ र नह द सकत ल कन इतन ह मतवर बढ़ कम होत ह जो मान ल ब च क सामन इस बात को क मझ उ र पता नह इसी तरह क कमजोर बढ़ न दिनया को परशानी म डाल रखा ह ब च न उठा दया एक सीधा सा व को दखा

ह और हाथ उठा कर लारस स पछा हाय द ज आर ीन व हर य ह लारस न कहा द ज आर ीन बकाज द आर ीन व हर ह य क व हर ह उस ब च न कहा यह भी कोई उ र हआ यह कोई उ र ह हम पछत ह व हर य ह आप कहत ह क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 25

हर ह य क हर ह यह कोई उ र हआ लारस न कहा क उ र का मतलब िसफ इतना ह क मझ पता नह ह और म झठ नह बोल सकता ह इस आदमी का भाव दखत ह वह कहता ह मझ पता नह यह धािमक आदमी का पहला ल ण ह क वह

साफ होगा इस बात म क मझ या पता ह और या पता नह ह या आप साफ ह आपन कभी लखा-जोखा कया ह क मझ या पता ह और या पता नह ह आप बहत

हरान हो जाएग शायद ह जीवन का कोई परम स य पता हो ल कन जन बात का हम बलकल पता नह ह हम बहत जोर स टबल ठ क-ठ क कर कहत ह क हम प का पता ह न कवल टबल ठ कत ह एक-दसर क

छाती म छरा भी भ कत ह-- क मझ जो पता ह वह यादा ठ क ह त ह जो पता ह वह गलत ह आ य ह जन स य क सबध म हम कोई भी बोध नह ह उनक सबध म हम कतन फन टक कतन

पागल कतन आ ामक कतन अ िसव ह समझ क बाहर ह यह बात ल कन यह बात हमार थित बनी ह इस थित को तोड़ना ज र ह तो म आपस िनवदन करना चाहगा कभी एकात ण म इस पर सोचना क धम क सबध म मझ या पता

ह िन त ह गीता क स आपको याद ह ग करान क आयत भी याद हो सकती ह बाइ बल क वचन भी

कठ थ हो सकत ह ल कन यान रखना वह आपका ान नह ह गीता म जो ह वह क ण का ान रहा

होगा आप उस पढ़ कर अपना ान नह बना सकत ह बारोड उधार िलया हआ ान अ ान स बदतर ह

य क अ ान कम स कम अपना तो होता ह इतना तो ह क मरा ह कम स कम ामा णक ऑथ टक तो होता ह क मरा ह ान उधार ह सब और अ ान हमारा ह यान रह मर अ ान को म सार दिनया क ान को भी इक ठा कर ल तो भी नह िमटा सकता य क

अ ान मरा ह और ान दसर का ह दसर का ान मर अ ान को िमटा नह सकता ह कस िमटा सकता ह दोन कह कटत ह नह दोन कह एक-दसर को पश भी नह करत दसर का ान अ ान स भी खतरनाक

हो सकता ह मन सना ह एक अधा आदमी अपन एक िम क घर महमान ह रात बहत-बहत भोजन बन ह खीर बनी ह

उस अध आदमी न अपन िम स पछा यह खीर या ह यह कस चीज को तम खीर कहत हो यह कसी

ह कसस बनी ह मझ कछ समझाओ मझ बहत पसद पड़ ह िम समझदार रह ह ग दिनया म नासमझ आदमी तो म कल स ह िमलता ह सभी समझदार ह व भी समझदार थ उ ह न उस अध आदमी को बताया क खीर जो ह वह दध स बनी ह उस अध आदमी न कहा क यह दध या ह कसा होता ह या ह रग या ह प उन समझदार न कहा क दध बलकल श सफद होता ह उस अध आदमी न कहा मझ म कल म डाल द रह हो मरा पहला वह का वह खड़ा रहता ह तम जो

जवाब दत हो उसस और नय खड़ हो जात ह यह सफद या बला ह यह सफद या ह यह सफद

कसी होती ह यह श कसको कहत हो तम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 26

समझदार कम समझदार न थ एक समझदार आग बढ़ा और उसन कहा कभी बगला दखा ह नद क कनार तालाब क तट पर झील क पास सफद बगला ठ क बगल क पख जसा सफद होता ह दध उस अध आदमी न कहा तम पहिलय म उलझाए द रह हो यह बगला या बला ह और मर पहल तो

अब कतन दर छट गए त हार जवाब मझ बहत आग ल आए ह ल कन हर बात वह क वह अटक हई ह

यह बगला या होता ह कसा होता ह कछ मझ इस तरह समझाओ क म समझ सक एक समझदार आदमी न अपना हाथ आग बढ़ाया उस अध आदमी को कहा क मर हाथ पर हाथ फरो अध

आदमी न हाथ पर हाथ फरा यह कछ समझ म आन वाली बात थी य क अध को पश अनभव हआ उस

समझदार आदमी न कहा क जस मर हाथ पर तमको सडौल मालम होता ह ऐस ह बगल क गदन सडौल होती ह वह अधा आदमी खड़ होकर नाचन लगा उसन कहा म समझ गया क दध सडौल हाथ क तरह होता ह म

बलकल समझ गया व सब िम कहन लग मा करो मा करो इसस तो बहतर था क तम न जानत थ यह जानना तो और

म कल म डाल दगा नह दध सडौल हाथ क तरह नह होता उस अध आदमी न कहा मझ य म कल म डालत हो त ह न तो मझ समझाया ह असल बात यह ह क अध आदमी को सफद रग क सबध म कछ भी नह समझाया जा सकता और जो समझान

जाता ह वह िनपट नासमझ ह अध आदमी क आख का इलाज हो सकता ह सफद रग नह बताया जा सकता आख का इलाज हो जाए तो सफद रग दखाई पड़ सकता ह और कोई उपाय नह ह हम सब जहा तक स य का सबध ह अध ह हम कछ पता नह ह और हम सबन कताब म स कछ समझ

िलया ह वह उसी अध आदमी क हाथ क तरह वह उसी अध आदमी क धारणा क भाित हम उसको पकड़ कर

बठ हए ह और हम जदगी- जदगी पकड़ कर बठ रह उसस हम कह पहचग नह पहली बात जाननी ज र ह क हम अध ह और दसर बात जाननी ज र ह क हम कछ भी दखाई नह पड़ता

ह जहा तक ई र का स य का सबध ह हम कछ भी पता नह ह कछ भी दखाई नह पड़ता ह यह पहली

स चाई होगी जस हम वीकार कर ल तो फर आग बढ़ा जा सकता ह तब हम पछ सकत ह क यह आख

कस ठ क हो क हम जान सक ल कन जसन मान िलया वह यह पछता ह नह क हम जान सक वह तो यह मान लता ह क जान िलया

वह तो व ास को धीर-धीर धीर-धीर ान बना लता ह उस पता ह नह चलता क मन गीता म ऐसा पढ़ा

था कब वह समझन लगता ह क ऐसा म जानता ह म दखता ह लोग बठ ह--धािमक लोग--आख बद करक सोच रह ह अह ा म म ह म ह म

ह कसी कताब म पढ़ िलया ह अब दोहरा रह ह क म ह अब दोहरात र हए या दोहरान स पता चल जाएगा क आप ह कस पता चल जाएगा जब पहली बार

आपन दोहराया क म ह तब आपको पता नह था जब आपन दसर बार दोहराया तब भी आपको पता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 27

नह था जब आपन तीसर बार दोहराया तब भी आपको पता नह था और अगर पता ह हो गया था तो चौथी

बार दोहराया कसिलए तो चौथी बार दोहराया तब भी पता नह था हजार बार लाख बार करोड़ बार

दोहराइए पता कस हो जाएगा रपीट शन नॉलज बन जाता ह दोहरान स ान पदा हो जाता ह तब तो बड़ा स ता मामला ह तब तो बहत ह स ता मामला ह तब तो हटलर न ठ क िलखा ह अपनी आ मकथा म उसन िलखा ह क दिनया म सफद झठ जसी कोई चीज नह होती जस झठ को बार-बार

दोहराओ वह स य हो जाता ह तब तो फर हटलर परम ानी ह और मज क बात यह ह क हम हटलर को

कभी ानी न कहग ल कन हम यह कर रह ह ान क िलए हा यह बात ज र सच ह क अगर अस य को भी बार-बार दोहराया जाए तो हम धीर-धीर यह भल जात ह क

यह अस य ह दसरा नह हम खद भल जात ह अगर आप बचपन स एक अस य को दोहरात रह दोहरात रह तो बढ़ाप तक याद रखना जरा म कल हो जाएगा क यह अस य था और मन जब पहली बार दोहराया था

तो अस य था मझ पता नह था यह भल जाएग आप िनरतर दोहरान स िसफ भल सकत ह ल कन ान

नह हो सकता िसफ इतना भल सकत ह मन सना ह एक प कार मर गया और मरत ह स वग क दरवाज पर पहच गया--जनिल ट अखबार वाला

अब अखबार वाला था उसन कहा क सीध वग म मझ जगह िमलनी चा हए और यहा कोई िमिन टर या

कह भी दरवाजा खटखटाए तो दरवाजा खलता था तो उसन कहा भगवान भी य डरता होगा ज र अखबार वाल स कौन नह डरता जाकर उसन सीधा दरवाजा खटखटाया ारपाल न बाहर झाक कर दखा उसन

कहा दरवाजा खोलो म एक बड़ अखबार का रपोटर ह और म मर गया ह और म वग म रहना चाहता ह उस ारपाल न कहा माफ क रए पहली तो बात यह ह क वग म कोई घटना ह नह घटती यज ह नह

घटती य क यज क िलए भी तो उप वी आदमी चा हए--राजनीित चा हए गड चा हए बदमाश चा हए

यहा कोई आत ह नह इस तरह क सब लोग हाला क जमीन पर जो भी मरता ह व सभी वग य िलख जात

ह सब वग चल जात ह ऐसा हम मानत ह जाता म कल स ह कोई कभी होगा उस ारपाल न कहा यहा कोई घटना ह नह घटती अखबार कहा चल और यहा का एक िन त कोटा ह दस अखबार वाल को हमन

जगह द रखी ह ल कन वह भी बकार ह कोई काम ह नह ह और अखबार भी िनकालो तो कोई पढ़न को राजी

नह होता इसिलए वह ठ प ह पड़ा ह काम अगर त ह जाना ह ह तो नरक चल जाओ वहा बहत अखबार

चलत ह बड़ अखबार चलत ह बहत सकलशन ह अखबार का य क घटनाए भी खब घटती ह घटनाए ह

घटनाए ह वहा तो जहा दखो वह घटना घट रह ह पर उसन कहा क मझ तो वग म रहना ह आप एक कर सकत ह तरक ब मझ चौबीस घट क िलए भीतर ल ल म दस अखबार वाल म स एक को राजी कर लगा क वह नरक चला जाए तो फर तो जगह खाली होती ह

मझ उस ारपाल न कहा आप आ जाए चौबीस घट आप कोिशश कर ल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 28

वह अखबार वाला भीतर गया जो भी आदमी उस िमला उसन कहा सना तमन नरक म एक बहत नया

अखबार िनकलन वाला ह उसक िलए एक बड़ सपादक क चीफ एड टर क ज रत ह मोटर भी िमलगी बगला भी िमलगा सब इतजाम ह बड़ तन वाह भी ह उसन पर वग म खबर फला द साझ को वह वापस

ारपाल क पास आया और उसन पछा क कहो कोई गया ारपाल न दोन हाथ रोक कर उसस कहा क ठहरो व दस चल गए ह और अब तम नह जा सकत य क

यहा हम तो बहत म कल म पड़ जाएग दस का कोटा ह व दस ह भाग गए ह व कहत ह हमको नरक जाना ह सब चल गए ल कन उस अखबार वाल न कहा रा त स हटो म भी जाऊगा उसन कहा तम कस पागल हो उसन कहा कौन जान बात सच भी हो सकती ह क अखबार वहा िनकल रहा हो य क मन जसस भी सना

ह दन म सभी यह कह रह ह क अखबार िनकलन वाला ह पर वग म एक ह चचा ह कौन जान उस ारपाल न कहा पागल सबह तन ह यह झठ श कया था उसन कहा सबह को बहत दर हो गई बात सच भी हो सकती ह म ल कन यहा नह रहना चाहता झठ हो तो

भी कोई हजा नह जब दस आदिमय न मान िलया तो बात म कछ न कछ जान होनी चा हए हम भी भल जात ह क हमन कब झठ वीकार कया था खद और अगर बोलत ह चल जाए तो आ खर म पता ह नह रहगा क यह झठ था दोहरान स कोई स य नह होता ह हम कताब पढ़ लत ह--ई र क सबध म क सबध म आ मा क सबध

म बात सीख लत ह फर उनको दोहरान लगत ह और दोहरात-दोहरात मर जात ह हम कछ जान नह पात या कर

इसिलए म आपस यह िनवदन करना चाहता ह पहली बात तो यह समझ क हम अ ानी ह परम अ ानी ए सो यट इ नोरट ह स य क सबध म यह पहला स य होगा यह पहला चरण होगा म दर का परमा मा क और जब परम अ ान ह हमारा और दसर क ान स ान िमल नह सकता-- कतनी ह गीता कठ थ करो और

कतन ह -स पढ़ो ान नह िमल सकता ह कसी कताब स न कसी ग स ासफरबल नह ह वह

कोई ऐसी चीज नह ह क कसी न म ठ भर और आपको द द अगर ऐसा होता तो एक ह ग सार दिनया म

ान बाट जाता फर कोई ज रत न थी कोई कसी को ान द नह सकता अगर म य को जानना ह तो खद

मरना पड़ता ह और अगर ान को उपल ध करना ह तो खद उस माग स गजरना पड़ता ह जहा ान उपल ध

होता ह या ह वह माग

सम त वचार स म हो जाना पण श य म ठहर जाना मौन पण मौन म उतर जाना वह माग ह य द

हम ण भर को भी पण मौन म हो सक क लीट साइलस म हो सक तो हम उस जान लग जो ह य आ खर मौन म होन स य जान लग

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 29

जब तक हमारा मन श द स भरा ह वचार स भरा ह तब तक बचन ह तब तक ऐसा ह जस झील पर तरग

ह चाद ह आकाश म और झील तरग स भर ह तो चाद का ित बब नह बनता फर झील म और फर झील

शात हो गई कोई तरग नह ह झील मौन हो गई एक लहर भी नह ह झील क छाती पर झील बलकल

साइलट शात हो गई ह तो झील एक दपण बन जाती ह और चाद उसम ितफिलत हो जाता ह र ल ट हो

जाता ह दखाई पड़न लगता ह मौन क थित म हम बन जात ह दपण शात और जो ह वह उसम ितफिलत हो जाता ह उसम दखाई

पड़ जाता ह मन य को बनना ह दपण चप एक लहर भी न हो मन पर तो उसी ण म जो हउसी का नाम परमा मा

हम कह स य कह जो भी नाम दना चाह नाम स कोई फक नह पड़ता ह नाम क झगड़ िसफ ब च क

झगड़ ह कोई भी नाम द द--ए स वाय जड कह तो भी चलगा वह जो ह अननोन अ ात वह हमार

दपण म ितफिलत हो जाता ह और हम जान पात ह तब ह आ तकता तब ह धािमकता तब धािमक य

का ज म होता ह अदभत ह आनद उसका स य को जान कर कोई दखी हआ हो ऐसा सना नह गया स य को बना जान कोई

सखी हो गया हो ऐसा भी सना नह गया स य को जान बना आनद िमल गया हो कसी को इसक कोई

सभावना नह ह स य को जान कर कोई आन दत न हआ हो ऐसा कोई अपवाद नह ह स य आनद ह स य

अमत ह स य सब कछ ह-- जसक िलए हमार आका ा ह जस पान क यास ह ाथना ह ल कन हम

दपण नह ह जसम स य ितफिलत हो सक एक यवा फक र सार दिनया का च कर लगा कर अपन दश वापस लौटा था उस दश का स ाट बचपन म उसक

साथ एक ह कल म पढ़ा था वह फक र स ाट क पास गया सार प वी स घम कर लौटा ह फक र--अधन न फट व स ाट गल िमला ह बठत ह स ाट न पछा ह सार दिनया घम कर आए मर िलए कछ लाए हो जनक पास सब कछ होता ह उनक मन म भी और कछ क वासना तो बनी ह रहती ह एक स ाट एक फक र

स मागन लगा क मर िलए कछ लाए हो फक र न कहा क मझ खयाल था िन त ह क तम ज र िमलत ह पहली बात यह पछोग जनक पास बहत

ह पहली बात उनक मन म यह उठती ह तो म त हार िलए कछ ल आया ह स ाट न चार तरफ दखा फक र क पास तो कछ मालम नह पड़ता हाथ खाली ह झोला भी साथ नह

स ाट न कहा या ल आए हो फक र न कहा मन बहत खोजा बहत खोजा बड़-बड़ बाजार म बड़ -बड़ राजधािनय म ल कन म यह

सोचता था कोई ऐसी चीज ल चल जो त हार पास न हो ल कन जहा भी गया मझ खयाल आया यह सब

त हार पास ज र होगा तम कोई छोट स ाट नह और दखता ह त हार महल म सभी कछ ह भल हो जाती

बड़ म वह कछ भी नह लाया फर एक चीज मझ िमल गई जो म लाया ह स ाट तो खड़ा हो गया उसन कहा ऐसी कोई चीज लाए हो जो मर पास नह ह दख ज द िनकालो मर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 30

उ सकता को यादा मत बढ़ाओ उस फक र न खीस म हाथ डाला फट कत स एक छोटा सा दो पस का दपण दो पस का िमरर िनकाल कर

स ाट को द दया स ाट न कहा पागल हो गए हो मर पास बड़-बड़ दपण ह यह तम दो पस का दपण लाए

हो क मर पास नह होगा कस पागल हो उस फक र न कहा यह दपण साधारण नह ह इसम अगर दखोग तो तम अपन को ह दख लोग दसर दपण

म िसफ शर र दखा होगा इसम तम ह दख जाओग कागज म िलपटा हआ ह दपण स ाट न कहा म इस खोल कर दख फक र न कहा अकल म दखना य क इसम तम दख जाओग जस हो जो ह फर फक र चला गया एकात होत ह स ाट न कागज फाड़ा एक साधारण सा दपण ह जसको दपण कहना

भी म कल ह अ यत द न-द र दपण ह ल कन उस दपण पर एक वचन िलखा हआ ह क और सब दपण

यथ ह एक ह दपण साथक ह और वह वह दपण ह जो तम बन सकत हो मौन हो जाओ चप हो जाओ िच क सब तरग बद कर दो उसी दपण म दख सकोग क तम कौन हो और जो वय को दख ल वह सबको

दख लता ह एक बार झलक िमल जाए शात होकर जीवन क सब िमल जाता ह ल कन हम खोजत ह शा म शा म कभी न िमलगा हम खोजत ह ग ओ क पास कभी न िमलगा कोई

कसी को द सकता नह ह हमार पास और हम खोजत ह कह और तो भटकत रहत ह एक ह बात आपस कहना चाहता ह वह यह अ ान को समझ और अ ान को झठ ान स ढाक मत उधार ान स अपन अ ान को भलाए मत उधार ान को दोहरा-दोहरा कर जबद ती ान बनान क यथ च ा म न

लग ऐसा न कभी हआ ह न हो सकता ह एक ह उपाय ह और जस उपाय स सबको हआ ह कभी भी हआ

ह कभी भी होगा और वह उपाय यह ह क कस हम दपण बन जाए--ज ट ट बी ए िमरर दपण पता ह आपको दपण क खबी या ह दपण क खबी यह ह क उसम कछ भी नह ह वह बलकल

खाली ह इसीिलए तो जो भी आता ह उसम दख जाता ह अगर दपण म कछ हो तो फर दखगा नह दपण म

कछ भी नह टकता दपण म कछ ह ह नह दपण बलकल खाली ह दपण का मतलब ह टोटल ए ट नस बलकल खाली कछ ह ह नह उसम जरा भी बाधा नह ह अगर जरा भी बाधा हो तो फर दसर चीज पर

नह दखाई पड़गी जतना क मती दपण उतना खाली जतना स ता दपण उतना थोड़ा भरा हआ बलकल

परा दपण हो तो उसका मतलब यह ह क वहा कछ भी नह ह िसफ कपिसट ट र ल ट कछ भी नह ह िसफ मता ह एक ितफलन क --जो भी चीज सामन आए वह दख जाए या मन य का मन ऐसा दपण बन सकता ह

बन सकता ह और ऐस दपण बन मन का नाम ह यान ह म डटशन ह ऐसा जो दपण जसा बन गया मन ह उसका नाम यान ह ऐस मन का नाम यान ह यान का मतलब यह नह क राम-राम राम-राम राम-राम कर रह ह यान का कोई सबध नह ह यह सब

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 31

लहर चल रह ह राम-राम क नाम क चल रह ह इसस या फक पड़ता ह क ओम-ओम ओम-ओम कर

रह ह वह भी लहर चल रह ह ओम क चल रह ह इसस या फक पड़ता ह कोई लहर न रह जाए श द

क कोई वचार न रह जाए कछ भी न रह जाए बस खालीपन रह जाए तो उस खालीपन म हम उस जान

लग जो चार तरफ मौजद ह भगवान को खोजन कह कोई हमालय पर कोई एवर ट पर थोड़ ह जाना ह न कसी चाद-तार पर जाना ह

वह ह यह सब जगह सच तो यह ह क वह ह उसक अित र और कछ भी नह ह इसिलए जो पछता ह

कहा खोजन जाऊ वह पागल ह कोई अगर यह पछ क कोई ऐसी जगह बताओ जहा भगवान न हो तो समझ म आ सकता ह क यह आदमी कछ खोजन िनकला ह ल कन कोई कहता ह मझ वह जगह बताओ

जहा भगवान ह तो समझना यह आदमी पागल ह य क ऐसी कोई जगह ह नह ह जहा वह नह ह असल

म होना मा वह ह जो भी ह वह ह उसक अित र और कछ भी नह ह ई र का मतलब ह अ त व ए झ टस जो ह फर कमी या ह हम खोज य नह पात उस कमी शायद इतनी ह ह क हम दपण नह ह जसम वह झलक जाए हम भीतर भर ह और वह नह झलक

पाता हम भीतर तरग स भर ह और वह नह झलक पाता इसिलए कह खोजन न जाए िसफ चप बठ मौन

बठ और धीर-धीर इस दशा म थोड़ा योग कर क कस मन क वचार ीण होत चल जाए ीण होत चल

जाए और एक दन आ जाए जस दन मन म कोई वचार न हो हम ह वह हो और बीच म कोई वचार न

हो बस उसी ण िमलन हो जाता ह और यह भी क ठन नह ह बहत क ठन ह बहत क ठन नह ह क ठन

तो ह ह ल कन बहत क ठन नह ह असभव नह ह कस यह सभव होगा एक छोटा सा स और अपनी बात म पर कर दगा एक छोट स स को यान म रख ल यह सभव हो जाएगा आधा घट को चपचाप बठ जाए रोज चौबीस घट म

और कछ भी न कर बस मन को दखत रह िसफ दखत रह ज ट ऑ जवशन िसफ दखत रह--यह हो रहा

ह यह हो रहा ह यह हो रहा ह मन म यह वचार आया वह वचार आया आया-गया आया-गया भीड़

लगी ह रा ता चल रहा ह बस चपचाप दखत रह दखत रह दखत रह कछ भी न कर माला भी न फर राम-राम भी न जप म भी न दोहराए कछ भी न कर बस इस मन को दखत रह क य वचार चल रह ह य चल रह ह य जा रह ह य आ रह ह रोक भी न कसी वचार को झगड़ भी न दबाए भी न कसी वचार

को िनकाल भी न य क कसी वचार को िनकालन गए क फर कभी न िनकाल पाएग असभव ह वह बात

दबाया कसी को तो फर उसस कभी छटकारा न होगा वह छाती म दबा हआ खड़ा ह रहगा सदा लड़ कसी स

क हार लड़ना ह मत वचार स जो वचार स लड़गा वह हारगा य इसिलए नह क वचार बहत मजबत

ह और हम बहत कमजोर ह इसिलए क वचार ह ह नह छाया ह और छाया स लड़न वा ला कभी नह जीत सकता आप बड़ स बड़ द य स भी जीत सकत ह ल कन कसी छाया स लड़ फर न जीत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 32

सकग इसका यह मतलब नह क छाया बहत मजबत ह इसका कल मतलब क छाया व ततः ह ह नह

उसस लड़ क बवकफ बन अपन हाथ स मढ़ बन और गए और हार और िमट लड़ना मत जझना मत िनणय मत करना रोकना मत चपचाप बठ कर दखत रहना मन को और अगर

थोड़ा साहस रखा और भयभीत न हए और भाग न और दखत रह य क भय लगगा य क जब मन को दखन बठग तो पाएग या म पागल ह अगर दस िमनट एकात म

बठ कर मन म जो चलता हो उस िलख डाल ईमानदार स तो पित अपनी प ी को न बता सकगा प ी अपन

पित को न बता सकगी िम अपन िम को न बता सकगा क यह मर दमाग म चलता ह और अगर बताया तो घर भर क लोग च क कर दखग और कहग क ज द अ पताल ल चलो य बात त हार दमाग म चलती

ह हाला क जो कहगा क तम पागल मालम पड़त हो वह भी दस िमनट बठगा तो यह उसको भी पता

चलगा और जस डा टर क पास व ल जा रह ह अगर वह भी दस िमनट बठगा तो यह उसको भी पता चलगा भयभीत न हए अगर भाग न डर न चपचाप दखत रहमन बलकल पागल जसा मालम पड़गा पागल म

और हमम कोई बिनयाद फक नह ह िसफ ड ी का फक होता ह कोई अ ठानब ड ी का पागल ह कोई सौ

ड ी का कोई एक सौ दो क भाप पर िनकल गया आग चला गया ह इसिलए तो दर नह लगती ह--एक

आदमी का दवाला िनकला तब तक वह ठ क था कल तक अभी दवाला िनकला वह पागल हो गया एक

आदमी ठ क था उसक प ी मर गई वह पागल हो गया एक आदमी ठ क था कछ गड़बड़ हई पागल हो

गया ड ी का फक ह एक ड ी इधर था जरा ह ताप बढ़ गया उस तरफ हो गया पागलखान म जो ह और पागलखान क जो बाहर ह उनक बीच द वाल का ह फासला ह यादा फासला नह

ह और कोई भी आदमी फौरन द वाल क भीतर हो सकता ह हम सब उ ाप क कर ब ह रहत ह ल कन

स हाल-स हाल चलत ह तो जब बठ कर दखग तो लगगा एकदम मडनस पागलपन पर साहस रखना और दखत चल जाना मत

डरना मत भागना तो धीर-धीर धीर-धीर पागलपन ीण हो जाता ह िसफ दखन स कछ भी न करन स

धीर-धीर भीतर एक नई चतना जगन लगती ह--दखन वाल क ा क सा ी क --और वचार खोन लगत ह

एक दन आ जाता ह िन त आ जाता ह जब वचार धीर-धीर-धीर समा हो जात ह िसफ हम रह जात ह

और कोई वचार नह रहता िसफ चतना रह जाती ह--एक लम क तरह एक योित क तरह जरा भी कपती

नह जरा भी हलती नह बस उसी अकप अडोल अचल चतना म वह दपण बन जाता ह जसम भ क

दशन होत ह परमा मा कर इस दशा म खयाल आ जाए मर बात को इतन म और शाित स सना उसस बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ परमा मा

को णाम करता ह मर णाम वीकार कर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 33

जीवन रह य तीसरा वचन व प का उदघाटन

समझन म म कल पड़ती ह पहली बात तो यह समझन म म कल पड़ती ह क कह जाना नह ह यह

समझना ह म कल हो जाता ह हमार िच क पर क पर यव था ऐसी ह क वह कहता ह कह चलो यहा कछ भी नह ह परा िच ह इस तनाव स बना ह क कह चलो वहा कह दर म जल ह िच का आधार ह

यह ह क म जल दर हो नह तो िच गया य क म जल दर ह तो पान क कोिशश करनी पड़ती ह सोचना पड़ता ह योजना बनानी पड़ती ह ढग खोजन पड़त ह और म जल दर ह तो आज तो िमल नह जाती कल

िमलगी इसिलए आज स कल क ित तनाव जार रखना पड़ता ह मन जीता ह तनाव म और सब तनाव गहर म कह पहचन का तनाव ह--चाह वह धन चाह यश चाह धम चाह मो मन मरा उसी व जस व आपन कहा कह नह जाना जाना ह नह ह कह तो मन क

अ त व क सार आधारिशला हट गई और जब तक आप कह जान म लग ह तब तक एक बात प क ह क अपन को जानन म नह लग सकत य क यह दर ल जान वाला मन पास नह आन दता और यह दर ल जान वाला मन इतना कशल ह क फर

अगर दर आप चल जाए तो यह कहता ह क पास जान क िलए भी कोई रा ता चा हए जस एक आदमी यहा सोया रात और उसन सपन म दखा क वह कलक ा चला गया ह तो वह कसी रा त स

लौटाना पड़गा उस कलक स यहा वापस वह गया ह नह ह य क सच बात यह ह क हम जहा ह वहा स

व ततः हम जा ह कस सकत ह जो हम ह उसस अ यथा हम हो कस सकत ह हम वह ह िसफ हमारा

मन चला गया ह िसफ कामना चली गई ह मन भी या जाएगा कामना चली गई ह डजायर चली गई ह

दर हम वह खड़ ह अब सवाल कल इतना ह क जहा हम खड़ ह वह हम अपनी सार डजायर को सार वचार को सार कामना

को वह रोक ल जहा हम खड़ ह तो जो हम ह वह हम पता चल जाए तो एक तो यह समझ म नह आता साधारणतः य क जीवन का सारा अनभव यह कहता ह क म जल दर ह

और आ मक अनभव क बात बलकल उलट ह क म जल दर बलकल नह ह बलकल ह पास ह पास भी

नह ह तम ह हो म जल तो जो म जल दर हो उसको जोड़न क िलए रा ता चा हए विध चा हए मथड

चा हए ट नीक चा हए और समय चा हए आज तो हो ह नह सकता वह अभी तो हो नह सकता कभी

होगा फर ग चा हए फर बतान वाला गाइड चा हए य क म जल आग ह भ व य अधकारपण ह हम

वहा गए नह ह कभी तो कोई चा हए जो बताए भ व य म म जल ह तो फर ग अिनवाय ह शा अिनवाय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 34

ह गाइड होगा यव था होगी विध होगी ट नीक होगी ल कन मज क बात यह ह क म जल यह ह--अभी इसी व कह जाना नह ह खोजन िसफ ठहर जाना ह

और ठहर वह जाएगा जो खोज बद कर द य क खोजन वाला मन ठहर कस सकता ह वह खोज रहा ह खोज रहा ह नह खोज रह ह आप नो-सी कग क एक हालत ह कछ भी नह खोजना ह बस ह तो इस ण म होगा

या इस ण म जब आप कह दर नह ह ग तो चतना वह होगी जहा ह और यहा उदघाटन ए स लोजन होगा सभी विधया इस बात को मान कर चलती ह क आप कह चल गए ह या कह आपको जाना ह तो विध मा

क जो भल ह वह हमार जान वाल मन म लगी हई ह और जब विध सीखग तो फर ग चा हए फर सब

आएगा पीछ स--सार ग डम आएगी आ म आएगा स दाय आएगा अनयायी आएग वह सब आएगा दसर मज क बात ह जो खयाल म नह आती और वह यह ह क अगर कसी ण म कोई य कछ भी नह

खोज रहा और कछ भी नह कर रहा तो भी कह तो होगा होगा तो ह न खोजता हो न करता हो न

सोचता हो तो भी कह होगा कहा होगा अपन स अ यथा होन क सब दरवाज बद ह न तो वह कछ कर रहा

ह क जसम उलझ जाए न वह कछ सोच रहा ह जसम फस जाए न वह कछ खोज रहा ह जसम वह चला

जाए न खोज रहा ह न सोच रहा ह न कर रहा ह--नॉन-डइग नॉन-सी कग नॉन-िथ कग होगा कहा जाएगा कहा िमट तो नह जाएगा होगा तो फर भी वह फर वह होगा जहा ह कोई उपाय नह रहा उसका बाहर जान क दरवाज गए य सब दरवाज बाहर ल जान

वाल ह तब वह कसी थित म जस थित म होगा वह उसका वभाव होगा व प होगा उसका

उदघाटन करना ह और व प क उदघाटन क िलए सब मथड बाधाए ह और सब रा त बाधाए ह य क व दर

ल जात ह कह खोज पर ल जात ह यह एकदम स खयाल म आना अित क ठन मालम होता ह एक बार खयाल म आ जाए तो इसस यादा सरल

कछ भी नह ह ल कन हमारा जो माइड ह उसक पर क पर यव था इसी भाषा म सोचन क ह--कहा जाना

ह या पाना ह कस जाना ह और जब कोई रा ता बताता ह तो हमार समझ म पड़ता ह क ठ क बात

कह जा रह ह--रा ता होगा ट नीक होगी पहचना होगा स यानद जी न बहत ब ढ़या बात कह पीछ उ ह न कहा क चाह विध स और चाह अ- विध स मथड स चाह नो-मथड स पहचना हमको वह ह पाना हमको वह ह अब इस अगर गौर स दखग तो बहत मजदार ह यह व य स यानद जी न जो कहा बहत मह वपण ह

इसका मतलब या होता ह अगर आप यह कहत ह क चाह विध स और चाह ना- विध स म जल तो एक

ह ह तो फर आप विध खोज ह लग फर विध स आप नह बच सकत य क विध जड़ ह म जल क

साथ फर आप ना- विध क बात ह नह सोच सकत और म यह कह रहा हइसिलए व कह सकत ह क जो

मन कहा वह उ ह न कहा म नह कह सकता यह क जो मन कहा वह उ ह न कहा वह तो बलकल ह उलटा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 35

ह जो उ ह न कहा हआ ह यह म नह कह सकता यह बात य क म बात ह और कह रहा ह म यह नह कह

रहा ह क मथड स भी पहच जाता ह कोई नो-मथड स भी पहच जाता ह म यह कह रहा ह क मथड वाला पहच

ह नह सकता य क मथड हमशा भ व य क तरफ इिगत करता ह म जल क तरफ नो-मथड अपनी

तरफ इिगत करता ह य क नो-मथड म म जल का कोई उपाय नह ह जाइएगा कहा रा ता नह ह कोई रा ता तो कह ल जाता ह वह हमशा कह ल जाता ह और यहा क ठनाई यह हो गई ह आ मक जीवन क क

यहा हम कह जाना नह ह जहा हम ह वह एक ण को भी हम हो जाना ह तो कसी भी रा त पर हम गए तो हम भटक तो इधर लोग तो कहत ह क रा ता पहचाता ह और म कहता ह रा ता मा भटकाता ह और सब मामल म

बलकल ठ क ह यह बात क अगर आपको टशन जाना ह तो रा त स जाएग और बबई जाना ह तो रा त स

जाएग एक मामल भर म यह बात गलत ह अगर अपन पर आना ह तो रा त स आप नह आ पाएग य क

रा त पर चलना ह दर िनकलन क श आत हो गई तब या कर तब सवाल यह उठता ह कर या तो मरा कहना यह ह क हम इस थित को समझ ठ क स यह पर िसचएशन हमार समझ म आ जाए क

ऐसा उलझाव ह अगर रा ता पकड़ा तो भटक गए व ऐसा ह समझात ह--अदर जान क िलए भी रा ता ह यह जो क ठनाई ह न असल म मजा यह ह क रा ता मा बाहर जान का होता ह य क अदर तो हम ह व ऐसा ह समझात ह जो क ठनाई हऐसा तो ह नह क हम बाहर हो गए ह और अदर आना ह अगर इसको ठ क स हम समझ तो

ऐसा तो हो नह गया ह क हम बाहर ह और हम अदर आना ह हम तो अदर ह ह इसम कोई उपाय ह नह ह

बाहर होन का यानी इसम अगर कोई उपाय भी होता तो फर उलटा उपाय भी होता यानी आप या करक बाहर

हो सकत ह मझ बताइए आप बाहर हो कस सकत ह आप जहा भी जाएग भीतर ह ह ग बाहर जान

का तो कोई उपाय नह ल कन बाहर क क पना भर हो सकती ह आप जा नह सकत बाहर आप यहा बठ ह आप कलक ा नह जा सकत ल कन कलक ा जान का सपना दख सकत ह इसम कोई

क ठनाई नह ह आख बद करक आप कलक जा भी सकत ह--इस अथ म क वचार चला जाए आप ल कन

फर भी यह ह ग आप ह ग यह आप ह ग अपन भीतर ह तो समझन क बात यह ह क हम भीतर तो ह ह इसिलए भीतर जान का सवाल नह ह हम बाहर कन- कन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 36

रा त स चल गए ह उन रा त को छोड़ दन का सवाल ह जो ॉ लम ह असल म अगर म इसी कमर म बठा

हआ ह तो मझ इसी कमर म आना नह ह सवाल िसफ यह ह क मझ यह कमरा िमट गया ह और मझ

कलक ा दखाई पड़ रहा ह तो म वचार क कसी या ा स कलक ा पहच गया ह ह इसी कमर म ल कन एक

अथ म कलक म ह यह कमरा मझ दखाई ह नह पड़ रहा म कलक क टशन पर खड़ा हआ ह वह

टशन मझ दखाई पड़ रह ह तो मर सामन सवाल ह क म अपन घर कस वापस लौट जाऊ अगर सच ह म

कलक ा पहच गया होता तो कोई न पकड़नी पड़ती कोई कार पकड़नी पड़ती कोई रा ता पकड़ना पड़ता अगर सच ह कलक ा पहच गया होता तो फर इस कमर तक आन क िलए कोई रा ता पकड़ना ह होता ल कन

च क म सच म पहचा नह ह िसफ म कर रहा ह इसिलए आन क िलए न कोई रा ताऔर अगर मन

रा ता पकड़ा तो और भटकान वाला होगा य क म म पकड़ गए रा त का या मतलब हो सकता ह िसफ सवाल इतना ह क म इस त य क ित जाग जाऊ क म तो भीतर ह ह िसफ मरा वचार बाहर चला

गया ह और म कभी अपन भीतर क बाहर नह गया तो फर अब सवाल या ह अब सवाल यह रह गया ह क वचार न जाए और वचार चला य गया ह मन भजा ह इसिलए चला गया ह और मन भजा इसिलए ह क कलक म कछ िमलन को ह जो यहा नह िमल

रहा ह इसिलए चला गया ह कोई आका ा ह जो वहा त होती यहा त नह हो रह ह इसिलए चला गया ह वचार चला गया ह वासना क वाहन पर बठ कर और हम वह ह यानी यह जो बिसक थ अगर खयाल म आ

जाए क हम वह ह वासना क वाहन पर बठ कर वचार चला गया ह समझ ल एक आदमी यहा बठा ह कलक म वचार ह अब वह कहता ह म कस घर लौट तो उसको हम

कह क तम हवाई जहाज पकड़ो और लौट जाओ तो वह कहा जाएगा कहा का हवाई जहाज पकड़गा वह

जतना कलक ा झठा ह उतना ह कलक म पकड़ा गया हवाई जहाज होगा कलक म वह ह ह नह

आदमी वह जतना झठा हवाई जहाज होगा उतनी झठ टकट होगी उतना ह झठा हवाई जहाज का पायलट

होगा उतना ह हवाई जहाज तक पहचान वाला गाइड होगा य क कलक ा म होना च क बिनयाद प स

झठा ह इसिलए अब कलक म जो भी कया जाएगा वह सच तो हो नह सकता वह झठ ह होगा और झठ

लौटान वाला नह होता इसिलए सवाल िसफ इतना ह क हम यह जानना हयह हम आना नह ह अपन भीतर आत तो हम तब जब

हम बाहर चल गए होत हम भीतर ह आना हम ह नह गए हम ह नह िसफ वचार हमारा बाहर चला गया

ह वचार न हो जाए हम फौरन पाएग क हम भीतर ह जस क आप बठ दवा- व न म खो गए क कलक

थ और मन आपको आकर हला दया तो आप कलक म थोड़ ह जगग आप जगग यहा और कलक स

लौटन क िलए कोई वाहन काम म नह आएगा कोई ज रत नह वाहन क यह जो बिनयाद स य ह क हम कभी अपन स बाहर गए ह नह ह हम जसक बाहर जा सकत ह वह हमारा

व प नह हो सकता जो हमारा बिनयाद व प ह उसस हम बाहर जा कस सकत ह ल कन हम गए हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 37

मालम पड़त ह एक तो भल यह हो गई ह क हम गए हए मालम पड़त ह एक झठ यह हो गया अब दसरा झठ

इसम यह पालना ह क हम लौट कस तो मथड रलीजन पजा रचअल य सब हम पकड़ग य लौटन क रा त हम पकड़ रह ह अब यह बड़ मज क बात ह क जस आदमी का जाना ह भल भरा ह उसक लौटन क या बात ह उस

आदमी को िसफ इतनी बात क ित सजग करना ज र ह क तम कह गए ह नह हो अनत काल स तम वह

हो ल कन अनत काल स त हारा िच भटक रहा ह क पना भटक रह ह म म तम खो रह हो तो कपा

करो थोड़ दर क िलए म मत लो थोड़ दर क िलए सोचो मत थोड़ दर को वह हो जाओ जहा हो तो तम

पा लोग जो पाया ह हआ ह इसिलए सवाल मथड का नह ह नो-मथड का ह य क मथड ल जान वाला ह रा ता ल जान वाला ह

इसिलए पाथ का सवाल नह ह नो-पाथ का सवाल ह ग कह पहचान वाला ह हम कह पहचना ह नह ह हम वह ह कौन ग हमको वहा पहचा सकता ह इसिलए ग क कोई ज रत नह ह इसम ग का कोई

सवाल नह ह ग तो उसी म-लड का ह सा ह जसम हम भटकन को सच मानत ह फर हम ल जान वाल

को भी सच मानत ह फर उसक चरण को छत ह फर उसको ग मानत ह और वह जो हमको ल जा रहा ह वह कहा ल जाएगा हमको य क कलक म हम ह नह मर जो सार बात ह वह कल इतनी ह क बीइग हमारा सदा वह ह जहा ह और िच हमारा सदा वहा ह जहा हम

नह ह ऐस िच म और हमार बीच म एक फासला पड़ गया ह यह फासला बलकल का पिनक ह यह

वा त वक ड टस अगर होता तो बलकल ह रा त क ज रत पड़ जाती ल कन यह फासला बलकल झठा ह इस फासल को िमटान क िलए कछ और करन क ज रत नह यह जो िच क जान क आदत ह इसको

समझन क ज रत ह-- क य जाता य ह बाहर य जाता ह जाता ह इसिलए क वहा कछ िमल जाएगा फर एक ग आता ह वह कहता ह अगर मो पाना हतो वह

एक नई डजायर पदा करवा रहा ह वह यह कह रहा ह मो वहा ह ससार क चीज तो यह िमल जाएगी

जमीन पर वह मो यहा जमीन पर भी नह ह वह वहा िस -िशला बहत दर ह उसक वहा मो ह वह

त ह पाना ह वहा शाित ह वहा आनद ह वहा परम अमत बरस रहा ह आपका लोभ जगा ीड जगी

हआ या आपक भीतर आपक भीतर लोभ जगा क ऐसी शाित मझ भी चा हए ऐसा आनद मझ भी चा हए यह मो मझ भी चा हए और मजा यह ह क लोभ ह आपको बाहर ल जान का मा यम था और आपन कहा मझ मो भी चा हए रा ता बताओ तो अब मो बलकल अधर क बात ह इसिलए उसम सब तरह क ग चल सकत ह उसम

कसी ग को कोई नकसान नह पहचा सकता य क उसम कह जान को कछ होता तो उसम अब तक एक

ग जीत गया होता उसम कोई द कत न थी य क कह न कह हमन एक प क बात पकड़ ली होती क

भई यह रा ता ह जस व ान ह उसम ग जीत जाता ह एक बाक हार जात ह य क मामला रयिलट स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 38

सबिधत ह अब यह जो मो क आपक आका ा जग गई लोभ जग गया--और शाित चा हए आनद

चा हए स दय चा हए--लोभ जग गया अब आप चल और लबी या ा पर िनकल तो इस जमीन क या ाए तो फर भी वा त वक ह यह एक ऐसी या ा पर आप जा रह ह जहा बलकल अधा

खल ह जहा ग जो कहगाइसिलए ग कहता ह ओ ब डयस चा हए शक नह चा हए डाउट नह

चा हए य क डाउट और ओ ब डयस अगर ओ ब डयस नह ह और डाउट ह तो आपको ग कह ल जा नह

सकता एक इच इसिलए पहल इनका इतजाम करता ह-- क शक कया क भटक सदह कया क गए आ ा

पर ग जो कह वह परम स य ह तम जानत नह हो हम जानत ह तो हम जो बतात ह तम उस पर शक

कस कर सकत हो तम जानत ह नह हो जब तम जान लोग तब ठ क ह हमार पीछ आओ अब यह एक

अधरा रा ता श हआ य क जहा हम गए नह थ वहा स यह आदमी हमको लौटान का रा ता बतान लगा एक बात भर अगर ठ क स खयाल म आ जाए तो सवाल िसफ इतना ह क हमन जो वचार क करण बाहर भज

द ह व हमार वापस लौट आए और वापस लौटन क िलए भी कछ होना नह ह क व लौटगी सच म वापस य क सच म लौटन क बात नह ह िसफ क पना म हम चल गए ह और क पना इसिलए चली गई ह क वह

लोभ पर सवार हो गई ह और फर लोभ पर सवार हो रह ह--मो वग म -- फर लोभ पर सवार हो रह

ह और इसी लोभ का शोषण कर रहा ह ग ग जो ह वह लोभ का शोषण कर रहा ह इसिलए जनक धन क ति हो जाएगी व फर धम क लोभ म पड़ जाएग य क अब यह तो िमल गया अब ठ क ह अब मो भी चा हए वह लोभ का शोषण कर रहा ह ग वह कह रहा ह क हम त ह दलवा दग

जो चीज त ह चा हए और इसीिलए म कहता ह सब ग डम ात ह और खतरनाक ह ऐसा नह ह क कोई

अ छा ग होता ह और कोई बरा होता ह ऐसा नह ग मा गड़बड़ ह और दसर बात बहत सी बात एकदम स इस खयाल म न आन क बड़ म कल हो जाती ह अब जस क कोई

भी एक ट नीक ह कोई भी ट नीक ह करग या ट नीक म मन कछ करगा कछ भी कर अगर राम-

राम राम-राम राम-राम राम-रामवह िसखात ह क इसको जपो अ लाह वाला ह तो अ लाह और

जीसस वाला ह तो जीसस इसक कोई फकर नह करत जो त हारा नाम ह वह जपो उसको जोर स जपत

रहो जपत रहो इस पर जपन क या म कसी भी एक श द पर अगर आदमी का मन ठहरा िलया जाए तो म छत हो जाता ह ह नोिसस क तरक ब ह इतनी ह कल जमा तो इसस आप अपन पर नह आत ह

कलक ा तो चला जाता ह आप अपन पर नह लौटत आप म छा म चल जात ह यानी व न स िन ा म

चल जात ह आप व न स जागरण म नह आत य क कोई भी पन अब व बड़ उलट बात कर रह

थकोई भी पन डल करती ह दमाग को और इसिलए हम सबका दमाग धीर-धीर डल होता जाता ह य क हम चौबीस घट पन करनी पड़ती ह--रोज वह रोज वह रोज वह उसस डलनस आती चली

जाती ह और जो ताजगी ह म त क क वह ख म होन लगती ह य क सब ट न हो जाता ह इसिलए नय का हम इतना आनद होता ह आप अगर अहमदाबाद स ऊब गए ह तो पहलगाव अ छा लगता ह

उसक अ छ लगन का कारण पहलगाव कम ह अहमदाबाद न डलनस पदा कर द रपीट शन रोज-रोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 39

वह उसस आप ऊब गए ल कन यहा जो रह रहा ह उसको पहलगाव म कोई आनद नह आ रहा वह सोच

रहा ह क कब अहमदाबाद दख ल बबई दख ल पना दख ल और जस दन दखगा इतना ह आन दत होगा

जतना आप हए ह य क उसक यह ट न हो गई थी उसको यह डल हो गया था अब इसम कछ दखन क

बात न थी सब वह था--रोज वह सरज था रोज वह चाद था रोज वह पहाड़ थ रोज वह दर त थ

आपन भी पहल दन जस दर त दख ह ग आज नह दख ह ग वह बात गई अब वह रपीट शन हो गया माइड डल हो जाता ह फर रपीट शन स ऐसा भी हो सकता ह क इस पहाड़ पर रहन वाला आदमी अब पहाड़ को दखता ह न हो यह कोई क ठन बात नह ह आप भी यहा रह जाएग चार-छह मह न तो पहाड़ फर नह दखाई

पड़गा और न पौध दखाई पड़ग माइड डल हो जाएगा रपीट हो गई बात नय क ित माइड जगता ह और परान क ित डल हो जाता ह फर हम जो भी करत ह वह सभी तो रपीट शन हो जाता ह सभी रपीट शन हो जाता ह कछ भी करग तो रपीट करग रपीट शन म वह सब

डलनस आ जाएगी और मज क बात यह ह क अगर हम कछ न कर िसफ ह तो च क वहा हम कछ करत ह नह इसिलए

रपीट करन का ह नह उठता वह अन रपीटबल ए सपी रएस ह य क हम कछ करत ह नह जसको

हम रपीट कर सक कछ करत तो रपीट हो सकता था हम कछ करत ह नह हम िसफ होत ह तो एक

रजवायर हो जाता ह माइड का कह नह जा रहा बाहर जस कोई झरना कह नह जा रहा ठहर गया चार

तरफ बाध ह झरना एक झील बन गया कह जा नह रहा कह जान क कोई बात ह नह शात झील ह एक लहर भी नह ह तो सार श सार ताजगी सारा यवापन उस थित म पदा हो जाएगा वह यवापन वह श वह डायनिमक फोस एट करगी बहत कछ ल कन तब आप आकपाइड नह ह ग वह एट

करगी वह उसका आटोम टक ह जस व स फल आ रहा ह ऐसा आपस भी चीज आएगी ल कन आप फर

उनको कर नह रह ह व हो रह ह और जब हो रह ह तब आपक मन का बोझ गया तब आपक मन पर

कोई बोझ नह ह कोई भार नह ह ऐसी थित म जो अनभव होगा वह अनभव तो म का ह िनभार होन का ह ल कन चाह तो इस तरह क शाित क झठ अनभव पदा कर सकत ह और मन क सबस बड़ ताकत यह ह क

वह झठ अनभव ोज ट कर सकता ह कोई भी अनभव वह चाह तो ोज ट कर सकता ह कदारनाथ हमालय म थ कोई तीस वष तक और तीस वष म उनको प का अनभव हो गया क भगवान क

दशन हो गए ह भगवान रोज दखाई पड़न लग बातचीत होन लगी सब दशन हो गया शक का कोई उपाय

भी न था जब सामन ह भगवान दखत ह तो अब और या सदह करना बात होती हो चीत होती हो और

अकल थ फर वहा स लौट लौट कर उ ह एक नीच आकर य क जो भगवान उ ह दखत थ उनक

पड़ोसी को तो नह दखत थ तो उ ह एक शक पकड़ा क कह यह मरा इ यजन ह तो नह ह िसफ यह जो म

दख रहा ह तीस साल िनरतर भख- यास इसी-इसी क धारणा करन स कह दखाई तो नह पड़न लगा तो उ ह न कहा क वह जो अ यास करता रहा ह उस छोड कछ दन क िलए और फर भी अगर य दखाई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 40

पड़त रह तो समझगा क अ यासज य नह ह सच म ह ल कन अ यास गया क भगवान गए वह तो अ यासज य ह एक सफ फक र को मर पास लाया गया तो वह सबम भगवान दखाई पड़त ह उस--पौध म प थर म--सबम

भगवान दखाई पड़त ह चलता भी ह रा त पर तो सब तरफ भगवान को ह दखता हआ बड़ा आन दत मर

पास उस कछ मसलमान लकर आए उ ह न कहा क य बहत अदभत फक र ह सब तरफ भगवान ह भगवान कण-कण म वह दखाई पड़त ह मन उनको कहा क य आपको अचानक दखाई पड़ या आपन कोई इतजाम और योजना क थी उ ह न कहा क अचानक तो कछ भी नह हो सकता और अचानक का भरोसा भी नह कया जा सकता जसा

अभी महश जी न कहा अचानक का भरोसा भी नह कया जा सकता तो यव था क मन साधना क एक-

एक चीज म भगवान दखना श कया फल दख तो म कह भगवान ह ल कन वह तीस साल पहल क बात ह

फर िनरतर अ यास करत-करत करत-करत दखाई पड़न लगा अब तो भगवान मझ सब जगह दखाई पड़ता ह तो मन उनस कहा क आप तीन दन मर पास क जाए और अ यास बद कर द उ ह न कहा अ यास म कस बद कर सकता ह मन कहा अब भी आप अ यास बद नह कर सकत जब क भगवान दखाई पड़न लगा सब तरफ तो अब

भी आपक अ यास पर ह िनभर ह उसका दखाई पड़ना यानी अभी भी वह दखाई नह पड़ा ह मटल ोज शन ह हा ोज शन ह तो उ ह न कहा क नह -नह ऐसा नह मझ तो दखाई पड़न लगा ह तो मन कहा तीन दन क जाए तो व तीन दन मर पास क गए शायद दसर दन क रात को ह कोई दो बज रात उ ह न रोना श कया तो

म उठ कर गया मन कहा या हआ व तो बहत िच लान लग क मरा सब बबाद कर दया सब मरा न हो गया और म कस आदमी क पास आ

गया कन कम क फल क वजह स म आपक पास आया मरा तो सब खो गया कोई डढ़ दन स अ यास नह

कया तो मझ कछ नह दखाई पड़ता फल फल दखाई पड़ता ह प ा प ा दखाई पड़ता ह मरा सब अनभव

न हो गया मन उनको कहा क जो अनभव तीस साल साधन स दखा और डढ़ दन न साधन स खो जाए उस अनभव का

मतलब समझत ह वह आपका ोज शन ह जसको कासटटली ोज ट करत रहो तो ह खड़ा रह सकता ह नह तो खड़ा नह रह सकता आपन जस क हम फ म ोज ट कर रह ह तो वहा पद पर कछ ह तो ह नह वह हम ोज ट कर रह ह तो ह और एक सकड को यहा ोज शन का बद कया काम क वहा फ म नदारद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 41

हई वहा पदा खाली हो गया जस पद पर हम कछ चीज दख सकत ह वस ह मन क पद पर ोज ट कर

सकत ह ल कन जब तक वह जार रहगा तब तक व दखाई पड़ती रहगी अब मरा कहना यह ह क वह दखाई पड़ना चा हए जो हमार अ यास पर िनभर न हो इसिलए म िस टम का

वरोधी ह य क िस टम हमार होगी ट नीक हमारा होगा वह महश जी न जो कहा उ ह न ठ क कहा क यह यादा सफर ह सर त ह यव थत ह सब ग णत

का हसाब ह इसको ऐसा करोग तो ऐसा होगा और यह बलकल ठ क कह रह ह व ऐसा करोग तो ऐसा होगा ल कन वह जो होगा वह इस करन पर िनभर ह वह इसक बाइ- ोड ट ह वह ऐसा कर रह ह इसीिलए हो रहा ह यानी यह ऐसा ह जस क मन शराब पी और मझ बड़-बड़ फल दखाई पड़न लग और मन आपस कहा क

आप भी शराब पीओ तो आपको भी बड़-बड़ फल दखाई पड़ग अगर न दखाई पड़ तो मझस आप कहना आपन

भी शराब पी ह और आपको भी बड़ फल दखाई पड़ और आपन कहा क बलकल ठ क कहत थ फल बड़

दखाई पड़त ह फल बड़ ह शराब न अगर फल बड़ दखा दए तो फल बड़ नह होत शराब िसफ आपक टट ऑफ माइड को ह नो टक

कर दती ह कछ और नह होता सवाल यह नह ह क हम या दख ल सवाल यह ह क या ह यह सवाल

नह ह क हम या रयलाइज कर ल सवाल यह ह क हाट इज़ ह या असल म हम कछ नह

रयलाइज करना ह हम कछ ोज ट नह करना हम कोई प का लकर नह जात क हमको यह दखना ह यह अनभव करना ह यह तीित करनी ह प का करक जाएग तो सब हो जाएगा य क माइड का जाल

इतना अदभत ह खल इतना अदभत ह क माइड सब चीज दखला दता ह जो आप दखना चाह इसम कोई

क ठनाई नह ह तो वह जो दो-तीन उनक म हलाए कह रह थी क हमको तो हो रहा ह व ठ क कह रह ह व समझत नह इ यजन ह ऐसा व समझत नह नह व समझ कस सकत ह व समझ ह नह सकत न व समझ इसिलए नह सकत और डर ह समझन

म वह जो भय ह वह भय यह ह क अगर यह समझा क इ यजन ह तो गया यह अभी हाथ स सब और

अभी चला जाएगा उनम स आध का तो आपको खयाल म नह ह वह आध का गया आज ह रात म कल हो

जाएगा उनका सोना य क वह एक दफ खयाल भर आ जाए-- क कह यह इ यजन तो नह ह यह म नह

कह रहा क ह ह म इतना ह खयाल दला द क कह इ यजन तो नह ह और इतना खयाल आपको पकड़

जाए इ यजन कल सबह ह नह आएगा य क वह सदह जो पड़ गया वह इ यजन को काट दता ह फौरन

वह कल सबह ह द कत पड़ जाएगी गया वह य क एक दफा डाउट आ जाए क यह जो म दख रहा ह ह

भी बस

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 42

वह तो अनडाउ टग माइड ह इ यजन एट कर सकता ह जो शक करता ह नह कभी सदह करता ह नह वह इ यजन एट कर सकता ह फर य जो य इ यजन इनक ए सपी रएस सब फा स हो सकत ह अगर मटली ोज टड ह जस क वहा अमर का म और ास म कव का एक मत चलता ह च वचारक था--कव तो वह कहता ह जो

सोचो वह हो जाओ वह कहता ह क अगर तम बीमार हो तो तम सोचो क म व थ ह म व थ ह म

व थ ह तो तम व थ हो जाओग और बड़ मज क बात यह ह क बीमार नह िमटती ह और आदमी व थ

अनभव करन लगता ह यानी जो आदमी कल चल नह सकता था सड़क पर वह चलन लगगा जो आदमी कल

ब तर नह छोड़ सकता था ब तर छोड़ दगा ताकत आती हई मालम पड़गी वह बीमार अपनी जगह खड़

ह बीमार कह गई नह बीमार अपनी जगह खड़ रहगी और यह आदमी अगर खाट पर ह पड़ा रहता तो शायद बीमार िमटा सकता था कसी वा त वक इलाज स अब यह बीमार का इलाज भी नह करगा य क

एक इ यजन म अब खड़ा हो गया क म व थ ह कौन कहता ह क म बीमार ह कव कहता ह कोई तमस

कह क बीमार हो तो मानो ह मत इनकार कर दो उसक बात को य क तमन माना क तम बीमार हो जाओग ज र ऐसी बीमा रया ह क मानन स हो सकती ह ल कन व झठ ह और ऐसा वा य भी ह जो मानन स हो

सकता ह वह झठा ह और असली और नकली वा य म फक करना बड़ा म कल ह क आप मान बठ ह

क आप सच म व थ ह तो मरा कहना ह फक एक ह नकली वा य को आपको मान-मान कर पदा करना पड़ता ह असली वा य

को आपको मान-मान कर पदा नह करना पड़ता आप न मानो तो भी वह ह असली वा य जो ह वह ह आपको मानना नह पड़ता नकली वा य को मान-मान कर पदा करना पड़ता ह तो शाित भी पदा क जा सकती ह जो नकली ह वा य भी पदा कया जा सकता ह जो नकली ह काश भी

पदा कया जा सकता ह भगवान भी पदा कए जा सकत ह जो नकली ह और नकली का पदा करना सरल ह

एकदम य क माइड उसक िलए एकदम राजी हो जाता ह वह माइड क िलए बड़ा सरल ह असली को जानना

क ठन ह य क उसक जानन क िलए माइड को वदा करन क ज रत ह और माइड हमशा िस यो रट

मागता ह वह अगर इस कमर म भी रात सोएगा तो वह पता लगा लगा क सब ताल दरवाज बद ह कोई

खतरा तो नह ह वह अगर कोई कताब भी पढ़गा तो पहल प का पता लगा लगा क कताब अ छ ह कोई

खराब बात तो इसम नह िलखी हई ह वह अगर कसी ग को पकड़गा तो पहल पचास लोग स पछ लगा क

भई यह ग ठ क ह कसी को पहचाया ह इसन तो फर म भी इसक पीछ जाऊ माइड जो ह वह िस यो रट

मागता ह य क वह डरता ह कह मर न जाए और मजा यह ह क अगर आप उसको िस यो रट दत चल

जात ह सब तरह क तो वह मजबत होता चला जाता ह सर त होता चला जाता ह स यासी का मतलब ह जो कहता ह हम कोई िस यो रट नह मागत हम इनिस यो रट म जीत ह हम

नह कहत क कल कछ िमलगा क नह िमलगा कल सबह दखग यह आदमी बरा ह या भला हम य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 43

सोच बहत स बहत यह होगा क रात ब तर ल जाएगा उठा कर तो ल जाएगा यह म काह क िलए िनणय

क क यह आदमी कसा ह हम कछ सोचत ह नह हम जीत ह चपचाप एक-एक ण म इतनी

इनिस यो रट म जो जीता ह उसक ह माइड म ए स लोजन हो सकता ह य क माइड फर जी नह

सकता माइड को मरना पड़गा माइड को चा हए थी स यव था वह यव था खतम हो गई वह कहता था खीस म पस लकर चलो वह कहता था बक म इतजाम रखो वह कहता था भगवान क पास भी प य क

यव था रखो सब हसाब करक रखो ता क कछ गड़बड़ न हो जाए और जतना यादा हसाब उतनी मत

चीज उपल ध होती ह व जो कह रह थ न क इतनी स ट इतनीतो बहत लबा हो गया था कछ बात करन का मतलब न था वह

जतनी िस यो रट जतनी स ट उतना डड आदमी और जतनी इनिस यो रट जतनी जो खम जतनी र क उतना िल वग आदमी और मजा यह ह क भगवान क मामल म भी जो खम लन क तयार न

हो वहा भी हम प का ह करक चल सब तो फर फर बहत म कल होगी भगवान का मतलब ह यह ह वह जो अननोन हम चार तरफ स घर हए ह उसम तो हम कद पड़ना पड़गा कनार को छोड़ कर कनारा िस योर था बलकल वहा कोई खतरा न था डबन का कोई डर न था कनार पर कनारा बहत सर त ह और कनार पर जो खड़ा ह वह जदगी भर खड़ा रह सकता ह ल कन सागर का अनभव तो उसी को िमलता ह जो कद जाए कनार स खतरा ह वहा खतरा ह इसिलए जदगी ह वहा और

हमारा मन च क िनरतर यह माग करता ह क सब यव थत िस टम टक होना चा हए और बड़ मज क बात यह ह क जदगी बलकल िस टम टक नह ह जदगी बहत अना कक ह और अना कक ह इसीिलए िल वग ह आप फक कर ल एक प थर बहत िस टम टक ह एक फल उतना िस टम टक नह ह फल म जदगी ह

प थर कल भी वह था आज भी वह ह परस भी वह होगा और फल सबह वहा था साझ नह ह उसका

कोई भरोसा नह ह अभी ह जोर क हवा चलगी िगर जाएगा अभी ह सरज िनकलगा क हला जाएगा

अभी ह वषा आएगी िमट जाएगा प थर वह होगा प थर बहत िस टम टक ह कहना चा हए प थर

बहत किस टट ह जसा ह वसा ह सदा वह बठा हआ ह ल कन प थर डड ह इसी अथ म और फल म एक

िल वग वािलट ह तो मरा कहना यह ह क जस य को जतन गहर स य क तरफ जाना हो उतन सर ा क इतजाम छोड़

कर जाना चा हए उस जान लना चा हए क खतर म म जाता ह सर त तो जदगी यह ह वहा तो खतरा ह

ल कन जो परम खतर म उतरन क तयार करता ह यह खतर म उतरन क तयार ह उसक भीतर

ासफामशन बन जाती ह य क इस खतर म जाना बदल जाना ह सब यव था छोड़ कर सब सर ा छोड़

कर जो उतर जाता ह अनजान म यह उतरन क तयार ह यह करज ह उसक भीतर यटशन बनता ह उसक भीतर प रवतन हो जाता ह और जतनी बड़ असर ा म जान को हम तयार ह उतन ह हम व ततः

सर त हो जात ह य क फर कोई भय न रहा फर कोई डर न रहा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 44

यह जो सारा हम लगता ह न नाप-जोख कर चलना एक-एक इच उ ह सब नाप-जोख वाल न तो वग-नरक

क न श बना दए ह योजन क दर बता द ह क इतनी दर फलानी जगह ता क प का रह कोई चीज

अनजानी न रह जाए ल कन कछ ह जो अनजाना ह िनरतर और वह परमा मा ह वह जीवन ह जो अनजाना

ह जो मत ह वह कल उसक बाबत हम सर त हो सकत ह जो जी वत ह वह कल कसा होगा कछ भी कहना म कल ह जीवत क साथ बड़ क ठनाई ह और हम सब यव था जमा कर उसको मार लत ह और मज क बात यह ह क जब भी िस टम बनाई जाए तो वह झठ हो जाती ह झठ इसिलए हो जाती ह क

उसम क ा ड शस बदा त नह कए जा सकत ह तो उसम क ा ड शस अलग कर दन पड़त ह यानी वह ऐसा

ह जस कोई पटर एक िच बनाए तो वह काला रग भी लाता ह सफद रग भी लाता ह और सफद और काल

को लाकर िच बना दता ह ल कन वह क ा ड शन ह फर एक पटर आए वह कह भई इसम बहत

क ा ड शन ह कह सफद कह काला यह कछ भरोस क बात नह मालम पड़ती या तो काला ह काला हो

तो साफ मालम होता ह या ह या सफद ह सफद हो तो मालम होता ह या ह तो वह एक सफद प टग बना

द एक काली प टग बना द व दो चीज हो ग ल कन दोन म कोई प टग नह ह व दोन बलकल ह साफ-

सथर हो ग वरोधी ह ह नह उनम कोई जदगी पर वरोध स िमल कर बनी ह सब चीज म वरोध ह इसिलए जो पर जदगी को समझन जाएगा वह

सब तरह क वरोध को वीकार करगा क व ह व दोन ह वहा और दोन ह और दोन एक क ह प ह ऐसा अगर कोई कहगा तो क ा ड मालम पड़गा क यह तो बड़ उलट बात हो रह ह जस क समझ ल क म कहता ह क उस पान क िलए कछ भी नह करना ह ल कन जो कछ भी नह कर रह ह

व उस पा लग यह म नह कहता अब यह क ा ड शन मालम होता ह न यानी म यह कहता ह क उस पान क

िलए कछ भी करना नह ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क जो कछ भी नह कर रह ह व उस पा लग अब

यह बलकल क ा ड बात ह ल कन अगर मर बात समझ म आए तो समझ म आ जाएगी जब म कहता ह नॉट डइग एनीिथग तो इसका मतलब यह नह ह क डइग निथग नॉट डइग एनीिथग इसका यह मतलब नह ह क डइग निथग फर तो कोई भी आदमी जो कछ भी नह कर रह ह सड़क पर चल

रह ह उनको िमल जाना चा हए यह म नह कह रहा ह सड़क पर चलन वाला भी कछ कर रहा ह जसको हम

कहत ह कछ नह कर रहा ह वह भी कछ कर रहा ह म दर म बठा आदमी भी कछ कर रहा ह स यासी भी

कछ कर रहा ह सच म ऐसी दशा म कोई भी नह खड़ा हो रहा ह जब कोई कछ भी नह कर रहा ह कोई खड़ा

हो जाए तो पा ल ल कन यह न करना जसा मन कहा क बहत क ठन ह क ठन इसिलए नह क ठन ह क कोई ट नीक स

सरल हो जाएगा यह क ठन इसिलए ह क हमार करन क आदत मजबत ह और ट नीक इस सरल नह

बनाएगा इस होन ह नह दगा य क ट नीक फर करन क आदत को मजबत कर दगा यह जो मामला ह

सारा यानी म जो कह रहा ह क यह जो न करना हजस उ ह न कहा क न करन को हम ट नीक क ारा

करग तो सरल हो जाएगा य क क ठन ह क ठन म इसिलए नह कह रहा ह क वह सरल हो सकता ह क ठन म इसिलए कह रहा ह क हमार मन क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 45

आदत करन क ह न करन क उसक आदत नह ह और ट नीक भी करना ह मन उसक िलए राजी हो

जाएगा क चलो करत ह ल कन कर कोई कतना ह करन स न करन पर कस पहच सकता ह डइग नॉन-

डइग कस बन सकती ह वह तो कसी न कसी ण उस जानना पड़गा क डइग स नह होता और डइग छट

जाएगी तो नॉन-डइग शष रह जाएगी यह जो बहत सार क ठनाई न करन म ठहरन क ह तो कोई भी करना पकड़ा दया जाए आपको क राम-राम

ज पए तो आप ठहर सकत ह फर कोई क ठनाई न रह ल कन वह बात ह ख म हो गई वह बात ह ख म

हो गई वह न करन म ठहरना था फर कई दफा हमको बड़ जसा उ ह न कहा क कोई सपना गहरा कोई

उथला यह सवाल ह नह ह जस कोई आदमी कह एक आदमी न दो पस क चोर क और एक आदमी न दो

लाख क चोर क तो एक क चोर छोट और एक क चोर बड़ अगर कोई ठ क स समझगा तो चोर छोट -

बड़ हो सकती ह चोर करना एक माइड क बात ह चोर वह दो पस चराता ह क दो लाख यह सवाल ह

नह ह बलकल दो पस चरान म जतना चोर होना पड़ता ह उतना ह दो लाख चरान म भी होना पड़ता ह

चोर जो आकड़ा ह वह दो पस और दो लाख का ह चोर का नह ह चोर करन वाल का जो िच ह वह बलकल

समान ह--चाह वह दो पस चराए चाह एक ककड़ चराए चाह दो करोड़ चराए कोई यह नह कह सकता ह क

दो पस चरान वाला छोटा चोर ह दो करोड़ चरान वाला बड़ा चोर ह बड़ और छोट चोर होत ह कह चोर होत ह छोट और बड़ अवसर होत ह चोर छोटा-बड़ा नह होता एक को दो पस चरान का अवसर िमला ह एक को दो करोड़ चरान का अवसर िमला ह चोर का माइड ह एक चोर छोट -बड़ नह होती एक आदमी सपना दख रहा ह साधारण सा हलका-फलका एक आदमी बहत गहरा सपना दख रहा ह य जो

फक ह य फक इसी तरह क ह जस दो पस क चोर क और लाख क चोर क सपना सपना ह नीद नीद ह उसका टटना टटना ह इन दोन क बीच म सच म ह कोई सीढ़ नह ह सोया हआ आदमी सोया हआ आदमी

ह जागा हआ जागा हआ आदमी ह इन दोन क बीच कोई गप नह ह और जसम सी ढ़या पार करनी ह क

यह आदमी थोड़ा जग गया ह यह आदमी थोड़ा और जग गया ह यह आदमी थोड़ा और जग गया ह ऐसा नह ह जाग जो ह उसक वा टट नह ह क छोट -बड़ हो सक जाग आप ब तर पर पड़ ह बाहर का

आदमी कह सकता ह क यह आदमी थोड़ा सा जग गया करवट बदलता ह आख खोल कर दखता ह ल कन

आप पर जग गए ह पड़ रह यह दसर बात ह जाग ऐसी नह ह क थोड़ स जग गए ह आप जग गए ह ल कन आदमी को एकदम स यह बात क ठन मालम पड़ती ह तो उस ट स चा हए वह कहता ह सी ढ़या बता द जए तो पहली सीढ़ दसर सीढ़ तीसर सीढ़ ऐसी सी ढ़या बताइए य क हमार साम य कम

ह हम पर सी ढ़य पर नह जात हम एक पर जाएग तो आदमी क यह माग जो ह यह सी ढ़या पदा करवा दती ह और सी ढ़या पदा करन वाल ह जो जरा ह

समझ का उपयोग कर सकत ह व पचास सी ढ़या बना द और तब व सबको ति द दत ह-- क आप पहली

सीढ़ पर वह दसर सीढ़ पर वह तीसर सीढ़ पर सबको ति भी िमल रह ह ल कन जहा सी ढ़या होती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 46

नह ह वहा कहा पहली सीढ़ कहा दसर सीढ़ कहा तीसर सीढ़ अब मर म अनभित सी ढ़या चढ़न जसी नह ह अनभित छत स कदन जसी ह उसम कोई सी ढ़या होती

ह नह कदा आदमी बस ल कन हमारा मन चढ़ना चाहता ह यह भी यान रखना चा हए अहकार चढ़न म

रस लता ह उतरन म रस नह लता अहकार कहता ह चढ़ाओ कह ऊपर--और एक सीढ़ और एक सीढ़ और एक सीढ़ व सी ढ़या कसी भी चीज क ह अहकार कहता ह ऊपर चढ़ाओ और इसिलए अहकार माग

पकड़ता पथ पकड़ता ट नीक पकड़ता ग पकड़ता शा पकड़ता सब पकड़ता और धम कहता ह कद जाओ चढ़न का यहा कहा उपाय ह यहा तो बलकल उतर जाओ आ खर जहा उतर सकत हो और

उतरना भी हो सकता था अगर सी ढ़या होती उतरना ह नह य क सी ढ़या ह नह कद ह सकत हो छलाग लगा सकत हो यह जो छलाग लगान क हमार ह मत नह जटती ह तो हम कहत ह भई यह यादा हो जाता ह तो थोड़ा

िस पल करो सरल करो कोई ट नीक कोई यव था कोई विध जसम हम टकड़-टकड़ म पा ल एक

खड पहल पा ल फर एक खड फर पा लग इ टालमट म पा ल वह हमारा खयाल होता ह वह इ टालमट म

िमलता नह और हर आदमी खोज रहा ह--शाित खोज रहा ह सख खोज रहा ह आनद खोज रहा ह तो कसी आदमी को

कहो खोजो मत तो वह कहता ह मर गए य क जहा वह खड़ा ह वहा तो दख ह दख मालम पड़ रहा ह

उस उस लगता ह क अगर न खोज तो फर गया य क जो म ह वहा तो दख िचता क िसवाय कछ भी

नह ह और आप कहत हो मत खोजो तो फर म गया फर या होगा ल कन उस पता ह नह ह क न खोजन क िच -दशा या ह न खोजन क िच -दशा उसन कभी जानी ह

नह वह सदा ह खोजता रहा ह कभी खलौन खोजता था कभी पद वया खोजता था कभी मो खोजता

था छोटा सा ब चा खोजना श कर दता ह मरता ब ढा तक खोजता रहता ह एक ण को पता नह चलता

उस क न खोजना या ह नो-सी कग या ह और तब वह कहता ह अगर नह खोजगा तो गए तो हम खोज

तो रह ह नह थ पहल स मर पास कोई आता ह वह कहता ह हम आपक पास इसीिलए तो आए क आप हम खोज पर लगा द खोज

तो हम पहल स ह नह रह थ अगर िमलना होता तो तभी िमल जाता मन कहा तम खोज तो नह रह थ ल कन कछ और खोज रह थ यह नह खोज रह थ न-खोज न थी वह यह न-खोज बात ह अलग ह और जस ह न-खोज म कोई ठहर जाए ए स लोजन हो जाता ह वह जो उ ह न पीछ कहा क उनका कोई ग नह ह यह बात ठ क ह मरा कोई ग नह ह ल कन इस वजह

स म ग को इनकार नह कर रहा ह और न इस वजह स इनकार कर रहा ह क च क म नह बता सकता क

िस टम या ह इसिलए भी इनकार नह कर रहा ह िस टम बनान स आसान कोई चीज ह दिनया म आदमी थोड़ा सोच- वचार जानता हो िस टम बनान म या तकलीफ ह बहत सरल सी बात ह यव था बना

लना तो बड़ बात तो अ यव था म उतरना ह यव था बनाना तो बड़ ह सरल बात ह अ यव था म उतरना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 47

अनाक म उतरना ह बड़ बात ह और उतन रवो यशन का खयाल नह होता अब व जतन लोग थ उन सबको जो क ठनाई हो रह ह वह क ठनाई बहत गहर ह वह क ठनाई यह नह

ह व सब डफस म लग हए ह वह सारा जो परा व ह व एकदम डफस म लग हए ह य क गए अगर

यह बात ठ क ह तो यह ग और यह साधना और यह जो चल रहा ह यह सब गया तो व डफस म लग हए ह

पर व क नह यह बात ठ क नह हो सकती यह हम मान नह सकत इसको हम कस मान सकत ह समझन का सवाल नह ह यह डफस चल रहा ह पर व माइड म समझन का सवाल हो तो एकदम स बात

दखाई पड़ जाए और इसिलए मर बात थोड़ क ठन तो ह थोड़ क ठन इसीिलए ह क हमारा माइड जो चाहता

ह वह म नह द रहा ह और वह म द नह सकता य क उस दना माइड को प रप करना ह उस मजबत

करना ह और वह टटना चा हए मजबत होना नह चा हए ओशो वह डइग और अनडइग यह जो आप बात कर रह ह और या और अ या म आप और जसा ह ल और

ए सल इन तीन म भीतर स और बाहर स ऐसा लगता ह क जो नॉन-डइग ह तो बाहर स कछ नह ह ल कन सचमच तो आप ऐसा बोल रह ह क बाहर स म समम या होगी और भीतर स बाहर क या का कोई सबध ह नह ह सबध ह नह ह हा सबध ह नह ह ओशो ल कन समझन म जब आप नॉन-डइग बोलत ह तो खयाल ऐसा आ जाता ह क नॉन-डइग का मतलब नॉन-

डइग इ शन ऐसा एट हो रहा ह हा समझा म बलकल गलत हो जाता ह असल म जो य भीतर जतना डइग म उलझा हआ ह बाहर क उसक डइग उतनी ह कमजोर होगी य क उसक श तो बट रह ह इस धध म भीतर यह जो दमाग

म चल रहा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 48

ओशो

डइग कमजोर होगी क जो मानन क ह ल कन जस ह ल ह ह ल तो बाहर का फरता ह रहगा हा-हा वह तो फरता ह रहगा और तजी स फरगा म समम फरगा परा म समम फरगा य क

जतना ह आप भीतर नॉन-डइग म उतर गए उतना ह आपक चार तरफ डइग का बहत ती भाव होगा और

तब आपक िलए डइग एक जसको हम कह ए स शन होगा एक पागल नीड नह होगी आपक डइग आपक भीतर जो हआ ह उसको एट करन बाटन का ए स शन होगा बहत प म होगा वसा आदमी

चौबीस घट स य होगा ल कन भीतर बलकल िन य होगा भीतर कछ भी नह होगा ओशो ल कन जब आप नॉन-डइग बोलत ह तब लोग का खयाल हो जाता ह क नॉन-डइग म सपन जो दखता ह क

या और नो- या ऐसा ह जरा इ शन हो जाता ह कई दफा हो जाता ह कई दफा खयाल हो जाता ह कई दफा खयाल हो जाता ह बाहर क डइग स कोई वा ता ह नह ह और मजा यह ह क कई लोग बाहर क डइग छोड़ कर भाग जात ह और भीतर क डइग जार रखत

ह ल कन बाहर तो कोई स यासी हो जाता ह दकान छोड़ कर ल कन भीतर का काम जार रखता ह वह जार

रहता ह पर व क ठन ह ल कन एक दफा खयाल म आ जाए ओशो बी टल का या खयाल ह जीसस का जीसस का खयाल बलकल वह ह जो म कह रहा ह जीसस यह कह रह ह क बी टल बी टल का असल म

जो मतलब ह वह यह ह क कोिशश मत करो टल होन क ज ट बी टल हा अगर टल होन क कोिशश करो तकनीक लगाओ और साधन ोसस लाओ तब अभी तो टल नह

हो अभी शात नह हो तो शात कस हो जाओग तो शात होन क िलए कछ करो और करक तम शात हो

जाओग और मजा यह ह क हम अशात इसिलए ह क हम कछ कर रह ह यह जो ॉ लम ह इसिलए ह जीसस जो कहत ह बी टल व कहत ह क बहत म कल मामला ह महश जी तो बलकल नह समझ वह

तो इस ज द म बात क ह क कसी तरह म उनको समझा द क दोन एक बात ह कसी तरह म बता द क य

दोन बात एक ह ह उस कोिशश म पर व उनका मन लगा हआ था और उनक -हमार बात का तालमल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 49

कहा कोई भी तालमल नह ह यानी इसस यादा उलट बात ह नह हो सकती और म यह नह कह रहा ह

क उनको वह पहच जाए जो म कह रहा ह मगर वह एक तो सब मन म भरा होता ह परा का परा तयार ह और उसस अ यथा को तो बहत क ठनाई ह और फर िश य क सामन तो और भी बहत क ठनाई ह छोटा मामला नह ह यह जो बड़ा मकान बना कर

आदमी खड़ा होता ह न तो सब िगर जाएगा क आप जाकर कहत ह क मकान ह ह नह तो मानन का सवाल

ह नह ह समझ तो भी समझना भी म कल मामला ह और श द म ऐसा मजा ह क जतनी गहर बात हो उतना ह श द म कहना म कल हो जाता ह और जस ह कहत ह वस ह श द क ा ड हो जाता ह अब

जस बी टल ह अब इसका मतलब कल इतना ह ह जीसस क जीवन म एक उ लख ह व एक नाव पर ह गलीली नाम क झील म और कछ िम साथ ह गलीली क झील म नाव पर व सो गए ह झील म तफान आ गया ह बहत जोर स सार नाव डबन क कर ब होन लगी ह

िम न उ ह जगाया क या सो रह ह हम मर जात ह तो उ ह न कहा जाओ कह दो झील स क शात हो

जा और फर सो गए उ ह न कहा नद को कहन स तफान कोई शात हो जाएगा कह कहन स भी कोई

शात हआ ह शात करन क िलए कछ करना पड़गा जीसस स उ ह न कहा जीसस उठ ह और झील क

कनार गए हयह तो परबल हझील क कनार जाकर उ ह न कहा क शात हो जा बी टल और झील शात

हो गई व िम बड़ च कत हए उ ह न कहा यह कस हआ िसफ कहन स क शात हो जा यह तो परबल ह यानी मतलब यह ह क हम जस झील म ह जहा हमार नाव भी डगमगा रह ह डोल रह

ह वहा कछ करना नह ह ब क यह समझ लना ह क टलनस या ह तो बी टल क बात हो जाएगी

और जब भी हमन चाहा क शात कस ह तो यह नई अशाित का स पात ह और कछ भी नह ह जस कहा क

हाउ ट बी टल तो हमको एक मथड चा हए फर मथड म लग शाित आएगी अब यह अशाित का नया िसलिसला ह अशाित का मतलब या ह अशाित का मतलब ह क जहा हम ह वहा न होन का हमारा मन ह यह हमार

िच क अशाित ह यह टशन ह और बी टल का मतलब ह क जहा हो वह हो जाओ--बी हयर य आर

इतना ह मतलब ह अगर शात हो तो फर अशात होओग कस यानी मतलब यह ह क अशात होन क

तरक ब ह यह ह क जहा हो वहा मत रहो हमशा शड म जीओ क वहा होना चा हए यह होना चा हए तो

फर अशाित होगी और शड म जीओ ह मत क यह होना चा हए--जो ह ह--और चप हो जाओ तो उसी व

शात हो जाओग वह समझ म आना सच म ह क ठन ह एकदम क ठन ह ओशो ह नोिसस स जो शाित िमलती ह उसस खश हो जात ह क नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 50

कतन दन तीन मह न स यादा नह छह मह न स यादा नह छह मह न बाद उनम स एक आदमी लौटा

लाए छह मह न बाद दसर आ जाएग वह दसर बात ह छह मह न स यादा नह य क ह नो टक जो

शाित ह वह ट न हो जाती ह अगर होन लगी ह आपको तो दो मह न क बाद भाव जाता रहता ह ट न हो

गई क यथ हो जाती ह फर गया वह फर उसका कोई मतलब न रहा वह क हो गई और आपको पता हो

गया क बठ कर ऐसा राम-राम जपन स थोड़ा मन शात हो जाता ह अब वह रोज होन लगा पहल दन आता

तो अ छा लगा दसर दन कम अ छा लगा तीसर दन और कम और चौथ दन और कम प चीस दन

कोई फ म दख ल तो वह बकार हो गई ऐस ह यह भी तीन मह न बाद बकार हो जान वाला ह इसिलए होता

या ह असल म तीन मह न बाद वह खसक जाएगा फर दसरा कोई हाथ पड़ जाएगा और दिनया इतनी

बड़ ह इसिलए कह पता चल नह पाता इस बात का ठ क-ठ क क कसको हो गया वह होन का मामला नह

ह जो चला गया वह चला गया दसरा आ गया ह अब वह बात उसको होन लगी ह मरा कहना यह ह क ह नो टक ढग स पदा क गई शाित च क झठ ह इसिलए बहत ज द उसका मल मा

उतर जाता ह वह दो-तीन-चार मह न म ख म हो जाती ह उसक बाद फर आप वह क वह खड़ ह अब आप

फर नया ग खोजग तब भी आपको यह खयाल म न आएगा क ग खोजन म ह गड़बड़ ह इसको छोड़ कर

उसक पास चल इसस कछ नह थमा तब एक आ म स दसर आ म जाता ह तीसर जाता ह--एक ग दसरा ग तीसरा ग बदलता रहता ह और हर ग उसको ट नीक बता दता ह उसको लगता ह क ट नीक

ह गलत ह ल कन यह खयाल म नह आता ह क उसम कछ गड़बड़ होगी मगर यह यान म नह रहता ह कोई तरक ब होगी क उस तक पहचा जा सक अ छा हआ ग पर बातचीत अ छ हई ऐस चार-छह क म क बात क ज रत ह चार-छह दन म और

तरफ दखग एक दन म तो यह सब म कल हो जाता ह न ( का विन-म ण प नह ) सवाल यह ह क दो तरह क चीज होती ह या तो जअल ोसस होती ह कसी चीज क या ए स लोजन होता

ह ए स लोजन का मतलब ह जअल ोसस नह इवो यशन नह रवो यशन तो जअल ोसस होती ह

कसी एक चीज क और एक चीज क जअल ोसस नह होती जो चीज हमस दर ह उस तो हम जअल ह

पाना होगा ए स लोजन का मतलब ह इतना ह िसफ क कोई चीज एकदम सडनली हो और यादा स यादा जो कर सकत ह वह यह क होन क थित बन जाए तो उसक िलए म कह रहा ह क नॉन-डइग माइड चा हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 51

कोई चीज िमलगी िमलन का जो खयाल ह न वह तो हमार दख क जड़ ह--िमलगी िमलगी ( का विन-म ण प नह ) होता या ह क लोग खोलन को भी ए ट समझत ह य क श द म तोएक आदमी जो बीच म कह रह थ व ठ क कह रह थम कहता ह क म ठ खोलो मत तम जो बद करन क या कर रह हो वह मत करो तो म ठ खल जाएगी खला होना म ठ का वभाव ह और बद करना ए ट ह तम बद मत करो तो म ठ खल

जाएगी ल कन वह कहगा नह खल जाना तो एक या ह खोलग तभी खलगी न वह जो चक हो जाती ह श द म बड़ चक ह अगर समझन को तयार ह तो समझ म आ जाता ह नह तो फर कोई उपाय नह ह जीवन रह य चौथा वचन ाथना अ त म क अनभित

ओशो जीवन का अितम यय आ म-दशन आ म-बोध ह वह मा य ह आप ाथना क िलए वरोध करत ह ल कन म समझती ह क ाथना एक शभ िचतन ह और समाज म सा वकता और प व ता का असर उ प न

करन का एक साधन ह आपका दयपवक दया हआ यह या यान ाथना नह तो और या ह आप शभ

िचतन करक उसका फायदा अ य आ मा को दन का यास करत ह ह इसी अथ म ाथना शभकामनाओ का

दसरा नाम नह ह या मर म ाथना क नह जा सकती ाथना म हआ जा सकता ह आप ाथना म हो सकत ह ल कन

ाथना कर नह सकत ाथना कोई या नह म क अव था ह साधारणतः हम कहत ह म करत ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 52

यह वचन गलत ह म कया नह जा सकता म म हआ जा सकता ह आप म म हो सकत ह ल कन म

कर नह सकत म कोई या नह भाव क एक दशा ह तो मरा जो वरोध ह वह ाथना म होन स नह ाथना करन स ह मरा जो वरोध ह वह म म होन स नह म करन स ह िश ा द जाती ह--हम दसर स म कर यह बात ह गलत ह य क कया हआ म झठा

होगा च ा कया हआ म िम या होगा वचना होगा डस शन होगा जब हम म करग तो या करग हम म का दखावा करग म का दखावा म क श द या म क च ा स कया गया यवहार स य नह होगा जब हम म करन का वचार करत ह तभी प ह क हमार भीतर म नह ह म हो तो म कया नह

जाता म क एक िच -दशा ह और म वा हत होता ह ल कन साधारणतः हम ाथना करत ह यह ाथना झठ होगी इस ाथना म आप या करग भ क शसा

करग तित करग या आप सोचत ह भ कोई य ह जसक तित और शसा क जा सक या क

आप सोचत ह क भ कोई ऐसा य ह जो शसा और तित स स न होगा अगर आप ऐसा सोचत ह तो परमा मा क सबध म बड़ा िन न कोण रखत ह आप सोचत ह क आपक

तित स परमा मा स न होगा तो आपन परमा मा को कसी अहकार य क श ल म िनमाण कर िलया

ह दसर बात ह या आप सोचत ह क परमा मा कोई य ह जसस कोई बातचीत हो सक जसस हम

कछ कह सक या कछ िनवदन कर सक परमा मा कोई य नह वरन अनभित का नाम ह म क तित म अगर आप कछ कहग तो सनन वाला कोई भी नह ह म क ह चरम अनभित का नाम

परमा मा ह जब म एक य स दसर य क बीच म होता ह तब जो अनभव म आता ह वह म ह दसरा य म नह ह जो अनभित होती ह वह और जब एक य और सम त स क बीच सम त

जगत क बीच म का ऐसा ह सबध फिलत होता ह तब जो भीतर अनभित होती ह उस अनभित का नाम

परमा मा ह परमा मा य नह ह अनभित ह एक कोई व त नह ह ब क भीतर अनभव क एक दशा

ह परमा मा क तित और ाथना नह हो सकती हा आप ाथना म हो सकत ह आप म म हो सकत ह

और वह होन का माग ह क आप जस भाित श य होत जाएग उसी भाित आप ाथना म होत जाएग तो म ाथना क वरोध म नह ह ाथना करन क वरोध म ह य क क हई ाथना झठ होगी स य नह

हो सकती कया हआ म झठा होगा वह भी स य नह हो सकता ल कन हमारा सारा जीवन अस य ह हम

सार बात अस य करन लग ह हम ाथना भी अस य कर रह ह और वसी ह ाथना िसखाई जा रह ह वह

हमार कामनाओ का ह प ह हमार माग का प ह जापान म एक बौ िभ था सबस पहल उसन ह चीनी भाषा स ब क वचन जापानी भाषा म अनवाद कए

बड़ा काम था वराट सा ह य था उसको अनवा दत करना था फक र क पास िभ क पास कछ भी न था

वह गाव-गाव गया दस वष उसन िभ ा मागी तब कह दस हजार पय इक ठ हए और थ का काम श

होन क सभावना बनी ल कन जस ह दस हजार पय इक ठ हए जस म वह रहता था वहा अकाल पड़

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 53

गया अकाल पड़ गया तो उसन शा क अनवाद का काम रोक दया उसन व दस हजार पय अकाल पी ड़त

को भट कर दए फर िभ ा मागनी श क फर दस वष लग गए दस हजार पय इक ठ हए तभी एक भकप आ गया उसन व दस हजार पय उस भकप म दान कर दए फर िभ ा मागनी श क वह शा का काम फर क गया जब उसन िभ ा मागनी श क थी तब वह

चालीस वष का था जब तीसर बार िभ ा पर हई तो वह स र वष का था फर दस हजार पय इक ठ हए थ का काम श हआ मरत समय कसी न उसस पछा क या इन थ का यह पहला स करण ह

तो उसन कहा नह यह तीसरा स करण ह दो स करण पहल िनकल चक ह व लोग हरान हए उ ह न कहाउसन थ पर िलखवाया भी क तीसरा स करण थड ए डशनलोग न पछा

क यह या ह पहल दो स करण कहा ह उसन कहा एक अकाल म लग गया एक भकप म और व दो स करण इस तीसर स थ व दखाई नह

पड़त ह व दखाई नह पड़त व स करण थ व बहत डवाइन थ बहत द य थ हमको दखाई पड़गा क व स करण हए नह ल कन उस दखाई पड़ता ह जो ाथना दखाई पड़ती ह वह

असली नह ह जो बहत दय क दशाओ म उ प न होती ह वह असली ह िन त ह तीसरा स करण कोई

क मत का नह ह असली स करण व दो थ ल कन अगर यह अधा प डत होता तो वह दस हजार पय का

पहला स करण िनकालता और मानता क यह ठ क ह दसर का भी िनकालता मानता यह ठ क ह ल कन

उसक पास अत थी म था उस पता था ाथना या ह तो यह जो हम सामा यतः ाथना और पजा समझत ह इसम बड़ा धोखा ह आपका िच तो नह बदलता कछ बात आप दोहरा कर िनपट जात ह एक काम को परा कर लत ह एक ट न पर कर लत ह फर रोज-

रोज उस दोहरात रहत ह और समझत ह क ाथना कर रह ह ाथना बड़ ाित ह ाथना आमल जीवन प रवतन ह बड़ा ासफामशन ह आपका परा िच प रवितत

होगा तो आप ाथना म हो सकग और फर ऐसा मत सम झए क जो आदमी ाथना म हो गया वह ाथना

क बाहर हो सकता ह बाहर नह हो सकता य क अगर ाथना करत ह तो करग तो ाथना सबध हो

जाएगा नह करग तो ाथना क बाहर हो जाएग ल कन जो मन य ाथना म व कर जाता ह--ए शन क

तरह नह बीइग क तरह काम क तरह नह स ा क भाित--वह फर ाथना क बाहर नह हो सकता वह

चौबीस घट ाथना म जीता ह उसक यक या ाथना हो जाती ह उसका उठना बठना उसका चलना उसका बोलना सब ाथना हो जाता ह ाथना क भीतर जाकर कोई ाथना क बाहर नह आ सकता म दर क

भीतर जाकर कोई म दर क बाहर नह आ सकता अगर सह -सह म दर क भीतर गया हो य क फर वह

जहा होगा वह म दर होगा वह जो करगा वह ाथना होगी वह जो भी उसक जीवन म होगा सब ाथनापण

होगा यरफल होगा तो उसक उसी ाथना क उसी म क म बात कर रहा ह और य जो चलती हई ाथनाए ह िन त ह म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 54

उनक वरोध म ह य क म ाथना क प म ह म धम क प म ह इसिलए सार तथाकिथत धम क वरोध

म ह म चाहता ह क जगत म ाथना हो इसिलए ाथना क नाम स चलन वाल जतन थोथ बा आडबर ह चाहता ह क व न हो जाए ता क ाथना का ज म हो सक य सब कछ ाथना नह ह ाथना बड़ मर बात आप समझ ाथना बड़ आत रक मनोदशा ह और जब

वह हो तो जीवन म कोण बड़ा दसरा होगा बहत दसरा होगा और अगर वह न हो तो लोभी कामी सब

ाथना करत हए दखाई पड़ग अपन लोभ क िलए अपनी कामना क िलए इ छाओ क पित क िलए ाथना

करग क परमा मा स न हो जाए हम जो चाहत ह वह हम िमल जाए उ ह परमा मा स कोई मतलब नह

ह उनक जो माग ह उसस उ ह मतलब ह अगर वह िमल जाएगी तो व मानग क परमा मा ह अगर वह

नह िमलगी व कहग क हम परमा मा पर शक ह पता नह परमा मा ह या नह अगर दस बार मागा और

फर ाथना पर न हई तो उ ह परमा मा पर सदह हो जाएगा यानी उनक िलए परमा मा जो ह वह उन

व तओ स कम म य का ह जनको व माग रह ह मर पास लोग आत ह व कहत ह ाथना तो बड़ स य ह य क हम नौकर म नह थ हमन ाथना क

और नौकर िमल गई कोई मझस कहता ह ाथना तो बड़ स य ह हम बड़ द कत म थ ाथना क और

द कत क बाहर हो गए म उनस पछता ह या तम सोचत हो जो लोग द कत म होत ह और ाथना नह करत व कभी द कत क

बाहर नह होत या तम सोचत हो जो लोग ाथना नह करत और नौकर म नह होत या उ ह कभी

नौकर नह िमलती या तम सोचत हो क जो ना तक म क ह जहा कोई ाथना नह होती वहा सब

लोग नौकर क बाहर ह और सार लोग द कत म ह नह ल कन हम ाथना स सबध जोड़ लत ह और हमार िलए ाथना का न कोई म य ह न परमा मा का

हम तो हमार कामना पर हो जाए तो म य ह कसी को एक ब चा पदा हो जाए वह परमा मा स यादा

म यवान ह य क उसन ाथना क थी और ब चा हआ इसिलए परमा मा ह यह हमारा तक ह य हमार

सोचन क ढग ह हम चीज म यवान ह और हम उन चीज को माग कर सोचत ह क कछ होगा असल म जहा भी माग ह वहा कसी न कसी बात क होगी ऐस लोग हए ह जो कहग ाथना म व तए

मत मािगए वग मािगए मो मािगए य भी सब कामनाए ह य भी सब वासनाए ह य भी सब डजायस

ह यह बहत लोभ का गहरा अग ह एक आदमी ह जो जाकर कहता ह मझ ब चा चा हए एक स यासी कहगा

क यह या माग मागत हो अर परमा मा स मागना ह तो मागो क हम अनत आनद चा हए मर म ब च को मागन वाला कम लोभी ह अनत आनद को मागन वाला यादा लोभी ह इसक ीड इसका लोभ बहत यादा ह ल कन यह समझा रहा ह क या तम मागत हो अर मागना या बात मागत हो असल म मागना ह ता ह आप जो भी मागग मागन क व ह ता ह फर आप कछ भी माग जो भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 55

मागग वह कामना होगी कम लोभ क होगी या यादा लोभ क होगी यह सवाल नह ाथना म माग नह

होनी चा हए म मागता नह दता ह जहा म ह वहा माग नह होती वहा दान होता ह दना होता ह और

जहा म नह होता वहा माग होती ह शोषण होता ह हम कछ शोषण करना चाहत ह ाथना क नाम स

परमा मा का शोषण करना चाहत ह यह िमल जाए वह िमल जाए यह हमार इ छा ह हमार इ छाए पर

कर परमा मा हमारा सवक हो जाए हम जो चाहत ह वह हमारा काम करता रह अगर करता रह तो बहत ऊचा

परमा मा ह दयाल ह परम कपाल ह पिततपावन ह जमान भर क हम शसा क पदक उसको दग य क वह हमार काम करता रह

य सार बात ाथनाए नह ह ाथना तो िच क म क गहर दशा ह और म म को समझना होगा तभी

हम ाथना को समझ सकत ह म या ह साधारणतः हम सोचत ह जस हम म कहत ह वह म ह वह

म नह ह सामा यतः म क नाम स हम दसर य म अपन को भलान का उपाय करत ह कसी म हम

अपन को भला द भला सक--उसक स दय म उसक शर र म उसक य व म और कोई कारण म--तो

हम लगता ह क हमारा बड़ा म ह हम अपन को कसी य म भलान म जब समथ हो जात ह वह य

हम ज र हो जाता ह हम चाहत ह वह सर त रह न न हो जाए मर न जाए अगर आपका कोई मी मर जाता ह तो आपको जो दख होता ह इस खयाल ममत रहना क वह उसक मरन स

होता ह वह दख इसिलए होता ह क आप उसम अपन को भल रखत थ अब या करग अब आप कसी म

भल नह सकग अपन को अब आप घबड़ा गए आपक एक ए कप खो गई आपका एक पलायन का थल

था एक य था जसम आप अपन को डबात थ भलत थ वह न हो गया अब आप या करग मी

जो आ मघात कर लत ह िमय क मरन पर वह इसीिलए क अब उ ह जीवन म कोई अथ नह दखाई दता य क जसम भलत थ वह उनका जीवन था

यह कोई म नह ह य सब म छाए ह य सब च ाए ह अपन को कसी म भलान क और यह वजह ह क

जस य को आज आप म करत ह चार-छह मह न बाद पाएग क अब उसस आपका म नह लग रहा ह कसी और क तरफ आपक चली गई ह य क जसक आप आद हो जात ह उसम अपन को भलाना

म कल हो जाता ह अब आप दसर य को खोजत ह दसर क साथ भी यह होगा तीसर को खोजग तीसर

क साथ भी यह होगा चौथ को खोजग जस- जस को आप अपन को भलान को खोजग थोड़ दन तरक ब

काम करगी नय-नय फर वह तरक ब काम नह करगी आप आद हो जाएग आप प रिचत हो जाएग यह सब म नह ह और इस सार म म हम अिधकार करना चाहत ह उस य पर जसस हम म करत ह

सारा म पजस करना चाहता ह हम मािलक हो जाना चाहत ह उसक जसको हम म करत ह य य क

हम डर ह क कह वह िछटक न जाए कह वह कसी और क म क च कर म न पड़ जाए नह तो हमारा या

होगा हम या करग हम अपन म तो कोई सख नह मालम होता दसर य स मागत ह क हम सख द दो सार मी एक-दसर स

सख मागत ह मझ दखाई पड़ता ह यह ऐसा ह ह क एक दिनया हो जसम सब िभखमग ह और सब अपन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 56

िभ ापा िलए एक-दसर क सामन खड़ ह क हम कछ द दो तो दसरा भी िभखमगा ह वह भी िभ ापा िलए

खड़ा हआ ह इस जमीन पर एक मी दसर मी स मागता ह--मझ आनद द दो इसको सोचता ह नह क उसक

पास आनद अगर होता तो वह त हार पास िभ ापा लकर खद ह य आता जसक पास आनद ह वह कसी स आनद नह मागगा अगर आप कसी स भी आनद माग रह ह आपक पास आनद नह ह जसस आप माग रह ह वह भी आपस

मागन आया हआ ह दोन इस म म ह क दसर स हम िमलगा इसीिलए म म शन पदा होता ह म

म द कत पदा होती ह असफलता पदा होती ह थोड़ दन म पता लगता ह क मी हम म नह द रहा दगा

या म तो आनद का काशन ह जसक भीतर आनद होगा वह कवल म द सकता ह तो मरण रख अगर आप दसर स म मागत ह तो आप दखी ह और आप म दन म असमथ ह ग अगर आप

भीतर आन दत ह तो आप म दन म समथ हो जाएग आनद का दान म ह और दख का दान म का मागना

ह जहा माग ह वहा भीतर दख ह जहा दान ह वहा भीतर आनद ह तो जब तक आपक भीतर आनद नह ह तब तक आप म कर ह नह सकत अगर थोड़ा-बहत आनद होगा तो लोग को थोड़ा-बहत म कर पाएग

जस मा ा म आनद बढ़गा म बढ़गा जस दन आनद पण हो जाएगा उस दन म पण हो जाएगा आनद क प रपणता पर जीवन म म उ प न होता ह उसी म क प रपणता का नाम ाथना ह वह ट बी

इन यर ह वह ाथना म होना ह फर चौबीस घट जीवन स म बरसन लगता ह उठत बठत चलत चार तरफ म झलकन लगता ह भीतर आनद होता ह तो उसक योित बाहर फलती ह योित आनद क

योित का नाम म ह भीतर आनद का द या जलगा तो बाहर काश फलगा म का फर वह म कसी स

सबिधत नह होता जो म कसी स सबिधत नह उसका नाम ाथना ह जो म कसी स सबिधत हो जाए वह

म नह ह जो म कसी स सबिधत नह होता अनत क ित सव क ित वा हत होता ह वह ाथना ह वह परमा मा क ित ाथना ह परमा मा कोई य नह ह सम त सव टोटिलट यह जो सब ह यह परमा मा ह इस सबक ित--वह

जो पौधा लगा ह उसक ित चौराह पर प थर पड़ा ह उसक ित व जो आकाश म तार ह चाद ह उनक

ित य जो लोग ह पश ह प ी ह यह जो स दय ह क पता ह जो कछ भी ह--फल ह काट ह सबक

ित बना कसी कड शन क बना कसी शत क बना कसी आ ह क जो म का दान ह वह ाथना ह और

जब य व म वसी घड़ घ टत होती ह क जहा भी आपक जाए वह उसस म बरस जहा भी आपक

ाण क पत ह वह म बरस जहा भी आपक ास जाए वह सवास जाए म क जो भी आपस हो-- वचार

म कम म भाव म--वह सब मपण हो तो आप ाथना म वश कर रह ह ाथना बड़ म कल बात ह

ाथना आसान बात नह ह वह तो म का प रपण प र कत प ह तो इसको म ाथना नह कहता क आप हाथ जोड़ कसी म दर म खड़ ह तो इसको म ाथना कह द क आप

कसी मित क सामन हाथ जोड़ खड़ ह यह तो वह पराना मागना ह जो आप लोग क साथ कर रह ह एक

आदमी दसर स म माग रहा ह वह फर जरा घबड़ाता ह तो म दर म जाकर मागन लगता ह इसम कोई भद

नह ह इसम कोई फक नह ह यह तो मागना ह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 57

म दान ह तो ाथना अगर मागना ह तो समझ लना क वह ाथना नह ह ाथना भी म का अनत दान

होनी चा हए और जब वह होगी तो फर ाित घ टत होगी एक मसलमान सफ फक र औरत हई रा बया उसक धम थ म कह िलखा था क शतान को घणा करो उसन वह प काट द अब धम थ म सधार करना बड़ा पाप ह य क धम थ म कौन सशोधन कर अब आप

उठाए और गीता म सशोधन कर द कछ लक र काट द और कछ िलख द तो लोग आपको कहग आपन यह

या अनथ कर डाला एक फक र उसक घर महमान था हसन नाम का फक र था उसन करान पढ़ उसन कहा यह कसन इसम

गड़बड़ कर द यह तो थ अप व हो गया यह कसन काट दया क शतान को घणा करो रा बया न कहा मन ह काटा ह तो उसन कहा यह तमन या भल क ह रा बया न कहा क अब मर बड़ म कल हो गई ह जब स म ाथना म व हई ह अब म कसी को घणा कर

ह नह सकती अब अगर शतान मर सामन खड़ा हो जाए तो म करन को मजबर ह ई र भी खड़ा हो शतान

भी खड़ा हो--म दोन को म कर सकती ह असल म अब म पहचान ह नह पाऊगी क कौन ई र ह कौन

शतान ह य क म भद करना नह जानता तो अब म कस उसको घणा क गी य क म उसको पहचान ह नह पाऊगी क यह शतान ह य क म कोई भद नह करता घणा भद करती ह म अभद करता

ह म अ य अ त ह म ह अकला अ त ह यह जो म क अ त अनभित ह उस चरम अनभित का नाम ाथना ह म का ह प रश तम प ाथना ह

इसका ह अितम वकास ाथना ह उस ाथना को चाहता ह इसिलए य जो तथाकिथत ाथनाए ह चाहता ह

क य न ह तो शायद उस तरफ हमार उठ अगर इनस हम म हो जाए तो उस तरफ वश हो सकता ह एक और ह पछा ह ओशो ान-इ य स सा ीभाव श य ह ऐसा कम-इ य स श य ह या नह सा ीभाव का अथ य द समझ गए ह तो चाह ान-इ या ह चाह कम-इ या ह सा ीभाव सभव ह

सा ीभाव का अथ ह जो भी हो रहा ह--चाह वचार म हो रहा हो चाह कम म हो रहा हो--हम उस होत ण म

अपन भीतर यान क एक बद पर मा तट थ दशक हो सक िसकदर हद तान स वापस लौटता था वापस लौटन लगा तो उस मरण आया जब वह सीमा को छोड़न लगा

तो उस मरण आया भारत आत व यनान म उसन लोग स पछा था या- या चाहत हो जो म भारत स

लट कर लाऊ तो धन था सप थी वण थ आभषण थ हद तान क बड़ -बड़ याित क चीज थी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 58

लोग न कहा व लत आना एक पागल न यह भी कहा क हद तान स एक स यासी को लत आना स यासी

और कह होता नह यह ाणी यह पदा होता ह तो उ ह न कहा एक स यासी को भी लत आना वह भी

अजीब चीज होगी हम जरा दख या मामला या ह स यासी या ह िसकदर जब सब लट कर लौटन लगा सीमा पर था उस खयाल आया--एक चीज रह गई लोग पछग एक

स यासी को और पकड़ लाओ िसपा हय को उसन कहा क जाओ पता लगाओ आसपास कोई स यासी हो तो ल चल िसपाह गाव म गए गाव क व स पछा पता चला गाव क बाहर एक स यासी ह ल कन लोग न कहा जस तम पकड़ कर ल जा सको समझ लना वह स यासी नह ह और जो स यासी होगा उस ल जाना बड़ा

क ठन ह फर भी गाव क बाहर एक स यासी ह तम जाओ और िमल लो िसपाह गए नगी तलवार उनक

हाथ म थी एक नगा फक र वहा खड़ा हआ था नद क कनार उ ह न उसस कहा यह ह या इसक या

ताकत बाधो और ल चलो उन िसपा हय न कहा क आ ा ह महान िसकदर क क आप हमार साथ यनान

चल सप दग समादर दग स वधा दग वहा कोई क न होन दग स यासी हसन लगा उसन कहा क त ह स यािसय स बात करन का ढग मालम नह पहली तो बात जस

दन स यासी हए उसी दन स कसी क भी आ ा माननी छोड़ द नह तो स यासी का मतलब ह नह अब

हम अपनी ह आ ा मानत ह इस जगत म और कसी क भी नह दसर बात तम कहत हो क आदर दग स वधा दग जस दन स यासी हए उसका अथ यह ह क लोभन हमन छोड़ दया तम हम भा वत नह कर सकत िसपा हय न कहा तो फर मरण रखो लोभन स भा वत नह होओग तो दड स तो भा वत हो ह

जाओग स यासी हसन लगा उसन कहा त ह पता नह जो लोभन स भा वत होता ह कवल वह दड स भी भा वत होता ह दड भी लोभन का उलटा प ह

िसपाह हरान हए उ ह न कहा तो हम महान िसकदर को या कह उस स यासी न कहा क जाओ और कह दो स यासी अपनी मज स चलता ह अपनी मज स बठता ह उसक

ऊपर कोई मज नह लाद जा सकती स यासी पर कोई स ा नह चलाई जा सकती कह दना स यासी पर

स ा इसिलए नह चलाई जा सकती क स यासी व ततः जी वत ह नह ह जी वत हो तो डर दया जा सकता ह

क मार डालग तो तम जाओ यह कह दना िसकदर खद आया और उसन कहा क तम भल म हो अगर म तम और त हार पर म क स भी कह क चलो तो चलना पड़गा त हार या ह ती ह दखत हो यह तलवार गदन अलग कर द जा सकती ह स यासी हसा और उसन कहा क अगर तम गदन अलग करोग तो जस भाित तम दखोग क गदन िगर उसी भाित हम भी गदन का िगरना दखग हम भी य क न तम यह गदन हो न हम गदन ह तो तम भी

दखोग हम भी दखग तम भी सा ी बनोग हम भी सा ी बनग इस तरह क हम सा ी ह तो तम गदन काट

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 59

दो ल कन वह गदन मर नह होगी हम तो सा ी रहग पीछ दखत रहग क अब गदन काट गई अब चोट

लगी अब गदन िगर गई शर र क ित सा ी हआ जा सकता ह य क भीतर चतना पथक ह अलग ह यह हाथ म उठाता ह--इस व

एक या हो रह ह क मन हाथ उठाया तो हम कवल एक ह बात का पता ह क म हाथ क उठान का कता ह

ल कन भीतर खयाल कर जब हाथ को म उठा रहा ह तो भीतर एक चतना ह जो दख रह ह क हाथ उठ रहा ह जब रा त पर आप चल रह ह तो आपक भीतर कोई दख रहा ह क आप चल रह ह जब आप कछ भी कर रह ह

तो आपक भीतर कोई दख रहा ह क आप कछ कर रह ह चौबीस घट आपक भीतर कोई दखन वाला बद ह ल कन आपको उसका होश नह ह सा ीभाव का अथ ह उस बद का हम मशः मरण आता जाए उसक रमब रगआती जाए उसका होश

आता जाए जस-जस उसका होश हम आता जाएगा जस-जस उस बद म जागरण होता जाएगा फरणा

होती जाएगी बद टटन लगगा उसक ऊपर क आवरण हटन लगग आप पाएग क आप यक या क

सा ी ह यहा तक क िन ा क भी जब आप सो जाएग तब भी आपक भीतर एक बद अभी भी जागता रहता ह कभी आपन खयाल कया आप सोए ह आपका नाम राम ह रा त पर कोई व ण- व ण िच ला रहा ह आपको पता नह चलगा ल कन कसी न कहा--राम आप उठ कर बठ जाएग नीद म भी कोई सन रहा ह क

आपका नाम या ह दसर का नाम कोई बलाता रह आप सोए रहग आपका कोई नाम बला द आप नीद म

भी उठ आएग मा अपन ब च को लकर सोती ह--बाहर इजन चलत रह कार चलती रह ल कन ब चा जरा ह

रोया जरा ह सरका और मा उस स हाल लती ह कोई भीतर बोध को पकड़ हए ह कभी रात म आप कह कर

सो जाए अपना ह नाम लकर आपका नाम राम ह तो कह कर सो जाए क राम ठ क पाच बज उठ आना

तो आप हरान हो जाएग ठ क पाच बज आपक नीद टट जाएगी कोई आपक भीतर ह जो जागा हआ ह जो पाच बज आपको उठा दगा आप तो हरान ह ग ह नोिसस और स मोहन क योग न बड़ अदभत बात िस क ह अगर कसी य

को स मो हत करक म छत कर दया जाए और उसस कह दया जाए क स ह हजार िमनट बाद तम ऐसा-ऐसा

काम करना इसक बाद उस होश म ला दया जाए उस कछ भी याद नह रहगा अब स ह हजार िमनट अगर

आपस कह दया जाए तो आप होश म भी स ह हजार िमनट नह िगन सकत क कब यह व आएगा उसको

तो बहोशी म कहा गया होश म आन पर उस कछ पता भी नह ह ल कन ठ क स ह हजार िमनट बाद वह

काम वह य कर लगा उसक भीतर कोई जागा हआ ह जो िमनट-िमनट का भी हसाब जस इसका बोध

ह हमार भीतर कसी बद पर बड़ा सा ी बद ह और इसीिलए जसका सा ी जा त हो जाता ह वह रात म सोता

भी ह और नह भी सोता ह उसक भीतर एक बोध बना रहता ह शर र सोता ह उसक भीतर कोई जागा रहता ह ब क सबध म कहा गया हउनक पास दस हजार िभ हमशा चलत थ दखत थ उनका उठना बठना सोना सब दखत थ िभ बड़ हरान थ ब जस करवट सोत थ रात भर उसी करवट सोए रहत थ करवट

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 60

नह बदलत थ जो पर जहा रखत थ वह रख रहत थ रात भर पर नह हलात थ जो हाथ जहा रखत थ वह

रख रहत थ रात भर हाथ नह हलात थ अनक लोग न अनक बार सोचा क मामला या ह रात भर एक

ह करवट एक ह तरह स जहा पर जहा हाथ वह ब कस सोए रहत ह तो उनक एक िभ आनद न एक

दन पछा क या हम यह पछन क आ ा आप दग क रात भर आपका पर भी नह कपता हाथ भी नह हलता करवट जस सोत ह वह बनी रहती ह ब न कहा मितपवक सोता ह ब न कहा मितपवक सोता ह सा ीभाव तब भी बना रहता ह तो

इसिलए अपन आप हाथ-पर नह यहा-वहा हो सकत जब तक म न चाह जब तक म न बदलना चाह मर भीतर कोई जागा ह और दख रहा ह यहा तक क जागन क शार रक याओ म तो सा ीभाव हो ह सकता ह िन ा क समय भी हो जाता ह ल कन जस- जस मा ा म चतना जगगी उस-उस मा ा म वसा होगा अभी तो हम कोई सा ीभाव नह होता अभी तो हम सब कए चल जात ह जब ोध आकर चला जाता ह तब हम पता चलता ह क ोध कर िलया जब कोई आदमी कसी क ह या कर दता ह तब खन क फ वार छट दख कर खयाल म आता ह क यह मन या कर दया होश ह नह था जब कया होश ह नह था जब ोध कया इसिलए पीछ पछतात ह ोध करन क

बाद ोधी पछताता ह क यह मन या कर दया यह तो मन बहत बरा कर दया ल कन बड़ आ य क बात ह तम थ कहा जब तमन कया तब तम कहा थ फर कल आज

पछताएगा कल फर ोध करगा फर पछताएगा कहगा क बड़ा बरा हो गया कतनी दफा तय करता ह

क ोध न क फर न मालम या हो जाता ह असल म हो या जाता ह होश ह ह नह तो तय करत ह फर बहोशी पकड़ लती ह तय करन का कोई

प रणाम नह होता सक प का कोई प रणाम नह होता सक प का कोई प रणाम हो ह नह सकता जब तक

क भीतर जागरण न हो होश न हो सा ीभाव न हो िन त ह शर र क याओ क ित सा ी का भाव हो सकता ह कसी भी या क ित हो सकता ह भोजन

करत ह सा ीभाव स कर दखत हए कर होश रख क भोजन कर रहा ह एक-एक या दखाई पड़ कौर

बनाया गया उठाया गया मह म ल जाया गया पानी उठाया गया पीया गया एक-एक छोट-छोट बद को

जानत हए कर भीतर होश बना रह भीतर मरण जागित बनी रह तो शर र क याओ म भी जागरण

होगा मन क याओ म भी जागरण होगा और जब शर र और मन दोन क याओ म जागरण होगा तो एक अदभत जागी हई चत य थित आप सतत अनभव कर पाएग अभी तो ऐसा ह हम ऐस घर ह जसका द या बझा हआ ह तब हम ऐस घर ह ग जसका द या जला हआ ह सा ीभाव हो तो द या जल जाता ह और

जब भीतर द या जल तो जीवन म पाप वलीन हो जाता ह दसरा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 61

इसी सदभ म पछा ह क ओशो पाप या ह और प य या ह भीतर द या जला हो चत य का तो जो कम होत ह व प य ह भीतर द या बझा हो तो जो कम होत ह व पाप

ह समझ लना आप कोई कम न तो पाप होता ह न प य होता ह प य और पाप करन वाल पर िनभर होत ह कोई कम पाप और प य नह होता आमतौर स हम यह मानत ह क कम प य और पाप होत ह यह काम बरा ह और वह काम अ छा ह यह बात नह ह जस आदमी क भीतर का द या बझा ह वह कोई अ छा काम कर ह नह सकता यह असभव

ह दख सकता ह क अ छा काम कर रहा ह जनक भीतर द य जल रह ह उनक कम का अनकरण कर सकता

ह ल कन अनकरण म भी वासना उसक वपर त होगी अगर वह म दर बनाएगा तो वह परमा मा का नह

होगा अपन पता का होगा उनका नाम िलखवा दगा अगर वह कसी को दान दगा तो फकर म होगा क

अखबारनवीस जनिल ट आस-पास ह या नह व खबर छापत ह या नह छापत वह दान म और क णा नह

होगी वह भी अहकार का काशन होगा अगर वह कसी क सवा करगा तो वह सवा सवा नह होगी वह सवा

क गणगान भी करगा करवाना चाहगा वह कहगा म सवक ह वह चाहगा क लोग मान क मन सवा क ह

वह जो भी करगा उसक करन क पीछ च क द या जला हआ नह ह इसिलए काम अ छ दखाई पड़ भला पाप ह ह ग भीतर द या जला न हो तो जो भी हो सकता ह वह पाप ह हो सकता ह पाप मर िलए िच क एक

दशा ह कम का व प वभाजन नह और अगर भीतर का द या जला हो तो वह जो भी कर वह प य होगा हो सकता ह ऊपर स दखाई पड़ क यह

तो प य नह यह कम तो प य नह ल कन वह प य ह होगा असभव ह क उसस पाप हो जाए य क

जसका बोध जा त ह उसस पाप कस हो सकता ह उसस पाप नह हो सकता ल कन हम कम क तल पर चीज को नापत-तौलत ह कल या परस मन आपस कहा आचरण बहत म यवान

नह ह अतस म यवान ह तो अतस पाप क थित म हो सकता ह य द अधकार स भरा ह अतस प य क

थित म होता ह अगर वह काश स भरा ह काशपण िच प य क दशा म ह अधकारपण िच पाप क

दशा म ह य कम क ल ण नह ह य कम क बलकल ल ण नह ह कम का ल ण कम का ल ण कछ भी

तय नह करता य क य भीतर बलकल दजन हो सकता ह आचरण बाहर स जन का कर सकता ह--

अनक कारण स हम इतन लोग यहा बठ ह हम शायद सोचत ह ग क हम चोर नह करत तो हम बड़ा प य करत ह ल कन

अगर आज पता चल जाए क हकमत न हो गई चौर त पर कोई पिलस का आदमी नह ह अब कोई

अदालत न रह अब कोई िसपाह नह अब कोई कानन नह फर पता चलगा कतन लोग चोर नह करत ह आप सोचत ह ग क हम चोर नह करत तो बड़ा प य का काम कर रह ह चोर न करना काफ नह ह िच म चोर क न होन का सवाल ह आपको अगर सबको स वधा और परा मौका

िमल जाए म कल स कोई बचगा जो चोर न कर तो यह जो अचोर ह यह फर प य नह ह यह कवल भय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 62

और दहशत और डर कमजोर और अनक बात ह जनक वजह स आप चोर नह कर रह ह आपको मौका

नह ह भयभीत ह कमजोर ह डर हए ह उस डर को भय को िछपान क िलए अदालत स नरक स

घबड़ाए हए ह उसको िछपान क िलए आप कहत ह म तो चोर नह करता चोर करना बहत बर बात ह म

तो चोर करन का बरा काम करता ह नह जो आदमी कर रहा ह चोर उसम आप म हो सकता ह कवल साम य का और साहस का फक हो कवल

साम य और साहस का फक हो वह यादा साहसी हो या हो सकता ह ववकह न हो इसिलए ववकह न म

यादा साहस दखाई पड़ जाता ह य क उस समझ म नह आता क म या कर रहा ह या प रणाम होगा आप सब हसाब- कताब सोचत ह ल कन अगर सार चोर क स वधाए ह सार चोर क भीतर अनकल प र थित हो और फर कोई आदमी

चोर न कर तो बहत अलग बात हो जाएगी बहत अलग बात हो जाएगी अगर यह भी कोई कह द क चोर

करन वाल अब नरक नह जाएग ब क वग जाएग कोई धमशा यह भी कहन लग क अब चोर करन

वाल अब कानन बदल गया परमा मा का अब व उनको नरक नह भजत अब उनको वग भजत ह फर

भी कोई आदमी चोर न कर अगर यह पता चल जाए क अब चोर करन वाल को क नह दया जाता ब क

स मान िमलता ह और रा पित जो ह वह उनको पर कार दत ह और पद वया दत ह और भगवान भी अब

उनका स कार करन लग ह फर भी कोई चोर न कर अगर कोई यह कह क जो चोर नह करगा उसको नरक

म डाला जाएगा और सड़ाया जाएगा और फर भी चोर न कर सक तब तो समझना क उसक िच क थित

अचोर क हो गई ह नह तो उसक िच क थित अचोर क नह ह यह सार बात ह अब जस हद तान-पा क तान का झगड़ा हआ या हद तान-पा क तान का बटवारा हआ जब बटवारा हआ तो जो पड़ोस म थ भल लोग थ म दर जात थ म जद जात थ व एक-दसर क छाती म छरा भ कन लग य क मौका िमल गया उसक पहल मौका नह था तो व म जद जात थ अब मौका िमल गया तो छरा

भ कन लग मौका नह िमलता था तो म दर म ाथना करत थ मौका िमल गया तो मकान म आग लगान लग कल जब य म दर जा रह थ तब आप सोचत ह य दसर आदमी थ यह छरा भ कन वाला आदमी कल भी

मौजद था ल कन प र थित नह थी इसिलए कट नह हो रहा था िछपा हआ था आज प र थित कट

होन क हो गई ह यह कट हो गया कल मालम हो रहा था क म दर जाना प य ह आज पता चल रहा ह क

दस हजार हदओ को काट सकता ह आग लगा सकता ह या मसलमान को आग लगा सकता ह यह वह

आदमी ह मर गाव म वहा हद-म लम दग हए तो मन दखा क व ह लोग जनको हम समझत ह भल ह जो रोज

सबह गीता उठ कर पढ़त ह व इक ठ करन लग क कस तरह मसलमान को काटा जाए तो म मानता ह जब व गीता को पढ़त थ यह क यह आदमी थ गीता आग पढ़ रह थ भीतर वह काटना-पीटना िछपा था मौजद था प र थित नह थी प र थित सामन आ गई एक नारा खड़ा हो गया क हद-मसलमान म दगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 63

हो गया इतनी सी बात अखबार म छप गई और यह आदमी बदल गया यह मकान जलान क सोचन लगा यह

वह का वह आदमी ह मौका इस नह था अब बहाना िमल गया अब एक मौका िमला क अपनी हसा दखा

सकता ह एक बहान का नाम लकर एक लोगन-- क म हद ह और हद धम खतर म ह मसलमान को खतम

करो अब यह बहाना िमल गया अब यह खतरा कर सकता ह इनको कोई भी बहाना िमल जाए--गजराती और मराठ म झगड़ा हो जाए हद बोलन वाल और गर- हद

बोलन वाल म वरोध हो जाए--तो य आग लगान लगग ह या करन लगग इनका सब धम इनक सब

अ हसा इनक सब नितकता एक तरफ धर रह जाएगी तो इनक जो नितकता चल रह थी वह बलकल झठ

थी उसका कोई म य नह था इनक जो अ हसा चल रह थी बलकल थोथी थी उसका कोई म य नह ह

इनक भीतर य सब चीज िछपी थी अवसर क तलाश थी आप दिनया को अवसर द द यह जमीन इसी व नरक हो सकती ह इसी ण आप नरक का परा इतजाम

कए बठ ह ल कन म दर भी जात ह दान भी करत ह थ भी पढ़त ह सदग क चरण म णाम भी करत

ह य सब बात भी ह और आप अभी नरक बना द इसी जगह को इसी ण एक सकड म यह नरक हो जाए एक नारा उठ और यह अभी नरक हो जाए अभी जस आदमी क पास बठ कर आप बड़ धािमक बन बठ ह उसी क गदन दबा सकत ह इसी व तो मरा मानना यह ह क आप जब नह दबा रह ह तब भी आप दबान क

थित म तो ह नह तो एकदम स कस थित आ जाएगी पाप क थित होती ह पाप का कम नह होता वह टट ऑफ माइड ह और जब तक हम उसको कम

समझग तब तक दिनया म बहत ाित नह हो सकती य क कम का कोई पता नह चलता कम तो मौक-

मौक पर कट होत ह और अ छ-अ छ बहान लकर कट हो जात ह अ छ-अ छ बहान ल लत ह और कट हो

जात ह इसीिलए यह सभव हआ ह क दिनया म कोई भी शतान आदमी कोई भी हकमत कोई भी

पोिलट िशयन कोई भी राजनीित कसी भी ण दिनया को य म डाल सकता ह कसी भी ण य क

सार लोग तयार ह पाप करन को बलकल तयार ह मौका नह ह उनको कसी भी ण कोई भी बहाना--

डमो सी का क यिन म का भारत का पा क तान का हद का मसलमान का--कोई भी नारा जरा सी आग पकड़ान क ज रत ह और आप दिनया को एकदम पाप स भर सकत ह फर लाख लोग को काट सकत ह

और मजा लग य व ह लोग जो पानी छान कर पीत ह यह खबर सन कर स न होत ह क पा क तान का फला गाव बबाद

कर दया गया या हद तान का फला गाव बबाद कर दया गया वह आदमी जो रोज नमाज पढ़ता ह वह

स न होता ह क अ छा हआ म यह समझ नह सकता क यह आदमी जो पानी छान कर पीता था अखबार म पढ़ता ह रात को खाना नह

खाता था अखबार म पढ़ता ह क इतन पा क तानी मर गए तो सोचता ह बहत अ छा हआ यह आदमी

अ हसक ह इसका पानी छान कर पीना धोखा ह बईमानी ह इसका रात को न खाना सब झठ बकवास ह

इसका कोई मतलब और म य नह ह इसका टट ऑफ माइड तो पाप का ह यह कम-वम कछ भी कर इसक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 64

िच क दशा तो पापपण ह इसिलए दिनया को कभी भी कसी भी भकप म डाला जा सकता ह कसी भी उप व म डाला जा सकता ह

लोग क काम तो बड़ अ छ मालम होत ह ल कन िच क दशा जरा ह कनड प जरा सी चमड़ उघाड़ो भीतर पाप मौजद ह और काम बड़ अ छ-अ छ कर रह ह टॉ सटॉय न िलखा ह क म एक दन सबह-सबह चच म गया अधरा था सद क दन थ बफ पड़ती थी कोई नह था चच म म गया एक और आदमी था वह कनफशन कर रहा था भगवान क सामन उस पता

नह क कोई दसरा भी अधर म मौजद ह नह तो कनफशन करता ह य वह वहा कह रहा था क ह

परम पता म बड़ा बरा आदमी ह मर मन म बड़ पाप उठत ह त मझ मा कर चोर का भाव भी आता ह पर- ी-गमन का भाव भी आता ह दसर क धन को हड़प लन क व भी पदा होती ह त मझ मा कर उस

पता नह था क यहा कोई और आदमी भी खड़ा ह वह चच स बाहर िनकला टॉ सटॉय उसक पीछ हो िलया

जब बीच बाजार म पहच सबह हो गई थी लोग आ-जा रह थ उसन िच ला कर कहा क ओ पापी चोर खड़ा रह वह आदमी बोला अर कौन कहता ह मझस पापी और चोर टॉ सटॉय न कहा क म चच म मौजद था मन सन िलया ह उस आदमी न कहा अगर दबारा मह स िनकाला तो अदालत म अपमान का मकदमा चलाऊगा वह बड़ा

ित त आदमी था गाव का वह मन भगवान क सामन कहा था त हार सामन नह कहा था टॉ सटॉय न कहा मन तो यह सोचा क तन मान िलया ह क त पापी ह चोर ह ल कन त मानन को राजी

नह अदालत म मकदमा चलाएगा यह थित ह हमार िच क भीतर तो वह िछपा ह औरबाहर हम अदालत म मकदमा चलाएग अगर कोई हमस

चोर कह द हम िशकायत करग क यह या आपन हमस कह दया तो हमारा कम हमारा ऊपर का आवरण

म य नह रखता म य तो अतस रखता ह उस अतस क ाित क बात ह तो म मानता ह पाप-प य कम म नह होत पाप-प य होत ह िच क दशाओ म एक आदमी क िच क

दशा पाप क हो अधकार क हो तो वह कछ भी कर कछ भी कर कतना ह पानी छान कतनी ह बार

छान उसक हसा नह िमटगी और कतना ह रात को खाए न खाए कतना ह उपवास कर न कर कतनी ह पजा कर कतनी ह ाथना कर--कछ भी कर लाख कर--अगर भीतर िच क दशा अधकारपण

ह उसका सब करना पापपण होगा उसक भीतर पाप क थित बनी ह रहगी वह जा नह सकती वह कसी थित म नह जा सकती

उस तो सीधी चोट करनी होगी कोई और उपाय स क वहा भीतर प रवतन हो अधकार िमट और काश आए

तब उसक कम प रवितत हो जाएग तब हो सकता ह वह रात को भी भोजन कर ल और हसक न हो तब हो सकता ह क वह पानी भी बना छान कभी पी जाए और हसक न हो वह तो िच क भीतर प रवतन क थित

ह वह वहा प रवतन होना चा हए और तब फर जीवन का कम सहज ह ठ क होना श हो जाता ह उस ठ क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 65

करना नह होता वह सहज ह ठ क होना श हो जाता ह सहज ह भीतर जब योित आनी श होती ह कम

का अधकार िगरन लगता ह और कम प य होन लगत ह म समझता ह मर बात समझग कम नह म यवान ह म यवान अतस क थित ह और अतस क थित

कस बदल उसक माग पर ह हम वचार कर रह ह ल कन यह आप खयाल म रख कम को दोष मत द दोष हमशा भीतर बठ य का ह ल कन हम धोखा पदा कर लत ह हम सोचत ह या हजा ह थोड़ा-बहत

पाप भी होता ह तो थोड़ा-बहत प य भी करग यह असभव ह यानी यह सभव नह ह क आप सोचत ह क अब चलो कोई बात नह इतना पाप करत ह एकाध-दो प य भी कर ल उस तरफ भी कछ खात म जमा हो जाए यह असभव ह या तो पाप होगा या पाप

नह होगा बीच क कोई थित नह ह यह नह हो सकता क थोड़ा पाप कर और थोड़ा न कर यह हो ह नह

सकता य क भीतर िच अखड ह उसक टकड़ नह ह उसम ऐसा नह ह क आधा िच पाप स भरा ह और

आधा प य स भरा ह ऐसा कोई कपाटमट ऐसा कोई वभाजन नह ह िच इक ठा ह इसिलए जस इक ठ

िच स थोड़ स पाप िनकल रह ह उस िच स कभी भी कसी थित म प य नह िनकल सकता वह तो िच

पापपण ह और अगर उसम स प य िनकलन लग तो उसम स पाप नह िनकल सकता यानी मरा मानना यह ह क एक आप काश का द पक जलाए तो ऐसा नह हो सकता उसम क अधरा भी िनकल

रहा ह थोड़ा सा थोड़ा काश भी िनकल रहा ह ऐसा नह हो सकता या तो काश ह िनकलगा या फर

योित बझी रहगी तो अधकार ह िनकलगा ल कन इस म म मत रहना आप क थोड़ा-बहत तो करत ह चल थोड़ा-बहत नह होता परा प रवतन करना

होता ह थोड़ा-बहत बलकल नह होता इसस म पदा होता ह धोखा पदा होता ह इसी तरह दिनया भर क

ह यार बईमान शोषक सप इक ठ करत जात ह थोड़ा-बहत दान भी करत जात ह इस खयाल स क

चलो यह प य भी हो गया इस म म कोई न रह य क सप को इक ठा करना इतना बड़ा पाप ह क दान स कोई प य नह हो सकता

सप को इक ठा करना इतना बड़ा पाप ह बहत गहर म बहत जड़ म क दान स कोई प य नह हो

सकता कोई कतना ह दानवीर कह धोख म मत आ जाना व सब दान खीचन क तरक ब ह वह दानवीर

कहना और शसा दना क बहत बड़ दानवीर ह ऐसा ह वसा ह इतना दान कया उतना दान कया व

सब दान खीचन क तरक ब ह व आपका खीसा खाली करन क तरक ब ह ल कन इस म म मत पड़ जाना क

आपस दान हो जाएगा आपक सार व स ह क ह उस स ह क व म स दान हो ह नह सकता और अगर होगा तो उसम कोई न कोई आग स ह करन का भाव होगा-- क चलो कछ दो कह भगवान हो तो

थोड़ा खयाल रखगा कह वग हो तो जरा छोट टल न िमलगी जरा बड़ कस िमलगी कोई न कोई भाव

पीछ होगा कोई न कोई भीतर बात होगी य क यह असभव ह क एक आदमी इधर स लोग क ह या करता

रह और इस तरफ अ पताल बनवाता जाए यह बलकल असभव ह यानी यह आदमी बलकल गड़बड़ ह इसको पता ह नह क यह या कर रहा ह यह हो ह नह सकता यह बलकल ह असभव बात ह क एक ह

आदमी स य दोन बात एक साथ होती रह इनम स एक बात झठ होगी एक बात स ची नह हो सकती वह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 66

कवल आवरण होगी ल कन हम यह धोखा खात रहत ह अपन को दत रहत ह दत रहत ह इसिलए क हम थोड़ स वधा हो जाती ह कोई आदमी अपन को पापी नह मानना चाहता पापी मानन म बड़ आ म लािन होती ह तो थोड़ा-बहत काम

ऐसा कर िलया जसको लोग प य कहत ह तो आ म लािन स बचना हो जाता ह आ म लािन बच जाती ह थोड़ा ऐसा लगता ह क आ खर हम भी कछ तो प य करत ह ह कोई फकर नह थोड़ा करत ह तो कछ तो

करत ह फर धीर-धीर बढ़ग ऐसा धीर-धीर बढ़त-बढ़त यादा प य कर लग तो अपनी आख म अपनी

त वीर को बलकल अधकारपण अधरा पती हई कोई नह दखना चाहता सोचत ह क थोड़ा-बहत तो सफद

रग दखाई पड़ तो वह सफद रग दखान क िलए थोड़ा-बहत करत ह उसको हम प य कहत ह यह सब झठ बात ह वहा हमार िच क जब तक आमल- ाित न हो तब तक कोई प रवतन नह हो सकता

तो या तो पाप होता ह या प य होता ह पाप और प य साथ-साथ कसी य स नह हो सकत मर म आपको कहता ह मर समझ म आपको कहता ह मझ ऐसा ह दखाई पड़ता ह क यह असभावना

ह यह बलकल असभावना ह हा अगर य का अतस आलो कत हो जाए तो उसस पाप असभव ह उसस

पाप बलकल असभव ह अगर आपको दखाई भी पड़ क यह पाप हआ तो आप ह भल म ह ग पाप उस

य स हो नह सकता ह एक छोट सी कहानी कह फर यह चचा पर क गा फर रा क यान क िलए हम बठग एक छोट स गाव क बाहर एक साध ठहरा हआ था यवा साध ह बहत सदर ह बड़ा ितभाशाली ह बड़ा भाव ह गाव क लोग आदर करत ह म करत ह स मान दत ह सारा गाव स मान करता ह

एक दन अचानक सार हवा बदल गई गाव म एक लड़क को ब चा पदा हआ और उस लड़क न कहा क वह

साध का ब चा ह सारा गाव बदल गया आदर क अनादर म बदलन म बहत दर थोड़ ह लगती ह य क जो आदर दत ह उनक पीछ अनादर क पर

तयार रहती ह क मौका िमल जाए तो अभी अनादर कर इसिलए जब कोई कभी कसी को आदर द तो बहत

सावधान रहना वह अनादर क तयार भी कर रहा ह-- कसी भी व य क जन कारण स वह आदर द रहा ह

व बड़ बार क ह जरा ह दसर कारण मौजद हो जाए सब गड़बड़ हो जाएगा इसिलए आदर दन वाल स हमशा

सावधान रहना चा हए वह अनादर कर सकता ह सारा गाव बदल गया गाव टट पड़ा उसक झोपड़ म आग लगा द वह अपना सबह बाहर बठा धप ल रहा था

ठड क दन थ उसन पछा क मामला या ह तो जाकर लोग न कहा मामला पछत हो और वह ब चा उसक ऊपर पटक दया और कहा क मामला यह

ह पहचानो यह त हारा ब चा ह उसन कहा इज़ इट सो ऐसी बात ह ब चा मरा ह उसन उस गौर स दखा उस कध स लगा िलया वह

रोता था उस समझान लगा गाव क लोग गाली-गलौज बकत वापस लौट गए फर वह साध िभ ा मागन गया कल तक बड़-बड़ लोग आकर कहत थ क हमार घर म पर रख द तो प व हो

जाए उ ह लोग न दरवाज बद कर िलए वह दरवाज पर खड़ा ह क मझ दो रोट िमल जाए वह दरवाज जो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 67

कहत थ क त हार पर पड़ जाए तो प व हो जाएगा हमारा घर वह दरवाज बद हो गए उ ह न कहा आग

बढ़ जाओ कभी भल कर इस ार पर दबारा छाया मत डालना गाव क ब च क लोग क भीड़ उसक पीछ

गािलया दती हई प थर फकती हई चली फर वह उस दरवाज क सामन पहचा जसक बट का यह लड़का ह और उसन उस दरवाज क सामन आवाज

लगाई क कसर मरा होगा इसका बाप होन म ल कन इसका मर बट होन म तो कोई कसर नह हो सकता बाप

होन म मर गलती होगी ल कन इसक तो कोई गलती नह हो सकती कम स कम इस तो दध िमल जाए वह लड़क ार पर खड़ थी उसक ाण कप गए फक र को भीड़ म िघरा हआ प थर खात हए दख कर--वह

उस ब च को बचा रहा ह उसक माथ स खन बह रहा ह--स ची बात िछपाना म कल हो गई उसन अपन बाप

क पर पकड़ कर कहा क मा कर इस फक र को तो म पहचानती भी नह िसफ इसक असली बाप को बचान

क िलए मन इस फक र का झठा नाम ल िलया वह बाप आकर फक र क पर पर िगर पड़ा और ब च को छ नन लगा और कहा मा कर द उस फक र न पछा ल कन बात या ह बट को छ नत य हो उसक बाप न कहा--लड़क क बाप न-- क आप कस नासमझ ह आपन सबह ह य न बताया क यह बटा

आपका नह ह आप छोड़ द यह बटा आपका नह ह हमस भल हो गई वह फक र कहन लगा इज़ इट सो बटा मरा नह ह पर त ह तो सबह कहत थ क त हारा ह और भीड़

तो कभी झठ बोलती नह अब तम जब बोलत हो क नह ह मरा तो नह होगा ल कन लोग कहन लग क तम कस पागल हो तमन सबह कहा य नह क बटा त हारा नह ह तम इतनी

िनदा और अपमान झलन को राजी य हए वह फक र कहन लगा मन त हार कभी िचता नह क क तम या सोचत हो तम आदर दत हो क अनादर तम ा दत हो क िनदा मन त हार आख क तरफ दखना बद कर दया ह य क म अपनी तरफ दख क

त हार आख क तरफ दख और जब तक मन त हार तरफ दखा तब तक अपन को दखना म कल था

य क त हार आख तो ितपल बदल रह ह और हर आदमी क आख अलग ह य हजार-हजार दपण ह म

कस- कस म झाक मन अपन म ह झाकना श कर दया ह अब मझ फकर नह क तम या कहत हो

अगर तम कहत हो बटा मरा तो सह मरा ह होगा कसी का तो होगा मरा ह सह अब तम कहत हो नह त हार मज नह होगा मरा ल कन मन त हार आख म दखना बद कर दया ह और वह फक र कहन लगा म तमस भी कहता ह क कब वह दन आएगा क तम दसर क आख म दखना

बद करोग और अपनी तरफ दखना श करोग

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 68

जीवन रह य पाचवा वचन व ास-- वचार-- ववक कल दो स पर कछ बात मन आपस क उस सबध म बहत स भी पछ गए ह एक िम न पछा ह क ओशो या वचार करना ह जीवन का यय ह और या वचार स ह जीवन क स य का अनभव हो सकता ह

वचार या ह वचार सीढ़ ह और सीढ़ क साथ एक अदभत बात ह जो समझ लनी चा हए बहत कम

लोग समझ पात ह बहत सीध स स य को भी सीढ़ क साथ एक अदभत स य ह क अगर ऊपर पहचना हो मकान क तो सीढ़ पर चढ़ना भी पड़ता ह और उतरना भी पड़ता ह सीढ़ पर पर भी रखन पड़त ह और फर सीढ़

को छोड़ भी दना पड़ता ह अगर कोई कह क सीढ़ पर हम चढ़ग ज र ल कन फर सीढ़ स उतरग नह तो भी वह आदमी मकान क ऊपर नह पहच सकगा और कोई अगर कह क जब उतरना ह ह सीढ़ स तो चढ़न क

ज रत या ह तो वह आदमी भी मकान क ऊपर नह पहच सकगा मन सना ह एक टशन पर न खड़ थी और ह र ार क तरफ जाती थी हजार लोग गाड़ म बठ रह थ और

पर टशन पर एक ह आवाज थी क कसी तरह गाड़ क भीतर बठो सामान भीतर पहचाओ सीट पकड़ो जगह बनाओ एक िम को घर कर कछ लोग समझा रह थ वह िम यह पछ रहा था क इस न म बठन स

फायदा या जब ह र ार पर उतरना ह पड़गा जब उतरना ह ह तो बठ य और दलील उसक सच थी तक उसका ठ क था कई बार तक बलकल ठ क होत ह िसफ ठ क दखाई पड़त ह बिनयाद म ठ क नह होत

वह ठ क कह रहा था क जस न स उतरना ह उसम चढ़ना य ल कन िम न कहा गाड़ जा रह ह और हम समझान का मौका नह ह हम जबरद ती त ह अदर बठा लत ह जबरद ती उस आदमी को उ ह न अदर बठा िलया फर ह र ार पर फर ववाद श हो गया उस आदमी न कहा जब म चढ़ ह गया तो अब म उत गा नह क

जब चढ़ ह गए तो उतरना या और जब चढ़ाया था इतनी महनत स तो या उतारन को चढ़ाया था फर िम समझान लग क गाड़ छटन को ह उतरत हो क नह उतरत तम आदमी पागल हो उसक दलील म तो कोई गलती न थी ल कन जदगी दलील नह मानती जदगी क अपनी दलील ह इस

जदगी म सबस बड़ मज क बात यह ह क जस चीज को भी सीढ़ बनाना हो उस पकड़ना भी पड़ता ह और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 69

छोड़ना भी पड़ता ह वचार या ह वचार को पकड़ना ज र ह आ यितक प स वचार को पकड़ना ज र ह ता क सारा िच वचार क अ न स गजर जाए फर एक घड़ आती ह क वचार को छोड़ भी दना पड़ता ह स य का चरम

अनभव तो िन वचार िच को होता ह जहा वचार भी नह रह जात वहा स य का पता चलता ह ल कन आप कहोग क जब िन वचार िच को स य का अनभव होता ह तो हम वचार कर ह य जब

वचार को एक ण छोड़ दना पड़गा और िन वचार होना पड़गा तो फर वचार म पड़ना ह य हम बना

वचार क ह य न रह जाए ल कन ह र ार क टशन पर उतरना गाड़ स एक बात ह और कसी दसर टशन स न चढ़ना बलकल दसर

बात ह य क वह न चढ़ा हआ आदमी ह र ार नह पहच जाएगा वचार को जो करता ह नह वह व ास पर अटका रह जाता ह व ास अधापन ह और अधा आदमी स य को कभी नह जान सकता जो वचार नह करता वह बलीफ और व ास म खड़ा रह जाता ह और जो आदमी

व ास म बधा रह जाता ह वह अधा ह उसक आख पर प ट ह उसका शोषण हो सकता ह उसको भटकाया जा सकता ह ल कन वह कभी स य तक नह पहच सकता स य तक पहचन क पहली शत ह

व ास स म हो जाओ व ास का मतलब या ह व ास का मतलब ह कोई कहता ह और हम मान लत ह हम नह जानत

व ास का मतलब ह कोई जानता ह और हम मानत ह व ास का मतलब ह आख कसी और क ह काश

क खबर कसी और न द ह न हम काश दखाई पड़ता ह न हमार पास आख ह हम िसफ मान लत ह हमारा यह मानना बहत खतरनाक ह रामक ण कहत थ एक आदमी था अधा उस अध आदमी को कछ िम न एक दन भोजन पर िनम त

कया था जब वह भोजन कर रहा था वह पछन लगा यह या ह यह या ह यह या ह बहत

वा द िमठाइया बनाई थी वह पछन लगा यह िमठाई कस बनी ह कहा स बनी ह मझ कछ समझाओ

यह मझ बहत ह अ छ लगी ह िम न कहा यह िमठाई दध स बनी ह वह अधा आदमी पछन लगा यह

दध या ह पहल मझ दध क सबध म समझाओ िम न कहा दध भी नह जानत हो उस आदमी न

पछा कसा होता ह दध या ह दध का रग िम न कहा दध का रग बगल क तरह ह बगला दखा ह उड़ता ह प ी उस बगल क तरह श होता ह दध उस अध आदमी न कहा य पहिलय म पहिलया पदा कर रह हो अब मझ यह भी पता नह क बगला

कसा होता ह अब तम थोड़ा मझ यह समझाओ क बगला कसा होता ह ल कन िम बलकल भी न सोच क जसक पास आख नह ह उस न दध समझाया जा सकता न बगला समझाया जा सकता उस रग क सबध म कछ भी नह समझाया जा सकता फर एक िम को सझ आई उस अध न कहा कछ इस तरह समझाओ क म समझ सक अभी िमठाई या

ह म नह जान पाया और तमन कह दया दध अब दध या ह म नह जान पाया और तमन कह दया

बगला अब यह बगला या ह अब तम कहत हो श होता ह सफद अब यह श ता या ह यह सफद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 70

या ह एक िम पास आया वह अपना हाथ उस अध क पास ल गया और कहा मर हाथ पर हाथ फरो जसा सडौल

मरा हाथ ह मड़ा हआ ऐसी बगल क गदन होती ह उस अध आदमी न हाथ फरा वह अधा आदमी खड़ होकर नाचन लगा और कहा म समझ गया म बलकल

समझ गया क दध मड़ हए हाथ क तरह होता ह उसक आख वाल िम न िसर फोड़ िलया और कहा बड़ भल हो गई इसस तो तम यह जानो क तम नह

जानत हो वह ठ क था कम स कम सच तो था क तम नह जानत हो यह जानना तो और खतरनाक हो गया यह जानना तो न जानन स बदतर हो गया दसर का ान खद क अ ान स बदतर होता ह य क दसर का ान कभी भी खद का ान बन ह नह

सकता अध आदमी क आख नह ह तो दिनया भर क लोग काश को दखत ह इसस कोई फक नह पड़ता

हम सार दिनया क लोग भी एक अध को नह समझा सकत क काश कसा ह काश िसफ जाना जा सकता ह समझा नह जा सकता और व ास समझन पर खड़ होत ह जानन पर खड़ नह होत इसिलए सब व ास

झठ ह और सब व ास खतरनाक ह हम मानत ह क ई र ह वह झठा ह वह ऐसा ह झठा ह जसा उस अध आदमी का यह कहना क मड़ हए हाथ

क तरह होगा दध हमन सनी ह बात ई र क --क ण कहत ह राम कहत ह ाइ ट कहत ह मोह मद

कहत ह व बात हमन सनी ह उनक बात को सन कर हमन ई र क कोई धारणा बना ली ह यह धारणा

उतनी ह झठ ह जस उस अध आदमी क धारणा हमार धारणा का ई र कह भी नह ह कभी नह था कभी

नह होगा अध क धारणा का काश कह नह ह कभी नह होगा कभी नह हो सकता ह य क अध क

धारणा काश क हो ह नह सकती अधा िसफ व ास कर सकता ह जानता नह एक बार और ऐसा हआ ह एक गाव म ब ठहर ह और उस गाव क कछ लोग एक अध आदमी को लकर ब क

पास आए और कहन लग क हम समझा-समझा कर हार गए इस िम को समझात ह क काश ह यह

मानता नह और यह ऐसी दलील करता ह और अध आदमी बहत दलील करत ह य क अध आदमी क पास

जानना तो होता नह िसफ दलील हो सकती ह यह बहत दलील करता ह यह कहता ह काश ह तो म छकर

दखना चाहता ह पश करा दो मझ अब हम कहा स काश का पश करा द और हम पश नह करवा

पात फर भी काश ह ल कन इसको कस समझाए यह कहता ह क म चख कर भी दख सकता ह म

सगध भी ल सकता ह काश को ठोको बजाओ म उसक विन सन ल ल कन हमार पास कोई उपाय नह

ह य क काश को िसफ आख स जाना जा सकता ह न कान स न हाथ स न नाक स न वाद स हम

या कर हम हार गए ह इस अध आदमी स हम पता ह क काश ह हम दखत ह क काश ह ल कन

हम िस नह कर पात आख वाला आदमी अध आदमी क सामन या िस कर सकता ह कछ भी िस नह कर सकता हा अधा मानन को राजी हो जाए तो बात दसर ह और अधा मानन को राजी हो जाए तो वह गलती करता ह य क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 71

जस चीज को मानन को वह राजी हो रहा ह उसको उसन जाना नह ह और मानन स कभी जान भी नह सकता ब न कहा मर पास य लाए हो इस अगर म भी अधा होता तो म भी यह कहता क म छकर दखना

चाहता ह तम भी अध होत तम भी यह कहत मर पास लान क ज रत नह इस कसी वचारक क पास

मत ल जाओ इस कसी व क पास ल जाओ इस उपदश क ज रत नह ह इस उपचार क ज रत ह इसक आख ठ क होनी चा हए एक ह उपाय ह काश को जानन का वह ह आख आख क जगह व ास काम नह कर सकता और अगर

कोई मान भी ल अधा तो या फक पड़ता ह मानन स दखाई पड़ना श हो जाएगा मानन स आख खल

जाएगी मानन स काश का अनभव हो जाएगा मानन स कछ भी नह होगा मानन स िसफ एक बात

होगी क अधा आदमी अधा रहत हए समझन लगगा क म काश को जानता ह जो क बहत खतरनाक ह व िम उस एक व क पास ल गए सयोग क बात थी उसक आख पर जाली थी वह छह मह न म दवा स कट गई वह आदमी नाचता हआ गाव भर म घमा और एक-एक घर म जाकर ार खटखटाया और कहा क

काश ह वह ब क पास भी आया उनक पर पकड़ िलए और रोन लगा और कहन लगा काश ह ल कन ब

न कहा मझ पश करा कर दखाओ वह आदमी कहन लगा काश का कह पश हो सकता ह ब न

कहा म उसका वाद लकर दख ल वह आदमी कहन लगा मत क रए मजाक मर साथ व अध आदमी क

दलील थी अब मर आख खल गई अब म जानता ह व दलील गलत थी ल कन वह मर अधपन का कसर था मरा कसर न था और अगर म मान लता तो वह मानना भी झठ होता य क जो मन आज जाना ह इसक

म क पना भी नह कर सकता था इनकसीवबल ह अध आदमी क िलए काश क क पना भी असभव ह आप तो कहत ह काश क अगर आप जानत ह तो

आपको पता होगा क अधा आदमी अधर क क पना भी नह कर सकता काश क क पना तो बहत दर ह

अध आदमी को अधर का भी पता नह होता अध आदमी को य क अधर क पत क िलए भी आख चा हए अधरा भी आख को दखाई पड़ता ह अगर आख न हो तो अधरा भी दखाई नह पड़ता आप न सना होगा सोचा होगा क अध को काश नह दखाई पड़ता तो आप गलती म ह अध को अधरा भी

दखाई नह पड़ता य क अधरा भी आख का ह अनभव ह अधरा भी काश क अभाव का अनभव ह वह भी

आख को ह होता ह अधा आदमी अधर क क पना भी नह कर सकता तो हम काश क क पना को उस

कस पकड़ा सकत ह ल कन हम सार लोग जीवन क सबध म व ास को पकड़ हए ह य व ास खतरनाक ह व ास को जान द वचार को आन द ल कन इसका यह मतलब नह ह क वचार करन स स य का पता चल जाएगा नह वचार का योग िनग टव ह नकारा मक ह वचार करन स या अस य ह यह पता चल जाएगा वचार

करन स या स य नह ह यह पता चल जाएगा वचार करन स यह पता चल जाएगा क यह-यह स य नह

ह यह-यह स य नह ह जसा उपिनषद कहत ह नित-नित नॉट दस नॉट दट वचार करन स यह पता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 72

चल जाएगा--यह भी स य नह ह यह भी स य नह ह ल कन वचार करन स स य या ह यह कभी पता नह चलगा एक घड़ आएगी क या- या अस य ह वह पता चल जाएगा और वचार थक जाएगा हार जाएगा खोज-

खोज कर और स य का पता नह चलगा तब अितम थित म वचार भी िगर जाता ह और तब जो जा त

होता ह उसका नाम ववक ह उस ववक को स य का अनभव होता ह वचार ह या वचार ह माग जो ववक तक पहचा दता ह और ववक ह वह ार जहा स स य का अनभव होता ह तो जो मन कल आपस कहा वचार करना ज र ह व ास पर क जाना ज र नह ह समाज म ाित

करनी हो या य म सब म ाित करनी हो या वय म-- ाित का स एक ह ह कोई चाह तो एक िगलास

भर पानी को भाप बनाए या कोई चाह तो पर सम को भाप बनाए ल कन पानी को भाप बनान का स एक ह

कतन पानी को आप भाप बनात ह यह सवाल नह ह एक य क जदगी म ाित लानी हो तो पर समाज क जदगी म ाित लानी हो तो स एक ह व ास

पर ठहरा हआ समाज कभी ाितकार नह होता व ास पर ठहरा हआ य कभी ाितकार नह होता वचार क अ न स गजरना ज र ह ल कन वचार मा स भी कभी कोई स य तक नह पहच जाता ह एक

घड़ आती ह क वचार क सीढ़ चढ़नी पड़ती ह और एक घड़ आती ह क वचार क सीढ़ भी छोड़ दनी पड़ती

ह जस दन वचार भी छट जाता ह उस दन जो शष रह जाता ह उसका नाम ह ववक उसका नाम ह ा उसका नाम ह यान उसका नाम ह समािध वहा हम जानत ह जो ह और जो ह उस जान लना एक ाित स

गजर जाना ह अधा आदमी जस दन काश को जानता ह आप समझत ह वह आदमी रह जाता ह जो काश को नह

जानता था नह काश को जानत ह अधा आदमी और ह हो जाता ह जो वह कभी नह था ान पातरण लाता ह हम जतना जानत ह उतन हम पात रत होत ह हम नय होत चल जात ह थोड़ दर

को सोचो आख बद ह हमार कान बद ह नाक बद हो हाथ पश न करता हो हमार सार इ या बद ह हम या ह ग हमारा या अनभव होगा हमार या थित होगी हम म और प थर म या फक

होगा यह जो पशओ क दिनया म हम वकास दखाई पड़ता ह वह इ य का वकास ह जसक जानन क मता

जतनी बढ़ गई ह वह पशओ म उतना ऊपर आ गया ह ल कन इ य क अित र भी अती य जानन क ार

ह जो वचार स म होकर व ास स म होकर ववक क खलन पर उपल ध होत ह उस ववक क म जो जाना जाता ह उसका नाम ह परमा मा ह उस ववक क माग स जो पहचाना जाता ह उसी का नाम स य ह

और स य स य ाित कर दता ह पात रत कर दता ह पर जीवन को फर चाह वह जीवन समाज का हो इसिलए मन कल आपस कहा क व ास को जान द वचार को आन द और वचार कब आता ह वचार तब आता ह जब हम सदह करन का साहस जटात ह सदह करन का साहस वचार का ाण ह वह आदमी वचार कर सकता ह जो सदह कर सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 73

ल कन हम तो हजार साल स िसखाया गया ह सदह मत करना सदह करना ह नह सदह करना गलत ह

आख बद करक मान लन क द ा द गई ह हम और इसीिलए वचार पदा नह हो पाता सदह बहत अदभत ह सदह कसी भी वचारशील आदमी का ल ण ह और जो आदमी सदह नह कर सकता वह आदमी धािमक भी नह ह अब तक यह कहा गया ह क व ास करन वाला धािमक ह और म आपस कहना चाहता ह व ास करन

वाला धािमक नह ह सदह करन वाला ह धािमक ह ल कन य य क जो सदह करता ह वह वचार करता ह और यह बहत हरानी क बात ह क सदह करन

वाला एक दन स य तक पहच जाएगा व ास करन वाला कभी स य तक नह पहचता य क व ास का

मतलब ह क हमन या ा बद कर द व ास का मतलब या होता ह व ास का मतलब होता ह क हमन

मान िलया या ा समा हो गई जो नह मानता उसक या ा जार रहती ह वह कहता ह यह नह यह नह

अभी और आग म खोजगा खोजगा और आग जाऊगा एक गाव म एक फक र ठहरा हआ था उस गाव क लोग न आकर उस फक र को कहा क चल और हम ई र क

सबध म कछ समझाए उस फक र न कहा ई र क सबध म कभी कसी न कछ भी नह समझाया ह म या समझाऊगा मझ छोड़

दो मा कर दो फर भी व गाव क लोग नह मान तो वह फक र उनक गाव क म जद म गया म जद म लोग इक ठ थ परा गाव इक ठा था उस फक र न खड़ होकर मच पर कहा क म पहल कछ कहन क यह पछ लना चाहता ह ई र ह तम मानत हो तम जानत हो क ई र ह तो हाथ उठा दो उस म जद क सार लोग न हाथ ऊपर उठा दए उस फक र न कहा बात खतम हो गई जब तम जानत ह

हो तो अब मझ कहन क कोई ज रत नह और ई र को जानन क आग तो कछ भी जानन को शष नह रह

जाता इसिलए अब म या कह कोई भी नह जानता था हाथ झठ थ हमार सब हाथ भी झठ उठत ह ल कन हम पता ह नह ह क धम क

नाम पर भी कतना झठ चलता ह और जो आदमी धम क नाम पर भी झठ पर हाथ उठाता ह वह आदमी

जदगी म कस सच हो सकता ह जब हम स कोई पछता ह ई र ह और हम कहत ह हा तो हमन कभी

सोचा क हम बना जान हा भर रह ह और यह हा झठ ह और जब यह बिनयाद हा झठ ह तो हमार और

धािमक जदगी सार क सार झठ हो जाएगी इसिलए म दर जान वाल क तीथया ा करन वाल क सार

जदगी सरासर झठ होती ह य क बिनयाद आधार फाउडशन झठ होता ह उ ह न उस चीज पर हा भर द ह

जस नह जानत ह उ ह न बना खोज बना सोच बना जान बना पहचान हा भर द ह उस फक र न कहा बात खतम हो गई अब कछ कहन को भी न था गाव वाल न हाथ उठा दया था उ ह न कहा कोई फकर नह अगल र ववार को फर उ ह न जाकर ाथना क क चल म जद म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 74

उस फक र न कहा ल कन म गया था पछली बार और सब लोग वहा ई र को जानत ह मर वहा कोई ज रत

नह ह जहा सभी ानी ह वहा ान क कोई ज रत नह रह जाती इस दश म ऐसा ह हआ ह यहा सभी ानी ह इसिलए ान क कोई ज रत नह रह गई इसिलए ान ठहर

गया ान आग नह बढ़ता सब जब ानी ह तो ान आग कस बढ़गा जनको इस बात का बोध ह क हम

अ ानी ह व ान को आग बढ़ात ह य क व खोज करत ह जनको यह पता चल गया क हम जानत ह उनक खोज बद हो गई हद तान कोई तीन हजार साल स का ह उसका ान नह बढ़ता आग य क सब ानी हो चक ह अ ानी

ान को आग बढ़ात ह जनको बोध ह क अ ान ह हम नह जानत व जानन क कोिशश करत ह जनको

पता ह क सब जान िलया गया व ठहर जात ह जीत ह मरत ह ल कन ान क कोई गित नह होती उस फक र न कहा या क गा म जाकर ल कन व लोग बोल हम दसर लोग ह व तय करक आए थ क अब बदलन क िसवाय कोई रा ता नह ह

उ ह न कहा हम गाव क दसर लोग ह हम व लोग ह नह ह जो पछली बार आए थ उस फक र न कहा चहर तो पहचान मालम पड़त ह ल कन ठ क ह धािमक आदमी का कोई भरोसा नह कभी भी बदल सकता ह अभी गीता पढ़ रहा ह अभी छरा िनकाल सकता ह अभी करान पढ़ रहा ह म जद

म और दखो तो बहत भोला मालम पड़ता ह थोड़ दर म मकान म आग लगा सकता ह िनकल कर धािमक

आदमी का कोई भरोसा नह ह तथाकिथत धािमक आदमी स यादा बईमान और डसऑन ट य व खोजना म कल ह ल कन हम इसी

को धािमक आदमी कहत ह अधािमक आदमी म भी एक ऑन ट एक िसिसय रट होती ह धािमक आदमी

म वह भी नह होती ना तक म भी एक तरह का बल और स चाई होती ह आ तक म वह भी नह होती

इसीिलए तो ना तक क नाम पर दिनया म कोई पाप नह ह कोई न मकान जलाया ह उ ह न न कसी क

ह या क ह ल कन आ तक क नाम पर इतनी ह या और इतन पाप का िसलिसला ह क अगर कोई सोच तो

हरान होगा क सोच तो भगवान स कह क यह दिनया कब ना तक हो जाएगी ऐसा कछ उपाय करो नह तो य पाप और अपराध बद नह ह ग यह हरानी क बात ह उस फक र न कहा ठ क ह तम प क धािमक मालम पड़त हो बदल गए म आऊगा लोग चल गए वापस वह म जद पहचा वह मच पर खड़ा हआ लोग न तय कर रखा था क आज जब वह

पछ कहना हम जानत नह फक र न पछा ई र ह मानत हो उ ह न कहा न ई र ह न हम मानत न हम जानत अब बोिलए फक र न कहा बात खतम हो गई जो ह ह नह उसक सबध म बोलना या बात ह टट गई और फक र न

कहा क तम सोचत हो क तमन मामला बदल िलया तमन बदला नह उस बार भी तमन ान का दावा कया

था क हम जानत ह अब भी तम ान का दावा कर रह हो क नह ह नह ह ई र यह भी ान का ह दावा

ह यह भी तम कहत हो क हम जानत ह क ई र नह ह खर बात खतम हो गई ह तम ानी हो और म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 75

कछ भी नह कर सकता ािनय क साथ कछ भी नह कया जा सकता ािनय स यादा मर हए लोग नह होत प डत स यादा यथ

आदमी नह होता य क जसको भी यह म पदा हो जाता ह क म जानता ह उसम जीवन न हो जाता ह

य क जीवन प रवतन ह जीवन और जानन क खोज ह और जानन क और अनत खोज ह यह कभी

ऐसा ण नह आता क कोई कह क बस जानना खतम हो गया फक र तो चला गया गाव क लोग बहत परशान हए यह आदमी कसा ह अब हम या कर ल कन इस

आदमी न रस पदा कर दया था और लगता था क यह कछ कहगा तो अथपण होगा य क उसक दोन

ग चर दोन बार उसका यह कहना बहत अथपण मालम हआ था बात तो सच कह रहा था वह ल कन अब

हम या कर उ ह न आ खरएक ह उपाय और बचा था तीसरा वक प एक बार कहा था हा एक बार

कहा था नह अब कछ दोन क बीच समझौता करन का रा ता था व फर गए तीसर बार फक र न कहा य भाई उ ह न कहा हम फर आए ह ाथना करन ल कन हम तीसर ह लोग ह ल कन उसन कहा िम ो चहर बलकल पहचान हए मालम पड़त ह उ ह न कहा क वह आपक गलती ह आपका म ह हम तीसर ह लोग ह गाव बड़ा ह हम पछन आए ह आप चल फक र गया वह मच पर खड़ा हआ उसन फर वह सवाल कया ई र ह क नह ह म जद क लोग न तय कया था क आध लोग कहग--ह आध लोग कहग--नह ह आध लोग न हाथ उठा

दया क ई र ह हम मानत ह हम आ तक ह आध लोग न कहा हम िनपट ना तक ह हम नह मानत अब आप बोिलए फक र न कहा कस पागल हो जो जानत ह व उनको बता द जो नह जानत ह मर या ज रत ह मरा या

योजन ह यहा बलान का मझ तम कसिलए बला कर लाए हो इस म जद म दोन लोग मौजद ह--जो

जानत ह व जो नह जानत ह व तम आपस म िनपटारा कर लो वह फक र उतर कर चला गया गाव क लोग चौथी बार नह गए य क चौथा कोई उ ह उ र नह सझा फर वह फक र कई मह न का रहा

उस गाव म और राह दखता रहा क शायद व आए कई बार उसन लोग स कहा अब नह आत कई बार

लोग को खबर भजी अब नह आत ल कन लोग न कहा हम या आए हम कस आए चौथा उ र

नह िमलता ह तम फर वह पछोग हम थक गए चौथा उ र नह ह फर गाव स जस दन वह फक र वदा होता था गाव क लोग उस वदा दन आए और उसस पछन लग चौथा उ र भी हो सकता था या य क तमन बार-बार पछा क हम आए हम फर स आए फक र न कहा हो सकता था और अगर तमन चौथा उ र दया होता तो म ज र बोलता फर गाव क लोग कहन लग तो बताओ न वह चौथा उ र या ह ल कन उसन कहा मरा बताया हआ उ र त हारा उ र नह हो सकता ल कन म जात व त ह बताए जाता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 76

ह ल कन यान रखना क मरा उ र त हारा उ र नह हो सकता अपना उ र ह अपना होता ह फर भी उ ह न कहा बता द तो उस फक र न कहा म पछता और तम चप रह जात और कोई उ र न दत तो मझ बोलना ज र हो जाता

य क तब तम बतात क हम कछ भी नह जानत--न हा न ना हम बलकल अ ात ह हम उस सबध म

कछ भी नह कह सकत ह हम धारणा भी नह कर सकत ह क ई र यानी या अगर तम चप रह गए होत मौन रह गए होत तो मझ बोलना पड़ता ल कन तम बोलत चल गए त हार बोलन न बताया क तम जानन क म म हो और जो जानन क म म ह उस ान कभी भी उपल ध नह हो सकता ह अ ानी जान सकता ह प डत कभी नह जान सकता ह य क अ ानी को एक िमिलट अ ानी को एक

वन ता ह क म नह जानता ह अ ानी क ार खल ह ल कन ानी क ार बद ह जो जान लता ह वह ार

पर ताला लगा कर अदर बठ जाता ह इसिलए म कहता ह व ास झठा ान पदा करता ह ान नह सडो नॉलज ह िम या ान ह और िम या

ान खतरनाक ह वचार करो और िम या ान को न कर दो वचार स ान नह िमल जाएगा िम या

ान न होगा जस पर म एक काटा लगा हो और हम दसर काट को उठा कर उस काट को िनकाल कर फक

दत ह ल कन दसर काट को घाव म नह रख लत दसरा काटा भी फक दत ह व ास क काट को िनकाल डालो वचार क या स फर वचार क या भी यथ हो जाती ह दोन काट

फक दए जात ह फर या रह जाता ह फर जो रह जाता ह उसी का नाम ह चतना उसी का नाम ह

काशसनस उसी का नाम ह ववक उसी का नाम ह ा उस ा को स य का अनभव होता ह स य का

अनभव ाितकार ह चाह समाज का सवाल हो चाह य का स य क अनभव क बना कोई ाित नह ह

और इसिलए म कहता ह अब तक दिनया म कोई ाित नह हई ह िसफ ाित क नाम पर सडो रवो यशस

हई ह िम या ाितया हई ह बड़ स बड़ ाित भी दिनया क ाित नह थी स म जो ाित हई वह चीन

म जो ाित हो रह ह वह या ास म जो ाित हई य कोई भी ाितया नह ह सब सडो रवो यशस ह सब

िम या ाितया ह य इनको िम या ाित कहता ह य क य ाितया जदगी को बदलती नह िसफ जदगी क बोझ को एक

कध स दसर कध पर कर दती ह बीमार क नय नाम श हो जात ह स म गर ब िमट गया अमीर िमट

गया गर ब और अमीर क जगह दो नय वग आ गए जनता का और स ािधका रय का और व वग वस क वस

ह कल जो आदमी मािलक क हिसयत स फ चलाता था अब वह मनजर क हिसयत स फ चलाता ह ताकत उसक उतनी क उतनी ह कोई ाित नह हो गई िसफ वग न पातरण कर िलया िसफ वग बदल

गए नाम बदल गए दसर वग उनक जगह था पत हो गए य क जो ाित हई वह ाित कसी स य क

सा ात स नह िनकली वह ाित कवल व ास क आधार पर िनकली परान व ास बदल गए नय व ास

पकड़ िलए गए ल कन फर व ास पकड़ िलए गए और फर जो ाित हई वह फर परान ढाच को नई

श ल म नय नाम म था पत कर गई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 77

हम नाम बदल लन को भी ाित समझत ह नाम बदल जात ह और हम समझत ह सब कछ बदल गया अछत को कहन लगत ह ह रजन और समझत ह सब कछ बदल गया अछत श द बहतर था य क उस श द म एक चोट थी और वह चोट कभी ाित करवा सकती थी ह रजन

श द खतरनाक ह उसम चोट नह ह वह बड़ा मधर और मीठा ह और मीठ श द क खलाफ ाित नह होती अब ह रजन को गौरव मालम होता ह यह कहन म क हम ह रजन ह अछत कहन म उस गौरव नह

मालम होता था अछत कहन म चोट लगती थी चोट स ाित आ सकती थी ह रजन कहन म वह अकड़ कर

कहता ह क हम ह रजन ह और ऐसा लगता ह क बाक कोई ह रजन नह ह बाक लोग भगवान क लोग नह

ह यह आदमी भगवान का आदमी ह श द खतरनाक िस होत ह उ नीस सौ बावन क कर ब वहा हमालय क तराई म नीलगाय होती ह तो नीलगाय न बहत उप व मचाया

खत म उसक स या बहत बढ़ गई थी ल कन नीलगाय म गाय जड़ा हआ ह श द तो उस गाय को गोली

नह मार जा सकती य क गाय को गोली मारना वह हद क जो जड़ता ह उसम एकदम आग लग जाएगी

तो फर या कया जाए तो पािलयामट म एक होिशयार आदमी न सझाव दया क पहल नीलगाय का नाम

नीलघोड़ा रखो फर गोली मारग और यह सझाव वीकत हो गया नीलगाय नीलघोड़ा हो गई और फर गोिलया मार ग और कसी न कछ भी नह कहा उस जानवर को पता भी नह चला होगा क अब हम नीलगाय

नह रह नीलघोड़ा हो गए ह ल कन आदमी क बईमानी आदमी क डसऑन ट हद क ह फर कसी न भी बात ह नह क -- क नीलघोड़

को मारन म या हजा ह मरन दो घोड़ स या लना-दना ह हदओ क तो गाय माता ह बस उसको भर

बचाना ह और कसी स कोई मतलब नह ह अगर गाय का भी नाम बदल दो उसको भी गोली मार जा सकती ह य क हमार कताब म तो िलखा ह गाय माता ह अगर गाय का नाम बदल दया तो फर कोई

द कत नह ह यह जो आदमी का दमाग ह यह ाित- ाित नह करता यह श द को बदलता ह वग क नाम बदलता ह नीच क चीज ऊपर करता ह इस कोन क चीज उस कोन म रखता ह और सोचता ह ाित ह यह ाित- ाित

नह ह नई जमावट पदा कर लता ह और कहता ह ाित हो गई ाित तब तक नह होगी मन य क जगत म जब तक वचार क ऊजा सम जीवन को घर न ल वचार क

आग न पकड़ ल हम जीवन क एक-एक म य को सदह न करन लग--और सदह क आग म सब जल जाए और ववक जा त हो उस ववक स आएगी ाित और लोग पछत ह क वह ाित कस लाएग ाित लानी नह पड़ती ववक जाग तो ाित आती ह कािस वस ह ाित ववक का

जस क एक घर म अध आदमी रहत ह तो अधा आदमी पछता ह क दरवाजा कहा ह ल कन आख वाल

आदमी रहत ह तो कोई नह पछता क दरवाजा कहा ह जब िनकलना होता ह िनकल जाता ह उस खद भी पता नह चलता अपन को क म दरवाज स िनकल रहा ह उस यह भी पता नह चलता क म दरवाजा खोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 78

आख दखती ह आदमी दरवाज स िनकल जाता ह दरवाज स िनकलना दखन वाल आदमी क िलए इतना सहज

ह ल कन अधा आदमी पछता ह दरवाजा कहा ह बाए क दाए लकड़ कहा ह मर मरा हाथ पकड़ो म द वाल स न टकरा जाऊ अधा आदमी यह भी पछ सकता हहम उसस अगर कह क जब तर आख ठ क हो

जाएगी तो तझ लकड़ क ज रत नह रहगीवह कहगा ऐसा कस हो सकता ह फर म दरवाजा कस

खोजगा अधा आदमी यह भी कह सकता ह हम उसस अगर कह क जब तर आख ठ क हो जाएगी तो त

बस बना पछ दरवाज स िनकल जाएगा वह कहगा ऐसा कस हो सकता ह बना पछ कोई कस िनकल

सकता ह मन य पछता ह ाित कस होगी म नह कहता ाित कस होगी यह सवाल नह ह सवाल यह ह क वह

ाित करन वाला त व भीतर जग जाए फर ाित हो जाती ह फर आप वह आदमी हो ह नह सकत जो

आप थ आपको चीज दखाई पड़न लगती ह और कोई आदमी दखत हए िसर नह टकराता ह द वाल स कोई

आदमी नह टकराता जस आदमी का ववक जग जाएगा उसी दन वह हद नह रह जाएगा उसी दन

मसलमान नह रह जाएगा य क हद और मसलमान अध आदमी क ल ण ह उस दन वह िसफ आदमी रह

जाएगा और वह यह नह पछगा क म हद होना कस भल म मसलमान होना कस बद क उस आदमी को

दख जाएगा य द वाल थी दरवाज नह थ जनस टकरात थ िसर फटत थ खन बहता था और कछ भी

नह होता था न हद स कोई मतलब ह धम का न मसलमान स न जन स धािमक आदमी हद मसलमान

और जन कस हो सकता ह धािमक आदमी िसफ आदमी हो सकता ह और अगर धािमक आदमी हो तो भारत

और पा क तान ब च क खल मालम पड़न लगग जमीन कह बट हई नह ह िसफ न श म बट ह जीवन रह य छठवा वचन उधार ान स म एक बड़ रा य का म यम ी मर गया था उस रा य का िनयम था क म यम ी का चनाव दश म जो

सवािधक ब मान आदमी हो उसक खोज करक कया जाता था सार दश म पर ाए ह तीन ब मान लोग खोज गए अितम पर ा होगी और उन तीन म जो सवािधक

ब मान िस होगा वह बड़ा वजीर बनगा अितम पर ा क िलए व तीन य राजधानी आए तीन िचितत रह ह ग जीवन-मरण का सवाल था व तीन यह चाहत थ क शायद कह स पता चल जाए क

पर ा म या आन को ह व नगर म आए तो और भी हरान हए नगर म एक-एक राजधानी क िनवासी को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 79

पता था क पर ा या होन वाली ह जसस भी पछा उसन कहा िन त रहो राजा न बहत दन स एक

भवन बना रखा ह उस भवन म तम तीन को कल बद कर दया जाएगा उस भवन क ार पर उसन एक ऐसा

ताला लगवाया ह जसक कोई चाबी नह ह वह ताला ग णत क एक पहली ह उस पहली क अक ताल पर खद

हए ह जो इस पहली को हल कर लगा वह दरवाजा खोल कर बाहर िनकल आएगा और जो पहल बाहर िनकलगा वह बड़ा वजीर हो जान को ह व तीन ह न तो कोई चोर थ क ताल क सबध म समझत ह न कोई इजीिनयर थ न ह ग णत क कोई

जानकार थ इनम स एक तो जाकर जहा ठहराया गया था वहा चपचाप चादर ओढ़ कर सो गया दो िम न

सोचा क शायद इसन पर ा दन का खयाल छोड़ दया दो बहत परशान थ भाग हए राजधानी म गए ताल

वाल स िमल ग णत स िमल इजीिनयर स िमल कछ कताब पहिलय क लाए रात भर कताब पढ़त

रह अजीब सी बात थी कभी ताल क सबध म सोचा नह था कस ताला खोलग रात भर सोए नह एक ह

रात क बात थी और कल जीवन भर क िलए एक बड़ सप एक बड़ा स मान एक बड़ा पद िमल जाता

दोन न रात भर बहत तयार क इतनी तयार क रात भर सोए नह कताब- कताब पहिलया ग णत--

क सबह उनक ऐसी हालत हो गई जसी पर ा दन वाल क अ सर हो जाती ह उनस अगर कोई पछता क दो

और दो कतन होत ह तो व नह बता सकत थ फर व राजमहल क तरफ चल वह जो साथी सोया रहा था वह उठा गीत गाता रहा नान कया वह भी

उनक पीछ हो िलया उन दोन न सोचा यह आदमी या करगा इसन कोई तयार नह क ह ल कन कई बार

ऐसा होता ह क जो नह तयार करत ह व कछ कर लत ह और कई बार ऐसा होता ह क जो तयार करत ह व पछड़ जात ह व तीन राजमहल पहच अफवाह सच थी उ ह एक कमर म बद कर दया गया और स ाट न कहा यह

ताला लगा ह यह ताल क कोई चाबी नह ह अगर कोई इसक पहली को हल कर ल जो अक इस पर खद ह तो बाहर िनकल आना जो पहल िनकल आएगा वह वजीर हो जाएगा म बाहर ती ा करता ह व तीन अदर बद कर दए गए दो तो अपन कपड़ म कताब िछपा लाए थ उ ह न अपनी कताब िनकाल कर

सवाल हल करना श कर दया एक जो रात भर सोया रहा था वह फर एक कोन म आख बद करक बठ गया व

दोन हरान हए यह आदमी कसिलए आया ह रात भर सोया रहा अब जब क सवाल हल करन का समय

आया तब भी आख बद करक बठ गया इस आदमी को हो या गया ह ल कन उसक फकर करनी उिचत

न थी अ छा ह था क वह सहभागी न हो ितयोगी न हो अ छा ह ह दो क बीच ह िनणय हो जाए व

दोन सवाल हल करन लग वह आदमी आधा घट तक बठा रहा उस आदमी न कछ भी नह कया वह बलकल ह चप बठा रहा उसक

हाथ-पर भी नह हल उसक आख क पलक भी नह हली फर अचानक वह उठा दरवाज पर गया दरवाज

को ध का दया दरवाज म ताला लगा नह था दरवाजा कवल अटका था वह बाहर िनकल गया स ाट उस

लकर भीतर आया और उसन कहा क िम ो अब बद कर दो जसको िनकलना था वह िनकल गया व दोन तो बहत हरान हए उ ह न कहा यह आदमी िनकल गया जसन कछ भी नह कया यह िनकला

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 80

कस स ाट न कहा क ताला लगा नह था िसफ दरवाजा अटका था और हम ब म ा क पर ा कर रह ह तो ब म ा का पहला ल ण यह ह क सवाल को हल करन क पहल जान लना क सवाल ह या नह अगर सवाल

न हआ तो हल करन क कसी भी कोिशश स कभी हल नह हो सकता ह अगर सवाल हो तो हल हो भी सकता ह ल कन तमन ब म ा का पहला ल ण ह नह दखाया तमन फकर ह नह क क दरवाजा बद ह या खला

ह और तम खोलन क कोिशश म लग गए कस तम खोल पाओग दरवाजा बद हो तो खोला जा सकता ह दरवाजा खला हो तो फर खोलन का कोई भी रा ता नह कोई भी माग नह इस आदमी न ब म ा का ल ण

दखाया इसन पहल जाच क क दरवाजा बद ह या खला इसको हम वजीर बना लत ह उन दोन न उस आदमी स पछा क तमन कस यह सोचा क दरवाजा बद ह या खला उस आदमी न कहा मन रात को जब मझ पता चला क ताला खोलना पड़गा तभी मन कहा क जो भी म

जानता ह मरा कोई भी ान इस पहली को हल करन म काम नह आ सकता य क जो भी म जानता ह जो

भी मन जाना ह जो भी मझ पता ह उसस वह सवाल हल कए जा सकत ह जो मर प रिचत ह अप रिचत

को प रिचत ान क आधार पर कभी भी हल नह कया जा सकता ह अ ात को ात ान क आधार पर कभी हल नह कया जा सकता ह अनजान को जान हए ान क आधार पर कभी हल नह कया जा सकता ह जो

हम जानत ह हम उसी को हल कर सकत ह उसक ारा जो हमन पीछ सीखा ह ल कन अप रिचत अनजान अ ात अननोन कोई सवाल हो तो नोन स जो ात ान ह उसस हल नह हो सकता तो फर मन सोचा क एक ह रा ता ह क म अपन मन को शात कर ल और जो म जानता ह उस भी भल जाऊ तो शायद जो म

नह जानता ह उसक झलक मर ाण म मर मन म आ जाए और रात भर स म भलन क कोिशश कर रहा ह

उसको जो म जानता ह य क जो म जानता ह कह उसक कारण जो अ ात ह उसम और मर मन क बीच

कोई द वाल न बना ल मरा ान तो म ान को वदा करन क कोिशश कर रहा ह तमन रात भर ान इक ठा

कया मन रात भर ान छोड़ा मन रात भर यह कोिशश क क सबह तक म बलकल खाली हो जाऊ एक

कोर लट क तरह जो कछ भी नह जानता ह रात भर म इसीिलए चप पड़ा रहा यहा आकर भी नान

करन क बाद भी म वह कोिशश कर रहा ह क सब मझ भल जाए जो म जानता ह ता क मन िनमल और शात

हो जाए और शात मन ह नय सवाल का हल खोज सकता ह अशात मन नह और जस मन म बहत ान

भरा ह वह बहत अशात होता ह तो मन घड़ भर बठ कर सब भला दया और जस ह म सब भल गया अचानक मझ भीतर स लगा क दरवाजा बद नह दरवाजा खला ह म उठा और बाहर िनकल गया मझ पता नह यह कस हआ यह छोट सी कहानी मन य कह यह कहानी म इसिलए कहना चाहता ह क जो लोग जीवन क स य को

जानना चाहत ह व भी शा को खोल कर बठ जात ह और जीवन क स य को कभी नह जान पात जो लोग

जीवन को जानना चाहत ह जो जीवन का ार खोलना चाहत ह व भी कताब और श द को लकर बठ जात ह

और श द स भर जात ह ानी हो जात ह ल कन अ ान िमटता नह प डत हो जात ह ल कन ा का

ार नह खलता सब जान लत ह और फर भी कछ नह जान पात ह बस कताब- कताब श द-श द शा -

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 81

िस ात इ ह क घर म पड़ रह जात ह और जीवन का वह ार जो बद ह नह ह बद रह जाता ह जो सदा

खला ह वह भी नह खल पाता ह उस खोलन क िलए भी इस तीसर आदमी जसा बनना ज र ह--जो जानत

हए को भल जाए व मरण कर द जस सीखा ह चप हो जाए मौन हो जाए ता क मौन क ण म जीवन

क ार का खलापन दखाई पड़ जाए एक बहत बड़ा सगीत था जमनी म वजनर उसक दरवाज पर सार दिनया क सगीत सगीत सीखन आत

थ उसन अपन दरवाज पर एक त ती लगा छोड़ थी उसम िलखा था उसन क जो लोग बलकल सगीत नह जानत ह उनक फ स इतनी ह और जो लोग सगीत जानत ह उनक फ स दगनी ह और जो बहत बड़ प डत ह

सगीत क उनको तो म िसखाता ह नह ह लोग उसस पछत क पागल हो गए हो आप जो प डत ह सगीत का उस नह िसखात तो वजनर कहता क प डत को पहल पा ड य छोड़ना पड़ता ह तब वह सीख सकता ह य क जस खयाल ह

क म जानता ह वह सीख नह सकता जो लोग कछ सीख हए ह उ ह पहल भलाना पड़ता ह जो व सीख हए ह

तो मह न उनक साथ महनत करनी पड़ती ह क तम पराना भल जाओ ता क नया सीख सको नया सीखन क

िलए परान का भल जाना ज र ह हा जो नय ह जो कछ भी नह सीख ह उ ह म थोड़ सी फ स म िसखा दता ह वह वजनर ठ क कहता था रमण मह ष थ द ण म एक जमन वचारक ओकबन उनस िमलन आया और पछन लगा मझ ई र को

जानना ह म या सीख म या सीख मझ ई र को जानना ह तो रमण न उनस कहा सीखो मत जो सीख हए हो उसको भल जाओ तो ई र को तम जान लोग अनलन

लिनग क बात ह मत करो जो तम जानत हो उसको भी भल जाओ बड़ उलट बात लगती ह यह वह आदमी बहत च का उसन कहा म जो जानता ह वह भी भल जाऊ उसस म कस ई र को जान लगा रमण न कहा क अगर तम भल जाओ जो तम सीख हो तो त हारा मन हलका हो जाए िनभार हो जाए तो

त हारा मन जसक ऊपर ान क प थर रख ह व प थर हट जाए तो त हारा मन इतना हलका हो जाए क

तम ऊपर उठ सको हलका मन ऊपर उठता ह खाली मन ऊपर उठता ह जस कोई दपण क ऊपर कछ धल जम गई हो तो फर दपण म ित बब नह बनता ऐस ह मन य क मन पर

अगर ान क धल जम जाए--और यान रह मन य क मन पर एक ह धल जमती ह और वह ान क धल ह-

-अगर वह जम जाए तो मन क दपण म परमा मा क ितछ व कभी नह बनती यह बात आपस कहना चाहता ह अगर आप ानी बन रहऔर हम सब ानी ह य क हम सब कछ न

कछ जानत ह बना कछ जान नह कछ जानत ह सच म या जानत ह हम खद को भी नह जानत और

कछ जानना तो बहत दर क बात ह जो वय को भी नह जानता वह और या जानता होगा ल कन नह हम म ह क हम बहत कछ जानत ह वह जो बहत कछ जानन का म ह वह धल क तरह मन क दपण को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 82

ढक लता ह उस दपण म परमा मा क स य क ितछ व कभी नह बनती और जनको हम कहत ह क

ई र क खोजन वाल लोग व और भी कताब स भर जात ह एक स यासी ई र क खोज म िनकला हआ था और एक आ म म जाकर ठहरा प ह दन तक उस आ म म

रहा फर ऊब गया उस आ म का जो बढ़ा ग था वह कछ थोड़ सी बात जानता था रोज उ ह को दोहरा

दता था फर उस यवा स यासी न सोचा यह ग मर यो य नह म कह और जाऊ यहा तो थोड़ सी बात ह उ ह का दोहराना ह कल सबह छोड़ दगा इस आ म को यह जगह मर लायक नह ल कन उसी रात एक घटना घट गई क फर उस यवा स यासी न जीवन भर वह आ म नह छोड़ा या हो

गया रात एक और स यासी महमान हआ रात आ म क सार म इक ठ हए सार स यासी इक ठ हए उस नय स यासी स बातचीत सनन उस नय स यासी न बड़ ान क बात कह उपिनषद क बात कह वद

क बात कह वह इतना जानता था इतना स म उसका व षण था ऐसा गहरा उसका ान था क दो घट

तक वह बोलता रहा सबन म म ध होकर सना फर उस यवा स यासी क मन म हआ ग हो तो ऐसा हो

इसस कछ सीखन को िमल सकता ह एक वह बढ़ा ह वह चपचाप बठा ह उस कछ भी पता नह अभी सन

कर उस बढ़ क मन म बड़ा दख होता होगा प ा ाप होता होगा लािन होती होगी-- क मन कछ न जाना और

यह अजनबी स यासी बहत कछ जानता ह यवा स यासी न यह सोचा क आज वह बढ़ा ग अपन दल म बहत-बहत दखी ह न अनभव करता होगा तभी

उस आए हए स यासी न बात बद क और बढ़ ग स पछा क आपको मर बात कसी लगी वह बढ़ा ग खल खला कर हसन लगा और कहन लगा त हार बात म दो घट स सनन क कोिशश कर

रहा ह तम तो कछ बोलत ह नह हो तम तो बलकल बोलत ह नह हो वह स यासी बोला दो घट स म बोल रहा ह आप पागल तो नह ह और मझस कहत ह क म बोलता नह ह उस बढ़ न कहा हा त हार भीतर स गीता बोलती ह उपिनषद बोलता ह वद बोलता ह ल कन तम तो

जरा भी नह बोलत हो तमन इतनी दर म एक श द भी नह बोला एक श द तम नह बोल सब सीखा हआ

बोल सब याद कया हआ बोल जाना हआ एक श द तमन नह बोला इसिलए म कहता ह क तम कछ भी

नह बोलत हो त हार भीतर स कताब बोलती ह एक ान ह जो उधार ह जो हम सीख लत ह ऐस ान स जीवन क स य को कभी नह जाना जा सकता जीवन क स य को कवल व जानत ह जो उधार ान स म होत ह और हम सब उधार ान स भर हए ह हम

ई र क सबध म पता ह और ई र क सबध म हम या पता होगा जब अपन सबध म ह पता नह ह हम

मो क सबध म पता ह हम जीवन क सभी स य क सबध म पता ह और इस छोट स स य क सबध म पता

नह ह जो हम ह अपन ह सबध म ज ह पता नह ह उनक ान का या म य हो सकता ह ल कन हम ऐसा ह ान इक ठा कए हए ह और इसी ान को ान समझ कर जी लत ह और न हो जात ह

आदमी अ ान म पदा होता ह और िम या ान म मर जाता ह ान उपल ध ह नह हो पाता दिनया म दो तरह क लोग ह एक अ ानी और एक ऐस अ ानी ज ह ानी होन का म ह तीसर तरह का आदमी म कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 83

स कभी-कभी ज मता ह ल कन जब तक कोई तीसर तरह का आदमी न बन जाए तब तक उसक जदगी म

न सख हो सकता ह न शाित हो सकती ह य क जहा स य नह ह वहा सख असभव ह सख स य क

छाया ह जस जीवन म स य नह ह वहा सगीत असभव ह य क सभी सगीत स य क वीणा स पदा होता

ह जस जीवन म स य नह ह उस जीवन म स दय असभव ह य क स दय व का नाम नह ह और न

शर र का नाम ह स दय स य क उपल ध स पदा हई ग रमा ह और जस जीवन म स य नह ह वह जीवन

अश का जीवन होगा इपोटट होगा िन स व होगा य क स य क अित र और कोई श दिनया म

नह ह हम सब क प हम सब अधमत हम सब असदर हम सब सड़त-गलत हम सब जीवन म रोज-रोज मरन

क तरफ जात हए लोग हम पता भी नह ह क हम जी भी नह रह य क जब तक स य न िमल जाए तब

तक कोई जीवन नह ह जस स य िमलता ह उस ह जीवन िमलता ह य क जस स य नह िमलता वह

म य म ह जीता ह म य म ह िगरता ह म य म ह न होता ह स य क अित र कोई जीवन नह ह एक स ाट था इ ा हम स यास ल िलया उस स ाट न और गाव क बाहर एक चौर त पर झोपड़ बना कर रहन

लगा ल कन उस झोपड़ पर रोज झगड़ हो जात य क कोई भी आकर उस झोपड़ पर पछता क ब ती का

रा ता कहा ह वहा स दो रा त जात थ एक ब ती क तरफ एक मरघट क तरफ उस फक र स कोई भी

पछता चौराह पर--वह चौराह पर था और कोई चौराह पर था भी नह --रा ता कहा ह ब ती का वह फक र कहता बाए चल जाना दाए मत जाना दाया रा ता मरघट ल जाता ह लोग बाए चल जात तीन मील चल कर मरघट पहच जात तब बड़ा ोध आता क यह आदमी कसा ह राह

चलत हए अजनबी लोग स मजाक करता ह लौट कर तीन मील चल कर ग स म आकर उसको पकड़ लत क

तम आदमी कस हो तमन इतन जोर स कहा क बाए जाओ बाए ब ती ह और हम बाए चल गए और

तमन रोका था दाए मत जाना दाए मरघट ह कस आदमी हो तम इ ा हम कहता तो फर हमार प रभाषाए अलग-अलग मालम पड़ती ह तम जस ब ती कहत हो उस म

मरघट कहता ह य क वहा हर आदमी मरन क तयार म बठा हआ ह आज मरगा कोई कल मरगा कोई परस मरगा कोई और तम जसको मरघट कहत हो उसको म ब ती कहता ह य क वहा जो बस गया बस गया फर कभी उजड़ता नह फर कभी वहा स जाता नह तो तमन पहल य नह कहा क कौन सी ब ती य क ब ती का मतलब होता ह क जहा बसन पर उजड़ना नह होता तो हम तो मरघट को ह ब ती कहत ह जो जानत ह व हम जी वत नह कहग व कहग हम मरत हए लोग और या ह जीवन हमारा जस दन

हम पदा होत ह उसी दन स मरना श हो जाता ह हमार पर जदगी मरन क एक लबी या ह ए जअल

ोसस ऑफ डथ धीर-धीर-धीर-धीर मरत जान क या ह आदमी ज म क बाद मरन क िसवाय और या

करता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 84

ल कन हम सोचत ह शायद मौत आती ह कभी स र वष बाद मौत इस तरह नह आती क स र वष बाद अचानक आ जाती ह मौत रोज साथ-साथ चलती ह रोज हम मरत

ह रोज हम बढ़ होत ह रोज कछ जीवन स खसकता चला जाता ह--जीवन क आधारिशलाए जीवन क ट और मौत बढ़ती चली जाती ह एक दन मौत पर हो जाती ह जसको हम मौत का आना कहत ह वह मौत का

आना नह ह मौत का परा हो जाना ह जस बीज बड़ा होता ह और व बनता ह ऐस ह ज म बड़ा होता ह और

मौत बन जाता ह और जस ज म स मौत िनकलती हो उस ज म को जीवन कहा जा सकता ह और जस

ज म का अितम प रणाम मौत होता हो उस हम या कह उस मौत क लबी या कह या जीवन कह एक स ाट रात सोया था उसन एक सपना दखा सपना दखा क कोई काली छाया उसक कध पर हाथ रख खड़

ह वह बहत घबड़ा गया उसन पछा तम कौन हो उस काली छाया न सपन म कहा क म मौत ह और आज शाम त ह लन आती ह तम ठ क जगह और ठ क

समय पर िमल जाना समय का यान रखना सरज क डबत ह धप क डबत ह स ाट क नीद घबड़ाहट म खल गई मन था क पछ लता मौत स क जगह और बता द क वह जगह कौन सी

ह समय तो बता दया इसिलए नह क उस जगह पर पहच जाता ब क इसिलए क उस जगह पर पहचन

स बचता कह भल-चक स उस जगह न पहच जाए ल कन नीद खल गई थी सपना टट गया था मौत मौजद

नह थी बहत घबड़ा गया आधी रात थी ल कन उसी व गाव म डड पटवा द क जो लोग भी सपन का अथ

जानत ह व आ जाए अनक व ान थ उस राजधानी म व आ गए और व सपन का अथ करन लग अब प डत स कभी भी कसी

चीज का अथ पछना खतर स खाली नह ह य क एक प डत एक अथ बताएगा वह अथ दसरा प डत कभी नह बताएगा तीसरा प डत तो दोन अथ स तीसरा अथ बताएगा प डत होन का मतलब अलग होना होता ह व सार प डत अलग-अलग अथ करन लग उ ह न अपनी कताब खोल ली और शा का अथ िनकालन लग

सबह हो गई सरज उग गया राजा घबड़ान लगा य क जब सपन स जगा था तो उस सपना कछ साफ-साफ

मालम पड़ता था प डत क बात सन कर और कन यजन और भी म हो गया था अब कछ भी समझ म

नह आ रहा था क या मतलब था सपन का फर सरज ऊपर चढ़न लगा और प डत का ववाद भी सरज क साथ ऊपर चढ़न लगा िन कष पर पहचना तो

दर आशा नह रह क िन कष पर व पहच सकग और तब राजा क बढ़ नौकर न राजा क कान म कहा महाराज इनक बात म मत उल झए पाच-दस हजार साल स भी प डत वचार करत ह ल कन कसी नतीज

पर कभी नह पहच ह प डत नतीज पर पहचत ह नह शाम ज द हो जाएगी सरज ढल जाएगा पता नह इस भवन म उस काली छाया क दशन हए ह कह इसी भवन म मौत आती न हो अ छा तो यह ह प डत को

िनणय करन द आप घोड़ पर सवार होकर जतनी दर िनकल सक इस महल स िनकल जाए उस राजा न कहा बात तो ठ क ह प डत िनणय बाद म भी कर लग बाद म पता चल जाएगा ल कन अभी तो मझ साझ स बचना चा हए उसक पास तज घोड़ा था लकर भागा कई बार अपनी प ी स कहा था--तर बना एक ण नह जी सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 85

ल कन आज भागत समय घोड़ पर प ी क कोई याद न आई अनक िम स कहा था क त ह मर आख क

तार हो तम हो तो मर ास ह तम हो तो सगध ह तम नह हो तो कछ भी नह ह त हार बना नह जी सकता ह आज कसी िम क कोई याद न आई आज एक ह याद थी--अपनी मौत क ण म अपनी ह याद रह जाती ह और जदगी भर हम दसर क याद करत ह इसिलए जदगी फजल

खो जाती ह जो लोग जदगी क ण म अपनी याद कर ल उनक जदगी साथक हो जाती ह ल कन मरत व

लोग अपनी याद करत ह और जदगी भर दसर क याद करत ह जदगी बकार हो जाती ह और मौत क ण म

कछ कया नह जा सकता कछ करन को समय चा हए और मौत क ण का मतलब ह समय अब नह ह वह आदमी भागा वह दन भर भागता रहा खान क िलए नह का पानी क िलए नह का कना खतरनाक

था महल स जतनी दर िनकल जाए उतना अ छा था तज घोड़ा था उसक पास साझ होत-होत सकड़ मील

दर िनकल गया एक बगीच म जाकर घोड़ा बाधा सरज ढलता था वह बहत खश था घोड़ क पीठ थपथपाई

और कहा शाबाश आज जब कोई काम नह पड़ा तब त मर काम पड़ा त ह मरा असली दो त ह त ह मरा साथी ह ध यवाद तरा क त मझ बचा कर िनकाल लाया तभी पीछ कसी काली छाया न कध पर हाथ रखा घबड़ा कर लौट कर दखा वह छाया और म य न कहा ध यवाद म भी त हार घोड़ को दना चाहती ह म भी िचितत थी इस जगह त हारा मरना बदा था तम पहच

सकोग क नह पहच सकोग म भी घबड़ा रह थी घोड़ा त हारा तज ह और ठ क समय पर ठ क जगह ल आया ह सच म घोड़ का ध यवाद करन यो य ह भागा सबह स साझ तक जसस भागा उसी क मह म पहच गया जदगी भर हम मौत स ह बचना चाहत ह

और मौत म ह पहच जात ह गर ब क घोड़ भी पहचा दत ह घबड़ाना मत क अमीर क घोड़ ह पहचा सकत ह

गर ब क घोड़ भी पहचा दत ह वह जहा अमीर क घोड़ पहचात ह पदल चलन वाल भी पहच जात ह हवाई

जहाज स उड़न वाल भी पहच जात ह ठ क जगह पर ठ क समय पर हर आदमी पहच जाता ह उसम कभी भल-

चक नह होती य क ज म क श आत मौत क श आत ह य क ज म क साथ ह मरना श हो गया इस हम जदगी कहत ह तभी तो फर जदगी दख ह तभी तो जदगी एक पीड़ा ह तभी तो जदगी एक

िचता ह और एक अशाित ह जदगी या ह एक तनाव क अित र एक तनाव जसम ाण कपत रहत ह ितपल दख और दख और दख एक तनाव जसम िसवाय आसओ क कछ भी हाथ नह लगता एक तनाव

जसम िसवाय दघटनाओ क कोई घटना ह नह घटती जदगी या ह एक सपना और वह भी दखद नाइटमयर ऐसी जदगी को अगर बदलना हो तो बना स य क सा ात क नह बदला जा सकता और जदगी ऐसी इसीिलए

ह क हम स य का कोई भी पता नह स य यानी जीवन हम जीवन का ह कोई पता नह हम बाहर ह बाहर

दखत ह और भीतर झाक भी नह पात जहा जीवन का मल ोत ह धम व ान ह जीवन क मल ोत को जानन का धम मथडोलॉजी ह विध ह व ान ह कला ह उस जानन का जो सच म जीवन ह वह जीवन जसक कोई म य नह होती वह जीवन जहा कोई दख नह ह वह जीवन

जहा न कोई ज म ह न कोई अत वह जीवन जो सदा ह और सदा था और सदा रहगा उस जीवन क खोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 86

धम ह उसी जीवन का नाम परमा मा ह परमा मा कह बठा हआ कोई आदमी नह ह आकाश म परमा मा

सम जीवन का टोटल लाइफ का इक ठा नाम ह ऐस जीवन को जानन क कला ह धम ल कन हम धम क नाम पर या जानत ह हम धम क नाम पर जानत ह शा हम धम क नाम पर जानत ह श द हम धम क नाम पर जानत ह िस ात

कोई गीता को कठ थ कए ह कोई करान को कोई बाइ बल को और सोच रहा ह क धम हो गया नह श द स धम नह होता जो श द को स य समझ लता ह वह वसा ह आदमी ह जसन ककड़-प थर को ह र-मोती समझ िलया हो जो श द को स य समझ लता ह वह ऐसा ह आदमी ह जसन श दकोश म िलखा हो घोड़ा और उसको घोड़ा समझ िलया अब श दकोश क घोड़ पर कोई भी सवार नह करता ह घोड़ा अ तबल म बधा हआ ह और वहा घोड़ा वगरह

कछ भी नह िलखा हआ ह वहा िसफ घोड़ा बधा ह और घोड़ को पता भी नह होगा क वह घोड़ा भी कहा जाता

ह श दकोश म िलखा ह घोड़ा और कई ऐस ब मान ह क श दकोश पर चढ़ कर सवार हो जाएग और कहग घोड़ा मझ ल चल नह ल कन श दकोश क घोड़ पर कोई छोटा ब चा भी नह चढ़ता ल कन श दकोश क ई र पर अिधकतम

लोग पजा करत रहत ह और श दकोश क ई र क सामन हाथ जोड़ कर खड़ रहत ह श दकोश को ह स य

समझ लत ह शा पढ़ लत ह और िस ात को स य समझ लत ह यह सारा का सारा ान ऐसा ह ह जस कोई आदमी तरन क सबध म बहत सी कताब पढ़ ल और तरन का

जानकार बन जाए और ज रत पड़ तो तरन पर पीएचड कर ल कताब िलख डाल या यान कर ल कन

कभी भल कर ऐस आदमी को नद म ध का मत द दना य क वह आदमी और सब कर सकता ह तर नह

सकता ह कताब स पढ़ा हआ तरना नद म काम नह आता हा और एक कताब िलखनी हो तो काम पड़

सकता ह तो कछ लोग कताब पढ़त ह और नई कताब बनात चल जात ह तो दिनया म कताब का ढर बढ़ता चला जाता

ह ल कन ान नह बढ़ रहा ह य क ान कताब स नह आता ान तो जदगी क भीतर अपन ह

भीतर िछप हए कए ह वहा स आता ह ल कन वहा तो हम कभी दखत ह नह हम तो बाहर स कड़ा-करकट

इक ठा करक भीतर ल जात ह उलट हमारा ान हमार भीतर क ान को ढक दता ह और िनकलन नह दता आदमी क जदगी म ान वस ह ह जस पानी जमीन क नीच ह और कआ कोई खोद ल जमीन क प थर

िनकाल कर बाहर फक द कआ खोदन म कोई या करता ह िम ट -प थर िनकाल कर फक दता ह पानी पानी भीतर ह िम ट -प थर क िनकलत ह बाहर आ जाता ह कआ या ह कआ एक छद एक ए ट नस एक खाली जगह ह हमन एक खाली जगह बना द भीतर का पानी कट होन लगा ल कन कछ लोग कआ नह बनात कछ लोग हौज बना लत ह हौज बलकल उलट चीज ह कआ जमीन म

खोदना पड़ता ह हौज ऊपर क तरफ उठानी पड़ती ह कए म िम ट -प थर िनकाल कर फकन पड़त ह हौज

क िलए बाजार स खर द कर लान पड़त ह िम ट -प थर लाओ द वाल बना कर जोड़ कर खड़ा कर दो कआ

खद जाता ह तो पानी मागन नह जाना पड़ता पानी अपन आप आता ह हौज बन कर तयार हो गई अब पानी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 87

भी लाओ अब पड़ोस क कओ स पानी मागो उधार और अपनी हौज म भर लो दखन पर हौज और कआ एक

जस मालम पड़त ह हौज म भी पानी ह कए म भी पानी ह ल कन कए क पास अपना पानी ह हौज क पास

अपना पानी नह ह कए क पानी म जदगी ह कए का पानी जदा ह उसक सागर स सबध ह उसक दर धाराए फली ह वह

अनत स जड़ा ह हौज कसी स भी नह जड़ अपन म बद ह चार तरफ स बद ह उसका कसी स कोई

सबध नह कआ भलीभाित जानता ह क पानी मरा नह ह सागर का ह हौज जानती ह क पानी मरा ह अब यह मजा दखो हौज क पास सारा पानी उधार ह ल कन हौज को लगता ह क पानी मरा ह कए क पास

पानी उधार नह ह अपना ह ल कन कआ जानता ह मरा या ह म तो कवल कट होन का एक रा ता ह

पानी तो सागर का ह पानी तो आकाश का ह पानी तो दर स आता ह और म भर जाता ह म तो एक खाली जगह ह जसम पानी कट होता ह कए क पास कोई अहकार नह होता हौज क पास अहकार होता ह अगर पानी भरा रह तो हौज का पानी

सड़गा कए का पानी नह सड़गा अगर पानी को िनकाल लो तो हौज का पानी खाली हो जाएगा हौज नगी और

खाली हो जाएगी कए का पानी िनकालो और नया पानी भर जाएगा मन कओ को िच लात सना ह क आओ कोई मरा पानी िनकाल लो और हौज भी िच लाती ह और रोती ह क

दर रहना हमारा पानी मत िनकाल लना लाओ और थोड़ा पानी डाल दो और आदमी भी दो तरह क ह एक हौज क तरह क आदमी ह जो ान उधार लकर भर लत ह अपनी खोपड़ म

उनक पास अपना कछ भी नह होता और एक व लोग भी ह जो ान उधार नह माग लत जो अपन भीतर खोदत ह और ान का कआ उपल ध कर लत ह ानी व ह जनक भीतर कए क तरह पानी कट होता ह और प डत व ह जो हौज क तरह ह इसिलए दिनया म प डत कभी भी स य को नह जान पाता ह अ ानी जान सकत ह ल कन प डत नह जान

सकता मन सना ह नह क प डत कभी भगवान क दरवाज तक पहचा हो आज तक नह पहचा आग भी

कभी नह पहच सकता ह य क प डत क पास सब उधार ह उधार आदमी कह भी नह पहच सकता ह सब

बारोड ह सब बासा ह सब मदा ह दसर क श द ह हम प डत बनना चाहत ह तो बहत आसान ह ल कन अगर हम ान को उपल ध होना चाहत ह तो थोड़

क ठनाई ह य क प डत होन म स ह करना पड़ता ह स ह करना आसान ह य क स ह करना मन को बड़ा सख दता ह जतना स ह बढ़ता ह उतना लगता ह म कछ ह पसा इक ठा होता ह तो आदमी को लगता ह

म कछ ह ान इक ठा होता ह तो भी आदमी को लगता ह म कछ ह कसी भी चीज क इक ठ होन स आदमी

क ईगो अहकार मजबत होता ह और लगता ह म कछ ह इसिलए स ह करना हमशा आसान ह य क

स ह स म िनिमत होता ह अहकार मजबत होता ह ल कन जस ान पाना ह वह थोड़ा क ठन ह आरडअस ह थोड़ा तप यापण ह य क उसम स ह छोड़ना पड़ता ह और धन छोड़ना आसान ह ान

छोड़ना बहत म कल ह य क ान भीतर धन मालम पड़ता ह लगता ह क यह तो हमारा सहारा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 88

ल कन कभी भीतर झाक कर दख वहा कोई भी ान नह ह हमार पास वहा हम बलकल खाली और अ ानी

ह हमन झठा ान वहा पकड़ रखा ह और जब तक हम इस झठ ान को पकड़ हए ह तब तक हम अपनी

कताब खोल कर बठ रहग और पछत रहग ई र का दरवाजा कहा ह ई र का दरवाजा कस खोल क

ऑफ नॉलज कहा ह ान क कजी कहा ह हम कहा जाए कसस पछ कसको ग बनाए कौन

हम कजी दगा और हम दरवाजा खोल लग तब तक हम अपनी कताब म उलझ रहग और पा ड य म ल कन एक रा ता और भी ह मत पछ कसी स मत जाए कसी क ार पर न कसी शा क पास न कसी

ग क पास न कसी शा क पास ान ह और न कसी ग क पास ान ह ान यक क भीतर ह वय

क भीतर ह वह ह शा वह ह ग वह वय परमा मा बठा हआ ह कसस पछ रह ह ल कन वहा जान क िलए चप हो जाना पड़गा वहा जान क िलए आख बद कर लनी पड़गी वहा जान क िलए

सब छोड़ दना पड़गा जो हम जानत ह और जो आदमी सब छोड़न को राजी ह-- ान जो ान छोड़न को राजी ह

वह आदमी ान को उपल ध हो जाता ह य क तब वह पाता ह क ार पर कोई ताला नह ह ार खला ह ध का दो और ार खल जाता ह जीसस न कहा ह नॉक एड द डोर शल बी ओप ड अनट य खटखटाओ और ार खोल दए जाएग आ क एड

इट शल बी िगवन मागो और िमल जाएगा जीसस तो कहत ह खटखटाओ और ार खल जाएगा ल कन म कहता ह खटखटान क भी कोई ज रत नह

ह य क ार बद नह ह आख खोलो और पाओग क ार खला हआ ह ल कन आख नह खलती ह आख

पर कताब रखी ह आख पर शा रख ह हदओ क मसलमान क ईसाइय क सबक शा छाती पर रख

हए ह और हर आदमी दब गया ह शा क नीच हमार पास शा न हम बध हए उ र द दए और बध हए उ र सबस यादा खतरनाक ह य क उनक

वजह स कोई आदमी अपना उ र नह खोज पाता ह एक छोट सी कहानी और अपनी बात म पर कर दगा बध हए उ र सबस यादा खतरनाक ह य क बध हए उ र आपको ानी तो बना दत ह ल कन बध हए

उ र आपक चतना को कभी वकिसत नह होन दत आपन एक कहानी सनी होगी सना होगा एक आदमी था एक सौदागर टो पया बचता था बाजार म जाकर

एक दन लौट रहा था टो पया बच कर एक झाड़ क नीच सोया था बदर उतर और उसक टो पया लगा कर

ऊपर चढ़ गए जब उसक नीद खली तब वह हरान हआ टो पया कहा ग ऊपर दखा तो बदर टो पया लगाए

बठ ह बड़ म कल हई--इनस टो पया कस वापस ली जाए तब उस खयाल आया क बदर नकलची होत ह उसन अपनी टोपी िनकाल कर फक द सार बदर न टो पया फक द उसन सार टो पया इक ठ क और अपन

घर चला गया इतनी कहानी आपन सनी होगी ल कन यह आधी कहानी ह आधी कहानी और ह वह भी म

आपस कहना चाहता ह फर वह सौदागर मर गया उसका बटा सौदागर हआ उस बट न भी टो पया बचना श क वह बटा भी उसी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 89

झाड़ क नीच का बदर उतर और टो पया लगा कर ऊपर चढ़ गए उस बट न ऊपर दखा उस अपन बाप क

कहानी याद आई उसक पास उ र तयार था उसन सोचा क बाप न कहा था क टोपी फकन स सब टो पया बदर न फक द थी उसन अपनी टोपी िनकाली और फक द ल कन दभा य एक बदर नीच उतरा और उसक भी टोपी

लगा कर ऊपर चला गया बदर न टोपी नह फक य क बदर पहल मामल स समझ गए थ और उ ह न तय

कर िलया था क अब कभी भल ऐसी नह करनी ह सौदागर एक दफा धोखा द गया ल कन बट क पास बधा

हआ उ र था बाप क ान को अपना ान बना िलया था उसन वह झझट म पड़ गया सभी बट बाप क ान को अपना ान बना कर झझट म पड़ जात ह य क ान कभी भी कसी का कसी दसर का नह बन सकता ह ान कभी भी उधार नह होता ान उधार हो ह नह सकता ह जो उधार ह वह

अ ान स बदतर ह ल कन हम सब उधार ान स भर हए ह सब बाप-दाद क उ र ह सब याद कए हए ह हम क ण का महावीर का ब का ाइ ट का सब उ र हम याद ह उन उ र क कारण हम अपना उ र नह िमल पाता

ह इसिलए हम जदगी म जदगी को बना जान जीत ह और मर जात ह इसिलए जदगी हमार एक सवास

नह इसिलए जदगी एक सगध नह इसिलए जदगी एक जीता हआ सगीत नह इसिलए जदगी एक कल-

कल करता हआ झरना नह ह जदगी एक बद तालाब हो गई ह और इस बद तालाब म हम सड़ गए ह गल

रह ह चार तरफ दगध फल रह ह जीवन क चार तरफ जीवन उदास हो गया ऐसी उदास जदगी को बदलन क िलए कछ कया जाना ज र ह या कर सकत ह उधार ान को छोड़ और

अपन भीतर झाक जहा स असली ान क ोत उपल ध होत ह मर बात को जो क बड़ म कल स म कह पाया और पर नह कह पाया फर भी आपन इतनी बातचीत

करन वाल लोग क बीच--यह मौका पहली दफा ह मर जदगी म ऐसा आपक गाव को याद रखगा-- फर भी

मर बात को कसी तरह सन िलया उसक िलए बहत-बहत अन ह मानता ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य सातवा वचन पछल ज म का मरण

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 90

ओशो बदर स आदमी का वकास हआ यह तो समझ म आता ह ल कन आप जो आ मा क वकास क बात कहत

ह वह जरा समझ म नह आता इसम समझन क बात ह बहत यादा नह ह बदर स आदमी क दह िमली ह यह भी आपको कस समझ म

आता ह यह इसीिलए समझ म आता ह क पीछ डा वन न बहत महनत क और यह समझान क कोिशश क

क शर र का जो वकास ह मन य क पास जो शर र ह वह शर र बदर क पास जो शर र ह उसक ह आग क

कड़ ह यह शर र उसस ह वकिसत होकर आया हआ ह यह तो आधी बात हई अगर मन य कवल शर र ह तब तो बात ख म हो गई ल कन मन य अगर आ मा भी ह जसा क ह तो आ मा कसी वकास-या ा स आ

रह ह कित म बहत-बहत तल पर बहत तरह का वकास चल रहा ह तो जस शर र क कड़ बदर स जड़ हई ह वस

ह अगर हम आदमी क पनज म म जान क कोिशश कर--जस अगर आपक पनज म को जानन क पछल

ज म को जानन क कोिशश क जाए--तो यह बड़ा आ यजनक अनभव ह क अगर दस-पाच लोग को उनक

पछल ज म क मित म ल जाया जाए तो दस-पाच ज म तो उनक मन य क िमलग ल कन मन य क

अित र अगर पीछ कोई याददा त को घमाया जाए तो आ खर कड़ गाय क िमलगी यानी अगर आपको

याद दलाया जाए तो हो सकता ह आपक पछल दस ज म मन य क ह रह ह ल कन यारहवा ज म आपका

गाय का िमल जाएगा अगर कसी भी मन य क पछल ज म क मित को खोदा जाए तो मन य होन क

पहल उसका जो ज म होगा वह गाय का होगा आ मक कड़ शर र क कड़ नह शर र क कड़ तो बदर स

आई हई ह ल कन आदमी होन क पहल कोई आ मा कस पश योिन स गजरती ह अगर इसक खोज-बीन क

जाए तो आदमी होन क पहल मन य क आ मा गाय क योिन स गजरती ह यह मरा कहना ह और च क

इस सबध म कोई बहत बड़ा काम नह हआ जसा क डा वन क िलहाज स शर र क सबध म हआ ह तो इस

पर काफ काम करन जसी गजाइश ह क अगर हम दस-प चीस लोग को पछल ज म म उतारन क कोिशश

कर तो जहा स उ ह न मन य क कड़ श क ह वह कड़ गाय क कड़ क बाद श होती ह इसिलए गाय स

एक आ मक िनकटता ह वह जो मन कहा गऊमाता का मरा जो अथ हो सकता ह बदर स भी एक िनकटता ह शार रक कड़ क स यानी इसका मतलब यह हआ क आदमी क पदा होन क

पहल गाय क या ा स जो आ मा वकिसत हो रह थी वह और बदर क या ा स जो शर र वकिसत हो रहा

था वह मन य होन क िलए इन दो चीज का उपयोग कया गया--बदर वाल शर र का और गाय वाली आ मा का यह समझ म नह आता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 91

समझन क बात नह ह बहत न वह तो योग करन क बात ह बहत वह तो अगर पछल ज म क मित को

जगान क कोिशश कर तो समझ म आन वाली बात ह आपन कया ह योग हा तभी कह रहा ह नह तो कस कहगा आपन जो योग कया वह बताए तो उसस शायद समझ म आए उसस भी कछ समझ म नह आएगा न वह तो त हारा ह योग त ह कराया जाए तो समझ म आता ह आ मा क सबध म जतनी बात ह व बना योग क कोई भी समझ म आन वाली नह ह कहा जा सकता ह

क यह ह ऐसा ह ल कन उसस कछ फक नह पड़ता कहन स वह तो कसी को भी उ सकता होतो जस म

यान क िश वर ल रहा ह धीर-धीर उ सकता जगाता ह कछ लोग म क जन लोग को पछल ज म क

मित क या ा पर जाना हो उनक अलग िश वर लन का इतजाम थोड़ स प चीस लोग इ क स दन क िलए

मर पास आकर रह उनको पछल ज म क या ा म उतारन क कोिशश क जाए इ क स क साथ महनत क

जाए तो उसम स पाच-सात लोग उतर जाएग तो ह समझ म आ सकता ह क हमार पछली कड़ कहा स जड़

हई ह नह तो वह समझ म नह आता और क ठनाई तो यह ह क कोई योग करन क िलए गहर योग करन क तयार नह ह कसी क य क

गहर योग खतरनाक भी ह य क आपको अगर पछल ज म क मित आ जाए तो आप फर दबारा वह

आदमी कभी नह हो सकग जो आप मित क पहल थ कभी नह हो सकग फर असभव ह यह बात यानी

आपक पर टोटल पसनिलट फौरन बदल जाएगी य क आप पाएग क अगर अपनी प ी को बहत म कर

रह ह तो आप पाएग क ऐसी कई प य को बहत बार म कया और कछ अथ नह पाया तो इसक बाद आप

इस प ी को वह म नह कर सकत जो आप इसक पहल कर रह थ वह असभव हो जाएगा वह बात ह खतम

हो गई अगर अपन बट क िलए आप मर जा रह ह क इसको यह बनाऊ इसको वह बनाऊ और आपको अगर

पाच ज म क मित आ जाए क आप ऐस कई बट क साथ महनत कर चक ह वह सब बमानी सा बत हई और आ खर म मर गए तो इस बट क साथ जो आपका पागलपन ह वह एकदम ीण हो जाएगा ब और महावीर दोन न अपन सभी साधक को पछल ज म म ल जान का योग कया अगर कोई बहत

गौर स समझ तो ब और महावीर का जो सबस बड़ा दान ह वह अ हसा वगरह नह ह अ हसा तो बहत दन स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 92

चलती थी इन दोन का जो सबस बड़ा क मती दान ह वह जाित- मरण ह वह विध ह जसक ारा आदमी

को उसका पछला ज म मरण दलाया जा सक और जो लाख लोग िभ और स यासी हो गए वह िश ा स नह हो गए वह जस ह उनको पछल ज म का मरण आया क सब बात बकार हो ग और उनको िसवाय

स यास क कोई साथक बात न रह लाख आदमी एक साथ जो स यासी हए उसका यह कारण नह था क

महावीर न समझा दया क स यास स मो िमल जाएगा उसका कल कारण इतना था क उनको उनक मित

क याद दला दन स उनको यह लगा क यह सब तो हम बहत बार कर चक इसम तो कछ सार नह ह इसम

कछ भी सार नह ह यह च कर तो बहत दफ घम चका इसम कोई भी अथ नह ह तब कछ और करन क

धारणा तो वह तो म चाहता ह य जो सार बात कहता भी ह व इसी खयाल स कहता ह क आप म कोई ज ासा जग ल कन बौ क ज ासा स कछ भी नह होगा ज ासा ऐसी जगनी चा हए क कछ लोग योग करन क िलए

राजी ह और अब ज द ह म चाहता ह क यान क िश वर भी ह तो अब इस तरह क सामा य िश वर न ह

सभी लोग आ जाए ऐसा अब न हो या फर हम िश वर को बाट सामा य िश वर हो कोई भी आ सक फर

गहरा िश वर हो जसम वह लोग आ सक जो क गहर जान क ह मत और पर श लगान को तयार ह तो म तो मानता ह क इ क स दन म गहरा योग करन स आप बलकल दसर आदमी हो जाए आपक सार

जदगी और हो जाए जो आप सोचत थ वह चला जाए जो आप जीत थ वह चला जाए और दबारा आप लौट

कर कभी वह न हो सक ल कन बौ क ज ासा स तो कछ हल होन वाला नह ह बहत य क जो भी आप पछग म कछ और कहगा उस पर और दस खड़ हो जात ह और वह बात वह घम कर रह जाती ह उसस कोई मतलब नह ह ओशो जाित- मरण क बात तो अतीत क हो गई जी अतीत क ह अतीत क ह ल कन अगर आपको यह खयाल आ जाए क आप न अतीत म या- या

कया कतन बार कया तो आज जो आप कर रह ह उसक करन म बिनयाद फक पड़ जाएगा अगर यह पता

चल जाए क मन कई दफा धन कमाया कई दफा कमाया और कछ भी नह पाया तो आज धन कमान क जो

दौड़ हो वह एकदम ीण हो जाएगी उसम स बल िनकल जाएगा फक बिनयाद पड़ जाएगा एकदम अगर

आपको यह पता चल जाए क यह शर र बहत दफ िमला और हर बार न हो गया तो अब इस शर र क

आसपास जीन का कोई मतलब नह यह फर न हो जाएगा तो मर जीन का क शर र नह होना चा हए य क शर र बहत दफ िमलता ह और मर जाता ह और कोई फक नह पड़ता तो आपक जीन का क पहली

दफा आ मा हो जाएगी शर र नह रह जाएगा अतीत क ह ह वह ल कन उसका मरण आपको यह साफ कर दगा क जो आप कर रह ह यह को ह क बल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 93

जसा करना ह यानी बहत दफ कया जा चका ह सफल हो गए ह तो भी कछ नह पाया असफल हो गए ह तो भी कछ नह गवाया अगर यह बात दख जाए तो सफलता-असफलता का कोई म य नह रह जाएगा यानी हम

फर वह नह कर सकग न एक पछल ज म म मन करोड़ पय इक ठ कर िलए और फर मर गया इस ज म म म फर करोड़ पय

इक ठ करन क िलए लगा हआ ह तो मर सामन साफ हो जाएगा क करोड़ इक ठ कर लगा और फर मर

जाऊगा तो अब मझ करोड़ इक ठ करन क दौड़ म जीवन गवाना या कछ और कमान का खयाल करना

चा हए और कित क यह तरक ब ह क आपक पछल ज म क मितया बलकल दबा कर रख दती ह और ठ क भी

ह नह तो आप पागल हो जाए अगर अकारण मित आपको रह आए तो आप म कल म पड़ जाए तो जो

ह मत करक कोिशश करता ह खोजन क उसको ह पता चलता ह नह तो नह पता चलता सार मितया जतन ज म हए ह--और एक-एक आदमी क लाख ज म हए ह--व सार मितया कोई भी खो

नह जाती ह व सार मितया आपक भीतर मौजद ह गहर परत पर उनको खोजना पड़गा और ऐस तो

सामा यतः हम आठ साल पहल आपन या कया वह भी भल गए ह म एक लड़क पर बहत दन तक योग करता था उसक जाित- मरण क िलए तो अगर म आपस पछ क

उ नीस सौ इ यावन म एक जनवर को आपन या कया तो आप कछ भी नह बता सकत एक जनवर हई

ह उ नीस सौ इ यावन भी हआ ह वह आपको पता ह पछल ज म क बात नह इसी ज म क बात ह

ल कन एक जनवर उ नीस सौ इ यावन को आपन सबह स शाम तक या कया वह कछ भी मरण नह

ह हई भी एक जनवर उ नीस सौ इ यावन या नह हई बराबर हो गई ह ल कन अगर आपको स मो हत

करक बहोश कया जाए और याद दलाया जाए तो आपको एक जनवर उ नीस सौ इ यावन आप इस तरह

रपोट करत ह जस अभी आख क सामन स गजर रह हो अभी रपोट कर दग आप परा-- क यह हआ सबह

उठा यह हआ यह ना ता िलया था यह पसद नह आया नमक यादा था दाल म--पर दन का आप रपोट

कर दग पर म कल यह मझ हई क उसको टली कस कया जाए क यह हआ भी क यह िसफ एक सपना ह तो फर मन नोट करना श कया क जस आज दन भर म सबह स शाम तक उसको नोट करता रहा क या

हो रहा ह--उसन कसको गाली द कसस झगड़ा कया कस पर ोध कया--तो दन भर क दस-प ह मन

नोट कर िलए तीन साल बाद उसको बहोश कया और उस दन क िलए पछा तो उसन बलकल ऐसा रपोट

कर दया क जसका कोई हसाब नह था जो बात मन नोट क थी व तो रपोट ह ह जो म नोट नह कर

पाया था य क दन म तो हजार घटनाए घट रह ह व भी सब रपोट कर द तो इस ज म क भी बहत कामचलाऊ मित हमार पास रह जाती ह बाक तो नीच दब जाती ह इसम भी जो

दखद मितया ह व एकदम स दबा द जाती ह िच उनको दबा दता ह जो सखद मितया ह उनको ऊपर रख

लता ह और इसीिलए हम पछला बीता हआ समय अ छा मालम पड़ता ह बढ़ा आदमी कहता ह बचपन बहत अ छा था उसका और कोई कारण नह ह बचपन क जतनी दखद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 94

मितया थी व नीच दबा दता ह िच और जो सखद थी थोड़ सी उनको ऊपर रख लता ह उनको याद रख लता ह एक बढ़ा आदमी कहता ह क जवानी बहत मज क थी बस वह जवानी म जो सखद थोड़ा सा घटा होगा वह ऊपर

रख िलया ह बाक सब उसन दबा दया ह और अगर उसका परा िच खोला जा सक तो वह हरान रह जाएगा

क म कल स सौ घटनाए घटती ह जसम िन यानब दख क होती ह एकाध कभी सख क हलक झलक क

होती ह मगर िच ऐसा धोखा करता ह और अगर दो-चार ज म खोल जा सक तब तो पर ह जदगी बदल

जाती ह य क फर आप और ह ढग स सोचग कछ और ह क बनाएग अतीत क ह ह ल कन व फक लाती ह एकदम फक लाती ह मझ एक बात पछनी ह ओशो ाणी का स म शर र और आदमी का एक ह समान होता ह ाणी यानी

कोई भी जानवर जस गाय नह एक सा नह होता अलग-अलग होता ह अलग-अलग होता ह ओशो अलग स म शर र होन स च अलग रहत ह दोन क नह उसस कोई फक नह पड़ता उसस कोई फक नह पड़ता स म शर र जो ह आपका अगर मन य ह तो जसा आपका शर र ह ठ क इसी आकित का ठ क ऐसा ह ल कन अ यत ए ल एट स का बना हआ बहत स म पदाथ का बना हआ शर र होगा उसक आर-पार जान म क ठनाई नह ह अगर हम एक प थर फक

तो वह उसक आर-पार हो जाएगा वह स म शर र अगर द वाल स िनकलना चाह तो िनकल जाएगा उसम कोई

बाधा नह ह ल कन आकित बलकल यह होगी जो आपक ह धधली होगी जस धधला फोटो ाफ हो अगर

आपक स म शर र का फोटो ाफ होगा तो वह बलकल इसस मल खाएगा ल कन ऐसा खाएगा जस क कई

सकड़ वष म पानी पड़त-पड़त एकदम धधला हो गया हो पर होगा यह गाय का होगा तो गाय जसा होगा ल कन गाय जब मन य शर र म वश करगी तो स म शर र च क इतना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 95

वायवीय ह वह कसी भी आकित म फौरन ढल सकता ह वह कोई ठोस चीज नह ह जस हम िगलास प चीस ढग क िगलास रख और पानी को एक िगलास म डाल तो पानी उस आकित का हो जाता ह दसर िगलास म डाल दसर आकित का हो जाता ह य क पानी िल वड ह उसका कोई ठोस आकार नह ह वह

जस िगलास म होता ह उसी आकार का होता ह तो वह जो स म शर र ह वह जस ाणी-जीवन म वश

करता ह उसी आकार का हो जाता ह उसको आकार का ठोसपन नह ह इसिलए अगर गाय का स म शर र

िनकल कर मन य म वश करगा तो वह मन य क आकित हण कर लगा और स म शर र क जो आकित

ह वह डजायर स पदा होती ह वह वासना स पदा होती ह तो जस जीवन म वश क वासना पदा हो

जाएगी स म शर र उसी का आकार ल लगा और अगर हम अपन इस शर र पर भी योग कर तो हम बहत हरान हो जाएग इस शर र पर भी अगर हम

योग कर तो हम बहत हरान हो जाएग यह शर र भी बहत कछ आकितया हमार वासना स ह लता ह अभी तो व ािनक भी इस बात को समझन म असमथ ह क हम खाना खात ह तो उसी खान स ह ड बनती

ह उसी खान स खन बनता ह उसी खान स हाथ क चमड़ भी बनती ह उसी खान स आख क अदर क

चमड़ भी बनती ह ल कन आख क चमड़ दखती ह और हाथ क चमड़ नह दखती और कान क ह ड सनती ह और हाथ क ह ड नह सनती और जो त व हम ल जात ह व एक ह ह और इतना सारा का सारा िनमाण

भीतर जो होता ह यह कस आधार पर हो रहा ह तो वह जो हमार भीतर जो गहर वासना ह वह वासना

आकित दती ह और उस वासना का स मतम प अब व कहत ह क ज र कसी कोड ल वज म कह न कह िलखा होगा जस एक बीज ह उस बीज को हम डाल दत ह फोड़ कर दख तो हम कछ पता नह चलता उस बीज को हम

िम ट म डालत ह और उसम स एक फल िनकलता ह समझो सयमखी का फल िनकलता ह तो सयमखी क

फल म जतनी पख ड़या ह इसका कछ न कछ कोड ल वज म उस बीज म िलखा हआ होना चा हए अ यथा

यह कस सभव ह क यह सयमखी का ह पौधा बनता ह यह दसरा पौधा नह बन जाता बीज म कसी न कसी

तरह कसी न कसी स म तल पर जो होन वाला ह वह सब िलखा होना चा हए एक मा क पट म एक अण गया ह उस अण म वह सब िलखा हआ ह जो आप म सभव होगा वह उस अण म

कहा िलखा हआ ह अभी तक व ािनक क पकड़ क बाहर ह ल कन आ या मक या योग का कहना यह ह

क उसम जो ाण व हआ ह उस ाण क जो वासना ह वह वासना कोड ह उस कोड स सब वकिसत

होगा और वह जो स म शर र ह जब तक एक ह तरह क जीवन-या ा करगा--जस दस ज म ह ग आदमी क तो वह आदमी का रहगा ल कन हर ज म म उसक आकित बदलती चली जाएगी और वह आकित भी आपक

वासना स ह िनधा रत होगी ओशो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 96

स म शर र क साथ च जात ह क नह जात च न हा च तो जो असल म गौर स समझ तो स म शर र और इस थल शर र क बीच जो काट ट फ ड

ह उनका नाम च ह यानी आपका यह शर र और वह शर र जहा-जहा छता ह व च ह तो व सब समान

ह उसम कोई फक नह पड़ता ाणी म और

सब म जहा स गाय का शर र छएगा वहा च बन जाएगा और व छन क थल तय ह जस समझ ल क

स स क सटर पर एक च होगा चाह वह कसी जाित का ाणी हो--क ा हो ब ली हो आदमी हो औरत

हो इसस कोई फक नह पड़ता--एक बहत फोसफल च स स क सटर पर होगा तो वह च सब शर र म

होगा उनक आकित कछ भी हो उस जगह च होगा हा वह च छोटा-बड़ा हो सकता ह कमजोर-ताकतवर हो सकता ह सात च होत ह हा सात च ह ग ( का विन-म ण प नह ) हा-हा समझा तो उसका मतलब कवल इतना ह क उनक बाक च िन य पड़ हए ह व जब भी स य हो

जाएग उनक उतनी इ या कट होन लगगी च िन य हो सकत ह और हमार भीतर भी सात च होत

ह ल कन सात स य नह होत सात स य हो जाए तो बहत अदभत घटना घट गई हमार भी सात स य

नह होत आमतौर स सौ आदिमय क जाच-पड़ताल करग तो स स का च तो सब म स य िमलगा बाक छह च म स कोई एकाध च कसी म स य होगा कसी म दो च स य ह ग नह तो नह ह ग कित को तो जतन च स य उसन बनाए ह व तो स य रहत ह ल कन जतन साधना स स य होत ह

व नह स य होत व ह हमार भीतर ल कन व िन य पड़ ह ग जस क बजली का बटन तो ह ब ब भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 97

ह ल कन बटन ऑफ ह तो ब ब बद पड़ा हआ ह वह ऑन हो जाए तो ब ब जल जाए च पर तरह मौजद

ह ल कन ऑन हालत म नह ह ऑफ हालत म ह तो हमार जतन तर च ह व सब ऑफ हालत म ह और यान स और योग स उनको ऑन हालत म लान

क ह सार च ा क जाती ह क व ऑन हो जाए और व स य हो जाए और जतन ऊपर क च स य होन

लगत ह उतन नीच क च अपन आप िन य होन लगत ह य क जो श ह हमार पास वह वह ह वह

धीर-धीर ऊपर क च म गितमान हो जाती ह नीच क च िशिथल हो जात ह इस पर कभी पर बात करनी अ छ होगी कभी म चाहता ह क पर एक सीर ज ल चस क पर ह इस पर हो सक तो अ छा हो गजरात म दया था आपन एक ल चर इस पर बहत बात करन जसी ह बहत बात करन जसी ह य क मामला इतना आसान नह ह जतना आमतौर स समझा जाता ह काफ ज टल ह पीछ ओशो पछल ज म म जान क िलए जो आपन बात कह उसक िलए कस योग करना होगा आउटलाइन द जा

सकती ह नह वह तो आप आ जाए तो करवा ह द आउटलाइन जरा म कल बात ह न आउटलाइन स काम नह होगा और आउटलाइन द भी नह जा सकती ह वह तो आप एक टप परा कर तो दसर क आउटलाइन द जा

सकती ह और नह तो आप परशानी म पड़ जाए उसस कछ मतलब नह ह और कछ स कछ कर ल उसस कछ मतलब नह होगा वह तो एक टप परा हो जाए तो दसर टप क बात करना साथक ह ओशो यह पािसबल ह यह उसस खयाल म आ सक जस एक व ािनक योग करता ह तो सब लोग घर म योग

नह करत ल कन व जो ड ाइब करत ह उसस ऐसा मालम होता ह क ऐसा हो सकता ह इसम दोन म बिनयाद फक ह यह व ािनक योग नह ह उस अथ का य क व ान और धम क योग म

जो बिनयाद फक ह वह यह ह क व ान का योग ऑ ज टव ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 98

एक बजली का पखा कसी न बनाया तो जसन बनाया उसी को पखा दखता ह ऐसा नह ह ज ह न नह

बनाया व िसफ दखन आकर खड़ हो गए ह उनको भी पखा दखता ह चलाएगा तो चलता हआ भी दखता

ह व मानत ह क ठ क ह पखा चलता ह हवा भी फकता ह व ान जो योग कर रहा ह वह ऑ ज ट क साथ कर रहा ह और धम जो योग कर रहा ह वह स ज ट क साथ

कर रहा ह मन अपन साथ जो योग कए ह व आपको कसी हालत म नह दख सकत कोई कारण नह दखन का सच तो यह ह क मर शर र स यादा आपको मर भीतर कछ भी नह दखाई पड़ता ह कस दखाई

पड़गा शर र ऑ ज ट ह ल कन म तो कभी आपक िलए ऑ ज ट नह हो सकता न आप मर िलए

ऑ ज ट हो सकत ह और धम क सार योग स ज ट स जड़ हए ह वह जो भीतर ह उसस तो अगर एक महावीर या एक ब कतन ह योग कर ल फर भी बाहर अगर लाकर महावीर को बठा दया

जाए सामा य कपड़ म आपक बीच आपको पता भी नह चलगा यहा महावीर बठ हए ह य क जो घटना

घट ह वह इतनी आत रक ह इतनी भीतर ह क वह िसफ महावीर क िलए ह सा ात हो सकता ह उसका उसका सा ात बाहर स नह हो सकता और बाहर स भी एक थित म हो सकता ह क ठ क वसी घटना आपक

भीतर भी घट हो तो कोई भीतर पहचान हो सकती ह क महावीर क आख म आपको वह बात दखाई पड़न लग जो आपक अपनी आख म आपको अनभव होती ह महावीर क चलन म आपको वह बात दखाई पड़न लग

जो आपक चलन म फक पड़ गया ह तो शायद आपको थोड़ा अदाज लग क इस आदमी क भीतर भी कछ वसी बात तो नह हो गई जसी मर भीतर हो गई ह नह तो अ यथा बलकल म कल मामला ह और प-रखा क भी जो बात ह क एक आउटलाइन भी द जा सक आउटलाइन दना भी बलकल म कल ह

य क मामला ऐसा ह समझ ली जए क पहली क ा म एक व ाथ भत हआ ह और वह कहता ह क थोड़ -

बहत हम म क क आउटलाइन द द जाए तो हम पहली क ा म पढ़न म थोड़ स वधा हो तो उसस िश क

कहगा क च क तम पहली क ा स ह प रिचत नह हो म क क आउटलाइन का कोई मामला ह नह उठता

य क वह हम कस त ह दग और तम कस जानोग या करोग तम उस जान कर तम पहचान भी

नह सकत हो उसको य क जस भाषा म वह आउटलाइन द जान वाली ह वह भाषा तम जब इन क ाओ स

गजरो तब त हार पास होगी वह आउटलाइन भी जो द जान वाली ह समझ ली जए क एक पाच साल सात साल का ब चा ह इसको अगर स स क सबध म समझान बठा जाए तो बहत क ठनाई हो जान वाली ह य क यह ब च क पास कोई भीतर भिमका नह ह जसस स स क भाषा

यह समझ सक इसक िलए कोई सवाल नह उठता क यह कस समझ आप या कह रह ह यह कस

समझ आप आउटलाइन भी द दग तब भी इसको ऐसा लगगा क न मालम कस लोक क बात क जा रह

ह जसस मझ कोई पहचान नह ह या कहा जा रहा ह यह तो जतन गहर स य ह भीतर क उनक बलकल ाथिमक बात क जा सकती ह बलकल ारभ क बलकल श क और एक-एक कदम उनम गित हो तो आग क एक-एक कदम क बात आग क जा सकती ह और एक सीमा क बाद उसक पर बात क जा सकती ह नह तो नह क जा सकती और हमार क ठनाई यह ह क हम म स योग करन क िलए बहत कम लोग ह मत जटा पात ह और कछ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 99

बात ऐसी ह जो बना योग क कभी अनभव म आ ह नह सकती ह छोटा-मोटा योग ह करना हम म कल

गजरता ह और य सब योग तो जसको हम कह टोटल ड टरबस पदा करन वाल ह आपक पर क पर

जदगी अप टड हो जाए और तरह क हो जाए य क कछ चीज आपको पता ह नह जो दखाई पड़ और

कछ चीज जो आपन कभी सोची भी नह ह सामन आ जाए तो उनको एक-एक कदम करना ह उिचत ह ओशो मरा खयाल ह क जस आपन कहा क वह रात को प ह िमनट--म कौन हइसस आग कछ आप कहग ऐसा खयाल क िलए वह भी नह कहता न कोई वह भी नह कहता कोई प ह िमनट बठ कर वह भी कोई नह कहता वह भी म

कहता ह तब एकाध-दो दन कोई बठ कर कर लता ह वह भी नह कहता कोई य क अगर वह भी एक दो-तीन

मह न कोई मपवक कह तो उसक पर क पर ज ासा बदल जाएगी फौरन वह जो पछगा व दसर ह

होन वाल ह जो आप पछ ह नह सकत य क उस कछ चीज दखाई पड़नी श ह गी जनक बाबत वह

पछना श करगा जो आप कभी पछ ह नह सकत यानी आदमी या पछता ह यह दख कर म कह सकता ह

क वह कहा ह य क पछगा वह न जहा वह सोच रहा ह जहा उसका सारा िच खड़ा हआ ह वह भी कोई नह फकर करता क वह कोई तीन-चार मह न भी ताकत लगा कर कर ल उतना भी नह हो रहा ह

वह भी थोड़ा सा हो तो आग बात क जा सकती ह ज र क जा सकती ह और अब म इधर चनाव कर रहा ह क कछ कप म बलाना चाहगा जनम कछ लोग को म िनम ण क गा क व

आ जाए कोई भी नह आ सकगा जसको म बलाऊगा वह आ जाए तो मर नजर म व कछ लोग आन श

हए ह जो थोड़ा काम कर रह ह और उन थोड़ लोग क साथ आग महनत क जानी ज र ह तो उधर सोचता ह ( का विन-म ण प नह ) हा कारण ह लगन क कारण ह लगन क बड़ा कारण तो यह ह क एक तो हजार साल स ऐसा समझाया जा

रहा ह क कसी क कपा स हो जाएगा कोई कर दगा तो हो जाएगा कोई ग िमल जाएगा तो कर दगा

हजार साल स यह समझाया जा रहा ह क कोई कर दगा हो जाएगा आपको कछ करना नह ह यह मन म

बठ गया ह गहर एक दसर बात यह ह क कोई भी आदमी बहत म स गजरना नह चाहता और ऐसी चीज क िलए जो बहत साफ-

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 100

साफ दखाई न पड़ती ह धन दखाई पड़ता ह तो आदमी म कर लता ह यश दखाई पड़ता ह तो आदमी म

कर लता ह पद दखाई पड़ता ह तो आदमी म कर लता ह धम का मामला ऐसा ह दखाई बलकल नह

पड़ता और म क बहत माग ह इसम-- क इतना म करो तो कछ होगा इतना म करो तो दखाई पड़गा कछ तो अ य क िलए म जटान क मता थोड़ लोग ह कर सकत ह य क िलए म जटाना बहत आसान बात

ह फर चार तरफ हमार चार तरफ जो लोग कर रह ह वह हम करत ह चार तरफ हमार जो लोग कर रह ह वह हम करत ह य क हम आमतौर स खद कछ भी नह करत जो हमार चार तरफ हो रहा ह उसका हम

अनकरण करत ह जस कपड़ लोग पहन ह हम पहन लग जो लोग पढ़ रह ह वह हम पढ़ग जस प चर को

व दख रह ह हम दखग चार तरफ स हमार िच क जो तार ह व जस तरफ खीच जात ह वहा खचत ह

जस क अगर हद तान म आप पदा हए तो आप और तरह क काम करग और अगर आप जापान म पदा

हए तो और तरह क और ास म पदा हए तो और तरह क जो वहा क हवा ह चार तरफ जो हो रहा ह ब और महावीर जस लोग न दस-दस हजार िभ इक ठ कए और इक ठ करन का कारण यह नह था क

दस हजार इक ठा करन स कोई फायदा ह िसफ उपयोग इतना था क आम आदमी दस हजार क बीच फौरन

स य हो जाता ह जो अकल म हो ह नह सकता वह जब दस हजार िभ साधना म लग ह और दस हजार

िभ सबह स साझ तक िसफ साधना क बात कर रह ह जहा दस हजार िभ सबह स साझ तक आ मक

अनभव क बात कर रह ह वहा आप अगर पहच गए तो बहत असभव ह क आप इस धारा म व होन स

बच जाए आप इसम डब जान वाल ह तो बड़ आ म का और बड़ ित ान का उपयोग िसफ इतना था क वहा क पर क पर हवा--जस क ससार क

पर क पर हवा सासा रक ह और आप यहा वह करन लगत ह जो दसर कर रह ह--ठ क वहा क पर हवा आ या मक हो और आप वहा वह करन लग जो वहा चार तरफ हो रहा ह और एक दफा थोड़ सी गित हो

जाए तब तो इतना रस आन लगता ह क फर कोई मतलब नह ह क कौन कर रहा ह क नह कर रहा ह

आपका अपना आनद ह आपको खीचन लगता ह ल कन पहला टप उठ जाए उसक ज रत ह और इधर जतना लबा फासला हआ ह उतना आदमी को ऐसा लगन लगा ह क अ या मपता नह कह म ठ

म तो पकड़ म आता नह क या ह कौन झझट म पड़ और एक-दो दन म भी म ठ म पकड़ म आ जाए

तो भी कोई झझट म पड़ जाए हमार ज म -ज म क या ा ितकल ह और उलट स कार इक ठ ह उनको पार

कए बना उनको तोड़ बना कह गित हो नह सकती इतना लबा और क ठन दखाई पड़ता ह क फर आदमी

सोचता ह--ठ क ह सन लो बात कर लो पढ़ लो इसस यादा झझट म पड़न का नह अब एक बहत अ छ आदमी ह वनोबा जी क खास सािथय म स ह व कई बार मर पास आत थ अब बढ़ हो

गए ह तो उनस मन कहा क अब बातचीत आप बहत कर चक कई बार गाधी जी क साथ जीवन भर रह वनोबा जी क साथ रह अर वद आ म रह रमण क यहासब हद तान म इधर पचास साल म जो भी

कछ हआ होगा व सबस प रिचत ह सब जगह रह ह तो बातचीत आप बहत कर चक अब कछ क रएगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 101

य क अब उ बहत हो गई तो उनस मन कहा क एक इ क स दन का म योग आपको बताता ह पहल आप यह करक आइए फर म आग बात क नह तो बकार ह आप तो इतन लोग स बात कर चक ह क

अब कोई मतलब ह नह इसम व मरा परा योग समझ और मझस बोल यह तो म क गा नह य क इसम तो म पागल हो जाऊगा तो मन उनस कहा क अब मरन क कर ब ह आप वष दो वष कतन दन जदा रहग यह नह कहा जा सकता इतनी ह मत कर ली जए पागल-वागल नह हो जाएग पागल आप ह जो आदमी पचास साल स

िनरतर अ या म क बात सनता हआ घम रहा ह और एक योग नह कया वह आदमी पागल नह तो और

या ह घमो ह मत फर ऐसा ह तो पर व कहन लग नह यह म नह कर सकता ह यह तो आपका परा मन समझा इसम सात दन क बाद ह

म वापस लौटन वाला नह ह म तो गया उस दन स व फर मझस ज ासा करन भी नह आए य क उ ह न कहा कव समझ गए क म कहगा क

वह क रए फर आग बात होगी नह तो बात नह होगी ज ासा बौ क हो गई बलकल इटल चअल ह एक आदमी आकर पछ लता ह ई र ह या नह उस कोई

मतलब भी नह ह हो तो ठ क ह न हो तो ठ क ह इतना भी मतलब नह ह पछन म भी कोई सार नह ह अभी गर जएफ था एक फक र ास म तो जो भी आदमी आएगा ज ासा करन क पहल उस बड़ उप व म स

गजारगा वह और जब वह उतनी ह मत दखान को राजी हो जाए तो ज ासा कर सकता ह नह तो नह करन दगा वह कहगा क फजल ज ासा स कोई मतलब तो ह नह इधर म भी जो इतनी बात करता ह वह इसी खयाल स करता चला जाता ह क इसम स कछ लोग ठ क

ज ासा पर आ जाएग हजार आदमी पछत ह कोई एक आदमी करन को राजी होगा तो एक दो-तीन वष

घमता रहगा और और फर मर नजर म लोग आत जात ह उन लोग को बला कर जो करना ह वह कर लगा

फर एक कोन पर बठ जाऊगा फर जसको करना हो वह वहा आ जाए फर मझ कछ भटकन क ज रत

नह कोई योजन नह और इतना यान रह क करग तो ह कछ होगा कसी क करन स कछ होन वाला नह ह पर न साहस ह न

इ छा ह कोई कामना भी नह ह वसी और ऐसा खयाल बनता ह क सब कछ करत हए कभी घड़ आधा घड़

इस तरह क बात भी क तो अ छा ह इसस यादा नह ह कछ बस जीवन रह य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 102

आठवा वचन नय वष का नया दन मर य आ मन नय वष क नय दन पर पहली बात तो यह कहना चाहगा क दन तो रोज ह नया होता ह ल कन रोज नय दन

को न दख पान क कारण हम वष म कभी-कभी नय दन को दखन क कोिशश करत ह अपन को धोखा दन क

तरक ब म स एक तरक ब यह भी ह दन तो कभी भी पराना नह लौटता रोज ह नया होता ह हर पल और

हर ण नया होता ह ल कन हमन अपनी पर जदगी को पराना कर डाला ह उसम नय क तलाश मन म बनी रहती ह तो वष म एकाध दन नया दन मान कर अपनी इस तलाश को परा कर लत ह ल कन सोचन जसा ह जसका परा वष पराना होता हो उसका एक दन नया कस हो सकता ह जसक एक

वष क पराना दखन क आदत हो वह एक दन को नया कस दख पाएगा म कल तक जो रोज हर दन को हर सबह को पराना दखा ह आज क सबह को नया कस दख सकगा म ह दखन वाला ह और मरा जो मन

हर चीज को परानी कर लता ह वह आज को भी पराना कर लगा तब फर नय का धोखा पदा करन क िलए नय

कपड़ ह उ सव ह िमठाइया ह गीत ह फर नय का हम धोखा पदा करना चाहत ह ल कन न नय कपड़ स कछ नया हो सकता ह न नय गीत स कछ हो सकता ह नया मन चा हए और नया

मन जसक पास हो उस कोई दन कभी पराना नह होता और जसक पास ताजा मन हो श माइड हो वह

हर चीज को ताजी और नई कर लता ह ल कन ताजा मन हमार पास नह ह तो हम चीज को नई करत ह मकान पर नया रग-रोगन कर लत ह परानी कार बदल कर नई कार ल लत ह परान कपड़ क जगह नया कपड़ा

कर लत ह हम चीज को नया करत रहत ह य क नया मन हमार पास नह ह नई चीज कतनी दर धोखा दगी नया कपड़ा कतनी दर नया रहगा पहनत ह पराना हो जाता ह नई कार

कतनी दर नई रहगी पोच म आत ह परानी हो जाती ह कभी सोचा ह यह क नय और परान होन क बीच म

कतना फासला होता ह जब तक जो नह िमला ह नया होता ह िमलत ह पराना हो जाता ह अगर नई

कार खर द लाए ह तो कल तक सोचा था क नई कार कस आए और आज स ह सोचना श कर दग क और

नई कस आए इसस छटकारा कस हो चीज को नया करन वाली इस व न सब तरफ जीवन को बड़ क ठनाई म डाल दया ह य क कार ह नई

नह करनी पड़गी प ी भी नई लानी पड़गी चीज नई होनी चा हए न मकान को नया पोत कर नया कर लन

पर नई कार खर द लन पर प ी भी खश हो रह ह पित भी खश हो रहा ह ल कन उ ह खयाल नह क यह

जो आदमी चीज को नया करन म लगा ह यह एक प ी स जीवन भर राजी नह रह सकता न यह प ी एक

पित स जीवन भर राजी रह सकती ह य क नय होन का मतलब चीज बदलना होता ह तो पहल प म म

मकान बदल कार बदली फर अब आदमी बदलन लग ह वह यहा भी होगा और नय क खोज ज र ह मन म होनी भी चा हए ल कन दो तरह क नय क खोज होती ह या तो वय को नया करन क एक खोज होती ह और जो आदमी वय को नया कर लता ह उस कभी कोई चीज परानी होती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 103

नह जो अपन मन को रोज नया कर लता ह उसक िलए हर चीज रोज नई हो जाती ह य क वह आदमी रोज

नया हो जाता ह और जो अपन को नया नह कर पाता उसक िलए सब चीज परानी ह होती ह थोड़ दर धोखा द

सकता ह नय स ल कन थोड़ दर बाद सब चीज परानी पड़ जाती ह दिनया म दो ह तरह क लोग ह--एक व जो अपन को नया करन का राज खोज लत ह और एक व जो अपन को

पराना बनाए रखत ह और चीज को नया करन म लग रहत ह जसको मट रयिल ट कहना चा हए भौितकवाद कहना चा हए वह वह आदमी ह जो चीज को नय करन क तलाश म ह ल कन शायद

भौितकवाद क मट रयिल ट क यह प रभाषा हमार खयाल म ह न हो भौितकवाद और अ या मवाद म

एक ह फक ह अ या मवाद रोज अपन को नया करन क िचता म सल न ह य क उसका कहना यह ह क

अगर म नया हो गया तो इस जगत म मर िलए कछ भी पराना न रह जाएगा य क जब म ह नया हो गया तो

परान का मरण करन वाला भी न बचा परान को दखन वाला भी न बचा हर चीज नई हो जाएगी और

भौितकवाद कहता ह क चीज नई करो य क वय क नय होन का तो कोई उपाय नह ह नया मकान

बनाओ नई सड़क लाओ नय कारखान नई सार यव था करो सब नया कर लो ल कन अगर आदमी

पराना ह और चीज को पराना करन क तरक ब उसक भीतर ह तो वह सब चीज को पराना कर ह लगा फर हम इस तरह धोख पदा करत ह उ सव हमार दखी िच क ल ण ह िच दखी ह वष भर एकाध दन हम उ सव मना कर खश हो लत ह वह

खशी बलकल थोपी गई होती ह य क कोई दन कसी को कस खश कर सकता ह दन अगर कल आप

उदास थ और कल म उदास था तो आज दवाली हो जाए तो म खश कस हो जाऊगा हा खशी का म पदा क गा द य और फटाक और फलझ ड़या और रोशनी धोखा पदा करगी क आदमी खश हो गया ल कन यान रह जब तक दिनया म दखी आदमी ह तभी तक दवाली ह जस दन दिनया म खश लोग ह ग

उस दन दवाली जसी चीज नह बचगी य क रोज ह दवाली जसा जीवन होगा जब तक दिनया म दखी लोग ह तब तक मनोरजन क साधन ह जस दन आदमी आन दत होगा उस दन मनोरजन क साधन एकदम

वलीन हो जाएग कभी यह सोचा न होगा क अपन को मनोर जत करन वह आदमी जाता ह जो दखी ह इसिलए दिनया जतनी दखी होती जाती ह उतन मनोरजन क साधन हम खोजन पड़ रह ह चौबीस घट

मनोरजन चा हए सबह स लकर रात सोन तक य क आदमी दखी होता चला जा रहा ह आमतौर स हम समझत ह क जो आदमी मनोरजन क तलाश करता ह बड़ा फ ल आदमी ह ऐसी भल म

मत पड़ जाना िसफ दखी आदमी मनोरजन क खोज करता ह और िसफ दखी आदमी न उ सव ईजाद कए ह

और िसफ परान पड़ गए िच म जसम धल ह धल जम गई ह वह नय दन नया साल इन सबको ईजाद

करता ह और धोखा पदा करता ह थोड़ दर कतनी दर नया दन टकता ह कल फर पराना दन श हो

जाएगा ल कन एक दन क िलए हम अपन को झटका दकर जस झड़ा लना चाहत ह सार राख को सार धल

को उसस कछ होन वाला नह ह य धोख जड़ हए ह पराना िच नय क तलाश स जड़ा हआ ह चा हए ऐसा

क रोज नया िच हो सक कस हो सकता ह यह थोड़ सी बात म आपस क तब नया साल न होगा नया दन न होगा नय आप ह ग और तब कोई भी चीज परानी नह हो सकती और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 104

जो आदमी िनरतर नय म जीन लग उस जीवन क खशी का हसाब आप लगा सकत ह जसक िलए प ी

परानी न पड़ती हो पित पराना न पड़ता हो जसक िलए कछ भी पराना न पड़ता हो वह रा ता जो कल

जसस गजरा था आज गजर कर फर भी नय फल दख लता हो नय प दख लता हो--उ ह व पर उसी सरज म नया उदय दख लता हो उसी साझ म नई बदिलया दख लता हो जो आदमी रोज नय को ईजाद कर

सकता ह भीतर स उस आदमी क खशी का हम कोई अदाज नह लगा सकत वसा आदमी िसफ बोर नह

होगा बाक सब लोग ऊब जाएग पराना उबाता ह उस ऊब स छटन क िलए थोड़ -बहत तरक ब करत ह तड़फड़ात ह ल कन उसस कछ होता नह ह फर पराना सटल हो जाता ह एक-दो दन बाद फर पराना साल श हो जाएगा फर अगल वष तक

ती ा करनी पड़गी नया दन आएगा फर नय दन हम थोड़ नय कपड़ पहनग थोड़ म कराएग थोड़

चार तरफ खशी क बात करग और ऐसा लगगा क सब नया हो रहा ह और सब झठा ह य क यह बहत

बार नया हो चका और बलकल नया कभी नह हआ ह यह हर साल दन आता ह और हर साल पराना साल

वापस लौट आता ह इसस हमार आका ा का तो पता चलता ह ल कन हमार समझदार का पता नह चलता

आका ा तो हमार ह क नया दन हो वष म एक ह हो तो भी बहत ल कन ऐसी या मजबर ह अगर एक

दन को नया करन क तरक ब पता चल जाए तो हम हर दन को नया य नह कर सकत एक फक र क पास कोई आदमी गया था और उसन उसस पछा क म कतनी दर क िलए शात होन का अ यास

क उस फक र न कहा एक ण क िलए शात हो जाओ बाक क तम फकर मत करो उस आदमी न कहा एक ण म या होगा उस फक र न कहा जो एक ण म शात होन क तरक ब जान लता ह वह पर जदगी शात रह सकता ह य क एक ण स यादा कसी आदमी क हाथ म दो ण कभी होत ह नह एक ण ह हाथ म आता ह जब

आता ह और अगर एक ण को म जाद कर सक और नया कर सक और शात कर सक और आनद स भर

सक तो मर पर जदगी आन दत हो जाएगी य क एक ह ण मर हाथ म आन वाला ह सदा और उतनी तरक ब म जानता ह क एक ण को म कस नया कर ल एक ण को नया करना जो जान ल उसक पर जदगी नई हो जाती ह ल कन हम ण को पराना करना जानत ह नया करना जानत नह और जदगी वसी ह हो जाती ह जसा हम

कर लत ह पराना करन क तरक ब हम पता ह हम यक चीज म परान को खोजन क इतन आतर होत ह

जसका हसाब नह जस अभी म यहा बोल रहा ह तो आप म स कोई सोच सकता ह क गीता म िलखा ह या नह यह पराना

करन क तरक ब ह उसक दमाग म वह सोच सकता ह क यह फला स यासी रामक ण न भी ऐसा कहा ह रमण न कहा क नह कसन कहा ह क णमित ऐसा कहत ह क नह कहत ह उसका मतलब यह हआ क म जो कह रहा ह उसम वह परान को खोजन क तरक ब म लगा हआ ह हम यक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 105

चीज म परान को खोजत ह और नय क िलए तड़पत ह और खोजत परान को ह ब क हमारा आ ह भी होता ह क पराना पराना ह रह अगर कल आपक पित न या आपक प ी न साझ को आपस म स बोला था तो आज साझ भी आप ती ा कर रह ह क वह फर म स बोल आप परान क तलाश कर रह ह और अगर आज साझ वह आपस म स नह बोला ह तो उप व श हो जाएगा य क कल क साझ दोहरनी चा हए थी और आप चाहत ह क साझ

नई हो जाए और आका ा आपक ह क कल क साझ फर दोहर तो हो सकता ह पित झझट म न पड़ प ी

झझट म न पड़ और कल क साझ को दोहरा द कल उसन जो बात म स कह थी आज फर कह द हो

सकता ह कल व उसक भीतर स िनकली ह आज िसफ वह कह रहा हो तब परान का धोखा भी पदा हो

जाएगा नय का ज म भी नह होगा और पराना हमार ऊपर भार होता जाएगा उसक धल जमती चली जाएगी हम िनरतर परान क अप ा कए हए ह और नय क आका ा भी कए हए ह अगर कल आप मर पास आए थ

और म हस कर बोला था तो आज जब आप मर पास आए ह दरवाज पर तो अप ा लकर आए ह क मझ हस

कर बोलना चा हए अब वह आदमी कल था वह गया वह आदमी कहा ह पता नह कल वह आदमी य हसा था आज हसगा

क नह हसगा इसका या पता ह ल कन अगर वह नह हसता ह तो हमार मन म पीडा ह य क हम कल

को दोहराना चाहत ह हम उस आदमी को नय होन का मौका नह दना चाहत और परान स ऊब भी जात ह

परान स ऊब जात ह नय का मौका नह दना चाहत तो फर इस क ा ड शन म अगर जदगी उलझाव और िचता बन जाए तो आ य नह तो म आपस यह कह रहा ह क हम हर चीज को परान करन क पर तरक ब खोजत ह नय करन क कोई

तरक ब नह खोजत म आपको नय करन क तरक ब बताना चाहता ह और अगर आपको एक दफा यह राज

समझ म आ जाए क चीज को नया कस करना तो आपक जदगी इतनी खिशय स भर जाएगी क अलग स

खिशय क फल खर दन क ज रत न रह जाएगी और अलग स नय कपड़ पहन कर नय होन क ज रत न रह

जाएगी और अलग स यौहार और दन और वष मनान क ज रत न रह जाएगी अलग स दवािलया होिलया वदा हो जानी चा हए य सब दखी और परशान आदमी क ल ण ह या तरक ब हो सकती ह नय क

पहली तो बात यह ह क ितपल नय क खोज क हमार होनी चा हए क या नया ह हम पछत ह या

पराना ह हमार मन म होना चा हए या नया ह और अगर हमार मन म यह हो तो ऐसा कोई

भी ण नह ह जसम कछ नया न आ रहा हो सबह सरज को उठ कर दख जो सय दय आज हआ ह वह कभी

भी नह हआ था सय दय रोज हआ ह ल कन जो आज हआ ह वह कभी भी नह हआ था ल कन हो सकता ह आप कह द सय दय रोज होता ह नया या ह ल कन यह सय दय जो आज हआ ह यह न कभी हआ था न कभी होगा न ऐस बादल क रग कभी पहल हए

थ न आग कभी ह ग न सरज जसा आज क सबह उगा ह ऐसा कभी उगा था न उग सकता ह नय को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 106

खोज थोड़ा दख क यह सरज कभी उगा था और आप च कत खड़ रह जाएग क आप इस म म ह जी रह थ क रोज वह सरज उगता ह वह सरज रोज

नह उगता न वह प ी रोज होती ह न वह पित रोज होता ह जो कल था वह कल वदा हो गया ह तो थोड़ा

तलाश करत रह जो राख जम जाती ह परान क उसको हटा कर नीच क अगार क खोज करत रह क नया या

ह और नय का स मान करना सीख तो नया कट होगा अगर स मान न करग तो राख ह कट होगी

अगारा कट न होगा अगारा भीतर िछप जाएगा नय का स मान कर और जदगी क य वत पन क

आका ा छोड़ द अगर कल मझस म िमला था तो ज र नह क आज भी िमल आज को खला छोड़ जो िमलगा उस दख यह

आका ा न कर क जो कल िमला था वह आज भी िमलना ह चा हए जहा ऐसी आका ा आई क हमन चीज

को पराना करना श कर दया जदगी को एक ि ल एक पलक म जीन द एक अिन य म रहन द या

होगा कहा नह जा सकता आज म िमलगा नह िमलगा कछ भी नह कहा जा सकता इस असर ा को वीकार कर ल

ल कन हम सर त होन क इतनी यव था करत ह इसिलए हमारा सारा जीवन बासा और पराना हो गया ह आदमी म करता नह क ववाह क िलए पहल िनवदन श कर दता ह यह ववाह का िनवदन म को बासा

करन क तरक ब ह अगर दिनया अ छ होगी तो म होगा साथ रहत हए लोग भी ह ग ल कन ववाह नह हो सकता ववाह जसी बहद चीज सोचन म भी नह आनी चा हए ववाह का मतलब यह ह क हम प का प ता इतजाम करत ह क कल भी यह म जार रहगा आन वाल कल म ऐसा न हो क जसन आज हम म

दया था और जसक गोद हम आज िसर रखन को िमली थी कल न िमल हम कल का इतजाम आज कर लत

ह और कल यह गोद ठ क ऐसी ह िमलनी चा हए यह म ऐस ह िमलना चा हए फर सब जड़ हो जाएगा सब पराना हो जाएगा सब बासा हो जाएगा सब मर जाएगा और हमन सब तरफ ऐसा ह कर िलया ह जदगी एक अिन य ह और आदमी डर क कारण सब िन त कर लता ह िन त कर लता ह तो सब बासा हो

जाता ह कवल व ह लोग नय हो सकत ह जो अिन त म अनसटन म इनिस यो रट म जीन क ह मत

रखत ह जो यह कहत ह जो होगा उस दखग हम कोई प का करक नह चलत हम कछ िन त करक नह चलत हम कल क िलए कोई िनयम नह बनात ह क कल य िनयम पर करन पड़ग अगर आज क िनयम कल

पर ह ग तो कल आज क श ल म ढल जाएगा ल कन हम सब भ व य को ढालन म िचितत ह हम न कवल भ व य को ब क मरन क बाद तक ढालन म

िचितत ह हम इसका भी पता लगाना चाहत ह क मरन क बाद म बचगा क नह मर नाम क स हत मर

उपािध क स हत मर पद क साथ म रहगा या नह प ी अपन पित स यह भी पछ लना चाहती ह क अगल

ज म म भी तम िमलोग क नह तम ह िमलोग न वह अगल ज म तक को ऊब म ढालन क च ा म लगी ह इस जदगी को भी उसन बोडम बना िलया ह अगली जदगी को भी बोडम बना लना चाहती ह जदगी म नय का वागत नह ह हमारा परान का आ ह ह तो सब पराना हो जाएगा तो म आपस कहता ह

क परान क अप ा छोड़ द तो रोज नया दन होगा वष का नय का वागत कर नय का स मान कर और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 107

नय को खोज-- क नया या ह खोज पर बहत कछ िनभर करता ह क हम या खोजन जात ह वह खोज

लग अगर एक आदमी गलाब क पास काट को खोजन जाएगा तो काट खोज लगा काट वहा ह और अगर एक

आदमी फल खोजन जाएगा तो यह भी हो सकता ह क काट का उस पता ह न चल वह फल खोज ल और

वापस लौट आए फल भी वहा ह ल कन हम या खोजन जात ह इस पर सब कछ िनभर करता ह जदगी म सब ह वहा राख भी ह परान क वहा अगार भी ह नय का वहा चीज मर भी रह ह परानी हो रह

ह वहा नय का ज म भी हो रहा ह वहा व भी ह वहा ब च भी ह वहा ज म भी ह म य भी ह वहा कछ

वदा हो रहा ह कछ आ रहा ह आप या खोजन गए ह इस पर िनभर करता ह अगर आप मत को खोजन

गए तो आप मरघट पर पहच जाएग और तब आपको सब मद ह वहा दखाई पड़ग और सब लाश और सब

क दखाई पड़गी और तब आप उन क और लाश और मद क बीच कस जदा रह पाएग आप मरन क

पहल मदा हो जाएग जहा चार तरफ मद िघर गए ह वहा आप मर जाएग ल कन एक तरफ जीवन ज म भी ल रहा ह रोज वहा आप खोजन नह गए ह--जहा सरज क नई करण फटती

ह कली फटती ह नया-नया रोज कछ हो रहा ह य क जो पराना हो गया ह वह हो कस सकता था अगर

नया पदा न होता जो आज बढ़ा हो गया ह वह बढ़ा हो इसीिलए गया ह क कल वह ब चा था और जो फल

आज क हला कर िगर गया ह और बासा हो गया ह वह बासा इसीिलए हो गया ह क कल वह ताजा था अब

यह आपक ऊपर िनभर ह क आप ताजी घटनाओ को खोजत ह क बासी घटनाओ को खोजत ह कौन आपस

कह रहा ह क िगरत फल को द खए उगत फल को भी दखा जा सकता ह और जस य को नय स सबध जोड़ना हो उस उगत फल को दखना चा हए उस काट िगनना छोड़ दना

चा हए उस नय का वागत और स मान नय क अप ा म जीना चा हए उस अनजान और अननोन क

अपन भीतर वश क िलए ओपिनग खला ार रखना चा हए तब ित दन नया ह ित सबध नया ह यक िम नया ह प ी नई ह पित नया ह बटा नया ह बट नई ह तब सार जदगी नई ह और नय क

बीच जो जीता ह उसक भीतर अगर नय का फल खल जाता हो तो आ य नह ह य क परान क बीच जो

जीता ह उसक भीतर सब िसकड़ जाता ह और मर जाता ह हम अपन चार तरफ या इक ठा कर रह ह इस

पर िनभर करगा क हमार भीतर या घ टत होगा हमार भीतर जो घटना घटगी वह हमार हाथ स ह इक ठ

क हई ह तो एक तो रा ता यह ह जो चलता आया ह क वष म एक दन नया होता ह और तीन सौ च सठ दन परान होत

ह और मरा अपना मानना ह क यह एक दन झठा होगा धोखा होगा जब तीन सौ च सठ दन परान होत ह

तो एक दन नया कस हो सकता ह इतनी परान क भीड़ म नया हो नह सकता िसफ नय का धोखा हो सकता ह म आपस यह कह रहा ह क तीन सौ पसठ दन ह नय हो सकत ह ितपल नया हो सकता ह नय क तयार

और नय का स मान और नय क िलए मन का ार खला होना चा हए और जो य एक बार नय क िलए

अपन मन क ार को खोल लता ह आज नह कल वह पाता ह क नय क पीछ परमा मा वश कर गया य क परमा मा अगर कछ ह तो जो िनरतर नया ह उसी का नाम ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 108

ल कन हमार थ और हमार ग और हमार स यासी तो कहत ह परमा मा उसका नाम ह जो सबस पराना ह

वह जो सबस पहल हआ वह वह जो सनातन ह वह ाचीन स ाचीन जब कछ भी न था तब वह था तो हमार सब म दर म मर हए क पजा चल रह ह हमार सब म जद म मर हए का आदर हो रहा ह हमार सब थ

और ग ाचीन और परान क स मान म लग ह और जदगी रोज नई ह और जदगी रोज वहा पहच जाती ह

जहा कभी नह पहची थी वहा रोज नय फल खलत ह और नय तार िनकलत ह और नय गीत पदा होत ह

वहा सब नया ह वहा पराना कछ होता ह नह अगर परमा मा भी ह तो वह ह रोज नय होत म परमा मा

वह ह जो सदा स ह वह नह परमा मा वह ह जो ितपल होता ह और ितपल होता ह चला जाता ह जीवन वह ह जो िनरतर होता चला जा रहा ह जीवन एक धारा ह एक बहाव रोज नई होती ह अगर हम

परान पड़ गए तो पीछ पड़ जात ह अगर हम भी नय हए तो हम भी जीवन क साथ बह पात ह ऐसा बह कर

दख तो शायद सभी दन नय हो जाए सभी दन खशी क हो जाए और जो भी िमल उसस ह आनद झरन

लग य क हमार पास वह तरक ब वह ट नीक वह िश प वह कला आ गई जसस हम हर जगह नय को खोज ह लग मन सना ह एक ऐसा वचारक जो ितपल नय स और नय क आशा स भरा था और जो ितपल खशी को

खोजन क िलए आतर था और जो हर दख म भी हर अधर स अधर बदली म भी चमकती हई बजली क

करण को खोज लता था वह ययाक क एक सौवी म जल क ऊपर रहता था वह एक बार सौवी म जल स नीच

िगर पड़ा कहानी कहा तक सच ह मझ पता नह ल कन अगर ऐसा कोई आदमी होगा तो सच होनी ह

चा हए वह सौवी म जल स नीच िगर पड़ा बीच म लोग न खड़ कय स झाक कर उसस पछा क या हाल

ह यह जानन क िलए क यह आदमी आज इस घड़ म भी सख खोज पाता ह या नह उस आदमी न

िच ला कर कहा क अब तक सब ठ क ह वह जमीन क तरफ िगरा जा रहा ह ितपल िगरा जा रहा ह पर उस आदमी न हर खड़क पर िच ला कर

कहा अब तक सब ठ क ह यानी अब तक कछ भी गड़बड़ नह हई ह ऐसा आदमी आन वाली मौत को नह

दख रहा ह िगर जान वाली घटना को भी नह दख रहा ह अभी इस ण म जो ह वह दख रहा ह वह कह रहा

ह अभी सब ठ क ह अगर ऐसा कोई िच हो तो शायद इसक िलए मौत भी फल बन जाएगी शायद इसक िलए मौत भी वह उप व

नह ला सकती जो हम ल आती ह हम तो मरन क बहत पहल मर जात ह य क बास और परान हो जात ह

यह आदमी हो सकता ह मर कर भी अगर इसस हम पछ सक तो कह सक क सब ठ क ह अभी सब ठ क ह एक बार जीवन म नय का बोध श हो जाए तो सब ठ क हो जाता ह और परान का बोध गहरा हो जाए तो सब

गलत हो जाता ह मझस कहत ह िम क नय वष क िलए कछ कह नय वष क िलए म कछ न कहगा य क आप ह तो नया वष फर जीएग ज ह न पछला वष पराना कर

दया आप नय वष को भी पराना करक ह रहग आपन न मालम कतन वष परान कर दए आप पराना करन

म इतन कशल ह क नया वष बच पाएगा इसक उ मीद बहत कम ह आप इसको भी पराना कर ह दग और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 109

एक वष बाद फर इक ठ ह ग और फर सोचग नया वष ऐसा आप कतनी बार नह सोच चक ह ल कन नया आया नह य क आपका ढग पराना पदा करन का ह नय वष क फकर न कर नय का कस ज म हो सकता ह इस दशा म थोड़ सी बात सोच और थोड़ योग

कर तो तीन बात मन आपस कह एक तो परान को मत खोज खोजग तो वह िमल जाएगा य क वह ह

हर अगार म दोन बात ह वह भी ह जो राख हो गया अगारा बझ गया जो जो अगारा बझ चका ह जो

ह सा राख हो गया वह भी ह और वह अगारा भी अभी भीतर ह जो जल रहा ह जदा ह अभी ह अभी बझ

नह गया अगर राख खोजग राख िमल जाएगी जदगी बड़ अदभत ह उसम सब खोजन वाल को सब िमल

जाता ह वह आदमी जो खोजन जाता ह वह िमल ह जाता ह और जो आपको िमल जाता हो यान स समझ

लना क आपन खोजा था इसीिलए िमल गया ह और कोई कारण नह ह उसक िमल जान का नया अगारा भी

ह वह भी खोजा जा सकता ह तो पहली बात परान को मत खोजना कल सबह स उठ कर थोड़ा एक योग करक दख क परान को हम न

खोज कल जरा च क कर अपनी प ी को दख जस तीस वष स आप दख रह ह शायद आपन तीस वष दखा ह

नह फर हो सकता ह पहल दन जब आप लाए थ तो दख िलया होगा फर बात समा हो गई फर आपन दखा नह और अगर अभी म आपस कह क आख बद करक जरा पाच िमनट अपनी प ी का िच बनाइए मन

म तो आप अचानक पाएग क िच डावाडोल हो जाता ह बनता नह य क कभी उसक रखा भी तो अ कत

नह हो पाई हाला क हम िच लात रहत ह क इतना म करत ह इतना म करत ह वह सब िच लाना भी

इसीिलए ह क म नह करत शोरगल मचा कर आभास पदा करत रहत ह वह आभास हम पदा करत रह ह तो कल सबह उठ कर नय क थोड़ खोज क रए नया सब तरफ ह रोज ह ित दन ह और नय का स मान

क रए परान क अप ा मत क रए हम अप ा करत ह परान क हम चाहत ह क जो कल हआ वह आज भी

हो तो फर आज पराना हो जाएगा जो कभी नह हआ वह आज हो इसक िलए हमारा खला मन होना चा हए

क जो कभी नह हआ वह आज हो हो सकता ह वह दख म ल जाए ल कन म आपस कहता ह परान सख स

नय दख भी बहतर होत ह य क नय होत ह उनम भी एक जदगी और एक रस होता ह पराना सख भी

बोथला हो जाता ह उसम भी कोई रस नह रह जाता इसिलए कई बार ऐसा होता ह क परान सख स िघरा

आदमी नय दख अपन हाथ स ईजाद करता ह खोजता ह वह खोज िसफ इसिलए ह क अब नया सख नह िमलता तो नया दख ह िमल जाए आदमी शराब पी रहा ह व या क घर जा रहा ह यह नय दख खोज रहा ह नया सख तो िमलता नह तो नया दख ह सह कछ तो नया हो जाए नय क उतनी ती ाण क आका ा ह ल कन हम परान क अप ा वाल

लोग ह इसिलए दसरा स आपस कहता ह परान क अप ा न कर और कल सबह अगर प ी उठ कर छोड़ कर घर

जान लग तो एक बार भी यह मत कह क अर तन तो वायदा कया था कौन कसक िलए वायदा कर सकता

ह तब उस चपचाप घर स वदा कर आए जस म स उस ल आए थ उसी म स वदा कर आए यह वदा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 110

भी वीकार कर ल नय क सदा सभावना ह प ी चौबीस घट पर जदगी साथ रहगी यह ज र या ह रा त िमलत ह और अलग हो जात ह िमलत व और अलग होत व इतना परशान होन क या बात ह ल कन नह बड़ा म कल ह वदा होना य क हम कहग क जो पराना था उस िथर रखना ह सब परान को िथर रखना ह नया जब आए तब उस वीकार कर परान क आका ा न कर और तीसर बात कोई और आपक िलए नया नह कर सकगा आपको ह करना पड़गा और ऐसा नह ह क

आप पर दन को नया कर लग या पर वष को नया कर लग ऐसा नह ह एक-एक कण एक-एक ण को

नया करग तो अततः परा दन परा वष भी नया हो जाएगा एक-एक ण हमार हाथ स िनकला जा रहा ह--

जस रत का दाना िगरता ह रत क घड़ स ऐसा एक-एक ण हमार हाथ स गजरा जाता ह एक ण को नया

करन क फकर कर अगल ण क फकर मत कर अगला ण जब आएगा तब उस नया कर लग और नय क इस म दर म थोड़ा वश उस परमा मा क िनकट पहचा दता ह जो जीवन का मल ोत ह मल

धारा ह और वहा जो एक बार नहा लता ह उस मल ोत म उसक िलए इस जगत म फर पराना रह ह नह

जाता फर कछ भी पराना नह ह फर पराना ह ह नह फर उसक िलए म य जसी चीज ह नह ह कछ

मरता ह नह फर उसक िलए बढ़ जसा कोई मामला ह नह कछ व ह नह होता तब उस व ाव था भी एक नई अव था ह जो जवानी क बाद आती ह तब उसक िलए म य भी एक नया ज म ह जो ज म क बाद होता ह तब उसक िलए सब नय क ार खलत चल जात ह अतह न नय क ार ह ल कन हमन सब पराना कर डाला ह उसम नय क झठ तभ खड़ रख ह लीप-पोत कर खड़ कर रख ह-- क य

नय दन यह नया वष यह सब बलकल धोखा ह जो हम खड़ा कए ह ल कन सखद ह य क इतन परान

को झलन म सहयोगी हो जाता ह और ऐसा लगता ह क चलो अब कछ नया आया अब कछ नया होगा वह

कभी नह होता अब कतन सब िम नय वष पर एक-दसर को शभकामनाए दग इन िम को पछल वष भी उ ह न द थी और फर हम शभकामनाओ को बड़ सरल मन स हण करग और सरल मन स उनका दान भी करग और

जानत हए क यह सब यथ ह इसका कोई मतलब नह ह तो म तो कोई शभकामना नह क गा नय वष क िलए आपको य क म एक ह बात कह सकता ह क आपको

याद दलाऊ क आपन इतन वष परान कर डाल तो नय वष पर आप खयाल रखना क अब फर वह न करना

आप जो अब तक कया ह इसको फर वापस पराना मत कर डालना इस नय करन क कोिशश करना यह

नया हो सकता ह और अगर यह नया हो गया तो ित दन नया हो जाता ह ित दन नय वष का आरभ ह

पराना टकता ह नह बचता ह नह सब बह जाता ह ल कन हम ऐसा पकड़त ह परान को क नय को होन क िलए अवकाश नह पस नह रह जाता अगर हम

अपन मन क खोज-बीन कर तो सब तरफ हम परान को इतन जोर स पकड़ हए ह क नय क िलए जगह कहा

ह नया आए कहा स आपक घर म आपक िच म नय क करण वश कहा स कर आप तो परान को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 111

इतन जोर स पकड़ हए ह उस छोड़त ह नह र ी भर जगह नह छोड़त उसम उधर पस क ज रत ह वहा जगह क ज रत ह वहा स नया आ सकता ह मर बात को इतन म स सना उसस बहत अनगह त ह और आपक भीतर नया पदा हो सक ऐसी परमा मा स ाथना करता ह जीवन रह य नौवा वचन म कोई वचारक नह ह मर य आ मन ऐसा लगता ह क कह कछ भल हो गई ह म कोई वचारक नह ह और ऐसा भी नह म मानता ह क वचारक

स जगत का कोई लाभ हआ ह मन य क जीवन म जतन झगड़ और उप व हए ह वचारक उसका कारण ह

और मन य क जीवन म जीवन को जीन क जो मता कम हई ह उसका कारण भी वचारक ह न मालम

इितहास क कस दभा य ण म आदमी को यह खयाल आ गया क वचार क ारा जीवन जीया जा सकता ह

जीवन म जो भी ह वह वचार स उपल ध नह होता--न स दय न स य न म वचार एक धोखा ह मन सना ह रवी नाथ एक रात एक बजर म या ा कर रह थ प णमा क रा थी और परा चाद आकाश म था

अपनी नाव क छोट स झोपड़ म एक छोट सी मोमब ी को जला कर व एक कताब पढ़ रह थ वह कताब

ऐ थ ट स पर थी स दयशा पर थी आधी रात तक व कताब पढ़त रह--स दय या ह और फर ऊब गए और कताब को बद कर दया और मोमब ी को फक मार कर बझा दया और तभी अचानक जस एक ाित घट

गई-- ार क खड़ कय क बजर क र -र स चाद क करण भीतर आ ग मोमब ी क धीम स काश न

चाद को बाहर रोक रखा था रवी नाथ नाचन लग और उ ह न दसर दन सबह कहा दसर दन सबह उ ह न कहा कसा अभागा ह म स दय बाहर मौजद था स दय पर ण बाहर ती ा करता था और म स दय पर एक कताब पढ़ता रहा और

जब मन मोमब ी बझा द और कताब बद कर द तो स दय मर कमर क भीतर आकर नाचन लगा व बाहर आ

गए उ ह न चाद को दखा झील को दखा उस रात क स नाट को दखा स दय वहा मौजद था ल कन

कताब म िसफ वचार मौजद थ कताब म िसफ वचार ह हो सकत ह स दय नह हो सकता वचारक क पास भी िसफ वचार ह होत ह स य नह होता न स दय होता न म होता और वचार वचार िसवाय श द क जोड़ क और कछ भी नह ह सब वचार बास ह सब वचार उधार ह कोई वचार

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 112

मौिलक नह होता कोई वचार मौिलक हो भी नह सकता मौिलक होती ह अनभित और अनभित होती ह

िन वचार ल कन बड़ परानी भल ह उसी भल म मझ भी बला िलया ह वह भल यह ह हम महावीर को भी वचारक

कहत ह महावीर वचारक नह ह महावीर जो कछ भी ह वह वचार को छोड़ कर ह ब को भी वचारक कहत ह ब भी वचारक नह ह ब जो कछ भी ह वचार क पार जाकर ह जनको हम वचारक कहत ह उनम स

बहत स लोग वचारक नह ह ज ह न इस जगत को कछ दया ह उ ह न वचार स नह दया वचार क पार

स लाकर दया ह वचार वाहन हो सकता ह अिभ य का उपल ध का माग नह ह ल कन कछ लोग िसफ वचारक ह उनक पास िसवाय श द क स ह क कछ भी नह ह और उन श द क

स ह को उ ह न जीवन समझा हआ ह इसिलए वचारक मरन क बहत पहल मर जाता ह उसक पास श द

क लाश क िसवाय कोई जीवन नह होता मन सना ह एक फक र था और फक र बहत अदभत आदमी था उसन वचारक पर बड़ा य य कया ह ल कन वचारक इतन कम समझदार होत ह क वचार क ऊपर कए गए य य भी उनक पकड़ म नह आत

वह फक र एक दन घर लौटता था और कसी िम न उस कछ मास भट कर दया और साथ म एक कताब

भी द द कताब म मास को बनान क विध िलखी हई थी वह एक बगल म कताब को दबा कर और हाथ म

मास को लकर घर क तरफ भागा एक चील न झप टा मारा वह उसक मास को उठा कर ल गई उस फक र न

चील स कहा क मरख ह त विध बनान क तो मर पास ह मास का या करगी वह घर पहचा उसन अपनी प ी को कहा दखती हो एक मरख चील मर मास को छ न कर ल गई ह और

कताब मर पास ह जसम विध िलखी ह बनान क चील मास का करगी या उसक प ी न कहा क तम वचारक मालम होत हो चील को कताब स मतलब नह ह चील को मास बनान

क विध स मतलब नह ह तम कताब बचा लाए और मास छोड़ आए अ छा होता क कताब चील को द

आत और मास घर ल आत ल कन वचारक हजार साल स कताब बचाता चला आ रहा ह और जदगी को छोड़ता चला जा रहा ह इसिलए

दिनया म जतना वचार बढ़ गया ह उतना जीवन कम और ीण हो गया ह दिनया म जतना वचार रोज

बढ़ता जा रहा ह आदमी उतना उदास परशान और हरान होता चला जा रहा ह य क जदगी का सारा अथ

खोता चला जा रहा ह जदगी का जो रस ह जदगी का जो भी अथ ह वह जीन स उपल ध होता ह वचार करन स नह और यह स ट यट बन जाता ह क हम जीन को छोड़ दत ह और वचार करन को पकड़ लत ह म एक फल क पास जाऊ और बठ कर फल क सबध म सोचन लग तो म एक वचारक ह ल कन फल क सबध

म जो बठ कर सोच रहा ह वह फल को जानन स विचत रह जाएगा वचार क एक द वाल खड़ हो जाएगी फल

उस पार होगा म इस पार होऊगा सब वचारक क आसपास वचार क एक द वाल बन जाती ह--वाद क शा क आइ डयालॉजी क और व अपनी ह द वाल म बद हो जात ह बाहर क दिनया स उनका जीवन स

सारा सबध टट जाता ह वह जो फल ह वह बाहर पकारता रहगा क आओ ल कन वचारक वचार करता रहगा अगर फल को जानना हो तो फल क पास बठ कर सोचन क ज रत नह ह फल क पास बठ कर सोचना छोड़

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 113

दन क ज रत ह ता क फल भीतर वश कर जाए मर आ मा और फल क आ मा कसी जगह पर िमल

सक वचार कभी भी नह िमलन दता ह और इसिलए दिनया म जतना वचार बढ़ता ह उतना आदमी-आदमी

अलग होत चल जात ह दिनया म जतन झगड़ ह व वचार क झगड़ ह य क सब द वाल वचार क द वाल

ह एक आदमी कहता ह म मसलमान ह एक आदमी कहता ह म हद ह एक हद और एक मसलमान क बीच

फक या ह खन का फक ह ह ड का फक ह आ मा का फक ह एक हद और एक मसलमान क बीच

िसफ वचार का फक ह मसलमान न कछ वचार पकड़ िलया ह हद न कछ वचार पकड़ िलया ह और वचार

क द वाल ह और तब तब वचार इतना मह वपण हो सकता ह क हद मसलमान क ह या कर द और

मसलमान हद क ह या कर द वचार इतना मह वपण हो सकता ह क हम जीवन क ह या कर द और

कताब को बचा ल वचार को बचा ल यह होता जा रहा ह जीवन रोज न हो रहा ह और कताब बचती चली जाती ह नय वचार नय झगड़ ल आत ह क यिन म नया वचार ह उसन नय झगड़ और नई द वाल खड़

कर द ह या यह नह हो सकता क आदमी अ त व को जीए वचार न

यह हो सकता ह सम त जीवन क गहराइया अ त व म उतरन स उपल ध होती ह और जस अ त व म

उतरना ह उस वचार को छोड़ कर उतरना पड़ता ह मन सना ह एक सम क कनार बहत बड़ा मला भरा हआ था और तट पर बहत लोग इक ठ थ व तट पर बठ

कर सोचन लग क सम क गहराई कतनी ह व बड़ वचारक लोग थ उ ह न तट क ऊपर बठ कर वचार

करना श कर दया सम क गहराई कतनी ह ल कन तट क ऊपर बठ कर कोई सम क गहराई नह जान सकता तट क ऊपर बठ कर सम क गहराई को जानन का कोई उपाय नह ह सम क गहराई म ह जाना पड़गा ल कन वचार करन वाल सदा तट पर बठ रह

जात ह व तट पर बठ कर बहत वचार करत रह ववाद हो गया सम क गहराई का तो कोई पता न चला ल कन ववाद स ह पा टया और कई स दाय और कई धम हो गए कसी न कहा इतनी गहराई ह और कसी

न कहा हमार कताब म इतनी िलखी ह व अपनी कताब ल आए और बड़ा ववाद श हो गया मन सना ह उस मल म दो नमक क पतल भी भल स पहच गए थ उ ह न यह सारा ववाद सना उ ह न कहा

क पागल हो गए हो अगर सम क गहराई जाननी ह तो वचार करन क या ज रत ह सम म कद

जाओ ल कन उन लोग न कहा जब तक गहराई का पता न चल हम कद कस गहराई का पता चल जाए

तब हम कद गहराई का प का पता हो जाए तभी हम कदग वचारक कहता ह जब ई र का म प का पता लगा लगा वचार करक तब खोज पर िनकलगा वचारक कहता

ह म म करन तब जाऊगा जब म म क पर फलासफ समझ ल वचारक कहता ह म जीवन म तब

उत गा जब म जान ल क जीवन या ह वह कनार पर बठा रह जाता ह और यान रह उस नमक क पतल न कहा क तो फर ठहरो म कद जाता ह म पता लगा आता ह वह

नमक का पतला कद गया ल कन नमक का पतला सम म कदगहराई म तो जान लगा ल कन जतना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 114

गहराई म जान लगा उतना ह पघलन लगा गहराई म पहच गया ठ क सम क नीच पहच गया उसन गहराई जान ली ल कन जब तक उसन गहराई जानी तब तक वह खो गया तब तक वह लौट कर बतान को नह था यह बड़ अदभत बात ह इस जदगी का सबस बड़ा पराडॉ स यह ह क जो वचार करत रहत ह व बतान म

समथ ह और जो अ त व क गहराई म उतरत ह व खो जात ह व बतान म असमथ हो जात ह स य को जो जानत ह व बता नह पात और जो बलकल नह जानत ह व बताए चल जात ह जो स य को बलकल नह

जानत व उस पर वचार करत रहत ह जो स य को जान लत ह व खो जात ह मर अपनी समझ म वचारक का अहकार मन य क जीवन म सबस बड़ा अहकार ह कछ लोग धन इक ठा

कर लत ह कछ लोग वचार इक ठ कर लत ह धन को इक ठा करन वाल को हम कहत ह क या स ह म

लग हए हो और वचार को इक ठा करन वाल को वचार को इक ठा करन वाल को हम वचार को इक ठा

करन वाल को हम उस तरह स नह कहत क या वचार क स ह म लग हो या होगा वचार क स ह कर

लन स धन क स ह स कछ नह होता वचार क स ह स भी कछ नह होता ल कन सब स ह अहकार को मजबत कर जात ह धन हो मर पास तो मझम एक अकड़ आ जाती ह क मर पास धन ह और वचार ह मर पास तो भी मझ एक

अकड़ आ जाती ह क मर पास वचार ह और ान पा ड य और वचार क जो अकड़ ह उसस बड़ अकड़ और

कोई भी नह हो सकती वह जो अहकार ह उसस बड़ा अहकार और कोई भी नह हो सकता और यान रह जतना बड़ा अहकार ह उतना ह गहर म उतरन क मता कम हो जाती ह य क गहर म उतरन पर वह

नमक का पतला पघला ऐस ह अहकार भी पघल जाता ह जस गहर जाना ह उस अहकार छोड़ कर जाना

होगा और जस अहकार छोड़ना ह उस धन ह नह छोड़ना पड़ता उस वचार भी छोड़ना पड़ता ह वचार क पत हमार चतना पर ऐस ह हअभी म एक गाव म ठहरा हआ था उस गाव क नद को म दखन

गया वह सार नद काई स ढक गई थी प ह प और काई ह काई उस पर नद पर छा गई थी एक प को

मन हटाया और नद झाकन लगी जो िम मझ ल गए थ उ ह न कहा सार नद प स ढक गई ह तो मन

कहा आदमी क भी सार आ मा वचार क प और काई स ढक गई ह थोड़ वचार को हटाओ तो भीतर स आ मा क नद झाकनी श हो जाती ह वचारक प स ढका हआ आदमी ह और वचार सब उधार ह बाहर स आए हए ह ान भीतर स आता ह और

वचार बाहर स आत ह इसिलए वचारक को ानी समझ लन क भल म नह पड़ जाना चा हए वचार सदा

बाहर स आत ह--शा स िश ाओ स सचनाओ स और ान सदा भीतर स आता ह और जस ान लाना

हो उस वचार बाहर स लान क या ा बद करनी पड़ती ह एक छोट स उदाहरण स समझान क कोिशश क मन सना ह क एक आदमी न घर म एक कआ खोदा और एक आदमी न घर म एक हौज बनाई अब हौज और

कआ बनान क ढग बलकल अलग होत ह हाला क दोन म पानी दखाई पड़ता ह और जब हौज बन गई कआ बन गया तो दोन म पानी था--कए म भी पानी था हौज म भी पानी था ल कन हौज म पानी उधार था

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 115

वह कह स मागा गया था वह कह स लाया गया था कए क पास अपना पानी था वह कह स मागा नह गया

था वह कह स लाया नह गया था हौज भर गई ल कन हौज और कए क बनान का ढग भी अलग ह कए को

खोदना पड़ता ह कए क िम ट -प थर को िनकाल कर बाहर फक दना पड़ता ह और अगर हौज बनानी हो तो

िम ट -प थर खर द कर लान पड़त ह द वाल बनानी पड़ती ह और हौज बनानी पड़ती ह और एक बड़

चम कार क बात हौज बन जाए तो भी खाली होती ह कआ बन जाए तो पानी स भर जाता ह हौज क पास

दसर का पानी होता ह जसको हम वचारक कहत ह उसक पास दसर का पानी होता ह उसक पास महावीर का पानी होगा ब का

पानी होगा ाइ ट का पानी होगा क ण का पानी होगा ल कन उसक पास अपना पानी नह होता उसक

पास कआ नह होता और यान रह जब कआ बनता ह तो कआ बनन का एक िनयम ह क खाली होना पड़ता ह जतना कआ खाली हो जाता ह उतना भर जाता ह जतना कआ अपन भीतर स चीज को बाहर फक दता ह उतन जल ोत

उपल ध हो जात ह वचारक इक ठा करता ह हौज क तरह इक ठा करता जाता ह कभी हौज क पास जाकर

कान लगा कर सनना तो हौज हमशा कहती ह और लाओ और लाओ अगर हौज स पानी िनकालो तो हौज

कहती ह मत िनकालो कम हो जाएगा कभी कए क पास कान लगा कर सनना कआ कहता ह िनकाल लो और िनकाल लो च क जतना िनकल जाता ह उतना नया भीतर स और आ जाता ह वचारक इक ठा करता ह वचार िसफ इक ठा करना ह और इसिलए वचारक बाहर स आई हई पत म इतना

खो जाता ह क कभी अपन को नह जान पाता ज ह न अपन को जाना ह ज ह न स य को जाना ह उ ह न िन वचार होकर जाना ह महावीर वचारक नह ह ब वचारक नह ह क ण वचारक नह ह और दिनया म ऐस लोग क ज रत ह

जो वचार क पार होकर दख सक इसिलए हम उनको ा कहत ह इसिलए हम उस या को जसस ान

उपल ध होता ह दशन कहत ह उसको वचारणा नह कहत ल कन अभी बड़ भल हई ह भल यह हो गई ह क हम प म स जो फलासफ आई ह हम फलासफ को भी अपन म क म दशन स अनवाद करन लग ह दशन और फलासफ पयायवाची श द नह ह दशन का मतलब

ह दखना और फलासफ का अथ ह सोच- वचार दखन और सोचन- वचारन म द मनी ह जो आदमी दख

सकता ह सोचता- वचारता नह जो नह दख सकता वह सोचता- वचारता ह म अगर अधा ह और मझ इस कमर क बाहर जाना हो तो म सोचगा क रा ता कहा ह पछगा रा ता कहा

ह पछगा ार कहा ह कस जाऊ कस िनकल और अगर मर पास आख ह तो म सोचगा नह पछगा नह उठगा और िनकल जाऊगा आख चा हए दशन चा हए वचार नह चा हए और सदा अपनी होती ह वचार सदा दसर क होत ह दसर क आपक पास नह होती दसर क आख स आप नह दख सकत ल कन दसर क वचार का स ह

आप कर सकत ह इसिलए वचारक मर म सदा बारोड सदा उधार आदमी होता ह उसक पास कछ

भी नह होता वचारक स यादा द र आदमी द न आदमी खोजना बहत म कल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 116

ल कन हम लगता ह क वचारक क पास बहत कछ ह य क जो उसन इक ठा कया ह वह हमार आख को च काता ह जो उसक पास हम दखाई पड़ता ह उसस लगता ह क इसक पास बहत कछ ह जो उसस हम सनत

ह जो वह िलखता ह उसस हम लगता ह क इसक पास बहत कछ ह और हम भी तब वचार इक ठा करन

म लग जात ह हमार सार िश ा वचार इक ठा करवान क िश ा ह इसिलए हमार िश ा ानी को पदा नह

कर पाती य क वह और दशन पदा करन क िलए कोई योग नह करती ह इधर म एक छोट सी बात अत म कहना चाह और वह यह क मन य क चतना म दो मताए ह--एक वचार क

और एक िन वचार क एक सोचन क और एक दखन क सोचन म जो उलझ जाएगा वह दखन को भल

जाएगा और जो दख लगा उस सोचन क फर कोई ज रत नह रह जाती उसक पास आख उपल ध हो जाती ह ब क पास एक बार एक आदमी को कछ लोग ल आए थ वह आदमी अधा था उसक पास आख नह थी

उसक िम न ब को आकर कहा क यह आदमी अधा ह और हमारा िम ह हम इस समझात ह क काश ह हम समझात ह क सरज ह ल कन यह मानन को तयार नह होता यह कहता ह क कस हो सकता ह हम

इस कहत ह क ह तक दत ह तो यह कहता ह क हम त हार काश को छकर दखना चाहत ह जरा काश

को ल आओ हम छकर दख ल काश तो हम ल आत ह ल कन यह छ नह पाता यह कहता ह तम अपन

काश को थोड़ा बजाओ तो हम सन ल ल कन हम काश को कस बजाए यह कहता ह काश को मर मह

म द दो म थोड़ा चख ल ल कन हम काश का वाद कस दलवाए हमन सोचा क एक बड़ा वचारक गाव

म आया ह ब आए ह तो हम जाए ब न कहा तम गलत आदमी क पास आ गए म कोई वचारक नह ह और इस आदमी को तम परशान मत

करो अ छा ह क यह नह मानता य क जसक पास आख नह ह वह मान य और अगर मान लगा तो

वचार म पड़ जाएगा सब मा यताए वचार म ल जाती ह अगर एक अधा आदमी मान ल क काश ह तो काश का होना उसक िलए िसफ एक वचार होगा अनभव नह हो सकता ब न कहा इस तम वचारक क

पास मत ल जाओ अ छा होगा कसी व क पास ल जाओ वचारक या करगा वचार द दगा व क पास

ल जाओ जो इसक आख क िच क सा कर सक व उस व क पास ल गए उस आदमी क आख पर जाली थी कछ दन क दवा क योग स वह जाली कट गई

और उस आदमी न काश दखा और वह नाचन लगा और वह खोजता हआ ब क पास गया उनक चरण

पकड़ िलए और उस आदमी न कहा क आपन बड़ कपा क अ यथा व सब वचारक मझ िमल कर मार डालत व मझ समझात थ क ह और मझ दखाई नह पड़ता था अब मझ दखाई पड़ रहा ह और म जानता ह

क जो दखन स जाना जा सकता ह वह समझान स नह जाना जा सकता म कस समझता क काश ह और

अगर समझ लता तो भी उस समझ का या म य था नह वचार क इतनी ज रत नह ह जतनी और दशन क ज रत ह और और दशन चा हए हो तो

िच ऐसा होना चा हए जो वचार को अलग करन म समथ हो जाए थोड़ दर को थोड़ ण को ह सह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 117

अगर चौबीस घट म कोई य सार वचार स अपन को म कर ल और िसफ रह जाए--मा रह जाए सोच

न िसफ हो जाए िथ कग नह िसफ बीइग--तो उसक जदगी म वह सब उतर आएगा जो ह जो सदर

ह जो स य ह एक अितम कहानी और अपनी बात म पर क गा मन सना ह एक पहाड़ क ऊपर एक आदमी खड़ा था सबह-सबह सरज िनकला ह और अभी रोशनी न चार

तरफ व पर जागरण ला दया ह और प ी गीत गात ह और वह आदमी चपचाप खड़ा ह कछ लोग घमन

िनकल ह तीन िम रा त स नीच गजर रह ह उ ह न उस आदमी को वहा खड़ दखा और एक िम न कहा यह आदमी यहा या करता होगा अब सच तो यह ह क कोई ज रत नह क वह आदमी वहा या करता होगा ल कन वचार करन वाल लोग

यथ का वचार करत रहत ह व तीन वचारक रह ह ग एक न कहा क वह आदमी वहा या करता ह दसर

आदमी न कहा क जहा तक म समझता ह जहा तक म सोचता ह कभी-कभी उस फक र क जो वहा ऊपर

खड़ा ह गाय खो जाती ह वह अपनी गाय को खोजन क िलए पहाड़ पर खड़ होकर दखता होगा क गाय कहा ह ल कन पहल आदमी न कहा त हार बात ठ क नह मालम पड़ती वचारक को कभी एक-दसर क बात ठ क

मालम पड़ती ह नह उस आदमी न कहा त हार बात ठ क नह मालम पड़ती नह मालम पड़ती इसिलए क

अगर वह गाय को खोजता होता तो चार तरफ आख भटकती उसक चार तरफ दखता वह तो चपचाप एक ह

तरफ दखता हआ खड़ा ह खोजन वाला आदमी एक तरफ नह दखता सब तरफ दखता ह ल कन तीसर आदमी न कहा त हार बात मझ ठ क मालम नह पड़ती बात क दिनया म कभी कछ ठ क

मालम पड़ता ह नह उस तीसर आदमी न कहा क म जहा तक समझता ह कभी-कभी ऐसा होता ह क वह

अपना िम साथ लाता ह िम पीछ छट जाता ह तो वह खड़ होकर उसक ती ा करता होगा उस पहल आदमी न कहा नह यह ठ क नह ह य क अगर कोई कसी क ती ा करता हो तो कभी-कभी पीछ लौट कर भी दखता ह वह पीछ लौट कर दख ह नह रहा ह तब उन दोन न पछा क तम या कहत हो उस आदमी न कहा जहा तक म सोचता हअब मजा यह ह क य तीन सोच ह सकत ह य क वह आदमी या कर रहा ह यह वह जान सकता ह बाहर स तो िसफ सोचा ह जा सकता ह

उस तीसर न कहा जहा तक म सोचता ह वह भगवान का मरण कर रहा ह तो उन तीन न कहा बड़ म कल हो गई हम तीन को पहाड़ पर चढ़ना पड़गा और उस आदमी स पछना पड़गा क वह कर या रहा ह अब बड़ मज क बात ह क दसरा आदमी कछ भी कर रहा हो तीन आदिमय को पहाड़ चढ़न क कोई ज रत

नह ह ल कन दसरा या कर रहा ह उस जानन क िलए कोई भी एवर ट चढ़ सकता ह हम खद या कर रह ह

उस जानन क हम कभी भी कोई िचता नह ह दसरा या कर रहा ह व तीन पहाड़ चढ़ थक गए पसीना उनक माथ पर आ गया उस आदमी क पास पहच पहल आदमी न

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 118

जाकर कहा क जहा तक महानभाव म सोचता ह आपक गाय खो गई ह आप खोज रह ह उस आदमी न आख खोली उसन कहा मरा कछ ह ह नह इस जगत म खोएगा कस और जब खोएगा ह

नह तो खोजगा कस माफ करो म कछ भी नह खोज रहा ह दसरा आदमी ह मत स आग आया उसन कहा जहा तक म सोचता ह आप खोज नह रह ह ल कन

आपका िम पीछ छट गया होगा आप उसक ती ा कर रह ह सह कह रहा ह न म उस आदमी न कहा न मरा कोई िम ह न मरा कोई श ह पीछ छटगा कौन ती ा कसक क गा म

कसी क ती ा नह कर रहा ह तब तो तीसर आदमी न कहा क जीत मर िन त ह व ह तीसरा आदमी आग आया और उसन कहा क म सोचता ह क आप परमा मा का मरण कर रह ह वह फक र हसन लगा उसन कहा मझ परमा मा का कोई पता नह मझ अभी अपना ह पता नह ह म

परमा मा का मरण कस क गा तो उन तीन न पछा क फर आप कर या रह ह उस आदमी न कहा म कछ भी नह कर रहा ह--म िसफ ह उस आदमी न कहा म कछ कर नह रहा ह--म

िसफ ह और उस आदमी न कहा होना इतना आनद ह--मा होना जन लोग न स य को जाना ह-- म को परमा मा को कोई भी नाम द म को मो को--उन सबन उस

ण म जाना ह जब बाहर क भी सार या खो गई ह और भीतर भी वचार क सार या खो गई ह जब

या मा खो गई ह और सब स नाटा हो गया ह और िसफ होना मा रह गया ह--ज ट ए झ टस उस ण

म हम जड़ जात ह सब स वराट स और जब तक वचार क गित विध ह तब तक टट रहत ह नह जड़

पात ह तो मझ गलती स बला िलया और इतना समय भी मन आपका िलया उसक िलए माफ मागन क िसवाय और

कोई उपाय नह ह म कोई वचारक नह ह और न चाहता ह क कोई वचारक हो ा चा हए दशन चा हए चा हए वह आख चा हए भीतर जसस जीवन क परम स य का अनभव होता ह

मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ परमा मा को

णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य दसवा वचन मन य क एकमा सम या भीतर का खालीपन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 119

एक छोट सी घटना स आज क बात श करना चाहगा िसकदर महान क म य हो गई थी लाख लोग नगर क रा त पर खड़ उसक अरथी क ती ा कर रह थ

अरथी आई और अरथी महल स बाहर िनकली व जो खड़ हए लाख लोग थ उन सबक मन म एक ह उन सब क बात म एक ह और ज ासा पर नगर म फल गई बड़ आ य क बात हो गई थी ऐसा कभी

भी न हआ था अरिथया तो रोज िनकलती ह रोज कोई मरता ह ल कन िसकदर क अरथी िनकली थी तो जो बात हो गई थी वह बड़ अजीब थी अरथी क बाहर िसकदर क दोन हाथ लटक हए थ हाथ तो भीतर होत ह

अरथी क या कोई भल हो गई क हाथ अरथी क बाहर लटक हए थ ल कन िसकदर क अरथी और भल हो

जाए यह भी सभव न था और एक-दो लोग नह सकड़ लोग महल स उस अरथी को लकर आए थ कसी को

तो दखाई पड़ गया होगा--हाथ बाहर िनकल हए ह सारा गाव पछ रहा था क हाथ बाहर य िनकल हए ह साझ होत-होत लोग को पता चला िसकदर न मरत व कहा था मर हाथ अरथी क भीतर मत करना

िसकदर न चाहा था उसक हाथ अरथी क बाहर रह ता क सारा नगर यह दख ल क उसक हाथ भी खाली ह हाथ तो सभी क खाली होत ह मरत व उनक भी जनको हम िसकदर जानत ह उनक हाथ भी खाली होत ह

ल कन िसकदर को यह खयाल क उसक खाली हाथ लोग दख ल-- जसन दिनया जीतनी चाह थी जसन

अपन हाथ म सब कछ भर लना चाहा था--व हाथ भी खाली ह यह दिनया दख ल िसकदर को मर हए बहत दन हो गए ल कन शायद ह कोई आदमी अब तक दख पाया ह क िसकदर क हाथ

भी खाली ह और हम सब भी छोट-मोट िसकदर ह और हम सब भी हाथ को भरन म लग ह ल कन आज तक

कोई भी जीवन क अत म या भर हए हाथ को उपल ध कर सका ह या क हाथ खाली ह रह जात ह या क हाथ नह भर पात और हमारा सारा म और हमार सार श अप यय हो जाती ह अिधकतम लोग असफल मरत ह यह हो सकता ह क उ ह न बड़ सफलताए पाई ह ससार म यह हो सकता ह

क उ ह न बहत यश और धन अ जत कया हो ल कन फर भी असफल मरत ह य क हाथ खाली होत ह

मरत व िभखार ह खाली हाथ नह मरत स ाट भी खाली हाथ ह मरत ह तो फर यह सार जदगी का

म कहा गया अगर सार जीवन का म भी सपदा न बन पाया और भीतर एक पणता न ला पाया तो या

हम रत पर महल बनात रह या पानी पर लक र खीचत रह या सपन दखत रह और समय गवात रह या ह इस दौड़ क सार िन फलता या ह

एक और छोट कहानी मझ मरण आती ह एक महल क ार पर बहत भीड़ लगी हई थी और भीड़ बढ़ती ह जा रह थी और दोपहर स भीड़ बढ़नी श हई

थी अब साझ होन आ गई सारा गाव ह कर ब-कर ब उस ार पर इक ठा हो गया था या हो गया था उस

ार पर राजमहल क एक छोट सी घटना हो गई थी और घटना ऐसी बबझ थी क जसन भी सना वह वह खड़ा होकर दखता रह गया कसी क कछ भी समझ म न आ रहा था एक िभखार सबह-सबह आया और उसन राजा क महल क सामन अपना िभ ापा फलाया राजा न कहा क

कछ द दो अपन नौकर को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 120

उस िभखार न कहा एक शत पर लता ह यह िभ ापा उसी शत पर कोई चीज वीकार करता ह जब यह

वचन दया जाए क आप मर िभ ापा को परा भर दग तभी म कछ लता ह राजा न कहा यह कौन सी म कल ह छोटा सा िभ ापा ह परा भर दग और अ न स नह वण

अश फय स भर दग िभ क न कहा और एक बार सोच ल पीछ पछताना न पड़ य क इस िभ ापा को लकर म और ार पर भी गया ह और न मालम कतन लोग न यह वचन दया था क व इस परा भर दग ल कन व इस परा नह भर पाए और बाद म उ ह मा मागनी पड़ राजा हसन लगा और उसन कहा क यह छोटा सा िभ ापा उसन अपन म य को कहा वण अश फय स

भर दो यह घटना हो गई थी राजा वण अश फया डालता चला गया था िभ ापा कछ ऐसा था क भरता ह नह था सारा गाव ार पर इक ठा हो गया था दखन कसी क समझ म कछ भी न पड़ता था क या हो गया ह

राजा का खजाना चक गया साझ हो गई सरज ढलन लगा ल कन िभ ा का पा खाली था तब तो राजा भी

घबड़ाया िगर पड़ा पर पर उस िभ क और बोला या ह इस पा म रह य या ह जाद भरता य

नह उस िभखार न कहा कोई जाद नह ह कोई रह य नह ह बड़ सीधी सी बात ह एक मरघट स िनकलता

था एक आदमी क खोपड़ िमल गई उसस ह मन िभ ापा को बना िलया और आदमी क खोपड़ कभी भी

कसी चीज स भरती नह ह इसिलए यह भी नह भरता ह आदमी खाली हाथ जाता ह इसिलए नह क खाली हाथ जाना ज र ह ब क आदमी क खोपड़ म कह कछ

भल ह इसिलए नह क खाली हाथ जाना जीवन स कोई िनयम ह कोई अिनवायता ह नह जीवन स भर हाथ भी जाया जा सकता ह और कछ लोग गए ह और जो भी जाना चाह वह भर हाथ भी जा सकता ह ल कन

आदमी क खोपड़ म कछ भल ह और इसिलए भरत ह बहत भर नह पाता हाथ खाली रह जाता ह कौन सी भल ह कौन सा सी ट ह कौन सा रह य ह मन य क मन क साथ क वह भर नह पाता कौन

सा जाद ह और यह मत सोचना क कसी राजमहल क ार पर ह कोई िभ खड़ा था और उसका पा नह

भर पाया था हम सबक ार पर िभ खड़ ह और पा नह भर पा रह ह हम सभी िभ ह हमार पा भी नह भर पा रह ह यहा हम इतन लोग इक ठ ह आधा जीवन तो कर ब-कर ब हमम स सभी का बीत चका ह कसी का आध स

यादा भी बीत चका होगा कसी का अभी आध स कम भी बीता होगा ल कन या हमार पा थोड़-बहत भर

पाए ह और अगर आधा जीवन बीत जान पर बलकल नह भर ह तो शष आध जीवन म फर कस भर

जाएग पा खाली ह पा खाली रहग य क आदमी क मन क साथ कछ गड़बड़ ह या गड़बड़ ह उसी सबध म थोड़ सी बात आज स या म आपस कहगा मन य क मन क साथ या भल ह या उलझाव कौन सी पहली ह जो सलझ नह पाती और इस पहली

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 121

को बना सलझाए जो जदगी म भाग-दौड़ करन म लग जाता ह वह तो बलकल पागल ह जसन अपन मन

क सम या को इस उलझाव को इस रह य को नह समझ िलया ह ठ क स उसक जीवन क सार दौड़ यथ

ह िनरथक ह वह तो बना सम या को समझ और समाधान करन को िनकल पड़ा ह और जसन सम या ह

न समझी हो या वह समाधान कर सकगा ित बत म एक िश क क बाबत बड़ िस ह बाद म वह फक र हो गया जब वह िश क था व व ालय

म तीस वष तक िश क रहा ग णत का िश क था हर वष जब नय व ाथ आत और उसक क ा श

होती तो तीस वष स िनरतर एक ह सवाल स उसन क ा को श कया था एक ह ग णत एक ह वह

जस ह पहल दन वष क पहल दन क ा म जाता और नय व ािथय का वागत करता त त पर जाकर दो

अक िलख दता--चार और दो--और लोग स पछता या हल ह इसका कोई लड़का िच लाता छह ल कन

वह िसर हला दता कोई लड़का िच लाता दो ल कन वह िसर हला दता और तब सार लड़क िच लात--

य क अब तो एक ह और सभावना रह गई थी जोड़ िलया गया घटा िलया गया अब गणा करना और रह

गया था--तो सार लड़क िच लात आठ ल कन वह फर िसर हला दता और तीन ह उ र हो सकत थ चौथा कोई उ र न था तो लड़क चप रह जात और तब वह िश क उनस कहता तमन सबस बड़ भल यह क क तमन मझस यह नह पछा क या ह और तम उ र दना श कर दए मन चार िलखा और दो िलखा यह तो ठ क ल कन मन कहा बोला

था और तम उ र दना श कर दए और वह िश क कहता क म अपन अनभव स कहता ह ग णत म ह

यह भल नह होती जदगी म भी अिधक लोग यह भल करत ह जदगी क को नह समझ पात और उ र दना श कर दत ह जदगी क सम या जदगी का ॉ लम या ह कस बात का उ र खोज रह ह कौन सी पहली को हल

करन िनकल पड़ ह इसक पहल क कोई पहली को हल कर पाए उस ठ क स जान लना होगा-- या ह जदगी क सम या या ह मन य क सम या उसका मन ह और मन क सम या कतना ह उस भरो न भरना ह मन भर नह पाता

ह या ह इसक पीछ कौन सा ग णत ह जो हम नह समझ पात और जीवन भर रोत ह और परशान होत ह कौन सी कजी ह जो इस जीवन क सम या को सलझाएगी और हल कर दगी बना इस समझ चाह हम

म दर म ाथनाए कर चाह म जद म नमाज पढ़ चाह आकाश क तरफ हाथ उठा कर परमा मा स

आराधना कर कछ भी न होगा कछ भी न होगा य क जो आदमी अभी अपन मन को ह सलझान म समथ

नह हो सका उसक ाथना का कोई भी म य नह हो सकता ह और जो मन य अभी अपन भीतर ह प

नह हो सका ह जीवन क सम या क ित वह जन म दर म जाएगा उसक साथ ह और भी उप व वहा

पहच जाएग म दर स वह तो शात होकर नह लौटगा ल कन म दर क शाित को ज र ख डत कर आएगा

भीतर जो उलझा हआ ह वह जो भी करगा कन य ड माइड जो भी करगा उसस जीवन म और कन यजन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 122

और परशानी और उलझाव बढ़ता ह हम एक पागल आदमी स सलाह लन नह जात य क पागल जो भी सलाह दगा वह और भी उप व क हो जाएगी पागल जो सलझाव उप थत करगा वह और भी पागलपन का हो जाएगा एक राजा का एक म ी पागल हो गया था और अ सर म ी पागल हो जात ह सच तो यह ह क जो पागल नह

होत व कभी म ी ह नह होत राजा का म ी पागल हो गया था राजा सोया हआ था उस म ी न जाकर सोए

हए राजा को चम िलया राजा घबड़ा कर उठा और उसन कहा क यह तम या करत हो इसक सजा िसवाय

मौत क और कछ भी नह हो सकती मझ चमन का तमन साहस कया उस म ी न कहा माफ कर म तो समझा क महारानी सो रह ह यह उ ह न उ र दया था राजा हरान हो गया वह बोला क िन त ह त हारा दमाग खराब हो गया ह

य क तमन जो अपराध कया ह और उस अपराध स बचन क िलए तम जो दलील द रह हो वह और भी बड़ा अपराध ह कर ब-कर ब ऐस ह जीवन क सम या को सलझान क िलए हम जो करत ह वह और भी बड़ सम या खड़ कर

दता ह हमार मन उलझ हए ह उलझ हए मन को लकर हम या हल कर पाएग ल कन हम बड़ अजीब लोग

ह इस उलझ हए मन को लकर गीता पढ़त ह गीता पर ट का भी करत ह करान पढ़त ह करान पर भा य

िलखत ह उपिनषद पढ़त ह हम जब गीता और उपिनषद पढ़त ह तब जो हम जान पात ह वह गीता और

उपिनषद नह ह हमार उलझ मन गीता को भी उलझा लत ह उपिनषद को भी उलझा लत ह और तब हमारा

उलझाव बढ़ता ह चला जाता ह और फलता ह चला जाता ह उसम कोई ओर-छोर िमलना क ठन हो जाता ह इसिलए पहली और बिनयाद बात पछनी ज र ह इस मन का ॉ लम या ह इस मन क सम या या ह सबस पहली बात वह यह हमार भीतर जो यह आका ा और दौड़ होती ह क हम भर ल अपन को फल फलमट क पणता क पा लन क कछ हो जान क यह दौड़ इसिलए पदा होती ह क हम अहसास

होता ह क भीतर हम खाली ह भीतर अभाव ह भीतर ए ट नस ह भीतर कछ भी नह ह भीतर मालम होता

ह ना-कछ भीतर मालम होता ह श य उस श य को भरन क िलए हम दौड़त ह दौड़त ह दौड़त ह ल कन या आपको पता ह क जो श य भीतर ह उस बाहर क कतनी ह साम ी स भरना असभव ह य क

श य ह भीतर और हमार सा ा य ह ग बाहर सा ा य बढ़त चल जाएग श य अपनी जगह बना रहगा

इसीिलए तो िसकदर खाली हाथ मरता ह नह तो िसकदर क हाथ म तो बड़ा सा ा य था बड़ धन-दौलत थी

शायद ह कसी आदमी क पास इतना बड़ा सा ा य रहा हो इतनी धन-दौलत रह हो खाली हाथ य मरता ह

यह आदमी यह खाली हाथ कस बात क सचना ह यह सचना ह क भीतर जो खालीपन ह वह नह भरा जा

सका बाहर सब इक ठा हो गया ल कन नह भीतर कछ भी नह पहच सका कौन सी चीज भीतर पहच सकती ह बाहर क कोई भी चीज भीतर नह पहच सकती बाहर क िम बाहर ह बाहर क सपदा बाहर ह बाहर का

धन बाहर क यश- ित ा सब बाहर ह और भीतर ह म मर अित र मर भीतर कोई भी नह मरा होना ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 123

मरा भीतर ह मरा बीइग ह मरा मरा आत रक श य ह मर आत रक र ता ह भीतर म ह खाली बाहर म

दौड़ता ह क भ भ बहत इक ठा कर लत ह दौड़ कर ल कन जब आख उठा कर दखत ह तो पात ह--भीतर

तो सब खाली ह दौड़ तो यथ गई दौड़ इसिलए यथ गई क जस दशा म श यता थी उसक वपर त दशा म हमन म कया दौड़ इसिलए

खाली गई क जहा ग ढा था वहा तो हमन नह भरा हमन ढर कह और लगाए ग ढा ग ढा बना रहा ढर

बड़-बड़ हो गए ल कन ग ढा नह िमटा भीतर ह ग ढा भीतर एक खाई-खदक ह भीतर दख एकदम खाली ह कछ भी तो नह वहा न वहा आपका

मकान ह न आपका धन न आपक दौलत हो सकता ह क बाहर एक क पास बड़ा मकान हो और दसर क

पास कछ भी न हो सड़क पर खड़ा हो ल कन भीतर भीतर दोन एक समान खाली ह भीतर कोई फक नह

ह िभखार और स ाट म भीतर का खालीपन बराबर एक सा ह भीतर हम सब िभखमग ह एक मसलमान फक र था फर द वह अकबर स िमलन गया उसक िम न फर द स कहा था अकबर स

करना ाथना क हमार गाव म एक कल बना द अकबर फर द को बहत मानता था आदर दता था फर द न

सोचा जाऊ वह गया सबह-सबह ज द गया अकबर नमाज पढ़ता था फर द पीछ खड़ा हो गया अकबर न

नमाज पढ़ नमाज पर क और हाथ जोड़ परमा मा क तरफ और कहा ह परम पता मर रा य को और

बड़ा कर मर धन को और बढ़ा फर द वापस लौट पड़ा अकबर उठा तो दखा फर द म जद क सी ढ़या उतर रहा ह अकबर दौड़ा और रोका क

कस आए और कस चल फर द न कहा म सोचता था एक स ाट क पास जा रहा ह यहा मन दखा यहा भी एक िभखार ह मन भल स

त हार नमाज का आ खर ह सा सन िलया तमन भी मागा और रा य और धन तम भी मागत हो म लौट

पड़ा क जो अभी खद ह माग रहा ह उसस हमारा मागना ठ क नह अिश ह और फर मन सोचा तम जसस

मागत हो अगर मागना ह होगा तो हम भी उसी स माग लग तमको बीच म य ल ल कन फर द न अपन गाव म जाकर कहा िम ो म सोचता था अकबर स ाट ह और म िभखार ह मन

जाकर जब झाक कर दखा तो मन पाया अकबर भी िभखार ह तो म उसस नह कह सका क कल बनवा दो गाव म एक वह तो खद ह अभी माग रहा ह उसका मागना ख म हो जाए तो फर हम उसस कछ कह ल कन मागना या कभी कसी का ख म होता ह मरत दम तक आ खर ण तक आदमी माग चला जाता

ह य भीतर का खालीपन नह भरता आ खर ण भी हम सोचत ह क शायद कछ िमल जाए और हम भर

जाए और हम लग क हम कछ हो गए और हमन कछ पा िलया नह ल कन यह नह हो पाता यह नह हो

सकता ह यह इपािस बिलट ह इसक होन का कोई उपाय नह ह इसिलए नह ह उपाय क भीतर ह श य बाहर ह साम ी फर हम या कर इस भीतर क श य को कस

भर कस हम अहसास हो जाए क अब मर कोई माग नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 124

उसी दन आदमी जीवन म कह पहचता ह जस दन उसक कोई माग नह रह जाती जस दन उसका िभखार मर जाता ह धम यक मन य को ऐसी जगह ल जाना चाहता ह जहा वह स ाट हो जाए दखता तो

ऐसा ह क ससार म स ाट होत ह ल कन जो जानत ह व कहग ससार म कभी कोई स ाट नह हआ सभी िभखार ह यह दसर बात ह क कछ िभखार छोट ह कछ िभखार बड़ ह यह दसर बात ह क क ह का

िभ ापा छोटा ह क ह का बड़ा ह यह दसर बात ह क कछ रोट मागत ह कोई रा य मागता ह ल कन

मागन क सबध म कोई िभ नता नह िभखमगपन म कोई भद नह धम तो समझता ह क कवल व ह लोग स ाट हो सकत ह जो भीतर एक आत रक सपणता को उपल ध होत ह

उनक सार माग िमट जाती ह उनक दौड़ उनक िभ ा का पा टट जाता ह ब बारह वष क बाद अपन गाव वापस लौट थ उनक हाथ म िभ ापा था िभखार क व थ उनक पता

उ ह लन गाव क बाहर आए तो पता न अपन लड़क को कहा मझ दख कर दख होता ह राज-प रवार म पदा

होकर त य हमार नाम को कलक लगाता ह और िभ ा का पा अपन हाथ म िलए हए ह या कमी ह हमार

पास जो त िभ ा का पा लकर घम रहा ह ब हस और उ ह न अपन पता स या कहा उ ह न कहा मा कर ल कन मर दख िभखार आप ह म

तो स ाट हो गया ह मर तो सार माग समा हो गई मन तो मागना बद कर दया म तो कछ भी नह

मागता ह आपक माग अभी जार ह आप अभी माग ह चल जा रह ह फर भी अपन को स ाट कहत ह ल कन हम यह दखाई नह पड़ता हम यह खयाल म नह आता क हम माग चल जा रह ह माग चल जा रह

ह या माग रह ह हम हम सार लोग ह एक बात माग रह ह क कसी भाित हमार भीतर का यह खालीपन िमट जाए यह श यता

िमट जाए हम भर-पर हो जाए हमार जीवन म कछ आ जाए जो हमार भीतर क अभाव को जो निथगनस

मालम होती ह भीतर उसको परा कर द हम कसी भाित पण हो जाए ल कन यह नह होगा तब तक जब तक हम बाहर दौड़ चल जात ह बाहर क दौड़ का म वह इ यजन क

बाहर स हम अपन को भर लग टट जाना ज र ह तोड़न क िलए कोई बहत म करन क बात भी नह ह कवल आख खोलन क बात ह थोड़ा जीवन को आख खोल कर दखन क बात ह चार तरफ आख खोल कर

दखन क बात ह िसकदर क खाली हाथ आख खोल कर दखन क बात ह सब क खाली हाथ आख खोल कर

दखन क बात ह जीवन म चार तरफ दखन क बात ह क लोग या कर रह ह और या पा रह ह या िमल

रहा ह या ह उनक उपल ध या ह जीवन भर का िन कष कहा व पहच गए ह कह पहच गए ह

या को ह क बल क तरह च कर काट रह ह िसफ लगता ह क चल रह ह या क कह पहच भी रह ह पछ

लोग स दख लोग को समझ लोग को झाक लोग क भीतर--कौन कहा पहच रहा ह और अपन भीतर

भी--म कहा पहच रहा ह जो मन य इतना भी नह पछता और चला जाता ह बहा जाता ह वह तो मन य होन का अिधकार भी खो दता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 125

ह फर उसक जीवन म अगर उलझन बढ़ती चली जाए तो कौन ह ज मवार कौन ह र पािसबल कसका

उ रदािय व ह िसवाय वय क और तो कसी का भी नह हम जीवन को कभी खोज क िलए जीवन को पछन क िलए खड़ भी नह होत आख खोल कर दखत भी नह

क यह या हो रहा ह जन ग ढ म हम दसर लोग को िगरत दखत ह हम खद उ ह ग ढ क तरफ बढ़

जात ह जन रा त पर हम दसर लोग को जीवन को िमटात दखत ह उ ह रा त पर हम भी दौड़ चल जात

ह दखत ह चार तरफ फर भी आख शायद हम खोल कर नह दखत अ यथा यह कस हो सकता था क व ह

भल हजार वष स जो मन य कर रहा ह हर पीढ़ उ ह भल को कए चली जाए दस हजार वष का इितहास या ह दस-पाच भल को बार-बार दोहराए जान क िसवाय और या ह हर पीढ़

कोई नई भल कर तो भी ठ क ह तो भी समझ म आए क कोई नई भल हो रह ह दिनया म वकास हो रहा ह

हर पीढ़ वह भल करती ह वह रपीट शन रपीट शन जो मर पता भल करत ह जो उनक पता करत

ह जो उनक पता वह म करता ह वह मर ब च करग वह उनक ब च करग मन य-जाित कसी को ह

क च कर म पड़ गई ह कर ब-कर ब एक सी भल हर पीढ़ दोहरा दती ह और ख म हो जाती ह नई भल ह तो भी वागत कया जा सकता ह उनका ल कन परानी भल अगर बार-बार होती ह तो एक ह

बात पता चलती ह क शायद मन य आख खोल कर भी दखता नह और चल पड़ता ह शायद हम सोए-सोए चल

रह ह शायद हम नीद म ह शायद हम जाग हए नह ह कोई गहर िन ा हम पकड़ हए ह अ यथा यह कस

हो सकता था यह कस सभव था क दस हजार वष तक मन य िनरतर कछ बिनयाद भल को बार-बार

दोहराता चला जाए दस हजार साल क मह वाका ा क मखता आज भी हम दखाई नह पड़ती एबीशन का

पागलपन आज भी दखाई नह पड़ता दस हजार वष क हसा य उनक नासमझी हम आज भी दखाई

नह पड़ती हम नय-नय नाम लकर फर भी लड़ जात ह नाम बदल लत ह लड़ाई जार रखत ह पाच हजार साल म प ह हजार य लड़ ह आदमी न प ह हजार य कवल पाच हजार साल म तीन य ित

वष या तो आदमी पागल ह या यह या ह और हर य को लड़न वाल न यह समझा ह क हम शाित क िलए

लड़ रह ह प ह हजार य और हर य का लड़न वाला यह समझता ह क हम शाित क िलए लड़ रह ह और

आज भी जो य हम लड़त ह उसम भी हम कहत ह शाित क िलए इस य को लड़ रह ह प ह हजार य लड़

जा चक शाित क िलए शाित नह आई एक और य लड़न स शाित आ जाएगी प ह हजार य क मखता

दखाई नह पड़ती जरा भी दखाई नह पड़ती हर नया य ऐसा मालम पड़ता ह और ह तरह का य ह परान लोग न क होगी

गलती हम जो य लड़ रह ह यह बात ह और ह इसस तो शाित क र ा हो जाएगी यह वहम उनको भी था अगर यह वहम उनको न होता तो व भी न लड़ होत और जब तक हम भी यह वहम ह

तब तक हम भी लड़ जाएग लड़ाई बद नह हो सकती ह ल कन वहम नह टटता प ह हजार य लड़न क

बाद भी हम दखाई नह पड़ती य क मखता नासमझी और भी सब मामल म यह ह सब मामल म यह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 126

हम स पहल अरब-अरब लोग जमीन पर रह ह उन सबन या कया था वह हम कर रह ह कन चीज क

िलए व जीए और मर वह हम कर रह ह वाग स नाम का एक चीनी फक र एक मरघट स िनकलता था वह मरघट कोई साधारण मरघट नह था उस

राजधानी म दो मरघट थ छोट लोग का मरघट और बड़ लोग का मरघट आदमी जदा म तो छोट और बड़

होत ह ह मरन क बाद भी फासला रखत ह बड़ आदिमय का मरघट अलग होता ह िम ट म िमल जात ह ल कन बड़ होन का खयाल नह िमटता क अलग बनवात ह िचता अलग जलवात ह वह मरघट बड़ लोग का मरघट था वाग स वहा स िनकलता था तो उसक पर म एक खोपड़ क चोट लग गई उसन उस खोपड़ को उठा िलया

और अपन िम स कहा बड़ भल हो गई कसी बड़ आदमी क िसर म मरा पर लग गया उसक िम हस और उ ह न कहा एक मद को पर लग भी गया तो या हजा ह वाग स न कहा हसो मत य क यह आदमी कसी दन जदा रहा होगा और कसी दन इसक िसर म पर

लगाना तो दर इसक िसर क तरफ अगली उठाना भी खतरनाक हो सकता था सयोग क बात ह क बचारा मर

गया इसक बस म न था नह तो यह मरता भी नह ल कन फर भी मझ तो मा मागनी ह चा हए भल हो गई वह उस खोपड़ को घर उठा लाया उस खोपड़ को सदा अपन पास रखता था लोग उसस पछत यह या कए

हए ह तो वह कहता म इसस रोज मा माग लता ह जदा आदमी होता तो एक ह बार मा करन स मा मागन स मा भी िमल जाती अब यह मदा ह यह बोलता भी नह उ र दता भी नह म बड़ अड़चन

म पड़ गया ह जदा आदमी हो तो मा भी िमल सकती ह मदा आदमी स मा िमलना भी क ठन ह

इसीिलए तो जो मदा होत ह व कभी कसी को मा नह करत जदा आदमी तो मा भी कर सकता ह तो उस वाग स न कहा बड़ म कल ह य ह मदा मझस हो गई ह भल िसर म लग गई ह इसक चोट नाराज तो ज र हो रहा होगा य क जो आदमी जदा ह वह तो नाराज भी नह होता ह मद बहत नाराज होत

ह बहत ग स म आ जात ह इसस मागता ह मा पता नह इस तक पहचती ह क नह पहचती इसिलए

रोज माग लता ह फर एक बात और ह इस साथ रखन स मझ एक फायदा हआ मझ अपनी खोपड़ क बाबत

जो इ यजन था जो म था वह टट गया अब मर िसर म कोई लात भी मार द तो भी म हसगा य क म

जानता ह क यह िसर आज नह कल लात क नीच आ जान को ह तो जो आज नह कल लात क नीच आ जान

को ह उसक िलए परशान होना कहा क समझदार हो सकती ह वाग स न कहा इस खोपड़ को दखत-दखत मझ अपनी खोपड़ क बाबत भी बड़ स चाइय का पता चल

गया म इसक बाबत नाहक म म था म इसको सदा ऊचा और ऊपर रखन क कोिशश करता था फर मझ

पता चला यह तो नीच िगरन को ह तो मन मझ एक बात दखाई पड़ गई यह बात हम म स कतन को दखाई पड़ती ह और अगर नह दखाई पड़ती तो हम अगर सोए हए या अध

क तरह चल रह ह यह कहन म कौन सी गलती ह यह हम कछ भी दखाई नह पड़ता ह और इसीिलए हम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 127

यह भी नह दखाई पड़ता क बाहर क दौड़ हमशा यथ रह ह हम भी उसी दौड़ म दौड़ चल जात ह हम असल

म कछ भी दखाई नह पड़ता दखाई पड़न स हमारा कोई सबध ह नह रहा हम जीवन क कसी भी कसी

भी तल पर आख खोल कर दखन म असमथ स हो गए ह हम दखत ह नह या हो सकता ह हम दखना न

चाहत ह एक फक र था इ ा हम एक गाव क बाहर रहता था अनक राहगीर उस रा त स गजरत चौराहा था वह दसर रा त भी उस जगह आकर िमलत और फटत थ तो राहगीर उसस पछ लत क पास क जो ब ती ह उसका

रा ता कहा ह रोज झगड़ा हो जाता रोज म कल हो जाती वह फक र बड़ा गड़बड़ रहा होगा एक दन तो बहत झझट हो गई एक आदमी न उसक िसर पर लकड़ भी मार द उस आदमी न पछा था क ब ती का रा ता

कहा ह उसन कहा परब क तरफ चल जाओ दो-तीन मील क बाद ब ती आ जाएगी और भल कर भी

प म क तरफ मत जाना वहा ब ती नह ह वह आदमी परब क तरफ गया तीन मील क बाद मरघट आ गया तो उस बड़ा ग सा आया क यह आदमी बड़ा पागल ह लौट कर आया तो पता चला क ब ती तो प म क तरफ ह तो वह इ ा हम क पास गया और

कहा त हारा दमाग खराब ह मरघट को ब ती बतात हो और मझस कहा क ब ती वहा ह नह प म क

तरफ जहा क ब ती ह उस इ ा हम न कहा क मर भाई बहत दन स म यहा रहता ह मरघट म जो लोग बस गए ह उनको मन कभी

वहा स हटत नह दखा इसिलए उसको ब ती कहता ह और यहा जो लोग बसत ह व तो रोज हट जात ह रोज

गजर जात ह तो यहा तो म दखता ह मरन वाल क भीड़ लगी ह आज मरगा कोई कल मरगा कोई परस

मरगा कोई उस ब ती कस कह वहा तो रोज कोई वदा होता ह वहा कोई बसता तो ह ह नह ल कन उस

मरघट म जो भी बसा ह वहा जो बस गया बस गया वहा स कभी जाता हआ दखाई नह पड़ता ल कन कौन समझगा उसको उस आदमी न तो मारा इ ा हम को और कहा क तम पागल हो तम यहा स

अपना थान हटा लो य क तम मझको ह नह गमराह कए तमन और न मालम कतन लोग को गमराह

करक मरघट भजा होगा ल कन म आपस कहता ह इ ा हम को दखाई पड़ता था और सच बात तो यह ह क जन लोग को भी दखाई

पड़ता ह व ह हम ऐस मालम पड़त ह क जस गमराह कर रह ह अध क भीड़ ह उसम एकाध आदमी को

कभी दखाई पड़ता ह तो अध उस पर टट पड़त ह मार डालत ह-- क इसको ख म करो यह आदमी कछ हमार

बीच का नह ह कछ गड़बड़ ह मालम होता ह इसक आख खराब हो गई ह इसिलए सकरात को जहर पला

दत ह ाइ ट को फासी लगा दत ह गाधी को गोली मार दत ह अध क बीच आख होना बड़ खतरनाक बात ह जदा रहना बड़ा म कल ह पागल क बीच व थ होन स

यादा खतरा और दभा य कोई भी नह हो सकता य क पागल बचन हो जात ह य हो जात ह बचन बचन हो जात ह इसिलए क जब भी कोई आख वाला आदमी गर आख वाल क ब ती म पदा हो जाए तो उसक आख हमार िलए अपमान बन जाती ह हमार िलए पीड़ादायी हो जाती ह उसक आख क होन स हमको

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 128

इस बात का अहसास होना श हो जाता ह क हम अध ह और कोई भी अपन को अधा नह दखना चाहता इसिलए उस खतम कर दन क िलए हम एकदम उ सक और पागल हो जात ह उसको खतम करक हम िन त

हो जात ह फर हम फकर िमट जाती ह फर बाक सब अध होत ह जनक साथी हम होत ह उनस हम

कोई बचनी नह होती बाक अध हमार ऊपर टिस म नह ह हमार आलोचना नह ह हमारा अपमान

नह ह ल कन आख वाला आदमी हमार आलोचना ह उसका होना हमार िलए अपमान ह ल कन हम सब जब तक आख बद कए चलत रहग तब तक यह सभव नह ह क जो यथ ह जीवन म वह छट

जाए और जो साथक ह उसक दशा म हमार कदम बढ़ सक सबस बड़ क य बात तो यह ह क जो आदमी

आख खोल कर नह दखगा वह मरत व पाएगा हाथ खाली ह आख खोल कर दखना ज र ह जदगी को शा को नह शा को दखन म कोई क ठनाई नह ह आख बद करक शा पढ़ जा सकत ह ल कन जदगी

आख खोल बना नह दखी जा सकती शा आख बद कए पढ़ जा सकत ह अगर यह बात सच न होती तो शा पढ़न वाल लोग स य को उपल ध हो गए होत ल कन शा पढ़न वाल लोग तो स य स बहत दर मालम

पड़त ह आख बद कए शा पढ़न म कोई क ठनाई नह ह जस अध भी कताब पढ़ लत ह उनक अपनी प ित होती ह पढ़न क ऐस ह आख बद कए गीता और करान पढ़ जा सकत ह कोई क ठनाई नह ह नह तो

हद और मसलमान लड़त मौलवी और प डत लड़त अगर आख खोल कर शा पढ़ होत तो लड़ाई हो

सकती थी ल कन आख खोलन क कोई शत नह ह शा पढ़न म आख बद कए मज स पढ़ जा सकत ह ल कन जदगी को जस दखना हो उस तो आख खोलनी पड़गी जदगी आख बद कए नह दखी जा सकती

जदगी चार तरफ मौजद ह जदगी क भल-चक चार तरफ मौजद ह रा त पर हजार लोग चल रह ह उनक

पर डगमगा रह ह व िगर रह ह रोज कोई िगर जाता ह रोज हमार चार तरफ कोई िमट जाता ह उसक हाथ

खाली होत ह ल कन फर भी हम आख खोल कर नह दखत हम अपनी दौड़ म इतन य त ह क आख खोलन

क फसत नह ह एक बात तो जाननी ज र ह थोड़ा ठहर कर जदगी को दखना आव यक ह चौबीस घट म कभी थोड़ दर को

ठहर कर जदगी को दख जस रा त पर आप रहत ह कभी आधा घटा उस रा त क कनार बठ कर भागत हए

लोग को दखा ह नह दखा होगा कसको फसत ह अगर रा त क कनार भी आधा घटा बठ कर भागत

लोग को दखा होता तो बहत घबड़ाहट होती क य लोग पागल ह या कहा भाग जा रह ह य या कर रह

ह कभी गौर स अपनी प ी का चहरा भी दखा ह कभी गौर स अपन पित को दखा ह कभी शाित स प ह

िमनट मौन स अपन ब च को दखा ह नह कसी को फसत नह ह जदगी या दखग आप परमा मा क दशन या करग बहत दर क बात

ह आसपास जो हमार चार तरफ मौजद ह उनक तरफ भी हमार आख खली हई नह ह आपक ार पर जो

व लगा ह कभी दो ण उस दखा ह कसको फसत ह आकाश म इतन तार िनकलत ह रोज रात कभी

आधा घड़ मौन स उनक तरफ िनहारा ह कसको फसत ह कसको समय ह दौड़ ह तज और कन का

कसी क पास कोई समय नह ह और दौड़ कहा ल जाती ह बड़ तजी स दौड़ कर मौत म पहच जात ह और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 129

कन का कसी क पास समय नह ह तो म िनवदन क गा अगर जीवन म कह पहचना हो तो थोड़ दर कना भी सीखना चा हए व ह थोड़ स लोग

जो कन म समथ हो पात ह दखन म समथ हो पात ह दखन क पहली शत ह-- कना थोड़ दर क कर दख

तो चार तरफ दख-- या हो रहा ह अगर चार तरफ आप गौर स दखग तो उ ह भल को आप नह कर पाएग जो आपक चार तरफ हो रह ह एक छोट सी कहानी कह उसस मर बात समझ म आ जाए एक यवक एक रात अपन िम क घर एक राजधानी म आकर ठहरा िचितत था रात करवट बदलता था नीद

नह आती थी उसक िम न पछा या बात ह परान दन क बात ह आज क बात नह नह तो कतनी ह करवट बदिलए कोई िम न पछगा क या

बात ह यह तो बहत परानी कहानी ह उस व िम पछत थ कसी को करवट बदलत दखत थ तो पछत थ-

- या बात ह अब तो कोई िम नह पछता आप करवट बदिलए तो वह और गहर नीद म सो जाता ह

ल कन परानी कहानी ह इसिलए मन उसको बदला नह वस ह रहन दया वह करवट बदलता था तो उसक िम न पछा या बात ह नीद नह आती कोई पीड़ा कोई बचनी उस यवक न कहा बहत मन म बचनी ह जस ग कल म म पढ़ता था दस वष वहा रहा ग न ह भोजन

दया ग न ह कपड़ा दया ग न ह ान दया सब कछ िलया उनस और मर पास एक कौड़ भी न थी क

उनको भट कर सकता जब अत म वदा हआ सार मर िम न कछ न कछ भट दया म कछ भी भट नह द

पाया आज वह स लौटा ह ग कल स मर आख म आस ह और मर दय म बड़ वदना ह क म ग को कछ

भी भट नह कर पाया ह उसक िम न पछा या तम भट करना चाहत हो यादा नह उसन कहा पाच वण अश फया िमल जाए तो बहत ह

उसक िम न कहा िचता मत करो इस गाव का जो राजा ह उसका िनयम ह उसका त ह क पहला याचक

उसस जो भी माग ल वह भट कर दता ह तो तम कल ज द जाना सबह राजा स माग लना पाच अश फया िमल जानी क ठन नह ह वह यवक रात भर न सो सका जसको सबह पाच अश फया िमलनी ह वह कभी रात भर सो सकता ह वह भी नह सो सका सबह बहत ज द अधर म ह भागा हआ राजमहल पहच गया राजा िनकला तो उसन कहा क म

पहला याचक ह मर माग ह थोड़ सी पर कर दग राजा न कहा वागत ह त हारा और तम आज क ह पहल याचक नह मर जीवन क ह पहल याचक हो

यह हमारा रा य बड़ा सम ह कोई मागन नह आता इसीिलए तो म भी ह मत कर सका क कोई जो भी

मागगा उसको द दगा नह तो म भी कस ह मत कर सकता था ल कन आज तक कोई मागन आया नह तम पहल ह याचक हो आज क ह नह पर जीवन क तम जो भी मागोग म दगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 130

राजा न कहा जो भी मागोग म दगा यवक क भीतर पाच अश फया िमट ग खयाल उस भल गया उसन

सोचा जो भी मागोग दगा तो म पागल ह जो म पाच माग पचास य न माग या पाच सौ या पचास हजार

या पाच लाख स या बड़ होती गई राजा सामन खड़ा था भीतर स या बड़ होती जाती थी यवक तय न

कर पाता था कतन माग य क राजा कहता ह जो भी मागोग वह भल गया यह क पाच अश फया मागन

आया था ज रत मर पाच क थी ज रत खतम हो गई अब ज रत कोई भी न थी अब तो स या का सवाल था राजा न कहा तम िचितत मालम पड़त हो वचार नह कर पात तम सोच लो ठ क स म घम कर आया बिगया म एक च कर लगा आऊ यवक न कहा ठ क ह बड़ कपा ह आप च कर लगा आए म थोड़ा वचार कर ल वचार या करना था स याओ पर स याए बढ़ती चली ग आ खर स या का अत आ गया जतनी स याए उस मालम थी आज उसक दय म बड़ा दख और बड़ पीड़ा िघर गई उसक ग न बहत कहा क और

ग णत सीखो ल कन ग णत म वह कमजोर रहा सोचता था ग णत का फायदा या ह आ खर इतना सीखन

का आज पता चला क फायदा था आज स या अटक गई एक जगह जाकर उसक बाहर उसक ऊपर कोई स या उस मालम नह इतना ह माग कर लौट जाना पड़गा पता नह राजा क पास पीछ और कतना बच

जाए एक मौका िमला था वह खोया जा रहा ह िमलन क खशी न रह जो छटता था उसका दख पकड़

िलया सभी क साथ ऐसा होता ह उसक साथ भी ऐसा ह हआ राजा लौट कर आ गया उसन पछा क मालम होता ह

िन त तमन सोच िलया तब यवक न अितम छलाग ली उस एकदम अत िमली स याए तो ख म हो गई थी उसन सोचा स याओ क बात ह बद क राजा क पास जो कछ ह सब माग ल राजा स कह द क दो व त हार िलए

काफ ह पहन हो बाहर िनकल जाओ अब भीतर जान क कोई भी ज रत नह जस म दो व पहन कर

आया ऐस ह आप भी वदा हो जाए सब मरा हआ स या म भल-चक हो सकती थी इसिलए सब माग लना उिचत था जो भी ग णत म ठ क-ठ क समझता ह वह भी यह करता सोचा था राजा घबड़ा जाएगा बात ल कन उलट हो

गई कई बार नाव पर लोग सवार होत ह कभी-कभी नाव भी लोग पर सवार हो जाती ह उस दन भी ऐसा ह

हो गया उस यवक न सोचा था राजा घबड़ा जाएगा एकदम स ाट स हो जाएगा दो कौड़ का िभखार कोई भी

घबड़ा जाएगा हो सकता ह मर ह जाए ल कन बात हो गई उलट जस ह उस यवक न कहा क सब मझ द द जो दो कपड़ पहन हए ह कवल य ह लकर बाहर िनकल जाए उस राजा न जोड़ हाथ आकाश क तरफ और

कहा ह परमा मा जसक म ती ा और ाथना करता था तन उस भज दया उस यवक को लगा िलया

गल और कहा दो कपड़ नह दो कपड़ भी नह ल जाऊगा इतना भी दख तझ न दगा क दो कपड़ ल जाऊ व

भी छोड़ दता ह न न ह बाहर िनकल जाता ह यवक तो बहत घबड़ा गया बात या ह उसन पछा बात या ह इतन स न य ह इतन आन दत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 131

य ह राजा न कहा मझस मत पछ महल म रह और दख रा य को स हाल और समझ आ खर मन भी म त म

नह जाना तीस साल इन द वाल क भीतर बताए ह तब जान पाया ह तो त भी रह और वचार अभी त यवा

ह इतनी ज द या ह मझस या पछता ह और दिनया म कोई कसी स पछ कर कभी समझा ह कोई

भी नह समझ पाता त क त क और ठहर और म जाता ह य कपड़ भी स हाल वह यवक बोला ठहर एक ण ठहर म अनभवी नह ह एक मौका मझ सोचन का और द राजा न कहा क नह जो सोचता ह वह म कल म पड़ जाता ह इसीिलए तो दिनया म कोई सोचता नह हर

आदमी बना ह सोच चला जाता ह त भी मत सोच सोचन वाल म कल म पड़ जात ह सोचन वाल क

सामन जीवन एक सम या बन जाता ह सोचन वाल क िलए जीवन एक साधना बन जाता ह सोच मत अभी

जदगी पड़ ह खब सोच लना बाद म पहल त भीतर जा म बाहर जाऊ जतना राजा न आ ह कया क त स हाल उतना ह यवक ढ ला होता गया उस यवक क हाथ-पर ढ ल हो

गए उसन कहा माफ कर एक मौका मझ द म नासमझ ह और आप मर पता क उ क ह मझ पर इतनी

कपा कर--एक बिगया का च कर और लगा आए म एक दफा और सोच ल राजा न कहा क दख बिगया का च कर तो म लगा आऊगा ल कन त यहा मझ वापस िमलगा इसम सदह ह और यह हआ राजा च कर लगा कर लौटा वह यवक वहा नह था वह भाग गया था वह पाच अश फया भी

छोड़ गया जो क उस लनी थी य या हो गया उस यवक क पास दखन वाली आख थी वह दख पाया इसको म दखना कहता ह जदगी म ऐसी आख जसक

पास ह वह आदमी धािमक हो सकता ह दखन वाली आख आख तो हम सबक पास ह हम उनस कभी दखन

का काम ह नह लत जदगी भी चार तरफ मौजद ह सब कछ मौजद ह हम आख का काम ह नह लत

आख खोल और थोड़ा दख जदगी म व सार इशार ह जो िनरतर दोहराई गई भल स कसी भी आदमी को जगा

दन म समथ ह कोई शा नह कर सकता जो कोई ग नह कर सकता जो जदगी वह कर सकती ह ल कन खली हई आख चा हए कौन खोलगा यह आख कोई दसरा आपक आख खोल सकता ह नह आख आपक पास ह आज स ह खोल कर दख जदगी को चार तरफ छोट -छोट घटनाओ को दख एक िम अभी आठ दन पहल ह मर पास आए और उ ह न मझस कहा क िनरतर आप कहत ह आख खोल

कर दख आख खोल कर दख या आख खोल कर दख यह एक घटना ह इसम बताइए म या क एक प मर सामन रखा कसी न उ ह िलखा था बहत जहर भर दया था प म जतनी भी गािलया हो

सकती थी द थी जतना भी ोध कट कया जा सकता था कया था जतना भी अपमान कया जा

सकता था कया था व थर-थर काप रह थ ोध स और मझस बोल मरा मन होता ह इस आदमी क साथ जो

भी म कर सक क अब आप या कहत ह आख खोल कर या दख आप कहत ह क ोध हजार वष स

आदमी कर रहा ह आख खोल कर दखना चा हए म या दख

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 132

मन उनस कहा एक प इसक उ र म िलख यह मर सामन व मर सामन बठ गए और उ ह न एक उ र म

प िलखा मन वह प उ ह न जो िलखा था रख िलया और मन कहा सबह वापस आ जाए सबह इस प को पो ट कर दग व सबह आए मन उनस कहा एक दफा इस प को फर पढ़ जाए जो आपन िलखा ह फर हम इस पो ट कर

द उ ह न उस प को पढ़ा और बोल क नह यह थोड़ा यादा कठोर हो गया तो मन कहा दबारा िलख अभी हज या हआ उ ह न दसरा प िलखा पहल प स दसर प म जमीन-आसमान का फक हो गया था मन उनस कहा शाम

फर आ जाए शाम को पो ट कर दग उ ह न कहा अभी नह करग मन कहा अगर आख होती तो तम समझ जात क अगर रात को ह इस पो ट कर दया होता तो या होता ल कन सबह तम बदलन को राजी हो गए हो सकता ह शाम को और बदलन को राजी हो जाओ शाम तक

ती ा करन म कोई हजा नह ह गाली थोड़ दर स दन स कछ बगड़ा नह जाता ह शाम तक क जाओ शाम को व फर आए उ ह न प पढ़ा और कहा क नह अभी भी कठोर ह मन कहा फर स िलख द हज या ह फर प मन उनको द दया और मन कहा इस अब अपन पास रख ल और जस दन आपको लग क अब

इसम प रवतन करन क कोई गजाइश नह उस दन डाल उसक पहल नह आठ दन बाद व मर पास आए और उ ह न कहा प डालन क कोई ज रत ह नह ह जो ोध क ण म गािलया उगली थी वह प भी मौजद था दसर सबह जो प िलखा था वह भी आठ दन

बाद कोई िलखन क ज रत न रह य आठ दन म जतना उ ह न गौर स दखा उतना ह ोध क

यथता दखाई पड़ती चली गई गर जएफ एक फक र था उसक पता न उसस मरत व कहा एक बात खयाल रखना अगर कसी को म

दना हो तो एक ण क भी दर मत करना आदमी बहत कजस ह एक ण भी क जाए तो फर म नह दता

ह और कसी को गाली दना हो तो एक ण क दर ज र कर दना आदमी बहत समझदार ह एक ण क

जाए तो फर कसी को गाली नह दता ह जदगी म दखन का स चा हए चौबीस घट हम कछ कर रह ह-- बना दख कर रह ह-- ोध घणा सब बना

दख कर रह ह लोग को भी नह दख रह ह आख बद ह इस बद आख म फर हम जो भी करत ह उसस जीवन उलझता चला जाता ह तो जीवन क सम या क ित आख खली चा हए इस खली आख को ह हम

दशन कहत ह दशन कताब म नह ह फलासफ क कताब म नह ह दशन ह दखन वाल क मता म

और जो आदमी दखन लगता ह दखन लगता ह ऑ जव करता ह िनर ण करता ह दखता ह--एक बात

दखाई पड़ जाती ह बाहर क दौड़ यथ हो जाती ह ोध क दौड़ यथ हो जाती ह हसा क दौड़ यथ हो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 133

जाती ह फर या बचता ह फर या शष रह जाता ह जब बाहर क सार दौड़ यथ हो जाती ह तो एक

ाित हो जाती ह भीतर भीतर क तरफ गमन श हो जाता ह या आपको यह पता ह-- जदगी म कोई चीज िथर नह ह ठहर हई नह ह अगर बाहर क तरफ सार दौड़ बद

हो जाए तो जीवन अपन आप भीतर क तरफ गित करन लगता ह भीतर क तरफ गित करनी नह होती बाहर क सब ार बद हो जाए तो जीवन भीतर क तरफ गित करन लगता ह अगर हम एक झरना बहता हो उस बद कर द तो झरना दसरा माग खोज लता ह चतना क जो धारा ह जो म ऑफ काशसनस ह वह बाहर क तरफ बह रह ह अगर बाहर क दौड़ यथ मालम हो जाए तो चतना क धारा कहा जाएगी दो ह दशाए ह चतना क िलए तीसर कोई दशा नह या तो बाहर या भीतर अगर बाहर क सार दौड़ मीिनगलस मालम हो दखाई पड़ जाए क यथ ह तो चतना अपन आप अतगमन

करती ह भीतर वश करती ह और चतना का जो अ तगमन ह वह परमा मा म वश ह चतना का जो अतगमन ह वह धम म वश ह चतना का जो

अतगमन ह वह स य म वह जीवन म वश ह और जस दन चतना भीतर पहचती ह उस दन जानत ह

हम-- या ह जीवन या ह स य या ह परमा मा उसी दन साथकता का अनभव और कताथता का अनभव

होता ह उस दन हम जानत ह क भीतर खाली नह ह जस हमन खाली समझा था वह हमार भल थी भीतर

तो सब भरा ह भीतर तो परमा मा ह ल कन बाहर को खोन को जो राजी होत ह व ह कवल भीतर क पणता

को पान म समथ हो पात ह जो बाहर को भरत रहत ह व भीतर को खो दत ह एक छोट सी कहानी और म अपनी चचा पर क गा एक िभ एक दन सबह अपन घर क बाहर आया अपनी झोली कध पर उसन डाल ली थी और अपनी झोली म

घर स चलत व थोड़ स चावल क दान भी डाल िलए थ जो समझदार िभखार होत ह व हमशा ऐसा करत ह जो नासमझ होत ह व खाली झोली लकर दसर क घर क सामन खड़ हो जात ह जो समझदार होत ह व अपनी झोली म कछ दान घर स डाल कर िनकलत ह उसस दो फायद हो जात ह दन वाल को ऐसा लगता ह क म

अकला ह दन वाला नह ह और लोग न भी दया ह और दन वाल क अहकार को चोट पहचती ह क जब

दसर न दया और म न द तो अहकार को ध का लगता ह और फर दन वाल को यह भी सख िमलता ह क म

ह अकला इसक च कर म नह पड़ा ह दसर लोग भी पड़ चक ह म कोई अकला ह इसक च कर म नह पड़

गया ह म कोई अकला ह मढ़ नह बनाया जा रहा ह और लोग भी बनाए जा चक ह इसिलए समझदार

िभखार अपनी थाली म थोड़ पस डाल लत ह थोड़ चावल डाल लत ह यहा जो ऐस िभखार आए ह जो बना ह डाल िनकल जात ह तो उनको डाल कर िनकलना चा हए यहा भी

कछ ज र आए ह ग ज र आए ह ग यह बलकल असभव ह क यहा न आए ह य क िभखार सब तरफ

कछ न कछ खोजन क कोिशश म भटकत ह रहत ह कोई स य क तलाश म कह जाता ह कोई ान क

तलाश म कह जाता ह व सब िभखार ह व सब मागन गए ह--कह कछ िमल जाएगा कह कछ िमलता ह ल कन दौड़ चलती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 134

वह िभखार भी सबह स िनकला जस ह राजपथ पर पहचा सरज उगता था और आता था दर स राजा का

रथ वण स बना र स खिचत सय क करण म चमकता था रथ दसरा सय ह मालम पड़ता था िभखार क आख चकाच ध स भर ग और िभखार न ध यवाद दया अपन भा य को और कहा ध य ह आज

रोज जाता था राजमहल तक ार क िसपाह ह भगा दत थ कभी राजा तक पहच नह पाया आज तो मौका

िमल गया ह माग पर ह राजा िमल गया ह तो आज तो जी भर कर माग लगा हो सकता ह सदा क िलए

मागना ह छट जाए सोचत ह सोचत म समय बीत न पाया और राजा का रथ सामन आ गया उड़ती थी धल िभखार घबड़ाया हआ

खड़ा था राजा को दख कर भल गया िभ ा क पा को उठाना कभी राजा को दखा नह था इसक पहल क

वह अपनी झोली फलाता राजा न अपनी झोली फला द और उस िभखार स कहा आज तो यह सोच कर

िनकला था जो भी पहला य िमल जाएगा उसक सामन िभखार बन जाऊगा राजा बन-बन बड़ पीड़ा म पड़

गया ह अब तो िभखार बन जाना चाहता ह राजा बन-बन बहत पीड़ा झल ली ह अब तो िभखार बन जाना

चाहता ह तो सोचा था आज क जो भी पहला य िमल जाएगा उसी क सामन िभखार बन जाऊगा तम ह

िमल गए मझ कछ दान करो िभखार क मसीबत आप समझ सकत ह पहाड़ िगर गया सोचा था माग लगा बात उलट हो गई यहा कोई

और मागन वाला िमल गया जीवन म कभी कसी को दया न था हमशा िलया था दन क कोई आदत न थी

झोली म हाथ डालता था खाली वापस िनकाल लता था दन क ह मत न पड़ती थी थोड़ स चावल क दान

थ छटत न थ कसस छटत ह दान कतन ह छोट ह थोड़ ह छटत कसस ह उसस भी नह छटत

थ झोली म हाथ डालता वापस िनकाल लता राजा न कहा ज द करो जो भी दना हो द दो न दना हो इनकार कर दो बड़ ह मत क म ठ बाधी एक दाना बाहर िनकाला और राजा क झोली म डाल दया एक दाना साहस क

बात थी ऐस एक दाना भी कौन छोड़ सकता ह और िभखार कस छोड़ सकता ह राजा बठा रथ म चला गया धल उड़ती रह गई िभखार पछताता रह गया जो िमलना था वह तो िमला नह व सपन तो धल-

धस रत हो ह गए और पास का एक दाना चला गया जदगी बड़ गड़बड़ ह मागन िनकलत ह उलटा खोना हो जाता ह खोजन िनकलत ह उलट गवा कर लौट

आत ह उस िभखार क साथ भी यह हो गया सभी िभखा रय क साथ यह होता ह खोजन िनकलत ह पान

िनकलत ह बाद म पात ह क गवा कर लौट आए पास म भी जो था वह भी गया दन भर उसन भीख मागी ल कनबहत िभ ा िमली उस दन सार झोली भर गईल कन झोली भरन स कोई सख न हआ एक दाना

जो खोया था उसक पीड़ा बड़ थी झोली कतनी ह भर जाए कोई फक न पड़गा जो खोया ह उसक पीड़ा न

छटगी रोता सा मन िलए घर लौटा प ी न कहा बड़ उदास हो ल कन झोली तो बहत भर ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 135

उसन कहा और भर हो सकती थी ल कन एक दाना पास का भी चला गया और अजीब था वह राजा हम

िभखा रय स भी भीख मागन को तयार हो गया सच तो यह ह क राजा अगर िभखा रय स भीख न माग तो राजा कस बन िभखा रय को लट कर ह कोई

राजा बनता ह तो उसन भी िभखार स भीख माग ली थी तो कछ बरा न कया था ल कन िभखा रय को यह

कभी समझ म नह आया ह क राजा िभखा रय स माग कर ह राजा बनत ह उसक भी समझ म नह आता

था उसन अपनी प ी स कहा क बड़ म कल म पड़ गया एक राजा िमल गया था सोचा था कछ िमलगा उलटा उसन मझस छ न िलया झोली खोली पर झोली भर थी अ न क दान स पर झोली िगर छाती पीटन लगा वह िभखार बड़ा

म कल हो गया अभी कसी और बात क िलए दखी था अब कसी और बात क िलए दखी हो गया झोली खोल

कर दखा एक दाना सोन का हो गया था तब रोन लगा िच लान लगा क यह तो बड़ भल हो गई काश मन सभी दान द दए होत तो सभी सोन क हो जात जीवन म जो बाहर क दान बटोरता ह भीतर क जदगी िम ट क हो जाती ह जो बाहर क दान छोड़ता ह भीतर क जदगी सोन क हो जाती ह जदगी क आ खर म पता चलता ह क जो इक ठा कया था वह िम ट

का सा बत होता ह जो द दया था वह सोन का हो जाता ह ध य ह व लोग जो बाहर क जीवन को छोड़ पात ह य क भीतर क जीवन को वण का बना हआ पात ह और व लोग जो बाहर क जीवन को पकड़ ह पकड़ रह

जात ह उनक झोली कतनी ह भर जाए उनक दख का कोई अत नह और आ खर म व रोएग इस बात क

िलए क जो हमन पकड़ िलया था वह िम ट का हो गया और जो हमन छोड़ा था वह कवल सोन का ल कन उस िभखार न तो एक दाना छोड़ा था इसिलए सोन का हो गया उन िभखा रय का या होगा ज ह न

एक दाना भी नह छोड़ा ह इसी बात पर अपनी चचा को छोड़ दता ह फर स दोहरा दता ह उस िभखार न तो एक दाना छोड़ा था इसिलए

वह सोन का हो गया ल कन उन िभखा रय का या होगा ज ह न एक भी दाना नह छोड़ा ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अ यत आन दत और अनगह त ह परमा मा कर भीतर का

जीवन कभी सोन का हो जाए ल कन कवल उ ह का भीतर का जीवन सोन का हो सकता ह जो बाहर क

िम ट को छोड़न और बाहर क िम ट को िम ट समझन म समथ हो जात ह सबक भीतर बठ परमा मा को

णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य यारहवा वचन म करना पजा नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 136

एक खलीफा िसकद रया पहचा था और िसकद रया क बहत बड़ वराट प तकालय म उसन आग लगवा द थी उस खलीफा न जाकर उस प तकालय क अ य को कहा था--एक हाथ म करान लकर और एक हाथ म मशाल-

-उसस कहा था क म यह पछन आया ह क करान म जो कछ िलखा ह त हार इस प तकालय म जो कताब

ह या उनम भी वह िलखा ह जो करान म िलखा ह अगर वह िलखा ह तो इतनी कताब क कोई ज रत

नह करान काफ ह करान पया ह और अगर तम यह कहो क इन कताब म ऐसी बात भी िलखी ह जो

करान म नह ह तो म कहगा य कताब खतरनाक ह य क स य सब करान म िलखा ह उसक अित र

जो भी ह वह अस य ह दोन हालत म म करान क कसम लकर और करान को सा ी रख कर इस मशाल स

इस प तकालय म आग लगाता ह और उसन बड़ प व भाव स बड़ धािमक भाव स उस प तकालय म आग लगा द वह प तकालय इतना बड़ा

था क छह मह न तक उन कताब म लगी हई आग नह बझाई जा सक थी उसक हाथ म शा था प तकालय म कताब थी शा हमशा प तक क खलाफ ह शा का मतलब ह--कोई कताब जो पागल हो गई ह या उसक मानन वाल

पागल हो गए ह और यह दावा करन लग ह क यह परम स य ह इसक अित र सब अस य ह कताब क म खलाफ नह ह जस दन गीता एक कताब होगी और करान एक कताब होगी और बाइ बल

एक कताब होगी--वह वागत क यो य होगी ल कन जब तक व शा ह तब तक व खतरनाक ह तब तक

उनस बचन क ज रत ह मर श द का जो स ह कया जा रहा ह व कताब ह उन कताब म कोई भी शा होन का दावा नह ह और न

उन कताब का यह दावा ह क जो म कह रहा ह वह स य ह न उन कताब का यह दावा ह क मर जो बात

मान लगा वह मो चला जाएगा और वग का अिधकार हो जाएगा और जो मर बात नह मानगा उस नरक म

सड़ना पड़गा नह उन कताब म यह कोई दावा नह ह व कताब वन िनवदन ह इस बात क क मझ जो

दखाई पड़ता ह वह म कह रहा ह ता क म आपको साझीदार बना सक अनयायी नह शा अनयायी बनाता

ह कताब कवल साझीदार बनाती ह--शियाग कताब िसफ शयर करना चाहती ह शा अनयायी बनाना

चाहता ह शा कहता ह मर पीछ आओ कताब कहती ह क मर सन लो इतनी ह त हार बड़ कपा ह पीछ आन का कोई सवाल नह ह तो एक बात प हो जानी चा हए क म जो कह रहा ह वह शा नह ह न जो िलखा जा रहा ह वह शा ह

और सच तो यह ह क ब न जो कहा था वह भी शा नह था महावीर न जो कहा था वह भी शा नह था क ण न जो कहा था वह भी शा नह था वह सब अपन िम क साथ अपन अनभव म साझीदार अपन

अनभव म साथी बनान का यास था ल कन उन कताब क आसपास झड खड़ा हो गया भीड़ का अनयायी खड़ हो गए और उ ह न दाव करन श

कए क हमार जो कताब ह वह साधारण कताब नह ह वह शा ह दसर सब कताब ह हमार कताब

शा ह दसर सब आदिमय क िलखी हई कताब ह हमार कताब वय परमा मा का िलखा हआ शा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 137

हमार कताब वग स उतरा हआ सदश ह हमार कताब ई र क ारा भज गए पगबर क कताब ह मसजर

क हमार वद वय परमा मा क हाथ स िलख गए ह मन य क हाथ स नह व अपौ षय ह जब इस तरह क

गलत दाव खड़ हो जात ह तो कताब शा हो जाती ह जस आदमी पागल हो जाता ह ऐस ह कताब भी पागल हो जाती ह और जब पागल हो जाती ह तो उनको हम

शा कहत ह शा क म खलाफ ह कताब क म कभी खलाफ नह दिनया म कताब जतनी बढ़ उतना

अ छा ह शा जतन कम हो जाए उतना अ छा ह गीता बहत अदभत कताब ह बहत यार ह ल कन

जस ह वह शा हो जाती ह वषा हो जाती ह पायजनस हो जाती ह कताब रह कर वह िसफ क ण क

अनभव क अिभ य ह और वह आपको िनम ण दती ह क मझ सनो मर बात सन लो तो आपक कपा

ह सोच लो मर बात आपका बड़ा अन ह ह मर बात पर वचार कर लो और अगर कछ ठ क लग--ठ क त ह

लग त हार ब को त हार ववक को--तो ठ क लगत ह वह कताब क बात नह रह गई वह आपक

अपनी बात हो गई म जो कह रहा ह अगर उसम स आपक तक और वचार और ब को कोई बात ठ क लग सोचन स ठ क

लग वचारन स ठ क लग सदह करन स ठ क लग तो फर वह मर नह रह गई वह आपक हो गई और

बना सोच बना वचार व ास करन स ठ क लग तो वह बात मर ह और आप अध आदमी हो शा दावा करता ह क आप अध हो जाओ शा कहता ह मझ पर वचार मत करना य क जो ई र क

वचन ह उस पर मन य वचार कस कर सकता ह आदमी क अदालत म और ई र को खड़ा कया जा सकता

ह आदमी क ब क कसौट पर और परमा मा क वचन नाप जा सकत ह नह यह असभव ह शा

पर वचार नह कया जा सकता शा पर िसफ व ास कया जा सकता ह उस कताब को म शा कहता ह जो कहती ह व ास करो वचार नह जो कहती ह अनगमन करो अनकरण करो अनयायी बनो जो

कहा ह वह परम स य ह वह सव क वाणी ह वह तीथकर का वचन ह उस वचन म कभी भी भल नह हो सकती य जो दाव ह य दाव अगर कसी दन मर कताब कर तो उन सार कताब को इक ठा करक आग लगा दना क ण क कताब को आग लगान क िलए म नह कह सकता ह मोह मद क कताब को आग लगान को नह कह सकता ह ल कन कम स कम अपनी कताब को आग लगान क िलए कहन का हक मझ ह जस दन

मर कोई कताब दावा कर क यह शा ह उस दन उसम एकदम आग लगा दना और भल स उसको कह बचन मत दना दिनया क कसी कोन म अगर वह रह गई तो वह खतरनाक सा बत होगी और आदमी क

जदगी को बबाद करगी और नकसान पहचाएगी उ ह िम न एक बात और पछ ह और उनक दोन का जवाब दना ज र ह य क नीच उ ह न िलखा ह क अगर आपन जवाब नह दया तो म बहत दखी हो जाऊगा उ ह न दसर बात यह पछ ह क ओशो आपक िच भी बकत ह और लोग आपक िच भी अपन घर म लगात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 138

ह और आप तो मित क वरोध म ह म मित क वरोध म ह और िच क वरोध म कभी भी नह ह मित और िच म भी वह फक ह जो कताब

और शा म फक ह मन कभी नह कहा क राम क िच को अपन घर म मत लगाना मन कभी नह कहा क

महावीर क िच को अपन घर म मत लगा लना मन यह भी नह कहा क महावीर क प थर क ितमा अपन

घर म मत रख लना महावीर जस यार आदमी क मित घर म रखी जा सकती ह ब जस यार आदमी क

मित जस घर म नह ह वह घर अधरा ह और जीसस का सली पर लटका हआ िच जस घर क भीतर नह ह उस घर क ब च को पता नह क कतन अदभत लोग जमीन पर हो चक ह ल कन पजा मत करना म करना पजा नह य क पजा दसरा ह अथ रखती ह पजा यह कहती ह क इस

प थर क मित क सामन हाथ जोड़न स मझ म िमल सकती ह यह बवकफ क श आत हो गई कसी मित

क और कसी िच क सामन बठन स म नह िमल सकती और कोई मित और कोई िच भगवान तक पहचन

का रा ता नह बन सकता कोई मित भगवान नह ह मित और िच उन यार लोग क मितया ह जो जमीन

पर हो चक ह और उनक मित न रखी जाए यह मन कभी भी नह कहा ह म मितय क म दर बनान क खलाफ ह ल कन घर-घर म मितया ह इसक प म ह एक-एक घर म मितया

ह ल कन मितया भगवान क तरह नह एक प व मरण क तरह एक स ड रमब रगक तरह जमीन

पर कछ फल हए ह मन य क जीवन म कछ मन य हए ह जो खल गए ह पर उनक याद अगर आदमी रख

तो म कस उसक खलाफ हो सकता ह एक अदभत घटना सनाता ह सन कर बहत हरानी होगी रामक ण परमहस का कसी न एक िच उतारा और िच उतार कर जब वह िच बना कर लाया तो रामक ण

न उस िच क पर पड़ और िसर स चरण लगाए उस िच क उनका ह िच था रामक ण का ह पास म बठ

लोग तो बड़ हरान हो गए क यह या पागलपन ह अपन ह िच को रामक ण हाथ जोड़ कर पर छत ह िसर स लगात ह यह या पागलपन ह सहन क बाहर हो गई यह बात और कसी बठ हए स यासी न पछा क

परमहसदव यह या करत ह आप अपन ह िच को रामक ण न कहा यह मझ खयाल ह नह रहा क िच मरा ह िच दख कर मझ खयाल आया क कसी

समािध थ आदमी का िच ह और समािध को नम कार करन का मन हो गया मन नम कार कर िलया तम

याद दलात हो तो मझ खयाल आया क िच मरा ह अर लोग हसग जब उ ह पता चलगा क मन अपन ह

िच क पर छ िलए ल कन मन िसफ समािध थ भाव क पर छए ह ल कन यह बात समझनी थोड़ क ठन हो जाएगी महावीर का िच महावीर का िच नह ह ब क मित ब

क मित नह ह य समािध थ चतनाओ क मरण ह और कभी आपन खयाल कया जन क चौबीस तीथकर क मितया ह अगर उनक नीच िच न बन ह और

आपको बताया न जाए य कसक मितया ह आप पहचान सकत ह कसक मितया ह चौबीस तीथकर क

मितय म पहचान बता सकत ह आप--यह महावीर क ह यह नमी क ह यह पा क ह यह ऋषभ क ह--

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 139

कसी क बता सकत ह नह बता सकत य क व मितया आदिमय क मितया नह ह व कवल

भावदशाओ क मितया ह व सब बलकल एक जसी ह उन मितय म कोई भी फक नह ह या फक ह उन

मितय म सच तो यह ह जस-जस आ मा कट होनी श होती ह शर र गौण हो जाता ह शर र का भाव गौण हो जाता

ह आ मा क अिभ य ती होन लगती ह ती होन लगती ह एक ब ब ह बजली का बना जला हआ

लटका ह तब तक ब ब दखाई पड़ता ह जल जाए फर रोशनी दखाई पड़ती ह ब ब दखाई नह पड़ता

और जतनी तज रोशनी होगी ब ब उतना ह दखाई नह पड़गा वस ह भीतर का द या जब तक बझा ह तब

तक शर र दखाई पड़ता ह जब भीतर का द या जल जाता ह तो शर र दखाई नह पड़ता फर भीतर क

रोशनी दखाई पड़न लगती ह वह रोशनी कट हई ह न मालम कतन लोग स उन लोग क यार मितय को लोग न सजो कर रखा ह तो म उसका द मन नह ह व मितया सजोई जा सकती ह ल कन जब हम इस भल म पड़त ह क उन सजोई

गई मितय क आधार पर िच और मितय क आधार पर हम मो पहच जाएग और म पा लग तो गलती श हो जाती ह म तो खद महावीर भी चाह तो कसी आदमी को म नह करा सकत तो महावीर

क मित तो या करगी कोई कसी को ध क दकर मो म भज सकता ह कोई घसीट कर कसी को मो म

ल जा सकता ह आज तक तो यह नह हो सका क कोई आदमी कसी को मो म ल जा सक खद महावीर

और ब और जीसस नह ल जा सकत कसी को म म तो उनक िच तो या ल जा सकग ल कन िच न टाग जाए घर म यह म नह कह रहा ह िच क टागन का कारण दसरा ह ऐ थ टक बहत

स दयगत म य ह उनका बहत मितगत म य ह ल कन पजागत म य बलकल नह ह इसी स सबिधत एक बात और दसर िम न पछ ह उ ह न पछा ह क ओशो आप उठत ह--कोई हाथ जोड़ता ह

आपको कोई आपक पर छता ह तो मझ बहत हरानी होती ह उ ह न िलखा ह क उ ह बहत हरानी होती ह

य कोई पर छए कसी क य कोई कसी को हाथ जोड़ बहत हरानी क बात तो ह कोई य कसी क पर छए कोई य कसी क हाथ जोड़ ल कन उन िम न शायद

कभी नह सोचा होगा म भी प म नह ह क कोई कसी क पर छए और कोई कसी क हाथ जोड़ ल कन एक

शत बता दनी ज र ह अगर वह सोचता हो क पर छन स कछ हो जाएगा तो गलती म ह अगर वह सोचता हो

क हाथ जोड़न स कोई साद िमलगा कोई आशीवाद िमलगा तो वह भल म ह वह बहत स त सौद करन क

कोिशश म लगा हआ ह वह मढ़ ह अगर वह सोचता ह क कसी क पर छन स कछ हो जान वाला ह अगर

इस कारण कोई कसी क पर छ रहा ह तो गलती कर रहा ह वह वह पजा वाली बात श हो गई वह भल कर रहा ह और भल कर ऐसी भल नह करनी चा हए कम स कम मर साथ तो नह करनी चा हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 140

ल कन इसका मतलब यह नह ह क म यह कह रहा ह क पर छ लना पाप ह कसी का यह म नह कह रहा ह

म यह कह रहा ह क पर अगर इस कड शन क साथ इस शत क साथ छए जा रह ह क पर छन स कछ

िमलगा तो गलत ह बात कछ नह िमलन वाला ह ल कन अगर कछ िमल गया ह और िसफ अन ह म पर

छए जा रह ह तो दिनया म पर छना कभी नह रोका जा सकता अगर पर छना िसफ एक ध यवाद ह और आप कहग क ध यवाद तो हाथ जोड़ कर भी दया जा सकता ह पर छन क या ज रत ह ल कन शायद आपको पता नह ह जब आपको ोध आता ह कसी आदमी पर तो आप जता िनकाल कर उसक

िसर पर य मार दना चाहत ह कभी सोचा ह सार दिनया म यह कोई भारत और चीन और कसी एक

दश क बात नह ह सार दिनया म आदमी ोध स भर जाए तो जता िनकाल कर कसी क िसर पर य मार

दना चाहता ह िसर पर जता मारन स या हो जाएगा पागलपन ह न जत को िसर म लगान स या हो

सकता ह जब कोई आदमी म स भर जाता ह प वी पर कह भी तो कसी को अपन दय स य लगा लना चाहता ह दय स लगान स म का या सबध ह ह डया ह डय स िमल जाएगी इसस या म हो जाएगा

ल कन शायद ह आपन कभी पछा होगा क दो मी एक-दसर को दय स य लगात ह और दो ोध म

उ म य अपन पर को दसर क िसर स य लगाना चाहत ह अब इतनी छलाग लगानी म कल ह क

कसी क िसर पर खड़ हो जाओ इसिलए जता तीका मक प स उसक िसर पर लगात ह लगाना पर चाहत ह

उसक िसर पर ल कन पर लगाना जरा म कल बात ह उतना हाई जप क ठन पड़गा तो उसक िलए जता

िनकाल कर िसबािलक क लगा दया पर त हार िसर स ोध म आदमी अपन पर को कसी क िसर स लगाना चाहता ह म म कसी को अपन दय स लगाना चाहता

ह और रवरस म ा म आदर म या कर ठ क ोध स उलट अव था ह वह वह कसी क पर स अपन

िसर को लगा दना चाहता ह यह िसफ तीका मक ह इनका इसस यादा अथ नह ह इनस कछ िमलन

वाला नह ह कछ भीतर घटना घट ह उस अिभ य करन क मा यम ह य हम कसी आदमी को म करत ह उसका हाथ हाथ म ल लत ह हाथ म हाथ लन स या होन वाला ह ल कन नह कह म घ टत हआ ह और आदमी असमथ ह कस उस कट कर कह उस लगा ह क भीतर

म जड़ गया ह उस जोड़ को कस जा हर कर वह हाथ को हाथ म लकर जोड़ जा हर करता ह और भी भीतर

गहरा मालम पड़ता ह क म जड़ गया ह तो वह कसी को दय स दय लगा लता ह वह आिलगन कर लता ह वह यह जा हर करता ह क भीतर म इतना िमल गया ह क त ह कहना चाहता ह शर र क तीक स क

िमलन हो गया ह म नह चाहता क कोई कसी क पर छए ल कन कोई घड़ ऐसी हो सकती ह क पता ह न चल क हमन कसी

क पर छ िलए ह तब बात दसर ह अगर सोच कर वचार कर और हसाब लगा कर पर छत ह तो बलकल

फजल महनत कर रह ह कवायद कर रह ह इसस कोई फायदा नह ह तो कभी भल कर कसी का सोच कर

पर मत छना क यह आदमी दसर लोग इसक पर छत ह इसिलए म छ ल बकार महनत ह इसक पर छन स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 141

कोई वग और वतरणी पार हो जाएग गलती म ह धोख म ह इसक पर छन स ान िमल जाएगा फजल

क आका ा कर रह ह यथ क आका ा कर रह ह ल कन कसी ण म ात भी नह होता क हम कह झक

गए ह उस झक जान का एक आ या मक अथ ह एक म य ह और फर पछन जसा ह वचारन जसा ह क कोई दसरा आदमी झक रहा ह और कसी दसर आदमी को परशानी हो रह ह अगर व खद झक रह होत और उ ह परशानी होती तो समझन क बात थी एक दसरा आदमी

कसी क पर म झक रहा ह और व परशान हो रह ह अजीब परशानी ह आप य परशान हो रह ह म य

परशान हो रहा ह दो आदमी म कर रह ह म परशान हो रहा ह म बचन हआ जा रहा ह क दो आदमी म

य कर रह ह यह मर बचनी या बताती ह एक आदमी कसी को आदर और ा द रहा ह ध यवाद द

रहा ह म परशान हआ जा रहा ह य म परशान हो रहा ह परशानी क दो-तीन कारण हो सकत ह एक परशानी का कारण एक तो यह क दसर को झकत दख कर मरा जो भीतर अहकार ह जो झकना नह जानता--मरा जो अहकार ह जो झकना नह जानता--उस बड़ चोट

लगती ह अगर कोई भी न झक तो वह िन त हो जाता ह अगर कोई झक तो उस चोट लगती ह जस तीन आदमी जा रह ह और एक भीख मागन वाला सामन खड़ा हो जाए और उन तीन म स एक आदमी पस

िनकाल कर िभखमग को द द और बाक दो न दना चाहत ह पस तो उसक दन स चोट लगती ह य क अब

न दना एक िभखमग क सामन अपमािनत होना ह अगर इस िम न भी न दया होता पसा तो व तीन अपनी

अकड़ स जा सकत थ य क तीन न नह दया था तीन बराबर थ एक आदमी चोर करता ह और अगर उस पता चल जाए क यहा जतन लोग बठ ह सब चोर ह उसक अपराध

का भाव वलीन हो जाता ह य क कोई डर क बात नह सभी चोर कर रह ह चोर आम ह इसीिलए तो

आप अखबार उठा कर सबस पहल दखत ह क कहा चोर हई कहा ह या हई कहा या हआ अपन को

व ास दलान क िलए क कोई फ नह सब जगह यह हो रहा ह कोई हम ह कर रह ह ऐसा नह ह हर

आदमी यह कर रहा ह यह तो यिनवसल फनािमना ह यह तो हर आदमी कर रहा ह इसम कोई घबड़ाहट क

बात नह ह एट ईज़ आदमी को भीतर एक व ाम मालम पड़ता ह क सब ठ क ह हम सामा य आदमी ह जस सब लोग ह ल कन अगर एक आदमी क बाबत पता चलता ह क वह ईमानदार ह स चा ह तो आप एकदम स व ास

नह करत आप हजार च ा करत ह खोजन क क वह स चा सच म ह ईमानदार सच म ह आप सब

उपाय करत ह पता लगान का क वह ह भी ईमानदार और जब तक आप पता नह लगा लत क अर सब

बईमानी ह वहा भी सब ऊपर का धोखा था तब तक एक बचनी अनभव होती ह मन म क यह कस हो सकता ह क एक आदमी ईमानदार ह और म बईमान ह उसक ईमानदार मर बईमानी क तलना म ऊची मालम होन

लगती ह म नीचा मालम होन लगता ह एक इनफ रआ रट एक ह नता पकड़ लती ह तो च ा चलती

हहम कसी अ छ आदमी क अ छाई को एकदम स मानन को राजी नह होत मजबर म राजी होत ह जब

कोई उपाय ह न रह तब हम मानन को राजी होत ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 142

ल कन एक आदमी क बाबत हम कोई कह क वह बईमान ह चोर ह हम एकदम मान लत ह हम बलकल

खोजबीन नह करत हम बलकल खोजबीन नह करत क हमएक आदमी न हम कहा क वह चोर ह बईमान हहम खोजबीन कर फर मान नह कोई खोजबीन नह करता ब क अगर उसन कहा था क वह

पचास परसट चोर ह तो जब हम दसर को खबर दत ह तो वह खबर सौ परसट हो जाती ह हमार दल को राहत

िमलती ह इस बात स क वह आदमी भी बईमान ह वह जो हमार भीतर ह नता का भाव था वह िमट जाता ह

और हम उस आदमी क पचास परसट चोर को सौ परसट य बतान लगत ह य क हम जतना बड़ा पापी

अपन आस-पास क लोग को बता सक उतना ह हमारा पाप कम और हम ऊपर उठत जात ह सना होगा आपन बहत परानी कहानी ह क एक स ाट न एक लक र खीच द और अपन दरबा रय स कहा क इस बना छए हए छोटा कर दो व म कल म पड़ गए ल कन जो दरबार का क व था हसी-मजाक करन

वाला जो दरबार का जोकर था उसन एक बड़ लक र उसक नीच खीच द उसन उस लक र को छआ भी नह

और वह छोट हो गई य क बड़ लक र नीच खीच द गई जब हम आस-पास क पाप क खबर सनत ह तो हम उस पाप को बड़ा कर दत ह एकदम वह हमार पाप क

लक र को तो छोटा करना म कल ह ल कन दसर क पाप क लक र को बड़ा कया जा सकता ह और

त काल हमार लक र छोट हो जाती ह इसीिलए िनदा म इतना रस ह न सगीत म इतना रस ह न अ या म म इतना रस ह िनदा म जो रस ह वह

अदभत ह वह रस ह अदभत ह न वीणा इतना सगीत पदा कर सकती ह न सत ऐसी वाणी द सकत ह जसा

िनदा म आनद उपल ध होता ह वह य होता ह तो एक तो कारण यह ह क अगर कोई भी न झक तो वह हमारा जो नह झकन का आद अहकार ह वह िन त

रहता ह ल कन आस-पास अगर लोग कभी झकन लग तो हमार अकड़ को क ठनाई मालम होन लगती ह तो

हम कसी भाित यह ठहराना चाहत ह क झकन वाल गलत ह ता क यह िस हो जाए क न झकन वाला सह

ह ल कन म आपस कहता ह झकन वाल गलत ह अगर व कसी इ छा स झकत ह ल कन न झकन वाला हर

हालत म गलत ह झकन वाल िसफ एक हालत म गलत ह अगर व कसी इ छा स झकत ह कछ चाहन क

िलए कछ पान क िलए झकत ह तो बलकल गलत ह ल कन न झकन वाला हर हालत म गलत ह य क

न झकन क जो व ह अगर हम गौर स दख तो न झकन क व = न सीखन क व दोन बराबर

ह ए ट यड ऑफ लिनग सीखन क व झकन क व ह जो जतना झक जाता ह उतना सीखता ह

उतना उतना वन एक नद क घाट पर एक औरत खड़ थी वह अपन िसर पर मटक िलए हए ह और घट स खड़ ह फर एक

दसर औरत आई वह भी मटक िलए हए ह वह झक उसन अपनी मटक म पानी भर िलया और जान

लगी वह खड़ औरत बोली बड़ आ य क बात ह म एक घट स खड़ ह और मर मटक अभी तक नह भर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 143

उस दसर औरत न कहा क मटक तो भर जाती नद तो भरन को हमशा त पर थी ल कन झकना तो पड़गा मटक झकानी तो पड़गी नद तो बह चली जाती ह नद तो कहती नह क मत भरो नद तो कसी क भी मटक म जान को सदा त पर ह ल कन उनक ह मट कय म जा पाती ह जो झकत ह और नद क तल तक

मटक को ल आत ह तम अकड़ कर खड़ हो तो तम खड़ रहो ज म -ज म तक यह मटक नह भर सकगी अहकार कभी भी कछ नह सीख पाता ह वन ता सीखती ह िमिलट सीखती ह िमिलट का मतलब या

ह वन ता का मतलब या ह वन ता का मतलब ह झकन क पा ता कसी य क सामन ह नह कसी भगवान क सामन ह नह कसी ग क सामन ह नह झकन क पा ता कसी स सबध नह ह इस

बात का क आप कसी क िलए झक नह आप झक हए ह यह सवाल नह ह क आप कसी क िलए झक

झका हआ मन हो ितपल झकन को तयार हो उस झकन स ह सीखना उपल ध होता ह जो नह सीखना

चाहत व अकड़ कर खड़ रह जात ह अध व ास स भर हई वन ता यथ ह ल कन अहकार हर थित म यथ ह और अगर यह चनना हो--अहकार म चनना हो और अध व ास स भर हए झकन म चनना हो--तो म कहता ह क दसर अध व ास स भर

हए झकन को चन लना य क जो आज अध व ास स झक रहा ह झकन क ह कारण इतना सीख लगा क

उस सीखन क वजह स अध व ास िमट सकता ह ल कन जो अकड़ कर ह खड़ा ह वह कभी कछ नह सीख

पाएगा और बना कछ सीख अहकार नह िमट सकता ह इसीिलए पीड़ा होती ह क म अकड़ कर खड़ा ह और कोई दसरा झक रहा ह और भी कारण स पीड़ा होती ह यह

भी पीड़ा हो सकती ह नबर दो क मर भीतर भी झकन का ती भाव आ गया ह ल कन सदा क अकड़न क

आदत अकड़ा कर खड़ ह और ाण झक जाना चाहत ह तो एक भीतर खड़ा हो गया ह इस को सलझान का एक ह उपाय दखाई पड़ रहा ह क जो झक रह ह व गलत कर रह ह ता क म भी अपन भीतर जो झकन क

व ह उसको कह द क त गलत ह अगर भीतर झकन का भाव पदा हो गया ह तो यह सौभा य ह यह ध यभा य ह यह सवाल कसी य क

आस-पास झकन का नह ह और मर पास तो झकन का बलकल ह नह ह ल कन झकन क भाव का बड़ा म य ह तीसर बात आज तक दिनया म ऐस लोग हए ह जो चाहत ह क हमार चरण म झको अगर गौर स हम दख तो व लोग जो चाहत ह क म कभी कह न झक िस क क एक पहल ह उसी िस क का दसरा पहल वह

आदमी ह जो कहता ह क सब मर चरण म झक ग ओ क जो लबी परपरा ह वह इसी तरह क मोह त

लोग क परपरा ह जो चाहत ह क लोग मर चरण म झक उनक पाच हजार वष क परपरा न अ यिधक

शोषण कया ह मन य का उन झकान वाल लोग न ज ह न चाहा क झको और लोभन दया झकन क

िलए-- क झकोग पर छओग चरण म िसर रखोग समपण कर दोग चरण म मर तो मो वग प य सब उपल ध हो जाएगा मर कपा स सब िमल जाएगा मर आशीवाद स सब िमल जाएगा ग -चरण

क कपा स सब िमल जाएगा ग जन यह समझात रह ह व तो यहा तक कहत रह ह क अगर ग और गो वद

दोन खड़ ह तो पहल ग क चरण म झक जाना य क ग ह गो वद को बतान वाला ह ग जन यह

समझात रह ह व कहत ह क बना ग क तो ान होगा ह नह इसिलए ग क चरण पकड़ बना कोई उपाय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 144

नह ह अब यह बड़ मज क बात ह क अगर ग लोग ह यह समझा रह ह तो प ह क योजन या ह तो म भी

कहता ह क जो आदमी झकाना चाहता हो अपन चरण म भल कर भी उसक चरण म मत झकना जो आदमी

कहता हो क झको मर चरण म वह आदमी तो अ यत पाप क बात कर रहा ह मत झकना उसक चरण म

इस बात क कहन क कारण ह व चरण अप व हो गए न तो कसी क आका ा स झकना न अपनी आका ा स झकना क मझ कछ िमल जाएगा ल कन अगर कभी वह ण आ जाए जीवन म क पता भी न चल क हम कब झक गए ह तो उस ण को भी

चक मत जाना य क उस ण म जो उपल ध होगा उस ण स गजर जान म जो अनभव होगा उस ण

क पहल जो तीित होगी और उस ण म जो तीित होगी उस बतान का कोई उपाय नह क वह तीित या ह मर बात थोड़ क ठन हो गई य क न तो म इस प म ह क कोई कसी को समझाए क मर पर म झको न ह म इस प म ह क कोई कसी को समझाए क कभी झकना मत म इन दोन बात क प म नह ह

मरा प यह ह क झकन का भी अपना आनद ह झकन का भी अपना अथ ह झकन क भी अपन तीक ह

ल कन व ह उ ह जानत ह जो अनायास अकारण बना कसी फल क इ छा क अचानक पात ह क

झकना हो गया ह उस झकन का एक आ या मक म य ह वह एक ग चर ह वह एक बहत चअल

ग चर ह वह एक बहत अदभत अिभ य ह दिनया स उसको म नह िमटाना चाहता ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क उस अिभ य क आधार पर कछ लोग दसर को अपन पर म झकान क

िश ा द और शोषण कर उसक भी म प म नह ह इसिलए जो आदमी कहता हो क आओ और पर छओ और

लोभन दता हो उस आदमी को िमनल समझना उसको अपराधी समझना और उसको द डत कए जान

क अ छा कोई समाज होगा तो यव था करगा वह समाज ल कन जो आदमी अकड़ कर खड़ा ह और कहता ह

क म कभी नह झकगा और कह झकना भी मत वह आदमी भी अपराधी ह य क वह भी एक गलत बात

िसखा रहा ह तफान आत ह हवाओ क आिधया आती ह बड़ दर त अकड़ कर खड़ रह जात ह छोट पौध झक जात ह और

जमीन पर सो जात ह बड़ दर त अकड़ ह रहत ह खड़ ह रहत ह रिस ट करत ह ितरोध करत ह हवाओ

का और टट जात ह छोट पौध झक जात ह हवाए गजर जाती ह पौध फर वापस खड़ होकर नाचन लगत

ह व जी वत रह जात ह उन छोट पौध को झकन क कोई अदभत क िमया पता ह जो बड़ पौध को नह ह बड़

पौध अहकार क भाित स त और कठोर ह व टटत ह ल कन झकत नह और मरण रह जसन झकन क कला छोड़ द वह बढ़ा हो गया और टटन क कर ब पहच गया ब च और

बढ़ म यह फक ह ब चा लोचपण ह ल सबल ह झकता ह लोच स भरा ह कस भी झक सकता ह बढ़ा

अकड़ गया झक नह सकता झका क टट जाएगा ह डया सब मजबत हो गई ह अब कह झकाव म कल

ह इसिलए बढ़ा मरता ह और ब चा जीता ह ब चा अभी जवान होगा बढ़ क िसफ मौत आएगी जस आदमी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 145

क मानिसक तल पर सार ह डया स त हो ग मन क तल पर सार नाय कठोर और प थर क हो गए और

झकन क मता भीतर खो द उस आदमी क आ मा मरन क कर ब पहच गई मर चक ल कन जो वहा

भीतर क तल पर भी लोचपण ह और हवाओ म झकता ह तफान म झकता ह वह य और बड़ जीवन क

िनकट पहचन क पा ता पदा कर रहा ह कभी दखना आिधय म जब छोट पौध झक जात ह-- कतन सफली कतन सादपण उनक झकन म न

कोई दयनीयता ह न उनक झकन म कोई पीड़ा ह न कोई दख ह उनक झकन म भी एक स दय ह और खड़

हए व को भी दख लना--अकड़ हए और उनक इस अकड़ म न कोई स न कोई साद ह उनक अकड़ म

िसफ एक वहम ह क म इतना बड़ा और कस झक सकता ह यह यह म तोड़ दगा उ ह जड़ स उखाड़ दगा और य छोट-छोट पौध जनक जड़ भी छोट -छोट थी तफान और आिधया ज ह उड़ा कर कह भी ल जा सकती थी व जी वत बाहर वापस िनकल आएग--पहल स

भी यादा श पण पहल स भी यादा आनद स भर हए य क एक तफान स गजर जाना एक अनभव ह

और जी वत बच जाना एक उपल ध जीवन म एक कला एक कला क ज रत ह क हम ऐस तरल ऐस सरल ऐस वन क झकन म कह कोई

पीड़ा न मालम हो जस झकन म पीड़ा मालम होती ह वह जीवन क लोचपण कला को नह जानता ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क जोझकन का मतलब यह नह ह वन होन का सरल होन का तरल

होन का यह मतलब नह ह क आप आख बद कर ल अध हो जाए इसका यह मतलब नह ह क जो कोई भी

आपको कह क चलो झको और जोर स आवाज द वह आप झक जाए म आपको कहता ह--यह बात बहत पराडॉ सकल दखाई पड़गी यह बहत वरोधी दखाई पड़गी--ल कन म

आपको कहता ह कवल व ह लोग जो झकन क पा ता रखत ह अगर कसी दन न झकन का िनणय ल लत

ह तो दिनया का कोई भी तफान उ ह न झका सकता ह और न तोड़ सकता ह कवल व ह लोग जो झकन क

िलए हमशा तयार होत ह अगर कसी दन न झकन का तय कर ल इस दिनया क कोई ताकत फर उनको

झका नह सकती ह य क न झकन क ताकत व झकन क मा यम स इतनी इक ठ कर लत ह जसका कोई हसाब नह ल कन जो लोग हमशा अकड़ कर खड़ रहत ह क नह झकग नह झकन क च ा म उनक कतनी श

अप यय हो जाती ह उ ह पता नह व धीर-धीर इपोटट हो जात ह धीर-धीर उनक सार श ीण हो जाती

ह अपन स ह लड़न म क नह झकगा अपन को ह स हालन म अपन को ह रोकन म रिस ट करन म

उनक सार श ख म हो जाती ह भीतर स व खोखल हो जात ह जस व भीतर स खोखल हो जात ह और

तब कोई छोटा सा हवा का झ का भी उ ह झका सकता ह अब यह बड़ उलट बात दखाई पड़गी जीसस जस लोग जो झकन क िलए सदा तयार ह जस दन अस य क सामन झकन स इनकार कर दत ह उस दन फर मौत भी नह झका सकती फर कोई श नह झका सकती सकरात जस लोग जनक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 146

वन ता का कोई हसाब नह जो एक छोट स ब च स भी सीखन को तयार ह ज ह न जीवन म कभी

अकड़न का खयाल ह नह िलया जब स य क लड़ाई खड़ होती ह तो व जहर पीन को तयार हो जात ह ल कन उनक इस खड़ रहन म भी क पता नह ह य क वह खड़ा रहना अहकार क िलए खड़ा रहना नह ह वह

खड़ा रहना स य क िलए खड़ा रहना ह अहकार तो बड़ा स बड़ा अस य ह जो अहकार क िलए खड़ा ह वह

अस य क िलए खड़ा ह जो स य क िलए खड़ा होता ह वह अहकार क िलए कभी खड़ा नह होता य क स य

कवल उसी को उपल ध होता ह जसका अहकार वलीन हो चका ह फर भी इन िम न िनवदन कया ह तो उनक तरफ स आपको सचना कर द मर पर भल कर भी मत छना

मझ जरा भी रस नह ह आप कवायद कर मझ या िमल सकता ह आप झक उठ साथ-साथ मझ भी

थोड़ा-बहत झकना-उठना पड़ता ह म भी थकता ह और कछ होता नह मझ या िमलगा आपक पर म झक

जान स या िमल सकता ह आपक झकन स मझ या िमल सकता ह इसिलए उ ह न िनवदन कया ठ क ह कया नह आप भल कर भी मर पर म मत झकना ल कन यह नह कह रहा ह क आप जीवन म झकना भल जाना उसक तयार रखना य क जो झक जात

ह जीवन क स रता उनक गग रय म आ जाती ह और जो अकड़ रह जात ह जीवन क स रता स विचत

रह जात ह एक-दो छोट और फर म अपनी बात पर क एक िम न पछा ह क ओशो या जसा आप कहत ह क हर चीज पर सदह कर तो या हम समाज म जो

अ छाई और बराई क पाप और प य क धारणा ह उस पर भी सदह कर और अगर उस पर सदह करग

तब तो हम अनितक हो जाएग उ ह यह म पदा हो गया ह मर बात को सन कर-- क सदह करन स जो अ छा ह वह शायद फर अ छा

दखाई नह पड़गा जो बरा ह वह शायद फर बरा दखाई नह पड़गा मरा कहना ह क अगर सदह क कसौट पर अ छा खरा न उतर तो वह अ छा कभी था ह नह और अगर वह

अ छा था और ह तो दिनया म कतना ह आप सदह कर आप सदह स उस िमटा नह सकग यह ऐसा ह ह

जस क हम सोन को आग म डाल द तो कोई डर क सोन को आग म डालग तो सोना कह जल न जाए जो जल

जाएगा िस हो जाएगा क वह सोना नह था सोना नह जलगा जो जल जाएगा उसस िस होगा क वह

सोना नह था और जो आग स िनखर कर वापस िनकल आएगा वह िस होगा क सोना था सदह क अ न म जो भी स य ह वह न नह होता ह और िनखर कर और तज वी होकर कट होता ह

और स य क साथ शभ क साथ जो-जो कचरा-कड़ा इक ठा था वह सब जल जाता ह ज र हमार समाज क बहत सी धारणाओ म कड़ा-कचरा ह और जो सदह करग कड़ा-कचरा बह जाएगा बह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 147

जाना चा हए उसी कड़-कचर क वजह स तो यह समाज हमारा इतनी नीित क बात करता ह और इतना अनितक ह ज र हमार नितकता क धारणा म अनीित क बिनयाद रोग घस हए ह अ यथा नीित क इतनी

बात करन वाल लोग और इतन अनितक कस हो सकत ह ल कन हम दखाई नह पड़ता एक आदमी र त दन जाता ह वह पाच पय दता ह और अपना काम करवा लता ह हम कहत ह क यह

आदमी तो बड़ा अ छा आदमी था इस तो हमन म दर म ना रयल चढ़ात दखा पजा करत दखा फल चढ़ात

दखा धप-द प जलात दखा यह इतना अ छा आदमी इतना नितक आदमी यह पाच पया र त द रहा

ह यह कस हो सकता ह नह आप ठ क स नह दख पाए आप समझ नह पाए वह ना रयल भी र त था व फल भी र त थ जो भगवान क सामन चढ़ाए गए यह आदमी बलकल किस टट ह यह ठ क वह यवहार वहा भी कर रहा ह जो

म दर म कर रहा ह यह जब ना रयल चढ़ा रहा था तब यह भीतर कह रहा था क मर लड़क को पर ा पास

करवा दना भगवान म पाच आन का ना रयल चढ़ाता ह और अगर पर ा लड़का पास हो गया तो बलकल

ब फ रहना एक ना रयल और चढ़ाऊगा यह या कह रहा था वहा यह कह रहा था क पाच आन क र त हम दत ह महाशय लड़क को पास करा

दना यह र त परानी थी दखाई नह पड़ती थी आजकल जो र त चल रह ह दो-चार सौ साल चलगी वह भी दखाई नह पड़गी अभी भी दखाई पड़नी कम हो गई ह जतनी उ नीस सौ सतालीस म दखाई पड़ती

थी अब नह दखाई पड़ती आदत अब हम मानन लग क वह भी ह धीर-धीर वह यव थत हो जाएगी

जस एक आदमी को नौकर िमलती ह वस ह र त भी िमलती ह लोग बड़ मज स पछत ह तन वाह

कतनी िमलती ह और पछत ह ऊपर स कतना िमलता ह और बतान वाल बलकल िन तता स बतात

ह क इतनी तन वाह िमल जाती ह ऊपर इतना िमल जाता ह यह भी तन वाह का ह सा ह तन वाह का

दसरा ह सा ह इसम कछ पाप नह कोई लािन नह कोई गलती नह यह आदमी र त म दर म चढ़ा रहा था तब हम नह पकड़ पाए आदमी को चढ़ान लगा तो हम पकड़ म आ

गया और इस बचार न बलकल तकसगत यवहार कया इसन दखा क पाच आन म भगवान तक राजी हो

जात ह तो आदमी को राजी करन म कौन सी खराबी ह जब भगवान तक को राजी करन म कोई पाप नह तो आदमी को राजी करन म हज या ह सदह क अ न म जो यथ ह वह जल जाएगा ल कन जो साथक ह वह बच रहगा और अगर न बच तो समझ

लना क वह यथ था यानी म कसौट इस मानता ह क सदह क आग म जो न बच वह स य नह था बहत कछ ह जो अस य ह नीित क नाम पर अस य ह धम क नाम पर अस य ह प य क नाम पर अस य

ह बलकल अस य ह ल कन कभी हमन सदह नह कया क हम सोच हम वचार कर एक आदमी धन कमाता ह सब तरह क चोर और बईमानी उस करनी पड़ती ह य क बना चोर और

बईमानी क धन कमाना असभव ह यह कभी भी सभव नह रहा आज भी सभव नह ह यह कभी भी सभव हो

सकगा नह दखाई पड़ता एक तरफ वह धन इक ठा कर लता ह सब तरह का गलत करक दसर तरफ वह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 148

आदमी दान करता ह एक म दर बना दता ह और हम कहत ह दानवीर ह प या मा ह अजीब सामा जक ह यह अजीब बात हो गई यह यह सामा जक नीित खतरनाक ह य क यह चोर और

बईमानी स आए पस स भी प य कया जा सकता ह इसम व ास करती ह यह कस हो सकता ह यह कस हो सकता ह क म आपक जब काट ल जब काट कर पय इक ठ क और

गाव म हनमान जी क एक म ढया बना द यह मर चोर स िनकली हई म ढया धम- थान कस बन सकती ह कस हो सकती ह यह प य कस हो सकता ह ल कन सामा जक नीित आज तक यह वीकार करती रह वह यह नह पछती क धन कहा स आया वह यह

पछती ह क धन तमन दान म कया बस बात पर हो गई लाओ स था चीन म एक अदभत आदमी एक रा य का कानन म ी था एक आदमी न चोर क पहला ह

मकदमा उसक सामन आया तो उसन चोर को छह मह न क सजा द और साहकार को भी छह मह न क सजा द द साहकार न कहा आप पागल हो गए ह यह कस कानन म िलखा ह क जसक घर चोर हो वह भी सजा काट लाओ स न कहा पागल म नह हो गया ह अब तक सारा कानन पागल था तन सार गाव क सप इक ठ

कर ली ह चोर नह होगी तो अब या होगा गाव म यह चोर तो नबर दो ह ज मवार चोर म नबर एक त

ज मवार ह इतना धन जहा इक ठा होगा वहा चोर होगी इस चोर को चोर करवान म तन ह टपटशन तन

ह रणा द ह और इस आदमी न अगर चोर क ह तो तम दोन चोर म समान भागीदार हो म तो तम दोन

को ह सजा दगा राजा न कानन म ी को बला कर कहा क आपका दमाग द त ह कभी दिनया म यह हआ ह लाओ स न कहा नह हआ दिनया म इसीिलए दिनया स चोर नह िमट सक ह और नह िमट सकगी और म

कहता ह क जो म कह रहा ह अगर यह हो तो दिनया म चोर िमट सकती ह लाओ स क बात नह सनी गई आज भी पर तरह नह सनी गई ह ल कन जब तक नह सनी जाएगी वह

व ड ट वह लाओ स का कथन खड़ा रहगा आकाश म चमकत हए अ र म िलखा रहगा क तब तक नह

िमट सकती चोर जब तक चोर क साथ साहकार भी द डत नह होगा नह िमटगी तो वह नीित गलत ह जो िसफ चोर को ज मवार ठहराती ह और साहकार को ज मवार नह ठहराती अगर

सदह क आग म वह नीित गजरगी तो दोन ज मवार ठहरग व एक ह िस क क दो पहल ह जब तक धन

इक ठा होगा तब तक चोर कस बद हो सकती ह चोर चलती रहगी ल कन धम थ और नीितशा ी कहत ह चोर पाप ह ल कन व यह नह कहत क शोषण पाप ह बड़ मज क

बात ह चोर पाप ह शोषण पाप नह ह चोर पाप ह और धन धन प य स िमलता ह पछल ज म क

प य स िमलता ह ज र इसम कछ होिशयार क बात हो गई होिशयार क बात यह हो गई क चोर करता ह गर ब आदमी और शोषण करता ह अमीर आदमी अमीर चाहता

ह चोर स सर ा रह इसिलए अमीर क आग-पीछ घमन वाल स यासी और प डत य क यह पराना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 149

गठबधन ह अमीर स यािसय का सहारा लकर जीत ह स यासी अमीर का सहारा लकर जीत हतो

स यासी कहत ह और प डत कहत ह चोर पाप ह चोर कभी मत करना ल कन व स यासी यह नह कहत

क शोषण पाप ह शोषण मत करना शोषण जार रहता ह चोर भी जार रहती ह चोर म इतनी श ह वह शोषण स जड़ा हआ ह सा ह जस दन शोषण बद होगा उस दन चोर बद होगी तो अगर सदह क अ न म आप जाच करग समाज क नीित क तो आप पाएग क उसम बहत कछ शरारत स

भरा हआ ह झठ ह पाखड ह बहत कछ िन त प स अनीितपण ह और वह सब जल जाएगा और जल

जाना चा हए और तब सदह क बीच स एक नीित वकिसत होगी सह एक ठ क कोण जसस जीवन

पात रत होता ह तो इसस घबड़ाए मत क सदह म चला जाएगा तो सब गड़बड़ हो जाएगा गड़बड़ होगा बहत कछ गड़बड़ होगा य क सब कछ गड़बड़ ह एक बीमार आदमी को ठ क करना पड़ता ह तो उसक शर र म बहत कछ गड़बड़

करनी पड़ती ह दवाए डालनी पड़ती ह इज शन डालना पड़ता ह ल कन वह बीमार आदमी सहता ह इस बात

को वह यह नह कहता क यह या गड़बड़ कर रह ह चीज डाल रह ह मर शर र म वह जानता ह क गड़बड़

वहा भीतर ह बीमार वहा ह और इनक वपर त चीज को डाल बना वह बीमार अलग होन वाली नह ह समाज म गड़बड़ ह अनीित ह इस अनीित को एक बड़ व वस क बना िमटाए कोई रा ता नह ह इस तोड़ना

पड़गा और हम नह तोड़ग तो यह समाज और सड़ता चला जाएगा और गदा और क प होता चला जाएगा

यह समाज गदगी क आ खर सीमा पर पहच गया ह जहा िसफ चहर दखाई पड़ रह ह ठ क बाक भीतर सब

सड़ चका ह प रवार सड़ चका ह समाज सड़ चका ह िश ा सड़ चक ह सार अतर-जीवन क सबध सड़ चक

ह ल कन हम ऊपर स एक चहरा बनाए हए खड़ ह क सब ठ क ह यह सब ठ क वसा ह ह जस क सबह आप चल जा रह ह द तर क तरफ कछ भी ठ क नह ह घर पर पानी

नह ह खाना नह ह ब च क िलए दवा नह ह प ी पागल हो जा रह ह आप चल जा रह ह द तर और

एक आदमी कहता ह क हए सब ठ क ह आप कहत ह सब बलकल ठ क ह बस यह सब ठ क उसी तरह

का सब ठ क ह कछ भी ठ क नह ह एक औपचा रक बात रह गई ह क सब ठ क ह ठ क हम इसी तरह कह चल जा रह ह कछ भी ठ क नह ह या ठ क ह बचपन स लकर बढ़ाप तक कछ भी

ठ क नह ह इसम बहत कछ िगरगा टटगा िगरना चा हए तोड़ना चा हए ल कन च क हमन कभी वचार

नह कया इसिलए उस हम नह तोड़ पाए हम नह बदल पाए वचार आएगा तो आएगा व ोह वचार आएगा तो आएगी ाित वचार आएगा तो समाज इसी तरह का

बदा त नह कया जा सकता जसा ह जो लोग बदा त करत रह ह उन लोग न उन लोग न अपराध कया ह य थोड़ सी बात मन कह कछ और रह गए ल कन जन दशाओ म मन बात कह ह जनक रह गए

ह अगर उन दशाओ म थोड़ा भी व सोचन क कोिशश करग तो उ ह अपन भीतर स भी उ र िमल सकत ह

और मर उ र का बहत बड़ा म य नह ह मर उ र का या म य हो सकता ह वह मरा उ र ह जब आपका

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 150

उ र िमल तभी म य हो सकता ह पछ सकत ह क फर म य कह रहा ह म िसफ इसिलए कह रहा ह क आपको अगर यह खयाल भी आ जाए क जदगी क सबध म सोचना ह वचार

करना ह सदह करना ह तो आपको अपन उ र उपल ध हो सकत ह आपका ह उ र भी आपका चा हए तभी वह िगरगा और न होगा दसर क उ र कछ भी नह कर सकत ल कन दसर क उ र स यह खयाल आ सकता ह क म भी सोच म भी वचार क शायद मर भीतर भी चतना ह वह भी उ र तक पहच जाए और समाधान खोज ल और यक य क चतना समाधान खोज

सकती ह हमन नह खोज इसिलए हमको नह उपल ध हआ हम खोजग वह उपल ध हो सकता ह मर बात को इतनी शाित और म स सना उसक िलए बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य बाहरवा वचन ध य ह व जो सरल ह एक छोट सी कहानी कह और उसस ह अपनी चचा श क एक रात एक सराय म एक फक र आया सराय भर हई थी रात बहत बीत चक थी और उस गाव क दसर

मकान बद हो चक थ और लोग सो चक थ सराय का मािलक भी सराय को बद करता था तभी वह फक र वहा

पहचा और उसन कहा कछ भी हो कह भी हो मझ रात भर टकन क िलए जगह चा हए ह इस अधर रात

म अब म कहा खोज और कहा जाऊ सराय क मािलक न कहा ठहरना तो हो सकता ह ल कन अकला कमरा

िमलना क ठन ह एक कमरा ह उसम एक महमान अभी-अभी आकर ठहरा ह वह जागता होगा या तम

उसक साथ ह उसक कमर म सो सकोग वह फक र राजी हो गया एक कमर म दो महमान ठहरा दए गए वह फक र अपन ब तर पर लट गया न तो उसन अपन जत खोल न अपनी टोपी िनकाली वह सब कपड़

पहन हए लट गया दसरा आदमी जो वहा ठहरा हआ था उस हरानी भी हई ल कन अप रिचत आदमी स कछ

कहना ठ क न था वह चप रहा ल कन वह फक र जो टोपी पहन ह सो गया था वह करवट बदलन लगा और नीद आनी उस क ठन हो गई दसर महमान क बदा त क बाहर हो गया और उसन कहा महानभाव ऐस तो रात भर नीद नह आएगी आप

करवट बदलत रहग कपा करक जत उतार द कपड़ उतार द फर ठ क स सो जाए थोड़ सरल हो जाए तो शायद नीद आ भी जाए इतन ज टल होकर सोना बहत म कल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 151

उस फक र न कहा म भी यह सोचता ह ल कन अगर म कमर म अकला होता तो कपड़ िनकाल दता त हार होन क वजह स म बहत म कल म ह उस आदमी न कहा इसम या म कल क बात ह वह फक र कहन लगा म कल यह ह क अगर म कपड़ िनकाल कर सो गया तो सबह मर नीद खलगी म

यह कस पहचानगा क म कौन ह म अपन कपड़ स ह खद को पहचानता ह यह कोट मर ऊपर ह तो मझ

लगता ह क म म ह ह यह पगड़ मर िसर पर ह तो म जानता ह क म म ह ह इस पगड़ इस कोट को पहन हए आईन क सामन खड़ा होता ह तो पहचान लता ह क म म ह ह अगर कमर म अकला होता तो कपड़

िनकाल कर सो जाता बदलन का कोई डर न था ल कन सबह म उठ तो म कस पहचानगा क म कौन ह और

तम कौन हो वह आदमी कहन लगा बड़ पागल मालम होत हो तम जसा पागल मन कभी नह दखा वह फक र कहन लगा तम मझ पागल कहत हो मन दिनया म जो भी आदमी दखा वह अपन कपड़ स ह

अपन को पहचानता हआ दखा ह अगर म पागल ह तो सभी पागल ह आप भी अपन को कपड़ क अलावा और कसी चीज स पहचानत ह कपड़ बहत तरह क ह--नाम भी एक

कपड़ा ह जाित भी एक कपड़ा ह धम भी एक कपड़ा ह म हद ह म मसलमान ह म जन ह--य भी कपड़

ह य भी बचपन क बाद पहनाए गए ह मरा यह नाम ह मरा वह नाम ह--य भी कपड़ ह य भी बचपन क

बाद पहनाए गए ह इ ह को हम सोचत ह अपना होना तो हम ज टल हो जाएग तो हम ज टल हो ह

जाएग एक महानगर म एक बहत अदभत नाटक चल रहा था श स पयर का नाटक था उस नगर म एक ह चचा थी

क नाटक बहत अदभत ह अिभनता बहत कशल ह उस नगर का जो सबस बड़ा धमग था उसक भी मन म

हआ क म भी नाटक दख ल कन धमग नाटक दखन कस जाए लोग या कहग तो उसन नाटक क

मनजर को एक प िलखा और कहा क म भी नाटक दखना चाहता ह शसा सन-सन कर पागल हआ जा रहा

ह ल कन म कस आऊ लोग या कहग तो मर एक ाथना ह त हार नाटक-गह म कोई ऐसा दरवाजा

नह ह पीछ स जहा स म आ सक कोई मझ न दख सक उस मनजर न उ र िलखा क आप खशी स आए हमार नाटक-भवन म पीछ दरवाजा ह धमग ओ स जन साधओ क िलए पीछ का दरवाजा बनाना पड़ा ह य क व सामन क दरवाज स कभी नह आत

दरवाजा ह आप खशी स आए कोई आपको नह दख सकगा ल कन एक मर भी ाथना ह लोग तो नह

दख पाएग क आप आए ल कन इस बात क गारट करना म कल ह क परमा मा नह दख सकगा पीछ का दरवाजा ह लोग को धोखा दया जा सकता ह ल कन परमा मा को धोखा दना असभव ह और यह

भी हो सकता ह क कोई परमा मा को भी धोखा द द ल कन अपन को धोखा दना तो बलकल असभव ह

ल कन हम सब अपन को धोखा द रह ह तो हम ज टल हो जाएग सरल नह रह सकत खद को जो धोखा दगा

वह क ठन हो जाएगा उलझ जाएगा उलझता चला जाएगा हर उलझाव पर नया धोखा नया अस य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 152

खोजगा और उलझ जाएगा ऐस हम क ठन और ज टल हो गए ह हमन पीछ क दरवाज खोज िलए ह ता क

कोई हम दख न सक हमन झठ चहर बना रख ह ता क कोई हम पहचान न सक हमार नम कार झठ ह हमारा म झठा ह हमार ाथना झठ ह एक आदमी सबह ह सबह आपको रा त पर िमल जाता ह आप हाथ जोड़त ह नम कार करत ह और कहत

ह िमल कर बड़ खशी हई और मन म सोचत ह क इस द का चहरा सबह स ह कस दखाई पड़ गया तो

आप सरल कस हो सकग ऊपर कछ ह भीतर कछ ह ऊपर म क बात ह भीतर घणा क काट ह ऊपर

ाथना ह गीत ह भीतर गािलया ह अपश द ह ऊपर म कराहट ह भीतर आस ह तो इस वरोध म इस

आ म वरोध म इस स फ क ा ड शन म ज टलता पदा होगी उलझन पदा होगी परमा मा क ठन नह ह ल कन आदमी क ठन ह क ठन आदमी को परमा मा भी क ठन दखाई पड़ता हो तो

कोई आ य नह मन सबह कहा क परमा मा सरल ह दसर बात आपस कहनी ह यह सरलता तभी कट

होगी जब आप भी सरल ह यह सरल दय क सामन ह यह सरलता कट हो सकती ह ल कन हम सरल नह ह या आप धािमक होना चाहत ह या आप आनद को उपल ध करना चाहत ह या आप शात होना चाहत

ह या आप चाहत ह आपक जीवन क अधकार म स य क योित उतर तो मरण रख--पहली सीढ़ मरण रख--सरलता क अित र स य का आगमन नह होता ह िसफ उन दय

म स य का बीज फटता ह जहा सरलता क भिम ह दखा होगा एक कसान बीज फकता ह प थर पर पड़ जाए बीज फर उसम अकर नह आता य बीज

तो वह था और सरल सीधी जमीन पर पड़ जाए बीज अक रत हो आता ह बीज वह ह ल कन प थर कठोर

था क ठन था बीज असमथ हो गया अक रत नह हो सका जमीन सरल थी सीधी थी साफ थी नरम

थी कठोर न थी कोमल थी बीज अक रत हो गया प थर पर पड़ बीज म और भिम पर िगर बीज म कोई

भद न था परमा मा सबक दय क ार पर खटखटाता ह--खोल दो ार परमा मा का बीज आ जाना चाहता ह भिम म क

अक रत हो जाए ल कन जनक दय कठोर ह क ठन ह उन दय पर पड़ा हआ बीज सख जाएगा नह

अक रत हो सकगा न ह उस बीज म प लव आएग न ह उस बीज म शाखाए फटगी न ह उस बीज म फल

लगग न ह उस बीज स सगध बखरगी ल कन सरल जो ह ग उनका दय भिम बन जाएगा और परमा मा का बीज अक रत हो सकगा इसिलए स या का पहला स आपस कहना चाहता ह--सरल हो जाए और यह मत पछ क हम सरल कस हो

जाए य क जहा कस का भाव श हआ क ठनता श हो जाती ह जस ह आपन पछा--म कस हो जाऊ

सरल बस आप क ठन होना श हो गए सरलता तो वभाव ह सरल होना नह पड़ता ह कवल क ठन होना बद कर द और आप पाएग क सरल हो गए ह म यह म ठ बाध ल और फर पछन लग लोग स क म म ठ कस खोल तो कोई मझस या कह म ठ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 153

खोलनी नह पड़ती बाधनी ज र पड़ती ह म ठ खोलनी नह पड़ती बाधनी ज र पड़ती ह अब म म ठ

बाध ह और लोग स पछता ह म ठ कस खोल जो जानता ह वह कहगा क िसफ बाधना बद कर द म ठ

खल जाएगी बाध मत खला होना म ठ का वभाव ह एक ब चा एक व क शाखा को खीच कर खड़ा ह और पछता ह इस म इसक जगह वापस कस पहचा द या कह उसस वापस पहचान क िलए कोई आयोजन करना पड़ नह ब चा छोड़ द शाखा को शाखा

हलगी कपगी अपनी जगह वापस पहच जाएगी वभाव सरल ह मन य का ज टलता क टवटड ह ज टलता कोिशश करक लाई गई ह ज टलता साधी गई

ह सरलता साधनी नह ह कवल ज टलता न हो और सरलता उप थत हो जाती ह यह मत पछना क हम

सरल कस हो जाए क ठन कस हो गए ह यह समझ ल और क ठन होना छोड़ द और पाएग क सरलता आ

गई ह सरलता सदा मौजद ह कस क ठन हो गए ह कस हमन अपन को रोज-रोज क ठन कर िलया ह पहली बात मन कह हमन अस य का जीवन को ढाचा दया ह अस य हमारा पटन ह अस य हमारा ढाचा

ह अस य म हम जीत ह ास लत ह अस य म हम चलत ह खोज क कह आपका सारा जीवन अस य पर

तो खड़ा हआ नह ह एक छोटा सा ब चा सम क रत पर अपन ह ता र कर रहा था वह बड़ बार क स बड़ कशलता स अपन

ह ता र बना रहा था एक बढ़ा उसस कहन लगा पागल त ह ता र कर भी न पाएगा हवाए आएगी और

रत बखर जाएगी यथ महनत कर रहा ह समय खो रहा ह दख को आम त कर रहा ह य क जस त

बनाएगा और पाएगा क बखर गया तो दख आएगा बनान म दख होगा फर िमटन म दख होगा ल कन त

रत पर बना रहा ह िमटना सिन त ह दख त बो रहा ह अगर ह ता र ह करन ह तो कसी स त कठोर

च टान पर कर जस िमटाया न जा सक मन सना ह क वह ब चा हसन लगा और उसन कहा जस आप रत समझ रह ह कभी वह च टान थी और

जस आप च टान कहत ह कभी वह रत हो जाएगी ब च रत पर ह ता र करत ह बढ़ च टान पर ह ता र करत ह म दर क प थर पर ल कन दोन रत पर

बना रह ह रत पर जो बनाया जा रहा ह वह झठ ह वह अस य ह हम सारा जीवन ह रत पर बनात ह हम

सार नाव ह कागज क बनात ह और बड़ सम म छोड़त ह सोचत ह कह पहच जाएग नाव डबती ह साथ

हम डबत ह रत क भवन िगरत ह साथ हम िगरत ह अस य रोज-रोज हम रोज-रोज पीड़ा दता और हम रोज-

रोज अस य क पीड़ा स बचन को और बड़ अस य खोज लत ह तब जीवन सरल कस हो सकता ह अस य

को पहचान क मर जीवन का ढाचा कह अस य तो नह ह और हम इतन होिशयार ह क हमन छोट -मोट

चीज म अस य पर खड़ा कया हो अपन को ऐसा ह नह ह हमन अपन धम तक को अस य पर खड़ा कर रखा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 154

म एक अनाथालय म गया वहा सौ ब च थ अनाथ ब च उस अनाथालय क सयोजक मझस कहन लग क

हम ब च को धम क िश ा दत ह मन कहा धम क िश ा य श द बड़ वरोधी मालम होत ह अधम क िश ा हो सकती ह धम क िश ा कस

होगी अ व ा क िश ा हो सकती ह व ा क िश ा का आज तक सना नह गया घणा क िश ा हो सकती

ह य क िश ा हो सकती ह ल कन म क व ालय अब तक दख नह गए फर भी आप कहत ह तो म

चल या िश ा दत ह जान व मझ खशी-खशी ल गए और उन ब च स मर सामन पछन लग ई र ह उन ब च नहाथ ऊपर उठा

दए उ ह जो िसखाया गया था क ई र ह रटाया गया क ई र ह--उ ह न हाथ ऊपर उठा दए क हा ई र

ह उनस पछा गया--आ मा ह उन ब च न कहा हा आ मा ह जस उनस पछा जाता--दो और दो चार होत

ह तो व कहत क हा दो और दो चार होत ह फर उनस पछा गया परमा मा कहा ह उन ब च न अपन

दय पर हाथ रख दए क यहा म एक छोट ब च क पास गया और मन कहा क बट बता सकोग दय कहा ह उसन कहा यह तो हम िसखाया नह गया ई र ह िसखा दया गया िसखाया हआ ई र झठा हो गया जाना हआ ई र स चा होता ह य जो ब च न हाथ उठाए यह जान कर नह उठाए क ई र ह यह कताब म िलखा ह क ई र ह यह िश क कहता ह क

ई र ह यह पर ा म उ र दना ह क ई र ह तो ब च कहत ह--ई र ह हाथ उठात ह य हाथ स च ह य हाथ अगर स च होत तो दिनया परमा मा क आलोक स भर गई होती य हाथ झठ ह ल कन य ब च क हाथ

ह झठ होत तो भी ठ क था बढ़ क उठ हए हाथ भी इतन ह झठ ह य क बचपन म जो सीख िलया जीवन

भर आदमी उसी को दोहराए चला जाता ह बना इस बात को पछ क म जान कर कह रहा ह या बना जान कह

रहा ह हमार जीवन का ढाचा ह अस य ह म दर क सामन हाथ जोड़ कर खड़ ह व हाथ भी झठ ह परमा मा का भाव

भी झठा ह य क परमा मा का भाव अगर स चा होता तो एक बार क जड़ हए हाथ हमशा क िलए जड़ हए हाथ

हो जात और एक बार म दर क पास स िनकल जान पर म दर का छटना असभव हो जाता फर तो जहा खड़ हो जात वह उसका म दर था और जो दखाई पड़ जाता उसी क िलए उसक हाथ जड़ जात ल कन ऐसा नह दखाई

पड़ता म जद म जान वाल लोग म दर म जान वाल लोग क ह या करत ह म दर म जान वाल लोग म जद

म जान वाल लोग क ह या कर दत ह बड़ा अदभत धम ह बड़ा झठा धम होगा ल कन हमारा सारा ढाचा सारा पटन हमार जीवन क बिनयाद जन स व पर खड़ होती ह व सब हमन

व ास क झठ ढाच बना रख ह फर आदमी सरल कस हो सकता ह सरल होना ह तो जान ल जो न जानत ह जान ल क नह जानता ह अगर नह जानत परमा मा को तो कह द

िनमलता स क नह जानता ह मझ पता नह म झठा हाथ नह उठा सकता ह दिनया म दो तरह क झठ हाथ उठ रह ह सो वयत स म एक हाथ उठ रहा ह जो कहता ह परमा मा नह ह

वह भी िसखाई हई बात ह वह भी कल म बताई हई बात ह और परब क म क म हाथ उठता ह ई र क िलए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 155

क ई र ह व हाथ भी झठ ह व हाथ भी िसखाए हए ह अगर आप सीखी हई बात पर हाथ उठा रह ह वापस

लौटा ल अपन हाथ को तो शायद सरल हो भी सकत ह एक फक र एक गाव म ठहरा था वह फक र बड़ा अदभत फक र रहा होगा गाव क लोग न उसस कहा श वार

का दन ह आप चल हमार म जद म थोड़ा ई र क सबध म समझाए वह फक र कहन लगा ई र क सबध म कभी कछ समझाया गया हो तो म भी समझाऊ ल कन व लोग नह मान जतना फक र इनकार करन लगा उतन लोग उसक पीछ पड़ गए लोग क ब ऐसी

ह जहा दरवाज बद होत ह वहा दरवाज ठ कन लगत ह जहा दरवाज खल ह वहा जात भी नह जस दरवाज

पर िलखा ह यहा झाकना मना ह वह -वह च कर लगान लगत ह वह फक र कहन लगा क नह -नह म नह जाऊगा ई र क सबध म या कहा जा सकता ह कछ भी नह कहा जा सकता ल कन लोग नह मान उस ल गए नह मान तो गया म जद म जाकर वह खड़ा हो गया मच क ऊपर और

उसन कहा मर दो तो इसक पहल क म ई र क सबध म कछ कह म तमस कछ पछ ल पहली बात ई र क सबध म तम कछ जानत हो ई र ह उन सार लोग न हाथ हला दए क हम जानत ह ई र ह वह फक र बोला फर मा करो जब तम जानत हो तो मर बोलन क कोई ज रत न रह म वापस जाता ह

म फजल म अपना समय त हारा समय य खराब क मझ या पता क त ह पता ह फर तम मझ

कसिलए िलवा लाए हो जब त ह मालम ह ई र ह और त हार हाथ उठत ह उसक गवाह म मर कोई

ज रत न रह म जाता ह लोग बड़ हरान हए मन और आतर हो गया क इस आदमी स सनना ज र था भल हो गई उ ह न तय कया

क अगली बार फर उस बला कर लाए और अब क बार जब वह पछगा क जानत हो ई र ह तो हम कहग

क ई र ह ह नह हम कछ भी नह जानत फर तो बोलगा दसरा श वार आ गया फर उस फक र क पास गए और कहा क चल ई र क सबध म कछ समझाए वह

फक र फर टालमटोल करन लगा ल कन व नह मान व उस ल गए वह मच पर खड़ा हो गया उसन फर

पछा क म ई र क सबध म कछ कह उसक पहल एक बात जान ल ई र ह त ह कछ पता ह ई र क होन

का लोग न कहा ई र नह ह और हम कछ भी पता नह वह फक र बोला मा करना जब ई र ह ह नह तो मर या ज रत म वापस जाता ह और तम

सबको पता ह क ई र नह ह बात ख म हो गई अब और या जानन को शष रह गया ज ह यह तक पता

हो गया क ई र नह ह उनको अब जानन को और या शष रह गया होगा आ गई अितम सीमा ान क जब यह भी जान िलया क ई र नह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 156

वह फक र वापस लौट गया लोग फर बड़ म कल म पड़ गए सनना ज र था अब और ती आका ा हो गई

क पता नह वह आदमी या कहता उ ह न फर तय कया तीसरा उ र तयार कया क अब क बार फर

चल तीसर श वार फर उसक पास पहच गए क चलो उ ह न तीसरा उ र तयार कर िलया उ ह न कहा अब क बार जब वह पछ तो आध लोग कहग क हमको पता ह क ई र ह और आध लोग कहग क हमको पता नह ह क ई र ह अब तो कछ बोलोग फक र आकर खड़ा हो गया और उसन कहा क दो तो फर वह सवाल पता ह ई र ह या क पता नह ह जानत हो क नह जानत आधी म जद क लोग न कहा आध लोग को पता ह क ई र ह और आध लोग न कहा हम पता नह क

ई र ह फक र न कहा जनको पता ह व उनको समझा द जनको पता नह म जाता ह मर कोई ज रत नह उस फक र स मन भी पछा क चौथी बार व लोग आए क नह वह फक र कहन लगा चौथा उ र उन लोग को नह िमल सका तीन म उ र समा हो गए फर व लोग नह आए म तो रा ता दखता रहा क आए तो फर जाऊ मन उस फक र को कहा क अगर उनक पास चौथा उ र होता तो आप जात वह कहन लगा अगर चौथा उ र होता तो म ज र जाता और बोलता मन पछा वह चौथा उ र या हो सकता था वह फक र कहन लगा अगर व चप रह जात और कोई भी उ र न दत तो म कछ बोलता य क तब व स च

लोग होत तब व एक झठ बात को गवाह नह दत तब व मौन रह जात उ ह कछ भी पता नह ह--न होन

का न ना होन का तब व अपन अ ान म मौन रह जात अ ान उनका स य था स चाई थी ान--

आ तक का ान ना तक का ान--सब झठ ह सीखी हई बकवास ह अगर व चप रह जात तो म बोलता वह फक र कहन लगा और आज तक स य क सबध म तभी समझाया जा सका ह या जाना जा सका ह बोला जा सका ह इशार कए जा सक ह--जब दसर तरफ स चाई स भरा हआ मौन हो झठ स भर हए उ र नह स चाई स भरा हआ काफ ह झठ स भरा हआ ान नह स चाई स भरा हआ अ ान भी परमा मा क

तरफ ल जान वाला चरण बन जाता ह हम पछ अपन स हमारा ान सच ह हमारा ान सच ह और जब हमारा ान ह सच नह तो हमारा

जीवन कस सच हो सकता ह ान पर तो जीवन खड़ा होता ह ल कन हम झठ म हा भरत चल जात ह हम

चपचाप हा भरत चल जात ह चार तरफ लोग हा भरत ह तो हम भी हा भरत ह चार तरफ जो लोग कहत ह वह हम भी कहत ह हम भीड़ क ह स हो गए ह भीड़ एक झठ ह हम समाज क ह स हो गए ह समाज एक

झठ ह एक बार एक अदभत घटना घट गई एक आदमी न एक स ाट स आकर कहा तमन सार प वी जीत ली ल कन एक चीज क कमी रह गई त हार पास त हार पास दवताओ क व नह ह म त ह दवताओ क व

लाकर द सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 157

स ाट क लोभ को गित िमली सोचा क दवताओ क व िमल जाए तो इसस शभ और या होगा उसन कहा कतना खच होगा उसन कहा खच तो बहत होगा य क आदिमय क र त दख-दख कर दवता भी र त लन लग ह बहत

र त लगगी वहा भी बहत ाचार फल गया ह द ली म ह नह इ क नगर म भी बहत ाचार ह

य क यहा क मर हए सब भतपव िमिन टर वह इक ठ हो गए ह और सब उप व कर रह ह बहत बहत

र त मागत ह स त म काम नह चलता यहा आदमी तो दस-पाच पय म भी मान जाता ह दवताओ को तो

दस-पाच पय क कोई क मत नह करोड़ खच हो जाएग दस-पाच करोड़ पय खच ह ग ल कन राजा क मन को लोभ पकड़ गया व ास तो नह आता था क दवताओ क व कस आएग कभी दख

नह गए ह ल कन फर भी उसन कहा क कोई हज नह ल कन दखो धोखा दन क कोिशश मत करना नह तो फासी पर लटक जाओग त हार घर पर पहरा रहगा नगी तलवार का उसन कहा घर पर पहरा रख य क दवताओ का रा ता सड़क स होकर नह जाता वह बहत अद नी रा ता ह वह तो म घर क भीतर स दवताओ क लोक म चला जाऊगा आप उसक फ न कर दस करोड़ पय खच होन थ व पय द दए गए उसक घर क पास तलवार का पहरा लगा दया छह मह न

बाद उसन कहा म व लकर आऊगा य क सरकार कामकाज ह बड़ म कल स होता ह लबा व लग

जाता ह एक-दो दन म नह होता ह सरकार काम ह फाइल पर फाइल सरकगी इस लक को खलाओ उस द तर म खलाओ उधर चलो तब म कल स कह हो पाएगा कसी अ सरा को मनाओ तब कह इ

क व िमल सक बहत म कल ह ल कन कोिशश म क गा छह मह न बीत गए सार राजधानी आतर हो उठ सार दश म खबर पहच ग अदभत घटना घट रह ह

िमरकल दवता क व प वी पर पहली बार आ रह ह शक ह सभी को सदह ह सभी को ल कन नगी तलवार

का पहरा ह छह मह न पर हो गए सबह सरज िनकला और वह आदमी घर क बाहर आ गया वह साथ म एक

बहम य पट िलए हए ह ताल बद ह अब तो कोई शक भी न रहा उसन कहा राजमहल ल चलो नगी तलवार क पहर म वह राजमहल पहच गया लाख लोग क भीड़ सड़क पर इक ठ हो गई ह दरबार भरा

ह दर-दर स राजा आए ह उसन जाकर दरबार म पट रखी तब तो स ाट भी िन त हो गया क धोखा नह दया गया फर उसन ताला खोला फर उसन स ाट को कहा क आप पास आ जाए और य व म भट करता

ह उसन कहा अपनी पगड़ अलग कर द स ाट न पगड़ नीच कर द उसन पट क भीतर हाथ डाला और

खाली हाथ बाहर िनकाला और कहा यह पगड़ ल दवताओ क स ाट न दखा क हाथ खाली ह कोई पगड़

नह फर वह आदमी हसन लगा उसन कहा दवताओ न चलत व मझस कहा ह जो अपन बाप स पदा हआ

होगा उसी को य व दखाई पड़ग य व सभी को दखाई नह पड़ सकत राजा को हाथ खाली दखाई पड़ रहा ह ल कन वह कहन लगा अहा कसी सदर पगड़ ऐसी पगड़ कभी दखी

नह उसन वह पगड़ जो थी ह नह अपन िसर पर रख ली झठ श हो गया झठ क या ा श हो गई सोचा उसन क म कह क पगड़ दखाई नह पड़ती तो म कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 158

हई अपन बाप स पदा नह हआ ऐसी अफवाह फल जाएगी और फर यह भी डर हआ य क जस ह दरबार

क लोग न सना क व उ ह को दखाई पड़ग जो अपन बाप स पदा हए दरबार आग बढ़-बढ़ कर आ गए

और पगड़ क शसा करन लग और कहन लग ओह ऐसी सदर पगड़ दस करोड़ कछ भी नह ह अब जब सारा दरबार कहन लगा रािनया कहन लगी वजीर कहन लग िम कहन लग एक आदमी नह उस दरबार म जो कह क पगड़ मझ दखाई नह पड़ती य क सार भीड़ जब कह रह ह क पगड़ हम दखाई

पड़ती ह तो कौन साहस कर कौन कह क पगड़ दखाई नह पड़ती कौन उलझ कौन च कर म पड़ राजा न पगड़ पहन ली भीतर तो ाण थरथरा रह ह ल कन ऊपर स वह म करा रहा ह फर कोट भी उतर गया फर धोती भी उतर गई फर एक ह व रह गया तब राजा घबड़ाया--अब तो म न न हो जाऊगा एक-

एक व ल िलया गया और झठ व द दए गए जो थ ह नह और दरबार म तािलया बज रह ह और लोग

शसा कर रह ह राजा एक ण सोचा क अब या क ल कन झठ म जो आग बढ़ता ह एक झठ और बड़

झठ म ल जाता ह अब पीछ लौटना बहत म कल मालम होन लगा अगर वह कह क अब मझ कछ नह

दखाई पड़ता तो वह कहगा इतनी दर स आपको दखाई पड़ रहा था झठ बोल रह थ आप अपन बाप स

पदा नह हए मालम होता ह मजबर थी उस अितम व भी छोड़ कर न न खड़ा हो जाना पड़ा और तब उस

नग खड़ राजा को दख लोग तािलया बजान लग हर एक को राजा नगा दखाई पड़ रहा ह ल कन कोई भी कहता नह क राजा नगा ह और उस आदमी न कहा स ाट य व पहली बार प वी पर आए ह इनक शोभा-या ा िनकलनी बहत ज र

ह राजधानी क राजपथ पर चल आप रथ म बठ कर ता क सारा नगर दख ल क दवताओ क व आ गए ह लोग उ सकता स बाहर बाट जोह रह ह अब राजा क ाण कप वह न न खड़ा ह कम स कम अपन महल म ह रा त पर जाए ल कन झठ क

या ा श हो चक अब उस रोकना बड़ा म कल मालम होन लगा मजबर ह दरबार भी कहन लग क

महाराज यह तो व क वागत म ज र ह क आप बाहर चल महाराज को बाहर भी जाना पड़ा वह न न राजा रथ पर सवार हो गया लाख लोग क भीड़ ह और लोग व

क शसा कर रह ह य क शत का सबको पता चल गया िसफ भीड़ म कछ छोट-छोट ब च जो अपन

पताओ क कध पर चढ़ कर राजा को दखन आ गए थ व अपन बाप क कान म कहन लग पताजी राजा

नगा मालम पड़ता ह ल कन बाप न कहा चप नादान नासमझ गर-अनभवी राजा नगा नह राजा सदर

व पहन हए ह जब तम बड़ हो जाओग तमको भी व दखाई पड़न लगग चप रहो अभी अभी अनभव

नह ह ब च अगर स य बोलत भी ह तो बढ़ जो अस य म द त हो गए ह उ ह बोलन नह दत ब च कभी इशारा भी

करत ह क मझ यह नह दखाई पड़ता तो बढ़ कहत ह चप नासमझ अभी तझ अनभव नह ह अनभव

तझ भी दखा दगा और अनभव दखा दता ह य क अनभव सब अस य म या ा का अनभव ह जब वह भी

बढ़ा हो जाता ह उसी अस य क या ा स गजर कर तब उसको भी दखाई पड़न लगत ह व

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 159

हम सब भी नग राजा क व दख रह ह सरल कस हो सकत ह झठ व क गवाह दकर कोई सरल कस हो

सकता ह आपको म दर क मित म कभी भगवान दखाई पड़ ह नह दखाई पड़ तो आपन य कहा ह क

वहा भगवान ह और अगर दखाई पड़ गए ह वहा तो फर इस प वी पर कोई ऐसी जगह हो सकती ह जहा

दखाई नह पड़त ह कसी म जद म कभी उसक झलक िमली ह कसी शा म कभी कसी श द म

स य अवत रत हआ ह ल कन य गवाह द ह य वटनस बन क यहा मझ स य दखाई पड़ता ह यहा मझ भगवान दखाई पड़त ह यह जो झठ क गवाह द ह तो फर सरल नह हो सकत ह नह हो सकत

ह नह हो सकत ह कोई रा ता नह ह फर सरल हो जान का पहली बात पहला स समझ ल सरल हो जान क िलए अस य स अपनी गवाह अलग कर ल वटनस न बन

अस य क गवाह न बन अस य क हम सब गवाह ह हम म स स य का गवाह कोई भी नह य क जो स य का गवाह ह वह परमा मा का सा ी

हो जाता ह अस य क गवाह ह सबह स साझ तक ज म स म य तक सारा जीवन अस य क एक गवाह

ह और रोज-रोज अस य क या ा बढ़ती चली जाती ह बढ़ती चली जाती ह बढ़ती चली जाती ह धम हमारा अस य जीवन क सबध हमार अस य बट स बाप कहता ह क म तझ म करता ह और यह बाप

बट को य पर भज दता ह क जा त लड़ और कट तब कहता ह क दश-सवा क िलए भजना बहत ज र था

अगर दिनया म बाप अपन बट को म करत होत जमीन पर आज तक कोई य सभव नह था कौन अपन

बट को कटन भजता ल कन कसी बाप न अपन बट को म नह कया कहता ह क म म करता ह कौन

कटवाता ह य म पहल महाय म साढ़ सात करोड़ लोग क ह या हई दसर महाय म दस करोड़ लोग

क ह या हई कौन न कटवाए य लड़क रोज लड़क कट रह ह य कौन कटवा रहा ह कौन भज रहा ह मा भजती ह प ी भजती ह बहन भजती ह बाप भजता ह भाई भजता ह बट भजत ह िम भजत ह और हम कह चल जात ह क हम म करत ह और हम िच लाए चल जात ह क हम म करत ह यह हमारा

म बड़ा झठा मालम होता ह कौन कसको म कर रहा ह और जो एक बार म करन म समथ हो जाएगा या आप जानत ह वह परमा मा स दर रह सकगा एक ण को भी जहा म का ार खल गया वहा भ क

म दर का ार भी खल जाता ह रामानज एक गाव म ठहर थ एक आदमी उनक पास आ गया और कहन लगा क मझ भ स िमलना ह मझ

परमा मा क तरफ जाना ह मझ रा ता बताओ रामानज न उस नीच स ऊपर तक दखा और कहा मर दो त मर भाई तमन कभी कसी को म कया ह वह आदमी कहन लगा म- म क बात मत करो मझ परमा मा तक जाना ह यह म वगरह क च कर म

म कभी नह पड़ा मझ रा ता बताओ भ का रामानज फर थोड़ दर चप रह और फर पछा क मर दो त या तम बता सकत हो तमन कभी कसी को भी

म कया हो उस आदमी न कहा क आप म ह म य पछ चल जात ह मझ परमा मा को खोजना ह म स मझ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 160

या लना-दना रामानज फर तीसर बार पछन लग क फर भी सोचो शायद कभी कसी को थोड़ा म कया हो वह आदमी ोध स खड़ा हो गया और उसन कहा यह या पागलपन ह म भ का रा ता पछता ह म

प म क पछता ह आप परब क बतात ह म म क बात नह पछ रहा ह रामानज क आख म आस आ गए और उ ह न कहा फर तम जाओ तमन अगर कसी को भी म कया

होता तो उसी म को ाथना म बदला जा सकता था तमन अगर एक को भी म कया होता तो उसी म क

ार स त ह एक म तो परमा मा कम स कम दखाई पड़ जाता और जसको एक म दखाई पड़ जाता ह फर

कोई मामला बहत बड़ा नह उस सब म दखाई पड़ सकता ह ल कन तम कहत हो मन कभी कसी को म ह

नह कया फर फर म असमथ ह त ह परमा मा तक ल जान म तम कह और खोजो तम कह और

जाओ हम कहत ह क हमन म कया हम म करत ह जो आदमी म कर ल उसक िलए भ स बड़ िनकटता

और कोई नह रह जाती य क म क ण म ह वह कट होता ह ान क ण म नह य क ान तोड़ता

ह म क ण म य क म जोड़ता ह ानी को कट नह होता य क ानी का अहकार ह क म

जानता ह मी को कट होता ह य क मी कहता ह क म ह ह नह तो हम जस म कहत ह वह ज र झठा म होगा नह तो वह म परमा मा तक पहचा दता हमारा धम

झठा हमारा म झठा हमार ाथना झठ एक नाव सम म डगमगा रह ह तफान आ गया ह जोर का नाव क या ी कप जा रह ह उनक ाण कप जा

रह ह व सब घटन टक कर ाथना कर रह ह परमा मा स क बचा लो हम इतना धन दान करग हम इतना

याग करग म म दर बनवा दगा म म जद बनवा दगा म गीता क हजार का पया छपवा कर बटवा दगा म य करवा दगा म इतन ा ण को खलवा दगा व सभी या ी ाथना कर रह ह ल कन एक स यासी एक फक र वहा बठा हआ ह वह चपचाप बठा ह लोग उस पर नाराज हो गए और कहन

लग क तम कछ करो ाथना शायद त हार सन ल तम चप य बठ हो इस दघटना क घड़ म नाव

डावाडोल ह एक ण म डब सकती ह वह फक र हस रहा ह वह चप बठा ह व ाथना कर रह ह तभी वह बीच म िच लाया क ठहरो ठहरो वचन

मत द दना नाव कर ब पहच रह ह कनारा कर ब आ गया खतर क हम बाहर ह व सार लोग आधी ाथना छोड़ कर सामान बाधन लग ल कन एक आदमी उसम झझट म पड़ चका था वह आदमी अरबपित था वह इस नाव म अरब पया कमा

कर वापस लौट रहा था वह इतना घबड़ा गया क उसन भगवान को कहा क ह भगवान अगर म बच गया नाव बच गई तो मरा राजधानी का जो महल ह जसक क मत पाच लाख पया ह वह म तझ दान कर

दगा तरा म दर बना दगा वहा या उसको बच कर गर ब को बाट दगा बचा ल गर ब को बाट दगा या म दर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 161

बना दगा वह यह वचन द चका था और तो सार लोग अभी श ह कए थ वचन नह दए थ वह एक

आदमी फस गया और नाव कनार पहच गई अब उसक ाण बड़ सकट म पड़ क वह पाच लाख पय का या

होगा उस मकान का या होगा उसन उस फक र स कहा क तम बहत ब मान मालम पड़त हो अब म

या क म तो फस गया म तो आ ासन द दया भगवान को म या क उस फक र न कहा घबड़ाओ मत तम ज र कोई तरक ब िनकाल लोग य क आदमी क ाथनाए इतनी

झठ ह क उनम दए गए वचन का कोई अथ नह ल कन तम कोई ज र रा ता िनकाल लोग घबड़ाओ मत

तम बड़ होिशयार आदमी मालम पड़त हो नह तो करोड़ पया कमाना भी बहत क ठन था तम बड़ चालाक

आदमी मालम पड़त हो और प ह दन बाद उस आदमी न तरक ब िनकाल ली और उसन वह मकान पाच लाख पय का गर ब को बाट

दया कस बाट दया उसन सीधी तरक ब िनकाल ली एक ग णत का हसाब िनकाल िलया उसन गाव म

खबर कर द क मझ मकान नीलाम कर दना ह पाच लाख पय का मकान ह सबको पता ह मझ मकान

नीलाम कर दना ह फला-फला दन सबह लोग इक ठ हो गए लनदार वह मकान अदभत था खद राजा भी लन

आ गया था वह फक र भी पहच गया उस भीड़ म क वह आदमी या कर रहा ह या वह बाट दगा लोग को वह फक र भीड़ म चपचाप खड़ होकर दखन लगा उस आदमी न या कया था उस आदमी न एक ब ली बाध द मकान क सामन और गाव क लोग को कहा

क ब ली क क मत पाच लाख पया मकान क क मत एक पया और दोन को इक ठा बचगा अलग-

अलग बचगा नह जसको भी लना हो ल ल ब ली क क मत पाच लाख पया मकान क क मत एक

पया इक ठा बचगा एक ह ाहक को बचगा दोन अलग-अलग नह बचन ह गाव क लोग बड़ हरान हए ल कन लोग को या मतलब लोग जानत थ पाच लाख का मकान ह एक पय म

दता ह पाच लाख का मकान और ब ली जो दो कौड़ क नह वह बताता ह पाच लाख ल कन लोग को या

मतलब पागल हो गया ह हो जान दो गाव का मकान बक गया एक आदमी न पाच लाख म ब ली खर द

ली एक पय म मकान खर द िलया उस आदमी न पाच लाख ितजोर म बद कए एक पया गर ब म बाट

दया उसन तरक ब िनकाल ली उसन रा ता िनकाल िलया हमार ाथना झठ ह हमार पजा झठ ह य क हम झठ ह बिनयाद म इसिलए हमारा सब झठा ह--हमारा

ान हमारा धम हमार ाथना हमारा म-- य क बिनयाद म हम झठ ह और झठ पर खड़ा हआ जीवन

सरल नह हो सकता यह मत पछ क हम सरल कस हो जाए इतना ह जान ल क हम ज टल कस हो गए ह कस रोज हम ज टल

होत चल जा रह ह एक पल नह बीतता हम और ज टल हो जात ह एक घड़ नह बीतती हम और उलझ जात ह सार जदगी

उलझाव क एक लबी कथा ह ब च सरल और सीध पदा होत ह बढ़ उलझ हए मर जात ह इसीिलए तो

जदगी भर आदमी पीछ क तरफ लौट-लौट कर सोचता रहता ह क बड़ खशी थी बचपन म बड़ा आनद था

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 162

बचपन म बड़ शाित थी बचपन म अब सब खो गई या बात थी बचपन म कौन सी खशी थी कौन सा आनद था कौन सी शाित थी

शाित यह थी क सरलता थी खशी यह थी क सरलता थी आनद यह था क सरलता थी ज टल होता जाता ह आदमी और दख और पीड़ा और िचता स भरता चला जाता ह होना तो उलटा था क आदमी क उ जस बढ़ती

वह और सरल होता और सरल होता और अत ण तक इतना सरल हो जाता क उसक सरलता म और भ

क बीच कोई फासला न रह जाता कोई द वाल न रह जाती कोई गाठ न रह जाती कोई िथ न रह जाती

ल कन नह उलटा होता ह गाठ रोज बढ़ती चली जाती ह रोज बढ़ती चली जाती ह हम सब गाठ को कमान

वाल लोग हमार िलए परमा मा सरल नह हो सकता ह इसिलए जब धमग हम समझात ह क परमा मा

क ठन ह हम बलकल राजी हो जात ह क ठ क कहत ह परमा मा क ठन ह म आपस कहता ह झठ कहत ह परमा मा क ठन नह क ठन आप ह और अपनी क ठनाई को परमा मा

पर मत थोप परमा मा ज टल नह ज टल आप ह ल कन जब भी दोष दसर पर द दया जाए हम िनद ष

होकर शात और मज म हो जात ह अपनी क ठनाई पहचान अपनी का ल सट पहचान और पहचानत ह सरलता श हो सकती ह और म यह

नह कहता क कल श हो सकती ह अभी और इसी व श हो सकती ह आप यह स सरल होकर वापस

लौट सकत ह इसी व म ठ बाधी ह मत बाध और आप एक दसर आदमी होकर चल पड़ दसर आदमी--इसी ण अभी और यह ल कन अगर आपन कहा क कल दखग ज टलता श हो गई य क कल पर टालना ज टल आदमी का

ल ण ह जदगी कल क िलए नह कती जदगी अभी और यह ह हो सकता ह जो वह अभी हो सकता ह

और यह दस वर मोमट इसी ण म ल कन जो इस ण म नह हो सकता आप कहत ह ठ क कहत ह सोचगा वचार क गा पछगा कल कछ क गा बस ज टलता क सब रा त खोल दए गए सोचन स

आदमी और ज टलता म जाएगा करन स और ज टलता म जाएगा कल पर पो टपोन करन स और ज टलता

म जाएगा अभी और यह ज टलता को दख ल पहचान ल--कहा म ज टल ह फर कसको कहना ह एक यवा स यासी एक आ म म ह बहत ववाद ह बहत ता कक ह चौबीस घट ववाद और तक और

ववाद एक ण को मौन नह बोलना बोलना बोलना एक अजनबी महमान आ म म आया हआ ह वह

यवक उसक पीछ पड़ गया ववाद म तक म आ यमट म उसन एक-एक बाल क खाल िनकाल डाली वह

आदमी हारा हआ परा जत हआ वापस लौटा आ म का बढ़ा ग चपचाप बठा हआ दख रहा ह हस रहा ह दख रहा ह जब वह अजनबी हार कर चला गया ववाद तब उस बढ़ न उस यवा स यासी को कहा मर बट त कब तक कब तक यथ क बकवास करता रहगा कब तक यथ क बकवास करता रहगा या िमलगा

इस बकवास स इस ववाद स जो िमलना ह वह सवाद स िमलता ह और सवाद मौन म होता ह ववाद म

कोई सवाद नह होता ववाद म कोई क यिनकशन नह ह या िमलगा तझ कब तक बोलता रहगा यथ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 163

कब तक श द स खलता रहगा श द का अपना शतरज ह कब तक खलता रहगा बोल वह यवक सना जसा आप सन रह ह उस यवक न भी सना क उसक बढ़ ग न कहा ह कब तक त बोलता

रहगा यथ बोल उ र द वह यवक हसन लगा उसन उ र भी नह दया ग उस हलान लगा क बोल उ र द वह यवक हसन लगा उसन फर उ र नह दया वह चप ह हो गया फर वह तीस साल जदा रहा वह मौन ह जदा रहा उसी ण हो गई बात जो बात दखाई पड़ गई हो गई उस दखाई पड़ गया क ठ क

कह रह ह यह बात क म कब तक यथ बोल कर समय को खोता रहगा बात दखाई पड़ गई फर उसन यह

भी नह कहा क कल स बद क गा अभी बद करता ह य क इसक कहन क भी या ज रत रह बद हो

गया उसी ण बात हो गई गाव क लोग तो बड़ परशान हए क वह आदमी जो सबस यादा बोलता था चप हो गया लोग उसक ग को

आकर कहन लग क यह बड़ा पागल मालम होता ह उस ग न कहा काश लोग इतन ह पागल ह तो प वी

वग बन जाए जसको हम होिशयार कहत ह वह आदमी सोच- वचार करता ह सोच- वचार करता ह सोच-

वचार करता ह कल क गा कल क गा उसम कदन क साम य ह वलीन हो जाती ह और स य को कवल व लोग उपल ध होत ह जो कदन क और दाव लगान क साम य रखत ह तो मन कह यह थोड़ सी बात ज टल ह मन य का मन ज टलता दख अपन झठ चहर को पहचान जन

झठ व को गवाह द ह उन गवा हय को पहचान जस म को म कहा ह और जसक पीछ घणा िछपी

बठ ह उस म को पहचान जस ान को ान समझा ह और जहा ान बलकल भी नह उस ान क

यथता को दख और दखत ह आप पाएग क एक द वाल टट गई और कोई करण उतरनी श हो गई ह और

ाण सरल हो गए ह िनद ष हो गए ह इनोसट हो गए ह ध य ह व लोग जो सरल हो जात ह य क परमा मा उनक सपदा बन जाता ह ध य ह व लोग जो सरल हो

जात ह य क सरलता क ार स उ ह सब कछ िमल जाता ह ध य ह व लोग जो सरल हो जात ह य क

स य का और भ का रा य उनका ह ल कन अभाग ह व लोग जो ज टल ह और हम सब हम सब ज टल ह

हमारा अभा य हमारा दभा य यह ह क हम अपन को उलझाए चल जात ह उलझाए चल जात ह उलझाए

चल जात ह यह थोड़ सी बात मन कह इस सबध म और जो बात ह व आन वाली चचाओ म आपस कहगा एक छोट सी

घटना और अपनी चचा म पर क जीसस ाइ ट एक गाव म गए उस गाव क लोग इक ठ हो गए गाव का परो हत गाव का प डत गाव का

डा टर गाव का िश क गाव क यापार गाव क मजदर गाव क प ष- या व सब इक ठ हो गए व

जीसस क बात सनन लग और जीसस उन लोग स कहन लग क परमा मा का रा य बहत िनकट ह तम

वश होना चाहत हो क नह वह जो कगडम ऑफ गॉड ह बहत कर ब ह तम चलना चाहत हो वहा या

नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 164

उन लोग न कहा ाण तो हमार भी आतर ह ल कन कौन जा सकगा कौन ह पा कौन जा सकगा भ

क रा य म कौन ह पा कौन ह अिधकार तो जीसस न सामन खड़ हए धमग को दखा नह वह अिधकार नह था य क उस खयाल था क म धम

का ग ह अहकार था जीसस न पास म खड़ हए धनपित को दखा उसक र ढ़ म अकड़ थी उसक जब

वजनी थ उसक पास सोना था धन था वह भी कछ था नह -नह वह भी पा नह हो सकता जीसस क

आख वहा स भी हट गई जीसस न द र क तरफ दखा उसक मन म िसवाय रोट क और क पना नह थी

कोई धनी क मन म सोन-चाद का हसाब था गर ब क मन म रोट का हसाब था धमग समझता था म

जानता ह गाव का ना तक खड़ा था वह समझता था ई र ह ह नह ई र का कोई रा य नह ह कौन

कहता ह जीसस क आख एक-एक आदमी को दखन लगी और खसकन लगी नह -नह वह कोई भी पा नह ह और

तब कस पर जीसस क आख क एक ब च पर जो भीड़ क बाहर चपचाप धल म खल रहा था व दौड़ कर

गए उस धल भर ब च को उठा िलया ऊपर और कध पर ऊपर उठा कर लोग स कहा सनो जो लोग इस

ब च क भाित सरल ह ग परमा मा क रा य क अिधकार व ह ह अपन स पछना रात जाकर ब च क सरलता ह आपक पास नह ह तो फर भ बहत क ठन ह फर वह

सरल नह हो सकता ह और अगर आपक ाण स कोई ब चा बोल उठ क हा म तयार ह म मर नह गया

ह त हार सब कोिशश क बावजद भी म मर नह गया ह त हार सब झठ क बावजद भी म जदा ह इ पाइट ऑफ य और मझ खोज लो त हारा ब चा अभी मौजद ह आज क रात भी ार खल सकत ह कसी भी ण खल सकत ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसक िलए बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य तरहवा वचन जीवन या ह मर य आ मन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 165

जीसस स कोई पछ रहा था क आपका ज म कब हआ तो जीसस न जो उ र दया वह बहत हरानी का ह

यह दय का एक बहत पराना पगबर हआ ह अ ाहम जीसस स कोई दो हजार साल पहल अ ाहम यह दय क

इितहास म परान स पराना नाम ह जीसस न कहा क अ ाहम था उसक भी पहल म था व ास नह हआ होगा सनन वाल को य क व ास हम कवल उसी बात का होता ह जसका हम अनभव

हो बात पहली ह मालम पड़ होगी य क अ ाहम क पहल जीसस क होन क कोई सभावना नह मालम

होती शर र तो हो ह नह सकता ल कन जीसस जसा आदमी यथ ह झठ बोल यह भी सभव नह ह लाओ स स कसी न एक दन पछा क त हारा ज म कब हआ त हार ज म क ितिथ कौन सी ह तो लाओ स न कहा जहा तक म जानता ह मरा ज म कभी नह हआ और मर ज म क सबध म अगर दसर

कह तो उनका भरोसा मत करना य क अपन ज म क सबध म जतना म जानता ह उतना कोई दसरा नह जान सकता ल कन हम सब तो दसर जो हम बतात ह उस पर भरोसा करत ह यह बहत ह मजाक क बात ह लाओ स न

जो कह य क आपको भी अपन ज म का कोई पता नह ह िसवाय दसर क बताई हई बात क दसर कहत

ह क आप कभी पदा हए समझ क दसर न कह समझ क एक ब च को न बताया जाए क वह कभी पदा

हआ तो या कोई भी उपाय ह क ब चा अपनी तरफ स पता लगा ल क वह पदा हआ ह अगर बाहर स

सचना न द जाए तो आपको कभी पता भी चलता क आप कभी ज म और बड़ मज क बात ह ज म

आप ह और सचना बाहर स द गई ह और ज ह न सचना द ह उ ह भी अपन ज म क कोई खबर नह उनको भी उनक ज म क खबर दसर न द ह और ऐसा ह और भी आग ह ज म एक झठ बात ह लोको ह लोग कहत ह क आप पदा हए कोई आदमी कभी पदा नह होता फर

इसी तरह लोग कहत ह क मर गए ज ह न अपना ज म भी नह जाना व अपनी म य कस जान सकग ल कन ज म हम दसर बता दत ह क कभी पदा हए फला ितिथ फला तार ख म और फर कोई मरता ह

चार तरफ और हम सोचत ह क शायद हम भी मरग दसर क मरन क घटना को दख कर हम अपन बाबत भी

वचार कर लत ह क हम भी मरग वय क ज म क खबर दसर स द गई सचना और मरना एक अनमान इनफरस च क और कोई मरा ह इसिलए म भी म गा ल कन जब हम कसी आदमी को मरत दखत ह तब हम या दखत ह सच म हम या दखत ह द ण म एक स यासी था योगी उसन आ सफोड रगन और कलक ा व व ालय म तीन बार एक

बहत अदभत योग कया उसन मरन का योग कया वह दस िमनट क िलए मर जाता था मर जाता था

म डकली जस िच क सक कह सक क मौत हो गई कलक ा यिनविसट म जब उसन योग कया तो दस बड़ िच क सक मौजद थ कलक ा यिनविसट क

सबस बड़ िच क सक सजन सब मौजद थ और जब योगी दस िमनट क िलए मर गया तो उन दस न

द तखत कए ह स ट फकट पर क यह आदमी मर गया ह इसक हम गवाह दत ह सास खो गई दय क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 166

धड़कन खो ग खन क गित खो गई मरन क सार क सार ल णा पर हो गई दस िमनट बाद वह आदमी वापस लौट आया और उस आदमी न कहा क अगर यह त हारा स ट फकट सह

ह तो म वापस नह लौट सकता और अगर म वापस लौट आया ह तो तमन अब तक जतन म य क

स ट फकट दए सब झठ थ य क इन दो क िसवाय और या मतलब होगा और उन दस डा टर न दसर बात भी िलख कर द ह और वह िलख कर यह द ह क जहा तक हम समझत ह

और जहा तक हमारा व ान जानता ह हम समझत ह क यह आदमी मर गया था ल कन हम अपनी आख

को तो झठा नह कह सकत और यह आदमी फर जदा ह और इस घटना न सार दिनया क िच क सक को िचता म डाल दया था य क इसका मतलब या होता ह जसको हम म य कहत ह वह कछ काम का बद हो जाना ह-- ास नह चलती खन नह बहता दय नह

धड़कता अगर जदगी इ ह चीज का जोड़ ह तो ज र मौत इनक बद हो जान स घ टत हो जाती ल कन

कसन कहा क जदगी इनका जोड़ ह जदगी इसस बहत बड़ बात ह ज म पर जो श होता ह मौत पर बद हो जाता ह ल कन न तो ज म पर जदगी श होती ह और न मौत पर जदगी समा होती ह ल कन हम तो अपन शर र क धड़कन खन क गित नाड़ का चलना इनको ह अपना होना समझत ह इसस बड़ ज टलता पदा हो जाती ह इसिलए दो झठ क बीच हम जीत ह--एक ज म का झठ और एक म य का

झठ प वी पर इनस बड़ झठ नह ह ल कन य सबस बड़ स य मालम पड़त ह य क अिधकतम लोग कहना चा हए सभी इ ह वीकार करत ह और जो अस य भी वीकत हो जाता ह वह स य मालम पड़न लगता ह ल कन कभी-कभी कोई सदह पदा कर दता ह कभी-कभी कोई सदह पदा कर दता ह िसकदर हद तान आया और जब वह वापस लौट रहा था तो हद तान क सीमा को पार करत समय उस खयाल आया क यनान म उसक िम न उसस कहा था क लौटत समय एक स यासी को भी ल आना भारत स

और सब तो लाओग ह ल कन धन ह र-जवाहरात मोती व सब यनान म भी ह एक स यासी भी ल आना िसकदर न और सब तो लट क स यासी क याद न रह आ खर ण म याद आई तो उसन कहा जाओ कसी स यासी को पकड़ लाओ िसपाह गाव म गए उ ह न गाव क लोग स पछा तो गाव क लोग न कहा स यासी तो गाव म एक ह ल कन तम ल जा सकोग इसक हम उ मीद नह उ ह न कहा इसक तम फ छोड़ो हम िसकदर क

िसपाह ह हम अगर पहाड़ को कह क चलो तो पहाड़ भी चलत ह य नगी तलवार दखी ह स यासी या

कर सकगा उ ह न कहा इसीिलए हम िचितत ह क त हार तलवार स यासी क साथ कछ कर सकगी या

नह कर सकगी खर तम जाओ एक कोिशश कर लो व गए गाव क बाहर न न एक स यासी तीस वष स नद क तट पर था यनानी इितहासकार न उसका नाम

ददािमस िलखा ह पता नह उसका नाम या होगा यनानी नाम उ ह न ददािमस दया ह हो सकता ह दड

साध या ऐसा कछ दड वामी ऐसा कछ उस आदमी का नाम रहा हो डड वाला साध ऐसा कछ नाम रहा हो उन िसपा हय न जाकर ददािमस को घर िलया और उसस कहा क िसकदर क आ ा ह क हमार साथ चलो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 167

वह फक र नगा हसन लगा उसन कहा क हमन उसी दन स आ ाए माननी छोड़ द जस दन स हम स यासी

हए हम आ ाए तब तक मानत थ जब तक हम डरत थ जो नह डरता उसस आ ा नह मनवाई जा सकती पर उ ह न कहा त ह पता नह ह य नगी तलवार दखत हो हम त हार गदन काट दग तो उस स यासी न कहा क तम काट दोग वह बहत ठ क ह तम काट सकत हो हम कोई एतराज भी न

करग ल कन त हार गदन काटन स डरग नह य क गदन काटन स कवल वह डरता ह जो गदन कटन को म य समझता ह ऐस आदमी क सामन पहली दफा तलवार पर जग खा गई नगी तलवार हाथ म थी ल कन हाथ एकदम स त

हो गए जो आदमी ऐस मरन स राजी हो इतनी मौज स उस मारना बलकल बकार ह और जो आदमी इतनी

मौज स मरन को राजी न हो उसको जदा रखना भी बलकल बकार ह ल कन वह दसर बात फर िसकदर स जाकर उ ह न कहा क वह आदमी ल जाया नह जा सकगा अजीब आदमी ह हमन बहत लोग दख--

मरन वाल मारन वाल लड़न वाल भाग जान वाल यह कछ तीसर तरह का ह न तो वह भागता ह न वह

लड़ता ह उसक पास लड़न को कछ ह नह ल कन वह भयभीत भी नह होता िसकदर न कहा म खद चलगा और िसकदर न कहा क हम त ह वागत दग स मान दग शाह यव था दग--जो तम चाहोग दग उस फक र न कहा तम कछ न द सकोग य क हम कछ चाहत नह ह बहत बार िभखार स ाट क सामन अपमािनत हए ह बहत बार िभखार स ाट क सामन अपमािनत हए ह य क िभ ा दन स स ाट न इनकार कर दया य कभी-कभी ऐस मौक आत ह क स ाट िभखा रय क

सामन अपमािनत हो जात ह य क िभखार कछ लन स इनकार कर दत ह उसन कहा त हार पास कछ भी नह ह य क हम कछ चाह ह नह िसकदर न कहा तब भी कोई बात नह चलना तो पड़गा ह अ यथा यह तलवार त हार गदन पर रखता ह उस फक र न कहा रखो िसकदर न कहा तम नासमझ हो गदन कटगी और नीच िगर जाएगी उस स यासी न कहा क हम स यासी उसी दन हए जस दन हमन दख िलया क गदन कट जाए और नीच

िगर जाए तो भी हम नह कटत ह अ यथा हम स यासी ह नह होत गदन िगरगी तो तम भी दखोग क

गदन िगर रह ह और म भी दखगा क गदन िगर रह ह हाला क तम मझ न दख पाओग म त ह दखता रहगा िसकदर न अपन इितहासकार को कहा ह क िलख ली जाए यह बात--स यासी नह ल जाया जा सका य क

आ खर उपाय था क मौत स डरा दया जाए ज म और म य हमार जदगी क छोर ह इसिलए हमार पास जदगी जसी कोई चीज नह ह िसफ जदगी का एक म ऐसा लगता ह क जी रह ह ज म स मौत क तरफ सरक जात ह और ऐसा लगता ह क जी िलए ह

एक ण भी जदगी क करण नह फटती और एक ण भी जदगी क फल नह खलत और एक ण भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 168

जदगी का सगीत नह बजता और एक ण भी पता नह चलता क हम या थ या ह इस ण भी पता नह ह हम सब यहा जदा ह कोई भी यहा मरा हआ नह ह हम सब जदा ह ल कन जदगी का हमको पता या ह और अगर हमको पता ह तो ब और महावीर पागल थ फर व कस जदगी को खोज रह थ और अगर हम

पता ह तो फर य क ण और ाइ ट य कस जदगी को खोज रह थ या तो जस हम जदगी कहत ह वह

जदगी नह ह और या फर य क ण ाइ ट ब महावीर व ह पागल ह हम ब मान ह हम अपन को ब मान भी नह कह पात नह कह सकत य क ब मानी का अगर कोई अितम मापदड हो

सकता ह तो हमार जीवन का आनद हो सकता ह जो ब मानी आनद तक न ला पाए वह और या ला

सकगी और तब म कहता ह क अगर ब और महावीर पागल भी रह ह तो उनका पागलपन वीकार कर

लन जसा ह य क वह अप रसीम आनद स और जीवन क अभय स भर जाता ह यह म य कह रहा ह यह म इसिलए कह रहा ह क ज म दन क बहान हम यहा इक ठ हए इसस कोई फक

नह पड़ता क वह कस आदमी क नाम क बहान स इक ठ होत ह इसस बहत फक नह पड़ता क अ का

ज म दन ह क ब का ज म दन ह क स का ज म दन ह असल म ज म दन को हम उ सव य बना

लत ह उ सव बना लत ह इसीिलए क जीवन का तो हम कोई पता नह अगर जीवन का हम पता हो तो ितपल हमारा उ सव हो जाए फ टवल हो जाए जीवन का तो कोई पता नह य क जीवन महो सव ह

अगर उसका हम पता हो जाए तो म समझता ह क ज म का उ सव फर हम न मनाए य क ज म तो िसफ

एक श आत ह और जस जीवन म हम जी रह ह अगर वह आनद नह ह तो उस जीवन क श आत कस

आनद हो सकती ह गगो ी आनद हो सकती ह और काशी क घाट पर बहती हई गगा म कोई आनद नह ह

काशी क गगा अगर आन दत नह ह तो गगो ी पर कौन सा आनद होगा यह गगा और िसकड़ होकर और

छोट होकर जसको हम ज म कहत ह वह ह या वह हमारा यह जीवन बलकल ाथिमक इस जीवन म जब क

गगा पर फल गई ह कोई आनद नह ह तो ज म म या आनद हो सकता ह िसफ ज म जाना कोई

आनद हो सकता ह नह ल कन हम झठलान म कशल ह जीवन म दख ह तो हम झठ सख क पत करत ह क ज म म बड़ा सख

ह ज म दन म बड़ा सख ह अगर हम कह जीवन म बड़ा सख ह तो हमार आख कह दगी क कहा ह अगर हम कह जीवन म बड़ा आनद ह तो हमार पर बता दग क न य कहा ह अगर हम कह जीवन ह

खशी ह तो हमार दय क धड़कन कह दगी क कहा ह तो हम कहत ह नह ज म बड़ा खशी का दन ह

अब कोई ज म तो आज नह ह कभी था उसको पकड़ा भी नह जा सकता जाचा भी नह जा सकता पहचाना भी नह जा सकता फर हम सब एक-दसर को भी धोखा दन म सहयोगी होत ह यह जो हमार दिनया ह झठ क यह बहत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 169

यचअल अडर ट डग पर या यचअल िमस-अडर ट डग पर खड़ हई ह इसम हम एक-दसर को सहारा दत ह इसम हम सब एक-दसर क ज म पर इक ठ होकर उ सव मना लत ह फर व ह लोग हमार ज म क उ सव

पर भी आ जाएग हमन उ ह धोखा दया व हम भी द जाएग और ऐस हम जीत ह इधर ज म खशी हो जाती

ह तो म य दख हो जाता ह वह उसी क कोरोलर ह वह उसी तक का दसरा ह सा ह जसक दिनया म भी

ज म सख ह उसक दिनया म म य दख होगी और यान रख ज म तो हो चका म य होन को ह

इसिलए ज म क खशी तो ना-कछ ह म य का दख भार ह शायद यह भी कारण ह क हम म य क दख को भलान क िलए ज म क उ सव मनाए चल जात ह ऐस यक ज म दन ज म क कम याद दलाता ह आन वाली मौत का यादा मरण कराता ह ल कन हम

पीछ क तरफ दखत ह हम आग क तरफ नह दखत हर ज म दन का मतलब िसफ यह ह क एक वष और

आदमी मरा एक वष मरन क और पर हई जदगी स एक वष और र हआ और चका और समा हआ

ल कन हम पीछ दखत ह और पीछ दख कर हम आग दखन स बच तो नह रह ह यह कोई शतरमग का

उपाय तो नह ह क रत म िसर गपा कर खड़ हो गए ह ता क आग दखाई न पड़ ल कन हम कतनी ह ज म क बात कर मौत चली आती ह हर ज म क ऊपर पर रख कर मौत चली आती ह हर ज म को सीढ़ बना कर मौत चली आती ह हर ज म क पीछ मौत क छाया खड़ ह इसिलए जो ज म

म खश ह वह यान रख क वह मौत म दखी होगा असल म वह मौत क दख को भलान क िलए ज म क

खशी मनाए चला जा रहा ह यह आ मवचना ह ल कन यह जीवन इतना दखी ह क इसम हम कह कोई ओएिसस इस म थल म कह

कोई म ान खोज लना चाहत ह झठा ह सह सपना ह सह कह तो हम अपन सख कह अपनी खशी को अटका ल ल कन अटकाई हई खिशया काम नह पड़ सकती इसिलए मन उिचत समझा क आपको कह क

जब तक जीवन का पता न चल जाएऔर जीवन का पता चल सकता ह य क जी वत हम ह अगर कछ भी

हमार िनकटतम ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी हमार ठ क हाथ म ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी इस

व धड़क रहा ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी इस व बोल रहा ह सन रहा ह तो वह जीवन ह ास

भीतर आ रह ह बाहर जा रह ह वह जीवन ह जीवन िनकटतम ह हम जीवन ह ल कन उसस हमारा कोई

प रचय नह उसस हमार कोई पहचान नह और हम न मालम कन- कन बात म इस मौक को गवात चल

जात ह इस प रिचत होन क मौक को गवात चल जात ह नह पीछ लौट कर दखन का कोई योजन नह ह ज म क दन स कछ अथ नह ह अथ ह तो अभी जो ह उसस अथ ह अगर कछ भी जानन-पान जसा ह तो वह जो अभी ह वह जानन-पान जसा ह ल कन मन क एक तरक ब ह क जो मौजद ह उसको चकत चल जाओ और जो मौजद नह ह उस सोचत

चल जाओ इसिलए जो मन कहा क हम सब ज म ह ल कन हम ज म का पता य नह ह हो सकता

हम कहता ह lsquoहो सकता हrsquo आपक तरफ स अपनी तरफ स तो कहता ह ऐसा ह असल म जब आप

ज म ल रह होत ह तब पछली म य क याद आपक मन पर गहर होती ह और चक जात ह मौका पछली

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 170

मौत इस ज म क पहल जहा आप मर ह अभी वह इतनी गहर होती ह मन पर क मन वह अटका रहता ह

और ज म का ण आप दखन स चक जात ह उसका भी कारण यह ह जो कारण अभी ह अभी जीवन दखन स

चक रह ह य क मन पीछ अटका ह फर मौत आ जाएगी मौत भी दखन स चक जाएग य क मन फर

पीछ अटका होगा--बाजार म होगा दकान म होगा मकान म िम म यजन म द मन म कह और

होगा जदगी म होगा अब यह बड़ मज क बात ह क जो आदमी जदगी भर जी रहा था वह जदगी को कभी न जाना जब वह मरन

लगता ह तब उसका मन जदगी म ह और तब मौत सामन आ रह ह वह उसको चक जा रहा ह अगर वह

मौत को जान ल अगर वह ज म को जान ल अगर वह जीवन को जान ल तो एक बात भर प क प स

पता चल जाती ह क जो भी हमार भीतर ह उसका न कोई ज म ह न कोई म य ह ल कन उसका यह मतलब मत समझ लना य क म सदा डरता ह जब म कहता ह उसका कोई ज म नह उसक कोई म य नह और आपक तरफ दखता ह तो म डर जाता ह य क आपको लगता ह क आपका

कोई ज म नह आपक कोई म य नह यह म नह कह रहा ह आप तो मरग ह म जो यहा दखाई पड़ रहा

ह वह तो मरगा ह इसिलए जब म कहता ह उसका कोई ज म नह उसक कोई म य नह तो आपक

बात नह कर रहा ह हा आपक भीतर कोई ह उसक बात कर रहा ह जसका आपको भी कोई पता नह ह इसिलए हम बड़ आ त हो जात ह यह सन कर क नह कोई म य नह कोई ज म तो हम सोचत ह क

ठ क ह बचग आप नह बचग आपक बचन का कोई उपाय नह ह आप तो जाएग ह आप तो जा ह रह ह यह भी कहना

गलत ह क जाएग यह हमार भाषा क भल ह इसिलए हम ऐस श द उपयोग करत ह जा ह रह ह जाएग इसम तो ऐसा लगता ह क कभी भ व य म कोई घटना घटन वाली ह नह यह ठ क ऐसा ह ह जस हम कहत ह नद ह कहना नह चा हए नद ह कहना चा हए नद हो रह ह य क नद ितपल हई चली जा रह ह ह क हालत म नद कभी होती नह इज़ क हालत म दिनया म कोई

चीज कभी नह होती सभी चीज बह रह ह हम कहत ह फला आदमी जवान ह ह नह कहना चा हए जवान

हो रहा ह या बढ़ा हो रहा ह कछ हो रहा होगा ह क हालत म कछ ठहरता नह ह इसिलए जब म कहता ह क आप तो जा ह रह ह तो कारण ह कारण िसफ इतना ह ह क आप फ लत न

ह इस बात को जान कर क नह मरना नह ह धािमक लोग बहत दन स बहत फ लत ह इस बात को जान कर क मरना नह ह इसस ऐसा नह ह क कछ उनको पता चल गया ह इसस कल इतना ह ह क व

सोचत ह जब मरना ह नह ह तो फर ठ क ह जस जी रह ह वस ह जीए चल जाना ह नह आप तो जाएग म जाऊगा म और त क नाम स ज ह हम जानत ह व तो पानी पर खीची गई रखाओ

स िमट जाएग इधर खच भी नह पात और िमटना श हो जात ह ल कन फर भी पीछ कछ ह जो बच रहता

ह उस द रमिनग वह जो पीछ शष रह जाता ह उसक खोज ह धम ह उसक खोज ह स य ह उसक

खोज ह मन य को आ मवान बनाती ह उस पहली दफ पता चलता ह क कछ और भी ह जो नह बदलता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 171

जस दन उस न बदलन वाल पर हमार पर पड़ जात ह उसी दन हम कसी च टान पर खड़ होत ह उसक

पहल सब रत ह हम आख कतनी ह बद कर अपन को समझाए कतना ह उसस बहत अतर नह पड़ता वह सब रत क तरह खसकता चला जाता ह ल कन याद ह नह आता याद ह नह आता मरण ह नह आता जग न कह कहा ह क ऐसा मालम पड़ता ह क आदमी म य स इतना घबड़ा गया ह क उसन म य को अपन

चतन मन स बाहर कर दया ह वह उसक बात ह नह करता उसका िचतन नह करता उसको सोचता नह उसको खयाल म नह लाता य क उसक सार हाथ-पर कप जाएग वह अभी यह खड़ा-खड़ा िगर पड़गा उसक

भीतर कोई चीज कपन लगगी और डोलन लगगी उसका सारा आ ासन खो जाएगा उसक सब प क म जल सब एकदम ताश क प हो जाएगी जरा स हवा क झ क और सब िगरन लगगा यह डर शायद इसीिलए हम म य को बाहर रखत ह और ज म को भीतर रखत ह ज म हमार िच म बड़ा

गहरा होकर बठा रहता ह ज म ह िम का तो हम फल भट दत ह अिभनदन कर आत ह सब भलीभाित

जानत हए क कोई अिभनदन काम नह पड़गा कोई फल काम नह पड़ग कोई शभकामनाए काम नह पड़गी नह यह नह कह रहा ह क ऐसा मत कर जदगी आपक शभकामनाओ क बना ह काफ बर ह उनको

और घटा द तो कछ अ छा नह हो जाएगा यह नह कह रहा ह यह भी नह कह रहा ह क फल मत भज द

कसी क ज म दन पर फल क अलावा भजन को और हो भी या सकता ह ऐस फल ह बड़ा सदर तीक वह

खबर ल जाता ह क आया नह क क हलाना श हो गया ज म दन पर फल भजना ह चा हए य क वह

खबर भी लाता ह साथ म बड़ स बड़ भट फल क हो सकती ह क मती स क मती भट फल क हो सकती ह य क साथ खबर भी लाता ह सबह आया नह क साझ उस फक दना पड़गा सबह वह ज म दन क खबर

लकर आया था साझ म य क दन क खबर लकर जा चका ह नह फल तो ज र भजत जाए अिभनदन भी ज र कर शभकामना भी ज र कर ल कन इसस कसी ाित

को ज म न द य हमार शभकामनाए ऐसी ह ह जसा मन सना क जब भगतिसह को फासी क सजा हई तो उसक और दो-चार िम भी बद थ जनको फासी क सजा थी व रोज सबह उठ कर एक-दसर को शभकामना

करत थ अब जनको फासी क सजा हई हो सटस ट डथ रोज सबह सरज का उग आना और फर ल कन

शभकामना भी तो सीधी नह कर सकत थ हम भी नह कर पात अपनी-अपनी कोठ रय म बद िसफ द वाल

को खटखटा कर िनयम बना िलया था क इतन खटक तो समझना क अभी हम जदा ह और शभकामना

भजत ह क परमा मा त ह जलाए तो व िनयम स खटक बना िलए थ व खटक बजा दत थ फर कोठ रय

म खशी फल जाती थी क अभी सब साथी जदा ह ल कन कसी वडबना क वह जीना िसफ मरन क िलए ह

आज नह कल कल नह परस फासी तो होन ह वाली ह वह जीना िसफ कल मरन क िलए ह फर भी एक

दन और तो खशी क लहर फल जाती गीत गान लगत य क अभी कोई साथी मरा नह सब दरवाज स

खटक क आवाज आ गई सब साथी जदा ह सबन एक-दसर को शभकामना पहचा द क हम जी वत ह परमा मा का ध यवाद ह ल कन कसिलए जी वत ह वह फासी कल कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 172

नह परस वह फासी राह दखती ह िसफ मरन क िलए हमार हालत भी बहत िभ न नह ह भगतिसह स और उनक सािथय स थोड़ा सा फक ह वह फक यह ह क व

कम स कम अपनी मौत क ित आ त भी थ हम उतन आ त भी नह ह वह भी प का नह ह ल कन

हम जस जगह खड़ ह वहा कर ब-कर ब हालत वसी ह जस कसी कारागह म फासी पर जान वाल लोग य

म खड़ ह ल कन कतना उप व मचा लत ह उन थोड़ स ण म कतना फलाव कर लत ह कतना व तार कर लत ह कतना या कछ कर डालत ह उन थोड़ स ण म िसफ एक चीज छोड़ जात ह क वह थोड़ स ण

म हम उस त व को जान सकत थ जो आया था और जाएगा उसको नह जान पात बस उसस विचत रह जात

ह तो आप शभकामनाए लाए उसक िलए ध यवाद ल कन उस शभकामना स आप अपन जीवन क ित आ त

होकर मत चल जाना मझ उसस कोई आ ासन िमलन क बात नह ह ल कन आप मत सोचत हए चल जाना

क जीवन ह ज म ह म य को अलग काट कर मत रख दना अ छ दिनया हो तो म मानता ह--हम म य-

दन ह मनाना चा हए ल कन हम तो म य- दन तब मनात ह जब आदमी मर जाता ह तब मनान का कोई मतलब नह रह जाता हम

मनाना ह ऐसा चा हए आदमी पाच साल का हो गया तो कहना चा हए क म य पाच साल कर ब आ गई

दस साल का हआ तो दस साल कर ब आ गई बीस साल का हआ तो बीस साल कर ब आ गई और म य का

ह दन मनाना चा हए वह यादा रयिल टक ह यथाथ ह और शायद हम म य क दन मनान लग तो शायद हमार जीवन म अतर पड़ य क हर वष हम याद आए क मौत एक वष कर ब आ गई तो हम वह न

हो सक जो हम बन रहत ह हम मरघट को क तान को गाव क बाहर बनाए हए ह इसी डर स क व दखाई न पड़ जाए मरा वश चल

तो गाव क बीच म ह होन चा हए हम दन म दस बार िनकल हम मरघट दखाई पड़ दस बार खयाल आए

क मौत ह य क बड़ दख क बात ह क मौत ह अकला एक त व ह जसक पीड़ा हमम घनी हो जाए तो हमारा जीवन प रवितत हो सकता ह अ यथा नह मौत ह एकमा दश ह काटा ह जो गहरा हमार छाती

म चभ जाए तो शायद कोई ासफामशन कोई ाित घ टत हो जाए अ यथा नह मौत ह हम घर ल और

जोर स पकड़ ल तो शायद हम कोई छलाग लगाए अ यथा नह इसिलए ब क पास जब कोई िभ आता और कहता क म परमा मा क खोज पर आया ह स य क खोज पर

आया ह आ मा को जानना चाहता ह तो ब कहत बद करो बद करो य बात पहल म तमस पछता ह मौत को खोजन का कोई खयाल ह वह आदमी कहता मौत स या लना-दना मझ आ मा खोजनी ह परमा मा खोजना ह ब कहत नह पहल मौत खोजनी ह य क जो मौत को जान लगा वह परमा मा को भी जान लगा

ल कन जो मौत को नह जानगा वह परमा मा को भी नह जान सकता मौत जदगी क ज र िसचएशन ह वह ज र थित ह जसम स हमार भीतर सब कछ पदा होता ह तो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 173

ब उसस कहत क त जाकर कछ दन मरघट पर रह कर आ फर लौट आ फर अगर त क ज ासा

करगा तो म उ र दगा फर त आ मा क पछगा तो हम बात करग पहल त मरघट पर रह आ अ सर िभ ओ को व मरघट पर भज दत क तम वह चौबीस घट रहो अब चौबीस घट मरघट पर रहना फर कोई मदा आया फर कोई जला फर कोई मरा फर कोई रोता हआ

आया दन भर रात आधी रात भी सबह भी साझ भी न कोई समय न कोई असमय लोग मरत ह

चल जात ह मरघट पर आत ह चल जात ह वह आदमी कब तक दखगा कतनी दर तक दखगा अततः उस खयाल आ जाता ह क म भी इस य म कह खड़ा ह यह यादा दर क बात नह ह वह तो मरघट हमार चतना क बाहर ह इसिलए हम कभी प का पता नह चलता और जब एक आदमी मरता

ह तो हम कहत ह बचारा हम पता नह लगता क हम य म थोड़ स आग बढ़ गए उस आदमी न जगह

खाली कर द हर मौत हमार ह मौत ह हर मौत हमार ह म य का मरण ह और अगर यह मरण बन

सक गहरा हो सक तो शायद हम जीवन को भी जानन म सफल हो सकत ह तो दो-तीन बात अत म आपस कह द एक जस ज म कहत ह उस ज म मत समझ लना वह िसफ एक सोशल िमथ एक सामा जक पराणकथा

ह जस म य कहत ह उस म य मत समझ लना वह कवल हमार अ ान का दसरा नाम ह जस जीवन

कहत ह उस जीवन मत समझ लना य क रोज सबह उठ आना और रोज साझ सो जाना रोज वह भोजन वह कमाना वह िम वह श वह सारा जाल उसक िनरतर पन अतह न पन बड़

आ यजनक बात ह क उसक अतह न पन भी हम करत चल जात ह ऊबत भी नह ह काम न अपनी एक कताब का ारभ एक अजीब स वा य स कया ह कहा ह क द ओनली मटा फ जकल

ॉ लम बफोर मन इज़ यसाइड एक ह आ या मक सम या मन य क सामन आ मह या ह और जब उसस कसी न पछा क यह तमन या िलखा ह तो उसन कहा क जब स म थोड़ स होश स भरा तब स म पछ रहा ह अपन स क अगर यह जदगी ह तो आ मह या म बराई या ह अगर यह जदगी ह--

जो म कल जीया था परस जीया था इसी को कल फर दोहराना ह परस फर दोहराना ह--तो यह सोच कर

ह क इसी को दोहराए चल जाना ह म सोचता ह आ मह या म बराई या ह अगर यह जदगी जदगी ह ल कन हमम स कतन न सोचा ह यह कभी क जस हम जदगी कहत ह अगर यह जदगी ह हम तो

अगर कोई भगवान िमल जाए और कह क यह जदगी हम त ह दबारा दत ह तो हम कहग क बलकल हम

राजी ह साठ साल और फर यह करग द सम डड ट न फर यह करग ल कन इसका मतलब िसफ इतना

ह क हमार पास कोई सवदनशील िचतन नह ह कोई सिस ट वट नह ह क हम या कर रह ह इसिलए आप च कत न होना क दिनया म जो लोग आ मह या कर लत ह अिनवाय नह क कायर ह इसक भी सभावना ह क आपस यादा सवदनशील ह और आप यह मत समझ लना क आ मह या नह

करत ह तो बड़ बहादर ह सभावना बहत यह ह क मरन क भी ह मत नह जटा पात जीन क तो बात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 174

अलग ह इसिलए जीए चल जात ह मरन क िलए भी तो कछ सोचना पड़गा कोई डसीजन लना पड़गा और

जदगी तो िसफ बहत चल जात ह बहत चल जात ह कभी बठ कर थोड़ा सा लखा-जोखा कर लना चा हए कभी बठ कर थोड़ा लखा-जोखा करना चा हए क पचास

साल जीया इस पचास साल म कतन ण ह जो जीवन क ण ह जनको म फर स अगर परमा मा हो तो मागना चाह तो हाथ स रत खसकती मालम पड़गी एक ण भी ऐसा नह लगगा जस दबारा मागन का

मन हो इतना बासा ह जीवन इतना टल ल कन हम बासी जदगी पर जस सड़ हई मछली पर कोई टमाटर

सॉस ऊपर स डाल कर खाए चला जाता हो ऐस हम सड़ हई जदगी पर बस रोज आशाओ क सॉस डालत हए

चल जात ह--कल कछ होगा परस कछ होगा और मजा यह ह क आप ह कल भी ह ग तो आप तो कल भी थ कल आपन या कया परस भी आप थ

परस आपन या कया आप ह कल भी ह ग और यान रह आज स कमजोर ह ग रोज श चकती चली

जाती ह रोज ण कम होत चल जात ह समय ीण होता चला जाता ह अवसर ीण होत चल जात ह श द न होती चली जाती ह अगर कल आप नह पा सक तो आन वाल कल आप बलकल भी नह पा सकग इसस यह मत समझ लना क म आपको िनराश कर रहा ह इसस यह मत समझ लना क म कोई िनराशावाद दखवाद ह क कछ भी नह हो सकगा म आपस िसफ इतना कह रहा ह क जस आशा म आप जी रह ह उस आशा म जीन स कभी कछ न हो सकगा अगर आपको िनराशा भी पकड़ ल तो कछ हो सकता ह यान रह इस प वी पर िसवाय ब ओ क और कोई बहत आशावान नह हो सकता ह नह जदगी ऐसा

मौका नह दती जदगी ऐसा मौका नह दती जदगी को जो भी दखगा वह िनराश होगा होना चा हए और

िनराशा जब इतनी गहर हो जाती ह क यह जदगी बलकल बकार मालम पड़ती ह तभी पहली दफा छलाग

लगान का मन होता ह क हम कोई और जदगी खोज ब एक आदमी स कह रह ह क त अब छोड़ यह सब वह कहता ह क कछ दर और क जाए अगल वष लड़क

क शाद कर लनी ह फर म आता ह ब न कहा क समझ क साल बीता लड़क क शाद हो गई प का

ह आएगा उसन कहा साल तो बीत जान द ब न कहा सोच क साल बीता लड़क क शाद हो गई

या खयाल ह उसन कहा ल कन अभी कस कह सकता ह साल भर बाद हजार सवाल उठ सकत ह ब न

कहा म बचा तो अगल वष आऊगा ब उस गाव स फर िनकल वह आदमी सनन ब को नह आया य क वह डरा उसन सोचा क पता नह वह आदमी फर पहचान ल और ऐस आदमी भलत नह ऐस आदमी पहचान लत ह और पकड़ लत ह पहचान

ल साल तो बीत गया ल कन कह व फर कह और सवाल तो कछ भी हल नह हए सवाल और बढ़ गए य क एक साल म सवाल और पदा कए आदमी तो वह ह जो सवाल पदा करता ह

ब बठ ह लोग आ गए ह और ब कसी क राह दख रह ह लोग न कहा अब आप श क रए समय बीता

जाता ह ब न कहा एक आदमी न वायदा कया था आपक गाव म वह कहा ह उ ह न कहा बड़

म कल ह वह आपस बच रहा ह उसको बला लाओ ब न कहा य क पता नह अगल साल म बच या न

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 175

बच उसका तो मामला अगल साल तक टल ह गया होगा उस आदमी को लाया गया उसन कहा माफ क रए बड़ गलती हो गई मगर हम समझ नह पात न इतन दर

क बहत सवाल उठ गए ह अब लड़का भी बड़ा हो गया मा क तबीयत ठ क नह रहती पता बढ़ ह घर म

बहत काम ह ल कन अगल वष जब आप आएग ब न और लोग स कहा क दखत हो इस आदमी को असल म इस आदमी क मन म अब तक जगत क ित कोई िनराशा नह जनमी ह अभी इस ऐसा नह लग

रहा ह क जगत म आग लगी ह तो यह पो टपोन कर सकता ह थगन कर सकता ह अगर इस मकान म आग लग जाए तो यहा एक आदमी नह िमलगा जो कहगा क म थोड़ दर दस िमनट

बाद म आता ह आग लगी तो यहा जो होड़ होगी वह यह होगी क कौन पहल िनकल जाए कोई पीछ होन को राजी नह होगा ल कन जीवन क स य क तरफ ऐसी कोई होड़ नह दखाई पड़ती सच तो यह ह क जीवन क स य क खोज

अकला एकमा ह जहा कोई का पट शन कोई ितयोिगता नह ह आप चल जाइए अकल और

बलकल नबर एक आ जाइए तो कोई रोकन वाला नह ह कोई दसरा होता ह नह िनराशा जीवन जसा ह उस दख ल तो िनराशा पकड़गी या ह हमारा म या ह हमार िम ता म को

बहत तलाश करग तो दो-चार आसओ क िसवाय भीतर कछ िमलता नह और जब आस खद क अनभव म

आत ह तो जसा सागर का पानी ित और कडवा ह वस ह होत ह िम ता या ह िम ता जस हम

जानत ह वह या ह िम ता रवी नाथ न एक क वता िलखी ह िलखा ह एक बौ िभ एक गाव स िनकल रहा ह स यासी एक व या उस

पर मो हत हो गई और उसन नीच उतर कर उस िभ को कहा क आओ यह पहला मौका ह क म कसी को िनम ण दती ह अब तक लोग न मझ िनम ण दया ह और मर ार पर द तक द ह सभी क िलए ार नह खलत ह स ा ी थी एक अथ म वह सारा नगर उसक िलए द वाना था नगरवध थी सदरतम थी सभी स ाट भी

उसस िमल पाए यह आव यक नह था िभ खड़ा हो गया उसन कहा क जब ज रत होगी तो म आऊगा जब ज रत होगी तो म आ जाऊगा पर उस ी न कहा क ज रत म त ह म का िनम ण द रह ह उस िभ न कहा िनम ण मन सन िलया और वीकार कर िलया ल कन अभी उनको आन दो जो त हार िम

ह त हार मी ह कल ऐसा ण भी आ जाएगा न िम िमलगा न मी तब मर ज रत हो तो म आ

जाऊगा म तब तक ती ा कर सकता ह बात आई-गई हो गई व या दखी और पी ड़त ह फर वष बीत गए फर जो होना था जो होता ह वह हआ वह व या कोढ़ त हो गई गाव न उस िनकाल कर बाहर फक दया उसक शर र गल-गल कर अग उसक

िगरन लग कोई उसक पास न आता दर तक उसक बदब पहचती उस रा त स लोग न िनकलत क वह

कसी को पकार न द द य क य व ह लोग थ ज ह न कभी उसक ार पर द तक भी द थी आधी रात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 176

अमावस क रात ह वह तड़प रह ह उस यास लगी ह कोई पानी दन वाला भी नह ह और तभी कोई हाथ

उसक माथ पर पहच गया कोई पानी उसक मह म डालन लगा उसन पछा आख खोल कर पानी पीकर क

तम कौन हो तो उसन कहा म वह िभ ह जो कई वष पहल त हार ार स गजरा था एक म ी तमन जानी थी एक म ी म भी जानता ह पर उस व या न कहा अब यथ ह आए अब तो मर पास दन को कछ भी नह ह उस िभ न कहा जो म ी लन को आती ह वह म ी नह ह म लन को कछ नह आया ल कन हमन कोई ऐसी म ी जानी ह जो लन को न आई हो असल म हमन दो तरह क श ताए जानी ह--

अपन क और पराय क अपन क श ता को हम म ी कहत ह पराय क श ता को हम श ता कहत ह

दोन ह हमस लन को आतर ह अपन क ढग जरा ीितकर ह पराय क ढग जरा ोध स भर ह य दोन ह

लन को त पर ह म ी हमन जानी नह म हमन जाना नह जीवन हमन जाना नह शाित और आनद क हम कोई खबर

नह ह य प खोज उसी क ह और वह खोज कभी पर न होगी जब तक जो यथ ह वह यथ न दखाई पड़

जाए तब तक साथक क खोज नह होती ह जो गलत ह गलत न दखाई पड़ जाए तब तक जो ठ क ह

उसक खोज श नह होती द फा स म ट बी नोन एज फा स एक दफा बलकल साफ हो जाना चा हए क

यह गलत ह ल कन कतन दन म साफ होगा कतन ज म म साफ होगा पचास साल साठ साल गलत को गलत

नह बता पात एक जदगी को िगन तो जो जानत ह व तो अनक जदगी को िगनग और कहग क अनक

जदिगया भी नह बता पाती क गलत या ह जस क हमन तय ह कर रखा ह क हम गलत को गलत नह दखग हम उसको ठ क दखत ह चल जाएग हमन कसम ह खा रखी ह यह कसम तोड़नी ज र ह यह कसम जस दन स टटनी श हो जाए म कहगा उस दन स आपका ज म

श हआ जस दन स यह जदगी यथ दखाई पड़नी श हो जाए उस दन म कहगा आपक असली जदगी

श हई आपका असली ज म श हआ और उस तरह क आदमी को ह ज द वाइस बॉन जनऊ डालन

वाल को नह य क जनऊ तो कसी को भी डाला जा सकता ह ज हम कहत रह ह उस आदमी को जो इस

दसर जदगी म वश कर जाता ह एक ज म ह जो मा-बाप स िमलता ह वह शर र का ह हो सकता ह एक

और ज म ह जो वय क खोज स िमलता ह वह जीवन क श आत ह तो इस ज म दन पर--मर तो नह कह सकता य क म तो जीसस ब और लाओ स स राजी ह--ल कन इस

ज म दन पर जो क अ ब स द कसी का भी हो सकता ह आपस इतना ह कहना चाहता ह क एक

और ज म भी ह उस खोज एक और जीवन भी ह--यह पास जरा मड़ और शायद िमल जाए बस कनार

पर कोन पर ह और जब तक वह जीवन न िमल जाए तब तक ज म दन मत मनाए तब तक सोच मत

ज म क बात य क जसको आप ज म कह रह ह वह िसफ म य का िछपा हआ चहरा ह हा जस दन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 177

जसको म ज म कह रहा ह उसक आपको झलक िमल जाए उस दन मनाए उस दन फर ितपल ज म

ह य क उसक बाद फर जीवन ह जीवन ह--शा त अनत फर उसका कोई अत नह ह ऐस ज म क

या ा पर आप िनकल ऐसी परमा मा स ाथना करता ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अनगह त ह सबक भीतर बठ परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर

Page 2: K^,K r : s E Z , ^z

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 2

उसक िलए दौड़ना असभव ह और अगर दौड़ तो चक जाएग तो कछ चीज ऐसी ह जो दौड़ कर पाई जा सकती ह य क असल म व हमारा वभाव नह ह हमस अलग ह अगर धन पाना ह तो बना दौड़ नह िमल जाएगा अगर यश पाना ह तो दौड़ना पड़गा अब यह बड़ मज क बात ह क धन क सबध म लालच वाभा वक ह य क बना लालच क धन पाया ह नह

जा सकता य क बना दौड़ धन कस आ जाएगा धन कह और ह आप कह और ह दौड़ना पड़गा दौड़ना पड़गा तो शायद आप पहच जाए फर भी ज र नह क पहच जाए ल कन परमा मा कह दर नह ह एक इच का भी फासला होता तो थोड़ा दौड़ लत एक इच का भी फासला नह

ह हम वह खड़ ह जहा परमा मा ह हम वह ह वह ह जो वह ह तो दौड़ग कहा खोजन कहा जाएग जस खोया हो उस खोज सकत ह और जस खोया ह न हो उस खोजा तो भटक जाएग िसफ परशानी म पड़

जाएग मन सना ह एक आदमी न शराब पी ली थी और वह रात बहोश हो गया आदत क वश अपन घर चला आया पर चल आए घर ल कन बहोश था घर पहचान नह सका सी ढ़य पर खड़ होकर पास-पड़ोस क लोग स

पछन लगा क म अपना घर भल गया ह मरा घर कहा ह मझ बता दो लोग न कहा यह त हारा घर ह

उसन कहा मझ भरमाओ मत मझ मर घर जाना ह मर बढ़ मा मरा रा ता दखती होगी और कोई कपा

करो मझ मर घर पहचा दो शोरगल सन कर उसक बढ़ मा भी उठ आई दरवाजा खोल कर उसन दखा क उसका बटा िच ला रहा ह रो रहा ह क मझ मर घर पहचा दो उसन उसक िसर पर हाथ रखा और कहा बटा यह तरा घर ह और म तर मा ह उसन कहा ह ब ढ़या तर ह जसी मर बढ़ मा ह वह मरा रा ता दखती होगी मझ मर घर का रा ता बता

दो पर य सब लोग हस रह ह कोई मझ घर का रा ता नह बताता म कहा जाऊ म कस अपन घर को

पाऊ तब एक आदमी न जो उसक साथ ह शराब पीकर लौटा था उसन कहा ठहर म बलगाड़ ल आता ह तझ तर घर पहचा दता ह तो उस भीड़ म स लोग न कहा क पागल इसक बलगाड़ म मत बठ जाना नह तो घर स और दर िनकल

जाएगा य क त घर पर ह खड़ा हआ ह तझ कह भी नह जाना ह िसफ तझ जागना ह तझ कह जाना

नह ह िसफ जागना ह िसफ होश म आना ह और तझ पता चल जाएगा क त अपन घर पर खड़ा ह और

कसी क बलगाड़ म मत बठ जाना नह तो जतना जतना खोज पर जाएगा उतना ह दर िनकल जाएगा हम सब वह खड़ हए ह जहा स हम कह भी जाना नह ह ल कन हमारा िच एक ह तरह क भाषा समझता ह--जान क दौड़न क लालच क पान क खोज क उपल ध क तो वह जो हमारा िच एक तरह क भाषा समझता हअब आप पछत ह क गह थअसल म

अगर ठ क स समझ तो जो पान क खोजन क पहचन क दौड़न क लोभ क भाषा समझता ह ऐस

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 3

िच का नाम ह गह थ ह और गह थ का कोई मतलब नह होता जसको इस तरह क ल वज भर समझ म

आती ह वह गह थ ह और जो पान क दौड़न क खोजन क पहचन क भाषा छोड़ दता ह पहचा ह हआ

ह पाया ह हआ ह हआ ह हआ ह ऐसी भाषा समझन लगता ह उसका नाम स य त ह और अगर

स यासी भी पहचन और दौड़न क बात कर रहा हो तो गह थ ह वह अभी स यासी नह ह कपड़ बदल िलए

ह ग यह हो सकता ह ल कन अगर वह यह कह रहा ह क पाना ह परमा मा को तो अभी वह गह थ ह अभी

वह स यासी हआ ह नह अभी उसन भाषा ह नह जानी क स यासी होन का मतलब या ह स यासी होन का मतलब यह ह क पान को कछ ह ह नह जो भी पान को ह वह पाया ह हआ ह लोभ करन

का कोई उपाय नह ह य क जसका हम लोभ कर वह हमार भीतर ह बठा हआ ह और य द हमन लोभ

कया तो हम भटक जाएग भीतर स कह और चल जाएग और वह लोभ और लालच हम भटका रहा ह अ सर तो यह होता ह क एक आदमी गह थ ह और स यासी हो जाता ह तो लोभ क कारण ह वह कहता ह गह थी म नह िमलता आनद स य त होन स आनद िमल जाएगा वह कहता ह गह थी म नह िमलता

परमा मा और म परमा मा को पाए बना कस रह सकता ह तो म स यासी होता ह ल कन अभी उसक जो भाषा ह वह गह थ क ह अभी उस पता भी नह चला क वह गह थ का जो मवक ह

गह थ क दमाग का उसक बाहर नह हो रहा ह वह उसी क भीतर चल रहा ह अब वह नय उपाय म लग

जाएगा--पजा करगा ाथना करगा जप करगा तप करगा य सब य ह ग पान क ल कन जो पाया ह

हआ ह उस पान का कोई भी य उिचत नह ह अनिचत ह उस जानना ह पाना नह ह इस फक को

समझ लना चा हए क उस िसफ जानना ह पाना नह ह वह पाया हआ ह ऐस ह जस हमार जब म कछ चीज

पड़ ह और हम भल गए ह और अब उस खोजत फर रह ह खोजत फर रह ह और वह नह िमलती य क वह जब म पड़ ह

स य क भ क आनद क सब खोज यथ ह असल म मत खो जए एक ण को भी कछ मत खो जए

एक ण को भी अगर सार खोज क जाए सारा लोभ क जाए तो िच का आवागमन क जाएगा अब आप कहत थ क कभी िच यहा जाता कभी वहा जाता कभी वहा जाता वह जाएगा ह वह जाता ह रहगा जब तक लालच ह तो जहा लालच दखगा वह चला जाएगा एक जगह भर

नह आएगा--जहा हमारा होना ह वहा भर नह आएगा य क वहा कोई लालच नह दखाई पड़ता वहा पान

को या ह भीतर पान को या ह भीतर पान को कछ भी नह दखाई पड़ता सब बाहर दखाई पड़ता ह

पान को बड़ मकान ह व बाहर ह धन क ढर ह व बाहर ह और परमा मा ह तो वह भी कह दर आकाश म

बाहर ह भीतर कछ दखाई नह पड़ता क वहा जाए कसिलए या पान को िमलगा वहा इसिलए िच

सब जगह जाता ह एक जगह छोड़ दता ह मन सनी ह एक कहानी क भगवान न सार दिनया बनाई ह और जब आदमी को बनाया तो वह बहत परशान हो

गया य क आदमी को जस ह बनाया आदमी हजार िशकायत हजार सवाल हजार सम याए लकर पहचन

लगा तो उसन दवताओ स कहा क यह तो मझ सोन भी नह दगा जीन भी नह दगा ऐसी कछ बताओ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 4

तरक ब क म आदमी स बच सक तो कसी दवता न कहा हमालय पर बठ जाइए उसन कहा कतनी दर हम बचग हमालय पर आज नह कल कोई हलर कोई तनिसह चढ़ जाएगा तो कसी न कहा चाद पर बठ जाइए उसन कहा वह भी बहत दन दर नह जब आदमी वहा पहच जाएगा दर क तार सझाए ल कन उ ह न कहा क नह वह कह काम नह करगा कछ ऐसी जगह बताओ जहा आदमी पहच ह नह तब एक बढ़ दवता न कहा फर एक ह जगह ह आप आदमी क भीतर बठ जाइए और वहा वह कभी नह

जाएगा चाद पर पहच जाएगा ल कन वहा कभी नह आएगा और भगवान इसक िलए राजी हो गए यह बात उनक समझ म आ गई यह तो कहानी ह ल कन स चाई भी यह ह लोभ ल जाता ह बाहर लोभ ल जाता ह दर लोभ ल जाता ह

भ व य म और जसक आप बात कर रह ह भगवत - ाि क वह ह अभी यह इसी व हयर एड नाउ न कल न परस भ व य म नह अभी इसी ण यह आपक पास ह आप म ह आप ह मौजद ह वह जो कह रहा ह क कहा खोज वह ह जसको खोजना ह जो कह रहा ह क कहा जाऊ कस लालच स

जाऊ वह जो यह कह रहा ह जो यह पछ रहा ह उसका ह पता लगा लना ह और उसका पता लगा लन क

िलए कसी लोभ क कसी लालच क कसी दौड़ क कसी खोज क कसी उपाय क कसी एफट क

कोई भी ज रत नह ह उसक िलए चा हए एफटलसनस उसक िलए चा हए सब य का छोड़ दना उसक

िलए चा हए सब दौड़ का बद हो जाना उसक िलए चा हए लालच का िनर त हो जाना श य हो जाना तब

आप कहा जाएग तब आप या करग तब आप वह ह ग जहा आप ह वहा करन क कोई ज रत नह वहा बना कए ह आप ह कया क चक गए इसिलए न कोई उपाय ह उस पान का न कोई विध न कोई मथड ह उस पान का न कोई माग ह उस पान

का न कोई ग उस पहचा सकता ह आपको न कोई सहारा द सकता ह जस दन आपक य सार म टट

जाएग उस दन आप पाएग क उस आपन पा िलया ह और इसिलए यह तो पिछए ह मत म तो कोई लालच उसक िलए नह बता सकता म तो यह भी नह कहगा

क वहा आनद िमलगा म हो जाएग अमत हो जाएगा अमर हो जाएग य सब लालच हमार मन को

पकड़त ह य क मरन का हम डर ह म य स हम भयभीत ह इसिलए हम चाहत ह क कोई व ास दला द

क उस पा लन स अमर हो जाएग फर मरग नह दख हम खा रहा ह तो हम चाहत ह क कोई आ ासन द

द क आनद वहा िमल जाएगा जदगी हाथ स िनकली चली जा रह ह कोई व ास दला द क वहा परम

जीवन िमल जाएगा तो हम कछ दौड़न लग हम दौड़न लग और मजा यह ह क दौड़ रह ह इसीिलए उस पा नह सकत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 5

तो यह जो क ा ड शन ह यह अगर खयाल म आ जाए दौड़न क भाषा छट जाएगी तब कन क भाषा तब

भागन का खयाल नह ठहरन का खयाल तब इसिलए नह क वहा या िमल जाएगा ब क इसिलए उस

जानना ह क हम वहा ह ह चाह कछ िमल और चाह कछ न िमल हम वहा ह ह और उस थल को तो

जानना ह चा हए जहा हम ह नह तो हमारा जीवन हो सकता ह क जो हम कर रह ह वह बलकल वपर त

हो जो हम ह उसक बलकल वपर त हो उस जान लन क बात ह पया ह और दो ह तरह क दो ह तरह

क सभावनाए ह एक तो व चीज ह ज ह हम कोिशश करक पा सकत ह और कछ चीज ऐसी ह ज ह कोिशश

करक हम खो सकत ह जस आपको रात नीद न आती हो और आप कोिशश कर नीद लान क य क आप कहग क बना कोिशश क

नीद कस आएगी बना यास क कस नीद आएगी तो आप यास कर--िगनती िगन भगवान का नाम

ल म पढ़ उठ-बठ पर धोए िसर धोए हजार उपाय कर करवट बदल--आप कह क बना उपाय क नीद

कस आएगी तो मझ कोई उपाय चा हए तो म आपको कहता ह क फर नीद रात भर नह आएगी य क सब उपाय नीद म बाधा बनग नीद ह

व ाम कसी भी तरह का म वरोध ह उसका नीद ह अ यास अ य और आपन य कया तो उलटा

हो जाएगा तो अगर नीद न आती हो तो अब कोई यास न कर बस चपचाप पड़ रह यास ह न कर नीद का नीद क बात ह छोड़ द नीद लान क कोिशश ह न कर तो नीद आ सकती ह और आपन यास कया क

आप गए आप खो गए फर नीद नह आ सकगी कछ चीज ह जो आती ह और हम लानी नह पड़ती ह और परमा मा इन चीज म अितम चीज ह--जो आता ह जस हम ला नह सकत ल कन आप कहग फर फर या हम कछ भी न कर यह म नह कह रहा ह सरज िनकला ह आपका ार बद ह भीतर नह जाएगा ार पर ठहरा रहगा ल कन आप गठर बाध कर सरज क रोशनी को घर क भीतर नह ल जा सकत आप यादा स यादा इतना कर सकत ह क ार खोल कर

बठ जाए ती ा कर आपक तरफ स बाधा न रह बस इतना ह यास ह अगर ठ क स समझ तो पा ज टवली आप कछ भी नह कर सकत सरज को भीतर लान क िलए वधायक प स आप नह उसको गठर

म बाध कर ला सकत ह िनग टवली नकारा मक प स इतना कर सकत ह क आपक तरफ स बाधा न रह सरज आए तो आपक तरफ स कावट न रह आप दरवाजा खोल सकत ह खड़क खोल सकत ह फर बठ

कर ती ा कर सकत ह सरज आएगा आप ला नह सकत ल कन आप रोक सकत ह इस बात को ठ क स समझ लना चा हए आप

ला नह सकत सरज को भीतर ल कन आप आन स रोक ज र सकत ह और अगर आन स रोक रह ह तो नह आएगा सरज हाला क ला नह सकत िसफ आपक कावट न हो बाधा न हो हडरस न हो दरवाजा

बद न हो वह आ जाएगा ल कन तब भी आप यह नह कह सकत क म ल आया यह आप कहग तो गलती

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 6

हो जाएगी इसिलए जो परमा मा को उपल ध होता ह वह यह भी नह कह सकता क मन पा िलया वह इतना ह कहता

ह--उसक कपा वह यह भी नह कह सकता क मन पा िलया य क म या पा सकता ह उसका साद

उसक स उसक अनकपा वह िमला ह जसको भी िमला ह वह यह नह कह सकता क मन पा िलया ह वह अहकार भी वहा काम नह कर सकता य क अहकार वह काम कर सकता ह जहा हमारा य सफल

होता हो ल कन जहा हमारा कोई य सफल नह होता वहा अहकार क खड़ होन का कोई उपाय नह हम

इतना ह कह सकत ह क मन बाधा नह द हम इतना ह कह सकत ह क म तयार था क वह आए हम इतना

ह कह सकत ह क मरा ार खला था आया वह ह हम उस लाए नह ह िसफ हमन रोका नह ह इस ठ क स समझ ल जस म म ठ बाधा हआ ह और म जोर स म ठ बाध हए ह और म कसी स पछ क

म म ठ को कस खोल या उपाय क या य क तो वह आदमी मझ बताएगा उपाय म ठ

खोलन का वह मझ यह बताएगा क तम बाधो भर मत तम बाधन क िलए जो यास कर रह हो वह भर कपा

करक मत करो म ठ खल जाएगी म ठ खोली नह जाती म ठ िसफ खलती ह हा बाधी जा सकती ह

खला होना म ठ का वभाव ह हमार बना कछ कए म ठ खल जाती ह हमार बना कछ कए म ठ बधती नह वभाव का मतलब ह जो हमार बना कए होता ह वभाव का मतलब ह जो हमार करन स होता ह परमा मा

हमारा वभाव ह इसिलए करन स नह होगा ल कन हम कोिशश करक उस खो सकत ह हम उपाय करक

उस रोक सकत ह म ठ मझ बाधनी पड़ती ह खोलनी नह पड़ती हाला क भाषा म दोन बात हम कहत ह क म ठ खोल रह ह

खोलना बलकल झठा श द ह खोलना या नह ह बाधना या ह बाधन म ए ट ह आपका खोलन म

कौन सा ए ट ह खोलन म इनए ट ह इनए शन ह कहना चा हए क खोलन म बाधना भर नह कर रह ह

आप आप नह बाध रह ह और म ठ खल गई ह इस बात को अगर खयाल म ल ल तो परमा मा को खोजना नह ह हमन कस खोया ह यह भर समझ लना

ह यानी हमन कन तरक ब स कन उपाय स द वाल और दरवाज खड़ कर दए ह-- क जो हम स िमला ह

हआ ह उसस भी िमलना म कल हो गया ह तो पछना यह नह ह क हम कस उस पाए पछना यह ह क हमन कस उस खोया ह यह फक आप समझ रह ह न य क फर पर बात िभ न हो जाएगी आग जाकर इतना फक खयाल म आ

गया तो सार साधना का प बदल जाता ह पछना यह ह क कस उपाय स म उसस दर हो गया ह जसस दर होन का उपाय न था कसी तरक ब स मन

सरज को बाहर ठहरा दया ह कस तरक ब स म अधर म जी रहा ह कौन स दरवाज ह जो मन बद कर दए

ह और कौन स ताल ह जन पर मन चाबी जड़ द ह यह पछना ज र ह ल कन हम आमतौर स पछत ह परमा मा को कस पाए वह ह गलत ह पछना चा हए क हमन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 7

परमा मा को कस खोया हाउ वी हव लॉ ट हम कस खो दए ह हम य क परमा मा को खोन का

मतलब ह अपन को खोना हमन अपन को कस खो दया ह हम अपन को कस भल गए ह यह कस सभव

हो गया ह यह इपािसबल यह असभव कस सभव हआ ह क हम अपन को ह नह जान पा रह ह क कौन ह इसस यादा असभव कोई बात हो सकती ह म ह म जानता भी ह क ह और फर भी नह जानता क कौन ह बड़ अदभत घटना घट गई ह अगर दिनया

म कोई िमरकल कोई चम कार घ टत हआ ह तो वह चम कार यह नह ह क कसी न ताबीज बना दया हवा

स और कसी न राख िगरा द ह हवा स क कसी न कसी अध क आख ठ क कर द ह इस जगत म जो

सबस बड़ा चम कार हो गया ह वह यह क हम ह जानत ह क ह और पता नह क कौन ह और पता नह

कहा थ और पता नह कहा क िलए जा रह ह यह एकमा िमरकल ह और यह कस सभव हआ ह यह समझना

चा हए और अगर यह हमार समझ म आ जाए क यह कस सभव हआ ह तो क ठन नह ह यह बात क हम

म ठ बाधना बद कर द और म ठ खल जाए कछ तरक ब ह मन क जनस यह सभव हआ ह पहली तो मन क तरक ब यह ह क वह आपको कभी वतमान

म नह जीन दता जीन ह नह दता आप कभी वतमान म होत ह नह यहा और अभी आप कभी नह होत या

तो पीछ अतीत म होत ह जो जा चका जो अब नह ह या भ व य म होत ह जो अभी आया नह और नह

ह जो ह जो अभी ह इसी व उसम आप कभी होत ह नह तो मन क एक क ह क वह आपको वतमान

स चकाता रहता ह और वतमान स अगर आप चक गए तो दरवाजा बद हो गया य क वतमान दरवाजा ह--

स य का अ त व का ए झ टस का अगर इस ठ क स समझ ल क अ त व म न तो अतीत ह कछ और न भ व य ह कछ अ त व तो सदा वतमान ह इसिलए आप परमा मा क िलए पा ट टस का या यचर टस का उपयोग नह कर सकत आप यह

नह कह सकत गॉड वाज़ नह कह सकत ई र था आप यह भी नह कह सकत गॉड वल बी क ई र

होगा आप तो जब भी कहग तब गॉड इज़ ई र क िलए अतीत और भ व य का उपयोग नह हो सकता वह

ह सच बात यह ह क lsquoहrsquo कहना भी परमा मा को गलत ह य क हम lsquoहrsquo उस चीज को कहत ह जो

lsquoनह हrsquo भी हो सकती ह हम कहत ह त त ह टबल ह य क कल टबल नह हो सकती ह कल नह

थी जो कल नह थी कल नह हो सकती ह उसको ह कहन का कोई मतलब ह परमा मा को ह कहना भी

म कल ह य क वह ह-पन ह गॉड इज़ ऐसा कहना गलत ह इज़नस वह जो होना ह वह परमा मा

ह और वह सदा वतमान ह वह न कभी अतीत ह न कभी भ व य और हम हम कभी वतमान म नह ह ार बद हो गया

मन सनी ह एक कहानी क एक आदमी अधा आदमी एक बहत बड़ भवन म कद कर दया गया ह हजार

दरवाज ह उस भवन म सब बद ह िसफ एक दरवाजा खला ह और वह अधा आदमी एक-एक दरवाज को

टटोलत हआ घमता ह--दरवाजा बद दरवाजा बद दरवाजा बद घमत घमत घमत उस दरवाज क पास

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 8

आता ह जो दरवाजा खला ह ल कन उस खजान चली और उसन िसर खजाया और वह दरवाजा चक गया वह

फर आग क दरवाज पर टटोल रहा ह वह फर बद ह फर वहा स घमता ह घमता ह घमता ह फर वहा

आता ह और फर थक जाता ह सब दरवाज बद ह ऊब जाता ह और फर दो-चार दरवाज नह टटोलता फर वह दरवाजा चक जाता ह ल कन या करगा अधा आदमी फर टटोलना श करता ह ऐसी कहानी

चलती ह क वह बार-बार उस दरवाज को चक जाता ह जो खला ह जहा स वह िनकल सकता ह वह चक जाता ह कहानी क सच होन क कोई ज रत नह ह ल कन हम वतमान क दरवाज को िनरतर चक जात ह पर वह

खला ह िसफ और बड़ा सकरा दरवाजा ह य क हमार हाथ म ण का हजारवा ह सा ह होता ह एक बार म दो ह स भी नह होत बस वह ण का एक ह सा हमार हाथ म ह वह अ त व ह बार क लक र

ए झ टस क वह ह और उस हम चक जात ह य क मन या तो पीछ क सोचता रहता ह या आग क

सोचता रहता ह तो म आपको यह कह रहा ह क कस आप चक गए आपस यह नह कह रहा ह क कस आप पा लग म कह रहा

ह क इस भाित आप चक गए उस अध आदमी स म यह कहगा क तन खजाया उसम त चक गया अब

कसी दरवाज पर खजाना मत त ऊब गया घबड़ा गया और दो-चार दरवाज तन बना टटोल छोड़ दए अब त

मत घबड़ाना अब मत ऊबना नह तो फर चकन का डर सभावना ह वतमान म होना दरवाज पर खड़ हो जाना ह और ऐसा कभी नह हआ क जो आदमी वतमान म खड़ा हो गया ह उस आदमी को परमा मा स ण भर क

िलए भी विचत रहना पड़ा हो ऐसा कभी हआ ह नह िच को वतमान म ल आना ह यान ह वह म डटशन ह वह समािध ह और िच को वतमान स यहा-वहा

भटकाए रहना वह चचलता ह वह उप व ह और यान म रह क हम आ खर वतमान स चक य जात

ह लोभ चका दता ह लालच चका दता ह य क लोभ हमशा भ व य क बात करता ह लोभ वतमान क

बात करता ह नह करगा कस जो भी पाना ह वह अभी तो पाया नह जा सकता जो भी पाना ह वह कल ह

पाया जा सकता ह आग ह पाया जा सकता ह इसी व पान का तो कोई उपाय नह ह इसिलए लोभ हमशा भ व य क भाषा बोलता ह लोभ चका दता ह और अहकार चका दता ह अहकार सदा अतीत क भाषा बोलता ह पा ट क --जो पाया जो

िमला जो कया जो बनाया वह सब पा ट म ह अहकार सदा ह अतीत क भाषा बोलता ह क म फला

आदमी का बटा ह य जो होगा उस का तो पता नह ह जो हो चका ह उसी का म दावा कर सकता ह मर पास इतन करोड़ पय ह ह ग उनका तो

दावा नह कर सकत आप जो हो चका ह मर ितजोड़ इतनी बड़ और म इतनी बड़ कस पर रहा ह म कोई

साधारण आदमी नह ह वह जो समबड ह म कछ ह वह हमशा पा ट स आता ह वह हमार अतीत का स ह

ह जसको हमन जोड़ कर खड़ा कर िलया ह वह हमारा अहकार ह अहकार हम पीछ ल जाता ह लोभ हम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 9

आग ल जाता ह और गौर स दख तो लोभ और अहकार एक ह चीज क दो ह स ह जो लोभ परा हो चका ह वह

अहकार बन गया जो लोभ परा होगा वह अहकार बनगा जो लोभ परा हो चका वह अहकार बन गया जो परा

होगा वह अहकार बनगा जो अहकार बन गया ह वह लोभ ह जसस आप गजर और वह लोभ जो अभी आग

पकड़ रहा ह वह भ व य म बनन वाला अहकार ह जसस आप गजरग सम त लोभ का स ह अहकार ह वह अतीत म भटकाता ह इसिलए बढ़ा आदमी होगा तो वह अतीत म भटकता रहगा य क आग तो मौत ह तो अब वहा लोभ क

गजाइश कम ह तो वहा या लोभ क रएगा तो बढ़ आदमी का मन हमशा अतीत म भटकता रहता ह वह

बठा ह और सोच रहा ह--जवानी जो थी दन जो गए याद जो ह भीतर िछपी वह उनका सोचता रहगा बढ़ा

आदमी अतीत म सोचता रहगा य क भ व य म दखाई पड़ती ह मौत वहा वह दखना भी नह चाहता वह

लौट कर पीछ दखता रहता ह ब च जवान सदा भ व य म दखत रहग अभी उनका अहकार बना नह बनन

क ती ा कर रहा ह तो ब च और जवान सदा भ व य-उ मख ह ग यचर सटड ह ग लोभ अभी बनगा

बढ़ आदमी हमशा पा ट सटड ह ग बीत गया जो व उसी म खोए रहग उ ह मितय म य क बढ़ न

या ा कर ली अहकार क ब चा अभी या ा करगा तो ब च और जवान लोभ म जीत ह बढ़ा आदमी अहकार म जीता ह जतनी उ बीतती जाती ह अहकार

उतना मजबत होता चला जाता ह स त होता चला जाता ह इसिलए व आदमी ोधी हो जाता ह िचड़िचड़ा हो जाता ह य क आग तो कछ भी नह ह अब जो ह पीछ ह और अहकार क गाठ मजबत हो गई ह

अहकार क गाठ िचड़िचड़ापन ोध सब पदा करती ह अगर इस समझ लग तो खयाल म आ जाएगा क अहकार पीछ ल जाता ह लोभ आग ल जाता ह व एक ह

चीज क दो ह स ह मर हए लोभ का नाम अहकार ह मर हए लोभ का नाम अहकार ह और अज म अहकार का

नाम लोभ ह वह जो अभी ज म लगा और इस वजह स हम चक रह ह वतमान स जहा क स य ह जहा क

अ त व ह ल कन लोभ बड़ा कशल ह जब सब तरह क लोभ स चक जाएगा तो वह कहता ह अब परमा मा

को भी पाना चा हए यह भी अहकार ह ह लोभ बड़ा कशल ह अहकार क बड़ अनत आका ाए ह जब सब

पा लता ह वह--धन पा लता यश पा लता म पा लता आदर पा लता--तब वह कहता ह क ठ क ह यह

सब पा िलया अब परमा मा को भी पाना ह अमत को भी पाना ह आनद को भी पाना ह मो को भी पाना

ह अब मो कस िमल फर वह लोभ क भाषा म मो क बात सोचन लगता ह चक गया उस पता नह ह क यह भाषा तो इतन दन चकाती रह ह यह भाषा फर आग भी पकड़ रहगा वह

हो सकता ह वह ढग बदल ल अपना मधशाला न जाकर म दर जान लग फ म न दख कर भजन-क तन

करन लग यह सब कर लगा वह ल कन उसक िच का जो तनाव था--लोभ का और अहकार का--वह जार ह

और उसी स वह चक रहा ह तो म कस कह आपस क आप या लोभ कर म तो आपस कहगा आप लोभ को समझ ल क लोभ चकान

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 10

वाला ह और आप अहकार को समझ ल क अहकार चकान वाला ह और आप यह समझ ल क अतीत और

भ व य चकान वाल ह वतमान िमलान वाला ह वह अ त व ह तो एक ण को भी अगर आप उस जगह पहच जाए जहा आप कह सक अब कोई अतीत नह मर पास और कोई

भ व य नह मर पास बस म ह आप उसी ण परमा मा म व हो जाएग उसी ण एक ण म भी यह

घटना घट जाएगी कोई ऐसा सवाल नह ह क इसक िलए ज म-ज म लग हा चकन म ज म-ज म लग

सकत ह दरवाजा बद ह तो वष तक यह हो सकता ह क दरवाजा बद हो और रोशनी भीतर न आए ल कन यह

नह हो सकता क दरवाजा खल और रोशनी एक ण भी बाहर ठहर रह जाए रोशनी तो कभी ठहरना ह नह

चाहती य क वह तो िनरतर आन क िलए पकार ह कर रह थी ार को ठ क ह चली जा रह थी आप थ

क ार बद कए थ तो यह तो हो सकता ह क एक आदमी जीवन भर दरवाजा बद रख और अधर म जीए ल कन यह नह हो सकता क एक ण को दरवाजा खोल और अधर म जीए यह असभव ह और ऐसा भी नह हो सकता क कोई

आदमी कह क च क मरा दरवाजा इतन दन तक बद था इसिलए एक ण म कस रोशनी भीतर आएगी ऐसा भी नह होता इसिलए जो लोग कहत ह क इतन ज म का कम ह इतन ज म का पाप ह िनपट नासमझी क बात कहत

ह हजार ज म का पाप भी एक ण को वतमान म खड़ हए य को परमा मा स नह रोक सकता पाप ह

या था पाप िसफ इतना ह था क आप वतमान म खड़ नह हए थ और पाप या था आप भ व य म या अतीत म भागत रह थ एक कमर म हजार साल स अधरा िघरा हो तो ऐसा नह हो सकता क आप द या जलाए तो अधरा कह म

हजार साल का ह इतनी ज द कस िमट सकता ह हजार साल तक द य जलाओ तब म िमटगा अधरा

ऐसा नह कह सकता अधरा एक रात का हो क हजार साल का हो इसस कोई फक नह पड़ता द या जलता ह

और अधरा िमटता ह असल म अधर क कोई पत नह होती क एक दन का अधरा और दो दन का अधरा तो

दोहर पत हो जाए क तीन दन का अधरा तो ितहर पत हो जाए अधर क कोई पत नह होती क वह डस हो

जाए घना हो जाए अधरा घना नह होता अधरा बस अधरा ह और एक द य क लौ सब तोड़ दती ह पाप क भी कोई पत नह होती य क पाप भी अधरा ह अ ान ह अ व ा ह उसक भी कोई पत नह

होती ल कन सवाल िसफ इतना ह सवाल िसफ इतना ह क हम वहा खड़ हो जाए जहा ार खलता ह हा पाप क आदत होती ह पत नह होती अधर क भी आदत होती ह यह हो सकता ह क एक आदमी वष

स अधर म रहा हो ार खोल द रोशनी आ जाए ल कन उसक आख बद हो जाए यह हो सकता ह यह हो

सकता ह क साल स अधर म रहा आदमी ार खोल द रोशनी भीतर आ जाएगी फौरन उसक ार खोलन म

और रोशनी क आन म ण का भी फासला नह होगा--यगपत ऐसा ार खला इधर रोशनी आई इधर ार

खलता गया रोशनी आती गई ार का खलना और रोशनी का आना एक ह या क दो ह स ह ग ल कन

यह हो सकता ह क सकड़ वष स अधर म रह आदमी क आख रोशनी दखन म असमथ हो जाए वह आख बद

कर ल और फर अधर म हो जाए यह हो सकता ह अधर क आदत हो सकती ह पाप क भी आदत हो सकती

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 11

ह पत नह होती ल कन आदत तोड़ जा सकती ह आदत समझपवक अपन आप ह टट जाती ह आदत तोड़ना बहत क ठन नह

ह अगर अधर क पत होती तो तोड़ना बहत क ठन था रोशनी आ गई ह आख बद हो गई ह अब वह आदमी

धीर-धीर आख--एक बार दो बार धीर-धीर धीर-धीर रोशनी का अ य त हो सकता ह आख थोड़ दर म

खोल लगा रोशनी दख लगा बद भी कर सकता ह बीच-बीच म खोल भी सकता ह धीर-धीर रोशनी का भय

िमट जाएगा वह रोशनी म जीन लगगा परमा मा का अनभव एक ण म हो जाता ह ल कन परमा मा को सहन म थोड़ा व लग जाता ह सहन म

य क इतनी बड़ श और इतना बड़ा काश हम पर उतरता ह थोड़ा व लग जाता ह कई बार तो हम

घबड़ा कर वापस तक लौट सकत ह डर भी सकत ह य क आनद भी अगर एकदम स उतर आए तो ाण

को कपा जाता ह परमा मा क उपल ध तो एक ण म हो जाती ह हा उपल ध क िलए राजी होन म थोड़ा

व लग सकता ह वह दसर बात ह उपल ध का ार ह वतमान म खड़ होना और इसिलए इस दशा म थोड़ा सा काम श कर इस दशा म थोड़ा

सा काम श कर चौबीस घट म आध घट प ह िमनट क िलए ार बद करक अधर म चपचाप बठ जाए कछ भी न कर कछ भी न कर चपचाप बठ जाए बोलन म ऐसा लगता ह क बठना भी करना ह हआ बोलन म वसा ह लगता ह क म ठ खोलना भी करना ह

हआ बोलन म भर ऐसा लगता ह असल म बठ जान का मतलब ह क जो-जो आप करत थ वह न कर जो-जो कर रह थ चौबीस घट वह न कर चपचाप अधर म बठ जाए आधा घट को और ऐसा छोड़ द अपन को क हम

कछ कर ह नह रह ह जस एक सखा प ा व स िगर बस हवाए उसको परब ल जाए तो परब चला जाए प म ल जाए तो प म चला जाए न ल जाए तो िगर जाए जमीन पर ल कन अपनी तरफ स कह न जाए इस बात को थोड़ा समझना एक िगरता हआ प ा ह व स सखा प ा िगर रहा ह नीच उसक अब अपनी कोई

इ छा नह अब उस कह पहचना नह अब उस कछ होना नह अब तो हवाओ क इ छा पर उसन छोड़ दया

अपन को--सरडड--सम पत ह हवाए परब ल जाती ह परब चला प म ल जाती ह प म चला नह ल

जाती ह िगर गया उठा लती ह आकाश म उठ गया नह उठाती ह जमीन पर व ाम करता ह बस सख

प का भाव समझ ल और एक आधा घट क िलए ार बद करक सख प हो जाए अपनी तरफ स कछ न कर इसका मतलब यह नह क सब होना बद हो जाएगा वचार चलग पर उनको हवाओ का ध का समझ इसस

यादा नह हवाए वचार इधर ल जाए जान द हवाए वचार इधर ल जाए जान द आप न रोक न ल

जाए आप कोई भी काम न कर ल जान का भी काम मत कर रोकन का भी काम मत कर आप बस सा ी हो

जाए और दखत रह क सख प क तरह ह हवाए जो कर रह ह कर रह ह परमा मा जो करवा रहा ह हो रहा ह परमा मा कह रहा ह बर वचार करो तो बर वचार हो रह ह परमा मा कह रहा ह अ छ वचार करो तो अ छ वचार हो रह ह न हम अ छ स मतलब ह न हम बर स मतलब ह हम िनणायक ह नह ह हम

कोई डसीजन नह लत हम कछ भी नह करत हम िसफ ना-कछ होकर बठ गए ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 12

बड़ा म कल ह य क धािमक आदमी को िनरतर यह िसखाया जाता ह बरा वचार छोड़ो अ छा वचार

करो बर वचार को मत आन दो अ छ को लाओ फर आपन करना श कर दया फर आप उलझ गए च कर म फर आप वतमान म न हो सकग य क

वतमान म बरा वचार आया ह और भ व य म अ छा वचार ह जसको लाना ह और वतमान को हटाना ह और

भ व य को लाना ह आप उप व म पड़ गए फर वतमान म होना असभव ह यान क योग म आदमी बर-भल का भी वचार नह करता वह वचार ह नह करता जो आता ह चपचाप

दखता रहता ह जस सड़क पर खड़ा हआ एक आदमी दख रहा ह--लोग गजर रह ह अ छ भी बर भी रा ता

चल रहा ह--वह चपचाप खड़ा दख रहा ह आधा घट क िलए चपचाप खड़ हो जाए और दखत रह जो भी हो रहा

ह होन द रोक जरा भी नह य क रोकना आपका क य बन जाता ह और आप काम म लग गए और कर भी

न राम-राम भी न कर य क वह भी आपका क य बन जाता ह आप फर काम म लग गए आप कछ कर ह मत अपनी तरफ स आप अपनी तरफ स बलकल श य हो जाए और जो हो रहा ह आख क

पद पर होन द जो भी गजर रहा ह गजरन द आ रहा ह आन द जा रहा ह जान द न आप रोक न

आप छड़ न आप बीच म उतर आप कसी तरह का इनवॉ वमट न ल दर खड़ दखत रह क ठन होगा य क हमार आदत िनरतर हर चीज क साथ उलझ जान क ह चपचाप बठ जाना क ठन होगा

चपचाप का यह मतलब नह क वचार नह ह ग वचार तो ह ग ल कन आप चपचाप ह वचार को चलन

द जस एक फ म चल रह ह पद पर म त क का भी एक पदा ह एक ोज टर ह उसका जो फ म

चलाता रहता ह एक फ म चल रह ह पद पर बस इतना समझ क वचार चल रह ह मितया आ रह ह भ व य क खयाल आ रह ह आन दो चपचाप बठ रहो दखत रहो आज क ठन होगा कल क ठन होगा परस क ठन नह होगा बस ह मत इतनी रखनी ह क कद मत जाना क अर यह बरा वचार आ गया इस अलग करो बर-भल स कछ लना-दना नह ह सा ी को न कछ बरा ह न कछ भला ह काट भी उतना ह अथ रखत ह फल जतना अथ रखत ह न काटा बरा ह न फल अ छा ह

हम हमार अपनी समझ क हसाब स अ छा-बरा कर लत ह सब चीज ह और आप चपचाप बठ रह कछ ह दन म अगर चपचाप बठ ह तो एक अदभत अनभव श होगा और वह अनभव यह होगा क कभी-

कभी ऐसा होगा क गप आ जाएगा इटरवल आ जाएगा अतराल आ जाएगा कभी-कभी ऐसा होगा क वचार

थोड़ दर क िलए नह ह ग एकदम ल हो जाएग एक वचार आया और फर दसरा नह आया और बीच म

खाली जगह छट जाएगी उसी खाली जगह स आपको पहली झलक िमलनी श ह गी और उस खाली जगह म आप भी नह ह ग इतनी खाली जगह होगी क बस खालीपन होगा ज ट ए ट नस वह ार ह वह स पहली झलक आपको िमलनी

श ह गी और िनरतर इस या म लग रह तो धीर-धीर धीर-धीर वचार कम होन लगग खाली जगह

यादा होन लगगी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 13

ऐसा जस रा त पर एक आदमी िनकला और फर घट भर तक दसरा आदमी नह िनकला और रा ता खाली रह

गया एक वचार आया पद पर फर दसरा नह आया और बहत दर क िलए पदा खाली सफद रह गया उस

सफद म स उस खालीपन म स उस ए ट नस म स आपक पहल सपक परमा मा स श ह ग य क उस

ण म आप वतमान म ह ग उस ण म न आप अतीत म हो सकत न आप भ व य म हो सकत य क

वचार अतीत म ल जा सकता ह वचार भ व य म ल जा सकता ह जहा वचार नह ह वहा आप कह भी नह

जा सकत आप वह ह ग जहा ह वचारर हत हए क आप वतमान म हए वतमान म होन का अथ ह

वचारर हत हो जाना ल कन वचारर हत होन क कोिशश मत करना नह तो कभी वचारर हत नह हो सकत बस चपचाप दखना

वचार को वह अपन स जाता ह जतना- जतना हमारा दखना बढ़ता ह उतना-उतना वचार कम होता ह पोसनटली जतना हम जागत ह भीतर उतना वचार खतम होता ह जस दन हम पर जाग जात ह उस दन

वचार नह रह जाता और जहा वचार नह रहा और हम पर जाग हए रह टोटली अवयर-- वचार गए हम

जाग ह अब हम कहा ह ग अब हम वह ह ग जहा हम ह एक इच इधर-उधर नह हो सकत तब हम खड़

हो गए उस ार पर जहा स िमलन हो जाता ह और इसिलए इस लोभ क भाषा म मत समझना आनद िमलगा ल कन आनद पान क भाषा म मत

समझना आनद आएगा ल कन आनद को ल य मत बनाना अमत व िमलगा ल कन अमत व क च ा

मत करना भगवत - ाि होगी ल कन भगवत - ाि क नह जा सकती इस छोट स बार क भद को समझ

लना भगवत - ाि होगी ल कन भगवत - ाि क नह जा सकती करन वाला अहकार भी वहा नह चल

सकता ह और इसिलए मन कहा क लोभ और लोभन लालच इस दशा म इनक इच भर गित नह ह य तो महाराज करना पड़ता ह न नह वह म समझा रहा ह य करना ह नह नह जरा भी नह ऐस ह सरडर हो जाना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 14

बलकल सरडर य क य कया तो सरडर नह हो सकता उसका मतलब ह क हम कछ करग सरडर का

मतलब ह क हम या कर सकत ह ( का विन-म ण प नह ) कछ भी सम झए क म आपक सपद करता ह आपक कसक आपका तो आपको पता ह नह ह अभी और सपद करता ह तब फर ए ट श हो गया इस

थोड़ा समझन क बात ह न इतन बार क फासल ह जब हम कहत ह क सपद करता ह तो हो सकता ह कल

हम कह क वापस लता ह वह या कर लगा तो जीरो बन जाए हा वह म कह रहा ह सपद करता ह इसम भी हमारा ए ट जार ह हम कछ कर रह ह करन क मािलक हम

ह ह तो मरा कहना ह य कन नॉट सरडर य कन ओनली बी सरडड ( का विन-म ण प नह ) हा समझ न ल कन वह जो जो बार क फासला अगर न दखाई पड़ तो िनरतर भल होती चली जाती ह हम समपण कर नह सकत य क हम करग तो समपण हमारा क य हआ और जो हमारा क य ह उस हम

वापस ल सकत ह कल हम कह सकत ह क बस ठ क ह अब हम वापस लत ह ( का विन-म ण प नह )

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 15

इसक क ठनाई जो ह न क ठनाई जो ह क ण या कह रह ह वह हम समझ रह ह यह बहत म कल ह हम करन क भाषा म ह समझग असल म समपण का अथ ह ह समपण का अथ ह ह क त कछ भी न कर और जब आप कछ भी नह करत समपण हो जाता ह य क फर होगा या समपण कया नह जा सकता आप कछ भी न कर समपण हो जाता ह कछ भी न करन का अितम फल समपण ह और समपण भी कया तो चक गए आप इसको अगर हम

ठ क स समझ तो समपण म कर रहा ह म क गा यह तो अहकार हो गया तो गड़बड़ हो गई सब फर समपण कस होगा नह समझना यह ह क म सम पत ह म सम पत ह रहा

ह उपाय या ह ास आपन ली ह आज तक ल कन हम रोज यह कहत ह क म ास ल रहा ह ास

िसफ आती-जाती ह आपन कभी भी ली नह आज तक जदगी म कसी आदमी न ास ली ह नह कभी िसफ आती-जाती ह य क अगर हम लत होत मौत दरवाज पर आ जाती हम कहत थोड़ा ठहरो हम

अभी ास जार रखत ह ल कन हम पता ह क मौत ार पर आई तो जो ास बाहर गई तो बाहर फर हम

उस भीतर भी न ला सकग ल कन जदगी भर कहत हम यह ह क म ास ल रहा ह बड़ भल क बात कहत ह सवाल यह ह समझन का

क ास मन कभी ली ह िसफ आई-गई ह म कहा ह न म ज मा ह न म म गा ज म भी हआ ह म य भी होगी ास भी चली ह वचार भी आए ह जीवन भी घटा ह ज ट हपड हमन कछ कया या

ह यह बोध हमार खयाल म आ जाए क मर कए बना सब हआ ह यह समझ म आ जाए तो अब म या

क म कछ भी नह करता जो हो रहा ह हो रहा ह ऐसी थित म समपण हो जाता ह वह आपको करना नह पड़ता वह घट जाता ह और जब वह घटता ह तब

आप वापस नह लौटा सकत य क आपन कया होता तो आप वापस लौटा सकत थ आपन कया ह नह घट गया ह आप उस वापस नह लौटा सकत वहा अम रका म एक नया िच कार का एक मवमट ह उसको व कहत ह हपिनग िच क दशनी करत ह अगर सौ िच दशनी म लगाए गए ह तो दशक दखन आएग तो हर िच क बगल म एक खाली कनवस भी

लगात ह और खाली कनवस क नीच रग और श भी रख रहत ह फर दशक दख रह ह दख रह ह दख रह

हऔर कसी दशक को एकदम लगा और उसन श उठाया और उस खाली कनवस पर कछ पट कया तो पट

कया फक यह ह क अपनी तरफ स पट मत करना य क अपनी तरफ स करोग तो वह बकार हो गया

होन दना उस िसचएशन म अगर ऐसा पकड़ जाए और होन लग पट तो होन दना रोकना भी मत तो उसको

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 16

व हपिनग प टग कहत ह वह कसी न बनाई नह ह उस पर कसी का नाम नह होता फर वह घट वह

घट गई ईसाइय म एक साधक का स दाय ह वकर वकर क जो बठक होती ह उस बठक म कोई बोलन क िलए

िनम त नह होता कोई बोलन वाला नह होता बठक भर होती ह इक ठ होत ह बठ जात ह िनयम यह

ह क अगर कसी को कभी बोलन जसा हो जाए तो वह खड़ा हो जाए और बोलन लग बाक लोग सनग बना

कोई ध यवाद दए फर वदा हो जाएग कई बार ऐसा होता ह क मह न बीत जात ह कोई नह बोलता

य क िनयम का खयाल यह ह अपनी तरफ स बोलना ह मत अगर ऐसा जरा भी लग क म बोल रहा ह फर बोलना ह मत य क वह पाप हो गया हा ऐसा लग क परमा मा बोल रहा ह म ह नह ऐसा कसी

दन लग तो खड़ हो जाना बोल दना हम सन लग और वदा हो जाएग तो कई दफा मह न बीत जात ह उनक बठक म बोलना नह होता लोग आकर बठत ह--चपचाप बठ रहत ह बठ रहत ह बठ रहत ह-- फर

वदा हो जात ह ल कन कभी-कभी ऐसा होता ह क कोई खड़ा हो जाता ह और बोलता ह व जो रका स ह उनक

बोलन क व बड़ अदभत ह य क तब वह आदमी क भाषा ह नह होती वह आदमी क बात ह नह ह वह

हपिनग हो रह ह उसक ती ा करनी पड़ती ह तो बठ और श य हो जाए और जो होता ह होन द बाहर सड़क पर क क आवाज होगी हॉन बजगा ब च

िच लाएग सड़क चलगी आवाज आएगी आन द वचार चलग आन द मन म भाव उठग उठन द जो

भी हो रहा ह होन द आप कता न रह जाए आप बस सा ी रह जाए दखत रह यह हो रहा ह यह हो रहा

ह यह हो रहा ह जो हो रहा ह दखत रह दखत रह दखत रह इसी दखन म वह ण आ जाता ह जब अचानक आप पात ह क कछ भी नह हो रहा सब ठहरा हआ ह और

तब वह आपका लाया हआ ण नह ह और तब आप एकदम सम पत हो गए ह और आप उस म दर पर पहच

गए जसको खोज कर आप कभी भी नह पहच सकत थ और वह म दर आ गया सामन और ार खल गया ह

और जस परमा मा क िलए लाख बार सोचा था क िमलना ह िमलना ह िमलना ह और नह िमला था उस बना सोच वह सामन खड़ा ह वह िमल गया ह और जस आनद क िलए लाख उपाय कए थ और कभी

उसक एक बद न िगर थी आज उसक वषा हो रह ह और बद नह होती और जस सगीत क िलए ाण यास थ वह अब चार तरफ बज रहा ह और बद नह होता यह घटना घटती ह यह आपक घटाए नह घट सकती ह इसिलए आप अपन को हटा लना और घटना को घटन

दना अपन को हटा लना अपन को बीच म खड़ा मत करना आप हट ह जाना और घटना को घटन दना बस

इसको ह म भ का भाव कहता ह या साधक क च ा कहता ह कहना नह चा हए य क च ा नह ह यह ल कन भाषा म कोई और उपाय नह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 17

जीवन रह य दसरा वचन मौन का ार परमा मा क सबध म जतन अस य कह गए और गढ़ गए ह उतन और कसी चीज क सबध म नह

परमा मा क सबध म जतना झठ चिलत ह उतना कसी और चीज क सबध म नह परमा मा क सबध म

जतन अस य जतन झठ जतनी क पनाए चिलत ह उतनी कसी और चीज क सबध म नह और कछ

बात ऐसी ह क शायद परमा मा क सबध म स य कहा ह नह जा सकता ह जो भी कहा जाता ह वह कहन क

कारण ह अस य हो जाता ह कछ ह जस कहना सभव नह ह कछ ह जस जाना जा सकता ह ल कन कहा नह जा सकता और

आ य क बात ह क जस परमा मा क सबध म कछ भी नह कहा जा सकता उसक सबध म इतन शा

िलख गए ह जनका हसाब लगाना म कल ह श द असमथ ह हम जो कह सकत ह वह ससार क आग नह जाता ह श द म भाषा म ससार स आग क

बात नह कह जा सकती ह और इसिलए ई र क सबध म भी जो हम कहत ह--चाह उस पता कह चाह िम

कह चाह मी कह--कोई भी बात सच नह ह य क मी स हम जो समझत ह िम स हम जो समझत ह पता स हम जो समझत ह परमा मा उसस बहत िभ न और बहत यादा ह ल कन हमार पास और श द भी नह ह जीवन क कामचलाऊ श द हमार पास ह उ ह को हम उसक सबध म

भी योग कर लत ह और इसिलए जो भी सोचा- वचारा कहा िलखा-पढ़ा जाता ह वह हम उसक जरा सी भी झलक नह दखा पाता मन सना ह एक फक र एक रा त स गजरता था सद रात थी और उसक हाथ-पर ठड हो गए उसक पास व

न थ वह एक व क नीच का सबह जब उसक नीद खली तब हाथ-पर हलाना भी म कल था उसन

कसी कताब म पढ़ा था क जब हाथ-पर ठड हो जात ह तो आदमी मर जाता ह कताब पढ़ कर जो लोग चलत

ह व ऐसी ह भल म पड़ जात ह उसन सोचा क शायद म मर गया ह उस पता था क मर हए लोग कस हो जात

ह तो वह आख बद करक लट रहा कछ लोग रा त स गजरत थ उ ह न उस आदमी को मरा हआ समझ कर

उसक अरथी बनाई और उस व मरघट क तरफ ल चल व एक चौर त पर पहच जहा चार रा त फटत थ और व

िचता म पड़ गए क मरघट को कौन सा रा ता जाता ह व अजनबी लोग थ उस गाव क रा त स प रिचत न

थ व चार वचार करन लग क कोई िमल जाए गाव का रहन वाला तो हम पछ ल क मरघट को रा ता कौन सा

जाता ह फक र तो जदा था उसन सोचा क बचार बड़ म कल म पड़ गए ह अब पता नह गाव वाला कोई

आएगा क नह आएगा तो वह अरथी स बोला क जब म जदा हआ करता था तब लोग बाए रा त स मरघट

जात थ हाला क म मर गया ह और अब बतान म असमथ ह ल कन इतनी बात तो कह ह सकता ह उन चार न घबड़ा कर अरथी छोड़ द वह फक र नीच िगर पड़ा उ ह न कहा तम कस पागल हो तम बोलत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 18

हो कह मर हए आदमी बोलत ह उस फक र न कहा मन ऐस जदा आदमी दख ह जो नह बोलत ह तो इसस उलटा भी हो सकता ह क कछ

मद ऐस ह जो बोलत ह अगर कोई जदा आदमी चाह तो नह बोल तो कोई मदा आदमी चाह तो बोल नह

सकता ह इसम इतनी आ य क या बात ह वह फक र कहन लगा मन जब यह कहानी सनी तो मर मन म एक खयाल आया और वह यह क असिलयत और भी उलट ह यह तो

हो भी सकता ह क मदा आदमी बोलता हआ िमल जाए यह जरा म कल ह ह क जदा आदमी और चप हो

जाए जदा आदमी न बोल यह जरा म कल ह ह यह यादा आसान मालम पड़ता ह क मरा हआ आदमी बोल जाए हम सब जदा ह ल कन हमन जदगी म एक भी ण न जाना होगा जब कसी न कसी प म हम नह बोल

रह ह--या बाहर या भीतर हमन न बोलन का साइलस का मौन का एक भी ण नह जाना ह हमन बहत

ज म दख ह ग ल कन व सब ज म श द क ज म ह और हमन इस जदगी म भी बहत दन यतीत कए ह ल कन व सब श द क या ा क दन ह जब हम बोलत ह नह बोलत तो सोचत ह नह सोचत तो सपना

दखत ह--ल कन श द बोलना कसी न कसी तल पर जार रहता ह और जस आदमी क श द अभी जार ह वह परमा मा को नह पहचान पाएगा य क उसक पहचान िनःश द म मौन म साइलस म ह सभव ह इसिलए परमा मा क सबध म सब कहा गया झठ हो जाता ह य क उस जब जाना जाता ह तब श द नह

होत वचार नह होत थॉट नह होता िथ कग नह होती सब समा हो जाता ह तब उसका अनभव होता

ह और जब हम उस कहन जात ह बतान जात ह तब श द वापस उपयोग करन पड़त ह जस िनःश द म

जाना ह उस श द म नह कहा जा सकता जस मौन म जाना ह उस वाणी कस कट करगी और जस

च पी म गहन च पी म अनभव कया ह उस बोल कर कस बताया जा सकता ह इसीिलए ना तक जीत जात ह अगर आ तक स ववाद कर आ तक क हार िन त ह आ तक ना तक

स कभी भी जीत नह सकता न जीतन का कारण ह ना तक इनकार करता ह इनकार श द म हो सकता ह

आ तक वीकार करता ह वीकित को श द म बताना क ठन ह इसिलए आ तक िनरतर म कल म रहा ह ल कन आप अपन को आ तक मत समझ लना य क आ तक प वी पर म कल स कभी कोई पदा होता ह प वी पर दो तरह क ना तक ह एक व जो जानत ह क ना तक ह और एक व जो जानत नह क ना तक

ह और अपन को आ तक समझत ह प वी पर आ तक बहत म कल स पदा होता ह य क आ तक तभी

पदा होता ह जब वह परमा मा को जान ल उसक पहल कोई आ तक नह हो सकता य क जस हमन

जाना नह उस पर आ था कस आ सकती ह जस हम जान उसी पर आ था आ सकती ह ल कन सार दिनया म बड़ अजीब बात िसखाई जाती ह आदमी को पता ह नह परमा मा का और हम उस

आ था िसखा दत ह बलीफ िसखा दत ह उस कहत ह--मानो एक ब चा पदा हआ उस हम कहत ह क

मानो परमा मा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 19

यान रह जस चीज को भी कोई मान लगा वह फर उस जान नह सकता मानना बहत खतरनाक ह बलीफ बहत खतरनाक ह म एक छोट स अनाथालय म गया था कोई सौ ब च थ और अनाथालय क सयोजक न मझ कहा हमार ब च को हम धम क भी िश ा दत ह म थोड़ा च कत हआ मन कहा धम क िश ा धम क साधना तो हो सकती ह िश ा नह होती धम क

िश ा हो ह नह सकती िसफ साधना ह हो सकती ह िश ा उन चीज क हो सकती ह जो हमस बाहर ह कोई

दसरा उ ह हम बता सकता ह ल कन जो हमार भीतर ह हमार िसवाय और कोई उस नह बता सकता उसक

तरफ कोई इशारा ह नह हो सकता और जो भी इशारा होगा वह झठ हो जाएगा फर भी मन कहा आप

कहत ह तो म चलगा म गया उ ह न कहा आपको पता नह हम सच म ह िश ा दत ह सौ ब च थ अनाथ ब च थ अब अनाथ ब च को तो जो भी िसखाया जाए सीखना ह पड़गा उन सयोजक न

उन ब च स पछा ई र ह उन सब ब च न हाथ ऊपर उठा दए जस कोई ग णत का सवाल हो या जस कोई भगोल या इितहास क बात

हो उन ब च न हाथ ऊपर उठा दए क हा ई र ह सौ ब च न म बहत च कत हआ मन कहा आदमी मरत तक पता नह लगा पाता ई र क होन का इन ब च को अभी स

पता लग गया यह बलकल चम कार ह उन सयोजक न पछा क आ मा ह उन ब च न फर हाथ उठा दए उन सयोजक न पछा आ मा कहा ह उन ब च न दय पर हाथ रख दए क यहा मन एक छोट स ब च स पछा क तम बताओग दय कहा ह उसन कहा यह तो हम िसखाया नह गया जो िसखाया गया ह वह हम बता रह ह यह हमार कताब म ह

नह िलखा हआ ह आप पछत ह दय कहा ह उसम िलखा ह आ मा यहा ह वह हम बता रह ह य ब च कल बड़ हो जाएग बढ़ हो जाएग सभी ब च एक दन बढ़ होत ह जो बढ़ हो गए ह व भी एक दन

ब च ह थ य ब च कल बड़ ह ग बढ़ ह ग और भल जाएग क वह हाथ जो इ ह न ई र क िलए उठाया था िसखाया हआ हाथ था िसखाए हए हाथ झठ हाथ होत ह बढ़ाप म भी इनस कोई पछगा ई र ह वह बचपन

स सीखी गई बात उठ कर खड़ हो जाएगी य कहग हा ई र ह ल कन वह बात सरासर झठ होगी य क

िसखाई गई ह जानी नह गई ह स म ब च को व दसर बात िसखात ह क ई र नह ह ब च वह सीख लत ह ब च को िसखात ह क ई र

नह ह तो बीस करोड़ का म क कहता ह क ई र नह ह मर एक िम स गए थ एक कल म दखन गए थ एक कल क छोट-छोट ब च स उ ह न पछा ई र ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 20

तो एक छोट स ब च न कहाऔर सार ब च हसन लग क आप भी कसी बात पछत ह ए सड बमानी एक

छोट स ब च न कहा गॉड वाज़ ई र हआ करता था उ नीस सौ स ह क पहल अब कहा जब दिनया म

अ ान था तब ई र था अब कहा स म अब कोई ई र नह ह हमको हसी आएगी ल कन हम भी उन ब च स िभ न नह ह िभ नता इस बात म ह िसफ क उ ह िसखाया

गया ह क ई र नह ह हम िसखाया गया ह क ई र ह ल कन दोन थोथी बात ह य क दोन िसखाई गई

ह न व जानत ह क ई र नह ह न हम जानत ह क ई र ह हमार हालत बलकल एक जसी ह उ ह लोग

ना तक कहग हम लोग आ तक कहग फर आ तक म भी हजार तरह क भद ह हद कछ और सीख लता ह मसलमान कछ और सीख लता ह जन कछ और सीख लता ह बौ कछ और सीख लता ह जो भी हम िसखा दया जाता ह हम वह सीख लत ह तो फर और कोई ान ह या क जो िसखा दया गया वह ान ह अगर िसखाया हआ ान ह तब हो

सकता ह एक दन दिनया म ई र न रह जाए य क सार दिनया को िसखाया जा सकता ह क ई र नह ह िसखाया हआ ान नह ह िसखाया हआ तोत क तरह रटन ह और इस तोत क तरह रटन करन वाल लोग को

हम आ तक समझ लत ह इसस बड़ ाित हो जाती ह आ तक म कल स ह पदा होता ह असल म

आ तक तब पदा होता ह जब हम जान पात ह क वह या ह स य या ह जो ह वह या ह दट हच

इज़ वह या ह जो ह--जब हम उस जानत ह ल कन यान रह जो पहल स व ास कर लता ह वह कभी जान नह सकगा अगर आप जान बना ह

ना तक बन गए ह आ तक बन गए ह हद बन गए ह मसलमान बन गए ह तो आप भटक गए फर

आप कभी भी नह जान सकग य क आपन पहल ह उस बात को वीकार कर िलया ह जस आप नह

जानत ह और जो य इतनी भी ह मत नह जटा पाता क कह सक जस बात को नह जानता ह कह सक

क नह जानता ह वह य कस स य क खोज कर सकता ह स य क खोज क परमा मा क खोज क

पहली शत यह ह क हम क ह व ास म न पड़ हम कसी प को वीकार न कर हम खोजन िनकल मन सना ह एक गाव म एक फक र महमान हआ और उस गाव क लोग आए और उस गाव क लोग न कहा क हमार म जद म चल और हम समझाए ई र क सबध म उस फक र न कहा मझ मा कर दो य क कतन लोग समझा चक कोई समझता ह नह ह अब मझ

परशान मत करो ल कन जतना उसन मना कया जसी क लोग क आदत होती ह जस चीज क िलए मना करो व और

आ हशील हो जात ह जस चीज क िलए मना करो उनका मन और जोर स पकड़न लगता ह क चल दख खोज इस दरवाज पर िलख दया जाए यहा झाकना मना ह और फर इस गाव म शायद ह ऐसा आदमी िमल

जो बना झाक िनकल जाए लोग क िलए िनषध िनम ण बन जाता ह इनकार करो और उ ह आम ण हो जाता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 21

व फक र क पीछ पड़ गए फक र टालन लगा ह व और पीछ पड़ गए ह नह मान ह तो फक र न कहा चलो म चलता ह वह उनक गाव क म जद म गया ह व सब गाव क लोग इक ठ हो गए ह वह फक र मच पर

बठा ह और उसन कहा इसक पहल क म कछ बोल म तमस एक बात पछ ल ई र ह तम मानत हो जानत हो ई र ह उन सार लोग न हाथ हला दए उ ह न कहा क हा ई र ह इसम शक क बात ह नह सदह का सवाल ह

नह हम सब मानत ह ई र ह उस फक र न कहा फर मर बोलन क कोई ज रत न रह य क ई र आ खर ान ह जसन उस भी जान

िलया अब उसस बात करनी नासमझी ह म जाता ह वह नीच उतर गया उसन कहा क जब त ह ई र तक

का पता चल चका ह तो अब और म त ह या बता सकगा बात ह खतम हो गई या ा का ह अत आ गया यह तो अितम अनभव भी त ह हो गया और अब त हार सामन बात क तो म अ ानी ह मझ मा कर दो म जद क लोग बड़ मसीबत म पड़ गए य क जानता तो कोई भी नह था क ई र ह झठ ह हाथ उठा दए

थ उठात व खयाल भी न था क हम झठ हाथ उठा रह ह अगर बहत दन तक झठ हाथ उठात रह तो आदमी खद ह भल जाता ह क य उठाए गए हाथ झठ ह आप भी जब म दर क मित क सामन िसर झकात ह तो कभी खयाल कया ह क यह िसर सच म झक रहा ह या झठा

झकाया जा रहा ह यह िसफ आदत ह िसखाई गई बात ह या आपन भी कभी जाना ह क इस मित म

कछ ह और बड़ आ य क बात ह क जस मित म कछ दख जाएगा उस सार दिनया म कछ नह दखगा फर वह एक म दर को खोजता हआ िसर झकान आएगा फर तो जहा भी दखाई पड़ जाएगा--सब वह ह--वह िसर झका लगा अधािमक क िसवाय म दर म शायद ह कोई कभी जाता ह धािमक तो कभी जाता नह दखा

गया यह म नह कह रहा ह क जो नह जात ह व धािमक ह न जान स कोई धािमक नह होता ल कन

धािमक शायद ह म दर जाता दखा गया ह म जद क लोग परशानी म पड़ गए ल कन उ ह न सोच- वचार कया क इस फक र स सनना तो ज र था बड़ गलती हो गई हमारा उ र ह ऐसा था क आग बोलन क ज रत न रह अब हम दसरा उ र दग फर एक

बार फक र को कसी तरह बला कर ल आओ दसर श वार को फर उ ह न ाथना क उस फक र न कहा क म तो गया था पछली बार ल कन तम तो सब

जानत ह हो अब आग और या बताना ह जो जानता ह ह उस जानन को शष या रह जाता ह अब

तम जानत ह हो तो बात ह या करनी ह पर उन लोग न कहा क हम व लोग नह हम दसर लोग ह फक र उ ह भलीभाित जान रहा था क व वह ह उसन कहा ठ क ह धािमक आदमी का कभी कोई भरोसा

नह जरा म बदल जाए तथाकिथत धािमक व जो सो कॉ ड रलीजस ह उनक बदलन का कोई भरोसा भी नह अभी करान पढ़ रह

ह अभी छाती म छरा भ क द अभी गीता पढ़ रह थ अभी कसी क ी को लकर भाग जाए इसम कोई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 22

क ठनाई नह ह धािमक आदमी स यादा गर-भरोस का आदमी ह प वी पर अब तक नह पाया गया य क

जसको हम धािमक कहत ह सच म वह धािमक ह नह ह थोथा सडो रलीजस झठा िसफ माना हआ

धािमक ह धम का उसक जीवन म कोई सबध नह अगर धम का सबध हो जाए तो आदमी न हद रहगा न

मसलमान न ईसाई धम भी दस हो सकत ह हजार हो सकत ह स य भी हजार तरह का हो सकता ह ग णत एक तरह का होता ह--चाह ित बत म और चाह चीन म और चाह हद तान म हो और चाह स म--

सब जगह ग णत एक ह और किम भी एक ह और फ ज स भी एक ह--साइस एक ह ल कन धम हजार ह िसफ झठ हजार तरह क हो सकत ह स य हजार तरह का नह हो सकता अगर कोई कहन लग क हदओ क

किम अलग ह और मसलमान क किम अलग ह तो समझ लो क इन दोन को पागलखान म भत

करना पड़ इसक िसवाय कोई उपाय न रह य क किम कस अलग हो सकती ह पानी चाह हद गरम

कर चाह मसलमान सौ ड ी पर भाप बनता ह और कोई उपाय नह ह क करान पढ़न वाला कम ड ी पर

भाप बना द और गीता पढ़न वाला यादा ड ी पर भाप बना द पानी सौ ड ी पर भाप बनता ह यह स य ह

यह स य सावलौ कक ह यिनवसल ह धािमक आदमी िसफ धािमक होता ह--ज ट रलीजस--न हद न मसलमान न ईसाई य सब अधािमक क

िसर पर लग हए लबल ह धम कस हो सकत ह पचास तरह क जब पदाथ का िनयम एक ह तो परमा मा

का िनयम कस अनक हो सकता ह उस फक र क फर व पीछ पड़ गए उसन कहा ठ क ह तम कहत हो तो हम चलग वह गया वह मच पर खड़ा हआ उस गाव क लोग न सोच- वचार करक तय कर िलया था क उ र अब दसरा दना ह फक र न पछा

क म पछ ल वह बात क ई र ह तम मानत हो जानत हो त ह उसका अनभव हो गया ह सार म जद क लोग िच लाए कसा ई र हम कछ पता नह न हम मानत ह न हम जानत ह अब आप

बोिलए उस फक र न कहा जस तम मानत ह नह जानत ह नह उसक सबध म बात करन स फायदा या ह जसक त ह कोई खबर ह नह उसका तम ह कस उठात हो कस ई र क बात कर रह हो कस

ई र क म बात क गाव क लोग फर मसीबत म पड़ गए क यह तो बड़ा धोखबाज आदमी मालम पड़ता ह पछली बार हमन हा

भर तो उसन कहा त ह पता ह हो गया बात ख म अब हम इनकार करत ह तो वह कहता ह जसको तम

जानत नह मानत नह जसका त ह कोई पता नह उसक बात भी य करनी बात करन क िलए भी

कछ श आत तो चा हए कसक म बात क कसस म बात क म जाता ह गाव क लोग न कहा यह तो बड़ म कल हो गई यह आदमी कसा ह फर उ ह न कहा अब हम या कर ल कन इसस सनना ज र ह इस आदमी क आख स लगता ह क कछ जानता ह इस आदमी क य व स

लगता ह क इस कछ खबर ह शायद हम ठ क उ र नह द पा रह अब हम या कर उ ह न तीसरा उ र

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 23

तयार कया फर फक र को समझा-बझा कर ल आए उसन कहा क तम य परशान हो रह हो उ ह न कहा क अब हम दसरा ह उ र ह हमार पास फक र न कहा सोच- वचार उ र का कोई मतलब नह होता पागलो तम सोच- वचार कर तय करत हो वह

सब झठ होता ह जो सच होता ह उस सोच- वचार कर तय नह करना पड़ता वह तय होता ह और जस हम

सोच- वचार कर तय करत ह वह कभी सच नह होता िसफ अस य क िलए सोचना पड़ता ह स य क िलए

सोचना नह पड़ता ह और अगर स य क िलए भी सोचना पड़ तो वह अस य ह होगा स य को जानना पड़ता

ह सोचना नह पड़ता अस य को सोचना पड़ता ह इसिलए अस य बोलन वाला सोच- वचार म िचता म परशानी म पड़ जाता ह स य बोलन वाल को परशानी नह होती य क िचता का कोई कारण नह ह जो ह

वह ह जो नह ह वह नह ह फर भी व गाव क लोग नह मान उ ह न कहा एक बार और चल चल बड़ कपा होगी वह गया वह फक र फर मच पर खड़ा हो गया ह उसन फर पछा ह क िम ो म फर वह बात पछ ल--ई र

ह तम मानत हो जानत हो पहचानत हो कछ खबर ह उसक तो म जद क लोग न तय कया थाअगर हम भी होत हम भी उस गाव म होत या हो सकता ह हमम स

कछ लोग उस गाव म रह भी ह तो हमन भी यह तय कया होताआधी म जद क लोग न कहा क हा हम

ई र को मानत ह आध लोग न कहा हम नह मानत अब आप बोिलए उस फक र न कहा तम बड़ नासमझ हो जनको मालम ह व उनको बता द जनको मालम नह मर या

ज रत ह तम मर पीछ य पड़ हो तम मझ य परशान करत हो अब तो कोई ज रत ह नह ह मर म बलकल बकार ह यहा कछ जानत ह कछ नह जानत आपस म एक-दसर को समझा-बझा ल म यह

चला और फक र न चलत व उनस कहा क ह मत हो तो फर चौथी बार आना गाव क लोग बड़ म कल म पड़ गए बहत सोचा ल कन चौथा उ र न िमला करत भी या करत भी

या एक उ र हा का एक न का फर दोन उ र िमला कर द दए हा और न क अब या करत य तीन

तो वक प ह दखाई पड़त ह कोई चौथा अ टरन टव भी तो नह ह बहत परशान हए फक र कई दन का

रहा और गाव म घम-घम कर लोग स कहता रहा य अब नह आत ल कन गाव क लोग कछ भी न

सोच पाए क अब या कर आ खर उस फक र को वह गाव छोड़ दना पड़ा कसी दसर आदमी न दसर गाव म उसस पछा क हमन सना ह उस गाव क लोग फर न आए अगर व आत तो

तम समझात फर ई र को उसन कहा फर मझ समझाना ह पड़ता उस आदमी न कहा तो तमन तीन बार म य नह समझाया उसन कहा म ठ क उ र क ती ा करता रहा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 24

या ठ क उ र हो सकता ह तो उस फक र न कहा अगर व गाव क लोग चप रह जात और कोई उ र न दत तो ह म कछ बोल सकता था

य क तब व ईमानदार होत ऑन ट होत य क ई र क सबध म न तो हम पता ह क वह ह न हम पता

ह क वह नह ह हम बईमान ह अगर हम कोई भी उ र द रह ह ल कन यह बईमानी धािमक क म क ह और जब बईमानी धािमक क म क होती ह तो पहचानना बहत

म कल हो जाता ह अधािमक बईमान आदमी तो पकड़ जाता ह धािमक और बईमान आदमी को पकड़ना बहत

म कल ह य क उसक बईमानी क चार तरफ धािमकता क पत चढ़ाई हई ह हमारा उ र या ह अगर हम सच म ईमानदार ह ऑन ट ह तो हम कहग कोई भी उ र तो हमार पास

नह हम कछ भी तो पता नह हम इतना भी तो नह कह सकत क वह ह हम इतना भी नह कह सकत क

वह नह ह और जो य इतनी स चाई पर खड़ा हो जाए क मझ कछ भी पता नह उस य क स ची

आ तकता क या ा श हो जाती ह य क अगर हम यह अनभव हो जाए क मझ कछ भी पता नह ह तो हम इतनी पीड़ा म इतनी सफ रग म इतन क म पड़ जाएग क वह पीड़ा वह क वह अ ान हम ध क

दगा क हम खोज पर िनकल हम जाए और पता लगाए ल कन हम बड़ अदभत लोग ह हम पता कछ भी नह ह और हम मान कर बठ गए ह क पता ह इसिलए या ा

भी नह करत अब कोई बीमार आदमी समझ ल क म व थ ह तो फर वह इलाज क या फकर कर

इलाज क फकर तो इस बात स श होती ह क ात हो क म बीमार ह तो हम वा य क तरफ भी जा सकत ह प वी पर झठ आ तकता ह और इसिलए धािमक जीवन िनिमत नह हो पा रहा ह और झठ आ तकता का

आधार ह व ास बलीफ और सार दिनया म यह समझाया जाता ह क व ास करो यक न लाओ ा

रखो मानो पछो मत सदह मत करो शक मत करो अ व ास मत करो बड़ उलट बात िसखाई जा रह

ह जो आदमी व ास म जीएगा वह कभी भी अनभव तक नह पहचता ह अनभव तक कवल व ह लोग

पहचत ह जो झठ व ास म नह जीत झठ अ व ास म भी नह जीत अ व ास डस बलीफ भी एक

तरह का व ास ह-- वरोधी व ास ह िनग टव बलीफ ह ईमानदार आदमी चप खड़ा हो जाता ह क मझ पता नह ड एचलारस एक बगीच म घम रहा था एक अदभत आदमी था एक छोटा ब चा उसक साथ घम रहा ह और

वह लारस स पछता ह जसा क छोट ब च अ सर सवाल उठा दत ह जनका क बढ़ भी उ र नह द सकत ल कन इतन ह मतवर बढ़ कम होत ह जो मान ल ब च क सामन इस बात को क मझ उ र पता नह इसी तरह क कमजोर बढ़ न दिनया को परशानी म डाल रखा ह ब च न उठा दया एक सीधा सा व को दखा

ह और हाथ उठा कर लारस स पछा हाय द ज आर ीन व हर य ह लारस न कहा द ज आर ीन बकाज द आर ीन व हर ह य क व हर ह उस ब च न कहा यह भी कोई उ र हआ यह कोई उ र ह हम पछत ह व हर य ह आप कहत ह क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 25

हर ह य क हर ह यह कोई उ र हआ लारस न कहा क उ र का मतलब िसफ इतना ह क मझ पता नह ह और म झठ नह बोल सकता ह इस आदमी का भाव दखत ह वह कहता ह मझ पता नह यह धािमक आदमी का पहला ल ण ह क वह

साफ होगा इस बात म क मझ या पता ह और या पता नह ह या आप साफ ह आपन कभी लखा-जोखा कया ह क मझ या पता ह और या पता नह ह आप बहत

हरान हो जाएग शायद ह जीवन का कोई परम स य पता हो ल कन जन बात का हम बलकल पता नह ह हम बहत जोर स टबल ठ क-ठ क कर कहत ह क हम प का पता ह न कवल टबल ठ कत ह एक-दसर क

छाती म छरा भी भ कत ह-- क मझ जो पता ह वह यादा ठ क ह त ह जो पता ह वह गलत ह आ य ह जन स य क सबध म हम कोई भी बोध नह ह उनक सबध म हम कतन फन टक कतन

पागल कतन आ ामक कतन अ िसव ह समझ क बाहर ह यह बात ल कन यह बात हमार थित बनी ह इस थित को तोड़ना ज र ह तो म आपस िनवदन करना चाहगा कभी एकात ण म इस पर सोचना क धम क सबध म मझ या पता

ह िन त ह गीता क स आपको याद ह ग करान क आयत भी याद हो सकती ह बाइ बल क वचन भी

कठ थ हो सकत ह ल कन यान रखना वह आपका ान नह ह गीता म जो ह वह क ण का ान रहा

होगा आप उस पढ़ कर अपना ान नह बना सकत ह बारोड उधार िलया हआ ान अ ान स बदतर ह

य क अ ान कम स कम अपना तो होता ह इतना तो ह क मरा ह कम स कम ामा णक ऑथ टक तो होता ह क मरा ह ान उधार ह सब और अ ान हमारा ह यान रह मर अ ान को म सार दिनया क ान को भी इक ठा कर ल तो भी नह िमटा सकता य क

अ ान मरा ह और ान दसर का ह दसर का ान मर अ ान को िमटा नह सकता ह कस िमटा सकता ह दोन कह कटत ह नह दोन कह एक-दसर को पश भी नह करत दसर का ान अ ान स भी खतरनाक

हो सकता ह मन सना ह एक अधा आदमी अपन एक िम क घर महमान ह रात बहत-बहत भोजन बन ह खीर बनी ह

उस अध आदमी न अपन िम स पछा यह खीर या ह यह कस चीज को तम खीर कहत हो यह कसी

ह कसस बनी ह मझ कछ समझाओ मझ बहत पसद पड़ ह िम समझदार रह ह ग दिनया म नासमझ आदमी तो म कल स ह िमलता ह सभी समझदार ह व भी समझदार थ उ ह न उस अध आदमी को बताया क खीर जो ह वह दध स बनी ह उस अध आदमी न कहा क यह दध या ह कसा होता ह या ह रग या ह प उन समझदार न कहा क दध बलकल श सफद होता ह उस अध आदमी न कहा मझ म कल म डाल द रह हो मरा पहला वह का वह खड़ा रहता ह तम जो

जवाब दत हो उसस और नय खड़ हो जात ह यह सफद या बला ह यह सफद या ह यह सफद

कसी होती ह यह श कसको कहत हो तम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 26

समझदार कम समझदार न थ एक समझदार आग बढ़ा और उसन कहा कभी बगला दखा ह नद क कनार तालाब क तट पर झील क पास सफद बगला ठ क बगल क पख जसा सफद होता ह दध उस अध आदमी न कहा तम पहिलय म उलझाए द रह हो यह बगला या बला ह और मर पहल तो

अब कतन दर छट गए त हार जवाब मझ बहत आग ल आए ह ल कन हर बात वह क वह अटक हई ह

यह बगला या होता ह कसा होता ह कछ मझ इस तरह समझाओ क म समझ सक एक समझदार आदमी न अपना हाथ आग बढ़ाया उस अध आदमी को कहा क मर हाथ पर हाथ फरो अध

आदमी न हाथ पर हाथ फरा यह कछ समझ म आन वाली बात थी य क अध को पश अनभव हआ उस

समझदार आदमी न कहा क जस मर हाथ पर तमको सडौल मालम होता ह ऐस ह बगल क गदन सडौल होती ह वह अधा आदमी खड़ होकर नाचन लगा उसन कहा म समझ गया क दध सडौल हाथ क तरह होता ह म

बलकल समझ गया व सब िम कहन लग मा करो मा करो इसस तो बहतर था क तम न जानत थ यह जानना तो और

म कल म डाल दगा नह दध सडौल हाथ क तरह नह होता उस अध आदमी न कहा मझ य म कल म डालत हो त ह न तो मझ समझाया ह असल बात यह ह क अध आदमी को सफद रग क सबध म कछ भी नह समझाया जा सकता और जो समझान

जाता ह वह िनपट नासमझ ह अध आदमी क आख का इलाज हो सकता ह सफद रग नह बताया जा सकता आख का इलाज हो जाए तो सफद रग दखाई पड़ सकता ह और कोई उपाय नह ह हम सब जहा तक स य का सबध ह अध ह हम कछ पता नह ह और हम सबन कताब म स कछ समझ

िलया ह वह उसी अध आदमी क हाथ क तरह वह उसी अध आदमी क धारणा क भाित हम उसको पकड़ कर

बठ हए ह और हम जदगी- जदगी पकड़ कर बठ रह उसस हम कह पहचग नह पहली बात जाननी ज र ह क हम अध ह और दसर बात जाननी ज र ह क हम कछ भी दखाई नह पड़ता

ह जहा तक ई र का स य का सबध ह हम कछ भी पता नह ह कछ भी दखाई नह पड़ता ह यह पहली

स चाई होगी जस हम वीकार कर ल तो फर आग बढ़ा जा सकता ह तब हम पछ सकत ह क यह आख

कस ठ क हो क हम जान सक ल कन जसन मान िलया वह यह पछता ह नह क हम जान सक वह तो यह मान लता ह क जान िलया

वह तो व ास को धीर-धीर धीर-धीर ान बना लता ह उस पता ह नह चलता क मन गीता म ऐसा पढ़ा

था कब वह समझन लगता ह क ऐसा म जानता ह म दखता ह लोग बठ ह--धािमक लोग--आख बद करक सोच रह ह अह ा म म ह म ह म

ह कसी कताब म पढ़ िलया ह अब दोहरा रह ह क म ह अब दोहरात र हए या दोहरान स पता चल जाएगा क आप ह कस पता चल जाएगा जब पहली बार

आपन दोहराया क म ह तब आपको पता नह था जब आपन दसर बार दोहराया तब भी आपको पता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 27

नह था जब आपन तीसर बार दोहराया तब भी आपको पता नह था और अगर पता ह हो गया था तो चौथी

बार दोहराया कसिलए तो चौथी बार दोहराया तब भी पता नह था हजार बार लाख बार करोड़ बार

दोहराइए पता कस हो जाएगा रपीट शन नॉलज बन जाता ह दोहरान स ान पदा हो जाता ह तब तो बड़ा स ता मामला ह तब तो बहत ह स ता मामला ह तब तो हटलर न ठ क िलखा ह अपनी आ मकथा म उसन िलखा ह क दिनया म सफद झठ जसी कोई चीज नह होती जस झठ को बार-बार

दोहराओ वह स य हो जाता ह तब तो फर हटलर परम ानी ह और मज क बात यह ह क हम हटलर को

कभी ानी न कहग ल कन हम यह कर रह ह ान क िलए हा यह बात ज र सच ह क अगर अस य को भी बार-बार दोहराया जाए तो हम धीर-धीर यह भल जात ह क

यह अस य ह दसरा नह हम खद भल जात ह अगर आप बचपन स एक अस य को दोहरात रह दोहरात रह तो बढ़ाप तक याद रखना जरा म कल हो जाएगा क यह अस य था और मन जब पहली बार दोहराया था

तो अस य था मझ पता नह था यह भल जाएग आप िनरतर दोहरान स िसफ भल सकत ह ल कन ान

नह हो सकता िसफ इतना भल सकत ह मन सना ह एक प कार मर गया और मरत ह स वग क दरवाज पर पहच गया--जनिल ट अखबार वाला

अब अखबार वाला था उसन कहा क सीध वग म मझ जगह िमलनी चा हए और यहा कोई िमिन टर या

कह भी दरवाजा खटखटाए तो दरवाजा खलता था तो उसन कहा भगवान भी य डरता होगा ज र अखबार वाल स कौन नह डरता जाकर उसन सीधा दरवाजा खटखटाया ारपाल न बाहर झाक कर दखा उसन

कहा दरवाजा खोलो म एक बड़ अखबार का रपोटर ह और म मर गया ह और म वग म रहना चाहता ह उस ारपाल न कहा माफ क रए पहली तो बात यह ह क वग म कोई घटना ह नह घटती यज ह नह

घटती य क यज क िलए भी तो उप वी आदमी चा हए--राजनीित चा हए गड चा हए बदमाश चा हए

यहा कोई आत ह नह इस तरह क सब लोग हाला क जमीन पर जो भी मरता ह व सभी वग य िलख जात

ह सब वग चल जात ह ऐसा हम मानत ह जाता म कल स ह कोई कभी होगा उस ारपाल न कहा यहा कोई घटना ह नह घटती अखबार कहा चल और यहा का एक िन त कोटा ह दस अखबार वाल को हमन

जगह द रखी ह ल कन वह भी बकार ह कोई काम ह नह ह और अखबार भी िनकालो तो कोई पढ़न को राजी

नह होता इसिलए वह ठ प ह पड़ा ह काम अगर त ह जाना ह ह तो नरक चल जाओ वहा बहत अखबार

चलत ह बड़ अखबार चलत ह बहत सकलशन ह अखबार का य क घटनाए भी खब घटती ह घटनाए ह

घटनाए ह वहा तो जहा दखो वह घटना घट रह ह पर उसन कहा क मझ तो वग म रहना ह आप एक कर सकत ह तरक ब मझ चौबीस घट क िलए भीतर ल ल म दस अखबार वाल म स एक को राजी कर लगा क वह नरक चला जाए तो फर तो जगह खाली होती ह

मझ उस ारपाल न कहा आप आ जाए चौबीस घट आप कोिशश कर ल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 28

वह अखबार वाला भीतर गया जो भी आदमी उस िमला उसन कहा सना तमन नरक म एक बहत नया

अखबार िनकलन वाला ह उसक िलए एक बड़ सपादक क चीफ एड टर क ज रत ह मोटर भी िमलगी बगला भी िमलगा सब इतजाम ह बड़ तन वाह भी ह उसन पर वग म खबर फला द साझ को वह वापस

ारपाल क पास आया और उसन पछा क कहो कोई गया ारपाल न दोन हाथ रोक कर उसस कहा क ठहरो व दस चल गए ह और अब तम नह जा सकत य क

यहा हम तो बहत म कल म पड़ जाएग दस का कोटा ह व दस ह भाग गए ह व कहत ह हमको नरक जाना ह सब चल गए ल कन उस अखबार वाल न कहा रा त स हटो म भी जाऊगा उसन कहा तम कस पागल हो उसन कहा कौन जान बात सच भी हो सकती ह क अखबार वहा िनकल रहा हो य क मन जसस भी सना

ह दन म सभी यह कह रह ह क अखबार िनकलन वाला ह पर वग म एक ह चचा ह कौन जान उस ारपाल न कहा पागल सबह तन ह यह झठ श कया था उसन कहा सबह को बहत दर हो गई बात सच भी हो सकती ह म ल कन यहा नह रहना चाहता झठ हो तो

भी कोई हजा नह जब दस आदिमय न मान िलया तो बात म कछ न कछ जान होनी चा हए हम भी भल जात ह क हमन कब झठ वीकार कया था खद और अगर बोलत ह चल जाए तो आ खर म पता ह नह रहगा क यह झठ था दोहरान स कोई स य नह होता ह हम कताब पढ़ लत ह--ई र क सबध म क सबध म आ मा क सबध

म बात सीख लत ह फर उनको दोहरान लगत ह और दोहरात-दोहरात मर जात ह हम कछ जान नह पात या कर

इसिलए म आपस यह िनवदन करना चाहता ह पहली बात तो यह समझ क हम अ ानी ह परम अ ानी ए सो यट इ नोरट ह स य क सबध म यह पहला स य होगा यह पहला चरण होगा म दर का परमा मा क और जब परम अ ान ह हमारा और दसर क ान स ान िमल नह सकता-- कतनी ह गीता कठ थ करो और

कतन ह -स पढ़ो ान नह िमल सकता ह कसी कताब स न कसी ग स ासफरबल नह ह वह

कोई ऐसी चीज नह ह क कसी न म ठ भर और आपको द द अगर ऐसा होता तो एक ह ग सार दिनया म

ान बाट जाता फर कोई ज रत न थी कोई कसी को ान द नह सकता अगर म य को जानना ह तो खद

मरना पड़ता ह और अगर ान को उपल ध करना ह तो खद उस माग स गजरना पड़ता ह जहा ान उपल ध

होता ह या ह वह माग

सम त वचार स म हो जाना पण श य म ठहर जाना मौन पण मौन म उतर जाना वह माग ह य द

हम ण भर को भी पण मौन म हो सक क लीट साइलस म हो सक तो हम उस जान लग जो ह य आ खर मौन म होन स य जान लग

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 29

जब तक हमारा मन श द स भरा ह वचार स भरा ह तब तक बचन ह तब तक ऐसा ह जस झील पर तरग

ह चाद ह आकाश म और झील तरग स भर ह तो चाद का ित बब नह बनता फर झील म और फर झील

शात हो गई कोई तरग नह ह झील मौन हो गई एक लहर भी नह ह झील क छाती पर झील बलकल

साइलट शात हो गई ह तो झील एक दपण बन जाती ह और चाद उसम ितफिलत हो जाता ह र ल ट हो

जाता ह दखाई पड़न लगता ह मौन क थित म हम बन जात ह दपण शात और जो ह वह उसम ितफिलत हो जाता ह उसम दखाई

पड़ जाता ह मन य को बनना ह दपण चप एक लहर भी न हो मन पर तो उसी ण म जो हउसी का नाम परमा मा

हम कह स य कह जो भी नाम दना चाह नाम स कोई फक नह पड़ता ह नाम क झगड़ िसफ ब च क

झगड़ ह कोई भी नाम द द--ए स वाय जड कह तो भी चलगा वह जो ह अननोन अ ात वह हमार

दपण म ितफिलत हो जाता ह और हम जान पात ह तब ह आ तकता तब ह धािमकता तब धािमक य

का ज म होता ह अदभत ह आनद उसका स य को जान कर कोई दखी हआ हो ऐसा सना नह गया स य को बना जान कोई

सखी हो गया हो ऐसा भी सना नह गया स य को जान बना आनद िमल गया हो कसी को इसक कोई

सभावना नह ह स य को जान कर कोई आन दत न हआ हो ऐसा कोई अपवाद नह ह स य आनद ह स य

अमत ह स य सब कछ ह-- जसक िलए हमार आका ा ह जस पान क यास ह ाथना ह ल कन हम

दपण नह ह जसम स य ितफिलत हो सक एक यवा फक र सार दिनया का च कर लगा कर अपन दश वापस लौटा था उस दश का स ाट बचपन म उसक

साथ एक ह कल म पढ़ा था वह फक र स ाट क पास गया सार प वी स घम कर लौटा ह फक र--अधन न फट व स ाट गल िमला ह बठत ह स ाट न पछा ह सार दिनया घम कर आए मर िलए कछ लाए हो जनक पास सब कछ होता ह उनक मन म भी और कछ क वासना तो बनी ह रहती ह एक स ाट एक फक र

स मागन लगा क मर िलए कछ लाए हो फक र न कहा क मझ खयाल था िन त ह क तम ज र िमलत ह पहली बात यह पछोग जनक पास बहत

ह पहली बात उनक मन म यह उठती ह तो म त हार िलए कछ ल आया ह स ाट न चार तरफ दखा फक र क पास तो कछ मालम नह पड़ता हाथ खाली ह झोला भी साथ नह

स ाट न कहा या ल आए हो फक र न कहा मन बहत खोजा बहत खोजा बड़-बड़ बाजार म बड़ -बड़ राजधािनय म ल कन म यह

सोचता था कोई ऐसी चीज ल चल जो त हार पास न हो ल कन जहा भी गया मझ खयाल आया यह सब

त हार पास ज र होगा तम कोई छोट स ाट नह और दखता ह त हार महल म सभी कछ ह भल हो जाती

बड़ म वह कछ भी नह लाया फर एक चीज मझ िमल गई जो म लाया ह स ाट तो खड़ा हो गया उसन कहा ऐसी कोई चीज लाए हो जो मर पास नह ह दख ज द िनकालो मर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 30

उ सकता को यादा मत बढ़ाओ उस फक र न खीस म हाथ डाला फट कत स एक छोटा सा दो पस का दपण दो पस का िमरर िनकाल कर

स ाट को द दया स ाट न कहा पागल हो गए हो मर पास बड़-बड़ दपण ह यह तम दो पस का दपण लाए

हो क मर पास नह होगा कस पागल हो उस फक र न कहा यह दपण साधारण नह ह इसम अगर दखोग तो तम अपन को ह दख लोग दसर दपण

म िसफ शर र दखा होगा इसम तम ह दख जाओग कागज म िलपटा हआ ह दपण स ाट न कहा म इस खोल कर दख फक र न कहा अकल म दखना य क इसम तम दख जाओग जस हो जो ह फर फक र चला गया एकात होत ह स ाट न कागज फाड़ा एक साधारण सा दपण ह जसको दपण कहना

भी म कल ह अ यत द न-द र दपण ह ल कन उस दपण पर एक वचन िलखा हआ ह क और सब दपण

यथ ह एक ह दपण साथक ह और वह वह दपण ह जो तम बन सकत हो मौन हो जाओ चप हो जाओ िच क सब तरग बद कर दो उसी दपण म दख सकोग क तम कौन हो और जो वय को दख ल वह सबको

दख लता ह एक बार झलक िमल जाए शात होकर जीवन क सब िमल जाता ह ल कन हम खोजत ह शा म शा म कभी न िमलगा हम खोजत ह ग ओ क पास कभी न िमलगा कोई

कसी को द सकता नह ह हमार पास और हम खोजत ह कह और तो भटकत रहत ह एक ह बात आपस कहना चाहता ह वह यह अ ान को समझ और अ ान को झठ ान स ढाक मत उधार ान स अपन अ ान को भलाए मत उधार ान को दोहरा-दोहरा कर जबद ती ान बनान क यथ च ा म न

लग ऐसा न कभी हआ ह न हो सकता ह एक ह उपाय ह और जस उपाय स सबको हआ ह कभी भी हआ

ह कभी भी होगा और वह उपाय यह ह क कस हम दपण बन जाए--ज ट ट बी ए िमरर दपण पता ह आपको दपण क खबी या ह दपण क खबी यह ह क उसम कछ भी नह ह वह बलकल

खाली ह इसीिलए तो जो भी आता ह उसम दख जाता ह अगर दपण म कछ हो तो फर दखगा नह दपण म

कछ भी नह टकता दपण म कछ ह ह नह दपण बलकल खाली ह दपण का मतलब ह टोटल ए ट नस बलकल खाली कछ ह ह नह उसम जरा भी बाधा नह ह अगर जरा भी बाधा हो तो फर दसर चीज पर

नह दखाई पड़गी जतना क मती दपण उतना खाली जतना स ता दपण उतना थोड़ा भरा हआ बलकल

परा दपण हो तो उसका मतलब यह ह क वहा कछ भी नह ह िसफ कपिसट ट र ल ट कछ भी नह ह िसफ मता ह एक ितफलन क --जो भी चीज सामन आए वह दख जाए या मन य का मन ऐसा दपण बन सकता ह

बन सकता ह और ऐस दपण बन मन का नाम ह यान ह म डटशन ह ऐसा जो दपण जसा बन गया मन ह उसका नाम यान ह ऐस मन का नाम यान ह यान का मतलब यह नह क राम-राम राम-राम राम-राम कर रह ह यान का कोई सबध नह ह यह सब

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 31

लहर चल रह ह राम-राम क नाम क चल रह ह इसस या फक पड़ता ह क ओम-ओम ओम-ओम कर

रह ह वह भी लहर चल रह ह ओम क चल रह ह इसस या फक पड़ता ह कोई लहर न रह जाए श द

क कोई वचार न रह जाए कछ भी न रह जाए बस खालीपन रह जाए तो उस खालीपन म हम उस जान

लग जो चार तरफ मौजद ह भगवान को खोजन कह कोई हमालय पर कोई एवर ट पर थोड़ ह जाना ह न कसी चाद-तार पर जाना ह

वह ह यह सब जगह सच तो यह ह क वह ह उसक अित र और कछ भी नह ह इसिलए जो पछता ह

कहा खोजन जाऊ वह पागल ह कोई अगर यह पछ क कोई ऐसी जगह बताओ जहा भगवान न हो तो समझ म आ सकता ह क यह आदमी कछ खोजन िनकला ह ल कन कोई कहता ह मझ वह जगह बताओ

जहा भगवान ह तो समझना यह आदमी पागल ह य क ऐसी कोई जगह ह नह ह जहा वह नह ह असल

म होना मा वह ह जो भी ह वह ह उसक अित र और कछ भी नह ह ई र का मतलब ह अ त व ए झ टस जो ह फर कमी या ह हम खोज य नह पात उस कमी शायद इतनी ह ह क हम दपण नह ह जसम वह झलक जाए हम भीतर भर ह और वह नह झलक

पाता हम भीतर तरग स भर ह और वह नह झलक पाता इसिलए कह खोजन न जाए िसफ चप बठ मौन

बठ और धीर-धीर इस दशा म थोड़ा योग कर क कस मन क वचार ीण होत चल जाए ीण होत चल

जाए और एक दन आ जाए जस दन मन म कोई वचार न हो हम ह वह हो और बीच म कोई वचार न

हो बस उसी ण िमलन हो जाता ह और यह भी क ठन नह ह बहत क ठन ह बहत क ठन नह ह क ठन

तो ह ह ल कन बहत क ठन नह ह असभव नह ह कस यह सभव होगा एक छोटा सा स और अपनी बात म पर कर दगा एक छोट स स को यान म रख ल यह सभव हो जाएगा आधा घट को चपचाप बठ जाए रोज चौबीस घट म

और कछ भी न कर बस मन को दखत रह िसफ दखत रह ज ट ऑ जवशन िसफ दखत रह--यह हो रहा

ह यह हो रहा ह यह हो रहा ह मन म यह वचार आया वह वचार आया आया-गया आया-गया भीड़

लगी ह रा ता चल रहा ह बस चपचाप दखत रह दखत रह दखत रह कछ भी न कर माला भी न फर राम-राम भी न जप म भी न दोहराए कछ भी न कर बस इस मन को दखत रह क य वचार चल रह ह य चल रह ह य जा रह ह य आ रह ह रोक भी न कसी वचार को झगड़ भी न दबाए भी न कसी वचार

को िनकाल भी न य क कसी वचार को िनकालन गए क फर कभी न िनकाल पाएग असभव ह वह बात

दबाया कसी को तो फर उसस कभी छटकारा न होगा वह छाती म दबा हआ खड़ा ह रहगा सदा लड़ कसी स

क हार लड़ना ह मत वचार स जो वचार स लड़गा वह हारगा य इसिलए नह क वचार बहत मजबत

ह और हम बहत कमजोर ह इसिलए क वचार ह ह नह छाया ह और छाया स लड़न वा ला कभी नह जीत सकता आप बड़ स बड़ द य स भी जीत सकत ह ल कन कसी छाया स लड़ फर न जीत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 32

सकग इसका यह मतलब नह क छाया बहत मजबत ह इसका कल मतलब क छाया व ततः ह ह नह

उसस लड़ क बवकफ बन अपन हाथ स मढ़ बन और गए और हार और िमट लड़ना मत जझना मत िनणय मत करना रोकना मत चपचाप बठ कर दखत रहना मन को और अगर

थोड़ा साहस रखा और भयभीत न हए और भाग न और दखत रह य क भय लगगा य क जब मन को दखन बठग तो पाएग या म पागल ह अगर दस िमनट एकात म

बठ कर मन म जो चलता हो उस िलख डाल ईमानदार स तो पित अपनी प ी को न बता सकगा प ी अपन

पित को न बता सकगी िम अपन िम को न बता सकगा क यह मर दमाग म चलता ह और अगर बताया तो घर भर क लोग च क कर दखग और कहग क ज द अ पताल ल चलो य बात त हार दमाग म चलती

ह हाला क जो कहगा क तम पागल मालम पड़त हो वह भी दस िमनट बठगा तो यह उसको भी पता

चलगा और जस डा टर क पास व ल जा रह ह अगर वह भी दस िमनट बठगा तो यह उसको भी पता चलगा भयभीत न हए अगर भाग न डर न चपचाप दखत रहमन बलकल पागल जसा मालम पड़गा पागल म

और हमम कोई बिनयाद फक नह ह िसफ ड ी का फक होता ह कोई अ ठानब ड ी का पागल ह कोई सौ

ड ी का कोई एक सौ दो क भाप पर िनकल गया आग चला गया ह इसिलए तो दर नह लगती ह--एक

आदमी का दवाला िनकला तब तक वह ठ क था कल तक अभी दवाला िनकला वह पागल हो गया एक

आदमी ठ क था उसक प ी मर गई वह पागल हो गया एक आदमी ठ क था कछ गड़बड़ हई पागल हो

गया ड ी का फक ह एक ड ी इधर था जरा ह ताप बढ़ गया उस तरफ हो गया पागलखान म जो ह और पागलखान क जो बाहर ह उनक बीच द वाल का ह फासला ह यादा फासला नह

ह और कोई भी आदमी फौरन द वाल क भीतर हो सकता ह हम सब उ ाप क कर ब ह रहत ह ल कन

स हाल-स हाल चलत ह तो जब बठ कर दखग तो लगगा एकदम मडनस पागलपन पर साहस रखना और दखत चल जाना मत

डरना मत भागना तो धीर-धीर धीर-धीर पागलपन ीण हो जाता ह िसफ दखन स कछ भी न करन स

धीर-धीर भीतर एक नई चतना जगन लगती ह--दखन वाल क ा क सा ी क --और वचार खोन लगत ह

एक दन आ जाता ह िन त आ जाता ह जब वचार धीर-धीर-धीर समा हो जात ह िसफ हम रह जात ह

और कोई वचार नह रहता िसफ चतना रह जाती ह--एक लम क तरह एक योित क तरह जरा भी कपती

नह जरा भी हलती नह बस उसी अकप अडोल अचल चतना म वह दपण बन जाता ह जसम भ क

दशन होत ह परमा मा कर इस दशा म खयाल आ जाए मर बात को इतन म और शाित स सना उसस बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ परमा मा

को णाम करता ह मर णाम वीकार कर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 33

जीवन रह य तीसरा वचन व प का उदघाटन

समझन म म कल पड़ती ह पहली बात तो यह समझन म म कल पड़ती ह क कह जाना नह ह यह

समझना ह म कल हो जाता ह हमार िच क पर क पर यव था ऐसी ह क वह कहता ह कह चलो यहा कछ भी नह ह परा िच ह इस तनाव स बना ह क कह चलो वहा कह दर म जल ह िच का आधार ह

यह ह क म जल दर हो नह तो िच गया य क म जल दर ह तो पान क कोिशश करनी पड़ती ह सोचना पड़ता ह योजना बनानी पड़ती ह ढग खोजन पड़त ह और म जल दर ह तो आज तो िमल नह जाती कल

िमलगी इसिलए आज स कल क ित तनाव जार रखना पड़ता ह मन जीता ह तनाव म और सब तनाव गहर म कह पहचन का तनाव ह--चाह वह धन चाह यश चाह धम चाह मो मन मरा उसी व जस व आपन कहा कह नह जाना जाना ह नह ह कह तो मन क

अ त व क सार आधारिशला हट गई और जब तक आप कह जान म लग ह तब तक एक बात प क ह क अपन को जानन म नह लग सकत य क यह दर ल जान वाला मन पास नह आन दता और यह दर ल जान वाला मन इतना कशल ह क फर

अगर दर आप चल जाए तो यह कहता ह क पास जान क िलए भी कोई रा ता चा हए जस एक आदमी यहा सोया रात और उसन सपन म दखा क वह कलक ा चला गया ह तो वह कसी रा त स

लौटाना पड़गा उस कलक स यहा वापस वह गया ह नह ह य क सच बात यह ह क हम जहा ह वहा स

व ततः हम जा ह कस सकत ह जो हम ह उसस अ यथा हम हो कस सकत ह हम वह ह िसफ हमारा

मन चला गया ह िसफ कामना चली गई ह मन भी या जाएगा कामना चली गई ह डजायर चली गई ह

दर हम वह खड़ ह अब सवाल कल इतना ह क जहा हम खड़ ह वह हम अपनी सार डजायर को सार वचार को सार कामना

को वह रोक ल जहा हम खड़ ह तो जो हम ह वह हम पता चल जाए तो एक तो यह समझ म नह आता साधारणतः य क जीवन का सारा अनभव यह कहता ह क म जल दर ह

और आ मक अनभव क बात बलकल उलट ह क म जल दर बलकल नह ह बलकल ह पास ह पास भी

नह ह तम ह हो म जल तो जो म जल दर हो उसको जोड़न क िलए रा ता चा हए विध चा हए मथड

चा हए ट नीक चा हए और समय चा हए आज तो हो ह नह सकता वह अभी तो हो नह सकता कभी

होगा फर ग चा हए फर बतान वाला गाइड चा हए य क म जल आग ह भ व य अधकारपण ह हम

वहा गए नह ह कभी तो कोई चा हए जो बताए भ व य म म जल ह तो फर ग अिनवाय ह शा अिनवाय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 34

ह गाइड होगा यव था होगी विध होगी ट नीक होगी ल कन मज क बात यह ह क म जल यह ह--अभी इसी व कह जाना नह ह खोजन िसफ ठहर जाना ह

और ठहर वह जाएगा जो खोज बद कर द य क खोजन वाला मन ठहर कस सकता ह वह खोज रहा ह खोज रहा ह नह खोज रह ह आप नो-सी कग क एक हालत ह कछ भी नह खोजना ह बस ह तो इस ण म होगा

या इस ण म जब आप कह दर नह ह ग तो चतना वह होगी जहा ह और यहा उदघाटन ए स लोजन होगा सभी विधया इस बात को मान कर चलती ह क आप कह चल गए ह या कह आपको जाना ह तो विध मा

क जो भल ह वह हमार जान वाल मन म लगी हई ह और जब विध सीखग तो फर ग चा हए फर सब

आएगा पीछ स--सार ग डम आएगी आ म आएगा स दाय आएगा अनयायी आएग वह सब आएगा दसर मज क बात ह जो खयाल म नह आती और वह यह ह क अगर कसी ण म कोई य कछ भी नह

खोज रहा और कछ भी नह कर रहा तो भी कह तो होगा होगा तो ह न खोजता हो न करता हो न

सोचता हो तो भी कह होगा कहा होगा अपन स अ यथा होन क सब दरवाज बद ह न तो वह कछ कर रहा

ह क जसम उलझ जाए न वह कछ सोच रहा ह जसम फस जाए न वह कछ खोज रहा ह जसम वह चला

जाए न खोज रहा ह न सोच रहा ह न कर रहा ह--नॉन-डइग नॉन-सी कग नॉन-िथ कग होगा कहा जाएगा कहा िमट तो नह जाएगा होगा तो फर भी वह फर वह होगा जहा ह कोई उपाय नह रहा उसका बाहर जान क दरवाज गए य सब दरवाज बाहर ल जान

वाल ह तब वह कसी थित म जस थित म होगा वह उसका वभाव होगा व प होगा उसका

उदघाटन करना ह और व प क उदघाटन क िलए सब मथड बाधाए ह और सब रा त बाधाए ह य क व दर

ल जात ह कह खोज पर ल जात ह यह एकदम स खयाल म आना अित क ठन मालम होता ह एक बार खयाल म आ जाए तो इसस यादा सरल

कछ भी नह ह ल कन हमारा जो माइड ह उसक पर क पर यव था इसी भाषा म सोचन क ह--कहा जाना

ह या पाना ह कस जाना ह और जब कोई रा ता बताता ह तो हमार समझ म पड़ता ह क ठ क बात

कह जा रह ह--रा ता होगा ट नीक होगी पहचना होगा स यानद जी न बहत ब ढ़या बात कह पीछ उ ह न कहा क चाह विध स और चाह अ- विध स मथड स चाह नो-मथड स पहचना हमको वह ह पाना हमको वह ह अब इस अगर गौर स दखग तो बहत मजदार ह यह व य स यानद जी न जो कहा बहत मह वपण ह

इसका मतलब या होता ह अगर आप यह कहत ह क चाह विध स और चाह ना- विध स म जल तो एक

ह ह तो फर आप विध खोज ह लग फर विध स आप नह बच सकत य क विध जड़ ह म जल क

साथ फर आप ना- विध क बात ह नह सोच सकत और म यह कह रहा हइसिलए व कह सकत ह क जो

मन कहा वह उ ह न कहा म नह कह सकता यह क जो मन कहा वह उ ह न कहा वह तो बलकल ह उलटा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 35

ह जो उ ह न कहा हआ ह यह म नह कह सकता यह बात य क म बात ह और कह रहा ह म यह नह कह

रहा ह क मथड स भी पहच जाता ह कोई नो-मथड स भी पहच जाता ह म यह कह रहा ह क मथड वाला पहच

ह नह सकता य क मथड हमशा भ व य क तरफ इिगत करता ह म जल क तरफ नो-मथड अपनी

तरफ इिगत करता ह य क नो-मथड म म जल का कोई उपाय नह ह जाइएगा कहा रा ता नह ह कोई रा ता तो कह ल जाता ह वह हमशा कह ल जाता ह और यहा क ठनाई यह हो गई ह आ मक जीवन क क

यहा हम कह जाना नह ह जहा हम ह वह एक ण को भी हम हो जाना ह तो कसी भी रा त पर हम गए तो हम भटक तो इधर लोग तो कहत ह क रा ता पहचाता ह और म कहता ह रा ता मा भटकाता ह और सब मामल म

बलकल ठ क ह यह बात क अगर आपको टशन जाना ह तो रा त स जाएग और बबई जाना ह तो रा त स

जाएग एक मामल भर म यह बात गलत ह अगर अपन पर आना ह तो रा त स आप नह आ पाएग य क

रा त पर चलना ह दर िनकलन क श आत हो गई तब या कर तब सवाल यह उठता ह कर या तो मरा कहना यह ह क हम इस थित को समझ ठ क स यह पर िसचएशन हमार समझ म आ जाए क

ऐसा उलझाव ह अगर रा ता पकड़ा तो भटक गए व ऐसा ह समझात ह--अदर जान क िलए भी रा ता ह यह जो क ठनाई ह न असल म मजा यह ह क रा ता मा बाहर जान का होता ह य क अदर तो हम ह व ऐसा ह समझात ह जो क ठनाई हऐसा तो ह नह क हम बाहर हो गए ह और अदर आना ह अगर इसको ठ क स हम समझ तो

ऐसा तो हो नह गया ह क हम बाहर ह और हम अदर आना ह हम तो अदर ह ह इसम कोई उपाय ह नह ह

बाहर होन का यानी इसम अगर कोई उपाय भी होता तो फर उलटा उपाय भी होता यानी आप या करक बाहर

हो सकत ह मझ बताइए आप बाहर हो कस सकत ह आप जहा भी जाएग भीतर ह ह ग बाहर जान

का तो कोई उपाय नह ल कन बाहर क क पना भर हो सकती ह आप जा नह सकत बाहर आप यहा बठ ह आप कलक ा नह जा सकत ल कन कलक ा जान का सपना दख सकत ह इसम कोई

क ठनाई नह ह आख बद करक आप कलक जा भी सकत ह--इस अथ म क वचार चला जाए आप ल कन

फर भी यह ह ग आप ह ग यह आप ह ग अपन भीतर ह तो समझन क बात यह ह क हम भीतर तो ह ह इसिलए भीतर जान का सवाल नह ह हम बाहर कन- कन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 36

रा त स चल गए ह उन रा त को छोड़ दन का सवाल ह जो ॉ लम ह असल म अगर म इसी कमर म बठा

हआ ह तो मझ इसी कमर म आना नह ह सवाल िसफ यह ह क मझ यह कमरा िमट गया ह और मझ

कलक ा दखाई पड़ रहा ह तो म वचार क कसी या ा स कलक ा पहच गया ह ह इसी कमर म ल कन एक

अथ म कलक म ह यह कमरा मझ दखाई ह नह पड़ रहा म कलक क टशन पर खड़ा हआ ह वह

टशन मझ दखाई पड़ रह ह तो मर सामन सवाल ह क म अपन घर कस वापस लौट जाऊ अगर सच ह म

कलक ा पहच गया होता तो कोई न पकड़नी पड़ती कोई कार पकड़नी पड़ती कोई रा ता पकड़ना पड़ता अगर सच ह कलक ा पहच गया होता तो फर इस कमर तक आन क िलए कोई रा ता पकड़ना ह होता ल कन

च क म सच म पहचा नह ह िसफ म कर रहा ह इसिलए आन क िलए न कोई रा ताऔर अगर मन

रा ता पकड़ा तो और भटकान वाला होगा य क म म पकड़ गए रा त का या मतलब हो सकता ह िसफ सवाल इतना ह क म इस त य क ित जाग जाऊ क म तो भीतर ह ह िसफ मरा वचार बाहर चला

गया ह और म कभी अपन भीतर क बाहर नह गया तो फर अब सवाल या ह अब सवाल यह रह गया ह क वचार न जाए और वचार चला य गया ह मन भजा ह इसिलए चला गया ह और मन भजा इसिलए ह क कलक म कछ िमलन को ह जो यहा नह िमल

रहा ह इसिलए चला गया ह कोई आका ा ह जो वहा त होती यहा त नह हो रह ह इसिलए चला गया ह वचार चला गया ह वासना क वाहन पर बठ कर और हम वह ह यानी यह जो बिसक थ अगर खयाल म आ

जाए क हम वह ह वासना क वाहन पर बठ कर वचार चला गया ह समझ ल एक आदमी यहा बठा ह कलक म वचार ह अब वह कहता ह म कस घर लौट तो उसको हम

कह क तम हवाई जहाज पकड़ो और लौट जाओ तो वह कहा जाएगा कहा का हवाई जहाज पकड़गा वह

जतना कलक ा झठा ह उतना ह कलक म पकड़ा गया हवाई जहाज होगा कलक म वह ह ह नह

आदमी वह जतना झठा हवाई जहाज होगा उतनी झठ टकट होगी उतना ह झठा हवाई जहाज का पायलट

होगा उतना ह हवाई जहाज तक पहचान वाला गाइड होगा य क कलक ा म होना च क बिनयाद प स

झठा ह इसिलए अब कलक म जो भी कया जाएगा वह सच तो हो नह सकता वह झठ ह होगा और झठ

लौटान वाला नह होता इसिलए सवाल िसफ इतना ह क हम यह जानना हयह हम आना नह ह अपन भीतर आत तो हम तब जब

हम बाहर चल गए होत हम भीतर ह आना हम ह नह गए हम ह नह िसफ वचार हमारा बाहर चला गया

ह वचार न हो जाए हम फौरन पाएग क हम भीतर ह जस क आप बठ दवा- व न म खो गए क कलक

थ और मन आपको आकर हला दया तो आप कलक म थोड़ ह जगग आप जगग यहा और कलक स

लौटन क िलए कोई वाहन काम म नह आएगा कोई ज रत नह वाहन क यह जो बिनयाद स य ह क हम कभी अपन स बाहर गए ह नह ह हम जसक बाहर जा सकत ह वह हमारा

व प नह हो सकता जो हमारा बिनयाद व प ह उसस हम बाहर जा कस सकत ह ल कन हम गए हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 37

मालम पड़त ह एक तो भल यह हो गई ह क हम गए हए मालम पड़त ह एक झठ यह हो गया अब दसरा झठ

इसम यह पालना ह क हम लौट कस तो मथड रलीजन पजा रचअल य सब हम पकड़ग य लौटन क रा त हम पकड़ रह ह अब यह बड़ मज क बात ह क जस आदमी का जाना ह भल भरा ह उसक लौटन क या बात ह उस

आदमी को िसफ इतनी बात क ित सजग करना ज र ह क तम कह गए ह नह हो अनत काल स तम वह

हो ल कन अनत काल स त हारा िच भटक रहा ह क पना भटक रह ह म म तम खो रह हो तो कपा

करो थोड़ दर क िलए म मत लो थोड़ दर क िलए सोचो मत थोड़ दर को वह हो जाओ जहा हो तो तम

पा लोग जो पाया ह हआ ह इसिलए सवाल मथड का नह ह नो-मथड का ह य क मथड ल जान वाला ह रा ता ल जान वाला ह

इसिलए पाथ का सवाल नह ह नो-पाथ का सवाल ह ग कह पहचान वाला ह हम कह पहचना ह नह ह हम वह ह कौन ग हमको वहा पहचा सकता ह इसिलए ग क कोई ज रत नह ह इसम ग का कोई

सवाल नह ह ग तो उसी म-लड का ह सा ह जसम हम भटकन को सच मानत ह फर हम ल जान वाल

को भी सच मानत ह फर उसक चरण को छत ह फर उसको ग मानत ह और वह जो हमको ल जा रहा ह वह कहा ल जाएगा हमको य क कलक म हम ह नह मर जो सार बात ह वह कल इतनी ह क बीइग हमारा सदा वह ह जहा ह और िच हमारा सदा वहा ह जहा हम

नह ह ऐस िच म और हमार बीच म एक फासला पड़ गया ह यह फासला बलकल का पिनक ह यह

वा त वक ड टस अगर होता तो बलकल ह रा त क ज रत पड़ जाती ल कन यह फासला बलकल झठा ह इस फासल को िमटान क िलए कछ और करन क ज रत नह यह जो िच क जान क आदत ह इसको

समझन क ज रत ह-- क य जाता य ह बाहर य जाता ह जाता ह इसिलए क वहा कछ िमल जाएगा फर एक ग आता ह वह कहता ह अगर मो पाना हतो वह

एक नई डजायर पदा करवा रहा ह वह यह कह रहा ह मो वहा ह ससार क चीज तो यह िमल जाएगी

जमीन पर वह मो यहा जमीन पर भी नह ह वह वहा िस -िशला बहत दर ह उसक वहा मो ह वह

त ह पाना ह वहा शाित ह वहा आनद ह वहा परम अमत बरस रहा ह आपका लोभ जगा ीड जगी

हआ या आपक भीतर आपक भीतर लोभ जगा क ऐसी शाित मझ भी चा हए ऐसा आनद मझ भी चा हए यह मो मझ भी चा हए और मजा यह ह क लोभ ह आपको बाहर ल जान का मा यम था और आपन कहा मझ मो भी चा हए रा ता बताओ तो अब मो बलकल अधर क बात ह इसिलए उसम सब तरह क ग चल सकत ह उसम

कसी ग को कोई नकसान नह पहचा सकता य क उसम कह जान को कछ होता तो उसम अब तक एक

ग जीत गया होता उसम कोई द कत न थी य क कह न कह हमन एक प क बात पकड़ ली होती क

भई यह रा ता ह जस व ान ह उसम ग जीत जाता ह एक बाक हार जात ह य क मामला रयिलट स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 38

सबिधत ह अब यह जो मो क आपक आका ा जग गई लोभ जग गया--और शाित चा हए आनद

चा हए स दय चा हए--लोभ जग गया अब आप चल और लबी या ा पर िनकल तो इस जमीन क या ाए तो फर भी वा त वक ह यह एक ऐसी या ा पर आप जा रह ह जहा बलकल अधा

खल ह जहा ग जो कहगाइसिलए ग कहता ह ओ ब डयस चा हए शक नह चा हए डाउट नह

चा हए य क डाउट और ओ ब डयस अगर ओ ब डयस नह ह और डाउट ह तो आपको ग कह ल जा नह

सकता एक इच इसिलए पहल इनका इतजाम करता ह-- क शक कया क भटक सदह कया क गए आ ा

पर ग जो कह वह परम स य ह तम जानत नह हो हम जानत ह तो हम जो बतात ह तम उस पर शक

कस कर सकत हो तम जानत ह नह हो जब तम जान लोग तब ठ क ह हमार पीछ आओ अब यह एक

अधरा रा ता श हआ य क जहा हम गए नह थ वहा स यह आदमी हमको लौटान का रा ता बतान लगा एक बात भर अगर ठ क स खयाल म आ जाए तो सवाल िसफ इतना ह क हमन जो वचार क करण बाहर भज

द ह व हमार वापस लौट आए और वापस लौटन क िलए भी कछ होना नह ह क व लौटगी सच म वापस य क सच म लौटन क बात नह ह िसफ क पना म हम चल गए ह और क पना इसिलए चली गई ह क वह

लोभ पर सवार हो गई ह और फर लोभ पर सवार हो रह ह--मो वग म -- फर लोभ पर सवार हो रह

ह और इसी लोभ का शोषण कर रहा ह ग ग जो ह वह लोभ का शोषण कर रहा ह इसिलए जनक धन क ति हो जाएगी व फर धम क लोभ म पड़ जाएग य क अब यह तो िमल गया अब ठ क ह अब मो भी चा हए वह लोभ का शोषण कर रहा ह ग वह कह रहा ह क हम त ह दलवा दग

जो चीज त ह चा हए और इसीिलए म कहता ह सब ग डम ात ह और खतरनाक ह ऐसा नह ह क कोई

अ छा ग होता ह और कोई बरा होता ह ऐसा नह ग मा गड़बड़ ह और दसर बात बहत सी बात एकदम स इस खयाल म न आन क बड़ म कल हो जाती ह अब जस क कोई

भी एक ट नीक ह कोई भी ट नीक ह करग या ट नीक म मन कछ करगा कछ भी कर अगर राम-

राम राम-राम राम-राम राम-रामवह िसखात ह क इसको जपो अ लाह वाला ह तो अ लाह और

जीसस वाला ह तो जीसस इसक कोई फकर नह करत जो त हारा नाम ह वह जपो उसको जोर स जपत

रहो जपत रहो इस पर जपन क या म कसी भी एक श द पर अगर आदमी का मन ठहरा िलया जाए तो म छत हो जाता ह ह नोिसस क तरक ब ह इतनी ह कल जमा तो इसस आप अपन पर नह आत ह

कलक ा तो चला जाता ह आप अपन पर नह लौटत आप म छा म चल जात ह यानी व न स िन ा म

चल जात ह आप व न स जागरण म नह आत य क कोई भी पन अब व बड़ उलट बात कर रह

थकोई भी पन डल करती ह दमाग को और इसिलए हम सबका दमाग धीर-धीर डल होता जाता ह य क हम चौबीस घट पन करनी पड़ती ह--रोज वह रोज वह रोज वह उसस डलनस आती चली

जाती ह और जो ताजगी ह म त क क वह ख म होन लगती ह य क सब ट न हो जाता ह इसिलए नय का हम इतना आनद होता ह आप अगर अहमदाबाद स ऊब गए ह तो पहलगाव अ छा लगता ह

उसक अ छ लगन का कारण पहलगाव कम ह अहमदाबाद न डलनस पदा कर द रपीट शन रोज-रोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 39

वह उसस आप ऊब गए ल कन यहा जो रह रहा ह उसको पहलगाव म कोई आनद नह आ रहा वह सोच

रहा ह क कब अहमदाबाद दख ल बबई दख ल पना दख ल और जस दन दखगा इतना ह आन दत होगा

जतना आप हए ह य क उसक यह ट न हो गई थी उसको यह डल हो गया था अब इसम कछ दखन क

बात न थी सब वह था--रोज वह सरज था रोज वह चाद था रोज वह पहाड़ थ रोज वह दर त थ

आपन भी पहल दन जस दर त दख ह ग आज नह दख ह ग वह बात गई अब वह रपीट शन हो गया माइड डल हो जाता ह फर रपीट शन स ऐसा भी हो सकता ह क इस पहाड़ पर रहन वाला आदमी अब पहाड़ को दखता ह न हो यह कोई क ठन बात नह ह आप भी यहा रह जाएग चार-छह मह न तो पहाड़ फर नह दखाई

पड़गा और न पौध दखाई पड़ग माइड डल हो जाएगा रपीट हो गई बात नय क ित माइड जगता ह और परान क ित डल हो जाता ह फर हम जो भी करत ह वह सभी तो रपीट शन हो जाता ह सभी रपीट शन हो जाता ह कछ भी करग तो रपीट करग रपीट शन म वह सब

डलनस आ जाएगी और मज क बात यह ह क अगर हम कछ न कर िसफ ह तो च क वहा हम कछ करत ह नह इसिलए

रपीट करन का ह नह उठता वह अन रपीटबल ए सपी रएस ह य क हम कछ करत ह नह जसको

हम रपीट कर सक कछ करत तो रपीट हो सकता था हम कछ करत ह नह हम िसफ होत ह तो एक

रजवायर हो जाता ह माइड का कह नह जा रहा बाहर जस कोई झरना कह नह जा रहा ठहर गया चार

तरफ बाध ह झरना एक झील बन गया कह जा नह रहा कह जान क कोई बात ह नह शात झील ह एक लहर भी नह ह तो सार श सार ताजगी सारा यवापन उस थित म पदा हो जाएगा वह यवापन वह श वह डायनिमक फोस एट करगी बहत कछ ल कन तब आप आकपाइड नह ह ग वह एट

करगी वह उसका आटोम टक ह जस व स फल आ रहा ह ऐसा आपस भी चीज आएगी ल कन आप फर

उनको कर नह रह ह व हो रह ह और जब हो रह ह तब आपक मन का बोझ गया तब आपक मन पर

कोई बोझ नह ह कोई भार नह ह ऐसी थित म जो अनभव होगा वह अनभव तो म का ह िनभार होन का ह ल कन चाह तो इस तरह क शाित क झठ अनभव पदा कर सकत ह और मन क सबस बड़ ताकत यह ह क

वह झठ अनभव ोज ट कर सकता ह कोई भी अनभव वह चाह तो ोज ट कर सकता ह कदारनाथ हमालय म थ कोई तीस वष तक और तीस वष म उनको प का अनभव हो गया क भगवान क

दशन हो गए ह भगवान रोज दखाई पड़न लग बातचीत होन लगी सब दशन हो गया शक का कोई उपाय

भी न था जब सामन ह भगवान दखत ह तो अब और या सदह करना बात होती हो चीत होती हो और

अकल थ फर वहा स लौट लौट कर उ ह एक नीच आकर य क जो भगवान उ ह दखत थ उनक

पड़ोसी को तो नह दखत थ तो उ ह एक शक पकड़ा क कह यह मरा इ यजन ह तो नह ह िसफ यह जो म

दख रहा ह तीस साल िनरतर भख- यास इसी-इसी क धारणा करन स कह दखाई तो नह पड़न लगा तो उ ह न कहा क वह जो अ यास करता रहा ह उस छोड कछ दन क िलए और फर भी अगर य दखाई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 40

पड़त रह तो समझगा क अ यासज य नह ह सच म ह ल कन अ यास गया क भगवान गए वह तो अ यासज य ह एक सफ फक र को मर पास लाया गया तो वह सबम भगवान दखाई पड़त ह उस--पौध म प थर म--सबम

भगवान दखाई पड़त ह चलता भी ह रा त पर तो सब तरफ भगवान को ह दखता हआ बड़ा आन दत मर

पास उस कछ मसलमान लकर आए उ ह न कहा क य बहत अदभत फक र ह सब तरफ भगवान ह भगवान कण-कण म वह दखाई पड़त ह मन उनको कहा क य आपको अचानक दखाई पड़ या आपन कोई इतजाम और योजना क थी उ ह न कहा क अचानक तो कछ भी नह हो सकता और अचानक का भरोसा भी नह कया जा सकता जसा

अभी महश जी न कहा अचानक का भरोसा भी नह कया जा सकता तो यव था क मन साधना क एक-

एक चीज म भगवान दखना श कया फल दख तो म कह भगवान ह ल कन वह तीस साल पहल क बात ह

फर िनरतर अ यास करत-करत करत-करत दखाई पड़न लगा अब तो भगवान मझ सब जगह दखाई पड़ता ह तो मन उनस कहा क आप तीन दन मर पास क जाए और अ यास बद कर द उ ह न कहा अ यास म कस बद कर सकता ह मन कहा अब भी आप अ यास बद नह कर सकत जब क भगवान दखाई पड़न लगा सब तरफ तो अब

भी आपक अ यास पर ह िनभर ह उसका दखाई पड़ना यानी अभी भी वह दखाई नह पड़ा ह मटल ोज शन ह हा ोज शन ह तो उ ह न कहा क नह -नह ऐसा नह मझ तो दखाई पड़न लगा ह तो मन कहा तीन दन क जाए तो व तीन दन मर पास क गए शायद दसर दन क रात को ह कोई दो बज रात उ ह न रोना श कया तो

म उठ कर गया मन कहा या हआ व तो बहत िच लान लग क मरा सब बबाद कर दया सब मरा न हो गया और म कस आदमी क पास आ

गया कन कम क फल क वजह स म आपक पास आया मरा तो सब खो गया कोई डढ़ दन स अ यास नह

कया तो मझ कछ नह दखाई पड़ता फल फल दखाई पड़ता ह प ा प ा दखाई पड़ता ह मरा सब अनभव

न हो गया मन उनको कहा क जो अनभव तीस साल साधन स दखा और डढ़ दन न साधन स खो जाए उस अनभव का

मतलब समझत ह वह आपका ोज शन ह जसको कासटटली ोज ट करत रहो तो ह खड़ा रह सकता ह नह तो खड़ा नह रह सकता आपन जस क हम फ म ोज ट कर रह ह तो वहा पद पर कछ ह तो ह नह वह हम ोज ट कर रह ह तो ह और एक सकड को यहा ोज शन का बद कया काम क वहा फ म नदारद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 41

हई वहा पदा खाली हो गया जस पद पर हम कछ चीज दख सकत ह वस ह मन क पद पर ोज ट कर

सकत ह ल कन जब तक वह जार रहगा तब तक व दखाई पड़ती रहगी अब मरा कहना यह ह क वह दखाई पड़ना चा हए जो हमार अ यास पर िनभर न हो इसिलए म िस टम का

वरोधी ह य क िस टम हमार होगी ट नीक हमारा होगा वह महश जी न जो कहा उ ह न ठ क कहा क यह यादा सफर ह सर त ह यव थत ह सब ग णत

का हसाब ह इसको ऐसा करोग तो ऐसा होगा और यह बलकल ठ क कह रह ह व ऐसा करोग तो ऐसा होगा ल कन वह जो होगा वह इस करन पर िनभर ह वह इसक बाइ- ोड ट ह वह ऐसा कर रह ह इसीिलए हो रहा ह यानी यह ऐसा ह जस क मन शराब पी और मझ बड़-बड़ फल दखाई पड़न लग और मन आपस कहा क

आप भी शराब पीओ तो आपको भी बड़-बड़ फल दखाई पड़ग अगर न दखाई पड़ तो मझस आप कहना आपन

भी शराब पी ह और आपको भी बड़ फल दखाई पड़ और आपन कहा क बलकल ठ क कहत थ फल बड़

दखाई पड़त ह फल बड़ ह शराब न अगर फल बड़ दखा दए तो फल बड़ नह होत शराब िसफ आपक टट ऑफ माइड को ह नो टक

कर दती ह कछ और नह होता सवाल यह नह ह क हम या दख ल सवाल यह ह क या ह यह सवाल

नह ह क हम या रयलाइज कर ल सवाल यह ह क हाट इज़ ह या असल म हम कछ नह

रयलाइज करना ह हम कछ ोज ट नह करना हम कोई प का लकर नह जात क हमको यह दखना ह यह अनभव करना ह यह तीित करनी ह प का करक जाएग तो सब हो जाएगा य क माइड का जाल

इतना अदभत ह खल इतना अदभत ह क माइड सब चीज दखला दता ह जो आप दखना चाह इसम कोई

क ठनाई नह ह तो वह जो दो-तीन उनक म हलाए कह रह थी क हमको तो हो रहा ह व ठ क कह रह ह व समझत नह इ यजन ह ऐसा व समझत नह नह व समझ कस सकत ह व समझ ह नह सकत न व समझ इसिलए नह सकत और डर ह समझन

म वह जो भय ह वह भय यह ह क अगर यह समझा क इ यजन ह तो गया यह अभी हाथ स सब और

अभी चला जाएगा उनम स आध का तो आपको खयाल म नह ह वह आध का गया आज ह रात म कल हो

जाएगा उनका सोना य क वह एक दफ खयाल भर आ जाए-- क कह यह इ यजन तो नह ह यह म नह

कह रहा क ह ह म इतना ह खयाल दला द क कह इ यजन तो नह ह और इतना खयाल आपको पकड़

जाए इ यजन कल सबह ह नह आएगा य क वह सदह जो पड़ गया वह इ यजन को काट दता ह फौरन

वह कल सबह ह द कत पड़ जाएगी गया वह य क एक दफा डाउट आ जाए क यह जो म दख रहा ह ह

भी बस

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 42

वह तो अनडाउ टग माइड ह इ यजन एट कर सकता ह जो शक करता ह नह कभी सदह करता ह नह वह इ यजन एट कर सकता ह फर य जो य इ यजन इनक ए सपी रएस सब फा स हो सकत ह अगर मटली ोज टड ह जस क वहा अमर का म और ास म कव का एक मत चलता ह च वचारक था--कव तो वह कहता ह जो

सोचो वह हो जाओ वह कहता ह क अगर तम बीमार हो तो तम सोचो क म व थ ह म व थ ह म

व थ ह तो तम व थ हो जाओग और बड़ मज क बात यह ह क बीमार नह िमटती ह और आदमी व थ

अनभव करन लगता ह यानी जो आदमी कल चल नह सकता था सड़क पर वह चलन लगगा जो आदमी कल

ब तर नह छोड़ सकता था ब तर छोड़ दगा ताकत आती हई मालम पड़गी वह बीमार अपनी जगह खड़

ह बीमार कह गई नह बीमार अपनी जगह खड़ रहगी और यह आदमी अगर खाट पर ह पड़ा रहता तो शायद बीमार िमटा सकता था कसी वा त वक इलाज स अब यह बीमार का इलाज भी नह करगा य क

एक इ यजन म अब खड़ा हो गया क म व थ ह कौन कहता ह क म बीमार ह कव कहता ह कोई तमस

कह क बीमार हो तो मानो ह मत इनकार कर दो उसक बात को य क तमन माना क तम बीमार हो जाओग ज र ऐसी बीमा रया ह क मानन स हो सकती ह ल कन व झठ ह और ऐसा वा य भी ह जो मानन स हो

सकता ह वह झठा ह और असली और नकली वा य म फक करना बड़ा म कल ह क आप मान बठ ह

क आप सच म व थ ह तो मरा कहना ह फक एक ह नकली वा य को आपको मान-मान कर पदा करना पड़ता ह असली वा य

को आपको मान-मान कर पदा नह करना पड़ता आप न मानो तो भी वह ह असली वा य जो ह वह ह आपको मानना नह पड़ता नकली वा य को मान-मान कर पदा करना पड़ता ह तो शाित भी पदा क जा सकती ह जो नकली ह वा य भी पदा कया जा सकता ह जो नकली ह काश भी

पदा कया जा सकता ह भगवान भी पदा कए जा सकत ह जो नकली ह और नकली का पदा करना सरल ह

एकदम य क माइड उसक िलए एकदम राजी हो जाता ह वह माइड क िलए बड़ा सरल ह असली को जानना

क ठन ह य क उसक जानन क िलए माइड को वदा करन क ज रत ह और माइड हमशा िस यो रट

मागता ह वह अगर इस कमर म भी रात सोएगा तो वह पता लगा लगा क सब ताल दरवाज बद ह कोई

खतरा तो नह ह वह अगर कोई कताब भी पढ़गा तो पहल प का पता लगा लगा क कताब अ छ ह कोई

खराब बात तो इसम नह िलखी हई ह वह अगर कसी ग को पकड़गा तो पहल पचास लोग स पछ लगा क

भई यह ग ठ क ह कसी को पहचाया ह इसन तो फर म भी इसक पीछ जाऊ माइड जो ह वह िस यो रट

मागता ह य क वह डरता ह कह मर न जाए और मजा यह ह क अगर आप उसको िस यो रट दत चल

जात ह सब तरह क तो वह मजबत होता चला जाता ह सर त होता चला जाता ह स यासी का मतलब ह जो कहता ह हम कोई िस यो रट नह मागत हम इनिस यो रट म जीत ह हम

नह कहत क कल कछ िमलगा क नह िमलगा कल सबह दखग यह आदमी बरा ह या भला हम य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 43

सोच बहत स बहत यह होगा क रात ब तर ल जाएगा उठा कर तो ल जाएगा यह म काह क िलए िनणय

क क यह आदमी कसा ह हम कछ सोचत ह नह हम जीत ह चपचाप एक-एक ण म इतनी

इनिस यो रट म जो जीता ह उसक ह माइड म ए स लोजन हो सकता ह य क माइड फर जी नह

सकता माइड को मरना पड़गा माइड को चा हए थी स यव था वह यव था खतम हो गई वह कहता था खीस म पस लकर चलो वह कहता था बक म इतजाम रखो वह कहता था भगवान क पास भी प य क

यव था रखो सब हसाब करक रखो ता क कछ गड़बड़ न हो जाए और जतना यादा हसाब उतनी मत

चीज उपल ध होती ह व जो कह रह थ न क इतनी स ट इतनीतो बहत लबा हो गया था कछ बात करन का मतलब न था वह

जतनी िस यो रट जतनी स ट उतना डड आदमी और जतनी इनिस यो रट जतनी जो खम जतनी र क उतना िल वग आदमी और मजा यह ह क भगवान क मामल म भी जो खम लन क तयार न

हो वहा भी हम प का ह करक चल सब तो फर फर बहत म कल होगी भगवान का मतलब ह यह ह वह जो अननोन हम चार तरफ स घर हए ह उसम तो हम कद पड़ना पड़गा कनार को छोड़ कर कनारा िस योर था बलकल वहा कोई खतरा न था डबन का कोई डर न था कनार पर कनारा बहत सर त ह और कनार पर जो खड़ा ह वह जदगी भर खड़ा रह सकता ह ल कन सागर का अनभव तो उसी को िमलता ह जो कद जाए कनार स खतरा ह वहा खतरा ह इसिलए जदगी ह वहा और

हमारा मन च क िनरतर यह माग करता ह क सब यव थत िस टम टक होना चा हए और बड़ मज क बात यह ह क जदगी बलकल िस टम टक नह ह जदगी बहत अना कक ह और अना कक ह इसीिलए िल वग ह आप फक कर ल एक प थर बहत िस टम टक ह एक फल उतना िस टम टक नह ह फल म जदगी ह

प थर कल भी वह था आज भी वह ह परस भी वह होगा और फल सबह वहा था साझ नह ह उसका

कोई भरोसा नह ह अभी ह जोर क हवा चलगी िगर जाएगा अभी ह सरज िनकलगा क हला जाएगा

अभी ह वषा आएगी िमट जाएगा प थर वह होगा प थर बहत िस टम टक ह कहना चा हए प थर

बहत किस टट ह जसा ह वसा ह सदा वह बठा हआ ह ल कन प थर डड ह इसी अथ म और फल म एक

िल वग वािलट ह तो मरा कहना यह ह क जस य को जतन गहर स य क तरफ जाना हो उतन सर ा क इतजाम छोड़

कर जाना चा हए उस जान लना चा हए क खतर म म जाता ह सर त तो जदगी यह ह वहा तो खतरा ह

ल कन जो परम खतर म उतरन क तयार करता ह यह खतर म उतरन क तयार ह उसक भीतर

ासफामशन बन जाती ह य क इस खतर म जाना बदल जाना ह सब यव था छोड़ कर सब सर ा छोड़

कर जो उतर जाता ह अनजान म यह उतरन क तयार ह यह करज ह उसक भीतर यटशन बनता ह उसक भीतर प रवतन हो जाता ह और जतनी बड़ असर ा म जान को हम तयार ह उतन ह हम व ततः

सर त हो जात ह य क फर कोई भय न रहा फर कोई डर न रहा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 44

यह जो सारा हम लगता ह न नाप-जोख कर चलना एक-एक इच उ ह सब नाप-जोख वाल न तो वग-नरक

क न श बना दए ह योजन क दर बता द ह क इतनी दर फलानी जगह ता क प का रह कोई चीज

अनजानी न रह जाए ल कन कछ ह जो अनजाना ह िनरतर और वह परमा मा ह वह जीवन ह जो अनजाना

ह जो मत ह वह कल उसक बाबत हम सर त हो सकत ह जो जी वत ह वह कल कसा होगा कछ भी कहना म कल ह जीवत क साथ बड़ क ठनाई ह और हम सब यव था जमा कर उसको मार लत ह और मज क बात यह ह क जब भी िस टम बनाई जाए तो वह झठ हो जाती ह झठ इसिलए हो जाती ह क

उसम क ा ड शस बदा त नह कए जा सकत ह तो उसम क ा ड शस अलग कर दन पड़त ह यानी वह ऐसा

ह जस कोई पटर एक िच बनाए तो वह काला रग भी लाता ह सफद रग भी लाता ह और सफद और काल

को लाकर िच बना दता ह ल कन वह क ा ड शन ह फर एक पटर आए वह कह भई इसम बहत

क ा ड शन ह कह सफद कह काला यह कछ भरोस क बात नह मालम पड़ती या तो काला ह काला हो

तो साफ मालम होता ह या ह या सफद ह सफद हो तो मालम होता ह या ह तो वह एक सफद प टग बना

द एक काली प टग बना द व दो चीज हो ग ल कन दोन म कोई प टग नह ह व दोन बलकल ह साफ-

सथर हो ग वरोधी ह ह नह उनम कोई जदगी पर वरोध स िमल कर बनी ह सब चीज म वरोध ह इसिलए जो पर जदगी को समझन जाएगा वह

सब तरह क वरोध को वीकार करगा क व ह व दोन ह वहा और दोन ह और दोन एक क ह प ह ऐसा अगर कोई कहगा तो क ा ड मालम पड़गा क यह तो बड़ उलट बात हो रह ह जस क समझ ल क म कहता ह क उस पान क िलए कछ भी नह करना ह ल कन जो कछ भी नह कर रह ह

व उस पा लग यह म नह कहता अब यह क ा ड शन मालम होता ह न यानी म यह कहता ह क उस पान क

िलए कछ भी करना नह ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क जो कछ भी नह कर रह ह व उस पा लग अब

यह बलकल क ा ड बात ह ल कन अगर मर बात समझ म आए तो समझ म आ जाएगी जब म कहता ह नॉट डइग एनीिथग तो इसका मतलब यह नह ह क डइग निथग नॉट डइग एनीिथग इसका यह मतलब नह ह क डइग निथग फर तो कोई भी आदमी जो कछ भी नह कर रह ह सड़क पर चल

रह ह उनको िमल जाना चा हए यह म नह कह रहा ह सड़क पर चलन वाला भी कछ कर रहा ह जसको हम

कहत ह कछ नह कर रहा ह वह भी कछ कर रहा ह म दर म बठा आदमी भी कछ कर रहा ह स यासी भी

कछ कर रहा ह सच म ऐसी दशा म कोई भी नह खड़ा हो रहा ह जब कोई कछ भी नह कर रहा ह कोई खड़ा

हो जाए तो पा ल ल कन यह न करना जसा मन कहा क बहत क ठन ह क ठन इसिलए नह क ठन ह क कोई ट नीक स

सरल हो जाएगा यह क ठन इसिलए ह क हमार करन क आदत मजबत ह और ट नीक इस सरल नह

बनाएगा इस होन ह नह दगा य क ट नीक फर करन क आदत को मजबत कर दगा यह जो मामला ह

सारा यानी म जो कह रहा ह क यह जो न करना हजस उ ह न कहा क न करन को हम ट नीक क ारा

करग तो सरल हो जाएगा य क क ठन ह क ठन म इसिलए नह कह रहा ह क वह सरल हो सकता ह क ठन म इसिलए कह रहा ह क हमार मन क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 45

आदत करन क ह न करन क उसक आदत नह ह और ट नीक भी करना ह मन उसक िलए राजी हो

जाएगा क चलो करत ह ल कन कर कोई कतना ह करन स न करन पर कस पहच सकता ह डइग नॉन-

डइग कस बन सकती ह वह तो कसी न कसी ण उस जानना पड़गा क डइग स नह होता और डइग छट

जाएगी तो नॉन-डइग शष रह जाएगी यह जो बहत सार क ठनाई न करन म ठहरन क ह तो कोई भी करना पकड़ा दया जाए आपको क राम-राम

ज पए तो आप ठहर सकत ह फर कोई क ठनाई न रह ल कन वह बात ह ख म हो गई वह बात ह ख म

हो गई वह न करन म ठहरना था फर कई दफा हमको बड़ जसा उ ह न कहा क कोई सपना गहरा कोई

उथला यह सवाल ह नह ह जस कोई आदमी कह एक आदमी न दो पस क चोर क और एक आदमी न दो

लाख क चोर क तो एक क चोर छोट और एक क चोर बड़ अगर कोई ठ क स समझगा तो चोर छोट -

बड़ हो सकती ह चोर करना एक माइड क बात ह चोर वह दो पस चराता ह क दो लाख यह सवाल ह

नह ह बलकल दो पस चरान म जतना चोर होना पड़ता ह उतना ह दो लाख चरान म भी होना पड़ता ह

चोर जो आकड़ा ह वह दो पस और दो लाख का ह चोर का नह ह चोर करन वाल का जो िच ह वह बलकल

समान ह--चाह वह दो पस चराए चाह एक ककड़ चराए चाह दो करोड़ चराए कोई यह नह कह सकता ह क

दो पस चरान वाला छोटा चोर ह दो करोड़ चरान वाला बड़ा चोर ह बड़ और छोट चोर होत ह कह चोर होत ह छोट और बड़ अवसर होत ह चोर छोटा-बड़ा नह होता एक को दो पस चरान का अवसर िमला ह एक को दो करोड़ चरान का अवसर िमला ह चोर का माइड ह एक चोर छोट -बड़ नह होती एक आदमी सपना दख रहा ह साधारण सा हलका-फलका एक आदमी बहत गहरा सपना दख रहा ह य जो

फक ह य फक इसी तरह क ह जस दो पस क चोर क और लाख क चोर क सपना सपना ह नीद नीद ह उसका टटना टटना ह इन दोन क बीच म सच म ह कोई सीढ़ नह ह सोया हआ आदमी सोया हआ आदमी

ह जागा हआ जागा हआ आदमी ह इन दोन क बीच कोई गप नह ह और जसम सी ढ़या पार करनी ह क

यह आदमी थोड़ा जग गया ह यह आदमी थोड़ा और जग गया ह यह आदमी थोड़ा और जग गया ह ऐसा नह ह जाग जो ह उसक वा टट नह ह क छोट -बड़ हो सक जाग आप ब तर पर पड़ ह बाहर का

आदमी कह सकता ह क यह आदमी थोड़ा सा जग गया करवट बदलता ह आख खोल कर दखता ह ल कन

आप पर जग गए ह पड़ रह यह दसर बात ह जाग ऐसी नह ह क थोड़ स जग गए ह आप जग गए ह ल कन आदमी को एकदम स यह बात क ठन मालम पड़ती ह तो उस ट स चा हए वह कहता ह सी ढ़या बता द जए तो पहली सीढ़ दसर सीढ़ तीसर सीढ़ ऐसी सी ढ़या बताइए य क हमार साम य कम

ह हम पर सी ढ़य पर नह जात हम एक पर जाएग तो आदमी क यह माग जो ह यह सी ढ़या पदा करवा दती ह और सी ढ़या पदा करन वाल ह जो जरा ह

समझ का उपयोग कर सकत ह व पचास सी ढ़या बना द और तब व सबको ति द दत ह-- क आप पहली

सीढ़ पर वह दसर सीढ़ पर वह तीसर सीढ़ पर सबको ति भी िमल रह ह ल कन जहा सी ढ़या होती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 46

नह ह वहा कहा पहली सीढ़ कहा दसर सीढ़ कहा तीसर सीढ़ अब मर म अनभित सी ढ़या चढ़न जसी नह ह अनभित छत स कदन जसी ह उसम कोई सी ढ़या होती

ह नह कदा आदमी बस ल कन हमारा मन चढ़ना चाहता ह यह भी यान रखना चा हए अहकार चढ़न म

रस लता ह उतरन म रस नह लता अहकार कहता ह चढ़ाओ कह ऊपर--और एक सीढ़ और एक सीढ़ और एक सीढ़ व सी ढ़या कसी भी चीज क ह अहकार कहता ह ऊपर चढ़ाओ और इसिलए अहकार माग

पकड़ता पथ पकड़ता ट नीक पकड़ता ग पकड़ता शा पकड़ता सब पकड़ता और धम कहता ह कद जाओ चढ़न का यहा कहा उपाय ह यहा तो बलकल उतर जाओ आ खर जहा उतर सकत हो और

उतरना भी हो सकता था अगर सी ढ़या होती उतरना ह नह य क सी ढ़या ह नह कद ह सकत हो छलाग लगा सकत हो यह जो छलाग लगान क हमार ह मत नह जटती ह तो हम कहत ह भई यह यादा हो जाता ह तो थोड़ा

िस पल करो सरल करो कोई ट नीक कोई यव था कोई विध जसम हम टकड़-टकड़ म पा ल एक

खड पहल पा ल फर एक खड फर पा लग इ टालमट म पा ल वह हमारा खयाल होता ह वह इ टालमट म

िमलता नह और हर आदमी खोज रहा ह--शाित खोज रहा ह सख खोज रहा ह आनद खोज रहा ह तो कसी आदमी को

कहो खोजो मत तो वह कहता ह मर गए य क जहा वह खड़ा ह वहा तो दख ह दख मालम पड़ रहा ह

उस उस लगता ह क अगर न खोज तो फर गया य क जो म ह वहा तो दख िचता क िसवाय कछ भी

नह ह और आप कहत हो मत खोजो तो फर म गया फर या होगा ल कन उस पता ह नह ह क न खोजन क िच -दशा या ह न खोजन क िच -दशा उसन कभी जानी ह

नह वह सदा ह खोजता रहा ह कभी खलौन खोजता था कभी पद वया खोजता था कभी मो खोजता

था छोटा सा ब चा खोजना श कर दता ह मरता ब ढा तक खोजता रहता ह एक ण को पता नह चलता

उस क न खोजना या ह नो-सी कग या ह और तब वह कहता ह अगर नह खोजगा तो गए तो हम खोज

तो रह ह नह थ पहल स मर पास कोई आता ह वह कहता ह हम आपक पास इसीिलए तो आए क आप हम खोज पर लगा द खोज

तो हम पहल स ह नह रह थ अगर िमलना होता तो तभी िमल जाता मन कहा तम खोज तो नह रह थ ल कन कछ और खोज रह थ यह नह खोज रह थ न-खोज न थी वह यह न-खोज बात ह अलग ह और जस ह न-खोज म कोई ठहर जाए ए स लोजन हो जाता ह वह जो उ ह न पीछ कहा क उनका कोई ग नह ह यह बात ठ क ह मरा कोई ग नह ह ल कन इस वजह

स म ग को इनकार नह कर रहा ह और न इस वजह स इनकार कर रहा ह क च क म नह बता सकता क

िस टम या ह इसिलए भी इनकार नह कर रहा ह िस टम बनान स आसान कोई चीज ह दिनया म आदमी थोड़ा सोच- वचार जानता हो िस टम बनान म या तकलीफ ह बहत सरल सी बात ह यव था बना

लना तो बड़ बात तो अ यव था म उतरना ह यव था बनाना तो बड़ ह सरल बात ह अ यव था म उतरना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 47

अनाक म उतरना ह बड़ बात ह और उतन रवो यशन का खयाल नह होता अब व जतन लोग थ उन सबको जो क ठनाई हो रह ह वह क ठनाई बहत गहर ह वह क ठनाई यह नह

ह व सब डफस म लग हए ह वह सारा जो परा व ह व एकदम डफस म लग हए ह य क गए अगर

यह बात ठ क ह तो यह ग और यह साधना और यह जो चल रहा ह यह सब गया तो व डफस म लग हए ह

पर व क नह यह बात ठ क नह हो सकती यह हम मान नह सकत इसको हम कस मान सकत ह समझन का सवाल नह ह यह डफस चल रहा ह पर व माइड म समझन का सवाल हो तो एकदम स बात

दखाई पड़ जाए और इसिलए मर बात थोड़ क ठन तो ह थोड़ क ठन इसीिलए ह क हमारा माइड जो चाहता

ह वह म नह द रहा ह और वह म द नह सकता य क उस दना माइड को प रप करना ह उस मजबत

करना ह और वह टटना चा हए मजबत होना नह चा हए ओशो वह डइग और अनडइग यह जो आप बात कर रह ह और या और अ या म आप और जसा ह ल और

ए सल इन तीन म भीतर स और बाहर स ऐसा लगता ह क जो नॉन-डइग ह तो बाहर स कछ नह ह ल कन सचमच तो आप ऐसा बोल रह ह क बाहर स म समम या होगी और भीतर स बाहर क या का कोई सबध ह नह ह सबध ह नह ह हा सबध ह नह ह ओशो ल कन समझन म जब आप नॉन-डइग बोलत ह तो खयाल ऐसा आ जाता ह क नॉन-डइग का मतलब नॉन-

डइग इ शन ऐसा एट हो रहा ह हा समझा म बलकल गलत हो जाता ह असल म जो य भीतर जतना डइग म उलझा हआ ह बाहर क उसक डइग उतनी ह कमजोर होगी य क उसक श तो बट रह ह इस धध म भीतर यह जो दमाग

म चल रहा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 48

ओशो

डइग कमजोर होगी क जो मानन क ह ल कन जस ह ल ह ह ल तो बाहर का फरता ह रहगा हा-हा वह तो फरता ह रहगा और तजी स फरगा म समम फरगा परा म समम फरगा य क

जतना ह आप भीतर नॉन-डइग म उतर गए उतना ह आपक चार तरफ डइग का बहत ती भाव होगा और

तब आपक िलए डइग एक जसको हम कह ए स शन होगा एक पागल नीड नह होगी आपक डइग आपक भीतर जो हआ ह उसको एट करन बाटन का ए स शन होगा बहत प म होगा वसा आदमी

चौबीस घट स य होगा ल कन भीतर बलकल िन य होगा भीतर कछ भी नह होगा ओशो ल कन जब आप नॉन-डइग बोलत ह तब लोग का खयाल हो जाता ह क नॉन-डइग म सपन जो दखता ह क

या और नो- या ऐसा ह जरा इ शन हो जाता ह कई दफा हो जाता ह कई दफा खयाल हो जाता ह कई दफा खयाल हो जाता ह बाहर क डइग स कोई वा ता ह नह ह और मजा यह ह क कई लोग बाहर क डइग छोड़ कर भाग जात ह और भीतर क डइग जार रखत

ह ल कन बाहर तो कोई स यासी हो जाता ह दकान छोड़ कर ल कन भीतर का काम जार रखता ह वह जार

रहता ह पर व क ठन ह ल कन एक दफा खयाल म आ जाए ओशो बी टल का या खयाल ह जीसस का जीसस का खयाल बलकल वह ह जो म कह रहा ह जीसस यह कह रह ह क बी टल बी टल का असल म

जो मतलब ह वह यह ह क कोिशश मत करो टल होन क ज ट बी टल हा अगर टल होन क कोिशश करो तकनीक लगाओ और साधन ोसस लाओ तब अभी तो टल नह

हो अभी शात नह हो तो शात कस हो जाओग तो शात होन क िलए कछ करो और करक तम शात हो

जाओग और मजा यह ह क हम अशात इसिलए ह क हम कछ कर रह ह यह जो ॉ लम ह इसिलए ह जीसस जो कहत ह बी टल व कहत ह क बहत म कल मामला ह महश जी तो बलकल नह समझ वह

तो इस ज द म बात क ह क कसी तरह म उनको समझा द क दोन एक बात ह कसी तरह म बता द क य

दोन बात एक ह ह उस कोिशश म पर व उनका मन लगा हआ था और उनक -हमार बात का तालमल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 49

कहा कोई भी तालमल नह ह यानी इसस यादा उलट बात ह नह हो सकती और म यह नह कह रहा ह

क उनको वह पहच जाए जो म कह रहा ह मगर वह एक तो सब मन म भरा होता ह परा का परा तयार ह और उसस अ यथा को तो बहत क ठनाई ह और फर िश य क सामन तो और भी बहत क ठनाई ह छोटा मामला नह ह यह जो बड़ा मकान बना कर

आदमी खड़ा होता ह न तो सब िगर जाएगा क आप जाकर कहत ह क मकान ह ह नह तो मानन का सवाल

ह नह ह समझ तो भी समझना भी म कल मामला ह और श द म ऐसा मजा ह क जतनी गहर बात हो उतना ह श द म कहना म कल हो जाता ह और जस ह कहत ह वस ह श द क ा ड हो जाता ह अब

जस बी टल ह अब इसका मतलब कल इतना ह ह जीसस क जीवन म एक उ लख ह व एक नाव पर ह गलीली नाम क झील म और कछ िम साथ ह गलीली क झील म नाव पर व सो गए ह झील म तफान आ गया ह बहत जोर स सार नाव डबन क कर ब होन लगी ह

िम न उ ह जगाया क या सो रह ह हम मर जात ह तो उ ह न कहा जाओ कह दो झील स क शात हो

जा और फर सो गए उ ह न कहा नद को कहन स तफान कोई शात हो जाएगा कह कहन स भी कोई

शात हआ ह शात करन क िलए कछ करना पड़गा जीसस स उ ह न कहा जीसस उठ ह और झील क

कनार गए हयह तो परबल हझील क कनार जाकर उ ह न कहा क शात हो जा बी टल और झील शात

हो गई व िम बड़ च कत हए उ ह न कहा यह कस हआ िसफ कहन स क शात हो जा यह तो परबल ह यानी मतलब यह ह क हम जस झील म ह जहा हमार नाव भी डगमगा रह ह डोल रह

ह वहा कछ करना नह ह ब क यह समझ लना ह क टलनस या ह तो बी टल क बात हो जाएगी

और जब भी हमन चाहा क शात कस ह तो यह नई अशाित का स पात ह और कछ भी नह ह जस कहा क

हाउ ट बी टल तो हमको एक मथड चा हए फर मथड म लग शाित आएगी अब यह अशाित का नया िसलिसला ह अशाित का मतलब या ह अशाित का मतलब ह क जहा हम ह वहा न होन का हमारा मन ह यह हमार

िच क अशाित ह यह टशन ह और बी टल का मतलब ह क जहा हो वह हो जाओ--बी हयर य आर

इतना ह मतलब ह अगर शात हो तो फर अशात होओग कस यानी मतलब यह ह क अशात होन क

तरक ब ह यह ह क जहा हो वहा मत रहो हमशा शड म जीओ क वहा होना चा हए यह होना चा हए तो

फर अशाित होगी और शड म जीओ ह मत क यह होना चा हए--जो ह ह--और चप हो जाओ तो उसी व

शात हो जाओग वह समझ म आना सच म ह क ठन ह एकदम क ठन ह ओशो ह नोिसस स जो शाित िमलती ह उसस खश हो जात ह क नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 50

कतन दन तीन मह न स यादा नह छह मह न स यादा नह छह मह न बाद उनम स एक आदमी लौटा

लाए छह मह न बाद दसर आ जाएग वह दसर बात ह छह मह न स यादा नह य क ह नो टक जो

शाित ह वह ट न हो जाती ह अगर होन लगी ह आपको तो दो मह न क बाद भाव जाता रहता ह ट न हो

गई क यथ हो जाती ह फर गया वह फर उसका कोई मतलब न रहा वह क हो गई और आपको पता हो

गया क बठ कर ऐसा राम-राम जपन स थोड़ा मन शात हो जाता ह अब वह रोज होन लगा पहल दन आता

तो अ छा लगा दसर दन कम अ छा लगा तीसर दन और कम और चौथ दन और कम प चीस दन

कोई फ म दख ल तो वह बकार हो गई ऐस ह यह भी तीन मह न बाद बकार हो जान वाला ह इसिलए होता

या ह असल म तीन मह न बाद वह खसक जाएगा फर दसरा कोई हाथ पड़ जाएगा और दिनया इतनी

बड़ ह इसिलए कह पता चल नह पाता इस बात का ठ क-ठ क क कसको हो गया वह होन का मामला नह

ह जो चला गया वह चला गया दसरा आ गया ह अब वह बात उसको होन लगी ह मरा कहना यह ह क ह नो टक ढग स पदा क गई शाित च क झठ ह इसिलए बहत ज द उसका मल मा

उतर जाता ह वह दो-तीन-चार मह न म ख म हो जाती ह उसक बाद फर आप वह क वह खड़ ह अब आप

फर नया ग खोजग तब भी आपको यह खयाल म न आएगा क ग खोजन म ह गड़बड़ ह इसको छोड़ कर

उसक पास चल इसस कछ नह थमा तब एक आ म स दसर आ म जाता ह तीसर जाता ह--एक ग दसरा ग तीसरा ग बदलता रहता ह और हर ग उसको ट नीक बता दता ह उसको लगता ह क ट नीक

ह गलत ह ल कन यह खयाल म नह आता ह क उसम कछ गड़बड़ होगी मगर यह यान म नह रहता ह कोई तरक ब होगी क उस तक पहचा जा सक अ छा हआ ग पर बातचीत अ छ हई ऐस चार-छह क म क बात क ज रत ह चार-छह दन म और

तरफ दखग एक दन म तो यह सब म कल हो जाता ह न ( का विन-म ण प नह ) सवाल यह ह क दो तरह क चीज होती ह या तो जअल ोसस होती ह कसी चीज क या ए स लोजन होता

ह ए स लोजन का मतलब ह जअल ोसस नह इवो यशन नह रवो यशन तो जअल ोसस होती ह

कसी एक चीज क और एक चीज क जअल ोसस नह होती जो चीज हमस दर ह उस तो हम जअल ह

पाना होगा ए स लोजन का मतलब ह इतना ह िसफ क कोई चीज एकदम सडनली हो और यादा स यादा जो कर सकत ह वह यह क होन क थित बन जाए तो उसक िलए म कह रहा ह क नॉन-डइग माइड चा हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 51

कोई चीज िमलगी िमलन का जो खयाल ह न वह तो हमार दख क जड़ ह--िमलगी िमलगी ( का विन-म ण प नह ) होता या ह क लोग खोलन को भी ए ट समझत ह य क श द म तोएक आदमी जो बीच म कह रह थ व ठ क कह रह थम कहता ह क म ठ खोलो मत तम जो बद करन क या कर रह हो वह मत करो तो म ठ खल जाएगी खला होना म ठ का वभाव ह और बद करना ए ट ह तम बद मत करो तो म ठ खल

जाएगी ल कन वह कहगा नह खल जाना तो एक या ह खोलग तभी खलगी न वह जो चक हो जाती ह श द म बड़ चक ह अगर समझन को तयार ह तो समझ म आ जाता ह नह तो फर कोई उपाय नह ह जीवन रह य चौथा वचन ाथना अ त म क अनभित

ओशो जीवन का अितम यय आ म-दशन आ म-बोध ह वह मा य ह आप ाथना क िलए वरोध करत ह ल कन म समझती ह क ाथना एक शभ िचतन ह और समाज म सा वकता और प व ता का असर उ प न

करन का एक साधन ह आपका दयपवक दया हआ यह या यान ाथना नह तो और या ह आप शभ

िचतन करक उसका फायदा अ य आ मा को दन का यास करत ह ह इसी अथ म ाथना शभकामनाओ का

दसरा नाम नह ह या मर म ाथना क नह जा सकती ाथना म हआ जा सकता ह आप ाथना म हो सकत ह ल कन

ाथना कर नह सकत ाथना कोई या नह म क अव था ह साधारणतः हम कहत ह म करत ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 52

यह वचन गलत ह म कया नह जा सकता म म हआ जा सकता ह आप म म हो सकत ह ल कन म

कर नह सकत म कोई या नह भाव क एक दशा ह तो मरा जो वरोध ह वह ाथना म होन स नह ाथना करन स ह मरा जो वरोध ह वह म म होन स नह म करन स ह िश ा द जाती ह--हम दसर स म कर यह बात ह गलत ह य क कया हआ म झठा

होगा च ा कया हआ म िम या होगा वचना होगा डस शन होगा जब हम म करग तो या करग हम म का दखावा करग म का दखावा म क श द या म क च ा स कया गया यवहार स य नह होगा जब हम म करन का वचार करत ह तभी प ह क हमार भीतर म नह ह म हो तो म कया नह

जाता म क एक िच -दशा ह और म वा हत होता ह ल कन साधारणतः हम ाथना करत ह यह ाथना झठ होगी इस ाथना म आप या करग भ क शसा

करग तित करग या आप सोचत ह भ कोई य ह जसक तित और शसा क जा सक या क

आप सोचत ह क भ कोई ऐसा य ह जो शसा और तित स स न होगा अगर आप ऐसा सोचत ह तो परमा मा क सबध म बड़ा िन न कोण रखत ह आप सोचत ह क आपक

तित स परमा मा स न होगा तो आपन परमा मा को कसी अहकार य क श ल म िनमाण कर िलया

ह दसर बात ह या आप सोचत ह क परमा मा कोई य ह जसस कोई बातचीत हो सक जसस हम

कछ कह सक या कछ िनवदन कर सक परमा मा कोई य नह वरन अनभित का नाम ह म क तित म अगर आप कछ कहग तो सनन वाला कोई भी नह ह म क ह चरम अनभित का नाम

परमा मा ह जब म एक य स दसर य क बीच म होता ह तब जो अनभव म आता ह वह म ह दसरा य म नह ह जो अनभित होती ह वह और जब एक य और सम त स क बीच सम त

जगत क बीच म का ऐसा ह सबध फिलत होता ह तब जो भीतर अनभित होती ह उस अनभित का नाम

परमा मा ह परमा मा य नह ह अनभित ह एक कोई व त नह ह ब क भीतर अनभव क एक दशा

ह परमा मा क तित और ाथना नह हो सकती हा आप ाथना म हो सकत ह आप म म हो सकत ह

और वह होन का माग ह क आप जस भाित श य होत जाएग उसी भाित आप ाथना म होत जाएग तो म ाथना क वरोध म नह ह ाथना करन क वरोध म ह य क क हई ाथना झठ होगी स य नह

हो सकती कया हआ म झठा होगा वह भी स य नह हो सकता ल कन हमारा सारा जीवन अस य ह हम

सार बात अस य करन लग ह हम ाथना भी अस य कर रह ह और वसी ह ाथना िसखाई जा रह ह वह

हमार कामनाओ का ह प ह हमार माग का प ह जापान म एक बौ िभ था सबस पहल उसन ह चीनी भाषा स ब क वचन जापानी भाषा म अनवाद कए

बड़ा काम था वराट सा ह य था उसको अनवा दत करना था फक र क पास िभ क पास कछ भी न था

वह गाव-गाव गया दस वष उसन िभ ा मागी तब कह दस हजार पय इक ठ हए और थ का काम श

होन क सभावना बनी ल कन जस ह दस हजार पय इक ठ हए जस म वह रहता था वहा अकाल पड़

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 53

गया अकाल पड़ गया तो उसन शा क अनवाद का काम रोक दया उसन व दस हजार पय अकाल पी ड़त

को भट कर दए फर िभ ा मागनी श क फर दस वष लग गए दस हजार पय इक ठ हए तभी एक भकप आ गया उसन व दस हजार पय उस भकप म दान कर दए फर िभ ा मागनी श क वह शा का काम फर क गया जब उसन िभ ा मागनी श क थी तब वह

चालीस वष का था जब तीसर बार िभ ा पर हई तो वह स र वष का था फर दस हजार पय इक ठ हए थ का काम श हआ मरत समय कसी न उसस पछा क या इन थ का यह पहला स करण ह

तो उसन कहा नह यह तीसरा स करण ह दो स करण पहल िनकल चक ह व लोग हरान हए उ ह न कहाउसन थ पर िलखवाया भी क तीसरा स करण थड ए डशनलोग न पछा

क यह या ह पहल दो स करण कहा ह उसन कहा एक अकाल म लग गया एक भकप म और व दो स करण इस तीसर स थ व दखाई नह

पड़त ह व दखाई नह पड़त व स करण थ व बहत डवाइन थ बहत द य थ हमको दखाई पड़गा क व स करण हए नह ल कन उस दखाई पड़ता ह जो ाथना दखाई पड़ती ह वह

असली नह ह जो बहत दय क दशाओ म उ प न होती ह वह असली ह िन त ह तीसरा स करण कोई

क मत का नह ह असली स करण व दो थ ल कन अगर यह अधा प डत होता तो वह दस हजार पय का

पहला स करण िनकालता और मानता क यह ठ क ह दसर का भी िनकालता मानता यह ठ क ह ल कन

उसक पास अत थी म था उस पता था ाथना या ह तो यह जो हम सामा यतः ाथना और पजा समझत ह इसम बड़ा धोखा ह आपका िच तो नह बदलता कछ बात आप दोहरा कर िनपट जात ह एक काम को परा कर लत ह एक ट न पर कर लत ह फर रोज-

रोज उस दोहरात रहत ह और समझत ह क ाथना कर रह ह ाथना बड़ ाित ह ाथना आमल जीवन प रवतन ह बड़ा ासफामशन ह आपका परा िच प रवितत

होगा तो आप ाथना म हो सकग और फर ऐसा मत सम झए क जो आदमी ाथना म हो गया वह ाथना

क बाहर हो सकता ह बाहर नह हो सकता य क अगर ाथना करत ह तो करग तो ाथना सबध हो

जाएगा नह करग तो ाथना क बाहर हो जाएग ल कन जो मन य ाथना म व कर जाता ह--ए शन क

तरह नह बीइग क तरह काम क तरह नह स ा क भाित--वह फर ाथना क बाहर नह हो सकता वह

चौबीस घट ाथना म जीता ह उसक यक या ाथना हो जाती ह उसका उठना बठना उसका चलना उसका बोलना सब ाथना हो जाता ह ाथना क भीतर जाकर कोई ाथना क बाहर नह आ सकता म दर क

भीतर जाकर कोई म दर क बाहर नह आ सकता अगर सह -सह म दर क भीतर गया हो य क फर वह

जहा होगा वह म दर होगा वह जो करगा वह ाथना होगी वह जो भी उसक जीवन म होगा सब ाथनापण

होगा यरफल होगा तो उसक उसी ाथना क उसी म क म बात कर रहा ह और य जो चलती हई ाथनाए ह िन त ह म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 54

उनक वरोध म ह य क म ाथना क प म ह म धम क प म ह इसिलए सार तथाकिथत धम क वरोध

म ह म चाहता ह क जगत म ाथना हो इसिलए ाथना क नाम स चलन वाल जतन थोथ बा आडबर ह चाहता ह क व न हो जाए ता क ाथना का ज म हो सक य सब कछ ाथना नह ह ाथना बड़ मर बात आप समझ ाथना बड़ आत रक मनोदशा ह और जब

वह हो तो जीवन म कोण बड़ा दसरा होगा बहत दसरा होगा और अगर वह न हो तो लोभी कामी सब

ाथना करत हए दखाई पड़ग अपन लोभ क िलए अपनी कामना क िलए इ छाओ क पित क िलए ाथना

करग क परमा मा स न हो जाए हम जो चाहत ह वह हम िमल जाए उ ह परमा मा स कोई मतलब नह

ह उनक जो माग ह उसस उ ह मतलब ह अगर वह िमल जाएगी तो व मानग क परमा मा ह अगर वह

नह िमलगी व कहग क हम परमा मा पर शक ह पता नह परमा मा ह या नह अगर दस बार मागा और

फर ाथना पर न हई तो उ ह परमा मा पर सदह हो जाएगा यानी उनक िलए परमा मा जो ह वह उन

व तओ स कम म य का ह जनको व माग रह ह मर पास लोग आत ह व कहत ह ाथना तो बड़ स य ह य क हम नौकर म नह थ हमन ाथना क

और नौकर िमल गई कोई मझस कहता ह ाथना तो बड़ स य ह हम बड़ द कत म थ ाथना क और

द कत क बाहर हो गए म उनस पछता ह या तम सोचत हो जो लोग द कत म होत ह और ाथना नह करत व कभी द कत क

बाहर नह होत या तम सोचत हो जो लोग ाथना नह करत और नौकर म नह होत या उ ह कभी

नौकर नह िमलती या तम सोचत हो क जो ना तक म क ह जहा कोई ाथना नह होती वहा सब

लोग नौकर क बाहर ह और सार लोग द कत म ह नह ल कन हम ाथना स सबध जोड़ लत ह और हमार िलए ाथना का न कोई म य ह न परमा मा का

हम तो हमार कामना पर हो जाए तो म य ह कसी को एक ब चा पदा हो जाए वह परमा मा स यादा

म यवान ह य क उसन ाथना क थी और ब चा हआ इसिलए परमा मा ह यह हमारा तक ह य हमार

सोचन क ढग ह हम चीज म यवान ह और हम उन चीज को माग कर सोचत ह क कछ होगा असल म जहा भी माग ह वहा कसी न कसी बात क होगी ऐस लोग हए ह जो कहग ाथना म व तए

मत मािगए वग मािगए मो मािगए य भी सब कामनाए ह य भी सब वासनाए ह य भी सब डजायस

ह यह बहत लोभ का गहरा अग ह एक आदमी ह जो जाकर कहता ह मझ ब चा चा हए एक स यासी कहगा

क यह या माग मागत हो अर परमा मा स मागना ह तो मागो क हम अनत आनद चा हए मर म ब च को मागन वाला कम लोभी ह अनत आनद को मागन वाला यादा लोभी ह इसक ीड इसका लोभ बहत यादा ह ल कन यह समझा रहा ह क या तम मागत हो अर मागना या बात मागत हो असल म मागना ह ता ह आप जो भी मागग मागन क व ह ता ह फर आप कछ भी माग जो भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 55

मागग वह कामना होगी कम लोभ क होगी या यादा लोभ क होगी यह सवाल नह ाथना म माग नह

होनी चा हए म मागता नह दता ह जहा म ह वहा माग नह होती वहा दान होता ह दना होता ह और

जहा म नह होता वहा माग होती ह शोषण होता ह हम कछ शोषण करना चाहत ह ाथना क नाम स

परमा मा का शोषण करना चाहत ह यह िमल जाए वह िमल जाए यह हमार इ छा ह हमार इ छाए पर

कर परमा मा हमारा सवक हो जाए हम जो चाहत ह वह हमारा काम करता रह अगर करता रह तो बहत ऊचा

परमा मा ह दयाल ह परम कपाल ह पिततपावन ह जमान भर क हम शसा क पदक उसको दग य क वह हमार काम करता रह

य सार बात ाथनाए नह ह ाथना तो िच क म क गहर दशा ह और म म को समझना होगा तभी

हम ाथना को समझ सकत ह म या ह साधारणतः हम सोचत ह जस हम म कहत ह वह म ह वह

म नह ह सामा यतः म क नाम स हम दसर य म अपन को भलान का उपाय करत ह कसी म हम

अपन को भला द भला सक--उसक स दय म उसक शर र म उसक य व म और कोई कारण म--तो

हम लगता ह क हमारा बड़ा म ह हम अपन को कसी य म भलान म जब समथ हो जात ह वह य

हम ज र हो जाता ह हम चाहत ह वह सर त रह न न हो जाए मर न जाए अगर आपका कोई मी मर जाता ह तो आपको जो दख होता ह इस खयाल ममत रहना क वह उसक मरन स

होता ह वह दख इसिलए होता ह क आप उसम अपन को भल रखत थ अब या करग अब आप कसी म

भल नह सकग अपन को अब आप घबड़ा गए आपक एक ए कप खो गई आपका एक पलायन का थल

था एक य था जसम आप अपन को डबात थ भलत थ वह न हो गया अब आप या करग मी

जो आ मघात कर लत ह िमय क मरन पर वह इसीिलए क अब उ ह जीवन म कोई अथ नह दखाई दता य क जसम भलत थ वह उनका जीवन था

यह कोई म नह ह य सब म छाए ह य सब च ाए ह अपन को कसी म भलान क और यह वजह ह क

जस य को आज आप म करत ह चार-छह मह न बाद पाएग क अब उसस आपका म नह लग रहा ह कसी और क तरफ आपक चली गई ह य क जसक आप आद हो जात ह उसम अपन को भलाना

म कल हो जाता ह अब आप दसर य को खोजत ह दसर क साथ भी यह होगा तीसर को खोजग तीसर

क साथ भी यह होगा चौथ को खोजग जस- जस को आप अपन को भलान को खोजग थोड़ दन तरक ब

काम करगी नय-नय फर वह तरक ब काम नह करगी आप आद हो जाएग आप प रिचत हो जाएग यह सब म नह ह और इस सार म म हम अिधकार करना चाहत ह उस य पर जसस हम म करत ह

सारा म पजस करना चाहता ह हम मािलक हो जाना चाहत ह उसक जसको हम म करत ह य य क

हम डर ह क कह वह िछटक न जाए कह वह कसी और क म क च कर म न पड़ जाए नह तो हमारा या

होगा हम या करग हम अपन म तो कोई सख नह मालम होता दसर य स मागत ह क हम सख द दो सार मी एक-दसर स

सख मागत ह मझ दखाई पड़ता ह यह ऐसा ह ह क एक दिनया हो जसम सब िभखमग ह और सब अपन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 56

िभ ापा िलए एक-दसर क सामन खड़ ह क हम कछ द दो तो दसरा भी िभखमगा ह वह भी िभ ापा िलए

खड़ा हआ ह इस जमीन पर एक मी दसर मी स मागता ह--मझ आनद द दो इसको सोचता ह नह क उसक

पास आनद अगर होता तो वह त हार पास िभ ापा लकर खद ह य आता जसक पास आनद ह वह कसी स आनद नह मागगा अगर आप कसी स भी आनद माग रह ह आपक पास आनद नह ह जसस आप माग रह ह वह भी आपस

मागन आया हआ ह दोन इस म म ह क दसर स हम िमलगा इसीिलए म म शन पदा होता ह म

म द कत पदा होती ह असफलता पदा होती ह थोड़ दन म पता लगता ह क मी हम म नह द रहा दगा

या म तो आनद का काशन ह जसक भीतर आनद होगा वह कवल म द सकता ह तो मरण रख अगर आप दसर स म मागत ह तो आप दखी ह और आप म दन म असमथ ह ग अगर आप

भीतर आन दत ह तो आप म दन म समथ हो जाएग आनद का दान म ह और दख का दान म का मागना

ह जहा माग ह वहा भीतर दख ह जहा दान ह वहा भीतर आनद ह तो जब तक आपक भीतर आनद नह ह तब तक आप म कर ह नह सकत अगर थोड़ा-बहत आनद होगा तो लोग को थोड़ा-बहत म कर पाएग

जस मा ा म आनद बढ़गा म बढ़गा जस दन आनद पण हो जाएगा उस दन म पण हो जाएगा आनद क प रपणता पर जीवन म म उ प न होता ह उसी म क प रपणता का नाम ाथना ह वह ट बी

इन यर ह वह ाथना म होना ह फर चौबीस घट जीवन स म बरसन लगता ह उठत बठत चलत चार तरफ म झलकन लगता ह भीतर आनद होता ह तो उसक योित बाहर फलती ह योित आनद क

योित का नाम म ह भीतर आनद का द या जलगा तो बाहर काश फलगा म का फर वह म कसी स

सबिधत नह होता जो म कसी स सबिधत नह उसका नाम ाथना ह जो म कसी स सबिधत हो जाए वह

म नह ह जो म कसी स सबिधत नह होता अनत क ित सव क ित वा हत होता ह वह ाथना ह वह परमा मा क ित ाथना ह परमा मा कोई य नह ह सम त सव टोटिलट यह जो सब ह यह परमा मा ह इस सबक ित--वह

जो पौधा लगा ह उसक ित चौराह पर प थर पड़ा ह उसक ित व जो आकाश म तार ह चाद ह उनक

ित य जो लोग ह पश ह प ी ह यह जो स दय ह क पता ह जो कछ भी ह--फल ह काट ह सबक

ित बना कसी कड शन क बना कसी शत क बना कसी आ ह क जो म का दान ह वह ाथना ह और

जब य व म वसी घड़ घ टत होती ह क जहा भी आपक जाए वह उसस म बरस जहा भी आपक

ाण क पत ह वह म बरस जहा भी आपक ास जाए वह सवास जाए म क जो भी आपस हो-- वचार

म कम म भाव म--वह सब मपण हो तो आप ाथना म वश कर रह ह ाथना बड़ म कल बात ह

ाथना आसान बात नह ह वह तो म का प रपण प र कत प ह तो इसको म ाथना नह कहता क आप हाथ जोड़ कसी म दर म खड़ ह तो इसको म ाथना कह द क आप

कसी मित क सामन हाथ जोड़ खड़ ह यह तो वह पराना मागना ह जो आप लोग क साथ कर रह ह एक

आदमी दसर स म माग रहा ह वह फर जरा घबड़ाता ह तो म दर म जाकर मागन लगता ह इसम कोई भद

नह ह इसम कोई फक नह ह यह तो मागना ह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 57

म दान ह तो ाथना अगर मागना ह तो समझ लना क वह ाथना नह ह ाथना भी म का अनत दान

होनी चा हए और जब वह होगी तो फर ाित घ टत होगी एक मसलमान सफ फक र औरत हई रा बया उसक धम थ म कह िलखा था क शतान को घणा करो उसन वह प काट द अब धम थ म सधार करना बड़ा पाप ह य क धम थ म कौन सशोधन कर अब आप

उठाए और गीता म सशोधन कर द कछ लक र काट द और कछ िलख द तो लोग आपको कहग आपन यह

या अनथ कर डाला एक फक र उसक घर महमान था हसन नाम का फक र था उसन करान पढ़ उसन कहा यह कसन इसम

गड़बड़ कर द यह तो थ अप व हो गया यह कसन काट दया क शतान को घणा करो रा बया न कहा मन ह काटा ह तो उसन कहा यह तमन या भल क ह रा बया न कहा क अब मर बड़ म कल हो गई ह जब स म ाथना म व हई ह अब म कसी को घणा कर

ह नह सकती अब अगर शतान मर सामन खड़ा हो जाए तो म करन को मजबर ह ई र भी खड़ा हो शतान

भी खड़ा हो--म दोन को म कर सकती ह असल म अब म पहचान ह नह पाऊगी क कौन ई र ह कौन

शतान ह य क म भद करना नह जानता तो अब म कस उसको घणा क गी य क म उसको पहचान ह नह पाऊगी क यह शतान ह य क म कोई भद नह करता घणा भद करती ह म अभद करता

ह म अ य अ त ह म ह अकला अ त ह यह जो म क अ त अनभित ह उस चरम अनभित का नाम ाथना ह म का ह प रश तम प ाथना ह

इसका ह अितम वकास ाथना ह उस ाथना को चाहता ह इसिलए य जो तथाकिथत ाथनाए ह चाहता ह

क य न ह तो शायद उस तरफ हमार उठ अगर इनस हम म हो जाए तो उस तरफ वश हो सकता ह एक और ह पछा ह ओशो ान-इ य स सा ीभाव श य ह ऐसा कम-इ य स श य ह या नह सा ीभाव का अथ य द समझ गए ह तो चाह ान-इ या ह चाह कम-इ या ह सा ीभाव सभव ह

सा ीभाव का अथ ह जो भी हो रहा ह--चाह वचार म हो रहा हो चाह कम म हो रहा हो--हम उस होत ण म

अपन भीतर यान क एक बद पर मा तट थ दशक हो सक िसकदर हद तान स वापस लौटता था वापस लौटन लगा तो उस मरण आया जब वह सीमा को छोड़न लगा

तो उस मरण आया भारत आत व यनान म उसन लोग स पछा था या- या चाहत हो जो म भारत स

लट कर लाऊ तो धन था सप थी वण थ आभषण थ हद तान क बड़ -बड़ याित क चीज थी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 58

लोग न कहा व लत आना एक पागल न यह भी कहा क हद तान स एक स यासी को लत आना स यासी

और कह होता नह यह ाणी यह पदा होता ह तो उ ह न कहा एक स यासी को भी लत आना वह भी

अजीब चीज होगी हम जरा दख या मामला या ह स यासी या ह िसकदर जब सब लट कर लौटन लगा सीमा पर था उस खयाल आया--एक चीज रह गई लोग पछग एक

स यासी को और पकड़ लाओ िसपा हय को उसन कहा क जाओ पता लगाओ आसपास कोई स यासी हो तो ल चल िसपाह गाव म गए गाव क व स पछा पता चला गाव क बाहर एक स यासी ह ल कन लोग न कहा जस तम पकड़ कर ल जा सको समझ लना वह स यासी नह ह और जो स यासी होगा उस ल जाना बड़ा

क ठन ह फर भी गाव क बाहर एक स यासी ह तम जाओ और िमल लो िसपाह गए नगी तलवार उनक

हाथ म थी एक नगा फक र वहा खड़ा हआ था नद क कनार उ ह न उसस कहा यह ह या इसक या

ताकत बाधो और ल चलो उन िसपा हय न कहा क आ ा ह महान िसकदर क क आप हमार साथ यनान

चल सप दग समादर दग स वधा दग वहा कोई क न होन दग स यासी हसन लगा उसन कहा क त ह स यािसय स बात करन का ढग मालम नह पहली तो बात जस

दन स यासी हए उसी दन स कसी क भी आ ा माननी छोड़ द नह तो स यासी का मतलब ह नह अब

हम अपनी ह आ ा मानत ह इस जगत म और कसी क भी नह दसर बात तम कहत हो क आदर दग स वधा दग जस दन स यासी हए उसका अथ यह ह क लोभन हमन छोड़ दया तम हम भा वत नह कर सकत िसपा हय न कहा तो फर मरण रखो लोभन स भा वत नह होओग तो दड स तो भा वत हो ह

जाओग स यासी हसन लगा उसन कहा त ह पता नह जो लोभन स भा वत होता ह कवल वह दड स भी भा वत होता ह दड भी लोभन का उलटा प ह

िसपाह हरान हए उ ह न कहा तो हम महान िसकदर को या कह उस स यासी न कहा क जाओ और कह दो स यासी अपनी मज स चलता ह अपनी मज स बठता ह उसक

ऊपर कोई मज नह लाद जा सकती स यासी पर कोई स ा नह चलाई जा सकती कह दना स यासी पर

स ा इसिलए नह चलाई जा सकती क स यासी व ततः जी वत ह नह ह जी वत हो तो डर दया जा सकता ह

क मार डालग तो तम जाओ यह कह दना िसकदर खद आया और उसन कहा क तम भल म हो अगर म तम और त हार पर म क स भी कह क चलो तो चलना पड़गा त हार या ह ती ह दखत हो यह तलवार गदन अलग कर द जा सकती ह स यासी हसा और उसन कहा क अगर तम गदन अलग करोग तो जस भाित तम दखोग क गदन िगर उसी भाित हम भी गदन का िगरना दखग हम भी य क न तम यह गदन हो न हम गदन ह तो तम भी

दखोग हम भी दखग तम भी सा ी बनोग हम भी सा ी बनग इस तरह क हम सा ी ह तो तम गदन काट

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 59

दो ल कन वह गदन मर नह होगी हम तो सा ी रहग पीछ दखत रहग क अब गदन काट गई अब चोट

लगी अब गदन िगर गई शर र क ित सा ी हआ जा सकता ह य क भीतर चतना पथक ह अलग ह यह हाथ म उठाता ह--इस व

एक या हो रह ह क मन हाथ उठाया तो हम कवल एक ह बात का पता ह क म हाथ क उठान का कता ह

ल कन भीतर खयाल कर जब हाथ को म उठा रहा ह तो भीतर एक चतना ह जो दख रह ह क हाथ उठ रहा ह जब रा त पर आप चल रह ह तो आपक भीतर कोई दख रहा ह क आप चल रह ह जब आप कछ भी कर रह ह

तो आपक भीतर कोई दख रहा ह क आप कछ कर रह ह चौबीस घट आपक भीतर कोई दखन वाला बद ह ल कन आपको उसका होश नह ह सा ीभाव का अथ ह उस बद का हम मशः मरण आता जाए उसक रमब रगआती जाए उसका होश

आता जाए जस-जस उसका होश हम आता जाएगा जस-जस उस बद म जागरण होता जाएगा फरणा

होती जाएगी बद टटन लगगा उसक ऊपर क आवरण हटन लगग आप पाएग क आप यक या क

सा ी ह यहा तक क िन ा क भी जब आप सो जाएग तब भी आपक भीतर एक बद अभी भी जागता रहता ह कभी आपन खयाल कया आप सोए ह आपका नाम राम ह रा त पर कोई व ण- व ण िच ला रहा ह आपको पता नह चलगा ल कन कसी न कहा--राम आप उठ कर बठ जाएग नीद म भी कोई सन रहा ह क

आपका नाम या ह दसर का नाम कोई बलाता रह आप सोए रहग आपका कोई नाम बला द आप नीद म

भी उठ आएग मा अपन ब च को लकर सोती ह--बाहर इजन चलत रह कार चलती रह ल कन ब चा जरा ह

रोया जरा ह सरका और मा उस स हाल लती ह कोई भीतर बोध को पकड़ हए ह कभी रात म आप कह कर

सो जाए अपना ह नाम लकर आपका नाम राम ह तो कह कर सो जाए क राम ठ क पाच बज उठ आना

तो आप हरान हो जाएग ठ क पाच बज आपक नीद टट जाएगी कोई आपक भीतर ह जो जागा हआ ह जो पाच बज आपको उठा दगा आप तो हरान ह ग ह नोिसस और स मोहन क योग न बड़ अदभत बात िस क ह अगर कसी य

को स मो हत करक म छत कर दया जाए और उसस कह दया जाए क स ह हजार िमनट बाद तम ऐसा-ऐसा

काम करना इसक बाद उस होश म ला दया जाए उस कछ भी याद नह रहगा अब स ह हजार िमनट अगर

आपस कह दया जाए तो आप होश म भी स ह हजार िमनट नह िगन सकत क कब यह व आएगा उसको

तो बहोशी म कहा गया होश म आन पर उस कछ पता भी नह ह ल कन ठ क स ह हजार िमनट बाद वह

काम वह य कर लगा उसक भीतर कोई जागा हआ ह जो िमनट-िमनट का भी हसाब जस इसका बोध

ह हमार भीतर कसी बद पर बड़ा सा ी बद ह और इसीिलए जसका सा ी जा त हो जाता ह वह रात म सोता

भी ह और नह भी सोता ह उसक भीतर एक बोध बना रहता ह शर र सोता ह उसक भीतर कोई जागा रहता ह ब क सबध म कहा गया हउनक पास दस हजार िभ हमशा चलत थ दखत थ उनका उठना बठना सोना सब दखत थ िभ बड़ हरान थ ब जस करवट सोत थ रात भर उसी करवट सोए रहत थ करवट

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 60

नह बदलत थ जो पर जहा रखत थ वह रख रहत थ रात भर पर नह हलात थ जो हाथ जहा रखत थ वह

रख रहत थ रात भर हाथ नह हलात थ अनक लोग न अनक बार सोचा क मामला या ह रात भर एक

ह करवट एक ह तरह स जहा पर जहा हाथ वह ब कस सोए रहत ह तो उनक एक िभ आनद न एक

दन पछा क या हम यह पछन क आ ा आप दग क रात भर आपका पर भी नह कपता हाथ भी नह हलता करवट जस सोत ह वह बनी रहती ह ब न कहा मितपवक सोता ह ब न कहा मितपवक सोता ह सा ीभाव तब भी बना रहता ह तो

इसिलए अपन आप हाथ-पर नह यहा-वहा हो सकत जब तक म न चाह जब तक म न बदलना चाह मर भीतर कोई जागा ह और दख रहा ह यहा तक क जागन क शार रक याओ म तो सा ीभाव हो ह सकता ह िन ा क समय भी हो जाता ह ल कन जस- जस मा ा म चतना जगगी उस-उस मा ा म वसा होगा अभी तो हम कोई सा ीभाव नह होता अभी तो हम सब कए चल जात ह जब ोध आकर चला जाता ह तब हम पता चलता ह क ोध कर िलया जब कोई आदमी कसी क ह या कर दता ह तब खन क फ वार छट दख कर खयाल म आता ह क यह मन या कर दया होश ह नह था जब कया होश ह नह था जब ोध कया इसिलए पीछ पछतात ह ोध करन क

बाद ोधी पछताता ह क यह मन या कर दया यह तो मन बहत बरा कर दया ल कन बड़ आ य क बात ह तम थ कहा जब तमन कया तब तम कहा थ फर कल आज

पछताएगा कल फर ोध करगा फर पछताएगा कहगा क बड़ा बरा हो गया कतनी दफा तय करता ह

क ोध न क फर न मालम या हो जाता ह असल म हो या जाता ह होश ह ह नह तो तय करत ह फर बहोशी पकड़ लती ह तय करन का कोई

प रणाम नह होता सक प का कोई प रणाम नह होता सक प का कोई प रणाम हो ह नह सकता जब तक

क भीतर जागरण न हो होश न हो सा ीभाव न हो िन त ह शर र क याओ क ित सा ी का भाव हो सकता ह कसी भी या क ित हो सकता ह भोजन

करत ह सा ीभाव स कर दखत हए कर होश रख क भोजन कर रहा ह एक-एक या दखाई पड़ कौर

बनाया गया उठाया गया मह म ल जाया गया पानी उठाया गया पीया गया एक-एक छोट-छोट बद को

जानत हए कर भीतर होश बना रह भीतर मरण जागित बनी रह तो शर र क याओ म भी जागरण

होगा मन क याओ म भी जागरण होगा और जब शर र और मन दोन क याओ म जागरण होगा तो एक अदभत जागी हई चत य थित आप सतत अनभव कर पाएग अभी तो ऐसा ह हम ऐस घर ह जसका द या बझा हआ ह तब हम ऐस घर ह ग जसका द या जला हआ ह सा ीभाव हो तो द या जल जाता ह और

जब भीतर द या जल तो जीवन म पाप वलीन हो जाता ह दसरा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 61

इसी सदभ म पछा ह क ओशो पाप या ह और प य या ह भीतर द या जला हो चत य का तो जो कम होत ह व प य ह भीतर द या बझा हो तो जो कम होत ह व पाप

ह समझ लना आप कोई कम न तो पाप होता ह न प य होता ह प य और पाप करन वाल पर िनभर होत ह कोई कम पाप और प य नह होता आमतौर स हम यह मानत ह क कम प य और पाप होत ह यह काम बरा ह और वह काम अ छा ह यह बात नह ह जस आदमी क भीतर का द या बझा ह वह कोई अ छा काम कर ह नह सकता यह असभव

ह दख सकता ह क अ छा काम कर रहा ह जनक भीतर द य जल रह ह उनक कम का अनकरण कर सकता

ह ल कन अनकरण म भी वासना उसक वपर त होगी अगर वह म दर बनाएगा तो वह परमा मा का नह

होगा अपन पता का होगा उनका नाम िलखवा दगा अगर वह कसी को दान दगा तो फकर म होगा क

अखबारनवीस जनिल ट आस-पास ह या नह व खबर छापत ह या नह छापत वह दान म और क णा नह

होगी वह भी अहकार का काशन होगा अगर वह कसी क सवा करगा तो वह सवा सवा नह होगी वह सवा

क गणगान भी करगा करवाना चाहगा वह कहगा म सवक ह वह चाहगा क लोग मान क मन सवा क ह

वह जो भी करगा उसक करन क पीछ च क द या जला हआ नह ह इसिलए काम अ छ दखाई पड़ भला पाप ह ह ग भीतर द या जला न हो तो जो भी हो सकता ह वह पाप ह हो सकता ह पाप मर िलए िच क एक

दशा ह कम का व प वभाजन नह और अगर भीतर का द या जला हो तो वह जो भी कर वह प य होगा हो सकता ह ऊपर स दखाई पड़ क यह

तो प य नह यह कम तो प य नह ल कन वह प य ह होगा असभव ह क उसस पाप हो जाए य क

जसका बोध जा त ह उसस पाप कस हो सकता ह उसस पाप नह हो सकता ल कन हम कम क तल पर चीज को नापत-तौलत ह कल या परस मन आपस कहा आचरण बहत म यवान

नह ह अतस म यवान ह तो अतस पाप क थित म हो सकता ह य द अधकार स भरा ह अतस प य क

थित म होता ह अगर वह काश स भरा ह काशपण िच प य क दशा म ह अधकारपण िच पाप क

दशा म ह य कम क ल ण नह ह य कम क बलकल ल ण नह ह कम का ल ण कम का ल ण कछ भी

तय नह करता य क य भीतर बलकल दजन हो सकता ह आचरण बाहर स जन का कर सकता ह--

अनक कारण स हम इतन लोग यहा बठ ह हम शायद सोचत ह ग क हम चोर नह करत तो हम बड़ा प य करत ह ल कन

अगर आज पता चल जाए क हकमत न हो गई चौर त पर कोई पिलस का आदमी नह ह अब कोई

अदालत न रह अब कोई िसपाह नह अब कोई कानन नह फर पता चलगा कतन लोग चोर नह करत ह आप सोचत ह ग क हम चोर नह करत तो बड़ा प य का काम कर रह ह चोर न करना काफ नह ह िच म चोर क न होन का सवाल ह आपको अगर सबको स वधा और परा मौका

िमल जाए म कल स कोई बचगा जो चोर न कर तो यह जो अचोर ह यह फर प य नह ह यह कवल भय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 62

और दहशत और डर कमजोर और अनक बात ह जनक वजह स आप चोर नह कर रह ह आपको मौका

नह ह भयभीत ह कमजोर ह डर हए ह उस डर को भय को िछपान क िलए अदालत स नरक स

घबड़ाए हए ह उसको िछपान क िलए आप कहत ह म तो चोर नह करता चोर करना बहत बर बात ह म

तो चोर करन का बरा काम करता ह नह जो आदमी कर रहा ह चोर उसम आप म हो सकता ह कवल साम य का और साहस का फक हो कवल

साम य और साहस का फक हो वह यादा साहसी हो या हो सकता ह ववकह न हो इसिलए ववकह न म

यादा साहस दखाई पड़ जाता ह य क उस समझ म नह आता क म या कर रहा ह या प रणाम होगा आप सब हसाब- कताब सोचत ह ल कन अगर सार चोर क स वधाए ह सार चोर क भीतर अनकल प र थित हो और फर कोई आदमी

चोर न कर तो बहत अलग बात हो जाएगी बहत अलग बात हो जाएगी अगर यह भी कोई कह द क चोर

करन वाल अब नरक नह जाएग ब क वग जाएग कोई धमशा यह भी कहन लग क अब चोर करन

वाल अब कानन बदल गया परमा मा का अब व उनको नरक नह भजत अब उनको वग भजत ह फर

भी कोई आदमी चोर न कर अगर यह पता चल जाए क अब चोर करन वाल को क नह दया जाता ब क

स मान िमलता ह और रा पित जो ह वह उनको पर कार दत ह और पद वया दत ह और भगवान भी अब

उनका स कार करन लग ह फर भी कोई चोर न कर अगर कोई यह कह क जो चोर नह करगा उसको नरक

म डाला जाएगा और सड़ाया जाएगा और फर भी चोर न कर सक तब तो समझना क उसक िच क थित

अचोर क हो गई ह नह तो उसक िच क थित अचोर क नह ह यह सार बात ह अब जस हद तान-पा क तान का झगड़ा हआ या हद तान-पा क तान का बटवारा हआ जब बटवारा हआ तो जो पड़ोस म थ भल लोग थ म दर जात थ म जद जात थ व एक-दसर क छाती म छरा भ कन लग य क मौका िमल गया उसक पहल मौका नह था तो व म जद जात थ अब मौका िमल गया तो छरा

भ कन लग मौका नह िमलता था तो म दर म ाथना करत थ मौका िमल गया तो मकान म आग लगान लग कल जब य म दर जा रह थ तब आप सोचत ह य दसर आदमी थ यह छरा भ कन वाला आदमी कल भी

मौजद था ल कन प र थित नह थी इसिलए कट नह हो रहा था िछपा हआ था आज प र थित कट

होन क हो गई ह यह कट हो गया कल मालम हो रहा था क म दर जाना प य ह आज पता चल रहा ह क

दस हजार हदओ को काट सकता ह आग लगा सकता ह या मसलमान को आग लगा सकता ह यह वह

आदमी ह मर गाव म वहा हद-म लम दग हए तो मन दखा क व ह लोग जनको हम समझत ह भल ह जो रोज

सबह गीता उठ कर पढ़त ह व इक ठ करन लग क कस तरह मसलमान को काटा जाए तो म मानता ह जब व गीता को पढ़त थ यह क यह आदमी थ गीता आग पढ़ रह थ भीतर वह काटना-पीटना िछपा था मौजद था प र थित नह थी प र थित सामन आ गई एक नारा खड़ा हो गया क हद-मसलमान म दगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 63

हो गया इतनी सी बात अखबार म छप गई और यह आदमी बदल गया यह मकान जलान क सोचन लगा यह

वह का वह आदमी ह मौका इस नह था अब बहाना िमल गया अब एक मौका िमला क अपनी हसा दखा

सकता ह एक बहान का नाम लकर एक लोगन-- क म हद ह और हद धम खतर म ह मसलमान को खतम

करो अब यह बहाना िमल गया अब यह खतरा कर सकता ह इनको कोई भी बहाना िमल जाए--गजराती और मराठ म झगड़ा हो जाए हद बोलन वाल और गर- हद

बोलन वाल म वरोध हो जाए--तो य आग लगान लगग ह या करन लगग इनका सब धम इनक सब

अ हसा इनक सब नितकता एक तरफ धर रह जाएगी तो इनक जो नितकता चल रह थी वह बलकल झठ

थी उसका कोई म य नह था इनक जो अ हसा चल रह थी बलकल थोथी थी उसका कोई म य नह ह

इनक भीतर य सब चीज िछपी थी अवसर क तलाश थी आप दिनया को अवसर द द यह जमीन इसी व नरक हो सकती ह इसी ण आप नरक का परा इतजाम

कए बठ ह ल कन म दर भी जात ह दान भी करत ह थ भी पढ़त ह सदग क चरण म णाम भी करत

ह य सब बात भी ह और आप अभी नरक बना द इसी जगह को इसी ण एक सकड म यह नरक हो जाए एक नारा उठ और यह अभी नरक हो जाए अभी जस आदमी क पास बठ कर आप बड़ धािमक बन बठ ह उसी क गदन दबा सकत ह इसी व तो मरा मानना यह ह क आप जब नह दबा रह ह तब भी आप दबान क

थित म तो ह नह तो एकदम स कस थित आ जाएगी पाप क थित होती ह पाप का कम नह होता वह टट ऑफ माइड ह और जब तक हम उसको कम

समझग तब तक दिनया म बहत ाित नह हो सकती य क कम का कोई पता नह चलता कम तो मौक-

मौक पर कट होत ह और अ छ-अ छ बहान लकर कट हो जात ह अ छ-अ छ बहान ल लत ह और कट हो

जात ह इसीिलए यह सभव हआ ह क दिनया म कोई भी शतान आदमी कोई भी हकमत कोई भी

पोिलट िशयन कोई भी राजनीित कसी भी ण दिनया को य म डाल सकता ह कसी भी ण य क

सार लोग तयार ह पाप करन को बलकल तयार ह मौका नह ह उनको कसी भी ण कोई भी बहाना--

डमो सी का क यिन म का भारत का पा क तान का हद का मसलमान का--कोई भी नारा जरा सी आग पकड़ान क ज रत ह और आप दिनया को एकदम पाप स भर सकत ह फर लाख लोग को काट सकत ह

और मजा लग य व ह लोग जो पानी छान कर पीत ह यह खबर सन कर स न होत ह क पा क तान का फला गाव बबाद

कर दया गया या हद तान का फला गाव बबाद कर दया गया वह आदमी जो रोज नमाज पढ़ता ह वह

स न होता ह क अ छा हआ म यह समझ नह सकता क यह आदमी जो पानी छान कर पीता था अखबार म पढ़ता ह रात को खाना नह

खाता था अखबार म पढ़ता ह क इतन पा क तानी मर गए तो सोचता ह बहत अ छा हआ यह आदमी

अ हसक ह इसका पानी छान कर पीना धोखा ह बईमानी ह इसका रात को न खाना सब झठ बकवास ह

इसका कोई मतलब और म य नह ह इसका टट ऑफ माइड तो पाप का ह यह कम-वम कछ भी कर इसक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 64

िच क दशा तो पापपण ह इसिलए दिनया को कभी भी कसी भी भकप म डाला जा सकता ह कसी भी उप व म डाला जा सकता ह

लोग क काम तो बड़ अ छ मालम होत ह ल कन िच क दशा जरा ह कनड प जरा सी चमड़ उघाड़ो भीतर पाप मौजद ह और काम बड़ अ छ-अ छ कर रह ह टॉ सटॉय न िलखा ह क म एक दन सबह-सबह चच म गया अधरा था सद क दन थ बफ पड़ती थी कोई नह था चच म म गया एक और आदमी था वह कनफशन कर रहा था भगवान क सामन उस पता

नह क कोई दसरा भी अधर म मौजद ह नह तो कनफशन करता ह य वह वहा कह रहा था क ह

परम पता म बड़ा बरा आदमी ह मर मन म बड़ पाप उठत ह त मझ मा कर चोर का भाव भी आता ह पर- ी-गमन का भाव भी आता ह दसर क धन को हड़प लन क व भी पदा होती ह त मझ मा कर उस

पता नह था क यहा कोई और आदमी भी खड़ा ह वह चच स बाहर िनकला टॉ सटॉय उसक पीछ हो िलया

जब बीच बाजार म पहच सबह हो गई थी लोग आ-जा रह थ उसन िच ला कर कहा क ओ पापी चोर खड़ा रह वह आदमी बोला अर कौन कहता ह मझस पापी और चोर टॉ सटॉय न कहा क म चच म मौजद था मन सन िलया ह उस आदमी न कहा अगर दबारा मह स िनकाला तो अदालत म अपमान का मकदमा चलाऊगा वह बड़ा

ित त आदमी था गाव का वह मन भगवान क सामन कहा था त हार सामन नह कहा था टॉ सटॉय न कहा मन तो यह सोचा क तन मान िलया ह क त पापी ह चोर ह ल कन त मानन को राजी

नह अदालत म मकदमा चलाएगा यह थित ह हमार िच क भीतर तो वह िछपा ह औरबाहर हम अदालत म मकदमा चलाएग अगर कोई हमस

चोर कह द हम िशकायत करग क यह या आपन हमस कह दया तो हमारा कम हमारा ऊपर का आवरण

म य नह रखता म य तो अतस रखता ह उस अतस क ाित क बात ह तो म मानता ह पाप-प य कम म नह होत पाप-प य होत ह िच क दशाओ म एक आदमी क िच क

दशा पाप क हो अधकार क हो तो वह कछ भी कर कछ भी कर कतना ह पानी छान कतनी ह बार

छान उसक हसा नह िमटगी और कतना ह रात को खाए न खाए कतना ह उपवास कर न कर कतनी ह पजा कर कतनी ह ाथना कर--कछ भी कर लाख कर--अगर भीतर िच क दशा अधकारपण

ह उसका सब करना पापपण होगा उसक भीतर पाप क थित बनी ह रहगी वह जा नह सकती वह कसी थित म नह जा सकती

उस तो सीधी चोट करनी होगी कोई और उपाय स क वहा भीतर प रवतन हो अधकार िमट और काश आए

तब उसक कम प रवितत हो जाएग तब हो सकता ह वह रात को भी भोजन कर ल और हसक न हो तब हो सकता ह क वह पानी भी बना छान कभी पी जाए और हसक न हो वह तो िच क भीतर प रवतन क थित

ह वह वहा प रवतन होना चा हए और तब फर जीवन का कम सहज ह ठ क होना श हो जाता ह उस ठ क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 65

करना नह होता वह सहज ह ठ क होना श हो जाता ह सहज ह भीतर जब योित आनी श होती ह कम

का अधकार िगरन लगता ह और कम प य होन लगत ह म समझता ह मर बात समझग कम नह म यवान ह म यवान अतस क थित ह और अतस क थित

कस बदल उसक माग पर ह हम वचार कर रह ह ल कन यह आप खयाल म रख कम को दोष मत द दोष हमशा भीतर बठ य का ह ल कन हम धोखा पदा कर लत ह हम सोचत ह या हजा ह थोड़ा-बहत

पाप भी होता ह तो थोड़ा-बहत प य भी करग यह असभव ह यानी यह सभव नह ह क आप सोचत ह क अब चलो कोई बात नह इतना पाप करत ह एकाध-दो प य भी कर ल उस तरफ भी कछ खात म जमा हो जाए यह असभव ह या तो पाप होगा या पाप

नह होगा बीच क कोई थित नह ह यह नह हो सकता क थोड़ा पाप कर और थोड़ा न कर यह हो ह नह

सकता य क भीतर िच अखड ह उसक टकड़ नह ह उसम ऐसा नह ह क आधा िच पाप स भरा ह और

आधा प य स भरा ह ऐसा कोई कपाटमट ऐसा कोई वभाजन नह ह िच इक ठा ह इसिलए जस इक ठ

िच स थोड़ स पाप िनकल रह ह उस िच स कभी भी कसी थित म प य नह िनकल सकता वह तो िच

पापपण ह और अगर उसम स प य िनकलन लग तो उसम स पाप नह िनकल सकता यानी मरा मानना यह ह क एक आप काश का द पक जलाए तो ऐसा नह हो सकता उसम क अधरा भी िनकल

रहा ह थोड़ा सा थोड़ा काश भी िनकल रहा ह ऐसा नह हो सकता या तो काश ह िनकलगा या फर

योित बझी रहगी तो अधकार ह िनकलगा ल कन इस म म मत रहना आप क थोड़ा-बहत तो करत ह चल थोड़ा-बहत नह होता परा प रवतन करना

होता ह थोड़ा-बहत बलकल नह होता इसस म पदा होता ह धोखा पदा होता ह इसी तरह दिनया भर क

ह यार बईमान शोषक सप इक ठ करत जात ह थोड़ा-बहत दान भी करत जात ह इस खयाल स क

चलो यह प य भी हो गया इस म म कोई न रह य क सप को इक ठा करना इतना बड़ा पाप ह क दान स कोई प य नह हो सकता

सप को इक ठा करना इतना बड़ा पाप ह बहत गहर म बहत जड़ म क दान स कोई प य नह हो

सकता कोई कतना ह दानवीर कह धोख म मत आ जाना व सब दान खीचन क तरक ब ह वह दानवीर

कहना और शसा दना क बहत बड़ दानवीर ह ऐसा ह वसा ह इतना दान कया उतना दान कया व

सब दान खीचन क तरक ब ह व आपका खीसा खाली करन क तरक ब ह ल कन इस म म मत पड़ जाना क

आपस दान हो जाएगा आपक सार व स ह क ह उस स ह क व म स दान हो ह नह सकता और अगर होगा तो उसम कोई न कोई आग स ह करन का भाव होगा-- क चलो कछ दो कह भगवान हो तो

थोड़ा खयाल रखगा कह वग हो तो जरा छोट टल न िमलगी जरा बड़ कस िमलगी कोई न कोई भाव

पीछ होगा कोई न कोई भीतर बात होगी य क यह असभव ह क एक आदमी इधर स लोग क ह या करता

रह और इस तरफ अ पताल बनवाता जाए यह बलकल असभव ह यानी यह आदमी बलकल गड़बड़ ह इसको पता ह नह क यह या कर रहा ह यह हो ह नह सकता यह बलकल ह असभव बात ह क एक ह

आदमी स य दोन बात एक साथ होती रह इनम स एक बात झठ होगी एक बात स ची नह हो सकती वह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 66

कवल आवरण होगी ल कन हम यह धोखा खात रहत ह अपन को दत रहत ह दत रहत ह इसिलए क हम थोड़ स वधा हो जाती ह कोई आदमी अपन को पापी नह मानना चाहता पापी मानन म बड़ आ म लािन होती ह तो थोड़ा-बहत काम

ऐसा कर िलया जसको लोग प य कहत ह तो आ म लािन स बचना हो जाता ह आ म लािन बच जाती ह थोड़ा ऐसा लगता ह क आ खर हम भी कछ तो प य करत ह ह कोई फकर नह थोड़ा करत ह तो कछ तो

करत ह फर धीर-धीर बढ़ग ऐसा धीर-धीर बढ़त-बढ़त यादा प य कर लग तो अपनी आख म अपनी

त वीर को बलकल अधकारपण अधरा पती हई कोई नह दखना चाहता सोचत ह क थोड़ा-बहत तो सफद

रग दखाई पड़ तो वह सफद रग दखान क िलए थोड़ा-बहत करत ह उसको हम प य कहत ह यह सब झठ बात ह वहा हमार िच क जब तक आमल- ाित न हो तब तक कोई प रवतन नह हो सकता

तो या तो पाप होता ह या प य होता ह पाप और प य साथ-साथ कसी य स नह हो सकत मर म आपको कहता ह मर समझ म आपको कहता ह मझ ऐसा ह दखाई पड़ता ह क यह असभावना

ह यह बलकल असभावना ह हा अगर य का अतस आलो कत हो जाए तो उसस पाप असभव ह उसस

पाप बलकल असभव ह अगर आपको दखाई भी पड़ क यह पाप हआ तो आप ह भल म ह ग पाप उस

य स हो नह सकता ह एक छोट सी कहानी कह फर यह चचा पर क गा फर रा क यान क िलए हम बठग एक छोट स गाव क बाहर एक साध ठहरा हआ था यवा साध ह बहत सदर ह बड़ा ितभाशाली ह बड़ा भाव ह गाव क लोग आदर करत ह म करत ह स मान दत ह सारा गाव स मान करता ह

एक दन अचानक सार हवा बदल गई गाव म एक लड़क को ब चा पदा हआ और उस लड़क न कहा क वह

साध का ब चा ह सारा गाव बदल गया आदर क अनादर म बदलन म बहत दर थोड़ ह लगती ह य क जो आदर दत ह उनक पीछ अनादर क पर

तयार रहती ह क मौका िमल जाए तो अभी अनादर कर इसिलए जब कोई कभी कसी को आदर द तो बहत

सावधान रहना वह अनादर क तयार भी कर रहा ह-- कसी भी व य क जन कारण स वह आदर द रहा ह

व बड़ बार क ह जरा ह दसर कारण मौजद हो जाए सब गड़बड़ हो जाएगा इसिलए आदर दन वाल स हमशा

सावधान रहना चा हए वह अनादर कर सकता ह सारा गाव बदल गया गाव टट पड़ा उसक झोपड़ म आग लगा द वह अपना सबह बाहर बठा धप ल रहा था

ठड क दन थ उसन पछा क मामला या ह तो जाकर लोग न कहा मामला पछत हो और वह ब चा उसक ऊपर पटक दया और कहा क मामला यह

ह पहचानो यह त हारा ब चा ह उसन कहा इज़ इट सो ऐसी बात ह ब चा मरा ह उसन उस गौर स दखा उस कध स लगा िलया वह

रोता था उस समझान लगा गाव क लोग गाली-गलौज बकत वापस लौट गए फर वह साध िभ ा मागन गया कल तक बड़-बड़ लोग आकर कहत थ क हमार घर म पर रख द तो प व हो

जाए उ ह लोग न दरवाज बद कर िलए वह दरवाज पर खड़ा ह क मझ दो रोट िमल जाए वह दरवाज जो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 67

कहत थ क त हार पर पड़ जाए तो प व हो जाएगा हमारा घर वह दरवाज बद हो गए उ ह न कहा आग

बढ़ जाओ कभी भल कर इस ार पर दबारा छाया मत डालना गाव क ब च क लोग क भीड़ उसक पीछ

गािलया दती हई प थर फकती हई चली फर वह उस दरवाज क सामन पहचा जसक बट का यह लड़का ह और उसन उस दरवाज क सामन आवाज

लगाई क कसर मरा होगा इसका बाप होन म ल कन इसका मर बट होन म तो कोई कसर नह हो सकता बाप

होन म मर गलती होगी ल कन इसक तो कोई गलती नह हो सकती कम स कम इस तो दध िमल जाए वह लड़क ार पर खड़ थी उसक ाण कप गए फक र को भीड़ म िघरा हआ प थर खात हए दख कर--वह

उस ब च को बचा रहा ह उसक माथ स खन बह रहा ह--स ची बात िछपाना म कल हो गई उसन अपन बाप

क पर पकड़ कर कहा क मा कर इस फक र को तो म पहचानती भी नह िसफ इसक असली बाप को बचान

क िलए मन इस फक र का झठा नाम ल िलया वह बाप आकर फक र क पर पर िगर पड़ा और ब च को छ नन लगा और कहा मा कर द उस फक र न पछा ल कन बात या ह बट को छ नत य हो उसक बाप न कहा--लड़क क बाप न-- क आप कस नासमझ ह आपन सबह ह य न बताया क यह बटा

आपका नह ह आप छोड़ द यह बटा आपका नह ह हमस भल हो गई वह फक र कहन लगा इज़ इट सो बटा मरा नह ह पर त ह तो सबह कहत थ क त हारा ह और भीड़

तो कभी झठ बोलती नह अब तम जब बोलत हो क नह ह मरा तो नह होगा ल कन लोग कहन लग क तम कस पागल हो तमन सबह कहा य नह क बटा त हारा नह ह तम इतनी

िनदा और अपमान झलन को राजी य हए वह फक र कहन लगा मन त हार कभी िचता नह क क तम या सोचत हो तम आदर दत हो क अनादर तम ा दत हो क िनदा मन त हार आख क तरफ दखना बद कर दया ह य क म अपनी तरफ दख क

त हार आख क तरफ दख और जब तक मन त हार तरफ दखा तब तक अपन को दखना म कल था

य क त हार आख तो ितपल बदल रह ह और हर आदमी क आख अलग ह य हजार-हजार दपण ह म

कस- कस म झाक मन अपन म ह झाकना श कर दया ह अब मझ फकर नह क तम या कहत हो

अगर तम कहत हो बटा मरा तो सह मरा ह होगा कसी का तो होगा मरा ह सह अब तम कहत हो नह त हार मज नह होगा मरा ल कन मन त हार आख म दखना बद कर दया ह और वह फक र कहन लगा म तमस भी कहता ह क कब वह दन आएगा क तम दसर क आख म दखना

बद करोग और अपनी तरफ दखना श करोग

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 68

जीवन रह य पाचवा वचन व ास-- वचार-- ववक कल दो स पर कछ बात मन आपस क उस सबध म बहत स भी पछ गए ह एक िम न पछा ह क ओशो या वचार करना ह जीवन का यय ह और या वचार स ह जीवन क स य का अनभव हो सकता ह

वचार या ह वचार सीढ़ ह और सीढ़ क साथ एक अदभत बात ह जो समझ लनी चा हए बहत कम

लोग समझ पात ह बहत सीध स स य को भी सीढ़ क साथ एक अदभत स य ह क अगर ऊपर पहचना हो मकान क तो सीढ़ पर चढ़ना भी पड़ता ह और उतरना भी पड़ता ह सीढ़ पर पर भी रखन पड़त ह और फर सीढ़

को छोड़ भी दना पड़ता ह अगर कोई कह क सीढ़ पर हम चढ़ग ज र ल कन फर सीढ़ स उतरग नह तो भी वह आदमी मकान क ऊपर नह पहच सकगा और कोई अगर कह क जब उतरना ह ह सीढ़ स तो चढ़न क

ज रत या ह तो वह आदमी भी मकान क ऊपर नह पहच सकगा मन सना ह एक टशन पर न खड़ थी और ह र ार क तरफ जाती थी हजार लोग गाड़ म बठ रह थ और

पर टशन पर एक ह आवाज थी क कसी तरह गाड़ क भीतर बठो सामान भीतर पहचाओ सीट पकड़ो जगह बनाओ एक िम को घर कर कछ लोग समझा रह थ वह िम यह पछ रहा था क इस न म बठन स

फायदा या जब ह र ार पर उतरना ह पड़गा जब उतरना ह ह तो बठ य और दलील उसक सच थी तक उसका ठ क था कई बार तक बलकल ठ क होत ह िसफ ठ क दखाई पड़त ह बिनयाद म ठ क नह होत

वह ठ क कह रहा था क जस न स उतरना ह उसम चढ़ना य ल कन िम न कहा गाड़ जा रह ह और हम समझान का मौका नह ह हम जबरद ती त ह अदर बठा लत ह जबरद ती उस आदमी को उ ह न अदर बठा िलया फर ह र ार पर फर ववाद श हो गया उस आदमी न कहा जब म चढ़ ह गया तो अब म उत गा नह क

जब चढ़ ह गए तो उतरना या और जब चढ़ाया था इतनी महनत स तो या उतारन को चढ़ाया था फर िम समझान लग क गाड़ छटन को ह उतरत हो क नह उतरत तम आदमी पागल हो उसक दलील म तो कोई गलती न थी ल कन जदगी दलील नह मानती जदगी क अपनी दलील ह इस

जदगी म सबस बड़ मज क बात यह ह क जस चीज को भी सीढ़ बनाना हो उस पकड़ना भी पड़ता ह और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 69

छोड़ना भी पड़ता ह वचार या ह वचार को पकड़ना ज र ह आ यितक प स वचार को पकड़ना ज र ह ता क सारा िच वचार क अ न स गजर जाए फर एक घड़ आती ह क वचार को छोड़ भी दना पड़ता ह स य का चरम

अनभव तो िन वचार िच को होता ह जहा वचार भी नह रह जात वहा स य का पता चलता ह ल कन आप कहोग क जब िन वचार िच को स य का अनभव होता ह तो हम वचार कर ह य जब

वचार को एक ण छोड़ दना पड़गा और िन वचार होना पड़गा तो फर वचार म पड़ना ह य हम बना

वचार क ह य न रह जाए ल कन ह र ार क टशन पर उतरना गाड़ स एक बात ह और कसी दसर टशन स न चढ़ना बलकल दसर

बात ह य क वह न चढ़ा हआ आदमी ह र ार नह पहच जाएगा वचार को जो करता ह नह वह व ास पर अटका रह जाता ह व ास अधापन ह और अधा आदमी स य को कभी नह जान सकता जो वचार नह करता वह बलीफ और व ास म खड़ा रह जाता ह और जो आदमी

व ास म बधा रह जाता ह वह अधा ह उसक आख पर प ट ह उसका शोषण हो सकता ह उसको भटकाया जा सकता ह ल कन वह कभी स य तक नह पहच सकता स य तक पहचन क पहली शत ह

व ास स म हो जाओ व ास का मतलब या ह व ास का मतलब ह कोई कहता ह और हम मान लत ह हम नह जानत

व ास का मतलब ह कोई जानता ह और हम मानत ह व ास का मतलब ह आख कसी और क ह काश

क खबर कसी और न द ह न हम काश दखाई पड़ता ह न हमार पास आख ह हम िसफ मान लत ह हमारा यह मानना बहत खतरनाक ह रामक ण कहत थ एक आदमी था अधा उस अध आदमी को कछ िम न एक दन भोजन पर िनम त

कया था जब वह भोजन कर रहा था वह पछन लगा यह या ह यह या ह यह या ह बहत

वा द िमठाइया बनाई थी वह पछन लगा यह िमठाई कस बनी ह कहा स बनी ह मझ कछ समझाओ

यह मझ बहत ह अ छ लगी ह िम न कहा यह िमठाई दध स बनी ह वह अधा आदमी पछन लगा यह

दध या ह पहल मझ दध क सबध म समझाओ िम न कहा दध भी नह जानत हो उस आदमी न

पछा कसा होता ह दध या ह दध का रग िम न कहा दध का रग बगल क तरह ह बगला दखा ह उड़ता ह प ी उस बगल क तरह श होता ह दध उस अध आदमी न कहा य पहिलय म पहिलया पदा कर रह हो अब मझ यह भी पता नह क बगला

कसा होता ह अब तम थोड़ा मझ यह समझाओ क बगला कसा होता ह ल कन िम बलकल भी न सोच क जसक पास आख नह ह उस न दध समझाया जा सकता न बगला समझाया जा सकता उस रग क सबध म कछ भी नह समझाया जा सकता फर एक िम को सझ आई उस अध न कहा कछ इस तरह समझाओ क म समझ सक अभी िमठाई या

ह म नह जान पाया और तमन कह दया दध अब दध या ह म नह जान पाया और तमन कह दया

बगला अब यह बगला या ह अब तम कहत हो श होता ह सफद अब यह श ता या ह यह सफद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 70

या ह एक िम पास आया वह अपना हाथ उस अध क पास ल गया और कहा मर हाथ पर हाथ फरो जसा सडौल

मरा हाथ ह मड़ा हआ ऐसी बगल क गदन होती ह उस अध आदमी न हाथ फरा वह अधा आदमी खड़ होकर नाचन लगा और कहा म समझ गया म बलकल

समझ गया क दध मड़ हए हाथ क तरह होता ह उसक आख वाल िम न िसर फोड़ िलया और कहा बड़ भल हो गई इसस तो तम यह जानो क तम नह

जानत हो वह ठ क था कम स कम सच तो था क तम नह जानत हो यह जानना तो और खतरनाक हो गया यह जानना तो न जानन स बदतर हो गया दसर का ान खद क अ ान स बदतर होता ह य क दसर का ान कभी भी खद का ान बन ह नह

सकता अध आदमी क आख नह ह तो दिनया भर क लोग काश को दखत ह इसस कोई फक नह पड़ता

हम सार दिनया क लोग भी एक अध को नह समझा सकत क काश कसा ह काश िसफ जाना जा सकता ह समझा नह जा सकता और व ास समझन पर खड़ होत ह जानन पर खड़ नह होत इसिलए सब व ास

झठ ह और सब व ास खतरनाक ह हम मानत ह क ई र ह वह झठा ह वह ऐसा ह झठा ह जसा उस अध आदमी का यह कहना क मड़ हए हाथ

क तरह होगा दध हमन सनी ह बात ई र क --क ण कहत ह राम कहत ह ाइ ट कहत ह मोह मद

कहत ह व बात हमन सनी ह उनक बात को सन कर हमन ई र क कोई धारणा बना ली ह यह धारणा

उतनी ह झठ ह जस उस अध आदमी क धारणा हमार धारणा का ई र कह भी नह ह कभी नह था कभी

नह होगा अध क धारणा का काश कह नह ह कभी नह होगा कभी नह हो सकता ह य क अध क

धारणा काश क हो ह नह सकती अधा िसफ व ास कर सकता ह जानता नह एक बार और ऐसा हआ ह एक गाव म ब ठहर ह और उस गाव क कछ लोग एक अध आदमी को लकर ब क

पास आए और कहन लग क हम समझा-समझा कर हार गए इस िम को समझात ह क काश ह यह

मानता नह और यह ऐसी दलील करता ह और अध आदमी बहत दलील करत ह य क अध आदमी क पास

जानना तो होता नह िसफ दलील हो सकती ह यह बहत दलील करता ह यह कहता ह काश ह तो म छकर

दखना चाहता ह पश करा दो मझ अब हम कहा स काश का पश करा द और हम पश नह करवा

पात फर भी काश ह ल कन इसको कस समझाए यह कहता ह क म चख कर भी दख सकता ह म

सगध भी ल सकता ह काश को ठोको बजाओ म उसक विन सन ल ल कन हमार पास कोई उपाय नह

ह य क काश को िसफ आख स जाना जा सकता ह न कान स न हाथ स न नाक स न वाद स हम

या कर हम हार गए ह इस अध आदमी स हम पता ह क काश ह हम दखत ह क काश ह ल कन

हम िस नह कर पात आख वाला आदमी अध आदमी क सामन या िस कर सकता ह कछ भी िस नह कर सकता हा अधा मानन को राजी हो जाए तो बात दसर ह और अधा मानन को राजी हो जाए तो वह गलती करता ह य क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 71

जस चीज को मानन को वह राजी हो रहा ह उसको उसन जाना नह ह और मानन स कभी जान भी नह सकता ब न कहा मर पास य लाए हो इस अगर म भी अधा होता तो म भी यह कहता क म छकर दखना

चाहता ह तम भी अध होत तम भी यह कहत मर पास लान क ज रत नह इस कसी वचारक क पास

मत ल जाओ इस कसी व क पास ल जाओ इस उपदश क ज रत नह ह इस उपचार क ज रत ह इसक आख ठ क होनी चा हए एक ह उपाय ह काश को जानन का वह ह आख आख क जगह व ास काम नह कर सकता और अगर

कोई मान भी ल अधा तो या फक पड़ता ह मानन स दखाई पड़ना श हो जाएगा मानन स आख खल

जाएगी मानन स काश का अनभव हो जाएगा मानन स कछ भी नह होगा मानन स िसफ एक बात

होगी क अधा आदमी अधा रहत हए समझन लगगा क म काश को जानता ह जो क बहत खतरनाक ह व िम उस एक व क पास ल गए सयोग क बात थी उसक आख पर जाली थी वह छह मह न म दवा स कट गई वह आदमी नाचता हआ गाव भर म घमा और एक-एक घर म जाकर ार खटखटाया और कहा क

काश ह वह ब क पास भी आया उनक पर पकड़ िलए और रोन लगा और कहन लगा काश ह ल कन ब

न कहा मझ पश करा कर दखाओ वह आदमी कहन लगा काश का कह पश हो सकता ह ब न

कहा म उसका वाद लकर दख ल वह आदमी कहन लगा मत क रए मजाक मर साथ व अध आदमी क

दलील थी अब मर आख खल गई अब म जानता ह व दलील गलत थी ल कन वह मर अधपन का कसर था मरा कसर न था और अगर म मान लता तो वह मानना भी झठ होता य क जो मन आज जाना ह इसक

म क पना भी नह कर सकता था इनकसीवबल ह अध आदमी क िलए काश क क पना भी असभव ह आप तो कहत ह काश क अगर आप जानत ह तो

आपको पता होगा क अधा आदमी अधर क क पना भी नह कर सकता काश क क पना तो बहत दर ह

अध आदमी को अधर का भी पता नह होता अध आदमी को य क अधर क पत क िलए भी आख चा हए अधरा भी आख को दखाई पड़ता ह अगर आख न हो तो अधरा भी दखाई नह पड़ता आप न सना होगा सोचा होगा क अध को काश नह दखाई पड़ता तो आप गलती म ह अध को अधरा भी

दखाई नह पड़ता य क अधरा भी आख का ह अनभव ह अधरा भी काश क अभाव का अनभव ह वह भी

आख को ह होता ह अधा आदमी अधर क क पना भी नह कर सकता तो हम काश क क पना को उस

कस पकड़ा सकत ह ल कन हम सार लोग जीवन क सबध म व ास को पकड़ हए ह य व ास खतरनाक ह व ास को जान द वचार को आन द ल कन इसका यह मतलब नह ह क वचार करन स स य का पता चल जाएगा नह वचार का योग िनग टव ह नकारा मक ह वचार करन स या अस य ह यह पता चल जाएगा वचार

करन स या स य नह ह यह पता चल जाएगा वचार करन स यह पता चल जाएगा क यह-यह स य नह

ह यह-यह स य नह ह जसा उपिनषद कहत ह नित-नित नॉट दस नॉट दट वचार करन स यह पता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 72

चल जाएगा--यह भी स य नह ह यह भी स य नह ह ल कन वचार करन स स य या ह यह कभी पता नह चलगा एक घड़ आएगी क या- या अस य ह वह पता चल जाएगा और वचार थक जाएगा हार जाएगा खोज-

खोज कर और स य का पता नह चलगा तब अितम थित म वचार भी िगर जाता ह और तब जो जा त

होता ह उसका नाम ववक ह उस ववक को स य का अनभव होता ह वचार ह या वचार ह माग जो ववक तक पहचा दता ह और ववक ह वह ार जहा स स य का अनभव होता ह तो जो मन कल आपस कहा वचार करना ज र ह व ास पर क जाना ज र नह ह समाज म ाित

करनी हो या य म सब म ाित करनी हो या वय म-- ाित का स एक ह ह कोई चाह तो एक िगलास

भर पानी को भाप बनाए या कोई चाह तो पर सम को भाप बनाए ल कन पानी को भाप बनान का स एक ह

कतन पानी को आप भाप बनात ह यह सवाल नह ह एक य क जदगी म ाित लानी हो तो पर समाज क जदगी म ाित लानी हो तो स एक ह व ास

पर ठहरा हआ समाज कभी ाितकार नह होता व ास पर ठहरा हआ य कभी ाितकार नह होता वचार क अ न स गजरना ज र ह ल कन वचार मा स भी कभी कोई स य तक नह पहच जाता ह एक

घड़ आती ह क वचार क सीढ़ चढ़नी पड़ती ह और एक घड़ आती ह क वचार क सीढ़ भी छोड़ दनी पड़ती

ह जस दन वचार भी छट जाता ह उस दन जो शष रह जाता ह उसका नाम ह ववक उसका नाम ह ा उसका नाम ह यान उसका नाम ह समािध वहा हम जानत ह जो ह और जो ह उस जान लना एक ाित स

गजर जाना ह अधा आदमी जस दन काश को जानता ह आप समझत ह वह आदमी रह जाता ह जो काश को नह

जानता था नह काश को जानत ह अधा आदमी और ह हो जाता ह जो वह कभी नह था ान पातरण लाता ह हम जतना जानत ह उतन हम पात रत होत ह हम नय होत चल जात ह थोड़ दर

को सोचो आख बद ह हमार कान बद ह नाक बद हो हाथ पश न करता हो हमार सार इ या बद ह हम या ह ग हमारा या अनभव होगा हमार या थित होगी हम म और प थर म या फक

होगा यह जो पशओ क दिनया म हम वकास दखाई पड़ता ह वह इ य का वकास ह जसक जानन क मता

जतनी बढ़ गई ह वह पशओ म उतना ऊपर आ गया ह ल कन इ य क अित र भी अती य जानन क ार

ह जो वचार स म होकर व ास स म होकर ववक क खलन पर उपल ध होत ह उस ववक क म जो जाना जाता ह उसका नाम ह परमा मा ह उस ववक क माग स जो पहचाना जाता ह उसी का नाम स य ह

और स य स य ाित कर दता ह पात रत कर दता ह पर जीवन को फर चाह वह जीवन समाज का हो इसिलए मन कल आपस कहा क व ास को जान द वचार को आन द और वचार कब आता ह वचार तब आता ह जब हम सदह करन का साहस जटात ह सदह करन का साहस वचार का ाण ह वह आदमी वचार कर सकता ह जो सदह कर सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 73

ल कन हम तो हजार साल स िसखाया गया ह सदह मत करना सदह करना ह नह सदह करना गलत ह

आख बद करक मान लन क द ा द गई ह हम और इसीिलए वचार पदा नह हो पाता सदह बहत अदभत ह सदह कसी भी वचारशील आदमी का ल ण ह और जो आदमी सदह नह कर सकता वह आदमी धािमक भी नह ह अब तक यह कहा गया ह क व ास करन वाला धािमक ह और म आपस कहना चाहता ह व ास करन

वाला धािमक नह ह सदह करन वाला ह धािमक ह ल कन य य क जो सदह करता ह वह वचार करता ह और यह बहत हरानी क बात ह क सदह करन

वाला एक दन स य तक पहच जाएगा व ास करन वाला कभी स य तक नह पहचता य क व ास का

मतलब ह क हमन या ा बद कर द व ास का मतलब या होता ह व ास का मतलब होता ह क हमन

मान िलया या ा समा हो गई जो नह मानता उसक या ा जार रहती ह वह कहता ह यह नह यह नह

अभी और आग म खोजगा खोजगा और आग जाऊगा एक गाव म एक फक र ठहरा हआ था उस गाव क लोग न आकर उस फक र को कहा क चल और हम ई र क

सबध म कछ समझाए उस फक र न कहा ई र क सबध म कभी कसी न कछ भी नह समझाया ह म या समझाऊगा मझ छोड़

दो मा कर दो फर भी व गाव क लोग नह मान तो वह फक र उनक गाव क म जद म गया म जद म लोग इक ठ थ परा गाव इक ठा था उस फक र न खड़ होकर मच पर कहा क म पहल कछ कहन क यह पछ लना चाहता ह ई र ह तम मानत हो तम जानत हो क ई र ह तो हाथ उठा दो उस म जद क सार लोग न हाथ ऊपर उठा दए उस फक र न कहा बात खतम हो गई जब तम जानत ह

हो तो अब मझ कहन क कोई ज रत नह और ई र को जानन क आग तो कछ भी जानन को शष नह रह

जाता इसिलए अब म या कह कोई भी नह जानता था हाथ झठ थ हमार सब हाथ भी झठ उठत ह ल कन हम पता ह नह ह क धम क

नाम पर भी कतना झठ चलता ह और जो आदमी धम क नाम पर भी झठ पर हाथ उठाता ह वह आदमी

जदगी म कस सच हो सकता ह जब हम स कोई पछता ह ई र ह और हम कहत ह हा तो हमन कभी

सोचा क हम बना जान हा भर रह ह और यह हा झठ ह और जब यह बिनयाद हा झठ ह तो हमार और

धािमक जदगी सार क सार झठ हो जाएगी इसिलए म दर जान वाल क तीथया ा करन वाल क सार

जदगी सरासर झठ होती ह य क बिनयाद आधार फाउडशन झठ होता ह उ ह न उस चीज पर हा भर द ह

जस नह जानत ह उ ह न बना खोज बना सोच बना जान बना पहचान हा भर द ह उस फक र न कहा बात खतम हो गई अब कछ कहन को भी न था गाव वाल न हाथ उठा दया था उ ह न कहा कोई फकर नह अगल र ववार को फर उ ह न जाकर ाथना क क चल म जद म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 74

उस फक र न कहा ल कन म गया था पछली बार और सब लोग वहा ई र को जानत ह मर वहा कोई ज रत

नह ह जहा सभी ानी ह वहा ान क कोई ज रत नह रह जाती इस दश म ऐसा ह हआ ह यहा सभी ानी ह इसिलए ान क कोई ज रत नह रह गई इसिलए ान ठहर

गया ान आग नह बढ़ता सब जब ानी ह तो ान आग कस बढ़गा जनको इस बात का बोध ह क हम

अ ानी ह व ान को आग बढ़ात ह य क व खोज करत ह जनको यह पता चल गया क हम जानत ह उनक खोज बद हो गई हद तान कोई तीन हजार साल स का ह उसका ान नह बढ़ता आग य क सब ानी हो चक ह अ ानी

ान को आग बढ़ात ह जनको बोध ह क अ ान ह हम नह जानत व जानन क कोिशश करत ह जनको

पता ह क सब जान िलया गया व ठहर जात ह जीत ह मरत ह ल कन ान क कोई गित नह होती उस फक र न कहा या क गा म जाकर ल कन व लोग बोल हम दसर लोग ह व तय करक आए थ क अब बदलन क िसवाय कोई रा ता नह ह

उ ह न कहा हम गाव क दसर लोग ह हम व लोग ह नह ह जो पछली बार आए थ उस फक र न कहा चहर तो पहचान मालम पड़त ह ल कन ठ क ह धािमक आदमी का कोई भरोसा नह कभी भी बदल सकता ह अभी गीता पढ़ रहा ह अभी छरा िनकाल सकता ह अभी करान पढ़ रहा ह म जद

म और दखो तो बहत भोला मालम पड़ता ह थोड़ दर म मकान म आग लगा सकता ह िनकल कर धािमक

आदमी का कोई भरोसा नह ह तथाकिथत धािमक आदमी स यादा बईमान और डसऑन ट य व खोजना म कल ह ल कन हम इसी

को धािमक आदमी कहत ह अधािमक आदमी म भी एक ऑन ट एक िसिसय रट होती ह धािमक आदमी

म वह भी नह होती ना तक म भी एक तरह का बल और स चाई होती ह आ तक म वह भी नह होती

इसीिलए तो ना तक क नाम पर दिनया म कोई पाप नह ह कोई न मकान जलाया ह उ ह न न कसी क

ह या क ह ल कन आ तक क नाम पर इतनी ह या और इतन पाप का िसलिसला ह क अगर कोई सोच तो

हरान होगा क सोच तो भगवान स कह क यह दिनया कब ना तक हो जाएगी ऐसा कछ उपाय करो नह तो य पाप और अपराध बद नह ह ग यह हरानी क बात ह उस फक र न कहा ठ क ह तम प क धािमक मालम पड़त हो बदल गए म आऊगा लोग चल गए वापस वह म जद पहचा वह मच पर खड़ा हआ लोग न तय कर रखा था क आज जब वह

पछ कहना हम जानत नह फक र न पछा ई र ह मानत हो उ ह न कहा न ई र ह न हम मानत न हम जानत अब बोिलए फक र न कहा बात खतम हो गई जो ह ह नह उसक सबध म बोलना या बात ह टट गई और फक र न

कहा क तम सोचत हो क तमन मामला बदल िलया तमन बदला नह उस बार भी तमन ान का दावा कया

था क हम जानत ह अब भी तम ान का दावा कर रह हो क नह ह नह ह ई र यह भी ान का ह दावा

ह यह भी तम कहत हो क हम जानत ह क ई र नह ह खर बात खतम हो गई ह तम ानी हो और म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 75

कछ भी नह कर सकता ािनय क साथ कछ भी नह कया जा सकता ािनय स यादा मर हए लोग नह होत प डत स यादा यथ

आदमी नह होता य क जसको भी यह म पदा हो जाता ह क म जानता ह उसम जीवन न हो जाता ह

य क जीवन प रवतन ह जीवन और जानन क खोज ह और जानन क और अनत खोज ह यह कभी

ऐसा ण नह आता क कोई कह क बस जानना खतम हो गया फक र तो चला गया गाव क लोग बहत परशान हए यह आदमी कसा ह अब हम या कर ल कन इस

आदमी न रस पदा कर दया था और लगता था क यह कछ कहगा तो अथपण होगा य क उसक दोन

ग चर दोन बार उसका यह कहना बहत अथपण मालम हआ था बात तो सच कह रहा था वह ल कन अब

हम या कर उ ह न आ खरएक ह उपाय और बचा था तीसरा वक प एक बार कहा था हा एक बार

कहा था नह अब कछ दोन क बीच समझौता करन का रा ता था व फर गए तीसर बार फक र न कहा य भाई उ ह न कहा हम फर आए ह ाथना करन ल कन हम तीसर ह लोग ह ल कन उसन कहा िम ो चहर बलकल पहचान हए मालम पड़त ह उ ह न कहा क वह आपक गलती ह आपका म ह हम तीसर ह लोग ह गाव बड़ा ह हम पछन आए ह आप चल फक र गया वह मच पर खड़ा हआ उसन फर वह सवाल कया ई र ह क नह ह म जद क लोग न तय कया था क आध लोग कहग--ह आध लोग कहग--नह ह आध लोग न हाथ उठा

दया क ई र ह हम मानत ह हम आ तक ह आध लोग न कहा हम िनपट ना तक ह हम नह मानत अब आप बोिलए फक र न कहा कस पागल हो जो जानत ह व उनको बता द जो नह जानत ह मर या ज रत ह मरा या

योजन ह यहा बलान का मझ तम कसिलए बला कर लाए हो इस म जद म दोन लोग मौजद ह--जो

जानत ह व जो नह जानत ह व तम आपस म िनपटारा कर लो वह फक र उतर कर चला गया गाव क लोग चौथी बार नह गए य क चौथा कोई उ ह उ र नह सझा फर वह फक र कई मह न का रहा

उस गाव म और राह दखता रहा क शायद व आए कई बार उसन लोग स कहा अब नह आत कई बार

लोग को खबर भजी अब नह आत ल कन लोग न कहा हम या आए हम कस आए चौथा उ र

नह िमलता ह तम फर वह पछोग हम थक गए चौथा उ र नह ह फर गाव स जस दन वह फक र वदा होता था गाव क लोग उस वदा दन आए और उसस पछन लग चौथा उ र भी हो सकता था या य क तमन बार-बार पछा क हम आए हम फर स आए फक र न कहा हो सकता था और अगर तमन चौथा उ र दया होता तो म ज र बोलता फर गाव क लोग कहन लग तो बताओ न वह चौथा उ र या ह ल कन उसन कहा मरा बताया हआ उ र त हारा उ र नह हो सकता ल कन म जात व त ह बताए जाता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 76

ह ल कन यान रखना क मरा उ र त हारा उ र नह हो सकता अपना उ र ह अपना होता ह फर भी उ ह न कहा बता द तो उस फक र न कहा म पछता और तम चप रह जात और कोई उ र न दत तो मझ बोलना ज र हो जाता

य क तब तम बतात क हम कछ भी नह जानत--न हा न ना हम बलकल अ ात ह हम उस सबध म

कछ भी नह कह सकत ह हम धारणा भी नह कर सकत ह क ई र यानी या अगर तम चप रह गए होत मौन रह गए होत तो मझ बोलना पड़ता ल कन तम बोलत चल गए त हार बोलन न बताया क तम जानन क म म हो और जो जानन क म म ह उस ान कभी भी उपल ध नह हो सकता ह अ ानी जान सकता ह प डत कभी नह जान सकता ह य क अ ानी को एक िमिलट अ ानी को एक

वन ता ह क म नह जानता ह अ ानी क ार खल ह ल कन ानी क ार बद ह जो जान लता ह वह ार

पर ताला लगा कर अदर बठ जाता ह इसिलए म कहता ह व ास झठा ान पदा करता ह ान नह सडो नॉलज ह िम या ान ह और िम या

ान खतरनाक ह वचार करो और िम या ान को न कर दो वचार स ान नह िमल जाएगा िम या

ान न होगा जस पर म एक काटा लगा हो और हम दसर काट को उठा कर उस काट को िनकाल कर फक

दत ह ल कन दसर काट को घाव म नह रख लत दसरा काटा भी फक दत ह व ास क काट को िनकाल डालो वचार क या स फर वचार क या भी यथ हो जाती ह दोन काट

फक दए जात ह फर या रह जाता ह फर जो रह जाता ह उसी का नाम ह चतना उसी का नाम ह

काशसनस उसी का नाम ह ववक उसी का नाम ह ा उस ा को स य का अनभव होता ह स य का

अनभव ाितकार ह चाह समाज का सवाल हो चाह य का स य क अनभव क बना कोई ाित नह ह

और इसिलए म कहता ह अब तक दिनया म कोई ाित नह हई ह िसफ ाित क नाम पर सडो रवो यशस

हई ह िम या ाितया हई ह बड़ स बड़ ाित भी दिनया क ाित नह थी स म जो ाित हई वह चीन

म जो ाित हो रह ह वह या ास म जो ाित हई य कोई भी ाितया नह ह सब सडो रवो यशस ह सब

िम या ाितया ह य इनको िम या ाित कहता ह य क य ाितया जदगी को बदलती नह िसफ जदगी क बोझ को एक

कध स दसर कध पर कर दती ह बीमार क नय नाम श हो जात ह स म गर ब िमट गया अमीर िमट

गया गर ब और अमीर क जगह दो नय वग आ गए जनता का और स ािधका रय का और व वग वस क वस

ह कल जो आदमी मािलक क हिसयत स फ चलाता था अब वह मनजर क हिसयत स फ चलाता ह ताकत उसक उतनी क उतनी ह कोई ाित नह हो गई िसफ वग न पातरण कर िलया िसफ वग बदल

गए नाम बदल गए दसर वग उनक जगह था पत हो गए य क जो ाित हई वह ाित कसी स य क

सा ात स नह िनकली वह ाित कवल व ास क आधार पर िनकली परान व ास बदल गए नय व ास

पकड़ िलए गए ल कन फर व ास पकड़ िलए गए और फर जो ाित हई वह फर परान ढाच को नई

श ल म नय नाम म था पत कर गई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 77

हम नाम बदल लन को भी ाित समझत ह नाम बदल जात ह और हम समझत ह सब कछ बदल गया अछत को कहन लगत ह ह रजन और समझत ह सब कछ बदल गया अछत श द बहतर था य क उस श द म एक चोट थी और वह चोट कभी ाित करवा सकती थी ह रजन

श द खतरनाक ह उसम चोट नह ह वह बड़ा मधर और मीठा ह और मीठ श द क खलाफ ाित नह होती अब ह रजन को गौरव मालम होता ह यह कहन म क हम ह रजन ह अछत कहन म उस गौरव नह

मालम होता था अछत कहन म चोट लगती थी चोट स ाित आ सकती थी ह रजन कहन म वह अकड़ कर

कहता ह क हम ह रजन ह और ऐसा लगता ह क बाक कोई ह रजन नह ह बाक लोग भगवान क लोग नह

ह यह आदमी भगवान का आदमी ह श द खतरनाक िस होत ह उ नीस सौ बावन क कर ब वहा हमालय क तराई म नीलगाय होती ह तो नीलगाय न बहत उप व मचाया

खत म उसक स या बहत बढ़ गई थी ल कन नीलगाय म गाय जड़ा हआ ह श द तो उस गाय को गोली

नह मार जा सकती य क गाय को गोली मारना वह हद क जो जड़ता ह उसम एकदम आग लग जाएगी

तो फर या कया जाए तो पािलयामट म एक होिशयार आदमी न सझाव दया क पहल नीलगाय का नाम

नीलघोड़ा रखो फर गोली मारग और यह सझाव वीकत हो गया नीलगाय नीलघोड़ा हो गई और फर गोिलया मार ग और कसी न कछ भी नह कहा उस जानवर को पता भी नह चला होगा क अब हम नीलगाय

नह रह नीलघोड़ा हो गए ह ल कन आदमी क बईमानी आदमी क डसऑन ट हद क ह फर कसी न भी बात ह नह क -- क नीलघोड़

को मारन म या हजा ह मरन दो घोड़ स या लना-दना ह हदओ क तो गाय माता ह बस उसको भर

बचाना ह और कसी स कोई मतलब नह ह अगर गाय का भी नाम बदल दो उसको भी गोली मार जा सकती ह य क हमार कताब म तो िलखा ह गाय माता ह अगर गाय का नाम बदल दया तो फर कोई

द कत नह ह यह जो आदमी का दमाग ह यह ाित- ाित नह करता यह श द को बदलता ह वग क नाम बदलता ह नीच क चीज ऊपर करता ह इस कोन क चीज उस कोन म रखता ह और सोचता ह ाित ह यह ाित- ाित

नह ह नई जमावट पदा कर लता ह और कहता ह ाित हो गई ाित तब तक नह होगी मन य क जगत म जब तक वचार क ऊजा सम जीवन को घर न ल वचार क

आग न पकड़ ल हम जीवन क एक-एक म य को सदह न करन लग--और सदह क आग म सब जल जाए और ववक जा त हो उस ववक स आएगी ाित और लोग पछत ह क वह ाित कस लाएग ाित लानी नह पड़ती ववक जाग तो ाित आती ह कािस वस ह ाित ववक का

जस क एक घर म अध आदमी रहत ह तो अधा आदमी पछता ह क दरवाजा कहा ह ल कन आख वाल

आदमी रहत ह तो कोई नह पछता क दरवाजा कहा ह जब िनकलना होता ह िनकल जाता ह उस खद भी पता नह चलता अपन को क म दरवाज स िनकल रहा ह उस यह भी पता नह चलता क म दरवाजा खोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 78

आख दखती ह आदमी दरवाज स िनकल जाता ह दरवाज स िनकलना दखन वाल आदमी क िलए इतना सहज

ह ल कन अधा आदमी पछता ह दरवाजा कहा ह बाए क दाए लकड़ कहा ह मर मरा हाथ पकड़ो म द वाल स न टकरा जाऊ अधा आदमी यह भी पछ सकता हहम उसस अगर कह क जब तर आख ठ क हो

जाएगी तो तझ लकड़ क ज रत नह रहगीवह कहगा ऐसा कस हो सकता ह फर म दरवाजा कस

खोजगा अधा आदमी यह भी कह सकता ह हम उसस अगर कह क जब तर आख ठ क हो जाएगी तो त

बस बना पछ दरवाज स िनकल जाएगा वह कहगा ऐसा कस हो सकता ह बना पछ कोई कस िनकल

सकता ह मन य पछता ह ाित कस होगी म नह कहता ाित कस होगी यह सवाल नह ह सवाल यह ह क वह

ाित करन वाला त व भीतर जग जाए फर ाित हो जाती ह फर आप वह आदमी हो ह नह सकत जो

आप थ आपको चीज दखाई पड़न लगती ह और कोई आदमी दखत हए िसर नह टकराता ह द वाल स कोई

आदमी नह टकराता जस आदमी का ववक जग जाएगा उसी दन वह हद नह रह जाएगा उसी दन

मसलमान नह रह जाएगा य क हद और मसलमान अध आदमी क ल ण ह उस दन वह िसफ आदमी रह

जाएगा और वह यह नह पछगा क म हद होना कस भल म मसलमान होना कस बद क उस आदमी को

दख जाएगा य द वाल थी दरवाज नह थ जनस टकरात थ िसर फटत थ खन बहता था और कछ भी

नह होता था न हद स कोई मतलब ह धम का न मसलमान स न जन स धािमक आदमी हद मसलमान

और जन कस हो सकता ह धािमक आदमी िसफ आदमी हो सकता ह और अगर धािमक आदमी हो तो भारत

और पा क तान ब च क खल मालम पड़न लगग जमीन कह बट हई नह ह िसफ न श म बट ह जीवन रह य छठवा वचन उधार ान स म एक बड़ रा य का म यम ी मर गया था उस रा य का िनयम था क म यम ी का चनाव दश म जो

सवािधक ब मान आदमी हो उसक खोज करक कया जाता था सार दश म पर ाए ह तीन ब मान लोग खोज गए अितम पर ा होगी और उन तीन म जो सवािधक

ब मान िस होगा वह बड़ा वजीर बनगा अितम पर ा क िलए व तीन य राजधानी आए तीन िचितत रह ह ग जीवन-मरण का सवाल था व तीन यह चाहत थ क शायद कह स पता चल जाए क

पर ा म या आन को ह व नगर म आए तो और भी हरान हए नगर म एक-एक राजधानी क िनवासी को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 79

पता था क पर ा या होन वाली ह जसस भी पछा उसन कहा िन त रहो राजा न बहत दन स एक

भवन बना रखा ह उस भवन म तम तीन को कल बद कर दया जाएगा उस भवन क ार पर उसन एक ऐसा

ताला लगवाया ह जसक कोई चाबी नह ह वह ताला ग णत क एक पहली ह उस पहली क अक ताल पर खद

हए ह जो इस पहली को हल कर लगा वह दरवाजा खोल कर बाहर िनकल आएगा और जो पहल बाहर िनकलगा वह बड़ा वजीर हो जान को ह व तीन ह न तो कोई चोर थ क ताल क सबध म समझत ह न कोई इजीिनयर थ न ह ग णत क कोई

जानकार थ इनम स एक तो जाकर जहा ठहराया गया था वहा चपचाप चादर ओढ़ कर सो गया दो िम न

सोचा क शायद इसन पर ा दन का खयाल छोड़ दया दो बहत परशान थ भाग हए राजधानी म गए ताल

वाल स िमल ग णत स िमल इजीिनयर स िमल कछ कताब पहिलय क लाए रात भर कताब पढ़त

रह अजीब सी बात थी कभी ताल क सबध म सोचा नह था कस ताला खोलग रात भर सोए नह एक ह

रात क बात थी और कल जीवन भर क िलए एक बड़ सप एक बड़ा स मान एक बड़ा पद िमल जाता

दोन न रात भर बहत तयार क इतनी तयार क रात भर सोए नह कताब- कताब पहिलया ग णत--

क सबह उनक ऐसी हालत हो गई जसी पर ा दन वाल क अ सर हो जाती ह उनस अगर कोई पछता क दो

और दो कतन होत ह तो व नह बता सकत थ फर व राजमहल क तरफ चल वह जो साथी सोया रहा था वह उठा गीत गाता रहा नान कया वह भी

उनक पीछ हो िलया उन दोन न सोचा यह आदमी या करगा इसन कोई तयार नह क ह ल कन कई बार

ऐसा होता ह क जो नह तयार करत ह व कछ कर लत ह और कई बार ऐसा होता ह क जो तयार करत ह व पछड़ जात ह व तीन राजमहल पहच अफवाह सच थी उ ह एक कमर म बद कर दया गया और स ाट न कहा यह

ताला लगा ह यह ताल क कोई चाबी नह ह अगर कोई इसक पहली को हल कर ल जो अक इस पर खद ह तो बाहर िनकल आना जो पहल िनकल आएगा वह वजीर हो जाएगा म बाहर ती ा करता ह व तीन अदर बद कर दए गए दो तो अपन कपड़ म कताब िछपा लाए थ उ ह न अपनी कताब िनकाल कर

सवाल हल करना श कर दया एक जो रात भर सोया रहा था वह फर एक कोन म आख बद करक बठ गया व

दोन हरान हए यह आदमी कसिलए आया ह रात भर सोया रहा अब जब क सवाल हल करन का समय

आया तब भी आख बद करक बठ गया इस आदमी को हो या गया ह ल कन उसक फकर करनी उिचत

न थी अ छा ह था क वह सहभागी न हो ितयोगी न हो अ छा ह ह दो क बीच ह िनणय हो जाए व

दोन सवाल हल करन लग वह आदमी आधा घट तक बठा रहा उस आदमी न कछ भी नह कया वह बलकल ह चप बठा रहा उसक

हाथ-पर भी नह हल उसक आख क पलक भी नह हली फर अचानक वह उठा दरवाज पर गया दरवाज

को ध का दया दरवाज म ताला लगा नह था दरवाजा कवल अटका था वह बाहर िनकल गया स ाट उस

लकर भीतर आया और उसन कहा क िम ो अब बद कर दो जसको िनकलना था वह िनकल गया व दोन तो बहत हरान हए उ ह न कहा यह आदमी िनकल गया जसन कछ भी नह कया यह िनकला

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 80

कस स ाट न कहा क ताला लगा नह था िसफ दरवाजा अटका था और हम ब म ा क पर ा कर रह ह तो ब म ा का पहला ल ण यह ह क सवाल को हल करन क पहल जान लना क सवाल ह या नह अगर सवाल

न हआ तो हल करन क कसी भी कोिशश स कभी हल नह हो सकता ह अगर सवाल हो तो हल हो भी सकता ह ल कन तमन ब म ा का पहला ल ण ह नह दखाया तमन फकर ह नह क क दरवाजा बद ह या खला

ह और तम खोलन क कोिशश म लग गए कस तम खोल पाओग दरवाजा बद हो तो खोला जा सकता ह दरवाजा खला हो तो फर खोलन का कोई भी रा ता नह कोई भी माग नह इस आदमी न ब म ा का ल ण

दखाया इसन पहल जाच क क दरवाजा बद ह या खला इसको हम वजीर बना लत ह उन दोन न उस आदमी स पछा क तमन कस यह सोचा क दरवाजा बद ह या खला उस आदमी न कहा मन रात को जब मझ पता चला क ताला खोलना पड़गा तभी मन कहा क जो भी म

जानता ह मरा कोई भी ान इस पहली को हल करन म काम नह आ सकता य क जो भी म जानता ह जो

भी मन जाना ह जो भी मझ पता ह उसस वह सवाल हल कए जा सकत ह जो मर प रिचत ह अप रिचत

को प रिचत ान क आधार पर कभी भी हल नह कया जा सकता ह अ ात को ात ान क आधार पर कभी हल नह कया जा सकता ह अनजान को जान हए ान क आधार पर कभी हल नह कया जा सकता ह जो

हम जानत ह हम उसी को हल कर सकत ह उसक ारा जो हमन पीछ सीखा ह ल कन अप रिचत अनजान अ ात अननोन कोई सवाल हो तो नोन स जो ात ान ह उसस हल नह हो सकता तो फर मन सोचा क एक ह रा ता ह क म अपन मन को शात कर ल और जो म जानता ह उस भी भल जाऊ तो शायद जो म

नह जानता ह उसक झलक मर ाण म मर मन म आ जाए और रात भर स म भलन क कोिशश कर रहा ह

उसको जो म जानता ह य क जो म जानता ह कह उसक कारण जो अ ात ह उसम और मर मन क बीच

कोई द वाल न बना ल मरा ान तो म ान को वदा करन क कोिशश कर रहा ह तमन रात भर ान इक ठा

कया मन रात भर ान छोड़ा मन रात भर यह कोिशश क क सबह तक म बलकल खाली हो जाऊ एक

कोर लट क तरह जो कछ भी नह जानता ह रात भर म इसीिलए चप पड़ा रहा यहा आकर भी नान

करन क बाद भी म वह कोिशश कर रहा ह क सब मझ भल जाए जो म जानता ह ता क मन िनमल और शात

हो जाए और शात मन ह नय सवाल का हल खोज सकता ह अशात मन नह और जस मन म बहत ान

भरा ह वह बहत अशात होता ह तो मन घड़ भर बठ कर सब भला दया और जस ह म सब भल गया अचानक मझ भीतर स लगा क दरवाजा बद नह दरवाजा खला ह म उठा और बाहर िनकल गया मझ पता नह यह कस हआ यह छोट सी कहानी मन य कह यह कहानी म इसिलए कहना चाहता ह क जो लोग जीवन क स य को

जानना चाहत ह व भी शा को खोल कर बठ जात ह और जीवन क स य को कभी नह जान पात जो लोग

जीवन को जानना चाहत ह जो जीवन का ार खोलना चाहत ह व भी कताब और श द को लकर बठ जात ह

और श द स भर जात ह ानी हो जात ह ल कन अ ान िमटता नह प डत हो जात ह ल कन ा का

ार नह खलता सब जान लत ह और फर भी कछ नह जान पात ह बस कताब- कताब श द-श द शा -

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 81

िस ात इ ह क घर म पड़ रह जात ह और जीवन का वह ार जो बद ह नह ह बद रह जाता ह जो सदा

खला ह वह भी नह खल पाता ह उस खोलन क िलए भी इस तीसर आदमी जसा बनना ज र ह--जो जानत

हए को भल जाए व मरण कर द जस सीखा ह चप हो जाए मौन हो जाए ता क मौन क ण म जीवन

क ार का खलापन दखाई पड़ जाए एक बहत बड़ा सगीत था जमनी म वजनर उसक दरवाज पर सार दिनया क सगीत सगीत सीखन आत

थ उसन अपन दरवाज पर एक त ती लगा छोड़ थी उसम िलखा था उसन क जो लोग बलकल सगीत नह जानत ह उनक फ स इतनी ह और जो लोग सगीत जानत ह उनक फ स दगनी ह और जो बहत बड़ प डत ह

सगीत क उनको तो म िसखाता ह नह ह लोग उसस पछत क पागल हो गए हो आप जो प डत ह सगीत का उस नह िसखात तो वजनर कहता क प डत को पहल पा ड य छोड़ना पड़ता ह तब वह सीख सकता ह य क जस खयाल ह

क म जानता ह वह सीख नह सकता जो लोग कछ सीख हए ह उ ह पहल भलाना पड़ता ह जो व सीख हए ह

तो मह न उनक साथ महनत करनी पड़ती ह क तम पराना भल जाओ ता क नया सीख सको नया सीखन क

िलए परान का भल जाना ज र ह हा जो नय ह जो कछ भी नह सीख ह उ ह म थोड़ सी फ स म िसखा दता ह वह वजनर ठ क कहता था रमण मह ष थ द ण म एक जमन वचारक ओकबन उनस िमलन आया और पछन लगा मझ ई र को

जानना ह म या सीख म या सीख मझ ई र को जानना ह तो रमण न उनस कहा सीखो मत जो सीख हए हो उसको भल जाओ तो ई र को तम जान लोग अनलन

लिनग क बात ह मत करो जो तम जानत हो उसको भी भल जाओ बड़ उलट बात लगती ह यह वह आदमी बहत च का उसन कहा म जो जानता ह वह भी भल जाऊ उसस म कस ई र को जान लगा रमण न कहा क अगर तम भल जाओ जो तम सीख हो तो त हारा मन हलका हो जाए िनभार हो जाए तो

त हारा मन जसक ऊपर ान क प थर रख ह व प थर हट जाए तो त हारा मन इतना हलका हो जाए क

तम ऊपर उठ सको हलका मन ऊपर उठता ह खाली मन ऊपर उठता ह जस कोई दपण क ऊपर कछ धल जम गई हो तो फर दपण म ित बब नह बनता ऐस ह मन य क मन पर

अगर ान क धल जम जाए--और यान रह मन य क मन पर एक ह धल जमती ह और वह ान क धल ह-

-अगर वह जम जाए तो मन क दपण म परमा मा क ितछ व कभी नह बनती यह बात आपस कहना चाहता ह अगर आप ानी बन रहऔर हम सब ानी ह य क हम सब कछ न

कछ जानत ह बना कछ जान नह कछ जानत ह सच म या जानत ह हम खद को भी नह जानत और

कछ जानना तो बहत दर क बात ह जो वय को भी नह जानता वह और या जानता होगा ल कन नह हम म ह क हम बहत कछ जानत ह वह जो बहत कछ जानन का म ह वह धल क तरह मन क दपण को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 82

ढक लता ह उस दपण म परमा मा क स य क ितछ व कभी नह बनती और जनको हम कहत ह क

ई र क खोजन वाल लोग व और भी कताब स भर जात ह एक स यासी ई र क खोज म िनकला हआ था और एक आ म म जाकर ठहरा प ह दन तक उस आ म म

रहा फर ऊब गया उस आ म का जो बढ़ा ग था वह कछ थोड़ सी बात जानता था रोज उ ह को दोहरा

दता था फर उस यवा स यासी न सोचा यह ग मर यो य नह म कह और जाऊ यहा तो थोड़ सी बात ह उ ह का दोहराना ह कल सबह छोड़ दगा इस आ म को यह जगह मर लायक नह ल कन उसी रात एक घटना घट गई क फर उस यवा स यासी न जीवन भर वह आ म नह छोड़ा या हो

गया रात एक और स यासी महमान हआ रात आ म क सार म इक ठ हए सार स यासी इक ठ हए उस नय स यासी स बातचीत सनन उस नय स यासी न बड़ ान क बात कह उपिनषद क बात कह वद

क बात कह वह इतना जानता था इतना स म उसका व षण था ऐसा गहरा उसका ान था क दो घट

तक वह बोलता रहा सबन म म ध होकर सना फर उस यवा स यासी क मन म हआ ग हो तो ऐसा हो

इसस कछ सीखन को िमल सकता ह एक वह बढ़ा ह वह चपचाप बठा ह उस कछ भी पता नह अभी सन

कर उस बढ़ क मन म बड़ा दख होता होगा प ा ाप होता होगा लािन होती होगी-- क मन कछ न जाना और

यह अजनबी स यासी बहत कछ जानता ह यवा स यासी न यह सोचा क आज वह बढ़ा ग अपन दल म बहत-बहत दखी ह न अनभव करता होगा तभी

उस आए हए स यासी न बात बद क और बढ़ ग स पछा क आपको मर बात कसी लगी वह बढ़ा ग खल खला कर हसन लगा और कहन लगा त हार बात म दो घट स सनन क कोिशश कर

रहा ह तम तो कछ बोलत ह नह हो तम तो बलकल बोलत ह नह हो वह स यासी बोला दो घट स म बोल रहा ह आप पागल तो नह ह और मझस कहत ह क म बोलता नह ह उस बढ़ न कहा हा त हार भीतर स गीता बोलती ह उपिनषद बोलता ह वद बोलता ह ल कन तम तो

जरा भी नह बोलत हो तमन इतनी दर म एक श द भी नह बोला एक श द तम नह बोल सब सीखा हआ

बोल सब याद कया हआ बोल जाना हआ एक श द तमन नह बोला इसिलए म कहता ह क तम कछ भी

नह बोलत हो त हार भीतर स कताब बोलती ह एक ान ह जो उधार ह जो हम सीख लत ह ऐस ान स जीवन क स य को कभी नह जाना जा सकता जीवन क स य को कवल व जानत ह जो उधार ान स म होत ह और हम सब उधार ान स भर हए ह हम

ई र क सबध म पता ह और ई र क सबध म हम या पता होगा जब अपन सबध म ह पता नह ह हम

मो क सबध म पता ह हम जीवन क सभी स य क सबध म पता ह और इस छोट स स य क सबध म पता

नह ह जो हम ह अपन ह सबध म ज ह पता नह ह उनक ान का या म य हो सकता ह ल कन हम ऐसा ह ान इक ठा कए हए ह और इसी ान को ान समझ कर जी लत ह और न हो जात ह

आदमी अ ान म पदा होता ह और िम या ान म मर जाता ह ान उपल ध ह नह हो पाता दिनया म दो तरह क लोग ह एक अ ानी और एक ऐस अ ानी ज ह ानी होन का म ह तीसर तरह का आदमी म कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 83

स कभी-कभी ज मता ह ल कन जब तक कोई तीसर तरह का आदमी न बन जाए तब तक उसक जदगी म

न सख हो सकता ह न शाित हो सकती ह य क जहा स य नह ह वहा सख असभव ह सख स य क

छाया ह जस जीवन म स य नह ह वहा सगीत असभव ह य क सभी सगीत स य क वीणा स पदा होता

ह जस जीवन म स य नह ह उस जीवन म स दय असभव ह य क स दय व का नाम नह ह और न

शर र का नाम ह स दय स य क उपल ध स पदा हई ग रमा ह और जस जीवन म स य नह ह वह जीवन

अश का जीवन होगा इपोटट होगा िन स व होगा य क स य क अित र और कोई श दिनया म

नह ह हम सब क प हम सब अधमत हम सब असदर हम सब सड़त-गलत हम सब जीवन म रोज-रोज मरन

क तरफ जात हए लोग हम पता भी नह ह क हम जी भी नह रह य क जब तक स य न िमल जाए तब

तक कोई जीवन नह ह जस स य िमलता ह उस ह जीवन िमलता ह य क जस स य नह िमलता वह

म य म ह जीता ह म य म ह िगरता ह म य म ह न होता ह स य क अित र कोई जीवन नह ह एक स ाट था इ ा हम स यास ल िलया उस स ाट न और गाव क बाहर एक चौर त पर झोपड़ बना कर रहन

लगा ल कन उस झोपड़ पर रोज झगड़ हो जात य क कोई भी आकर उस झोपड़ पर पछता क ब ती का

रा ता कहा ह वहा स दो रा त जात थ एक ब ती क तरफ एक मरघट क तरफ उस फक र स कोई भी

पछता चौराह पर--वह चौराह पर था और कोई चौराह पर था भी नह --रा ता कहा ह ब ती का वह फक र कहता बाए चल जाना दाए मत जाना दाया रा ता मरघट ल जाता ह लोग बाए चल जात तीन मील चल कर मरघट पहच जात तब बड़ा ोध आता क यह आदमी कसा ह राह

चलत हए अजनबी लोग स मजाक करता ह लौट कर तीन मील चल कर ग स म आकर उसको पकड़ लत क

तम आदमी कस हो तमन इतन जोर स कहा क बाए जाओ बाए ब ती ह और हम बाए चल गए और

तमन रोका था दाए मत जाना दाए मरघट ह कस आदमी हो तम इ ा हम कहता तो फर हमार प रभाषाए अलग-अलग मालम पड़ती ह तम जस ब ती कहत हो उस म

मरघट कहता ह य क वहा हर आदमी मरन क तयार म बठा हआ ह आज मरगा कोई कल मरगा कोई परस मरगा कोई और तम जसको मरघट कहत हो उसको म ब ती कहता ह य क वहा जो बस गया बस गया फर कभी उजड़ता नह फर कभी वहा स जाता नह तो तमन पहल य नह कहा क कौन सी ब ती य क ब ती का मतलब होता ह क जहा बसन पर उजड़ना नह होता तो हम तो मरघट को ह ब ती कहत ह जो जानत ह व हम जी वत नह कहग व कहग हम मरत हए लोग और या ह जीवन हमारा जस दन

हम पदा होत ह उसी दन स मरना श हो जाता ह हमार पर जदगी मरन क एक लबी या ह ए जअल

ोसस ऑफ डथ धीर-धीर-धीर-धीर मरत जान क या ह आदमी ज म क बाद मरन क िसवाय और या

करता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 84

ल कन हम सोचत ह शायद मौत आती ह कभी स र वष बाद मौत इस तरह नह आती क स र वष बाद अचानक आ जाती ह मौत रोज साथ-साथ चलती ह रोज हम मरत

ह रोज हम बढ़ होत ह रोज कछ जीवन स खसकता चला जाता ह--जीवन क आधारिशलाए जीवन क ट और मौत बढ़ती चली जाती ह एक दन मौत पर हो जाती ह जसको हम मौत का आना कहत ह वह मौत का

आना नह ह मौत का परा हो जाना ह जस बीज बड़ा होता ह और व बनता ह ऐस ह ज म बड़ा होता ह और

मौत बन जाता ह और जस ज म स मौत िनकलती हो उस ज म को जीवन कहा जा सकता ह और जस

ज म का अितम प रणाम मौत होता हो उस हम या कह उस मौत क लबी या कह या जीवन कह एक स ाट रात सोया था उसन एक सपना दखा सपना दखा क कोई काली छाया उसक कध पर हाथ रख खड़

ह वह बहत घबड़ा गया उसन पछा तम कौन हो उस काली छाया न सपन म कहा क म मौत ह और आज शाम त ह लन आती ह तम ठ क जगह और ठ क

समय पर िमल जाना समय का यान रखना सरज क डबत ह धप क डबत ह स ाट क नीद घबड़ाहट म खल गई मन था क पछ लता मौत स क जगह और बता द क वह जगह कौन सी

ह समय तो बता दया इसिलए नह क उस जगह पर पहच जाता ब क इसिलए क उस जगह पर पहचन

स बचता कह भल-चक स उस जगह न पहच जाए ल कन नीद खल गई थी सपना टट गया था मौत मौजद

नह थी बहत घबड़ा गया आधी रात थी ल कन उसी व गाव म डड पटवा द क जो लोग भी सपन का अथ

जानत ह व आ जाए अनक व ान थ उस राजधानी म व आ गए और व सपन का अथ करन लग अब प डत स कभी भी कसी

चीज का अथ पछना खतर स खाली नह ह य क एक प डत एक अथ बताएगा वह अथ दसरा प डत कभी नह बताएगा तीसरा प डत तो दोन अथ स तीसरा अथ बताएगा प डत होन का मतलब अलग होना होता ह व सार प डत अलग-अलग अथ करन लग उ ह न अपनी कताब खोल ली और शा का अथ िनकालन लग

सबह हो गई सरज उग गया राजा घबड़ान लगा य क जब सपन स जगा था तो उस सपना कछ साफ-साफ

मालम पड़ता था प डत क बात सन कर और कन यजन और भी म हो गया था अब कछ भी समझ म

नह आ रहा था क या मतलब था सपन का फर सरज ऊपर चढ़न लगा और प डत का ववाद भी सरज क साथ ऊपर चढ़न लगा िन कष पर पहचना तो

दर आशा नह रह क िन कष पर व पहच सकग और तब राजा क बढ़ नौकर न राजा क कान म कहा महाराज इनक बात म मत उल झए पाच-दस हजार साल स भी प डत वचार करत ह ल कन कसी नतीज

पर कभी नह पहच ह प डत नतीज पर पहचत ह नह शाम ज द हो जाएगी सरज ढल जाएगा पता नह इस भवन म उस काली छाया क दशन हए ह कह इसी भवन म मौत आती न हो अ छा तो यह ह प डत को

िनणय करन द आप घोड़ पर सवार होकर जतनी दर िनकल सक इस महल स िनकल जाए उस राजा न कहा बात तो ठ क ह प डत िनणय बाद म भी कर लग बाद म पता चल जाएगा ल कन अभी तो मझ साझ स बचना चा हए उसक पास तज घोड़ा था लकर भागा कई बार अपनी प ी स कहा था--तर बना एक ण नह जी सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 85

ल कन आज भागत समय घोड़ पर प ी क कोई याद न आई अनक िम स कहा था क त ह मर आख क

तार हो तम हो तो मर ास ह तम हो तो सगध ह तम नह हो तो कछ भी नह ह त हार बना नह जी सकता ह आज कसी िम क कोई याद न आई आज एक ह याद थी--अपनी मौत क ण म अपनी ह याद रह जाती ह और जदगी भर हम दसर क याद करत ह इसिलए जदगी फजल

खो जाती ह जो लोग जदगी क ण म अपनी याद कर ल उनक जदगी साथक हो जाती ह ल कन मरत व

लोग अपनी याद करत ह और जदगी भर दसर क याद करत ह जदगी बकार हो जाती ह और मौत क ण म

कछ कया नह जा सकता कछ करन को समय चा हए और मौत क ण का मतलब ह समय अब नह ह वह आदमी भागा वह दन भर भागता रहा खान क िलए नह का पानी क िलए नह का कना खतरनाक

था महल स जतनी दर िनकल जाए उतना अ छा था तज घोड़ा था उसक पास साझ होत-होत सकड़ मील

दर िनकल गया एक बगीच म जाकर घोड़ा बाधा सरज ढलता था वह बहत खश था घोड़ क पीठ थपथपाई

और कहा शाबाश आज जब कोई काम नह पड़ा तब त मर काम पड़ा त ह मरा असली दो त ह त ह मरा साथी ह ध यवाद तरा क त मझ बचा कर िनकाल लाया तभी पीछ कसी काली छाया न कध पर हाथ रखा घबड़ा कर लौट कर दखा वह छाया और म य न कहा ध यवाद म भी त हार घोड़ को दना चाहती ह म भी िचितत थी इस जगह त हारा मरना बदा था तम पहच

सकोग क नह पहच सकोग म भी घबड़ा रह थी घोड़ा त हारा तज ह और ठ क समय पर ठ क जगह ल आया ह सच म घोड़ का ध यवाद करन यो य ह भागा सबह स साझ तक जसस भागा उसी क मह म पहच गया जदगी भर हम मौत स ह बचना चाहत ह

और मौत म ह पहच जात ह गर ब क घोड़ भी पहचा दत ह घबड़ाना मत क अमीर क घोड़ ह पहचा सकत ह

गर ब क घोड़ भी पहचा दत ह वह जहा अमीर क घोड़ पहचात ह पदल चलन वाल भी पहच जात ह हवाई

जहाज स उड़न वाल भी पहच जात ह ठ क जगह पर ठ क समय पर हर आदमी पहच जाता ह उसम कभी भल-

चक नह होती य क ज म क श आत मौत क श आत ह य क ज म क साथ ह मरना श हो गया इस हम जदगी कहत ह तभी तो फर जदगी दख ह तभी तो जदगी एक पीड़ा ह तभी तो जदगी एक

िचता ह और एक अशाित ह जदगी या ह एक तनाव क अित र एक तनाव जसम ाण कपत रहत ह ितपल दख और दख और दख एक तनाव जसम िसवाय आसओ क कछ भी हाथ नह लगता एक तनाव

जसम िसवाय दघटनाओ क कोई घटना ह नह घटती जदगी या ह एक सपना और वह भी दखद नाइटमयर ऐसी जदगी को अगर बदलना हो तो बना स य क सा ात क नह बदला जा सकता और जदगी ऐसी इसीिलए

ह क हम स य का कोई भी पता नह स य यानी जीवन हम जीवन का ह कोई पता नह हम बाहर ह बाहर

दखत ह और भीतर झाक भी नह पात जहा जीवन का मल ोत ह धम व ान ह जीवन क मल ोत को जानन का धम मथडोलॉजी ह विध ह व ान ह कला ह उस जानन का जो सच म जीवन ह वह जीवन जसक कोई म य नह होती वह जीवन जहा कोई दख नह ह वह जीवन

जहा न कोई ज म ह न कोई अत वह जीवन जो सदा ह और सदा था और सदा रहगा उस जीवन क खोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 86

धम ह उसी जीवन का नाम परमा मा ह परमा मा कह बठा हआ कोई आदमी नह ह आकाश म परमा मा

सम जीवन का टोटल लाइफ का इक ठा नाम ह ऐस जीवन को जानन क कला ह धम ल कन हम धम क नाम पर या जानत ह हम धम क नाम पर जानत ह शा हम धम क नाम पर जानत ह श द हम धम क नाम पर जानत ह िस ात

कोई गीता को कठ थ कए ह कोई करान को कोई बाइ बल को और सोच रहा ह क धम हो गया नह श द स धम नह होता जो श द को स य समझ लता ह वह वसा ह आदमी ह जसन ककड़-प थर को ह र-मोती समझ िलया हो जो श द को स य समझ लता ह वह ऐसा ह आदमी ह जसन श दकोश म िलखा हो घोड़ा और उसको घोड़ा समझ िलया अब श दकोश क घोड़ पर कोई भी सवार नह करता ह घोड़ा अ तबल म बधा हआ ह और वहा घोड़ा वगरह

कछ भी नह िलखा हआ ह वहा िसफ घोड़ा बधा ह और घोड़ को पता भी नह होगा क वह घोड़ा भी कहा जाता

ह श दकोश म िलखा ह घोड़ा और कई ऐस ब मान ह क श दकोश पर चढ़ कर सवार हो जाएग और कहग घोड़ा मझ ल चल नह ल कन श दकोश क घोड़ पर कोई छोटा ब चा भी नह चढ़ता ल कन श दकोश क ई र पर अिधकतम

लोग पजा करत रहत ह और श दकोश क ई र क सामन हाथ जोड़ कर खड़ रहत ह श दकोश को ह स य

समझ लत ह शा पढ़ लत ह और िस ात को स य समझ लत ह यह सारा का सारा ान ऐसा ह ह जस कोई आदमी तरन क सबध म बहत सी कताब पढ़ ल और तरन का

जानकार बन जाए और ज रत पड़ तो तरन पर पीएचड कर ल कताब िलख डाल या यान कर ल कन

कभी भल कर ऐस आदमी को नद म ध का मत द दना य क वह आदमी और सब कर सकता ह तर नह

सकता ह कताब स पढ़ा हआ तरना नद म काम नह आता हा और एक कताब िलखनी हो तो काम पड़

सकता ह तो कछ लोग कताब पढ़त ह और नई कताब बनात चल जात ह तो दिनया म कताब का ढर बढ़ता चला जाता

ह ल कन ान नह बढ़ रहा ह य क ान कताब स नह आता ान तो जदगी क भीतर अपन ह

भीतर िछप हए कए ह वहा स आता ह ल कन वहा तो हम कभी दखत ह नह हम तो बाहर स कड़ा-करकट

इक ठा करक भीतर ल जात ह उलट हमारा ान हमार भीतर क ान को ढक दता ह और िनकलन नह दता आदमी क जदगी म ान वस ह ह जस पानी जमीन क नीच ह और कआ कोई खोद ल जमीन क प थर

िनकाल कर बाहर फक द कआ खोदन म कोई या करता ह िम ट -प थर िनकाल कर फक दता ह पानी पानी भीतर ह िम ट -प थर क िनकलत ह बाहर आ जाता ह कआ या ह कआ एक छद एक ए ट नस एक खाली जगह ह हमन एक खाली जगह बना द भीतर का पानी कट होन लगा ल कन कछ लोग कआ नह बनात कछ लोग हौज बना लत ह हौज बलकल उलट चीज ह कआ जमीन म

खोदना पड़ता ह हौज ऊपर क तरफ उठानी पड़ती ह कए म िम ट -प थर िनकाल कर फकन पड़त ह हौज

क िलए बाजार स खर द कर लान पड़त ह िम ट -प थर लाओ द वाल बना कर जोड़ कर खड़ा कर दो कआ

खद जाता ह तो पानी मागन नह जाना पड़ता पानी अपन आप आता ह हौज बन कर तयार हो गई अब पानी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 87

भी लाओ अब पड़ोस क कओ स पानी मागो उधार और अपनी हौज म भर लो दखन पर हौज और कआ एक

जस मालम पड़त ह हौज म भी पानी ह कए म भी पानी ह ल कन कए क पास अपना पानी ह हौज क पास

अपना पानी नह ह कए क पानी म जदगी ह कए का पानी जदा ह उसक सागर स सबध ह उसक दर धाराए फली ह वह

अनत स जड़ा ह हौज कसी स भी नह जड़ अपन म बद ह चार तरफ स बद ह उसका कसी स कोई

सबध नह कआ भलीभाित जानता ह क पानी मरा नह ह सागर का ह हौज जानती ह क पानी मरा ह अब यह मजा दखो हौज क पास सारा पानी उधार ह ल कन हौज को लगता ह क पानी मरा ह कए क पास

पानी उधार नह ह अपना ह ल कन कआ जानता ह मरा या ह म तो कवल कट होन का एक रा ता ह

पानी तो सागर का ह पानी तो आकाश का ह पानी तो दर स आता ह और म भर जाता ह म तो एक खाली जगह ह जसम पानी कट होता ह कए क पास कोई अहकार नह होता हौज क पास अहकार होता ह अगर पानी भरा रह तो हौज का पानी

सड़गा कए का पानी नह सड़गा अगर पानी को िनकाल लो तो हौज का पानी खाली हो जाएगा हौज नगी और

खाली हो जाएगी कए का पानी िनकालो और नया पानी भर जाएगा मन कओ को िच लात सना ह क आओ कोई मरा पानी िनकाल लो और हौज भी िच लाती ह और रोती ह क

दर रहना हमारा पानी मत िनकाल लना लाओ और थोड़ा पानी डाल दो और आदमी भी दो तरह क ह एक हौज क तरह क आदमी ह जो ान उधार लकर भर लत ह अपनी खोपड़ म

उनक पास अपना कछ भी नह होता और एक व लोग भी ह जो ान उधार नह माग लत जो अपन भीतर खोदत ह और ान का कआ उपल ध कर लत ह ानी व ह जनक भीतर कए क तरह पानी कट होता ह और प डत व ह जो हौज क तरह ह इसिलए दिनया म प डत कभी भी स य को नह जान पाता ह अ ानी जान सकत ह ल कन प डत नह जान

सकता मन सना ह नह क प डत कभी भगवान क दरवाज तक पहचा हो आज तक नह पहचा आग भी

कभी नह पहच सकता ह य क प डत क पास सब उधार ह उधार आदमी कह भी नह पहच सकता ह सब

बारोड ह सब बासा ह सब मदा ह दसर क श द ह हम प डत बनना चाहत ह तो बहत आसान ह ल कन अगर हम ान को उपल ध होना चाहत ह तो थोड़

क ठनाई ह य क प डत होन म स ह करना पड़ता ह स ह करना आसान ह य क स ह करना मन को बड़ा सख दता ह जतना स ह बढ़ता ह उतना लगता ह म कछ ह पसा इक ठा होता ह तो आदमी को लगता ह

म कछ ह ान इक ठा होता ह तो भी आदमी को लगता ह म कछ ह कसी भी चीज क इक ठ होन स आदमी

क ईगो अहकार मजबत होता ह और लगता ह म कछ ह इसिलए स ह करना हमशा आसान ह य क

स ह स म िनिमत होता ह अहकार मजबत होता ह ल कन जस ान पाना ह वह थोड़ा क ठन ह आरडअस ह थोड़ा तप यापण ह य क उसम स ह छोड़ना पड़ता ह और धन छोड़ना आसान ह ान

छोड़ना बहत म कल ह य क ान भीतर धन मालम पड़ता ह लगता ह क यह तो हमारा सहारा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 88

ल कन कभी भीतर झाक कर दख वहा कोई भी ान नह ह हमार पास वहा हम बलकल खाली और अ ानी

ह हमन झठा ान वहा पकड़ रखा ह और जब तक हम इस झठ ान को पकड़ हए ह तब तक हम अपनी

कताब खोल कर बठ रहग और पछत रहग ई र का दरवाजा कहा ह ई र का दरवाजा कस खोल क

ऑफ नॉलज कहा ह ान क कजी कहा ह हम कहा जाए कसस पछ कसको ग बनाए कौन

हम कजी दगा और हम दरवाजा खोल लग तब तक हम अपनी कताब म उलझ रहग और पा ड य म ल कन एक रा ता और भी ह मत पछ कसी स मत जाए कसी क ार पर न कसी शा क पास न कसी

ग क पास न कसी शा क पास ान ह और न कसी ग क पास ान ह ान यक क भीतर ह वय

क भीतर ह वह ह शा वह ह ग वह वय परमा मा बठा हआ ह कसस पछ रह ह ल कन वहा जान क िलए चप हो जाना पड़गा वहा जान क िलए आख बद कर लनी पड़गी वहा जान क िलए

सब छोड़ दना पड़गा जो हम जानत ह और जो आदमी सब छोड़न को राजी ह-- ान जो ान छोड़न को राजी ह

वह आदमी ान को उपल ध हो जाता ह य क तब वह पाता ह क ार पर कोई ताला नह ह ार खला ह ध का दो और ार खल जाता ह जीसस न कहा ह नॉक एड द डोर शल बी ओप ड अनट य खटखटाओ और ार खोल दए जाएग आ क एड

इट शल बी िगवन मागो और िमल जाएगा जीसस तो कहत ह खटखटाओ और ार खल जाएगा ल कन म कहता ह खटखटान क भी कोई ज रत नह

ह य क ार बद नह ह आख खोलो और पाओग क ार खला हआ ह ल कन आख नह खलती ह आख

पर कताब रखी ह आख पर शा रख ह हदओ क मसलमान क ईसाइय क सबक शा छाती पर रख

हए ह और हर आदमी दब गया ह शा क नीच हमार पास शा न हम बध हए उ र द दए और बध हए उ र सबस यादा खतरनाक ह य क उनक

वजह स कोई आदमी अपना उ र नह खोज पाता ह एक छोट सी कहानी और अपनी बात म पर कर दगा बध हए उ र सबस यादा खतरनाक ह य क बध हए उ र आपको ानी तो बना दत ह ल कन बध हए

उ र आपक चतना को कभी वकिसत नह होन दत आपन एक कहानी सनी होगी सना होगा एक आदमी था एक सौदागर टो पया बचता था बाजार म जाकर

एक दन लौट रहा था टो पया बच कर एक झाड़ क नीच सोया था बदर उतर और उसक टो पया लगा कर

ऊपर चढ़ गए जब उसक नीद खली तब वह हरान हआ टो पया कहा ग ऊपर दखा तो बदर टो पया लगाए

बठ ह बड़ म कल हई--इनस टो पया कस वापस ली जाए तब उस खयाल आया क बदर नकलची होत ह उसन अपनी टोपी िनकाल कर फक द सार बदर न टो पया फक द उसन सार टो पया इक ठ क और अपन

घर चला गया इतनी कहानी आपन सनी होगी ल कन यह आधी कहानी ह आधी कहानी और ह वह भी म

आपस कहना चाहता ह फर वह सौदागर मर गया उसका बटा सौदागर हआ उस बट न भी टो पया बचना श क वह बटा भी उसी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 89

झाड़ क नीच का बदर उतर और टो पया लगा कर ऊपर चढ़ गए उस बट न ऊपर दखा उस अपन बाप क

कहानी याद आई उसक पास उ र तयार था उसन सोचा क बाप न कहा था क टोपी फकन स सब टो पया बदर न फक द थी उसन अपनी टोपी िनकाली और फक द ल कन दभा य एक बदर नीच उतरा और उसक भी टोपी

लगा कर ऊपर चला गया बदर न टोपी नह फक य क बदर पहल मामल स समझ गए थ और उ ह न तय

कर िलया था क अब कभी भल ऐसी नह करनी ह सौदागर एक दफा धोखा द गया ल कन बट क पास बधा

हआ उ र था बाप क ान को अपना ान बना िलया था उसन वह झझट म पड़ गया सभी बट बाप क ान को अपना ान बना कर झझट म पड़ जात ह य क ान कभी भी कसी का कसी दसर का नह बन सकता ह ान कभी भी उधार नह होता ान उधार हो ह नह सकता ह जो उधार ह वह

अ ान स बदतर ह ल कन हम सब उधार ान स भर हए ह सब बाप-दाद क उ र ह सब याद कए हए ह हम क ण का महावीर का ब का ाइ ट का सब उ र हम याद ह उन उ र क कारण हम अपना उ र नह िमल पाता

ह इसिलए हम जदगी म जदगी को बना जान जीत ह और मर जात ह इसिलए जदगी हमार एक सवास

नह इसिलए जदगी एक सगध नह इसिलए जदगी एक जीता हआ सगीत नह इसिलए जदगी एक कल-

कल करता हआ झरना नह ह जदगी एक बद तालाब हो गई ह और इस बद तालाब म हम सड़ गए ह गल

रह ह चार तरफ दगध फल रह ह जीवन क चार तरफ जीवन उदास हो गया ऐसी उदास जदगी को बदलन क िलए कछ कया जाना ज र ह या कर सकत ह उधार ान को छोड़ और

अपन भीतर झाक जहा स असली ान क ोत उपल ध होत ह मर बात को जो क बड़ म कल स म कह पाया और पर नह कह पाया फर भी आपन इतनी बातचीत

करन वाल लोग क बीच--यह मौका पहली दफा ह मर जदगी म ऐसा आपक गाव को याद रखगा-- फर भी

मर बात को कसी तरह सन िलया उसक िलए बहत-बहत अन ह मानता ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य सातवा वचन पछल ज म का मरण

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 90

ओशो बदर स आदमी का वकास हआ यह तो समझ म आता ह ल कन आप जो आ मा क वकास क बात कहत

ह वह जरा समझ म नह आता इसम समझन क बात ह बहत यादा नह ह बदर स आदमी क दह िमली ह यह भी आपको कस समझ म

आता ह यह इसीिलए समझ म आता ह क पीछ डा वन न बहत महनत क और यह समझान क कोिशश क

क शर र का जो वकास ह मन य क पास जो शर र ह वह शर र बदर क पास जो शर र ह उसक ह आग क

कड़ ह यह शर र उसस ह वकिसत होकर आया हआ ह यह तो आधी बात हई अगर मन य कवल शर र ह तब तो बात ख म हो गई ल कन मन य अगर आ मा भी ह जसा क ह तो आ मा कसी वकास-या ा स आ

रह ह कित म बहत-बहत तल पर बहत तरह का वकास चल रहा ह तो जस शर र क कड़ बदर स जड़ हई ह वस

ह अगर हम आदमी क पनज म म जान क कोिशश कर--जस अगर आपक पनज म को जानन क पछल

ज म को जानन क कोिशश क जाए--तो यह बड़ा आ यजनक अनभव ह क अगर दस-पाच लोग को उनक

पछल ज म क मित म ल जाया जाए तो दस-पाच ज म तो उनक मन य क िमलग ल कन मन य क

अित र अगर पीछ कोई याददा त को घमाया जाए तो आ खर कड़ गाय क िमलगी यानी अगर आपको

याद दलाया जाए तो हो सकता ह आपक पछल दस ज म मन य क ह रह ह ल कन यारहवा ज म आपका

गाय का िमल जाएगा अगर कसी भी मन य क पछल ज म क मित को खोदा जाए तो मन य होन क

पहल उसका जो ज म होगा वह गाय का होगा आ मक कड़ शर र क कड़ नह शर र क कड़ तो बदर स

आई हई ह ल कन आदमी होन क पहल कोई आ मा कस पश योिन स गजरती ह अगर इसक खोज-बीन क

जाए तो आदमी होन क पहल मन य क आ मा गाय क योिन स गजरती ह यह मरा कहना ह और च क

इस सबध म कोई बहत बड़ा काम नह हआ जसा क डा वन क िलहाज स शर र क सबध म हआ ह तो इस

पर काफ काम करन जसी गजाइश ह क अगर हम दस-प चीस लोग को पछल ज म म उतारन क कोिशश

कर तो जहा स उ ह न मन य क कड़ श क ह वह कड़ गाय क कड़ क बाद श होती ह इसिलए गाय स

एक आ मक िनकटता ह वह जो मन कहा गऊमाता का मरा जो अथ हो सकता ह बदर स भी एक िनकटता ह शार रक कड़ क स यानी इसका मतलब यह हआ क आदमी क पदा होन क

पहल गाय क या ा स जो आ मा वकिसत हो रह थी वह और बदर क या ा स जो शर र वकिसत हो रहा

था वह मन य होन क िलए इन दो चीज का उपयोग कया गया--बदर वाल शर र का और गाय वाली आ मा का यह समझ म नह आता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 91

समझन क बात नह ह बहत न वह तो योग करन क बात ह बहत वह तो अगर पछल ज म क मित को

जगान क कोिशश कर तो समझ म आन वाली बात ह आपन कया ह योग हा तभी कह रहा ह नह तो कस कहगा आपन जो योग कया वह बताए तो उसस शायद समझ म आए उसस भी कछ समझ म नह आएगा न वह तो त हारा ह योग त ह कराया जाए तो समझ म आता ह आ मा क सबध म जतनी बात ह व बना योग क कोई भी समझ म आन वाली नह ह कहा जा सकता ह

क यह ह ऐसा ह ल कन उसस कछ फक नह पड़ता कहन स वह तो कसी को भी उ सकता होतो जस म

यान क िश वर ल रहा ह धीर-धीर उ सकता जगाता ह कछ लोग म क जन लोग को पछल ज म क

मित क या ा पर जाना हो उनक अलग िश वर लन का इतजाम थोड़ स प चीस लोग इ क स दन क िलए

मर पास आकर रह उनको पछल ज म क या ा म उतारन क कोिशश क जाए इ क स क साथ महनत क

जाए तो उसम स पाच-सात लोग उतर जाएग तो ह समझ म आ सकता ह क हमार पछली कड़ कहा स जड़

हई ह नह तो वह समझ म नह आता और क ठनाई तो यह ह क कोई योग करन क िलए गहर योग करन क तयार नह ह कसी क य क

गहर योग खतरनाक भी ह य क आपको अगर पछल ज म क मित आ जाए तो आप फर दबारा वह

आदमी कभी नह हो सकग जो आप मित क पहल थ कभी नह हो सकग फर असभव ह यह बात यानी

आपक पर टोटल पसनिलट फौरन बदल जाएगी य क आप पाएग क अगर अपनी प ी को बहत म कर

रह ह तो आप पाएग क ऐसी कई प य को बहत बार म कया और कछ अथ नह पाया तो इसक बाद आप

इस प ी को वह म नह कर सकत जो आप इसक पहल कर रह थ वह असभव हो जाएगा वह बात ह खतम

हो गई अगर अपन बट क िलए आप मर जा रह ह क इसको यह बनाऊ इसको वह बनाऊ और आपको अगर

पाच ज म क मित आ जाए क आप ऐस कई बट क साथ महनत कर चक ह वह सब बमानी सा बत हई और आ खर म मर गए तो इस बट क साथ जो आपका पागलपन ह वह एकदम ीण हो जाएगा ब और महावीर दोन न अपन सभी साधक को पछल ज म म ल जान का योग कया अगर कोई बहत

गौर स समझ तो ब और महावीर का जो सबस बड़ा दान ह वह अ हसा वगरह नह ह अ हसा तो बहत दन स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 92

चलती थी इन दोन का जो सबस बड़ा क मती दान ह वह जाित- मरण ह वह विध ह जसक ारा आदमी

को उसका पछला ज म मरण दलाया जा सक और जो लाख लोग िभ और स यासी हो गए वह िश ा स नह हो गए वह जस ह उनको पछल ज म का मरण आया क सब बात बकार हो ग और उनको िसवाय

स यास क कोई साथक बात न रह लाख आदमी एक साथ जो स यासी हए उसका यह कारण नह था क

महावीर न समझा दया क स यास स मो िमल जाएगा उसका कल कारण इतना था क उनको उनक मित

क याद दला दन स उनको यह लगा क यह सब तो हम बहत बार कर चक इसम तो कछ सार नह ह इसम

कछ भी सार नह ह यह च कर तो बहत दफ घम चका इसम कोई भी अथ नह ह तब कछ और करन क

धारणा तो वह तो म चाहता ह य जो सार बात कहता भी ह व इसी खयाल स कहता ह क आप म कोई ज ासा जग ल कन बौ क ज ासा स कछ भी नह होगा ज ासा ऐसी जगनी चा हए क कछ लोग योग करन क िलए

राजी ह और अब ज द ह म चाहता ह क यान क िश वर भी ह तो अब इस तरह क सामा य िश वर न ह

सभी लोग आ जाए ऐसा अब न हो या फर हम िश वर को बाट सामा य िश वर हो कोई भी आ सक फर

गहरा िश वर हो जसम वह लोग आ सक जो क गहर जान क ह मत और पर श लगान को तयार ह तो म तो मानता ह क इ क स दन म गहरा योग करन स आप बलकल दसर आदमी हो जाए आपक सार

जदगी और हो जाए जो आप सोचत थ वह चला जाए जो आप जीत थ वह चला जाए और दबारा आप लौट

कर कभी वह न हो सक ल कन बौ क ज ासा स तो कछ हल होन वाला नह ह बहत य क जो भी आप पछग म कछ और कहगा उस पर और दस खड़ हो जात ह और वह बात वह घम कर रह जाती ह उसस कोई मतलब नह ह ओशो जाित- मरण क बात तो अतीत क हो गई जी अतीत क ह अतीत क ह ल कन अगर आपको यह खयाल आ जाए क आप न अतीत म या- या

कया कतन बार कया तो आज जो आप कर रह ह उसक करन म बिनयाद फक पड़ जाएगा अगर यह पता

चल जाए क मन कई दफा धन कमाया कई दफा कमाया और कछ भी नह पाया तो आज धन कमान क जो

दौड़ हो वह एकदम ीण हो जाएगी उसम स बल िनकल जाएगा फक बिनयाद पड़ जाएगा एकदम अगर

आपको यह पता चल जाए क यह शर र बहत दफ िमला और हर बार न हो गया तो अब इस शर र क

आसपास जीन का कोई मतलब नह यह फर न हो जाएगा तो मर जीन का क शर र नह होना चा हए य क शर र बहत दफ िमलता ह और मर जाता ह और कोई फक नह पड़ता तो आपक जीन का क पहली

दफा आ मा हो जाएगी शर र नह रह जाएगा अतीत क ह ह वह ल कन उसका मरण आपको यह साफ कर दगा क जो आप कर रह ह यह को ह क बल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 93

जसा करना ह यानी बहत दफ कया जा चका ह सफल हो गए ह तो भी कछ नह पाया असफल हो गए ह तो भी कछ नह गवाया अगर यह बात दख जाए तो सफलता-असफलता का कोई म य नह रह जाएगा यानी हम

फर वह नह कर सकग न एक पछल ज म म मन करोड़ पय इक ठ कर िलए और फर मर गया इस ज म म म फर करोड़ पय

इक ठ करन क िलए लगा हआ ह तो मर सामन साफ हो जाएगा क करोड़ इक ठ कर लगा और फर मर

जाऊगा तो अब मझ करोड़ इक ठ करन क दौड़ म जीवन गवाना या कछ और कमान का खयाल करना

चा हए और कित क यह तरक ब ह क आपक पछल ज म क मितया बलकल दबा कर रख दती ह और ठ क भी

ह नह तो आप पागल हो जाए अगर अकारण मित आपको रह आए तो आप म कल म पड़ जाए तो जो

ह मत करक कोिशश करता ह खोजन क उसको ह पता चलता ह नह तो नह पता चलता सार मितया जतन ज म हए ह--और एक-एक आदमी क लाख ज म हए ह--व सार मितया कोई भी खो

नह जाती ह व सार मितया आपक भीतर मौजद ह गहर परत पर उनको खोजना पड़गा और ऐस तो

सामा यतः हम आठ साल पहल आपन या कया वह भी भल गए ह म एक लड़क पर बहत दन तक योग करता था उसक जाित- मरण क िलए तो अगर म आपस पछ क

उ नीस सौ इ यावन म एक जनवर को आपन या कया तो आप कछ भी नह बता सकत एक जनवर हई

ह उ नीस सौ इ यावन भी हआ ह वह आपको पता ह पछल ज म क बात नह इसी ज म क बात ह

ल कन एक जनवर उ नीस सौ इ यावन को आपन सबह स शाम तक या कया वह कछ भी मरण नह

ह हई भी एक जनवर उ नीस सौ इ यावन या नह हई बराबर हो गई ह ल कन अगर आपको स मो हत

करक बहोश कया जाए और याद दलाया जाए तो आपको एक जनवर उ नीस सौ इ यावन आप इस तरह

रपोट करत ह जस अभी आख क सामन स गजर रह हो अभी रपोट कर दग आप परा-- क यह हआ सबह

उठा यह हआ यह ना ता िलया था यह पसद नह आया नमक यादा था दाल म--पर दन का आप रपोट

कर दग पर म कल यह मझ हई क उसको टली कस कया जाए क यह हआ भी क यह िसफ एक सपना ह तो फर मन नोट करना श कया क जस आज दन भर म सबह स शाम तक उसको नोट करता रहा क या

हो रहा ह--उसन कसको गाली द कसस झगड़ा कया कस पर ोध कया--तो दन भर क दस-प ह मन

नोट कर िलए तीन साल बाद उसको बहोश कया और उस दन क िलए पछा तो उसन बलकल ऐसा रपोट

कर दया क जसका कोई हसाब नह था जो बात मन नोट क थी व तो रपोट ह ह जो म नोट नह कर

पाया था य क दन म तो हजार घटनाए घट रह ह व भी सब रपोट कर द तो इस ज म क भी बहत कामचलाऊ मित हमार पास रह जाती ह बाक तो नीच दब जाती ह इसम भी जो

दखद मितया ह व एकदम स दबा द जाती ह िच उनको दबा दता ह जो सखद मितया ह उनको ऊपर रख

लता ह और इसीिलए हम पछला बीता हआ समय अ छा मालम पड़ता ह बढ़ा आदमी कहता ह बचपन बहत अ छा था उसका और कोई कारण नह ह बचपन क जतनी दखद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 94

मितया थी व नीच दबा दता ह िच और जो सखद थी थोड़ सी उनको ऊपर रख लता ह उनको याद रख लता ह एक बढ़ा आदमी कहता ह क जवानी बहत मज क थी बस वह जवानी म जो सखद थोड़ा सा घटा होगा वह ऊपर

रख िलया ह बाक सब उसन दबा दया ह और अगर उसका परा िच खोला जा सक तो वह हरान रह जाएगा

क म कल स सौ घटनाए घटती ह जसम िन यानब दख क होती ह एकाध कभी सख क हलक झलक क

होती ह मगर िच ऐसा धोखा करता ह और अगर दो-चार ज म खोल जा सक तब तो पर ह जदगी बदल

जाती ह य क फर आप और ह ढग स सोचग कछ और ह क बनाएग अतीत क ह ह ल कन व फक लाती ह एकदम फक लाती ह मझ एक बात पछनी ह ओशो ाणी का स म शर र और आदमी का एक ह समान होता ह ाणी यानी

कोई भी जानवर जस गाय नह एक सा नह होता अलग-अलग होता ह अलग-अलग होता ह ओशो अलग स म शर र होन स च अलग रहत ह दोन क नह उसस कोई फक नह पड़ता उसस कोई फक नह पड़ता स म शर र जो ह आपका अगर मन य ह तो जसा आपका शर र ह ठ क इसी आकित का ठ क ऐसा ह ल कन अ यत ए ल एट स का बना हआ बहत स म पदाथ का बना हआ शर र होगा उसक आर-पार जान म क ठनाई नह ह अगर हम एक प थर फक

तो वह उसक आर-पार हो जाएगा वह स म शर र अगर द वाल स िनकलना चाह तो िनकल जाएगा उसम कोई

बाधा नह ह ल कन आकित बलकल यह होगी जो आपक ह धधली होगी जस धधला फोटो ाफ हो अगर

आपक स म शर र का फोटो ाफ होगा तो वह बलकल इसस मल खाएगा ल कन ऐसा खाएगा जस क कई

सकड़ वष म पानी पड़त-पड़त एकदम धधला हो गया हो पर होगा यह गाय का होगा तो गाय जसा होगा ल कन गाय जब मन य शर र म वश करगी तो स म शर र च क इतना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 95

वायवीय ह वह कसी भी आकित म फौरन ढल सकता ह वह कोई ठोस चीज नह ह जस हम िगलास प चीस ढग क िगलास रख और पानी को एक िगलास म डाल तो पानी उस आकित का हो जाता ह दसर िगलास म डाल दसर आकित का हो जाता ह य क पानी िल वड ह उसका कोई ठोस आकार नह ह वह

जस िगलास म होता ह उसी आकार का होता ह तो वह जो स म शर र ह वह जस ाणी-जीवन म वश

करता ह उसी आकार का हो जाता ह उसको आकार का ठोसपन नह ह इसिलए अगर गाय का स म शर र

िनकल कर मन य म वश करगा तो वह मन य क आकित हण कर लगा और स म शर र क जो आकित

ह वह डजायर स पदा होती ह वह वासना स पदा होती ह तो जस जीवन म वश क वासना पदा हो

जाएगी स म शर र उसी का आकार ल लगा और अगर हम अपन इस शर र पर भी योग कर तो हम बहत हरान हो जाएग इस शर र पर भी अगर हम

योग कर तो हम बहत हरान हो जाएग यह शर र भी बहत कछ आकितया हमार वासना स ह लता ह अभी तो व ािनक भी इस बात को समझन म असमथ ह क हम खाना खात ह तो उसी खान स ह ड बनती

ह उसी खान स खन बनता ह उसी खान स हाथ क चमड़ भी बनती ह उसी खान स आख क अदर क

चमड़ भी बनती ह ल कन आख क चमड़ दखती ह और हाथ क चमड़ नह दखती और कान क ह ड सनती ह और हाथ क ह ड नह सनती और जो त व हम ल जात ह व एक ह ह और इतना सारा का सारा िनमाण

भीतर जो होता ह यह कस आधार पर हो रहा ह तो वह जो हमार भीतर जो गहर वासना ह वह वासना

आकित दती ह और उस वासना का स मतम प अब व कहत ह क ज र कसी कोड ल वज म कह न कह िलखा होगा जस एक बीज ह उस बीज को हम डाल दत ह फोड़ कर दख तो हम कछ पता नह चलता उस बीज को हम

िम ट म डालत ह और उसम स एक फल िनकलता ह समझो सयमखी का फल िनकलता ह तो सयमखी क

फल म जतनी पख ड़या ह इसका कछ न कछ कोड ल वज म उस बीज म िलखा हआ होना चा हए अ यथा

यह कस सभव ह क यह सयमखी का ह पौधा बनता ह यह दसरा पौधा नह बन जाता बीज म कसी न कसी

तरह कसी न कसी स म तल पर जो होन वाला ह वह सब िलखा होना चा हए एक मा क पट म एक अण गया ह उस अण म वह सब िलखा हआ ह जो आप म सभव होगा वह उस अण म

कहा िलखा हआ ह अभी तक व ािनक क पकड़ क बाहर ह ल कन आ या मक या योग का कहना यह ह

क उसम जो ाण व हआ ह उस ाण क जो वासना ह वह वासना कोड ह उस कोड स सब वकिसत

होगा और वह जो स म शर र ह जब तक एक ह तरह क जीवन-या ा करगा--जस दस ज म ह ग आदमी क तो वह आदमी का रहगा ल कन हर ज म म उसक आकित बदलती चली जाएगी और वह आकित भी आपक

वासना स ह िनधा रत होगी ओशो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 96

स म शर र क साथ च जात ह क नह जात च न हा च तो जो असल म गौर स समझ तो स म शर र और इस थल शर र क बीच जो काट ट फ ड

ह उनका नाम च ह यानी आपका यह शर र और वह शर र जहा-जहा छता ह व च ह तो व सब समान

ह उसम कोई फक नह पड़ता ाणी म और

सब म जहा स गाय का शर र छएगा वहा च बन जाएगा और व छन क थल तय ह जस समझ ल क

स स क सटर पर एक च होगा चाह वह कसी जाित का ाणी हो--क ा हो ब ली हो आदमी हो औरत

हो इसस कोई फक नह पड़ता--एक बहत फोसफल च स स क सटर पर होगा तो वह च सब शर र म

होगा उनक आकित कछ भी हो उस जगह च होगा हा वह च छोटा-बड़ा हो सकता ह कमजोर-ताकतवर हो सकता ह सात च होत ह हा सात च ह ग ( का विन-म ण प नह ) हा-हा समझा तो उसका मतलब कवल इतना ह क उनक बाक च िन य पड़ हए ह व जब भी स य हो

जाएग उनक उतनी इ या कट होन लगगी च िन य हो सकत ह और हमार भीतर भी सात च होत

ह ल कन सात स य नह होत सात स य हो जाए तो बहत अदभत घटना घट गई हमार भी सात स य

नह होत आमतौर स सौ आदिमय क जाच-पड़ताल करग तो स स का च तो सब म स य िमलगा बाक छह च म स कोई एकाध च कसी म स य होगा कसी म दो च स य ह ग नह तो नह ह ग कित को तो जतन च स य उसन बनाए ह व तो स य रहत ह ल कन जतन साधना स स य होत ह

व नह स य होत व ह हमार भीतर ल कन व िन य पड़ ह ग जस क बजली का बटन तो ह ब ब भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 97

ह ल कन बटन ऑफ ह तो ब ब बद पड़ा हआ ह वह ऑन हो जाए तो ब ब जल जाए च पर तरह मौजद

ह ल कन ऑन हालत म नह ह ऑफ हालत म ह तो हमार जतन तर च ह व सब ऑफ हालत म ह और यान स और योग स उनको ऑन हालत म लान

क ह सार च ा क जाती ह क व ऑन हो जाए और व स य हो जाए और जतन ऊपर क च स य होन

लगत ह उतन नीच क च अपन आप िन य होन लगत ह य क जो श ह हमार पास वह वह ह वह

धीर-धीर ऊपर क च म गितमान हो जाती ह नीच क च िशिथल हो जात ह इस पर कभी पर बात करनी अ छ होगी कभी म चाहता ह क पर एक सीर ज ल चस क पर ह इस पर हो सक तो अ छा हो गजरात म दया था आपन एक ल चर इस पर बहत बात करन जसी ह बहत बात करन जसी ह य क मामला इतना आसान नह ह जतना आमतौर स समझा जाता ह काफ ज टल ह पीछ ओशो पछल ज म म जान क िलए जो आपन बात कह उसक िलए कस योग करना होगा आउटलाइन द जा

सकती ह नह वह तो आप आ जाए तो करवा ह द आउटलाइन जरा म कल बात ह न आउटलाइन स काम नह होगा और आउटलाइन द भी नह जा सकती ह वह तो आप एक टप परा कर तो दसर क आउटलाइन द जा

सकती ह और नह तो आप परशानी म पड़ जाए उसस कछ मतलब नह ह और कछ स कछ कर ल उसस कछ मतलब नह होगा वह तो एक टप परा हो जाए तो दसर टप क बात करना साथक ह ओशो यह पािसबल ह यह उसस खयाल म आ सक जस एक व ािनक योग करता ह तो सब लोग घर म योग

नह करत ल कन व जो ड ाइब करत ह उसस ऐसा मालम होता ह क ऐसा हो सकता ह इसम दोन म बिनयाद फक ह यह व ािनक योग नह ह उस अथ का य क व ान और धम क योग म

जो बिनयाद फक ह वह यह ह क व ान का योग ऑ ज टव ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 98

एक बजली का पखा कसी न बनाया तो जसन बनाया उसी को पखा दखता ह ऐसा नह ह ज ह न नह

बनाया व िसफ दखन आकर खड़ हो गए ह उनको भी पखा दखता ह चलाएगा तो चलता हआ भी दखता

ह व मानत ह क ठ क ह पखा चलता ह हवा भी फकता ह व ान जो योग कर रहा ह वह ऑ ज ट क साथ कर रहा ह और धम जो योग कर रहा ह वह स ज ट क साथ

कर रहा ह मन अपन साथ जो योग कए ह व आपको कसी हालत म नह दख सकत कोई कारण नह दखन का सच तो यह ह क मर शर र स यादा आपको मर भीतर कछ भी नह दखाई पड़ता ह कस दखाई

पड़गा शर र ऑ ज ट ह ल कन म तो कभी आपक िलए ऑ ज ट नह हो सकता न आप मर िलए

ऑ ज ट हो सकत ह और धम क सार योग स ज ट स जड़ हए ह वह जो भीतर ह उसस तो अगर एक महावीर या एक ब कतन ह योग कर ल फर भी बाहर अगर लाकर महावीर को बठा दया

जाए सामा य कपड़ म आपक बीच आपको पता भी नह चलगा यहा महावीर बठ हए ह य क जो घटना

घट ह वह इतनी आत रक ह इतनी भीतर ह क वह िसफ महावीर क िलए ह सा ात हो सकता ह उसका उसका सा ात बाहर स नह हो सकता और बाहर स भी एक थित म हो सकता ह क ठ क वसी घटना आपक

भीतर भी घट हो तो कोई भीतर पहचान हो सकती ह क महावीर क आख म आपको वह बात दखाई पड़न लग जो आपक अपनी आख म आपको अनभव होती ह महावीर क चलन म आपको वह बात दखाई पड़न लग

जो आपक चलन म फक पड़ गया ह तो शायद आपको थोड़ा अदाज लग क इस आदमी क भीतर भी कछ वसी बात तो नह हो गई जसी मर भीतर हो गई ह नह तो अ यथा बलकल म कल मामला ह और प-रखा क भी जो बात ह क एक आउटलाइन भी द जा सक आउटलाइन दना भी बलकल म कल ह

य क मामला ऐसा ह समझ ली जए क पहली क ा म एक व ाथ भत हआ ह और वह कहता ह क थोड़ -

बहत हम म क क आउटलाइन द द जाए तो हम पहली क ा म पढ़न म थोड़ स वधा हो तो उसस िश क

कहगा क च क तम पहली क ा स ह प रिचत नह हो म क क आउटलाइन का कोई मामला ह नह उठता

य क वह हम कस त ह दग और तम कस जानोग या करोग तम उस जान कर तम पहचान भी

नह सकत हो उसको य क जस भाषा म वह आउटलाइन द जान वाली ह वह भाषा तम जब इन क ाओ स

गजरो तब त हार पास होगी वह आउटलाइन भी जो द जान वाली ह समझ ली जए क एक पाच साल सात साल का ब चा ह इसको अगर स स क सबध म समझान बठा जाए तो बहत क ठनाई हो जान वाली ह य क यह ब च क पास कोई भीतर भिमका नह ह जसस स स क भाषा

यह समझ सक इसक िलए कोई सवाल नह उठता क यह कस समझ आप या कह रह ह यह कस

समझ आप आउटलाइन भी द दग तब भी इसको ऐसा लगगा क न मालम कस लोक क बात क जा रह

ह जसस मझ कोई पहचान नह ह या कहा जा रहा ह यह तो जतन गहर स य ह भीतर क उनक बलकल ाथिमक बात क जा सकती ह बलकल ारभ क बलकल श क और एक-एक कदम उनम गित हो तो आग क एक-एक कदम क बात आग क जा सकती ह और एक सीमा क बाद उसक पर बात क जा सकती ह नह तो नह क जा सकती और हमार क ठनाई यह ह क हम म स योग करन क िलए बहत कम लोग ह मत जटा पात ह और कछ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 99

बात ऐसी ह जो बना योग क कभी अनभव म आ ह नह सकती ह छोटा-मोटा योग ह करना हम म कल

गजरता ह और य सब योग तो जसको हम कह टोटल ड टरबस पदा करन वाल ह आपक पर क पर

जदगी अप टड हो जाए और तरह क हो जाए य क कछ चीज आपको पता ह नह जो दखाई पड़ और

कछ चीज जो आपन कभी सोची भी नह ह सामन आ जाए तो उनको एक-एक कदम करना ह उिचत ह ओशो मरा खयाल ह क जस आपन कहा क वह रात को प ह िमनट--म कौन हइसस आग कछ आप कहग ऐसा खयाल क िलए वह भी नह कहता न कोई वह भी नह कहता कोई प ह िमनट बठ कर वह भी कोई नह कहता वह भी म

कहता ह तब एकाध-दो दन कोई बठ कर कर लता ह वह भी नह कहता कोई य क अगर वह भी एक दो-तीन

मह न कोई मपवक कह तो उसक पर क पर ज ासा बदल जाएगी फौरन वह जो पछगा व दसर ह

होन वाल ह जो आप पछ ह नह सकत य क उस कछ चीज दखाई पड़नी श ह गी जनक बाबत वह

पछना श करगा जो आप कभी पछ ह नह सकत यानी आदमी या पछता ह यह दख कर म कह सकता ह

क वह कहा ह य क पछगा वह न जहा वह सोच रहा ह जहा उसका सारा िच खड़ा हआ ह वह भी कोई नह फकर करता क वह कोई तीन-चार मह न भी ताकत लगा कर कर ल उतना भी नह हो रहा ह

वह भी थोड़ा सा हो तो आग बात क जा सकती ह ज र क जा सकती ह और अब म इधर चनाव कर रहा ह क कछ कप म बलाना चाहगा जनम कछ लोग को म िनम ण क गा क व

आ जाए कोई भी नह आ सकगा जसको म बलाऊगा वह आ जाए तो मर नजर म व कछ लोग आन श

हए ह जो थोड़ा काम कर रह ह और उन थोड़ लोग क साथ आग महनत क जानी ज र ह तो उधर सोचता ह ( का विन-म ण प नह ) हा कारण ह लगन क कारण ह लगन क बड़ा कारण तो यह ह क एक तो हजार साल स ऐसा समझाया जा

रहा ह क कसी क कपा स हो जाएगा कोई कर दगा तो हो जाएगा कोई ग िमल जाएगा तो कर दगा

हजार साल स यह समझाया जा रहा ह क कोई कर दगा हो जाएगा आपको कछ करना नह ह यह मन म

बठ गया ह गहर एक दसर बात यह ह क कोई भी आदमी बहत म स गजरना नह चाहता और ऐसी चीज क िलए जो बहत साफ-

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 100

साफ दखाई न पड़ती ह धन दखाई पड़ता ह तो आदमी म कर लता ह यश दखाई पड़ता ह तो आदमी म

कर लता ह पद दखाई पड़ता ह तो आदमी म कर लता ह धम का मामला ऐसा ह दखाई बलकल नह

पड़ता और म क बहत माग ह इसम-- क इतना म करो तो कछ होगा इतना म करो तो दखाई पड़गा कछ तो अ य क िलए म जटान क मता थोड़ लोग ह कर सकत ह य क िलए म जटाना बहत आसान बात

ह फर चार तरफ हमार चार तरफ जो लोग कर रह ह वह हम करत ह चार तरफ हमार जो लोग कर रह ह वह हम करत ह य क हम आमतौर स खद कछ भी नह करत जो हमार चार तरफ हो रहा ह उसका हम

अनकरण करत ह जस कपड़ लोग पहन ह हम पहन लग जो लोग पढ़ रह ह वह हम पढ़ग जस प चर को

व दख रह ह हम दखग चार तरफ स हमार िच क जो तार ह व जस तरफ खीच जात ह वहा खचत ह

जस क अगर हद तान म आप पदा हए तो आप और तरह क काम करग और अगर आप जापान म पदा

हए तो और तरह क और ास म पदा हए तो और तरह क जो वहा क हवा ह चार तरफ जो हो रहा ह ब और महावीर जस लोग न दस-दस हजार िभ इक ठ कए और इक ठ करन का कारण यह नह था क

दस हजार इक ठा करन स कोई फायदा ह िसफ उपयोग इतना था क आम आदमी दस हजार क बीच फौरन

स य हो जाता ह जो अकल म हो ह नह सकता वह जब दस हजार िभ साधना म लग ह और दस हजार

िभ सबह स साझ तक िसफ साधना क बात कर रह ह जहा दस हजार िभ सबह स साझ तक आ मक

अनभव क बात कर रह ह वहा आप अगर पहच गए तो बहत असभव ह क आप इस धारा म व होन स

बच जाए आप इसम डब जान वाल ह तो बड़ आ म का और बड़ ित ान का उपयोग िसफ इतना था क वहा क पर क पर हवा--जस क ससार क

पर क पर हवा सासा रक ह और आप यहा वह करन लगत ह जो दसर कर रह ह--ठ क वहा क पर हवा आ या मक हो और आप वहा वह करन लग जो वहा चार तरफ हो रहा ह और एक दफा थोड़ सी गित हो

जाए तब तो इतना रस आन लगता ह क फर कोई मतलब नह ह क कौन कर रहा ह क नह कर रहा ह

आपका अपना आनद ह आपको खीचन लगता ह ल कन पहला टप उठ जाए उसक ज रत ह और इधर जतना लबा फासला हआ ह उतना आदमी को ऐसा लगन लगा ह क अ या मपता नह कह म ठ

म तो पकड़ म आता नह क या ह कौन झझट म पड़ और एक-दो दन म भी म ठ म पकड़ म आ जाए

तो भी कोई झझट म पड़ जाए हमार ज म -ज म क या ा ितकल ह और उलट स कार इक ठ ह उनको पार

कए बना उनको तोड़ बना कह गित हो नह सकती इतना लबा और क ठन दखाई पड़ता ह क फर आदमी

सोचता ह--ठ क ह सन लो बात कर लो पढ़ लो इसस यादा झझट म पड़न का नह अब एक बहत अ छ आदमी ह वनोबा जी क खास सािथय म स ह व कई बार मर पास आत थ अब बढ़ हो

गए ह तो उनस मन कहा क अब बातचीत आप बहत कर चक कई बार गाधी जी क साथ जीवन भर रह वनोबा जी क साथ रह अर वद आ म रह रमण क यहासब हद तान म इधर पचास साल म जो भी

कछ हआ होगा व सबस प रिचत ह सब जगह रह ह तो बातचीत आप बहत कर चक अब कछ क रएगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 101

य क अब उ बहत हो गई तो उनस मन कहा क एक इ क स दन का म योग आपको बताता ह पहल आप यह करक आइए फर म आग बात क नह तो बकार ह आप तो इतन लोग स बात कर चक ह क

अब कोई मतलब ह नह इसम व मरा परा योग समझ और मझस बोल यह तो म क गा नह य क इसम तो म पागल हो जाऊगा तो मन उनस कहा क अब मरन क कर ब ह आप वष दो वष कतन दन जदा रहग यह नह कहा जा सकता इतनी ह मत कर ली जए पागल-वागल नह हो जाएग पागल आप ह जो आदमी पचास साल स

िनरतर अ या म क बात सनता हआ घम रहा ह और एक योग नह कया वह आदमी पागल नह तो और

या ह घमो ह मत फर ऐसा ह तो पर व कहन लग नह यह म नह कर सकता ह यह तो आपका परा मन समझा इसम सात दन क बाद ह

म वापस लौटन वाला नह ह म तो गया उस दन स व फर मझस ज ासा करन भी नह आए य क उ ह न कहा कव समझ गए क म कहगा क

वह क रए फर आग बात होगी नह तो बात नह होगी ज ासा बौ क हो गई बलकल इटल चअल ह एक आदमी आकर पछ लता ह ई र ह या नह उस कोई

मतलब भी नह ह हो तो ठ क ह न हो तो ठ क ह इतना भी मतलब नह ह पछन म भी कोई सार नह ह अभी गर जएफ था एक फक र ास म तो जो भी आदमी आएगा ज ासा करन क पहल उस बड़ उप व म स

गजारगा वह और जब वह उतनी ह मत दखान को राजी हो जाए तो ज ासा कर सकता ह नह तो नह करन दगा वह कहगा क फजल ज ासा स कोई मतलब तो ह नह इधर म भी जो इतनी बात करता ह वह इसी खयाल स करता चला जाता ह क इसम स कछ लोग ठ क

ज ासा पर आ जाएग हजार आदमी पछत ह कोई एक आदमी करन को राजी होगा तो एक दो-तीन वष

घमता रहगा और और फर मर नजर म लोग आत जात ह उन लोग को बला कर जो करना ह वह कर लगा

फर एक कोन पर बठ जाऊगा फर जसको करना हो वह वहा आ जाए फर मझ कछ भटकन क ज रत

नह कोई योजन नह और इतना यान रह क करग तो ह कछ होगा कसी क करन स कछ होन वाला नह ह पर न साहस ह न

इ छा ह कोई कामना भी नह ह वसी और ऐसा खयाल बनता ह क सब कछ करत हए कभी घड़ आधा घड़

इस तरह क बात भी क तो अ छा ह इसस यादा नह ह कछ बस जीवन रह य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 102

आठवा वचन नय वष का नया दन मर य आ मन नय वष क नय दन पर पहली बात तो यह कहना चाहगा क दन तो रोज ह नया होता ह ल कन रोज नय दन

को न दख पान क कारण हम वष म कभी-कभी नय दन को दखन क कोिशश करत ह अपन को धोखा दन क

तरक ब म स एक तरक ब यह भी ह दन तो कभी भी पराना नह लौटता रोज ह नया होता ह हर पल और

हर ण नया होता ह ल कन हमन अपनी पर जदगी को पराना कर डाला ह उसम नय क तलाश मन म बनी रहती ह तो वष म एकाध दन नया दन मान कर अपनी इस तलाश को परा कर लत ह ल कन सोचन जसा ह जसका परा वष पराना होता हो उसका एक दन नया कस हो सकता ह जसक एक

वष क पराना दखन क आदत हो वह एक दन को नया कस दख पाएगा म कल तक जो रोज हर दन को हर सबह को पराना दखा ह आज क सबह को नया कस दख सकगा म ह दखन वाला ह और मरा जो मन

हर चीज को परानी कर लता ह वह आज को भी पराना कर लगा तब फर नय का धोखा पदा करन क िलए नय

कपड़ ह उ सव ह िमठाइया ह गीत ह फर नय का हम धोखा पदा करना चाहत ह ल कन न नय कपड़ स कछ नया हो सकता ह न नय गीत स कछ हो सकता ह नया मन चा हए और नया

मन जसक पास हो उस कोई दन कभी पराना नह होता और जसक पास ताजा मन हो श माइड हो वह

हर चीज को ताजी और नई कर लता ह ल कन ताजा मन हमार पास नह ह तो हम चीज को नई करत ह मकान पर नया रग-रोगन कर लत ह परानी कार बदल कर नई कार ल लत ह परान कपड़ क जगह नया कपड़ा

कर लत ह हम चीज को नया करत रहत ह य क नया मन हमार पास नह ह नई चीज कतनी दर धोखा दगी नया कपड़ा कतनी दर नया रहगा पहनत ह पराना हो जाता ह नई कार

कतनी दर नई रहगी पोच म आत ह परानी हो जाती ह कभी सोचा ह यह क नय और परान होन क बीच म

कतना फासला होता ह जब तक जो नह िमला ह नया होता ह िमलत ह पराना हो जाता ह अगर नई

कार खर द लाए ह तो कल तक सोचा था क नई कार कस आए और आज स ह सोचना श कर दग क और

नई कस आए इसस छटकारा कस हो चीज को नया करन वाली इस व न सब तरफ जीवन को बड़ क ठनाई म डाल दया ह य क कार ह नई

नह करनी पड़गी प ी भी नई लानी पड़गी चीज नई होनी चा हए न मकान को नया पोत कर नया कर लन

पर नई कार खर द लन पर प ी भी खश हो रह ह पित भी खश हो रहा ह ल कन उ ह खयाल नह क यह

जो आदमी चीज को नया करन म लगा ह यह एक प ी स जीवन भर राजी नह रह सकता न यह प ी एक

पित स जीवन भर राजी रह सकती ह य क नय होन का मतलब चीज बदलना होता ह तो पहल प म म

मकान बदल कार बदली फर अब आदमी बदलन लग ह वह यहा भी होगा और नय क खोज ज र ह मन म होनी भी चा हए ल कन दो तरह क नय क खोज होती ह या तो वय को नया करन क एक खोज होती ह और जो आदमी वय को नया कर लता ह उस कभी कोई चीज परानी होती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 103

नह जो अपन मन को रोज नया कर लता ह उसक िलए हर चीज रोज नई हो जाती ह य क वह आदमी रोज

नया हो जाता ह और जो अपन को नया नह कर पाता उसक िलए सब चीज परानी ह होती ह थोड़ दर धोखा द

सकता ह नय स ल कन थोड़ दर बाद सब चीज परानी पड़ जाती ह दिनया म दो ह तरह क लोग ह--एक व जो अपन को नया करन का राज खोज लत ह और एक व जो अपन को

पराना बनाए रखत ह और चीज को नया करन म लग रहत ह जसको मट रयिल ट कहना चा हए भौितकवाद कहना चा हए वह वह आदमी ह जो चीज को नय करन क तलाश म ह ल कन शायद

भौितकवाद क मट रयिल ट क यह प रभाषा हमार खयाल म ह न हो भौितकवाद और अ या मवाद म

एक ह फक ह अ या मवाद रोज अपन को नया करन क िचता म सल न ह य क उसका कहना यह ह क

अगर म नया हो गया तो इस जगत म मर िलए कछ भी पराना न रह जाएगा य क जब म ह नया हो गया तो

परान का मरण करन वाला भी न बचा परान को दखन वाला भी न बचा हर चीज नई हो जाएगी और

भौितकवाद कहता ह क चीज नई करो य क वय क नय होन का तो कोई उपाय नह ह नया मकान

बनाओ नई सड़क लाओ नय कारखान नई सार यव था करो सब नया कर लो ल कन अगर आदमी

पराना ह और चीज को पराना करन क तरक ब उसक भीतर ह तो वह सब चीज को पराना कर ह लगा फर हम इस तरह धोख पदा करत ह उ सव हमार दखी िच क ल ण ह िच दखी ह वष भर एकाध दन हम उ सव मना कर खश हो लत ह वह

खशी बलकल थोपी गई होती ह य क कोई दन कसी को कस खश कर सकता ह दन अगर कल आप

उदास थ और कल म उदास था तो आज दवाली हो जाए तो म खश कस हो जाऊगा हा खशी का म पदा क गा द य और फटाक और फलझ ड़या और रोशनी धोखा पदा करगी क आदमी खश हो गया ल कन यान रह जब तक दिनया म दखी आदमी ह तभी तक दवाली ह जस दन दिनया म खश लोग ह ग

उस दन दवाली जसी चीज नह बचगी य क रोज ह दवाली जसा जीवन होगा जब तक दिनया म दखी लोग ह तब तक मनोरजन क साधन ह जस दन आदमी आन दत होगा उस दन मनोरजन क साधन एकदम

वलीन हो जाएग कभी यह सोचा न होगा क अपन को मनोर जत करन वह आदमी जाता ह जो दखी ह इसिलए दिनया जतनी दखी होती जाती ह उतन मनोरजन क साधन हम खोजन पड़ रह ह चौबीस घट

मनोरजन चा हए सबह स लकर रात सोन तक य क आदमी दखी होता चला जा रहा ह आमतौर स हम समझत ह क जो आदमी मनोरजन क तलाश करता ह बड़ा फ ल आदमी ह ऐसी भल म

मत पड़ जाना िसफ दखी आदमी मनोरजन क खोज करता ह और िसफ दखी आदमी न उ सव ईजाद कए ह

और िसफ परान पड़ गए िच म जसम धल ह धल जम गई ह वह नय दन नया साल इन सबको ईजाद

करता ह और धोखा पदा करता ह थोड़ दर कतनी दर नया दन टकता ह कल फर पराना दन श हो

जाएगा ल कन एक दन क िलए हम अपन को झटका दकर जस झड़ा लना चाहत ह सार राख को सार धल

को उसस कछ होन वाला नह ह य धोख जड़ हए ह पराना िच नय क तलाश स जड़ा हआ ह चा हए ऐसा

क रोज नया िच हो सक कस हो सकता ह यह थोड़ सी बात म आपस क तब नया साल न होगा नया दन न होगा नय आप ह ग और तब कोई भी चीज परानी नह हो सकती और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 104

जो आदमी िनरतर नय म जीन लग उस जीवन क खशी का हसाब आप लगा सकत ह जसक िलए प ी

परानी न पड़ती हो पित पराना न पड़ता हो जसक िलए कछ भी पराना न पड़ता हो वह रा ता जो कल

जसस गजरा था आज गजर कर फर भी नय फल दख लता हो नय प दख लता हो--उ ह व पर उसी सरज म नया उदय दख लता हो उसी साझ म नई बदिलया दख लता हो जो आदमी रोज नय को ईजाद कर

सकता ह भीतर स उस आदमी क खशी का हम कोई अदाज नह लगा सकत वसा आदमी िसफ बोर नह

होगा बाक सब लोग ऊब जाएग पराना उबाता ह उस ऊब स छटन क िलए थोड़ -बहत तरक ब करत ह तड़फड़ात ह ल कन उसस कछ होता नह ह फर पराना सटल हो जाता ह एक-दो दन बाद फर पराना साल श हो जाएगा फर अगल वष तक

ती ा करनी पड़गी नया दन आएगा फर नय दन हम थोड़ नय कपड़ पहनग थोड़ म कराएग थोड़

चार तरफ खशी क बात करग और ऐसा लगगा क सब नया हो रहा ह और सब झठा ह य क यह बहत

बार नया हो चका और बलकल नया कभी नह हआ ह यह हर साल दन आता ह और हर साल पराना साल

वापस लौट आता ह इसस हमार आका ा का तो पता चलता ह ल कन हमार समझदार का पता नह चलता

आका ा तो हमार ह क नया दन हो वष म एक ह हो तो भी बहत ल कन ऐसी या मजबर ह अगर एक

दन को नया करन क तरक ब पता चल जाए तो हम हर दन को नया य नह कर सकत एक फक र क पास कोई आदमी गया था और उसन उसस पछा क म कतनी दर क िलए शात होन का अ यास

क उस फक र न कहा एक ण क िलए शात हो जाओ बाक क तम फकर मत करो उस आदमी न कहा एक ण म या होगा उस फक र न कहा जो एक ण म शात होन क तरक ब जान लता ह वह पर जदगी शात रह सकता ह य क एक ण स यादा कसी आदमी क हाथ म दो ण कभी होत ह नह एक ण ह हाथ म आता ह जब

आता ह और अगर एक ण को म जाद कर सक और नया कर सक और शात कर सक और आनद स भर

सक तो मर पर जदगी आन दत हो जाएगी य क एक ह ण मर हाथ म आन वाला ह सदा और उतनी तरक ब म जानता ह क एक ण को म कस नया कर ल एक ण को नया करना जो जान ल उसक पर जदगी नई हो जाती ह ल कन हम ण को पराना करना जानत ह नया करना जानत नह और जदगी वसी ह हो जाती ह जसा हम

कर लत ह पराना करन क तरक ब हम पता ह हम यक चीज म परान को खोजन क इतन आतर होत ह

जसका हसाब नह जस अभी म यहा बोल रहा ह तो आप म स कोई सोच सकता ह क गीता म िलखा ह या नह यह पराना

करन क तरक ब ह उसक दमाग म वह सोच सकता ह क यह फला स यासी रामक ण न भी ऐसा कहा ह रमण न कहा क नह कसन कहा ह क णमित ऐसा कहत ह क नह कहत ह उसका मतलब यह हआ क म जो कह रहा ह उसम वह परान को खोजन क तरक ब म लगा हआ ह हम यक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 105

चीज म परान को खोजत ह और नय क िलए तड़पत ह और खोजत परान को ह ब क हमारा आ ह भी होता ह क पराना पराना ह रह अगर कल आपक पित न या आपक प ी न साझ को आपस म स बोला था तो आज साझ भी आप ती ा कर रह ह क वह फर म स बोल आप परान क तलाश कर रह ह और अगर आज साझ वह आपस म स नह बोला ह तो उप व श हो जाएगा य क कल क साझ दोहरनी चा हए थी और आप चाहत ह क साझ

नई हो जाए और आका ा आपक ह क कल क साझ फर दोहर तो हो सकता ह पित झझट म न पड़ प ी

झझट म न पड़ और कल क साझ को दोहरा द कल उसन जो बात म स कह थी आज फर कह द हो

सकता ह कल व उसक भीतर स िनकली ह आज िसफ वह कह रहा हो तब परान का धोखा भी पदा हो

जाएगा नय का ज म भी नह होगा और पराना हमार ऊपर भार होता जाएगा उसक धल जमती चली जाएगी हम िनरतर परान क अप ा कए हए ह और नय क आका ा भी कए हए ह अगर कल आप मर पास आए थ

और म हस कर बोला था तो आज जब आप मर पास आए ह दरवाज पर तो अप ा लकर आए ह क मझ हस

कर बोलना चा हए अब वह आदमी कल था वह गया वह आदमी कहा ह पता नह कल वह आदमी य हसा था आज हसगा

क नह हसगा इसका या पता ह ल कन अगर वह नह हसता ह तो हमार मन म पीडा ह य क हम कल

को दोहराना चाहत ह हम उस आदमी को नय होन का मौका नह दना चाहत और परान स ऊब भी जात ह

परान स ऊब जात ह नय का मौका नह दना चाहत तो फर इस क ा ड शन म अगर जदगी उलझाव और िचता बन जाए तो आ य नह तो म आपस यह कह रहा ह क हम हर चीज को परान करन क पर तरक ब खोजत ह नय करन क कोई

तरक ब नह खोजत म आपको नय करन क तरक ब बताना चाहता ह और अगर आपको एक दफा यह राज

समझ म आ जाए क चीज को नया कस करना तो आपक जदगी इतनी खिशय स भर जाएगी क अलग स

खिशय क फल खर दन क ज रत न रह जाएगी और अलग स नय कपड़ पहन कर नय होन क ज रत न रह

जाएगी और अलग स यौहार और दन और वष मनान क ज रत न रह जाएगी अलग स दवािलया होिलया वदा हो जानी चा हए य सब दखी और परशान आदमी क ल ण ह या तरक ब हो सकती ह नय क

पहली तो बात यह ह क ितपल नय क खोज क हमार होनी चा हए क या नया ह हम पछत ह या

पराना ह हमार मन म होना चा हए या नया ह और अगर हमार मन म यह हो तो ऐसा कोई

भी ण नह ह जसम कछ नया न आ रहा हो सबह सरज को उठ कर दख जो सय दय आज हआ ह वह कभी

भी नह हआ था सय दय रोज हआ ह ल कन जो आज हआ ह वह कभी भी नह हआ था ल कन हो सकता ह आप कह द सय दय रोज होता ह नया या ह ल कन यह सय दय जो आज हआ ह यह न कभी हआ था न कभी होगा न ऐस बादल क रग कभी पहल हए

थ न आग कभी ह ग न सरज जसा आज क सबह उगा ह ऐसा कभी उगा था न उग सकता ह नय को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 106

खोज थोड़ा दख क यह सरज कभी उगा था और आप च कत खड़ रह जाएग क आप इस म म ह जी रह थ क रोज वह सरज उगता ह वह सरज रोज

नह उगता न वह प ी रोज होती ह न वह पित रोज होता ह जो कल था वह कल वदा हो गया ह तो थोड़ा

तलाश करत रह जो राख जम जाती ह परान क उसको हटा कर नीच क अगार क खोज करत रह क नया या

ह और नय का स मान करना सीख तो नया कट होगा अगर स मान न करग तो राख ह कट होगी

अगारा कट न होगा अगारा भीतर िछप जाएगा नय का स मान कर और जदगी क य वत पन क

आका ा छोड़ द अगर कल मझस म िमला था तो ज र नह क आज भी िमल आज को खला छोड़ जो िमलगा उस दख यह

आका ा न कर क जो कल िमला था वह आज भी िमलना ह चा हए जहा ऐसी आका ा आई क हमन चीज

को पराना करना श कर दया जदगी को एक ि ल एक पलक म जीन द एक अिन य म रहन द या

होगा कहा नह जा सकता आज म िमलगा नह िमलगा कछ भी नह कहा जा सकता इस असर ा को वीकार कर ल

ल कन हम सर त होन क इतनी यव था करत ह इसिलए हमारा सारा जीवन बासा और पराना हो गया ह आदमी म करता नह क ववाह क िलए पहल िनवदन श कर दता ह यह ववाह का िनवदन म को बासा

करन क तरक ब ह अगर दिनया अ छ होगी तो म होगा साथ रहत हए लोग भी ह ग ल कन ववाह नह हो सकता ववाह जसी बहद चीज सोचन म भी नह आनी चा हए ववाह का मतलब यह ह क हम प का प ता इतजाम करत ह क कल भी यह म जार रहगा आन वाल कल म ऐसा न हो क जसन आज हम म

दया था और जसक गोद हम आज िसर रखन को िमली थी कल न िमल हम कल का इतजाम आज कर लत

ह और कल यह गोद ठ क ऐसी ह िमलनी चा हए यह म ऐस ह िमलना चा हए फर सब जड़ हो जाएगा सब पराना हो जाएगा सब बासा हो जाएगा सब मर जाएगा और हमन सब तरफ ऐसा ह कर िलया ह जदगी एक अिन य ह और आदमी डर क कारण सब िन त कर लता ह िन त कर लता ह तो सब बासा हो

जाता ह कवल व ह लोग नय हो सकत ह जो अिन त म अनसटन म इनिस यो रट म जीन क ह मत

रखत ह जो यह कहत ह जो होगा उस दखग हम कोई प का करक नह चलत हम कछ िन त करक नह चलत हम कल क िलए कोई िनयम नह बनात ह क कल य िनयम पर करन पड़ग अगर आज क िनयम कल

पर ह ग तो कल आज क श ल म ढल जाएगा ल कन हम सब भ व य को ढालन म िचितत ह हम न कवल भ व य को ब क मरन क बाद तक ढालन म

िचितत ह हम इसका भी पता लगाना चाहत ह क मरन क बाद म बचगा क नह मर नाम क स हत मर

उपािध क स हत मर पद क साथ म रहगा या नह प ी अपन पित स यह भी पछ लना चाहती ह क अगल

ज म म भी तम िमलोग क नह तम ह िमलोग न वह अगल ज म तक को ऊब म ढालन क च ा म लगी ह इस जदगी को भी उसन बोडम बना िलया ह अगली जदगी को भी बोडम बना लना चाहती ह जदगी म नय का वागत नह ह हमारा परान का आ ह ह तो सब पराना हो जाएगा तो म आपस कहता ह

क परान क अप ा छोड़ द तो रोज नया दन होगा वष का नय का वागत कर नय का स मान कर और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 107

नय को खोज-- क नया या ह खोज पर बहत कछ िनभर करता ह क हम या खोजन जात ह वह खोज

लग अगर एक आदमी गलाब क पास काट को खोजन जाएगा तो काट खोज लगा काट वहा ह और अगर एक

आदमी फल खोजन जाएगा तो यह भी हो सकता ह क काट का उस पता ह न चल वह फल खोज ल और

वापस लौट आए फल भी वहा ह ल कन हम या खोजन जात ह इस पर सब कछ िनभर करता ह जदगी म सब ह वहा राख भी ह परान क वहा अगार भी ह नय का वहा चीज मर भी रह ह परानी हो रह

ह वहा नय का ज म भी हो रहा ह वहा व भी ह वहा ब च भी ह वहा ज म भी ह म य भी ह वहा कछ

वदा हो रहा ह कछ आ रहा ह आप या खोजन गए ह इस पर िनभर करता ह अगर आप मत को खोजन

गए तो आप मरघट पर पहच जाएग और तब आपको सब मद ह वहा दखाई पड़ग और सब लाश और सब

क दखाई पड़गी और तब आप उन क और लाश और मद क बीच कस जदा रह पाएग आप मरन क

पहल मदा हो जाएग जहा चार तरफ मद िघर गए ह वहा आप मर जाएग ल कन एक तरफ जीवन ज म भी ल रहा ह रोज वहा आप खोजन नह गए ह--जहा सरज क नई करण फटती

ह कली फटती ह नया-नया रोज कछ हो रहा ह य क जो पराना हो गया ह वह हो कस सकता था अगर

नया पदा न होता जो आज बढ़ा हो गया ह वह बढ़ा हो इसीिलए गया ह क कल वह ब चा था और जो फल

आज क हला कर िगर गया ह और बासा हो गया ह वह बासा इसीिलए हो गया ह क कल वह ताजा था अब

यह आपक ऊपर िनभर ह क आप ताजी घटनाओ को खोजत ह क बासी घटनाओ को खोजत ह कौन आपस

कह रहा ह क िगरत फल को द खए उगत फल को भी दखा जा सकता ह और जस य को नय स सबध जोड़ना हो उस उगत फल को दखना चा हए उस काट िगनना छोड़ दना

चा हए उस नय का वागत और स मान नय क अप ा म जीना चा हए उस अनजान और अननोन क

अपन भीतर वश क िलए ओपिनग खला ार रखना चा हए तब ित दन नया ह ित सबध नया ह यक िम नया ह प ी नई ह पित नया ह बटा नया ह बट नई ह तब सार जदगी नई ह और नय क

बीच जो जीता ह उसक भीतर अगर नय का फल खल जाता हो तो आ य नह ह य क परान क बीच जो

जीता ह उसक भीतर सब िसकड़ जाता ह और मर जाता ह हम अपन चार तरफ या इक ठा कर रह ह इस

पर िनभर करगा क हमार भीतर या घ टत होगा हमार भीतर जो घटना घटगी वह हमार हाथ स ह इक ठ

क हई ह तो एक तो रा ता यह ह जो चलता आया ह क वष म एक दन नया होता ह और तीन सौ च सठ दन परान होत

ह और मरा अपना मानना ह क यह एक दन झठा होगा धोखा होगा जब तीन सौ च सठ दन परान होत ह

तो एक दन नया कस हो सकता ह इतनी परान क भीड़ म नया हो नह सकता िसफ नय का धोखा हो सकता ह म आपस यह कह रहा ह क तीन सौ पसठ दन ह नय हो सकत ह ितपल नया हो सकता ह नय क तयार

और नय का स मान और नय क िलए मन का ार खला होना चा हए और जो य एक बार नय क िलए

अपन मन क ार को खोल लता ह आज नह कल वह पाता ह क नय क पीछ परमा मा वश कर गया य क परमा मा अगर कछ ह तो जो िनरतर नया ह उसी का नाम ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 108

ल कन हमार थ और हमार ग और हमार स यासी तो कहत ह परमा मा उसका नाम ह जो सबस पराना ह

वह जो सबस पहल हआ वह वह जो सनातन ह वह ाचीन स ाचीन जब कछ भी न था तब वह था तो हमार सब म दर म मर हए क पजा चल रह ह हमार सब म जद म मर हए का आदर हो रहा ह हमार सब थ

और ग ाचीन और परान क स मान म लग ह और जदगी रोज नई ह और जदगी रोज वहा पहच जाती ह

जहा कभी नह पहची थी वहा रोज नय फल खलत ह और नय तार िनकलत ह और नय गीत पदा होत ह

वहा सब नया ह वहा पराना कछ होता ह नह अगर परमा मा भी ह तो वह ह रोज नय होत म परमा मा

वह ह जो सदा स ह वह नह परमा मा वह ह जो ितपल होता ह और ितपल होता ह चला जाता ह जीवन वह ह जो िनरतर होता चला जा रहा ह जीवन एक धारा ह एक बहाव रोज नई होती ह अगर हम

परान पड़ गए तो पीछ पड़ जात ह अगर हम भी नय हए तो हम भी जीवन क साथ बह पात ह ऐसा बह कर

दख तो शायद सभी दन नय हो जाए सभी दन खशी क हो जाए और जो भी िमल उसस ह आनद झरन

लग य क हमार पास वह तरक ब वह ट नीक वह िश प वह कला आ गई जसस हम हर जगह नय को खोज ह लग मन सना ह एक ऐसा वचारक जो ितपल नय स और नय क आशा स भरा था और जो ितपल खशी को

खोजन क िलए आतर था और जो हर दख म भी हर अधर स अधर बदली म भी चमकती हई बजली क

करण को खोज लता था वह ययाक क एक सौवी म जल क ऊपर रहता था वह एक बार सौवी म जल स नीच

िगर पड़ा कहानी कहा तक सच ह मझ पता नह ल कन अगर ऐसा कोई आदमी होगा तो सच होनी ह

चा हए वह सौवी म जल स नीच िगर पड़ा बीच म लोग न खड़ कय स झाक कर उसस पछा क या हाल

ह यह जानन क िलए क यह आदमी आज इस घड़ म भी सख खोज पाता ह या नह उस आदमी न

िच ला कर कहा क अब तक सब ठ क ह वह जमीन क तरफ िगरा जा रहा ह ितपल िगरा जा रहा ह पर उस आदमी न हर खड़क पर िच ला कर

कहा अब तक सब ठ क ह यानी अब तक कछ भी गड़बड़ नह हई ह ऐसा आदमी आन वाली मौत को नह

दख रहा ह िगर जान वाली घटना को भी नह दख रहा ह अभी इस ण म जो ह वह दख रहा ह वह कह रहा

ह अभी सब ठ क ह अगर ऐसा कोई िच हो तो शायद इसक िलए मौत भी फल बन जाएगी शायद इसक िलए मौत भी वह उप व

नह ला सकती जो हम ल आती ह हम तो मरन क बहत पहल मर जात ह य क बास और परान हो जात ह

यह आदमी हो सकता ह मर कर भी अगर इसस हम पछ सक तो कह सक क सब ठ क ह अभी सब ठ क ह एक बार जीवन म नय का बोध श हो जाए तो सब ठ क हो जाता ह और परान का बोध गहरा हो जाए तो सब

गलत हो जाता ह मझस कहत ह िम क नय वष क िलए कछ कह नय वष क िलए म कछ न कहगा य क आप ह तो नया वष फर जीएग ज ह न पछला वष पराना कर

दया आप नय वष को भी पराना करक ह रहग आपन न मालम कतन वष परान कर दए आप पराना करन

म इतन कशल ह क नया वष बच पाएगा इसक उ मीद बहत कम ह आप इसको भी पराना कर ह दग और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 109

एक वष बाद फर इक ठ ह ग और फर सोचग नया वष ऐसा आप कतनी बार नह सोच चक ह ल कन नया आया नह य क आपका ढग पराना पदा करन का ह नय वष क फकर न कर नय का कस ज म हो सकता ह इस दशा म थोड़ सी बात सोच और थोड़ योग

कर तो तीन बात मन आपस कह एक तो परान को मत खोज खोजग तो वह िमल जाएगा य क वह ह

हर अगार म दोन बात ह वह भी ह जो राख हो गया अगारा बझ गया जो जो अगारा बझ चका ह जो

ह सा राख हो गया वह भी ह और वह अगारा भी अभी भीतर ह जो जल रहा ह जदा ह अभी ह अभी बझ

नह गया अगर राख खोजग राख िमल जाएगी जदगी बड़ अदभत ह उसम सब खोजन वाल को सब िमल

जाता ह वह आदमी जो खोजन जाता ह वह िमल ह जाता ह और जो आपको िमल जाता हो यान स समझ

लना क आपन खोजा था इसीिलए िमल गया ह और कोई कारण नह ह उसक िमल जान का नया अगारा भी

ह वह भी खोजा जा सकता ह तो पहली बात परान को मत खोजना कल सबह स उठ कर थोड़ा एक योग करक दख क परान को हम न

खोज कल जरा च क कर अपनी प ी को दख जस तीस वष स आप दख रह ह शायद आपन तीस वष दखा ह

नह फर हो सकता ह पहल दन जब आप लाए थ तो दख िलया होगा फर बात समा हो गई फर आपन दखा नह और अगर अभी म आपस कह क आख बद करक जरा पाच िमनट अपनी प ी का िच बनाइए मन

म तो आप अचानक पाएग क िच डावाडोल हो जाता ह बनता नह य क कभी उसक रखा भी तो अ कत

नह हो पाई हाला क हम िच लात रहत ह क इतना म करत ह इतना म करत ह वह सब िच लाना भी

इसीिलए ह क म नह करत शोरगल मचा कर आभास पदा करत रहत ह वह आभास हम पदा करत रह ह तो कल सबह उठ कर नय क थोड़ खोज क रए नया सब तरफ ह रोज ह ित दन ह और नय का स मान

क रए परान क अप ा मत क रए हम अप ा करत ह परान क हम चाहत ह क जो कल हआ वह आज भी

हो तो फर आज पराना हो जाएगा जो कभी नह हआ वह आज हो इसक िलए हमारा खला मन होना चा हए

क जो कभी नह हआ वह आज हो हो सकता ह वह दख म ल जाए ल कन म आपस कहता ह परान सख स

नय दख भी बहतर होत ह य क नय होत ह उनम भी एक जदगी और एक रस होता ह पराना सख भी

बोथला हो जाता ह उसम भी कोई रस नह रह जाता इसिलए कई बार ऐसा होता ह क परान सख स िघरा

आदमी नय दख अपन हाथ स ईजाद करता ह खोजता ह वह खोज िसफ इसिलए ह क अब नया सख नह िमलता तो नया दख ह िमल जाए आदमी शराब पी रहा ह व या क घर जा रहा ह यह नय दख खोज रहा ह नया सख तो िमलता नह तो नया दख ह सह कछ तो नया हो जाए नय क उतनी ती ाण क आका ा ह ल कन हम परान क अप ा वाल

लोग ह इसिलए दसरा स आपस कहता ह परान क अप ा न कर और कल सबह अगर प ी उठ कर छोड़ कर घर

जान लग तो एक बार भी यह मत कह क अर तन तो वायदा कया था कौन कसक िलए वायदा कर सकता

ह तब उस चपचाप घर स वदा कर आए जस म स उस ल आए थ उसी म स वदा कर आए यह वदा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 110

भी वीकार कर ल नय क सदा सभावना ह प ी चौबीस घट पर जदगी साथ रहगी यह ज र या ह रा त िमलत ह और अलग हो जात ह िमलत व और अलग होत व इतना परशान होन क या बात ह ल कन नह बड़ा म कल ह वदा होना य क हम कहग क जो पराना था उस िथर रखना ह सब परान को िथर रखना ह नया जब आए तब उस वीकार कर परान क आका ा न कर और तीसर बात कोई और आपक िलए नया नह कर सकगा आपको ह करना पड़गा और ऐसा नह ह क

आप पर दन को नया कर लग या पर वष को नया कर लग ऐसा नह ह एक-एक कण एक-एक ण को

नया करग तो अततः परा दन परा वष भी नया हो जाएगा एक-एक ण हमार हाथ स िनकला जा रहा ह--

जस रत का दाना िगरता ह रत क घड़ स ऐसा एक-एक ण हमार हाथ स गजरा जाता ह एक ण को नया

करन क फकर कर अगल ण क फकर मत कर अगला ण जब आएगा तब उस नया कर लग और नय क इस म दर म थोड़ा वश उस परमा मा क िनकट पहचा दता ह जो जीवन का मल ोत ह मल

धारा ह और वहा जो एक बार नहा लता ह उस मल ोत म उसक िलए इस जगत म फर पराना रह ह नह

जाता फर कछ भी पराना नह ह फर पराना ह ह नह फर उसक िलए म य जसी चीज ह नह ह कछ

मरता ह नह फर उसक िलए बढ़ जसा कोई मामला ह नह कछ व ह नह होता तब उस व ाव था भी एक नई अव था ह जो जवानी क बाद आती ह तब उसक िलए म य भी एक नया ज म ह जो ज म क बाद होता ह तब उसक िलए सब नय क ार खलत चल जात ह अतह न नय क ार ह ल कन हमन सब पराना कर डाला ह उसम नय क झठ तभ खड़ रख ह लीप-पोत कर खड़ कर रख ह-- क य

नय दन यह नया वष यह सब बलकल धोखा ह जो हम खड़ा कए ह ल कन सखद ह य क इतन परान

को झलन म सहयोगी हो जाता ह और ऐसा लगता ह क चलो अब कछ नया आया अब कछ नया होगा वह

कभी नह होता अब कतन सब िम नय वष पर एक-दसर को शभकामनाए दग इन िम को पछल वष भी उ ह न द थी और फर हम शभकामनाओ को बड़ सरल मन स हण करग और सरल मन स उनका दान भी करग और

जानत हए क यह सब यथ ह इसका कोई मतलब नह ह तो म तो कोई शभकामना नह क गा नय वष क िलए आपको य क म एक ह बात कह सकता ह क आपको

याद दलाऊ क आपन इतन वष परान कर डाल तो नय वष पर आप खयाल रखना क अब फर वह न करना

आप जो अब तक कया ह इसको फर वापस पराना मत कर डालना इस नय करन क कोिशश करना यह

नया हो सकता ह और अगर यह नया हो गया तो ित दन नया हो जाता ह ित दन नय वष का आरभ ह

पराना टकता ह नह बचता ह नह सब बह जाता ह ल कन हम ऐसा पकड़त ह परान को क नय को होन क िलए अवकाश नह पस नह रह जाता अगर हम

अपन मन क खोज-बीन कर तो सब तरफ हम परान को इतन जोर स पकड़ हए ह क नय क िलए जगह कहा

ह नया आए कहा स आपक घर म आपक िच म नय क करण वश कहा स कर आप तो परान को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 111

इतन जोर स पकड़ हए ह उस छोड़त ह नह र ी भर जगह नह छोड़त उसम उधर पस क ज रत ह वहा जगह क ज रत ह वहा स नया आ सकता ह मर बात को इतन म स सना उसस बहत अनगह त ह और आपक भीतर नया पदा हो सक ऐसी परमा मा स ाथना करता ह जीवन रह य नौवा वचन म कोई वचारक नह ह मर य आ मन ऐसा लगता ह क कह कछ भल हो गई ह म कोई वचारक नह ह और ऐसा भी नह म मानता ह क वचारक

स जगत का कोई लाभ हआ ह मन य क जीवन म जतन झगड़ और उप व हए ह वचारक उसका कारण ह

और मन य क जीवन म जीवन को जीन क जो मता कम हई ह उसका कारण भी वचारक ह न मालम

इितहास क कस दभा य ण म आदमी को यह खयाल आ गया क वचार क ारा जीवन जीया जा सकता ह

जीवन म जो भी ह वह वचार स उपल ध नह होता--न स दय न स य न म वचार एक धोखा ह मन सना ह रवी नाथ एक रात एक बजर म या ा कर रह थ प णमा क रा थी और परा चाद आकाश म था

अपनी नाव क छोट स झोपड़ म एक छोट सी मोमब ी को जला कर व एक कताब पढ़ रह थ वह कताब

ऐ थ ट स पर थी स दयशा पर थी आधी रात तक व कताब पढ़त रह--स दय या ह और फर ऊब गए और कताब को बद कर दया और मोमब ी को फक मार कर बझा दया और तभी अचानक जस एक ाित घट

गई-- ार क खड़ कय क बजर क र -र स चाद क करण भीतर आ ग मोमब ी क धीम स काश न

चाद को बाहर रोक रखा था रवी नाथ नाचन लग और उ ह न दसर दन सबह कहा दसर दन सबह उ ह न कहा कसा अभागा ह म स दय बाहर मौजद था स दय पर ण बाहर ती ा करता था और म स दय पर एक कताब पढ़ता रहा और

जब मन मोमब ी बझा द और कताब बद कर द तो स दय मर कमर क भीतर आकर नाचन लगा व बाहर आ

गए उ ह न चाद को दखा झील को दखा उस रात क स नाट को दखा स दय वहा मौजद था ल कन

कताब म िसफ वचार मौजद थ कताब म िसफ वचार ह हो सकत ह स दय नह हो सकता वचारक क पास भी िसफ वचार ह होत ह स य नह होता न स दय होता न म होता और वचार वचार िसवाय श द क जोड़ क और कछ भी नह ह सब वचार बास ह सब वचार उधार ह कोई वचार

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 112

मौिलक नह होता कोई वचार मौिलक हो भी नह सकता मौिलक होती ह अनभित और अनभित होती ह

िन वचार ल कन बड़ परानी भल ह उसी भल म मझ भी बला िलया ह वह भल यह ह हम महावीर को भी वचारक

कहत ह महावीर वचारक नह ह महावीर जो कछ भी ह वह वचार को छोड़ कर ह ब को भी वचारक कहत ह ब भी वचारक नह ह ब जो कछ भी ह वचार क पार जाकर ह जनको हम वचारक कहत ह उनम स

बहत स लोग वचारक नह ह ज ह न इस जगत को कछ दया ह उ ह न वचार स नह दया वचार क पार

स लाकर दया ह वचार वाहन हो सकता ह अिभ य का उपल ध का माग नह ह ल कन कछ लोग िसफ वचारक ह उनक पास िसवाय श द क स ह क कछ भी नह ह और उन श द क

स ह को उ ह न जीवन समझा हआ ह इसिलए वचारक मरन क बहत पहल मर जाता ह उसक पास श द

क लाश क िसवाय कोई जीवन नह होता मन सना ह एक फक र था और फक र बहत अदभत आदमी था उसन वचारक पर बड़ा य य कया ह ल कन वचारक इतन कम समझदार होत ह क वचार क ऊपर कए गए य य भी उनक पकड़ म नह आत

वह फक र एक दन घर लौटता था और कसी िम न उस कछ मास भट कर दया और साथ म एक कताब

भी द द कताब म मास को बनान क विध िलखी हई थी वह एक बगल म कताब को दबा कर और हाथ म

मास को लकर घर क तरफ भागा एक चील न झप टा मारा वह उसक मास को उठा कर ल गई उस फक र न

चील स कहा क मरख ह त विध बनान क तो मर पास ह मास का या करगी वह घर पहचा उसन अपनी प ी को कहा दखती हो एक मरख चील मर मास को छ न कर ल गई ह और

कताब मर पास ह जसम विध िलखी ह बनान क चील मास का करगी या उसक प ी न कहा क तम वचारक मालम होत हो चील को कताब स मतलब नह ह चील को मास बनान

क विध स मतलब नह ह तम कताब बचा लाए और मास छोड़ आए अ छा होता क कताब चील को द

आत और मास घर ल आत ल कन वचारक हजार साल स कताब बचाता चला आ रहा ह और जदगी को छोड़ता चला जा रहा ह इसिलए

दिनया म जतना वचार बढ़ गया ह उतना जीवन कम और ीण हो गया ह दिनया म जतना वचार रोज

बढ़ता जा रहा ह आदमी उतना उदास परशान और हरान होता चला जा रहा ह य क जदगी का सारा अथ

खोता चला जा रहा ह जदगी का जो रस ह जदगी का जो भी अथ ह वह जीन स उपल ध होता ह वचार करन स नह और यह स ट यट बन जाता ह क हम जीन को छोड़ दत ह और वचार करन को पकड़ लत ह म एक फल क पास जाऊ और बठ कर फल क सबध म सोचन लग तो म एक वचारक ह ल कन फल क सबध

म जो बठ कर सोच रहा ह वह फल को जानन स विचत रह जाएगा वचार क एक द वाल खड़ हो जाएगी फल

उस पार होगा म इस पार होऊगा सब वचारक क आसपास वचार क एक द वाल बन जाती ह--वाद क शा क आइ डयालॉजी क और व अपनी ह द वाल म बद हो जात ह बाहर क दिनया स उनका जीवन स

सारा सबध टट जाता ह वह जो फल ह वह बाहर पकारता रहगा क आओ ल कन वचारक वचार करता रहगा अगर फल को जानना हो तो फल क पास बठ कर सोचन क ज रत नह ह फल क पास बठ कर सोचना छोड़

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 113

दन क ज रत ह ता क फल भीतर वश कर जाए मर आ मा और फल क आ मा कसी जगह पर िमल

सक वचार कभी भी नह िमलन दता ह और इसिलए दिनया म जतना वचार बढ़ता ह उतना आदमी-आदमी

अलग होत चल जात ह दिनया म जतन झगड़ ह व वचार क झगड़ ह य क सब द वाल वचार क द वाल

ह एक आदमी कहता ह म मसलमान ह एक आदमी कहता ह म हद ह एक हद और एक मसलमान क बीच

फक या ह खन का फक ह ह ड का फक ह आ मा का फक ह एक हद और एक मसलमान क बीच

िसफ वचार का फक ह मसलमान न कछ वचार पकड़ िलया ह हद न कछ वचार पकड़ िलया ह और वचार

क द वाल ह और तब तब वचार इतना मह वपण हो सकता ह क हद मसलमान क ह या कर द और

मसलमान हद क ह या कर द वचार इतना मह वपण हो सकता ह क हम जीवन क ह या कर द और

कताब को बचा ल वचार को बचा ल यह होता जा रहा ह जीवन रोज न हो रहा ह और कताब बचती चली जाती ह नय वचार नय झगड़ ल आत ह क यिन म नया वचार ह उसन नय झगड़ और नई द वाल खड़

कर द ह या यह नह हो सकता क आदमी अ त व को जीए वचार न

यह हो सकता ह सम त जीवन क गहराइया अ त व म उतरन स उपल ध होती ह और जस अ त व म

उतरना ह उस वचार को छोड़ कर उतरना पड़ता ह मन सना ह एक सम क कनार बहत बड़ा मला भरा हआ था और तट पर बहत लोग इक ठ थ व तट पर बठ

कर सोचन लग क सम क गहराई कतनी ह व बड़ वचारक लोग थ उ ह न तट क ऊपर बठ कर वचार

करना श कर दया सम क गहराई कतनी ह ल कन तट क ऊपर बठ कर कोई सम क गहराई नह जान सकता तट क ऊपर बठ कर सम क गहराई को जानन का कोई उपाय नह ह सम क गहराई म ह जाना पड़गा ल कन वचार करन वाल सदा तट पर बठ रह

जात ह व तट पर बठ कर बहत वचार करत रह ववाद हो गया सम क गहराई का तो कोई पता न चला ल कन ववाद स ह पा टया और कई स दाय और कई धम हो गए कसी न कहा इतनी गहराई ह और कसी

न कहा हमार कताब म इतनी िलखी ह व अपनी कताब ल आए और बड़ा ववाद श हो गया मन सना ह उस मल म दो नमक क पतल भी भल स पहच गए थ उ ह न यह सारा ववाद सना उ ह न कहा

क पागल हो गए हो अगर सम क गहराई जाननी ह तो वचार करन क या ज रत ह सम म कद

जाओ ल कन उन लोग न कहा जब तक गहराई का पता न चल हम कद कस गहराई का पता चल जाए

तब हम कद गहराई का प का पता हो जाए तभी हम कदग वचारक कहता ह जब ई र का म प का पता लगा लगा वचार करक तब खोज पर िनकलगा वचारक कहता

ह म म करन तब जाऊगा जब म म क पर फलासफ समझ ल वचारक कहता ह म जीवन म तब

उत गा जब म जान ल क जीवन या ह वह कनार पर बठा रह जाता ह और यान रह उस नमक क पतल न कहा क तो फर ठहरो म कद जाता ह म पता लगा आता ह वह

नमक का पतला कद गया ल कन नमक का पतला सम म कदगहराई म तो जान लगा ल कन जतना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 114

गहराई म जान लगा उतना ह पघलन लगा गहराई म पहच गया ठ क सम क नीच पहच गया उसन गहराई जान ली ल कन जब तक उसन गहराई जानी तब तक वह खो गया तब तक वह लौट कर बतान को नह था यह बड़ अदभत बात ह इस जदगी का सबस बड़ा पराडॉ स यह ह क जो वचार करत रहत ह व बतान म

समथ ह और जो अ त व क गहराई म उतरत ह व खो जात ह व बतान म असमथ हो जात ह स य को जो जानत ह व बता नह पात और जो बलकल नह जानत ह व बताए चल जात ह जो स य को बलकल नह

जानत व उस पर वचार करत रहत ह जो स य को जान लत ह व खो जात ह मर अपनी समझ म वचारक का अहकार मन य क जीवन म सबस बड़ा अहकार ह कछ लोग धन इक ठा

कर लत ह कछ लोग वचार इक ठ कर लत ह धन को इक ठा करन वाल को हम कहत ह क या स ह म

लग हए हो और वचार को इक ठा करन वाल को वचार को इक ठा करन वाल को हम वचार को इक ठा

करन वाल को हम उस तरह स नह कहत क या वचार क स ह म लग हो या होगा वचार क स ह कर

लन स धन क स ह स कछ नह होता वचार क स ह स भी कछ नह होता ल कन सब स ह अहकार को मजबत कर जात ह धन हो मर पास तो मझम एक अकड़ आ जाती ह क मर पास धन ह और वचार ह मर पास तो भी मझ एक

अकड़ आ जाती ह क मर पास वचार ह और ान पा ड य और वचार क जो अकड़ ह उसस बड़ अकड़ और

कोई भी नह हो सकती वह जो अहकार ह उसस बड़ा अहकार और कोई भी नह हो सकता और यान रह जतना बड़ा अहकार ह उतना ह गहर म उतरन क मता कम हो जाती ह य क गहर म उतरन पर वह

नमक का पतला पघला ऐस ह अहकार भी पघल जाता ह जस गहर जाना ह उस अहकार छोड़ कर जाना

होगा और जस अहकार छोड़ना ह उस धन ह नह छोड़ना पड़ता उस वचार भी छोड़ना पड़ता ह वचार क पत हमार चतना पर ऐस ह हअभी म एक गाव म ठहरा हआ था उस गाव क नद को म दखन

गया वह सार नद काई स ढक गई थी प ह प और काई ह काई उस पर नद पर छा गई थी एक प को

मन हटाया और नद झाकन लगी जो िम मझ ल गए थ उ ह न कहा सार नद प स ढक गई ह तो मन

कहा आदमी क भी सार आ मा वचार क प और काई स ढक गई ह थोड़ वचार को हटाओ तो भीतर स आ मा क नद झाकनी श हो जाती ह वचारक प स ढका हआ आदमी ह और वचार सब उधार ह बाहर स आए हए ह ान भीतर स आता ह और

वचार बाहर स आत ह इसिलए वचारक को ानी समझ लन क भल म नह पड़ जाना चा हए वचार सदा

बाहर स आत ह--शा स िश ाओ स सचनाओ स और ान सदा भीतर स आता ह और जस ान लाना

हो उस वचार बाहर स लान क या ा बद करनी पड़ती ह एक छोट स उदाहरण स समझान क कोिशश क मन सना ह क एक आदमी न घर म एक कआ खोदा और एक आदमी न घर म एक हौज बनाई अब हौज और

कआ बनान क ढग बलकल अलग होत ह हाला क दोन म पानी दखाई पड़ता ह और जब हौज बन गई कआ बन गया तो दोन म पानी था--कए म भी पानी था हौज म भी पानी था ल कन हौज म पानी उधार था

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 115

वह कह स मागा गया था वह कह स लाया गया था कए क पास अपना पानी था वह कह स मागा नह गया

था वह कह स लाया नह गया था हौज भर गई ल कन हौज और कए क बनान का ढग भी अलग ह कए को

खोदना पड़ता ह कए क िम ट -प थर को िनकाल कर बाहर फक दना पड़ता ह और अगर हौज बनानी हो तो

िम ट -प थर खर द कर लान पड़त ह द वाल बनानी पड़ती ह और हौज बनानी पड़ती ह और एक बड़

चम कार क बात हौज बन जाए तो भी खाली होती ह कआ बन जाए तो पानी स भर जाता ह हौज क पास

दसर का पानी होता ह जसको हम वचारक कहत ह उसक पास दसर का पानी होता ह उसक पास महावीर का पानी होगा ब का

पानी होगा ाइ ट का पानी होगा क ण का पानी होगा ल कन उसक पास अपना पानी नह होता उसक

पास कआ नह होता और यान रह जब कआ बनता ह तो कआ बनन का एक िनयम ह क खाली होना पड़ता ह जतना कआ खाली हो जाता ह उतना भर जाता ह जतना कआ अपन भीतर स चीज को बाहर फक दता ह उतन जल ोत

उपल ध हो जात ह वचारक इक ठा करता ह हौज क तरह इक ठा करता जाता ह कभी हौज क पास जाकर

कान लगा कर सनना तो हौज हमशा कहती ह और लाओ और लाओ अगर हौज स पानी िनकालो तो हौज

कहती ह मत िनकालो कम हो जाएगा कभी कए क पास कान लगा कर सनना कआ कहता ह िनकाल लो और िनकाल लो च क जतना िनकल जाता ह उतना नया भीतर स और आ जाता ह वचारक इक ठा करता ह वचार िसफ इक ठा करना ह और इसिलए वचारक बाहर स आई हई पत म इतना

खो जाता ह क कभी अपन को नह जान पाता ज ह न अपन को जाना ह ज ह न स य को जाना ह उ ह न िन वचार होकर जाना ह महावीर वचारक नह ह ब वचारक नह ह क ण वचारक नह ह और दिनया म ऐस लोग क ज रत ह

जो वचार क पार होकर दख सक इसिलए हम उनको ा कहत ह इसिलए हम उस या को जसस ान

उपल ध होता ह दशन कहत ह उसको वचारणा नह कहत ल कन अभी बड़ भल हई ह भल यह हो गई ह क हम प म स जो फलासफ आई ह हम फलासफ को भी अपन म क म दशन स अनवाद करन लग ह दशन और फलासफ पयायवाची श द नह ह दशन का मतलब

ह दखना और फलासफ का अथ ह सोच- वचार दखन और सोचन- वचारन म द मनी ह जो आदमी दख

सकता ह सोचता- वचारता नह जो नह दख सकता वह सोचता- वचारता ह म अगर अधा ह और मझ इस कमर क बाहर जाना हो तो म सोचगा क रा ता कहा ह पछगा रा ता कहा

ह पछगा ार कहा ह कस जाऊ कस िनकल और अगर मर पास आख ह तो म सोचगा नह पछगा नह उठगा और िनकल जाऊगा आख चा हए दशन चा हए वचार नह चा हए और सदा अपनी होती ह वचार सदा दसर क होत ह दसर क आपक पास नह होती दसर क आख स आप नह दख सकत ल कन दसर क वचार का स ह

आप कर सकत ह इसिलए वचारक मर म सदा बारोड सदा उधार आदमी होता ह उसक पास कछ

भी नह होता वचारक स यादा द र आदमी द न आदमी खोजना बहत म कल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 116

ल कन हम लगता ह क वचारक क पास बहत कछ ह य क जो उसन इक ठा कया ह वह हमार आख को च काता ह जो उसक पास हम दखाई पड़ता ह उसस लगता ह क इसक पास बहत कछ ह जो उसस हम सनत

ह जो वह िलखता ह उसस हम लगता ह क इसक पास बहत कछ ह और हम भी तब वचार इक ठा करन

म लग जात ह हमार सार िश ा वचार इक ठा करवान क िश ा ह इसिलए हमार िश ा ानी को पदा नह

कर पाती य क वह और दशन पदा करन क िलए कोई योग नह करती ह इधर म एक छोट सी बात अत म कहना चाह और वह यह क मन य क चतना म दो मताए ह--एक वचार क

और एक िन वचार क एक सोचन क और एक दखन क सोचन म जो उलझ जाएगा वह दखन को भल

जाएगा और जो दख लगा उस सोचन क फर कोई ज रत नह रह जाती उसक पास आख उपल ध हो जाती ह ब क पास एक बार एक आदमी को कछ लोग ल आए थ वह आदमी अधा था उसक पास आख नह थी

उसक िम न ब को आकर कहा क यह आदमी अधा ह और हमारा िम ह हम इस समझात ह क काश ह हम समझात ह क सरज ह ल कन यह मानन को तयार नह होता यह कहता ह क कस हो सकता ह हम

इस कहत ह क ह तक दत ह तो यह कहता ह क हम त हार काश को छकर दखना चाहत ह जरा काश

को ल आओ हम छकर दख ल काश तो हम ल आत ह ल कन यह छ नह पाता यह कहता ह तम अपन

काश को थोड़ा बजाओ तो हम सन ल ल कन हम काश को कस बजाए यह कहता ह काश को मर मह

म द दो म थोड़ा चख ल ल कन हम काश का वाद कस दलवाए हमन सोचा क एक बड़ा वचारक गाव

म आया ह ब आए ह तो हम जाए ब न कहा तम गलत आदमी क पास आ गए म कोई वचारक नह ह और इस आदमी को तम परशान मत

करो अ छा ह क यह नह मानता य क जसक पास आख नह ह वह मान य और अगर मान लगा तो

वचार म पड़ जाएगा सब मा यताए वचार म ल जाती ह अगर एक अधा आदमी मान ल क काश ह तो काश का होना उसक िलए िसफ एक वचार होगा अनभव नह हो सकता ब न कहा इस तम वचारक क

पास मत ल जाओ अ छा होगा कसी व क पास ल जाओ वचारक या करगा वचार द दगा व क पास

ल जाओ जो इसक आख क िच क सा कर सक व उस व क पास ल गए उस आदमी क आख पर जाली थी कछ दन क दवा क योग स वह जाली कट गई

और उस आदमी न काश दखा और वह नाचन लगा और वह खोजता हआ ब क पास गया उनक चरण

पकड़ िलए और उस आदमी न कहा क आपन बड़ कपा क अ यथा व सब वचारक मझ िमल कर मार डालत व मझ समझात थ क ह और मझ दखाई नह पड़ता था अब मझ दखाई पड़ रहा ह और म जानता ह

क जो दखन स जाना जा सकता ह वह समझान स नह जाना जा सकता म कस समझता क काश ह और

अगर समझ लता तो भी उस समझ का या म य था नह वचार क इतनी ज रत नह ह जतनी और दशन क ज रत ह और और दशन चा हए हो तो

िच ऐसा होना चा हए जो वचार को अलग करन म समथ हो जाए थोड़ दर को थोड़ ण को ह सह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 117

अगर चौबीस घट म कोई य सार वचार स अपन को म कर ल और िसफ रह जाए--मा रह जाए सोच

न िसफ हो जाए िथ कग नह िसफ बीइग--तो उसक जदगी म वह सब उतर आएगा जो ह जो सदर

ह जो स य ह एक अितम कहानी और अपनी बात म पर क गा मन सना ह एक पहाड़ क ऊपर एक आदमी खड़ा था सबह-सबह सरज िनकला ह और अभी रोशनी न चार

तरफ व पर जागरण ला दया ह और प ी गीत गात ह और वह आदमी चपचाप खड़ा ह कछ लोग घमन

िनकल ह तीन िम रा त स नीच गजर रह ह उ ह न उस आदमी को वहा खड़ दखा और एक िम न कहा यह आदमी यहा या करता होगा अब सच तो यह ह क कोई ज रत नह क वह आदमी वहा या करता होगा ल कन वचार करन वाल लोग

यथ का वचार करत रहत ह व तीन वचारक रह ह ग एक न कहा क वह आदमी वहा या करता ह दसर

आदमी न कहा क जहा तक म समझता ह जहा तक म सोचता ह कभी-कभी उस फक र क जो वहा ऊपर

खड़ा ह गाय खो जाती ह वह अपनी गाय को खोजन क िलए पहाड़ पर खड़ होकर दखता होगा क गाय कहा ह ल कन पहल आदमी न कहा त हार बात ठ क नह मालम पड़ती वचारक को कभी एक-दसर क बात ठ क

मालम पड़ती ह नह उस आदमी न कहा त हार बात ठ क नह मालम पड़ती नह मालम पड़ती इसिलए क

अगर वह गाय को खोजता होता तो चार तरफ आख भटकती उसक चार तरफ दखता वह तो चपचाप एक ह

तरफ दखता हआ खड़ा ह खोजन वाला आदमी एक तरफ नह दखता सब तरफ दखता ह ल कन तीसर आदमी न कहा त हार बात मझ ठ क मालम नह पड़ती बात क दिनया म कभी कछ ठ क

मालम पड़ता ह नह उस तीसर आदमी न कहा क म जहा तक समझता ह कभी-कभी ऐसा होता ह क वह

अपना िम साथ लाता ह िम पीछ छट जाता ह तो वह खड़ होकर उसक ती ा करता होगा उस पहल आदमी न कहा नह यह ठ क नह ह य क अगर कोई कसी क ती ा करता हो तो कभी-कभी पीछ लौट कर भी दखता ह वह पीछ लौट कर दख ह नह रहा ह तब उन दोन न पछा क तम या कहत हो उस आदमी न कहा जहा तक म सोचता हअब मजा यह ह क य तीन सोच ह सकत ह य क वह आदमी या कर रहा ह यह वह जान सकता ह बाहर स तो िसफ सोचा ह जा सकता ह

उस तीसर न कहा जहा तक म सोचता ह वह भगवान का मरण कर रहा ह तो उन तीन न कहा बड़ म कल हो गई हम तीन को पहाड़ पर चढ़ना पड़गा और उस आदमी स पछना पड़गा क वह कर या रहा ह अब बड़ मज क बात ह क दसरा आदमी कछ भी कर रहा हो तीन आदिमय को पहाड़ चढ़न क कोई ज रत

नह ह ल कन दसरा या कर रहा ह उस जानन क िलए कोई भी एवर ट चढ़ सकता ह हम खद या कर रह ह

उस जानन क हम कभी भी कोई िचता नह ह दसरा या कर रहा ह व तीन पहाड़ चढ़ थक गए पसीना उनक माथ पर आ गया उस आदमी क पास पहच पहल आदमी न

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 118

जाकर कहा क जहा तक महानभाव म सोचता ह आपक गाय खो गई ह आप खोज रह ह उस आदमी न आख खोली उसन कहा मरा कछ ह ह नह इस जगत म खोएगा कस और जब खोएगा ह

नह तो खोजगा कस माफ करो म कछ भी नह खोज रहा ह दसरा आदमी ह मत स आग आया उसन कहा जहा तक म सोचता ह आप खोज नह रह ह ल कन

आपका िम पीछ छट गया होगा आप उसक ती ा कर रह ह सह कह रहा ह न म उस आदमी न कहा न मरा कोई िम ह न मरा कोई श ह पीछ छटगा कौन ती ा कसक क गा म

कसी क ती ा नह कर रहा ह तब तो तीसर आदमी न कहा क जीत मर िन त ह व ह तीसरा आदमी आग आया और उसन कहा क म सोचता ह क आप परमा मा का मरण कर रह ह वह फक र हसन लगा उसन कहा मझ परमा मा का कोई पता नह मझ अभी अपना ह पता नह ह म

परमा मा का मरण कस क गा तो उन तीन न पछा क फर आप कर या रह ह उस आदमी न कहा म कछ भी नह कर रहा ह--म िसफ ह उस आदमी न कहा म कछ कर नह रहा ह--म

िसफ ह और उस आदमी न कहा होना इतना आनद ह--मा होना जन लोग न स य को जाना ह-- म को परमा मा को कोई भी नाम द म को मो को--उन सबन उस

ण म जाना ह जब बाहर क भी सार या खो गई ह और भीतर भी वचार क सार या खो गई ह जब

या मा खो गई ह और सब स नाटा हो गया ह और िसफ होना मा रह गया ह--ज ट ए झ टस उस ण

म हम जड़ जात ह सब स वराट स और जब तक वचार क गित विध ह तब तक टट रहत ह नह जड़

पात ह तो मझ गलती स बला िलया और इतना समय भी मन आपका िलया उसक िलए माफ मागन क िसवाय और

कोई उपाय नह ह म कोई वचारक नह ह और न चाहता ह क कोई वचारक हो ा चा हए दशन चा हए चा हए वह आख चा हए भीतर जसस जीवन क परम स य का अनभव होता ह

मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ परमा मा को

णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य दसवा वचन मन य क एकमा सम या भीतर का खालीपन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 119

एक छोट सी घटना स आज क बात श करना चाहगा िसकदर महान क म य हो गई थी लाख लोग नगर क रा त पर खड़ उसक अरथी क ती ा कर रह थ

अरथी आई और अरथी महल स बाहर िनकली व जो खड़ हए लाख लोग थ उन सबक मन म एक ह उन सब क बात म एक ह और ज ासा पर नगर म फल गई बड़ आ य क बात हो गई थी ऐसा कभी

भी न हआ था अरिथया तो रोज िनकलती ह रोज कोई मरता ह ल कन िसकदर क अरथी िनकली थी तो जो बात हो गई थी वह बड़ अजीब थी अरथी क बाहर िसकदर क दोन हाथ लटक हए थ हाथ तो भीतर होत ह

अरथी क या कोई भल हो गई क हाथ अरथी क बाहर लटक हए थ ल कन िसकदर क अरथी और भल हो

जाए यह भी सभव न था और एक-दो लोग नह सकड़ लोग महल स उस अरथी को लकर आए थ कसी को

तो दखाई पड़ गया होगा--हाथ बाहर िनकल हए ह सारा गाव पछ रहा था क हाथ बाहर य िनकल हए ह साझ होत-होत लोग को पता चला िसकदर न मरत व कहा था मर हाथ अरथी क भीतर मत करना

िसकदर न चाहा था उसक हाथ अरथी क बाहर रह ता क सारा नगर यह दख ल क उसक हाथ भी खाली ह हाथ तो सभी क खाली होत ह मरत व उनक भी जनको हम िसकदर जानत ह उनक हाथ भी खाली होत ह

ल कन िसकदर को यह खयाल क उसक खाली हाथ लोग दख ल-- जसन दिनया जीतनी चाह थी जसन

अपन हाथ म सब कछ भर लना चाहा था--व हाथ भी खाली ह यह दिनया दख ल िसकदर को मर हए बहत दन हो गए ल कन शायद ह कोई आदमी अब तक दख पाया ह क िसकदर क हाथ

भी खाली ह और हम सब भी छोट-मोट िसकदर ह और हम सब भी हाथ को भरन म लग ह ल कन आज तक

कोई भी जीवन क अत म या भर हए हाथ को उपल ध कर सका ह या क हाथ खाली ह रह जात ह या क हाथ नह भर पात और हमारा सारा म और हमार सार श अप यय हो जाती ह अिधकतम लोग असफल मरत ह यह हो सकता ह क उ ह न बड़ सफलताए पाई ह ससार म यह हो सकता ह

क उ ह न बहत यश और धन अ जत कया हो ल कन फर भी असफल मरत ह य क हाथ खाली होत ह

मरत व िभखार ह खाली हाथ नह मरत स ाट भी खाली हाथ ह मरत ह तो फर यह सार जदगी का

म कहा गया अगर सार जीवन का म भी सपदा न बन पाया और भीतर एक पणता न ला पाया तो या

हम रत पर महल बनात रह या पानी पर लक र खीचत रह या सपन दखत रह और समय गवात रह या ह इस दौड़ क सार िन फलता या ह

एक और छोट कहानी मझ मरण आती ह एक महल क ार पर बहत भीड़ लगी हई थी और भीड़ बढ़ती ह जा रह थी और दोपहर स भीड़ बढ़नी श हई

थी अब साझ होन आ गई सारा गाव ह कर ब-कर ब उस ार पर इक ठा हो गया था या हो गया था उस

ार पर राजमहल क एक छोट सी घटना हो गई थी और घटना ऐसी बबझ थी क जसन भी सना वह वह खड़ा होकर दखता रह गया कसी क कछ भी समझ म न आ रहा था एक िभखार सबह-सबह आया और उसन राजा क महल क सामन अपना िभ ापा फलाया राजा न कहा क

कछ द दो अपन नौकर को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 120

उस िभखार न कहा एक शत पर लता ह यह िभ ापा उसी शत पर कोई चीज वीकार करता ह जब यह

वचन दया जाए क आप मर िभ ापा को परा भर दग तभी म कछ लता ह राजा न कहा यह कौन सी म कल ह छोटा सा िभ ापा ह परा भर दग और अ न स नह वण

अश फय स भर दग िभ क न कहा और एक बार सोच ल पीछ पछताना न पड़ य क इस िभ ापा को लकर म और ार पर भी गया ह और न मालम कतन लोग न यह वचन दया था क व इस परा भर दग ल कन व इस परा नह भर पाए और बाद म उ ह मा मागनी पड़ राजा हसन लगा और उसन कहा क यह छोटा सा िभ ापा उसन अपन म य को कहा वण अश फय स

भर दो यह घटना हो गई थी राजा वण अश फया डालता चला गया था िभ ापा कछ ऐसा था क भरता ह नह था सारा गाव ार पर इक ठा हो गया था दखन कसी क समझ म कछ भी न पड़ता था क या हो गया ह

राजा का खजाना चक गया साझ हो गई सरज ढलन लगा ल कन िभ ा का पा खाली था तब तो राजा भी

घबड़ाया िगर पड़ा पर पर उस िभ क और बोला या ह इस पा म रह य या ह जाद भरता य

नह उस िभखार न कहा कोई जाद नह ह कोई रह य नह ह बड़ सीधी सी बात ह एक मरघट स िनकलता

था एक आदमी क खोपड़ िमल गई उसस ह मन िभ ापा को बना िलया और आदमी क खोपड़ कभी भी

कसी चीज स भरती नह ह इसिलए यह भी नह भरता ह आदमी खाली हाथ जाता ह इसिलए नह क खाली हाथ जाना ज र ह ब क आदमी क खोपड़ म कह कछ

भल ह इसिलए नह क खाली हाथ जाना जीवन स कोई िनयम ह कोई अिनवायता ह नह जीवन स भर हाथ भी जाया जा सकता ह और कछ लोग गए ह और जो भी जाना चाह वह भर हाथ भी जा सकता ह ल कन

आदमी क खोपड़ म कछ भल ह और इसिलए भरत ह बहत भर नह पाता हाथ खाली रह जाता ह कौन सी भल ह कौन सा सी ट ह कौन सा रह य ह मन य क मन क साथ क वह भर नह पाता कौन

सा जाद ह और यह मत सोचना क कसी राजमहल क ार पर ह कोई िभ खड़ा था और उसका पा नह

भर पाया था हम सबक ार पर िभ खड़ ह और पा नह भर पा रह ह हम सभी िभ ह हमार पा भी नह भर पा रह ह यहा हम इतन लोग इक ठ ह आधा जीवन तो कर ब-कर ब हमम स सभी का बीत चका ह कसी का आध स

यादा भी बीत चका होगा कसी का अभी आध स कम भी बीता होगा ल कन या हमार पा थोड़-बहत भर

पाए ह और अगर आधा जीवन बीत जान पर बलकल नह भर ह तो शष आध जीवन म फर कस भर

जाएग पा खाली ह पा खाली रहग य क आदमी क मन क साथ कछ गड़बड़ ह या गड़बड़ ह उसी सबध म थोड़ सी बात आज स या म आपस कहगा मन य क मन क साथ या भल ह या उलझाव कौन सी पहली ह जो सलझ नह पाती और इस पहली

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 121

को बना सलझाए जो जदगी म भाग-दौड़ करन म लग जाता ह वह तो बलकल पागल ह जसन अपन मन

क सम या को इस उलझाव को इस रह य को नह समझ िलया ह ठ क स उसक जीवन क सार दौड़ यथ

ह िनरथक ह वह तो बना सम या को समझ और समाधान करन को िनकल पड़ा ह और जसन सम या ह

न समझी हो या वह समाधान कर सकगा ित बत म एक िश क क बाबत बड़ िस ह बाद म वह फक र हो गया जब वह िश क था व व ालय

म तीस वष तक िश क रहा ग णत का िश क था हर वष जब नय व ाथ आत और उसक क ा श

होती तो तीस वष स िनरतर एक ह सवाल स उसन क ा को श कया था एक ह ग णत एक ह वह

जस ह पहल दन वष क पहल दन क ा म जाता और नय व ािथय का वागत करता त त पर जाकर दो

अक िलख दता--चार और दो--और लोग स पछता या हल ह इसका कोई लड़का िच लाता छह ल कन

वह िसर हला दता कोई लड़का िच लाता दो ल कन वह िसर हला दता और तब सार लड़क िच लात--

य क अब तो एक ह और सभावना रह गई थी जोड़ िलया गया घटा िलया गया अब गणा करना और रह

गया था--तो सार लड़क िच लात आठ ल कन वह फर िसर हला दता और तीन ह उ र हो सकत थ चौथा कोई उ र न था तो लड़क चप रह जात और तब वह िश क उनस कहता तमन सबस बड़ भल यह क क तमन मझस यह नह पछा क या ह और तम उ र दना श कर दए मन चार िलखा और दो िलखा यह तो ठ क ल कन मन कहा बोला

था और तम उ र दना श कर दए और वह िश क कहता क म अपन अनभव स कहता ह ग णत म ह

यह भल नह होती जदगी म भी अिधक लोग यह भल करत ह जदगी क को नह समझ पात और उ र दना श कर दत ह जदगी क सम या जदगी का ॉ लम या ह कस बात का उ र खोज रह ह कौन सी पहली को हल

करन िनकल पड़ ह इसक पहल क कोई पहली को हल कर पाए उस ठ क स जान लना होगा-- या ह जदगी क सम या या ह मन य क सम या उसका मन ह और मन क सम या कतना ह उस भरो न भरना ह मन भर नह पाता

ह या ह इसक पीछ कौन सा ग णत ह जो हम नह समझ पात और जीवन भर रोत ह और परशान होत ह कौन सी कजी ह जो इस जीवन क सम या को सलझाएगी और हल कर दगी बना इस समझ चाह हम

म दर म ाथनाए कर चाह म जद म नमाज पढ़ चाह आकाश क तरफ हाथ उठा कर परमा मा स

आराधना कर कछ भी न होगा कछ भी न होगा य क जो आदमी अभी अपन मन को ह सलझान म समथ

नह हो सका उसक ाथना का कोई भी म य नह हो सकता ह और जो मन य अभी अपन भीतर ह प

नह हो सका ह जीवन क सम या क ित वह जन म दर म जाएगा उसक साथ ह और भी उप व वहा

पहच जाएग म दर स वह तो शात होकर नह लौटगा ल कन म दर क शाित को ज र ख डत कर आएगा

भीतर जो उलझा हआ ह वह जो भी करगा कन य ड माइड जो भी करगा उसस जीवन म और कन यजन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 122

और परशानी और उलझाव बढ़ता ह हम एक पागल आदमी स सलाह लन नह जात य क पागल जो भी सलाह दगा वह और भी उप व क हो जाएगी पागल जो सलझाव उप थत करगा वह और भी पागलपन का हो जाएगा एक राजा का एक म ी पागल हो गया था और अ सर म ी पागल हो जात ह सच तो यह ह क जो पागल नह

होत व कभी म ी ह नह होत राजा का म ी पागल हो गया था राजा सोया हआ था उस म ी न जाकर सोए

हए राजा को चम िलया राजा घबड़ा कर उठा और उसन कहा क यह तम या करत हो इसक सजा िसवाय

मौत क और कछ भी नह हो सकती मझ चमन का तमन साहस कया उस म ी न कहा माफ कर म तो समझा क महारानी सो रह ह यह उ ह न उ र दया था राजा हरान हो गया वह बोला क िन त ह त हारा दमाग खराब हो गया ह

य क तमन जो अपराध कया ह और उस अपराध स बचन क िलए तम जो दलील द रह हो वह और भी बड़ा अपराध ह कर ब-कर ब ऐस ह जीवन क सम या को सलझान क िलए हम जो करत ह वह और भी बड़ सम या खड़ कर

दता ह हमार मन उलझ हए ह उलझ हए मन को लकर हम या हल कर पाएग ल कन हम बड़ अजीब लोग

ह इस उलझ हए मन को लकर गीता पढ़त ह गीता पर ट का भी करत ह करान पढ़त ह करान पर भा य

िलखत ह उपिनषद पढ़त ह हम जब गीता और उपिनषद पढ़त ह तब जो हम जान पात ह वह गीता और

उपिनषद नह ह हमार उलझ मन गीता को भी उलझा लत ह उपिनषद को भी उलझा लत ह और तब हमारा

उलझाव बढ़ता ह चला जाता ह और फलता ह चला जाता ह उसम कोई ओर-छोर िमलना क ठन हो जाता ह इसिलए पहली और बिनयाद बात पछनी ज र ह इस मन का ॉ लम या ह इस मन क सम या या ह सबस पहली बात वह यह हमार भीतर जो यह आका ा और दौड़ होती ह क हम भर ल अपन को फल फलमट क पणता क पा लन क कछ हो जान क यह दौड़ इसिलए पदा होती ह क हम अहसास

होता ह क भीतर हम खाली ह भीतर अभाव ह भीतर ए ट नस ह भीतर कछ भी नह ह भीतर मालम होता

ह ना-कछ भीतर मालम होता ह श य उस श य को भरन क िलए हम दौड़त ह दौड़त ह दौड़त ह ल कन या आपको पता ह क जो श य भीतर ह उस बाहर क कतनी ह साम ी स भरना असभव ह य क

श य ह भीतर और हमार सा ा य ह ग बाहर सा ा य बढ़त चल जाएग श य अपनी जगह बना रहगा

इसीिलए तो िसकदर खाली हाथ मरता ह नह तो िसकदर क हाथ म तो बड़ा सा ा य था बड़ धन-दौलत थी

शायद ह कसी आदमी क पास इतना बड़ा सा ा य रहा हो इतनी धन-दौलत रह हो खाली हाथ य मरता ह

यह आदमी यह खाली हाथ कस बात क सचना ह यह सचना ह क भीतर जो खालीपन ह वह नह भरा जा

सका बाहर सब इक ठा हो गया ल कन नह भीतर कछ भी नह पहच सका कौन सी चीज भीतर पहच सकती ह बाहर क कोई भी चीज भीतर नह पहच सकती बाहर क िम बाहर ह बाहर क सपदा बाहर ह बाहर का

धन बाहर क यश- ित ा सब बाहर ह और भीतर ह म मर अित र मर भीतर कोई भी नह मरा होना ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 123

मरा भीतर ह मरा बीइग ह मरा मरा आत रक श य ह मर आत रक र ता ह भीतर म ह खाली बाहर म

दौड़ता ह क भ भ बहत इक ठा कर लत ह दौड़ कर ल कन जब आख उठा कर दखत ह तो पात ह--भीतर

तो सब खाली ह दौड़ तो यथ गई दौड़ इसिलए यथ गई क जस दशा म श यता थी उसक वपर त दशा म हमन म कया दौड़ इसिलए

खाली गई क जहा ग ढा था वहा तो हमन नह भरा हमन ढर कह और लगाए ग ढा ग ढा बना रहा ढर

बड़-बड़ हो गए ल कन ग ढा नह िमटा भीतर ह ग ढा भीतर एक खाई-खदक ह भीतर दख एकदम खाली ह कछ भी तो नह वहा न वहा आपका

मकान ह न आपका धन न आपक दौलत हो सकता ह क बाहर एक क पास बड़ा मकान हो और दसर क

पास कछ भी न हो सड़क पर खड़ा हो ल कन भीतर भीतर दोन एक समान खाली ह भीतर कोई फक नह

ह िभखार और स ाट म भीतर का खालीपन बराबर एक सा ह भीतर हम सब िभखमग ह एक मसलमान फक र था फर द वह अकबर स िमलन गया उसक िम न फर द स कहा था अकबर स

करना ाथना क हमार गाव म एक कल बना द अकबर फर द को बहत मानता था आदर दता था फर द न

सोचा जाऊ वह गया सबह-सबह ज द गया अकबर नमाज पढ़ता था फर द पीछ खड़ा हो गया अकबर न

नमाज पढ़ नमाज पर क और हाथ जोड़ परमा मा क तरफ और कहा ह परम पता मर रा य को और

बड़ा कर मर धन को और बढ़ा फर द वापस लौट पड़ा अकबर उठा तो दखा फर द म जद क सी ढ़या उतर रहा ह अकबर दौड़ा और रोका क

कस आए और कस चल फर द न कहा म सोचता था एक स ाट क पास जा रहा ह यहा मन दखा यहा भी एक िभखार ह मन भल स

त हार नमाज का आ खर ह सा सन िलया तमन भी मागा और रा य और धन तम भी मागत हो म लौट

पड़ा क जो अभी खद ह माग रहा ह उसस हमारा मागना ठ क नह अिश ह और फर मन सोचा तम जसस

मागत हो अगर मागना ह होगा तो हम भी उसी स माग लग तमको बीच म य ल ल कन फर द न अपन गाव म जाकर कहा िम ो म सोचता था अकबर स ाट ह और म िभखार ह मन

जाकर जब झाक कर दखा तो मन पाया अकबर भी िभखार ह तो म उसस नह कह सका क कल बनवा दो गाव म एक वह तो खद ह अभी माग रहा ह उसका मागना ख म हो जाए तो फर हम उसस कछ कह ल कन मागना या कभी कसी का ख म होता ह मरत दम तक आ खर ण तक आदमी माग चला जाता

ह य भीतर का खालीपन नह भरता आ खर ण भी हम सोचत ह क शायद कछ िमल जाए और हम भर

जाए और हम लग क हम कछ हो गए और हमन कछ पा िलया नह ल कन यह नह हो पाता यह नह हो

सकता ह यह इपािस बिलट ह इसक होन का कोई उपाय नह ह इसिलए नह ह उपाय क भीतर ह श य बाहर ह साम ी फर हम या कर इस भीतर क श य को कस

भर कस हम अहसास हो जाए क अब मर कोई माग नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 124

उसी दन आदमी जीवन म कह पहचता ह जस दन उसक कोई माग नह रह जाती जस दन उसका िभखार मर जाता ह धम यक मन य को ऐसी जगह ल जाना चाहता ह जहा वह स ाट हो जाए दखता तो

ऐसा ह क ससार म स ाट होत ह ल कन जो जानत ह व कहग ससार म कभी कोई स ाट नह हआ सभी िभखार ह यह दसर बात ह क कछ िभखार छोट ह कछ िभखार बड़ ह यह दसर बात ह क क ह का

िभ ापा छोटा ह क ह का बड़ा ह यह दसर बात ह क कछ रोट मागत ह कोई रा य मागता ह ल कन

मागन क सबध म कोई िभ नता नह िभखमगपन म कोई भद नह धम तो समझता ह क कवल व ह लोग स ाट हो सकत ह जो भीतर एक आत रक सपणता को उपल ध होत ह

उनक सार माग िमट जाती ह उनक दौड़ उनक िभ ा का पा टट जाता ह ब बारह वष क बाद अपन गाव वापस लौट थ उनक हाथ म िभ ापा था िभखार क व थ उनक पता

उ ह लन गाव क बाहर आए तो पता न अपन लड़क को कहा मझ दख कर दख होता ह राज-प रवार म पदा

होकर त य हमार नाम को कलक लगाता ह और िभ ा का पा अपन हाथ म िलए हए ह या कमी ह हमार

पास जो त िभ ा का पा लकर घम रहा ह ब हस और उ ह न अपन पता स या कहा उ ह न कहा मा कर ल कन मर दख िभखार आप ह म

तो स ाट हो गया ह मर तो सार माग समा हो गई मन तो मागना बद कर दया म तो कछ भी नह

मागता ह आपक माग अभी जार ह आप अभी माग ह चल जा रह ह फर भी अपन को स ाट कहत ह ल कन हम यह दखाई नह पड़ता हम यह खयाल म नह आता क हम माग चल जा रह ह माग चल जा रह

ह या माग रह ह हम हम सार लोग ह एक बात माग रह ह क कसी भाित हमार भीतर का यह खालीपन िमट जाए यह श यता

िमट जाए हम भर-पर हो जाए हमार जीवन म कछ आ जाए जो हमार भीतर क अभाव को जो निथगनस

मालम होती ह भीतर उसको परा कर द हम कसी भाित पण हो जाए ल कन यह नह होगा तब तक जब तक हम बाहर दौड़ चल जात ह बाहर क दौड़ का म वह इ यजन क

बाहर स हम अपन को भर लग टट जाना ज र ह तोड़न क िलए कोई बहत म करन क बात भी नह ह कवल आख खोलन क बात ह थोड़ा जीवन को आख खोल कर दखन क बात ह चार तरफ आख खोल कर

दखन क बात ह िसकदर क खाली हाथ आख खोल कर दखन क बात ह सब क खाली हाथ आख खोल कर

दखन क बात ह जीवन म चार तरफ दखन क बात ह क लोग या कर रह ह और या पा रह ह या िमल

रहा ह या ह उनक उपल ध या ह जीवन भर का िन कष कहा व पहच गए ह कह पहच गए ह

या को ह क बल क तरह च कर काट रह ह िसफ लगता ह क चल रह ह या क कह पहच भी रह ह पछ

लोग स दख लोग को समझ लोग को झाक लोग क भीतर--कौन कहा पहच रहा ह और अपन भीतर

भी--म कहा पहच रहा ह जो मन य इतना भी नह पछता और चला जाता ह बहा जाता ह वह तो मन य होन का अिधकार भी खो दता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 125

ह फर उसक जीवन म अगर उलझन बढ़ती चली जाए तो कौन ह ज मवार कौन ह र पािसबल कसका

उ रदािय व ह िसवाय वय क और तो कसी का भी नह हम जीवन को कभी खोज क िलए जीवन को पछन क िलए खड़ भी नह होत आख खोल कर दखत भी नह

क यह या हो रहा ह जन ग ढ म हम दसर लोग को िगरत दखत ह हम खद उ ह ग ढ क तरफ बढ़

जात ह जन रा त पर हम दसर लोग को जीवन को िमटात दखत ह उ ह रा त पर हम भी दौड़ चल जात

ह दखत ह चार तरफ फर भी आख शायद हम खोल कर नह दखत अ यथा यह कस हो सकता था क व ह

भल हजार वष स जो मन य कर रहा ह हर पीढ़ उ ह भल को कए चली जाए दस हजार वष का इितहास या ह दस-पाच भल को बार-बार दोहराए जान क िसवाय और या ह हर पीढ़

कोई नई भल कर तो भी ठ क ह तो भी समझ म आए क कोई नई भल हो रह ह दिनया म वकास हो रहा ह

हर पीढ़ वह भल करती ह वह रपीट शन रपीट शन जो मर पता भल करत ह जो उनक पता करत

ह जो उनक पता वह म करता ह वह मर ब च करग वह उनक ब च करग मन य-जाित कसी को ह

क च कर म पड़ गई ह कर ब-कर ब एक सी भल हर पीढ़ दोहरा दती ह और ख म हो जाती ह नई भल ह तो भी वागत कया जा सकता ह उनका ल कन परानी भल अगर बार-बार होती ह तो एक ह

बात पता चलती ह क शायद मन य आख खोल कर भी दखता नह और चल पड़ता ह शायद हम सोए-सोए चल

रह ह शायद हम नीद म ह शायद हम जाग हए नह ह कोई गहर िन ा हम पकड़ हए ह अ यथा यह कस

हो सकता था यह कस सभव था क दस हजार वष तक मन य िनरतर कछ बिनयाद भल को बार-बार

दोहराता चला जाए दस हजार साल क मह वाका ा क मखता आज भी हम दखाई नह पड़ती एबीशन का

पागलपन आज भी दखाई नह पड़ता दस हजार वष क हसा य उनक नासमझी हम आज भी दखाई

नह पड़ती हम नय-नय नाम लकर फर भी लड़ जात ह नाम बदल लत ह लड़ाई जार रखत ह पाच हजार साल म प ह हजार य लड़ ह आदमी न प ह हजार य कवल पाच हजार साल म तीन य ित

वष या तो आदमी पागल ह या यह या ह और हर य को लड़न वाल न यह समझा ह क हम शाित क िलए

लड़ रह ह प ह हजार य और हर य का लड़न वाला यह समझता ह क हम शाित क िलए लड़ रह ह और

आज भी जो य हम लड़त ह उसम भी हम कहत ह शाित क िलए इस य को लड़ रह ह प ह हजार य लड़

जा चक शाित क िलए शाित नह आई एक और य लड़न स शाित आ जाएगी प ह हजार य क मखता

दखाई नह पड़ती जरा भी दखाई नह पड़ती हर नया य ऐसा मालम पड़ता ह और ह तरह का य ह परान लोग न क होगी

गलती हम जो य लड़ रह ह यह बात ह और ह इसस तो शाित क र ा हो जाएगी यह वहम उनको भी था अगर यह वहम उनको न होता तो व भी न लड़ होत और जब तक हम भी यह वहम ह

तब तक हम भी लड़ जाएग लड़ाई बद नह हो सकती ह ल कन वहम नह टटता प ह हजार य लड़न क

बाद भी हम दखाई नह पड़ती य क मखता नासमझी और भी सब मामल म यह ह सब मामल म यह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 126

हम स पहल अरब-अरब लोग जमीन पर रह ह उन सबन या कया था वह हम कर रह ह कन चीज क

िलए व जीए और मर वह हम कर रह ह वाग स नाम का एक चीनी फक र एक मरघट स िनकलता था वह मरघट कोई साधारण मरघट नह था उस

राजधानी म दो मरघट थ छोट लोग का मरघट और बड़ लोग का मरघट आदमी जदा म तो छोट और बड़

होत ह ह मरन क बाद भी फासला रखत ह बड़ आदिमय का मरघट अलग होता ह िम ट म िमल जात ह ल कन बड़ होन का खयाल नह िमटता क अलग बनवात ह िचता अलग जलवात ह वह मरघट बड़ लोग का मरघट था वाग स वहा स िनकलता था तो उसक पर म एक खोपड़ क चोट लग गई उसन उस खोपड़ को उठा िलया

और अपन िम स कहा बड़ भल हो गई कसी बड़ आदमी क िसर म मरा पर लग गया उसक िम हस और उ ह न कहा एक मद को पर लग भी गया तो या हजा ह वाग स न कहा हसो मत य क यह आदमी कसी दन जदा रहा होगा और कसी दन इसक िसर म पर

लगाना तो दर इसक िसर क तरफ अगली उठाना भी खतरनाक हो सकता था सयोग क बात ह क बचारा मर

गया इसक बस म न था नह तो यह मरता भी नह ल कन फर भी मझ तो मा मागनी ह चा हए भल हो गई वह उस खोपड़ को घर उठा लाया उस खोपड़ को सदा अपन पास रखता था लोग उसस पछत यह या कए

हए ह तो वह कहता म इसस रोज मा माग लता ह जदा आदमी होता तो एक ह बार मा करन स मा मागन स मा भी िमल जाती अब यह मदा ह यह बोलता भी नह उ र दता भी नह म बड़ अड़चन

म पड़ गया ह जदा आदमी हो तो मा भी िमल सकती ह मदा आदमी स मा िमलना भी क ठन ह

इसीिलए तो जो मदा होत ह व कभी कसी को मा नह करत जदा आदमी तो मा भी कर सकता ह तो उस वाग स न कहा बड़ म कल ह य ह मदा मझस हो गई ह भल िसर म लग गई ह इसक चोट नाराज तो ज र हो रहा होगा य क जो आदमी जदा ह वह तो नाराज भी नह होता ह मद बहत नाराज होत

ह बहत ग स म आ जात ह इसस मागता ह मा पता नह इस तक पहचती ह क नह पहचती इसिलए

रोज माग लता ह फर एक बात और ह इस साथ रखन स मझ एक फायदा हआ मझ अपनी खोपड़ क बाबत

जो इ यजन था जो म था वह टट गया अब मर िसर म कोई लात भी मार द तो भी म हसगा य क म

जानता ह क यह िसर आज नह कल लात क नीच आ जान को ह तो जो आज नह कल लात क नीच आ जान

को ह उसक िलए परशान होना कहा क समझदार हो सकती ह वाग स न कहा इस खोपड़ को दखत-दखत मझ अपनी खोपड़ क बाबत भी बड़ स चाइय का पता चल

गया म इसक बाबत नाहक म म था म इसको सदा ऊचा और ऊपर रखन क कोिशश करता था फर मझ

पता चला यह तो नीच िगरन को ह तो मन मझ एक बात दखाई पड़ गई यह बात हम म स कतन को दखाई पड़ती ह और अगर नह दखाई पड़ती तो हम अगर सोए हए या अध

क तरह चल रह ह यह कहन म कौन सी गलती ह यह हम कछ भी दखाई नह पड़ता ह और इसीिलए हम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 127

यह भी नह दखाई पड़ता क बाहर क दौड़ हमशा यथ रह ह हम भी उसी दौड़ म दौड़ चल जात ह हम असल

म कछ भी दखाई नह पड़ता दखाई पड़न स हमारा कोई सबध ह नह रहा हम जीवन क कसी भी कसी

भी तल पर आख खोल कर दखन म असमथ स हो गए ह हम दखत ह नह या हो सकता ह हम दखना न

चाहत ह एक फक र था इ ा हम एक गाव क बाहर रहता था अनक राहगीर उस रा त स गजरत चौराहा था वह दसर रा त भी उस जगह आकर िमलत और फटत थ तो राहगीर उसस पछ लत क पास क जो ब ती ह उसका

रा ता कहा ह रोज झगड़ा हो जाता रोज म कल हो जाती वह फक र बड़ा गड़बड़ रहा होगा एक दन तो बहत झझट हो गई एक आदमी न उसक िसर पर लकड़ भी मार द उस आदमी न पछा था क ब ती का रा ता

कहा ह उसन कहा परब क तरफ चल जाओ दो-तीन मील क बाद ब ती आ जाएगी और भल कर भी

प म क तरफ मत जाना वहा ब ती नह ह वह आदमी परब क तरफ गया तीन मील क बाद मरघट आ गया तो उस बड़ा ग सा आया क यह आदमी बड़ा पागल ह लौट कर आया तो पता चला क ब ती तो प म क तरफ ह तो वह इ ा हम क पास गया और

कहा त हारा दमाग खराब ह मरघट को ब ती बतात हो और मझस कहा क ब ती वहा ह नह प म क

तरफ जहा क ब ती ह उस इ ा हम न कहा क मर भाई बहत दन स म यहा रहता ह मरघट म जो लोग बस गए ह उनको मन कभी

वहा स हटत नह दखा इसिलए उसको ब ती कहता ह और यहा जो लोग बसत ह व तो रोज हट जात ह रोज

गजर जात ह तो यहा तो म दखता ह मरन वाल क भीड़ लगी ह आज मरगा कोई कल मरगा कोई परस

मरगा कोई उस ब ती कस कह वहा तो रोज कोई वदा होता ह वहा कोई बसता तो ह ह नह ल कन उस

मरघट म जो भी बसा ह वहा जो बस गया बस गया वहा स कभी जाता हआ दखाई नह पड़ता ल कन कौन समझगा उसको उस आदमी न तो मारा इ ा हम को और कहा क तम पागल हो तम यहा स

अपना थान हटा लो य क तम मझको ह नह गमराह कए तमन और न मालम कतन लोग को गमराह

करक मरघट भजा होगा ल कन म आपस कहता ह इ ा हम को दखाई पड़ता था और सच बात तो यह ह क जन लोग को भी दखाई

पड़ता ह व ह हम ऐस मालम पड़त ह क जस गमराह कर रह ह अध क भीड़ ह उसम एकाध आदमी को

कभी दखाई पड़ता ह तो अध उस पर टट पड़त ह मार डालत ह-- क इसको ख म करो यह आदमी कछ हमार

बीच का नह ह कछ गड़बड़ ह मालम होता ह इसक आख खराब हो गई ह इसिलए सकरात को जहर पला

दत ह ाइ ट को फासी लगा दत ह गाधी को गोली मार दत ह अध क बीच आख होना बड़ खतरनाक बात ह जदा रहना बड़ा म कल ह पागल क बीच व थ होन स

यादा खतरा और दभा य कोई भी नह हो सकता य क पागल बचन हो जात ह य हो जात ह बचन बचन हो जात ह इसिलए क जब भी कोई आख वाला आदमी गर आख वाल क ब ती म पदा हो जाए तो उसक आख हमार िलए अपमान बन जाती ह हमार िलए पीड़ादायी हो जाती ह उसक आख क होन स हमको

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 128

इस बात का अहसास होना श हो जाता ह क हम अध ह और कोई भी अपन को अधा नह दखना चाहता इसिलए उस खतम कर दन क िलए हम एकदम उ सक और पागल हो जात ह उसको खतम करक हम िन त

हो जात ह फर हम फकर िमट जाती ह फर बाक सब अध होत ह जनक साथी हम होत ह उनस हम

कोई बचनी नह होती बाक अध हमार ऊपर टिस म नह ह हमार आलोचना नह ह हमारा अपमान

नह ह ल कन आख वाला आदमी हमार आलोचना ह उसका होना हमार िलए अपमान ह ल कन हम सब जब तक आख बद कए चलत रहग तब तक यह सभव नह ह क जो यथ ह जीवन म वह छट

जाए और जो साथक ह उसक दशा म हमार कदम बढ़ सक सबस बड़ क य बात तो यह ह क जो आदमी

आख खोल कर नह दखगा वह मरत व पाएगा हाथ खाली ह आख खोल कर दखना ज र ह जदगी को शा को नह शा को दखन म कोई क ठनाई नह ह आख बद करक शा पढ़ जा सकत ह ल कन जदगी

आख खोल बना नह दखी जा सकती शा आख बद कए पढ़ जा सकत ह अगर यह बात सच न होती तो शा पढ़न वाल लोग स य को उपल ध हो गए होत ल कन शा पढ़न वाल लोग तो स य स बहत दर मालम

पड़त ह आख बद कए शा पढ़न म कोई क ठनाई नह ह जस अध भी कताब पढ़ लत ह उनक अपनी प ित होती ह पढ़न क ऐस ह आख बद कए गीता और करान पढ़ जा सकत ह कोई क ठनाई नह ह नह तो

हद और मसलमान लड़त मौलवी और प डत लड़त अगर आख खोल कर शा पढ़ होत तो लड़ाई हो

सकती थी ल कन आख खोलन क कोई शत नह ह शा पढ़न म आख बद कए मज स पढ़ जा सकत ह ल कन जदगी को जस दखना हो उस तो आख खोलनी पड़गी जदगी आख बद कए नह दखी जा सकती

जदगी चार तरफ मौजद ह जदगी क भल-चक चार तरफ मौजद ह रा त पर हजार लोग चल रह ह उनक

पर डगमगा रह ह व िगर रह ह रोज कोई िगर जाता ह रोज हमार चार तरफ कोई िमट जाता ह उसक हाथ

खाली होत ह ल कन फर भी हम आख खोल कर नह दखत हम अपनी दौड़ म इतन य त ह क आख खोलन

क फसत नह ह एक बात तो जाननी ज र ह थोड़ा ठहर कर जदगी को दखना आव यक ह चौबीस घट म कभी थोड़ दर को

ठहर कर जदगी को दख जस रा त पर आप रहत ह कभी आधा घटा उस रा त क कनार बठ कर भागत हए

लोग को दखा ह नह दखा होगा कसको फसत ह अगर रा त क कनार भी आधा घटा बठ कर भागत

लोग को दखा होता तो बहत घबड़ाहट होती क य लोग पागल ह या कहा भाग जा रह ह य या कर रह

ह कभी गौर स अपनी प ी का चहरा भी दखा ह कभी गौर स अपन पित को दखा ह कभी शाित स प ह

िमनट मौन स अपन ब च को दखा ह नह कसी को फसत नह ह जदगी या दखग आप परमा मा क दशन या करग बहत दर क बात

ह आसपास जो हमार चार तरफ मौजद ह उनक तरफ भी हमार आख खली हई नह ह आपक ार पर जो

व लगा ह कभी दो ण उस दखा ह कसको फसत ह आकाश म इतन तार िनकलत ह रोज रात कभी

आधा घड़ मौन स उनक तरफ िनहारा ह कसको फसत ह कसको समय ह दौड़ ह तज और कन का

कसी क पास कोई समय नह ह और दौड़ कहा ल जाती ह बड़ तजी स दौड़ कर मौत म पहच जात ह और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 129

कन का कसी क पास समय नह ह तो म िनवदन क गा अगर जीवन म कह पहचना हो तो थोड़ दर कना भी सीखना चा हए व ह थोड़ स लोग

जो कन म समथ हो पात ह दखन म समथ हो पात ह दखन क पहली शत ह-- कना थोड़ दर क कर दख

तो चार तरफ दख-- या हो रहा ह अगर चार तरफ आप गौर स दखग तो उ ह भल को आप नह कर पाएग जो आपक चार तरफ हो रह ह एक छोट सी कहानी कह उसस मर बात समझ म आ जाए एक यवक एक रात अपन िम क घर एक राजधानी म आकर ठहरा िचितत था रात करवट बदलता था नीद

नह आती थी उसक िम न पछा या बात ह परान दन क बात ह आज क बात नह नह तो कतनी ह करवट बदिलए कोई िम न पछगा क या

बात ह यह तो बहत परानी कहानी ह उस व िम पछत थ कसी को करवट बदलत दखत थ तो पछत थ-

- या बात ह अब तो कोई िम नह पछता आप करवट बदिलए तो वह और गहर नीद म सो जाता ह

ल कन परानी कहानी ह इसिलए मन उसको बदला नह वस ह रहन दया वह करवट बदलता था तो उसक िम न पछा या बात ह नीद नह आती कोई पीड़ा कोई बचनी उस यवक न कहा बहत मन म बचनी ह जस ग कल म म पढ़ता था दस वष वहा रहा ग न ह भोजन

दया ग न ह कपड़ा दया ग न ह ान दया सब कछ िलया उनस और मर पास एक कौड़ भी न थी क

उनको भट कर सकता जब अत म वदा हआ सार मर िम न कछ न कछ भट दया म कछ भी भट नह द

पाया आज वह स लौटा ह ग कल स मर आख म आस ह और मर दय म बड़ वदना ह क म ग को कछ

भी भट नह कर पाया ह उसक िम न पछा या तम भट करना चाहत हो यादा नह उसन कहा पाच वण अश फया िमल जाए तो बहत ह

उसक िम न कहा िचता मत करो इस गाव का जो राजा ह उसका िनयम ह उसका त ह क पहला याचक

उसस जो भी माग ल वह भट कर दता ह तो तम कल ज द जाना सबह राजा स माग लना पाच अश फया िमल जानी क ठन नह ह वह यवक रात भर न सो सका जसको सबह पाच अश फया िमलनी ह वह कभी रात भर सो सकता ह वह भी नह सो सका सबह बहत ज द अधर म ह भागा हआ राजमहल पहच गया राजा िनकला तो उसन कहा क म

पहला याचक ह मर माग ह थोड़ सी पर कर दग राजा न कहा वागत ह त हारा और तम आज क ह पहल याचक नह मर जीवन क ह पहल याचक हो

यह हमारा रा य बड़ा सम ह कोई मागन नह आता इसीिलए तो म भी ह मत कर सका क कोई जो भी

मागगा उसको द दगा नह तो म भी कस ह मत कर सकता था ल कन आज तक कोई मागन आया नह तम पहल ह याचक हो आज क ह नह पर जीवन क तम जो भी मागोग म दगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 130

राजा न कहा जो भी मागोग म दगा यवक क भीतर पाच अश फया िमट ग खयाल उस भल गया उसन

सोचा जो भी मागोग दगा तो म पागल ह जो म पाच माग पचास य न माग या पाच सौ या पचास हजार

या पाच लाख स या बड़ होती गई राजा सामन खड़ा था भीतर स या बड़ होती जाती थी यवक तय न

कर पाता था कतन माग य क राजा कहता ह जो भी मागोग वह भल गया यह क पाच अश फया मागन

आया था ज रत मर पाच क थी ज रत खतम हो गई अब ज रत कोई भी न थी अब तो स या का सवाल था राजा न कहा तम िचितत मालम पड़त हो वचार नह कर पात तम सोच लो ठ क स म घम कर आया बिगया म एक च कर लगा आऊ यवक न कहा ठ क ह बड़ कपा ह आप च कर लगा आए म थोड़ा वचार कर ल वचार या करना था स याओ पर स याए बढ़ती चली ग आ खर स या का अत आ गया जतनी स याए उस मालम थी आज उसक दय म बड़ा दख और बड़ पीड़ा िघर गई उसक ग न बहत कहा क और

ग णत सीखो ल कन ग णत म वह कमजोर रहा सोचता था ग णत का फायदा या ह आ खर इतना सीखन

का आज पता चला क फायदा था आज स या अटक गई एक जगह जाकर उसक बाहर उसक ऊपर कोई स या उस मालम नह इतना ह माग कर लौट जाना पड़गा पता नह राजा क पास पीछ और कतना बच

जाए एक मौका िमला था वह खोया जा रहा ह िमलन क खशी न रह जो छटता था उसका दख पकड़

िलया सभी क साथ ऐसा होता ह उसक साथ भी ऐसा ह हआ राजा लौट कर आ गया उसन पछा क मालम होता ह

िन त तमन सोच िलया तब यवक न अितम छलाग ली उस एकदम अत िमली स याए तो ख म हो गई थी उसन सोचा स याओ क बात ह बद क राजा क पास जो कछ ह सब माग ल राजा स कह द क दो व त हार िलए

काफ ह पहन हो बाहर िनकल जाओ अब भीतर जान क कोई भी ज रत नह जस म दो व पहन कर

आया ऐस ह आप भी वदा हो जाए सब मरा हआ स या म भल-चक हो सकती थी इसिलए सब माग लना उिचत था जो भी ग णत म ठ क-ठ क समझता ह वह भी यह करता सोचा था राजा घबड़ा जाएगा बात ल कन उलट हो

गई कई बार नाव पर लोग सवार होत ह कभी-कभी नाव भी लोग पर सवार हो जाती ह उस दन भी ऐसा ह

हो गया उस यवक न सोचा था राजा घबड़ा जाएगा एकदम स ाट स हो जाएगा दो कौड़ का िभखार कोई भी

घबड़ा जाएगा हो सकता ह मर ह जाए ल कन बात हो गई उलट जस ह उस यवक न कहा क सब मझ द द जो दो कपड़ पहन हए ह कवल य ह लकर बाहर िनकल जाए उस राजा न जोड़ हाथ आकाश क तरफ और

कहा ह परमा मा जसक म ती ा और ाथना करता था तन उस भज दया उस यवक को लगा िलया

गल और कहा दो कपड़ नह दो कपड़ भी नह ल जाऊगा इतना भी दख तझ न दगा क दो कपड़ ल जाऊ व

भी छोड़ दता ह न न ह बाहर िनकल जाता ह यवक तो बहत घबड़ा गया बात या ह उसन पछा बात या ह इतन स न य ह इतन आन दत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 131

य ह राजा न कहा मझस मत पछ महल म रह और दख रा य को स हाल और समझ आ खर मन भी म त म

नह जाना तीस साल इन द वाल क भीतर बताए ह तब जान पाया ह तो त भी रह और वचार अभी त यवा

ह इतनी ज द या ह मझस या पछता ह और दिनया म कोई कसी स पछ कर कभी समझा ह कोई

भी नह समझ पाता त क त क और ठहर और म जाता ह य कपड़ भी स हाल वह यवक बोला ठहर एक ण ठहर म अनभवी नह ह एक मौका मझ सोचन का और द राजा न कहा क नह जो सोचता ह वह म कल म पड़ जाता ह इसीिलए तो दिनया म कोई सोचता नह हर

आदमी बना ह सोच चला जाता ह त भी मत सोच सोचन वाल म कल म पड़ जात ह सोचन वाल क

सामन जीवन एक सम या बन जाता ह सोचन वाल क िलए जीवन एक साधना बन जाता ह सोच मत अभी

जदगी पड़ ह खब सोच लना बाद म पहल त भीतर जा म बाहर जाऊ जतना राजा न आ ह कया क त स हाल उतना ह यवक ढ ला होता गया उस यवक क हाथ-पर ढ ल हो

गए उसन कहा माफ कर एक मौका मझ द म नासमझ ह और आप मर पता क उ क ह मझ पर इतनी

कपा कर--एक बिगया का च कर और लगा आए म एक दफा और सोच ल राजा न कहा क दख बिगया का च कर तो म लगा आऊगा ल कन त यहा मझ वापस िमलगा इसम सदह ह और यह हआ राजा च कर लगा कर लौटा वह यवक वहा नह था वह भाग गया था वह पाच अश फया भी

छोड़ गया जो क उस लनी थी य या हो गया उस यवक क पास दखन वाली आख थी वह दख पाया इसको म दखना कहता ह जदगी म ऐसी आख जसक

पास ह वह आदमी धािमक हो सकता ह दखन वाली आख आख तो हम सबक पास ह हम उनस कभी दखन

का काम ह नह लत जदगी भी चार तरफ मौजद ह सब कछ मौजद ह हम आख का काम ह नह लत

आख खोल और थोड़ा दख जदगी म व सार इशार ह जो िनरतर दोहराई गई भल स कसी भी आदमी को जगा

दन म समथ ह कोई शा नह कर सकता जो कोई ग नह कर सकता जो जदगी वह कर सकती ह ल कन खली हई आख चा हए कौन खोलगा यह आख कोई दसरा आपक आख खोल सकता ह नह आख आपक पास ह आज स ह खोल कर दख जदगी को चार तरफ छोट -छोट घटनाओ को दख एक िम अभी आठ दन पहल ह मर पास आए और उ ह न मझस कहा क िनरतर आप कहत ह आख खोल

कर दख आख खोल कर दख या आख खोल कर दख यह एक घटना ह इसम बताइए म या क एक प मर सामन रखा कसी न उ ह िलखा था बहत जहर भर दया था प म जतनी भी गािलया हो

सकती थी द थी जतना भी ोध कट कया जा सकता था कया था जतना भी अपमान कया जा

सकता था कया था व थर-थर काप रह थ ोध स और मझस बोल मरा मन होता ह इस आदमी क साथ जो

भी म कर सक क अब आप या कहत ह आख खोल कर या दख आप कहत ह क ोध हजार वष स

आदमी कर रहा ह आख खोल कर दखना चा हए म या दख

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 132

मन उनस कहा एक प इसक उ र म िलख यह मर सामन व मर सामन बठ गए और उ ह न एक उ र म

प िलखा मन वह प उ ह न जो िलखा था रख िलया और मन कहा सबह वापस आ जाए सबह इस प को पो ट कर दग व सबह आए मन उनस कहा एक दफा इस प को फर पढ़ जाए जो आपन िलखा ह फर हम इस पो ट कर

द उ ह न उस प को पढ़ा और बोल क नह यह थोड़ा यादा कठोर हो गया तो मन कहा दबारा िलख अभी हज या हआ उ ह न दसरा प िलखा पहल प स दसर प म जमीन-आसमान का फक हो गया था मन उनस कहा शाम

फर आ जाए शाम को पो ट कर दग उ ह न कहा अभी नह करग मन कहा अगर आख होती तो तम समझ जात क अगर रात को ह इस पो ट कर दया होता तो या होता ल कन सबह तम बदलन को राजी हो गए हो सकता ह शाम को और बदलन को राजी हो जाओ शाम तक

ती ा करन म कोई हजा नह ह गाली थोड़ दर स दन स कछ बगड़ा नह जाता ह शाम तक क जाओ शाम को व फर आए उ ह न प पढ़ा और कहा क नह अभी भी कठोर ह मन कहा फर स िलख द हज या ह फर प मन उनको द दया और मन कहा इस अब अपन पास रख ल और जस दन आपको लग क अब

इसम प रवतन करन क कोई गजाइश नह उस दन डाल उसक पहल नह आठ दन बाद व मर पास आए और उ ह न कहा प डालन क कोई ज रत ह नह ह जो ोध क ण म गािलया उगली थी वह प भी मौजद था दसर सबह जो प िलखा था वह भी आठ दन

बाद कोई िलखन क ज रत न रह य आठ दन म जतना उ ह न गौर स दखा उतना ह ोध क

यथता दखाई पड़ती चली गई गर जएफ एक फक र था उसक पता न उसस मरत व कहा एक बात खयाल रखना अगर कसी को म

दना हो तो एक ण क भी दर मत करना आदमी बहत कजस ह एक ण भी क जाए तो फर म नह दता

ह और कसी को गाली दना हो तो एक ण क दर ज र कर दना आदमी बहत समझदार ह एक ण क

जाए तो फर कसी को गाली नह दता ह जदगी म दखन का स चा हए चौबीस घट हम कछ कर रह ह-- बना दख कर रह ह-- ोध घणा सब बना

दख कर रह ह लोग को भी नह दख रह ह आख बद ह इस बद आख म फर हम जो भी करत ह उसस जीवन उलझता चला जाता ह तो जीवन क सम या क ित आख खली चा हए इस खली आख को ह हम

दशन कहत ह दशन कताब म नह ह फलासफ क कताब म नह ह दशन ह दखन वाल क मता म

और जो आदमी दखन लगता ह दखन लगता ह ऑ जव करता ह िनर ण करता ह दखता ह--एक बात

दखाई पड़ जाती ह बाहर क दौड़ यथ हो जाती ह ोध क दौड़ यथ हो जाती ह हसा क दौड़ यथ हो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 133

जाती ह फर या बचता ह फर या शष रह जाता ह जब बाहर क सार दौड़ यथ हो जाती ह तो एक

ाित हो जाती ह भीतर भीतर क तरफ गमन श हो जाता ह या आपको यह पता ह-- जदगी म कोई चीज िथर नह ह ठहर हई नह ह अगर बाहर क तरफ सार दौड़ बद

हो जाए तो जीवन अपन आप भीतर क तरफ गित करन लगता ह भीतर क तरफ गित करनी नह होती बाहर क सब ार बद हो जाए तो जीवन भीतर क तरफ गित करन लगता ह अगर हम एक झरना बहता हो उस बद कर द तो झरना दसरा माग खोज लता ह चतना क जो धारा ह जो म ऑफ काशसनस ह वह बाहर क तरफ बह रह ह अगर बाहर क दौड़ यथ मालम हो जाए तो चतना क धारा कहा जाएगी दो ह दशाए ह चतना क िलए तीसर कोई दशा नह या तो बाहर या भीतर अगर बाहर क सार दौड़ मीिनगलस मालम हो दखाई पड़ जाए क यथ ह तो चतना अपन आप अतगमन

करती ह भीतर वश करती ह और चतना का जो अ तगमन ह वह परमा मा म वश ह चतना का जो अतगमन ह वह धम म वश ह चतना का जो

अतगमन ह वह स य म वह जीवन म वश ह और जस दन चतना भीतर पहचती ह उस दन जानत ह

हम-- या ह जीवन या ह स य या ह परमा मा उसी दन साथकता का अनभव और कताथता का अनभव

होता ह उस दन हम जानत ह क भीतर खाली नह ह जस हमन खाली समझा था वह हमार भल थी भीतर

तो सब भरा ह भीतर तो परमा मा ह ल कन बाहर को खोन को जो राजी होत ह व ह कवल भीतर क पणता

को पान म समथ हो पात ह जो बाहर को भरत रहत ह व भीतर को खो दत ह एक छोट सी कहानी और म अपनी चचा पर क गा एक िभ एक दन सबह अपन घर क बाहर आया अपनी झोली कध पर उसन डाल ली थी और अपनी झोली म

घर स चलत व थोड़ स चावल क दान भी डाल िलए थ जो समझदार िभखार होत ह व हमशा ऐसा करत ह जो नासमझ होत ह व खाली झोली लकर दसर क घर क सामन खड़ हो जात ह जो समझदार होत ह व अपनी झोली म कछ दान घर स डाल कर िनकलत ह उसस दो फायद हो जात ह दन वाल को ऐसा लगता ह क म

अकला ह दन वाला नह ह और लोग न भी दया ह और दन वाल क अहकार को चोट पहचती ह क जब

दसर न दया और म न द तो अहकार को ध का लगता ह और फर दन वाल को यह भी सख िमलता ह क म

ह अकला इसक च कर म नह पड़ा ह दसर लोग भी पड़ चक ह म कोई अकला ह इसक च कर म नह पड़

गया ह म कोई अकला ह मढ़ नह बनाया जा रहा ह और लोग भी बनाए जा चक ह इसिलए समझदार

िभखार अपनी थाली म थोड़ पस डाल लत ह थोड़ चावल डाल लत ह यहा जो ऐस िभखार आए ह जो बना ह डाल िनकल जात ह तो उनको डाल कर िनकलना चा हए यहा भी

कछ ज र आए ह ग ज र आए ह ग यह बलकल असभव ह क यहा न आए ह य क िभखार सब तरफ

कछ न कछ खोजन क कोिशश म भटकत ह रहत ह कोई स य क तलाश म कह जाता ह कोई ान क

तलाश म कह जाता ह व सब िभखार ह व सब मागन गए ह--कह कछ िमल जाएगा कह कछ िमलता ह ल कन दौड़ चलती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 134

वह िभखार भी सबह स िनकला जस ह राजपथ पर पहचा सरज उगता था और आता था दर स राजा का

रथ वण स बना र स खिचत सय क करण म चमकता था रथ दसरा सय ह मालम पड़ता था िभखार क आख चकाच ध स भर ग और िभखार न ध यवाद दया अपन भा य को और कहा ध य ह आज

रोज जाता था राजमहल तक ार क िसपाह ह भगा दत थ कभी राजा तक पहच नह पाया आज तो मौका

िमल गया ह माग पर ह राजा िमल गया ह तो आज तो जी भर कर माग लगा हो सकता ह सदा क िलए

मागना ह छट जाए सोचत ह सोचत म समय बीत न पाया और राजा का रथ सामन आ गया उड़ती थी धल िभखार घबड़ाया हआ

खड़ा था राजा को दख कर भल गया िभ ा क पा को उठाना कभी राजा को दखा नह था इसक पहल क

वह अपनी झोली फलाता राजा न अपनी झोली फला द और उस िभखार स कहा आज तो यह सोच कर

िनकला था जो भी पहला य िमल जाएगा उसक सामन िभखार बन जाऊगा राजा बन-बन बड़ पीड़ा म पड़

गया ह अब तो िभखार बन जाना चाहता ह राजा बन-बन बहत पीड़ा झल ली ह अब तो िभखार बन जाना

चाहता ह तो सोचा था आज क जो भी पहला य िमल जाएगा उसी क सामन िभखार बन जाऊगा तम ह

िमल गए मझ कछ दान करो िभखार क मसीबत आप समझ सकत ह पहाड़ िगर गया सोचा था माग लगा बात उलट हो गई यहा कोई

और मागन वाला िमल गया जीवन म कभी कसी को दया न था हमशा िलया था दन क कोई आदत न थी

झोली म हाथ डालता था खाली वापस िनकाल लता था दन क ह मत न पड़ती थी थोड़ स चावल क दान

थ छटत न थ कसस छटत ह दान कतन ह छोट ह थोड़ ह छटत कसस ह उसस भी नह छटत

थ झोली म हाथ डालता वापस िनकाल लता राजा न कहा ज द करो जो भी दना हो द दो न दना हो इनकार कर दो बड़ ह मत क म ठ बाधी एक दाना बाहर िनकाला और राजा क झोली म डाल दया एक दाना साहस क

बात थी ऐस एक दाना भी कौन छोड़ सकता ह और िभखार कस छोड़ सकता ह राजा बठा रथ म चला गया धल उड़ती रह गई िभखार पछताता रह गया जो िमलना था वह तो िमला नह व सपन तो धल-

धस रत हो ह गए और पास का एक दाना चला गया जदगी बड़ गड़बड़ ह मागन िनकलत ह उलटा खोना हो जाता ह खोजन िनकलत ह उलट गवा कर लौट

आत ह उस िभखार क साथ भी यह हो गया सभी िभखा रय क साथ यह होता ह खोजन िनकलत ह पान

िनकलत ह बाद म पात ह क गवा कर लौट आए पास म भी जो था वह भी गया दन भर उसन भीख मागी ल कनबहत िभ ा िमली उस दन सार झोली भर गईल कन झोली भरन स कोई सख न हआ एक दाना

जो खोया था उसक पीड़ा बड़ थी झोली कतनी ह भर जाए कोई फक न पड़गा जो खोया ह उसक पीड़ा न

छटगी रोता सा मन िलए घर लौटा प ी न कहा बड़ उदास हो ल कन झोली तो बहत भर ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 135

उसन कहा और भर हो सकती थी ल कन एक दाना पास का भी चला गया और अजीब था वह राजा हम

िभखा रय स भी भीख मागन को तयार हो गया सच तो यह ह क राजा अगर िभखा रय स भीख न माग तो राजा कस बन िभखा रय को लट कर ह कोई

राजा बनता ह तो उसन भी िभखार स भीख माग ली थी तो कछ बरा न कया था ल कन िभखा रय को यह

कभी समझ म नह आया ह क राजा िभखा रय स माग कर ह राजा बनत ह उसक भी समझ म नह आता

था उसन अपनी प ी स कहा क बड़ म कल म पड़ गया एक राजा िमल गया था सोचा था कछ िमलगा उलटा उसन मझस छ न िलया झोली खोली पर झोली भर थी अ न क दान स पर झोली िगर छाती पीटन लगा वह िभखार बड़ा

म कल हो गया अभी कसी और बात क िलए दखी था अब कसी और बात क िलए दखी हो गया झोली खोल

कर दखा एक दाना सोन का हो गया था तब रोन लगा िच लान लगा क यह तो बड़ भल हो गई काश मन सभी दान द दए होत तो सभी सोन क हो जात जीवन म जो बाहर क दान बटोरता ह भीतर क जदगी िम ट क हो जाती ह जो बाहर क दान छोड़ता ह भीतर क जदगी सोन क हो जाती ह जदगी क आ खर म पता चलता ह क जो इक ठा कया था वह िम ट

का सा बत होता ह जो द दया था वह सोन का हो जाता ह ध य ह व लोग जो बाहर क जीवन को छोड़ पात ह य क भीतर क जीवन को वण का बना हआ पात ह और व लोग जो बाहर क जीवन को पकड़ ह पकड़ रह

जात ह उनक झोली कतनी ह भर जाए उनक दख का कोई अत नह और आ खर म व रोएग इस बात क

िलए क जो हमन पकड़ िलया था वह िम ट का हो गया और जो हमन छोड़ा था वह कवल सोन का ल कन उस िभखार न तो एक दाना छोड़ा था इसिलए सोन का हो गया उन िभखा रय का या होगा ज ह न

एक दाना भी नह छोड़ा ह इसी बात पर अपनी चचा को छोड़ दता ह फर स दोहरा दता ह उस िभखार न तो एक दाना छोड़ा था इसिलए

वह सोन का हो गया ल कन उन िभखा रय का या होगा ज ह न एक भी दाना नह छोड़ा ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अ यत आन दत और अनगह त ह परमा मा कर भीतर का

जीवन कभी सोन का हो जाए ल कन कवल उ ह का भीतर का जीवन सोन का हो सकता ह जो बाहर क

िम ट को छोड़न और बाहर क िम ट को िम ट समझन म समथ हो जात ह सबक भीतर बठ परमा मा को

णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य यारहवा वचन म करना पजा नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 136

एक खलीफा िसकद रया पहचा था और िसकद रया क बहत बड़ वराट प तकालय म उसन आग लगवा द थी उस खलीफा न जाकर उस प तकालय क अ य को कहा था--एक हाथ म करान लकर और एक हाथ म मशाल-

-उसस कहा था क म यह पछन आया ह क करान म जो कछ िलखा ह त हार इस प तकालय म जो कताब

ह या उनम भी वह िलखा ह जो करान म िलखा ह अगर वह िलखा ह तो इतनी कताब क कोई ज रत

नह करान काफ ह करान पया ह और अगर तम यह कहो क इन कताब म ऐसी बात भी िलखी ह जो

करान म नह ह तो म कहगा य कताब खतरनाक ह य क स य सब करान म िलखा ह उसक अित र

जो भी ह वह अस य ह दोन हालत म म करान क कसम लकर और करान को सा ी रख कर इस मशाल स

इस प तकालय म आग लगाता ह और उसन बड़ प व भाव स बड़ धािमक भाव स उस प तकालय म आग लगा द वह प तकालय इतना बड़ा

था क छह मह न तक उन कताब म लगी हई आग नह बझाई जा सक थी उसक हाथ म शा था प तकालय म कताब थी शा हमशा प तक क खलाफ ह शा का मतलब ह--कोई कताब जो पागल हो गई ह या उसक मानन वाल

पागल हो गए ह और यह दावा करन लग ह क यह परम स य ह इसक अित र सब अस य ह कताब क म खलाफ नह ह जस दन गीता एक कताब होगी और करान एक कताब होगी और बाइ बल

एक कताब होगी--वह वागत क यो य होगी ल कन जब तक व शा ह तब तक व खतरनाक ह तब तक

उनस बचन क ज रत ह मर श द का जो स ह कया जा रहा ह व कताब ह उन कताब म कोई भी शा होन का दावा नह ह और न

उन कताब का यह दावा ह क जो म कह रहा ह वह स य ह न उन कताब का यह दावा ह क मर जो बात

मान लगा वह मो चला जाएगा और वग का अिधकार हो जाएगा और जो मर बात नह मानगा उस नरक म

सड़ना पड़गा नह उन कताब म यह कोई दावा नह ह व कताब वन िनवदन ह इस बात क क मझ जो

दखाई पड़ता ह वह म कह रहा ह ता क म आपको साझीदार बना सक अनयायी नह शा अनयायी बनाता

ह कताब कवल साझीदार बनाती ह--शियाग कताब िसफ शयर करना चाहती ह शा अनयायी बनाना

चाहता ह शा कहता ह मर पीछ आओ कताब कहती ह क मर सन लो इतनी ह त हार बड़ कपा ह पीछ आन का कोई सवाल नह ह तो एक बात प हो जानी चा हए क म जो कह रहा ह वह शा नह ह न जो िलखा जा रहा ह वह शा ह

और सच तो यह ह क ब न जो कहा था वह भी शा नह था महावीर न जो कहा था वह भी शा नह था क ण न जो कहा था वह भी शा नह था वह सब अपन िम क साथ अपन अनभव म साझीदार अपन

अनभव म साथी बनान का यास था ल कन उन कताब क आसपास झड खड़ा हो गया भीड़ का अनयायी खड़ हो गए और उ ह न दाव करन श

कए क हमार जो कताब ह वह साधारण कताब नह ह वह शा ह दसर सब कताब ह हमार कताब

शा ह दसर सब आदिमय क िलखी हई कताब ह हमार कताब वय परमा मा का िलखा हआ शा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 137

हमार कताब वग स उतरा हआ सदश ह हमार कताब ई र क ारा भज गए पगबर क कताब ह मसजर

क हमार वद वय परमा मा क हाथ स िलख गए ह मन य क हाथ स नह व अपौ षय ह जब इस तरह क

गलत दाव खड़ हो जात ह तो कताब शा हो जाती ह जस आदमी पागल हो जाता ह ऐस ह कताब भी पागल हो जाती ह और जब पागल हो जाती ह तो उनको हम

शा कहत ह शा क म खलाफ ह कताब क म कभी खलाफ नह दिनया म कताब जतनी बढ़ उतना

अ छा ह शा जतन कम हो जाए उतना अ छा ह गीता बहत अदभत कताब ह बहत यार ह ल कन

जस ह वह शा हो जाती ह वषा हो जाती ह पायजनस हो जाती ह कताब रह कर वह िसफ क ण क

अनभव क अिभ य ह और वह आपको िनम ण दती ह क मझ सनो मर बात सन लो तो आपक कपा

ह सोच लो मर बात आपका बड़ा अन ह ह मर बात पर वचार कर लो और अगर कछ ठ क लग--ठ क त ह

लग त हार ब को त हार ववक को--तो ठ क लगत ह वह कताब क बात नह रह गई वह आपक

अपनी बात हो गई म जो कह रहा ह अगर उसम स आपक तक और वचार और ब को कोई बात ठ क लग सोचन स ठ क

लग वचारन स ठ क लग सदह करन स ठ क लग तो फर वह मर नह रह गई वह आपक हो गई और

बना सोच बना वचार व ास करन स ठ क लग तो वह बात मर ह और आप अध आदमी हो शा दावा करता ह क आप अध हो जाओ शा कहता ह मझ पर वचार मत करना य क जो ई र क

वचन ह उस पर मन य वचार कस कर सकता ह आदमी क अदालत म और ई र को खड़ा कया जा सकता

ह आदमी क ब क कसौट पर और परमा मा क वचन नाप जा सकत ह नह यह असभव ह शा

पर वचार नह कया जा सकता शा पर िसफ व ास कया जा सकता ह उस कताब को म शा कहता ह जो कहती ह व ास करो वचार नह जो कहती ह अनगमन करो अनकरण करो अनयायी बनो जो

कहा ह वह परम स य ह वह सव क वाणी ह वह तीथकर का वचन ह उस वचन म कभी भी भल नह हो सकती य जो दाव ह य दाव अगर कसी दन मर कताब कर तो उन सार कताब को इक ठा करक आग लगा दना क ण क कताब को आग लगान क िलए म नह कह सकता ह मोह मद क कताब को आग लगान को नह कह सकता ह ल कन कम स कम अपनी कताब को आग लगान क िलए कहन का हक मझ ह जस दन

मर कोई कताब दावा कर क यह शा ह उस दन उसम एकदम आग लगा दना और भल स उसको कह बचन मत दना दिनया क कसी कोन म अगर वह रह गई तो वह खतरनाक सा बत होगी और आदमी क

जदगी को बबाद करगी और नकसान पहचाएगी उ ह िम न एक बात और पछ ह और उनक दोन का जवाब दना ज र ह य क नीच उ ह न िलखा ह क अगर आपन जवाब नह दया तो म बहत दखी हो जाऊगा उ ह न दसर बात यह पछ ह क ओशो आपक िच भी बकत ह और लोग आपक िच भी अपन घर म लगात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 138

ह और आप तो मित क वरोध म ह म मित क वरोध म ह और िच क वरोध म कभी भी नह ह मित और िच म भी वह फक ह जो कताब

और शा म फक ह मन कभी नह कहा क राम क िच को अपन घर म मत लगाना मन कभी नह कहा क

महावीर क िच को अपन घर म मत लगा लना मन यह भी नह कहा क महावीर क प थर क ितमा अपन

घर म मत रख लना महावीर जस यार आदमी क मित घर म रखी जा सकती ह ब जस यार आदमी क

मित जस घर म नह ह वह घर अधरा ह और जीसस का सली पर लटका हआ िच जस घर क भीतर नह ह उस घर क ब च को पता नह क कतन अदभत लोग जमीन पर हो चक ह ल कन पजा मत करना म करना पजा नह य क पजा दसरा ह अथ रखती ह पजा यह कहती ह क इस

प थर क मित क सामन हाथ जोड़न स मझ म िमल सकती ह यह बवकफ क श आत हो गई कसी मित

क और कसी िच क सामन बठन स म नह िमल सकती और कोई मित और कोई िच भगवान तक पहचन

का रा ता नह बन सकता कोई मित भगवान नह ह मित और िच उन यार लोग क मितया ह जो जमीन

पर हो चक ह और उनक मित न रखी जाए यह मन कभी भी नह कहा ह म मितय क म दर बनान क खलाफ ह ल कन घर-घर म मितया ह इसक प म ह एक-एक घर म मितया

ह ल कन मितया भगवान क तरह नह एक प व मरण क तरह एक स ड रमब रगक तरह जमीन

पर कछ फल हए ह मन य क जीवन म कछ मन य हए ह जो खल गए ह पर उनक याद अगर आदमी रख

तो म कस उसक खलाफ हो सकता ह एक अदभत घटना सनाता ह सन कर बहत हरानी होगी रामक ण परमहस का कसी न एक िच उतारा और िच उतार कर जब वह िच बना कर लाया तो रामक ण

न उस िच क पर पड़ और िसर स चरण लगाए उस िच क उनका ह िच था रामक ण का ह पास म बठ

लोग तो बड़ हरान हो गए क यह या पागलपन ह अपन ह िच को रामक ण हाथ जोड़ कर पर छत ह िसर स लगात ह यह या पागलपन ह सहन क बाहर हो गई यह बात और कसी बठ हए स यासी न पछा क

परमहसदव यह या करत ह आप अपन ह िच को रामक ण न कहा यह मझ खयाल ह नह रहा क िच मरा ह िच दख कर मझ खयाल आया क कसी

समािध थ आदमी का िच ह और समािध को नम कार करन का मन हो गया मन नम कार कर िलया तम

याद दलात हो तो मझ खयाल आया क िच मरा ह अर लोग हसग जब उ ह पता चलगा क मन अपन ह

िच क पर छ िलए ल कन मन िसफ समािध थ भाव क पर छए ह ल कन यह बात समझनी थोड़ क ठन हो जाएगी महावीर का िच महावीर का िच नह ह ब क मित ब

क मित नह ह य समािध थ चतनाओ क मरण ह और कभी आपन खयाल कया जन क चौबीस तीथकर क मितया ह अगर उनक नीच िच न बन ह और

आपको बताया न जाए य कसक मितया ह आप पहचान सकत ह कसक मितया ह चौबीस तीथकर क

मितय म पहचान बता सकत ह आप--यह महावीर क ह यह नमी क ह यह पा क ह यह ऋषभ क ह--

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 139

कसी क बता सकत ह नह बता सकत य क व मितया आदिमय क मितया नह ह व कवल

भावदशाओ क मितया ह व सब बलकल एक जसी ह उन मितय म कोई भी फक नह ह या फक ह उन

मितय म सच तो यह ह जस-जस आ मा कट होनी श होती ह शर र गौण हो जाता ह शर र का भाव गौण हो जाता

ह आ मा क अिभ य ती होन लगती ह ती होन लगती ह एक ब ब ह बजली का बना जला हआ

लटका ह तब तक ब ब दखाई पड़ता ह जल जाए फर रोशनी दखाई पड़ती ह ब ब दखाई नह पड़ता

और जतनी तज रोशनी होगी ब ब उतना ह दखाई नह पड़गा वस ह भीतर का द या जब तक बझा ह तब

तक शर र दखाई पड़ता ह जब भीतर का द या जल जाता ह तो शर र दखाई नह पड़ता फर भीतर क

रोशनी दखाई पड़न लगती ह वह रोशनी कट हई ह न मालम कतन लोग स उन लोग क यार मितय को लोग न सजो कर रखा ह तो म उसका द मन नह ह व मितया सजोई जा सकती ह ल कन जब हम इस भल म पड़त ह क उन सजोई

गई मितय क आधार पर िच और मितय क आधार पर हम मो पहच जाएग और म पा लग तो गलती श हो जाती ह म तो खद महावीर भी चाह तो कसी आदमी को म नह करा सकत तो महावीर

क मित तो या करगी कोई कसी को ध क दकर मो म भज सकता ह कोई घसीट कर कसी को मो म

ल जा सकता ह आज तक तो यह नह हो सका क कोई आदमी कसी को मो म ल जा सक खद महावीर

और ब और जीसस नह ल जा सकत कसी को म म तो उनक िच तो या ल जा सकग ल कन िच न टाग जाए घर म यह म नह कह रहा ह िच क टागन का कारण दसरा ह ऐ थ टक बहत

स दयगत म य ह उनका बहत मितगत म य ह ल कन पजागत म य बलकल नह ह इसी स सबिधत एक बात और दसर िम न पछ ह उ ह न पछा ह क ओशो आप उठत ह--कोई हाथ जोड़ता ह

आपको कोई आपक पर छता ह तो मझ बहत हरानी होती ह उ ह न िलखा ह क उ ह बहत हरानी होती ह

य कोई पर छए कसी क य कोई कसी को हाथ जोड़ बहत हरानी क बात तो ह कोई य कसी क पर छए कोई य कसी क हाथ जोड़ ल कन उन िम न शायद

कभी नह सोचा होगा म भी प म नह ह क कोई कसी क पर छए और कोई कसी क हाथ जोड़ ल कन एक

शत बता दनी ज र ह अगर वह सोचता हो क पर छन स कछ हो जाएगा तो गलती म ह अगर वह सोचता हो

क हाथ जोड़न स कोई साद िमलगा कोई आशीवाद िमलगा तो वह भल म ह वह बहत स त सौद करन क

कोिशश म लगा हआ ह वह मढ़ ह अगर वह सोचता ह क कसी क पर छन स कछ हो जान वाला ह अगर

इस कारण कोई कसी क पर छ रहा ह तो गलती कर रहा ह वह वह पजा वाली बात श हो गई वह भल कर रहा ह और भल कर ऐसी भल नह करनी चा हए कम स कम मर साथ तो नह करनी चा हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 140

ल कन इसका मतलब यह नह ह क म यह कह रहा ह क पर छ लना पाप ह कसी का यह म नह कह रहा ह

म यह कह रहा ह क पर अगर इस कड शन क साथ इस शत क साथ छए जा रह ह क पर छन स कछ

िमलगा तो गलत ह बात कछ नह िमलन वाला ह ल कन अगर कछ िमल गया ह और िसफ अन ह म पर

छए जा रह ह तो दिनया म पर छना कभी नह रोका जा सकता अगर पर छना िसफ एक ध यवाद ह और आप कहग क ध यवाद तो हाथ जोड़ कर भी दया जा सकता ह पर छन क या ज रत ह ल कन शायद आपको पता नह ह जब आपको ोध आता ह कसी आदमी पर तो आप जता िनकाल कर उसक

िसर पर य मार दना चाहत ह कभी सोचा ह सार दिनया म यह कोई भारत और चीन और कसी एक

दश क बात नह ह सार दिनया म आदमी ोध स भर जाए तो जता िनकाल कर कसी क िसर पर य मार

दना चाहता ह िसर पर जता मारन स या हो जाएगा पागलपन ह न जत को िसर म लगान स या हो

सकता ह जब कोई आदमी म स भर जाता ह प वी पर कह भी तो कसी को अपन दय स य लगा लना चाहता ह दय स लगान स म का या सबध ह ह डया ह डय स िमल जाएगी इसस या म हो जाएगा

ल कन शायद ह आपन कभी पछा होगा क दो मी एक-दसर को दय स य लगात ह और दो ोध म

उ म य अपन पर को दसर क िसर स य लगाना चाहत ह अब इतनी छलाग लगानी म कल ह क

कसी क िसर पर खड़ हो जाओ इसिलए जता तीका मक प स उसक िसर पर लगात ह लगाना पर चाहत ह

उसक िसर पर ल कन पर लगाना जरा म कल बात ह उतना हाई जप क ठन पड़गा तो उसक िलए जता

िनकाल कर िसबािलक क लगा दया पर त हार िसर स ोध म आदमी अपन पर को कसी क िसर स लगाना चाहता ह म म कसी को अपन दय स लगाना चाहता

ह और रवरस म ा म आदर म या कर ठ क ोध स उलट अव था ह वह वह कसी क पर स अपन

िसर को लगा दना चाहता ह यह िसफ तीका मक ह इनका इसस यादा अथ नह ह इनस कछ िमलन

वाला नह ह कछ भीतर घटना घट ह उस अिभ य करन क मा यम ह य हम कसी आदमी को म करत ह उसका हाथ हाथ म ल लत ह हाथ म हाथ लन स या होन वाला ह ल कन नह कह म घ टत हआ ह और आदमी असमथ ह कस उस कट कर कह उस लगा ह क भीतर

म जड़ गया ह उस जोड़ को कस जा हर कर वह हाथ को हाथ म लकर जोड़ जा हर करता ह और भी भीतर

गहरा मालम पड़ता ह क म जड़ गया ह तो वह कसी को दय स दय लगा लता ह वह आिलगन कर लता ह वह यह जा हर करता ह क भीतर म इतना िमल गया ह क त ह कहना चाहता ह शर र क तीक स क

िमलन हो गया ह म नह चाहता क कोई कसी क पर छए ल कन कोई घड़ ऐसी हो सकती ह क पता ह न चल क हमन कसी

क पर छ िलए ह तब बात दसर ह अगर सोच कर वचार कर और हसाब लगा कर पर छत ह तो बलकल

फजल महनत कर रह ह कवायद कर रह ह इसस कोई फायदा नह ह तो कभी भल कर कसी का सोच कर

पर मत छना क यह आदमी दसर लोग इसक पर छत ह इसिलए म छ ल बकार महनत ह इसक पर छन स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 141

कोई वग और वतरणी पार हो जाएग गलती म ह धोख म ह इसक पर छन स ान िमल जाएगा फजल

क आका ा कर रह ह यथ क आका ा कर रह ह ल कन कसी ण म ात भी नह होता क हम कह झक

गए ह उस झक जान का एक आ या मक अथ ह एक म य ह और फर पछन जसा ह वचारन जसा ह क कोई दसरा आदमी झक रहा ह और कसी दसर आदमी को परशानी हो रह ह अगर व खद झक रह होत और उ ह परशानी होती तो समझन क बात थी एक दसरा आदमी

कसी क पर म झक रहा ह और व परशान हो रह ह अजीब परशानी ह आप य परशान हो रह ह म य

परशान हो रहा ह दो आदमी म कर रह ह म परशान हो रहा ह म बचन हआ जा रहा ह क दो आदमी म

य कर रह ह यह मर बचनी या बताती ह एक आदमी कसी को आदर और ा द रहा ह ध यवाद द

रहा ह म परशान हआ जा रहा ह य म परशान हो रहा ह परशानी क दो-तीन कारण हो सकत ह एक परशानी का कारण एक तो यह क दसर को झकत दख कर मरा जो भीतर अहकार ह जो झकना नह जानता--मरा जो अहकार ह जो झकना नह जानता--उस बड़ चोट

लगती ह अगर कोई भी न झक तो वह िन त हो जाता ह अगर कोई झक तो उस चोट लगती ह जस तीन आदमी जा रह ह और एक भीख मागन वाला सामन खड़ा हो जाए और उन तीन म स एक आदमी पस

िनकाल कर िभखमग को द द और बाक दो न दना चाहत ह पस तो उसक दन स चोट लगती ह य क अब

न दना एक िभखमग क सामन अपमािनत होना ह अगर इस िम न भी न दया होता पसा तो व तीन अपनी

अकड़ स जा सकत थ य क तीन न नह दया था तीन बराबर थ एक आदमी चोर करता ह और अगर उस पता चल जाए क यहा जतन लोग बठ ह सब चोर ह उसक अपराध

का भाव वलीन हो जाता ह य क कोई डर क बात नह सभी चोर कर रह ह चोर आम ह इसीिलए तो

आप अखबार उठा कर सबस पहल दखत ह क कहा चोर हई कहा ह या हई कहा या हआ अपन को

व ास दलान क िलए क कोई फ नह सब जगह यह हो रहा ह कोई हम ह कर रह ह ऐसा नह ह हर

आदमी यह कर रहा ह यह तो यिनवसल फनािमना ह यह तो हर आदमी कर रहा ह इसम कोई घबड़ाहट क

बात नह ह एट ईज़ आदमी को भीतर एक व ाम मालम पड़ता ह क सब ठ क ह हम सामा य आदमी ह जस सब लोग ह ल कन अगर एक आदमी क बाबत पता चलता ह क वह ईमानदार ह स चा ह तो आप एकदम स व ास

नह करत आप हजार च ा करत ह खोजन क क वह स चा सच म ह ईमानदार सच म ह आप सब

उपाय करत ह पता लगान का क वह ह भी ईमानदार और जब तक आप पता नह लगा लत क अर सब

बईमानी ह वहा भी सब ऊपर का धोखा था तब तक एक बचनी अनभव होती ह मन म क यह कस हो सकता ह क एक आदमी ईमानदार ह और म बईमान ह उसक ईमानदार मर बईमानी क तलना म ऊची मालम होन

लगती ह म नीचा मालम होन लगता ह एक इनफ रआ रट एक ह नता पकड़ लती ह तो च ा चलती

हहम कसी अ छ आदमी क अ छाई को एकदम स मानन को राजी नह होत मजबर म राजी होत ह जब

कोई उपाय ह न रह तब हम मानन को राजी होत ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 142

ल कन एक आदमी क बाबत हम कोई कह क वह बईमान ह चोर ह हम एकदम मान लत ह हम बलकल

खोजबीन नह करत हम बलकल खोजबीन नह करत क हमएक आदमी न हम कहा क वह चोर ह बईमान हहम खोजबीन कर फर मान नह कोई खोजबीन नह करता ब क अगर उसन कहा था क वह

पचास परसट चोर ह तो जब हम दसर को खबर दत ह तो वह खबर सौ परसट हो जाती ह हमार दल को राहत

िमलती ह इस बात स क वह आदमी भी बईमान ह वह जो हमार भीतर ह नता का भाव था वह िमट जाता ह

और हम उस आदमी क पचास परसट चोर को सौ परसट य बतान लगत ह य क हम जतना बड़ा पापी

अपन आस-पास क लोग को बता सक उतना ह हमारा पाप कम और हम ऊपर उठत जात ह सना होगा आपन बहत परानी कहानी ह क एक स ाट न एक लक र खीच द और अपन दरबा रय स कहा क इस बना छए हए छोटा कर दो व म कल म पड़ गए ल कन जो दरबार का क व था हसी-मजाक करन

वाला जो दरबार का जोकर था उसन एक बड़ लक र उसक नीच खीच द उसन उस लक र को छआ भी नह

और वह छोट हो गई य क बड़ लक र नीच खीच द गई जब हम आस-पास क पाप क खबर सनत ह तो हम उस पाप को बड़ा कर दत ह एकदम वह हमार पाप क

लक र को तो छोटा करना म कल ह ल कन दसर क पाप क लक र को बड़ा कया जा सकता ह और

त काल हमार लक र छोट हो जाती ह इसीिलए िनदा म इतना रस ह न सगीत म इतना रस ह न अ या म म इतना रस ह िनदा म जो रस ह वह

अदभत ह वह रस ह अदभत ह न वीणा इतना सगीत पदा कर सकती ह न सत ऐसी वाणी द सकत ह जसा

िनदा म आनद उपल ध होता ह वह य होता ह तो एक तो कारण यह ह क अगर कोई भी न झक तो वह हमारा जो नह झकन का आद अहकार ह वह िन त

रहता ह ल कन आस-पास अगर लोग कभी झकन लग तो हमार अकड़ को क ठनाई मालम होन लगती ह तो

हम कसी भाित यह ठहराना चाहत ह क झकन वाल गलत ह ता क यह िस हो जाए क न झकन वाला सह

ह ल कन म आपस कहता ह झकन वाल गलत ह अगर व कसी इ छा स झकत ह ल कन न झकन वाला हर

हालत म गलत ह झकन वाल िसफ एक हालत म गलत ह अगर व कसी इ छा स झकत ह कछ चाहन क

िलए कछ पान क िलए झकत ह तो बलकल गलत ह ल कन न झकन वाला हर हालत म गलत ह य क

न झकन क जो व ह अगर हम गौर स दख तो न झकन क व = न सीखन क व दोन बराबर

ह ए ट यड ऑफ लिनग सीखन क व झकन क व ह जो जतना झक जाता ह उतना सीखता ह

उतना उतना वन एक नद क घाट पर एक औरत खड़ थी वह अपन िसर पर मटक िलए हए ह और घट स खड़ ह फर एक

दसर औरत आई वह भी मटक िलए हए ह वह झक उसन अपनी मटक म पानी भर िलया और जान

लगी वह खड़ औरत बोली बड़ आ य क बात ह म एक घट स खड़ ह और मर मटक अभी तक नह भर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 143

उस दसर औरत न कहा क मटक तो भर जाती नद तो भरन को हमशा त पर थी ल कन झकना तो पड़गा मटक झकानी तो पड़गी नद तो बह चली जाती ह नद तो कहती नह क मत भरो नद तो कसी क भी मटक म जान को सदा त पर ह ल कन उनक ह मट कय म जा पाती ह जो झकत ह और नद क तल तक

मटक को ल आत ह तम अकड़ कर खड़ हो तो तम खड़ रहो ज म -ज म तक यह मटक नह भर सकगी अहकार कभी भी कछ नह सीख पाता ह वन ता सीखती ह िमिलट सीखती ह िमिलट का मतलब या

ह वन ता का मतलब या ह वन ता का मतलब ह झकन क पा ता कसी य क सामन ह नह कसी भगवान क सामन ह नह कसी ग क सामन ह नह झकन क पा ता कसी स सबध नह ह इस

बात का क आप कसी क िलए झक नह आप झक हए ह यह सवाल नह ह क आप कसी क िलए झक

झका हआ मन हो ितपल झकन को तयार हो उस झकन स ह सीखना उपल ध होता ह जो नह सीखना

चाहत व अकड़ कर खड़ रह जात ह अध व ास स भर हई वन ता यथ ह ल कन अहकार हर थित म यथ ह और अगर यह चनना हो--अहकार म चनना हो और अध व ास स भर हए झकन म चनना हो--तो म कहता ह क दसर अध व ास स भर

हए झकन को चन लना य क जो आज अध व ास स झक रहा ह झकन क ह कारण इतना सीख लगा क

उस सीखन क वजह स अध व ास िमट सकता ह ल कन जो अकड़ कर ह खड़ा ह वह कभी कछ नह सीख

पाएगा और बना कछ सीख अहकार नह िमट सकता ह इसीिलए पीड़ा होती ह क म अकड़ कर खड़ा ह और कोई दसरा झक रहा ह और भी कारण स पीड़ा होती ह यह

भी पीड़ा हो सकती ह नबर दो क मर भीतर भी झकन का ती भाव आ गया ह ल कन सदा क अकड़न क

आदत अकड़ा कर खड़ ह और ाण झक जाना चाहत ह तो एक भीतर खड़ा हो गया ह इस को सलझान का एक ह उपाय दखाई पड़ रहा ह क जो झक रह ह व गलत कर रह ह ता क म भी अपन भीतर जो झकन क

व ह उसको कह द क त गलत ह अगर भीतर झकन का भाव पदा हो गया ह तो यह सौभा य ह यह ध यभा य ह यह सवाल कसी य क

आस-पास झकन का नह ह और मर पास तो झकन का बलकल ह नह ह ल कन झकन क भाव का बड़ा म य ह तीसर बात आज तक दिनया म ऐस लोग हए ह जो चाहत ह क हमार चरण म झको अगर गौर स हम दख तो व लोग जो चाहत ह क म कभी कह न झक िस क क एक पहल ह उसी िस क का दसरा पहल वह

आदमी ह जो कहता ह क सब मर चरण म झक ग ओ क जो लबी परपरा ह वह इसी तरह क मोह त

लोग क परपरा ह जो चाहत ह क लोग मर चरण म झक उनक पाच हजार वष क परपरा न अ यिधक

शोषण कया ह मन य का उन झकान वाल लोग न ज ह न चाहा क झको और लोभन दया झकन क

िलए-- क झकोग पर छओग चरण म िसर रखोग समपण कर दोग चरण म मर तो मो वग प य सब उपल ध हो जाएगा मर कपा स सब िमल जाएगा मर आशीवाद स सब िमल जाएगा ग -चरण

क कपा स सब िमल जाएगा ग जन यह समझात रह ह व तो यहा तक कहत रह ह क अगर ग और गो वद

दोन खड़ ह तो पहल ग क चरण म झक जाना य क ग ह गो वद को बतान वाला ह ग जन यह

समझात रह ह व कहत ह क बना ग क तो ान होगा ह नह इसिलए ग क चरण पकड़ बना कोई उपाय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 144

नह ह अब यह बड़ मज क बात ह क अगर ग लोग ह यह समझा रह ह तो प ह क योजन या ह तो म भी

कहता ह क जो आदमी झकाना चाहता हो अपन चरण म भल कर भी उसक चरण म मत झकना जो आदमी

कहता हो क झको मर चरण म वह आदमी तो अ यत पाप क बात कर रहा ह मत झकना उसक चरण म

इस बात क कहन क कारण ह व चरण अप व हो गए न तो कसी क आका ा स झकना न अपनी आका ा स झकना क मझ कछ िमल जाएगा ल कन अगर कभी वह ण आ जाए जीवन म क पता भी न चल क हम कब झक गए ह तो उस ण को भी

चक मत जाना य क उस ण म जो उपल ध होगा उस ण स गजर जान म जो अनभव होगा उस ण

क पहल जो तीित होगी और उस ण म जो तीित होगी उस बतान का कोई उपाय नह क वह तीित या ह मर बात थोड़ क ठन हो गई य क न तो म इस प म ह क कोई कसी को समझाए क मर पर म झको न ह म इस प म ह क कोई कसी को समझाए क कभी झकना मत म इन दोन बात क प म नह ह

मरा प यह ह क झकन का भी अपना आनद ह झकन का भी अपना अथ ह झकन क भी अपन तीक ह

ल कन व ह उ ह जानत ह जो अनायास अकारण बना कसी फल क इ छा क अचानक पात ह क

झकना हो गया ह उस झकन का एक आ या मक म य ह वह एक ग चर ह वह एक बहत चअल

ग चर ह वह एक बहत अदभत अिभ य ह दिनया स उसको म नह िमटाना चाहता ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क उस अिभ य क आधार पर कछ लोग दसर को अपन पर म झकान क

िश ा द और शोषण कर उसक भी म प म नह ह इसिलए जो आदमी कहता हो क आओ और पर छओ और

लोभन दता हो उस आदमी को िमनल समझना उसको अपराधी समझना और उसको द डत कए जान

क अ छा कोई समाज होगा तो यव था करगा वह समाज ल कन जो आदमी अकड़ कर खड़ा ह और कहता ह

क म कभी नह झकगा और कह झकना भी मत वह आदमी भी अपराधी ह य क वह भी एक गलत बात

िसखा रहा ह तफान आत ह हवाओ क आिधया आती ह बड़ दर त अकड़ कर खड़ रह जात ह छोट पौध झक जात ह और

जमीन पर सो जात ह बड़ दर त अकड़ ह रहत ह खड़ ह रहत ह रिस ट करत ह ितरोध करत ह हवाओ

का और टट जात ह छोट पौध झक जात ह हवाए गजर जाती ह पौध फर वापस खड़ होकर नाचन लगत

ह व जी वत रह जात ह उन छोट पौध को झकन क कोई अदभत क िमया पता ह जो बड़ पौध को नह ह बड़

पौध अहकार क भाित स त और कठोर ह व टटत ह ल कन झकत नह और मरण रह जसन झकन क कला छोड़ द वह बढ़ा हो गया और टटन क कर ब पहच गया ब च और

बढ़ म यह फक ह ब चा लोचपण ह ल सबल ह झकता ह लोच स भरा ह कस भी झक सकता ह बढ़ा

अकड़ गया झक नह सकता झका क टट जाएगा ह डया सब मजबत हो गई ह अब कह झकाव म कल

ह इसिलए बढ़ा मरता ह और ब चा जीता ह ब चा अभी जवान होगा बढ़ क िसफ मौत आएगी जस आदमी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 145

क मानिसक तल पर सार ह डया स त हो ग मन क तल पर सार नाय कठोर और प थर क हो गए और

झकन क मता भीतर खो द उस आदमी क आ मा मरन क कर ब पहच गई मर चक ल कन जो वहा

भीतर क तल पर भी लोचपण ह और हवाओ म झकता ह तफान म झकता ह वह य और बड़ जीवन क

िनकट पहचन क पा ता पदा कर रहा ह कभी दखना आिधय म जब छोट पौध झक जात ह-- कतन सफली कतन सादपण उनक झकन म न

कोई दयनीयता ह न उनक झकन म कोई पीड़ा ह न कोई दख ह उनक झकन म भी एक स दय ह और खड़

हए व को भी दख लना--अकड़ हए और उनक इस अकड़ म न कोई स न कोई साद ह उनक अकड़ म

िसफ एक वहम ह क म इतना बड़ा और कस झक सकता ह यह यह म तोड़ दगा उ ह जड़ स उखाड़ दगा और य छोट-छोट पौध जनक जड़ भी छोट -छोट थी तफान और आिधया ज ह उड़ा कर कह भी ल जा सकती थी व जी वत बाहर वापस िनकल आएग--पहल स

भी यादा श पण पहल स भी यादा आनद स भर हए य क एक तफान स गजर जाना एक अनभव ह

और जी वत बच जाना एक उपल ध जीवन म एक कला एक कला क ज रत ह क हम ऐस तरल ऐस सरल ऐस वन क झकन म कह कोई

पीड़ा न मालम हो जस झकन म पीड़ा मालम होती ह वह जीवन क लोचपण कला को नह जानता ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क जोझकन का मतलब यह नह ह वन होन का सरल होन का तरल

होन का यह मतलब नह ह क आप आख बद कर ल अध हो जाए इसका यह मतलब नह ह क जो कोई भी

आपको कह क चलो झको और जोर स आवाज द वह आप झक जाए म आपको कहता ह--यह बात बहत पराडॉ सकल दखाई पड़गी यह बहत वरोधी दखाई पड़गी--ल कन म

आपको कहता ह कवल व ह लोग जो झकन क पा ता रखत ह अगर कसी दन न झकन का िनणय ल लत

ह तो दिनया का कोई भी तफान उ ह न झका सकता ह और न तोड़ सकता ह कवल व ह लोग जो झकन क

िलए हमशा तयार होत ह अगर कसी दन न झकन का तय कर ल इस दिनया क कोई ताकत फर उनको

झका नह सकती ह य क न झकन क ताकत व झकन क मा यम स इतनी इक ठ कर लत ह जसका कोई हसाब नह ल कन जो लोग हमशा अकड़ कर खड़ रहत ह क नह झकग नह झकन क च ा म उनक कतनी श

अप यय हो जाती ह उ ह पता नह व धीर-धीर इपोटट हो जात ह धीर-धीर उनक सार श ीण हो जाती

ह अपन स ह लड़न म क नह झकगा अपन को ह स हालन म अपन को ह रोकन म रिस ट करन म

उनक सार श ख म हो जाती ह भीतर स व खोखल हो जात ह जस व भीतर स खोखल हो जात ह और

तब कोई छोटा सा हवा का झ का भी उ ह झका सकता ह अब यह बड़ उलट बात दखाई पड़गी जीसस जस लोग जो झकन क िलए सदा तयार ह जस दन अस य क सामन झकन स इनकार कर दत ह उस दन फर मौत भी नह झका सकती फर कोई श नह झका सकती सकरात जस लोग जनक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 146

वन ता का कोई हसाब नह जो एक छोट स ब च स भी सीखन को तयार ह ज ह न जीवन म कभी

अकड़न का खयाल ह नह िलया जब स य क लड़ाई खड़ होती ह तो व जहर पीन को तयार हो जात ह ल कन उनक इस खड़ रहन म भी क पता नह ह य क वह खड़ा रहना अहकार क िलए खड़ा रहना नह ह वह

खड़ा रहना स य क िलए खड़ा रहना ह अहकार तो बड़ा स बड़ा अस य ह जो अहकार क िलए खड़ा ह वह

अस य क िलए खड़ा ह जो स य क िलए खड़ा होता ह वह अहकार क िलए कभी खड़ा नह होता य क स य

कवल उसी को उपल ध होता ह जसका अहकार वलीन हो चका ह फर भी इन िम न िनवदन कया ह तो उनक तरफ स आपको सचना कर द मर पर भल कर भी मत छना

मझ जरा भी रस नह ह आप कवायद कर मझ या िमल सकता ह आप झक उठ साथ-साथ मझ भी

थोड़ा-बहत झकना-उठना पड़ता ह म भी थकता ह और कछ होता नह मझ या िमलगा आपक पर म झक

जान स या िमल सकता ह आपक झकन स मझ या िमल सकता ह इसिलए उ ह न िनवदन कया ठ क ह कया नह आप भल कर भी मर पर म मत झकना ल कन यह नह कह रहा ह क आप जीवन म झकना भल जाना उसक तयार रखना य क जो झक जात

ह जीवन क स रता उनक गग रय म आ जाती ह और जो अकड़ रह जात ह जीवन क स रता स विचत

रह जात ह एक-दो छोट और फर म अपनी बात पर क एक िम न पछा ह क ओशो या जसा आप कहत ह क हर चीज पर सदह कर तो या हम समाज म जो

अ छाई और बराई क पाप और प य क धारणा ह उस पर भी सदह कर और अगर उस पर सदह करग

तब तो हम अनितक हो जाएग उ ह यह म पदा हो गया ह मर बात को सन कर-- क सदह करन स जो अ छा ह वह शायद फर अ छा

दखाई नह पड़गा जो बरा ह वह शायद फर बरा दखाई नह पड़गा मरा कहना ह क अगर सदह क कसौट पर अ छा खरा न उतर तो वह अ छा कभी था ह नह और अगर वह

अ छा था और ह तो दिनया म कतना ह आप सदह कर आप सदह स उस िमटा नह सकग यह ऐसा ह ह

जस क हम सोन को आग म डाल द तो कोई डर क सोन को आग म डालग तो सोना कह जल न जाए जो जल

जाएगा िस हो जाएगा क वह सोना नह था सोना नह जलगा जो जल जाएगा उसस िस होगा क वह

सोना नह था और जो आग स िनखर कर वापस िनकल आएगा वह िस होगा क सोना था सदह क अ न म जो भी स य ह वह न नह होता ह और िनखर कर और तज वी होकर कट होता ह

और स य क साथ शभ क साथ जो-जो कचरा-कड़ा इक ठा था वह सब जल जाता ह ज र हमार समाज क बहत सी धारणाओ म कड़ा-कचरा ह और जो सदह करग कड़ा-कचरा बह जाएगा बह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 147

जाना चा हए उसी कड़-कचर क वजह स तो यह समाज हमारा इतनी नीित क बात करता ह और इतना अनितक ह ज र हमार नितकता क धारणा म अनीित क बिनयाद रोग घस हए ह अ यथा नीित क इतनी

बात करन वाल लोग और इतन अनितक कस हो सकत ह ल कन हम दखाई नह पड़ता एक आदमी र त दन जाता ह वह पाच पय दता ह और अपना काम करवा लता ह हम कहत ह क यह

आदमी तो बड़ा अ छा आदमी था इस तो हमन म दर म ना रयल चढ़ात दखा पजा करत दखा फल चढ़ात

दखा धप-द प जलात दखा यह इतना अ छा आदमी इतना नितक आदमी यह पाच पया र त द रहा

ह यह कस हो सकता ह नह आप ठ क स नह दख पाए आप समझ नह पाए वह ना रयल भी र त था व फल भी र त थ जो भगवान क सामन चढ़ाए गए यह आदमी बलकल किस टट ह यह ठ क वह यवहार वहा भी कर रहा ह जो

म दर म कर रहा ह यह जब ना रयल चढ़ा रहा था तब यह भीतर कह रहा था क मर लड़क को पर ा पास

करवा दना भगवान म पाच आन का ना रयल चढ़ाता ह और अगर पर ा लड़का पास हो गया तो बलकल

ब फ रहना एक ना रयल और चढ़ाऊगा यह या कह रहा था वहा यह कह रहा था क पाच आन क र त हम दत ह महाशय लड़क को पास करा

दना यह र त परानी थी दखाई नह पड़ती थी आजकल जो र त चल रह ह दो-चार सौ साल चलगी वह भी दखाई नह पड़गी अभी भी दखाई पड़नी कम हो गई ह जतनी उ नीस सौ सतालीस म दखाई पड़ती

थी अब नह दखाई पड़ती आदत अब हम मानन लग क वह भी ह धीर-धीर वह यव थत हो जाएगी

जस एक आदमी को नौकर िमलती ह वस ह र त भी िमलती ह लोग बड़ मज स पछत ह तन वाह

कतनी िमलती ह और पछत ह ऊपर स कतना िमलता ह और बतान वाल बलकल िन तता स बतात

ह क इतनी तन वाह िमल जाती ह ऊपर इतना िमल जाता ह यह भी तन वाह का ह सा ह तन वाह का

दसरा ह सा ह इसम कछ पाप नह कोई लािन नह कोई गलती नह यह आदमी र त म दर म चढ़ा रहा था तब हम नह पकड़ पाए आदमी को चढ़ान लगा तो हम पकड़ म आ

गया और इस बचार न बलकल तकसगत यवहार कया इसन दखा क पाच आन म भगवान तक राजी हो

जात ह तो आदमी को राजी करन म कौन सी खराबी ह जब भगवान तक को राजी करन म कोई पाप नह तो आदमी को राजी करन म हज या ह सदह क अ न म जो यथ ह वह जल जाएगा ल कन जो साथक ह वह बच रहगा और अगर न बच तो समझ

लना क वह यथ था यानी म कसौट इस मानता ह क सदह क आग म जो न बच वह स य नह था बहत कछ ह जो अस य ह नीित क नाम पर अस य ह धम क नाम पर अस य ह प य क नाम पर अस य

ह बलकल अस य ह ल कन कभी हमन सदह नह कया क हम सोच हम वचार कर एक आदमी धन कमाता ह सब तरह क चोर और बईमानी उस करनी पड़ती ह य क बना चोर और

बईमानी क धन कमाना असभव ह यह कभी भी सभव नह रहा आज भी सभव नह ह यह कभी भी सभव हो

सकगा नह दखाई पड़ता एक तरफ वह धन इक ठा कर लता ह सब तरह का गलत करक दसर तरफ वह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 148

आदमी दान करता ह एक म दर बना दता ह और हम कहत ह दानवीर ह प या मा ह अजीब सामा जक ह यह अजीब बात हो गई यह यह सामा जक नीित खतरनाक ह य क यह चोर और

बईमानी स आए पस स भी प य कया जा सकता ह इसम व ास करती ह यह कस हो सकता ह यह कस हो सकता ह क म आपक जब काट ल जब काट कर पय इक ठ क और

गाव म हनमान जी क एक म ढया बना द यह मर चोर स िनकली हई म ढया धम- थान कस बन सकती ह कस हो सकती ह यह प य कस हो सकता ह ल कन सामा जक नीित आज तक यह वीकार करती रह वह यह नह पछती क धन कहा स आया वह यह

पछती ह क धन तमन दान म कया बस बात पर हो गई लाओ स था चीन म एक अदभत आदमी एक रा य का कानन म ी था एक आदमी न चोर क पहला ह

मकदमा उसक सामन आया तो उसन चोर को छह मह न क सजा द और साहकार को भी छह मह न क सजा द द साहकार न कहा आप पागल हो गए ह यह कस कानन म िलखा ह क जसक घर चोर हो वह भी सजा काट लाओ स न कहा पागल म नह हो गया ह अब तक सारा कानन पागल था तन सार गाव क सप इक ठ

कर ली ह चोर नह होगी तो अब या होगा गाव म यह चोर तो नबर दो ह ज मवार चोर म नबर एक त

ज मवार ह इतना धन जहा इक ठा होगा वहा चोर होगी इस चोर को चोर करवान म तन ह टपटशन तन

ह रणा द ह और इस आदमी न अगर चोर क ह तो तम दोन चोर म समान भागीदार हो म तो तम दोन

को ह सजा दगा राजा न कानन म ी को बला कर कहा क आपका दमाग द त ह कभी दिनया म यह हआ ह लाओ स न कहा नह हआ दिनया म इसीिलए दिनया स चोर नह िमट सक ह और नह िमट सकगी और म

कहता ह क जो म कह रहा ह अगर यह हो तो दिनया म चोर िमट सकती ह लाओ स क बात नह सनी गई आज भी पर तरह नह सनी गई ह ल कन जब तक नह सनी जाएगी वह

व ड ट वह लाओ स का कथन खड़ा रहगा आकाश म चमकत हए अ र म िलखा रहगा क तब तक नह

िमट सकती चोर जब तक चोर क साथ साहकार भी द डत नह होगा नह िमटगी तो वह नीित गलत ह जो िसफ चोर को ज मवार ठहराती ह और साहकार को ज मवार नह ठहराती अगर

सदह क आग म वह नीित गजरगी तो दोन ज मवार ठहरग व एक ह िस क क दो पहल ह जब तक धन

इक ठा होगा तब तक चोर कस बद हो सकती ह चोर चलती रहगी ल कन धम थ और नीितशा ी कहत ह चोर पाप ह ल कन व यह नह कहत क शोषण पाप ह बड़ मज क

बात ह चोर पाप ह शोषण पाप नह ह चोर पाप ह और धन धन प य स िमलता ह पछल ज म क

प य स िमलता ह ज र इसम कछ होिशयार क बात हो गई होिशयार क बात यह हो गई क चोर करता ह गर ब आदमी और शोषण करता ह अमीर आदमी अमीर चाहता

ह चोर स सर ा रह इसिलए अमीर क आग-पीछ घमन वाल स यासी और प डत य क यह पराना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 149

गठबधन ह अमीर स यािसय का सहारा लकर जीत ह स यासी अमीर का सहारा लकर जीत हतो

स यासी कहत ह और प डत कहत ह चोर पाप ह चोर कभी मत करना ल कन व स यासी यह नह कहत

क शोषण पाप ह शोषण मत करना शोषण जार रहता ह चोर भी जार रहती ह चोर म इतनी श ह वह शोषण स जड़ा हआ ह सा ह जस दन शोषण बद होगा उस दन चोर बद होगी तो अगर सदह क अ न म आप जाच करग समाज क नीित क तो आप पाएग क उसम बहत कछ शरारत स

भरा हआ ह झठ ह पाखड ह बहत कछ िन त प स अनीितपण ह और वह सब जल जाएगा और जल

जाना चा हए और तब सदह क बीच स एक नीित वकिसत होगी सह एक ठ क कोण जसस जीवन

पात रत होता ह तो इसस घबड़ाए मत क सदह म चला जाएगा तो सब गड़बड़ हो जाएगा गड़बड़ होगा बहत कछ गड़बड़ होगा य क सब कछ गड़बड़ ह एक बीमार आदमी को ठ क करना पड़ता ह तो उसक शर र म बहत कछ गड़बड़

करनी पड़ती ह दवाए डालनी पड़ती ह इज शन डालना पड़ता ह ल कन वह बीमार आदमी सहता ह इस बात

को वह यह नह कहता क यह या गड़बड़ कर रह ह चीज डाल रह ह मर शर र म वह जानता ह क गड़बड़

वहा भीतर ह बीमार वहा ह और इनक वपर त चीज को डाल बना वह बीमार अलग होन वाली नह ह समाज म गड़बड़ ह अनीित ह इस अनीित को एक बड़ व वस क बना िमटाए कोई रा ता नह ह इस तोड़ना

पड़गा और हम नह तोड़ग तो यह समाज और सड़ता चला जाएगा और गदा और क प होता चला जाएगा

यह समाज गदगी क आ खर सीमा पर पहच गया ह जहा िसफ चहर दखाई पड़ रह ह ठ क बाक भीतर सब

सड़ चका ह प रवार सड़ चका ह समाज सड़ चका ह िश ा सड़ चक ह सार अतर-जीवन क सबध सड़ चक

ह ल कन हम ऊपर स एक चहरा बनाए हए खड़ ह क सब ठ क ह यह सब ठ क वसा ह ह जस क सबह आप चल जा रह ह द तर क तरफ कछ भी ठ क नह ह घर पर पानी

नह ह खाना नह ह ब च क िलए दवा नह ह प ी पागल हो जा रह ह आप चल जा रह ह द तर और

एक आदमी कहता ह क हए सब ठ क ह आप कहत ह सब बलकल ठ क ह बस यह सब ठ क उसी तरह

का सब ठ क ह कछ भी ठ क नह ह एक औपचा रक बात रह गई ह क सब ठ क ह ठ क हम इसी तरह कह चल जा रह ह कछ भी ठ क नह ह या ठ क ह बचपन स लकर बढ़ाप तक कछ भी

ठ क नह ह इसम बहत कछ िगरगा टटगा िगरना चा हए तोड़ना चा हए ल कन च क हमन कभी वचार

नह कया इसिलए उस हम नह तोड़ पाए हम नह बदल पाए वचार आएगा तो आएगा व ोह वचार आएगा तो आएगी ाित वचार आएगा तो समाज इसी तरह का

बदा त नह कया जा सकता जसा ह जो लोग बदा त करत रह ह उन लोग न उन लोग न अपराध कया ह य थोड़ सी बात मन कह कछ और रह गए ल कन जन दशाओ म मन बात कह ह जनक रह गए

ह अगर उन दशाओ म थोड़ा भी व सोचन क कोिशश करग तो उ ह अपन भीतर स भी उ र िमल सकत ह

और मर उ र का बहत बड़ा म य नह ह मर उ र का या म य हो सकता ह वह मरा उ र ह जब आपका

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 150

उ र िमल तभी म य हो सकता ह पछ सकत ह क फर म य कह रहा ह म िसफ इसिलए कह रहा ह क आपको अगर यह खयाल भी आ जाए क जदगी क सबध म सोचना ह वचार

करना ह सदह करना ह तो आपको अपन उ र उपल ध हो सकत ह आपका ह उ र भी आपका चा हए तभी वह िगरगा और न होगा दसर क उ र कछ भी नह कर सकत ल कन दसर क उ र स यह खयाल आ सकता ह क म भी सोच म भी वचार क शायद मर भीतर भी चतना ह वह भी उ र तक पहच जाए और समाधान खोज ल और यक य क चतना समाधान खोज

सकती ह हमन नह खोज इसिलए हमको नह उपल ध हआ हम खोजग वह उपल ध हो सकता ह मर बात को इतनी शाित और म स सना उसक िलए बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य बाहरवा वचन ध य ह व जो सरल ह एक छोट सी कहानी कह और उसस ह अपनी चचा श क एक रात एक सराय म एक फक र आया सराय भर हई थी रात बहत बीत चक थी और उस गाव क दसर

मकान बद हो चक थ और लोग सो चक थ सराय का मािलक भी सराय को बद करता था तभी वह फक र वहा

पहचा और उसन कहा कछ भी हो कह भी हो मझ रात भर टकन क िलए जगह चा हए ह इस अधर रात

म अब म कहा खोज और कहा जाऊ सराय क मािलक न कहा ठहरना तो हो सकता ह ल कन अकला कमरा

िमलना क ठन ह एक कमरा ह उसम एक महमान अभी-अभी आकर ठहरा ह वह जागता होगा या तम

उसक साथ ह उसक कमर म सो सकोग वह फक र राजी हो गया एक कमर म दो महमान ठहरा दए गए वह फक र अपन ब तर पर लट गया न तो उसन अपन जत खोल न अपनी टोपी िनकाली वह सब कपड़

पहन हए लट गया दसरा आदमी जो वहा ठहरा हआ था उस हरानी भी हई ल कन अप रिचत आदमी स कछ

कहना ठ क न था वह चप रहा ल कन वह फक र जो टोपी पहन ह सो गया था वह करवट बदलन लगा और नीद आनी उस क ठन हो गई दसर महमान क बदा त क बाहर हो गया और उसन कहा महानभाव ऐस तो रात भर नीद नह आएगी आप

करवट बदलत रहग कपा करक जत उतार द कपड़ उतार द फर ठ क स सो जाए थोड़ सरल हो जाए तो शायद नीद आ भी जाए इतन ज टल होकर सोना बहत म कल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 151

उस फक र न कहा म भी यह सोचता ह ल कन अगर म कमर म अकला होता तो कपड़ िनकाल दता त हार होन क वजह स म बहत म कल म ह उस आदमी न कहा इसम या म कल क बात ह वह फक र कहन लगा म कल यह ह क अगर म कपड़ िनकाल कर सो गया तो सबह मर नीद खलगी म

यह कस पहचानगा क म कौन ह म अपन कपड़ स ह खद को पहचानता ह यह कोट मर ऊपर ह तो मझ

लगता ह क म म ह ह यह पगड़ मर िसर पर ह तो म जानता ह क म म ह ह इस पगड़ इस कोट को पहन हए आईन क सामन खड़ा होता ह तो पहचान लता ह क म म ह ह अगर कमर म अकला होता तो कपड़

िनकाल कर सो जाता बदलन का कोई डर न था ल कन सबह म उठ तो म कस पहचानगा क म कौन ह और

तम कौन हो वह आदमी कहन लगा बड़ पागल मालम होत हो तम जसा पागल मन कभी नह दखा वह फक र कहन लगा तम मझ पागल कहत हो मन दिनया म जो भी आदमी दखा वह अपन कपड़ स ह

अपन को पहचानता हआ दखा ह अगर म पागल ह तो सभी पागल ह आप भी अपन को कपड़ क अलावा और कसी चीज स पहचानत ह कपड़ बहत तरह क ह--नाम भी एक

कपड़ा ह जाित भी एक कपड़ा ह धम भी एक कपड़ा ह म हद ह म मसलमान ह म जन ह--य भी कपड़

ह य भी बचपन क बाद पहनाए गए ह मरा यह नाम ह मरा वह नाम ह--य भी कपड़ ह य भी बचपन क

बाद पहनाए गए ह इ ह को हम सोचत ह अपना होना तो हम ज टल हो जाएग तो हम ज टल हो ह

जाएग एक महानगर म एक बहत अदभत नाटक चल रहा था श स पयर का नाटक था उस नगर म एक ह चचा थी

क नाटक बहत अदभत ह अिभनता बहत कशल ह उस नगर का जो सबस बड़ा धमग था उसक भी मन म

हआ क म भी नाटक दख ल कन धमग नाटक दखन कस जाए लोग या कहग तो उसन नाटक क

मनजर को एक प िलखा और कहा क म भी नाटक दखना चाहता ह शसा सन-सन कर पागल हआ जा रहा

ह ल कन म कस आऊ लोग या कहग तो मर एक ाथना ह त हार नाटक-गह म कोई ऐसा दरवाजा

नह ह पीछ स जहा स म आ सक कोई मझ न दख सक उस मनजर न उ र िलखा क आप खशी स आए हमार नाटक-भवन म पीछ दरवाजा ह धमग ओ स जन साधओ क िलए पीछ का दरवाजा बनाना पड़ा ह य क व सामन क दरवाज स कभी नह आत

दरवाजा ह आप खशी स आए कोई आपको नह दख सकगा ल कन एक मर भी ाथना ह लोग तो नह

दख पाएग क आप आए ल कन इस बात क गारट करना म कल ह क परमा मा नह दख सकगा पीछ का दरवाजा ह लोग को धोखा दया जा सकता ह ल कन परमा मा को धोखा दना असभव ह और यह

भी हो सकता ह क कोई परमा मा को भी धोखा द द ल कन अपन को धोखा दना तो बलकल असभव ह

ल कन हम सब अपन को धोखा द रह ह तो हम ज टल हो जाएग सरल नह रह सकत खद को जो धोखा दगा

वह क ठन हो जाएगा उलझ जाएगा उलझता चला जाएगा हर उलझाव पर नया धोखा नया अस य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 152

खोजगा और उलझ जाएगा ऐस हम क ठन और ज टल हो गए ह हमन पीछ क दरवाज खोज िलए ह ता क

कोई हम दख न सक हमन झठ चहर बना रख ह ता क कोई हम पहचान न सक हमार नम कार झठ ह हमारा म झठा ह हमार ाथना झठ ह एक आदमी सबह ह सबह आपको रा त पर िमल जाता ह आप हाथ जोड़त ह नम कार करत ह और कहत

ह िमल कर बड़ खशी हई और मन म सोचत ह क इस द का चहरा सबह स ह कस दखाई पड़ गया तो

आप सरल कस हो सकग ऊपर कछ ह भीतर कछ ह ऊपर म क बात ह भीतर घणा क काट ह ऊपर

ाथना ह गीत ह भीतर गािलया ह अपश द ह ऊपर म कराहट ह भीतर आस ह तो इस वरोध म इस

आ म वरोध म इस स फ क ा ड शन म ज टलता पदा होगी उलझन पदा होगी परमा मा क ठन नह ह ल कन आदमी क ठन ह क ठन आदमी को परमा मा भी क ठन दखाई पड़ता हो तो

कोई आ य नह मन सबह कहा क परमा मा सरल ह दसर बात आपस कहनी ह यह सरलता तभी कट

होगी जब आप भी सरल ह यह सरल दय क सामन ह यह सरलता कट हो सकती ह ल कन हम सरल नह ह या आप धािमक होना चाहत ह या आप आनद को उपल ध करना चाहत ह या आप शात होना चाहत

ह या आप चाहत ह आपक जीवन क अधकार म स य क योित उतर तो मरण रख--पहली सीढ़ मरण रख--सरलता क अित र स य का आगमन नह होता ह िसफ उन दय

म स य का बीज फटता ह जहा सरलता क भिम ह दखा होगा एक कसान बीज फकता ह प थर पर पड़ जाए बीज फर उसम अकर नह आता य बीज

तो वह था और सरल सीधी जमीन पर पड़ जाए बीज अक रत हो आता ह बीज वह ह ल कन प थर कठोर

था क ठन था बीज असमथ हो गया अक रत नह हो सका जमीन सरल थी सीधी थी साफ थी नरम

थी कठोर न थी कोमल थी बीज अक रत हो गया प थर पर पड़ बीज म और भिम पर िगर बीज म कोई

भद न था परमा मा सबक दय क ार पर खटखटाता ह--खोल दो ार परमा मा का बीज आ जाना चाहता ह भिम म क

अक रत हो जाए ल कन जनक दय कठोर ह क ठन ह उन दय पर पड़ा हआ बीज सख जाएगा नह

अक रत हो सकगा न ह उस बीज म प लव आएग न ह उस बीज म शाखाए फटगी न ह उस बीज म फल

लगग न ह उस बीज स सगध बखरगी ल कन सरल जो ह ग उनका दय भिम बन जाएगा और परमा मा का बीज अक रत हो सकगा इसिलए स या का पहला स आपस कहना चाहता ह--सरल हो जाए और यह मत पछ क हम सरल कस हो

जाए य क जहा कस का भाव श हआ क ठनता श हो जाती ह जस ह आपन पछा--म कस हो जाऊ

सरल बस आप क ठन होना श हो गए सरलता तो वभाव ह सरल होना नह पड़ता ह कवल क ठन होना बद कर द और आप पाएग क सरल हो गए ह म यह म ठ बाध ल और फर पछन लग लोग स क म म ठ कस खोल तो कोई मझस या कह म ठ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 153

खोलनी नह पड़ती बाधनी ज र पड़ती ह म ठ खोलनी नह पड़ती बाधनी ज र पड़ती ह अब म म ठ

बाध ह और लोग स पछता ह म ठ कस खोल जो जानता ह वह कहगा क िसफ बाधना बद कर द म ठ

खल जाएगी बाध मत खला होना म ठ का वभाव ह एक ब चा एक व क शाखा को खीच कर खड़ा ह और पछता ह इस म इसक जगह वापस कस पहचा द या कह उसस वापस पहचान क िलए कोई आयोजन करना पड़ नह ब चा छोड़ द शाखा को शाखा

हलगी कपगी अपनी जगह वापस पहच जाएगी वभाव सरल ह मन य का ज टलता क टवटड ह ज टलता कोिशश करक लाई गई ह ज टलता साधी गई

ह सरलता साधनी नह ह कवल ज टलता न हो और सरलता उप थत हो जाती ह यह मत पछना क हम

सरल कस हो जाए क ठन कस हो गए ह यह समझ ल और क ठन होना छोड़ द और पाएग क सरलता आ

गई ह सरलता सदा मौजद ह कस क ठन हो गए ह कस हमन अपन को रोज-रोज क ठन कर िलया ह पहली बात मन कह हमन अस य का जीवन को ढाचा दया ह अस य हमारा पटन ह अस य हमारा ढाचा

ह अस य म हम जीत ह ास लत ह अस य म हम चलत ह खोज क कह आपका सारा जीवन अस य पर

तो खड़ा हआ नह ह एक छोटा सा ब चा सम क रत पर अपन ह ता र कर रहा था वह बड़ बार क स बड़ कशलता स अपन

ह ता र बना रहा था एक बढ़ा उसस कहन लगा पागल त ह ता र कर भी न पाएगा हवाए आएगी और

रत बखर जाएगी यथ महनत कर रहा ह समय खो रहा ह दख को आम त कर रहा ह य क जस त

बनाएगा और पाएगा क बखर गया तो दख आएगा बनान म दख होगा फर िमटन म दख होगा ल कन त

रत पर बना रहा ह िमटना सिन त ह दख त बो रहा ह अगर ह ता र ह करन ह तो कसी स त कठोर

च टान पर कर जस िमटाया न जा सक मन सना ह क वह ब चा हसन लगा और उसन कहा जस आप रत समझ रह ह कभी वह च टान थी और

जस आप च टान कहत ह कभी वह रत हो जाएगी ब च रत पर ह ता र करत ह बढ़ च टान पर ह ता र करत ह म दर क प थर पर ल कन दोन रत पर

बना रह ह रत पर जो बनाया जा रहा ह वह झठ ह वह अस य ह हम सारा जीवन ह रत पर बनात ह हम

सार नाव ह कागज क बनात ह और बड़ सम म छोड़त ह सोचत ह कह पहच जाएग नाव डबती ह साथ

हम डबत ह रत क भवन िगरत ह साथ हम िगरत ह अस य रोज-रोज हम रोज-रोज पीड़ा दता और हम रोज-

रोज अस य क पीड़ा स बचन को और बड़ अस य खोज लत ह तब जीवन सरल कस हो सकता ह अस य

को पहचान क मर जीवन का ढाचा कह अस य तो नह ह और हम इतन होिशयार ह क हमन छोट -मोट

चीज म अस य पर खड़ा कया हो अपन को ऐसा ह नह ह हमन अपन धम तक को अस य पर खड़ा कर रखा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 154

म एक अनाथालय म गया वहा सौ ब च थ अनाथ ब च उस अनाथालय क सयोजक मझस कहन लग क

हम ब च को धम क िश ा दत ह मन कहा धम क िश ा य श द बड़ वरोधी मालम होत ह अधम क िश ा हो सकती ह धम क िश ा कस

होगी अ व ा क िश ा हो सकती ह व ा क िश ा का आज तक सना नह गया घणा क िश ा हो सकती

ह य क िश ा हो सकती ह ल कन म क व ालय अब तक दख नह गए फर भी आप कहत ह तो म

चल या िश ा दत ह जान व मझ खशी-खशी ल गए और उन ब च स मर सामन पछन लग ई र ह उन ब च नहाथ ऊपर उठा

दए उ ह जो िसखाया गया था क ई र ह रटाया गया क ई र ह--उ ह न हाथ ऊपर उठा दए क हा ई र

ह उनस पछा गया--आ मा ह उन ब च न कहा हा आ मा ह जस उनस पछा जाता--दो और दो चार होत

ह तो व कहत क हा दो और दो चार होत ह फर उनस पछा गया परमा मा कहा ह उन ब च न अपन

दय पर हाथ रख दए क यहा म एक छोट ब च क पास गया और मन कहा क बट बता सकोग दय कहा ह उसन कहा यह तो हम िसखाया नह गया ई र ह िसखा दया गया िसखाया हआ ई र झठा हो गया जाना हआ ई र स चा होता ह य जो ब च न हाथ उठाए यह जान कर नह उठाए क ई र ह यह कताब म िलखा ह क ई र ह यह िश क कहता ह क

ई र ह यह पर ा म उ र दना ह क ई र ह तो ब च कहत ह--ई र ह हाथ उठात ह य हाथ स च ह य हाथ अगर स च होत तो दिनया परमा मा क आलोक स भर गई होती य हाथ झठ ह ल कन य ब च क हाथ

ह झठ होत तो भी ठ क था बढ़ क उठ हए हाथ भी इतन ह झठ ह य क बचपन म जो सीख िलया जीवन

भर आदमी उसी को दोहराए चला जाता ह बना इस बात को पछ क म जान कर कह रहा ह या बना जान कह

रहा ह हमार जीवन का ढाचा ह अस य ह म दर क सामन हाथ जोड़ कर खड़ ह व हाथ भी झठ ह परमा मा का भाव

भी झठा ह य क परमा मा का भाव अगर स चा होता तो एक बार क जड़ हए हाथ हमशा क िलए जड़ हए हाथ

हो जात और एक बार म दर क पास स िनकल जान पर म दर का छटना असभव हो जाता फर तो जहा खड़ हो जात वह उसका म दर था और जो दखाई पड़ जाता उसी क िलए उसक हाथ जड़ जात ल कन ऐसा नह दखाई

पड़ता म जद म जान वाल लोग म दर म जान वाल लोग क ह या करत ह म दर म जान वाल लोग म जद

म जान वाल लोग क ह या कर दत ह बड़ा अदभत धम ह बड़ा झठा धम होगा ल कन हमारा सारा ढाचा सारा पटन हमार जीवन क बिनयाद जन स व पर खड़ होती ह व सब हमन

व ास क झठ ढाच बना रख ह फर आदमी सरल कस हो सकता ह सरल होना ह तो जान ल जो न जानत ह जान ल क नह जानता ह अगर नह जानत परमा मा को तो कह द

िनमलता स क नह जानता ह मझ पता नह म झठा हाथ नह उठा सकता ह दिनया म दो तरह क झठ हाथ उठ रह ह सो वयत स म एक हाथ उठ रहा ह जो कहता ह परमा मा नह ह

वह भी िसखाई हई बात ह वह भी कल म बताई हई बात ह और परब क म क म हाथ उठता ह ई र क िलए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 155

क ई र ह व हाथ भी झठ ह व हाथ भी िसखाए हए ह अगर आप सीखी हई बात पर हाथ उठा रह ह वापस

लौटा ल अपन हाथ को तो शायद सरल हो भी सकत ह एक फक र एक गाव म ठहरा था वह फक र बड़ा अदभत फक र रहा होगा गाव क लोग न उसस कहा श वार

का दन ह आप चल हमार म जद म थोड़ा ई र क सबध म समझाए वह फक र कहन लगा ई र क सबध म कभी कछ समझाया गया हो तो म भी समझाऊ ल कन व लोग नह मान जतना फक र इनकार करन लगा उतन लोग उसक पीछ पड़ गए लोग क ब ऐसी

ह जहा दरवाज बद होत ह वहा दरवाज ठ कन लगत ह जहा दरवाज खल ह वहा जात भी नह जस दरवाज

पर िलखा ह यहा झाकना मना ह वह -वह च कर लगान लगत ह वह फक र कहन लगा क नह -नह म नह जाऊगा ई र क सबध म या कहा जा सकता ह कछ भी नह कहा जा सकता ल कन लोग नह मान उस ल गए नह मान तो गया म जद म जाकर वह खड़ा हो गया मच क ऊपर और

उसन कहा मर दो तो इसक पहल क म ई र क सबध म कछ कह म तमस कछ पछ ल पहली बात ई र क सबध म तम कछ जानत हो ई र ह उन सार लोग न हाथ हला दए क हम जानत ह ई र ह वह फक र बोला फर मा करो जब तम जानत हो तो मर बोलन क कोई ज रत न रह म वापस जाता ह

म फजल म अपना समय त हारा समय य खराब क मझ या पता क त ह पता ह फर तम मझ

कसिलए िलवा लाए हो जब त ह मालम ह ई र ह और त हार हाथ उठत ह उसक गवाह म मर कोई

ज रत न रह म जाता ह लोग बड़ हरान हए मन और आतर हो गया क इस आदमी स सनना ज र था भल हो गई उ ह न तय कया

क अगली बार फर उस बला कर लाए और अब क बार जब वह पछगा क जानत हो ई र ह तो हम कहग

क ई र ह ह नह हम कछ भी नह जानत फर तो बोलगा दसरा श वार आ गया फर उस फक र क पास गए और कहा क चल ई र क सबध म कछ समझाए वह

फक र फर टालमटोल करन लगा ल कन व नह मान व उस ल गए वह मच पर खड़ा हो गया उसन फर

पछा क म ई र क सबध म कछ कह उसक पहल एक बात जान ल ई र ह त ह कछ पता ह ई र क होन

का लोग न कहा ई र नह ह और हम कछ भी पता नह वह फक र बोला मा करना जब ई र ह ह नह तो मर या ज रत म वापस जाता ह और तम

सबको पता ह क ई र नह ह बात ख म हो गई अब और या जानन को शष रह गया ज ह यह तक पता

हो गया क ई र नह ह उनको अब जानन को और या शष रह गया होगा आ गई अितम सीमा ान क जब यह भी जान िलया क ई र नह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 156

वह फक र वापस लौट गया लोग फर बड़ म कल म पड़ गए सनना ज र था अब और ती आका ा हो गई

क पता नह वह आदमी या कहता उ ह न फर तय कया तीसरा उ र तयार कया क अब क बार फर

चल तीसर श वार फर उसक पास पहच गए क चलो उ ह न तीसरा उ र तयार कर िलया उ ह न कहा अब क बार जब वह पछ तो आध लोग कहग क हमको पता ह क ई र ह और आध लोग कहग क हमको पता नह ह क ई र ह अब तो कछ बोलोग फक र आकर खड़ा हो गया और उसन कहा क दो तो फर वह सवाल पता ह ई र ह या क पता नह ह जानत हो क नह जानत आधी म जद क लोग न कहा आध लोग को पता ह क ई र ह और आध लोग न कहा हम पता नह क

ई र ह फक र न कहा जनको पता ह व उनको समझा द जनको पता नह म जाता ह मर कोई ज रत नह उस फक र स मन भी पछा क चौथी बार व लोग आए क नह वह फक र कहन लगा चौथा उ र उन लोग को नह िमल सका तीन म उ र समा हो गए फर व लोग नह आए म तो रा ता दखता रहा क आए तो फर जाऊ मन उस फक र को कहा क अगर उनक पास चौथा उ र होता तो आप जात वह कहन लगा अगर चौथा उ र होता तो म ज र जाता और बोलता मन पछा वह चौथा उ र या हो सकता था वह फक र कहन लगा अगर व चप रह जात और कोई भी उ र न दत तो म कछ बोलता य क तब व स च

लोग होत तब व एक झठ बात को गवाह नह दत तब व मौन रह जात उ ह कछ भी पता नह ह--न होन

का न ना होन का तब व अपन अ ान म मौन रह जात अ ान उनका स य था स चाई थी ान--

आ तक का ान ना तक का ान--सब झठ ह सीखी हई बकवास ह अगर व चप रह जात तो म बोलता वह फक र कहन लगा और आज तक स य क सबध म तभी समझाया जा सका ह या जाना जा सका ह बोला जा सका ह इशार कए जा सक ह--जब दसर तरफ स चाई स भरा हआ मौन हो झठ स भर हए उ र नह स चाई स भरा हआ काफ ह झठ स भरा हआ ान नह स चाई स भरा हआ अ ान भी परमा मा क

तरफ ल जान वाला चरण बन जाता ह हम पछ अपन स हमारा ान सच ह हमारा ान सच ह और जब हमारा ान ह सच नह तो हमारा

जीवन कस सच हो सकता ह ान पर तो जीवन खड़ा होता ह ल कन हम झठ म हा भरत चल जात ह हम

चपचाप हा भरत चल जात ह चार तरफ लोग हा भरत ह तो हम भी हा भरत ह चार तरफ जो लोग कहत ह वह हम भी कहत ह हम भीड़ क ह स हो गए ह भीड़ एक झठ ह हम समाज क ह स हो गए ह समाज एक

झठ ह एक बार एक अदभत घटना घट गई एक आदमी न एक स ाट स आकर कहा तमन सार प वी जीत ली ल कन एक चीज क कमी रह गई त हार पास त हार पास दवताओ क व नह ह म त ह दवताओ क व

लाकर द सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 157

स ाट क लोभ को गित िमली सोचा क दवताओ क व िमल जाए तो इसस शभ और या होगा उसन कहा कतना खच होगा उसन कहा खच तो बहत होगा य क आदिमय क र त दख-दख कर दवता भी र त लन लग ह बहत

र त लगगी वहा भी बहत ाचार फल गया ह द ली म ह नह इ क नगर म भी बहत ाचार ह

य क यहा क मर हए सब भतपव िमिन टर वह इक ठ हो गए ह और सब उप व कर रह ह बहत बहत

र त मागत ह स त म काम नह चलता यहा आदमी तो दस-पाच पय म भी मान जाता ह दवताओ को तो

दस-पाच पय क कोई क मत नह करोड़ खच हो जाएग दस-पाच करोड़ पय खच ह ग ल कन राजा क मन को लोभ पकड़ गया व ास तो नह आता था क दवताओ क व कस आएग कभी दख

नह गए ह ल कन फर भी उसन कहा क कोई हज नह ल कन दखो धोखा दन क कोिशश मत करना नह तो फासी पर लटक जाओग त हार घर पर पहरा रहगा नगी तलवार का उसन कहा घर पर पहरा रख य क दवताओ का रा ता सड़क स होकर नह जाता वह बहत अद नी रा ता ह वह तो म घर क भीतर स दवताओ क लोक म चला जाऊगा आप उसक फ न कर दस करोड़ पय खच होन थ व पय द दए गए उसक घर क पास तलवार का पहरा लगा दया छह मह न

बाद उसन कहा म व लकर आऊगा य क सरकार कामकाज ह बड़ म कल स होता ह लबा व लग

जाता ह एक-दो दन म नह होता ह सरकार काम ह फाइल पर फाइल सरकगी इस लक को खलाओ उस द तर म खलाओ उधर चलो तब म कल स कह हो पाएगा कसी अ सरा को मनाओ तब कह इ

क व िमल सक बहत म कल ह ल कन कोिशश म क गा छह मह न बीत गए सार राजधानी आतर हो उठ सार दश म खबर पहच ग अदभत घटना घट रह ह

िमरकल दवता क व प वी पर पहली बार आ रह ह शक ह सभी को सदह ह सभी को ल कन नगी तलवार

का पहरा ह छह मह न पर हो गए सबह सरज िनकला और वह आदमी घर क बाहर आ गया वह साथ म एक

बहम य पट िलए हए ह ताल बद ह अब तो कोई शक भी न रहा उसन कहा राजमहल ल चलो नगी तलवार क पहर म वह राजमहल पहच गया लाख लोग क भीड़ सड़क पर इक ठ हो गई ह दरबार भरा

ह दर-दर स राजा आए ह उसन जाकर दरबार म पट रखी तब तो स ाट भी िन त हो गया क धोखा नह दया गया फर उसन ताला खोला फर उसन स ाट को कहा क आप पास आ जाए और य व म भट करता

ह उसन कहा अपनी पगड़ अलग कर द स ाट न पगड़ नीच कर द उसन पट क भीतर हाथ डाला और

खाली हाथ बाहर िनकाला और कहा यह पगड़ ल दवताओ क स ाट न दखा क हाथ खाली ह कोई पगड़

नह फर वह आदमी हसन लगा उसन कहा दवताओ न चलत व मझस कहा ह जो अपन बाप स पदा हआ

होगा उसी को य व दखाई पड़ग य व सभी को दखाई नह पड़ सकत राजा को हाथ खाली दखाई पड़ रहा ह ल कन वह कहन लगा अहा कसी सदर पगड़ ऐसी पगड़ कभी दखी

नह उसन वह पगड़ जो थी ह नह अपन िसर पर रख ली झठ श हो गया झठ क या ा श हो गई सोचा उसन क म कह क पगड़ दखाई नह पड़ती तो म कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 158

हई अपन बाप स पदा नह हआ ऐसी अफवाह फल जाएगी और फर यह भी डर हआ य क जस ह दरबार

क लोग न सना क व उ ह को दखाई पड़ग जो अपन बाप स पदा हए दरबार आग बढ़-बढ़ कर आ गए

और पगड़ क शसा करन लग और कहन लग ओह ऐसी सदर पगड़ दस करोड़ कछ भी नह ह अब जब सारा दरबार कहन लगा रािनया कहन लगी वजीर कहन लग िम कहन लग एक आदमी नह उस दरबार म जो कह क पगड़ मझ दखाई नह पड़ती य क सार भीड़ जब कह रह ह क पगड़ हम दखाई

पड़ती ह तो कौन साहस कर कौन कह क पगड़ दखाई नह पड़ती कौन उलझ कौन च कर म पड़ राजा न पगड़ पहन ली भीतर तो ाण थरथरा रह ह ल कन ऊपर स वह म करा रहा ह फर कोट भी उतर गया फर धोती भी उतर गई फर एक ह व रह गया तब राजा घबड़ाया--अब तो म न न हो जाऊगा एक-

एक व ल िलया गया और झठ व द दए गए जो थ ह नह और दरबार म तािलया बज रह ह और लोग

शसा कर रह ह राजा एक ण सोचा क अब या क ल कन झठ म जो आग बढ़ता ह एक झठ और बड़

झठ म ल जाता ह अब पीछ लौटना बहत म कल मालम होन लगा अगर वह कह क अब मझ कछ नह

दखाई पड़ता तो वह कहगा इतनी दर स आपको दखाई पड़ रहा था झठ बोल रह थ आप अपन बाप स

पदा नह हए मालम होता ह मजबर थी उस अितम व भी छोड़ कर न न खड़ा हो जाना पड़ा और तब उस

नग खड़ राजा को दख लोग तािलया बजान लग हर एक को राजा नगा दखाई पड़ रहा ह ल कन कोई भी कहता नह क राजा नगा ह और उस आदमी न कहा स ाट य व पहली बार प वी पर आए ह इनक शोभा-या ा िनकलनी बहत ज र

ह राजधानी क राजपथ पर चल आप रथ म बठ कर ता क सारा नगर दख ल क दवताओ क व आ गए ह लोग उ सकता स बाहर बाट जोह रह ह अब राजा क ाण कप वह न न खड़ा ह कम स कम अपन महल म ह रा त पर जाए ल कन झठ क

या ा श हो चक अब उस रोकना बड़ा म कल मालम होन लगा मजबर ह दरबार भी कहन लग क

महाराज यह तो व क वागत म ज र ह क आप बाहर चल महाराज को बाहर भी जाना पड़ा वह न न राजा रथ पर सवार हो गया लाख लोग क भीड़ ह और लोग व

क शसा कर रह ह य क शत का सबको पता चल गया िसफ भीड़ म कछ छोट-छोट ब च जो अपन

पताओ क कध पर चढ़ कर राजा को दखन आ गए थ व अपन बाप क कान म कहन लग पताजी राजा

नगा मालम पड़ता ह ल कन बाप न कहा चप नादान नासमझ गर-अनभवी राजा नगा नह राजा सदर

व पहन हए ह जब तम बड़ हो जाओग तमको भी व दखाई पड़न लगग चप रहो अभी अभी अनभव

नह ह ब च अगर स य बोलत भी ह तो बढ़ जो अस य म द त हो गए ह उ ह बोलन नह दत ब च कभी इशारा भी

करत ह क मझ यह नह दखाई पड़ता तो बढ़ कहत ह चप नासमझ अभी तझ अनभव नह ह अनभव

तझ भी दखा दगा और अनभव दखा दता ह य क अनभव सब अस य म या ा का अनभव ह जब वह भी

बढ़ा हो जाता ह उसी अस य क या ा स गजर कर तब उसको भी दखाई पड़न लगत ह व

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 159

हम सब भी नग राजा क व दख रह ह सरल कस हो सकत ह झठ व क गवाह दकर कोई सरल कस हो

सकता ह आपको म दर क मित म कभी भगवान दखाई पड़ ह नह दखाई पड़ तो आपन य कहा ह क

वहा भगवान ह और अगर दखाई पड़ गए ह वहा तो फर इस प वी पर कोई ऐसी जगह हो सकती ह जहा

दखाई नह पड़त ह कसी म जद म कभी उसक झलक िमली ह कसी शा म कभी कसी श द म

स य अवत रत हआ ह ल कन य गवाह द ह य वटनस बन क यहा मझ स य दखाई पड़ता ह यहा मझ भगवान दखाई पड़त ह यह जो झठ क गवाह द ह तो फर सरल नह हो सकत ह नह हो सकत

ह नह हो सकत ह कोई रा ता नह ह फर सरल हो जान का पहली बात पहला स समझ ल सरल हो जान क िलए अस य स अपनी गवाह अलग कर ल वटनस न बन

अस य क गवाह न बन अस य क हम सब गवाह ह हम म स स य का गवाह कोई भी नह य क जो स य का गवाह ह वह परमा मा का सा ी

हो जाता ह अस य क गवाह ह सबह स साझ तक ज म स म य तक सारा जीवन अस य क एक गवाह

ह और रोज-रोज अस य क या ा बढ़ती चली जाती ह बढ़ती चली जाती ह बढ़ती चली जाती ह धम हमारा अस य जीवन क सबध हमार अस य बट स बाप कहता ह क म तझ म करता ह और यह बाप

बट को य पर भज दता ह क जा त लड़ और कट तब कहता ह क दश-सवा क िलए भजना बहत ज र था

अगर दिनया म बाप अपन बट को म करत होत जमीन पर आज तक कोई य सभव नह था कौन अपन

बट को कटन भजता ल कन कसी बाप न अपन बट को म नह कया कहता ह क म म करता ह कौन

कटवाता ह य म पहल महाय म साढ़ सात करोड़ लोग क ह या हई दसर महाय म दस करोड़ लोग

क ह या हई कौन न कटवाए य लड़क रोज लड़क कट रह ह य कौन कटवा रहा ह कौन भज रहा ह मा भजती ह प ी भजती ह बहन भजती ह बाप भजता ह भाई भजता ह बट भजत ह िम भजत ह और हम कह चल जात ह क हम म करत ह और हम िच लाए चल जात ह क हम म करत ह यह हमारा

म बड़ा झठा मालम होता ह कौन कसको म कर रहा ह और जो एक बार म करन म समथ हो जाएगा या आप जानत ह वह परमा मा स दर रह सकगा एक ण को भी जहा म का ार खल गया वहा भ क

म दर का ार भी खल जाता ह रामानज एक गाव म ठहर थ एक आदमी उनक पास आ गया और कहन लगा क मझ भ स िमलना ह मझ

परमा मा क तरफ जाना ह मझ रा ता बताओ रामानज न उस नीच स ऊपर तक दखा और कहा मर दो त मर भाई तमन कभी कसी को म कया ह वह आदमी कहन लगा म- म क बात मत करो मझ परमा मा तक जाना ह यह म वगरह क च कर म

म कभी नह पड़ा मझ रा ता बताओ भ का रामानज फर थोड़ दर चप रह और फर पछा क मर दो त या तम बता सकत हो तमन कभी कसी को भी

म कया हो उस आदमी न कहा क आप म ह म य पछ चल जात ह मझ परमा मा को खोजना ह म स मझ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 160

या लना-दना रामानज फर तीसर बार पछन लग क फर भी सोचो शायद कभी कसी को थोड़ा म कया हो वह आदमी ोध स खड़ा हो गया और उसन कहा यह या पागलपन ह म भ का रा ता पछता ह म

प म क पछता ह आप परब क बतात ह म म क बात नह पछ रहा ह रामानज क आख म आस आ गए और उ ह न कहा फर तम जाओ तमन अगर कसी को भी म कया

होता तो उसी म को ाथना म बदला जा सकता था तमन अगर एक को भी म कया होता तो उसी म क

ार स त ह एक म तो परमा मा कम स कम दखाई पड़ जाता और जसको एक म दखाई पड़ जाता ह फर

कोई मामला बहत बड़ा नह उस सब म दखाई पड़ सकता ह ल कन तम कहत हो मन कभी कसी को म ह

नह कया फर फर म असमथ ह त ह परमा मा तक ल जान म तम कह और खोजो तम कह और

जाओ हम कहत ह क हमन म कया हम म करत ह जो आदमी म कर ल उसक िलए भ स बड़ िनकटता

और कोई नह रह जाती य क म क ण म ह वह कट होता ह ान क ण म नह य क ान तोड़ता

ह म क ण म य क म जोड़ता ह ानी को कट नह होता य क ानी का अहकार ह क म

जानता ह मी को कट होता ह य क मी कहता ह क म ह ह नह तो हम जस म कहत ह वह ज र झठा म होगा नह तो वह म परमा मा तक पहचा दता हमारा धम

झठा हमारा म झठा हमार ाथना झठ एक नाव सम म डगमगा रह ह तफान आ गया ह जोर का नाव क या ी कप जा रह ह उनक ाण कप जा

रह ह व सब घटन टक कर ाथना कर रह ह परमा मा स क बचा लो हम इतना धन दान करग हम इतना

याग करग म म दर बनवा दगा म म जद बनवा दगा म गीता क हजार का पया छपवा कर बटवा दगा म य करवा दगा म इतन ा ण को खलवा दगा व सभी या ी ाथना कर रह ह ल कन एक स यासी एक फक र वहा बठा हआ ह वह चपचाप बठा ह लोग उस पर नाराज हो गए और कहन

लग क तम कछ करो ाथना शायद त हार सन ल तम चप य बठ हो इस दघटना क घड़ म नाव

डावाडोल ह एक ण म डब सकती ह वह फक र हस रहा ह वह चप बठा ह व ाथना कर रह ह तभी वह बीच म िच लाया क ठहरो ठहरो वचन

मत द दना नाव कर ब पहच रह ह कनारा कर ब आ गया खतर क हम बाहर ह व सार लोग आधी ाथना छोड़ कर सामान बाधन लग ल कन एक आदमी उसम झझट म पड़ चका था वह आदमी अरबपित था वह इस नाव म अरब पया कमा

कर वापस लौट रहा था वह इतना घबड़ा गया क उसन भगवान को कहा क ह भगवान अगर म बच गया नाव बच गई तो मरा राजधानी का जो महल ह जसक क मत पाच लाख पया ह वह म तझ दान कर

दगा तरा म दर बना दगा वहा या उसको बच कर गर ब को बाट दगा बचा ल गर ब को बाट दगा या म दर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 161

बना दगा वह यह वचन द चका था और तो सार लोग अभी श ह कए थ वचन नह दए थ वह एक

आदमी फस गया और नाव कनार पहच गई अब उसक ाण बड़ सकट म पड़ क वह पाच लाख पय का या

होगा उस मकान का या होगा उसन उस फक र स कहा क तम बहत ब मान मालम पड़त हो अब म

या क म तो फस गया म तो आ ासन द दया भगवान को म या क उस फक र न कहा घबड़ाओ मत तम ज र कोई तरक ब िनकाल लोग य क आदमी क ाथनाए इतनी

झठ ह क उनम दए गए वचन का कोई अथ नह ल कन तम कोई ज र रा ता िनकाल लोग घबड़ाओ मत

तम बड़ होिशयार आदमी मालम पड़त हो नह तो करोड़ पया कमाना भी बहत क ठन था तम बड़ चालाक

आदमी मालम पड़त हो और प ह दन बाद उस आदमी न तरक ब िनकाल ली और उसन वह मकान पाच लाख पय का गर ब को बाट

दया कस बाट दया उसन सीधी तरक ब िनकाल ली एक ग णत का हसाब िनकाल िलया उसन गाव म

खबर कर द क मझ मकान नीलाम कर दना ह पाच लाख पय का मकान ह सबको पता ह मझ मकान

नीलाम कर दना ह फला-फला दन सबह लोग इक ठ हो गए लनदार वह मकान अदभत था खद राजा भी लन

आ गया था वह फक र भी पहच गया उस भीड़ म क वह आदमी या कर रहा ह या वह बाट दगा लोग को वह फक र भीड़ म चपचाप खड़ होकर दखन लगा उस आदमी न या कया था उस आदमी न एक ब ली बाध द मकान क सामन और गाव क लोग को कहा

क ब ली क क मत पाच लाख पया मकान क क मत एक पया और दोन को इक ठा बचगा अलग-

अलग बचगा नह जसको भी लना हो ल ल ब ली क क मत पाच लाख पया मकान क क मत एक

पया इक ठा बचगा एक ह ाहक को बचगा दोन अलग-अलग नह बचन ह गाव क लोग बड़ हरान हए ल कन लोग को या मतलब लोग जानत थ पाच लाख का मकान ह एक पय म

दता ह पाच लाख का मकान और ब ली जो दो कौड़ क नह वह बताता ह पाच लाख ल कन लोग को या

मतलब पागल हो गया ह हो जान दो गाव का मकान बक गया एक आदमी न पाच लाख म ब ली खर द

ली एक पय म मकान खर द िलया उस आदमी न पाच लाख ितजोर म बद कए एक पया गर ब म बाट

दया उसन तरक ब िनकाल ली उसन रा ता िनकाल िलया हमार ाथना झठ ह हमार पजा झठ ह य क हम झठ ह बिनयाद म इसिलए हमारा सब झठा ह--हमारा

ान हमारा धम हमार ाथना हमारा म-- य क बिनयाद म हम झठ ह और झठ पर खड़ा हआ जीवन

सरल नह हो सकता यह मत पछ क हम सरल कस हो जाए इतना ह जान ल क हम ज टल कस हो गए ह कस रोज हम ज टल

होत चल जा रह ह एक पल नह बीतता हम और ज टल हो जात ह एक घड़ नह बीतती हम और उलझ जात ह सार जदगी

उलझाव क एक लबी कथा ह ब च सरल और सीध पदा होत ह बढ़ उलझ हए मर जात ह इसीिलए तो

जदगी भर आदमी पीछ क तरफ लौट-लौट कर सोचता रहता ह क बड़ खशी थी बचपन म बड़ा आनद था

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 162

बचपन म बड़ शाित थी बचपन म अब सब खो गई या बात थी बचपन म कौन सी खशी थी कौन सा आनद था कौन सी शाित थी

शाित यह थी क सरलता थी खशी यह थी क सरलता थी आनद यह था क सरलता थी ज टल होता जाता ह आदमी और दख और पीड़ा और िचता स भरता चला जाता ह होना तो उलटा था क आदमी क उ जस बढ़ती

वह और सरल होता और सरल होता और अत ण तक इतना सरल हो जाता क उसक सरलता म और भ

क बीच कोई फासला न रह जाता कोई द वाल न रह जाती कोई गाठ न रह जाती कोई िथ न रह जाती

ल कन नह उलटा होता ह गाठ रोज बढ़ती चली जाती ह रोज बढ़ती चली जाती ह हम सब गाठ को कमान

वाल लोग हमार िलए परमा मा सरल नह हो सकता ह इसिलए जब धमग हम समझात ह क परमा मा

क ठन ह हम बलकल राजी हो जात ह क ठ क कहत ह परमा मा क ठन ह म आपस कहता ह झठ कहत ह परमा मा क ठन नह क ठन आप ह और अपनी क ठनाई को परमा मा

पर मत थोप परमा मा ज टल नह ज टल आप ह ल कन जब भी दोष दसर पर द दया जाए हम िनद ष

होकर शात और मज म हो जात ह अपनी क ठनाई पहचान अपनी का ल सट पहचान और पहचानत ह सरलता श हो सकती ह और म यह

नह कहता क कल श हो सकती ह अभी और इसी व श हो सकती ह आप यह स सरल होकर वापस

लौट सकत ह इसी व म ठ बाधी ह मत बाध और आप एक दसर आदमी होकर चल पड़ दसर आदमी--इसी ण अभी और यह ल कन अगर आपन कहा क कल दखग ज टलता श हो गई य क कल पर टालना ज टल आदमी का

ल ण ह जदगी कल क िलए नह कती जदगी अभी और यह ह हो सकता ह जो वह अभी हो सकता ह

और यह दस वर मोमट इसी ण म ल कन जो इस ण म नह हो सकता आप कहत ह ठ क कहत ह सोचगा वचार क गा पछगा कल कछ क गा बस ज टलता क सब रा त खोल दए गए सोचन स

आदमी और ज टलता म जाएगा करन स और ज टलता म जाएगा कल पर पो टपोन करन स और ज टलता

म जाएगा अभी और यह ज टलता को दख ल पहचान ल--कहा म ज टल ह फर कसको कहना ह एक यवा स यासी एक आ म म ह बहत ववाद ह बहत ता कक ह चौबीस घट ववाद और तक और

ववाद एक ण को मौन नह बोलना बोलना बोलना एक अजनबी महमान आ म म आया हआ ह वह

यवक उसक पीछ पड़ गया ववाद म तक म आ यमट म उसन एक-एक बाल क खाल िनकाल डाली वह

आदमी हारा हआ परा जत हआ वापस लौटा आ म का बढ़ा ग चपचाप बठा हआ दख रहा ह हस रहा ह दख रहा ह जब वह अजनबी हार कर चला गया ववाद तब उस बढ़ न उस यवा स यासी को कहा मर बट त कब तक कब तक यथ क बकवास करता रहगा कब तक यथ क बकवास करता रहगा या िमलगा

इस बकवास स इस ववाद स जो िमलना ह वह सवाद स िमलता ह और सवाद मौन म होता ह ववाद म

कोई सवाद नह होता ववाद म कोई क यिनकशन नह ह या िमलगा तझ कब तक बोलता रहगा यथ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 163

कब तक श द स खलता रहगा श द का अपना शतरज ह कब तक खलता रहगा बोल वह यवक सना जसा आप सन रह ह उस यवक न भी सना क उसक बढ़ ग न कहा ह कब तक त बोलता

रहगा यथ बोल उ र द वह यवक हसन लगा उसन उ र भी नह दया ग उस हलान लगा क बोल उ र द वह यवक हसन लगा उसन फर उ र नह दया वह चप ह हो गया फर वह तीस साल जदा रहा वह मौन ह जदा रहा उसी ण हो गई बात जो बात दखाई पड़ गई हो गई उस दखाई पड़ गया क ठ क

कह रह ह यह बात क म कब तक यथ बोल कर समय को खोता रहगा बात दखाई पड़ गई फर उसन यह

भी नह कहा क कल स बद क गा अभी बद करता ह य क इसक कहन क भी या ज रत रह बद हो

गया उसी ण बात हो गई गाव क लोग तो बड़ परशान हए क वह आदमी जो सबस यादा बोलता था चप हो गया लोग उसक ग को

आकर कहन लग क यह बड़ा पागल मालम होता ह उस ग न कहा काश लोग इतन ह पागल ह तो प वी

वग बन जाए जसको हम होिशयार कहत ह वह आदमी सोच- वचार करता ह सोच- वचार करता ह सोच-

वचार करता ह कल क गा कल क गा उसम कदन क साम य ह वलीन हो जाती ह और स य को कवल व लोग उपल ध होत ह जो कदन क और दाव लगान क साम य रखत ह तो मन कह यह थोड़ सी बात ज टल ह मन य का मन ज टलता दख अपन झठ चहर को पहचान जन

झठ व को गवाह द ह उन गवा हय को पहचान जस म को म कहा ह और जसक पीछ घणा िछपी

बठ ह उस म को पहचान जस ान को ान समझा ह और जहा ान बलकल भी नह उस ान क

यथता को दख और दखत ह आप पाएग क एक द वाल टट गई और कोई करण उतरनी श हो गई ह और

ाण सरल हो गए ह िनद ष हो गए ह इनोसट हो गए ह ध य ह व लोग जो सरल हो जात ह य क परमा मा उनक सपदा बन जाता ह ध य ह व लोग जो सरल हो

जात ह य क सरलता क ार स उ ह सब कछ िमल जाता ह ध य ह व लोग जो सरल हो जात ह य क

स य का और भ का रा य उनका ह ल कन अभाग ह व लोग जो ज टल ह और हम सब हम सब ज टल ह

हमारा अभा य हमारा दभा य यह ह क हम अपन को उलझाए चल जात ह उलझाए चल जात ह उलझाए

चल जात ह यह थोड़ सी बात मन कह इस सबध म और जो बात ह व आन वाली चचाओ म आपस कहगा एक छोट सी

घटना और अपनी चचा म पर क जीसस ाइ ट एक गाव म गए उस गाव क लोग इक ठ हो गए गाव का परो हत गाव का प डत गाव का

डा टर गाव का िश क गाव क यापार गाव क मजदर गाव क प ष- या व सब इक ठ हो गए व

जीसस क बात सनन लग और जीसस उन लोग स कहन लग क परमा मा का रा य बहत िनकट ह तम

वश होना चाहत हो क नह वह जो कगडम ऑफ गॉड ह बहत कर ब ह तम चलना चाहत हो वहा या

नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 164

उन लोग न कहा ाण तो हमार भी आतर ह ल कन कौन जा सकगा कौन ह पा कौन जा सकगा भ

क रा य म कौन ह पा कौन ह अिधकार तो जीसस न सामन खड़ हए धमग को दखा नह वह अिधकार नह था य क उस खयाल था क म धम

का ग ह अहकार था जीसस न पास म खड़ हए धनपित को दखा उसक र ढ़ म अकड़ थी उसक जब

वजनी थ उसक पास सोना था धन था वह भी कछ था नह -नह वह भी पा नह हो सकता जीसस क

आख वहा स भी हट गई जीसस न द र क तरफ दखा उसक मन म िसवाय रोट क और क पना नह थी

कोई धनी क मन म सोन-चाद का हसाब था गर ब क मन म रोट का हसाब था धमग समझता था म

जानता ह गाव का ना तक खड़ा था वह समझता था ई र ह ह नह ई र का कोई रा य नह ह कौन

कहता ह जीसस क आख एक-एक आदमी को दखन लगी और खसकन लगी नह -नह वह कोई भी पा नह ह और

तब कस पर जीसस क आख क एक ब च पर जो भीड़ क बाहर चपचाप धल म खल रहा था व दौड़ कर

गए उस धल भर ब च को उठा िलया ऊपर और कध पर ऊपर उठा कर लोग स कहा सनो जो लोग इस

ब च क भाित सरल ह ग परमा मा क रा य क अिधकार व ह ह अपन स पछना रात जाकर ब च क सरलता ह आपक पास नह ह तो फर भ बहत क ठन ह फर वह

सरल नह हो सकता ह और अगर आपक ाण स कोई ब चा बोल उठ क हा म तयार ह म मर नह गया

ह त हार सब कोिशश क बावजद भी म मर नह गया ह त हार सब झठ क बावजद भी म जदा ह इ पाइट ऑफ य और मझ खोज लो त हारा ब चा अभी मौजद ह आज क रात भी ार खल सकत ह कसी भी ण खल सकत ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसक िलए बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य तरहवा वचन जीवन या ह मर य आ मन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 165

जीसस स कोई पछ रहा था क आपका ज म कब हआ तो जीसस न जो उ र दया वह बहत हरानी का ह

यह दय का एक बहत पराना पगबर हआ ह अ ाहम जीसस स कोई दो हजार साल पहल अ ाहम यह दय क

इितहास म परान स पराना नाम ह जीसस न कहा क अ ाहम था उसक भी पहल म था व ास नह हआ होगा सनन वाल को य क व ास हम कवल उसी बात का होता ह जसका हम अनभव

हो बात पहली ह मालम पड़ होगी य क अ ाहम क पहल जीसस क होन क कोई सभावना नह मालम

होती शर र तो हो ह नह सकता ल कन जीसस जसा आदमी यथ ह झठ बोल यह भी सभव नह ह लाओ स स कसी न एक दन पछा क त हारा ज म कब हआ त हार ज म क ितिथ कौन सी ह तो लाओ स न कहा जहा तक म जानता ह मरा ज म कभी नह हआ और मर ज म क सबध म अगर दसर

कह तो उनका भरोसा मत करना य क अपन ज म क सबध म जतना म जानता ह उतना कोई दसरा नह जान सकता ल कन हम सब तो दसर जो हम बतात ह उस पर भरोसा करत ह यह बहत ह मजाक क बात ह लाओ स न

जो कह य क आपको भी अपन ज म का कोई पता नह ह िसवाय दसर क बताई हई बात क दसर कहत

ह क आप कभी पदा हए समझ क दसर न कह समझ क एक ब च को न बताया जाए क वह कभी पदा

हआ तो या कोई भी उपाय ह क ब चा अपनी तरफ स पता लगा ल क वह पदा हआ ह अगर बाहर स

सचना न द जाए तो आपको कभी पता भी चलता क आप कभी ज म और बड़ मज क बात ह ज म

आप ह और सचना बाहर स द गई ह और ज ह न सचना द ह उ ह भी अपन ज म क कोई खबर नह उनको भी उनक ज म क खबर दसर न द ह और ऐसा ह और भी आग ह ज म एक झठ बात ह लोको ह लोग कहत ह क आप पदा हए कोई आदमी कभी पदा नह होता फर

इसी तरह लोग कहत ह क मर गए ज ह न अपना ज म भी नह जाना व अपनी म य कस जान सकग ल कन ज म हम दसर बता दत ह क कभी पदा हए फला ितिथ फला तार ख म और फर कोई मरता ह

चार तरफ और हम सोचत ह क शायद हम भी मरग दसर क मरन क घटना को दख कर हम अपन बाबत भी

वचार कर लत ह क हम भी मरग वय क ज म क खबर दसर स द गई सचना और मरना एक अनमान इनफरस च क और कोई मरा ह इसिलए म भी म गा ल कन जब हम कसी आदमी को मरत दखत ह तब हम या दखत ह सच म हम या दखत ह द ण म एक स यासी था योगी उसन आ सफोड रगन और कलक ा व व ालय म तीन बार एक

बहत अदभत योग कया उसन मरन का योग कया वह दस िमनट क िलए मर जाता था मर जाता था

म डकली जस िच क सक कह सक क मौत हो गई कलक ा यिनविसट म जब उसन योग कया तो दस बड़ िच क सक मौजद थ कलक ा यिनविसट क

सबस बड़ िच क सक सजन सब मौजद थ और जब योगी दस िमनट क िलए मर गया तो उन दस न

द तखत कए ह स ट फकट पर क यह आदमी मर गया ह इसक हम गवाह दत ह सास खो गई दय क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 166

धड़कन खो ग खन क गित खो गई मरन क सार क सार ल णा पर हो गई दस िमनट बाद वह आदमी वापस लौट आया और उस आदमी न कहा क अगर यह त हारा स ट फकट सह

ह तो म वापस नह लौट सकता और अगर म वापस लौट आया ह तो तमन अब तक जतन म य क

स ट फकट दए सब झठ थ य क इन दो क िसवाय और या मतलब होगा और उन दस डा टर न दसर बात भी िलख कर द ह और वह िलख कर यह द ह क जहा तक हम समझत ह

और जहा तक हमारा व ान जानता ह हम समझत ह क यह आदमी मर गया था ल कन हम अपनी आख

को तो झठा नह कह सकत और यह आदमी फर जदा ह और इस घटना न सार दिनया क िच क सक को िचता म डाल दया था य क इसका मतलब या होता ह जसको हम म य कहत ह वह कछ काम का बद हो जाना ह-- ास नह चलती खन नह बहता दय नह

धड़कता अगर जदगी इ ह चीज का जोड़ ह तो ज र मौत इनक बद हो जान स घ टत हो जाती ल कन

कसन कहा क जदगी इनका जोड़ ह जदगी इसस बहत बड़ बात ह ज म पर जो श होता ह मौत पर बद हो जाता ह ल कन न तो ज म पर जदगी श होती ह और न मौत पर जदगी समा होती ह ल कन हम तो अपन शर र क धड़कन खन क गित नाड़ का चलना इनको ह अपना होना समझत ह इसस बड़ ज टलता पदा हो जाती ह इसिलए दो झठ क बीच हम जीत ह--एक ज म का झठ और एक म य का

झठ प वी पर इनस बड़ झठ नह ह ल कन य सबस बड़ स य मालम पड़त ह य क अिधकतम लोग कहना चा हए सभी इ ह वीकार करत ह और जो अस य भी वीकत हो जाता ह वह स य मालम पड़न लगता ह ल कन कभी-कभी कोई सदह पदा कर दता ह कभी-कभी कोई सदह पदा कर दता ह िसकदर हद तान आया और जब वह वापस लौट रहा था तो हद तान क सीमा को पार करत समय उस खयाल आया क यनान म उसक िम न उसस कहा था क लौटत समय एक स यासी को भी ल आना भारत स

और सब तो लाओग ह ल कन धन ह र-जवाहरात मोती व सब यनान म भी ह एक स यासी भी ल आना िसकदर न और सब तो लट क स यासी क याद न रह आ खर ण म याद आई तो उसन कहा जाओ कसी स यासी को पकड़ लाओ िसपाह गाव म गए उ ह न गाव क लोग स पछा तो गाव क लोग न कहा स यासी तो गाव म एक ह ल कन तम ल जा सकोग इसक हम उ मीद नह उ ह न कहा इसक तम फ छोड़ो हम िसकदर क

िसपाह ह हम अगर पहाड़ को कह क चलो तो पहाड़ भी चलत ह य नगी तलवार दखी ह स यासी या

कर सकगा उ ह न कहा इसीिलए हम िचितत ह क त हार तलवार स यासी क साथ कछ कर सकगी या

नह कर सकगी खर तम जाओ एक कोिशश कर लो व गए गाव क बाहर न न एक स यासी तीस वष स नद क तट पर था यनानी इितहासकार न उसका नाम

ददािमस िलखा ह पता नह उसका नाम या होगा यनानी नाम उ ह न ददािमस दया ह हो सकता ह दड

साध या ऐसा कछ दड वामी ऐसा कछ उस आदमी का नाम रहा हो डड वाला साध ऐसा कछ नाम रहा हो उन िसपा हय न जाकर ददािमस को घर िलया और उसस कहा क िसकदर क आ ा ह क हमार साथ चलो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 167

वह फक र नगा हसन लगा उसन कहा क हमन उसी दन स आ ाए माननी छोड़ द जस दन स हम स यासी

हए हम आ ाए तब तक मानत थ जब तक हम डरत थ जो नह डरता उसस आ ा नह मनवाई जा सकती पर उ ह न कहा त ह पता नह ह य नगी तलवार दखत हो हम त हार गदन काट दग तो उस स यासी न कहा क तम काट दोग वह बहत ठ क ह तम काट सकत हो हम कोई एतराज भी न

करग ल कन त हार गदन काटन स डरग नह य क गदन काटन स कवल वह डरता ह जो गदन कटन को म य समझता ह ऐस आदमी क सामन पहली दफा तलवार पर जग खा गई नगी तलवार हाथ म थी ल कन हाथ एकदम स त

हो गए जो आदमी ऐस मरन स राजी हो इतनी मौज स उस मारना बलकल बकार ह और जो आदमी इतनी

मौज स मरन को राजी न हो उसको जदा रखना भी बलकल बकार ह ल कन वह दसर बात फर िसकदर स जाकर उ ह न कहा क वह आदमी ल जाया नह जा सकगा अजीब आदमी ह हमन बहत लोग दख--

मरन वाल मारन वाल लड़न वाल भाग जान वाल यह कछ तीसर तरह का ह न तो वह भागता ह न वह

लड़ता ह उसक पास लड़न को कछ ह नह ल कन वह भयभीत भी नह होता िसकदर न कहा म खद चलगा और िसकदर न कहा क हम त ह वागत दग स मान दग शाह यव था दग--जो तम चाहोग दग उस फक र न कहा तम कछ न द सकोग य क हम कछ चाहत नह ह बहत बार िभखार स ाट क सामन अपमािनत हए ह बहत बार िभखार स ाट क सामन अपमािनत हए ह य क िभ ा दन स स ाट न इनकार कर दया य कभी-कभी ऐस मौक आत ह क स ाट िभखा रय क

सामन अपमािनत हो जात ह य क िभखार कछ लन स इनकार कर दत ह उसन कहा त हार पास कछ भी नह ह य क हम कछ चाह ह नह िसकदर न कहा तब भी कोई बात नह चलना तो पड़गा ह अ यथा यह तलवार त हार गदन पर रखता ह उस फक र न कहा रखो िसकदर न कहा तम नासमझ हो गदन कटगी और नीच िगर जाएगी उस स यासी न कहा क हम स यासी उसी दन हए जस दन हमन दख िलया क गदन कट जाए और नीच

िगर जाए तो भी हम नह कटत ह अ यथा हम स यासी ह नह होत गदन िगरगी तो तम भी दखोग क

गदन िगर रह ह और म भी दखगा क गदन िगर रह ह हाला क तम मझ न दख पाओग म त ह दखता रहगा िसकदर न अपन इितहासकार को कहा ह क िलख ली जाए यह बात--स यासी नह ल जाया जा सका य क

आ खर उपाय था क मौत स डरा दया जाए ज म और म य हमार जदगी क छोर ह इसिलए हमार पास जदगी जसी कोई चीज नह ह िसफ जदगी का एक म ऐसा लगता ह क जी रह ह ज म स मौत क तरफ सरक जात ह और ऐसा लगता ह क जी िलए ह

एक ण भी जदगी क करण नह फटती और एक ण भी जदगी क फल नह खलत और एक ण भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 168

जदगी का सगीत नह बजता और एक ण भी पता नह चलता क हम या थ या ह इस ण भी पता नह ह हम सब यहा जदा ह कोई भी यहा मरा हआ नह ह हम सब जदा ह ल कन जदगी का हमको पता या ह और अगर हमको पता ह तो ब और महावीर पागल थ फर व कस जदगी को खोज रह थ और अगर हम

पता ह तो फर य क ण और ाइ ट य कस जदगी को खोज रह थ या तो जस हम जदगी कहत ह वह

जदगी नह ह और या फर य क ण ाइ ट ब महावीर व ह पागल ह हम ब मान ह हम अपन को ब मान भी नह कह पात नह कह सकत य क ब मानी का अगर कोई अितम मापदड हो

सकता ह तो हमार जीवन का आनद हो सकता ह जो ब मानी आनद तक न ला पाए वह और या ला

सकगी और तब म कहता ह क अगर ब और महावीर पागल भी रह ह तो उनका पागलपन वीकार कर

लन जसा ह य क वह अप रसीम आनद स और जीवन क अभय स भर जाता ह यह म य कह रहा ह यह म इसिलए कह रहा ह क ज म दन क बहान हम यहा इक ठ हए इसस कोई फक

नह पड़ता क वह कस आदमी क नाम क बहान स इक ठ होत ह इसस बहत फक नह पड़ता क अ का

ज म दन ह क ब का ज म दन ह क स का ज म दन ह असल म ज म दन को हम उ सव य बना

लत ह उ सव बना लत ह इसीिलए क जीवन का तो हम कोई पता नह अगर जीवन का हम पता हो तो ितपल हमारा उ सव हो जाए फ टवल हो जाए जीवन का तो कोई पता नह य क जीवन महो सव ह

अगर उसका हम पता हो जाए तो म समझता ह क ज म का उ सव फर हम न मनाए य क ज म तो िसफ

एक श आत ह और जस जीवन म हम जी रह ह अगर वह आनद नह ह तो उस जीवन क श आत कस

आनद हो सकती ह गगो ी आनद हो सकती ह और काशी क घाट पर बहती हई गगा म कोई आनद नह ह

काशी क गगा अगर आन दत नह ह तो गगो ी पर कौन सा आनद होगा यह गगा और िसकड़ होकर और

छोट होकर जसको हम ज म कहत ह वह ह या वह हमारा यह जीवन बलकल ाथिमक इस जीवन म जब क

गगा पर फल गई ह कोई आनद नह ह तो ज म म या आनद हो सकता ह िसफ ज म जाना कोई

आनद हो सकता ह नह ल कन हम झठलान म कशल ह जीवन म दख ह तो हम झठ सख क पत करत ह क ज म म बड़ा सख

ह ज म दन म बड़ा सख ह अगर हम कह जीवन म बड़ा सख ह तो हमार आख कह दगी क कहा ह अगर हम कह जीवन म बड़ा आनद ह तो हमार पर बता दग क न य कहा ह अगर हम कह जीवन ह

खशी ह तो हमार दय क धड़कन कह दगी क कहा ह तो हम कहत ह नह ज म बड़ा खशी का दन ह

अब कोई ज म तो आज नह ह कभी था उसको पकड़ा भी नह जा सकता जाचा भी नह जा सकता पहचाना भी नह जा सकता फर हम सब एक-दसर को भी धोखा दन म सहयोगी होत ह यह जो हमार दिनया ह झठ क यह बहत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 169

यचअल अडर ट डग पर या यचअल िमस-अडर ट डग पर खड़ हई ह इसम हम एक-दसर को सहारा दत ह इसम हम सब एक-दसर क ज म पर इक ठ होकर उ सव मना लत ह फर व ह लोग हमार ज म क उ सव

पर भी आ जाएग हमन उ ह धोखा दया व हम भी द जाएग और ऐस हम जीत ह इधर ज म खशी हो जाती

ह तो म य दख हो जाता ह वह उसी क कोरोलर ह वह उसी तक का दसरा ह सा ह जसक दिनया म भी

ज म सख ह उसक दिनया म म य दख होगी और यान रख ज म तो हो चका म य होन को ह

इसिलए ज म क खशी तो ना-कछ ह म य का दख भार ह शायद यह भी कारण ह क हम म य क दख को भलान क िलए ज म क उ सव मनाए चल जात ह ऐस यक ज म दन ज म क कम याद दलाता ह आन वाली मौत का यादा मरण कराता ह ल कन हम

पीछ क तरफ दखत ह हम आग क तरफ नह दखत हर ज म दन का मतलब िसफ यह ह क एक वष और

आदमी मरा एक वष मरन क और पर हई जदगी स एक वष और र हआ और चका और समा हआ

ल कन हम पीछ दखत ह और पीछ दख कर हम आग दखन स बच तो नह रह ह यह कोई शतरमग का

उपाय तो नह ह क रत म िसर गपा कर खड़ हो गए ह ता क आग दखाई न पड़ ल कन हम कतनी ह ज म क बात कर मौत चली आती ह हर ज म क ऊपर पर रख कर मौत चली आती ह हर ज म को सीढ़ बना कर मौत चली आती ह हर ज म क पीछ मौत क छाया खड़ ह इसिलए जो ज म

म खश ह वह यान रख क वह मौत म दखी होगा असल म वह मौत क दख को भलान क िलए ज म क

खशी मनाए चला जा रहा ह यह आ मवचना ह ल कन यह जीवन इतना दखी ह क इसम हम कह कोई ओएिसस इस म थल म कह

कोई म ान खोज लना चाहत ह झठा ह सह सपना ह सह कह तो हम अपन सख कह अपनी खशी को अटका ल ल कन अटकाई हई खिशया काम नह पड़ सकती इसिलए मन उिचत समझा क आपको कह क

जब तक जीवन का पता न चल जाएऔर जीवन का पता चल सकता ह य क जी वत हम ह अगर कछ भी

हमार िनकटतम ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी हमार ठ क हाथ म ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी इस

व धड़क रहा ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी इस व बोल रहा ह सन रहा ह तो वह जीवन ह ास

भीतर आ रह ह बाहर जा रह ह वह जीवन ह जीवन िनकटतम ह हम जीवन ह ल कन उसस हमारा कोई

प रचय नह उसस हमार कोई पहचान नह और हम न मालम कन- कन बात म इस मौक को गवात चल

जात ह इस प रिचत होन क मौक को गवात चल जात ह नह पीछ लौट कर दखन का कोई योजन नह ह ज म क दन स कछ अथ नह ह अथ ह तो अभी जो ह उसस अथ ह अगर कछ भी जानन-पान जसा ह तो वह जो अभी ह वह जानन-पान जसा ह ल कन मन क एक तरक ब ह क जो मौजद ह उसको चकत चल जाओ और जो मौजद नह ह उस सोचत

चल जाओ इसिलए जो मन कहा क हम सब ज म ह ल कन हम ज म का पता य नह ह हो सकता

हम कहता ह lsquoहो सकता हrsquo आपक तरफ स अपनी तरफ स तो कहता ह ऐसा ह असल म जब आप

ज म ल रह होत ह तब पछली म य क याद आपक मन पर गहर होती ह और चक जात ह मौका पछली

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 170

मौत इस ज म क पहल जहा आप मर ह अभी वह इतनी गहर होती ह मन पर क मन वह अटका रहता ह

और ज म का ण आप दखन स चक जात ह उसका भी कारण यह ह जो कारण अभी ह अभी जीवन दखन स

चक रह ह य क मन पीछ अटका ह फर मौत आ जाएगी मौत भी दखन स चक जाएग य क मन फर

पीछ अटका होगा--बाजार म होगा दकान म होगा मकान म िम म यजन म द मन म कह और

होगा जदगी म होगा अब यह बड़ मज क बात ह क जो आदमी जदगी भर जी रहा था वह जदगी को कभी न जाना जब वह मरन

लगता ह तब उसका मन जदगी म ह और तब मौत सामन आ रह ह वह उसको चक जा रहा ह अगर वह

मौत को जान ल अगर वह ज म को जान ल अगर वह जीवन को जान ल तो एक बात भर प क प स

पता चल जाती ह क जो भी हमार भीतर ह उसका न कोई ज म ह न कोई म य ह ल कन उसका यह मतलब मत समझ लना य क म सदा डरता ह जब म कहता ह उसका कोई ज म नह उसक कोई म य नह और आपक तरफ दखता ह तो म डर जाता ह य क आपको लगता ह क आपका

कोई ज म नह आपक कोई म य नह यह म नह कह रहा ह आप तो मरग ह म जो यहा दखाई पड़ रहा

ह वह तो मरगा ह इसिलए जब म कहता ह उसका कोई ज म नह उसक कोई म य नह तो आपक

बात नह कर रहा ह हा आपक भीतर कोई ह उसक बात कर रहा ह जसका आपको भी कोई पता नह ह इसिलए हम बड़ आ त हो जात ह यह सन कर क नह कोई म य नह कोई ज म तो हम सोचत ह क

ठ क ह बचग आप नह बचग आपक बचन का कोई उपाय नह ह आप तो जाएग ह आप तो जा ह रह ह यह भी कहना

गलत ह क जाएग यह हमार भाषा क भल ह इसिलए हम ऐस श द उपयोग करत ह जा ह रह ह जाएग इसम तो ऐसा लगता ह क कभी भ व य म कोई घटना घटन वाली ह नह यह ठ क ऐसा ह ह जस हम कहत ह नद ह कहना नह चा हए नद ह कहना चा हए नद हो रह ह य क नद ितपल हई चली जा रह ह ह क हालत म नद कभी होती नह इज़ क हालत म दिनया म कोई

चीज कभी नह होती सभी चीज बह रह ह हम कहत ह फला आदमी जवान ह ह नह कहना चा हए जवान

हो रहा ह या बढ़ा हो रहा ह कछ हो रहा होगा ह क हालत म कछ ठहरता नह ह इसिलए जब म कहता ह क आप तो जा ह रह ह तो कारण ह कारण िसफ इतना ह ह क आप फ लत न

ह इस बात को जान कर क नह मरना नह ह धािमक लोग बहत दन स बहत फ लत ह इस बात को जान कर क मरना नह ह इसस ऐसा नह ह क कछ उनको पता चल गया ह इसस कल इतना ह ह क व

सोचत ह जब मरना ह नह ह तो फर ठ क ह जस जी रह ह वस ह जीए चल जाना ह नह आप तो जाएग म जाऊगा म और त क नाम स ज ह हम जानत ह व तो पानी पर खीची गई रखाओ

स िमट जाएग इधर खच भी नह पात और िमटना श हो जात ह ल कन फर भी पीछ कछ ह जो बच रहता

ह उस द रमिनग वह जो पीछ शष रह जाता ह उसक खोज ह धम ह उसक खोज ह स य ह उसक

खोज ह मन य को आ मवान बनाती ह उस पहली दफ पता चलता ह क कछ और भी ह जो नह बदलता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 171

जस दन उस न बदलन वाल पर हमार पर पड़ जात ह उसी दन हम कसी च टान पर खड़ होत ह उसक

पहल सब रत ह हम आख कतनी ह बद कर अपन को समझाए कतना ह उसस बहत अतर नह पड़ता वह सब रत क तरह खसकता चला जाता ह ल कन याद ह नह आता याद ह नह आता मरण ह नह आता जग न कह कहा ह क ऐसा मालम पड़ता ह क आदमी म य स इतना घबड़ा गया ह क उसन म य को अपन

चतन मन स बाहर कर दया ह वह उसक बात ह नह करता उसका िचतन नह करता उसको सोचता नह उसको खयाल म नह लाता य क उसक सार हाथ-पर कप जाएग वह अभी यह खड़ा-खड़ा िगर पड़गा उसक

भीतर कोई चीज कपन लगगी और डोलन लगगी उसका सारा आ ासन खो जाएगा उसक सब प क म जल सब एकदम ताश क प हो जाएगी जरा स हवा क झ क और सब िगरन लगगा यह डर शायद इसीिलए हम म य को बाहर रखत ह और ज म को भीतर रखत ह ज म हमार िच म बड़ा

गहरा होकर बठा रहता ह ज म ह िम का तो हम फल भट दत ह अिभनदन कर आत ह सब भलीभाित

जानत हए क कोई अिभनदन काम नह पड़गा कोई फल काम नह पड़ग कोई शभकामनाए काम नह पड़गी नह यह नह कह रहा ह क ऐसा मत कर जदगी आपक शभकामनाओ क बना ह काफ बर ह उनको

और घटा द तो कछ अ छा नह हो जाएगा यह नह कह रहा ह यह भी नह कह रहा ह क फल मत भज द

कसी क ज म दन पर फल क अलावा भजन को और हो भी या सकता ह ऐस फल ह बड़ा सदर तीक वह

खबर ल जाता ह क आया नह क क हलाना श हो गया ज म दन पर फल भजना ह चा हए य क वह

खबर भी लाता ह साथ म बड़ स बड़ भट फल क हो सकती ह क मती स क मती भट फल क हो सकती ह य क साथ खबर भी लाता ह सबह आया नह क साझ उस फक दना पड़गा सबह वह ज म दन क खबर

लकर आया था साझ म य क दन क खबर लकर जा चका ह नह फल तो ज र भजत जाए अिभनदन भी ज र कर शभकामना भी ज र कर ल कन इसस कसी ाित

को ज म न द य हमार शभकामनाए ऐसी ह ह जसा मन सना क जब भगतिसह को फासी क सजा हई तो उसक और दो-चार िम भी बद थ जनको फासी क सजा थी व रोज सबह उठ कर एक-दसर को शभकामना

करत थ अब जनको फासी क सजा हई हो सटस ट डथ रोज सबह सरज का उग आना और फर ल कन

शभकामना भी तो सीधी नह कर सकत थ हम भी नह कर पात अपनी-अपनी कोठ रय म बद िसफ द वाल

को खटखटा कर िनयम बना िलया था क इतन खटक तो समझना क अभी हम जदा ह और शभकामना

भजत ह क परमा मा त ह जलाए तो व िनयम स खटक बना िलए थ व खटक बजा दत थ फर कोठ रय

म खशी फल जाती थी क अभी सब साथी जदा ह ल कन कसी वडबना क वह जीना िसफ मरन क िलए ह

आज नह कल कल नह परस फासी तो होन ह वाली ह वह जीना िसफ कल मरन क िलए ह फर भी एक

दन और तो खशी क लहर फल जाती गीत गान लगत य क अभी कोई साथी मरा नह सब दरवाज स

खटक क आवाज आ गई सब साथी जदा ह सबन एक-दसर को शभकामना पहचा द क हम जी वत ह परमा मा का ध यवाद ह ल कन कसिलए जी वत ह वह फासी कल कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 172

नह परस वह फासी राह दखती ह िसफ मरन क िलए हमार हालत भी बहत िभ न नह ह भगतिसह स और उनक सािथय स थोड़ा सा फक ह वह फक यह ह क व

कम स कम अपनी मौत क ित आ त भी थ हम उतन आ त भी नह ह वह भी प का नह ह ल कन

हम जस जगह खड़ ह वहा कर ब-कर ब हालत वसी ह जस कसी कारागह म फासी पर जान वाल लोग य

म खड़ ह ल कन कतना उप व मचा लत ह उन थोड़ स ण म कतना फलाव कर लत ह कतना व तार कर लत ह कतना या कछ कर डालत ह उन थोड़ स ण म िसफ एक चीज छोड़ जात ह क वह थोड़ स ण

म हम उस त व को जान सकत थ जो आया था और जाएगा उसको नह जान पात बस उसस विचत रह जात

ह तो आप शभकामनाए लाए उसक िलए ध यवाद ल कन उस शभकामना स आप अपन जीवन क ित आ त

होकर मत चल जाना मझ उसस कोई आ ासन िमलन क बात नह ह ल कन आप मत सोचत हए चल जाना

क जीवन ह ज म ह म य को अलग काट कर मत रख दना अ छ दिनया हो तो म मानता ह--हम म य-

दन ह मनाना चा हए ल कन हम तो म य- दन तब मनात ह जब आदमी मर जाता ह तब मनान का कोई मतलब नह रह जाता हम

मनाना ह ऐसा चा हए आदमी पाच साल का हो गया तो कहना चा हए क म य पाच साल कर ब आ गई

दस साल का हआ तो दस साल कर ब आ गई बीस साल का हआ तो बीस साल कर ब आ गई और म य का

ह दन मनाना चा हए वह यादा रयिल टक ह यथाथ ह और शायद हम म य क दन मनान लग तो शायद हमार जीवन म अतर पड़ य क हर वष हम याद आए क मौत एक वष कर ब आ गई तो हम वह न

हो सक जो हम बन रहत ह हम मरघट को क तान को गाव क बाहर बनाए हए ह इसी डर स क व दखाई न पड़ जाए मरा वश चल

तो गाव क बीच म ह होन चा हए हम दन म दस बार िनकल हम मरघट दखाई पड़ दस बार खयाल आए

क मौत ह य क बड़ दख क बात ह क मौत ह अकला एक त व ह जसक पीड़ा हमम घनी हो जाए तो हमारा जीवन प रवितत हो सकता ह अ यथा नह मौत ह एकमा दश ह काटा ह जो गहरा हमार छाती

म चभ जाए तो शायद कोई ासफामशन कोई ाित घ टत हो जाए अ यथा नह मौत ह हम घर ल और

जोर स पकड़ ल तो शायद हम कोई छलाग लगाए अ यथा नह इसिलए ब क पास जब कोई िभ आता और कहता क म परमा मा क खोज पर आया ह स य क खोज पर

आया ह आ मा को जानना चाहता ह तो ब कहत बद करो बद करो य बात पहल म तमस पछता ह मौत को खोजन का कोई खयाल ह वह आदमी कहता मौत स या लना-दना मझ आ मा खोजनी ह परमा मा खोजना ह ब कहत नह पहल मौत खोजनी ह य क जो मौत को जान लगा वह परमा मा को भी जान लगा

ल कन जो मौत को नह जानगा वह परमा मा को भी नह जान सकता मौत जदगी क ज र िसचएशन ह वह ज र थित ह जसम स हमार भीतर सब कछ पदा होता ह तो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 173

ब उसस कहत क त जाकर कछ दन मरघट पर रह कर आ फर लौट आ फर अगर त क ज ासा

करगा तो म उ र दगा फर त आ मा क पछगा तो हम बात करग पहल त मरघट पर रह आ अ सर िभ ओ को व मरघट पर भज दत क तम वह चौबीस घट रहो अब चौबीस घट मरघट पर रहना फर कोई मदा आया फर कोई जला फर कोई मरा फर कोई रोता हआ

आया दन भर रात आधी रात भी सबह भी साझ भी न कोई समय न कोई असमय लोग मरत ह

चल जात ह मरघट पर आत ह चल जात ह वह आदमी कब तक दखगा कतनी दर तक दखगा अततः उस खयाल आ जाता ह क म भी इस य म कह खड़ा ह यह यादा दर क बात नह ह वह तो मरघट हमार चतना क बाहर ह इसिलए हम कभी प का पता नह चलता और जब एक आदमी मरता

ह तो हम कहत ह बचारा हम पता नह लगता क हम य म थोड़ स आग बढ़ गए उस आदमी न जगह

खाली कर द हर मौत हमार ह मौत ह हर मौत हमार ह म य का मरण ह और अगर यह मरण बन

सक गहरा हो सक तो शायद हम जीवन को भी जानन म सफल हो सकत ह तो दो-तीन बात अत म आपस कह द एक जस ज म कहत ह उस ज म मत समझ लना वह िसफ एक सोशल िमथ एक सामा जक पराणकथा

ह जस म य कहत ह उस म य मत समझ लना वह कवल हमार अ ान का दसरा नाम ह जस जीवन

कहत ह उस जीवन मत समझ लना य क रोज सबह उठ आना और रोज साझ सो जाना रोज वह भोजन वह कमाना वह िम वह श वह सारा जाल उसक िनरतर पन अतह न पन बड़

आ यजनक बात ह क उसक अतह न पन भी हम करत चल जात ह ऊबत भी नह ह काम न अपनी एक कताब का ारभ एक अजीब स वा य स कया ह कहा ह क द ओनली मटा फ जकल

ॉ लम बफोर मन इज़ यसाइड एक ह आ या मक सम या मन य क सामन आ मह या ह और जब उसस कसी न पछा क यह तमन या िलखा ह तो उसन कहा क जब स म थोड़ स होश स भरा तब स म पछ रहा ह अपन स क अगर यह जदगी ह तो आ मह या म बराई या ह अगर यह जदगी ह--

जो म कल जीया था परस जीया था इसी को कल फर दोहराना ह परस फर दोहराना ह--तो यह सोच कर

ह क इसी को दोहराए चल जाना ह म सोचता ह आ मह या म बराई या ह अगर यह जदगी जदगी ह ल कन हमम स कतन न सोचा ह यह कभी क जस हम जदगी कहत ह अगर यह जदगी ह हम तो

अगर कोई भगवान िमल जाए और कह क यह जदगी हम त ह दबारा दत ह तो हम कहग क बलकल हम

राजी ह साठ साल और फर यह करग द सम डड ट न फर यह करग ल कन इसका मतलब िसफ इतना

ह क हमार पास कोई सवदनशील िचतन नह ह कोई सिस ट वट नह ह क हम या कर रह ह इसिलए आप च कत न होना क दिनया म जो लोग आ मह या कर लत ह अिनवाय नह क कायर ह इसक भी सभावना ह क आपस यादा सवदनशील ह और आप यह मत समझ लना क आ मह या नह

करत ह तो बड़ बहादर ह सभावना बहत यह ह क मरन क भी ह मत नह जटा पात जीन क तो बात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 174

अलग ह इसिलए जीए चल जात ह मरन क िलए भी तो कछ सोचना पड़गा कोई डसीजन लना पड़गा और

जदगी तो िसफ बहत चल जात ह बहत चल जात ह कभी बठ कर थोड़ा सा लखा-जोखा कर लना चा हए कभी बठ कर थोड़ा लखा-जोखा करना चा हए क पचास

साल जीया इस पचास साल म कतन ण ह जो जीवन क ण ह जनको म फर स अगर परमा मा हो तो मागना चाह तो हाथ स रत खसकती मालम पड़गी एक ण भी ऐसा नह लगगा जस दबारा मागन का

मन हो इतना बासा ह जीवन इतना टल ल कन हम बासी जदगी पर जस सड़ हई मछली पर कोई टमाटर

सॉस ऊपर स डाल कर खाए चला जाता हो ऐस हम सड़ हई जदगी पर बस रोज आशाओ क सॉस डालत हए

चल जात ह--कल कछ होगा परस कछ होगा और मजा यह ह क आप ह कल भी ह ग तो आप तो कल भी थ कल आपन या कया परस भी आप थ

परस आपन या कया आप ह कल भी ह ग और यान रह आज स कमजोर ह ग रोज श चकती चली

जाती ह रोज ण कम होत चल जात ह समय ीण होता चला जाता ह अवसर ीण होत चल जात ह श द न होती चली जाती ह अगर कल आप नह पा सक तो आन वाल कल आप बलकल भी नह पा सकग इसस यह मत समझ लना क म आपको िनराश कर रहा ह इसस यह मत समझ लना क म कोई िनराशावाद दखवाद ह क कछ भी नह हो सकगा म आपस िसफ इतना कह रहा ह क जस आशा म आप जी रह ह उस आशा म जीन स कभी कछ न हो सकगा अगर आपको िनराशा भी पकड़ ल तो कछ हो सकता ह यान रह इस प वी पर िसवाय ब ओ क और कोई बहत आशावान नह हो सकता ह नह जदगी ऐसा

मौका नह दती जदगी ऐसा मौका नह दती जदगी को जो भी दखगा वह िनराश होगा होना चा हए और

िनराशा जब इतनी गहर हो जाती ह क यह जदगी बलकल बकार मालम पड़ती ह तभी पहली दफा छलाग

लगान का मन होता ह क हम कोई और जदगी खोज ब एक आदमी स कह रह ह क त अब छोड़ यह सब वह कहता ह क कछ दर और क जाए अगल वष लड़क

क शाद कर लनी ह फर म आता ह ब न कहा क समझ क साल बीता लड़क क शाद हो गई प का

ह आएगा उसन कहा साल तो बीत जान द ब न कहा सोच क साल बीता लड़क क शाद हो गई

या खयाल ह उसन कहा ल कन अभी कस कह सकता ह साल भर बाद हजार सवाल उठ सकत ह ब न

कहा म बचा तो अगल वष आऊगा ब उस गाव स फर िनकल वह आदमी सनन ब को नह आया य क वह डरा उसन सोचा क पता नह वह आदमी फर पहचान ल और ऐस आदमी भलत नह ऐस आदमी पहचान लत ह और पकड़ लत ह पहचान

ल साल तो बीत गया ल कन कह व फर कह और सवाल तो कछ भी हल नह हए सवाल और बढ़ गए य क एक साल म सवाल और पदा कए आदमी तो वह ह जो सवाल पदा करता ह

ब बठ ह लोग आ गए ह और ब कसी क राह दख रह ह लोग न कहा अब आप श क रए समय बीता

जाता ह ब न कहा एक आदमी न वायदा कया था आपक गाव म वह कहा ह उ ह न कहा बड़

म कल ह वह आपस बच रहा ह उसको बला लाओ ब न कहा य क पता नह अगल साल म बच या न

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 175

बच उसका तो मामला अगल साल तक टल ह गया होगा उस आदमी को लाया गया उसन कहा माफ क रए बड़ गलती हो गई मगर हम समझ नह पात न इतन दर

क बहत सवाल उठ गए ह अब लड़का भी बड़ा हो गया मा क तबीयत ठ क नह रहती पता बढ़ ह घर म

बहत काम ह ल कन अगल वष जब आप आएग ब न और लोग स कहा क दखत हो इस आदमी को असल म इस आदमी क मन म अब तक जगत क ित कोई िनराशा नह जनमी ह अभी इस ऐसा नह लग

रहा ह क जगत म आग लगी ह तो यह पो टपोन कर सकता ह थगन कर सकता ह अगर इस मकान म आग लग जाए तो यहा एक आदमी नह िमलगा जो कहगा क म थोड़ दर दस िमनट

बाद म आता ह आग लगी तो यहा जो होड़ होगी वह यह होगी क कौन पहल िनकल जाए कोई पीछ होन को राजी नह होगा ल कन जीवन क स य क तरफ ऐसी कोई होड़ नह दखाई पड़ती सच तो यह ह क जीवन क स य क खोज

अकला एकमा ह जहा कोई का पट शन कोई ितयोिगता नह ह आप चल जाइए अकल और

बलकल नबर एक आ जाइए तो कोई रोकन वाला नह ह कोई दसरा होता ह नह िनराशा जीवन जसा ह उस दख ल तो िनराशा पकड़गी या ह हमारा म या ह हमार िम ता म को

बहत तलाश करग तो दो-चार आसओ क िसवाय भीतर कछ िमलता नह और जब आस खद क अनभव म

आत ह तो जसा सागर का पानी ित और कडवा ह वस ह होत ह िम ता या ह िम ता जस हम

जानत ह वह या ह िम ता रवी नाथ न एक क वता िलखी ह िलखा ह एक बौ िभ एक गाव स िनकल रहा ह स यासी एक व या उस

पर मो हत हो गई और उसन नीच उतर कर उस िभ को कहा क आओ यह पहला मौका ह क म कसी को िनम ण दती ह अब तक लोग न मझ िनम ण दया ह और मर ार पर द तक द ह सभी क िलए ार नह खलत ह स ा ी थी एक अथ म वह सारा नगर उसक िलए द वाना था नगरवध थी सदरतम थी सभी स ाट भी

उसस िमल पाए यह आव यक नह था िभ खड़ा हो गया उसन कहा क जब ज रत होगी तो म आऊगा जब ज रत होगी तो म आ जाऊगा पर उस ी न कहा क ज रत म त ह म का िनम ण द रह ह उस िभ न कहा िनम ण मन सन िलया और वीकार कर िलया ल कन अभी उनको आन दो जो त हार िम

ह त हार मी ह कल ऐसा ण भी आ जाएगा न िम िमलगा न मी तब मर ज रत हो तो म आ

जाऊगा म तब तक ती ा कर सकता ह बात आई-गई हो गई व या दखी और पी ड़त ह फर वष बीत गए फर जो होना था जो होता ह वह हआ वह व या कोढ़ त हो गई गाव न उस िनकाल कर बाहर फक दया उसक शर र गल-गल कर अग उसक

िगरन लग कोई उसक पास न आता दर तक उसक बदब पहचती उस रा त स लोग न िनकलत क वह

कसी को पकार न द द य क य व ह लोग थ ज ह न कभी उसक ार पर द तक भी द थी आधी रात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 176

अमावस क रात ह वह तड़प रह ह उस यास लगी ह कोई पानी दन वाला भी नह ह और तभी कोई हाथ

उसक माथ पर पहच गया कोई पानी उसक मह म डालन लगा उसन पछा आख खोल कर पानी पीकर क

तम कौन हो तो उसन कहा म वह िभ ह जो कई वष पहल त हार ार स गजरा था एक म ी तमन जानी थी एक म ी म भी जानता ह पर उस व या न कहा अब यथ ह आए अब तो मर पास दन को कछ भी नह ह उस िभ न कहा जो म ी लन को आती ह वह म ी नह ह म लन को कछ नह आया ल कन हमन कोई ऐसी म ी जानी ह जो लन को न आई हो असल म हमन दो तरह क श ताए जानी ह--

अपन क और पराय क अपन क श ता को हम म ी कहत ह पराय क श ता को हम श ता कहत ह

दोन ह हमस लन को आतर ह अपन क ढग जरा ीितकर ह पराय क ढग जरा ोध स भर ह य दोन ह

लन को त पर ह म ी हमन जानी नह म हमन जाना नह जीवन हमन जाना नह शाित और आनद क हम कोई खबर

नह ह य प खोज उसी क ह और वह खोज कभी पर न होगी जब तक जो यथ ह वह यथ न दखाई पड़

जाए तब तक साथक क खोज नह होती ह जो गलत ह गलत न दखाई पड़ जाए तब तक जो ठ क ह

उसक खोज श नह होती द फा स म ट बी नोन एज फा स एक दफा बलकल साफ हो जाना चा हए क

यह गलत ह ल कन कतन दन म साफ होगा कतन ज म म साफ होगा पचास साल साठ साल गलत को गलत

नह बता पात एक जदगी को िगन तो जो जानत ह व तो अनक जदगी को िगनग और कहग क अनक

जदिगया भी नह बता पाती क गलत या ह जस क हमन तय ह कर रखा ह क हम गलत को गलत नह दखग हम उसको ठ क दखत ह चल जाएग हमन कसम ह खा रखी ह यह कसम तोड़नी ज र ह यह कसम जस दन स टटनी श हो जाए म कहगा उस दन स आपका ज म

श हआ जस दन स यह जदगी यथ दखाई पड़नी श हो जाए उस दन म कहगा आपक असली जदगी

श हई आपका असली ज म श हआ और उस तरह क आदमी को ह ज द वाइस बॉन जनऊ डालन

वाल को नह य क जनऊ तो कसी को भी डाला जा सकता ह ज हम कहत रह ह उस आदमी को जो इस

दसर जदगी म वश कर जाता ह एक ज म ह जो मा-बाप स िमलता ह वह शर र का ह हो सकता ह एक

और ज म ह जो वय क खोज स िमलता ह वह जीवन क श आत ह तो इस ज म दन पर--मर तो नह कह सकता य क म तो जीसस ब और लाओ स स राजी ह--ल कन इस

ज म दन पर जो क अ ब स द कसी का भी हो सकता ह आपस इतना ह कहना चाहता ह क एक

और ज म भी ह उस खोज एक और जीवन भी ह--यह पास जरा मड़ और शायद िमल जाए बस कनार

पर कोन पर ह और जब तक वह जीवन न िमल जाए तब तक ज म दन मत मनाए तब तक सोच मत

ज म क बात य क जसको आप ज म कह रह ह वह िसफ म य का िछपा हआ चहरा ह हा जस दन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 177

जसको म ज म कह रहा ह उसक आपको झलक िमल जाए उस दन मनाए उस दन फर ितपल ज म

ह य क उसक बाद फर जीवन ह जीवन ह--शा त अनत फर उसका कोई अत नह ह ऐस ज म क

या ा पर आप िनकल ऐसी परमा मा स ाथना करता ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अनगह त ह सबक भीतर बठ परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर

Page 3: K^,K r : s E Z , ^z

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 3

िच का नाम ह गह थ ह और गह थ का कोई मतलब नह होता जसको इस तरह क ल वज भर समझ म

आती ह वह गह थ ह और जो पान क दौड़न क खोजन क पहचन क भाषा छोड़ दता ह पहचा ह हआ

ह पाया ह हआ ह हआ ह हआ ह ऐसी भाषा समझन लगता ह उसका नाम स य त ह और अगर

स यासी भी पहचन और दौड़न क बात कर रहा हो तो गह थ ह वह अभी स यासी नह ह कपड़ बदल िलए

ह ग यह हो सकता ह ल कन अगर वह यह कह रहा ह क पाना ह परमा मा को तो अभी वह गह थ ह अभी

वह स यासी हआ ह नह अभी उसन भाषा ह नह जानी क स यासी होन का मतलब या ह स यासी होन का मतलब यह ह क पान को कछ ह ह नह जो भी पान को ह वह पाया ह हआ ह लोभ करन

का कोई उपाय नह ह य क जसका हम लोभ कर वह हमार भीतर ह बठा हआ ह और य द हमन लोभ

कया तो हम भटक जाएग भीतर स कह और चल जाएग और वह लोभ और लालच हम भटका रहा ह अ सर तो यह होता ह क एक आदमी गह थ ह और स यासी हो जाता ह तो लोभ क कारण ह वह कहता ह गह थी म नह िमलता आनद स य त होन स आनद िमल जाएगा वह कहता ह गह थी म नह िमलता

परमा मा और म परमा मा को पाए बना कस रह सकता ह तो म स यासी होता ह ल कन अभी उसक जो भाषा ह वह गह थ क ह अभी उस पता भी नह चला क वह गह थ का जो मवक ह

गह थ क दमाग का उसक बाहर नह हो रहा ह वह उसी क भीतर चल रहा ह अब वह नय उपाय म लग

जाएगा--पजा करगा ाथना करगा जप करगा तप करगा य सब य ह ग पान क ल कन जो पाया ह

हआ ह उस पान का कोई भी य उिचत नह ह अनिचत ह उस जानना ह पाना नह ह इस फक को

समझ लना चा हए क उस िसफ जानना ह पाना नह ह वह पाया हआ ह ऐस ह जस हमार जब म कछ चीज

पड़ ह और हम भल गए ह और अब उस खोजत फर रह ह खोजत फर रह ह और वह नह िमलती य क वह जब म पड़ ह

स य क भ क आनद क सब खोज यथ ह असल म मत खो जए एक ण को भी कछ मत खो जए

एक ण को भी अगर सार खोज क जाए सारा लोभ क जाए तो िच का आवागमन क जाएगा अब आप कहत थ क कभी िच यहा जाता कभी वहा जाता कभी वहा जाता वह जाएगा ह वह जाता ह रहगा जब तक लालच ह तो जहा लालच दखगा वह चला जाएगा एक जगह भर

नह आएगा--जहा हमारा होना ह वहा भर नह आएगा य क वहा कोई लालच नह दखाई पड़ता वहा पान

को या ह भीतर पान को या ह भीतर पान को कछ भी नह दखाई पड़ता सब बाहर दखाई पड़ता ह

पान को बड़ मकान ह व बाहर ह धन क ढर ह व बाहर ह और परमा मा ह तो वह भी कह दर आकाश म

बाहर ह भीतर कछ दखाई नह पड़ता क वहा जाए कसिलए या पान को िमलगा वहा इसिलए िच

सब जगह जाता ह एक जगह छोड़ दता ह मन सनी ह एक कहानी क भगवान न सार दिनया बनाई ह और जब आदमी को बनाया तो वह बहत परशान हो

गया य क आदमी को जस ह बनाया आदमी हजार िशकायत हजार सवाल हजार सम याए लकर पहचन

लगा तो उसन दवताओ स कहा क यह तो मझ सोन भी नह दगा जीन भी नह दगा ऐसी कछ बताओ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 4

तरक ब क म आदमी स बच सक तो कसी दवता न कहा हमालय पर बठ जाइए उसन कहा कतनी दर हम बचग हमालय पर आज नह कल कोई हलर कोई तनिसह चढ़ जाएगा तो कसी न कहा चाद पर बठ जाइए उसन कहा वह भी बहत दन दर नह जब आदमी वहा पहच जाएगा दर क तार सझाए ल कन उ ह न कहा क नह वह कह काम नह करगा कछ ऐसी जगह बताओ जहा आदमी पहच ह नह तब एक बढ़ दवता न कहा फर एक ह जगह ह आप आदमी क भीतर बठ जाइए और वहा वह कभी नह

जाएगा चाद पर पहच जाएगा ल कन वहा कभी नह आएगा और भगवान इसक िलए राजी हो गए यह बात उनक समझ म आ गई यह तो कहानी ह ल कन स चाई भी यह ह लोभ ल जाता ह बाहर लोभ ल जाता ह दर लोभ ल जाता ह

भ व य म और जसक आप बात कर रह ह भगवत - ाि क वह ह अभी यह इसी व हयर एड नाउ न कल न परस भ व य म नह अभी इसी ण यह आपक पास ह आप म ह आप ह मौजद ह वह जो कह रहा ह क कहा खोज वह ह जसको खोजना ह जो कह रहा ह क कहा जाऊ कस लालच स

जाऊ वह जो यह कह रहा ह जो यह पछ रहा ह उसका ह पता लगा लना ह और उसका पता लगा लन क

िलए कसी लोभ क कसी लालच क कसी दौड़ क कसी खोज क कसी उपाय क कसी एफट क

कोई भी ज रत नह ह उसक िलए चा हए एफटलसनस उसक िलए चा हए सब य का छोड़ दना उसक

िलए चा हए सब दौड़ का बद हो जाना उसक िलए चा हए लालच का िनर त हो जाना श य हो जाना तब

आप कहा जाएग तब आप या करग तब आप वह ह ग जहा आप ह वहा करन क कोई ज रत नह वहा बना कए ह आप ह कया क चक गए इसिलए न कोई उपाय ह उस पान का न कोई विध न कोई मथड ह उस पान का न कोई माग ह उस पान

का न कोई ग उस पहचा सकता ह आपको न कोई सहारा द सकता ह जस दन आपक य सार म टट

जाएग उस दन आप पाएग क उस आपन पा िलया ह और इसिलए यह तो पिछए ह मत म तो कोई लालच उसक िलए नह बता सकता म तो यह भी नह कहगा

क वहा आनद िमलगा म हो जाएग अमत हो जाएगा अमर हो जाएग य सब लालच हमार मन को

पकड़त ह य क मरन का हम डर ह म य स हम भयभीत ह इसिलए हम चाहत ह क कोई व ास दला द

क उस पा लन स अमर हो जाएग फर मरग नह दख हम खा रहा ह तो हम चाहत ह क कोई आ ासन द

द क आनद वहा िमल जाएगा जदगी हाथ स िनकली चली जा रह ह कोई व ास दला द क वहा परम

जीवन िमल जाएगा तो हम कछ दौड़न लग हम दौड़न लग और मजा यह ह क दौड़ रह ह इसीिलए उस पा नह सकत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 5

तो यह जो क ा ड शन ह यह अगर खयाल म आ जाए दौड़न क भाषा छट जाएगी तब कन क भाषा तब

भागन का खयाल नह ठहरन का खयाल तब इसिलए नह क वहा या िमल जाएगा ब क इसिलए उस

जानना ह क हम वहा ह ह चाह कछ िमल और चाह कछ न िमल हम वहा ह ह और उस थल को तो

जानना ह चा हए जहा हम ह नह तो हमारा जीवन हो सकता ह क जो हम कर रह ह वह बलकल वपर त

हो जो हम ह उसक बलकल वपर त हो उस जान लन क बात ह पया ह और दो ह तरह क दो ह तरह

क सभावनाए ह एक तो व चीज ह ज ह हम कोिशश करक पा सकत ह और कछ चीज ऐसी ह ज ह कोिशश

करक हम खो सकत ह जस आपको रात नीद न आती हो और आप कोिशश कर नीद लान क य क आप कहग क बना कोिशश क

नीद कस आएगी बना यास क कस नीद आएगी तो आप यास कर--िगनती िगन भगवान का नाम

ल म पढ़ उठ-बठ पर धोए िसर धोए हजार उपाय कर करवट बदल--आप कह क बना उपाय क नीद

कस आएगी तो मझ कोई उपाय चा हए तो म आपको कहता ह क फर नीद रात भर नह आएगी य क सब उपाय नीद म बाधा बनग नीद ह

व ाम कसी भी तरह का म वरोध ह उसका नीद ह अ यास अ य और आपन य कया तो उलटा

हो जाएगा तो अगर नीद न आती हो तो अब कोई यास न कर बस चपचाप पड़ रह यास ह न कर नीद का नीद क बात ह छोड़ द नीद लान क कोिशश ह न कर तो नीद आ सकती ह और आपन यास कया क

आप गए आप खो गए फर नीद नह आ सकगी कछ चीज ह जो आती ह और हम लानी नह पड़ती ह और परमा मा इन चीज म अितम चीज ह--जो आता ह जस हम ला नह सकत ल कन आप कहग फर फर या हम कछ भी न कर यह म नह कह रहा ह सरज िनकला ह आपका ार बद ह भीतर नह जाएगा ार पर ठहरा रहगा ल कन आप गठर बाध कर सरज क रोशनी को घर क भीतर नह ल जा सकत आप यादा स यादा इतना कर सकत ह क ार खोल कर

बठ जाए ती ा कर आपक तरफ स बाधा न रह बस इतना ह यास ह अगर ठ क स समझ तो पा ज टवली आप कछ भी नह कर सकत सरज को भीतर लान क िलए वधायक प स आप नह उसको गठर

म बाध कर ला सकत ह िनग टवली नकारा मक प स इतना कर सकत ह क आपक तरफ स बाधा न रह सरज आए तो आपक तरफ स कावट न रह आप दरवाजा खोल सकत ह खड़क खोल सकत ह फर बठ

कर ती ा कर सकत ह सरज आएगा आप ला नह सकत ल कन आप रोक सकत ह इस बात को ठ क स समझ लना चा हए आप

ला नह सकत सरज को भीतर ल कन आप आन स रोक ज र सकत ह और अगर आन स रोक रह ह तो नह आएगा सरज हाला क ला नह सकत िसफ आपक कावट न हो बाधा न हो हडरस न हो दरवाजा

बद न हो वह आ जाएगा ल कन तब भी आप यह नह कह सकत क म ल आया यह आप कहग तो गलती

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 6

हो जाएगी इसिलए जो परमा मा को उपल ध होता ह वह यह भी नह कह सकता क मन पा िलया वह इतना ह कहता

ह--उसक कपा वह यह भी नह कह सकता क मन पा िलया य क म या पा सकता ह उसका साद

उसक स उसक अनकपा वह िमला ह जसको भी िमला ह वह यह नह कह सकता क मन पा िलया ह वह अहकार भी वहा काम नह कर सकता य क अहकार वह काम कर सकता ह जहा हमारा य सफल

होता हो ल कन जहा हमारा कोई य सफल नह होता वहा अहकार क खड़ होन का कोई उपाय नह हम

इतना ह कह सकत ह क मन बाधा नह द हम इतना ह कह सकत ह क म तयार था क वह आए हम इतना

ह कह सकत ह क मरा ार खला था आया वह ह हम उस लाए नह ह िसफ हमन रोका नह ह इस ठ क स समझ ल जस म म ठ बाधा हआ ह और म जोर स म ठ बाध हए ह और म कसी स पछ क

म म ठ को कस खोल या उपाय क या य क तो वह आदमी मझ बताएगा उपाय म ठ

खोलन का वह मझ यह बताएगा क तम बाधो भर मत तम बाधन क िलए जो यास कर रह हो वह भर कपा

करक मत करो म ठ खल जाएगी म ठ खोली नह जाती म ठ िसफ खलती ह हा बाधी जा सकती ह

खला होना म ठ का वभाव ह हमार बना कछ कए म ठ खल जाती ह हमार बना कछ कए म ठ बधती नह वभाव का मतलब ह जो हमार बना कए होता ह वभाव का मतलब ह जो हमार करन स होता ह परमा मा

हमारा वभाव ह इसिलए करन स नह होगा ल कन हम कोिशश करक उस खो सकत ह हम उपाय करक

उस रोक सकत ह म ठ मझ बाधनी पड़ती ह खोलनी नह पड़ती हाला क भाषा म दोन बात हम कहत ह क म ठ खोल रह ह

खोलना बलकल झठा श द ह खोलना या नह ह बाधना या ह बाधन म ए ट ह आपका खोलन म

कौन सा ए ट ह खोलन म इनए ट ह इनए शन ह कहना चा हए क खोलन म बाधना भर नह कर रह ह

आप आप नह बाध रह ह और म ठ खल गई ह इस बात को अगर खयाल म ल ल तो परमा मा को खोजना नह ह हमन कस खोया ह यह भर समझ लना

ह यानी हमन कन तरक ब स कन उपाय स द वाल और दरवाज खड़ कर दए ह-- क जो हम स िमला ह

हआ ह उसस भी िमलना म कल हो गया ह तो पछना यह नह ह क हम कस उस पाए पछना यह ह क हमन कस उस खोया ह यह फक आप समझ रह ह न य क फर पर बात िभ न हो जाएगी आग जाकर इतना फक खयाल म आ

गया तो सार साधना का प बदल जाता ह पछना यह ह क कस उपाय स म उसस दर हो गया ह जसस दर होन का उपाय न था कसी तरक ब स मन

सरज को बाहर ठहरा दया ह कस तरक ब स म अधर म जी रहा ह कौन स दरवाज ह जो मन बद कर दए

ह और कौन स ताल ह जन पर मन चाबी जड़ द ह यह पछना ज र ह ल कन हम आमतौर स पछत ह परमा मा को कस पाए वह ह गलत ह पछना चा हए क हमन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 7

परमा मा को कस खोया हाउ वी हव लॉ ट हम कस खो दए ह हम य क परमा मा को खोन का

मतलब ह अपन को खोना हमन अपन को कस खो दया ह हम अपन को कस भल गए ह यह कस सभव

हो गया ह यह इपािसबल यह असभव कस सभव हआ ह क हम अपन को ह नह जान पा रह ह क कौन ह इसस यादा असभव कोई बात हो सकती ह म ह म जानता भी ह क ह और फर भी नह जानता क कौन ह बड़ अदभत घटना घट गई ह अगर दिनया

म कोई िमरकल कोई चम कार घ टत हआ ह तो वह चम कार यह नह ह क कसी न ताबीज बना दया हवा

स और कसी न राख िगरा द ह हवा स क कसी न कसी अध क आख ठ क कर द ह इस जगत म जो

सबस बड़ा चम कार हो गया ह वह यह क हम ह जानत ह क ह और पता नह क कौन ह और पता नह

कहा थ और पता नह कहा क िलए जा रह ह यह एकमा िमरकल ह और यह कस सभव हआ ह यह समझना

चा हए और अगर यह हमार समझ म आ जाए क यह कस सभव हआ ह तो क ठन नह ह यह बात क हम

म ठ बाधना बद कर द और म ठ खल जाए कछ तरक ब ह मन क जनस यह सभव हआ ह पहली तो मन क तरक ब यह ह क वह आपको कभी वतमान

म नह जीन दता जीन ह नह दता आप कभी वतमान म होत ह नह यहा और अभी आप कभी नह होत या

तो पीछ अतीत म होत ह जो जा चका जो अब नह ह या भ व य म होत ह जो अभी आया नह और नह

ह जो ह जो अभी ह इसी व उसम आप कभी होत ह नह तो मन क एक क ह क वह आपको वतमान

स चकाता रहता ह और वतमान स अगर आप चक गए तो दरवाजा बद हो गया य क वतमान दरवाजा ह--

स य का अ त व का ए झ टस का अगर इस ठ क स समझ ल क अ त व म न तो अतीत ह कछ और न भ व य ह कछ अ त व तो सदा वतमान ह इसिलए आप परमा मा क िलए पा ट टस का या यचर टस का उपयोग नह कर सकत आप यह

नह कह सकत गॉड वाज़ नह कह सकत ई र था आप यह भी नह कह सकत गॉड वल बी क ई र

होगा आप तो जब भी कहग तब गॉड इज़ ई र क िलए अतीत और भ व य का उपयोग नह हो सकता वह

ह सच बात यह ह क lsquoहrsquo कहना भी परमा मा को गलत ह य क हम lsquoहrsquo उस चीज को कहत ह जो

lsquoनह हrsquo भी हो सकती ह हम कहत ह त त ह टबल ह य क कल टबल नह हो सकती ह कल नह

थी जो कल नह थी कल नह हो सकती ह उसको ह कहन का कोई मतलब ह परमा मा को ह कहना भी

म कल ह य क वह ह-पन ह गॉड इज़ ऐसा कहना गलत ह इज़नस वह जो होना ह वह परमा मा

ह और वह सदा वतमान ह वह न कभी अतीत ह न कभी भ व य और हम हम कभी वतमान म नह ह ार बद हो गया

मन सनी ह एक कहानी क एक आदमी अधा आदमी एक बहत बड़ भवन म कद कर दया गया ह हजार

दरवाज ह उस भवन म सब बद ह िसफ एक दरवाजा खला ह और वह अधा आदमी एक-एक दरवाज को

टटोलत हआ घमता ह--दरवाजा बद दरवाजा बद दरवाजा बद घमत घमत घमत उस दरवाज क पास

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 8

आता ह जो दरवाजा खला ह ल कन उस खजान चली और उसन िसर खजाया और वह दरवाजा चक गया वह

फर आग क दरवाज पर टटोल रहा ह वह फर बद ह फर वहा स घमता ह घमता ह घमता ह फर वहा

आता ह और फर थक जाता ह सब दरवाज बद ह ऊब जाता ह और फर दो-चार दरवाज नह टटोलता फर वह दरवाजा चक जाता ह ल कन या करगा अधा आदमी फर टटोलना श करता ह ऐसी कहानी

चलती ह क वह बार-बार उस दरवाज को चक जाता ह जो खला ह जहा स वह िनकल सकता ह वह चक जाता ह कहानी क सच होन क कोई ज रत नह ह ल कन हम वतमान क दरवाज को िनरतर चक जात ह पर वह

खला ह िसफ और बड़ा सकरा दरवाजा ह य क हमार हाथ म ण का हजारवा ह सा ह होता ह एक बार म दो ह स भी नह होत बस वह ण का एक ह सा हमार हाथ म ह वह अ त व ह बार क लक र

ए झ टस क वह ह और उस हम चक जात ह य क मन या तो पीछ क सोचता रहता ह या आग क

सोचता रहता ह तो म आपको यह कह रहा ह क कस आप चक गए आपस यह नह कह रहा ह क कस आप पा लग म कह रहा

ह क इस भाित आप चक गए उस अध आदमी स म यह कहगा क तन खजाया उसम त चक गया अब

कसी दरवाज पर खजाना मत त ऊब गया घबड़ा गया और दो-चार दरवाज तन बना टटोल छोड़ दए अब त

मत घबड़ाना अब मत ऊबना नह तो फर चकन का डर सभावना ह वतमान म होना दरवाज पर खड़ हो जाना ह और ऐसा कभी नह हआ क जो आदमी वतमान म खड़ा हो गया ह उस आदमी को परमा मा स ण भर क

िलए भी विचत रहना पड़ा हो ऐसा कभी हआ ह नह िच को वतमान म ल आना ह यान ह वह म डटशन ह वह समािध ह और िच को वतमान स यहा-वहा

भटकाए रहना वह चचलता ह वह उप व ह और यान म रह क हम आ खर वतमान स चक य जात

ह लोभ चका दता ह लालच चका दता ह य क लोभ हमशा भ व य क बात करता ह लोभ वतमान क

बात करता ह नह करगा कस जो भी पाना ह वह अभी तो पाया नह जा सकता जो भी पाना ह वह कल ह

पाया जा सकता ह आग ह पाया जा सकता ह इसी व पान का तो कोई उपाय नह ह इसिलए लोभ हमशा भ व य क भाषा बोलता ह लोभ चका दता ह और अहकार चका दता ह अहकार सदा अतीत क भाषा बोलता ह पा ट क --जो पाया जो

िमला जो कया जो बनाया वह सब पा ट म ह अहकार सदा ह अतीत क भाषा बोलता ह क म फला

आदमी का बटा ह य जो होगा उस का तो पता नह ह जो हो चका ह उसी का म दावा कर सकता ह मर पास इतन करोड़ पय ह ह ग उनका तो

दावा नह कर सकत आप जो हो चका ह मर ितजोड़ इतनी बड़ और म इतनी बड़ कस पर रहा ह म कोई

साधारण आदमी नह ह वह जो समबड ह म कछ ह वह हमशा पा ट स आता ह वह हमार अतीत का स ह

ह जसको हमन जोड़ कर खड़ा कर िलया ह वह हमारा अहकार ह अहकार हम पीछ ल जाता ह लोभ हम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 9

आग ल जाता ह और गौर स दख तो लोभ और अहकार एक ह चीज क दो ह स ह जो लोभ परा हो चका ह वह

अहकार बन गया जो लोभ परा होगा वह अहकार बनगा जो लोभ परा हो चका वह अहकार बन गया जो परा

होगा वह अहकार बनगा जो अहकार बन गया ह वह लोभ ह जसस आप गजर और वह लोभ जो अभी आग

पकड़ रहा ह वह भ व य म बनन वाला अहकार ह जसस आप गजरग सम त लोभ का स ह अहकार ह वह अतीत म भटकाता ह इसिलए बढ़ा आदमी होगा तो वह अतीत म भटकता रहगा य क आग तो मौत ह तो अब वहा लोभ क

गजाइश कम ह तो वहा या लोभ क रएगा तो बढ़ आदमी का मन हमशा अतीत म भटकता रहता ह वह

बठा ह और सोच रहा ह--जवानी जो थी दन जो गए याद जो ह भीतर िछपी वह उनका सोचता रहगा बढ़ा

आदमी अतीत म सोचता रहगा य क भ व य म दखाई पड़ती ह मौत वहा वह दखना भी नह चाहता वह

लौट कर पीछ दखता रहता ह ब च जवान सदा भ व य म दखत रहग अभी उनका अहकार बना नह बनन

क ती ा कर रहा ह तो ब च और जवान सदा भ व य-उ मख ह ग यचर सटड ह ग लोभ अभी बनगा

बढ़ आदमी हमशा पा ट सटड ह ग बीत गया जो व उसी म खोए रहग उ ह मितय म य क बढ़ न

या ा कर ली अहकार क ब चा अभी या ा करगा तो ब च और जवान लोभ म जीत ह बढ़ा आदमी अहकार म जीता ह जतनी उ बीतती जाती ह अहकार

उतना मजबत होता चला जाता ह स त होता चला जाता ह इसिलए व आदमी ोधी हो जाता ह िचड़िचड़ा हो जाता ह य क आग तो कछ भी नह ह अब जो ह पीछ ह और अहकार क गाठ मजबत हो गई ह

अहकार क गाठ िचड़िचड़ापन ोध सब पदा करती ह अगर इस समझ लग तो खयाल म आ जाएगा क अहकार पीछ ल जाता ह लोभ आग ल जाता ह व एक ह

चीज क दो ह स ह मर हए लोभ का नाम अहकार ह मर हए लोभ का नाम अहकार ह और अज म अहकार का

नाम लोभ ह वह जो अभी ज म लगा और इस वजह स हम चक रह ह वतमान स जहा क स य ह जहा क

अ त व ह ल कन लोभ बड़ा कशल ह जब सब तरह क लोभ स चक जाएगा तो वह कहता ह अब परमा मा

को भी पाना चा हए यह भी अहकार ह ह लोभ बड़ा कशल ह अहकार क बड़ अनत आका ाए ह जब सब

पा लता ह वह--धन पा लता यश पा लता म पा लता आदर पा लता--तब वह कहता ह क ठ क ह यह

सब पा िलया अब परमा मा को भी पाना ह अमत को भी पाना ह आनद को भी पाना ह मो को भी पाना

ह अब मो कस िमल फर वह लोभ क भाषा म मो क बात सोचन लगता ह चक गया उस पता नह ह क यह भाषा तो इतन दन चकाती रह ह यह भाषा फर आग भी पकड़ रहगा वह

हो सकता ह वह ढग बदल ल अपना मधशाला न जाकर म दर जान लग फ म न दख कर भजन-क तन

करन लग यह सब कर लगा वह ल कन उसक िच का जो तनाव था--लोभ का और अहकार का--वह जार ह

और उसी स वह चक रहा ह तो म कस कह आपस क आप या लोभ कर म तो आपस कहगा आप लोभ को समझ ल क लोभ चकान

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 10

वाला ह और आप अहकार को समझ ल क अहकार चकान वाला ह और आप यह समझ ल क अतीत और

भ व य चकान वाल ह वतमान िमलान वाला ह वह अ त व ह तो एक ण को भी अगर आप उस जगह पहच जाए जहा आप कह सक अब कोई अतीत नह मर पास और कोई

भ व य नह मर पास बस म ह आप उसी ण परमा मा म व हो जाएग उसी ण एक ण म भी यह

घटना घट जाएगी कोई ऐसा सवाल नह ह क इसक िलए ज म-ज म लग हा चकन म ज म-ज म लग

सकत ह दरवाजा बद ह तो वष तक यह हो सकता ह क दरवाजा बद हो और रोशनी भीतर न आए ल कन यह

नह हो सकता क दरवाजा खल और रोशनी एक ण भी बाहर ठहर रह जाए रोशनी तो कभी ठहरना ह नह

चाहती य क वह तो िनरतर आन क िलए पकार ह कर रह थी ार को ठ क ह चली जा रह थी आप थ

क ार बद कए थ तो यह तो हो सकता ह क एक आदमी जीवन भर दरवाजा बद रख और अधर म जीए ल कन यह नह हो सकता क एक ण को दरवाजा खोल और अधर म जीए यह असभव ह और ऐसा भी नह हो सकता क कोई

आदमी कह क च क मरा दरवाजा इतन दन तक बद था इसिलए एक ण म कस रोशनी भीतर आएगी ऐसा भी नह होता इसिलए जो लोग कहत ह क इतन ज म का कम ह इतन ज म का पाप ह िनपट नासमझी क बात कहत

ह हजार ज म का पाप भी एक ण को वतमान म खड़ हए य को परमा मा स नह रोक सकता पाप ह

या था पाप िसफ इतना ह था क आप वतमान म खड़ नह हए थ और पाप या था आप भ व य म या अतीत म भागत रह थ एक कमर म हजार साल स अधरा िघरा हो तो ऐसा नह हो सकता क आप द या जलाए तो अधरा कह म

हजार साल का ह इतनी ज द कस िमट सकता ह हजार साल तक द य जलाओ तब म िमटगा अधरा

ऐसा नह कह सकता अधरा एक रात का हो क हजार साल का हो इसस कोई फक नह पड़ता द या जलता ह

और अधरा िमटता ह असल म अधर क कोई पत नह होती क एक दन का अधरा और दो दन का अधरा तो

दोहर पत हो जाए क तीन दन का अधरा तो ितहर पत हो जाए अधर क कोई पत नह होती क वह डस हो

जाए घना हो जाए अधरा घना नह होता अधरा बस अधरा ह और एक द य क लौ सब तोड़ दती ह पाप क भी कोई पत नह होती य क पाप भी अधरा ह अ ान ह अ व ा ह उसक भी कोई पत नह

होती ल कन सवाल िसफ इतना ह सवाल िसफ इतना ह क हम वहा खड़ हो जाए जहा ार खलता ह हा पाप क आदत होती ह पत नह होती अधर क भी आदत होती ह यह हो सकता ह क एक आदमी वष

स अधर म रहा हो ार खोल द रोशनी आ जाए ल कन उसक आख बद हो जाए यह हो सकता ह यह हो

सकता ह क साल स अधर म रहा आदमी ार खोल द रोशनी भीतर आ जाएगी फौरन उसक ार खोलन म

और रोशनी क आन म ण का भी फासला नह होगा--यगपत ऐसा ार खला इधर रोशनी आई इधर ार

खलता गया रोशनी आती गई ार का खलना और रोशनी का आना एक ह या क दो ह स ह ग ल कन

यह हो सकता ह क सकड़ वष स अधर म रह आदमी क आख रोशनी दखन म असमथ हो जाए वह आख बद

कर ल और फर अधर म हो जाए यह हो सकता ह अधर क आदत हो सकती ह पाप क भी आदत हो सकती

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 11

ह पत नह होती ल कन आदत तोड़ जा सकती ह आदत समझपवक अपन आप ह टट जाती ह आदत तोड़ना बहत क ठन नह

ह अगर अधर क पत होती तो तोड़ना बहत क ठन था रोशनी आ गई ह आख बद हो गई ह अब वह आदमी

धीर-धीर आख--एक बार दो बार धीर-धीर धीर-धीर रोशनी का अ य त हो सकता ह आख थोड़ दर म

खोल लगा रोशनी दख लगा बद भी कर सकता ह बीच-बीच म खोल भी सकता ह धीर-धीर रोशनी का भय

िमट जाएगा वह रोशनी म जीन लगगा परमा मा का अनभव एक ण म हो जाता ह ल कन परमा मा को सहन म थोड़ा व लग जाता ह सहन म

य क इतनी बड़ श और इतना बड़ा काश हम पर उतरता ह थोड़ा व लग जाता ह कई बार तो हम

घबड़ा कर वापस तक लौट सकत ह डर भी सकत ह य क आनद भी अगर एकदम स उतर आए तो ाण

को कपा जाता ह परमा मा क उपल ध तो एक ण म हो जाती ह हा उपल ध क िलए राजी होन म थोड़ा

व लग सकता ह वह दसर बात ह उपल ध का ार ह वतमान म खड़ होना और इसिलए इस दशा म थोड़ा सा काम श कर इस दशा म थोड़ा

सा काम श कर चौबीस घट म आध घट प ह िमनट क िलए ार बद करक अधर म चपचाप बठ जाए कछ भी न कर कछ भी न कर चपचाप बठ जाए बोलन म ऐसा लगता ह क बठना भी करना ह हआ बोलन म वसा ह लगता ह क म ठ खोलना भी करना ह

हआ बोलन म भर ऐसा लगता ह असल म बठ जान का मतलब ह क जो-जो आप करत थ वह न कर जो-जो कर रह थ चौबीस घट वह न कर चपचाप अधर म बठ जाए आधा घट को और ऐसा छोड़ द अपन को क हम

कछ कर ह नह रह ह जस एक सखा प ा व स िगर बस हवाए उसको परब ल जाए तो परब चला जाए प म ल जाए तो प म चला जाए न ल जाए तो िगर जाए जमीन पर ल कन अपनी तरफ स कह न जाए इस बात को थोड़ा समझना एक िगरता हआ प ा ह व स सखा प ा िगर रहा ह नीच उसक अब अपनी कोई

इ छा नह अब उस कह पहचना नह अब उस कछ होना नह अब तो हवाओ क इ छा पर उसन छोड़ दया

अपन को--सरडड--सम पत ह हवाए परब ल जाती ह परब चला प म ल जाती ह प म चला नह ल

जाती ह िगर गया उठा लती ह आकाश म उठ गया नह उठाती ह जमीन पर व ाम करता ह बस सख

प का भाव समझ ल और एक आधा घट क िलए ार बद करक सख प हो जाए अपनी तरफ स कछ न कर इसका मतलब यह नह क सब होना बद हो जाएगा वचार चलग पर उनको हवाओ का ध का समझ इसस

यादा नह हवाए वचार इधर ल जाए जान द हवाए वचार इधर ल जाए जान द आप न रोक न ल

जाए आप कोई भी काम न कर ल जान का भी काम मत कर रोकन का भी काम मत कर आप बस सा ी हो

जाए और दखत रह क सख प क तरह ह हवाए जो कर रह ह कर रह ह परमा मा जो करवा रहा ह हो रहा ह परमा मा कह रहा ह बर वचार करो तो बर वचार हो रह ह परमा मा कह रहा ह अ छ वचार करो तो अ छ वचार हो रह ह न हम अ छ स मतलब ह न हम बर स मतलब ह हम िनणायक ह नह ह हम

कोई डसीजन नह लत हम कछ भी नह करत हम िसफ ना-कछ होकर बठ गए ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 12

बड़ा म कल ह य क धािमक आदमी को िनरतर यह िसखाया जाता ह बरा वचार छोड़ो अ छा वचार

करो बर वचार को मत आन दो अ छ को लाओ फर आपन करना श कर दया फर आप उलझ गए च कर म फर आप वतमान म न हो सकग य क

वतमान म बरा वचार आया ह और भ व य म अ छा वचार ह जसको लाना ह और वतमान को हटाना ह और

भ व य को लाना ह आप उप व म पड़ गए फर वतमान म होना असभव ह यान क योग म आदमी बर-भल का भी वचार नह करता वह वचार ह नह करता जो आता ह चपचाप

दखता रहता ह जस सड़क पर खड़ा हआ एक आदमी दख रहा ह--लोग गजर रह ह अ छ भी बर भी रा ता

चल रहा ह--वह चपचाप खड़ा दख रहा ह आधा घट क िलए चपचाप खड़ हो जाए और दखत रह जो भी हो रहा

ह होन द रोक जरा भी नह य क रोकना आपका क य बन जाता ह और आप काम म लग गए और कर भी

न राम-राम भी न कर य क वह भी आपका क य बन जाता ह आप फर काम म लग गए आप कछ कर ह मत अपनी तरफ स आप अपनी तरफ स बलकल श य हो जाए और जो हो रहा ह आख क

पद पर होन द जो भी गजर रहा ह गजरन द आ रहा ह आन द जा रहा ह जान द न आप रोक न

आप छड़ न आप बीच म उतर आप कसी तरह का इनवॉ वमट न ल दर खड़ दखत रह क ठन होगा य क हमार आदत िनरतर हर चीज क साथ उलझ जान क ह चपचाप बठ जाना क ठन होगा

चपचाप का यह मतलब नह क वचार नह ह ग वचार तो ह ग ल कन आप चपचाप ह वचार को चलन

द जस एक फ म चल रह ह पद पर म त क का भी एक पदा ह एक ोज टर ह उसका जो फ म

चलाता रहता ह एक फ म चल रह ह पद पर बस इतना समझ क वचार चल रह ह मितया आ रह ह भ व य क खयाल आ रह ह आन दो चपचाप बठ रहो दखत रहो आज क ठन होगा कल क ठन होगा परस क ठन नह होगा बस ह मत इतनी रखनी ह क कद मत जाना क अर यह बरा वचार आ गया इस अलग करो बर-भल स कछ लना-दना नह ह सा ी को न कछ बरा ह न कछ भला ह काट भी उतना ह अथ रखत ह फल जतना अथ रखत ह न काटा बरा ह न फल अ छा ह

हम हमार अपनी समझ क हसाब स अ छा-बरा कर लत ह सब चीज ह और आप चपचाप बठ रह कछ ह दन म अगर चपचाप बठ ह तो एक अदभत अनभव श होगा और वह अनभव यह होगा क कभी-

कभी ऐसा होगा क गप आ जाएगा इटरवल आ जाएगा अतराल आ जाएगा कभी-कभी ऐसा होगा क वचार

थोड़ दर क िलए नह ह ग एकदम ल हो जाएग एक वचार आया और फर दसरा नह आया और बीच म

खाली जगह छट जाएगी उसी खाली जगह स आपको पहली झलक िमलनी श ह गी और उस खाली जगह म आप भी नह ह ग इतनी खाली जगह होगी क बस खालीपन होगा ज ट ए ट नस वह ार ह वह स पहली झलक आपको िमलनी

श ह गी और िनरतर इस या म लग रह तो धीर-धीर धीर-धीर वचार कम होन लगग खाली जगह

यादा होन लगगी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 13

ऐसा जस रा त पर एक आदमी िनकला और फर घट भर तक दसरा आदमी नह िनकला और रा ता खाली रह

गया एक वचार आया पद पर फर दसरा नह आया और बहत दर क िलए पदा खाली सफद रह गया उस

सफद म स उस खालीपन म स उस ए ट नस म स आपक पहल सपक परमा मा स श ह ग य क उस

ण म आप वतमान म ह ग उस ण म न आप अतीत म हो सकत न आप भ व य म हो सकत य क

वचार अतीत म ल जा सकता ह वचार भ व य म ल जा सकता ह जहा वचार नह ह वहा आप कह भी नह

जा सकत आप वह ह ग जहा ह वचारर हत हए क आप वतमान म हए वतमान म होन का अथ ह

वचारर हत हो जाना ल कन वचारर हत होन क कोिशश मत करना नह तो कभी वचारर हत नह हो सकत बस चपचाप दखना

वचार को वह अपन स जाता ह जतना- जतना हमारा दखना बढ़ता ह उतना-उतना वचार कम होता ह पोसनटली जतना हम जागत ह भीतर उतना वचार खतम होता ह जस दन हम पर जाग जात ह उस दन

वचार नह रह जाता और जहा वचार नह रहा और हम पर जाग हए रह टोटली अवयर-- वचार गए हम

जाग ह अब हम कहा ह ग अब हम वह ह ग जहा हम ह एक इच इधर-उधर नह हो सकत तब हम खड़

हो गए उस ार पर जहा स िमलन हो जाता ह और इसिलए इस लोभ क भाषा म मत समझना आनद िमलगा ल कन आनद पान क भाषा म मत

समझना आनद आएगा ल कन आनद को ल य मत बनाना अमत व िमलगा ल कन अमत व क च ा

मत करना भगवत - ाि होगी ल कन भगवत - ाि क नह जा सकती इस छोट स बार क भद को समझ

लना भगवत - ाि होगी ल कन भगवत - ाि क नह जा सकती करन वाला अहकार भी वहा नह चल

सकता ह और इसिलए मन कहा क लोभ और लोभन लालच इस दशा म इनक इच भर गित नह ह य तो महाराज करना पड़ता ह न नह वह म समझा रहा ह य करना ह नह नह जरा भी नह ऐस ह सरडर हो जाना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 14

बलकल सरडर य क य कया तो सरडर नह हो सकता उसका मतलब ह क हम कछ करग सरडर का

मतलब ह क हम या कर सकत ह ( का विन-म ण प नह ) कछ भी सम झए क म आपक सपद करता ह आपक कसक आपका तो आपको पता ह नह ह अभी और सपद करता ह तब फर ए ट श हो गया इस

थोड़ा समझन क बात ह न इतन बार क फासल ह जब हम कहत ह क सपद करता ह तो हो सकता ह कल

हम कह क वापस लता ह वह या कर लगा तो जीरो बन जाए हा वह म कह रहा ह सपद करता ह इसम भी हमारा ए ट जार ह हम कछ कर रह ह करन क मािलक हम

ह ह तो मरा कहना ह य कन नॉट सरडर य कन ओनली बी सरडड ( का विन-म ण प नह ) हा समझ न ल कन वह जो जो बार क फासला अगर न दखाई पड़ तो िनरतर भल होती चली जाती ह हम समपण कर नह सकत य क हम करग तो समपण हमारा क य हआ और जो हमारा क य ह उस हम

वापस ल सकत ह कल हम कह सकत ह क बस ठ क ह अब हम वापस लत ह ( का विन-म ण प नह )

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 15

इसक क ठनाई जो ह न क ठनाई जो ह क ण या कह रह ह वह हम समझ रह ह यह बहत म कल ह हम करन क भाषा म ह समझग असल म समपण का अथ ह ह समपण का अथ ह ह क त कछ भी न कर और जब आप कछ भी नह करत समपण हो जाता ह य क फर होगा या समपण कया नह जा सकता आप कछ भी न कर समपण हो जाता ह कछ भी न करन का अितम फल समपण ह और समपण भी कया तो चक गए आप इसको अगर हम

ठ क स समझ तो समपण म कर रहा ह म क गा यह तो अहकार हो गया तो गड़बड़ हो गई सब फर समपण कस होगा नह समझना यह ह क म सम पत ह म सम पत ह रहा

ह उपाय या ह ास आपन ली ह आज तक ल कन हम रोज यह कहत ह क म ास ल रहा ह ास

िसफ आती-जाती ह आपन कभी भी ली नह आज तक जदगी म कसी आदमी न ास ली ह नह कभी िसफ आती-जाती ह य क अगर हम लत होत मौत दरवाज पर आ जाती हम कहत थोड़ा ठहरो हम

अभी ास जार रखत ह ल कन हम पता ह क मौत ार पर आई तो जो ास बाहर गई तो बाहर फर हम

उस भीतर भी न ला सकग ल कन जदगी भर कहत हम यह ह क म ास ल रहा ह बड़ भल क बात कहत ह सवाल यह ह समझन का

क ास मन कभी ली ह िसफ आई-गई ह म कहा ह न म ज मा ह न म म गा ज म भी हआ ह म य भी होगी ास भी चली ह वचार भी आए ह जीवन भी घटा ह ज ट हपड हमन कछ कया या

ह यह बोध हमार खयाल म आ जाए क मर कए बना सब हआ ह यह समझ म आ जाए तो अब म या

क म कछ भी नह करता जो हो रहा ह हो रहा ह ऐसी थित म समपण हो जाता ह वह आपको करना नह पड़ता वह घट जाता ह और जब वह घटता ह तब

आप वापस नह लौटा सकत य क आपन कया होता तो आप वापस लौटा सकत थ आपन कया ह नह घट गया ह आप उस वापस नह लौटा सकत वहा अम रका म एक नया िच कार का एक मवमट ह उसको व कहत ह हपिनग िच क दशनी करत ह अगर सौ िच दशनी म लगाए गए ह तो दशक दखन आएग तो हर िच क बगल म एक खाली कनवस भी

लगात ह और खाली कनवस क नीच रग और श भी रख रहत ह फर दशक दख रह ह दख रह ह दख रह

हऔर कसी दशक को एकदम लगा और उसन श उठाया और उस खाली कनवस पर कछ पट कया तो पट

कया फक यह ह क अपनी तरफ स पट मत करना य क अपनी तरफ स करोग तो वह बकार हो गया

होन दना उस िसचएशन म अगर ऐसा पकड़ जाए और होन लग पट तो होन दना रोकना भी मत तो उसको

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 16

व हपिनग प टग कहत ह वह कसी न बनाई नह ह उस पर कसी का नाम नह होता फर वह घट वह

घट गई ईसाइय म एक साधक का स दाय ह वकर वकर क जो बठक होती ह उस बठक म कोई बोलन क िलए

िनम त नह होता कोई बोलन वाला नह होता बठक भर होती ह इक ठ होत ह बठ जात ह िनयम यह

ह क अगर कसी को कभी बोलन जसा हो जाए तो वह खड़ा हो जाए और बोलन लग बाक लोग सनग बना

कोई ध यवाद दए फर वदा हो जाएग कई बार ऐसा होता ह क मह न बीत जात ह कोई नह बोलता

य क िनयम का खयाल यह ह अपनी तरफ स बोलना ह मत अगर ऐसा जरा भी लग क म बोल रहा ह फर बोलना ह मत य क वह पाप हो गया हा ऐसा लग क परमा मा बोल रहा ह म ह नह ऐसा कसी

दन लग तो खड़ हो जाना बोल दना हम सन लग और वदा हो जाएग तो कई दफा मह न बीत जात ह उनक बठक म बोलना नह होता लोग आकर बठत ह--चपचाप बठ रहत ह बठ रहत ह बठ रहत ह-- फर

वदा हो जात ह ल कन कभी-कभी ऐसा होता ह क कोई खड़ा हो जाता ह और बोलता ह व जो रका स ह उनक

बोलन क व बड़ अदभत ह य क तब वह आदमी क भाषा ह नह होती वह आदमी क बात ह नह ह वह

हपिनग हो रह ह उसक ती ा करनी पड़ती ह तो बठ और श य हो जाए और जो होता ह होन द बाहर सड़क पर क क आवाज होगी हॉन बजगा ब च

िच लाएग सड़क चलगी आवाज आएगी आन द वचार चलग आन द मन म भाव उठग उठन द जो

भी हो रहा ह होन द आप कता न रह जाए आप बस सा ी रह जाए दखत रह यह हो रहा ह यह हो रहा

ह यह हो रहा ह जो हो रहा ह दखत रह दखत रह दखत रह इसी दखन म वह ण आ जाता ह जब अचानक आप पात ह क कछ भी नह हो रहा सब ठहरा हआ ह और

तब वह आपका लाया हआ ण नह ह और तब आप एकदम सम पत हो गए ह और आप उस म दर पर पहच

गए जसको खोज कर आप कभी भी नह पहच सकत थ और वह म दर आ गया सामन और ार खल गया ह

और जस परमा मा क िलए लाख बार सोचा था क िमलना ह िमलना ह िमलना ह और नह िमला था उस बना सोच वह सामन खड़ा ह वह िमल गया ह और जस आनद क िलए लाख उपाय कए थ और कभी

उसक एक बद न िगर थी आज उसक वषा हो रह ह और बद नह होती और जस सगीत क िलए ाण यास थ वह अब चार तरफ बज रहा ह और बद नह होता यह घटना घटती ह यह आपक घटाए नह घट सकती ह इसिलए आप अपन को हटा लना और घटना को घटन

दना अपन को हटा लना अपन को बीच म खड़ा मत करना आप हट ह जाना और घटना को घटन दना बस

इसको ह म भ का भाव कहता ह या साधक क च ा कहता ह कहना नह चा हए य क च ा नह ह यह ल कन भाषा म कोई और उपाय नह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 17

जीवन रह य दसरा वचन मौन का ार परमा मा क सबध म जतन अस य कह गए और गढ़ गए ह उतन और कसी चीज क सबध म नह

परमा मा क सबध म जतना झठ चिलत ह उतना कसी और चीज क सबध म नह परमा मा क सबध म

जतन अस य जतन झठ जतनी क पनाए चिलत ह उतनी कसी और चीज क सबध म नह और कछ

बात ऐसी ह क शायद परमा मा क सबध म स य कहा ह नह जा सकता ह जो भी कहा जाता ह वह कहन क

कारण ह अस य हो जाता ह कछ ह जस कहना सभव नह ह कछ ह जस जाना जा सकता ह ल कन कहा नह जा सकता और

आ य क बात ह क जस परमा मा क सबध म कछ भी नह कहा जा सकता उसक सबध म इतन शा

िलख गए ह जनका हसाब लगाना म कल ह श द असमथ ह हम जो कह सकत ह वह ससार क आग नह जाता ह श द म भाषा म ससार स आग क

बात नह कह जा सकती ह और इसिलए ई र क सबध म भी जो हम कहत ह--चाह उस पता कह चाह िम

कह चाह मी कह--कोई भी बात सच नह ह य क मी स हम जो समझत ह िम स हम जो समझत ह पता स हम जो समझत ह परमा मा उसस बहत िभ न और बहत यादा ह ल कन हमार पास और श द भी नह ह जीवन क कामचलाऊ श द हमार पास ह उ ह को हम उसक सबध म

भी योग कर लत ह और इसिलए जो भी सोचा- वचारा कहा िलखा-पढ़ा जाता ह वह हम उसक जरा सी भी झलक नह दखा पाता मन सना ह एक फक र एक रा त स गजरता था सद रात थी और उसक हाथ-पर ठड हो गए उसक पास व

न थ वह एक व क नीच का सबह जब उसक नीद खली तब हाथ-पर हलाना भी म कल था उसन

कसी कताब म पढ़ा था क जब हाथ-पर ठड हो जात ह तो आदमी मर जाता ह कताब पढ़ कर जो लोग चलत

ह व ऐसी ह भल म पड़ जात ह उसन सोचा क शायद म मर गया ह उस पता था क मर हए लोग कस हो जात

ह तो वह आख बद करक लट रहा कछ लोग रा त स गजरत थ उ ह न उस आदमी को मरा हआ समझ कर

उसक अरथी बनाई और उस व मरघट क तरफ ल चल व एक चौर त पर पहच जहा चार रा त फटत थ और व

िचता म पड़ गए क मरघट को कौन सा रा ता जाता ह व अजनबी लोग थ उस गाव क रा त स प रिचत न

थ व चार वचार करन लग क कोई िमल जाए गाव का रहन वाला तो हम पछ ल क मरघट को रा ता कौन सा

जाता ह फक र तो जदा था उसन सोचा क बचार बड़ म कल म पड़ गए ह अब पता नह गाव वाला कोई

आएगा क नह आएगा तो वह अरथी स बोला क जब म जदा हआ करता था तब लोग बाए रा त स मरघट

जात थ हाला क म मर गया ह और अब बतान म असमथ ह ल कन इतनी बात तो कह ह सकता ह उन चार न घबड़ा कर अरथी छोड़ द वह फक र नीच िगर पड़ा उ ह न कहा तम कस पागल हो तम बोलत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 18

हो कह मर हए आदमी बोलत ह उस फक र न कहा मन ऐस जदा आदमी दख ह जो नह बोलत ह तो इसस उलटा भी हो सकता ह क कछ

मद ऐस ह जो बोलत ह अगर कोई जदा आदमी चाह तो नह बोल तो कोई मदा आदमी चाह तो बोल नह

सकता ह इसम इतनी आ य क या बात ह वह फक र कहन लगा मन जब यह कहानी सनी तो मर मन म एक खयाल आया और वह यह क असिलयत और भी उलट ह यह तो

हो भी सकता ह क मदा आदमी बोलता हआ िमल जाए यह जरा म कल ह ह क जदा आदमी और चप हो

जाए जदा आदमी न बोल यह जरा म कल ह ह यह यादा आसान मालम पड़ता ह क मरा हआ आदमी बोल जाए हम सब जदा ह ल कन हमन जदगी म एक भी ण न जाना होगा जब कसी न कसी प म हम नह बोल

रह ह--या बाहर या भीतर हमन न बोलन का साइलस का मौन का एक भी ण नह जाना ह हमन बहत

ज म दख ह ग ल कन व सब ज म श द क ज म ह और हमन इस जदगी म भी बहत दन यतीत कए ह ल कन व सब श द क या ा क दन ह जब हम बोलत ह नह बोलत तो सोचत ह नह सोचत तो सपना

दखत ह--ल कन श द बोलना कसी न कसी तल पर जार रहता ह और जस आदमी क श द अभी जार ह वह परमा मा को नह पहचान पाएगा य क उसक पहचान िनःश द म मौन म साइलस म ह सभव ह इसिलए परमा मा क सबध म सब कहा गया झठ हो जाता ह य क उस जब जाना जाता ह तब श द नह

होत वचार नह होत थॉट नह होता िथ कग नह होती सब समा हो जाता ह तब उसका अनभव होता

ह और जब हम उस कहन जात ह बतान जात ह तब श द वापस उपयोग करन पड़त ह जस िनःश द म

जाना ह उस श द म नह कहा जा सकता जस मौन म जाना ह उस वाणी कस कट करगी और जस

च पी म गहन च पी म अनभव कया ह उस बोल कर कस बताया जा सकता ह इसीिलए ना तक जीत जात ह अगर आ तक स ववाद कर आ तक क हार िन त ह आ तक ना तक

स कभी भी जीत नह सकता न जीतन का कारण ह ना तक इनकार करता ह इनकार श द म हो सकता ह

आ तक वीकार करता ह वीकित को श द म बताना क ठन ह इसिलए आ तक िनरतर म कल म रहा ह ल कन आप अपन को आ तक मत समझ लना य क आ तक प वी पर म कल स कभी कोई पदा होता ह प वी पर दो तरह क ना तक ह एक व जो जानत ह क ना तक ह और एक व जो जानत नह क ना तक

ह और अपन को आ तक समझत ह प वी पर आ तक बहत म कल स पदा होता ह य क आ तक तभी

पदा होता ह जब वह परमा मा को जान ल उसक पहल कोई आ तक नह हो सकता य क जस हमन

जाना नह उस पर आ था कस आ सकती ह जस हम जान उसी पर आ था आ सकती ह ल कन सार दिनया म बड़ अजीब बात िसखाई जाती ह आदमी को पता ह नह परमा मा का और हम उस

आ था िसखा दत ह बलीफ िसखा दत ह उस कहत ह--मानो एक ब चा पदा हआ उस हम कहत ह क

मानो परमा मा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 19

यान रह जस चीज को भी कोई मान लगा वह फर उस जान नह सकता मानना बहत खतरनाक ह बलीफ बहत खतरनाक ह म एक छोट स अनाथालय म गया था कोई सौ ब च थ और अनाथालय क सयोजक न मझ कहा हमार ब च को हम धम क भी िश ा दत ह म थोड़ा च कत हआ मन कहा धम क िश ा धम क साधना तो हो सकती ह िश ा नह होती धम क

िश ा हो ह नह सकती िसफ साधना ह हो सकती ह िश ा उन चीज क हो सकती ह जो हमस बाहर ह कोई

दसरा उ ह हम बता सकता ह ल कन जो हमार भीतर ह हमार िसवाय और कोई उस नह बता सकता उसक

तरफ कोई इशारा ह नह हो सकता और जो भी इशारा होगा वह झठ हो जाएगा फर भी मन कहा आप

कहत ह तो म चलगा म गया उ ह न कहा आपको पता नह हम सच म ह िश ा दत ह सौ ब च थ अनाथ ब च थ अब अनाथ ब च को तो जो भी िसखाया जाए सीखना ह पड़गा उन सयोजक न

उन ब च स पछा ई र ह उन सब ब च न हाथ ऊपर उठा दए जस कोई ग णत का सवाल हो या जस कोई भगोल या इितहास क बात

हो उन ब च न हाथ ऊपर उठा दए क हा ई र ह सौ ब च न म बहत च कत हआ मन कहा आदमी मरत तक पता नह लगा पाता ई र क होन का इन ब च को अभी स

पता लग गया यह बलकल चम कार ह उन सयोजक न पछा क आ मा ह उन ब च न फर हाथ उठा दए उन सयोजक न पछा आ मा कहा ह उन ब च न दय पर हाथ रख दए क यहा मन एक छोट स ब च स पछा क तम बताओग दय कहा ह उसन कहा यह तो हम िसखाया नह गया जो िसखाया गया ह वह हम बता रह ह यह हमार कताब म ह

नह िलखा हआ ह आप पछत ह दय कहा ह उसम िलखा ह आ मा यहा ह वह हम बता रह ह य ब च कल बड़ हो जाएग बढ़ हो जाएग सभी ब च एक दन बढ़ होत ह जो बढ़ हो गए ह व भी एक दन

ब च ह थ य ब च कल बड़ ह ग बढ़ ह ग और भल जाएग क वह हाथ जो इ ह न ई र क िलए उठाया था िसखाया हआ हाथ था िसखाए हए हाथ झठ हाथ होत ह बढ़ाप म भी इनस कोई पछगा ई र ह वह बचपन

स सीखी गई बात उठ कर खड़ हो जाएगी य कहग हा ई र ह ल कन वह बात सरासर झठ होगी य क

िसखाई गई ह जानी नह गई ह स म ब च को व दसर बात िसखात ह क ई र नह ह ब च वह सीख लत ह ब च को िसखात ह क ई र

नह ह तो बीस करोड़ का म क कहता ह क ई र नह ह मर एक िम स गए थ एक कल म दखन गए थ एक कल क छोट-छोट ब च स उ ह न पछा ई र ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 20

तो एक छोट स ब च न कहाऔर सार ब च हसन लग क आप भी कसी बात पछत ह ए सड बमानी एक

छोट स ब च न कहा गॉड वाज़ ई र हआ करता था उ नीस सौ स ह क पहल अब कहा जब दिनया म

अ ान था तब ई र था अब कहा स म अब कोई ई र नह ह हमको हसी आएगी ल कन हम भी उन ब च स िभ न नह ह िभ नता इस बात म ह िसफ क उ ह िसखाया

गया ह क ई र नह ह हम िसखाया गया ह क ई र ह ल कन दोन थोथी बात ह य क दोन िसखाई गई

ह न व जानत ह क ई र नह ह न हम जानत ह क ई र ह हमार हालत बलकल एक जसी ह उ ह लोग

ना तक कहग हम लोग आ तक कहग फर आ तक म भी हजार तरह क भद ह हद कछ और सीख लता ह मसलमान कछ और सीख लता ह जन कछ और सीख लता ह बौ कछ और सीख लता ह जो भी हम िसखा दया जाता ह हम वह सीख लत ह तो फर और कोई ान ह या क जो िसखा दया गया वह ान ह अगर िसखाया हआ ान ह तब हो

सकता ह एक दन दिनया म ई र न रह जाए य क सार दिनया को िसखाया जा सकता ह क ई र नह ह िसखाया हआ ान नह ह िसखाया हआ तोत क तरह रटन ह और इस तोत क तरह रटन करन वाल लोग को

हम आ तक समझ लत ह इसस बड़ ाित हो जाती ह आ तक म कल स ह पदा होता ह असल म

आ तक तब पदा होता ह जब हम जान पात ह क वह या ह स य या ह जो ह वह या ह दट हच

इज़ वह या ह जो ह--जब हम उस जानत ह ल कन यान रह जो पहल स व ास कर लता ह वह कभी जान नह सकगा अगर आप जान बना ह

ना तक बन गए ह आ तक बन गए ह हद बन गए ह मसलमान बन गए ह तो आप भटक गए फर

आप कभी भी नह जान सकग य क आपन पहल ह उस बात को वीकार कर िलया ह जस आप नह

जानत ह और जो य इतनी भी ह मत नह जटा पाता क कह सक जस बात को नह जानता ह कह सक

क नह जानता ह वह य कस स य क खोज कर सकता ह स य क खोज क परमा मा क खोज क

पहली शत यह ह क हम क ह व ास म न पड़ हम कसी प को वीकार न कर हम खोजन िनकल मन सना ह एक गाव म एक फक र महमान हआ और उस गाव क लोग आए और उस गाव क लोग न कहा क हमार म जद म चल और हम समझाए ई र क सबध म उस फक र न कहा मझ मा कर दो य क कतन लोग समझा चक कोई समझता ह नह ह अब मझ

परशान मत करो ल कन जतना उसन मना कया जसी क लोग क आदत होती ह जस चीज क िलए मना करो व और

आ हशील हो जात ह जस चीज क िलए मना करो उनका मन और जोर स पकड़न लगता ह क चल दख खोज इस दरवाज पर िलख दया जाए यहा झाकना मना ह और फर इस गाव म शायद ह ऐसा आदमी िमल

जो बना झाक िनकल जाए लोग क िलए िनषध िनम ण बन जाता ह इनकार करो और उ ह आम ण हो जाता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 21

व फक र क पीछ पड़ गए फक र टालन लगा ह व और पीछ पड़ गए ह नह मान ह तो फक र न कहा चलो म चलता ह वह उनक गाव क म जद म गया ह व सब गाव क लोग इक ठ हो गए ह वह फक र मच पर

बठा ह और उसन कहा इसक पहल क म कछ बोल म तमस एक बात पछ ल ई र ह तम मानत हो जानत हो ई र ह उन सार लोग न हाथ हला दए उ ह न कहा क हा ई र ह इसम शक क बात ह नह सदह का सवाल ह

नह हम सब मानत ह ई र ह उस फक र न कहा फर मर बोलन क कोई ज रत न रह य क ई र आ खर ान ह जसन उस भी जान

िलया अब उसस बात करनी नासमझी ह म जाता ह वह नीच उतर गया उसन कहा क जब त ह ई र तक

का पता चल चका ह तो अब और म त ह या बता सकगा बात ह खतम हो गई या ा का ह अत आ गया यह तो अितम अनभव भी त ह हो गया और अब त हार सामन बात क तो म अ ानी ह मझ मा कर दो म जद क लोग बड़ मसीबत म पड़ गए य क जानता तो कोई भी नह था क ई र ह झठ ह हाथ उठा दए

थ उठात व खयाल भी न था क हम झठ हाथ उठा रह ह अगर बहत दन तक झठ हाथ उठात रह तो आदमी खद ह भल जाता ह क य उठाए गए हाथ झठ ह आप भी जब म दर क मित क सामन िसर झकात ह तो कभी खयाल कया ह क यह िसर सच म झक रहा ह या झठा

झकाया जा रहा ह यह िसफ आदत ह िसखाई गई बात ह या आपन भी कभी जाना ह क इस मित म

कछ ह और बड़ आ य क बात ह क जस मित म कछ दख जाएगा उस सार दिनया म कछ नह दखगा फर वह एक म दर को खोजता हआ िसर झकान आएगा फर तो जहा भी दखाई पड़ जाएगा--सब वह ह--वह िसर झका लगा अधािमक क िसवाय म दर म शायद ह कोई कभी जाता ह धािमक तो कभी जाता नह दखा

गया यह म नह कह रहा ह क जो नह जात ह व धािमक ह न जान स कोई धािमक नह होता ल कन

धािमक शायद ह म दर जाता दखा गया ह म जद क लोग परशानी म पड़ गए ल कन उ ह न सोच- वचार कया क इस फक र स सनना तो ज र था बड़ गलती हो गई हमारा उ र ह ऐसा था क आग बोलन क ज रत न रह अब हम दसरा उ र दग फर एक

बार फक र को कसी तरह बला कर ल आओ दसर श वार को फर उ ह न ाथना क उस फक र न कहा क म तो गया था पछली बार ल कन तम तो सब

जानत ह हो अब आग और या बताना ह जो जानता ह ह उस जानन को शष या रह जाता ह अब

तम जानत ह हो तो बात ह या करनी ह पर उन लोग न कहा क हम व लोग नह हम दसर लोग ह फक र उ ह भलीभाित जान रहा था क व वह ह उसन कहा ठ क ह धािमक आदमी का कभी कोई भरोसा

नह जरा म बदल जाए तथाकिथत धािमक व जो सो कॉ ड रलीजस ह उनक बदलन का कोई भरोसा भी नह अभी करान पढ़ रह

ह अभी छाती म छरा भ क द अभी गीता पढ़ रह थ अभी कसी क ी को लकर भाग जाए इसम कोई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 22

क ठनाई नह ह धािमक आदमी स यादा गर-भरोस का आदमी ह प वी पर अब तक नह पाया गया य क

जसको हम धािमक कहत ह सच म वह धािमक ह नह ह थोथा सडो रलीजस झठा िसफ माना हआ

धािमक ह धम का उसक जीवन म कोई सबध नह अगर धम का सबध हो जाए तो आदमी न हद रहगा न

मसलमान न ईसाई धम भी दस हो सकत ह हजार हो सकत ह स य भी हजार तरह का हो सकता ह ग णत एक तरह का होता ह--चाह ित बत म और चाह चीन म और चाह हद तान म हो और चाह स म--

सब जगह ग णत एक ह और किम भी एक ह और फ ज स भी एक ह--साइस एक ह ल कन धम हजार ह िसफ झठ हजार तरह क हो सकत ह स य हजार तरह का नह हो सकता अगर कोई कहन लग क हदओ क

किम अलग ह और मसलमान क किम अलग ह तो समझ लो क इन दोन को पागलखान म भत

करना पड़ इसक िसवाय कोई उपाय न रह य क किम कस अलग हो सकती ह पानी चाह हद गरम

कर चाह मसलमान सौ ड ी पर भाप बनता ह और कोई उपाय नह ह क करान पढ़न वाला कम ड ी पर

भाप बना द और गीता पढ़न वाला यादा ड ी पर भाप बना द पानी सौ ड ी पर भाप बनता ह यह स य ह

यह स य सावलौ कक ह यिनवसल ह धािमक आदमी िसफ धािमक होता ह--ज ट रलीजस--न हद न मसलमान न ईसाई य सब अधािमक क

िसर पर लग हए लबल ह धम कस हो सकत ह पचास तरह क जब पदाथ का िनयम एक ह तो परमा मा

का िनयम कस अनक हो सकता ह उस फक र क फर व पीछ पड़ गए उसन कहा ठ क ह तम कहत हो तो हम चलग वह गया वह मच पर खड़ा हआ उस गाव क लोग न सोच- वचार करक तय कर िलया था क उ र अब दसरा दना ह फक र न पछा

क म पछ ल वह बात क ई र ह तम मानत हो जानत हो त ह उसका अनभव हो गया ह सार म जद क लोग िच लाए कसा ई र हम कछ पता नह न हम मानत ह न हम जानत ह अब आप

बोिलए उस फक र न कहा जस तम मानत ह नह जानत ह नह उसक सबध म बात करन स फायदा या ह जसक त ह कोई खबर ह नह उसका तम ह कस उठात हो कस ई र क बात कर रह हो कस

ई र क म बात क गाव क लोग फर मसीबत म पड़ गए क यह तो बड़ा धोखबाज आदमी मालम पड़ता ह पछली बार हमन हा

भर तो उसन कहा त ह पता ह हो गया बात ख म अब हम इनकार करत ह तो वह कहता ह जसको तम

जानत नह मानत नह जसका त ह कोई पता नह उसक बात भी य करनी बात करन क िलए भी

कछ श आत तो चा हए कसक म बात क कसस म बात क म जाता ह गाव क लोग न कहा यह तो बड़ म कल हो गई यह आदमी कसा ह फर उ ह न कहा अब हम या कर ल कन इसस सनना ज र ह इस आदमी क आख स लगता ह क कछ जानता ह इस आदमी क य व स

लगता ह क इस कछ खबर ह शायद हम ठ क उ र नह द पा रह अब हम या कर उ ह न तीसरा उ र

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 23

तयार कया फर फक र को समझा-बझा कर ल आए उसन कहा क तम य परशान हो रह हो उ ह न कहा क अब हम दसरा ह उ र ह हमार पास फक र न कहा सोच- वचार उ र का कोई मतलब नह होता पागलो तम सोच- वचार कर तय करत हो वह

सब झठ होता ह जो सच होता ह उस सोच- वचार कर तय नह करना पड़ता वह तय होता ह और जस हम

सोच- वचार कर तय करत ह वह कभी सच नह होता िसफ अस य क िलए सोचना पड़ता ह स य क िलए

सोचना नह पड़ता ह और अगर स य क िलए भी सोचना पड़ तो वह अस य ह होगा स य को जानना पड़ता

ह सोचना नह पड़ता अस य को सोचना पड़ता ह इसिलए अस य बोलन वाला सोच- वचार म िचता म परशानी म पड़ जाता ह स य बोलन वाल को परशानी नह होती य क िचता का कोई कारण नह ह जो ह

वह ह जो नह ह वह नह ह फर भी व गाव क लोग नह मान उ ह न कहा एक बार और चल चल बड़ कपा होगी वह गया वह फक र फर मच पर खड़ा हो गया ह उसन फर पछा ह क िम ो म फर वह बात पछ ल--ई र

ह तम मानत हो जानत हो पहचानत हो कछ खबर ह उसक तो म जद क लोग न तय कया थाअगर हम भी होत हम भी उस गाव म होत या हो सकता ह हमम स

कछ लोग उस गाव म रह भी ह तो हमन भी यह तय कया होताआधी म जद क लोग न कहा क हा हम

ई र को मानत ह आध लोग न कहा हम नह मानत अब आप बोिलए उस फक र न कहा तम बड़ नासमझ हो जनको मालम ह व उनको बता द जनको मालम नह मर या

ज रत ह तम मर पीछ य पड़ हो तम मझ य परशान करत हो अब तो कोई ज रत ह नह ह मर म बलकल बकार ह यहा कछ जानत ह कछ नह जानत आपस म एक-दसर को समझा-बझा ल म यह

चला और फक र न चलत व उनस कहा क ह मत हो तो फर चौथी बार आना गाव क लोग बड़ म कल म पड़ गए बहत सोचा ल कन चौथा उ र न िमला करत भी या करत भी

या एक उ र हा का एक न का फर दोन उ र िमला कर द दए हा और न क अब या करत य तीन

तो वक प ह दखाई पड़त ह कोई चौथा अ टरन टव भी तो नह ह बहत परशान हए फक र कई दन का

रहा और गाव म घम-घम कर लोग स कहता रहा य अब नह आत ल कन गाव क लोग कछ भी न

सोच पाए क अब या कर आ खर उस फक र को वह गाव छोड़ दना पड़ा कसी दसर आदमी न दसर गाव म उसस पछा क हमन सना ह उस गाव क लोग फर न आए अगर व आत तो

तम समझात फर ई र को उसन कहा फर मझ समझाना ह पड़ता उस आदमी न कहा तो तमन तीन बार म य नह समझाया उसन कहा म ठ क उ र क ती ा करता रहा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 24

या ठ क उ र हो सकता ह तो उस फक र न कहा अगर व गाव क लोग चप रह जात और कोई उ र न दत तो ह म कछ बोल सकता था

य क तब व ईमानदार होत ऑन ट होत य क ई र क सबध म न तो हम पता ह क वह ह न हम पता

ह क वह नह ह हम बईमान ह अगर हम कोई भी उ र द रह ह ल कन यह बईमानी धािमक क म क ह और जब बईमानी धािमक क म क होती ह तो पहचानना बहत

म कल हो जाता ह अधािमक बईमान आदमी तो पकड़ जाता ह धािमक और बईमान आदमी को पकड़ना बहत

म कल ह य क उसक बईमानी क चार तरफ धािमकता क पत चढ़ाई हई ह हमारा उ र या ह अगर हम सच म ईमानदार ह ऑन ट ह तो हम कहग कोई भी उ र तो हमार पास

नह हम कछ भी तो पता नह हम इतना भी तो नह कह सकत क वह ह हम इतना भी नह कह सकत क

वह नह ह और जो य इतनी स चाई पर खड़ा हो जाए क मझ कछ भी पता नह उस य क स ची

आ तकता क या ा श हो जाती ह य क अगर हम यह अनभव हो जाए क मझ कछ भी पता नह ह तो हम इतनी पीड़ा म इतनी सफ रग म इतन क म पड़ जाएग क वह पीड़ा वह क वह अ ान हम ध क

दगा क हम खोज पर िनकल हम जाए और पता लगाए ल कन हम बड़ अदभत लोग ह हम पता कछ भी नह ह और हम मान कर बठ गए ह क पता ह इसिलए या ा

भी नह करत अब कोई बीमार आदमी समझ ल क म व थ ह तो फर वह इलाज क या फकर कर

इलाज क फकर तो इस बात स श होती ह क ात हो क म बीमार ह तो हम वा य क तरफ भी जा सकत ह प वी पर झठ आ तकता ह और इसिलए धािमक जीवन िनिमत नह हो पा रहा ह और झठ आ तकता का

आधार ह व ास बलीफ और सार दिनया म यह समझाया जाता ह क व ास करो यक न लाओ ा

रखो मानो पछो मत सदह मत करो शक मत करो अ व ास मत करो बड़ उलट बात िसखाई जा रह

ह जो आदमी व ास म जीएगा वह कभी भी अनभव तक नह पहचता ह अनभव तक कवल व ह लोग

पहचत ह जो झठ व ास म नह जीत झठ अ व ास म भी नह जीत अ व ास डस बलीफ भी एक

तरह का व ास ह-- वरोधी व ास ह िनग टव बलीफ ह ईमानदार आदमी चप खड़ा हो जाता ह क मझ पता नह ड एचलारस एक बगीच म घम रहा था एक अदभत आदमी था एक छोटा ब चा उसक साथ घम रहा ह और

वह लारस स पछता ह जसा क छोट ब च अ सर सवाल उठा दत ह जनका क बढ़ भी उ र नह द सकत ल कन इतन ह मतवर बढ़ कम होत ह जो मान ल ब च क सामन इस बात को क मझ उ र पता नह इसी तरह क कमजोर बढ़ न दिनया को परशानी म डाल रखा ह ब च न उठा दया एक सीधा सा व को दखा

ह और हाथ उठा कर लारस स पछा हाय द ज आर ीन व हर य ह लारस न कहा द ज आर ीन बकाज द आर ीन व हर ह य क व हर ह उस ब च न कहा यह भी कोई उ र हआ यह कोई उ र ह हम पछत ह व हर य ह आप कहत ह क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 25

हर ह य क हर ह यह कोई उ र हआ लारस न कहा क उ र का मतलब िसफ इतना ह क मझ पता नह ह और म झठ नह बोल सकता ह इस आदमी का भाव दखत ह वह कहता ह मझ पता नह यह धािमक आदमी का पहला ल ण ह क वह

साफ होगा इस बात म क मझ या पता ह और या पता नह ह या आप साफ ह आपन कभी लखा-जोखा कया ह क मझ या पता ह और या पता नह ह आप बहत

हरान हो जाएग शायद ह जीवन का कोई परम स य पता हो ल कन जन बात का हम बलकल पता नह ह हम बहत जोर स टबल ठ क-ठ क कर कहत ह क हम प का पता ह न कवल टबल ठ कत ह एक-दसर क

छाती म छरा भी भ कत ह-- क मझ जो पता ह वह यादा ठ क ह त ह जो पता ह वह गलत ह आ य ह जन स य क सबध म हम कोई भी बोध नह ह उनक सबध म हम कतन फन टक कतन

पागल कतन आ ामक कतन अ िसव ह समझ क बाहर ह यह बात ल कन यह बात हमार थित बनी ह इस थित को तोड़ना ज र ह तो म आपस िनवदन करना चाहगा कभी एकात ण म इस पर सोचना क धम क सबध म मझ या पता

ह िन त ह गीता क स आपको याद ह ग करान क आयत भी याद हो सकती ह बाइ बल क वचन भी

कठ थ हो सकत ह ल कन यान रखना वह आपका ान नह ह गीता म जो ह वह क ण का ान रहा

होगा आप उस पढ़ कर अपना ान नह बना सकत ह बारोड उधार िलया हआ ान अ ान स बदतर ह

य क अ ान कम स कम अपना तो होता ह इतना तो ह क मरा ह कम स कम ामा णक ऑथ टक तो होता ह क मरा ह ान उधार ह सब और अ ान हमारा ह यान रह मर अ ान को म सार दिनया क ान को भी इक ठा कर ल तो भी नह िमटा सकता य क

अ ान मरा ह और ान दसर का ह दसर का ान मर अ ान को िमटा नह सकता ह कस िमटा सकता ह दोन कह कटत ह नह दोन कह एक-दसर को पश भी नह करत दसर का ान अ ान स भी खतरनाक

हो सकता ह मन सना ह एक अधा आदमी अपन एक िम क घर महमान ह रात बहत-बहत भोजन बन ह खीर बनी ह

उस अध आदमी न अपन िम स पछा यह खीर या ह यह कस चीज को तम खीर कहत हो यह कसी

ह कसस बनी ह मझ कछ समझाओ मझ बहत पसद पड़ ह िम समझदार रह ह ग दिनया म नासमझ आदमी तो म कल स ह िमलता ह सभी समझदार ह व भी समझदार थ उ ह न उस अध आदमी को बताया क खीर जो ह वह दध स बनी ह उस अध आदमी न कहा क यह दध या ह कसा होता ह या ह रग या ह प उन समझदार न कहा क दध बलकल श सफद होता ह उस अध आदमी न कहा मझ म कल म डाल द रह हो मरा पहला वह का वह खड़ा रहता ह तम जो

जवाब दत हो उसस और नय खड़ हो जात ह यह सफद या बला ह यह सफद या ह यह सफद

कसी होती ह यह श कसको कहत हो तम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 26

समझदार कम समझदार न थ एक समझदार आग बढ़ा और उसन कहा कभी बगला दखा ह नद क कनार तालाब क तट पर झील क पास सफद बगला ठ क बगल क पख जसा सफद होता ह दध उस अध आदमी न कहा तम पहिलय म उलझाए द रह हो यह बगला या बला ह और मर पहल तो

अब कतन दर छट गए त हार जवाब मझ बहत आग ल आए ह ल कन हर बात वह क वह अटक हई ह

यह बगला या होता ह कसा होता ह कछ मझ इस तरह समझाओ क म समझ सक एक समझदार आदमी न अपना हाथ आग बढ़ाया उस अध आदमी को कहा क मर हाथ पर हाथ फरो अध

आदमी न हाथ पर हाथ फरा यह कछ समझ म आन वाली बात थी य क अध को पश अनभव हआ उस

समझदार आदमी न कहा क जस मर हाथ पर तमको सडौल मालम होता ह ऐस ह बगल क गदन सडौल होती ह वह अधा आदमी खड़ होकर नाचन लगा उसन कहा म समझ गया क दध सडौल हाथ क तरह होता ह म

बलकल समझ गया व सब िम कहन लग मा करो मा करो इसस तो बहतर था क तम न जानत थ यह जानना तो और

म कल म डाल दगा नह दध सडौल हाथ क तरह नह होता उस अध आदमी न कहा मझ य म कल म डालत हो त ह न तो मझ समझाया ह असल बात यह ह क अध आदमी को सफद रग क सबध म कछ भी नह समझाया जा सकता और जो समझान

जाता ह वह िनपट नासमझ ह अध आदमी क आख का इलाज हो सकता ह सफद रग नह बताया जा सकता आख का इलाज हो जाए तो सफद रग दखाई पड़ सकता ह और कोई उपाय नह ह हम सब जहा तक स य का सबध ह अध ह हम कछ पता नह ह और हम सबन कताब म स कछ समझ

िलया ह वह उसी अध आदमी क हाथ क तरह वह उसी अध आदमी क धारणा क भाित हम उसको पकड़ कर

बठ हए ह और हम जदगी- जदगी पकड़ कर बठ रह उसस हम कह पहचग नह पहली बात जाननी ज र ह क हम अध ह और दसर बात जाननी ज र ह क हम कछ भी दखाई नह पड़ता

ह जहा तक ई र का स य का सबध ह हम कछ भी पता नह ह कछ भी दखाई नह पड़ता ह यह पहली

स चाई होगी जस हम वीकार कर ल तो फर आग बढ़ा जा सकता ह तब हम पछ सकत ह क यह आख

कस ठ क हो क हम जान सक ल कन जसन मान िलया वह यह पछता ह नह क हम जान सक वह तो यह मान लता ह क जान िलया

वह तो व ास को धीर-धीर धीर-धीर ान बना लता ह उस पता ह नह चलता क मन गीता म ऐसा पढ़ा

था कब वह समझन लगता ह क ऐसा म जानता ह म दखता ह लोग बठ ह--धािमक लोग--आख बद करक सोच रह ह अह ा म म ह म ह म

ह कसी कताब म पढ़ िलया ह अब दोहरा रह ह क म ह अब दोहरात र हए या दोहरान स पता चल जाएगा क आप ह कस पता चल जाएगा जब पहली बार

आपन दोहराया क म ह तब आपको पता नह था जब आपन दसर बार दोहराया तब भी आपको पता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 27

नह था जब आपन तीसर बार दोहराया तब भी आपको पता नह था और अगर पता ह हो गया था तो चौथी

बार दोहराया कसिलए तो चौथी बार दोहराया तब भी पता नह था हजार बार लाख बार करोड़ बार

दोहराइए पता कस हो जाएगा रपीट शन नॉलज बन जाता ह दोहरान स ान पदा हो जाता ह तब तो बड़ा स ता मामला ह तब तो बहत ह स ता मामला ह तब तो हटलर न ठ क िलखा ह अपनी आ मकथा म उसन िलखा ह क दिनया म सफद झठ जसी कोई चीज नह होती जस झठ को बार-बार

दोहराओ वह स य हो जाता ह तब तो फर हटलर परम ानी ह और मज क बात यह ह क हम हटलर को

कभी ानी न कहग ल कन हम यह कर रह ह ान क िलए हा यह बात ज र सच ह क अगर अस य को भी बार-बार दोहराया जाए तो हम धीर-धीर यह भल जात ह क

यह अस य ह दसरा नह हम खद भल जात ह अगर आप बचपन स एक अस य को दोहरात रह दोहरात रह तो बढ़ाप तक याद रखना जरा म कल हो जाएगा क यह अस य था और मन जब पहली बार दोहराया था

तो अस य था मझ पता नह था यह भल जाएग आप िनरतर दोहरान स िसफ भल सकत ह ल कन ान

नह हो सकता िसफ इतना भल सकत ह मन सना ह एक प कार मर गया और मरत ह स वग क दरवाज पर पहच गया--जनिल ट अखबार वाला

अब अखबार वाला था उसन कहा क सीध वग म मझ जगह िमलनी चा हए और यहा कोई िमिन टर या

कह भी दरवाजा खटखटाए तो दरवाजा खलता था तो उसन कहा भगवान भी य डरता होगा ज र अखबार वाल स कौन नह डरता जाकर उसन सीधा दरवाजा खटखटाया ारपाल न बाहर झाक कर दखा उसन

कहा दरवाजा खोलो म एक बड़ अखबार का रपोटर ह और म मर गया ह और म वग म रहना चाहता ह उस ारपाल न कहा माफ क रए पहली तो बात यह ह क वग म कोई घटना ह नह घटती यज ह नह

घटती य क यज क िलए भी तो उप वी आदमी चा हए--राजनीित चा हए गड चा हए बदमाश चा हए

यहा कोई आत ह नह इस तरह क सब लोग हाला क जमीन पर जो भी मरता ह व सभी वग य िलख जात

ह सब वग चल जात ह ऐसा हम मानत ह जाता म कल स ह कोई कभी होगा उस ारपाल न कहा यहा कोई घटना ह नह घटती अखबार कहा चल और यहा का एक िन त कोटा ह दस अखबार वाल को हमन

जगह द रखी ह ल कन वह भी बकार ह कोई काम ह नह ह और अखबार भी िनकालो तो कोई पढ़न को राजी

नह होता इसिलए वह ठ प ह पड़ा ह काम अगर त ह जाना ह ह तो नरक चल जाओ वहा बहत अखबार

चलत ह बड़ अखबार चलत ह बहत सकलशन ह अखबार का य क घटनाए भी खब घटती ह घटनाए ह

घटनाए ह वहा तो जहा दखो वह घटना घट रह ह पर उसन कहा क मझ तो वग म रहना ह आप एक कर सकत ह तरक ब मझ चौबीस घट क िलए भीतर ल ल म दस अखबार वाल म स एक को राजी कर लगा क वह नरक चला जाए तो फर तो जगह खाली होती ह

मझ उस ारपाल न कहा आप आ जाए चौबीस घट आप कोिशश कर ल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 28

वह अखबार वाला भीतर गया जो भी आदमी उस िमला उसन कहा सना तमन नरक म एक बहत नया

अखबार िनकलन वाला ह उसक िलए एक बड़ सपादक क चीफ एड टर क ज रत ह मोटर भी िमलगी बगला भी िमलगा सब इतजाम ह बड़ तन वाह भी ह उसन पर वग म खबर फला द साझ को वह वापस

ारपाल क पास आया और उसन पछा क कहो कोई गया ारपाल न दोन हाथ रोक कर उसस कहा क ठहरो व दस चल गए ह और अब तम नह जा सकत य क

यहा हम तो बहत म कल म पड़ जाएग दस का कोटा ह व दस ह भाग गए ह व कहत ह हमको नरक जाना ह सब चल गए ल कन उस अखबार वाल न कहा रा त स हटो म भी जाऊगा उसन कहा तम कस पागल हो उसन कहा कौन जान बात सच भी हो सकती ह क अखबार वहा िनकल रहा हो य क मन जसस भी सना

ह दन म सभी यह कह रह ह क अखबार िनकलन वाला ह पर वग म एक ह चचा ह कौन जान उस ारपाल न कहा पागल सबह तन ह यह झठ श कया था उसन कहा सबह को बहत दर हो गई बात सच भी हो सकती ह म ल कन यहा नह रहना चाहता झठ हो तो

भी कोई हजा नह जब दस आदिमय न मान िलया तो बात म कछ न कछ जान होनी चा हए हम भी भल जात ह क हमन कब झठ वीकार कया था खद और अगर बोलत ह चल जाए तो आ खर म पता ह नह रहगा क यह झठ था दोहरान स कोई स य नह होता ह हम कताब पढ़ लत ह--ई र क सबध म क सबध म आ मा क सबध

म बात सीख लत ह फर उनको दोहरान लगत ह और दोहरात-दोहरात मर जात ह हम कछ जान नह पात या कर

इसिलए म आपस यह िनवदन करना चाहता ह पहली बात तो यह समझ क हम अ ानी ह परम अ ानी ए सो यट इ नोरट ह स य क सबध म यह पहला स य होगा यह पहला चरण होगा म दर का परमा मा क और जब परम अ ान ह हमारा और दसर क ान स ान िमल नह सकता-- कतनी ह गीता कठ थ करो और

कतन ह -स पढ़ो ान नह िमल सकता ह कसी कताब स न कसी ग स ासफरबल नह ह वह

कोई ऐसी चीज नह ह क कसी न म ठ भर और आपको द द अगर ऐसा होता तो एक ह ग सार दिनया म

ान बाट जाता फर कोई ज रत न थी कोई कसी को ान द नह सकता अगर म य को जानना ह तो खद

मरना पड़ता ह और अगर ान को उपल ध करना ह तो खद उस माग स गजरना पड़ता ह जहा ान उपल ध

होता ह या ह वह माग

सम त वचार स म हो जाना पण श य म ठहर जाना मौन पण मौन म उतर जाना वह माग ह य द

हम ण भर को भी पण मौन म हो सक क लीट साइलस म हो सक तो हम उस जान लग जो ह य आ खर मौन म होन स य जान लग

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 29

जब तक हमारा मन श द स भरा ह वचार स भरा ह तब तक बचन ह तब तक ऐसा ह जस झील पर तरग

ह चाद ह आकाश म और झील तरग स भर ह तो चाद का ित बब नह बनता फर झील म और फर झील

शात हो गई कोई तरग नह ह झील मौन हो गई एक लहर भी नह ह झील क छाती पर झील बलकल

साइलट शात हो गई ह तो झील एक दपण बन जाती ह और चाद उसम ितफिलत हो जाता ह र ल ट हो

जाता ह दखाई पड़न लगता ह मौन क थित म हम बन जात ह दपण शात और जो ह वह उसम ितफिलत हो जाता ह उसम दखाई

पड़ जाता ह मन य को बनना ह दपण चप एक लहर भी न हो मन पर तो उसी ण म जो हउसी का नाम परमा मा

हम कह स य कह जो भी नाम दना चाह नाम स कोई फक नह पड़ता ह नाम क झगड़ िसफ ब च क

झगड़ ह कोई भी नाम द द--ए स वाय जड कह तो भी चलगा वह जो ह अननोन अ ात वह हमार

दपण म ितफिलत हो जाता ह और हम जान पात ह तब ह आ तकता तब ह धािमकता तब धािमक य

का ज म होता ह अदभत ह आनद उसका स य को जान कर कोई दखी हआ हो ऐसा सना नह गया स य को बना जान कोई

सखी हो गया हो ऐसा भी सना नह गया स य को जान बना आनद िमल गया हो कसी को इसक कोई

सभावना नह ह स य को जान कर कोई आन दत न हआ हो ऐसा कोई अपवाद नह ह स य आनद ह स य

अमत ह स य सब कछ ह-- जसक िलए हमार आका ा ह जस पान क यास ह ाथना ह ल कन हम

दपण नह ह जसम स य ितफिलत हो सक एक यवा फक र सार दिनया का च कर लगा कर अपन दश वापस लौटा था उस दश का स ाट बचपन म उसक

साथ एक ह कल म पढ़ा था वह फक र स ाट क पास गया सार प वी स घम कर लौटा ह फक र--अधन न फट व स ाट गल िमला ह बठत ह स ाट न पछा ह सार दिनया घम कर आए मर िलए कछ लाए हो जनक पास सब कछ होता ह उनक मन म भी और कछ क वासना तो बनी ह रहती ह एक स ाट एक फक र

स मागन लगा क मर िलए कछ लाए हो फक र न कहा क मझ खयाल था िन त ह क तम ज र िमलत ह पहली बात यह पछोग जनक पास बहत

ह पहली बात उनक मन म यह उठती ह तो म त हार िलए कछ ल आया ह स ाट न चार तरफ दखा फक र क पास तो कछ मालम नह पड़ता हाथ खाली ह झोला भी साथ नह

स ाट न कहा या ल आए हो फक र न कहा मन बहत खोजा बहत खोजा बड़-बड़ बाजार म बड़ -बड़ राजधािनय म ल कन म यह

सोचता था कोई ऐसी चीज ल चल जो त हार पास न हो ल कन जहा भी गया मझ खयाल आया यह सब

त हार पास ज र होगा तम कोई छोट स ाट नह और दखता ह त हार महल म सभी कछ ह भल हो जाती

बड़ म वह कछ भी नह लाया फर एक चीज मझ िमल गई जो म लाया ह स ाट तो खड़ा हो गया उसन कहा ऐसी कोई चीज लाए हो जो मर पास नह ह दख ज द िनकालो मर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 30

उ सकता को यादा मत बढ़ाओ उस फक र न खीस म हाथ डाला फट कत स एक छोटा सा दो पस का दपण दो पस का िमरर िनकाल कर

स ाट को द दया स ाट न कहा पागल हो गए हो मर पास बड़-बड़ दपण ह यह तम दो पस का दपण लाए

हो क मर पास नह होगा कस पागल हो उस फक र न कहा यह दपण साधारण नह ह इसम अगर दखोग तो तम अपन को ह दख लोग दसर दपण

म िसफ शर र दखा होगा इसम तम ह दख जाओग कागज म िलपटा हआ ह दपण स ाट न कहा म इस खोल कर दख फक र न कहा अकल म दखना य क इसम तम दख जाओग जस हो जो ह फर फक र चला गया एकात होत ह स ाट न कागज फाड़ा एक साधारण सा दपण ह जसको दपण कहना

भी म कल ह अ यत द न-द र दपण ह ल कन उस दपण पर एक वचन िलखा हआ ह क और सब दपण

यथ ह एक ह दपण साथक ह और वह वह दपण ह जो तम बन सकत हो मौन हो जाओ चप हो जाओ िच क सब तरग बद कर दो उसी दपण म दख सकोग क तम कौन हो और जो वय को दख ल वह सबको

दख लता ह एक बार झलक िमल जाए शात होकर जीवन क सब िमल जाता ह ल कन हम खोजत ह शा म शा म कभी न िमलगा हम खोजत ह ग ओ क पास कभी न िमलगा कोई

कसी को द सकता नह ह हमार पास और हम खोजत ह कह और तो भटकत रहत ह एक ह बात आपस कहना चाहता ह वह यह अ ान को समझ और अ ान को झठ ान स ढाक मत उधार ान स अपन अ ान को भलाए मत उधार ान को दोहरा-दोहरा कर जबद ती ान बनान क यथ च ा म न

लग ऐसा न कभी हआ ह न हो सकता ह एक ह उपाय ह और जस उपाय स सबको हआ ह कभी भी हआ

ह कभी भी होगा और वह उपाय यह ह क कस हम दपण बन जाए--ज ट ट बी ए िमरर दपण पता ह आपको दपण क खबी या ह दपण क खबी यह ह क उसम कछ भी नह ह वह बलकल

खाली ह इसीिलए तो जो भी आता ह उसम दख जाता ह अगर दपण म कछ हो तो फर दखगा नह दपण म

कछ भी नह टकता दपण म कछ ह ह नह दपण बलकल खाली ह दपण का मतलब ह टोटल ए ट नस बलकल खाली कछ ह ह नह उसम जरा भी बाधा नह ह अगर जरा भी बाधा हो तो फर दसर चीज पर

नह दखाई पड़गी जतना क मती दपण उतना खाली जतना स ता दपण उतना थोड़ा भरा हआ बलकल

परा दपण हो तो उसका मतलब यह ह क वहा कछ भी नह ह िसफ कपिसट ट र ल ट कछ भी नह ह िसफ मता ह एक ितफलन क --जो भी चीज सामन आए वह दख जाए या मन य का मन ऐसा दपण बन सकता ह

बन सकता ह और ऐस दपण बन मन का नाम ह यान ह म डटशन ह ऐसा जो दपण जसा बन गया मन ह उसका नाम यान ह ऐस मन का नाम यान ह यान का मतलब यह नह क राम-राम राम-राम राम-राम कर रह ह यान का कोई सबध नह ह यह सब

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 31

लहर चल रह ह राम-राम क नाम क चल रह ह इसस या फक पड़ता ह क ओम-ओम ओम-ओम कर

रह ह वह भी लहर चल रह ह ओम क चल रह ह इसस या फक पड़ता ह कोई लहर न रह जाए श द

क कोई वचार न रह जाए कछ भी न रह जाए बस खालीपन रह जाए तो उस खालीपन म हम उस जान

लग जो चार तरफ मौजद ह भगवान को खोजन कह कोई हमालय पर कोई एवर ट पर थोड़ ह जाना ह न कसी चाद-तार पर जाना ह

वह ह यह सब जगह सच तो यह ह क वह ह उसक अित र और कछ भी नह ह इसिलए जो पछता ह

कहा खोजन जाऊ वह पागल ह कोई अगर यह पछ क कोई ऐसी जगह बताओ जहा भगवान न हो तो समझ म आ सकता ह क यह आदमी कछ खोजन िनकला ह ल कन कोई कहता ह मझ वह जगह बताओ

जहा भगवान ह तो समझना यह आदमी पागल ह य क ऐसी कोई जगह ह नह ह जहा वह नह ह असल

म होना मा वह ह जो भी ह वह ह उसक अित र और कछ भी नह ह ई र का मतलब ह अ त व ए झ टस जो ह फर कमी या ह हम खोज य नह पात उस कमी शायद इतनी ह ह क हम दपण नह ह जसम वह झलक जाए हम भीतर भर ह और वह नह झलक

पाता हम भीतर तरग स भर ह और वह नह झलक पाता इसिलए कह खोजन न जाए िसफ चप बठ मौन

बठ और धीर-धीर इस दशा म थोड़ा योग कर क कस मन क वचार ीण होत चल जाए ीण होत चल

जाए और एक दन आ जाए जस दन मन म कोई वचार न हो हम ह वह हो और बीच म कोई वचार न

हो बस उसी ण िमलन हो जाता ह और यह भी क ठन नह ह बहत क ठन ह बहत क ठन नह ह क ठन

तो ह ह ल कन बहत क ठन नह ह असभव नह ह कस यह सभव होगा एक छोटा सा स और अपनी बात म पर कर दगा एक छोट स स को यान म रख ल यह सभव हो जाएगा आधा घट को चपचाप बठ जाए रोज चौबीस घट म

और कछ भी न कर बस मन को दखत रह िसफ दखत रह ज ट ऑ जवशन िसफ दखत रह--यह हो रहा

ह यह हो रहा ह यह हो रहा ह मन म यह वचार आया वह वचार आया आया-गया आया-गया भीड़

लगी ह रा ता चल रहा ह बस चपचाप दखत रह दखत रह दखत रह कछ भी न कर माला भी न फर राम-राम भी न जप म भी न दोहराए कछ भी न कर बस इस मन को दखत रह क य वचार चल रह ह य चल रह ह य जा रह ह य आ रह ह रोक भी न कसी वचार को झगड़ भी न दबाए भी न कसी वचार

को िनकाल भी न य क कसी वचार को िनकालन गए क फर कभी न िनकाल पाएग असभव ह वह बात

दबाया कसी को तो फर उसस कभी छटकारा न होगा वह छाती म दबा हआ खड़ा ह रहगा सदा लड़ कसी स

क हार लड़ना ह मत वचार स जो वचार स लड़गा वह हारगा य इसिलए नह क वचार बहत मजबत

ह और हम बहत कमजोर ह इसिलए क वचार ह ह नह छाया ह और छाया स लड़न वा ला कभी नह जीत सकता आप बड़ स बड़ द य स भी जीत सकत ह ल कन कसी छाया स लड़ फर न जीत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 32

सकग इसका यह मतलब नह क छाया बहत मजबत ह इसका कल मतलब क छाया व ततः ह ह नह

उसस लड़ क बवकफ बन अपन हाथ स मढ़ बन और गए और हार और िमट लड़ना मत जझना मत िनणय मत करना रोकना मत चपचाप बठ कर दखत रहना मन को और अगर

थोड़ा साहस रखा और भयभीत न हए और भाग न और दखत रह य क भय लगगा य क जब मन को दखन बठग तो पाएग या म पागल ह अगर दस िमनट एकात म

बठ कर मन म जो चलता हो उस िलख डाल ईमानदार स तो पित अपनी प ी को न बता सकगा प ी अपन

पित को न बता सकगी िम अपन िम को न बता सकगा क यह मर दमाग म चलता ह और अगर बताया तो घर भर क लोग च क कर दखग और कहग क ज द अ पताल ल चलो य बात त हार दमाग म चलती

ह हाला क जो कहगा क तम पागल मालम पड़त हो वह भी दस िमनट बठगा तो यह उसको भी पता

चलगा और जस डा टर क पास व ल जा रह ह अगर वह भी दस िमनट बठगा तो यह उसको भी पता चलगा भयभीत न हए अगर भाग न डर न चपचाप दखत रहमन बलकल पागल जसा मालम पड़गा पागल म

और हमम कोई बिनयाद फक नह ह िसफ ड ी का फक होता ह कोई अ ठानब ड ी का पागल ह कोई सौ

ड ी का कोई एक सौ दो क भाप पर िनकल गया आग चला गया ह इसिलए तो दर नह लगती ह--एक

आदमी का दवाला िनकला तब तक वह ठ क था कल तक अभी दवाला िनकला वह पागल हो गया एक

आदमी ठ क था उसक प ी मर गई वह पागल हो गया एक आदमी ठ क था कछ गड़बड़ हई पागल हो

गया ड ी का फक ह एक ड ी इधर था जरा ह ताप बढ़ गया उस तरफ हो गया पागलखान म जो ह और पागलखान क जो बाहर ह उनक बीच द वाल का ह फासला ह यादा फासला नह

ह और कोई भी आदमी फौरन द वाल क भीतर हो सकता ह हम सब उ ाप क कर ब ह रहत ह ल कन

स हाल-स हाल चलत ह तो जब बठ कर दखग तो लगगा एकदम मडनस पागलपन पर साहस रखना और दखत चल जाना मत

डरना मत भागना तो धीर-धीर धीर-धीर पागलपन ीण हो जाता ह िसफ दखन स कछ भी न करन स

धीर-धीर भीतर एक नई चतना जगन लगती ह--दखन वाल क ा क सा ी क --और वचार खोन लगत ह

एक दन आ जाता ह िन त आ जाता ह जब वचार धीर-धीर-धीर समा हो जात ह िसफ हम रह जात ह

और कोई वचार नह रहता िसफ चतना रह जाती ह--एक लम क तरह एक योित क तरह जरा भी कपती

नह जरा भी हलती नह बस उसी अकप अडोल अचल चतना म वह दपण बन जाता ह जसम भ क

दशन होत ह परमा मा कर इस दशा म खयाल आ जाए मर बात को इतन म और शाित स सना उसस बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ परमा मा

को णाम करता ह मर णाम वीकार कर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 33

जीवन रह य तीसरा वचन व प का उदघाटन

समझन म म कल पड़ती ह पहली बात तो यह समझन म म कल पड़ती ह क कह जाना नह ह यह

समझना ह म कल हो जाता ह हमार िच क पर क पर यव था ऐसी ह क वह कहता ह कह चलो यहा कछ भी नह ह परा िच ह इस तनाव स बना ह क कह चलो वहा कह दर म जल ह िच का आधार ह

यह ह क म जल दर हो नह तो िच गया य क म जल दर ह तो पान क कोिशश करनी पड़ती ह सोचना पड़ता ह योजना बनानी पड़ती ह ढग खोजन पड़त ह और म जल दर ह तो आज तो िमल नह जाती कल

िमलगी इसिलए आज स कल क ित तनाव जार रखना पड़ता ह मन जीता ह तनाव म और सब तनाव गहर म कह पहचन का तनाव ह--चाह वह धन चाह यश चाह धम चाह मो मन मरा उसी व जस व आपन कहा कह नह जाना जाना ह नह ह कह तो मन क

अ त व क सार आधारिशला हट गई और जब तक आप कह जान म लग ह तब तक एक बात प क ह क अपन को जानन म नह लग सकत य क यह दर ल जान वाला मन पास नह आन दता और यह दर ल जान वाला मन इतना कशल ह क फर

अगर दर आप चल जाए तो यह कहता ह क पास जान क िलए भी कोई रा ता चा हए जस एक आदमी यहा सोया रात और उसन सपन म दखा क वह कलक ा चला गया ह तो वह कसी रा त स

लौटाना पड़गा उस कलक स यहा वापस वह गया ह नह ह य क सच बात यह ह क हम जहा ह वहा स

व ततः हम जा ह कस सकत ह जो हम ह उसस अ यथा हम हो कस सकत ह हम वह ह िसफ हमारा

मन चला गया ह िसफ कामना चली गई ह मन भी या जाएगा कामना चली गई ह डजायर चली गई ह

दर हम वह खड़ ह अब सवाल कल इतना ह क जहा हम खड़ ह वह हम अपनी सार डजायर को सार वचार को सार कामना

को वह रोक ल जहा हम खड़ ह तो जो हम ह वह हम पता चल जाए तो एक तो यह समझ म नह आता साधारणतः य क जीवन का सारा अनभव यह कहता ह क म जल दर ह

और आ मक अनभव क बात बलकल उलट ह क म जल दर बलकल नह ह बलकल ह पास ह पास भी

नह ह तम ह हो म जल तो जो म जल दर हो उसको जोड़न क िलए रा ता चा हए विध चा हए मथड

चा हए ट नीक चा हए और समय चा हए आज तो हो ह नह सकता वह अभी तो हो नह सकता कभी

होगा फर ग चा हए फर बतान वाला गाइड चा हए य क म जल आग ह भ व य अधकारपण ह हम

वहा गए नह ह कभी तो कोई चा हए जो बताए भ व य म म जल ह तो फर ग अिनवाय ह शा अिनवाय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 34

ह गाइड होगा यव था होगी विध होगी ट नीक होगी ल कन मज क बात यह ह क म जल यह ह--अभी इसी व कह जाना नह ह खोजन िसफ ठहर जाना ह

और ठहर वह जाएगा जो खोज बद कर द य क खोजन वाला मन ठहर कस सकता ह वह खोज रहा ह खोज रहा ह नह खोज रह ह आप नो-सी कग क एक हालत ह कछ भी नह खोजना ह बस ह तो इस ण म होगा

या इस ण म जब आप कह दर नह ह ग तो चतना वह होगी जहा ह और यहा उदघाटन ए स लोजन होगा सभी विधया इस बात को मान कर चलती ह क आप कह चल गए ह या कह आपको जाना ह तो विध मा

क जो भल ह वह हमार जान वाल मन म लगी हई ह और जब विध सीखग तो फर ग चा हए फर सब

आएगा पीछ स--सार ग डम आएगी आ म आएगा स दाय आएगा अनयायी आएग वह सब आएगा दसर मज क बात ह जो खयाल म नह आती और वह यह ह क अगर कसी ण म कोई य कछ भी नह

खोज रहा और कछ भी नह कर रहा तो भी कह तो होगा होगा तो ह न खोजता हो न करता हो न

सोचता हो तो भी कह होगा कहा होगा अपन स अ यथा होन क सब दरवाज बद ह न तो वह कछ कर रहा

ह क जसम उलझ जाए न वह कछ सोच रहा ह जसम फस जाए न वह कछ खोज रहा ह जसम वह चला

जाए न खोज रहा ह न सोच रहा ह न कर रहा ह--नॉन-डइग नॉन-सी कग नॉन-िथ कग होगा कहा जाएगा कहा िमट तो नह जाएगा होगा तो फर भी वह फर वह होगा जहा ह कोई उपाय नह रहा उसका बाहर जान क दरवाज गए य सब दरवाज बाहर ल जान

वाल ह तब वह कसी थित म जस थित म होगा वह उसका वभाव होगा व प होगा उसका

उदघाटन करना ह और व प क उदघाटन क िलए सब मथड बाधाए ह और सब रा त बाधाए ह य क व दर

ल जात ह कह खोज पर ल जात ह यह एकदम स खयाल म आना अित क ठन मालम होता ह एक बार खयाल म आ जाए तो इसस यादा सरल

कछ भी नह ह ल कन हमारा जो माइड ह उसक पर क पर यव था इसी भाषा म सोचन क ह--कहा जाना

ह या पाना ह कस जाना ह और जब कोई रा ता बताता ह तो हमार समझ म पड़ता ह क ठ क बात

कह जा रह ह--रा ता होगा ट नीक होगी पहचना होगा स यानद जी न बहत ब ढ़या बात कह पीछ उ ह न कहा क चाह विध स और चाह अ- विध स मथड स चाह नो-मथड स पहचना हमको वह ह पाना हमको वह ह अब इस अगर गौर स दखग तो बहत मजदार ह यह व य स यानद जी न जो कहा बहत मह वपण ह

इसका मतलब या होता ह अगर आप यह कहत ह क चाह विध स और चाह ना- विध स म जल तो एक

ह ह तो फर आप विध खोज ह लग फर विध स आप नह बच सकत य क विध जड़ ह म जल क

साथ फर आप ना- विध क बात ह नह सोच सकत और म यह कह रहा हइसिलए व कह सकत ह क जो

मन कहा वह उ ह न कहा म नह कह सकता यह क जो मन कहा वह उ ह न कहा वह तो बलकल ह उलटा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 35

ह जो उ ह न कहा हआ ह यह म नह कह सकता यह बात य क म बात ह और कह रहा ह म यह नह कह

रहा ह क मथड स भी पहच जाता ह कोई नो-मथड स भी पहच जाता ह म यह कह रहा ह क मथड वाला पहच

ह नह सकता य क मथड हमशा भ व य क तरफ इिगत करता ह म जल क तरफ नो-मथड अपनी

तरफ इिगत करता ह य क नो-मथड म म जल का कोई उपाय नह ह जाइएगा कहा रा ता नह ह कोई रा ता तो कह ल जाता ह वह हमशा कह ल जाता ह और यहा क ठनाई यह हो गई ह आ मक जीवन क क

यहा हम कह जाना नह ह जहा हम ह वह एक ण को भी हम हो जाना ह तो कसी भी रा त पर हम गए तो हम भटक तो इधर लोग तो कहत ह क रा ता पहचाता ह और म कहता ह रा ता मा भटकाता ह और सब मामल म

बलकल ठ क ह यह बात क अगर आपको टशन जाना ह तो रा त स जाएग और बबई जाना ह तो रा त स

जाएग एक मामल भर म यह बात गलत ह अगर अपन पर आना ह तो रा त स आप नह आ पाएग य क

रा त पर चलना ह दर िनकलन क श आत हो गई तब या कर तब सवाल यह उठता ह कर या तो मरा कहना यह ह क हम इस थित को समझ ठ क स यह पर िसचएशन हमार समझ म आ जाए क

ऐसा उलझाव ह अगर रा ता पकड़ा तो भटक गए व ऐसा ह समझात ह--अदर जान क िलए भी रा ता ह यह जो क ठनाई ह न असल म मजा यह ह क रा ता मा बाहर जान का होता ह य क अदर तो हम ह व ऐसा ह समझात ह जो क ठनाई हऐसा तो ह नह क हम बाहर हो गए ह और अदर आना ह अगर इसको ठ क स हम समझ तो

ऐसा तो हो नह गया ह क हम बाहर ह और हम अदर आना ह हम तो अदर ह ह इसम कोई उपाय ह नह ह

बाहर होन का यानी इसम अगर कोई उपाय भी होता तो फर उलटा उपाय भी होता यानी आप या करक बाहर

हो सकत ह मझ बताइए आप बाहर हो कस सकत ह आप जहा भी जाएग भीतर ह ह ग बाहर जान

का तो कोई उपाय नह ल कन बाहर क क पना भर हो सकती ह आप जा नह सकत बाहर आप यहा बठ ह आप कलक ा नह जा सकत ल कन कलक ा जान का सपना दख सकत ह इसम कोई

क ठनाई नह ह आख बद करक आप कलक जा भी सकत ह--इस अथ म क वचार चला जाए आप ल कन

फर भी यह ह ग आप ह ग यह आप ह ग अपन भीतर ह तो समझन क बात यह ह क हम भीतर तो ह ह इसिलए भीतर जान का सवाल नह ह हम बाहर कन- कन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 36

रा त स चल गए ह उन रा त को छोड़ दन का सवाल ह जो ॉ लम ह असल म अगर म इसी कमर म बठा

हआ ह तो मझ इसी कमर म आना नह ह सवाल िसफ यह ह क मझ यह कमरा िमट गया ह और मझ

कलक ा दखाई पड़ रहा ह तो म वचार क कसी या ा स कलक ा पहच गया ह ह इसी कमर म ल कन एक

अथ म कलक म ह यह कमरा मझ दखाई ह नह पड़ रहा म कलक क टशन पर खड़ा हआ ह वह

टशन मझ दखाई पड़ रह ह तो मर सामन सवाल ह क म अपन घर कस वापस लौट जाऊ अगर सच ह म

कलक ा पहच गया होता तो कोई न पकड़नी पड़ती कोई कार पकड़नी पड़ती कोई रा ता पकड़ना पड़ता अगर सच ह कलक ा पहच गया होता तो फर इस कमर तक आन क िलए कोई रा ता पकड़ना ह होता ल कन

च क म सच म पहचा नह ह िसफ म कर रहा ह इसिलए आन क िलए न कोई रा ताऔर अगर मन

रा ता पकड़ा तो और भटकान वाला होगा य क म म पकड़ गए रा त का या मतलब हो सकता ह िसफ सवाल इतना ह क म इस त य क ित जाग जाऊ क म तो भीतर ह ह िसफ मरा वचार बाहर चला

गया ह और म कभी अपन भीतर क बाहर नह गया तो फर अब सवाल या ह अब सवाल यह रह गया ह क वचार न जाए और वचार चला य गया ह मन भजा ह इसिलए चला गया ह और मन भजा इसिलए ह क कलक म कछ िमलन को ह जो यहा नह िमल

रहा ह इसिलए चला गया ह कोई आका ा ह जो वहा त होती यहा त नह हो रह ह इसिलए चला गया ह वचार चला गया ह वासना क वाहन पर बठ कर और हम वह ह यानी यह जो बिसक थ अगर खयाल म आ

जाए क हम वह ह वासना क वाहन पर बठ कर वचार चला गया ह समझ ल एक आदमी यहा बठा ह कलक म वचार ह अब वह कहता ह म कस घर लौट तो उसको हम

कह क तम हवाई जहाज पकड़ो और लौट जाओ तो वह कहा जाएगा कहा का हवाई जहाज पकड़गा वह

जतना कलक ा झठा ह उतना ह कलक म पकड़ा गया हवाई जहाज होगा कलक म वह ह ह नह

आदमी वह जतना झठा हवाई जहाज होगा उतनी झठ टकट होगी उतना ह झठा हवाई जहाज का पायलट

होगा उतना ह हवाई जहाज तक पहचान वाला गाइड होगा य क कलक ा म होना च क बिनयाद प स

झठा ह इसिलए अब कलक म जो भी कया जाएगा वह सच तो हो नह सकता वह झठ ह होगा और झठ

लौटान वाला नह होता इसिलए सवाल िसफ इतना ह क हम यह जानना हयह हम आना नह ह अपन भीतर आत तो हम तब जब

हम बाहर चल गए होत हम भीतर ह आना हम ह नह गए हम ह नह िसफ वचार हमारा बाहर चला गया

ह वचार न हो जाए हम फौरन पाएग क हम भीतर ह जस क आप बठ दवा- व न म खो गए क कलक

थ और मन आपको आकर हला दया तो आप कलक म थोड़ ह जगग आप जगग यहा और कलक स

लौटन क िलए कोई वाहन काम म नह आएगा कोई ज रत नह वाहन क यह जो बिनयाद स य ह क हम कभी अपन स बाहर गए ह नह ह हम जसक बाहर जा सकत ह वह हमारा

व प नह हो सकता जो हमारा बिनयाद व प ह उसस हम बाहर जा कस सकत ह ल कन हम गए हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 37

मालम पड़त ह एक तो भल यह हो गई ह क हम गए हए मालम पड़त ह एक झठ यह हो गया अब दसरा झठ

इसम यह पालना ह क हम लौट कस तो मथड रलीजन पजा रचअल य सब हम पकड़ग य लौटन क रा त हम पकड़ रह ह अब यह बड़ मज क बात ह क जस आदमी का जाना ह भल भरा ह उसक लौटन क या बात ह उस

आदमी को िसफ इतनी बात क ित सजग करना ज र ह क तम कह गए ह नह हो अनत काल स तम वह

हो ल कन अनत काल स त हारा िच भटक रहा ह क पना भटक रह ह म म तम खो रह हो तो कपा

करो थोड़ दर क िलए म मत लो थोड़ दर क िलए सोचो मत थोड़ दर को वह हो जाओ जहा हो तो तम

पा लोग जो पाया ह हआ ह इसिलए सवाल मथड का नह ह नो-मथड का ह य क मथड ल जान वाला ह रा ता ल जान वाला ह

इसिलए पाथ का सवाल नह ह नो-पाथ का सवाल ह ग कह पहचान वाला ह हम कह पहचना ह नह ह हम वह ह कौन ग हमको वहा पहचा सकता ह इसिलए ग क कोई ज रत नह ह इसम ग का कोई

सवाल नह ह ग तो उसी म-लड का ह सा ह जसम हम भटकन को सच मानत ह फर हम ल जान वाल

को भी सच मानत ह फर उसक चरण को छत ह फर उसको ग मानत ह और वह जो हमको ल जा रहा ह वह कहा ल जाएगा हमको य क कलक म हम ह नह मर जो सार बात ह वह कल इतनी ह क बीइग हमारा सदा वह ह जहा ह और िच हमारा सदा वहा ह जहा हम

नह ह ऐस िच म और हमार बीच म एक फासला पड़ गया ह यह फासला बलकल का पिनक ह यह

वा त वक ड टस अगर होता तो बलकल ह रा त क ज रत पड़ जाती ल कन यह फासला बलकल झठा ह इस फासल को िमटान क िलए कछ और करन क ज रत नह यह जो िच क जान क आदत ह इसको

समझन क ज रत ह-- क य जाता य ह बाहर य जाता ह जाता ह इसिलए क वहा कछ िमल जाएगा फर एक ग आता ह वह कहता ह अगर मो पाना हतो वह

एक नई डजायर पदा करवा रहा ह वह यह कह रहा ह मो वहा ह ससार क चीज तो यह िमल जाएगी

जमीन पर वह मो यहा जमीन पर भी नह ह वह वहा िस -िशला बहत दर ह उसक वहा मो ह वह

त ह पाना ह वहा शाित ह वहा आनद ह वहा परम अमत बरस रहा ह आपका लोभ जगा ीड जगी

हआ या आपक भीतर आपक भीतर लोभ जगा क ऐसी शाित मझ भी चा हए ऐसा आनद मझ भी चा हए यह मो मझ भी चा हए और मजा यह ह क लोभ ह आपको बाहर ल जान का मा यम था और आपन कहा मझ मो भी चा हए रा ता बताओ तो अब मो बलकल अधर क बात ह इसिलए उसम सब तरह क ग चल सकत ह उसम

कसी ग को कोई नकसान नह पहचा सकता य क उसम कह जान को कछ होता तो उसम अब तक एक

ग जीत गया होता उसम कोई द कत न थी य क कह न कह हमन एक प क बात पकड़ ली होती क

भई यह रा ता ह जस व ान ह उसम ग जीत जाता ह एक बाक हार जात ह य क मामला रयिलट स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 38

सबिधत ह अब यह जो मो क आपक आका ा जग गई लोभ जग गया--और शाित चा हए आनद

चा हए स दय चा हए--लोभ जग गया अब आप चल और लबी या ा पर िनकल तो इस जमीन क या ाए तो फर भी वा त वक ह यह एक ऐसी या ा पर आप जा रह ह जहा बलकल अधा

खल ह जहा ग जो कहगाइसिलए ग कहता ह ओ ब डयस चा हए शक नह चा हए डाउट नह

चा हए य क डाउट और ओ ब डयस अगर ओ ब डयस नह ह और डाउट ह तो आपको ग कह ल जा नह

सकता एक इच इसिलए पहल इनका इतजाम करता ह-- क शक कया क भटक सदह कया क गए आ ा

पर ग जो कह वह परम स य ह तम जानत नह हो हम जानत ह तो हम जो बतात ह तम उस पर शक

कस कर सकत हो तम जानत ह नह हो जब तम जान लोग तब ठ क ह हमार पीछ आओ अब यह एक

अधरा रा ता श हआ य क जहा हम गए नह थ वहा स यह आदमी हमको लौटान का रा ता बतान लगा एक बात भर अगर ठ क स खयाल म आ जाए तो सवाल िसफ इतना ह क हमन जो वचार क करण बाहर भज

द ह व हमार वापस लौट आए और वापस लौटन क िलए भी कछ होना नह ह क व लौटगी सच म वापस य क सच म लौटन क बात नह ह िसफ क पना म हम चल गए ह और क पना इसिलए चली गई ह क वह

लोभ पर सवार हो गई ह और फर लोभ पर सवार हो रह ह--मो वग म -- फर लोभ पर सवार हो रह

ह और इसी लोभ का शोषण कर रहा ह ग ग जो ह वह लोभ का शोषण कर रहा ह इसिलए जनक धन क ति हो जाएगी व फर धम क लोभ म पड़ जाएग य क अब यह तो िमल गया अब ठ क ह अब मो भी चा हए वह लोभ का शोषण कर रहा ह ग वह कह रहा ह क हम त ह दलवा दग

जो चीज त ह चा हए और इसीिलए म कहता ह सब ग डम ात ह और खतरनाक ह ऐसा नह ह क कोई

अ छा ग होता ह और कोई बरा होता ह ऐसा नह ग मा गड़बड़ ह और दसर बात बहत सी बात एकदम स इस खयाल म न आन क बड़ म कल हो जाती ह अब जस क कोई

भी एक ट नीक ह कोई भी ट नीक ह करग या ट नीक म मन कछ करगा कछ भी कर अगर राम-

राम राम-राम राम-राम राम-रामवह िसखात ह क इसको जपो अ लाह वाला ह तो अ लाह और

जीसस वाला ह तो जीसस इसक कोई फकर नह करत जो त हारा नाम ह वह जपो उसको जोर स जपत

रहो जपत रहो इस पर जपन क या म कसी भी एक श द पर अगर आदमी का मन ठहरा िलया जाए तो म छत हो जाता ह ह नोिसस क तरक ब ह इतनी ह कल जमा तो इसस आप अपन पर नह आत ह

कलक ा तो चला जाता ह आप अपन पर नह लौटत आप म छा म चल जात ह यानी व न स िन ा म

चल जात ह आप व न स जागरण म नह आत य क कोई भी पन अब व बड़ उलट बात कर रह

थकोई भी पन डल करती ह दमाग को और इसिलए हम सबका दमाग धीर-धीर डल होता जाता ह य क हम चौबीस घट पन करनी पड़ती ह--रोज वह रोज वह रोज वह उसस डलनस आती चली

जाती ह और जो ताजगी ह म त क क वह ख म होन लगती ह य क सब ट न हो जाता ह इसिलए नय का हम इतना आनद होता ह आप अगर अहमदाबाद स ऊब गए ह तो पहलगाव अ छा लगता ह

उसक अ छ लगन का कारण पहलगाव कम ह अहमदाबाद न डलनस पदा कर द रपीट शन रोज-रोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 39

वह उसस आप ऊब गए ल कन यहा जो रह रहा ह उसको पहलगाव म कोई आनद नह आ रहा वह सोच

रहा ह क कब अहमदाबाद दख ल बबई दख ल पना दख ल और जस दन दखगा इतना ह आन दत होगा

जतना आप हए ह य क उसक यह ट न हो गई थी उसको यह डल हो गया था अब इसम कछ दखन क

बात न थी सब वह था--रोज वह सरज था रोज वह चाद था रोज वह पहाड़ थ रोज वह दर त थ

आपन भी पहल दन जस दर त दख ह ग आज नह दख ह ग वह बात गई अब वह रपीट शन हो गया माइड डल हो जाता ह फर रपीट शन स ऐसा भी हो सकता ह क इस पहाड़ पर रहन वाला आदमी अब पहाड़ को दखता ह न हो यह कोई क ठन बात नह ह आप भी यहा रह जाएग चार-छह मह न तो पहाड़ फर नह दखाई

पड़गा और न पौध दखाई पड़ग माइड डल हो जाएगा रपीट हो गई बात नय क ित माइड जगता ह और परान क ित डल हो जाता ह फर हम जो भी करत ह वह सभी तो रपीट शन हो जाता ह सभी रपीट शन हो जाता ह कछ भी करग तो रपीट करग रपीट शन म वह सब

डलनस आ जाएगी और मज क बात यह ह क अगर हम कछ न कर िसफ ह तो च क वहा हम कछ करत ह नह इसिलए

रपीट करन का ह नह उठता वह अन रपीटबल ए सपी रएस ह य क हम कछ करत ह नह जसको

हम रपीट कर सक कछ करत तो रपीट हो सकता था हम कछ करत ह नह हम िसफ होत ह तो एक

रजवायर हो जाता ह माइड का कह नह जा रहा बाहर जस कोई झरना कह नह जा रहा ठहर गया चार

तरफ बाध ह झरना एक झील बन गया कह जा नह रहा कह जान क कोई बात ह नह शात झील ह एक लहर भी नह ह तो सार श सार ताजगी सारा यवापन उस थित म पदा हो जाएगा वह यवापन वह श वह डायनिमक फोस एट करगी बहत कछ ल कन तब आप आकपाइड नह ह ग वह एट

करगी वह उसका आटोम टक ह जस व स फल आ रहा ह ऐसा आपस भी चीज आएगी ल कन आप फर

उनको कर नह रह ह व हो रह ह और जब हो रह ह तब आपक मन का बोझ गया तब आपक मन पर

कोई बोझ नह ह कोई भार नह ह ऐसी थित म जो अनभव होगा वह अनभव तो म का ह िनभार होन का ह ल कन चाह तो इस तरह क शाित क झठ अनभव पदा कर सकत ह और मन क सबस बड़ ताकत यह ह क

वह झठ अनभव ोज ट कर सकता ह कोई भी अनभव वह चाह तो ोज ट कर सकता ह कदारनाथ हमालय म थ कोई तीस वष तक और तीस वष म उनको प का अनभव हो गया क भगवान क

दशन हो गए ह भगवान रोज दखाई पड़न लग बातचीत होन लगी सब दशन हो गया शक का कोई उपाय

भी न था जब सामन ह भगवान दखत ह तो अब और या सदह करना बात होती हो चीत होती हो और

अकल थ फर वहा स लौट लौट कर उ ह एक नीच आकर य क जो भगवान उ ह दखत थ उनक

पड़ोसी को तो नह दखत थ तो उ ह एक शक पकड़ा क कह यह मरा इ यजन ह तो नह ह िसफ यह जो म

दख रहा ह तीस साल िनरतर भख- यास इसी-इसी क धारणा करन स कह दखाई तो नह पड़न लगा तो उ ह न कहा क वह जो अ यास करता रहा ह उस छोड कछ दन क िलए और फर भी अगर य दखाई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 40

पड़त रह तो समझगा क अ यासज य नह ह सच म ह ल कन अ यास गया क भगवान गए वह तो अ यासज य ह एक सफ फक र को मर पास लाया गया तो वह सबम भगवान दखाई पड़त ह उस--पौध म प थर म--सबम

भगवान दखाई पड़त ह चलता भी ह रा त पर तो सब तरफ भगवान को ह दखता हआ बड़ा आन दत मर

पास उस कछ मसलमान लकर आए उ ह न कहा क य बहत अदभत फक र ह सब तरफ भगवान ह भगवान कण-कण म वह दखाई पड़त ह मन उनको कहा क य आपको अचानक दखाई पड़ या आपन कोई इतजाम और योजना क थी उ ह न कहा क अचानक तो कछ भी नह हो सकता और अचानक का भरोसा भी नह कया जा सकता जसा

अभी महश जी न कहा अचानक का भरोसा भी नह कया जा सकता तो यव था क मन साधना क एक-

एक चीज म भगवान दखना श कया फल दख तो म कह भगवान ह ल कन वह तीस साल पहल क बात ह

फर िनरतर अ यास करत-करत करत-करत दखाई पड़न लगा अब तो भगवान मझ सब जगह दखाई पड़ता ह तो मन उनस कहा क आप तीन दन मर पास क जाए और अ यास बद कर द उ ह न कहा अ यास म कस बद कर सकता ह मन कहा अब भी आप अ यास बद नह कर सकत जब क भगवान दखाई पड़न लगा सब तरफ तो अब

भी आपक अ यास पर ह िनभर ह उसका दखाई पड़ना यानी अभी भी वह दखाई नह पड़ा ह मटल ोज शन ह हा ोज शन ह तो उ ह न कहा क नह -नह ऐसा नह मझ तो दखाई पड़न लगा ह तो मन कहा तीन दन क जाए तो व तीन दन मर पास क गए शायद दसर दन क रात को ह कोई दो बज रात उ ह न रोना श कया तो

म उठ कर गया मन कहा या हआ व तो बहत िच लान लग क मरा सब बबाद कर दया सब मरा न हो गया और म कस आदमी क पास आ

गया कन कम क फल क वजह स म आपक पास आया मरा तो सब खो गया कोई डढ़ दन स अ यास नह

कया तो मझ कछ नह दखाई पड़ता फल फल दखाई पड़ता ह प ा प ा दखाई पड़ता ह मरा सब अनभव

न हो गया मन उनको कहा क जो अनभव तीस साल साधन स दखा और डढ़ दन न साधन स खो जाए उस अनभव का

मतलब समझत ह वह आपका ोज शन ह जसको कासटटली ोज ट करत रहो तो ह खड़ा रह सकता ह नह तो खड़ा नह रह सकता आपन जस क हम फ म ोज ट कर रह ह तो वहा पद पर कछ ह तो ह नह वह हम ोज ट कर रह ह तो ह और एक सकड को यहा ोज शन का बद कया काम क वहा फ म नदारद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 41

हई वहा पदा खाली हो गया जस पद पर हम कछ चीज दख सकत ह वस ह मन क पद पर ोज ट कर

सकत ह ल कन जब तक वह जार रहगा तब तक व दखाई पड़ती रहगी अब मरा कहना यह ह क वह दखाई पड़ना चा हए जो हमार अ यास पर िनभर न हो इसिलए म िस टम का

वरोधी ह य क िस टम हमार होगी ट नीक हमारा होगा वह महश जी न जो कहा उ ह न ठ क कहा क यह यादा सफर ह सर त ह यव थत ह सब ग णत

का हसाब ह इसको ऐसा करोग तो ऐसा होगा और यह बलकल ठ क कह रह ह व ऐसा करोग तो ऐसा होगा ल कन वह जो होगा वह इस करन पर िनभर ह वह इसक बाइ- ोड ट ह वह ऐसा कर रह ह इसीिलए हो रहा ह यानी यह ऐसा ह जस क मन शराब पी और मझ बड़-बड़ फल दखाई पड़न लग और मन आपस कहा क

आप भी शराब पीओ तो आपको भी बड़-बड़ फल दखाई पड़ग अगर न दखाई पड़ तो मझस आप कहना आपन

भी शराब पी ह और आपको भी बड़ फल दखाई पड़ और आपन कहा क बलकल ठ क कहत थ फल बड़

दखाई पड़त ह फल बड़ ह शराब न अगर फल बड़ दखा दए तो फल बड़ नह होत शराब िसफ आपक टट ऑफ माइड को ह नो टक

कर दती ह कछ और नह होता सवाल यह नह ह क हम या दख ल सवाल यह ह क या ह यह सवाल

नह ह क हम या रयलाइज कर ल सवाल यह ह क हाट इज़ ह या असल म हम कछ नह

रयलाइज करना ह हम कछ ोज ट नह करना हम कोई प का लकर नह जात क हमको यह दखना ह यह अनभव करना ह यह तीित करनी ह प का करक जाएग तो सब हो जाएगा य क माइड का जाल

इतना अदभत ह खल इतना अदभत ह क माइड सब चीज दखला दता ह जो आप दखना चाह इसम कोई

क ठनाई नह ह तो वह जो दो-तीन उनक म हलाए कह रह थी क हमको तो हो रहा ह व ठ क कह रह ह व समझत नह इ यजन ह ऐसा व समझत नह नह व समझ कस सकत ह व समझ ह नह सकत न व समझ इसिलए नह सकत और डर ह समझन

म वह जो भय ह वह भय यह ह क अगर यह समझा क इ यजन ह तो गया यह अभी हाथ स सब और

अभी चला जाएगा उनम स आध का तो आपको खयाल म नह ह वह आध का गया आज ह रात म कल हो

जाएगा उनका सोना य क वह एक दफ खयाल भर आ जाए-- क कह यह इ यजन तो नह ह यह म नह

कह रहा क ह ह म इतना ह खयाल दला द क कह इ यजन तो नह ह और इतना खयाल आपको पकड़

जाए इ यजन कल सबह ह नह आएगा य क वह सदह जो पड़ गया वह इ यजन को काट दता ह फौरन

वह कल सबह ह द कत पड़ जाएगी गया वह य क एक दफा डाउट आ जाए क यह जो म दख रहा ह ह

भी बस

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 42

वह तो अनडाउ टग माइड ह इ यजन एट कर सकता ह जो शक करता ह नह कभी सदह करता ह नह वह इ यजन एट कर सकता ह फर य जो य इ यजन इनक ए सपी रएस सब फा स हो सकत ह अगर मटली ोज टड ह जस क वहा अमर का म और ास म कव का एक मत चलता ह च वचारक था--कव तो वह कहता ह जो

सोचो वह हो जाओ वह कहता ह क अगर तम बीमार हो तो तम सोचो क म व थ ह म व थ ह म

व थ ह तो तम व थ हो जाओग और बड़ मज क बात यह ह क बीमार नह िमटती ह और आदमी व थ

अनभव करन लगता ह यानी जो आदमी कल चल नह सकता था सड़क पर वह चलन लगगा जो आदमी कल

ब तर नह छोड़ सकता था ब तर छोड़ दगा ताकत आती हई मालम पड़गी वह बीमार अपनी जगह खड़

ह बीमार कह गई नह बीमार अपनी जगह खड़ रहगी और यह आदमी अगर खाट पर ह पड़ा रहता तो शायद बीमार िमटा सकता था कसी वा त वक इलाज स अब यह बीमार का इलाज भी नह करगा य क

एक इ यजन म अब खड़ा हो गया क म व थ ह कौन कहता ह क म बीमार ह कव कहता ह कोई तमस

कह क बीमार हो तो मानो ह मत इनकार कर दो उसक बात को य क तमन माना क तम बीमार हो जाओग ज र ऐसी बीमा रया ह क मानन स हो सकती ह ल कन व झठ ह और ऐसा वा य भी ह जो मानन स हो

सकता ह वह झठा ह और असली और नकली वा य म फक करना बड़ा म कल ह क आप मान बठ ह

क आप सच म व थ ह तो मरा कहना ह फक एक ह नकली वा य को आपको मान-मान कर पदा करना पड़ता ह असली वा य

को आपको मान-मान कर पदा नह करना पड़ता आप न मानो तो भी वह ह असली वा य जो ह वह ह आपको मानना नह पड़ता नकली वा य को मान-मान कर पदा करना पड़ता ह तो शाित भी पदा क जा सकती ह जो नकली ह वा य भी पदा कया जा सकता ह जो नकली ह काश भी

पदा कया जा सकता ह भगवान भी पदा कए जा सकत ह जो नकली ह और नकली का पदा करना सरल ह

एकदम य क माइड उसक िलए एकदम राजी हो जाता ह वह माइड क िलए बड़ा सरल ह असली को जानना

क ठन ह य क उसक जानन क िलए माइड को वदा करन क ज रत ह और माइड हमशा िस यो रट

मागता ह वह अगर इस कमर म भी रात सोएगा तो वह पता लगा लगा क सब ताल दरवाज बद ह कोई

खतरा तो नह ह वह अगर कोई कताब भी पढ़गा तो पहल प का पता लगा लगा क कताब अ छ ह कोई

खराब बात तो इसम नह िलखी हई ह वह अगर कसी ग को पकड़गा तो पहल पचास लोग स पछ लगा क

भई यह ग ठ क ह कसी को पहचाया ह इसन तो फर म भी इसक पीछ जाऊ माइड जो ह वह िस यो रट

मागता ह य क वह डरता ह कह मर न जाए और मजा यह ह क अगर आप उसको िस यो रट दत चल

जात ह सब तरह क तो वह मजबत होता चला जाता ह सर त होता चला जाता ह स यासी का मतलब ह जो कहता ह हम कोई िस यो रट नह मागत हम इनिस यो रट म जीत ह हम

नह कहत क कल कछ िमलगा क नह िमलगा कल सबह दखग यह आदमी बरा ह या भला हम य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 43

सोच बहत स बहत यह होगा क रात ब तर ल जाएगा उठा कर तो ल जाएगा यह म काह क िलए िनणय

क क यह आदमी कसा ह हम कछ सोचत ह नह हम जीत ह चपचाप एक-एक ण म इतनी

इनिस यो रट म जो जीता ह उसक ह माइड म ए स लोजन हो सकता ह य क माइड फर जी नह

सकता माइड को मरना पड़गा माइड को चा हए थी स यव था वह यव था खतम हो गई वह कहता था खीस म पस लकर चलो वह कहता था बक म इतजाम रखो वह कहता था भगवान क पास भी प य क

यव था रखो सब हसाब करक रखो ता क कछ गड़बड़ न हो जाए और जतना यादा हसाब उतनी मत

चीज उपल ध होती ह व जो कह रह थ न क इतनी स ट इतनीतो बहत लबा हो गया था कछ बात करन का मतलब न था वह

जतनी िस यो रट जतनी स ट उतना डड आदमी और जतनी इनिस यो रट जतनी जो खम जतनी र क उतना िल वग आदमी और मजा यह ह क भगवान क मामल म भी जो खम लन क तयार न

हो वहा भी हम प का ह करक चल सब तो फर फर बहत म कल होगी भगवान का मतलब ह यह ह वह जो अननोन हम चार तरफ स घर हए ह उसम तो हम कद पड़ना पड़गा कनार को छोड़ कर कनारा िस योर था बलकल वहा कोई खतरा न था डबन का कोई डर न था कनार पर कनारा बहत सर त ह और कनार पर जो खड़ा ह वह जदगी भर खड़ा रह सकता ह ल कन सागर का अनभव तो उसी को िमलता ह जो कद जाए कनार स खतरा ह वहा खतरा ह इसिलए जदगी ह वहा और

हमारा मन च क िनरतर यह माग करता ह क सब यव थत िस टम टक होना चा हए और बड़ मज क बात यह ह क जदगी बलकल िस टम टक नह ह जदगी बहत अना कक ह और अना कक ह इसीिलए िल वग ह आप फक कर ल एक प थर बहत िस टम टक ह एक फल उतना िस टम टक नह ह फल म जदगी ह

प थर कल भी वह था आज भी वह ह परस भी वह होगा और फल सबह वहा था साझ नह ह उसका

कोई भरोसा नह ह अभी ह जोर क हवा चलगी िगर जाएगा अभी ह सरज िनकलगा क हला जाएगा

अभी ह वषा आएगी िमट जाएगा प थर वह होगा प थर बहत िस टम टक ह कहना चा हए प थर

बहत किस टट ह जसा ह वसा ह सदा वह बठा हआ ह ल कन प थर डड ह इसी अथ म और फल म एक

िल वग वािलट ह तो मरा कहना यह ह क जस य को जतन गहर स य क तरफ जाना हो उतन सर ा क इतजाम छोड़

कर जाना चा हए उस जान लना चा हए क खतर म म जाता ह सर त तो जदगी यह ह वहा तो खतरा ह

ल कन जो परम खतर म उतरन क तयार करता ह यह खतर म उतरन क तयार ह उसक भीतर

ासफामशन बन जाती ह य क इस खतर म जाना बदल जाना ह सब यव था छोड़ कर सब सर ा छोड़

कर जो उतर जाता ह अनजान म यह उतरन क तयार ह यह करज ह उसक भीतर यटशन बनता ह उसक भीतर प रवतन हो जाता ह और जतनी बड़ असर ा म जान को हम तयार ह उतन ह हम व ततः

सर त हो जात ह य क फर कोई भय न रहा फर कोई डर न रहा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 44

यह जो सारा हम लगता ह न नाप-जोख कर चलना एक-एक इच उ ह सब नाप-जोख वाल न तो वग-नरक

क न श बना दए ह योजन क दर बता द ह क इतनी दर फलानी जगह ता क प का रह कोई चीज

अनजानी न रह जाए ल कन कछ ह जो अनजाना ह िनरतर और वह परमा मा ह वह जीवन ह जो अनजाना

ह जो मत ह वह कल उसक बाबत हम सर त हो सकत ह जो जी वत ह वह कल कसा होगा कछ भी कहना म कल ह जीवत क साथ बड़ क ठनाई ह और हम सब यव था जमा कर उसको मार लत ह और मज क बात यह ह क जब भी िस टम बनाई जाए तो वह झठ हो जाती ह झठ इसिलए हो जाती ह क

उसम क ा ड शस बदा त नह कए जा सकत ह तो उसम क ा ड शस अलग कर दन पड़त ह यानी वह ऐसा

ह जस कोई पटर एक िच बनाए तो वह काला रग भी लाता ह सफद रग भी लाता ह और सफद और काल

को लाकर िच बना दता ह ल कन वह क ा ड शन ह फर एक पटर आए वह कह भई इसम बहत

क ा ड शन ह कह सफद कह काला यह कछ भरोस क बात नह मालम पड़ती या तो काला ह काला हो

तो साफ मालम होता ह या ह या सफद ह सफद हो तो मालम होता ह या ह तो वह एक सफद प टग बना

द एक काली प टग बना द व दो चीज हो ग ल कन दोन म कोई प टग नह ह व दोन बलकल ह साफ-

सथर हो ग वरोधी ह ह नह उनम कोई जदगी पर वरोध स िमल कर बनी ह सब चीज म वरोध ह इसिलए जो पर जदगी को समझन जाएगा वह

सब तरह क वरोध को वीकार करगा क व ह व दोन ह वहा और दोन ह और दोन एक क ह प ह ऐसा अगर कोई कहगा तो क ा ड मालम पड़गा क यह तो बड़ उलट बात हो रह ह जस क समझ ल क म कहता ह क उस पान क िलए कछ भी नह करना ह ल कन जो कछ भी नह कर रह ह

व उस पा लग यह म नह कहता अब यह क ा ड शन मालम होता ह न यानी म यह कहता ह क उस पान क

िलए कछ भी करना नह ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क जो कछ भी नह कर रह ह व उस पा लग अब

यह बलकल क ा ड बात ह ल कन अगर मर बात समझ म आए तो समझ म आ जाएगी जब म कहता ह नॉट डइग एनीिथग तो इसका मतलब यह नह ह क डइग निथग नॉट डइग एनीिथग इसका यह मतलब नह ह क डइग निथग फर तो कोई भी आदमी जो कछ भी नह कर रह ह सड़क पर चल

रह ह उनको िमल जाना चा हए यह म नह कह रहा ह सड़क पर चलन वाला भी कछ कर रहा ह जसको हम

कहत ह कछ नह कर रहा ह वह भी कछ कर रहा ह म दर म बठा आदमी भी कछ कर रहा ह स यासी भी

कछ कर रहा ह सच म ऐसी दशा म कोई भी नह खड़ा हो रहा ह जब कोई कछ भी नह कर रहा ह कोई खड़ा

हो जाए तो पा ल ल कन यह न करना जसा मन कहा क बहत क ठन ह क ठन इसिलए नह क ठन ह क कोई ट नीक स

सरल हो जाएगा यह क ठन इसिलए ह क हमार करन क आदत मजबत ह और ट नीक इस सरल नह

बनाएगा इस होन ह नह दगा य क ट नीक फर करन क आदत को मजबत कर दगा यह जो मामला ह

सारा यानी म जो कह रहा ह क यह जो न करना हजस उ ह न कहा क न करन को हम ट नीक क ारा

करग तो सरल हो जाएगा य क क ठन ह क ठन म इसिलए नह कह रहा ह क वह सरल हो सकता ह क ठन म इसिलए कह रहा ह क हमार मन क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 45

आदत करन क ह न करन क उसक आदत नह ह और ट नीक भी करना ह मन उसक िलए राजी हो

जाएगा क चलो करत ह ल कन कर कोई कतना ह करन स न करन पर कस पहच सकता ह डइग नॉन-

डइग कस बन सकती ह वह तो कसी न कसी ण उस जानना पड़गा क डइग स नह होता और डइग छट

जाएगी तो नॉन-डइग शष रह जाएगी यह जो बहत सार क ठनाई न करन म ठहरन क ह तो कोई भी करना पकड़ा दया जाए आपको क राम-राम

ज पए तो आप ठहर सकत ह फर कोई क ठनाई न रह ल कन वह बात ह ख म हो गई वह बात ह ख म

हो गई वह न करन म ठहरना था फर कई दफा हमको बड़ जसा उ ह न कहा क कोई सपना गहरा कोई

उथला यह सवाल ह नह ह जस कोई आदमी कह एक आदमी न दो पस क चोर क और एक आदमी न दो

लाख क चोर क तो एक क चोर छोट और एक क चोर बड़ अगर कोई ठ क स समझगा तो चोर छोट -

बड़ हो सकती ह चोर करना एक माइड क बात ह चोर वह दो पस चराता ह क दो लाख यह सवाल ह

नह ह बलकल दो पस चरान म जतना चोर होना पड़ता ह उतना ह दो लाख चरान म भी होना पड़ता ह

चोर जो आकड़ा ह वह दो पस और दो लाख का ह चोर का नह ह चोर करन वाल का जो िच ह वह बलकल

समान ह--चाह वह दो पस चराए चाह एक ककड़ चराए चाह दो करोड़ चराए कोई यह नह कह सकता ह क

दो पस चरान वाला छोटा चोर ह दो करोड़ चरान वाला बड़ा चोर ह बड़ और छोट चोर होत ह कह चोर होत ह छोट और बड़ अवसर होत ह चोर छोटा-बड़ा नह होता एक को दो पस चरान का अवसर िमला ह एक को दो करोड़ चरान का अवसर िमला ह चोर का माइड ह एक चोर छोट -बड़ नह होती एक आदमी सपना दख रहा ह साधारण सा हलका-फलका एक आदमी बहत गहरा सपना दख रहा ह य जो

फक ह य फक इसी तरह क ह जस दो पस क चोर क और लाख क चोर क सपना सपना ह नीद नीद ह उसका टटना टटना ह इन दोन क बीच म सच म ह कोई सीढ़ नह ह सोया हआ आदमी सोया हआ आदमी

ह जागा हआ जागा हआ आदमी ह इन दोन क बीच कोई गप नह ह और जसम सी ढ़या पार करनी ह क

यह आदमी थोड़ा जग गया ह यह आदमी थोड़ा और जग गया ह यह आदमी थोड़ा और जग गया ह ऐसा नह ह जाग जो ह उसक वा टट नह ह क छोट -बड़ हो सक जाग आप ब तर पर पड़ ह बाहर का

आदमी कह सकता ह क यह आदमी थोड़ा सा जग गया करवट बदलता ह आख खोल कर दखता ह ल कन

आप पर जग गए ह पड़ रह यह दसर बात ह जाग ऐसी नह ह क थोड़ स जग गए ह आप जग गए ह ल कन आदमी को एकदम स यह बात क ठन मालम पड़ती ह तो उस ट स चा हए वह कहता ह सी ढ़या बता द जए तो पहली सीढ़ दसर सीढ़ तीसर सीढ़ ऐसी सी ढ़या बताइए य क हमार साम य कम

ह हम पर सी ढ़य पर नह जात हम एक पर जाएग तो आदमी क यह माग जो ह यह सी ढ़या पदा करवा दती ह और सी ढ़या पदा करन वाल ह जो जरा ह

समझ का उपयोग कर सकत ह व पचास सी ढ़या बना द और तब व सबको ति द दत ह-- क आप पहली

सीढ़ पर वह दसर सीढ़ पर वह तीसर सीढ़ पर सबको ति भी िमल रह ह ल कन जहा सी ढ़या होती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 46

नह ह वहा कहा पहली सीढ़ कहा दसर सीढ़ कहा तीसर सीढ़ अब मर म अनभित सी ढ़या चढ़न जसी नह ह अनभित छत स कदन जसी ह उसम कोई सी ढ़या होती

ह नह कदा आदमी बस ल कन हमारा मन चढ़ना चाहता ह यह भी यान रखना चा हए अहकार चढ़न म

रस लता ह उतरन म रस नह लता अहकार कहता ह चढ़ाओ कह ऊपर--और एक सीढ़ और एक सीढ़ और एक सीढ़ व सी ढ़या कसी भी चीज क ह अहकार कहता ह ऊपर चढ़ाओ और इसिलए अहकार माग

पकड़ता पथ पकड़ता ट नीक पकड़ता ग पकड़ता शा पकड़ता सब पकड़ता और धम कहता ह कद जाओ चढ़न का यहा कहा उपाय ह यहा तो बलकल उतर जाओ आ खर जहा उतर सकत हो और

उतरना भी हो सकता था अगर सी ढ़या होती उतरना ह नह य क सी ढ़या ह नह कद ह सकत हो छलाग लगा सकत हो यह जो छलाग लगान क हमार ह मत नह जटती ह तो हम कहत ह भई यह यादा हो जाता ह तो थोड़ा

िस पल करो सरल करो कोई ट नीक कोई यव था कोई विध जसम हम टकड़-टकड़ म पा ल एक

खड पहल पा ल फर एक खड फर पा लग इ टालमट म पा ल वह हमारा खयाल होता ह वह इ टालमट म

िमलता नह और हर आदमी खोज रहा ह--शाित खोज रहा ह सख खोज रहा ह आनद खोज रहा ह तो कसी आदमी को

कहो खोजो मत तो वह कहता ह मर गए य क जहा वह खड़ा ह वहा तो दख ह दख मालम पड़ रहा ह

उस उस लगता ह क अगर न खोज तो फर गया य क जो म ह वहा तो दख िचता क िसवाय कछ भी

नह ह और आप कहत हो मत खोजो तो फर म गया फर या होगा ल कन उस पता ह नह ह क न खोजन क िच -दशा या ह न खोजन क िच -दशा उसन कभी जानी ह

नह वह सदा ह खोजता रहा ह कभी खलौन खोजता था कभी पद वया खोजता था कभी मो खोजता

था छोटा सा ब चा खोजना श कर दता ह मरता ब ढा तक खोजता रहता ह एक ण को पता नह चलता

उस क न खोजना या ह नो-सी कग या ह और तब वह कहता ह अगर नह खोजगा तो गए तो हम खोज

तो रह ह नह थ पहल स मर पास कोई आता ह वह कहता ह हम आपक पास इसीिलए तो आए क आप हम खोज पर लगा द खोज

तो हम पहल स ह नह रह थ अगर िमलना होता तो तभी िमल जाता मन कहा तम खोज तो नह रह थ ल कन कछ और खोज रह थ यह नह खोज रह थ न-खोज न थी वह यह न-खोज बात ह अलग ह और जस ह न-खोज म कोई ठहर जाए ए स लोजन हो जाता ह वह जो उ ह न पीछ कहा क उनका कोई ग नह ह यह बात ठ क ह मरा कोई ग नह ह ल कन इस वजह

स म ग को इनकार नह कर रहा ह और न इस वजह स इनकार कर रहा ह क च क म नह बता सकता क

िस टम या ह इसिलए भी इनकार नह कर रहा ह िस टम बनान स आसान कोई चीज ह दिनया म आदमी थोड़ा सोच- वचार जानता हो िस टम बनान म या तकलीफ ह बहत सरल सी बात ह यव था बना

लना तो बड़ बात तो अ यव था म उतरना ह यव था बनाना तो बड़ ह सरल बात ह अ यव था म उतरना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 47

अनाक म उतरना ह बड़ बात ह और उतन रवो यशन का खयाल नह होता अब व जतन लोग थ उन सबको जो क ठनाई हो रह ह वह क ठनाई बहत गहर ह वह क ठनाई यह नह

ह व सब डफस म लग हए ह वह सारा जो परा व ह व एकदम डफस म लग हए ह य क गए अगर

यह बात ठ क ह तो यह ग और यह साधना और यह जो चल रहा ह यह सब गया तो व डफस म लग हए ह

पर व क नह यह बात ठ क नह हो सकती यह हम मान नह सकत इसको हम कस मान सकत ह समझन का सवाल नह ह यह डफस चल रहा ह पर व माइड म समझन का सवाल हो तो एकदम स बात

दखाई पड़ जाए और इसिलए मर बात थोड़ क ठन तो ह थोड़ क ठन इसीिलए ह क हमारा माइड जो चाहता

ह वह म नह द रहा ह और वह म द नह सकता य क उस दना माइड को प रप करना ह उस मजबत

करना ह और वह टटना चा हए मजबत होना नह चा हए ओशो वह डइग और अनडइग यह जो आप बात कर रह ह और या और अ या म आप और जसा ह ल और

ए सल इन तीन म भीतर स और बाहर स ऐसा लगता ह क जो नॉन-डइग ह तो बाहर स कछ नह ह ल कन सचमच तो आप ऐसा बोल रह ह क बाहर स म समम या होगी और भीतर स बाहर क या का कोई सबध ह नह ह सबध ह नह ह हा सबध ह नह ह ओशो ल कन समझन म जब आप नॉन-डइग बोलत ह तो खयाल ऐसा आ जाता ह क नॉन-डइग का मतलब नॉन-

डइग इ शन ऐसा एट हो रहा ह हा समझा म बलकल गलत हो जाता ह असल म जो य भीतर जतना डइग म उलझा हआ ह बाहर क उसक डइग उतनी ह कमजोर होगी य क उसक श तो बट रह ह इस धध म भीतर यह जो दमाग

म चल रहा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 48

ओशो

डइग कमजोर होगी क जो मानन क ह ल कन जस ह ल ह ह ल तो बाहर का फरता ह रहगा हा-हा वह तो फरता ह रहगा और तजी स फरगा म समम फरगा परा म समम फरगा य क

जतना ह आप भीतर नॉन-डइग म उतर गए उतना ह आपक चार तरफ डइग का बहत ती भाव होगा और

तब आपक िलए डइग एक जसको हम कह ए स शन होगा एक पागल नीड नह होगी आपक डइग आपक भीतर जो हआ ह उसको एट करन बाटन का ए स शन होगा बहत प म होगा वसा आदमी

चौबीस घट स य होगा ल कन भीतर बलकल िन य होगा भीतर कछ भी नह होगा ओशो ल कन जब आप नॉन-डइग बोलत ह तब लोग का खयाल हो जाता ह क नॉन-डइग म सपन जो दखता ह क

या और नो- या ऐसा ह जरा इ शन हो जाता ह कई दफा हो जाता ह कई दफा खयाल हो जाता ह कई दफा खयाल हो जाता ह बाहर क डइग स कोई वा ता ह नह ह और मजा यह ह क कई लोग बाहर क डइग छोड़ कर भाग जात ह और भीतर क डइग जार रखत

ह ल कन बाहर तो कोई स यासी हो जाता ह दकान छोड़ कर ल कन भीतर का काम जार रखता ह वह जार

रहता ह पर व क ठन ह ल कन एक दफा खयाल म आ जाए ओशो बी टल का या खयाल ह जीसस का जीसस का खयाल बलकल वह ह जो म कह रहा ह जीसस यह कह रह ह क बी टल बी टल का असल म

जो मतलब ह वह यह ह क कोिशश मत करो टल होन क ज ट बी टल हा अगर टल होन क कोिशश करो तकनीक लगाओ और साधन ोसस लाओ तब अभी तो टल नह

हो अभी शात नह हो तो शात कस हो जाओग तो शात होन क िलए कछ करो और करक तम शात हो

जाओग और मजा यह ह क हम अशात इसिलए ह क हम कछ कर रह ह यह जो ॉ लम ह इसिलए ह जीसस जो कहत ह बी टल व कहत ह क बहत म कल मामला ह महश जी तो बलकल नह समझ वह

तो इस ज द म बात क ह क कसी तरह म उनको समझा द क दोन एक बात ह कसी तरह म बता द क य

दोन बात एक ह ह उस कोिशश म पर व उनका मन लगा हआ था और उनक -हमार बात का तालमल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 49

कहा कोई भी तालमल नह ह यानी इसस यादा उलट बात ह नह हो सकती और म यह नह कह रहा ह

क उनको वह पहच जाए जो म कह रहा ह मगर वह एक तो सब मन म भरा होता ह परा का परा तयार ह और उसस अ यथा को तो बहत क ठनाई ह और फर िश य क सामन तो और भी बहत क ठनाई ह छोटा मामला नह ह यह जो बड़ा मकान बना कर

आदमी खड़ा होता ह न तो सब िगर जाएगा क आप जाकर कहत ह क मकान ह ह नह तो मानन का सवाल

ह नह ह समझ तो भी समझना भी म कल मामला ह और श द म ऐसा मजा ह क जतनी गहर बात हो उतना ह श द म कहना म कल हो जाता ह और जस ह कहत ह वस ह श द क ा ड हो जाता ह अब

जस बी टल ह अब इसका मतलब कल इतना ह ह जीसस क जीवन म एक उ लख ह व एक नाव पर ह गलीली नाम क झील म और कछ िम साथ ह गलीली क झील म नाव पर व सो गए ह झील म तफान आ गया ह बहत जोर स सार नाव डबन क कर ब होन लगी ह

िम न उ ह जगाया क या सो रह ह हम मर जात ह तो उ ह न कहा जाओ कह दो झील स क शात हो

जा और फर सो गए उ ह न कहा नद को कहन स तफान कोई शात हो जाएगा कह कहन स भी कोई

शात हआ ह शात करन क िलए कछ करना पड़गा जीसस स उ ह न कहा जीसस उठ ह और झील क

कनार गए हयह तो परबल हझील क कनार जाकर उ ह न कहा क शात हो जा बी टल और झील शात

हो गई व िम बड़ च कत हए उ ह न कहा यह कस हआ िसफ कहन स क शात हो जा यह तो परबल ह यानी मतलब यह ह क हम जस झील म ह जहा हमार नाव भी डगमगा रह ह डोल रह

ह वहा कछ करना नह ह ब क यह समझ लना ह क टलनस या ह तो बी टल क बात हो जाएगी

और जब भी हमन चाहा क शात कस ह तो यह नई अशाित का स पात ह और कछ भी नह ह जस कहा क

हाउ ट बी टल तो हमको एक मथड चा हए फर मथड म लग शाित आएगी अब यह अशाित का नया िसलिसला ह अशाित का मतलब या ह अशाित का मतलब ह क जहा हम ह वहा न होन का हमारा मन ह यह हमार

िच क अशाित ह यह टशन ह और बी टल का मतलब ह क जहा हो वह हो जाओ--बी हयर य आर

इतना ह मतलब ह अगर शात हो तो फर अशात होओग कस यानी मतलब यह ह क अशात होन क

तरक ब ह यह ह क जहा हो वहा मत रहो हमशा शड म जीओ क वहा होना चा हए यह होना चा हए तो

फर अशाित होगी और शड म जीओ ह मत क यह होना चा हए--जो ह ह--और चप हो जाओ तो उसी व

शात हो जाओग वह समझ म आना सच म ह क ठन ह एकदम क ठन ह ओशो ह नोिसस स जो शाित िमलती ह उसस खश हो जात ह क नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 50

कतन दन तीन मह न स यादा नह छह मह न स यादा नह छह मह न बाद उनम स एक आदमी लौटा

लाए छह मह न बाद दसर आ जाएग वह दसर बात ह छह मह न स यादा नह य क ह नो टक जो

शाित ह वह ट न हो जाती ह अगर होन लगी ह आपको तो दो मह न क बाद भाव जाता रहता ह ट न हो

गई क यथ हो जाती ह फर गया वह फर उसका कोई मतलब न रहा वह क हो गई और आपको पता हो

गया क बठ कर ऐसा राम-राम जपन स थोड़ा मन शात हो जाता ह अब वह रोज होन लगा पहल दन आता

तो अ छा लगा दसर दन कम अ छा लगा तीसर दन और कम और चौथ दन और कम प चीस दन

कोई फ म दख ल तो वह बकार हो गई ऐस ह यह भी तीन मह न बाद बकार हो जान वाला ह इसिलए होता

या ह असल म तीन मह न बाद वह खसक जाएगा फर दसरा कोई हाथ पड़ जाएगा और दिनया इतनी

बड़ ह इसिलए कह पता चल नह पाता इस बात का ठ क-ठ क क कसको हो गया वह होन का मामला नह

ह जो चला गया वह चला गया दसरा आ गया ह अब वह बात उसको होन लगी ह मरा कहना यह ह क ह नो टक ढग स पदा क गई शाित च क झठ ह इसिलए बहत ज द उसका मल मा

उतर जाता ह वह दो-तीन-चार मह न म ख म हो जाती ह उसक बाद फर आप वह क वह खड़ ह अब आप

फर नया ग खोजग तब भी आपको यह खयाल म न आएगा क ग खोजन म ह गड़बड़ ह इसको छोड़ कर

उसक पास चल इसस कछ नह थमा तब एक आ म स दसर आ म जाता ह तीसर जाता ह--एक ग दसरा ग तीसरा ग बदलता रहता ह और हर ग उसको ट नीक बता दता ह उसको लगता ह क ट नीक

ह गलत ह ल कन यह खयाल म नह आता ह क उसम कछ गड़बड़ होगी मगर यह यान म नह रहता ह कोई तरक ब होगी क उस तक पहचा जा सक अ छा हआ ग पर बातचीत अ छ हई ऐस चार-छह क म क बात क ज रत ह चार-छह दन म और

तरफ दखग एक दन म तो यह सब म कल हो जाता ह न ( का विन-म ण प नह ) सवाल यह ह क दो तरह क चीज होती ह या तो जअल ोसस होती ह कसी चीज क या ए स लोजन होता

ह ए स लोजन का मतलब ह जअल ोसस नह इवो यशन नह रवो यशन तो जअल ोसस होती ह

कसी एक चीज क और एक चीज क जअल ोसस नह होती जो चीज हमस दर ह उस तो हम जअल ह

पाना होगा ए स लोजन का मतलब ह इतना ह िसफ क कोई चीज एकदम सडनली हो और यादा स यादा जो कर सकत ह वह यह क होन क थित बन जाए तो उसक िलए म कह रहा ह क नॉन-डइग माइड चा हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 51

कोई चीज िमलगी िमलन का जो खयाल ह न वह तो हमार दख क जड़ ह--िमलगी िमलगी ( का विन-म ण प नह ) होता या ह क लोग खोलन को भी ए ट समझत ह य क श द म तोएक आदमी जो बीच म कह रह थ व ठ क कह रह थम कहता ह क म ठ खोलो मत तम जो बद करन क या कर रह हो वह मत करो तो म ठ खल जाएगी खला होना म ठ का वभाव ह और बद करना ए ट ह तम बद मत करो तो म ठ खल

जाएगी ल कन वह कहगा नह खल जाना तो एक या ह खोलग तभी खलगी न वह जो चक हो जाती ह श द म बड़ चक ह अगर समझन को तयार ह तो समझ म आ जाता ह नह तो फर कोई उपाय नह ह जीवन रह य चौथा वचन ाथना अ त म क अनभित

ओशो जीवन का अितम यय आ म-दशन आ म-बोध ह वह मा य ह आप ाथना क िलए वरोध करत ह ल कन म समझती ह क ाथना एक शभ िचतन ह और समाज म सा वकता और प व ता का असर उ प न

करन का एक साधन ह आपका दयपवक दया हआ यह या यान ाथना नह तो और या ह आप शभ

िचतन करक उसका फायदा अ य आ मा को दन का यास करत ह ह इसी अथ म ाथना शभकामनाओ का

दसरा नाम नह ह या मर म ाथना क नह जा सकती ाथना म हआ जा सकता ह आप ाथना म हो सकत ह ल कन

ाथना कर नह सकत ाथना कोई या नह म क अव था ह साधारणतः हम कहत ह म करत ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 52

यह वचन गलत ह म कया नह जा सकता म म हआ जा सकता ह आप म म हो सकत ह ल कन म

कर नह सकत म कोई या नह भाव क एक दशा ह तो मरा जो वरोध ह वह ाथना म होन स नह ाथना करन स ह मरा जो वरोध ह वह म म होन स नह म करन स ह िश ा द जाती ह--हम दसर स म कर यह बात ह गलत ह य क कया हआ म झठा

होगा च ा कया हआ म िम या होगा वचना होगा डस शन होगा जब हम म करग तो या करग हम म का दखावा करग म का दखावा म क श द या म क च ा स कया गया यवहार स य नह होगा जब हम म करन का वचार करत ह तभी प ह क हमार भीतर म नह ह म हो तो म कया नह

जाता म क एक िच -दशा ह और म वा हत होता ह ल कन साधारणतः हम ाथना करत ह यह ाथना झठ होगी इस ाथना म आप या करग भ क शसा

करग तित करग या आप सोचत ह भ कोई य ह जसक तित और शसा क जा सक या क

आप सोचत ह क भ कोई ऐसा य ह जो शसा और तित स स न होगा अगर आप ऐसा सोचत ह तो परमा मा क सबध म बड़ा िन न कोण रखत ह आप सोचत ह क आपक

तित स परमा मा स न होगा तो आपन परमा मा को कसी अहकार य क श ल म िनमाण कर िलया

ह दसर बात ह या आप सोचत ह क परमा मा कोई य ह जसस कोई बातचीत हो सक जसस हम

कछ कह सक या कछ िनवदन कर सक परमा मा कोई य नह वरन अनभित का नाम ह म क तित म अगर आप कछ कहग तो सनन वाला कोई भी नह ह म क ह चरम अनभित का नाम

परमा मा ह जब म एक य स दसर य क बीच म होता ह तब जो अनभव म आता ह वह म ह दसरा य म नह ह जो अनभित होती ह वह और जब एक य और सम त स क बीच सम त

जगत क बीच म का ऐसा ह सबध फिलत होता ह तब जो भीतर अनभित होती ह उस अनभित का नाम

परमा मा ह परमा मा य नह ह अनभित ह एक कोई व त नह ह ब क भीतर अनभव क एक दशा

ह परमा मा क तित और ाथना नह हो सकती हा आप ाथना म हो सकत ह आप म म हो सकत ह

और वह होन का माग ह क आप जस भाित श य होत जाएग उसी भाित आप ाथना म होत जाएग तो म ाथना क वरोध म नह ह ाथना करन क वरोध म ह य क क हई ाथना झठ होगी स य नह

हो सकती कया हआ म झठा होगा वह भी स य नह हो सकता ल कन हमारा सारा जीवन अस य ह हम

सार बात अस य करन लग ह हम ाथना भी अस य कर रह ह और वसी ह ाथना िसखाई जा रह ह वह

हमार कामनाओ का ह प ह हमार माग का प ह जापान म एक बौ िभ था सबस पहल उसन ह चीनी भाषा स ब क वचन जापानी भाषा म अनवाद कए

बड़ा काम था वराट सा ह य था उसको अनवा दत करना था फक र क पास िभ क पास कछ भी न था

वह गाव-गाव गया दस वष उसन िभ ा मागी तब कह दस हजार पय इक ठ हए और थ का काम श

होन क सभावना बनी ल कन जस ह दस हजार पय इक ठ हए जस म वह रहता था वहा अकाल पड़

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 53

गया अकाल पड़ गया तो उसन शा क अनवाद का काम रोक दया उसन व दस हजार पय अकाल पी ड़त

को भट कर दए फर िभ ा मागनी श क फर दस वष लग गए दस हजार पय इक ठ हए तभी एक भकप आ गया उसन व दस हजार पय उस भकप म दान कर दए फर िभ ा मागनी श क वह शा का काम फर क गया जब उसन िभ ा मागनी श क थी तब वह

चालीस वष का था जब तीसर बार िभ ा पर हई तो वह स र वष का था फर दस हजार पय इक ठ हए थ का काम श हआ मरत समय कसी न उसस पछा क या इन थ का यह पहला स करण ह

तो उसन कहा नह यह तीसरा स करण ह दो स करण पहल िनकल चक ह व लोग हरान हए उ ह न कहाउसन थ पर िलखवाया भी क तीसरा स करण थड ए डशनलोग न पछा

क यह या ह पहल दो स करण कहा ह उसन कहा एक अकाल म लग गया एक भकप म और व दो स करण इस तीसर स थ व दखाई नह

पड़त ह व दखाई नह पड़त व स करण थ व बहत डवाइन थ बहत द य थ हमको दखाई पड़गा क व स करण हए नह ल कन उस दखाई पड़ता ह जो ाथना दखाई पड़ती ह वह

असली नह ह जो बहत दय क दशाओ म उ प न होती ह वह असली ह िन त ह तीसरा स करण कोई

क मत का नह ह असली स करण व दो थ ल कन अगर यह अधा प डत होता तो वह दस हजार पय का

पहला स करण िनकालता और मानता क यह ठ क ह दसर का भी िनकालता मानता यह ठ क ह ल कन

उसक पास अत थी म था उस पता था ाथना या ह तो यह जो हम सामा यतः ाथना और पजा समझत ह इसम बड़ा धोखा ह आपका िच तो नह बदलता कछ बात आप दोहरा कर िनपट जात ह एक काम को परा कर लत ह एक ट न पर कर लत ह फर रोज-

रोज उस दोहरात रहत ह और समझत ह क ाथना कर रह ह ाथना बड़ ाित ह ाथना आमल जीवन प रवतन ह बड़ा ासफामशन ह आपका परा िच प रवितत

होगा तो आप ाथना म हो सकग और फर ऐसा मत सम झए क जो आदमी ाथना म हो गया वह ाथना

क बाहर हो सकता ह बाहर नह हो सकता य क अगर ाथना करत ह तो करग तो ाथना सबध हो

जाएगा नह करग तो ाथना क बाहर हो जाएग ल कन जो मन य ाथना म व कर जाता ह--ए शन क

तरह नह बीइग क तरह काम क तरह नह स ा क भाित--वह फर ाथना क बाहर नह हो सकता वह

चौबीस घट ाथना म जीता ह उसक यक या ाथना हो जाती ह उसका उठना बठना उसका चलना उसका बोलना सब ाथना हो जाता ह ाथना क भीतर जाकर कोई ाथना क बाहर नह आ सकता म दर क

भीतर जाकर कोई म दर क बाहर नह आ सकता अगर सह -सह म दर क भीतर गया हो य क फर वह

जहा होगा वह म दर होगा वह जो करगा वह ाथना होगी वह जो भी उसक जीवन म होगा सब ाथनापण

होगा यरफल होगा तो उसक उसी ाथना क उसी म क म बात कर रहा ह और य जो चलती हई ाथनाए ह िन त ह म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 54

उनक वरोध म ह य क म ाथना क प म ह म धम क प म ह इसिलए सार तथाकिथत धम क वरोध

म ह म चाहता ह क जगत म ाथना हो इसिलए ाथना क नाम स चलन वाल जतन थोथ बा आडबर ह चाहता ह क व न हो जाए ता क ाथना का ज म हो सक य सब कछ ाथना नह ह ाथना बड़ मर बात आप समझ ाथना बड़ आत रक मनोदशा ह और जब

वह हो तो जीवन म कोण बड़ा दसरा होगा बहत दसरा होगा और अगर वह न हो तो लोभी कामी सब

ाथना करत हए दखाई पड़ग अपन लोभ क िलए अपनी कामना क िलए इ छाओ क पित क िलए ाथना

करग क परमा मा स न हो जाए हम जो चाहत ह वह हम िमल जाए उ ह परमा मा स कोई मतलब नह

ह उनक जो माग ह उसस उ ह मतलब ह अगर वह िमल जाएगी तो व मानग क परमा मा ह अगर वह

नह िमलगी व कहग क हम परमा मा पर शक ह पता नह परमा मा ह या नह अगर दस बार मागा और

फर ाथना पर न हई तो उ ह परमा मा पर सदह हो जाएगा यानी उनक िलए परमा मा जो ह वह उन

व तओ स कम म य का ह जनको व माग रह ह मर पास लोग आत ह व कहत ह ाथना तो बड़ स य ह य क हम नौकर म नह थ हमन ाथना क

और नौकर िमल गई कोई मझस कहता ह ाथना तो बड़ स य ह हम बड़ द कत म थ ाथना क और

द कत क बाहर हो गए म उनस पछता ह या तम सोचत हो जो लोग द कत म होत ह और ाथना नह करत व कभी द कत क

बाहर नह होत या तम सोचत हो जो लोग ाथना नह करत और नौकर म नह होत या उ ह कभी

नौकर नह िमलती या तम सोचत हो क जो ना तक म क ह जहा कोई ाथना नह होती वहा सब

लोग नौकर क बाहर ह और सार लोग द कत म ह नह ल कन हम ाथना स सबध जोड़ लत ह और हमार िलए ाथना का न कोई म य ह न परमा मा का

हम तो हमार कामना पर हो जाए तो म य ह कसी को एक ब चा पदा हो जाए वह परमा मा स यादा

म यवान ह य क उसन ाथना क थी और ब चा हआ इसिलए परमा मा ह यह हमारा तक ह य हमार

सोचन क ढग ह हम चीज म यवान ह और हम उन चीज को माग कर सोचत ह क कछ होगा असल म जहा भी माग ह वहा कसी न कसी बात क होगी ऐस लोग हए ह जो कहग ाथना म व तए

मत मािगए वग मािगए मो मािगए य भी सब कामनाए ह य भी सब वासनाए ह य भी सब डजायस

ह यह बहत लोभ का गहरा अग ह एक आदमी ह जो जाकर कहता ह मझ ब चा चा हए एक स यासी कहगा

क यह या माग मागत हो अर परमा मा स मागना ह तो मागो क हम अनत आनद चा हए मर म ब च को मागन वाला कम लोभी ह अनत आनद को मागन वाला यादा लोभी ह इसक ीड इसका लोभ बहत यादा ह ल कन यह समझा रहा ह क या तम मागत हो अर मागना या बात मागत हो असल म मागना ह ता ह आप जो भी मागग मागन क व ह ता ह फर आप कछ भी माग जो भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 55

मागग वह कामना होगी कम लोभ क होगी या यादा लोभ क होगी यह सवाल नह ाथना म माग नह

होनी चा हए म मागता नह दता ह जहा म ह वहा माग नह होती वहा दान होता ह दना होता ह और

जहा म नह होता वहा माग होती ह शोषण होता ह हम कछ शोषण करना चाहत ह ाथना क नाम स

परमा मा का शोषण करना चाहत ह यह िमल जाए वह िमल जाए यह हमार इ छा ह हमार इ छाए पर

कर परमा मा हमारा सवक हो जाए हम जो चाहत ह वह हमारा काम करता रह अगर करता रह तो बहत ऊचा

परमा मा ह दयाल ह परम कपाल ह पिततपावन ह जमान भर क हम शसा क पदक उसको दग य क वह हमार काम करता रह

य सार बात ाथनाए नह ह ाथना तो िच क म क गहर दशा ह और म म को समझना होगा तभी

हम ाथना को समझ सकत ह म या ह साधारणतः हम सोचत ह जस हम म कहत ह वह म ह वह

म नह ह सामा यतः म क नाम स हम दसर य म अपन को भलान का उपाय करत ह कसी म हम

अपन को भला द भला सक--उसक स दय म उसक शर र म उसक य व म और कोई कारण म--तो

हम लगता ह क हमारा बड़ा म ह हम अपन को कसी य म भलान म जब समथ हो जात ह वह य

हम ज र हो जाता ह हम चाहत ह वह सर त रह न न हो जाए मर न जाए अगर आपका कोई मी मर जाता ह तो आपको जो दख होता ह इस खयाल ममत रहना क वह उसक मरन स

होता ह वह दख इसिलए होता ह क आप उसम अपन को भल रखत थ अब या करग अब आप कसी म

भल नह सकग अपन को अब आप घबड़ा गए आपक एक ए कप खो गई आपका एक पलायन का थल

था एक य था जसम आप अपन को डबात थ भलत थ वह न हो गया अब आप या करग मी

जो आ मघात कर लत ह िमय क मरन पर वह इसीिलए क अब उ ह जीवन म कोई अथ नह दखाई दता य क जसम भलत थ वह उनका जीवन था

यह कोई म नह ह य सब म छाए ह य सब च ाए ह अपन को कसी म भलान क और यह वजह ह क

जस य को आज आप म करत ह चार-छह मह न बाद पाएग क अब उसस आपका म नह लग रहा ह कसी और क तरफ आपक चली गई ह य क जसक आप आद हो जात ह उसम अपन को भलाना

म कल हो जाता ह अब आप दसर य को खोजत ह दसर क साथ भी यह होगा तीसर को खोजग तीसर

क साथ भी यह होगा चौथ को खोजग जस- जस को आप अपन को भलान को खोजग थोड़ दन तरक ब

काम करगी नय-नय फर वह तरक ब काम नह करगी आप आद हो जाएग आप प रिचत हो जाएग यह सब म नह ह और इस सार म म हम अिधकार करना चाहत ह उस य पर जसस हम म करत ह

सारा म पजस करना चाहता ह हम मािलक हो जाना चाहत ह उसक जसको हम म करत ह य य क

हम डर ह क कह वह िछटक न जाए कह वह कसी और क म क च कर म न पड़ जाए नह तो हमारा या

होगा हम या करग हम अपन म तो कोई सख नह मालम होता दसर य स मागत ह क हम सख द दो सार मी एक-दसर स

सख मागत ह मझ दखाई पड़ता ह यह ऐसा ह ह क एक दिनया हो जसम सब िभखमग ह और सब अपन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 56

िभ ापा िलए एक-दसर क सामन खड़ ह क हम कछ द दो तो दसरा भी िभखमगा ह वह भी िभ ापा िलए

खड़ा हआ ह इस जमीन पर एक मी दसर मी स मागता ह--मझ आनद द दो इसको सोचता ह नह क उसक

पास आनद अगर होता तो वह त हार पास िभ ापा लकर खद ह य आता जसक पास आनद ह वह कसी स आनद नह मागगा अगर आप कसी स भी आनद माग रह ह आपक पास आनद नह ह जसस आप माग रह ह वह भी आपस

मागन आया हआ ह दोन इस म म ह क दसर स हम िमलगा इसीिलए म म शन पदा होता ह म

म द कत पदा होती ह असफलता पदा होती ह थोड़ दन म पता लगता ह क मी हम म नह द रहा दगा

या म तो आनद का काशन ह जसक भीतर आनद होगा वह कवल म द सकता ह तो मरण रख अगर आप दसर स म मागत ह तो आप दखी ह और आप म दन म असमथ ह ग अगर आप

भीतर आन दत ह तो आप म दन म समथ हो जाएग आनद का दान म ह और दख का दान म का मागना

ह जहा माग ह वहा भीतर दख ह जहा दान ह वहा भीतर आनद ह तो जब तक आपक भीतर आनद नह ह तब तक आप म कर ह नह सकत अगर थोड़ा-बहत आनद होगा तो लोग को थोड़ा-बहत म कर पाएग

जस मा ा म आनद बढ़गा म बढ़गा जस दन आनद पण हो जाएगा उस दन म पण हो जाएगा आनद क प रपणता पर जीवन म म उ प न होता ह उसी म क प रपणता का नाम ाथना ह वह ट बी

इन यर ह वह ाथना म होना ह फर चौबीस घट जीवन स म बरसन लगता ह उठत बठत चलत चार तरफ म झलकन लगता ह भीतर आनद होता ह तो उसक योित बाहर फलती ह योित आनद क

योित का नाम म ह भीतर आनद का द या जलगा तो बाहर काश फलगा म का फर वह म कसी स

सबिधत नह होता जो म कसी स सबिधत नह उसका नाम ाथना ह जो म कसी स सबिधत हो जाए वह

म नह ह जो म कसी स सबिधत नह होता अनत क ित सव क ित वा हत होता ह वह ाथना ह वह परमा मा क ित ाथना ह परमा मा कोई य नह ह सम त सव टोटिलट यह जो सब ह यह परमा मा ह इस सबक ित--वह

जो पौधा लगा ह उसक ित चौराह पर प थर पड़ा ह उसक ित व जो आकाश म तार ह चाद ह उनक

ित य जो लोग ह पश ह प ी ह यह जो स दय ह क पता ह जो कछ भी ह--फल ह काट ह सबक

ित बना कसी कड शन क बना कसी शत क बना कसी आ ह क जो म का दान ह वह ाथना ह और

जब य व म वसी घड़ घ टत होती ह क जहा भी आपक जाए वह उसस म बरस जहा भी आपक

ाण क पत ह वह म बरस जहा भी आपक ास जाए वह सवास जाए म क जो भी आपस हो-- वचार

म कम म भाव म--वह सब मपण हो तो आप ाथना म वश कर रह ह ाथना बड़ म कल बात ह

ाथना आसान बात नह ह वह तो म का प रपण प र कत प ह तो इसको म ाथना नह कहता क आप हाथ जोड़ कसी म दर म खड़ ह तो इसको म ाथना कह द क आप

कसी मित क सामन हाथ जोड़ खड़ ह यह तो वह पराना मागना ह जो आप लोग क साथ कर रह ह एक

आदमी दसर स म माग रहा ह वह फर जरा घबड़ाता ह तो म दर म जाकर मागन लगता ह इसम कोई भद

नह ह इसम कोई फक नह ह यह तो मागना ह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 57

म दान ह तो ाथना अगर मागना ह तो समझ लना क वह ाथना नह ह ाथना भी म का अनत दान

होनी चा हए और जब वह होगी तो फर ाित घ टत होगी एक मसलमान सफ फक र औरत हई रा बया उसक धम थ म कह िलखा था क शतान को घणा करो उसन वह प काट द अब धम थ म सधार करना बड़ा पाप ह य क धम थ म कौन सशोधन कर अब आप

उठाए और गीता म सशोधन कर द कछ लक र काट द और कछ िलख द तो लोग आपको कहग आपन यह

या अनथ कर डाला एक फक र उसक घर महमान था हसन नाम का फक र था उसन करान पढ़ उसन कहा यह कसन इसम

गड़बड़ कर द यह तो थ अप व हो गया यह कसन काट दया क शतान को घणा करो रा बया न कहा मन ह काटा ह तो उसन कहा यह तमन या भल क ह रा बया न कहा क अब मर बड़ म कल हो गई ह जब स म ाथना म व हई ह अब म कसी को घणा कर

ह नह सकती अब अगर शतान मर सामन खड़ा हो जाए तो म करन को मजबर ह ई र भी खड़ा हो शतान

भी खड़ा हो--म दोन को म कर सकती ह असल म अब म पहचान ह नह पाऊगी क कौन ई र ह कौन

शतान ह य क म भद करना नह जानता तो अब म कस उसको घणा क गी य क म उसको पहचान ह नह पाऊगी क यह शतान ह य क म कोई भद नह करता घणा भद करती ह म अभद करता

ह म अ य अ त ह म ह अकला अ त ह यह जो म क अ त अनभित ह उस चरम अनभित का नाम ाथना ह म का ह प रश तम प ाथना ह

इसका ह अितम वकास ाथना ह उस ाथना को चाहता ह इसिलए य जो तथाकिथत ाथनाए ह चाहता ह

क य न ह तो शायद उस तरफ हमार उठ अगर इनस हम म हो जाए तो उस तरफ वश हो सकता ह एक और ह पछा ह ओशो ान-इ य स सा ीभाव श य ह ऐसा कम-इ य स श य ह या नह सा ीभाव का अथ य द समझ गए ह तो चाह ान-इ या ह चाह कम-इ या ह सा ीभाव सभव ह

सा ीभाव का अथ ह जो भी हो रहा ह--चाह वचार म हो रहा हो चाह कम म हो रहा हो--हम उस होत ण म

अपन भीतर यान क एक बद पर मा तट थ दशक हो सक िसकदर हद तान स वापस लौटता था वापस लौटन लगा तो उस मरण आया जब वह सीमा को छोड़न लगा

तो उस मरण आया भारत आत व यनान म उसन लोग स पछा था या- या चाहत हो जो म भारत स

लट कर लाऊ तो धन था सप थी वण थ आभषण थ हद तान क बड़ -बड़ याित क चीज थी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 58

लोग न कहा व लत आना एक पागल न यह भी कहा क हद तान स एक स यासी को लत आना स यासी

और कह होता नह यह ाणी यह पदा होता ह तो उ ह न कहा एक स यासी को भी लत आना वह भी

अजीब चीज होगी हम जरा दख या मामला या ह स यासी या ह िसकदर जब सब लट कर लौटन लगा सीमा पर था उस खयाल आया--एक चीज रह गई लोग पछग एक

स यासी को और पकड़ लाओ िसपा हय को उसन कहा क जाओ पता लगाओ आसपास कोई स यासी हो तो ल चल िसपाह गाव म गए गाव क व स पछा पता चला गाव क बाहर एक स यासी ह ल कन लोग न कहा जस तम पकड़ कर ल जा सको समझ लना वह स यासी नह ह और जो स यासी होगा उस ल जाना बड़ा

क ठन ह फर भी गाव क बाहर एक स यासी ह तम जाओ और िमल लो िसपाह गए नगी तलवार उनक

हाथ म थी एक नगा फक र वहा खड़ा हआ था नद क कनार उ ह न उसस कहा यह ह या इसक या

ताकत बाधो और ल चलो उन िसपा हय न कहा क आ ा ह महान िसकदर क क आप हमार साथ यनान

चल सप दग समादर दग स वधा दग वहा कोई क न होन दग स यासी हसन लगा उसन कहा क त ह स यािसय स बात करन का ढग मालम नह पहली तो बात जस

दन स यासी हए उसी दन स कसी क भी आ ा माननी छोड़ द नह तो स यासी का मतलब ह नह अब

हम अपनी ह आ ा मानत ह इस जगत म और कसी क भी नह दसर बात तम कहत हो क आदर दग स वधा दग जस दन स यासी हए उसका अथ यह ह क लोभन हमन छोड़ दया तम हम भा वत नह कर सकत िसपा हय न कहा तो फर मरण रखो लोभन स भा वत नह होओग तो दड स तो भा वत हो ह

जाओग स यासी हसन लगा उसन कहा त ह पता नह जो लोभन स भा वत होता ह कवल वह दड स भी भा वत होता ह दड भी लोभन का उलटा प ह

िसपाह हरान हए उ ह न कहा तो हम महान िसकदर को या कह उस स यासी न कहा क जाओ और कह दो स यासी अपनी मज स चलता ह अपनी मज स बठता ह उसक

ऊपर कोई मज नह लाद जा सकती स यासी पर कोई स ा नह चलाई जा सकती कह दना स यासी पर

स ा इसिलए नह चलाई जा सकती क स यासी व ततः जी वत ह नह ह जी वत हो तो डर दया जा सकता ह

क मार डालग तो तम जाओ यह कह दना िसकदर खद आया और उसन कहा क तम भल म हो अगर म तम और त हार पर म क स भी कह क चलो तो चलना पड़गा त हार या ह ती ह दखत हो यह तलवार गदन अलग कर द जा सकती ह स यासी हसा और उसन कहा क अगर तम गदन अलग करोग तो जस भाित तम दखोग क गदन िगर उसी भाित हम भी गदन का िगरना दखग हम भी य क न तम यह गदन हो न हम गदन ह तो तम भी

दखोग हम भी दखग तम भी सा ी बनोग हम भी सा ी बनग इस तरह क हम सा ी ह तो तम गदन काट

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 59

दो ल कन वह गदन मर नह होगी हम तो सा ी रहग पीछ दखत रहग क अब गदन काट गई अब चोट

लगी अब गदन िगर गई शर र क ित सा ी हआ जा सकता ह य क भीतर चतना पथक ह अलग ह यह हाथ म उठाता ह--इस व

एक या हो रह ह क मन हाथ उठाया तो हम कवल एक ह बात का पता ह क म हाथ क उठान का कता ह

ल कन भीतर खयाल कर जब हाथ को म उठा रहा ह तो भीतर एक चतना ह जो दख रह ह क हाथ उठ रहा ह जब रा त पर आप चल रह ह तो आपक भीतर कोई दख रहा ह क आप चल रह ह जब आप कछ भी कर रह ह

तो आपक भीतर कोई दख रहा ह क आप कछ कर रह ह चौबीस घट आपक भीतर कोई दखन वाला बद ह ल कन आपको उसका होश नह ह सा ीभाव का अथ ह उस बद का हम मशः मरण आता जाए उसक रमब रगआती जाए उसका होश

आता जाए जस-जस उसका होश हम आता जाएगा जस-जस उस बद म जागरण होता जाएगा फरणा

होती जाएगी बद टटन लगगा उसक ऊपर क आवरण हटन लगग आप पाएग क आप यक या क

सा ी ह यहा तक क िन ा क भी जब आप सो जाएग तब भी आपक भीतर एक बद अभी भी जागता रहता ह कभी आपन खयाल कया आप सोए ह आपका नाम राम ह रा त पर कोई व ण- व ण िच ला रहा ह आपको पता नह चलगा ल कन कसी न कहा--राम आप उठ कर बठ जाएग नीद म भी कोई सन रहा ह क

आपका नाम या ह दसर का नाम कोई बलाता रह आप सोए रहग आपका कोई नाम बला द आप नीद म

भी उठ आएग मा अपन ब च को लकर सोती ह--बाहर इजन चलत रह कार चलती रह ल कन ब चा जरा ह

रोया जरा ह सरका और मा उस स हाल लती ह कोई भीतर बोध को पकड़ हए ह कभी रात म आप कह कर

सो जाए अपना ह नाम लकर आपका नाम राम ह तो कह कर सो जाए क राम ठ क पाच बज उठ आना

तो आप हरान हो जाएग ठ क पाच बज आपक नीद टट जाएगी कोई आपक भीतर ह जो जागा हआ ह जो पाच बज आपको उठा दगा आप तो हरान ह ग ह नोिसस और स मोहन क योग न बड़ अदभत बात िस क ह अगर कसी य

को स मो हत करक म छत कर दया जाए और उसस कह दया जाए क स ह हजार िमनट बाद तम ऐसा-ऐसा

काम करना इसक बाद उस होश म ला दया जाए उस कछ भी याद नह रहगा अब स ह हजार िमनट अगर

आपस कह दया जाए तो आप होश म भी स ह हजार िमनट नह िगन सकत क कब यह व आएगा उसको

तो बहोशी म कहा गया होश म आन पर उस कछ पता भी नह ह ल कन ठ क स ह हजार िमनट बाद वह

काम वह य कर लगा उसक भीतर कोई जागा हआ ह जो िमनट-िमनट का भी हसाब जस इसका बोध

ह हमार भीतर कसी बद पर बड़ा सा ी बद ह और इसीिलए जसका सा ी जा त हो जाता ह वह रात म सोता

भी ह और नह भी सोता ह उसक भीतर एक बोध बना रहता ह शर र सोता ह उसक भीतर कोई जागा रहता ह ब क सबध म कहा गया हउनक पास दस हजार िभ हमशा चलत थ दखत थ उनका उठना बठना सोना सब दखत थ िभ बड़ हरान थ ब जस करवट सोत थ रात भर उसी करवट सोए रहत थ करवट

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 60

नह बदलत थ जो पर जहा रखत थ वह रख रहत थ रात भर पर नह हलात थ जो हाथ जहा रखत थ वह

रख रहत थ रात भर हाथ नह हलात थ अनक लोग न अनक बार सोचा क मामला या ह रात भर एक

ह करवट एक ह तरह स जहा पर जहा हाथ वह ब कस सोए रहत ह तो उनक एक िभ आनद न एक

दन पछा क या हम यह पछन क आ ा आप दग क रात भर आपका पर भी नह कपता हाथ भी नह हलता करवट जस सोत ह वह बनी रहती ह ब न कहा मितपवक सोता ह ब न कहा मितपवक सोता ह सा ीभाव तब भी बना रहता ह तो

इसिलए अपन आप हाथ-पर नह यहा-वहा हो सकत जब तक म न चाह जब तक म न बदलना चाह मर भीतर कोई जागा ह और दख रहा ह यहा तक क जागन क शार रक याओ म तो सा ीभाव हो ह सकता ह िन ा क समय भी हो जाता ह ल कन जस- जस मा ा म चतना जगगी उस-उस मा ा म वसा होगा अभी तो हम कोई सा ीभाव नह होता अभी तो हम सब कए चल जात ह जब ोध आकर चला जाता ह तब हम पता चलता ह क ोध कर िलया जब कोई आदमी कसी क ह या कर दता ह तब खन क फ वार छट दख कर खयाल म आता ह क यह मन या कर दया होश ह नह था जब कया होश ह नह था जब ोध कया इसिलए पीछ पछतात ह ोध करन क

बाद ोधी पछताता ह क यह मन या कर दया यह तो मन बहत बरा कर दया ल कन बड़ आ य क बात ह तम थ कहा जब तमन कया तब तम कहा थ फर कल आज

पछताएगा कल फर ोध करगा फर पछताएगा कहगा क बड़ा बरा हो गया कतनी दफा तय करता ह

क ोध न क फर न मालम या हो जाता ह असल म हो या जाता ह होश ह ह नह तो तय करत ह फर बहोशी पकड़ लती ह तय करन का कोई

प रणाम नह होता सक प का कोई प रणाम नह होता सक प का कोई प रणाम हो ह नह सकता जब तक

क भीतर जागरण न हो होश न हो सा ीभाव न हो िन त ह शर र क याओ क ित सा ी का भाव हो सकता ह कसी भी या क ित हो सकता ह भोजन

करत ह सा ीभाव स कर दखत हए कर होश रख क भोजन कर रहा ह एक-एक या दखाई पड़ कौर

बनाया गया उठाया गया मह म ल जाया गया पानी उठाया गया पीया गया एक-एक छोट-छोट बद को

जानत हए कर भीतर होश बना रह भीतर मरण जागित बनी रह तो शर र क याओ म भी जागरण

होगा मन क याओ म भी जागरण होगा और जब शर र और मन दोन क याओ म जागरण होगा तो एक अदभत जागी हई चत य थित आप सतत अनभव कर पाएग अभी तो ऐसा ह हम ऐस घर ह जसका द या बझा हआ ह तब हम ऐस घर ह ग जसका द या जला हआ ह सा ीभाव हो तो द या जल जाता ह और

जब भीतर द या जल तो जीवन म पाप वलीन हो जाता ह दसरा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 61

इसी सदभ म पछा ह क ओशो पाप या ह और प य या ह भीतर द या जला हो चत य का तो जो कम होत ह व प य ह भीतर द या बझा हो तो जो कम होत ह व पाप

ह समझ लना आप कोई कम न तो पाप होता ह न प य होता ह प य और पाप करन वाल पर िनभर होत ह कोई कम पाप और प य नह होता आमतौर स हम यह मानत ह क कम प य और पाप होत ह यह काम बरा ह और वह काम अ छा ह यह बात नह ह जस आदमी क भीतर का द या बझा ह वह कोई अ छा काम कर ह नह सकता यह असभव

ह दख सकता ह क अ छा काम कर रहा ह जनक भीतर द य जल रह ह उनक कम का अनकरण कर सकता

ह ल कन अनकरण म भी वासना उसक वपर त होगी अगर वह म दर बनाएगा तो वह परमा मा का नह

होगा अपन पता का होगा उनका नाम िलखवा दगा अगर वह कसी को दान दगा तो फकर म होगा क

अखबारनवीस जनिल ट आस-पास ह या नह व खबर छापत ह या नह छापत वह दान म और क णा नह

होगी वह भी अहकार का काशन होगा अगर वह कसी क सवा करगा तो वह सवा सवा नह होगी वह सवा

क गणगान भी करगा करवाना चाहगा वह कहगा म सवक ह वह चाहगा क लोग मान क मन सवा क ह

वह जो भी करगा उसक करन क पीछ च क द या जला हआ नह ह इसिलए काम अ छ दखाई पड़ भला पाप ह ह ग भीतर द या जला न हो तो जो भी हो सकता ह वह पाप ह हो सकता ह पाप मर िलए िच क एक

दशा ह कम का व प वभाजन नह और अगर भीतर का द या जला हो तो वह जो भी कर वह प य होगा हो सकता ह ऊपर स दखाई पड़ क यह

तो प य नह यह कम तो प य नह ल कन वह प य ह होगा असभव ह क उसस पाप हो जाए य क

जसका बोध जा त ह उसस पाप कस हो सकता ह उसस पाप नह हो सकता ल कन हम कम क तल पर चीज को नापत-तौलत ह कल या परस मन आपस कहा आचरण बहत म यवान

नह ह अतस म यवान ह तो अतस पाप क थित म हो सकता ह य द अधकार स भरा ह अतस प य क

थित म होता ह अगर वह काश स भरा ह काशपण िच प य क दशा म ह अधकारपण िच पाप क

दशा म ह य कम क ल ण नह ह य कम क बलकल ल ण नह ह कम का ल ण कम का ल ण कछ भी

तय नह करता य क य भीतर बलकल दजन हो सकता ह आचरण बाहर स जन का कर सकता ह--

अनक कारण स हम इतन लोग यहा बठ ह हम शायद सोचत ह ग क हम चोर नह करत तो हम बड़ा प य करत ह ल कन

अगर आज पता चल जाए क हकमत न हो गई चौर त पर कोई पिलस का आदमी नह ह अब कोई

अदालत न रह अब कोई िसपाह नह अब कोई कानन नह फर पता चलगा कतन लोग चोर नह करत ह आप सोचत ह ग क हम चोर नह करत तो बड़ा प य का काम कर रह ह चोर न करना काफ नह ह िच म चोर क न होन का सवाल ह आपको अगर सबको स वधा और परा मौका

िमल जाए म कल स कोई बचगा जो चोर न कर तो यह जो अचोर ह यह फर प य नह ह यह कवल भय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 62

और दहशत और डर कमजोर और अनक बात ह जनक वजह स आप चोर नह कर रह ह आपको मौका

नह ह भयभीत ह कमजोर ह डर हए ह उस डर को भय को िछपान क िलए अदालत स नरक स

घबड़ाए हए ह उसको िछपान क िलए आप कहत ह म तो चोर नह करता चोर करना बहत बर बात ह म

तो चोर करन का बरा काम करता ह नह जो आदमी कर रहा ह चोर उसम आप म हो सकता ह कवल साम य का और साहस का फक हो कवल

साम य और साहस का फक हो वह यादा साहसी हो या हो सकता ह ववकह न हो इसिलए ववकह न म

यादा साहस दखाई पड़ जाता ह य क उस समझ म नह आता क म या कर रहा ह या प रणाम होगा आप सब हसाब- कताब सोचत ह ल कन अगर सार चोर क स वधाए ह सार चोर क भीतर अनकल प र थित हो और फर कोई आदमी

चोर न कर तो बहत अलग बात हो जाएगी बहत अलग बात हो जाएगी अगर यह भी कोई कह द क चोर

करन वाल अब नरक नह जाएग ब क वग जाएग कोई धमशा यह भी कहन लग क अब चोर करन

वाल अब कानन बदल गया परमा मा का अब व उनको नरक नह भजत अब उनको वग भजत ह फर

भी कोई आदमी चोर न कर अगर यह पता चल जाए क अब चोर करन वाल को क नह दया जाता ब क

स मान िमलता ह और रा पित जो ह वह उनको पर कार दत ह और पद वया दत ह और भगवान भी अब

उनका स कार करन लग ह फर भी कोई चोर न कर अगर कोई यह कह क जो चोर नह करगा उसको नरक

म डाला जाएगा और सड़ाया जाएगा और फर भी चोर न कर सक तब तो समझना क उसक िच क थित

अचोर क हो गई ह नह तो उसक िच क थित अचोर क नह ह यह सार बात ह अब जस हद तान-पा क तान का झगड़ा हआ या हद तान-पा क तान का बटवारा हआ जब बटवारा हआ तो जो पड़ोस म थ भल लोग थ म दर जात थ म जद जात थ व एक-दसर क छाती म छरा भ कन लग य क मौका िमल गया उसक पहल मौका नह था तो व म जद जात थ अब मौका िमल गया तो छरा

भ कन लग मौका नह िमलता था तो म दर म ाथना करत थ मौका िमल गया तो मकान म आग लगान लग कल जब य म दर जा रह थ तब आप सोचत ह य दसर आदमी थ यह छरा भ कन वाला आदमी कल भी

मौजद था ल कन प र थित नह थी इसिलए कट नह हो रहा था िछपा हआ था आज प र थित कट

होन क हो गई ह यह कट हो गया कल मालम हो रहा था क म दर जाना प य ह आज पता चल रहा ह क

दस हजार हदओ को काट सकता ह आग लगा सकता ह या मसलमान को आग लगा सकता ह यह वह

आदमी ह मर गाव म वहा हद-म लम दग हए तो मन दखा क व ह लोग जनको हम समझत ह भल ह जो रोज

सबह गीता उठ कर पढ़त ह व इक ठ करन लग क कस तरह मसलमान को काटा जाए तो म मानता ह जब व गीता को पढ़त थ यह क यह आदमी थ गीता आग पढ़ रह थ भीतर वह काटना-पीटना िछपा था मौजद था प र थित नह थी प र थित सामन आ गई एक नारा खड़ा हो गया क हद-मसलमान म दगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 63

हो गया इतनी सी बात अखबार म छप गई और यह आदमी बदल गया यह मकान जलान क सोचन लगा यह

वह का वह आदमी ह मौका इस नह था अब बहाना िमल गया अब एक मौका िमला क अपनी हसा दखा

सकता ह एक बहान का नाम लकर एक लोगन-- क म हद ह और हद धम खतर म ह मसलमान को खतम

करो अब यह बहाना िमल गया अब यह खतरा कर सकता ह इनको कोई भी बहाना िमल जाए--गजराती और मराठ म झगड़ा हो जाए हद बोलन वाल और गर- हद

बोलन वाल म वरोध हो जाए--तो य आग लगान लगग ह या करन लगग इनका सब धम इनक सब

अ हसा इनक सब नितकता एक तरफ धर रह जाएगी तो इनक जो नितकता चल रह थी वह बलकल झठ

थी उसका कोई म य नह था इनक जो अ हसा चल रह थी बलकल थोथी थी उसका कोई म य नह ह

इनक भीतर य सब चीज िछपी थी अवसर क तलाश थी आप दिनया को अवसर द द यह जमीन इसी व नरक हो सकती ह इसी ण आप नरक का परा इतजाम

कए बठ ह ल कन म दर भी जात ह दान भी करत ह थ भी पढ़त ह सदग क चरण म णाम भी करत

ह य सब बात भी ह और आप अभी नरक बना द इसी जगह को इसी ण एक सकड म यह नरक हो जाए एक नारा उठ और यह अभी नरक हो जाए अभी जस आदमी क पास बठ कर आप बड़ धािमक बन बठ ह उसी क गदन दबा सकत ह इसी व तो मरा मानना यह ह क आप जब नह दबा रह ह तब भी आप दबान क

थित म तो ह नह तो एकदम स कस थित आ जाएगी पाप क थित होती ह पाप का कम नह होता वह टट ऑफ माइड ह और जब तक हम उसको कम

समझग तब तक दिनया म बहत ाित नह हो सकती य क कम का कोई पता नह चलता कम तो मौक-

मौक पर कट होत ह और अ छ-अ छ बहान लकर कट हो जात ह अ छ-अ छ बहान ल लत ह और कट हो

जात ह इसीिलए यह सभव हआ ह क दिनया म कोई भी शतान आदमी कोई भी हकमत कोई भी

पोिलट िशयन कोई भी राजनीित कसी भी ण दिनया को य म डाल सकता ह कसी भी ण य क

सार लोग तयार ह पाप करन को बलकल तयार ह मौका नह ह उनको कसी भी ण कोई भी बहाना--

डमो सी का क यिन म का भारत का पा क तान का हद का मसलमान का--कोई भी नारा जरा सी आग पकड़ान क ज रत ह और आप दिनया को एकदम पाप स भर सकत ह फर लाख लोग को काट सकत ह

और मजा लग य व ह लोग जो पानी छान कर पीत ह यह खबर सन कर स न होत ह क पा क तान का फला गाव बबाद

कर दया गया या हद तान का फला गाव बबाद कर दया गया वह आदमी जो रोज नमाज पढ़ता ह वह

स न होता ह क अ छा हआ म यह समझ नह सकता क यह आदमी जो पानी छान कर पीता था अखबार म पढ़ता ह रात को खाना नह

खाता था अखबार म पढ़ता ह क इतन पा क तानी मर गए तो सोचता ह बहत अ छा हआ यह आदमी

अ हसक ह इसका पानी छान कर पीना धोखा ह बईमानी ह इसका रात को न खाना सब झठ बकवास ह

इसका कोई मतलब और म य नह ह इसका टट ऑफ माइड तो पाप का ह यह कम-वम कछ भी कर इसक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 64

िच क दशा तो पापपण ह इसिलए दिनया को कभी भी कसी भी भकप म डाला जा सकता ह कसी भी उप व म डाला जा सकता ह

लोग क काम तो बड़ अ छ मालम होत ह ल कन िच क दशा जरा ह कनड प जरा सी चमड़ उघाड़ो भीतर पाप मौजद ह और काम बड़ अ छ-अ छ कर रह ह टॉ सटॉय न िलखा ह क म एक दन सबह-सबह चच म गया अधरा था सद क दन थ बफ पड़ती थी कोई नह था चच म म गया एक और आदमी था वह कनफशन कर रहा था भगवान क सामन उस पता

नह क कोई दसरा भी अधर म मौजद ह नह तो कनफशन करता ह य वह वहा कह रहा था क ह

परम पता म बड़ा बरा आदमी ह मर मन म बड़ पाप उठत ह त मझ मा कर चोर का भाव भी आता ह पर- ी-गमन का भाव भी आता ह दसर क धन को हड़प लन क व भी पदा होती ह त मझ मा कर उस

पता नह था क यहा कोई और आदमी भी खड़ा ह वह चच स बाहर िनकला टॉ सटॉय उसक पीछ हो िलया

जब बीच बाजार म पहच सबह हो गई थी लोग आ-जा रह थ उसन िच ला कर कहा क ओ पापी चोर खड़ा रह वह आदमी बोला अर कौन कहता ह मझस पापी और चोर टॉ सटॉय न कहा क म चच म मौजद था मन सन िलया ह उस आदमी न कहा अगर दबारा मह स िनकाला तो अदालत म अपमान का मकदमा चलाऊगा वह बड़ा

ित त आदमी था गाव का वह मन भगवान क सामन कहा था त हार सामन नह कहा था टॉ सटॉय न कहा मन तो यह सोचा क तन मान िलया ह क त पापी ह चोर ह ल कन त मानन को राजी

नह अदालत म मकदमा चलाएगा यह थित ह हमार िच क भीतर तो वह िछपा ह औरबाहर हम अदालत म मकदमा चलाएग अगर कोई हमस

चोर कह द हम िशकायत करग क यह या आपन हमस कह दया तो हमारा कम हमारा ऊपर का आवरण

म य नह रखता म य तो अतस रखता ह उस अतस क ाित क बात ह तो म मानता ह पाप-प य कम म नह होत पाप-प य होत ह िच क दशाओ म एक आदमी क िच क

दशा पाप क हो अधकार क हो तो वह कछ भी कर कछ भी कर कतना ह पानी छान कतनी ह बार

छान उसक हसा नह िमटगी और कतना ह रात को खाए न खाए कतना ह उपवास कर न कर कतनी ह पजा कर कतनी ह ाथना कर--कछ भी कर लाख कर--अगर भीतर िच क दशा अधकारपण

ह उसका सब करना पापपण होगा उसक भीतर पाप क थित बनी ह रहगी वह जा नह सकती वह कसी थित म नह जा सकती

उस तो सीधी चोट करनी होगी कोई और उपाय स क वहा भीतर प रवतन हो अधकार िमट और काश आए

तब उसक कम प रवितत हो जाएग तब हो सकता ह वह रात को भी भोजन कर ल और हसक न हो तब हो सकता ह क वह पानी भी बना छान कभी पी जाए और हसक न हो वह तो िच क भीतर प रवतन क थित

ह वह वहा प रवतन होना चा हए और तब फर जीवन का कम सहज ह ठ क होना श हो जाता ह उस ठ क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 65

करना नह होता वह सहज ह ठ क होना श हो जाता ह सहज ह भीतर जब योित आनी श होती ह कम

का अधकार िगरन लगता ह और कम प य होन लगत ह म समझता ह मर बात समझग कम नह म यवान ह म यवान अतस क थित ह और अतस क थित

कस बदल उसक माग पर ह हम वचार कर रह ह ल कन यह आप खयाल म रख कम को दोष मत द दोष हमशा भीतर बठ य का ह ल कन हम धोखा पदा कर लत ह हम सोचत ह या हजा ह थोड़ा-बहत

पाप भी होता ह तो थोड़ा-बहत प य भी करग यह असभव ह यानी यह सभव नह ह क आप सोचत ह क अब चलो कोई बात नह इतना पाप करत ह एकाध-दो प य भी कर ल उस तरफ भी कछ खात म जमा हो जाए यह असभव ह या तो पाप होगा या पाप

नह होगा बीच क कोई थित नह ह यह नह हो सकता क थोड़ा पाप कर और थोड़ा न कर यह हो ह नह

सकता य क भीतर िच अखड ह उसक टकड़ नह ह उसम ऐसा नह ह क आधा िच पाप स भरा ह और

आधा प य स भरा ह ऐसा कोई कपाटमट ऐसा कोई वभाजन नह ह िच इक ठा ह इसिलए जस इक ठ

िच स थोड़ स पाप िनकल रह ह उस िच स कभी भी कसी थित म प य नह िनकल सकता वह तो िच

पापपण ह और अगर उसम स प य िनकलन लग तो उसम स पाप नह िनकल सकता यानी मरा मानना यह ह क एक आप काश का द पक जलाए तो ऐसा नह हो सकता उसम क अधरा भी िनकल

रहा ह थोड़ा सा थोड़ा काश भी िनकल रहा ह ऐसा नह हो सकता या तो काश ह िनकलगा या फर

योित बझी रहगी तो अधकार ह िनकलगा ल कन इस म म मत रहना आप क थोड़ा-बहत तो करत ह चल थोड़ा-बहत नह होता परा प रवतन करना

होता ह थोड़ा-बहत बलकल नह होता इसस म पदा होता ह धोखा पदा होता ह इसी तरह दिनया भर क

ह यार बईमान शोषक सप इक ठ करत जात ह थोड़ा-बहत दान भी करत जात ह इस खयाल स क

चलो यह प य भी हो गया इस म म कोई न रह य क सप को इक ठा करना इतना बड़ा पाप ह क दान स कोई प य नह हो सकता

सप को इक ठा करना इतना बड़ा पाप ह बहत गहर म बहत जड़ म क दान स कोई प य नह हो

सकता कोई कतना ह दानवीर कह धोख म मत आ जाना व सब दान खीचन क तरक ब ह वह दानवीर

कहना और शसा दना क बहत बड़ दानवीर ह ऐसा ह वसा ह इतना दान कया उतना दान कया व

सब दान खीचन क तरक ब ह व आपका खीसा खाली करन क तरक ब ह ल कन इस म म मत पड़ जाना क

आपस दान हो जाएगा आपक सार व स ह क ह उस स ह क व म स दान हो ह नह सकता और अगर होगा तो उसम कोई न कोई आग स ह करन का भाव होगा-- क चलो कछ दो कह भगवान हो तो

थोड़ा खयाल रखगा कह वग हो तो जरा छोट टल न िमलगी जरा बड़ कस िमलगी कोई न कोई भाव

पीछ होगा कोई न कोई भीतर बात होगी य क यह असभव ह क एक आदमी इधर स लोग क ह या करता

रह और इस तरफ अ पताल बनवाता जाए यह बलकल असभव ह यानी यह आदमी बलकल गड़बड़ ह इसको पता ह नह क यह या कर रहा ह यह हो ह नह सकता यह बलकल ह असभव बात ह क एक ह

आदमी स य दोन बात एक साथ होती रह इनम स एक बात झठ होगी एक बात स ची नह हो सकती वह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 66

कवल आवरण होगी ल कन हम यह धोखा खात रहत ह अपन को दत रहत ह दत रहत ह इसिलए क हम थोड़ स वधा हो जाती ह कोई आदमी अपन को पापी नह मानना चाहता पापी मानन म बड़ आ म लािन होती ह तो थोड़ा-बहत काम

ऐसा कर िलया जसको लोग प य कहत ह तो आ म लािन स बचना हो जाता ह आ म लािन बच जाती ह थोड़ा ऐसा लगता ह क आ खर हम भी कछ तो प य करत ह ह कोई फकर नह थोड़ा करत ह तो कछ तो

करत ह फर धीर-धीर बढ़ग ऐसा धीर-धीर बढ़त-बढ़त यादा प य कर लग तो अपनी आख म अपनी

त वीर को बलकल अधकारपण अधरा पती हई कोई नह दखना चाहता सोचत ह क थोड़ा-बहत तो सफद

रग दखाई पड़ तो वह सफद रग दखान क िलए थोड़ा-बहत करत ह उसको हम प य कहत ह यह सब झठ बात ह वहा हमार िच क जब तक आमल- ाित न हो तब तक कोई प रवतन नह हो सकता

तो या तो पाप होता ह या प य होता ह पाप और प य साथ-साथ कसी य स नह हो सकत मर म आपको कहता ह मर समझ म आपको कहता ह मझ ऐसा ह दखाई पड़ता ह क यह असभावना

ह यह बलकल असभावना ह हा अगर य का अतस आलो कत हो जाए तो उसस पाप असभव ह उसस

पाप बलकल असभव ह अगर आपको दखाई भी पड़ क यह पाप हआ तो आप ह भल म ह ग पाप उस

य स हो नह सकता ह एक छोट सी कहानी कह फर यह चचा पर क गा फर रा क यान क िलए हम बठग एक छोट स गाव क बाहर एक साध ठहरा हआ था यवा साध ह बहत सदर ह बड़ा ितभाशाली ह बड़ा भाव ह गाव क लोग आदर करत ह म करत ह स मान दत ह सारा गाव स मान करता ह

एक दन अचानक सार हवा बदल गई गाव म एक लड़क को ब चा पदा हआ और उस लड़क न कहा क वह

साध का ब चा ह सारा गाव बदल गया आदर क अनादर म बदलन म बहत दर थोड़ ह लगती ह य क जो आदर दत ह उनक पीछ अनादर क पर

तयार रहती ह क मौका िमल जाए तो अभी अनादर कर इसिलए जब कोई कभी कसी को आदर द तो बहत

सावधान रहना वह अनादर क तयार भी कर रहा ह-- कसी भी व य क जन कारण स वह आदर द रहा ह

व बड़ बार क ह जरा ह दसर कारण मौजद हो जाए सब गड़बड़ हो जाएगा इसिलए आदर दन वाल स हमशा

सावधान रहना चा हए वह अनादर कर सकता ह सारा गाव बदल गया गाव टट पड़ा उसक झोपड़ म आग लगा द वह अपना सबह बाहर बठा धप ल रहा था

ठड क दन थ उसन पछा क मामला या ह तो जाकर लोग न कहा मामला पछत हो और वह ब चा उसक ऊपर पटक दया और कहा क मामला यह

ह पहचानो यह त हारा ब चा ह उसन कहा इज़ इट सो ऐसी बात ह ब चा मरा ह उसन उस गौर स दखा उस कध स लगा िलया वह

रोता था उस समझान लगा गाव क लोग गाली-गलौज बकत वापस लौट गए फर वह साध िभ ा मागन गया कल तक बड़-बड़ लोग आकर कहत थ क हमार घर म पर रख द तो प व हो

जाए उ ह लोग न दरवाज बद कर िलए वह दरवाज पर खड़ा ह क मझ दो रोट िमल जाए वह दरवाज जो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 67

कहत थ क त हार पर पड़ जाए तो प व हो जाएगा हमारा घर वह दरवाज बद हो गए उ ह न कहा आग

बढ़ जाओ कभी भल कर इस ार पर दबारा छाया मत डालना गाव क ब च क लोग क भीड़ उसक पीछ

गािलया दती हई प थर फकती हई चली फर वह उस दरवाज क सामन पहचा जसक बट का यह लड़का ह और उसन उस दरवाज क सामन आवाज

लगाई क कसर मरा होगा इसका बाप होन म ल कन इसका मर बट होन म तो कोई कसर नह हो सकता बाप

होन म मर गलती होगी ल कन इसक तो कोई गलती नह हो सकती कम स कम इस तो दध िमल जाए वह लड़क ार पर खड़ थी उसक ाण कप गए फक र को भीड़ म िघरा हआ प थर खात हए दख कर--वह

उस ब च को बचा रहा ह उसक माथ स खन बह रहा ह--स ची बात िछपाना म कल हो गई उसन अपन बाप

क पर पकड़ कर कहा क मा कर इस फक र को तो म पहचानती भी नह िसफ इसक असली बाप को बचान

क िलए मन इस फक र का झठा नाम ल िलया वह बाप आकर फक र क पर पर िगर पड़ा और ब च को छ नन लगा और कहा मा कर द उस फक र न पछा ल कन बात या ह बट को छ नत य हो उसक बाप न कहा--लड़क क बाप न-- क आप कस नासमझ ह आपन सबह ह य न बताया क यह बटा

आपका नह ह आप छोड़ द यह बटा आपका नह ह हमस भल हो गई वह फक र कहन लगा इज़ इट सो बटा मरा नह ह पर त ह तो सबह कहत थ क त हारा ह और भीड़

तो कभी झठ बोलती नह अब तम जब बोलत हो क नह ह मरा तो नह होगा ल कन लोग कहन लग क तम कस पागल हो तमन सबह कहा य नह क बटा त हारा नह ह तम इतनी

िनदा और अपमान झलन को राजी य हए वह फक र कहन लगा मन त हार कभी िचता नह क क तम या सोचत हो तम आदर दत हो क अनादर तम ा दत हो क िनदा मन त हार आख क तरफ दखना बद कर दया ह य क म अपनी तरफ दख क

त हार आख क तरफ दख और जब तक मन त हार तरफ दखा तब तक अपन को दखना म कल था

य क त हार आख तो ितपल बदल रह ह और हर आदमी क आख अलग ह य हजार-हजार दपण ह म

कस- कस म झाक मन अपन म ह झाकना श कर दया ह अब मझ फकर नह क तम या कहत हो

अगर तम कहत हो बटा मरा तो सह मरा ह होगा कसी का तो होगा मरा ह सह अब तम कहत हो नह त हार मज नह होगा मरा ल कन मन त हार आख म दखना बद कर दया ह और वह फक र कहन लगा म तमस भी कहता ह क कब वह दन आएगा क तम दसर क आख म दखना

बद करोग और अपनी तरफ दखना श करोग

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 68

जीवन रह य पाचवा वचन व ास-- वचार-- ववक कल दो स पर कछ बात मन आपस क उस सबध म बहत स भी पछ गए ह एक िम न पछा ह क ओशो या वचार करना ह जीवन का यय ह और या वचार स ह जीवन क स य का अनभव हो सकता ह

वचार या ह वचार सीढ़ ह और सीढ़ क साथ एक अदभत बात ह जो समझ लनी चा हए बहत कम

लोग समझ पात ह बहत सीध स स य को भी सीढ़ क साथ एक अदभत स य ह क अगर ऊपर पहचना हो मकान क तो सीढ़ पर चढ़ना भी पड़ता ह और उतरना भी पड़ता ह सीढ़ पर पर भी रखन पड़त ह और फर सीढ़

को छोड़ भी दना पड़ता ह अगर कोई कह क सीढ़ पर हम चढ़ग ज र ल कन फर सीढ़ स उतरग नह तो भी वह आदमी मकान क ऊपर नह पहच सकगा और कोई अगर कह क जब उतरना ह ह सीढ़ स तो चढ़न क

ज रत या ह तो वह आदमी भी मकान क ऊपर नह पहच सकगा मन सना ह एक टशन पर न खड़ थी और ह र ार क तरफ जाती थी हजार लोग गाड़ म बठ रह थ और

पर टशन पर एक ह आवाज थी क कसी तरह गाड़ क भीतर बठो सामान भीतर पहचाओ सीट पकड़ो जगह बनाओ एक िम को घर कर कछ लोग समझा रह थ वह िम यह पछ रहा था क इस न म बठन स

फायदा या जब ह र ार पर उतरना ह पड़गा जब उतरना ह ह तो बठ य और दलील उसक सच थी तक उसका ठ क था कई बार तक बलकल ठ क होत ह िसफ ठ क दखाई पड़त ह बिनयाद म ठ क नह होत

वह ठ क कह रहा था क जस न स उतरना ह उसम चढ़ना य ल कन िम न कहा गाड़ जा रह ह और हम समझान का मौका नह ह हम जबरद ती त ह अदर बठा लत ह जबरद ती उस आदमी को उ ह न अदर बठा िलया फर ह र ार पर फर ववाद श हो गया उस आदमी न कहा जब म चढ़ ह गया तो अब म उत गा नह क

जब चढ़ ह गए तो उतरना या और जब चढ़ाया था इतनी महनत स तो या उतारन को चढ़ाया था फर िम समझान लग क गाड़ छटन को ह उतरत हो क नह उतरत तम आदमी पागल हो उसक दलील म तो कोई गलती न थी ल कन जदगी दलील नह मानती जदगी क अपनी दलील ह इस

जदगी म सबस बड़ मज क बात यह ह क जस चीज को भी सीढ़ बनाना हो उस पकड़ना भी पड़ता ह और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 69

छोड़ना भी पड़ता ह वचार या ह वचार को पकड़ना ज र ह आ यितक प स वचार को पकड़ना ज र ह ता क सारा िच वचार क अ न स गजर जाए फर एक घड़ आती ह क वचार को छोड़ भी दना पड़ता ह स य का चरम

अनभव तो िन वचार िच को होता ह जहा वचार भी नह रह जात वहा स य का पता चलता ह ल कन आप कहोग क जब िन वचार िच को स य का अनभव होता ह तो हम वचार कर ह य जब

वचार को एक ण छोड़ दना पड़गा और िन वचार होना पड़गा तो फर वचार म पड़ना ह य हम बना

वचार क ह य न रह जाए ल कन ह र ार क टशन पर उतरना गाड़ स एक बात ह और कसी दसर टशन स न चढ़ना बलकल दसर

बात ह य क वह न चढ़ा हआ आदमी ह र ार नह पहच जाएगा वचार को जो करता ह नह वह व ास पर अटका रह जाता ह व ास अधापन ह और अधा आदमी स य को कभी नह जान सकता जो वचार नह करता वह बलीफ और व ास म खड़ा रह जाता ह और जो आदमी

व ास म बधा रह जाता ह वह अधा ह उसक आख पर प ट ह उसका शोषण हो सकता ह उसको भटकाया जा सकता ह ल कन वह कभी स य तक नह पहच सकता स य तक पहचन क पहली शत ह

व ास स म हो जाओ व ास का मतलब या ह व ास का मतलब ह कोई कहता ह और हम मान लत ह हम नह जानत

व ास का मतलब ह कोई जानता ह और हम मानत ह व ास का मतलब ह आख कसी और क ह काश

क खबर कसी और न द ह न हम काश दखाई पड़ता ह न हमार पास आख ह हम िसफ मान लत ह हमारा यह मानना बहत खतरनाक ह रामक ण कहत थ एक आदमी था अधा उस अध आदमी को कछ िम न एक दन भोजन पर िनम त

कया था जब वह भोजन कर रहा था वह पछन लगा यह या ह यह या ह यह या ह बहत

वा द िमठाइया बनाई थी वह पछन लगा यह िमठाई कस बनी ह कहा स बनी ह मझ कछ समझाओ

यह मझ बहत ह अ छ लगी ह िम न कहा यह िमठाई दध स बनी ह वह अधा आदमी पछन लगा यह

दध या ह पहल मझ दध क सबध म समझाओ िम न कहा दध भी नह जानत हो उस आदमी न

पछा कसा होता ह दध या ह दध का रग िम न कहा दध का रग बगल क तरह ह बगला दखा ह उड़ता ह प ी उस बगल क तरह श होता ह दध उस अध आदमी न कहा य पहिलय म पहिलया पदा कर रह हो अब मझ यह भी पता नह क बगला

कसा होता ह अब तम थोड़ा मझ यह समझाओ क बगला कसा होता ह ल कन िम बलकल भी न सोच क जसक पास आख नह ह उस न दध समझाया जा सकता न बगला समझाया जा सकता उस रग क सबध म कछ भी नह समझाया जा सकता फर एक िम को सझ आई उस अध न कहा कछ इस तरह समझाओ क म समझ सक अभी िमठाई या

ह म नह जान पाया और तमन कह दया दध अब दध या ह म नह जान पाया और तमन कह दया

बगला अब यह बगला या ह अब तम कहत हो श होता ह सफद अब यह श ता या ह यह सफद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 70

या ह एक िम पास आया वह अपना हाथ उस अध क पास ल गया और कहा मर हाथ पर हाथ फरो जसा सडौल

मरा हाथ ह मड़ा हआ ऐसी बगल क गदन होती ह उस अध आदमी न हाथ फरा वह अधा आदमी खड़ होकर नाचन लगा और कहा म समझ गया म बलकल

समझ गया क दध मड़ हए हाथ क तरह होता ह उसक आख वाल िम न िसर फोड़ िलया और कहा बड़ भल हो गई इसस तो तम यह जानो क तम नह

जानत हो वह ठ क था कम स कम सच तो था क तम नह जानत हो यह जानना तो और खतरनाक हो गया यह जानना तो न जानन स बदतर हो गया दसर का ान खद क अ ान स बदतर होता ह य क दसर का ान कभी भी खद का ान बन ह नह

सकता अध आदमी क आख नह ह तो दिनया भर क लोग काश को दखत ह इसस कोई फक नह पड़ता

हम सार दिनया क लोग भी एक अध को नह समझा सकत क काश कसा ह काश िसफ जाना जा सकता ह समझा नह जा सकता और व ास समझन पर खड़ होत ह जानन पर खड़ नह होत इसिलए सब व ास

झठ ह और सब व ास खतरनाक ह हम मानत ह क ई र ह वह झठा ह वह ऐसा ह झठा ह जसा उस अध आदमी का यह कहना क मड़ हए हाथ

क तरह होगा दध हमन सनी ह बात ई र क --क ण कहत ह राम कहत ह ाइ ट कहत ह मोह मद

कहत ह व बात हमन सनी ह उनक बात को सन कर हमन ई र क कोई धारणा बना ली ह यह धारणा

उतनी ह झठ ह जस उस अध आदमी क धारणा हमार धारणा का ई र कह भी नह ह कभी नह था कभी

नह होगा अध क धारणा का काश कह नह ह कभी नह होगा कभी नह हो सकता ह य क अध क

धारणा काश क हो ह नह सकती अधा िसफ व ास कर सकता ह जानता नह एक बार और ऐसा हआ ह एक गाव म ब ठहर ह और उस गाव क कछ लोग एक अध आदमी को लकर ब क

पास आए और कहन लग क हम समझा-समझा कर हार गए इस िम को समझात ह क काश ह यह

मानता नह और यह ऐसी दलील करता ह और अध आदमी बहत दलील करत ह य क अध आदमी क पास

जानना तो होता नह िसफ दलील हो सकती ह यह बहत दलील करता ह यह कहता ह काश ह तो म छकर

दखना चाहता ह पश करा दो मझ अब हम कहा स काश का पश करा द और हम पश नह करवा

पात फर भी काश ह ल कन इसको कस समझाए यह कहता ह क म चख कर भी दख सकता ह म

सगध भी ल सकता ह काश को ठोको बजाओ म उसक विन सन ल ल कन हमार पास कोई उपाय नह

ह य क काश को िसफ आख स जाना जा सकता ह न कान स न हाथ स न नाक स न वाद स हम

या कर हम हार गए ह इस अध आदमी स हम पता ह क काश ह हम दखत ह क काश ह ल कन

हम िस नह कर पात आख वाला आदमी अध आदमी क सामन या िस कर सकता ह कछ भी िस नह कर सकता हा अधा मानन को राजी हो जाए तो बात दसर ह और अधा मानन को राजी हो जाए तो वह गलती करता ह य क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 71

जस चीज को मानन को वह राजी हो रहा ह उसको उसन जाना नह ह और मानन स कभी जान भी नह सकता ब न कहा मर पास य लाए हो इस अगर म भी अधा होता तो म भी यह कहता क म छकर दखना

चाहता ह तम भी अध होत तम भी यह कहत मर पास लान क ज रत नह इस कसी वचारक क पास

मत ल जाओ इस कसी व क पास ल जाओ इस उपदश क ज रत नह ह इस उपचार क ज रत ह इसक आख ठ क होनी चा हए एक ह उपाय ह काश को जानन का वह ह आख आख क जगह व ास काम नह कर सकता और अगर

कोई मान भी ल अधा तो या फक पड़ता ह मानन स दखाई पड़ना श हो जाएगा मानन स आख खल

जाएगी मानन स काश का अनभव हो जाएगा मानन स कछ भी नह होगा मानन स िसफ एक बात

होगी क अधा आदमी अधा रहत हए समझन लगगा क म काश को जानता ह जो क बहत खतरनाक ह व िम उस एक व क पास ल गए सयोग क बात थी उसक आख पर जाली थी वह छह मह न म दवा स कट गई वह आदमी नाचता हआ गाव भर म घमा और एक-एक घर म जाकर ार खटखटाया और कहा क

काश ह वह ब क पास भी आया उनक पर पकड़ िलए और रोन लगा और कहन लगा काश ह ल कन ब

न कहा मझ पश करा कर दखाओ वह आदमी कहन लगा काश का कह पश हो सकता ह ब न

कहा म उसका वाद लकर दख ल वह आदमी कहन लगा मत क रए मजाक मर साथ व अध आदमी क

दलील थी अब मर आख खल गई अब म जानता ह व दलील गलत थी ल कन वह मर अधपन का कसर था मरा कसर न था और अगर म मान लता तो वह मानना भी झठ होता य क जो मन आज जाना ह इसक

म क पना भी नह कर सकता था इनकसीवबल ह अध आदमी क िलए काश क क पना भी असभव ह आप तो कहत ह काश क अगर आप जानत ह तो

आपको पता होगा क अधा आदमी अधर क क पना भी नह कर सकता काश क क पना तो बहत दर ह

अध आदमी को अधर का भी पता नह होता अध आदमी को य क अधर क पत क िलए भी आख चा हए अधरा भी आख को दखाई पड़ता ह अगर आख न हो तो अधरा भी दखाई नह पड़ता आप न सना होगा सोचा होगा क अध को काश नह दखाई पड़ता तो आप गलती म ह अध को अधरा भी

दखाई नह पड़ता य क अधरा भी आख का ह अनभव ह अधरा भी काश क अभाव का अनभव ह वह भी

आख को ह होता ह अधा आदमी अधर क क पना भी नह कर सकता तो हम काश क क पना को उस

कस पकड़ा सकत ह ल कन हम सार लोग जीवन क सबध म व ास को पकड़ हए ह य व ास खतरनाक ह व ास को जान द वचार को आन द ल कन इसका यह मतलब नह ह क वचार करन स स य का पता चल जाएगा नह वचार का योग िनग टव ह नकारा मक ह वचार करन स या अस य ह यह पता चल जाएगा वचार

करन स या स य नह ह यह पता चल जाएगा वचार करन स यह पता चल जाएगा क यह-यह स य नह

ह यह-यह स य नह ह जसा उपिनषद कहत ह नित-नित नॉट दस नॉट दट वचार करन स यह पता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 72

चल जाएगा--यह भी स य नह ह यह भी स य नह ह ल कन वचार करन स स य या ह यह कभी पता नह चलगा एक घड़ आएगी क या- या अस य ह वह पता चल जाएगा और वचार थक जाएगा हार जाएगा खोज-

खोज कर और स य का पता नह चलगा तब अितम थित म वचार भी िगर जाता ह और तब जो जा त

होता ह उसका नाम ववक ह उस ववक को स य का अनभव होता ह वचार ह या वचार ह माग जो ववक तक पहचा दता ह और ववक ह वह ार जहा स स य का अनभव होता ह तो जो मन कल आपस कहा वचार करना ज र ह व ास पर क जाना ज र नह ह समाज म ाित

करनी हो या य म सब म ाित करनी हो या वय म-- ाित का स एक ह ह कोई चाह तो एक िगलास

भर पानी को भाप बनाए या कोई चाह तो पर सम को भाप बनाए ल कन पानी को भाप बनान का स एक ह

कतन पानी को आप भाप बनात ह यह सवाल नह ह एक य क जदगी म ाित लानी हो तो पर समाज क जदगी म ाित लानी हो तो स एक ह व ास

पर ठहरा हआ समाज कभी ाितकार नह होता व ास पर ठहरा हआ य कभी ाितकार नह होता वचार क अ न स गजरना ज र ह ल कन वचार मा स भी कभी कोई स य तक नह पहच जाता ह एक

घड़ आती ह क वचार क सीढ़ चढ़नी पड़ती ह और एक घड़ आती ह क वचार क सीढ़ भी छोड़ दनी पड़ती

ह जस दन वचार भी छट जाता ह उस दन जो शष रह जाता ह उसका नाम ह ववक उसका नाम ह ा उसका नाम ह यान उसका नाम ह समािध वहा हम जानत ह जो ह और जो ह उस जान लना एक ाित स

गजर जाना ह अधा आदमी जस दन काश को जानता ह आप समझत ह वह आदमी रह जाता ह जो काश को नह

जानता था नह काश को जानत ह अधा आदमी और ह हो जाता ह जो वह कभी नह था ान पातरण लाता ह हम जतना जानत ह उतन हम पात रत होत ह हम नय होत चल जात ह थोड़ दर

को सोचो आख बद ह हमार कान बद ह नाक बद हो हाथ पश न करता हो हमार सार इ या बद ह हम या ह ग हमारा या अनभव होगा हमार या थित होगी हम म और प थर म या फक

होगा यह जो पशओ क दिनया म हम वकास दखाई पड़ता ह वह इ य का वकास ह जसक जानन क मता

जतनी बढ़ गई ह वह पशओ म उतना ऊपर आ गया ह ल कन इ य क अित र भी अती य जानन क ार

ह जो वचार स म होकर व ास स म होकर ववक क खलन पर उपल ध होत ह उस ववक क म जो जाना जाता ह उसका नाम ह परमा मा ह उस ववक क माग स जो पहचाना जाता ह उसी का नाम स य ह

और स य स य ाित कर दता ह पात रत कर दता ह पर जीवन को फर चाह वह जीवन समाज का हो इसिलए मन कल आपस कहा क व ास को जान द वचार को आन द और वचार कब आता ह वचार तब आता ह जब हम सदह करन का साहस जटात ह सदह करन का साहस वचार का ाण ह वह आदमी वचार कर सकता ह जो सदह कर सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 73

ल कन हम तो हजार साल स िसखाया गया ह सदह मत करना सदह करना ह नह सदह करना गलत ह

आख बद करक मान लन क द ा द गई ह हम और इसीिलए वचार पदा नह हो पाता सदह बहत अदभत ह सदह कसी भी वचारशील आदमी का ल ण ह और जो आदमी सदह नह कर सकता वह आदमी धािमक भी नह ह अब तक यह कहा गया ह क व ास करन वाला धािमक ह और म आपस कहना चाहता ह व ास करन

वाला धािमक नह ह सदह करन वाला ह धािमक ह ल कन य य क जो सदह करता ह वह वचार करता ह और यह बहत हरानी क बात ह क सदह करन

वाला एक दन स य तक पहच जाएगा व ास करन वाला कभी स य तक नह पहचता य क व ास का

मतलब ह क हमन या ा बद कर द व ास का मतलब या होता ह व ास का मतलब होता ह क हमन

मान िलया या ा समा हो गई जो नह मानता उसक या ा जार रहती ह वह कहता ह यह नह यह नह

अभी और आग म खोजगा खोजगा और आग जाऊगा एक गाव म एक फक र ठहरा हआ था उस गाव क लोग न आकर उस फक र को कहा क चल और हम ई र क

सबध म कछ समझाए उस फक र न कहा ई र क सबध म कभी कसी न कछ भी नह समझाया ह म या समझाऊगा मझ छोड़

दो मा कर दो फर भी व गाव क लोग नह मान तो वह फक र उनक गाव क म जद म गया म जद म लोग इक ठ थ परा गाव इक ठा था उस फक र न खड़ होकर मच पर कहा क म पहल कछ कहन क यह पछ लना चाहता ह ई र ह तम मानत हो तम जानत हो क ई र ह तो हाथ उठा दो उस म जद क सार लोग न हाथ ऊपर उठा दए उस फक र न कहा बात खतम हो गई जब तम जानत ह

हो तो अब मझ कहन क कोई ज रत नह और ई र को जानन क आग तो कछ भी जानन को शष नह रह

जाता इसिलए अब म या कह कोई भी नह जानता था हाथ झठ थ हमार सब हाथ भी झठ उठत ह ल कन हम पता ह नह ह क धम क

नाम पर भी कतना झठ चलता ह और जो आदमी धम क नाम पर भी झठ पर हाथ उठाता ह वह आदमी

जदगी म कस सच हो सकता ह जब हम स कोई पछता ह ई र ह और हम कहत ह हा तो हमन कभी

सोचा क हम बना जान हा भर रह ह और यह हा झठ ह और जब यह बिनयाद हा झठ ह तो हमार और

धािमक जदगी सार क सार झठ हो जाएगी इसिलए म दर जान वाल क तीथया ा करन वाल क सार

जदगी सरासर झठ होती ह य क बिनयाद आधार फाउडशन झठ होता ह उ ह न उस चीज पर हा भर द ह

जस नह जानत ह उ ह न बना खोज बना सोच बना जान बना पहचान हा भर द ह उस फक र न कहा बात खतम हो गई अब कछ कहन को भी न था गाव वाल न हाथ उठा दया था उ ह न कहा कोई फकर नह अगल र ववार को फर उ ह न जाकर ाथना क क चल म जद म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 74

उस फक र न कहा ल कन म गया था पछली बार और सब लोग वहा ई र को जानत ह मर वहा कोई ज रत

नह ह जहा सभी ानी ह वहा ान क कोई ज रत नह रह जाती इस दश म ऐसा ह हआ ह यहा सभी ानी ह इसिलए ान क कोई ज रत नह रह गई इसिलए ान ठहर

गया ान आग नह बढ़ता सब जब ानी ह तो ान आग कस बढ़गा जनको इस बात का बोध ह क हम

अ ानी ह व ान को आग बढ़ात ह य क व खोज करत ह जनको यह पता चल गया क हम जानत ह उनक खोज बद हो गई हद तान कोई तीन हजार साल स का ह उसका ान नह बढ़ता आग य क सब ानी हो चक ह अ ानी

ान को आग बढ़ात ह जनको बोध ह क अ ान ह हम नह जानत व जानन क कोिशश करत ह जनको

पता ह क सब जान िलया गया व ठहर जात ह जीत ह मरत ह ल कन ान क कोई गित नह होती उस फक र न कहा या क गा म जाकर ल कन व लोग बोल हम दसर लोग ह व तय करक आए थ क अब बदलन क िसवाय कोई रा ता नह ह

उ ह न कहा हम गाव क दसर लोग ह हम व लोग ह नह ह जो पछली बार आए थ उस फक र न कहा चहर तो पहचान मालम पड़त ह ल कन ठ क ह धािमक आदमी का कोई भरोसा नह कभी भी बदल सकता ह अभी गीता पढ़ रहा ह अभी छरा िनकाल सकता ह अभी करान पढ़ रहा ह म जद

म और दखो तो बहत भोला मालम पड़ता ह थोड़ दर म मकान म आग लगा सकता ह िनकल कर धािमक

आदमी का कोई भरोसा नह ह तथाकिथत धािमक आदमी स यादा बईमान और डसऑन ट य व खोजना म कल ह ल कन हम इसी

को धािमक आदमी कहत ह अधािमक आदमी म भी एक ऑन ट एक िसिसय रट होती ह धािमक आदमी

म वह भी नह होती ना तक म भी एक तरह का बल और स चाई होती ह आ तक म वह भी नह होती

इसीिलए तो ना तक क नाम पर दिनया म कोई पाप नह ह कोई न मकान जलाया ह उ ह न न कसी क

ह या क ह ल कन आ तक क नाम पर इतनी ह या और इतन पाप का िसलिसला ह क अगर कोई सोच तो

हरान होगा क सोच तो भगवान स कह क यह दिनया कब ना तक हो जाएगी ऐसा कछ उपाय करो नह तो य पाप और अपराध बद नह ह ग यह हरानी क बात ह उस फक र न कहा ठ क ह तम प क धािमक मालम पड़त हो बदल गए म आऊगा लोग चल गए वापस वह म जद पहचा वह मच पर खड़ा हआ लोग न तय कर रखा था क आज जब वह

पछ कहना हम जानत नह फक र न पछा ई र ह मानत हो उ ह न कहा न ई र ह न हम मानत न हम जानत अब बोिलए फक र न कहा बात खतम हो गई जो ह ह नह उसक सबध म बोलना या बात ह टट गई और फक र न

कहा क तम सोचत हो क तमन मामला बदल िलया तमन बदला नह उस बार भी तमन ान का दावा कया

था क हम जानत ह अब भी तम ान का दावा कर रह हो क नह ह नह ह ई र यह भी ान का ह दावा

ह यह भी तम कहत हो क हम जानत ह क ई र नह ह खर बात खतम हो गई ह तम ानी हो और म

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 75

कछ भी नह कर सकता ािनय क साथ कछ भी नह कया जा सकता ािनय स यादा मर हए लोग नह होत प डत स यादा यथ

आदमी नह होता य क जसको भी यह म पदा हो जाता ह क म जानता ह उसम जीवन न हो जाता ह

य क जीवन प रवतन ह जीवन और जानन क खोज ह और जानन क और अनत खोज ह यह कभी

ऐसा ण नह आता क कोई कह क बस जानना खतम हो गया फक र तो चला गया गाव क लोग बहत परशान हए यह आदमी कसा ह अब हम या कर ल कन इस

आदमी न रस पदा कर दया था और लगता था क यह कछ कहगा तो अथपण होगा य क उसक दोन

ग चर दोन बार उसका यह कहना बहत अथपण मालम हआ था बात तो सच कह रहा था वह ल कन अब

हम या कर उ ह न आ खरएक ह उपाय और बचा था तीसरा वक प एक बार कहा था हा एक बार

कहा था नह अब कछ दोन क बीच समझौता करन का रा ता था व फर गए तीसर बार फक र न कहा य भाई उ ह न कहा हम फर आए ह ाथना करन ल कन हम तीसर ह लोग ह ल कन उसन कहा िम ो चहर बलकल पहचान हए मालम पड़त ह उ ह न कहा क वह आपक गलती ह आपका म ह हम तीसर ह लोग ह गाव बड़ा ह हम पछन आए ह आप चल फक र गया वह मच पर खड़ा हआ उसन फर वह सवाल कया ई र ह क नह ह म जद क लोग न तय कया था क आध लोग कहग--ह आध लोग कहग--नह ह आध लोग न हाथ उठा

दया क ई र ह हम मानत ह हम आ तक ह आध लोग न कहा हम िनपट ना तक ह हम नह मानत अब आप बोिलए फक र न कहा कस पागल हो जो जानत ह व उनको बता द जो नह जानत ह मर या ज रत ह मरा या

योजन ह यहा बलान का मझ तम कसिलए बला कर लाए हो इस म जद म दोन लोग मौजद ह--जो

जानत ह व जो नह जानत ह व तम आपस म िनपटारा कर लो वह फक र उतर कर चला गया गाव क लोग चौथी बार नह गए य क चौथा कोई उ ह उ र नह सझा फर वह फक र कई मह न का रहा

उस गाव म और राह दखता रहा क शायद व आए कई बार उसन लोग स कहा अब नह आत कई बार

लोग को खबर भजी अब नह आत ल कन लोग न कहा हम या आए हम कस आए चौथा उ र

नह िमलता ह तम फर वह पछोग हम थक गए चौथा उ र नह ह फर गाव स जस दन वह फक र वदा होता था गाव क लोग उस वदा दन आए और उसस पछन लग चौथा उ र भी हो सकता था या य क तमन बार-बार पछा क हम आए हम फर स आए फक र न कहा हो सकता था और अगर तमन चौथा उ र दया होता तो म ज र बोलता फर गाव क लोग कहन लग तो बताओ न वह चौथा उ र या ह ल कन उसन कहा मरा बताया हआ उ र त हारा उ र नह हो सकता ल कन म जात व त ह बताए जाता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 76

ह ल कन यान रखना क मरा उ र त हारा उ र नह हो सकता अपना उ र ह अपना होता ह फर भी उ ह न कहा बता द तो उस फक र न कहा म पछता और तम चप रह जात और कोई उ र न दत तो मझ बोलना ज र हो जाता

य क तब तम बतात क हम कछ भी नह जानत--न हा न ना हम बलकल अ ात ह हम उस सबध म

कछ भी नह कह सकत ह हम धारणा भी नह कर सकत ह क ई र यानी या अगर तम चप रह गए होत मौन रह गए होत तो मझ बोलना पड़ता ल कन तम बोलत चल गए त हार बोलन न बताया क तम जानन क म म हो और जो जानन क म म ह उस ान कभी भी उपल ध नह हो सकता ह अ ानी जान सकता ह प डत कभी नह जान सकता ह य क अ ानी को एक िमिलट अ ानी को एक

वन ता ह क म नह जानता ह अ ानी क ार खल ह ल कन ानी क ार बद ह जो जान लता ह वह ार

पर ताला लगा कर अदर बठ जाता ह इसिलए म कहता ह व ास झठा ान पदा करता ह ान नह सडो नॉलज ह िम या ान ह और िम या

ान खतरनाक ह वचार करो और िम या ान को न कर दो वचार स ान नह िमल जाएगा िम या

ान न होगा जस पर म एक काटा लगा हो और हम दसर काट को उठा कर उस काट को िनकाल कर फक

दत ह ल कन दसर काट को घाव म नह रख लत दसरा काटा भी फक दत ह व ास क काट को िनकाल डालो वचार क या स फर वचार क या भी यथ हो जाती ह दोन काट

फक दए जात ह फर या रह जाता ह फर जो रह जाता ह उसी का नाम ह चतना उसी का नाम ह

काशसनस उसी का नाम ह ववक उसी का नाम ह ा उस ा को स य का अनभव होता ह स य का

अनभव ाितकार ह चाह समाज का सवाल हो चाह य का स य क अनभव क बना कोई ाित नह ह

और इसिलए म कहता ह अब तक दिनया म कोई ाित नह हई ह िसफ ाित क नाम पर सडो रवो यशस

हई ह िम या ाितया हई ह बड़ स बड़ ाित भी दिनया क ाित नह थी स म जो ाित हई वह चीन

म जो ाित हो रह ह वह या ास म जो ाित हई य कोई भी ाितया नह ह सब सडो रवो यशस ह सब

िम या ाितया ह य इनको िम या ाित कहता ह य क य ाितया जदगी को बदलती नह िसफ जदगी क बोझ को एक

कध स दसर कध पर कर दती ह बीमार क नय नाम श हो जात ह स म गर ब िमट गया अमीर िमट

गया गर ब और अमीर क जगह दो नय वग आ गए जनता का और स ािधका रय का और व वग वस क वस

ह कल जो आदमी मािलक क हिसयत स फ चलाता था अब वह मनजर क हिसयत स फ चलाता ह ताकत उसक उतनी क उतनी ह कोई ाित नह हो गई िसफ वग न पातरण कर िलया िसफ वग बदल

गए नाम बदल गए दसर वग उनक जगह था पत हो गए य क जो ाित हई वह ाित कसी स य क

सा ात स नह िनकली वह ाित कवल व ास क आधार पर िनकली परान व ास बदल गए नय व ास

पकड़ िलए गए ल कन फर व ास पकड़ िलए गए और फर जो ाित हई वह फर परान ढाच को नई

श ल म नय नाम म था पत कर गई

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 77

हम नाम बदल लन को भी ाित समझत ह नाम बदल जात ह और हम समझत ह सब कछ बदल गया अछत को कहन लगत ह ह रजन और समझत ह सब कछ बदल गया अछत श द बहतर था य क उस श द म एक चोट थी और वह चोट कभी ाित करवा सकती थी ह रजन

श द खतरनाक ह उसम चोट नह ह वह बड़ा मधर और मीठा ह और मीठ श द क खलाफ ाित नह होती अब ह रजन को गौरव मालम होता ह यह कहन म क हम ह रजन ह अछत कहन म उस गौरव नह

मालम होता था अछत कहन म चोट लगती थी चोट स ाित आ सकती थी ह रजन कहन म वह अकड़ कर

कहता ह क हम ह रजन ह और ऐसा लगता ह क बाक कोई ह रजन नह ह बाक लोग भगवान क लोग नह

ह यह आदमी भगवान का आदमी ह श द खतरनाक िस होत ह उ नीस सौ बावन क कर ब वहा हमालय क तराई म नीलगाय होती ह तो नीलगाय न बहत उप व मचाया

खत म उसक स या बहत बढ़ गई थी ल कन नीलगाय म गाय जड़ा हआ ह श द तो उस गाय को गोली

नह मार जा सकती य क गाय को गोली मारना वह हद क जो जड़ता ह उसम एकदम आग लग जाएगी

तो फर या कया जाए तो पािलयामट म एक होिशयार आदमी न सझाव दया क पहल नीलगाय का नाम

नीलघोड़ा रखो फर गोली मारग और यह सझाव वीकत हो गया नीलगाय नीलघोड़ा हो गई और फर गोिलया मार ग और कसी न कछ भी नह कहा उस जानवर को पता भी नह चला होगा क अब हम नीलगाय

नह रह नीलघोड़ा हो गए ह ल कन आदमी क बईमानी आदमी क डसऑन ट हद क ह फर कसी न भी बात ह नह क -- क नीलघोड़

को मारन म या हजा ह मरन दो घोड़ स या लना-दना ह हदओ क तो गाय माता ह बस उसको भर

बचाना ह और कसी स कोई मतलब नह ह अगर गाय का भी नाम बदल दो उसको भी गोली मार जा सकती ह य क हमार कताब म तो िलखा ह गाय माता ह अगर गाय का नाम बदल दया तो फर कोई

द कत नह ह यह जो आदमी का दमाग ह यह ाित- ाित नह करता यह श द को बदलता ह वग क नाम बदलता ह नीच क चीज ऊपर करता ह इस कोन क चीज उस कोन म रखता ह और सोचता ह ाित ह यह ाित- ाित

नह ह नई जमावट पदा कर लता ह और कहता ह ाित हो गई ाित तब तक नह होगी मन य क जगत म जब तक वचार क ऊजा सम जीवन को घर न ल वचार क

आग न पकड़ ल हम जीवन क एक-एक म य को सदह न करन लग--और सदह क आग म सब जल जाए और ववक जा त हो उस ववक स आएगी ाित और लोग पछत ह क वह ाित कस लाएग ाित लानी नह पड़ती ववक जाग तो ाित आती ह कािस वस ह ाित ववक का

जस क एक घर म अध आदमी रहत ह तो अधा आदमी पछता ह क दरवाजा कहा ह ल कन आख वाल

आदमी रहत ह तो कोई नह पछता क दरवाजा कहा ह जब िनकलना होता ह िनकल जाता ह उस खद भी पता नह चलता अपन को क म दरवाज स िनकल रहा ह उस यह भी पता नह चलता क म दरवाजा खोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 78

आख दखती ह आदमी दरवाज स िनकल जाता ह दरवाज स िनकलना दखन वाल आदमी क िलए इतना सहज

ह ल कन अधा आदमी पछता ह दरवाजा कहा ह बाए क दाए लकड़ कहा ह मर मरा हाथ पकड़ो म द वाल स न टकरा जाऊ अधा आदमी यह भी पछ सकता हहम उसस अगर कह क जब तर आख ठ क हो

जाएगी तो तझ लकड़ क ज रत नह रहगीवह कहगा ऐसा कस हो सकता ह फर म दरवाजा कस

खोजगा अधा आदमी यह भी कह सकता ह हम उसस अगर कह क जब तर आख ठ क हो जाएगी तो त

बस बना पछ दरवाज स िनकल जाएगा वह कहगा ऐसा कस हो सकता ह बना पछ कोई कस िनकल

सकता ह मन य पछता ह ाित कस होगी म नह कहता ाित कस होगी यह सवाल नह ह सवाल यह ह क वह

ाित करन वाला त व भीतर जग जाए फर ाित हो जाती ह फर आप वह आदमी हो ह नह सकत जो

आप थ आपको चीज दखाई पड़न लगती ह और कोई आदमी दखत हए िसर नह टकराता ह द वाल स कोई

आदमी नह टकराता जस आदमी का ववक जग जाएगा उसी दन वह हद नह रह जाएगा उसी दन

मसलमान नह रह जाएगा य क हद और मसलमान अध आदमी क ल ण ह उस दन वह िसफ आदमी रह

जाएगा और वह यह नह पछगा क म हद होना कस भल म मसलमान होना कस बद क उस आदमी को

दख जाएगा य द वाल थी दरवाज नह थ जनस टकरात थ िसर फटत थ खन बहता था और कछ भी

नह होता था न हद स कोई मतलब ह धम का न मसलमान स न जन स धािमक आदमी हद मसलमान

और जन कस हो सकता ह धािमक आदमी िसफ आदमी हो सकता ह और अगर धािमक आदमी हो तो भारत

और पा क तान ब च क खल मालम पड़न लगग जमीन कह बट हई नह ह िसफ न श म बट ह जीवन रह य छठवा वचन उधार ान स म एक बड़ रा य का म यम ी मर गया था उस रा य का िनयम था क म यम ी का चनाव दश म जो

सवािधक ब मान आदमी हो उसक खोज करक कया जाता था सार दश म पर ाए ह तीन ब मान लोग खोज गए अितम पर ा होगी और उन तीन म जो सवािधक

ब मान िस होगा वह बड़ा वजीर बनगा अितम पर ा क िलए व तीन य राजधानी आए तीन िचितत रह ह ग जीवन-मरण का सवाल था व तीन यह चाहत थ क शायद कह स पता चल जाए क

पर ा म या आन को ह व नगर म आए तो और भी हरान हए नगर म एक-एक राजधानी क िनवासी को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 79

पता था क पर ा या होन वाली ह जसस भी पछा उसन कहा िन त रहो राजा न बहत दन स एक

भवन बना रखा ह उस भवन म तम तीन को कल बद कर दया जाएगा उस भवन क ार पर उसन एक ऐसा

ताला लगवाया ह जसक कोई चाबी नह ह वह ताला ग णत क एक पहली ह उस पहली क अक ताल पर खद

हए ह जो इस पहली को हल कर लगा वह दरवाजा खोल कर बाहर िनकल आएगा और जो पहल बाहर िनकलगा वह बड़ा वजीर हो जान को ह व तीन ह न तो कोई चोर थ क ताल क सबध म समझत ह न कोई इजीिनयर थ न ह ग णत क कोई

जानकार थ इनम स एक तो जाकर जहा ठहराया गया था वहा चपचाप चादर ओढ़ कर सो गया दो िम न

सोचा क शायद इसन पर ा दन का खयाल छोड़ दया दो बहत परशान थ भाग हए राजधानी म गए ताल

वाल स िमल ग णत स िमल इजीिनयर स िमल कछ कताब पहिलय क लाए रात भर कताब पढ़त

रह अजीब सी बात थी कभी ताल क सबध म सोचा नह था कस ताला खोलग रात भर सोए नह एक ह

रात क बात थी और कल जीवन भर क िलए एक बड़ सप एक बड़ा स मान एक बड़ा पद िमल जाता

दोन न रात भर बहत तयार क इतनी तयार क रात भर सोए नह कताब- कताब पहिलया ग णत--

क सबह उनक ऐसी हालत हो गई जसी पर ा दन वाल क अ सर हो जाती ह उनस अगर कोई पछता क दो

और दो कतन होत ह तो व नह बता सकत थ फर व राजमहल क तरफ चल वह जो साथी सोया रहा था वह उठा गीत गाता रहा नान कया वह भी

उनक पीछ हो िलया उन दोन न सोचा यह आदमी या करगा इसन कोई तयार नह क ह ल कन कई बार

ऐसा होता ह क जो नह तयार करत ह व कछ कर लत ह और कई बार ऐसा होता ह क जो तयार करत ह व पछड़ जात ह व तीन राजमहल पहच अफवाह सच थी उ ह एक कमर म बद कर दया गया और स ाट न कहा यह

ताला लगा ह यह ताल क कोई चाबी नह ह अगर कोई इसक पहली को हल कर ल जो अक इस पर खद ह तो बाहर िनकल आना जो पहल िनकल आएगा वह वजीर हो जाएगा म बाहर ती ा करता ह व तीन अदर बद कर दए गए दो तो अपन कपड़ म कताब िछपा लाए थ उ ह न अपनी कताब िनकाल कर

सवाल हल करना श कर दया एक जो रात भर सोया रहा था वह फर एक कोन म आख बद करक बठ गया व

दोन हरान हए यह आदमी कसिलए आया ह रात भर सोया रहा अब जब क सवाल हल करन का समय

आया तब भी आख बद करक बठ गया इस आदमी को हो या गया ह ल कन उसक फकर करनी उिचत

न थी अ छा ह था क वह सहभागी न हो ितयोगी न हो अ छा ह ह दो क बीच ह िनणय हो जाए व

दोन सवाल हल करन लग वह आदमी आधा घट तक बठा रहा उस आदमी न कछ भी नह कया वह बलकल ह चप बठा रहा उसक

हाथ-पर भी नह हल उसक आख क पलक भी नह हली फर अचानक वह उठा दरवाज पर गया दरवाज

को ध का दया दरवाज म ताला लगा नह था दरवाजा कवल अटका था वह बाहर िनकल गया स ाट उस

लकर भीतर आया और उसन कहा क िम ो अब बद कर दो जसको िनकलना था वह िनकल गया व दोन तो बहत हरान हए उ ह न कहा यह आदमी िनकल गया जसन कछ भी नह कया यह िनकला

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 80

कस स ाट न कहा क ताला लगा नह था िसफ दरवाजा अटका था और हम ब म ा क पर ा कर रह ह तो ब म ा का पहला ल ण यह ह क सवाल को हल करन क पहल जान लना क सवाल ह या नह अगर सवाल

न हआ तो हल करन क कसी भी कोिशश स कभी हल नह हो सकता ह अगर सवाल हो तो हल हो भी सकता ह ल कन तमन ब म ा का पहला ल ण ह नह दखाया तमन फकर ह नह क क दरवाजा बद ह या खला

ह और तम खोलन क कोिशश म लग गए कस तम खोल पाओग दरवाजा बद हो तो खोला जा सकता ह दरवाजा खला हो तो फर खोलन का कोई भी रा ता नह कोई भी माग नह इस आदमी न ब म ा का ल ण

दखाया इसन पहल जाच क क दरवाजा बद ह या खला इसको हम वजीर बना लत ह उन दोन न उस आदमी स पछा क तमन कस यह सोचा क दरवाजा बद ह या खला उस आदमी न कहा मन रात को जब मझ पता चला क ताला खोलना पड़गा तभी मन कहा क जो भी म

जानता ह मरा कोई भी ान इस पहली को हल करन म काम नह आ सकता य क जो भी म जानता ह जो

भी मन जाना ह जो भी मझ पता ह उसस वह सवाल हल कए जा सकत ह जो मर प रिचत ह अप रिचत

को प रिचत ान क आधार पर कभी भी हल नह कया जा सकता ह अ ात को ात ान क आधार पर कभी हल नह कया जा सकता ह अनजान को जान हए ान क आधार पर कभी हल नह कया जा सकता ह जो

हम जानत ह हम उसी को हल कर सकत ह उसक ारा जो हमन पीछ सीखा ह ल कन अप रिचत अनजान अ ात अननोन कोई सवाल हो तो नोन स जो ात ान ह उसस हल नह हो सकता तो फर मन सोचा क एक ह रा ता ह क म अपन मन को शात कर ल और जो म जानता ह उस भी भल जाऊ तो शायद जो म

नह जानता ह उसक झलक मर ाण म मर मन म आ जाए और रात भर स म भलन क कोिशश कर रहा ह

उसको जो म जानता ह य क जो म जानता ह कह उसक कारण जो अ ात ह उसम और मर मन क बीच

कोई द वाल न बना ल मरा ान तो म ान को वदा करन क कोिशश कर रहा ह तमन रात भर ान इक ठा

कया मन रात भर ान छोड़ा मन रात भर यह कोिशश क क सबह तक म बलकल खाली हो जाऊ एक

कोर लट क तरह जो कछ भी नह जानता ह रात भर म इसीिलए चप पड़ा रहा यहा आकर भी नान

करन क बाद भी म वह कोिशश कर रहा ह क सब मझ भल जाए जो म जानता ह ता क मन िनमल और शात

हो जाए और शात मन ह नय सवाल का हल खोज सकता ह अशात मन नह और जस मन म बहत ान

भरा ह वह बहत अशात होता ह तो मन घड़ भर बठ कर सब भला दया और जस ह म सब भल गया अचानक मझ भीतर स लगा क दरवाजा बद नह दरवाजा खला ह म उठा और बाहर िनकल गया मझ पता नह यह कस हआ यह छोट सी कहानी मन य कह यह कहानी म इसिलए कहना चाहता ह क जो लोग जीवन क स य को

जानना चाहत ह व भी शा को खोल कर बठ जात ह और जीवन क स य को कभी नह जान पात जो लोग

जीवन को जानना चाहत ह जो जीवन का ार खोलना चाहत ह व भी कताब और श द को लकर बठ जात ह

और श द स भर जात ह ानी हो जात ह ल कन अ ान िमटता नह प डत हो जात ह ल कन ा का

ार नह खलता सब जान लत ह और फर भी कछ नह जान पात ह बस कताब- कताब श द-श द शा -

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 81

िस ात इ ह क घर म पड़ रह जात ह और जीवन का वह ार जो बद ह नह ह बद रह जाता ह जो सदा

खला ह वह भी नह खल पाता ह उस खोलन क िलए भी इस तीसर आदमी जसा बनना ज र ह--जो जानत

हए को भल जाए व मरण कर द जस सीखा ह चप हो जाए मौन हो जाए ता क मौन क ण म जीवन

क ार का खलापन दखाई पड़ जाए एक बहत बड़ा सगीत था जमनी म वजनर उसक दरवाज पर सार दिनया क सगीत सगीत सीखन आत

थ उसन अपन दरवाज पर एक त ती लगा छोड़ थी उसम िलखा था उसन क जो लोग बलकल सगीत नह जानत ह उनक फ स इतनी ह और जो लोग सगीत जानत ह उनक फ स दगनी ह और जो बहत बड़ प डत ह

सगीत क उनको तो म िसखाता ह नह ह लोग उसस पछत क पागल हो गए हो आप जो प डत ह सगीत का उस नह िसखात तो वजनर कहता क प डत को पहल पा ड य छोड़ना पड़ता ह तब वह सीख सकता ह य क जस खयाल ह

क म जानता ह वह सीख नह सकता जो लोग कछ सीख हए ह उ ह पहल भलाना पड़ता ह जो व सीख हए ह

तो मह न उनक साथ महनत करनी पड़ती ह क तम पराना भल जाओ ता क नया सीख सको नया सीखन क

िलए परान का भल जाना ज र ह हा जो नय ह जो कछ भी नह सीख ह उ ह म थोड़ सी फ स म िसखा दता ह वह वजनर ठ क कहता था रमण मह ष थ द ण म एक जमन वचारक ओकबन उनस िमलन आया और पछन लगा मझ ई र को

जानना ह म या सीख म या सीख मझ ई र को जानना ह तो रमण न उनस कहा सीखो मत जो सीख हए हो उसको भल जाओ तो ई र को तम जान लोग अनलन

लिनग क बात ह मत करो जो तम जानत हो उसको भी भल जाओ बड़ उलट बात लगती ह यह वह आदमी बहत च का उसन कहा म जो जानता ह वह भी भल जाऊ उसस म कस ई र को जान लगा रमण न कहा क अगर तम भल जाओ जो तम सीख हो तो त हारा मन हलका हो जाए िनभार हो जाए तो

त हारा मन जसक ऊपर ान क प थर रख ह व प थर हट जाए तो त हारा मन इतना हलका हो जाए क

तम ऊपर उठ सको हलका मन ऊपर उठता ह खाली मन ऊपर उठता ह जस कोई दपण क ऊपर कछ धल जम गई हो तो फर दपण म ित बब नह बनता ऐस ह मन य क मन पर

अगर ान क धल जम जाए--और यान रह मन य क मन पर एक ह धल जमती ह और वह ान क धल ह-

-अगर वह जम जाए तो मन क दपण म परमा मा क ितछ व कभी नह बनती यह बात आपस कहना चाहता ह अगर आप ानी बन रहऔर हम सब ानी ह य क हम सब कछ न

कछ जानत ह बना कछ जान नह कछ जानत ह सच म या जानत ह हम खद को भी नह जानत और

कछ जानना तो बहत दर क बात ह जो वय को भी नह जानता वह और या जानता होगा ल कन नह हम म ह क हम बहत कछ जानत ह वह जो बहत कछ जानन का म ह वह धल क तरह मन क दपण को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 82

ढक लता ह उस दपण म परमा मा क स य क ितछ व कभी नह बनती और जनको हम कहत ह क

ई र क खोजन वाल लोग व और भी कताब स भर जात ह एक स यासी ई र क खोज म िनकला हआ था और एक आ म म जाकर ठहरा प ह दन तक उस आ म म

रहा फर ऊब गया उस आ म का जो बढ़ा ग था वह कछ थोड़ सी बात जानता था रोज उ ह को दोहरा

दता था फर उस यवा स यासी न सोचा यह ग मर यो य नह म कह और जाऊ यहा तो थोड़ सी बात ह उ ह का दोहराना ह कल सबह छोड़ दगा इस आ म को यह जगह मर लायक नह ल कन उसी रात एक घटना घट गई क फर उस यवा स यासी न जीवन भर वह आ म नह छोड़ा या हो

गया रात एक और स यासी महमान हआ रात आ म क सार म इक ठ हए सार स यासी इक ठ हए उस नय स यासी स बातचीत सनन उस नय स यासी न बड़ ान क बात कह उपिनषद क बात कह वद

क बात कह वह इतना जानता था इतना स म उसका व षण था ऐसा गहरा उसका ान था क दो घट

तक वह बोलता रहा सबन म म ध होकर सना फर उस यवा स यासी क मन म हआ ग हो तो ऐसा हो

इसस कछ सीखन को िमल सकता ह एक वह बढ़ा ह वह चपचाप बठा ह उस कछ भी पता नह अभी सन

कर उस बढ़ क मन म बड़ा दख होता होगा प ा ाप होता होगा लािन होती होगी-- क मन कछ न जाना और

यह अजनबी स यासी बहत कछ जानता ह यवा स यासी न यह सोचा क आज वह बढ़ा ग अपन दल म बहत-बहत दखी ह न अनभव करता होगा तभी

उस आए हए स यासी न बात बद क और बढ़ ग स पछा क आपको मर बात कसी लगी वह बढ़ा ग खल खला कर हसन लगा और कहन लगा त हार बात म दो घट स सनन क कोिशश कर

रहा ह तम तो कछ बोलत ह नह हो तम तो बलकल बोलत ह नह हो वह स यासी बोला दो घट स म बोल रहा ह आप पागल तो नह ह और मझस कहत ह क म बोलता नह ह उस बढ़ न कहा हा त हार भीतर स गीता बोलती ह उपिनषद बोलता ह वद बोलता ह ल कन तम तो

जरा भी नह बोलत हो तमन इतनी दर म एक श द भी नह बोला एक श द तम नह बोल सब सीखा हआ

बोल सब याद कया हआ बोल जाना हआ एक श द तमन नह बोला इसिलए म कहता ह क तम कछ भी

नह बोलत हो त हार भीतर स कताब बोलती ह एक ान ह जो उधार ह जो हम सीख लत ह ऐस ान स जीवन क स य को कभी नह जाना जा सकता जीवन क स य को कवल व जानत ह जो उधार ान स म होत ह और हम सब उधार ान स भर हए ह हम

ई र क सबध म पता ह और ई र क सबध म हम या पता होगा जब अपन सबध म ह पता नह ह हम

मो क सबध म पता ह हम जीवन क सभी स य क सबध म पता ह और इस छोट स स य क सबध म पता

नह ह जो हम ह अपन ह सबध म ज ह पता नह ह उनक ान का या म य हो सकता ह ल कन हम ऐसा ह ान इक ठा कए हए ह और इसी ान को ान समझ कर जी लत ह और न हो जात ह

आदमी अ ान म पदा होता ह और िम या ान म मर जाता ह ान उपल ध ह नह हो पाता दिनया म दो तरह क लोग ह एक अ ानी और एक ऐस अ ानी ज ह ानी होन का म ह तीसर तरह का आदमी म कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 83

स कभी-कभी ज मता ह ल कन जब तक कोई तीसर तरह का आदमी न बन जाए तब तक उसक जदगी म

न सख हो सकता ह न शाित हो सकती ह य क जहा स य नह ह वहा सख असभव ह सख स य क

छाया ह जस जीवन म स य नह ह वहा सगीत असभव ह य क सभी सगीत स य क वीणा स पदा होता

ह जस जीवन म स य नह ह उस जीवन म स दय असभव ह य क स दय व का नाम नह ह और न

शर र का नाम ह स दय स य क उपल ध स पदा हई ग रमा ह और जस जीवन म स य नह ह वह जीवन

अश का जीवन होगा इपोटट होगा िन स व होगा य क स य क अित र और कोई श दिनया म

नह ह हम सब क प हम सब अधमत हम सब असदर हम सब सड़त-गलत हम सब जीवन म रोज-रोज मरन

क तरफ जात हए लोग हम पता भी नह ह क हम जी भी नह रह य क जब तक स य न िमल जाए तब

तक कोई जीवन नह ह जस स य िमलता ह उस ह जीवन िमलता ह य क जस स य नह िमलता वह

म य म ह जीता ह म य म ह िगरता ह म य म ह न होता ह स य क अित र कोई जीवन नह ह एक स ाट था इ ा हम स यास ल िलया उस स ाट न और गाव क बाहर एक चौर त पर झोपड़ बना कर रहन

लगा ल कन उस झोपड़ पर रोज झगड़ हो जात य क कोई भी आकर उस झोपड़ पर पछता क ब ती का

रा ता कहा ह वहा स दो रा त जात थ एक ब ती क तरफ एक मरघट क तरफ उस फक र स कोई भी

पछता चौराह पर--वह चौराह पर था और कोई चौराह पर था भी नह --रा ता कहा ह ब ती का वह फक र कहता बाए चल जाना दाए मत जाना दाया रा ता मरघट ल जाता ह लोग बाए चल जात तीन मील चल कर मरघट पहच जात तब बड़ा ोध आता क यह आदमी कसा ह राह

चलत हए अजनबी लोग स मजाक करता ह लौट कर तीन मील चल कर ग स म आकर उसको पकड़ लत क

तम आदमी कस हो तमन इतन जोर स कहा क बाए जाओ बाए ब ती ह और हम बाए चल गए और

तमन रोका था दाए मत जाना दाए मरघट ह कस आदमी हो तम इ ा हम कहता तो फर हमार प रभाषाए अलग-अलग मालम पड़ती ह तम जस ब ती कहत हो उस म

मरघट कहता ह य क वहा हर आदमी मरन क तयार म बठा हआ ह आज मरगा कोई कल मरगा कोई परस मरगा कोई और तम जसको मरघट कहत हो उसको म ब ती कहता ह य क वहा जो बस गया बस गया फर कभी उजड़ता नह फर कभी वहा स जाता नह तो तमन पहल य नह कहा क कौन सी ब ती य क ब ती का मतलब होता ह क जहा बसन पर उजड़ना नह होता तो हम तो मरघट को ह ब ती कहत ह जो जानत ह व हम जी वत नह कहग व कहग हम मरत हए लोग और या ह जीवन हमारा जस दन

हम पदा होत ह उसी दन स मरना श हो जाता ह हमार पर जदगी मरन क एक लबी या ह ए जअल

ोसस ऑफ डथ धीर-धीर-धीर-धीर मरत जान क या ह आदमी ज म क बाद मरन क िसवाय और या

करता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 84

ल कन हम सोचत ह शायद मौत आती ह कभी स र वष बाद मौत इस तरह नह आती क स र वष बाद अचानक आ जाती ह मौत रोज साथ-साथ चलती ह रोज हम मरत

ह रोज हम बढ़ होत ह रोज कछ जीवन स खसकता चला जाता ह--जीवन क आधारिशलाए जीवन क ट और मौत बढ़ती चली जाती ह एक दन मौत पर हो जाती ह जसको हम मौत का आना कहत ह वह मौत का

आना नह ह मौत का परा हो जाना ह जस बीज बड़ा होता ह और व बनता ह ऐस ह ज म बड़ा होता ह और

मौत बन जाता ह और जस ज म स मौत िनकलती हो उस ज म को जीवन कहा जा सकता ह और जस

ज म का अितम प रणाम मौत होता हो उस हम या कह उस मौत क लबी या कह या जीवन कह एक स ाट रात सोया था उसन एक सपना दखा सपना दखा क कोई काली छाया उसक कध पर हाथ रख खड़

ह वह बहत घबड़ा गया उसन पछा तम कौन हो उस काली छाया न सपन म कहा क म मौत ह और आज शाम त ह लन आती ह तम ठ क जगह और ठ क

समय पर िमल जाना समय का यान रखना सरज क डबत ह धप क डबत ह स ाट क नीद घबड़ाहट म खल गई मन था क पछ लता मौत स क जगह और बता द क वह जगह कौन सी

ह समय तो बता दया इसिलए नह क उस जगह पर पहच जाता ब क इसिलए क उस जगह पर पहचन

स बचता कह भल-चक स उस जगह न पहच जाए ल कन नीद खल गई थी सपना टट गया था मौत मौजद

नह थी बहत घबड़ा गया आधी रात थी ल कन उसी व गाव म डड पटवा द क जो लोग भी सपन का अथ

जानत ह व आ जाए अनक व ान थ उस राजधानी म व आ गए और व सपन का अथ करन लग अब प डत स कभी भी कसी

चीज का अथ पछना खतर स खाली नह ह य क एक प डत एक अथ बताएगा वह अथ दसरा प डत कभी नह बताएगा तीसरा प डत तो दोन अथ स तीसरा अथ बताएगा प डत होन का मतलब अलग होना होता ह व सार प डत अलग-अलग अथ करन लग उ ह न अपनी कताब खोल ली और शा का अथ िनकालन लग

सबह हो गई सरज उग गया राजा घबड़ान लगा य क जब सपन स जगा था तो उस सपना कछ साफ-साफ

मालम पड़ता था प डत क बात सन कर और कन यजन और भी म हो गया था अब कछ भी समझ म

नह आ रहा था क या मतलब था सपन का फर सरज ऊपर चढ़न लगा और प डत का ववाद भी सरज क साथ ऊपर चढ़न लगा िन कष पर पहचना तो

दर आशा नह रह क िन कष पर व पहच सकग और तब राजा क बढ़ नौकर न राजा क कान म कहा महाराज इनक बात म मत उल झए पाच-दस हजार साल स भी प डत वचार करत ह ल कन कसी नतीज

पर कभी नह पहच ह प डत नतीज पर पहचत ह नह शाम ज द हो जाएगी सरज ढल जाएगा पता नह इस भवन म उस काली छाया क दशन हए ह कह इसी भवन म मौत आती न हो अ छा तो यह ह प डत को

िनणय करन द आप घोड़ पर सवार होकर जतनी दर िनकल सक इस महल स िनकल जाए उस राजा न कहा बात तो ठ क ह प डत िनणय बाद म भी कर लग बाद म पता चल जाएगा ल कन अभी तो मझ साझ स बचना चा हए उसक पास तज घोड़ा था लकर भागा कई बार अपनी प ी स कहा था--तर बना एक ण नह जी सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 85

ल कन आज भागत समय घोड़ पर प ी क कोई याद न आई अनक िम स कहा था क त ह मर आख क

तार हो तम हो तो मर ास ह तम हो तो सगध ह तम नह हो तो कछ भी नह ह त हार बना नह जी सकता ह आज कसी िम क कोई याद न आई आज एक ह याद थी--अपनी मौत क ण म अपनी ह याद रह जाती ह और जदगी भर हम दसर क याद करत ह इसिलए जदगी फजल

खो जाती ह जो लोग जदगी क ण म अपनी याद कर ल उनक जदगी साथक हो जाती ह ल कन मरत व

लोग अपनी याद करत ह और जदगी भर दसर क याद करत ह जदगी बकार हो जाती ह और मौत क ण म

कछ कया नह जा सकता कछ करन को समय चा हए और मौत क ण का मतलब ह समय अब नह ह वह आदमी भागा वह दन भर भागता रहा खान क िलए नह का पानी क िलए नह का कना खतरनाक

था महल स जतनी दर िनकल जाए उतना अ छा था तज घोड़ा था उसक पास साझ होत-होत सकड़ मील

दर िनकल गया एक बगीच म जाकर घोड़ा बाधा सरज ढलता था वह बहत खश था घोड़ क पीठ थपथपाई

और कहा शाबाश आज जब कोई काम नह पड़ा तब त मर काम पड़ा त ह मरा असली दो त ह त ह मरा साथी ह ध यवाद तरा क त मझ बचा कर िनकाल लाया तभी पीछ कसी काली छाया न कध पर हाथ रखा घबड़ा कर लौट कर दखा वह छाया और म य न कहा ध यवाद म भी त हार घोड़ को दना चाहती ह म भी िचितत थी इस जगह त हारा मरना बदा था तम पहच

सकोग क नह पहच सकोग म भी घबड़ा रह थी घोड़ा त हारा तज ह और ठ क समय पर ठ क जगह ल आया ह सच म घोड़ का ध यवाद करन यो य ह भागा सबह स साझ तक जसस भागा उसी क मह म पहच गया जदगी भर हम मौत स ह बचना चाहत ह

और मौत म ह पहच जात ह गर ब क घोड़ भी पहचा दत ह घबड़ाना मत क अमीर क घोड़ ह पहचा सकत ह

गर ब क घोड़ भी पहचा दत ह वह जहा अमीर क घोड़ पहचात ह पदल चलन वाल भी पहच जात ह हवाई

जहाज स उड़न वाल भी पहच जात ह ठ क जगह पर ठ क समय पर हर आदमी पहच जाता ह उसम कभी भल-

चक नह होती य क ज म क श आत मौत क श आत ह य क ज म क साथ ह मरना श हो गया इस हम जदगी कहत ह तभी तो फर जदगी दख ह तभी तो जदगी एक पीड़ा ह तभी तो जदगी एक

िचता ह और एक अशाित ह जदगी या ह एक तनाव क अित र एक तनाव जसम ाण कपत रहत ह ितपल दख और दख और दख एक तनाव जसम िसवाय आसओ क कछ भी हाथ नह लगता एक तनाव

जसम िसवाय दघटनाओ क कोई घटना ह नह घटती जदगी या ह एक सपना और वह भी दखद नाइटमयर ऐसी जदगी को अगर बदलना हो तो बना स य क सा ात क नह बदला जा सकता और जदगी ऐसी इसीिलए

ह क हम स य का कोई भी पता नह स य यानी जीवन हम जीवन का ह कोई पता नह हम बाहर ह बाहर

दखत ह और भीतर झाक भी नह पात जहा जीवन का मल ोत ह धम व ान ह जीवन क मल ोत को जानन का धम मथडोलॉजी ह विध ह व ान ह कला ह उस जानन का जो सच म जीवन ह वह जीवन जसक कोई म य नह होती वह जीवन जहा कोई दख नह ह वह जीवन

जहा न कोई ज म ह न कोई अत वह जीवन जो सदा ह और सदा था और सदा रहगा उस जीवन क खोज

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 86

धम ह उसी जीवन का नाम परमा मा ह परमा मा कह बठा हआ कोई आदमी नह ह आकाश म परमा मा

सम जीवन का टोटल लाइफ का इक ठा नाम ह ऐस जीवन को जानन क कला ह धम ल कन हम धम क नाम पर या जानत ह हम धम क नाम पर जानत ह शा हम धम क नाम पर जानत ह श द हम धम क नाम पर जानत ह िस ात

कोई गीता को कठ थ कए ह कोई करान को कोई बाइ बल को और सोच रहा ह क धम हो गया नह श द स धम नह होता जो श द को स य समझ लता ह वह वसा ह आदमी ह जसन ककड़-प थर को ह र-मोती समझ िलया हो जो श द को स य समझ लता ह वह ऐसा ह आदमी ह जसन श दकोश म िलखा हो घोड़ा और उसको घोड़ा समझ िलया अब श दकोश क घोड़ पर कोई भी सवार नह करता ह घोड़ा अ तबल म बधा हआ ह और वहा घोड़ा वगरह

कछ भी नह िलखा हआ ह वहा िसफ घोड़ा बधा ह और घोड़ को पता भी नह होगा क वह घोड़ा भी कहा जाता

ह श दकोश म िलखा ह घोड़ा और कई ऐस ब मान ह क श दकोश पर चढ़ कर सवार हो जाएग और कहग घोड़ा मझ ल चल नह ल कन श दकोश क घोड़ पर कोई छोटा ब चा भी नह चढ़ता ल कन श दकोश क ई र पर अिधकतम

लोग पजा करत रहत ह और श दकोश क ई र क सामन हाथ जोड़ कर खड़ रहत ह श दकोश को ह स य

समझ लत ह शा पढ़ लत ह और िस ात को स य समझ लत ह यह सारा का सारा ान ऐसा ह ह जस कोई आदमी तरन क सबध म बहत सी कताब पढ़ ल और तरन का

जानकार बन जाए और ज रत पड़ तो तरन पर पीएचड कर ल कताब िलख डाल या यान कर ल कन

कभी भल कर ऐस आदमी को नद म ध का मत द दना य क वह आदमी और सब कर सकता ह तर नह

सकता ह कताब स पढ़ा हआ तरना नद म काम नह आता हा और एक कताब िलखनी हो तो काम पड़

सकता ह तो कछ लोग कताब पढ़त ह और नई कताब बनात चल जात ह तो दिनया म कताब का ढर बढ़ता चला जाता

ह ल कन ान नह बढ़ रहा ह य क ान कताब स नह आता ान तो जदगी क भीतर अपन ह

भीतर िछप हए कए ह वहा स आता ह ल कन वहा तो हम कभी दखत ह नह हम तो बाहर स कड़ा-करकट

इक ठा करक भीतर ल जात ह उलट हमारा ान हमार भीतर क ान को ढक दता ह और िनकलन नह दता आदमी क जदगी म ान वस ह ह जस पानी जमीन क नीच ह और कआ कोई खोद ल जमीन क प थर

िनकाल कर बाहर फक द कआ खोदन म कोई या करता ह िम ट -प थर िनकाल कर फक दता ह पानी पानी भीतर ह िम ट -प थर क िनकलत ह बाहर आ जाता ह कआ या ह कआ एक छद एक ए ट नस एक खाली जगह ह हमन एक खाली जगह बना द भीतर का पानी कट होन लगा ल कन कछ लोग कआ नह बनात कछ लोग हौज बना लत ह हौज बलकल उलट चीज ह कआ जमीन म

खोदना पड़ता ह हौज ऊपर क तरफ उठानी पड़ती ह कए म िम ट -प थर िनकाल कर फकन पड़त ह हौज

क िलए बाजार स खर द कर लान पड़त ह िम ट -प थर लाओ द वाल बना कर जोड़ कर खड़ा कर दो कआ

खद जाता ह तो पानी मागन नह जाना पड़ता पानी अपन आप आता ह हौज बन कर तयार हो गई अब पानी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 87

भी लाओ अब पड़ोस क कओ स पानी मागो उधार और अपनी हौज म भर लो दखन पर हौज और कआ एक

जस मालम पड़त ह हौज म भी पानी ह कए म भी पानी ह ल कन कए क पास अपना पानी ह हौज क पास

अपना पानी नह ह कए क पानी म जदगी ह कए का पानी जदा ह उसक सागर स सबध ह उसक दर धाराए फली ह वह

अनत स जड़ा ह हौज कसी स भी नह जड़ अपन म बद ह चार तरफ स बद ह उसका कसी स कोई

सबध नह कआ भलीभाित जानता ह क पानी मरा नह ह सागर का ह हौज जानती ह क पानी मरा ह अब यह मजा दखो हौज क पास सारा पानी उधार ह ल कन हौज को लगता ह क पानी मरा ह कए क पास

पानी उधार नह ह अपना ह ल कन कआ जानता ह मरा या ह म तो कवल कट होन का एक रा ता ह

पानी तो सागर का ह पानी तो आकाश का ह पानी तो दर स आता ह और म भर जाता ह म तो एक खाली जगह ह जसम पानी कट होता ह कए क पास कोई अहकार नह होता हौज क पास अहकार होता ह अगर पानी भरा रह तो हौज का पानी

सड़गा कए का पानी नह सड़गा अगर पानी को िनकाल लो तो हौज का पानी खाली हो जाएगा हौज नगी और

खाली हो जाएगी कए का पानी िनकालो और नया पानी भर जाएगा मन कओ को िच लात सना ह क आओ कोई मरा पानी िनकाल लो और हौज भी िच लाती ह और रोती ह क

दर रहना हमारा पानी मत िनकाल लना लाओ और थोड़ा पानी डाल दो और आदमी भी दो तरह क ह एक हौज क तरह क आदमी ह जो ान उधार लकर भर लत ह अपनी खोपड़ म

उनक पास अपना कछ भी नह होता और एक व लोग भी ह जो ान उधार नह माग लत जो अपन भीतर खोदत ह और ान का कआ उपल ध कर लत ह ानी व ह जनक भीतर कए क तरह पानी कट होता ह और प डत व ह जो हौज क तरह ह इसिलए दिनया म प डत कभी भी स य को नह जान पाता ह अ ानी जान सकत ह ल कन प डत नह जान

सकता मन सना ह नह क प डत कभी भगवान क दरवाज तक पहचा हो आज तक नह पहचा आग भी

कभी नह पहच सकता ह य क प डत क पास सब उधार ह उधार आदमी कह भी नह पहच सकता ह सब

बारोड ह सब बासा ह सब मदा ह दसर क श द ह हम प डत बनना चाहत ह तो बहत आसान ह ल कन अगर हम ान को उपल ध होना चाहत ह तो थोड़

क ठनाई ह य क प डत होन म स ह करना पड़ता ह स ह करना आसान ह य क स ह करना मन को बड़ा सख दता ह जतना स ह बढ़ता ह उतना लगता ह म कछ ह पसा इक ठा होता ह तो आदमी को लगता ह

म कछ ह ान इक ठा होता ह तो भी आदमी को लगता ह म कछ ह कसी भी चीज क इक ठ होन स आदमी

क ईगो अहकार मजबत होता ह और लगता ह म कछ ह इसिलए स ह करना हमशा आसान ह य क

स ह स म िनिमत होता ह अहकार मजबत होता ह ल कन जस ान पाना ह वह थोड़ा क ठन ह आरडअस ह थोड़ा तप यापण ह य क उसम स ह छोड़ना पड़ता ह और धन छोड़ना आसान ह ान

छोड़ना बहत म कल ह य क ान भीतर धन मालम पड़ता ह लगता ह क यह तो हमारा सहारा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 88

ल कन कभी भीतर झाक कर दख वहा कोई भी ान नह ह हमार पास वहा हम बलकल खाली और अ ानी

ह हमन झठा ान वहा पकड़ रखा ह और जब तक हम इस झठ ान को पकड़ हए ह तब तक हम अपनी

कताब खोल कर बठ रहग और पछत रहग ई र का दरवाजा कहा ह ई र का दरवाजा कस खोल क

ऑफ नॉलज कहा ह ान क कजी कहा ह हम कहा जाए कसस पछ कसको ग बनाए कौन

हम कजी दगा और हम दरवाजा खोल लग तब तक हम अपनी कताब म उलझ रहग और पा ड य म ल कन एक रा ता और भी ह मत पछ कसी स मत जाए कसी क ार पर न कसी शा क पास न कसी

ग क पास न कसी शा क पास ान ह और न कसी ग क पास ान ह ान यक क भीतर ह वय

क भीतर ह वह ह शा वह ह ग वह वय परमा मा बठा हआ ह कसस पछ रह ह ल कन वहा जान क िलए चप हो जाना पड़गा वहा जान क िलए आख बद कर लनी पड़गी वहा जान क िलए

सब छोड़ दना पड़गा जो हम जानत ह और जो आदमी सब छोड़न को राजी ह-- ान जो ान छोड़न को राजी ह

वह आदमी ान को उपल ध हो जाता ह य क तब वह पाता ह क ार पर कोई ताला नह ह ार खला ह ध का दो और ार खल जाता ह जीसस न कहा ह नॉक एड द डोर शल बी ओप ड अनट य खटखटाओ और ार खोल दए जाएग आ क एड

इट शल बी िगवन मागो और िमल जाएगा जीसस तो कहत ह खटखटाओ और ार खल जाएगा ल कन म कहता ह खटखटान क भी कोई ज रत नह

ह य क ार बद नह ह आख खोलो और पाओग क ार खला हआ ह ल कन आख नह खलती ह आख

पर कताब रखी ह आख पर शा रख ह हदओ क मसलमान क ईसाइय क सबक शा छाती पर रख

हए ह और हर आदमी दब गया ह शा क नीच हमार पास शा न हम बध हए उ र द दए और बध हए उ र सबस यादा खतरनाक ह य क उनक

वजह स कोई आदमी अपना उ र नह खोज पाता ह एक छोट सी कहानी और अपनी बात म पर कर दगा बध हए उ र सबस यादा खतरनाक ह य क बध हए उ र आपको ानी तो बना दत ह ल कन बध हए

उ र आपक चतना को कभी वकिसत नह होन दत आपन एक कहानी सनी होगी सना होगा एक आदमी था एक सौदागर टो पया बचता था बाजार म जाकर

एक दन लौट रहा था टो पया बच कर एक झाड़ क नीच सोया था बदर उतर और उसक टो पया लगा कर

ऊपर चढ़ गए जब उसक नीद खली तब वह हरान हआ टो पया कहा ग ऊपर दखा तो बदर टो पया लगाए

बठ ह बड़ म कल हई--इनस टो पया कस वापस ली जाए तब उस खयाल आया क बदर नकलची होत ह उसन अपनी टोपी िनकाल कर फक द सार बदर न टो पया फक द उसन सार टो पया इक ठ क और अपन

घर चला गया इतनी कहानी आपन सनी होगी ल कन यह आधी कहानी ह आधी कहानी और ह वह भी म

आपस कहना चाहता ह फर वह सौदागर मर गया उसका बटा सौदागर हआ उस बट न भी टो पया बचना श क वह बटा भी उसी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 89

झाड़ क नीच का बदर उतर और टो पया लगा कर ऊपर चढ़ गए उस बट न ऊपर दखा उस अपन बाप क

कहानी याद आई उसक पास उ र तयार था उसन सोचा क बाप न कहा था क टोपी फकन स सब टो पया बदर न फक द थी उसन अपनी टोपी िनकाली और फक द ल कन दभा य एक बदर नीच उतरा और उसक भी टोपी

लगा कर ऊपर चला गया बदर न टोपी नह फक य क बदर पहल मामल स समझ गए थ और उ ह न तय

कर िलया था क अब कभी भल ऐसी नह करनी ह सौदागर एक दफा धोखा द गया ल कन बट क पास बधा

हआ उ र था बाप क ान को अपना ान बना िलया था उसन वह झझट म पड़ गया सभी बट बाप क ान को अपना ान बना कर झझट म पड़ जात ह य क ान कभी भी कसी का कसी दसर का नह बन सकता ह ान कभी भी उधार नह होता ान उधार हो ह नह सकता ह जो उधार ह वह

अ ान स बदतर ह ल कन हम सब उधार ान स भर हए ह सब बाप-दाद क उ र ह सब याद कए हए ह हम क ण का महावीर का ब का ाइ ट का सब उ र हम याद ह उन उ र क कारण हम अपना उ र नह िमल पाता

ह इसिलए हम जदगी म जदगी को बना जान जीत ह और मर जात ह इसिलए जदगी हमार एक सवास

नह इसिलए जदगी एक सगध नह इसिलए जदगी एक जीता हआ सगीत नह इसिलए जदगी एक कल-

कल करता हआ झरना नह ह जदगी एक बद तालाब हो गई ह और इस बद तालाब म हम सड़ गए ह गल

रह ह चार तरफ दगध फल रह ह जीवन क चार तरफ जीवन उदास हो गया ऐसी उदास जदगी को बदलन क िलए कछ कया जाना ज र ह या कर सकत ह उधार ान को छोड़ और

अपन भीतर झाक जहा स असली ान क ोत उपल ध होत ह मर बात को जो क बड़ म कल स म कह पाया और पर नह कह पाया फर भी आपन इतनी बातचीत

करन वाल लोग क बीच--यह मौका पहली दफा ह मर जदगी म ऐसा आपक गाव को याद रखगा-- फर भी

मर बात को कसी तरह सन िलया उसक िलए बहत-बहत अन ह मानता ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य सातवा वचन पछल ज म का मरण

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 90

ओशो बदर स आदमी का वकास हआ यह तो समझ म आता ह ल कन आप जो आ मा क वकास क बात कहत

ह वह जरा समझ म नह आता इसम समझन क बात ह बहत यादा नह ह बदर स आदमी क दह िमली ह यह भी आपको कस समझ म

आता ह यह इसीिलए समझ म आता ह क पीछ डा वन न बहत महनत क और यह समझान क कोिशश क

क शर र का जो वकास ह मन य क पास जो शर र ह वह शर र बदर क पास जो शर र ह उसक ह आग क

कड़ ह यह शर र उसस ह वकिसत होकर आया हआ ह यह तो आधी बात हई अगर मन य कवल शर र ह तब तो बात ख म हो गई ल कन मन य अगर आ मा भी ह जसा क ह तो आ मा कसी वकास-या ा स आ

रह ह कित म बहत-बहत तल पर बहत तरह का वकास चल रहा ह तो जस शर र क कड़ बदर स जड़ हई ह वस

ह अगर हम आदमी क पनज म म जान क कोिशश कर--जस अगर आपक पनज म को जानन क पछल

ज म को जानन क कोिशश क जाए--तो यह बड़ा आ यजनक अनभव ह क अगर दस-पाच लोग को उनक

पछल ज म क मित म ल जाया जाए तो दस-पाच ज म तो उनक मन य क िमलग ल कन मन य क

अित र अगर पीछ कोई याददा त को घमाया जाए तो आ खर कड़ गाय क िमलगी यानी अगर आपको

याद दलाया जाए तो हो सकता ह आपक पछल दस ज म मन य क ह रह ह ल कन यारहवा ज म आपका

गाय का िमल जाएगा अगर कसी भी मन य क पछल ज म क मित को खोदा जाए तो मन य होन क

पहल उसका जो ज म होगा वह गाय का होगा आ मक कड़ शर र क कड़ नह शर र क कड़ तो बदर स

आई हई ह ल कन आदमी होन क पहल कोई आ मा कस पश योिन स गजरती ह अगर इसक खोज-बीन क

जाए तो आदमी होन क पहल मन य क आ मा गाय क योिन स गजरती ह यह मरा कहना ह और च क

इस सबध म कोई बहत बड़ा काम नह हआ जसा क डा वन क िलहाज स शर र क सबध म हआ ह तो इस

पर काफ काम करन जसी गजाइश ह क अगर हम दस-प चीस लोग को पछल ज म म उतारन क कोिशश

कर तो जहा स उ ह न मन य क कड़ श क ह वह कड़ गाय क कड़ क बाद श होती ह इसिलए गाय स

एक आ मक िनकटता ह वह जो मन कहा गऊमाता का मरा जो अथ हो सकता ह बदर स भी एक िनकटता ह शार रक कड़ क स यानी इसका मतलब यह हआ क आदमी क पदा होन क

पहल गाय क या ा स जो आ मा वकिसत हो रह थी वह और बदर क या ा स जो शर र वकिसत हो रहा

था वह मन य होन क िलए इन दो चीज का उपयोग कया गया--बदर वाल शर र का और गाय वाली आ मा का यह समझ म नह आता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 91

समझन क बात नह ह बहत न वह तो योग करन क बात ह बहत वह तो अगर पछल ज म क मित को

जगान क कोिशश कर तो समझ म आन वाली बात ह आपन कया ह योग हा तभी कह रहा ह नह तो कस कहगा आपन जो योग कया वह बताए तो उसस शायद समझ म आए उसस भी कछ समझ म नह आएगा न वह तो त हारा ह योग त ह कराया जाए तो समझ म आता ह आ मा क सबध म जतनी बात ह व बना योग क कोई भी समझ म आन वाली नह ह कहा जा सकता ह

क यह ह ऐसा ह ल कन उसस कछ फक नह पड़ता कहन स वह तो कसी को भी उ सकता होतो जस म

यान क िश वर ल रहा ह धीर-धीर उ सकता जगाता ह कछ लोग म क जन लोग को पछल ज म क

मित क या ा पर जाना हो उनक अलग िश वर लन का इतजाम थोड़ स प चीस लोग इ क स दन क िलए

मर पास आकर रह उनको पछल ज म क या ा म उतारन क कोिशश क जाए इ क स क साथ महनत क

जाए तो उसम स पाच-सात लोग उतर जाएग तो ह समझ म आ सकता ह क हमार पछली कड़ कहा स जड़

हई ह नह तो वह समझ म नह आता और क ठनाई तो यह ह क कोई योग करन क िलए गहर योग करन क तयार नह ह कसी क य क

गहर योग खतरनाक भी ह य क आपको अगर पछल ज म क मित आ जाए तो आप फर दबारा वह

आदमी कभी नह हो सकग जो आप मित क पहल थ कभी नह हो सकग फर असभव ह यह बात यानी

आपक पर टोटल पसनिलट फौरन बदल जाएगी य क आप पाएग क अगर अपनी प ी को बहत म कर

रह ह तो आप पाएग क ऐसी कई प य को बहत बार म कया और कछ अथ नह पाया तो इसक बाद आप

इस प ी को वह म नह कर सकत जो आप इसक पहल कर रह थ वह असभव हो जाएगा वह बात ह खतम

हो गई अगर अपन बट क िलए आप मर जा रह ह क इसको यह बनाऊ इसको वह बनाऊ और आपको अगर

पाच ज म क मित आ जाए क आप ऐस कई बट क साथ महनत कर चक ह वह सब बमानी सा बत हई और आ खर म मर गए तो इस बट क साथ जो आपका पागलपन ह वह एकदम ीण हो जाएगा ब और महावीर दोन न अपन सभी साधक को पछल ज म म ल जान का योग कया अगर कोई बहत

गौर स समझ तो ब और महावीर का जो सबस बड़ा दान ह वह अ हसा वगरह नह ह अ हसा तो बहत दन स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 92

चलती थी इन दोन का जो सबस बड़ा क मती दान ह वह जाित- मरण ह वह विध ह जसक ारा आदमी

को उसका पछला ज म मरण दलाया जा सक और जो लाख लोग िभ और स यासी हो गए वह िश ा स नह हो गए वह जस ह उनको पछल ज म का मरण आया क सब बात बकार हो ग और उनको िसवाय

स यास क कोई साथक बात न रह लाख आदमी एक साथ जो स यासी हए उसका यह कारण नह था क

महावीर न समझा दया क स यास स मो िमल जाएगा उसका कल कारण इतना था क उनको उनक मित

क याद दला दन स उनको यह लगा क यह सब तो हम बहत बार कर चक इसम तो कछ सार नह ह इसम

कछ भी सार नह ह यह च कर तो बहत दफ घम चका इसम कोई भी अथ नह ह तब कछ और करन क

धारणा तो वह तो म चाहता ह य जो सार बात कहता भी ह व इसी खयाल स कहता ह क आप म कोई ज ासा जग ल कन बौ क ज ासा स कछ भी नह होगा ज ासा ऐसी जगनी चा हए क कछ लोग योग करन क िलए

राजी ह और अब ज द ह म चाहता ह क यान क िश वर भी ह तो अब इस तरह क सामा य िश वर न ह

सभी लोग आ जाए ऐसा अब न हो या फर हम िश वर को बाट सामा य िश वर हो कोई भी आ सक फर

गहरा िश वर हो जसम वह लोग आ सक जो क गहर जान क ह मत और पर श लगान को तयार ह तो म तो मानता ह क इ क स दन म गहरा योग करन स आप बलकल दसर आदमी हो जाए आपक सार

जदगी और हो जाए जो आप सोचत थ वह चला जाए जो आप जीत थ वह चला जाए और दबारा आप लौट

कर कभी वह न हो सक ल कन बौ क ज ासा स तो कछ हल होन वाला नह ह बहत य क जो भी आप पछग म कछ और कहगा उस पर और दस खड़ हो जात ह और वह बात वह घम कर रह जाती ह उसस कोई मतलब नह ह ओशो जाित- मरण क बात तो अतीत क हो गई जी अतीत क ह अतीत क ह ल कन अगर आपको यह खयाल आ जाए क आप न अतीत म या- या

कया कतन बार कया तो आज जो आप कर रह ह उसक करन म बिनयाद फक पड़ जाएगा अगर यह पता

चल जाए क मन कई दफा धन कमाया कई दफा कमाया और कछ भी नह पाया तो आज धन कमान क जो

दौड़ हो वह एकदम ीण हो जाएगी उसम स बल िनकल जाएगा फक बिनयाद पड़ जाएगा एकदम अगर

आपको यह पता चल जाए क यह शर र बहत दफ िमला और हर बार न हो गया तो अब इस शर र क

आसपास जीन का कोई मतलब नह यह फर न हो जाएगा तो मर जीन का क शर र नह होना चा हए य क शर र बहत दफ िमलता ह और मर जाता ह और कोई फक नह पड़ता तो आपक जीन का क पहली

दफा आ मा हो जाएगी शर र नह रह जाएगा अतीत क ह ह वह ल कन उसका मरण आपको यह साफ कर दगा क जो आप कर रह ह यह को ह क बल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 93

जसा करना ह यानी बहत दफ कया जा चका ह सफल हो गए ह तो भी कछ नह पाया असफल हो गए ह तो भी कछ नह गवाया अगर यह बात दख जाए तो सफलता-असफलता का कोई म य नह रह जाएगा यानी हम

फर वह नह कर सकग न एक पछल ज म म मन करोड़ पय इक ठ कर िलए और फर मर गया इस ज म म म फर करोड़ पय

इक ठ करन क िलए लगा हआ ह तो मर सामन साफ हो जाएगा क करोड़ इक ठ कर लगा और फर मर

जाऊगा तो अब मझ करोड़ इक ठ करन क दौड़ म जीवन गवाना या कछ और कमान का खयाल करना

चा हए और कित क यह तरक ब ह क आपक पछल ज म क मितया बलकल दबा कर रख दती ह और ठ क भी

ह नह तो आप पागल हो जाए अगर अकारण मित आपको रह आए तो आप म कल म पड़ जाए तो जो

ह मत करक कोिशश करता ह खोजन क उसको ह पता चलता ह नह तो नह पता चलता सार मितया जतन ज म हए ह--और एक-एक आदमी क लाख ज म हए ह--व सार मितया कोई भी खो

नह जाती ह व सार मितया आपक भीतर मौजद ह गहर परत पर उनको खोजना पड़गा और ऐस तो

सामा यतः हम आठ साल पहल आपन या कया वह भी भल गए ह म एक लड़क पर बहत दन तक योग करता था उसक जाित- मरण क िलए तो अगर म आपस पछ क

उ नीस सौ इ यावन म एक जनवर को आपन या कया तो आप कछ भी नह बता सकत एक जनवर हई

ह उ नीस सौ इ यावन भी हआ ह वह आपको पता ह पछल ज म क बात नह इसी ज म क बात ह

ल कन एक जनवर उ नीस सौ इ यावन को आपन सबह स शाम तक या कया वह कछ भी मरण नह

ह हई भी एक जनवर उ नीस सौ इ यावन या नह हई बराबर हो गई ह ल कन अगर आपको स मो हत

करक बहोश कया जाए और याद दलाया जाए तो आपको एक जनवर उ नीस सौ इ यावन आप इस तरह

रपोट करत ह जस अभी आख क सामन स गजर रह हो अभी रपोट कर दग आप परा-- क यह हआ सबह

उठा यह हआ यह ना ता िलया था यह पसद नह आया नमक यादा था दाल म--पर दन का आप रपोट

कर दग पर म कल यह मझ हई क उसको टली कस कया जाए क यह हआ भी क यह िसफ एक सपना ह तो फर मन नोट करना श कया क जस आज दन भर म सबह स शाम तक उसको नोट करता रहा क या

हो रहा ह--उसन कसको गाली द कसस झगड़ा कया कस पर ोध कया--तो दन भर क दस-प ह मन

नोट कर िलए तीन साल बाद उसको बहोश कया और उस दन क िलए पछा तो उसन बलकल ऐसा रपोट

कर दया क जसका कोई हसाब नह था जो बात मन नोट क थी व तो रपोट ह ह जो म नोट नह कर

पाया था य क दन म तो हजार घटनाए घट रह ह व भी सब रपोट कर द तो इस ज म क भी बहत कामचलाऊ मित हमार पास रह जाती ह बाक तो नीच दब जाती ह इसम भी जो

दखद मितया ह व एकदम स दबा द जाती ह िच उनको दबा दता ह जो सखद मितया ह उनको ऊपर रख

लता ह और इसीिलए हम पछला बीता हआ समय अ छा मालम पड़ता ह बढ़ा आदमी कहता ह बचपन बहत अ छा था उसका और कोई कारण नह ह बचपन क जतनी दखद

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 94

मितया थी व नीच दबा दता ह िच और जो सखद थी थोड़ सी उनको ऊपर रख लता ह उनको याद रख लता ह एक बढ़ा आदमी कहता ह क जवानी बहत मज क थी बस वह जवानी म जो सखद थोड़ा सा घटा होगा वह ऊपर

रख िलया ह बाक सब उसन दबा दया ह और अगर उसका परा िच खोला जा सक तो वह हरान रह जाएगा

क म कल स सौ घटनाए घटती ह जसम िन यानब दख क होती ह एकाध कभी सख क हलक झलक क

होती ह मगर िच ऐसा धोखा करता ह और अगर दो-चार ज म खोल जा सक तब तो पर ह जदगी बदल

जाती ह य क फर आप और ह ढग स सोचग कछ और ह क बनाएग अतीत क ह ह ल कन व फक लाती ह एकदम फक लाती ह मझ एक बात पछनी ह ओशो ाणी का स म शर र और आदमी का एक ह समान होता ह ाणी यानी

कोई भी जानवर जस गाय नह एक सा नह होता अलग-अलग होता ह अलग-अलग होता ह ओशो अलग स म शर र होन स च अलग रहत ह दोन क नह उसस कोई फक नह पड़ता उसस कोई फक नह पड़ता स म शर र जो ह आपका अगर मन य ह तो जसा आपका शर र ह ठ क इसी आकित का ठ क ऐसा ह ल कन अ यत ए ल एट स का बना हआ बहत स म पदाथ का बना हआ शर र होगा उसक आर-पार जान म क ठनाई नह ह अगर हम एक प थर फक

तो वह उसक आर-पार हो जाएगा वह स म शर र अगर द वाल स िनकलना चाह तो िनकल जाएगा उसम कोई

बाधा नह ह ल कन आकित बलकल यह होगी जो आपक ह धधली होगी जस धधला फोटो ाफ हो अगर

आपक स म शर र का फोटो ाफ होगा तो वह बलकल इसस मल खाएगा ल कन ऐसा खाएगा जस क कई

सकड़ वष म पानी पड़त-पड़त एकदम धधला हो गया हो पर होगा यह गाय का होगा तो गाय जसा होगा ल कन गाय जब मन य शर र म वश करगी तो स म शर र च क इतना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 95

वायवीय ह वह कसी भी आकित म फौरन ढल सकता ह वह कोई ठोस चीज नह ह जस हम िगलास प चीस ढग क िगलास रख और पानी को एक िगलास म डाल तो पानी उस आकित का हो जाता ह दसर िगलास म डाल दसर आकित का हो जाता ह य क पानी िल वड ह उसका कोई ठोस आकार नह ह वह

जस िगलास म होता ह उसी आकार का होता ह तो वह जो स म शर र ह वह जस ाणी-जीवन म वश

करता ह उसी आकार का हो जाता ह उसको आकार का ठोसपन नह ह इसिलए अगर गाय का स म शर र

िनकल कर मन य म वश करगा तो वह मन य क आकित हण कर लगा और स म शर र क जो आकित

ह वह डजायर स पदा होती ह वह वासना स पदा होती ह तो जस जीवन म वश क वासना पदा हो

जाएगी स म शर र उसी का आकार ल लगा और अगर हम अपन इस शर र पर भी योग कर तो हम बहत हरान हो जाएग इस शर र पर भी अगर हम

योग कर तो हम बहत हरान हो जाएग यह शर र भी बहत कछ आकितया हमार वासना स ह लता ह अभी तो व ािनक भी इस बात को समझन म असमथ ह क हम खाना खात ह तो उसी खान स ह ड बनती

ह उसी खान स खन बनता ह उसी खान स हाथ क चमड़ भी बनती ह उसी खान स आख क अदर क

चमड़ भी बनती ह ल कन आख क चमड़ दखती ह और हाथ क चमड़ नह दखती और कान क ह ड सनती ह और हाथ क ह ड नह सनती और जो त व हम ल जात ह व एक ह ह और इतना सारा का सारा िनमाण

भीतर जो होता ह यह कस आधार पर हो रहा ह तो वह जो हमार भीतर जो गहर वासना ह वह वासना

आकित दती ह और उस वासना का स मतम प अब व कहत ह क ज र कसी कोड ल वज म कह न कह िलखा होगा जस एक बीज ह उस बीज को हम डाल दत ह फोड़ कर दख तो हम कछ पता नह चलता उस बीज को हम

िम ट म डालत ह और उसम स एक फल िनकलता ह समझो सयमखी का फल िनकलता ह तो सयमखी क

फल म जतनी पख ड़या ह इसका कछ न कछ कोड ल वज म उस बीज म िलखा हआ होना चा हए अ यथा

यह कस सभव ह क यह सयमखी का ह पौधा बनता ह यह दसरा पौधा नह बन जाता बीज म कसी न कसी

तरह कसी न कसी स म तल पर जो होन वाला ह वह सब िलखा होना चा हए एक मा क पट म एक अण गया ह उस अण म वह सब िलखा हआ ह जो आप म सभव होगा वह उस अण म

कहा िलखा हआ ह अभी तक व ािनक क पकड़ क बाहर ह ल कन आ या मक या योग का कहना यह ह

क उसम जो ाण व हआ ह उस ाण क जो वासना ह वह वासना कोड ह उस कोड स सब वकिसत

होगा और वह जो स म शर र ह जब तक एक ह तरह क जीवन-या ा करगा--जस दस ज म ह ग आदमी क तो वह आदमी का रहगा ल कन हर ज म म उसक आकित बदलती चली जाएगी और वह आकित भी आपक

वासना स ह िनधा रत होगी ओशो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 96

स म शर र क साथ च जात ह क नह जात च न हा च तो जो असल म गौर स समझ तो स म शर र और इस थल शर र क बीच जो काट ट फ ड

ह उनका नाम च ह यानी आपका यह शर र और वह शर र जहा-जहा छता ह व च ह तो व सब समान

ह उसम कोई फक नह पड़ता ाणी म और

सब म जहा स गाय का शर र छएगा वहा च बन जाएगा और व छन क थल तय ह जस समझ ल क

स स क सटर पर एक च होगा चाह वह कसी जाित का ाणी हो--क ा हो ब ली हो आदमी हो औरत

हो इसस कोई फक नह पड़ता--एक बहत फोसफल च स स क सटर पर होगा तो वह च सब शर र म

होगा उनक आकित कछ भी हो उस जगह च होगा हा वह च छोटा-बड़ा हो सकता ह कमजोर-ताकतवर हो सकता ह सात च होत ह हा सात च ह ग ( का विन-म ण प नह ) हा-हा समझा तो उसका मतलब कवल इतना ह क उनक बाक च िन य पड़ हए ह व जब भी स य हो

जाएग उनक उतनी इ या कट होन लगगी च िन य हो सकत ह और हमार भीतर भी सात च होत

ह ल कन सात स य नह होत सात स य हो जाए तो बहत अदभत घटना घट गई हमार भी सात स य

नह होत आमतौर स सौ आदिमय क जाच-पड़ताल करग तो स स का च तो सब म स य िमलगा बाक छह च म स कोई एकाध च कसी म स य होगा कसी म दो च स य ह ग नह तो नह ह ग कित को तो जतन च स य उसन बनाए ह व तो स य रहत ह ल कन जतन साधना स स य होत ह

व नह स य होत व ह हमार भीतर ल कन व िन य पड़ ह ग जस क बजली का बटन तो ह ब ब भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 97

ह ल कन बटन ऑफ ह तो ब ब बद पड़ा हआ ह वह ऑन हो जाए तो ब ब जल जाए च पर तरह मौजद

ह ल कन ऑन हालत म नह ह ऑफ हालत म ह तो हमार जतन तर च ह व सब ऑफ हालत म ह और यान स और योग स उनको ऑन हालत म लान

क ह सार च ा क जाती ह क व ऑन हो जाए और व स य हो जाए और जतन ऊपर क च स य होन

लगत ह उतन नीच क च अपन आप िन य होन लगत ह य क जो श ह हमार पास वह वह ह वह

धीर-धीर ऊपर क च म गितमान हो जाती ह नीच क च िशिथल हो जात ह इस पर कभी पर बात करनी अ छ होगी कभी म चाहता ह क पर एक सीर ज ल चस क पर ह इस पर हो सक तो अ छा हो गजरात म दया था आपन एक ल चर इस पर बहत बात करन जसी ह बहत बात करन जसी ह य क मामला इतना आसान नह ह जतना आमतौर स समझा जाता ह काफ ज टल ह पीछ ओशो पछल ज म म जान क िलए जो आपन बात कह उसक िलए कस योग करना होगा आउटलाइन द जा

सकती ह नह वह तो आप आ जाए तो करवा ह द आउटलाइन जरा म कल बात ह न आउटलाइन स काम नह होगा और आउटलाइन द भी नह जा सकती ह वह तो आप एक टप परा कर तो दसर क आउटलाइन द जा

सकती ह और नह तो आप परशानी म पड़ जाए उसस कछ मतलब नह ह और कछ स कछ कर ल उसस कछ मतलब नह होगा वह तो एक टप परा हो जाए तो दसर टप क बात करना साथक ह ओशो यह पािसबल ह यह उसस खयाल म आ सक जस एक व ािनक योग करता ह तो सब लोग घर म योग

नह करत ल कन व जो ड ाइब करत ह उसस ऐसा मालम होता ह क ऐसा हो सकता ह इसम दोन म बिनयाद फक ह यह व ािनक योग नह ह उस अथ का य क व ान और धम क योग म

जो बिनयाद फक ह वह यह ह क व ान का योग ऑ ज टव ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 98

एक बजली का पखा कसी न बनाया तो जसन बनाया उसी को पखा दखता ह ऐसा नह ह ज ह न नह

बनाया व िसफ दखन आकर खड़ हो गए ह उनको भी पखा दखता ह चलाएगा तो चलता हआ भी दखता

ह व मानत ह क ठ क ह पखा चलता ह हवा भी फकता ह व ान जो योग कर रहा ह वह ऑ ज ट क साथ कर रहा ह और धम जो योग कर रहा ह वह स ज ट क साथ

कर रहा ह मन अपन साथ जो योग कए ह व आपको कसी हालत म नह दख सकत कोई कारण नह दखन का सच तो यह ह क मर शर र स यादा आपको मर भीतर कछ भी नह दखाई पड़ता ह कस दखाई

पड़गा शर र ऑ ज ट ह ल कन म तो कभी आपक िलए ऑ ज ट नह हो सकता न आप मर िलए

ऑ ज ट हो सकत ह और धम क सार योग स ज ट स जड़ हए ह वह जो भीतर ह उसस तो अगर एक महावीर या एक ब कतन ह योग कर ल फर भी बाहर अगर लाकर महावीर को बठा दया

जाए सामा य कपड़ म आपक बीच आपको पता भी नह चलगा यहा महावीर बठ हए ह य क जो घटना

घट ह वह इतनी आत रक ह इतनी भीतर ह क वह िसफ महावीर क िलए ह सा ात हो सकता ह उसका उसका सा ात बाहर स नह हो सकता और बाहर स भी एक थित म हो सकता ह क ठ क वसी घटना आपक

भीतर भी घट हो तो कोई भीतर पहचान हो सकती ह क महावीर क आख म आपको वह बात दखाई पड़न लग जो आपक अपनी आख म आपको अनभव होती ह महावीर क चलन म आपको वह बात दखाई पड़न लग

जो आपक चलन म फक पड़ गया ह तो शायद आपको थोड़ा अदाज लग क इस आदमी क भीतर भी कछ वसी बात तो नह हो गई जसी मर भीतर हो गई ह नह तो अ यथा बलकल म कल मामला ह और प-रखा क भी जो बात ह क एक आउटलाइन भी द जा सक आउटलाइन दना भी बलकल म कल ह

य क मामला ऐसा ह समझ ली जए क पहली क ा म एक व ाथ भत हआ ह और वह कहता ह क थोड़ -

बहत हम म क क आउटलाइन द द जाए तो हम पहली क ा म पढ़न म थोड़ स वधा हो तो उसस िश क

कहगा क च क तम पहली क ा स ह प रिचत नह हो म क क आउटलाइन का कोई मामला ह नह उठता

य क वह हम कस त ह दग और तम कस जानोग या करोग तम उस जान कर तम पहचान भी

नह सकत हो उसको य क जस भाषा म वह आउटलाइन द जान वाली ह वह भाषा तम जब इन क ाओ स

गजरो तब त हार पास होगी वह आउटलाइन भी जो द जान वाली ह समझ ली जए क एक पाच साल सात साल का ब चा ह इसको अगर स स क सबध म समझान बठा जाए तो बहत क ठनाई हो जान वाली ह य क यह ब च क पास कोई भीतर भिमका नह ह जसस स स क भाषा

यह समझ सक इसक िलए कोई सवाल नह उठता क यह कस समझ आप या कह रह ह यह कस

समझ आप आउटलाइन भी द दग तब भी इसको ऐसा लगगा क न मालम कस लोक क बात क जा रह

ह जसस मझ कोई पहचान नह ह या कहा जा रहा ह यह तो जतन गहर स य ह भीतर क उनक बलकल ाथिमक बात क जा सकती ह बलकल ारभ क बलकल श क और एक-एक कदम उनम गित हो तो आग क एक-एक कदम क बात आग क जा सकती ह और एक सीमा क बाद उसक पर बात क जा सकती ह नह तो नह क जा सकती और हमार क ठनाई यह ह क हम म स योग करन क िलए बहत कम लोग ह मत जटा पात ह और कछ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 99

बात ऐसी ह जो बना योग क कभी अनभव म आ ह नह सकती ह छोटा-मोटा योग ह करना हम म कल

गजरता ह और य सब योग तो जसको हम कह टोटल ड टरबस पदा करन वाल ह आपक पर क पर

जदगी अप टड हो जाए और तरह क हो जाए य क कछ चीज आपको पता ह नह जो दखाई पड़ और

कछ चीज जो आपन कभी सोची भी नह ह सामन आ जाए तो उनको एक-एक कदम करना ह उिचत ह ओशो मरा खयाल ह क जस आपन कहा क वह रात को प ह िमनट--म कौन हइसस आग कछ आप कहग ऐसा खयाल क िलए वह भी नह कहता न कोई वह भी नह कहता कोई प ह िमनट बठ कर वह भी कोई नह कहता वह भी म

कहता ह तब एकाध-दो दन कोई बठ कर कर लता ह वह भी नह कहता कोई य क अगर वह भी एक दो-तीन

मह न कोई मपवक कह तो उसक पर क पर ज ासा बदल जाएगी फौरन वह जो पछगा व दसर ह

होन वाल ह जो आप पछ ह नह सकत य क उस कछ चीज दखाई पड़नी श ह गी जनक बाबत वह

पछना श करगा जो आप कभी पछ ह नह सकत यानी आदमी या पछता ह यह दख कर म कह सकता ह

क वह कहा ह य क पछगा वह न जहा वह सोच रहा ह जहा उसका सारा िच खड़ा हआ ह वह भी कोई नह फकर करता क वह कोई तीन-चार मह न भी ताकत लगा कर कर ल उतना भी नह हो रहा ह

वह भी थोड़ा सा हो तो आग बात क जा सकती ह ज र क जा सकती ह और अब म इधर चनाव कर रहा ह क कछ कप म बलाना चाहगा जनम कछ लोग को म िनम ण क गा क व

आ जाए कोई भी नह आ सकगा जसको म बलाऊगा वह आ जाए तो मर नजर म व कछ लोग आन श

हए ह जो थोड़ा काम कर रह ह और उन थोड़ लोग क साथ आग महनत क जानी ज र ह तो उधर सोचता ह ( का विन-म ण प नह ) हा कारण ह लगन क कारण ह लगन क बड़ा कारण तो यह ह क एक तो हजार साल स ऐसा समझाया जा

रहा ह क कसी क कपा स हो जाएगा कोई कर दगा तो हो जाएगा कोई ग िमल जाएगा तो कर दगा

हजार साल स यह समझाया जा रहा ह क कोई कर दगा हो जाएगा आपको कछ करना नह ह यह मन म

बठ गया ह गहर एक दसर बात यह ह क कोई भी आदमी बहत म स गजरना नह चाहता और ऐसी चीज क िलए जो बहत साफ-

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 100

साफ दखाई न पड़ती ह धन दखाई पड़ता ह तो आदमी म कर लता ह यश दखाई पड़ता ह तो आदमी म

कर लता ह पद दखाई पड़ता ह तो आदमी म कर लता ह धम का मामला ऐसा ह दखाई बलकल नह

पड़ता और म क बहत माग ह इसम-- क इतना म करो तो कछ होगा इतना म करो तो दखाई पड़गा कछ तो अ य क िलए म जटान क मता थोड़ लोग ह कर सकत ह य क िलए म जटाना बहत आसान बात

ह फर चार तरफ हमार चार तरफ जो लोग कर रह ह वह हम करत ह चार तरफ हमार जो लोग कर रह ह वह हम करत ह य क हम आमतौर स खद कछ भी नह करत जो हमार चार तरफ हो रहा ह उसका हम

अनकरण करत ह जस कपड़ लोग पहन ह हम पहन लग जो लोग पढ़ रह ह वह हम पढ़ग जस प चर को

व दख रह ह हम दखग चार तरफ स हमार िच क जो तार ह व जस तरफ खीच जात ह वहा खचत ह

जस क अगर हद तान म आप पदा हए तो आप और तरह क काम करग और अगर आप जापान म पदा

हए तो और तरह क और ास म पदा हए तो और तरह क जो वहा क हवा ह चार तरफ जो हो रहा ह ब और महावीर जस लोग न दस-दस हजार िभ इक ठ कए और इक ठ करन का कारण यह नह था क

दस हजार इक ठा करन स कोई फायदा ह िसफ उपयोग इतना था क आम आदमी दस हजार क बीच फौरन

स य हो जाता ह जो अकल म हो ह नह सकता वह जब दस हजार िभ साधना म लग ह और दस हजार

िभ सबह स साझ तक िसफ साधना क बात कर रह ह जहा दस हजार िभ सबह स साझ तक आ मक

अनभव क बात कर रह ह वहा आप अगर पहच गए तो बहत असभव ह क आप इस धारा म व होन स

बच जाए आप इसम डब जान वाल ह तो बड़ आ म का और बड़ ित ान का उपयोग िसफ इतना था क वहा क पर क पर हवा--जस क ससार क

पर क पर हवा सासा रक ह और आप यहा वह करन लगत ह जो दसर कर रह ह--ठ क वहा क पर हवा आ या मक हो और आप वहा वह करन लग जो वहा चार तरफ हो रहा ह और एक दफा थोड़ सी गित हो

जाए तब तो इतना रस आन लगता ह क फर कोई मतलब नह ह क कौन कर रहा ह क नह कर रहा ह

आपका अपना आनद ह आपको खीचन लगता ह ल कन पहला टप उठ जाए उसक ज रत ह और इधर जतना लबा फासला हआ ह उतना आदमी को ऐसा लगन लगा ह क अ या मपता नह कह म ठ

म तो पकड़ म आता नह क या ह कौन झझट म पड़ और एक-दो दन म भी म ठ म पकड़ म आ जाए

तो भी कोई झझट म पड़ जाए हमार ज म -ज म क या ा ितकल ह और उलट स कार इक ठ ह उनको पार

कए बना उनको तोड़ बना कह गित हो नह सकती इतना लबा और क ठन दखाई पड़ता ह क फर आदमी

सोचता ह--ठ क ह सन लो बात कर लो पढ़ लो इसस यादा झझट म पड़न का नह अब एक बहत अ छ आदमी ह वनोबा जी क खास सािथय म स ह व कई बार मर पास आत थ अब बढ़ हो

गए ह तो उनस मन कहा क अब बातचीत आप बहत कर चक कई बार गाधी जी क साथ जीवन भर रह वनोबा जी क साथ रह अर वद आ म रह रमण क यहासब हद तान म इधर पचास साल म जो भी

कछ हआ होगा व सबस प रिचत ह सब जगह रह ह तो बातचीत आप बहत कर चक अब कछ क रएगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 101

य क अब उ बहत हो गई तो उनस मन कहा क एक इ क स दन का म योग आपको बताता ह पहल आप यह करक आइए फर म आग बात क नह तो बकार ह आप तो इतन लोग स बात कर चक ह क

अब कोई मतलब ह नह इसम व मरा परा योग समझ और मझस बोल यह तो म क गा नह य क इसम तो म पागल हो जाऊगा तो मन उनस कहा क अब मरन क कर ब ह आप वष दो वष कतन दन जदा रहग यह नह कहा जा सकता इतनी ह मत कर ली जए पागल-वागल नह हो जाएग पागल आप ह जो आदमी पचास साल स

िनरतर अ या म क बात सनता हआ घम रहा ह और एक योग नह कया वह आदमी पागल नह तो और

या ह घमो ह मत फर ऐसा ह तो पर व कहन लग नह यह म नह कर सकता ह यह तो आपका परा मन समझा इसम सात दन क बाद ह

म वापस लौटन वाला नह ह म तो गया उस दन स व फर मझस ज ासा करन भी नह आए य क उ ह न कहा कव समझ गए क म कहगा क

वह क रए फर आग बात होगी नह तो बात नह होगी ज ासा बौ क हो गई बलकल इटल चअल ह एक आदमी आकर पछ लता ह ई र ह या नह उस कोई

मतलब भी नह ह हो तो ठ क ह न हो तो ठ क ह इतना भी मतलब नह ह पछन म भी कोई सार नह ह अभी गर जएफ था एक फक र ास म तो जो भी आदमी आएगा ज ासा करन क पहल उस बड़ उप व म स

गजारगा वह और जब वह उतनी ह मत दखान को राजी हो जाए तो ज ासा कर सकता ह नह तो नह करन दगा वह कहगा क फजल ज ासा स कोई मतलब तो ह नह इधर म भी जो इतनी बात करता ह वह इसी खयाल स करता चला जाता ह क इसम स कछ लोग ठ क

ज ासा पर आ जाएग हजार आदमी पछत ह कोई एक आदमी करन को राजी होगा तो एक दो-तीन वष

घमता रहगा और और फर मर नजर म लोग आत जात ह उन लोग को बला कर जो करना ह वह कर लगा

फर एक कोन पर बठ जाऊगा फर जसको करना हो वह वहा आ जाए फर मझ कछ भटकन क ज रत

नह कोई योजन नह और इतना यान रह क करग तो ह कछ होगा कसी क करन स कछ होन वाला नह ह पर न साहस ह न

इ छा ह कोई कामना भी नह ह वसी और ऐसा खयाल बनता ह क सब कछ करत हए कभी घड़ आधा घड़

इस तरह क बात भी क तो अ छा ह इसस यादा नह ह कछ बस जीवन रह य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 102

आठवा वचन नय वष का नया दन मर य आ मन नय वष क नय दन पर पहली बात तो यह कहना चाहगा क दन तो रोज ह नया होता ह ल कन रोज नय दन

को न दख पान क कारण हम वष म कभी-कभी नय दन को दखन क कोिशश करत ह अपन को धोखा दन क

तरक ब म स एक तरक ब यह भी ह दन तो कभी भी पराना नह लौटता रोज ह नया होता ह हर पल और

हर ण नया होता ह ल कन हमन अपनी पर जदगी को पराना कर डाला ह उसम नय क तलाश मन म बनी रहती ह तो वष म एकाध दन नया दन मान कर अपनी इस तलाश को परा कर लत ह ल कन सोचन जसा ह जसका परा वष पराना होता हो उसका एक दन नया कस हो सकता ह जसक एक

वष क पराना दखन क आदत हो वह एक दन को नया कस दख पाएगा म कल तक जो रोज हर दन को हर सबह को पराना दखा ह आज क सबह को नया कस दख सकगा म ह दखन वाला ह और मरा जो मन

हर चीज को परानी कर लता ह वह आज को भी पराना कर लगा तब फर नय का धोखा पदा करन क िलए नय

कपड़ ह उ सव ह िमठाइया ह गीत ह फर नय का हम धोखा पदा करना चाहत ह ल कन न नय कपड़ स कछ नया हो सकता ह न नय गीत स कछ हो सकता ह नया मन चा हए और नया

मन जसक पास हो उस कोई दन कभी पराना नह होता और जसक पास ताजा मन हो श माइड हो वह

हर चीज को ताजी और नई कर लता ह ल कन ताजा मन हमार पास नह ह तो हम चीज को नई करत ह मकान पर नया रग-रोगन कर लत ह परानी कार बदल कर नई कार ल लत ह परान कपड़ क जगह नया कपड़ा

कर लत ह हम चीज को नया करत रहत ह य क नया मन हमार पास नह ह नई चीज कतनी दर धोखा दगी नया कपड़ा कतनी दर नया रहगा पहनत ह पराना हो जाता ह नई कार

कतनी दर नई रहगी पोच म आत ह परानी हो जाती ह कभी सोचा ह यह क नय और परान होन क बीच म

कतना फासला होता ह जब तक जो नह िमला ह नया होता ह िमलत ह पराना हो जाता ह अगर नई

कार खर द लाए ह तो कल तक सोचा था क नई कार कस आए और आज स ह सोचना श कर दग क और

नई कस आए इसस छटकारा कस हो चीज को नया करन वाली इस व न सब तरफ जीवन को बड़ क ठनाई म डाल दया ह य क कार ह नई

नह करनी पड़गी प ी भी नई लानी पड़गी चीज नई होनी चा हए न मकान को नया पोत कर नया कर लन

पर नई कार खर द लन पर प ी भी खश हो रह ह पित भी खश हो रहा ह ल कन उ ह खयाल नह क यह

जो आदमी चीज को नया करन म लगा ह यह एक प ी स जीवन भर राजी नह रह सकता न यह प ी एक

पित स जीवन भर राजी रह सकती ह य क नय होन का मतलब चीज बदलना होता ह तो पहल प म म

मकान बदल कार बदली फर अब आदमी बदलन लग ह वह यहा भी होगा और नय क खोज ज र ह मन म होनी भी चा हए ल कन दो तरह क नय क खोज होती ह या तो वय को नया करन क एक खोज होती ह और जो आदमी वय को नया कर लता ह उस कभी कोई चीज परानी होती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 103

नह जो अपन मन को रोज नया कर लता ह उसक िलए हर चीज रोज नई हो जाती ह य क वह आदमी रोज

नया हो जाता ह और जो अपन को नया नह कर पाता उसक िलए सब चीज परानी ह होती ह थोड़ दर धोखा द

सकता ह नय स ल कन थोड़ दर बाद सब चीज परानी पड़ जाती ह दिनया म दो ह तरह क लोग ह--एक व जो अपन को नया करन का राज खोज लत ह और एक व जो अपन को

पराना बनाए रखत ह और चीज को नया करन म लग रहत ह जसको मट रयिल ट कहना चा हए भौितकवाद कहना चा हए वह वह आदमी ह जो चीज को नय करन क तलाश म ह ल कन शायद

भौितकवाद क मट रयिल ट क यह प रभाषा हमार खयाल म ह न हो भौितकवाद और अ या मवाद म

एक ह फक ह अ या मवाद रोज अपन को नया करन क िचता म सल न ह य क उसका कहना यह ह क

अगर म नया हो गया तो इस जगत म मर िलए कछ भी पराना न रह जाएगा य क जब म ह नया हो गया तो

परान का मरण करन वाला भी न बचा परान को दखन वाला भी न बचा हर चीज नई हो जाएगी और

भौितकवाद कहता ह क चीज नई करो य क वय क नय होन का तो कोई उपाय नह ह नया मकान

बनाओ नई सड़क लाओ नय कारखान नई सार यव था करो सब नया कर लो ल कन अगर आदमी

पराना ह और चीज को पराना करन क तरक ब उसक भीतर ह तो वह सब चीज को पराना कर ह लगा फर हम इस तरह धोख पदा करत ह उ सव हमार दखी िच क ल ण ह िच दखी ह वष भर एकाध दन हम उ सव मना कर खश हो लत ह वह

खशी बलकल थोपी गई होती ह य क कोई दन कसी को कस खश कर सकता ह दन अगर कल आप

उदास थ और कल म उदास था तो आज दवाली हो जाए तो म खश कस हो जाऊगा हा खशी का म पदा क गा द य और फटाक और फलझ ड़या और रोशनी धोखा पदा करगी क आदमी खश हो गया ल कन यान रह जब तक दिनया म दखी आदमी ह तभी तक दवाली ह जस दन दिनया म खश लोग ह ग

उस दन दवाली जसी चीज नह बचगी य क रोज ह दवाली जसा जीवन होगा जब तक दिनया म दखी लोग ह तब तक मनोरजन क साधन ह जस दन आदमी आन दत होगा उस दन मनोरजन क साधन एकदम

वलीन हो जाएग कभी यह सोचा न होगा क अपन को मनोर जत करन वह आदमी जाता ह जो दखी ह इसिलए दिनया जतनी दखी होती जाती ह उतन मनोरजन क साधन हम खोजन पड़ रह ह चौबीस घट

मनोरजन चा हए सबह स लकर रात सोन तक य क आदमी दखी होता चला जा रहा ह आमतौर स हम समझत ह क जो आदमी मनोरजन क तलाश करता ह बड़ा फ ल आदमी ह ऐसी भल म

मत पड़ जाना िसफ दखी आदमी मनोरजन क खोज करता ह और िसफ दखी आदमी न उ सव ईजाद कए ह

और िसफ परान पड़ गए िच म जसम धल ह धल जम गई ह वह नय दन नया साल इन सबको ईजाद

करता ह और धोखा पदा करता ह थोड़ दर कतनी दर नया दन टकता ह कल फर पराना दन श हो

जाएगा ल कन एक दन क िलए हम अपन को झटका दकर जस झड़ा लना चाहत ह सार राख को सार धल

को उसस कछ होन वाला नह ह य धोख जड़ हए ह पराना िच नय क तलाश स जड़ा हआ ह चा हए ऐसा

क रोज नया िच हो सक कस हो सकता ह यह थोड़ सी बात म आपस क तब नया साल न होगा नया दन न होगा नय आप ह ग और तब कोई भी चीज परानी नह हो सकती और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 104

जो आदमी िनरतर नय म जीन लग उस जीवन क खशी का हसाब आप लगा सकत ह जसक िलए प ी

परानी न पड़ती हो पित पराना न पड़ता हो जसक िलए कछ भी पराना न पड़ता हो वह रा ता जो कल

जसस गजरा था आज गजर कर फर भी नय फल दख लता हो नय प दख लता हो--उ ह व पर उसी सरज म नया उदय दख लता हो उसी साझ म नई बदिलया दख लता हो जो आदमी रोज नय को ईजाद कर

सकता ह भीतर स उस आदमी क खशी का हम कोई अदाज नह लगा सकत वसा आदमी िसफ बोर नह

होगा बाक सब लोग ऊब जाएग पराना उबाता ह उस ऊब स छटन क िलए थोड़ -बहत तरक ब करत ह तड़फड़ात ह ल कन उसस कछ होता नह ह फर पराना सटल हो जाता ह एक-दो दन बाद फर पराना साल श हो जाएगा फर अगल वष तक

ती ा करनी पड़गी नया दन आएगा फर नय दन हम थोड़ नय कपड़ पहनग थोड़ म कराएग थोड़

चार तरफ खशी क बात करग और ऐसा लगगा क सब नया हो रहा ह और सब झठा ह य क यह बहत

बार नया हो चका और बलकल नया कभी नह हआ ह यह हर साल दन आता ह और हर साल पराना साल

वापस लौट आता ह इसस हमार आका ा का तो पता चलता ह ल कन हमार समझदार का पता नह चलता

आका ा तो हमार ह क नया दन हो वष म एक ह हो तो भी बहत ल कन ऐसी या मजबर ह अगर एक

दन को नया करन क तरक ब पता चल जाए तो हम हर दन को नया य नह कर सकत एक फक र क पास कोई आदमी गया था और उसन उसस पछा क म कतनी दर क िलए शात होन का अ यास

क उस फक र न कहा एक ण क िलए शात हो जाओ बाक क तम फकर मत करो उस आदमी न कहा एक ण म या होगा उस फक र न कहा जो एक ण म शात होन क तरक ब जान लता ह वह पर जदगी शात रह सकता ह य क एक ण स यादा कसी आदमी क हाथ म दो ण कभी होत ह नह एक ण ह हाथ म आता ह जब

आता ह और अगर एक ण को म जाद कर सक और नया कर सक और शात कर सक और आनद स भर

सक तो मर पर जदगी आन दत हो जाएगी य क एक ह ण मर हाथ म आन वाला ह सदा और उतनी तरक ब म जानता ह क एक ण को म कस नया कर ल एक ण को नया करना जो जान ल उसक पर जदगी नई हो जाती ह ल कन हम ण को पराना करना जानत ह नया करना जानत नह और जदगी वसी ह हो जाती ह जसा हम

कर लत ह पराना करन क तरक ब हम पता ह हम यक चीज म परान को खोजन क इतन आतर होत ह

जसका हसाब नह जस अभी म यहा बोल रहा ह तो आप म स कोई सोच सकता ह क गीता म िलखा ह या नह यह पराना

करन क तरक ब ह उसक दमाग म वह सोच सकता ह क यह फला स यासी रामक ण न भी ऐसा कहा ह रमण न कहा क नह कसन कहा ह क णमित ऐसा कहत ह क नह कहत ह उसका मतलब यह हआ क म जो कह रहा ह उसम वह परान को खोजन क तरक ब म लगा हआ ह हम यक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 105

चीज म परान को खोजत ह और नय क िलए तड़पत ह और खोजत परान को ह ब क हमारा आ ह भी होता ह क पराना पराना ह रह अगर कल आपक पित न या आपक प ी न साझ को आपस म स बोला था तो आज साझ भी आप ती ा कर रह ह क वह फर म स बोल आप परान क तलाश कर रह ह और अगर आज साझ वह आपस म स नह बोला ह तो उप व श हो जाएगा य क कल क साझ दोहरनी चा हए थी और आप चाहत ह क साझ

नई हो जाए और आका ा आपक ह क कल क साझ फर दोहर तो हो सकता ह पित झझट म न पड़ प ी

झझट म न पड़ और कल क साझ को दोहरा द कल उसन जो बात म स कह थी आज फर कह द हो

सकता ह कल व उसक भीतर स िनकली ह आज िसफ वह कह रहा हो तब परान का धोखा भी पदा हो

जाएगा नय का ज म भी नह होगा और पराना हमार ऊपर भार होता जाएगा उसक धल जमती चली जाएगी हम िनरतर परान क अप ा कए हए ह और नय क आका ा भी कए हए ह अगर कल आप मर पास आए थ

और म हस कर बोला था तो आज जब आप मर पास आए ह दरवाज पर तो अप ा लकर आए ह क मझ हस

कर बोलना चा हए अब वह आदमी कल था वह गया वह आदमी कहा ह पता नह कल वह आदमी य हसा था आज हसगा

क नह हसगा इसका या पता ह ल कन अगर वह नह हसता ह तो हमार मन म पीडा ह य क हम कल

को दोहराना चाहत ह हम उस आदमी को नय होन का मौका नह दना चाहत और परान स ऊब भी जात ह

परान स ऊब जात ह नय का मौका नह दना चाहत तो फर इस क ा ड शन म अगर जदगी उलझाव और िचता बन जाए तो आ य नह तो म आपस यह कह रहा ह क हम हर चीज को परान करन क पर तरक ब खोजत ह नय करन क कोई

तरक ब नह खोजत म आपको नय करन क तरक ब बताना चाहता ह और अगर आपको एक दफा यह राज

समझ म आ जाए क चीज को नया कस करना तो आपक जदगी इतनी खिशय स भर जाएगी क अलग स

खिशय क फल खर दन क ज रत न रह जाएगी और अलग स नय कपड़ पहन कर नय होन क ज रत न रह

जाएगी और अलग स यौहार और दन और वष मनान क ज रत न रह जाएगी अलग स दवािलया होिलया वदा हो जानी चा हए य सब दखी और परशान आदमी क ल ण ह या तरक ब हो सकती ह नय क

पहली तो बात यह ह क ितपल नय क खोज क हमार होनी चा हए क या नया ह हम पछत ह या

पराना ह हमार मन म होना चा हए या नया ह और अगर हमार मन म यह हो तो ऐसा कोई

भी ण नह ह जसम कछ नया न आ रहा हो सबह सरज को उठ कर दख जो सय दय आज हआ ह वह कभी

भी नह हआ था सय दय रोज हआ ह ल कन जो आज हआ ह वह कभी भी नह हआ था ल कन हो सकता ह आप कह द सय दय रोज होता ह नया या ह ल कन यह सय दय जो आज हआ ह यह न कभी हआ था न कभी होगा न ऐस बादल क रग कभी पहल हए

थ न आग कभी ह ग न सरज जसा आज क सबह उगा ह ऐसा कभी उगा था न उग सकता ह नय को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 106

खोज थोड़ा दख क यह सरज कभी उगा था और आप च कत खड़ रह जाएग क आप इस म म ह जी रह थ क रोज वह सरज उगता ह वह सरज रोज

नह उगता न वह प ी रोज होती ह न वह पित रोज होता ह जो कल था वह कल वदा हो गया ह तो थोड़ा

तलाश करत रह जो राख जम जाती ह परान क उसको हटा कर नीच क अगार क खोज करत रह क नया या

ह और नय का स मान करना सीख तो नया कट होगा अगर स मान न करग तो राख ह कट होगी

अगारा कट न होगा अगारा भीतर िछप जाएगा नय का स मान कर और जदगी क य वत पन क

आका ा छोड़ द अगर कल मझस म िमला था तो ज र नह क आज भी िमल आज को खला छोड़ जो िमलगा उस दख यह

आका ा न कर क जो कल िमला था वह आज भी िमलना ह चा हए जहा ऐसी आका ा आई क हमन चीज

को पराना करना श कर दया जदगी को एक ि ल एक पलक म जीन द एक अिन य म रहन द या

होगा कहा नह जा सकता आज म िमलगा नह िमलगा कछ भी नह कहा जा सकता इस असर ा को वीकार कर ल

ल कन हम सर त होन क इतनी यव था करत ह इसिलए हमारा सारा जीवन बासा और पराना हो गया ह आदमी म करता नह क ववाह क िलए पहल िनवदन श कर दता ह यह ववाह का िनवदन म को बासा

करन क तरक ब ह अगर दिनया अ छ होगी तो म होगा साथ रहत हए लोग भी ह ग ल कन ववाह नह हो सकता ववाह जसी बहद चीज सोचन म भी नह आनी चा हए ववाह का मतलब यह ह क हम प का प ता इतजाम करत ह क कल भी यह म जार रहगा आन वाल कल म ऐसा न हो क जसन आज हम म

दया था और जसक गोद हम आज िसर रखन को िमली थी कल न िमल हम कल का इतजाम आज कर लत

ह और कल यह गोद ठ क ऐसी ह िमलनी चा हए यह म ऐस ह िमलना चा हए फर सब जड़ हो जाएगा सब पराना हो जाएगा सब बासा हो जाएगा सब मर जाएगा और हमन सब तरफ ऐसा ह कर िलया ह जदगी एक अिन य ह और आदमी डर क कारण सब िन त कर लता ह िन त कर लता ह तो सब बासा हो

जाता ह कवल व ह लोग नय हो सकत ह जो अिन त म अनसटन म इनिस यो रट म जीन क ह मत

रखत ह जो यह कहत ह जो होगा उस दखग हम कोई प का करक नह चलत हम कछ िन त करक नह चलत हम कल क िलए कोई िनयम नह बनात ह क कल य िनयम पर करन पड़ग अगर आज क िनयम कल

पर ह ग तो कल आज क श ल म ढल जाएगा ल कन हम सब भ व य को ढालन म िचितत ह हम न कवल भ व य को ब क मरन क बाद तक ढालन म

िचितत ह हम इसका भी पता लगाना चाहत ह क मरन क बाद म बचगा क नह मर नाम क स हत मर

उपािध क स हत मर पद क साथ म रहगा या नह प ी अपन पित स यह भी पछ लना चाहती ह क अगल

ज म म भी तम िमलोग क नह तम ह िमलोग न वह अगल ज म तक को ऊब म ढालन क च ा म लगी ह इस जदगी को भी उसन बोडम बना िलया ह अगली जदगी को भी बोडम बना लना चाहती ह जदगी म नय का वागत नह ह हमारा परान का आ ह ह तो सब पराना हो जाएगा तो म आपस कहता ह

क परान क अप ा छोड़ द तो रोज नया दन होगा वष का नय का वागत कर नय का स मान कर और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 107

नय को खोज-- क नया या ह खोज पर बहत कछ िनभर करता ह क हम या खोजन जात ह वह खोज

लग अगर एक आदमी गलाब क पास काट को खोजन जाएगा तो काट खोज लगा काट वहा ह और अगर एक

आदमी फल खोजन जाएगा तो यह भी हो सकता ह क काट का उस पता ह न चल वह फल खोज ल और

वापस लौट आए फल भी वहा ह ल कन हम या खोजन जात ह इस पर सब कछ िनभर करता ह जदगी म सब ह वहा राख भी ह परान क वहा अगार भी ह नय का वहा चीज मर भी रह ह परानी हो रह

ह वहा नय का ज म भी हो रहा ह वहा व भी ह वहा ब च भी ह वहा ज म भी ह म य भी ह वहा कछ

वदा हो रहा ह कछ आ रहा ह आप या खोजन गए ह इस पर िनभर करता ह अगर आप मत को खोजन

गए तो आप मरघट पर पहच जाएग और तब आपको सब मद ह वहा दखाई पड़ग और सब लाश और सब

क दखाई पड़गी और तब आप उन क और लाश और मद क बीच कस जदा रह पाएग आप मरन क

पहल मदा हो जाएग जहा चार तरफ मद िघर गए ह वहा आप मर जाएग ल कन एक तरफ जीवन ज म भी ल रहा ह रोज वहा आप खोजन नह गए ह--जहा सरज क नई करण फटती

ह कली फटती ह नया-नया रोज कछ हो रहा ह य क जो पराना हो गया ह वह हो कस सकता था अगर

नया पदा न होता जो आज बढ़ा हो गया ह वह बढ़ा हो इसीिलए गया ह क कल वह ब चा था और जो फल

आज क हला कर िगर गया ह और बासा हो गया ह वह बासा इसीिलए हो गया ह क कल वह ताजा था अब

यह आपक ऊपर िनभर ह क आप ताजी घटनाओ को खोजत ह क बासी घटनाओ को खोजत ह कौन आपस

कह रहा ह क िगरत फल को द खए उगत फल को भी दखा जा सकता ह और जस य को नय स सबध जोड़ना हो उस उगत फल को दखना चा हए उस काट िगनना छोड़ दना

चा हए उस नय का वागत और स मान नय क अप ा म जीना चा हए उस अनजान और अननोन क

अपन भीतर वश क िलए ओपिनग खला ार रखना चा हए तब ित दन नया ह ित सबध नया ह यक िम नया ह प ी नई ह पित नया ह बटा नया ह बट नई ह तब सार जदगी नई ह और नय क

बीच जो जीता ह उसक भीतर अगर नय का फल खल जाता हो तो आ य नह ह य क परान क बीच जो

जीता ह उसक भीतर सब िसकड़ जाता ह और मर जाता ह हम अपन चार तरफ या इक ठा कर रह ह इस

पर िनभर करगा क हमार भीतर या घ टत होगा हमार भीतर जो घटना घटगी वह हमार हाथ स ह इक ठ

क हई ह तो एक तो रा ता यह ह जो चलता आया ह क वष म एक दन नया होता ह और तीन सौ च सठ दन परान होत

ह और मरा अपना मानना ह क यह एक दन झठा होगा धोखा होगा जब तीन सौ च सठ दन परान होत ह

तो एक दन नया कस हो सकता ह इतनी परान क भीड़ म नया हो नह सकता िसफ नय का धोखा हो सकता ह म आपस यह कह रहा ह क तीन सौ पसठ दन ह नय हो सकत ह ितपल नया हो सकता ह नय क तयार

और नय का स मान और नय क िलए मन का ार खला होना चा हए और जो य एक बार नय क िलए

अपन मन क ार को खोल लता ह आज नह कल वह पाता ह क नय क पीछ परमा मा वश कर गया य क परमा मा अगर कछ ह तो जो िनरतर नया ह उसी का नाम ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 108

ल कन हमार थ और हमार ग और हमार स यासी तो कहत ह परमा मा उसका नाम ह जो सबस पराना ह

वह जो सबस पहल हआ वह वह जो सनातन ह वह ाचीन स ाचीन जब कछ भी न था तब वह था तो हमार सब म दर म मर हए क पजा चल रह ह हमार सब म जद म मर हए का आदर हो रहा ह हमार सब थ

और ग ाचीन और परान क स मान म लग ह और जदगी रोज नई ह और जदगी रोज वहा पहच जाती ह

जहा कभी नह पहची थी वहा रोज नय फल खलत ह और नय तार िनकलत ह और नय गीत पदा होत ह

वहा सब नया ह वहा पराना कछ होता ह नह अगर परमा मा भी ह तो वह ह रोज नय होत म परमा मा

वह ह जो सदा स ह वह नह परमा मा वह ह जो ितपल होता ह और ितपल होता ह चला जाता ह जीवन वह ह जो िनरतर होता चला जा रहा ह जीवन एक धारा ह एक बहाव रोज नई होती ह अगर हम

परान पड़ गए तो पीछ पड़ जात ह अगर हम भी नय हए तो हम भी जीवन क साथ बह पात ह ऐसा बह कर

दख तो शायद सभी दन नय हो जाए सभी दन खशी क हो जाए और जो भी िमल उसस ह आनद झरन

लग य क हमार पास वह तरक ब वह ट नीक वह िश प वह कला आ गई जसस हम हर जगह नय को खोज ह लग मन सना ह एक ऐसा वचारक जो ितपल नय स और नय क आशा स भरा था और जो ितपल खशी को

खोजन क िलए आतर था और जो हर दख म भी हर अधर स अधर बदली म भी चमकती हई बजली क

करण को खोज लता था वह ययाक क एक सौवी म जल क ऊपर रहता था वह एक बार सौवी म जल स नीच

िगर पड़ा कहानी कहा तक सच ह मझ पता नह ल कन अगर ऐसा कोई आदमी होगा तो सच होनी ह

चा हए वह सौवी म जल स नीच िगर पड़ा बीच म लोग न खड़ कय स झाक कर उसस पछा क या हाल

ह यह जानन क िलए क यह आदमी आज इस घड़ म भी सख खोज पाता ह या नह उस आदमी न

िच ला कर कहा क अब तक सब ठ क ह वह जमीन क तरफ िगरा जा रहा ह ितपल िगरा जा रहा ह पर उस आदमी न हर खड़क पर िच ला कर

कहा अब तक सब ठ क ह यानी अब तक कछ भी गड़बड़ नह हई ह ऐसा आदमी आन वाली मौत को नह

दख रहा ह िगर जान वाली घटना को भी नह दख रहा ह अभी इस ण म जो ह वह दख रहा ह वह कह रहा

ह अभी सब ठ क ह अगर ऐसा कोई िच हो तो शायद इसक िलए मौत भी फल बन जाएगी शायद इसक िलए मौत भी वह उप व

नह ला सकती जो हम ल आती ह हम तो मरन क बहत पहल मर जात ह य क बास और परान हो जात ह

यह आदमी हो सकता ह मर कर भी अगर इसस हम पछ सक तो कह सक क सब ठ क ह अभी सब ठ क ह एक बार जीवन म नय का बोध श हो जाए तो सब ठ क हो जाता ह और परान का बोध गहरा हो जाए तो सब

गलत हो जाता ह मझस कहत ह िम क नय वष क िलए कछ कह नय वष क िलए म कछ न कहगा य क आप ह तो नया वष फर जीएग ज ह न पछला वष पराना कर

दया आप नय वष को भी पराना करक ह रहग आपन न मालम कतन वष परान कर दए आप पराना करन

म इतन कशल ह क नया वष बच पाएगा इसक उ मीद बहत कम ह आप इसको भी पराना कर ह दग और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 109

एक वष बाद फर इक ठ ह ग और फर सोचग नया वष ऐसा आप कतनी बार नह सोच चक ह ल कन नया आया नह य क आपका ढग पराना पदा करन का ह नय वष क फकर न कर नय का कस ज म हो सकता ह इस दशा म थोड़ सी बात सोच और थोड़ योग

कर तो तीन बात मन आपस कह एक तो परान को मत खोज खोजग तो वह िमल जाएगा य क वह ह

हर अगार म दोन बात ह वह भी ह जो राख हो गया अगारा बझ गया जो जो अगारा बझ चका ह जो

ह सा राख हो गया वह भी ह और वह अगारा भी अभी भीतर ह जो जल रहा ह जदा ह अभी ह अभी बझ

नह गया अगर राख खोजग राख िमल जाएगी जदगी बड़ अदभत ह उसम सब खोजन वाल को सब िमल

जाता ह वह आदमी जो खोजन जाता ह वह िमल ह जाता ह और जो आपको िमल जाता हो यान स समझ

लना क आपन खोजा था इसीिलए िमल गया ह और कोई कारण नह ह उसक िमल जान का नया अगारा भी

ह वह भी खोजा जा सकता ह तो पहली बात परान को मत खोजना कल सबह स उठ कर थोड़ा एक योग करक दख क परान को हम न

खोज कल जरा च क कर अपनी प ी को दख जस तीस वष स आप दख रह ह शायद आपन तीस वष दखा ह

नह फर हो सकता ह पहल दन जब आप लाए थ तो दख िलया होगा फर बात समा हो गई फर आपन दखा नह और अगर अभी म आपस कह क आख बद करक जरा पाच िमनट अपनी प ी का िच बनाइए मन

म तो आप अचानक पाएग क िच डावाडोल हो जाता ह बनता नह य क कभी उसक रखा भी तो अ कत

नह हो पाई हाला क हम िच लात रहत ह क इतना म करत ह इतना म करत ह वह सब िच लाना भी

इसीिलए ह क म नह करत शोरगल मचा कर आभास पदा करत रहत ह वह आभास हम पदा करत रह ह तो कल सबह उठ कर नय क थोड़ खोज क रए नया सब तरफ ह रोज ह ित दन ह और नय का स मान

क रए परान क अप ा मत क रए हम अप ा करत ह परान क हम चाहत ह क जो कल हआ वह आज भी

हो तो फर आज पराना हो जाएगा जो कभी नह हआ वह आज हो इसक िलए हमारा खला मन होना चा हए

क जो कभी नह हआ वह आज हो हो सकता ह वह दख म ल जाए ल कन म आपस कहता ह परान सख स

नय दख भी बहतर होत ह य क नय होत ह उनम भी एक जदगी और एक रस होता ह पराना सख भी

बोथला हो जाता ह उसम भी कोई रस नह रह जाता इसिलए कई बार ऐसा होता ह क परान सख स िघरा

आदमी नय दख अपन हाथ स ईजाद करता ह खोजता ह वह खोज िसफ इसिलए ह क अब नया सख नह िमलता तो नया दख ह िमल जाए आदमी शराब पी रहा ह व या क घर जा रहा ह यह नय दख खोज रहा ह नया सख तो िमलता नह तो नया दख ह सह कछ तो नया हो जाए नय क उतनी ती ाण क आका ा ह ल कन हम परान क अप ा वाल

लोग ह इसिलए दसरा स आपस कहता ह परान क अप ा न कर और कल सबह अगर प ी उठ कर छोड़ कर घर

जान लग तो एक बार भी यह मत कह क अर तन तो वायदा कया था कौन कसक िलए वायदा कर सकता

ह तब उस चपचाप घर स वदा कर आए जस म स उस ल आए थ उसी म स वदा कर आए यह वदा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 110

भी वीकार कर ल नय क सदा सभावना ह प ी चौबीस घट पर जदगी साथ रहगी यह ज र या ह रा त िमलत ह और अलग हो जात ह िमलत व और अलग होत व इतना परशान होन क या बात ह ल कन नह बड़ा म कल ह वदा होना य क हम कहग क जो पराना था उस िथर रखना ह सब परान को िथर रखना ह नया जब आए तब उस वीकार कर परान क आका ा न कर और तीसर बात कोई और आपक िलए नया नह कर सकगा आपको ह करना पड़गा और ऐसा नह ह क

आप पर दन को नया कर लग या पर वष को नया कर लग ऐसा नह ह एक-एक कण एक-एक ण को

नया करग तो अततः परा दन परा वष भी नया हो जाएगा एक-एक ण हमार हाथ स िनकला जा रहा ह--

जस रत का दाना िगरता ह रत क घड़ स ऐसा एक-एक ण हमार हाथ स गजरा जाता ह एक ण को नया

करन क फकर कर अगल ण क फकर मत कर अगला ण जब आएगा तब उस नया कर लग और नय क इस म दर म थोड़ा वश उस परमा मा क िनकट पहचा दता ह जो जीवन का मल ोत ह मल

धारा ह और वहा जो एक बार नहा लता ह उस मल ोत म उसक िलए इस जगत म फर पराना रह ह नह

जाता फर कछ भी पराना नह ह फर पराना ह ह नह फर उसक िलए म य जसी चीज ह नह ह कछ

मरता ह नह फर उसक िलए बढ़ जसा कोई मामला ह नह कछ व ह नह होता तब उस व ाव था भी एक नई अव था ह जो जवानी क बाद आती ह तब उसक िलए म य भी एक नया ज म ह जो ज म क बाद होता ह तब उसक िलए सब नय क ार खलत चल जात ह अतह न नय क ार ह ल कन हमन सब पराना कर डाला ह उसम नय क झठ तभ खड़ रख ह लीप-पोत कर खड़ कर रख ह-- क य

नय दन यह नया वष यह सब बलकल धोखा ह जो हम खड़ा कए ह ल कन सखद ह य क इतन परान

को झलन म सहयोगी हो जाता ह और ऐसा लगता ह क चलो अब कछ नया आया अब कछ नया होगा वह

कभी नह होता अब कतन सब िम नय वष पर एक-दसर को शभकामनाए दग इन िम को पछल वष भी उ ह न द थी और फर हम शभकामनाओ को बड़ सरल मन स हण करग और सरल मन स उनका दान भी करग और

जानत हए क यह सब यथ ह इसका कोई मतलब नह ह तो म तो कोई शभकामना नह क गा नय वष क िलए आपको य क म एक ह बात कह सकता ह क आपको

याद दलाऊ क आपन इतन वष परान कर डाल तो नय वष पर आप खयाल रखना क अब फर वह न करना

आप जो अब तक कया ह इसको फर वापस पराना मत कर डालना इस नय करन क कोिशश करना यह

नया हो सकता ह और अगर यह नया हो गया तो ित दन नया हो जाता ह ित दन नय वष का आरभ ह

पराना टकता ह नह बचता ह नह सब बह जाता ह ल कन हम ऐसा पकड़त ह परान को क नय को होन क िलए अवकाश नह पस नह रह जाता अगर हम

अपन मन क खोज-बीन कर तो सब तरफ हम परान को इतन जोर स पकड़ हए ह क नय क िलए जगह कहा

ह नया आए कहा स आपक घर म आपक िच म नय क करण वश कहा स कर आप तो परान को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 111

इतन जोर स पकड़ हए ह उस छोड़त ह नह र ी भर जगह नह छोड़त उसम उधर पस क ज रत ह वहा जगह क ज रत ह वहा स नया आ सकता ह मर बात को इतन म स सना उसस बहत अनगह त ह और आपक भीतर नया पदा हो सक ऐसी परमा मा स ाथना करता ह जीवन रह य नौवा वचन म कोई वचारक नह ह मर य आ मन ऐसा लगता ह क कह कछ भल हो गई ह म कोई वचारक नह ह और ऐसा भी नह म मानता ह क वचारक

स जगत का कोई लाभ हआ ह मन य क जीवन म जतन झगड़ और उप व हए ह वचारक उसका कारण ह

और मन य क जीवन म जीवन को जीन क जो मता कम हई ह उसका कारण भी वचारक ह न मालम

इितहास क कस दभा य ण म आदमी को यह खयाल आ गया क वचार क ारा जीवन जीया जा सकता ह

जीवन म जो भी ह वह वचार स उपल ध नह होता--न स दय न स य न म वचार एक धोखा ह मन सना ह रवी नाथ एक रात एक बजर म या ा कर रह थ प णमा क रा थी और परा चाद आकाश म था

अपनी नाव क छोट स झोपड़ म एक छोट सी मोमब ी को जला कर व एक कताब पढ़ रह थ वह कताब

ऐ थ ट स पर थी स दयशा पर थी आधी रात तक व कताब पढ़त रह--स दय या ह और फर ऊब गए और कताब को बद कर दया और मोमब ी को फक मार कर बझा दया और तभी अचानक जस एक ाित घट

गई-- ार क खड़ कय क बजर क र -र स चाद क करण भीतर आ ग मोमब ी क धीम स काश न

चाद को बाहर रोक रखा था रवी नाथ नाचन लग और उ ह न दसर दन सबह कहा दसर दन सबह उ ह न कहा कसा अभागा ह म स दय बाहर मौजद था स दय पर ण बाहर ती ा करता था और म स दय पर एक कताब पढ़ता रहा और

जब मन मोमब ी बझा द और कताब बद कर द तो स दय मर कमर क भीतर आकर नाचन लगा व बाहर आ

गए उ ह न चाद को दखा झील को दखा उस रात क स नाट को दखा स दय वहा मौजद था ल कन

कताब म िसफ वचार मौजद थ कताब म िसफ वचार ह हो सकत ह स दय नह हो सकता वचारक क पास भी िसफ वचार ह होत ह स य नह होता न स दय होता न म होता और वचार वचार िसवाय श द क जोड़ क और कछ भी नह ह सब वचार बास ह सब वचार उधार ह कोई वचार

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 112

मौिलक नह होता कोई वचार मौिलक हो भी नह सकता मौिलक होती ह अनभित और अनभित होती ह

िन वचार ल कन बड़ परानी भल ह उसी भल म मझ भी बला िलया ह वह भल यह ह हम महावीर को भी वचारक

कहत ह महावीर वचारक नह ह महावीर जो कछ भी ह वह वचार को छोड़ कर ह ब को भी वचारक कहत ह ब भी वचारक नह ह ब जो कछ भी ह वचार क पार जाकर ह जनको हम वचारक कहत ह उनम स

बहत स लोग वचारक नह ह ज ह न इस जगत को कछ दया ह उ ह न वचार स नह दया वचार क पार

स लाकर दया ह वचार वाहन हो सकता ह अिभ य का उपल ध का माग नह ह ल कन कछ लोग िसफ वचारक ह उनक पास िसवाय श द क स ह क कछ भी नह ह और उन श द क

स ह को उ ह न जीवन समझा हआ ह इसिलए वचारक मरन क बहत पहल मर जाता ह उसक पास श द

क लाश क िसवाय कोई जीवन नह होता मन सना ह एक फक र था और फक र बहत अदभत आदमी था उसन वचारक पर बड़ा य य कया ह ल कन वचारक इतन कम समझदार होत ह क वचार क ऊपर कए गए य य भी उनक पकड़ म नह आत

वह फक र एक दन घर लौटता था और कसी िम न उस कछ मास भट कर दया और साथ म एक कताब

भी द द कताब म मास को बनान क विध िलखी हई थी वह एक बगल म कताब को दबा कर और हाथ म

मास को लकर घर क तरफ भागा एक चील न झप टा मारा वह उसक मास को उठा कर ल गई उस फक र न

चील स कहा क मरख ह त विध बनान क तो मर पास ह मास का या करगी वह घर पहचा उसन अपनी प ी को कहा दखती हो एक मरख चील मर मास को छ न कर ल गई ह और

कताब मर पास ह जसम विध िलखी ह बनान क चील मास का करगी या उसक प ी न कहा क तम वचारक मालम होत हो चील को कताब स मतलब नह ह चील को मास बनान

क विध स मतलब नह ह तम कताब बचा लाए और मास छोड़ आए अ छा होता क कताब चील को द

आत और मास घर ल आत ल कन वचारक हजार साल स कताब बचाता चला आ रहा ह और जदगी को छोड़ता चला जा रहा ह इसिलए

दिनया म जतना वचार बढ़ गया ह उतना जीवन कम और ीण हो गया ह दिनया म जतना वचार रोज

बढ़ता जा रहा ह आदमी उतना उदास परशान और हरान होता चला जा रहा ह य क जदगी का सारा अथ

खोता चला जा रहा ह जदगी का जो रस ह जदगी का जो भी अथ ह वह जीन स उपल ध होता ह वचार करन स नह और यह स ट यट बन जाता ह क हम जीन को छोड़ दत ह और वचार करन को पकड़ लत ह म एक फल क पास जाऊ और बठ कर फल क सबध म सोचन लग तो म एक वचारक ह ल कन फल क सबध

म जो बठ कर सोच रहा ह वह फल को जानन स विचत रह जाएगा वचार क एक द वाल खड़ हो जाएगी फल

उस पार होगा म इस पार होऊगा सब वचारक क आसपास वचार क एक द वाल बन जाती ह--वाद क शा क आइ डयालॉजी क और व अपनी ह द वाल म बद हो जात ह बाहर क दिनया स उनका जीवन स

सारा सबध टट जाता ह वह जो फल ह वह बाहर पकारता रहगा क आओ ल कन वचारक वचार करता रहगा अगर फल को जानना हो तो फल क पास बठ कर सोचन क ज रत नह ह फल क पास बठ कर सोचना छोड़

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 113

दन क ज रत ह ता क फल भीतर वश कर जाए मर आ मा और फल क आ मा कसी जगह पर िमल

सक वचार कभी भी नह िमलन दता ह और इसिलए दिनया म जतना वचार बढ़ता ह उतना आदमी-आदमी

अलग होत चल जात ह दिनया म जतन झगड़ ह व वचार क झगड़ ह य क सब द वाल वचार क द वाल

ह एक आदमी कहता ह म मसलमान ह एक आदमी कहता ह म हद ह एक हद और एक मसलमान क बीच

फक या ह खन का फक ह ह ड का फक ह आ मा का फक ह एक हद और एक मसलमान क बीच

िसफ वचार का फक ह मसलमान न कछ वचार पकड़ िलया ह हद न कछ वचार पकड़ िलया ह और वचार

क द वाल ह और तब तब वचार इतना मह वपण हो सकता ह क हद मसलमान क ह या कर द और

मसलमान हद क ह या कर द वचार इतना मह वपण हो सकता ह क हम जीवन क ह या कर द और

कताब को बचा ल वचार को बचा ल यह होता जा रहा ह जीवन रोज न हो रहा ह और कताब बचती चली जाती ह नय वचार नय झगड़ ल आत ह क यिन म नया वचार ह उसन नय झगड़ और नई द वाल खड़

कर द ह या यह नह हो सकता क आदमी अ त व को जीए वचार न

यह हो सकता ह सम त जीवन क गहराइया अ त व म उतरन स उपल ध होती ह और जस अ त व म

उतरना ह उस वचार को छोड़ कर उतरना पड़ता ह मन सना ह एक सम क कनार बहत बड़ा मला भरा हआ था और तट पर बहत लोग इक ठ थ व तट पर बठ

कर सोचन लग क सम क गहराई कतनी ह व बड़ वचारक लोग थ उ ह न तट क ऊपर बठ कर वचार

करना श कर दया सम क गहराई कतनी ह ल कन तट क ऊपर बठ कर कोई सम क गहराई नह जान सकता तट क ऊपर बठ कर सम क गहराई को जानन का कोई उपाय नह ह सम क गहराई म ह जाना पड़गा ल कन वचार करन वाल सदा तट पर बठ रह

जात ह व तट पर बठ कर बहत वचार करत रह ववाद हो गया सम क गहराई का तो कोई पता न चला ल कन ववाद स ह पा टया और कई स दाय और कई धम हो गए कसी न कहा इतनी गहराई ह और कसी

न कहा हमार कताब म इतनी िलखी ह व अपनी कताब ल आए और बड़ा ववाद श हो गया मन सना ह उस मल म दो नमक क पतल भी भल स पहच गए थ उ ह न यह सारा ववाद सना उ ह न कहा

क पागल हो गए हो अगर सम क गहराई जाननी ह तो वचार करन क या ज रत ह सम म कद

जाओ ल कन उन लोग न कहा जब तक गहराई का पता न चल हम कद कस गहराई का पता चल जाए

तब हम कद गहराई का प का पता हो जाए तभी हम कदग वचारक कहता ह जब ई र का म प का पता लगा लगा वचार करक तब खोज पर िनकलगा वचारक कहता

ह म म करन तब जाऊगा जब म म क पर फलासफ समझ ल वचारक कहता ह म जीवन म तब

उत गा जब म जान ल क जीवन या ह वह कनार पर बठा रह जाता ह और यान रह उस नमक क पतल न कहा क तो फर ठहरो म कद जाता ह म पता लगा आता ह वह

नमक का पतला कद गया ल कन नमक का पतला सम म कदगहराई म तो जान लगा ल कन जतना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 114

गहराई म जान लगा उतना ह पघलन लगा गहराई म पहच गया ठ क सम क नीच पहच गया उसन गहराई जान ली ल कन जब तक उसन गहराई जानी तब तक वह खो गया तब तक वह लौट कर बतान को नह था यह बड़ अदभत बात ह इस जदगी का सबस बड़ा पराडॉ स यह ह क जो वचार करत रहत ह व बतान म

समथ ह और जो अ त व क गहराई म उतरत ह व खो जात ह व बतान म असमथ हो जात ह स य को जो जानत ह व बता नह पात और जो बलकल नह जानत ह व बताए चल जात ह जो स य को बलकल नह

जानत व उस पर वचार करत रहत ह जो स य को जान लत ह व खो जात ह मर अपनी समझ म वचारक का अहकार मन य क जीवन म सबस बड़ा अहकार ह कछ लोग धन इक ठा

कर लत ह कछ लोग वचार इक ठ कर लत ह धन को इक ठा करन वाल को हम कहत ह क या स ह म

लग हए हो और वचार को इक ठा करन वाल को वचार को इक ठा करन वाल को हम वचार को इक ठा

करन वाल को हम उस तरह स नह कहत क या वचार क स ह म लग हो या होगा वचार क स ह कर

लन स धन क स ह स कछ नह होता वचार क स ह स भी कछ नह होता ल कन सब स ह अहकार को मजबत कर जात ह धन हो मर पास तो मझम एक अकड़ आ जाती ह क मर पास धन ह और वचार ह मर पास तो भी मझ एक

अकड़ आ जाती ह क मर पास वचार ह और ान पा ड य और वचार क जो अकड़ ह उसस बड़ अकड़ और

कोई भी नह हो सकती वह जो अहकार ह उसस बड़ा अहकार और कोई भी नह हो सकता और यान रह जतना बड़ा अहकार ह उतना ह गहर म उतरन क मता कम हो जाती ह य क गहर म उतरन पर वह

नमक का पतला पघला ऐस ह अहकार भी पघल जाता ह जस गहर जाना ह उस अहकार छोड़ कर जाना

होगा और जस अहकार छोड़ना ह उस धन ह नह छोड़ना पड़ता उस वचार भी छोड़ना पड़ता ह वचार क पत हमार चतना पर ऐस ह हअभी म एक गाव म ठहरा हआ था उस गाव क नद को म दखन

गया वह सार नद काई स ढक गई थी प ह प और काई ह काई उस पर नद पर छा गई थी एक प को

मन हटाया और नद झाकन लगी जो िम मझ ल गए थ उ ह न कहा सार नद प स ढक गई ह तो मन

कहा आदमी क भी सार आ मा वचार क प और काई स ढक गई ह थोड़ वचार को हटाओ तो भीतर स आ मा क नद झाकनी श हो जाती ह वचारक प स ढका हआ आदमी ह और वचार सब उधार ह बाहर स आए हए ह ान भीतर स आता ह और

वचार बाहर स आत ह इसिलए वचारक को ानी समझ लन क भल म नह पड़ जाना चा हए वचार सदा

बाहर स आत ह--शा स िश ाओ स सचनाओ स और ान सदा भीतर स आता ह और जस ान लाना

हो उस वचार बाहर स लान क या ा बद करनी पड़ती ह एक छोट स उदाहरण स समझान क कोिशश क मन सना ह क एक आदमी न घर म एक कआ खोदा और एक आदमी न घर म एक हौज बनाई अब हौज और

कआ बनान क ढग बलकल अलग होत ह हाला क दोन म पानी दखाई पड़ता ह और जब हौज बन गई कआ बन गया तो दोन म पानी था--कए म भी पानी था हौज म भी पानी था ल कन हौज म पानी उधार था

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 115

वह कह स मागा गया था वह कह स लाया गया था कए क पास अपना पानी था वह कह स मागा नह गया

था वह कह स लाया नह गया था हौज भर गई ल कन हौज और कए क बनान का ढग भी अलग ह कए को

खोदना पड़ता ह कए क िम ट -प थर को िनकाल कर बाहर फक दना पड़ता ह और अगर हौज बनानी हो तो

िम ट -प थर खर द कर लान पड़त ह द वाल बनानी पड़ती ह और हौज बनानी पड़ती ह और एक बड़

चम कार क बात हौज बन जाए तो भी खाली होती ह कआ बन जाए तो पानी स भर जाता ह हौज क पास

दसर का पानी होता ह जसको हम वचारक कहत ह उसक पास दसर का पानी होता ह उसक पास महावीर का पानी होगा ब का

पानी होगा ाइ ट का पानी होगा क ण का पानी होगा ल कन उसक पास अपना पानी नह होता उसक

पास कआ नह होता और यान रह जब कआ बनता ह तो कआ बनन का एक िनयम ह क खाली होना पड़ता ह जतना कआ खाली हो जाता ह उतना भर जाता ह जतना कआ अपन भीतर स चीज को बाहर फक दता ह उतन जल ोत

उपल ध हो जात ह वचारक इक ठा करता ह हौज क तरह इक ठा करता जाता ह कभी हौज क पास जाकर

कान लगा कर सनना तो हौज हमशा कहती ह और लाओ और लाओ अगर हौज स पानी िनकालो तो हौज

कहती ह मत िनकालो कम हो जाएगा कभी कए क पास कान लगा कर सनना कआ कहता ह िनकाल लो और िनकाल लो च क जतना िनकल जाता ह उतना नया भीतर स और आ जाता ह वचारक इक ठा करता ह वचार िसफ इक ठा करना ह और इसिलए वचारक बाहर स आई हई पत म इतना

खो जाता ह क कभी अपन को नह जान पाता ज ह न अपन को जाना ह ज ह न स य को जाना ह उ ह न िन वचार होकर जाना ह महावीर वचारक नह ह ब वचारक नह ह क ण वचारक नह ह और दिनया म ऐस लोग क ज रत ह

जो वचार क पार होकर दख सक इसिलए हम उनको ा कहत ह इसिलए हम उस या को जसस ान

उपल ध होता ह दशन कहत ह उसको वचारणा नह कहत ल कन अभी बड़ भल हई ह भल यह हो गई ह क हम प म स जो फलासफ आई ह हम फलासफ को भी अपन म क म दशन स अनवाद करन लग ह दशन और फलासफ पयायवाची श द नह ह दशन का मतलब

ह दखना और फलासफ का अथ ह सोच- वचार दखन और सोचन- वचारन म द मनी ह जो आदमी दख

सकता ह सोचता- वचारता नह जो नह दख सकता वह सोचता- वचारता ह म अगर अधा ह और मझ इस कमर क बाहर जाना हो तो म सोचगा क रा ता कहा ह पछगा रा ता कहा

ह पछगा ार कहा ह कस जाऊ कस िनकल और अगर मर पास आख ह तो म सोचगा नह पछगा नह उठगा और िनकल जाऊगा आख चा हए दशन चा हए वचार नह चा हए और सदा अपनी होती ह वचार सदा दसर क होत ह दसर क आपक पास नह होती दसर क आख स आप नह दख सकत ल कन दसर क वचार का स ह

आप कर सकत ह इसिलए वचारक मर म सदा बारोड सदा उधार आदमी होता ह उसक पास कछ

भी नह होता वचारक स यादा द र आदमी द न आदमी खोजना बहत म कल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 116

ल कन हम लगता ह क वचारक क पास बहत कछ ह य क जो उसन इक ठा कया ह वह हमार आख को च काता ह जो उसक पास हम दखाई पड़ता ह उसस लगता ह क इसक पास बहत कछ ह जो उसस हम सनत

ह जो वह िलखता ह उसस हम लगता ह क इसक पास बहत कछ ह और हम भी तब वचार इक ठा करन

म लग जात ह हमार सार िश ा वचार इक ठा करवान क िश ा ह इसिलए हमार िश ा ानी को पदा नह

कर पाती य क वह और दशन पदा करन क िलए कोई योग नह करती ह इधर म एक छोट सी बात अत म कहना चाह और वह यह क मन य क चतना म दो मताए ह--एक वचार क

और एक िन वचार क एक सोचन क और एक दखन क सोचन म जो उलझ जाएगा वह दखन को भल

जाएगा और जो दख लगा उस सोचन क फर कोई ज रत नह रह जाती उसक पास आख उपल ध हो जाती ह ब क पास एक बार एक आदमी को कछ लोग ल आए थ वह आदमी अधा था उसक पास आख नह थी

उसक िम न ब को आकर कहा क यह आदमी अधा ह और हमारा िम ह हम इस समझात ह क काश ह हम समझात ह क सरज ह ल कन यह मानन को तयार नह होता यह कहता ह क कस हो सकता ह हम

इस कहत ह क ह तक दत ह तो यह कहता ह क हम त हार काश को छकर दखना चाहत ह जरा काश

को ल आओ हम छकर दख ल काश तो हम ल आत ह ल कन यह छ नह पाता यह कहता ह तम अपन

काश को थोड़ा बजाओ तो हम सन ल ल कन हम काश को कस बजाए यह कहता ह काश को मर मह

म द दो म थोड़ा चख ल ल कन हम काश का वाद कस दलवाए हमन सोचा क एक बड़ा वचारक गाव

म आया ह ब आए ह तो हम जाए ब न कहा तम गलत आदमी क पास आ गए म कोई वचारक नह ह और इस आदमी को तम परशान मत

करो अ छा ह क यह नह मानता य क जसक पास आख नह ह वह मान य और अगर मान लगा तो

वचार म पड़ जाएगा सब मा यताए वचार म ल जाती ह अगर एक अधा आदमी मान ल क काश ह तो काश का होना उसक िलए िसफ एक वचार होगा अनभव नह हो सकता ब न कहा इस तम वचारक क

पास मत ल जाओ अ छा होगा कसी व क पास ल जाओ वचारक या करगा वचार द दगा व क पास

ल जाओ जो इसक आख क िच क सा कर सक व उस व क पास ल गए उस आदमी क आख पर जाली थी कछ दन क दवा क योग स वह जाली कट गई

और उस आदमी न काश दखा और वह नाचन लगा और वह खोजता हआ ब क पास गया उनक चरण

पकड़ िलए और उस आदमी न कहा क आपन बड़ कपा क अ यथा व सब वचारक मझ िमल कर मार डालत व मझ समझात थ क ह और मझ दखाई नह पड़ता था अब मझ दखाई पड़ रहा ह और म जानता ह

क जो दखन स जाना जा सकता ह वह समझान स नह जाना जा सकता म कस समझता क काश ह और

अगर समझ लता तो भी उस समझ का या म य था नह वचार क इतनी ज रत नह ह जतनी और दशन क ज रत ह और और दशन चा हए हो तो

िच ऐसा होना चा हए जो वचार को अलग करन म समथ हो जाए थोड़ दर को थोड़ ण को ह सह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 117

अगर चौबीस घट म कोई य सार वचार स अपन को म कर ल और िसफ रह जाए--मा रह जाए सोच

न िसफ हो जाए िथ कग नह िसफ बीइग--तो उसक जदगी म वह सब उतर आएगा जो ह जो सदर

ह जो स य ह एक अितम कहानी और अपनी बात म पर क गा मन सना ह एक पहाड़ क ऊपर एक आदमी खड़ा था सबह-सबह सरज िनकला ह और अभी रोशनी न चार

तरफ व पर जागरण ला दया ह और प ी गीत गात ह और वह आदमी चपचाप खड़ा ह कछ लोग घमन

िनकल ह तीन िम रा त स नीच गजर रह ह उ ह न उस आदमी को वहा खड़ दखा और एक िम न कहा यह आदमी यहा या करता होगा अब सच तो यह ह क कोई ज रत नह क वह आदमी वहा या करता होगा ल कन वचार करन वाल लोग

यथ का वचार करत रहत ह व तीन वचारक रह ह ग एक न कहा क वह आदमी वहा या करता ह दसर

आदमी न कहा क जहा तक म समझता ह जहा तक म सोचता ह कभी-कभी उस फक र क जो वहा ऊपर

खड़ा ह गाय खो जाती ह वह अपनी गाय को खोजन क िलए पहाड़ पर खड़ होकर दखता होगा क गाय कहा ह ल कन पहल आदमी न कहा त हार बात ठ क नह मालम पड़ती वचारक को कभी एक-दसर क बात ठ क

मालम पड़ती ह नह उस आदमी न कहा त हार बात ठ क नह मालम पड़ती नह मालम पड़ती इसिलए क

अगर वह गाय को खोजता होता तो चार तरफ आख भटकती उसक चार तरफ दखता वह तो चपचाप एक ह

तरफ दखता हआ खड़ा ह खोजन वाला आदमी एक तरफ नह दखता सब तरफ दखता ह ल कन तीसर आदमी न कहा त हार बात मझ ठ क मालम नह पड़ती बात क दिनया म कभी कछ ठ क

मालम पड़ता ह नह उस तीसर आदमी न कहा क म जहा तक समझता ह कभी-कभी ऐसा होता ह क वह

अपना िम साथ लाता ह िम पीछ छट जाता ह तो वह खड़ होकर उसक ती ा करता होगा उस पहल आदमी न कहा नह यह ठ क नह ह य क अगर कोई कसी क ती ा करता हो तो कभी-कभी पीछ लौट कर भी दखता ह वह पीछ लौट कर दख ह नह रहा ह तब उन दोन न पछा क तम या कहत हो उस आदमी न कहा जहा तक म सोचता हअब मजा यह ह क य तीन सोच ह सकत ह य क वह आदमी या कर रहा ह यह वह जान सकता ह बाहर स तो िसफ सोचा ह जा सकता ह

उस तीसर न कहा जहा तक म सोचता ह वह भगवान का मरण कर रहा ह तो उन तीन न कहा बड़ म कल हो गई हम तीन को पहाड़ पर चढ़ना पड़गा और उस आदमी स पछना पड़गा क वह कर या रहा ह अब बड़ मज क बात ह क दसरा आदमी कछ भी कर रहा हो तीन आदिमय को पहाड़ चढ़न क कोई ज रत

नह ह ल कन दसरा या कर रहा ह उस जानन क िलए कोई भी एवर ट चढ़ सकता ह हम खद या कर रह ह

उस जानन क हम कभी भी कोई िचता नह ह दसरा या कर रहा ह व तीन पहाड़ चढ़ थक गए पसीना उनक माथ पर आ गया उस आदमी क पास पहच पहल आदमी न

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 118

जाकर कहा क जहा तक महानभाव म सोचता ह आपक गाय खो गई ह आप खोज रह ह उस आदमी न आख खोली उसन कहा मरा कछ ह ह नह इस जगत म खोएगा कस और जब खोएगा ह

नह तो खोजगा कस माफ करो म कछ भी नह खोज रहा ह दसरा आदमी ह मत स आग आया उसन कहा जहा तक म सोचता ह आप खोज नह रह ह ल कन

आपका िम पीछ छट गया होगा आप उसक ती ा कर रह ह सह कह रहा ह न म उस आदमी न कहा न मरा कोई िम ह न मरा कोई श ह पीछ छटगा कौन ती ा कसक क गा म

कसी क ती ा नह कर रहा ह तब तो तीसर आदमी न कहा क जीत मर िन त ह व ह तीसरा आदमी आग आया और उसन कहा क म सोचता ह क आप परमा मा का मरण कर रह ह वह फक र हसन लगा उसन कहा मझ परमा मा का कोई पता नह मझ अभी अपना ह पता नह ह म

परमा मा का मरण कस क गा तो उन तीन न पछा क फर आप कर या रह ह उस आदमी न कहा म कछ भी नह कर रहा ह--म िसफ ह उस आदमी न कहा म कछ कर नह रहा ह--म

िसफ ह और उस आदमी न कहा होना इतना आनद ह--मा होना जन लोग न स य को जाना ह-- म को परमा मा को कोई भी नाम द म को मो को--उन सबन उस

ण म जाना ह जब बाहर क भी सार या खो गई ह और भीतर भी वचार क सार या खो गई ह जब

या मा खो गई ह और सब स नाटा हो गया ह और िसफ होना मा रह गया ह--ज ट ए झ टस उस ण

म हम जड़ जात ह सब स वराट स और जब तक वचार क गित विध ह तब तक टट रहत ह नह जड़

पात ह तो मझ गलती स बला िलया और इतना समय भी मन आपका िलया उसक िलए माफ मागन क िसवाय और

कोई उपाय नह ह म कोई वचारक नह ह और न चाहता ह क कोई वचारक हो ा चा हए दशन चा हए चा हए वह आख चा हए भीतर जसस जीवन क परम स य का अनभव होता ह

मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ परमा मा को

णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य दसवा वचन मन य क एकमा सम या भीतर का खालीपन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 119

एक छोट सी घटना स आज क बात श करना चाहगा िसकदर महान क म य हो गई थी लाख लोग नगर क रा त पर खड़ उसक अरथी क ती ा कर रह थ

अरथी आई और अरथी महल स बाहर िनकली व जो खड़ हए लाख लोग थ उन सबक मन म एक ह उन सब क बात म एक ह और ज ासा पर नगर म फल गई बड़ आ य क बात हो गई थी ऐसा कभी

भी न हआ था अरिथया तो रोज िनकलती ह रोज कोई मरता ह ल कन िसकदर क अरथी िनकली थी तो जो बात हो गई थी वह बड़ अजीब थी अरथी क बाहर िसकदर क दोन हाथ लटक हए थ हाथ तो भीतर होत ह

अरथी क या कोई भल हो गई क हाथ अरथी क बाहर लटक हए थ ल कन िसकदर क अरथी और भल हो

जाए यह भी सभव न था और एक-दो लोग नह सकड़ लोग महल स उस अरथी को लकर आए थ कसी को

तो दखाई पड़ गया होगा--हाथ बाहर िनकल हए ह सारा गाव पछ रहा था क हाथ बाहर य िनकल हए ह साझ होत-होत लोग को पता चला िसकदर न मरत व कहा था मर हाथ अरथी क भीतर मत करना

िसकदर न चाहा था उसक हाथ अरथी क बाहर रह ता क सारा नगर यह दख ल क उसक हाथ भी खाली ह हाथ तो सभी क खाली होत ह मरत व उनक भी जनको हम िसकदर जानत ह उनक हाथ भी खाली होत ह

ल कन िसकदर को यह खयाल क उसक खाली हाथ लोग दख ल-- जसन दिनया जीतनी चाह थी जसन

अपन हाथ म सब कछ भर लना चाहा था--व हाथ भी खाली ह यह दिनया दख ल िसकदर को मर हए बहत दन हो गए ल कन शायद ह कोई आदमी अब तक दख पाया ह क िसकदर क हाथ

भी खाली ह और हम सब भी छोट-मोट िसकदर ह और हम सब भी हाथ को भरन म लग ह ल कन आज तक

कोई भी जीवन क अत म या भर हए हाथ को उपल ध कर सका ह या क हाथ खाली ह रह जात ह या क हाथ नह भर पात और हमारा सारा म और हमार सार श अप यय हो जाती ह अिधकतम लोग असफल मरत ह यह हो सकता ह क उ ह न बड़ सफलताए पाई ह ससार म यह हो सकता ह

क उ ह न बहत यश और धन अ जत कया हो ल कन फर भी असफल मरत ह य क हाथ खाली होत ह

मरत व िभखार ह खाली हाथ नह मरत स ाट भी खाली हाथ ह मरत ह तो फर यह सार जदगी का

म कहा गया अगर सार जीवन का म भी सपदा न बन पाया और भीतर एक पणता न ला पाया तो या

हम रत पर महल बनात रह या पानी पर लक र खीचत रह या सपन दखत रह और समय गवात रह या ह इस दौड़ क सार िन फलता या ह

एक और छोट कहानी मझ मरण आती ह एक महल क ार पर बहत भीड़ लगी हई थी और भीड़ बढ़ती ह जा रह थी और दोपहर स भीड़ बढ़नी श हई

थी अब साझ होन आ गई सारा गाव ह कर ब-कर ब उस ार पर इक ठा हो गया था या हो गया था उस

ार पर राजमहल क एक छोट सी घटना हो गई थी और घटना ऐसी बबझ थी क जसन भी सना वह वह खड़ा होकर दखता रह गया कसी क कछ भी समझ म न आ रहा था एक िभखार सबह-सबह आया और उसन राजा क महल क सामन अपना िभ ापा फलाया राजा न कहा क

कछ द दो अपन नौकर को

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 120

उस िभखार न कहा एक शत पर लता ह यह िभ ापा उसी शत पर कोई चीज वीकार करता ह जब यह

वचन दया जाए क आप मर िभ ापा को परा भर दग तभी म कछ लता ह राजा न कहा यह कौन सी म कल ह छोटा सा िभ ापा ह परा भर दग और अ न स नह वण

अश फय स भर दग िभ क न कहा और एक बार सोच ल पीछ पछताना न पड़ य क इस िभ ापा को लकर म और ार पर भी गया ह और न मालम कतन लोग न यह वचन दया था क व इस परा भर दग ल कन व इस परा नह भर पाए और बाद म उ ह मा मागनी पड़ राजा हसन लगा और उसन कहा क यह छोटा सा िभ ापा उसन अपन म य को कहा वण अश फय स

भर दो यह घटना हो गई थी राजा वण अश फया डालता चला गया था िभ ापा कछ ऐसा था क भरता ह नह था सारा गाव ार पर इक ठा हो गया था दखन कसी क समझ म कछ भी न पड़ता था क या हो गया ह

राजा का खजाना चक गया साझ हो गई सरज ढलन लगा ल कन िभ ा का पा खाली था तब तो राजा भी

घबड़ाया िगर पड़ा पर पर उस िभ क और बोला या ह इस पा म रह य या ह जाद भरता य

नह उस िभखार न कहा कोई जाद नह ह कोई रह य नह ह बड़ सीधी सी बात ह एक मरघट स िनकलता

था एक आदमी क खोपड़ िमल गई उसस ह मन िभ ापा को बना िलया और आदमी क खोपड़ कभी भी

कसी चीज स भरती नह ह इसिलए यह भी नह भरता ह आदमी खाली हाथ जाता ह इसिलए नह क खाली हाथ जाना ज र ह ब क आदमी क खोपड़ म कह कछ

भल ह इसिलए नह क खाली हाथ जाना जीवन स कोई िनयम ह कोई अिनवायता ह नह जीवन स भर हाथ भी जाया जा सकता ह और कछ लोग गए ह और जो भी जाना चाह वह भर हाथ भी जा सकता ह ल कन

आदमी क खोपड़ म कछ भल ह और इसिलए भरत ह बहत भर नह पाता हाथ खाली रह जाता ह कौन सी भल ह कौन सा सी ट ह कौन सा रह य ह मन य क मन क साथ क वह भर नह पाता कौन

सा जाद ह और यह मत सोचना क कसी राजमहल क ार पर ह कोई िभ खड़ा था और उसका पा नह

भर पाया था हम सबक ार पर िभ खड़ ह और पा नह भर पा रह ह हम सभी िभ ह हमार पा भी नह भर पा रह ह यहा हम इतन लोग इक ठ ह आधा जीवन तो कर ब-कर ब हमम स सभी का बीत चका ह कसी का आध स

यादा भी बीत चका होगा कसी का अभी आध स कम भी बीता होगा ल कन या हमार पा थोड़-बहत भर

पाए ह और अगर आधा जीवन बीत जान पर बलकल नह भर ह तो शष आध जीवन म फर कस भर

जाएग पा खाली ह पा खाली रहग य क आदमी क मन क साथ कछ गड़बड़ ह या गड़बड़ ह उसी सबध म थोड़ सी बात आज स या म आपस कहगा मन य क मन क साथ या भल ह या उलझाव कौन सी पहली ह जो सलझ नह पाती और इस पहली

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 121

को बना सलझाए जो जदगी म भाग-दौड़ करन म लग जाता ह वह तो बलकल पागल ह जसन अपन मन

क सम या को इस उलझाव को इस रह य को नह समझ िलया ह ठ क स उसक जीवन क सार दौड़ यथ

ह िनरथक ह वह तो बना सम या को समझ और समाधान करन को िनकल पड़ा ह और जसन सम या ह

न समझी हो या वह समाधान कर सकगा ित बत म एक िश क क बाबत बड़ िस ह बाद म वह फक र हो गया जब वह िश क था व व ालय

म तीस वष तक िश क रहा ग णत का िश क था हर वष जब नय व ाथ आत और उसक क ा श

होती तो तीस वष स िनरतर एक ह सवाल स उसन क ा को श कया था एक ह ग णत एक ह वह

जस ह पहल दन वष क पहल दन क ा म जाता और नय व ािथय का वागत करता त त पर जाकर दो

अक िलख दता--चार और दो--और लोग स पछता या हल ह इसका कोई लड़का िच लाता छह ल कन

वह िसर हला दता कोई लड़का िच लाता दो ल कन वह िसर हला दता और तब सार लड़क िच लात--

य क अब तो एक ह और सभावना रह गई थी जोड़ िलया गया घटा िलया गया अब गणा करना और रह

गया था--तो सार लड़क िच लात आठ ल कन वह फर िसर हला दता और तीन ह उ र हो सकत थ चौथा कोई उ र न था तो लड़क चप रह जात और तब वह िश क उनस कहता तमन सबस बड़ भल यह क क तमन मझस यह नह पछा क या ह और तम उ र दना श कर दए मन चार िलखा और दो िलखा यह तो ठ क ल कन मन कहा बोला

था और तम उ र दना श कर दए और वह िश क कहता क म अपन अनभव स कहता ह ग णत म ह

यह भल नह होती जदगी म भी अिधक लोग यह भल करत ह जदगी क को नह समझ पात और उ र दना श कर दत ह जदगी क सम या जदगी का ॉ लम या ह कस बात का उ र खोज रह ह कौन सी पहली को हल

करन िनकल पड़ ह इसक पहल क कोई पहली को हल कर पाए उस ठ क स जान लना होगा-- या ह जदगी क सम या या ह मन य क सम या उसका मन ह और मन क सम या कतना ह उस भरो न भरना ह मन भर नह पाता

ह या ह इसक पीछ कौन सा ग णत ह जो हम नह समझ पात और जीवन भर रोत ह और परशान होत ह कौन सी कजी ह जो इस जीवन क सम या को सलझाएगी और हल कर दगी बना इस समझ चाह हम

म दर म ाथनाए कर चाह म जद म नमाज पढ़ चाह आकाश क तरफ हाथ उठा कर परमा मा स

आराधना कर कछ भी न होगा कछ भी न होगा य क जो आदमी अभी अपन मन को ह सलझान म समथ

नह हो सका उसक ाथना का कोई भी म य नह हो सकता ह और जो मन य अभी अपन भीतर ह प

नह हो सका ह जीवन क सम या क ित वह जन म दर म जाएगा उसक साथ ह और भी उप व वहा

पहच जाएग म दर स वह तो शात होकर नह लौटगा ल कन म दर क शाित को ज र ख डत कर आएगा

भीतर जो उलझा हआ ह वह जो भी करगा कन य ड माइड जो भी करगा उसस जीवन म और कन यजन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 122

और परशानी और उलझाव बढ़ता ह हम एक पागल आदमी स सलाह लन नह जात य क पागल जो भी सलाह दगा वह और भी उप व क हो जाएगी पागल जो सलझाव उप थत करगा वह और भी पागलपन का हो जाएगा एक राजा का एक म ी पागल हो गया था और अ सर म ी पागल हो जात ह सच तो यह ह क जो पागल नह

होत व कभी म ी ह नह होत राजा का म ी पागल हो गया था राजा सोया हआ था उस म ी न जाकर सोए

हए राजा को चम िलया राजा घबड़ा कर उठा और उसन कहा क यह तम या करत हो इसक सजा िसवाय

मौत क और कछ भी नह हो सकती मझ चमन का तमन साहस कया उस म ी न कहा माफ कर म तो समझा क महारानी सो रह ह यह उ ह न उ र दया था राजा हरान हो गया वह बोला क िन त ह त हारा दमाग खराब हो गया ह

य क तमन जो अपराध कया ह और उस अपराध स बचन क िलए तम जो दलील द रह हो वह और भी बड़ा अपराध ह कर ब-कर ब ऐस ह जीवन क सम या को सलझान क िलए हम जो करत ह वह और भी बड़ सम या खड़ कर

दता ह हमार मन उलझ हए ह उलझ हए मन को लकर हम या हल कर पाएग ल कन हम बड़ अजीब लोग

ह इस उलझ हए मन को लकर गीता पढ़त ह गीता पर ट का भी करत ह करान पढ़त ह करान पर भा य

िलखत ह उपिनषद पढ़त ह हम जब गीता और उपिनषद पढ़त ह तब जो हम जान पात ह वह गीता और

उपिनषद नह ह हमार उलझ मन गीता को भी उलझा लत ह उपिनषद को भी उलझा लत ह और तब हमारा

उलझाव बढ़ता ह चला जाता ह और फलता ह चला जाता ह उसम कोई ओर-छोर िमलना क ठन हो जाता ह इसिलए पहली और बिनयाद बात पछनी ज र ह इस मन का ॉ लम या ह इस मन क सम या या ह सबस पहली बात वह यह हमार भीतर जो यह आका ा और दौड़ होती ह क हम भर ल अपन को फल फलमट क पणता क पा लन क कछ हो जान क यह दौड़ इसिलए पदा होती ह क हम अहसास

होता ह क भीतर हम खाली ह भीतर अभाव ह भीतर ए ट नस ह भीतर कछ भी नह ह भीतर मालम होता

ह ना-कछ भीतर मालम होता ह श य उस श य को भरन क िलए हम दौड़त ह दौड़त ह दौड़त ह ल कन या आपको पता ह क जो श य भीतर ह उस बाहर क कतनी ह साम ी स भरना असभव ह य क

श य ह भीतर और हमार सा ा य ह ग बाहर सा ा य बढ़त चल जाएग श य अपनी जगह बना रहगा

इसीिलए तो िसकदर खाली हाथ मरता ह नह तो िसकदर क हाथ म तो बड़ा सा ा य था बड़ धन-दौलत थी

शायद ह कसी आदमी क पास इतना बड़ा सा ा य रहा हो इतनी धन-दौलत रह हो खाली हाथ य मरता ह

यह आदमी यह खाली हाथ कस बात क सचना ह यह सचना ह क भीतर जो खालीपन ह वह नह भरा जा

सका बाहर सब इक ठा हो गया ल कन नह भीतर कछ भी नह पहच सका कौन सी चीज भीतर पहच सकती ह बाहर क कोई भी चीज भीतर नह पहच सकती बाहर क िम बाहर ह बाहर क सपदा बाहर ह बाहर का

धन बाहर क यश- ित ा सब बाहर ह और भीतर ह म मर अित र मर भीतर कोई भी नह मरा होना ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 123

मरा भीतर ह मरा बीइग ह मरा मरा आत रक श य ह मर आत रक र ता ह भीतर म ह खाली बाहर म

दौड़ता ह क भ भ बहत इक ठा कर लत ह दौड़ कर ल कन जब आख उठा कर दखत ह तो पात ह--भीतर

तो सब खाली ह दौड़ तो यथ गई दौड़ इसिलए यथ गई क जस दशा म श यता थी उसक वपर त दशा म हमन म कया दौड़ इसिलए

खाली गई क जहा ग ढा था वहा तो हमन नह भरा हमन ढर कह और लगाए ग ढा ग ढा बना रहा ढर

बड़-बड़ हो गए ल कन ग ढा नह िमटा भीतर ह ग ढा भीतर एक खाई-खदक ह भीतर दख एकदम खाली ह कछ भी तो नह वहा न वहा आपका

मकान ह न आपका धन न आपक दौलत हो सकता ह क बाहर एक क पास बड़ा मकान हो और दसर क

पास कछ भी न हो सड़क पर खड़ा हो ल कन भीतर भीतर दोन एक समान खाली ह भीतर कोई फक नह

ह िभखार और स ाट म भीतर का खालीपन बराबर एक सा ह भीतर हम सब िभखमग ह एक मसलमान फक र था फर द वह अकबर स िमलन गया उसक िम न फर द स कहा था अकबर स

करना ाथना क हमार गाव म एक कल बना द अकबर फर द को बहत मानता था आदर दता था फर द न

सोचा जाऊ वह गया सबह-सबह ज द गया अकबर नमाज पढ़ता था फर द पीछ खड़ा हो गया अकबर न

नमाज पढ़ नमाज पर क और हाथ जोड़ परमा मा क तरफ और कहा ह परम पता मर रा य को और

बड़ा कर मर धन को और बढ़ा फर द वापस लौट पड़ा अकबर उठा तो दखा फर द म जद क सी ढ़या उतर रहा ह अकबर दौड़ा और रोका क

कस आए और कस चल फर द न कहा म सोचता था एक स ाट क पास जा रहा ह यहा मन दखा यहा भी एक िभखार ह मन भल स

त हार नमाज का आ खर ह सा सन िलया तमन भी मागा और रा य और धन तम भी मागत हो म लौट

पड़ा क जो अभी खद ह माग रहा ह उसस हमारा मागना ठ क नह अिश ह और फर मन सोचा तम जसस

मागत हो अगर मागना ह होगा तो हम भी उसी स माग लग तमको बीच म य ल ल कन फर द न अपन गाव म जाकर कहा िम ो म सोचता था अकबर स ाट ह और म िभखार ह मन

जाकर जब झाक कर दखा तो मन पाया अकबर भी िभखार ह तो म उसस नह कह सका क कल बनवा दो गाव म एक वह तो खद ह अभी माग रहा ह उसका मागना ख म हो जाए तो फर हम उसस कछ कह ल कन मागना या कभी कसी का ख म होता ह मरत दम तक आ खर ण तक आदमी माग चला जाता

ह य भीतर का खालीपन नह भरता आ खर ण भी हम सोचत ह क शायद कछ िमल जाए और हम भर

जाए और हम लग क हम कछ हो गए और हमन कछ पा िलया नह ल कन यह नह हो पाता यह नह हो

सकता ह यह इपािस बिलट ह इसक होन का कोई उपाय नह ह इसिलए नह ह उपाय क भीतर ह श य बाहर ह साम ी फर हम या कर इस भीतर क श य को कस

भर कस हम अहसास हो जाए क अब मर कोई माग नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 124

उसी दन आदमी जीवन म कह पहचता ह जस दन उसक कोई माग नह रह जाती जस दन उसका िभखार मर जाता ह धम यक मन य को ऐसी जगह ल जाना चाहता ह जहा वह स ाट हो जाए दखता तो

ऐसा ह क ससार म स ाट होत ह ल कन जो जानत ह व कहग ससार म कभी कोई स ाट नह हआ सभी िभखार ह यह दसर बात ह क कछ िभखार छोट ह कछ िभखार बड़ ह यह दसर बात ह क क ह का

िभ ापा छोटा ह क ह का बड़ा ह यह दसर बात ह क कछ रोट मागत ह कोई रा य मागता ह ल कन

मागन क सबध म कोई िभ नता नह िभखमगपन म कोई भद नह धम तो समझता ह क कवल व ह लोग स ाट हो सकत ह जो भीतर एक आत रक सपणता को उपल ध होत ह

उनक सार माग िमट जाती ह उनक दौड़ उनक िभ ा का पा टट जाता ह ब बारह वष क बाद अपन गाव वापस लौट थ उनक हाथ म िभ ापा था िभखार क व थ उनक पता

उ ह लन गाव क बाहर आए तो पता न अपन लड़क को कहा मझ दख कर दख होता ह राज-प रवार म पदा

होकर त य हमार नाम को कलक लगाता ह और िभ ा का पा अपन हाथ म िलए हए ह या कमी ह हमार

पास जो त िभ ा का पा लकर घम रहा ह ब हस और उ ह न अपन पता स या कहा उ ह न कहा मा कर ल कन मर दख िभखार आप ह म

तो स ाट हो गया ह मर तो सार माग समा हो गई मन तो मागना बद कर दया म तो कछ भी नह

मागता ह आपक माग अभी जार ह आप अभी माग ह चल जा रह ह फर भी अपन को स ाट कहत ह ल कन हम यह दखाई नह पड़ता हम यह खयाल म नह आता क हम माग चल जा रह ह माग चल जा रह

ह या माग रह ह हम हम सार लोग ह एक बात माग रह ह क कसी भाित हमार भीतर का यह खालीपन िमट जाए यह श यता

िमट जाए हम भर-पर हो जाए हमार जीवन म कछ आ जाए जो हमार भीतर क अभाव को जो निथगनस

मालम होती ह भीतर उसको परा कर द हम कसी भाित पण हो जाए ल कन यह नह होगा तब तक जब तक हम बाहर दौड़ चल जात ह बाहर क दौड़ का म वह इ यजन क

बाहर स हम अपन को भर लग टट जाना ज र ह तोड़न क िलए कोई बहत म करन क बात भी नह ह कवल आख खोलन क बात ह थोड़ा जीवन को आख खोल कर दखन क बात ह चार तरफ आख खोल कर

दखन क बात ह िसकदर क खाली हाथ आख खोल कर दखन क बात ह सब क खाली हाथ आख खोल कर

दखन क बात ह जीवन म चार तरफ दखन क बात ह क लोग या कर रह ह और या पा रह ह या िमल

रहा ह या ह उनक उपल ध या ह जीवन भर का िन कष कहा व पहच गए ह कह पहच गए ह

या को ह क बल क तरह च कर काट रह ह िसफ लगता ह क चल रह ह या क कह पहच भी रह ह पछ

लोग स दख लोग को समझ लोग को झाक लोग क भीतर--कौन कहा पहच रहा ह और अपन भीतर

भी--म कहा पहच रहा ह जो मन य इतना भी नह पछता और चला जाता ह बहा जाता ह वह तो मन य होन का अिधकार भी खो दता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 125

ह फर उसक जीवन म अगर उलझन बढ़ती चली जाए तो कौन ह ज मवार कौन ह र पािसबल कसका

उ रदािय व ह िसवाय वय क और तो कसी का भी नह हम जीवन को कभी खोज क िलए जीवन को पछन क िलए खड़ भी नह होत आख खोल कर दखत भी नह

क यह या हो रहा ह जन ग ढ म हम दसर लोग को िगरत दखत ह हम खद उ ह ग ढ क तरफ बढ़

जात ह जन रा त पर हम दसर लोग को जीवन को िमटात दखत ह उ ह रा त पर हम भी दौड़ चल जात

ह दखत ह चार तरफ फर भी आख शायद हम खोल कर नह दखत अ यथा यह कस हो सकता था क व ह

भल हजार वष स जो मन य कर रहा ह हर पीढ़ उ ह भल को कए चली जाए दस हजार वष का इितहास या ह दस-पाच भल को बार-बार दोहराए जान क िसवाय और या ह हर पीढ़

कोई नई भल कर तो भी ठ क ह तो भी समझ म आए क कोई नई भल हो रह ह दिनया म वकास हो रहा ह

हर पीढ़ वह भल करती ह वह रपीट शन रपीट शन जो मर पता भल करत ह जो उनक पता करत

ह जो उनक पता वह म करता ह वह मर ब च करग वह उनक ब च करग मन य-जाित कसी को ह

क च कर म पड़ गई ह कर ब-कर ब एक सी भल हर पीढ़ दोहरा दती ह और ख म हो जाती ह नई भल ह तो भी वागत कया जा सकता ह उनका ल कन परानी भल अगर बार-बार होती ह तो एक ह

बात पता चलती ह क शायद मन य आख खोल कर भी दखता नह और चल पड़ता ह शायद हम सोए-सोए चल

रह ह शायद हम नीद म ह शायद हम जाग हए नह ह कोई गहर िन ा हम पकड़ हए ह अ यथा यह कस

हो सकता था यह कस सभव था क दस हजार वष तक मन य िनरतर कछ बिनयाद भल को बार-बार

दोहराता चला जाए दस हजार साल क मह वाका ा क मखता आज भी हम दखाई नह पड़ती एबीशन का

पागलपन आज भी दखाई नह पड़ता दस हजार वष क हसा य उनक नासमझी हम आज भी दखाई

नह पड़ती हम नय-नय नाम लकर फर भी लड़ जात ह नाम बदल लत ह लड़ाई जार रखत ह पाच हजार साल म प ह हजार य लड़ ह आदमी न प ह हजार य कवल पाच हजार साल म तीन य ित

वष या तो आदमी पागल ह या यह या ह और हर य को लड़न वाल न यह समझा ह क हम शाित क िलए

लड़ रह ह प ह हजार य और हर य का लड़न वाला यह समझता ह क हम शाित क िलए लड़ रह ह और

आज भी जो य हम लड़त ह उसम भी हम कहत ह शाित क िलए इस य को लड़ रह ह प ह हजार य लड़

जा चक शाित क िलए शाित नह आई एक और य लड़न स शाित आ जाएगी प ह हजार य क मखता

दखाई नह पड़ती जरा भी दखाई नह पड़ती हर नया य ऐसा मालम पड़ता ह और ह तरह का य ह परान लोग न क होगी

गलती हम जो य लड़ रह ह यह बात ह और ह इसस तो शाित क र ा हो जाएगी यह वहम उनको भी था अगर यह वहम उनको न होता तो व भी न लड़ होत और जब तक हम भी यह वहम ह

तब तक हम भी लड़ जाएग लड़ाई बद नह हो सकती ह ल कन वहम नह टटता प ह हजार य लड़न क

बाद भी हम दखाई नह पड़ती य क मखता नासमझी और भी सब मामल म यह ह सब मामल म यह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 126

हम स पहल अरब-अरब लोग जमीन पर रह ह उन सबन या कया था वह हम कर रह ह कन चीज क

िलए व जीए और मर वह हम कर रह ह वाग स नाम का एक चीनी फक र एक मरघट स िनकलता था वह मरघट कोई साधारण मरघट नह था उस

राजधानी म दो मरघट थ छोट लोग का मरघट और बड़ लोग का मरघट आदमी जदा म तो छोट और बड़

होत ह ह मरन क बाद भी फासला रखत ह बड़ आदिमय का मरघट अलग होता ह िम ट म िमल जात ह ल कन बड़ होन का खयाल नह िमटता क अलग बनवात ह िचता अलग जलवात ह वह मरघट बड़ लोग का मरघट था वाग स वहा स िनकलता था तो उसक पर म एक खोपड़ क चोट लग गई उसन उस खोपड़ को उठा िलया

और अपन िम स कहा बड़ भल हो गई कसी बड़ आदमी क िसर म मरा पर लग गया उसक िम हस और उ ह न कहा एक मद को पर लग भी गया तो या हजा ह वाग स न कहा हसो मत य क यह आदमी कसी दन जदा रहा होगा और कसी दन इसक िसर म पर

लगाना तो दर इसक िसर क तरफ अगली उठाना भी खतरनाक हो सकता था सयोग क बात ह क बचारा मर

गया इसक बस म न था नह तो यह मरता भी नह ल कन फर भी मझ तो मा मागनी ह चा हए भल हो गई वह उस खोपड़ को घर उठा लाया उस खोपड़ को सदा अपन पास रखता था लोग उसस पछत यह या कए

हए ह तो वह कहता म इसस रोज मा माग लता ह जदा आदमी होता तो एक ह बार मा करन स मा मागन स मा भी िमल जाती अब यह मदा ह यह बोलता भी नह उ र दता भी नह म बड़ अड़चन

म पड़ गया ह जदा आदमी हो तो मा भी िमल सकती ह मदा आदमी स मा िमलना भी क ठन ह

इसीिलए तो जो मदा होत ह व कभी कसी को मा नह करत जदा आदमी तो मा भी कर सकता ह तो उस वाग स न कहा बड़ म कल ह य ह मदा मझस हो गई ह भल िसर म लग गई ह इसक चोट नाराज तो ज र हो रहा होगा य क जो आदमी जदा ह वह तो नाराज भी नह होता ह मद बहत नाराज होत

ह बहत ग स म आ जात ह इसस मागता ह मा पता नह इस तक पहचती ह क नह पहचती इसिलए

रोज माग लता ह फर एक बात और ह इस साथ रखन स मझ एक फायदा हआ मझ अपनी खोपड़ क बाबत

जो इ यजन था जो म था वह टट गया अब मर िसर म कोई लात भी मार द तो भी म हसगा य क म

जानता ह क यह िसर आज नह कल लात क नीच आ जान को ह तो जो आज नह कल लात क नीच आ जान

को ह उसक िलए परशान होना कहा क समझदार हो सकती ह वाग स न कहा इस खोपड़ को दखत-दखत मझ अपनी खोपड़ क बाबत भी बड़ स चाइय का पता चल

गया म इसक बाबत नाहक म म था म इसको सदा ऊचा और ऊपर रखन क कोिशश करता था फर मझ

पता चला यह तो नीच िगरन को ह तो मन मझ एक बात दखाई पड़ गई यह बात हम म स कतन को दखाई पड़ती ह और अगर नह दखाई पड़ती तो हम अगर सोए हए या अध

क तरह चल रह ह यह कहन म कौन सी गलती ह यह हम कछ भी दखाई नह पड़ता ह और इसीिलए हम

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 127

यह भी नह दखाई पड़ता क बाहर क दौड़ हमशा यथ रह ह हम भी उसी दौड़ म दौड़ चल जात ह हम असल

म कछ भी दखाई नह पड़ता दखाई पड़न स हमारा कोई सबध ह नह रहा हम जीवन क कसी भी कसी

भी तल पर आख खोल कर दखन म असमथ स हो गए ह हम दखत ह नह या हो सकता ह हम दखना न

चाहत ह एक फक र था इ ा हम एक गाव क बाहर रहता था अनक राहगीर उस रा त स गजरत चौराहा था वह दसर रा त भी उस जगह आकर िमलत और फटत थ तो राहगीर उसस पछ लत क पास क जो ब ती ह उसका

रा ता कहा ह रोज झगड़ा हो जाता रोज म कल हो जाती वह फक र बड़ा गड़बड़ रहा होगा एक दन तो बहत झझट हो गई एक आदमी न उसक िसर पर लकड़ भी मार द उस आदमी न पछा था क ब ती का रा ता

कहा ह उसन कहा परब क तरफ चल जाओ दो-तीन मील क बाद ब ती आ जाएगी और भल कर भी

प म क तरफ मत जाना वहा ब ती नह ह वह आदमी परब क तरफ गया तीन मील क बाद मरघट आ गया तो उस बड़ा ग सा आया क यह आदमी बड़ा पागल ह लौट कर आया तो पता चला क ब ती तो प म क तरफ ह तो वह इ ा हम क पास गया और

कहा त हारा दमाग खराब ह मरघट को ब ती बतात हो और मझस कहा क ब ती वहा ह नह प म क

तरफ जहा क ब ती ह उस इ ा हम न कहा क मर भाई बहत दन स म यहा रहता ह मरघट म जो लोग बस गए ह उनको मन कभी

वहा स हटत नह दखा इसिलए उसको ब ती कहता ह और यहा जो लोग बसत ह व तो रोज हट जात ह रोज

गजर जात ह तो यहा तो म दखता ह मरन वाल क भीड़ लगी ह आज मरगा कोई कल मरगा कोई परस

मरगा कोई उस ब ती कस कह वहा तो रोज कोई वदा होता ह वहा कोई बसता तो ह ह नह ल कन उस

मरघट म जो भी बसा ह वहा जो बस गया बस गया वहा स कभी जाता हआ दखाई नह पड़ता ल कन कौन समझगा उसको उस आदमी न तो मारा इ ा हम को और कहा क तम पागल हो तम यहा स

अपना थान हटा लो य क तम मझको ह नह गमराह कए तमन और न मालम कतन लोग को गमराह

करक मरघट भजा होगा ल कन म आपस कहता ह इ ा हम को दखाई पड़ता था और सच बात तो यह ह क जन लोग को भी दखाई

पड़ता ह व ह हम ऐस मालम पड़त ह क जस गमराह कर रह ह अध क भीड़ ह उसम एकाध आदमी को

कभी दखाई पड़ता ह तो अध उस पर टट पड़त ह मार डालत ह-- क इसको ख म करो यह आदमी कछ हमार

बीच का नह ह कछ गड़बड़ ह मालम होता ह इसक आख खराब हो गई ह इसिलए सकरात को जहर पला

दत ह ाइ ट को फासी लगा दत ह गाधी को गोली मार दत ह अध क बीच आख होना बड़ खतरनाक बात ह जदा रहना बड़ा म कल ह पागल क बीच व थ होन स

यादा खतरा और दभा य कोई भी नह हो सकता य क पागल बचन हो जात ह य हो जात ह बचन बचन हो जात ह इसिलए क जब भी कोई आख वाला आदमी गर आख वाल क ब ती म पदा हो जाए तो उसक आख हमार िलए अपमान बन जाती ह हमार िलए पीड़ादायी हो जाती ह उसक आख क होन स हमको

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 128

इस बात का अहसास होना श हो जाता ह क हम अध ह और कोई भी अपन को अधा नह दखना चाहता इसिलए उस खतम कर दन क िलए हम एकदम उ सक और पागल हो जात ह उसको खतम करक हम िन त

हो जात ह फर हम फकर िमट जाती ह फर बाक सब अध होत ह जनक साथी हम होत ह उनस हम

कोई बचनी नह होती बाक अध हमार ऊपर टिस म नह ह हमार आलोचना नह ह हमारा अपमान

नह ह ल कन आख वाला आदमी हमार आलोचना ह उसका होना हमार िलए अपमान ह ल कन हम सब जब तक आख बद कए चलत रहग तब तक यह सभव नह ह क जो यथ ह जीवन म वह छट

जाए और जो साथक ह उसक दशा म हमार कदम बढ़ सक सबस बड़ क य बात तो यह ह क जो आदमी

आख खोल कर नह दखगा वह मरत व पाएगा हाथ खाली ह आख खोल कर दखना ज र ह जदगी को शा को नह शा को दखन म कोई क ठनाई नह ह आख बद करक शा पढ़ जा सकत ह ल कन जदगी

आख खोल बना नह दखी जा सकती शा आख बद कए पढ़ जा सकत ह अगर यह बात सच न होती तो शा पढ़न वाल लोग स य को उपल ध हो गए होत ल कन शा पढ़न वाल लोग तो स य स बहत दर मालम

पड़त ह आख बद कए शा पढ़न म कोई क ठनाई नह ह जस अध भी कताब पढ़ लत ह उनक अपनी प ित होती ह पढ़न क ऐस ह आख बद कए गीता और करान पढ़ जा सकत ह कोई क ठनाई नह ह नह तो

हद और मसलमान लड़त मौलवी और प डत लड़त अगर आख खोल कर शा पढ़ होत तो लड़ाई हो

सकती थी ल कन आख खोलन क कोई शत नह ह शा पढ़न म आख बद कए मज स पढ़ जा सकत ह ल कन जदगी को जस दखना हो उस तो आख खोलनी पड़गी जदगी आख बद कए नह दखी जा सकती

जदगी चार तरफ मौजद ह जदगी क भल-चक चार तरफ मौजद ह रा त पर हजार लोग चल रह ह उनक

पर डगमगा रह ह व िगर रह ह रोज कोई िगर जाता ह रोज हमार चार तरफ कोई िमट जाता ह उसक हाथ

खाली होत ह ल कन फर भी हम आख खोल कर नह दखत हम अपनी दौड़ म इतन य त ह क आख खोलन

क फसत नह ह एक बात तो जाननी ज र ह थोड़ा ठहर कर जदगी को दखना आव यक ह चौबीस घट म कभी थोड़ दर को

ठहर कर जदगी को दख जस रा त पर आप रहत ह कभी आधा घटा उस रा त क कनार बठ कर भागत हए

लोग को दखा ह नह दखा होगा कसको फसत ह अगर रा त क कनार भी आधा घटा बठ कर भागत

लोग को दखा होता तो बहत घबड़ाहट होती क य लोग पागल ह या कहा भाग जा रह ह य या कर रह

ह कभी गौर स अपनी प ी का चहरा भी दखा ह कभी गौर स अपन पित को दखा ह कभी शाित स प ह

िमनट मौन स अपन ब च को दखा ह नह कसी को फसत नह ह जदगी या दखग आप परमा मा क दशन या करग बहत दर क बात

ह आसपास जो हमार चार तरफ मौजद ह उनक तरफ भी हमार आख खली हई नह ह आपक ार पर जो

व लगा ह कभी दो ण उस दखा ह कसको फसत ह आकाश म इतन तार िनकलत ह रोज रात कभी

आधा घड़ मौन स उनक तरफ िनहारा ह कसको फसत ह कसको समय ह दौड़ ह तज और कन का

कसी क पास कोई समय नह ह और दौड़ कहा ल जाती ह बड़ तजी स दौड़ कर मौत म पहच जात ह और

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 129

कन का कसी क पास समय नह ह तो म िनवदन क गा अगर जीवन म कह पहचना हो तो थोड़ दर कना भी सीखना चा हए व ह थोड़ स लोग

जो कन म समथ हो पात ह दखन म समथ हो पात ह दखन क पहली शत ह-- कना थोड़ दर क कर दख

तो चार तरफ दख-- या हो रहा ह अगर चार तरफ आप गौर स दखग तो उ ह भल को आप नह कर पाएग जो आपक चार तरफ हो रह ह एक छोट सी कहानी कह उसस मर बात समझ म आ जाए एक यवक एक रात अपन िम क घर एक राजधानी म आकर ठहरा िचितत था रात करवट बदलता था नीद

नह आती थी उसक िम न पछा या बात ह परान दन क बात ह आज क बात नह नह तो कतनी ह करवट बदिलए कोई िम न पछगा क या

बात ह यह तो बहत परानी कहानी ह उस व िम पछत थ कसी को करवट बदलत दखत थ तो पछत थ-

- या बात ह अब तो कोई िम नह पछता आप करवट बदिलए तो वह और गहर नीद म सो जाता ह

ल कन परानी कहानी ह इसिलए मन उसको बदला नह वस ह रहन दया वह करवट बदलता था तो उसक िम न पछा या बात ह नीद नह आती कोई पीड़ा कोई बचनी उस यवक न कहा बहत मन म बचनी ह जस ग कल म म पढ़ता था दस वष वहा रहा ग न ह भोजन

दया ग न ह कपड़ा दया ग न ह ान दया सब कछ िलया उनस और मर पास एक कौड़ भी न थी क

उनको भट कर सकता जब अत म वदा हआ सार मर िम न कछ न कछ भट दया म कछ भी भट नह द

पाया आज वह स लौटा ह ग कल स मर आख म आस ह और मर दय म बड़ वदना ह क म ग को कछ

भी भट नह कर पाया ह उसक िम न पछा या तम भट करना चाहत हो यादा नह उसन कहा पाच वण अश फया िमल जाए तो बहत ह

उसक िम न कहा िचता मत करो इस गाव का जो राजा ह उसका िनयम ह उसका त ह क पहला याचक

उसस जो भी माग ल वह भट कर दता ह तो तम कल ज द जाना सबह राजा स माग लना पाच अश फया िमल जानी क ठन नह ह वह यवक रात भर न सो सका जसको सबह पाच अश फया िमलनी ह वह कभी रात भर सो सकता ह वह भी नह सो सका सबह बहत ज द अधर म ह भागा हआ राजमहल पहच गया राजा िनकला तो उसन कहा क म

पहला याचक ह मर माग ह थोड़ सी पर कर दग राजा न कहा वागत ह त हारा और तम आज क ह पहल याचक नह मर जीवन क ह पहल याचक हो

यह हमारा रा य बड़ा सम ह कोई मागन नह आता इसीिलए तो म भी ह मत कर सका क कोई जो भी

मागगा उसको द दगा नह तो म भी कस ह मत कर सकता था ल कन आज तक कोई मागन आया नह तम पहल ह याचक हो आज क ह नह पर जीवन क तम जो भी मागोग म दगा

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 130

राजा न कहा जो भी मागोग म दगा यवक क भीतर पाच अश फया िमट ग खयाल उस भल गया उसन

सोचा जो भी मागोग दगा तो म पागल ह जो म पाच माग पचास य न माग या पाच सौ या पचास हजार

या पाच लाख स या बड़ होती गई राजा सामन खड़ा था भीतर स या बड़ होती जाती थी यवक तय न

कर पाता था कतन माग य क राजा कहता ह जो भी मागोग वह भल गया यह क पाच अश फया मागन

आया था ज रत मर पाच क थी ज रत खतम हो गई अब ज रत कोई भी न थी अब तो स या का सवाल था राजा न कहा तम िचितत मालम पड़त हो वचार नह कर पात तम सोच लो ठ क स म घम कर आया बिगया म एक च कर लगा आऊ यवक न कहा ठ क ह बड़ कपा ह आप च कर लगा आए म थोड़ा वचार कर ल वचार या करना था स याओ पर स याए बढ़ती चली ग आ खर स या का अत आ गया जतनी स याए उस मालम थी आज उसक दय म बड़ा दख और बड़ पीड़ा िघर गई उसक ग न बहत कहा क और

ग णत सीखो ल कन ग णत म वह कमजोर रहा सोचता था ग णत का फायदा या ह आ खर इतना सीखन

का आज पता चला क फायदा था आज स या अटक गई एक जगह जाकर उसक बाहर उसक ऊपर कोई स या उस मालम नह इतना ह माग कर लौट जाना पड़गा पता नह राजा क पास पीछ और कतना बच

जाए एक मौका िमला था वह खोया जा रहा ह िमलन क खशी न रह जो छटता था उसका दख पकड़

िलया सभी क साथ ऐसा होता ह उसक साथ भी ऐसा ह हआ राजा लौट कर आ गया उसन पछा क मालम होता ह

िन त तमन सोच िलया तब यवक न अितम छलाग ली उस एकदम अत िमली स याए तो ख म हो गई थी उसन सोचा स याओ क बात ह बद क राजा क पास जो कछ ह सब माग ल राजा स कह द क दो व त हार िलए

काफ ह पहन हो बाहर िनकल जाओ अब भीतर जान क कोई भी ज रत नह जस म दो व पहन कर

आया ऐस ह आप भी वदा हो जाए सब मरा हआ स या म भल-चक हो सकती थी इसिलए सब माग लना उिचत था जो भी ग णत म ठ क-ठ क समझता ह वह भी यह करता सोचा था राजा घबड़ा जाएगा बात ल कन उलट हो

गई कई बार नाव पर लोग सवार होत ह कभी-कभी नाव भी लोग पर सवार हो जाती ह उस दन भी ऐसा ह

हो गया उस यवक न सोचा था राजा घबड़ा जाएगा एकदम स ाट स हो जाएगा दो कौड़ का िभखार कोई भी

घबड़ा जाएगा हो सकता ह मर ह जाए ल कन बात हो गई उलट जस ह उस यवक न कहा क सब मझ द द जो दो कपड़ पहन हए ह कवल य ह लकर बाहर िनकल जाए उस राजा न जोड़ हाथ आकाश क तरफ और

कहा ह परमा मा जसक म ती ा और ाथना करता था तन उस भज दया उस यवक को लगा िलया

गल और कहा दो कपड़ नह दो कपड़ भी नह ल जाऊगा इतना भी दख तझ न दगा क दो कपड़ ल जाऊ व

भी छोड़ दता ह न न ह बाहर िनकल जाता ह यवक तो बहत घबड़ा गया बात या ह उसन पछा बात या ह इतन स न य ह इतन आन दत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 131

य ह राजा न कहा मझस मत पछ महल म रह और दख रा य को स हाल और समझ आ खर मन भी म त म

नह जाना तीस साल इन द वाल क भीतर बताए ह तब जान पाया ह तो त भी रह और वचार अभी त यवा

ह इतनी ज द या ह मझस या पछता ह और दिनया म कोई कसी स पछ कर कभी समझा ह कोई

भी नह समझ पाता त क त क और ठहर और म जाता ह य कपड़ भी स हाल वह यवक बोला ठहर एक ण ठहर म अनभवी नह ह एक मौका मझ सोचन का और द राजा न कहा क नह जो सोचता ह वह म कल म पड़ जाता ह इसीिलए तो दिनया म कोई सोचता नह हर

आदमी बना ह सोच चला जाता ह त भी मत सोच सोचन वाल म कल म पड़ जात ह सोचन वाल क

सामन जीवन एक सम या बन जाता ह सोचन वाल क िलए जीवन एक साधना बन जाता ह सोच मत अभी

जदगी पड़ ह खब सोच लना बाद म पहल त भीतर जा म बाहर जाऊ जतना राजा न आ ह कया क त स हाल उतना ह यवक ढ ला होता गया उस यवक क हाथ-पर ढ ल हो

गए उसन कहा माफ कर एक मौका मझ द म नासमझ ह और आप मर पता क उ क ह मझ पर इतनी

कपा कर--एक बिगया का च कर और लगा आए म एक दफा और सोच ल राजा न कहा क दख बिगया का च कर तो म लगा आऊगा ल कन त यहा मझ वापस िमलगा इसम सदह ह और यह हआ राजा च कर लगा कर लौटा वह यवक वहा नह था वह भाग गया था वह पाच अश फया भी

छोड़ गया जो क उस लनी थी य या हो गया उस यवक क पास दखन वाली आख थी वह दख पाया इसको म दखना कहता ह जदगी म ऐसी आख जसक

पास ह वह आदमी धािमक हो सकता ह दखन वाली आख आख तो हम सबक पास ह हम उनस कभी दखन

का काम ह नह लत जदगी भी चार तरफ मौजद ह सब कछ मौजद ह हम आख का काम ह नह लत

आख खोल और थोड़ा दख जदगी म व सार इशार ह जो िनरतर दोहराई गई भल स कसी भी आदमी को जगा

दन म समथ ह कोई शा नह कर सकता जो कोई ग नह कर सकता जो जदगी वह कर सकती ह ल कन खली हई आख चा हए कौन खोलगा यह आख कोई दसरा आपक आख खोल सकता ह नह आख आपक पास ह आज स ह खोल कर दख जदगी को चार तरफ छोट -छोट घटनाओ को दख एक िम अभी आठ दन पहल ह मर पास आए और उ ह न मझस कहा क िनरतर आप कहत ह आख खोल

कर दख आख खोल कर दख या आख खोल कर दख यह एक घटना ह इसम बताइए म या क एक प मर सामन रखा कसी न उ ह िलखा था बहत जहर भर दया था प म जतनी भी गािलया हो

सकती थी द थी जतना भी ोध कट कया जा सकता था कया था जतना भी अपमान कया जा

सकता था कया था व थर-थर काप रह थ ोध स और मझस बोल मरा मन होता ह इस आदमी क साथ जो

भी म कर सक क अब आप या कहत ह आख खोल कर या दख आप कहत ह क ोध हजार वष स

आदमी कर रहा ह आख खोल कर दखना चा हए म या दख

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 132

मन उनस कहा एक प इसक उ र म िलख यह मर सामन व मर सामन बठ गए और उ ह न एक उ र म

प िलखा मन वह प उ ह न जो िलखा था रख िलया और मन कहा सबह वापस आ जाए सबह इस प को पो ट कर दग व सबह आए मन उनस कहा एक दफा इस प को फर पढ़ जाए जो आपन िलखा ह फर हम इस पो ट कर

द उ ह न उस प को पढ़ा और बोल क नह यह थोड़ा यादा कठोर हो गया तो मन कहा दबारा िलख अभी हज या हआ उ ह न दसरा प िलखा पहल प स दसर प म जमीन-आसमान का फक हो गया था मन उनस कहा शाम

फर आ जाए शाम को पो ट कर दग उ ह न कहा अभी नह करग मन कहा अगर आख होती तो तम समझ जात क अगर रात को ह इस पो ट कर दया होता तो या होता ल कन सबह तम बदलन को राजी हो गए हो सकता ह शाम को और बदलन को राजी हो जाओ शाम तक

ती ा करन म कोई हजा नह ह गाली थोड़ दर स दन स कछ बगड़ा नह जाता ह शाम तक क जाओ शाम को व फर आए उ ह न प पढ़ा और कहा क नह अभी भी कठोर ह मन कहा फर स िलख द हज या ह फर प मन उनको द दया और मन कहा इस अब अपन पास रख ल और जस दन आपको लग क अब

इसम प रवतन करन क कोई गजाइश नह उस दन डाल उसक पहल नह आठ दन बाद व मर पास आए और उ ह न कहा प डालन क कोई ज रत ह नह ह जो ोध क ण म गािलया उगली थी वह प भी मौजद था दसर सबह जो प िलखा था वह भी आठ दन

बाद कोई िलखन क ज रत न रह य आठ दन म जतना उ ह न गौर स दखा उतना ह ोध क

यथता दखाई पड़ती चली गई गर जएफ एक फक र था उसक पता न उसस मरत व कहा एक बात खयाल रखना अगर कसी को म

दना हो तो एक ण क भी दर मत करना आदमी बहत कजस ह एक ण भी क जाए तो फर म नह दता

ह और कसी को गाली दना हो तो एक ण क दर ज र कर दना आदमी बहत समझदार ह एक ण क

जाए तो फर कसी को गाली नह दता ह जदगी म दखन का स चा हए चौबीस घट हम कछ कर रह ह-- बना दख कर रह ह-- ोध घणा सब बना

दख कर रह ह लोग को भी नह दख रह ह आख बद ह इस बद आख म फर हम जो भी करत ह उसस जीवन उलझता चला जाता ह तो जीवन क सम या क ित आख खली चा हए इस खली आख को ह हम

दशन कहत ह दशन कताब म नह ह फलासफ क कताब म नह ह दशन ह दखन वाल क मता म

और जो आदमी दखन लगता ह दखन लगता ह ऑ जव करता ह िनर ण करता ह दखता ह--एक बात

दखाई पड़ जाती ह बाहर क दौड़ यथ हो जाती ह ोध क दौड़ यथ हो जाती ह हसा क दौड़ यथ हो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 133

जाती ह फर या बचता ह फर या शष रह जाता ह जब बाहर क सार दौड़ यथ हो जाती ह तो एक

ाित हो जाती ह भीतर भीतर क तरफ गमन श हो जाता ह या आपको यह पता ह-- जदगी म कोई चीज िथर नह ह ठहर हई नह ह अगर बाहर क तरफ सार दौड़ बद

हो जाए तो जीवन अपन आप भीतर क तरफ गित करन लगता ह भीतर क तरफ गित करनी नह होती बाहर क सब ार बद हो जाए तो जीवन भीतर क तरफ गित करन लगता ह अगर हम एक झरना बहता हो उस बद कर द तो झरना दसरा माग खोज लता ह चतना क जो धारा ह जो म ऑफ काशसनस ह वह बाहर क तरफ बह रह ह अगर बाहर क दौड़ यथ मालम हो जाए तो चतना क धारा कहा जाएगी दो ह दशाए ह चतना क िलए तीसर कोई दशा नह या तो बाहर या भीतर अगर बाहर क सार दौड़ मीिनगलस मालम हो दखाई पड़ जाए क यथ ह तो चतना अपन आप अतगमन

करती ह भीतर वश करती ह और चतना का जो अ तगमन ह वह परमा मा म वश ह चतना का जो अतगमन ह वह धम म वश ह चतना का जो

अतगमन ह वह स य म वह जीवन म वश ह और जस दन चतना भीतर पहचती ह उस दन जानत ह

हम-- या ह जीवन या ह स य या ह परमा मा उसी दन साथकता का अनभव और कताथता का अनभव

होता ह उस दन हम जानत ह क भीतर खाली नह ह जस हमन खाली समझा था वह हमार भल थी भीतर

तो सब भरा ह भीतर तो परमा मा ह ल कन बाहर को खोन को जो राजी होत ह व ह कवल भीतर क पणता

को पान म समथ हो पात ह जो बाहर को भरत रहत ह व भीतर को खो दत ह एक छोट सी कहानी और म अपनी चचा पर क गा एक िभ एक दन सबह अपन घर क बाहर आया अपनी झोली कध पर उसन डाल ली थी और अपनी झोली म

घर स चलत व थोड़ स चावल क दान भी डाल िलए थ जो समझदार िभखार होत ह व हमशा ऐसा करत ह जो नासमझ होत ह व खाली झोली लकर दसर क घर क सामन खड़ हो जात ह जो समझदार होत ह व अपनी झोली म कछ दान घर स डाल कर िनकलत ह उसस दो फायद हो जात ह दन वाल को ऐसा लगता ह क म

अकला ह दन वाला नह ह और लोग न भी दया ह और दन वाल क अहकार को चोट पहचती ह क जब

दसर न दया और म न द तो अहकार को ध का लगता ह और फर दन वाल को यह भी सख िमलता ह क म

ह अकला इसक च कर म नह पड़ा ह दसर लोग भी पड़ चक ह म कोई अकला ह इसक च कर म नह पड़

गया ह म कोई अकला ह मढ़ नह बनाया जा रहा ह और लोग भी बनाए जा चक ह इसिलए समझदार

िभखार अपनी थाली म थोड़ पस डाल लत ह थोड़ चावल डाल लत ह यहा जो ऐस िभखार आए ह जो बना ह डाल िनकल जात ह तो उनको डाल कर िनकलना चा हए यहा भी

कछ ज र आए ह ग ज र आए ह ग यह बलकल असभव ह क यहा न आए ह य क िभखार सब तरफ

कछ न कछ खोजन क कोिशश म भटकत ह रहत ह कोई स य क तलाश म कह जाता ह कोई ान क

तलाश म कह जाता ह व सब िभखार ह व सब मागन गए ह--कह कछ िमल जाएगा कह कछ िमलता ह ल कन दौड़ चलती ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 134

वह िभखार भी सबह स िनकला जस ह राजपथ पर पहचा सरज उगता था और आता था दर स राजा का

रथ वण स बना र स खिचत सय क करण म चमकता था रथ दसरा सय ह मालम पड़ता था िभखार क आख चकाच ध स भर ग और िभखार न ध यवाद दया अपन भा य को और कहा ध य ह आज

रोज जाता था राजमहल तक ार क िसपाह ह भगा दत थ कभी राजा तक पहच नह पाया आज तो मौका

िमल गया ह माग पर ह राजा िमल गया ह तो आज तो जी भर कर माग लगा हो सकता ह सदा क िलए

मागना ह छट जाए सोचत ह सोचत म समय बीत न पाया और राजा का रथ सामन आ गया उड़ती थी धल िभखार घबड़ाया हआ

खड़ा था राजा को दख कर भल गया िभ ा क पा को उठाना कभी राजा को दखा नह था इसक पहल क

वह अपनी झोली फलाता राजा न अपनी झोली फला द और उस िभखार स कहा आज तो यह सोच कर

िनकला था जो भी पहला य िमल जाएगा उसक सामन िभखार बन जाऊगा राजा बन-बन बड़ पीड़ा म पड़

गया ह अब तो िभखार बन जाना चाहता ह राजा बन-बन बहत पीड़ा झल ली ह अब तो िभखार बन जाना

चाहता ह तो सोचा था आज क जो भी पहला य िमल जाएगा उसी क सामन िभखार बन जाऊगा तम ह

िमल गए मझ कछ दान करो िभखार क मसीबत आप समझ सकत ह पहाड़ िगर गया सोचा था माग लगा बात उलट हो गई यहा कोई

और मागन वाला िमल गया जीवन म कभी कसी को दया न था हमशा िलया था दन क कोई आदत न थी

झोली म हाथ डालता था खाली वापस िनकाल लता था दन क ह मत न पड़ती थी थोड़ स चावल क दान

थ छटत न थ कसस छटत ह दान कतन ह छोट ह थोड़ ह छटत कसस ह उसस भी नह छटत

थ झोली म हाथ डालता वापस िनकाल लता राजा न कहा ज द करो जो भी दना हो द दो न दना हो इनकार कर दो बड़ ह मत क म ठ बाधी एक दाना बाहर िनकाला और राजा क झोली म डाल दया एक दाना साहस क

बात थी ऐस एक दाना भी कौन छोड़ सकता ह और िभखार कस छोड़ सकता ह राजा बठा रथ म चला गया धल उड़ती रह गई िभखार पछताता रह गया जो िमलना था वह तो िमला नह व सपन तो धल-

धस रत हो ह गए और पास का एक दाना चला गया जदगी बड़ गड़बड़ ह मागन िनकलत ह उलटा खोना हो जाता ह खोजन िनकलत ह उलट गवा कर लौट

आत ह उस िभखार क साथ भी यह हो गया सभी िभखा रय क साथ यह होता ह खोजन िनकलत ह पान

िनकलत ह बाद म पात ह क गवा कर लौट आए पास म भी जो था वह भी गया दन भर उसन भीख मागी ल कनबहत िभ ा िमली उस दन सार झोली भर गईल कन झोली भरन स कोई सख न हआ एक दाना

जो खोया था उसक पीड़ा बड़ थी झोली कतनी ह भर जाए कोई फक न पड़गा जो खोया ह उसक पीड़ा न

छटगी रोता सा मन िलए घर लौटा प ी न कहा बड़ उदास हो ल कन झोली तो बहत भर ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 135

उसन कहा और भर हो सकती थी ल कन एक दाना पास का भी चला गया और अजीब था वह राजा हम

िभखा रय स भी भीख मागन को तयार हो गया सच तो यह ह क राजा अगर िभखा रय स भीख न माग तो राजा कस बन िभखा रय को लट कर ह कोई

राजा बनता ह तो उसन भी िभखार स भीख माग ली थी तो कछ बरा न कया था ल कन िभखा रय को यह

कभी समझ म नह आया ह क राजा िभखा रय स माग कर ह राजा बनत ह उसक भी समझ म नह आता

था उसन अपनी प ी स कहा क बड़ म कल म पड़ गया एक राजा िमल गया था सोचा था कछ िमलगा उलटा उसन मझस छ न िलया झोली खोली पर झोली भर थी अ न क दान स पर झोली िगर छाती पीटन लगा वह िभखार बड़ा

म कल हो गया अभी कसी और बात क िलए दखी था अब कसी और बात क िलए दखी हो गया झोली खोल

कर दखा एक दाना सोन का हो गया था तब रोन लगा िच लान लगा क यह तो बड़ भल हो गई काश मन सभी दान द दए होत तो सभी सोन क हो जात जीवन म जो बाहर क दान बटोरता ह भीतर क जदगी िम ट क हो जाती ह जो बाहर क दान छोड़ता ह भीतर क जदगी सोन क हो जाती ह जदगी क आ खर म पता चलता ह क जो इक ठा कया था वह िम ट

का सा बत होता ह जो द दया था वह सोन का हो जाता ह ध य ह व लोग जो बाहर क जीवन को छोड़ पात ह य क भीतर क जीवन को वण का बना हआ पात ह और व लोग जो बाहर क जीवन को पकड़ ह पकड़ रह

जात ह उनक झोली कतनी ह भर जाए उनक दख का कोई अत नह और आ खर म व रोएग इस बात क

िलए क जो हमन पकड़ िलया था वह िम ट का हो गया और जो हमन छोड़ा था वह कवल सोन का ल कन उस िभखार न तो एक दाना छोड़ा था इसिलए सोन का हो गया उन िभखा रय का या होगा ज ह न

एक दाना भी नह छोड़ा ह इसी बात पर अपनी चचा को छोड़ दता ह फर स दोहरा दता ह उस िभखार न तो एक दाना छोड़ा था इसिलए

वह सोन का हो गया ल कन उन िभखा रय का या होगा ज ह न एक भी दाना नह छोड़ा ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अ यत आन दत और अनगह त ह परमा मा कर भीतर का

जीवन कभी सोन का हो जाए ल कन कवल उ ह का भीतर का जीवन सोन का हो सकता ह जो बाहर क

िम ट को छोड़न और बाहर क िम ट को िम ट समझन म समथ हो जात ह सबक भीतर बठ परमा मा को

णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य यारहवा वचन म करना पजा नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 136

एक खलीफा िसकद रया पहचा था और िसकद रया क बहत बड़ वराट प तकालय म उसन आग लगवा द थी उस खलीफा न जाकर उस प तकालय क अ य को कहा था--एक हाथ म करान लकर और एक हाथ म मशाल-

-उसस कहा था क म यह पछन आया ह क करान म जो कछ िलखा ह त हार इस प तकालय म जो कताब

ह या उनम भी वह िलखा ह जो करान म िलखा ह अगर वह िलखा ह तो इतनी कताब क कोई ज रत

नह करान काफ ह करान पया ह और अगर तम यह कहो क इन कताब म ऐसी बात भी िलखी ह जो

करान म नह ह तो म कहगा य कताब खतरनाक ह य क स य सब करान म िलखा ह उसक अित र

जो भी ह वह अस य ह दोन हालत म म करान क कसम लकर और करान को सा ी रख कर इस मशाल स

इस प तकालय म आग लगाता ह और उसन बड़ प व भाव स बड़ धािमक भाव स उस प तकालय म आग लगा द वह प तकालय इतना बड़ा

था क छह मह न तक उन कताब म लगी हई आग नह बझाई जा सक थी उसक हाथ म शा था प तकालय म कताब थी शा हमशा प तक क खलाफ ह शा का मतलब ह--कोई कताब जो पागल हो गई ह या उसक मानन वाल

पागल हो गए ह और यह दावा करन लग ह क यह परम स य ह इसक अित र सब अस य ह कताब क म खलाफ नह ह जस दन गीता एक कताब होगी और करान एक कताब होगी और बाइ बल

एक कताब होगी--वह वागत क यो य होगी ल कन जब तक व शा ह तब तक व खतरनाक ह तब तक

उनस बचन क ज रत ह मर श द का जो स ह कया जा रहा ह व कताब ह उन कताब म कोई भी शा होन का दावा नह ह और न

उन कताब का यह दावा ह क जो म कह रहा ह वह स य ह न उन कताब का यह दावा ह क मर जो बात

मान लगा वह मो चला जाएगा और वग का अिधकार हो जाएगा और जो मर बात नह मानगा उस नरक म

सड़ना पड़गा नह उन कताब म यह कोई दावा नह ह व कताब वन िनवदन ह इस बात क क मझ जो

दखाई पड़ता ह वह म कह रहा ह ता क म आपको साझीदार बना सक अनयायी नह शा अनयायी बनाता

ह कताब कवल साझीदार बनाती ह--शियाग कताब िसफ शयर करना चाहती ह शा अनयायी बनाना

चाहता ह शा कहता ह मर पीछ आओ कताब कहती ह क मर सन लो इतनी ह त हार बड़ कपा ह पीछ आन का कोई सवाल नह ह तो एक बात प हो जानी चा हए क म जो कह रहा ह वह शा नह ह न जो िलखा जा रहा ह वह शा ह

और सच तो यह ह क ब न जो कहा था वह भी शा नह था महावीर न जो कहा था वह भी शा नह था क ण न जो कहा था वह भी शा नह था वह सब अपन िम क साथ अपन अनभव म साझीदार अपन

अनभव म साथी बनान का यास था ल कन उन कताब क आसपास झड खड़ा हो गया भीड़ का अनयायी खड़ हो गए और उ ह न दाव करन श

कए क हमार जो कताब ह वह साधारण कताब नह ह वह शा ह दसर सब कताब ह हमार कताब

शा ह दसर सब आदिमय क िलखी हई कताब ह हमार कताब वय परमा मा का िलखा हआ शा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 137

हमार कताब वग स उतरा हआ सदश ह हमार कताब ई र क ारा भज गए पगबर क कताब ह मसजर

क हमार वद वय परमा मा क हाथ स िलख गए ह मन य क हाथ स नह व अपौ षय ह जब इस तरह क

गलत दाव खड़ हो जात ह तो कताब शा हो जाती ह जस आदमी पागल हो जाता ह ऐस ह कताब भी पागल हो जाती ह और जब पागल हो जाती ह तो उनको हम

शा कहत ह शा क म खलाफ ह कताब क म कभी खलाफ नह दिनया म कताब जतनी बढ़ उतना

अ छा ह शा जतन कम हो जाए उतना अ छा ह गीता बहत अदभत कताब ह बहत यार ह ल कन

जस ह वह शा हो जाती ह वषा हो जाती ह पायजनस हो जाती ह कताब रह कर वह िसफ क ण क

अनभव क अिभ य ह और वह आपको िनम ण दती ह क मझ सनो मर बात सन लो तो आपक कपा

ह सोच लो मर बात आपका बड़ा अन ह ह मर बात पर वचार कर लो और अगर कछ ठ क लग--ठ क त ह

लग त हार ब को त हार ववक को--तो ठ क लगत ह वह कताब क बात नह रह गई वह आपक

अपनी बात हो गई म जो कह रहा ह अगर उसम स आपक तक और वचार और ब को कोई बात ठ क लग सोचन स ठ क

लग वचारन स ठ क लग सदह करन स ठ क लग तो फर वह मर नह रह गई वह आपक हो गई और

बना सोच बना वचार व ास करन स ठ क लग तो वह बात मर ह और आप अध आदमी हो शा दावा करता ह क आप अध हो जाओ शा कहता ह मझ पर वचार मत करना य क जो ई र क

वचन ह उस पर मन य वचार कस कर सकता ह आदमी क अदालत म और ई र को खड़ा कया जा सकता

ह आदमी क ब क कसौट पर और परमा मा क वचन नाप जा सकत ह नह यह असभव ह शा

पर वचार नह कया जा सकता शा पर िसफ व ास कया जा सकता ह उस कताब को म शा कहता ह जो कहती ह व ास करो वचार नह जो कहती ह अनगमन करो अनकरण करो अनयायी बनो जो

कहा ह वह परम स य ह वह सव क वाणी ह वह तीथकर का वचन ह उस वचन म कभी भी भल नह हो सकती य जो दाव ह य दाव अगर कसी दन मर कताब कर तो उन सार कताब को इक ठा करक आग लगा दना क ण क कताब को आग लगान क िलए म नह कह सकता ह मोह मद क कताब को आग लगान को नह कह सकता ह ल कन कम स कम अपनी कताब को आग लगान क िलए कहन का हक मझ ह जस दन

मर कोई कताब दावा कर क यह शा ह उस दन उसम एकदम आग लगा दना और भल स उसको कह बचन मत दना दिनया क कसी कोन म अगर वह रह गई तो वह खतरनाक सा बत होगी और आदमी क

जदगी को बबाद करगी और नकसान पहचाएगी उ ह िम न एक बात और पछ ह और उनक दोन का जवाब दना ज र ह य क नीच उ ह न िलखा ह क अगर आपन जवाब नह दया तो म बहत दखी हो जाऊगा उ ह न दसर बात यह पछ ह क ओशो आपक िच भी बकत ह और लोग आपक िच भी अपन घर म लगात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 138

ह और आप तो मित क वरोध म ह म मित क वरोध म ह और िच क वरोध म कभी भी नह ह मित और िच म भी वह फक ह जो कताब

और शा म फक ह मन कभी नह कहा क राम क िच को अपन घर म मत लगाना मन कभी नह कहा क

महावीर क िच को अपन घर म मत लगा लना मन यह भी नह कहा क महावीर क प थर क ितमा अपन

घर म मत रख लना महावीर जस यार आदमी क मित घर म रखी जा सकती ह ब जस यार आदमी क

मित जस घर म नह ह वह घर अधरा ह और जीसस का सली पर लटका हआ िच जस घर क भीतर नह ह उस घर क ब च को पता नह क कतन अदभत लोग जमीन पर हो चक ह ल कन पजा मत करना म करना पजा नह य क पजा दसरा ह अथ रखती ह पजा यह कहती ह क इस

प थर क मित क सामन हाथ जोड़न स मझ म िमल सकती ह यह बवकफ क श आत हो गई कसी मित

क और कसी िच क सामन बठन स म नह िमल सकती और कोई मित और कोई िच भगवान तक पहचन

का रा ता नह बन सकता कोई मित भगवान नह ह मित और िच उन यार लोग क मितया ह जो जमीन

पर हो चक ह और उनक मित न रखी जाए यह मन कभी भी नह कहा ह म मितय क म दर बनान क खलाफ ह ल कन घर-घर म मितया ह इसक प म ह एक-एक घर म मितया

ह ल कन मितया भगवान क तरह नह एक प व मरण क तरह एक स ड रमब रगक तरह जमीन

पर कछ फल हए ह मन य क जीवन म कछ मन य हए ह जो खल गए ह पर उनक याद अगर आदमी रख

तो म कस उसक खलाफ हो सकता ह एक अदभत घटना सनाता ह सन कर बहत हरानी होगी रामक ण परमहस का कसी न एक िच उतारा और िच उतार कर जब वह िच बना कर लाया तो रामक ण

न उस िच क पर पड़ और िसर स चरण लगाए उस िच क उनका ह िच था रामक ण का ह पास म बठ

लोग तो बड़ हरान हो गए क यह या पागलपन ह अपन ह िच को रामक ण हाथ जोड़ कर पर छत ह िसर स लगात ह यह या पागलपन ह सहन क बाहर हो गई यह बात और कसी बठ हए स यासी न पछा क

परमहसदव यह या करत ह आप अपन ह िच को रामक ण न कहा यह मझ खयाल ह नह रहा क िच मरा ह िच दख कर मझ खयाल आया क कसी

समािध थ आदमी का िच ह और समािध को नम कार करन का मन हो गया मन नम कार कर िलया तम

याद दलात हो तो मझ खयाल आया क िच मरा ह अर लोग हसग जब उ ह पता चलगा क मन अपन ह

िच क पर छ िलए ल कन मन िसफ समािध थ भाव क पर छए ह ल कन यह बात समझनी थोड़ क ठन हो जाएगी महावीर का िच महावीर का िच नह ह ब क मित ब

क मित नह ह य समािध थ चतनाओ क मरण ह और कभी आपन खयाल कया जन क चौबीस तीथकर क मितया ह अगर उनक नीच िच न बन ह और

आपको बताया न जाए य कसक मितया ह आप पहचान सकत ह कसक मितया ह चौबीस तीथकर क

मितय म पहचान बता सकत ह आप--यह महावीर क ह यह नमी क ह यह पा क ह यह ऋषभ क ह--

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 139

कसी क बता सकत ह नह बता सकत य क व मितया आदिमय क मितया नह ह व कवल

भावदशाओ क मितया ह व सब बलकल एक जसी ह उन मितय म कोई भी फक नह ह या फक ह उन

मितय म सच तो यह ह जस-जस आ मा कट होनी श होती ह शर र गौण हो जाता ह शर र का भाव गौण हो जाता

ह आ मा क अिभ य ती होन लगती ह ती होन लगती ह एक ब ब ह बजली का बना जला हआ

लटका ह तब तक ब ब दखाई पड़ता ह जल जाए फर रोशनी दखाई पड़ती ह ब ब दखाई नह पड़ता

और जतनी तज रोशनी होगी ब ब उतना ह दखाई नह पड़गा वस ह भीतर का द या जब तक बझा ह तब

तक शर र दखाई पड़ता ह जब भीतर का द या जल जाता ह तो शर र दखाई नह पड़ता फर भीतर क

रोशनी दखाई पड़न लगती ह वह रोशनी कट हई ह न मालम कतन लोग स उन लोग क यार मितय को लोग न सजो कर रखा ह तो म उसका द मन नह ह व मितया सजोई जा सकती ह ल कन जब हम इस भल म पड़त ह क उन सजोई

गई मितय क आधार पर िच और मितय क आधार पर हम मो पहच जाएग और म पा लग तो गलती श हो जाती ह म तो खद महावीर भी चाह तो कसी आदमी को म नह करा सकत तो महावीर

क मित तो या करगी कोई कसी को ध क दकर मो म भज सकता ह कोई घसीट कर कसी को मो म

ल जा सकता ह आज तक तो यह नह हो सका क कोई आदमी कसी को मो म ल जा सक खद महावीर

और ब और जीसस नह ल जा सकत कसी को म म तो उनक िच तो या ल जा सकग ल कन िच न टाग जाए घर म यह म नह कह रहा ह िच क टागन का कारण दसरा ह ऐ थ टक बहत

स दयगत म य ह उनका बहत मितगत म य ह ल कन पजागत म य बलकल नह ह इसी स सबिधत एक बात और दसर िम न पछ ह उ ह न पछा ह क ओशो आप उठत ह--कोई हाथ जोड़ता ह

आपको कोई आपक पर छता ह तो मझ बहत हरानी होती ह उ ह न िलखा ह क उ ह बहत हरानी होती ह

य कोई पर छए कसी क य कोई कसी को हाथ जोड़ बहत हरानी क बात तो ह कोई य कसी क पर छए कोई य कसी क हाथ जोड़ ल कन उन िम न शायद

कभी नह सोचा होगा म भी प म नह ह क कोई कसी क पर छए और कोई कसी क हाथ जोड़ ल कन एक

शत बता दनी ज र ह अगर वह सोचता हो क पर छन स कछ हो जाएगा तो गलती म ह अगर वह सोचता हो

क हाथ जोड़न स कोई साद िमलगा कोई आशीवाद िमलगा तो वह भल म ह वह बहत स त सौद करन क

कोिशश म लगा हआ ह वह मढ़ ह अगर वह सोचता ह क कसी क पर छन स कछ हो जान वाला ह अगर

इस कारण कोई कसी क पर छ रहा ह तो गलती कर रहा ह वह वह पजा वाली बात श हो गई वह भल कर रहा ह और भल कर ऐसी भल नह करनी चा हए कम स कम मर साथ तो नह करनी चा हए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 140

ल कन इसका मतलब यह नह ह क म यह कह रहा ह क पर छ लना पाप ह कसी का यह म नह कह रहा ह

म यह कह रहा ह क पर अगर इस कड शन क साथ इस शत क साथ छए जा रह ह क पर छन स कछ

िमलगा तो गलत ह बात कछ नह िमलन वाला ह ल कन अगर कछ िमल गया ह और िसफ अन ह म पर

छए जा रह ह तो दिनया म पर छना कभी नह रोका जा सकता अगर पर छना िसफ एक ध यवाद ह और आप कहग क ध यवाद तो हाथ जोड़ कर भी दया जा सकता ह पर छन क या ज रत ह ल कन शायद आपको पता नह ह जब आपको ोध आता ह कसी आदमी पर तो आप जता िनकाल कर उसक

िसर पर य मार दना चाहत ह कभी सोचा ह सार दिनया म यह कोई भारत और चीन और कसी एक

दश क बात नह ह सार दिनया म आदमी ोध स भर जाए तो जता िनकाल कर कसी क िसर पर य मार

दना चाहता ह िसर पर जता मारन स या हो जाएगा पागलपन ह न जत को िसर म लगान स या हो

सकता ह जब कोई आदमी म स भर जाता ह प वी पर कह भी तो कसी को अपन दय स य लगा लना चाहता ह दय स लगान स म का या सबध ह ह डया ह डय स िमल जाएगी इसस या म हो जाएगा

ल कन शायद ह आपन कभी पछा होगा क दो मी एक-दसर को दय स य लगात ह और दो ोध म

उ म य अपन पर को दसर क िसर स य लगाना चाहत ह अब इतनी छलाग लगानी म कल ह क

कसी क िसर पर खड़ हो जाओ इसिलए जता तीका मक प स उसक िसर पर लगात ह लगाना पर चाहत ह

उसक िसर पर ल कन पर लगाना जरा म कल बात ह उतना हाई जप क ठन पड़गा तो उसक िलए जता

िनकाल कर िसबािलक क लगा दया पर त हार िसर स ोध म आदमी अपन पर को कसी क िसर स लगाना चाहता ह म म कसी को अपन दय स लगाना चाहता

ह और रवरस म ा म आदर म या कर ठ क ोध स उलट अव था ह वह वह कसी क पर स अपन

िसर को लगा दना चाहता ह यह िसफ तीका मक ह इनका इसस यादा अथ नह ह इनस कछ िमलन

वाला नह ह कछ भीतर घटना घट ह उस अिभ य करन क मा यम ह य हम कसी आदमी को म करत ह उसका हाथ हाथ म ल लत ह हाथ म हाथ लन स या होन वाला ह ल कन नह कह म घ टत हआ ह और आदमी असमथ ह कस उस कट कर कह उस लगा ह क भीतर

म जड़ गया ह उस जोड़ को कस जा हर कर वह हाथ को हाथ म लकर जोड़ जा हर करता ह और भी भीतर

गहरा मालम पड़ता ह क म जड़ गया ह तो वह कसी को दय स दय लगा लता ह वह आिलगन कर लता ह वह यह जा हर करता ह क भीतर म इतना िमल गया ह क त ह कहना चाहता ह शर र क तीक स क

िमलन हो गया ह म नह चाहता क कोई कसी क पर छए ल कन कोई घड़ ऐसी हो सकती ह क पता ह न चल क हमन कसी

क पर छ िलए ह तब बात दसर ह अगर सोच कर वचार कर और हसाब लगा कर पर छत ह तो बलकल

फजल महनत कर रह ह कवायद कर रह ह इसस कोई फायदा नह ह तो कभी भल कर कसी का सोच कर

पर मत छना क यह आदमी दसर लोग इसक पर छत ह इसिलए म छ ल बकार महनत ह इसक पर छन स

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 141

कोई वग और वतरणी पार हो जाएग गलती म ह धोख म ह इसक पर छन स ान िमल जाएगा फजल

क आका ा कर रह ह यथ क आका ा कर रह ह ल कन कसी ण म ात भी नह होता क हम कह झक

गए ह उस झक जान का एक आ या मक अथ ह एक म य ह और फर पछन जसा ह वचारन जसा ह क कोई दसरा आदमी झक रहा ह और कसी दसर आदमी को परशानी हो रह ह अगर व खद झक रह होत और उ ह परशानी होती तो समझन क बात थी एक दसरा आदमी

कसी क पर म झक रहा ह और व परशान हो रह ह अजीब परशानी ह आप य परशान हो रह ह म य

परशान हो रहा ह दो आदमी म कर रह ह म परशान हो रहा ह म बचन हआ जा रहा ह क दो आदमी म

य कर रह ह यह मर बचनी या बताती ह एक आदमी कसी को आदर और ा द रहा ह ध यवाद द

रहा ह म परशान हआ जा रहा ह य म परशान हो रहा ह परशानी क दो-तीन कारण हो सकत ह एक परशानी का कारण एक तो यह क दसर को झकत दख कर मरा जो भीतर अहकार ह जो झकना नह जानता--मरा जो अहकार ह जो झकना नह जानता--उस बड़ चोट

लगती ह अगर कोई भी न झक तो वह िन त हो जाता ह अगर कोई झक तो उस चोट लगती ह जस तीन आदमी जा रह ह और एक भीख मागन वाला सामन खड़ा हो जाए और उन तीन म स एक आदमी पस

िनकाल कर िभखमग को द द और बाक दो न दना चाहत ह पस तो उसक दन स चोट लगती ह य क अब

न दना एक िभखमग क सामन अपमािनत होना ह अगर इस िम न भी न दया होता पसा तो व तीन अपनी

अकड़ स जा सकत थ य क तीन न नह दया था तीन बराबर थ एक आदमी चोर करता ह और अगर उस पता चल जाए क यहा जतन लोग बठ ह सब चोर ह उसक अपराध

का भाव वलीन हो जाता ह य क कोई डर क बात नह सभी चोर कर रह ह चोर आम ह इसीिलए तो

आप अखबार उठा कर सबस पहल दखत ह क कहा चोर हई कहा ह या हई कहा या हआ अपन को

व ास दलान क िलए क कोई फ नह सब जगह यह हो रहा ह कोई हम ह कर रह ह ऐसा नह ह हर

आदमी यह कर रहा ह यह तो यिनवसल फनािमना ह यह तो हर आदमी कर रहा ह इसम कोई घबड़ाहट क

बात नह ह एट ईज़ आदमी को भीतर एक व ाम मालम पड़ता ह क सब ठ क ह हम सामा य आदमी ह जस सब लोग ह ल कन अगर एक आदमी क बाबत पता चलता ह क वह ईमानदार ह स चा ह तो आप एकदम स व ास

नह करत आप हजार च ा करत ह खोजन क क वह स चा सच म ह ईमानदार सच म ह आप सब

उपाय करत ह पता लगान का क वह ह भी ईमानदार और जब तक आप पता नह लगा लत क अर सब

बईमानी ह वहा भी सब ऊपर का धोखा था तब तक एक बचनी अनभव होती ह मन म क यह कस हो सकता ह क एक आदमी ईमानदार ह और म बईमान ह उसक ईमानदार मर बईमानी क तलना म ऊची मालम होन

लगती ह म नीचा मालम होन लगता ह एक इनफ रआ रट एक ह नता पकड़ लती ह तो च ा चलती

हहम कसी अ छ आदमी क अ छाई को एकदम स मानन को राजी नह होत मजबर म राजी होत ह जब

कोई उपाय ह न रह तब हम मानन को राजी होत ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 142

ल कन एक आदमी क बाबत हम कोई कह क वह बईमान ह चोर ह हम एकदम मान लत ह हम बलकल

खोजबीन नह करत हम बलकल खोजबीन नह करत क हमएक आदमी न हम कहा क वह चोर ह बईमान हहम खोजबीन कर फर मान नह कोई खोजबीन नह करता ब क अगर उसन कहा था क वह

पचास परसट चोर ह तो जब हम दसर को खबर दत ह तो वह खबर सौ परसट हो जाती ह हमार दल को राहत

िमलती ह इस बात स क वह आदमी भी बईमान ह वह जो हमार भीतर ह नता का भाव था वह िमट जाता ह

और हम उस आदमी क पचास परसट चोर को सौ परसट य बतान लगत ह य क हम जतना बड़ा पापी

अपन आस-पास क लोग को बता सक उतना ह हमारा पाप कम और हम ऊपर उठत जात ह सना होगा आपन बहत परानी कहानी ह क एक स ाट न एक लक र खीच द और अपन दरबा रय स कहा क इस बना छए हए छोटा कर दो व म कल म पड़ गए ल कन जो दरबार का क व था हसी-मजाक करन

वाला जो दरबार का जोकर था उसन एक बड़ लक र उसक नीच खीच द उसन उस लक र को छआ भी नह

और वह छोट हो गई य क बड़ लक र नीच खीच द गई जब हम आस-पास क पाप क खबर सनत ह तो हम उस पाप को बड़ा कर दत ह एकदम वह हमार पाप क

लक र को तो छोटा करना म कल ह ल कन दसर क पाप क लक र को बड़ा कया जा सकता ह और

त काल हमार लक र छोट हो जाती ह इसीिलए िनदा म इतना रस ह न सगीत म इतना रस ह न अ या म म इतना रस ह िनदा म जो रस ह वह

अदभत ह वह रस ह अदभत ह न वीणा इतना सगीत पदा कर सकती ह न सत ऐसी वाणी द सकत ह जसा

िनदा म आनद उपल ध होता ह वह य होता ह तो एक तो कारण यह ह क अगर कोई भी न झक तो वह हमारा जो नह झकन का आद अहकार ह वह िन त

रहता ह ल कन आस-पास अगर लोग कभी झकन लग तो हमार अकड़ को क ठनाई मालम होन लगती ह तो

हम कसी भाित यह ठहराना चाहत ह क झकन वाल गलत ह ता क यह िस हो जाए क न झकन वाला सह

ह ल कन म आपस कहता ह झकन वाल गलत ह अगर व कसी इ छा स झकत ह ल कन न झकन वाला हर

हालत म गलत ह झकन वाल िसफ एक हालत म गलत ह अगर व कसी इ छा स झकत ह कछ चाहन क

िलए कछ पान क िलए झकत ह तो बलकल गलत ह ल कन न झकन वाला हर हालत म गलत ह य क

न झकन क जो व ह अगर हम गौर स दख तो न झकन क व = न सीखन क व दोन बराबर

ह ए ट यड ऑफ लिनग सीखन क व झकन क व ह जो जतना झक जाता ह उतना सीखता ह

उतना उतना वन एक नद क घाट पर एक औरत खड़ थी वह अपन िसर पर मटक िलए हए ह और घट स खड़ ह फर एक

दसर औरत आई वह भी मटक िलए हए ह वह झक उसन अपनी मटक म पानी भर िलया और जान

लगी वह खड़ औरत बोली बड़ आ य क बात ह म एक घट स खड़ ह और मर मटक अभी तक नह भर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 143

उस दसर औरत न कहा क मटक तो भर जाती नद तो भरन को हमशा त पर थी ल कन झकना तो पड़गा मटक झकानी तो पड़गी नद तो बह चली जाती ह नद तो कहती नह क मत भरो नद तो कसी क भी मटक म जान को सदा त पर ह ल कन उनक ह मट कय म जा पाती ह जो झकत ह और नद क तल तक

मटक को ल आत ह तम अकड़ कर खड़ हो तो तम खड़ रहो ज म -ज म तक यह मटक नह भर सकगी अहकार कभी भी कछ नह सीख पाता ह वन ता सीखती ह िमिलट सीखती ह िमिलट का मतलब या

ह वन ता का मतलब या ह वन ता का मतलब ह झकन क पा ता कसी य क सामन ह नह कसी भगवान क सामन ह नह कसी ग क सामन ह नह झकन क पा ता कसी स सबध नह ह इस

बात का क आप कसी क िलए झक नह आप झक हए ह यह सवाल नह ह क आप कसी क िलए झक

झका हआ मन हो ितपल झकन को तयार हो उस झकन स ह सीखना उपल ध होता ह जो नह सीखना

चाहत व अकड़ कर खड़ रह जात ह अध व ास स भर हई वन ता यथ ह ल कन अहकार हर थित म यथ ह और अगर यह चनना हो--अहकार म चनना हो और अध व ास स भर हए झकन म चनना हो--तो म कहता ह क दसर अध व ास स भर

हए झकन को चन लना य क जो आज अध व ास स झक रहा ह झकन क ह कारण इतना सीख लगा क

उस सीखन क वजह स अध व ास िमट सकता ह ल कन जो अकड़ कर ह खड़ा ह वह कभी कछ नह सीख

पाएगा और बना कछ सीख अहकार नह िमट सकता ह इसीिलए पीड़ा होती ह क म अकड़ कर खड़ा ह और कोई दसरा झक रहा ह और भी कारण स पीड़ा होती ह यह

भी पीड़ा हो सकती ह नबर दो क मर भीतर भी झकन का ती भाव आ गया ह ल कन सदा क अकड़न क

आदत अकड़ा कर खड़ ह और ाण झक जाना चाहत ह तो एक भीतर खड़ा हो गया ह इस को सलझान का एक ह उपाय दखाई पड़ रहा ह क जो झक रह ह व गलत कर रह ह ता क म भी अपन भीतर जो झकन क

व ह उसको कह द क त गलत ह अगर भीतर झकन का भाव पदा हो गया ह तो यह सौभा य ह यह ध यभा य ह यह सवाल कसी य क

आस-पास झकन का नह ह और मर पास तो झकन का बलकल ह नह ह ल कन झकन क भाव का बड़ा म य ह तीसर बात आज तक दिनया म ऐस लोग हए ह जो चाहत ह क हमार चरण म झको अगर गौर स हम दख तो व लोग जो चाहत ह क म कभी कह न झक िस क क एक पहल ह उसी िस क का दसरा पहल वह

आदमी ह जो कहता ह क सब मर चरण म झक ग ओ क जो लबी परपरा ह वह इसी तरह क मोह त

लोग क परपरा ह जो चाहत ह क लोग मर चरण म झक उनक पाच हजार वष क परपरा न अ यिधक

शोषण कया ह मन य का उन झकान वाल लोग न ज ह न चाहा क झको और लोभन दया झकन क

िलए-- क झकोग पर छओग चरण म िसर रखोग समपण कर दोग चरण म मर तो मो वग प य सब उपल ध हो जाएगा मर कपा स सब िमल जाएगा मर आशीवाद स सब िमल जाएगा ग -चरण

क कपा स सब िमल जाएगा ग जन यह समझात रह ह व तो यहा तक कहत रह ह क अगर ग और गो वद

दोन खड़ ह तो पहल ग क चरण म झक जाना य क ग ह गो वद को बतान वाला ह ग जन यह

समझात रह ह व कहत ह क बना ग क तो ान होगा ह नह इसिलए ग क चरण पकड़ बना कोई उपाय

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 144

नह ह अब यह बड़ मज क बात ह क अगर ग लोग ह यह समझा रह ह तो प ह क योजन या ह तो म भी

कहता ह क जो आदमी झकाना चाहता हो अपन चरण म भल कर भी उसक चरण म मत झकना जो आदमी

कहता हो क झको मर चरण म वह आदमी तो अ यत पाप क बात कर रहा ह मत झकना उसक चरण म

इस बात क कहन क कारण ह व चरण अप व हो गए न तो कसी क आका ा स झकना न अपनी आका ा स झकना क मझ कछ िमल जाएगा ल कन अगर कभी वह ण आ जाए जीवन म क पता भी न चल क हम कब झक गए ह तो उस ण को भी

चक मत जाना य क उस ण म जो उपल ध होगा उस ण स गजर जान म जो अनभव होगा उस ण

क पहल जो तीित होगी और उस ण म जो तीित होगी उस बतान का कोई उपाय नह क वह तीित या ह मर बात थोड़ क ठन हो गई य क न तो म इस प म ह क कोई कसी को समझाए क मर पर म झको न ह म इस प म ह क कोई कसी को समझाए क कभी झकना मत म इन दोन बात क प म नह ह

मरा प यह ह क झकन का भी अपना आनद ह झकन का भी अपना अथ ह झकन क भी अपन तीक ह

ल कन व ह उ ह जानत ह जो अनायास अकारण बना कसी फल क इ छा क अचानक पात ह क

झकना हो गया ह उस झकन का एक आ या मक म य ह वह एक ग चर ह वह एक बहत चअल

ग चर ह वह एक बहत अदभत अिभ य ह दिनया स उसको म नह िमटाना चाहता ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क उस अिभ य क आधार पर कछ लोग दसर को अपन पर म झकान क

िश ा द और शोषण कर उसक भी म प म नह ह इसिलए जो आदमी कहता हो क आओ और पर छओ और

लोभन दता हो उस आदमी को िमनल समझना उसको अपराधी समझना और उसको द डत कए जान

क अ छा कोई समाज होगा तो यव था करगा वह समाज ल कन जो आदमी अकड़ कर खड़ा ह और कहता ह

क म कभी नह झकगा और कह झकना भी मत वह आदमी भी अपराधी ह य क वह भी एक गलत बात

िसखा रहा ह तफान आत ह हवाओ क आिधया आती ह बड़ दर त अकड़ कर खड़ रह जात ह छोट पौध झक जात ह और

जमीन पर सो जात ह बड़ दर त अकड़ ह रहत ह खड़ ह रहत ह रिस ट करत ह ितरोध करत ह हवाओ

का और टट जात ह छोट पौध झक जात ह हवाए गजर जाती ह पौध फर वापस खड़ होकर नाचन लगत

ह व जी वत रह जात ह उन छोट पौध को झकन क कोई अदभत क िमया पता ह जो बड़ पौध को नह ह बड़

पौध अहकार क भाित स त और कठोर ह व टटत ह ल कन झकत नह और मरण रह जसन झकन क कला छोड़ द वह बढ़ा हो गया और टटन क कर ब पहच गया ब च और

बढ़ म यह फक ह ब चा लोचपण ह ल सबल ह झकता ह लोच स भरा ह कस भी झक सकता ह बढ़ा

अकड़ गया झक नह सकता झका क टट जाएगा ह डया सब मजबत हो गई ह अब कह झकाव म कल

ह इसिलए बढ़ा मरता ह और ब चा जीता ह ब चा अभी जवान होगा बढ़ क िसफ मौत आएगी जस आदमी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 145

क मानिसक तल पर सार ह डया स त हो ग मन क तल पर सार नाय कठोर और प थर क हो गए और

झकन क मता भीतर खो द उस आदमी क आ मा मरन क कर ब पहच गई मर चक ल कन जो वहा

भीतर क तल पर भी लोचपण ह और हवाओ म झकता ह तफान म झकता ह वह य और बड़ जीवन क

िनकट पहचन क पा ता पदा कर रहा ह कभी दखना आिधय म जब छोट पौध झक जात ह-- कतन सफली कतन सादपण उनक झकन म न

कोई दयनीयता ह न उनक झकन म कोई पीड़ा ह न कोई दख ह उनक झकन म भी एक स दय ह और खड़

हए व को भी दख लना--अकड़ हए और उनक इस अकड़ म न कोई स न कोई साद ह उनक अकड़ म

िसफ एक वहम ह क म इतना बड़ा और कस झक सकता ह यह यह म तोड़ दगा उ ह जड़ स उखाड़ दगा और य छोट-छोट पौध जनक जड़ भी छोट -छोट थी तफान और आिधया ज ह उड़ा कर कह भी ल जा सकती थी व जी वत बाहर वापस िनकल आएग--पहल स

भी यादा श पण पहल स भी यादा आनद स भर हए य क एक तफान स गजर जाना एक अनभव ह

और जी वत बच जाना एक उपल ध जीवन म एक कला एक कला क ज रत ह क हम ऐस तरल ऐस सरल ऐस वन क झकन म कह कोई

पीड़ा न मालम हो जस झकन म पीड़ा मालम होती ह वह जीवन क लोचपण कला को नह जानता ह ल कन इसका मतलब यह नह ह क जोझकन का मतलब यह नह ह वन होन का सरल होन का तरल

होन का यह मतलब नह ह क आप आख बद कर ल अध हो जाए इसका यह मतलब नह ह क जो कोई भी

आपको कह क चलो झको और जोर स आवाज द वह आप झक जाए म आपको कहता ह--यह बात बहत पराडॉ सकल दखाई पड़गी यह बहत वरोधी दखाई पड़गी--ल कन म

आपको कहता ह कवल व ह लोग जो झकन क पा ता रखत ह अगर कसी दन न झकन का िनणय ल लत

ह तो दिनया का कोई भी तफान उ ह न झका सकता ह और न तोड़ सकता ह कवल व ह लोग जो झकन क

िलए हमशा तयार होत ह अगर कसी दन न झकन का तय कर ल इस दिनया क कोई ताकत फर उनको

झका नह सकती ह य क न झकन क ताकत व झकन क मा यम स इतनी इक ठ कर लत ह जसका कोई हसाब नह ल कन जो लोग हमशा अकड़ कर खड़ रहत ह क नह झकग नह झकन क च ा म उनक कतनी श

अप यय हो जाती ह उ ह पता नह व धीर-धीर इपोटट हो जात ह धीर-धीर उनक सार श ीण हो जाती

ह अपन स ह लड़न म क नह झकगा अपन को ह स हालन म अपन को ह रोकन म रिस ट करन म

उनक सार श ख म हो जाती ह भीतर स व खोखल हो जात ह जस व भीतर स खोखल हो जात ह और

तब कोई छोटा सा हवा का झ का भी उ ह झका सकता ह अब यह बड़ उलट बात दखाई पड़गी जीसस जस लोग जो झकन क िलए सदा तयार ह जस दन अस य क सामन झकन स इनकार कर दत ह उस दन फर मौत भी नह झका सकती फर कोई श नह झका सकती सकरात जस लोग जनक

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 146

वन ता का कोई हसाब नह जो एक छोट स ब च स भी सीखन को तयार ह ज ह न जीवन म कभी

अकड़न का खयाल ह नह िलया जब स य क लड़ाई खड़ होती ह तो व जहर पीन को तयार हो जात ह ल कन उनक इस खड़ रहन म भी क पता नह ह य क वह खड़ा रहना अहकार क िलए खड़ा रहना नह ह वह

खड़ा रहना स य क िलए खड़ा रहना ह अहकार तो बड़ा स बड़ा अस य ह जो अहकार क िलए खड़ा ह वह

अस य क िलए खड़ा ह जो स य क िलए खड़ा होता ह वह अहकार क िलए कभी खड़ा नह होता य क स य

कवल उसी को उपल ध होता ह जसका अहकार वलीन हो चका ह फर भी इन िम न िनवदन कया ह तो उनक तरफ स आपको सचना कर द मर पर भल कर भी मत छना

मझ जरा भी रस नह ह आप कवायद कर मझ या िमल सकता ह आप झक उठ साथ-साथ मझ भी

थोड़ा-बहत झकना-उठना पड़ता ह म भी थकता ह और कछ होता नह मझ या िमलगा आपक पर म झक

जान स या िमल सकता ह आपक झकन स मझ या िमल सकता ह इसिलए उ ह न िनवदन कया ठ क ह कया नह आप भल कर भी मर पर म मत झकना ल कन यह नह कह रहा ह क आप जीवन म झकना भल जाना उसक तयार रखना य क जो झक जात

ह जीवन क स रता उनक गग रय म आ जाती ह और जो अकड़ रह जात ह जीवन क स रता स विचत

रह जात ह एक-दो छोट और फर म अपनी बात पर क एक िम न पछा ह क ओशो या जसा आप कहत ह क हर चीज पर सदह कर तो या हम समाज म जो

अ छाई और बराई क पाप और प य क धारणा ह उस पर भी सदह कर और अगर उस पर सदह करग

तब तो हम अनितक हो जाएग उ ह यह म पदा हो गया ह मर बात को सन कर-- क सदह करन स जो अ छा ह वह शायद फर अ छा

दखाई नह पड़गा जो बरा ह वह शायद फर बरा दखाई नह पड़गा मरा कहना ह क अगर सदह क कसौट पर अ छा खरा न उतर तो वह अ छा कभी था ह नह और अगर वह

अ छा था और ह तो दिनया म कतना ह आप सदह कर आप सदह स उस िमटा नह सकग यह ऐसा ह ह

जस क हम सोन को आग म डाल द तो कोई डर क सोन को आग म डालग तो सोना कह जल न जाए जो जल

जाएगा िस हो जाएगा क वह सोना नह था सोना नह जलगा जो जल जाएगा उसस िस होगा क वह

सोना नह था और जो आग स िनखर कर वापस िनकल आएगा वह िस होगा क सोना था सदह क अ न म जो भी स य ह वह न नह होता ह और िनखर कर और तज वी होकर कट होता ह

और स य क साथ शभ क साथ जो-जो कचरा-कड़ा इक ठा था वह सब जल जाता ह ज र हमार समाज क बहत सी धारणाओ म कड़ा-कचरा ह और जो सदह करग कड़ा-कचरा बह जाएगा बह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 147

जाना चा हए उसी कड़-कचर क वजह स तो यह समाज हमारा इतनी नीित क बात करता ह और इतना अनितक ह ज र हमार नितकता क धारणा म अनीित क बिनयाद रोग घस हए ह अ यथा नीित क इतनी

बात करन वाल लोग और इतन अनितक कस हो सकत ह ल कन हम दखाई नह पड़ता एक आदमी र त दन जाता ह वह पाच पय दता ह और अपना काम करवा लता ह हम कहत ह क यह

आदमी तो बड़ा अ छा आदमी था इस तो हमन म दर म ना रयल चढ़ात दखा पजा करत दखा फल चढ़ात

दखा धप-द प जलात दखा यह इतना अ छा आदमी इतना नितक आदमी यह पाच पया र त द रहा

ह यह कस हो सकता ह नह आप ठ क स नह दख पाए आप समझ नह पाए वह ना रयल भी र त था व फल भी र त थ जो भगवान क सामन चढ़ाए गए यह आदमी बलकल किस टट ह यह ठ क वह यवहार वहा भी कर रहा ह जो

म दर म कर रहा ह यह जब ना रयल चढ़ा रहा था तब यह भीतर कह रहा था क मर लड़क को पर ा पास

करवा दना भगवान म पाच आन का ना रयल चढ़ाता ह और अगर पर ा लड़का पास हो गया तो बलकल

ब फ रहना एक ना रयल और चढ़ाऊगा यह या कह रहा था वहा यह कह रहा था क पाच आन क र त हम दत ह महाशय लड़क को पास करा

दना यह र त परानी थी दखाई नह पड़ती थी आजकल जो र त चल रह ह दो-चार सौ साल चलगी वह भी दखाई नह पड़गी अभी भी दखाई पड़नी कम हो गई ह जतनी उ नीस सौ सतालीस म दखाई पड़ती

थी अब नह दखाई पड़ती आदत अब हम मानन लग क वह भी ह धीर-धीर वह यव थत हो जाएगी

जस एक आदमी को नौकर िमलती ह वस ह र त भी िमलती ह लोग बड़ मज स पछत ह तन वाह

कतनी िमलती ह और पछत ह ऊपर स कतना िमलता ह और बतान वाल बलकल िन तता स बतात

ह क इतनी तन वाह िमल जाती ह ऊपर इतना िमल जाता ह यह भी तन वाह का ह सा ह तन वाह का

दसरा ह सा ह इसम कछ पाप नह कोई लािन नह कोई गलती नह यह आदमी र त म दर म चढ़ा रहा था तब हम नह पकड़ पाए आदमी को चढ़ान लगा तो हम पकड़ म आ

गया और इस बचार न बलकल तकसगत यवहार कया इसन दखा क पाच आन म भगवान तक राजी हो

जात ह तो आदमी को राजी करन म कौन सी खराबी ह जब भगवान तक को राजी करन म कोई पाप नह तो आदमी को राजी करन म हज या ह सदह क अ न म जो यथ ह वह जल जाएगा ल कन जो साथक ह वह बच रहगा और अगर न बच तो समझ

लना क वह यथ था यानी म कसौट इस मानता ह क सदह क आग म जो न बच वह स य नह था बहत कछ ह जो अस य ह नीित क नाम पर अस य ह धम क नाम पर अस य ह प य क नाम पर अस य

ह बलकल अस य ह ल कन कभी हमन सदह नह कया क हम सोच हम वचार कर एक आदमी धन कमाता ह सब तरह क चोर और बईमानी उस करनी पड़ती ह य क बना चोर और

बईमानी क धन कमाना असभव ह यह कभी भी सभव नह रहा आज भी सभव नह ह यह कभी भी सभव हो

सकगा नह दखाई पड़ता एक तरफ वह धन इक ठा कर लता ह सब तरह का गलत करक दसर तरफ वह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 148

आदमी दान करता ह एक म दर बना दता ह और हम कहत ह दानवीर ह प या मा ह अजीब सामा जक ह यह अजीब बात हो गई यह यह सामा जक नीित खतरनाक ह य क यह चोर और

बईमानी स आए पस स भी प य कया जा सकता ह इसम व ास करती ह यह कस हो सकता ह यह कस हो सकता ह क म आपक जब काट ल जब काट कर पय इक ठ क और

गाव म हनमान जी क एक म ढया बना द यह मर चोर स िनकली हई म ढया धम- थान कस बन सकती ह कस हो सकती ह यह प य कस हो सकता ह ल कन सामा जक नीित आज तक यह वीकार करती रह वह यह नह पछती क धन कहा स आया वह यह

पछती ह क धन तमन दान म कया बस बात पर हो गई लाओ स था चीन म एक अदभत आदमी एक रा य का कानन म ी था एक आदमी न चोर क पहला ह

मकदमा उसक सामन आया तो उसन चोर को छह मह न क सजा द और साहकार को भी छह मह न क सजा द द साहकार न कहा आप पागल हो गए ह यह कस कानन म िलखा ह क जसक घर चोर हो वह भी सजा काट लाओ स न कहा पागल म नह हो गया ह अब तक सारा कानन पागल था तन सार गाव क सप इक ठ

कर ली ह चोर नह होगी तो अब या होगा गाव म यह चोर तो नबर दो ह ज मवार चोर म नबर एक त

ज मवार ह इतना धन जहा इक ठा होगा वहा चोर होगी इस चोर को चोर करवान म तन ह टपटशन तन

ह रणा द ह और इस आदमी न अगर चोर क ह तो तम दोन चोर म समान भागीदार हो म तो तम दोन

को ह सजा दगा राजा न कानन म ी को बला कर कहा क आपका दमाग द त ह कभी दिनया म यह हआ ह लाओ स न कहा नह हआ दिनया म इसीिलए दिनया स चोर नह िमट सक ह और नह िमट सकगी और म

कहता ह क जो म कह रहा ह अगर यह हो तो दिनया म चोर िमट सकती ह लाओ स क बात नह सनी गई आज भी पर तरह नह सनी गई ह ल कन जब तक नह सनी जाएगी वह

व ड ट वह लाओ स का कथन खड़ा रहगा आकाश म चमकत हए अ र म िलखा रहगा क तब तक नह

िमट सकती चोर जब तक चोर क साथ साहकार भी द डत नह होगा नह िमटगी तो वह नीित गलत ह जो िसफ चोर को ज मवार ठहराती ह और साहकार को ज मवार नह ठहराती अगर

सदह क आग म वह नीित गजरगी तो दोन ज मवार ठहरग व एक ह िस क क दो पहल ह जब तक धन

इक ठा होगा तब तक चोर कस बद हो सकती ह चोर चलती रहगी ल कन धम थ और नीितशा ी कहत ह चोर पाप ह ल कन व यह नह कहत क शोषण पाप ह बड़ मज क

बात ह चोर पाप ह शोषण पाप नह ह चोर पाप ह और धन धन प य स िमलता ह पछल ज म क

प य स िमलता ह ज र इसम कछ होिशयार क बात हो गई होिशयार क बात यह हो गई क चोर करता ह गर ब आदमी और शोषण करता ह अमीर आदमी अमीर चाहता

ह चोर स सर ा रह इसिलए अमीर क आग-पीछ घमन वाल स यासी और प डत य क यह पराना

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 149

गठबधन ह अमीर स यािसय का सहारा लकर जीत ह स यासी अमीर का सहारा लकर जीत हतो

स यासी कहत ह और प डत कहत ह चोर पाप ह चोर कभी मत करना ल कन व स यासी यह नह कहत

क शोषण पाप ह शोषण मत करना शोषण जार रहता ह चोर भी जार रहती ह चोर म इतनी श ह वह शोषण स जड़ा हआ ह सा ह जस दन शोषण बद होगा उस दन चोर बद होगी तो अगर सदह क अ न म आप जाच करग समाज क नीित क तो आप पाएग क उसम बहत कछ शरारत स

भरा हआ ह झठ ह पाखड ह बहत कछ िन त प स अनीितपण ह और वह सब जल जाएगा और जल

जाना चा हए और तब सदह क बीच स एक नीित वकिसत होगी सह एक ठ क कोण जसस जीवन

पात रत होता ह तो इसस घबड़ाए मत क सदह म चला जाएगा तो सब गड़बड़ हो जाएगा गड़बड़ होगा बहत कछ गड़बड़ होगा य क सब कछ गड़बड़ ह एक बीमार आदमी को ठ क करना पड़ता ह तो उसक शर र म बहत कछ गड़बड़

करनी पड़ती ह दवाए डालनी पड़ती ह इज शन डालना पड़ता ह ल कन वह बीमार आदमी सहता ह इस बात

को वह यह नह कहता क यह या गड़बड़ कर रह ह चीज डाल रह ह मर शर र म वह जानता ह क गड़बड़

वहा भीतर ह बीमार वहा ह और इनक वपर त चीज को डाल बना वह बीमार अलग होन वाली नह ह समाज म गड़बड़ ह अनीित ह इस अनीित को एक बड़ व वस क बना िमटाए कोई रा ता नह ह इस तोड़ना

पड़गा और हम नह तोड़ग तो यह समाज और सड़ता चला जाएगा और गदा और क प होता चला जाएगा

यह समाज गदगी क आ खर सीमा पर पहच गया ह जहा िसफ चहर दखाई पड़ रह ह ठ क बाक भीतर सब

सड़ चका ह प रवार सड़ चका ह समाज सड़ चका ह िश ा सड़ चक ह सार अतर-जीवन क सबध सड़ चक

ह ल कन हम ऊपर स एक चहरा बनाए हए खड़ ह क सब ठ क ह यह सब ठ क वसा ह ह जस क सबह आप चल जा रह ह द तर क तरफ कछ भी ठ क नह ह घर पर पानी

नह ह खाना नह ह ब च क िलए दवा नह ह प ी पागल हो जा रह ह आप चल जा रह ह द तर और

एक आदमी कहता ह क हए सब ठ क ह आप कहत ह सब बलकल ठ क ह बस यह सब ठ क उसी तरह

का सब ठ क ह कछ भी ठ क नह ह एक औपचा रक बात रह गई ह क सब ठ क ह ठ क हम इसी तरह कह चल जा रह ह कछ भी ठ क नह ह या ठ क ह बचपन स लकर बढ़ाप तक कछ भी

ठ क नह ह इसम बहत कछ िगरगा टटगा िगरना चा हए तोड़ना चा हए ल कन च क हमन कभी वचार

नह कया इसिलए उस हम नह तोड़ पाए हम नह बदल पाए वचार आएगा तो आएगा व ोह वचार आएगा तो आएगी ाित वचार आएगा तो समाज इसी तरह का

बदा त नह कया जा सकता जसा ह जो लोग बदा त करत रह ह उन लोग न उन लोग न अपराध कया ह य थोड़ सी बात मन कह कछ और रह गए ल कन जन दशाओ म मन बात कह ह जनक रह गए

ह अगर उन दशाओ म थोड़ा भी व सोचन क कोिशश करग तो उ ह अपन भीतर स भी उ र िमल सकत ह

और मर उ र का बहत बड़ा म य नह ह मर उ र का या म य हो सकता ह वह मरा उ र ह जब आपका

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 150

उ र िमल तभी म य हो सकता ह पछ सकत ह क फर म य कह रहा ह म िसफ इसिलए कह रहा ह क आपको अगर यह खयाल भी आ जाए क जदगी क सबध म सोचना ह वचार

करना ह सदह करना ह तो आपको अपन उ र उपल ध हो सकत ह आपका ह उ र भी आपका चा हए तभी वह िगरगा और न होगा दसर क उ र कछ भी नह कर सकत ल कन दसर क उ र स यह खयाल आ सकता ह क म भी सोच म भी वचार क शायद मर भीतर भी चतना ह वह भी उ र तक पहच जाए और समाधान खोज ल और यक य क चतना समाधान खोज

सकती ह हमन नह खोज इसिलए हमको नह उपल ध हआ हम खोजग वह उपल ध हो सकता ह मर बात को इतनी शाित और म स सना उसक िलए बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य बाहरवा वचन ध य ह व जो सरल ह एक छोट सी कहानी कह और उसस ह अपनी चचा श क एक रात एक सराय म एक फक र आया सराय भर हई थी रात बहत बीत चक थी और उस गाव क दसर

मकान बद हो चक थ और लोग सो चक थ सराय का मािलक भी सराय को बद करता था तभी वह फक र वहा

पहचा और उसन कहा कछ भी हो कह भी हो मझ रात भर टकन क िलए जगह चा हए ह इस अधर रात

म अब म कहा खोज और कहा जाऊ सराय क मािलक न कहा ठहरना तो हो सकता ह ल कन अकला कमरा

िमलना क ठन ह एक कमरा ह उसम एक महमान अभी-अभी आकर ठहरा ह वह जागता होगा या तम

उसक साथ ह उसक कमर म सो सकोग वह फक र राजी हो गया एक कमर म दो महमान ठहरा दए गए वह फक र अपन ब तर पर लट गया न तो उसन अपन जत खोल न अपनी टोपी िनकाली वह सब कपड़

पहन हए लट गया दसरा आदमी जो वहा ठहरा हआ था उस हरानी भी हई ल कन अप रिचत आदमी स कछ

कहना ठ क न था वह चप रहा ल कन वह फक र जो टोपी पहन ह सो गया था वह करवट बदलन लगा और नीद आनी उस क ठन हो गई दसर महमान क बदा त क बाहर हो गया और उसन कहा महानभाव ऐस तो रात भर नीद नह आएगी आप

करवट बदलत रहग कपा करक जत उतार द कपड़ उतार द फर ठ क स सो जाए थोड़ सरल हो जाए तो शायद नीद आ भी जाए इतन ज टल होकर सोना बहत म कल ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 151

उस फक र न कहा म भी यह सोचता ह ल कन अगर म कमर म अकला होता तो कपड़ िनकाल दता त हार होन क वजह स म बहत म कल म ह उस आदमी न कहा इसम या म कल क बात ह वह फक र कहन लगा म कल यह ह क अगर म कपड़ िनकाल कर सो गया तो सबह मर नीद खलगी म

यह कस पहचानगा क म कौन ह म अपन कपड़ स ह खद को पहचानता ह यह कोट मर ऊपर ह तो मझ

लगता ह क म म ह ह यह पगड़ मर िसर पर ह तो म जानता ह क म म ह ह इस पगड़ इस कोट को पहन हए आईन क सामन खड़ा होता ह तो पहचान लता ह क म म ह ह अगर कमर म अकला होता तो कपड़

िनकाल कर सो जाता बदलन का कोई डर न था ल कन सबह म उठ तो म कस पहचानगा क म कौन ह और

तम कौन हो वह आदमी कहन लगा बड़ पागल मालम होत हो तम जसा पागल मन कभी नह दखा वह फक र कहन लगा तम मझ पागल कहत हो मन दिनया म जो भी आदमी दखा वह अपन कपड़ स ह

अपन को पहचानता हआ दखा ह अगर म पागल ह तो सभी पागल ह आप भी अपन को कपड़ क अलावा और कसी चीज स पहचानत ह कपड़ बहत तरह क ह--नाम भी एक

कपड़ा ह जाित भी एक कपड़ा ह धम भी एक कपड़ा ह म हद ह म मसलमान ह म जन ह--य भी कपड़

ह य भी बचपन क बाद पहनाए गए ह मरा यह नाम ह मरा वह नाम ह--य भी कपड़ ह य भी बचपन क

बाद पहनाए गए ह इ ह को हम सोचत ह अपना होना तो हम ज टल हो जाएग तो हम ज टल हो ह

जाएग एक महानगर म एक बहत अदभत नाटक चल रहा था श स पयर का नाटक था उस नगर म एक ह चचा थी

क नाटक बहत अदभत ह अिभनता बहत कशल ह उस नगर का जो सबस बड़ा धमग था उसक भी मन म

हआ क म भी नाटक दख ल कन धमग नाटक दखन कस जाए लोग या कहग तो उसन नाटक क

मनजर को एक प िलखा और कहा क म भी नाटक दखना चाहता ह शसा सन-सन कर पागल हआ जा रहा

ह ल कन म कस आऊ लोग या कहग तो मर एक ाथना ह त हार नाटक-गह म कोई ऐसा दरवाजा

नह ह पीछ स जहा स म आ सक कोई मझ न दख सक उस मनजर न उ र िलखा क आप खशी स आए हमार नाटक-भवन म पीछ दरवाजा ह धमग ओ स जन साधओ क िलए पीछ का दरवाजा बनाना पड़ा ह य क व सामन क दरवाज स कभी नह आत

दरवाजा ह आप खशी स आए कोई आपको नह दख सकगा ल कन एक मर भी ाथना ह लोग तो नह

दख पाएग क आप आए ल कन इस बात क गारट करना म कल ह क परमा मा नह दख सकगा पीछ का दरवाजा ह लोग को धोखा दया जा सकता ह ल कन परमा मा को धोखा दना असभव ह और यह

भी हो सकता ह क कोई परमा मा को भी धोखा द द ल कन अपन को धोखा दना तो बलकल असभव ह

ल कन हम सब अपन को धोखा द रह ह तो हम ज टल हो जाएग सरल नह रह सकत खद को जो धोखा दगा

वह क ठन हो जाएगा उलझ जाएगा उलझता चला जाएगा हर उलझाव पर नया धोखा नया अस य

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 152

खोजगा और उलझ जाएगा ऐस हम क ठन और ज टल हो गए ह हमन पीछ क दरवाज खोज िलए ह ता क

कोई हम दख न सक हमन झठ चहर बना रख ह ता क कोई हम पहचान न सक हमार नम कार झठ ह हमारा म झठा ह हमार ाथना झठ ह एक आदमी सबह ह सबह आपको रा त पर िमल जाता ह आप हाथ जोड़त ह नम कार करत ह और कहत

ह िमल कर बड़ खशी हई और मन म सोचत ह क इस द का चहरा सबह स ह कस दखाई पड़ गया तो

आप सरल कस हो सकग ऊपर कछ ह भीतर कछ ह ऊपर म क बात ह भीतर घणा क काट ह ऊपर

ाथना ह गीत ह भीतर गािलया ह अपश द ह ऊपर म कराहट ह भीतर आस ह तो इस वरोध म इस

आ म वरोध म इस स फ क ा ड शन म ज टलता पदा होगी उलझन पदा होगी परमा मा क ठन नह ह ल कन आदमी क ठन ह क ठन आदमी को परमा मा भी क ठन दखाई पड़ता हो तो

कोई आ य नह मन सबह कहा क परमा मा सरल ह दसर बात आपस कहनी ह यह सरलता तभी कट

होगी जब आप भी सरल ह यह सरल दय क सामन ह यह सरलता कट हो सकती ह ल कन हम सरल नह ह या आप धािमक होना चाहत ह या आप आनद को उपल ध करना चाहत ह या आप शात होना चाहत

ह या आप चाहत ह आपक जीवन क अधकार म स य क योित उतर तो मरण रख--पहली सीढ़ मरण रख--सरलता क अित र स य का आगमन नह होता ह िसफ उन दय

म स य का बीज फटता ह जहा सरलता क भिम ह दखा होगा एक कसान बीज फकता ह प थर पर पड़ जाए बीज फर उसम अकर नह आता य बीज

तो वह था और सरल सीधी जमीन पर पड़ जाए बीज अक रत हो आता ह बीज वह ह ल कन प थर कठोर

था क ठन था बीज असमथ हो गया अक रत नह हो सका जमीन सरल थी सीधी थी साफ थी नरम

थी कठोर न थी कोमल थी बीज अक रत हो गया प थर पर पड़ बीज म और भिम पर िगर बीज म कोई

भद न था परमा मा सबक दय क ार पर खटखटाता ह--खोल दो ार परमा मा का बीज आ जाना चाहता ह भिम म क

अक रत हो जाए ल कन जनक दय कठोर ह क ठन ह उन दय पर पड़ा हआ बीज सख जाएगा नह

अक रत हो सकगा न ह उस बीज म प लव आएग न ह उस बीज म शाखाए फटगी न ह उस बीज म फल

लगग न ह उस बीज स सगध बखरगी ल कन सरल जो ह ग उनका दय भिम बन जाएगा और परमा मा का बीज अक रत हो सकगा इसिलए स या का पहला स आपस कहना चाहता ह--सरल हो जाए और यह मत पछ क हम सरल कस हो

जाए य क जहा कस का भाव श हआ क ठनता श हो जाती ह जस ह आपन पछा--म कस हो जाऊ

सरल बस आप क ठन होना श हो गए सरलता तो वभाव ह सरल होना नह पड़ता ह कवल क ठन होना बद कर द और आप पाएग क सरल हो गए ह म यह म ठ बाध ल और फर पछन लग लोग स क म म ठ कस खोल तो कोई मझस या कह म ठ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 153

खोलनी नह पड़ती बाधनी ज र पड़ती ह म ठ खोलनी नह पड़ती बाधनी ज र पड़ती ह अब म म ठ

बाध ह और लोग स पछता ह म ठ कस खोल जो जानता ह वह कहगा क िसफ बाधना बद कर द म ठ

खल जाएगी बाध मत खला होना म ठ का वभाव ह एक ब चा एक व क शाखा को खीच कर खड़ा ह और पछता ह इस म इसक जगह वापस कस पहचा द या कह उसस वापस पहचान क िलए कोई आयोजन करना पड़ नह ब चा छोड़ द शाखा को शाखा

हलगी कपगी अपनी जगह वापस पहच जाएगी वभाव सरल ह मन य का ज टलता क टवटड ह ज टलता कोिशश करक लाई गई ह ज टलता साधी गई

ह सरलता साधनी नह ह कवल ज टलता न हो और सरलता उप थत हो जाती ह यह मत पछना क हम

सरल कस हो जाए क ठन कस हो गए ह यह समझ ल और क ठन होना छोड़ द और पाएग क सरलता आ

गई ह सरलता सदा मौजद ह कस क ठन हो गए ह कस हमन अपन को रोज-रोज क ठन कर िलया ह पहली बात मन कह हमन अस य का जीवन को ढाचा दया ह अस य हमारा पटन ह अस य हमारा ढाचा

ह अस य म हम जीत ह ास लत ह अस य म हम चलत ह खोज क कह आपका सारा जीवन अस य पर

तो खड़ा हआ नह ह एक छोटा सा ब चा सम क रत पर अपन ह ता र कर रहा था वह बड़ बार क स बड़ कशलता स अपन

ह ता र बना रहा था एक बढ़ा उसस कहन लगा पागल त ह ता र कर भी न पाएगा हवाए आएगी और

रत बखर जाएगी यथ महनत कर रहा ह समय खो रहा ह दख को आम त कर रहा ह य क जस त

बनाएगा और पाएगा क बखर गया तो दख आएगा बनान म दख होगा फर िमटन म दख होगा ल कन त

रत पर बना रहा ह िमटना सिन त ह दख त बो रहा ह अगर ह ता र ह करन ह तो कसी स त कठोर

च टान पर कर जस िमटाया न जा सक मन सना ह क वह ब चा हसन लगा और उसन कहा जस आप रत समझ रह ह कभी वह च टान थी और

जस आप च टान कहत ह कभी वह रत हो जाएगी ब च रत पर ह ता र करत ह बढ़ च टान पर ह ता र करत ह म दर क प थर पर ल कन दोन रत पर

बना रह ह रत पर जो बनाया जा रहा ह वह झठ ह वह अस य ह हम सारा जीवन ह रत पर बनात ह हम

सार नाव ह कागज क बनात ह और बड़ सम म छोड़त ह सोचत ह कह पहच जाएग नाव डबती ह साथ

हम डबत ह रत क भवन िगरत ह साथ हम िगरत ह अस य रोज-रोज हम रोज-रोज पीड़ा दता और हम रोज-

रोज अस य क पीड़ा स बचन को और बड़ अस य खोज लत ह तब जीवन सरल कस हो सकता ह अस य

को पहचान क मर जीवन का ढाचा कह अस य तो नह ह और हम इतन होिशयार ह क हमन छोट -मोट

चीज म अस य पर खड़ा कया हो अपन को ऐसा ह नह ह हमन अपन धम तक को अस य पर खड़ा कर रखा ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 154

म एक अनाथालय म गया वहा सौ ब च थ अनाथ ब च उस अनाथालय क सयोजक मझस कहन लग क

हम ब च को धम क िश ा दत ह मन कहा धम क िश ा य श द बड़ वरोधी मालम होत ह अधम क िश ा हो सकती ह धम क िश ा कस

होगी अ व ा क िश ा हो सकती ह व ा क िश ा का आज तक सना नह गया घणा क िश ा हो सकती

ह य क िश ा हो सकती ह ल कन म क व ालय अब तक दख नह गए फर भी आप कहत ह तो म

चल या िश ा दत ह जान व मझ खशी-खशी ल गए और उन ब च स मर सामन पछन लग ई र ह उन ब च नहाथ ऊपर उठा

दए उ ह जो िसखाया गया था क ई र ह रटाया गया क ई र ह--उ ह न हाथ ऊपर उठा दए क हा ई र

ह उनस पछा गया--आ मा ह उन ब च न कहा हा आ मा ह जस उनस पछा जाता--दो और दो चार होत

ह तो व कहत क हा दो और दो चार होत ह फर उनस पछा गया परमा मा कहा ह उन ब च न अपन

दय पर हाथ रख दए क यहा म एक छोट ब च क पास गया और मन कहा क बट बता सकोग दय कहा ह उसन कहा यह तो हम िसखाया नह गया ई र ह िसखा दया गया िसखाया हआ ई र झठा हो गया जाना हआ ई र स चा होता ह य जो ब च न हाथ उठाए यह जान कर नह उठाए क ई र ह यह कताब म िलखा ह क ई र ह यह िश क कहता ह क

ई र ह यह पर ा म उ र दना ह क ई र ह तो ब च कहत ह--ई र ह हाथ उठात ह य हाथ स च ह य हाथ अगर स च होत तो दिनया परमा मा क आलोक स भर गई होती य हाथ झठ ह ल कन य ब च क हाथ

ह झठ होत तो भी ठ क था बढ़ क उठ हए हाथ भी इतन ह झठ ह य क बचपन म जो सीख िलया जीवन

भर आदमी उसी को दोहराए चला जाता ह बना इस बात को पछ क म जान कर कह रहा ह या बना जान कह

रहा ह हमार जीवन का ढाचा ह अस य ह म दर क सामन हाथ जोड़ कर खड़ ह व हाथ भी झठ ह परमा मा का भाव

भी झठा ह य क परमा मा का भाव अगर स चा होता तो एक बार क जड़ हए हाथ हमशा क िलए जड़ हए हाथ

हो जात और एक बार म दर क पास स िनकल जान पर म दर का छटना असभव हो जाता फर तो जहा खड़ हो जात वह उसका म दर था और जो दखाई पड़ जाता उसी क िलए उसक हाथ जड़ जात ल कन ऐसा नह दखाई

पड़ता म जद म जान वाल लोग म दर म जान वाल लोग क ह या करत ह म दर म जान वाल लोग म जद

म जान वाल लोग क ह या कर दत ह बड़ा अदभत धम ह बड़ा झठा धम होगा ल कन हमारा सारा ढाचा सारा पटन हमार जीवन क बिनयाद जन स व पर खड़ होती ह व सब हमन

व ास क झठ ढाच बना रख ह फर आदमी सरल कस हो सकता ह सरल होना ह तो जान ल जो न जानत ह जान ल क नह जानता ह अगर नह जानत परमा मा को तो कह द

िनमलता स क नह जानता ह मझ पता नह म झठा हाथ नह उठा सकता ह दिनया म दो तरह क झठ हाथ उठ रह ह सो वयत स म एक हाथ उठ रहा ह जो कहता ह परमा मा नह ह

वह भी िसखाई हई बात ह वह भी कल म बताई हई बात ह और परब क म क म हाथ उठता ह ई र क िलए

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 155

क ई र ह व हाथ भी झठ ह व हाथ भी िसखाए हए ह अगर आप सीखी हई बात पर हाथ उठा रह ह वापस

लौटा ल अपन हाथ को तो शायद सरल हो भी सकत ह एक फक र एक गाव म ठहरा था वह फक र बड़ा अदभत फक र रहा होगा गाव क लोग न उसस कहा श वार

का दन ह आप चल हमार म जद म थोड़ा ई र क सबध म समझाए वह फक र कहन लगा ई र क सबध म कभी कछ समझाया गया हो तो म भी समझाऊ ल कन व लोग नह मान जतना फक र इनकार करन लगा उतन लोग उसक पीछ पड़ गए लोग क ब ऐसी

ह जहा दरवाज बद होत ह वहा दरवाज ठ कन लगत ह जहा दरवाज खल ह वहा जात भी नह जस दरवाज

पर िलखा ह यहा झाकना मना ह वह -वह च कर लगान लगत ह वह फक र कहन लगा क नह -नह म नह जाऊगा ई र क सबध म या कहा जा सकता ह कछ भी नह कहा जा सकता ल कन लोग नह मान उस ल गए नह मान तो गया म जद म जाकर वह खड़ा हो गया मच क ऊपर और

उसन कहा मर दो तो इसक पहल क म ई र क सबध म कछ कह म तमस कछ पछ ल पहली बात ई र क सबध म तम कछ जानत हो ई र ह उन सार लोग न हाथ हला दए क हम जानत ह ई र ह वह फक र बोला फर मा करो जब तम जानत हो तो मर बोलन क कोई ज रत न रह म वापस जाता ह

म फजल म अपना समय त हारा समय य खराब क मझ या पता क त ह पता ह फर तम मझ

कसिलए िलवा लाए हो जब त ह मालम ह ई र ह और त हार हाथ उठत ह उसक गवाह म मर कोई

ज रत न रह म जाता ह लोग बड़ हरान हए मन और आतर हो गया क इस आदमी स सनना ज र था भल हो गई उ ह न तय कया

क अगली बार फर उस बला कर लाए और अब क बार जब वह पछगा क जानत हो ई र ह तो हम कहग

क ई र ह ह नह हम कछ भी नह जानत फर तो बोलगा दसरा श वार आ गया फर उस फक र क पास गए और कहा क चल ई र क सबध म कछ समझाए वह

फक र फर टालमटोल करन लगा ल कन व नह मान व उस ल गए वह मच पर खड़ा हो गया उसन फर

पछा क म ई र क सबध म कछ कह उसक पहल एक बात जान ल ई र ह त ह कछ पता ह ई र क होन

का लोग न कहा ई र नह ह और हम कछ भी पता नह वह फक र बोला मा करना जब ई र ह ह नह तो मर या ज रत म वापस जाता ह और तम

सबको पता ह क ई र नह ह बात ख म हो गई अब और या जानन को शष रह गया ज ह यह तक पता

हो गया क ई र नह ह उनको अब जानन को और या शष रह गया होगा आ गई अितम सीमा ान क जब यह भी जान िलया क ई र नह ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 156

वह फक र वापस लौट गया लोग फर बड़ म कल म पड़ गए सनना ज र था अब और ती आका ा हो गई

क पता नह वह आदमी या कहता उ ह न फर तय कया तीसरा उ र तयार कया क अब क बार फर

चल तीसर श वार फर उसक पास पहच गए क चलो उ ह न तीसरा उ र तयार कर िलया उ ह न कहा अब क बार जब वह पछ तो आध लोग कहग क हमको पता ह क ई र ह और आध लोग कहग क हमको पता नह ह क ई र ह अब तो कछ बोलोग फक र आकर खड़ा हो गया और उसन कहा क दो तो फर वह सवाल पता ह ई र ह या क पता नह ह जानत हो क नह जानत आधी म जद क लोग न कहा आध लोग को पता ह क ई र ह और आध लोग न कहा हम पता नह क

ई र ह फक र न कहा जनको पता ह व उनको समझा द जनको पता नह म जाता ह मर कोई ज रत नह उस फक र स मन भी पछा क चौथी बार व लोग आए क नह वह फक र कहन लगा चौथा उ र उन लोग को नह िमल सका तीन म उ र समा हो गए फर व लोग नह आए म तो रा ता दखता रहा क आए तो फर जाऊ मन उस फक र को कहा क अगर उनक पास चौथा उ र होता तो आप जात वह कहन लगा अगर चौथा उ र होता तो म ज र जाता और बोलता मन पछा वह चौथा उ र या हो सकता था वह फक र कहन लगा अगर व चप रह जात और कोई भी उ र न दत तो म कछ बोलता य क तब व स च

लोग होत तब व एक झठ बात को गवाह नह दत तब व मौन रह जात उ ह कछ भी पता नह ह--न होन

का न ना होन का तब व अपन अ ान म मौन रह जात अ ान उनका स य था स चाई थी ान--

आ तक का ान ना तक का ान--सब झठ ह सीखी हई बकवास ह अगर व चप रह जात तो म बोलता वह फक र कहन लगा और आज तक स य क सबध म तभी समझाया जा सका ह या जाना जा सका ह बोला जा सका ह इशार कए जा सक ह--जब दसर तरफ स चाई स भरा हआ मौन हो झठ स भर हए उ र नह स चाई स भरा हआ काफ ह झठ स भरा हआ ान नह स चाई स भरा हआ अ ान भी परमा मा क

तरफ ल जान वाला चरण बन जाता ह हम पछ अपन स हमारा ान सच ह हमारा ान सच ह और जब हमारा ान ह सच नह तो हमारा

जीवन कस सच हो सकता ह ान पर तो जीवन खड़ा होता ह ल कन हम झठ म हा भरत चल जात ह हम

चपचाप हा भरत चल जात ह चार तरफ लोग हा भरत ह तो हम भी हा भरत ह चार तरफ जो लोग कहत ह वह हम भी कहत ह हम भीड़ क ह स हो गए ह भीड़ एक झठ ह हम समाज क ह स हो गए ह समाज एक

झठ ह एक बार एक अदभत घटना घट गई एक आदमी न एक स ाट स आकर कहा तमन सार प वी जीत ली ल कन एक चीज क कमी रह गई त हार पास त हार पास दवताओ क व नह ह म त ह दवताओ क व

लाकर द सकता ह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 157

स ाट क लोभ को गित िमली सोचा क दवताओ क व िमल जाए तो इसस शभ और या होगा उसन कहा कतना खच होगा उसन कहा खच तो बहत होगा य क आदिमय क र त दख-दख कर दवता भी र त लन लग ह बहत

र त लगगी वहा भी बहत ाचार फल गया ह द ली म ह नह इ क नगर म भी बहत ाचार ह

य क यहा क मर हए सब भतपव िमिन टर वह इक ठ हो गए ह और सब उप व कर रह ह बहत बहत

र त मागत ह स त म काम नह चलता यहा आदमी तो दस-पाच पय म भी मान जाता ह दवताओ को तो

दस-पाच पय क कोई क मत नह करोड़ खच हो जाएग दस-पाच करोड़ पय खच ह ग ल कन राजा क मन को लोभ पकड़ गया व ास तो नह आता था क दवताओ क व कस आएग कभी दख

नह गए ह ल कन फर भी उसन कहा क कोई हज नह ल कन दखो धोखा दन क कोिशश मत करना नह तो फासी पर लटक जाओग त हार घर पर पहरा रहगा नगी तलवार का उसन कहा घर पर पहरा रख य क दवताओ का रा ता सड़क स होकर नह जाता वह बहत अद नी रा ता ह वह तो म घर क भीतर स दवताओ क लोक म चला जाऊगा आप उसक फ न कर दस करोड़ पय खच होन थ व पय द दए गए उसक घर क पास तलवार का पहरा लगा दया छह मह न

बाद उसन कहा म व लकर आऊगा य क सरकार कामकाज ह बड़ म कल स होता ह लबा व लग

जाता ह एक-दो दन म नह होता ह सरकार काम ह फाइल पर फाइल सरकगी इस लक को खलाओ उस द तर म खलाओ उधर चलो तब म कल स कह हो पाएगा कसी अ सरा को मनाओ तब कह इ

क व िमल सक बहत म कल ह ल कन कोिशश म क गा छह मह न बीत गए सार राजधानी आतर हो उठ सार दश म खबर पहच ग अदभत घटना घट रह ह

िमरकल दवता क व प वी पर पहली बार आ रह ह शक ह सभी को सदह ह सभी को ल कन नगी तलवार

का पहरा ह छह मह न पर हो गए सबह सरज िनकला और वह आदमी घर क बाहर आ गया वह साथ म एक

बहम य पट िलए हए ह ताल बद ह अब तो कोई शक भी न रहा उसन कहा राजमहल ल चलो नगी तलवार क पहर म वह राजमहल पहच गया लाख लोग क भीड़ सड़क पर इक ठ हो गई ह दरबार भरा

ह दर-दर स राजा आए ह उसन जाकर दरबार म पट रखी तब तो स ाट भी िन त हो गया क धोखा नह दया गया फर उसन ताला खोला फर उसन स ाट को कहा क आप पास आ जाए और य व म भट करता

ह उसन कहा अपनी पगड़ अलग कर द स ाट न पगड़ नीच कर द उसन पट क भीतर हाथ डाला और

खाली हाथ बाहर िनकाला और कहा यह पगड़ ल दवताओ क स ाट न दखा क हाथ खाली ह कोई पगड़

नह फर वह आदमी हसन लगा उसन कहा दवताओ न चलत व मझस कहा ह जो अपन बाप स पदा हआ

होगा उसी को य व दखाई पड़ग य व सभी को दखाई नह पड़ सकत राजा को हाथ खाली दखाई पड़ रहा ह ल कन वह कहन लगा अहा कसी सदर पगड़ ऐसी पगड़ कभी दखी

नह उसन वह पगड़ जो थी ह नह अपन िसर पर रख ली झठ श हो गया झठ क या ा श हो गई सोचा उसन क म कह क पगड़ दखाई नह पड़ती तो म कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 158

हई अपन बाप स पदा नह हआ ऐसी अफवाह फल जाएगी और फर यह भी डर हआ य क जस ह दरबार

क लोग न सना क व उ ह को दखाई पड़ग जो अपन बाप स पदा हए दरबार आग बढ़-बढ़ कर आ गए

और पगड़ क शसा करन लग और कहन लग ओह ऐसी सदर पगड़ दस करोड़ कछ भी नह ह अब जब सारा दरबार कहन लगा रािनया कहन लगी वजीर कहन लग िम कहन लग एक आदमी नह उस दरबार म जो कह क पगड़ मझ दखाई नह पड़ती य क सार भीड़ जब कह रह ह क पगड़ हम दखाई

पड़ती ह तो कौन साहस कर कौन कह क पगड़ दखाई नह पड़ती कौन उलझ कौन च कर म पड़ राजा न पगड़ पहन ली भीतर तो ाण थरथरा रह ह ल कन ऊपर स वह म करा रहा ह फर कोट भी उतर गया फर धोती भी उतर गई फर एक ह व रह गया तब राजा घबड़ाया--अब तो म न न हो जाऊगा एक-

एक व ल िलया गया और झठ व द दए गए जो थ ह नह और दरबार म तािलया बज रह ह और लोग

शसा कर रह ह राजा एक ण सोचा क अब या क ल कन झठ म जो आग बढ़ता ह एक झठ और बड़

झठ म ल जाता ह अब पीछ लौटना बहत म कल मालम होन लगा अगर वह कह क अब मझ कछ नह

दखाई पड़ता तो वह कहगा इतनी दर स आपको दखाई पड़ रहा था झठ बोल रह थ आप अपन बाप स

पदा नह हए मालम होता ह मजबर थी उस अितम व भी छोड़ कर न न खड़ा हो जाना पड़ा और तब उस

नग खड़ राजा को दख लोग तािलया बजान लग हर एक को राजा नगा दखाई पड़ रहा ह ल कन कोई भी कहता नह क राजा नगा ह और उस आदमी न कहा स ाट य व पहली बार प वी पर आए ह इनक शोभा-या ा िनकलनी बहत ज र

ह राजधानी क राजपथ पर चल आप रथ म बठ कर ता क सारा नगर दख ल क दवताओ क व आ गए ह लोग उ सकता स बाहर बाट जोह रह ह अब राजा क ाण कप वह न न खड़ा ह कम स कम अपन महल म ह रा त पर जाए ल कन झठ क

या ा श हो चक अब उस रोकना बड़ा म कल मालम होन लगा मजबर ह दरबार भी कहन लग क

महाराज यह तो व क वागत म ज र ह क आप बाहर चल महाराज को बाहर भी जाना पड़ा वह न न राजा रथ पर सवार हो गया लाख लोग क भीड़ ह और लोग व

क शसा कर रह ह य क शत का सबको पता चल गया िसफ भीड़ म कछ छोट-छोट ब च जो अपन

पताओ क कध पर चढ़ कर राजा को दखन आ गए थ व अपन बाप क कान म कहन लग पताजी राजा

नगा मालम पड़ता ह ल कन बाप न कहा चप नादान नासमझ गर-अनभवी राजा नगा नह राजा सदर

व पहन हए ह जब तम बड़ हो जाओग तमको भी व दखाई पड़न लगग चप रहो अभी अभी अनभव

नह ह ब च अगर स य बोलत भी ह तो बढ़ जो अस य म द त हो गए ह उ ह बोलन नह दत ब च कभी इशारा भी

करत ह क मझ यह नह दखाई पड़ता तो बढ़ कहत ह चप नासमझ अभी तझ अनभव नह ह अनभव

तझ भी दखा दगा और अनभव दखा दता ह य क अनभव सब अस य म या ा का अनभव ह जब वह भी

बढ़ा हो जाता ह उसी अस य क या ा स गजर कर तब उसको भी दखाई पड़न लगत ह व

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 159

हम सब भी नग राजा क व दख रह ह सरल कस हो सकत ह झठ व क गवाह दकर कोई सरल कस हो

सकता ह आपको म दर क मित म कभी भगवान दखाई पड़ ह नह दखाई पड़ तो आपन य कहा ह क

वहा भगवान ह और अगर दखाई पड़ गए ह वहा तो फर इस प वी पर कोई ऐसी जगह हो सकती ह जहा

दखाई नह पड़त ह कसी म जद म कभी उसक झलक िमली ह कसी शा म कभी कसी श द म

स य अवत रत हआ ह ल कन य गवाह द ह य वटनस बन क यहा मझ स य दखाई पड़ता ह यहा मझ भगवान दखाई पड़त ह यह जो झठ क गवाह द ह तो फर सरल नह हो सकत ह नह हो सकत

ह नह हो सकत ह कोई रा ता नह ह फर सरल हो जान का पहली बात पहला स समझ ल सरल हो जान क िलए अस य स अपनी गवाह अलग कर ल वटनस न बन

अस य क गवाह न बन अस य क हम सब गवाह ह हम म स स य का गवाह कोई भी नह य क जो स य का गवाह ह वह परमा मा का सा ी

हो जाता ह अस य क गवाह ह सबह स साझ तक ज म स म य तक सारा जीवन अस य क एक गवाह

ह और रोज-रोज अस य क या ा बढ़ती चली जाती ह बढ़ती चली जाती ह बढ़ती चली जाती ह धम हमारा अस य जीवन क सबध हमार अस य बट स बाप कहता ह क म तझ म करता ह और यह बाप

बट को य पर भज दता ह क जा त लड़ और कट तब कहता ह क दश-सवा क िलए भजना बहत ज र था

अगर दिनया म बाप अपन बट को म करत होत जमीन पर आज तक कोई य सभव नह था कौन अपन

बट को कटन भजता ल कन कसी बाप न अपन बट को म नह कया कहता ह क म म करता ह कौन

कटवाता ह य म पहल महाय म साढ़ सात करोड़ लोग क ह या हई दसर महाय म दस करोड़ लोग

क ह या हई कौन न कटवाए य लड़क रोज लड़क कट रह ह य कौन कटवा रहा ह कौन भज रहा ह मा भजती ह प ी भजती ह बहन भजती ह बाप भजता ह भाई भजता ह बट भजत ह िम भजत ह और हम कह चल जात ह क हम म करत ह और हम िच लाए चल जात ह क हम म करत ह यह हमारा

म बड़ा झठा मालम होता ह कौन कसको म कर रहा ह और जो एक बार म करन म समथ हो जाएगा या आप जानत ह वह परमा मा स दर रह सकगा एक ण को भी जहा म का ार खल गया वहा भ क

म दर का ार भी खल जाता ह रामानज एक गाव म ठहर थ एक आदमी उनक पास आ गया और कहन लगा क मझ भ स िमलना ह मझ

परमा मा क तरफ जाना ह मझ रा ता बताओ रामानज न उस नीच स ऊपर तक दखा और कहा मर दो त मर भाई तमन कभी कसी को म कया ह वह आदमी कहन लगा म- म क बात मत करो मझ परमा मा तक जाना ह यह म वगरह क च कर म

म कभी नह पड़ा मझ रा ता बताओ भ का रामानज फर थोड़ दर चप रह और फर पछा क मर दो त या तम बता सकत हो तमन कभी कसी को भी

म कया हो उस आदमी न कहा क आप म ह म य पछ चल जात ह मझ परमा मा को खोजना ह म स मझ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 160

या लना-दना रामानज फर तीसर बार पछन लग क फर भी सोचो शायद कभी कसी को थोड़ा म कया हो वह आदमी ोध स खड़ा हो गया और उसन कहा यह या पागलपन ह म भ का रा ता पछता ह म

प म क पछता ह आप परब क बतात ह म म क बात नह पछ रहा ह रामानज क आख म आस आ गए और उ ह न कहा फर तम जाओ तमन अगर कसी को भी म कया

होता तो उसी म को ाथना म बदला जा सकता था तमन अगर एक को भी म कया होता तो उसी म क

ार स त ह एक म तो परमा मा कम स कम दखाई पड़ जाता और जसको एक म दखाई पड़ जाता ह फर

कोई मामला बहत बड़ा नह उस सब म दखाई पड़ सकता ह ल कन तम कहत हो मन कभी कसी को म ह

नह कया फर फर म असमथ ह त ह परमा मा तक ल जान म तम कह और खोजो तम कह और

जाओ हम कहत ह क हमन म कया हम म करत ह जो आदमी म कर ल उसक िलए भ स बड़ िनकटता

और कोई नह रह जाती य क म क ण म ह वह कट होता ह ान क ण म नह य क ान तोड़ता

ह म क ण म य क म जोड़ता ह ानी को कट नह होता य क ानी का अहकार ह क म

जानता ह मी को कट होता ह य क मी कहता ह क म ह ह नह तो हम जस म कहत ह वह ज र झठा म होगा नह तो वह म परमा मा तक पहचा दता हमारा धम

झठा हमारा म झठा हमार ाथना झठ एक नाव सम म डगमगा रह ह तफान आ गया ह जोर का नाव क या ी कप जा रह ह उनक ाण कप जा

रह ह व सब घटन टक कर ाथना कर रह ह परमा मा स क बचा लो हम इतना धन दान करग हम इतना

याग करग म म दर बनवा दगा म म जद बनवा दगा म गीता क हजार का पया छपवा कर बटवा दगा म य करवा दगा म इतन ा ण को खलवा दगा व सभी या ी ाथना कर रह ह ल कन एक स यासी एक फक र वहा बठा हआ ह वह चपचाप बठा ह लोग उस पर नाराज हो गए और कहन

लग क तम कछ करो ाथना शायद त हार सन ल तम चप य बठ हो इस दघटना क घड़ म नाव

डावाडोल ह एक ण म डब सकती ह वह फक र हस रहा ह वह चप बठा ह व ाथना कर रह ह तभी वह बीच म िच लाया क ठहरो ठहरो वचन

मत द दना नाव कर ब पहच रह ह कनारा कर ब आ गया खतर क हम बाहर ह व सार लोग आधी ाथना छोड़ कर सामान बाधन लग ल कन एक आदमी उसम झझट म पड़ चका था वह आदमी अरबपित था वह इस नाव म अरब पया कमा

कर वापस लौट रहा था वह इतना घबड़ा गया क उसन भगवान को कहा क ह भगवान अगर म बच गया नाव बच गई तो मरा राजधानी का जो महल ह जसक क मत पाच लाख पया ह वह म तझ दान कर

दगा तरा म दर बना दगा वहा या उसको बच कर गर ब को बाट दगा बचा ल गर ब को बाट दगा या म दर

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 161

बना दगा वह यह वचन द चका था और तो सार लोग अभी श ह कए थ वचन नह दए थ वह एक

आदमी फस गया और नाव कनार पहच गई अब उसक ाण बड़ सकट म पड़ क वह पाच लाख पय का या

होगा उस मकान का या होगा उसन उस फक र स कहा क तम बहत ब मान मालम पड़त हो अब म

या क म तो फस गया म तो आ ासन द दया भगवान को म या क उस फक र न कहा घबड़ाओ मत तम ज र कोई तरक ब िनकाल लोग य क आदमी क ाथनाए इतनी

झठ ह क उनम दए गए वचन का कोई अथ नह ल कन तम कोई ज र रा ता िनकाल लोग घबड़ाओ मत

तम बड़ होिशयार आदमी मालम पड़त हो नह तो करोड़ पया कमाना भी बहत क ठन था तम बड़ चालाक

आदमी मालम पड़त हो और प ह दन बाद उस आदमी न तरक ब िनकाल ली और उसन वह मकान पाच लाख पय का गर ब को बाट

दया कस बाट दया उसन सीधी तरक ब िनकाल ली एक ग णत का हसाब िनकाल िलया उसन गाव म

खबर कर द क मझ मकान नीलाम कर दना ह पाच लाख पय का मकान ह सबको पता ह मझ मकान

नीलाम कर दना ह फला-फला दन सबह लोग इक ठ हो गए लनदार वह मकान अदभत था खद राजा भी लन

आ गया था वह फक र भी पहच गया उस भीड़ म क वह आदमी या कर रहा ह या वह बाट दगा लोग को वह फक र भीड़ म चपचाप खड़ होकर दखन लगा उस आदमी न या कया था उस आदमी न एक ब ली बाध द मकान क सामन और गाव क लोग को कहा

क ब ली क क मत पाच लाख पया मकान क क मत एक पया और दोन को इक ठा बचगा अलग-

अलग बचगा नह जसको भी लना हो ल ल ब ली क क मत पाच लाख पया मकान क क मत एक

पया इक ठा बचगा एक ह ाहक को बचगा दोन अलग-अलग नह बचन ह गाव क लोग बड़ हरान हए ल कन लोग को या मतलब लोग जानत थ पाच लाख का मकान ह एक पय म

दता ह पाच लाख का मकान और ब ली जो दो कौड़ क नह वह बताता ह पाच लाख ल कन लोग को या

मतलब पागल हो गया ह हो जान दो गाव का मकान बक गया एक आदमी न पाच लाख म ब ली खर द

ली एक पय म मकान खर द िलया उस आदमी न पाच लाख ितजोर म बद कए एक पया गर ब म बाट

दया उसन तरक ब िनकाल ली उसन रा ता िनकाल िलया हमार ाथना झठ ह हमार पजा झठ ह य क हम झठ ह बिनयाद म इसिलए हमारा सब झठा ह--हमारा

ान हमारा धम हमार ाथना हमारा म-- य क बिनयाद म हम झठ ह और झठ पर खड़ा हआ जीवन

सरल नह हो सकता यह मत पछ क हम सरल कस हो जाए इतना ह जान ल क हम ज टल कस हो गए ह कस रोज हम ज टल

होत चल जा रह ह एक पल नह बीतता हम और ज टल हो जात ह एक घड़ नह बीतती हम और उलझ जात ह सार जदगी

उलझाव क एक लबी कथा ह ब च सरल और सीध पदा होत ह बढ़ उलझ हए मर जात ह इसीिलए तो

जदगी भर आदमी पीछ क तरफ लौट-लौट कर सोचता रहता ह क बड़ खशी थी बचपन म बड़ा आनद था

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 162

बचपन म बड़ शाित थी बचपन म अब सब खो गई या बात थी बचपन म कौन सी खशी थी कौन सा आनद था कौन सी शाित थी

शाित यह थी क सरलता थी खशी यह थी क सरलता थी आनद यह था क सरलता थी ज टल होता जाता ह आदमी और दख और पीड़ा और िचता स भरता चला जाता ह होना तो उलटा था क आदमी क उ जस बढ़ती

वह और सरल होता और सरल होता और अत ण तक इतना सरल हो जाता क उसक सरलता म और भ

क बीच कोई फासला न रह जाता कोई द वाल न रह जाती कोई गाठ न रह जाती कोई िथ न रह जाती

ल कन नह उलटा होता ह गाठ रोज बढ़ती चली जाती ह रोज बढ़ती चली जाती ह हम सब गाठ को कमान

वाल लोग हमार िलए परमा मा सरल नह हो सकता ह इसिलए जब धमग हम समझात ह क परमा मा

क ठन ह हम बलकल राजी हो जात ह क ठ क कहत ह परमा मा क ठन ह म आपस कहता ह झठ कहत ह परमा मा क ठन नह क ठन आप ह और अपनी क ठनाई को परमा मा

पर मत थोप परमा मा ज टल नह ज टल आप ह ल कन जब भी दोष दसर पर द दया जाए हम िनद ष

होकर शात और मज म हो जात ह अपनी क ठनाई पहचान अपनी का ल सट पहचान और पहचानत ह सरलता श हो सकती ह और म यह

नह कहता क कल श हो सकती ह अभी और इसी व श हो सकती ह आप यह स सरल होकर वापस

लौट सकत ह इसी व म ठ बाधी ह मत बाध और आप एक दसर आदमी होकर चल पड़ दसर आदमी--इसी ण अभी और यह ल कन अगर आपन कहा क कल दखग ज टलता श हो गई य क कल पर टालना ज टल आदमी का

ल ण ह जदगी कल क िलए नह कती जदगी अभी और यह ह हो सकता ह जो वह अभी हो सकता ह

और यह दस वर मोमट इसी ण म ल कन जो इस ण म नह हो सकता आप कहत ह ठ क कहत ह सोचगा वचार क गा पछगा कल कछ क गा बस ज टलता क सब रा त खोल दए गए सोचन स

आदमी और ज टलता म जाएगा करन स और ज टलता म जाएगा कल पर पो टपोन करन स और ज टलता

म जाएगा अभी और यह ज टलता को दख ल पहचान ल--कहा म ज टल ह फर कसको कहना ह एक यवा स यासी एक आ म म ह बहत ववाद ह बहत ता कक ह चौबीस घट ववाद और तक और

ववाद एक ण को मौन नह बोलना बोलना बोलना एक अजनबी महमान आ म म आया हआ ह वह

यवक उसक पीछ पड़ गया ववाद म तक म आ यमट म उसन एक-एक बाल क खाल िनकाल डाली वह

आदमी हारा हआ परा जत हआ वापस लौटा आ म का बढ़ा ग चपचाप बठा हआ दख रहा ह हस रहा ह दख रहा ह जब वह अजनबी हार कर चला गया ववाद तब उस बढ़ न उस यवा स यासी को कहा मर बट त कब तक कब तक यथ क बकवास करता रहगा कब तक यथ क बकवास करता रहगा या िमलगा

इस बकवास स इस ववाद स जो िमलना ह वह सवाद स िमलता ह और सवाद मौन म होता ह ववाद म

कोई सवाद नह होता ववाद म कोई क यिनकशन नह ह या िमलगा तझ कब तक बोलता रहगा यथ

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 163

कब तक श द स खलता रहगा श द का अपना शतरज ह कब तक खलता रहगा बोल वह यवक सना जसा आप सन रह ह उस यवक न भी सना क उसक बढ़ ग न कहा ह कब तक त बोलता

रहगा यथ बोल उ र द वह यवक हसन लगा उसन उ र भी नह दया ग उस हलान लगा क बोल उ र द वह यवक हसन लगा उसन फर उ र नह दया वह चप ह हो गया फर वह तीस साल जदा रहा वह मौन ह जदा रहा उसी ण हो गई बात जो बात दखाई पड़ गई हो गई उस दखाई पड़ गया क ठ क

कह रह ह यह बात क म कब तक यथ बोल कर समय को खोता रहगा बात दखाई पड़ गई फर उसन यह

भी नह कहा क कल स बद क गा अभी बद करता ह य क इसक कहन क भी या ज रत रह बद हो

गया उसी ण बात हो गई गाव क लोग तो बड़ परशान हए क वह आदमी जो सबस यादा बोलता था चप हो गया लोग उसक ग को

आकर कहन लग क यह बड़ा पागल मालम होता ह उस ग न कहा काश लोग इतन ह पागल ह तो प वी

वग बन जाए जसको हम होिशयार कहत ह वह आदमी सोच- वचार करता ह सोच- वचार करता ह सोच-

वचार करता ह कल क गा कल क गा उसम कदन क साम य ह वलीन हो जाती ह और स य को कवल व लोग उपल ध होत ह जो कदन क और दाव लगान क साम य रखत ह तो मन कह यह थोड़ सी बात ज टल ह मन य का मन ज टलता दख अपन झठ चहर को पहचान जन

झठ व को गवाह द ह उन गवा हय को पहचान जस म को म कहा ह और जसक पीछ घणा िछपी

बठ ह उस म को पहचान जस ान को ान समझा ह और जहा ान बलकल भी नह उस ान क

यथता को दख और दखत ह आप पाएग क एक द वाल टट गई और कोई करण उतरनी श हो गई ह और

ाण सरल हो गए ह िनद ष हो गए ह इनोसट हो गए ह ध य ह व लोग जो सरल हो जात ह य क परमा मा उनक सपदा बन जाता ह ध य ह व लोग जो सरल हो

जात ह य क सरलता क ार स उ ह सब कछ िमल जाता ह ध य ह व लोग जो सरल हो जात ह य क

स य का और भ का रा य उनका ह ल कन अभाग ह व लोग जो ज टल ह और हम सब हम सब ज टल ह

हमारा अभा य हमारा दभा य यह ह क हम अपन को उलझाए चल जात ह उलझाए चल जात ह उलझाए

चल जात ह यह थोड़ सी बात मन कह इस सबध म और जो बात ह व आन वाली चचाओ म आपस कहगा एक छोट सी

घटना और अपनी चचा म पर क जीसस ाइ ट एक गाव म गए उस गाव क लोग इक ठ हो गए गाव का परो हत गाव का प डत गाव का

डा टर गाव का िश क गाव क यापार गाव क मजदर गाव क प ष- या व सब इक ठ हो गए व

जीसस क बात सनन लग और जीसस उन लोग स कहन लग क परमा मा का रा य बहत िनकट ह तम

वश होना चाहत हो क नह वह जो कगडम ऑफ गॉड ह बहत कर ब ह तम चलना चाहत हो वहा या

नह

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 164

उन लोग न कहा ाण तो हमार भी आतर ह ल कन कौन जा सकगा कौन ह पा कौन जा सकगा भ

क रा य म कौन ह पा कौन ह अिधकार तो जीसस न सामन खड़ हए धमग को दखा नह वह अिधकार नह था य क उस खयाल था क म धम

का ग ह अहकार था जीसस न पास म खड़ हए धनपित को दखा उसक र ढ़ म अकड़ थी उसक जब

वजनी थ उसक पास सोना था धन था वह भी कछ था नह -नह वह भी पा नह हो सकता जीसस क

आख वहा स भी हट गई जीसस न द र क तरफ दखा उसक मन म िसवाय रोट क और क पना नह थी

कोई धनी क मन म सोन-चाद का हसाब था गर ब क मन म रोट का हसाब था धमग समझता था म

जानता ह गाव का ना तक खड़ा था वह समझता था ई र ह ह नह ई र का कोई रा य नह ह कौन

कहता ह जीसस क आख एक-एक आदमी को दखन लगी और खसकन लगी नह -नह वह कोई भी पा नह ह और

तब कस पर जीसस क आख क एक ब च पर जो भीड़ क बाहर चपचाप धल म खल रहा था व दौड़ कर

गए उस धल भर ब च को उठा िलया ऊपर और कध पर ऊपर उठा कर लोग स कहा सनो जो लोग इस

ब च क भाित सरल ह ग परमा मा क रा य क अिधकार व ह ह अपन स पछना रात जाकर ब च क सरलता ह आपक पास नह ह तो फर भ बहत क ठन ह फर वह

सरल नह हो सकता ह और अगर आपक ाण स कोई ब चा बोल उठ क हा म तयार ह म मर नह गया

ह त हार सब कोिशश क बावजद भी म मर नह गया ह त हार सब झठ क बावजद भी म जदा ह इ पाइट ऑफ य और मझ खोज लो त हारा ब चा अभी मौजद ह आज क रात भी ार खल सकत ह कसी भी ण खल सकत ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसक िलए बहत अनगह त ह और अत म सबक भीतर बठ

परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर जीवन रह य तरहवा वचन जीवन या ह मर य आ मन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 165

जीसस स कोई पछ रहा था क आपका ज म कब हआ तो जीसस न जो उ र दया वह बहत हरानी का ह

यह दय का एक बहत पराना पगबर हआ ह अ ाहम जीसस स कोई दो हजार साल पहल अ ाहम यह दय क

इितहास म परान स पराना नाम ह जीसस न कहा क अ ाहम था उसक भी पहल म था व ास नह हआ होगा सनन वाल को य क व ास हम कवल उसी बात का होता ह जसका हम अनभव

हो बात पहली ह मालम पड़ होगी य क अ ाहम क पहल जीसस क होन क कोई सभावना नह मालम

होती शर र तो हो ह नह सकता ल कन जीसस जसा आदमी यथ ह झठ बोल यह भी सभव नह ह लाओ स स कसी न एक दन पछा क त हारा ज म कब हआ त हार ज म क ितिथ कौन सी ह तो लाओ स न कहा जहा तक म जानता ह मरा ज म कभी नह हआ और मर ज म क सबध म अगर दसर

कह तो उनका भरोसा मत करना य क अपन ज म क सबध म जतना म जानता ह उतना कोई दसरा नह जान सकता ल कन हम सब तो दसर जो हम बतात ह उस पर भरोसा करत ह यह बहत ह मजाक क बात ह लाओ स न

जो कह य क आपको भी अपन ज म का कोई पता नह ह िसवाय दसर क बताई हई बात क दसर कहत

ह क आप कभी पदा हए समझ क दसर न कह समझ क एक ब च को न बताया जाए क वह कभी पदा

हआ तो या कोई भी उपाय ह क ब चा अपनी तरफ स पता लगा ल क वह पदा हआ ह अगर बाहर स

सचना न द जाए तो आपको कभी पता भी चलता क आप कभी ज म और बड़ मज क बात ह ज म

आप ह और सचना बाहर स द गई ह और ज ह न सचना द ह उ ह भी अपन ज म क कोई खबर नह उनको भी उनक ज म क खबर दसर न द ह और ऐसा ह और भी आग ह ज म एक झठ बात ह लोको ह लोग कहत ह क आप पदा हए कोई आदमी कभी पदा नह होता फर

इसी तरह लोग कहत ह क मर गए ज ह न अपना ज म भी नह जाना व अपनी म य कस जान सकग ल कन ज म हम दसर बता दत ह क कभी पदा हए फला ितिथ फला तार ख म और फर कोई मरता ह

चार तरफ और हम सोचत ह क शायद हम भी मरग दसर क मरन क घटना को दख कर हम अपन बाबत भी

वचार कर लत ह क हम भी मरग वय क ज म क खबर दसर स द गई सचना और मरना एक अनमान इनफरस च क और कोई मरा ह इसिलए म भी म गा ल कन जब हम कसी आदमी को मरत दखत ह तब हम या दखत ह सच म हम या दखत ह द ण म एक स यासी था योगी उसन आ सफोड रगन और कलक ा व व ालय म तीन बार एक

बहत अदभत योग कया उसन मरन का योग कया वह दस िमनट क िलए मर जाता था मर जाता था

म डकली जस िच क सक कह सक क मौत हो गई कलक ा यिनविसट म जब उसन योग कया तो दस बड़ िच क सक मौजद थ कलक ा यिनविसट क

सबस बड़ िच क सक सजन सब मौजद थ और जब योगी दस िमनट क िलए मर गया तो उन दस न

द तखत कए ह स ट फकट पर क यह आदमी मर गया ह इसक हम गवाह दत ह सास खो गई दय क

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 166

धड़कन खो ग खन क गित खो गई मरन क सार क सार ल णा पर हो गई दस िमनट बाद वह आदमी वापस लौट आया और उस आदमी न कहा क अगर यह त हारा स ट फकट सह

ह तो म वापस नह लौट सकता और अगर म वापस लौट आया ह तो तमन अब तक जतन म य क

स ट फकट दए सब झठ थ य क इन दो क िसवाय और या मतलब होगा और उन दस डा टर न दसर बात भी िलख कर द ह और वह िलख कर यह द ह क जहा तक हम समझत ह

और जहा तक हमारा व ान जानता ह हम समझत ह क यह आदमी मर गया था ल कन हम अपनी आख

को तो झठा नह कह सकत और यह आदमी फर जदा ह और इस घटना न सार दिनया क िच क सक को िचता म डाल दया था य क इसका मतलब या होता ह जसको हम म य कहत ह वह कछ काम का बद हो जाना ह-- ास नह चलती खन नह बहता दय नह

धड़कता अगर जदगी इ ह चीज का जोड़ ह तो ज र मौत इनक बद हो जान स घ टत हो जाती ल कन

कसन कहा क जदगी इनका जोड़ ह जदगी इसस बहत बड़ बात ह ज म पर जो श होता ह मौत पर बद हो जाता ह ल कन न तो ज म पर जदगी श होती ह और न मौत पर जदगी समा होती ह ल कन हम तो अपन शर र क धड़कन खन क गित नाड़ का चलना इनको ह अपना होना समझत ह इसस बड़ ज टलता पदा हो जाती ह इसिलए दो झठ क बीच हम जीत ह--एक ज म का झठ और एक म य का

झठ प वी पर इनस बड़ झठ नह ह ल कन य सबस बड़ स य मालम पड़त ह य क अिधकतम लोग कहना चा हए सभी इ ह वीकार करत ह और जो अस य भी वीकत हो जाता ह वह स य मालम पड़न लगता ह ल कन कभी-कभी कोई सदह पदा कर दता ह कभी-कभी कोई सदह पदा कर दता ह िसकदर हद तान आया और जब वह वापस लौट रहा था तो हद तान क सीमा को पार करत समय उस खयाल आया क यनान म उसक िम न उसस कहा था क लौटत समय एक स यासी को भी ल आना भारत स

और सब तो लाओग ह ल कन धन ह र-जवाहरात मोती व सब यनान म भी ह एक स यासी भी ल आना िसकदर न और सब तो लट क स यासी क याद न रह आ खर ण म याद आई तो उसन कहा जाओ कसी स यासी को पकड़ लाओ िसपाह गाव म गए उ ह न गाव क लोग स पछा तो गाव क लोग न कहा स यासी तो गाव म एक ह ल कन तम ल जा सकोग इसक हम उ मीद नह उ ह न कहा इसक तम फ छोड़ो हम िसकदर क

िसपाह ह हम अगर पहाड़ को कह क चलो तो पहाड़ भी चलत ह य नगी तलवार दखी ह स यासी या

कर सकगा उ ह न कहा इसीिलए हम िचितत ह क त हार तलवार स यासी क साथ कछ कर सकगी या

नह कर सकगी खर तम जाओ एक कोिशश कर लो व गए गाव क बाहर न न एक स यासी तीस वष स नद क तट पर था यनानी इितहासकार न उसका नाम

ददािमस िलखा ह पता नह उसका नाम या होगा यनानी नाम उ ह न ददािमस दया ह हो सकता ह दड

साध या ऐसा कछ दड वामी ऐसा कछ उस आदमी का नाम रहा हो डड वाला साध ऐसा कछ नाम रहा हो उन िसपा हय न जाकर ददािमस को घर िलया और उसस कहा क िसकदर क आ ा ह क हमार साथ चलो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 167

वह फक र नगा हसन लगा उसन कहा क हमन उसी दन स आ ाए माननी छोड़ द जस दन स हम स यासी

हए हम आ ाए तब तक मानत थ जब तक हम डरत थ जो नह डरता उसस आ ा नह मनवाई जा सकती पर उ ह न कहा त ह पता नह ह य नगी तलवार दखत हो हम त हार गदन काट दग तो उस स यासी न कहा क तम काट दोग वह बहत ठ क ह तम काट सकत हो हम कोई एतराज भी न

करग ल कन त हार गदन काटन स डरग नह य क गदन काटन स कवल वह डरता ह जो गदन कटन को म य समझता ह ऐस आदमी क सामन पहली दफा तलवार पर जग खा गई नगी तलवार हाथ म थी ल कन हाथ एकदम स त

हो गए जो आदमी ऐस मरन स राजी हो इतनी मौज स उस मारना बलकल बकार ह और जो आदमी इतनी

मौज स मरन को राजी न हो उसको जदा रखना भी बलकल बकार ह ल कन वह दसर बात फर िसकदर स जाकर उ ह न कहा क वह आदमी ल जाया नह जा सकगा अजीब आदमी ह हमन बहत लोग दख--

मरन वाल मारन वाल लड़न वाल भाग जान वाल यह कछ तीसर तरह का ह न तो वह भागता ह न वह

लड़ता ह उसक पास लड़न को कछ ह नह ल कन वह भयभीत भी नह होता िसकदर न कहा म खद चलगा और िसकदर न कहा क हम त ह वागत दग स मान दग शाह यव था दग--जो तम चाहोग दग उस फक र न कहा तम कछ न द सकोग य क हम कछ चाहत नह ह बहत बार िभखार स ाट क सामन अपमािनत हए ह बहत बार िभखार स ाट क सामन अपमािनत हए ह य क िभ ा दन स स ाट न इनकार कर दया य कभी-कभी ऐस मौक आत ह क स ाट िभखा रय क

सामन अपमािनत हो जात ह य क िभखार कछ लन स इनकार कर दत ह उसन कहा त हार पास कछ भी नह ह य क हम कछ चाह ह नह िसकदर न कहा तब भी कोई बात नह चलना तो पड़गा ह अ यथा यह तलवार त हार गदन पर रखता ह उस फक र न कहा रखो िसकदर न कहा तम नासमझ हो गदन कटगी और नीच िगर जाएगी उस स यासी न कहा क हम स यासी उसी दन हए जस दन हमन दख िलया क गदन कट जाए और नीच

िगर जाए तो भी हम नह कटत ह अ यथा हम स यासी ह नह होत गदन िगरगी तो तम भी दखोग क

गदन िगर रह ह और म भी दखगा क गदन िगर रह ह हाला क तम मझ न दख पाओग म त ह दखता रहगा िसकदर न अपन इितहासकार को कहा ह क िलख ली जाए यह बात--स यासी नह ल जाया जा सका य क

आ खर उपाय था क मौत स डरा दया जाए ज म और म य हमार जदगी क छोर ह इसिलए हमार पास जदगी जसी कोई चीज नह ह िसफ जदगी का एक म ऐसा लगता ह क जी रह ह ज म स मौत क तरफ सरक जात ह और ऐसा लगता ह क जी िलए ह

एक ण भी जदगी क करण नह फटती और एक ण भी जदगी क फल नह खलत और एक ण भी

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 168

जदगी का सगीत नह बजता और एक ण भी पता नह चलता क हम या थ या ह इस ण भी पता नह ह हम सब यहा जदा ह कोई भी यहा मरा हआ नह ह हम सब जदा ह ल कन जदगी का हमको पता या ह और अगर हमको पता ह तो ब और महावीर पागल थ फर व कस जदगी को खोज रह थ और अगर हम

पता ह तो फर य क ण और ाइ ट य कस जदगी को खोज रह थ या तो जस हम जदगी कहत ह वह

जदगी नह ह और या फर य क ण ाइ ट ब महावीर व ह पागल ह हम ब मान ह हम अपन को ब मान भी नह कह पात नह कह सकत य क ब मानी का अगर कोई अितम मापदड हो

सकता ह तो हमार जीवन का आनद हो सकता ह जो ब मानी आनद तक न ला पाए वह और या ला

सकगी और तब म कहता ह क अगर ब और महावीर पागल भी रह ह तो उनका पागलपन वीकार कर

लन जसा ह य क वह अप रसीम आनद स और जीवन क अभय स भर जाता ह यह म य कह रहा ह यह म इसिलए कह रहा ह क ज म दन क बहान हम यहा इक ठ हए इसस कोई फक

नह पड़ता क वह कस आदमी क नाम क बहान स इक ठ होत ह इसस बहत फक नह पड़ता क अ का

ज म दन ह क ब का ज म दन ह क स का ज म दन ह असल म ज म दन को हम उ सव य बना

लत ह उ सव बना लत ह इसीिलए क जीवन का तो हम कोई पता नह अगर जीवन का हम पता हो तो ितपल हमारा उ सव हो जाए फ टवल हो जाए जीवन का तो कोई पता नह य क जीवन महो सव ह

अगर उसका हम पता हो जाए तो म समझता ह क ज म का उ सव फर हम न मनाए य क ज म तो िसफ

एक श आत ह और जस जीवन म हम जी रह ह अगर वह आनद नह ह तो उस जीवन क श आत कस

आनद हो सकती ह गगो ी आनद हो सकती ह और काशी क घाट पर बहती हई गगा म कोई आनद नह ह

काशी क गगा अगर आन दत नह ह तो गगो ी पर कौन सा आनद होगा यह गगा और िसकड़ होकर और

छोट होकर जसको हम ज म कहत ह वह ह या वह हमारा यह जीवन बलकल ाथिमक इस जीवन म जब क

गगा पर फल गई ह कोई आनद नह ह तो ज म म या आनद हो सकता ह िसफ ज म जाना कोई

आनद हो सकता ह नह ल कन हम झठलान म कशल ह जीवन म दख ह तो हम झठ सख क पत करत ह क ज म म बड़ा सख

ह ज म दन म बड़ा सख ह अगर हम कह जीवन म बड़ा सख ह तो हमार आख कह दगी क कहा ह अगर हम कह जीवन म बड़ा आनद ह तो हमार पर बता दग क न य कहा ह अगर हम कह जीवन ह

खशी ह तो हमार दय क धड़कन कह दगी क कहा ह तो हम कहत ह नह ज म बड़ा खशी का दन ह

अब कोई ज म तो आज नह ह कभी था उसको पकड़ा भी नह जा सकता जाचा भी नह जा सकता पहचाना भी नह जा सकता फर हम सब एक-दसर को भी धोखा दन म सहयोगी होत ह यह जो हमार दिनया ह झठ क यह बहत

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 169

यचअल अडर ट डग पर या यचअल िमस-अडर ट डग पर खड़ हई ह इसम हम एक-दसर को सहारा दत ह इसम हम सब एक-दसर क ज म पर इक ठ होकर उ सव मना लत ह फर व ह लोग हमार ज म क उ सव

पर भी आ जाएग हमन उ ह धोखा दया व हम भी द जाएग और ऐस हम जीत ह इधर ज म खशी हो जाती

ह तो म य दख हो जाता ह वह उसी क कोरोलर ह वह उसी तक का दसरा ह सा ह जसक दिनया म भी

ज म सख ह उसक दिनया म म य दख होगी और यान रख ज म तो हो चका म य होन को ह

इसिलए ज म क खशी तो ना-कछ ह म य का दख भार ह शायद यह भी कारण ह क हम म य क दख को भलान क िलए ज म क उ सव मनाए चल जात ह ऐस यक ज म दन ज म क कम याद दलाता ह आन वाली मौत का यादा मरण कराता ह ल कन हम

पीछ क तरफ दखत ह हम आग क तरफ नह दखत हर ज म दन का मतलब िसफ यह ह क एक वष और

आदमी मरा एक वष मरन क और पर हई जदगी स एक वष और र हआ और चका और समा हआ

ल कन हम पीछ दखत ह और पीछ दख कर हम आग दखन स बच तो नह रह ह यह कोई शतरमग का

उपाय तो नह ह क रत म िसर गपा कर खड़ हो गए ह ता क आग दखाई न पड़ ल कन हम कतनी ह ज म क बात कर मौत चली आती ह हर ज म क ऊपर पर रख कर मौत चली आती ह हर ज म को सीढ़ बना कर मौत चली आती ह हर ज म क पीछ मौत क छाया खड़ ह इसिलए जो ज म

म खश ह वह यान रख क वह मौत म दखी होगा असल म वह मौत क दख को भलान क िलए ज म क

खशी मनाए चला जा रहा ह यह आ मवचना ह ल कन यह जीवन इतना दखी ह क इसम हम कह कोई ओएिसस इस म थल म कह

कोई म ान खोज लना चाहत ह झठा ह सह सपना ह सह कह तो हम अपन सख कह अपनी खशी को अटका ल ल कन अटकाई हई खिशया काम नह पड़ सकती इसिलए मन उिचत समझा क आपको कह क

जब तक जीवन का पता न चल जाएऔर जीवन का पता चल सकता ह य क जी वत हम ह अगर कछ भी

हमार िनकटतम ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी हमार ठ क हाथ म ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी इस

व धड़क रहा ह तो वह जीवन ह अगर कछ भी इस व बोल रहा ह सन रहा ह तो वह जीवन ह ास

भीतर आ रह ह बाहर जा रह ह वह जीवन ह जीवन िनकटतम ह हम जीवन ह ल कन उसस हमारा कोई

प रचय नह उसस हमार कोई पहचान नह और हम न मालम कन- कन बात म इस मौक को गवात चल

जात ह इस प रिचत होन क मौक को गवात चल जात ह नह पीछ लौट कर दखन का कोई योजन नह ह ज म क दन स कछ अथ नह ह अथ ह तो अभी जो ह उसस अथ ह अगर कछ भी जानन-पान जसा ह तो वह जो अभी ह वह जानन-पान जसा ह ल कन मन क एक तरक ब ह क जो मौजद ह उसको चकत चल जाओ और जो मौजद नह ह उस सोचत

चल जाओ इसिलए जो मन कहा क हम सब ज म ह ल कन हम ज म का पता य नह ह हो सकता

हम कहता ह lsquoहो सकता हrsquo आपक तरफ स अपनी तरफ स तो कहता ह ऐसा ह असल म जब आप

ज म ल रह होत ह तब पछली म य क याद आपक मन पर गहर होती ह और चक जात ह मौका पछली

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 170

मौत इस ज म क पहल जहा आप मर ह अभी वह इतनी गहर होती ह मन पर क मन वह अटका रहता ह

और ज म का ण आप दखन स चक जात ह उसका भी कारण यह ह जो कारण अभी ह अभी जीवन दखन स

चक रह ह य क मन पीछ अटका ह फर मौत आ जाएगी मौत भी दखन स चक जाएग य क मन फर

पीछ अटका होगा--बाजार म होगा दकान म होगा मकान म िम म यजन म द मन म कह और

होगा जदगी म होगा अब यह बड़ मज क बात ह क जो आदमी जदगी भर जी रहा था वह जदगी को कभी न जाना जब वह मरन

लगता ह तब उसका मन जदगी म ह और तब मौत सामन आ रह ह वह उसको चक जा रहा ह अगर वह

मौत को जान ल अगर वह ज म को जान ल अगर वह जीवन को जान ल तो एक बात भर प क प स

पता चल जाती ह क जो भी हमार भीतर ह उसका न कोई ज म ह न कोई म य ह ल कन उसका यह मतलब मत समझ लना य क म सदा डरता ह जब म कहता ह उसका कोई ज म नह उसक कोई म य नह और आपक तरफ दखता ह तो म डर जाता ह य क आपको लगता ह क आपका

कोई ज म नह आपक कोई म य नह यह म नह कह रहा ह आप तो मरग ह म जो यहा दखाई पड़ रहा

ह वह तो मरगा ह इसिलए जब म कहता ह उसका कोई ज म नह उसक कोई म य नह तो आपक

बात नह कर रहा ह हा आपक भीतर कोई ह उसक बात कर रहा ह जसका आपको भी कोई पता नह ह इसिलए हम बड़ आ त हो जात ह यह सन कर क नह कोई म य नह कोई ज म तो हम सोचत ह क

ठ क ह बचग आप नह बचग आपक बचन का कोई उपाय नह ह आप तो जाएग ह आप तो जा ह रह ह यह भी कहना

गलत ह क जाएग यह हमार भाषा क भल ह इसिलए हम ऐस श द उपयोग करत ह जा ह रह ह जाएग इसम तो ऐसा लगता ह क कभी भ व य म कोई घटना घटन वाली ह नह यह ठ क ऐसा ह ह जस हम कहत ह नद ह कहना नह चा हए नद ह कहना चा हए नद हो रह ह य क नद ितपल हई चली जा रह ह ह क हालत म नद कभी होती नह इज़ क हालत म दिनया म कोई

चीज कभी नह होती सभी चीज बह रह ह हम कहत ह फला आदमी जवान ह ह नह कहना चा हए जवान

हो रहा ह या बढ़ा हो रहा ह कछ हो रहा होगा ह क हालत म कछ ठहरता नह ह इसिलए जब म कहता ह क आप तो जा ह रह ह तो कारण ह कारण िसफ इतना ह ह क आप फ लत न

ह इस बात को जान कर क नह मरना नह ह धािमक लोग बहत दन स बहत फ लत ह इस बात को जान कर क मरना नह ह इसस ऐसा नह ह क कछ उनको पता चल गया ह इसस कल इतना ह ह क व

सोचत ह जब मरना ह नह ह तो फर ठ क ह जस जी रह ह वस ह जीए चल जाना ह नह आप तो जाएग म जाऊगा म और त क नाम स ज ह हम जानत ह व तो पानी पर खीची गई रखाओ

स िमट जाएग इधर खच भी नह पात और िमटना श हो जात ह ल कन फर भी पीछ कछ ह जो बच रहता

ह उस द रमिनग वह जो पीछ शष रह जाता ह उसक खोज ह धम ह उसक खोज ह स य ह उसक

खोज ह मन य को आ मवान बनाती ह उस पहली दफ पता चलता ह क कछ और भी ह जो नह बदलता

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 171

जस दन उस न बदलन वाल पर हमार पर पड़ जात ह उसी दन हम कसी च टान पर खड़ होत ह उसक

पहल सब रत ह हम आख कतनी ह बद कर अपन को समझाए कतना ह उसस बहत अतर नह पड़ता वह सब रत क तरह खसकता चला जाता ह ल कन याद ह नह आता याद ह नह आता मरण ह नह आता जग न कह कहा ह क ऐसा मालम पड़ता ह क आदमी म य स इतना घबड़ा गया ह क उसन म य को अपन

चतन मन स बाहर कर दया ह वह उसक बात ह नह करता उसका िचतन नह करता उसको सोचता नह उसको खयाल म नह लाता य क उसक सार हाथ-पर कप जाएग वह अभी यह खड़ा-खड़ा िगर पड़गा उसक

भीतर कोई चीज कपन लगगी और डोलन लगगी उसका सारा आ ासन खो जाएगा उसक सब प क म जल सब एकदम ताश क प हो जाएगी जरा स हवा क झ क और सब िगरन लगगा यह डर शायद इसीिलए हम म य को बाहर रखत ह और ज म को भीतर रखत ह ज म हमार िच म बड़ा

गहरा होकर बठा रहता ह ज म ह िम का तो हम फल भट दत ह अिभनदन कर आत ह सब भलीभाित

जानत हए क कोई अिभनदन काम नह पड़गा कोई फल काम नह पड़ग कोई शभकामनाए काम नह पड़गी नह यह नह कह रहा ह क ऐसा मत कर जदगी आपक शभकामनाओ क बना ह काफ बर ह उनको

और घटा द तो कछ अ छा नह हो जाएगा यह नह कह रहा ह यह भी नह कह रहा ह क फल मत भज द

कसी क ज म दन पर फल क अलावा भजन को और हो भी या सकता ह ऐस फल ह बड़ा सदर तीक वह

खबर ल जाता ह क आया नह क क हलाना श हो गया ज म दन पर फल भजना ह चा हए य क वह

खबर भी लाता ह साथ म बड़ स बड़ भट फल क हो सकती ह क मती स क मती भट फल क हो सकती ह य क साथ खबर भी लाता ह सबह आया नह क साझ उस फक दना पड़गा सबह वह ज म दन क खबर

लकर आया था साझ म य क दन क खबर लकर जा चका ह नह फल तो ज र भजत जाए अिभनदन भी ज र कर शभकामना भी ज र कर ल कन इसस कसी ाित

को ज म न द य हमार शभकामनाए ऐसी ह ह जसा मन सना क जब भगतिसह को फासी क सजा हई तो उसक और दो-चार िम भी बद थ जनको फासी क सजा थी व रोज सबह उठ कर एक-दसर को शभकामना

करत थ अब जनको फासी क सजा हई हो सटस ट डथ रोज सबह सरज का उग आना और फर ल कन

शभकामना भी तो सीधी नह कर सकत थ हम भी नह कर पात अपनी-अपनी कोठ रय म बद िसफ द वाल

को खटखटा कर िनयम बना िलया था क इतन खटक तो समझना क अभी हम जदा ह और शभकामना

भजत ह क परमा मा त ह जलाए तो व िनयम स खटक बना िलए थ व खटक बजा दत थ फर कोठ रय

म खशी फल जाती थी क अभी सब साथी जदा ह ल कन कसी वडबना क वह जीना िसफ मरन क िलए ह

आज नह कल कल नह परस फासी तो होन ह वाली ह वह जीना िसफ कल मरन क िलए ह फर भी एक

दन और तो खशी क लहर फल जाती गीत गान लगत य क अभी कोई साथी मरा नह सब दरवाज स

खटक क आवाज आ गई सब साथी जदा ह सबन एक-दसर को शभकामना पहचा द क हम जी वत ह परमा मा का ध यवाद ह ल कन कसिलए जी वत ह वह फासी कल कल

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 172

नह परस वह फासी राह दखती ह िसफ मरन क िलए हमार हालत भी बहत िभ न नह ह भगतिसह स और उनक सािथय स थोड़ा सा फक ह वह फक यह ह क व

कम स कम अपनी मौत क ित आ त भी थ हम उतन आ त भी नह ह वह भी प का नह ह ल कन

हम जस जगह खड़ ह वहा कर ब-कर ब हालत वसी ह जस कसी कारागह म फासी पर जान वाल लोग य

म खड़ ह ल कन कतना उप व मचा लत ह उन थोड़ स ण म कतना फलाव कर लत ह कतना व तार कर लत ह कतना या कछ कर डालत ह उन थोड़ स ण म िसफ एक चीज छोड़ जात ह क वह थोड़ स ण

म हम उस त व को जान सकत थ जो आया था और जाएगा उसको नह जान पात बस उसस विचत रह जात

ह तो आप शभकामनाए लाए उसक िलए ध यवाद ल कन उस शभकामना स आप अपन जीवन क ित आ त

होकर मत चल जाना मझ उसस कोई आ ासन िमलन क बात नह ह ल कन आप मत सोचत हए चल जाना

क जीवन ह ज म ह म य को अलग काट कर मत रख दना अ छ दिनया हो तो म मानता ह--हम म य-

दन ह मनाना चा हए ल कन हम तो म य- दन तब मनात ह जब आदमी मर जाता ह तब मनान का कोई मतलब नह रह जाता हम

मनाना ह ऐसा चा हए आदमी पाच साल का हो गया तो कहना चा हए क म य पाच साल कर ब आ गई

दस साल का हआ तो दस साल कर ब आ गई बीस साल का हआ तो बीस साल कर ब आ गई और म य का

ह दन मनाना चा हए वह यादा रयिल टक ह यथाथ ह और शायद हम म य क दन मनान लग तो शायद हमार जीवन म अतर पड़ य क हर वष हम याद आए क मौत एक वष कर ब आ गई तो हम वह न

हो सक जो हम बन रहत ह हम मरघट को क तान को गाव क बाहर बनाए हए ह इसी डर स क व दखाई न पड़ जाए मरा वश चल

तो गाव क बीच म ह होन चा हए हम दन म दस बार िनकल हम मरघट दखाई पड़ दस बार खयाल आए

क मौत ह य क बड़ दख क बात ह क मौत ह अकला एक त व ह जसक पीड़ा हमम घनी हो जाए तो हमारा जीवन प रवितत हो सकता ह अ यथा नह मौत ह एकमा दश ह काटा ह जो गहरा हमार छाती

म चभ जाए तो शायद कोई ासफामशन कोई ाित घ टत हो जाए अ यथा नह मौत ह हम घर ल और

जोर स पकड़ ल तो शायद हम कोई छलाग लगाए अ यथा नह इसिलए ब क पास जब कोई िभ आता और कहता क म परमा मा क खोज पर आया ह स य क खोज पर

आया ह आ मा को जानना चाहता ह तो ब कहत बद करो बद करो य बात पहल म तमस पछता ह मौत को खोजन का कोई खयाल ह वह आदमी कहता मौत स या लना-दना मझ आ मा खोजनी ह परमा मा खोजना ह ब कहत नह पहल मौत खोजनी ह य क जो मौत को जान लगा वह परमा मा को भी जान लगा

ल कन जो मौत को नह जानगा वह परमा मा को भी नह जान सकता मौत जदगी क ज र िसचएशन ह वह ज र थित ह जसम स हमार भीतर सब कछ पदा होता ह तो

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 173

ब उसस कहत क त जाकर कछ दन मरघट पर रह कर आ फर लौट आ फर अगर त क ज ासा

करगा तो म उ र दगा फर त आ मा क पछगा तो हम बात करग पहल त मरघट पर रह आ अ सर िभ ओ को व मरघट पर भज दत क तम वह चौबीस घट रहो अब चौबीस घट मरघट पर रहना फर कोई मदा आया फर कोई जला फर कोई मरा फर कोई रोता हआ

आया दन भर रात आधी रात भी सबह भी साझ भी न कोई समय न कोई असमय लोग मरत ह

चल जात ह मरघट पर आत ह चल जात ह वह आदमी कब तक दखगा कतनी दर तक दखगा अततः उस खयाल आ जाता ह क म भी इस य म कह खड़ा ह यह यादा दर क बात नह ह वह तो मरघट हमार चतना क बाहर ह इसिलए हम कभी प का पता नह चलता और जब एक आदमी मरता

ह तो हम कहत ह बचारा हम पता नह लगता क हम य म थोड़ स आग बढ़ गए उस आदमी न जगह

खाली कर द हर मौत हमार ह मौत ह हर मौत हमार ह म य का मरण ह और अगर यह मरण बन

सक गहरा हो सक तो शायद हम जीवन को भी जानन म सफल हो सकत ह तो दो-तीन बात अत म आपस कह द एक जस ज म कहत ह उस ज म मत समझ लना वह िसफ एक सोशल िमथ एक सामा जक पराणकथा

ह जस म य कहत ह उस म य मत समझ लना वह कवल हमार अ ान का दसरा नाम ह जस जीवन

कहत ह उस जीवन मत समझ लना य क रोज सबह उठ आना और रोज साझ सो जाना रोज वह भोजन वह कमाना वह िम वह श वह सारा जाल उसक िनरतर पन अतह न पन बड़

आ यजनक बात ह क उसक अतह न पन भी हम करत चल जात ह ऊबत भी नह ह काम न अपनी एक कताब का ारभ एक अजीब स वा य स कया ह कहा ह क द ओनली मटा फ जकल

ॉ लम बफोर मन इज़ यसाइड एक ह आ या मक सम या मन य क सामन आ मह या ह और जब उसस कसी न पछा क यह तमन या िलखा ह तो उसन कहा क जब स म थोड़ स होश स भरा तब स म पछ रहा ह अपन स क अगर यह जदगी ह तो आ मह या म बराई या ह अगर यह जदगी ह--

जो म कल जीया था परस जीया था इसी को कल फर दोहराना ह परस फर दोहराना ह--तो यह सोच कर

ह क इसी को दोहराए चल जाना ह म सोचता ह आ मह या म बराई या ह अगर यह जदगी जदगी ह ल कन हमम स कतन न सोचा ह यह कभी क जस हम जदगी कहत ह अगर यह जदगी ह हम तो

अगर कोई भगवान िमल जाए और कह क यह जदगी हम त ह दबारा दत ह तो हम कहग क बलकल हम

राजी ह साठ साल और फर यह करग द सम डड ट न फर यह करग ल कन इसका मतलब िसफ इतना

ह क हमार पास कोई सवदनशील िचतन नह ह कोई सिस ट वट नह ह क हम या कर रह ह इसिलए आप च कत न होना क दिनया म जो लोग आ मह या कर लत ह अिनवाय नह क कायर ह इसक भी सभावना ह क आपस यादा सवदनशील ह और आप यह मत समझ लना क आ मह या नह

करत ह तो बड़ बहादर ह सभावना बहत यह ह क मरन क भी ह मत नह जटा पात जीन क तो बात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 174

अलग ह इसिलए जीए चल जात ह मरन क िलए भी तो कछ सोचना पड़गा कोई डसीजन लना पड़गा और

जदगी तो िसफ बहत चल जात ह बहत चल जात ह कभी बठ कर थोड़ा सा लखा-जोखा कर लना चा हए कभी बठ कर थोड़ा लखा-जोखा करना चा हए क पचास

साल जीया इस पचास साल म कतन ण ह जो जीवन क ण ह जनको म फर स अगर परमा मा हो तो मागना चाह तो हाथ स रत खसकती मालम पड़गी एक ण भी ऐसा नह लगगा जस दबारा मागन का

मन हो इतना बासा ह जीवन इतना टल ल कन हम बासी जदगी पर जस सड़ हई मछली पर कोई टमाटर

सॉस ऊपर स डाल कर खाए चला जाता हो ऐस हम सड़ हई जदगी पर बस रोज आशाओ क सॉस डालत हए

चल जात ह--कल कछ होगा परस कछ होगा और मजा यह ह क आप ह कल भी ह ग तो आप तो कल भी थ कल आपन या कया परस भी आप थ

परस आपन या कया आप ह कल भी ह ग और यान रह आज स कमजोर ह ग रोज श चकती चली

जाती ह रोज ण कम होत चल जात ह समय ीण होता चला जाता ह अवसर ीण होत चल जात ह श द न होती चली जाती ह अगर कल आप नह पा सक तो आन वाल कल आप बलकल भी नह पा सकग इसस यह मत समझ लना क म आपको िनराश कर रहा ह इसस यह मत समझ लना क म कोई िनराशावाद दखवाद ह क कछ भी नह हो सकगा म आपस िसफ इतना कह रहा ह क जस आशा म आप जी रह ह उस आशा म जीन स कभी कछ न हो सकगा अगर आपको िनराशा भी पकड़ ल तो कछ हो सकता ह यान रह इस प वी पर िसवाय ब ओ क और कोई बहत आशावान नह हो सकता ह नह जदगी ऐसा

मौका नह दती जदगी ऐसा मौका नह दती जदगी को जो भी दखगा वह िनराश होगा होना चा हए और

िनराशा जब इतनी गहर हो जाती ह क यह जदगी बलकल बकार मालम पड़ती ह तभी पहली दफा छलाग

लगान का मन होता ह क हम कोई और जदगी खोज ब एक आदमी स कह रह ह क त अब छोड़ यह सब वह कहता ह क कछ दर और क जाए अगल वष लड़क

क शाद कर लनी ह फर म आता ह ब न कहा क समझ क साल बीता लड़क क शाद हो गई प का

ह आएगा उसन कहा साल तो बीत जान द ब न कहा सोच क साल बीता लड़क क शाद हो गई

या खयाल ह उसन कहा ल कन अभी कस कह सकता ह साल भर बाद हजार सवाल उठ सकत ह ब न

कहा म बचा तो अगल वष आऊगा ब उस गाव स फर िनकल वह आदमी सनन ब को नह आया य क वह डरा उसन सोचा क पता नह वह आदमी फर पहचान ल और ऐस आदमी भलत नह ऐस आदमी पहचान लत ह और पकड़ लत ह पहचान

ल साल तो बीत गया ल कन कह व फर कह और सवाल तो कछ भी हल नह हए सवाल और बढ़ गए य क एक साल म सवाल और पदा कए आदमी तो वह ह जो सवाल पदा करता ह

ब बठ ह लोग आ गए ह और ब कसी क राह दख रह ह लोग न कहा अब आप श क रए समय बीता

जाता ह ब न कहा एक आदमी न वायदा कया था आपक गाव म वह कहा ह उ ह न कहा बड़

म कल ह वह आपस बच रहा ह उसको बला लाओ ब न कहा य क पता नह अगल साल म बच या न

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 175

बच उसका तो मामला अगल साल तक टल ह गया होगा उस आदमी को लाया गया उसन कहा माफ क रए बड़ गलती हो गई मगर हम समझ नह पात न इतन दर

क बहत सवाल उठ गए ह अब लड़का भी बड़ा हो गया मा क तबीयत ठ क नह रहती पता बढ़ ह घर म

बहत काम ह ल कन अगल वष जब आप आएग ब न और लोग स कहा क दखत हो इस आदमी को असल म इस आदमी क मन म अब तक जगत क ित कोई िनराशा नह जनमी ह अभी इस ऐसा नह लग

रहा ह क जगत म आग लगी ह तो यह पो टपोन कर सकता ह थगन कर सकता ह अगर इस मकान म आग लग जाए तो यहा एक आदमी नह िमलगा जो कहगा क म थोड़ दर दस िमनट

बाद म आता ह आग लगी तो यहा जो होड़ होगी वह यह होगी क कौन पहल िनकल जाए कोई पीछ होन को राजी नह होगा ल कन जीवन क स य क तरफ ऐसी कोई होड़ नह दखाई पड़ती सच तो यह ह क जीवन क स य क खोज

अकला एकमा ह जहा कोई का पट शन कोई ितयोिगता नह ह आप चल जाइए अकल और

बलकल नबर एक आ जाइए तो कोई रोकन वाला नह ह कोई दसरा होता ह नह िनराशा जीवन जसा ह उस दख ल तो िनराशा पकड़गी या ह हमारा म या ह हमार िम ता म को

बहत तलाश करग तो दो-चार आसओ क िसवाय भीतर कछ िमलता नह और जब आस खद क अनभव म

आत ह तो जसा सागर का पानी ित और कडवा ह वस ह होत ह िम ता या ह िम ता जस हम

जानत ह वह या ह िम ता रवी नाथ न एक क वता िलखी ह िलखा ह एक बौ िभ एक गाव स िनकल रहा ह स यासी एक व या उस

पर मो हत हो गई और उसन नीच उतर कर उस िभ को कहा क आओ यह पहला मौका ह क म कसी को िनम ण दती ह अब तक लोग न मझ िनम ण दया ह और मर ार पर द तक द ह सभी क िलए ार नह खलत ह स ा ी थी एक अथ म वह सारा नगर उसक िलए द वाना था नगरवध थी सदरतम थी सभी स ाट भी

उसस िमल पाए यह आव यक नह था िभ खड़ा हो गया उसन कहा क जब ज रत होगी तो म आऊगा जब ज रत होगी तो म आ जाऊगा पर उस ी न कहा क ज रत म त ह म का िनम ण द रह ह उस िभ न कहा िनम ण मन सन िलया और वीकार कर िलया ल कन अभी उनको आन दो जो त हार िम

ह त हार मी ह कल ऐसा ण भी आ जाएगा न िम िमलगा न मी तब मर ज रत हो तो म आ

जाऊगा म तब तक ती ा कर सकता ह बात आई-गई हो गई व या दखी और पी ड़त ह फर वष बीत गए फर जो होना था जो होता ह वह हआ वह व या कोढ़ त हो गई गाव न उस िनकाल कर बाहर फक दया उसक शर र गल-गल कर अग उसक

िगरन लग कोई उसक पास न आता दर तक उसक बदब पहचती उस रा त स लोग न िनकलत क वह

कसी को पकार न द द य क य व ह लोग थ ज ह न कभी उसक ार पर द तक भी द थी आधी रात

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 176

अमावस क रात ह वह तड़प रह ह उस यास लगी ह कोई पानी दन वाला भी नह ह और तभी कोई हाथ

उसक माथ पर पहच गया कोई पानी उसक मह म डालन लगा उसन पछा आख खोल कर पानी पीकर क

तम कौन हो तो उसन कहा म वह िभ ह जो कई वष पहल त हार ार स गजरा था एक म ी तमन जानी थी एक म ी म भी जानता ह पर उस व या न कहा अब यथ ह आए अब तो मर पास दन को कछ भी नह ह उस िभ न कहा जो म ी लन को आती ह वह म ी नह ह म लन को कछ नह आया ल कन हमन कोई ऐसी म ी जानी ह जो लन को न आई हो असल म हमन दो तरह क श ताए जानी ह--

अपन क और पराय क अपन क श ता को हम म ी कहत ह पराय क श ता को हम श ता कहत ह

दोन ह हमस लन को आतर ह अपन क ढग जरा ीितकर ह पराय क ढग जरा ोध स भर ह य दोन ह

लन को त पर ह म ी हमन जानी नह म हमन जाना नह जीवन हमन जाना नह शाित और आनद क हम कोई खबर

नह ह य प खोज उसी क ह और वह खोज कभी पर न होगी जब तक जो यथ ह वह यथ न दखाई पड़

जाए तब तक साथक क खोज नह होती ह जो गलत ह गलत न दखाई पड़ जाए तब तक जो ठ क ह

उसक खोज श नह होती द फा स म ट बी नोन एज फा स एक दफा बलकल साफ हो जाना चा हए क

यह गलत ह ल कन कतन दन म साफ होगा कतन ज म म साफ होगा पचास साल साठ साल गलत को गलत

नह बता पात एक जदगी को िगन तो जो जानत ह व तो अनक जदगी को िगनग और कहग क अनक

जदिगया भी नह बता पाती क गलत या ह जस क हमन तय ह कर रखा ह क हम गलत को गलत नह दखग हम उसको ठ क दखत ह चल जाएग हमन कसम ह खा रखी ह यह कसम तोड़नी ज र ह यह कसम जस दन स टटनी श हो जाए म कहगा उस दन स आपका ज म

श हआ जस दन स यह जदगी यथ दखाई पड़नी श हो जाए उस दन म कहगा आपक असली जदगी

श हई आपका असली ज म श हआ और उस तरह क आदमी को ह ज द वाइस बॉन जनऊ डालन

वाल को नह य क जनऊ तो कसी को भी डाला जा सकता ह ज हम कहत रह ह उस आदमी को जो इस

दसर जदगी म वश कर जाता ह एक ज म ह जो मा-बाप स िमलता ह वह शर र का ह हो सकता ह एक

और ज म ह जो वय क खोज स िमलता ह वह जीवन क श आत ह तो इस ज म दन पर--मर तो नह कह सकता य क म तो जीसस ब और लाओ स स राजी ह--ल कन इस

ज म दन पर जो क अ ब स द कसी का भी हो सकता ह आपस इतना ह कहना चाहता ह क एक

और ज म भी ह उस खोज एक और जीवन भी ह--यह पास जरा मड़ और शायद िमल जाए बस कनार

पर कोन पर ह और जब तक वह जीवन न िमल जाए तब तक ज म दन मत मनाए तब तक सोच मत

ज म क बात य क जसको आप ज म कह रह ह वह िसफ म य का िछपा हआ चहरा ह हा जस दन

OSHO - JEEVAN RAHASYA

WWWOSHOWORLDCOM 177

जसको म ज म कह रहा ह उसक आपको झलक िमल जाए उस दन मनाए उस दन फर ितपल ज म

ह य क उसक बाद फर जीवन ह जीवन ह--शा त अनत फर उसका कोई अत नह ह ऐस ज म क

या ा पर आप िनकल ऐसी परमा मा स ाथना करता ह मर बात को इतन म और शाित स सना उसस अनगह त ह सबक भीतर बठ परमा मा को णाम करता ह मर णाम वीकार कर

Page 4: K^,K r : s E Z , ^z
Page 5: K^,K r : s E Z , ^z
Page 6: K^,K r : s E Z , ^z
Page 7: K^,K r : s E Z , ^z
Page 8: K^,K r : s E Z , ^z
Page 9: K^,K r : s E Z , ^z
Page 10: K^,K r : s E Z , ^z
Page 11: K^,K r : s E Z , ^z
Page 12: K^,K r : s E Z , ^z
Page 13: K^,K r : s E Z , ^z
Page 14: K^,K r : s E Z , ^z
Page 15: K^,K r : s E Z , ^z
Page 16: K^,K r : s E Z , ^z
Page 17: K^,K r : s E Z , ^z
Page 18: K^,K r : s E Z , ^z
Page 19: K^,K r : s E Z , ^z
Page 20: K^,K r : s E Z , ^z
Page 21: K^,K r : s E Z , ^z
Page 22: K^,K r : s E Z , ^z
Page 23: K^,K r : s E Z , ^z
Page 24: K^,K r : s E Z , ^z
Page 25: K^,K r : s E Z , ^z
Page 26: K^,K r : s E Z , ^z
Page 27: K^,K r : s E Z , ^z
Page 28: K^,K r : s E Z , ^z
Page 29: K^,K r : s E Z , ^z
Page 30: K^,K r : s E Z , ^z
Page 31: K^,K r : s E Z , ^z
Page 32: K^,K r : s E Z , ^z
Page 33: K^,K r : s E Z , ^z
Page 34: K^,K r : s E Z , ^z
Page 35: K^,K r : s E Z , ^z
Page 36: K^,K r : s E Z , ^z
Page 37: K^,K r : s E Z , ^z
Page 38: K^,K r : s E Z , ^z
Page 39: K^,K r : s E Z , ^z
Page 40: K^,K r : s E Z , ^z
Page 41: K^,K r : s E Z , ^z
Page 42: K^,K r : s E Z , ^z
Page 43: K^,K r : s E Z , ^z
Page 44: K^,K r : s E Z , ^z
Page 45: K^,K r : s E Z , ^z
Page 46: K^,K r : s E Z , ^z
Page 47: K^,K r : s E Z , ^z
Page 48: K^,K r : s E Z , ^z
Page 49: K^,K r : s E Z , ^z
Page 50: K^,K r : s E Z , ^z
Page 51: K^,K r : s E Z , ^z
Page 52: K^,K r : s E Z , ^z
Page 53: K^,K r : s E Z , ^z
Page 54: K^,K r : s E Z , ^z
Page 55: K^,K r : s E Z , ^z
Page 56: K^,K r : s E Z , ^z
Page 57: K^,K r : s E Z , ^z
Page 58: K^,K r : s E Z , ^z
Page 59: K^,K r : s E Z , ^z
Page 60: K^,K r : s E Z , ^z
Page 61: K^,K r : s E Z , ^z
Page 62: K^,K r : s E Z , ^z
Page 63: K^,K r : s E Z , ^z
Page 64: K^,K r : s E Z , ^z
Page 65: K^,K r : s E Z , ^z
Page 66: K^,K r : s E Z , ^z
Page 67: K^,K r : s E Z , ^z
Page 68: K^,K r : s E Z , ^z
Page 69: K^,K r : s E Z , ^z
Page 70: K^,K r : s E Z , ^z
Page 71: K^,K r : s E Z , ^z
Page 72: K^,K r : s E Z , ^z
Page 73: K^,K r : s E Z , ^z
Page 74: K^,K r : s E Z , ^z
Page 75: K^,K r : s E Z , ^z
Page 76: K^,K r : s E Z , ^z
Page 77: K^,K r : s E Z , ^z
Page 78: K^,K r : s E Z , ^z
Page 79: K^,K r : s E Z , ^z
Page 80: K^,K r : s E Z , ^z
Page 81: K^,K r : s E Z , ^z
Page 82: K^,K r : s E Z , ^z
Page 83: K^,K r : s E Z , ^z
Page 84: K^,K r : s E Z , ^z
Page 85: K^,K r : s E Z , ^z
Page 86: K^,K r : s E Z , ^z
Page 87: K^,K r : s E Z , ^z
Page 88: K^,K r : s E Z , ^z
Page 89: K^,K r : s E Z , ^z
Page 90: K^,K r : s E Z , ^z
Page 91: K^,K r : s E Z , ^z
Page 92: K^,K r : s E Z , ^z
Page 93: K^,K r : s E Z , ^z
Page 94: K^,K r : s E Z , ^z
Page 95: K^,K r : s E Z , ^z
Page 96: K^,K r : s E Z , ^z
Page 97: K^,K r : s E Z , ^z
Page 98: K^,K r : s E Z , ^z
Page 99: K^,K r : s E Z , ^z
Page 100: K^,K r : s E Z , ^z
Page 101: K^,K r : s E Z , ^z
Page 102: K^,K r : s E Z , ^z
Page 103: K^,K r : s E Z , ^z
Page 104: K^,K r : s E Z , ^z
Page 105: K^,K r : s E Z , ^z
Page 106: K^,K r : s E Z , ^z
Page 107: K^,K r : s E Z , ^z
Page 108: K^,K r : s E Z , ^z
Page 109: K^,K r : s E Z , ^z
Page 110: K^,K r : s E Z , ^z
Page 111: K^,K r : s E Z , ^z
Page 112: K^,K r : s E Z , ^z
Page 113: K^,K r : s E Z , ^z
Page 114: K^,K r : s E Z , ^z
Page 115: K^,K r : s E Z , ^z
Page 116: K^,K r : s E Z , ^z
Page 117: K^,K r : s E Z , ^z
Page 118: K^,K r : s E Z , ^z
Page 119: K^,K r : s E Z , ^z
Page 120: K^,K r : s E Z , ^z
Page 121: K^,K r : s E Z , ^z
Page 122: K^,K r : s E Z , ^z
Page 123: K^,K r : s E Z , ^z
Page 124: K^,K r : s E Z , ^z
Page 125: K^,K r : s E Z , ^z
Page 126: K^,K r : s E Z , ^z
Page 127: K^,K r : s E Z , ^z
Page 128: K^,K r : s E Z , ^z
Page 129: K^,K r : s E Z , ^z
Page 130: K^,K r : s E Z , ^z
Page 131: K^,K r : s E Z , ^z
Page 132: K^,K r : s E Z , ^z
Page 133: K^,K r : s E Z , ^z
Page 134: K^,K r : s E Z , ^z
Page 135: K^,K r : s E Z , ^z
Page 136: K^,K r : s E Z , ^z
Page 137: K^,K r : s E Z , ^z
Page 138: K^,K r : s E Z , ^z
Page 139: K^,K r : s E Z , ^z
Page 140: K^,K r : s E Z , ^z
Page 141: K^,K r : s E Z , ^z
Page 142: K^,K r : s E Z , ^z
Page 143: K^,K r : s E Z , ^z
Page 144: K^,K r : s E Z , ^z
Page 145: K^,K r : s E Z , ^z
Page 146: K^,K r : s E Z , ^z
Page 147: K^,K r : s E Z , ^z
Page 148: K^,K r : s E Z , ^z
Page 149: K^,K r : s E Z , ^z
Page 150: K^,K r : s E Z , ^z
Page 151: K^,K r : s E Z , ^z
Page 152: K^,K r : s E Z , ^z
Page 153: K^,K r : s E Z , ^z
Page 154: K^,K r : s E Z , ^z
Page 155: K^,K r : s E Z , ^z
Page 156: K^,K r : s E Z , ^z
Page 157: K^,K r : s E Z , ^z
Page 158: K^,K r : s E Z , ^z
Page 159: K^,K r : s E Z , ^z
Page 160: K^,K r : s E Z , ^z
Page 161: K^,K r : s E Z , ^z
Page 162: K^,K r : s E Z , ^z
Page 163: K^,K r : s E Z , ^z
Page 164: K^,K r : s E Z , ^z
Page 165: K^,K r : s E Z , ^z
Page 166: K^,K r : s E Z , ^z
Page 167: K^,K r : s E Z , ^z
Page 168: K^,K r : s E Z , ^z
Page 169: K^,K r : s E Z , ^z
Page 170: K^,K r : s E Z , ^z
Page 171: K^,K r : s E Z , ^z
Page 172: K^,K r : s E Z , ^z
Page 173: K^,K r : s E Z , ^z
Page 174: K^,K r : s E Z , ^z
Page 175: K^,K r : s E Z , ^z
Page 176: K^,K r : s E Z , ^z
Page 177: K^,K r : s E Z , ^z