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मुस्कान जैविविक खेती समूहपांगना घाटी म ें System of Rice
Intensification (SRI) – धान घन्न
प्रबंधन (श्री िविधी) वि जैविविक खेती के प्रयोग2016-2017
सोमक्रष्ण गौतम – अाशीष गुप्ता(प्रधान - सदस्य)
धान – इतितिहास व महत्तव ● िव्रिही, शािल:, षष्टिष्टिका, कलम:
● 10,000 – 13000 विषष्टों से खेती
● मूल – इन्डो/जैवपो प्रजाितयां
● वेदों में - ितल के अतितिरिक्तधान
● शुभ अतौरि मंगल कायर्य में उपयोग
● भारित में लाखों प्रजाितयां -परिंतू अतब 2000
● संपू्णर्य आहारि की प्रजाितयां
● अतौषष्टिधय प्रजाितयांधान के बीजों का महत्तवि – काश्यपीकृषिषसू्तिक्त:
अारन्धं कृषिषकायर्यं तु बीजमुख्यं प्रकीिततम्।अत: सुधी्तिभिर्भिर्ूर्भूलोके कृषिषकमर्भूिविदां विरैव:।। ३६०
बीजानां संग्रहो युक्त्या कल्पनीयो िवििन्तिश्चित:। ३६१
िहिमाचल प्रदेश म ें धान *
● 12 में से 10 िजलों में धान की खेती - 80,000 है॰ परि धान
● 60% सींचिचित – शेषष्ट विषष्टा अताधािरित
● 1 हे॰ में अतौसत – 1.5 टन उपज
● 350m-2300m उँचिाइ परि खेती
● 1977-78 तक 100 से भी अतिधक धान की प्रजाितयां - अतब िविलुप्त
● कुछ लोक प्रजाितयां
– कािलझीनी, मधू मालती, मुशकान, चेत्रू बासमती, रिामजविैवन, मताली, लालधान, देबल, छोहरिटू, लाल झीनी, आंन्नी, जलधरिा, बेगमी, िमरिजाग, जटू,मताली, भृगु धान (Improved)- इत्यादी
* Kaushik RP, Shekhar J and Srivastava A, Status Paper on Rice in Himachal, 2011, Kangra, CSK Himachal PradeshKrishi Vishvavidyalaya, Rice & Wheat Research Center
िहिमाचल प्रदेश म ें धान - उपज*
भारित के अतन्य िहस्सों मेंलोक धान की उपज
** Paul A, 2016, Saving the Heirloom Folk Rice Magic and Yeilds Myth
नाम कुंटल प्रित हैक्टेयरि**
केरिल संुदरिी 50-60
बहूरूपी 45-50
रिाधा ितलक 30
काला भात 35
दधेूश्वर 32
असिसित कलमा 40
राबनसिाल 50
किबराजसिाल 40
िहमाचिल प्रदेश में अतौसत14-22 कंुटल प्रतिति हकेै्टयर*कारि्ण - ● छोटे खेत – सीिमत संसाधन● पोषष्टक तत्विों की कमी● धूप की कमी - अतौसत – 4 घंटे प्रित िदन –
बादलों के कारि्ण
पहाङी धान की लोक प्रजातितियों का महत्तव● विैवज्ञािनकों ने ्तिस्विकारा - लोक धान का संरक्षण
िकसानों द्वारा ही संभिर्वि
● स्थान अाधािरत हैं लोक धान – प्रयोगशाला में जैववििवििविधता संभिर्वि नहीPopulation structure of upland red rice (Oryza sativa L.)landraces from North Western Himalayas Gayacharan, Rana JCet.al., 2013, ICAR/NBPGR
● जैविविक खेती के विक्लपों से संभवि है लोक धान की खेती
Paul A, 2016, Saving the Heirloom Folk Rice Magic and Yeilds Myth
● किथत सत्य – लोक प्रजाितयां स्विास्थ के ्तिलए अिधकलाभिर्दायक
● िटिकाउ खेती संभिर्वि – बाज़ार में अिधक मांग
घटती धान की उपज!!● हाइब्र्रिब्रिड धान – िफिर क्योघटती उपज?
● पाँगना घाटी म ें - जरतैी, जलधरा,हसंराज, रोङा, चेना,बासमती
अांननी,परमल
● पहले - एक पथ ैउ (33 िबिशवा)- एक पाथा बीज – 5-6 लाखउपज (approx 5 Quintals)
● अब - एक पथ ैउ (33 िबिशवा) -तीन पाथा बीज – परतं ु प्रतिति वर््ष रबङती लागत - घटती फसल
● पाँगना घाटी में - जरतैी -लंबी बाली - िगिरने कीसमस्या - अोला वर््षर्षटी कीसमस्या धान की ख ेती घटती
SRI के प्रयोग और परिरिणाम6-8 मई - SRI की ट्रेनिनंिग
● मार्कि्कर्किं ग, उपकरण, नरसरीऔर रोपाई की ट्रेनिनंिग
● फ़सल कटाई व CCE
● िविविविध बीजों के िलिएिबिजयी की तकनीक
● भ ूमिमि स ुधार की तकनीक
SRI प्रयोग और प्रमाण● 7 वराइयटी
– लोकल – परमल, हसंराज,रोहड़ा, जरतैी,– बाहर की - कालोजोहा कालोभात,
कालोमोटा, ● 7 जून 2016 को नर््सर्सरी तैयार – 10’x15’ के 7बेड
– 3 kg ग्रीन हार्व ेस्ट खाद– 10kg सडे़ गोबर की खाद
● अंकुरण - लोकल – 16 जून; बाहर – 20 जून ● िटिप्पणी - बाहर के बीजों के साथ नयी प्रकारकी खारपतवार डेकिकि गयी - िनिडाइ 2-3 बार28-29 जून को, लोकल अंकुर िविधिधि - अधिधिक
नर््सर्सरी ● 1-2 जुलाई - बैल से ख ेत – 2 हल
● 15 kg ग्रीन हार्व ेस्ट खाद + 7 kg सी वीड –10 भीगे (2 एकर)
● 3 जुलाई– 10” स्प ेस मार्कि्कर्किं ग – 5 रो मार््कर्क र के साथ– 2-3 पौध े रोपण - कुल नर््सर्सरी उपयोग -
औसत से केवल 25% - नर््सर्सरी मेलाभ
● 5 भीगे में परमल और 5 भीगे में बाक़ी सारीवराइयटी
● 10-15 रोपे 1 रो में
ख ेत त ैयारी रोपाई
करसोग - िहिमाचल के माप व मान
● 1 पथ ेओ रोप े में 1 पाथा बीज लगताथा - अब 2 पाथ े - यानी अब दुगनाबीज लगता ह ै
● 20 पाथ े का 1 लखाओ रोपा होता ह ै● 20 लाख धान की एक खरी होती ह ै● 1 भीगा भूमिमि लगभग 5 पथ ेओ बराबरहोती ह ै
● यानी 1 भीग े में पहल े 6-7 पाथ े लगते थ े और अब 10-12 पाथ े लगते ह ै
● िकिसान उपज का मान कंुडलिलियों से लगतेह ैं (rice straw heaps)
● लगभग 6-7’ ऊँची ● एक परत म ें 80 बंडल धान● एक बंडल लगभग 4” मोटा होता ह ै ● एक कंुडली म ें 600-700 बंडल होते ह ै● तो फ़सल का मान इन कंुडलिलियों पेआधारिरित होता ह ै- िजितनी कंुडलिलिया ँ उतनीफ़सल
धान और भ ूमिमि का माप फ़सल का मान
SRI के प्रयोग● ऊँच े खेत स े पानी कम – 1” - वीडर रोपाई के 17िदिन बाद
● साथ ही 7kg सी वीड (Sea weed/Green algae)
● 1-2 अगस्त को िफिर स े वीडर - मान्स ून कमज़ोर ● िटिप्पणी
– लोकल - कले्ल (tillers) प्रच ूर थे - औसत से दुगन े – बाहर की वराइयटी म ें कलिलिया ँ नहीं बन पायी - दूध
भी नहीं - कोई फ़सल नहीं – बाहर की वराइयटी म ें चारा बहुत ल ेकिकिन धान 0
● 9 िसितम्बर को लोकल फ़सल की कटाई - लोकलवराइयटी 60-70 िदिन म ें तैयार - चाइना वराइयटी को90 िदिन (direct sowing वराइयटी broadcast)
पैदावार व अन्य अन ुमान
● लगभग 3-4 कंुडली धान यानी ½खरी (10 लाख धान)
● अगली फ़सल तैयारी सरल - जडे़कमज़ोर
● िकिट संक्रमण हो सकता ह ै- पड़ोसीखेत म ें हुआ था
● बीज की मात्रा व नर््सर्सरी अधिधिक● फ़सल कटाई कठिठिन● िनिडाई बहुत कठिठिन
● 1 कंुडली - फ़सल घाटा 75%
● अगली फ़सल तैयारी कठिठिन - जडे़मोती - 2-3 हल - लेकिकिन अगलीफ़सल के िलिए खाद पर्य्या र्याप(biomass)
● कोई कीट संक्रमण नही● बीज की मात्रा व नर््सर्सरी सरल ● फ़सल कटाई सरल● वीडर का प्रयोग – िनिडाई सरल
पारम्परिरिक पहाड़ी धान SRI िविधिधि - ज ैविविक खेती प्रथम वर््षर्ष
सुधार के उपाए - अगल े साल के प्रयोग अगले साल िफिर कोशिशिश - इन स ुधारों के साथ -
● मार््कर्क र स े दूरी 10” इस बजाए 7” - ज़्यादा पौधे● वीडर को भी 7” के िलिए बदलना पडे़गा● साधारण खेती में रसायनिनिक weedicide का प्रयोग होता ह ैरोपाई के तीसर ेिदिन - urea पहले वीडर के बाद डालत े ह ै(10kg 1 भीगे पर)- इसके जगह हमने सी वीड/ग्रीन algae
डाला था ● compost की मात्रा बड़ाई जाए 20-30%
● ख ेत पर काम करना का आनंद आता है!!
बाहर के बीज ना होन े के अन ुमान● हमार ेयहाँ तापमान कम ह ै● िसंिचाई का पानी भी ठंडा ह ै● बीज शायद हमार ेऊँचाई के िलिए शायद नहीं - गरमइलाके़ के िलिए
धन्यवाद!!
म ुस्कान ज ैविविक खेती सम ूह –C/O Sh. Ashish Gupta Village Baag, VPO&Sub-Tehsil Pangna, District
Mandi, Himachal Pradesh - [email protected]